स्कूल शिक्षा विभाग एनओसी नहीं दे पा रहा:अनुकंपा नियुक्ति के 77 मामले दो साल से अटके
अनुकंपा नियुक्ति के 77 प्रकरण दो साल से विभागों के बीच अटके हुए हैं। सहायक ग्रेड-3 के पदों पर नियुक्ति होनी है, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग को यह बताकर फाइल लौटा दी कि पद उपलब्ध नहीं हैं।नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति सात साल के भीतर दी जानी चाहिए, समय निकलते ही मामला स्वत: समाप्त हो जाता है। संचालनालय को इन 77 प्रकरणों में सहायक ग्रेड-3 पदों पर ही नियुक्ति करनी है, लेकिन जीएडी के नियमों के मुताबिक पद रिक्त न होने की सूचना विभाग को सरकार को देनी होती है। यही एनओसी स्कूल शिक्षा विभाग नहीं दे पा रहा है। ये प्रकरण दो साल से अटके
शिक्षा प्रोत्साहन, लोगों की मदद में साहू समाज को बताया आगे
भास्कर न्यूज | कौन्दकेरा राजिम तहसील स्तरीय साहू समाज ने शुक्रवार सुबह विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित साहू से उनके राजिम स्थित निवास पर औपचारिक सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर विधायक ने सभी पदाधिकारियों को पुष्पमाला पहनाकर, मिठाई खिलाकर तथा शुभकामना संदेश देकर बधाई दी। मुलाकात के दौरान विधायक रोहित साहू ने साहू समाज की सामाजिक गतिविधियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “साहू समाज सदैव से सामाजिक समरसता, शिक्षा प्रोत्साहन एवं जरूरतमंदों की सहायता में अग्रणी रहा है। चाहे कोरोना काल में राशन वितरण हो या बाढ़ प्रभावितों की मदद, समाज ने हमेशा मानवता का परिचय दिया है। विधायक ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे ‘एक समाज एक आवाज’ के सिद्धांत पर कार्य करें। इस वर्ष भी समाज के वरिष्ठजनों की देखरेख में निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न हुई। चुनाव में राजिम तहसील के विभिन्न गांवों व वार्डों से जुड़े सैकड़ों सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। निर्वाचन के बाद निम्नलिखित पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन हुआ अध्यक्ष जगदीश राम साहू, उपाध्यक्ष युवा वीरेंद्र कुमार साहु, महिला उपाध्यक्ष, धान बाई साहू,संगठन सचिव, उमेंद्र राम साहू,संगठन महिला सचिव टेमेश्वरी साहू आदि। नवनिर्वाचित अध्यक्ष जगदीश राम साहू ने बताया कि समाज का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक एकता तथा आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित रहेगा। मुख्य रूप से राजिम परिक्षेत्र अध्यक्ष, प्रकाश साहू, राजिम नगर अध्यक्ष, रामकुमार साहू, कोपरा परिक्षेत्र पूर्व अध्यक्ष कमलेश साहू पूर्व अध्यक्ष अनिल साहू मौजूद रहे।
बचपन प्रेम, आनंद व शिक्षा से परिपूर्ण होना चाहिए : टिक्की
करही बाजार| शासकीय मिडिल स्कूल पाटन में शुक्रवार को बाल दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। तत्पश्चात बच्चों ने बाल दिवस समर्पित प्रेरणा दायक कविताएं प्रस्तुत की, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक करने का संदेश दिया गया। बच्चों ने नेहरू जी के जीवन और उनके बाल प्रेम के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा उनके आदशों को अपनाने का संकल्य लिया। कार्यक्रम में बच्चों के लिए चॉकलेट की व्यवस्था की गई थी। सभी विद्यार्थियों के लिए विशेष जलपान का भी प्रबंध किया गया, जिसमें बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टिक्की वर्मा सरपंच प्रतिनिधि पाटन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा उत्साहित किया।
बाल दिवस पर एकलव्य स्कूल में नई शिक्षा नीति के बारे में बताया
भास्कर न्यूज | छुरा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कोसमबुडा में बाल दिवस का आयोजन हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या श्वेता ने बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू बच्चों को राष्ट्र का भविष्य मानते थे और विश्वास करते थे कि हर बच्चा असीम संभावनाओं से भरा होता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में भारत सरकार की वर्तमान शिक्षा नीतियों विशेषकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए बताया कि यह नीति बच्चों में रचनात्मकता, कौशल विकास, बहुभाषीय शिक्षा, अनुभवात्मक अधिगम तथा स्थानीय संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देती है।
जमींदारों-अंग्रेजों को खटकी आदिवासियों की शिक्षा, कालीबाई ने जान देकर बचा लिया शिक्षकों का जीवन
उदयपुर } जनजातीय गौरव वर्ष के तहत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती शुक्रवार को मनाई गई। इस मौके पर भारतीय लोक कला मंडल के गोविंद कठपुतली प्रेक्षालय में कठपुतली नाटिका कालीबाई का मंचन हुआ। जिला प्रशासन, टीएडी और लोक कला मंडल के साझे में हुए इस कार्यक्रम में 250 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि कठपुतली नाटिका राजस्थान में शिक्षा की अलख जगाने वाली काली बाई के जीवन पर आधारित है। यह शिक्षा के महत्व और आदिवासी समाज की बलिदानी परंपरा को उजागर करती है। यह कहानी वर्ष 1947 में डूंगरपुर के रास्तापाल गांव से जुड़ी है। यहां 13 वर्षीय बालिका कालीबाई, जिसने शिक्षा की अलख जगाए रखने और अपने अध्यापक सेंगा भाई का जीवन बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। नाटिका में नाना भाई खांट, कालीबाई की माता को उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। शुरुआत में तो कालीबाई की माता आना-कानी करती है, लेकिन नाना भाई शिक्षा का महत्व व आवश्यकता बताते हुए कालीबाई को विद्यालय भेजने पर राजी कर लेते हैं। नाना भाई और सेंगा भाई की यह पहल गांव के जमीदार को खटक जाती है। वह दोनों को स्कूल बंद करने की धमकी देता है। लेकिन, दोनों शिक्षक ऐसा करने से मना कर देते हैं। इसके बाद अंग्रेज पुलिस अधिकारी सेंगा भाई व नाना भाई धमकाते हैं। इसके बावजूद वे अपने लक्ष्य से नहीं डिगे। इस पर पुलिस क्रूरता पर उतर जाती है। दोनों शिक्षकों को मारा-पीटा जाता है। फिर सेंगा भाई को पुलिस की जीप से बांधकर घसीटने का प्रयास किया जाता है। तब कालीबाई इसका विरोध करती है और जीप से बंधी रस्सी को काट देती है। बौखलाकर पुलिस उसे गोली मार देती है। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीण ढोल बजाते हुए एकत्रित हो जाते हैं और पुलिस भाग खड़ी होती है। मंचन के दौरान छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। कठपुतली नाटिका में कालीबाई की वीरता का मंचन
शिक्षा विभाग में आज होने वाली समीक्षा बैठक स्थगित
मुंगेर | बिहार के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया और मुंगेर विश्वविद्यालय के साथ शनिवार यानी 15 नवंबर को प्रस्तावित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक अब नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया है। इस संबंध में विभाग के निदेशक प्रो. एनके अग्रवाल ने संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आधिकारिक पत्र भेजकर सूचना दी है। जिसमें बताया गया है शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित की गई थी। जो अपरिहार्य कारणों से टालने का निर्णय लिया गया। विभाग ने स्पष्ट किया है कि बैठक की नई तिथि शीघ्र ही पत्र द्वारा सूचित कर दी जाएगी। मुंगेर विवि के कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने बताया कि बैठक स्थगित हो गई है। जल्द नई तिथि जारी की जाएगी। हमलोग समीक्षा बैठक के लिए सभी बिंदुओं पर पूरी से तैयार थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन नई तिथि का इंतजार कर रहा है। उम्मीद है कि उच्च शिक्षा से जुड़े लंबित मुद्दों पर जल्द ही विस्तृत चर्चा हो सकेगी। इधर शिक्षा विभाग ने यह सूचना राजभवन सहित संबंधित पदाधिकारियों को दे दी है। लेखन प्रतियोगिता में शिवानी कुमारी को पहला स्थान लखीसराय | नगर परिषद क्षेत्र के पचना रोड शिवपुरी मोहल्ला स्थित डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को बाल दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। लेखन प्रतियोगिता में क्लास 4 की शिवानी कुमारी ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि सुहाना द्वितीय और सोनाक्षी तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं चित्रांकन प्रतियोगिता में रेहान राज प्रथम, राजवीर द्वितीय और देशराज तृतीय स्थान पर रहे। बच्चों के बीच आयोजित बिस्किट रेस और स्पून मार्बल रेस में सानवि कुमारी, सौभाग्य कुमारी और रिया कुमारी विजेता बने। वहीं मैथ रेस में सानवि प्रथम, अनुप्रिया द्वितीय और राबिया तृतीय रहीं।विद्यालय के निदेशक धर्मेंद्र कुमार आर्य समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी एलपी डाहिरे ने शासकीय हाईस्कूल देवरी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चार लेक्चरर एब्सेंट पाए गए, जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर की गई है, जिसका उद्देश्य जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। निरीक्षण में स्कूल की उपस्थिति, शिक्षण-अध्यापन व्यवस्था और अनुशासन की समीक्षा की गई। तीन दिनों में देना होगा नोटिस क जवाब एब्सेंट पाए गए लेक्चरर में नीलू जोगवंशी, आभूषणकांत पात्रे, कीर्ति नवरंग और रूपचंद पाटले शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की। इन सभी लेक्चरर को तीन दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भारत की गोल्फ खिलाड़ी शिक्षा जैन ने पुणे में आयोजित आईजीयू महाराष्ट्र लेडीज एवं जूनियर गर्ल्स गोल्फ चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल एज वर्ल्ड एमेच्योर गोल्फ रैंकिंग (WAGR) में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह चैंपियनशिप 11 से 14 नवंबर तक ऑक्सफोर्ड गोल्फ रिजॉर्ट में संपन्न हुई। चुनौतीपूर्ण हिल कोर्स पर कई खिलाड़ियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शिक्षा ने कमर दर्द और कंधे की पुरानी चोट के बावजूद धैर्य और मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले दिन +2 ओवर पार, दूसरे दिन +4 ओवर पार और अंतिम दिन +2 ओवर पार का स्कोर किया। निर्णायक क्षणों में, शिक्षा ने 16वें होल पर ईगल और 17वें होल पर बर्डी लगाकर सभी को चौंका दिया। इस साहसी वापसी ने उन्हें रैंकिंग में शीर्ष स्थान के करीब पहुँचाया। इस प्रदर्शन के बाद, शिक्षा जैन ऑल एज वर्ल्ड एमेच्योर गोल्फ रैंकिंग (WAGR) में दूसरे स्थान पर पहुँच गईं। वह केवल गुंतास से पीछे रहीं और कई वरिष्ठ तथा अनुभवी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ने में सफल रहीं। शिक्षा जैन वर्तमान में पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच जेसी ग्रेवाल से प्रशिक्षण ले रही हैं। उनके प्रदर्शन ने उन्हें भारत की ओलंपिक उम्मीद के रूप में स्थापित किया है। टूर्नामेंट के एक अधिकारी ने शिक्षा के खेल की सराहना करते हुए कहा, “उसने सिर्फ गोल्फ नहीं खेला, बल्कि दिल और जज्बे से खेला।”
डीग में बाल दिवस पर शिक्षा और जागरूकता का अनोखा संगम देखने को मिला। किशन लाल जोशी विद्यालय में विद्यार्थियों ने ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ की विशाल मानव श्रृंखला बनाई, जबकि शीशवाड़ा विद्यालय में शिक्षा एवं मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई। दोनों आयोजनों ने बच्चों को पढ़ाई के साथ नागरिक जिम्मेदारी का संदेश दिया।
मालवीय नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) जयपुर में शुक्रवार को इंडियन नॉलेज सिस्टम्स (आईकेएस) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं को आधुनिक शिक्षा, शोध और नवाचार से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य मेहमान के रूप में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी शामिल हुए, जिनकी उपस्थिति से समारोह में आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह का माहौल बना। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के आगमन से हुई। इसके बाद स्वामी विवेकानंद और देवी सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ। एमएनआईटी के निदेशक प्रो. एन. पी. पाढ़ी ने स्वागत भाषण में बताया- आईकेएस सेंटर का मकसद विभिन्न विषयों को जोड़ते हुए भारतीय परंपराओं और आधुनिक विज्ञान को एक साथ लाना है। इसके बाद डीन (अकादमिक अफेयर्स) ने सेंटर का उद्घाटन किया और आईकेएस बुकलेट जारी की, जिसमें केंद्र के उद्देश्यों और भविष्य की योजनाओं का विवरण है। मुख्य अतिथि श्री श्री रविशंकर ने अपने संबोधन में कहा- भारतीय ज्ञान प्रणालियां मन की शांति, जागरूकता और संपूर्ण विकास का आधार हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति से जुड़ी शिक्षा इंसान को मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक मजबूती देती है। कार्यक्रम का समापन डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने गुरुदेव, सभी अतिथियों, विद्यार्थियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में फैकल्टी, छात्र और स्टाफ सदस्य शामिल हुए।
गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन (GSU) ने सोमवार को सिंगरौली जिले में छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं और आवश्यक सुविधाओं को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और जिला प्रशासन को संबोधित था, जिसमें शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्थाओं, मूलभूत संसाधनों की कमी और छात्रावासों की बदहाल स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। संगठन के जिलाध्यक्ष आशीष कुमार पनिका ने बताया कि सिंगरौली जिले के शासकीय स्कूलों और महाविद्यालयों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुरक्षित माहौल और आवश्यक संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से आदिवासी और कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या का उल्लेख किया, जिनकी समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्ञापन में प्रमुख रूप से आदिवासी एवं जनजातीय छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति, कोचिंग सुविधा और आर्थिक सहायता की व्यवस्था की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, बीएड, डीएलएड, नर्सिंग और अन्य पेशेवर कोर्स करने वाले छात्रों के लिए प्रशिक्षण सामग्री और मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया। GSU ने सभी सरकारी कॉलेजों में स्थायी प्राध्यापकों की नियुक्ति और नियमित कक्षाओं की अनिवार्यता की मांग की। छात्रावासों में बेहतर भोजन, पानी, सुरक्षा और स्वच्छता की व्यवस्था के साथ-साथ जनजातीय छात्रावासों में सैनिटरी पैड व आवश्यक स्वास्थ्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। संगठन ने छात्रावासों में खराब भवन, टूटे फर्नीचर और पानी की कमी जैसी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की। महाविद्यालयों में पुस्तकालय, लैब, परीक्षा तैयारी सामग्री और इंटरनेट सुविधा को दुरुस्त करने के साथ ही, जिले के ग्रामीण और अंचल क्षेत्रों में स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति और मूलभूत संसाधनों की व्यवस्था करने की भी अपील की गई। गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन व्यापक आंदोलन करेगा। इस ज्ञापन पर बड़ी संख्या में छात्र नेताओं ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व्यक्त किया। संगठन ने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन और सरकार छात्रों की इन मूलभूत समस्याओं पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके।
हिसार के हांसी में बाल दिवस के अवसर पर से शुक्रवार को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे विधायक विनोद भयाना ने 90 छात्राओं को साइकिल वितरित की। बेटियों को साइकिल मिलने पर उनके चेहरों पर खुशी झलक उठी। विधायक भयाना ने कहा कि सरकार की यह योजना गरीब व जरूरतमंद परिवारों की बेटियों को शिक्षा से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रही है। साइकिल का वितरण केवल सुविधा नहीं, बल्कि बालिकाओं की शिक्षा को गति देने का माध्यम है। जगह की कमी बड़ी चुनौती विधायक विनोद भयाना ने बताया कि हांसी का राजकीय कन्या महाविद्यालय दो शिफ्टों मॉर्निंग और इवनिंग में संचालित होता है, जिसमें लगभग 1400 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। कॉलेज में करीब 50 शिक्षक दो शिफ्टों में बेटियों को पढ़ाते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कॉलेज में बिल्डिंग की कमी एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि यहां जगह की कमी होने के कारण न नई बिल्डिंग बन सकती है और न ही वर्तमान बिल्डिंग को ऊंचा उठाया जा सकता। इस बारे में हम प्रयासरत हैं। विधानसभा में उठा चुके हैं मुद्दा विधायक भयाना ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को हरियाणा विधानसभा में उठाया था, जिसके बाद सरकार ने नए भवन के निर्माण को सिद्धांत रूप में मंजूरी दे दी है। अब कॉलेज को किसी खुले व पर्याप्त स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा ताकि एक ही शिफ्ट में सभी छात्राओं को सुचारू रूप से शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। स्कूल में बाल दिवस उत्सव कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और बाल दिवस के महत्व पर भाषण भी प्रस्तुत किए। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि साइकिल वितरण से बेटियों के लिए स्कूल आना और भी आसान हो जाएगा।
मऊगंज के हनुमना जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पाती मिसरान में स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला कोलही इन दिनों चर्चा में है। यह स्कूल किसी पक्के भवन में नहीं, बल्कि फूस और टाट से बनी एक झोपड़ी में चलाई जा रही है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। यह वीडियो गुरुवार शाम 4 बजे से वायरल हो रहा है। इसमें मासूम बच्चे उसी झोपड़ी में पढ़ते दिखाई दे रहे हैं, जहां रात के समय मवेशी बांधे जाते हैं। यह दृश्य शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को दर्शाता है। झोपड़ी के कारण स्टूडेंट की उपस्थिति आधी स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार, 60 से अधिक स्टूडेंट का नाम दर्ज हैं, लेकिन भवन की कमी के कारण बच्चों की उपस्थिति आधी रह गई है। रोजाना लगभग 30 बच्चे ही इस अस्थायी झोपड़ीनुमा कक्ष में पढ़ने आते हैं। इससे पहले, स्कूल एक पुराने जर्जर भवन में चलता था, जो बारिश और तेज हवाओं में गिरने की कगार पर था। मजबूरी में अब शिक्षा का कार्य इस झोपड़ी में जारी है, जहां बच्चों के बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। गांव के स्थानीय कलाकार राजेश द्विवेदी ने भी अपने गीतों के माध्यम से इस व्यवस्था को उठाया है। उनके गीत ग्रामीणों की आवाज बनकर शासन-प्रशासन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों ने शासन से प्राथमिक पाठशाला कोलही के लिए जल्द से जल्द पक्का भवन स्वीकृत करने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण भी आवश्यक है। वे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की उम्मीद कर रहे हैं।
छात्रवृत्ति देने में विलंब, शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन शुरू करेगी छात्र आजसू
अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने राज्य में लंबित 2024 की छात्रवृत्ति राशि के शीघ्र भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा की अध्यक्षता में तय किया गया कि संगठन अब भिक्षा आंदोलन – शिक्षा के लिए भिक्षा नाम से राज्यव्यापी जनजागरण अभियान शुरू करेगा। इस अभियान के तहत छात्र कटोरा लेकर कॉलेजों और विश्वविद्यालय परिसरों से सड़कों तक उतरेंगे, ताकि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि जब छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए भीख मांगनी पड़े, तो विकास के दावे बेइमानी हैं। कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो ने चेतावनी दी कि छात्रवृत्ति भुगतान में और देरी हुई तो भिक्षा प्रदर्शन के रूप में किया जाएगा। मौके पर मुख्य रूप से ऋतुराज शाहदेव, जमाल गद्दी, प्रताप सिंह, रवि रोशन, प्रशांत महतो, शिवम सिंह, राज, योगेश, आरंभ गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे।
उदयपुर में बनेगा वैदिक शिक्षा और पर्यटन का नया केंद्र, आठ हेक्टेयर में तैयार होगा गुरुकुल
संस्कृत शिक्षा के प्रोत्साहन को लेकर राज्य सरकार की बजटीय घोषणा अब धरातल पर उतरने लगी है। प्रदेश में चार संभागों- जयपुर, जोधपुर, अजमेर और भरतपुर में आदर्श वेद विद्यालय शुरू हो चुके हैं, जबकि उदयपुर सहित शेष तीन संभागों में 1 अप्रैल से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि उदयपुर, जयपुर और जोधपुर में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं, जो भविष्य में वैदिक शिक्षा और भारतीय संस्कृति के प्रमुख आकर्षण बनेंगे। इन केंद्रों का संचालन पूरी तरह वैदिक परंपरा के अनुरूप होगा और यहां वही प्रशिक्षित व्यक्ति नियुक्त होंगे, जिन्हें वेदों व संस्कृत परंपराओं का गहन ज्ञान हो। उन्होंने बताया कि जोधपुर के थबूकड़ा, उदयपुर के सायरा (तरपाल) में भूमि आवंटित की जा चुकी है, जबकि जयपुर के लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रदेश के वेद विद्यालयों में फिलहाल अध्ययन-अध्यापन शुरू हो गया है, जहां विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें और छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वेद और संस्कृत शिक्षा भारत की आत्मा हैं, इन्हें संस्थागत रूप देकर नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। -उदयपुर में वैदिक गुरुकुल के लिए 8.09 हैक्टेयर भूमि आवंटित : उदयपुर संभाग में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र तहसील सायरा के ग्राम तरपाल में विकसित किया जाएगा। इसके लिए 8.0950 हैक्टेयर भूमि शिक्षा विभाग को निशुल्क आवंटित की जा चुकी है। यहां पारंपरिक वेद अध्ययन, यज्ञ, अनुष्ठान और वैदिक पर्यावरण केंद्र के रूप में इसे तैयार किया जाएगा। मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर का केंद्र पूरी तरह वैदिक स्थापत्य, जीवनशैली और गुरुकुल पद्धति को प्रतिबिंबित करे। विभागीय टीम अगले सप्ताह पतंजलि वैदिक गुरुकुल हरिद्वार, मेरठ वैदिक गुरुकुल और पुणे वैदिक संस्थान का अध्ययन कर लौटेगी, ताकि उदयपुर मॉडल को उसी मानक पर विकसित किया जा सके। हर वेद विद्यालय को 16.97 लाख स्वीकृत राज्य के सभी सातों संभागों में वेद विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन हो चुकी है। जयपुर में 2.00875 हैक्टेयर, अजमेर में 2.5 हैक्टेयर, भरतपुर में 1.5 हैक्टेयर, कोटा में 2.5 हैक्टेयर, जोधपुर में 4.569 हैक्टेयर, उदयपुर के भटेवर में 2.16 हैक्टेयर और बीकानेर में 2.5 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। हर विद्यालय के लिए 16.97 लाख रु. स्वीकृति फर्नीचर और छात्रावास मद में जारी की गई है। चार वेद विद्यालयों में अध्ययन शुरू, गूंजेंगे वैदिक मंत्र
सरकारी टीचर के खिलाफ स्कूल की बच्चियों ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। इसके बाद बल कल्याण समिति ने मामले की जांच बैठा दी। आरोपी टीचर को जांच के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। टीचर को मुख्यालय भीम दिया गया है। मामला राजसमंद के खमनोर थाना इलाके के एक सरकारी स्कूल का है। टीचर के खिलाफ पॉक्सो और SC ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। सस्पेंड करने का लेटर आज सामने आया। जानकारी के अनुसार, 31 अक्टूबर को स्कूल की बालिकाओं ने चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1098 पर शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें बताया स्कूल का एक टीचर हमें गलत ढंग से छूता (बैड टच) है। इसके बाद 10 नवंबर को टीचर को सस्पेंड कर दिया गया। शिकायत के बाद सस्पेंड किया जानकारी के अनुसार, इसके बाद ऑनलाइन शिकायत दर्ज होते ही मामले को बाल अधिकारिता विभाग व बाल कल्याण समिति को सौंपा गया। विभाग ने इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को दी। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से दो महिला प्रिंसिपल की कमेटी बनाई गई। स्कूल स्तर पर जांच के बाद कमेटी ने 6 नवंबर को जांच रिपोर्ट बाल अधिकारिता विभाग को दी। इसमें प्रथम दृष्टया टीचर के खिलाफ लगाए आरोप प्रमाणित पाए गए। इसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने टीचर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और SC ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया। इस मामले की जांच DSP शिप्रा राजावत कर रही है। जिला शिक्षा अधिकारी बिहारी लाल ने आदेश निकाल कर टीचर को सस्पेंड कर मुख्यालय भीम कर दिया गया।
देहरा-समेली में पंचायत स्तरीय संवाद कार्यक्रम:बाल विवाह रोकथाम और बालिकाओं की शिक्षा पर दिया जोर
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर ब्लॉक के ग्राम देहरा और समेली में गुरुवार को पंचायत स्तरीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बाल विवाह मुक्त राजगढ़ अभियान के तहत ग्रामीणों, अभिभावकों और किशोर-किशोरियों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव और कानून की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मोहनपुरा और कुण्डालिया डेम के प्रभारी कार्यपालन यंत्री अशोक दीक्षित ने बालिकाओं को शिक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन का रास्ता है। दीक्षित ने कहा कि जिले की कई महिला अधिकारी आज मेहनत और लगन से ऊँचे पदों पर हैं, जो सबके लिए प्रेरणा हैं। वन स्टॉप सेंटर प्रशासक और नोडल अधिकारी रश्मि चौहान ने बताया कि कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देश पर पूरे जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष तय की गई है। इस कानून का उल्लंघन करने पर दो साल की कैद या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। यूनिसेफ प्रतिनिधि लखन मकवाना ने बाल विवाह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की। बाल संरक्षण अधिकारी रिंकी धाकड़ ने बताया कि बाल विवाह से बच्चों का बचपन, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं। वहीं, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की निकिता मेवाड़े ने कहा कि कम उम्र में विवाह बालिकाओं के अधिकारों का हनन है और यह उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा डालता है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने सभी से अपील की कि बाल विवाह रोकने के लिए समाज को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी, तभी राजगढ़ जिला बाल विवाह मुक्त बन सकेगा।
