देश के ग्रोथ इंजन गुजरात की एक और उपलब्धि, प्रति व्यक्ति आय पहली बार 3 लाख रुपए के पार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और गुजरात में उनके द्वारा शुरू की गई विकास यात्रा को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं
गुजरात में बीजेपी की नाकामियों पर सवाल पूछने पर 'कांग्रेसी' ने इटालिया पर फेंका जूता! भड़क गई AAP
AAP Gujarat News: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि गुजरात में बीजेपी सरकार की विफलताओं का मुद्दा उठाने पर उसके विधायक गोपाल इटालिया पर एक कांग्रेसी ने जूता फेंका.
अमित शाह का आज से तीन दिवसीय गुजरात दौरा, 25 पब्लिक इवेंट्स में होंगे शामिल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का तीन दिवसीय गुजरात दौरा शुरू होगा। इस दौरान वे अहमदाबाद, गांधीनगर, सनादर (दियोदर), वाव-थराद और आसपास के इलाकों में 25 सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। गुलेल से भी हमला किया। हमले में ASP, थाना प्रभारी सहित करीब 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 12 से ज्यादा ग्रामीणों को भी चोट आई है। हालात को काबू करने पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। थाना प्रभारी को अंबिकापुर रेफर कर दिया गया है। मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, SECL के अमेरा खदान के विस्तार के लिए परसोढ़ी गांव की जमीनें साल 2001 में अधिग्रहित की गई है। ग्रामीण अपनी जमीन देने तैयार नहीं हैं। बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी करीब 500 की संख्या में पुलिस बल के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए पहुंचे थे। वहीं SECL प्रबंधन का कहना है कि परसोडीकला के ग्रामीणों को अब तक लगभग 10 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। जिला RR समिति की सहमति से रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है। लेकिन जैसे ही खनन परसोडीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को फिर से उकसाया, जिन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। पुलिस और ग्रामीण के बीच झड़प की तस्वीरें- सिंहदेव ने बताया गुजरात मॉडल इस घटना पर टीएस सिंहदेव ने एक्स पर लिखा- सरकार जिनकी प्रतिनिधि है, उन्हीं पर लाठियां बरसा रही है। सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम परसोडीकला का दृश्य लोकतंत्र को शर्मिंदा करने वाला है। जहां गुजरात की एक निजी कंपनी से सरकारी खदान में उत्खनन कराया जा रहा है और विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों पर पुलिस का लाठीचार्ज और आंसू गैस बरसाई गई। उन्होंने लिखा- यही है वह 'गुजरात मॉडल', जिसे देश वाराणसी और अयोध्या में भी देख रहा है। जहां स्थानीय लोगों के रोजगार और संसाधनों पर बाहर की कंपनियों और लोगों का कब्ज़ा कराया जा रहा है, और स्थानीय समुदायों के अधिकारों की पूरी तरह अनदेखी कर दी गई है। सरकार का काम जनता की रक्षा करना है, उन्हीं पर लाठियां चलाना नहीं। छत्तीसगढ़ के लोगों के हक, जमीन और भविष्य का इस तरह दमन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने कहा- यह सरकार की सोच का आइना कांग्रेस ने भी एक्स पर लिखा- सरगुजा जिले के अमेरा में जो कुछ हो रहा है, वह सिर्फ एक खदान का विवाद नहीं है। यह सरकार की सोच का आइना है। आदिवासी अपनी जमीन, जंगल और भविष्य बचाने के लिए खड़े हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी बात सुनने के बजाय हर हाल में खदान विस्तार को आगे बढ़ाने का रुख अपना लिया है। ASP, थाना प्रभारी सहित 25 घायल ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर, गुलेल से हमला किया। इसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी ग्रामीणों पर पत्थर चलाए। ग्रामीण और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर पहले पत्थर चलाने का आरोप लगा रहे हैं। पत्थरबाजी में ASP अमोलक सिंह, SDOP ग्रामीण, धौरपुर थाना प्रभारी अश्वनी सिंह सहित 25 पुलिसकर्मियों को चोट आई है। थाना प्रभारी अश्वनी सिंह को ज्यादा चोट लगने के कारण अंबिकापुर रेफर किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस की ओर से भी पत्थर चलाए गए। इसमें 12 से ज्यादा ग्रामीणों को चोटे आई है। पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीण बोले- जबरदस्ती कब्जा दिलाने पर अड़ा प्रशासन ग्रामीणों ने बताया कि अमेरा खदान के लिए साल 2001 में भूमि अधिग्रहण हुआ। अब तक मात्र 19% किसानों ने ही मुआवजा लिया है। किसानों को अब तक न नौकरी मिली, न सभी को मुआवजा। 