महू के जयंत सोनी और थाईलैंड की नैन की शादी की तस्वीरें हाल ही में चर्चा का विषय बनीं। 5 दिसंबर को जब वे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह बंधन में बंधे, तो यह सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं था, बल्कि दो संस्कृतियों, दो देशों और दो अलग-अलग परिवेश में पली बढ़ी पर्सनालिटीज का संगम था। थाईलैंड की गलियों से शुरू हुआ प्यार का सफर जब महू के शादी के मंडप तक पहुंचा, तो इसने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रेम किसी भी सीमा, भाषा या सरहद का मोहताज नहीं होता। हालांकि, यह कोई पहला मामला नहीं है। मध्य प्रदेश की धरती पर ऐसी कई प्रेम कहानियों ने जन्म लिया है। यहां विदेशी बहुओं ने न केवल भारतीय युवकों को अपना जीवनसाथी चुना, बल्कि यहां की संस्कृति, परंपराओं और जीवनशैली को भी पूरे मन से अपनाया। कुछ ने भारत को ही अपना घर बना लिया, तो कुछ अपने जीवनसाथी के साथ विदेश में बस गए, लेकिन उनकी जड़ें आज भी भारत से जुड़ी हैं। दैनिक भास्कर ने मध्य प्रदेश के ऐसे ही जोड़ों से बात की और उनकी असाधारण प्रेम कहानियों को समझने की कोशिश की। पहली मुलाकात और लॉकडाउन का साथभोपाल के रहने वाले स्वप्निल विजयवर्गीय एक जाने-माने टैटू आर्टिस्ट हैं, जबकि उनकी पत्नी रोजा फ्रांस में एक शिक्षिका हैं। उनकी प्रेम कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है, जिसमें संयोग, समय और थोड़ी किस्मत की बड़ी भूमिका रही। स्वप्निल बताते हैं कि उनकी और रोजा की पहली मुलाकात आज से लगभग चार साल पहले भोपाल में ही हुई थी। रोजा एक साल के इंटैरिम वीजा पर भारत आई थीं और भोपाल में एक इवेंट में उनकी मुलाकात स्वप्निल से हुई। यह मुलाकात अभी दोस्ती में बदल ही रही थी कि एक हफ्ते के भीतर ही देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हो गई। इस अप्रत्याशित घटना ने रोजा को एक साल के लिए भोपाल में ही रुकने पर मजबूर कर दिया। यही वह समय था जब दोनों को एक-दूसरे को गहराई से जानने और समझने का अवसर मिला। स्वप्निल कहते हैं, 'लॉकडाउन हम दोनों के लिए एक वरदान साबित हुआ। हमें साथ में बहुत समय बिताने का मौका मिला।' सरहदों के पार भी कायम रहा रिश्ताएक साल बाद जब लॉकडाउन हटा और रोजा फ्रांस वापस लौट गईं, तो दोनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती दूरी की थी। लेकिन तकनीक और मजबूत इच्छाशक्ति ने उनके रिश्ते को कमजोर नहीं पड़ने दिया। वे लगातार वीडियो कॉल और मैसेजेस के जरिए एक-दूसरे से जुड़े रहे। लगभग दो साल तक यह सिलसिला चलता रहा, और इस दौरान उन्होंने तय कर लिया कि वे अपने जीवन का अगला सफर एक साथ तय करेंगे। परिवार की रजामंदी और भव्य शादीस्वप्निल जब अपने परिवार को इस रिश्ते के बारे में बताया, तो उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ। वे हंसते हुए बताते हैं, 'मैं वैसे भी शादी के लिए तैयार नहीं हो रहा था, तो घरवालों ने सोचा कि चलो, किसी से तो शादी करने को तैयार हुआ। उन्होंने तुरंत हां कर दी।' साल 2023 में, स्वप्निल और रोजा ने भोपाल में भारतीय परंपराओं के अनुसार धूमधाम से शादी की। यह शादी अपने आप में एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव बन गई, जिसमें फ्रांस और अन्य देशों से 50 से अधिक मेहमान बारात लेकर आए थे। भाषा की चुनौती और संस्कृति का सम्मानशादी के बाद सबसे बड़ी चुनौती सांस्कृतिक भिन्नता नहीं, बल्कि भाषा की थी। दोनों परिवारों के बीच संवाद स्थापित करने में स्वप्निल को एक ट्रांसलेटर की भूमिका निभानी पड़ी। लेकिन अब, वे इस चुनौती को भी एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। रोजा पूरी लगन