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टिकैतपेंड्री मारपीट मामले में फरार आरोपी गिरफ्तार:पहले सात आरोपी जेल भेजे जा चुके, सरगांव पुलिस ने बिलासपुर से दबोचा

सरगांव पुलिस ने टिकैतपेंड्री गांव में हुए मारपीट और तोड़फोड़ के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सरजू उर्फ शेरा लहरे को बिलासपुर से पकड़ा गया है। इस मामले में पहले ही सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा चुका है। प्रार्थी जितेंद्र गायकवाड़ (38), निवासी मोहदी, थाना सरगांव, जिला मुंगेली ने 19 जुलाई 2025 को सरगांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि टिकैतपेंड्री निवासी कन्हैया बघेल अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हॉकी स्टिक, रॉड और डंडे लेकर उनके घर के सामने आए। उन्होंने गाली-गलौज दीं, जान से मारने की धमकी दी और जितेंद्र, उनके भाई भागबली करण, बेटे भरत, मां जमुना बाई और पत्नी सुनीता बाई के साथ मारपीट की। आरोपियों ने दुकान के काउंटर और स्कूटी में भी तोड़फोड़ की थी। गंभीर प्रकरण पर सरगांव पुलिस की कार्रवाई इस रिपोर्ट के आधार पर थाना सरगांव में अपराध क्रमांक 92/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 296, 115(2), 351(2), 324(2), 191(2), 191(3), 117(3) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए फरार आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा और उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के मार्गदर्शन में पुलिस ने कार्रवाई की। सरगांव पुलिस ने सात आरोपियों को किया गिरफ्तार, हथियार बरामद विवेचना के दौरान पुलिस ने 10 सितंबर 2025 को कन्हैया बघेल, किशन बघेल, महेंद्र, जीवन बघेल, रामबिलास बघेल, विजय कुमार बघेल और अजय कुमार सहित सात आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में सभी ने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपियों से हॉकी स्टिक, रॉड और डंडे जब्त कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। घटना के बाद से आरोपी सरजू उर्फ शेरा लहरे फरार चल रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। 5 नवंबर 2025 को मुखबिर की सूचना पर उसे बिल्हा, बिलासपुर से हिरासत में लिया गया। सरजू उर्फ शेरा लहरे (28), पिता बुलबुल लहरे, निवासी वार्ड 8, बिल्हा, बिलासपुर ने पूछताछ में घटना में शामिल होना स्वीकार किया। उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कर दिया गया है।

दैनिक भास्कर 5 Nov 2025 10:07 pm

गुना में खेला जाएगा हॉकी का मैत्री मैच:हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजन; 7 नवंबर को संजय गांधी स्टेडियम में होगा

हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने पर जिला हॉकी संघ द्वारा देश और प्रदेश में कई आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुना में भी एक मैत्री मैच का आयोजन किया जाएगा। यह मैच शुक्रवार, 7 नवंबर को संजय गांधी स्टेडियम स्थित एस्ट्रोटर्फ पर खेला जाएगा। इसकी घोषणा जिला हॉकी संघ ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। जिला हॉकी संघ ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इसमें जिला हॉकी संघ के सचिव ब्रजेश दुबे, सूर्यकांत जगताप, शेखर वशिष्ठ सहित कई पूर्व हॉकी खिलाड़ी शामिल हुए। वक्ताओं ने पहले देश में हॉकी की शुरुआत और स्थापना को लेकर अपनी बात रखी। इसके बाद उन्होंने गुना में हॉकी की शुरुआत के बारे में जानकारी दी। 'गुना की आबोहवा में हॉकी का अतीत'वक्ताओं ने बताया कि गुना की आबोहवा में हॉकी का अतीत बसा हुआ है। गुना की खेल प्रेमी जनता और हॉकी का अनूठा रिश्ता है। एक समय गुना शहर का नाम देश भर में विख्यात नगरपालिका परिषद गुना द्वारा संचालित 'अखिल भारतीय स्व. लाल बहादुर शास्त्री स्मृति स्वर्ण कप हॉकी' के नाम से जाना जाता था। हालांकि, बड़े लंबे अंतराल से यह प्रतियोगिता संचालित नहीं हुई। खिलाड़ियों ने बड़े महकमों में किया नाम रोशनउन्होंने बताया कि हॉकी ने कई परिवारों में खिलाड़ी तैयार कर उनके जीवन में मजबूती प्रदान की है। गुना हॉकी के इस स्वर्णिम योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। इसी हॉकी के बलबूते पर गुना की माटी के सपूतों ने देश भर के शासकीय और निजी संस्थानों में गुना का नाम रोशन किया है, जो गुना के लिए बड़े फक्र की बात है। आरसीएफ मुंबई, इंडियन नेवी, एमपी पुलिस, इंडियन रेलवे, भारतीय सेना जैसे महकमों में गुना के खिलाड़ी सेवाएं प्रदान कर परिवार और गुना शहर का नाम रोशन किया है। 7 नवंबर को होगा आयोजन, अन्य जिलों से भी बात जारीआयोजकों ने बताया कि हॉकी के 100 वर्ष के इतिहास को याद करते हुए गुना में भी आयोजन किया जायेंगे। 7 नवंबर को एक हॉकी का मैच आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि और भी कई जिलों की टीमों से बात चल रही है। यदि उनकी स्वीकृति मिलती है तो मैच और भी ज्यादा रोमांचक होगा।

दैनिक भास्कर 5 Nov 2025 2:16 pm

लुधियाना में कबड्‌डी प्लेयर गुरविंदर को गोली मारने वाले बेनकाब:पुलिस बोली, गुरविंदर की हत्या निजी रंजिश में हुई, आरोपियों के खिलाफ पर्चा दर्ज

लुधियाना में समराला के गांव मानकी में कबड्डी प्लेयर गुरविंदर सिंह व उसके दोस्त धर्मपाल पर गोली मारने वाले चारों नकाबपोश बेनकाब हो गए हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर दिया है। बाइक पर आकर अंधाधुंध फायरिंग करने वाले आरोपियों की पहचान संदीप सिंह, तेजी (निवासी चक सराय, खन्ना), करण (निवासी मादपुर) और सिम्मी (निवासी बालियों) के रूप में हुई है। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने में जुट गई है। पुलिस अफसरों का कहना है कि गुरविंदर सिंह की हत्या निजी दुश्मनी के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की अभी छानबीन कर रही हे कि इनकी आपस में दुश्मनी किस बात को लेकर थी। घटना में घायल धर्मपाल कार सेल परचेज का काम करता है। रंजिश गुरविंदर की नहीं उसके साथ वालों की थी गुरविंदर के पिता राजिंदर सिंह का कहना है कि उनके बेटे की किसी के साथ निजी दुश्मनी नहीं थी। उन्होंने कहा क उसके साथ जो युवक थे उनकी दुश्मनी थी। उनके चक्कर में गुरविंदर की जान चले गई। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। परिवार बोला, जब तक गिरफ्तारी नहीं हुई तब तक संस्कार नहीं गुरविंदर की मौत के बाद उसका शव सिविल अस्पताल समराला में रखा गया है। पुलिस ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम करना था लेकिन उसके परिजनों ने पुलिस को साफ कह दिया कि जब तक उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस कबड्‌डी प्लेयर का टैग लगाने से कर रही परहेज जगराओं में कबड्‌डी खिलाड़ी की हत्या के बाद कबड्‌डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या की गई। पुलिस गुरविंदर सिंह को कबड्‌डी खिलाड़ी बताने से परहेज कर रही है। खन्ना के एसपी पवनजीत सिंह ने तो बाकायदा कह भी दिया कि गुरविंदर सिंह कबड्‌डी का खिलाड़ी नहीं था बल्कि वह कबूतर पालने का शौकीन था। पिता बोले, बेटा कबड्‌डी प्लेयर था, कबूतर पालने का शौकीन भी था मृतक के पिता राजिंदर सिंह ने बताया कि उनका बेटा स्थानीय स्तर पर कबड्डी खेलता था और वह कबूतर पालने का शौक भी रखता था। उसने घर में कबूतर भी पाले हुए थे। पुलिस के यह कहने पर उन्हें सख्त एतराज है कि गुरविंदर कबड्‌डी का प्लेयर नहीं था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई टीमें खन्ना पुलिस के एसपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीनियर लेवल के अधिकारियों की अगवाई में टीमों का गठन किया गया है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से उनका रूट ट्रेस किया जा रहा है। जल्दी ही अपराधी पकड़ लिए जाएंगे। परगट सिंह बोले, खिलाड़ियों को मेडल के बजाय मिल रही गोलियां कांग्रेस के विधायक व पूर्व हॉकी टीम के कप्तान परगट सिंह ने कबड्‌डी खिलाड़ियों पर हो रही फायरिंग पर गंभीर सवाल खड़े किए। परगट सिंह ने कहा क पंजाब में हमारे कबड्डी खिलाड़ी मेडल जीतने के बजाय अब गोलियों का निशाना बन रहे हैं। पहले संदीप सिंह, फिर तेजपाल सिंह और अब गुरिंदर सिंह। सरकार कितने परिवार उजाड़ने के बाद जागेगी? कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। इन लगातार हो रहे हत्याओं की जिम्मेदारी कौन लेगा? यह है घटना क्रम तीन नवंबर: सोमवार देर रात गांव की पुली पर सड़क की सफाई कर रहे थे तीन दोस्त। चार नकाबपोश आए और उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। गुरविंदर को पेट में गोली लगी और जबकि उसके साथ धर्मपाल को भी गोली लगी है। समराला सिविल अस्पताल ले गए और उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए पीजीआई रेफर किया। गुरविंदर की रास्ते में ही मौत हो गई। धर्मपाल पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। रात को ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की और मौके से एक सीसीटीवी फुटेज कलेक्ट की। 4 नवंबर: पुलिस ने परिवार के बयान लिए और पर्चा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। इसी बीच पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। पुलिस ने परिवार को शव का पोस्टमार्टम करने को कहा। परिवार ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते तब तक संस्कार नहीं करेंगे।

