एआई ऐतिहासिक क्रांति, समकालीन मांगों के अनुसार शिक्षा में बदलाव जरूरी: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन का कहना है कि भारत को आधुनिक, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए
ललितपुर पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी शिक्षा विभाग में चपरासी समेत अन्य पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी किया। दरअसल 4 दिन पहले यानी शुक्रवार को देवेंद्र सिंह ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि नौकरी नहीं लगने पर युवक से पैसा वापस मांगा, तो उसके साथ गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने टीम गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद जखौरा थाना पुलिस ने मंगलवार को आरोपी को कल्यानपुरा नहर की पुलिया के पास से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान सूरज कुशवाहा के रूप में हुई। आरोपी के पास से मोबाइल फोन, नकदी, बाइक, सोने के जेवर, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और विभिन्न सरकारी कार्यालयों की फर्जी मोहर बरामद की हैं। नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसा हड़पता सीओ सिटी अजय कुमार ने बताया कि आरोपी सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से पैसे हड़पता था। पूछताछ में सूरज ने बताया कि उसने खुद को बीएसए कार्यालय में चपरासी के पद पर तैनात बताया था। अधिकारियों से अच्छी पहचान होने का दावा करता था। आरोपी ने बताया कि उसने करीब दो साल पहले देवेंद्र नामक युवक और उसके रिश्तेदारों से संविदा पर बाबू और चपरासी के पदों पर नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए लिए थे। इसके बाद कंप्यूटर के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र और मोहरें बनवाकर उन पर हस्ताक्षर किए। साथ ही लोगों को नियुक्ति पत्र डाक से भेज दिए। आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अब तक 100 से अधिक लोगों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की है। ठगी की रकम से बाइक, जेवरात व अन्य कीमती सामान खरीदे हैं। एसपी ने गठित की थी टीम यह मामला 4 दिन पहले उस समय सामने आया, जब थाना जखौरा क्षेत्र के ग्राम चक नगवास निवासी देवेंद्र पुत्र लाखन सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़ित ने बताया कि नौकरी न लगने पर जब उसने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने उसके साथ गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के दिए। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से 40 हजार रुपए का मोबाइल फोन, 74,030 रुपए नकद, 85 हजार रुपए मूल्य की बाइक, 55 हजार रुपए का सोने का हार, विभिन्न सरकारी कार्यालयों की फर्जी मुहरें, एसबीआई एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद किया। --------------------------- ये भी पढ़ें... मिसकैरेज करवाया, बोला-शादी करनी है तो मुसलमान बनो:कहने वाला डॉक्टर सस्पेंड, योगी ने KGMU की पीड़ित लेडी डॉक्टर से बात की, बोले- बख्शेंगे नहीं लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में महिला डॉक्टर से 'शादी करनी है तो मुसलमान बनो' कहने के आरोपी डॉक्टर को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया। उसके विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई। उसके खिलाफ FIR भी दर्ज हो गई। सोमवार देर शाम योगी ने लेडी डॉक्टर को फोन किया था। पढ़ें पूरी खबर...
मावली में ब्लॉक निष्पादन बैठक में शिक्षा उप निदेशक प्रमोद कुमार सुथार ने दी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
मावली पीएम श्री विद्यालय में आयोजित ब्लॉक निष्पादन बैठक में शिक्षा उप निदेशक प्रमोद कुमार सुथार ने शाला दर्पण, परीक्षा प्रबंधन, ऑनलाइन पंजियन और विद्यार्थियों की प्रतियोगी तैयारी पर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। बैठक में दोनों ब्लॉक के संस्था प्रधानों ने भाग लेकर शिक्षा गुणवत्ता सुधार पर चर्चा की।
ललितपुर में मंगलवार शाम आदर्श समायोजित शिक्षक, शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने जिलाधिकारी सत्यप्रकाश को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन बीएलओ शिक्षामित्र हेमलता कुशवाहा के ब्रेन हेमरेज ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता और शिक्षामित्रों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि शिक्षामित्र हेमलता कुशवाहा का भोपाल के एम्स अस्पताल में ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ है। एसोसिएशन ने उनके तत्काल इलाज के लिए धनराशि स्वीकृत करने की मांग की। जिलाधिकारी ने इस संबंध में तुरंत चेक दिलवाने के लिए अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, शिक्षामित्रों ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों के आयुष्मान कार्ड बनाने की मांग की। उन्होंने स्थानांतरण-समायोजन प्रक्रिया शुरू करने और महिला एवं दिव्यांग शिक्षामित्रों को नगर क्षेत्र के विद्यालयों में स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया। महंगाई को देखते हुए शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई। जिलाधिकारी सत्यप्रकाश ने शिक्षामित्रों की प्रदेश स्तरीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को अति शीघ्र भेजने का आश्वासन दिया। शिक्षामित्रों ने उनके त्वरित कार्रवाई और आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया। ज्ञापन सौंपते समय जिलाध्यक्ष भगवत सिंह बैंस, बृजेश टोटे, अशोक परिहार, राजेंद्र पस्तोर, आशा अशोक शर्मा, मालती हरिओम राजपूत और रेखा विनोद मिश्रा सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।
कोटा में एलन शिक्षा संबल अभियान के तहत सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को नीट-यूजी की निःशुल्क कोचिंग, आवास और भोजन की सुविधा दी जाएगी। एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास और एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की संयुक्त पहल से मेडिकल शिक्षा के सपनों को मिल रहा नया संबल।
रामगंजमंडी में 23 से 25 जनवरी तक आयोजित होने वाले श्री राम कथा गौ माता महोत्सव को लेकर शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आयोजन स्थल का निरीक्षण किया। मंत्री ने यातायात, स्वच्छता और बिजली व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
मध्यभारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय प्रांतीय आर्य महासम्मेलन के तीसरे दिन गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षा, समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने एक सशक्त और संस्कारित समाज की नींव रखी, जिससे अच्छे नागरिक तैयार हुए और राष्ट्र निर्माण को दिशा मिली। अपने उद्बोधन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज देश में लाखों लोग मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में गौ-आधारित कृषि को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गौ आधारित खेती और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने गौ संरक्षण, गौ आधारित कृषि के लाभ और मानव जीवन में गौ के महत्व पर बात कही। राज्यपाल ने स्वामी श्रद्धानंद के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके जीवन पर स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों और प्रवचनों का गहरा प्रभाव रहा। गौ आधारित कृषि को मिले बढ़ावा स्वागत भाषण एवं संक्षिप्त उद्बोधन में सभा प्रधान प्रकाश आर्य ने कहा कि आचार्य देवव्रत द्वारा रासायनिक खेती के विकल्प के रूप में प्राकृतिक और गौ आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 24 संस्थानों के कुलाधिपति होने के बावजूद राज्यपाल का सरल और सहज स्वभाव सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम में सुरेंद्र कुमार आर्य का परिचय देते हुए बताया गया कि उनका देश-विदेश में विशिष्ट योगदान है और दयानंद ट्रस्ट को भी उनका निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में आदिवासी क्षेत्रों में 11 नए आर्य समाज केंद्र स्थापित किए गए हैं। अपने उद्बोधन में सुरेंद्र कुमार आर्य ने स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान के 100 वर्ष एवं प्रांतीय सभा के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित महासम्मेलन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भोपाल में आयोजित यह महासम्मेलन आर्य समाज के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने आचार्य देवव्रत को सभी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम में युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन एवं वेद सम्मेलन जैसे आयोजनों के माध्यम से आर्य समाज के लाखों कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। संपूर्ण समाज आज आर्य समाज की भूमिका को आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर आज मंगलवार को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। अपनी मांगों के समर्थन में हाथों में तख्तियां लेकर अभ्यर्थियों ने नारेबाजी की। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जो परीक्षा हुई थी, उसमें धांधली की गई है। इस परीक्षा को रद्द कराया जाए। अभ्यर्थी आयोग के नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार से मुलाकात कर अपनी मांग रखना चाहते थे। अध्यक्ष के हनुमत के बाद तीन अभ्यर्थियों को अपनी बात रखने के लिए अंदर बुलवाया गया। अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि यह परीक्षा 15 16 अप्रैल को आयोजित कराई गई थी। परीक्षा के बाद से ही इस परीक्षा पर प्रश्न चिन्ह उठने लगे थे ।अभ्यर्थी लगातार कई बार इसके लिए आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EWS) के हजारों युवाओं के सामने इन दिनों एक अजीब सा संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार के नियमों के विरोधाभास के चलते मेधावी छात्र उच्च शिक्षा और आवासीय सुविधाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार ने EWS प्रमाण पत्र के लिए वार्षिक आय सीमा 8 लाख रुपए निर्धारित की है, वहीं दूसरी ओर छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए इस सीमा को घटाकर महज 1 लाख से 2.5 लाख रुपए तक सीमित कर दिया गया है। इस विसंगति के कारण उन मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे परेशान हैं जिनकी आय 8 लाख से कम है, लेकिन 1 या 2 लाख से अधिक है। प्रमाणपत्र के लिए अलग, लाभ के लिए अलग छात्र राजेश शर्मा ने बताया कि नियमों का यह दोहरापन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वर्तमान में EWS वर्ग का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। लेकिन जब छात्र योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं, तो पात्रता की शर्तें बदल जाती हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना (सत्र 2025-26) में आवेदन की प्रक्रिया जारी है, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 है। योजना के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के कॉलेज छात्रों को आवासीय सुविधा के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। जहां एससी, एसटी और एमबीसी के लिए आय सीमा 2.50 लाख और ओबीसी के लिए 1.50 लाख है, वहीं ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के लिए इसे घटाकर केवल 1 लाख रुपए कर दिया गया है। छात्र अशोक ने कहा कि जब प्रमाणपत्र 8 लाख की आय पर मान्य है, तो योजना का लाभ 1 लाख की सीमा पर क्यों दिया जा रहा है। योजनाओं के इन जटिल नियमों को लेकर युवा परेशान है। प्रवीण शर्मा ने बताया कि ईडब्ल्यूएस के विद्यार्थियों को अलग से छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए। इसकी वार्षिक आय-सीमा आठ लाख रुपए तक होनी चाहिए। अभी आय सीमा काफी कम है, इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंद छात्रों को वास्तव में लाभ मिल सके। कर्ण सिंह शेखवात ने राज्य सरकार की छात्रवृत्ति सभी वर्ग के युवाओं को आठ लाख रुपए वार्षिक की आय पर मिलनी चाहिए। ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र जितनी सीमा तक बनता है, उसी के अनुरूप छात्रवृत्ति की पात्रता तय होनी चाहिए।
रोहतक जिले में महम से सटे गांव इमलीगढ़ में स्थित राजकीय माध्यमिक तथा राजकीय प्राथमिक स्कूल का खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने अचानक निरीक्षण किया। उनके साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सीसर खास की प्राचार्या प्रभा भी मौजूद थीं। खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने दोनों स्कूलों के रिकॉर्ड, सफाई व्यवस्था, शौचालयों और पीने के पानी की व्यवस्था की जांच की। उन्होंने रसोईघरों में अनाज के रख-रखाव और खाना बनाने में प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों की सफाई का भी जायजा लिया। निरीक्षण में मिली सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक निरीक्षण के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने बताया कि दोनों विद्यालयों के रिकॉर्ड और अन्य सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। प्राचार्या प्रभा ने स्कूल के अनुशासन को देखते हुए मुख्याध्यापक को बधाई दी। मुख्याध्यापक अशोक कुमार ने इस सफलता का श्रेय स्कूल व्यवस्था में सभी अध्यापकों के योगदान को दिया।
मावली में मंगलवार को पीएम श्री विद्यालय परिसर में ब्लॉक निष्पादन बैठक आयोजित होगी, जिसमें उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में दोनों ब्लॉकों के संस्था प्रधान शामिल होंगे। बैठक में नए शैक्षिक सत्र 2026 की तैयारी, शाला दर्पण, समग्र शिक्षा, छात्रवृत्ति डीबीटी, परीक्षा सुधार और शिक्षा विभाग की सभी गतिविधियों की गहन समीक्षा की जाएगी।
नोएडा के सेक्टर-126 स्थित लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल में ISSA शैक्षिक सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन इंडिपेंडेंट सेल्फ-फाइनैंस्ड स्कूल्स एसोसिएशन (ISSA) के देखरेख में आयोजित किया गया। जिसका विषय था “भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना, एनईपी युग में पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धतियों का रूपांतरण”। सम्मेलन का उद्देश्य निजी स्कूलों, शैक्षिक विशेषज्ञों और सरकारी संस्थाओं के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयप्रकाश चतुर्वेदी, निदेशक (एफिलिएशन), सीबीएसई, नई दिल्ली व विशेष अतिथि प्रो. डॉ. मनु कपूर, प्रोफेसर, लर्निंग साइंसेज एंड हायर एजुकेशन, ईटीएच ज्यूरिख रहे। सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधन सदस्य हरकरन उप्पल के स्वागत भाषण से हुई। सत्र में जयप्रकाश चतुर्वेदी का की-नोट संबोधन रहा, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप पाठ्यक्रम सुधार, मूल्यांकन प्रणाली और शिक्षण पद्धतियों में हो रहे परिवर्तनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके बाद शिक्षाविद प्रो. डॉ. मनु कपूर ने ‘प्रोडक्टिव फेल्योर’ और रिसर्च-आधारित शिक्षण पद्धतियों पर सत्र आयोजित किया गया। उनके सत्र ने शिक्षकों को रिसर्च, नवाचार और गहन सोच पर आधारित सीखने की प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन का समापन एक प्रभावशाली पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसका संचालन डॉ. रुचि सेठ, निदेशक-प्रधानाचार्य, लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा ने किया।
श्रीगंगानगर में क्रिसमस-डे पर बच्चों को सांता क्लॉज बनाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने आदेश में कहा कि सांता क्लॉज बनने के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है। शिकायत मिलने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ADEO (अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी) अशोक वधवा ने यह आदेश 22 दिसंबर को जारी किया है। जिसमें सभी निजी स्कूलों को चेतावनी दी गई है। सहमति हो तो आपत्ति नहीं, जबरदस्ती पर होगी कार्रवाई ADEO (अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी) अशोक वधवा ने बताया- किसी स्कूल में अभिभावकों और बच्चों की सहमति से सांता क्लॉज की गतिविधियां कराई जा रही हैं तो शिक्षा विभाग को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन यदि पेरेंट्स पर दबाव बनाकर या बच्चों को मजबूर कर सांता क्लॉज बनाने की शिकायत सामने आती है तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। परिजनों और बच्चों की भावनाओं का सम्मान करें ADEO ने कहा - 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है, वहीं क्रिसमस डे भी है। ऐसे में स्कूलों को संतुलन और संवेदनशीलता बनाए रखते हुए किसी भी तरह की जबरदस्ती से बचना चाहिए। शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे अभिभावकों की भावनाओं का सम्मान करें और बच्चों पर किसी भी प्रकार का दबाव न डालें। एक दिन पहले शिक्षा विभाग को दी थी शिकायत बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाने के संबंध में भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने 22 दिसंबर को अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (ADEO) को शिकायत दी थी। जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने बताया- पिछले कुछ वर्षों से कुछ स्कूलों में क्रिसमस डे के नाम पर बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाया जा रहा है, जिससे पेरेंट्स में नाराजगी है। श्रीगंगानगर जिला मुख्य रूप से सनातन हिंदू और सिख बहुल क्षेत्र है, ऐसे में किसी विशेष परंपरा को थोपना ठीक नहीं है। 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने बताया- शिक्षा अधिकारी से शिकायत के दौरान मांग की गई थी कि स्कूलों में भारतीय संस्कृति, परंपरा और महापुरुषों से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया है, जो साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। ऐसे में स्कूलों को चाहिए कि इस दिन भारतीय संस्कृति के गौरव, वीरता और बलिदान की परंपरा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।
उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों की कौन सा देश है पहली पसंद, नीति आयोग ने जारी की रिपोर्ट
नीति आयोग की उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में कनाडा 4,27,000 भारतीय छात्रों के साथ शीर्ष अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा गंतव्य रहा।
प्रारंभिक शिक्षा : 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं 19 फरवरी से
उदयपुर| प्रारंभिक शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग ने साल 2026 के लिए प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र (कक्षा 8) और प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन (कक्षा 5) की परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया है। प्रदेश भर में कक्षा 8 की मुख्य परीक्षाएं 19 फरवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलेंगी। समय दोपहर 1:30 से शाम 4 बजे तक तय रहेगा। मूक-बधिर विद्यार्थियों के लिए समय शाम 4:50 बजे तक रहेगा। शुरुआत 19 फरवरी को अंग्रेजी के पेपर से होगी। कक्षा 5 की परीक्षाएं 20 फरवरी को अंग्रेजी के पेपर से शुरू होंगी और 5 मार्च को समाप्त होंगी। इनका समय भी दोपहर 1:30 से शाम 4 बजे तक रहेगा। दिव्यांग श्रेणी के परीक्षार्थियों को न्यूनतम 40% दिव्यांगता पर 50 मिनट का अतिरिक्त समय देंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड:आदि शंकराचार्य गुरुकुलम में शुरू होगी गायों पर रिसर्च
स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मप्र के राजगढ़ व नरसिंहपुर में जल्द शुरू होने वाले आदि शंकराचार्य गुरुकुलम में गायों पर रिसर्च की जाएगी। साथ ही इन संस्थानों में संस्कृत, वैदिक और योग की शिक्षा भी दी जाएगी। मंत्री ने दावा किया कि प्राइमरी स्तर पर ड्रापआउट रेट अब शून्य तक पहुंच चुकी है। राजधानी में सोमवार को मंत्री सिंह ने विभाग का रिपोर्ट कार्ड सामने रखा। उन्होंने कहा कि गाय को आदिकाल से पूज्यनीय माना जाता रहा है। कई देश अब इस पर रिसर्च भी करने लगे हैं। हम अगली पीढ़ी को बताना चाहते हैं कि गाय का क्या महत्व है, गाय पालने के क्या साइंटिफिक फायदे हैं। इसलिए हम रिसर्च को बढ़ावा देना चाहते हैं। हम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रिसर्च को शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों में सभी कक्षाओं में ड्रॉपआउट दर में कमी आई है। वर्ष 2024-25 में प्राथमिक स्तर पर ड्रॉपआउटw दर 6.8% से घटकर शून्य हो गई है। 10वीं व 12वीं के रिजल्ट 10 से 12% तक सुधरे हैं। 2026-27 तक हर स्कूल में स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव पर काम हो रहा है, जिसमें स्कूल शिक्षा से जुड़े सभी दफ्तर एक छत के नीचे लाए जाएंगे। सरकार से अनुमति मिली तो ये 22 मंजिला भवन होगा, जो मप्र की सबसे ऊंची बिल्डिंग होगी। बुक फेयर... निजी स्कूल के बच्चे ले पाएंगे किताबें स्कूल शिक्षा विभाग इस सत्र से नवाचार करेगा। जो निजी स्कूल मप्र बोर्ड से सम्बद्ध हैं, उनके लिए पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों के बुक फेयर लगेंगे। इसमें निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे पालक सस्ती दरों पर किताबें खरीद सकेंगे। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत अब हिंदी, क्षेत्रीय भाषा के साथ स्थानीय बोलियों में किताबें छपेंगी।
परबत्ता में संकुल स्तरीय टीएलएम कार्यक्रम:शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाने की पहल
खगड़िया जिले परबत्ता प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय खीराडीह परिसर में सोमवार को संकुल स्तरीय टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संकुल के सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लेकर अपने नवाचारी टीएलएम का प्रदर्शन किया। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को खेल आधारित, प्रयोगात्मक और व्यवहारिक शिक्षा के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को रोचक, सरल और प्रभावी बनाना था। प्रदर्शनी के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप अब शिक्षा केवल रटने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया जा रहा है। शिक्षकों ने विभिन्न मॉडल, चार्ट, खेल सामग्री और स्थानीय संसाधनों से बने शिक्षण उपकरणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि तकनीक और रचनात्मकता के उपयोग से बच्चों का बौद्धिक, मानसिक और सर्वांगीण विकास संभव है। टीएलएम प्रस्तुति के दौरान गणित, भाषा और पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों को खेल-खेल में समझाने की विधियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रयोग आधारित शिक्षा से बच्चों में जिज्ञासा, आत्मविश्वास और सीखने की रुचि बढ़ती है, जिससे कक्षा का वातावरण भी अधिक जीवंत बनता है। इस अवसर पर संकुल समन्वयक रेखा देवी, संकुल संचालक मुकेश भारती, वरीय शिक्षक राजेश कुमार, नितेश कुमार, राकेश कुमार, माखन कुमार, अविनाश कुमार, तपस कुमार, राजीव कुमार और इरशाद सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। सभी ने टीएलएम आधारित शिक्षण को वर्तमान समय की आवश्यकता बताते हुए इसे नियमित रूप से अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत में, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन शिक्षकों को ‘बेस्ट टीएलएम शिक्षक’ के रूप में सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के दौरान शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की गई और कहा गया कि ऐसे आयोजनों से शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार होगा, जिससे बच्चे सीखने को बोझ नहीं, बल्कि आनंद के रूप में ग्रहण करेंगे। यह संकुल स्तरीय टीएलएम कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
खगड़िया में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत नीति आयोग की सेंट्रल प्रभारी अधिकारी सह निदेशक, जल शक्ति मिशन, श्रीमती अर्चना वर्मा, IAS ने खगड़िया जिले में संचालित विभिन्न विकासात्मक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार एवं उप विकास आयुक्त श्री अभिषेक पलासिया भी उनके साथ उपस्थित रहे। सुधा डेयरी और शिक्षा क्षेत्र का अवलोकन निरीक्षण की शुरुआत सुधा डेयरी से की गई, जहाँ दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया का अवलोकन किया गया। श्रीमती अर्चना वर्मा ने संबंधित अधिकारियों से डेयरी के संचालन और उत्पादन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली। इसके बाद शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत बापू मध्य विद्यालय का भ्रमण कर डिजिटल कक्षाओं का निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों से सीधे संवाद कर प्रश्नोत्तरी आयोजित की। इस दौरान बच्चों द्वारा उत्साहपूर्ण और सटीक उत्तर देने पर उनकी सराहना की गई। उद्यमिता एवं ग्रामीण आजीविका का निरीक्षण निरीक्षण टीम ने मत्स्य पालन इकाई का अवलोकन किया और उसके संचालन से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा बंदेहरा स्थित केला फाइबर प्लांट का भ्रमण कर केला फाइबर से निर्मित उत्पादों जैसे पूजा मैट, वस्त्र और जैविक खाद का अवलोकन किया। इस नवाचार आधारित उद्यमिता को उन्होंने ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए प्रशंसा की। स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाओं की समीक्षा स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महेशखूंट का निरीक्षण किया गया। यहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं से संवाद कर नीति आयोग के सहयोग से प्रदत्त साइकिल के उपयोग और क्षेत्रीय कार्यों की जानकारी प्राप्त की गई। निरीक्षण के दौरान जिले में लिंगानुपात, आयुष्मान भारत कार्ड का वितरण, तथा फाइलेरिया रोगियों को MMDP किट वितरण की गतिविधियों पर भी ध्यान दिया गया। आंगनवाड़ी केंद्र में बाल विकास कार्यक्रम का अवलोकन श्रीमती वर्मा ने मानसी प्रखंड के आंगनवाड़ी केंद्र का भ्रमण कर बच्चों के पोषण और प्रारंभिक बाल विकास गतिविधियों का निरीक्षण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर तीन गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और एक बच्चे का अन्नप्रशान संस्कार उत्सवपूर्वक संपन्न कराया गया। साथ ही मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत पांच बच्चों को आवश्यक किट का वितरण किया गया। इस दौरान अधिकारियों और कर्मियों ने बच्चों और माताओं से संवाद कर उनकी आवश्यकताओं की जानकारी ली। अधिकारियों की उपस्थिति और दिशा-निर्देश इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. रामेंद्र कुमार, डीपीओ योजना बबन कुमार, एपीओ श्री नित्यानंद किशोर, डीपीएम (स्वास्थ्य) शैलेश चंद्रा, डीपीओ शिक्षा शिवम्, जिला मत्स्य पदाधिकारी, डीपीओ ICDS अमृता रंजन, पिरामल फाउंडेशन से सेराज हसन, योजना सहायक रौशन कुमार और मुन्ना कुमार, संबंधित सीडीपीओ, MOIC, BHM और एबीएफ ज्योति कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान श्रीमती अर्चना वर्मा ने विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुँचे। साथ ही विभागों के बीच बेहतर समन्वय के माध्यम से जिले के समग्र विकास को और गति देने पर जोर दिया गया।
योगी सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को दिए 423.80 करोड़
Yogi government supplementary budge: योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश अनुपूरक बजट में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को बड़ी प्राथमिकता दी है। प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, सुपर ...
