'मैंने सूद पर कुछ पैसे लिए थे। कई गुना देने के बाद भी कर्ज खत्म ही नहीं हो रहा। सूदखोर मुझे एक बार पकड़कर मार चुका है और हमेशा जान से मारने की धमकी दिलवाता है। जान बचाने के लिए इधर-उधर भागता रहता हूं। मैं अब अपनी जिंदगी से हार चुका हूं…।' ये दर्द कुशीनगर के शिक्षामित्र अश्विनी मिश्रा के हैं। उन्होंने बुधवार को पडरौना में ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। मौत को गले लगाने के पहले उन्होंने 4 पन्ने की सुसाइड नोट भी लिखा। इसके अलावा उन्होंने एक वॉट्सऐप ग्रुप पर अपनी आर्थिक हालत को बयां करते हुए साथी शिक्षकों से मार्मिक अपील भी की थी। अश्विनी की मौत की सूचना के बाद सैकड़ों शिक्षक उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे। एक टीचर तो भावुक हो गए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट पहले पढ़िए सुसाइड नोट में क्या लिखा... अश्विनी मिश्रा ने सुसाइड नोट में लिखा: मैंने सूदखोर घनश्याम वर्मा से कुछ पैसे लिए थे। जितना पैसा लिया था उससे ज्यादा ही दे चुका हूं लेकिन वो 10% सैकड़ा के हिसाब से मेरे ऊपर ब्याज चढ़ा रहा है। ब्याज पर ब्याज जोड़ रहा है। मुझे एक बार पकड़कर मार चुका है और अपने दो आदमियों से हमेशा मारने पीटने और जान से मारने की धमकी दिलवाता है। मैं जान बचाने के लिए इधर-उधर भागता रहता हूं। एक बार मुझे जहर देने की बात कर रहा था। लिहाजा मैं सूदखोर के हाथ से मरने से अच्छा है कि आत्महत्या कर लूं। मेरी आत्महत्या करने की वजह घनश्याम वर्मा की है। मैं शासन से प्रार्थना करता हूं कि इन सूदखोर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ताकि फिर किसी की जान इनकी वजह से न जाए। मेरा मानदेय बढ़ा नहीं लेकिन कर्ज बढ़ता गया। मैं अब अपनी जिंदगी से हार चुका हूं…। शिक्षा मित्र ने सुसाइड लेटर के आखिरी 3 पन्नों पर लिखा– मैं अश्विनी कुमार मिश्रा आप सभी को बताना चाहता हूं कि सुभाष प्रसाद शिक्षा मित्र को उनकी जमीन खरीदने के लिए कई बार में 4 लाख 50 हजार रुपए दे दिए हैं। जिसका गवाह रवि भूषण तिवारी और विक्रम खरवार पखनहां के लोग हैं। आज कई महीनों से न ही मुझे जमीन दे रहे हैं और न ही मेरा पैसा वापस कर रहे हैं। शासन प्रशासन से प्रार्थना है कि सुभाष से मेरे परिवार को पैसा या जमीन दिलाने की कृपा करें। अगले पेज पर लिखा– मेरे साथी केशरी पांडे उर्फ सोनू ने मेरी जमीन लिखाकर भी 3 लाख का चेक देकर उसका पेमेंट नहीं कराया और जब खेत हो गया तो अपना मोबाइल बंद कर लिया। मैंने कई बार कहा लेकिन पैसे नहीं दे रहे हैं। बाद में वो चेक भी बाउंस करा दिया। कृपया उनसे मेरे परिवार को पैसा दिलाने की कृपा करें। वाट्सएप ग्रुप पर भी छलका दर्द अश्विनी ने एक वाट्सएप ग्रुप पर लिखा– मैं अपने जिंदगी से हार चुका हूं, आप लोगों से विनती है कि मेरे परिवार का सहयोग करके मेरे क्रिया कर्म में अपना कुछ सहयोग करें। मेरा साथ देने के लिए श्मशान घाट तक सभी लोग आएं। अब पढ़िए पूरा मामला कुशीनगर मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर अहिरौली बाजार थाना क्षेत्र के बलुआ गांव के अश्विनी मिश्रा (47) 2006 में शिक्षामित्र बने थे। उनके पिता स्व. रामचन्द्र मिश्रा रिटायर्ड शिक्षक थे। कोरोना काल में पिता की मौत हो गई। शुरुआत में अश्विनी अपने ही क्षेत्र के एक प्राइमरी स्कूल में 9 साल तक शिक्षा मित्र रहे। 2015 में सपा सरकार में शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया। अश्विनी को उनके गांव से 55 किमी दूर विशुनपुरा ब्लॉक का कंपोजिट विद्यालय परखना दिया गया। उनका वेतन 39 हजार रुपए हो गया। वो अपना गांव छोड़कर यहां किराए पर रूम लेकर रहने लगे। दो साल तक वो पढ़ाते रहे। लेकिन 2017 में सरकार बदलते ही शिक्षा मित्रों को फिर से पुराने वेतन पर तैनात कर दिया गया। उनका मानदेय घटकर 10 हजार रुपए हो गया। अचानक से वेतन कम होने से उनकी आर्थिक स्थिति तंग हो गई। हालांकि, जैसे तैसे वह जीवनयापन कर रहे थे। परिजन बताते हैं कि रोज की भांति, वह बुधवार सुबह स्कूल जाने के लिए निकले थे। लेकिन स्कूल जाने की बजाय वह पडरौना में खड्डा रोड पर रेलवे फाटक के पास गोरखपुर जा रही पैसेंजर ट्रेन के सामने कूद गए। जेब में मिले मोबाइल से पुलिस ने कॉल की तो बेटे ऋषभ और पत्नी सुमन मिश्रा ने पहचान की। पुलिस को मोबाइल में सुसाइड नोट के पन्ने मिले। जिससे सुसाइड का कारण पता चला। साथी टीचर रोते हुए बोले– वो शिक्षामित्र न होता तो जिंदा होता शिक्षा मित्र अश्विनी मिश्रा के अंतिम संस्कार में कप्तानगंज राम जानकी घाट पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षा विभाग के कर्मचारी और टीचर पहुंचे। अश्विनी के साथ परखना के कंपोजिट स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर रविभूषण भावुक हो गए। उन्होंने रोते हुए बताया– अश्विनी का 14 साल का बेटा है और 10 साल की बेटी पाखी है। बेटा केंद्रीय आवासीय स्कूल में पढ़ता है। जबकि बेटी एक निजी स्कूल कक्षा 5 में पढ़ती है। कमरे का किराया और बच्चों की पढ़ाई, 10 हजार रुपए में नहीं हो पा रहा था। मानदेय बढ़ने की उम्मीद में उन्होंने कुछ लोगों से ब्याज पर कर्ज ले लिया था। कुछ पैसा उसने जमीन में लगा दिया लेकिन उसके साथ धोखाधड़ी हो गई। अश्विनी की मौत सिर्फ उसकी नौकरी की वजह से हुई है। अगर वह शिक्षामित्र नहीं होता तो आज जिंदा होता। सरकार के शिक्षा मित्रों से जो वादे किए वो झूठे हैं। 24 साल की सेवा के दौरान मानदेय में अठन्नी भी नहीं बढ़ी। 10 हजार भी समय पर नहीं मिलता। समय पर मानदेय नहीं आने की वजह से उसे कर्ज लेना पड़ा ताकि बच्चों की पढ़ाई और रूम का खर्च सब चल सके। उम्मीद थी कि दिन सुधरेंगे... रवि भूषण ने कहा– अश्विनी को उम्मीद थी कि सरकार ध्यान देगी तो दिन सुधरेंगे। स्कूल की रसोइयों तक को वो अपनी जेब से त्योहार पर 2 हजार रुपए दे देता था। मगर हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते चले गए। आलम यह कि इस बार 15 अगस्त को स्कूल आने से पहले वो रोने लगा। कहने लगा कि इस बार मेरे पास अपनी गाड़ी में तेल डलवाने के पैसे नहीं हैं, रसोइयों को कहां से दूंगा। उनको बड़ी उम्मीद होगी कि मैं पैसे दूंंगा, इसलिए मास्टर साहब मैं नहीं आऊंगा। उसकी उम्मीद टूटती जा रही थी। दूसरों को सहारा देने वाला अश्विनी अब अपने ही परिवार को बेसहारा छोड़ गए। साथी शिक्षामित्र को याद करते हुए रवि भूषण फफक कर रो पड़े। मौजूद अन्य साथियों ने रवि भूषण को संभाला। मौजूद लोगों की आंखें नम थीं। दरअसल, अश्विनी परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। राजपूत कॉलोनी में किराए के मकान में परिवार सहित रहते थे। उनकी मौत के बाद पत्नी सुमन बार-बार बेहोश हो रही हैं। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटा बोला–पापा चाहते थे क्रिकेटर बनूं पिता को मुखाग्नि देने आए बेटे ऋषभ ने कहा– पापा कहते थे कि तुम्हें क्रिकेटर बनाऊंगा, मैं केंद्रीय आवासीय विद्यालय में पढ़ता हूं। एक दिन पहले ही पापा से बात हुई थी तो उन्होंने कुछ ऐसा नहीं बताया। हम लोग को अकेला छोड़कर चले गए। अब पापा का सपना पूरा करूं या परिवार देखूं समझ नहीं आ रहा। इतना कहते हुए ऋषभ का गला भर आया। शिक्षक संघ बोला– सरकार मुआवजा और नौकरी दे यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के मंडल महामंत्री ओमकार नाथ पासवान ने कहा– अब ₹10000 में गुजारा नहीं हो पाता लेकिन सरकार गूंगी बहरी बनी हुई है। नतीजा हर रोज प्रदेश भर में कई शिक्षामित्र काल के गाल में समा रहे हैं। सरकार को सभी शिक्षा मित्रों की सुधि लेनी चाहिए। अश्विनी के परिवार को मुआवजा और नौकरी देनी चाहिए। शिक्षामित्र हरिलाल प्रसाद ने कहा– प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख शिक्षामित्रों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। जिले में ही ढाई हजार से अधिक शिक्षामित्र हैं जो 24 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अन्य प्रदेशों में 10 साल भी जिन्होंने नौकरी की, उसका वेतन बढ़ा। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है। ------------------ ये खबर भी पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट: विदा होकर आई दुल्हन, पीछे से आई चाचा–ताऊ की लाशें:कासगंज में दूल्हे का भाई बोला- हत्यारे ने बदला लिया कासगंज में जिस सपा नेता के घर में दुल्हन विदा होकर आई, उसी घर में 10 घंटे बाद दूल्हे के चाचा और ताऊ की लाश पहुंची। लाल जोड़े में आई दुल्हन और दूल्हा खुद को कोसते रहे। वे कहने लगे कि जहां से एक दिन बैंडबाजे के साथ बारात विदा हुई थी, पूरा परिवार खुशियां मना रहा था। अब वहीं से परिवार के 2 लोगों की लाशें उठ रहीं, ये मंजर देखा नहीं जा रहा। हत्यारे ने छोटी सी बात पर चाचा-ताऊ और मौसा को रौंद दिया। इसके बाद तेजी से कार भगाकर फरार हो गया। पूरी खबर पढ़ें
एचवीएम ग्लोबल स्कूल में एथलेटिक मीट: खेलों को शिक्षा से जोड़ने वाला अनोखा आयोजन
भास्कर न्यूज|लुधियाना एचवीएम ग्लोबल स्कूल सेक्टर-32 में प्री-नर्सरी से कक्षा 7 तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित एथलेटिक मीट खेल, शिक्षा और रचनात्मक गतिविधियों का अनोखा संगम बना। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय मेयर प्रिंसिपल इंदरजीत कौर ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। उनके साथ प्रेसिडेंट डीपी शर्मा, चेयरपर्सन मीना शर्मा, प्रिंसिपल प्रगति कपूर और हर्ष विद्या मंदिर की प्रिंसिपल शैलिका भी मौजूद थीं। मीट की शुरुआत मार्च पास्ट और रंग-बिरंगे गुब्बारों के संयुक्त विमोचन से हुई। इस एथलेटिक मीट की विशेषता यह रही कि इसमें खेलों के साथ शिक्षा को जोड़ा गया। बच्चों ने ऐसी दौड़ों में हिस्सा लिया जिनमें उन्हें रंगों की पहचान करनी थी, भिन्नों के सवाल हल करने थे और ट्रैक पर रखे सही उत्तर चुनते हुए फिनिश लाइन तक पहुंचना था। ध्वनि शब्दों का मिलान और नक्शे पर राज्यों व उनकी राजधानियों को सही स्थान पर लगाने जैसी गतिविधियों ने बच्चों की मानसिक फुर्ती और शारीरिक क्षमता का बेहतरीन संयोजन दिखाया। कार्यक्रम के दौरान अभिभावक लगातार बच्चों का उत्साह बढ़ाते रहे। उनकी मौजूदगी ने पूरे आयोजन को और जीवंत व प्रेरणादायक बनाया। विजेताओं को पदक देकर सम्मानित किया गया। प्री-नर्सरी से कक्षा 2 तक के विद्यार्थियों को सहभागिता पदक देकर उनका आत्मविश्वास बढ़ाया गया। मुख्य अतिथि ने विद्यालय की पहल की प्रशंसा की। प्रिंसिपल प्रगति कपूर ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
विद्यालय गोद लिया, जरूरतमंद परिवारों के 53 बच्चों की शिक्षा का खर्च सालभर करेंगे वहन
सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल पेश करते हुए रोटरी क्लब जयपुर सेंट्रल ने मानसरोवर में गायत्री परिवार द्वारा संचालित विद्यालय को गोद लिया है। क्लब के प्रतिनिधियों ने इस विद्यालय के 53 जरूरतमंद बच्चों की एक वर्ष की संपूर्ण शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की है। इस कार्य के लिए 6 लाख रुपए की राशि क्लब सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से वहन की जाएगी। रोटरी क्लब जयपुर सेंट्रल के अध्यक्ष हेमेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षा ही समाज के निर्माण का आधार है और वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना संस्था का लक्ष्य है। क्लब सदस्यों ने आगे भी ऐसे सामाजिक उत्थान कार्य जारी रखने का संकल्प लिया है। विद्यालय को गोद लेने की घोषणा से पहले विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सेक्रेटरी रवीना प्रतीक, रोटेरियन नरेंद्र (नगेंद्र) चौधरी, अशोक पाटनी सहित रोटरी क्लब के कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे। स्थापना के 25 वर्ष पूरे रोटरी क्लब जयपुर सेंट्रल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेन्द्र काला ने बताया कि रोटरी क्लब जयपुर की स्थापना हुए 25 साल हो गए हैं। शिप्रा पथ मानसरोवर स्थित वृद्धाश्रम को भी गोद ले रखे हैं। वहां पर सभी तरह के जरूरत के सामान क्लब की आेर से पहुंचाए जाते हैं। इसके अलावा मेडिकल व ब्लड डोनेशन कैंप, एजुकेशन लेक्चरर, हेल्थ फेयर, जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक भी किया जाता है।
प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) गायत्री राठौड़ अस्पतालों में व्यवस्थाओं में सुधार के लिए लगातार औचक निरीक्षण कर रही हैं। एसएमएस अस्पताल में मरीजों का भार कम करने के लिए प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अस्पताल में सुपरस्पेशलिटी कार्डियो, न्यूरो, यूरोलॉजी एवं गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी के लिए अलग से ब्लॉक बनेंगे। जिससे मरीजों को एक ही जगह इलाज की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही मैनपावर की कमी भी दूर होगी। गायत्री राठौड़ ने शुक्रवार को आरयूएचएस अस्पताल में जांच, दवा एवं व्यवस्थाओं के साथ आउटडोर, इमरजेंसी यूनिट, आईसीयू एवं वार्ड का भी औचक निरीक्षण किया। मरीजों से फीडबैक भी लिया। चिकित्सक एवं स्टाफ की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेस सिस्टम लागू करने की बात कही और अधिकारियों को निर्देश दिए। मीटिंग में आरयूएचएस के कुलपति डॉ. प्रमोद येवले, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव ललित कुमार, आयुक्त ( मेडिकल शिक्षा) नरेश गोयल, आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेश मंगल समेत अनेक डॉक्टर उपस्थित थे। गायत्री राठौड़ ने मां योजना के काउंटर और पंजीकरण केन्द्र पर पात्र मरीजों को लाभ मिलने, सीनियर रेजिडेंट की सेवाएं लेने के निर्देश दिए। वहीं, प्रदेश के बड़े अस्पतालों में मरीजों को क्वालिटी युक्त इलाज एवं सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जयपुरिया अस्पताल की तर्ज पर क्यू मैनेजमेंट सिस्टम एवं हेल्प डेस्क व्यवस्था लागू की जाएगी। गायत्री राठौड़ के जयपुरिया अस्पताल में निरीक्षण के दौरान संविदा पर नर्सिंग कर्मचारियों को मौके पर ही नौकरी पर वापस रखने के आदेश दिए। पुराना टेंडर तुरंत प्रभाव से निरस्त कर नया टेंडर जारी करने के साथ ही संबंधित अधिकारी को आज से पुराने कर्मचारियों की सेवाएं निरंतर रखने के निर्देश दिए। सैटेलाइट बनीपार्क मामले में अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी सैटेलाइट बनीपार्क अस्पताल में 9 साल से सामान्य आपरेशन नहीं होने के मामले में मेडिकल शिक्षा सचिव गायत्री राठौड़ ने अस्पताल के अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। एसएमएस अस्पताल पर मरीजों का भार कम करने के लिए यहां पर किस तरह से मरीजों को क्वालिटी केयर मिल सकती है। इसके अलावा जांच एवं इलाज की सुविधाओं में किस तरह से विस्तार से किया जा सकता है। भास्कर में 4 दिसंबर को दो साल से सामान्य ऑपरेशन बंद, आर्थोपेडिक्स-ENT डॉक्टर ही नहीं शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
एलन स्टूडेंट्स ने सिटी पार्क में बिताए यादगार पल, शिक्षा के साथ मनोरंजन का भी अनुभव
कोटा के एलन करियर इंस्टीट्यूट के छात्रों ने सिटी पार्क में विशेष भ्रमण का आनंद लिया। करीब तीन हजार छात्रों ने मेंटोर और फैकल्टी के साथ पार्क में खेल-कूद, घूमने-फिरने और यादगार पल बिताए, जिससे उन्हें मानसिक ताजगी और ऊर्जा का अनुभव भी हुआ।
सलूंबर में जिला कलक्टर अवधेश मीना ने डीएमएफटी के तहत 107.47 करोड़ रुपये की 889 विकास परियोजनाओं की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की। स्वीकृत कार्य शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में तेजी लाएंगे, जिससे आमजन को विकास का शीघ्र लाभ मिलेगा।