3 माह पहले अधिग्रहित जमीन पर बुलडोजर चलाया गया था, जिसके बाद ग्रामीण अपनी फसल और जमीन की रखवाली कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बैठक कर निर्णय लिया है कि वे अपनी जमीनें नहीं देंगे। इसके बावजूद प्रशासन जमीन पर जबरदस्ती कब्जा दिलाने पर अड़ा है। इसके कारण यह तनाव की स्थिति बनी है। हम अपनी जमीन नहीं देना चाहते- ग्रामीण ग्रामीण लीलावती ने कहा कि हम अपने परसोढ़ी गांव की जमीन को कंपनी को नहीं देना चाहते हैं। कंपनी यहां कोयला निकालना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम कहां जाएं। हमारे पूर्वज यहां रहे। अब हमारी बारी आई है तो हम अपनी जमीन बेच दें। मेरे बेटे और नाती भीख मांगें। कोयला खदान की वजह से हमारी जमीन जा रही है। हमारी जमीन हम उसे नहीं देना चाहते हैं। निजी कंपनी संचालित कर रही खदान SECL ने खदान के संचालन का जिम्मा LCC कंपनी को दिया है। LCC कंपनी का करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट है। काम बंद होने से कंपनी को नुकसान हो रहा है, इसलिए वह जल्दी से जल्दी जमीन पर कब्जा चाहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी कुछ अधिकारियों की मदद लेकर उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट कहा है कि यदि ग्रामीण चाहते हैं कि खदान न खुले तो नहीं खुलेगी। नियम विरूद्ध कार्रवाई- भानू प्रताप सिंह राज्य अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण नियमों के तहत कोई भी कंपनी 5 सालों तक अधिग्रहित भूमि पर काम नहीं करती है तो जमीनें भू स्वामियों को वापस कर दी जाएंगी। किसी की मर्जी के बिना उसकी जमीन नहीं ली जा सकती। यदि ग्रामीणों ने मुआवजा नहीं लिया है तो उनकी जमीनें अधिग्रहित नहीं मानी जाएगी। यह नियम विरूद्ध है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। ग्रामीणों से चर्चा कर रहा प्रशासन अपर कलेक्टर सुनील नायक ने कहा कि भू-अर्जन की कार्रवाई हो गई है। कई ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे हैं और कोयला खनन में बाधा पैदा कर रहे हैं। ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है कि SECL को अनुमति दी जाए। पथराव में कई पुलिसकर्मी गंभीर हैं और कुछ को मामूली चोटें आई हैं। मौके पर कुछ का प्राथमिक उपचार किया गया है। 2019 में भी बंद करना पड़ा था खनन कार्य SECL बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि अमेरा ओपनकास्ट माइंस की 1.0 MTPA क्षमता वाली परियोजना, सरगुजा जिले के बिश्रामपुर क्षेत्र में स्थित है। परसोडीकला, अमेरा, पूहपुटरा और कटकोना गांवों की कुल 664.184 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2001 में अधिग्रहीत की गई थी, जिसके आंशिक कब्जे के बाद 2011 में खनन कार्य शुरू हुआ। साल 2019 में कुछ ग्रामीणों द्वारा वैधानिक प्रावधानों से ज्यादा लाभ की मांग और असामाजिक तत्वों के उकसावे के कारण खनन बंद करना पड़ा। 2024 में प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद संचालन फिर से शुरू हुआ और प्रभावित परिवारों को निर्धारित मुआवजा और RR लाभ दिए जाने लगे। असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को उकसाया- SECL परसोडीकला के ग्रामीणों को अब तक लगभग 10 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। लेकिन जैसे ही खनन परसोडीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को फिर से उकसाया, जिन्होंने अधिग्रहीत भूमि खाली करने से इनकार कर दिया। 3 दिसंबर 2025 को प्रशासनिक अधिकारी- ASP, SDM, तहसीलदार और SECL अधिकारी बातचीत के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील नहीं मानी और पुलिस और अधिकारियों पर पथराव कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर भीड़ को तितर-बितर किया गया। ..................................... इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... SECL भू-विस्थापित महिलाओं ने साड़ी उतारकर किया प्रदर्शन...VIDEO:प्रबंधन को चूड़ियां दिखाई, बोलीं-जमीन लेकर नौकरी नहीं दी, हम गड्ढों में और वो सोना निकाल रहे छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में SECL खदान से प्रभावित 150 भू-विस्थापित परिवार की महिलाओं ने साड़ी उतारकर विरोध जताया है। 18 जुलाई को करीब 20-25 महिलाएं कुसमुंडा स्थित कंपनी कार्यालय में मेन गेट पर धरने पर बैठ गईं। नौकरी की मांग को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। पढ़ें पूरी खबर...