से हिंदी सीख रही हैं, और स्वप्निल फ्रेंच भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। स्वप्निल का मानना है कि संस्कृति कभी भी रिश्तों में बाधा नहीं बनती। ये सब लोगों की सोच पर निर्भर करता है। अगर आप एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। आज यह जोड़ा फ्रांस में रहता है, लेकिन हर साल त्योहारों पर भारत आना नहीं भूलता, जो उनकी जड़ों से गहरे जुड़ाव का प्रतीक है। इतिहास की गलियों में शुरू हुई प्रेम कहानीफ्रांस की रहने वाली मारी लगभग एक दशक पहले भारत की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने आई थीं। इसी यात्रा के दौरान वे मांडू पहुंचीं, जहां उनकी मुलाकात एक उत्साही और जानकार नेशनल गाइड धीरज चौधरी से हुई। धीरज उस दिन मारी के गाइड थे, लेकिन किसे पता था कि यह मुलाकात उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल देगी। मांडू के खंडहरों और महलों की कहानियां सुनाते-सुनाते धीरज और मारी के बीच दोस्ती हो गई। मारी, धीरज के अपने काम के प्रति जुनून और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके गहरे ज्ञान से बहुत प्रभावित हुईं। यात्रा समाप्त हो गई, लेकिन उनका संपर्क बना रहा। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और मारी ने एक बड़ा फैसला लिया - प्यार के लिए अपना देश छोड़कर भारत में बसने का। मांडू में एक स्थायी घरमारी मांडू आकर धीरज के साथ रहने लगीं। दोनों ने अपने-अपने परिवारों को इस रिश्ते के लिए राजी किया और शादी के बंधन में बंध गए। आज उनके दो बेटे हैं - काशी और नील। मारी अपने बच्चों को खुद हिंदी और फ्रेंच दोनों भाषाएं सिखाती हैं, ताकि वे अपनी भारतीय और फ्रांसीसी दोनों विरासतों से समान रूप से जुड़ सकें। इस जोड़े की एक और खास बात है उनका घर। उन्होंने मांडू में पुराने जमाने की तकनीकों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके एक अनूठा और पर्यावरण-अनुकूल घर बनाया है। धीरज गर्व से बताते हैं, हमारे घर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यहां न तो सर्दियों में हीटर की जरूरत पड़ती है और न ही गर्मियों में एसी की। यह पूरी तरह से प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर बनाया गया है। मारी ने न केवल भारतीय जीवनसाथी चुना, बल्कि भारतीय जीवनशैली को भी पूरी तरह से अपना लिया है। वे स्थानीय समुदाय के साथ घुलमिल गई हैं और अपने बच्चों को दोनों संस्कृतियों के बेहतर संस्कार दे रही हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा प्यार और आपसी सम्मान किसी भी सांस्कृतिक अंतर को पाट सकता है। दो देशों में दो विवाह समारोहखजुराहो के अंशुल सिंह राजावत और रूस के मॉस्को की स्वेतलाना की प्रेम कहानी पर्यटन की पृष्ठभूमि में पनपी। वर्ष 2013 में जब स्वेतलाना खजुराहो घूमने आईं, तो उनकी मुलाकात अंशुल से हुई। यह मुलाकात दोस्ती में बदली और जल्द ही दोनों को एहसास हुआ कि वे एक-दूसरे के लिए बने हैं। अपने रिश्ते को आधिकारिक नाम देने के लिए, उन्होंने सबसे पहले रूस में कोर्ट मैरिज की और वहीं साथ रहने लगे। कुछ समय बाद जब वे भारत आए, तो स्वेतलाना भारतीय संस्कृति और यहां के वैवाहिक रीति-रिवाजों से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने हिंदू परंपरा से विवाह करने की इच्छा जताई। इसके बाद, दोनों के परिवारों की सहमति से खजुराहो में एक भव्य हिंदू विवाह समारोह का आयोजन किया गया। स्वेतलाना ने भारतीय दुल्हन के रूप में सभी रस्मों को पूरे उत्साह और सम्मान के साथ निभाया। आज उनका एक बेटा है, जिसका नाम एलेक्स है, जो उनके वैश्विक परिवार का प्रतीक है। सांस्कृतिक मिलन से व्यवसायिक