upGrad स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी और कर्नाटक की SSAHE यूनिवर्सिटी के बीच हुई रणनीतिक साझेदारी भारत की इंजीनियरिंग शिक्षा में उद्योग-संरेखित और AI-फर्स्ट लर्निंग का नया अध्याय खोलती है। यह सहयोग छात्रों को क्वांटम, AI, रोबोटिक्स और फुल स्टैक जैसे उभरते क्षेत्रों में इंडस्ट्री-रेडी बनाने पर केंद्रित है।
UP के पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से प्रतियोगी छात्रों को सही जानकारी समय से उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। इसी क्रम में उन्होंने आयोग के उप सचिव संजय सिंह को आयोग का PRO यानी जन संपर्क अधिकारी नियुक्त किया है। अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया, आयोग को लेकर तरह-तरह की फेक चीजें आए दिन वायरल होती रहती हैं। ऐसे में जन संपर्क अधिकारी की ओर से सही जानकारी प्रतियोगी छात्रों व आमजन तक पहुंचे इसका ख्याल रखा रहा है। उन्होंने बताया कि जन संपर्क अधिकारी संजय सिंह आयोग के संदर्भ में सही जानकारी मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे। आयोग की वेबसाइट या अन्य सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से जानकारी दी जाती रहेगी। बता दें कि प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को ही आयोग के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली है। वह लगातार आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ले रहे हैं। मंगलवार को भी आयोग में कुछ अहम मुद्दों को लेकर बैठक की जाएगी।
रोटरी क्लब ने बिलिया स्कूल में बच्चों को बांटे 150 स्वेटर, शिक्षा और स्वास्थ्य में जताई प्रतिबद्धता
चित्तौड़गढ़ के राउमावि बिलिया में रोटरी क्लब ने 150 स्वेटर वितरित कर बच्चों को ठंड से बचाया और शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। क्लब अध्यक्ष बसंत हेडा, जिला शिक्षा अधिकारी और विद्यालय स्टाफ की उपस्थिति में यह कार्यक्रम समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का अवसर बना।
छात्रों और स्कूलों से जुड़े शैक्षणिक डेटा को पारदर्शी, अद्यतन और सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से बनाए गए यू-डायस (UDISE) पोर्टल पर झज्जर जिले के बहादुरगढ़ खंड के सभी निजी स्कूल अभी तक पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाए हैं। जहां खंड के सभी 155 सरकारी स्कूलों ने यू-डायस पोर्टल पर अपनी स्कूल प्रोफाइल को पूर्ण कर लिया है, वहीं 165 निजी विद्यालयों में से 20 स्कूल अब भी पोर्टल पर आवश्यक जानकारी अपडेट नहीं कर पाए हैं। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और तय समय सीमा तक डेटा अपडेट न करने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है। विद्यार्थियों से संबंधित डेटा का प्रबंधन खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एमआईएस कोऑर्डिनेटर सीमा और लेखाकार अशोक कुमार ने बताया कि यू-डायस पोर्टल एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रणाली है, जिसके माध्यम से छात्रों के प्रोफाइल, नामांकन, कक्षा विवरण, शिक्षकों का विवरण और स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों से संबंधित डेटा का प्रबंधन किया जाता है। यह पोर्टल शिक्षा योजनाओं के क्रियान्वयन, संसाधनों के आवंटन और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्यंत आवश्यक है। 20 स्कूल डेटा अपडेट करने में पीछे उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ खंड के सभी 155 सरकारी विद्यालयों ने समय रहते यू-डायस पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल, टीचर मॉड्यूल और विद्यार्थी प्रोफाइल से संबंधित डेटा को पूर्ण रूप से अपडेट कर दिया है। वहीं निजी स्कूलों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। खंड में संचालित 165 निजी विद्यालयों में से केवल 145 स्कूलों ने ही अब तक पोर्टल पर अपना डेटा अपडेट किया है, जबकि 20 निजी स्कूल अब भी पीछे हैं। इन स्कूलों की सूची तैयार कर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। अब विभागीय कार्रवाई होगी खंड शिक्षा अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि यू-डायस पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल, शिक्षक मॉड्यूल और विद्यार्थी प्रोफाइल का अपडेट होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि संबंधित 20 निजी स्कूलों को 23 दिसंबर तक का समय दिया गया है। यदि तय समय सीमा तक भी ये स्कूल पोर्टल पर अपनी प्रोफाइल पूर्ण नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों से अपील की कि वे समय रहते यू-डायस पोर्टल पर सभी आवश्यक जानकारियां अपडेट करें, ताकि छात्रों से जुड़ी योजनाओं और शैक्षणिक कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। डेटा अपडेट करने में समस्या उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल को पोर्टल पर डेटा अपडेट करने में तकनीकी या अन्य किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो वे खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सहायता प्राप्त करें और शीघ्र ही कार्य पूरा कर विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस दौरान कविता सहरावत ने भी विद्यालयों को यू-डायस प्रोफाइल पूर्ण कराने में सहयोग किया। शिक्षा विभाग का मानना है कि सभी स्कूलों द्वारा समय पर डेटा अपडेट किए जाने से शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाया जा सकेगा।
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विद्यार्थियों को शिक्षा, धर्म और मानवता के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। 255 शोधार्थियों को पीएचडी और 109 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जो शिक्षा और समाज में सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में सोमवार को समावेशी शिक्षा के तहत तीन दिवसीय गैर-आवासीय नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण राज्य शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के अधिकार और समानता के बारे में जागरूक करना है। इसके तहत सभी विद्यालयों के नोडल या नामित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षकों द्वारा दिव्यांग बच्चों की पहचान, उन्हें विद्यालय में मिलने वाली सरकारी सुविधाएं जैसे रैंप, ट्राई साइकिल, ब्रेल लिपि, मूक-बधिरों के लिए अलग पठन-पाठन, बैसाखी, छात्रवृत्ति और प्रमाण पत्र सहित अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांग बच्चे भी समान शिक्षा और समान अधिकार प्राप्त कर सकें। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशिक्षक यशवंत सिंह और हीरालाल शर्मा द्वारा शिक्षकों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर और राष्ट्रगान के साथ किया गया।
रामगंज मंडी में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने ताकली बांध से विस्थापित शेष परिवारों को बड़ी राहत दी है। मंत्री ने खंड विकास अधिकारी समय सिंह मीणा को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि 7 दिन के भीतर बकाया 89 परिवारों को आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएं। राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में निकाली जा रही विकास रथ यात्रा आज ताकली बांध क्षेत्र के गांवों से होकर गुजरी। इस दौरान विस्थापित परिवारों ने अपनी लंबित मांगों को मंत्री के समक्ष रखा। ताकली बांध से प्रभावित सरनखेड़ी, सोहनपुरा, दढ़िया दूढकली, तंबोलिया, तालिया बाड़ी और ढांडी रघुनाथपुरा सहित कुल 7 गांवों के लोग इस श्रेणी में आते हैं। इन गांवों के अधिकांश विस्थापित परिवारों को पूर्व में ही आवासीय भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन 89 परिवार ऐसे हैं जिन्हें अब तक भूखंड नहीं मिल सके थे। इन परिवारों की मांग थी कि उन्हें वर्ष 2020 की जनसंख्या के आधार पर ही आवासीय भूखंड दिए जाएं। मंत्री मदन दिलावर ने मौके पर ही अधिकारियों से चर्चा कर विस्थापितों की मांग को जायज बताया और खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि तय समय सीमा में सभी औपचारिकताएं पूरी कर शेष 89 परिवारों को भी आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएं। मंत्री के इस फैसले से ताकली बांध क्षेत्र के विस्थापित परिवारों में संतोष और राहत का माहौल है।
राजस्थान में व्यावसायिक शिक्षा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। सरकार ने प्रदेश की 4155 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को लागू तो किया है, लेकिन इसमें शिक्षक लगाने का काम ठेके पर है। वर्ष 2014-15 से लगे शिक्षक न तो सरकार ने स्थाई किए है और न ही इन शिक्षकों को समय पर मानदेय मिल रहा है। प्रदेश की अधिकांश जगह तो व्यावसायिक शिक्षकों के पद खाली है, जहां लगे हुए है उन्हें 10 से 15 माह तक मानदेय नहीं मिला है।मानदेय में देरी की वजह यह भी सामने आ रही है कि नए शिक्षकों को लगाने के लिए कंपनियां डील करती है। शिक्षक को 20 हजार रुपए प्रति माह मानदेय देना होता है, लेकिन एक-दो माह देकर फिर उन्हें समय पर नहीं दिया जाता ताकि वो छोड़ कर चला जाए और नए शिक्षक लगाए। फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों को लगाने का भी संदेह जताया जा रहा है। बाड़मेर में 201 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा है। 16 तरह के ट्रेड सेक्टर व्यावसायिक शिक्षा के लिए 16 ट्रेड सेक्टर है। इनमें एग्रीकल्चर, परिधान व गृह सज्जा, बैकिंग, मोटर वाहन, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य, इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, आईटी, आईटीईएस, प्लंबर, सुरक्षा, खुदरा, दूरसंचार, पर्यटन, मल्टीमीडिया सहित कुल 16 ट्रेड है। स्कूलों में इन ट्रेड के हिसाब से शिक्षकों को लगा रखा है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति में भी फर्जीवाड़ा हो रहा है। जो डिप्लोमा और डिग्री होनी चाहिए, उसमें फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति दी जा रही है। ठेके की शिक्षा पर हर साल करोड़ों रुपए हो रहे खर्च व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर राज्य सरकार करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर मानदेय तक ठेके पर है। सरकार ने प्रदेश की 4155 स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 10 लाख व्यवसायिक शिक्षा अर्जित करने वाले बच्चों का भविष्य निजी कंपनियों को ठेके पर दे रखा है। हाल ये है कि जो कंपनियां राजस्थान में काम कर रही है, उनका राजस्थान में ऑफिस तक नहीं है। ऐसे में शिक्षकों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। हरियाणा में ठेका प्रथा खत्म, स्थाई नौकरी दे दी प्रदेश में आई दीक्षा, आईआईएसडी, आईसीए, एफ-टेक, एलएनजे सहित कई कंपनियों ने शिक्षकों को लगा रखा है, लेकिन इन कंपनियों ने 3 से 16 माह तक शिक्षकों को वेतन नहीं दिया है। शिक्षकों की मांग है कि बाहरी राज्यों की प्लेसमेंट एजेंसियों से मुक्ति दिलाकर हरियाणा राज्य की तरह उन्हें स्थाई किया जाए। स्थाई नीति बनाकर व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित किया जाए। वेतन वृद्धि की जाए और सेवा शर्तें स्पष्ट हों। व्यावसायिक शिक्षा कक्षा 9 से 12 तक दे रहे हैं, उनका ग्रेड पे निर्धारित किया जाए। हरियाणा में कौशल विभाग बनाकर व्यावसायिक शिक्षकों को स्थाई नौकरी है, जबकि राजस्थान में ऐसा नहीं है। प्रदेश में 5051 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा है, लेकिन 2527 तक का टेंडर मार्च में निरस्त कर दिया था, आज दिन तक दुबारा टेंडर नहीं किया। ठेके पर होने के कारण अधिकांश बाहरी कंपनियां है, जिनका प्रदेश में ऑफिस भी नहीं है। अलग-अलग कंपनियों में 3 से 16 माह तक का शिक्षकों वेतन नहीं मिला है। हरियाणा सरकार ने कौशल विभाग बनाकर स्थाई कर रखा है। हमारी मांग है कि सरकार खुद स्तर पर व्यावसायिक शिक्षकों को स्थाई करें और समय पर इन्हें वेतन दिया जाए। -सुरेंद्र कुमार, अध्यक्ष, व्यावसायिक शिक्षा संघ।
चरित्र निर्माण, भारतीय दर्शन, दया व करुणा का भाव पैदा करने वाली शिक्षा जरूरी: कुलपति
एजुकेशन रिपोर्टर| बिलासपुर पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी में भारतीय जनजातियां: सांस्कृतिक विरासत व महानायकों की भूमिका विषय पर 3 दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. वीरेंद्र कुमार सारस्वत ने की। प्रो. सारस्वत अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत-2047' के संकल्प को सिद्ध करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो न केवल शोध को बढ़ावा दे, बल्कि व्यक्ति में दया, करुणा और चारित्रिक दृढ़ता पैदा करे। हमारा शोध ऐसा हो जो समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिला सके। भारत तभी श्रेष्ठ बनेगा जब हम आर्थिक के साथ-साथ चारित्रिक रूप से भी समृद्ध होंगे। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति प्रो. बंश गोपाल सिंह उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता नारायण नामदेव, वैष्णव सुरंगे, सीयू के डॉ. मुकेश कुमार सिंह एवं साहित्यकार ललित मिश्र शामिल हुए। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना और अतिथियों के परिचय के साथ हुआ, जिसके पश्चात संगोष्ठी की 'स्मारिका' का विमोचन किया गया। स्वागत उद्बोधन डॉ. बीना सिंह ने दिया। तीसरे सत्र में 'जनजातीय संवाद एवं लोककला' का आयोजन किया गया। इसमें कमार और भुजिया जनजाति के कलाकारों ने पारंपरिक लोककला की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। संचालन डॉ. अनीता सिंह और आभार प्रदर्शन कुलसचिव चंद्र भूषण मिश्र ने किया। जनजातीय समाज प्रेम और एकता का प्रतीक: प्रो. सिंह मुख्य अतिथि प्रो. बंश गोपाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आधुनिकता के दौर में भी जनजातीय समाज ने सहयोग, प्रेम और एकता की अपनी मूल संस्कृति को संजोकर रखा है, जिस पर पूरे देश को गर्व है। उन्होंने शिक्षा के उद्देश्य को ग्रामीण क्षेत्रों, महिलाओं और अभावग्रस्त वर्गों के सर्वांगीण विकास से जोड़ा। अतिथि वेद सिंह मरकाम ने कहा कि जनजातीय वर्ग के लोगों को केवल धोती पहने जंगल में रहने वाले के रूप में ही नहीं देखना चाहिए। पूरे देश में पाए जाने वाले ज्ञान संस्कृति को देने वाले जनजातीय समाज है। महाभारत, रामायण, मुगल काल से आज तक जनजातियों के इतिहास में प्रमाण मिलते रहे है। नारायण नामदेव ने कहा कि भारत मां की गोद में अनेक संतों, महापुरुषों ने जन्म लिया, उन्हीं में से एक पं. सुंदरलाल शर्मा थे। जनजातियों के ऊपर मंथन कर सार्थक परिणाम निकालना संगोष्ठी की सार्थकता होगी।
सरस्वती शिक्षा केंद्र मेढुका में सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम
गौरेला | विद्या भारती के निर्देशानुसार सरस्वती शिक्षा केंद्र मेढुका, जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाह ी में शनिवार को सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ग्राम सरपंच श्यामबती रहीं, जबकि अध्यक्षता उपसरपंच भगवती वाकरे ने की। मुख्य वक्ता के रूप में निधि शर्मा उपस्थित रहीं। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन व पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। कार्यक्रम में ग्राम मेढुका, सपनी एवं बरवासन से कुल 55 महिलाओं ने सहभागिता की। इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा केंद्र मेढुका की आचार्य आशापुरी, सपनी केंद्र की आचार्य जनक नंदिनी केवरा, ग्राम भारती विद्यालय की आचार्या कुमारी प्रतिभा पड़वार व कुमारी ज्योत्सना केवरा भी उपस्थित रहीं।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम की राशि में विलम्ब पर चर्चा
