झाबुआ में आदिवासी समाज सुधार संगठन की बैठक में 500 से अधिक तडवी पटेलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने का संकल्प लिया है। थांदला क्षेत्र के खवासा मंडल में आयोजित '3D मिशन' के तहत अब विवाह समारोहों में डीजे, दहेज और दारू पर होने वाले अनावश्यक खर्चों को बंद कर सादगी और बचत को प्राथमिकता दी जाएगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य डीजे (DJ), दहेज और दारू (शराब) पर होने वाली फिजूलखर्ची को रोकना है। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह मिशन किसी परंपरा के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस सामाजिक दबाव के विरुद्ध है जो गरीब परिवारों को कर्ज लेने पर मजबूर करता है। बैठक में बताया गया कि शादी की कुछ घंटों की चकाचौंध के लिए परिवार सालों तक कर्ज चुकाते हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा और भविष्य प्रभावित होता है। '3D मिशन' का लक्ष्य इसी सोच को बदलना और समाज को कर्ज के दलदल से बाहर निकालना है। पिछले वर्ष इस मिशन के उत्साहजनक परिणाम सामने आए थे। कई गांवों में डीजे और शराब के बिना सादगीपूर्ण विवाह संपन्न हुए, जिससे परिवारों की लाखों रुपए की बचत हुई। इसी सफलता को देखते हुए इस साल अभियान को और अधिक मजबूती से लागू करने का निर्णय लिया गया है। बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य खर्च करेंगे रुपए खवासा क्षेत्र के सभी तडवी पटेलों ने नियमों का पालन करने और उन्हें गांव-गांव तक पहुंचाने की शपथ ली। साथ ही, फिजूलखर्ची से बचने वाले पैसे को बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर खर्च करने की अपील भी की गई। समाज सुधारक संगठन के नेतृत्व में पूरा समाज इस पहल के लिए एकजुट नजर आया। इस महत्वपूर्ण बैठक में संगठन के संस्थापक श्यामा ताहेड़, जिला सचिव दिलीप मेडा (मेघनगर), अध्यक्ष मेहताब डामोर, उपाध्यक्ष प्रताप ताहेड़, प्रमुख कार्यकर्ता शांतु बारिया, रामचंद्र गणावा, पूर्व जनपद अध्यक्ष चेनसिंह डामोर, रूपसिंह महाराज, दिनेश चारेल और रमेश कतिजा सहित खवासा क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ समाजसेवी उपस्थित रहे।
सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ की मांग पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डेगाना, नाथद्वारा, कुंभलगढ़, ब्यावर और जैतारण में केंद्रीय विद्यालय खोलने का सकारात्मक आश्वासन दिया है। इससे इन क्षेत्रों में नए केंद्रीय विद्यालय खुलने की संभावना बढ़ गई है। सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने नाथद्वारा, कुंभलगढ़, ब्यावर, जैतारण और डेगाना विधानसभा क्षेत्रों के उपखंड मुख्यालयों पर केंद्रीय विद्यालय खोलने की पुरजोर मांग रखी। उन्होंने मंत्री के समक्ष क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालयों की आवश्यकता और इससे होने वाले शैक्षणिक लाभों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। सांसद ने कहा कि यह कदम विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दूरदर्शिता पूर्ण होगा। केंद्रीय विद्यालय खुलने से होनहार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा और अभिभावकों को भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर होने वाले मानसिक तनाव से राहत मिलेगी। भेजे गए पत्र के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ को आश्वस्त किया। उन्होंने बताया कि उपखंड मुख्यालयों पर केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव को उचित कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को भेज दिया गया है। मंत्री ने शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद जताई।केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इस आश्वासन के बाद डेगाना, नाथद्वारा, कुंभलगढ़, ब्यावर और जैतारण में केंद्रीय विद्यालय खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस पहल से क्षेत्र के विद्यार्थियों और अभिभावकों में उत्साह का माहौल है।
रिश्वतखोरी:स्कूल शिक्षा में 2.87 करोड़ का घोटाला, 150 खाते सीज
रिश्वतखोरी के 25 से ज्यादा मामले सामने आने के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ा गबन सामने आया है। इंदौर के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय में साल 2018 से अब तक स्कॉलरशिप और अन्य मदों के 2.87 करोड़ निजी खातों में ट्रांसफर किए गए। स्थानीय स्तर पर इसकी भनक तक नहीं लगी। फर्जीवाड़ा तब पकड़ में आया, जब भोपाल ट्रेजरी मुख्यालय और ऑडिटर की रिपोर्ट आई। कलेक्टर शिवम वर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वर्मा ने बताया कि गबन से जुड़े करीब 150 बैंक खाताों को सीज कराया गया है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी और पूरी राशि की वसूली भी की जाएगी। पूरे मामले की जांच संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा करेंगे। जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन को भोपाल से दो दिन पहले ही पूरी रिपोर्ट भेजी गई। इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के अफसरों को तलब किया और गबन से जुड़े भारी-भरकम दस्तावेज मंगवाए। जैन ने बताया- कई संदेहजनक ट्रांजेक्शन हुए हैं। एसओपी के अनुसार जांच होगी। 3 साल पहले कलेक्टोरेट में भी हुआ था ऐसा ही गबन: तीन साल पहले कलेक्टोरेट में भी इसी तरह का घोटाला सामने आया था। अनुकंपा नियुक्ति पर लगे बाबू मिलाप चौहान ने हितग्राहियों की राशि को अपने, अपने साथियों, पत्नी और अन्य परिचितों के 30 खातों में ट्रांसफर किया था।
डहर 2.0 सर्वे : शिक्षा विभाग ने जोड़ा ‘अन्य’ कॉलम, अब आदिवासी बच्चे भी दर्ज करा सकेंगे अपना ‘धर्म’
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा ‘समग्र शिक्षा’ का वार्षिक कार्य योजना बजट तैयार करने के लिए चलाए जा रहे डहर (डिजिटल हैबिटेशन मैपिंग एंड रियल-टाइम मॉनिटरिंग) 2.0 सर्वे फॉर्म के धर्म कॉलम में ‘अन्य’ कॉलम को जोड़ दिया है। अब आदिवासी बच्चे जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन एवं बौद्ध नहीं हैं, वे अपना धर्म सरना या आदिवासी अंकित करा सकते हैं। पहले वाले सर्वे प्रपत्र में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन एवं बौद्ध धर्म के ही कॉलम था। इसको लेकर इस सर्वे को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा सवाल उठाते हुए विरोध दर्ज कराया गया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इसमें संशोधन किया। विगत 11 दिसंबर को इस प्रपत्र में रिलिजन कॉलम में अदर्स कॉलम को पोर्टल में डाल दिया गया है। क्यों हो रहा था विरोध... आदिवासी नेता प्रेमशाही मुंडा, पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, देवकुमार धान, पवन तिर्की आदि का कहना था कि स्कूल स्तर पर हो रहे बच्चों के सर्वे में धर्म के कॉलम में अन्य नहीं है। इससे तो आदिवासी बच्चों की स्कूली स्तर पर गणना ही नहीं होगी। इससे इन बच्चों को समग्र शिक्षा के हक और अधिकार से वंचित होना पड़ता। अन्य कॉलम होना बहुत जरूरी है। नामांकित व ड्रॉपआउट बच्चों का हो रहा सर्वे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 3-18 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों के विद्यालय में नामांकित रहने या ड्रॉपआउट रहने का संख्या संबंधी प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इसी के आधार पर हर वर्ष समग्र शिक्षा के वार्षिक कार्य योजना एवं बजट की स्वीकृति केंद्र सरकार के द्वारा की जाती है।
शिक्षा ही समाज के विकास की कुंजी है : चौधरी
सनराइज पब्लिक स्कूल उमेडंडा का 11वां वार्षिकोत्सव समारोह शनिवार को मनाया गया। बतौर मुख्य अतिथि डीएसपी खलारी रामनारायण चौधरी व स्वास्थ्य विभाग आयुष के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कृष्ण कुमार शामिल हुए। इसके पूर्व डीएसपी रामनारायण चौधरी को विद्यालय के संस्थापक विक्रांत नायक, सोनू व रविकांत सिंह ने शॉल ओढ़कर सम्मानित किया। डीएसपी रामनारायण चौधरी ने कहा कि शिक्षा ही समाज के विकास की कुंजी है और बगैर शिक्षा के मनुष्य जीवन अस्तित्व विहीन है। शिक्षा के बिना एक अच्छे समाज की परिकल्पना करना बेकार है। डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि ग्रामीण परिवेश में स्थापित यहां के बच्चों में किताबी ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा सहित अन्य स्किल कौशल में भी बेहतर कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा एक से बढ़कर एक प्रेरणायुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। विद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को मुख्य अतिथियों द्वारा मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर किया गया।
मानसी प्रखंड में 'नई चेतना अभियान' के तहत विभिन्न तिथियों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। दीदी अधिकार केंद्र प्रेरणा संकुल संघ चकहुसैनी, मानसी के तत्वावधान में आयोजित इन कार्यशालाओं में जीविका दीदियों को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई। साथ ही, बाल विवाह, बाल मजदूरी, साफ-सफाई और अशिक्षा जैसी सामाजिक कुरीतियों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान इन कुरीतियों से समाज को मुक्त करने का संकल्प लिया गया। विधिक सेवा प्राधिकार की इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने किया। इसका संचालन दीदी अधिकार केंद्र की समन्वयक रंजना कुमारी और प्रेरणा संकुल संघ की मास्टर बुक कीपर रंजना कुमारी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला में प्रेरणा संकुल संघ के अंतर्गत आने वाले चकहुसैनी, खुटिया, पूर्वी ठाठा और पश्चिमी ठाठा के जीविका कैडर और जीविका दीदियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी विधिक सेवा प्राधिकार खगड़िया के अधिवक्ता कृष्ण मुरारी मिश्रा ने प्रदान की। प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने कहा कि मानसी प्रखंड में सभी प्रखंड स्तरीय अधिकारी जनप्रतिनिधियों और मीडिया के सहयोग से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रखंड परियोजना प्रबंधक घनश्याम दीनबंधु ने आगामी कार्यशालाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकार की कार्यशालाएं 26 और 27 दिसंबर को पूर्वी ठाठा और चकहुसैनी में संपन्न हुईं। अगली कार्यशाला 29 दिसंबर को दीप संकुल संघ सैदपुर में आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के समापन के बाद, पोषण माह और नई चेतना अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टाफ, कैडर और जीविका दीदियों को सम्मानित किया जाएगा।
गंगापुर सिटी में वर्धमान हॉस्पिटल सद्भावना क्रिकेट लीग के क्वार्टर फाइनल में स्कूल शिक्षा परिवार और बैंकर्स इलेवन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। नरेश गोदारा और विक्रम मीणा की बेहतरीन पारियों ने दर्शकों को रोमांचित किया।
माउंट आबू में स्वामीनारायण शिक्षा पत्री के 200 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य आयोजन हुआ। स्वामीनारायण मणिनगर गादी संस्थान के स्वामी निर्माण प्रिया दास जी महाराज की उपस्थिति में सैकड़ों विद्यार्थियों को शिक्षा पत्री का वितरण किया गया। विश्वव्यापी महोत्सव के तहत स्कूलों में कार्यक्रम जारी रहेंगे।
नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ही शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 31 जिलों के 97 विद्यालय बंद कर दिए गए। इसमें 88 प्राथमिक और 9 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। शून्य नामांकन होने के कारण इन स्कूलों को बंद कर पास के ही स्कूल में मर्ज कर दिया है। जोधपुर जिले के सबसे अधिक 13 स्कूलों को बंद किया गया है। जबकि बीकानेर का एक स्कूल इस सूची में शामिल है। बीकानेर के नोखा ब्लॉक के स्कूल को पास के स्कूल में मर्ज किया गया है। पिछले महीने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शून्य नामांकन वाले स्कूलों की रिपोर्ट संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों से मंगाई थी। राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने शुक्रवार को इन स्कूलों को सुव्यवस्थित करते हुए पास के स्कूल में मर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मर्ज होने के बाद संबंधित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल की समस्त संपत्तियां जैसे भूमि, भवन, खेल मैदान, फर्नीचर, शैक्षणिक उपकरण आदि पर जिस में मर्ज किया गया है उसी स्कूल का ही अधिकार होगा। विदित रहे कि ‘भास्कर’’ ने 26 नवम्बर को ‘नामांकन शून्य.... प्रदेश के 230 स्कूल अगले सत्र से बंद होंगे’’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर पहले ही बता दिया था कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों को बंद किया जाएगा। भास्कर इनसाइट- माध्यमिक विद्यालयों से जुड़ने वालों की सूची भी जल्द दरअसल, राज्य में लगभग 230 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में नामांकन शून्य है। वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से 97 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं। शून्य नामांकन वाले अन्य लगभग 133 ऐसे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जिनका एकीकरण पास के उच्च माध्यमिक स्कूलों में किया जाना है, इस संबंध में आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए जाएंगे। अतिरिक्त कार्मिकों को रिक्त पदों पर लगाया जाएगा इन 97 स्कूलों से अधिशेष हुए कार्मिकों को जहां अधिक नामांकन है उन स्कूलों में रिक्त पदों पर लगाया जाएगा। स्टाफिंग उपरांत अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन होने तक इन कार्मिकों को कार्य व्यवस्थार्थ उसी पीईईओ क्षेत्र के अन्य सरकारी स्कूल में लगाए जाने के निर्देश संबंधी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को दिए गए हैं। जहां नामांकन की अपेक्षा कार्यरत शिक्षक कम है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड:1.61 लाख आवेदन अधूरे, आज से फिर शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) फरवरी 2026 के लिए पंजीकरण विंडो दोबारा खोलने का फैसला किया है। यह सुविधा उन अभ्यर्थियों को दी जा रही है, जो आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के बाद प्रपत्र पूरा नहीं कर पाए थे। सीबीएसई के अनुसार, ऐसे 1,61,127 आवेदन अधूरे रह गए थे, जिन्हें अंतिम रूप से जमा नहीं किया गया था। सीटीईटी का यह संस्करण करीब एक वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित हो रहा है। पंजीकरण विंडो शनिवार को सुबह 11 बजे से 30 दिसंबर को रात 11:59 बजे तक खुली रहेगी। अभ्यर्थी वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पहले पंजीकरण विंडो 27 नवंबर से 18 दिसंबर तक खुली थी। इस दौरान कुल 25,30,581 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। परीक्षा में 150 बहु विकल्पीय प्रश्न होते हैं और ऋणात्मक अंकन नहीं है।
साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की घोषणा की है। शर्मा शुक्रवार को यहां वीर बाल दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रदर्शनी के मौके पर […] The post साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा appeared first on Sabguru News .
