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नेटफ्लिक्स, प्राइम, हॉटस्टॉर के फर्जी एप:नोएडा से अमेरिका, जर्मनी के 37 हजार NRI को ठगा, जानिए कैसे कमाते थे रुपए

OTT ऐप भी फर्जी बनाए जा रहे हैं। चौकिए मत…नोएडा के जालसाजों ने 1 साल में 37 हजार NRI को ठगा है। ये लोग अमेरिका और जर्मनी में रहते हैं। जालसाज इन्हें 13 OTT ऐप का सब्सक्रिब्शन देने का दावा करते थे। इस जालसाजी को करने के लिए नोएडा में बैठा शख्स ओरिजिनल OTT का सब्सक्रिब्शन लेता था। फिर इसका कंटेंट साफ्टवेयर की मदद से कॉपी करता था। इसको अपने लिंक पर अपलोड करके विदेशों में रहने वाले कस्टमर को भेजा जाता था। विदेश में जिस रेट पर उन्हें ओरिजिनल OTT मिलती थी, उससे 50% कम कीमतों पर जालसाज कंटेंट प्रोवाइड करते थे। जालसाज इस तरह से 2 तरह की ठगी को अंजाम दे रहे थे- पहला- नेटफ्लिक्स, प्राइम, हॉटस्टार जैसे OTT के ओरिजिनल कंटेंट कॉपी करके कंपनी को चपत लगा रहे थे। दूसरा- 12 या 24 महीने का सब्सक्रिब्शन देकर 3-4 महीने में उसका लॉगइन कैंसिल कर देते थे। फिर कस्टमर कॉन्टैक्ट भी नहीं कर पाता था। नोएडा पुलिस ने सेक्टर–2 के C ब्लॉक की बिल्डिंग नंबर 125 से 6 लोगों को अरेस्ट किया है। इस पूरे ऑपरेशन को 24 साल की ग्रेजुएट लड़की तनिष्का चला रही थी। ये जालसाजी कैसे की गई? देखने वाले क्या असली-नकली में फर्क नहीं समझ पा रहे थे? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप ने जांच से जुड़े अधिकारियों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… डार्क वेब से कस्टमर डेटा लिया, कॉल करके देते थे ऑफर इस जालसाजी के सेंटर पॉइंट में अमेरिका और जर्मनी में रहने वाले भारतीय थे, क्योंकि उन्हें विदेश में रहते हुए नेटफ्लिक्स, प्राइम समेत OTT का डालर में भुगतान करना पड़ता था, जोकि काफी महंगा पड़ता था। नोएडा की तनिष्का ने पुलिस पूछताछ में बताया कि ऐसे NRI का डेटा डार्क वेब पर मिला था। उसकी एक कीमत होती है, जो हमने भुगतान की थी। फिर हम इन्हें कॉल करते थे। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर (VIRTUALPBX SOFTPHONE- JACK) का इस्तेमाल किया गया था। इससे हमारी लोकेशन ट्रेस नहीं होती थी। हम उन्हें ऑफर देते थे कि आपको IPTV देंगे, यानी एक ही ऐप पर 13 OTT का कंटेंट देते थे। इसको ऐसे समझे कि आपको प्राइम, हॉटस्टार, जी-5 किसी भी ऐप का कंटेंट देखना है, तो आपको सिर्फ हमारे दिए हुए ऐप पर आना होगा। अंदर पहले वेबपेज पर आपको सारे OTT प्लेटफार्म के पेज दिखेंगे। जिस पर क्लिक करेंगे, उसके अंदर मूवी, वेब सीरीज और किड्स सेक्शन का कंटेंट देख सकते थे। ये कापी कंटेंट होता था, मगर साफ्टवेयर से हुई रिकॉर्डिंग की वजह से कस्टमर को देखते वक्त HD प्रिंट ही मिलता था। सिर्फ 4K व्यू नहीं दिया जाता था। 500 डॉलर का कंटेंट 200 डॉलर में दिखा रहे थे तनिष्का ने बताया- हम उन्हें ऑफर देते थे कि 13 OTT को देखने के लिए आपको सिर्फ 200 डॉलर देने होंगे। जबकि ओरिजिनल को देखने के लिए उन्हें 500 डॉलर तक खर्च करने होते थे, इसलिए लोग तेजी से हमारे साथ जुड़ते चले गए। इसके बाद कस्टमर को QR कोड भेजकर पेमेंट ले लेते थे। पुलिस को ये QR कोड @WEBBIZSERVICES03, @RADIANT-DIGITAL, PAYPAL और TECHTREK84 के नाम से मिले हैं। अभी ये क्लियर नहीं हो सका है कि इन लोगों ने अमेरिका और जर्मनी के लोगों से कुल कितने रुपए के ट्रांजैक्शन किए हैं। क्योंकि, विदेश से आने वाला रुपया बहुत तेजी से कई खातों में ट्रांसफर किया गया है। ऐप को बीच में रोककर वसूलते थे ज्यादा रुपए इस पूरे ऑपरेशन को चलाने के लिए नोएडा में वेब मेटिक सर्विस प्राइवेट लि. के नाम से कंपनी खोली गई। DCP यमुना