किसान यूनियन ने सौंपा ज्ञापन:वृद्ध-विधवा पेंशन समान करने, शिक्षा-चिकित्सा निशुल्क करने की भी मांग
भारतीय किसान यूनियन अंबावता गुट ने किसानों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन अनीश गाजी एडवोकेट के नेतृत्व में दिया गया। ज्ञापन में मुख्य रूप से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग की गई। इसके साथ ही, वृद्ध और विधवा पेंशन को पूरे भारत में एक समान लागू करने की बात भी कही गई। यूनियन ने शिक्षा और चिकित्सा को पूरे देश में निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की। किसानों के संपूर्ण कर्ज माफी, अनाज की कालाबाजारी पर रोक लगाने और सिंचाई के लिए निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने जैसी मांगें भी इसमें शामिल थीं। भूमि अधिग्रहण के संबंध में, किसानों ने मांग की कि पहले ब्याज दर और उचित मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उनका तर्क था कि इससे किसानों को भूमि अधिग्रहण से होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस अवसर पर नाजीर अली (प्रदेश सचिव), शाकीर आलम (जिला संगठन मंत्री), चौधरी भ्रम सिंह, चौधरी कुशल वीर मालिक, डॉक्टर रामावतार सिंह और मोहम्मद परवेज एडवोकेट सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने 'कॉलेज चलो अभियान' का पहला चरण शुरू किया। 5 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान में 12वीं के विद्यार्थियों को महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम, छात्रवृत्ति और रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जाएगी।
राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के संशोधित नियम 266 को चुनौती देने वाली याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने खारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति बलजिंदर सिंह संधू की खंडपीठ ने 3 दिसंबर 2025 को सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि सामान्य बच्चों को पढ़ाने और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (Special Needs) को पढ़ाने की प्रक्रिया पूरी तरह अलग है, इसलिए दोनों के लिए अलग-अलग कैडर और योग्यता होना उचित है। राज्य को इन दोनों की अलग-अलग योग्यताएं निर्धारित करने का अधिकार है। याचिका में क्या थी मांग? जोधपुर, उदयपुर और डीडवाना (नागौर) जिलों के प्रदीप गुर्जर, दिलीप कुमार, सुमन, मधु प्रजापत और संजय पंवार सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के संशोधित नियम 266 को चुनौती दी थी। इसमें राज्य सरकार, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक बीकानेर, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) नई दिल्ली और भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली को प्रतिवादी बनाया गया। वकील ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्पेशल एजुकेशन में एलिमेंट्री टीचर की योग्यता रखता है, तो उसे जनरल एजुकेशन के प्राइमरी और अपर-प्राइमरी टीचर पद के लिए भी योग्य माना जाना चाहिए। उन्होंने इसी आधार पर जनरल एजुकेशन के लिए जारी विज्ञापन को भी चुनौती दी थी। वकील ने तर्क दिया कि विज्ञापन में NCTE की 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचनाओं में उल्लेखित योग्यताओं को हटा दिया गया है। राज्य प्राधिकरण NCTE द्वारा निर्धारित योग्यताओं से अलग नहीं हो सकते, क्योंकि NCTE कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता तय करने वाली प्राथमिक संस्था है। कोर्ट ने कहा- दोनों का कार्यक्षेत्र अलग मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने सही तरीके से पदों को 'जनरल एजुकेशन' और 'स्पेशल एजुकेशन' में विभाजित किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा- हालांकि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल शिक्षक के पद अध्यापन के लिए हैं, लेकिन विशेष शिक्षा (Special Education) के लिए शिक्षण प्रक्रिया सामान्य शिक्षा (General Education) से पूरी तरह अलग है। रेसिप्रोकल (Reciprocal) नियम का हवाला कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस तरह जनरल एजुकेशन के लिए ट्रेंड शिक्षक, स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए योग्य नहीं होते, ठीक उसी तरह स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षित शिक्षक, जनरल एजुकेशन के स्कूलों में पढ़ाने के पात्र नहीं हो सकते। एनसीटीई (NCTE) की योग्यता के तर्क पर कोर्ट ने कहा कि एनसीटीई द्वारा निर्धारित योग्यता एक सामान्य नियम है, लेकिन राज्य सरकार को विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर चयन प्रक्रिया और योग्यता तय करने का अधिकार है। नियम 266 वैध करार, याचिका खारिज कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वास्तव में, NCTE में विशेष शिक्षा की योग्यता केवल उन छात्रों को पढ़ाने के लिए है, जिन्हें विशेष शिक्षा की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि ये दो अलग-अलग वर्ग हैं और इसलिए राज्य द्वारा अलग चयन प्रक्रिया और अलग योग्यताएं बनाई जा सकती हैं। कोर्ट ने कहा कि तर्कों के समय याचिकाकर्ताओं के वकील द्वारा कोई अन्य आधार नहीं उठाया गया। इसलिए कोर्ट ने NCTE द्वारा निर्धारित योग्यताओं के विपरीत नियम 266 को अवैध मानने का कोई कारण नहीं पाया। कोर्ट ने रिट याचिका को गलत धारणा पर आधारित बताते हुए खारिज कर दिया।
भिवानी के पंचायत भवन में आज यानी 5 दिसंबर को दोपहर 3 बजे ग्रीवेंस कमेटी की बैठक होगी। जिसमें शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा शामिल होंगे। बैठक में 13 शिकायतें रखी जाएंगी, जिनकी शिक्षा मंत्री सुनवाई कर मौके पर ही समाधान करेंगे। नगराधीश अनिल कुमार ने बताया कि ग्रीवांस कमेटी में रखे जाने वाली शिकायतों में 5 शिकायतें पुरानी हैं और 8 नए मामले हैं। शिक्षा मंत्री के समक्ष रखे जाने वाले परिवादों में स्थानीय सैशन कॉलोनी निवासी सुभाष की शिकायत पुलिस से संबंधित, गांव झुप्पा निवासी सुनीता की शिकायत एसपी और एडीसी से संबंधित, सेक्टर 13 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भिवानी के प्रधान रामकिशन शर्मा की शिकायत कार्यकारी अधिकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से संबंधित है। संदीप कीर्ति नगर भिवानी की शिकायत एसपी से संबंधित, गांव गोलपुरा मजरा आसलवास मरहेटा निवासी धन सिंह की शिकायत उपमंडल अधिकारी ना. भिवानी से संबंधित है, जो कि पुराने मामले हैं। ये 8 नए मामले रखे जाएंगे नए मामलों में फैंसी चौक भिवानी निवासी धर्म सिंह की शिकायत पुलिस अधीक्षक और सिविल सर्जन से संबंधित, बवानीखेड़ा के वार्ड नंबर-15 निवासी चिरंजीलाल की शिकायत कार्यकारी अभियंता दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से संबंधित, युवा एकता संगठन खानक व समस्त ग्राम वासी की शिकायत क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भिवानी से संबंधित, निदेशक पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय की शिकायत सिविल सर्जन भिवानी से संबंधित, हालु बाजार निवासी सीताराम शर्मा की शिकायत कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद भिवानी से संबंधित है। इसी प्रकार से नवदीप कॉलोनी हिसार की निवासी सुलोचना पत्नी बलजीत सिंह पटवारी की शिकायत डाकघर अधीक्षक भिवानी से संबंधित, गांव तालु निवासी विनोद की शिकायत अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग भिवानी से संबंधित तथा समस्त गली निवासी ढाणा रोड़ भिवानी की शिकायत अधीक्षक अभियंता जनस्वास्थ एवं अभियांत्रिकी विभाग भिवानी से संबंधित है।
वित्त रहित शिक्षा: स्कूल-इंटर कॉलेज जमा नहीं करेंगे अनुदान का आवेदन
एजुकेशन रिपोर्टर| रांची राज्य के इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय और मदरसा संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के िलए अनुदान आवेदन नहीं भरने का सामूहिक निर्णय लिया है। यह फैसला गुरुवार को आयोजित मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने बताया कि 9 दिसंबर को विधानसभा के सामने एकदिवसीय महाधरना दिया जाएगा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 195 स्वीकृत इंटर कॉलेज, 300 से अधिक उच्च विद्यालय, 46 मदरसा और 40 संस्कृत विद्यालय संचालित हैं, जिन्हें साल में एक बार अनुदान मिलता है। 10 वर्षों से अनुदान राशि में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि संबद्ध डिग्री कॉलेज को 75% अनुदान वृद्धि का लाभ दिया जा चुका है। वित्त रहित संघर्ष मोर्चा ने कहा कि अनुदान राशि जिला कोषागार में अटक जाती है। इतना ही नहीं 12% बकाया अनुदान महीनों से संस्थानों तक नहीं पहुंचा है। जबकि किसान सम्मान निधि की तरह अनुदान सीधे संस्थाओं के खाते में भेजने का आदेश 2020 में ही जारी हो चुका है। {समान नियमावली के बावजूद 75% बढ़ोतरी केवल संबद्ध डिग्री कॉलेज को की गई है। {वित्त व विधि विभाग की सहमति के बाद भी निर्णय लंबित। {राज्यकर्मी का दर्जा देने का प्रस्ताव पेंडिंग है। {महंगाई बढ़ने के बावजूद अनुदान बढ़ोतरी पर निर्णय नहीं। {सावित्रीबाई फुले योजना और पेन नंबर से जुड़ी जटिलताओं का समाधान नहीं।
उच्च शिक्षा में पंजाबी को बढ़ावा : तकनीकी क्षेत्र से भी जुड़ाव
भास्कर न्यूज | लुधियाना गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के भाषा-साहित्य-सांस्कृतिक मामलों के निर्देशनालय की ओर से विज्ञान व अन्य विषयों में पंजाबी को माध्यम बनाने की प्रगति और चुनौतियां विषय पर उच्च स्तरीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई। को-ऑर्डिनेटर जसपाल सिंह ने बताया कि इंग्लैंड से आए डॉ. बलदेव सिंह और शिंदरपाल सिंह माहल ने अपने शोध कार्यों और तैयार किए पाठ्यक्रमों के जरिए पंजाबी भाषा में विज्ञान शिक्षा के विस्तार पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने ‘विज्ञान क्या है’ और ‘विज्ञान तर्क’ जैसी पुस्तकों के जरिए प्रगतिशील विचारधारा को आगे बढ़ाया है। डॉ. सीपी कम्बोज ने बताया कि पंजाबी यूनिकोड और तकनीकी कोर्सों से छात्रों, प्रकाशकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय युवाओं को बड़ा लाभ मिल रहा है। सभा में वक्ताओं ने अदालतों में पंजाबी भाषा लागू करने में हो रही देरी को भी चिंता का विषय बताया। डॉ. गुलजार सिंह पंधेर, डॉ. हरि सिंह जाचक समेत कई विद्वानों ने पंजाबी को आधुनिक, व्यावहारिक और वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद और साहित्यकार शामिल हुए।
किशोरियों के लिए शिक्षा, सुरक्षा के बताए गए उपाय
भास्कर न्यूज| अररिया बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत 100 दिवसीय जागरूकता अभियान के दौरान मंगलवार को नोबेल एकेडमी फारबिसगंज में जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी (मिशन शक्ति) ने किया। सत्र में उपस्थित छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं समुदाय प्रतिनिधियों को बाल विवाह के सामाजिक, शारीरिक और कानूनी दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई। बाल विवाह अधिनियम और इसके उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। महिला हेल्पलाइन 181, बाल संरक्षण तंत्र तथा संबंधित विभागीय सेवाओं की भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि बाल विवाह शिक्षा, स्वास्थ्य, मानसिक विकास और भविष्य की प्रगति पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। यह भी बताया गया कि सामुदायिक सतर्कता, समय पर सूचना और सक्रिय भागीदारी इस कुप्रथा के उन्मूलन की सबसे प्रभावी रणनीति है। सत्र में किशोरियों की शिक्षा, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, जीवन-कौशल विकास तथा मिशन शक्ति द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारियां भी प्रदान की गईं। प्रतिभागियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने और संदिग्ध मामलों की तत्काल सूचना विभागीय तंत्र को देने के लिए प्रेरित किया गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नवाचार जरूरी , टीएलएम मेले का आयोजन
एजुकेशन रिपोर्टर|बेतिया उत्क्रमित उच्च विद्यालय महोदीपुर मझौलिया में गुरुवार को संकुल स्तरीय टीएलएम मेला आयोजित किया गया। मेले में संकुल क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों से आए प्रतिभागियों ने अपना टीएलएम प्रदर्शित किया। इसके पूर्व मेले का उद्घाटन बीईओ मझौलिया, प्रधानाध्यापक राजीव रंजन, समन्वयक सुरेश सिंह, मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक शंकर साह,शिक्षक अनिल सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर बीईओ ने कहा कि गुणवतापूर्ण शिक्षण में टीएलएम की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी शिक्षकों को बेहतर शिक्षण के लिए नवाचार दिखाना चाहिए। वहीं प्रधानाध्यापक राजीव रंजन ने कहा कि शिक्षा में नवाचार काफी मददगार साबित होता है। इससे न केवल बच्चों की रूचि बढ़ती है बल्कि शिक्षण शैली में भी निखार आता है। टीएलएम मेला में आए प्रदर्शों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल में शामिल नवल किशोर पंडित, इंद्रजीत कुमार मिश्रा, इब्राहिम अंसारी, मो इंतजार व मेधावी कुमारी की टीम ने की।प्रथम स्थान प्राथमिक विद्यालय भटवलिया खैरवा ने हासिल किया। इस विद्यालय की ओर से गणित के जोड़ घटाव पर आधारित टीएलएम तैयार किया गया था। दूसरा स्थान यूएमएस चैलाभार के नाम रहा। यहां से गणित में आकृति ज्ञान से संबंधित टीएलएम बनाया गया था। तीसरा स्थान यूएमएस चैता का रहा जिसने विज्ञान में पारदर्शी व अपारदर्शी कंसेप्ट पर टीएलएम तैयार किया था।
ललितपुर जिलाधिकारी सत्य प्रकाश ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यों और योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इसका उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना और शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना था। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के सभी कार्यों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना के तहत निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन की गुणवत्ता पर विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बच्चों को अच्छा और स्वादिष्ट भोजन वितरित करने में कोई लापरवाही न बरती जाए। इसके साथ ही, उन्होंने निर्धारित दिनों में फल और दूध वितरण के संबंध में भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि दूध और फल वितरण की जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो उपलब्ध कराई जाएं और निरीक्षण के दौरान इसका विशेष ध्यान रखा जाए।कार्यों में लापरवाही और ऑनलाइन व ऑफलाइन डेटा में अंतर पाए जाने पर जिलाधिकारी ने एमआईएस मैनेजर और जिला समन्वय को चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण तलब किया। विकासखंड बार और जखौरा के परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों की कम उपस्थिति पाए जाने पर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया।इसके अतिरिक्त, बैठक में अनुपस्थित रहने और बिना सूचना दिए जिला मुख्यालय छोड़ने पर जिला विपणन अधिकारी का भी स्पष्टीकरण तलब किया गया। जिलाधिकारी ने जर्जर विद्यालयों के ध्वस्तीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता (एई) को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार ध्वस्तीकरण का कार्य शीघ्रता से किया जाए, ताकि जनपद में बच्चों के लिए नए विद्यालय बनाए जा सकें। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को स्थानांतरित करने के मामले को गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता विद्युत को कड़े निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग द्वारा धनराशि दिए जाने के बावजूद अभी तक लाइन शिफ्ट न होने पर प्रबंध निदेशक (एमडी) विद्युत को उनकी ओर से पत्राचार किया जाए।