दैनिक भास्कर 5 Nov 2025 5:57 am

बुजुर्गों के भरोसे मप्र के सिविल सेवा खेल:दादा-नाना खेलते हैं और मैच देखते हैं नाती-पोते... 15 साल से हर बार लीग राउंड में ही हो रहे बाहर

हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट जैसे खेलों में आमतौर पर 35 की उम्र आते-आते खिलाड़ी रिटायर होने लगते हैं। लेकिन, मप्र सिविल सेवा खेल की बात अलग है। यहां तो सभी टीमों में खिलाड़ियों की औसत आयु 56 साल है। मैदान में दादा-नाना खेलते हैं और स्टेडियम में नाती-पोते मैच देखते हैं। नतीजा ये कि पिछले 15 साल में ऑल इंडिया सिविल सेवा टूर्नामेंट में मप्र की टीमें हमेशा लीग राउंड से ही घर लौट आती हैं। सिर्फ व्यक्तिगत खेलों में एक-दो खिलाड़ियों ने खिताब जीते हैं। दरअसल, 70 के दशक में सरकारी विभागों में खेल कोटे से भर्ती की नीति बनाई गई थी। 1999 तक इसके तहत खिलाड़ियों की भर्ती हुई, फिर विराम लग गया। जाहिर है, ऐसे में 1999 से पहले भर्ती हुए खिलाड़ी ही सिविल सेवा खेलों में मप्र की नुमाइंदगी कर रहे हैं। जबकि अन्य राज्यों में खेल कोटे से भर्ती जारी है। इसलिए उनकी टीमें युवा और जोशीली होती हैं। ऐसी हैं मप्र की टीमें महिला हॉकी... एक घंटे का मैच 20 मिनट में ही खत्म हॉकी मैच 60 मिनट का होता है। 15-15 मिनट के चार क्वार्टर होते हैं। दो साल पहले भोपाल में ऑल इंडिया सिविल सेवा हॉकी टूर्नामेंट हुआ। यहां एक मुकाबला मप्र महिला हॉकी और सेंट्रल हॉकी टीम दिल्ली के बीच हुआ। मप्र टीम की औसत आयु 58 साल थी, जबकि सेंट्रल हॉकी टीम पूरी युवा थी। तब मप्र की टीम एक पूरा मैच भी नहीं खेल पाई थी। 60 मिनट का मैच 20 मिनट में खत्म करना पड़ा था और इसमें भी मप्र टीम 9 गोल खा चुकी थी। दिलचस्प बात यह है कि नानी-दादी खेल रही थीं और स्टेडियम से नाती-पोते हौसलाअफजाई कर रहे थे। क्या हैं सिविल सेवा खेल...इसमें सभी राज्यों की टीमें खेलती हैं। सिर्फ वे खिलाड़ी खेल पाते हैं जाे सरकारी नौकरी में हैं। हर राज्य में ट्रायल से चयन होता है। ऐसा नहीं है कि इसमें खेल कोटे के अलावा भर्ती हुए कर्मचारी नहीं खेल सकते पर तकनीकी बारीकियों की समझ न होने से वे ट्रायल में आते ही नहीं। खिलाड़ी फिट, यही उपलब्धि... ​गत वर्ष के रिकॉर्ड के अनुसार मप्र की सभी 15 टीमों में खिलाड़ियों की औसत आयु 56 साल थी। हालांकि खेल विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर बालूसिंह यादव कहते हैं, हमारी टीम भले ही बूढ़ी हो चली है। लेकिन खेलने से खिलाड़ी फिट हैं। बीमारियों से दूर हैं। यही उपलब्धि है।

दैनिक भास्कर 5 Nov 2025 4:44 am

शहर में 60 करोड़ के खेल विकास कार्यों को मंजूरी पटेल नगर में बनेगा बहुउद्देशीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

भास्कर न्यूज | भीलवाड़ा शहर में खेल सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 60 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है। शहर के खिलाड़ियों की मांग पर राज्य सरकार से द्वितीय बजट में मल्टीपरपज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की घोषणा करवाई जिसकी लागत पर 35-40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस कॉम्प्लेक्स के लिए पटेल नगर में मानसरोवर झील के समीप 6 लाख 20 हजार स्क्वायर फीट भूमि आरक्षित कर ली है। इसके अलावा पटेलनगर स्थित सेक्टर 4 में अग्निशमन कार्यालय के पीछे 1540 वर्गमीटर क्षेत्र का स्केटिंग एरिना का निर्माण कराया जाएगा। विधायक अशोक कोठारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त उनके प्रयासों से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा भी 20 करोड़ की राशि के कार्य मंजूर किए है जिनकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई है। मोहन लाल सुखाड़िया स्टेडियम में खेल सुविधाओं में वृद्धि के साथ ही 50 मीटर लम्बा, तरणताल का निर्माण करवाया जाएगा। जिस पर 7 करोड़ खर्च किए जाएंगे। विभिन्न खेलों के लिए सामग्री पर 50 लाख, साउथ वेस्ट एवं नॉर्थ पैवेलियन में रखरखाव कार्य पर 30 लाख एवं स्टेडियम व चारदीवारी के रंगरोगन पर 10 लाख व्यय होंगे। शहर में हॉकी के लिए प्रताप नगर विद्यालय टर्फ के निर्माण पर 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। पुलिस लाइन स्थित जिम निर्माण और जिम सामग्री पर 1.9 करोड़, रामपाल उपाध्याय खेल स्टेडियम में 400 मीटर सिंडर ट्रैक निर्माण और एथलेटिक्स खेल सामग्री पर 1.3 करोड़, सुखाड़िया स्टेडियम में क्रिकेट ग्राउंड में रात्रि मैचों के लिए फ्लड लाइट लगाने पर 1 करोड़, पुलिस लाइन में 25 मीटर और 50 मीटर शूटिंग रेंज निर्माण पर 1 करोड़, माणिक्य लाल वर्मा महाविद्यालय में सिंडर ट्रैक निर्माण, खेल मैदान उन्नयन एवं सीढ़ी निर्माण पर 1 करोड़ की राशि मंजूर की गई। सेठ मुरलीधर मानसिंहका कन्या महाविद्यालय में खेलों के विकास के लिए 40 लाख और विवेकानंद तरणताल के समुचित विकास पर 50 लाख व्यय किए जाएंगे। जिनमें भवन की मरम्मत और रंगरोगन पर 20 लाख, स्केटिंग एरिना के निर्माण पर 20 लाख व चारदीवारी के निर्माण पर 10 लाख खर्च होंगे। इन कार्यों के लिए कार्यकारी एजेंसी नगर विकास न्यास को बनाया है जिस पर डीपीआर बनाने का कार्य शुरू कर दिया।

दैनिक भास्कर 5 Nov 2025 4:00 am

मंदसौर में खिलाड़ियों का भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन:क्रीड़ा निरीक्षक पर कार्रवाई, प्रमाण पत्र और स्पोर्ट्स किट वितरण की मांग

मंदसौर जिले में खेल विभाग की कथित अनियमितताओं और खिलाड़ियों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में मंगलवार शाम को खिलाड़ियों ने गांधी चौराहे पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। जिला खेल एकता मंच के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में 'भ्रष्टाचार मुक्त खेल व्यवस्था' की मांग उठाई गई। खिलाड़ियों ने जिला क्रीड़ा निरीक्षक बंशीलाल बारिवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने बताया कि जिले में खेल संबंधी व्यवस्थाएं पूरी तरह अव्यवस्थित हैं। वर्ष 2024-25 और 2025-26 में आयोजित शालेय जिला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं के प्रमाण पत्र खिलाड़ियों को अब तक नहीं दिए गए हैं। जबकि अन्य जिलों में ऐसी प्रतियोगिताओं के समापन पर ही प्रमाण पत्र वितरित कर दिए जाते हैं। खिलाड़ियों ने यह भी आरोप लगाया कि इस वर्ष शासन द्वारा स्वीकृत स्पोर्ट्स किट (टी-शर्ट, शॉर्ट्स आदि) किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त, इस सत्र में मंदसौर में केवल दो संभागीय प्रतियोगिताएं ही आयोजित की गईं। पिछले वर्ष यहां आठ संभागीय, चार राज्यस्तरीय और एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन हुआ था। कालापीपल (शाजापुर) में आयोजित संभाग स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अब तक टीए/डीए भत्ता भी नहीं मिला है। खिलाड़ियों का कहना है कि जब कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें न तो प्रमाण पत्र मिलते हैं, न भत्ता और न ही किट, तो उनका मनोबल गिरता है और खेल के प्रति उनका विश्वास डगमगाने लगता है। प्रदर्शन के बाद खिलाड़ियों ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल थीं- ज्ञापन सौंपने वालों में राकेश श्रीवास्तव, अविनाश उपाध्याय, आकाश गाजवा, सॉफ्टबॉल संघ सहित विभिन्न खेल संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित रहे। देखिए तस्वीरें...