भास्कर न्यूज|पूर्णिया शहर के झंडा चौक स्थित एक विद्यालय में प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पूर्णिया के कार्यकारिणी समिति की बैठक डॉ.अजय सिन्हा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में मिलने वाली राशि में हो रही विलम्ब सहित संगठन को मजबूत करने एवं प्राईवेट स्कूलों को ई-संबंधन के नवीकरण में हो रही परेशानी पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक की मेजबानी डीपीएसपी स्कूल के निदेशक ई. हिमांशु कुमार भगत ने किया। संचालन जिला सचिव राजेश कुमार झा ने किया। बैठक में ई संबंधन के नवीकरण पर पोर्टल के सर्वर में आ रही समस्या पर शिक्षा विभाग के अधिकारी से मिलकर निराकरण करने की बात कही गई। सरकार द्वारा मिलने वाली राशि के विलम्ब होने से स्कूलों के संचालन में परेशानी होने लगी है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिला कार्यकारिणी समिति की रूपरेखा अगले 1 से 2 महीने में बढ़ाई जाएगी। संगठन के दायित्व पर रहने वाले सदस्य अपनी उपस्थित बैठक में दर्ज नहीं करा पाते हैं। बैठक में स्कूल वाहन पर फाइन को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में केके मसीह, मुनचुन साह, ज्वाला प्रसाद , करण अर्जुन, मुकेश प्रसाद, हिमांशु भगत, मनोज सिंह व अन्य थे।
नीमच शहर के टाउन हॉल में रविवार को सकल यादव समाज ने अखिल भारतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज को एक सूत्र में बांधना और विवाह योग्य युवक-युवतियों के लिए वैवाहिक संबंधों की प्रक्रिया को सरल बनाना था। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री राधा-कृष्ण और बाबा साहब अंबेडकर के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुई। इस अवसर पर कई राज्यों के समाज प्रमुख और अतिथि उपस्थित रहे। सात राज्यों से पहुंचे समाज के लोग इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे सात राज्यों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में युवक-युवतियों के साथ उनके परिजन भी मौजूद रहे, जिससे परिवारों के बीच सीधे संवाद का माहौल बना। आयोजन के दौरान अतिथियों का स्वागत किया गया और समाज के विकास और एकजुटता पर विचार साझा किए गए। प्रतिभागियों ने मंच से दिया अपना परिचय सम्मेलन के लिए कुल 511 युवक-युवतियों ने अपना पंजीकरण कराया था। इनमें से लगभग 250 प्रतिभागियों ने मंच पर आकर अपनी शिक्षा, व्यवसाय और जीवनसाथी को लेकर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी। समाज के लोगों की सुविधा के लिए एक परिचय पुस्तिका का विमोचन और वितरण भी किया गया। यादव महासभा सोशल ग्रुप की ओर से परिचय देने वाले सभी प्रत्याशियों को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका उत्साह बढ़ाया गया। सकारात्मक चर्चा के साथ कार्यक्रम का समापन पूरे आयोजन के दौरान टाउन हॉल समाज के लोगों से खचाखच भरा रहा। कई परिवारों के बीच रिश्तों को लेकर प्रारंभिक बातचीत शुरू हुई और सकारात्मक माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम के अंत में समाज के दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंच का संचालन और आभार प्रदर्शन समाज के प्रतिनिधियों ने किया, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में भूमिका निभाई।
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की स्थापना के 70 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस मौके को यादगार बनाने के लिए शनिवार से दो दिन का भव्य प्लेटिनम जुबली समारोह आयोजित किया जा रहा है। यह जश्न बजट को लेकर सवालों के घेरे में है। एलुमनी एसोसिएशन ने इस दो दिवसीय एलुमनी मीट और उससे जुड़े कार्यों के लिए सरकार से 3 से 5 करोड़ रुपए की मांग रखी थी। जैसे ही यह पत्र सामने आया, कॉलेज प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और एलुमनी के दावों को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। विवाद की वजह यह है कि जिन कार्यों के नाम पर राशि मांगी गई है, उनमें से कई काम पहले से ही शासन के बजट से कराए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या एलुमनी मीट के नाम पर मांगी जा रही राशि वाकई अतिरिक्त जरूरतों के लिए है या फिर पहले से चल रहे कामों को अपने खाते में दिखाने की कोशिश हो रही है। कार्यक्रम में देश-विदेश से पूर्व छात्र, वरिष्ठ डॉक्टर और चिकित्सा क्षेत्र की नामचीन हस्तियां शामिल हो रही हैं। एलुमनी एसोसिएशन का कहना है कि यह सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि कॉलेज के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का भी अवसर है। इसी तर्क के साथ एसोसिएशन ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर 3 से 5 करोड़ रुपए की मांग की। सरकार ने मांगी कार्यों की सूचीएलुमनी एसोसिएशन की मांग सामने आने के बाद संचालनालय स्तर पर तेजी दिखाई गई। स्वास्थ्य विभाग ने जीएमसी डीन को पत्र लिखकर साफ कहा कि बिना देरी के उन सभी कार्यों की सूची भेजी जाए, जिनके लिए बजट की मांग की गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, शासन इस आयोजन को लेकर सकारात्मक है, लेकिन बजट तभी मंजूर होगा जब यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रस्तावित कार्य वास्तव में अतिरिक्त और जरूरी हैं। किन कामों के लिए मांगे गए करोड़ोंएलुमनी एसोसिएशन की ओर से जिन कार्यों के नाम पर राशि मांगी गई है, उनमें ऑडिटोरियम का रिनोवेशन, बॉयज हॉस्टल की मरम्मत, रंगाई-पुताई, परिसर में सुधार और अन्य बुनियादी सुविधाओं का जिक्र है। लेकिन यहीं से विवाद की शुरुआत होती है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि इनमें से अधिकांश काम पहले से ही शासन के बजट से कराए जा रहे हैं। ऐसे में एलुमनी द्वारा इन कार्यों को अपने प्रस्ताव में शामिल करना सवालों के घेरे में है। एलुमनी एसोसिएशन के सदस्यों का है कि उन्होंने कॉलेज में बेडमिंटन कोर्ट, शुद्ध पेयजल के लिए आरओ मशीन और साफ-सफाई से जुड़े कई काम कराए हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि एसोसिएशन के एक सदस्य डॉ. एन.के. जैन ने हॉस्टल मरम्मत के लिए 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी है। एलुमनी का तर्क है कि उनकी मांग कॉलेज के विकास और सुविधाओं के विस्तार से जुड़ी है, न कि सिर्फ आयोजन पर खर्च के लिए। वहीं, दूसरी तरफ कॉलेज प्रबंधन ने साफ कहा कि ऑडिटोरियम, हॉस्टल मरम्मत और अन्य निर्माण कार्यों में एलुमनी का कोई वित्तीय योगदान नहीं है।
पीरपैंती बाजार स्थित स्वयंसेवी संस्था संजीवनी गंगा के कार्यालय में भारत के रत्न कार्यक्रम के तहत प्रकृति रत्न सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिक्षा, कानून और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों के लोग सम्मानित शिक्षा के क्षेत्र में पिछले पैंतीस वर्षों से उत्कृष्ट सेवा के लिए पीरपैंती बाजार निवासी शिक्षाविद मो0 इसराइल को सम्मानित किया गया। कानून के क्षेत्र में योगदान के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार को यह सम्मान मिला। उद्यमिता के क्षेत्र में ग्राम दबौली, अम्मापाली स्थित एग्री फीडर कंपनी के संस्थापक रमन दुबे, प्रिया पांडे और रोशन दुबे को प्रकृति रत्न सम्मान प्रदान किया गया। समारोह के दौरान एक जिज्ञासा समाधान सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिए गए। छात्रा सालेहा के गणित में कमजोर होने के प्रश्न पर मो0 इसराइल ने गणित की बुनियादी समझ, दो से बीस तक के पहाड़े याद करने और नियमित अभ्यास पर जोर दिया। छात्रों ने पूछे सवाल छात्रा अमृता के अधिवक्ता बनने संबंधी सवाल पर राजेश कुमार ने इंटर या स्नातक के बाद एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई कर लक्ष्य प्राप्त करने की सलाह दी। छात्र मो0 सद्दाम के उद्यमी बनने के प्रश्न पर रमन दुबे ने सही बिजनेस आइडिया, स्पष्ट बिजनेस प्लान और रणनीति को आवश्यक बताया। वहीं, छात्रा आलिया के आईएएस बनने के सवाल पर प्रिया पांडे ने परीक्षा के तीनों चरणों की विस्तृत जानकारी दी। संस्था का उद्देश्य संजीवनी गंगा के अध्यक्ष रघुनंदन पंडित ने संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था अध्यात्म और विज्ञान के माध्यम से समाज को वैज्ञानिक सोच की दिशा में आगे बढ़ा रही है। संस्थापक मोहम्मद अयाज ने बताया कि यह सम्मान उन लोगों के लिए है जो निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा कर रहे हैं। समारोह में शिक्षक मनोज यादव, मो0 मजहर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के 33वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि जीवन की नई शुरुआत है। यहां से विद्यार्थी अपने अर्जित ज्ञान को समाज और देश के हित में प्रयोग करने की दिशा में आगे बढ़ते हैं। उन्होंने रविवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक सत्र 2024 के अंतर्गत विभिन्न संकायों के 91 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और प्रायोजित स्मृति पुरस्कार एवं 255 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने नवनिर्मित फार्मेसी भवन का डिजिटल उद्घाटन भी किया। धर्म का अर्थ कर्तव्य का पालन है- राज्यपाल बागडे इस दौरान राज्यपाल ने तैत्तिरीय उपनिषद् का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें आचार्य द्वारा दी जाने वाली अंतिम शिक्षा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। उपनिषद् के अनुसार विद्यार्थी को सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और धर्म का आचरण करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां धर्म का अर्थ कर्तव्य का पालन है। उनका कहना था कि आजीवन कुछ नया सीखते रहना और मानवता के कल्याण के लिए कार्य करना ही विद्यार्थी का सच्चा कर्तव्य है। उन्होंने प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा का स्मरण करते हुए कहा कि पहले शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं थी, बल्कि गुरु शिष्य के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देते थे। आज का दीक्षांत समारोह उसी परंपरा का आधुनिक स्वरूप है। हमारा समृद्ध इतिहास है, फिर भी बरसों तक मुगलों का इतिहास पढ़ाते रहे मेवाड़ की ऐतिहासिकता के साथ सांगा और मीरा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा हमारा अपना समृद्ध इतिहास है फिर भी हम बरसों तक मुगलों का इतिहास पढ़ाते रहे, यह परिपाटी बदलनी चाहिए। उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल अच्छी नौकरी पाना नहीं- राज्यपाल बागडे अपने संबोधन में राज्यपाल बागडे ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि नैक से ‘ए’ ग्रेड और NIRF रैंकिंग में स्थान मिलना संस्थान की गुणवत्ता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और कर्मचारियों को इन उपलब्धियों के लिए बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल अच्छी नौकरी पाना नहीं है, बल्कि नैतिकता, चरित्र, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का विकास भी है। उन्होंने विद्यार्थियों से संवेदनशील, जागरूक और विचारशील नागरिक बनने की अपेक्षा जताई। साथ ही उन्होंने युवाओं को स्टार्टअप, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। आज पढ़ने के बाद सब पैकेज के पीछे भाग रहे- गुलाबचंद कटारिया कार्यक्रम में दीक्षांत भाषण पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने दिया। उन्होंने छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज स्वर्ण पदक और डिग्री प्राप्त करने में वे संख्यात्मक तौर पर अव्वल रही है। कटारिया ने कहा कि आज पढ़ने के बाद सब पैकेज के पीछे भाग रहे है, लेकिन पैकेज से कोई बड़ा नहीं होता। बल्कि नम्रता और सद्व्यवहार से बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि गुरू का पद सबसे ऊंचा होता है, क्योंकि वह बच्चे का चरित्र गढ़ता है। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के ढेरों पद पड़े हैं खाली- कटारिया कटारिया ने उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा से कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के ढेरों पद खाली पड़े हुए हैं, उन पर नियुक्ति के प्रयास भी किए जाने चाहिए। क्योंकि गेस्ट फ़ैकल्टी के ज़रिए विश्वविद्यालय नहीं चलते और खाली पदों से ना विश्वविद्यालयों का भला होता है और ना ही बच्चों का भला होता है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राजस्थान में नए महाविद्यालयों की स्थापना, संरचनागत विकास और शिक्षकों की नियुक्ति की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है, जिससे उच्च शिक्षा में सकल नामांकन बढ़ा है। विशेषकर महिलाओं की भागीदारी खास रही है। राज्य मंत्री प्रो. मंजू बाघमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि यह शिक्षा, कौशल विकास, रचनात्मकता और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देती है और नौकरी पाने के बजाय रोजगार देने की क्षमता विकसित करने पर बल देती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान और उपाधियों का उपयोग देश और समाज की प्रगति के लिए करने की अपील की। 255 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि समारोह में इस वर्ष कुल 255 शोधार्थियों को विद्या-वाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधि प्रदान की गई। इसमें 111 छात्र और 144 छात्राएं शामिल हैं। वही कुलाधिपति स्वर्ण पदक 8 छात्राओं को, विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक 90 विद्यार्थियों (15 छात्र और 75 छात्राएं) को और प्रायोजित स्वर्ण पदक 11 विद्यार्थियों (1 छात्र और 10 छात्राएं) को प्रदान किए गए। समारोह में कुलगुरु प्रो. बीपी सारस्वत ने विश्वविद्यालय की वर्षभर की उपलब्धियों की रिपोर्ट पेश की है। संचालन रजिस्ट्रार डॉ. बीसी गर्ग ने किया। कार्यक्रम में विधायक तारा चंद जैन,उदयलाल दांगी और प्रताप भील के साथ ही राज्यपाल के सलाहकार प्रो. कैलाश सोढानी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के कुलगुरु प्रो. बीएल वर्मा मौजूद रहे।
ग्वालियर की जूली शर्मा ने रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) में 12 लाख 50 हजार रुपए की राशि जीती है। एक साधारण परिवार से आने वाली जूली ने दैनिक भास्कर के साथ अपने अनुभव साझा किए। उनके कार्यक्रम का प्रसारण 15 दिसंबर को हुआ था। जूली ने बताया कि उन्होंने 24 मई को KBC के लिए ऑडिशन दिया था। मुंबई जाने के दौरान उन्होंने पहली बार हवाई जहाज में यात्रा की, जो उनके लिए एक नया अनुभव था। उन्होंने KBC टीम के सहयोग और अच्छी व्यवस्था की सराहना की। पिता का सपना पूरा किया जूली मूल रूप से मुरैना जिले की अंबाह तहसील के सुनावली गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि उनके किसान पिता का सपना था कि उनके पांच बच्चों में से कोई एक KBC तक पहुंचे, क्योंकि वे अमिताभ बच्चन के बड़े प्रशंसक थे। उनके पिता शिक्षा को लेकर भी काफी जागरूक थे और उन्होंने गांव में एक स्कूल भी खुलवाया था, ताकि लड़कियां पांचवीं के बाद भी पढ़ाई जारी रख सकें। गांव से ग्रेजुएशन करने वाली पहली लड़की KBC में अमिताभ बच्चन ने मुरैना के नाम का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्हें इस नाम से डर लगता है। जूली ने बताया कि वह अपने गांव की पहली लड़की थीं, जिन्होंने बीए की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई में उनके ससुराल वालों ने भी पूरा सहयोग किया। KBC में पहुंचने के बाद जूली को पहले ही दिन हॉटसीट पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने अपनी बहन के साथ गेम खेला और हर पड़ाव को पार करते हुए 12 लाख 50 हजार रुपए तक पहुंच गईं। जीती राशि बेटियों की शिक्षा पर खर्च करेंगी 12 लाख 50 हजार रुपए जीतने के बाद, जब 25 लाख रुपए के लिए अगला सवाल आया, तो जूली दुविधा में पड़ गईं। सभी लाइफलाइन खत्म हो जाने के कारण उन्होंने खेल वहीं रोकने का फैसला किया और जीती हुई राशि के साथ वापस लौट आईं। उन्होंने बताया कि इस राशि का उपयोग वह अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए करेंगी।
देश के प्रतिष्ठित खेल शिक्षण संस्थान एलएनआईपीई में महंगी दर पर कंप्यूटर खरीदने का मामला सामने आया है। मार्च-अप्रैल 2024 में कुल 50 कंप्यूटर (डेस्कटॉप) खरीदे गए थे, जिसके एवज में शाजापुर की क्विक कंप्यूटर्स को लगभग 49 लाख का भुगतान करने की बात सामने आई है। आरोप ये है कि महंगी दर पर कंप्यूटर खरीदे गए। फिजिकल एजुकेशन के लिए लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में प्रवेश लेने वाले छात्रों को केवल कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान दिया जाता है। इसे सिखाने के लिए आई 7 विंडोज 11 प्रोफेशनल स्पेसिफिकेशन के डेस्कटॉप खरीदे गए। इसका 97977 रुपए प्रति डेस्कटॉप की दर से 49 लाख का भुगतान किया गया। 2004 में कंप्यूटर खरीद में धांधली ऐसे समझें...
