बिहार में नई सरकार बनने के बाद अब राजनीतिक फोकस विधानसभा स्पीकर पद पर आ गया है। गृह मंत्रालय 20 साल बाद पहली बार बीजेपी को मिलने के बाद माना जा रहा है कि स्पीकर पद पर भी पार्टी की दावेदारी मजबूत होगी। राजनीतिक गलियारों में इस पद को लेकर चर्चाएं तेज हैं। रेणु देवी का नाम सबसे आगे इसी चर्चा के बीच बेतिया से निर्वाचित विधायक रेणु देवी का नाम प्रमुखता से सामने आया है।रेणु देवी ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वासी अहमद को 22 हजार से अधिक वोटों से हराया। यह उनकी लगातार छठी विधानसभा जीत है। पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुकी रेणु देवी संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर मजबूत राजनीतिक अनुभव रखती हैं। संघ से जुड़ाव और लंबा राजनीतिक सफर रेणु देवी का संघ की महिला शाखा से पुराना जुड़ाव रहा है। राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने कई महिला कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारी भी दी थी। उनकी प्रमुख भूमिकाएं, 1991 में महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री, 2020 में बिहार की उपमुख्यमंत्री बनी थीं। इसी पृष्ठभूमि के चलते पार्टी के भीतर भी उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है। रेणु देवी ने कहा- पद की मांग कभी नहीं की स्पीकर पद की चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए रेणु देवी बोलीं, मैं पार्टी की कार्यकर्ता हूं। संगठन जो निर्णय देगा, मैं उसे स्वीकार करूंगी। मैंने कभी किसी पद की मांग नहीं की है। गायत्री देवी और डॉ. प्रेम कुमार भी रेस में स्पीकर पद की संभावित दौड़ में परिहार से लगातार पांचवीं बार विजयी गायत्री देवी और गया सदर से नौवीं बार जीते डॉ. प्रेम कुमार के नाम भी शामिल हैं। जल्द होगा अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व जल्द ही विधानसभा के इस अहम पद पर अंतिम निर्णय लेगा। इस पर पूरा राज्य और राजनीतिक हलके की नजरें टिकी हुई हैं।
नालंदा के किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है सुगंधित पौधों की खेती योजना। जिले की बंजर और ऊसर भूमि, जो वर्षों से नीलगाय और जंगली सूअरों के आतंक से त्रस्त रही है, अब लेमन ग्रास की खुशबू से महकेगी। पहली बार जिले को इस महत्वाकांक्षी योजना में शामिल किया गया है। योजना की मुख्य बातें राज्य सरकार ने सुगंधित और औषधीय पौधों के क्षेत्र विस्तार के तहत इस वर्ष 10 हेक्टेयर क्षेत्र में लेमन ग्रास की खेती का लक्ष्य रखा है। इच्छुक किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जो कुल लागत का 50 प्रतिशत है। उद्यान विभाग स्वयं उन्नत प्रभेद के पौधे उपलब्ध कराएगा। जिला उद्यान पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि यह पहली बार है जब नालंदा को इस योजना में चुना गया है। किसान अपनी बंजर भूमि का सदुपयोग कर सकेंगे और बेहतर मुनाफा कमा सकेंगे। बंजर भूमि के लिए वरदान गिरियक, कतरीसराय और सकरी नदी के किनारे के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ऊसर भूमि है। इन इलाकों में नीलगाय और जंगली सूअरों के कारण किसान परंपरागत खेती करने में असमर्थ रहे हैं। लेमन ग्रास की खेती इस समस्या का सटीक समाधान है क्योंकि इसके औषधीय गुणों के कारण जानवर इसे नहीं खाते। आर्थिक लाभ की संभावनाएं लेमनग्रास की खेती किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। पौधे रोपण के छह महीने बाद पत्तियां तैयार हो जाती हैं और साल में तीन बार कटाई की जा सकती है। एक बार रोपण के बाद पांच वर्षों तक फसल ली जा सकती है। लेमनग्रास के तेल की बाजार में कीमत 1200 से 1500 रुपए प्रति लीटर है। इस तेल का उपयोग दवाइयों, साबुन, शैंपू, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में होता है। बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। विशेष सुविधाएं सरकार ने तेल निकालने के लिए आसवन संयंत्र (डिस्टिलेशन यूनिट) स्थापित करने का भी प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है। इससे किसानों को उत्पाद बेचने में आसानी होगी और वे बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। आवेदन प्रक्रिया इच्छुक किसान उद्यान विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जमीन की रसीद या एलपीसी, आधार कार्ड, पहचान पत्र और बैंक पासबुक की जानकारी देनी होगी। जल्द ही आवेदन के लिए पोर्टल खोला जाएगा।
तारीख-19 नवंबर की देर रात बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल को फोन आता है। बोला जाता है-तैयार रहिए। इस पर संगठन में ही काम करने की बातें कहते हैं, लेकिन उधर से बोला जाता है आपको मंत्री बनना है। और अगली सुबह करीब 11.30 बजे उन्होंने मंत्री पद की शपथ ले ली। इस संबंध में उन्होंने कहा- यह केंद्र और शीर्ष नेताओं का निर्णय है। मैं संगठन के हर निर्देश का पालन करूंगा। उनके शपथ लेते ही चर्चा शुरू हो गई कि अब बिहार को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। चूंकि, पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद की व्यवस्था है। खबर है कि पार्टी को नए साल में नया बिहार अध्यक्ष मिल जाएगा। आज की डेट में प्रदेश अध्यक्ष की रेस में नेताओं के सियासी गलियारे में घूम रहे हैं। मंडे स्पेशल स्टोरी में जानिए, बिहार भाजपा अध्यक्ष पद की रेस में कौन-कौन नेता हैं। उनकी ताकत और कमजोरी क्या हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद बिहार में होगा बदलाव भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। वह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। उम्मीद है कि पार्टी कभी भी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। भाजपा के भीतर चर्चा है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने के बाद प्रदेश स्तर पर बदलाव होगा। बिहार में नए साल में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुने जा सकते हैं। तब तक दिलीप जायसवाल पद संभालेंगे। 8 साल से लगातार OBC के हाथ में कमान पिछले 8 साल से लगातार पिछड़ा वर्ग से आने वाले नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल रही है। अबकी बार इस बात की चर्चा तेज है कि किसी सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिल सकती है। हालांकि विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम और अवधेश नारायण सिंह को विधान परिषद का सभापति बनाने के बाद भूमिहार और राजपूत जाति के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना कम दिख रही है। किसी ब्राह्मण को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। भास्कर ने पार्टी के कई सीनियर नेताओं से बात कर नए प्रदेश अध्यक्ष कौन होंगे, यह समझने की कोशिश की, लेकिन फिलहाल कोई भी नेता इस पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। कैसे होगा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव? भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जिला स्तर पर फीडबैक के आधार पर होगा। इसके लिए जिलावार नेताओं से अध्यक्ष के नाम को लेकर प्रस्ताव मांगा जाएगा। इसके बाद उन प्रस्तावों की जांच होगी। 3 नामों को चुनकर दिल्ली हाई कमान के पास भेजा जाएगा। दिल्ली में इन तीनों नेताओं का इंटरव्यू होगा। इसके बाद पार्टी नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा कि बिहार का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा। चुनाव में सक्रियता है आधार बिहार में डेढ़ वर्ष के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए। लोकसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के अनुसार सफलता नहीं मिली। विधानसभा में उम्मीद से अधिक सफलता मिली। ऐसे में पार्टी अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए नया प्रदेश अध्यक्ष चुनेगी। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में 4 नाम, जानिए… मिथिलेश तिवारीः संगठन के बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे मिथिलेश तिवारी का नाम चल रहा है। उनकी गिनती संगठन के अनुभवी और बड़े नेता के रूप में होती है। संघ के करीबी हैं। संगठन में प्रदेश स्तर के कई अहम पदों पर रह चुके हैं। इनके पास पार्टी के भीतर कई बड़े पदों पर काम करने का अनुभव है। मिथिलेश भाजपा के प्रदेश मंत्री, प्रदेश महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। बैकुंठपुर से चुनाव जीतकर फिलहाल विधायक हैं। इसे पहले बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मिथिलेश तिवारी की कमजोरी- दो चुनाव हारे मिथिलेश तिवारी दो चुनाव हार चुके हैं। पार्टी इन्हें बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट काटकर कैंडिडेट बनाया, लेकिन जीत न सके। इससे पहले 2020 में बैकुंठपुर विधानसभा से भी चुनाव हार चुके हैं। प्रदेश स्तर पर इन्हें नित्यानंद राय के खेमे का माना जाता है। ऐसे में अन्य खेमा नहीं चाहेगा कि ये प्रदेश अध्यक्ष बनें। ब्राह्मण कोटे से ये भी रेस में- अगर ब्राह्मण कोटे से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो मिथिलेश तिवारी के साथ संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा और पूर्व मंत्री व झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा भी रेस में हैं। विवेक ठाकुर- संगठन के माहिर नेता, अमित शाह के करीबी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में नवादा के सांसद विवेक ठाकुर का नाम भी चल रहा है। विवेक ठाकुर बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के बेटे हैं। केंद्र और राज्य की सियासत में अपनी अलग पहचान बनाई है। लोकसभा चुनाव जीतने से पहले यूपी विधानसभा चुनाव में सह प्रभारी थे। यूपी चुनाव में अहम भूमिका निभाई। इनकी गिनती शाह के भरोसेमंद नेता के रूप में होती है। विवेक ठाकुर 24 साल की उम्र से पार्टी में एक्टिव हैं। भारतीय जनता दल युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे और बाद में राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं। भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए विवेक ठाकुर गुजरात, बंगाल और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी भी रहे। 2014 में एक साल के लिए बिहार विधान परिषद के सदस्य बने थे। इसके बाद इन्हें 2020 में राज्यसभा सांसद बनाया गया था। लोकसभा चुनाव 2024 में नवादा से लड़े और जीतकर सांसद बने। 2015 के विधानसभा चुनाव में बक्सर के ब्रह्मपुर सीट से हार गए थे। विवेक ठाकुर की कमजोरी- भूमिहार चेहरा से हो सकता है नुकसान विवेक ठाकुर भूमिहार चेहरा हैं। अभी पार्टी का पूरा फोकस गैर यादव ओबीसी, ईबीसी और दलित वोटर्स को अपने पाले में करने की है। अगर ऐसा होता है विवेक ठाकुर रेस में पिछड़ सकते हैं। संजीव चौरसिया- संगठन का अनुभव, संघ से हैं संजीव चौरसिया की सबसे बड़ी ताकत उनका संघ से होना है। इनकी संघ में मजबूत पैठ मानी जाती है। 2015 से लगातार तीसरी बार दीघा से विधायक चुने गए हैं। उनके पिता गंगा प्रसाद को बिहार बीजेपी का फाउंडर मेंबर माना जाता है। वे सिक्किम के राज्यपाल भी रह चुके हैं। संजीव चौरसिया के पास संगठन के लिए काम करने का अनुभव है। विद्यार्थी परिषद से इन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री रहे। वह प्रदेश उपाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव के पद पर रह चुके हैं। चौरसिया संगठन की हर गतिविधियों से सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं। हर कद के व्यक्ति के साथ इनके अच्छे संबंध हैं। ऐसे में इन्हें अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चौरसिया अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इस लिहाज से भी ये इस पद के लिए फिट बैठते हैं। अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश कुमार के साथ रहा है। अब सभी पार्टियां तेजी से पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज में अपनी पैठ बनाने में जुटी हैं। भाजपा भी गैर यादव ओबीसी नेताओं का कद बढ़ा रही है। चौरसिया की कमजोरी- सॉफ्ट छवि से हो सकता है नुकसान पॉलिटिकल एक्सपर्ट की माने तो संजीव चौरसिया एग्रेसिव पॉलिटिक्स की जगह सॉफ्ट पॉलिटिक्स के लिए जाने जाते हैं। मौजूदा समय में पार्टी को अग्रेसिव नेता की जरूरत है। प्रदेश अध्यक्ष पर नीतीश कुमार से बेहतर रिश्ते बनाए रखने के साथ तेजस्वी यादव से मुकाबला करने की जिम्मेदारी होगी। बीजेपी अब गठबंधन में छोटा भाई की जगह बराबर की हिस्सेदार है। हालांकि एक्सपर्ट कहते हैं कि संजीव चौरसिया सॉफ्ट भले हों, लेकिन उनकी गिनती संगठन के तेज-तर्रार नेता के रूप में होती है। जनक राम-भाजपा का दलित चेहरा, सरकार और संगठन का अनुभव BJP प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिस दूसरे नेता के नाम की चर्चा तेजी से हो रही है, वो हैं जनक राम। इनके पास संगठन से लेकर सरकार में काम करने का अनुभव है। संगठन में महामंत्री से लेकर मुख्य प्रवक्ता तक की जिम्मेदारी निभाई है। NDA सरकार में मंत्री थे। पिछले साल हुए प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में भी ये रेस में थे, लेकिन आखिरी समय में इनका नाम कट गया। ऐसे में ये माना जा रहा है कि संगठन में इन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। जनक राम की गिनती भाजपा के दलित चेहरे के रूप में होती है। दलितों की आबादी बिहार में लगभग 20 फीसदी है। पार्टी का आरक्षित सीटों पर परफॉर्मेंस भी बेहतर रहा है। जनक राम गोपालगंज सांसद रह चुके हैं। जनक राम की कमजोरी- मूल रूप से भाजपाई नहीं जनक राम की सबसे बड़ी कमजोरी ये है कि ये मूल रूप से भाजपाई नहीं हैं। दिग्गज दलित नेता कांसीराम से प्रभावित होकर राजनीति में आए थे। लंबे समय तक बिहार में बहुजन समाजवादी पार्टी के विस्तार पर काम किया। 2013 में नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। अभी तक खुद को दलित लीडर के रूप में स्थापित नहीं कर पाए। इनकी सियासी पकड़ बस उत्तर बिहार तक ही सीमित है।
कूच बिहार ट्रॉफी एलिट: पहली पारी में बिहार ने 203 रन बनाए
कूच बिहार ट्रॉफी एलिट के मुकाबले में तमिलनाडु के खिलाफ पहले दिन बिहार ने अपनी पहली पारी में 203 रन बनाए। टीएनसीए अकादमी, थेनी में खेले गए इस मैच में दिन का समापन तमिलनाडु के 3 रन बिना नुकसान के हुआ। बिहार की ओर से पारी की शुरुआत देवांश अश्वल और अनमोल कुमार ने की। दोनों ने शुरुआती ओवरों में संयमित बल्लेबाजी की, देवांश अश्वल 23 रन, अनमोल कुमार भी 12 रन बनाकर पवेलियन लौटे। तीसरे विकेट के रूप में दीपेश गुप्ता 8 रन बनाकर आउट हुए, जिससे टीम का स्कोर 46 पर तीन विकेट हो गया। जबकि बल्लेबाज मोहम्मद आलम ने 119 गेंदों पर 51 रन की प्रभावी पारी खेली, जिसमें नौ चौके शामिल रहे। कप्तान और विकेटकीपर तौफीक ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए मात्र 9 गेंदों पर 21 रन जोड़कर पारी को गति दी। इसके बाद प्रीतम राज ने भी 46 रन की उपयोगी पारी खेलकर स्कोर को सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचाया। पूरी टीम 72.5 ओवर में 203 रन पर सिमट गई।तमिलनाडु की ओर से गेंदबाजी में शाविन वी सबसे प्रभावी रहे। उन्होंने 15 ओवर 3 मेडन 45 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। वहीं सतीश एस ने एक विकेट लिया, जबकि संदीप बी और बेनी हिन वी ने दो-दो विकेट हासिल किए। जवाब में तमिलनाडु ने दिन के अंतिम एक ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए 3 रन बनाए। पी कुश बारडिया 3 रन और राघव के वी शून्य पर नाबाद लौटे।
केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए चार लेबर कोड को लागू कर दिया है। इन चारों लेबर कोड को लागू करने के लिए बिहार अपने श्रमिकों के लिए नया नियम बनाने जा रहा है। इसके तहत बिहार में काम के घंटे और महिलाओं के लिए नाइट ड्यूटी तय होगी। श्रम संसाधन विभाग के अनुसार, एक महीने के अंदर शर्त और नियम बना लिए जाएंगे। कैबिनेट में नियम का प्रस्ताव पास कराकर लागू कर दिया जाएगा। बिहार में श्रमिकों की स्थिति और चुनौतियों को देखते हुए नियम बनाए जा रहे हैं। बिहार में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है। ई-श्रम पोर्टल के अनुसार 3 करोड़ 20 लाख श्रमिक असंगठित क्षेत्र से जुड़े हैं और 20-25 लाख श्रमिक संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसलिए यहां के श्रम कोड नियमों को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। श्रम संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार महिला श्रमिकों से भी रात में ड्यूटी ली जाएगी। नाइट ड्यूटी से पहले महिलाओं से मर्जी जानी जाएगी। इसके साथ जिस भी संस्थान में एक या दो महिला कर्मचारी हैं, वहां नाइट ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। उनके लिए सुरक्षा से संबंधित पूरी व्यवस्था होगी। केंद्र सरकार ने चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। पहले जो 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, उनमें से जरूरी बातें निकालकर इन्हें अब 4 आसान और साफ नियमों में बदल दिया गया है। इन नए नियमों का मकसद हर कामगार को समय पर और ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम मजदूरी, महिलाओं को बराबर मौका और सैलरी, सोशल सिक्योरिटी, फ्री हेल्थ चेकअप देना है। नए कानून से कर्मचारी को 5 की जगह सिर्फ 1 साल में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। सामाजिक सुरक्षा संहिता ईपीएफ, ईएसआई, पेंशन और मातृत्व लाभ जैसी सुविधाओं को एकीकृत किया गया है। - दीपक आनंद, सचिव, श्रम संसाधन विभाग
पंजाब के लुधियाना में आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बिहार से एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। लुधियाना पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर आरा से हर्ष ओझा के घर छापेमारी की। पुलिस उसे पकड़कर पंजाब ले आई है। पाकिस्तानी हैंडलर के कहे अनुसार हर्ष को ही ग्रेनेड फेंकना था। जांच में सामने आया है कि हर्ष बचपन से ही गैंगस्टर बनने का शौक रखता है। कुछ दिन स्कूल जाने के बाद वहां से भी भाग गया। इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और दिल्ली में एक बार साइबर सेल के हत्थे भी चढ़ा, वहां पुलिस ने तिहाड़ में उसे बाल सुधार गृह में भेजा। इसके बाद वो वहां से फरार हो गया। वहीं, हर्ष परिवार के लोगों का कहना है कि मां-बाप की मौत के बाद वो कभी गांव में रहने लगता तो कभी दिल्ली चला जाता था। स्कूल छोड़ने के बाद उसने अपराध करना शुरू किया तो उसे परिवार से बेदखल कर दिया। हर्ष की बहन ने इसी साल 12वीं की परीक्षा में जिला टॉप किया था। उसके चाचा ने कैमरे के सामने बात करने से इनकार करते हुए कहा कि हमें उससे डर लगता है। अगर कैमरे के सामने बोलने लगे तो हमें भी जेल से बाहर आकर मार देगा। माता-पिता के निधन के बाद दहशत की राह चुनीहर्ष के माता-पिता का निधन हो चुका है। उसके पिता एथलीट रहे हैं। बहन ने इसी साल इंटर की परीक्षा में जिला टॉप किया था। वहीं हर्ष के बारे में परिवार ने बताया कि वह बचपन से ही गैंगस्टर बनना चाहता था। पढ़ाई-लिखाई में भी उसका मन नहीं लगता था। गांव के ही एक पारिवारिक सदस्य ने कैमरे पर न आने की शर्त पर कहा कि वह बचपन से दिमाग से थोड़ा सनकी है। एश-ओ-आराम की जिंदगी का शौकीन था। मां-पिता के निधन के बाद से वो गलत रास्ते पर चल पड़ा। पुलिस की जांच में हर्ष की उम्र 19 साल सामने आई है, हांलाकि परिवार का कहना है कि अभी भी वह नाबालिग है। सिलसिलेवार पढ़िए हर्ष की जुर्म की दुनिया में घुसने की कहानी... पुलिस ने सोते हुए को पकड़ापरिवार के लोगों ने बताया कि बुधवार की रात वो घर में सोया हुआ था, तभी लोकल पुलिस के साथ लुधियाना पुलिस ने घर को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस के आने की खबर भतीजे को लग गई और वो भागने लगा, लेकिन पुलिस ने एनकाउंटर का डर दिखाकर उसे रोक लिया। पाकिस्तान हैंडलर के संपर्क में थालुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के मुताबिक, टेरर मॉड्यूल केस में पहले फिरोजपुर के शमशेर को ग्रेनेड फेंकना था। उसने उस जगह की रेकी भी कर ली थी, लेकिन इसके वह ग्रेनेड फेंकने से मुकर गया। इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलर ने भोजपुर के हर्ष को इस काम के लिए चुना। हर्ष को पाकिस्तानी हैंडलर से मिलवाने वाला राहुल है। राहुल, हर्ष का पुराना साथी है। वह इस समय लखनऊ जेल में बंद है। राहुल और हर्ष की फेसबुक और वॉट्सऐप पर बातचीत होती थी। राहुल ने ही पाकिस्तानी जसबीर चौधरी के साथ नाबालिग को फेसबुक-वॉट्सऐप के जरिए मिलवाया था।