चंडीगढ़ में अब स्कूल समय के दौरान शिक्षक निदेशालय के कार्यालय में नहीं जा सके। यह फैसला शिक्षा विभाग की तरफ से लिया गया है। इसके पीछे विभाग की दलील है कि इस वजह से स्कूलों में स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे में वह स्कूल टाइम में ही इस तरह की विजिट करे। अब दो प्वाइंटों में जाने क्या लिखा है - 1. हमने देखा है कि कई शिक्षक और स्कूल कर्मचारी स्कूल के समय में ही दफ्तर आ जाते हैं। इससे स्कूल की पढ़ाई और कामकाज में दिक्कत होती है। 2. सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को बताया जाता है कि स्कूल के समय दफ्तर न आएं। अगर दफ्तर से बुलाया जाए तभी आएं। बाकी किसी भी काम के लिए आप स्कूल का समय खत्म होने के बाद ही दफ्तर आएं। क्यों देने पड़े है ऑर्डर जानकारी के मुताबिक अब एग्जाम में कुछ ही महीने शेष रह गए है। ऐसे में विभाग नहीं चाहता कि स्कूल में स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो। दूसरा कई मुलाजिम लंबे समय तक दफ्तरों में बैठे रहते है। इससे स्कूल का काम भी प्रभावित होता है। दूसरी तरफ दिसंबर अंत में छुट्टियां आ जाती है। जबकि फरवरी से एग्जाम शुरू हो जाते है। चंडीगढ़ में कुल 115 स्कूल हैं।
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर बलरामपुर तहसील के धुसाह स्थित गिफ्टेबल फाउंडेशन द्वारा संचालित समावेशी शिक्षा विद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला और जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। दोनों अतिथियों ने विद्यालय में पढ़ रहे दिव्यांग विद्यार्थियों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नृत्य, समूहगान और प्रेरक गतिविधियों सहित विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। बच्चों के उत्साह, कौशल और आत्मविश्वासपूर्ण प्रदर्शन से सभी अतिथि और उपस्थित लोग प्रभावित हुए। इस अवसर पर जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने कहा कि दिव्यांग बच्चे अत्यंत प्रतिभाशाली होते हैं। उन्हें समान अवसर और उपयुक्त वातावरण प्रदान कर उनकी क्षमताओं को और निखारा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन ऐसे बच्चों के अधिकारों और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम में संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
बहादुरगढ़ के ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम में बास्केटबॉल पोल गिरने से हुई खिलाड़ी अमन की मौत के बाद जहां खेल विभाग ने मामले से पल्ला झाड़ लिया था, वहीं अब शिक्षा विभाग ने स्टेडियम और उससे जुड़े व्यवस्थागत मुद्दों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में रेलवे रोड स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) की मीटिंग आयोजित की गई। इस मीटिंग में स्टेडियम और स्कूल से जुड़ी कई अहम सुरक्षा संबंधी कमियों पर चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। नाहरा-नाहरी गेट को किया जाएगा बंद बैठक में सबसे पहले नाहरा- नाहरी रोड की ओर स्थित गेट को बंद करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। समिति का कहना था कि यह गेट सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है और इसकी वजह से विद्यार्थियों के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा हो रहा था। वहीं सीबीएसई की गाइडलाइंस के अनुसार नाहरा- नाहरी रोड पर नया द्वार पहले ही बनाया जा चुका है, इसलिए पुराने द्वार को स्थायी रूप से बंद करने पर भी सहमति बनी। इसी के साथ बिना किसी अनुमति के स्टेडियम में चल रही खेल नर्सरी को भी तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया। व्यायामशाला का भवन जर्जर, विस्थापित होगा बैठक में यह तथ्य सामने आया कि स्टेडियम परिसर में संचालित व्यायामशाला का भवन और सीढ़ियां काफी समय से जर्जर हैं और इनका उपयोग बेहद खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। इसलिए समिति ने इसे कंडम घोषित कर हटाने तथा व्यायामशाला को पूरी तरह स्टेडियम परिसर से विस्थापित करने का निर्णय लिया। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि यह व्यायामशाला में खेल नर्सरी स्कूल प्रबंधन की बिना अनुमति चल रही थी, जो नियमों का उल्लंघन है। स्कूल की सुरक्षा के लिए लिए कई निर्णय स्कूल की अवसंरचना से जुड़े मुद्दों पर भी बैठक में गंभीरता से विचार किया गया। रेलवे रोड की तरफ स्थित विद्यालय का मुख्य द्वार जर्जर स्थिति में पाया गया, जिसके पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस कार्य की पूर्ण जिम्मेदारी बहादुरगढ़ शिक्षा सभा के प्रधान श्रीनिवास गुप्ता ने लेने की घोषणा की। विद्यार्थियों की सुविधा और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए समिति ने कई अन्य सुधारात्मक कदमों को भी मंजूरी दी। नवनिर्मित कमरों के सामने स्थित बरामदे में ग्रिल लगवाने, सीढ़ियों पर पत्थर बिछवाने, तथा खराब हो चुके सीसीटीवी कैमरों को नए कैमरों से बदलने जैसे प्रस्तावों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आग्रह किया गया। समिति सदस्यों का मानना था कि विद्यालय परिसर में सुरक्षा मानकों को लेकर लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है, विशेषकर तब जब स्टेडियम में अमन की दुखद मौत जैसी घटना हो चुकी है। यह लोग रहे मौजूद बैठक की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या मंजू रानी ने की। इस दौरान उप-प्राचार्या सुशीला देवी, एसएमसी इंचार्ज संजय मलिक, पार्षद राजेश तंवर, शिक्षा विद सतीश शर्मा, प्रधान मनीष कुमार, प्राध्यापक अनिल अहलावत, दिनेश कुमार, जलदीप चाहर, विजय छिल्लर, सीमा खत्री, अन्नु राणा सहित एसएमसी सदस्य अशोक, मुकेश, सुनीत, मंजीत आदि मौजूद रहे। अब शिक्षा विभाग पर टिक गई जिम्मेदारी बता दें कि, अमन की मौत के मामले में खेल विभाग के स्पष्ट रूप से जिम्मेदारी नकारने के बाद अब पूरा ध्यान शिक्षा विभाग पर आ गया है। यह स्टेडियम शिक्षा विभाग की जमीन पर बना हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी जांच में यह स्पष्ट हो पाएगा कि स्टेडियम का वास्तविक रखरखाव किसके जिम्मे था और सुरक्षा इंतजामों में किसकी लापरवाही सामने आती है। हादसे की जांच एसडीएम नसीब कुमार की अध्यक्षता में एक संयुक्त टीम कर रही है। यह टीम शिक्षा विभाग, नगर परिषद और खेल विभाग द्वारा पिछले वर्षों में किए गए खर्च व रखरखाव के रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है। एसडीएम के अनुसार इस सप्ताह जांच रिपोर्ट आने की संभावना है। स्वास्थ्य विभाग पीजीआई की लापरवाही की भी जांच कर रहा हादसे में घायल अमन को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। यह भी आरोप है कि इलाज में देर या लापरवाही की संभावना मौजूद है, जिसकी अलग से स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। कैसे हुआ हादसा? 23 नवंबर को को अमन स्टेडियम में अभ्यास कर रहा था। इसी दौरान बास्केटबॉल पोल अचानक गिर गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत पीजीआई ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। 25 नवंबर को अमन का अंतिम संस्कार कर दिया गया और परिवार में शादी होने के कारण तीन दिन के भीतर ही गुरुवार को तेरहवीं भी कर दी गई। अब तक जिम्मेदार तय नहीं, सवाल पोल किसने लगाए खेल विभाग द्वारा अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है? स्टेडियम शिक्षा विभाग की जमीन पर है। कुश्ती हाल खेल विभाग का है। रखरखाव का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं। नगर परिषद ने भी वर्षों में कई कार्य करवाए हैं लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यहां पर बास्केटबाल पोल किसने लगवाए थे। ये पोल कई साल पुराने हैं। पोल तो वहां से हटा दिए गए हैं, लेकिन इस जटिल स्थिति के कारण अभी तक किसी भी विभाग की जिम्मेदारी स्पष्ट नहीं हो पाई है। एसडीएम की रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि अमन की मौत किसकी लापरवाही का नतीजा थी और अब आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।
भिवानी में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक कल:शिक्षा मंत्री ढांडा होंगे शामिल; 13 शिकायतें रखी जाएंगी
भिवानी के पंचायत भवन में कल यानी 5 दिसंबर को दोपहर 3 बजे ग्रीवेंस कमेटी की बैठक होगी। जिसमें शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा शामिल होंगे। बैठक में 13 शिकायतें रखी जाएंगी, जिनकी शिक्षा मंत्री सुनवाई कर मौके पर ही समाधान करेंगे। नगराधीश (CTM) अनिल कुमार ने बताया कि ग्रीवांस कमेटी में रखे जाने वाली शिकायतों में 5 शिकायतें पुरानी हैं और 8 नए मामले हैं। शिक्षा मंत्री के समक्ष रखे जाने वाले परिवादों में स्थानीय सैशन कॉलोनी निवासी सुभाष की शिकायत पुलिस से संबंधित, गांव झुप्पा निवासी सुनीता की शिकायत एसपी और एडीसी से संबंधित, सेक्टर 13 रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भिवानी के प्रधान रामकिशन शर्मा की शिकायत कार्यकारी अधिकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से संबंधित है। संदीप कीर्ति नगर भिवानी की शिकायत एसपी से संबंधित, गांव गोलपुरा मजरा आसलवास मरहेटा निवासी धन सिंह की शिकायत उपमंडल अधिकारी ना. भिवानी से संबंधित है, जो कि पुराने मामले हैं। ये 8 नए मामले रखे जाएंगे नए मामलों में फैंसी चौक भिवानी निवासी धर्म सिंह की शिकायत पुलिस अधीक्षक और सिविल सर्जन से संबंधित, बवानीखेड़ा के वार्ड नंबर-15 निवासी चिरंजीलाल की शिकायत कार्यकारी अभियंता दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से संबंधित, युवा एकता संगठन खानक व समस्त ग्राम वासी की शिकायत क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भिवानी से संबंधित, निदेशक पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय की शिकायत सिविल सर्जन भिवानी से संबंधित, हालु बाजार निवासी सीताराम शर्मा की शिकायत कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद भिवानी से संबंधित है। इसी प्रकार से नवदीप कॉलोनी हिसार की निवासी सुलोचना पत्नी बलजीत सिंह पटवारी की शिकायत डाकघर अधीक्षक भिवानी से संबंधित, गांव तालु निवासी विनोद की शिकायत अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग भिवानी से संबंधित तथा समस्त गली निवासी ढाणा रोड़ भिवानी की शिकायत अधीक्षक अभियंता जनस्वास्थ एवं अभियांत्रिकी विभाग भिवानी से संबंधित है।
सवाईमाधोपुर के शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय में छात्रों ने स्वच्छ पेयजल, शौचालय सफाई और कक्षाओं के अनियमित संचालन के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रशासन से तुरंत सुधार की मांग की, जिससे कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था और सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता उजागर हुई।
गोरखपुर के रोटरी क्लब मिडटाउन ने शिक्षा के साथ-साथ छात्राओं के स्वास्थ्य के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए गुरुवार को शहर के दीवान बाजार स्थित रामदेई कन्या इंटर कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। सुबह 11 बजे आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहित करना था। इस अवसर पर उनकी शैक्षणिक और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए क्लब ने उन्हें मुफ्त कॉपियां, स्टेशनरी किट और सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया। जिससे उनके चेहरे खिल उठे। सदस्यों ने बढ़ाया छात्राओं का मनोबल इस दौरान छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए रोटरी क्लब के कई सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित रहे। सदस्यों में रो. श्याम कृष्ण अग्रवाल, रो. अशोक अग्रवाल, रो. सुधीर जैन, रो. राजकुमार बथवाल और रो. अजय चंदवासिया शामिल थे। साथ ही, नीलम अनंत, ट्रस्टी अर्चना अग्रवाल, स्मिता अग्रवाल, नीलम गोपाल और शोभा अग्रवाल ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्हें भविष्य में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की सफलता पर, क्लब अध्यक्ष रो. अल्पना जैन और सचिव रो. शिखा जैन ने विद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रिंसिपल और टीचर्स के सहयोग की सराहना की, और कार्यक्रम में उपस्थित होकर छात्राओं का उत्साहवर्धन करने के लिए क्लब के सभी सम्मानित सदस्यों का
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फिनलैंड भेजे गए 72 प्राइमरी स्कूल अध्यापकों में से एक, पठानकोट की महिला टीचर राजीव कंडा प्रशिक्षण पूरा कर लौट आई हैं। सरकारी प्राइमरी स्कूल नलूंगा की ईटीटी अध्यापिका राजीव कंडा का जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंटरी) कमलदीप कौर और उप जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंटरी) डीजी सिंह ने स्वागत किया। अधिकारियों ने बताया कि मेरिट के आधार पर चुनी गईं महिला टीचर राजीव कंडा फिनलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्साहित हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस अंतरराष्ट्रीय ट्रेनिंग से उनके नेतृत्व गुणों में और निखार आएगा। विदेश में बहुत कुछ नया सीखने को मिला : राजीव कंडा महिला टीचर राजीव कंडा ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बहुत कुछ नया सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि वह इस ज्ञान का आगे प्रचार-प्रसार करेंगी। कंडा ने समाज को स्कूलों से जोड़ने, विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास करने और भविष्य के लक्ष्य तय कर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि फिनलैंड की कुछ नई तकनीकों को भारतीय शिक्षा प्रणाली में शामिल किया जाएगा, जिससे बच्चों में नई ऊर्जा का संचार होगा। इस अवसर पर स्मार्ट स्कूल कोऑर्डिनेटर संजीव मनी और बलकार अत्तरी भी उपस्थित थे।
शिक्षा नीति क्रियान्वयन को रोड मैप विषय पर की चर्चा