धार में राजगढ़ में पुलिस ने सिर्फ एक महीने के अंदर 12 नाबालिग लड़कियों समेत 40 गुमशुदा लोगों को सुरक्षित ढूंढ निकाला और उन्हें उनके परिवारों से मिला दिया। मंगलवार को पुलिस ने ये जानकारी दी। 12 बच्चियां, 9 महिलाएं और 19 पुरूष लापता थे। राजगढ़ थाना प्रभारी समीर पाटीदार ने बताया कि 4 बच्चियों को तो गुजरात और महाराष्ट्र के शहरों से सुरक्षित ढूंढ निकाला गया। इनमें गांधीनगर (गुजरात), सुरेंद्रनगर (गुजरात), पालघर (महाराष्ट्र) और दाहेगाम (गुजरात) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बाकी 8 बच्चियों को मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से खोजा गया और उनके परिवारों को सौंप दिया गया।
गुना जिले के धरनावदा इलाके से 4 महीने पहले लापता हुई 17 वर्षीय नाबालिग को पुलिस ने 1300 किलोमीटर दूर गुजरात के भुज से बरामद कर लिया है। पुलिस ने विशेष ऑपरेशन मुस्कान अभियान के तहत यह सफलता हासिल की है। पुलिस टीम कई दिनों तक गुजरात में डेरा डालकर किशोरी की तलाश करती रही। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। जानकारी के अनुसार, 23 जुलाई को धरनावदा थाने में एक पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी 17 वर्षीय बेटी 19 जुलाई को बिना बताए घर से कहीं चली गई है। रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां तलाशने के बाद भी जब कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। तकनीकी मदद से भुज में मिली लोकेशनपुलिस ने नाबालिग की तलाश के लिए तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर तंत्र की मदद ली। इसी दौरान किशोरी के गुजरात के भुज जिले में होने की पुख्ता जानकारी मिली। सूचना मिलते ही धरनावदा थाने की एक टीम गुजरात के लिए रवाना हुई। पुलिस ने कई दिनों तक डाला डेरापुलिस टीम ने गुजरात पहुंचकर कई दिनों तक वहां डेरा डाला। कठिन परिस्थितियों के बीच लगातार प्रयास करने के बाद आखिरकार 4 महीने से लापता नाबालिग को बरामद कर लिया गया। CWC में पेश कर परिवार को सौंपापुलिस किशोरी को लेकर गुना पहुंची। यहां कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे बाल कल्याण समिति (CWC) की अध्यक्ष डॉ. नीरू शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति की आवश्यक कार्यवाही के बाद उसे सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इनकी रही सराहनीय भूमिकाइस कार्रवाई में धरनावदा थाना प्रभारी SI प्रभात कटारे, अंजना चंदेल, आरक्षक धर्मेन्द्र धाकड़, सत्येन्द्र गुर्जर, महिला आरक्षक अनुराधा, प्रियंका ओझा और साइबर सेल से आरक्षक कुलदीप यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
पंजाब के अमृतसर बस स्टैंड हत्याकांड का मुख्य आरोपी लवप्रीत सिंह को गुजरात की ATS और जामनगर SOG की संयुक्त कार्रवाई में मेघपर क्षेत्र से दबोच लिया गया। लवप्रीत पिछले महीने हुई मक्खन सिंह की हत्या का प्रमुख आरोपी बताया जा रहा है। इस मामले में पहले ही चार आरोपियों धर्मवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, बिक्रमजीत सिंह और जॉनी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पूछताछ के दौरान लवप्रीत का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था। हाल ही में एक स्थानीय कंपनी में हेल्पर की नौकरी जांच में पता चला कि लवप्रीत गुजरात भाग गया था, जिसके बाद पंजाब पुलिस ने तुरंत ATS को उसके ठिकाने की जानकारी दी। ATS–SOG की टीम ने मेघपर औद्योगिक क्षेत्र में चल रही तलाश के दौरान उसे पकड़ लिया। आरोपियों के मुताबिक लवप्रीत हाल ही में एक स्थानीय कंपनी में हेल्पर की नौकरी करने लगा था। हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की गिरफ्तारी के बाद उसे अहमदाबाद ATS कार्यालय ले जाकर पूछताछ की गई। प्रारंभिक पूछताछ में लवप्रीत ने हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूल की। अब पंजाब पुलिस ने उसका ट्रांजिट रिमांड हासिल कर लिया है और जल्द ही अमृतसर लाया जाएगा, जहां उससे हत्या की योजना, हथियार सप्लाई और अन्य फरार आरोपियों के बारे में विस्तार से पूछताछ होगी।
