Kochiलोकसभा चुनाव केरल में, कांग्रेस, सीपीआई (एम) और बीजेपी 2024 के आम चुनावों से पहले की बना रहे रणनीति
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के एक महीने से अधिक के उग्र अभियान के बाद, केरल में शुक्रवार को होने वाले मतदान में 20 लोकसभा सीटों पर कुल 194 प्रतियोगी मतदाताओं के समर्थन के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। 88 सीटों पर राहुल गांधी और कांग्रेस के शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और राजीव चंद्रशेखर सहित भाजपा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मैदान में हैं। जहां राहुल गांधी वायनाड से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं चंद्रशेखर तिरुवनंतपुरम में तीन बार के सांसद थरूर के खिलाफ मैदान में हैं। इसे भी पढ़ें: Kerala: प्रियंका ने बीजेपी पर लगाया असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप, बोलीं- वे कभी समस्या की बात नहीं करेंगे बीजेपी बनाम कांग्रेस 19 अप्रैल को 102 सीटों पर पहले चरण के मतदान के बाद, पीएम मोदी ने कांग्रेस पर अपना हमला तेज कर दिया है और उस पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित कोटा में मुसलमानों को राष्ट्रव्यापी आरक्षण प्रदान करने की मांग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में मतदाताओं को यह भी चेतावनी दी कि केंद्र में कांग्रेस सरकार उन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए महिलाओं के 'मंगलसूत्र' सहित उनकी संपत्ति छीन लेगी, जो घुसपैठिए हैं और जिनके अधिक बच्चे हैं, जैसा कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के एक भाषण का हवाला दिया। अपना दावा वापस करो। दूसरी ओर, कांग्रेस ने उन पर झूठ बोलने और सांप्रदायिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन से परेशान हैं और उनके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत कर रही हैं। इसे भी पढ़ें: Kerala: वायनाड में BJP ने झोंकी पूरी ताकत, K Annamalai का सवाल- पिछले पांच वर्षों राहुल ने यहां क्या किया? भाजपा ने भी गांधी सहित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। क्या केरल में भाजपा का सूखा आखिरकार खत्म होगा और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस पर हमले के बाद राजनीतिक तापमान में बढ़ोतरी होगी, अपेक्षाकृत कम मतदाताओं के उत्साह के बाद मतदान में बढ़ोतरी होगी, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो लोगों के मन में घूम रहे हैं। केरल में मतदान आज सुबह 7 बजे मतदान शुरू होने के साथ ही 2.75 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने के लिए तैयार हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) संजय कौल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) ठीक से काम कर रही हैं, सुबह 6 बजे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मॉक पोल आयोजित किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में 30,238 ईवीएम का उपयोग किया जाएगा, और यदि कोई मशीन खराब होती है, तो संबंधित सेक्टर अधिकारियों द्वारा रिजर्व उपलब्ध कराया जाएगा। स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए, केरल के 14 जिलों में से आठ, कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, मलप्पुरम, कोझीकोड, पलक्कड़, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में सभी बूथों की लाइव निगरानी के लिए एक वेबकास्टिंग प्रणाली लगाई गई है। उन्होंने बयान में कहा कि शेष छह जिलों में 75 प्रतिशत बूथों पर इस प्रणाली से निगरानी की जाएगी। पिछले आम चुनावों के विपरीत, केरल में अत्यधिक सक्रिय और आक्रामक अभियान देखा गया है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) के कार्यान्वयन से लेकर, 'लव जिहाद' के अस्तित्व के आरोप, 'द केरल स्टोरी' फिल्म के आसपास के विवाद, मणिपुर हिंसा, वायनाड में राहुल गांधी की उम्मीदवारी जैसे विविध मुद्दे साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अल्पसंख्यकों का कथित तुष्टिकरण, उच्च-डेसीबल सार्वजनिक अभियानों पर हावी रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में यूडीएफ ने 20 में से 19 सीटें जीतीं, जबकि एलडीएफ को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा।
वायनाड में राहुल गांधी vs एन्नी राजा vs सुरेंद्रन... केरल की सभी सीटों पर वोटिंग शुरू
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कई राज्यों की हॉट सीटों पर मतदान हो रहा है, लेकिन सभी की नजरें इस बार केरल की वायनाड सीट पर टिकी हैं. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी और लेफ्ट प्रत्याशी एन्नी राजा के बीच दिलचस्प मुकाबला नजर आ रहा है. राहुल गांधी ने वायनाड से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. पर 2024 में उसी जीत के अंतर को बरकरार रखना चुनौती बन गया है.