सिरोही में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम गुरुवार को राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल गोयली में हुआ। जिला एवं सेशन न्यायाधीश रूपा गुप्ता (अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरोही) और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार सचिव सावित्री आनंद निर्भीक ने इसका आयोजन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के महत्व, बच्चों के अधिकारों और विधिक साक्षरता के प्रति जागरूकता फैलाना था। सचिव सावित्री आनंद निर्भीक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि डॉ. मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की नींव बताया और छात्रों से मेहनत, अनुशासन तथा ईमानदारी से अध्ययन करने का आग्रह किया। सचिव ने बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम, बाल अधिकारों और विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने शिक्षा पर आधारित भाषण, कविताएं और निबंध प्रस्तुत किए। विजेता छात्रों को रेड क्रॉस सोसाइटी, सिरोही के अध्यक्ष प्रकाश प्रजापति ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाध्यापक उमेद सिंह, श्रवण सिंह देवड़ा सहित अन्य शिक्षक, विद्यार्थी और पैरालीगल वालंटियर्स उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।
बारां में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर के तत्वावधान में डाइट बारां द्वारा समावेशी शिक्षा अंतर्गत 10 दिवसीय मल्टी कैटेगरी टीचर ट्रेनिंग का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण में 60 शिक्षक भाग ले रहे हैं, जिन्हें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षण से जुड़ी विधियाँ सिखाई जा रही हैं।
झालावाड़ में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर विशेष शिक्षा अभ्यर्थियों ने गुरुवार को मिनी सचिवालय में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार राज्य के सरकारी विद्यालयों में 75 हजार से अधिक दिव्यांग विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हालांकि, इनके लिए पर्याप्त विशेष शिक्षकों की भारी कमी है। भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI), नई दिल्ली के आदेशों के अनुसार दिव्यांग विद्यार्थियों को केवल विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों से ही शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। अभ्यर्थियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य के कई विद्यालयों में समावेशी शिक्षा का क्रियान्वयन विशेष शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण प्रभावित हो रहा है। इससे दिव्यांग विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि आगामी शिक्षक भर्ती 2025 में विशेष शिक्षकों की भर्ती को शामिल किया जाए। साथ ही, नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल में कम से कम एक विशेष शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य की जाए। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों ने आरटीई 2009 और राजस्थान आरटीई नियमावली 2011 के तहत समावेशी शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग रखी।
सवाई माधोपुर के डाइट संस्थान में “सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण (सी लर्निंग)” पर तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। 40 शिक्षकों की भागीदारी वाले इस प्रशिक्षण में करुणा, आत्म-जागरूकता और सहानुभूति पर केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा में संवेदनशीलता और नैतिकता की नई दिशा प्रस्तुत की गई।
जिला परिषद में चंद्रज्योति अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सरपंचों और ग्राम विकास अधिकारियों (VDO) ने भाग लिया। जिला परिषद के सीईओ एएन सोनाथ ने बताया कि यह अभियान ग्राम स्तर पर शिक्षा और नागरिक चेतना को सशक्त करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। बैठक में मुख्य रूप से 'डिजिटल संविधान घर (DSG)' पहल पर विचार-विमर्श हुआ। यह एक पुस्तकालय परियोजना है जिसे एसबीआई कार्ड और अन्य गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के सहयोग से सह-वित्तपोषित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराना और संवैधानिक साक्षरता को बढ़ावा देना है। बैठक की अध्यक्षता आईएएस निवृत्ति ने की। उन्होंने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चंद्रज्योति अभियान की उपलब्धियों और डिजिटल संविधान घर (DSG) पुस्तकालयों के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान संसाधनों की उपलब्धता, छात्रों तक पहुंच और सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया। साथ ही, इस पहल को अधिक प्रभावी, सतत और दीर्घकालिक रूप से सफल बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियां भी सुझाई गईं। बैठक में हुई चर्चा के सभी बिंदुओं को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छह शोधार्थियों ने दर्ज किया और उनका विश्लेषण किया। ये शोधार्थी स्थानीय शासन और सामुदायिक शिक्षा के मॉडल पर काम कर रहे हैं, और उनका विश्लेषण चंद्रज्योति अभियान के ढांचे को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक होगा।
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के छठवें दिन बुधवार को ब्रज क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान सराय गांव में मुस्लिम समाज ने उनका स्वागत किया। सरपंच इरशाद खान और उनके साथियों ने भगवा शाल ओढ़ाकर पंडित शास्त्री का सम्मान किया। स्वागत के दौरान पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुस्लिम समाज अपने बच्चों को राष्ट्रवादी शिक्षा दें। अगर देश में दंगा होगा तो आपके लिए और देश के लिए घातक होगा। आपकी पूरी कोम को गलत दृष्टि से देखा जाएगा। उन्होंने आग कहा- हम किसी समाज के विरोधी नहीं हैं। हम वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को सैल्यूट करते हैं और रसखान के गीत गाते हैं। सरपंच इरशाद खान ने कहा कि वे इस संदेश को समाज तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। पदयात्रा की शुरुआत ध्वजारोहण और हनुमान चालीसा पाठ से हुई। इस अवसर पर पं. शास्त्री ने 90 वर्षीय शांति देवी को सम्मानित किया। साध्वी प्रज्ञा बोलीं- विरोधी सनातन की लहर से जल रहे हैं पदयात्रा में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि सनातन एकता की लहर से विरोधी जल रहे हैं, भगवान से प्रार्थना है कि वे पूर्ण रूप से जल जाएं। साध्वी ने आगे कहा कि जहां हिंदू हैं, वहीं संविधान है। समरसता का संदेश देकर किया भोजन पदयात्रा के दौरान पं. शास्त्री ने बाल्मिक समाज के साथ भोजन कर समरसता का संदेश दिया। यात्रा में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद दर्शन सिंह, और पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित कई संत-महात्मा शामिल हुए। महाराज ने कहा कि पदयात्रा भले 10 दिन में समाप्त हो जाए, लेकिन विचारों में बदलाव की यात्रा अनवरत जारी रहेगी। बुखार के बावजूद जारी रखी यात्रा बागेश्वर महाराज को 104 डिग्री बुखार था। इसके बावजूद उन्होंने यात्रा जारी रखी। डॉक्टरों की सलाह के बावजूद वे नहीं रुके। उन्होंने कहा कि शरीर का हर कतरा सनातन के लिए है, हम रुकेंगे नहीं। डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि शास्त्री को वायरल बुखार है और फिलहाल उनका तापमान 100 डिग्री से अधिक है, लेकिन वे यात्रा जारी रखे हुए हैं।
फतेहाबाद जिले में अब कोई भी प्राइवेट स्कूल सरकारी छुट्टी के दिन नहीं खुल सकेगा। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। डीईओ संगीता बिश्नोई ने सभी बीईओ को लेटर जारी कर निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में छुट्टी के दिन स्कूल न खुले। दरअसल, विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई प्राइवेट स्कूल प्रबंधन छुट्टी के दिन पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) के बहाने स्कूल खुला रखते हैं। खासकर दूसरे शनिवार की छुट्टी पर अधिकांश स्कूल पीटीएम का आयोजन कर लेते हैं। रतिया में हुआ था मामला, एसडीएम ने करवाई जांच कुछ दिन पहले हरियाणा दिवस पर रतिया की अकाल एकेडमी में सरकारी छुट्टी के दिन भी क्लासें चलती मिली थीं। प्रशासन को इसकी शिकायत मिली तो एसडीएम ने बीडीपीओ को मौके पर जांच के लिए भेजा। बीडीपीओ पहुंचे तो स्कूल में बच्चे मौजूद मिले और पढ़ाई चल रही थी। इसके बाद और सख्ती का फैसला लिया गया। जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक शामिल हैं। पहले भी छुट्टी के दिन स्कूल खुले रखने के कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों महेंद्रगढ़ जिले में हुई हादसे के बाद शिक्षा विभाग और ज्यादा सख्त हुआ था। मगर कुछ दिनों बाद ही स्कूल प्रबंधन नियमों की अवहेलना फिर से शुरू कर देते हैं। डीईओ बोलीं – छुट्टी का मतलब स्कूल बंद डीईओ संगीता बिश्नोई ने कहा छुट्टी का दिन स्कूल बंद रखने के लिए होता है। किसी भी बहाने से स्कूल खोलना नियमों के खिलाफ है। सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे छुट्टी के दिन स्कूल न खोलें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
भास्कर न्यूज | अमृतसर जीएनडीयू अमृतसर के दशमेश ऑडिटोरियम में पंजाब अंतर-पॉलिटेक्निक युवा मेले के दूसरे दिन का आयोजित किया गया। पीटीआईएस के अध्यक्ष परमबीर सिंह मतेवाल, प्रिंसिपल दविंदर सिंह भट्टी, राम सरूप और अमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, जालंधर के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। समारोह में अमृतसर सुधार ट्रस्ट के अध्यक्ष करमजीत सिंह रिंटू और सीनियर डिप्टी मेयर प्रियंका शर्मा भी उपस्थित रहीं। डॉ. सुशील मित्तल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में कहा कि पंजाब के युवा बेहद प्रतिभाशाली हैं और पीटीआईएस जैसे युवा महोत्सव उन्हें सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हैं। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न होकर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का साधन होनी चाहिए। करमजीत सिंह रिंटू ने भी छात्रों के समग्र विकास के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों की आवश्यकता पर बल दिया। युवा महोत्सव के इस संस्करण में विभिन्न पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों ने पंजाबी लोक संस्कृति, कला और रचनात्मकता का शानदार प्रदर्शन किया। ऑडिटोरियम को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। दिन की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में लोकगीत और भांगड़ा शामिल थे। भांगड़ा ने पंजाबी धरती की जीवंत भावना को प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
सत पॉल मित्तल नेशनल अवॉर्ड्स में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री शिक्षा मंत्री
लुधियाना। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के लुधियाना आगमन पर जिला भाजपा अध्यक्ष रजनीश धीमान ने उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष जतिंदर मित्तल, प्रदेश महामंत्री अनिल सरीन, राकेश मित्तल सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र उन्नति का मार्ग होगा प्रशस्त - प्रो. पंकज
उदयपुर| शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और मूल्यपरक जीवन का आधार है। शिक्षा हमें न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय विकास का पथ भी प्रशस्त करती है। उक्त विचार बुधवार को राजस्थान विद्यापीठ की ओर से आयोजित समारोह में एनसीटीई नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से समाज से जुड़कर उसे समझना और उसी समझ के आधार पर शोध व व्यवसाय का चयन करना ही स्व-विकास के साथ राष्ट्र उन्नति का मार्ग है। समारोह से पूर्व प्रो. अरोड़ा ने एग्रीकल्चर महाविद्यालय का अवलोकन किया और संस्थान द्वारा वंचित वर्ग के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सांरगदेवोत ने कहा कि संस्था समग्र विकास, समाज की उन्नति और राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक सेवा, कौशल विकास और समाज के प्रति सरोकार ही हमारे संस्थान का मूल मंत्र हैं। उन्होंने विद्यार्थियों व शिक्षकों के समर्पण, निष्ठा और नवाचार के माध्यम से सफलता के नए आयाम स्थापित करने का आह्वान किया। समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रो. पंकज अरोड़ा का संस्थान की ओर से सम्मान किया गया। डॉं. युवराज सिंह राठौड़, डीन प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. मुकुंद झा, निर्मल, डॉ. बलिदान, डॉ. रचना, डॉ. अमी , डॉ. भूरालाल, डॉ. सुनीता मुंडिया सहित अकादमिक एवं गैर अकादमिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रटने नहीं, हर विषय को तर्क से समझने की राह तय करेगी नई शिक्षा नीति : केवलरमानी
