छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। गुलेल से भी हमला किया। हमले में ASP, थाना प्रभारी सहित करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 12 से ज्यादा ग्रामीणों को भी चोट आई है। हालात को काबू करने पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। थाना प्रभारी को अंबिकापुर रेफर कर दिया गया है। मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, SECL के अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीनें साल 2001 में अधिग्रहित की गई है। ग्रामीण अपनी जमीन देने तैयार नहीं हैं। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी करीब 500 की संख्या में पुलिस बल के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए पहुंचे थे। वहीं SECL प्रबंधन का कहना है कि परसोडीकला के ग्रामीणों को अब तक लगभग 10 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। जिला RR समिति की सहमति से रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है। लेकिन जैसे ही खनन परसोडीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को फिर से उकसाया, जिन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। पुलिस और ग्रामीण के बीच झड़प की तस्वीरें- सिंहदेव ने बताया गुजरात मॉडल इस घटना पर टीएस सिंहदेव ने एक्स पर लिखा- सरकार जिनकी प्रतिनिधि है, उन्हीं पर लाठियां बरसा रही है। सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम परसोडीकला का दृश्य लोकतंत्र को शर्मिंदा करने वाला है। जहां गुजरात की एक निजी कंपनी से सरकारी खदान में उत्खनन कराया जा रहा है और विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों पर पुलिस का लाठीचार्ज और आंसू गैस बरसाई गई। उन्होंने लिखा- यही है वह 'गुजरात मॉडल', जिसे देश वाराणसी और अयोध्या में भी देख रहा है। जहां स्थानीय लोगों के रोजगार और संसाधनों पर बाहर की कंपनियों और लोगों का कब्ज़ा कराया जा रहा है, और स्थानीय समुदायों के अधिकारों की पूरी तरह अनदेखी कर दी गई है। सरकार का काम जनता की रक्षा करना है, उन्हीं पर लाठियां चलाना नहीं। छत्तीसगढ़ के लोगों के हक, जमीन और भविष्य का इस तरह दमन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने कहा- यह सरकार की सोच का आइना कांग्रेस ने भी एक्स पर लिखा- सरगुजा जिले के अमेरा में जो कुछ हो रहा है, वह सिर्फ एक खदान का विवाद नहीं है। यह सरकार की सोच का आइना है। आदिवासी अपनी जमीन, जंगल और भविष्य बचाने के लिए खड़े हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी बात सुनने के बजाय हर हाल में खदान विस्तार को आगे बढ़ाने का रुख अपना लिया है। ASP, थाना प्रभारी सहित 25 घायल ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर, गुलेल से हमला किया। इसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी ग्रामीणों पर पत्थर चलाए। ग्रामीण और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर पहले पत्थर चलाने का आरोप लगा रहे हैं। पत्थरबाजी में ASP अमोलक सिंह, SDOP ग्रामीण, धौरपुर थाना प्रभारी अश्वनी सिंह सहित 25 पुलिसकर्मियों को चोट आई है। थाना प्रभारी अश्वनी सिंह को ज्यादा चोट लगने के कारण अंबिकापुर रेफर किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस की ओर से भी पत्थर चलाए गए। इसमें 12 से ज्यादा ग्रामीणों को चोटे आई है। पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीण बोले- जबरदस्ती कब्जा दिलाने पर अड़ा प्रशासन ग्रामीणों ने बताया कि अमेरा खदान के लिए साल 2001 में भूमि अधिग्रहण हुआ। अब तक मात्र 19% किसानों ने ही मुआवजा लिया है। किसानों को अब तक न नौकरी मिली, न सभी को मुआवजा। 