भास्कर न्यूज| सिरसा डिंग डाइट की ओर से शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रही प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हो गई। इसकी अध्यक्षता आईएफआईसी विंग प्रभारी चंद्र प्रकाश शर्मा ने की। कॉर्डिनेटर डॉ. विनोद कुमार, सचिव डॉ. राकेश मोहन की देखरेख में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु विद्यालय मुखियाओं के लिए रोड मैप विषय पर मंथन हुआ। तीन दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी एवं डाइट प्राचार्या डॉ. विजय लक्ष्मी, जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता साईं ने बतौर मुख्य अतिथि एवं खंड शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। डॉ. विजय लक्ष्मी ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली यह दूरदर्शी शिक्षा नीति छात्र–केंद्रित, समग्र एवं कौशल आधारित सीखने की प्रक्रिया को अधिक लचीला एवं रोचक बनाते हुए विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्य और जीवन-कौशल विकसित करने का काम करेगी। जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता साईं ने कहा कि एनईपी 2020 सभी को गुणवत्तापूर्ण, समान और कौशल आधारित शिक्षा प्रदान कर भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का काम करेगी। बीईओ कृष्ण कुमार ने कहा कि विद्यालय मुखियाओं का कुशल नेतृत्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक सिद्ध होगा। इसी दौरान सर्टिफाइड लाइफ कोच एवं एनएलपी कोच भानु गुप्ता, सीआरडीएवी कन्या शिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणजीत सिंह व अन्य मौजूद रहे।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 9 दशक से अधिक समय से शैक्षिक क्रांति के अग्रदूत के रूप में प्रतिष्ठित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (MPSP) के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह का भव्य शुभारंभ गुरुवार,4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होगा। मुख्यमंत्री, बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर इस शिक्षा परिषद के मुख्य संरक्षक हैं। गुरुवार सुबह 9:30 बजे से होने वाले उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण (SDRA) के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी उपस्थित रहेंगे। संस्थापक सप्ताह समारोह का समापन 10 दिसंबर को होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शामिल होंगे। इसमें हजारों विद्यार्थी शामिल होंगे। एक सप्ताह तक शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद की गतिविधियां आयोजित होंगी। MPSP के तहत 50 से अधिक शिक्षण संस्थाएं संचालित होती हैं। इनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राएं उद्घाटन समारोह के साक्षी बनेंगे। इसके बाद पूरे सप्ताह तक अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन होगा। समापन अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। अकादमिक प्रतियोगिताओं में गोरखपुर मंडल के 125 से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान प्रतिभाग करते हैं, जबकि भाषण एवं खेल-कूद की प्रतियोगिताओं जैसे वॉलीबाल, बास्केटबाल में पूरे प्रदेश से प्रतिभागी अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित करते हैं। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का संस्थापक सप्ताह समारोह, परिषद के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और विस्तारक ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृतियों में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीयता से ओतप्रोत और मूल्यपरक आदर्श शिक्षा के प्रसार के उद्देश्य से इस शिक्षा परिषद की स्थापना सीएम योगी एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने की थी। उनके बाद योगी के गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने इसे पुष्पित, पल्लवित किया। परिषद को शैक्षिक वटवृक्ष बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है, जिनके संरक्षण में इस परिषद की 50 से अधिक संस्थाएं शिक्षा, चिकित्सा और सेवा क्षेत्र में समाज की अनथक सेवा कर रही हैं। निकाली जाएगी भव्य शोभायात्रामहाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह संचालन समिति के सदस्य डॉ. नितीश शुक्ल ने बताया कि बुधवार को कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि और समारोह अध्यक्ष के संबोधन के बाद मुख्य अतिथि शिक्षा परिषद के दर्जनों संस्थाओं के विद्यार्थियों द्वारा निकाली जाने वाली भव्य शोभा यात्रा की सलामी लेंगे। शोभा यात्रा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद परिसर से निकलकर अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए जिला परिषद रोड पर स्थित शताब्दी द्वार से पुनः महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद परिसर में प्रवेश करेगी। उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए एक हजार से अधिक शिक्षक कर्मचारी एवं स्वयं सेवक लगे रहेंगे। शोभा यात्रा के दौरान अनुशासन, श्रेष्ठ पथ संचलन के साथ-साथ जन-जागरण को प्रदर्शित करने वाली झांकिया एवं नारे मुख्य आकर्षण होंगे। जानिए एमपी शिक्षा परिषद के बारे मेंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर की ख्याति नॉलेज सिटी के रूप में भी बन रही है और इसमें महती भूमिका गोरक्षपीठ के अंतर्गत संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की भी है। नौ दशक से अधिक समय से राष्ट्रीयतापरक शिक्षा की अलख जगा रहे महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का विस्तार पचास से अधिक संस्थाओ के जरिये प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय शिक्षा तक हो चुका है। देश जिस दौर में अंग्रेजी हुकूमत से त्रस्त था, तब 1932 में भारत और भारतीयता आधारित शैक्षिक पुनर्जागरण के लिए गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप के नाम पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की थी। उनके बाद इस परिषद की संरचना को विस्तारित किया वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार से राष्ट्रीयता, मूल्यपरकता और स्वावलंबन को मजबूत करने के दादागुरु और अपने गुरुदेव के संकल्पो को विभिन्न प्रकल्पों के विस्तार से पूरा करने का बीड़ा योगी आदित्यनाथ ने उठा रखा है। एजुकेशन हब के रूप में विकसित गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद 9 दशक से अधिक समय से प्रकाश स्तम्भ की भूमिका में है। गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने इस स्तम्भ से प्रकाश पुंज का फैलाव निरंतर बढ़ाया है। महाराणा प्रताप परिषद का प्राथमिक शिक्षा से लेकर निजी विश्वविद्यालय तक हो चुका विस्तार इसकी शैक्षिक सेवा यात्रा का साक्षी है। इस साल एमपी शिक्षा परिषद का 93वां स्थापना वर्ष है और गोरक्षपीठ का यह शैक्षिक प्रकल्प स्थापना के प्रथम वर्ष से ही ज्ञान की मशाल को अहर्निश प्रज्ज्वलित किए हुए है। आयुर्वेद कॉलेज से लेकर मेडिकल कॉलेज को समेटे महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय खुद महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का विस्तृत पड़ाव है तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस अंचल में स्थापित पहले विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में भी इस परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ द्वारा 1932 में बक्शीपुर में किराए के मकान में स्कूल खोलने के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की यात्रा प्रारंभ हुई। 1935 में जूनियर हाईस्कूल की मान्यता मिली और 1936 से हाईस्कूल तक की भी पढ़ाई शुरू हो गई। इस बीच महंत दिग्विजयनाथ के प्रयास से सिविल लाइंस में जमीन मिल गई और यह हाईस्कूल यहां शिफ्ट हो गया। महाराणा प्रताप के नाम शुरू हुआ शैक्षिक जागरण का प्रकल्प इंटर कॉलेज होते हुए 1949-50 तक डिग्री कॉलेज तक पहुंचा। भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के अनुरूप शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध इस संस्था के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ को गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना का भी श्रेय जाता है जिन्होंने 1958 में अपने द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप डिग्री कॉलेज और महिला महाविद्यालय को विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु समर्पित कर दिया। उनके बाद उनके शिष्य तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ ने इस शिक्षा परिषद के जरिये ज्ञान के प्रसार का क्रम आगे बढ़ाया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का प्रबंधकीय दायित्व संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इसके ज्ञानदायी कार्यक्षेत्र को कई आयामों से विस्तार दिया है। वर्तमान में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा, अंग्रेजी, संस्कृत, तकनीकी शिक्षा (पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेज), मेडिकल (एमबीबीएस और बीएएमएस) पैरामेडिकल (नर्सिंग) के दर्जनों संस्थान संचालित हैं। इसमें सबसे बड़ा प्रकल्प है महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय। वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर के संरक्षण में परिषद का खास जोर प्राविधिक, तकनीकी, चिकित्सा शिक्षा के साथ महिला शिक्षा पर भी है। परिषद द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों का कार्यक्षेत्र गोरखपुर के अलावा महराजगंज, कुशीनगर, देवीपाटन और वाराणसी तक है।
दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी मॉड्यूल का सेंटर पॉइंट बनी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का माइनॉरिटी कोटा (अल्पसंख्यक दर्जा) खतरे में है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (NCMEI) में इसकी सुनवाई आज, 4 दिसंबर को दिल्ली मुख्यालय में होगी। आयोग ने 24 नवंबर को यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया था। नोटिस में पूछा गया है कि जब उसके डॉक्टरों की दिल्ली में 10 नवंबर को हुए विस्फोट में भूमिका को लेकर जांच चल रही है, जिसमें 15 लोग मारे गए थे, तो ऐसे में उसका अल्पसंख्यक दर्जा क्यों न रद्द कर दिया जाए। यह नोटिस राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा 12 नवंबर को जारी उस पत्र के बाद आया है, जिसमें यूनिवर्सिटी द्वारा दिए गए मान्यता संबंधी बयानों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। आयोग ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को आज की सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अल-फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी 18 नवंबर से हिरासत में हैं। ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था। गल्फ फंडिंग की भी जांच जारी है। इसके अलावा फरीदाबाद के फतेहपुरा तगा और धौज गांवों से विस्फोटक मिलने के बाद, दिल्ली ब्लास्ट केस में यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील भी जांच एजेंसियों की गिरफ्त में हैं। इसी यूनिवर्सिटी का डॉक्टर उमर नबी इस केस में सुसाइड बॉम्बर बना था। रजिस्ट्रार और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रखेंगे पक्षआयोग में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, दोनों को अपना पक्ष रखना होगा। आयोग इस बात की जांच करेगा कि क्या यूनिवर्सिटी का प्रबंधन अभी भी उस अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए इसे विशेष दर्जा दिया गया था। और क्या स्वामित्व या नियंत्रण में कोई बदलाव हुआ है। फिलहाल यूनिवर्सिटी की सदस्यता भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) द्वारा निलंबित कर दी गई है। NCMEI ने यूनिवर्सिटी संचालित करने वाले ट्रस्ट, उसके कर्मचारियों और प्रशासकों की नियुक्ति प्रक्रिया के साक्ष्य सहित अन्य जरूरी दस्तावेज मांगे हैं। इसके अलावा आयोग ने नोटिस में ट्रस्ट डीड के मूल दस्तावेज, प्रवेश और स्टाफ भर्ती संबंधी आंकड़े, यूनिवर्सिटी के अंदर प्रशासकों की हुई बैठकों के विवरण और तीन वर्षों के दौरान बैंक खातों से हुए लेन देन की जानकारी मांगी गई है। ऑडिट रिपोर्ट और फंडिंग की जानकारी न देने पर कड़ी कार्रवाई संभवअगर यूनिवर्सिटी NCMEI द्वारा मांगे गए व्यापक दस्तावेज, जैसे ट्रस्ट डीड, फंडिंग विवरण और ऑडिट किए गए खाते, उपलब्ध नहीं करा पाता है, तो कड़ी कार्रवाई की संभावना है। नोटिस में शिक्षा विभाग को सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। जिसमें अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने के बाद से संस्थान द्वारा किए गए निरीक्षणों, उठाए गए निगरानी उपायों और संस्थान के साथ हुए पत्राचार का विवरण हो। शिक्षा विभाग को आज ये सत्यापन रिपोर्ट आयोग में देनी है। आज की सुनवाई में तय होगा की माइनॉरिटी कोटा को लेकर आगे जांच चलेगी या नहीं। यूनिवर्सिटी का पहले भी धमाकों से नाम जुड़ाअल-फलाह यूनिवर्सिटी का पहले भी धमाकों में जुड़ चुका है। दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट का सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर उमर नबी इसी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करता था। आतंक के इस नेटवर्क में यूनिवर्सिटी के दूसरे डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ शाहीन सईद जांच एजेंसी एनआईए की गिरफ्त में है। 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम धमाके हुए थे, इसमें शामिल आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र रहा। उसने 2007 में फरीदाबाद के अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक पूरा किया था। 2008 में अहमदाबाद में होने वाले सीरियल ब्लास्ट में शामिल रहा। यानी पढ़ाई के दौरान ही हमले की तैयारी में था। वह कई साल से फरार है। 20 से 78 एकड़ में फैल गयाअभी तक की जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी को सात साल में 415 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। यूनिवर्सिटी से जुड़ी 9 शेल कंपनियां भी मिली हैं। एक ही पैन नंबर से सारे लेनदेन का खेल हो रहा था। यूनिवर्सिटी की शुरुआत 20 एकड़ से हुई थी और 78 एकड़ तक इसका विस्तार हुआ। ED और अन्य जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रस्ट मुख्य रूप से कॉलेज और यूनिवर्सिटी चलाता है। ऐसे में छात्रों मिली फीस ही इसकी मुख्य आय का स्रोत है। हालांकि कई सालों तक संस्थान बिना मान्यता के चलते रहा। फिर छात्रों से पूरी फीस वसूली गई, जिसे एजेंसियां धोखाधड़ी और जालसाजी मान रही हैं। माइनॉरिटी कोटा क्या हैमाइनॉरिटी कोटा (अल्पसंख्यक कोटा) वह आरक्षण है जो किसी धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यक समूह के सदस्यों को शिक्षा और रोजगार के अवसरों में लाभ पहुंचाने के लिए दिया जाता है। भारत में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदायों को अल्पसंख्यक माना जाता है और उनके लिए अलग से कोटे का प्रावधान है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी में मुस्लिमों को माइनॉरिटी कोटा (अल्पसंख्यक कोटा) मिला हुआ है। सरकारी योजनाओं का खूब उठाया फायदाअल-फलाह यूनिवर्सिटी को 2014 में हरियाणा सरकार की ओर से प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ था। उस साल इसके 350 अल्पसंख्यक छात्रों को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से स्कॉलरशिप प्राप्त होने लगी। एक साल पहले यानी 2013 में ऐसे छात्रों की संख्या 1,144 थी। 2011 में यहां की प्रयोगशालाओं के लिए AICTE ने अलग से वित्तीय मदद पहुंचायी थी। 2016 में इसे केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से 10 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त हुई। जबकि, 2015 में इसे 2,600 स्टूडेंट के लिए 6 करोड़ रुपये मिले थे। इसे जम्मू और कश्मीर के स्टूडेंट की स्कॉलरशिप के लिए 2015 में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से भी 1.10 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे।
संयुक्त निदेशक शिक्षा ने भूपालसागर ब्लॉक का किया निरीक्षण, शैक्षणिक प्रगति की सराहना
संयुक्त निदेशक शिक्षा प्रमोद कुमार सुथार ने भूपालसागर ब्लॉक का दौरा कर शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक कार्यों का गहन निरीक्षण किया। सीबीईओ रमेश चंद्र मीणा की प्रशंसा की गई और कार्यालयीन व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया गया। इस निरीक्षण से ब्लॉक की शिक्षा में सुधार और गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयासों की पुष्टि हुई।
कृषि विज्ञान केन्द्र में मनाया गया कृषि शिक्षा दिवस, छात्रों ने लिया सक्रिय भाग