दैनिक भास्कर 4 Nov 2025 8:49 pm

भारतीय हॉकी का 'शताब्दी समारोह', 7 नवंबर को भव्य आयोजन

केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने भारतीय हॉकी के 100 वर्ष (1925-2025) पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य समारोह की घोषणा की

देशबन्धु 4 Nov 2025 9:46 am

तब्बू @54, पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं:14 की उम्र में निभाया रेप पीड़िता का किरदार, हॉलीवुड फिल्मों ने अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई

14 की उम्र में ‘हम नौजवान’ में रेप पीड़िता प्रिया का किरदार निभाने वाली तब्बू आज भारतीय सिनेमा की सबसे दमदार अभिनेत्रियों में गिनी जाती है। ‘विजयपथ’ से पहचान मिली और इसके बाद ‘माचिस’, ‘चांदनी बार’, ‘हैदर’ और ‘अंधाधुन’ जैसी फिल्मों ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दी। तब्बू ने हर किरदार में नई चुनौती स्वीकार कर सिनेमा को समृद्ध किया। निजी जीवन की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा और विवादों के बावजूद उन्होंने संतुलन बनाए रखा। पद्मश्री सम्मान से नवाजी गईं तब्बू आज भी अपने सशक्त अभिनय, सादगी और गहरी सोच से प्रेरणा बनकर सामने आती हैं। तब्बू आज 54 साल की हो गई हैं, आइए उनके जीवन और करियर की कुछ खास बातें जानते हैं। पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं हैदराबाद में 4 नवंबर 1971 को जन्मी तबस्सुम फातिमा हाशमी को आज दुनिया तब्बू के नाम से जानती है। बचपन में ही उन्हें पिता का साया नहीं मिला। जब मां रिजवाना और पिता जमाल हाशमी के रिश्ते टूटे, तब घर की दुनिया बदल गई। तब्बू ने साल 2015 में सिमी गरेवाल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं, क्योंकि उनके लिए मां ही पूरी दुनिया हैं। तब्बू जब तीन साल की थीं, तब उनके पिता जमाल हाशमी ने उनकी मां को तलाक दे दिया था और दूसरी शादी कर ली थी। इसके बाद तब्बू ने कभी अपने पिता को नहीं देखा और न ही उनसे मिलने की इच्छा जताई। मां रिजवाना ने बेटियों फराह और तबस्सुम दोनों को अकेले पाला। हैदराबाद से स्कूल की पढ़ाई के बाद तब्बू मुंबई आ गईं, जहां उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की और फिर धीरे-धीरे फिल्मों की ओर कदम बढ़ाया। सिर्फ 14 की उम्र में निभाया रेप पीड़िता का किरदार तब्बू महज 12 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए मुंबई आई थीं। दो साल तक सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ने के बाद किसे पता था कि सिर्फ 14 की उम्र में वो देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ में एक रेप पीड़िता का बेहद संवेदनशील किरदार निभा लेंगी। इतनी कम उम्र में इतना कठिन रोल चुनना हर किसी के बस की बात नहीं थी। यह तब्बू जैसी समझदार और गहरी सोच रखने वाली अदाकारा ही कर सकती थीं। हालांकि तब्बू इससे पहले फिल्म ‘‘बाजार’ में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आ चुकी थीं। लीड एक्ट्रेस के तौर पर तब्बू की पहली फिल्म तेलुगु की ‘कुली नंबर वन’ रही, जिसने उनके अभिनय सफर की असली शुरुआत की। तब्बू ने अनुपम खेर के शो में बताया कि बचपन में एक बर्थडे पार्टी में उनकी मुलाकात देव आनंद की साली सुषमा आंटी से हुई। उन्होंने तब्बू को देखा और बताया कि देव साहब को फिल्म के लिए एक चाइल्ड आर्टिस्ट चाहिए। कुछ दिन बाद शबाना आजमी स्कूल आईं और तब्बू को यह ऑफर बताया। तब्बू को फिल्मी दुनिया की जानकारी नहीं थी, फिर भी उन्होंने शबाना आंटी के कहने पर हामी भर दी। स्क्रीन टेस्ट के बाद उन्हें देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ (1985) में उनकी बेटी का रोल मिल गया और इस तरह उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ। जैकी श्रॉफ पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप 1986 में मॉरीशस में तब्बू की बहन फराह नाज फिल्म दिलजला की शूटिंग कर रही थीं, तब वह अपनी बहन के साथ एक पार्टी में गई थीं। उस पार्टी में जैकी श्रॉफ शराब के नशे में थे और उन्होंने कथित तौर पर तब्बू को जबरदस्ती किस करने की कोशिश की थी। तब्बू ने इसका विरोध किया, लेकिन जैकी ने दबाव बनाना जारी रखा। इस दौरान अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला और जैकी को तब्बू से दूर ले गए। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक तब्बू की बहन फराह ने उस घटना के बाद मीडिया में जाकर इस घटना का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में इस मामले को गलतफहमी बताकर सुलझा लिया गया। तब्बू ने अपने पूरे करियर में कभी जैकी श्रॉफ के साथ काम नहीं किया और इस घटनाक्रम का उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से जिक्र नहीं किया। डेब्यू फिल्म आठ साल के बाद हुई रिलीज 1987 में बोनी कपूर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘प्रेम’ में साइन किया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट अनिल कपूर के छोटे भाई संजय कपूर थे। फिल्म का ऐलान तो जल्दी हो गया, लेकिन बनते-बनते इसे पूरा होने में पूरे आठ साल लग गए। इस लंबे इंतजार के बीच तब्बू ने कुछ और फिल्में भी कीं, लेकिन कोई फिल्म दर्शकों के दिल तक नहीं पहुंच सकी। यही दौर था जब 1994 में उनके हाथ लगी फिल्म ‘विजयपथ’। इस फिल्म में तब्बू के साथ अजय देवगन नजर आए। अजय उस वक्त एक्शन हीरो के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहे थे और तब्बू के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई। ‘विजयपथ’ रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छा गई। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और तब्बू को भी बड़े पर्दे पर नई पहचान मिली। उनके अभिनय की तारीफ हर तरफ हुई और इसी फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला। चीनी कम में बच्चन से इश्क, तो हैदर में बनी शाहिद की मां तब्बू हमेशा अपने अभिनय और किरदारों के चुनाव से दर्शकों को चौंकाती रही हैं। उन्होंने साबित किया है कि असली कलाकार वही होता है जो हर बार एक नई चुनौती स्वीकार करे। चाहे किरदार किसी भी उम्र, रूप या धारणा से जुड़ा हो। 2007 में फिल्म 'चीनी कम' में तब्बू ने 34 साल की महिला ‘निना’ का किरदार निभाया था, जिसे 64 साल के शेफ ‘बुद्धदेव गुप्ता’ (अमिताभ बच्चन) से प्यार हो जाता है। यह रिश्ता उम्र के फासले से परे था, मगर परदे पर दोनों की केमिस्ट्री इतनी सहज लगी कि दर्शक उम्र का अंतर भूल गए। तब्बू की सादगी भरी मुस्कान और मेच्योर एक्सप्रेशंस ने इस असामान्य प्रेम कहानी को विश्वसनीय बनाया। फिल्म ने यह भी दिखाया कि प्यार सिर्फ संख्याओं में नहीं, दिल की समझ में होता है। सात साल बाद, 2014 में फिल्म 'हैदर' में तब्बू ने कुछ ऐसा किया, जिसे देखकर इंडस्ट्री भी हैरान रह गई। उन्होंने शाहिद कपूर की मां का किरदार निभाने में कोई हिचक नहीं दिखाई। विशाल भारद्वाज की इस फिल्म में ‘गजाला मीर’ के उनके किरदार ने भावनाओं की परतें खोल दीं। एक ऐसी मां जो अपने बेटे और पति के बीच झूलती है और वक्त के साथ खुद के भीतर भी टूटती जाती है। फिल्म में उनके अभिनय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहीं तब्बू न सिर्फ अपने अभिनय बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रही हैं। उनके अफेयर की चर्चा भी कम नहीं रही। कभी संजय कपूर के साथ नाम जुड़ा, तो कभी साजिद नाडियाडवाला के साथ रिश्ते की खबरें उड़ीं। बात शादी तक पहुंची ही थी कि नागार्जुन की एंट्री ने तब्बू की जिंदगी का रुख ही बदल दिया। नागार्जुन और तब्बू की नजदीकियां इंडस्ट्री में खुलेआम चर्चा का विषय बन गईं। दोनों के बीच गहरा रिश्ता था, लेकिन नागार्जुन पहले से शादीशुदा थे और अपनी पत्नी को तलाक नहीं देना चाहते थे। ऐसे में तब्बू ने दिल पर पत्थर रखकर इस रिश्ते से दूरी बना ली। तब्बू ने अपनी निजी जिंदगी और रिश्तों को आम तौर पर बहुत प्राइवेट रखा है और इस संबंध में उन्होंने अधिक खुलकर बात नहीं की है, लेकिन यह रिश्ता उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील दौर था जिसे उन्होंने दिल पर पत्थर रखकर संभाला। हालांकि इस बारे में नागार्जुन ने 2017 में टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में बात की थी। उन्होंने कहा था कि तब्बू उनकी बहुत पुरानी और प्यारी दोस्त हैं और उनके बारे में छुपाने के लिए कुछ नहीं है। तब्बू का नाम कई लोगों से जोड़ा गया, लेकिन उन्हें अब तक सच्चा प्यार और जीवनसाथी नहीं मिला। अक्सर तब्बू से उनकी शादी को लेकर सवाल किया जाता है। शादी को लेकर पूछे जाने वाले सवालों पर तब्बू हमेशा अपने अंदाज में जवाब देती हैं और कहती है कि लोग मुझसे और सलमान खान से शादी के सवाल पूछना बंद करें। काले हिरण के मामले में बेवजह घसीटी गईं तब्बू का विवादों से भी नाता रहा है। 1998 में राजस्थान में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान उन पर भी काले हिरण के अवैध शिकार का आरोप लगा था। इसमें फिल्म की बाकी स्टार-कास्ट सलमान खान, सैफ अली खान, करिश्मा कपूर, सोनाली बेंद्रे और नीलम को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि बाद में वो इस आरोप से बरी कर दी गईं। इस बारे में तब्बू ने 2018 में नवभारत टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा था कि इस पूरे प्रकरण में बेवजह घसीटी गई थी। ___________________________________ बॉलीवुड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... शाहरुख@60; मां के सपने के लिए बने एक्टर:हेमा मालिनी ने कहा बदसूरत, पहली कमाई थी 50 रुपए, आज हैं दुनिया के सबसे अमीर एक्टर दिल्ली का एक लड़का, जिसका सपना था कि वह आर्मी में जाए और देश की सेवा करे। खेल-कूद में भी वह आगे था और अपनी कॉलेज की हॉकी टीम का कप्तान था, लेकिन एक दिन अचानक उसे चोट लग गई और उसके बाद उसका स्पोर्ट्स करियर खत्म हो गया। लेकिन वह जीरो को बहुत खास मानता है, क्योंकि जीरो एक नई शुरुआत देता है। इसके बाद उसने थिएटर में एक्टिंग शुरू की और कुछ सालों में बन गया बॉलीवुड का सुपरस्टार। जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की। पूरी खबर पढ़ें....