एजुकेशन रिपोर्टर | उदयपुर राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी), उदयपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में शिक्षा के रूपांतरण और श्रेष्ठ नवाचारों पर राष्ट्रीय विमर्श का बुधवार को सफल समापन हुआ। यह संगोष्ठी देशभर के एससीईआरटी, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और शिक्षा विशेषज्ञों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विचार-विमर्श का साझा मंच बनी। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में खेल-खेल में शिक्षा, बहुभाषी अधिगम, समावेशी शिक्षा और भावनात्मक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुतियों ने यह संदेश दिया कि शिक्षण केवल तकनीक नहीं, बल्कि संवेदना और मूल्य आधारित संवाद का विज्ञान है। अंतिम दिन बुधवार को डिजिटल एवं व्यावसायिक शिक्षा विषय पर विभिन्न राज्यों ने अपने अनुभव साझा किए। एससीईआरटी उत्तर प्रदेश ने विद्यालयों में डिजिटल साक्षरता और कोडिंग शिक्षा की योजनाएं प्रस्तुत की, जबकि एससीईआरटी मेघालय ने सीमित संसाधनों में प्रौद्योगिकी के माध्यम से साक्षरता बढ़ाने के प्रयास बताए। एससीईआरटी हरियाणा ने प्रशिक्षक, ईसीओ और नींव जैसे प्लेटफॉर्म से शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के नवाचार साझा किए। वहीं, परिषद उदयपुर ने बॉडी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के तहत किशोर छात्रों में डिजिटल कल्याण और आत्मविश्वास विकास के अपने प्रयास प्रस्तुत किए। मुख्य वक्ता भगवती प्रसाद कलाल (आरएससीईआरटी, राजस्थान) ने कहा कि डिजिटल साक्षरता और व्यावसायिक शिक्षा 21वीं सदी की मूल आवश्यकता है। तकनीक केवल उपकरण नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशित का माध्यम है। संगोष्ठी की शुरुआत संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा को रटने से समझने की ओर ले जाने की प्रक्रिया है। उन्होंने उपनिषदों और हितोपदेश के उदाहरण देते हुए कहा- विद्या ऐसा धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीताराम जाट ने राज्य सरकार की पहल, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, सीबीए, ओआरएफ, विद्या समीक्षा केंद्र और शिक्षक एप की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण और मूल्याधारित शिक्षा के लिए ठोस प्रयास जारी हैं। चार बुनियादी आधारों पर टिकेगी एनईपी-2020 की सफलता आर एससीईआरटी निदेशक श्वेता फगेड़िया ने संगोष्ठी का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए चार बुनियादी स्तंभ आवश्यक हैं। इसमें बहुभाषी और खेल-आधारित अधिगम, सशक्त एवं प्रशिक्षित शिक्षक, सामाजिक-भावनात्मक एवं जीवन कौशल विकास, डिजिटल और व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण। उदयपुर| भूपालपुरा थाना पुलिस ने ठगों को बैंक खाते बेचने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी फरार है। तीनों आरोपी जयपुर के ठगों को खाते बेच रहे थे और पहले भी बेच चुके है। थानाधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि सरदारपुरा के निकट चोरडिया इन्कलेव के फ्लेट नं 208 में दबिश दी। वहां सिरोही निवासी विश्वजीत सिंह देवड़ा, भीलवाड़ा निवासी शुभम जैन और राजसमंद निवासी लक्ष्यराज सिंह मोबाइल पर सक्रिय मिले। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया। इनसे तीन मोबाइल जब्त किए। मोबाइल के व्हाट्सएप चेटिंग में बेचे गए कई बैंक खातों की जानकारी मिली। इन पर विभिन्न राज्यों में 16 शिकायत दर्ज है। पूछताछ में विश्वजीत ने बताया कि वह जयपुर के दिग्विजय सिंह को, शुभम जयपुर के लक्की और लक्ष्यराज जयपुर के विश्वजीत सिंह को खाते बेचते है। इसके बदले कमीशन लेते हैं।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड; परीक्षा फीस बढ़ाई, 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स की 850 लगेगी
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा फीस बढ़ा दी गई है। अब 850 रुपए लगेंगे। बोर्ड ने रेगुलर और प्राइवेट दोनों ही स्टूडेंट्स की फीस को समान कर दिया है। प्रायोगिक परीक्षा शुल्क भी 100 रुपए बढ़ा कर 200 रुपए प्रति विषय कर दिया है। बोर्ड ने परीक्षा फीस बढ़ाने का यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। यह परीक्षा शुल्क 2017 के बाद बढ़ाया गया है। अब तक बोर्ड द्वारा रेगुलर स्टूडेंट्स से 600 और प्राइवेट से 650 रुपए परीक्षा फीस ली जा रही थी। अब प्राइवेट स्टूडेंट्स के शुल्क में 200 और रेगुलर स्टूडेंट्स के शुल्क में 250 रुपए बढ़ाए गए हैं। इस परीक्षा शुल्क की हर तीन वर्ष में शासन द्वारा समीक्षा की जाएगी। स्कूल शिक्षा ग्रुप 5 विभाग के शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर द्वारा फीस बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड को अभी 150 करोड़ की आय हो रही थी, अब यह और बढ़ेगी बोर्ड को वर्तमान में परीक्षा शुल्क से करीब 130 करोड़ रुपए और अन्य मदों यानी संबद्धता, संशोधन, प्रतिलिपि प्रलेख से प्राप्त अनुमानित आय करीब 20 करोड़ रुपए यानी कुल 150 करोड़ रुपए के लगभग थी। अब यह आय बढ़ेगी।
दिल्ली में हुए बम धमाके को लेकर मुजफ्फरनगर में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बड़ा बयान दिया है। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस घटना को 'महज एक दुर्घटना' बताया। बालियान ने कहा कि कई सालों बाद ऐसी घटना हुई है। उनके अनुसार, आतंकवादी शायद इस विस्फोटक को कहीं ले जा रहे थे। उन्होंने याद दिलाया कि पुलिस ने पहले भी कई लोगों को पकड़ा है और करीब 3000 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की थी। पूर्व मंत्री ने सरकारी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही इसका पता लगा लिया था। बालियान ने जोर देकर कहा कि यह शायद एक दुर्घटना थी, लेकिन पुलिस और अन्य संस्थाओं ने अच्छा काम किया है। मीडिया ने जब बालियान से मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षा एक समान होनी चाहिए, जैसा कि उत्तराखंड में हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धार्मिक शिक्षा का मामला अलग है, लेकिन सामान्य शिक्षा पूरे देश में एक ही तरह की होनी चाहिए। बालियान ने चिंता व्यक्त की कि इस घटना में शामिल ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे और डॉक्टर हैं। उन्होंने इसे वाकई चिंता का विषय बताया कि ऐसे शिक्षित लोग आजकल आतंकवाद में लिप्त हैं।
पंजाब सरकार में नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे बेरोजगार ETT अध्यापकों ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां को मोहाली स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर घेरा है। कैबिनेट खुड्डियां जैसे ही शिक्षा विभाग में पहुंचे तो वहां पर बैठे बेरोजगार अध्यापकों ने उन्हें रोककर तीखे सवाल पूछे। इस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि आपका विभाग मेरे अधीन नहीं आता है, इस लिए आप सीएम से मिलें। मगर शिक्षक उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री को फोन लगाकर उनकी ज्वाइनिंग करवाने की मांग उठा रहे थे। बात उनके द्वारा बेरोजगार अध्यापकों की फाइल लेकर इसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने पर जाकर समाप्त हुई और कैबिनेट मंत्री खुडि्डयां वहां से चले गए। बेरोजगार अध्यापकों ने उनसे बात करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही सबसे पहली भर्ती 5994 ETT अध्यापकों की निकाली गई थी। इनमें से 2500 को ही ज्वाइन करवाया गया है, जबकि 3500 के करीब अध्यापकों को ज्वाइन ही नहीं करवाया गया है। एक तरफ सरकार शिक्षा क्रांति की बात कर रही है, जबकि पंजाब के स्कूलों में बड़ी संख्या अध्यापकों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। मगर उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया जा रहा है। जबकि उनका मेडिकल होने के साथ साथ उनके सभी कागजात पूरे हो चुके हैं। फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जबकि 2022 में सरकार बनाने में उनकी तरफ से सपोर्ट दी गई थी।मुख्यमंत्री के शहर में जेल में दिए जा रहे शिक्षक बेरोजगार अध्यापकों ने कैबिनेट मंत्री से कहा कि जब वह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गृह शहर संगरूर में नौकरी के लिए प्रदर्शन करने जाते हैं तो उन्हें पांच दिन छह रातों तक जेल में रखा जाता है। मगर सुनवाई नहीं की जाती है। अब वह पिछले 80 दिन से यहां शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं मगर उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है। हम सर्द रातों में महिलाओं को बच्चों के साथ सड़कों पर सोने को मजबूर हैं।कैबिनेट मंत्री द्वारा नहीं मिलने पर उलझे, मंत्री ने जताई नाराजगी इस दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि वह बठिंडा जिले से संबंधित होने के कारण उन्हें सचिवालय में मिलने गए थे, मगर उन्हें यह कहकर वापिस लौटा दिया कि मंत्री जी नहीं मिलेंगे। इस पर कैबिनेट मंत्री खुडि्डयां ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कोई उन्हें मिलने आया हो और वह न मिले हों। भले वह कोई भी हो। आप मुझे अपनी फाइल दे दो मैं इसे मुख्यमंत्री कार्यालय में मार्क करके भेज दूंगा।
डीग जिले में शिक्षा विभाग ने मतदाता जागरूकता को जन-जन तक पहुंचाने की अनूठी पहल की। प्रार्थना सभाओं से लेकर चौपालों तक चले इस अभियान में शिक्षकों व विद्यार्थियों ने मतदाता सूची सुधार और लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक किया।
उदयपुर में चल रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के इम्प्लीमेंटेशन और शिक्षा में नवाचार को लेकर चल रही तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आज समापन हुआ। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (RSCERT), उदयपुर की ओर से आयोजित संगोष्ठी में देशभर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों के शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और शिक्षा विशेषज्ञों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विचार-विमर्श कर अपनी जानकारी साझा की गई। इसमें 10 राज्यों के एससीईआरटी के एक्सपर्ट शामिल हुए। आखिरी दिन आज ‘डिजिटल एवं व्यवसायिक शिक्षा’ पर विचार-विमर्श हुआ। एससीईआरटी उत्तरप्रदेश के एक्सपर्ट ने विद्यालयों में डिजिटल साक्षरता और कोडिंग शिक्षा को लागू करने की योजना साझा की। उन्होंने कहा कि जबकि एससीईआरटी मेघालय ने सीमित संसाधनों में प्रौद्योगिकी के माध्यम से साक्षरता को बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी दी। एससीईआरटी हरियाणा के विशेषज्ञ ने प्रशिक्षक, ईसीओ और नीव जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स से शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को मजबूत करने के अनुभव साझा किए। आरएससीईआरटी राजस्थान ने बॉडी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किशोर छात्रों में डिजिटल कल्याण और आत्मविश्वास विकास के प्रयासों को भी प्रस्तुत किया गया। समापन सत्र के मुख्य वक्ता स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि डिजिटल साक्षरता और व्यावसायिक शिक्षा 21वीं सदी की मूल आवश्यकता हैं। तकनीक केवल उपकरण नहीं, बल्कि शिक्षा में नवाचार और समावेशिता का माध्यम है। डिजिटल उपकरणों का प्रयोग तभी सार्थक है जब वे शिक्षण को सहभागितापूर्ण, सजीव और मूल्यपरक बनाते हैं। आरएससीईआरटी उदयपुर की निदेशक श्वेता फगेड़िया ने तीन दिवसीय संगोष्ठी में आए सुझावों को समाहित करते हुए पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए चार बुनियादी आधार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी केवल विचारों का मंच नहीं, बल्कि भविष्य की कार्ययोजना का प्रारूप है, जिसने शिक्षा में सहयोग, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण अधिगम की नई दिशा दी है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। प्रतिभागियों ने आरएससीईआरटी, उदयपुर की इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय सहयोग और नवाचार की मिसाल बताया।
गिट्स में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर ‘इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी’ विषय पर एक्सपर्ट टॉक आयोजित
गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, उदयपुर में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर ‘इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी’ विषय पर एक्सपर्ट टॉक का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. विक्रमादित्य दवे और डॉ. एस. एम. प्रसन्न कुमार ने युवाओं को नवाचार और आधुनिक तकनीकी विकास की दिशा में प्रेरित किया।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका की प्रतिष्ठित ब्रायंट यूनिवर्सिटी के साथ तीन साल का समझौता ज्ञापन (MoU) किया है। इस समझौते से यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। यह समझौता संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, नवाचार कार्यों, संयुक्त प्रकाशनों, फैकल्टी और छात्र विनिमय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण आयोजनों और आईआईएचएमआर के छात्रों के लिए अमेरिका में उच्च शिक्षा के अवसरों की तलाश जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को कवर करता है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने इस अवसर पर कहा, 'आईआईएचएमआर अपनी वैश्विक पहचान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग से छात्रों और शोधकर्ताओं को नई दृष्टि, उन्नत पद्धतियों तक पहुंच और बेहतर शैक्षणिक परिणाम प्राप्त होते हैं।' इस समझौता ज्ञापन पर आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी और ब्रायंट यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट एवं चीफ एकेडमिक ऑफिसर डॉ. रुपेन्द्र पालीवाल ने हस्ताक्षर किए। इसे दोनों संस्थानों के बीच एक दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारी की शुरुआत माना जा रहा है।
आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में ’’शिक्षित भारत तभी विकसित भारत’’ विषय पर एकदिवसीय संगौष्ठी का शानदार आयोजन किया गया
कोटपूतली-बहरोड़ में सप्त शक्ति संगम एवं मातृ सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बालिका शिक्षा, परिवार में एकजुटता और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता विद्या भारती राजस्थान की बालिका शिक्षा संयोजिका प्रमिला शर्मा थीं। विशिष्ट अतिथि सप्तशक्ति संगम की जिला संयोजिका वंदना गौतम रहीं, जबकि पूर्व प्रधान पूजा चौधरी और डॉ. भक्ति चौधरी ने मुख्य अतिथि व अध्यक्षा के रूप में शिरकत की। अतिथियों ने मां भारती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य वक्ता प्रमिला शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि माताएं बच्चों की प्रथम गुरु होती हैं। उन्होंने सभी माताओं से बच्चों को परिवार में साथ रहने की शिक्षा देने और उन्हें मोबाइल से दूर रखने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि परिवार में एकजुटता बनाए रखना महत्वपूर्ण है और किसी भी बात पर मनमुटाव नहीं रखना चाहिए, जिससे परिवार में समरसता और प्रेम बढ़ेगा। शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण में माताओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि माताएं प्लास्टिक की थैलियों को घर में प्रवेश न करने दें और बच्चों को पर्यावरण के प्रति प्रेम करना सिखाएं। साथ ही, उन्होंने अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने और लगाए गए पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इसमें सही उत्तर देने वाली प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. भुवन सिंह राज को उच्च शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। यूनिवर्सिटी में 8 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी को लेकर विधानसभा में पूछे गए सवाल पर उन्होंने भ्रामक जानकारी दी, जिसके चलते ये कार्रवाई की गई है। सस्पेंशन ऑर्डर जारी होने के साथ ही कुलपति प्रो. वीके सारस्वत ने रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त कर दिया है। उनकी जगह परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनीष साव को प्रभारी रजिस्ट्रार बनाया गया है। दरअसल, ओपन यूनिवर्सिटी में तत्कालीन कुलपति डॉ. वंशगोपाल ने उच्च शिक्षा विभाग से 8 पदों स्वीकृत कराया था। जिसमें सहायक क्षेत्रीय निदेशक के 3 पद, सिस्टम एनालिस्ट के 1, प्रोग्रामर के 1, छात्र कल्याण अधिकारी के 1, सहायक छात्र कल्याण अधिकारी के 1 और जनसंपर्क अधिकारी के 1 पद शामिल हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हुई, तब अनियमितता के आरोप लगे। इसके बाद भी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सभी उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी है। लोगों से मिली शिकायत के आधार पर अकलतरा विधायक डॉ. राघवेंद्र कुमार सिंह ने मार्च 2025 के विधानसभा सत्र में यूनिवर्सिटी में भर्ती की गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाया था। इसमें उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और अपात्र को नौकरी देने को लेकर जानकारी मांगी थी। रजिस्ट्रार ने विधानसभा को दी भ्रामक जानकारी इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने ओपन यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा था। इसका जवाब कुलसचिव डॉ. भुवन सिंह राज ने दिया। उस जानकारी को गलत और भ्रामक माना गया। इस मामले में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। डॉ. राज ने जो जवाब दिया, उसे भी उच्च शिक्षा विभाग ने अमान्य कर दिया। विधानसभा में गलत जानकारी देने पर 10 नवंबर को उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. राज को निलंबित कर दिया है। जिस पर मंगलवार को कुलपति प्रो. सारस्वत ने डॉ. राज को कार्यमुक्त कर कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार परीक्षा नियंत्रक डॉ. साव को दे दिया है। बिना जांच के खोल दिया नियुक्ति का लिफाफा यूनिवर्सिटी में स्व वित्तीय योजना के तहत की जा रही भर्ती के लिए विश्वविद्यालय ने पहले जनवरी 2023 में विज्ञापन जारी किया था। लेकिन, एक अभ्यर्थी किरण दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। जिसके कारण उसे निरस्त कर फरवरी 2023 में फिर से विज्ञापन जारी किया गया। इन पदों की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार भी यूनिवर्सिटी ने लिया। इस बीच इन पदों के विज्ञापन, उम्र सीमा, लिखित परीक्षा, आरक्षण, साक्षात्कार की लिस्ट को लेकर लगातार शिकायतें हुई। जिसमें पीएमओ, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री तक शिकायत की गई। शिकायत के आधार पर राजभवन और राज्य शासन, उच्च शिक्षा विभाग ने जांच पूरी होने तक लिफाफा खोलने से रोक लगा दिया। अनियमितता की शिकायत 8 पदों पर हुई थी। जांच के लिए कमेटी भी बनी। कमेटी जांच कर रही थी कि तत्कालीन राज्यपाल ने लीगल एडवाइज लेकर लिफाफा खोलने की अनुमति दे दी। जिस दिन आचार संहिता लगा, उसी दिन सुबह तत्कालीन कुलपति प्रो. बंशगोपाल सिंह ने लिफाफा खोलकर सभी पदों पर ज्वाइनिंग दे दी। हालांकि, अभी भी उच्च शिक्षा विभाग की जांच इस मामले में जारी है। कुलपति बोले- शासन ने जारी किया है निलंबन आदेश ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि, विधानसभा में गलत जानकारी देने के कारण रजिस्ट्रार भुवन सिंह राज को राज्य शासन ने निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश जारी होने के बाद उन्हें कार्यमुक्त करते हुए परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनीष साव को रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
रावस में हायर सेकंडरी स्कूल नहीं होने से छात्रों की उच्च शिक्षा हो रही प्रभावित
भास्कर न्यूज | सरोना जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत रावस के बच्चों का भविष्य आज भी अधर में लटका हुआ है। शिक्षा का अधिकार तो सबका है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां के विद्यार्थी आज भी हायर सेकंडरी स्तर की पढ़ाई से वंचित हैं। रावस में हाईस्कूल तक की सुविधा तो है, लेकिन हायर सेकंडरी स्कूल न होने से दसवीं के बाद बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है। ग्राम रावस के सरपंच शिवलाल मंडावी ने बताया शासन द्वारा यहां हाई स्कूल की स्थापना तो की गई है, लेकिन हायर सेकंडरी स्कूल अब तक नहीं खुल पाया है। दसवीं पास करने के बाद छात्रों को हायर सेकंडरी शिक्षा के लिए या तो ठेमा या सरोना जाना पड़ता है, जो क्रमश 12 और 25 किलोमीटर दूर हैं। वहां तक कोई नियमित यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षा विभाग और जिला अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है। उन्होंने मांग की है कि शासन तत्काल प्रभाव से रावस या उसके आसपास के किसी उपयुक्त स्थान पर हायर सेकंडरी स्कूल की स्थापना करें। इससे न केवल रावस, बल्कि आसपास के ग्रामों के छात्र-छात्राओं को भी शिक्षा का अवसर मिलेगा। सरपंच मंडावी ने कहा यदि ऐसा नहीं किया गया, तो हम सभी ग्रामीण एकजुट होकर जिला प्रशासन के समक्ष ज्ञापन सौंपेंगे। बच्चों के भविष्य के जरूरत पड़ी को आंदोलन करने भी बाध्य होंगे।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से युवाओं को बनाया सशक्त
उदयपुर| हिन्दुस्तान जिंक ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से 10 लाख से अधिक युवाओं को सशक्त बनाया है। कंपनी के प्रमुख सामुदायिक कार्यक्रम - नंद घर, शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान और जीवन तरंग - गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रहे हैं। शिक्षा संबल पहल के माध्यम से कंपनी 140 स्कूलों के 35,000 से अधिक छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में आधारभूत शिक्षा को मजबूत करते हुए सहायता प्रदान करती है। 30,900 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है ताकि समझ और प्रदर्शन के स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
पदोन्नति-स्थानांतरण की मांग, शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक को पत्र सौंपा
उदयपुर | राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की लंबित समस्याओं के त्वरित निस्तारण की मांग को लेकर मंगलवार को प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने निदेशक से शिक्षक हितों से जुड़े मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की। चौहान ने कहा कि शिक्षक वर्ग लंबे समय से अपनी मूलभूत मांगों के समाधान की प्रतीक्षा कर रहा है। लेकिन, निस्तारण में हो रही देरी से असंतोष बढ़ रहा है। निदेशक सीताराम जाट ने ज्ञापन पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सतीश जैन, चंद्रशेखर परमार, भैरूलाल कलाल, कमलेश शर्मा, हितेन्द्र दवे और प्रकाश आमेटा भी उपस्थित रहे।
हिंद जिंक ने 5 वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से 10 लाख युवाओं को बनाया सशक्त
उदयपुर | हिन्दुस्तान जिंक ने समग्र शिक्षा, कौशल विकास और समावेशी शिक्षण के अवसरों के माध्यम से अगली पीढ़ी को पोषित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। कंपनी के प्रमुख सामुदायिक कार्यक्रम नंद घर, शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान और जीवन तरंग - गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रहे हैं। इन पहलों ने पिछले पांच वर्षों में कंपनी के परिचालन क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक बच्चों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। शिक्षा संबल पहल के माध्यम से, कंपनी 140 स्कूलों के 35,000 से अधिक छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में आधारभूत शिक्षा को मजबूत करते हुए सहायता प्रदान करती है। 30,900 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है। इससे कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में कुल 95 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। कंपनी ने वैज्ञानिक जिज्ञासा को जगाने के लिए उदयपुर और पंतनगर में चार एसटीईएम प्रयोगशालाएं भी स्थापित की हैं। सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि अब तक, 150 छात्रों ने आईआईटी सहित प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त किया है। जीवन तरंग कार्यक्रम के माध्यम से, 2,600 से अधिक दिव्यांग बच्चे लाभान्वित हुए हैं। हिंद जिंक के परिचालन क्षेत्रों में लगभग 2000 नंद घर प्रारंभिक बाल विकास, स्वस्थ माताओं और सशक्त ग्रामीण महिलाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान के जावर में जिंक फुटबॉल अकादमी की स्थापना की। अब तक अकादमी ने 3250 से अधिक युवा एथलीट को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से कई अपने जिले, राज्य और देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
जागरूकता रैली से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया
लुधियाना| दुगरी स्थित बीसीएम किंडरगार्टन ने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया। इस दिन की शुरुआत एक जागरूकता रैली से हुई, जिसमें नन्हे-मुन्ने विद्यार्थी हाथों में बैनर लिए और शिक्षा के महत्व पर जोरदार नारे लगाते हुए उत्साहपूर्वक आगे बढ़े। उनकी ऊर्जावान आवाजों ने वातावरण में यह संदेश भर दिया कि शिक्षा ही उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है। शिक्षकों ने भी इस अवसर पर जीवन को आकार देने में शिक्षा के महत्व और मूल्य को समझाया। कहानियों और संवादात्मक चर्चाओं के माध्यम से, उन्होंने बच्चों को सीखने के प्रति प्रेम और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस समारोह ने खूबसूरती से यह संदेश दिया कि शिक्षा न केवल मन को प्रकाशित करती है, बल्कि बेहतर कल के लिए ज़िम्मेदार नागरिक भी बनाती है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कॉलेज में हुआ कार्यक्रम