प्रसाद कहते हैं- लाइव स्ट्रीमिंग का पूरा सेटअप एक वेब पोर्टल HTTPS://BILL.IRISTV.CC पर बनाया गया था। सब्सक्रिप्शन लेने के बाद कुछ दिनों तक ये लोग इसी पोर्टल के जरिए कस्टमर को LIVE स्ट्रीमिंग देते थे। कस्टमर से ज्यादा रुपया वसूलने के लिए जिन लोगों ने सालभर का पैकेज लिया होता था। उनका कनेक्शन पर 3-4 महीने में ही MAC एड्रेस को ब्लाक करके प्रसारण रोक देते थे। जब कस्टमर शिकायत करता कि बीच में कैसे बंद हो गया? तब ये लोग 2 तरह के बहाने बता देते। पहला- आपने प्रीमियम चैनल सब्सक्राइब किया है। दूसरा- आपका बैलेंस समाप्त हो गया। इसे दोबारा रिचार्ज करना होगा। दोबारा पैसा आने पर कनेक्शन को दोबारा एक्टिव कर देते थे। तनिष्का के मुताबिक, 1 साल से काम करते हुए किसी कस्टमर ने कभी शिकायत नहीं की। वो लोग सस्ते में कंटेंट देखकर ही खुश रहते थे। 24 साल की तनिष्का, कंपनी की डायरेक्टर इस पूरे ऑपरेशन को चलाने की मास्टर माइंड तनिष्का है। वो सिर्फ 24 साल की है। ग्रेजुएशन करने के बाद उसने कंपनी बनाई और खुद ही डायरेक्टर बन गई। तनिष्का ने बताया कि हमने अपनी कंपनी के नाम से वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप बनाया था। इन ग्रुपों से एनआरआई को जोड़कर उन्हें ग्राहक बनाया जाता था। इसके बाद ओटीटी कंटेंट को उनके वॉट्सऐप या टेलीग्राम पर भेजा जाता था। इन्हीं ग्रुप में सब्सक्रिप्शन की भी जानकारी दी जाती थी। इसके बाद ठगी की जाती थी। लिंक जनरेट कर ग्राहकों को भेजते थे, फिर उन्हें सॉफ्टवेयर के जरिए OTT प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन दिलाते थे। तनिष्का ने कहा- हमने जानबूझकर भारतीय लोगों से यहां संपर्क नहीं किया। क्योंकि, यहां पकड़े जाने की गुंजाइश ज्यादा थी। विदेश में रहने वालों से धोखाधड़ी होने पर भी वो लोग शिकायत नहीं कर सकते थे। इंग्लिश बोलने वाली लड़कियां करती थीं कस्टमर से बात तनिष्का ने बताया- मेरे अलावा अनिल बघेल इस कंपनी में डायरेक्टर हैं। हमने करीब 25 लड़कियों को हायर किया था। सिर्फ उन्हीं को जॉब पर रखा जाता था, जोकि इंग्लिश अच्छी बोल लेती थीं। जब पुलिस ने पूछा कि आप लोग यहां कॉल सेंटर चला रहे थे, क्या आपके पास DOT और TRAI रेगुलेटरी का लाइसेंस है, तनिष्का ने कहा- हमें पता था कि हम अवैध तरीके से स्ट्रीमिंग कर रहे हैं, इसलिए भारतीय या विदेशी किसी संस्था से लाइसेंस नहीं लिया था। 13 से ज्यादा OTT का देते थे सब्सक्रिप्शननेटफ्लिक्स, जिओ-हॉट स्टार, प्राइम, जी-5, वूट सलेक्ट, सोनी लिव, एलटी बालाजी, एमएक्स प्लेयर, एचबीओ, हूलू।DCP यमुना प्रसाद कहते हैं- लोगों को ओरिजिनल कंटेंट को ही देखना चाहिए। पाइरेटेड कंटेंट को प्रमोट नहीं करना चाहिए। इस तरह के ऐप के जरिए आपके मोबाइल का डेटा भी चोरी हो सकता है। हम अभी जांच कर रहे हैं कि कितने लोगों का डेटा चोरी हुआ है। कुल कितने की ठगी हुई है, इसके लिए बैंक अकाउंट की डिटेल देखी जा रही है। जिन्हें पकड़ा गया है, उन्हें जेल भेजा गया है। ....................... ये भी पढ़ें - जेल में मुस्कान बेटी को टूटे खिलौने से बहला रही, बैरक में पलंग, पतला गद्दा और कंबल; जानिए डिलीवरी के बाद क्या बदला नीले ड्रम में पति सौरभ को काटकर सीमेंट से जमा देने वाली मुस्कान 10 महीने से जेल में है। 24 नवंबर को उसने बेटी राधा को जन्म दिया। पहले वो कॉमन बैरक में थी, जिसमें 30 महिला बंदी थीं। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के बाद मुस्कान को क्वारैंटाइन बैरक में रखा गया है। जेल में पहले वह सिलाई-बुनाई के काम करती थी, मगर अब वह सिर्फ बेटी की देखभाल करती है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 14 Dec 2025 5:37 am