सफलता तकअंशुल और स्वेतलाना ने अपने अंतरराष्ट्रीय संबंध को अपनी व्यवसायिक ताकत में बदल दिया है। वे दोनों मिलकर होटल और टूरिज्म का व्यवसाय चलाते हैं। वे न केवल भारत में, बल्कि रूस और भूटान जैसे देशों में भी पर्यटकों के लिए यात्राएं आयोजित करते हैं। उनका जीवन दोनों देशों के बीच बंटा हुआ है - वे कुछ समय रूस में बिताते हैं और कुछ समय खजुराहो में। अंशुल बताते हैं कि स्वेतलाना ने भारतीय संस्कृति को पूरे दिल से अपनाया है। वे यहां के त्योहारों, भोजन और पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करती हैं। उनकी कहानी दर्शाती है कि कैसे दो अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोग न केवल एक सुखी व्यक्तिगत जीवन बना सकते हैं, बल्कि मिलकर व्यवसायिक सफलता भी हासिल कर सकते हैं।
चंडीगढ़ मेंं एवास्टिन पाउडर के कारोबार का झांसा देकर 60 लाख 65 हजार 883 रुपए की साइबर ठगी की गई थी। इस मामले में चंडीगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने मध्य प्रदेश से जुड़े दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी फेसबुक प्रोफाइल और वॉट्सऐप के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संस्कार जैन और रबिंद्र कुमार पटेल के रूप में हुई है। संस्कार जैन मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर जिले का रहने वाला है, जबकि रबिंद्र कुमार पटेल डमन का निवासी है। आरोपियों को साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अगुआई में टीम ने पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है। साइबर क्राइम पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस ठगी नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है, ठगी की रकम कहां-कहां ट्रांसफर की गई और देश के अन्य राज्यों में भी इस गिरोह ने इसी तरह की वारदातें की हैं या नहीं। फर्जी बिजनेस डील कर ठगी आरोपियों से पूछताछ में साइबर सेल की जांच में सामने आया कि यह गिरोह मेडिकल प्रोडक्ट के नाम पर फर्जी बिजनेस डील कर लोगों से मोटी रकम ऐंठता था। साइबर सेल ने बताया कि यह मामला सेक्टर-32, चंडीगढ़ निवासी सुनील कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि सितंबर 2024 में वह फेसबुक पर ‘मॉरिस पॉलिन’ नाम की प्रोफाइल के संपर्क में आया। आरोपी ने खुद को विदेशी कंपनी से जुड़ा बताकर अमेरिका की एक लैब से एवास्टिन पाउडर की सप्लाई का ऑफर दिया। इसके बाद बातचीत वॉट्सऐप और ईमेल पर होती रही। शिकायतकर्ता को भारत में सप्लायर बताते हुए शर्मा इंटरप्राइजेज और मोशन कार्गो इंटरनेशनल के खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए गए। एक किलो दवा की कीमत 99 हजार रुपए बताई गई। 50 किलो माल के नाम पर पहले 13 लाख रुपए लिए गए और बाद में डिलीवरी के बहाने लगातार रकम मांगी जाती रही। इस तरह आरोपियों ने शिकायतकर्ता से कुल 60 लाख 65 हजार 883 रुपए की ठगी कर ली। आरोपियों के कई बैंकों में खाते पुलिस ने जांच के दौरान बैंक खातों की केवाईसी डिटेल खंगाली। इसमें सामने आया कि संस्कार जैन के नाम पर अलग-अलग बैंकों में खाते थे, जिनमें करीब 26.5 लाख रुपए की ठगी की रकम जमा कर निकाली गई। वहीं रबेंद्र कुमार पटेल के खातों में भी ठगी की राशि ट्रांसफर कर निकाल ली गई।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मध्य प्रदेश को मिलेंगी सौगातें
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार यानी 25 दिसंबर को ग्वालियर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा
पूर्व सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बीके हरिप्रसाद ने कहा कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दंगा करवाकर सीएम नहीं बने थे। वे मप्र के राजा था, बेचारे को दिल्ली भेज दिया और उन्हें वहां का मौसम रास नहीं आ रहा है। हरिप्रसाद सोमवार को मप्र कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने यह बात कर्नाटक में सीएम को लेकर सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान के सवाल पर कही। जब उनसे पूछा कि क्या आपको लगता है कि शिवराज मप्र वापस आने की कोशिश कर रहे हैं? इस पर हरिप्रसाद ने कहा कि वो कोशिश खूब कर रहे हैं लेकिन उनका शीर्ष नेतृत्व उन्हें पसंद नहीं कर रहे। मनरेगा का नाम बदलने पर बोले कि महात्मा गांधी के नाम से नरेन्द्र मोदी व आरएसएस को कोई प्यार नहीं हैं।
चित्तौड़गढ़ के मंडफिया में सांवलिया सेठ मंदिर में एक बार फिर श्रद्धालु से मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि श्रद्धालु को प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी (टाइगर फोर्स) के गार्ड ने इतनी बुरी तरीके से पीटा कि उसकी नाक से खून बहने लगा। बताया जा रहा है कि रविवार रात को मध्य प्रदेश के नीमच जिले के कुकड़ेश्वर निवासी प्रियांशु मालवीय मंदिर कॉरिडोर फोटो-वीडियो ले रहे थे। इसी दौरान सिक्योरिटी गार्ड से बहस हो गई और बात मारपीट तक पहुंच गई। ये पहली बार नहीं है, जब टाइगर फोर्स कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड ने श्रद्धालु के साथ मारपीट की है। इससे पहले 25 जून (अमावस्या के दिन) को भी इस कंपनी के गार्डों ने श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाई थी। फोटो लेने पर भड़के गार्ड ने गाली-गलौज कीप्रियांशु मालवीय ने बताया- मैं कॉरिडोर में लगी जाली से हाथ बाहर निकालकर मंदिर परिसर की फोटो लेने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान टाइगर फोर्स सिक्योरिटी कंपनी का एक गार्ड अचानक भड़क गया और गाली-गलौज करने लगा। इस पर मैंने गार्ड से शांति से बात करने के लिए कहा तो उसने धमकाना शुरू कर दिया। वहां मौजूद श्रद्धालुओं का कहना है कि फोटो लेना कोई अपराध नहीं था, फिर भी गार्ड ने बिना किसी कारण ऐसा व्यवहार किया। बात उस समय बिगड़ गई जब प्रियांशु ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने लगे। इस पर सिक्योरिटी गार्ड ने अपने दूसरे साथियों को भी बुला लिया। आरोप है कि सिक्योरिटी गार्ड प्रियांशु को सीसीटीवी कैमरों से दूर ले गया और वहां उसकी बेरहमी से पिटाई की। उसे इतनी बुरी तरह से पीटा कि नाक और पैर से खून बहने लगा। वह मना करता रहा, लेकिन इसके बाद भी पिटाई की। खून साफ कराया, वीडियो डिलीट करवाकर समझौते का दबाव बनायाप्रियांशु ने आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान जब मेरी नाक से खून फर्श पर फैल गया, तो सुरक्षा गार्डों ने मेरे रूमाल से खून साफ करवाया। मेरे मोबाइल में मौजूद फोटो और वीडियो जबरन डिलीट कराए गए। इसके बाद एम्बुलेंस बुलाकर इलाज के लिए भेज दिया गया। पीड़ित ने आरोप लगाया- इस दौरान मंदिर ऑफिस के बाहर काफी देर तक हंगामा होता रहा, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने की कोशिश नहीं की। बाद में मंदिर ऑफिस में बैठाकर समझौते का दबाव भी बनाया गया। आरोप- पुलिस ने शिकायत लेने से मना कर दियाघटना की सूचना मिलने पर मंडफिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया। श्रद्धालु ने आरोप लगाया कि मैंने पुलिस को लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने शिकायत लेने से मना कर दिया। मंडफिया थानाधिकारी गोकुल डांगी ने बताया- पुलिस जब जांच के लिए पहुंची तो सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। उसका