इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश की जानकारी के बावजूद बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव सुरेंद्र तिवारी को जमानती वारंट जारी किया है। वारंट सी जे एम प्रयागराज के मार्फत जारी किया जायेगा। कोर्ट ने सचिव को अगली सुनवाई की तिथि छः जनवरी को हाजिर होने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने भाग्यवती चौरसिया की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सचिव से आदेश का अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था।जिसका न तो पालन किया गया और न हीं सचिव हाजिर हुए। कोर्ट ने कहा जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 में बिना टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सम्मिलित करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तीन दिन में मांगा है। कोर्ट ने मामले को आवश्यक मानते हुए यह भी कहा कि जवाब दाखिल नहीं किया गया तो माध्यमिक शिक्षा निदेशक अगली सुनवाई पर रिकॉर्ड के साथ उपस्थित हों। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव एंड न्यायमूर्ति सुधांशु चौहान की खंडपीठ ने जयहिंद यादव व अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे व अधिवक्ता संजय कुमार यादव को सुनकर दिया है। सीनियर एडवोकेट अशोक खरे व अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि 1989 में सीटी के डाइंग कैडर घोषित होने के बाद सरकार 1991 के शासनादेश के तहत एलटी ग्रेड शिक्षक से ही कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को पढ़वा रही है, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के विपरीत है। उन्होंने बताया कि एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना में निर्धारित किया गया है कि कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक का उच्च प्राथमिक टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। शिक्षक की योग्यता में छूट नहीं दी गई है। फिर भी प्रदेश सरकार जूनियर लेवल में न तो कोई भर्ती कर रही है और न ही एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार ही योग्य अध्यापक से पठन पाठ करा रही है। एनसीटीई की साफ गाइडलाइन है कि कक्षा एक से आठ तक बिना टीईटी पास किए कोई भी शिक्षक पढ़ा नहीं सकता है। सरकार 1989 के शासनादेश मैं शासकीय व अशासकीय विद्यालय में सीटी ग्रेड को डाइंग घोषित किए जाने और कोई नई नियुक्ति नहीं किए जाने की बात है।ऐसे में सीटी ग्रेड के अध्यापक को एलटी ग्रेड में सम्मिलित किया जाए और वेतनमान भी सीटी ग्रेड शिक्षक को एलटी ग्रेड का दिया जाए। 11 अक्टूबर 2021 के शासनादेश में उच्च प्राथमिक यानी कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थियों के शिक्षण कार्य के लिए एलटी ग्रेड शिक्षक को ही आदेशित किया है। एनसीटीई की गाइडलाइन को कंसीडर करते हुए अन्य राज्य व अन्य संस्थाओं ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में उच्च प्राथमिक टीईटी और जूनियर लेवल सी टेट को अनिवार्य कर दिया है लेकिन प्रदेश सरकार अब तक एलटी ग्रेड में टेट अनिवार्य नहीं किया है।
आजमगढ़ के अहिरौला थाना क्षेत्र स्थित ब्लॉक में सोमवार को प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की विशेष कार्यशाला को संबोधित किया। दौरे के दौरान मंत्री ने सबसे पहले कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनीं और संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि इस तरह की पाठशालाओं का उद्देश्य कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संगठन, राजनीति और नैतिक मूल्यों की पूरी समझ देना होता है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की रीढ़ होते हैं। पार्टी को खड़ा रखना, मतदाताओं को जोड़ना और चुनावी ताकत बढ़ाना। इन सभी में कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। कार्यकर्ताओं की मेहनत के दम पर ही पार्टियां चुनाव लड़ती और जीतती हैं। कार्यकर्ताओं ने पाठशाला, कार्यशाला और मधुशाला में बताया अंतरसंजय निषाद ने कार्यकर्ताओं को ‘पाठशाला’, ‘कार्यशाला’ और ‘मधुशाला’ का अंतर समझाते हुए कहा कि अब समय है पुरानी सोच से बाहर निकलने का। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल को समझते हुए नई सोच के साथ जुटना होगा। मंत्री ने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव के अलावा पंचायत चुनाव भी नजदीक हैं। पंचायत चुनाव में भी पार्टी जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के प्रत्याशी उतारेगी और इन्हीं कार्यकर्ताओं के दम पर जीत दर्ज करेगी। लगभग दो घंटे तक बंद कमरे में चली इस कार्यशाला में मंत्री ने कार्यकर्ताओं को नैतिक शिक्षा, राजनीतिक समझ और संगठन की मजबूती का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हम यह देखने आए हैं कि कौन सच में पार्टी के लिए काम करता है, कौन सिर्फ ‘पौवा’ लगाने वाला है और कौन सिर्फ पैसे के बल पर राजनीति करना चाहता है। कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने 2027 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में सक्रिय होकर काम करने का निर्देश दिया। इस मौके पर संयोजक प्रदीप सिंह उर्फ गब्बर, वंशी निषाद, सुनील निषाद, संजय निषाद सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।
महेंद्रगढ़ में सोमवार को समुत्कर्ष प्रोजेक्ट 4.0 का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जबकि रेड क्रॉस सोसाइटी हरियाणा के महामंत्री महेश जोशी विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान 101 मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप प्रदान की गई। यह कार्यक्रम एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ककराला में आयोजित किया गया। शिक्षा मंत्री ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत शुभारंभ किया। विद्यालय के चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि 'समुत्कर्ष' का उद्देश्य प्रतिभा को अवसर, परिश्रम को दिशा और युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। युवा एंड सेवा फाउंडेशन द्वारा संचालित यह प्रोजेक्ट आर्थिक व सामाजिक रूप से वंचित मेधावी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है। 101 विद्यार्थियों को दी गई स्कॉलरशिप इस वर्ष समुत्कर्ष 4.0 के तहत कुल 101 विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी गई। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इस प्रोजेक्ट को अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के शैक्षणिक, मानसिक और सामाजिक उत्थान का एक प्रभावी मॉडल बताया। मंत्री ने आगे कहा कि यह पहल केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व विकास, मूल्य आधारित प्रशिक्षण, करियर मार्गदर्शन, मेंटोरिंग और युवाओं में संवेदनशीलता बढ़ाने पर भी केंद्रित है। विशिष्ट अतिथि महेश जोशी ने जोर दिया कि शिक्षा प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और ऐसे प्रोजेक्ट समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होते हैं। क्विज प्रतियोगिता का भी हुआ आयोजन कार्यक्रम में करियर परामर्श एवं व्यक्तिगत मार्गदर्शन सत्र, समुत्कर्ष प्रोजेक्ट के सहयोगियों का सम्मान, क्विज प्रतियोगिता, समाज सेवा आधारित प्रकल्पों की प्रदर्शनी, समूह गीत और देशभक्ति नाट्य मंचन जैसे आयोजन हुए। विद्यार्थियों ने इन गतिविधियों में साहस और आत्मविश्वास का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर एसडी स्कूल के चेयरमैन जगदेव यादव, सुनील कुमार, डॉ. योगेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह, एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह अहलावत और पूर्व विधायक सीताराम यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बहादुरगढ़ के होशियार सिंह स्टेडियम में बास्केटबॉल का पोल गिरने से 15 वर्षीय अमन की मौत के मामले में परिजनों ने आज थाना शहर में पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। अमन के पिता सुरेश ने इस मामले में शिक्षा विभाग, खेल विभाग और पीजीआई रोहतक पर आरोप लगाया है।उनका आरोप है कि पहले तो खेल विभाग या शिक्षा विभाग जो भी स्टेडियम में पोल गिरने के जिम्मेदार हैं उनकी लापरवाही रही, जिसकी वजह से उसका बेटा घायल हुआ और फिर पीजीआई रोहतक के डाक्टरों की घोर लापरवाही रही जिसकी वजह से समय पर इलाज न मिलने के कारण उसके बेटे की मौत हो गई। ऐसे में सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस ने दर्ज की शिकायत, उचित कार्रवाई का दिया आश्वासनथाना शहर उनके परिजनों के साथ लोगों ने अमन के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व पांच करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है ताकि परिवार का गुजर-बसर ठीक हो सके। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है, जिसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।अमन के परिजन आज निर्धारित समयानुसार करीब 12 बजे थाना शहर में पहुंचे और लिखित में शिकायत दी। शिकायत में पूरे घटनाक्रम को बयान कर रखा है कि कैसे उसका बेटा घायल हुआ और कैसे उसकी मौत हुई। वहीं सुरेश का कहना है कि अब तक सरकार की ओर से न तो कोई नेता और ना ही कोई अधिकारी उनसे मिलने आया है। एक अधिकारी ने तो उनके बेटे को बास्केटबॉल खिलाड़ी की बजाय क्रिकेटर बताया। साथ ही अब तक एसडीएम नसीब कुमार की ओर से जांच की जा रही है लेकिन अब तक उनके बयान नहीं लिए गए हैं। शिकायत का यह है मजमूनशिकायत में अमन के पिता सुरेश ने बताया कि उसका 15 वर्षीय अमन प्रतिदिन की तरह 23 नवंबर 2025 की शाम करीब 3:30 बजे स्टेडियम में बास्केटबॉल प्रैक्टिस करने गया था। खेल के दौरान अचानक स्टेडियम परिसर में लगा बास्केटबॉल पोल उसके पेट पर गिर पड़ा, जिससे उसे गंभीर और अंदरूनी चोटें आईं। साथियों द्वारा उसे तुरंत सिविल अस्पताल बहादुरगढ़ ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने लगभग 4:30 बजे उसे PGI रोहतक रेफर कर दिया।वे अमन को लेकर लगभग 5:20-5:30 बजे PGI ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए थे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने समय पर उपचार नहीं किया। आवश्यक जांचों में देरी और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि इसी कारण अमन की हालत बिगड़ती चली गई और 24 नवंबर की शाम 7:15 बजे उसकी मौत हो गई।परिजनों ने 2022 की एक और गंभीर घटना का उल्लेख किया, जिसमें 7 अप्रैल 2022 को इसी स्टेडियम में बास्केटबॉल पोल गिरने से संगम नाम के लड़के के घायल होने की बात कही गई। शिकायत के साथ उस समय के गिरे हुए पोल और घायल बच्चे की फोटो भी संलग्न की गई हैं। पिता का आरोप है कि 2022 की दुर्घटना के बावजूद न तो पोल की मरम्मत की गई, न जांच हुई और न ही सुरक्षा प्रबंधन सुधारा गया।शिकायत में स्टेडियम प्रबंधन, संबंधित मेंटेनेंस विभाग, खेल विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों, PGI रोहतक ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। परिजनों ने कहा कि यह केवल उनके बेटे के लिए न्याय की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि भविष्य में किसी बच्चे की जान इस प्रकार की गंभीर लापरवाही के कारण न जाए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर पहले ही खड़े कर चुके सवालअमन के पिता पहले ही उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उनका आरोप है कि पीजीआई रोहतक जैसे बड़े संस्थान की रिपोर्ट में भारी खामियां हैं, जो किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में अमन की उम्र अलग-अलग जगह दो तरह से दर्ज है। एक स्थान पर 15 वर्ष, जबकि दूसरी जगह 25 वर्ष लिखा हुआ है। इससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।डेड बॉडी हेंडओवर की लाइन में फीमेल दिखायाइसके अलावा रिपोर्ट में एक और बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। अमन की बॉडी को सौंपने वाले कॉलम में उसे महिला (फीमेल) बताया गया है। परिजनों का कहना है कि इतनी गंभीर और संवेदनशील घटना के बाद भी इतनी बड़ी गलतियां डॉक्टरों द्वारा की गईं, जो दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं इस मामले में लापरवाही और तथ्यों को छिपाने की कोशिश की गई है।रिपोर्ट में टाइमिंग को लेकर बड़ा झोलअमन के पिता के अनुसार रिपोर्ट में टाइमिंग को लेकर भी बड़ा झोल है। उनका कहना है कि वे 23 नवंबर की शाम लगभग 5 बजे पीजीआई पहुंच गए थे, लेकिन रिपोर्ट में उनके आने का समय रात 7:50 बजे दर्शाया गया है। सुरेश का आरोप है कि यह जानबूझकर किया गया बदलाव है, ताकि इलाज में हुई देरी को छुपाया जा सके। उन्होंने बताया कि अमन गंभीर रूप से घायल था लेकिन डॉक्टरों ने न तो समय पर अल्ट्रासाउंड किया और न ही आवश्यक उपचार दिया। उनका बेटा दर्द से तड़पता रहा और स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार तक किया गया। सुरेश ने आरोप लगाया कि जब हम इलाज की मांग कर रहे थे तो एक पुलिसकर्मी ने चुप रहने की चेतावनी दी और फिर बाद में धमकी दी कि उनको अंदर कर दूंगा। सरकारी नौकरी व 5 करोड़ का मुआवजा मांगाअमन की मौत ने पूरे बहादुरगढ़ में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी आक्रोश पैदा कर दिया है। अमन के पिता के साथ आए पूर्व चेयरमैन रवि खत्री, पार्षद राजेश तंवर, पूर्व पार्षद एवं आप नेता कुलदीप छिकारा, रिंकू, उमेद सिंह आदि कहना है कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।साथ ही इलाज में हुई लापरवाही की जांच कर दोषी डॉक्टरों और कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अमन के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व पांच करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है। बास्केटबाल पोल गिरने से घायल हुआ था अमनगौरतलब है कि बीते रविवार को स्टेडियम में अभ्यास के दौरान बास्केटबॉल पोल अचानक गिर गया था। जिससे 15 वर्षीय खिलाड़ी अमन गंभीर रूप से घायल हो गया था, उसे तुरंत पीजीआई रोहतक में भर्ती कराया गया, लेकिन सोमवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मंगलवार को अमन का अंतिम संस्कार किया गया था, जबकि परिवार में शादी होने के कारण तीन दिन के भीतर ही गुरुवार को रस्म तेरहवीं कर दी गई।हादसे का जिम्मेदार कौन, अब तक पुष्टि नहींइस हादसे की जांच एसडीएम नसीब कुमार के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक टीम जांच कर रही है। अब तक जांच में हादसे का जिम्मेदार कौन है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जिस जमीन पर स्टेडियम बना है, वह शिक्षा विभाग की है, लेकिन स्टेडियम का रखरखाव कौन कर रहा था, यह स्पष्ट नहीं है। इसी कारण शिक्षा विभाग, खेल विभाग और नगर परिषद द्वारा पिछले वर्षों में किए खर्च का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पीजीआई में इलाज के दौरान हुई संभावित लापरवाही की अलग से जांच कर रहा है। जांच रिपोर्ट इसी सप्ताह आने की उम्मीद है।
प्रो. भरत भास्कर बोले- केस स्टडी प्रबंधन शिक्षा का आधार:बिमटेक में आईसीएमसी 2025 का समापन
