बालाघाट में डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एकेडमी की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में 82 वॉलीबॉल खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम रविवार को नगर के एक निजी होटल में हुआ। सांसद भारती पारधी, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, नगरपालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर और पूर्व अध्यक्ष रमेश रंगलानी ने खिलाड़ियों को मोमेंटो, शॉल और श्रीफल प्रदान किए। डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एकेडमी के संरक्षक और आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश पाठक की अगुवाई में यह समारोह आयोजित किया गया। एकेडमी अध्यक्ष तपेश असाटी और समाजसेवी संजयसिंह कछवाहा भी मंच पर उपस्थित थे। बालाघाट में वॉलीबॉल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जिले के कई खिलाड़ी पुलिस सहित कई विभागों में कार्यरत हैं। हालांकि, यहां वॉलीबॉल अभ्यास के लिए एक उचित मैदान का अभाव है। वर्तमान में जो स्थान उपलब्ध है, वह मैदान का एक छोटा हिस्सा मात्र है, जहां खिलाड़ी सीमित संसाधनों के बावजूद इस खेल को जीवंत बनाए हुए हैं। समाजसेवी राजेश पाठक ने बालाघाट में वॉलीबॉल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बीड़ा उठाया है। इस पहल की शुरुआत खिलाड़ियों के सम्मान समारोह से हुई, जिसमें जिला, संभाग, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। अगले साल होगी नेशनल प्रतियोगिता इस अवसर पर आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश पाठक ने मांग की कि नगरपालिका खिलाड़ियों के लिए एक अच्छे मैदान के लिए जगह उपलब्ध कराए और सांसद निधि प्रदान कर इसके निर्माण में सहयोग करें। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि 2026 में बालाघाट में वॉलीबॉल की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। पाठक ने बताया कि उनकी संस्था पहले भी हॉकी और कबड्डी की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कर चुकी है। उन्होंने प्रशासन के हेलमेट अभियान का समर्थन करते हुए उपस्थित प्रबुद्धजनों को हेलमेट भेंट किए और उन्हें दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने की अपील की। सांसद भारती पारधी ने आश्वासन दिया कि वे आगामी दिसंबर में बालाघाट आने वाले खेल मंत्री से वॉलीबॉल खेल मैदान के संबंध में चर्चा करेंगी और उनके समक्ष यह मांग रखेंगी। सम्मान समारोह की अन्य तस्वीरें...
जालंधर में 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में पंजाबी सिंगर गुलाब सिद्धू ने अपने प्रदर्शन और विनम्रता से लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने मंच पर और सोशल मीडिया पर अपने विवादित गाने सरपंची को लेकर सार्वजनिक माफी मांगी थी और अब उसको लेकर पंजाब और जालंधर के लोगों का आभार जताया रहूंगा। गुलाब सिद्धू ने कहा कि पंजाब और जालंधर के लोगों ने हमेशा उन्हें बहुत प्यार दिया है और मैं इस समर्थन के लिए आभारी हैं। उन्होंने मंच पर सिद्धू मूसेवाला का गाना गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कलाकार राजबीर जवंदा को याद किया। इसके अलावा, उन्होंने मंच पर गिदा डालने आई लड़कियों के पैर छूकर उनका सम्मान किया, जिससे वहां मौजूद दर्शक भावुक हो उठे। सरपंची गाने पर क्यों हुआ विवाद? बरनाला के निकटवर्ती गांव फरवाही के पंजाबी गायक ने अपने गाने में गांव के चुने हुए सरपंच और गांव के लोगों के बारे में एक गीत गाया था, जो चर्चा का विषय बन गया। इस गीत का बरनाला जिले के गांवों के सरपंचों द्वारा विरोध किया गया। बरनाला जिले से संबंधित गांवों के सरपंच डीसी कार्यालय बरनाला गेट के बाहर एकत्रित हुए और पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की। सरपंचों ने पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गुलाब सिद्धू एक पंजाबी गायक है। सरपंचों की उससे कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन सरपंच एकजुट होकर उसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू ने बीते दिनों जारी अपने पंजाबी गीत में गांव के चुने हुए सरपंच और पूरे गांव को पीटने की धमकी दी है। सरपंचों ने आरोप लगाया कि गायक ने जानबूझकर अपने गाने को प्रसिद्ध करने के लिए यह गीत गाया है। सरपंचों ने जताई थी नाराजगी कुछ सरपंचों ने यह भी आरोप लगाया कि अतिरिक्त प्रसिद्धि पाने और अपना नाम जनता के सामने चमकाने की कोशिश में सरपंचों प्रति टिप्पणी की जा रही है, ताकि वह चर्चा में बने रहे। गांव के सरपंचों ने चेतावनी दी कि जब तक गुलाब सिद्धू सरपंचों की बड़ी सभा में आकर माफी नहीं मांगते, तब तक गांवों में कोई अखाड़ा या कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। गुलाब सिद्धू ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी दूसरी ओर, इस मामले को लेकर गायक गुलाब सिद्धू ने दूसरे दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके माफी मांगी थी। लेकिन गांव के सरपंच इस बात पर अड़े हैं कि गायक गुलाब सिद्धू सरपंचों के बड़े समागम में आकर माफी मांगें और इस गाने को अपने अकाउंट से हटाकर इस गाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएं। गुलाब सिद्धू ने कहा- किसी को ठेस पहुंचाना नहीं चाहता था पोस्ट में सिद्धू ने कहा था कि अगर मेरे गाने के किसी शब्द से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मेरा मकसद सिर्फ संगीत के जरिए समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। सिद्धू ने यह भी कहा था कि वह आगे से लाइव शो में इस गाने के विवादित बोल नहीं गाएंगे, और जल्द ही गाने के उन हिस्सों को हटा या संशोधित किया जाएगा।
चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन (सी.एल.टी.ए.) से सेक्टर-10 स्थित लॉन टेनिस मैदान का नियंत्रण खेल विभाग ने अपने अधीन ले लिया है। विभाग ने मैदान का पूरा कार्यभार संभालते ही खिलाड़ियों की ट्रेनिंग व्यवस्था और फीस संरचना पर चर्चा शुरू कर दी है। खेल विभाग की 10 नवंबर को एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों की फीस कम करने पर फैसला लिया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल खिलाड़ियों से पुरानी फीस के आधार पर ही शुल्क लिया जा रहा है। अगर बैठक में फीस कम करने का निर्णय होता है, तो खिलाड़ियों की फीस एडजस्ट कर दी जाएगी। यानी, टेनिस ट्रेनी खिलाड़ियों को फीस में राहत के लिए अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा। 17 कोच नियुक्त किए खेल विभाग ने मैदान-10 में फिलहाल 17 कोच नियुक्त किए हैं, जो खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इनमें कुछ कोच विभाग द्वारा लगाए गए हैं, जबकि कुछ कोच पहले से सी.एल.टी.ए. में प्रशिक्षण दे रहे थे और कोचिंग प्रमाणपत्र धारक हैं। मैदान की देखभाल और संचालन के लिए 27 कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है, जिनमें माली, स्वीपर, चौकीदार और अन्य स्टाफ शामिल हैं। जल्द बनेगी ‘लॉन टेनिस अकादमी’ खेल विभाग अब शहर में लॉन टेनिस को बढ़ावा देने के लिए विशेष अकादमी शुरू करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, जिस तरह से शहर में फुटबॉल, क्रिकेट और हॉकी की अकादमियां चलाई जा रही हैं, उसी तरह अब लॉन टेनिस अकादमी की भी घोषणा की जाएगी। सी.एल.टी.ए.-10 में बने आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करते हुए विभाग इस अकादमी के तहत खिलाड़ियों का चयन ट्रायल बेसिस पर करेगा। चयनित खिलाड़ियों को विभाग की ओर से विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और पद्मश्री रानी रामपाल आज (रविवार से) जीवन के नए पड़ाव पर कदम रखने जा रही हैं। शाहाबाद के मॉडल टाउन की रहने वाली रानी आज कुरुक्षेत्र के पीपली स्थित पाल प्लाजा पैलेस में सीए पंकज के साथ सात फेरों के बंधन में बंधेंगी। यह अरेंज मैरिज हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न होगी, जिसमें खिलाड़ी, राजनेता और बॉलीवुड हस्तियां शामिल होने की उम्मीद है। रानी के घर में पिछले कई दिनों से शादी की रस्में निभाई जा रही हैं। पिछले हफ्ते रानी और पंकज की रिंग सेरेमनी हुई, जिसमें सिर्फ परिवार और करीबी लोग शामिल थे। रानी ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कीं, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं। दो महीने पहले गुपचुप इंगेजमेंट लगभग दो महीने पहले कुरुक्षेत्र में दोनों की इंगेजमेंट हुई थी। यह समारोह पूरी तरह गोपनीय था, जिसमें सिर्फ दोनों परिवार और कोच बलदेव सिंह शामिल हुए। एक फोटो में रानी, पंकज और कोच की मुस्कराते हुए की फोटो वायरल हुई थी। सीएम से पीएम तक को न्योता रानी ने खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को उनके घर जाकर शादी का कार्ड दिया। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल बेदी भी साथ थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, खेल राज्यमंत्री रक्षा निखिल खड़से समेत कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। कई मेहमान आज कुरुक्षेत्र पहुंच रहे हैं। पिता की बीमारी के बीच खुशी का माहौल परिवार के लिए यह दिन खुशी का है, लेकिन रानी के पिता रामपाल कैंसर से जूझ रहे हैं। इस वजह से माहौल में भावुकता भी है। आज होने वाली इस शादी को लेकर खेल जगत और फैंस में उत्साह है। रानी, जिन्होंने 2010 में सबसे कम उम्र में विश्व कप खेला और भारतीय हॉकी को नई पहचान दी, अब नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रही हैं। जानिए, तांगा चालक की बिटिया की सफलता का सफर... पिता की मेहनत से हॉकी की शुरुआत रानी रामपाल के संघर्ष की कहानी उनके पिता रामपाल की मेहनत के साथ शुरू हुई थी। रानी के पिता रामपाल तांगा चलाया करते थे और अक्सर महिला हॉकी खिलाड़ियों को आते-जाते देखते थे। बस यहीं से पिता के दिल में बेटी को खिलाड़ी बनाने की चाह जाग उठी। उन्होंने अपनी 6 वर्षीय बेटी को हॉकी मैदान में कोच बलदेव सिंह के पास छोड़ दिया। बस यहां से उनके हॉकी करियर की शुरुआत हुई। 14 की उम्र की में इंटरनेशनल डेब्यू रानी रामपाल 14 साल की उम्र में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू करने वालीं सबसे छोटी उम्र की खिलाड़ी हैं। जब वह 15 साल की थीं, 2010 में वह विश्व महिला कप की सबसे छोटी खिलाड़ी थीं। उन्होंने क्वाड्रिलियन टूर्नामेंट में 7 गोल दागकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक गोल दागा था, जिसकी बदौलत भारत ने हॉकी जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीता था। टोक्यो में चौथे स्थान पर रही टीम रानी रामपाल की अगुआई में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो 2020 ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रही थी। ओलिंपिक में टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। रानी रामपाल को अर्जुन व भीम अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। फिलहाल रानी रामपाल गर्वमेंट हॉकी नर्सरी पटियाला में खिलाड़ियों को कोचिंग देती हैं। नहीं हो पाई फिर टीम में वापसी टोक्यो ओलिंपिक के बाद से रानी टीम से बाहर चल रही हैं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद तत्कालीन कोच श्योर्ड मरीन्ये अपने पद से हट गए थे और उनकी जगह यानेक शॉप मैन ने जिम्मेदारी संभाली थी। ऐसा माना जाता है कि यानेक और रानी के बीच रिश्तों सही नहीं थे। उस दौरान रानी रामपाल चोट से भी जूझ रही थीं। इसी वजह से साल 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में 6 मुकाबलों में 18 गोल करने के बावजूद उनकी टीम इंडिया में वापसी नहीं हुई।
सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल:बच्चों ने की मोदी से दिल की बात, कहा- पहले खेल नहीं पाते थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कार्यक्रम सत्य साई संजीवनी अस्पताल में आयोजित हुआ। वहां उन्होंने दिल के मरीजों से ‘दिल की बात’ की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ बच्चों को ‘गिफ्ट ऑफ लाइफ’ के रूप में सर्टिफिकेट और पुरस्कार भी दिया है। इन बच्चों को बचपन से ही दिल की बीमारी थी। कई प्राइवेट अस्पतालों ने उनके इलाज से मना कर दिया था। सत्य साईं अस्पताल में उनका मुफ्त में इलाज हुआ। अब वे बिल्कुल स्वस्थ हैं। ऐसे ही 2500 बच्चों को शनिवार को पीएम मोदी से मुलाकात के लिए बुलाया गया था। रायपुर एयरपोर्ट से पीएम मोदी सत्य साईं अस्पताल पहुंचे। इस दौरान रास्ते भर स्कूली छात्र और स्थानीय लोग उनके स्वागत में खड़े रहे। हॉस्पिटल में पीएम मोदी ने बच्चों से बातचीत की। इस दौरान राज्यपाल रमेन डेका, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सत्य साईं के डायरेक्टर सी श्रीनिवास भी मौजूद रहे। लेकिन शनिवार को एकसाथ 1758 ऐसे बच्चे जुटे, जिनके हार्ट की सर्जरी यहीं हुई थी। इस दौरान अस्पताल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई। आज इन बच्चों से पीएम ने बात की। बच्चों ने बताया कि उनमें कोई कराटे चैंपियन तो कोई क्रिकेटर है। कोई बड़े होकर डॉक्टर तो कोई टीचर बनना चाहते हैं। इस दौरान एक बच्चे कर्तव्य ने पीएम मोदी को अपनी कविता सुनाई है। जानिए...