डॉ. एस. राधाकृष्णन कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, चिकसिया में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। यह दिवस भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को मनाया जाता है। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बीएड सत्र 2023–25, 2024–26 तथा डीएलएड सत्र 2024–26, 2025–27 के प्रशिक्षु उत्साहपूर्वक शामिल हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शक्ति प्रकाश सिंह ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा ही वह कुंजी है, जो समाज में फैले भेदभाव को समाप्त कर एकरूपता और समरसता को बढ़ावा देती है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
आजाद भारत के शिक्षा के नायक थे मौलाना आजाद
यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। अध्यक्षता कुलपति डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम को मास कॉम और इतिहास विभाग ने आइक्यूएसी के सहयोग से आयोजित किया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि आजाद भारत के शिक्षा के नायक हमारे प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद हैं। उन्होंने एआइ, इंटरडिसिप्लीनरी शिक्षा पर जोर देने की बात कही। झारखंड को युवाशक्ति, खेल और प्रतिभा से समृद्ध राज्य कहा। मुख्य वक्ता पूर्व सोशल साइंस डीन डॉ. आइ. के. चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में जन-जन तक बातें अपने अखबार के माध्यम से पहुंचाई। वे कई बार रांची भी आए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कंजीव लोचन, धन्यवाद ज्ञापन डिप्टी डायरेक्टर वोकेशनल डॉ. स्मृति सिंह ने किया। मौके पर डायरेक्टर मास कम्युनिकेशन डॉ. बसंत झा सहित अन्य मौजूद थे।
श्री आनंदपुर साहिब, जिसे 'गुरु नगरी' के नाम से जाना जाता है, अब 'व्हाइट सिटी' में तब्दील होने जा रहा है। पंजाब सरकार की इस पहल के तहत पूरे शहर को सफेद रंग से सजाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत मंगलवार को बस अड्डे से गई। शिक्षा मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब के विधायक हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह पहल नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में की जा रही है। इस अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में विश्वस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना मंत्री बैंस के अनुसार, इन कार्यक्रमों में देश-विदेश से लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध तेजी से पूरे कर रही है। इसी श्रृंखला में, शहर के हर कोने को सफेद रंग में रंगने की सेवा शुरू की जा रही है। इस कार्य का शुभारंभ बाबा सतनाम सिंह जी (किला आनंदगढ़ साहिब) द्वारा अरदास के साथ होगा। मंत्री बैंस ने इस सेवा में शामिल होने के लिए क्षेत्र के युवा क्लबों, पंचायत प्रतिनिधियों, सरपंचों, आम आदमी पार्टी पदाधिकारियों, समाजसेवियों और पार्षदों से अपील की है। 20 हजार लीटर सफेद रंग मंगाया गया इस अभियान के दौरान जिले के डिप्टी कमिश्नर वर्जीत वालिया और एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। मंत्री बैंस ने बताया कि दानदाताओं और पेंट कंपनियों के सहयोग से 20,000 लीटर से अधिक सफेद रंग एकत्र किया गया है, जिसका उपयोग शहर को सुंदर बनाने में किया जाएगा। मंत्री बैंस ने कहा कि गुरु साहिब की कृपा से आनंदपुर साहिब का स्वरूप बदल रहा है। सड़कों की मरम्मत, सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच से सात दिनों में पूरा शहर चमकदार सफेद रंग में रंग जाएगा और सच्चे अर्थों में 'व्हाइट सिटी' के रूप में उभरेगा।
लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित उच्च विद्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखीसराय के जिला पदाधिकारी (डीएम) मिथिलेश मिश्र ने विद्यालय के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले 100वें बैच के छात्र-छात्राओं का स्वागत और सम्मान किया। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1927 में इस विद्यालय के छात्र पहली बार पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मिथिलेश मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) यदुवंश राम, प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रवेश सिंह, फिल्मकार रविराज पटेल और पूर्व प्राचार्य विपिन कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ. किरण कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डीएम मिश्र ने कहा कि 'छात्र देश के कर्णधार हैं, शिक्षक उनके निर्माता हैं और इन्हीं छात्रों के माध्यम से देश का भविष्य निर्मित होता है।' उन्होंने छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने, अनुशासन का पालन करने तथा प्रतिदिन न्यूनतम आठ से दस घंटे अध्ययन करने की प्रेरणा दी। डीएम ने जोर दिया कि शिक्षा वह अचूक हथियार है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी की गई। कार्यक्रम में शिक्षक श्रवण कुमार, गोपाल कुमार, शशिकला कुमारी, प्रभाकर कुमार, प्रेम कुमार और सौरभ कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान 'जन गण मन' के सामूहिक गायन से हुआ।
देश के दस राज्यों के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के प्रमुख उदयपुर आए हुए है। यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन और शिक्षा में नवचार को लेकर मंथन हो रहा है। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से उदयपुर में शुरू हुए शिक्षाविदों के तीन दिवसीय महाकुंभ के आज दूसरे दिन मंगलवार को भी कई राज्यों के वक्ताओं ने अपनी बात रखी। ‘शिक्षा में परिवर्तन: एनईपी 2020 और उसके बाद के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को आगे बढ़ाना’ विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के शिक्षा विशेषज्ञ भाग ले रहे है। विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं के दौरान विशेषज्ञों ने शिक्षण में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग, आकलन प्रणाली में सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण की नई दिशा, प्रारंभिक कक्षाओं में भाषा आधारित अधिगम और सामुदायिक सहभागिता जैसे विषयों पर गहन मंथन किया जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, झारखंड सहित 10 राज्यों की राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों से आए विशेषज्ञों ने अपने राज्यों में एनईपी के क्रियान्वयन के दौरान अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारों, तथा शिक्षा में गुणवत्ता सुधार से जुड़े अनुभव साझा किए। इसमें 'खेल-खेल में शिक्षा' पर आधारित शिक्षण पद्धति को मजबूत करने, बहुभाषी शिक्षा (MLE) को प्रोत्साहन देने तथा समावेशी शिक्षा के व्यापक क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाना, बाल मनोविज्ञान के अनुरूप गतिविधि-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना और भाषा विविधता को सम्मान देना - शिक्षा की नई दिशा तय करने वाले प्रमुख तत्व हैं। प्रतिभागियों ने एकमत से यह सुझाव दिया कि राज्यों के बीच नवाचारों का आदान-प्रदान शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। परिषद निदेशक श्वेता फगेडिया ने कहा कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा जगत में परिवर्तन का आधार स्तंभ सिद्ध हो रही है। यह नीति न केवल शिक्षण के तरीकों को आधुनिक बना रही है बल्कि विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का विकास भी कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाना है। इससे पहले सोमवार को हुए उद्घाटन समारोह में संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने संबोधित किया था।
रायपुर में देर रात कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनुकंपा नियुक्ति संघ की महिलाएं धरने पर बैठ गईं। 10 नवंबर की रात करीब 11 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन देर तक चलता रहा। धरने पर बैठीं महिलाएं दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजन हैं, जो लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा ने सरकार बनने पर अनुकंपा नियुक्ति देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद महीनों बीत जाने के बावजूद प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। प्रदेशभर में करीब 1200 दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिवार इस नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन अक्टूबर महीने में अनुकंपा नियुक्ति संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी। उस समय मुख्यमंत्री ने जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से परिजनों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने कार्मिक की मृत्यु के समय गर्भावस्था में रहे शिशु के बालिग होने पर प्रस्तुत अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन को राज्य सरकार द्वारा देरी के आधार पर अस्वीकार किए जाने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। दरअसल, डीडवाना के बेरी गांव निवासी समीर खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने याचिका दायर की। इसमें बताया कि समीर के पिता सुलेमान खान का वर्ष 2003 में निधन हो गया था। उस समय याचिकाकर्ता समीर खान अपनी मां के गर्भ में था। पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां लंबे समय तक बीमार रहीं और बड़ा भाई नि:शक्त है, ऐसे में बालिग होने पर याचिकाकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। निदेशालय की दुविधा, देरी बता अर्जी अस्वीकार की आवेदन पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कार्मिक की मृत्यु के समय याचिकाकर्ता के जन्म नहीं लेने के कारण उसे आश्रित की श्रेणी में मानने या नहीं मानने को लेकर शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन चाहा था। इस प्रश्न पर निदेशालय स्पष्टता नहीं ले पा रहा था कि क्या गर्भावस्था में रहे शिशु को मृतक कार्मिक का आश्रित माना जाए या नहीं। शिक्षा विभाग ने निदेशालय के प्रतिउत्तर में शीर्ष अदालत द्वारा पारित दो निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्मिक की मृत्यु के कई वर्षों पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस आधार पर याचिकाकर्ता के आवेदन को देरी के कारण अस्वीकार कर दिया गया। पीड़ित का तर्क: संदर्भ केस की गलत व्याख्या अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के उमेश कुमार नागपाल बनाम हरियाणा राज्य मामले में दिए निर्णय की गलत व्याख्या कर रही है। वकील ने कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि संकट समाप्त होने या लंबे समय बाद नियुक्ति का दावा नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के मामले में संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। सवाल गर्भस्थ शिशु को आश्रित मानने का
स्कूली बच्चों की फीस को लेकर आने वाले समय में शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी अपग्रेड होना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को भेजे एक पत्र में कहा है कि डिजिटल परिवर्तन सुधारों के तहत फीस जमा करने के लिए स्कूलों में यूपीआई को शामिल किया जाए। ऐसे में भविष्य में स्कूलों में भी फोन-पे, पेटीएम जैसे यूपीआई सिस्टम से बच्चों की स्कूल फीस जमा हो सकेगी। इससे न केवल अभिभावकों को सहुलियत मिलेगी बल्कि संस्था प्रधान को भी रसीदें छपवाने व काटने के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी। अभिभावकों को स्कूल आने की जरूरत नहीं रहेगी और उन्हें घर या कहीं से भी ऑनलाइन फीस जमा कराने की सुविधा का फायदा मिल जाएगा। यही नहीं, इसकी रसीद भी हाथों हाथ डिजिटली जनरेट होकर मिल जाएगी। केंद्र सरकार ने यह पहल विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत और संस्थागत सुधारों के माध्यम से स्कूली शिक्षा में आसानी को बढ़ावा देने के लिए की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पहली बार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं, विशेष रूप से स्कूलों में वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करके स्कूली शिक्षा को आसान बनाने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी यूपीआई को अपनाने पर जोर दिया है। यूपीआई मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच का लाभ उठाने कहा आह्वान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे स्कूलों में सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल तरीकों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही बताया है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए यह पारदर्शिता और स्कूल जाए बिना घर बैठे भुगतान करने की सुविधा है। यूपीआई लेनदेन की प्रक्रिया अपनाने से अभिभावक वित्तीय रूप से साक्षर बन सकेंगे। सुझावों के बाद जारी किए जाएंगे दिशा-निर्देश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विकसित भारत 2047 के विजन को देखते हुए स्कूलों में डिजिटली लेनदेन को लेकर सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस के साथ विचार विमर्श किया है। उनसे इस प्रक्रिया को अपनाने और आसान बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इसके बाद इस पहल को अमल में लाने के विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही संस्थानों को प्रशिक्षित किए जाने की रूपरेखा तय की जाएगी।
