'SIR नहीं इस वजह से हुई NDA की जीत...,' बिहार चुनाव में किस पर निशाना साध रहे शरद पवार?
Bihar Vidhan Sabha Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के परमाम आ चुके हैं. वहीं रिजल्ट को लेकर कई पार्टी के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
बुद्ध के 'विहार' से नीतीश-मोदी के वर्तमान बिहार तक : विकास की खोज में एक राज्य
Bihar Assembly Election Results: बिहार—यह केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि सदियों से ज्ञान, शक्ति और परिवर्तन का केंद्र रहा है। गौतम बुद्ध ने यहीं अपने 'विहार' (बौद्ध मठ) स्थापित किए और शांति का संदेश दुनिया को दिया। आज वही भूमि गठबंधन की राजनीति का ...
Sagrika Ghosh Slams PM Modi: TMC सांसद सागरिका घोष ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल पर टिप्पणी को लेकर अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि बंगाल साम, दाम, दंड, भेद' की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगा.
कांग्रेस ने बताया, बिहार चुनाव में कैसे हुई वोट चोरी?
Bihar Election Results : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन मात्र 35 सीटों पर सिमट गई। राजद तो 23 फीसदी वोट शेयर प्राप्त कर अपनी साख बचा गई लेकिन कांग्रेस मात्र 6 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी। करारी हार के बाद पार्टी ने एक बार फिर वोट चोरी को लेकर चुनाव ...
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर देशभर में चर्चा तेज हो गई है. महागठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद पार्टी जहां सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई वहीं सोशल मीडिया पर एक बार फिर महात्मा गांधी का दशकों पुराना बयान ट्रेंड करने लगा है. आखिर गांधी ने ऐसा क्यों कहा था? और यह बयान आज फिर क्यों सुर्खियों में है? आइए जानते हैं...
बिहार चुनाव में 128 विधानसभा सीटों पर हुई भयानक धांधली... कांग्रेस का चुनाव आयोग पर गंभीर हमला
Congress reaction on Bihar results: कांग्रेस ने एक खास पैटर्न की पहचान का दावा करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर हमला बोलते हुए कहा कि उनके एनलिसिस से साफ खुलासा होता है कि कुल 128 सीटों में भयानक धांधली का इस्तेमाल करके एनडीए को जितवाया गया.
बिहार चुनाव : भाजपा से ज्यादा वोट पाकर भी कैसे हार गई तेजस्वी की राजद?
Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजद की सरकार बनने जा रही है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा हैरान राजद के चुनावी नतीजों ने किया। वोट प्रतिशत अधिक पाने के बावजूद भी ...
बिहार चुनाव में NDA की रिकॉर्ड जीत के बाद यूपी में सियासी बयानबाजी बढ़ गई है। निषाद पार्टी के प्रमुख और योगी सरकार में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने सुभासपा प्रमुख राजभर पर निशाना साधा है। संजय निषाद ने कहा- ओपी राजभर का बिहार में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय बिल्कुल गलत था। दैनिक भास्कर डिजिटल से बातचीत में उन्होंने कहा- यूपी में भाजपा ने सुभासपा को पूरा सम्मान दिया। ओपी राजभर ने खुद 2022 में सपा के साथ चुनाव लड़ा था। फिर भी भाजपा ने उन्हें NDA में शामिल कर मंत्री और MLC का पद दिया। इसलिए, गठबंधन का सम्मान होना चाहिए। राजभर की पार्टी अभी सिर्फ यूपी में है। राजनीति में वहीं बीज बोना चाहिए जहां हम उसे ढंग से सींच सके। बिहार में सुभासपा का जनाधार नहीं है। इसलिए चुनाव परिणाम सामने है। बता दें कि यूपी में सुभासपा और निषाद पार्टी दोनों एनडीए गठबंधन में हैं। दोनों पार्टी के प्रमुख योगी सरकार में मंत्री हैं। बिहार में राजद और कांग्रेस ने जनता को खूब लूटा। उस जमाने में मीडिया और सोशल मीडिया इतना नहीं था। लेकिन आज मीडिया और डिजिटल मीडिया ने सभी को जागरूक कर दिया। बिहार में बीजेपी की ताकत, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और राजनीति के चाणक्य अमित शाह के दांव पेंच ने विपक्ष का सुपड़ा साफ कर दिया।
Bihar Election: करारी हार के बावजूद जख्मों पर मरहम लगा रहे ये दो आंकड़े, तेजस्वी का दर्द करेंगे कम?
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में NDA की इतनी जोरदार जीत हुई कि आरजेडी(RJD), कांग्रेस और लेफ्ट जैसे महागठबंधन के सभी दल मिलकर सिर्फ 35 सीटों पर ही सिमट गए.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद पटना में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री आवास में शनिवार की सुबह से ही नेताओं का आना-जाना जारी है। सबसे पहले मंत्री विजय कुमार चौधरी सीएम हाउस पहुंचे। उसके बाद चिराग समेत अन्य नेता भी पहुंचे। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी सीएम हाउस पहुंचे। संजय झा अपने हाथों में जीते हुए कैंडिडेट की लिस्ट ले कर आए हैं। इसी क्रम में फुलवारी से नवनिर्वाचित विधायक श्याम रजक भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए श्याम रजक ने स्पष्ट कहा कि बिहार में नेतृत्व का एक ही भरोसेमंद चेहरा है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। बिहार में दूसरा कोई चेहरा नहीं है, नीतीश कुमार ही विकल्प हैं। श्याम रजक ने कहा हम अपने नेता से मिलने आए थे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आम लोगों ने आस्था व्यक्त की है। नीतीश कुमार के काम पर लोगों ने विश्वास किया है। शपथ ग्रहण कब होगा इस पर श्याम रजक ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी तय करेंगे। नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री चेहरा है उनके अलावा कुछ सोचा भी नहीं जा सकता है। कौन क्या कहा है मुझे नहीं पता विनोद तावड़े ने कहा था सभी पार्टी एक साथ बैठकर तय करेंगे की सीएम कौन होगा। इसपर श्याम रजक ने कहा कि कौन क्या कहता है उनसे पूछिए। महाराष्ट्र पैटर्न के भी चर्चा शुरू है, इस पर श्याम रजक ने कहा कि इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। आप लोगों ने तो महागठबंधन को भी कितनी सीटें दी थी, उन्हें क्या कुछ मिला आपलोगों ने देखा है। पूरा एनडीए एकजुट है वहीं, दूसरी ओर से यह दावा किया जा रहा है कि बिना जदयू के भी सरकार बन सकती है। इस पर श्याम रजक ने करारा जवाब देते हुए कहा कि यह केवल एक सपना है, जिसकी कोई वास्तविकता नहीं है। उन्होंने दोहराया कि पूरा एनडीए एकजुट है और भारी जन mandate ने यह साबित कर दिया है कि जनता नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही स्थिर सरकार चाहती है।
Bihar Election Final Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने 2010 के बाद का सबसे मजबूत जनादेश बताया, पुराने तुष्टिकरण वाले 'एमवाई' को 'महिला और युवा' का नया सकारात्मक फॉर्मूला करार दिया। युवाओं के मतदाता सूची शुद्धिकरण समर्थन, नक्सल क्षेत्रों में बढ़ते मतदान और लोकतंत्र की जीत पर जोर। बिहार ने झूठ व जंगलराज को नकारा, जनविश्वास की विजय स्थापित की।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) डा. जय प्रकाश सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। जेपी सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए ऐच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) ली थी। मगर उन्हें करारी हार मिली है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। जेपी सिंह बिहार की छपरा सीट से चुनाव लड़े। लेकिन उन्हें मात्र 3433 वोट मिल पाए। जेपी सिंह छपरा सीट पर 10 उम्मीदवारों में चौथे नंबर पर जरूर रहे। मगर विजय उम्मीदवार से 83 हजार 412 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। चौथे नंबर पर रहे, जमानत जब्त छपरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की छोटी कुमारी विधायक चुनी गई। उन्हें 86 हजार 845 वोट लेकर मिले। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के शत्रुघन यादव रहे, उन्हें 79 हजार 245 वोट मिले। तीसरे नंबर पर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट राखी गुप्ता को 11 हजार 488 वोट और चौथे नंबर पर जेपी सिंह रहे। साल 2000 बैच के IPS 10 जुलाई 1967 को बिहार में जन्मे जेपी सिंह हिमाचल कैडर के 2000 बैच के IPS अधिकारी रहे हैं। 31 जनवरी 2025 को ही वह ADG प्रमोट किए गए। ADG बनने के 5 महीने बाद ही उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया और जुलाई 2025 में समय से पहले रिटायरमेंट ले ली। उनकी रिटायरमेंट 31 जुलाई 2027 को तय थी। यानी दो साल पहले ही जेपी सिंह ने नौकरी छोड़ दी। जेपी सिंह बीए, एलएलबी, के साथ पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री धारक हैं। चंबा-सिरमौर जिले में SP रहे जेपी सिंह वर्ष 2001 में कांगड़ा में बतौर प्रोबेशनर तैनात हुए। इसके बाद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) कांगड़ा के पद पर सेवाएं दी। फिर वह राज्यपाल के एडीसी, SP चंबा, SP सिरमौर, कमांडेंट और SP इंटेलिजेंस भी रहे। वे आईजी साउथ रेंज व आईजी नॉर्थ रेंज के अलावा विजिलेंस में भी सेवाएं दे चुके हैं। वीआरएस से पहले वह एडीजीपी सीआईडी पद पर तैनात थे। बिहार के एकमा तेघड़ा गांव के रहने वाले जेपी सिंह बिहार के एकमा के तेघड़ा गांव के रहने वाले हैं। उनका सफर प्रेरणादायक है। वह एक किसान परिवार से निकलकर, पहले सैन्य अधिकारी और फिर आईपीएस अधिकारी बने। हिमाचल पुलिस में विभिन्न पदों पर सेवाएं देने के बाद राजनीति में उतरे। छुट्टी के दौरान गांव के बच्चों को पढ़ाते थे जेपी सिंह छुट्टी के दौरान अपने गांव और आसपास के शैक्षणिक संस्थानों में जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाते रहे हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शन देते हैं।
बिहार चुनाव की 5 सबसे छोटी जीत, कोई 27 वोटों से जीता तो किसी को 30 वोट से मिली जीत
Bihar Assembly Election Results : नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग ने बिहार विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल की है। भाजपा, जदयू, लोजपा, हम और आरएलएम के गठबंधन ने 202 सीटें जीत तो राजद, कांग्रेस और वामदलों का महागठबंधन मात्र 35 सीटें ही हासिल कर सका। इस चुनाव में महागठबंधन के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। आइए नजर डालते हैं उन 5 सीटों पर जहां जीत का आंकड़ा सबसे कम रहा। ALSO READ: Bihar Assembly Election Results : बिहार में करारी हार पर क्या बोले राहुल गांधी, क्यों खड़ी हो गई कांग्रेस के सामने चुनौतियां बिहार चुनाव में सबसे छोटी जीत जदयू नेता रामचरण साहू की है। उन्होंने संदेश सीट पर राजद के दीपूसिंह को मात्र 27 वोटों से मात दी। रामचरण को 80,598 मिले तो दीपूसिंह के पक्ष में 80571 वोट गिरे। जनसुराज के राजीव रंजन राज 6000 से ज्यादा वोट प्राप्त कर तीसरे नंबर पर थे। रामगढ़ विधानसभा सीट पर बसपा के सतीश कुमार यादव मात्र 30 वोटों से जीत दर्ज करने में सफल रहे। उन्हें 72,689 वोट मिले तो भाजपा के अशोक कुमार सिंह 75,659 वोट ही हासिल कर सके। त्रीकोणिय मुकाबले वाली इस सीट पर राजद के अजीत कुमार 41 हजार से ज्यादा वोट ले गए। ALSO READ: तेजस्वी को वोट ज्यादा मिले, सीटें कम, 'बेदम' कांग्रेस ने बिगाड़ा खेल भाजपा नेता महेश पासवान ने अगिआंव सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के प्रत्याशी शिव प्रकाश रंजन को मात्र 95 हराया। पासवान को 69412 वोट मिले जबकि शिवप्रकाश को 69317 ही हासिल हुए। यहां जनसुराज के रमेश कुमार 3882 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। जदयू नेता चेतन आनंद ने राज्य की नबीनगर विधानसभा सीट पर मात्र 112 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। चेतन आनंद को 80,380 वोट मिले जबकि राजद के अमोद कुमार सिंह 80,268 वोट हासिल कर जीत से कुछ ही कदम दूर रह गए। निर्दलीय प्रत्याशी लव कुमार 7000 से ज्यादा वोट लेकर नंबर 3 पर रहे। ALSO READ: AIMIM ने बिहार चुनाव में जीती 5 सीटें, 29 सीटों पर लड़ा था चुनाव बिहार की ढाका सीट पर राजद के फैसल रहमान ने भाजपा के पवन कुमार जायसवाल को मात्र 178 वोटों से हराया। यहां जनसुराज पार्टी के डॉक्टर एलबी प्रसाद ने 8347 वोट प्राप्त किए। edited by : Nrapendra Gupta
क्या बिहार में दोहराएगा महाराष्ट्र मॉडल जाएगा? जीतकर भी क्या किसी टेंशन में है भाजपा!
Bihar CM: बिहार में बीजेपी पहली बार 89 विधानसभा सीटें जीतकर पहली बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनी है. इसके बाद सियासी अटकलें लगाई जाने लगीं कि क्या ये माइल स्टोन छूकर इतिहास बनाने वाली बीजेपी कहीं महाराष्ट्र की तर्ज पर तरह बिहार में भी तो अपना सीएम नहीं बनाने जा रही.
1 से 19 तक का सफर...5 साल में कितना बदले चिराग? क्या बिहार को मिल गया नया 'पोस्ट-कास्ट' नेता?
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है. NDA की शानदार जीत के बीच चर्चा चिराग पासवान की भी जरूरी है, जिन्हें 2020 के चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली थी और अब राज्य में उनके 19 विधायक होंगे.