दिल्ली : व्यापार मेला में बिहार दिवस समारोह, निवेशकों को बेहतरीन अवसर दे रही राज्य सरकार
दिल्ली के भारत मंडपम में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया गया
गाजीपुर में पूर्व मंत्री का बयान:कहा- बिहार चुनाव में वोट डकैती, सरकार पर साधा निशाना
गाजीपुर से खबर है कि पूर्व मंत्री शादाब फातिमा ने बिहार चुनाव और उत्तर प्रदेश में चल रहे एसआईआर (SIR) को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बिहार चुनाव में 'वोटों की डकैती' का आरोप लगाया और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गाजीपुर में मीडिया से बात करते हुए फातिमा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में वोटों की चोरी नहीं, बल्कि वोटों की डकैती हुई है। यह बयान बिहार चुनाव परिणामों को लेकर उनकी गंभीर आपत्तियों को दर्शाता है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में चल रहे एसआईआर (SIR) के संदर्भ में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाए। उन्होंने आयोग की भूमिका पर संदेह व्यक्त करते हुए उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। कहा कि बिहार में SIR प्रक्रिया इतनी जल्दबाजी में हुई कि लोगों को समझने का मौका नहीं मिला। वहीं, उत्तर प्रदेश में भी SIR को लेकर तिथि तय की गई है, लेकिन यह तैयारी आधी-अधूरी है। उन्होंने चुनाव आयोग के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि 99.5%लोगों को SIR प्रपत्र बांटे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी मदरसों की एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) से जांच कराने की मांग पर भी प्रतिक्रिया दी गई। उन्होंने कहा कि यदि सरकार मदरसों की जांच एटीएस से कराना चाहती है तो कर सकती है। हालांकि, उन्होंने पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की भी कोई जांच की जाएगी? उन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, और यह शर्मनाक है कि ऐसे व्यक्ति को गृह मंत्रालय सौंपा गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद नीतीश कुमार और अन्य बड़े नेताओं ने सोचा होगा कि 'चोर के हाथों में खजाना' सुरक्षित रहेगा। उन्होंने बिहार के दूसरे उप मुख्यमंत्री का भी जिक्र किया, जिन पर अपने क्षेत्र में लोगों ने गोबर फेंका था, फिर भी वे बड़े अंतर से जीते। इसे बिहार में 'लूट' करार देते हुए उन्होंने दावा किया कि यह लूट उत्तर प्रदेश में नहीं होगी, क्योंकि 'पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के प्रहरी अब सजग हो गए हैं।'
बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल मंत्रिमंडल गठन के बाद पहली बार किशनगंज पहुंचे। यहां माता गुजरी मेडिकल कॉलेज में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कानून-व्यवस्था और औद्योगिक विकास पर महत्वपूर्ण बयान दिए। पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. जायसवाल ने बताया कि 49 दिनों में उन्होंने 38 जिलों का दौरा किया। उनका एकमात्र उद्देश्य कार्यकर्ताओं से संवाद कर एनडीए सरकार को फिर से सत्ता में लाना था, जिसमें वे सफल रहे। 'NDA सरकार बिहार में कानून का राज स्थापित करेगी' उन्होंने कहा कि NDA सरकार बिहार में कानून का राज स्थापित करेगी। शुक्रवार से ही अपराध मुक्त बिहार का मिशन शुरू हो चुका है। डॉ. जायसवाल ने जोर देकर कहा कि गलत करने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा मिलेगी और स्पीडी ट्रायल चलाकर उसे जेल भेजा जाएगा। 'राज्य के युवाओं का पलायन रोकना प्राथमिकता' उद्योग मंत्री के रूप में अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं का पलायन रोकना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार मिले और कानून का राज स्थापित हो, ये उनकी दो मुख्य प्राथमिकताएं हैं। सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं - दिलीप कुमार जायसवाल डॉ. जायसवाल ने स्वीकार किया कि सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए, युवाओं को रोजगार कैसे मिले, इसका रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य देशों से लोग यहां उद्योग स्थापित करें, इसके लिए श्रम विभाग ने कई नए कानून बनाए हैं। 25 नवंबर को बिहार कैबिनेट की पहली बैठक होगी उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 25 नवंबर को बिहार कैबिनेट की पहली बैठक होगी, जिसमें बिहार में उद्योगों का जाल बिछाने पर प्रमुखता से निर्णय लिया जाएगा। इसी दिन भारत सरकार के साथ भी एक बैठक निर्धारित है, जहां उद्योगों के विस्तार पर चर्चा होगी। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने रविवार को गृह मंत्रालय सम्राट चौधरी को मिलने से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि यह किसी तरह का विवाद या असहमति का विषय नहीं है। दुबे ने दावा किया कि 2005 से ही बिहार में कानून का राज कायम है, लेकिन सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही अपराधियों के लिए बिहार की जमीन और तंग हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'अब अपराधियों के सामने सिर्फ दो रास्ते हैं या तो बिहार छोड़ दें या फिर अपराध छोड़ दें। अगर पहले कहीं-कहीं छिटपुट घटना कर भी लेते थे, तो अब उसे भी छोड़ना पड़ेगा। सरकार उनसे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।' सतीश चंद्र दुबे एक अस्पताल के उद्घाटन के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे, जहां उन्होंने यह भी कहा कि NDA में गृह विभाग को लेकर किसी तरह का कोई बवाल नहीं है। हम सभी एकजुटता के साथ और मजबूती से सरकार चला रहे हैं। सुशासन को और मजबूत बनाऊंगा सम्राट चौधरी ने कहा था नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन को और मजबूत बनाऊंगा। गृह विभाग संभालने के बाद सम्राट चौधरी ने कल बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में गृह मंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला है। सम्राट ने कहा, 'बिहार की जनता को मैं आश्वस्त करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार में सुशासन लगातार मजबूत होगा। नीतीश कुमार ने राज्य में सुशासन स्थापित किया है और आगे भी वही व्यवस्था उनके नेतृत्व में आगे बढ़ेगी।' जंगलराज खत्म, व्यवस्था अब पूरी तरह स्थापित की जाएगी गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया कि बिहार में सुशासन की व्यवस्था पहले से मौजूद है, जिसने अराजकता और जंगलराज को खत्म किया है। अब इस व्यवस्था को पूरी मजबूती और कठोरता के साथ स्थापित किया जाएगा। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि बीजेपी आलाकमान बिहार में भी उत्तर प्रदेश जैसा मॉडल लागू करना चाहता है। इसी रणनीति के तहत गृह विभाग को पार्टी ने अपने पास रखा है और सम्राट चौधरी को इसकी कमान दी गई है।
अजमेर के मदार रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ट्रेन की चपेट में आ गया। बिहार के गया जिले के महानपुर निवासी आरजू (27) हादसे में बुरी तरह घायल हो गया। उसने अपने दोनों पैर खो दिए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को तुरंत जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज जारी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अलवर गेट थाने के एएसआई गणपतलाल के अनुसार, युवक मदार रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर था, तभी यह हादसा हुआ। दुर्घटना के बाद, मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायल आरजू को जवाहर लाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। आरजू की हालत गंभीर बनी हुई है और वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। पुलिस को आरजू के पास से मिले दस्तावेजों से पता चला है कि वह लुधियाना में निजी काम करता है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। ............. पढ़ें ये खबर भी.... अजमेर में खोला था राजकुमारों के लिए महल जैसा स्कूल:जिसने सपना देखा, उसका अंडमान निकोबार में मर्डर हुआ; जानिए-क्या है मेयो कॉलेज में खास अजमेर का मेयो कॉलेज भारत का सबसे रॉयल स्कूल माना जाता है। देश के सबसे महंगे स्कूलों में से एक मेयो 150 साल का हो गया है। ये भव्य दिखता है, जैसा इसे बनाने का सपना लॉर्ड मेयो ने देखा था— एक ऐसा सपना, जो उनकी हत्या के बाद भी जिंदा रहा। इस स्कूल की रॉयल हिस्ट्री के भीतर झांकने का अवसर कम ही लोगों को मिला है। भास्कर ऐप पर पहली बार देखिए- देश के सबसे पॉपुलर स्कूल में क्या है खास... (पूरी खबर पढें)
सिंगरौली की एक छात्रा को पटना (बिहार) में कोचिंग के नाम पर देह व्यापार के जाल में फंसाया गया था। वह गुरुवार रात बिहार के किशनगंज स्थित रेडलाइट एरिया से भाग निकली और बहादुरगंज थाने पहुंची। पुलिस ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए देर रात छापेमारी कर तीन अन्य लड़कियों को भी मुक्त कराया। छात्रा ने पुलिस को बताया कि वह एक महीने पहले सिंगरौली से पटना में कोचिंग के लिए आई थी। वहां उसकी मुलाकात दो लड़कियों से हुई, जिन्होंने उसे मॉल में नौकरी और बेहतर रहने की सुविधा का झांसा दिया। उनके झांसे में आकर छात्रा उनके साथ चली गई, जिसके बाद उसे किशनगंज के प्रेमनगर स्थित रेडलाइट इलाके में पहुंचा दिया गया। युवती के अनुसार, वहां उस पर कई दिनों तक देह व्यापार के लिए दबाव बनाया जाता रहा। गुरुवार रात युवती मौका पाकर पिछली गलियों से भाग निकली। उसने एनएच-327 के पास स्थानीय लोगों से मदद मांगी, जिन्होंने बहादुरगंज थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और युवती को सुरक्षित थाने ले गई। पढ़ने के लिए आई थी पटना बहादुरगंज थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि युवती ने अपने प्रारंभिक बयान में स्पष्ट किया है कि वह पढ़ने के लिए पटना आई थी, लेकिन उसे किशनगंज ले जाकर देह व्यापार में धकेला गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने रेड-लाइट क्षेत्र से तीन अन्य लड़कियों को भी बचाया। मामले की जांच मानव तस्करी के कोण से की जा रही है।
69वें राष्ट्रीय स्कूल ताइक्वांडो में बिहार का प्रतिनिधित्व करेगा पूर्णिया का बाबुल कुमार
भास्कर न्यूज | पूर्णिया 26 से 2 दिसंबर अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में आयोजित 69वें राष्ट्रीय स्कूल ताइक्वांडो गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्कूल ताइक्वांडो गेम्स के लिए जिले से अंडर-17 बालक वर्ग (41 किलोग्राम भार वर्ग) में केवल एकमात्र प्रतिभागी के रूप में बाबुल कुमार का चयन हुआ है। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में बाबुल कुमार बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। बाबुल कुमार, शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया की ताइक्वांडो गतिविधि से जुड़े हुए हैं। वे किलकारी ताइक्वांडो प्रशिक्षक कृष्ण कुमार रावत के मार्गदर्शन में नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षक रावत की देखरेख में बाबुल कुमार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए न केवल जिला स्तर पर बल्कि राज्य स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है, जिसके आधार पर उन्हें बिहार टीम में स्थान मिला है। पूर्णिया के किलकारी प्रमंडल समन्वयक रौशन राणा ने बताया कि किलकारी में बच्चों को प्रशिक्षक कृष्ण कुमार रावत के मार्गदर्शन में ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाबुल कुमार की सफलता पर किलकारी की सहायक कार्य पदाधिकारी नेहा कुमारी, प्रमंडल संसाधन सेवी, रुचि कुमारी, सहायक लेखा पदाधिकारी, रोहित कुमार के साथ-साथ किलकारी पूर्णिया के सभी प्रशिक्षक एवं कर्मियों ने उनके उज्जवल प्रदर्शन की कामना की है। भास्कर न्यूज| पूर्णिया जिला का एक मात्र महिला महाविद्यालय अब डिजिटल बन गया है। छात्रा और शिक्षकों को इससे बहुत फायदा होगा। इसकी जानकारी देते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. अनंत गुप्ता ने बताया कि कॉलेज के सभी डिपार्टमेंट, विज्ञान भवन, लाइब्रेरी, लौंगवेज लैप, परीक्षा विभाग, बीबीए, बीसीए, सीएनडी के साथ प्रिंसिपल चेंबर को वाईफाई कनेक्शन से जोड़ दिया गया है। प्रिंसिपल प्रो. गुप्ता ने बताया कि इससे महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधिवयां बढ़ेगी तथा शैक्षणिक कार्य करने में भी आसानी होगी। छात्राएं ऑनलाइन कोर्स महाविद्यालय में रहकर कर सकेंगी तथा शिक्षक व शिक्षिकाएं छात्राओं को गाइड करने के साथ साथ महाविद्यालय के कार्य में भी सहयोग कर सकेंगी। वे अपना शोध भी कर सकती हैं। यदि अपने डिपार्टमेंट में किसी को कोई परेशानी हो तो वे कम्प्यूटर कक्ष में जाकर अपना कार्य कर सकती हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि मैं महिला महाविद्यालय में जब से आया हूं तब से ही शैक्षणिक गतिविधियों को दुरूस्त करने में लगा हुआ हूं।
1300 मौजा में सर्वे, अभी तक 113 की ही सीमाओं का हो सका सत्यापन
गांव से बाहर रहने वाले वेबसाइट https://dirs.bihar.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। अंचल कैंप में ऑफलाइन आवेदन जमा करने की भी सुविधा है। विधानसभा चुनाव के बाद जमीन सर्वे का काम तेज होगा। पटना जिले में अभी तक 10,50,566 लोगों ने फॉर्म भरा है। अभी 3 लाख से अधिक आवेदन आने की उम्मीद है। पंचायतों में तैनात सर्वे अमीन को घर-घर जाकर जागरूक करने का निर्देश दिया गया है, ताकि लोग जल्द आवेदन कर दें। दस्तावेज में कोई कमी होगी तो सर्वे अधिकारी अंचल कार्यालय से मंगाकर सर्वे का काम पूरा करेंगे। अभी तक जिले के 113 मौजों की सीमा का सत्यापन कर त्रिसीमाना को लॉक किया गया है। त्रिसीमाना का मतलब तीन मौजों की सीमा के मिलने वाला बिंदु है। कैडस्ट्रल सर्वे (वर्ष 1890 से 1920) के अनुसार पटना जिले के 1300 राजस्व ग्राम में 13,85,842 जमाबंदी और 15,75,314 खेसरा हैं। इसमें चार गुनी तक बढ़ोतरी संभव है। कारण, परिवारों की संख्या बढ़ी है। पटना जिले में अब राजस्व ग्राम की संख्या 1511 है। इनमें 41 राजस्व ग्राम टोपो लैंड, जबकि 170 नगर निकाय का हिस्सा हैं। इस कारण 211 राजस्व ग्राम को सर्वे से मुक्त रखा गया है। वर्तमान में जिले के 1300 मौजा में सर्वे चल रहा है। जमीन सर्वे से फायदा बंदोबस्त पदाधिकारी सह सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मुख्यालय नीरज कुमार सेठ ने पटना जिले के लोगों से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ है, वे शिविर कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। जमीन सर्वे का सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा। पूर्वजों के नाम वाली जमीन वर्तमान लोगों के नाम पर होगा। यानी, खाताधारक का नाम बदल जाएगा। जो लोग अभी तक फॉर्म नहीं भरे हैं, वे जल्द से जल्द भरें। इससे सर्वे कार्य को सुचारू रूप से करने में मदद मिलेगी। आवेदन भरने में असमर्थ लोगों की मदद अमीन द्वारा की जाएगी। केवल पपत्र-2 यानी स्व-घोषणा पत्र के साथ वंशावली देनी है। इसके अलावा आपके पास जमीन से संबंधित जो भी साक्ष्य उपलब्ध है, उसकी फोटोकॉपी जमा करनी है। 7 मशीनों से चल रहा काम, 23 चाहिए जिला बंदोबस्त कार्यालय को अबतक 7 इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस) मिले हैं। जबकि, जरूरत प्रत्येक अंचल में एक-एक ईटीएस की है। 23 ईटीएस मिलने पर राजस्व ग्राम के सीमा सत्यापन का कार्य तेजी से होगा। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। अबतक 113 राजस्व ग्राम का सीमा सत्यापन कर त्रिसीमाना को लॉक किया गया। अभी 1,179 राजस्व ग्राम के मौजा का सीमा सत्यापन कर त्रिसीमाना लॉक करना है। इस मशीन में जीपीएस लगा रहता है। मशीन को मापी करने वाले खेत के किनारे खड़ा करना होता है। इस मशीन के प्रिज्म का बटन दबाते ही किरणें निकलती है। इस प्रिज्म के माध्यम से दूरी रिकॉर्ड होती है। इससे विवाद को रोकने में मदद मिलेगी। विशेष परिस्थिति में कड़ी का उपयोग किया जा रहा है। इनका सर्वे सरकार के नाम पर होगा अबतक 10.50 लाख लोगों ने फॉर्म भरा, ऑनलाइन भरने की भी सुविधा
अखिल भारतीय श्री राम चरित्र मानस प्रचार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य सत्यनारायण मिश्र ने कहा है कि विवाह पंचमी के मौके पर समस्तीपुर में श्री सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन बाबा बिजेश्वर धाम में किया जाएगा। श्री सीताराम विवाह महोत्सव समिति के बैनर तले इस कार्यक्रम का आयोजन होगा। शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 25 नवंबर को श्री राम बारात श्री राम जानकी मंदिर समर्थक कल्याणपुर बंबइया से निकाली जाएगी। दलसिंहसराय से मुसरीघरारी तक जाएगी बारात बारात मुस्तफापुर , दलसिंहसराय के मुख्य मार्ग से होते हुए बसढिया, सातनपुर , रूपौली होते हुए संध्या 4:00 बजे मुसरीघरारी पहुंचेगी । इस दौरान डॉक्टर अरुण कुमार झा महिषी अयोध्या, नरेश श्री दशरथ जी के रूप में महंत श्री शिवराम दास जी महाराज होगी गुरु वशिष्ठ और श्री सतीश कुमार झा सुमंत के रूप में रहेंगे। उन्होंने बताया कि मुसरीघरारी में विरज पीठाधीश्वर सत्यनारायण मिश्र, मिथिला नरेश जनक जी की भूमिका में अपने संग समाज के साथ बारात का स्वागत करेंगे। इसके बाद यह बारात डगरूआ लाटबसेपूरा गंगापुर , मोरवा खुदनेश्वर धाम, रामपुर ठाकुरवाड़ी एवं उदय पट्टी होकर बाबा बृजेश्वर धाम विवाह स्थल पर पहुंचेगी, जहां वैदिक रीति एवं विदेह नगर डरोरी के विवाह कीर्तन मंडली के साथ ही राम और उनके भाइयों का विवाह संपन्न कराया जाएगी। बिहार सरकार के मंत्री और प्रशासनिक पदाधिकारी भी शामिल होंगे इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथी कई प्रशासनिक पदाधिकारी के भी शामिल होने की संभावना है। अयोध्या में 500 सालों के बाद भगवान राम की मंदिर स्थापना के बाद जिले के नरघोघी से पिछले साल भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस साल भी विवाह पंचमी के मौके पर अयोध्या में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। महंत शिवराम दास जी के अलावा डॉक्टर अरुण कुमार झा, सतीश कुमार झा, इंद्रकांत झा, डॉक्टर मिथिलेश कुमार सिंह, राम लखन झा आदि उपस्थित थे।
Bihar Politics : बिहार में नीतीश कुमार के साथ आने के लिए तैयार AIMIM चीफ ओवैसी, लेकिन रख दी एक शर्त
Bihar Assembly elections : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर एनडीए के खाते में गईं, जहां गठबंधन ने 14 सीटें जीतीं। बिहार में NDA की भारी जीत के बावजूद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने इस ...