मध्य प्रदेश के मंडला जिले में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाला एक मामला सामने आया है। बिछिया विकासखंड स्थित एक पीएमश्री स्कूल का सामने आया है। इस वीडियो में छात्राएं क्लासरूम के भीतर पढ़ाई छोड़कर फिल्मी गानों पर 'शादी का नाटक' और रील बनाती दिख रही हैं। इसमें छात्राएं क्लासरूम की बेंच पर खड़ी होकर बॉलीवुड गानों जैसे 'बहारों फूल बरसाओ', 'मेरे हाथ में तेरा हाथ हो' और 'मुबारक हो तुमको यह शादी तुम्हारी' पर रील बनाती और डांस करती नजर आ रही हैं। आईडी कार्ड को बनाया वरमाला वीडियो में छात्राओं ने कक्षा-कक्ष को ही शादी का मंडप बना दिया। उन्होंने किताबों की जगह आईडी कार्ड को वरमाला की तरह इस्तेमाल किया। शादी की रस्मों को निभाने के लिए स्कूल के झाड़ू और क्लासरूम के फर्नीचर का भी उपयोग किया गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि 'शिक्षा के मंदिर' में इस तरह के फिल्मी ड्रामे और रील बनाने की अनुमति कैसे मिली, और जिस समय यह रील बनाई जा रही थी, उस वक्त शिक्षक कहां थे। जांच टीम गठित की इस पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्यविभाग वंदना गुप्ता ने संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि बीईओ, बीआरसी, भीमडोंगरी हाई स्कूल के प्राचार्य और सांदीपनि विद्यालय घुटास के उच्चतर माध्यमिक शिक्षक की एक संयुक्त जांच टीम गठित की गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जयपुर: वीर बाल दिवस पर साहिबजादों की शहादत को नमन, प्राथमिक शिक्षा में शामिल होगी गौरव गाथा
जयपुर में वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यालय में साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित प्रदर्शनी आयोजित हुई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साहिबजादों की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की।
डीडवाना-कुचामन में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से संबद्ध राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) जिला शाखा डीडवाना द्वारा आयोजित दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ। इस अभ्यास वर्ग का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के व्यवसायिक कौशल, वैचारिक स्पष्टता और संगठनात्मक क्षमता का विकास करना था। कार्यक्रम के दौरान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का संवाहक नहीं, बल्कि समाज का सजग प्रहरी होता है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग के सातवें सत्र में मुख्य वक्ता प्रहलाद शर्मा ने 'प्रवासी कार्यकर्ता एवं कार्य योजना निर्माण' विषय पर विस्तृत जानकारी दी। इस सत्र की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष कैलाश सोलंकी ने की। आठवें सत्र में पूर्णकालिक कार्यकर्ता राजेंद्र दाधीच ने 'संगठन की कार्यपद्धति एवं परिचय' विषय पर मार्गदर्शन प्रदान किया। इस सत्र की अध्यक्षता भुवनेश कुमार शर्मा ने की।अंतिम समारोप सत्र के मुख्य वक्ता भगवान सिंह राठौड़ रहे। उन्होंने 'प्रभावी प्रार्थना सभा एवं हमारा विद्यालय–हमारा स्वाभिमान' विषय पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। इस सत्र की अध्यक्षता पुनीत जांगिड़ ने की। इस सफल कार्यक्रम का संयोजन राजेंद्र दाधीच, पवन कुमार जोशी, डॉ. गणेश सैनी और संजय कुमार उपाध्याय द्वारा किया गया। अभ्यास वर्ग में जिले की विभिन्न उपशाखाओं के दायित्वधारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ, जिसमें संगठन को और अधिक सशक्त बनाने का संकल्प लिया गया।
रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ से की जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में युवाओं के साथ भेदभाव होने की जांच करने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले में जांच करवाई जाएगी। इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (INSO) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मलिक ने आरोप लगाया कि कई विषयों में हरियाणा के युवाओं का पास प्रतिशत असामान्य रूप से कम रहा, जबकि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का पास प्रतिशत काफी अधिक रहा। बहुत से विषयों में 60 से 80 प्रतिशत अंकों तक ही पास होने वाले छात्र दिखाई दिए, जो पिछले वर्षों की तुलना में एकदम अलग स्थिति है। दीपक मलिक ने बताया कि कई अभ्यर्थियों ने मूल्यांकन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और संभावित तकनीकी/प्रशासनिक त्रुटियों की आशंका जताई है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी हो सकती है, जिससे हरियाणा के मेहनती विद्यार्थियों के साथ अन्याय हुआ है। INSO ने शिक्षामंत्री से की मांग INSO प्रदेशाध्यक्ष दीपक मलिक ने शिक्षा मंत्री से मांग की कि संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया की तुरंत उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच करवाई जाए। जिन विषयों में पास परिणाम असामान्य रूप से कम हैं, वहां पुनः परीक्षा या विशेष समीक्षा प्रक्रिया चलाई जाए। HPSC की मूल्यांकन एवं चयन प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी, न्यायसंगत और तकनीकी रूप से सुरक्षित बनाया जाए। उत्तर पुस्तिकाओं और मूल्यांकन मानकों को सार्वजनिक कर छात्रों के भरोसे को मजबूत किया जाए। स्टूडेंट के लिए प्रदेशभर के गांवों से चलाई जाएं 600 बसें एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स के प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में बस चलाने को लेकर विरोध दर्ज करवाया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उस दौरान इस आंदोलन के कारण उन पर दो मुकदमे भी दर्ज कर दिए गए। इसके बावजूद सरकार द्वारा कोई ठोस समाधान नहीं उठाया गया। सरकार ने लगभग तीन वर्ष पूर्व घोषणा की थी कि प्रदेश भर में लगभग 600 विशेष बसें गांवों से शिक्षण संस्थानों तक छात्राओं के लिए चलाई जाएंगी और लगभग एक वर्ष पूर्व सभी शिक्षण संस्थानों से यह डेटा भी एकत्र किया गया था कि किस गांव से कितनी छात्राएं आती हैं, लेकिन आज तक उस पर कोई अमल नहीं हुआ। छात्राएं अपने आप को असुरक्षित कर रही महसूस छात्र नेता दीपक धनखड़ ने कहा कि छात्राओं को प्रतिदिन गंभीर असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर छात्राएं शाम लगभग 5 बजे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से घर के लिए निकलती हैं। सर्दियों में दिन छोटे होते हैं और जल्दी अंधेरा हो जाता है, जिससे रास्ते में छेड़छाड़, बदसलूकी और असुरक्षा की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं। ऐसे में मजबूरी में छात्राओं को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। शिक्षा मंत्री ने दिया छात्र संगठनों को आश्वासन शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने आश्वासन दिया कि प्रदेश भर की छात्राओं के भविष्य और महिला सशक्तिकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव है। वे इस विषय को व्यक्तिगत रूप से प्राथमिकता के आधार पर लेंगे और शीघ्र ही इस पर काम शुरू करवाएंगे। साथ ही प्रोफेसर भर्ती मामले की शीघ्र समीक्षा कर उचित समाधान किया जाएगा। मंत्री ने आश्वासन दिया कि छात्रों के हित एवं न्याय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
जौनपुर के सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बारी नाथ में विद्या भारती ने 'सप्त शक्ति संगम' कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान 'मातृ शक्ति वंदन', 'नारी की गरिमा व शक्ति', 'ज्ञान की ज्योति' और 'संस्कृति व संस्कारों की पवित्र धारा' जैसे विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में शिक्षा, कला, पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पांच महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. सीमा सिंह (परामर्शदाता, जिला महिला चिकित्सालय, जौनपुर), उर्वशी सिंह (अधिवक्ता, अतुल्य वेलफेयर ट्रस्ट), डॉ. वंदना सरकार (प्रधानाध्यापक) और डॉ. ज्योति सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। छात्राओं ने रानी लक्ष्मीबाई और रानी अहिल्याबाई जैसी विभूतियों का रूप धारण कर नारी शक्ति पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसकी सराहना की गई। मुख्य अतिथि डॉ. सीमा सिंह ने भारत के विकास में मातृशक्ति के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत के विकास की नींव मातृ शक्ति के अद्वितीय योगदान पर टिकी है। नारी केवल परिवार की आधारशिला नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण की सशक्त प्रेरक भी है। डॉ. उर्वशी सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति के बिना भारत का समग्र विकास अधूरा है। उनके अनुसार, जब नारी सशक्त होती है, तब समाज समृद्ध होता है और राष्ट्र प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता है। उन्होंने मातृ शक्ति का सम्मान, सशक्तिकरण और समान अवसर को विकसित भारत की कुंजी बताया। विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में योगदान के लिए प्रीति गुप्ता, वंदना यादव, साधना खरवार, पुष्पांजलि साहू और पत्रकारिता के क्षेत्र में रजनी सोनी को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंचासीन संकुल प्रमुख कल्पना सिंह ने समाज में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन आचार्या वंदना अस्थाना ने किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य गणेश दत्त उपाध्याय ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर साधना दूबे, अरूसी मौर्या, आरती प्रजापति, सोनी निषाद, अंजली मौर्या, शालिनी श्रीवास्तव और रचना सोनकर ने भी सहयोग किया।
पानीपत में स्कूल कैडर लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा (HSLA) के प्रतिनिधिमंडल ने आज शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से मुलाकात की। इस दौरान संगठन ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड, भिवानी के चेयरमैन के ओएसडी पद पर सलाह के प्रदेश उपाध्यक्ष समरवीर सिंह की नियुक्ति के लिए मंत्री का आभार व्यक्त किया। समरवीर सिंह को गत दिनों बीएसईएच, भिवानी चेयरमैन का ओएसडी नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति शिक्षा विभाग से अनुभवी शिक्षाविदों को महत्वपूर्ण पदों पर लाने की दिशा में एक कदम है। सलाह के राज्य प्रधान अशोक शर्मा और कार्यकारी प्रदेश प्रधान अजय मलिक ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और ओएसडी तीनों पदों पर स्कूल शिक्षा विभाग से अनुभवी शिक्षाविदों की नियुक्ति एक दूरदर्शी और सराहनीय निर्णय है। उन्होंने इसे शिक्षा हित में लिया गया महत्वपूर्ण कदम बताया। संगठन का मानना है कि इन नियुक्तियों से बोर्ड की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी, प्रभावी और उत्तरदायी बनेगी। इससे प्रदेश की स्कूली शिक्षा को नई दिशा मिलेगी और गुणवत्ता में सुधार आएगा। संगठन को शीघ्र बैठक का समय देने का आग्रह किया मुलाकात के दौरान सलाह ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से लेक्चरर वर्ग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए संगठन को शीघ्र बैठक का समय देने का भी आग्रह किया। मंत्री द्वारा इस संबंध में आश्वासन दिए जाने से प्रदेश भर के लेक्चररों में सकारात्मक संदेश गया है। इस अवसर पर राज्य कोषाध्यक्ष भूपेंद्र मलिक, राज्य महासचिव अनिल सैनी, राज्य सचिव संदीप फौगाट, मनोज कुमार, मेवात जिला प्रधान रमन रोहिल्ला और मेवात जिला संयोजक नजीम आज़ाद सहित संगठन के प्रवक्ता एवं कार्यकारिणी सदस्य मौजूद थे।
कैमूर के सभी सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों की गुणवत्ता सुधारने को लेकर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। अब जिले के प्रत्येक सरकारी विद्यालय में समय तालिका के अनुरूप मासिक शैक्षणिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) राजन कुमार ने सभी संबंधित अधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) को स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरंतरता आएगी और शैक्षणिक स्तर में अपेक्षित सुधार संभव होगा। निरीक्षण में उजागर हुईं गंभीर खामियां डीईओ राजन कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में किए गए विद्यालय निरीक्षण के दौरान कई चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। जांच में यह पाया गया कि जिले के कई विद्यालयों में मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। कई जगह समय तालिका का पालन केवल कागजों तक सीमित है, जबकि वास्तविक कक्षा संचालन में लापरवाही बरती जा रही है। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है और निर्धारित समय में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है। विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि समय पर सिलेबस पूरा नहीं होना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई नहीं होती है तो छात्रों को परीक्षा के समय भारी दबाव झेलना पड़ता है और उनकी समझ भी कमजोर रहती है। यही कारण है कि अब शिक्षा विभाग इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। बीईओ को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीईओ ने निर्देश दिया है कि बीईओ अपने-अपने प्रखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में नियमित रूप से निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि समय तालिका और मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही कक्षाओं का संचालन हो रहा है। जहां भी अनियमितता पाई जाएगी, वहां तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रधानाध्यापकों के साथ अनिवार्य बैठक निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं और शैक्षणिक कार्यक्रमों की पूरी जानकारी विद्यालय स्तर तक नहीं पहुंच पा रही है। इस कमी को दूर करने के लिए सभी बीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों के साथ हर महीने अनिवार्य बैठक करें। इन बैठकों में न केवल मासिक शैक्षणिक कैलेंडर की समीक्षा की जाएगी, बल्कि शिक्षण गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति और योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विस्तार से चर्चा होगी। शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार पर विशेष फोकस डीईओ राजन कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग का लक्ष्य केवल कक्षाएं चलाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। मासिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई होने से शिक्षकों को भी यह स्पष्ट रहेगा कि किस महीने कौन-सा पाठ पढ़ाना है और किस स्तर तक विद्यार्थियों को तैयार करना है। इससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक योजनाबद्ध और प्रभावी होगी। लापरवाही पर होगी कार्रवाई शिक्षा विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि यदि निर्देशों के बावजूद किसी विद्यालय में शैक्षणिक कैलेंडर का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। विभागीय स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी और रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजी जाएगी। अभिभावकों को भी मिलेगा लाभ इस सख्त व्यवस्था का सीधा लाभ विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी मिलेगा। जब सिलेबस समय पर पूरा होगा और पढ़ाई नियमित होगी, तो बच्चों की शैक्षणिक प्रगति बेहतर होगी। इससे अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा भी मजबूत होगा। कुल मिलाकर, कैमूर जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और अनुशासित बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यदि इन निर्देशों का सही तरीके से पालन किया गया, तो आने वाले समय में जिले के सरकारी विद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है।