3 माह पहले अधिग्रहित जमीन पर बुलडोजर चलाया गया था, जिसके बाद ग्रामीण अपनी फसल और जमीन की रखवाली कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बैठक कर निर्णय लिया है कि वे अपनी जमीनें नहीं देंगे। इसके बावजूद प्रशासन जमीन पर जबरदस्ती कब्जा दिलाने पर अड़ा है। इसके कारण यह तनाव की स्थिति बनी है। हम अपनी जमीन नहीं देना चाहते- ग्रामीण ग्रामीण लीलावती ने कहा कि हम अपने परसोढ़ी गांव की जमीन को कंपनी को नहीं देना चाहते हैं। कंपनी यहां कोयला निकालना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम कहां जाएं। हमारे पूर्वज यहां रहे। अब हमारी बारी आई है तो हम अपनी जमीन बेच दें। मेरे बेटे और नाती भीख मांगें। कोयला खदान की वजह से हमारी जमीन जा रही है। हमारी जमीन हम उसे नहीं देना चाहते हैं। निजी कंपनी संचालित कर रही खदान SECL ने खदान के संचालन का जिम्मा LCC कंपनी को दिया है। LCC कंपनी का करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट है। काम बंद होने से कंपनी को नुकसान हो रहा है, इसलिए वह जल्दी से जल्दी जमीन पर कब्जा चाहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी कुछ अधिकारियों की मदद लेकर उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट कहा है कि यदि ग्रामीण चाहते हैं कि खदान न खुले तो नहीं खुलेगी। नियम विरूद्ध कार्रवाई- भानू प्रताप सिंह राज्य अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण नियमों के तहत कोई भी कंपनी 5 सालों तक अधिग्रहित भूमि पर काम नहीं करती है तो जमीनें भू स्वामियों को वापस कर दी जाएंगी। किसी की मर्जी के बिना उसकी जमीन नहीं ली जा सकती। यदि ग्रामीणों ने मुआवजा नहीं लिया है तो उनकी जमीनें अधिग्रहित नहीं मानी जाएगी। यह नियम विरूद्ध है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। ग्रामीणों से चर्चा कर रहा प्रशासन अपर कलेक्टर सुनील नायक ने कहा कि भू-अर्जन की कार्रवाई हो गई है। कई ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे हैं और कोयला खनन में बाधा पैदा कर रहे हैं। ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है कि SECL को अनुमति दी जाए। पथराव में कई पुलिसकर्मी गंभीर हैं और कुछ को मामूली चोटें आई हैं। मौके पर कुछ का प्राथमिक उपचार किया गया है। 2019 में भी बंद करना पड़ा था खनन कार्य SECL बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि अमेरा ओपनकास्ट माइंस की 1.0 MTPA क्षमता वाली परियोजना, सरगुजा जिले के बिश्रामपुर क्षेत्र में स्थित है। परसोडीकला, अमेरा, पूहपुटरा और कटकोना गांवों की कुल 664.184 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2001 में अधिग्रहीत की गई थी, जिसके आंशिक कब्जे के बाद 2011 में खनन कार्य शुरू हुआ। साल 2019 में कुछ ग्रामीणों द्वारा वैधानिक प्रावधानों से ज्यादा लाभ की मांग और असामाजिक तत्वों के उकसावे के कारण खनन बंद करना पड़ा। 2024 में प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद संचालन फिर से शुरू हुआ और प्रभावित परिवारों को निर्धारित मुआवजा और RR लाभ दिए जाने लगे। असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को उकसाया- SECL परसोडीकला के ग्रामीणों को अब तक लगभग 10 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। लेकिन जैसे ही खनन परसोडीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को फिर से उकसाया, जिन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। 3 दिसंबर 2025 को प्रशासनिक अधिकारी- ASP, SDM, तहसीलदार और SECL अधिकारी बातचीत के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील नहीं मानी और पुलिस और अधिकारियों पर पथराव कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर भीड़ को तितर-बितर किया गया। ..................................... इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... SECL भू-विस्थापित महिलाओं ने साड़ी उतारकर किया प्रदर्शन...VIDEO:प्रबंधन को चूड़ियां दिखाई, बोलीं-जमीन लेकर नौकरी नहीं दी, हम गड्ढों में और वो सोना निकाल रहे छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में SECL खदान से प्रभावित 150 भू-विस्थापित परिवार की महिलाओं ने साड़ी उतारकर विरोध जताया है। 18 जुलाई को करीब 20-25 महिलाएं कुसमुंडा स्थित कंपनी कार्यालय में मेन गेट पर धरने पर बैठ गईं। नौकरी की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। पढ़ें पूरी खबर...