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक), ग्रेटर नोएडा ने हाल ही में 14वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैनेजमेंट केसेज़ (आईसीएमसी 2025) का आयोजन किया। यह सम्मेलन शिक्षण और शोध आधारित केस स्टडीज तथा केस राइटिंग को बढ़ावा देने वाला एक वैश्विक मंच है, जो शिक्षा जगत और उद्योग के बीच संवाद को मजबूत करता है। सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम अहमदाबाद) के निदेशक प्रो. भरत भास्कर की विशिष्ट उपस्थिति में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने केस-आधारित शिक्षण पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे प्रबंधन शिक्षा का आधार बताया। प्रो. भरत भास्कर ने कहा, केस स्टडी पद्धति प्रबंधन शिक्षा का मूल है। आज के गतिशील व्यावसायिक वातावरण में इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि विद्यार्थी इसी के माध्यम से निर्णय लेने की वास्तविक समझ प्राप्त करते हैं। वायोलेटा गैलाघर बोले- केस शिक्षकों को ऐसे केस लाने होंगे जो उनके अनुभवों और वास्तविकताओं से मेल खाते हों इस वर्ष आईसीएमसी में दो प्रमुख की-नोट सत्र आयोजित हुए। पहले सत्र में आइवी पब्लिशिंग की प्रोडक्ट एवं पब्लिशिंग डायरेक्टर वायोलेटा गैलाघर ने उच्च गुणवत्ता वाली केस स्टडीज की वैश्विक अपेक्षाओं और केस लेखकों के कौशल-विकास पर विस्तृत चर्चा की। दूसरे सत्र में सेज के सीनियर मैनेजिंग एडिटर राहुल कुमार शर्मा ने केस प्रकाशन के बदलते परिदृश्य, संपादकीय प्रक्रिया और प्रैक्टिस-आधारित केस स्कॉलरशिप में उभरते अवसरों पर अपने विचार साझा किए। वायोलेटा गैलाघर ने कहा- आज के विद्यार्थी समावेशिता, न्याय, स्थिरता और नैतिकता को गहराई से महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि केस शिक्षकों को ऐसे केस लाने होंगे जो उनके अनुभवों और वास्तविकताओं से मेल खाते हों। राहुल कुमार शर्मा ने प्रकाशन जगत में ईमानदारी के महत्व पर बल देते हुए कहा कि केस लेखकों और शोधकर्ताओं को अपने कार्य में उच्च नैतिक मानकों का पालन करना चाहिए। इस अवसर पर बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रवीणा राजीव ने कहा- पिछले 14 वर्षों से आईसीएमसी, बिमटेक की सार्थक केस शोध और प्रैक्टिस-आधारित प्रबंधन शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष प्रस्तुत विविध केस स्टडीज और गहन चर्चाएं व्यवसाय और समाज की बदलती वास्तविकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं, जो प्रभावी ज्ञान-सृजन में सम्मेलन की उत्प्रेरक भूमिका को और सुदृढ़ करती हैं। जापान, अमेरिका सहित 100 से अधिक केस लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हुए सम्मेलन में भारत, जापान, अमेरिका, थाईलैंड, लिथुआनिया, फ़िनलैंड और यूएई सहित अनेक देशों के 100 से अधिक केस लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ शामिल हुए। चौदह विषयगत ट्रैकों में 70 से अधिक शिक्षण एवं शोध-आधारित केस स्टडीज प्रस्तुत की गईं, जिनमें नेतृत्व, मानव व्यवहार, स्थिरता, रणनीतिक नवाचार और परिवर्तन प्रबंधन जैसे विषय शामिल थे।
बिहार IAS अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। राज्य में 359 के बदले 276 अफसर ही काम कर रहे। मतलब 83 कम। इसका असर यह है कि एक अधिकारी पर 5-6 बड़े विभागों की जिम्मेदारी है। इससे रोजगार से लेकर विकास तक के प्रोजेक्ट डिले हो रहे हैं। इससे आम लोगों पर सीधा असर पड़ रहा है। नई नौकरी के लिए भर्ती नहीं निकल रही। जमीन का सर्वे पूरा नहीं हो पा रहा। किसानों को वक्त पर खाद नहीं मिलता। एक उदाहरण देखिए, केके पाठक शिक्षा विभाग को संभाल रहे थे तब करीब 3 लाख शिक्षक भर्ती हुए। उनके जाने के बाद आए एस सिद्धार्थ बिना वैकेंसी निकाले रिटायर हो गए। मंडे स्पेशल में जानिए देश के टॉप मोस्ट सर्विस की कहानी। बिहार में IAS अफसर की कितनी कमी? किस अफसर के पास कितने और कौन-कौन से विभाग का एडिशनल चार्ज? आम लोगों कितना पड़ रहा इसका असर? 5 साल में 1 करोड़ नौकरी, काम के बोझ में दबे अधिकारी नीतीश सरकार ने 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी/रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। CM ने खाली पड़े सरकारी पदों को जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। एक साल के भीतर सभी पद भरने को कहा है, लेकिन शिक्षक भर्ती के उदाहरण को देखें तो काम के बोझ तले दबे अधिकारियों के लिए यह बड़ी चुनौती है। चाहिए 359 IAS अफसर, काम कर रहे 276 बिहार में 359 आईएएस अधिकारी के लिए पद स्वीकृत है। दूसरे शब्दों में सरकारी कामकाज चलाने के लिए इतने अधिकारी चाहिए। हालांकि इस वक्त 276 अधिकारी ही काम कर रहे हैं। राज्य को 308 आईएएस अफसर मिले हैं। इनमें से 30 नवंबर को 1 आईएएस अफसर रिटायर हो गए और 1 आईएएस इंटर स्टेट डेपुटेशन पर चले गए। बिहार कैडर के 30 आईएएस अफसर सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं। काम के बोझ से दबे हैं IAS अधिकारी बिहार में IAS अधिकारी काम के बोझ से दबे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन और गृह विभाग जैसे पावरफुल विभाग के मुख्य सचिव के पास कई और विभागों की जिम्मेदारी है। यह स्थिति सीनियर से जूनियर लेवल तक है। अधिकारियों की कमी का असर, 4 बड़े उदाहरण 1- केके पाठक जून 2023 से जून 2024 तक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। इस दौरान 3 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन चरण में परीक्षा ली गई। काम तेजी से हुआ। पाठक के बाद शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी एस सिद्धार्थ को मिली। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहने के साथ सिद्धार्थ सीएम के प्रधान सचिव और मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की भी जिम्मेदारी उठा रहे थे। वह एक साल से अधिक समय तक शिक्षा विभाग में रहे, लेकिन टीआईआर 4 की भर्ती नहीं निकाली। मंत्री आश्वासन देते रह गए कि तीन महीने में भर्ती आने वाली है। 30 अगस्त 2025 को उनका तबादला हो गया। बी राजेंद्र को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली। क्यों है जरूरी: शिक्षा विभाग बिहार में सरकारी नौकरी देने वाले सबसे बड़े विभागों में से एक है। नई सरकार ने 1 करोड़ लोगों को नौकरी/रोजगार दिलाने का वादा किया है। सरकारी पदों का बड़ा हिस्सा इस विभाग द्वारा भरा जाना है। 2- 2012 में जमीन का सर्वे शुरू हुआ। करीब 14 हजार कर्मी लगाए गए। अभी तक सिर्फ 25% काम हुआ। पहले काम जुलाई 2025 तक पूरा करना था। समय सीमा जुलाई 2026 फिर 2027 तक बढ़ाई गई। क्यों है जरूरी: बिहार में लड़ाई-झगड़े और हत्या की बड़ी वजह जमीन विवाद है। सरकार सर्वे करा रही है ताकि जमीन के कागज अपडेट हो जाएं। दावा है कि इससे जमीन विवाद कम होंगे। 3- बिहार उद्योग के मामले में सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है। राज्य में 58.51 लाख कल-कारखाने हैं। राज्य के GSDP में उद्योग की हिस्सेदारी 21.5% है। उद्योग-धंधे कम होने के चलते राज्य के युवाओं को पलायन करना पड़ता है। क्यों है जरूरी: 5 साल में 1 करोड़ नौकरी/रोजगार के लक्ष्य को पाने के लिए राज्य में उद्योग को बढ़ावा देना होगा। 4-किसानों को जरूरत के वक्त उर्वरक नहीं मिलता। सरकारी दुकानों पर लंबी लाइनें लगानी पड़ती है। धान हो या मक्का, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलता। MSP से भी कम कीमत में अनाज बेचना मजबूरी। क्यों है जरूरी- बिहार के करीब 75 फीसदी लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं। डीजल, उर्वरक हो या मजदूरी, खेती की लागत बढ़ गई है। फसलों की उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों की आमदनी घट गई है। इन टॉप 15 आईएएस अधिकारियों पर है काम का ज्यादा बोझ 1. आईएएस दीपक कुमार सिंह (1992 बैच)- इनके पास ग्रामीण कार्य विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी है। दोनों विभाग के पास आम लोगों के जीवन पर असर डालने वाले काम हैं। 13 जून 2024 को दीपक कुमार को ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। 3 जुलाई 2024 को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के काम भी मिल गए। ग्रामीण कार्य विभाग के काम राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के काम 2.आईएएस मिहिर कुमार सिंह (1993 बैच)- मिहिर कुमार उद्योग विभाग के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) हैं। इसके साथ ही परिवहन विभाग और महानिदेशक-सह-मुख्य जांच आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। उद्योग विभाग के काम परिवहन विभाग के काम मुख्य जांच आयुक्त के काम 3. आईएएस अरविंद चौधरी (1995 बैच)- अरविंद चौधरी 5 विभाग संभाल रहे हैं। गृह अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं। इसके साथ ही निगरानी अपर मुख्य सचिव, बिहार राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा नियंत्रक, सामान्य प्रशासन जांच आयुक्त और कैबिनेट अपर मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी इनपर है। गृह विभाग के काम निगरानी विभाग के काम सामान्य प्रशासन जांच आयुक्त के काम कैबिनेट अपर मुख्य सचिव के काम 4. आईएएस डॉ. बी. राजेंद्र (1995 बैच) - डॉ. बी. राजेंद्र सामान्य प्रशासन विभाग (प्रशासनिक अफसरों और कर्मी से जुड़ा विभाग) के एसीएस हैं। इसके साथ ही शिक्षा, खेल, BIPARD DG, जन शिकायत अपर मुख्य सचिव, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी महानिदेशक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के काम 5. आईएएस आनंद किशोर (1996 बैच)- बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन हैं। 25 सितंबर 2017 से इस पद पर हैं। इसके अलावा वित्त विभाग के प्रधान सचिव हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का एडिशनल चार्ज संभाल रहे हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के काम वित्त विभाग के काम 6. आईएएस के सेंथिल (1996 बैच)- योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव हैं। इनके पास बिहार राज्य योजना पर्षद और बिहार आपदा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण सोसाइटी का अतिरिक्त प्रभार भी है। योजना एवं विकास विभाग के काम 7. आईएएस एच आर श्रीनिवास (1996 बैच)- इनके पास पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग जिम्मेदारी है। इसके अलावा जांच आयुक्त का प्रभार है। पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के काम 8. आईएएस संतोष कुमार मल्ल (1997 बैच)- संतोष कुमार जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव हैं। साथ ही इनके पास सामान्य प्रशासन के जांच आयुक्त और दिल्ली स्थानीय आयुक्त के चार्ज में भी हैं। जल संसाधन विभाग के काम 9. आईएएस पंकज कुमार (1997 बैच)- कृषि विभाग के प्रधान सचिव हैं। इसके साथ ही खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, एसएफसी एमडी और जांच आयुक्त (सामान्य प्रशासन) की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। कृषि विभाग के काम 10. आईएएस लोकेश कुमार सिंह (2003 बैच)- ग्रामीण विकास विभाग के सचिव हैं। इसके साथ ही पर्यटन, जांच आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग के काम स्वास्थ्य विभाग के सचिव का काम 11. आईएएस अनुपम कुमार (2003 बैच)- अनुपम कुमार के पास 4 विभागों का बोझ है। वह मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव हैं। इसके साथ ही IPRD, बिहार विकास मिशन निदेशक और संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 12. आईएएस कुंदन कुमार (2004 बैच)- बिहार भवन नई दिल्ली के स्थानीय आयुक्त हैं। निवेशक आयुक्त, बियाडा एमडी और आधारभूत संरचना एमडी का अतिरिक्त प्रभार है। 13. आईएएस अभय कुमार सिंह (2004 बैच)- नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव हैं। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के सचिव, बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड के एमडी और पटना मेट्रो के एमडी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 14. आईएएस अजय यादव (2005 बैच)- अजय यादव उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव हैं। इसके साथ ही एडिशनल डायरेक्टर ऑफ हायर एजुकेशन, बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड के एमडी, बिहार राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन के एमडी और जांच आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 15. आईएएस दिवेश सेहरा (2005 बैच)- दिवेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव हैं। इसके अतिरिक्त इन्हें महादलित विकास मिशन, बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम, जांच आयुक्त, सचिव-सह-खान आयुक्त, राज्य खनिज, विकास निगम लिमिटेड और बिहार राज्य खनन निगम का चार्ज सौंपा गया है। वन और पुलिस सेवा के अधिकारी प्रशासनिक पद पर तैनात बिहार में आईएएस की कमी की वजह से प्रशासनिक पद पर वन और पुलिस सेवा के अफसरों को पोस्ट किया गया है। जैसे- 1. डॉ. गोपाल सिंह (भारतीय वन सेवा 2003)- मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी हैं। 2021 से इस पद पर तैनात हैं। इनके पास पटना अंचल क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक और बिहार भवन कार्यालय नई दिल्ली के स्थानीय आयुक्त की भी जिम्मेदारी है। 2.नंद किशोर (भारतीय वन सेवा 2006)- बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के एमडी हैं। 4 मार्च 2024 से इस पद पर बने हुए हैं। 3. अभिषेक कुमार (भारतीय वन सेवा 2003)- 8 मार्च 2023 से उद्यान निदेशक हैं। 4. विकास वैभव (आईपीएस 2003)- बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी हैं। 3 जुलाई 2023 से इस पद पर हैं। 5. कुंदन कृष्णन (आईपीएस 1994)- 31 मई 2025 से बिहार भवन नई दिल्ली के विशेष कार्य पदाधिकारी हैं। दिल्ली जाकर लौटना नहीं चाहते अधिकारी एक ओर बिहार में आईएएस अफसरों की कमी है। दूसरी ओर सच्चाई यह है कि बिहार कैडर के जो अधिकारी सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली जाते हैं, लौटना नहीं चाहते। इस समय बिहार कैडर के 30 आईएएस अधिकारी सेंट्रल डेपुटेशन हैं।
शिक्षा के साथ-साथ करियर पर भी निरंतर करें फोकस : डॉ.पवन सिंह
भास्कर न्यूज | कोरबा पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल सिमगा में करियर काउंसिलिंग व पालक-बालक-शिक्षक सम्मेलन आयोजित किया गया। क्षेत्र में पहली बार आयोजित हुए शिक्षा सम्मेलन में बड़ी संख्या में छात्रों के साथ उनके पालक और ग्रामवासी भाग लिए। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ.पवन सिंह थे। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा के माध्यम से ही बेहतर करियर बना सकते हैं। इसलिए शिक्षा के साथ-साथ करियर पर निरंतर फोकस बनाए रखें, ताकि भविष्य सुनहरा हो। उन्होंने छात्रों, पालकों तथा ग्रामवासियों से शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने को कहा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य विद्वान सिंह मरकाम ने पालकों से अपने बच्चों की शिक्षा में विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा की अध्यक्ष माधुरी देवी तंवर एवं सदस्य भारत सिंह सिदार ने भी छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। संस्था के प्राचार्य सतीश प्रकाश सिंह ने स्वागत भाषण में कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों तथा क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को दृष्टिगत कर उनके कैरियर निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने विभिन्न विभागों तथा संस्थानों के विषय विशेषज्ञ तथा काउंसिलिंग एक्सपर्ट्स ने अपने विचार रखे।