मार्च 2026 में समाप्त हो रही समग्र शिक्षा की अवधि बढ़ेगी। केंद्र सरकार इस संबंध में निर्णय लेगी। नए वर्ष में इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट में रखा जाएगा। इसमें यह देखना महत्वपूर्ण है कि यह योजना एक साल के लिए बढ़ाई जाती है या फिर पांच वर्ष के लिए इसे अवधि विस्तार मिलता है। समग्र शिक्षा की योजना 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक के लिए थी। इसका उद्देश्य कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी छात्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों को प्राप्त करना है। अब जब इस योजना की वर्तमान अवधि मार्च 2026 में समाप्त हो रही है तो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में झारखंड समेत सभी राज्यों से परामर्श मांगा है। ऐसे में यह लगभग निश्चित है कि इसे आगे बढ़ाया जाएगा। संभावना यह भी है कि इस योजना का नाम बदला जाएगा। इस बार योजना में वोकेशनल शिक्षा पर जोर रहेगा। अधिकतर स्कूलों को वोकेशनल पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा। छात्रों को इसमें नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि राज्य के कई स्कूलों में अभी भी वोकेशनल शिक्षा चल रही है। पर अगले शैक्षणिक वर्ष से ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। डिजिटल बोर्ड, स्मार्ट कक्षाओं और वर्चुअल क्लास रूम वाले स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। झारखंड सरकार का परामर्श... स्कूल ड्रेस के पैसे और किताबों पर खर्च बढ़ाएंस्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने केंद्र सरकार को परामर्श दिया है कि वह आठवीं तक के बच्चों को मिलने वाले स्कूल ड्रेस के पैसे बढ़ाए। दोगुना वृद्धि करने का सुझाव दिया गया है। पहली से पांचवीं कक्षा तक के हर विद्यार्थी को दो सेट पोशाक, स्वेटर व जूते-मोजे के लिए 600 रुपए दिए जाते हैं। छठी से आठवीं के छात्रों को दो सेट पोशाक के लिए 400 रुपए, स्वेटर के लिए 200 रुपए और जूते-मोजे के लिए 160 रुपए दिए जाते हैं। छठी से आठवीं तक के छात्रों के जूते-मोजे की पूरी राशि राज्य सरकार देती है। 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए राज्य योजना मद से 1200 रुपए दिए जाते हैं। यदि केंद्र ने परामर्श मान लिया, तो आठवीं तक के बच्चों को पोशाक के लिए 1200 रुपए मिलेंगे। किताबों पर खर्च बढ़ाने के बारे में भी परामर्श दिया गया है। कहा गया है कि कम पैसों के आवंटन के कारण किताबों की छपाई कम हो पाती है। इस पर खर्च बढ़ने से सभी छात्रों को ससमय किताबें मिलने लगेंगी। वोकेशनल टीचरों को बढ़ाने का भी सुझाव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से राज्य में वोकेशनल टीचरों की संख्या बढ़ाने की बात कही गई है। इन शिक्षकों की कमी के कारण ही वोकेशनल पाठ्यक्रम का विस्तार होने में परेशानियां आ रही हैं। यहां उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह लगे जॉब फेयर में करीब 450 वोकेशनल छात्रों का विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट हुआ है। फरवरी में दो हजार करोड़ रु. से अधिक का बन सकता है जेईपीसी का बजट समग्र शिक्षा योजना अंतर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना को चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र और राज्य को मिलाकर कुल 1500 करोड़ रुपए मिलने हैं। इनमें से 900 करोड़ केंद्र से और 600 करोड़ रुपए राज्य से मिलेंगे। अब तक लगभग 460 करोड़ रुपए मिले हैं। अगले वर्ष के लिए जेईपीसी का बजट फरवरी में बनेगा। पर, मिली जानकारी के अनुसार जेईपीसी 2000 करोड़ से अधिक राशि चाहता है। पारा टीचर के मानदेय में लगातार हिस्सेदारी कम करता जा रहा केंद्र पारा टीचर के मानदेय में केंद्र सरकार अपनी हिस्सेदारी लगातार कम कर रही है। प्रत्येक वर्ष इसमें 10 प्रतिशत की कटौती जारी है। केवल पारा टीचर के मानदेय पर ही प्रत्येक वर्ष करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। केंद्र सरकार की मंशा है कि वह सिर्फ योजनाओं के लिए पैसे देगा, मानदेय के लिए नहीं देगा।
पंचायती राज शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक को सौंपा 20 सूत्रीय ज्ञापन
उदयपुर| राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा निदेशालय में निदेशक सीताराम जाट को 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पिछले आठ वर्षों से लंबित स्थानांतरण और पांच वर्षों से अटकी पदोन्नति के मुद्दों पर निदेशक से विस्तार से वार्ता की। प्रदेशाध्यक्ष ने शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, मिड-डे-मील की व्यवस्था शिक्षकों के स्थान पर स्वैच्छिक संस्थाओं को सौंपने और आरजीएचएस योजना की खामियां दूर करने की मांग प्रमुखता से उठाई। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा केंद्रों को ग्रामीण विद्यालयों से हटाकर अन्यत्र करने का विरोध करते हुए उन्हें मूल विद्यालयों में ही रखने और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के चयनित कार्मिकों को पदस्थापन देने की मांग भी की गई। शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने इन मांगों को गंभीर बताते हुए विभाग स्तर पर शीघ्र जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में चन्द्र शेखर परमार, सतीश जैन, नवीन व्यास, स्वरूप सिंह शक्तावत, अरविंद मीणा एवं मनोज मोची शामिल थे।
प्राइवेट स्कूल में 3500 रुपए दाखिला ही देना पड़ा था, सरकारी में शिक्षा फ्री
गुरमीत लूथरा | अमृतसर सरकार के प्रयासों के चलते अब अमीरों के बच्चे भी प्राइवेट स्कूलों से छोड़ सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दिलाने का रुझान बढ़ा है। शिक्षा के उच्च स्तर एवं मिड डे मिल, स्कॉलरशिप, फ्री वर्दी जैसी सुविधाओं के नतीजन परिजन अब बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा देने पर गंभीर मथन कर रहे हैं। जी हां... शनिवार को मेगा पेरेंट्स-टीचर मीट से तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। भास्कर टीम 2 स्कूलों का पहुंची जहां यह बात देखने को मिली। स्कूल ऑफ एमिनेंस करमपुरा की 11वीं की स्टूडेंट पूजा ने बताया कि उन्हें स्कॉलरशिप भी मिल रही है। स्कॉलरशिप के रूप में वह 2 साल में 74 हजार रुपए हासिल कर चुकी हैं। साइंस-कॉमर्स सब्जेक्ट की कोचिंग ही बाहर से परिजनों को करवानी पड़े तो 2 लाख सालाना तो अकेडमी प्रबंधक ही ले लेते हैं, जबकि यहां 11वीं कक्षा तक शिक्षा फ्री है चाहे साइंस स्ट्रीम या कॉमर्स। वहीं स्टूडेंट राजविंदर सिंह की माता बलजीत कौर ने बताया कि बेटे को स्कॉलरशिप मिलनी शुरू हो गई है। यहां बच्चों को टीचर स्टूडेंट फ्रैडली माहौल मिलता है, जब चाहे बच्चे टीचर से किसी भी समस्या के समाधान के लिए सीधे संपर्क कर सकते हैं। इससे शिक्षा में आसानी हो रही है। सरकारी प्राइमरी एलिमेंटरी स्कूल गुमटाला की दूसरी कक्षा की स्टूडेंट कशिश के पिता मंगा ने बताया कि पहले प्राइवेट स्कूल में ही दाखिल करवाया था जहां एडमिशन के लिए ही 3500 रुपए देने पड़े थे। मंगा ने कहा कि सरकारी स्कूल में उन्हें कोई फीस नहीं देनी पड़ी, बल्कि स्कूल प्रबंधन की ओर मिड डे मील के तहत बच्चों को भोजन-फ्रूट भी दिया जा रहा है। वर्दी भी स्कूल की ओर से दी जाती है। इसलिए उनकी इच्छा 8वीं तक बेटी को इसी स्कूल में ही शिक्षा दिलाने की है। कशिश ने कहा कि उसका सपना डॉक्टर बनना है, जो सरकार तथा टीचरों के प्रयासों से ही संभव हो सकती है। स्कूल ऑफ एमिनेंस करमपुरा में पीटीएम में पहुंचे बहिंदर सिंह ने बताया कि दुबई में जॉब करते हैं। उनकी सैलरी 80 हजार रुपए है मगर इसके बावजूद यहां क्वालिटी एजुकेशन तथा बेहतरीन माहौल होने के चलते बेटे प्रभजोत को इसी स्कूल में शिक्षा दिला रहे हैं। बहिंदर सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्टेंडर इतना बढ़ गया है कि अब स्कूलों में करिअर कंसल्टेंट भी तैनात हैं। बेटा परीक्षा में 88-90 प्रतिशत अंक हासिल कर रहा है उन्हें भला और क्या चाहिए, जबकि प्राइवेट स्कूलों में इस तरह मार्गदर्शन हासिल ही नहीं होता है।
इतिहास, शिक्षा व भाईचारे की विरासत से सजा है महाल पूर्वी
पंचायतनामा चंदनकियारी प्रखंड में कभी एक परगना रहा महाल पूर्व पंचायत अपने नाम और पहचान दोनों में ही विशिष्ट है। राजमहल से निकले नाम के अनुरूप यह पंचायत आज भी किसी ऐतिहासिक धरोहर की तरह अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। मान्यता है कि लगभग एक हजार वर्ष पूर्व पंचकोट राजघराने से आए कुंवर डोमन शेखर ने यहां बसावट की थी और उनका भव्य राजमहल ही इस गांव के नामकरण का आधार बना। कालांतर में महल शब्द बोलचाल और भाषाई प्रभाव के कारण महाल हो गया, जो आज सरकारी दस्तावेजों में भी दर्ज है। इतिहास के साथ-साथ महाल की सबसे बड़ी पहचान इसकी शिक्षा परंपरा है। इसे यूं ही शिक्षाविदों का गांव नहीं कहा जाता है। गांव से निकलकर अनेक लोग उच्च और प्रतिष्ठित पदों तक पहुंचे हैं। एबी शेखर रांची हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे, सीताराम माजी इंजीनियर व वैज्ञानिक के रूप में चर्चित हैं। बीसीसीएल, रेलवे, सेना, पुलिस, बैंकिंग, शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में गांव के सैकड़ों लोग सेवाएं दे चुके हैं या दे रहे हैं। अब तक करीब 60 लोग शिक्षक सेवा में रह चुके हैं, जिन्होंने गांव में शिक्षा की मजबूत नींव रखी। आजादी के बाद ही यहां मिडिल स्कूल की स्थापना हुई थी, जिसे स्वर्गीय बिंदेश्वरी प्रसाद शेखर ने अपनी जमीन पर बनवाया था। पंचायत महाल पूर्वी जनसंख्या 6504 महाल गांव। नेतृत्व में भी गांव का योगदान उल्लेखनीय महाल की एक और बड़ी विशेषता है हिंदू-मुस्लिम भाईचारा। विभिन्न जाति और समुदायों के लोग यहां सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते हैं। कभी सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ। सभी पर्व-त्योहार मिल-जुलकर मनाए जाते हैं। धार्मिक दृष्टि से भी गांव समृद्ध है। प्रसिद्ध चिटाही धाम, प्राचीन धर्मराज मंदिर, दुर्गा, काली, विष्णु मंदिरों के साथ दो मस्जिदें और एक जैन मंदिर यहां की धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं। इतिहास, शिक्षा, संस्कृति और सौहार्द, इन चार स्तंभों पर खड़ा महाल गांव आज भी क्षेत्र के लिए प्रेरणा बना हुआ है। महाल पूर्वी पंचायत विकसित गांव है। इसके पूरब में मानपुर, दक्षिण में इजरी नदी, उत्तर में अमलाबाद और पश्चिम में देवग्राम गांव है। कनेक्टिविटी सभी तरह के वाहनों से आना-जाना होता है। जिला मुख्यालय से दूरी 28 किमी पहचान पहाड़ और मंदिर साक्षरता दर 90 प्रतिशत
गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर चलने का संदेश दिया गया
भास्कर न्यूज |लुधियाना गुरुद्वारा शहीदां फेरूमान, ढोलेवाल चौक में पोह महीने की मस्या के पावन अवसर पर गुरु नानक नाम लेवा संगतों और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से भव्य गुरमत समागम का आयोजन किया गया। इस धार्मिक समागम में बड़ी संख्या में संगत ने श्रद्धा और आस्था के साथ माथा टेका। अमृत वेले से ही गुरुद्वारा साहिब के हजूरी जत्थों भाई गुरदीप सिंह जयपुर वाले, भाई गुरशरण सिंह कोमल, भाई हरप्रीत सिंह खालसा, भाई परमवीर सिंह एवं उनके जत्थों द्वारा मधुर गुरबाणी कीर्तन की सेवा निभाई गई, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य कथा वाचक ज्ञानी मनप्रीत सिंह ने संगत के साथ गुरमत विचारों की सांझ पाई और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मस्या जैसे पर्व आत्मिक शुद्धि, सेवा और संगत से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार एडवोकेट बलविंदर सिंह लायलपुरी ने गुरु घर नतमस्तक हुई संगतों का आभार व्यक्त किया और कीर्तन की सेवा निभाने वाले रागी जत्थों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया। इस धार्मिक समागम में दविंदर कौर सोहल, बलजीत कौर, परविंदर कौर लायलपुरी, चरणजीत कौर, तनवीर कौर, सरबजीत कौर चीमा, तेजिंदर सिंह डंग, परमजीत सिंह लायलपुरी, तरलोचन सिंह बब्बर, इंदरजीत सिंह गोला, जतिंदरपाल सिंह सलूजा, बलजीत सिंह दुखिया, सुरिंदरजीत सिंह मक्कड़, अर्जन सिंह चीमा आदि नतमस्तक हुए।
बाल अधिकार, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य व बाल कल्याण पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी
लुधियाना| आस एहसास वेलफेयर सोसाइटी की ओर से बच्चों के अधिकारों को लेकर शुरू किए गए विशेष अभियान केवाईसीआर अपने बच्चे के अधिकार जानें का शुभारंभ शनिवार को सरकारी हाई स्कूल, जवद्दी में किया गया। यह कार्यक्रम मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग के दौरान आयोजित किया गया, जो पंजाब स्तर पर केवाईसीआर अभियान की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक बना। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गुंजीत रुचि बावा, माननीय उपाध्यक्ष, पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (पीएससीपीसीआर) रहीं। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित, सकारात्मक और संवेदनशील वातावरण बनाना समाज के हर वर्ग की साझा जिम्मेदारी है। गुंजीत रुचि बावा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए स्कूल की प्रधानाचार्या एवं शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब सरकार, शिक्षा विभाग और पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने बाल अधिकार, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, मीडिया की भूमिका और बाल कल्याण जैसे अहम विषयों पर जानकारी साझा की। इस अवसर पर किरण (प्रिंसिपल, सरकारी हाई स्कूल, जवद्दी), अमनदीप सिंह (उप जिला शिक्षा अधिकारी), सतविंदर सिंह जवड्डी (अध्यक्ष, स्कूल प्रबंधन समिति), नरिंदर सिंह मेसन (सामाजिक कार्यकर्ता) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार से छात्राओं को मिलेगा सुरक्षित और उपयोगी शिक्षा का माहौल
श्री अरविंद महिला कॉलेज में छात्राओं की शैक्षणिक, सामाजिक और मानसिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। 22 दिसंबर को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा परिषद (रूसा) द्वारा नवनिर्मित बहुउद्देश्यीय भवन एवं छात्रा कक्ष (गर्ल्स कॉमन रूम) का उद्घाटन-सह-सम्मान समारोह होगा। यह भवन छात्राओं के लिए अध्ययन, सांस्कृतिक गतिविधियों, परामर्श और आपसी संवाद के लिए एक सुरक्षित व उपयोगी स्थान उपलब्ध कराएगा। इस अवसर पर लेडी गवर्नर रेशमा आरिफ अपने कर-कमलों से भवन का उद्घाटन करेंगी। समारोह की अध्यक्षता पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र प्रसाद सिंह करेंगे, जबकि उपेंद्र के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. कामेश्वर झा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कॉलेज की प्राचार्य प्रो. साधना ठाकुर ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की 25 मेधावी छात्राओं को प्रो. उषा सिंह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी, जिससे छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। आध्यात्मिक अभ्यास के साथ मानसिक सशक्तिकरण भी जरूरी: उधर, महाविद्यालय में शनिवार को विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य और संतुलन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया।
शेखपुरा जिले के मंथन सभागार में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव और केंद्रीय प्रभारी पदाधिकारी असंगबा चुबा एओ ने नीति आयोग द्वारा संचालित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिला पदाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर जोर बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी केंद्र, कृषि, भवन और सड़क जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण कार्य की प्रगति पर विशेष बल दिया गया। इसी अवसर पर, नीति आयोग के सहयोग से जीविका द्वारा संचालित 'जीविका दीदी कैफे' का उद्घाटन भी असंगबा चुबा एओ ने किया। असंगबा चुबा एओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिले के सभी कॉलेजों और स्कूलों में साफ-सफाई, पेंटिंग, टेबल-डेस्क की व्यवस्था और पुस्तकों को सही ढंग से रखने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने पुस्तकालयों के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा। इसके अतिरिक्त, डीपीएम जीविका को जीविका प्रशिक्षण एवं उद्योग केंद्र का निरीक्षण कर उसे व्यवस्थित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने प्लस टू हाई स्कूल सर्वा में पुस्तकालय, लैब और बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का भी जायजा लिया। आकांक्षी प्रखंड शेखोपुरसराय के बारे में जानकारी ली अधिकारी ने आकांक्षी प्रखंड शेखोपुरसराय के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली सुविधाओं को प्रदर्शित करने और बच्चों को खेल के माध्यम से मनोरंजक शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए। रेफरल अस्पताल बरबीघा में उन्होंने ओटी रूम और लेबर वार्ड सहित अन्य कार्यों की जानकारी प्राप्त की। असंगबा चुबा एओ ने डॉक्टरों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने और आम जनता के हित में अधिक से अधिक रोगों का उपचार करने का भी निर्देश दिया। आकांक्षी जिला कार्यक्रम में सुधार पर चर्चा बैठक में जिले के आकांक्षी जिला कार्यक्रम में रैंकिंग पर भी चर्चा की गई और इसमें सुधार के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। जिले के समग्र विकास के लिए सभी विभागों के बीच सहयोग बनाए रखने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता-सह-जिला गोपनीय पदाधिकारी, नीति आयोग के नोडल-सह-जिला योजना पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता भवन, डीपीएम स्वास्थ्य सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। जिला पदाधिकारी ने असंगबा चुबा एओ को जल-जीवन-हरियाली के प्रतीक पौधे और भगवान विष्णु की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया।
शेखावाटी यूनिवर्सिटी और आर्ट्स कॉलेज में छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। एसएफआई राज्य कमेटी के सदस्य राजू बिजारणियां ने बताया कि आज विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान (VBSB) विधेयक 2025 का विरोध किया गया। विधेयक का उद्देश्य UGC, AICTE और NCTE जैसी संस्थाओं को हटाकर IIECI जैसी एक ही संरचना स्थापित करके भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र का केंद्रीकरण करना है। SFI ने केंद्र सरकार पर कॉर्पोरेट जगत के पूंजीवादी हितों और आरएसएस के सांप्रदायिक हितों को साधते हुए भारत के शिक्षा क्षेत्र का केंद्रीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकरण करने का आरोप लगाया है। शिक्षा एक महंगी वस्तु बन जाएगी राज्य कमेटी सदस्य राजू बिजारणियां ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के वित्तपोषण और कामकाज में व्यापक परिवर्तन होंगे, जिसका सीधा असर आम छात्रों पर पड़ेगा। यूजीसी को भंग करने से गैर-पेशेवर उच्च शिक्षा संस्थानों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जहां अनुदान की अवधारणा से ऋण सेवा की अवधारणा की ओर सीधा बदलाव होगा, जिससे शिक्षा एक महंगी वस्तु बन जाएगी जो केवल धनी लोगों के लिए ही सुलभ होगी। कम सरकार, अधिक शासन के सिद्धांत को बरकरार रखा जाना जरुरीराजू बिजारणियां ने कहा- उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) की संरचना ही संदिग्ध है, जिसमें 12 में से 9 सदस्य केंद्र सरकार नियुक्त करेगी, जबकि कम सरकार, अधिक शासन के सिद्धांत को बरकरार रखा जाना जरुरी होता है। एचईसीआई विधेयक 2025 एक और असंवैधानिक कदम है, यह सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित लोगों को अलग-थलग कर देगा जो शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते।
सोनीपत के गन्नौर स्थित पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बेगा में शनिवार को वार्षिकोत्सव ‘रंग तरंग’ का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गन्नौर विधायक देवेंद्र कादियान ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के सौंदर्यीकरण के लिए देवा डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से 5 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। विधायक देवेंद्र कादियान ने कहा कि खादर क्षेत्र को पिछड़ेपन से बाहर निकालकर अपने हलके का अग्रणी क्षेत्र बनाना उनका मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार उनकी प्राथमिकता है। कादियान ने विद्यालय के स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि बेगा स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और यह पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत है। 17 लाख रुपए के विकास कार्यों को मिली स्वीकृति विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) नवीन गुलिया ने बताया कि विद्यालय में सरकार की ओर से 17 लाख रुपए के विभिन्न विकास कार्यों को स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों के पूरा होने से विद्यालय की सुविधाओं में और सुधार होगा। विद्यार्थियों ने दी शानदार प्रस्तुतियां वार्षिकोत्सव में विद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों ने कला, संस्कृति और नृत्य पर आधारित आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत से हुई, जिसके बाद देशभक्ति, लोकनृत्य और नाट्य मंचन ने दर्शकों का मन मोह लिया। प्राचार्य सतबीर सिंह ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के समापन पर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। शिक्षकों और विद्यार्थियों की रचनात्मक पहल फाइन आर्ट्स शिक्षक रविंदर श्योराण और सोनल ने विधायक देवेंद्र कादियान को उनके हाथ से बनाया गया पोर्ट्रेट भेंट किया। कार्यक्रम का मंच संचालन प्राध्यापिका सुशीला और छात्राओं शिवानी व हर्ष ने किया। इतिहास प्रवक्ता जगबीर सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति कार्यक्रम में सुरेश भुटानी, अंग्रेज नायक, विजय कुमार, जितेंद्र खासा, अमित बत्रा, सरपंच महेश त्यागी, सरपंच सुरेंद्र शर्मा, यूनिस नम्बरदार, संगीता, स्नेहा, संजू, ज्योति, निर्मला, सुनीता राठी, प्रियंका, ममता, प्रमोद, राहुल, सागर त्यागी और प्रदीप वत्स सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वार्षिकोत्सव ‘रंग तरंग’ ने विद्यालय परिसर को रंगों, संगीत और उत्साह से सराबोर कर दिया।
महू में राष्ट्रीय संत गाडगे महाराज की पुण्यतिथि 'महापरिनिर्वाण दिवस' के रूप में मनाई गई। हरिफाटक चौराहे पर स्थित उनकी प्रतिमा का दुग्धाभिषेक और माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर समाज बंधुओं ने जरूरतमंद व्यक्तियों को कंबल और कपड़े वितरित किए। साथ ही, प्रसाद के रूप में खिचड़ी और नुक्ती का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में अभिभाषक शेखर बुंदेला, समाजसेवी धनराज परदेशी ने संत गाडगे बाबा के जीवन पर प्रकाश डाला। असिस्टेंट जीएसटी कमिश्नर (सेवानिवृत्त) सुदेश बागडे और भंते प्रज्ञशील ने भी संत गाडगे बाबा के जीवनकाल की घटनाओं का वर्णन कर समाज को प्रेरित किया। समाज की होनहार बालिकाओं का हुआ सम्मान इस दौरान, समाज की होनहार बालिकाओं जीवा वर्मा और लाभ्या बॉथम को विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नगद राशि और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। शेखर बुंदेला ने अपने संबोधन में कहा कि संत गाडगे बाबा स्वच्छता के जनक थे। उन्होंने शिक्षा को समाज परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली माध्यम बनाया था। उन्होंने यह भी बताया कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के गुरु भी संत गाडगे महाराज थे। इस अवसर पर रवींद्र बॉथम, अजय परदेशी, अशोक बाथम, सुभाष परदेशी, राकेश बुंदेला, रतन परदेशी, अनिल बुंदेला, नंदू परदेशी, गोलू बाथम और अधिवक्ता अंकित महेश परदेशी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