धार में राजगढ़ में पुलिस ने सिर्फ एक महीने के अंदर 12 नाबालिग लड़कियों समेत 40 गुमशुदा लोगों को सुरक्षित ढूंढ निकाला और उन्हें उनके परिवारों से मिला दिया। मंगलवार को पुलिस ने ये जानकारी दी। 12 बच्चियां, 9 महिलाएं और 19 पुरूष लापता थे। राजगढ़ थाना प्रभारी समीर पाटीदार ने बताया कि 4 बच्चियों को तो गुजरात और महाराष्ट्र के शहरों से सुरक्षित ढूंढ निकाला गया। इनमें गांधीनगर (गुजरात), सुरेंद्रनगर (गुजरात), पालघर (महाराष्ट्र) और दाहेगाम (गुजरात) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बाकी 8 बच्चियों को मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से खोजा गया और उनके परिवारों को सौंप दिया गया।
20 किलो वजन, 3 फीट लंबा डॉक्टर… कौन हैं गुजरात के डॉ. गणेश बरैया जिसके सामने झुका कोर्ट
Ganesh Baraiya Doctor Story: गणेश बरैया ने 3 फीट कद और 20 किलो वजन के बावजूद सुप्रीम कोर्ट की मदद से डॉक्टर बनने का सपना पूरा किया है. आज वे सरकारी मेडिकल ऑफिसर हैं और अपने परिवार और जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी सुधारने में जुटे हैं.
गुना जिले के धरनावदा इलाके से 4 महीने पहले लापता हुई 17 वर्षीय नाबालिग को पुलिस ने 1300 किलोमीटर दूर गुजरात के भुज से बरामद कर लिया है। पुलिस ने विशेष ऑपरेशन मुस्कान अभियान के तहत यह सफलता हासिल की है। पुलिस टीम कई दिनों तक गुजरात में डेरा डालकर किशोरी की तलाश करती रही। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। जानकारी के अनुसार, 23 जुलाई को धरनावदा थाने में एक पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी 17 वर्षीय बेटी 19 जुलाई को बिना बताए घर से कहीं चली गई है। रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां तलाशने के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। तकनीकी मदद से भुज में मिली लोकेशनपुलिस ने नाबालिग की तलाश के लिए तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर तंत्र की मदद ली। इसी दौरान किशोरी के गुजरात के भुज जिले में होने की पुख्ता जानकारी मिली। सूचना मिलते ही धरनावदा थाने की एक टीम गुजरात के लिए रवाना हुई। पुलिस ने कई दिनों तक डाला डेरापुलिस टीम ने गुजरात पहुंचकर कई दिनों तक वहां डेरा डाला। कठिन परिस्थितियों के बीच लगातार प्रयास करने के बाद आखिरकार 4 महीने से लापता नाबालिग को बरामद कर लिया गया। CWC में पेश कर परिवार को सौंपापुलिस किशोरी को लेकर गुना पहुंची। यहां कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे बाल कल्याण समिति (CWC) की अध्यक्ष डॉ. नीरू शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति की आवश्यक कार्यवाही के बाद उसे सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इनकी रही सराहनीय भूमिकाइस कार्रवाई में धरनावदा थाना प्रभारी SI प्रभात कटारे, अंजना चंदेल, आरक्षक धर्मेन्द्र धाकड़, सत्येन्द्र गुर्जर, महिला आरक्षक अनुराधा, प्रियंका ओझा और साइबर सेल से आरक्षक कुलदीप यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने गुजरात सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (MDP) का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना, नेतृत्व क्षमता बढ़ाना, डेटा-आधारित निर्णय लेना, डिजिटल स्वास्थ्य तत्परता और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के प्रदर्शन में सुधार के लिए रणनीतिक प्रबंधन पर केंद्रित था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुजरात के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से कुल 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, एसएचएसआरसी और एनएचएम इकाइयों के मेडिकल अधिकारी, प्रोफेसर, प्रशासनिक अधिकारी और नीति योजनाकार शामिल थे। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने इस अवसर पर कहा, स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए नेतृत्व, डेटा इंटेलिजेंस और डिजिटल तत्परता की एक मजबूत नींव आवश्यक है। गुजरात जैसे तेजी से विकसित हो रहे राज्य के लिए ये तत्व अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा- इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य प्रशासकों को डेटा को कार्रवाई में बदलने, सेवा वितरण में सुधार करने और एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली बनाने के लिए आवश्यक कौशल और रूपरेखा से लैस करना था। हेल्थकेयर में एआई के अनुप्रयोग पर हुई चर्चा पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कई इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया। इनमें स्वास्थ्य प्रशासकों के लिए नेतृत्व और निर्णय-निर्माण, डेटा और संकेतक, कार्यक्रम निगरानी, तथा डेटा-टू-एक्शन अभ्यास जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। सत्रों में निर्णय समर्थन के लिए डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और डैशबोर्डिंग, रणनीतिक योजना, प्रबंधन अभ्यास और समूह प्रस्तुतियां भी शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार, हेल्थकेयर में एआई के अनुप्रयोग और जेनरेटिव एआई का उपयोग करके प्रेडिक्टिव एनालिसिस जैसे आधुनिक विषयों पर भी चर्चा की गई। इन सत्रों का संचालन डॉ. पी.आर. सोडानी, डॉ. विनोद कुमार एसवी, डॉ. अरिंदम दास, डॉ. गौतम साधु, डॉ. पूर्णेंदु शेखर पांडे, डॉ. प्रवीण श्रीवत्स और डॉ. वेंकट चंगावल्ली जैसे विशेषज्ञों ने किया।
पंजाब के अमृतसर बस स्टैंड हत्याकांड का मुख्य आरोपी लवप्रीत सिंह को गुजरात की ATS और जामनगर SOG की संयुक्त कार्रवाई में मेघपर क्षेत्र से दबोच लिया गया। लवप्रीत पिछले महीने हुई मक्खन सिंह की हत्या का प्रमुख आरोपी बताया जा रहा है। इस मामले में पहले ही चार आरोपियों धर्मवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, बिक्रमजीत सिंह और जॉनी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूछताछ के दौरान लवप्रीत का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था। हाल ही में एक स्थानीय कंपनी में हेल्पर की नौकरी जांच में पता चला कि लवप्रीत गुजरात भाग गया था, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने तुरंत ATS को उसके ठिकाने की जानकारी दी। ATS–SOG की टीम ने मेघपर औद्योगिक क्षेत्र में चल रही तलाश के दौरान उसे पकड़ लिया। आरोपियों के मुताबिक लवप्रीत हाल ही में एक स्थानीय कंपनी में हेल्पर की नौकरी करने लगा था। हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की गिरफ्तारी के बाद उसे अहमदाबाद ATS कार्यालय ले जाकर पूछताछ की गई। प्रारंभिक पूछताछ में लवप्रीत ने हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की। अब पंजाब पुलिस ने उसका ट्रांजिट रिमांड हासिल कर लिया है और जल्द ही अमृतसर लाया जाएगा, जहां उससे हत्या की योजना, हथियार सप्लाई और अन्य फरार आरोपियों के बारे में विस्तार से पूछताछ होगी।
महेंद्रगढ़ जिले गांव बवाना में शनिवार सुबह सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसका शव सड़क किनारे पड़ा मिला। मृतक के बेटे ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराते हुए अज्ञात वाहन ड्राइवर पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया है। मृतक के बेटे जोगेन्द्र सिंह ने थाना सदर कनीना में दी शिकायत में बताया कि उसका पिता सज्जन सिंह करीब एक माह पहले गुजरात अपने बड़े भाई (ताऊ) के पास गए हुए थे। परिजनों को जानकारी थी कि वे घर आने की तैयारी में हैं। शनिवार सुबह उसको फोन पर सूचना मिली कि बवाना गांव से सेहलंग की ओर सड़क किनारे एक व्यक्ति मृत अवस्था में पड़ा है, जिसकी पहचान सज्जन सिंह के रूप में हुई है। मौके पर ही हो गई मौत सूचना मिलते ही जोगेन्द्र अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौके पर पहुंचा। जोगेन्द्र ने बताया कि उन्होंने आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ की, जहां जानकारी मिली कि उसके पिता पैदल ही घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान किसी