बंगाल में बिहार जैसी स्थिति नहीं होगी, ममता बनर्जी फिर बनेंगी मुख्यमंत्री
तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों का पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है
क्या NDA की रिकॉर्ड 202 सीटों के जीतने के पीछे चुनाव आयोग का एक फैसला है? फैसला-आचार संहिता के बावजूद बिहार की महिलाओं को 10-10 हजार रुपए बंटने देना। जबकि, 2004 के बाद कम से कम 5 राज्यों में ऐसी 10 योजनाओं पर आचार संहिता के नाम पर रोक दिया गया। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के नाम से राज्यभर में 10 हजार करोड़ रुपए बांटे गए। इसकी शुरुआत तो 26 सितंबर को पहली किश्त बांट कर की गई थी, लेकिन 6 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद भी 5 बार 10-10 हजार रुपए बांटे गए। एक किश्त तो चुनावों की घोषणा वाले दिन यानी आचार संहिता के ऐलान वाले दिन ही जारी की गई। यही नहीं, नीतीश सरकार ने अक्टूबर में प्रदेश के सभी बड़े अखबारों में विज्ञापन देकर भुगतान की तारीख दिसंबर तक तय कर दी। ये विज्ञापन देखिए- अब सवाल है कि आखिर देश के अलग-अलग राज्यों में एक जैसे नियमों के बावजूद फैसले अलग क्यों हुए? आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में जानिए, कहां-कहां चुनाव आयोग ने योजनाओं को रोका, वहां चुनाव में क्या हुआ…। पॉइंट-1ः 5 राज्यों में रोका तो 3 में सरकार बदल गई राजस्थान: इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना रोक राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने अक्टूबर 2023 में मुफ्त स्मार्टफोन बांटने के लिए 'इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना' लॉन्च किया। जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देकर रोक दिया। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि स्मार्टफोन जैसी चीजों का मुफ्त बांटना आचार संहिता के दौरान सीधे मतदाताओं को लुभाने की श्रेणी में आता है। आयोग ने अपने आदेश में तर्क दिया कि भले ही योजना पहले से लागू हो, लेकिन निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और चुनाव में सबके लिए समान अवसर को बनाए रखने के लिए, इस पर रोक आवश्यक है। नतीजा- कांग्रेस की मौजूदा सरकार चली गई और भाजपा स्पष्ट बहुमत से लौटी। तेलंगाना में रायथु बंधु योजना पर रोक यह योजना PM-KISAN जैसी ही है। 10 मई 2018 को इसे तत्कालीन सीएम केसीआर ने लॉन्च की। इसमें किसानों को हर साल दो बार पैसा दिया जाता था। 2018 में जब यह योजना शुरू की गई थी तब 50.25 लाख किसान जुड़े थे। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 में होने थे। 26 नवंबर 2023 को तेलंगाना के वित्त मंत्री टी. हरीश राव ने कहा कि रायथु बंधु योजना की राशि 28 नवंबर तक (वोटिंग से ठीक दो दिन पहले) दे दी जाएगी। ECI ने मंत्री के इस बयान को आचार संहिता की शर्तों का उल्लंघन माना और योजना को आचार संहिता हटने तक स्थगित कर दिया। नतीजा– चुनाव हुआ तो केसीआर की सरकार चली गई। कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से लौटी। आंध्र प्रदेश में YSR चेयुथा सहित 6 योजनाओं पर रोक चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश में विधानसभा-लोकसभा चुनाव से दो दिन पहले 9 मई 2024 को YSR चेयुथा सहित छह अन्य DBT योजनाओं के भुगतान को तुरंत रोक दिया। अगस्त 2020 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने YSR चेयुथा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत आंध्र प्रदेश की सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के 45-60 साल की महिलाओं को आर्थिक सहायता देनी थी। आयोग के अनुसार, इन योजनाओं में भुगतान 11-12 मई 2024 मतदान से ठीक पहले करने की योजना थी। चुनाव की घोषणा के बाद सत्ता पक्ष की सरकार को किसी भी नई वित्तीय घोषणा या जनहित सहायता का वितरण नहीं करना चाहिए। इसी तरह वाईएसआर आसरा और जगनन्ना विद्या दीवेना योजनाओं को भी चुनाव आयोग ने रोक दिया। इसमें विद्या दीवेना योजना पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप के वितरण से संबंधित थी। इस योजना के तहत, सरकार लाभार्थी छात्रों की माताओं के बैंक अकाउंट में स्कूल फीस सीधे भेजने वाली थी। वहीं, YSR आसरा योजना, बिहार के जीविका योजना की तरह ही स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिला सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की थी। इन पर भी चुनाव आयोग ने रोक लगा दी। नतीजा- जगनमोहन रेड्डी की सरकार चली गई। 175 में से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने 135 सीटें जीत लीं। भाजपा भी सरकार में सहयोगी है। ओडिशा: कालिया योजना पर रोक ओडिशा सरकार ने दिसंबर 2018 में 'कृषक सहायता आजीविका और आय संवर्धन' योजना की शुरुआत की। 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान रोक दिया गया था। इस योजना को ECI ने आचार संहिता का उल्लंघन माना। KALIA एक नकद सहायता योजना थी, जिसमें खेती करने वाले प्रत्येक परिवार को ₹10,000 हर साल दिया जाता था। साथ ही 2 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर और 57 लाख परिवारों के लिये 2 लाख रूपए का अतिरिक्त व्यक्तिगत दुर्घटना कवरेज भी शामिल था। बीजद (बीजू जनता दल) ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि इसी तरह की योजना पीएम-किसान निधि के पैसे मिलने जारी हैं, लेकिन उनकी योजना रोक दी गई। इस पर चुनाव आयोग का तर्क था कि पीएम किसान निधि केंद्रीय बजट में पहले से ही आवंटित थी और यह एक पुरानी योजना थी। कालिया योजना की किस्त का वितरण एक नई घोषणा थी, इसलिए उसे आदर्श आचार संहिता के तहत रोक दिया गया। नतीजा- पटनायक सरकार बरकरार रही, लेकिन भाजपा मजबूत हुई। तमिलनाडु: 2004,2011 में रोकी गई दो योजनाएं साल 2004 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले AIADMK (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) की सरकार बिजली बिल भुगतान की योजना लेकर आई। इसमें छोटे किसानों को बिजली बिल के भुगतान की भरपाई के लिए मनी ऑर्डर से पैसे भेजे जाते थे। आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद मनी ऑर्डर के वितरण पर रोक लगा दी थी। साल 2006 में तमिलनाडू की DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) सरकार ने रंगीन टीवी बांटने की योजना बनाई। यह पांच साल तक चलती रही, लेकिन 2011 में चुनाव कार्यक्रम जारी होने के तुरंत बाद, चुनाव आयोग ने जिला कलेक्टरों को चुनाव समाप्त होने तक मुफ्त टीवी सेट बांटने पर रोक लगा दिया। नतीजा- 2011 विधानसभा चुनाव में AIADMK गठबंधन ने 234 सीटों में लगभग 203 सीटें जीत लीं। पॉइंट-2ः 2 राज्यों में कैश ट्रांसफर नहीं रोका, सरकार लौटी बिहार में चुनाव के ऐलान के बाद भी महिलाओं को दिया पैसा बिहार में 6 अक्टूबर को चुनाव की आचार संहिता लग गई। आचार संहिता के लागू होने के बाद भी नीतीश सरकार ने महिलाओं के अकाउंट 10-10 हजार रुपए भेजे हैं। इसकी शिकायत RJD ने चुनाव आयोग से की थी, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुआ। नतीजा- नीतीश सरकार दो तिहाई से ज्यादा बहुमत से सरकार में लौटी है। झारखंड में वोटिंग से एक रात पहले आया मंईयां सम्मान योजना का पैसा झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक 4 महीने पहले हेमंत सोरेन सरकार ने मईयां सम्मान योजना शुरू की। इसमें 18 से 50 साल तक की महिलाओं को 2500 रुपए हर महीने दिया गया। भाजपा ने आरोप लगाया कि वोटिंग की एक रात पहले तक सरकार ने चुपके से महिलाओं के अकाउंट में पैसा भेजा। भाजपा ने इसकी लिखित शिकायत आयोग से की, लेकिन रोक नहीं लगी। नतीजा- हेमंत सोरेन की सरकार रिपीट हुई। JMM गठबंधन में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई। एक्सपर्ट बोले- यह ठीक नहीं… पॉलिटिकल एनालिस्ट अभिरंजन कुमार कहते हैं, अगर यह पैसा चुनाव के बीच में जाते रहे तो NDA 200 की बजाय 240 सीट भी जीते तो इसे अनफेयर ही कहा जाएगा। चुनाव के दौरान डायरेक्ट पैसा देना लोकतंत्र को कमजोर करने की प्रैक्टिस है। चुनाव से पहले ये सब करने से जनमत प्रभावित होता है और पांच साल के परफॉर्मेंस का आकलन नहीं हो पाता है। राजनीतिक विश्लेषक राशिद किदवई कहते हैं, ‘भारत का लोकतंत्र ब्रिटिश मॉडल पर है और वहां मर्यादा का बहुत महत्व है। हमारे यहां मर्यादा को लेकर बहुत लचीला रवैया है। चुनाव में सबको बराबर का महत्व मिलना चाहिए। आयोग को इस तरह का कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे किसी को फायदा हो।’ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/vkQR1zsokWb
प्रदेश के भाजपा नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव में 55 सीटों पर प्रबंधन, प्रचार, पीएम रैली व सोशल मीडिया की जिम्मेदारी संभाली। उनमें से 49 सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत हुई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी चुनावी सभा को संबोधित किया। वहीं भाजपा नेतृत्व ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा प्रभारी सतीश पूनियां, सोशल मीडिया इंचार्ज हिरेन कौशिक सहित 20 नेताओं को बिहार चुनाव की जिम्मेदारी दी थी। इन वरिष्ठ नेताओं ने अपने अनुभव के आधार पर स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर चुनावी रणनीति बनाई। जिसमें चुनाव प्रचार, सभाएं, सामाजिक व क्षेत्रीय संगठनों के साथ बैठके, रोड शो, सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग, विपक्ष पर पलटवार को लेकर प्लानिंग की गई। भाजपा नेताओं ने राजस्थानियों को लुभाया भाजपा के डेटा के अनुसार 15 लाख से ज्यादा बिहारी मतदाता राजस्थान में रह रहे हैं। इनमें से 5 लाख से अधिक की संख्या तो अकेले जयपुर में है। इसी तरह से 3 लाख प्रवासी राजस्थानी बिहार में रह रहे हैं। भाजपा नेतृत्व ने प्रवासी राजस्थानी-मारवाडियों को लुभाने के लिए नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी थी। इसके अलावा स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर चुनावी प्रबंधन का काम भी सौपा था। पार्टी के अनुसार भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने पाटलीपुत्र, सीपी जोशी ने दरभंगा, सतीश पूनियां को नवादा, अनिवाश गहलोत को मोतीहारी, कुलदीप धनकड़ को साहिबगंज, दामोदर अग्रवाल को सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। हिरेन कौशिक को तिरहुत और मिथिला क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के सोशल मीडिया प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी। इन नेताओंं को लगाया था चुनाव में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी, प्रदेश महामंत्री व सांसद दामोदर अग्रवाल, मंत्री अविनाश गहलोत, विधायक कुलदीप धनकड़ व अतुल भंसाली, पूर्व केंद्रीय मंत्री निहाल चंद मेघवाल, प्रदेश महामंत्री ओम प्रकाश भड़ाना, प्रदेश मंत्री वसुदेव चावला व आईदान सिंह भाटी, पूर्व अध्यक्ष महिला आयोग सुमन शर्मा, प्रदेश सह संयोजक अनुराग जांगिड़, विधायक हरलाल सारण, संभाग प्रभारी सोमकांत शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष विष्णु चेतानी, पूर्व प्रदेश मंत्री सरोज प्रजापत, पूर्व प्रदेश कार्यालय प्रभारी महेश शर्मा, अजमेर डिप्टी मेयर नीरज जैन सहित अन्य नेताओं को लगाया है। इसके अलावा महिला मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की टीमों को भी बिहार चुनाव में भेजा गया था।
हरियाणा के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह के गृह जिले बिहार के जमुई से BJP की जीत हुई है। DGP की साली दिव्या गौतम चुनाव हार गईं। वह पटना की दीघा विधानसभा से महागठबंधन की उम्मीदवार थीं। दिव्या बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह की ममेरी बहन हैं। वहीं सुशांत राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू बिहार की छातापुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं। ओपी सिंह सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई हैं और 1992 बैच के IPS अफसर हैं। हाल ही में IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस में नाम आने के बाद DGP शत्रुजीत कपूर को छुट्टी भेज दिया गया था। इनकी जगह ओपी सिंह को कार्यवाहक DGP बनाया गया। सियासी हलकों में चर्चा थी कि ओपी सिंह को कार्यकारी DGP बनाने के पीछे बिहार चुनाव भी एक वजह हो सकती है। राजपूत वोटबैंक कई सीटों पर अहम है। बिहार के करीब 30 से 35 विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति जीत या हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही है। पढ़िए कैसे कार्यवाहक DGP बने ओपी सिंह... सुशांत राजपूत के परिवार के 2 सदस्यों को मिला था टिकट... ममेरी बहन दिव्या गौतम की सियासी पारीसुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम को भाकपा (माले) ने पटना की दीघा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है, इसलिए दिव्या को चुनावी मैदान में उतारा। दिव्या को भाजपा के उम्मीदवार संजीव चौरसिया ने बड़े अंतर से हराया। दिव्या दूसरे स्थान पर रहीं। दिव्या गौतम छात्र राजनीति से जुड़ी रही हैं। उन्होंने पटना विमेंस कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है और यूजीसी-नेट पास करने के बाद PHD कर रही हैं। वह पहले पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन का चुनाव भी लड़ चुकी हैं और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) की सक्रिय सदस्य रही हैं। चचेरे भाई को मिला था भाजपा का टिकटबिहार में सुशांत राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू बिहार के छातापुर विधानसभा से जीते हैं। वह पहले भी इस सीट से विधायक थे एवं नीतीश कुमार सरकार में पर्यावरण और वन मंत्री हैं। बबलू का जन्म 2 फरवरी 1969 को बिहार के पूर्णिया जिले के मलडीहा गांव में हुआ था। उनके पिता राम किशोर सिंह हैं। उनकी पत्नी नूतन सिंह हैं और उनके दो बेटे हैं। नीरज सिंह ने 2005 में जनता दल (यूनाइटेड) से राघोपुर-सुपौल निर्वाचन क्षेत्र से पहला चुनाव जीता था। 2010 में वे छातापुर (विधानसभा क्षेत्र) से चुने गए। बाद में उन्होंने जदयू छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। वे 2015 और 2020 में भी भाजपा के सदस्य के रूप में छतरपुर से विधानसभा के लिए चुने गए थे।
भाजपा ने बिहार में NDA की जीत का शुक्रवार को दिल्ली हेडक्वार्टर में जश्न मनाया। इस मौके पर पीएम ने 42 मिनट के भाषण में कहा, बिहार के लोगों ने गर्दा उड़ा दिया। अब कट्टा सरकार कभी वापस नहीं आएगी। उन्होंने छठी मईया के जयकारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि जो छठ पूजा को ड्रामा कह सकते हैं, वे बिहार की क्या इज्जत करेंगे। इस दौरान कांग्रेस, आरजेडी, पश्चिम बंगाल, केरल तमिलनाडु चुनाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बंगाल में भी भाजपा सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब मुस्लिम लीगी माओवादी पार्टी बन गई है। पीएम शाम 6 बजकर 51 मिनट पर मुख्यालय पहुंचे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं का गमछा लहराकर अभिवादन किया। सभी कार्यकर्ताओं ने भी गमछा लहराकर इसका जवाब दिया। बिहार में आज NDA की सरकार बनी है। गठबंधन को 243 में 202 सीटों पर जीत हासिल हुई, जो रिकॉर्ड है। महागठबंधन के खाते सिर्फ 35 सीटें ही आईं। बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। NDA में भाजपा और JDU ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अन्य सहयोगी पार्टियों LJP को 29 सीटें, HAM और RLM को 6-6 सीटें दी गई थीं। मोदी के स्पीच की 4 बड़ी बातें, कहा- बंगाल से जंगलराज को उखाड़ देंगे पीएम के स्वागत की 4 PHOTOS... ------------------------------------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/vkQR1zsokWb --------------- ये खबर भी पढ़ें... मोदी गमछा लहराते हुए भाजपा मुख्यालय पहुंचे, मखाने की माला पहनी, टॉप 10 मोमेंट्स बिहार में NDA सरकार कायम रहेगी। शुक्रवार को जारी विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में NDA को प्रचंड बहुमत मिला है। गठबंधन ने 200 से ऊपर जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। भाजपा को 85 सीटें मिली हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। पीएम मोदी दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जीत का जश्न मनाया। पूरी खबर पढ़ें... राहुल गांधी बोले- चुनाव शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था, NDA को 200+ सीटें, महागठबंधन 35 पर सिमटा बिहार चुनाव के नतीजे शुक्रवार को आए। NDA को 2020 के मुकाबले 75 से ज्यादा सीटों का फायदा हुआ, वहीं महागठबंधन को लगभग इतनी ही सीटों का नुकसान हुआ। पिछली बार 43 सीटों पर सिमटी JDU की झोली में इस बार 80+ सीटें हैं। वहीं 89 सीटों के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राजद 24 सीटों पर आगे चल रही है। पूरी खबर पढ़ें...