Sambhal News: बाल विवाह पीड़ित किशोरी ने केरल में शिशु को जन्म दिया, केरल में रिपोर्ट दर्ज
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दूसरे चरण के मतदान से पहले बढ़ते राजनीतिक तापमान के बीच भाजपा के केरल अभियान की परीक्षा
इस चरण में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नेता शशि थरूर तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और राजीव चंद्रशेखर सहित भाजपा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मैदान में हैं.
मंदिर के बगल में मस्जिद और चंद कदमों की दूरी पर चर्च, एक तस्वीर, जो बताती है पूरे केरल की कहानी
Kerala Lok Sabha Election: लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण में केरल की 17 सीटों के लिए 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। केरल में एलडीएफ और यूडीएफ के संघर्ष के बीच बीजेपी ने काफी अच्छे कैंडिडेट उतारे हैं। वोटिंग से पहले जानिए क्या है केरल की ग्राउंड रिपोर्ट। त्रिवेंद्रम में 'नवभारत टाइम्स' ने भांपा चुनावी मूड।
दिल्ली के एलजी केरल किसलिए गए थे, कांग्रेस ने पूछा- कहां है आचार संहिता
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को आम आदमी पार्टी पहले से ही भाजपा का एजेंट बताती रही है। अब कांग्रेस ने भी गुरुवार को सक्सेना के केरल दौरे का मकसद पूछा और कहा कि आखिर चुनाव आचार संहिता कहां है। वीके सक्सेना तमाम वजहों से विवादास्पद छवि के अधिकारी होते जा रहे हैं। जानिए क्या है ताजा विवादः
Kerala: वोटिंग के लिए भारी संख्या में लौट रहे NRIs, शुक्रवार को राज्य में होना है मतदान
केरल के एनआरआई, जिनमें से अधिकांश वर्तमान में खाड़ी देशों में रहते हैं, राज्य में शुक्रवार को होने वाले लोकसभा चुनाव में वोट डालने के लिए बड़ी संख्या में घर लौट रहे हैं। हाई-वोल्टेज आम चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पिछले दो दिनों में 22,000 से अधिक एनआरआई पहले ही केरल पहुंच चुके हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा प्रकाशित मतदाताओं की अंतिम सूची के अनुसार, केरल में 89,839 पंजीकृत एनआरआई मतदाता हैं। एनआरआई मतदाताओं के लिए केरल की यात्रा के लिए लगभग 12 चार्टर्ड उड़ानें बुक की गईं। इसे भी पढ़ें: 'कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने आतंकवादियों को दी पनाह', Kerala में बोले Amit Shah- हम एकता और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध आखिरी चार्टर्ड फ्लाइट गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से उड़ान भरेगी। केरल में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े कई प्रवासी संगठनों ने किफायती दर पर उड़ान टिकट बुक करने के लिए ट्रैवल एजेंसियों के साथ सहयोग किया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सूत्रों के अनुसार, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कांग्रेस से जुड़े संगठन, जैसे केरल मुस्लिम सांस्कृतिक केंद्र - खाड़ी में सबसे बड़ा भारतीय प्रवासी