अज्ञात वाहन ड्राइवर ने तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए उन्हें टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सज्जन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। एक ग्रामीण सत्यवान निवासी बवाना ने बताया कि उसने हादसे को होते हुए देखा था। सत्यवान ने पुष्टि की कि अज्ञात वाहन चालक ने बुजुर्ग को टक्कर मारने के बाद बिना रुके गाड़ी भगा ली। जेब में मिले आधार कार्ड से हुई पहचान पुलिस के अनुसार, सुबह कॉल मिलने पर SI, PSI साहिल और SPO अनिल सरकारी वाहन सहित मौके पर पहुंचे। तलाशी लेने पर मृतक के पास से आधार कार्ड मिला, जिसमें उनका नाम सज्जन सिंह निवासी पोता दर्ज था। इसके बाद पुलिस ने गांव पोता के परिजनों से संपर्क किया। कुछ देर बाद मृतक के पुत्र जोगेन्द्र मौके पर पहुंचे और शव की पहचान की।
जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार गुजरात के जूनागढ़ स्थित सक्करबाग जूलॉजिकल पार्क से मादा बाघिन पहुंच गई है। बाघिन को फिलहाल क्वारेंटाइन ज़ोन में बाघ ‘एंथोनी’ के पिंजरे के पास रखा गया है, जहां वह करीब एक महीने तक बिल्कुल शांत और एकांत माहौल में रहेगी, इसके बाद ही उसे दर्शकों के लिए खोला जाएगा। वन विभाग ने सेंट्रल जू अथॉरिटी, राजस्थान वन मुख्यालय और गुजरात वन विभाग की अनुमति के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सक्करबाग जूलॉजिकल पार्क को पांच चिंकारे देकर बदले में यह टाइग्रेस माचिया लाई है। हालांकि, इससे पहले दो दिन तक खुद वनकर्मी भी सफेद बाघ वाली फोटो के चक्कर में कंन्फ्यूज रहे। हालांकि, यह कंफ्यूजन बाघिन के जोधपुर पहुंचने पर खत्म हो गया। कैसे पहुंची बाघिन, क्या हैं रख-रखाव की तैयारी बुधवार सुबह विशेष ट्रांसपोर्टेशन के जरिए बाघिन को जोधपुर लाया गया और सीधे क्वारेंटाइन क्षेत्र में शिफ्ट किया गया। यहां किसी बाहरी व्यक्ति की एंट्री पर रोक है और सुरक्षा के लिए आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में वनकर्मी तैनात किए गए हैं, जबकि पूरे इलाके की 24 घंटे CCTV से निगरानी हो रही है। पशु चिकित्सक डॉ. कंचन सारस्वत व उनकी टीम बाघिन के स्वास्थ्य, खान-पान और व्यवहार की नियमित मॉनिटरिंग कर रही है। उपवन संरक्षक (वन्यजीव) रमेश मूंड के अनुसार, अगला एक महीना बाघिन को एकांत में रखकर उसके व्यवहार और सेहत का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद ही दर्शक इसे देख सकें, उस पर फैसला लिया जाएगा। एंथोनी के लिए नई साथी, ब्रीडिंग प्रोग्राम में नई उम्मीद मई 2024 में माचिया की बाघिन ‘अंबिका’ की हार्ट अटैक से मौत के बाद बाघ ‘एंथोनी’ अकेला पड़ गया था और ब्रीडिंग प्रोग्राम भी ठहराव की स्थिति में आ गया था। नई मादा बाघिन के आने से अब एंथोनी को साथी मिलने की उम्मीद पूरी होगी, साथ ही प्रजनन कार्यक्रम को भी नई गति मिलने की संभावना है। वन विभाग का मानना है कि जोड़ी बनने और भविष्य में क्यूब्स आने की स्थिति बनती है, तो माचिया उद्यान का आकर्षण बढ़ेगा और यहां पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। लंबे समय से खाली पड़े टाइगर एनक्लोजर में अब सक्रियता बढ़ने से वनकर्मियों के चेहरे पर भी खिले नजर आ रहे हैं। रेंजर की वायरल फोटो से दो दिन चला ‘सफेद बाघ’ का कन्फ्यूजन नई बाघिन के आने की तैयारियों के बीच माचिया रेंजर करणसिंह राजपुरोहित की एक फोटो ने विभाग के भीतर अलग तरह की हलचल मचा दी। राजपुरोहित ने जूनागढ़ के सक्करबाग जू में मौजूद सफेद टाइगर के साथ अपने मोबाइल से फोटो खिंचवाई, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। फोटो देखते ही कई वनकर्मी और परिचितों ने यह मान लिया कि जोधपुर में भी सफेद बाघ पहुंच गया है और उन्होंने बधाई संदेश और कॉल करने शुरू कर दिए। बाद में वन विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि तस्वीर जूनागढ़ जू की है, जोधपुर माचिया में सिर्फ नई मादा बाघिन लाई गई है, सफेद टाइगर नहीं।