फरीदाबाद जिले में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (DEEO) के रूप में बसंत कुमार ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। पदभार संभालते ही उन्होंने साफ किया कि जिले में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और शिक्षा निदेशालय के आदेशों का पूरी तरह पालन कराया जाएगा। साथ ही उनकी प्राथमिकता सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना होगी। बसंत कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को कैसे और अधिक बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई, सुविधाओं और शैक्षणिक माहौल को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्र हित ही विभाग का मुख्य लक्ष्य है और सभी निर्णय विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। सरकारी स्कूलों का जल्द करेंगे निरीक्षण जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूलों में अच्छा और सकारात्मक वातावरण विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाता है। फिलहाल उन्होंने जिले का चार्ज संभाला है और जल्द ही फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान स्कूलों में मौजूद कमियों, संसाधनों की स्थिति और शिक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी तथा कमियों को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों और शिक्षकों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। छात्रों के चरित्र निर्माण पर होगा जोर उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता विद्यार्थियों के “ऑल राउंड अचीवमेंट” और “ऑल राउंड डेवलपमेंट” यानी संपूर्ण विकास पर केंद्रित रहेगी। शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को सामाजिक मूल्यों, नैतिक शिक्षा, अनुशासन और अच्छाई-बुराई के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस दिशा में अध्यापकों को भी स्पष्ट गाइडलाइन दी जाएगी, ताकि वे पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर भी काम कर सकें। बिना मान्यता वाले स्कूलों पर होगी FIR साथ ही दोहराया कि जिले में यदि कोई भी स्कूल बिना मान्यता के संचालित पाया गया, तो उसे किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। ऐसे स्कूलों के खिलाफ विभाग को पत्र लिखकर FIR दर्ज कराई जाएगी और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
यूपी की योगी सरकार विधानसभा चुनाव- 2027 से पहले चुनावी साल 2026 में करीब दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देगी। इनमें 2025 में निकाली गई भर्तियों के साथ आने वाले समय में निकलने वाली भर्तियां भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव- 2024 से सबक लेते हुए सरकार युवाओं को साधने की तैयारी में है। इसीलिए यूपी लोक सेवा आयोग, यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के जरिए रिक्त पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी कराने की कवायद शुरू की है। सबसे अधिक भर्तियां पुलिस और शिक्षा विभाग में होंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों प्रदेश में भर्तियों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें सभी विभागों को रिक्त पदों का अधियाचन संबंधित भर्ती बोर्ड या आयोग को भेजने के निर्देश दिए। शुरुआती पड़ताल में सामने आया कि आने वाले समय में करीब डेढ़ लाख नए पदों पर भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं, करीब 20 हजार से अधिक लंबित भर्तियों को पूरा किया जाएगा। सरकार का दावा- 8 साल में 8.5 लाख नौकरी दे चुकेप्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया कि बीते साढ़े आठ साल में सरकार ने 8.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। अगले सवा साल में सरकार करीब डेढ़ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने जा रही। इससे 10 साल में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का रिकॉर्ड बनेगा। प्रदेश में अभी तक किसी भी सरकार ने 10 साल में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां नहीं दी हैं। पुलिस और शिक्षा में सवा दो लाख नौकरी दीसरकार का दावा है कि योगी सरकार में अब तक सबसे अधिक करीब 2.19 लाख भर्तियां शिक्षा और पुलिस महकमे में की गई हैं। जानिए सरकार अलर्ट क्यों…2024 में बेरोजगारी बनी थी बड़ा मुद्दालोकसभा चुनाव- 2024 में विपक्ष ने बेरोजगारी और प्रश्न पत्र लीक होने को बड़ा मुद्दा बनाया था। माना जाता है कि उस चुनाव में भाजपा की हार के पीछे युवाओं की नाराजगी बड़ी वजह रही। लिहाजा सरकार ने अब चुनाव से सवा साल पहले सरकारी नौकरियों के द्वार खोल दिए हैं। सीएम योगी खुद यूपी लोक सेवा आयोग, यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूपी शिक्षा चयन आयोग और यूपी पुलिस भर्ती आयोग की समीक्षा कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि सभी आयोगों में लंबित भर्तियां जून- 2026 तक पूरी हो जाएं। सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां निकालकर आवेदन जमा करने की प्रक्रिया भी तेजी से चलाई जाए। जिससे युवाओं में संदेश जाए कि सरकार सरकारी विभागों में भर्तियां कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार 2026 में पंचायत चुनाव के परिणाम और विधानसभा चुनाव के माहौल को देखने के बाद सरकारी कुछ अन्य विभागों में भी भर्तियां करने का निर्णय कर सकती है। क्या कदम उठाए...प्रशांत कुमार को सौंपी जिम्मेदारीयूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन हुए 2 साल से अधिक समय हो गया है। लेकिन, आयोग सरकार की मंशा के अनुरूप काम नहीं कर सका। लिहाजा सरकार ने बीते दिनों आयोग की अध्यक्ष डॉ. कीर्ति पांडेय का इस्तीफा ले लिया था। उनकी जगह अब पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रशांत कुमार को आयोग में लंबित भर्तियों के साथ जल्द से जल्द बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा और प्राविधिक शिक्षा विभाग से सूची मांगकर 2026 तक भर्तियां कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। ताकि नकल पर नकेल कस सके 41 हजार होमगार्ड की भर्ती होगीप्रदेश में 41,424 पदों पर होमगार्ड की भर्तियां भी 2026 में होंगी। भर्ती के लिए आवेदन 17 दिसंबर तक लिए गए हैं। जुलाई, 2026 तक होमगार्ड की भर्तियां हो जाएंगी। लेखपाल वैकेंसी के बाद हलचल शुरूयूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने हाल ही में 7,994 पदों पर लेखपाल भर्ती का विज्ञापन जारी किया है। भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए 4,165, ओबीसी के लिए 1,441, ईडब्ल्यूएस के लिए 792 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1,446 पद और अनुसूचित जनजाति के लिए 150 पद आरक्षित हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भर्ती में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के हिसाब से 2,158 पद होने चाहिए। लेकिन, सरकार ने मात्र 18 फीसदी आरक्षण ही दिया है। इस विवाद के बाद प्रदेश सरकार के विभिन्न महकमों में हलचल है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विभागों ने लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजे गए अधिचायन में आरक्षित पदों का एक बार फिर परीक्षण शुरू कर दिया है। आखिर में जानिए सरकार के सामने चुनौती क्या? प्रदेश में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। इनका सामना करने के बाद ही सरकार युवाओं से किया वादा पूरा कर सकती है। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... एक्सप्रेस-वे पर हर साल 5000 हादसे कैसे रुकेंगे, देश में एक्सीडेंट में मरने वालों में हर 7वां यूपी का, अमेरिका-यूरोप से सीखें मथुरा में 16 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 13 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ। इसमें 19 लोग जिंदा जल गए, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए। यूपी के 1200 किमी वाले 6 एक्सप्रेस-वे पर हर साल 5 हजार से अधिक हादसे और 550 से अधिक मौतें हो रही हैं। पढ़ें पूरी खबर
शिक्षा विभाग:अप्रैल की परीक्षाएं मार्च व मार्च की फरवरी में तय, सवाल- कोर्स कैसे पूरा करवाएंगे?
प्रदेश के शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के परीक्षा कार्यक्रम में अचानक महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है। विभाग ने शिविरा पंचांग (कैलेंडर) में घोषित आदेशों से पहले ही परीक्षाएं करवाने का निर्णय लिया है। मकसद नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू करना है।नए आदेशों के अनुसार, कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षाएं अब अप्रैल के बजाय 12 मार्च से पहले ही संपन्न करवा ली जाएंगी। इसी तर्ज पर 9वीं, 11वीं और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं भी पूर्व निर्धारित समय से लगभग एक महीने पहले समाप्त हो जाएंगी। विभाग ने भले ही सत्र को निजी स्कूलों के बराबर लाने के लिए यह कदम उठाया हो, लेकिन यह बदलाव शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। वजह ये कि शिविरा कैलेंडर जुलाई में जारी हुआ था, जिसके अनुसार शिक्षकों की कार्य योजनाएं बनाई गई थीं। अब आधा सत्र बीतने के बाद किए गए इस बदलाव से हड़कंप है। दरअसल, सत्र के दौरान शिक्षकों की विभिन्न कार्यों में ड्यूटी लगी रही। बीएलओ कार्य, खेल प्रतियोगिताएं, ग्रामीण सेवा शिविर, पौधरोपण और अतिवृष्टि के कारण हुए अवकाश ने बच्चों के कोर्स को पूरा नहीं होने दिया। ऐसे में अब कम समय में नए टाइम टेबल के आधार पर कोर्स पूरा कर परीक्षाएं करवाना विभाग और शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है। कैलेंडर एडवांस, पर पढ़ाने में पिछड़ रहे, ये 2 बड़े कारण शिक्षकों की कमी : जिले में स्वीकृत 21174 पदों के मुकाबले 15690 शिक्षक हैं। यानी प्रथम से लेकर तृतीय श्रेणी तक के 5484 पद खाली हैं। इसी प्रकार प्रदेश में हर वर्ग के 4.10 लाख स्वीकृत पदों पर 1ž.19 लाख पद रिक्त हैं और 2 लाख 91 हजार 885 कार्यरत हैं। जर्जर भवन : जिले में ऐसे कई स्कूलों को दूसरी जगह चलाया गया। एक साथ कक्षाएं लगाने से परेशानी हो रही है। जिले में करीब 480 स्कूल पूरी तरह जर्जर सामने आए थे। इन स्कूलों को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया था। सालभर जूझते हैं शिक्षक, अधूरे कोर्स के बीच परीक्षाएं चुनौती : शिक्षक संघभौतिक व मानवीय संसाधनों से शिक्षक वर्षभर जूझते रहे। अब एडवांस परीक्षाएं करवाना बड़ी समस्या है। कोर्स अधूरे हैं और कई स्कूल मूल जगह नहीं चल रहे। इतना होने के बाद भी जातिगत जनगणना में सहायक बीएलओ शिक्षकों को बनाया जा रहा है। इसके प्रशिक्षण शुरू हो चुके हैं।-शेरसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ डीईओ बोले-समस्या हो सकती है, लेकिन बदलाव से बच्चों के सामने विकल्प खुलेंगेहां इस बार अप्रैल से सत्र शुरू करना है, इसलिए मार्च के अंतिम सप्ताह तक सभी रिजल्ट देने हैं। इस बदलाव से थोड़ी समस्या आ सकती है, लेकिन छोटे बच्चों के सामने प्राइवेट और सरकारी दोनों स्कूलों के प्रवेश के विकल्प खुल जाएंगे। प्राइवेट स्कूल सत्र पहले शुरू करते हैं, इसका उन्हें फायदा मिल जाता है।-लोकेश भारती, जिला शिक्षा अधिकारी-माध्यमिक, उदयपुर
700 विद्यार्थी सम्मानित, मंत्री राजपूत बोले- शिक्षा से बढ़ा कोई धन नहीं
सुरखी विधानसभा क्षेत्र के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान समारोह महाकवि पद्माकर सभागार में हुआ। इसमें कक्षा-10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 70% से अधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मेधावी विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान देकर उनका उत्साहवर्धन किया। राजपूत ने कहा शिक्षा ही समाज और राष्ट्र की प्रगति की सबसे मजबूत नींव है। विद्या से बढ़कर कोई धन नहीं। विद्वान सर्वत्र पूजा जाता है। हमारे प्रदेश-देश के विद्वानों का सम्मान देश के बाहर सात समंदर पार भी होता है। आईटी के विद्यार्थी सारे विश्व में बड़ी-बड़ी वैज्ञानिक संस्थाओं का संचालन कर रहे हैं चाहे वह नासा हो या अन्य कोई जगह। ग्रामीण प्रतिभाएं जितनी तेजी से विद्या ग्रहण कर रही हैं वह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। सुरखी विधानसभा में बड़े शहरों की भांति विद्यालय है। स्मार्ट क्लासेस है। अच्छी प्रयोगशालाएं है। सुरखी विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को भी बताया गया। क्षेत्र में 25 हाईस्कूल एवं 12 हायर सेकेंडरी विद्यालय शामिल हैं। विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने 335 विद्यार्थियों को लैपटॉप तथा 22 विद्यार्थियों को स्कूटी वितरित की गई हैं। कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को 2028 निशुल्क साइकिलें दी गईं। विद्यालयों में अधोसंरचना विकास के अंतर्गत 7 अतिरिक्त कक्षों को प्रयोगशालाओं के लिए स्वीकृति दी गई। शासकीय कन्या उमावि राहतगढ़ एवं मीरखेड़ी में लगभग 19.86 लाख रुपये तथा शासकीय हाईस्कूल गुरैया एवं भीष्मनगर में 18.55 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ। 22 विद्यालयों के अनुरक्षण के लिए 70.18 लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है। भविष्य की तैयारी... 29 हाईस्कूल तो 16 हायर सेकंडरी उन्नयन के प्रस्ताव 29 माध्यमिक विद्यालयों को हाईस्कूल तथा 16 हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी में उन्नयन के प्रस्ताव भेजे गए हैं। 27 विद्यालयों के लिए आईसीटी प्रोजेक्ट, 33 विद्यालयों में फर्नीचर की मांग, 8 विद्यालयों में आईसीटी लैब तथा स्मार्ट क्लास की सुविधा 13 विद्यालयों में 27 पैनल एवं 46 विद्यालयों में 46 पैनल के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। यह सब हमारी भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं डॉ.मोहन यादव सरकार की शिक्षा की उच्च गुणवत्ता के मापदंड हैं। सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों को आधुनिक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए। प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र सहित एक-एक हजार रुपये की राशि भी दी। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को स्कूटी वितरण कर उन्हें शुभकामनाएं भी दी। भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी ने कहा मंत्री राजपूत द्वारा सुरखी विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर बदल दी गई है। विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए आधुनिक व्यवस्था की है। स्मार्ट क्लास जैसे कई आधुनिक प्रयोग एवं सुरक्षित स्कूल परिसर लैब आदि सुरखी विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध है। भाजपा सरकार संकल्प है कि हर बच्चा शिक्षा से जुड़े जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस मौैके पर डॉ. सुखदेव मिश्रा, डॉ. वीरेंद्र पाठक, शैलेंद्र श्रीवास्तव, साहब सिंह, धीरज सिंह औरिया, जेडी एसपीएस बिसेन, डीईओ अरविंद जैन, एपीसी डॉ. देवेंद्र चौबे, राजकुमार कपूर, डॉ. महेंद्र तिवारी आदि मौजूद थे। मंत्री राजपूत ने विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं परिजनों पर पुष्प वर्षा करते हुए उनका अभिनंदन किया।
समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों का चांडिल डैम में एक्सपोजर विजिट
भास्कर न्यूज | सरायकेला समावेशी शिक्षा के अंतर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना के सौजन्य से सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत जिले के लगभग 90 दिव्यांग बच्चों का शैक्षणिक व अनुभावात्मक विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चांडिल डैम व उसके आसपास के क्षेत्रों का एक्सपोजर विजिट आयोजित किया गया। इस शैक्षणिक भ्रमण में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रकृति के बीच सीखने का नया अनुभव प्राप्त किया। एक्सपोजर विजिट का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को कक्षा की चहारदीवारी से बाहर निकालकर प्राकृतिक, भौगोलिक व सामाजिक परिवेश से जोड़ना था, ताकि उनके आत्मविश्वास, सामाजिक सहभागिता और सीखने की क्षमता में वृद्धि हो सके। भ्रमण के दौरान बच्चों को चांडिल डैम की संरचना, जल संग्रहण प्रणाली, जल प्रबंधन की उपयोगिता तथा आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन स्थलों के बारे में सरल एवं रोचक तरीके से जानकारी दी गई। भ्रमण के दौरान रिसोर्स शिक्षक, फिजियोथैरेपिस्ट एवं सहायक कर्मियों द्वारा बच्चों का निरंतर मार्गदर्शन किया गया। बच्चों की सुरक्षा, आवागमन एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। समावेशी शिक्षा के जिला प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि इस प्रकार के एक्सपोजर विजिट दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रमण से बच्चों में आत्मनिर्भरता, सामाजिक व्यवहार और व्यावहारिक ज्ञान का विकास होता है। भविष्य में भी समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए शैक्षणिक भ्रमण, खेलकूद एवं अन्य सहगामी गतिविधियों का आयोजन निरंतर किया जाता रहेगा, ताकि वे मुख्यधारा की शिक्षा से आत्मविश्वास के साथ जुड़ सकें।
बच्चों के विकास के लिए सरल गतिविधि आधारित शिक्षा जरूरी: शर्मा
महासमुंद ब्लाक स्थित बीआरसी में आयोजित नवीन पाठ्य-पुस्तक आधारित प्रशिक्षण के चौथे दिन डीएमसी रेखराज शर्मा और सहायक परियोजना समन्वयक संपा बोस ने प्रशिक्षण का निरीक्षण किया। यह प्रशिक्षण सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया (छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्य सिखाने की प्रक्रिया) को अधिक प्रभावी, सरल और गतिविधि-आधारित बनाना है। निरीक्षण के दौरान डीएमसी रेखराज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बच्चों के सभी तरह से विकास के लिए सरल से सरल गतिविधि-आधारित शिक्षा आवश्यक है। नीति में यह स्पष्ट प्रावधान है कि शून्य आयु से अंतिम वर्ष तक मनुष्य निरंतर सीखता रहता है। इसलिए शिक्षकों को स्वयं सीखते हुए बच्चों को आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने रटंत पद्धति को समाप्त कर ज्ञानात्मक, अनुप्रयोगात्मक और समझ आधारित प्रश्नों के निर्माण पर बल दिया। ब्लूप्रिंट के माध्यम से प्रभावी मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। एपीसी संपा बोस ने कहा कि मिशन लाइफ के अंतर्गत विद्यालयों में संचालित ईको क्लब की गतिविधियों की जानकारी फोटो के माध्यम से साझा की जाए। उन्होंने विद्यालय परिसरों में अधिक से अधिक हरियाली लाने, शासन के प्रदत्त राशि के समुचित उपयोग और पूर्व-व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत हो रहे कार्यों के प्रदर्शन पर भी विशेष जोर दिया। प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर रोशन लकरा, राधेश्याम ध्रुव, गोपेश्वरी साहू, लक्ष्मी मानिकपुरी, सीमा साहू, नीतिन श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण की अवधारणा, उद्देश्य और व्यवहारिक पक्षों को गंभीरतापूर्वक स्पष्ट किया। शिक्षण पद्धति का व्यावहारिक अभ्यास किया गया: प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों ने समूह बनाकर आपसी सहयोग से प्रयोग किए और गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धति का व्यावहारिक अभ्यास किया। इस मौके पर बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा ने चार दिन के प्रशिक्षण का प्रतिवेदन प्रशिक्षार्थियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को इनेलो के रानियां विधायक अर्जुन चौटाला ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से सवाल किया कि बीजेपी सरकार द्वारा जो स्कूल समायोजित किए गए हैं, उनमें दाखिलों में कितनी बढ़ोतरी हुई है? हालांकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री इसका कोई जवाब नहीं दे पाए। वहीं, नगर निगम निकाय 2025 संशोधन बिल पर सदन में इनेलो के विधायक दल के नेता एवं डबवाली विधायक आदित्य देवीलाल ने कहा कि यह वित्तीय मामला है, जब भी कोई टेंडर होता है तो वो माइनस में जाता है। इस कारण से ठेकेदार बेहद घटिया क्वालिटी की सामग्री इस्तेमाल करता है, क्योंकि यह सारा पैसा जनता की जेब से निकलता है। इसलिए इस बिल में एक प्रावधान और जोड़ा जाए कि उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के साथ साथ उनके ऊपर क्रिमिनल केस भी किया जाना चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव पर चौधरी अभय सिंह चौटाला की प्रतिक्रिया इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दिए गए प्रस्ताव पत्र में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के दस्तखत न करने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने जानबूझकर प्रस्ताव पर अपने दस्तखत नहीं किए, क्योंकि उनको अमित शाह के सामने यह सफाई देनी है कि बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह साफ तौर से भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी से मिलीभगत दर्शाता है। इससे पहले भी भूपेंद्र हुड्डा ने कई मौकों पर बीजेपी को बचाने के लिए काम किए हैं। उदाहरण के तौर पर राज्यसभा चुनावों में भूपेंद्र हुड्डा ने अपना बैलेट पेपर खाली छोड़ा था और अपने विधायकों के साथ मिलकर स्याही कांड करके बीजेपी समर्थित उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को जितवाया था और कांग्रेस और इनेलो के समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद को हरवाने का काम किया था। ऐसे ही बीजेपी की दूसरी अवधि की सरकार के समय भी सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाकर के बीजेपी को जीवन दान देने का काम किया था। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि वे कांग्रेस के विधायकों से कहेंगे कि अब भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं।
हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) 17 और 18 जनवरी को कराए जाने की संभावना है। इसके लिए बोर्ड ने स्कूल शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेज दिया है। बोर्ड चेयरमैन प्रो. डॉ. पवन कुमार ने बताया कि परीक्षा आयोजन के लिए बोर्ड पूरी तरह तैयार है। गौरतलब है कि साल 2025 की HTET परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं हो पाई है। वहीं, हरियाणा में एचटेट 2024 की परीक्षा 30 व 31 जुलाई को आयोजित की गई थी। HTET पीजीटी लेवल-3 के लिए 1 लाख 20 हजार 943 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था और परीक्षा कुल 1 लाख 559 अभ्यर्थियों ने दी। टीजीटी लेवल-2 के लिए 2 लाख 1 हजार 517 उम्मीदवारों ने आवेदन किया और परीक्षा एक लाख 67 हजार परीक्षार्थियों ने दी। वहीं पीआरटी लेवल-1 के लिए 82 हजार 917 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया और परीक्षा में 66 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। HTET परीक्षा इस बार 3,31,041 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। नियमों के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 150 में से 90 अंक तथा एससी वर्ग के लिए 150 में से 82 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है....
इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान को तीन साल बाद कट्टरता फैलाने के आरोपों में मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग से क्लीनचिट मिल गई है। मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आंदोलन किया था और रहमान के खिलाफ भंवरकुआं पुलिस ने केस दर्ज किया था। पहले जानिए क्या है मामला दिसंबर 2022 में इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में शिक्षकों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगा। मामले में ABVP ने आरोप लगाए थे कि यहां किताब, सामूहिक हिंसा और दांडिक न्याय पद्धति को पढ़ाया जा रहा है जो धार्मिक सौहार्द के खिलाफ है। तब पुलिस ने किताब के लेखक डॉ. फरहत खान, प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और प्रो. डॉ. मिर्जा मोइज के खिलाफ केस दर्ज किया था। सभी पर आरोप था कि किताब में बिना साक्ष्य के हिन्दू धर्म के खिलाफ झूठी टिप्पणियां की गईं। मुस्लिम शिक्षकों ने जानबूझकर छात्रों को रैफर किया। इस मामले में तब तत्कालीन गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी की बात कही थी। फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मप्र शासन के रवैये पर फटकार भी लगाई थी। मप्र उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें बताया गया कि ABVP द्वारा इस संबंध में की गई शिकायत के बाद जांच समिति बनाकर रिपोर्ट ली गई। रिपोर्ट में समिति ने कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने, पक्षपात करने, सौहार्दता को भंग करने और सरकारी नीतियों के खिलाफ छात्रों को गुमराह करने की बात कही थी। इन आरोपों में उन्हें 9 दिसंबर 2022 को सस्पेंड किया गया था। इसलिए उन्हें मिली क्लीन चिट ये खबर भी पढ़ें... हिंदुओं को आतंकवादी बताने वाली किताब की लेखिका फरार इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने और अनुशासनहीनता के मामले में जांच कमेटी कॉलेज पहुंची है। कमेटी प्रोफेसर और छात्रों के बयान लेगी। कॉलेज में आईडी कार्ड के बगैर एंट्री नहीं दी जा रही है। कैंपस में ABVP के छात्र नेता मौजूद हैं। प्रो. नरेंद्र देव को कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया है। पूरी खबर पढ़ें
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं व 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिका की ऑनलाइन स्क्रीनिंग के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया है। जिस पर बोर्ड चेयरमैन प्रो. पवन कुमार ने पूर्व चेयरमैन पर आरोप लगाए कि उन्होंने कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर फायदा पहुंचाने के लिए टैंडर दिया गया। वहीं कहा कि पूर्व चेयरमैन ने करीब 11 लाख 80 हजार रुपए में स्कॉच अवार्ड खरीदा था। जिसको लेकर उस समय के सीएम तक बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में करीब 82 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। हैरानी की बात है कि घोटाले के आरोप पूर्व चेयरमैन पर लगे हैं। वर्तमान चेयरमैन डॉ पवन कुमार ने अब इसकी जांच विजिलेंस को दी है। चार गुना तक महंगी जांच हुईशिक्षा बोर्ड चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने बताया कि साल 2023-24 में 10वीं-12वीं की वार्षिक परीक्षा की एक लाख उतर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन स्क्रीनिंग व मार्किंग करवाई गई थी। ये काम एक ऐसी फर्म को दिया गया, जिसके पास कोई अनुभव नहीं था। उन्होंने बताया कि 70 रुपए प्रति उत्तर पुस्तिका के हिसाब से भुगतान किया गया है। जबकि बोर्ड द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाने के लिए बोर्ड को 17-18 रुपए प्रति उत्तर पुस्तिका के दिया जाता है। इस लिहाज से काफी महंगा यह भुगतान किया गया है। इसके लिए जांच कमेटी बनाई गई है। जो इस मामले की जांच करेगी। 2 महीने में होगी जांचचेयरमैन ने कहा कि ये काम 2023-24 के सत्र में तत्कालीन चेयरमैन के समय हुआ। उन्होंने कहा कि ये प्रोसेस अच्छा था। पर अनुभव ना रखने वाली फर्म से बहुत ज्यादा पैसे पे कर किया गया। इसलिए इस पर सवाल खड़े हुए हैं। साथ ही कहा कि इसी दौरान प्रशंसा पत्र (स्कॉच अवार्ड) अवॉर्ड देने पर भी 11 लाख 80 हजार रुपए खर्च किए गए। जिसका कोई औचित्य नहीं। क्योंकि प्रशंसा पत्र सीएम या पीएम दें तो ही वो मान्य होता है। चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने कहा कि इन दोनों मामलों की जांच विजिलेंस को दी है। उम्मीद है कि करीब 2 महीने में यह जांच पूरी हो जाएगी।
भागलपुर में भारती शिक्षा समिति और शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार के तत्वावधान में जिला केंद्र सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सैनिक स्कूल गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी में चल रहे इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कान्हरे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, भागलपुर के विभाग प्रमुख सतीश कुमार सिंह, मुंगेर के विभाग प्रमुख वीरेंद्र कुमार और प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कान्हरे ने अपने संबोधन में कहा कि गर्भावस्था के दौरान ही शिशु में डर, भय और आनंद जैसे भावों का एहसास होने लगता है। उन्होंने जोर दिया कि गर्भवती महिलाएं जिस प्रकार का साहित्य पढ़ती हैं, गीत-संगीत सुनती हैं और अपने इष्ट देवता का ध्यान करती हैं, उसका सीधा प्रभाव जन्म के बाद बालक पर पड़ता है। भारत में विज्ञान भी इस तथ्य को स्वीकार करता है। कान्हरे ने यह भी बताया कि विद्या भारती द्वारा निर्धारित 12 शैक्षिक व्यवस्थाएं प्रत्येक शिशु वाटिका विद्यालय में अनिवार्य रूप से लागू होनी चाहिए। उन्होंने शिशु वाटिका के बच्चों को स्वर्णप्राशन का टीकाकरण दिलाने और प्रत्येक शिशु वाटिका में अग्निहोत्री कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, स्मार्ट क्लास और क्रिया आधारित कक्षाएं भी शिशु वाटिका के बच्चों के लिए आवश्यक बताई गईं। यह बैठक दक्षिण बिहार प्रांत के 17 जिलों की शिशु वाटिका प्रमुख दीदी जी के साथ हुई। इस अवसर पर भागलपुर जिला के शिशु विद्या मंदिर द्वारा संचालित संस्कार केंद्र आचार्य, संच प्रमुख और सेवा बस्ती के आचार्यों को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कान्हरे का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने आभार ज्ञापन करते हुए कहा कि हमें संकल्पित होकर शिशु वाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं को पूर्ण करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान करनी है। कार्यक्रम की प्रस्तावना मुंगेर के विभाग प्रमुख वीरेंद्र कुमार ने की, जबकि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरेश कुमार द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में परमेश्वर कुमार, गंगा चौधरी, शशि भूषण मिश्र, सुजीत कुमार गुप्ता, दीपक कुमार झा, अनीता सिंह, रिचा कुमारी, साक्षी कुमारी, कविता पाठक सहित 17 जिलों से उपस्थित 50 शिशु वाटिका प्रमुख दीदी जी मौजूद थीं।
भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर बीकानेर में कांग्रेस नेताओं ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए। पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि दो साल के कार्यकाल में न तो नए विकास कार्य शुरू हुए और न ही पुराने प्रोजेक्ट्स आगे बढ़े, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने शिक्षा संस्थानों के अधूरे प्रोजेक्ट भी गिनाए। डॉ. कल्ला बोले कि जमीनी स्तर पर कोई ठोस उपलब्धि नजर नहीं आती। बीकानेर में एक भी नया बड़ा विकास कार्य शुरू नहीं किया गया। सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रह गई है, जबकि जनता को वास्तविक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। रेलवे क्रॉसिंग और गोचर भूमि का मुद्दा उठाया डॉ. कल्ला ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय रेलवे क्रॉसिंग की समस्या के समाधान के लिए 35 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे, लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में अब तक उस पर काम शुरू नहीं हुआ। गोचर भूमि के मामले में उन्होंने आरोप लगाया कि बीकानेर के भामाशाहों ने अपने स्तर पर जमीन खरीदकर गोचर विकसित किया, जबकि जिला कलेक्टर और बीडीए ने इस पूरे मामले में पाप का काम किया है। शिक्षा संस्थानों के अधूरे प्रोजेक्ट गिनाए पूर्व मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद कॉलेज के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत होने के बावजूद आज तक भवन नहीं बन पाया। मुरलीधर व्यास नगर में महिला कॉलेज के लिए बजट दिया गया था, लेकिन वहां भी कोई काम शुरू नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि डूंगर कॉलेज और एम. एस. कॉलेज को अब तक यूनिवर्सिटी से संबद्ध नहीं किया गया, जिससे छात्रों को शैक्षणिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मूंगफली खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप इस दौरान पूर्व मंत्री गोविंद मेघवाल ने सरकार पर मूंगफली खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है और सरकार किसी भी मोर्चे पर सफल साबित नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में लाठी के दम पर सरकार चलाई जा रही है। संगठन और मुख्यमंत्री पर भी टिप्पणी संगठन में नियुक्तियों को लेकर पूछे गए सवाल पर डॉ. बी. डी. कल्ला और गोविंद मेघवाल ने कहा कि वे पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक रूप से नहीं उठाना चाहते। वहीं, गोविंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री को अनुभवहीन बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जिन योजनाओं के लिए बजट स्वीकृत हुआ था, आज भी उन्हीं योजनाओं पर काम चल रहा है।
बांका जिले के रजौन बीआरसी परिसर में प्रारंभिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय गैर-आवासीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण का दूसरा बैच गुरुवार को शुरू हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। प्रखंड साधन शिक्षक और प्रधान शिक्षक कर रहे संचालन इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रखंड साधन शिक्षक विनय प्रसाद और प्राथमिक विद्यालय मकरौंधा के प्रधान शिक्षक श्याम सुंदर ठाकुर शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। यह चरणबद्ध प्रशिक्षण 15 दिसंबर से शुरू होकर 7 जनवरी, 2026 तक चलेगा। 45 शिक्षकों का एक बैच तैयार प्रत्येक तीन दिवसीय मॉड्यूल में कुल 45 शिक्षकों का एक बैच तैयार कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक विद्यालय से नामित शिक्षक शामिल हैं। प्रखंड साधन शिक्षक विनय प्रसाद ने बताया कि हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए यह प्रशिक्षण 15 जनवरी से 17 जनवरी तक निर्धारित है। पहला बैच 15 से 17 दिसंबर तक इससे पहले, प्रशिक्षण का पहला बैच 15 से 17 दिसंबर तक आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम की निगरानी बीईओ चक्रपाणि कनिष्ठ और बीआरसी लेखा सहायक मोहम्मद कमरेज आलम द्वारा की जा रही है।
भरतपुर के बयाना विधानसभा से विधायक ऋतु बनावत द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच राज्य सरकार के निर्देश पर तेज कर दी गई है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग की टीम रूपवास पहुंची और CBEO कार्यालय से विधायक निधि (MLA फंड) से जुड़े विकास कार्यों की फाइलें जब्त कीं। इसके साथ ही टीम ने रूपवास के दो स्कूलों में पहुंचकर मौके पर जाकर कार्यों की भी जांच की। कल बयाना, आज रूपवास में कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र गोपालिया ने बताया- विधायक निधि से कराए गए सभी कार्यों की गहन जांच की जा रही है। इसके लिए जिला परिषद की एसीओ की अध्यक्षता में एक विशेष कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी बयाना और रूपवास क्षेत्र में MLA फंड से कराए गए कार्यों का रिकॉर्ड और जमीनी स्थिति का मिलान कर रही है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को बयाना पंचायत समिति क्षेत्र में जांच की गई थी, जहां से फाइलें जब्त की गई थीं। शुक्रवार को टीम रूपवास पहुंची और CBEO कार्यालय से संबंधित फाइलें अपने साथ लेकर गई है। दो स्कूलों में पहुंची टीम, कार्यों का भौतिक सत्यापन जांच के दौरान शिक्षा विभाग की टीम सबसे पहले महात्मा गांधी राजकीय स्कूल , रूपवास पहुंची। यहां विधायक निधि से कराए गए विकास कार्यों का रिकॉर्ड खंगाला गया और मौके पर जाकर उनका निरीक्षण किया गया। इसके बाद टीम रामचरण लाल गोयल राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल , रूपवास पहुंची, जहां भी विधायक निधि से किए गए कार्यों की जांच की गई। अधिकारियों ने दस्तावेजों के साथ मौके की स्थिति का मिलान किया। दरी-पट्टी, टेबल-कुर्सी और मशीनों से जुड़ी फाइलें जब्त निरीक्षण के बाद टीम ने CBEO कार्यालय से स्कूलों में दरी-पट्टी, टेबल-कुर्सी और इंसुलेटर मशीन अलॉटमेंट से जुड़ी फाइलें निकालीं और उन्हें जब्त कर लिया। इससे पहले गुरुवार को भी टीम ने बयाना पंचायत समिति कार्यालय से दो फाइलें अपने कब्जे में ली थीं। जांच का दायरा बढ़ने के संकेत लगातार दूसरे दिन हो रही इस कार्रवाई से साफ है कि विधायक निधि से जुड़े विकास कार्यों की जांच का दायरा और गहराने वाला है। प्रशासनिक स्तर पर दस्तावेजों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है और आगे जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की संभावना है। इनपुट- दुर्गेश पाठक, रूपवास, भरतपुर ----------- संबंधित ये खबरें भी पढ़ें ... MLA ऋतु बनावत के विकास-कार्यों की जांच करने पहुंची टीम:हैंडपंप स्वीकृति और दरी-पट्टियों की फाइलें जब्त की; विधायक निधि के कामों में मांगा था कमीशन MLA ऋतु बनावत के खिलाफ फिर लगे पोस्टर:लिखा-कमीशन खोर बयाना रूपवास छोड़; आज सदाचार कमेटी ने किया तलब MLA ऋतु बनावत के खिलाफ लगे पोस्टर:लिखा- विधायक का नारा, अब 40 प्रतिशत रहेगा हमारा; देवर ने कराई FIR सदाचार कमेटी को सबूत नहीं दे पाए MLA रेवंतराम-ऋतु-अनीता:कमीशन मांगने के मामले में विधानसभा में हुई पूछताछ, दोबारा होंगे पेश
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के दो दिवसीय प्रदेश शैक्षिक सम्मेलन का शुक्रवार को बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर भव्य आगाज हुआ। आजादी के करीब 70 साल बाद बांसवाड़ा में आयोजित हो रहे इस ऐतिहासिक सम्मेलन का उद्घाटन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पूज्य संत उत्तम स्वामी महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। लियो इंटरनेशनल संस्थान में आयोजित इस सम्मेलन में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सहित संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ ही पूरे परिसर में उत्साह और उल्लास का माहौल देखने को मिला। प्रदेशभर से 10 से 12 हजार शिक्षक पहुंचे बांसवाड़ा इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 10 से 12 हजार शिक्षक बांसवाड़ा पहुंचे हैं। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अतिथियों ने शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की भूमिका, नई शिक्षा नीति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक समाज की नींव होते हैं और उनके सशक्तिकरण से ही राष्ट्र का भविष्य मजबूत बनता है। वागड़ क्षेत्र में दशकों बाद शिक्षक संगठन का इतना बड़ा सम्मेलन आयोजित होना क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। दो दिन तक शिक्षा नीति और शिक्षक समस्याओं पर मंथन दो दिवसीय इस वैचारिक कुंभ में शिक्षा नीति, शिक्षकों से जुड़े समसामयिक मुद्दों और शैक्षिक सुधारों पर गहन चर्चा की जा रही है। विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ वक्ता अपने विचार रख रहे हैं, जिनका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाना है। दूसरे दिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे मुख्य अतिथि सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार, 20 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सीएम सुरक्षा टीम ने बांसवाड़ा पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है। कार्यक्रम स्थल के समीप स्थित मैदान में अस्थाई हेलीपैड का निर्माण किया गया है। शनिवार के सत्र में कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित सरकार के कई अन्य मंत्रियों के शामिल होने की भी संभावना है।
हमारे कामों में येसु की शिक्षा प्रकट हो, तभी सार्थक होगा : मॉडरेटर मार्शल
रांची | लोयला मैदान में चल रहे आगमन उत्सव के तीसरे दिन भी युवाओं की भीड़ उमड़ी। संध्या कार्यक्रम में नागपुरी गायक नितेश कच्छप ने अपनी गायकी से लोगों को झुमाया। इस दौरान मेले में लगाए गए स्टॉल में खरीदारी भी की। चार दिवसीय कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को होगा। आखिरी दिन गायक अर्जुन लकड़ा लोगों के बीच आएंगे। अपनी प्रस्तुति देंगे। बेथेसेदा महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में गुरुवार को क्रिसमस गैदरिंग मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व प्रार्थना गीत और सामूहिक प्रार्थना के साथ हुई। मुख्य अतिथि के तौर पर जीईएल चर्च के मॉडरेटर रेव्ह. मार्शल केरकेट्टा शामिल हुए। उन्होंने अपने संदेश में येसु जन्म की पवित्र घटना को बताया। कहा कि येसु का जन्म सामाजिक नहीं, लेकिन आध्यात्मिक कारणों से हुआ। प्रभु का जन्म मनुष्यों को पाप से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ, इसलिए लोग उसके आगमन पर आनंदित होते हैं। हमारा संबंध परमेश्वर के साथ बना रहे इसलिए हम क्रिसमस हर साल मनाते हैं। आज संसार में अराजकता का माहौल है, ऐसे में येसु ने हमें जो शिक्षा दी है उसे फिर से याद करने की जरूरत है, उस शिक्षा पर अमल करने की जरूरत है। हमारे जीवन में हमारे कामों में उनकी शिक्षा प्रकट हो। तभी उसके आने का उद्देश्य सार्थक होगा। प्रभु येसु मसीह का जन्म संपूर्ण मानवता के लिए आनंद, आशा और मुक्ति का संदेश है। क्रिसमस केवल पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, सेवा और शांति का प्रतीक है। इस अवसर पर ईश्वर दत्त कंडुलना, अटल ईरद खेस, बिशप सीमांत तिर्की, कॉलेज सेक्रेटरी वीणा तिरू, दीपशिखा बाखला समेत सैकड़ों लोग थे। बालक येसु के जन्म की झांकी प्रस्तुत की, कैरोल गाए कार्यक्रम में बीएड और एमएड की छात्राओं ने मंच पर एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां दीं। पारंपरिक नृत्य, समूह गीत और नेटिविटी प्ले, बालक येसु के जन्म की झांकी प्रस्तुत की। इस दौरान अतिथियों ने एजुकेशन ब्लूम्स 2025 पत्रिका का लोकार्पण किया। पत्रिका में कॉलेज की छात्राओं की रचनात्मकता और शैक्षणिक उपलब्धियों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है। इसके पश्चात 2023-25 की बीएड और एमएड छात्राओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए मेडल प्रदान किया गया। लोयला मैदान में आगमन उत्सव... गीतों पर झूमे ईसाई समुदाय के लोग
शिक्षा विभाग का स्कूली स्तर के बच्चों की डहर 2.0 एप से जनगणना आदिवासी विरोधी : मोर्चा
आदिवासी बचाओ मोर्चा ने झारखंड शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूली स्तर पर डहर 2.0 एप के जरिए कक्षा तीन से 18 वर्ष के बच्चों का कराए जा रहे जनगणना प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है। कहा कि यह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आदिवासियों के कॉलम के बिना जनगणना कराना सरना आदिवासियों को समाप्त करने की साजिश है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए सरकार तत्काल इसे बंद करे। यह बातें मोर्चा के पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, पूर्व मंत्री देवकुमार धान, आदिवासी जन परिषद केंद्रीय अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, रमेश उरांव आकाश तिर्की, अभय भुटकुंवर ने कही। जनगणना में अन्य कॉलम को केंद्र और झारखंड सरकार शामिल करे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों के धर्म कालम कोड (अन्य) को जिस तरह से हटा कर संवैधानिक रूप से मिली पहचान को मिटाने का काम वर्ष 2020 से किया गया है। उसी तरह से पांचवीं अनुसूची के राज्य झारखंड में, आदिवासियों के लिए निर्धारित कालम कोड के बिना जनगणना कार्य होने का सरना आदिवासी समाज कड़ा विरोध करता है। केंद्र सरकार भारत सरकार से भी अन्य कालम कोड को पुर्नस्थापित करने की मांग करते हैं। भारत सरकार द्वारा आदिवासियों के कालम कोड अन्य को जिस तरह से हटा कर संवैधानिक रूप से मिली पहचान को मिटाने का काम वर्ष 2020 से किया गया है और अभी तक पुर्नस्थापित नहीं किया गया है। जब तक डहर एप में सरना आदिवासियों के लिए अन्य कालम कोड नहीं जोड़ा जाता है, तब-तक राज्य में स्थगित रखा जाए। रिम्स की जमीन को दाखिल खारिज और रजिस्ट्री करने वाले अफसर बर्खास्त हों : कहा कि कि रिम्स में जो भी पदाधिकारी अधिकृत जमीन को दाखिल खारिज किया गया और उसकी रजिस्ट्री किया गया उसे पदाधिकारी को अविलंब पर बर्खास्त किया जाए। रात में जितने भी भूमिहारी खुट टकट्टी जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है वैसे- धार्मिक जमीन को मोर्चा चिन्हित करने का काम बड़े स्तर पर करेगी।
वित्त रहित शिक्षा...75% अनुदान वृद्धि का प्रस्ताव लंबित, वार्ता के बाद लागू