झारखंड के श्रम मंत्री के पुत्र रजनीश की बिहार में हार, राजद से लड़े थे
झारखंड सरकार के श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव के पुत्र रजनीश भारती राजद के टिकट पर कहलगांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़े आैर हार गए। कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में जदयू के शुभानंद मुकेश ने रजनीश भारती को 50,112 वोटों से हराया। जदयू प्रत्याशी शुभानंद मुकेश को 1,30,767 वोट मिले जबकि राजद प्रत्याशी रजनीश भारती को 80,655 वोट मिले।
भाजपा ने बिहार में जीत का मनाया जश्न
लुधियाना। जिला भाजपा कार्यालय में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर जिला भाजपा अध्यक्ष रजनीश धीमान की अध्यक्षता में भाजपा समर्थकों ने लड्डू बांट कर खुशी मनाई। इस मौके पर भाजपा प्रदेश महामंत्री अनिल सरीन, कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी विशेष तौर से इस प्रोग्राम में शामिल हुए। इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष रजनीश धीमान ने कहा कि बिहार की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व, विकास कार्यों और जनता के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह जीत बताती है कि देश के लोग जाति-पाति की राजनीति को नकारकर विकास और सुशासन को अपना समर्थन दे रहे हैं।
ज्ञापन : विधायक के बयान पर बिहार समिति ने जताया रोष
उदयपुर | सवीना क्षेत्र में हाल ही में यूडीए की ओर से की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद अब यह मामला राजनीतिक मोड़ लेता दिखाई दे रहा है। उदयपुर विधायक ताराचंद जैन द्वारा कार्रवाई को सही ठहराते हुए कथित रूप से बिहार समाज और गैर-आदिवासियों द्वारा अवैध कब्जे किए जाने का बयान देने पर शहर में रह रहे बिहार समाज के लोगों ने कड़ा एतराज जताया है। बिहार समाज प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को उदयपुर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर विधायक जैन के कथन को तथ्यहीन और समुदाय विशेष को बदनाम करने वाला बताया। समाज का कहना है कि न तो यूडीए द्वारा किसी समुदाय विशेष के अवैध कब्जों का कोई सर्वे कराया गया और न ही विधायक के पास इस प्रकार के आरोप सिद्ध करने वाला कोई सबूत है। समाज ने ज्ञापन में लिखा कि यूडीए द्वारा की गई कार्यवाही प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसे किसी विशेष समुदाय से जोड़ना गलत है। बिना तथ्य और सबूत के बिहार समाज का नाम लेने से पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। बिहार समाज ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विधायक ताराचंद जैन अपना बयान वापस लेकर माफी नहीं मांगते हैं, तो प्रवासी बिहार समाज उग्र आंदोलन करेगा और भविष्य में चुनाव सहित अन्य सार्वजनिक गतिविधियों में भी पूर्ण बहिष्कार का निर्णय लिया जाएगा। समाज ने ज्ञापन की प्रतियां राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राजस्थान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदनसिंह राठौड़ एवं आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख निंबाराम सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजा है।
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA को पूर्ण बहुमत मिला है और BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसी बीच सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है। 1. चुनावी नतीजों पर सोशल मीडिया यूजर्स का रिएक्शन 2. RJD के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री का तंज बिहार में रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा था कि इतनी रोशनी में लालटेन की जरूरत है। अब यह मीम चुनावी नतीजों के मौके पर वायरल है। 3. नीतीश कुमार की जंगलराज के खिलाफ बैटिंग चुनावों के बीच JDU ने भी एक AI तस्वीर जारी की, जिसमें नीतीश कुमार बैट लेकर जंगलराज को बाउंड्री पार मारते दिख रहे हैं। 4. बिहार में जगह बनाने में नाकामयाब जन सुराज पार्टी 5. सूट-बूट पहनकर तैयार तेजस्वी रिजल्ट में फेल एक X यूजर ने तेजस्वी की सूट-बूट वाली तस्वीर शेयर करते हुए तंज कसा - और जब हमारी बारी आई CM बनने की, तो एग्जिट पोल भी सहीं निकल गया। इस बार एग्जिट पोल की भविष्यवाणी सही साबित होती दिख रही है। 6. स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर प्रहलाद चा की ड्यूटी पंचायत वेब सीरीज के मशहूर कैरेक्टर प्रहलाद चा को स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा करते हुए दिखाया गया है। कैप्शन है - स्ट्रांग रूम के बाहर सीना तान के खड़ा उम्मीदवार का प्रहरी। हर चुनाव में यह मीम फॉर्मेट काफी पॉपुलर रहता है। 7. मोदी जी की टेंशन - नीतीश कभी भी पलट सकते हैं! यह मीम बिहार की राजनीति की असलियत बयां करता है। PM मोदी की दो तस्वीरों के साथ लिखा गया - जब आप बिहार में लीड कर रहे हैं लेकिन नीतीश कभी भी पलट सकते हैं। नीतीश कुमार के पुराने 'पलटू राम' इमेज को लेकर यह मीम काफी हिट हो रहा है। 8. कांग्रेस का गायब होना इस मीम में BJP को जनता का प्यार मिलता दिखाया गया है, जबकि RJD और कांग्रेस को रोते हुए दिखाया गया है। 9. कांग्रेस का उल्टा परफॉर्मेंस इस मीम में कांग्रेस के नेता को रेस में उल्टी दिशा में भागते हुए दिखाया गया है। यह मीम पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन पर कमेंट्री है। 10. पंचायत सीजन 4 वाला सेलिब्रेशन मीम हर चुनाव में जीतने वाली पार्टी के लिए पंचायत का चौथा सीजन वाला सेलिब्रेशन सीन वायरल होता है। इस बार भी NDA की जीत पर यह मीम एक बार फिर जमकर शेयर किया जा रहा है। 11. बिहार चुनाव vs इंडिया-साउथ अफ्रीका मैच आज का दिन स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स फैन्स के लिए कन्फ्यूजन भरा है। एक तरफ बिहार चुनाव के नतीजे आ रहे हैं, तो दूसरी तरफ भारत-साउथ अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच चल रहा है। मीम में दोनों स्क्रीन देखने की मजबूरी को दिखाया गया है। 12. अनंत सिंह का वायरल डायलॉग - टीवी के तो मनबे नहीं करते! — Bihar_se_hai (@Bihar_se_hai) November 14, 2025 एग्जिट पोल के दौरान अनंत सिंह का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। अब यूजर्स उसे मीम मटेरियल के तौर पर यूज कर रहे हैं। 13. महागठबंधन की निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, तेजस्वी की राजनीति से विदाई! इस मीम में महागठबंधन के सभी नेता अपने सीएम उम्मीदवार को राजनीति से विदाई देते दिख रहे हैं। 14. चुनाव नतीजों के बाद NDA खेमे में जश्न का माहौल 15. प्रशांत किशोर का '3 इडियट्स' वाला हाल चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने JDU को 25 सीटों में समेटने का दावा किया था। अब चुनावी नतीजों में उनकी जनसुराज पार्टी खाता नहीं खोल सकी है। अब मीमर्स उन्हें '3 इडियट्स' का एक डायलॉग याद दिला रहे हैं- बहुत पीछे रह गए न हम... नीचे से चेक करो! 16. कीचड़ में कमल खिलाते राहुल गांधी 17. राहुल गांधी की वायरल डुबकी --------------------- बिहार चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ें... नीतीश के बिना BJP बना सकती है सरकार:जदयू के बगैर NDA 114 पार, जानिए नए समीकरण; 12.30 बजे तक का एनालिसिस बिहार में नई सरकार बनाने का एक नया समीकरण बन गया है। वो समीकरण है नीतीश के बिना NDA सरकार। यानी पहली बार बीजेपी बिहार में अपना सीएम बना सकती है। फिलहाल आंकड़े तो ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। आखिर कैसे…Link
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को पीछे धकेलकर NDA ने पूर्ण बहुमत वाली मजबूत सरकार बना ली है। इस चुनावी नतीजे को भास्कर कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से देखिए... 1. महिला वोट का ताज 2.EVM पर गुस्सा 3. महागठबंधन की निराशा 4. पीके की भविष्यवाणी फेल 5. महिलाओं का समर्थन 6. SIR का डंडा 7. RJD का अंधेरा बरकरार 8. सियासी तूफान में सब बहा, किनारे लगी बस चार सीटें 9. चिराग की चमक 10. वादों के बुलबुले हवा में उड़े 11. महागठबंधन के नए विधायकों में उलझन 12. चुनावी नतीजों से विपक्षी खेमे का हाल 13. हाथी की चूहे वाली चाल --------------------- बिहार चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ें... नीतीश के बिना BJP बना सकती है सरकार:जदयू के बगैर NDA 114 पार, जानिए नए समीकरण; 12.30 बजे तक का एनालिसिस बिहार में नई सरकार बनाने का एक नया समीकरण बन गया है। वो समीकरण है नीतीश के बिना NDA सरकार। यानी पहली बार बीजेपी बिहार में अपना सीएम बना सकती है। फिलहाल आंकड़े तो ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। आखिर कैसे…Link
DNA: सूत्रधार या सूत्रहार? बिहार ने चूर किया प्रशांत किशोर का अहंकार
प्रशांत किशोर को चुनावी रणनीतिकार माना जाता है, लेकिन वो अपनी ही पार्टी को बिहार में एक भी सीट नहीं दिला पाए. अपने गृह राज्य में वो पूरी तरह फेल हो गए.
AIMIM ने बिहार चुनाव में जीती 5 सीटें, 29 सीटों पर लड़ा था चुनाव
Bihar Election Results : असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बिहार विधानसभा चुनाव में 5 सीट पर जीत दर्ज की। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी एआईएमआईएम ने सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन में शामिल हुए बिना, ...
DNA: बिहार चुनाव में नीतीश ने खुद को बीमार बताने वालों का किया इलाज, नतीजों ने बताया कौन बीमार?
DNA: विरोधी भले ही नीतीश को पलटूराम बताते रहे लेकिन बिहार ने नीतीश पर भरोसा बनाए रखा. आज आपको जानना चाहिए, कि नीतीश कुमार ने ऐसा क्या किया कि NDA के पक्ष में इतनी बड़ी सुनामी आ गई. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व की तारीफ़ की.
असदुद्दीन और मायावती के लिए आई खुशखबरी, तो बिहार की जनता ने 'पीके' को क्यों रूलाया?
बिहार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। 2010 के बाद एनडीए ने इतनी बड़ी जीत बिहार में दर्ज की है। वहीं, राजद और कांग्रेस की ऐसी हालत भी बिहार में लंबे समय बाद हुई है
बिहार में NDA सरकार कायम रहेगी। शुक्रवार को जारी विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में NDA को प्रचंड बहुमत मिला है। गठबंधन ने 200 से ऊपर जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। भाजपा को 85 सीटें मिली हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। पीएम मोदी दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जीत का जश्न मनाया। मोदी जैसे ही भाजपा मुख्यालय पहुंचे, कार्यकर्ताओं का जोश हाई हो गया। मोदी-मोदी के नारे लगने लगे... पीएम भी कॉरिडोर से लेकर मंच तक गमछा हिलाते पहुंचे। पीएम को देख कैंपस में मौजूद हर कार्यकर्ता गमछा लहराने लगा। अब देखिए पीएम की 42 मिनट की स्पीच के टॉप 10 मोमेंट्स... .................................. बिहार चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... बिहार चुनाव की जीत का जश्न दिल्ली में: मोदी बोले- कांग्रेस अब मुस्लिम लीगी माओवादी पार्टी; छठ को ड्रामा कहने वाले बिहार की इज्जत क्या करेंगे भाजपा ने बिहार में NDA की जीत का शुक्रवार को दिल्ली हेडक्वार्टर में जश्न मनाया। इस मौके पर पीएम ने 42 मिनट के भाषण में कहा, बिहार के लोगों ने गर्दा उड़ा दिया। अब कट्टा सरकार कभी वापस नहीं आएगी। इस दौरान कांग्रेस, आरजेडी, पश्चिम बंगाल, केरल तमिलनाडु चुनाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बंगाल में भी भाजपा सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब मुस्लिम लीगी माओवादी पार्टी बन गई है। पूरी खबर पढ़ें...
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जीत पर बाराबंकी में पसमांदा मुसलमानों ने खुशी मनाई। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने शुक्रवार शाम इस जीत पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में पसमांदा मुसलमान मौजूद थे, जिन्होंने वसीम राईन और अन्य नेताओं को फूल-मालाएं पहनाकर बधाई दी। वसीम राईन ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पसमांदा मुसलमानों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे समुदाय में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने था और देश उनसे प्रेम करता है। पसमांदा मुसलमानों के लिए चलाई गई योजनाओं का सीधा लाभ समुदाय तक पहुंचा है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पसमांदा समाज को राज्यसभा, एमएलसी और विभिन्न आयोगों में उचित प्रतिनिधित्व दिया है। वसीम राईन ने टिप्पणी की कि बिहार में यादव समुदाय की अधिक संख्या के बावजूद, वे कई क्षेत्रों में जीत हासिल नहीं कर पाए, जबकि उत्तर प्रदेश में स्थिति और भी खराब है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को इसका खामियाजा 2027 में और भी ज्यादा उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस जीत में पसमांदा मुसलमानों का बड़ा योगदान रहा, क्योंकि सरकार द्वारा उन्हें मिले सम्मान और अवसरों के प्रति उन्होंने पूरे उत्साह से समर्थन दिया। वसीम राईन ने एनडीए नेतृत्व, भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा, मैं बिहार की जनता को, एनडीए और भाजपा नेतृत्व को तथा नीतीश कुमार जी को हार्दिक बधाई देता हूं। इतनी बड़ी जीत में पसमांदा मुसलमानों का भी महत्वपूर्ण सहयोग है। सरकार ने हमारे समाज के लिए जो कार्य किए, जनता ने उसका भरपूर सिला दिया है। कार्यक्रम के अंत में मौजूद भीड़ ने नारे लगाकर जीत का जश्न मनाया और आने वाले समय में पसमांदा समाज के विकास की उम्मीद जताई।
बिहार के लोगों ने विकसित बिहार के लिए किया मतदान : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मिले प्रचंड बहुमत के लिए बिहार के लोगों का आभार व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राजग को प्रचंड बहुमत देकर गर्दा उड़ा दिया है और अब गठबंधन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। मोदी ने बिहार में राजग को ऐतिहासिक […] The post बिहार के लोगों ने विकसित बिहार के लिए किया मतदान : मोदी appeared first on Sabguru News .