हार पर निराश न हो, जीत पर अहंकार की भावना न आने दें छात्र : शिक्षा मंत्री गजेंद्र
सिटी रिपोर्टर | भिलाई एमजीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर- 6 में 59वां वार्षिक खेल दिवस का आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत प्रार्थना और छत्तीसगढ़ राज्य गीत से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री गजेन्द्र यादव, विशिष्ट अतिथि विनोद नायर, साजन जोसफ, रोशन वी. कोषी, शाला एवं चर्च प्रबंधन समिति के सदस्य, प्राचार्य प्रभारी एलिजाबेथ अनिता राजन, सोमी सजीव, अकादमिक इंचार्ज मीनू जेकब थॉमस, प्री-प्राइमरी इंचार्ज एस जीना सहित शिक्षक, अभिभावक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। स्वागत भाषण खेल प्रभारी स्वाति बालाजी ने दिया। मुख्य अतिथि मंत्री गजेन्द्र ने हार पर निराश न होने और जीत पर अंहकार की भावना न लाने का संदेश दिया। अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। छः सदनों के विद्यार्थियों ने परेड का प्रदर्शन किया। खेल सचिव रोशन दुधबुरे ने शपथ ग्रहण कराया। अतिथियों ने स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। शिक्षिका स्वप्ना चाको ने धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह में विशिष्ट अतिथि जिला खेल अधिकारी, बेमेतरा गीता सोनी भी उपस्थित रही। शाला की छात्राओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। विशिष्ट अतिथि गीता ने कहा कि खेल जीवन का महत्वपूर्ण अध्याय है। अनुशासन, लगन और मेहनत सफलता के तीन मूल मंत्र हैं। धन्यवाद ज्ञापन मुकेश श्रीवास्तव ने किया।
शिक्षा को प्राथमिकता दें, एकता बनाए रखें, तभी आगे बढ़ेगा समाज: जायसवाल
भास्कर न्यूज | थानखम्हरिया शहर में भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजिम कुंभ की तरह यहां भी श्रद्धावान लोगों का दर्शन कर रहा हूं। कलार समाज गौरवशाली कलचुरी वंश की विरासत है। छत्तीसगढ़ की विविधताओं के बावजूद यहां के लोगों के विचारों और संस्कारों में समानता है। समाज के लोग हर क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस एकता को बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने समाज के लोगों से शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए कहा कि शिक्षा से ही समाज आगे बढ़ता है। कलार समाज पूरे विश्व में हैं, जिनके दक्षिण भारत में 77 उपनाम हैं। सातवीं शताब्दी से लेकर कलचुरी समाज के वंशज हैं। इस मौके पर नगर प्रमुख चेतन सिन्हा, अमर सिन्हा, मंडलेश्वर लोकनाथ सिन्हा, जितेंद्र सिन्हा, भागवत सिन्हा, रोशन सिन्हा, कृष्ण सिन्हा, तोरण लाल सिन्हा, रामकुमार डड़सेना, खुमान सिन्हा,अशोक जायसवाल, रामसहाय, अजय जायसवाल, टीकाराम, राजेश जायसवाल, संजय सिन्हा, प्रहलाद सिन्हा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। मंत्री से मुलाकात कर सामाजिक भवन के लिए 25 लाख दिलाने का आश्वासन दिया स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से मुलाकात कर सामाजिक भवन के लिए 25 लाख रुपए दिलाने की बात कही। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मचारी, महिला चिकित्सक की नियुक्ति का आश्वासन दिया। साजा विधायक ईश्वर साहू ने मंच से विधायक निधि से सहस्त्रबाहु मार्ग के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। नपं अध्यक्ष अनीता चंदन अग्रवाल,अनिल सिन्हा, होरीलाल सिन्हा, नपा बेमेतरा अध्यक्ष विजय सिन्हा, नपं देवकर अध्यक्ष सुरेश सिहोरे उपस्थित थे। समाज के लोगों ने छत्तीसगढ़ी को भाषा का दर्जा, स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान सहस्त्रबाहु के जीवन चरित्र को शामिल करने, कलार समाज बोर्ड स्थापना की मांग किया। इस कार्यक्रम के बाद श्याम बिहारी जायसवाल ने स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया।
हरियाणा में जयहिंद सेना के संयोजक नवीन जयहिंद अब प्रदेश सरकार से अपनी नौकरी पर जवाब मांग रहे हैं। नवीन जयहिंद साल 2020 में पीटीआई टीचर भर्ती हुए थे, जिनका ज्वाइनिंग लेटर भी जारी हुआ था, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया। शिक्षा विभाग ने नवीन जयहिंद की ज्वाइनिंग पर रोक लगा रखी है। उनके मामले में हर छह माह में केस का स्टेटस पूछ लिया जाता है, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं दी जाती। ऐसे में अब नवीन जयहिंद ने फैसला किया है कि वे विभाग से अपनी लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए वे अधिकारियों से अंतिम बार मिलेंगे और उसके बाद कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं। जयहिंद की सोशल मीडिया पोस्ट में 3 अहम बातें... जयहिंद पर हैं करीब 12 केसनवीन जयहिंद के खिलाफ हरियाणा में करीब 12 केस दर्ज हैं। जिसमें से अधिकांश केस रोहतक जिले के हैं। सामाजिक मुद्दों पर लड़ाई के दौरान ही उनके खिलाफ ये केस दर्ज हुए हैं। नवीन जयहिंद के खिलाफ पहला केस 2005 में दर्ज हुआ था, जिसमें वो बरी हो चुके हैं। 4 प्वाइंट में समझिए नवीन के खिलाफ मुख्य केस... जिस भर्ती में चयनित, वो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा2006 में पीटीआई के लिए भर्ती निकली थी। वर्ष 2010 में भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1983 पीटीआई नियुक्त किए गए। कुछ आवेदकों ने भर्ती अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए कोर्ट में केस दायर कर दिया। वर्षों चले केस के बाद इस साल सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को बर्खास्त करने के आदेश दिए। सरकार ने 2006 भर्ती वाले पीटीआई को बर्खास्त करके साल 2020 में दोबारा परीक्षा ली। जिसमें वहीं आवेदक बैठे जिन्होंने वर्ष 2006 में भर्ती के लिए आवेदन किया था। 1983 पदों के लिए 7485 आवेदकों ने 23 अगस्त को दी थी परीक्षाहरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 23 अगस्त 2020 को 1983 पदों के लिए परीक्षा ली। परीक्षा के लिए कुल 9294 आवेदकों में से 7485 ने कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल और हिसार में 95 केंद्रों पर परीक्षा दी थी। 27 सिंतबर 2020 को रिजल्ट घोषित करते हुए सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार और स्क्रूटनी के लिए एक से तीन अक्टूबर 2020 तक बुलाया था। खाली रह गए थे आधे पद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निकाले गए 1983 शारीरिक शिक्षकों (पीटीआई) के रिक्त पदों को भरने के लिए 23 अगस्त को हुई लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। पीटीआइ के करीब आधे पद खाली रहेंगे क्योंकि विभिन्न श्रेणियों में रिक्त पदों की तुलना में काफी कम उम्मीदवार लिखित परीक्षा में पास हुए हैं।
राजपूत समाज: शिक्षा नेग से अब तक 200 जरूरतमंद प्रतिभाएं लाभान्वित
कई डॉक्टर बने तो कई शिक्षक, विभिन्न उच्च संस्थानों में भी पढ़ रहे भास्कर न्यूज | जालोर मारवाड़ क्षेत्र के राजपूत समाज ने पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा नेग नामक अनूठी पहल से समाज के जरूरतमंद प्रतिभावानों शिक्षा सहयोग दिया जाता है। समाज के लोगों का मानना है कि किसी को शिक्षा के माध्यम से समर्थ बनाना सबसे प्रभावी प्रयास होता है। इसी सोच को साकार करने मारवाड़ क्षेत्र के राजपूत समाज ने यह पहल शुरू की है। यह अभियान राजपूत शिक्षा कोष संस्थान के माध्यम से संचालित होता है, जिसके अंतर्गत विवाह, मायरा या अन्य सामाजिक आयोजनों में होने वाले अनुमानित कुल खर्च का अधिकतम आधा प्रतिशत राशि उपहार स्वरूप शिक्षा कोष में जमा करवाई जाती है। अधिकतम आधा प्रतिशत राशि की सीमा इसलिए रखी है ताकि समाज में कोई आर्थिक दबाव न बने और हर व्यक्ति आसानी से इसमें भाग ले सके। इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में पूर्व सांसद और पद्म विभूषण डॉ. नारायणसिंह माणकलाव की प्रेरणा से की। समाज में कहीं भी विवाह या मायरा जैसे कार्यक्रम होते हैं, तो आयोजनकर्ता स्वेच्छा से संस्थान को इसकी सूचना देते हैं। उदाहरण के रूप में यदि किसी आयोजन में 10 लाख खर्च होते हैं, तो सिर्फ 5 हजार रुपए शिक्षा सहयोग के रूप में लिए जाते हैं, इससे अधिक नहीं। योग्यता के आधार पर लाभार्थियों का चयन : संस्थान इस संग्रहित राशि को सीधे खर्च नहीं करता, बल्कि जिला स्तर पर परीक्षा आयोजन, अभिभावकों की आर्थिक स्थिति और विद्यार्थियों की योग्यता के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाता है। चयनित विद्यार्थियों के स्कूल या कॉलेज की फीस सीधे संस्थान द्वारा संबंधित संस्थान में जमा करवाई जाती है। अब तक इस पहल से करीब 200 विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं, जिनमें से कई डॉक्टर बने, कई शिक्षक बने और कई अभी भी उच्च अध्ययनरत हैं। चांदना में 25 हजार का शिक्षा नेग, पहला नेग 2022 में हुआ शनिवार को जालोर के चांदना में आयोजित विवाह समारोह में योगेंद्रसिंह कुंपावत एडवोकेट ने मायरा भरते हुए 25 हजार रुपए शिक्षा नेग में दिए। समारोह में मायरा पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च हुए थे। जिले में सबसे पहला शिक्षा नेग वर्ष 2022 में विवाह समारोह में महावीर सिंह पानवा (वर पक्ष) और डॉ. ललित सिंह शक्तावत (वधु पक्ष) ने किया था। उनके बाद सुमेर सिंह धानपुर ने अपने पुत्र के विवाह में शिक्षा नेग की परंपरा को आगे बढ़ाया। अब रविवार को योगेंद्रसिंह कुंपावत ने किया है।
शिक्षा बोर्ड की निबंध सहित 4 प्रतियोगिता 5 से
जोधपुर | माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से निबंध, आशु भाषण, क्विज और चित्रकला प्रतियोगिता 5 दिसंबर से 17 जनवरी विद्यालय, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर होगी। जिनमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस संबंध में सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इस बार बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूली स्तर की परीक्षाएं भी जल्द ही फरवरी-मार्च में होगी। प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को 5 हजार से लेकर 51 हजार रुपए के नगद पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम में कृषि, पशुपालन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस
रांची| रांची जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत कृषि-पशुपालन, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेशन एवं बैंकिंग सेवा, कौशल विकास एवं स्वरोजगार, आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता, खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने पर जोर दिया जाएगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम की रांची जिला प्रभारी हिमानी पांडे की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने सभी योजनाओं पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया। कहा कि रांची जिला आकांक्षी जिला कार्यक्रम में पिछले कई माह से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि सभी बिंदुओं पर लक्ष्य तय करके काम किया जाएगा। बैठक में उप विकास आयुक्त सौरभ भुवनिया समेत स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण, बैंकिंग, ग्रामीण विकास, जल संसाधन एवं अन्य विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।
संसद का शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है, जिसमें 18वीं लोकसभा का छठा और राज्यसभा का 269वां सत्र शामिल है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 15 बैठकें होंगी। सत्र में विधायी और वित्तीय कार्यों पर फोकस रहेगा। सरकार सुधारों को बढ़ावा देने के लिए 13 बिल पेश करेगी, जिनमें परमाणु ऊर्जा, वित्तीय बाजार, शिक्षा और कर सुधार जैसे क्षेत्र शामिल हैं
रामपुर के स्वार टांडा क्षेत्र में पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन की पत्नी हज्जन सकीना बेगम की 15वीं बरसी मनाई गई। गांव मीरापुर में उनकी कब्र पर फूल चढ़ाकर और दुआ-फातिहा पढ़कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर उनके बेटे और जिला पंचायत सदस्य मुस्तफा हुसैन ने ग्रामीण क्षेत्र की मेधावी छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाली छात्राओं में गांव सारावा की नगमा व शाजिया, गांव दलेलनगर की नज़मीश व मेहरीन जहां, अंजू सिंह और रेखा शामिल थीं, जिन्हें विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। जिला पंचायत सदस्य मुस्तफा हुसैन ने इस मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों में छात्राओं की शिक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण कई लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिल पाता है। मुस्तफा हुसैन ने गरीब बच्चियों को शिक्षा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य जुल्फेकार हुसैन, पूर्व प्रधान रामचंद्र दिवाकर, मास्टर सजाबुल अली, मिक्की पाशा, अहसान अली, भूरा अली और अयूब अली सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
परंपरागत ज्ञान बनाम आधुनिक शिक्षा : टकराव या सह-अस्तित्व? – प्रोफेसर राम पुनियानी का विश्लेषण
परंपरागत और आधुनिक ज्ञान के टकराव, औपनिवेशिक शिक्षा, हिंदुत्व विचारधारा और भारतीय समाज में बदलाव पर प्रोफेसर राम पुनियानी का गहन विश्लेषण।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी चंडीगढ़ पीजी मेडिकल कोटा के लिए लागू 10वीं -12वीं की शर्त को खारिज कर दिया है। एमडी/एमएस प्रवेश से जुड़े प्रॉस्पेक्ट्स के क्लॉज-बी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर की खंडपीठ ने साफ कहा कि यूटी प्रशासन पीजी सीटें भरने के लिए कोई स्वीकार्य और वैध मानदंड कोर्ट के सामने रखने में विफल रहा है। इस मामले में डॉ. तन्वी ने याचिका लगाई थी जिसपर अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि 50% अखिल भारतीय कोटे की सीटों के बाद बची 50% संस्थागत सीटें केवल इंस्टीट्यूशनल प्रेफरेंस (संस्थागत वरीयता) के आधार पर ही भरी जाएंगी, क्योंकि यूटी चंडीगढ़ पूल सीटों को भरने के लिए प्रशासन द्वारा अपनाई जा रही स्कूली शिक्षा आधारित पॉलिसी कानूनन सही नहीं है। स्कूल-आधारित मानदंड अस्वीकार्य हाईकोर्ट ने कहा कि 10वीं या 10वीं+12वीं कक्षा चंडीगढ़ से पास करने के आधार पर पीजी मेडिकल सीटें भरने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मानदंड योग्यता से समझौता करता है, जबकि स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों के लिए योग्यता ही सर्वोपरि है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पॉलिसी राष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जा रही प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है। NEET-PG काउंसलिंग भी देशभर में इसी सिद्धांत पर की जाती है, जिसमें योग्यता को प्राथमिकता दी जाती है। यूटी मेडिकल कोटा की पहले की नीतियां भी हो चुकी हैं खारिज पहले भी कई बार यूटी मेडिकल कोटा से जुड़ी नीतियां अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी हैं। निवास आधारित मानदंड, 5 साल की स्कूली शिक्षा और 5 साल की संपत्ति के मालिकाना जैसे नियमों को भी अदालत ने पहले अस्वीकार्य बताया था। कोर्ट ने कहा कि प्रशासन द्वारा पेश की गई वर्तमान शर्त भी इन्हीं खारिज किए जा चुके प्रयासों जैसी है, जिसे मान्यता नहीं दी जा सकती। तीनों को कोर्ट पहले ही बता चुके अवैध कोर्ट ने कहा कि वर्तमान शर्त भी पहले किए गए उन सभी अस्वीकार्य प्रयासों जैसी है जिन्हें पहले भी खारिज किया जा चुका है, इसलिए इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह पिछली न्यायिक टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, कानून के अनुरूप और योग्यता आधारित नई नीति तैयार करे। प्रशासन को अगली सुनवाई तक नई पॉलिसी बनाने की पूरी छूट दी गई है। नई पॉलिसी तैयार करे और अगली सुनवाई से पहले अपना हलफनामा दाखिल करे। याचिका पर हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी यह मामला डॉ. तन्वी द्वारा उठाया गया था, जिन्होंने चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। उन्होंने यूटी पूल सीटें भरने के नियमों को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा प्रस्ताव प्रथम दृष्टया स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक नई और वैध नीति तैयार नहीं होती, तब तक सीटों का आवंटन ऐसी प्रक्रिया से किया जाए जो कानून के अनुरूप हो और जिसमें योग्यता से कोई समझौता न किया जाए।