मैं मराठी हूं...यह मेरा महाराष्ट्र है, यहां तुम बिहार वालों की नहीं, मेरी चलेगी। इसके बाद युवक को 3-4 लोग बुरी तरह पीटते हैं। महिला भी एक-दो थप्पड़ लगाती है। थोड़ी देर में एक शख्स आता है, वो कह रहा है, माफ कर दीजिए, अब ऐसा नहीं होगा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जो काफी शेयर हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग कुर्सी पर बैठाकर एक शख्स को बुरी तरह से पीट रहे हैं। 1 मिनट 26 सेकेंड के वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि बॉस बिहार का रहनेवाला है, इसलिए उसकी पिटाई की जा रही है। वीडियो महाराष्ट्र का बताया जा रहा है। 4 तस्वीरों में समझिए पूरा मामला.... लेट आने पर बॉस ने टोका था सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि जिस शख्स को पीटा जा रहा है, उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वो बिहार से आया बॉस है। और उसने लेट आने पर एक मराठी महिला को टोका था। ऑफिस लेट आने पर बॉस और महिला कर्मचारी के बीच बहस हुई, जिसके बाद मराठी संगठन के लोग मौके पर पहुंचे और बॉस को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। ये महाराष्ट्र, यहां बिहार वालों को नहीं चलेगीवीडियो को लेकर दावा है कि, बॉस ने एक महिला कर्मचारी से पूछा, “तुम ऑफिस समय पर क्यों नहीं आती?” इस पर कथित रूप से महिला ने जवाब दिया, “मैं मराठी हूं, और ये महाराष्ट्र है, यहां बिहार वालों की नहीं, मेरी चलेगी।” आरोप यह भी लगाया गया है कि इसके बाद राज ठाकरे के महाराष्ट्र निर्माण सेना (MNS) से जुड़े कुछ लोग महिला के समर्थन में आए और उन्होंने ऑफिस में घुसकर बॉस की जमकर पिटाई कर दी। हालांकि ये बात अभी सिर्फ सोशल मीडिया पर कही जा रही है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यह वीडियो कहां का है? लोग कौन है? मारने वाले कौन हैं? क्या हकीकत में भाषा या प्रांत के आधार पर हमला हुआ? इन सवालों के जवाब अभी स्पष्ट नहीं हैं। पोल में हिस्सा लेकर खबर पर अपनी राय दीजिए.... यूजर्स बोले- भाषा के नाम पर मारना क्या सभ्यता है शख्स की पिटाई पर सोशल मीडिया में कई लोगों का गुस्सा फूटा है। कई यूजर्स ने सवाल उठाए कि भाषा और राज्यों के नाम पर हिंसा किस दिशा में समाज को ले जा रहा है? एक यूजर ने लिखा, “दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर मारना क्या सभ्यता है?” दूसरे ने कमेंट की, “अगर नॉर्थ इंडियंस के साथ ऐसा व्यवहार बढ़ता गया, तो देश एकता की बात कैसे करेगा?” एक यूजर ने पीएम, गृहमंत्री और महाराष्ट्र के सीएम को टैग कर पूछा- ये क्या मजाक है। कब तक इस देश में जंगल राज चलता रहेगा I इस राज ठाकरे गुंडों को क्यों नहीं जेल में डालते I ------------ इसे भी पढ़िए.... 'ये भारत है, मैं हिंदी बोलूंगी':बेंगलुरु में कन्नड़ नहीं बोलने पर बिहार की SBI मैनेजर-कस्टमर में बहस; ट्रांसफर पर CM सिद्धारमैया बोले- थैंक्यू कर्नाटक में हिंदी बोलने और कन्नड़ नहीं बोलने पर हंगामा हो गया है। दरअसल, पटना की प्रियंका बेंगलुरु के चंदापुरा में SBI बैंक में मैनेजर हैं। वहां एक कस्टमर से कन्नड़ में बात नहीं करने पर उनकी तीखी बहस हुई। इस बहस का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। 1 मिनट 23 सेकेंड के इस वीडियो में प्रियंका को बोलते सुना जा रहा है कि, 'ये भारत है, हिंदी मेरी राष्ट्रभाषा है, मैं तो हिंदी में ही बोलूंगी।' पूरी खबर पढ़ें।
'अपराधी या तो जेल में होंगे या कब्र में' सम्राट चौधरी का यह डायलॉग अब सिर्फ बयान नहीं, बिहार की नई सत्ता का पावर सेंटर बन गया। 20 साल तक गृह विभाग नीतीश कुमार के पास रहा, लेकिन 2025 में पहली बार यह विभाग बीजेपी को गया और सीधा सम्राट चौधरी के पास। इसका मतलब है कि नीतीश अब केवल चेहरा हैं, सत्ता का कंट्रोल अब एक अणे मार्ग से 5 देशरत्न मार्ग शिफ्ट हो गया। सम्राट चौधरी पर क्राइम, माफिया पर कार्रवाई, दंगों की रोकथाम, पुलिस सिस्टम, खुफिया रिपोर्ट पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी होगी। यह बदलाव नीतीश की सबसे बड़ी राजनीतिक कमजोरी और बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। गृह मंत्रालय बीजेपी के पास जाने से क्या होगा? बिहार के पॉलिटिक्स में क्या बदलाव आ सकता है? बीजेपी इससे क्या निशाना साधेगी? नीतीश के हाथ क्या रहेगा? पढ़िए भास्कर एनालिसिस... 4 पॉइंट में समझिए गृह विभाग जाने के मायने 1- नीतीश की शक्ति टूटी, लॉ एंड ऑर्डर के सारे फैसले BJP के पास नीतीश को पुलिस के बल पर ही सुशासन बाबू कहा जाता था। वे अपनी पुलिस के जरिए से ही अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए जाने जाते हैं और बिहार में यह कहा भी जाता है कि जिसके पास गृह विभाग, वही राज्य की असली शक्ति चलाता है। 2005–2025 तक यह शक्ति नीतीश कुमार के पास थी, लेकिन 2025 में पहली बार उनके हाथ से चली गई। अब अपराधियों के खिलाफ सारे फैसले भाजपा के सम्राट चौधरी लेंगे। भास्कर कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाड़ा की नजर से..... 2- पुलिस पोस्टिंग से होता है राजनीतिक नियंत्रण बिहार में आईपीएस, डीएसपी, थानेदार इनकी नियुक्ति ही जमीन पर राजनीतिक लाभ तय करती है। अब यह सत्ता नीतीश से निकलकर बीजेपी के पास चली गई है। बड़े ऑपरेशन, सीआईडी, आर्थिक अपराध, अपराधी-राजनेताओं की फाइलों पर कौन कार्रवाई करेगा, कौन बचेगा यह अब नीतीश तय नहीं करेंगे। अब इस पर सम्राट चौधरी फैसला लेंगे। 3- कानून व्यवस्था का दबाव BJP पर, उसी की परफॉर्मेंस दिखेगी कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का सवाल अब सीधे नीतीश पर नहीं, बीजेपी पर आएगा यानी नीतीश राजनीतिक दबाव से मुक्त और बीजेपी अब अपनी परफॉर्मेंस से सत्ता के केंद्र में दिखाई देगी। गृह विभाग जाने का मतलब यह भी है कि नीतीश के पास सिर्फ “प्रशासनिक चेहरा” रह जाएगा। उनके पास शक्ति नहीं होगी। वे मुख्यमंत्री तो हैं पर शक्ति-संतुलन अब बदल गया है। 4- सम्राट अब 'UP-स्टाइल' पुलिस मॉडल की ओर जाएंगे? पिछले विधानसभा सत्र में सम्राट चौधरी ने एक डायलॉग दिया, 'बिहार में अपराधी अब जेल में होंगे या कब्र में' सम्राट के इस डायलॉग को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा गया। सम्राट की कार्यशैली और उनके बयान साफ संकेत देते हैं कि वे “कानून-व्यवस्था का UP मॉडल” लाना चाहेंगे। वे अवैध हथियारों के बड़े ऑपरेशन, गुंडा एक्ट, संपत्ति जब्ती, बुलडोजर कल्चर, नशे और माफिया के खिलाफ रातों-रात कार्रवाई करेंगे तो इसका स्टेट-वाइड राजनीतिक असर होगा। क्या भाजपा 2029 की तैयारी है? 3 पॉइंट में समझिए 1- सम्राट को बिहार में सबसे बड़ा चेहरा बनाने की तैयारी बीजेपी बिहार में अपना भविष्य का चेहरा तैयार करना चाहती है। और गृह विभाग जैसा बड़ा मंत्रालय एक ऐसे नेता को दिया जाता है जो भविष्य में CM फेस भी बन सके। सम्राट BJP के लिए उसी प्रोफाइल में फिट बैठते हैं। 2- तेजस्वी यादव Vs सम्राट चौधरी: बिहार की नई राजनीतिक लड़ाई बिहार की राजनीति लंबे समय तक लालू vs नीतीश पर टिकी रही। अब बीजेपी इसे धीरे-धीरे बदलकर तेजस्वी Vs सम्राट के मुकाबले में लाएगी। क्योंकि दोनों युवा हैं, दोनों के पास ओबीसी का आधार है। दोनों आक्रामक भाषा बोलते हैं। सम्राट के पास अब जो राजनीतिक हथियार आया है- गृह विभाग। वह तेजस्वी के खिलाफ ‘कानून बनाम अव्यवस्था’ का नरेटिव खड़ा करेगा। 3- नीतीश पर मनोवैज्ञानिक दबाव बिहार का पावर सेंटर अब BJP के पास है। ड्रग्स, सैंड माफिया, जमीन माफिया, हथियार तस्करी इन सबके बड़े ऑपरेशन अब बीजेपी के निर्देश पर चलेंगे। यह 2029 के लिए पार्टी को मजबूत आधार देगा। हीं नीतीश का प्रशासनिक कंट्रोल खोता हुआ दिखाई देगा। इससे बीजेपी मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त लेती दिखाई देगी। एक्सपर्ट बोले- योगी स्टाइल में काम नहीं हो पाएगा सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलने के बाद बिहार की पुलिसिंग पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या बिहार में भी पड़ोसी राज्य यूपी के तर्ज पर यहां भी योगी मॉडल को पुलिसिंग में लागू किया जाएगा? इन सवालों का जवाब जानने के लिए रिटायर्ड IPS एसके भारद्वाज से बात की गई। उनके अनुसार गृह विभाग देने से बिहार की पुलिसिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, IPS अधिकारियों के ट्रांसफर का पावर मुख्यमंत्री के पास ही रहेगा। हां, गृह मंत्री के पास DSP स्तर के पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार जरूर रहेगा। IPS का ट्रांसफर-पोस्टिंग वो तब ही कर पाएंगे जब को कानून में किसी प्रकार का बदलाव होगा। निश्चित तौर पर गृह एक महत्वपूर्ण विभाग है। जहां तक बात यूपी की है तो योगी स्टाइल से काम नहीं हो पाएगा। क्योंकि, नीतीश कुमार कानून के तहत चलने वाले हैं। --------------- ये खबर भी पढ़िए... बिहार में 20 साल बाद नीतीश ने गृह मंत्रालय छोड़ा:BJP के सम्राट चौधरी को जिम्मेदारी, फाइनेंस JDU के पास, मंगल पांडे फिर स्वास्थ्य मंत्री नीतीश मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव किया गया है। 20 साल बाद नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ा है। ये विभाग अब BJP के पास चला गया है। डिप्टी CM सम्राट चौधरी गृह विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। BJP ने वित्त विभाग JDU को दिया है। बिजेंद्र यादव ऊर्जा के साथ वित्त विभाग का जिम्मा भी देंखेंगे। इसके साथ ही मंगल पांडे को फिर से स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा है। पहली बार मंत्री बनीं नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को खेल विभाग दिया गया है। HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन का विभाग नहीं बदल गया। वे फिर से लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री होंगे। पूरी खबर पढ़िए
आदित्यपुर आरआइटी थाना क्षेत्र में रोहन इंटरप्राइजेज कंपनी के कैंपस में रहने वाले पति-पत्नी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतकों की पहचान दीपक कुमार (25) और उनकी पत्नी आरती कुमारी (21) के रूप में हुई है। बताया जाता है कि आपसी मतभेद की वजह से दोनों ने यह खौफनाक कदम उठाया। दोनों मूलरूप से बिहार के गयाजी के फतेहपुर के रहने वाले थे। दोनों डेढ़ साल पहले घर से भागकर आदित्यपुर पहुंचे थे और यहां कंपनी के कैंपस में रहते थे। गुरुवार की रात करीब नौ बजे कंपनी से ड्यूटी से घर लौटने पर दीपक ने पत्नी का शव फंदे पर लटका देखा। इसके बाद दीपक ने अपने परिजनों को फोन कर पत्नी के सुसाइड करने की सूचना दी और खुद भी आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह आठ बजे दीपक के ड्यूटी नहीं पहुंचने पर सहकर्मी अली खोजते हुए उसके घर पहुंचा तो दोनों को मृत पाया। पुलिस ने फॉरेंसिक जांच समेत अन्य सभी बिंदुओं पर छानबीन के बाद दोनों का शव पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला भेज दिया है। देर रात दीपक के परिजनों ने आरआइटी थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई। आदित्यपुर स्थित रणबीर पॉलीमर इंडस्ट्रीज कंपनी के मैनेजर पीएन सिंह ने बताया कि दो साल पहले औरंगाबाद के रहनेवाले उनके स्टॉफ मंतोष ने दीपक को अपना रिश्तेदार बता कर कंपनी में नौकरी लगाई थी। दीपक का ठिकाना नहीं था, इसलिए पास में बंद पड़ी कंपनी रोहन इंटरप्राइजेज में रहने के लिए एक कमरा दे दिया गया था। पड़ोसी ने बताया कि दोनों के बीच अक्सर अनबन होती थीदीपक के पड़ोसी व सहकर्मी मंतोष ने पुलिस को बताया कि पति-पत्नी में अक्सर अनबन होती रहती थी। गुरुवार की रात 10 बजे दीपक को अपने कमरे का दरवाजा खटखटाते देखा गया था। शुक्रवार सुबह दीपक और उसकी पत्नी का शव मिला। इधर, आरआइटी थाना प्रभारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि आरंभिक जांच में पता चला कि पति-पत्नी ने आपसी विवाद की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या की है।
गुड़ उत्पादन इकाई खोलने को 1 करोड़ तक अनुदान मिलेगा, आवेदन 25 तक
गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के सातवें चरण की घोषणा की है। इसके तहत गुड़ उत्पादन इकाई खोलने वाले किसानों और निवेशकों को 6 लाख से 1 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा। गन्ना उद्योग विभाग ने 25 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि गुड़ उत्पादन को औद्योगिक स्तर पर बढ़ावा देकर किसानों को अतिरिक्त आमदनी के अवसर दिए जाएं। आवेदन ccs.bihar.gov.in पर किया जा सकता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह आवेदन प्रक्रिया सातवें चरण के तहत चलाई जा रही है और अंतिम तिथि 25 नवंबर है। इस योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार, उत्पादन क्षमता और ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है। क्षमता के अनुसार अनुदान 5-20 टन प्रतिदिन पेराई पर अधिकतम 6 लाख, 21-40 टन पर अधिकतम 15 लाख, 41-60 टन पर अधिकतम 45 लाख और 60 टन से अधिक पर अधिकतम 1 करोड़।
म्यांमार में साइबर गुलामी (साइबर स्लैवरी) कर रहे 360 भारतीय काे मुक्त कराया गया। इनमें बिहार के 6 लाेग हैं। इन्हें म्यवाडी के केके पार्क से म्यांमार आर्मी मुक्त कराकर थाईलैंड लाई। फिर वहां से प्रत्यार्पित कर 18 नवंबर काे सभी को दिल्ली लाया गया। आर्थिक अपराध ईकाई की टीम बिहार के रहने वाले 6 युवकों काे लेकर पटना आ गई। इन सबों से पूछताछ के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इसमें सीवान के बड़हरिया थाना के सदरपुर के साकेत सौरभ, गया के छोटकी ढेल्हा के धर्मेंद्र कुमार, सीवान के सोनवर्षा नीरज कुमार, मुंगेर के तारापुर थाना के गोजीपुर के मो. अरशद फारूखी, भागलपुर के लोदीपुर थाना के माचीपुर गांव के मो. तनवीर आलम और सीतामढ़ी के बेलसंड थाना के पचनौर टोला के अरविंद चौधरी हैं। सभी एक साल से अधिक समय से म्यांमार में साइबर गुलामी कर रहे थे और साइबर माफिया के प्रताड़ना के शिकार हो रहे थे। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि इन जिलाें के साइबर थाना के डीएसपी इन लाेगाें से पूछताछ करेंगे। इन सबो काे 24 नवंबर काे जिले के साइबर थाना पहुंचकर पुलिस काे सारी बात बताने काे कहा गया है। शॉपिंग मॉल में नौकरी देने के नाम पर भेजा गयापूछताछ में ईओयू काे इन लाेगाें ने बताया कि एजेंट ने इन लाेगाें से एक से डेढ़ लाख लिया। उसके बाद इन्हें शॉपिंग मॉल में सेल्समैन, डाटा इंट्री ऑपरेटर, कुरियर डिलेवरी ब्वॉय आदि का नौकरी देने का लालच देकर पहले थाईलैंड ले गए। उसके बाद इन सबों काे थाईलैंड से म्यांमार के साइबर माफियाओं के हाथों बेच दिया गया। उसके बाद इनसे साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम कराने लगे। 20 हजार थाई करेंसी वेतनपीड़ितों ने बताया कि प्रतिमाह 20 हजार म्यांमार क्यात दिया जाता था। भारतीय मुद्रा में यह 55 हजार रुपए है। ठगी के रुपए का तीन प्रतिशत कमीशन अलग से दिया जाता था। पीड़ितों ने बताया कि माफिया टारगेट देता था।एआई की मदद से ठगी करतेपीड़ितों ने बताया कि एआई की मदद से लड़कियों का फोटो लगाकर अमेरिका-कनाडा के लोगों से बातचीत कर फंसाने को कहा जाता था और उनसे पैसे ऐंठे जाते थे। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के नाम पर भी ठगी की जाती थी।
बिहार में नेपाल के जेन-जी जैसा विरोध प्रदर्शन भड़काने की साजिश रचने वाली मुजफ्फरपुर की करिश्मा अजीज ने बिहार से पहले उत्तराखंड को टारगेट किया था। इस युवती पर बिहार और उत्तराखंड में आईटी एक्ट और कई गंभीर आरोपों की धाराओं में एफआईआर दर्ज है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर इस अकाउंट से भ्रामक वीडियो और विवादित कंटेंट पोस्ट हो रहे हैं। ‘दैनिक भास्कर’ की पड़ताल में सामने आया है कि करिश्मा का डिजिटल ऑपरेशन केवल एक अकाउंट तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क की तरह काम कर रहा है। उसके एक्स अकाउंट को खंगालने पर पता चला अकाउंट सिर्फ 8 माह पहले बनाया गया था। मई 2025 में एक्स प्लेटफॉर्म ने इस अकाउंट को वेरिफाई भी कर दिया। वर्तमान में इसके 19.3 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं। प्रत्येक वीडियो पर 50,000 से अधिक व्यूज मिलते हैं। वहीं, इसी नाम से जुड़े 7 से 8 अतिरिक्त अकाउंट भी सक्रिय हैं, जो @KarishmaAziz के ही यूजर नेम से बने हैं, जिसका इस्तेमाल बैकअप में किया जाता है। कानून की गिरफ्त से बाहर ‘करिश्मा अजीज’: आठ महीने पुराना अकाउंट, लगातार पोस्ट हो रहा भ्रामक वीडियो एवं विवादित कंटेंटउत्तराखंड में पहला केस : धराली आपदा पर अभद्रटिप्पणी कर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की साजिशउत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में प्राकृतिक आपदा के बाद शोक के माहौल में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कुछ अकाउंट्स ने जवानों की मौत और आम नागरिकों की त्रासदी पर भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। देहरादून के हिंदू संगठनों ने इसे ‘अशोभनीय व सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला’ बता करिश्मा अजीज सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मुजफ्फरपुर में दूसरा केस : नेपाल के हिंसक प्रदर्शन का वीडियो पोस्ट कर बिहार का बतायाबिहार चुनाव के बीच मुजफ्फरपुर साइबर थाने को इनपुट मिला, जिसके बाद पुलिस करिश्मा के खिलाफ अलर्ट हुई। एक्स पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि बिहार में युवा सड़क पर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। जांच में पता चला कि वीडियो नेपाल में हुए जेन-जी जैसे प्रदर्शनों का फुटेज है, जिसे बिहार का बताया गया। अकाउंट सक्रिय पर सुराग नहीं, मेटा से पुलिस ने मांगी जानकारीपुलिस जांच में पता चला है कि युवती वीपीएन और प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करती है। अलग-अलग अकाउंट्स में अलग मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग हुआ है। लोकेशन बार-बार बदलने से ट्रेसिंग बार-बार असफल हो रही है। साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने बताया की युवती के आईडी को लेकर मेटा एक्स को मेल भेजा गया हैं। उसके बारे में जानकारी मिली है कि वह मुजफ्फरपुर शहर की ही रहने वाली है। मेल का इंतजार किया जा रहा हैं। पूरा डाटा निकालने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए पर्यटन विभाग 'कैरा-वैन' बसों की सुविधा शुरू करने जा रही है। बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने अभी दो बसों की खरीदारी की है, जो पटना पहुंच गई है। ये बसें पर्यटकों को यात्रा के दौरान होटल जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगी। यह बसें आधुनिक लग्जरी बसें हैं, जो एक मोबाइल होटल की तरह डिजाइन की गई हैं। बिहार में पर्यटन यात्राओं के दौरान यात्री रहने, सोने, टीवी देखने, म्यूजिक, खाना पकाने आदि का आनंद ले सकते हैं। बस में होटल जैसा मिलेगा अनुभव पर्यटन विभाग के अनुसार बसों के अंदर की डिजाइन सितारा होटल की तरह बनाया गया है। इसमें बैठने के लिए आरामदायक 7 सीट और 4 स्लीपर बर्थ के साथ मनोरंजन के लिए पांच LED टीवी लगाई गई है। इसके साथ ही मिनी किचन और बाथरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे यात्रा के दौरान आपको होटल या रेस्टोरेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। ‘कैरा वैन’ के साथ आप अपनी यात्रा को अपनी मर्जी के अनुसार प्लान कर सकेंगे। पर्यटक जहां चाहें वहां रुक सकेंगे और अपने हिसाब से यात्रा का आनंद ले सकेंगे। इन बसों के लिए शुरू होगा स्पेशल टूर पैकेज ये बसें स्पेशल टूर पैकेज का हिस्सा होंगी, जैसे बोधगया-नालंदा वन-डे ट्रिप या वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व सफारी। पर्यटक बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की आधिकारिक वेबसाइट (bstdc.bihar.gov.in) या मोबाइल नंबर के माध्यम से बसों की बुकिंग कर सकेंगे। इससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इसे लगभग 75 रुपए प्रति किलोमीटर के दर से न्यूनतम 250 किलोमीटर के लिए लिया जा सकता है। एक दिन के लिए बुकिंग का किराया 20 हजार रुपए इसके अलावा एक दिन के लिए बुकिंग लगभग 20 हजार रुपए प्रतिदिन की दर से होगी, ज्यादा यात्रा पर प्रति किमी की दर लागू होगी। वहीं, पटना में 12 घंटे और 75 किमी की यात्रा के लिए 11,000 रुपए में बुकिंग का विकल्प भी प्रदान किया गया है। यह न केवल पर्यटकों की सुविधाओं में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि सालाना करोड़ों रुपए का राजस्व बल भी प्रदान करेगा। वहीं प्रत्येक बस के संचालन से 50-60 प्रत्यक्ष रोजगार (ड्राइवर, गाइड, शेफ, स्टाफ आदि सहित) कुल मिलाकर दो बसों से 100 से अधिक रोजगार का सृजन होगा।
पूर्वी चंपारण के चकिया में विराट रामायण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में स्थापित करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना किया गया है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में बीते 10 साल से 33 फीट के शिवलिंग का निर्माण हो रहा था। इस शिवलिंग को 96 चक्कों की हैवी ट्रक से बिहार के पूर्वी चंपारण लाया जा रहा है। इस शिवलिंग के मुख्य शिल्पकार लोकनाथ हैं। शिवलिंग को रवाना करने के पहले पूजा-पाठ की गई शिवलिंग को रवाना करने के पहले पूजा-पाठ की गई। इसके लिए महावीर मंदिर के सुपरिटेंडेंट के. सुधाकरण और जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार सिंह वहां पहुंचे हुए हैं। शिवलिंग निर्माण करने वाली कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण ने बताया कि, 'इस शिवलिंग को बनाने में करीब तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। नए साल में फरवरी तक यह शिवलिंग विराट रामायण मंदिर में स्थापित हो जाएगा।' बिहार पहुंचने के लिए शिवलिंग का रूट इस शिवलिंग को महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण स्थित विराट रामायण मंदिर परिसर में पहुंचने में 20 से 25 दिन का समय लग सकता है। शिवलिंग का वजन 210 मीट्रिक टन है। रास्ते में विभिन्न राज्यों के शहरों में शिवलिंग का स्वागत भी किया जाएगा। यह शिवलिंग महाबलीपुरम होते हुए होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनुल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, कंपनी, मैहर, सतना, रिवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, केसरिया होते हुए चकिया पहुंचेगा, जहां विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है। वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर गाड़ी से शिवलिंग पहुंच रहा बिहार महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल के मुताबिक, 'हर संभव कोशिश की जा रही है कि मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय के तहत जल्द से जल्द पूरा कराया जा सके। उसी के तहत निर्माण कार्य भी चल रहा है। उन्होंने बताया कि, 'इससे राज्य में विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बिहार में स्थापित हो सके। इस शिवलिंग में 1 हजार छोटे शिवलिंग भी हैं, जिसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर गाड़ी से यह शिवलिंग बिहार पहुंचेगी। इस गाड़ी के साथ-साथ एक स्क्वाड भी मौजूद रहेगा।' चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर होगा स्थापित इस शिवलिंग को सहस्रलिंगम कहा जाता है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग होते हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर यह शिवलिंग स्थापित होगा। जिस ट्रक से इसे लाया जाएगा, उसकी रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। अधिक वजन से कहीं सड़क न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण हुआ है। 540 फीट चौड़ा होगा यह मंदिर विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से कराया जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है। आकार में यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी। दो साल पहले हुआ था शिलान्यास 20 जून 2023 को शिलान्यास के बाद विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। विराट रामायण मंदिर का निर्माण बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में हो रहा है। पटना से इस मंदिर की दूरी लगभग में 120 किलोमीटर है। विराट रामायण मंदिर में चार आश्रम होंगे। यह मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
नीतीश कुमार मुख्यमंत्री तो बने पर ताकत कम हुई, गृह मंत्रालय अब भाजपा के पास
Bihar cabinet list: बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन मंत्रियों को विभाग बांटने के मामले में भाजपा की ज्यादा चली। नीतीश को गृह मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग छोड़ना पड़ा, यह विभाग अब भाजपा नेता और ...