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की भारी जीत की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इस जीत ने एक नया ‘MY - महिला और यूथ’ फॉर्मूला दिया है और जनता ने ‘‘जंगल राज’ वालों के सांप्रदायिक एमवाई ...
दिन भर की खबर | हिंदी समाचार भारत | शीर्ष ख़बरें दिन भर की | बिहार चुनाव | राहुल गांधी | #dblive
दिन भर की सबसे अहम खबरें—बिहार चुनाव परिणाम, आरोपित हेराफेरी, उपचुनाव के रुझान, एसआईआर धांधली खुलासा, किसानों का आंदोलन, सुप्रीम कोर्ट सुझाव और खेल-बिज़नेस अपडेट
Bihar Election Final Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी 90 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि जेडी(यू) ने 84 सीटों पर मजबूत प्रदर्शन किया। आरजेडी, एलजेपीआरवी और अन्य दलों ने भी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की। 243 में से 147 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं, और राज्य में सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
बुरहानपुर में शुक्रवार शाम भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा एनडीए गठबंधन की जीत का जश्न मनाया। इस अवसर पर कमल तिराहा पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए। कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी और आतिशबाजी भी की। यह जश्न बिहार में मिली चुनावी सफलता के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने ने कहा कि यह चुनाव आरजेडी और कांग्रेस के लिए 'सुनामी' साबित हुआ है। उन्होंने टिप्पणी की कि कांग्रेस की सीटें पार्षदों की संख्या के बराबर रह गई हैं, जिससे पार्टी और राहुल गांधी को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। माने ने इस जीत को परिवारवाद और सनातन धर्म को अपमानित करने वाली ताकतों के खिलाफ जनादेश बताया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र की जीत करार दिया। नेपानगर विधायक मंजू दादू ने कहा कि आज की जनता बहुत समझदार है और यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी की मेहनत का फल मिल रहा है। उन्होंने बिहार की जनता द्वारा दी गई इस जीत को दीपावली का उपहार बताया। बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनीस ने बिहार में मिली जीत को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि वहां की जनता ने देश के प्रधानमंत्री पर भरोसा जताया है, जो एक तरह का अपनापन दर्शाता है। इस अवसर पर जिला महामंत्री चिंतामन महाजन, राहुल जाधव, सुभान सिंह चौहान सहित अन्य भाजपा नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी तरह का जश्न नेपानगर में भी मनाया गया। वहां बाबा साहब अंबेडकर चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े, मिठाई बांटी और एक-दूसरे को बधाई दी। भाजपा नेता गजेंद्र पाटील ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार के सुशासन पर जनता के भरोसे और विश्वास का परिचायक है। पाटील ने जोर देकर कहा कि जनता ने इस चुनाव में अराजक और गुंडागर्दी करने वाले लोगों को पूरी तरह नकार दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत पर सरगुजा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यालय से रैली निकाली और घड़ी चौक पहुंची। जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की और मिठाई बांटकर जीत का जश्न मनाया। जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि बिहार की जनता ने जन-कल्याण और विकास की राजनीति पर फिर एक बार मुहर लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है और बिहार की जनता ने इस विजयी यात्रा को और मजबूती प्रदान की है। उन्होंने कहा कि यह जीत हर भारतीय के विश्वास की जीत है। भाजपा और एनडीए जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए लगातार विकासशील और सुशासन युक्त भारत के निर्माण के लिए समर्पित रहेंगी। महापौर ने बिहार के लोगों को जीत की बधाई दी महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि बिहार के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे विकास पर भरोसा कर एनडीए को फिर से ऐतिहासिक बहुमत दिया है। उन्होंने बिहार के लोगों को भी जीत की बधाई दी है। ये रहे उपस्थित कार्यक्रम में महापौर मंजूषा भगत, अनिल सिंह मेजर, त्रिलोक कपूर कुशवाहा, अंबिकेश केसरी, विनोद हर्ष, मधुसूदन शुक्ला, अरुणा सिंह, फुलेश्वरी सिंह, निलेश सिंह, विकास पांडेय, निश्चल प्रताप सिंह, मनीष सिंह, रूपेश दुबे, सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बिहार चुनाव में NDA ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसका असर अब यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर 2027 के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय है। BJP पर सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल (S), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), निषाद पार्टी का दबाव कम होगा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार के नतीजों के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा को नए सिरे से अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। अखिलेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ अपनी शर्तों पर गठबंधन करेंगे। बिहार चुनाव नतीजों में भाजपा को बढ़तअब तक के रुझानों में भाजपा 89, जेडीयू को 85, लोजपा को 19 सहित एनडीए को कुल 205 सीटें मिली हैं। बिहार चुनाव के नतीजे खासतौर पर पूर्वांचल में असर करते हैं। पूर्वांचल और बिहार की संस्कृति और परिवेश भी एक जैसा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार चुनाव के नतीजों से यूपी में गाजीपुर से सहारनपुर तक भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा, लोकसभा चुनाव के बाद जो निराशा छाई थी, वह हटेगी और कार्यकर्ता पंचायत से लेकर विधानसभा चुनाव तक नए जोश से काम करेंगे। जानिए बिहार के नतीजों से भाजपा को क्या राहत मिली? 1- खफा नेता चुनाव से पहले दल बदलने से बचेंगे राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि हर बार चुनाव से पहले कुछ विधायक और नेता दल बदलते हैं। बिहार चुनाव परिणाम के बाद भाजपा और सहयोगी दलों के नाराज नेता भी दल बदलने से बचेंगे। यह भी संभव है कि 2021-22 की तरह सपा के कुछ बड़े नेता भाजपा का दामन थाम लें। 2- सहयोगी दलों की हैसियत घटेगी यूपी में एनडीए के सहयोगी दलों की मोलभाव की ताकत में कमी आएगी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में भाजपा ने सुभासपा को एनडीए से बाहर कर साफ संदेश दे दिया था कि वह दबाव में नहीं आएगी। चुनाव के नतीजों से बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जनता में पीएम नरेंद्र मोदी का जादू बरकरार है। चुनावी रणनीति में भाजपा के सामने विपक्षी राजनीतिक दल टिक नहीं रहे हैं। ऐसे में यूपी में आगामी पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा और योगी सरकार का मनोबल और राजनीतिक बल बढ़ेगा। सीटों के बंटवारे में सहयोगी दलों का दबाव या मनमर्जी ज्यादा नहीं चलेगी। 3- विधायकों के लिए भी है नसीहतराजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार चुनाव के परिणाम यूपी में बीजेपी के विधायकों के लिए भी नसीहत है। जो विधायक खुद को संगठन व सरकार से ऊपर मानकर चलते हैं, कार्यकर्ताओं और जनता की सुनवाई नहीं करते, पार्टी उनका टिकट काट सकती है। मौजूदा माहौल में भाजपा जिसे पात्र मानकर टिकट देगी, वही मजबूत विकल्प बन जाएगा। भाजपा के अंदर-बाहर क्या असर होगा? 1- भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रभावी होगाराजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में भाजपा की प्रचंड जीत से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रभावी होगा। खासतौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उनकी टीम का प्रभाव पहले से ज्यादा बढ़ेगा। उसका असर यूपी में योगी सरकार और भाजपा संगठन पर भी देखने को मिलेगा। बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति, योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में असर देखने को मिलेगा। पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक में भी प्रदेश से ज्यादा केंद्रीय नेतृत्व की भूमिका अधिक रहेगी। 2- केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ेगाभाजपा ने बिहार चुनाव में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी नियुक्त किया था। चुनाव में डिप्टी सीएम केशव ने चुनावी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के चुनाव प्रबंधन के एजेंडे को जमीन पर उतारा। बिहार में पिछड़ी जातियों को भी एकजुट करने में सक्रिय भूमिका निभाई। करीब दो महीने तक बिहार में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर पर चुनावी जाजम बिछाई। उल्लेखनीय है कि 2017 में केशव के नेतृत्व में ही यूपी में भाजपा को 312 सीटें मिली थीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव के दौरान ही केशव को अपने प्रतिनिधि के रूप में भगवान बुद्ध के अस्थि कलश लेकर रूस भेजा था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में भाजपा और एनडीए की प्रचंड जीत से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक कद बढ़ेगा। विपक्ष पर असर क्या? अखिलेश को करना होगा मंथन बिहार चुनाव के नतीजे ने संकेत दिया है कि विपक्ष अपनी पकड़ मजबूत नहीं बना पा रहा है। बिहार जातीय ध्रुवीकरण का गढ़ है और वहां ओबीसी का दबाव है। इसके बाद भी विपक्षी गठबंधन को हताशा मिली है। नतीजे विपक्ष के लिए खतरे की घंटी भी हैं। आगामी चुनावों के मद्देनजर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी कमियों, चुनौतियों और सामाजिक समीकरण के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन करना होगा। अखिलेश यादव को चुनावी रणनीति पर गहन मंथन करना होगा। अखिलेश यादव ने भी बिहार में करीब 22 चुनावी रैलियां की थी। ऐसा माना जा रहा है कि यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन होगा। सपा को पीडीए से इतर कोई नया कार्ड खेलना होगा। दलित वोटर मायावती के लिए फिर एकजुटबसपा प्रमुख मायावती ने बिहार चुनाव में सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। 2020 में बसपा ने 181 सीट पर चुनाव लड़ा था। तब उसे एक सीट पर सफलता मिली थी। चैनपुर से जीते जमा खान जेडीयू में चले गए थे। रामगढ़ और गोपालगंज में बसपा दूसरे नंबर पर थी। इस बार का बिहार चुनाव मायावती के भतीजे आकाश आनंद के लिए भी महत्वपूर्ण था। उन्होंने बिहार में काफी रैली व सभाएं की थीं। हालांकि पार्टी का सबसे अधिक फोकस यूपी से सटे जिलों में खासकर कैमूर जिले पर था। परिणाम आया तो यहां की रामगढ़ सीट बसपा जीतने में सफल रही। बसपा यूपी के सटे जिले में खासकर दलित बहुल सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही। संदेश साफ है कि दलित वोटर एक बार फिर बसपा के पक्ष में एकजुट हुए हैं। यूपी में इसका बसपा को फायदा मिलेगा। अब एक्सपर्ट व्यू समझिए... वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आनंद राय का कहना है कि बिहार और पूर्वांचल की संस्कृति और परिवेश एक जैसा है। बिहार के नतीजे यूपी के पूर्वांचल में असर डालते हैं। बिहार के नतीजों से यूपी में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। बिहार की जीत में यूपी के नेताओं का भी बड़ा योगदान है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्ट का कहना है कि अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी मानते हैं कि उनके पास मौजूद जाति के अक्षय पात्र में वोट गिरते रहेंगे। लेकिन मौजूदा दौर की राजनीति में राजनीतिक दलों को परफॉर्म करना होगा, डिलीवर करना होगा। विकास और रोजगार का मॉडल देना होगा। उन्हें समझना होगा कि अब वह दौर नहीं है कि पीढ़ी दर पीढ़ी सत्ता आपके हाथ में रहेगी। वहीं, दिल्ली में जिस तरह से केजरीवाल को और बिहार में आरजेडी को कांग्रेस ने अंत तक फंसाए रखा, उससे सपा को सबक लेना चाहिए। कांग्रेस यूपी में भी समाजवादी पार्टी को ठीक-ठाक तरीके से परेशान और हैरान करेगी। --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... योगी बिहार में भी अखिलेश पर भारी पड़े:31 सीटों में से 27 जीती, सपा प्रमुख की 22 सभाओं में 20 हारी बिहार चुनाव में एनडीए ने प्रचंड जीत दर्ज की है। इस चुनाव में यूपी के नेताओं का भी बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ था। बिहार चुनाव में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 सभाएं व रैलियां की। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने किसी भी सीट पर चुनाव लड़े बगैर बिहार में महागठबंधन के पक्ष में 22 सीटों पर प्रचार किया था। रिजल्ट में यूपी सीएम भारी पड़े। उनकी जीत का स्ट्राइक रेट 87 प्रतिशत से अधिक है। एनडीए के 31 में से 27 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। जबकि अखिलेश यादव का स्ट्राइक रेट महज 9 प्रतिशत रहा। उनके प्रचार वाली सिर्फ दो सीटों पर महागठबंधन को जीत मिली। पढ़ें पूरी खबर
Celebration in BJP Office: दिल्ली में बीजेपी के हेडक्वार्टर पर कार्यकर्ता इकट्ठा हो रहे हैं. जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बीजेपी कार्यालय पहुंच चुके हैं. कार्यकर्ताओं में बिहार की जीत का उत्साह झलक रहा है. वहां जश्न के जैसा माहौल बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली के बीजेपी दफ्तर पहुंच चुके हैं.थोड़ी देर में वो कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.
तेजस्वी को वोट ज्यादा मिले, सीटें कम, 'बेदम' कांग्रेस ने बिगाड़ा खेल
Bihar Assembly Election Results: बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकने के बावजूद महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पिछले चुनाव के मुकाबले आधे से भी कम रह गईं। 2020 में राष्ट्रीय जनता दल 75 सीटें जीतकर बिहार में सबसे बड़ा दल ...
धन बल के इस्तेमाल से बिहार चुनाव के परिणाम पर गहरा असर पड़ा : अशोक गहलोत
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बिहार चुनाव परिणामों को निराशाजनक बताते हुए आराेप लगाया है कि महिलाओं को 10-10 हजार रुपए बांटने का असर परिणामों पर पड़ा है। गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस समिति मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि बिहार में खूब धनबल का इस्तेमाल […] The post धन बल के इस्तेमाल से बिहार चुनाव के परिणाम पर गहरा असर पड़ा : अशोक गहलोत appeared first on Sabguru News .