दैनिक भास्कर 4 Nov 2025 4:00 am

अभिजीत स्पोर्ट्स अकादमी ने जीती हॉकी प्रतियोगिता:रायपुरिया हॉकी क्लब को 3-0 से हराकर बनी विजेता

सिरोही के रामपुरा गांव में आयोजित प्रथम अभिजीत हॉकी प्रतियोगिता का सफल समापन हुआ। फाइनल मुकाबले में अभिजीत स्पोर्ट्स अकादमी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रायपुरिया हॉकी क्लब को 3-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया। जिला हॉकी संघ के मीडिया प्रभारी गोपाल सिंह राव ने बताया कि पूरे आयोजन के दौरान खेल प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। समापन समारोह में समाजसेवी व भामाशाह जय विक्रम हरण, जेकेडी स्कूल के संरक्षक मनोज पुरोहित, एसबीआई बैंक के प्रबंधक निरंजन शर्मा, पूर्व वायु सेवा अधिकारी नरेन्द्र सिंह देवड़ा और अभिजीत स्पोर्ट्स अकादमी के संरक्षक राजेंद्र सिंह देवड़ा सहित कई गणमान्य मेहमान उपस्थित रहे। इस अवसर पर जब्बर सिंह, भारतीय वायु सेना के जय सिंह झाला, हॉकी कोच परमवीर सिंह देवड़ा, छगन पटेल, हेमंत कोरजानी, भंवर सिंह, बद्रीलाल, महेंद्र सिंह देवड़ा, लोकेंद्र सिंह देवड़ा, अनुराग चौधरी, महिपाल सिंह, संजय कुमार, कैलाश मेघवाल, सुरेश कुमार, आदित्य सागर, राजवीर सिंह देवड़ा, गोवर्धन कुमार, रणजीत सिंह, पंकज कुमार, अश्विन माली और जवान राम सहित अनेक खेल प्रेमी भी मौजूद थे। विजेता और उपविजेता टीमों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। आयोजन समिति ने बताया कि इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में हॉकी खेल को बढ़ावा देना और युवाओं में खेल के प्रति रुचि जगाना है।

दैनिक भास्कर 3 Nov 2025 6:06 pm

शादी से लौटे 3 कैटरिंग स्टाफ की मौत, 6 जख्मी:खड़े ट्रक में कार घुसाई; कुरुक्षेत्र में पाल रिजोर्ट आए, यहीं रानी रामपाल की शादी हुई

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शादी समारोह से लौट रहे कैटरिंग स्टाफ की गाड़ी सड़क पर खड़े ट्रक से टकरा गई। इस टक्कर में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, एक्सीडेंट में 6 लोग घायल हुए, जिनमें से 4 को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। हादसा आज सुबह करीब साढ़े 4 बजे हुआ। मृतकों की पहचान संजीव कुमार, पवन कुमार और पवन के रूप में हुई है। ये सभी जम्मू-कश्मीर में राजौरी जिले की तहसील सुंदरबनी के गांव सैयानी के रहने वाले थे और कुरुक्षेत्र के पाल रिजोर्ट में कैटरिंग का काम करने आए थे। रविवार को दिन में यहीं भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल की शादी हुई थी। हादसे के बाद कार का ड्राइवर घायल का फोन लेकर मौके से भाग गया। घायल ने एक्सीडेंट की यह जानकारी दी... पुलिस कर रही जांच, परिजन को सूचित कियारुक्का मिलने पर पुलिस भी अस्पताल पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर उनके परिजन को सूचना दी। ज्योतिसर चौकी के इंचार्ज संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस घायलों के बयान दर्ज कर रही है और जांच में जुटी है। मृतकों के परिजन के आने पर शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। उनके शवों को मॉर्च्युरी में रखा गया है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढे़ं... रोहतक में 3 हलवाइयों की मौत:भंडारे में प्रसाद बनाकर सोनीपत लौट रहे थे, कार ने बाइक को टक्कर मारी हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले 3 हलवाइयों की रोहतक में सड़क हादसे में मौत हो गई। तीनों रोहतक के खरावड़ गांव में आयोजित बाबा श्याम के भंडारे में खाना बनाने गए थे। शनिवार रात लौटते समय उनकी बाइक को पीछे से आ रही एक कार ने टक्कर मार दी, जिसमें तीनों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 3 Nov 2025 8:29 am

राज्य गठन के समय थे गिने-चुने मैदान, अब हैं विश्वस्तरीय स्टेडियम, 100 से ज्यादा ट्रेनिंग सेंटर और अंतरराष्ट्रीय मंच पर सैकड़ों खिलाड़ी