नाम भी सामने नहीं आया है। मंदिर मंडल ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा दिया। दोनों पक्षों की ही गलती थी। सांवलिया मंदिर में श्रद्धालुओं से मारपीट की ये खबर भी पढ़ें... श्रीसांवलिया मंदिर में श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाईं, VIDEO:श्रद्धालु को आई चोट, प्रशासन ने की जांच शुरू, दोषी सुरक्षा कर्मियों पर होगी कार्रवाई मेवाड़ के कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जिसमें अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं पर लाठियां चलाने के 2 वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में निजी सुरक्षा गार्ड (टाइगर फोर्स) भक्तों पर लाठियां चलाते नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में एक पुलिसकर्मी द्वारा लाठीचार्ज करने के बाद बुजुर्ग श्रद्धालु घायल हालत में सड़क पर लेटे नजर आ रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर) सांवलियाजी मंदिर आए श्रद्धालुओं को दुकानदारों ने लाठियों से पीटा:बैग नहीं मिलने पर हुआ विवाद; 1 महीने पहले खाटूश्यामजी में भी हुई थी मारपीट चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं और दुकानदारों में विवाद हो गया। दुकानदार लाठियां लेकर आए और श्रद्धालुओं से मारपीट कर दी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी सड़क पर पड़े पत्थर उठाए और दुकानदारों की तरफ फेंके। (पढ़ें पूरी खबर)
बहुमुखी अभिनेता आशुतोष राणा को गुरुवार सुबह उज्जैन के प्रतिष्ठित महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करते देखा गया। वह मंदिर में भस्म आरती में भी शामिल हुए। उन्हें नेहरू जैकेट के साथ सफेद कुर्ता पहने देखा गया और गले में लाल रंग का शॉल भी डाला हुआ था। मंदिर के पुजारियों के मुताबिक परंपरा का पालन करते हुए ब्रह्म मुहूर्त में बाबा महाकाल के पट खोले गए और उसके बाद दूध, दही, घी, चीनी, शहद और पंचामृत से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद ढोल-नगाड़ों और शंख बजाने के साथ भस्म आरती हुई। इसे भी पढ़ें: Deepika Padukone का Deewani Mastani गाना ऑस्कर के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर हुआ प्रदर्शित | Watch Video आशुतोष राणा दुश्मन और संघर्ष जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्होंने पठान, वॉर, हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया, धड़क, सिम्बा और राज जैसी कई अन्य फिल्मों में भी काम किया है। इसे भी पढ़ें: क्या सरबजीत के लिए ऐश्वर्या राय बच्चन के पुरस्कार लेकर चले जाने से नाराज थे रणदीप हुडा? जानें उन्होंने क्या कहा आशुतोष राणा के भविष्य के प्रोजेक्ट वह अगली बार निर्देशक अयान मुखर्जी की एक्शन थ्रिलर फिल्म वॉर 2 में दिखाई देंगे, जिसमें ऋतिक रोशन और एनटीआर जूनियर भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित, वॉर 2 स्वतंत्रता दिवस 2025 पर सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। हाल ही में, यशराज फिल्म्स ने सलमान खान-कैटरीना कैफ-स्टारर टाइगर 3 के एक पोस्ट-क्रेडिट दृश्य में ऋतिक रोशन के चरित्र को पेश किया, जिससे प्रशंसकों के बीच उत्साह पैदा हुआ। यह फिल्म 2019 की एक्शन थ्रिलर फिल्म वॉर का सीक्वल है, जिसमें ऋतिक, टाइगर श्रॉफ और वाणी कपूर मुख्य भूमिका में थे। इसके अलावा, उनके पास पाइपलाइन में रश्मिका मंदाना-स्टारर छावा और उमेश शुक्ला द्वारा निर्देशित फिल्म भी है। Madhya Pradesh, Ujjain: Actor Ashutosh Rana visits the shrine of Baba Mahakal and sought blessings. pic.twitter.com/a4UPcEN5sz — IANS (@ians_india) April 3, 2024