नमस्कार राजसमंद में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अमरूद के ठेले पर गमछे की झोली बनाकर फैला दी। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बेटे की शादी के महिला संगीत कार्यक्रम में देशभक्ति गीत गाए गए। उदयपुर में रील बनाने वाले डॉ. अशोक शर्मा को APO किया तो बच्चे गले लगकर रो पड़े। अलवर में दूसरी शादी करने जा रहे शादीशुदा कॉन्स्टेबल को पत्नी ने पकड़ लिया। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1. शिक्षा मंत्री ने ठेले वाले के सामने फैला दी झोली झोली फैलाना कोई अच्छी बात नहीं है। लेकिन बड़े लोग झोली भी फैला दें तो चर्चा में आ जाते हैं। उनके झोली फैलाने को 'मांगने' के नजरिए से नहीं देखा जाता। बल्कि फैली हुई झोली उनके कद को फैला देती है। शिक्षा मंत्रीजी एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। पूरा लवाजमा साथ था। रोड किनारे हरे-पीले ताजा अमरूद बिकते देखे तो मंत्रीजी का मन चल गया। सर्दी के मौसम में धूप में बैठकर पके अमरूद पर सेंधा नमक लगाकर खाने का आनंद ही अलग है। यही बात ध्यान में रख मंत्रीजी कार से उतरे। ठेलेवाले के पास पहुंचे। सारा लवाजमा ठेले के पास जमा हो गया। मंत्रीजी ने अमरूद छांटे। लवाजमा अच्छे अमरूद छांटने लगा। ठेलेवाला पॉलिथीन में अमरूद डालने लगा। मंत्रीजी पर्यावरण संरक्षण की शपथ को याद करते हुए पॉलिथीन को नकार दिया। ठेलेवाले के पास कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में मंत्रीजी ने गले में डाले गमछे की झोली बनाई और फैला दी। यह देख एक पुलिसवाला हरकत में आया और उसने भागकर ईको फ्रेंडली थैले का इंतजाम किया। मंत्रीजी की वाहवाही हो रही है। अमरूद का अमरूद..मैसेज का मैसेज। 2 शादी करते पकड़ा गया कॉन्स्टेबल जो लिखने में माहिर होता है, वह शब्दों से खेलता है। गणित का मास्टर अंकों से खेलता है। इसी तरह कानून की ड्यूटी करने वाला कभी-कभी कानून से खेलने लगता है। अलवर में एक थाने में तैनात कॉन्स्टेबल ने कानून को पोटली में बांधकर खूंटी पर टांगा और गर्लफ्रेंड के साथ शादी करने होटल में पहुंच गया। कॉन्स्टेबल पहले से शादीशुदा था। पत्नी 8 साल से पीहर में थी। प्राइवेट नौकरी कर दो बच्चों को पाल रही थी। उसे बिना तलाक दिए ही महाशय पर दूसरी शादी करने का जुनून सवार था। कॉन्स्टेबल की पत्नी शादी के बाद मुखबिरी का मतलब तो समझ ही गई थी। उस तक सूचना पहुंच गई कि पति फलां होटल में ब्याह रचाने जा रहा है। पत्नी को आया गुस्सा। बच्चों-रिश्तेदारों और पुलिस को लेकर वह होटल पहुंच गई। कॉन्स्टेबल दुल्हन को लेकर बाथरूम में घुस गया। पुलिस ने उसे निकाला और पाबंद किया। 3. रील वाले डॉक्टर साहब वे अगर डॉक्टर नहीं होते तो फिल्मों में दिखाई देते। कलाकार नहीं बन सके लेकिन कलाकारी में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनकी पोस्टिंग उदयपुर के एक गांव में है। CMHO की शिकायत पर उन्हें एपीओ कर दिया गया। शिकायत में लिखा गया कि डॉक्टर का व्यवहार ठीक नहीं है। यह बात भी निकलकर आई कि हॉस्पिटल के सामने अवैध तरीके से मेडिकल की 2 दुकानें चल रही थीं। जिनके खिलाफ डॉक्टर साहब ने शिकायत नहीं की। उनकी ड्यूटी थी। शिकायत की जानी चाहिए थी। वजह जो भी हो, डॉक्टर बाबू एपीओ हो गए। कभी-कभी बदनामी के बाद ही नाम मिलता है। डॉक्टर साहब के साथ ऐसा ही हुआ। रील बनाने के शौकीन डॉक्टर साहब की रीलें मार्केट में घूमने लगी। रील ऐसी कि हर कोई मुरीद बन जाए। आदिवासी मरीजों को टोना-टोटका छोड़ सही इलाज कराने वाला वीडियो मिला। बीड़ी पीने वाले मरीज से उलझने और उसके तर्क पर हंसने का वीडियो मिला। रील ही नहीं, रियल लाइफ में भी दूर-दूर से आने वाले मरीज, बच्चे सब उन्हें चाहते हैं। साहब ने बताया कि एपीओ होकर जयपुर जाना पड़ेगा तो बच्चे उनके पास आकर बिलखने लगे। अटैंडेंट रोने लगे। स्टाफ के आंसू निकल पड़े। डॉक्टर बाबू ने एक ही बात कही- सोमवार तक हूं, इलाज के लिए संपर्क कर लो। इसके बाद पता नहीं जिंदगी कहां ले जाए। 4. चलते-चलते एक बड़ी पार्टी को बार-बार मिलने वाली हार का सही एनालिसिस करना चाहिए। उनका तर्क है कि वोटों की चोरी करके एक पार्टी जीत जाती है। अब जरा पाली चलिए। वहां भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बेटे की शादी का समारोह चल रहा है। आज ही शादी है। प्रदेशाध्यक्ष साहब ने शादी के लिए जो टैंट लगवाया उसमें भगवा रंग खूब नजर आ रहा है। लेडीज संगीत में भी जो गीत बजा वह था- हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए। विचारधारा की बात है। हर जगह नजर आनी चाहिए। हर काम में नजर आनी चाहिए। फिर चाहे कार्यक्रम पार्टी मुख्यालय पर हो या फिर घर में। समर्पित कार्यकर्ता ऐसे ही होते हैं। वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...
शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को सही दिशा दिखाना होना चाहिए : डॉ. अरोड़ा
अमृतसर| एक स्कूल के वार्षिक उत्सव में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष चर्चा की गई। इस दौरान ईएमसी हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. समीक्षा अरोड़ा और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. ऋषभ अरोड़ा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। डॉ. समीक्षा अरोड़ा ने बच्चों के मानसिक और विकासात्मक स्वास्थ्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑटिज्म और एडीएचडी जैसे विकारों के शुरुआती संकेतों को पहचानने और समय पर विशेषज्ञ परामर्श लेने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. ऋषभ अरोड़ा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों पर दबाव बनाना नहीं, बल्कि उनकी अनोखी क्षमताओं को पहचानकर उन्हें सही दिशा देना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे तभी खिलते हैं जब उन्हें स्वीकार्यता, समझ और सहयोग मिलता है।
तकनीकी शिक्षा विभाग; प्रवेश प्रक्रियाओं की बैठक
जयपुर | राज्य सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स गवर्नेन्स (सीईजी), जयपुर में सत्र 2025-26 की विभिन्न केन्द्रीयकृत प्रवेश प्रक्रियाओं की समीक्षा बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप शंका की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में रीप-2025, आरमेप-2025, आरएमकेप-2025 और लीप-2025 के संचालन पर फीडबैक लिया गया तथा आगामी वर्षों के सुधारों पर चर्चा की गई। संयुक्त शासन सचिव महेंद्र शर्मा, विशेषाधिकारी कुंजी लाल स्वामी सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों के 38 अधिकारी ऑनलाइन व ऑफलाइन शामिल हुए। सीईजी निदेशक डॉ. अविनाश पंवार ने सांख्यिकी, नवाचार और आगामी पांच वर्षीय कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण दिया।
आकांक्षी जिलों में कार्यक्रम: कृषि, स्वास्थ्य व शिक्षा पर फोकस
रांची|रांची जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत कृषि-पशुपालन, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेशन एवं बैंकिंग सेवा, कौशल विकास एवं स्वरोजगार, आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता, खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने पर जोर दिया जाएगा। आकांक्षी जिला कार्यक्रम की रांची जिला प्रभारी हिमानी पांडे की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक हुई। उन्होंने सभी योजनाओं पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रांची जिला आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले कई माह से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि सभी बिंदुओं पर लक्ष्य तय करके काम किया जाएगा।
हिसार के हांसी प्राइवेट स्कूल संघ ने हरियाणा के शिक्षामंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। संघ ने राज्यभर के 1128 बंद पड़े प्राइवेट स्कूलों पर लगाए गए जुर्माने को तुरंत माफ करने और पिछले सात महीनों से बंद पड़े एमआईएस (MIS) पोर्टल को शीघ्र खोलने की मांग की है। संघ के प्रधान रविन्द्र अत्री ने बताया कि शिक्षा मौलिक निदेशालय पंचकुला ने उन 1128 प्राइवेट स्कूलों पर भी जुर्माना लगा दिया है, जिन्होंने समय पर आरटीई (RTE) सीटों की जानकारी विभाग को उपलब्ध करा दी थी। उनका कहना है कि स्कूल संचालकों ने नियमानुसार सभी आवश्यक विवरण जमा करवाए थे, इसके बावजूद उन्हें दंडित किया जाना अनुचित है। स्कूल संघ के अनुसार, आरटीई सीटों से संबंधित आदेश निदेशालय द्वारा कई बार बदले गए, जिससे प्राइवेट स्कूल संचालकों में काफी असमंजस की स्थिति बनी रही। रविन्द्र अत्री ने कहा कि विभाग की ओर से समय पर स्पष्ट दिशानिर्देश न मिलने और बार-बार नए नोटिफिकेशन जारी होने के कारण स्कूलों को प्रक्रिया समझने में कठिनाई हुई। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि शिक्षा विभाग का एमआईएस पोर्टल पिछले सात महीनों से बंद है। इस वजह से स्कूल संचालक आरटीई सीटों, स्टाफ और बच्चों के डेटा सहित कई महत्वपूर्ण सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। स्कूल संघ का कहना है कि पोर्टल बंद होने का खामियाजा प्राइवेट स्कूल उठा रहे हैं, जबकि यह विभागीय तकनीकी खामी है। इसके बावजूद स्कूलों पर जुर्माना लगाया जा रहा है, जिसे पूरी तरह अन्यायपूर्ण बताया गया है। संघ ने शिक्षामंत्री से 1128 स्कूलों पर लगे जुर्माने को वापस लेने, एमआईएस पोर्टल को तत्काल खोलने और आरटीई से संबंधित स्पष्ट व स्थायी दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा शनिवार शाम हांसी पहुंचे, जहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की और लोगों से संवाद कर उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया। शिक्षा मंत्री के दौरे को लेकर शहर में उत्साह का माहौल रहा। शिक्षा मंत्री का सबसे बड़ा कार्यक्रम हांसी की जाट धर्मशाला में आयोजित अभिनंदन समारोह रहा। जाट धर्मशाला के प्रधान रणधीर सिंह दलाल ने पगड़ी पहनाकर मंत्री का स्वागत किया। समारोह में संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि समाज से बुराइयों को मिटाने के लिए बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कारों का समावेश बेहद जरूरी है। उन्होंने घोषणा की कि जाट धर्मशाला में सेंट्रल एयर कंडीशनर लगवाया जाएगा और विकास कार्यों के लिए 11 लाख रुपए दिए जाएंगे। उनकी इस घोषणा पर उपस्थित लोगों ने तालियों से स्वागत किया। शिक्षा नीति लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य : महिपाल मंत्री ढांडा ने बताया कि हरियाणा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। यह नीति बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ कौशलयुक्त बनाकर उन्हें रोजगार देने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला नागरिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेटियों की शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है और हर 20 किलोमीटर की परिधि में महिला कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। हांसी क्षेत्र में महिला कॉलेज की मांग पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने के बाद कॉलेज अवश्य बनाया जाएगा। महिपाल कर्मठ और दूरदर्शी नेता : विनोद भयाना हांसी विधायक विनोद भयाना ने कहा कि महिपाल ढांडा एक कर्मठ और दूरदर्शी नेता हैं जिनके नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। विधायक रणधीर पनिहार ने भी उनका स्वागत किया और कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कराने में ढांडा का बड़ा योगदान रहा है। भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया सहित कई नेताओं ने भी मंत्री के प्रयासों की सराहना की। दौरे के दौरान शिक्षा मंत्री विनोद भयाना के आवास पर भी चाय-पानी और जलपान के लिए रुके, जहां स्थानीय कार्यकर्ताओं और गणमान्य लोगों से मुलाकात की। इसके अलावा शिक्षा मंत्री कुछ समय के लिए भाजपा जिला कार्यालय हांसी रुके।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्यारोली में अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने किया औचक निरीक्षण
गंगापुर सिटी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्यारोली में अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हनुमान प्रसाद गोयल ने औचक निरीक्षण कर बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों, पोषाहार और दक्षता आधारित परीक्षा का जायजा लिया। बालिका शिक्षा एवं सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दिया गया।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने अर्धवार्षिक परीक्षाओं का किया औचक निरीक्षण
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नारायण सिंह राव ने आमेट के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर अर्धवार्षिक परीक्षा एवं दक्षता आधारित आकलन परीक्षाओं की बैठक व्यवस्था, रिकॉर्ड और संचालन का जायजा लिया। निरीक्षण से परीक्षा की निष्पक्षता और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी।
कुरुक्षेत्र में उपराष्ट्रपति का औपचारिक दौरा ; शिक्षा और सांस्कृतिक विकास को करेंगे समर्थन
उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन 30 नवंबर 2025 को कुरुक्षेत्र, हरियाणा का दौरा करेंगे। दौरे में वे ऐतिहासिक स्थल, शैक्षिक संस्थान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरे से राज्य और केंद्रीय प्रशासन के सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