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बंपर जीत पर हरियाणा भाजपा में जश्न का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के सभी जिला कार्यालयों में आतिशबाजी की, मिठाइयां बांटी और मोदी तथा भारत माता की जय के जयकारे लगाए। सोनीपत भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भी बिहार चुनाव परिणाम कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर देखे और जीत की बधाई देते हुए एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने बिहार के परिवारजनों को भी जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और जनता के भरोसे की जीत है। बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताया है। उन्होंने जंगलराज को नकारा है और विकास को प्राथमिकता दी है। श्री बड़ौली ने कहा कि बिहार की जीत वाकई में ऐतिहासिक जीत है। विपक्ष ने किया गुमराह करने का प्रयास बड़ौली ने कहा कि चुनाव के दौरान विपक्ष की पार्टियों और खासकर राहुल गांधी ने जनता को भ्रमित और गुमराह करने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन बिहार की जनता ने गुमराह करने वालों को सबक सिखाया और पीएम मोदी तथा सीएम नीतिश कुमार पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि एनडीए को बिहार में जो ऐतिहासिक जनादेश मिला है इससे स्पष्ट होता है कि बिहार के लोग जंगलराज को दोबारा देखना नहीं चाहते थे। बिहार विकास का पक्षधर मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि बिहार विकास का पक्षधर है। एनडीए की सरकार ने बिहार को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम नीतिश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सुशासन स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार प्रचंड बहुमत देकर यह संदेश दिया है कि बिहार तरक्की पसंद राज्य है, इसलिए उन्होंने विकास करने वाली सरकार को चुना है। नकारात्मक राजनीति करने वालों के दिन लद चुके भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता ने जाति-पात, वर्ग भेद से ऊपर उठकर मतदान किया। आज के इस चुनावी परिणाम ने बता दिया कि अब नकारात्मक राजनीति करने वालों के दिन लद चुके हैं। जनता अब विकास और तरक्की पर भरोसा करती है। कांग्रेस पर साधा निशाना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बड़ौली ने कहा कि अपनी गलत नीतियों के कारण कांग्रेस अपना जनाधार खो चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कांग्रेस के ही लोगों का भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बेवजह के मुद्दे उठाकर बिहार में जनता को भ्रमित करना चाहते थे, लेकिन बिहार की जागरूक जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर भरोसा किया और राहुल गांधी को नकार दिया है।
सीतापुर में बिहार विधानसभा के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी व एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद पूरे जिले में उत्साह का माहौल देखने को मिला। जिले की भाजपा टीम ने जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला के नेतृत्व में जोरदार जश्न मनाया। पार्टी कार्यालय सहित शहर के मुख्य चौराहे पर कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जहां ढोल-नगाड़ों की थाप पर कार्यकर्ताओं ने जमकर नारे लगाए और एक-दूसरे को बधाइयां दीं। इस ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में भाजपाइयों ने आतिशबाजी और पटाखे छोड़कर खुशियों का इजहार किया। जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला ने स्वयं मिठाई खिलाकर पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को मिला यह जनादेश जनता के भाजपा पर बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। जिलाध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ लगातार आगे बढ़ रहा है और इसका श्रेय केवल जनता को जाता है। उन्होंने कहा कि “मगध सहित पूरे बिहार में एनडीए ने विपक्ष का सूफड़ा साफ कर दिया है। यह परिणाम बताता है कि जनता विकास, सुशासन और स्थिरता को चुन रही है।” उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में भी जनता भाजपा की नीति और नीयत पर लगातार भरोसा जता रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह का जनादेश मिलेगा और प्रदेश में फिर से कमल खिलेगा। जिलाध्यक्ष ने बिहार की जनता को महान बताते हुए उन्हें इस व्यापक जनादेश के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जातिवाद व परिवारवाद की राजनीति को नकारते हुए विकास और राष्ट्रवाद को चुना है। इसी प्रकार उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता से भी आगामी चुनावों में भाजपा को प्रचंड बहुमत से विजय दिलाने की अपील की। कार्यक्रम में जिले के सभी मंडलों से आए भाजपा पदाधिकारी, मोर्चा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी दोहराया।
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की शानदार जीत के बाद बांसवाड़ा भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को ढोल-नगाड़ों, आतिशबाजी और नारों के बीच जमकर खुशी मनाई गई। जिला अध्यक्ष पूंजीलाल गायरी ने कहा कि बिहार का जनादेश मोदी-नीतीश। NDA की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनहितकारी नीतियों पर जनता के भरोसे का परिणाम है। बांसवाड़ा भाजपा कार्यालय में जश्न का माहौल बांसवाड़ा शहर के उदयपुर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन की जीत पर जोरदार उत्सव मनाया गया। कार्यकर्ता सुबह से ही उत्साहित थे और परिणाम स्पष्ट होते ही माहौल जयघोषों से गूंज उठा। जय श्री राम और भारत माता की जय से गूंजा परिसर जैसे ही NDA को बहुमत मिलने की पुष्टि हुई, कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए विजयी माहौल बना दिया। ढोल-नगाड़ों की धुन पर कार्यकर्ता नाचने लगे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर उत्साह साझा किया। आतिशबाजी ने जश्न को और भव्य बना दिया। वरिष्ठ पदाधिकारी रहे उपस्थित, कार्यकर्ताओं में उत्साह जश्न में भाजपा जिला अध्यक्ष पूंजीलाल गायरी, जिला प्रभारी दिनेश भट्ट, जिला उपाध्यक्ष मणिलाल गुर्जर, महामंत्री किरण जोशी, एडवोकेट जयपाल सिंह डाबी, सुबोध मालोत, मिलन पंड्या, कन्हैया लाल भौई, दीपक जोशी, पीयुष जैन, शीतल भंडारी, योगेश दीवाकर, पमा पहलवान और मनोहर व्यास सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। जनादेश को बताया विकास और सुशासन की जीत जिला अध्यक्ष पूंजीलाल गायरी ने कहा कि बिहार में NDA की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनहितकारी नीतियों पर जनता के भरोसे का परिणाम है। उन्होंने इसे विकास और सुशासन की बड़ी जीत बताया। देर शाम तक कार्यकर्ताओं का उत्साह जारी रहा और कार्यालय का माहौल दीपावली की तरह रोशन बना रहा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। शुरुआती नतीजों में बीजेपी और जेडीयू मिलकर 173 से अधिक सीटों पर आगे हैं, जबकि महागठबंधन पिछड़ता नजर आ रहा है। राज्य की राजनीति की दिशा तय करने वाले इन रुझानों ने चुनावी मुकाबले को बेहद रोचक बना दिया है।
हरियाणा के नारनौल में बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एनडीए की जीत पर नाचकर खुशी मनाई। हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि चुनाव परिणाम स्पष्ट कर देते हैं कि देश और बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित है।महावीर चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ लड्डू बांटते हुए उन्होंने कहा कि बिहार का मतदाता जागरूक है और उसने कांग्रेस के “वोट चोरी” जैसे आरोपों को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी देश में कमजोर हो रही है और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। जनता मोदी की नीतियों से प्रभावितइस अवसर पर नारनौल के विधायक एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव ने भी खुशी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वे करीब 10 दिनों तक बिहार में चुनाव प्रचार में रहे और तभी स्पष्ट हो गया था कि जनता मोदी और नीतीश कुमार की नीतियों से संतुष्ट है। चुनाव परिणाम ने उस आकलन को सही साबित किया है।प्रो. रामबिलास शर्मा ने आपातकाल के दौरान गया जेल में बंद रहने के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि वे बिहार के जनमानस को अच्छी तरह समझते हैं। क्योंकि वे कांग्रेस की तानाशाही के चलते इमरजेंसी के दौरान लंबे समय बिहार की गया जेल में बंद रहे थे उन्होंने वहां के लोगों की नब्ज को उसी समय ही पढ़ लिया था बिहार का व्यक्ति कांग्रेस और लालू प्रसाद की नीतियों को पसंद नहीं करता। पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी उन्होंने दावा किया कि चुनाव परिणाम से पहले ही उन्होंने एनडीए की वापसी की भविष्यवाणी कर दी थी, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का पूर्वानुमान लगाया था और वह सही साबित हुआ। ये रहे मौजूद कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष यतेंद्र राव, पूर्व जिला अध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्मा, योगेश शास्त्री, जेपी सैनी, गोविंद भारद्वाज, आरके जांगडा, सुशील चौटाला, संजय अमन, भाजपा नेत्री सरोज शर्मा, कमलेश सैनी व जेपी सैनी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
Bihar में NDA की जीत से संभला Share Bazaar, Sensex 84 अंक चढ़ा, Nifty भी 25900 के पार
Share Market Update News : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत और घरेलू खरीदारी ने आज भारतीय शेयर बाजार को आखिर में संभाल लिया। वैश्विक बाजारों में गिरावट के बावजूद शेयर बाजार हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे। सेंसेक्स 84.11 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 84562.78 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 30.90 अंकों की बढ़त लेकर 25910 पर रहा। बीएसई आईटी और बीएसई कैपिटल गुड्स इंडेक्स ने बेहतर प्रदर्शन किया। खबरों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत और घरेलू खरीदारी ने आज भारतीय शेयर बाजार को आखिर में संभाल लिया। वैश्विक बाजारों में गिरावट के बावजूद शेयर बाजार हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे। सेंसेक्स 84.11 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 84562.78 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 30.90 अंकों की बढ़त लेकर 25910 पर रहा। ALSO READ: बिहार चुनाव परिणाम से पहले Share Bazaar सतर्क, Sensex और Nifty की रही सपाट क्लोजिंग बीएसई आईटी और बीएसई कैपिटल गुड्स इंडेक्स ने बेहतर प्रदर्शन किया। सेंसेक्स की कंपनियों में इटरनल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रेंट लिमीटेड, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, एशियन पेंट्स के शेयर प्रमुख रूप से लाभ में रहे। सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी पीएसयू बैंक सबसे ज्यादा लाभ में रहा। दिनभर दबाव में रहने के बाद PSU बैंक स्टॉक्स में जोरदार शॉर्ट-कवरिंग और खरीदारी देखने को मिली। SBI, Bank of Baroda, Canara Bank जैसी कंपनियों ने इंडेक्स को ऊपर खींचा। ALSO READ: Share Bazaar में लौटी बहार, Sensex 590 से ज्यादा अंक उछला, Nifty भी 25870 के पार मोतीलाल ओसवाल फाइनेशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख धन प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को भारी बहुमत मिलने के बाद निफ्टी ने आखिरी 30 मिनट में दिन के निचले स्तर से ज्यादा की बढ़त हासिल की। ALSO READ: Share Bazaar में हुई मामूली बढ़त, Sensex 84000 के करीब पहुंचा, Nifty भी चढ़ा गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार बिहार चुनाव परिणाम से पहले सतर्क मुद्रा में नजर आया था। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच सेंसेक्स मात्र 12.16 अंक की बढ़त के साथ 84478.67 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी मामूली 3 अंक की बढ़त लेकर 25879 अंक पर रहा। Edited By : Chetan Gour
बिहार में NDA गठबंधन की हुई जीत का जश्न भाजपा द्वारा प्रदेशभर सहित गुना में भी मनाया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने हाट रोड स्थित पार्टी कार्यालय से हनुमान चौराहे तक रैली निकाली। एक दूसरे को मिठाई खिलाई और आतिशबाजी चलाई। पार्टी कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों की थाप पर जमकर थिरके। भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता हाट रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर एकत्रित हुए। यह। भाजपा जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारों के साथ कार्यकर्ता हनुमान चौराहे तक आए। यहां जमकर आतिशबाजी की गई। वहीं एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार ने कहा कि पूरे बिहार में सच में बाहर आई है। प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व ने भी बिहार में एक महीने तक मेहनत की है, उनको भी बहुत बहुत धन्यवाद और आभार करते हैं। इस जीत से देश के कोने-कोने में कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है। पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवा, सुशासन और विकास की जो चिंता की है, यह जीत उसी का परिणाम है। विकास की योजनाएं अंतिम छोर के व्यक्ति, अंतिम नागरिक तक पहुंची हैं, यह जीत उनका प्रतिफल है। बिहार की जनता ने जंगलराज को नकार दिया है। कांग्रेस और RJD को नकार दिया है। वो कभी EVM पर ठीकरा फोड़ते हैं, कभी वोट चोरी की बात करते हैं। जनता उनके इस झूठ को समझ गई है। प्रचंड बहुमत से NDA को बिहार की जनता ने जिताया है। यह बहनों की जीत है। उन्होंने भाजपा का परचम लहराया है। वहां की जनता ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया है। यहां से एक अनुरोध और है कि सभी लोग SIR के काम में जुट जाएं, क्योंकि SIR के तहत ही वहां से फर्जी वोट हटाए गए। इस दौरान जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार, विधायक पन्नालाल शाक्य, नपाध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि हरिसिंह यादव, अशोक शर्मा, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा, जिला महामंत्री संतोष धाकड़, महामंत्री चंद्रप्रकाश अहिरवार, उपाध्यक्ष शिवपाल परमार, पूर्व जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिकरवार, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेश राजपूत, मीडिया प्रभारी अंकुर श्रीवास्तव सहित भाजपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। तस्वीरों में देखिए जश्न
बिहार में NDA की जीत के बाद शुक्रवार को टोंक में भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी घंटाघर पर एकत्रित हुए। जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और मिठाई बांटकर जीत का जश्न मनाया। भाजपा जिलाध्यक्ष बोले कि NDA की यह सत्य और सुशासन की जीत हैं। नकारात्मक राजनीति को करारा दिया जवाब भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान ने इस ऐतिहासिक जीत को सत्य और सुशासन की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने विकास और राष्ट्रवादी विचारधारा पर भरोसा जताकर विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को करारा जवाब दिया है। मोदी नेतृत्व पर बढ़ा जनता का भरोसा जिलाध्यक्ष ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और बिहार का जनादेश इसका मजबूत संदेश है। जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह विकास की राह पर आगे बढ़ते भारत के साथ है। भारी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष गणेश माहुर, सतीश चंदेल, जिला महामंत्री विष्णु शर्मा, प्रभु बाडोलिया, नरेश बंसल, ओमप्रकाश पांडे, रामनिवास गुर्जर, राजेश शर्मा, हरिराम यादव, नीलिमा आमेरा, महेंद्र सिरोठा, जूली शर्मा, हेमंत सैनी, धोलू गुर्जर, श्योराज जाट, शंभू शर्मा, राहुल गुर्जर, मनीष सिसोदिया, पंकज पहाड़िया, राजेश मंगल, लोकेश गुप्ता, देवराज गुर्जर, आशीष शर्मा, चौथमल विजय, मुकेश सैनी, ममता शर्मा, हर्षित जैन, तौसीफ खान, विकार खान, अजय डोई, वैभव पाटनी, सुभाष सैनी सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
Bihar Election Result 2025:सबसे लंबे वक्त तक सीएम रहने का रिकॉर्ड सिक्किम के सीएम रहे पवन चामलिंग के नाम दर्ज हैं, जो 24 साल 165 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. दूसरी ओर, नीतीश कुमार 18 साल 347 दिन से मुख्यमंत्री हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार सियासी पलटी मारी है. कभी वह एनडीए के साथ रहे तो कभी महागठबंधन का हाथ थामा.
Bihar Election Result 2025 : बिहार में NDA को मिला सुनहरा ताज; नितीश की 'वो' स्किम ने दिलाई जीत
Bihar Election Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार की धमाकेदार वापसी! JDU 80 सीटों पर बढ़त, NDA 200 पार। 10 हज़ारिया स्कीम, जीविका दीदी, शराबबंदी, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और 125 यूनिट मुफ्त बिजली ने महिलाओं-युवाओं को साधा। साइलेंट वोटर जागा, महागठबंधन धराशायी – नीतीश की योजनाओं ने रचा इतिहास। पूरी रिपोर्ट।
एनडीए को भारी बढ़त मिलने पर पप्पू यादव का बड़ा बयान, कहा- 'यह बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण’
बिहार में वोट काउंटिंग के दौरान एनडीए को भारी बढ़त मिलने को पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने 'दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है
Bihar Election Result : चुनावी झटके से बाजार सहमा; निफ्टी 25,785 से नीचे लुढ़का
Bihar Election Result : भारतीय शेयर बाज़ार में शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज हुई, जहाँ सेंसेक्स 409 अंक और निफ्टी 124 अंक लुढ़क गया। बिहार चुनाव नतीजों की अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, वैश्विक बाज़ारों की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने मिलकर मार्केट पर दबाव बढ़ाया। निवेशकों में सतर्कता और घबराहट साफ दिखाई दी।
Amit Shah on NDA Win in Bihar: अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'जंगलराज और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले चाहे किसी भी भेष में आएं, बिहार की जनता उन्हें दोबारा मौका नहीं देगी.' गृह मंत्री ने दावा किया कि एनडीए सरकार प्रदेश को विकास, सुशासन और स्थिरता के मार्ग पर आगे बढ़ाती रहेगी.
