बीच सड़क ट्रैफिक जाम कर जेसीबी में आराम फरमाता दिखा शख्स ,वीडियो हुआ वायरल
हमारे यहाँ जेसीबी से जुड़े वीडियोस और न्यूज़ अच्छी खासी वायरल होते रहती है ऐसा ही एक अजीबोगरीब वाकया सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है एक वायरल वीडियो ,जिसमें एक जेसीबी ड्राइवर को व्यस्त सड़क के बीच में सोते हुए दिखाया गया है, जिससे इंडिया इज़ नॉट फॉर बिगिनर्स जैसे मजाक का सिलसिला शुरू हो गया है। वीडियो में ड्राइवर पार्क की गई निर्माण वाहन के अंदर सोते हुए दिख रहा है, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया है। आखिरकार, उसके दोस्त उसे जगाते हैं और ये स्थिति मज़ेदार बन जाती हैं। ड्राइवर की जागने के बाद की प्रतिक्रिया में जिसमे वो नींद पूरी होने के बाद कैमरे की ओर देखता है उसकी मासूम मुस्कान ने इस क्लिप को और आकर्षक बना दिया। हालाँकि इस घटना की तारीख और स्थान की पुष्टि नहीं की गई, फिर भी इस वीडियो ने हजारों व्यूज़ प्राप्त किए हैं और अनेक टिप्पणियाँ प्राप्त की हैं।टिप्पणियों में, यूज़र्स ने स्थिति को हास्यपूर्ण पाया। एक यूज़र ने ड्राइवर की तुलना बिहार के क्रिकेटर शाहीन अफरीदी से की, जबकि अन्य ने ड्राइवर के निश्चिंत स्वभाव और ट्रैफिक जाम के बावजूद सोने की उसकी क्षमता पर टिप्पणी की। एक यूजर ने मज़ाक किया। एक अन्य ने टिप्पणी की, “वह इतने आरामदायक क्यों दिख रहे हैं? ऐसा लग रहा है कि उन्हें पीछे के ट्रैफिक की चिंता नहीं है।” अन्य लोगों ने ड्राइवर की निश्चिंतता की प्रशंसा की, उसकी जीवन का आनंद लेने की क्षमता की तारीफ की।दर्शकों को इसकी अप्रत्याशित घटना और हास्यपूर्ण स्थिति से भरपूर मनोरंजन मिल रहा है। गर्मियों में जूते पहनने में हो रही है प्रॉब्लम तो इन स्टाइलिश फुटवियर को जरूर करें ट्राई इस बार गर्मियों में बच्चों के लिए आया है खास फैशन ट्रेंड, गर्मियों में बच्चे रहेंगे कूल' लंबा चलाना चाहते हैं रिलेशनशिप तो इन बातों का रखें ध्यान
ब्वॉयफ्रेंड प्यार कर रहा है या टाइमपास? ऐसे करें पता
रिश्ता कोई भी हो वो भरोसे की बुनियाद पर ही टिका होता है. यदि किसी का विश्वास एक बार टूट जाए तो उसे दोबारा बना पाना बहुत कठिन होता है. अक्सर जब हम किसी के साथ रिश्ते में होते हैं तो हमारे मन में ये सवाल आता है कि हमारा पार्टनर हमें सच में प्यार करता भी है या केवल दिखावा ही कर रहा है. ऐसे प्रश्न अक्सर लड़कियों के मन में आते हैं कि उनका पार्टनर उनसे प्यार ही नहीं करता है. आपके लिए कैसा रखता है व्यवहार अपने साथी के व्यवहार का निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है। प्यार में डूबा व्यक्ति आपके साथ जितना संभव हो सके उतना समय बिताना चाहेगा, हर पल को संजोकर रखेगा। इसके विपरीत, यदि आपका साथी आपके साथ होने पर उदासीन दिखता है, दूसरों की संगति को प्राथमिकता देता है या व्यस्त रहता है, तो यह निष्ठाहीनता का संकेत देने वाला एक लाल झंडा है। बुरे वक्त में साथ देता है या नहीं इसके अलावा, सच्चा प्यार कठिन समय के दौरान ही प्रकट होता है। एक सच्चा प्रेमी हर सुख-दुख में आपके साथ खड़ा रहता है, आपकी परेशानियों से सहानुभूति रखता है और उन्हें कम करने का प्रयास करता है। इसके विपरीत, यदि आपका साथी आपकी थोड़ी सी भी गलती पर क्रोध या उदासीनता से प्रतिक्रिया करता है, तो यह वास्तविक स्नेह की कमी का संकेत देता है। अपनी बातें शेयर न करना संचार भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सच्चा प्यार करने वाला साथी आपसे हर बात साझा करता है, चाहे वह कितनी भी छोटी-मोटी क्यों न हो, अपने दिन के बारे में आपको अपडेट करने के लिए समय निकालता है। इसके विपरीत, यदि आपका साथी अपने ठिकाने या गतिविधियों के बारे में गुप्त या टालमटोल करता है, तो यह उनकी ईमानदारी पर संदेह पैदा करता है। भावनात्मक रूप से सपोर्ट न करना भावनात्मक समर्थन एक और महत्वपूर्ण पहलू है। सच्चे प्यार में एक-दूसरे को मानसिक और शारीरिक सहायता प्रदान करना शामिल है। यदि आपका साथी आपकी भावनाओं को समझने में विफल रहता है या आपकी भावनाओं की उपेक्षा करता है, तो यह वास्तविक स्नेह की कमी को दर्शाता है। अंत में, हालांकि अपने साथी के प्यार की ईमानदारी का आकलन करना कठिन लग सकता है, लेकिन उनके व्यवहार और कार्यों पर ध्यान देना मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। विश्वास, संचार, समर्थन और सहानुभूति सच्चे प्यार के स्तंभ हैं, और इनमें से कोई भी विचलन एक उथले रिश्ते का संकेत दे सकता है। बार-बार हो रहा है यूरिन इन्फेक्शन? तो हो सकती है ये वजह आपको भी बार-बार काजल लगाने की आदत है! हो सकते हैं ये नुकसान लिवर से फैट कम करने के लिए करें इस पेय पदार्थ का सेवन
क्या आप भी लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बारे में सोच रहे हैं? जानिए ये फायदे
शादी से पहले एक साथ रहना, जिसे अक्सर लिव-इन रिलेशनशिप कहा जाता है, आधुनिक समाज में तेजी से आम हो गया है। इस व्यवस्था में दो व्यक्तियों को औपचारिक रूप से विवाह किए बिना सहवास करना शामिल है। हालाँकि यह रिश्तों की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देता है, लेकिन यह ढेर सारे लाभ और विचार भी सामने लाता है। आइए लिव-इन रिलेशनशिप के विभिन्न पहलुओं पर गौर करें और उनके फायदों का पता लगाएं। लाभ की खोज अनुकूलता के लिए परीक्षण अवधि एक साथ रहना दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएँ बनाने से पहले अनुकूलता का आकलन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह साझेदारों को एक-दूसरे की आदतों, प्राथमिकताओं और जीवनशैली को समझने की अनुमति देता है, जिससे भविष्य में बेमेल संबंध का खतरा कम हो जाता है। वित्तीय लाभ जीवनयापन के खर्चों को साझा करने से दोनों भागीदारों के लिए वित्तीय बोझ काफी हद तक कम हो सकता है। किराया, उपयोगिताओं, किराने का सामान और अन्य लागतों को विभाजित किया जाता है, जिससे बचत और वित्तीय स्थिरता संभव होती है। भावनात्मक अंतरंगता रहने की जगह साझा करने से गहरी भावनात्मक अंतरंगता बढ़ती है क्योंकि साझेदार एक साथ अधिक समय बिताते हैं, सार्थक बातचीत और साझा गतिविधियों में संलग्न होते हैं। यह बंधन को मजबूत कर सकता है और अधिक संतुष्टिदायक रिश्ते को जन्म दे सकता है। आपसी सहयोग जरूरत के समय, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले साथी सहायता और सहायता देने के लिए तुरंत उपलब्ध होते हैं। चाहे व्यक्तिगत चुनौतियों से निपटना हो या उपलब्धियों का जश्न मनाना हो, समर्थन का निरंतर स्रोत होने से खुशहाली बढ़ सकती है। आज़ादी और आज़ादी विवाह के विपरीत, लिव-इन रिलेशनशिप व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाए रखने की लचीलापन प्रदान करता है। साझेदार पारंपरिक वैवाहिक भूमिकाओं से बाध्य महसूस किए बिना अपने हितों, शौक और व्यक्तिगत लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। पितृत्व के लिए टेस्ट रन माता-पिता बनने पर विचार कर रहे जोड़ों के लिए, एक साथ रहना परिवार बढ़ाने की गतिशीलता की एक झलक प्रदान करता है। वे बच्चों