खरगोन में जादू-टोने पर विश्वास कम करने और वैज्ञानिक सोच बढ़ाने के लिए शिक्षकों और छात्रों के लिए 'जादू नहीं, विज्ञान' विषय पर एक जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें भगवानपुरा, झिरन्या, भीकनगांव, गोगांवा और खरगोन तहसील के आदिवासी क्षेत्रों से चुनकर आए विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। बच्चों ने नाटक के जरिए दिखाया कि जो चीजें लोग जादू समझते हैं, वे दरअसल वैज्ञानिक तरीके से की जाती हैं। बच्चों को समझाया जादू का विज्ञानविज्ञान अधिकारी दीपक कानूनगो ने बताया कि कार्यशाला में अलग-अलग वैज्ञानिक प्रयोगों से समझाया गया कि चमत्कार जैसी कोई चीज नहीं होती। जिन चीजों को लोग जादू मानते हैं, उनके पीछे भी वैज्ञानिक कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि जादू के नाम पर लोगों को ठगने वालों से बचने के लिए वैज्ञानिक जागरूकता जरूरी है। कार्यक्रम की शुरुआत में जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. कानुड़े ने कहा कि दुनिया में असली जादू कुछ नहीं है। तांत्रिक, ओझा और बड़वा जैसे लोग रसायनों और ट्रिक्स का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा देते हैं। इसलिए हर किसी को विज्ञान के आधार पर सोचने की जरूरत है। कार्यशाला में छात्रों से अपील की गई कि वे वैज्ञानिक सोच को अपने घर और आसपास के लोगों तक पहुंचाएं। क्रीड़ा निरीक्षक हबीब बेग मिर्जा ने बताया कि नाटक के माध्यम से अंधविश्वास छोड़ने का संदेश भी दिया गया। इस मौके पर सहायक संचालक सोनालिका अचाले और कई शिक्षक मौजूद रहे।
सक्ती जिले में सरकारी स्कूलों के लिए स्वच्छता सामग्री की खरीदी में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई है। जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक शिक्षा ने इस मामले की विस्तृत जांच की थी। जांच में पाया गया कि स्वच्छता सामग्री खरीदने में भंडार क्रय नियमों की गंभीर अवहेलना की गई। सामग्री का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया और घटिया गुणवत्ता के सामान ज्यादा दर पर खरीदी गईं, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचा। बता दें कि इस गड़बड़ी की शिकायत भाजपा नेता ने की थी। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। भाजपा नेता ने की थी शिकायत यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब सक्ती नगर मंडल के भाजपा महामंत्री अभिषेक शर्मा ने स्वच्छता सामग्री खरीद में गड़बड़ी की शिकायत की थी। शिकायत के बाद विभाग ने विस्तृत जांच कराई। शासन ने आदेश जारी करते हुए बताया कि डभरा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्यामलाल वारे, जैजैपुर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी वी. के. सिदार और मालखरौदा के तत्कालीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी टी. एस. जगत को निलंबित किया गया है। इन अधिकारियों पर गुणवत्ता मानकों का पालन न करने और खरीद प्रक्रिया को आवश्यक दस्तावेजी व भौतिक प्रक्रिया के अनुसार संपादित न करने का आरोप है। शासन ने इसे गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सक्ती निर्धारित किया गया है। जनता के पैसे की बर्बादी- शिकायतकर्ता शिकायतकर्ता अभिषेक शर्मा ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह जनता के पैसे का दुरुपयोग था। उन्होंने मांग की कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है और सक्ती जिले में जहां-जहां भ्रष्टाचार हुआ है, वहां व्यापक जाँच होनी चाहिए, ताकि दोषियों को कड़ा दंड मिल सके। सप्लायरों, बिलिंग प्रक्रिया और भुगतान की भी हो सकती है जांच निलंबन आदेश जारी होते ही सक्ती जिले से लेकर बिलासपुर संभाग तक शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। कई शिक्षक और कर्मचारियों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि पहली बार तीन विकासखंडो पर एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है। वहीं, जानकारी के अनुसार विभाग अब स्वच्छता सामग्री आपूर्ति से जुड़े सप्लायरों, बिलिंग प्रक्रिया और भुगतान चक्र की भी जांच करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि आगे की कार्रवाई में और नाम भी सामने आ सकते हैं।
सूरजपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने लचर शिक्षा व्यवस्था के विरोध में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर लगा ग्रिल तोड़ दिया। ABVP कार्यकर्ता 14 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे। इन मांगों में एक बच्चे को होमवर्क न करने पर पेड़ से लटकाने का मामला भी शामिल था। प्रदर्शन के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी को हटाने की मांग की, साथ ही उनके स्थानीय निवासी होने पर भी सवाल उठाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गेट से हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। आश्वासन के बाद प्रदर्शन खत्म आंदोलन बढ़ता देख जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा कार्यालय से बाहर आए और प्रदर्शनकारियों से मिले। उन्होंने उनकी मांगों को एक माह के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया। दूसरी ओर, जिला प्रशासन अब तोड़फोड़ करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। ABVP कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे फिर से प्रदर्शन करेंगे।
ब्यावर में सोमवार को महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की 135वीं पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर माली समाज और माली सेना ब्यावर द्वारा ज्योतिबा फुले सर्किल, अजमेर रोड स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। माली सेना ब्यावर शहर अध्यक्ष सुनील भाटी ने बताया कि समाज बंधुओं ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर महान समाज सुधारक को नमन किया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने शिक्षा, स्त्री-पुरुष समानता और समाज सुधार के क्षेत्र में फुले जी द्वारा किए गए ऐतिहासिक योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले निर्धन, गरीब और वंचितों के सच्चे मसीहा और प्रेरणास्रोत रहे हैं। श्रद्धांजलि समारोह में मालियान पंचायत बड़ा बास अध्यक्ष मोहनलाल दगदी, शाहपुरा मोहल्ला अध्यक्ष हनुमान सिंगोदिया, छावनी अध्यक्ष करन सिंह गहलोत, फूलपुरा अध्यक्ष सत्यनारायण पालडिया, माली सेना प्रदेश अध्यक्ष श्रवण सांखला, प्रदेश संस्थापक दिनेश भाटी, माली समाज जिलाध्यक्ष कैलाश गहलोत, सहित अनेक समाजजन उपस्थित रहे।वहीं पूर्व सभापति बबिता चौहान, शशि बाला सोलंकी, प्रमोद चौहान, नेनू राम देवड़ा, हंसराज सांखला, गणपत मारोठिया, जिला मंत्री लोकेश भाटी, जगदीश गहलोत, चंपालाल गहलोत (सरपंच), पिंटू काका, नरेन्द्र चौहान, प्रदेश मंत्री सुरेश चौहान, रमेश सैनी, सचिन चौहान, लोकेन्द्र गहलोत, मनोज महावर सहित बड़ी संख्या में समाज बंधुओं ने भाग लिया। समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिसमें समाजजनों ने महात्मा फुले के आदर्शों पर चलने व समाज में समानता और शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
मधुबनी में विधायक माधव आनंद बोले:क्षेत्र में सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं में सुधार किया जाएगा
मधुबनी विधायक माधव आनंद ने जनसंपर्क अभियान के दौरान नगर निगम सभा में एक बैठक की। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि चुनाव प्रचार के समय की गई अपनी सभी घोषणाओं पर उन्होंने अमल किया है। विधायक आनंद ने कहा कि वे चीनी मिल और मधुबनी के समग्र विकास के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मधुबनी के विकास के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जाएंगे और वे जनता की सेवा में समर्पित रहेंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे क्षेत्र की सड़क, शिक्षा और अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कार्य करेंगे। विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की सराहना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें अभी मंत्री बनने में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं है। उनका प्राथमिक कार्य मधुबनी को एक नई पहचान दिलाना है, जिसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं।
रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव बहाल करने, शिक्षक भर्ती व खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड देने की मांग को लेकर संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के सदस्यों ने शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांग पर संज्ञान लेते हुए समीक्षा की जाएगी। छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को यूनिवर्सिटी के अंदर रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों की ओर ध्यान दिलवाते हुए मांग की कि यूनिवर्सिटी के अंदर शिक्षक भर्तियां पारदर्शिता,समयबद्ध तथा संवैधानिक तरीके से करवाई जाए। यूनिवर्सिटी के अंदर लंबे समय से शिक्षक भर्तियां नहीं हो पाई है जिसका सीधा-सीधा असर विद्यार्थी और शोधार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा प्रदेशइनसो छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मलिक ने कहा कि प्रदेश के अंदर शिक्षण संस्थानों को लगातार शिक्षक तथा गैर शिक्षक पदों के खाली होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिन प्रतिदिन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश पीछे जा रहा है। इसके ऊपर विशेष ध्यान देते हुए यूनिवर्सिटी व कॉलेज के अंदर शिक्षा संबंधी सभी जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। एमडीयू के कई विभागों में शिक्षक नहीं एसएफआई राज्य उपाध्यक्ष अमित पिलाना ने कहा कि एमडीयू के कई विभागों में स्थायी शिक्षक नहीं है जिसके कारण विभागों में सुचारू रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा छात्रों तथा शोधार्थियों को प्राप्त नहीं हो रही। इससे स्पष्ट है कि प्रत्येक वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी की रैंकिंग लगातार घटते हुए यहां पर दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट हो रही है। खिलाड़ियों को नहीं मिली खेल किट छात्र नेता जोगिंद्र ने कहा कि यूनिवर्सिटी के अंदर 2018 से लेकर 2022 तक के छात्रों का खेल क्षेत्र में जुड़े कैश अवॉर्ड व उनकी स्पोर्ट्स किट नहीं दी गई है, जो उन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव है। शिक्षा मंत्री के माध्यम से कहना चाहते हैं कि इस समय अंतराल के सभी खिलाड़ियों को उनकी सम्मानित राशि तथा अवॉर्ड दिए जाएं। प्रदेश स्तर पर फीस रेगुलेटरी बोर्ड का करें निर्माण आईएनएलडी यूथ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि प्रदेश भर के अंदर लगातार बढ़ रही फीस के ऊपर रोक लगाते हुए प्रदेश स्तर पर फीस रेगुलेटरी बोर्ड का निर्माण करवाया जाना चाहिए, ताकि लगातार बढ़ रही फीस पर अंकुश लगाते हुए ग्रामीण परिवेश से आने वाले मजदूर किसान परिवार वर्ग के छात्र इसका लाभ उठा सके। विभागीय स्तर पर करवाई जाएंगी समीक्षाशिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने छात्रों की मांग को सुनते हुए आश्वासन दिया कि ज्ञापन के प्रत्येक बिंदु को प्राथमिकता के साथ कंसिडर किया जाएगा। विभागीय स्तर पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी और उचित समय सीमा में समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
रोहतक में निपुण वाटिका का निरीक्षण करने के लिए शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा सरकारी स्कूल में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी के नाम से खेल स्टेडियम तो दुनियाभर के बना दिए, लेकिन अव्यवस्थित ढंग से अधूरा छोड़कर सरकार को दिए, जो आज नासूर बने हुए है। शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि खेल मंत्री गौरव गौतम ने अपना स्टेटमेंट दिया है। स्टेडियम की जर्जर हालत किसके कारण हुई, यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जांच होने के बाद सारी चीजें साफ हो जाएंगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। घटना होने के बाद ही कार्रवाई होगी, पहले कैसे करें शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि घटना जब घटती है तो उसके बाद ही बात होगी। पहले से घटना के बारे में कैसे पता होगा। आपको थोड़ी पता है कि क्या होने वाला है। स्टेडियम की जो जर्जर हालत है, उसकी रिपोर्ट बनकर जाती है। जिन पर काम किया जाता है। उसके हिसाब से ही काम शुरू किए जाते है। सैकड़ों स्टेडियम का मुझे पता है कि उनके लिए फंड्स जारी किए गए है। अधूरी बिल्डिंग कांग्रेस ने बनाकर छोड़ी शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में बनाए गए राजीव गांधी खेल स्टेडियम कांग्रेस ने अधूरी बिल्डिंग बनाकर छोड़े थे, जिनमें दरवाजे और शीशे तक नहीं लगे थे। कांग्रेस ने बहुत सारी अव्यवस्था तैयार की गई। ऐसी बिल्डिंग कांग्रेस ने बनाई, जिनका न बनना ही अच्छा था। उन व्यवस्थाओं को ठीक करने का काम सरकार ने किया है। राहुल गांधी को कांग्रेस संभाल नहीं पाई महिपाल ढांडा ने स्टेडियमों को संभालने के एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस क्या आज तक राहुल गांधी को संभाल पाई है। सरकार अपने हिसाब से काम कर रही है और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। जो खामियां रही, उनके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की है। बीएलओ की ड्यूटी पहली बार नहीं लगाई महिपाल ढांडा ने कहा कि वोटर लिस्ट के लिए बीएलओ की ड्यूटी कोई पहली बार नहीं लगाई गई। हर सरकार में बीएलओ की ड्यूटी लगती है। इसको लेकर भी कुछ न कुछ रास्ता निकाल रहे है। अभी हाल ही में मीटिंग की है और जब तक चीजें सिरे नहीं चढ़ती, तब तक बताना जरूरी नहीं है। छाछ तो बोले ही बोले, छलनी भी क्या बोले महिपाल ढांडा ने कहा कि शिक्षा के मुद्दे पर विपक्ष भी क्या बोलने लायक है। यह तो वही बात है कि छाछ तो बोले ही बोले, छलनी भी बोले, जिसके एक हजार छेद। डूब के मरे ऐसे बोलने वाले। कांग्रेस 31 प्रतिशत सरकारी स्कूलों का रिजल्ट छोड़कर गई थी, आज 95 प्रतिशत स्कूलों का रिजल्ट है।
जिला समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और विद्यालयों की आधारभूत व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना था। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी पी.एन. पांडेय, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा अमन कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुंदन कुमार सहित जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। विद्यालयों के निरीक्षण पर विशेष जोर जिलाधिकारी ने विद्यालयों के निरीक्षण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) शत-प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण केवल औपचारिकता न हो, बल्कि इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने चाहिए। छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे विद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें। साथ ही, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाए। अनुपस्थित शिक्षकों पर होगी कार्रवाई जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। निरीक्षण के दौरान शौचालय की स्थिति, पोशाक/छात्रवृत्ति वितरण, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और पठन-पाठन के स्तर सहित सभी मूलभूत व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करने को कहा गया। आधारभूत व्यवस्थाओं में कमी पर होगी जवाबदेही तय जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि शिक्षा कोष में पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद विद्यालयों में आधारभूत व्यवस्थाओं में कमी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साप्ताहिक बैठक के निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी पी.एन. पांडेय को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक सप्ताह सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक करें। इसका उद्देश्य जिला स्तरीय मासिक बैठक में प्रगति को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना है। इसके अतिरिक्त, डीपीओ स्थापना को शिक्षकों के स्थापना संबंधी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