योगी बिहार में भी अखिलेश पर भारी पड़े:31 सीटों में से 27 जीती, सपा प्रमुख की 22 सभाओं में 20 हारी
बिहार चुनाव में एनडीए ने प्रचंड जीत दर्ज की है। इस चुनाव में यूपी के नेताओं का भी बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ था। बिहार चुनाव में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 सभाएं व रैलियां की। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने किसी भी सीट पर चुनाव लड़े बगैर बिहार में महागठबंधन के पक्ष में 22 सीटों पर प्रचार किया था। रिजल्ट में यूपी सीएम भारी पड़े। उनकी जीत का स्ट्राइक रेट 87 प्रतिशत से अधिक है। एनडीए के 31 में से 27 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। जबकि अखिलेश यादव का स्ट्राइक रेट महज 9 प्रतिशत रहा। उनके प्रचार वाली सिर्फ दो सीटों पर महागठबंधन को जीत मिली। बसपा प्रमुख मायावती भी बिहार चुनाव में कैमूर जिले की भभुआ सीट पर प्रचार करने गई थीं। वहीं पर सभी 5 प्रत्याशी पहुंचे थे। मायावती ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। उनका स्ट्राइक रेट 20 प्रतिशत के लगभग है। यूपी से चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी, स्वामी प्रसाद मौर्य और सुभासपा ने भी चुनाव में किस्मत आजमाई, लेकिन वे अपनी–अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की जमानत तक नहीं बचा पाए। बिहार में योगी के क्रेज को दिखाती 2 तस्वीर देखिए... अब विस्तार से पढ़िए... योगी के तीन बंदर वाला बयान सुर्खियों में रहाबिहार के चुनावी मैदान में सीएम योगी ने जमकर विपक्षी दलों राजद–कांग्रेस और सपा पर हमला बोला। सीएम ने बिना नाम लिए महागठबंधन के तीन प्रमुख नेताओं राहुल, अखिलेश व तेजस्वी को पप्पू, टप्पू व अप्पू नाम के तीन बंदरों की जोड़ी करार दिया था। सीएम योगी ने महागठबंधन को उसके जंगलराज और भगवान राम–कृष्ण और मां सीता के नाम पर जमकर घेरा। सीएम योगी की सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ी। उन्होंने भाजपा के साथ ही एनडीए के सहयोगी दलों जनता दल यूनाइटेड, लोजपा, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशियों के पक्ष में रैली व सभाएं की। सीएम योगी ने व्यक्तिगत हमले कर चुनावी मुद्दे को मोड़ा बिहार चुनाव के पहले चरण से पहले सीएम योगी ने विपक्ष के सामने एक अप्पू, टप्पू व पप्पू के रूप में महागठबंधन के तीन बंदरों का ऐसा मुद्दा रखा, जिस पर विवाद तय माना जा रहा था। हुआ भी वही, इसके बाद बिहार में प्रचार करने पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेता तक इसी पर बात करते दिखे। कांग्रेस के नेता सीएम योगी के बंदर वाले बयान के जरिए हनुमान जी का अपमान करने की बात करते दिखे। वहीं, अखिलेश यादव ने इसके बाद कई अन्य नामों के जरिए भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश की। इसका असर ये हुआ कि जो महागठबंधन चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए को घेरने के लिए अपनी योजनाओं से लेकर नीतीश कुमार सरकार की नाकामियों तक को गिनाने में लगा था। वह बंदर विवाद में फंस गया। पूरा आरोप–प्रत्यारोप ही बंदर विवाद को लेकर चला। इस बयान ने चुनाव प्रचार अभियान का रुख ही बदल दिया। रोजगार को लेकर महागठबंधन की घोषणाओं तक के मुद्दे गौण हो गए। महागठबंधन के निचले स्तर के नेता से लेकर शीर्ष नेताओं तक ने बंदर विवाद पर बयान दिए। मीडिया की हेडलाइन में यही विवाद गहराया। असर पहले चरण की वोटिंग से पहले महागठबंधन की नीतीश सरकार को घेरने की रणनीति की जगह योगी के बयान का काउंटर के रूप में सामने आया। अब यूपी के मैदान में आजमाने की कोशिश होगीसीएम योगी ने जिस प्रकार विपक्षी दलों को मूल मुद्दों से हटकर व्यक्ति विरोध की रणनीति पर उतरने को मजबूर किया, इससे साफ हुआ कि उनकी मास अपील काफी ज्यादा है। यूपी में दो बार सत्ता में रहकर अपनी स्थिति मजबूत बनाने वाले सीएम योगी 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में भी इस रणनीति को आगे बढ़ा सकते हैं। वैसे भी सपा का मुख्य आधार राजद की तरह यूपी में भी एमवाई (मुस्लिम–यादव) समीकरण का है। यहां भी महागठबंधन में सपा की सहयोगी के तौर पर कांग्रेस ही होगी। भाजपा उनके पीडीए की हवा निकालने के लिए बिहार जैसी रणनीति पर आगे बढ़ सकती है। अब वो सीटें जहां योगी–अखिलेश दोनों की सभाएं हुईंबिहार की तीन सीटें ऐसी रहीं, जहां योगी और अखिलेश दोनों ने सभाएं की। इसमें सीवान की रघुनाथपुर, पूर्वी चम्पारण की मोतिहारी व मधुबनी जिले की बिस्फी विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इसमें अखिलेश यादव भारी पड़े। रघुनाथपुर व बिस्फी सीट राजद ने जीत ली। जबकि मोतिहारी पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। खेसारी को नहीं जीत दिला पाए अखिलेशअखिलेश यादव ने छपरा में भोजपुरी गायब खेसारी लाल यादव के समर्थन में सभा की थी, लेकिन रिजल्ट आया तो खेसारी भी जीत नहीं पाए। जबकि सीवान के बाहुबली रहे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब की रघुनाथपुर सीट पर भी प्रचार किया था। ओसामा ये सीट जीतने में सफल रहे। बसपा का खुला खाता, 3 अन्य पर जमानत भी बचाईबसपा ने बिहार में सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। पिछली बार भी बसपा एक सीट जीतने में सफल रही थी। इस बार भी वह एक सीट जीत गई। मायावती 6 नवंबर को कैमूर जिले की भभुआ सीट पर प्रचार करने गई थीं। इस जनसभा में कैमूर, मोहनिया, रामगढ़ और चैनपुर के बसपा प्रत्याशी पहुंचे थे। मतलब मायावती ने एक साथ 5 प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे थे। इसमें से रामगढ़ सीट पर बसपा जीतने में सफल रही। इस तरह से मायावती का स्ट्राइक रेट 20 प्रतिशत है, जो अखिलेश यादव से अधिक है। बसपा ने इसके अलावा कैमूर जिले की भभुआ, चैनपुर और मोहनिया सीट पर भी जोरदार टक्कर दी है। बसपा को पूरे प्रदेश में 1.52 प्रतिशत वोट मिले। जमानत नहीं बचा पाई चंद्रशेखर और स्वामीप्रसाद की पार्टीबिहार चुनाव में यूपी की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य उतरे थे। चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी ने असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन किया था। चंद्रशेखर ने 25 सीटों पर तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। स्वामी प्रसाद मौर्य प्रचार में बिहार नहीं गए। लेकिन चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी प्रत्याशियों के साथ ही कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों के पक्ष में भी प्रचार किया था। रिजल्ट आया तो दोनों पार्टियों के एक भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। एनडीए से अलग लड़ना ओमप्रकाश राजभर को लड़ना भारी पड़ासुभासपा के ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने भी बिहार चुनाव में किस्मत आजमाया था। पहले उनकी कोशिश एनडीए के गठबंधन में रहकर चुनाव लड़ने की थी। पर आखिरी वक्त में कोई भी सीट नहीं मिलने पर उन्होंने बिहार चुनाव में अकेले प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया। सुभासपा ने 64 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। खुद ओमप्रकाश राजभर ने 6 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था। इसके अलावा उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनिल राजभर ने मोर्चा संभाल रखा था। रिजल्ट आया तो सुभासपा के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। -------------- ये खबर भी पढ़ें- बिहार चुनाव पर अखिलेश बोले- भाजपा दल नहीं, छल है:काशी में भाजपाई थिरके, केशव ने कहा- बिहार जैसी पिक्चर यहां भी दिखेगी बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन प्रचंड जीत की ओर बढ़ रहा है। चुनावी नतीजे अब साफ होने लगे हैं। 243 सीटों के रुझान में NDA क्लीन स्वीप करती दिख रही है। इस बीच यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दल फूले नहीं समा रहे। एनडीए गठबंधन इस विजय को विकास की जीत बता रहा है। वहीं, अखिलेश ने विपक्ष की हार के लिए SIR को जिम्मेदार ठहराया। सपा मुखिया ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर खेल किया गया है। यूपी में हम ऐसा नहीं होने देंगे। इधर, काशी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न भी शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता 'बिहार में बहार...' वाले पोस्टर के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। ढोल-नगाड़ों पर कार्यकर्ता नाचते-झूमते दिखाई दिए। पढ़िए पूरी खबर...
Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव में क्यों बुझ गई 'लालटेन'? जानिए हार के 5 बड़े फैक्टर
RJD Bihar Election Defeat Reason: बीजेपी ने आरजेडी के 52 यादव उम्मीदवार मैदान में उतारने को लेकर जातिवाद को लेकर बड़ा कैंपेन छेड़ दिया और पूरे चुनाव के दौरान आरजेडी और यादव राज का नैरेटिव चलाया. बीजेपी का ये कैंपेन उन लोगों को छू गया जिन्होंने बिहार में 2005 से पहले का लालू राज देखा था.
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी 90% स्ट्राइक रेट के साथ 92 सीटें जीत रही है, लेकिन जेडीयू भी सभी को चौंकाते हुए 80% स्ट्राइक रेट से 82 सीटों पर आगे चल रही है। नतीजों के बाद बीजेपी की बारगेनिंग पावर जरूर बढ़ेगी, लेकिन नेशनल पॉलिटिक्स में वो अब भी सहयोगियों के भरोसे रहेगी। ब्रांड मोदी से राहुल गांधी तक, महिलाओं की फ्री स्कीम्स से SIR के मुद्दे तक; बिहार चुनाव के ऐसे 7 बड़े नेशनल इम्पैक्ट जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी के मुताबिक, 'महिलाओं को पैसे देकर लुभाना यह एक रेसिपी फॉर सक्सेस हो सकता है। आने वाले चुनाव में अब यह एक फॉर्मूला बन जाएगा और यह हमेशा काम करता है। सरकार, इलेक्शन कमीशन या सुप्रीम कोर्ट ही इसके खिलाफ नियम बनाकर कुछ बदलाव ला सकते हैं।' सीनियर जर्नलिस्ट हर्षवर्धन त्रिपाठी बताते हैं, 'अगर चुनाव के पहले NDA ने जो 10,000 रुपए बांटे हैं, इससे 50% महिलाएं भी कोई उद्यम शुरू करने में सफल होती हैं, तो ये एक अच्छा ट्रेंड बनेगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है और यह सिर्फ चुनाव जीतने की स्कीम बनकर रह जाती है तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत खतरनाक है। खासकर तब जब हम कह रहे हैं कि चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं।' हर्षवर्धन त्रिपाठी बताते हैं, ‘ब्रांड मोदी अभी भी इनटैक्ट है। भले ही मोदी ने मैं-मैं करके ज्यादा बात नहीं की, लेकिन जिन महिलाओं को 10,000 रुपए मिले वो नीतीश के साथ मोदी का भी नाम ले रही थीं। बदलाव बस इतना आया बीजेपी अब नरेंद्र मोदी का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से और रणनीतिक रूप से करेगी, जैसा उसने पहले हरियाणा, महाराष्ट्र और अब बिहार में भी किया।’ अमिताभ तिवारी बताते हैं, 'बीजेपी अब मोदी के नाम पर चुनाव जीतने के बजाय लोकल मुद्दों और लोकल नेताओं के दम पर चुनाव जीतने की नीति अपना रही है। महाराष्ट्र चुनाव में भी यही हुआ। बीजेपी के लिए यह जरूरी भी है क्योंकि अगले साल जिन 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उसमें एक असम को छोड़ दें तो बीजेपी का कहीं बहुत स्ट्रॉन्ग होल्ड नहीं है।' अमिताभ तिवारी कहते हैं, किसी भी ब्रांड के चार फेज होते हैं- परिचय, विकास, परिपक्वता और अवनति यानी गिरावट। ब्रांड मोदी अभी परिपक्वता की ऊंचाई पर है। हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं, 'बीजेपी की उसके सहयोगी दलों पर डिपेंडेंसी तो साफ तौर पर है। बिहार में भले ही वो अब अकेले दम सरकार बना सकती है, लेकिन वो नीतीश कुमार को खारिज नहीं कर सकती। नेशनल लेवल पर बीजेपी चाहेगी कि उसके सहयोगी किसी तरह से बंधे रहें। अच्छी बात यह है कि चंद्रबाबू नायडू छोड़कर जाएंगे नहीं क्योंकि उन्हें अपनी राजनीति के लिए केंद्र की जरूरत है। चिराग पासवान की राजनीति भी बीजेपी पर निर्भर है।’ सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख के मुताबिक, ‘इस चुनाव में अगर कुछ बहुत बुरी तरह से फेल हुआ है तो वो वोट चोरी कैम्पेन है। अगर वोटिंग परसेंट थोड़ा भी कम होता तो हम यह मान सकते थे कि लोगों का लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भरोसा कम हुआ है, लेकिन वोटर टर्नआउट ने इतिहास बना दिया। इस बार ऐसा भी नहीं हुआ कि आखिरी घंटों में वोटिंग परसेंट बढ़े, बल्कि शुरू से ही ज्यादा टर्नआउट रहा।’ अमिताभ तिवारी कहते हैं, ‘कांग्रेस महागठबंधन की कमजोर कड़ी है। क्षेत्रीय पार्टियां अब कांग्रेस पर हमलावर होंगी कि उसकी वजह से हम चुनाव हारते हैं। कांग्रेस पर सवाल उठेंगे कि वो लोकल लीडर्स को अपने हिसाब से काम नहीं करने दे रही और मुद्दों को भटका रही है।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट रजत सेठी के मुताबिक, वोट परसेंट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण SIR है। वोटर्स के रिवीजन की वजह से डुप्लिकेट वोट हटे हैं, जिसकी वजह से स्वाभाविक रूप से पोलिंग परसेंट बढ़ा है। अब बाकी देश में भी SIR की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इन चुनावों में भी वोटिंग परसेंट बढ़ सकता है। अमिताभ तिवारी के मुताबिक वोटिंग परसेंट बढ़ने की वजह SIR बिल्कुल नहीं है, बल्कि यह वास्तविक ग्रोथ है। हालांकि हर्षवर्धन त्रिपाठी बताते हैं, 'SIR होगा तो निश्चित रूप से वोटर लिस्ट प्यूरिफाई होगी। जो लोग कहीं और चले गए हैं, उनके नाम कटेंगे और नए लोगों के नाम जुड़ेंगे। इससे एक अच्छी वोटर लिस्ट बनेगी जिसके कारण देश भर के चुनावों में वोट परसेंट बिल्कुल बढ़ेगा।' सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख के मुताबिक, नौकरी और रोजगार के वादों ने युवा वोटर्स खासकर ग्रामीण युवा वोटर्स को आकर्षित किया। ये वो लोग हैं जिन्होंने वो दौर नहीं देखा जिसे लालू का जंगलराज कहकर NDA ने प्रचारित किया। हर्षवर्धन त्रिपाठी बताते हैं, ‘इस चुनाव से यह सुखद संकेत दिखाई दे रहे हैं कि रोजगार अब चुनावी मुद्दा बनेगा, लेकिन यह वोट में कितना तब्दील होगा, यह कहना मुश्किल है। रोजगार का मुद्दा तो उठेगा, लेकिन अभी का ट्रेंड देखकर तो लगता है कि वोटर अपना नेता या अपनी जाति देखकर ही वोट डालेगा।' सीनियर जर्नलिस्ट अरुण दीक्षित के मुताबिक, 'अब रोजगार पर बात करना पार्टियों की मजबूरी होगी। तेजस्वी यादव ने जिस तरह रोजगार का मुद्दा उठाकर युवाओं को साधा, बिहार में यह चुनावी मुद्दा बन गया। आने वाले चुनावों में भी अब पार्टियां इस मुद्दे से बच नहीं सकती।' अमिताभ तिवारी कहते हैं, 'भारत की राजनीति में तीसरे मोर्चे का स्कोप जरूर है, लेकिन इसमें समय लगता है। हर पार्टी आम आदमी पार्टी की तरह नहीं होती, जिसे आंदोलन के कारण पहले चुनाव से ही एक बेस मिल गया था। अगर लगे रहेंगे तो पीके की जगह जरूर बनेगी।' ----------- ये खबर भी पढ़िए... जब प्यार में नीतीश कुमार ने आधी रात दौड़ाई बाइक:साथ रहने के लिए दिल्ली में पत्नी की नौकरी लगवाई, विवाद हुआ तो लालू को लिखी चिट्ठी साल 1985। बिहार के मौजूदा CM नीतीश कुमार तब पहली बार विधायक बने। जब चुनाव जीतकर अपने घर बख्तियारपुर पहुंचे, तो उनका खूब स्वागत हुआ, लेकिन धूम-धाम के बीच नीतीश की आंखें पत्नी मंजू को ढूंढ रही थीं, जो उस समय अपने मायके सेवदह जा चुकी थीं। बेचैन नीतीश ने आधी रात अपने एक साथी से कहा- मोटरसाइकिल निकालो, हम मंजू से मिलने जाएंगे। पूरी खबर पढ़िए...