गुरुग्राम में एक महिला को हवाला कारोबार से जुड़े होने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करने और फिर 2.92 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस ने गुजरात के वीजा कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने भाई के माध्यम से बैंक खाता अरेंज कराकर उस बैंक खाता को साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था। आरोपी द्वारा साइबर ठगों को उपलब्ध कराए गए बैंक खाते का प्रयोग करके 39 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया था। आरोपी की पहचान अशीषभाई रमनलाल राणा (उम्र-36 वर्ष) निवासी तापी, गुजरात के रूप में हुई। बेटे का आधार कार्ड हवाला में प्रयोग करने का डर दिखाया 4 दिसंबर 2024 को एक महिला ने पुलिस थाना साइबर क्राइम ईस्ट में शिकायत दी थी कि उसके बेटे के पास एक वॉट्सऐप ऑडियो कॉल आया। जिसमें बताया गया कि बेटे का आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में प्रयोग हुआ है। उसने मना कर दिया तो उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर FIR दर्ज कराने का डर दिखाया। फिर उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके इनको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही। पीड़ित का नाम हवाला के केस में शामिल होने का डर दिखाते हुए इससे अलग-अलग बैंक खातों में कुल 2 करोड़ 92 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। दुबई में वीजा कंसल्टेंट था डीसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपी को अरेस्ट करके दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। आरोपी से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह वर्ष-2021 से दुबई में वीजा कंसल्टेंट के रूप में काम करता है। मई 2025 में यह दुबई से भारत आया था। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि ठगी गई राशि 2 करोड़ 92 लाख रुपए इसके अन्य साथी आरोपियों द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए थे, जिनमें से 39 लाख रुपए इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे। खाता देने पर 12.80 लाख भाई को दिए यह बैंक खाता उसके भाई मितेश ने उपलब्ध कराया था और अशीष भाई रमनलाल राणा वही बैंक खाता अपने साथी साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था। इसके भाई मितेश को बैंक खाता उपलब्ध कराने के बदले 12 लाख 80 हजार रुपए मिले थे। अब तक 18 आरोपी अरेस्ट ठगी के इस केस में अशीष भाई रमनलाल राणा व इसके भाई मितेश सहित अब तक कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी 2 दिन के पुलिस रिमांड पर है, जिससे अन्य वारदातों व अन्य साथी आरोपियों के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है।
Gujarat High Court ने आमिर खान के बेटे की पहली फिल्म महाराज की रिलीज पर लगी रोक हटाई