कोटा में NRI से लाखों रुपए की ठगी:जमीन विवाद में मदद के नाम पर रकम ली, आरोपी ने अपने, पत्नी व बेटे के अकाउंट में मंगवाई राशि

कोटा में जमीन विवाद में मदद करने के नाम पर NRI से लाखों रुपए की गई। कोर्ट के आदेश से कुन्हाड़ी थाने में आरोपी, उसकी पत्नी व बेटे के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। रिद्धि सिद्धि नगर कुन्हाड़ी निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला तनूजा खन्ना के परिवाद पर ACJM-1 दक्षिण कोर्ट ने आदेश जारी किए। महिला का आरोप है कि आरोपी ने ये रुपए पुलिस व अधिकारियों को देने के नाम पर मांगे थे। पैसा लेने के बाद भी आरोपी ने कोई काम नहीं करवाया। 34 बीघा जमीन के विवाद पर बनाया था विधिक सलाहकारफरियादी तनूजा खन्ना ने बताया- उनका बेटा वरुण खन्ना अमेरिका में व्यवसाय करता है। वो अपना कैंसर का इलाज करवाने बेटे के पास अमेरिका गई थीं। उनकी बूंदी जिले के बल्लोप में 34 बीघा जमीन है। जमीन पर कब्जे को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। विवाद में मदद करने के लिए कोटा निवासी राधेश्याम शर्मा को विधिक सलाहकार बनाया था। उसे अपना व पति सुभाष खन्ना का मुख्तारेआम नियुक्त किया। ताकि राधेश्याम उनकी ओर से कोर्ट में पैरवी कर सके। पुलिस और अफसरों को देने के नाम पर मांगे रुपएफरियादी तनूजा खन्ना ने बताया- मैं इलाज के लिए अमेरिका चली गई। इसी बात का फायदा उठाते हुए राधेश्याम ने उनके साथ विश्वासघात किया। मामले में मदद के नाम पर वर्ष 2023 से 2025 के बीच लाखों रुपए खुद के, पत्नी व बेटे के अकाउंट में ट्रांसफर करवाए। बेटे वरुण ने अमेरिका से डॉलर में रुपए ट्रांसफर किए। आरोपी ने रुपए लेने के बाद भी काम नहीं करवाया। वहीं उल्टे विपक्षी पार्टी से मिलकर जमीन सौंप देने की धमकी दी। महिला का आरोप है कि इस संबंध में सिटी एसपी को परिवाद दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट की शरण ली। परिवादिया के वकील बोले- धमकी देकर 50 लाख रुपए और मांगेपरिवादिया के वकील अमित खारोलीवाल ने बताया- तनूजा खन्ना के परिवार का जमीन विवाद अनूप सिंघल से चल रहा है। इस विवाद के चलते तनूजा खन्ना की मुलाकात राधेश्याम शर्मा से हुई। उसने अधिकारियों में अच्छी पकड़ होने का झांसा देकर करीब सवा करोड़ रुपए अपने व पत्नी बेटे के अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए।। लेकिन काम नहीं करवाया, वहीं धमकी देकर 50 लाख की ओर डिमांड की। इस संबंध में परिवादिया की ओर से कोर्ट में परिवाद दिया था। इस पर कोर्ट ने FiR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस बोली- धोखाधड़ी का मामले की कर रहे जांचकुन्हाड़ी थाना ASI अनिल कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश से राधेश्याम, उसकी पत्नी व बेटे के खिलाफ 10 दिसंबर को धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। FIR में रुपए के बारे में नहीं लिखा है। परिवादिया को बयान के लिए बुलाया है।

दैनिक भास्कर 12 Dec 2025 5:38 pm

प्रवासी भारतीयों की यात्राओं पर लिखी किताब:जयपुर में 'राइज ऑफ द आइकन्स' पुस्तक का विमोचन हुआ