Bihar Election Results 2025: तेजप्रताप नहीं दिखा सके तेज, लालू के बड़े बेटे महुआ में बेहाल
परिवार और पार्टी से बेदखल होने के बाद तेज प्रताप ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनशक्ति जनता दल (JJD) पार्टी बनाकर चुनाव में उतरे। खुद तेजप्रताप की महुआ में हालत खराब है। लेकिन अभी तक के रुझानों के मुताबिक जेजेडी का एक भी उम्मीदवार रुझान में आगे ...
अंता उपचुनाव में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही। लेकिन अजमेर में बिहार चुनाव में जीत का जश्न मना। एनडीए की जीत पर अजमेर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। शुक्रवार को भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश सोनी के नेतृत्व में कार्यकर्ता अग्रसेन चौराहे पर इकट्ठा हुए और जश्न मनाया। कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी की और एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न मनाया। जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा- एक बार फिर से हुआ की भारत और बिहार की जनता ने विकास, विश्वास और विरासत को संरक्षण देने का उद्देश्य जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथ में लिया था उस पर जनता ने मोहर लगाई है। यूपी की प्रचंड जीत के बाद जिस प्रकार से भगवान रामलाल का भव्य मंदिर बना और बिहार की जनता ने तय कर लिया था कि हमारी मिथिला कुमारी सीता माता है, उसके प्रदेश में भी एक बार पुनः रामराज स्थापित होगा और जनता ने उस पर मोहर लगाई। जिला अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव के समय में जो झूठे वादे किए गए उन्हें जनता के द्वारा नकारा गया। जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और नितेश कुमार के सुशासन की सरकार पर पुनः विश्वास व्यक्त करते हुए प्रचंड बहुमत दिया है। जनता ने यह सिद्ध कर दिया कि यह भारत देश बदल रहा है। इस देश की जनता ने ठान लिया कि इस देश के विकास करने वाले और राष्ट्रीय हित में बात करने वाली पार्टी को ही लोकतंत्र में स्थान और महत्व देंगे।
सुर से लेकर सत्ता तक पहुंचने वाली मिथिला की आवाज, जानिए कौन हैं मैथिली ठाकुर?
कुछ साल पहले ही अपनी गायकी और लोकगीतों से चर्चा में आई मिथिला की आवाज मैथिली ठाकुर अब बिहार की सत्ता का हिस्सा होंगी। अपनी गायिकी की वजह से वे पहले से ही प्रसिद्ध हैं, मैथिली ठाकुर सुरों की दुनिया से निकलकर राजनीति (सत्ता) के गलियारों तक पहुंचने वाली एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी आवाज़ से न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई है। पर अब वे राजनीतिक गलियारों में अपने सुर साधने की कोशिश करेंगी। सत्ता के इस सफर में कितना सफल हो पाएगीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल बिहार चुनाव में उनकी जीत तकरीबन तय हो गई है। जानते हैं कौन हैं मैथिली ठाकुर। मैथिली ठाकुर कौन हैं ? (Who is Maithili Thakur?) मैथिली वह बिहार के मधुबनी जिले से आती हैं और अपनी जड़ों से गहरे जुड़ी हुई हैं। वह मुख्य रूप से मैथिली लोकगीत (जैसे सोहर, झूमर, चैती), भजन और पारंपरिक भारतीय संगीत और गायन के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपने दोनों भाई-बहन, ऋषभ ठाकुर (तबला/परकशन) और अयाची ठाकुर (हारमोनियम/गायन) के साथ मिलकर संगीत की त्रयी बनाई है, जो सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय है। प्रसिद्धि और यात्रा : इंडियन आइडल जूनियर (2011): उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इसी रियलिटी शो से की थी। राइजिंग स्टार (2017) के रियलिटी शो की फाइनलिस्ट थीं, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। YouTube और Facebook पर उनके पारंपरिक लोक गीतों और भजनों के वीडियो को करोड़ों (Millions) में व्यूज मिलते हैं, जिससे वह कम समय में ही एक बहुत बड़ी ऑनलाइन हस्ती बन गईं। उन्हें संगीत में उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। मैथिली ठाकुर का सुर से सत्ता तक पहुंचने का उनका ये सफर हालिया सरकारी और सार्वजनिक भूमिकाओं से है, न कि सक्रिय राजनीति (चुनाव लड़ने) से। बिहार की ब्रांड एंबेसडर ( Brand Ambassador of Bihar): उन्हें बिहार के लोक संगीत और कला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य खादी और हस्तशिल्प की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। चुनाव आयोग का आइकन ( State Icon of Election Commission): 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने उन्हें बिहार का 'स्टेट आइकन' (State Icon) नियुक्त किया। Edited By: Navin Rangiyal
बिहार में NDA की जीत के बाद भरतपुर बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। इस दौरान गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने अंता चुनाव को लेकर कहा कि वहां पर कांग्रेस ने धन बल का प्रयोग किया है। उन्होंने कहा- कई जगह छापे पड़े तो, कांग्रेस के लोगों को पकड़ा भी गया था। जिस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उखड़ भी रहे थे। बिहार की जनता ने NDA गठबंधन पर जताया विश्वासगृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा- बिहार में NDA को प्रचंड बहुमत मिला है। प्रधानमंत्री का जो विजन है, उसे बिहार की जनता ने दोबारा स्वीकार करते हुए NDA गठबंधन को भारी बहुमत दिया है। बिहार की जनता ने विकास के साथ खड़े होकर विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए बिहार को भी विकास की गति में जोड़ने के लिए और बिहार में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए NDA गठबंधन पर विश्वास जताया। अंता में कांग्रेस ने धन बल का प्रयोग कियागृह राज्य मंत्री ने अंता विधानसभा चुनाव पर कहा- अंता में धन बल प्रयोग जिस तरीके से किया गया। कांग्रेस ने लोगों को प्रभावित करने का काम किया हुआ था। बीजेपी के कार्यकर्ता भी प्रत्याशी मोरपाल सुमन के साथ खड़े रहे। कांग्रेस ने तुष्टिकरण और धन का दुरुपयोग कर वहां रिजल्ट को प्रभावित किया है। सरकार और सीएम भजन लाल शर्मा अंता के विकास के लिए काम करेंगे। कई जगह छापे पड़े तो कांग्रेस के लोगों को पकड़ा भी गया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उखड़ भी रहे थे।
Bihar election result 2025 : मुकेश सहनी देख रहे थे डिप्टी CM बनने का सपना, पार्टी का इतना बुरा हाल
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 200 से अधिक सीटें मिलती दिखाई दे रही है, वहीं रुझानों में महागठबंधन 29 सीटों पर आगे है। प्रशांत किशोर की जनसुराज का तो खाता भी नहीं खुला है। डिप्टी सीएम का सपना लेकर एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए ...
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- कांग्रेस वहां अलायंस पार्टनर थी। कांग्रेस ने 60 सीटों पर ही चुनाव लड़ा है। वहां पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। सीएम ने कहा- अभी मतगणना जारी है। इसलिए फाइनल रिजल्ट के बाद प्रतिक्रिया दे पाएंगे। शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी नेरचौक मेडिकल कॉलेज से 41 डॉक्टर ट्रांसफर करने पर झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा- मेडिकल कॉलेज का अलग से कैडर बनाया जा रहा है। जो डॉक्टर ट्रांसफर किए, उनसे से 28 को मंडी जिले की ही डिस्पेंसरी में लगाया गया है। मेडिकल कॉलेज का अलग कैडर बना रही सरकार: सुक्खू सीएम ने कहा- प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेज का अलग कैडर बना रही है और हेल्थ सर्विसेज का अलगा। आईजीएमसी में भी जो हेल्थ सर्विसेज के डॉक्टर है, उन्हें भी हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा- सरकार मेडिकल कॉलेज को जल्द स्टाफ देगी। पूर्व भाजपा सरकार की तरह नहीं करेगी कि मेडिकल कॉलेज खोल दिए और एमआरआई मशीनें प्राइवेट में दे दी। मंडी में सरकारी कार्यक्रम होगा: CM सीएम ने कहा- मंडी में सरकार तीन साल पूरा करने पर जश्न मना रही है। यह सरकारी कार्यक्रम होगा। इसमें सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता के बीच रखा जाएगा। उन्होंने कहा- सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद किए है। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है।
हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने कहा है कि बिहार में चुनाव के परिणाम जनता की अपेक्षाओं के विपरीत हैं। राव नरेंद्र ने कहा कि 2014 के बाद से हुए सभी चुनावों के परिणाम आम लोगों की उम्मीदों से अलग रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की सरकार बनने की बात कही थी, लेकिन परिणाम इसके उलट आए। “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान जारी राव नरेंद्र ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेशभर में “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान चलाया हुआ है, जो 11 दिसंबर को गुरुग्राम में समाप्त होगा। इस अभियान के माध्यम से लोगों को भाजपा की नीतियों और चुनावी अनियमितताओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नेहरू जयंती पर श्रद्धांजलि इस बीच, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। राव नरेंद्र ने कहा कि पंडित नेहरू ने भारत को आधुनिकता और विकास की दिशा दी। आजादी के बाद उन्होंने देश को एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए अथक परिश्रम किया। बच्चों के प्रति उनके स्नेह के कारण ही उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जाना जाता है।
कौन है सतीश कुमार, जिन्होंने तेजस्वी यादव के राघोपुर में दिखाए तारे
Bihar election result 2025 Party wise seats: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस चुनाव में लालू यादव की पार्टी फिलहाल 30 से भी कम सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। यहां तक गठबंधन के सीएम उम्मीदवार और राघोपुर से राजद प्रत्याशी तेजस्वी यादव पर भी हार का खतरा मंडरा रहा है। भाजपा नेता सतीश कुमार 30 में से 11 राउंड के बाद यहां से करीब 5 हजार वोटों से आगे हैं। राघोपुर विधानसभा सीट से 2 बार विधायक चुने गए तेजस्वी यादव इस बार कांटे के मुकाबले में फंसे नजर आ रहे हैं। लालू परिवार का गढ़ मानी जाने वाली इस यादव बहुल सीट पर इस बार पासा पलटता दिखाई दे रहा है। ALSO READ: जन सुराज की 'जमानत' जब्त! खाता भी नहीं खुला, क्या प्रशांत किशोर लेंगे राजनीति से संन्यास? कौन हैं सतीश कुमार : सतीश कुमार भी बिहार की राजनीति में दिग्गज नेता माने जाते थे। पहले वे जदयू में थे हालांकि बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए। 2010 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राबड़ी देवी को हराया था। हालांकि 2015 और 2020 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। संकट में लालू परिवार की सीट : राघोपुर से चुनाव जीतकर लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच चुके हैं। तेजस्वी यादव भी यहां से जीतकर उप मुख्यमंत्री बने थे। इस बार भी उनकी उम्मीदें आसमान पर थी लेकिन जिस सतीश कुमार को उन्होंने 2 बार हराया वे ही इस बार राजद के दिग्गज नेता पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने यहां से चंचल कुमार चुनावी मैदान में उतारा तो तेजप्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल ने प्रेम कुमार को टिकट दिया। edited by : Nrapendra Gupta
कन्नौज में भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को जमकर जश्न मनाया। बिहार में मिली प्रचंड जीत से उत्साहित भाजपाई पूर्व सांसद के कार्यालय पर एकजुट हुए। यहां ढोल की थाप पर थिरकते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक के कार्यालय पर शुक्रवार दोपहर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जमकर भीड़ उमड़ी। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, जिलाध्यक्ष वीरसिंह भदौरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत को माला पहनाकर मिठाई खिलाई। कार्यालय के बाहर भाजपाइयों ने जमकर आतिशबाजी छुड़ाई। यहां ढोल की थाप पर पार्टी नेता और कार्यकर्ता जमकर थिरके। यहां पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने कहाकि बिहार में एनडीए की सरकार में पिछले 20 वर्षों से जो सुशासन का राज रहा और जो वहां विकास की गंगा बही है, उससे वहां के लोगों का भरोसा बीजेपी और एनडीए पर बढ़ा है। खासकर माताओं और बहनों ने सरकार और भरोसा जताया। जिस कारण से एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। विपक्षी दल के नेताओं द्वारा नेपाल जैसी स्थित करने की धमकी दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहाकि भारत के जेन जी ने ही मोदी को प्रधानमंत्री मंत्री बनाया। भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन जी ने पिछली सरकारों को उखाड़ फेंका है। अब ऐसे में यदि कोई देश का माहौल खराब करने का प्रयास करेगा तो यहां का जेन जी उनका क्या हश्र करेगा ये उन्हें पता होना चाहिए। जिलाध्यक्ष वीरसिंह भदौरिया ने कहाकि बिहार की जीत में हमारे पूर्व सांसद सुब्रत पाठक का भी योगदान है। उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान वहां जमकर प्रचार किया और पसीना बहाया। इस जीत में कन्नौज की खुशबू भी शामिल है।
महाराजगंज, 14 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय महाराजगंज में बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की प्रचंड जीत का जश्न मनाया गया। सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर विजय उत्सव मनाया। कार्यालय परिसर में बड़ी संख्या में भाजपाई जुटे थे। 'भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद', 'भारत माता की जय', 'मोदी नीतीश जिंदाबाद', 'योगी आदित्यनाथ मोदी जी जिंदाबाद', 'मोदी पंकज चौधरी जिंदाबाद' जैसे नारों से पूरा माहौल गूंज उठा। कार्यकर्ताओं का उत्साह ऐसा था मानो दीपावली का पर्व समय से पहले ही आ गया हो। इस अवसर पर विधायक जय मंगल कन्नौजिया ने कहा कि बिहार की जनता ने एक बार फिर विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के पक्ष में अपना स्पष्ट जनादेश दिया है। उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पार्टी की नीतियों पर जनता का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। यह जीत दर्शाती है कि जनता अब राजनीति के शोर में नहीं, बल्कि विकास के कार्यों में विश्वास करती है। विधायक कन्नौजिया ने आगे कहा कि बिहार की यह ऐतिहासिक जीत पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश दे रही है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा का संगठनात्मक ढांचा, कार्यकर्ताओं की मेहनत और शीर्ष नेतृत्व की नीतियां जनता के दिलों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने इस विजय को केवल राजनीतिक सफलता नहीं, बल्कि नए भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ाया गया एक मजबूत कदम बताया। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल ने कहा कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और नीतीश सरकार में विश्वास जताकर मतदान किया, जिसके परिणामस्वरूप यह प्रचंड जीत हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भाजपा जनकल्याणकारी योजनाओं को और मजबूती से लागू कर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है। जायसवाल ने सभी कार्यकर्ताओं से इस जीत को ऊर्जा के रूप में लेकर संगठन को और सशक्त बनाने का आह्वान किया।
सब आंकड़े हुए फेल, सिर्फ इस शख्स ने बताए थे बिहार के सबसे सटीक आंकड़े, देखिए VIDEO
Bihar Election Results: बिहार चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है, एक बार फिर सारे दावे धरे के धरे रह गए लेकिन एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि NDA अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने जा रहा है.