चित्तौड़गढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषि शिक्षा दिवस का आयोजन, जिसमें राउमावि रतीचंद जी खेड़ा के 60 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मुख्य अतिथि गोपाल सिंह मीणा और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.एल. सोलंकी ने कृषि शिक्षा, रोजगार संभावनाओं और कृषि उद्यमिता पर मार्गदर्शन दिया, छात्रों में कृषि के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई।
बारां जिले के शारीरिक शिक्षक मुकेश मेहरा को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी वॉलीबॉल गेम्स के लिए तकनीकी सलाहकार नियुक्त किए जाने पर जिले में उत्साह का माहौल है। वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की अनुशंसा पर मिला यह दायित्व जिले के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। प्रतियोगिता से लौटने पर समिति द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा।c
ईट राइट इंडिया अभियान: सवाई माधोपुर के स्कूलों में बच्चों को स्वस्थ भोजन की शिक्षा
सवाई माधोपुर के स्कूलों में ईट राइट इंडिया अभियान के तहत बच्चों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन के महत्व, मोटे अनाज के फायदे और जंक फूड के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने विद्यार्थियों को गुड फ़ूड-बेड फ़ूड, फूड लेबल और पोषण संबंधी आदतों पर विस्तार से जानकारी दी।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रशासनिक अधिकारियों को खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधि के व्यय में तेजी लाने और खनन क्षेत्रों के आसपास के इलाकों में पूरी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के साथ-साथ सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय करने के निर्देश दिए हैं
माधव विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांगता दिवस समारोह, समावेशी शिक्षा और सशक्तिकरण पर जोर
सिरोही के माधव विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांगता दिवस समारोह बड़े गरिमापूर्ण ढंग से आयोजित, जहां दिव्यांगजनों के सम्मान, अधिकारों और समावेशी शिक्षा पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, विशेष कार्यशालाओं और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भागीदारी रही।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) आज देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर ‘मेधा दिवस’ समारोह का आयोजन करेगी। पटना के ज्ञान भवन में होने वाले इस कार्यक्रम में इंटर और मैट्रिक परीक्षा, 2025 के टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री सुनील कुमार उपस्थित रहेंगे। उनके साथ अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र और समिति के अध्यक्ष सह प्रधान सचिव आनंद किशोर भी मौजूद रहेंगे। 151 मेधावी छात्रों को मिलेगा सम्मान इस समारोह में कुल 151 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। इसमें मैट्रिक परीक्षा में राज्य के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 123 विद्यार्थी शामिल हैं। वहीं इंटरमीडिएट परीक्षा में विज्ञान, कला और वाणिज्य-तीनों संकायों में प्रथम पाँच स्थान हासिल करने वाले कुल 28 छात्र-छात्राओं को भी मंच पर सम्मान दिया जाएगा। सभी टॉपर्स को मेडल, प्रशस्ति पत्र और टैबलेट प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार राशि में इस बार बढ़ोतरी इस वर्ष बीएसईबी ने पुरस्कार राशि बढ़ाई है। मैट्रिक और इंटर दोनों परीक्षाओं के प्रथम स्थान वालों को दो लाख रुपये, द्वितीय को डेढ़ लाख और तृतीय स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी। चौथे और पांचवें स्थान वाले को 30-30 हजार रुपये तथा छठे से दसवें स्थान तक के छात्रों को 20-20 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। टॉपर्स को मिलेगी बढ़ी हुई छात्रवृत्ति वर्ष 2017 से शुरू की गई मेधा छात्रवृत्ति योजना के तहत इस वर्ष भी टॉपर्स को मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। इंटर परीक्षा के टॉप-5 विद्यार्थियों को अब बढ़ी हुई राशि 2,500 रुपये प्रतिमाह तीन वर्षों तक स्नातक की पढ़ाई के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं मैट्रिक परीक्षा में टॉप-10 में आने वाले विद्यार्थियों को 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए प्रतिमाह 2,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। उत्कृष्ट परीक्षा संचालन पर अफसरों का भी सम्मान मेधा दिवस के दौरान सिर्फ विद्यार्थियों ही नहीं, बल्कि परीक्षा संचालन में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। राज्य के दस जिलों के जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिन्होंने परीक्षा संचालन को बेहतर तरीके से संपन्न कराया, उन्हें भी विशेष सम्मान दिया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण पहल समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के विद्यार्थियों की प्रतिभा और परिश्रम को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक मजबूत पहल है। इससे आगे भी छात्रों में प्रतिस्पर्धा और बेहतर प्रदर्शन का उत्साह बढ़ेगा।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में 9 दशक से अधिक समय से शैक्षिक क्रांति के अग्रदूत के रूप में प्रतिष्ठित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (MPSP) के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह का भव्य शुभारंभ गुरुवार,4 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होगा। मुख्यमंत्री, बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर इस शिक्षा परिषद के मुख्य संरक्षक हैं। गुरुवार सुबह 9:30 बजे से होने वाले उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण (SDRA) के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी उपस्थित रहेंगे। संस्थापक सप्ताह समारोह का समापन 10 दिसंबर को होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शामिल होंगे। इसमें हजारों विद्यार्थी शामिल होंगे। एक सप्ताह तक शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद की गतिविधियां आयोजित होंगी। MPSP के तहत 50 से अधिक शिक्षण संस्थाएं संचालित होती हैं। इनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राएं उद्घाटन समारोह के साक्षी बनेंगे। इसके बाद पूरे सप्ताह तक अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन होगा। समापन अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का संस्थापक सप्ताह समारोह, परिषद के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और विस्तारक ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृतियों में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीयता से ओतप्रोत और मूल्यपरक आदर्श शिक्षा के प्रसार के उद्देश्य से इस शिक्षा परिषद की स्थापना सीएम योगी एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने की थी। उनके बाद योगी के गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने इसे पुष्पित, पल्लवित किया। परिषद को शैक्षिक वटवृक्ष बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को जाता है, जिनके संरक्षण में इस परिषद की 50 से अधिक संस्थाएं शिक्षा, चिकित्सा और सेवा क्षेत्र में समाज की अनथक सेवा कर रही हैं। निकाली जाएगी भव्य शोभायात्रा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का संस्थापक सप्ताह समारोह पूर्वांचल का अति प्रतिष्ठित और सबसे बड़ा अकादमिक कार्यक्रम होता है। सप्ताहभर चलने वाले इस समारोह में विविध प्रकार की अकादमिक और क्रीड़ा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के मैदान में उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि और कार्यक्रम अध्यक्ष के संबोधन के बाद विद्यार्थियों की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के दर्जनों संस्थाओं के करीब चार हजार विद्यार्थी सम्मिलित होंगे। शोभायात्रा की सलामी मुख्य अतिथि लेंगे। शोभायात्रा के दौरान अनुशासन, श्रेष्ठ पथ संचलन के साथ जन जागरण को प्रदर्शित करने वाली झांकियां और नारे मुख्य आकर्षण होंगे। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संयुक्त मंत्री एवं गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि उद्घाटन समारोह को भव्य बनाने के लिए एक हजार से अधिक शिक्षक, कर्मचारी और स्वयंसेवक मुस्तैद रहेंगे। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को परिषद के मुख्य संरक्षक, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता तथा उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के मुख्य आतिथ्य में होने वाले समापन समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं के तहत श्रेष्ठतम संस्था, श्रेष्ठतम परिचारक, श्रेष्ठतम कर्मचारी, श्रेष्ठतम शिक्षक, स्नातकोत्तर-स्नातक-हाई स्कूल व इंटर के श्रेष्ठतम विद्यार्थी को स्मारक स्वर्ण पदकों से पुरस्कृत किया जाएगा।
जालंधर के सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने पंजाब सरकार की शिक्षा नीति की पोल खोलते हुए एक विडियो जारी किया जिसका नाम रखा है चन्नी करदा मसले हल। इस विडियो में उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार को घेर ते हुए कहा कि भगवंत मान पंजाब में स्मार्ट स्कूल और शिक्षा क्रांति के नाम करोड़ों रुपए एडवर्टाइजमेंट खर्च कर पंजाब के लोगों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने उनकी पोल खोलते हुए बताया पंजाब के चमकौर साहिब में 500 करोड़ की लागत में बनने वाली स्किल डिवेलपमेंट, हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी खंडहर बन नहीं है। इस की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। 42 एकड़ में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से बन रही स्किल यूनिवर्सिटी पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने बताया कि चमकौर साहिब में 42 एकड़ में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से बन रही गुरु गोबिंद सिंह स्किल यूनिवर्सिटी पिछले चार वर्षों से बंद पड़ी है। परिसर में तैयार हॉस्टल, लैब्स, क्लासरूम, ऑडिटोरियम और प्रशासनिक भवन अब बदहाल हालत में खड़े हैं। चन्नी ने यूनिवर्सिटी कैंपस का निरीक्षण करते हुए वर्तमान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। पंजाब के लोगों को 100 करोड़ खर्च,कुत्ते खेल रहे हैं पंजाब के लोगों को 100 करोड़ खर्च हो चुका है। जिसमें वहा पड़ने वाले छात्रों के लिए होस्ट के साथ सभी बलाक तैयार है। चन्नी ने कहा जिस होस्ट में जहां पंजाब के युवाओं को लेकर आना था आप सराकर ने लेकिन जहां कुत्ती और कत्तूरे खेल रहे है। पंजाब सराकर की ओर से इस संस्थान को चालू करने की ओर कोई ध्यान नहीं । लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण यह आधुनिक शिक्षा मॉडल अब खंडहर में बदल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार यह यूनिवर्सिटी स्किल डिवेलपमेंट, हायर एजुकेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित पाठ्यक्रमों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई जा रही थी। इसके तहत छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण देने की व्यवस्था थी। चन्नी ने कहा एक साल बाद अगर पंजाब के लोगों ने कांग्रेस पार्टी को मौका दिया तो यह यूनिवर्सिटी जल्द चालू करेंगे। उन्होंने कहा पंजाब हर वर्ग आम आदमी पार्टी सरकार से दुखी है। पिछले चार दिनों से पंजाब में बस ड्राइवर हड़ताल पर है। उन पर मामले दर्ज कर उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। सरकार को उनके साथ बैठ कर उनका मसला हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉडल के अनुसार छात्र सप्ताह में कुछ दिन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते और बाकी दिन संबंधित उद्योगों में प्रशिक्षण प्राप्त करते। इसके अलावा कई विदेशी यूनिवर्सिटियों से समझौते भी पूरे हो चुके थे, जिसके तहत छात्र दो वर्ष पंजाब और दो वर्ष विदेश में पड़ाई कर सकते थे। लेकिन पंजाब सरकार को दिख ही नहीं रहा कि पंजाब के युवाओं को रोजगार देने में इस यूनिवर्सिटी का कितना बड़ा योगदान होना था। यूनिवर्सिटी के निरीक्षण के दौरान पूर्व मंत्री बोले सरकार विज्ञापन और घोषणाओं में व्यस्त है। लेकिन शिक्षा और युवाओं के भविष्य को गंभीरता से नहीं ले रही। पंजाब में 21 ITI कॉलेजों की बिल्डिंग तैयार खड़ी हैं। लेकिन उन्हें चालू करने की बजाय नई घोषणाएं की जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां यूनिवर्सिटी बनती तो वहां इलाके का आर्थिक और सामाजिक विकास तेजी से होता है। पूर्व मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि इस यूनिवर्सिटी को जल्द शुरू नहीं किया गया, तो यह पंजाब के युवाओं का अधिकार छीनने के बराबर होगा। पंजाब के युवाओं को स्किल आधारित अंतरराष्ट्रीय मानकों की शिक्षा मिलनी चाहिए। सरकार को राजनीति छोड़ कर शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता देनी चाहिए, वरना जनता इसका जवाब देगी।
प्राइवेट स्कूलों में बीपीएल परिवार के बच्चों को दी जा रही फ्री शिक्षा
भास्कर न्यूज | गढ़वा झालुवा रोड स्थित एआरडी पब्लिक स्कूल में नए सत्र 2026-27 को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निदेशक पी के दूबे ने कहा कि विद्यालय को पूर्ण रूप से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में बीपीएल परिवार के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की विशेष सुविधा उपलब्ध है। ताकि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि विद्यालय के पोषक क्षेत्र से आनेवाले अभिभावक इसका लाभ जरूर उठाएं। कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित व अनुभवी शिक्षकों की टीम तैयार की गई है। विज्ञान विषय को अनुभवात्मक रूप से समझाने के लिए साइंस लैब, तथा तकनीक आधारित शिक्षण के लिए उन्नत कंप्यूटर लैब उपलब्ध है। जबकि केजी वर्ग के छात्रों के लिए ऑडियो-वीडियो क्लासरूम उपलब्ध है। वहीं छोटे बच्चों को खेल-खेल में सिखाने के लिए प्ले-वे मेथड (खेल विधि) के तहत गतिविधि आधारित शिक्षा दी जा रही है। प्रेस वार्ता मे निदेशक पी के दूबे, प्राचार्या आणिमा पांडेय के अलावे रागिनी कुमारी, रानी कुमारी, ब्यूटी कुमारी, विभा कुमारी आदि उपस्थित थे।
भास्कर न्यूज| चाईबासा पश्चिमी सिंहभूम जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नियुक्ति के लिए 300 नए शिक्षकों को पिछले शुक्रवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित नियुक्ति-पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कर कमलों से नियुक्ति पत्र दिया गया था। उक्त कार्यक्रम में इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य कक्षा 1 से 5वीं एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य कक्षा 6वीं से 8वीं के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। पश्चिमी सिंहभूम जिले के लिए अनुमोदित 300 शिक्षकों में इंटर प्रशिक्षित कक्षा 1 से 5वीं के लिए 176 सहायक आचार्य को नियुक्ति पत्र दिया गया। वहीं स्नातक प्रशिक्षित कक्षा छठवीं से आठवीं सामाजिक विज्ञान विषय में 100, भाषा विषय में 14 एवं गणित व विज्ञान विषय में 10 सहायक आचार्य को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। शनिवार से ही जिले में नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी। शनिवार व सोमवार को सदर अस्पताल, चाईबासा में नवनियुक्त शिक्षक मेडिकल कराने पहुंचे। मेडिकल जांच प्रक्रिया व चिकित्सा प्रमाण-पत्र के लिए लंबी-लंबी कतारें व भीड़-भाड़ देखने को मिली। तो वहीं दूसरी ओर चाईबासा व्यवहार न्यायालय परिसर में शपथ-पत्र बनवाने के लिए नवनियुक्त शिक्षकों की भीड़ -भाड़ लगी रही। शनिवार के दिन कुछ लोगों ने योगदान दे दिया था। किंतु सोमवार के दिन योगदान देने वाले नवनियुक्त शिक्षकों की संख्या काफी अधिक रही। सभी कागजातों को दुरुस्त करने के बाद सुबह 9:00 बजे के बाद से ही कार्यालय के कॉरिडोर में भीड़ लगना शुरू हो चुका था। बारी-बारी से सभी सहायक आचार्य योगदान देने के बाद अटेंडेंस बनाने की प्रक्रिया में लग रहे। यह सिलसिला सोमवार को देर शाम तक चलता रहा। योगदान देने वाले नवनियुक्त शिक्षकों के चेहरे में खुशी व उत्साह देखने को मिला। योगदान के पश्चात सभी नवनियुक्त शिक्षक एक दूसरे को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए दिखे। योगदान देने के लिए नियुक्ति पत्र पे सहायक आचार्य को एक सप्ताह का समय दिया गया है। उसके उपरांत स्कूल अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शिक्षा प्रेमी जयधर का निधन, शोक