15 साल पहले तक झारखंड को एक पिछड़ा राज्य और केवल आदिवासियों का प्रदेश कहा जाता था। लेकिन वक्त के साथ यह पहचान बदल रही है। अब झारखंड खेलों की भूमि के रूप में देश-दुनिया में अपनी नई छवि गढ़ चुका है। पिछले डेढ़ दशक में यहां के खिलाड़ियों ने जिस तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन किया है, उसने इस राज्य को स्पोर्ट्स मैप ऑफ इंडिया पर मजबूती से दर्ज कर दिया है। पहले हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेलों से पहचान बननी शुरू हुई। फिर 2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और दुनिया को झारखंड के टैलेंट से रू-ब-रू कराया। इस सफलता की सबसे मजबूत कड़ी रही राज्य की खेल अधोसंरचना में सतत वृद्धि। वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद जहां खेल व्यवस्था महज कुछ रेसिडेंशियल और डे-बोर्डिंग सेंटर्स तक सीमित थी, वर्ष 2008 तक यह संख्या बढ़कर 34 आवासीय और करीब 80 डे-बोर्डिंग सेंटर तक पहुंच गई। आज यह आंकड़ा 40 आवासीय और 100 से अधिक डे-बोर्डिंग सेंटर तक जा चुका है। इसके साथ ही अब राज्य में 8 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सीनियर खिलाड़ियों के लिए संचालित हैं। वहीं, 2016 में राज्य सरकार और सीसीएल के बीच हुए एमओयू के तहत झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी (जेएसएसपीएस) की स्थापना ने खेल प्रतिभाओं को नई दिशा दी। इसके अंतर्गत 10 प्रमुख खेलों की एकेडमियां जूनियर स्तर के खिलाड़ियों को ओलंपिक जैसे बड़े मंचों तक पहुंचाने की तैयारी में जुटी हैं। झारखंड कर चुका है अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी 2011 में जब नेशनल गेम्स हुए, इसके बाद से अबतक झारखंड कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। झारखंड में कई इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेले जा चुके हैं। एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी, ओलंपिक क्वालिफायर से लेकर हॉकी इंडिया लीग, सैफ चैंपियनशिप समेत अन्य खेलों का सफल आयोजन हो चुका है। झारखंड में सिर्फ खेलों की ट्रेनिंग नहीं, बल्कि इसकी पढ़ाई भी होगी झारखंड में जल्द ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बनने वाली है। इसकी प्रक्रिया तेज गति से जारी है। सरकार ने कई बार बैठकें कर इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सरकार के स्तर से इस पर मंजूरी भी मिल चुकी है। आसपास के कई राज्यों में खेलों के लिए यूनिवर्सिटी नहीं है, ऐसे में झारखंड इसमें दूसरे राज्यों से आगे हो जाएगा। यहां सिर्फ खेलों की ट्रेनिंग नहीं, बल्कि इसकी पढ़ाई भी होगी। खेल यूनिवर्सिटी में प्रोफेशनल कोचिंग, उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन, साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग और खेलों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अब झारखंड खेलों में आत्मनिर्भर, हर जिले में प्रशिक्षण केंद्र इन 25 वर्षों में झारखंड ने खेल संरचना के विकास में लंबी छलांग लगाई है। आज रांची, सिमडेगा, खूंटी, देवघर, गुमला, बोकारो और दुमका जैसे जिलों में बेहतर स्टेडियम और अकादमियां बन चुकी हैं। अब लगभग हर जिले में कोई न कोई खेल अधोसंरचना मौजूद है- कुछ इंटरनेशनल स्तर के, कुछ नेशनल ग्रेड के। राज्य गठन से पहले गिने-चुने मैदानों पर ही निर्भर थे राज्य के खिलाड़ी राज्य गठन से पहले झारखंड में खेलों का ढांचा बेहद सीमित था। सुविधाओं के नाम पर गिने-चुने मैदान ही उपलब्ध थे। राजधानी रांची के मोरहाबादी में फुटबॉल स्टेडियम खेल गतिविधियों का मुख्य केंद्र था, लेकिन उस समय वहां एथलेटिक्स ट्रैक तक नहीं था। वहीं, मोरहाबादी में ही एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम राज्य की एकमात्र आधुनिक सुविधा मानी जाती थी। टाटा नगर की स्थिति थोड़ी बेहतर थी, यहां जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एथलेटिक्स और फुटबॉल के लिए बड़ा मैदान था। साथ ही कीनन स्टेडियम क्रिकेट की पहचान बना हुआ था। रांची का मेकॉन ग्राउंड भी सीमित आयोजनों के लिए उपयोग होता था। इसके अलावा धनबाद में एक स्टेडियम था, लेकिन वह केवल नाम के लिए था, सुविधाओं के अभाव में उसका उपयोग मुश्किल से होता था। कुल मिलाकर, राज्य गठन से पहले झारखंड में खेल अधोसंरचना नगण्य थी और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण या प्रतियोगिताओं के लिए उचित मंच लगभग न के बराबर मिलता था। 15 नवंबर... स्थापना दिवस 04 स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की होगी स्थापना रांची, सोमवार, 3 नवंबर, 2025 | जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम देश के खूबसूरत और आधुनिक क्रिकेट ग्राउंड में शुमार है, जिसने अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई 40 आवासीय और 100 से अधिक डे-बोर्डिंग सेंटर हैं। राज्य में अभी 8 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सीनियर खिलाड़ियों के लिए संचालित हैं। रांची इधर, राज्य गठन के बाद से अब तक झारखंड में 44 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति मिली है। पहले 39 खिलाड़ियों को, फिर बाद में 5 खिलाड़ियों को। इसके अलावा रेलवे ने भी झारखंड के सैकड़ों खिलाड़ियों को नौकरी दी है। अबतक राज्य में 44 लोगों को मिली है सीधी नियुक्ति... }राज्य भर में 8 सीएम सेंटर फॉर एक्सीलेंस संचालित हैं। रांची में हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी और बैडमिंटन के सेंटर्स हैं। जबकि बोकारो में एथलेक्टिस, दुमका में तीरंदाजी, धनबाद में फुटबॉल और सिमडेगा में हॉकी का सेंटर फॉर एक्सीलेंस चल रहा है। }वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में 40 आवासीय सेंटर संचालित हैं। }राज्य भर में 100 से ज्यादा डे बोर्डिंग सेंटर हैं। }सभी जिलों में खेलो इंडिया के सेंटर भी खुले हुए हैं। }साईं के भी दो सेंटर रांची और हजारीबाग में चल रहे हैं। }सरकार और सीसीएल ने मिलकर 2016 में जेएसएसपीएस की स्थापन की, जिसके तहत 10 अलग-अलग खेलों की एकेडमी चल रही हैं। प्रशिक्षण और प्रतिभा विकास की दिशा में भी हुई है ठोस पहल... कई अन्य जिलों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बन रहे हैं। }रांची में बने मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 11 अलग-अलग स्टेडियम हैं। }जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम देश के खूबसूरत और आधुनिक क्रिकेट ग्राउंड में शुमार है, जहां अब तक दर्जनों अंतरराष्ट्रीय मुकाबले और आईपीएल मैच हो चुके हैं। }मोरहाबादी फुटबॉल स्टेडियम को नया जीवन मिला है, अब यहां एथलेटिक्स ट्रैक बिछ गया है, जिससे यह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का ग्राउंड बन चुका है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो चुकी हैं। }रांची के बरियातू और हटिया में भी एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम तैयार हुए हैं। }सिमडेगा में दो, खूंटी में दो, गुमला में एक एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम हैं। }देवघर में इंडोर स्टेडियम और नया एथलेटिक्स स्टेडियम निर्माणाधीन हैं। }बोकारो के चंदनकियारी में सिंथेटिक ट्रैक वाला स्टेडियम बना है। }सिल्ली में फुटबॉल के लिए आधुनिक सिंथेटिक टर्फ बिछाया गया है।

दैनिक भास्कर 3 Nov 2025 5:27 am

बालाघाट में 82 वॉलीबॉल खिलाड़ी सम्मानित:वॉलीबॉल मैदान की मांग; सांसद बोलीं- खेलमंत्री से करेंगी चर्चा

बालाघाट में डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एकेडमी की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में 82 वॉलीबॉल खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम रविवार को नगर के एक निजी होटल में हुआ। सांसद भारती पारधी, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, नगरपालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर और पूर्व अध्यक्ष रमेश रंगलानी ने खिलाड़ियों को मोमेंटो, शॉल और श्रीफल प्रदान किए। डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एकेडमी के संरक्षक और आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश पाठक की अगुवाई में यह समारोह आयोजित किया गया। एकेडमी अध्यक्ष तपेश असाटी और समाजसेवी संजयसिंह कछवाहा भी मंच पर उपस्थित थे। बालाघाट में वॉलीबॉल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। जिले के कई खिलाड़ी पुलिस सहित कई विभागों में कार्यरत हैं। हालांकि, यहां वॉलीबॉल अभ्यास के लिए एक उचित मैदान का अभाव है। वर्तमान में जो स्थान उपलब्ध है, वह मैदान का एक छोटा हिस्सा मात्र है, जहां खिलाड़ी सीमित संसाधनों के बावजूद इस खेल को जीवंत बनाए हुए हैं। समाजसेवी राजेश पाठक ने बालाघाट में वॉलीबॉल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बीड़ा उठाया है। इस पहल की शुरुआत खिलाड़ियों के सम्मान समारोह से हुई, जिसमें जिला, संभाग, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। अगले साल होगी नेशनल प्रतियोगिता इस अवसर पर आयोजन समिति अध्यक्ष राजेश पाठक ने मांग की कि नगरपालिका खिलाड़ियों के लिए एक अच्छे मैदान के लिए जगह उपलब्ध कराए और सांसद निधि प्रदान कर इसके निर्माण में सहयोग करें। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि 2026 में बालाघाट में वॉलीबॉल की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। पाठक ने बताया कि उनकी संस्था पहले भी हॉकी और कबड्डी की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कर चुकी है। उन्होंने प्रशासन के हेलमेट अभियान का समर्थन करते हुए उपस्थित प्रबुद्धजनों को हेलमेट भेंट किए और उन्हें दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने की अपील की। सांसद भारती पारधी ने आश्वासन दिया कि वे आगामी दिसंबर में बालाघाट आने वाले खेल मंत्री से वॉलीबॉल खेल मैदान के संबंध में चर्चा करेंगी और उनके समक्ष यह मांग रखेंगी। सम्मान समारोह की अन्य तस्वीरें...