बेतिया में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कार्यकर्ता सम्मेलन में राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। सम्मेलन में उन्होंने साफ कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। साथ ही TRE-4 परीक्षा और मॉडल विद्यालयों को लेकर भी बड़ा रोडमैप सामने रखा गया। जेडीयू कार्यकर्ता सम्मेलन में उमड़ा जनसैलाब बेतिया शहर के एक निजी होटल में आयोजित जेडीयू कार्यकर्ता सम्मेलन में जिले और आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे। सम्मेलन में उत्साह का माहौल देखने को मिला। बड़ी संख्या में नए लोगों ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की, जिससे संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूती मिलने की बात कही गई। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उनके साथ वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार, सिकटा विधायक समृद्ध वर्मा सहित कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि मंच पर उपस्थित थे। सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। शिक्षकों की कमी दूर करना सरकार की प्राथमिकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने स्वीकार किया कि कई जिलों और स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी है, जिसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट कहा,“अब किसी भी स्कूल में किसी भी विषय का अभाव नहीं रहने दिया जाएगा। जहां जरूरत होगी, वहां शिक्षकों का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया जाएगा।” शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिलों की वास्तविक जरूरत का आकलन कर शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी, ताकि शिक्षा व्यवस्था संतुलित और प्रभावी बन सके। TRE-4 परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने TRE-4 परीक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि TRE-4 की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी और परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि TRE-4 के माध्यम से 25 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली की जाएगी। इससे सरकारी स्कूलों में न केवल शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि पढ़ाई की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पारदर्शी और समयबद्ध बहाली प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, ताकि योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिल सके और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल पाए। हर प्रखंड में बनेगा एक मॉडल स्कूल शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी जिलों के प्रत्येक प्रखंड में एक-एक मॉडल विद्यालय की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले 15 से 20 दिनों के भीतर विद्यालयों का चयन कर इस योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। इन मॉडल विद्यालयों में आधुनिक कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, खेल सुविधाएं और डिजिटल शिक्षा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षा मंत्री के अनुसार,“मॉडल स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास का केंद्र बनेंगे, जहां पढ़ाई के साथ-साथ खेल, कला और तकनीकी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।” संगठन की मजबूती पर दिया गया जोर सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कार्यकर्ताओं से संगठन को और मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी जमीन पर सफल होती हैं, जब संगठन मजबूत होता है और कार्यकर्ता सक्रिय रहते हैं। उन्होंने बूथ स्तर पर पार्टी को सशक्त बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की भूमिका आने वाले समय में और भी अहम होगी। अन्य नेताओं ने भी संगठनात्मक विस्तार, कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी और आगामी चुनावी तैयारियों पर अपने विचार साझा किए। कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह शिक्षा मंत्री की घोषणाओं से सम्मेलन में मौजूद कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। शिक्षकों की बहाली, मॉडल विद्यालयों की स्थापना और शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों की सराहना की। सम्मेलन के अंत में यह संदेश दिया गया कि शिक्षा और संगठन, दोनों को मजबूत कर ही बिहार को विकास की नई दिशा दी जा सकती है।
मप्र स्कूल शिक्षा विभाग 5 अलग-अलग जगह फैला हुआ है। विभागीय मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया है कि 22 मंजिला इमारत बनाई जाएगी। मंत्री के बयान बाद पूरी योजना के बारे में जाना। इसमें पता चला कुछ महीने पहले मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (ओपन बोर्ड) ने लगभग 55 करोड़ रुपए में माता मंदिर के पीछे करीब सवा एकड़ जमीन खरीदी थी। इस जमीन पर बोर्ड ने 100 मंजिला इमारत का प्लान बनाया था, लेकिन अब 22 मंजिला पर विभाग में सहमति बन गई है। यह मामला करीब एक साल से फाइल में ही अटका हुआ है, जबकि इसी साल जुलाई में हुई एक बैठक में विभागीय मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस बिल्डिंग के लिए सहमति दे दी थी। फिर भी इसका काम शुरू हो नहीं हो पा रहा है। जो अफसर काम देख रहे हैं, उनका कहना है कि मामला प्रक्रिया में है। लेकिन, जानकारी यह सामने आ रही है कि नई इमारत में स्कूल शिक्षा विभाग के दूसरे अफसरों को दिलचस्पी नहीं है। अफसरों ने अटकाया जो प्रपोजल बनाया गया, उसके अनुसार राज्य सरकार के सबसे अधिक कर्मचारी वाले डिपार्टमेंट होने के कारण स्कूल शिक्षा के सभी विंग को एक साथ लाने का प्लान बनाया गया है। इसका मुख्यालय वल्लभ भवन में व दो संचालनालय में से एक राज्य शिक्षा केंद्र अरेरा हिल्स में, दूसरा लोक शिक्षण संचालनालय गौतम नगर में संचालित होता है। जमीन ले ली है। इसे बनाने की प्रकिया चल रही है। फिलहाल इसका काम राज्य ओपन स्कूल ही देख रहा है। जल्दी ही इसके लिए टेंडर करेंगे। -रवींद्र सिंह, डायरेक्टर, राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड
बिशप और पादरियों ने प्रभु यीशु की शिक्षाओं को जीवन में धारण करने का संदेश दिया
भास्कर न्यूज | जालंधर क्रिसमस को लेकर वीरवार को हर तरफ खुशियों का पैगाम और शुभकामनाओं का दौर रहा। यह क्रम बुधवार शाम से ही शुरू हो गया और रात 12 बजे कैरोल गीत, प्रार्थनाओं के बाद सेलिब्रेशंस शुरू हो गए। वीरवार को सुबह से अनुयायी प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस की खुशियां मनाने गिरजाघरों में पहुंचने लगे। ‘घोर अंधेरा था राहें उलझीं थीं, आसमां कुछ यह जमींन कुछ थी। तूने आकर फिर संवारा’, ‘आज हमारे दिल में जन्म ले हे प्रभु यीशु महान’ आदि प्रार्थना से अनुयायियों ने अपनी खुशी व्यक्त की। चारों ओर मैरी क्रिसमस की गूंज और रंग-बिरंगी रोशनियों ने उत्सव के वातावरण बना रहा। रंग बिरंगी लाइटों आदि से गिरजाघरों को हर तरफ से सजाया गया। हालांकि बुधवार-वीरवार की मध्यरात्रि से ही प्रभु यीशु के आने को लेकर विशेष प्रार्थनाएं शुरू हो गई थीं। सिटी की सभी गिरजाघरों में प्रभु यीशु के जन्म पर आधारित झांकियां सजाई गई थी। इनमें चरणी में जन्मे प्रभु यीशु के दर्शन से लेकर क्रिसमस के मौके पर गिफ्ट बांटते हुए सांता क्लॉज सबको लुभा रहे थे। चर्च में कैंडल जलाती हुईं महिलाएं। जालंधर कैंट में क्रिसमस पर लगा मेला। शहर के हर चर्च में लोगों ने ढोल ताशों की धुनों पर डांस करके क्रिसमस का पर्व धूमधाम से सेलिब्रेट किया। इसकी शुरुआत प्रभु की प्रार्थना करके की गई। गिरजाघरों में हर धर्म के लोग प्रार्थना करने पहुंचे थे। कैंडल जलाकर प्रभु यीशु को याद किया और उनकी कृपा पाने के लिए प्रार्थना की। सिटी की गोलक नाथ चर्च, बिशप हाउस, कैथोलिक गिरजाघर, होली ट्रिनिटी चर्च, सेक्रेड हार्ट चर्च व अन्य चर्चों में बिशप और पादरियों ने प्रभु यीशु की शिक्षाओं को जीवन में धारण करने के साथ ही समाज में प्रेम और भाईचारे की सांझ पैदा करने का संदेश दिया। दिनभर प्रभु यीशु के चरणों में ईसाई भाईचारे के सदस्य अपने गुनाहों की माफी मांग रहे थे। वहीं, पूरा दिन सबने एक-दूसरे को बधाई और गिफ्ट दिए।
स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता का किया गया मूल्यांकन
बालोद| मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता मॉनिटरिंग अभियान के तहत जनसंपर्क अधिकारी चंद्रेश ठाकुर ने बालोद विकासखंड की प्राथमिक शाला पिरीद एवं भेंगारी का निरीक्षण कर इन शालाओं में शिक्षा गुणवत्ता और सुविधाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान ठाकुर ने विद्यालय की सभी कक्षाओं का दौरा कर बच्चों से संवाद किया और अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था, शिक्षकों की उपस्थिति तथा आवश्यक सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विद्यार्थियों से उनकी दैनिक दिनचर्या, अध्ययन की आदतें और अन्य गतिविधियों के संबंध में भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने बच्चों को सदाचारी बनने, व्यवहार कुशल बनने और नशापान जैसी बुराइयों से दूर रहने की सीख दी। शाला निरीक्षण में भौतिक वातावरण और सुविधाओं की जांच की।
बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री और स्थानीय विधायक संजय पासवान ने कहा कि शिक्षा लक्ष्य प्राप्त करने का सबसे मजबूत माध्यम है। उन्होंने यह बात सेंट पॉल मॉडर्न स्कूल में आयोजित वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता और क्रिसमस समारोह को संबोधित करते हुए कही। मंत्री पासवान ने बिहार सरकार के उस लक्ष्य का जिक्र किया जिसके तहत राज्य के एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बल पर ही बच्चे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। इस अवसर पर मंत्री संजय पासवान ने बखरी की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बखरी की जनता ने उन्हें अपने बेटे के रूप में चुना है और वे एक सेवक के रूप में क्षेत्र के लोगों के सुख-दुःख में हमेशा उपलब्ध रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के निदेशक दानेश्वर यादव ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि विद्यालय परिवार शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के प्रति भी पूरी निष्ठा से समर्पित है। यादव ने मंत्री संजय पासवान को अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। निदेशक ने कहा कि यह सम्मान केवल विद्यालय परिवार की ओर से नहीं, बल्कि सम्पूर्ण बखरी की जनता की भावनाओं का प्रतीक है, जिनके मन में शैक्षणिक संवर्धन और क्षेत्र के समग्र विकास की तीव्र आकांक्षा है। इस अवसर पर पूर्व विधायक रामविनोद पासवान, नगर सभापति गीता देवी कुशवाहा, लोजपा जिलाध्यक्ष प्रेम कुमार पासवान, सपा जिलाध्यक्ष दिलीप केशरी, जिला पार्षद घनश्याम राय, अमित कुमार देव, पूर्व पार्षद सिधेश आर्य, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष पंकज पासवान, पूर्व मुखिया मनोहर केसरी और भाजपा नेता नीरज नवीन सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन रामनंदन महतो ‘अज्ञानी’ ने किया।
कैमूर के भभुआ में महान शिक्षाविद भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर दो सत्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक रत्नेश चंचल ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को महामना मालवीय और अटल जी के विचारों से परिचित कराना है, ताकि वे राष्ट्र, समाज, राजनीति और शिक्षा के महत्व को सही रूप में समझ सकें। मालवीय और अटल के राष्ट्रवादी विचारों पर चर्चा कार्यक्रम के पहले सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें वक्ताओं ने पंडित मदन मोहन मालवीय के शैक्षणिक योगदान और अटल बिहारी वाजपेयी के राष्ट्रवादी विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बक्सर सांसद सुधाकर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भुवनेश्वर द्विवेदी और पूर्व विधायक रिंकी रानी पांडे सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। वक्ताओं ने कहा कि महामना मालवीय शिक्षा के ऐसे सूर्य थे, जिन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर दुनिया को यह संदेश दिया कि शिक्षा सर्वोपरि है।