चाईबासा| 1994 को टाटा कॉलेज चाईबासा विज्ञान संकाय से क्लर्क पद से सेवानिवृत्त तांतनगर प्रखंड के गिदबास निवासी जयधर सिंह बोयपाई का निधन हो गया। वह 100 साल के थे। उनका निधन सोमवार 1 दिसंबर को सुबह सात बजे दुम्बीसाई चाईबासा में हो गया। जयधर सिंह बोयपाई हो भाषा वारंगक्षिति लिपि गुरु कोल लाको बोदरी के परममित्र थे। वह हो हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा के अच्छे जानकार एवं शिक्षा प्रेमी थे।
परदेशीपुरा की मोहल्ला लाइब्रेरी.... एक ऐसी जगह जहां केवल पढ़ने के लिए ही किताबें नहीं मिलती, बल्कि जिंदगी को संवारने के लिए मदद भी मिलती है। इसी लाइब्रेरी ने आठ साल से तीन हजार से अधिक जरूरतमंद छात्राओं की शिक्षा का जिम्मा उठा रखा है। ये छात्राएं मिल क्षेत्र की हैं। इन्हें शिक्षा संबंधी हर सामग्री जैसे- स्कूल बैग, यूनिफॉर्म, कॉपी-किताब, लंच बाक्स, बॉटल, छाता, रेनकोट, स्वेटर, पेन-पेंसिल आदि उपलब्ध करवाया जाता है। इसी तरह सरकारी कन्या प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल क्रमांक-21 परदेशीपुरा की छात्राओं को भी गोद लेकर उनकी हर जरूरत पूरी की जा रही है। नवरात्रि सहित हर पर्व पर कन्याओं की विभिन्न प्रकार सेवा की जाती है। उनका पूजन किया जाता है। भोजन करवाया जाता है। उन्हें समय-सयम पर धार्मिक और पर्यटन स्थलों की सैर करवाई जाती है। मिशन का उद्देश्य; कमजोर वर्ग के युवा उच्च शिक्षित होकर अपने सपने पूरे कर सकें यह लाइब्रेरी परदेशीपुरा में बगीचे के पास स्थित है। इसके संस्थापक और महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक राजेश मेहरा ने बताया जिन युवाओं और विद्यार्थियों को कोचिंग सुविधा का लाभ लेना है, वो यहां सुबह 10 से शाम छह बजे तक संपर्क कर नि:शुल्क पंजीयन करवा सकते हैं। इस शिक्षा मिशन का उद्देश्य है कि कमजोर वर्ग के युवा उच्च शिक्षित होकर न सिर्फ अपने सपने पूरे कर सकें, बल्कि गरीब माता-पिता की भी अच्छे से सेवा करने के काबिल बन सकें। वे अच्छे नागरिक बनकर समाज व देश की उन्नति में सहयोग करें। बॉटम लाइन परदेशीपुरा की मोहल्ला लाइब्रेरी में किताबें ही नहीं मिलती, बल्कि जिंदगी को संवारने के लिए भी मिलती है मदद इसी मोहल्ला लाइब्रेरी में एक और पहल हुई है। यह पहल है सभी वर्ग के युवाओं और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग देने की। श्रमिक क्षेत्र के युवाओं की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हाल ही में यह क्लास शुरू की है। यहां सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा जैसे- पीएससी, एसएससी, नीट, जेई, बैंकिंग, एसएससी, क्लर्क भर्ती आदि की तैयारी करने वालों को पूरा लिटरेचर मिलेगा। प्रतिभागी कितनी भी देर तक यहां बैठ कर पढ़ने के साथ ही नोट्स बना सकते हैं। इसके साथ ही 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए यहां स्टडी की सुविधा रहेगी। इसके लिए यहां नया हॉल बनाया गया है श्रमिक क्षेत्र के युवाओं के लिए क्लास शुरू
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 में बिना टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सम्मिलित करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तीन दिन में मांगा है। कोर्ट ने मामले को आवश्यक मानते हुए यह भी कहा कि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो माध्यमिक शिक्षा निदेशक अगली सुनवाई पर रिकॉर्ड के साथ उपस्थित हों। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव एंड न्यायमूर्ति सुधांशु चौहान की खंडपीठ ने जयहिंद यादव व अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे व अधिवक्ता संजय कुमार यादव को सुनकर दिया है। सीनियर एडवोकेट अशोक खरे व अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि 1989 में सीटी के डाइंग कैडर घोषित होने के बाद सरकार 1991 के शासनादेश के तहत एलटी ग्रेड शिक्षक से ही कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को पढ़वा रही है, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत है। उन्होंने बताया कि एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना में निर्धारित किया गया है कि कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक का उच्च प्राथमिक टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। शिक्षक की योग्यता में छूट नहीं दी गई है। फिर भी प्रदेश सरकार जूनियर लेवल में न तो कोई भर्ती कर रही है और न ही एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार ही योग्य अध्यापक से पठन पाठ करा रही है। एनसीटीई की साफ गाइडलाइन है कि कक्षा एक से आठ तक बिना टीईटी पास किए कोई भी शिक्षक पढ़ा नहीं सकता है। सरकार 1989 के शासनादेश मैं शासकीय व अशासकीय विद्यालय में सीटी ग्रेड को डाइंग घोषित किए जाने और कोई नई नियुक्ति नहीं किए जाने की बात है।ऐसे में सीटी ग्रेड के अध्यापक को एलटी ग्रेड में सम्मिलित किया जाए और वेतनमान भी सीटी ग्रेड शिक्षक को एलटी ग्रेड का दिया जाए। 11 अक्टूबर 2021 के शासनादेश में उच्च प्राथमिक यानी कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थियों के शिक्षण कार्य के लिए एलटी ग्रेड शिक्षक को ही आदेशित किया है। एनसीटीई की गाइडलाइन को कंसीडर करते हुए अन्य राज्य व अन्य संस्थाओं ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में उच्च प्राथमिक टीईटी और जूनियर लेवल सी टेट को अनिवार्य कर दिया है लेकिन प्रदेश सरकार अब तक एलटी ग्रेड में टेट अनिवार्य नहीं किया है।
आजमगढ़ के अहिरौला थाना क्षेत्र स्थित ब्लॉक में सोमवार को प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की विशेष कार्यशाला को संबोधित किया। दौरे के दौरान मंत्री ने सबसे पहले कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनीं और संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि इस तरह की पाठशालाओं का उद्देश्य कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संगठन, राजनीति और नैतिक मूल्यों की पूरी समझ देना होता है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की रीढ़ होते हैं। पार्टी को खड़ा रखना, मतदाताओं को जोड़ना और चुनावी ताकत बढ़ाना। इन सभी में कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। कार्यकर्ताओं की मेहनत के दम पर ही पार्टियां चुनाव लड़ती और जीतती हैं। कार्यकर्ताओं ने पाठशाला, कार्यशाला और मधुशाला में बताया अंतरसंजय निषाद ने कार्यकर्ताओं को ‘पाठशाला’, ‘कार्यशाला’ और ‘मधुशाला’ का अंतर समझाते हुए कहा कि अब समय है पुरानी सोच से बाहर निकलने का। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल को समझते हुए नई सोच के साथ जुटना होगा। मंत्री ने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव के अलावा पंचायत चुनाव भी नजदीक हैं। पंचायत चुनाव में भी पार्टी जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के प्रत्याशी उतारेगी और इन्हीं कार्यकर्ताओं के दम पर जीत दर्ज करेगी। लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चली इस कार्यशाला में मंत्री ने कार्यकर्ताओं को नैतिक शिक्षा, राजनीतिक समझ और संगठन की मजबूती का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हम यह देखने आए हैं कि कौन सच में पार्टी के लिए काम करता है, कौन सिर्फ ‘पौवा’ लगाने वाला है और कौन सिर्फ पैसे के बल पर राजनीति करना चाहता है। कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने 2027 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में सक्रिय होकर काम करने का निर्देश दिया। इस मौके पर संयोजक प्रदीप सिंह उर्फ गब्बर, वंशी निषाद, सुनील निषाद, संजय निषाद सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।
महेंद्रगढ़ में सोमवार को समुत्कर्ष प्रोजेक्ट 4.0 का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जबकि रेड क्रॉस सोसाइटी हरियाणा के महामंत्री महेश जोशी विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप प्रदान की गई। यह कार्यक्रम एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककराला में आयोजित किया गया। शिक्षा मंत्री ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। विद्यालय के चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि 'समुत्कर्ष' का उद्देश्य प्रतिभा को अवसर, परिश्रम को दिशा और युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। युवा एंड सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित यह प्रोजेक्ट आर्थिक व सामाजिक रूप से वंचित मेधावी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। 101 विद्यार्थियों को दी गई स्कॉलरशिप इस वर्ष समुत्कर्ष 4.0 के तहत कुल 101 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इस प्रोजेक्ट को अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के शैक्षणिक, मानसिक और सामाजिक उत्थान का एक प्रभावी मॉडल बताया। मंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व विकास, मूल्य आधारित प्रशिक्षण, करियर मार्गदर्शन, मेंटोरिंग और युवाओं में संवेदनशीलता बढ़ाने पर भी केंद्रित है। विशिष्ट अतिथि महेश जोशी ने जोर दिया कि शिक्षा प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और ऐसे प्रोजेक्ट समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होते हैं। क्विज प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन कार्यक्रम में करियर परामर्श एवं व्यक्तिगत मार्गदर्शन सत्र, समुत्कर्ष प्रोजेक्ट के सहयोगियों का सम्मान, क्विज प्रतियोगिता, समाज सेवा आधारित प्रकल्पों की प्रदर्शनी, समूह गीत और देशभक्ति नाट्य मंचन जैसे आयोजन हुए। विद्यार्थियों ने इन गतिविधियों में साहस और आत्मविश्वास का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर एसडी स्कूल के चेयरमैन जगदेव यादव, सुनील कुमार, डॉ. योगेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह, एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह अहलावत और पूर्व विधायक सीताराम यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बहादुरगढ़ के होशियार सिंह स्टेडियम में बास्केटबॉल का पोल गिरने से 15 वर्षीय अमन की मौत के मामले में परिजनों ने आज थाना शहर में पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। अमन के पिता सुरेश ने इस मामले में शिक्षा विभाग, खेल विभाग और पीजीआई रोहतक पर आरोप लगाया है।उनका आरोप है कि पहले तो खेल विभाग या शिक्षा विभाग जो भी स्टेडियम में पोल गिरने के जिम्मेदार हैं उनकी लापरवाही रही, जिसकी वजह से उसका बेटा घायल हुआ और फिर पीजीआई रोहतक के डाक्टरों की घोर लापरवाही रही जिसकी वजह से समय पर इलाज न मिलने के कारण उसके बेटे की मौत हो गई। ऐसे में सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस ने दर्ज की शिकायत, उचित कार्रवाई का दिया आश्वासनथाना शहर उनके परिजनों के साथ लोगों ने अमन के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व पांच करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है ताकि परिवार का गुजर-बसर ठीक हो सके। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है, जिसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।अमन के परिजन आज निर्धारित समयानुसार करीब 12 बजे थाना शहर में पहुंचे और लिखित में शिकायत दी। शिकायत में पूरे घटनाक्रम को बयान कर रखा है कि कैसे उसका बेटा घायल हुआ और कैसे उसकी मौत हुई। वहीं सुरेश का कहना है कि अब तक सरकार की ओर से न तो कोई नेता और ना ही कोई अधिकारी उनसे मिलने आया है। एक अधिकारी ने तो उनके बेटे को बास्केटबॉल खिलाड़ी की बजाय क्रिकेटर बताया। साथ ही अब तक एसडीएम नसीब कुमार की ओर से जांच की जा रही है लेकिन अब तक उनके बयान नहीं लिए गए हैं। शिकायत का यह है मजमूनशिकायत में अमन के पिता सुरेश ने बताया कि उसका 15 वर्षीय अमन प्रतिदिन की तरह 23 नवंबर 2025 की शाम करीब 3:30 बजे स्टेडियम में बास्केटबॉल प्रैक्टिस करने गया था। खेल के दौरान अचानक स्टेडियम परिसर में लगा बास्केटबॉल पोल उसके पेट पर गिर पड़ा, जिससे उसे गंभीर और अंदरूनी चोटें आईं। साथियों द्वारा उसे तुरंत सिविल अस्पताल बहादुरगढ़ ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने लगभग 4:30 बजे उसे PGI रोहतक रेफर कर दिया।वे अमन को लेकर लगभग 5:20-5:30 बजे PGI ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए थे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने समय पर उपचार नहीं किया। आवश्यक जांचों में देरी और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि इसी कारण अमन की हालत बिगड़ती चली गई और 24 नवंबर की शाम 7:15 बजे उसकी मौत हो गई।परिजनों ने 2022 की एक और गंभीर घटना का उल्लेख किया, जिसमें 7 अप्रैल 2022 को इसी स्टेडियम में बास्केटबॉल पोल गिरने से संगम नाम के लड़के के घायल होने की बात कही गई। शिकायत के साथ उस समय के गिरे हुए पोल और घायल बच्चे की फोटो भी संलग्न की गई हैं। पिता का आरोप है कि 2022 की दुर्घटना के बावजूद न तो पोल की मरम्मत की गई, न जांच हुई और न ही सुरक्षा प्रबंधन सुधारा गया।शिकायत में स्टेडियम प्रबंधन, संबंधित मेंटेनेंस विभाग, खेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों, PGI रोहतक ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। परिजनों ने कहा कि यह केवल उनके बेटे के लिए न्याय की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि भविष्य में किसी बच्चे की जान इस प्रकार की गंभीर लापरवाही के कारण न जाए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर पहले ही खड़े कर चुके सवालअमन के पिता पहले ही उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उनका आरोप है कि पीजीआई रोहतक जैसे बड़े संस्थान की रिपोर्ट में भारी खामियां हैं, जो किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में अमन की उम्र अलग-अलग जगह दो तरह से दर्ज है। एक स्थान पर 15 वर्ष, जबकि दूसरी जगह 25 वर्ष लिखा हुआ है। इससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।डेड बॉडी हेंडओवर की लाइन में फीमेल दिखायाइसके अलावा रिपोर्ट में एक और बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। अमन की बॉडी को सौंपने वाले कॉलम में उसे महिला (फीमेल) बताया गया है। परिजनों का कहना है कि इतनी गंभीर और संवेदनशील घटना के बाद भी इतनी बड़ी गलतियां डॉक्टरों द्वारा की गईं, जो दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं इस मामले में लापरवाही और तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है।