झालावाड़ के सरकारी स्कूल में हुए हादसे और जयपुर के प्राइवेट स्कूल में छात्रा अमायरा की मौत के बाद, राज्य सरकार स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त हो गई है। शिक्षा विभाग ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की निगरानी के लिए 'स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी' (State School Standard Authority) बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह अथॉरिटी स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था, मूलभूत सुविधाओं और छात्र सुरक्षा जैसे सभी पहलुओं पर नजर रखेगी। स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी राज्य के एक लाख से अधिक सरकारी, निजी और प्राथमिक स्कूलों की निगरानी करेगी। अधिकारियों के अनुसार, इस अथॉरिटी का मुख्य उद्देश्य छात्र सुरक्षा सुनिश्चित करना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और स्कूलों में बुनियादी मानकों का पालन करवाना है। कई पहलुओं पर होगी नियमित जांचसूत्रों ने बताया कि स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी स्कूलों के बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की योग्यता, सुरक्षा प्रोटोकॉल, छात्र-शिक्षक अनुपात और शैक्षणिक गुणवत्ता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की नियमित जांच करेगा। स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दिशानिर्देशों के आधार पर गठित किया जाएगा, ताकि शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। शिक्षा विभाग ने हाल ही किया 27 सदस्यीय समिति का गठनराजस्थान में शिक्षा विभाग ने 27 सदस्यीय समिति का हाल ही में गठन किया था। समिति ने अन्य राज्यों में स्थापित स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी का अध्ययन किया। समिति ने राजस्थान के लिए विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया है। इस पर अंतिम निर्णय आगामी बैठकों में लिया जाएगा। ड्राफ्ट में दिए ये सुझावड्राफ्ट में यह सुझाव दिया गया है कि राज्य में सुरक्षा मानकों के अनुपालन, योग्य शिक्षकों की उपलब्धता, बुनियादी ढांचे की स्थिति और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय करने के लिए स्वतंत्र प्राधिकरण की आवश्यकता है। प्रस्तावित स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी इन सभी मुद्दों पर व्यवस्थित रूप से काम करेगा और स्कूल संचालन को पारदर्शी बनाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से राजस्थान की शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी और स्कूलों में गुणवत्ता आधारित शिक्षा का वातावरण तैयार होगा। -------- यह खबर भी पढ़ें... राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,7 बच्चों की मौत राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई, वहीं 9 गंभीर घायल हो गए। मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की क्लास में शुक्रवार सुबह बच्चे बैठे थे, तभी कमरे की छत ढह गई। हादसे में 35 बच्चे दब गए थे। (पूरी खबर पढ़ें)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के रायपुर दौरे से एक दिन पहले छत्तीसगढ़ शासन ने 13 IAS अफसरों का ट्रांसफर किया है। कई IAS अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सचिव, आयुक्त, संचालक और प्रबंध संचालक लेवल के पदों में फेरबदल हुआ है। IAS शिखा राजपूत तिवारी (IAS 2008) को आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा से ट्रांसफर करते हुए सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग का दायित्व सौंपा गया है। वहीं डॉ. प्रियंका शुक्ला (IAS 2009) को स्वास्थ्य विभाग से ट्रांसफर करते हुए आयुक्त, समग्र शिक्षा बनाया गया है। इसके साथ ही उन्हें पाठ्यपुस्तक निगम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा किरण कौशल (IAS 2009) को प्रबंध संचालक, मार्कफेड से ट्रांसफर कर मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है। पदुम सिंह एल्मा को बेवरेजेस कॉर्पोरेशन का अतिरिक्त प्रभार पदुम सिंह एल्मा (IAS 2010) को MD, CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही बेवरेजेस कॉर्पोरेशन का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनके कार्यभार ग्रहण करते ही इस पद को भी प्रवर श्रेणी वेतनमान के समकक्ष घोषित किया गया है। वहीं 2011 बैच के IAS संजीव कुमार झा को संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं बनाया गया है और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 2012 बैच के IAS जितेन्द्र कुमार शुक्ला को मार्कफेड का MD बनाया गया है। रितेश अग्रवाल को चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार रितेश अग्रवाल (IAS 2012) को आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा इफ्फत आरा, संतन देवी जांगड़े, सुखनाथ अहिरवार, डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, रीता यादव और लोकेश कुमार भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
शिक्षा का मूल उद्देश्य छात्रों का चरित्र निर्माण करना: भगवान
भास्कर न्यूज | कोरबा नैतिक शिक्षा से जीवन की तमाम बुराइयों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और समाज को अपराधमुक्त बनाया जा सकता है। शिक्षा का मूल उद्देश्य छात्रों को चरित्रवान बनाना और बुराइयों से मुक्त करना होना चाहिए। जब तक हम अपने जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता और सहनशीलता जैसे अच्छे गुण नहीं अपनाएंगे शिक्षा अधूरी ही रहेगी। यह बात प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वविद्यालय कोरबा द्वारा आयोजित नैतिक शिक्षा का जीवन में महत्व विषय पर परिचर्चा में ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने छात्रों को बतायी। वे डीएवी व इंडस स्कूल के छात्रों के साथ अपराधमुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा पर अपने विचार साझा किए। ज्ञात हो कि भगवान भाई माउंट आबू, राजस्थान से हैं। वे वर्ष 2010 तक 5 हजार स्कूलों में और 800 जेलों में नतिकता का पाठ पढ़ा चुके हैं। उन्होंने आगे बताया कि आज का युवा यहां तक कि बच्चे भी मोबाइल, फैशन, सिनेमा व गलत संगत के कारण जीवन के उद्देश्य से भटक रहे हैं। जिसके कारण समाज में अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या और नफरत जैसे मनोविकारों को अपराध का मुख्य कारण बताया।
झारखंड में विशेष शिक्षा सहायक आचार्य के 3450 पदों पर नियुक्ति होगी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। झारखंड इंटरमीडिएट कक्षा पहली से पांचवीं और स्नातक प्रशिक्षित कक्षा छठी से आठवीं विशेष शिक्षा सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 14 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन जमा होंगे। अभ्यर्थी 13 जनवरी 2026 तक आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन में संशोधन के लिए विंडो 14 से 15 जनवरी 2026 मध्य रात्रि तक खुली रहेगी। इसके तहत आवेदन में नाम, जन्म तिथि, ईमेल और मोबाइल को छोड़कर बाकी प्रविष्टियों का संशोधन किया जा सकेगा। परीक्षा शुल्क 100 रुपए है, लेकिन एससी और एसटी अभ्यर्थियों को 50 रुपए फीस देनी होगी। दिव्यांग अभ्यर्थियों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा। दिव्यांग अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में भी पांच साल की छूट मिलेगी। वह सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है किस विषय में कितने पद...
पिता की मौत के बाद बच्चे की मुफ्त शिक्षा का प्रबंध करे केंद्र व राज्य सरकार: डंग
भास्कर न्यूज | लुधियाना जाग्रति सेना ने मांग की है कि पिता की मृत्यु के बाद किसी भी बच्चे की पूरी शिक्षा का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें उठाएं। संगठन के अध्यक्ष प्रवीण डंग ने कहा कि संविधान के 86वें संशोधन के खंड 21-ए के तहत 4 से 14 वर्ष तक हर बच्चे को शिक्षा का मौलिक अधिकार प्राप्त है, लेकिन यह अधिकार व्यवहार में पूरी तरह लागू नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि पिता न रहने पर परिवार आर्थिक संकट में आ जाता है और ऐसे में बच्चे की स्कूल से लेकर कॉलेज और हायर एजुकेशन तक की जिम्मेदारी सरकार को संभालनी चाहिए। प्रवीण डंग ने कहा कि माता-पिता के मतभेद से टूटते परिवारों में भी कई बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। जिन बच्चों की कस्टडी मां केपास हो, उनकी पढ़ाई का जिम्माभी सरकार को लेना चाहिए,ताकि बच्चे आत्मनिर्भर बनसकें। उन्होंने बताया कि वर्ष2010 में लागू सोशलरिस्पॉन्सिबिलिटी ऑफ स्कूलएंड कॉलेज (एसआरएससी)नियम के तहत स्कूलों कोआर्थिक रूप से कमजोर बच्चोंको निर्धारित प्रतिशत में मुफ्तशिक्षा देनी होती है, लेकिन कईस्कूल प्रबंधक इसे लागू नहीं कररहे हैं, जबकि मान्यता लेतेसमय वे इसका शपथ पत्र देतेहैं। 3 चरण में चलेगा आंदोल: नजाग्रति सेना ने पंजाब सरकार से मांग की है कि स्कूलों की तरह कॉलेज स्तर की शिक्षा को भी ‘शिक्षा के अधिकार’ के दायरे में लाया जाए, ताकि बिना पिता के साए वाले बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकें। संगठन ने चेतावनी दी कि सरकारें इस मामले में कुंभकर्णी नींद में हैं और उन्हें जगाने के लिए तीन चरणों में आंदोलन चलाया जाएगा। पहले चरण में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को ज्ञापन दिया जाएगा। दूसरे चरण में सभी विधायकों के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन होंगे। तीसरे चरण में स्कूल-कॉलेजों के बाहर रोष प्रदर्शन कर अभिभावकों को बच्चों के शिक्षा अधिकार के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर राजेश शर्मा, अशोक विरमानी, सतीश कवातड़ा, योगेश धीमान और विक्की सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के रायपुर दौरे से पहले छत्तीसगढ़ शासन ने गुरुवार को 13 IAS अफसरों का ट्रांसफर किया है। कई IAS अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सचिव, आयुक्त, संचालक और प्रबंध संचालक लेवल के पदों में फेरबदल हुआ है। IAS शिखा राजपूत तिवारी (IAS 2008) को आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा से ट्रांसफर करते हुए सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग का दायित्व सौंपा गया है। वहीं डॉ. प्रियंका शुक्ला (IAS 2009) को स्वास्थ्य विभाग से ट्रांसफर करते हुए आयुक्त, समग्र शिक्षा बनाया गया है। इसके साथ ही उन्हें पाठ्यपुस्तक निगम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा किरण कौशल (IAS 2009) को प्रबंध संचालक, मार्कफेड से ट्रांसफर कर मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है। पदुम सिंह एल्मा को बेवरेजेस कॉर्पोरेशन का अतिरिक्त प्रभार पदुम सिंह एल्मा (IAS 2010) को MD, CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही बेवरेजेस कॉर्पोरेशन का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनके कार्यभार ग्रहण करते ही इस पद को भी प्रवर श्रेणी वेतनमान के समकक्ष घोषित किया गया है। वहीं 2011 बैच के IAS संजीव कुमार झा को संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं बनाया गया है और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। 2012 बैच के IAS जितेन्द्र कुमार शुक्ला को मार्कफेड का MD बनाया गया है। रितेश अग्रवाल को चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार रितेश अग्रवाल (IAS 2012) को आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके अलावा इफ्फत आरा, संतन देवी जांगड़े, सुखनाथ अहिरवार, डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, रीता यादव और लोकेश कुमार भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। जानिए अब कौन किस पद की संभालेगा जिम्मेदारी-
राजसमंद के कुरज गांव में आज खटीक समाज के चतुर्थ सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें तुलसी विवाह सहित 30 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ। समारोह में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन लाल दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और नवविवाहित वर वधु जोड़ों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया। मुख्य मार्गों से बिंदोली निकाली आयोजन समिति के अध्यक्ष भेरूलाल टेपन के अनुसार सभी वैवाहिक जोड़े पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे कुरज पहुंचे, जहां से कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए बिंदोली निकाली गई। बिंदोली के बाद कार्यक्रम गांव के खेल मैदान में पहुंचा, जहां सामूहिक विवाह की रस्में विधि-विधान से सम्पन्न हुईं। समाज के भामाशाहों ने नवदंपतियों को उपहार भेंट कर शुभकामनाएं दीं। स्टूडेंट्स को किया सम्मानित इस अवसर पर खटीक समाज के जिला अध्यक्ष एवं खमनोर प्रधान भेरूलाल चावला ने शिक्षा मंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजजन तथा दसवीं और बारहवीं कक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्थाएं की गईं। कार्यक्रम का संचालन ज्योति खटीक, चित्तौड़गढ़ द्वारा किया गया। पूरे समारोह में समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।
उत्तर प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी आज गुरुवार को प्रयागराज पहुंची थीं। यहां पर आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, मुट्ठीगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। यहां पर उन्होंने कहा, एसआईआर अभियान लोकतंत्र की पवित्रता का अभियान है। इस अभियान से देश में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठिए के अंदर भय व्याप्त है और देश छोड़कर भाग रहे हैं। इस अभियान से लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखते हुए देश की जनता जागरुक है और उत्साहित है। यह अभियान वास्तव में देश की लोकतंत्र प्रणाली को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विकास की उड़ान भरते हुए विकास गौरव गाथा लिखी है। देश विकासशील से विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है और मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर रामराज की स्थापना हो रही है और देश के युवाओं को महिलाओं को किसानों को आगे बढ़ाने में मोदी सरकार ने हर क्षेत्र में अवसर प्रदान किया है। कहा कि केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार में अंत्योदय सिद्धांत को धरातल उतारा गया। कोई भूखा न सोए यह सरकार की प्राथमिकताराज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा, सरकार की प्राथमिकता है कि देश के अंदर कोई भूखा ना रहे और चिकित्सा और शिक्षा से वंचित न रहे और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है वो जब तक पूरा नहीं होगा तब तक हम चैन से बैठने वाले नहीं हैं। पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, महापौर गणेश केसरवानी, भाजपा प्रवक्ता राजेश केसरवानी, पार्षद रुद्रसेन जायसवाल, राकेश जायसवाल, किशोरी लाल जायसवाल, सत्या जायसवाल, आयुष अग्रहरि, हिमालय सोनकर, नीरज केसरवानी, कमलेश केसरवानी, विजय पुर्शवानी आदि रहे।