राजस्थान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज 'राइज ऑफ द आइकन्स' पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सीजी ग्रुप नेपाल के अध्यक्ष डॉ. बिनोद चौधरी मौजूद रहे। कार्यक्रम में डेटा एक्सजेन के संस्थापक डॉ. अजय डेटा, राजस्थान चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष के. एल. जैन, नेशनल यूएस-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पूर्णिमा वोरीया, प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा भी राजस्थान ने भी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए।

दैनिक भास्कर 11 Dec 2025 7:53 pm

NRI को मिले ई-वोटिंग का हक:लोकसभा में बोले नवीन जिंदल; ऑनलाइन सिस्टम हो लागू, कहीं से भी डाल सकें वोट, तकनीक में पीछे नहीं हम

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने देश में वोट चोरी को लेकर चल रहे हंगामे के बीच लोकसभा में नॉन-रेजिडेंट इंडियन​​ (NRI) के लिए ई-वोटिंग या ऑनलाइन वोटिंग के हक की मांग उठाई। जिंदल ने मांग रखी कि NRI को वोटिंग के दिन से एक सप्ताह पहले अपना वोट डालने का अधिकार मिले, ताकि विदेश में बैठे NRI अपनी पसंदीदा सरकार चुन सकें। जिंदल ने लोकसभा में कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में मतदान को और ज्यादा सरल और सभी के लिए सुलभ बनाया जाए। हम अक्सर Ease of Living (सरल जीवन) और Ease of Doing Business (सरल व्यवसाय) की चर्चा करते हैं, लेकिन अब देश को Ease of Voting (सरल वोटिंग) को भी प्राथमिकता बनाना चाहिए। डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग NRI जिंदल ने कहा कि 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय विदेशों में रहते हैं। इनमें लोग केवल इसलिए मतदान नहीं कर पाते, क्योंकि वे मतदान के दिन भारत नहीं आ सकते। यह स्थिति उन लोगों के लिए भी कठिन है जो देश के भीतर ही कामकाज के कारण अपने शहर से दूर रहते हैं। वोटिंग को बनाया जाए सरल सांसद जिंदल ने कहा कि भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में किसी देश से पीछे नहीं है। हम हर दिन UPI जैसी टेक्नोलॉजी से करोड़ों रुपए की ट्रांजैक्शंस करते हैं। मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए हम वोटिंग जैसी महत्वपूर्ण काम को तकनीक के जरिए और ज्यादा सरल बना सकते हैं। कई देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की सुविधा उन्होंने कहा कि फ्रांस, स्विट्जरलैंड और मेक्सिको जैसे कई देश पहले ही अपने नागरिकों के लिए सुरक्षित रिमोट या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की व्यवस्था लागू कर चुके हैं। हमें भी ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की व्यवस्था का लागू करना चाहिए। NRI के साथ कई ग्रुप को मिलेगी राहत जिंदल ने कहा कि सुरक्षित ऐब-सेंटी या ई-वोटिंग व्यवस्था वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, प्रवासी मजदूरों और उन सभी लोगों के लिए बड़ी राहत देगी जिन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई होती है। देश में अक्सर 65 प्रतिशत के आसपास वोटिंग होती है। इस तकनीक से वोटिंग काफी बढ़ सकती है। पहले मिले वोटिंग का हक उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग से दुनिया में ई-वोटिंग या ऑनलाइन वोटिंग तकनीक काे स्टडी करके सुरक्षित और भरोसेमंद व्यवस्था तैयार की जाए। जिससे प्रवासी भारतीय और अन्य पात्र वोटिंग के दिन से कम से कम एक सप्ताह पहले अपना वोट डाल सकें। भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश जिंदल ने कहा कि दुनिया में भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र का असली उत्सव तभी पूरा होगा, जब हर भारतीय चाहे वह देश में हो या विदेश में अपनी सरकार चुनने में भागीदारी कर सके। वोट केवल एक निशान नहीं बल्कि नागरिक की पहचान और शक्ति है। तकनीक के जरिए इसे और सक्षम बनाया जाना चाहिए।

दैनिक भास्कर 11 Dec 2025 4:59 am

ललित सुरजन की कलम से- तेल के दाम और प्रवासी भारतीय

'भारत सरकार को मजदूरी करने विदेश गए इन मजबूर नागरिकों के साथ कोई प्रेम नहीं है

देशबन्धु 27 Oct 2025 3:23 am

ललित सुरजन की कलम से - तेल के दाम और प्रवासी भारतीय

'दो साल पहले तक विश्व बाजार में खनिज तेल की कीमत एक सौ पचास डालर प्रति बैरल के आसपास थी

देशबन्धु 29 Aug 2025 9:46 am