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से गुरुवार को वित्त रहित संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों की लंबित मांगों को लेकर वार्ता हुई। इसमें 75% अनुदान राशि की वृद्धि, अनुदान भुगतान की प्रक्रिया, 21 स्कूलों को अब तक राशि नहीं मिलने तथा सावित्रीबाई फुले बालिका समृद्धि योजना सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने सचिव के समक्ष कहा कि 75% अनुदान वृद्धि के प्रस्ताव पर अब तक मंत्रिपरिषद की सहमति नहीं बन सकी है, जबकि सरकार ने विधानसभा में एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में यह आश्वासन दिया था कि अगला शैक्षणिक सत्र बाधित नहीं होगा और सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। इस पर शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। संचिका विभाग के पास है। आप लोग थोड़ा धैर्य रखें। बातचीत में रघुनाथ सिंह, संजय कुमार, गणेश महतो, देवनाथ सिंह, फजलूल कादिर अहमद, हरिहर प्रसाद कुशवाहा एवं नरोत्तम सिंह शामिल थे। अनुदान की राशि सीधे विद्यालयों के खाते में भेजने के सवाल पर शिक्षा सचिव ने बताया कि वित्त विभाग सीधे भुगतान के पक्ष में नहीं है। इस विषय में वित्त विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया था, लेकिन वित्त विभाग ने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताई है। 21 विद्यालयों को अब तक अनुदान राशि नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है। इसके बाद माध्यमिक निदेशक तक अनुदान राशि नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है।
कॉलेज शिक्षा महंगी: अब विद्यार्थियों को प्रति सेमेस्टर देनी होगी 1900 रुपए अतिरिक्त फीस
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) ने परीक्षा शुल्क को डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। इसके विरोध में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने राजकीय महाविद्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया और कुलगुरु के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा को सेवा के बजाय व्यापार बनाने पर तुला है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विद्यार्थियों ने विश्व विद्यालय द्वारा बढ़ाए गए परीक्षा शुल्क का विरोध किया तथा कॉलेज के गेट बंद किए। इस दौरान सभी विद्यार्थी कॉलेज परिसर के बाहर एकत्रित हुए। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भी विद्यार्थियों का समर्थन करते हुए इस फैसले को अनैतिक बताया तथा परीक्षा शुल्क को कम करने की मांग की। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया और लंबित स्कॉलरशिप खातों में नहीं डाली गई, तो आगामी दिनों में विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में तालाबंदी कर काम ठप कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों ने बताया कि पहले प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 रुपए था, जिसे अब बढ़ाकर 3100 रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार और संस्थान का काम न्यूनतम शुल्क में शिक्षा देना है, लेकिन यहां फीस को सीधे डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। कुलपति से आश्वासन के बाद थमा प्रदर्शन एबीवीपी कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते हुए कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान छात्रों के विरोध को देख प्रशासन सक्रिय हुआ। साथ ही छात्र नेताओं की कुलपति से फोन पर वार्ता करवाई गई, जिसमें फीस वृद्धि पर पुनर्विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद ही विद्यार्थी शांत हुए। एबीवीपी इकाई अध्यक्ष महिपालसिंह आगोर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा का बाजारीकरण कर रहा है। यदि बढ़ी हुई फीस तुरंत वापस नहीं ली गई और पुरानी फीस बहाल नहीं हुई, तो एबीवीपी पूरे संभाग के महाविद्यालयों में उग्र प्रदर्शन करेगी। हम शिक्षा के अधिकार को व्यापार नहीं बनने देंगे। विश्व विद्यालय द्वारा प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 रुपए था, जिसे अब बढ़ाकर 3100 रुपए कर दिया गया है। जिसके कारण प्रत्येक विद्यार्थी पर प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1900 रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। प्रत्येक छह माह के सेमेस्टर में होने वाली परीक्षा को लेकर प्रत्येक विद्यार्थी को इस अतिरिक्त 1900 रुपए का परीक्षा शुल्क जमा करवाना पड़ेगा। ऐसे में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को यही 1900 रुपए परीक्षा शुल्क तृतीय वर्ष तक 6 बार चुकाना होगा। प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले विद्यार्थी को अपनी स्नातक पूर्ण करने तक 11,400 रुपए अतिरिक्त शुल्क जमा करवाना होगा। पीजी कॉलेज में पढ़ने वाले 3500 विद्यार्थियों से प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क के नाम पर अतिरिक्त 66 लाख रुपए से अधिक की वसूली होगी।
नई शिक्षा नीति में भले ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं का प्रावधान कर दिया गया हो, लेकिन राजस्थान में अब तक प्री-प्राइमरी स्कूलों को मान्यता देने के नियम कायदे ही तय नहीं हैं। प्रदेश में 15 हजार से अधिक प्री-प्राइमरी स्कूल प्ले स्कूलों के नाम से बिना मान्यता चल रहे हैं। गली मोहल्लों में छोटे-छोटे मकानों में संचालित यह प्ले स्कूल मर्जी के मालिक हैं। इनको न मान्यता लेनी पड़ती है और ना ही आरटीई सहित विभाग के कोई प्रावधान इन पर लागू होते हैं। नर्सरी से पढ़ाई शुरू करके आठवीं, 10वीं और 12वीं तक संचालित स्कूलों में तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन नई शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी का प्रावधान होने से शिक्षा विभाग को इन स्कूलों को भी मान्यता के दायरे में लाना होगा, इसलिए जरूरी है कि मान्यता के नियम भी तय हों। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ ने भी प्ले स्कूलों की मान्यता के नियम तय किए हैं। राजस्थान में शिक्षा विभाग पता नहीं कब नियम बनाएगा? इससे पहले दैनिक भास्कर शिक्षा विभाग को बता रहा है कि इन प्ले स्कूलों की मान्यता के नियमों में क्या-क्या प्रावधान होने चाहिए? भास्कर ने शिक्षा विभाग के रिटायर और वर्तमान अधिकारी, निजी स्कूल संचालक, कानून के जानकार और अभिभावकों से बात करके नियमों का पूरा ड्राफ्ट तैयार किया है। अब विभाग को चाहिए कि वह इन नियमों के आधार पर प्ले स्कूलों को भी मान्यता के दायरे में ले, ताकि विभाग के पास इन स्कूलों का रिकॉर्ड रहे और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि हो सके। सबसे पहले शिक्षा विभाग को पीएसपी पोर्टल के जरिए इन स्कूलों की मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान लागू करना चाहिए। भास्कर एक्सपर्ट पैनल स्कूल शिक्षा परिषद के पूर्व कमिश्नर और रिटायर आईएएस प्रदीप बोरड,पूर्व उपनिदेशक राधेश्याम जाट, सोसायटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष दामोदर गोयल, स्कूल क्रांति संघ की अध्यक्ष हेमलता शर्मा, एडवोकेट आनंद शर्मा, एडवोकेट यलप सिंह, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा। कोई भी शिक्षण संस्था सोसायटी या ट्रस्ट एक्ट रजिस्टर्ड होना जरूरी है, लेकिन यह प्री-प्राइमरी स्कूलें कंपनी बनाकर व्यावसायिक तरीके से संचालित हो रहे हैं। यह व्यावसायिक तौर पर व्यक्तिगत लाभ के लिए संचालित नहीं हो सकती। इनको भी सोसायटी या ट्रस्ट एक्ट में संचालित करने का प्रावधान लागू किया जाए।प्ले स्कूल समेत 21 नियमों का ड्राफ्ट तैयार, पैरेंट्स की भी जिम्मेदारी तय भास्कर एक्सपर्ट सोसायटी व ट्रस्ट एक्ट में चले स्कूल स्कूल एक्ट में हो संशोधन; प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के लिए राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम-1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 लागू है। पहले सरकार को इस एक्ट में संशोधन करना होगा और प्री प्राइमरी को एक्ट में शामिल करना होगा। फीस कंट्रोल नियम बने; इन स्कूलों को आरटीई के दायरे में भी लाया जाए। ताकि 25 प्रतिशत गरीब-जरुरतमंद बच्चों को यहां निशुल्क प्रवेश मिल सके। अभी यह प्ले स्कूल आरटीई के दायरे में नहीं है। इसी तरह से इन स्कूलों की फीस पर कंट्रोल के लिए भी पारदर्शी प्रावधान लागू किया जाए। वर्तमान में इन स्कूलों की फीस 50 हजार रुपए से 1.50 लाख रुपए सालाना तक है।
ललितपुर में शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 48 लाख रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। एक सरकारी विद्यालय के चपरासी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई लोगों को निशाना बनाया। इस मामले में एक महिला अभ्यर्थी को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाया गया। जिस पर विशेष सचिव की मोहर लगी थी। पीड़ित की शिकायत पर जखौरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना जखौरा के ग्राम चकनगवास निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र लाखन सिंह ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी। उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले थाना जखौरा के मोहल्ला डूंगरा निवासी एक युवक, जो एक स्कूल में चपरासी के पद पर तैनात है। उनसे संपर्क किया था। 19 जनवरी 2024 को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर उससे पैसे लिए गए। शिकायतकर्ता के अनुसार, उक्त युवक ने झांसी और लखनऊ के कुछ लोगों को मिलाकर एक गिरोह बनाया। इस गिरोह ने 40 से अधिक लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर 48 लाख रुपए से अधिक की ठगी की। जब देवेंद्र सिंह ने 22 दिसंबर को अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने इकरारनामा लिखकर पैसे लौटाने का वादा किया। हालांकि, पैसे वापस नहीं किए गए। दोबारा मांगने पर आरोपी के परिजनों ने 19 मई 2025 तक पैसे वापस दिलाने की बात कही। ठगों ने कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिए। एक महिला अभ्यर्थी को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में संविदा पर लिपिक के पद के लिए नियुक्ति पत्र थमाया गया। इस नियुक्ति पत्र पर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के विशेष सचिव की फर्जी मुहर भी लगाई गई थी। पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देश पर गुरुवार देर शाम ठगी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ठगी करने वालों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
जमुई में शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज न करने वाले 153 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर प्राप्त आंकड़ों के आधार पर इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई 17 दिसंबर को ई-शिक्षाकोष पोर्टल से प्राप्त ऑनलाइन उपस्थिति के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद की गई है। विभाग ने पाया कि सख्त निर्देशों के बावजूद कई शिक्षक निर्धारित समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे थे। इन 153 शिक्षकों को नोटिस जारी किया जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) नीतेश कुमार ने इन 153 शिक्षकों को नोटिस जारी किया है। उनसे 17 दिसंबर को विद्यालय पहुंचने में देरी और निर्धारित समय के बाद ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के संबंध में दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उपस्थिति दर्ज करने का निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे डीपीओ द्वारा जारी निर्देशों में बताया गया है कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने का निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे है। हालांकि, चिन्हित किए गए सभी 153 शिक्षकों ने सुबह 10 बजे से पहले उपस्थिति दर्ज नहीं की, बल्कि उन्होंने सुबह 11 बजे अपनी उपस्थिति दर्ज की। विभाग ने इस गंभीर उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों से कहा गया है कि वे नियमों की अनदेखी न करें और निर्धारित समय सीमा का पालन करें।
बीकानेर की शिक्षा सारण ने नेशनल लेवल पर शूटिंग कॉम्पिटिशन में राजस्थान के लिए स्वर्ण पदक जीत लिया है। इसके साथ ही दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं। शिक्षा सारण बचपन से ही बीकानेर में शूटिंग की तैयारी कर रही है। वो बीकानेर के कोच रघुवीर सिंह के निर्देशन में शूटिंग की कोचिंग ले रही है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज तुगलकाबाद,नई दिल्ली में आयोजित 68वीं नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप कॉम्पिटिशन (10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा) में शिक्षा सारण ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए एक स्वर्ण पदक जीत लिया। इसके साथ ही दो अन्य मुकाबलों में दो ब्रॉन्ज सहित 3 मेडल जीतकर बीकानेर का नाम रोशन किया। शिक्षा के पिता मनोज सारण ने बताया- शिक्षा ने राजस्थान टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए वूमेन सीनियर टीम में गोल्ड एवं यूथ टीम में ब्रॉन्ज मेडल सहित व्यक्तिगत स्पर्धा में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता है। बीकानेर राजघराने से प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी के बाद शिक्षा दूसरी लड़की है जिसने शूटिंग जैसे पुरुषों के एकाधिकार वाले खेल में स्वयं को साबित किया है। दैनिक भास्कर से बातचीत में शिक्षा ने बताया- इसका श्रेय वो अपने परिजनों के साथ कोच को देती है। शिक्षा बीकानेर में शिवबाड़ी रोड पर स्थित सनराईज शूटिंग एकेडमी के रघुवीर सिंह को देती है। राजस्थान में टॉप रैंक पर है राजस्थान में सोलह वर्ष आयुवर्ग में शिक्षा टॉप रैंक पर है। उसका राज्य में रैंक एक है। इस टूर्नामेंट से पहले उसकी ऑल इंडिया में सातवीं रैंकिंग थी। जिसमें अभी और सुधार होने की उम्मीद की जा रही है। वो सनराइज शूटिंग एकेडमी में नियमित अभ्यास करती है, वहीं कई बार दिल्ली और चंडीगढ़ में भी प्रेक्टिस करने जाती है।
भागलपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की बैठक:17 जिलों के प्रधानाचार्य हुए शामिल
भागलपुर के गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर, सैनिक स्कूल में गुरुवार को विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की तीन दिवसीय जिला केंद्र सशक्तिकरण बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे ने की। इस दौरान छात्रों के सर्वांगीण विकास को शिक्षा का मूल उद्देश्य बताया गया। भोज विश्वविद्यालय, भोपाल के अवकाश प्राप्त कुलपति एवं विद्या भारती के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुशवाहा और प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रथम सत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए कान्हरे ने कहा कि आज के दौर में छात्रों को कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी आवश्यक है। रवीन्द्र कान्हरे ने बताया कि विद्या भारती के विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ संस्कार देना है। उन्होंने जोर दिया कि केवल विषय ज्ञान पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों में देशभक्ति, सामाजिक समरसता और अनुशासन जैसे सद्गुणों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा सामान्य शिक्षा के साथ योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, संगीत, नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है, जो आज की आवश्यकता है। 21वीं सदी के अनुरूप ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की शिक्षा, कोडिंग और स्किल डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जा रही है। संस्थान की योजना सभी जिला केंद्रों में मॉडल स्कूल खोलने की है। साथ ही, क्षेत्रीय एवं मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा देने की पहल की जा रही है। इस अवसर पर 17 जिलों के प्रधानाचार्य और समिति सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, लक्ष्मी नारायण डोकानियां, विभाग प्रमुख सतीश कुमार सिंह, बांका जिला के जिला निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद, प्रोफेसर मधुसूदन झा, समिति सचिव उपेंद्र रजक, सुजीत कुमार, शशि भूषण मिश्र, शांतनु आनंद और विद्यालय के सभी आचार्य बंधु-भगिनी उपस्थित थे।
जामताड़ा जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के एक दैनिक कर्मी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सौरभ कुमार के रूप में हुई है, जो पिछले लगभग 17 वर्षों से इस कार्यालय में कार्यरत था। यह कार्रवाई सीआरपी (संकुल साधन सेवी) रासबिहारी झा की शिकायत के आधार पर की गई। शिकायत में बताया गया था कि सौरभ कुमार एक विपत्र (बिल) पारित कराने के एवज में अवैध रूप से रिश्वत की मांग कर रहा था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें आरोप सही पाए गए। सौरभ कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया सत्यापन के बाद एसीबी की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। शिकायतकर्ता रासबिहारी झा ने बताया कि आरोपी ने पहले 8 हजार रुपए की मांग की थी, जिसे बाद में 6 हजार रुपए में तय किया गया। तय रकम लेते ही एसीबी की टीम ने सौरभ कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम आरोपी को अपने साथ दुमका ले गई, जहां उससे पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। बताया जाता है कि आरोपी मूल रूप से बिहार के जमुई जिले का निवासी है। इस मामले को लेकर समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के पदाधिकारियों ने फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। एसीबी की इस कार्रवाई से जिले के सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश गया है।
बाड़मेर पीजी कॉलेज के स्टूडेंट फीस बढ़ोतरी और स्कॉलरशिप को लेकर कॉलेज गेट के आगे ताला लगाकर धरने पर बैठ गए। यूनिवर्सिटी और VC के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जानकारी लगने पर बाड़मेर एसडीएम और डीएसपी स्टूडेंट से बातचीत करने के लिए पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा। करीब ढाई घंटे तक प्रदर्शन और प्रशासन के 2 दिन आश्वासन के बाद स्टूडेंट मानें और धरना समाप्त किया। स्टूडेंट का कहना है कि कॉलेज की फीस अचानक 3 गुना बढ़ा दी है। जो सरासर गलत है। दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बाड़मेर के बैनर तले गुरुवार को बाड़मेर पीजी कॉलेज परिसर के आगे गेट के ताले और बेल्ट लगाकर धरने पर बैठे गए। कॉलेज के अंदर न लेक्चरर और प्रिंसिपल को भी अंदर जाने नहीं दिया गया। वहीं कॉलेज के कुछ स्टाफ अंदर खड़े नजर आए। स्टूडेंट कहना है कि यूनिवर्सिटी पहले प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 से 1400 रुपए लेता था। अब उसको बढ़ाकर 3100 से 3300 रुपए कर दिया है। जो अनैतिक और अव्यावहारिक है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षा को अपना व्यापार बना दिया है। SDM और DSP पहुंचे, ढाई घंटे चली बातचीत प्रदर्शन की सूचना मिलने पर बाड़मेर SDM यशार्थ शेखर और DSP रमेश कुमार शर्मा धरना स्थल पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने छात्रों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं। कॉलेज प्रिंसिपल मरनाली चौहान ने स्पष्ट किया कि फीस बढ़ाने का निर्णय यूनिवर्सिटी स्तर पर हुआ है और कॉलेज प्रशासन का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने छात्रों की मांग यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने की बात कही, लेकिन छात्र तत्काल समाधान की मांग पर अड़े रहे। स्कॉलरशिप लंबित, शिक्षा को व्यापार नहीं बनने देंगे ABVP के महिपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि जब दो सेमेस्टर का सिस्टम शुरू हुआ था, तब फीस बढ़ाई गई थी, लेकिन अब एक साथ तीन गुना फीस बढ़ाना गलत है। लंबे समय से छात्रों की स्कॉलरशिप भी लंबित है। उन्होंने चेतावनी दी कि शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा। प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के कुलगुरु से बात करवाई, जहां से दो दिन में समाधान का आश्वासन मिला। दो दिन का आश्वासन, धरना स्थगित प्रशासन की ओर से दो दिन के भीतर फीस और स्कॉलरशिप से जुड़े मुद्दों पर जवाब दिलाने के आश्वासन के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया। छात्रों ने साफ किया कि यदि तय समय में फीस कम नहीं हुई तो वे दोबारा धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। छात्रों की पीड़ा छात्रा सुमन सोलंकी ने कहा कि फीस एक गुना बढ़ती तो भी किसी तरह भरी जा सकती थी, लेकिन तीन गुना बढ़ोतरी हर छात्र के लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इतनी फीस में तो प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लिया जा सकता था।
झज्जर जिला स्थित नेहरू कॉलेज की जर्जर हालत को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। कॉलेज की भवन और छात्रावास की स्थिति पर विधानसभा में सवाल उठाते हुए विपक्ष ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि कॉलेज और छात्रावास की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि फिलहाल छात्रावास में कोई छात्र नहीं रह रहा है। भवन की रिपोर्ट मिलते ही एक सप्ताह के भीतर संबंधित विधायक से बातचीत की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने-अपने स्कूलों और कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए कहा है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। नेहरू कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर- MLA भुक्कल नेहरू कॉलेज को लेकर आवाज उठाते हुए झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि यह वही कॉलेज है जिसकी स्थापना देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर हुई थी और उन्हीं ने उद्घाटन किया था। इसके निर्माण में कई लोगों का योगदान रहा है। इसके बावजूद आज हॉस्टल, लैब और रेजिडेंशियल प्रोफेसरों के आवास की हालत बेहद खराब है। इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बताया गया कि भवन मरम्मत के लिए 35 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरकार बदलते ही उसे रद्द कर दिया गया। मातनहेल कॉलेज की बिल्डिंग नहीं सेफ वहीं मातनहेल कॉलेज वर्ष 2014 में स्कूल की इमारत में शुरू हुआ और 2017 में उसकी अलग बिल्डिंग बनी। विधायक ने कॉलेज की विजिलेंस जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं भवन का निरीक्षण किया है और यह सुरक्षित नहीं है। झज्जर भूकम्प का केंद्र रहा है और दो बार भूकम्प आ चुका है, ऐसे में किसी भी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विधायक ने कहा कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा लिखित में यह कहना कि किसी हादसे की जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की नहीं होगी। शिक्षा मंत्री बोले- दोषी पर कार्रवाई होगी शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे स्वयं झज्जर और मातनहेल कॉलेज का निरीक्षण करेंगे। यदि निरीक्षण में किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया कि भवन की जांच कराई जाएगी और कमी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वहीं डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि वर्ष 2000 से कॉलेज की हालत ऐसी ही है, लेकिन अब मुद्दा उठाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर स्थिति इतनी गंभीर है, तो अभी तत्काल जांच क्यों नहीं करवाई जाती।