Bihar Assembly Election Results : रघोपुर में बड़ा झटका; तेजस्वी की सीट पर विपक्ष ने बनाई रखी बढ़त
Bihar Assembly Election Results : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना में शुरुआती रुझानों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रीतलाल यादव आगे, जबकि तेज प्रताप और तेजस्वी यादव पीछे चल रहे हैं। एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना लगातार जारी है।
इस बार के विधानसभा चुनाव में अलीनगर सीट काफी सुर्खियों में है. 243 सीटों के आ रहे रुझान के बीच अलीनगर विधानसभा सीट चर्चा में है. दरभंगा जिले में आने वाली यह सीट इस बार केवल राजनीतिक मुकाबले के कारण ही नहीं, बल्कि स्टार उम्मीदवार के खड़े होने के कारण काफी चर्चा में है.
बिहार विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों ने महागठबंधन को पीछे धकेलते हुए NDA के लिए जीत का रास्ता खोल दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाला NDA गठबंधन रुझानों में निर्णायक बहुमत को पार कर लिया है। इस मौके पर भास्कर कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से देखिए बिहार चुनाव के नतीजे... 1. महिला वोट का ताज 2.EVM पर गुस्सा 3. महागठबंधन की निराशा 4. पीके की भविष्यवाणी फेल 5. महिलाओं का समर्थन 6. SIR का डंडा --------------------- बिहार चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ें... नीतीश के बिना BJP बना सकती है सरकार:जदयू के बगैर NDA 114 पार, जानिए नए समीकरण; 12.30 बजे तक का एनालिसिस बिहार में नई सरकार बनाने का एक नया समीकरण बन गया है। वो समीकरण है नीतीश के बिना NDA सरकार। यानी पहली बार बीजेपी बिहार में अपना सीएम बना सकती है। फिलहाल आंकड़े तो ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। आखिर कैसे…Link
Nitish Kumar Vs Tejashwi Yadav networth बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर से वहां एनडीए के हाथों में सत्ता सौंप दी है. एनडीए और महागठबंधन में से एक बार फिर से बिहार की जनता ने नीतीश सरकार पर भरोसा दिखाया है.
Election Updates: कौन बनेगा बिहार का 'बॉस', क्या टूट सकती है नीतीश कुमार की पार्टी
Bihar Assembly Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो राज्य में बहुत ही रोमांचक स्थिति निर्मित हो गई है। कुछ समय पहले तक हालात यह थे कि नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे ...
Bihar Election Result 2025 : डंपा सीट पर बीजेपी ढेर; MNF की धमाकेदार वापसी
Bihar Election Result 2025 : 2025 के विधानसभा उपचुनावों की मतगणना में आठ राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की आठ सीटों पर राजनीतिक समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं। राजस्थान की अंता, पंजाब की तरनतारन, झारखंड की घाटशिला, तेलंगाना की जुबली हिल्स, मिजोरम की डंपा, ओडिशा की नुआपाड़ा और जम्मू-कश्मीर की नगरोटा व बडगाम सीटों पर शुरुआती रुझान बड़ी तस्वीर पेश कर रहे हैं।
Bihar election results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar elections) में आखिरी चरण की वोटिंग तक जन सुराज नेता PK और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी किंगमेकर बनने का दम भरकर अपने-अपने दल की प्रचंड जीत का दावा कर रहे थे. हालांकि आखिरी नतीजे नहीं आए हैं, वोटिंग भी जारी है, फिर भी ये तय हो गया कि दोनों अपनी रणनीति में नाकाम रहे.
बिहार चुनाव में एनडीए गठबंधन प्रचंड जीत की ओर बढ़ रहा है। चुनावी नतीजे अब साफ होने लगे हैं। 243 सीटों के रुझान में NDA क्लीन स्वीप करती दिख रही है। इस बीच यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दल फूले नहीं समा रहे। एनडीए गठबंधन इस विजय को विकास की जीत बता रहा है। वहीं, अखिलेश ने विपक्ष की हार के लिए SIR को जिम्मेदार ठहराया। सपा मुखिया ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर खेल किया गया है। यूपी में हम ऐसा नहीं होने देंगे। इधर, काशी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न भी शुरू कर दिया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता 'बिहार में बहार...' वाले पोस्टर के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान जमकर आतिशबाजी की गई। ढोल-नगाड़ों पर कार्यकर्ता नाचते-झूमते दिखाई दिए। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- बिहार वाली पिक्चर यूपी में भी दिखेगी। वही, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बिहार के नतीजों को सुशासन की जीत बताया। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- हमने पहले ही कहा था कि बिहार की जनता ने मोदी जी की गरीब कल्याण योजनाओं पर और नीतीश जी के सुशासन पर मोहर लगाने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा- सबसे बड़ी बात यह है कि बिहार की माताओं, बहनों और बेटियों ने जाति–धर्म से ऊपर उठ कर एनडीए के प्रत्याशियों को वोट दिया है। नीतीश जी के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन ने कानून–व्यवस्था और सुशासन पर आज भी बिहार के लोगों को विश्वास है। जंगलराज को बिहार के लोग वापस नहीं लाना चाहते हैं। नेतृत्व के निर्देश पर भाजपा के हर राज्य के लोग चुनावी राज्य में जाते हैं। पहले कुछ तस्वीरें देख लीजिए... बिहार के चुनावी नतीजों पर रिएक्शन के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
बिहार परिणाम 2025 लाइव: :कौन जीतेगा बिहार फाइनल | एनडीए | तेजस्वी | नीतीश कुमार |#dblive
Bihar Result 2025 Live : :Who will win Bihar Final | NDA | Tejashwi | Nitish Kumar |#dblive
आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने की पुलिस ने मुठभेड़ में एक शातिर लुटेरे को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लुटेरे के कब्जे से घटना में प्रयुक्त बाइक मोबाइल फोन तमंचा कारतूस भी बरामद किया गया है। 3 नवंबर को सिधारी थाना क्षेत्र के पल्हनी में एक महिला से सोने की चेन की लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मुकदमे के सिलसिले में पुलिस घटना में शामिल आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। थाने की पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग एक बाइक से कहीं घटना को अंजाम देने जा रहे हैं। इस सूचना पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने जब लाल कलर की बिहार नंबर की पल्सर को रोकने का प्रयास किया तो बाइक पर सवार आरोपियों ने पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस द्वारा की गई कंट्रोल फायरिंग में आरोपी के पैर में गोली लगी जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। घायल बदमाश की पहचान राजकुमार उर्फ डिंपल थाना रानी की सराय के रूप में हुई है। घटना में एक आरोपी पिंकेश बिहार का रहने वाला फरार हो गया है जिसकी तलाश की जा रही है। बिहार भाग रहा था लुटेरा इस मामले की जानकारी देते हुए सीओ सिटी शुभम तोड़ी ने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार आरोपी अपने साथी पिंकेश के साथ महिला से चेन लूट की घटना को अंजाम देने के बाद बिहार भाग रहा था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली जिसके आधार पर मुठभेड़ में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
नीतीश कुमार का फिर मुख्यमंत्री बनना तय, भाजपा का सपना मिलेगा धूल में
Bihar Assembly Election Results: बिहार विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में एक बार तो तय हो गई है कि नीतीश कुमार राज्य में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। दरअसल, चुनाव से पहले माना जा रहा था कि भाजपा उन्हें बिहार का 'एकनाथ' शिंदे ...
Bihar Election Results 2025: बिहार चुनाव 2025 के लिए मतगणना जारी है. जीत-हार के नतीजे सामने आ जाएंगे. एनडीए की वापसी होगी या फिर महागठबंधन की सरकार बनेगी कुछ घंटों में पता चल जाएगा. जीत-हार के बीच ये जानना भी दिलचस्प है कि बिहार राज्य जिसे गरीब और बीमारू राज्य कहा जाता है, वहां का सबसे अमीर नेता कौन है.
Bihar Results 2025 LIVE: Early in the morning, it became clear whose government will be in Bihar | NDA | Tejashwi | Nitish Kumar
बिहार 2025 LIVE: कौन आगे? कौन पीछे?
Bihar Result 2025 LIVE: The game started as soon as the counting started | Tejashwi Yadav | Nitish Kumar
Bihar Election Result 2025 LIVE : अबकी बार किसकी सरकार? बिहार में शुरू हुई वोटों की गिनती
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ घंटों में जारी होने वाले हैं। रिजल्ट के लिए बिहार के सभी 38 जिलों में सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती चल रही है
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 : दलीय स्थिति
Bihar election result 2025 Party wise seats: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी। ज्यादातर एग्जिट पोल बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनवा रहे हैं। हालांकि एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अपनी-अपनी सरकार बनाने के दावे कर रहे ...
दिल्ली ब्लास्ट पर भाई जगताप का बयान : बिहार चुनाव के दौरान घटना दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस नेता और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने दिल्ली ब्लास्ट पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान राजधानी दिल्ली में घटी ऐसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का सबसे भरोसेमंद और सबसे तेज़ लाइव रिज़ल्ट कवरेज! Bihar Result 2025 LIVE: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे | NDA | Tejashwi Yadav | Nitish Kumar
आरजेडी नेता के बयान पर शायना एनसी का पलटवार, कहा- बिहार में गुंडाराज को बढ़ावा
शिवसेना नेता शायना एनसी ने आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के बयान पर पलटवार किया है
शांतिपूर्ण मतदान पर बोले नितिन नबीन, यह है सुशासन वाले बिहार की नई तस्वीर
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई और पूरे राज्य में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ
टाटा-इतवारी और साउथ बिहार अलग-अलग तारीखों में रद्द हुई
भास्कर न्यूज | भाटापारा विभिन्न निर्माण कार्यों के चलते दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे के रेलवे लाइन पर अनेक महत्वपूर्ण ट्रेनों का संचालन रद्द किया गया है। रेलवे ने यह निर्णय परिचालनिक कारणों ट्रैक मरम्मत कार्य और ट्रैफिक प्रबंधन के तहत फैसला लिया है। ट्रेन क्रमांक 13288/13287 साउथ बिहार एक्सप्रेस आरा-दुर्ग-को आगामी 14 नवंबर, 21 नवंबर व 28 नवंबर तथा आगामी 5 दिसंबर, 12 दिसंबर, 19 दिसंबर और 26 दिसंबर के लिए रद्द किया गया है। उक्त ट्रेन के रद्द होने से दुर्ग, रायपुर, भाटापारा, तिल्दा नेवरा, बिलासपुर सहित अन्य रेलवे स्टेशन के यात्री हलाकान होंगे। इसी तरह ट्रेन क्रमांक 18109/18110 टाटा नगर-इतवारी-टाटा नगर एक्सप्रेस ट्रेन को भी आगामी 23 नवंबर, 27 नवंबर एवं 30 नवंबर की अवधि के अलावा दिसंबर के महीने में कुछ दिनों के लिए निरस्त किया गया है। उपरोक्त ट्रेन भी जन समान्य के लिए महत्वपूर्ण ट्रेन है और इसके निरस्त होने से यात्री परेशान रहेंगे। टाटा इतवारी, टाटा एक्सप्रेस ट्रेन को नवंबर में जहां 15 नवंबर, 18 नवंबर, 22 नवंबर, 25 नवंबर तथा 29 नवंबर को भी रद्द किया गया है वहीं दिसंबर माह में भी 6 दिसंबर, 9 दिसंबर, 13 दिसंबर को रद्द किया गया है।
केरल व बिहार की तर्ज पर मानदेय मिले जनप्रतिनिधि को : मुखिया संघ
झारखंड प्रदेश त्रि-स्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधि संघ के आह्वान पर गुरुवार को रांची स्थित नागा बाबा खटाल परिसर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस दौरान राज्यभर से पंचायत प्रतिनिधि भारी संख्या में पहुंचे और अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यक्रम में ओरमांझी प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष दीपक बड़ाइक ने कहा कि राज्य सरकार लगातार पंचायत प्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रही है। पंचायतों को न तो वित्तीय अधिकार दिए जा रहे हैं और न ही विकास योजनाओं में स्वतंत्र भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की नींव हैं और इन्हें कमजोर करना जनता की आवाज को कमजोर करना है। मांगों में पंचायतों को 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग की राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए। पंचायत जनप्रतिनिधियों की आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में ₹30 लाख का बीमा/मुआवजा और सेवा समाप्ति के बाद पेंशन दी जाए। सभी त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों को केरल व बिहार की तर्ज पर मासिक मानदेय प्रदान किया जाए। टाइड एवं अनटाइड राशि खर्च करने तथा चेक से भुगतान का अधिकार दिया जाए। बिना जांच के वित्तीय शक्तियां जब्त न की जाएं और जिनकी शक्तियां जब्त की गई हैं, उन्हें बहाल किया जाए। डीएमएफटी फंड का उपयोग पंचायती राज व्यवस्था के अनुरूप किया जाए। जनप्रतिनिधियों को 14 विभागों व 29 विषयों में पूर्ण अधिकार दिए जाएं। सांसद एवं विधायक निधि की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को निधि उपलब्ध कराई जाए तथा वर्ष 2024-25 के पीएम आवास भुगतान शीघ्र किया जाए। दीपक बड़ाइक ने स्पष्ट कहा कि जब सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को उनका हक नहीं देती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