वोट काउंटिंग और असली नतीजे: जस्टिस मार्कंडेय काटजू की बिहार चुनाव पर टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू बिहार चुनाव पर बात करते हुए कहते हैं कि असली मुद्दा यह नहीं है कि लोग कैसे वोट देते हैं, बल्कि यह है कि बैलेट बॉक्स आखिर में क्या रिकॉर्ड करता है।
Bihar Cabinet 2025 : BJP के पास सत्ता के सभी बड़े विभाग; JDU का सिमटता रोल
बिहार मंत्रिमंडल 2025 में विभागों का अनौपचारिक बंटवारा सामने आया, जिसमें बीजेपी के पास गृह, स्वास्थ्य, उद्योग और वित्त जैसे मुख्य विभाग हैं, जबकि JDU को सीमित विभाग मिले। अन्य सहयोगी दलों को भी सहायक विभाग सौंपे गए।
'अपराधी या तो जेल में होंगे या कब्र में' सम्राट चौधरी का यह डायलॉग अब सिर्फ बयान नहीं, बिहार की नई सत्ता का पावर सेंटर बन गया। 20 साल तक गृह विभाग नीतीश कुमार के पास रहा, लेकिन 2025 में पहली बार यह विभाग बीजेपी को गया और सीधा सम्राट चौधरी के पास। इसका मतलब है कि नीतीश अब केवल चेहरा हैं, सत्ता का कंट्रोल अब एक अणे मार्ग से 5 देशरत्न मार्ग शिफ्ट हो गया। सम्राट चौधरी पर क्राइम, माफिया पर कार्रवाई, दंगों की रोकथाम, पुलिस सिस्टम, खुफिया रिपोर्ट पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी होगी। यह बदलाव नीतीश की सबसे बड़ी राजनीतिक कमजोरी और बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। गृह मंत्रालय बीजेपी के पास जाने से क्या होगा? बिहार के पॉलिटिक्स में क्या बदलाव आ सकता है? बीजेपी इससे क्या निशाना साधेगी? नीतीश के हाथ क्या रहेगा? पढ़िए भास्कर एनालिसिस... 4 पॉइंट में समझिए गृह विभाग जाने के मायने 1- नीतीश की शक्ति टूटी, लॉ एंड ऑर्डर के सारे फैसले BJP के पास नीतीश को पुलिस के बल पर ही सुशासन बाबू कहा जाता था। वे अपनी पुलिस के जरिए से ही अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए जाने जाते हैं और बिहार में यह कहा भी जाता है कि जिसके पास गृह विभाग, वही राज्य की असली शक्ति चलाता है। 2005–2025 तक यह शक्ति नीतीश कुमार के पास थी, लेकिन 2025 में पहली बार उनके हाथ से चली गई। अब अपराधियों के खिलाफ सारे फैसले भाजपा के सम्राट चौधरी लेंगे। भास्कर कार्टूनिस्ट चंद्रशेखर हाड़ा की नजर से..... 2- पुलिस पोस्टिंग से होता है राजनीतिक नियंत्रण बिहार में आईपीएस, डीएसपी, थानेदार इनकी नियुक्ति ही जमीन पर राजनीतिक लाभ तय करती है। अब यह सत्ता नीतीश से निकलकर बीजेपी के पास चली गई है। बड़े ऑपरेशन, सीआईडी, आर्थिक अपराध, अपराधी-राजनेताओं की फाइलों पर कौन कार्रवाई करेगा, कौन बचेगा यह अब नीतीश तय नहीं करेंगे। अब इस पर सम्राट चौधरी फैसला लेंगे। 3- कानून व्यवस्था का दबाव BJP पर, उसी की परफॉर्मेंस दिखेगी कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का सवाल अब सीधे नीतीश पर नहीं, बीजेपी पर आएगा यानी नीतीश राजनीतिक दबाव से मुक्त और बीजेपी अब अपनी परफॉर्मेंस से सत्ता के केंद्र में दिखाई देगी। गृह विभाग जाने का मतलब यह भी है कि नीतीश के पास सिर्फ “प्रशासनिक चेहरा” रह जाएगा। उनके पास शक्ति नहीं होगी। वे मुख्यमंत्री तो हैं पर शक्ति-संतुलन अब बदल गया है। 4- सम्राट अब 'UP-स्टाइल' पुलिस मॉडल की ओर जाएंगे? पिछले विधानसभा सत्र में सम्राट चौधरी ने एक डायलॉग दिया, 'बिहार में अपराधी अब जेल में होंगे या कब्र में' सम्राट के इस डायलॉग को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा गया। सम्राट की कार्यशैली और उनके बयान साफ संकेत देते हैं कि वे “कानून-व्यवस्था का UP मॉडल” लाना चाहेंगे। वे अवैध हथियारों के बड़े ऑपरेशन, गुंडा एक्ट, संपत्ति जब्ती, बुलडोजर कल्चर, नशे और माफिया के खिलाफ रातों-रात कार्रवाई करेंगे तो इसका स्टेट-वाइड राजनीतिक असर होगा। क्या भाजपा 2029 की तैयारी है? 3 पॉइंट में समझिए 1- सम्राट को बिहार में सबसे बड़ा चेहरा बनाने की तैयारी बीजेपी बिहार में अपना भविष्य का चेहरा तैयार करना चाहती है। और गृह विभाग जैसा बड़ा मंत्रालय एक ऐसे नेता को दिया जाता है जो भविष्य में CM फेस भी बन सके। सम्राट BJP के लिए उसी प्रोफाइल में फिट बैठते हैं। 2- तेजस्वी यादव Vs सम्राट चौधरी: बिहार की नई राजनीतिक लड़ाई बिहार की राजनीति लंबे समय तक लालू vs नीतीश पर टिकी रही। अब बीजेपी इसे धीरे-धीरे बदलकर तेजस्वी Vs सम्राट के मुकाबले में लाएगी। क्योंकि दोनों युवा हैं, दोनों के पास ओबीसी का आधार है। दोनों आक्रामक भाषा बोलते हैं। सम्राट के पास अब जो राजनीतिक हथियार आया है- गृह विभाग। वह तेजस्वी के खिलाफ ‘कानून बनाम अव्यवस्था’ का नरेटिव खड़ा करेगा। 3- नीतीश पर मनोवैज्ञानिक दबाव बिहार का पावर सेंटर अब BJP के पास है। ड्रग्स, सैंड माफिया, जमीन माफिया, हथियार तस्करी इन सबके बड़े ऑपरेशन अब बीजेपी के निर्देश पर चलेंगे। यह 2029 के लिए पार्टी को मजबूत आधार देगा। हीं नीतीश का प्रशासनिक कंट्रोल खोता हुआ दिखाई देगा। इससे बीजेपी मनोवैज्ञानिक रूप से बढ़त लेती दिखाई देगी। एक्सपर्ट बोले- योगी स्टाइल में काम नहीं हो पाएगा सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलने के बाद बिहार की पुलिसिंग पर इसका क्या असर पड़ेगा? क्या बिहार में भी पड़ोसी राज्य यूपी के तर्ज पर यहां भी योगी मॉडल को पुलिसिंग में लागू किया जाएगा? इन सवालों का जवाब जानने के लिए रिटायर्ड IPS एसके भारद्वाज से बात की गई। उनके अनुसार गृह विभाग देने से बिहार की पुलिसिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, IPS अधिकारियों के ट्रांसफर का पावर मुख्यमंत्री के पास ही रहेगा। हां, गृह मंत्री के पास DSP स्तर के पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार जरूर रहेगा। IPS का ट्रांसफर-पोस्टिंग वो तब ही कर पाएंगे जब को कानून में किसी प्रकार का बदलाव होगा। निश्चित तौर पर गृह एक महत्वपूर्ण विभाग है। जहां तक बात यूपी की है तो योगी स्टाइल से काम नहीं हो पाएगा। क्योंकि, नीतीश कुमार कानून के तहत चलने वाले हैं। --------------- ये खबर भी पढ़िए... बिहार में 20 साल बाद नीतीश ने गृह मंत्रालय छोड़ा:BJP के सम्राट चौधरी को जिम्मेदारी, फाइनेंस JDU के पास, मंगल पांडे फिर स्वास्थ्य मंत्री नीतीश मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव किया गया है। 20 साल बाद नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ा है। ये विभाग अब BJP के पास चला गया है। डिप्टी CM सम्राट चौधरी गृह विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। BJP ने वित्त विभाग JDU को दिया है। बिजेंद्र यादव ऊर्जा के साथ वित्त विभाग का जिम्मा भी देंखेंगे। इसके साथ ही मंगल पांडे को फिर से स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा है। पहली बार मंत्री बनीं नेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को खेल विभाग दिया गया है। HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन का विभाग नहीं बदल गया। वे फिर से लघु जल संसाधन विभाग के मंत्री होंगे। पूरी खबर पढ़िए
सहरसा के किलकारी बिहार बाल भवन में शिक्षा विभाग द्वारा 'बाल उमंग पखवाड़ा' का आयोजन किया जा रहा है। 13 से 30 नवंबर 2025 तक चलने वाले इस पखवाड़े में विभिन्न मनोरंजक और शैक्षणिक गतिविधियां शामिल हैं। बाल दिवस को समर्पित इस आयोजन का मुख्य आकर्षण 'चौपाल' कार्यक्रम रहा। पखवाड़े के तहत मैजिक शो, पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवन यात्रा पर कहानी वाचन, नृत्य-नाटिका, चित्रकला, चेस व अलबेला ड्रेस प्रतियोगिता और पिकनिक जैसे कई मुफ्त कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उद्देश्य पीढ़ियों के बीच संवाद बढ़ाना कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को शिक्षक आनंद झा, सेवानिवृत्त प्रचार्या रेणु सिंह, साहित्यकार मुक्तेश्वर सिंह, अभिभावकों और बच्चों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। 21 नवंबर को आयोजित 'चौपाल' कार्यक्रम का उद्देश्य पीढ़ियों के बीच संवाद बढ़ाना और जेनरेशन गैप को कम करना था। इस दौरान दादा-दादी, नाना-नानी और माता-पिता ने बच्चों के साथ कला का महत्व, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के विकल्प, फाइनेंस एजुकेशन, पारिवारिक माहौल, चाइल्ड राइट्स और क्राफ्ट जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा की। कार्यक्रम में कुलेंद्र कुमार, रंजीता सिंह और रुकमणी देवी सहित कई आमंत्रित प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। सर्वांगीण विकास के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक किलकारी के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक प्रणव भारती ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों से जुड़े विषयों पर संवाद स्थापित कर उन्हें पारिवारिक मूल्यों और वर्तमान परिवेश की समझ देना है। उन्होंने कहा कि बाल भवन बच्चों को अपनी प्रतिभा अभिव्यक्त करने का मंच प्रदान करता है और उनके सर्वांगीण विकास के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है।
यमुनानगर जिले में कार की टक्कर लगने से एक बाइक सवार युवक की मौत हो गई है। युवक अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था और रात को किसी काम से बाइक पर सवार होकर छछरौली की तरफ जा रहा था। इसी दौरान सामने से एक कार ने टक्कर मार दी। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और घायल को तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित दिया। मृतक की शिनाख्त गोल्डन कुमार(23) निवासी बदरपुर बाका, बिहार के रूप में हुई है। और चार माह के बच्चे का पिता था। किसी काम से छछरौली जा रहा था मृतक के पिता राकेश मंडल ने बताया कि वह अपनी पत्नी, बेटे, पुत्रवधु व पोते के साथ यमुनानगर की विजय नगर कॉलोनी में रहते हैं। वह करीब 12 साल से यहां पर रह रहे हैं। उसका बेटा गोल्डन मानकपुर में एक प्लाइवुड फैक्ट्री में काम किया करता था। गुरुवार की शाम को वह काम से घर लौटा, जिसके बाद रात करीब नौ बजे बाइक से छछरौली किसी काम से जाने की बात कहकर घर से निकला था। रात को करीब आधे घंटे बाद उसके पास किसी का फोन आया कि उसका बेटे का एक्सीडेंट हो गया है। डेढ़ साल पहले हुई थी शादी, 4 माह का बच्चा हादसे की सूचना मिलते ही वह तुरंत मौके पर पहुंचा। वहां जाकर देखा तो गोल्डन सड़क पर खून से लथपथ पड़ा हुआ था। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि एक स्विफट कार ने उसे सामने से टक्कर मारी है, जिस कारण यह हादसा हुआ है। अपने घायल बेटे को वह इलाज के लिए तुरंत अस्पताल लेकर गया, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। राकेश ने बताया कि गोल्डन उसका इकलौता बेटा था और करीब डेढ़ साल पहले ही उसकी शादी की थी। उसके पास अभी चार माह का बच्चा ही था। हादसे ने उसके परिवार को बिखेर दिया है। प्रवासियों को मिलना चाहिए मुआवजा हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल यमुनानगर की मॉर्च्युरी में रखवाया, जहां पर आज शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं शिकायत के आधार पर कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रवासी होने से आर्थिक मदद नहीं मिल पाती श्री मानव सेवा समिति ट्रस्ट के संस्थापक जय प्रकाश ने कहा कि यमुनानगर में हजारों की संख्या में प्रवासी लोग काम करते हैं। ऐसे में उनके साथ कई बार हादसे हो जाते हैं। प्रवासी होने के चलते उनके परिजनों को आर्थिक मदद नहीं मिल पाती। सरकार को ऐसी पॉलिसी लानी चाहिए, जिसमें किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी दूसरे राज्य में कोई हादसा हो जाए, तो उस राज्य की पॉलिसी के तहत उसे मुआवजा मिले।
हिमाचल प्रदेश के चंबा में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम में लेंटर डालते समय शटरिंग गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य मजदूर घायल हुए हैं। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, मृतक की पहचान बिहार के किशनगंज जिले के रहसून गंज निवासी तारकेश्वर (34) पुत्र लाल चंद सिंह के रूप में हुई है। घायलों में लालू कुमार (24) निवासी बिरवा, किशनगंज, दीनबंधु निवासी धुमली पश्चिमी चंपारण और बालकेश्वर (35) निवासी धुमली पश्चिमी चंपारण बिहार शामिल हैं। इंडोर स्टेडियम के काम के दौरान हादसा यह हादसा वीरवार शाम 8 बजे के करीब हुआ। यहां पुलिस मैदान बारगाह में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम की पहली मंजिल पर लेंटर डालने का काम चल रहा था। इस दौरान यह हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि तारकेश्वर शटरिंग की जांच कर रहा था। दूसरे मजदूर लेंटर डालने का काम कर रहे थे। घायलों का मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज अचानक लेंटर की शटरिंग गिर गई, जिससे रेत, बजरी और सीमेंट का मिश्रण तारकेश्वर और तीन अन्य मजदूरों पर आ गिरा। साथी मजदूरों ने तुरंत मलबे से उन्हें बाहर निकाला और एम्बुलेंस की मदद से मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया। घायलों का मेडिकल कॉलेज चंबा में इलाज चल रहा है। वहीं मृतक के शव का आज पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
मुंगेर विवि को एनएसएस ग्रांट में बिहार में मिला दूसरा स्थान, 18 लाख रुपए मिलेंगे
भास्कर न्यूज | मुंगेर राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तहत वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नई सूची में मुंगेर विश्वविद्यालय ने पूरे बिहार में शानदार उपलब्धि दर्ज की है। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के आधिकारिक पत्र के अनुसार मुंगेर विश्वविद्यालय को एनएसएस ग्रांट के मामले में राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है। दरअसल पांच वर्षों के बाद विश्वविद्यालय को इतने बड़े स्तर पर ग्रांट की स्वीकृति मिली है। जिससे एनएसएस अधिकारी सहित अन्य उत्साहित हैं। विभागीय निर्देशों के मुताबिक इस वर्ष सभी एनएसएस इकाइयों को नियमित गतिविधियों और सात दिवसीय विशेष शिविरों के संचालन के लिए 75,000 रुपये प्रति इकाई की दर से अनुदान दिया जाएगा। राज्य भर की 138 एनएसएस इकाइयों को यह राशि पीएफएमएस (पब्लिक फाइनांशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से उनके सीएनए खातों में निर्गत की जाएगी। वही इकाइयां इस ग्रांट की पात्र होंगी, जिनके खाते विश्वविद्यालय तथा स्टेट एनएसएस सेल से मैपिंग किए गए हैं। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिहार के कुल 23 विश्वविद्यालयों में से पीएफएमएस मैपिंग के आधार पर सबसे अधिक इकाइयां तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की हैं। जो 25 इकाइयों के साथ पहले स्थान पर है। मुंगेर विवि ने 24 एनएसएस इकाइयों के मैपिंग के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मैपिंग की इस उपलब्धि के आधार पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को 18.75 लाख रुपये तथा मुंगेर विवि को 18 लाख रुपये की ग्रांट प्राप्त होगी। इस राशि से मुंगेर विश्वविद्यालय के 2400 स्वयंसेवक नियमित गतिविधियों एवं 1200 स्वयंसेवक विशेष शिविरों में भाग लेकर लाभान्वित होंगे।
दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने के बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष बदलने की चर्चा तेज
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से सरकार बन गई है
कारोबारी बोले-सरकार जमीन दे, मंजूरीसिस्टम सुधारे तो बदलेगी बिहार की तस्वीर
राज्य के कारोबारियों और व्यावसायिक संगठनों का नई सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। संगठनों का कहना है कि नए उद्योग लगना चाहिए। पुराने उद्योग बंद नहीं होने चाहिए। यहां जो उत्पाद बने, उसकी प्राथमिकता के तौर पर खरीदारी होनी चाहिए। इस बार युवा उद्यमियों को मौके मिलेंगे और बड़े औद्योगिक घराने भी राज्य का रुख करेंगे। उद्योग और व्यापार से जुड़े संगठनों ने साफ कहा कि सरकार फैसले तेजी से ले, जमीन उपलब्ध कराए तो बिहार की तस्वीर बदल सकती है। बिजनेस को रफ्तार देने के लिए लॉजिस्टिक्स मजबूत हो। हाईवे के पास इंडस्ट्रियल पार्क और पर्याप्त संख्या में आधुनिक वेयर हाउस होना चाहिए। ट्रांसपोर्ट कॉस्ट कम होगा तो निवेश अपने आप बढ़ेगा। बिहार को इस बार रोजगार और उद्योग की लीड लेनी होगी। अगर सरकार और उद्योग एक साथ चलें तो पांच साल में बिहार निवेश का बड़ा केंद्र बन सकता है। राज्य सरकार छह महीने में बंद उद्योगों को चालू करे बिहार में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगे। चुनाव में एनडीए का यही मैनिफेस्टो रहा है कि हर जिले में उद्योग लगेगा। लेकिन, तल्ख हकीकत है कि पिछले छह महीने में कानूनी दांव-पेच के कारण हजारों छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को बंद करा दिया गया। इन उद्योगों को चालू कराना चाहिए। इसके लिए नियम-कानून में भी बदलाव करना पड़े, तो सरकार को करना चाहिए। रामलाल खेतान, अध्यक्ष बीआईए सरकार से उम्मीद बहुत हाई है। फाइनेंस व उद्योग मंत्री का पूरा कार्यकाल हो, तभी वे उद्योगों और उद्यमियों का विकास कर पाएंगे। युवा उद्यमियों के लिए रास्ता खुले। सरकार युवाओं को सपोर्ट करे तो नए उद्यम खड़े हो सकते हैं। रमेश गुप्ता, उद्योगपति नई सरकार को बहुत आशा भरी निगाह से पूरा बिहार देख रहा है। बिहार में इंडस्ट्री का माहौल बनेगा। अगर घोषणा पत्र ही लागू हो जाए तो बिहार की वाहवाही हो जाएगी। मुकेश जैन, अध्यक्ष, हथुआ मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन गुजराती समाज के सेनेटरी व्यवसायी जैनेंद्र भाई कोठारी का कहना है कि अब बिजनेस के क्षेत्र में डबल बदलाव होगा। यहां बड़ी इंडस्ट्री नहीं है। अब यह कमी दूर होगी। इसके लिए सरकार को प्रयास करना होगा। जब इंडस्ट्री लगेगी तो यहां से मजदूरों-बेरोजगारों का पलायन रुकेगा और राज्य में तरक्की आएगी। जैनेंद्र भाई कोठारी, व्यवसायी इंडस्ट्री का ग्रोथ हो रहा है। बेरोजगारी और पलायन से जूझते बिहार को अब राहत की उम्मीद है। नई सरकार से उम्मीद है समुचित औद्योगिकीकरण और व्यवसाय को बढ़ाया जाएगा। नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी बहुत अच्छी है, इससे बड़े औद्योगिक घराने यहां आएंगे और एफबीआई भी आएगा। इसकी संभावना है। विवेक शाह, अध्यक्ष एसोचैम चुनाव से पहले जितनी घोषणाएं की गई हैं, उतनी पूरी हो जाएं तो बिहार की तस्वीर बदल जाएगी। हर जिले में उद्योग, 25 नई चीन मिल खुलेंगी और बंद चीनी मिल चालू करेंगे। पीएम की घोषणाओं से उम्मीदें हैं। पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर में बिहार की बड़ी संभावनाएं हैं। औद्योगिक क्षेत्र विकसित हों। सही माहौल मिले तो टाटा, बिरला, अडानी जैसे ग्रुप यहां यूनिट लगाने पर विचार कर सकते हैं।राधेश्याम बंसल, उद्योगपति