बूंदी की नैनवां पंचायत समिति के प्रधान पदम कुमार नागर ने नगरफोर्ट कस्बे में दिवंगत सुरक्षा गार्ड ओम प्रकाश शर्मा के परिवार से मुलाकात की। प्रधान नागर ने 27 नवंबर 2025 को उनके घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी और आर्थिक सहायता प्रदान की। ओम प्रकाश शर्मा पिछले 15 वर्षों से नैनवां पंचायत समिति में सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत थे। वे अपने परिवार के एकमात्र पालनकर्ता थे। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, नैनवां पंचायत समिति की ओर से 1 लाख 31 हजार 700 रुपए की सहयोग राशि का चेक उनकी बेटी और अन्य परिजनों को सौंपा गया। यह सहायता विशेष रूप से उनकी बेटी की शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आए, इस उद्देश्य से दी गई है। इस अवसर पर विकास अधिकारी नरेंद्र सिंह झाला, सहायक अभियंता चंपा लाल सहित पंचायत समिति विभाग के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।
बिलासपुर में शीतलहर और कड़ाके की ठंड के मद्देनजर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्कूलों के समय में बदलाव के आदेश दिए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) विजय टांडे ने यह आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार, जिले में अत्यधिक ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है। बिलासपुर जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त और सीबीएसई पाठ्यक्रम संचालित विद्यालयों पर यह आदेश लागू होगा। दो पालियों में संचालित होने वाले स्कूलों में प्रथम पाली सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8:00 बजे से 11:45 बजे तक चलेगी। शनिवार को यह पाली दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक संचालित होगी। वहीं, द्वितीय पाली सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक और शनिवार को सुबह 8:00 बजे से 11:45 बजे तक लगेगी। एक पाली में संचालित होने वाले स्कूलों का समय सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। शनिवार को ये स्कूल सुबह 8:00 बजे से 11:45 बजे तक संचालित होंगे।नगर निगम ने ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के निर्देश दिए हैं। शहर में अलाव जलाने के निर्देश और अपील अपर आयुक्त खजांची कुम्हार ने बताया कि जोन कमिश्नरों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने को कहा गया है। उन्होंने यह भी अपील की कि यदि किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर अलाव की आवश्यकता हो, तो वहां भी व्यवस्था की जा सकती है। चिह्नित स्थानों पर शुक्रवार से अलाव की व्यवस्था जोन कमिश्नर प्रवीण शुक्ला ने जानकारी दी कि शुक्रवार रात से नेहरू चौक, राजीव गांधी चौक, देवकीनंदन चौक, महाराणा प्रताप चौक सहित शहर के अलग-अलग चिह्नित स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। ढ़ती शीतलहर पर एनडीएमए और IMD की एडवाइजरी इस बीच उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक बढ़ती शीतलहर के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) नई दिल्ली और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आम जनता के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें व्यापक सतर्कता बरतने की अपील की गई है। ठंड से बचने की अपील राज्य में तापमान में अचानक गिरावट और बर्फीली हवाओं के चलते ठंड का असर गहरा हो गया है। यह मौसम बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम लेकर आता है। ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से अलग-अलग विभागों को एडवाइजरी जारी कर आमलोगों को शीतलहर से बचाव, जागरूकता, आवश्यक तैयारियों के लिए निर्देशित किया गया है। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें जारी एडवाइजरी के अनुसार शीतलहर के दौरान अनावश्यक घर से बाहर न निकलने, गर्म कपड़े पहनने, शरीर को गर्म तरल पदार्थ देते रहने, गर्म कपड़ों का नियमित उपयोग करने, सिर, कान, हाथ, पैर को ढंकने की सलाह दी गई है। यदि किसी में अत्यधिक कंपकंपी, उंगलियों में पीलापन या सफेद पन, सुन्नता, बोलने में कठिनाई, सांस लेने में भारीपन हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने कहा गया है। ये संकेत हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी जानलेवा स्थितियों की ओर इशारा कर सकते हैं। बंद कमरे में कोयला जलाना घातक हो सकता है ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में कोयला जलाना घातक हो सकता है। हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान गिरने पर खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। यदि किसी व्यक्ति का शरीर तापमान बहुत कम हो जाए, तो तत्काल कदम उठाना आवश्यक है। व्यक्ति को तुरंत गर्म स्थान पर लिटाकर कंबल, जैकेट या गर्म कपड़ों से ढंकें, शरीर को सामान्य तापमान देने की कोशिश करें, मांसपेशियों में जकड़न या बोलने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें। हाइपोथर्मिया अचेतन अवस्था या जानलेवा हो सकता है। एडवाइजरी के अनुसार ठंड में सावधानी बरतें, मौसम के अनुसार कपड़े पहनें, आग जलाते समय कमरे को हवादार रखें, किसी भी स्वास्थ्य समस्या पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें और बच्चों-बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें।
पानीपत के अनाज मंडी परिसर में गुरुवार को मार्किट कमेटी पानीपत की नवनियुक्त कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, भाजपा प्रदेश महामंत्री अर्चना गुप्ता, नगर निगम मेयर कोमल सैनी, उपायुक्त वीरेंद्र कुमार समेत कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम में किसान, आढ़तियां और कमेटी के सदस्य रहे। समारोह के दौरान उपायुक्त वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अनाज मंडी में आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को मंडी में फसल तौल, बिक्री, भुगतान और अन्य प्रक्रियाओं के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो। उन्होंने नवनियुक्त कार्यकारिणी से कहा कि मार्किट कमेटी को किसानों के साथ सहयोगपूर्ण व्यवहार करना चाहिए ताकि खरीद सीजन में किसी तरह की अव्यवस्था न बने। भाजपा सरकार किसानों की आय दोगुनी शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही किसान हितैषी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में महत्वपूर्ण परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के खेतों तक पहुंचने वाले कच्चे रास्तों को पक्का करवाने के लिए बड़ी संख्या में सड़कें बनवा रहे हैं। जिससे किसानों को परिवहन और फसल ढुलाई में काफी सुविधा मिलेगी। किसानों से नहीं होगी अवैध वसूली मंत्री ढांडा ने नवगठित कार्यकारिणी के चेयरमैन अवतार सिंह को बधाई दी और कहा कि मंडी में फसल लेकर आने वाले किसानों से किसी भी प्रकार की अवैध वसूली या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि मंडी प्रशासन और मार्किट कमेटी को किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखना होगा। कार्यक्रम में कमेटी के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि वे किसानों की सुविधा और मंडी की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए मिलकर काम करेंगे। इन्होंने ली शपथ मार्किट कमेटी शपथ ग्रहण समारोह में चेयरमैन अवतार सिंह, वाईस चेयरमैन बलवान शर्मा और सदस्य सुखबीर सिंह, धर्मवीर, बलजीत, राम सिंह सैनी, सतीश, राम सिंह, पंजाब सिंह, नरेश कुमार, सोमदत्त, नरेश कुमार, राज कुमार मलिक, मनोज सिंह, श्रीचंद्र, हरीश कुमार, विनोद कुमार, जितेंद्र सिंह आदि ने शपथ ली।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 10 साल की सर्विस के बाद क्रमोन्नति (ग्रेडेशन) की मांग करने वाले 1,188 टीचरों की पिटीशन खारिज कर दी है। इससे ढाई लाख से ज्यादा शिक्षक प्रभावित होंगे। जस्टिस एनके व्यास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि संविलियन से पहले शिक्षाकर्मी स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते थे, इसलिए वे ग्रेडेशन के लिए पात्र नहीं माने जा सकते। दरअसल, पंचायत विभाग में नियुक्त शिक्षाकर्मी ग्रेड-3, 2 और 1 का शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया। इसके बाद उन्हें सहायक शिक्षक (एलबी), शिक्षक (एलबी) और व्याख्याता (एलबी) के पदनाम दिए गए, लेकिन इन शिक्षकों को ग्रेडेशन का फायदा नहीं मिला। इसके खिलाफ 1188 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। शिक्षकों का कहना था कि 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद वे ग्रेडेशन के हकदार हैं, लेकिन विभाग ने 2017 का वह आदेश लागू नहीं किया, जिसमें 10 साल बाद वेतन वृद्धि देने की बात कही गई थी। इसी वजह से शिक्षकों ने सोना साहू मामले में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच के फैसले का हवाला देते हुए ग्रेडेशन की मांग की थी। संविलियन से पहले शासकीय सेवक नहीं थे इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि याचिकाकर्ता शिक्षाकर्मी पहले ग्रेड-3/सहायक शिक्षक (पंचायत) के रूप में पंचायत राज अधिनियम, 1993 के तहत नियुक्त थे और उनकी सेवा और नियंत्रण जनपद पंचायत के अधीन था। इसलिए संविलियन से पहले उन्हें राज्य सरकार का नियमित कर्मचारी नहीं माना जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षक 10 मार्च 2017 को जारी सर्कुलर में ग्रेडेशन के लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं करते, क्योंकि उनकी सेवा अवधि केवल 1 जुलाई 2018 यानी संविलियन की तारीख से ही गिनी जा सकती है। इसलिए वे 10 साल की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं करते। हाईकोर्ट ने सरकार के इन तर्कों को सही माना है। संविलयन नीति में स्पष्ट है किसी भी लाभ का दावा नहीं किया जा सकता याचिकाकर्ताओं ने अपने पक्ष में सोना साहू मामले का हवाला दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि सोना साहू केस के हालात पूरी तरह अलग हैं, इसलिए इसे आधार नहीं बनाया जा सकता। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि संविलियन नीति 30 जून 2018 में स्पष्ट है कि पहले के शिक्षाकर्मी केवल संविलियन की तारीख से ही सरकारी शिक्षक माने जाएंगे। उससे पहले वेतन वृद्धि या ग्रेडेशन का दावा नहीं कर सकते। सरकार को ₹3.5 लाख से ₹15 लाख के बीच पेमेंट करना पड़ता अगर ग्रेडेशन को लेकर फाइल की गई पिटीशन में टीचरों के हक में फैसला आता, तो सरकार को हर टीचर को ₹3.5 लाख से ₹15 लाख के बीच पेमेंट करना पड़ता। क्लास 3 टीचरों को सबसे ज़्यादा पैसे मिलते, क्योंकि क्लास 3 और क्लास 2 के पे स्केल में काफी अंतर है। अगर कोई क्लास 3 टीचर 2005 में अपॉइंट हुआ था, तो नियमों के मुताबिक, वे 2015 में ग्रेडेशन के लिए एलिजिबल होते। ऐसे में, उन्हें 2015 से क्लास 2 पे मिलती। इससे उनकी सैलरी बढ़ जाती। मर्जर के बाद, यह अंतर हर महीने हजारों रुपए हो जाता है। सरकार ने कहा- टीचर ग्रेडेशन के लिए एलिजिबल नहीं हैं सरकार ने हाई कोर्ट में दलील दी कि टीचरों को सरकारी कर्मचारी के तौर पर नहीं, बल्कि पंचायत कर्मचारी के तौर पर अपॉइंट किया गया था। उनकी सर्विस कंडीशन अलग हैं। शिक्षाकर्मियों को 7 वर्ष में समयमान वेतनमान और वर्ष 2014 में समकक्ष वेतनमान दिया गया है, शिक्षाकर्मी वेतन में क्रमोन्नति के पात्र नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक प्राइवेट स्कूल के 5 साल के छात्र को क्रूरतापूर्वक पेड़ पर लटकाने को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह बहुत गलत है, मजाक बनाकर रखा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एक मासूम बच्चे के साथ इस तरह की ज्यादती कैसे की जा सकती है। मामले में स्कूल शिक्षा सचिव से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। बता दें कि होम वर्क नहीं करने पर टीचर ने बच्चे को घंटों पेड़ पर लटकाए रखा था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। होमवर्क नहीं करने पर टीचर ने दी सजा दरअसल, यह मामला नारायणपुर के हंसवानी विद्या मंदिर का है। इस स्कूल में नर्सरी से आठवीं तक के छात्र पढ़ते हैं। 24 नवंबर को यहां नर्सरी क्लास की टीचर काजल साहू ने बच्चों का होमवर्क चेक किया। इस दौरान एक छात्र अपना होमवर्क नहीं किया था, जिस पर टीचर काजल साहू भड़क गई। उन्होंने सजा के तौर पर बच्चे को क्लास से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद स्कूल परिसर में एक पेड़ पर रस्सी के सहारे बच्चे को लटका दिया। रस्सी के सहारे बच्चा घंटों लटकता रहा। मीडिया रिपोर्ट्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान बच्चे के साथ की गई क्रूरता का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वहीं, इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट भी आई है, जिसे संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। स्कूल को नोटिस, टीचर को स्कूल से हटाया इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल यशवंत ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि मामले को जिला प्रशासन और शासन ने संज्ञान में लिया है। स्कूल पहुंचकर अधिकारियों ने जांच की, जिसके बाद टीचर को तुरंत स्कूल से हटा दिया गया है। वहीं, इस मामले में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। चीफ जस्टिस बोले-मजाक बनाकर रखा है चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं नहीं होता। ये बहुत गलत हुआ है, मजाक बनाकर रखा है। शासन की तरफ से पक्ष रखने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि एक मासूम बच्चे के साथ इस तरह की ज्यादती कैसे की जा सकती है। इतने बड़े स्कूल में किसी का ध्यान कैसे नहीं गया। डिवीजन बेंच ने मामले में स्कूल शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ जवाब देने का निर्देश दिया है। जिसमें 9 दिसंबर तक यह बताना होगा कि, निजी स्कूल के दोषी शिक्षकों पर क्या कार्रवाई की गई और भविष्य में कहीं और ऐसी घटना न हो इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा जिस समय बच्चे को पेड़ से लटकाया गया था, उसी दौरान किसी ग्रामीण ने घटना का वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में पेरेंट्स स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन भी किया। ........................ इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... होमवर्क नहीं करने पर स्टूडेंट को पेड़ से लटकाया...VIDEO: परिजनों का हंगामा, संचालक बोला-सिर्फ डराने के लिए सजा दी, टीचर रोते हुए बोली-गलती हो गई छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक प्राइवेट स्कूल में केजी-टू के छात्र (5 वर्ष) को होमवर्क न करने पर टीचर ने घंटों पेड़ से लटकाए रखा। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पेरेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा कर दिया। पढ़ें पूरी खबर...