के पालन-पोषण की प्रतिबद्धता के लिए अपनी पालन-पोषण शैली, जिम्मेदारियों और तत्परता का आकलन कर सकते हैं। कानूनी स्पष्टता जबकि लिव-इन रिश्तों में विवाह के कानूनी ढांचे का अभाव है, कई देश संपत्ति के अधिकार, वित्तीय मामलों और अन्य कानूनी पहलुओं पर कानूनी स्पष्टता प्रदान करने के लिए सहवास समझौतों को मान्यता दे रहे हैं। चुनौतियों का सामना करना सामाजिक कलंक सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ने के बावजूद, लिव-इन रिश्तों को अभी भी कलंक का सामना करना पड़ सकता है, खासकर रूढ़िवादी संस्कृतियों या समुदायों में। सामाजिक निर्णय और आलोचना पर काबू पाने के लिए किसी की पसंद में आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है। संचार और सीमाएँ स्पष्ट संचार और सीमाएं स्थापित करना किसी भी रिश्ते में महत्वपूर्ण हैं, खासकर लिव-इन सेटअप में। अपेक्षाओं, जिम्मेदारियों और व्यक्तिगत स्थान पर चर्चा करने से गलतफहमी और संघर्ष को रोकने में मदद मिलती है। पारिवारिक स्वीकृति परिवार के सदस्यों को लिव-इन पार्टनर का परिचय देना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर यदि वे पारंपरिक मूल्यों या धार्मिक मान्यताओं को मानते हों। चिंताओं को दूर करने और स्वीकृति प्राप्त करने के लिए खुला संवाद और धैर्य आवश्यक है। भविष्य की योजना लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि शादी के माध्यम से अपनी साझेदारी को औपचारिक रूप देना है या यथास्थिति बनाए रखना है। स्पष्टता और आपसी समझ के लिए दीर्घकालिक लक्ष्यों और आकांक्षाओं के बारे में ईमानदार चर्चा आवश्यक है। कानूनी सुरक्षा सहवास समझौतों को मान्यता देने में प्रगति के बावजूद, लिव-इन भागीदारों के लिए कानूनी सुरक्षा क्षेत्राधिकार के आधार पर भिन्न होती है। कानूनी सलाह लेने और समझौतों का मसौदा तैयार करने से अलगाव या अप्रत्याशित परिस्थितियों की स्थिति में अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सकती है। अंत में, लिव-इन रिश्ते असंख्य लाभ प्रदान करते हैं, जिसमें अनुकूलता परीक्षण, वित्तीय लाभ, भावनात्मक अंतरंगता और आपसी समर्थन का अवसर शामिल है। हालाँकि, सामाजिक कलंक, संचार मुद्दों और कानूनी विचारों जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए खुले संचार, आपसी सम्मान और रिश्ते की सफलता के लिए साझा प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। अंततः, लिव-इन व्यवस्था शुरू करना एक व्यक्तिगत निर्णय है जो आपसी समझ, सम्मान और इसमें शामिल जिम्मेदारियों के लिए तत्परता पर आधारित होना चाहिए। कुछ जगहों पर समोसा बैन है तो कुछ जगहों पर पीला रंग बैन है, अगर आप इन देशों की यात्रा करने जाते हैं तो ये गलती न करें अब विदेश में मनाएं गर्मी की छुट्टियां, सफर होगा बहुत सस्ता क्या आप भी बीमार छुट्टी लेने के बाद यात्रा की योजना बनाना चाहते हैं? इन जगहों पर होगा छुट्टियों का दोगुना मजा
गोवा के जैसे ही मशहूर हैं ये बीच, पार्टनर के साथ बना लें घूमने का प्लान
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Corn Chaat: घर पर आसानी से बनाएं रेस्टोरेंट स्टाइल क्रिस्पी चाट, शाम की चाय के साथ उठाएं लुत्फ
अक्सर शाम को महिलाएं यह सोचती हैं कि चाय के साथ स्नैक्स क्या बनाएं। बारिश के मौसम में भुट्टा यानी कि कॉर्न खाना तो लगभग हर किसी को पसंद होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके लिए रेस्टोरेंट स्टाइल क्रिस्पी कॉर्न चाट की रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे आप शाम को चाय के साथ अपने परिवार संग बैठकर मजे से खा सकती हैं। बता दें कि क्रिस्पी कॉर्न चाट एक ऐसी डिश है, जिसको बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई खाना पसंद करता है। तो आइए जानते हैं कॉर्न चाट की रेसिपी के बारे में। इसे भी पढ़ें: Glowing Skin: इंस्टेंट ग्लो पाने के लिए जरूर लगाएं ये फेस पैक, पहले दिन से दिखने लगेगा असर क्रिस्पी कॉर्न चाट बनाने की सामग्री ताजे या फ्रोजन स्वीट कॉर्न- 2 कप कॉर्न फ्लॉर- 1/4 कप चावल का आटा- 2 बड़े चम्मच काली मिर्च पाउडर- आधा छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर- आधा छोटा चम्मच अमचूर पाउडर- 1 छोटा चम्मच नमक- स्वादानुसार नींबू का रस- 1 बड़ा चम्मच रिफाइंड तेल ऐसे बनाएं क्रिस्पी कॉर्न चाट अगर आपने फ्रोजन कॉर्न लिए हैं, तो सबसे पहले उसकी बर्फ को पिघलने दें। फिर एक बड़े बर्तन में पानी उबालने के लिए रखें और इसमें कॉर्न डाल दें। अब 5 मिनट तक कॉर्न उबलने दें, उसके बाद इसको छलनी से अलग कर दें। इसके बाद बड़े बाउल में चावल का आटा, कॉर्न फ्लोर, नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर सभी को अच्छे से मिक्स करें। इससे कॉर्न पर अच्छे से कोट लग जाए। फिर एक बड़ी कढ़ाही में तेल गर्म करें और मीडियम आंच पर कोटेड कॉर्न को क्रिस्पी और सुनहरा होने तक भूनें। सर्विंग बाउल में क्रिस्पी कॉर्न को निकालें और ऊपर से लाल मिर्च पाउडर, नमक, अमचूर और नींबू का रस डालकर अच्छे से मिक्स करें। इस तरह से क्रिस्पी कॉर्न चाट बनकर तैयार हैं।
Chronic Pain: गरीबी के साइड इफेक्ट, कम आमदनी बढ़ती है क्रोनिक दर्द का दोगुना खतरा
एक नए शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कम कम आमदनी वाले लोगों में शारीरिक चोट के बाद क्रॉनिक दर्द विकसित होने का खतरा दोगुना होता है.
रात के डिनर में बनाने चाहते हैं कुछ टेस्टी तो ट्राई करें दही चिकन रेसिपी , नोट करें बनाने का तरीका
रात के डिनर में बनाने चाहते हैं कुछ टेस्टी तो ट्राई करें दही चिकन रेसिपी , नोट करें बनाने का तरीका
बिहार से पुणे और गुवाहाटी के लिए चलेंगी समर स्पेशल ट्रेन, चेक करें रूट
Railway News: गर्मियों की छुट्टी मनाने के लिए लोगों को परेशानी न झेलनी पड़े इस लिए समर स्पेशल ट्रेन चलायी जाएंगी. पूर्व मध्य रेलवे ने मुजफ्फरपुर और पुणे के बीच 10 ट्रिप एसी स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया.
गर्भपात अधिकार को लेकर इटली में घमासान! क्या रद्द हो जाएगा 46 साल पुराना कानून?
इटली में गर्भपात के अधिकार को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है. 1978 में लागू किए गए गर्भपात कानून को लेकर कई संगठन और राजनीतिक दल इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
माफी मांगते समय कभी न करें पार्टनर के साथ यह गलतियां,वरना बिगड़ सकती है बात
माफी मांगते समय कभी न करें पार्टनर के साथ यह गलतियां,वरना बिगड़ सकती है बात
शाही ठाट-बाट और सुकून, कीजिए लेकसिटी के शाही होटल्स की सैर,लाखों में है किराया
Luxury Hotels of Udaipur : उदय विलास होटल पिछोला झील के किनारे बनी सबसे खूबसूरत होटल में से एक है. यह होटल बॉलीवुड सितारों की भी पहली पसंद है. इसमें कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण की सुपरहिट मूवी ' ये जवानी है दीवानी' फिल्म की भी शूटिंग यहां हुई थी अगर एक दिन के किराए की बात की जाए तो 28 हजार रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक के रूम एविलेबल हैं.