संगठन; प्रियदर्शनी कांग्रेस; और कतर स्थित INCAS; सभी लोग यात्राओं के समन्वय और सुविधा में लगे हुए हैं। इसे भी पढ़ें: 'झूठे हैं PM Modi', केरल में बोले खड़गे, यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है हालाँकि, मतदाताओं को उड़ान टिकटों का भुगतान स्वयं करना होगा। वोट फ़्लाइट, जैसा कि एनआरआई इसे कहते हैं, केरल में सभी चुनावों के दौरान एक सामान्य दृश्य है। लेकिन इस बार पिछले चुनावों की तुलना में संख्या बढ़ी है। वटकारा सीट पर बड़ी संख्या में मतदाता विदेश में बसे हैं और पिछले दो दिनों में देश के लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में भाग लेने के लिए 22,000 से अधिक लोग घर लौट आए हैं। गुरुवार तक संख्या बढ़ने की उम्मीद है और उसके बाद ही अंतिम आंकड़ा सामने आएगा। वतकारा से यूडीएफ उम्मीदवार, शफ़ी परम्बिल ने अपना अभियान निर्वाचन क्षेत्र और देश के बाहर संयुक्त अरब अमीरात में ले जाया था।
केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने गुरुवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। सतीसन ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने केरल के विभिन्न चर्च प्रमुखों के पास जाकर उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए आदर्श आचार संहिता के घोर उल्लंघन किया है।
कल दिल्ली में मेयर चुनाव हैं और LG साहब केरल भ्रमण पर हैं, उपराज्यपाल पर सौरभ भारद्वाज का तीखा हमला
सौरभ भारद्वाज ने कहा, ऐसा लगता है BJP की केंद्र सरकार कोई नई साजिश कर रही है। ताकि दिल्ली में मेयर के चुनाव या तो हों ना और हों तो बेईमानी से हों। जिससे AAP के मेयर को किसी तरह से MCD से हटाया जा सके।
Kochi अमित शाह ने बोला विपक्ष पर हमला, भारतीय गुट केरल के लोगों को दे रहा धोखा
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जेल जाने से बचने के लिए केरल के CM ने भाजपा से समझौता कर लिया, राहुल के बाद प्रियंका भी भड़की
राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी भी केरल के सीएम पिनाराई विजयन पर भड़की हुईं हैं। उन्होंने कहा कि जेल जाने से बचने के लिए उन्होंने भाजपा से समझौता कर लिया है।
Kochi INDIA गुट केरल के लोगों को धोखा दे रहा, अमित शाह ने भरी हुंकार
Kochi INDIA गुट केरल के लोगों को धोखा दे रहा, अमित शाह ने भरी हुंकार
20 अप्रैल को त्रिशूर में मशहूर पूरम फेस्टिवल मनाया जा रहा था। आरोप है कि फेस्टिवल के दौरान पुलिस ने श्रद्धालुओं से धक्कामुक्की की और जूते पहनकर मंदिर में घुस गई। वीडियो वायरल हुए तो केरल के CM पिनराई विजयन ने तुरंत त्रिशूर पुलिस कमिश्नर अंकित अशोकन और असिस्टेंट कमिश्नर के. सुदर्शन का ट्रांसफर कर दिया। जांच के आदेश भी दे दिए। 