सीकर पुलिस ने 16-17 नवंबर की दरमियानी रात को फागलवा गांव से चोरी हुए डंपर को गुजरात से बरामद कर लिया है। पुलिस ने वारदात में शामिल एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण नायक नूनावत ने बताया कि डंपर मालिक ने सदर थाना पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि उसका डंपर ड्राइवर लेकर चला गया था और रात को ड्राइवर ने घर के बाहर एक होटल पर खड़ा किया था। सुबह ड्राइवर उठा तो उसको डंपर गायब मिला। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की सहायता से लगातार पीछा किया और गुजरात से डंपर बरामद कर लिया है। इस मामले में हरियाणा निवासी आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। सदर पुलिस थानाधिकारी इंद्राज मारोड़िया ने बताया कि JP And Sons फर्म के हरलाल सिंह ने रिपोर्ट दी थी कि फागलवा निवासी ड्राइवर मनोज कुमार सीकर में सामान खाली करके लोडसर के लिए रवाना हुआ था। ड्राइवर मनोज ने डंपर अपने घर के सामने एक होटल पर खड़ा किया था। सुबह उसने करीब साढ़े 6 बजे सूचना दी कि डंपर गायब है। लोकेशन देखी तो GPS में 2 बजकर 7 मिनट पर हर्षिता मैरिज गार्डन पर GPS बंद हो गया था। चोरी की घटना सामने आने पर थाने में अज्ञात चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने 150 CCTV फुटेज खंगाले और 1500 किमी. तक आरोपियों का पीछा किया। इसके बाद पुलिस ने पहले आरोपी पलवल के हथीन निवासी आदिल खान सक्का को गिरफ्तार किया। सदर सीआई इंद्राज मारोड़िया ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि डंपर चोरी गैंग डंपर को गुजरात ले गई है। इसके बाद में पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया और गुजरात से डंपर बरामद कर लिया है। फिलहाल गिरफ्तार आरोपी आदिल खान सक्का को रिमांड पर लिया गया है और गहनता से पूछताछ की जा रही है। डंपर बरामद करने वाली पुलिस टीम में थाना अधिकारी इंद्राज मारोड़िया, सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार, एएसआई नरेश कुमार, कांस्टेबल ओमप्रकाश, कांस्टेबल अनिल कुमार और कांस्टेबल सांवरमल शामिल थे।
टैक्स चोरी के मामले में परिवहन विभाग ने जबलपुर में बड़ी कार्रवाई की है। मध्यप्रदेश परिवहन आयुक्त के निर्देश पर जबलपुर संभागीय उड़नदस्ता की टीम ने चोरी छिपे एमपी से गुजरात जा रहे तीन ट्रकों को जब्त किया है। तीनों ही ट्रकों के चक्के निकालकर उन्हें ट्रेलर में लोड कर ले जाया जा रहा था। उड़नदस्ता की टीम ने शहर के बाइपास से तीनों ट्रेलर को पकड़ने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों ट्रेलर को 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया गया, जबकि ट्रकों को ट्रेलर से उतरवाकर आरटीओ ऑफिस में रखा गया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक शर्मा को लगातार सूचना मिल रही थी कि चेकपोस्ट बंद होने के बाद प्रदेश की सीमा पर चोरी-छिपे अवैध वाहनों का संचालन बढ़ गया है। सभी उड़नदस्ता प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि सघन चैकिंग करते रहें। इस आदेश पर जबलपुर संभाग के प्रमुख मार्गों नेशनल हाईवे, इंटर-डिस्ट्रिक्ट रूट, औद्योगिक क्षेत्रों और शहर की सीमाओं पर वाहनों की सघन जांच की गई। शुक्रवार को उड़नदस्ता प्रभारी राजेंद्र साहू को सूचना मिली कि जबलपुर के रास्ते गुजरात के लिए तीन ट्रक कबाड़ में कटवाने के लिए ले जाए जा रहे हैं। जिन पर लाखों रुपए का टैक्स बाकी है। शहर के बाइपास पर ट्रेलर में लोड तीनों ट्रकों को चेक किया तो पता चला कि तीन बगैर मोटरयान टैक्स जमा किए पिछले तीन साल से मध्य प्रदेश में अवैध रूप से संचालित थे। ट्रकों का मध्यप्रदेश मोटरयान टैक्स प्रति वाहन का 102300 रुपए एवं पैनाल्टी 409200 रुपए बकाया था। तीनों ट्रकों का करीब 15 लाख 34 हजार रुपए टैक्स बन रहा है। ट्रक मालिक टैक्स चोरी करते हुए ट्रकों को जबलपुर से भोपाल के रास्ते गुजरात ले जा रहा था। तीनों ट्रकों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद जब्त कर लिया गया है। ट्रकों को विवरण प्रभारी बोले-सख्त निगरानी रखी जा रही