उदयपुर के सुखाड़िया रंग मंच, टाऊन हॉल में सुन्दर सिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जिला स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, उद्योगपति जी.एस. पौद्दार एवं मंत्री झाबर सिंह खर्रा की उपस्थिति में मावली व खेमली ब्लॉक के 90% से अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
भुसावर में स्कूल शिक्षा परिवार ब्लॉक बैठक सम्पन्न: कार्यशाला की तैयारियों पर हुआ जोर
भुसावर में स्कूल शिक्षा परिवार की ब्लॉक बैठक आर डी पी एस स्कूल में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला अध्यक्ष दुर्गपाल चौधरी, जिला प्रभारी राजेंद्र पाण्डेय और जिला संयोजक भोजराज सहित नवीन कार्यकारिणी का सम्मान किया गया और आगामी नदबई जिला कार्यशाला की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई।
हाईकोर्ट के जस्टिस संजय जायसवाल ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के पात्र होने के बाद भी प्रमोशन से वंचित रखना भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने प्रमोशन से वंचित टीचर को राहत देते हुए शिक्षा विभाग के उस आदेश को निरस्त कर दिया है। जिसमें स्नातकोत्तर उपाधि नहीं होने का हवाला दिया था। दरअसल, दिनेश कुमार राठौर की पहली नियुक्ति 26 अप्रैल 1989 को शिक्षक के पद पर हुई थी। इसके बाद 2 फरवरी 2009 को उन्हें उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर पदोन्नति दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने 23 जनवरी 2015 के आदेश से उन्हें 18 अगस्त 2008 से वरिष्ठता भी प्रदान की थी। नियमों के अनुसार पांच वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद वे व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए पात्र थे। सीनियर के बजाय जूनियर को दी नियुक्ति छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा राजपत्रित सेवा (स्कूल स्तर सेवा) भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2008 के तहत व्याख्याता के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद विभागीय पदोन्नति समिति ने 19 जून 2012 को जारी आदेश में याचिकाकर्ता से जूनियर को पदोन्नत कर दिया, जबकि उनके प्रकरण पर विचार ही नहीं किया गया। दावा खारिज होने पर हाईकोर्ट में लगाई याचिका विभाग ने याचिकाकर्ता का दावा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, 1 अप्रैल 2010 को उनके पास स्नातकोत्तर उपाधि नहीं थी। जबकि, वास्तविकता यह है कि याचिकाकर्ता ने 16 अप्रैल 2012 को स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर ली थी और पदोन्नति आदेश 19 जून 2012 को जारी हुआ था, यानी पदोन्नति की तिथि पर वे पूरी तरह पात्र थे। प्रशासनिक स्तर पर राहत न मिलने पर याचिकाकर्ता ने पहले वर्ष 2015 में हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देशों के बावजूद विभाग ने 16 सितंबर 2016 को दोबारा दावा खारिज कर दिया। इससे आहत होकर याचिकाकर्ता ने वकील जितेन्द्र पाली और अनिकेत वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की। 90 दिनों के भीतर निर्णय लेने का आदेश इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को 1 जून 2017 को व्याख्याता पद पर पदोन्नति दे दी गई। इसके बाद भी हाईकोर्ट ने मामले के गुण-दोष पर विचार करते हुए पाया कि याचिकाकर्ता के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है। हाईकोर्ट ने 16 सितंबर 2016 के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वे अपनी समस्त मांगों के साथ नया अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। साथ ही सक्षम प्राधिकारी को 90 दिनों के भीतर भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2008 के अनुसार निर्णय लेने का आदेश दिया है।
डोबड़ा ग्राम पंचायत में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब
डोबड़ा ग्राम पंचायत में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर का धूमधाम से स्वागत, विकास रथ यात्रा की शुरुआत। मंत्री ने गांववासियों को संबोधित कर विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी। ग्रामवासियों ने दिल खोलकर किया स्वागत, भाजपा नेताओं ने व्यक्त किया आभार।
बारां के रामगंज मंडी में अटल बिहारी वाजपेयी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर भावुक हुए। उन्होंने अटल जी के सड़क, किसान और सुशासन में योगदान को याद करते हुए बताया कि उन्हें पहला विधायक टिकट अटल जी की कलम से मिला।
सहरसा के जिला परिषद परिसर में बुधवार शाम कोसी रेंज चिल्ड्रन स्कूल्स एसोसिएशन ने एक सम्मान समारोह आयोजित किया। इसमें सहरसा विधायक इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता (आईपी गुप्ता) और महिषी विधायक डॉ. गौतम कृष्ण को पारंपरिक पाग व चादर भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह में कोशी प्रमंडल के निजी स्कूलों के संचालक, प्रधानाचार्य, शिक्षक और पेरेंट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज मनोहर ने विधायक आईपी गुप्ता को सम्मानित किया, जबकि सचिव रमेश कुमार यादव ने विधायक डॉ. गौतम कृष्ण को सम्मान प्रदान किया। राजद नेता सहित गणमान्य व्यक्ति मौजूद इस अवसर पर राजद नेता धीरेंद्र यादव, रंजीत यादव, राजद नगर अध्यक्ष इंजीनियर कौशल यादव, राजद जिला अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर और एसोसिएशन के प्रमंडलीय अध्यक्ष राम सुंदर साहा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। बुनियादी ढांचे की समस्या का करना पड़ रहा सामना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक आईपी गुप्ता ने एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों को प्रशासनिक भवन और बुनियादी ढांचे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 50 प्रतिशत भूमि उपलब्ध होने पर शेष व्यवस्था के लिए गंभीर प्रयास किए जाएंगे। छात्रावासों में रहने वाले छोटे बच्चों के मानसिक विकास और उनके बचपन को सुरक्षित रखने पर भी चर्चा हुई। एसोसिएशन का आभार किया व्यक्त महिषी विधायक डॉ. गौतम कृष्ण ने कहा कि यह सम्मान सामाजिक सौहार्द और सम्मान की संस्कृति को मजबूत करता है। उन्होंने आयोजन के लिए एसोसिएशन का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान उनके लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने निजी स्कूलों से जुड़े मुद्दों पर हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। समारोह सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में आपसी समन्वय को मजबूत करने का संदेश दिया गया।
शिक्षा, स्वास्थ्य, नशामुक्त समाज सहित स्वच्छता का संदेश दिया
भास्कर न्यूज़ | कलंगपुर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुंडरदेही का दिवसीय शिविर अचौद में लगाया। स्वयंसेवक विद्यार्थी स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नशामुक्त समाज, डिजिटल भारत, वृक्षारोपण और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता जैसे विविध संदेश देते हुए अपने जीवन में इन्हें अपनाने का संकल्पित हुए। बौद्धिक परिचर्चा सत्र में जिला संगठक डॉ. लीना साहू, केशव साहू, प्रभारी प्राचार्य डी.एस. महेरिया, ब्लॉक स्रोत समन्वयक किशोर साहू, प्रधानपाठक लक्ष्मीकांत चंद्राकर, और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। स्वयंसेवकों ने ग्राम संपर्क के माध्यम से जनमानस तक आवश्यक जानकारी पहुंचाई और राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों का प्रचार किया। खेल गतिविधियों से विद्यार्थियों ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत अचौद के सरपंच आकाश चंद्राकर, उपसरपंच पंकज साहू, पूर्व सरपंच बिसाहू राम चंद्राकर, दुलार सिंह ठाकुर, शिवशंकर साहू, बुधरू राम साहू, ताम्रज निर्मलकर, मोपेंद्र साहू, सतीश साहू, खेमेश्वरी साहू, कविता बंजारे, गोवर्धन ठाकुर मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता मॉनिटरिंग अभियान के तहत जनसंपर्क अधिकारी चंद्रेश ठाकुर ने बालोद ब्लॉक के प्राथमिक शाला पिरीद एवं भेंगारी का निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता, शाला की व्यवस्थाओं और आवश्यक सुविधाओं का मूल्यांकन किया। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता मॉनिटरिंग अभियान के अंतर्गत जनसंपर्क अधिकारी चंद्रेश ठाकुर ने बुधवार को बालोद विकासखंड स्थित प्राथमिक शाला पिरीद और भेंगारी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं, शिक्षकों की उपस्थिति और अध्ययन-अध्यापन की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। जनसंपर्क अधिकारी ने छात्रों से बातचीत की निरीक्षण के दौरान जनसंपर्क अधिकारी ठाकुर ने सभी कक्षाओं में पहुंचकर छात्रों से बातचीत की और उनकी पढ़ाई, दैनिक दिनचर्या के साथ अन्य गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से सवाल-जवाब कर उनकी सीखने की स्तर की भी परख की। छात्रों को प्रेरित करते हुए ठाकुर ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा सबसे मजबूत आधार है। कठिन परिश्रम, लगन, धैर्य और त्याग से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को पूरे मनोयोग से पढ़ाई करने, निरंतर ज्ञान अर्जन करने और अपने माता-पिता, परिवार, विद्यालय व शिक्षकों का नाम रोशन करने की सीख दी। विद्यार्थियों को नशापान से दूर रहने की दी सीख उन्होंने विद्यार्थियों को सदाचारी, व्यवहार कुशल बनने के साथ-साथ नशापान जैसी बुराइयों से दूर रहने का संदेश भी दिया। निरीक्षण के दौरान जनसंपर्क अधिकारी ने मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत निर्धारित बिंदुओं के अनुसार शाला के भौतिक वातावरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन तथा बच्चों की सीखने की स्थिति का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों को अच्छा व्यवहार रखने और नशे जैसी बुरी आदतों से दूर रहने की सलाह दी। निरीक्षण में जनसंपर्क अधिकारी ने स्कूल की सुविधाओं, पढ़ाई और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन का जायजा लिया। इस दौरान स्कूल के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय में बुधवार को दो कर्मचारी गुट आमने-सामने हो गए। एक दूसरे पर हो रही टीका टिप्पणी के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष को ऑफिस में जाकर ही पीट दिया। इससे नाराज कर्मचारियों का एक संगठन पहले शिक्षा निदेशक के पास पहुंचा और बाद में बीछवाल थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवा दी। अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है लेकिन परिवाद पर जांच शुरू हो गई है। निदेशालय के कर्मचारी ने पीटा बीछवाल थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के कुछ कर्मचारियों ने शिकायत दी है। उसके ऑफिस में आकर निदेशालय के ही एक कर्मचारी ने मारपीट की। कर्मचारी नवरतन जोशी का आरोप है कि सिद्धार्थ रिणवा ने उसके साथ मारपीट की। इससे अनुभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारियों में दहशत फैल गई। स्टाफ ऑफिसर को दिया ज्ञापन जोशी स्वयं कर्मचारी नेता है और उनके पक्ष में निदेशालय के एक संगठन के पदाधिकारी एक जुट हो गए। कर्मचारी नेता कमल नारायण आचार्य, राजेश व्यास और मदन मोहन व्यास ने इस मारपीट के विरोध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के नाम स्टाफ ऑफिसर को ज्ञापन दिया। बाद में इस गुट ने बीछवाल थाने में भी शिकायत दर्ज करवा दी। थानाधिकारी दिगपाल सिंह ने बताया कि अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। दूसरे पक्ष को बुलाकर छानबीन की जा रही है। वहीं, दूसरे संगठन से जुड़े सिद्धार्थ रिणवा का आरोप है कि उसके खिलाफ सोशल मीडिया पर टीका टिप्पणी की गई। इस बारे में बात करने के लिए वो नवरतन जोशी के पास गए थे। जहां उन्होंने धक्का मुक्की तो बचाव किया गया था। रिणवा और उसके साथी कर्मचारी भी शाम को बीछवाल थाने पहुंच गए। फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से तनाव का माहौल बना हुआ है। दोनों अलग-अलग गुट से जुड़े कर्मचारी हैं।
साय कैबिनेट की बैठक 31 दिसंबर को आयोजित होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में यह महत्वपूर्ण मंत्रिपरिषद बैठक मंत्रालय, महानदी भवन में सुबह 11 बजे शुरू होगी। बैठक को लेकर राज्य प्रशासन में तैयारियां तेज हो गई हैं और विभिन्न विभागों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। मुख्य सचिव विकास शील ने सभी विभागीय प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्ताव समय पर तैयार कर सचिवालय को उपलब्ध कराएं, ताकि बैठक में आवश्यक निर्णय लिए जा सकें। बताया जा रहा है कि यह बैठक कई मायनों में अहम रहने वाली है, क्योंकि साल के आखिरी दिन होने के कारण सरकार 2026 की शुरुआत से पहले कई लंबित मुद्दों पर फैसला ले सकती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बैठक में नई योजनाओं की रूपरेखा, लंबित विकास कार्यों की समीक्षा, प्रशासनिक सुधार, कर्मचारियों से जुड़े प्रस्ताव और आगामी वित्तीय वर्ष की तैयारियों को लेकर चर्चा की जा सकती है। इसके अलावा सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़े मामलों पर भी कैबिनेट का रुख साफ हो सकता है। रोजगार, उद्योग, ग्रामीण विकास और नगरीय निकायों से जुड़े मामलों पर सरकार ठोस कदम उठा सकती है।