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री से सरकार को हुआ बड़ा फायदा, 5 गुना बढ़ गया GST कलेक्शन
देश में गेमिंग को लेकर लोगों में क्रेज लगातार बढ़ रहा है। गेमिंग को कभी केवल एक शौक माना जाता था, लेकिन अब कई गेमर्स इससे अच्छी कमाई करने लगे हैं। गेमिंग अब केवल मनोरंजन का साधन भर नहीं रह गया है। कई लोग इसे अब एक आकर्षक करियर विकल्प के रूप में अपना रहे हैं। वहीं महिलाएं भी इसमें बिल्कुल पीछे नहीं हैं, इससे सरकार को भी काफी फायदा हो रहा है। अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में ऑनलाइन गेमिंग से जीएसटी 3,470 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछली तिमाही में कलेक्ट हुए 605 करोड़ रुपये से पांच गुना ज्यादा है। हाल ही में HP की गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 ने एक रिपोर्ट पेश किया था, जिसमें 15 शहरों के 3000 गेमर्स पर एक सर्वे किया गया था। जिसमें ये पता चला कि 58 प्रतिशत महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे तक का समय गेमिंग पर दे रही हैं। वहीं पुरुषों के लिए ये आंकड़ा 74 प्रतिशत का है। उत्तर भारत में 54 प्रतिशत महिलाएं अब सीरियस गेमिंग कर रही हैं। जबकि पश्चिम भारत में ऐसा करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 74 है। सर्वेक्षण में गेमिंग को लेकर माता-पिता की राय भी सामने आए हैं। कई अभिभावक गेमिंग को एक स्थायी करियर विकल्प के रूप में अपनाने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। दूसरी ओर कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्छा जरिया हो सकता है। बता दें कि, उत्तर भारत के 52 प्रतिशत गेमर्स ने बताया कि वो ईस्पोर्ट्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं। ये इस बात का सबूत है कि समाज गेमिंग को अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि करियर बनाने का एक अच्छा रास्ता भी मानने लगा है। इसका एक सबसे बड़ा उदाहरण पीएम मोदी द्वारा देश के बड़े गेमिंग इंफ्लूयएंसर्स से मीटअप है। उत्तर भारत के 53 प्रतिशत माता पित इस बात पर असमंजस में हैं कि क्या गेमिंग एक स्थायी करियर विकल्प हो सकता है। साथ ही सर्वे में शामिल 47 प्रतिशत माता-पिता मानते हैं कि गेमिंग अच्छी कमाई का जरिया हो सकता है। सरकार की कमाई का जरिया दरअसल, सरकार इससे कैसे कमाई करती है इसके बारे में हम आपको बताते हैं। तो मान लीजिए आप लोगों ने 100 रुपये खेलने के लिए ऑनलाइन डिपॉजिट किए तो आपसे 28 फीसदी जीएसटी चार्ज किया जाएगा। अगर आप 100 रुपये लगाकार 200 रुपये जीत गए और आप इस पैसे को निकालते नहीं हैं और फिर से गेमिंग करते हैं तो आपसे दोबारा 28 प्रतिशत जीएसटी नहीं लिया जाएगा। लगभग देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेमिंग का लुत्फ उठाते हैं। ये इंडस्ट्री दुनियाभर में तेजी से ग्रो कर रही है, अले साल यानी 2025 तक गेमिंग इंडस्ट्री के 41 हजार करोड़ पहुंचने के आसार हैं।
अगर आप भी मिट्टी के घड़े में पीते हैं पानी तो जानें इसे रोज़ाना साफ़ करने के तरीका
अगर आप भी मिट्टी के घड़े में पीते हैं पानी तो जानें इसे रोज़ाना साफ़ करने के तरीका
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे
Gooseberry And Honey Benefits : आंवला और शहद, दोनों ही अपने आप में अद्भुत औषधीय गुणों से भरपूर हैं। लेकिन जब इन दोनों को एक साथ मिलाकर खाया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली मिश्रण बन जाता है जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद कर सकता है। ...
अगर आप भी कॉफी मग टूटने के बाद फेंक देते हैं तो इस तरह से कर सकते हैं दुबारा से उपयोग
अगर आप भी कॉफी मग टूटने के बाद फेंक देते हैं तोइस तरह से कर सकते हैं दुबारा से उपयोग
पाइल्स के लिए सभी औषधियों का बाप है इस चीज की दाल, किडनी स्टोन में भी रामबाण
Kulthi dal for Piles Pain: वैसे तो कई तरह की दालें पाइल्स में औषधियों से कम नहीं होती है लेकिन रिसर्च की मानें तो कुल्थी की दाल में पाइल्स के दर्द को कम करने की क्षमता होती है. इतना ही नहीं कुल्थी की दाल किडनी स्टोन के संकट को मिटा सकती है.
इस तरह से करें केले के छिलके के अपने चेहरे पर इस्तेमाल,एक हफ्ते में सारे दाग धब्बे हो जायेंगे साफ़
इस तरह से करें केले के छिलके के अपने चेहरे पर इस्तेमाल,एक हफ्ते में सारे दाग धब्बे हो जायेंगे साफ़
हमारी पृथ्वी तक कैसे पहुंचेंगे एलियंस,नासा ने एक स्टडी में किया बड़ा खुलासा
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पति-पत्नी में नहीं पटती,घर में है क्लेश,गाय कर देगी कमाल,11 दिन में दिखेगा असर
हिंदू धर्म में गाय पूजनीय है. उसका गोबर और मूत्र तक हर चीज उपयोगी है. गाय से मिलने वाले पंच द्रव्य आपका और आपके घर परिवार का कल्याण कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचद्रव्य कितने खास हैं ये जानते हैं. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कुणाल कुमार झा इसके तमाम उपाय बताते हैं.
भीड़ में भी तन्हा हैं आप? घुन की तरह शरीर को खा जाता है अकेलापन
Loneliness dangerous effects on health: दुनिया में हर जगह भीड़ है लेकिन इस भीड़ में अधिकांश लोग तन्हा है. तन्हाई यानी अकेलापन शरीर में घुन की तरह लग जाता है जिससे जिंदगी तक छोटी हो सकती है. अमेरिकी जनरल ऑफ सर्जन डॉ. विवेक मूर्ति ने अकेलेपन को महामारी माना है. आखिर इस अकेलेपन से कैसे निजात पाया जाए. आइए इसके बारे में जानते हैं.
बीमारियों का दुश्मन है यह मामूली सा पौधा, दर्द से तुरंत दिलाता है राहत
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर सुनीता सोनल धामा ने बताया कि आक के पौधे को मदार भी बोला जाता है. यह एक ऐसा होता है, जो बंजर भूमि पर अपने आप से उग आता है. इस पर सफेद और बैंगनी कलर के फूल आते हैं और यह एक ऐसा औषधीय गुणों से भरा पौधा है.
गर्मियों में मिलने वाला ये फल है अमृत, कूट कूटकर भरे हैं फाइबर और विटामिन सी
खरबूजा विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो न केवल विभिन्न गंभीर बीमारियों से रक्षा करते हैं, बल्कि शरीर की आंतरिक शक्ति को भी बढ़ाते है.विशेष रूप से,खरबूजे में पाया जाने वाला विटामिन सी,शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करता है,
शेरवानी से लेकर लहंगा तक... यहां रेंट पर मिलते हैं डिजाइनर कपड़े, दाम भी कम
शादियों का सीजन बड़े ही धूमधाम से चल रहा है. इस दौरान कई दूल्हा- दुल्हन अपने कपड़ों और ज्वेलरी पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं. लेकिन, आपको खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योकि, आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां लेटेस्ट ट्रेंडिंग कलेक्शन के कपड़े और ज्वेलरी किफायती दामों और रेंट पर मिल जाएगी.
दोस्तों के साथ बनाया है आउटिंग का प्लान,तो यह शॉर्ट्स और कैजुअल टी-शर्ट हैं बेस्ट ऑप्शन
दोस्तों के साथ बनाया है आउटिंग का प्लान,तो यह शॉर्ट्स और कैजुअल टी-शर्ट हैं बेस्ट ऑप्शन
दिल्ली के बेस्ट 5 फर्नीचर मार्केट, सस्ते दामों में मिलेगा क्वालिटी सामान
किसी भी घर के इंटीरियर को सजाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण फर्नीचर माना जाता है. घर का फर्नीचर घर शानदार लुक देता है. अच्छा और ट्रेंडी फर्नीचर घर के आकर्षण को बढ़ा देता है. इसलिए आज हम आपको दिल्ली के ऐसे 5 फर्नीचर मार्केट के बारे में बता रहे हैं, जहां पर बेहद कम कीमत में अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर मिल जाएगा. (रिपोर्टः अकांक्षा दीक्षित)
सूखा राहत को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं का केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
बेंगलुरु, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्नाटक में सूखा राहत को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
चिराग पासवान ने नीतीश के मंत्री महेश्वर हजारी पर साधा निशाना, कहा - 'उनका परिवार पासवानों के खिलाफ'
पटना, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल महेश्वर हजारी पर निशाना साधा है।
बेहद खास तरीके से तैयार होती है ये भेल, स्वाद ऐसा कि दीवाने हो जाएंगे आप
भेल दुकान के संचालक आदित्य चंद्रवंशी ने बताया कि कवर्धा जिले के रहने वाले हैं. कुछ महीने पहले ही इन्होंने भेल बेचने का काम शुरू किया है. राजधानी स्थित NIT के सामने स्वादिष्ट मसाला भेल नाम की स्टॉल लगाते हैं.
भीषण गर्मी में 16 डिग्री का एहसास! ये महज लस्सी नहीं स्वाद का है खजाना
लस्सी का गिलास बड़ा होने के कारण इसकी कीमत 50 रुपये रखी गई है. लेकिन लोगों को मिट्टी के गिलास में दी जाने वाली लस्सी का स्वाद सबसे अलग है. इसलिए जो भी फिरोजाबाद आता है वह उनकी लस्सी को जरूर पीता है.
केदारनाथ जाने का बना रहे हैं प्लान, तो यहां जानिये खर्चा
ChardhamDham Yatra: केदारनाथ पहुंचने के लिए आपको दिल्ली या फिर किसी भी शहर से देहरादून के लिए बस, फ्लाइट या ट्रेन मिल जाएगी. दिल्ली से आप सड़क मार्ग के जरिए भी केदारनाथ जा सकते हैं, यहां से धाम की दूरी 466 किलोमीटर है.