उड़नदस्ता प्रभारी राजेंद्र साहू ने बताया कि चेकपोस्ट हटने के बाद भी कर चोरी की संभावना पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। वाहनों की जांच मोबाइल फ्लाइंग स्क्वॉड द्वारा निरंतर की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की कर चोरी, अवैध परिवहन या नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। परिवहन आयुक्त ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि परिवहन संबंधी सभी दस्तावेज साथ रखें और निर्धारित समय पर टैक्स का भुगतान करें। किसी भी प्रकार की कर चोरी या नियमों के उल्लंघन पर मोटरयान अधिनियम 1988 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 एवं संबंधित नियमों के अंतर्गत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Gujarat High Court ने आमिर खान के बेटे की पहली फिल्म महाराज की रिलीज पर लगी रोक हटाई
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बॉलीवुड स्टार आमिर खान के बेटे जुनैद की पहली फिल्म महाराज की रिलीज पर लगी अंतरिम रोक हटाते हुए कहा कि फिल्म में कुछ भी अपमानजनक नहीं है और यह पुष्टिमार्ग संप्रदाय को निशाना नहीं बनाती है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है। यह फिल्म 1862 के एक मानहानि मामले पर आधारित है, जिसमें वैष्णव धार्मिक नेता एवं समाज सुधारक करसनदास मुलजी शामिल थे। पुष्टिमार्ग संप्रदाय के कुछ सदस्यों ने नेटफ्लिक्स पर इस फिल्म की रिलीज के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। न्यायमूर्ति संगीता विशेन ने 13 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी थी।न्यायाधीश ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाणित किया गया है और यह उक्त संप्रदाय को निशाना नहीं बनाती है।
Gujarat HC ने Netflix को Maharaj रिलीज करने की अनुमति दी, कहा- इससे भावनाएं आहत नहीं होतीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘महाराज’ की रिलीज पर लगी अपनी अस्थायी रोक हटा ली, जिसमें कहा गया कि फिल्म महाराज 1862 के महाराज मानहानि मामले से जुड़ी घटनाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं है। न्यायमूर्ति संगीता के. विशेन, जिन्होंने 13 जून को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई थी, ने फिल्म देखने के बाद शुक्रवार को नेटफ्लिक्स को फिल्म स्ट्रीम करने की अनुमति देने का फैसला किया। इसे भी पढ़ें: Swara Bhasker के साथ कोई भी निर्माता-निर्देशक नहीं करना चाहता काम? एक्ट्रेस ने खुद किए चौंकाने वाले खुलासे अदालत ने कहा “यह अदालत प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि फिल्म महाराज उन घटनाओं पर आधारित है, जिनके कारण मानहानि का मामला दायर किया गया और इसका उद्देश्य पुष्टिमार्गी समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं है। फिल्म को संबंधित दिशा-निर्देशों पर विचार करने के बाद विशेषज्ञ निकाय केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया गया था… 13 जून को दी गई अंतरिम राहत रद्द कर दी गई है। मूल रूप से 14 तारीख को रिलीज होने वाली इस फिल्म को हाईकोर्ट ने नेटफ्लिक्स पर रोक लगा दी थी, क्योंकि व्यापारियों के एक समूह ने इस आधार पर कोर्ट में याचिका दायर की थी कि इसमें वैष्णव समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की क्षमता है। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | नमक-मिर्च लगाकर कच्ची केरी के चटकारे ले रहीं परिणीति चोपड़ा, मिर्जापुर 3 का जबरदस्त ट्रेलर रिलीज फिल्म महाराज गुजराती लेखक सौरभ शाह की 2013 की किताब पर आधारित है, जो 1862 के ऐतिहासिक मानहानि मामले पर आधारित है, जो एक प्रमुख वैष्णव व्यक्ति, जदुनाथजी द्वारा समाज सुधारक करसनदास मुलजी के खिलाफ दायर किया गया था, जिन्होंने सर्वशक्तिमान महाराज द्वारा यौन शोषण के खिलाफ लिखा था। मुलजी ने अपनी पत्रिका सत्यप्रकाश में शोषणकारी प्रथा का खुलासा किया, जिसके कारण मानहानि का मामला चला, जो प्रसिद्ध महाराज