जींद जिले में ऑक्सफोर्ड पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मतलोडा के निदेशक राजेंद्र अत्री (उचाना खुर्द) को शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट एवं नवाचारी योगदान के लिए 'फ्यूचर चैलेंज ऑफ एजुकेशन 2.0 अवार्ड-2025' से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान चितकारा यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया गया। चितकारा यूनिवर्सिटी और एजुफ्यूचर प्रिंसिपल एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्रदान किया। अत्री को उनके नेतृत्व में शिक्षा की गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सराहा गया। कई बार किया गया सम्मानित राजेंद्र अत्री को पहले भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2019 में, स्कूल के एक विद्यार्थी ने 10वीं कक्षा के परिणाम में बेहतर प्रदर्शन किया था। जिसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने उन्हें सम्मानित किया था। इसके बाद, 2021 में उन्हें पूरे प्रदेश में 'साइंस गौरव अवॉर्ड' प्राप्त करने पर राष्ट्रीय शिक्षा समिति द्वारा सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी कर चुके है सम्मानित मार्च 2024 में, स्कूल ने परीक्षा परिणामों में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया, जिसके लिए उन्हें फिर से सम्मानित किया गया। मार्च 2025 में, 10वीं कक्षा के परिणाम में स्कूल के विद्यार्थियों ने पूरे प्रदेश में पहला और तीसरा स्थान प्राप्त किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें सम्मानित किया। सामूहिक प्रयासों से मिली सफलता अपने कार्यकाल के दौरान, राजेंद्र अत्री ने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विद्यालय में अनुशासन, संस्कार, सांस्कृतिक और आधुनिक शैक्षणिक वातावरण का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। अत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह पुरस्कार विद्यालय प्रबंधन समिति, प्रिंसिपल अनिता मलिक, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
हनुमानगढ़ में यातायात पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जंक्शन के सेक्टर 12 स्थित पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुआ। यातायात प्रभारी अनिल चिन्दा ने छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक वाहन न चलाने की सलाह दी और यातायात नियमों का पालन करने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के दौरान एक क्विज का भी आयोजन किया गया। चिन्दा ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 23 स्कूलों के 18 से 19 हजार बच्चों को सड़क सुरक्षा की शिक्षा दी जा चुकी है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। प्रभारी चिन्दा ने बच्चों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने, दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने, चौपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करने, तेज गति से वाहन न चलाने और ओवरटेक न करने जैसी महत्वपूर्ण बातें समझाईं। विद्यार्थियों को दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए 'गुड सेमेरिटन' (नेक मददगार) बनने के लिए भी प्रेरित किया गया।
खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में नोडल शिक्षकों का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण बुधवार शाम चार बजे संपन्न हो गया। यह प्रशिक्षण समावेशी शिक्षा के तहत आयोजित किया गया था। बिहार राज्य शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को समान रूप से शिक्षा प्रदान करना और उन्हें विद्यालयों व समाज में समान अधिकार दिलाना था। प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड के सभी विद्यालयों के नोडल शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों की पहचान करने, उन्हें सामान्य बच्चों की तरह पढ़ाने और विद्यालयों में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के तरीके बताए गए। शिक्षकों को यह भी जानकारी दी गई कि दिव्यांग बच्चों को आवश्यकतानुसार ट्राइसाइकिल, बैसाखी, छड़ी, ब्रेल लिपि सामग्री और रैंप जैसी सुविधाएं मिलें। साथ ही, उन्हें दिव्यांग प्रमाण पत्र, छात्रवृत्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिलाने की जिम्मेदारी भी समझाई गई। इस प्रशिक्षण में कुल 45 शिक्षक नामित थे, जिनमें से 3 अनुपस्थित रहे। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है और उनसे शीघ्र कारण बताने को कहा है कि उन्होंने प्रशिक्षण में भाग क्यों नहीं लिया। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक हीरालाल शर्मा और यशवंत सिंह सहित सभी प्रशिक्षु शिक्षक मौजूद रहे।
नालंदा जिले के राजगीर में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में बुधवार को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय विद्यालय संगठन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा, बनारस, भुवनेश्वर, रांची और पटना संभाग के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों से चयनित कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय विद्यालय संगठन मुख्यालय के संयुक्त आयुक्त सोमित श्रीवास्तव ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय का प्रभावी संचालन तभी संभव है जब वहां सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और निष्पक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। श्रीवास्तव ने प्राचार्यों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्राचार्यों को न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होती है, बल्कि प्रशासनिक और अनुशासनात्मक मामलों में भी संतुलित एवं न्यायपूर्ण निर्णय लेने होते हैं। संयुक्त आयुक्त ने सतर्कता मामलों के उचित एवं नियम सम्मत क्रियान्वयन के लिए नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे निर्णय प्रक्रिया में आत्मविश्वास बढ़ता है और प्रभावशाली नेतृत्व का निर्माण होता है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए, उन्होंने प्राचार्यों को सलाह दी कि वे शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और अन्य हितधारकों से प्राप्त शिकायतों की निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच करें। साथ ही, नियमों के अनुरूप उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अनावश्यक और जल्दबाजी में की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही से कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक परेशानी हो सकती है। इसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ता है। श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक निर्णय मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और विवेक के साथ लिया जाना चाहिए।प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशासनिक दक्षता और नेतृत्व कौशल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
छिंदवाड़ा में आज (बुधवार) से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) महाकौशल प्रांत का 58वां तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। राजा शंकर शाह नगर स्थित वृंदावन लॉन में दोपहर 3 बजे इस महाधिवेशन का औपचारिक शुभारंभ होगा। इस आयोजन में प्रदेशभर से छात्र प्रतिनिधि, कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होने के लिए छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस अधिवेशन में संगठन की मजबूती, आगामी शैक्षणिक सत्र की रूपरेखा और छात्र हितों से जुड़े अहम मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। शहर में आयोजन को लेकर उत्साह का माहौल है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शिक्षा मंत्री परमार रहेंगे मुख्य अतिथि नगर मंत्री कुणाल निखाड़े ने बताया कि अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार शामिल होंगे। वहीं, विशेष अतिथि के रूप में ABVP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज किशोर तिवारी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा प्रांत अध्यक्ष डॉ. सुनील पांडेय और प्रांत मंत्री सुब्रत बाझल जैन भी मंच साझा करेंगे। कल RSS प्रचारक का उद्बोधन, निकलेगी शोभायात्रा अधिवेशन के दूसरे दिन यानी गुरुवार (25 दिसंबर) को सुबह 11 बजे 'वर्तमान परिदृश्य और समरसता' विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह क्षेत्र प्रचारक प्रेमशंकर सिदार संबोधित करेंगे। इसके बाद शहर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी और खुला अधिवेशन होगा, जिसमें आम छात्रों और युवाओं से सीधा संवाद किया जाएगा। अगले साल का रोडमैप होगा तैयार इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य संगठनात्मक समीक्षा करना है। तीन दिनों के दौरान कार्यकर्ता आगामी शैक्षणिक सत्र की कार्ययोजना तैयार करेंगे। साथ ही सामाजिक समरसता और शिक्षा के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।
हरियाणा प्रदेश के 22 सरकारी कॉलेजों को अब जल्द ही मॉडल संस्कृति कॉलेज बनाया जाएगा। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने इसकी अनुमति दे दी है। इन कॉलेजों में जहां सुप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जाएगी, वहीं अन्य कॉलेजों की अपेक्षा आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करवाए जाएंगे। ज्यादा बजट जारी होगा साथ ही ट्रेंड टीचर इनमें विद्यार्थियों को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करेंगे। इनमें पूर्णत: नई शिक्षा नीति पर आधारित विषय ही विद्यार्थियों को पढ़ाई जाएंगे। सरकार की ओर से इनके लिए ज्यादा से ज्यादा बजट जारी किया जाएगा ताकि इन कॉलेजों में मॉडर्न लैब बनाई जा सकें और हर तरह की सुविधा विद्यार्थियों को उपलब्ध हो सकें। जहां पर शिक्षकों की कमी है वहां पर नए ट्रेंड शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इन कॉलेजों के नाम शामिल गवर्नमेंट पीजी कॉलेज अंबाला कैंट, गवर्नमेंट कॉलेज भिवानी, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन बाढरा चरखी दादरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू गवर्नमेंट कॉलेज फरीदाबाद, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन बोडिया खेड़ा फतेहाबाद, द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज गुरुग्राम, गवर्नमेंट कॉलेज हिसार, गवर्नमेंट कॉलेज झज्जर, गवर्नमेंट कॉलेज जींद, डॉ बी आर अंबेडकर गवर्नमेंट कॉलेज जगदीशपुरा कैथल, पंडित चिरंजीलाल शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज करनाल, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल पलवल कुरुक्षेत्र, गवर्नमेंट कॉलेज नारनौल, गवर्नमेंट कॉलेज पलवल, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज सेक्टर 1 पंचकूला, गवर्नमेंट कॉलेज पानीपत, गवर्नमेंट कॉलेज नगीना नूंह, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन रेवाड़ी, पंडित नेकीराम शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज रोहतक, गवर्नमेंट नेशनल कॉलेज सिरसा, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वूमेन गोहाना सोनीपत, गवर्नमेंट कॉलेज छछरौली यमुनानगर। डॉ. बी आर अंबेडकर गवर्नमेंट कॉलेज कैथल के प्रिंसिपल डॉ. मनोज भांभू ने बताया कि मॉडल संस्कृति कॉलेज बनने से कॉलेज में आधुनिक लैब खोली जाएंगी। विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही नए कोर्स भी शामिल होंगे। कॉलेज को मॉडल संस्कृति बनने के बाद बाकी कॉलेज भी इसका अनुसरण करेंगे और इसके उपरांत उन बाकी कॉलेजों को भी मॉडल संस्कृति बनाया जाएगा।
संत पॉल स्कूल ने जिला शिक्षा निकेतन को हराया, दो टीमें प्रतियोगिता से बाहर
भास्कर न्यूज | गढ़वा 24 वीं गढ़वा जिला अंतर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में संत पॉल एकेडमी ने जिला शिक्षा निकेतन को 123 रन से हराकर अगले चक्र में प्रवेश किया। वही दूसरा मैच आईपीएस पब्लिक स्कूल रंका बनाम पीएम श्री यूपीजी डोल के बीच खेला जाना था। दोनों टीम के लोग सीनियर खिलाड़ी लेकर खेलने उतरे। जो नियम के विरुद्ध था। जिसके कारण आयोजक टीम ने दोनों टीम को बाहर कर दिया। जिला पब्लिक स्कूल समन्वय समिति के तत्वावधान मे खेले जा रहे 24वीं गढ़वा जिला अंतर स्कूल क्रिकेट प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में मंगलवार को संत पॉल एकेडमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए उत्कर्ष के अर्धशतक 54 व अंश के 21 रन के सहयोग से सात विकेट खोकर निर्धारित ओवर में 148 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जिला शिक्षा निकेतन की और से गेंदबाजी करते हुए अभिषेक ने तीन और आर्म ने दो विकेट लेने में सफल रहा। जवाबी पारी खेलने उतरी जिला शिक्षा निकेतन की टीम संत पॉल एकेडमी के गेंदबाज ऋषभ कुमार के घातक गेंदबाज़ी पांच विकेट और उत्कर्ष के एक विकेट के सामने 26 रन पर ही सिमट गई। मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार प्रतियोगिता के सह सचिव प्रिंस सोनी, संजीत कुमार सिन्हा, राजेश कुमार सिन्हा, रिलायंस ट्रेंड्स के सेल्स मैनेजर भूषण कुमार संजय कुमार आदि प्रदान किया। इस मौके पर सह सचिव प्रिंस सोनी ने कहा कि सभी खिलाड़ी खेल के नियम का पालन करे। खिलाड़ी अनुशासन का पालन करें और प्रतियोगिता को सफल बनाने में मदद करें। संजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जब खिलाड़ी मन से खेलते हैं तो वे अपने खेल का आनंद लेते हैं। अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। वहीं अपने प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करते हैं। राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि खेल खेलने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। रिलायंस ट्रेंड्स के सेल्स मैनेजर भूषण कुमार ने कहा कि खेल खेलने से आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ता है। खेल को खेलने का आनंद लें और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं। इस मौके पर सचिव आनंद कुमार सिन्हा, मनीष उपाध्याय, अभिषेक द्विवेदी, आकाश कुमार, नमन मोहसिन, रजनीश कुमार, नैतिक कुमार, अभिनव कुमार, अविरल सिन्हा, निपुण, अर्णव आनंद उपस्थित थे।