बिहार बोर्ड : मैट्रिक का डमी एडमिट कार्ड जारी, 27 तक सुधार का मौका
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने मैट्रिक परीक्षा का डमी एडमिट कार्ड जारी कर दी है। विद्यार्थी डमी एडमिट कार्ड में 27 नवंबर तक सुधार करा सकते हैं। सभी संबंधित विद्यालयों और विद्यार्थियों को निर्देश दिया गया है कि वे 21 से 27 नवंबर तक अपने एडमिट कार्ड में दर्ज सभी विवरण की जांच कर आवश्यक सुधार कर लें। डमी एडमिट कार्ड बोर्ड की वेबसाइट https://exam.biharboardonline.org पर उपलब्ध है। बीएसईबी इन्फॉर्मेशन मोबाइल एप से भी डमी एडमिट कार्ड डाउनलोड किया जा सकता है। एडमिट कार्ड पर अंकित छात्र-छात्रा का नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, फोटो, विषय आदि को मिलान कराने के निर्देश दिया गया है। किसी भी प्रकार की त्रुटि मिलने पर विद्यालय लॉगइन के माध्यम से बदलाव कर संशोधित जानकारी को समय पर अपलोड कर सकते हैं। विद्यालयों को सुनिश्चित करना होगा कि जिन छात्रों के विषय चयन या नामांकन विवरण में त्रुटियां हैं, वे अंतिम तिथि से पहले सुधार कर लें। इसके बाद सुधार का मौका नहीं दिया जाएगा। सक्षम (विशेषकर दृष्टिबाधित) छात्रों के लिए विषयों में संशोधन की विशेष व्यवस्था है। छात्र 9430429722, 0612–2232239 पर संपर्क कर सकते हैं या bseb@biharboardonline.com पर मेल कर सकते हैं।
कूरियर समेत अन्य आवश्यक सेवाओं को सही स्थान पर पहुंचाने के लिए भारतीय डाक विभाग ने अत्याधुनिक डिजिपिन (डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर) सेवा का विस्तार मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में कर दिया है। इस नई तकनीक के तहत अब किसी पत्र, पार्सल या कूरियर को भेजने के लिए नाम अथवा पारंपरिक पते की आवश्यकता नहीं होगी। केवल 10 अंकों का डिजिपिन चस्पा करते ही डाक सटीक लोकेशन पर पहुंच जाएगी। भारतीय डाक विभाग ने पारंपरिक पिन कोड की जगह 10 अंकों का डिजिपिन सिस्टम लाया है, जो घर, दफ्तर या किसी भी संस्था तक डिलीवरी को अधिक सटीक बनाता है। विभाग के अनुसार गलत पता होने पर भी डाक सही जगह पहुंचेगी और डाककर्मियों की मनमानी पर भी रोक लगेगी। इस नई प्रणाली का लक्ष्य अंतिम-मील डिलीवरी, आपातकालीन सेवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में पते की समस्या को दूर करना है। डिजिपिन भौगोलिक अक्षांश और देशांतर के आधार पर तैयार किया गया अल्फा न्यूमेरिक कोड है। इसे एक बार जेनरेट करने के बाद ऑफलाइन भी इस्तेमाल किया जा सकता है। डिजिपिन को IIT हैदराबाद और ISRO के सहयोग से विकसित किया गया है। IIT हैदराबाद और ISRO के सहयोग से तैयार कियाऐसे जनरेट करें डिजिपिन : डिजिपिन तैयार करने के लिए आपको https://dac.india- post.gov.in/mydigipin/home पर लोकेशन देनी होगी। इसके बाद आपके स्थान के आधार पर 10 अंकों का एक कोड तैयार होगा, जो कि डिजिपिन होगा। संबंधित सेवाओं के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।अक्षांश व देशांतर से कोड जेनरेट करना : डिजिपिन का आधार भौगोलिक स्थान है। सिस्टम किसी स्थान के सटीक अक्षांश और देशांतर का उपयोग करके 10 अंकीय अल्फा न्यूमेरिक कोड बनाता है। 10 अंकों का कोड विभागीय साइट पर जनरेट कर सकते हैं। कोड के जरिए भेजी डाक सीधे लाइव लोकेशन पर पहुंचेगी। इसे ऑल इंडिया लॉचिग के तहत यहां लागू हुआ है। - पवन कुमार सिंह, पोस्टमास्टर जनरल, उत्तरी क्षेत्र। मीटर ग्रिड पर आधारित लोकेशन से सिस्टम होगा लैसमुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी और दरभंगा जैसे जिलों में कई गांवों में आज भी मकानों पर पक्का पता या हाउस नंबर नहीं मिलता। ऐसे में डिजिपिन बड़ी राहत देगा। यह सुविधा 4 बाई 4 मीटर के ग्रिड पर आधारित है, जो बिल्कुल लाइव लोकेशन की तरह काम करती है। इससे पुलिस, एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड जैसी सेवाएं भी सटीक पते पर पहुंचेंगी। डाक विभाग ने बताया ग्राहक डाक विभाग की वेबसाइट पर जाकर लोकेशन डाल आसानी से डिजिपिन जेनरेट कर सकते हैं। यह क्यूआर कोड के रूप में भी मिलेगा जिसे स्कैन कर कोई भी ति सीधे उस लोकेशन तक पहुंच सकता है। इसके लिए विभाग डाकियों के लिए विशेष मोबाइल एप लॉन्च कर रहा है, जो डिजिपिन को स्कैन कर मार्ग दिखाएगा।
नवादा के शारीरिक शिक्षक संतोष कुमार वर्मा को राष्ट्रीय विद्यालय हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए हेड ऑफ डेलिगेशन सह दल प्रबंधक नियुक्त किया गया है। यह प्रतियोगिता कर्नाटक के तुमकुर में 25 से 29 नवंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता में बिहार राज्य से चयनित बालक वर्ग के कुल 16 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इन खिलाड़ियों का नेतृत्व संतोष कुमार वर्मा करेंगे, जो नवादा जिले के इंटर विद्यालय आती कादिरगंज में कार्यरत हैं। मार्गदर्शन में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते गए संतोष कुमार वर्मा का खेलों से गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने अब तक 32 राष्ट्रीय स्तर के खेलों में खिलाड़ी, कोच, रेफरी और दल प्रबंधक के रूप में भाग लिया है। उनके मार्गदर्शन में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते गए हैं। उनकी इन उपलब्धियों को देखते हुए, राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में उन्हें शिक्षा, खेल और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए राजकीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया था। कर्नाटक जाने वाली बिहार टीम के खिलाड़ियों का राज्य स्तरीय चयन नवादा के हरिश्चंद्र स्टेडियम में आयोजित प्रतियोगिता के माध्यम से किया गया था। इसी चयन प्रक्रिया के आधार पर बिहार राज्य की टीम का गठन हुआ है। मगध प्रमंडल की टीम ओवरऑल चैंपियन रही इस चयन प्रतियोगिता में मगध प्रमंडल की टीम ओवरऑल चैंपियन रही थी, जिसमें नवादा जिले के सर्वाधिक खिलाड़ी शामिल थे। इन्हीं उपलब्धियों और उनके अनुभव को देखते हुए संतोष कुमार वर्मा का चयन कोच एवं दल प्रबंधक के रूप में किया गया है। विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने बधाई और शुभकामनाएं दी उनकी इस उपलब्धि पर जिले के खेल प्रेमियों और विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। बधाई देने वालों में शिवकुमार प्रसाद, अलखदेव प्रसाद, रामविलास प्रसाद, विक्रम कुमार, गुलशन कुमार, तथा स्काउट एंड गाइड से संतु कुमार एवं राजीव कुमार प्रमुख हैं।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (IGM) गुरुवार शाम ब्रह्मसरोवर में एक महिला डूब गई। उसे तुरंत राज्य प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम ने पानी से बाहर निकाला और तुरंत अस्पताल भेज दिया। जहां महिला की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक, महिला के पास से आधार कार्ड मिला है, जिससे उसकी पहचान शांति देवी (42) हाल किराएदार धुराला (कुरुक्षेत्र का झांसा) के रूप में हुई। महिला मूल रूप से बिहार के बेगूसराय की रहने वाली थी। शांति ब्रह्मसरोवर पर महोत्सव में आई हुई थी। फिलहाल पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पानी में तैरता दिखा कुछ SDRF के इंचार्ज राजेश हुड्डा ने बताया कि उनकी पूरी टीम ब्रह्मसरोवर में बोट से गश्त कर रही थी। तभी टीम को ब्रह्मसरोवर के पूर्वी तट पर कुछ तैरता हुआ दिखा। घाट के आसपास कुछ लोग भी इकट्ठा थे। टीम ने नजदीक जाकर जांच की तो पानी में महिला डूब रही थी। टीम ने तुरंत उसे रेस्क्यू करके बाहर निकाला और एम्बुलेंस से LNJP अस्पताल भेज दिया। अस्पताल में तोड़ा दम अस्पताल में महिला ने दम तोड़ दिया। उधर, थाना झांसा के SHO गुलाब सिंह ने बताया कि महिला के पास मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई है। हालांकि पुलिस उसके परिजनों की तलाश कर रही है। उनके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत के बाद नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनकी सरकार बनने की खुशी में बलिया के जीराबस्ती स्थित भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया गया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बिहार में 'डबल इंजन' की सरकार राज्य को विकसित बनाएगी। उन्होंने जोर दिया कि आज भी बिहार के लोग नीतीश कुमार पर विश्वास करते हैं। मिश्रा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार पर लोगों का काफी विश्वास है, क्योंकि वे जो कहते हैं, उसे करके भी दिखाते हैं। इस अवसर पर संजीव कुमार, कृष्णा पाण्डेय, मयंक शेखर, आलोक सिंह, मिथिलेश तिवारी और संजय सिंह सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
गयाजी टाउन विधानसभा सीट से चुनाव में 9वीं जीत दर्ज करने वाले डॉ. प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बनेंगे। जदयू-बीजेपी में इसको लेकर सहमति बन गई है। डॉ. प्रेम कुमार गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से इस बार 9वीं बार विधायक बने हैं। प्रेम कुमार चंद्रवंशी समाज से बड़े चेहरे माने जाते हैं। वे 1990 से गया टाउन से लगातार जीतते आए हैं। प्रेम कुमार बिहार सरकार में स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, सड़क निर्माण विभाग और शहरी विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं। विधायक रहते ही प्रेम कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली थी। 1990 में पहली बार गया सीट से प्रेम कुमार विधायक बने थे। तब से लेकर अब तक उनकी जीत का सफर जारी है। खास बात यह भी कि एक ही पार्टी और एक ही सीट से लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में डॉ. प्रेम कुमार ने कांग्रेस कैंडिडेट अखौरी ओंकारनाथ को 26 हजार 423 वोटों के अंतर से हराया। पिता बैंक में कर्मचारी थे, जेपी आंदोलन से प्रभावित हुए थे प्रेम कुमार प्रेम कुमार के पिता बैंक में कर्मचारी थे। उनका परिवार बेहद साधारण था। गयाजी के बुजुर्ग वोटर्स बताते हैं कि जब प्रेम कुमार छात्र थे, तब जेपी आंदोलन चला था। प्रेम कुमार आंदोलन में शामिल हुए और जेल भी भेजे गए। जेल से निकलने के बाद अपना दवा का कारोबार भी शुरू किया। बाद में कुछ और कारोबार शुरू किया। छात्र जीवन में प्रेम कुमार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े थे। 1980 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके बाद वे लगातार पार्टी के काम में जुटे रहते थे। करीब 10 साल बाद यानी जब 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव की बारी आई तो भाजपा ने पहली बार प्रेम कुमार को टिकट दिया। प्रेम कुमार ने पहले विधानसभा चुनाव में ही जीत दर्ज कर ली। बिहार सरकार में 20 साल का अनुभव 2005 में नीतीश कुमार की पहली सरकार में प्रेम कुमार पहली बार मंत्री बने थे। तब से लेकर आज तक वह लगभग हर बड़े विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जनस्वास्थ्य एवं अभियंत्रण मंत्री, सड़क निर्माण मंत्री, नगर विकास मंत्री, कृषि मंत्री, सहकारिता व वन मंत्री, राज्य में विपक्ष के नेता के रूप में 2015 से 2017 तक काम किया। 1990 में पहली बार चुनाव लड़े, जीतकर विधानसभा पहुंचे प्रेम कुमार ने पहली बार 1990 में गया टाउन सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। तब से अब तक वे लगातार 9 बार विधायक बने हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने बिहार सरकार में कई अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। वे कृषि, नगर विकास एवं आवास, पर्यटन, खान एवं भूतत्व, पर्यावरण एवं वन जैसे विभागों के मंत्री रह चुके हैं। पिछली नीतीश सरकार में डॉ. प्रेम कुमार सहकारिता मंत्री थे। भाजपा में डॉ. प्रेम कुमार का नाम उन नेताओं में शामिल है, जिन्होंने पार्टी की पहचान को गयाजी में मजबूत किया। वे संगठन के साथ-साथ जनता से गहरे जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती से बिहार के इकलौते पार्टी विधायक सतीश कुमार सिंह (पिंटू यादव) ने दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं, जो चर्चा में हैं। एक तस्वीर में विधायक सतीश सिंह घुटनों के बल मायावती के सामने बैठे हैं। उनकी नजरें झुकी हैं और दोनों हाथ जोड़ रखे हैं। पैरों में सिर्फ मोजे हैं। मतलब मायावती के पास पहुंचने से पहले विधायक सतीश सिंह ने अपने जूते उतार दिए थे। तस्वीर में मायावती भी हाथ जोड़े मुस्कुराती दिख रही हैं। बसपा X फैन पेज ने तस्वीरें जारी की हैं। सतीश सिंह ने बिहार में मतगणना वाले दिन लाठीचार्ज की शिकायत की है। दरअसल, बिहार चुनाव 2025 में बसपा रामगढ़ विधानसभा सीट को 30 वोटों के मामूली अंतर से जीतने में कामयाब रही। इस सीट पर बसपा उम्मीदवार को भाजपा और राजद उम्मीदवारों के त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ा। मायावती ने जिले में चुनावी रैली की थी। चुनावों में इसका असर दिखा। 3 फोटो देखिए... मायावती ने दिल्ली में विधायक सतीश सिंह से मुलाकात की बसपा सुप्रीमो मायावती और विधायक सतीश सिंह के बीच यह मुलाकात बुधवार को दिल्ली में हुई। सतीश ने मतगणना के दौरान हुए विवाद और इसके बाद वहां की पुलिस द्वारा बसपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मामले से भी मायावती को जानकारी दी। मायावती ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा, कुछ उपद्रवियों ने मतगणना के दौरान हिंसा करते हुए बिहार से विजयी बसपा विधायक के वाहन के साथ–साथ पुलिस के वाहन को निशाना बनाया था। वाहनों में तोड़फोड़, पथराव व आगजनी को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी। इसमें बसपा के कई कार्यकर्ता घायल हुए है। पुलिस ने करीब 250 नामजद BSP कार्यकर्ताओं और 1000 अज्ञात लोगों पर कई FIR दर्ज की थी। पर पुलिस अब चुन-चुनकर सिर्फ बसपा कार्यकर्ताओं को ही परेशान कर रही है, जबकि हिंसा में दूसरे दलों के लोग भी शामिल थे। दिल्ली में मायावती ने बुलाई थी समीक्षा बैठकबसपा सुप्रीमो ने बुधवार को दिल्ली स्थिति पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बिहार सहित अन्य राज्यों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसी बैठक में बिहार से नवनिर्वाचित विधायक एकमात्र विधायक सतीश उर्फ पिंटू यादव (रामगढ़) भी पहुंचे थे। सतीश यादव ने कहा कि मायावती ने उन पर भरोसा किया, टिकट दिया और वह विश्वास ही उनकी जीत का मुख्य कारण रहा। बैठक में झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार, उड़ीसा और गुजरात सहित कई राज्यों की संगठनात्मक स्थिति पर भी चर्चा हुई। पुलिस लाठीचार्ज में BSP कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल मायावती ने रामगढ़ सीट पर हुई हिंसा को BSP कार्यकर्ताओं के खिलाफ साजिश करार दिया। कहा, विरोधी दलों के असामाजिक तत्वों ने उपद्रव किया, जिसमें विधायक सतीश यादव की गाड़ी के साथ-साथ प्रशासन की कई गाड़ियां तोड़ी गई थी। मायावती ने कहा- उपद्रव रोकने के नाम पर पुलिस ने रात में लाठीचार्ज किया। इसमें BSP के दर्जनों कार्यकर्ता गंभीर रूप से जख्मी हो गए। कैमूर पुलिस ने कथित तौर पर सरकार के दबाव में सिर्फ BSP कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। पुलिस अब चुन-चुनकर BSP कार्यकर्ताओं को ही परेशान कर रही है, जबकि हिंसा में दूसरे दलों के लोग भी शामिल थे। मायावती की तीन मांगें सिर्फ 30 वोटों से जीते हैं सतीश यादवबिहार के कैमूर जिले की रामगढ़ सीट पर भाजपा और बसपा के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था। दोनों प्रत्याशी हर राउंड के साथ आगे–पीछे होते रहे। इस सीट की मतगणना सांसें रोक देने वाला था। 24 राउंड की मतगणना के बाद बसपा प्रत्याशी को सिर्फ 157 वोटों की बढ़त मिली थी। इसके बाद काफी देर तक मतगणना रोकनी पड़ी। भाजपा और बसपा कार्यकर्ताओं के बीच मतगणना स्थल पर ही विवाद हो गया। बसपा कार्यकर्ताओं ने धरना–प्रदर्शन किया। पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी। देर रात पुलिस ने आखिरी राउंड की मतगणना पूरी कराई। तब बसपा ये सीट 30 वोटों के अंतर से जीतने में सफल हुई। मतगणना के दिन हिंसा की 2 फोटो देखिए... बिहार में इस बार बसपा का प्रदर्शनबसपा ने बिहार में 181 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बिहार की जिम्मेदारी राज्य सभा सांसद रामजी गौतम के साथ मायावती के भतीजे आकाश आनंद को सौंपी गई थी। आकाश ने बिहार में आधा दर्जन से अधिक रैली व नुक्कड़ सभाएं की थी। बसपा का पूरा फोकस यूपी से सटे कैमूर व रोहतास जिलों पर था। बसपा प्रमुख मायावती ने खुद बिहार की एक मात्र रैली कैमूर जिले की भभुआ सीट पर की थी। वहीं पर जिले के अन्य 4 प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। बसपा कैमूर और रोहतास जिलों में 7 सीटों पर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट बसपा के सतीश कुमार उर्फ पिंटू यादव कांटे के मुकाबले में भाजपा के अशोक कुमार सिंह को 30 वोटों से हराकर जीतने में सफल रहे। करगहर सीट पर रनरअप रही बसपाबसपा का वोट प्रतिशत 2020 की तुलना में 1.02% बढ़कर 1.62% तक पहुंचा है। बसपा ने रामगढ़ के अलावा करगहर विधानसभा पर जदयू को कड़ी टक्कर दी। यहां पार्टी प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह 56 हजार से ज्यादा वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। जबकि मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, बक्सर और राजपुर विधानसभा सीटें महागठबंधन बसपा की दमदार प्रदर्शन के चलते हारी। इन सीटों की त्रिकोणीय लड़ाई में एनडीए जीतने में सफल रही। ------------------------ यह खबर भी पढ़िए:- अयोध्या में राममंदिर पर लगने वाली ध्वजा कैसी:पैराशूट कपड़े से बनी, तेज आंधी का असर नहीं; ॐ के साथ होगा कोविदार वृक्ष अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के मुख्य शिखर पर 11.58 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच भव्य ध्वजारोहण होगा। PM नरेंद्र मोदी बटन दबाकर ध्वज फहराएंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि ध्वज केसरिया रंग का होगा, जिस पर सूर्य का चिह्न अंकित रहेगा। सूर्य के मध्य में 'ॐ' लिखा होगा। साथ में कोविदार वृक्ष का चित्र भी होगा। पढ़ेें पूरी खबर...