मानहानि मामला बन गया। न्यायमूर्ति विशन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की प्राथमिक शिकायत कि फिल्म वैष्णव समुदाय को बदनाम करती है, बदनाम करती है और उसका अपमान करती है, में कोई दम नहीं है। “इस प्रकार उनकी अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए बाध्य है कि याचिकाकर्ताओं की आशंका अनुमानों पर आधारित है। चूंकि फिल्म को अभी सार्वजनिक रूप से देखने के लिए जारी नहीं किया गया है, इसलिए केवल अनुमान के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित नहीं किया जा सकता है, अदालत ने कहा। उन्होंने खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए कहा फिल्म का मुख्य संदेश, जैसा कि प्रतिवादी ने सही कहा है, यह है कि फिल्म सामाजिक बुराई और करसनदास मुलजी द्वारा सामाजिक सुधार के लिए लड़ाई पर केंद्रित है, जो स्वयं वैष्णव समुदाय से थे। उन्होंने कहा, फिल्म किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं को प्रभावित या आहत नहीं करती है। फिल्म यह निष्कर्ष निकालती है कि संप्रदाय किसी भी व्यक्ति या घटना से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। इस घटना को अपवाद मानते हुए वैष्णव संप्रदाय और उसके अनुयायी बढ़ते रहे और भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक ताने-बाने का गौरवपूर्ण और अभिन्न अंग बने रहे। यह आशंका जताई जा रही है कि इससे सांप्रदायिक विद्वेष पैदा होने की संभावना है। हालांकि, उसी मानहानि मामले के आधार पर 2013 में पुस्तक प्रकाशित हुई थी और किसी घटना की सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, यहां तक कि याचिकाकर्ताओं ने भी यह दावा नहीं किया है कि पुस्तक से सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हुआ है।
Chandu Champion: कपिल देव ने कार्तिक आर्यन की फिल्म के लिए लिखा दिल को छू लेने वाला नोट
पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव ने इंस्टाग्राम पर कबीर खान के निर्देशन की प्रशंसा की और उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म ने उन्हें भावुक कर दिया। कपिल देव ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्टर शेयर किया और एक लंबा नोट लिखा, चंदू चैंपियन! निश्चित रूप से एक ऐसी फिल्म जिसे आप मिस नहीं कर सकते। मुझे खेल फिल्में देखना और उनकी सराहना करना वाकई पसंद है। लेकिन यह सिर्फ एक खेल फिल्म होने से कहीं बढ़कर है। यह इससे कहीं बढ़कर है। इसे देखते हुए मैं हंसा, रोया, गर्व महसूस किया और फिर से रोया। @kabirkhankk को सलाम। आपने फिर से कमाल कर दिया। इसे भी पढ़ें: Shraddha Kapoor In love | श्रद्धा कपूर ने राहुल मोदी के साथ अपने रिश्ते को किया कंफर्म, शेयर की क्यूट तस्वीर और इमोशनल पोस्ट उन्होंने आगे लिखा, एक और शानदार फिल्म बनाई। @kartikaaryan ने क्या शानदार अभिनय किया, आपका प्रयास और प्रतिभा चमक रही है। पूरी कास्ट और क्रू को बधाई और हमें यह फिल्म देखने के लिए देने के लिए धन्यवाद। आप सभी चैंपियन हैं! एक और शानदार फिल्म बनाई। @kartikaaryan ने क्या कमाल का अभिनय किया है, आपकी मेहनत और प्रतिभा जगमगा रही है। पूरी कास्ट और क्रू को बधाई और हमें यह फिल्म देखने के लिए देने के लिए आपका धन्यवाद। आप सभी चैंपियन हैं! इसे भी पढ़ें: Gujarat High Court ने फिल्म महाराज की ओटीटी रिलीज पर रोक एक दिन के लिए बढ़ाई कार्तिक और कबीर की फिल्म 'चंदू चैंपियन' 14 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। Sacnilk की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अब तक कुल कलेक्शन 29.75 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें कार्तिक मुरलीकांत पेटकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। यह फिल्म एक ऐसे एथलीट की असाधारण कहानी पर आधारित है जिसने कभी हार नहीं मानी। View this post on Instagram A post shared by Kapil Dev (@therealkapildev)
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