भास्कर न्यूज|दरभंगा सी.एम. कॉलेज, दरभंगा के उर्दू विभाग द्वारा मंगलवार को “क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व और प्रासंगिकता” विषय पर एक विचारोत्तेजक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और आपसी अनुवाद को समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष एवं प्रख्यात उर्दू आलोचक प्रोफेसर अबू बकर अबाद ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि उस क्षेत्र की संस्कृति और सभ्यता का आईना होती है। जब हम विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य से परिचित होते हैं, तो हमें विविध संस्कृतियों और जीवन दृष्टियों को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने विशेष रूप से बिहार की भाषायी विविधता का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां की क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य का उर्दू में और उर्दू साहित्य का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए। बाबा नागार्जुन के मैथिली उपन्यास बलचनमा के उर्दू अनुवाद को महत्वपूर्ण बताया : प्रो अबाद ने प्रो मुश्ताक अहमद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मैथिली और उर्दू के बीच अनुवाद का उनका कार्य दोनों भाषाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने डिप्टी नज़ीर अहमद के उपन्यास मरातुल अरूस के मैथिली अनुवाद, कन्यक आईना तथा बाबा नागार्जुन के मैथिली उपन्यास बलचनमा के उर्दू अनुवाद को महत्वपूर्ण बताया। परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए सी.एम. कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो मुश्ताक अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन के लिए स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने का प्रावधान बहुभाषी भारत के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि मिथिला की मैथिली भाषा का साहित्यिक महत्व विश्वस्तरीय है, जिसकी परंपरा विद्यापति जैसे महान कवि से जुड़ी हुई है। मैथिली और उर्दू साहित्य का परस्पर अनुवाद दोनों भाषाओं को समृद्ध करेगा। परिचर्चा में उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. खालिद अंजुम उस्मानी, डॉ. फैजान हैदर, डॉ. शबनम, डॉ. मुजाहिद इस्लाम, डॉ. मसरूर हैदरी, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो आफताब अशरफ, वरिष्ठ पत्रकार जफर अनवर शकरपुरी, प्रो शाहनवाज आलम, डॉ. रिजवान अहमद सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे और क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्य के अनुवाद को वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता बताया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि प्रो अबू बकर अबाद का पारंपरिक रूप से पाग, चादर और गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। अंत में डॉ. खालिद अंजुम उस्मानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नागेंद्र झा की 23वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस ऑफिस में सभा
भास्कर न्यूज|दरभंगा पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्वर्गीय डॉ. नागेंद्र झा की 23वीं पुण्यतिथि मंगलवार को बलभद्रपुर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष दयानंद पासवान की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी ने डॉ. नागेंद्र झा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. झा एक महान शिक्षाविद और दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में रहते हुए शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। विशेषकर महिला शिक्षा के विस्तार और मिथिलांचल के विकास में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा। उनके प्रयासों से क्षेत्र में कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना संभव हो सकी। जिलाध्यक्ष दयानंद पासवान ने डॉ. झा को मिथिलांचल का महान सपूत बताते हुए कहा कि उनके जैसा व्यक्तित्व विरले ही पैदा होता है। उन्होंने कहा कि डॉ. झा का संपूर्ण जीवन सादगी, ईमानदारी और जनसेवा को समर्पित रहा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मो. असलम ने कहा कि नागेंद्र बाबू साफ छवि के नेकदिल इंसान थे और वे छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी सम्मान और स्नेह देते थे।
उदयपुर जिला प्रभारी एवं मुख्य लेखाधिकारी मुन्नालाल टोडीवाल ने मंगलवार को बड़गांव ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों का निरीक्षण किया। सीडीईओ कार्यालय के सहायक निदेशक डॉ. दिनेश बंसल के साथ उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय (लई का गुड़ा) और राउमावि चिकलवास का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान टोडीवाल ने शैक्षणिक गतिविधियों, गृहकार्य, स्वच्छता और प्रखर राजस्थान 2.0 की प्रगति जांची। उन्होंने बोर्ड परीक्षार्थियों से संवाद कर गुणात्मक परीक्षा परिणाम के लिए स्टाफ को संबलन दिया। इसके बाद डाइट स्थित टैगोर सभागार में जिला शिक्षा अधिकारियों एवं सीबीईओ की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में नामांकन वृद्धि, ड्रॉप आउट बच्चों को पुनः जोड़ने, ऑनलाइन उपस्थिति, छात्रवृत्ति डीबीटी, निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण और लंबित निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। जिला प्रभारी ने राजस्थान संपर्क पोर्टल के प्रकरणों, सूचना के अधिकार, लंबित पेंशन व सेवा संबंधी प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। साथ ही कंप्यूटर लैब की प्रगति, मिड-डे मील और नवीन विद्यालयों में स्टाफ पदस्थापन पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
एआई ऐतिहासिक क्रांति, समकालीन मांगों के अनुसार शिक्षा में बदलाव जरूरी: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन का कहना है कि भारत को आधुनिक, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए
दमोह के हटा में संचालित बालिका छात्रावासों का मंगलवार रात जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने निरीक्षण किया। यह कार्रवाई छात्राओं के कलेक्टर हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद की गई। डीईओ एसके नेमा अपनी पांच सदस्यीय टीम के साथ मौके पर पहुंचे और छात्राओं की समस्याएं सुनीं। कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास, हटा में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं ने एक महीने पहले कलेक्टर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी कि उनसे हॉस्टल में खाना बनवाया जाता है, जबकि रसोइया नियुक्त हैं। कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के निर्देश दिए थे। कर्मचारियों और छात्राओं से अलग-अलग बातचीत की कलेक्टर के निर्देश पर गठित पांच सदस्यीय टीम ने मंगलवार रात सबसे पहले एमएलबी स्कूल का निरीक्षण किया। इसके बाद टीम ने छात्रावास पहुंचकर जांच की। जांच करने पहुंची टीम में जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा के साथ विकासखंड शिक्षा अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल थे। टीम ने छात्रावास कर्मचारियों और छात्राओं से अलग-अलग बातचीत कर मामले की पड़ताल की। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया कि यह कलेक्टर के निर्देश पर किया गया एक नियमित निरीक्षण था। छात्राओं ने कुछ समस्याएं बताई थीं, जिनका मौके पर ही निराकरण कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि प्राचार्य किसी कारण से वार्डन को बदल रहे थे, लेकिन उन्हें यथावत रहने के निर्देश दिए गए हैं। डीईओ ने आश्वासन दिया कि अब छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
ललितपुर में मंगलवार शाम आदर्श समायोजित शिक्षक, शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने जिलाधिकारी सत्यप्रकाश को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन बीएलओ शिक्षामित्र हेमलता कुशवाहा के ब्रेन हेमरेज ऑपरेशन के लिए आर्थिक सहायता और शिक्षामित्रों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि शिक्षामित्र हेमलता कुशवाहा का भोपाल के एम्स अस्पताल में ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन हुआ है। एसोसिएशन ने उनके तत्काल इलाज के लिए धनराशि स्वीकृत करने की मांग की। जिलाधिकारी ने इस संबंध में तुरंत चेक दिलवाने के लिए अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, शिक्षामित्रों ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों के आयुष्मान कार्ड बनाने की मांग की। उन्होंने स्थानांतरण-समायोजन प्रक्रिया शुरू करने और महिला एवं दिव्यांग शिक्षामित्रों को नगर क्षेत्र के विद्यालयों में स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया। महंगाई को देखते हुए शिक्षामित्रों के मानदेय में वृद्धि की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई। जिलाधिकारी सत्यप्रकाश ने शिक्षामित्रों की प्रदेश स्तरीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को अति शीघ्र भेजने का आश्वासन दिया। शिक्षामित्रों ने उनके त्वरित कार्रवाई और आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया। ज्ञापन सौंपते समय जिलाध्यक्ष भगवत सिंह बैंस, बृजेश टोटे, अशोक परिहार, राजेंद्र पस्तोर, आशा अशोक शर्मा, मालती हरिओम राजपूत और रेखा विनोद मिश्रा सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।
मध्यभारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय प्रांतीय आर्य महासम्मेलन के तीसरे दिन गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षा, समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने एक सशक्त और संस्कारित समाज की नींव रखी, जिससे अच्छे नागरिक तैयार हुए और राष्ट्र निर्माण को दिशा मिली। अपने उद्बोधन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज देश में लाखों लोग मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में गौ-आधारित कृषि को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गौ आधारित खेती और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने गौ संरक्षण, गौ आधारित कृषि के लाभ और मानव जीवन में गौ के महत्व पर बात कही। राज्यपाल ने स्वामी श्रद्धानंद के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि उनके जीवन पर स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों और प्रवचनों का गहरा प्रभाव रहा। गौ आधारित कृषि को मिले बढ़ावा स्वागत भाषण एवं संक्षिप्त उद्बोधन में सभा प्रधान प्रकाश आर्य ने कहा कि आचार्य देवव्रत द्वारा रासायनिक खेती के विकल्प के रूप में प्राकृतिक और गौ आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 24 संस्थानों के कुलाधिपति होने के बावजूद राज्यपाल का सरल और सहज स्वभाव सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम में सुरेंद्र कुमार आर्य का परिचय देते हुए बताया गया कि उनका देश-विदेश में विशिष्ट योगदान है और दयानंद ट्रस्ट को भी उनका निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में आदिवासी क्षेत्रों में 11 नए आर्य समाज केंद्र स्थापित किए गए हैं। अपने उद्बोधन में सुरेंद्र कुमार आर्य ने स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान के 100 वर्ष एवं प्रांतीय सभा के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित महासम्मेलन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भोपाल में आयोजित यह महासम्मेलन आर्य समाज के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने आचार्य देवव्रत को सभी के लिए प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम में युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन एवं वेद सम्मेलन जैसे आयोजनों के माध्यम से आर्य समाज के लाखों कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। संपूर्ण समाज आज आर्य समाज की भूमिका को आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर आज मंगलवार को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। अपनी मांगों के समर्थन में हाथों में तख्तियां लेकर अभ्यर्थियों ने नारेबाजी की। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जो परीक्षा हुई थी, उसमें धांधली की गई है। इस परीक्षा को रद्द कराया जाए। अभ्यर्थी आयोग के नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार से मुलाकात कर अपनी मांग रखना चाहते थे। अध्यक्ष के हनुमत के बाद तीन अभ्यर्थियों को अपनी बात रखने के लिए अंदर बुलवाया गया। अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि यह परीक्षा 15 16 अप्रैल को आयोजित कराई गई थी। परीक्षा के बाद से ही इस परीक्षा पर प्रश्न चिन्ह उठने लगे थे ।अभ्यर्थी लगातार कई बार इसके लिए आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EWS) के हजारों युवाओं के सामने इन दिनों एक अजीब सा संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार के नियमों के विरोधाभास के चलते मेधावी छात्र उच्च शिक्षा और आवासीय सुविधाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार ने EWS प्रमाण पत्र के लिए वार्षिक आय सीमा 8 लाख रुपए निर्धारित की है, वहीं दूसरी ओर छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए इस सीमा को घटाकर महज 1 लाख से 2.5 लाख रुपए तक सीमित कर दिया गया है। इस विसंगति के कारण उन मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे परेशान हैं जिनकी आय 8 लाख से कम है, लेकिन 1 या 2 लाख से अधिक है। प्रमाणपत्र के लिए अलग, लाभ के लिए अलग छात्र राजेश शर्मा ने बताया कि नियमों का यह दोहरापन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वर्तमान में EWS वर्ग का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। लेकिन जब छात्र योजनाओं के लिए आवेदन करते हैं, तो पात्रता की शर्तें बदल जाती हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना (सत्र 2025-26) में आवेदन की प्रक्रिया जारी है, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2025 है। योजना के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के कॉलेज छात्रों को आवासीय सुविधा के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। जहां एससी, एसटी और एमबीसी के लिए आय सीमा 2.50 लाख और ओबीसी के लिए 1.50 लाख है, वहीं ईडब्ल्यूएस (EWS) वर्ग के लिए इसे घटाकर केवल 1 लाख रुपए कर दिया गया है। छात्र अशोक ने कहा कि जब प्रमाणपत्र 8 लाख की आय पर मान्य है, तो योजना का लाभ 1 लाख की सीमा पर क्यों दिया जा रहा है। योजनाओं के इन जटिल नियमों को लेकर युवा परेशान है। प्रवीण शर्मा ने बताया कि ईडब्ल्यूएस के विद्यार्थियों को अलग से छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए। इसकी वार्षिक आय-सीमा आठ लाख रुपए तक होनी चाहिए। अभी आय सीमा काफी कम है, इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंद छात्रों को वास्तव में लाभ मिल सके। कर्ण सिंह शेखवात ने राज्य सरकार की छात्रवृत्ति सभी वर्ग के युवाओं को आठ लाख रुपए वार्षिक की आय पर मिलनी चाहिए। ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र जितनी सीमा तक बनता है, उसी के अनुरूप छात्रवृत्ति की पात्रता तय होनी चाहिए।