शहद असली है या नकली, इस ट्रिक से कर लें पहचान, रंग बता देगा किस फूल का है
Difference between pure and adulterated honey. जानकार तो शहद का रंग देखकर बता देते हैं कि ये किस फूल से बना है. मधु दो तरह का होता है एक मेडिसिनल और एक नॉर्मल. जामुन और तुलसी के फूल से अगर मधुमक्खी ने शहद तैयार किया हो तो वह औषधीय गुण से भरपूर होता है. शहद का सेवन नियमित करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.
पार्किंसंस डिजीज से जुड़ी इन अफवाहों पर न करें भरोसा, डॉक्टर ने बताया क्या है सच
Myths and Facts About Parkinson's Disease: हमें लगता है कि पार्किंसंस डिजीज सिर्फ ओल्ड एज पर्सन्स को हो सकता है, लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है. इसके अलावा ऐसी कई सारे अफवाहें हैं जो हम इस बीमारी के बारे में सनते रहते हैं.
Night Walk: सोने से पहले कुछ देर की वॉक बदल देगी आपकी जिंदगी, जानें रात में टहलने के फायदे
चलते-फिरते रहना सेहत के लिए फायदेमंद है, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात को सोने से ठीक पहले थोड़ा टहलना आपके लिए किसी जादू से कम नहीं है?
छोटे बच्चों को एसी कूलर में सुलाते समय ध्यान रखें ये बातें, नहीं पड़ेंगे बीमार
Are air conditioners and coolers safe for newborns? अगर आपके मन को भी यही सवाल बार-बार परेशान करता है तो आइए जान लेते हैं छोटे बच्चों के लिए एसी कूलर का इस्तेमाल कितना सेफ है और ऐसा करते समय पेरेंट्स
न दाल में कीड़े न सीले बिस्किट, ये हैं 5 शानदार किचिन टिप्स
Kitchen Storage Tips and Tricks: अक्सर हमारे घरों में अप्रैल-मई के महीने में गेंहु, चावल, दालें आदि को स्टोर कर के भरा जाता है. रसोई में हर मौसम में सब्जियां और दालें भी स्टोर की जाती हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं किचिन में स्टोरेज के कुछ शानदार टिप्स.
इस चिकन और अंडा-चिकन रोल के दीवाने हैं लोग, टेस्ट ऐसा कि बोल पड़ेंगे वाह
स्पाइसी चिकन रोल के ओनर जावेद हुसैन ने बताया कि यह स्पाई चिकन का काउंटर 2016 को कोचिंग एरिया में शुरू किया.यहां सबसे ज्यादा स्पाइसी चिकन रोल बिरियानी कड़ाई चिकन स्टूडेंट की पहली पसंद है.
रामबाण से कम नहीं है ये पौधा, दर्द और बुखार से तुरंत मिलेगी राहत
मुरादाबाद के दयानंद डिग्री कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सीमा ने बताया कि यह वृक्ष बहुत खूबसूरती देता है. इसके साथ ही यह ब्रेस्ट लिक के प्रोडक्शन को भी इंस्ट्रूमेंट करता है. इसके अलावा पेनलेस अबॉर्शन में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
अध्ययनों से पता चलता है कि हुक्का पीने से हेपेटाइटिस-अल्सर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। हुक्के के पाइप को एक समूह में शेयर किया जाता है जिससे भी कई प्रकार की बीमारियों के विकसित होने का खतरा हो सकता है।
IRCTC लेकर आया मई और जून में नेपाल घूमने का प्लान, कम बजट में मिलेगा घूमने का मौका,रहना-खाना भी फ्री
IRCTC लेकर आया मई और जून में नेपाल घूमने का प्लान, कम बजट में मिलेगा घूमने का मौका,रहना-खाना भी फ्री
आज ही के दिन यानी की 23 अप्रैल को महान निर्देशकों की लिस्ट में शामिल सत्यजीत रे का निधन हो गया था। सत्यजीत रे द्वारा किया गया काम फिल्म मेकर्स के लिए आज भी मिसाल है। उन्होंने अपने कॅरियर में कई हिट फिल्में दीं। यह सत्यजीत रे की फिल्मों का जादू है, जिसने हिंदी सिनेमा को इतना आगे तक पहुंचाने का काम किया। उन्हें उनके बेहतरीन काम के लिए ऑस्कर से भी नवाजा गया था। इसके अलावा भारत सरकार की तरफ से उनको 32 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में। जन्म-शिक्षा परिवार कोलकाता में बंगाली अहीर परिवार में 02 मई 1921 को सत्यजीत रे का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम सुकुमार राय था। इसको शॉत्तोजित रॉय के नाम से भी जाना जाता था। सत्यजीत रे के पिता सुकुमार राय और मां सुप्रभा राय था। सत्यजीत रे जब 2 साल के थे, तो उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। जिसके बाद उनकी मां ने अपने भाई के घर में सत्यजीत का पालन-पोषण किया था। उनकी मां एक मंझी हुई गायिका थीं। वहीं सत्यजीत रे ने अपनी शुरूआती शिक्षा कलकत्ता के बल्लीगुंग गवर्नमेंट हाई स्कूल से पूरी की। जिसके बाद उन्होंने इकनोमिक में बी.ए किया। इसे भी पढ़ें: BR Chopra Birth Anniversary: बी आर चोपड़ा ने 'महाभारत' बनाकर रच दिया था इतिहास, ऐसे बने थे सफल फिल्ममेकर सत्यजीत रे का शुरूआती जीवन काफी कठिनाइयों में बीत। वहीं साल 1950 में उनको लंदन जाने का मौका मिला। यहां पर उन्होंने कई फिल्में देखीं। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का भी सपना देखा था। कॅरियर सत्यजीत रे ने शिक्षा पूरी करने के बाद ग्राफिक्स डिजाइनर की नौकरी शुरूकर दी। इस दौरान उनकी फ्रांसीसी निर्देशक जां रेनोआ से मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने सब कुछ पलटकर रख दिया था। इस मुलाकात के बाद सत्यजीत रे के दिमाग में फिल्म बनाने का आइडिया आया। फिल्मी सफर साल 1943 में सत्यजीत रे ने बतौर जूनियर विजुलायजर अपने करियर की शुरूआत की थी। इस दौरान उनको सिर्फ 18 रुपए वेतन मिलता था। इसके बाद सत्यजीत ने डिजाइनिंग में भी हाथ आजमाया था। उनकी पहली फिल्म पाथेरी पांचाली थी। उनकी इस फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में खूब सराहा गया था। खुद चलकर आया ऑस्कर लंदन से भारत वापस आने के बाद सत्यजीत रे ने फिल्म बनाने पर काम करना शुरूकर दिया। साल 1952 में उन्होंने नौसिखिया टीम के साथ अपनी पहली फिल्म पाथेर पंचोली की शूटिंग शुरूकर दी। हांलाकि कोई फाइनेंसर न होने के कारण फिल्म की शूटिंग को बीच में ही रोक दिया गया। हांलाकि उनकी मदद के लिए बंगाल सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया। बंगाल सरकार की मदद से यह फिल्म पूरी हुई और जब सिनेमाघरों यह फिल्म रिलीज हुई, तो सुपरहिट साबित हुई। फिल्म के लिए उनको कई अवॉर्ड मिले। सत्यजीत रे ने इसके बाद महापुरुष, चारुलता और कंजनजंघा जैसी कई हिट फिल्में बनाई। आपको बता दें सत्यजीत रे को भारत सरकार की तरफ से 32 राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए थे। साल 1985 में उनको दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इसके बाद साल 1992 में उन्हें भारत रत्न और ऑस्कर 'ऑनरेरी अवॉर्ड फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट' भी दिया गया। लेकिन सत्यजीत रे की तबियत ठीक नहीं थी, जिसके कारण वह ऑस्कर लेने नहीं जा सके। इस कारण खुद पदाधिकारियों की टीम उनको ऑस्कर देने के लिए कोलकाता गई थी। वहीं 23 अप्रैल 1992 को करीब एक महीने बाद सत्यजीत रे का निधन हो गया।
William Shakespeare Death Anniversary: अंग्रेजी साहित्य के महान कवि और नाटककार थे विलियम शेक्सपियर