बिहार की राजनीति में संगठनात्मक मजबूती, स्पष्ट कार्यशैली और सादगीपूर्ण व्यवहार के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 20 नवंबर को उन्हें नीतीश मंत्रिमंडल में दोबारा शामिल किया गया है। पटना के गांधी मैदान में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। साधारण परिवार में जन्म, पर बड़े लक्ष्य लखीसराय के चानन प्रखंड अंतर्गत तिलकपुर गांव स्थित ननिहाल में 5 जून 1967 को जन्मे सिन्हा एक साधारण परिवार से आते हैं। पिता शारदा रमण सिंह शिक्षक और माता सुरमा देवी गृहिणी थीं। परिवार से मिले संस्कारों ने उन्हें बचपन से ही शिक्षा, अनुशासन और समाजसेवा की भावना से जोड़ा। छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति के दौरान विजय कुमार सिन्हा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और संघ की विचारधारा से प्रेरित होकर भाजपा संगठन में सक्रिय हो गए। बेगूसराय के बरौनी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करते समय ही उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ने लगी। 2005 में पहली बार चुनाव, फिर लगातार सफलता भाजपा ने 2005 में उन्हें लखीसराय से टिकट दिया और पहली ही बार में उन्होंने जीत दर्ज की। पुनर्मतदान में 80 वोटों से हारने के बाद उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया। इसके बाद 2010, 2015 और 2020 में लगातार जीत दर्ज कर उन्होंने क्षेत्र में अपना जनाधार और मजबूत किया। मंत्री से विधानसभा अध्यक्ष तक2017 में उन्हें श्रम संसाधन मंत्री बनाया गया, जहां उन्होंने श्रमिक कल्याण और कौशल विकास पर काम किया। 2020 में वे बिहार विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। उनकी कठोर, नियम-आधारित और प्रक्रिया-निष्ठ कार्यशैली चर्चा में रही। नेता प्रतिपक्ष बनकर निभाई मजबूत भूमिका राजनीतिक समीकरण बदलने पर 2022 में उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ा और नेता प्रतिपक्ष बने। इस दौरान उन्होंने सक्रिय विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सरकार को हर मोर्चे पर घेरा। 2024 में उपमुख्यमंत्री और बड़े विभागों की जिम्मेदारी जनवरी 2024 में सरकार के पुनर्गठन में भाजपा ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया। उन्हें पथ निर्माण, युवा एवं संस्कृति, कृषि और खनन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई, जहां उन्होंने प्रशासनिक दक्षता दिखाई। 2025 में फिर बने मंत्री 2025 में एक बार फिर भाजपा नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और नई कैबिनेट में शामिल किया। 20 नवंबर को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। संगठन, अनुशासन, प्रशासनिक पकड़ और जनता से उनके गहरे जुड़ाव ने उन्हें बिहार भाजपा का केंद्रीय चेहरा बना दिया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं पर कथित पुलिस कार्रवाई को गंभीर मुद्दा बताते हुए प्रदेश सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है
पूर्वी चंपारण के चकिया में विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसमें दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। यह शिवलिंग 21 नवंबर को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना होगा। इसके लिए महावीर मंदिर के सुपरिटेंडेंट के. सुधाकरण और जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार सिंह आज महाबलीपुरम जा रहे हैं। वहां पहले शिवलिंग की पूरे विधि-विधान से पूजा होगी। फिर 96 चक्कों की गाड़ी से यह शिवलिंग करीब डेढ़ महीने में कैथवलिया पहुंचेगा। जिस ट्रक से इसे लाया जाएगा, उसकी रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। अधिक वजन से कहीं सड़क न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण हुआ है। विश्व का सबसे बड़ा मोनोलिथ स्ट्रक्चर का शिवलिंग महावीर मंदिर न्यास के सदस्य सायण कुणाल ने कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा मोनोलिथ स्ट्रक्चर का शिवलिंग है। इस शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई भी 33 फीट है। वहीं, वजन 210 मीट्रिक टन है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग भी होंगे। इसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। बिहार पहुंचने पर शिवलिंग का जगह-जगह स्वागत और पूजा किया जाएगा। वोल्वो हाइड्रोलिक पुलर गाड़ी से यह शिवलिंग बिहार पहुंचेगी। इस गाड़ी के साथ-साथ एक स्क्वाड भी मौजूद रहेगा। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर होगा स्थापित इस शिवलिंग को सहस्रलिंगम कहा जाता है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग होते हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर यह शिवलिंग स्थापित होगा। 540 फीट चौड़ा होगा यह मंदिर विराट रामायण मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास समिति की ओर से कराया जा रहा है। विराट रामायण मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है। आकार में यह मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी। दो साल पहले हुआ था शिलान्यास 20 जून 2023 को शिलान्यास के बाद विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। विराट रामायण मंदिर का निर्माण बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया और चकिया के बीच जानकीनगर में हो रहा है। पटना से इस मंदिर की दूरी लगभग में 120 किलोमीटर है। विराट रामायण मंदिर में चार आश्रम होंगे। यह मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
कुशीनगर के नारायणी नदी के जरिए शराब तस्करी के बड़े खेल का पर्दाफाश बुधवार देर रात हुआ, जब एक टाटा नेक्सॉन कार में 25 पेटी अंग्रेजी शराब लेकर दो तस्कर 31 किलोमीटर का सफर बिना किसी पुलिस चेकिंग के पार करते हुए पनियहवा पुल तक पहुंच गए। यहां से शराब को नाव से बिहार भेजने की तैयारी थी, लेकिन ग्रामीणों की सक्रियता और दैनिक भास्कर की टीम की निगरानी से पूरा मामला बेनकाब हो गया। भास्कर टीम को पिछले एक हफ्ते से इनपुट मिल रहा था कि महराजगंज की शराब नदी के रास्ते बिहार भेजी जा रही है। बुधवार रात करीब 11 बजे संदिग्ध टाटा नेक्सॉन (UP56AW7001) पनियहवा पुल के नीचे के रास्ते की ओर जाती दिखी। पीछा करने पर कार रुकी और स्थानीय लोगों के साथ जब इसकी जांच की गई, तो आगे की सीट, बीच की सीट और डिग्गी में 25 पेटी अंग्रेजी ब्रांड की शराब भरी मिली। कार में दो तस्कर मौजूद थे। पकड़े गए एक तस्कर ने बताया कि वह महाराजगंज जिले के सिंदुरिया थाना क्षेत्र के मुजहा गांव का निवासी है और शराब बिपिन जैसवाल के ठेके से लाया गया माल है।उसने कहा, “रास्ते में हमें कहीं रोका नहीं गया।” दूसरे तस्कर ने बताया कि “पनियहवा पुल से शराब नाव के जरिए बिहार के बगहा जिले के कैलाशनगर भेजी जानी थी, मैं पहली बार इस काम में आया हूं।” कार इन जगहों से आसानी से गुजर गई महाराजगंज में सिंदुरिया थाना चिउटहा पुलिस चौकी कोठीभार थाना बॉर्डर पर महराजगंज पुलिस पिकेट कुशीनगर में बॉर्डर पिकेट खड्डा थाना हनुमांगंज थाना पनियहवा पुलिस चौकी खड्डा थाने की सालिकगपुर पुलिस चौकी इसके बाद कार पनियहवा पुल के नीचे पहुंच गई, जहां से नाव पहले से तैयार थी। बिहार में शराबबंदी लागू है। हाल के विधानसभा चुनाव के बाद शराब की डिमांड बढ़ने से यूपी की सीमाओं पर तस्करी और तेज हो गई है। तस्कर दोगुने दाम पर इसकी सप्लाई कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।सीओ खड्डा वी.के. सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों तस्करों को कार और शराब के साथ थाने भेजा। कुशीनगर एसपी केशव कुमार लंबे समय से चेकिंग और तस्करी रोकने के लिए अभियान चलाने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह मामला जमीनी हकीकत को उजागर करता है कि तस्कर 31 किमी की पुलिस चेकिंग को बिना किसी बाधा के पार कर गए।
राहुल गांधी बोलते हैं, हम जीतते हैं:गोरखपुर में बोले रविकिशन; कहा-वो हमारे सबसे बड़े प्रचारक
गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ला ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर तंज कसा है। गोरखपुर स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा राहुल गांधी भाजपा के बहुत बड़े प्रचारक हैं। जितना हो पाए, राहुल गांधी उतना हम लोगों के खिलाफ बोलें। वह बोलना न छोड़ें, वह बोलते हैं, हम जीतते हैं। उनके बोलने में जादू है। रविकिशन ने कहा कि एक दिसंबर से सदन चलेगा। राहुल गांधी से अपील है कि वहां भी चिंघाड़ के बोलें।रविकिशन पिछले तीन दिनों से गोरखपुर में थे। दो दिन वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अलग-अलग कार्यक्रमों में रहे। बुधवार को रविकिशन ने एक बार फिर राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा वोट चोरी से लेकर जितने आरोप वह लगा रहे हैं, बिहार की जनता उसका जवाब दे चुकी है। अभी 5 से 6 राज्यों में उनकी सरकार है। जल्द ही वह भी चली जाएगी। रविकिशन ने कहा कि हम चाहते हैं कि राहुल रुकें नहीं, लगातार बोलते रहें। देश के 272 प्रतिष्ठित लोगों ने कांग्रेस को खुली चिट्ठी लिखकर कहा है कि कांग्रेस और राहुल गांधी संवैधानिक संस्थाओं पर बार-बार हमले कर रहे हैं और वास्तविक सबूत के बिना आरोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग को बदनाम करने और वोट चोरी के आरोप लगाने का आरोप लगा रहे हैं। इस पत्र के संबंध में जब रविकिशन की प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भाजपा के बहुत बड़े प्रचारक हैं। वे कृपया बोलना न छोड़ें। उनके गंदे, कड़े व रूखे शब्द भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आशीर्वाद स्वरूप ही मिलते हैं। एक दिन पहले कहा था-राहुल मछली पकड़ने गए थे रविकिशन ने एक दिन पहले कहा था कि राहुल गांधी बिहार में मछली पकड़ने गए थे लेकिन यह बिहार की मछली है। ऐसे हाथ नहीं आएगी। बिहार में निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा के प्रभाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रविकिशन ने कहा था कि राहुल को लगा कि चलो बिहार चलते हैं और कुछ मछलियां पकड़ लेते हैं (Let's go and catch some fishes in Bihar)। तो ये उन लोगों के लिए एक पिकनिक होता है। उसके बाद सुनने में आया कि वह कंबोडिया या कहीं और चले गए। भगवान जाने क्या सच है। राजनीति करनी है तो बिहार जाकर पानी में मत कूदिए। सांसद ने कहा था कि हम लोग वहां एक-एक वोट के लिए पसीना बहाया है। जमीन पर हमने काम किया है। वहां पार्टी की ओर से हर सांसद व विधायक लगाया गया था। हमारी पूरी पार्टी जाकर युद्ध की तरह वहां लड़ रही थी। हम लोगों के लिए चुनाव एक युद्ध होता है, चुनाव नहीं होता है। राहुल की राजनीति को तो...महादेव ही जानें।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बिहार दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। वह वहां आज होने वाले नई नीतीश कुमार की नई सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे। सीएम सैनी चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सुबह 9.10 मिनट पर इंडिगो की फ्लाइट से रवाना हुए हैं। सीएम कार्यक्रम में करीब डेढ़ बजे तक रहेंगे। शाम 4 बजे उनकी चंडीगढ़ वापसी होगी। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सीएम नायब सैनी ने 8 विधानसभा सीटों पर रैली और जनसभाएं की थीं, जिसमें से सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जीत मिली थी। 4 नवंबर को गया से प्रचार की शुरुआत की बिहार के गया के वजीरगंज से भाजपा के बीरेंद्र सिंह जीते, यहां नायब ने 4 नवंबर को जनसभा की थी। यहां भाजपा ने कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह को हराया। नायब ने 29 अक्टूबर को भोजपुर की तरारी विधानसभा सीट पर रैली की थी। यहां से भाजपा के विशाल प्रशांत जीते। पूर्वी चंपारण की रामनगर सीट पर भाजपा के नंदकिशोर राम ने राजद के सुबोध कुमार को हराया। यहां नायब ने 9 नवंबर को प्रचार किया था। औरंगाबाद की गोवा सीट पर भाजपा के डॉ. रणविजय कुमार ने राजद के अमरेंद्र कुमार को हरया। गया की गुरुआ सीट पर भाजपा के उपेंद्र प्रसाद ने राजद के विनय कुमार को हराया। रोहतास की डेहरी सीट पर भाजपा गठबंधन के राजीव रंजन सिंह ने राजद के गुड्डू कुमार चंद्रवंशी को हराया। पश्चिमी चंपारण की बगहा सीट पर भाजपा के राम सिंह ने कांग्रेस के जयेश मंगलम सिंह को और भोजपुर की आरा सीट पर भाजपा के संजय सिंह टाइगर ने क्यामुद्दीन अंसारी को हराया। बिहार चुनाव में हरियाणा की सरकार ने की ये प्लानिंग... 1. वोटिंग के लिए सवेतन छुट्टी दी नायब के नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में बिहार वोटरों को लुभाने को काफी काम किया था। छठ पूजा पर बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए थे। सरकार ने बिहार वोटर्स को वोटिंग के लिए वेतन सहित छुट्टी देने को उद्योगपतियों से आग्रह किया था। 2. प्रवासियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई हरियाणा भाजपा की एक टीम जहां बिहार में मोर्चा संभाले हुए थी, वहीं एक टीम ने हरियाणा में बिहारी मूल के मतदाताओं के साथ लगातार जनसंपर्क किया। हरियाणा से बिहार में वोट डालने के लिए मतदाताओं को प्रोत्साहित करके स्पेशल ट्रेनों से बिहार भेजा गया। पानीपत, सोनीपत और गुरुग्राम आदि शहरों में बिहारी मतदाताओं को उनके मूल क्षेत्रों में रवाना करने के बाद बाकायदा कार्यक्रमों का आयोजन करके इस बात का एहसास दिलाया गया कि वह भले ही अपने घर से दूर हैं, लेकिन लोकतंत्र के इस पर्व में उन्हें भागीदार बनाने के लिए भाजपा के प्रत्येक नेता और कार्यकर्ता एकजुट है। वीडियो में सीएम ने कहा था- मैं बिहारी हूं सीएम नायब सैनी ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें बताया कि हरियाणा सरकार न केवल प्रवासियों की सुविधा के लिए काम कर रही है, बल्कि प्रवासी के पर्व भी अब सरकार द्वारा मनाए जा रहे हैं। छठ पूजा का उदाहरण देते हुए सीएम ने एक जनसभा में कहा कि अब तो उन्हें भी लगने लगा है कि वह भी बिहारी हैं। सीएम की इस बात को बिहार की जनता ने जहां सहर्ष स्वीकार किया वहीं हरियाणा में विपक्ष ने मुद्दा बनाने का प्रयास किया, लेकिन विफल हो गया।
महाबलीपुरम से दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग कल बिहार के लिए रवाना होगा
विराट रामायण मंदिर में स्थापित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग शुक्रवार को तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना किया जाएगा। इसके लिए महावीर मंदिर के सुपरिटेंडेंट के सुधाकरण और जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार सिंह महाबलीपुरम जा रहे हैं। वहां पहले शिवलिंग की पूरे विधि-विधान से पूजा होगी। इसके बाद 156 चक्के वाले ट्रक पर उसे रखा जाएगा। यह ट्रक करीब डेढ़ महीने में कैथवलिया पहुंचेगा। इस शिवलिंग को पूर्वी चंपारण के केसरिया और चकिया के बीच कैथवलिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। जनवरी के अंत तक या फरवरी के पहले हफ्ते में इस शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा। बिहार की सीमा में पहुंचने पर शिवलिंग का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। मोहनिया, आरा और पटना होते हुए यह शिवलिंग मंदिर पहुंचेगा। चांदी के 15 फीट ऊंचे अरघा पर स्थापित होगा शिवलिंग सिंगल पत्थर से तराश कर निकाला गया यह दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है। महावीर मंदिर न्यास के सदस्य सायण कुणाल के अनुसार इस शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई भी 33 फीट है। वजन 210 मीट्रिक टन है। इसके साथ एक हजार छोटे शिवलिंग भी होंगे। इसे सहस्रलिंगम के रूप में जाना जाता है। भारत में आठवीं सदी तक सहस्रलिंगम के प्रमाण हैं। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। 140 एकड़ में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा। मुख्य मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा और 270 फीट ऊंचा है। मंदिर में 15 शिखर मंदिर होंगे। 270 फीट ऊंचा एक शिखर भी होगा। इसे अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम-जानकी मार्ग से भी जोड़ा गया है। 5 किमी की रफ्तार से चलेगा ट्रक शिवलिंग को महाबलीपुरम से कैथवलिया लाने में करीब डेढ़ महीने का समय लगेगा। जिस ट्रक से इसे लाया जाएगा, उसकी रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। अधिक वजन से कहीं सड़क न धंस जाए, इसलिए चकिया से कैथवलिया तक 12 किलोमीटर विशेष तकनीक से सड़क व पुल-पुलिया का निर्माण हुआ है। ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर शिवलिंग को बनाया गया है अभी विश्व के सबसे ऊंचे शिवलिंग तंजौर के वृहदेश्वर मंदिर में 27 फीट ऊंचा शिवलिंग है। भोपाल के पास भोजपुर मंदिर में 20 फीट ऊंचा शिवलिंग है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्रियों और नए बिहार मंत्रिमंडल को दी बधाई
10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, 26 नए मंत्रियों ने ली शपथ, देखिए पूरी लिस्ट
नीतीश कुमार ने पटना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और वह 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। उनके...
नीतीश कुमार ने पटना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और वह 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए। उनके...