रोहतक जिले में महम से सटे गांव इमलीगढ़ में स्थित राजकीय माध्यमिक तथा राजकीय प्राथमिक स्कूल का खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने अचानक निरीक्षण किया। उनके साथ राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सीसर खास की प्राचार्या प्रभा भी मौजूद थीं। खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने दोनों स्कूलों के रिकॉर्ड, सफाई व्यवस्था, शौचालयों और पीने के पानी की व्यवस्था की जांच की। उन्होंने रसोईघरों में अनाज के रख-रखाव और खाना बनाने में प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों की सफाई का भी जायजा लिया। निरीक्षण में मिली सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक निरीक्षण के बाद खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल ने बताया कि दोनों विद्यालयों के रिकॉर्ड और अन्य सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। प्राचार्या प्रभा ने स्कूल के अनुशासन को देखते हुए मुख्याध्यापक को बधाई दी। मुख्याध्यापक अशोक कुमार ने इस सफलता का श्रेय स्कूल व्यवस्था में सभी अध्यापकों के योगदान को दिया।
नोएडा के सेक्टर-126 स्थित लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल में ISSA शैक्षिक सम्मेलन 2025 का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन इंडिपेंडेंट सेल्फ-फाइनैंस्ड स्कूल्स एसोसिएशन (ISSA) के देखरेख में आयोजित किया गया। जिसका विषय था “भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना, एनईपी युग में पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धतियों का रूपांतरण”। सम्मेलन का उद्देश्य निजी स्कूलों, शैक्षिक विशेषज्ञों और सरकारी संस्थाओं के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयप्रकाश चतुर्वेदी, निदेशक (एफिलिएशन), सीबीएसई, नई दिल्ली व विशेष अतिथि प्रो. डॉ. मनु कपूर, प्रोफेसर, लर्निंग साइंसेज एंड हायर एजुकेशन, ईटीएच ज्यूरिख रहे। सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधन सदस्य हरकरन उप्पल के स्वागत भाषण से हुई। सत्र में जयप्रकाश चतुर्वेदी का की-नोट संबोधन रहा, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप पाठ्यक्रम सुधार, मूल्यांकन प्रणाली और शिक्षण पद्धतियों में हो रहे परिवर्तनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके बाद शिक्षाविद प्रो. डॉ. मनु कपूर ने ‘प्रोडक्टिव फेल्योर’ और रिसर्च-आधारित शिक्षण पद्धतियों पर सत्र आयोजित किया गया। उनके सत्र ने शिक्षकों को रिसर्च, नवाचार और गहन सोच पर आधारित सीखने की प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन का समापन एक प्रभावशाली पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसका संचालन डॉ. रुचि सेठ, निदेशक-प्रधानाचार्य, लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा ने किया।
श्रीगंगानगर में क्रिसमस-डे पर बच्चों को सांता क्लॉज बनाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने आदेश में कहा कि सांता क्लॉज बनने के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है। शिकायत मिलने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ADEO (अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी) अशोक वधवा ने यह आदेश 22 दिसंबर को जारी किया है। जिसमें सभी निजी स्कूलों को चेतावनी दी गई है। सहमति हो तो आपत्ति नहीं, जबरदस्ती पर होगी कार्रवाई ADEO (अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी) अशोक वधवा ने बताया- किसी स्कूल में अभिभावकों और बच्चों की सहमति से सांता क्लॉज की गतिविधियां कराई जा रही हैं तो शिक्षा विभाग को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन यदि पेरेंट्स पर दबाव बनाकर या बच्चों को मजबूर कर सांता क्लॉज बनाने की शिकायत सामने आती है तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। परिजनों और बच्चों की भावनाओं का सम्मान करें ADEO ने कहा - 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है, वहीं क्रिसमस डे भी है। ऐसे में स्कूलों को संतुलन और संवेदनशीलता बनाए रखते हुए किसी भी तरह की जबरदस्ती से बचना चाहिए। शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे अभिभावकों की भावनाओं का सम्मान करें और बच्चों पर किसी भी प्रकार का दबाव न डालें। एक दिन पहले शिक्षा विभाग को दी थी शिकायत बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाने के संबंध में भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने 22 दिसंबर को अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (ADEO) को शिकायत दी थी। जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने बताया- पिछले कुछ वर्षों से कुछ स्कूलों में क्रिसमस डे के नाम पर बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाया जा रहा है, जिससे पेरेंट्स में नाराजगी है। श्रीगंगानगर जिला मुख्य रूप से सनातन हिंदू और सिख बहुल क्षेत्र है, ऐसे में किसी विशेष परंपरा को थोपना ठीक नहीं है। 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने बताया- शिक्षा अधिकारी से शिकायत के दौरान मांग की गई थी कि स्कूलों में भारतीय संस्कृति, परंपरा और महापुरुषों से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया है, जो साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। ऐसे में स्कूलों को चाहिए कि इस दिन भारतीय संस्कृति के गौरव, वीरता और बलिदान की परंपरा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए।
उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों की कौन सा देश है पहली पसंद, नीति आयोग ने जारी की रिपोर्ट
नीति आयोग की उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में कनाडा 4,27,000 भारतीय छात्रों के साथ शीर्ष अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा गंतव्य रहा।
प्रारंभिक शिक्षा : 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं 19 फरवरी से
उदयपुर| प्रारंभिक शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग ने साल 2026 के लिए प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र (कक्षा 8) और प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन (कक्षा 5) की परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया है। प्रदेश भर में कक्षा 8 की मुख्य परीक्षाएं 19 फरवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक चलेंगी। समय दोपहर 1:30 से शाम 4 बजे तक तय रहेगा। मूक-बधिर विद्यार्थियों के लिए समय शाम 4:50 बजे तक रहेगा। शुरुआत 19 फरवरी को अंग्रेजी के पेपर से होगी। कक्षा 5 की परीक्षाएं 20 फरवरी को अंग्रेजी के पेपर से शुरू होंगी और 5 मार्च को समाप्त होंगी। इनका समय भी दोपहर 1:30 से शाम 4 बजे तक रहेगा। दिव्यांग श्रेणी के परीक्षार्थियों को न्यूनतम 40% दिव्यांगता पर 50 मिनट का अतिरिक्त समय देंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड:आदि शंकराचार्य गुरुकुलम में शुरू होगी गायों पर रिसर्च
स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि मप्र के राजगढ़ व नरसिंहपुर में जल्द शुरू होने वाले आदि शंकराचार्य गुरुकुलम में गायों पर रिसर्च की जाएगी। साथ ही इन संस्थानों में संस्कृत, वैदिक और योग की शिक्षा भी दी जाएगी। मंत्री ने दावा किया कि प्राइमरी स्तर पर ड्रापआउट रेट अब शून्य तक पहुंच चुकी है। राजधानी में सोमवार को मंत्री सिंह ने विभाग का रिपोर्ट कार्ड सामने रखा। उन्होंने कहा कि गाय को आदिकाल से पूज्यनीय माना जाता रहा है। कई देश अब इस पर रिसर्च भी करने लगे हैं। हम अगली पीढ़ी को बताना चाहते हैं कि गाय का क्या महत्व है, गाय पालने के क्या साइंटिफिक फायदे हैं। इसलिए हम रिसर्च को बढ़ावा देना चाहते हैं। हम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रिसर्च को शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों में सभी कक्षाओं में ड्रॉपआउट दर में कमी आई है। वर्ष 2024-25 में प्राथमिक स्तर पर ड्रॉपआउटw दर 6.8% से घटकर शून्य हो गई है। 10वीं व 12वीं के रिजल्ट 10 से 12% तक सुधरे हैं। 2026-27 तक हर स्कूल में स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव पर काम हो रहा है, जिसमें स्कूल शिक्षा से जुड़े सभी दफ्तर एक छत के नीचे लाए जाएंगे। सरकार से अनुमति मिली तो ये 22 मंजिला भवन होगा, जो मप्र की सबसे ऊंची बिल्डिंग होगी। बुक फेयर... निजी स्कूल के बच्चे ले पाएंगे किताबें स्कूल शिक्षा विभाग इस सत्र से नवाचार करेगा। जो निजी स्कूल मप्र बोर्ड से सम्बद्ध हैं, उनके लिए पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों के बुक फेयर लगेंगे। इसमें निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे पालक सस्ती दरों पर किताबें खरीद सकेंगे। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत अब हिंदी, क्षेत्रीय भाषा के साथ स्थानीय बोलियों में किताबें छपेंगी।
परबत्ता में संकुल स्तरीय टीएलएम कार्यक्रम:शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाने की पहल
खगड़िया जिले परबत्ता प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय खीराडीह परिसर में सोमवार को संकुल स्तरीय टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संकुल के सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लेकर अपने नवाचारी टीएलएम का प्रदर्शन किया। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को खेल आधारित, प्रयोगात्मक और व्यवहारिक शिक्षा के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया को रोचक, सरल और प्रभावी बनाना था। प्रदर्शनी के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया कि नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप अब शिक्षा केवल रटने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया जा रहा है। शिक्षकों ने विभिन्न मॉडल, चार्ट, खेल सामग्री और स्थानीय संसाधनों से बने शिक्षण उपकरणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि तकनीक और रचनात्मकता के उपयोग से बच्चों का बौद्धिक, मानसिक और सर्वांगीण विकास संभव है। टीएलएम प्रस्तुति के दौरान गणित, भाषा और पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों को खेल-खेल में समझाने की विधियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रयोग आधारित शिक्षा से बच्चों में जिज्ञासा, आत्मविश्वास और सीखने की रुचि बढ़ती है, जिससे कक्षा का वातावरण भी अधिक जीवंत बनता है। इस अवसर पर संकुल समन्वयक रेखा देवी, संकुल संचालक मुकेश भारती, वरीय शिक्षक राजेश कुमार, नितेश कुमार, राकेश कुमार, माखन कुमार, अविनाश कुमार, तपस कुमार, राजीव कुमार और इरशाद सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। सभी ने टीएलएम आधारित शिक्षण को वर्तमान समय की आवश्यकता बताते हुए इसे नियमित रूप से अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत में, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन शिक्षकों को ‘बेस्ट टीएलएम शिक्षक’ के रूप में सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के दौरान शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की गई और कहा गया कि ऐसे आयोजनों से शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार होगा, जिससे बच्चे सीखने को बोझ नहीं, बल्कि आनंद के रूप में ग्रहण करेंगे। यह संकुल स्तरीय टीएलएम कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