दैनिक भास्कर 2 Nov 2025 7:09 pm

सिंगर गुलाब सिद्धू बोले- मैं पंजाब का हमेशा आभारी रहूंगा:सरपंची गाने के विवाद में बहुत साथ मिला, सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में मूसेवाला-जवंदा को किया याद

जालंधर में 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में पंजाबी सिंगर गुलाब सिद्धू ने अपने प्रदर्शन और विनम्रता से लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने मंच पर और सोशल मीडिया पर अपने विवादित गाने सरपंची को लेकर सार्वजनिक माफी मांगी थी और अब उसको लेकर पंजाब और जालंधर के लोगों का आभार जताया रहूंगा। गुलाब सिद्धू ने कहा कि पंजाब और जालंधर के लोगों ने हमेशा उन्हें बहुत प्यार दिया है और मैं इस समर्थन के लिए आभारी हैं। उन्होंने मंच पर सिद्धू मूसेवाला का गाना गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कलाकार राजबीर जवंदा को याद किया। इसके अलावा, उन्होंने मंच पर गिदा डालने आई लड़कियों के पैर छूकर उनका सम्मान किया, जिससे वहां मौजूद दर्शक भावुक हो उठे। सरपंची गाने पर क्यों हुआ विवाद? बरनाला के निकटवर्ती गांव फरवाही के पंजाबी गायक ने अपने गाने में गांव के चुने हुए सरपंच और गांव के लोगों के बारे में एक गीत गाया था, जो चर्चा का विषय बन गया। इस गीत का बरनाला जिले के गांवों के सरपंचों द्वारा विरोध किया गया। बरनाला जिले से संबंधित गांवों के सरपंच डीसी कार्यालय बरनाला गेट के बाहर एकत्रित हुए और पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की। सरपंचों ने पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गुलाब सिद्धू एक पंजाबी गायक है। सरपंचों की उससे कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन सरपंच एकजुट होकर उसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि पंजाबी गायक गुलाब सिद्धू ने बीते दिनों जारी अपने पंजाबी गीत में गांव के चुने हुए सरपंच और पूरे गांव को पीटने की धमकी दी है। सरपंचों ने आरोप लगाया कि गायक ने जानबूझकर अपने गाने को प्रसिद्ध करने के लिए यह गीत गाया है। सरपंचों ने जताई थी नाराजगी कुछ सरपंचों ने यह भी आरोप लगाया कि अतिरिक्त प्रसिद्धि पाने और अपना नाम जनता के सामने चमकाने की कोशिश में सरपंचों प्रति टिप्पणी की जा रही है, ताकि वह चर्चा में बने रहे। गांव के सरपंचों ने चेतावनी दी कि जब तक गुलाब सिद्धू सरपंचों की बड़ी सभा में आकर माफी नहीं मांगते, तब तक गांवों में कोई अखाड़ा या कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। गुलाब सिद्धू ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी दूसरी ओर, इस मामले को लेकर गायक गुलाब सिद्धू ने दूसरे दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके माफी मांगी थी। लेकिन गांव के सरपंच इस बात पर अड़े हैं कि गायक गुलाब सिद्धू सरपंचों के बड़े समागम में आकर माफी मांगें और इस गाने को अपने अकाउंट से हटाकर इस गाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएं। गुलाब सिद्धू ने कहा- किसी को ठेस पहुंचाना नहीं चाहता था पोस्ट में सिद्धू ने कहा था कि अगर मेरे गाने के किसी शब्द से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मेरा मकसद सिर्फ संगीत के जरिए समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। सिद्धू ने यह भी कहा था कि वह आगे से लाइव शो में इस गाने के विवादित बोल नहीं गाएंगे, और जल्द ही गाने के उन हिस्सों को हटा या संशोधित किया जाएगा।

दैनिक भास्कर 2 Nov 2025 3:18 pm

चंडीगढ़ CLTA खिलाड़ियों की फीस अभी नहीं होगी कम:खेल विभाग ने लॉन टेनिस मैदान का संभाला पूरा नियंत्रण, 17 कोच नियुक्त

चंडीगढ़ लॉन टेनिस एसोसिएशन (सी.एल.टी.ए.) से सेक्टर-10 स्थित लॉन टेनिस मैदान का नियंत्रण खेल विभाग ने अपने अधीन ले लिया है। विभाग ने मैदान का पूरा कार्यभार संभालते ही खिलाड़ियों की ट्रेनिंग व्यवस्था और फीस संरचना पर चर्चा शुरू कर दी है। खेल विभाग की 10 नवंबर को एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों की फीस कम करने पर फैसला लिया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल खिलाड़ियों से पुरानी फीस के आधार पर ही शुल्क लिया जा रहा है। अगर बैठक में फीस कम करने का निर्णय होता है, तो खिलाड़ियों की फीस एडजस्ट कर दी जाएगी। यानी, टेनिस ट्रेनी खिलाड़ियों को फीस में राहत के लिए अभी कुछ समय और इंतजार करना होगा। 17 कोच नियुक्त किए खेल विभाग ने मैदान-10 में फिलहाल 17 कोच नियुक्त किए हैं, जो खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इनमें कुछ कोच विभाग द्वारा लगाए गए हैं, जबकि कुछ कोच पहले से सी.एल.टी.ए. में प्रशिक्षण दे रहे थे और कोचिंग प्रमाणपत्र धारक हैं। मैदान की देखभाल और संचालन के लिए 27 कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है, जिनमें माली, स्वीपर, चौकीदार और अन्य स्टाफ शामिल हैं। जल्द बनेगी ‘लॉन टेनिस अकादमी’ खेल विभाग अब शहर में लॉन टेनिस को बढ़ावा देने के लिए विशेष अकादमी शुरू करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, जिस तरह से शहर में फुटबॉल, क्रिकेट और हॉकी की अकादमियां चलाई जा रही हैं, उसी तरह अब लॉन टेनिस अकादमी की भी घोषणा की जाएगी। सी.एल.टी.ए.-10 में बने आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करते हुए विभाग इस अकादमी के तहत खिलाड़ियों का चयन ट्रायल बेसिस पर करेगा। चयनित खिलाड़ियों को विभाग की ओर से विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

दैनिक भास्कर 2 Nov 2025 8:58 am

सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल:बच्चों ने की मोदी से दिल की बात, कहा- पहले खेल नहीं पाते थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कार्यक्रम सत्य साई संजीवनी अस्पताल में आयोजित हुआ। वहां उन्होंने दिल के मरीजों से ‘दिल की बात’ की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ बच्चों को ‘गिफ्ट ऑफ लाइफ’ के रूप में सर्टिफिकेट और पुरस्कार भी दिया है। इन बच्चों को बचपन से ही दिल की बीमारी थी। कई प्राइवेट अस्पतालों ने उनके इलाज से मना कर दिया था। सत्य साईं अस्पताल में उनका मुफ्त में इलाज हुआ। अब वे बिल्कुल स्वस्थ हैं। ऐसे ही 2500 बच्चों को शनिवार को पीएम मोदी से मुलाकात के लिए बुलाया गया था। रायपुर एयरपोर्ट से पीएम मोदी सत्य साईं अस्पताल पहुंचे। इस दौरान रास्ते भर स्कूली छात्र और स्थानीय लोग उनके स्वागत में खड़े रहे। हॉस्पिटल में पीएम मोदी ने बच्चों से बातचीत की। इस दौरान राज्यपाल रमेन डेका, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सत्य साईं के डायरेक्टर सी श्रीनिवास भी मौजूद रहे। लेकिन शनिवार को एकसाथ 1758 ऐसे बच्चे जुटे, जिनके हार्ट की सर्जरी यहीं हुई थी। इस दौरान अस्पताल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई। आज इन बच्चों से पीएम ने बात की। बच्चों ने बताया कि उनमें कोई कराटे चैंपियन तो कोई क्रिकेटर है। कोई बड़े होकर डॉक्टर तो कोई टीचर बनना चाहते हैं। इस दौरान एक बच्चे कर्तव्य ने पीएम मोदी को अपनी कविता सुनाई है। ​जानिए...बच्चों और मोदी के बीच क्या हुई बात यूपी, जौनपुर से आए ओम प्रजापति ने बताया कि, मोदी जी से बात करके अच्छा लगा। उन्होंने मेरा नाम पूछा, मेरा क्लास और मेरा गोल पूछा। मैं बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता हूं। अभी भी मैं क्रिकेट खेलता हूं। मैं अभी फर्स्ट क्लास में हूं। मेरा सत्य साईं अस्पताल में 6 महीने पहले ऑपरेशन हुआ है। मैं अभी बिल्कुल अच्छा हूं। बिलासपुर से आई आयुषी सूर्यवंशी ने बताया कि, पिछले साल मेरा ऑपरेशन हुआ। मैं अभी क्लास थर्ड में हूं। मोदी जी ने मुझसे बात की। मैंने उन्हें बताया कि मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं। इसके अलावा उन्होंने मुझसे मेरे खेल के बारे में पूछा, तो मैने उन्हें बताया कि मैं कबड्डी खेलती हूं। मेरे पापा फार्मर हैं, मां टीचर हैं। सागर, एमपी से आई योगिता यादव है। मोदी जी को मैंने बताया कि पिछले साल स्कूल में जांच हुई तब पता चला मेरे दिल में छेद है। इसके बाद मुझे डॉक्टरों ने यहां भेजा। 6 माह पहले सत्य साईं हॉस्पिटल में मेरा आपरेशन हुआ है। अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूं। मैं हॉकी की चैंपियन हूं। मैंने हॉकी में 5 मेडल हासिल किया है।