पूर्णिया शहर के कांग्रेस ऑफिस गोकुल कृष्ण आश्रम में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इसमें जिले भर के सभी प्रमुख कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव ने की। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है। इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक सप्ताह के अंदर समीक्षा बैठक बुलाई जाएगी। जिलाध्यक्ष ने बताया कि जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रत्येक विधानसभा में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। ये कमेटी बूथ से लेकर पंचायत स्तर तक हार के कारणों की विस्तृत समीक्षा करेगी। कमेटी सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी। उन्होंने कहा कि जब तक जमीनी रिपोर्ट नहीं सौंपी जाती, तब तक हार के प्रमुख कारणों का पता नहीं चल सकेगा। लोकतंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस लड़ाई लड़ती है, लेकिन कुछ लोगों के अनर्गल बयानबाजी और पार्टी गतिविधि के विरुद्ध काम करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष बोले- ये कांग्रेस नहीं, बिहार की जनता की इच्छा की हार है बिजेंद्र यादव ने कहा कि यह केवल कांग्रेस की हार नहीं, बल्कि बिहार की जनता की इच्छा की हार है। हमने चार सीटों पर पूरे दमखम से चुनाव लड़ा, लेकिन परिणाम बताते हैं कि हमें बूथ स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी। इधर, बिहार में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन पर पूर्णिया जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव सह मुख्य प्रवक्ता गौतम वर्मा ने पार्टी नेतृत्व पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की नाकामी है। संगठन को मजबूत करने के लिए वर्षों से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मनमाने ढंग से टिकट वितरण ने कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ाई और इसका सीधा असर चुनावी परिणामों पर पड़ा। गौतम वर्मा ने आरोप लगाया कि पूर्णिया में आए प्रभारी नेताओं ने संगठन को मजबूत करने के बजाय लिफाफा बाजी' पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि पूर्णिया सदर के उम्मीदवार ने मेहनत और निष्ठा से सम्मानजनक वोट प्राप्त किए, जबकि पार्टी के भीतर भीतरघात भी हुआ। राजद के साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व इसे समझने को तैयार नहीं। उन्होंने मांग की टिकट वितरण में घिनौना खेल करने वाले नेताओं व प्रभारियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। इस बयान ने जिला से लेकर प्रदेश कांग्रेस तक हलचल पैदा कर दी है और अब पार्टी के भीतर व्यापक मंथन की उम्मीद की जा रही है। कांग्रेस की अगली रणनीति समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।
भाकपा (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेत्री वृंदा करात ने बिहार चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आयोग की भूमिका को संसदीय प्रणाली पर हमला बताया। वृंदा करात बुधवार को देवघर परिसदन में पत्रकारों से बात कर रही थीं। पलायन करने वाले लोग अब इसकी शिकायत कहां करेंगे वृंदा करात ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने पूरे चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन किया। उन्होंने घुसपैठियों के खिलाफ एसआईआर का जिक्र करते हुए सवाल किया कि क्या कोई घुसपैठिया मिला? उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए, जबकि पलायन करने वाले लोग अब इसकी शिकायत कहां करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार चुनाव में सांप्रदायिक प्रचार हुआ, जिस पर आयोग ने किसी को एक भी नोटिस नहीं दिया। चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। वृंदा करात ने बिहार सरकार द्वारा चुनाव के अंतिम समय में महिलाओं को 10 हजार रुपए देने के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग ने इसे लागू होने कैसे दिया, जबकि अन्य राज्यों में इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताकर रोक दिया गया था। उन्होंने पूछा कि बिहार सरकार पांच साल तक कहां थी और शुरुआत से ही महिलाओं को यह राशि क्यों नहीं दी गई। प्रधानमंत्री मोदी के 'गमछा लहराने' पर भी टिप्पणी की उन्होंने जनवादी प्रणाली को बचाने के लिए चुनाव आयोग का विरोध करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वृंदा करात ने बिहार की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के 'गमछा लहराने' पर भी टिप्पणी की और पूछा कि क्या यह किसी प्रधानमंत्री को शोभा देता है और इसके पीछे वे क्या संदेश देना चाहते हैं।
बिहार में भाजपा के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ NDA की सरकार बनने के बाद अब यूपी में भी बदलाव का दौर शुरू होगा। प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिलेगा। इसके लिए तेजतर्रार नेता की तलाश चल रही है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का नाम भी इसमें जुड़ गया है। विधानसभा चुनाव- 2027 में भाजपा हैट्रिक लगाने की पूरी तैयारी कर रही है। इसके लिए योगी सरकार 2.0 का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार भी किया जाएगा। बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही यूपी को लेकर सरगर्मी शुरू हो जाएगी। भाजपा के पदाधिकारी बताते हैं कि अब बिना ज्यादा देरी किए आलाकमान दिसंबर तक यूपी में सरकार और संगठन में जरूरी बदलाव कर देगा। 11 महीने से नए अध्यक्ष का इंतजार यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी, 2025 को होनी थी। कभी महाराष्ट्र चुनाव, तो कभी यूपी में उपचुनाव। इसके बाद बिहार चुनाव के चलते मामला अटकता चला गया। यूपी भाजपा का अध्यक्ष केवल यूपी ही नहीं, पार्टी की केंद्रीय राजनीतिक के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए केंद्रीय नेतृत्व बिना किसी जल्दबाजी के सोच-समझकर इस पर फैसला लेना चाहता है। यही वजह है कि दिल्ली में कई दौर के मंथन के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक अटकी है। लेकिन, अब बिहार चुनाव होने के बाद लखनऊ से दिल्ली तक सरकार और संगठन के गलियारों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हलचल मची है। बिहार में बयार के बाद ही बदलावजानकार मानते हैं कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार विधानसभा चुनाव के फैसले तक यूपी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला टाल रखा था। केंद्रीय नेतृत्व चाहता था कि बिहार के नतीजों के बाद ही यूपी में बदलाव किया जाए। अब बिहार में एनडीए की बयार के बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया है। यूपी को लेकर उनके निर्णय में आरएसएस और पार्टी के किसी भी गुट का अब ज्यादा असर नहीं होगा। केंद्रीय नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अगड़े, पिछड़े और दलित का समीकरण साधने के लिए कड़े फैसले भी ले सकता है। केंद्रीय नेतृत्व ने हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार में अपने राजनीतिक कौशल का एहसास करा दिया है। लिहाजा अब यूपी में भी उसके निर्णय पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। पहले प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पहले प्रदेश अध्यक्ष का सिलेक्शन किया जाएगा। उसके बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। 2019 में भी मंत्रिमंडल विस्तार से पहले तत्कालीन परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह को यूपी भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है। औपचारिक होगी नामांकन प्रक्रियाभाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए चुनाव पर्यवेक्षक पीयूष गोयल जल्द ही लखनऊ आएंगे। वह प्रदेश परिषद के सदस्यों की बैठक लेंगे। उसमें ही प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए शीर्ष नेतृत्व की ओर से तय कार्यकर्ता का नामांकन कराया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष पद का चुनाव होने के कारण एक ही नामांकन दाखिल होगा। निर्धारित चुनाव प्रक्रिया के बाद चुनाव प्रभारी नवनिर्वाचित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का नाम घोषित करेंगे। इसलिए होगा मंत्रिमंडल विस्तार योगी सरकार 2.0 का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार भी होना है। पूर्व पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद कैबिनेट मंत्री के पद खाली हैं। आगामी पंचायतीराज चुनाव और विधानसभा चुनाव के चलते सामाजिक समीकरण सेट करने के लिए भी कुछ जातियों का सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। दलितों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया जाना है। भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को भी फिर से मंत्रीमंडल में शामिल किया जाना है। प्रदेश सरकार के मौजूदा मंत्रियों में, जिनके कामकाज को लेकर सरकार, भाजपा और आरएसएस के साथ कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर भी किया जा सकता है। हालाकि, पार्टी का एक वर्ग चुनाव से पहले किसी को मंत्रिमंडल से बाहर करने के पक्ष में नहीं है। योगी सरकार 2.0 का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 5 मार्च, 2024 को किया गया था। इसमें सुनील शर्मा, दारा सिंह चौहान, रालोद के अनिल कुमार और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। योगी सरकार में 54 मंत्री, 6 पद खालीयोगी कैबिनेट में वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कुल 21 कैबिनेट मंत्री हैं। असीम अरुण, गुलाब देवी, जेपीएस राठौर और दयाशंकर सिंह समेत 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी, बलदेव सिंह औलख और जसवंत सिंह सैनी सहित 19 राज्यमंत्री हैं। इस तरह वर्तमान में कुल 54 मंत्री हैं, जबकि कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। लिहाजा, मंत्रिमंडल के लिए 6 पद खाली हैं। तेज-तर्रार प्रदेश अध्यक्ष की तलाशभाजपा को पंचायत और विधानसभा चुनाव के चलते तेज-तर्रार प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को हालांकि एक साल के लिए ही प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। लेकिन, किसी न किसी कारण से नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन में इतना देर हुई कि वह 3 साल से ज्यादा समय का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। चौधरी अनुभवी होने के साथ केंद्रीय नेतृत्व के भरोसेमंद भी हैं। जानकार मानते हैं कि मौजूदा राजनीतिक दौर में चौधरी अब खुद भी ज्यादा समय तक इस पद पर नहीं बने रहना चाहते। वहीं, उनके विरोधी कहते हैं कि चौधरी उतने तेज-तर्रार नहीं, जितना सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष को होना चाहिए। लिहाजा 2027 में फिर से सरकार बनाने के लिए ऐसा तेज तर्रार प्रदेश अध्यक्ष होना चाहिए। जो सीएम योगी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और आरएसएस से समन्वय बैठाने के साथ कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट कर सके। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व की अपेक्षा के अनुरूप भी काम कर सके। दिसंबर तक होगा बदलावयूपी में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार दिसंबर महीने तक होने की पूरी संभावना है। भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में करीब 11 महीने देर हो चुकी है। अप्रैल से पंचायत चुनाव का बिगुल बज जाएगा। उसके बाद विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक संवर्ग के चुनाव होने हैं। उसके साथ ही पार्टी को विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू करनी है। लिहाजा, अब ज्यादा देरी की गई तो इसका असर पार्टी के कामकाज पर पड़ेगा। ये चेहरे हैं रेस में... -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में काम के घंटे से लेकर छुटि्टयां भी तय, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए नया कानून यूपी में प्राइवेट कर्मचारी कहीं पिस तो नहीं रहा? उसके साथ कंपनी या मालिक अन्याय तो नहीं कर रहे? फिक्स घंटों से ज्यादा तो काम नहीं करना पड़ रहा? इस तरह के सवाल आम बात है। हर प्राइवेट कर्मचारी के अंदर इसको लेकर दर्द है। पढ़िए पूरी खबर...
पहले आओ, पहले पाओ आधार पर होगा बीज वितरण
सिटी रिपोर्टर |औरंगाबाद जिले में रबी मौसम के लिए बीज वितरण प्रक्रिया तेज कर दी गई है। समाहरणालय स्थित जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभिन्न योजनान्तर्गत कुल 28,397.96 क्विंटल रबी बीज वितरण का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए किसानों को अनिवार्य रूप से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया https://br bn.bihar.g ov.in पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसके माध्यम से किसान स्वयं या पंचायत स्तर पर उपलब्ध कृषि समन्वयक की मदद से निःशुल्क आवेदन कर सकते हैं।प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई किसान ऑनलाइन प्रक्रिया स्वयं नहीं कर पाता, तो वह अपने पंचायत के किसान सलाहकार या कृषि समन्वयक से संपर्क स्थापित कर निःशुल्क आवेदन करा सकता है। जिला प्रशासन ने कहा है कि किसानों से किसी भी प्रकार का शुल्क लेना पूरी तरह प्रतिबंधित है और ऐसी शिकायत मिलने पर कार्रवाई तय है। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान सरल प्रक्रिया के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकें। अनुदानित दर पर कुल 19,873.56 क्विंटल बीज प्राप्त हो चुका है : जिले में रबी बीज वितरण हेतु प्रत्यक्षण एवं अनुदानित दर पर कुल 19,873.56 क्विंटल बीज प्राप्त हो चुका है। उपलब्ध बीज को बीआरबीएन के अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से सभी प्रखंडों के वितरण केंद्रों पर भेज दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि किसानों को बीज वितरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है, जिससे किसी प्रकार की भीड़ या अव्यवस्था न हो। इस पूरी प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि वितरण व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी और सुव्यवस्थित रहे।अधिकारियों ने बताया कि किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। रबी सीजन में देरी होने पर उत्पादन प्रभावित होता है, इसलिए सभी संबंधित विभागों को समयबद्ध ढंग से कार्य करने का निर्देश दिया गया है। बीज वितरण केंद्रों पर प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है और किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तुरंत समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है।
नीतीश कुमार फिर बनेंगे बिहार के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम को लेकर BJP ने तय कर लिए दो नाम
बिहार विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के चेहरों से...
भिवानी के पूर्व मंत्री वासुदेव शर्मा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर इनेलो का दामन थामा। उन्होंने करीब 13 साल बाद घर वापसी की है। इस दौरान भिवानी के बड़ चौक स्थित भगवान परशुराम धर्मशाला में रैली का आयोजन किया गया। जिसमें इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अभय सिंह चौटाला पहुंचे। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने बिहार चुनाव परिणामों को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने चुनाव में स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज किया और केवल वोट चोरी का मुद्दा उठाया, जिसका उन्हें नुकसान हुआ। वोट चोरी पर कांग्रेस को घेराचौटाला ने कहा कि यदि कांग्रेस वास्तव में वोट चोरी के आरोप को लेकर गंभीर थी, तो उसे चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए था, न कि चुनावी मैदान में उतरना चाहिए था। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, एक तरफ राहुल गांधी वोट चोरी की बात करते हैं और दूसरी तरफ उसी अविश्वास के बीच चुनाव भी लड़ते हैं। दोनों बातें एक साथ नहीं चल सकतीं। कांग्रेस खो देगी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जाइनेलो नेता ने दावा किया कि आने वाले समय में कांग्रेस न केवल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देगी, बल्कि एक क्षेत्रीय दल के रूप में भी अपना अस्तित्व बनाए रखना उसके लिए मुश्किल होगा। अभय सिंह चौटाला ने यह बात भिवानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस अवसर पर पूर्व मंत्री वासुदेव शर्मा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर इनेलो का दामन थामा। एसवाईएल मुद्दे पर बोले चौटालाएसवाईएल (सतलुज यमुना लिंक) मुद्दे पर भी अभय सिंह चौटाला ने भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हरियाणा में एसवाईएल का पानी न तो भाजपा ला सकती है और न ही कांग्रेस, क्योंकि दोनों राष्ट्रीय दल पंजाब के मतदाताओं को नाराज नहीं कर सकते। चौटाला ने दावा किया कि एसवाईएल का पानी केवल इनेलो की सरकार ही हरियाणा में ला सकती है। 1987 में मंत्री बने थे डॉ. वासुदेव शर्मापूर्व मंत्री डॉ. वासुदेव शर्मा ने बताया कि वे वर्ष 1982 में गांव के सरपंच बने थे। इसके बाद 1984 में वे ब्लॉक समिति के चेयरमैन बने। वहीं 1986 में उन्होंने जनता दल ज्वाइन की। साल 1987 में उन्होंने मुंढाल विधानसभा वे विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद वे जीते और विधायक बने। हरियाणा सरकार में स्पोर्ट्स सहित अन्य मंत्रालय के मंत्री भी रहे। इसके बाद उन्होंने 1993 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। वहीं 2000 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से पूर्व सीएम बंसीलाल के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद वे 2004 में कांग्रेस छोड़कर इनेलो में शामिल हो गए। वहीं 2009 में उन्होंने इनेलो पार्टी के टिकट पर भिवानी विधानसभा से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उनकी हार हुई और वे तीसरे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2012-13 में वापस कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। अब फिर से कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 71वीं की प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी हो गया है। परीक्षा में 13,368 उम्मीदवार पास हुए हैं। इसके अलावा वित्तीय प्रशासनिक अधिकारी (financial administrative officer) के पद के लिए 893 उम्मीदवार सफल हुए है। इस तरह इस कुल 14,261 उम्मीदवार क्वालीफाई हुए हैं। अभ्यर्थी अपना रिजल्ट bpsc.bihar.gov.in पर देख और डाउनलोड भी कर सकते हैं। आयोग के अनुसार, लगभग 4.71 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से करीब 3.57 लाख ने एडमिट कार्ड डाउनलोड किया। हालांकि, 3.16 लाख लोग ही एग्जाम दे पाए थे। 37 जिलों के 912 परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा परीक्षा का आयोजन राज्य के 37 जिलों के 912 परीक्षा केंद्रों पर हुआ। परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति लगभग 64.3% रही। इस पहली शिफ्ट की परीक्षा में कुल 150 प्रश्न पूछे गए थे। 1298 पदों पर बहाली होगी। गया में पितृपक्ष मेला होने की वजह से एग्जामिनेशन सेंटर नहीं बनाए गए थे। एग्जाम देकर निकले कैंडिडेट्स ने कहा था, 'करंट अफेयर्स से ज्यादा सवाल थे। पेपर मॉडरेट था।' जानिए, एक्जाम और सिलेक्शन प्रोसेस अब मेंस परीक्षा होगी प्रारंभिक परीक्षा में पास कैंडिडेट अब मेंस में शामिल होंगे।यह परीक्षा तीन विषयों की होगी। इसमें दो अनिवार्य विषय होंगे, पहला सामान्य हिंदी जो 100 मार्क्स का होगा। इस विषय में 30 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य होगा। हालांकि मेरिट लिस्ट में इसके नंबर नहीं जुड़ेंगे। दूसरा सामान्य अध्ययन (पेपर 1 और पेपर 2) प्रत्येक पेपर 300 अंकों का होगा। इसमें अलावा हर अभ्यर्थी को एक ऑप्शनल (ऑप्शनल) विषय चुनना होगा। जिसका पेपर 300 अंकों का होगा। प्रत्येक विषय की परीक्षा 3 घंटे की होगी। इंटरव्यूमेंस में पास होने के बाद अभ्यर्थी इंटरव्यू दे सकेंगे। यह कुल 120 मार्क्स का होगा। उसके बाद फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। फाइनल मेरिट लिस्टमुख्य परीक्षा के 900 अंक और इंटरव्यू के 120 अंक, कुल 1020 अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयारी की जाएगी। आरक्षण कैटेगरी वाइज रिजल्ट जारी किया जाएगा। अगर कुछ अभ्यर्थियों के एक जैसे मार्क्स होंगे तो इस स्थिति में जिस अभ्यर्थी के ज्यादा मार्क्स होंगे, उसे ऊपर रखा जाएगा। अगर मुख्य परीक्षा में भी मार्क्स समान होंगे, तो ऑप्शनल विषय के नंबर देखे जाएंगे।
हांसी पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक सफलता हासिल की है। पुलिस चौकी सोरखी की टीम ने 622 ग्राम अफीम सप्लाई करने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान बिहार निवासी अरविंद के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी पुलिस अधीक्षक हांसी अमित यशवर्धन के दिशा-निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। सोरखी चौकी में तैनात एएसआई धर्मबीर ने बताया कि आरोपी अरविंद ने हाल ही में खरबला निवासी ताजदीन उर्फ रोहताश को 622 ग्राम अफीम की सप्लाई की थी। इस मामले में पहले ही थाना बास में एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामला दर्ज किया जा चुका था। गुप्त सूचना पर कार्रवाई पुलिस के अनुसार, सप्लाई चेन की जड़ तक पहुंचने के लिए टीम पिछले कई दिनों से अरविंद की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रही थी। तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे काबू किया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने अफीम सप्लाई करने की बात स्वीकार कर ली। सोरखी चौकी पुलिस ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद आरोपी अरविंद को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेशानुसार उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की तलाश में जुट गई है, ताकि नशे के बड़े स्रोतों तक पहुंचा जा सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में नशा तस्करों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी में बिहार का दबदबा एक बार फिर देखने को मिलेगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी में 22 से 30 दिसंबर 2025 तक आयोजित होने वाली 45वीं एनटीपीसी जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता (रिकर्व, कंपाउंड और इंडियन राउंड- बालक/बालिका वर्ग) के लिए बिहार टीम की घोषणा कर दी गई है। इस टीम में भोजपुर जिले के 7 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने अपनी शानदार जगह बनाई है। ये सभी खिलाड़ी भोजपुर के भोजपुरी तीरंदाजी अकादमी के हैं, जो लगातार अपने प्रदर्शन से जिले और राज्य का नाम रोशन करते आ रहे हैं। जिन 7 खिलाड़ियों का सिलेक्शन किया गया है, उनमें रिकर्व वर्ग में शुभम कुमार, समर्थ कुमार; बालिका वर्ग में राजलक्ष्मी एवं इंडियन राउंड वर्ग में बालक वर्ग के लिए आयुष कुमार एक साथ ही बालिका वर्ग में संस्कृति राज, सोनी कुमारी एवं लकी कुमारी कुमारी शामिल है। भोजपुर जिले से एक साथ 7 खिलाड़ियों का चयन होना जिले के खेल इतिहास में महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। खिलाड़ियों के चयन की जानकारी सामने आते ही जिलेभर से उन्हें शुभकामनाएं देने वालों की लाइन लग गई। जिला खेल पदाधिकारी जीवन कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी यशवंत नारायण सिंह, वरिष्ठ खेल प्रेमी कौशल सिंह, सरोज सिंह, अभय भट, रजनीश पाठक, कुमार विजय, संतोष, नवीन गुप्ता, धीरज कुमार, अविनाश ओझा, हरिओम सिंह, विमलेश ओझा सहित कई पदाधिकारी, शिक्षक और खेलप्रेमियों ने खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जिला तीरंदाजी अकादमी के संस्थापक बोले- रायपुर में भी मिलेगा मेडल भोजपुर तीरंदाजी अकादमी के संस्थापक सह कोच नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इन खिलाड़ियों ने कठिन परिश्रम और अनुशासन के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भोजपुर के खिलाड़ी लगातार राष्ट्रीय स्तर पर जिले का गौरव बढ़ा रहे हैं और इस बार उम्मीद है कि ये सभी रायपुर में भी बिहार को पदक दिलाएंगे। भोजपुर से इतने खिलाड़ियों का एक साथ चयन होना जिले के लिए गर्व की बात है। अभिभावकों, खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