एक बड़ी मशहूर कहावत है कि हमारी किस्मत सितारे नहीं, बल्कि हम खुद ही बनाते हैं। बता दें कि यह कहावत अंग्रेजी के महान विद्धान विलियम शेक्सपियर द्वारा कही गई है। आज ही के दिन यानी की 23 अप्रैल को विलियम शेक्सपियर का निधन हो गया था। उन्होंने अपनी रचनाओं से पूरी को अपना दीवाना बना लिया था। वह एक अंग्रेजी कवि, नाटककार और लेखक थे। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर विलियम शेक्सपियर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में। जन्म और शिक्षा इंग्लैंड के स्ट्रैटफोर्ड के आन एवन में 26 अप्रैल 1564 को विलियम शेक्सपियर का जन्म हुआ था। हांलाकि उनकी जन्म से संबंधित कोई ऑफिशियल रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। वह अंग्रेजी के महाने कवि के तौर पर जाने जाते हैं। शेक्सपियर के पिता जॉन शेक्सपियर सफल व्यापारी थे। वहीं मां मैरी अर्डन एक घरेलू महिला थीं। विलियम अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। शेक्सपियर ने स्ट्रैटफोर्ड के किंग्स न्यू स्कूल से शुरूआती शिक्षा प्राप्त की थी। इसे भी पढ़ें: Charles Darwin Death Anniversary: मानव इतिहास के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे चार्ल्स डार्विन, जानिए रोचक बातें कॅरियर और रचनाएं शेक्सपियर इतने महान व्यक्ति थे कि लोगों को उनके नाम से नवाजा जाता है। उन्होंने एक से बढ़कर एक कई रचनाएं की थीं। उनके नाटकों का सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद किया गया। विलियम ने 1592 में अपने कॅरियर की शुरूआत की। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरूआत एक नाटककार और अभिनेता के तौर पर की। विलियम ने अपनी दो कविताएं 'वीनस एंड एडोनिस' और 'द रैप ऑफ ल्यूक्रेस' हेनरी व्रियोथस्ले को समर्पित की थी। उनकी यह दोनों कविताएं काफी ज्यादा लोगों को पसंद आई थीं। शेक्सपियर ने कई प्रसिद्ध नाटक लिखे जैसे- 'हैमलेट', 'मैकबेथ', 'रोमियो और जूलिएट', 'ओथेलो', 'विंटर्स टेल' आदि। शेक्सपियर के नाटकों का विषय उनके समय के लोगों की संगीत, जीवनशैली, प्रेम और विवाह आदि पर आधारित था। शुरूआती करियर के सात साल तक वह 15 से ज्यादा नाटक लिख चुके थे और प्रकाशित कर चुके थे। उन्होंने साल 1599 में अपना एक खुद का थियेटर बनाया था। इस थियेटर का नाम ग्लोब था। शेक्सपियर की रचनाएं इसके अलावा साल 1590 से 1613 तक विलियम शेक्सपियर ने करीब 37 नाटक लिखे थे। उनके ज्यादातर नाटक हास्य, त्रासदी और इतिहास जैसे विषयों पर आधारित है। विलियम ने काफी फेमस नाटक जूलियस सीजर लिखा। यह नाटक राजनीति पर आधारित थी। इस नाटक के जरिए उन्होंने बताया था कि अहंकार के परिणाम कैसे घातक सिद्ध हो सकते हैं। निधन साल 1613 तक विलियम शेक्सपियर स्ट्रेटफोर्ड से रिटायर हो गए चुके थे। वहीं 23 अप्रैल 1616 को विलियम शेक्सपियर का निधन हो गया था। शेक्सपियर के निधन से कई लोग हताश हुए थे।
खाने के साथ फल और दूध के साथ केला, कहीं आप तो नहीं खा रहे ये?
Which fruit combination should be avoided? हमारे शरीर में हर तरह के भोजन को पचाने का अलग-अलग समय होता है. लेकिन कई बार हम दो ऐसे खाद्य पदार्थ एक साथ खा लेते हैं, जो हमें पोषण देने के बजाए हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. आइए बताते हैं आपको ऐसे गलत फूड कॉम्बिनेशन के बारे में.
क्या आपको भी पीरियड्स के साथ कब्ज होने लगती है? तो जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय
पीरियड्स के दौरान बहुत सी महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती हैं। क्या अपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा क्यों होता है, तो आज हम आपको बताएंगे पीरियड्स में कांस्टीपेशन के कारण और उपाय
गर्म मौसम का असर दिमाग पर न हो, इन 3 योगासनों से करें अपने गुस्से को कंट्रोल
छोटी छोटी बात पर होने वाला चिड़चिड़ापन तन और मन दोनों को ही प्रभावित करने लगता है। ऐसे में मन को शांत और एकाग्र करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं ये 3 योगासन
पेट में दर्द, सूजन और कब्ज से हैं परेशान? इस फल से छूमंतर हो जाएगी सभी बीमारी
आयुर्वेदाचार्य राज रितेश ने कहा कि फाइबर की कमी के कारण लोग अक्सर कब्ज से पीड़ित होते हैं. इस स्थिति को कम करने के लिए गूलर के फल का सेवन करना अत्यधिक फायदेमंद होता है.
यहां आ गए तो गर्मी होगी फुर्र… बेल शरबत से लेकर कुल्हड़ लस्सी तक
दुकान की संचालक हेमंत ने कहा कि यह दुकान सुबह 8:00 से लेकर रात के 8:00 बजे तक खुला रहती है. यहां आपको मात्र 20 रुपये में बेल का शरबत, आम पन्ना और सत्तू का शरबत मिलता है. वहीं 40 रुपए में कुल्हड़ लस्सी मिलता है.
जवानी में क्यों बूढ़े दिखने लगे हैं यंग जेनरेशन, वैज्ञानिकों ने बताया कारण
Young People Ageing Faster: कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि यंग जेनरेशन के लोग अपनी उम्र से ज्यादा बूढ़े दिखने लगे हैं. यहां तक कि इन जेनरेशन के लोगों में कई घातक बीमारियां लग रही हैं जो उनके माता-पिता में नहीं है. आखिर क्या है इसके कारण.
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आपके शहर में भी पारा पहुंचा 40 पार? तो नोट करें ये नुस्खे, लू से बचे रहेंगे
आयुर्वेदिक चिकित्सक बताते हैं कि लू लगने से शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है. मसल्स खिंचने लगते हैं, शरीर टूटने लगता है और प्यास बढ़ जाती है. कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. ब्लड प्रेशर लो हो जाता है और लिवर-किडनी में...
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How to control Diabetes: मधुमेह (Diabetes) होने पर सबसे जरूरी है कि आप आपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव लाएं. ऐसा ना करने से ब्लड शुगर लेवल हाई बना रहता है, जिससे इस गंभीर बीमारी को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में आपको इन 5 बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
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Hanuman Jayanti: जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी को लगाएं घर पर बनी बूंदी का भोग, इसे बनाना है काफी सरल
जन्मोत्सव के दिन अगर आप हनुमान जी को मीठी बूंदी का भोग लगाएंगे, तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
हनुमान जी से जुड़ी कुछ चमत्कारी चौपाइयां व दोहे दिए जा रहे हैं, जिसे प्रियजनों को हनुमान जन्मोत्सव के भक्तिमय शुभकामना संदेश भेज सकते हैं।
Cervical Pain Remedies: सर्वाइकल एक ऐसी परेशानी है जो किसी को हो जाए तो जीना मुश्किल कर देती है, लेकिन घर बैठे कुछ नेक एक्सरसाइज के जरिए राहत पाई जा सकती है.
डायबिटीज (टाइप 2) से पीड़ित केजरीवाल ने जेल प्रशासन से रोज इंसुलिन की मांग कर रहे थे. इसको लेकर राजनीतिक गहमा गहमी और बढ़ गई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इंसुलिन क्या है? इसकी जरूरत कब और क्यों पड़ती है? डायबिटीज के मरीज के लिए क्यों जरूरी है?
गर्मियों में माउंट आबू घूमने आने का बना रहे हैं प्लान, तो ये जान लें यह बात
राजस्थान के प्रमुख हिल स्टेशन माउंट आबू में इन दिनों अन्य शहरों के मुकाबले कम तापमान होने के कारण पर्यटकों की चहल-पहल बढ़ने लगी है. अगर आप भी गर्मियों में माउंट आबू घूमने का प्लान बना रहे हैं तो रेलवे आपके लिए स्पेशल ट्रेन चला रहा है. स्पेशल ट्रेनों के अलावा राजधानी एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 116 ट्रेनों का ठहराव आबूरोड रेलवे स्टेशन पर रहता है. इनमें कुछ साप्ताहिक रेल सेवाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा माउंट आबू जाने के लिए रोडवेज और प्राइवेट बसें भी आसानी से उपलब्ध हैं.
ये पेड़ है एंटीबायोटिक प्रॉपर्टीज से भरपूर, स्किन और पेट का हर रोग कर देगा दफा
Medicinal properties of Khadir : खादिर एक ऐसी औषधि है, जो आसानी से कहीं पर भी मिल जाती है. इस औषधि के वृक्ष की लंबाई करीब 15 फीट से अधिक होती है और यह एंटीबायोटिक का काम करती है. यह त्वचा पर होने वाले सभी रोगों को तेजी से ठीक कर सकती है और पेट की बीमारियों के लिए भी काफी असरदार है. इसे आसानी से उपयोग कर आप पेट और स्किन संबंधित समस्याओं को कोसों दूर रख सकते हैं.
डिनर में बनाना हैं कुछ खास तो इस तरह से बनायें टेस्टी पनीर फ्राइड राइस,जाने बनाने का तरीका
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घर में जमा लिया है अधिक दही, पड़े-पड़े हो न जाए खराब, 10 तरह से करें इस्तेमाल
Ways to use leftover curd: दही आप डेली खाते होंगे. कई बार अधिक दही खरीद कर ले आने से बच जाता है. समझ नहीं आता कि दही का कैसे इस्तेमाल किया जाए. हम आपको यहां दस तरीके बता रहे हैं जिससे आप बचे हुए दही को स्वादिष्ट और कारगर तरीके से यूज कर सकें.