रिपोर्ट में टाइमिंग को लेकर बड़ा झोलअमन के पिता के अनुसार रिपोर्ट में टाइमिंग को लेकर भी बड़ा झोल है। उनका कहना है कि वे 23 नवंबर की शाम लगभग 5 बजे पीजीआई पहुंच गए थे, लेकिन रिपोर्ट में उनके आने का समय रात 7:50 बजे दर्शाया गया है। सुरेश का आरोप है कि यह जानबूझकर किया गया बदलाव है, ताकि इलाज में हुई देरी को छुपाया जा सके। उन्होंने बताया कि अमन गंभीर रूप से घायल था लेकिन डॉक्टरों ने न तो समय पर अल्ट्रासाउंड किया और न ही आवश्यक उपचार दिया। उनका बेटा दर्द से तड़पता रहा और स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार तक किया गया। सुरेश ने आरोप लगाया कि जब हम इलाज की मांग कर रहे थे तो एक पुलिसकर्मी ने चुप रहने की चेतावनी दी और फिर बाद में धमकी दी कि उनको अंदर कर दूंगा। सरकारी नौकरी व 5 करोड़ का मुआवजा मांगाअमन की मौत ने पूरे बहादुरगढ़ में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी आक्रोश पैदा कर दिया है। अमन के पिता के साथ आए पूर्व चेयरमैन रवि खत्री, पार्षद राजेश तंवर, पूर्व पार्षद एवं आप नेता कुलदीप छिकारा, रिंकू, उमेद सिंह आदि कहना है कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।साथ ही इलाज में हुई लापरवाही की जांच कर दोषी डॉक्टरों और कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अमन के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व पांच करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है। बास्केटबाल पोल गिरने से घायल हुआ था अमनगौरतलब है कि बीते रविवार को स्टेडियम में अभ्यास के दौरान बास्केटबॉल पोल अचानक गिर गया था। जिससे 15 वर्षीय खिलाड़ी अमन गंभीर रूप से घायल हो गया था, उसे तुरंत पीजीआई रोहतक में भर्ती कराया गया, लेकिन सोमवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगलवार को अमन का अंतिम संस्कार किया गया था, जबकि परिवार में शादी होने के कारण तीन दिन के भीतर ही गुरुवार को रस्म तेरहवीं कर दी गई।हादसे का जिम्मेदार कौन, अब तक पुष्टि नहींइस हादसे की जांच एसडीएम नसीब कुमार के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक टीम जांच कर रही है। अब तक जांच में हादसे का जिम्मेदार कौन है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जिस जमीन पर स्टेडियम बना है, वह शिक्षा विभाग की है, लेकिन स्टेडियम का रखरखाव कौन कर रहा था, यह स्पष्ट नहीं है। इसी कारण शिक्षा विभाग, खेल विभाग और नगर परिषद द्वारा पिछले वर्षों में किए खर्च का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पीजीआई में इलाज के दौरान हुई संभावित लापरवाही की अलग से जांच कर रहा है। जांच रिपोर्ट इसी सप्ताह आने की उम्मीद है।
प्रो. भरत भास्कर बोले- केस स्टडी प्रबंधन शिक्षा का आधार:बिमटेक में आईसीएमसी 2025 का समापन
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक), ग्रेटर नोएडा ने हाल ही में 14वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैनेजमेंट केसेज़ (आईसीएमसी 2025) का आयोजन किया। यह सम्मेलन शिक्षण और शोध आधारित केस स्टडीज तथा केस राइटिंग को बढ़ावा देने वाला एक वैश्विक मंच है, जो शिक्षा जगत और उद्योग के बीच संवाद को मजबूत करता है। सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम अहमदाबाद) के निदेशक प्रो. भरत भास्कर की विशिष्ट उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने केस-आधारित शिक्षण पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे प्रबंधन शिक्षा का आधार बताया। प्रो. भरत भास्कर ने कहा, केस स्टडी पद्धति प्रबंधन शिक्षा का मूल है। आज के गतिशील व्यावसायिक वातावरण में इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि विद्यार्थी इसी के माध्यम से निर्णय लेने की वास्तविक समझ प्राप्त करते हैं। वायोलेटा गैलाघर बोले- केस शिक्षकों को ऐसे केस लाने होंगे जो उनके अनुभवों और वास्तविकताओं से मेल खाते हों इस वर्ष आईसीएमसी में दो प्रमुख की-नोट सत्र आयोजित हुए। पहले सत्र में आइवी पब्लिशिंग की प्रोडक्ट एवं पब्लिशिंग डायरेक्टर वायोलेटा गैलाघर ने उच्च गुणवत्ता वाली केस स्टडीज की वैश्विक अपेक्षाओं और केस लेखकों के कौशल-विकास पर विस्तृत चर्चा की। दूसरे सत्र में सेज के सीनियर मैनेजिंग एडिटर राहुल कुमार शर्मा ने केस प्रकाशन के बदलते परिदृश्य, संपादकीय प्रक्रिया और प्रैक्टिस-आधारित केस स्कॉलरशिप में उभरते अवसरों पर अपने विचार साझा किए। वायोलेटा गैलाघर ने कहा- आज के विद्यार्थी समावेशिता, न्याय, स्थिरता और नैतिकता को गहराई से महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि केस शिक्षकों को ऐसे केस लाने होंगे जो उनके अनुभवों और वास्तविकताओं से मेल खाते हों। राहुल कुमार शर्मा ने प्रकाशन जगत में ईमानदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि केस लेखकों और शोधकर्ताओं को अपने कार्य में उच्च नैतिक मानकों का पालन करना चाहिए। इस अवसर पर बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रवीणा राजीव ने कहा- पिछले 14 वर्षों से आईसीएमसी, बिमटेक की सार्थक केस शोध और प्रैक्टिस-आधारित प्रबंधन शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष प्रस्तुत विविध केस स्टडीज और गहन चर्चाएं व्यवसाय और समाज की बदलती वास्तविकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं, जो प्रभावी ज्ञान-सृजन में सम्मेलन की उत्प्रेरक भूमिका को और सुदृढ़ करती हैं। जापान, अमेरिका सहित 100 से अधिक केस लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हुए सम्मेलन में भारत, जापान, अमेरिका, थाईलैंड, लिथुआनिया, फ़िनलैंड और यूएई सहित अनेक देशों के 100 से अधिक केस लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हुए। चौदह विषयगत ट्रैकों में 70 से अधिक शिक्षण एवं शोध-आधारित केस स्टडीज प्रस्तुत की गईं, जिनमें नेतृत्व, मानव व्यवहार, स्थिरता, रणनीतिक नवाचार और परिवर्तन प्रबंधन जैसे विषय शामिल थे।
‘मुहब्बते रसूल’ कॉन्फ्रेंस में उमड़े लोग:मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का आह्वान
झालावाड़ शहर के एक निजी होटल में अहले हदीस जमीयत के तत्वावधान में बीती रात ‘मुहब्बते रसूल’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें मुस्लिम समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं और जीवन से जुड़े संदेशों को आम लोगों तक पहुंचाना था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अब्दुल हमीद मदनी ने संबोधित करते हुए कहा कि यदि मोहम्मद साहब के पैगाम को अपनी जिंदगी में अपना लिया जाए, तो इंसान सभी बुराइयों से दूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे हरामखोरी, नशाखोरी, सूदखोरी और फिजूलखर्ची जैसी खराब आदतें खत्म होंगी। मदनी ने कुरान और सुन्नत का हवाला देते हुए कहा कि मोहम्मद साहब के तरीके पर चलने से दुनिया और आखिरत दोनों में कामयाबी मिलती है। उन्होंने कहा कि बुराई का जवाब भलाई से देना चाहिए और इंसानियत को सबसे ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि मोहम्मद साहब ने हमेशा भाईचारे, शांति और मोहब्बत का संदेश दिया है। मदनी ने कहा-अल्लाह के नबी से सच्ची मोहब्बत का मतलब है कि हमारी जिंदगी में उनकी सीरत झलके। कार्यक्रम में कोटा, इंदौर, सुकेत और बूंदी से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। आयोजन की सदारत अमीर जमात राजस्थान मोहम्मद इस्माइल सरवाड़ी ने की, जबकि अस्लम खान ने आयोजन की सफलता के लिए झालावाड़ जिले के समाज बंधुओं का धन्यवाद किया। इस अवसर पर जमशेद खालिद हुसैन, हाफिज तोहिद खान, अब्दुल हफीज, निसार अहमद खिलजी, रहीम मोदी और शेख सिराजुद्दीन सलफी समेत अनेक मेहमान उपस्थित रहे।
बिहार IAS अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। राज्य में 359 के बदले 276 अफसर ही काम कर रहे। मतलब 83 कम। इसका असर यह है कि एक अधिकारी पर 5-6 बड़े विभागों की जिम्मेदारी है। इससे रोजगार से लेकर विकास तक के प्रोजेक्ट डिले हो रहे हैं। इससे आम लोगों पर सीधा असर पड़ रहा है। नई नौकरी के लिए भर्ती नहीं निकल रही। जमीन का सर्वे पूरा नहीं हो पा रहा। किसानों को वक्त पर खाद नहीं मिलता। एक उदाहरण देखिए, केके पाठक शिक्षा विभाग को संभाल रहे थे तब करीब 3 लाख शिक्षक भर्ती हुए। उनके जाने के बाद आए एस सिद्धार्थ बिना वैकेंसी निकाले रिटायर हो गए। मंडे स्पेशल में जानिए देश के टॉप मोस्ट सर्विस की कहानी। बिहार में IAS अफसर की कितनी कमी? किस अफसर के पास कितने और कौन-कौन से विभाग का एडिशनल चार्ज? आम लोगों कितना पड़ रहा इसका असर? 5 साल में 1 करोड़ नौकरी, काम के बोझ में दबे अधिकारी नीतीश सरकार ने 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी/रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। CM ने खाली पड़े सरकारी पदों को जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। एक साल के भीतर सभी पद भरने को कहा है, लेकिन शिक्षक भर्ती के उदाहरण को देखें तो काम के बोझ तले दबे अधिकारियों के लिए यह बड़ी चुनौती है। चाहिए 359 IAS अफसर, काम कर रहे 276 बिहार में 359 आईएएस अधिकारी के लिए पद स्वीकृत है। दूसरे शब्दों में सरकारी कामकाज चलाने के लिए इतने अधिकारी चाहिए। हालांकि इस वक्त 276 अधिकारी ही काम कर रहे हैं। राज्य को 308 आईएएस अफसर मिले हैं। इनमें से 30 नवंबर को 1 आईएएस अफसर रिटायर हो गए और 1 आईएएस इंटर स्टेट डेपुटेशन पर चले गए। बिहार कैडर के 30 आईएएस अफसर सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। काम के बोझ से दबे हैं IAS अधिकारी बिहार में IAS अधिकारी काम के बोझ से दबे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन और गृह विभाग जैसे पावरफुल विभाग के मुख्य सचिव के पास कई और विभागों की जिम्मेदारी है। यह स्थिति सीनियर से जूनियर लेवल तक है। अधिकारियों की कमी का असर, 4 बड़े उदाहरण 1- केके पाठक जून 2023 से जून 2024 तक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। इस दौरान 3 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन चरण में परीक्षा ली गई। काम तेजी से हुआ। पाठक के बाद शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी एस सिद्धार्थ को मिली। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहने के साथ सिद्धार्थ सीएम के प्रधान सचिव और मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की भी जिम्मेदारी उठा रहे थे। वह एक साल से अधिक समय तक शिक्षा विभाग में रहे, लेकिन टीआईआर 4 की भर्ती नहीं निकाली। मंत्री आश्वासन देते रह गए कि तीन महीने में भर्ती आने वाली है। 30 अगस्त 2025 को उनका तबादला हो गया। बी राजेंद्र को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली। क्यों है जरूरी: शिक्षा विभाग बिहार में सरकारी नौकरी देने वाले सबसे बड़े विभागों में से एक है। नई सरकार ने 1 करोड़ लोगों को नौकरी/रोजगार दिलाने का वादा किया है। सरकारी पदों का बड़ा हिस्सा इस विभाग द्वारा भरा जाना है। 2- 2012 में जमीन का सर्वे शुरू हुआ। करीब 14 हजार कर्मी लगाए गए। अभी तक सिर्फ 25% काम हुआ। पहले काम जुलाई 2025 तक पूरा करना था। समय सीमा जुलाई 2026 फिर 2027 तक बढ़ाई गई। क्यों है जरूरी: बिहार में लड़ाई-झगड़े और हत्या की बड़ी वजह जमीन विवाद है। सरकार सर्वे करा रही है ताकि जमीन के कागज अपडेट हो जाएं। दावा है कि इससे जमीन विवाद कम होंगे। 3- बिहार उद्योग के मामले में सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है। राज्य में 58.51 लाख कल-कारखाने हैं। राज्य के GSDP में उद्योग की हिस्सेदारी 21.5% है। उद्योग-धंधे कम होने के चलते राज्य के युवाओं को पलायन करना पड़ता है। क्यों है जरूरी: 5 साल में 1 करोड़ नौकरी/रोजगार के लक्ष्य को पाने के लिए राज्य में उद्योग को बढ़ावा देना होगा। 4-किसानों को जरूरत के वक्त उर्वरक नहीं मिलता। सरकारी दुकानों पर लंबी लाइनें लगानी पड़ती है। धान हो या मक्का, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलता। MSP से भी कम कीमत में अनाज बेचना मजबूरी। क्यों है जरूरी- बिहार के करीब 75 फीसदी लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं। डीजल, उर्वरक हो या मजदूरी, खेती की लागत बढ़ गई है। फसलों की उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों की आमदनी घट गई है। इन टॉप 15 आईएएस अधिकारियों पर है काम का ज्यादा बोझ 1. आईएएस दीपक कुमार सिंह (1992 बैच)- इनके पास ग्रामीण कार्य विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी है। दोनों विभाग के पास आम लोगों के जीवन पर असर डालने वाले काम हैं। 13 जून 2024 को दीपक कुमार को ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। 3 जुलाई 2024 को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के काम भी मिल गए। ग्रामीण कार्य विभाग के काम राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के काम 2.आईएएस मिहिर कुमार सिंह (1993 बैच)- मिहिर कुमार उद्योग विभाग के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) हैं। इसके साथ ही परिवहन विभाग और महानिदेशक-सह-मुख्य जांच आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। उद्योग विभाग के काम परिवहन विभाग के काम मुख्य जांच आयुक्त के काम 3. आईएएस अरविंद चौधरी (1995 बैच)- अरविंद चौधरी 5 विभाग संभाल रहे हैं। गृह अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं। इसके साथ ही निगरानी अपर मुख्य सचिव, बिहार राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा नियंत्रक, सामान्य प्रशासन जांच आयुक्त और कैबिनेट अपर मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी इनपर है। गृह विभाग के काम निगरानी विभाग के काम सामान्य प्रशासन जांच आयुक्त के काम कैबिनेट अपर मुख्य सचिव के काम 4. आईएएस डॉ. बी. राजेंद्र (1995 बैच) - डॉ. बी. राजेंद्र सामान्य प्रशासन विभाग (प्रशासनिक अफसरों और कर्मी से जुड़ा विभाग) के एसीएस हैं। इसके साथ ही शिक्षा, खेल, BIPARD DG, जन शिकायत अपर मुख्य सचिव, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी महानिदेशक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के काम 5. आईएएस आनंद किशोर (1996 बैच)- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन हैं। 25 सितंबर 2017 से इस पद पर हैं। इसके अलावा वित्त विभाग के प्रधान सचिव हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का एडिशनल चार्ज संभाल रहे हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के काम वित्त विभाग के काम 6. आईएएस के सेंथिल (1996 बैच)- योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव हैं। इनके पास बिहार राज्य योजना पर्षद और बिहार आपदा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण सोसाइटी का अतिरिक्त प्रभार भी है। योजना एवं विकास विभाग के काम 7. आईएएस एच आर श्रीनिवास (1996 बैच)- इनके पास पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग जिम्मेदारी है। इसके अलावा जांच आयुक्त का प्रभार है। पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के काम 8. आईएएस संतोष कुमार मल्ल (1997 बैच)- संतोष कुमार जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव हैं। साथ ही इनके पास सामान्य प्रशासन के जांच आयुक्त और दिल्ली स्थानीय आयुक्त के चार्ज में भी हैं। जल संसाधन विभाग के काम 9. आईएएस पंकज कुमार (1997 बैच)- कृषि विभाग के प्रधान सचिव हैं। इसके साथ ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, एसएफसी एमडी और जांच आयुक्त (सामान्य प्रशासन) की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। कृषि विभाग के काम 10. आईएएस लोकेश कुमार सिंह (2003 बैच)- ग्रामीण विकास विभाग के सचिव हैं। इसके साथ ही पर्यटन, जांच आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग के काम स्वास्थ्य विभाग के सचिव का काम 11. आईएएस अनुपम कुमार (2003 बैच)- अनुपम कुमार के पास 4 विभागों का बोझ है। वह मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव हैं। इसके साथ ही IPRD, बिहार विकास मिशन निदेशक और संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 12. आईएएस कुंदन कुमार (2004 बैच)- बिहार भवन नई दिल्ली के स्थानीय आयुक्त हैं। निवेशक आयुक्त, बियाडा एमडी और आधारभूत संरचना एमडी का अतिरिक्त प्रभार है। 