पंजाबी सिंगर काशीनाथ गोल्ड का 10 तोले सोने का कड़ा लौटाने से सुर्खियों में आ गए हैं। लुधियाना में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्हें एक व्यक्ति ने यह सोने का कड़ा दिया। कड़े को हाथ में लेते ही सिंगर काशीनाथ ने कहा- ये तो सोने का कड़ा है। 10 तोले से कम का नहीं है। 10 लाख इसकी कीमत होगी। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। इसे लिया तो गुरुओं-पीरों से ली शिक्षा खत्म हो जाएगी। इससे प्यार हो गया तो मेरी इबादत ही खत्म हो जाएगी। सिंगर काशीनाथ हरियाणा के कैथल में जन्मे हैं लेकिन इस वक्त मोहाली में रहते हैं। सिंगर ने कड़ा हाथ में पकड़ कहीं अहम बातें लुधियाना में हुए जगराते में पहुंचे थे सिंगर10 तोले सोने का कड़ा लौटाने की ये घटना शनिवार रात लुधियाना में हुए जागरण की है। ये जागरण जय मां अंबे क्लब ने करवाया था। धार्मिक कार्यक्रम बाबा जीवन सिंह नगर की गली नंबर-1 में हुआ। सिंगर ने कड़ा लौटाने के अंत में कहा कि आपने मेरे सिर पर हाथ रख दिया, इतना ही बहुत है, जिंदा रहे तो बार-बार मिलेंगे, मर गए तो हरिद्वार मिलेंगे।
शिक्षा सुधार और अधिकारों की मांग को लेकर निखिल बंग शिक्षक समिति का चित्तरंजन में हुआ सम्मेलन
भास्कर न्यूज | चित्तरंजन शिक्षा व्यवस्था में सुधार और शिक्षकों को उचित सम्मान दिलाने की आवाज़ को लेकर बो-मार्केट देशबंधु प्रेस परिसर से बुलंद हुई। निखिल बंग शिक्षक समिति की चित्तरंजन–सालानपुर क्षेत्रीय शाखा का 11वां त्रैवार्षिक सम्मेलन उत्साह और एकजुटता के माहौल में आयोजित हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ अध्यक्ष सौगत सरकार, पूर्व राज्य अध्यक्ष शांतिराम भट्टाचार्य और जिला नेता शांतनु दे की उपस्थिति में ध्वजारोहण व शहीद वेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया। मंच को विशेष रूप से गायक जुबिन गर्ग के नाम पर समर्पित किया गया, जिसने कार्यक्रम को सांस्कृतिक पहचान दी। शाखा सचिव पलाश मंडल ने शिक्षा व्यवस्था में घटती गुणवत्ता, वेतन विसंगति और शिक्षकों की आर्थिक चुनौतियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। नई 9 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया।
ओशो की शिक्षाओं से हुआ आत्मिक गहराई का अनुभव
भास्कर न्यूज | लुधियाना ओशो उत्सव लुधियाना की ओर से एक दिवसीय ओशो ध्यान शिविर का आयोजन महावीर स्थल, निकट दोराहा में किया गया। इस ध्यान शिविर में ओशो के परम शिष्य स्वामी ज्ञान नसीब ने विशेष रूप से संचालन किया। शिविर का उद्देश्य प्रतिभागियों को ओशो की ध्यान विधियों से परिचित कराना और ध्यान के माध्यम से आत्मिक शांति का अनुभव प्रदान करना था। स्वामी मनोज प्रीत ने बताया कि स्वामी ज्ञान नसीब ने ओशो द्वारा बताई गई विभिन्न ध्यान विधियों मन एकाग्रता, नृत्य, भजन-कीर्तन, डायनेमिक ध्यान और प्रवचनों का अभ्यास करवाया। इन अभ्यासों के दौरान उपस्थित लगभग 50 संन्यासियों ने ध्यान और संगीत के समन्वय से गहन शांति, आनंद और आत्मिक उन्मुक्ति का अनुभव किया। प्रकृति के सान्निध्य में हुए इस सत्र ने प्रतिभागियों को जीवन के प्रति नए दृष्टिकोण से जोड़ते हुए ‘अंतर आनंद’ की अनुभूति कराई। शिविर में यह संदेश दिया गया कि ध्यान केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सृजनात्मक कला है, जो व्यक्ति को वर्तमान क्षण में जीना सिखाती है। ओशो उत्सव लुधियाना के सदस्यों ने बताया कि संस्था का उद्देश्य ओशो के ज्ञान, प्रेम और ध्यान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि आज के तनावपूर्ण जीवन में लोग शांति और संतुलन पा सकें।
कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने सोमवार को आयोजित समय-सीमा बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए कि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 300 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों पर अब कड़ा रुख अपनाया जाएगा। बैठक में सीएम हेल्पलाइन, अनुकंपा नियुक्ति, पीएम किसान ई-केवाईसी, अवमानना प्रकरण सहित विभागवार लंबित पत्रकों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि किसी भी विभाग की प्रगति असंतोषजनक मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान कलेक्टर वानखड़े ने शिक्षा विभाग को विशेष रूप से फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पेंशन प्रकरणों में लगातार हो रही देरी बिल्कुल अस्वीकार्य है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के तीन माह पूर्व उसकी पूरी जानकारी कोषालय कार्यालय को भेजना अनिवार्य है, ताकि पेंशन प्रक्रिया समय-सीमा में पूरी हो सके। उन्होंने साफ कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में इंदरगढ़ क्षेत्र के स्कूल निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों की अनुपस्थिति पर जताई गई नाराजगी का जिक्र करते हुए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जो शिक्षक चुनाव कार्य में संलग्न नहीं हैं, उनकी अनिवार्य उपस्थिति विद्यालय में सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही कलेक्टर ने जनजातीय कार्य विभाग को निर्देश दिए कि छात्रावासों की मरम्मत के प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। वहीं विद्यालय भवनों की मरम्मत प्रस्तावों में ढिलाई बरतने पर शिक्षा विभाग को पुनः फटकार लगाई गई। बैठक के अंत में कलेक्टर वानखड़े ने नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोषियों पर जुर्माना लगाया जाएगा और एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि शासन के निर्देशों के पालन में ढिलाई पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पेंड्रा इकाई ने जिले के विभिन्न विद्यालयों में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। परिषद के कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिले के कई विद्यालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जहां भवन जर्जर हो चुके हैं, फर्नीचर की कमी है और शिक्षकों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस अवसर पर नगर मंत्री श्रेयांश पांडे ने सभी विद्यालयों के नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग की कि जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष समिति का गठन किया जाए। यह समिति प्रत्येक विद्यालय का दौरा कर वहाँ की मूलभूत आवश्यकताओं और कमियों की रिपोर्ट तैयार करे तथा उनके त्वरित समाधान सुनिश्चित करे। पांडे ने कहा कि शिक्षा बच्चों का मूल अधिकार है और इससे कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। स्कूलों में जर्जर भवन और शिक्षकों की कमी को लेकर कार्रवाई की मांग महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय के सह मंत्री हरीश बंजारे ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए। ज्ञापन में शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों की मरम्मत, स्वच्छ पेयजल, शौचालय व्यवस्था और खेल सामग्री की उपलब्धता जैसे प्रमुख बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी दी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयावधि में प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। परिषद ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा और बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है, न कि टकराव पैदा करना। ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर सह मंत्री आदित्य चतुर्वेदी, अमल साहू, हरिओम राठौर, योगेश साहू, तुषार सेन, श्रेयांश नामदेव, शौर्य जैसवाल, शौर्यम राठौर, आयुष साहू, रूपेश केसरी, रमाकांत वर्मा, श्रद्धा दुबे और आकांक्षा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सतना में पीएमश्री एक्सीलेंस डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र राय पर लगे गंभीर आरोपों की जांच शुरू हो गई है। सोमवार शाम 3:30 बजे उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक आर.पी. सिंह कॉलेज पहुंचे। उन्होंने कॉलेज में मौजूद दस्तावेजों की जांच की और प्रबंधन से मामले पर बात की। जांच पूरी होने के बाद सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट तैयार कर तुरंत भोपाल मुख्यालय भेजी जाएगी। आरोप पहली बार कैसे सामने आए? यह मामला तब सामने आया था, जब पिछले महीने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने एक संदिग्ध कमरे का ताला भी तोड़ दिया था। उस समय प्राचार्य ने कहा था कि कमरा नैक (NAAC) की गाइडलाइंस के कारण बंद रखा गया है। छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप इसी दौरान कुछ छात्राओं ने भी प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्राचार्य उन्हें अपने कमरे में बुलाते हैं, उनके मोबाइल चेक करते हैं और निजी बातचीत पर गलत टिप्पणियाँ करते हैं। छात्राओं का आरोप है कि किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर प्राचार्य इसे “बॉयफ्रेंड का फोन” कहकर तंज कसते हैं। वायरल ऑडियो से बढ़ा विवाद मामला और बिगड़ गया जब प्राचार्य का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वे एक छात्रा को मिलने के लिए बुलाते हुए आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते सुनाई दे रहे हैं। इसके बाद कॉलेज परिसर में तनाव बढ़ गया था। अब इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग सभी आरोपों की जांच कर रहा है। जांच अधिकारी ने दस्तावेज देखे हैं और लोगों से बात की और अब वे इसकी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे। इसके बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कॉलेज प्रबंधन ने जांच पूरी होने तक पूरी तरह चुप्पी साध रखी थी।
संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति उत्तर प्रदेश एवं महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अयोध्या का राष्ट्रीय अधिवेशन जोरदार रहा। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा समस्याओं को लेकर सीएम योगी से मिलने का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि लख़नऊ में बड़ी बैठक कर समस्याओं से संस्कृत को निजात दिलाई जाएगी। दूसरे दिन तृतीय सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने किया। राष्ट्र सुरक्षित रहेगा तभी हमारा सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा उन्होंने कि सनातन धर्म की रक्षा से ही राष्ट्र की रक्षा संभव है। राष्ट्र की अखंडता व संप्रभुता के लिए संस्कृत भाषा व सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। राष्ट्र सुरक्षित रहेगा तभी हमारा सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा और हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा। हमारे जीवन का सब कुछ सनातन धर्म व राष्ट्र धर्म में समाहित है। इस विद्यापीठ के संस्थापक महर्षि महेश योगी ने आजीवन सनातन धर्म के लिए कार्य किया। संस्कृत भाषा के लिए आज इस प्रकार की गोष्ठियों की परम आवश्यकता उन्होंने कहा कि महर्षि महेश योगी ने विश्व में भारत देश को एक विशिष्ट पहचान दिलाई। वह महापुरुष आज स्थूल शरीर से हमारे बीच में नहीं है किन्तु सूक्ष्म शरीर से हमेशा हमारे साथ हैं और आज भी वो अपना कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के लिए आज इस प्रकार की गोष्ठियों की परम आवश्यकता है। संस्कृत विद्यालय हमारे देश की प्रतिष्ठा हैंचौथे व समापन सत्र के मुख्य अतिथि शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत विद्यालय हमारे देश की प्रतिष्ठा हैं और हमारे संस्कृत शिक्षक देश व भारतीय संस्कृति के आदर्श हैं। इनके लिए वर्तमान सरकार उचित कदम भी उठा रही है। किन्तु कुछ समस्याएं आज भी हैं जिनके निस्तारण के लिए प्रयास जारी है।उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा देव भाषा होने के साथ हीं ज्ञान विज्ञान की भी भाषा है, इसलिए इसका संरक्षण व सम्वर्धन करना हम सभी का दायित्व है। मै अपनी आप सभी को आस्वस्त कर रहा हूँ कि जब कभी हमारी आवश्यकता होगी, हम आपके साथ रहेंगे। हमारी संस्कृति अगर सुरक्षित है तो उसमें संस्कृत भाषा मूल में हैविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विनय मिश्र ने कहा कि संस्कृत में ही ऐसा सामर्थ्य है कि हजारों वर्षों के कुठाराघात के बाद भी अपने आपको बचाकर रखा। हमारी संस्कृति अगर सुरक्षित है तो उसमें संस्कृत भाषा मूल में है। सन्त गणिनाथ राजकीय महाविद्यालय मऊ के आचार्य डा. चन्द्रकान्त दत्त शुक्ल ने कहा कि संस्कृत के लोग अपने को संगठित करें साथ ही अपने ज्ञान-विज्ञान को समाज में प्रस्तुत करें, तभी संस्कृत का और संस्कृत के लोगों का भला होगा।अध्यक्षता करते हुए समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा. गणेश दत्त शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत व संस्कृति से ही है। लेकिन आज संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं को सुनने से शासन व प्रशासन के अधिकारी बच रहे हैं। आज हमें संगठित और सक्रिय होने की आवश्यकता है। संस्कृत शिक्षा की समस्याओं के निदान के लिए मुख्यमंत्री योगी से मिला जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही लख़नऊ में बड़ी बैठक होगी। इस अवसर पर प्रदेश महामन्त्री डाक्टर.श्रवण मणि त्रिपाठी, प्रदेश संयोजक डा.