अगर शादी करने का बना लिया है प्लान तो पार्टनर से जरूर करें ये बातें,ज़िन्दगी बीतेगी बिंदास
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मीठी लीची खरीदना है? दुकानवाले के कहने में ना आएं, ऐसे करें सही पहचान
How To Choose Good Lychees: गर्मी के मौसम में लीची नहीं खाया तो क्या खाया लेकिन बाजार से खरीदते वक्त अगर आप मीठी और खट्टी लीची में अंतर नहीं कर पाते हैं तो सही फल चुनने में हम आपकी मदद कर सकते हैं.
जब आप किसी रिश्ते में होते हैं तो अपने साथी से थोड़ी बहुत अपेक्षाएं रखना स्वाभाविक है। दरअसल, अपेक्षाएं हमारे रिश्ते को आकार देने में मदद करती है। इन्हीं की वजह से हम अपने साथी के साथ आगे बढ़ते हैं। इसलिए साथी से अपेक्षाएं रखने में कोई भी खराबी नहीं है। लेकिन कभी-कभी हम अपनी इन अपेक्षाओं में भटक जाते हैं और फिर हमारे रिश्ते को सुरक्षित रखने वाली सीमाओं को भूल जाते हैं और कुछ ऐसी हरकते कर बैठते हैं, जिससे रिश्ते को नुकसान पहुँचता है। चलिए रिलेशनशिप एक्सपर्ट तालिया कोरेन से हम अपेक्षाओं में बहकर होने वाली उन गलतियों के बारे में जानते हैं, जो अक्सर लोग कर बैठते हैं और फिर उनका रिश्ता खराब हो जाता है। दूसरे व्यक्ति को बदलने का प्रयास करना- यह एक हार है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे लिए, यह एक निरंतर कठिन संघर्ष और निराशा जैसा महसूस हुआ। वे मेरे जैसे क्यों नहीं बन सके? वे अधिक सहानुभूतिपूर्ण क्यों नहीं हुए? जैसे-जैसे मेरी हताशा बढ़ती गई, दूसरे व्यक्ति को और अधिक अपर्याप्त महसूस होने लगा और एक भागीदार के रूप में उसका सारा विश्वास खो गया। हम दूसरे लोगों को नहीं बदल सकते हैं। इसे भी पढ़ें: Healthy Romantic Relationships । टॉक्सिक नहीं होती ये आदतें, रिश्ते से जुड़े इन मिथकों को गलतफहमी बनने से पहले कर लें दूर । Expert Advice उम्मीद से अधिक देना और फिर उन्हें वापस देने के लिए प्रेरित करता है- एक्सपर्ट ने बताया कि वह अपनी आवश्यकताओं और अनुरोधों को पार्टनर को सीधे बताने की बजाय आशा करती थी कि वे इस पर ध्यान देंगे और बदले में कुछ अच्छा करेंगे। लेकिन रिश्ते ऐसे काम नहीं करते हैं। पार्टनर के लिए अपने मन से चीजें करने और बदले में उनसे उसी चीज की अपेक्षा करना केवल नाराजगी का कारण बनता है। इसलिए बदले में वापस कुछ पाने की अपेक्षा रखे बिना पार्टनर के लिए चीजें करें। परेशानी में पीछे हट जाना ताकि वो आपका पीछा कर सकें- एक्सपर्ट ने अपने अतीत के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जब मैं पार्टनर से नाराज़ महसूस करती थी तो आगे बढ़ने के बजाय मैं उनसे दूर चली जाती थी ताकि उन्हें मेरा पीछा करना पड़े। यह बिल्कुल भी अच्छा संचार नहीं था। यह मूल रूप से एक खेल है। इसे और भी बदतर बनाने वाली बात यह थी कि अगर उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया कि मैं बिल्कुल भी पीछे हट रही हूँ। फिर कोई कनेक्शन नहीं होता। अब, अगर मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मुझे और अधिक कनेक्शन चाहिए, तो मैं तुरंत संपर्क करती हूँ। इसे भी पढ़ें: Expert Advice । डेटिंग के शुरुआती दिनों में पार्टनर ने कह दी है इनमें से कोई भी एक बात तो जान छुड़ाकर भागने में है भलाई अपनी ज़रूरतें अपने तक ही सीमित रखना- तालिया ने बताया कि पहले मैं अपनी जरूरतें नहीं बता पाती थी। और अगर मैंने कोशिश की, तो मेरा शरीर घबराहट की स्थिति में आ जाता था। इसका एक कारण यह है कि मैंने अपनी जरूरतों को खुलकर बोलने के लिए कभी भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कराया था, लेकिन अतीत में मैंने ऐसा मुश्किल से ही किया है, यहां तक कि उन दुर्लभ क्षणों में भी जब मैंने सुरक्षित महसूस किया था। अब, मैं अपने भीतर सुरक्षा पैदा करने पर काम करती हूँ और मैंने एक ऐसा साथी चुना है जो मुझे बहुत सुरक्षित महसूस कराता है। संघर्ष से बचने के लिए कुछ भी करना- एक्सपर्ट ने कहा कि लोग संघर्ष से भागते हैं, जो उनके रिश्ते में जहर घोल देता है। एक्सपर्ट ने लोगों को राय दी कि ऐसा करने से बचे और अपने अंदर के दर्द और नाराजगी को पार्टनर के साथ साझा करें। एक्सपर्ट ने कहा, 'पहले मैं संघर्ष से बचने के लिए जो कुछ भी कर सकती थी करती थी, लेकिन अब मैं इसका सामना करने में सक्षम हूँ।' View this post on Instagram A post shared by Talia Koren | Dating Podcast (@dating.intentionally)
इन महीनों में नया घर बनाना माना जाता है शुभ, आरोग्यता के साथ धन-धान्य की भी होगी प्राप्ति
Vastu Tips : वास्तु शास्त्र में घर के निर्माण यानी भवन निर्माण से जुड़े कई नियम बताए गए हैं. वास्तु में नए मकान की नींव से लेकर इसकी हर एक दिशा की विस्तृत जानकारी भी दी गई है. पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं भवन निर्माण से पहले जमीन की दिशा और वास्तु दोष से बचने के उपाय भी किए जाते हैं. आईए जानते हैं क्या कहते हैं जानकार
इस पेड़ के बनती है एनर्जी ड्रिंक, यूरिन इंफेक्शन-अस्थमा में भी असरदार
मुरादाबाद के दयानंद डिग्री कॉलेज में वनस्पति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सीमा ने बताया कि इसका सामान्य नाम मेडागास्कर बॉटल ट्री है. इसके साथ ही इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ड्रोहार्डी है. यह मोरिंगेसी कुल का सदस्य है.
राजस्थान से मुंबई-पटना के लिए सफर होगा आसान, रेलवे लेकर आया स्पेशल ट्रेन
IRCTC Special News. भीलवाड़ा शहर सहित जिले भर के रहने वाले रेल यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर. उत्तर पश्चिम रेलवे अप्रैल से जून तक कई रूटों पर समर स्पेशल ट्रेन शुरू कर रहा है. रेलवे ने अजमेर से बांद्रा के लिए और उदयपुर से पटना के लिए स्पेशल ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है. ये ट्रेन साप्ताहिक होंगी. दोनों ट्रेन भीलवाड़ा स्टेशन पर रुकेंगी. इससे पहले वलसाड- भिवाड़ी- वलसाड़ और जम्मूतवी- उदयपुर सिटी- जम्मूतवी गरीब रथ सप्ताहिक समर स्पेशल ट्रेन की घोषणा की थी.
Does Soaking Mangoes Good For Health: पके आम को देखकर चाहे कितना ही खाने का मन हो लेकिन इसे हमेशा कुछ देर पानी में भिगोकर जरूर छोड़ना चाहिए. ऐसा क्यों करना चाहिए इस लेख में आप आयुर्वेद एक्सपर्ट से जान सकते हैं.