बच्चों और मोदी के बीच क्या हुई बात यूपी, जौनपुर से आए ओम प्रजापति ने बताया कि, मोदी जी से बात करके अच्छा लगा। उन्होंने मेरा नाम पूछा, मेरा क्लास और मेरा गोल पूछा। मैं बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता हूं। अभी भी मैं क्रिकेट खेलता हूं। मैं अभी फर्स्ट क्लास में हूं। मेरा सत्य साईं अस्पताल में 6 महीने पहले ऑपरेशन हुआ है। मैं अभी बिल्कुल अच्छा हूं। बिलासपुर से आई आयुषी सूर्यवंशी ने बताया कि, पिछले साल मेरा ऑपरेशन हुआ। मैं अभी क्लास थर्ड में हूं। मोदी जी ने मुझसे बात की। मैंने उन्हें बताया कि मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं। इसके अलावा उन्होंने मुझसे मेरे खेल के बारे में पूछा, तो मैने उन्हें बताया कि मैं कबड्डी खेलती हूं। मेरे पापा फार्मर हैं, मां टीचर हैं। सागर, एमपी से आई योगिता यादव है। मोदी जी को मैंने बताया कि पिछले साल स्कूल में जांच हुई तब पता चला मेरे दिल में छेद है। इसके बाद मुझे डॉक्टरों ने यहां भेजा। 6 माह पहले सत्य साईं हॉस्पिटल में मेरा आपरेशन हुआ है। अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। मैं हॉकी की चैंपियन हूं। मैंने हॉकी में 5 मेडल हासिल किया है।
दिल्ली का एक लड़का, जिसका सपना था कि वह आर्मी में जाए और देश की सेवा करे। खेल-कूद में भी वह आगे था और अपनी कॉलेज की हॉकी टीम का कप्तान था, लेकिन एक दिन अचानक उसे चोट लग गई और उसके बाद उसका स्पोर्ट्स करियर खत्म हो गया। लेकिन वह जीरो को बहुत खास मानता है, क्योंकि जीरो एक नई शुरुआत होता है। इसके बाद उसने थिएटर में एक्टिंग शुरू की और कुछ सालों में बन गया बॉलीवुड का सुपरस्टार। जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की। आज सुपरस्टार शाहरुख खान के जन्मदिन पर जानते हैं कि उनकी जिंदगी और करियर से हम क्या सीख सकते हैं। दुआ में वो ताकत है, जो जिंदगी बदल सकती है जब शाहरुख 15 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद 1991 में, जब वह 26 साल के थे, उनकी मां भी चल बसीं। शाहरुख खान ने अनुपम खेर के शो में बताया था कि जिस दिन उनकी मां ने आखिरी सांस ली, उस दिन वे दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल की पार्किंग में बैठे दुआ कर रहे थे। किसी ने उन्हें कहा था कि अगर वे लगातार दुआ पढ़ते रहेंगे, तो मां को कुछ नहीं होगा। शाहरुख ने कहा, “मुझे सौ बार दुआ पढ़ने को कहा गया था, लेकिन मैंने सौ से भी ज्यादा बार पढ़ी। मुझे यकीन था कि मेरी दुआ मां को रोक लेगी।” लेकिन तभी डॉक्टर आए और बोले - “आप आईसीयू में जा सकते हैं।” शाहरुख समझ गए कि अब मां की आखिरी घड़ी आ गई है। वे नहीं जाना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर दुआ जारी रखी तो मां बच जाएंगी, लेकिन बहन और परिवार के कहने पर वे अंदर गए। शाहरुख ने आगे कहा था, “मुझे लगता है कि इंसान तब ही दुनिया छोड़ता है, जब वह हर चीज से संतुष्ट हो जाता है क्योंकि अगर ऐसा न हो, तो मां-बाप बच्चों को छोड़ नहीं पाते।” इसलिए उन्होंने मां से कहा - “अगर आप चली गईं तो मैं बहन का ख्याल नहीं रखूंगा, पढ़ाई नहीं करूंगा, कुछ नहीं करूंगा।” वे सोचते रहे कि अगर मां को लगेगा बेटा अब भी अधूरा है, तो शायद वे रुक जाएंगी, लेकिन शायद मां को भरोसा था कि शाहरुख सब संभाल लेंगे। शायद यही दुआ और अधूरी ख्वाहिश थी जिसने शाहरुख खान की जिंदगी को बदल दिया और उन्हें आज वो बना दिया, जिसकी कल्पना शायद उनके मां-बाप ने भी की होगी। प्यार सबसे बड़ी ताकत है, रिस्क लेना पड़े, तो लें शाहरुख खान और गौरी की लव स्टोरी इस बात का प्रमाण है कि प्यार दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है और यह धर्म व सामाजिक दर्जे से कहीं ऊपर है। 1984 में, जब शाहरुख 19 और गौरी 14 साल की थीं, दोनों दिल्ली में एक पार्टी में मिले थे और शाहरुख को पहली नजर में ही गौरी से प्यार हो गया। उनकी प्रेम कहानी में कई मुश्किलें आईं, खासकर धर्म और परिवार की तरफ से विरोध के कारण। एक बार जब गौरी शाहरुख के अत्यधिक पजेसिव व्यवहार से परेशान होकर मुंबई चली गईं, तो शाहरुख उनके पीछे मुंबई चले गए और आखिरकार दोनों ने गोरेगांव बीच पर सुलह कर ली। गौरी के परिवार के सामने शाहरुख 5 साल तक हिंदू बने रहे, लेकिन जब सच सामने आया, तो उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गौरी के परिवार को मनाने के लिए शाहरुख ने कई कोशिशें कीं। इस वजह से दोनों को तीन बार शादी करनी पड़ी पहली शादी कोर्ट मैरिज, दूसरी मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह और तीसरी शादी पंजाबी स्टाइल में। 1991 में दोनों की शादी हुई। आज, शादी के तीन दशकों से भी ज्यादा समय बाद, वे न केवल बॉलीवुड के सबसे मजबूत कपल में से एक हैं, बल्कि एक सफल प्रोडक्शन कंपनी, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, भी चलाते हैं। उनके तीन बच्चे आर्यन खान, सुहाना खान और अबराम खान हैं। शाहरुख के घर में सभी धर्मों का सम्मान है और सभी त्योहार मनाए जाते हैं। छोटे कदम बड़ी मंजिल तक ले जाते हैं शाहरुख के करियर से हम सीख सकते हैं कि जिंदगी में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए शुरुआत छोटे कदमों से करनी पड़ती है और रिस्क लेना जरूरी होता है। शाहरुख ने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल से की। उन्होंने फौजी (1989), दिल दरिया (1988) और सर्कस जैसे टीवी शो में काम किया। इन शो में अपनी दमदार परफॉर्मेंस के बाद ही शाहरुख को फिल्मों के ऑफर मिलने लगे और 1992 में उन्होंने फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में डेब्यू किया। इसके बाद जब वह फिल्मों में आए, तो उन्होंने केवल हीरो की भूमिका के पीछे भागने के बजाय बाजीगर और डर जैसी फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाए और अलग पहचान बनाई। फिल्म डर के समय सनी देओल एक स्टार थे, जबकि शाहरुख नए कलाकार थे। उन्होंने विलेन का किरदार निभाया, लेकिन उनकी शानदार एक्टिंग ने उनके रोल को बेहद लोकप्रिय बना दिया। शाहरुख खान को 1994 में 39वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में फिल्म बाजीगर के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला। उसी साल डर के लिए बेस्ट विलेन के लिए भी नॉमिनेट हुए थे। वहीं, फिल्म अंजाम (1994) लिए उन्हें बेस्ट विलेन का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। अपनी काबिलियत पर भरोसा करो, दुनिया मानेगी जब शाहरुख ने बहुत कम फिल्में की थीं, तब भी उनमें आत्मविश्वास की कमी नहीं थी। शाहरुख ने खुद पत्रकार रजत शर्मा से कहा था कि जैसे आप अपने शो 'आप की अदालत' में राजेश खन्ना को लेकर आए, वैसे ही मुझे भी लेकर आइए। इसके बाद जब रजत शर्मा ने शाहरुख को अपने शो में बुलाने का विचार बनाया तो उनकी प्रोडक्शन टीम झिझक रही थी। टीम का मानना था कि अब तक उन्होंने सिर्फ राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार को बुलाया था और किसी नए कलाकार को बुलाना उनके शो के लेवल के खिलाफ हो सकता है। हालांकि रजत शर्मा ने शाहरुख को अपने शो में बुलाया। शो बहुत शानदार रहा और शाहरुख ने सभी सवालों के जवाब बड़े आत्मविश्वास के साथ दिए। शाहरुख ने बाद में खुद रजत शर्मा को बताया था कि इस इंटरव्यू के बाद अगर उन्हें चाहने वालों की संख्या 5,000 थी, तो वह बढ़कर 5 लाख हो गई। वहीं, करियर की शुरुआत में शाहरुख को उनके लुक्स को लेकर भी जज किया गया। प्रोडयूसर विवेक वासवानी ने बताया था कि जब वे एक फिल्म के सिलसिले में शाहरुख के साथ हेमा मालिनी से मिलने गए थे, तो हेमा ने शाहरुख को “बदसूरत” कहा था। हालांकि उन्होंने शाहरुख को अपनी फिल्म में कास्ट किया था। शाहरुख ने 2024 में लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में बताया था कि एक डायरेक्टर ने उनसे कहा था, “तुम्हारी सबसे आकर्षक बात ये है कि तुम बहुत बदसूरत हो। बाकी सारे हीरो स्विस चॉकलेट जैसे दिखते हैं।” शाहरुख ने जवाब दिया था, “अगर मैं बदसूरत हूं, तो मैं विलेन के रोल करूंगा।” इसके बाद उन्होंने डर जैसी फिल्मों में ग्रे और नेगेटिव किरदार निभाए, लेकिन उनकी एक्टिंग इतनी दमदार रही कि यश चोपड़ा जैसे फिल्ममेकर ने कहा - “तुम बुरे नहीं लगते, तुम्हें एक लव स्टोरी करनी चाहिए।” इसके बाद दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे आई और शाहरुख रोमांस में भी छा गए। आज शाहरुख खान अपनी करिश्माई पर्सनैलिटी और आत्मविश्वास के लिए जाने जाते हैं। उनकी जर्नी साबित करती है कि अगर आप खुद पर भरोसा रखें, तो लोग क्या सोचते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता। औकात से बड़ा सोचो तो, सब मिलेगा शाहरुख खान की जिंदगी में एक चीज साफ है कि उन्होंने हमेशा औकात से बड़ा सोचो का सिद्धांत अपनाया है। शाहरुख ने 1997 में अपनी फिल्म यस बॉस की शूटिंग के दौरान मन्नत को पहली बार देखा। उस समय यह बंगला ‘विला वियना’ के नाम से जाना जाता था। समुद्र के किनारे खड़ा यह बंगला उनकी नजर में बिल्कुल सपनों जैसा था। हालांकि चुनौती यह थी कि एक सक्सेस एक्टर होने के बावजूद शाहरुख के पास इतने बड़े घर को खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। फिर भी उन्होंने सोचा कि अगर वह यह अवसर खो देंगे, तो जीवन में हमेशा कमी का एहसास रहेगा। शाहरुख ने यह बंगला गौरी के जन्मदिन पर उन्हें गिफ्ट किया था। हालांकि इसे खरीदना आसान नहीं था। 2001 में, जब उन्हें यह बंगला खरीदने का मौका मिला, उन्होंने हिम्मत दिखाई और अपने सपने को सच करने का फैसला लिया। शाहरुख की करीबी शबीना खान ने अपने आर्टिकल ‘द एसआरके स्टोरी’ में लिखा था कि जब शाहरुख ने ‘मन्नत’ खरीदा, तब उनके पास केवल 2 करोड़ रुपए थे, जबकि बंगले की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए थी। बाकी पैसे उन्होंने लोन लेकर दिए। लेकिन अब समस्या थी घर को सजाना। उन्होंने एक इंटीरियर डिजाइनर से संपर्क किया, लेकिन उसकी फीस इतनी ज्यादा थी। जिसके चलते शाहरुख ने गौरी से कहा कि वे खुद ही घर का इंटीरियर डिजाइन करें। गौरी ने यह चुनौती स्वीकार की और घर के हर कोने में अपनी कला का जादू बिखेर दिया। आज शाहरुख के घर मन्नत की कीमत 200 करोड़ रुपए से भी अधिक है। बदलते दौर के साथ तालमेल बिठाने के लिए बदलाव जरूरी शाहरुख खान टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं। साथ वे किसी भी नए बदलाव को अपनाने में विश्वास रखते हैं। 1996 में, आमिर खान को शाहरुख ने उन्हें एक लैपटॉप खरीदने के लिए प्रेरित किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने आमिर को एक लैपटॉप गिफ्ट किया और उसे खुद सेटअप करके भी दिया था। वहीं, एक सक्सेस एक्टर होने के बाद भी, 2002 में उन्होंने अपनी पत्नी गौरी खान के साथ रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की स्थापना की। यह कंपनी सिर्फ फिल्मों का प्रोडक्शन ही नहीं करती, बल्कि डिस्ट्रीब्यूशन, मार्केटिंग और VFX जैसी तकनीकी सेवाएं भी प्रदान करती है। इसके अलावा, शाहरुख ने 2008 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) टीम खरीदी और इसके बाद क्रिकेट की अन्य लीगों में भी निवेश किया, जैसे कैरिबियन प्रीमियर लीग की ट्रिनबागो नाइट राइडर्स और अबू धाबी नाइट राइडर्स। परिवार सबसे पहले, बाकी सब बाद में आता है शाहरुख खान के लिए परिवार हमेशा प्राथमिकता रहा है। वो पहले फिल्मों में काम नहीं करना चाहते थे, लेकिन मां के निधन के बाद वो खुद फिल्म प्रोड्यूसर विवेक वासवानी के पास गए और बोले, “मैं आपके साथ फिल्म करूंगा।” इस पर वासवानी ने कहा, “आप तो फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे।” जिस पर शाहरुख ने कहा था, “अब मुझे फिल्में करनी हैं, क्योंकि यह मेरी मां का सपना था कि मैं सुपरस्टार बनूं। अब मैं उनके सपने को पूरा करने के लिए फिल्में करना चाहता हूं।” उन्होंने अपने करियर के शुरुआती संघर्ष और सुपरस्टार बनने के बाद भी परिवार को कभी पीछे नहीं छोड़ा। करियर की बिल्कुल शुरुआत में ही उन्होंने 1991 में गौरी खान से शादी की और हमेशा उन्हें अपनी ताकत बताया। शाहरुख ने कहा था कि अगर उन्हें करियर और गौरी में से किसी एक को चुनना पड़े, तो वह गौरी को चुनेंगे। अपने बच्चों आर्यन, सुहाना और अबराम के साथ उनका दोस्ताना रिश्ता है। माता-पिता के निधन के बाद उन्होंने अपनी बहन शहनाज की जिम्मेदारी संभाली और आज भी वह उनके साथ ‘मन्नत’ में रहती हैं। उम्र सिर्फ एक नंबर है, जज्बा असली ताकत है साल 2023 में शाहरुख खान ने 57 साल से अधिक की उम्र में भी अपनी फिटनेस, ऊर्जा और एक्शन-हीरो की छवि से यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। पठान के लिए शाहरुख ने खतरनाक स्टंट्स के साथ-साथ एक शानदार फिजिक भी बनाए, जिसके लिए उन्होंने दो साल तक कड़ी मेहनत और डाइट का पालन किया। उनकी इस ट्रांसफॉर्मेशन ने उनके एक्शन अवतार को और भी विश्वसनीय बना दिया। हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं शाहरुख खान की जिंदगी और करियर इस बात का सबूत हैं कि हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं। साल 2014 के बाद उनका सफर आसान नहीं रहा। फैन (2016) और जब हैरी मेट सेजल (2017) जैसी फिल्मों से उन्हें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। सबसे बड़ा झटका 2018 की फिल्म जीरो से लगा, 200 करोड़ रुपए की बजट वाली फिल्म ने 191.43 करोड़ रुपए कमाए थे। जिसके बाद शाहरुख ने फिल्मों से ब्रेक लेने का फैसला किया। लेकिन जैसा कि हमेशा कहा जाता है, असली खिलाड़ी वही होता है जो गिरकर भी उठता है और शाहरुख ने यह कर दिखाया। चार साल बाद, 2023 में उन्होंने तीन फिल्मों के साथ शानदार वापसी की। साल की शुरुआत पठान से हुई, जिसने 1,050 करोड़ रुपए की कमाई कर बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े और शाहरुख को फिर से 'एक्शन हीरो' के रूप में स्थापित किया। इसके बाद जवान आई, जिसने पठान से भी ज्यादा सफलता हासिल की और ग्लोबल बॉक्स ऑफिस पर 1,148 से1,160 करोड़ रुपए तक कमाए। साल के अंत में डंकी ने भी लगभग 470.6 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की। चार साल के ब्रेक के बाद, जब कई लोगों ने उनकी वापसी को लेकर संदेह जताया, तब उन्होंने पठान और जवान जैसी लगातार दो ब्लॉकबस्टर फिल्में देकर आलोचकों को चुप करा दिया। नेगेटिव लोगों को जवाब शांत दिमाग से देना चाहिए शाहरुख खान को बॉलीवुड का बादशाह सिर्फ उनकी एक्टिंग की वजह से नहीं कहा जाता, बल्कि उनकी पर्सनैलिटी की वजह से भी कहा जाता है। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है। उनसे सीखा जा सकता है कि नेगेटिव लोगों को कैसे हैंडल करना चाहिए। इसका उदाहरण साल 2016 की एक घटना है, जब TVF की टीम के साथ एक लाइव सेशन के दौरान एक यूजर ने मजाक या नफरत में शाहरुख को “छक्का” कह दिया। ज्यादातर लोग ऐसी स्थिति में नाराज हो जाते या जवाब देने से बचते, लेकिन शाहरुख ने खुद वह कमेंट पढ़ा और मुस्कुराते हुए जवाब दिया — “मैं इतना बड़ा हूं कि चौक्का तो नहीं हो सकता, न सिंगल हूं मेरे दोस्त, छक्का ही मारूंगा!” शाहरुख के इस जवाब के बाद, बगल में बैठे एक्टर जीतेन्द्र कुमार और एक्ट्रेस निधि बिष्ट भी उनका जवाब सुनकर तालियां बजाने लगे। जो बदलना चाहता है, उसके लिए हर वक्त सही है अपने 59वें जन्मदिन पर शाहरुख खान ने घोषणा की थी कि उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी है। शाहरुख ने कहा था कि एक अच्छी बात यह है कि अब वह स्मोकिंग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी उन्हें सांस फूलने की दिक्कत होती है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि समय के साथ यह भी ठीक हो जाएगा। शाहरुख ने साफ कहा था कि वह धूम्रपान छोड़ने पर किसी के लिए रोल मॉडल नहीं बनना चाहते। यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने बताया था कि उन्होंने करीब 30 साल तक बहुत ज्यादा स्मोकिंग की है। वह एक दिन में 100 सिगरेट और 30 कप ब्लैक कॉफी पीने की बात भी पहले स्वीकार कर चुके हैं। अंत में बस यही कहेंगे — शाहरुख खान का सफर दिल्ली के एक लड़के के रूप में शुरू हुआ था और आज वह न केवल देश बल्कि दुनिया के सबसे बड़े फैनबेस और स्टार फॉलोइंग वाले कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' भारतीय सिनेमा की सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्म बनी, और 'जवान' हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है। शाहरुख को फिल्मफेयर, पद्मश्री और नेशनल अवॉर्ड जैसे कई सम्मान मिले हैं। जिस शाहरुख को कभी पहली कमाई के रूप में 50 रुपए मिले थे, वही आज दुनिया के सबसे अमीर एक्टर हैं। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, शाहरुख की कुल संपत्ति 1.4 बिलियन डॉलर (लगभग 12,490 करोड़ रुपए) है। उनके पीछे आर्नोल्ड, टेलर स्विफ्ट, सेलेना गोमेज और टॉम क्रूज जैसे कई मशहूर सेलेब्स हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है - स्टार जन्म से नहीं बनते, वे अपने संघर्ष, साहस और जज्बे से बनते हैं। .......................... बॉलीवुड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... रवीना टंडन@51, फिल्मों में नहीं किया किस सीन:शादी से पहले रखी शर्त, बेटियों को गोद लेने पर हुई आलोचना; जानें एक्ट्रेस के बड़े फैसले ‘मस्त मस्त गर्ल’ के नाम से मशहूर रवीना टंडन न सिर्फ अपनी एक्टिंग बल्कि बेबाक अंदाज के लिए भी जानी जाती हैं। पहली ही फिल्म पत्थर के फूल से एक्ट्रेस को हिंदी सिनेमा में अलग पहचान मिल गई थी, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों और शर्तों पर ही काम किया। पूरी खबर यहां पढ़ें...
भारतीय हॉकी की शताब्दी पर देशभर में जश्न की तैयारी, बारां में 7 नवंबर को होगा विशेष हॉकी मैच
भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने पर 7 नवंबर को देशभर में शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। बारां में खेल संकुल में विशेष हॉकी मैच आयोजित होगा, जिसमें स्थानीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। यह आयोजन भारतीय हॉकी की गौरवगाथा और उसके पुनर्जागरण को सलाम करेगा।
जालंधर में चन रहे 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला इंडियन ऑयल मुंबई और इंडियन रेलवे दिल्ली के बीच खेला जाएगा। यह फाइनल मुकाबला ओलंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम, जालंधर में शाम 7 बजे होगा। सेमीफाइनल मुकाबलों में इंडियन रेलवे दिल्ली ने इंडियन नेवी मुंबई को 2-1 से हराया, जबकि इंडियन ऑयल मुंबई ने भारत पेट्रोलियम मुंबई को 2-1 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई। इंडियन रेलवे दिल्ली की टीम पांचवीं बार फाइनल में पहुंची है, जबकि इंडियन ऑयल मुंबई 14वीं बार फाइनल में उतरेगी। इस मुकाबले में मुख्य मेहमान पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा विजेता टीमों को इनाम बांटने के लिए पहुंच रहे है। पहले सेमीफाइनल में इंडियन रेलवे और इंडियन नेवी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। खेल के 13वें मिनट में इंडियन रेलवे के गुरसाहिबजीत सिंह ने फील्ड गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। हाफ टाइम तक स्कोर 2-0 रहा। निर्धारित समय तक इंडियन नेवी एक गोल ही कर सकी और मुकाबला 2-1 से रेलवे के नाम रहा। दूसरे सेमीफाइनल में गत विजेता इंडियन ऑयल मुंबई ने शानदार प्रदर्शन किया। खेल के 17वें मिनट में गुरजिंदर सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर टीम को बढ़त दिलाई। 53वें मिनट में तलविंदर सिंह ने एक और गोल कर स्कोर 2-1 कर दिया। इस जीत के साथ इंडियन ऑयल ने लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। आज के मैचों के मुख्य मेहमान पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री महिंदर भगत और जालंधर पुलिस की आईपीएस कमिश्नर धनप्रीत कौर थे। फाइनल मुकाबले में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान करेंगे।विजेता टीम को 5.51 लाख रुपये नकद पुरस्कार और ट्रॉफी (प्रायोजक: गाखल ब्रदर्स, यूएसए) दी जाएगी, जबकि उपविजेता टीम को 2.51 लाख रुपये नकद पुरस्कार और ट्रॉफी मिलेगी। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढ़ी, डिप्टी कमिश्नर जालंधर हिमांशु अग्रवाल, कैम गिल (अमेरिका), संजय कोहली, रंजीत सिंह टुट, ओलंपियन रजिंदर सिंह सीनियर, सुदेश कुमार (पूर्व डीजीपी केरल पुलिस), लखविंदर पाल सिंह खैरा, इकबाल सिंह संधू, सुरिंदर सिंह भापा, गुरविंदर सिंह गुल्लू, राम प्रताप, प्रोफेसर कृपाल सिंह मठारू, एल.आर. नायर, कुलविंदर थिआड़ा, नितिन महाजन (अल्फा), बलविंदर सिंह, करनदीप सिंह, दलजीत सिंह (आईआरएस), गुनीप सिंह कपूर, जतिन महाजन (अल्फा), आत्म प्रकाश बबलू, सुखविंदर सिंह चोहला, वरिंदरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, सुरिंदर सिंह, गौरव अग्रवाल, बलजीत सिंह (ओलंपियन सुरजीत सिंह के बड़े भाई), हरिंदर संधा, गुरिंदर संधा, रणबीर टुट, नरिंदर पाल सिंह जज, नथा सिंह गाखल और गौरव महाजन विशेष रूप से उपस्थित थे।
रांची रेल मंडल: एकता की ली शपथ
रांची|लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर रांची रेल मंडल में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर से सुबह एकता दौड़ डीआरएम करुणा निधि सिंह के नेतृत्व में निकाली गई। इसमें अधिकारियों, कर्मचािरयों, खिलाड़ियों और रेल सुरक्षा बल के जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह दौड़ मंडल कार्यालय परिसर से शुरू होकर हटिया रेलवे स्टेशन, कोचिंग डिपो, हटिया रेलवे कॉलोनी, एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम होते हुए मंडल कार्यालय परिसर में संपन्न हुई। इसके बाद सभी ने राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ ली। अपर मंडल रेल प्रबंधक हेमराज मीना, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजू तिर्की, सीनियर डीसीएम शुचि सिंह व अन्य मौजूद थे।
भारतीय हॉकी के 100 साल : शहर में 7 नवंबर को शो मैचों से होगा जश्न
उदयपुर| भारतीय हॉकी की 100 साल की गौरवशाली यात्रा का उत्सव देशभर में 7 नवंबर को मनाया जाएगा। 1925 में भारतीय हॉकी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एफआईएच से संबद्ध होने से शुरू हुई यह यात्रा ओलंपिक में 8 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य पदकों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से जगमगा उठी। हॉकी इंडिया इस अवसर पर देश के 500 से अधिक जिलों में उत्सव मना रही है। इसी दिन हॉकी राजस्थान के निर्देशन में हॉकी उदयपुर की ओर से महिला एवं पुरुष वर्ग के प्रदर्शन मैचों होंगे। महिला वर्ग में रानी रामपाल इलेवन बनाम वंदना कटारिया इलेवन और पुरुष वर्ग में पी.आर. श्रीजेश इलेवन बनाम हरमनप्रीत इलेवन आमने-सामने होंगे। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा कि यह शताब्दी भारतीय हॉकी की आत्मा, नायकों और पुनर्जागरण की यात्रा का प्रतीक है, जबकि महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि यह उत्सव हर खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक के लिए समर्पित है। समारोह की तैयारी पूरी कर ली गई है।
एसपीएसयू : 12वां दीक्षांत संपन्न, 331 स्नातकों, अधि स्नातकों को दी डिग्री
उदयपुर| सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। समारोह में इंजीनियरिंग और प्रबंधन संकाय के 331 स्नातकों, अधि स्नातकों और पीएचडी छात्रों को डिग्री दी गई। राज्यपाल ने शैक्षणिक उत्कृष्टता, नवाचार और मूल्य-आधारित शिक्षा के प्रति एसपीएसयू की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को बधाई दी। अध्यक्षता विवि के अध्यक्ष डॉ. निधिपति सिंघानिया ने की। मुख्य अतिथि सेड्रिक डिसूजा हॉकी कोच, मनोज सिंघल उद्योगपति, अर्चना पूरन सिंह अभिनेत्री थी। इस अवसर पर सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। डॉ. राघवपत सिंघानिया प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट, माधवकृष्ण सिंघानिया संयुक्त प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट, अजय कुमार सराओगी उप प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट भी मौजूद रहे।
7 बार की चैंपियन पंजाब पुलिस को इंडियन ऑयल ने पेनल्टी शूटआउट में 8-7 से हराकर बाहर किया
ओलिंपियन हरमनप्रीत सिंह 6 गोल के साथ टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर भास्कर न्यूज | जालंधर इंडियन ऑयल मुंबई और भारत पेट्रोलियम मुंबई की टीमें 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच गईं। ओलिंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में वीरवार को क्वार्टर फाइनल मैच खेले गए। अब शुक्रवार को पहले सेमीफाइनल में इंडियन रेलवे दिल्ली और इंडियन नेवी मुंबई की टीमें आमने-सामने होंगी। जबकि दूसरे सेमीफाइनल में भारत पेट्रोलियम मुंबई का सामना इंडियन ऑयल मुंबई से होगा। इस समय टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर ओलिंपियन हरमनप्रीत सिंह है, जिन्होंने 6 गोल किए। हालांकि पंजाब पुलिस की टीम अब बाहर हो चुकी है। पहला क्वार्टर फाइनल भारत पेट्रोलियम मुंबई और आर्मी इलेवन दिल्ली के बीच खेला गया। हाफ टाइम तक दोनों टीमें बराबरी पर थीं। हाफ टाइम के बाद, चौथे क्वार्टर के 48वें मिनट में आर्मी के आतिश डोडरी ने पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर स्कोर 1-0 कर दिया। 50वें मिनट में भारत पेट्रोलियम के शाहरुख अली ने फील्ड गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। निर्धारित समय की समाप्ति तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं। भारत पेट्रोलियम मुंबई ने पेनल्टी शूटआउट 3-0 से जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। दूसरा क्वार्टर फाइनल मुकाबला पंजाब पुलिस जालंधर और पिछले साल की विजेता इंडियन ऑयल मुंबई के बीच खेला गया। खेल के दूसरे और सातवें मिनट में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दोनों पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर पंजाब पुलिस को 2-0 से आगे कर दिया। हाफ टाइम तक पंजाब पुलिस 2-0 से आगे थी। खेल के 31वें मिनट में इंडियन ऑयल के सुनील यादव ने पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर स्कोर 1-2 कर दिया। खेल के 35वें मिनट में इंडियन ऑयल के गुरजिंदर सिंह 52वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर स्कोर 3-3 कर दिया। खेल के अगले ही मिनट में इंडियन ऑयल के तलविंदर सिंह ने गोल कर स्कोर 4-3 कर दिया। खेल के आखिरी मिनट में ओलंपियन हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 4-4 कर दिया और मैच बराबरी पर आ गया। पेनल्टी शूटआउट में इंडियन ऑयल मुंबई ने पंजाब पुलिस जालंधर को 4-3 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। पंजाब पुलिस की टीम वर्ष 1985, 1986, 1993, 1995, 1997, 2000, 2017 में चैंपियन बनी जबकि 1996, 2001, 2004 में रनर अप रही थी। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में रमणीक रंधावा चेयरमैन जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सर्बजीत सिंह समरा, प्रवीण सचदेवा, बलबीर राज आरटीए थे, जिन्होंने टीमों का परिचय कराया। लखविंदर पाल खैरा, इकबाल संधू, सुरिंदर भापा, गुरविंदर गुल्लू, राम प्रताप, प्रो. किरपाल सिंह मथारू, दलजीत सिंह आईआरएस, गुनदीप सिंह कपूर, जतिन महाजन (अल्फा) आतम प्रकाश बब्लू, सुखविंदर सिंह चोहला, वरिंदरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, सुरिंदर सिंह, गौरव अग्रवाल, बलजीत सिंह ओलिंपियन, सुरजीत सिंह के बड़े भाई हरिंदर संघा, गुरिंदर संघा, रणबीर टुट, नरिंदर पाल सिंह जज, नत्था सिंह गाखल, गौरव महाजन विशेष रूप से उपस्थित थे। आज के सेमीफाइनल {भारतीय नौसेना मुंबई बनाम भारतीय रेलवे दिल्ली - शाम 5:30 बजे। { भारत पेट्रोलियम मुंबई बनाम इंडियन ऑयल मुंबई - शाम 7:00 बजे।
पूर्व इंडियन हॉकी कैप्टन रानी रामपाल के घर उनकी ग्रैंड शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। रानी की शादी में उनके परिवार के लोग अपने रीति-रिवाज और रस्में पूरी करने में लगे हैं। घर में श्री अखंड पाठ साहिब रखा गया है। शाहाबाद के मॉडल टाउन की रहने वालीं पद्मश्री रानी रामपाल अगले महीने 2 नवंबर को कुरुक्षेत्र के CA पंकज संग शादी के बंधन में बधेंगी। वे कुरुक्षेत्र के पिपली में स्थित पैलेस में अरेंज मैरिज करेंगी। हालांकि, परिवार के लिए थोड़ी-सी चिंता बनी हुई। रानी के पिता रामपाल कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। पिछले हफ्ते हुई रिंग सेरेमनी पिछले हफ्ते रानी रामपाल ने CA पंकज के साथ रिंग सेरेमनी की। जिसमें सिर्फ उनके परिवार और करीब लोग शामिल रहे। रानी ने अपनी रिंग सेरेमनी की फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की। इसमें दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं। सीएम से पीएम तक काे न्योता रानी रामपाल की शादी में खिलाड़ी, राजनेता से लेकर बॉलीवुड तक के कलाकारों को न्योता दिया गया है। रानी ने सीएम नायब सैनी को खुद उनके आवास पर जाकर शादी का कार्ड दिया है। इसमें उनके साथ कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी भी साथ थे। उनकी शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, युवक कल्याण व क्रीड़ा मंत्रालय केंद्रीय राज्यमंत्री रक्षा निखिल खडसे समेत कई हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। 2 महीने पहले हुई इंगेजमेंट करीब 2 महीने पहले रानी रामपाल ने कुरुक्षेत्र के पंकज के साथ इंगेजमेंट की थी। यह इंगेजमेंट बिल्कुल गुपचुप तरीके से कुरुक्षेत्र में संपन्न हुई। इसमें दोनों परिवार के अलावा कोच बलदेव सिंह भी शामिल हुए थे। इसकी एक फोटो में रानी के साथ उनके मंगेतर पंकज और कोच बलदेव सिंह नजर आ रहे हैं। यहां जानिए तांगा चालक की बिटिया की सफलता का सफर... पिता की मेहनत से हॉकी की शुरुआत रानी रामपाल के संघर्ष की कहानी उनके पिता की मेहनत के साथ शुरू हुई थी। रानी के पिता तांगा चलाया करते थे और अक्सर महिला हॉकी खिलाड़ियों को आते-जाते देखते थे। बस यहीं से पिता के दिल में बेटी को खिलाड़ी बनाने की चाह जाग उठी। उन्होंने अपनी 6 वर्षीय बेटी को हॉकी मैदान में कोच बलदेव सिंह के पास छोड़ दिया। बस यहां से उनके हॉकी करियर की शुरुआत हुई। 14 की उम्र की में इंटरनेशनल डेब्यू रानी रामपाल 14 साल की उम्र में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू करने वालीं सबसे छोटी उम्र की खिलाड़ी हैं। जब वह 15 साल की थीं, 2010 में वह विश्व महिला कप की सबसे छोटी खिलाड़ी थीं। उन्होंने क्वाड्रिलियन टूर्नामेंट में 7 गोल दागकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक गोल दागा था, जिसकी बदौलत भारत ने हॉकी जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक जीता था। टोक्यो में चौथे स्थान पर रही टीम रानी रामपाल की अगुआई में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो 2020 ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रही थी। ओलिंपिक में टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। रानी रामपाल को अर्जुन व भीम अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। फिलहाल रानी रामपाल गर्वमेंट हॉकी नर्सरी पटियाला में खिलाड़ियों को कोचिंग देती हैं। नहीं हो पाई फिर टीम में वापसी टोक्यो ओलिंपिक के बाद से रानी टीम से बाहर चल रही हैं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद तत्कालीन कोच श्योर्ड मरीन्ये अपने पद से हट गए थे और उनकी जगह यानेक शॉपमैन ने जिम्मेदारी संभाली थी। ऐसा माना जाता है कि यानेक और रानी के बीच रिश्तों सही नहीं थे। उस दौरान रानी रामपाल चोट से भी जूझ रही थीं। इसी वजह से साल 2022 में गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में 6 मुकाबलों में 18 गोल करने के बावजूद उनकी टीम इंडिया में वापसी नहीं हुई।
क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं इंडियन नेवी मुंबई और भारत पेट्रोलियम की टीमें
भास्कर न्यूज | जालंधर` भारत पेट्रोलियम मुंबई ने सीएजी दिल्ली को 2-0 से और इंडियन नेवी ने इंडियन ऑयल मुंबई को 2-1 के अंतर से हराकर 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। लीग राउंड के आखिरी दो मैच टूर्नामेंट के छठे दिन ओलिंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में खेले गए। पहला लीग मैच पूल-सी में भारत पेट्रोलियम मुंबई और सीएजी दिल्ली के बीच खेला गया। भारत पेट्रोलियम के लिए परमवीर सिंह ने 19वें मिनट में गोल करके स्कोर 1-0 कर दिया। भारत पेट्रोलियम के शाहरुख अली ने 27वें मिनट में गोल करके स्कोर 2-0 कर मैच जीत लिया। भारत पेट्रोलियम ने यह मैच जीतकर तीन अंक हासिल कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। दूसरा लीग मैच पूल-ए में पूर्व चैंपियन इंडियन ऑयल मुंबई और इंडियन नेवी मुंबई के बीच खेला गया। खेल के तीसरे क्वार्टर के 45वें मिनट में इंडियन ऑयल के अफ्फान यूसुफ ने पेनल्टी कॉर्नर के जरिए गोल कर स्कोर 1-0 कर दिया। खेल के चौथे क्वार्टर के 49वें मिनट में सुशील धनवार ने पेनल्टी स्ट्रोक के जरिए गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। खेल के अंतिम मिनट में इंडियन नेवी मुंबई के के सिल्वा राज ने गोल कर स्कोर 2-1 कर दिया और मैच जीतकर दो मैचों के बाद 6 अंकों के साथ लीग राउंड में पहला स्थान हासिल किया, जबकि इंडियन ऑयल ने लीग राउंड के दो मैचों के बाद तीन अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल कर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में ओलिंपियन सुरिंदर सिंह सोढी पहुंचे जिन्होंने खिलाड़ियों से मुलाकात की। यहां लखविंदर पाल सिंह खैरा, इकबाल सिंह संधू, सुरिंदर सिंह भापा, गुरविंदर सिंह गुल्लू, राम प्रताप, प्रो. किरपाल सिंह मथारू, एलआर नैय्यर, कुलविंदर थियारा, अवतार सिंह, सुरिंदर सिंह, गौरव अग्रवाल, बलजीत सिंह, हरिंदर संघा, गुरिंदर संघा उपस्थित थे।
अलवर में ससुराल नहीं जाने पर पति ने सास पर मिर्च पाउडर फेंक दिया। 10-15 बदमाशों के साथ आए पति ने सास और साली पर हॉकी स्टिक से हमला भी किया। वहीं आरोपी पति अपनी पत्नी को जबरदस्ती उठा ले गया। मामला अलवर के बख्तल की चौकी क्षेत्र स्थित कमला कॉलोनी का है। सोमवार देर शाम हुई घटना के बाद पीड़ितों ने मंगलवार को पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। 10-15 बदमाशों के साथ घर में घुसा आरोपी पतिअलवर शहर के उद्योग नगर थाना पुलिस ने बताया कि पीहर आई पत्नी चंदना को ससुराल वापस ले जाने के लिए मुंडावर निवासी पति बबलू सोमवार देर शाम आया। उसके साथ 10 से 15 नकाबपोश बदमाश भी थे। सभी घर में घुस गए। आरोपी बबलू ने अपनी सास पर मिर्च पाउडर फेंक दिया। वहीं बदमाशों ने सास और साली पर हॉकी स्टिक से हमला कर दिया। इसमें सास मंजू देवी के हाथ-पैरों में चोट आई। मंजू देवी की बेटी दर्शना की अंगुली टूट गई। इसके बाद आरोपी अपनी पत्नी चंदना को जबरदस्ती घर से उठा ले गया। पत्नी का आरोप- नशा करके मारपीट करता है आरोपी पतिपीड़िता मंजू देवी विधवा हैं। मंजू देवी ने बताया कि उनकी बेटी चंदना दीपावली से पहले ससुराल मुंडावर से पीहर आई थी। चंदना अपने पति बबलू के पास वापस नहीं जाना चाहती थी। चंदना का आरोप है कि बबलू नशा करता है। आए दिन उसके साथ मारपीट करता है। मंजू देवी ने बताया कि सोमवार को रात नौ बजे बबलू 10–15 लोगों के साथ आया। जब घरवालों ने दरवाजा नहीं खोला तो सभी जबरन अंदर घुस गए। बबलू ने मंजू देवी की आंखों में मिर्च डाल दी, जिससे उन्हें कुछ दिखाई नहीं दिया। इसके बाद आरोपियों ने हमला कर दिया और चंदना को जबरदस्ती उठा ले गए। घटना के बाद परिजनों ने रात में ही 112 नंबर पर सूचना दी। मंगलवार सुबह पीड़ित परिवार ने उद्योग नगर थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मारपीट, अपहरण और घर में घुसपैठ की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह खबर भी पढ़ें : सस्ती देसी शराब को अंग्रेजी ब्रांड की बोतलों में बेचता,गिरफ्तार:अलग-अलग ब्रांड की बोतलों में डालकर बेचने का कई महीने से चल रहा था अवैध धंधा अलवर में देसी शराब को अंग्रेजी ब्रांड की बोतल में डालकर नए ढक्कन लगा बेचने का मामला सामने आया है। आरोपी अंग्रेजी शराब के अलग-अलग ब्रांड की बोतलों में देसी शराब मिलाने का काम कई महीने से कर रहा था। (पूरी खबर पढ़ें)
हॉकी प्रतियोगिता में हरसानी विजेता
भास्कर न्यूज |बाड़मेर विद्या भारती विद्यालय आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक हरसानी ने क्षेत्र स्तरीय 17 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। खेल प्रमुख घनश्याम सैन ने बताया कि हरसानी की टीम ने जोधपुर प्रांत का प्रतिनिधित्व करते हुए फाइनल मुकाबले में चित्तौड़ प्रांत को हराकर अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया है। वहीं 14 वर्षीय हॉकी प्रतियोगिता में हरसानी की टीम ने द्वितीय स्थान हासिल किया। 17 वर्षीय हॉकी टीम अब आगामी राष्ट्रीय स्तर की अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता में मथुरा उत्तर प्रदेश में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करेगी। टीम के प्रभारी तगाराम, हाथीसिंह और ओमप्रकाश ने खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। विद्यालय परिवार और स्थानीय खेल प्रेमियों ने भी टीम की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
जहीर खान और उनकी पत्नी सागरिका घाटगे ने ‘Akutee’ ब्रांड की शुरुआत की
बेंगलुरु। पल्लू, दुपट्टे और जैकेट पर खूबसूरत रंगों में की गई कढ़ाई और पेंटिंग घाटगे शाही परिवार का एक रहस्य रहा होगा, जिसका इस्तेमाल प्रियजनों के कपड़ों को प्यार से सजाने के लिए किया जाता था। हालांकि क्रिकेटर जहीर खान की व्यावसायिक समझ से अब यह एक ब्रांड अकुती में तब्दील हो गया है। अभिनेत्री, मॉडल एवं राष्ट्रीय स्तर की पूर्व हॉकी चैंपियन सागरिका घाटगे अकुती ब्रांड को अपनी मां उर्मिला घाटगे के साथ चलाती हैं। सागरिका घाटगे ने कहा, “हाथ से पेंटिंग मेरे बचपन का हिस्सा रहे हैं। मेरी मां लंबे समय से यह करती रही हैं। हालांकि शुरू में मैं इसे उतनी गंभीरता से नहीं लेती थी, लेकिन मेरे पति (जहीर खान) ने मुझे इसे एक विशेष कलेक्शन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मां-बेटी की जोड़ी ने बेंगलुरु में ‘फोर सीजन्स’ में अपने कलेक्शन की शुरुआत की। सोलह मई को होटल में एक दिन के लिए साड़ियों, दुपट्टों और ब्लेजर का संग्रह प्रदर्शित किया गया। घाटगे ने कहा कि जब उन्होंने लगभग एक साल पहले इसकी शुरुआत करने का फैसला किया, तो एक ब्रांड नाम के लिए ‘अकुती’ एक स्वाभाविक पसंद बन गई, जिसका मराठी में अर्थ राजकुमारी होता है। इसे भी पढ़ें: Cannes Film Festival में दिखाई गई श्याम बेनेगल की फिल्म मंथन, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह मौजूद खान ने कहा, ‘‘हां, वह एक राजकुमारी है। घाटगे ने कहा कि यह नाम सिर्फ उनके खानदान का संकेत नहीं है, बल्कि उनके परिवार की सभी महिलाओं के लिए एक सम्मान भी है। घाटगे ने कहा, अकुती समय में पीछे ले जाता है। उन्होंने कहा कि डिज़ाइन की प्रेरणा सीधे कोल्हापुर के शाही घाटगे परिवार के बगीचों से आती है। घाटगे ने कहा, मेरी मां वास्तव में बागवानी में रुचि रखती हैं और हमारे बगीचे में खिलने वाले फूल हमारे कपड़ों पर हाथ से पेंट की गई डिजाइन में तब्दील हो जाते हैं।