दैनिक भास्कर 2 Nov 2025 4:53 am

इंडियन ऑयल सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट संपन्न, फाइनल में इंडियन रेलवे को मिली शिकस्त

भास्कर न्यूज | जालंधर शनिवार को बर्ल्टन पार्क के सुरजीत हॉकी मैदान के टर्फ पर 42वां इंडियन ऑयल सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट का फाइनल शुरू होने से पहले पहले सिंगर गुलाब सिद्धू ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। फाइनल मैच देखने जालंधर व आसपास के इलाकों से लोग आए थे। ये मैच इंडियन ऑयल मुंबई ने इंडियन रेलवे दिल्ली को 2-1 से हराकर जीता। विजेता टीम को ट्रॉफी के साथ 5.51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला। ये पुरस्कार बीते 20 साल से अमरीका में बसे एनआरआई अमोलक सिंह गाखल और परिवार प्रदान कर रहा है। उपविजेता टीम इंडियन रेलवे को उपविजेता ट्रॉफी के साथ 2.50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला। इसे लुधियाना की रैमटेक्स कंपनी ने प्रायोजित किया। इंडियन ऑयल टीम के तलविंदर सिंह को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। वह जालंधर की हॉकी नर्सरी मिट्ठापुर के रहने वाले हैं। उन्हें 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिला है। ये पुरस्कार जालंधर की पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने प्रायोजित किया गया है। पंजाब पुलिस के कप्तान ओलिंपियन हरमनप्रीत सिंह को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ स्कोरर घोषित किया गया, उन्हें 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है। वह भारतीय हॉकी टीम के कैप्टन हैं। वह नेशनल कैंप के लिए आज रवाना हो जाएंगे। चीफ गेस्ट ने सोसायटी को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की मैच में मुख्य अतिथि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। पंजाब सरकार इस वर्ष खेल बजट में बढ़ोतरी करके खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जिसके तहत पंजाब के गांवों में 3000 खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। उन्होंने सुरजीत हॉकी सोसायटी को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है।

दैनिक भास्कर 2 Nov 2025 4:01 am

सुरजीत हॉकी टूर्नामैंट का फाइनल शाम 7 बजे:इंडियन रेलवे दिल्ली और इंडियन ऑयल मुंबई में होगा फाइनल मुकाबला,विजेता टीम मिलेगा साढे पांच लाख

जालंधर में चन रहे 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला इंडियन ऑयल मुंबई और इंडियन रेलवे दिल्ली के बीच खेला जाएगा। यह फाइनल मुकाबला ओलंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम, जालंधर में शाम 7 बजे होगा। सेमीफाइनल मुकाबलों में इंडियन रेलवे दिल्ली ने इंडियन नेवी मुंबई को 2-1 से हराया, जबकि इंडियन ऑयल मुंबई ने भारत पेट्रोलियम मुंबई को 2-1 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई। इंडियन रेलवे दिल्ली की टीम पांचवीं बार फाइनल में पहुंची है, जबकि इंडियन ऑयल मुंबई 14वीं बार फाइनल में उतरेगी। इस मुकाबले में मुख्य मेहमान पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा विजेता टीमों को इनाम बांटने के लिए पहुंच रहे है। पहले सेमीफाइनल में इंडियन रेलवे और इंडियन नेवी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। खेल के 13वें मिनट में इंडियन रेलवे के गुरसाहिबजीत सिंह ने फील्ड गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। हाफ टाइम तक स्कोर 2-0 रहा। निर्धारित समय तक इंडियन नेवी एक गोल ही कर सकी और मुकाबला 2-1 से रेलवे के नाम रहा। दूसरे सेमीफाइनल में गत विजेता इंडियन ऑयल मुंबई ने शानदार प्रदर्शन किया। खेल के 17वें मिनट में गुरजिंदर सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर टीम को बढ़त दिलाई। 53वें मिनट में तलविंदर सिंह ने एक और गोल कर स्कोर 2-1 कर दिया। इस जीत के साथ इंडियन ऑयल ने लगातार दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। आज के मैचों के मुख्य मेहमान पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री महिंदर भगत और जालंधर पुलिस की आईपीएस कमिश्नर धनप्रीत कौर थे। फाइनल मुकाबले में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान करेंगे।विजेता टीम को 5.51 लाख रुपये नकद पुरस्कार और ट्रॉफी (प्रायोजक: गाखल ब्रदर्स, यूएसए) दी जाएगी, जबकि उपविजेता टीम को 2.51 लाख रुपये नकद पुरस्कार और ट्रॉफी मिलेगी। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को 1 लाख रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढ़ी, डिप्टी कमिश्नर जालंधर हिमांशु अग्रवाल, कैम गिल (अमेरिका), संजय कोहली, रंजीत सिंह टुट, ओलंपियन रजिंदर सिंह सीनियर, सुदेश कुमार (पूर्व डीजीपी केरल पुलिस), लखविंदर पाल सिंह खैरा, इकबाल सिंह संधू, सुरिंदर सिंह भापा, गुरविंदर सिंह गुल्लू, राम प्रताप, प्रोफेसर कृपाल सिंह मठारू, एल.आर. नायर, कुलविंदर थिआड़ा, नितिन महाजन (अल्फा), बलविंदर सिंह, करनदीप सिंह, दलजीत सिंह (आईआरएस), गुनीप सिंह कपूर, जतिन महाजन (अल्फा), आत्म प्रकाश बबलू, सुखविंदर सिंह चोहला, वरिंदरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, सुरिंदर सिंह, गौरव अग्रवाल, बलजीत सिंह (ओलंपियन सुरजीत सिंह के बड़े भाई), हरिंदर संधा, गुरिंदर संधा, रणबीर टुट, नरिंदर पाल सिंह जज, नथा सिंह गाखल और गौरव महाजन विशेष रूप से उपस्थित थे।

दैनिक भास्कर 1 Nov 2025 8:24 am

रांची रेल मंडल: एकता की ली शपथ

रांची|लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर रांची रेल मंडल में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर से सुबह एकता दौड़ डीआरएम करुणा निधि सिंह के नेतृत्व में निकाली गई। इसमें अधिकारियों, कर्मचािरयों, खिलाड़ियों और रेल सुरक्षा बल के जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह दौड़ मंडल कार्यालय परिसर से शुरू होकर हटिया रेलवे स्टेशन, कोचिंग डिपो, हटिया रेलवे कॉलोनी, एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम होते हुए मंडल कार्यालय परिसर में संपन्न हुई। इसके बाद सभी ने राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ ली। अपर मंडल रेल प्रबंधक हेमराज मीना, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजू तिर्की, सीनियर डीसीएम शुचि सिंह व अन्य मौजूद थे।

दैनिक भास्कर 1 Nov 2025 4:56 am

भारतीय हॉकी के 100 साल : शहर में 7 नवंबर को शो मैचों से होगा जश्न

उदयपुर| भारतीय हॉकी की 100 साल की गौरवशाली यात्रा का उत्सव देशभर में 7 नवंबर को मनाया जाएगा। 1925 में भारतीय हॉकी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एफआईएच से संबद्ध होने से शुरू हुई यह यात्रा ओलंपिक में 8 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य पदकों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से जगमगा उठी। हॉकी इंडिया इस अवसर पर देश के 500 से अधिक जिलों में उत्सव मना रही है। इसी दिन हॉकी राजस्थान के निर्देशन में हॉकी उदयपुर की ओर से महिला एवं पुरुष वर्ग के प्रदर्शन मैचों होंगे। महिला वर्ग में रानी रामपाल इलेवन बनाम वंदना कटारिया इलेवन और पुरुष वर्ग में पी.आर. श्रीजेश इलेवन बनाम हरमनप्रीत इलेवन आमने-सामने होंगे। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा कि यह शताब्दी भारतीय हॉकी की आत्मा, नायकों और पुनर्जागरण की यात्रा का प्रतीक है, जबकि महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि यह उत्सव हर खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक के लिए समर्पित है। समारोह की तैयारी पूरी कर ली गई है।