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बॉलीवुड स्टार आमिर खान के बेटे जुनैद की पहली फिल्म महाराज की रिलीज पर लगी अंतरिम रोक हटाते हुए कहा कि फिल्म में कुछ भी अपमानजनक नहीं है और यह पुष्टिमार्ग संप्रदाय को निशाना नहीं बनाती है, जैसा कि याचिका में आरोप लगाया गया है। यह फिल्म 1862 के एक मानहानि मामले पर आधारित है, जिसमें वैष्णव धार्मिक नेता एवं समाज सुधारक करसनदास मुलजी शामिल थे। पुष्टिमार्ग संप्रदाय के कुछ सदस्यों ने नेटफ्लिक्स पर इस फिल्म की रिलीज के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। न्यायमूर्ति संगीता विशेन ने 13 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी थी।न्यायाधीश ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाणित किया गया है और यह उक्त संप्रदाय को निशाना नहीं बनाती है।
Gujarat HC ने Netflix को Maharaj रिलीज करने की अनुमति दी, कहा- इससे भावनाएं आहत नहीं होतीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘महाराज’ की रिलीज पर लगी अपनी अस्थायी रोक हटा ली, जिसमें कहा गया कि फिल्म महाराज 1862 के महाराज मानहानि मामले से जुड़ी घटनाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य किसी समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं है। न्यायमूर्ति संगीता के. विशेन, जिन्होंने 13 जून को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई थी, ने फिल्म देखने के बाद शुक्रवार को नेटफ्लिक्स को फिल्म स्ट्रीम करने की अनुमति देने का फैसला किया। इसे भी पढ़ें: Swara Bhasker के साथ कोई भी निर्माता-निर्देशक नहीं करना चाहता काम? एक्ट्रेस ने खुद किए चौंकाने वाले खुलासे अदालत ने कहा “यह अदालत प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि फिल्म महाराज उन घटनाओं पर आधारित है, जिनके कारण मानहानि का मामला दायर किया गया और इसका उद्देश्य पुष्टिमार्गी समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं है। फिल्म को संबंधित दिशा-निर्देशों पर विचार करने के बाद विशेषज्ञ निकाय केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया गया था… 13 जून को दी गई अंतरिम राहत रद्द कर दी गई है। मूल रूप से 14 तारीख को रिलीज होने वाली इस फिल्म को हाईकोर्ट ने नेटफ्लिक्स पर रोक लगा दी थी, क्योंकि व्यापारियों के एक समूह ने इस आधार पर कोर्ट में याचिका दायर की थी कि इसमें वैष्णव समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की क्षमता है। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | नमक-मिर्च लगाकर कच्ची केरी के चटकारे ले रहीं परिणीति चोपड़ा, मिर्जापुर 3 का जबरदस्त ट्रेलर रिलीज फिल्म महाराज गुजराती लेखक सौरभ शाह की 2013 की किताब पर आधारित है, जो 1862 के ऐतिहासिक मानहानि मामले पर आधारित है, जो एक प्रमुख वैष्णव व्यक्ति, जदुनाथजी द्वारा समाज सुधारक करसनदास मुलजी के खिलाफ दायर किया गया था, जिन्होंने सर्वशक्तिमान महाराज द्वारा यौन शोषण के खिलाफ लिखा था। मुलजी ने अपनी पत्रिका सत्यप्रकाश में शोषणकारी प्रथा का खुलासा किया, जिसके कारण मानहानि का मामला चला, जो प्रसिद्ध महाराज मानहानि मामला बन गया। न्यायमूर्ति विशन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की प्राथमिक शिकायत कि फिल्म वैष्णव समुदाय को बदनाम करती है, बदनाम करती है और उसका अपमान करती है, में कोई दम नहीं है। “इस प्रकार उनकी अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए बाध्य है कि याचिकाकर्ताओं की आशंका अनुमानों पर आधारित है। चूंकि फिल्म को अभी सार्वजनिक रूप से देखने के लिए जारी नहीं किया गया है, इसलिए केवल अनुमान के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित नहीं किया जा सकता है, अदालत ने कहा। उन्होंने खुली अदालत में आदेश सुनाते हुए कहा फिल्म का मुख्य संदेश, जैसा कि प्रतिवादी ने सही कहा है, यह है कि फिल्म सामाजिक बुराई और करसनदास मुलजी द्वारा सामाजिक सुधार के लिए लड़ाई पर केंद्रित है, जो स्वयं वैष्णव समुदाय से थे। उन्होंने कहा, फिल्म किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं को प्रभावित या आहत नहीं करती है। फिल्म यह निष्कर्ष निकालती है कि संप्रदाय किसी भी व्यक्ति या घटना से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। इस घटना को अपवाद मानते हुए वैष्णव संप्रदाय और उसके अनुयायी बढ़ते रहे और भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक ताने-बाने का गौरवपूर्ण और अभिन्न अंग बने रहे। यह आशंका जताई जा रही है कि इससे सांप्रदायिक विद्वेष पैदा होने की संभावना है। हालांकि, उसी मानहानि मामले के आधार पर 2013 में पुस्तक प्रकाशित हुई थी और किसी घटना की सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, यहां तक कि याचिकाकर्ताओं ने भी यह दावा नहीं किया है कि पुस्तक से सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हुआ है।
Chandu Champion: कपिल देव ने कार्तिक आर्यन की फिल्म के लिए लिखा दिल को छू लेने वाला नोट
पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव ने इंस्टाग्राम पर कबीर खान के निर्देशन की प्रशंसा की और उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म ने उन्हें भावुक कर दिया। कपिल देव ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्टर शेयर किया और एक लंबा नोट लिखा, चंदू चैंपियन! निश्चित रूप से एक ऐसी फिल्म जिसे आप मिस नहीं कर सकते। मुझे खेल फिल्में देखना और उनकी सराहना करना वाकई पसंद है। लेकिन यह सिर्फ एक खेल फिल्म होने से कहीं बढ़कर है। यह इससे कहीं बढ़कर है। इसे देखते हुए मैं हंसा, रोया, गर्व महसूस किया और फिर से रोया। @kabirkhankk को सलाम। आपने फिर से कमाल कर दिया। इसे भी पढ़ें: Shraddha Kapoor In love | श्रद्धा कपूर ने राहुल मोदी के साथ अपने रिश्ते को किया कंफर्म, शेयर की क्यूट तस्वीर और इमोशनल पोस्ट उन्होंने आगे लिखा, एक और शानदार फिल्म बनाई। @kartikaaryan ने क्या शानदार अभिनय किया, आपका प्रयास और प्रतिभा चमक रही है। पूरी कास्ट और क्रू को बधाई और हमें यह फिल्म देखने के लिए देने के लिए धन्यवाद। आप सभी चैंपियन हैं! एक और शानदार फिल्म बनाई। @kartikaaryan ने क्या कमाल का अभिनय किया है, आपकी मेहनत और प्रतिभा जगमगा रही है। पूरी कास्ट और क्रू को बधाई और हमें यह फिल्म देखने के लिए देने के लिए आपका धन्यवाद। आप सभी चैंपियन हैं! इसे भी पढ़ें: Gujarat High Court ने फिल्म महाराज की ओटीटी रिलीज पर रोक एक दिन के लिए बढ़ाई कार्तिक और कबीर की फिल्म 'चंदू चैंपियन' 14 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। Sacnilk की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अब तक कुल कलेक्शन 29.75 करोड़ रुपये हो चुका है। इसमें कार्तिक मुरलीकांत पेटकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। यह फिल्म एक ऐसे एथलीट की असाधारण कहानी पर आधारित है जिसने कभी हार नहीं मानी। View this post on Instagram A post shared by Kapil Dev (@therealkapildev)
Salman Khan फायरिंग केस मेंक्राइम ब्रांच को गुजरात से मिला बड़ा कनेक्शन, मामले में हुआ अबतक का सबसे सनसनीखेज खुलासा
जेल से रिहा होने पर Elvish Yadav ने गुजरात में खेलीजबरदस्त होली, 'राव साहब' को अपने बीच देख क्रेजी हुए फैन्स