यूरिया उपलब्धता, बालिका शिक्षा और अटल शताब्दी आयोजनों पर यूपी शासन के निर्देश
प्रदेश में उर्वरक आपूर्ति, शैक्षिक संस्थानों की स्थिति और अटल बिहारी वाजपेयी शताब्दी जयंती वर्ष के समापन कार्यक्रमों को लेकर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने प्रशासनिक तंत्र को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं
हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में शौचालयों की स्थिति सुधारने और उनके उचित रख-रखाव को सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि छात्रों की स्वच्छता और स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। बता दें कि, दो दिन पहले ही राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने पंचकुला के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल हरिपुर सेक्टर-4 का निरीक्षण किया था। उस दौरान शौचालयों की बदहाल स्थिति उन्हें नजर आई थी। इसके बाद स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं। छात्रों के लिए अलग-अलग हो व्यवस्था माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार द्वारा जारी इन आदेशों के अनुसार, सभी सरकारी स्कूलों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था अनिवार्य होगी, जो हर समय पूर्ण रूप से चालू अवस्था में होने चाहिए। इसके साथ ही प्रधानाचार्य/मुख्याध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि शौचालयों में नियमित रूप से साफ-सफाई और पर्याप्त पानी की आपूर्ति बनी रहे। डीईओ 5 प्रतिशत-बीईओ 10 प्रतिशत करेंगे निरीक्षण निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) और जिला समन्वयक अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक माह अपने अधिकार क्षेत्र के कम से कम 5 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों का निरीक्षण करें। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को हर माह कम से कम 10 प्रतिशत स्कूलों के शौचालयों का अचानक निरीक्षण करना होगा। लापरवाही मिलने पर होगी कार्रवाई निरीक्षण के दौरान यदि किसी स्कूल में शौचालयों की सफाई में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा, प्रधानाचार्य और मुख्याध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि वे शौचालयों का नियमित निरीक्षण कर उसका रिकॉर्ड निरीक्षण रजिस्टर में दर्ज करें, ताकि जवाबदेही तय की जा सके।
‘सनातन योद्धा तैयार करो’ अभियान; युवाओं को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की शिक्षा-दीक्षा देंगे
जयपुर से शुरू होने जा रहा है, सनातन योद्धा तैयार करो अभियान, जिसमें युवाओं को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की शिक्षा-दीक्षा भी दी जाएगी। यह अभियान राजधानी से शुरू होकर प्रदेश भर में चलाया जाएगा। पिछले एक महीने से चल रहे गीता महोत्सव के तहत 108 सनातन योद्धा तैयार किए गए हैं। उसी से प्रेरणा लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर दुर्गापुरा गोशाला में गीता पारायण का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें एक दिन एक साथ अखंड गीता पाठ किए जाएंगे। यह जानकारी योगी मनीष ने दी। अंतरराष्ट्रीय गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा जीओ गीता संस्थान एवं राजस्थान गीता महोत्सव आयोजन समिति द्वारा 1 दिसंबर गीता जयंती से प्रारंभ होगा। इस 21 दिवसीय राजस्थान गीता महोत्सव की पूर्णाहुति 19, 20 एवं 21 दिसंबर को की जाएगी। महोत्सव के तहत शुक्रवार को सुबह 8:15 बजे श्री गोविंददेवजी मंदिर में गीता गायत्री हवन होगा। साथ ही 108 कलश एवं गीता पोथी के विशेष पूजन के पश्चात गीता कलश पोथी यात्रा निकल जाएगी। यात्रा का उद्देश्य एवं संदेश यही है कि योगेश्वर श्री कृष्ण के गीत, गीता ज्ञान के आधार पर कर्म योग करते चलो। यात्रा के चांदनी चौक स्थित बृज निधि मंदिर पहुंचने पर मुख्य संयोजक योगाचार्य मनीष सूर्यवंशी द्वारा 18 श्लोकी गीता पाठ कराया जाएगा। 20 को संदीपनी गुरु शिष्य कॉनक्लेव एवं टॉक शो महोत्सव के तहत शनिवार को शाम 4 से 6 बजे तक होटल क्लार्क आमेर में वर्ल्ड हेल्थ एंड वैलनेस फेयर में संदीपनी गुरु शिक्षक कॉन्क्लेव एवं टॉक शो होगा। इसमें विद्यार्थी एवं युवाओं के समक्ष आने वाली समस्याओं एवं चुनौतियां का श्रीमद् भगवद् गीता के आधार पर समाधान अवधेशाचार्य महाराज, राघवेन्द्र महाराज, गोपाल शरण महाराज, आदि अनेक संत महात्मा देंगे।
ओम बिरला और धर्मेंद्र प्रधान की बैठक, कोटा में शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर सहमति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच संसद भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई
गोपालगंज में शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल शुरू हुई है। मांझा प्रखंड में तीन एकड़ सरकारी जमीन पर स्कूल, गर्ल्स हॉस्टल और कॉलेज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। चिन्हित जमीन की कराई गई पैमाइश प्रशासनिक स्तर पर इस परियोजना को गति देते हुए मांझा के अंचलाधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी की मौजूदगी में चिन्हित जमीन की पैमाइश कराई गई। तीन एकड़ के इस भूखंड का चयन सरकारी मानकों के अनुरूप किया गया है, ताकि एक ही परिसर में शैक्षणिक और आवासीय दोनों सुविधाओं का विकास किया जा सके। उच्च शिक्षा के लिए बनेगा महाविद्यालय परियोजना के तहत एक महाविद्यालय का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे स्थानीय छात्राओं और छात्रों को अपने ही क्षेत्र में उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। इससे उन्हें पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। छात्राओं के लिए बनेगा गर्ल्स हॉस्टल इस योजना का सबसे अहम हिस्सा गर्ल्स हॉस्टल है। प्रशासन का मानना है कि गांवों में छात्रावास की सुविधा नहीं होने के कारण कई छात्राएं उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़ देती हैं। हॉस्टल के निर्माण से यह बड़ी बाधा दूर होगी और छात्राओं की शिक्षा दर में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। पूरे जिले को होगा लाभ इस परियोजना के पूरा होने से न केवल मांझा प्रखंड बल्कि पूरे गोपालगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। तकनीकी स्वीकृति और टेंडर की प्रक्रिया शुरू जिला प्रशासन द्वारा पैमाइश की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब फाइल को तकनीकी अनुमोदन और निर्माण कार्य के टेंडर के लिए भेजा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। हाईवे परियोजना से जुड़े अतिक्रमण पर भी योजना इस संबंध में मांझा अंचलाधिकारी ने बताया कि सदर प्रखंड के तूरका से मांझा प्रखंड के दानापुर तल तक बनने वाली हाईवे परियोजना के तहत सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को भी वहां से हटाया जाएगा। ऐसे लोगों को बसाने के लिए दो एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। फिलहाल प्रशासन द्वारा उपयुक्त जमीन की खोज जारी है।
योगी सरकार ने 300 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले पूर्व DGP प्रशांत कुमार को रिटायरमेंट के 6 महीने बाद बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। IPS प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया है। प्रशांत कुमार का कार्यकाल 3 साल का होगा। वे उच्च और माध्यमिक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष होंगे। शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिए यूपी में माध्यमिक और उच्च शिक्षा के टीचरों की भर्ती होती है। प्रशांत कुमार यूपी के सबसे ताकतवर डीजीपी थे। मई में प्रशांत कुमार रिटायर हुए थे। उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी के खास लोगों में होती है। उन्होंने अप्लाइड जूलॉजी में MSc, डिजास्टर मैनेजमेंट में MBA और डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में M.Phil की डिग्रियां हासिल की हैं। यूपी सरकार ने 2024 में उच्च और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का विलय कर दिया था। दोनों आयोग को मिलाकर यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया था। पहले अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय थे। उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। अब प्रशांत कुमार आयोग के दूसरे अध्यक्ष होंगे। 10 दिसंबर को पूरी हुई भर्ती प्रक्रियायूपी शिक्षा चयन आयोग में नए अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया 10 दिसंबर को पूरी हुई है। आवेदन 21 अक्टूबर तक मांगे गए थे, लेकिन बाद में विज्ञापन में संशोधन किया गया और दोबारा आवेदन मांगे गए। रिटायर्ड IPS प्रशांत कुमार ने भी आवेदन किया था। पूर्व अध्यक्ष कार्ति पांडेय के इस्तीफे के बाद आयोग के काम ठप पड़े थे। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का इंटरव्यू के साथ टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। उम्मीद है कि नए अध्यक्ष की औपचारिक नियुक्ति के साथ नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो जाएंगी। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमारप्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। 300 से ज्यादा किए एनकाउंटररिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशांत कुमार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। यूपी में खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग का आतंक था। IPS प्रशांत ने अपनी टीम के साथ मिलकर इन गैंग के कई अपराधियों का सफाया किया। इन वजहों से सुर्खियों में रहे प्रशांत कुमार कांवड़ यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा कराई थीयूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशांत कुमार ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसवा दिया। इस मामले को लेकर उनकी खूब आलोचना हुई। उन्होंने कहा था- यह घटनाक्रम धार्मिक एंगल से न देखा जाए। स्वागत के लिए फूलों का इस्तेमाल होता है। प्रशासन हर धर्म का सम्मान करता है। फिर चाहे गुरुपर्व, ईद, बकरीद और जैन त्यौहार क्यों न हो। प्रशासन इन सब मौकों पर भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करता है। हाथरस कांड पर कहा था- रेप नहीं हुआ2020 में हुए हाथरस कांड में प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि इस घटना में 19 साल की दलित लड़की के साथ रेप नहीं हुआ था। लखनऊ में उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक युवती की मौत गले में चोट लगने और उससे हुए सदमे की वजह से हुई थी। फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। -------------------- यह भी पढ़िए:- एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी:नियम तोड़ने पर लगेगा भारी जुर्माना; योगी मथुरा हादसे के बाद सख्त मथुरा हादसे में 19 मौतों के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। सरकार ने आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोनों एक्सप्रेस-वे पर अभी तक छोटे वाहन (कार/जीप) ड्राइवरों को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने की परमिशन थी। अब इसे घटाकर 80 किमी कर दिया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने रूपनगर (रोपड़) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने हालिया चुनाव प्रक्रिया को लेकर आयोग की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त किया। डॉ. चीमा ने पटियाला के एसएसपी से संबंधित एक मामले का उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सख्त आदेशों के बावजूद उनका पालन नहीं हुआ। स्वतंत्र जांच के लिए क्यों नहीं भेजी ऑडियो उनके अनुसार, जिस ऑडियो की स्वतंत्र जांच के लिए चंडीगढ़ भेजी जानी थी, उसे भी चुनाव आयोग ने आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार की बदनामी के डर से चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले में निष्क्रियता बरती। डॉ. चीमा ने कहा कि राज्य मशीनरी का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किया गया, लेकिन पंजाब के लोगों ने साहस दिखाया। उन्होंने मतदान प्रतिशत पर भी सवाल उठाए। कई स्थानों पर सरपंचों को धमकाया उन्होंने बताया कि 1 करोड़ 38 लाख मतदाताओं में लगभग 80 लाख लोगों ने ही मतदान किया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जनता का सिस्टम पर भरोसा लगातार कम हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई स्थानों पर सरपंचों को धमकाया गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि यदि उनके गांव में सरकार हारती है तो उनके खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। डॉ. चीमा के अनुसार, भय और दबाव के ऐसे माहौल में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। अकाली दल के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं पार्टी में वापसी के संबंध में, डॉ. चीमा ने स्पष्ट किया कि शिरोमणि अकाली दल के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। यदि कोई व्यक्ति सच्चे दिल से वापसी करना चाहता है, तो उसका स्वागत है, लेकिन पार्टी की अपनी एक मर्यादा भी है। अंत में, डॉ. चीमा ने सभी राजनीतिक दलों से पंजाब के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब सभी संस्थाएं निष्पक्षता और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएंगी।
मुरली बाबू की 131वीं जयंती मनाई गई:न्यायमूर्ति बोले- शिक्षा समाज निर्माण का सशक्त माध्यम बनाया
बलिया के शिक्षा जगत के पुरोधा और समाजसेवी मालवीय मुरली बाबू की 131वीं जयंती बुधवार को मनाई गई। यह जयंती श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज परिसर में उनकी प्रतिमा स्थल पर गरिमामय वातावरण में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुरली बाबू द्वारा स्थापित विभिन्न शिक्षण संस्थानों, जिनमें श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज, श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलाब देवी बालिका इंटर कॉलेज, गुलाब देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय और टाउन पॉलिटेक्निक शामिल हैं, के प्रबंध समिति पदाधिकारी, प्राचार्य, प्रधानाचार्य, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि मालवीय मुरली बाबू ने शिक्षा को सेवा और समाज निर्माण का एक सशक्त माध्यम बनाया। उन्होंने जोर दिया कि उनके द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थान आज भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कारों के केंद्र बने हुए हैं। न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देने की अपील की। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव राकेश कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसके बाद मुरली बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। समारोह में पांचों शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों ने अपनी संस्थाओं की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। इस अवसर पर मेधावी एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने अध्यक्षीय संबोधन दिया, जबकि गुलाब देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक नलिनेश श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. अशोक सिंह ने किया। सम्मानित मेधावी छात्र-छात्राओं में हाईस्कूल से बाबर खान (86%), इंटरमीडिएट विज्ञान से आदित्य कुमार (80%), इंटरमीडिएट कला से राजश्री रंजन (75%), वाणिज्य वर्ग से कु. सृष्टि पाण्डेय (72%) और कृषि वर्ग से उज्ज्वल वर्मा (83%) शामिल थे। स्नातक/स्नातकोत्तर स्वर्ण पदक विजेताओं में बी.एससी से सलोनी गुप्ता, बी.एससी (कृषि) से शाक्या चौबे, बी.कॉम से आँचल सिंह, एम.ए (संस्कृत) से आरती साहनी, एम.कॉम से दीपशिखा और एम.एससी से निकिता राय को सम्मानित किया गया। अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों में प्रो. रविन्द्र नाथ मिश्र (प्राचार्य), प्रो. भागवत प्रसाद, लीलावती मिश्र, दशमी राम, डॉ. अखिलेश कुमार सिन्हा (प्रधानाचार्य), रवि प्रकाश, संजीव कुमार और दिग्विजय नारायण सिंह (प्रधानाचार्य) शामिल थे।
रामगढ़ में आजसू छात्र संघ का भिक्षा आंदोलन:शिक्षा समस्याओं और लंबित छात्रवृत्ति को लेकर प्रदर्शन
रामगढ़ जिले में आजसू छात्र संघ द्वारा 'शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन' किया जा रहा है। इस आंदोलन में हजारों की संख्या में छात्र शामिल हुए हैं। यह भिक्षा आंदोलन रामगढ़ छत्तर जेल चौक से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय, रामगढ़ तक निकाला गया। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को उजागर करना है। छात्रों को झारखंड सरकार द्वारा लंबित छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आजसू छात्र संघ ने सभी छात्र-छात्राओं, युवाओं और शिक्षा समर्थकों से इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया था। मौके पर बड़ी संख्या में छात्र हाथों में तख्तियां लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे।
लखनऊ में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने अवैध कोचिंग संस्थानों के विरोध में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पटेल प्रतिमा से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय तक मार्च निकाला। उनका कहना था कि अवैध रूप से चल रही कोचिंग बंद की जाएं और वहां बुर्का पहनना भी बंद होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में बढ़ती अनुशासनहीनता, शैक्षणिक ड्रेस के पालन में अनियमितता और सुरक्षा संबंधी इश्यू बढ़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा कार्यालय का घेराव कर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। बुर्के की आड़ में दूसरा व्यक्ति परीक्षा में बैठ सकता संगठनों का कहना है कि यह स्थिति परीक्षा और कक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। कुछ छात्रों ने आशंका जताई है कि बुर्के की आड़ में कोई अन्य व्यक्ति परीक्षा या कक्षा में शामिल हो सकता है। संगठन ने मांग की कि कक्षाओं के भीतर इस प्रकार के वस्त्र पहनने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके साथ ही ज्ञापन में विश्वविद्यालय परिसरों और छात्रावासों में बढ़ती लड़ाई-झगड़े की घटनाओं पर भी चिंता जताई गई। संगठन ने मांग की कि छात्रावासों में केवल अधिकृत छात्रों का ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाए, ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की घुसपैठ रोकी जा सके। विहिप और बजरंग दल ने बिना पंजीकरण के संचालित कोचिंग संस्थाओं को तत्काल बंद कराने, कोचिंग संस्थानों में मानकों की जांच कराने तथा बेसमेंट में चल रही कोचिंग और लाइब्रेरी पर कार्रवाई की मांग भी की। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि ज्ञापन देने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इशारों ही इशारों में भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जो लोग शस्त्र को शास्त्र से बड़ा मानते हैं, उन्हें शिक्षालयों, विश्वविद्यालयों और समाज से दूर रखा जाना चाहिए
अपेक्स यूनिवर्सिटी,जयपुर में अपेक्स इंटरनेशनल रिसर्च सेल के तत्वावधान में यूरोप से आए प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के साथ मीट एंड ग्रीट एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करना और विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के नए द्वार खोलना रहा। स्टूडेंट्स को वैश्विक शिक्षा से जुड़ने के लिए किया प्रोत्साहित कार्यक्रम में जन विजीकोव्स्की यूनिवर्सिटी, पोलैंड से आए डॉ. इंजीनियर ज़दजिस्लाव पोलकोव्स्की ने यूरोपीय उच्च शिक्षा प्रणाली की संरचना, वहां उपलब्ध रोजगार अवसरों और भारतीय विद्यार्थियों के लिए मौजूद संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इरास्मस जैसे अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रमों की जानकारी साझा करते हुए छात्रों को वैश्विक शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। शैक्षणिक सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षरइंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस, चेक गणराज्य के डॉ. रोमन डैनेल ने अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग, संयुक्त शोध परियोजनाओं और अकादमिक साझेदारी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ऐसे सहयोग से शोध की गुणवत्ता और वैश्विक दृष्टिकोण दोनों को मजबूती मिलती है। इस अवसर पर अपेक्स यूनिवर्सिटी ने पोलैंड और चेक गणराज्य के दोनों विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों के माध्यम से शोध, फैकल्टी एक्सचेंज और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय अकादमिक नेटवर्क और मजबूत होगा। कार्यक्रम अपेक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु और रजिस्ट्रार डॉ. पंकज कुमार शर्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में डीन (इंटरनेशनल) डॉ. विजय सिंह राठौड़ ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के संवाद विश्वविद्यालय को वैश्विक शिक्षा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ