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Sensory Seeking: क्या आपके बच्चे में भी हैं सेंसरी सीकिंग के लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
बच्चों का चुलबुलापन और शरारतें भला किसे पसंद नहीं होती हैं। वहीं उम्र बढ़ने के साथ ही बच्चों के शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक विकास भी होते रहते हैं। जिस तरह से धीरे-धीरे बच्चा बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे उनकी इंद्रियों की क्षमता भी विकसित होने लगती है। बच्चे जब बचपन में इंद्रियों में संवेदी अनुभव की तलाश करना शुरू करते हैं। तो बच्चे हर चीज की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। हांलाकि सभी बच्चों में एक जैसी गतिविधियां नहीं पाई जाती हैं। इस तरह की स्थिति को सेंसरी सीकिंग कहा जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्चों में होने वाले सेंसरी सीकिंग के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में UTI होने से शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर, हो जाए सावधान क्या है Sensory Seeking आपको बता दें कि बढ़ती उम्र के साथ ही बच्चे स्वाद, ध्वनि, गंध, दृष्टि और स्पर्थ जैसी चीजों के प्रति आकर्षित होते हैं। वह धीरे-धीरे इन चीजों को जानते और समझते हैं। हांलाकि सभी बच्चों में यह स्थिति समान नहीं होती है। जहां कुछ बच्चे खेलकूद के प्रति आकर्षित होते हैं, तो वहीं कुछ बच्चों का किसी खास तरह के म्यूजिक और कुछ का खाने-पीने की चीजों की तरफ आकर्षण होता है। इस स्थिति को ही सेंसरी सीकिंग कहा जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि कुछ बच्चों में सेंसरी सीकिंग से जुड़ी कुछ परेशानियां भी होती हैं। सेंसरी सीकिंग से जुड़े लक्षण गले लगने में हिचकिचाना किसी की गोद में न जाना वस्तुओं को छूना या सहलाना स्थिर बैठने में परेशानी होना हाइपर एक्टिव होना ऊँचे स्थानों से कूदना बार-बार चीजों को मुंह में डालना बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखने पर उनका विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे उनके कई तरह की परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि सेंसरी सीकिंग से जुड़ी स्थितियां बच्चों को इंद्रियों को ट्रिगर कर सकती हैं। सेंसरी सीकिंग के कारण बच्चों में स्पर्श, लाइट, साउंड और गंध आदि से जुड़ी परेशानियों का खतरा होता है। इसके अलावा बच्चों को किसी बात के लिए रोकटोक न करना भी उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। वहीं हर बात के लिए बच्चों को न कहना भी कम खतरनाक नहीं होता है। लेकिन बच्चे की हर बात को मानना उन पर नकारात्मक असर डाल सकता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों को हां या नहीं बोलने की लिमिट सेट करनी चाहिए। वहीं असामान्य लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
कभी खाया है अरीसा? दूल्हा-दुल्हन के ननिहाल से आती है ये मिठाई, स्वाद लाजवाब
अरीसा बनाने के लिए अरवा चावल, गुड़, सरसों तेल और मैदा की जरूरत पड़ती है. अगर आप दो किलो चावल का अरीसा तैयार करना चाहते हैं तो लगभग 1.5 किलो गुड़ लेना होगा. थोड़ा सा मैदा. फिर...
नैनीताल आ रहे हैं तो जरूर ट्राई करें ये 5 लजीज़ फूड आइटम्स
सरोवर नगरी नैनीताल अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं बल्कि अपने स्वाद के लिए भी जाना जाता है. अगर आप भी नैनीताल आने का प्लान कर रहें हैं तो नैनीताल की इन मशहूर डिश को जरूर ट्राई करें, स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही इन सभी चीजों के दाम भी बेहद कम हैं.
खराब, बेकार पड़ी फ्रिज को कबाड़ में ना बेचें, इन 6 तरीकों से दोबारा करें यूज
Tips to reuse old refrigerator: क्या आपकी फ्रिज खराब हो गई है और आप घर ले आए हैं नई फ्रिज? यदि हां तो आप इस बेकार हुए फ्रिज को कबाड़ में देने की बजाय घर के ही कुछ कामों में दोबारा से इस्तेमाल कर सकते हैं.
चाया या कॉफी पीने से पहले जरूर पिएं यह चीज, नहीं होगी एसिडिटी की समस्या, जानें
Tips For Chai Lovers: हर भारतीय रसोई में सुबह और शाम की चाय तो बनती ही है. कई लोगों को इसकी इतनी लत होती है कि वे इसके बिना अपने दिन की शुरूआत ही नहीं कर पाते. चाय कुछ लोगों के लिए एनर्जी ड्रिंक के सामान है. हालांकि इसके नुकसान भी कम नहीं है. चाय पीने वालों को एसिडिटी और कब्ज की समस्या होती ही है, लेकिन आप एक टिप्स फॉलो करके बच सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे...
शाही रसोई की शान रिस्की लड्डू, जरा लापरवाही की तो सब गड़बड़, विदेश में है मांग
सुरशाही लड्डू काफी सॉफ्ट होता है. इतना नरम की इसे चबाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. मुंह में रखते ही ये घुल जाता है. इस लडडू की भारत के कई राज्यों के अलावा विदेशों तक भारी डिमांड रहती है. बीकानेर से सुरशाही लड्डू अमेरिका, लंदन, अफ्रीका, सऊदी अरब, हांगकांग तक की यात्रा करता है..
बेशुमार प्यार होने के बाद भी इन कारणों से हो जाता है ब्रेकअप, चौंका देंगे ये वजह
Reasons For Breakups With Partner: प्यार एक ऐसी फीलिंग है जो एक ना एक बार हर कोई महसूस करता है। हालांकि, कई बार रिश्ते में बेशुुमार प्यार होने के बाद भी ब्रेकअप हो जाता है। जानिए ब्रेकअप की वजह-
रसोई के डिब्बे में बंद कर लें एक ऐसा जादू, जो मिनटों में बना देगा 50 डिश
all purpose Magic Gravy recipe: रोज-रोज ऑफिस के टिफिन में क्या बनाया जाए और टिफिन बनाने के लिए सुबह-सुबह जल्दी उठकर सारी तैयारी करना, ये सब बहुत मुश्किल भरा होता है. लेकिन अगर आपको पता चले कि एक जादूई चीज आपका खाना बनाने का समय बिलकुल आधा कर सकती है? ये जादूई चीज अगर आपके फ्रिज में हो तो आप अपनी रसोई में झटपट से एक-दो नहीं बल्कि 50 डिश बना सकती हैं? ये है एक ऐसी मैजिक ग्रेवी, जिसे अगर बनाकर आप अपने फ्रिज में स्टोर कर लें तो आप इससे 50 डिश बना सकती हैं. आइए बताते हैं आपको शेफ पंकज भदौरिया की मैजिक ग्रेवी की रेसिपी.
नैनीताल के पहाड़ों का करना है दीदार...किराए पर लें ये धाकड़ बाइक्स
नैनीताल में कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां आप कैब और टैक्सी से माध्यम से नहीं पहुंच सकते. ऐसे में आप बाइक और स्कूटी किराए में लेकर नैनीताल घूम सकते हैं. नैनीताल में कई जगह से आप स्कूटी, बाइक को रेंट पर ले सकते हैं.
Health Tips: कद्दू ही नहीं उसके बीज भी हैं बड़े ही काम के, सेवन से मिलेंगे गजब के फायदे
इंटरनेट डेस्क। कद्दू का नाम आते ही बहुत से लोग मुंह बना लेते हैं, लेकिन इसकी सब्जि बड़ा ही फायदा देने वाली होती है। इसके साथ ही इसके बीज तो और भी गुणकारी होते है। ऐसे में आज आपको बताएंगे की आप अगर इसका सेवन करेंगे तो यह आपके लिए कितने फायदेमंद है। हार्ट के लिए कद्दू के बीजों का सेवन आपके हार्ट केा हेल्दी रखता है, क्योंकि इसमें फाइबर, हेल्दी फैट्स के साथ एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण होते है जो कोलेस्ट्रॉल दूर करने में कारगर है। इन बीजों में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर लेवल को नियंत्रित रखता है। जोड़ों के दर्द का इलाज इसके साथ ही यह आपके जोड़ो के दर्द के लिए भी बड़ा ही फायदेमंद है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की भरमार है। इसके बीज जोड़ों के दर्द को कम करने में असरदार हैं। अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए इसके बीजों को डाइट में शामिल कर सकते है। www.iffcobazar.in
क्या बच्चे को दस्त लगने पर दूध देना चाहिए? जानें डायरिया में क्या चीजें खिलाने से बढ़ सकती है समस्या
Tips For Diarrhea: बच्चों को यदि दस्त लग जाए तो उनके खाने के पेट से कुछ फूड्स को पूरी तरह से कुछ समय के लिए हटा देना जरूरी होता है. इसमें दूध से लेकर हरी पत्तेदार सब्जियां और कई हेल्दी फ्रूट्स भी शामिल हैं.
आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में देश में रक्तचाप के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी को लेकर चिंता जताई है। विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में 18-54 आयु वर्ग के लगभग 30% व्यक्तियों ने कभी भी अपने रक्तचाप की जांच नहीं कराई है।
गर्मियों से राहत पाने के लिए एक्स्प्लोर करें कोकरनाग, जहां बसी है बेशुमार खूबसूरती
गर्मियों से राहत पाने के लिए एक्स्प्लोर करें कोकरनाग, जहां बसी है बेशुमार खूबसूरती
सियाह रात के सोनहला भोर होला आ गिरमिटिया एकर बेहतरीन उदाहरण बा :मनोज भावुक
आज पटना के रवीन्द्र भवन में साहित्य और संगीत से शाम सजी। बिहार की मिट्टी हमेशा अपने श्रम और प्रतिभा के लिए मशहूर रही है और इसी का उत्सव मनाने के लिए उपस्थित रहे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर सरनामी गायक राज मोहन, फ़िल्मफ़ेयर और फेमिना द्वारा सम्मानित ...