नि:शक्तता दिवस पर समावेशी शिक्षा को बढ़ावा
सिटी रिपोर्टर|बैकुंठपुर प्रखंड संसाधन केंद्र में मंगलवार को समावेशी शिक्षा के तहत निशक्तता दिवस मनाया गया। प्रखंड स्तरीय इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशा कुमारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा परियोजना द्वारा सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत निशक्त छात्र-छात्राओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गई। कार्यक्रम के दौरान समन्वयक रविंद्र कुमार पाठक ने बताया कि नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं, जिनका लाभ बिहार शिक्षा परियोजना के माध्यम से दिया जा रहा है। इसमें छात्रवृत्ति, सहायक उपकरण, विशेष शिक्षण सुविधा सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशा कुमारी ने कहा कि समावेशी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है। लेकिन निशक्त बच्चों के लिए विशेष सुविधा और सहयोग की व्यवस्था की गई है, ताकि वे भी मुख्यधारा से जुड़कर शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें। उन्होंने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि दिव्यांग छात्रों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें पढ़ाई में हर संभव सहयोग दिया जाए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज में दिव्यांगजनों के सम्मान और अधिकारों को सुनिश्चित करने की अपील की। कार्यक्रम में लेखपाल चंद्रभूषण प्रसाद, प्रभुनाथ गुप्ता, सचिन कुमार, शाहबाज आलम, प्रिंस कुमार सहित कई शिक्षकों और कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
सरस्वती योजना शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का संकल्प है : अमर
भास्कर न्यूज | जांजगीर नवागढ़ विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरखों तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी नैला में गत दिवस सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल वितरण कार्यक्रम उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। दोनों विद्यालयों में छात्राओं को साइकिल प्रदान की गई, जिससे उनकी शिक्षा यात्रा को नई गति व सुगमता मिली। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं शिक्षकों ने छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ साइकिल वितरित की। दोनों ही आयोजनों के मुख्य अतिथि जनसेवक एवं भाजपा नेता अमर सुल्तानिया रहे। अपने प्रेरक उद्बोधन में उन्होंने कहा कि सरस्वती साइकिल योजना केवल साइकिल प्रदान करने की औपचारिकता नहीं, बल्कि बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का सशक्त संकल्प है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को साइकिल मिलने से उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
बाल विकास पर संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम, प्रारंभिक देखभाल-शिक्षा पर साझा किए अनुभव
उदयपुर| जतन संस्थान ने बाल विकास पर संभाग स्तरीय संवाद कनेर बाग में आयोजित किया। इसका उद्देश्य प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा से जुड़े फील्ड अनुभव साझा करना, चुनौतियों पर चर्चा करना और शिक्षकों के बीच तालमेल मजबूत करना रहा। संस्थान ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कंगारू मदर केयर, सकारात्मक परवरिश और बाल संरक्षण पर प्रगति और आगामी योजनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में शिक्षा, ईसीसीई, बाल संरक्षण, पोषण और परवरिश पर विषयगत सत्र हुए। इन सत्रों की अध्यक्षता एडीपीसी समग्र शिक्षा विभाग घनश्याम गौड़, उप निदेशक बाल अधिकारिता विभाग के.के. चंद्रवंशी, सीडीपीओ बड़गांव गरिमा उपाध्याय, तथा प्रोफेसर गायत्री तिवारी ने की। साथ ही शिक्षा विभाग, बाल अधिकारिता विभाग और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। निदेशक कैलाश बृजवासी ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए सरकारी तंत्र, विशेषज्ञों और समुदाय की संयुक्त पहल आवश्यक है। अंत में रणवीर सिंह शक्तावत ने प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
आगरा में बुधवार को आगरा पुलिस कमिश्नरेट का 26 नवंबर को तीसरा स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पुलिस की ओर से एक एग्जीबिशन लगाई गई, जिसमें पुलिस विभाग के उपयोग में आने वाले उपकरण और पुलिस कर्मियों की हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। एग्जीबिशन में ट्रैफिक उपकरण से लेकर डॉग रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर शासन प्रशासन के अधिकारी और शहर के सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना दिवस पर एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है, जिसमें कॉलेज स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया और तीन सालों में जिन्होंने अच्छे कार्य किए हैं उन्हें सम्मानित किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब से आगरा कमिश्नरेट हुआ है, पुलिस की व्यवस्थाएं चाक चौबंद हुई हैं और पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने काफी अच्छे काम किए हैं और आगे भी करते रहेंगे। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट का उद्देश्य है कि आगरा को अपराध मुक्त और सुरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे।
देवरिया में एकौना थाना क्षेत्र के माझा नारायण गांव में शिक्षामित्र रंजू देवी (40) का बीएलओ ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। मंगलवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी। उन्हें लखनऊ ले जाते समय रास्ते में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, मनियापूरा टोला निवासी रंजू देवी देर शाम बीएलओ कार्यों से संबंधित एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में शामिल थीं। इस बैठक में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए थे। परिजनों ने बताया कि बैठक में उन्हें लगभग 50 एसआईआर फॉर्म शीघ्र भरकर जमा करने का निर्देश मिला था। इसके बाद वे मानसिक रूप से दबाव में दिख रही थीं और बैठक समाप्त होने के कुछ घंटे बाद से ही बेचैनी महसूस कर रही थीं। रात लगभग 11 बजे अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा और वे बेहोश होकर गिर पड़ीं। परिजन तत्काल उन्हें लेकर लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) के लिए रवाना हुए। बस्ती जिले में फोरलेन के पास उनकी हालत गंभीर हो गई। परिजन उन्हें नजदीकी जिला अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने प्राथमिक परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतका के पति जगदम्बा दुबे, जो किसान हैं, ने बताया कि रंजू देवी वर्ष 2006 से प्राथमिक विद्यालय, मठिया पांडेय में शिक्षामित्र के रूप में कार्यरत थीं। शिक्षण कार्य के साथ-साथ वह मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ की जिम्मेदारी भी निभाती थीं। उनके दो बच्चे हैं—बेटा हिमांशु (20) और बेटी दिव्यानी (17)।
स्कूल शिक्षा विभाग ने उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आनंद शर्मा को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में पदस्थ किया है। यह आदेश बुधवार को जारी किया गया, जिसमें उन्हें तत्काल प्रभाव से उज्जैन से हटाकर नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव कमल सोलंकी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को समान सामर्थ्य एवं वेतनमान में आगामी आदेश तक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में पदस्थ किया है। हालांकि, उज्जैन जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर फिलहाल किसी नए अधिकारी की नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए हैं। आनंद शर्मा वर्ष 2021 में उज्जैन जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ हुए थे। उनके स्थानांतरण के बाद, संभावना जताई जा रही है कि शिक्षा विभाग के सहायक संचालक महेंद्र खत्री को उज्जैन डीईओ का प्रभार मिल सकता है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कोरबा के डीएवी पब्लिक स्कूल और इंडस पब्लिक स्कूल में “अपराधमुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा” पर अपने विचार साझा किए। भगवान भाई ने बताया कि आज के समय में युवा मोबाइल, फैशन, सिनेमा और गलत संगति की वजह से भटक रहे हैं। इन्हीं कारणों से समाज में अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या और नफरत जैसे मनोविकारों को अपराध का मुख्य कारण बताया। नैतिक शिक्षा और अच्छे गुणों का महत्व बताया उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा से इन बुराइयों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और समाज को अपराधमुक्त बनाया जा सकता है। शिक्षा का मकसद चरित्रवान बनाना और बुराइयों से मुक्त करना होना चाहिए। जब तक हम अपने जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता और सहनशीलता जैसे अच्छे गुण नहीं अपनाते, शिक्षा अधूरी है। स्कूल प्रशासन और ब्रह्माकुमारी का योगदान उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान वही है जो अज्ञान से सच की ओर ले जाए। इंडस पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. संजय गुप्ता और डीएवी की सहायक प्रिंसिपल सविता शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना की। स्थानीय ब्रह्माकुमारी प्रभारी बीके ज्योति बहन ने सभी को नैतिक शिक्षा सीखने और राजयोग करने का निमंत्रण दिया।
एकल श्री हरि कथा प्रसार योजना संभाग मध्यभारत की एक दिवसीय समिति प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन गुना के सिंगवासा स्थित एक निजी गार्डन में किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने गांवों में सत्संग के माध्यम से धर्म की रक्षा और धर्मांतरण रोकने पर जोर दिया। उद्घाटन सत्र में एकल श्रीहरि कथा केंद्रीय समिति प्रशिक्षण प्रमुख संजय साहू और एकल अभियान पी 7 के जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन नखराली सहित कई पदाधिकारी मंचासीन रहे। प्रशिक्षण वर्ग का विधिवत उद्घाटन मां सरस्वती एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद गुना अंचल अध्यक्ष मनीष भार्गव ने उपस्थित मंचासीन अतिथियों का अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया। 'सत्संग के द्वारा धर्म की रक्षा करना उद्देश्य'उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख संजय साहू ने कहा, एकल श्री हरि प्रशिक्षण का उद्देश्य समितियों को मजबूत कर गांव गांव में सत्संग के द्वारा धर्म की रक्षा करना और ग्रामीणों को सशक्त बनाकर उन्हें राष्ट्रपयोगी बनाना है। उन्होंने कहा कि आज भी धर्मांतरण हो रहा है और एकल कार्यकर्ता अपनी महती भूमिका निभाते हुए धर्म परिवर्तन रोकने में सहायक बन रहे हैं। 'आजादी के बाद जहां स्कूल नहीं, वहां एकल सक्रिय'संजय साहू ने कहा कि धर्म की रक्षा करना प्रत्येक हिन्दू का धर्म है। एकल उन गांवों में शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रहा है जहां आज भी आजादी के बाद शासकीय विद्यालय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एकल विद्यालय योजना समयबद्ध परिणामकारी योजना है, जो सतत 37 वर्षों से आज भी जारी है। 'पंचमुखी शिक्षा से कर रहे चहुंमुखी विकास'जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एकल का उद्देश्य पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से गांव-गांव पहुंच लोगों को जागरूक करना और उन्हें संस्कार शिक्षा देकर ग्रामीणों का चहुंमुखी विकास करना है। उन्होंने कहा, एकल का कार्य ईश्वरी कार्य है और हम सभी यही भाव से सेवा कार्य करते रहे। जनजाति समाज को बना रहे आत्मनिर्भरविकास जैन ने कहा कि एकल कार्यकर्ता जनजाति समाज के बीच पहुंच पंचमुखी शिक्षा के द्वारा शिक्षित, स्वस्थ और स्वावलंबी राष्ट्र निर्माण में एकल अभियान के कार्यों को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर कर रहे हैं। संस्कार शिक्षा के माध्यम से सुदूर और जनजातीय क्षेत्रों में हिंदू धर्म का प्रचार कर सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देना है। ये अतिथि और कार्यकर्ता रहे मौजूदइस अवसर पर पी 7 और 8 के नगर संगठन प्रमुख रामेश्वर दयाल, एकल श्री हरि कथा प्रभाग व्यास अजय शरण, संभाग सचिव महेश सिंघल, संभाग व्यास संजय शरण, भाग महिला समिति अध्यक्ष आशा रघुवंशी, संभाग कार्यालय प्रमुख पप्पू सिंह नायक मंचासीन रहे। साथ ही मालवा भाग अभियान प्रमुख संतोष राठौर, चंबल भाग अभियान प्रमुख धर्मवीर गुर्जर सहित 7 अंचलों से सेवा व्रती कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
यूपी में SIR ड्यूटी में लगे अब तक 4 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें लेखपाल और टीचर ने सुसाइड किया, जबकि एक शिक्षामित्र की ब्रेन हैमरेज से मौत हुई। आज बरेली में BLO सर्वेश कुमार गंगवार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आ गया। उनकी मौत हो गई है। इस्तीफे में लिखा- 20 सालों से मैं पढ़ा रही हूं, लेकिन पिछले कुछ समय से परिस्थितियां बेहद कठिन हो गई हैं। मुझे चुनाव अभियान के SIR कार्य में बीएलओ बनाया गया है, जिससे मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बनाकर जबरन काम करवाने को मजबूर कर रहे हैं। फतेहपुर में लेखपाल का शव घरवालों ने 30 घंटे बाद घर से उठने दिया। दरअसल, बहन अमृता सिंह की मांग थी कि कानूनगो शिवराम पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके बाद आज सुबह बिंदकी थाने में पुलिस ने बहन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया। लेखपाल SIR ड्यूटी में लगे थे। उन्होंने शादी से एक दिन पहले सुसाइड किया था। बहन ने कानूनगो पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इधर, प्रयागराज DM मनीष वर्मा ने SIR में लापरवाही बरतने पर 40 BLO का वेतन रोक दिया है। वहीं, गोंडा में ज़हर खाकर जान देने वाले विपिन का शव घर पहुँच चुका है। सपा जिलाध्यक्ष ने टीचर की शव यात्रा में कंधा दिया। थोड़ी देर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 2 तस्वीरें देखिए- SIR से जुड़े अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए...
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर के लिए ऑनलाइन जॉब कैसे सर्च करें?
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
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