अभिषेक पाठक, डा.ओमप्रकाश तिवारी,मनोज श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का प्रारम्भ आचार्य विकास दीक्षित के वैदिक मंगलाचरण तथा रामकिंकर त्रिपाठी के पौराणिक मंगलाचरण से हुआ ।अतिथियों का स्वागत समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष डा.रवि कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अभिषेक पाण्डेय व डा. योगेश थुवाल ने किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश मणि मिश्र,डा.पवन शुक्ल,डा.अशोक पाण्डेय,डा.गोविन्द मिश्र,डा. नीलम तिवारी,डा.प्रांगेश मिश्र,डा.उमेश तिवारी,डा.ज्ञान प्रकाश मिश्र,प्रेमचन्द नाग सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए शिक्षक- शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी और शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडेय को आज बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने तलब किया है। यह तलब रिश्वतखोरी के एक मामले में उनके बयान दर्ज कराने के लिए किया गया है, जिसकी जांच अब शासन स्तर तक पहुंच गई है। माना जा रहा है कि दोनों तरफ से बयान दर्ज होने के बाद विभागीय कार्यवाही भी होगी। दोनों को दोपहर 1 बजे लखनऊ स्थित निदेशालय बेसिक शिक्षा विभाग में विधि विभाग के समक्ष पेश होना है। यहां उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले, 7 नवंबर को भी उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए थे। गोंडा के प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामखेलावन सिंह द्वारा गोंडा बीएसए अतुल कुमार तिवारी और शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडे को इसको लेकर जानकारी दी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोनों को आमने-सामने बैठाकर बयान दर्ज करने का उद्देश्य क्रॉस-क्वेश्चनिंग करना है। इससे पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी और आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए आधार तैयार होगा। कई सवालों के जवाब गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी और मुकदमा दर्ज करवाने वाले मनोज कुमार पांडे को आज अधिकारियों के सामने देना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है। उन्होंने पुष्टि की कि 7 नवंबर को भी दोनों को बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए। निदेशक ने कहा कि बयान दर्ज होने और साक्ष्य देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि कौन सी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग की तरफ से लगने वाले ग्रीष्मकालीन खेलकूद प्रशिक्षण कैंप भी शिक्षकों के कमाई का जरिया बन गए हैं। हर साल हर जिले में कैंप लगाने के लिए निदेशालय से आदेश हैं, लेकिन कैंप केवल कागजों में लग रहे हैं और पूरा भुगतान उठा रहे हैं। हर जिले के कैंप में बच्चों पर करीब 60 हजार, तो ड्यूटी दे रहे शिक्षकों पर 2 लाख (दैनिक भत्ता व उपार्जित अवकाश) से ज्यादा खर्च हो रहा है, क्योंकि डीईओ ऑफिस से 4 की जगह पर 7 से 10 शिक्षकों की ड्यूटी लगा रहे हैं। ‘भास्कर’ की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। उदयपुर के राउमा विद्यालय, पडूना में साल 2023 में कबड्डी और साल 2024 में फुटबॉल का कैंप लगाना बताया, जबकि स्कूल में खेल मैदान ही नहीं है। शेष | पेज 4 इसी तरह, डूंगरपुर जिले के सासरपुर राउमा विद्यालय में साल-2024 में हैंडबॉल का कैंप लगाना बताया, लेकिन इस स्कूल में भी कोई स्टेडियम तक नहीं हैं। उदयपुर-चित्तौड़गढ़ में तो कैंप लगने से पहले ही बच्चों के खाने का भुगतान हो गया। प्रतापगढ़ के जिस स्कूल में टेबल टेनिस का कैंप लगाया, उस स्कूल के पास टेबल तक नहीं था। चित्तौड़गढ़: कैंप में खुद के स्कूल के 30 बच्चे दिखाए, 5 प्रशिक्षक लगाए राउमा विद्यालय पुरोहितों का सावंता में इस साल हैंडबॉल का कैंप बताया। इसमें 32 में से 30 बच्चे खुद के ही स्कूल के दिखाए। कैंप में 5 प्रशिक्षकों की ड्यूटी लगाई, लेकिन चयनित किए बच्चों की लिस्ट पर केवल एक ही प्रशिक्षक के साइन हैं। स्कूल को कैंप देने के डीईओ आदेश का भी कोई डिस्पैच नहीं हैं। कैंप में बच्चों पर 58 हजार, तो शिक्षकों पर 1.70 लाख खर्च आया। प्रतापगढ़: स्कूल के पास संसाधन नहीं फिर भी लगा कैंप, 40 बच्चे दिखाए पिछले साल-2024 में टेबल टेनिस का कैंप राउमावि अमलावद में लगा, जहां 40 बच्चों ने भाग लेना बताया, जबकि स्कूल के पास कोई संसाधन नहीं हैं। टेबल तक गाड़ी वाले को 1200 रुपए किराया देकर दूसरी जगह से लाए। इस साल चित्तौड़िया में वॉलीबॉल कैंप के लिए 5 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई, इसमें भी शारीरिक शिक्षकों की जगह सामान्य शिक्षक लगाए। बच्चों पर 73 हजार, तो शिक्षकों पर करीब 1.50 लाख खर्च हुआ। उदयपुर: 4 जून को कैंप शुरू, 3 जून को ही दे दिया भुगतान का आदेश 2023 और 2024 में पडूना स्कूल में कबड्डी और फुटबॉल का कैंप बताया, जहां मैदान नहीं हैं। इस बार पीएमश्री मावली जंक्शन में हॉकी का कैंप बताया। कैंप 4 जून से शुरू हुआ, लेकिन डीईओ ने 3 जून को ही पूरा खर्चा 37 हजार एजेंसी को भुगतान करने का आदेश दे दिया। सभी 20 बच्चे भी खुद के ही स्कूल के दिखाए। डूंगरपुर: स्कूल में मैदान नहीं, कैंप खत्म होने के बाद खरीदी सामग्री 2024 में लगे सासरपुर स्कूल में हैंडबॉल का कैंप लगना बताया, जबकि स्कूल में मैदान तक नहीं हैं। कैंप 1 जून से शुरू हुआ, पर खेल सामग्री 14 जून को खरीदी गई। इस साल राउमावि बिछीवाड़ा स्कूल में सॉफ्टबॉल का कैंप लगा। ये खेलकूद प्रशिक्षण केवल आवासीय लगने हैं, लेकिन बच्चों का हर दिन किराया उठाया है। अगर इसी तरह कागजों में खेल कैंप लगा रहे हैं, तो गलत है। आप तो इनके कुछ प्रमाण दीजिए, जांच करवा देता हूं, दोषी होंगे तो कार्रवाई होगी। - मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री
तिरुवनंतपुरम. केरलमेंवंदेभारतएक्सप्रेसकीउद्घाटनयात्राकेदौरानस्कूलकेछात्रोंद्वाराराष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ (RSS) कागीतगाएजानेकोलेकररविवारकोएकबड़ाराजनीतिकविवादखड़ाहोगया. मामलाउससमयसुर्खियोंमेंआयाजबकोच्चिकेएकनिजीविद्यालय सरस्वतीविद्यनिकेतनपब्लिकस्कूल केछात्रोंकाएकवीडियोसोशलमीडियापरवायरलहुआ, जिसमेंवे‘गानागीतम’ नामकगीतगारहेथे. इसपरराज्यकेशिक्षामंत्रीऔरमार्क्सवादीकम्युनिस्टपार्टी (CPI-M) केवरिष्ठनेता वी. शिवनकुट्टी नेकड़ीप्रतिक्रियादीऔरतत्कालजांचकेआदेशजारीकरदिए. वीडियोकेसामनेआनेकेबादमंत्रीशिवनकुट्टीनेअपनेआधिकारिकसोशलमीडियाअकाउंटपरलिखाकि“छात्रोंकाउपयोगकिसीराजनीतिकसंगठनकेसाम्प्रदायिकएजेंडाकेलिएकरनासंविधानकेसिद्धांतोंकाखुलाउल्लंघनहै. यहअत्यंतगंभीरमामलाहैऔरइसकीविस्तृतजांचकीजाएगी.” उन्होंनेयहभीचेतावनीदीकियदियहसाबितहुआकिस्कूलप्रशासननेजानबूझकरऐसाकदमउठायाहै, तोसंस्थाकी एनओसी (No Objection Certificate) रद्दकीजासकतीहै. यहघटनाशनिवारकोहुईथी, जबप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेवीडियोकॉन्फ्रेंसिंगकेमाध्यमसे एर्नाकुलम-बेंगलुरुवंदेभारतएक्सप्रेस काशुभारंभकिया. इसअवसरपरकईस्थानीयस्कूलीबच्चेऔरशिक्षकआमंत्रितकिएगएथे. रिपोर्टकेअनुसार, कोच्चिकेसरस्वतीविद्यनिकेतनस्कूलके 20 छात्रऔरदोअध्यापकट्रेनकीउद्घाटनयात्रामेंशामिलहुएथे. कार्यक्रमकेदौरानइनछात्रोंसे RSS केसांस्कृतिककार्यक्रमोंमेंप्रचलितगीत‘गानागीतम’ गवायागया. कार्यक्रमकावीडियोजैसेहीइंटरनेटपरआया, विपक्षीदलोंऔरसामाजिकसंगठनोंनेइसेलेकरतीखीआलोचनाशुरूकरदी. कांग्रेसऔरवामपंथीकार्यकर्ताओंनेआरोपलगायाकि RSS अपनेवैचारिकप्रचारकेलिएशैक्षणिकसंस्थाओंकादुरुपयोगकररहाहै. कांग्रेसकेएकप्रवक्तानेकहा, “वंदेभारतजैसेराष्ट्रीयमहत्वकेकार्यक्रमकोसांप्रदायिकरंगदेनालोकतांत्रिकसंस्थाओंकाअपमानहै. स्कूलोंकाकामबच्चोंमेंसंविधानऔरसमानताकीभावनाजगानाहै, नकिकिसीसंगठनकाएजेंडाफैलाना.” वहीं, कुछभाजपासमर्थकोंऔरदक्षिणपंथीसमूहोंनेसोशलमीडियापरइसविवादको‘अनावश्यकराजनीति’ करारदिया. उनकेअनुसार, ‘गानागीतम’ एकसांस्कृतिकगीतहै, नकिकिसीराजनीतिकयाधार्मिकप्रचारकाहिस्सा. उनकातर्कथाकिछात्रोंनेकेवलसांस्कृतिकप्रस्तुतिदीथी, जिसेराजनीतिकरंगदेनाअनुचितहै. शिक्षामंत्रीवी. शिवनकुट्टीनेहालांकिइसतर्ककोसिरेसेखारिजकरतेहुएकहाकिसरकारीअनुमतिवालेकिसीभीस्कूलकोऐसेविवादास्पदसांस्कृतिकआयोजनोंसेदूररहनाचाहिए. उन्होंनेकहा, “हमारेस्कूलबच्चोंकोवैज्ञानिकऔरधर्मनिरपेक्षसोचसिखानेकेलिएहैं. यदिकोईसंस्थाबच्चोंकोकिसीसंगठनकेविचारोंसेजोड़नेकीकोशिशकरतीहै, तोयहहमारेसंविधानऔरराज्यकीशैक्षणिकनीतिदोनोंकेखिलाफहै.” मंत्रीकेनिर्देशकेबाद जिलाशिक्षाअधिकारी (DEO) कोजांचकाआदेशदेदियागयाहै. उन्हेंएकसप्ताहकेभीतररिपोर्टसौंपनेकेलिएकहागयाहै. शिक्षाविभागयहभीजांचकररहाहैकिक्यास्कूलनेइसकार्यक्रममेंभागलेनेकीपूर्वअनुमतिलीथीयानहीं. राज्यमेंविपक्षीभाजपानेसरकारपर“अनावश्यकदमन” काआरोपलगायाहै. भाजपाप्रवक्तानेकहा, “वंदेभारतट्रेनकाउद्घाटनएकराष्ट्रीयउत्सवथा. छात्रोंनेउत्साहसेगीतगाया, इसमेंकिसीप्रकारकाराजनीतिकसंदेशनहींथा. केरलसरकार RSS केनामपरअंधविरोधकररहीहै.” उन्होंनेयहभीआरोपलगायाकिवामसरकारअपनेवैचारिकमतभेदोंकेकारणस्कूलोंकोडरानेकाकामकररहीहै. इसविवादनेकेरलकेशैक्षणिकसंस्थानोंमेंवैचारिकस्वतंत्रताऔरराजनीतिकप्रभावकेमुद्देकोफिरसेउजागरकरदियाहै. विशेषज्ञोंकाकहनाहैकिराज्यकेकईनिजीस्कूलोंमेंपाठ्यक्रमऔरसह-पाठ्यक्रमगतिविधियोंपरवैचारिकप्रभावलगातारबढ़रहाहै. केरलविश्वविद्यालयकेशिक्षाविभागकेप्रोफेसरके. सुब्रह्मण्यमकाकहनाहै, “शिक्षाकामूलउद्देश्यबच्चोंमेंसमावेशीऔरसंवैधानिकदृष्टिपैदाकरनाहै. यदिउन्हेंकिसीएकविचारधाराकेअनुसारढालाजारहाहै, तोयहलोकतंत्रकेलिएखतराहै.” दूसरीओर, स्कूलप्रशासननेमीडियासेकहाकिछात्रोंनेकेवल“संस्कृतिसेजुड़ागीत” प्रस्तुतकियाथाऔरइसमेंकिसीराजनीतिकमकसदकासवालहीनहींहै. स्कूलकेएकवरिष्ठशिक्षकनेनामनछापनेकीशर्तपरबतायाकि“कार्यक्रमकेआयोजकोंनेहमसेबच्चोंसेकोईदेशभक्तिगीतप्रस्तुतकरनेकोकहाथा. हमनेसोचाकि‘गानागीतम’ एकउपयुक्तविकल्पहैक्योंकियहप्रेरणादायकशब्दोंवालागीतहै. हमेंयहनहींपताथाकिइसे RSS सेजोड़ाजाएगा.” हालांकि, शिक्षाविभागनेइसबयानपरसंदेहजतायाहै. एकअधिकारीनेकहाकि“यदियहसचहैकिस्कूलनेबिनाअनुमतिइसतरहकागीतचुना, तोयहनियमोंकाउल्लंघनहै. औरअगरकिसीबाहरीसंगठननेबच्चोंसेयहगीतगवाया, तोयहऔरभीगंभीरमामलाहै.” राज्यकेविभिन्नशिक्षणसंगठनभीअबइसविवादमेंशामिलहोगएहैं. केरलस्टेटटीचर्सएसोसिएशन (KSTA) नेमांगकीहैकिऐसीघटनाओंकोरोकनेकेलिएसरकारसख्तदिशानिर्देशजारीकरे. वहीं, सोशलमीडियापर #RSSSongControversy और #VandeBharatKerala जैसेहैशटैगट्रेंडकररहेहैं. कुछयूजर्सनेवीडियोसाझाकरतेहुएलिखाकि“बच्चोंकोराजनीतिकएजेंडासेदूररखाजाए”, जबकिकुछअन्यनेलिखाकि“देशभक्तिकागीतगानाअपराधनहींहोनाचाहिए.” राजनीतिकगलियारोंमेंयहविवादअबकेवलएकस्कूलयाकार्यक्रमतकसीमितनहींरहा. यहकेरलकीशिक्षाव्यवस्था, वैचारिकतटस्थताऔरसांप्रदायिकराजनीतिकेबीचकीमहीनरेखापरएकगहरीबहसकोजन्मदेरहाहै. शिक्षामंत्रीवी. शिवनकुट्टीनेअंतमेंकहा, “हमयहसुनिश्चितकरेंगेकिभविष्यमेंकोईभीसंस्थाइसतरहसेछात्रोंकोकिसीसंगठनकेविचारोंकासाधननबनाए. संविधाननेहमेंजोधर्मनिरपेक्षऔरलोकतांत्रिकमूल्यदिएहैं, उन्हेंस्कूलोंमेंसबसेपहलेसिखायाजानाचाहिए.” जांचसमितिअबइसबातकीतहमेंजाएगीकिक्यासरस्वतीविद्यानिकेतनस्कूलनेवास्तवमेंजानबूझकर RSS गीतगवाया, यायहकेवलएकसांस्कृतिककार्यक्रमकीसामान्यप्रस्तुतिथी. लेकिनइसबीच, केरलमेंयहमुद्दाशिक्षाऔरराजनीतिकेटकरावकीनईमिसालबनचुकाहै.
रोहतक के हरियाणा राजकीय शिक्षक कल्याण संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से चंडीगढ़ स्थित निवास पर मिला। उन्होंने मंत्री से ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर ड्राइव जल्द चलाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि ट्रांसफर न होने के कारण 50 हजार शिक्षक प्रभावित हो रहे है। हरियाणा राजकीय शिक्षक कल्याण संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबीर ककराना ने बताया कि हरियाणा सरकार की केबिनेट मंत्री मीटिंग में टीचर ट्रांसफर पॉलिसी पास हो चुकी है। टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को सरकार द्वारा पास करने पर शिक्षकों में खुशी है और जल्द ट्रांसफर ड्राइव शुरू करके शिक्षकों को लाभ देने की मांग की। 2022 के बाद नहीं हुए ट्रांसफर रामबीर ककराना ने बताया कि दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षक नौकरी कर रहे है, जो अपने गृह जिले में सेवाएं देना चाहते है। लेकिन 2022 के बाद ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर नहीं हुए हैं, जिसके कारण लगभग 50 हजार शिक्षक प्रभावित है। उन्होंने कहां- विशेषकर महिला शिक्षक वर्ग परेशानी उठा रही है। जेबीटी वर्ग से प्रिंसिपल वर्ग तक के ट्रांसफर करने की मांग की। जल्द शुरू की जाएगी ट्रांसफर प्रक्रियाशिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने आश्वासन दिया कि शिक्षकों की मांग पर विचार करके जल्द टीचर ट्रांसफर ड्राइव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षक भविष्य की नींव रखते है, उन्हें परेशान होने नहीं दिया जाएगा। जो मांगे उनके सामने रखी गई है, उन्हें पूरा करने का प्रयास रहेगा।
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
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बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