दैनिक भास्कर 1 Nov 2025 4:07 am

एसपीएसयू : 12वां दीक्षांत संपन्न, 331 स्नातकों, अधि स्नातकों को दी डिग्री

उदयपुर| सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। समारोह में इंजीनियरिंग और प्रबंधन संकाय के 331 स्नातकों, अधि स्नातकों और पीएचडी छात्रों को डिग्री दी गई। राज्यपाल ने शैक्षणिक उत्कृष्टता, नवाचार और मूल्य-आधारित शिक्षा के प्रति एसपीएसयू की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले समस्त विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को बधाई दी। अध्यक्षता विवि के अध्यक्ष डॉ. निधिपति सिंघानिया ने की। मुख्य अतिथि सेड्रिक डिसूजा हॉकी कोच, मनोज सिंघल उद्योगपति, अर्चना पूरन सिंह अभिनेत्री थी। इस अवसर पर सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। डॉ. राघवपत सिंघानिया प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट, माधवकृष्ण सिंघानिया संयुक्त प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट, अजय कुमार सराओगी उप प्रबंध निदेशक जेके सीमेंट भी मौजूद रहे।

दैनिक भास्कर 1 Nov 2025 4:07 am

7 बार की चैंपियन पंजाब पुलिस को इंडियन ऑयल ने पेनल्टी शूटआउट में 8-7 से हराकर बाहर किया

ओलिंपियन हरमनप्रीत सिंह 6 गोल के साथ टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर भास्कर न्यूज | जालंधर इंडियन ऑयल मुंबई और भारत पेट्रोलियम मुंबई की टीमें 42वें इंडियन ऑयल सर्वो सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंच गईं। ओलिंपियन सुरजीत हॉकी स्टेडियम में वीरवार को क्वार्टर फाइनल मैच खेले गए। अब शुक्रवार को पहले सेमीफाइनल में इंडियन रेलवे दिल्ली और इंडियन नेवी मुंबई की टीमें आमने-सामने होंगी। जबकि दूसरे सेमीफाइनल में भारत पेट्रोलियम मुंबई का सामना इंडियन ऑयल मुंबई से होगा। इस समय टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर ओलिंपियन हरमनप्रीत सिंह है, जिन्होंने 6 गोल किए। हालांकि पंजाब पुलिस की टीम अब बाहर हो चुकी है। पहला क्वार्टर फाइनल भारत पेट्रोलियम मुंबई और आर्मी इलेवन दिल्ली के बीच खेला गया। हाफ टाइम तक दोनों टीमें बराबरी पर थीं। हाफ टाइम के बाद, चौथे क्वार्टर के 48वें मिनट में आर्मी के आतिश डोडरी ने पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर स्कोर 1-0 कर दिया। 50वें मिनट में भारत पेट्रोलियम के शाहरुख अली ने फील्ड गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। निर्धारित समय की समाप्ति तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर रहीं। भारत पेट्रोलियम मुंबई ने पेनल्टी शूटआउट 3-0 से जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। दूसरा क्वार्टर फाइनल मुकाबला पंजाब पुलिस जालंधर और पिछले साल की विजेता इंडियन ऑयल मुंबई के बीच खेला गया। खेल के दूसरे और सातवें मिनट में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दोनों पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर पंजाब पुलिस को 2-0 से आगे कर दिया। हाफ टाइम तक पंजाब पुलिस 2-0 से आगे थी। खेल के 31वें मिनट में इंडियन ऑयल के सुनील यादव ने पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर स्कोर 1-2 कर दिया। खेल के 35वें मिनट में इंडियन ऑयल के गुरजिंदर सिंह 52वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर स्कोर 3-3 कर दिया। खेल के अगले ही मिनट में इंडियन ऑयल के तलविंदर सिंह ने गोल कर स्कोर 4-3 कर दिया। खेल के आखिरी मिनट में ओलंपियन हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 4-4 कर दिया और मैच बराबरी पर आ गया। पेनल्टी शूटआउट में इंडियन ऑयल मुंबई ने पंजाब पुलिस जालंधर को 4-3 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। पंजाब पुलिस की टीम वर्ष 1985, 1986, 1993, 1995, 1997, 2000, 2017 में चैंपियन बनी जबकि 1996, 2001, 2004 में रनर अप रही थी। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में रमणीक रंधावा चेयरमैन जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सर्बजीत सिंह समरा, प्रवीण सचदेवा, बलबीर राज आरटीए थे, जिन्होंने टीमों का परिचय कराया। लखविंदर पाल खैरा, इकबाल संधू, सुरिंदर भापा, गुरविंदर गुल्लू, राम प्रताप, प्रो. किरपाल सिंह मथारू, दलजीत सिंह आईआरएस, गुनदीप सिंह कपूर, जतिन महाजन (अल्फा) आतम प्रकाश बब्लू, सुखविंदर सिंह चोहला, वरिंदरप्रीत सिंह, अवतार सिंह, सुरिंदर सिंह, गौरव अग्रवाल, बलजीत सिंह ओलिंपियन, सुरजीत सिंह के बड़े भाई हरिंदर संघा, गुरिंदर संघा, रणबीर टुट, नरिंदर पाल सिंह जज, नत्था सिंह गाखल, गौरव महाजन विशेष रूप से उपस्थित थे। आज के सेमीफाइनल {भारतीय नौसेना मुंबई बनाम भारतीय रेलवे दिल्ली - शाम 5:30 बजे। { भारत पेट्रोलियम मुंबई बनाम इंडियन ऑयल मुंबई - शाम 7:00 बजे।

दैनिक भास्कर 31 Oct 2025 4:11 am

जहीर खान और उनकी पत्नी सागरिका घाटगे ने ‘Akutee’ ब्रांड की शुरुआत की

बेंगलुरु। पल्लू, दुपट्टे और जैकेट पर खूबसूरत रंगों में की गई कढ़ाई और पेंटिंग घाटगे शाही परिवार का एक रहस्य रहा होगा, जिसका इस्तेमाल प्रियजनों के कपड़ों को प्यार से सजाने के लिए किया जाता था। हालांकि क्रिकेटर जहीर खान की व्यावसायिक समझ से अब यह एक ब्रांड अकुती में तब्दील हो गया है। अभिनेत्री, मॉडल एवं राष्ट्रीय स्तर की पूर्व हॉकी चैंपियन सागरिका घाटगे अकुती ब्रांड को अपनी मां उर्मिला घाटगे के साथ चलाती हैं। सागरिका घाटगे ने कहा, “हाथ से पेंटिंग मेरे बचपन का हिस्सा रहे हैं। मेरी मां लंबे समय से यह करती रही हैं। हालांकि शुरू में मैं इसे उतनी गंभीरता से नहीं लेती थी, लेकिन मेरे पति (जहीर खान) ने मुझे इसे एक विशेष कलेक्शन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मां-बेटी की जोड़ी ने बेंगलुरु में ‘फोर सीजन्स’ में अपने कलेक्शन की शुरुआत की। सोलह मई को होटल में एक दिन के लिए साड़ियों, दुपट्टों और ब्लेजर का संग्रह प्रदर्शित किया गया। घाटगे ने कहा कि जब उन्होंने लगभग एक साल पहले इसकी शुरुआत करने का फैसला किया, तो एक ब्रांड नाम के लिए ‘अकुती’ एक स्वाभाविक पसंद बन गई, जिसका मराठी में अर्थ राजकुमारी होता है। इसे भी पढ़ें: Cannes Film Festival में दिखाई गई श्याम बेनेगल की फिल्म मंथन, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह मौजूद खान ने कहा, ‘‘हां, वह एक राजकुमारी है। घाटगे ने कहा कि यह नाम सिर्फ उनके खानदान का संकेत नहीं है, बल्कि उनके परिवार की सभी महिलाओं के लिए एक सम्मान भी है। घाटगे ने कहा, अकुती समय में पीछे ले जाता है। उन्होंने कहा कि डिज़ाइन की प्रेरणा सीधे कोल्हापुर के शाही घाटगे परिवार के बगीचों से आती है। घाटगे ने कहा, मेरी मां वास्तव में बागवानी में रुचि रखती हैं और हमारे बगीचे में खिलने वाले फूल हमारे कपड़ों पर हाथ से पेंट की गई डिजाइन में तब्दील हो जाते हैं।

प्रभासाक्षी 18 May 2024 4:50 pm