दिल्ली से बिहार आ रही स्लीपर बस मंगलवार सुबह यूपी के कानपुर में पलट गई। हादसे में 5 साल के बच्चे समेत 3 यात्रियों की मौत हो गई। 6 बच्चों समेत 25 से ज्यादा घायल हैं। हादसा इतना भयानक था कि बच्चे का सिर धड़ से अलग हो गया। उसकी मां का पैर कट गया। उनका ICU में इलाज चल रहा। पिता को चोटें आईं। तीनों सीवान के रहने वाले हैं। पिता अपनी छोटी बच्ची को गोद में लेकर अस्पताल में इधर-उधर भटकता रहा। बार-बार बेटे को देखने की जिद करता रहा। फिर वह पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचा। बिना सिर की लाश देखकर घुटनों के बल गिर पड़ा और फूट-फूट कर रोने लगा। पुलिसवालों ने उसे काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वह चिल्ला-चिल्लाकर रोता रहा। बार-बार वह बेटे की सिर कटी लाश देखने की कोशिश करता, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया। रोते-रोते वह बेसुध होने लगा। जिसने भी पिता को देखा, अपने आंसू नहीं रोक पाया। एक पिता का दर्द वहां मौजूद हर शख्स ने महसूस किया। हादसे की 4 तस्वीरें... बस में 45 यात्री थे हादसा कानपुर के अरौल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुआ। बस (BR21P9389) दिल्ली के आनंद विहार से बिहार के सिवान जा रही थी। इसमें कुल 45 यात्री थे। घटना मंगलवार तड़के 3.20 बजे हुई। उस वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे। स्लीपर बस पहले डिवाइडर पर चढ़ी। फिर पलट गई। बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह पिचक गया। एक्सप्रेस-वे पर 50 फीट तक घिसटती चली गई बसघायल यात्रियों ने बताया कि अचानक तेज झटका लगा। चीख-पुकार मच गई। बस की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि एक्सप्रेस-वे पर 50 फीट तक घिसटती चली गई। सन्नाटा होने के चलते काफी देर तक यात्री अंदर तड़पते रहे। फिर राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बस के शीशे तोड़कर घायलों को जैसे-तैसे बाहर निकाला। हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 100 मीटर तक शीशे और पार्ट्स बिखर गए। अंदर यात्री सीटों के बीच फंस गए। अफरा-तफरी के बीच पुलिस टीम पहुंची। सीटें काटकर यात्रियों को निकाला गया। ड्राइवर को झपकी आने से हादसा हुआबस (BR21P9389) नालंदा आरटीओ में साल- 2018 में प्रवीण अग्रवाल के नाम पर रजिस्टर्ड हुई थी। यात्रियों के मुताबिक, रास्ते में ड्राइवर को झपकी आने से बस डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई। हादसे के बाद हम लोग करीब 15-20 मिनट तक बस के अंदर फंसे रहे। ड्राइवर नशे में लग रहा था, क्योंकि बस काफी लहराकर चला रहा था। बस में यूपी, बिहार, दिल्ली और हरियाणा के यात्री थेहादसे के बाद चालक और कंडक्टर मौके से भाग गए। अरौल इंस्पेक्टर जनार्दन यादव ने बताया- घायलों को कानपुर के हैलट अस्पताल पहुंचाया गया। बस में यूपी, बिहार, दिल्ली और हरियाणा के यात्री थे। वहीं, मृतकों की पहचान 5 साल के अनुराग पुत्र अजय (शिवांग, बिहार), नसीम आलम (20) पुत्र सुहेल अहमद (बिहार) और शशि कुमार (26) पुत्र धर्मेंद्र गिरी (पश्चिम बंगाल) के रूप में हुई है। अनुराग की मां का पैर कट गया। आईसीयू में उनका इलाज चल रहा, जबकि पिता अजय को भी चोटें आई हैं।
पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र में मोटरसाइकिल चोरी के एक मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस संबंध में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो बिहार में शराब तस्करों को चोरी की बाइक बेचने वाले गिरोह का सदस्य बताया जा रहा है। यह मामला 31 अक्टूबर को तब सामने आया जब कर्मदेव यादव ने छतरपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि सराईडीह मोड़ के पास से उनकी मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी, जब वे सामान खरीदने गए थे। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आई कि बिहार से कुछ लोग आकर अलग-अलग जगहों से मोटरसाइकिल चोरी कर रहे थे। इन चोरी की बाइकों को बिहार में अवैध शराब का धंधा करने वालों को बेचा जा रहा था। चोरी की बाइक के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा पुलिस ने मानवीय और तकनीकी सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए चोरी की मोटरसाइकिल के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर छतरपुर थाना क्षेत्र के सराईडीह मोड़ से यह मोटरसाइकिल चुराई थी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान आयुष कुमार उर्फ आयुष पाठक (18) के रूप में हुई है। वह बिहार के औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना अंतर्गत देवरा गांव का निवासी है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस ने चोरी की नीले और काले रंग की बाइक (बिना नंबर प्लेट) जब्त की है।
सबसे पहले 3 बयान… बीते 6 महीने में ये 3 बयान जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 100 से ज्यादा बार दिए। कभी लिखकर तो कभी बोलकर ऐसा दावा करते दिखे। 6 साल में 6 CM बनवाने वाला ये शख्स जब खुद बिहार जीतने निकला तो एक भी सीट नहीं जीत पाया। 1 करोड़ से ज्यादा सदस्यों का दावा करने वाली जनसुराज पार्टी को महज 16.7 लाख वोट मिले। 238 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, उसमें से 233 सीटों मतलब 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई। भास्कर स्पेशल स्टोरी में पढ़िए और देखिए, प्रशांत किशोर की पार्टी के दावे और रिजल्ट…। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रदर्शन की बात करे तो 238 में से 233 कैंडिडेट मतलब 98% की जमानत जब्त हो गई है। पार्टी एक सीट मढ़ौरा पर दूसरे नंबर तक पहुंच पाई। वह भी तब जब NDA के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। जनसुराज को करीब 2% वोट मिलता दिख रहा है। इससे अच्छा प्रदर्शन तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और मायावती की BSP की है। AIMIM 28 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 1.9% वोट शेयर के साथ 5 सीटों पर जीत मिली है। जबकि, 181 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली BSP को 1.6% वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत मिली है। अपने घर में भी जमानत नहीं बचा पाए प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर रोहतास जिले से आते हैं। इसमें विधानसभा की 7 सीटें हैं। उनके अपने जिलों की सभी सीटों पर भी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है। उनकी अपनी विधानसभा करगहर में पार्टी को सिर्फ 7.42% वोट मिला है। प्रशांत किशोर के दावे और हकीकत… चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने बड़े-बड़े दावे किए। जो चुनावी रिजल्ट में धराशाई हो गए। जैसे… 1. JDU 25 से कम सीटें जीतेगी, नीतीश CM नहीं बनेंगे; ऐसा नहीं हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उनकी सरकार जा रही है। 9 नवंबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- नीतीश सरकार जा रही है। 14 नवंबर के बाद नई सरकार आएगी। 7 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने ये तक कहा कि JDU की 25 से कम सीटें आएंगी। अगर ज्यादा सीट आई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। हकीकत- आज NDA न सिर्फ सरकार में लौटी है, बल्कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए 202 सीटें जीत गई है। प्रशांत किशोर का खाता तक नहीं खुला है। वहीं JDU 85 सीटें जीती है। और वो विधानसभा में नंबर-3 से नंबर-2 की पोजिशन पर पहुंच गई है। अब देखना होगा कि क्या पीके राजनीति छोड़ देंगे। 2. जनसुराज को 130 सीटें मिली तो भी मैं अपनी हार मानूंगा सितंबर में प्रशांत किशोर ने कई मौकों पर कहा कि 2025 में बिहार इतिहास रचेगा। जनसुराज पार्टी की सरकार बनेगी। अगर 125-130 सीटें आई तो इसे भी मैं अपनी हार मानूंगा। हकीकत- जनसुराज को खाता भी नहीं खुला है। 98% प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। 3. महागठबंधन लड़ाई में नहीं है, NDA-जनसुराज मेन प्लेयर है चुनाव से 3 महीने पहले से प्रशांत किशोर यह दावा करते रहे कि इस बार लड़ाई NDA और जनसुराज के बीच है। महागठबंधन लड़ाई में नहीं है। हकीकत- चुनाव नतीजे देखें तो लड़ाई में जनसुराज रही ही नहीं। NDA और महागठबंधन के बीच ही लड़ाई हुई और जीत NDA की हुई। 4. बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन 45% से ज्यादा दागियों को दिया टिकट चुनाव से पहले प्रशांत किशोर दावा करते थे कि हम साफ-सुथरी राजनीति करने आए हैं। समाज के अच्छे लोगों को पार्टी टिकट देगी। हकीकत- ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, जनसुराज पार्टी के 231 प्रत्याशियों में से 108 पर क्रिमिनल केस है। इसमें से 100 पर गंभीर क्रिमिनल केस है। 25 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का केस, 12 प्रत्याशियों पर हत्या का आरोप, 14 प्रत्याशियों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस है। 1280 दिन, 6,000KM पैदल चले, फिर भी नतीजा जीरो पार्टी को दिया 98 करोड़ रुपए का चंदा 29 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने पार्टी और अपनी आय के फंडिंग के बारे में जानकारी दी। राजनीति के लिए बनाई प्रोफेशनल्स की मजबूत टीम ----------------------- ये खबर भी पढ़िए... भास्कर के सवाल पर भड़के PK, बोले-कोई गुनाह नहीं किया:हमने बिहार बदलने की बात कही, आपलोग मेरा पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं, इतनी बातें मत पकड़िए बिहार विधानसभा चुनाव में जीरो पर आउट होने के बाद पहली बार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी और कहा मैं एक दिन का मौन उपवास करूंगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में PK पहले तो भास्कर के सवाल पर भड़क गए। उनकी आवाज, बात करने का तरीका सब बदल गया। फिर सवालों के बीच ही पीसी छोड़़कर निकल गए। दरअसल, PK ने प्रचार के दौरान दावा किया था कि JDU को 25 से ज्यादा सीटें आईं तो राजनीति छोड़ दूंगा। रिपोर्टर ने इसे लेकर उनसे सवाल किया तो जवाब मिला- मैं किसी पद पर नहीं जो उसे छोड़ दूं। पूरी खबर पढ़िए
ललित सुरजन की कलम से - बिहार चुनाव : कुछ अन्य बातें
'बिहार में महागठबंधन की अभूतपूर्व जीत के बारे में टीकाकारों के अपने-अपने विश्लेषण हैं
Fact check: क्या कन्हैया कुमार ने दिल्ली और बिहार में 'डबल वोटिंग' की? नहीं
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर कन्हैया कुमार के दिल्ली में एक मतदान केंद्र विजिट करने की है. वह 2024 में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे जबकि उन्होंने अपना मतदान अपने होम टाउन बेगूसराय में ही किया था.
आसान नहीं बिहार का मैदान भाजपा के लिए
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार खत्म हो गया है और गुरुवार, 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा
क्या बिहार से लेफ्ट एकता की राह पकड़ेगा?
बिहार के विधानसभा चुनाव के बहुत सारे पहलू हैं। और इनमें से ज्यादातर पर लिखा जा रहा है
2015 की तरह इस बार भी बिहार में आरक्षण सबसे बड़ा मुद्दा
बिहार चुनाव की घोषणा होने वाली है। वहां यह मुद्दा सबसे बड़ा बनने जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसकी शुरुआत हो गई है
राहुल की यात्रा का पहला दौर कामयाब : मगर असली लक्ष्य है बिहार जीतना
राहुल की बिहार यात्रा का पहला दौर खतम हो गया। दूसरा दौर जब भी शुरू हो मगर उससे पहले ही वोट चोरी पूरे देश में मुद्दा बन गई
राहुल गांधी ने बिहार मतदाता सूची से बच्चों के नाम कटने का दावा नहीं किया
बूम ने पाया कि वायरल ग्राफिक में राहुल गांधी के हवाले से वायरल हो रहा कोट फर्जी है. राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार की मतदाता सूची से बच्चों के नाम काटे जाने से संबंधित कोई दावा नहीं किया था.
फैक्ट चेक: बिहार में कोसी नदी पर बन रहे पुल के गिरने का वीडियो पुराना है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो 22 मार्च 2024 को बिहार में कोसी नदी पर बन रहे पुल के स्लैब के गिरने की घटना का है.
चुनाव आयोग पर बिहार में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की साजिश का आरोप
बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मतदाताओं के सत्यापन की समुचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और वे जिन प्रमाणपत्रों की मांग कर रहे हैं, वे लोगों के पास हैं ही नहीं।
पीएम उषा अभियान के तहत बिहार को 600 करोड़ रुपए देगी मोदी सरकार, नीतीश कैबिनेट ने खोला बंद रास्ता
बिहार में पीएम उषा अभियान को लागू करने के प्रस्ताव को नीतीश कुमार सरकार की मंजूरी के बाद राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए केंद्र से अगले दो साल में 600 करोड़ रुपए मिलने का रास्ता खुल गया है।
बिहार के प्रिंस कुमार सिंह ने यूपीएससी आईएफएस परीक्षा में 15वीं रैंक प्राप्त की है। इसके अलावा उन्होंने और भी कई बड़े एग्जाम को पास किया हुआ है। जानिए जानते प्रिंस कुमार की कहानी जिन्होंने अपने आर्थिक
बॉलीवुड के मशहूर स्टार कपल सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल 7 वर्ष की डेटिंग के बाद अब पति-पत्नी बन चुके हैं। दोनों की शादी इस वक़्त टॉक ऑफ द टाउन है। सोनाक्षी और जहीर अलग धर्म से हैं। ऐसे में ना उन्होंने निकाह किया तथा ना ही फेरे लिए, बल्कि सादगी से रजिस्टर मैरिज की एवं फिर रिसेप्शन पार्टी रखी। अलग धर्म में शादी करने पर सोनाक्षी एवं जहीर को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोलिंग के कारण दोनों को अपने वेडिंग पोस्ट का कमेंट सेक्शन तक बंद करना पड़ा। मगर बात तब हद से ज्यादा तब बढ़ गई, जब इंटरफेथ मैरिज करने पर सोनाक्षी एवं जहीर के खिलाफ बिहार के गांव में प्रोटेस्ट मार्च निकाले गए। रिपोर्ट के अनुसार, सोनाक्षी के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन 'हिंदू शिव भवानी सेना' नाम की एक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था। जहीर संग शादी पर बेटी सोनाक्षी की हो रही ट्रोलिंग पर अब शत्रुघ्न सिन्हा ने चुप्पी तोड़ी है तथा हेटर्स को जवाब दिया है। अपने एक इंटरव्यू के चलते शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा- आनंद बक्शी साहब ने इस तरह के प्रोफेशनल प्रोटेस्टर्स के बारे में लिखा है- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। इसमें आगे जोड़ना चाहूंगा कि कहने वाले अगर बेकार, बेकाम-काज के हों तो बोलना ही उनका काम बन जाता है। मेरी बेटी ने कुछ भी ऐसा नहीं किया जो गैरकानूनी एवं संविधान के खिलाफ है। सोनाक्षी-जहीर की शादी पर शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा- शादी दो लोगों के बीच का एक बहुत ही व्यक्तिगत फैसला है। इसमें किसी को भी बीच में दखल देने या कमेंट करने का हक नहीं होता। विरोध प्रदर्शन करने वालों को मैं यही बोलना चाहता हूं- अपनी जिंदगी पर ध्यान दो। जिंदगी में कुछ अच्छा करो। इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना। बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने खुशी-खुशी अपनी इकलौती बेटी की शादी की है। उन्होंने दामाद जहीर को भी अपना आशीर्वाद दिया है। रिलीज हुआ श्रद्धा कपूर-राजकुमार राव की स्त्री 2 का टीजर, इस अवतार में नजर आए स्टार्स किशोर कुमार के गानों पर बैन, मनोज कुमार-देव आनंद की फिल्मों पर रोक..! बॉलीवुड पर भी पड़ा था 'इमरजेंसी' का बुरा असर सामने आई कंगना रनौत की इमरजेंसी की रिलीज डेट, जानिए किस दिन आ रही है इंदिरा गांधी की बायोपिक?
फिल्म रैप में जानिए कि रविवार को एंटरटेनमेंट की दुनिया में क्या खास हुआ. 9 जून 2024 का दिन एतिहासिक रहा. पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार पीएम बनने की शपथ ली. इस दौरान शाहरुख खान से लेकर अक्षय कुमार भी मौजूद रहे.
परेशान होकर छोड़ी इंडस्ट्री, सालों बाद किया कमबैक, बिहार की लड़की कैसे बनी हीरोइन?
टेलीविजन के पॉपुलर शो उडारियां 15 साल का लीप लेने जा रहा है. लीप के बाद शो एक नई कहानी और स्टारकास्ट के साथ दर्शकों को एंटरटेन करने आ रहा है. लीप से पहले उडारियां में आशमा का रोल निभाने वाली अदिति भगत ने आजतक संग बातचीत की और शो को लेकर कई सारी बातें शेयर कीं.
बिहार सीईटी बीएड : पांच साल में सबसे ज्यादा आवेदन आए, इस तारीख से आएंगे एडमिट कार्ड
Bihar CET B.Ed:महिलाओं के लिए अलग एवं पुरुषों के लिए अलग परीक्षा केंद्र होंगे। अभ्यर्थी 17 जून से अपना एडमिट कार्ड वेबसाइटwww. biharcetbed- lnmu. inपर लॉगइन कर डाउनलोड कर सकेंगे।
Bihar DElEd Answer Key 2024: आंसर की जारी, ऐसे दर्ज करें ऑब्जेक्शन, देखें डायरेक्ट लिंक
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने बिहार डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (DElEd) परीक्षा 2024 की आंसर की जारी की। जो उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट- biharboardonline.b
Bihar STET: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शनिवार को माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी)-2024 (प्रथम) परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। पेपर-1 के विभिन्न विषयों की परीक्षा 18 से 29 मई तक होगी।
CSBC Bihar Police Constable Exam: क्या जारी हो चुकी हैं रिवाइज्ड तारीखें, पढ़ें अपडेट
CSBC Bihar Police Constable exam dates: बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की नई तारीखों का इंतजार है। परीक्षाएं 1, 7 और 15 अक्टूबर को निर्धारित की गई थीं, जिन्हें रद्द व स्थगित कर दिया गया था। आइए
बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा शर्मा की हाल ही में बिहार में एक रोड शो में भागीदारी ने इंटरनेट पर तूफान ला दिया है। क्रुक और तुम बिन 2 जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए मशहूर सुश्री शर्मा को अपने पिता अजीत शर्मा का समर्थन करते देखा गया, जो कांग्रेस के टिकट पर भागलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यह रोड शो उन अफवाहों के बीच हुआ कि अभिनेता राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं। हालाँकि, अब यह स्पष्ट हो गया है कि वह सिर्फ अपने पिता के लिए प्रचार कर रही थीं। नेहा शर्मा ने इंस्टाग्राम पर बांका, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया सहित बिहार के विभिन्न जिलों की अपनी यात्रा दिखाते हुए एक वीडियो साझा किया। वह पारंपरिक सलवार कमीज पहने हुए थीं और जनता का अभिवादन करती और उन्हें वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करती नजर आईं। इसे भी पढ़ें: AR Rahman ने नए एल्बम के रिलीज पर Taylor Swift को बधाई दी, नेटिजन ने कहा 'महान कला, महान कला को पहचानती है' View this post on Instagram A post shared by Neha Sharma (@nehasharmaofficial) इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया रोड शो के दौरान पीरपैंती और कहलगांव में भारी भीड़ ने अभिनेता का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा “वे कहते हैं कि जब कोई आपको अपने दिल में जगह देता है, तो आप हमेशा के लिए वहीं रहते हैं। आपने मुझे जो प्यार और समर्थन दिया है, उससे मेरा दिल भर गया है। पीरपैंती और कहलगांव में गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद। आपका प्यार सारी आँखों पर। सदा आभारी। ऑनलाइन प्रसारित हो रहे एक अन्य वीडियो में अभिनेत्री को भागलपुर में अपने पिता के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए दिखाया गया है। भागलपुर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होना है। इस सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले अजीत शर्मा का मुकाबला जेडीयू के अजय कुमार मंडल से है। पहले ऐसी अफवाह थी कि सुश्री शर्मा राजनीति में प्रवेश कर सकती हैं। हालाँकि, कई रिपोर्टों ने स्पष्ट किया है कि वह अभी चुनावी शुरुआत नहीं कर रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, उनके पिता अजीत शर्मा ने उन्हें राजनीति में शामिल होने का अवसर दिया, शर्मा वर्तमान में अपने अभिनय करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। Bihar, Bhagalpur: Bollywood actress Neha Sharma campaigns for Congress leader and father Ajeet Sharma in the Lok Sabha elections, participates in a roadshow. pic.twitter.com/yEhb4XoQQL — IANS (@ians_india) April 23, 2024 View this post on Instagram A post shared by Neha Sharma (@nehasharmaofficial) View this post on Instagram A post shared by Neha Sharma (@nehasharmaofficial)
सलमान के घर फायरिंग से पहले शूटर्स ने बिहार में की हथियारों की प्रैक्टिस, फार्म हाउस की हुई थी रेकी
14 अप्रैल को, सुबह 4.50 बजे सलमान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर, अज्ञात हमलावरों ने पांच राउंड फायरिंग की थी. पुलिस ने सलमान के घर पर फायरिंग करने के मामले में विक्की गुप्ता (24 साल) और सागर पाल (21 साल) नाम के दो लड़कों को गिरफ्तार किया था. अब इससे जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया है.
Manisha और Elvish के बीच लगी दुश्मनी की आग हुई और तेज, बिहार की बेटी नेसरेआम बना दिया'राव साहब' का मजाक ?
Bihar Board: जानें-10वीं की मार्कशीट में लिखी U/R,B और C जैसी शॉर्ट फॉर्म का क्या मतलब है?
बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं का रिजल्ट 31 मार्च को जारी कर दिया गया था। छात्र अपनी ओरिजनल मार्कशीट स्कूल से ले सकते हैं। आइए जानते हैं मार्कशीट में लिखी शॉर्ट फॉर्म की फुलफॉर्म क्या है।
बिहार में जेईई और नीट की फ्री कोचिंग, रहने-खाने की भी रहेगी मुफ्त व्यवस्था, ऐसे करें अप्लाई
Bihar Board Jee and Neet Free Coaching : विद्यार्थी समिति द्वारा संचालित engineering (jee) औरmedical (neet) की नि:शुल्क तैयारी हेतु BSEB SUPER-50 आवासीय शिक्षण में पढ़ने हेतु आवेदन कर सकत हैं।
Bihar 10th Board 2024: टॉप 5 में इन 10 छात्रों ने बनाई जगह, जानें नाम और मार्क्स
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने दसवी का रिजल्ट bsebmatric.org और results.biharboardonline.com पर जारी कर दिया है। इस साल टॉप 10 की लिस्ट ने 51 छात्रों ने अपनी जगह बनाई है। टॉप 5 की लिस्ट में 10 छ
Bihar Board BSEB 2024 Matrci Result Today:बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट biharboardonline.bihar.gov.in व biharboardonline.com , onlinebseb.in पर जल्दजारी कर दिया जाएगा।
BSEB: क्लास 10वीं के रिजल्ट से पहले जानें ये 10 जरूरी बातें, मार्कशीट मिलने में मिलेगी मदद
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड अब कभी भी वेबसाइट biharboardonline.gov.in पर कक्षा 10वीं के रिजल्ट अपलोड कर सकता है। एक बार रिजल्ट जारी होने के बाद छात्र यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (बीएसईबी) मैट्रिक यानी कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट अब कभी भी biharboardonline.bihar.gov.in पर जारी हो सकता है, जो छात्र परीक्षा में शामिल हुए हैं, वे जान लें, रिजल्