13. आईएएस अभय कुमार सिंह (2004 बैच)- नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव हैं। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के सचिव, बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड के एमडी और पटना मेट्रो के एमडी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 14. आईएएस अजय यादव (2005 बैच)- अजय यादव उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव हैं। इसके साथ ही एडिशनल डायरेक्टर ऑफ हायर एजुकेशन, बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड के एमडी, बिहार राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन के एमडी और जांच आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 15. आईएएस दिवेश सेहरा (2005 बैच)- दिवेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव हैं। इसके अतिरिक्त इन्हें महादलित विकास मिशन, बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम, जांच आयुक्त, सचिव-सह-खान आयुक्त, राज्य खनिज, विकास निगम लिमिटेड और बिहार राज्य खनन निगम का चार्ज सौंपा गया है। वन और पुलिस सेवा के अधिकारी प्रशासनिक पद पर तैनात बिहार में आईएएस की कमी की वजह से प्रशासनिक पद पर वन और पुलिस सेवा के अफसरों को पोस्ट किया गया है। जैसे- 1. डॉ. गोपाल सिंह (भारतीय वन सेवा 2003)- मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी हैं। 2021 से इस पद पर तैनात हैं। इनके पास पटना अंचल क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक और बिहार भवन कार्यालय नई दिल्ली के स्थानीय आयुक्त की भी जिम्मेदारी है। 2.नंद किशोर (भारतीय वन सेवा 2006)- बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के एमडी हैं। 4 मार्च 2024 से इस पद पर बने हुए हैं। 3. अभिषेक कुमार (भारतीय वन सेवा 2003)- 8 मार्च 2023 से उद्यान निदेशक हैं। 4. विकास वैभव (आईपीएस 2003)- बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी हैं। 3 जुलाई 2023 से इस पद पर हैं। 5. कुंदन कृष्णन (आईपीएस 1994)- 31 मई 2025 से बिहार भवन नई दिल्ली के विशेष कार्य पदाधिकारी हैं। दिल्ली जाकर लौटना नहीं चाहते अधिकारी एक ओर बिहार में आईएएस अफसरों की कमी है। दूसरी ओर सच्चाई यह है कि बिहार कैडर के जो अधिकारी सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली जाते हैं, लौटना नहीं चाहते। इस समय बिहार कैडर के 30 आईएएस अधिकारी सेंट्रल डेपुटेशन हैं।
शिक्षा के साथ-साथ करियर पर भी निरंतर करें फोकस : डॉ.पवन सिंह
भास्कर न्यूज | कोरबा पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल सिमगा में करियर काउंसिलिंग व पालक-बालक-शिक्षक सम्मेलन आयोजित किया गया। क्षेत्र में पहली बार आयोजित हुए शिक्षा सम्मेलन में बड़ी संख्या में छात्रों के साथ उनके पालक और ग्रामवासी भाग लिए। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.पवन सिंह थे। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा के माध्यम से ही बेहतर करियर बना सकते हैं। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ करियर पर निरंतर फोकस बनाए रखें, ताकि भविष्य सुनहरा हो। उन्होंने छात्रों, पालकों तथा ग्रामवासियों से शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने को कहा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य विद्वान सिंह मरकाम ने पालकों से अपने बच्चों की शिक्षा में विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा की अध्यक्ष माधुरी देवी तंवर एवं सदस्य भारत सिंह सिदार ने भी छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। संस्था के प्राचार्य सतीश प्रकाश सिंह ने स्वागत भाषण में कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों तथा क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को दृष्टिगत कर उनके कैरियर निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने विभिन्न विभागों तथा संस्थानों के विषय विशेषज्ञ तथा काउंसिलिंग एक्सपर्ट्स ने अपने विचार रखे।
शिक्षा को प्राथमिकता दें, एकता बनाए रखें, तभी आगे बढ़ेगा समाज: जायसवाल
भास्कर न्यूज | थानखम्हरिया शहर में भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजिम कुंभ की तरह यहां भी श्रद्धावान लोगों का दर्शन कर रहा हूं। कलार समाज गौरवशाली कलचुरी वंश की विरासत है। छत्तीसगढ़ की विविधताओं के बावजूद यहां के लोगों के विचारों और संस्कारों में समानता है। समाज के लोग हर क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस एकता को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने समाज के लोगों से शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए कहा कि शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ता है। कलार समाज पूरे विश्व में हैं, जिनके दक्षिण भारत में 77 उपनाम हैं। सातवीं शताब्दी से लेकर कलचुरी समाज के वंशज हैं। इस मौके पर नगर प्रमुख चेतन सिन्हा, अमर सिन्हा, मंडलेश्वर लोकनाथ सिन्हा, जितेंद्र सिन्हा, भागवत सिन्हा, रोशन सिन्हा, कृष्ण सिन्हा, तोरण लाल सिन्हा, रामकुमार डड़सेना, खुमान सिन्हा,अशोक जायसवाल, रामसहाय, अजय जायसवाल, टीकाराम, राजेश जायसवाल, संजय सिन्हा, प्रहलाद सिन्हा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। मंत्री से मुलाकात कर सामाजिक भवन के लिए 25 लाख दिलाने का आश्वासन दिया स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से मुलाकात कर सामाजिक भवन के लिए 25 लाख रुपए दिलाने की बात कही। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मचारी, महिला चिकित्सक की नियुक्ति का आश्वासन दिया। साजा विधायक ईश्वर साहू ने मंच से विधायक निधि से सहस्त्रबाहु मार्ग के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। नपं अध्यक्ष अनीता चंदन अग्रवाल,अनिल सिन्हा, होरीलाल सिन्हा, नपा बेमेतरा अध्यक्ष विजय सिन्हा, नपं देवकर अध्यक्ष सुरेश सिहोरे उपस्थित थे। समाज के लोगों ने छत्तीसगढ़ी को भाषा का दर्जा, स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान सहस्त्रबाहु के जीवन चरित्र को शामिल करने, कलार समाज बोर्ड स्थापना की मांग किया। इस कार्यक्रम के बाद श्याम बिहारी जायसवाल ने स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया।
हरियाणा में जयहिंद सेना के संयोजक नवीन जयहिंद अब प्रदेश सरकार से अपनी नौकरी पर जवाब मांग रहे हैं। नवीन जयहिंद साल 2020 में पीटीआई टीचर भर्ती हुए थे, जिनका ज्वाइनिंग लेटर भी जारी हुआ था, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया। शिक्षा विभाग ने नवीन जयहिंद की ज्वाइनिंग पर रोक लगा रखी है। उनके मामले में हर छह माह में केस का स्टेटस पूछ लिया जाता है, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं दी जाती। ऐसे में अब नवीन जयहिंद ने फैसला किया है कि वे विभाग से अपनी लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए वे अधिकारियों से अंतिम बार मिलेंगे और उसके बाद कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं। जयहिंद की सोशल मीडिया पोस्ट में 3 अहम बातें... जयहिंद पर हैं करीब 12 केसनवीन जयहिंद के खिलाफ हरियाणा में करीब 12 केस दर्ज हैं। जिसमें से अधिकांश केस रोहतक जिले के हैं। सामाजिक मुद्दों पर लड़ाई के दौरान ही उनके खिलाफ ये केस दर्ज हुए हैं। नवीन जयहिंद के खिलाफ पहला केस 2005 में दर्ज हुआ था, जिसमें वो बरी हो चुके हैं। 4 प्वाइंट में समझिए नवीन के खिलाफ मुख्य केस... जिस भर्ती में चयनित, वो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा2006 में पीटीआई के लिए भर्ती निकली थी। वर्ष 2010 में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1983 पीटीआई नियुक्त किए गए। कुछ आवेदकों ने भर्ती अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए कोर्ट में केस दायर कर दिया। वर्षों चले केस के बाद इस साल सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को बर्खास्त करने के आदेश दिए। सरकार ने 2006 भर्ती वाले पीटीआई को बर्खास्त करके साल 2020 में दोबारा परीक्षा ली। जिसमें वहीं आवेदक बैठे जिन्होंने वर्ष 2006 में भर्ती के लिए आवेदन किया था। 1983 पदों के लिए 7485 आवेदकों ने 23 अगस्त को दी थी परीक्षाहरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 23 अगस्त 2020 को 1983 पदों के लिए परीक्षा ली। परीक्षा के लिए कुल 9294 आवेदकों में से 7485 ने कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल और हिसार में 95 केंद्रों पर परीक्षा दी थी। 27 सिंतबर 2020 को रिजल्ट घोषित करते हुए सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार और स्क्रूटनी के लिए एक से तीन अक्टूबर 2020 तक बुलाया था। खाली रह गए थे आधे पद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निकाले गए 1983 शारीरिक शिक्षकों (पीटीआई) के रिक्त पदों को भरने के लिए 23 अगस्त को हुई लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। पीटीआइ के करीब आधे पद खाली रहेंगे क्योंकि विभिन्न श्रेणियों में रिक्त पदों की तुलना में काफी कम उम्मीदवार लिखित परीक्षा में पास हुए हैं।
राजपूत समाज: शिक्षा नेग से अब तक 200 जरूरतमंद प्रतिभाएं लाभान्वित
कई डॉक्टर बने तो कई शिक्षक, विभिन्न उच्च संस्थानों में भी पढ़ रहे भास्कर न्यूज | जालोर मारवाड़ क्षेत्र के राजपूत समाज ने पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा नेग नामक अनूठी पहल से समाज के जरूरतमंद प्रतिभावानों शिक्षा सहयोग दिया जाता है। समाज के लोगों का मानना है कि किसी को शिक्षा के माध्यम से समर्थ बनाना सबसे प्रभावी प्रयास होता है। इसी सोच को साकार करने मारवाड़ क्षेत्र के राजपूत समाज ने यह पहल शुरू की है। यह अभियान राजपूत शिक्षा कोष संस्थान के माध्यम से संचालित होता है, जिसके अंतर्गत विवाह, मायरा या अन्य सामाजिक आयोजनों में होने वाले अनुमानित कुल खर्च का अधिकतम आधा प्रतिशत राशि उपहार स्वरूप शिक्षा कोष में जमा करवाई जाती है। अधिकतम आधा प्रतिशत राशि की सीमा इसलिए रखी है ताकि समाज में कोई आर्थिक दबाव न बने और हर व्यक्ति आसानी से इसमें भाग ले सके। इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में पूर्व सांसद और पद्म विभूषण डॉ. नारायणसिंह माणकलाव की प्रेरणा से की। समाज में कहीं भी विवाह या मायरा जैसे कार्यक्रम होते हैं, तो आयोजनकर्ता स्वेच्छा से संस्थान को इसकी सूचना देते हैं। उदाहरण के रूप में यदि किसी आयोजन में 10 लाख खर्च होते हैं, तो सिर्फ 5 हजार रुपए शिक्षा सहयोग के रूप में लिए जाते हैं, इससे अधिक नहीं। योग्यता के आधार पर लाभार्थियों का चयन : संस्थान इस संग्रहित राशि को सीधे खर्च नहीं करता, बल्कि जिला स्तर पर परीक्षा आयोजन, अभिभावकों की आर्थिक स्थिति और विद्यार्थियों की योग्यता के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाता है। चयनित विद्यार्थियों के स्कूल या कॉलेज की फीस सीधे संस्थान द्वारा संबंधित संस्थान में जमा करवाई जाती है। अब तक इस पहल से करीब 200 विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें से कई डॉक्टर बने, कई शिक्षक बने और कई अभी भी उच्च अध्ययनरत हैं। चांदना में 25 हजार का शिक्षा नेग, पहला नेग 2022 में हुआ शनिवार को जालोर के चांदना में आयोजित विवाह समारोह में योगेंद्रसिंह कुंपावत एडवोकेट ने मायरा भरते हुए 25 हजार रुपए शिक्षा नेग में दिए। समारोह में मायरा पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च हुए थे। जिले में सबसे पहला शिक्षा नेग वर्ष 2022 में विवाह समारोह में महावीर सिंह पानवा (वर पक्ष) और डॉ. ललित सिंह शक्तावत (वधु पक्ष) ने किया था। उनके बाद सुमेर सिंह धानपुर ने अपने पुत्र के विवाह में शिक्षा नेग की परंपरा को आगे बढ़ाया। अब रविवार को योगेंद्रसिंह कुंपावत ने किया है।
शिक्षा बोर्ड की निबंध सहित 4 प्रतियोगिता 5 से
जोधपुर | माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से निबंध, आशु भाषण, क्विज और चित्रकला प्रतियोगिता 5 दिसंबर से 17 जनवरी विद्यालय, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर होगी। जिनमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इस बार बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूली स्तर की परीक्षाएं भी जल्द ही फरवरी-मार्च में होगी। प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को 5 हजार से लेकर 51 हजार रुपए के नगद पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम में कृषि, पशुपालन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस
रांची| रांची जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत कृषि-पशुपालन, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेशन एवं बैंकिंग सेवा, कौशल विकास एवं स्वरोजगार, आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता, खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने पर जोर दिया जाएगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम की रांची जिला प्रभारी हिमानी पांडे की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने सभी योजनाओं पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया। कहा कि रांची जिला आकांक्षी जिला कार्यक्रम में पिछले कई माह से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि सभी बिंदुओं पर लक्ष्य तय करके काम किया जाएगा। बैठक में उप विकास आयुक्त सौरभ भुवनिया समेत स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण, बैंकिंग, ग्रामीण विकास, जल संसाधन एवं अन्य विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) के पद पर कार्यरत रहे मनोज कुमार ढाका के निलंबन आदेश को राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण (रेट) ने निरस्त कर दिया है। प्रार्थी मनोज कुमार ढाका के वकील संदीप कलवानिया ने बताया कि प्रार्थी झुंझुनूं में जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) के पद पर कार्यरत थे। शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव ने 19 मई 2025 को आदेश जारी कर प्रार्थी को बिना कारण निलंबित कर दिया और निलंबन काल के दौरान निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर में उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए। वकील कलवानिया ने दलील दी कि विभाग ने प्रार्थी को बिना किसी कारण के नियमों की अवहेलना करते हुए निलंबित किया है। प्रार्थी के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं थी, इसलिए निलंबन आदेश नियम विरुद्ध है। लिहाजा निलंबन आदेश को निरस्त किया जाए। इस पर अधिकरण की बेंच ने प्रार्थी के निलंबन आदेश को नियम विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर प्रार्थी को राहत दी।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर के लिए ऑनलाइन जॉब कैसे सर्च करें?
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