खगड़िया में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत नीति आयोग की सेंट्रल प्रभारी अधिकारी सह निदेशक, जल शक्ति मिशन, श्रीमती अर्चना वर्मा, IAS ने खगड़िया जिले में संचालित विभिन्न विकासात्मक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार एवं उप विकास आयुक्त श्री अभिषेक पलासिया भी उनके साथ उपस्थित रहे। सुधा डेयरी और शिक्षा क्षेत्र का अवलोकन निरीक्षण की शुरुआत सुधा डेयरी से की गई, जहाँ दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया का अवलोकन किया गया। श्रीमती अर्चना वर्मा ने संबंधित अधिकारियों से डेयरी के संचालन और उत्पादन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली। इसके बाद शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत बापू मध्य विद्यालय का भ्रमण कर डिजिटल कक्षाओं का निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों से सीधे संवाद कर प्रश्नोत्तरी आयोजित की। इस दौरान बच्चों द्वारा उत्साहपूर्ण और सटीक उत्तर देने पर उनकी सराहना की गई। उद्यमिता एवं ग्रामीण आजीविका का निरीक्षण निरीक्षण टीम ने मत्स्य पालन इकाई का अवलोकन किया और उसके संचालन से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा बंदेहरा स्थित केला फाइबर प्लांट का भ्रमण कर केला फाइबर से निर्मित उत्पादों जैसे पूजा मैट, वस्त्र और जैविक खाद का अवलोकन किया। इस नवाचार आधारित उद्यमिता को उन्होंने ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण बताते हुए प्रशंसा की। स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाओं की समीक्षा स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महेशखूंट का निरीक्षण किया गया। यहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं से संवाद कर नीति आयोग के सहयोग से प्रदत्त साइकिल के उपयोग और क्षेत्रीय कार्यों की जानकारी प्राप्त की गई। निरीक्षण के दौरान जिले में लिंगानुपात, आयुष्मान भारत कार्ड का वितरण, तथा फाइलेरिया रोगियों को MMDP किट वितरण की गतिविधियों पर भी ध्यान दिया गया। आंगनवाड़ी केंद्र में बाल विकास कार्यक्रम का अवलोकन श्रीमती वर्मा ने मानसी प्रखंड के आंगनवाड़ी केंद्र का भ्रमण कर बच्चों के पोषण और प्रारंभिक बाल विकास गतिविधियों का निरीक्षण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर तीन गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और एक बच्चे का अन्नप्रशान संस्कार उत्सवपूर्वक संपन्न कराया गया। साथ ही मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत पांच बच्चों को आवश्यक किट का वितरण किया गया। इस दौरान अधिकारियों और कर्मियों ने बच्चों और माताओं से संवाद कर उनकी आवश्यकताओं की जानकारी ली। अधिकारियों की उपस्थिति और दिशा-निर्देश इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. रामेंद्र कुमार, डीपीओ योजना बबन कुमार, एपीओ श्री नित्यानंद किशोर, डीपीएम (स्वास्थ्य) शैलेश चंद्रा, डीपीओ शिक्षा शिवम्, जिला मत्स्य पदाधिकारी, डीपीओ ICDS अमृता रंजन, पिरामल फाउंडेशन से सेराज हसन, योजना सहायक रौशन कुमार और मुन्ना कुमार, संबंधित सीडीपीओ, MOIC, BHM और एबीएफ ज्योति कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान श्रीमती अर्चना वर्मा ने विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुँचे। साथ ही विभागों के बीच बेहतर समन्वय के माध्यम से जिले के समग्र विकास को और गति देने पर जोर दिया गया।
UP के पूर्व DGP प्रशांत कुमार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से प्रतियोगी छात्रों को सही जानकारी समय से उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। इसी क्रम में उन्होंने आयोग के उप सचिव संजय सिंह को आयोग का PRO यानी जन संपर्क अधिकारी नियुक्त किया है। अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया, आयोग को लेकर तरह-तरह की फेक चीजें आए दिन वायरल होती रहती हैं। ऐसे में जन संपर्क अधिकारी की ओर से सही जानकारी प्रतियोगी छात्रों व आमजन तक पहुंचे इसका ख्याल रखा रहा है। उन्होंने बताया कि जन संपर्क अधिकारी संजय सिंह आयोग के संदर्भ में सही जानकारी मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे। आयोग की वेबसाइट या अन्य सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से जानकारी दी जाती रहेगी। बता दें कि प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को ही आयोग के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली है। वह लगातार आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ले रहे हैं। मंगलवार को भी आयोग में कुछ अहम मुद्दों को लेकर बैठक की जाएगी।
मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार अब सिर्फ किताब, यूनिफॉर्म और शिक्षकों तक सीमित नहीं रहना चाहती। राजधानी भोपाल में बनने वाली प्रदेश की सबसे ऊंची सरकारी इमारत से लेकर गाय पर शोध तक की योजनाओं की झलक स्कूल शिक्षा विभाग ने दिखाई है। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्कूल शिक्षा एवं परिवहन विभाग मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार बच्चों को जन्म से लेकर 12वीं तक सिर्फ पढ़ाने का नहीं, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने का काम कर रही है। ड्रॉपआउट रोकने, मुफ्त किताबों, लैपटॉप-स्कूटी वितरण, शिक्षकों की भर्ती से आगे बढ़कर अब शिक्षा विभाग अपने दफ्तरों के लिए 22 मंजिला इमारत और राजगढ़ और नरसिंहपुर में संस्कृत विद्यालयों में गाय आधारित शोध जैसी नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। मंत्री के मुताबिक, अगर ये प्रयोग सफल हुए तो मध्यप्रदेश देश के लिए मॉडल बन सकता है। 32 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती आगामी 2 वर्षों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा प्रारंभ करने की योजना है। शिक्षकों एवं प्राचार्यों के परिश्रम से बोर्ड परीक्षाओं का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। 275 सांदीपनि एवं 799 पीएमश्री विद्यालयों को मॉडल नेशनल एजुकेशन पॉलिसी उदाहरणीय स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना है। 67 हजार से अधिक बालक-बालिकाओं को प्रारंभिक स्तर तक की पढ़ाई के साथ ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया है। 32 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। 76 हजार अतिथि शिक्षकों को 1 जुलाई को विद्यालयों में जॉइन कराया है। देश की नींव को संभालने का दावामंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चा जन्म के बाद सबसे पहले स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ता है। 12वीं पास करते-करते वह एक जिम्मेदार युवा बन चुका होता है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग उस वर्ग को संभालता है, जो देश की असली नींव है। इसी वजह से सरकार और विभाग दोनों इस जिम्मेदारी को लेकर सजग हैं और बीते दो सालों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार फैसले लिए गए हैं। मंत्री सिंह ने कहा कि अगले तीन वर्षों में 100% बुनियादी साक्षरता का लक्ष्य तय किया है। स्कूलों में सीट क्षमता बढ़ाने, आईसीटी लैब, एनसीसी के विस्तार, शिक्षक प्रशिक्षण और पीपीपी मॉडल के जरिए शिक्षा ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। कक्षा पहली में घटती दाखिला दर पर काबूमंत्री ने बताया कि कुछ साल पहले तक कक्षा पहली में दाखिला दर लगातार गिर रही थी, जो चिंता का विषय बन गई थी। लेकिन अब इस ट्रेंड को कंट्रोल कर लिया गया है और आंशिक रूप से इसमें बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है। विभाग की कोशिश रही है कि बच्चों को स्कूल से जोड़े रखने के लिए बुनियादी सुविधाएं समय पर मिलें। अप्रैल में किताबें, परिवारों पर बोझ कमसरकार द्वारा हर साल छात्रों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। मंत्री ने बताया कि पिछले साल अप्रैल महीने में ही किताबें बच्चों तक पहुंचा दी गईं, ताकि सत्र की शुरुआत से ही पढ़ाई प्रभावित न हो। पहले किताबें देर से मिलने पर कई बच्चों को बाजार से किताबें खरीदनी पड़ती थीं, जिससे परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता था। अब विकासखंड स्तर पर बुक फेयरइस साल सरकार एक कदम और आगे बढ़ने जा रही है। मंत्री ने घोषणा की कि विकासखंड स्तर पर बुक फेयर आयोजित किए जाएंगे। इससे सरकारी ही नहीं, निजी स्कूलों के छात्र भी सरकार द्वारा तय न्यूनतम दरों पर महंगी किताबें खरीद सकेंगे। इसका मकसद शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाना है। मंत्री सिंह के अनुसार, विकास और सेवा के दो वर्ष में 49 पुस्तकों का स्थानीय भाषाओं के समावेश के रूप में राज्य द्वारा प्रदेश की 12 भाषाओं जैसे बुंदेली, बघेली, मालवी, निमाड़ी आदि में तैयार कर उपलब्ध कराया जा रहा है। आरटीई छात्रों की फीस सीधे खातों मेंमंत्री ने बताया कि प्रदेश के करीब साढ़े आठ लाख बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इन सभी छात्रों की फीस की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की गई है, ताकि स्कूल और अभिभावकों के बीच किसी तरह की परेशानी न हो। ड्रॉपआउट दर शून्य तक पहुंचाने का दावासरकार ने 2024-25 में प्राथमिक विद्यालयों की ड्रॉपआउट दर को 6 प्रतिशत से घटाकर शून्य तक पहुंचाने का दावा किया है। इसी के साथ 94 हजार छात्रों को लैपटॉप और 7,800 छात्रों को स्कूटी दी गई है, ताकि पढ़ाई के साथ तकनीक और आवाजाही की दिक्कत दूर हो सके। मंत्री सिंह ने कहा कि साल 2024-25 में प्राथमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 6.8% से घटकर शून्य हो गई है। यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में प्रदेश में शिक्षा का माहौल बेहतर हुआ है। प्रवेश उत्सव के माध्यम से स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। यूनिफॉर्म, शिक्षक और आत्मरक्षासरकार की योजना है कि जैसे सांदीपनि स्कूलों में सिली-सिलाई यूनिफॉर्म मिलती है, वैसे ही सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण यूनिफॉर्म दी जाए। इसके अलावा 32 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। 24 हजार शिक्षकों को योग्यता अनुसार पदोन्नति दी गई है और 36 हजार अतिथि शिक्षकों की ज्वाइनिंग कराई जा चुकी है। साथ ही 67 हजार छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है। 22 मंजिला भवन, शिक्षा विभाग का नया चेहरासबसे चौंकाने वाला ऐलान भोपाल में 22 मंजिला भवन को लेकर रहा। मंत्री ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के सभी दफ्तरों को एक ही छत के नीचे लाने के लिए मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची सरकारी बिल्डिंग बनाई जाएगी। इस भवन का व्यवसायिक उपयोग भी किया जाएगा, जिससे आय अर्जित हो सके। मुख्यमंत्री ने इसे एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में लक्ष्य दिया है।
छात्रों और स्कूलों से जुड़े शैक्षणिक डेटा को पारदर्शी, अद्यतन और सुचारु रूप से संचालित करने के उद्देश्य से बनाए गए यू-डायस (UDISE) पोर्टल पर झज्जर जिले के बहादुरगढ़ खंड के सभी निजी स्कूल अभी तक पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाए हैं। जहां खंड के सभी 155 सरकारी स्कूलों ने यू-डायस पोर्टल पर अपनी स्कूल प्रोफाइल को पूर्ण कर लिया है, वहीं 165 निजी विद्यालयों में से 20 स्कूल अब भी पोर्टल पर आवश्यक जानकारी अपडेट नहीं कर पाए हैं। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और तय समय सीमा तक डेटा अपडेट न करने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है। विद्यार्थियों से संबंधित डेटा का प्रबंधन खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एमआईएस कोऑर्डिनेटर सीमा और लेखाकार अशोक कुमार ने बताया कि यू-डायस पोर्टल एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रणाली है, जिसके माध्यम से छात्रों के प्रोफाइल, नामांकन, कक्षा विवरण, शिक्षकों का विवरण और स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों से संबंधित डेटा का प्रबंधन किया जाता है। यह पोर्टल शिक्षा योजनाओं के क्रियान्वयन, संसाधनों के आवंटन और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्यंत आवश्यक है। 20 स्कूल डेटा अपडेट करने में पीछे उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ खंड के सभी 155 सरकारी विद्यालयों ने समय रहते यू-डायस पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल, टीचर मॉड्यूल और विद्यार्थी प्रोफाइल से संबंधित डेटा को पूर्ण रूप से अपडेट कर दिया है। वहीं निजी स्कूलों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। खंड में संचालित 165 निजी विद्यालयों में से केवल 145 स्कूलों ने ही अब तक पोर्टल पर अपना डेटा अपडेट किया है, जबकि 20 निजी स्कूल अब भी पीछे हैं। इन स्कूलों की सूची तैयार कर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। अब विभागीय कार्रवाई होगी खंड शिक्षा अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि यू-डायस पोर्टल पर स्कूल प्रोफाइल, शिक्षक मॉड्यूल और विद्यार्थी प्रोफाइल का अपडेट होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि संबंधित 20 निजी स्कूलों को 23 दिसंबर तक का समय दिया गया है। यदि तय समय सीमा तक भी ये स्कूल पोर्टल पर अपनी प्रोफाइल पूर्ण नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने निजी स्कूल संचालकों से अपील की कि वे समय रहते यू-डायस पोर्टल पर सभी आवश्यक जानकारियां अपडेट करें, ताकि छात्रों से जुड़ी योजनाओं और शैक्षणिक कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए। डेटा अपडेट करने में समस्या उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल को पोर्टल पर डेटा अपडेट करने में तकनीकी या अन्य किसी प्रकार की समस्या आ रही है, तो वे खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सहायता प्राप्त करें और शीघ्र ही कार्य पूरा कर विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस दौरान कविता सहरावत ने भी विद्यालयों को यू-डायस प्रोफाइल पूर्ण कराने में सहयोग किया। शिक्षा विभाग का मानना है कि सभी स्कूलों द्वारा समय पर डेटा अपडेट किए जाने से शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाया जा सकेगा।
खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में सोमवार को समावेशी शिक्षा के तहत तीन दिवसीय गैर-आवासीय नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण राज्य शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के अधिकार और समानता के बारे में जागरूक करना है। इसके तहत सभी विद्यालयों के नोडल या नामित शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षकों द्वारा दिव्यांग बच्चों की पहचान, उन्हें विद्यालय में मिलने वाली सरकारी सुविधाएं जैसे रैंप, ट्राई साइकिल, ब्रेल लिपि, मूक-बधिरों के लिए अलग पठन-पाठन, बैसाखी, छात्रवृत्ति और प्रमाण पत्र सहित अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांग बच्चे भी समान शिक्षा और समान अधिकार प्राप्त कर सकें। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशिक्षक यशवंत सिंह और हीरालाल शर्मा द्वारा शिक्षकों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर और राष्ट्रगान के साथ किया गया।
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