Hacks: सफेद कपड़ों से पीलापन हटाने के लिए अपनाएं ये उपाय, वापस लौट आएगी दूध जैसी चमक
White Clothes Washing Tips : Hacks: कई बार सही रख-रखाव के अभाव में यही सफेद कपड़े कुछ समय बाद अपनी चमक खोकर पीले पड़ने लगते हैं। जिसके बाद लोग इन सफेद कपड़ों से पीलापन हटाने के लिए कई तरह की महंगी चीजो
बच्चे के जन्म के बाद न्यू मॉम की ऐसे करें मदद, कई परेशानियां रहेंगी दूर
Best Ways To Help New Mom: बच्चे को नौ महीने गर्भ में रखना, उसे जन्म देना और शारीरिक कष्टों के साथ नवजात शिशु की देखभाल करना दुनिया के सबसे कठिन कामों में से एक है. ऐसे में नई मां को परिवार और दोस्तों के मदद की उम्मीद होती है. यहां हम बता रहे हैं कि आपके घर में भी अगर कोई नई नई मां बनी है तो आप उसकी किस तरह मदद कर सकते हैं.
डायबिटीज में भूलकर भी ना खाएं ये 6 चीजें, वरना और खतरनाक हो जाएगी बीमारी
डायबिटीज की बीमारी में खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. इसमें छोटी सी लापरवाही भी आपके शुगर लेवल को बढ़ा सकती है. इसलिए मरीजों को हमेशा शुगर लेवल को नियंत्रित रखने वाली चीजों का ही सेवन करना चाहिए.
Summer Skin Care: रात के अंधेरे में अपने त्वचा पर करें ये 3 घरेलु नुस्खे
Summer Skin Care Routine before sleep Tips: झुलसती हुई गर्मियों ने दस्तक दे दी है और सुबह 9 बजे का भी सूरज इतनी तेज धूप दे रहा है कि त्वचा थोड़ी देर में ही जलने लगती है. डर्माटोलजिस्ट की मानें तो सूरज से निकलने वाली हानिकारक यूवी किरणें ही हमारी त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं और हम उम्र से पहले ही उम्रदराज दिखने लगते हैं. लेकिन कुछ आसान से घरेलु नुस्खे और घर में आसानी से मिलने वाली चीजों को रात में अपनी त्वचा पर लगा कर आप गर्मियों में भी अपनी स्किन का ख्याल रखा जा सकता है. आइए आपको बताते हैं ऐसी आसानी होम रेमेडीज के बारे में.
एक दौर ऐसा था, जब फिल्म इंडस्ट्री में ग्लैमर नहीं था। लेकिन तब भी कुछ निर्देशकों ने अपने निर्देशन से दर्शकों के दिलों को जीता था। इन निर्देशक में सबसे पहला नाम आता है बी आर चोपड़ा का। आज ही के दिन यानी की 22 अप्रैल को बी आर चोपड़ा का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम बलदेव राज चोपड़ा था। बी आर चोपड़ा ने टीवी सीरियल के रूप में महाभारत जैसे महाकाव्य को दर्शकों के सामने लाए थे। आज भी बी आर चोपड़ा को 'महाभारत' के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने कई सफल फिल्में भी बनाई। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर बलदेव राज चोपड़ा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में। जन्म और परिवार पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में 22 अप्रैल 1914 में बी आर चोपड़ा का जन्म हुआ था। इनका परिवार काफी बड़ा था। बी आर चोपड़ा ने लुधियाना यूनिवर्सिटी अपनी शिक्षा पूरी की। फिर उन्होंने बतौर फिल्मी पत्रकार अपने कॅरियर की शुरूआत की। पत्रकारिता में सफल करियर के बाद भी वह फिल्ममेकर बनने का ख्वाब बुन रहे थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने मायानगरी यानी की मुंबई का रुख किया। हांलाकि उन्होंने अपने दम पर फिल्म इंडस्ट्री में मुकाम हासिल किया था। इसे भी पढ़ें: Pandit Ravi Shankar Birth Anniversary: पंडित रविशंकर ने सितार वादन को दुनिया में दिलाई अलग पहचान, जानिए रोचक बातें पहली फिल्म भले ही बी आर चोपड़ा ने अपने कॅरियर की शुरूआत फिल्म जर्नलिस्ट के तौर पर की थी। लेकिन फिल्ममेकर बनने का सपना साल 1949 में पूरा हुआ। इस साल उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'करवट' प्रोड्यूस की। हांलाकि यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई। जिसके बाद साल 1951 में बी आर चोपड़ा की किस्मत ने साथ दिया और वह फिल्म 'अफसाना' के निर्देशक व प्रोड्यूसर बने। फिर साल 1955 में बी आर चोपड़ा ने अपना प्रोडक्शन हाउस खोला। इस प्रोडक्शन हाउस का नाम 'बी आर फिल्म्स' रखा गया। अपना प्रोडक्शन हाउस खोलने के बाद बी आर चोपड़ा ने इस बैनर के तले पहली फिल्म 'नया दौर' बनाई। इस फिल्म में दिलीप कुमार और अभिनेत्री वैजयंती माला ने मुख्य किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्में जैसै- 'हमराज', 'बागवान', 'बाबुल', 'पति पत्नी और वो', 'नया दौर', 'कानून', 'इंसाफ का तराजू', 'निकाह' और 'तवायफ' आदि फिल्में हिंदी सिनेमा को दी। उनकी यह फिल्में मील का पत्थर मानी जाती हैं। अवॉर्ड बी आर चोपड़ा को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जिनमें से साल 1998 में उनको भारत सरकार की तरफ से 'दादा साहब फाल्के' अवॉर्ड से नवाजा गया। तो वहीं साल 2001 में भारत सरकार की तरफ से कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से नवाजा गया। छोटे पर्दे का किया रुख सफल पत्रकार और सफल फिल्ममेकर के बाद उन्होंने टीवी सीरियल बनाने का फैसला किया। छोटे पर्दे का रुख करने के कारण उनको काफी ट्रोल भी किया गया। लेकिन बी आर चोपड़ा ने ट्रोलिंग को किनारे रखते हुए मैथालॉजिकल शो 'महाभारत' का निर्माण कर इतिहास रच दिया। मौत बी आर चोपड़ा की आखिरी फिल्म 'भूतनाथ' रही। वहीं 5 नवंबर 2008 को 94 साल की उम्र में बी आर चोपड़ा का निधन हो गया।
Foods To Avoid in Fatty Liver: फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी होने पर खानपान पर विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. ऐसे फूड्स का सेवन घातक हो सकता है जो वसा को बढ़ाने का काम करते हैं. इस लेख में आप ऐसे कुछ फूड्स के बारे में जान सकते हैं.
भारत का असम राज्य पर्यटन के लिहाज से बेहद समृद्ध हैं। यहां पर घूमने के लिए कई बेहतरीन और खूबसूरत जगह हैं। यह जगहें अपनी प्राकृतिक सुंदरता के पूरी दुनिया में फेमस हैं। असम राज्य चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा है। यहां की खूबसूरती और समृद्धि आपका दिल जीत लेगी। ऐसे में अगर आप भी असम घूमने का प्लान बना रहे हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए आपको असम की कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको एक बार जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान बता दें कि असम के गोलाघाट और नागांव जिले में काजीरंगा नेशनल पार्क स्थित है। इसको साल 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया था। इस नेशनल पार्क में दलदली हिरण, हाथी, पैंगोलिन, सींग वाले राइनो, बंगाल फॉक्स, तेंदुए, फ्लाइंग गिलहरी, भालू आदि देखने को मिलेंगे। यहां पर रॉयल बंगाल टाइगर्स की एक विशाल आबादी पाई जाती है। काजीरंगा नेशनल पार्क में आप हाथी की सवारी का लुत्फ उठा सकते हैं। इसे भी पढ़ें: Flybording: गोवा के इन बीचेस पर उठा सकते हैं फ्लाईबोर्डिंग का लुत्फ, सिर्फ आएगा इतना खर्चा गुवाहाटी असम का गुवाहाटी भी शानदार प्रयटन केंद्र है। जोकि ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित है। यहां पर वन्यजीव अभयारण्य, ब्रह्मपुत्र की प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन मंदिर हैं। इसके अलावा गुवाहाटी में असम राज्य संग्रहालय, नवग्रह मंदिर, तारामंडल, नेहरु पार्क और ब्रह्मपुत्र नदी क्रूज प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। माजुली द्वीप असम में सिर्फ मंदिर, जलप्रपात और जंगल ही नहीं बल्कि द्वीप भी हैं। यहां पर माजुली द्वीप प्रदूषण मुक्त मीठे पानी के द्वीप के रूप में फेमस है। जोरहाट शहर से महज 20 किमी की दूरी पर यग द्वीप स्थित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। कामाख्या मंदिर जब माता सती ने आत्मदाह किया तो भगवान शिव उनके शरीर को लेकर भ्रमण कर रहे थे। तब श्रीहरि विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को काट दिया था। शरीर के यह अंग जहां-जहां गिरे, वहां-वहां दैवीय शक्तिपीठ बनें। इनमें से देश का सबसे प्रमुख शक्तिपीठ असम की राजधानी दिसपुर में गिरा। जिसको कामाख्या देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। कामाख्या मंदिर दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किमी दूर नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित है। काकोचांग जलप्रपात असम के जोरहाट में आप कॉफी और रबर के बागानों को देख सकते हैं। यहां का प्रमुख जलप्रपात काकोचांग है। इस जलप्रपात के पास नुमालीगढ़ के खंडहरों और सुंदर हरी चाय के बागानों के बेहद शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं। बता दें कि यह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से घिरा है।