26 अप्रैल को होने वाली वोटिंग से सिर्फ 6 दिन पहले हुए इस बवाल ने त्रिशूर सीट के पुराने राजनीतिक समीकरणों को हिला दिया है। आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने हिंदुओं को फेस्टिवल मनाने से रोका। मंदिर प्रशासन को दिन में पटाखे जलाने के लिए मजबूर किया गया। पूरे इलाके की बैरिकेडिंग कर दी और श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने से रोका। लोग मंदिर में घुसना चाहे तो पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। रंगीन छतरियों से सजे हाथी इस फेस्टिवल का अहम हिस्सा हैं, पुलिस ने इन हाथियों को भी रोका। BJP-कांग्रेस ने लेफ्ट सरकार को इस मुद्दे पर घेर लिया है। BJP स्टेट प्रेसिडेंट के. सुरेंद्रन ने इसे हिंदुओं का अपमान बताया। कांग्रेस ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। त्रिशूर सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है। यहां BJP ने फिल्म स्टार सुरेश गोपी को मैदान में उतारा है। सुरेश 2019 के चुनाव में 30% वोट लाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने यहां से केरल के पूर्व CM के. करुनाकरण के बेटे के. मुरलीधरन को टिकट दिया है। LDF ने इस सीट पर CPI के सुनील कुमार को उतारा है। सुनील केरल सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं। पूरम फेस्टिवल के बवाल से त्रिशूर में समीकरण बदलेअंग्रेजी अखबार द हिंदू के पूर्व एडिटर गौरी दास नायर मानते हैं कि पूरम फेस्टिवल में जो हुआ, उससे लोग नाराज हैं। वे कहते हैं, 'पूरम फेस्टिवल में पुलिस के एक्शन को हिंदू विरोधी कदम की तरह बताया जा रहा है। त्रिशूर केरल के सेंट्रल में है। इसे गेटवे ऑफ नॉर्थ केरल कहा जाता है।' गौरीदास नायर की बात ठीक भी लगती है। इस बवाल के बाद BJP कैंडिडेट सुरेश गोपी ने लगातार सोशल मीडिया और लोकल मीडिया के जरिए ये मुद्दा उठाया है। सुरेश ने कहा, 'पूरम फेस्टिवल को ट्रेडिशनल तरीके से मनाने से रोकना गलत है। फेस्टिवल में शामिल होने आए गरीब लोगों को लाठी चलाने से क्या हासिल हो गया।' सिर्फ सुरेश गोपी ही नहीं, कांग्रेस कैंडिडेट मुरलीधरन भी सामने आए और ज्यूडिशियल इन्क्वायरी की मांग की। मुरलीधरन ने कहा, 'इस बात की जांच होनी चाहिए कि पूरम के दौरान पुलिस ने जो किया, वो किसके आदेश पर हुआ है।' माइनॉरिटी वोट सुरेश गोपी के लिए सबसे बड़ी दिक्कतत्रिशूर में ऑटो चलाने वाले लियोजो कहते हैं, 'सुरेश गोपी अच्छे आदमी हैं, लेकिन जीत नहीं पाएंगे। वे BJP में नहीं जाते और इंडिपेंडेंट लड़ते, तो जीत सकते थे। BJP में जाने के बाद उनकी जीत के चांस कम हो गए है’ द हिंदू के पूर्व एडिटर गौरीदास भी कहते हैं, 'सुरेश गोपी के सामने दिक्कत माइनॉरिटी वोट को साधने की है क्योंकि ये लोग नेशनल इश्यूज को लेकर BJP से नाराज चल रहे हैं। क्रिश्चियन मणिपुर में जो हुआ, उससे गुस्से में हैं। मुस्लिम CAA को लेकर डरे हुए हैं। हालांकि, इन दोनों कम्युनिटी में ही यंगस्टर्स का एक वर्ग PM मोदी और सेंट्रल की पॉलिसी पसंद करता है।’ ‘इन वोटों के लिए लड़ाई UDF और LDF के बीच है। इस लड़ाई का कुछ फायदा BJP को मिल सकता है। हालांकि, जो भी त्रिशूर सीट जीतेगा, उसका विनिंग मार्जिन बहुत कम होगा। ऐसा हो सकता है कि केरल में त्रिशूर सीट से सुरेश गोपी BJP को पहली जीत दिलाएं।’ लोग नाराज, लेकिन कांग्रेस-लेफ्ट अब भी मजबूतपूरम फेस्टिवल परामेक्कावु और तिरुवम्बडी मंदिर परिसर में मनाया जाता है। इसी मंदिर के बाहर हमारी मुलाकात केवी कुमार से हुई। चुनाव के सवाल पर वे कहते हैं, 'त्रिशूर में LDF के सुनील कुमार ही जीतेंगे क्योंकि वो हमारे जैसे आम आदमी हैं।’ ‘कांग्रेस के मुरलीधरन और BJP के सुरेश गोपी काफी अमीर हैं, इसलिए लोग उन्हें वोट नहीं देंगे। सुनील कुमार विधायक और पूर्व मंत्री रहे हैं। सभी लोगों से मिलते-जुलते हैं। उनका व्यवहार भी अच्छा है। इसलिए उन्हें वोट देंगे।' यहीं हमारी मुलाकात किसानी करने वाले श्रीजीत से हुई। वे कहते हैं, 'केरल में BJP का चांस तो लग रहा है, लेकिन जीत अभी मुश्किल है। त्रिशूर से कैंडिडेट सुरेश गोपी अच्छे आदमी हैं। मैंने उनकी काफी फिल्में देखी हैं, उनके बहुत फैन हैं। मैं भी उनका फैन हूं।' 'पिछली बार भी उन्होंने चुनाव लड़ा था, लेकिन LDF और UDF ने मिलकर उन्हें हरा दिया था। मैं चाहता हूं कि यहां एक बार BJP को जरूर आना चाहिए। सुरेश गोपी को भी जीतना चाहिए।' द हिंदू के पूर्व एडिटर गौरी दास नायर भी कहते हैं, 'यहां BJP, UDF के ट्रेडिशनल वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश में है। कांग्रेस कैंडिडेट मुरलीधरन को नायर कम्युनिटी के साथ ही क्रिश्चियन-मुस्लिम वोटों से ज्यादा उम्मीदें हैं। लेफ्ट के सुनील कुमार की भी माइनॉरिटी के साथ ही डेली वर्कर्स के बीच मजबूत पकड़ है।’ ‘पिछले चुनाव के बाद से ही सुरेश गोपी त्रिशूर में एक्टिव हैं और उन्होंने अलग-अलग कम्युनिटी के लोगों के बीच पकड़ बनाई है। पॉपुलर एक्टर होने के साथ ही उनकी विनम्रता को भी लोग पसंद करते हैं।' कांग्रेस कैंडिडेट: हम सभी 20 सीटें जीतेंगे, लेफ्ट-BJP मिले हुए हैंत्रिशूर में हमारी मुलाकात कांग्रेस कैंडिडेट के. मुरलीधरन से हुई। वे कहते हैं, 'हम सिर्फ त्रिशूर ही नहीं, बल्कि केरल की सभी 20 सीटें जीत रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में हम अलाप्पुझा में हारे थे। इस बार वहां से केसी वेणुगोपाल लड़ रहे हैं। हम इस बार एक भी सीट नहीं हारेंगे।' 'केरल में हमारी लड़ाई यहां की करप्ट सरकार के खिलाफ है। राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही करप्ट हैं। मैं BJP कैंडिडेट सुरेश गोपी के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि ये व्यक्तियों की नहीं बल्कि आइडियोलॉजी की लड़ाई है।' 'राम मंदिर और हिंदुत्व का यहां कोई असर नहीं है। ऐसा नहीं है कि यहां के लोग धार्मिक नहीं हैं, लेकिन वे धर्म और राजनीति को अलग-अलग रखते हैं। यही हमारे लिए सबसे बड़ा फायदा है।' मुरलीधरन आरोप लगाते हैं, 'केरल में CPM सरकार के राज में कॉपरेटिव बैंक घोटाला हुआ। बैंक दिवालिया हो गए। इन्हें CPM और CPI कंट्रोल कर रहे थे। कई पीड़ितों ने सुसाइड कर लिया। यह त्रिशूर और पूरे केरल में बहुत बड़ा मुद्दा है।’ सुरेश गोपी: पिछली बार मुझे हरवा दिया था, इस बार जनता जवाब देगी त्रिशूर में एक रोड शो के दौरान BJP कैंडिडेट सुरेश गोपी से हमारी मुलाकात हुई। वे कहते हैं, 'हम देश को ग्रोथ दे चुके हैं। लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं। हमारी ग्रोथ पहले से बहुत तेज है।' गोपी आगे कहते हैं, 'इस चुनाव में मैं किसी को अपना कॉम्पिटीटर नहीं मान रहा। मैं सिर्फ वोटर्स को ही देख रहा हूं।’ राम मंदिर और हिंदुत्व पर कहते हैं, ‘यह लोगों के दिल में है। मुझे इसमें बोलने का कोई अधिकार नहीं है। लोग अपने दिल की बात सुनेंगे।’ केरल में कभी जीत न मिलने पर कहते हैं, ‘हम इंडिया में भी पहले कभी नहीं जीते थे, लेकिन वक्त बदलता है। केरल में अभी वक्त बदल रहा है और हमारा वक्त आ रहा है।' LDF कैंडिडेट: हम बड़े मार्जिन से त्रिशूर जीतेंगे, सुरेश गोपी थर्ड आएंगेLDF कैंडिडेट सुनील कुमार पूरम फेस्टिवल में हुए बवाल से जुड़े सवाल पर कहते हैं, 'पूरम फेस्टिवल पर BJP-RSS ने मिलकर कंट्रोवर्सी खड़ी करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा कर नहीं पाए।’ ‘मैं 5 साल त्रिशूर सीट से विधायक रहा हूं। तब पूरम फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर में से एक था। मैंने क्या किया है, मेरा क्या रोल रहा है, ये लोग बहुत अच्छे से जानते हैं। इसलिए इस मुद्दे पर BJP को एक भी वोट नहीं मिलेगा। वे लोग मेरे खिलाफ नेगेटिव प्रोपेगैंडा चला रहे हैं, लेकिन कामयाब नहीं हो पाएंगे।' सुनील आगे कहते हैं, 'BJP और RSS मिलकर देश से सेकुलरिज्म और डेमोक्रेसी को खत्म करना चाहते हैं। वे भारत को रिलीजियस कंट्री बनाना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसके बुरे नतीजे होंगे। हमारा कैंपेन BJP और RSS की इसी आइडियोलॉजी के खिलाफ है।’ ‘उन्होंने सुरेश गोपी को मेरे सामने खड़ा किया है, लेकिन वे दूसरे नहीं, तीसरे नंबर पर आएंगे। उन्हें पिछली बार के बराबर वोट भी नहीं मिलेंगे क्योंकि देश की पॉलिटिकल सिचुएशन बदल चुकी है।’ ‘PM मोदी दो महीने में कई बार केरल आए, लेकिन इसका नेगेटिव इम्पैक्ट होगा। केरल को जब PM की जरूरत थी, वे यहां नहीं आए। 2018 और 2019 में दो बार बाढ़ आई, तब लोग चाहते थे कि PM आएं, लेकिन नहीं आए। अब आ रहे हैं तो लोग समझ रहे हैं कि उनका मकसद क्या है।’ ...........................................................इन VIP सीट के बारे में भी पढ़िए
Kochi फिलिस्तीन, मणिपुर, वन्यजीव हमले, नफरत की राजनीति... केरल में सबकुछ गूंजता है
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी कहते थे कि अनुच्छेद-370 हटी, तो देश में खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून की नदियां तो छोड़ों आज तक किसी की एक कंकड़ तक चलाने की हिम्मत नहीं हुई। पीएम मोदी ने अनुच्छेद-370 हटाकर इस देश से आतंकवाद को समाप्त कर कश्मीर को हमेशा के लिए भारत का बनाने काम किया है। इसे भी पढ़ें: 'कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने आतंकवादियों को दी पनाह', Kerala में बोले Amit Shah- हम एकता और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध कांग्रेस पार्टी अफवाह फैला रही है कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिल गईं तो आरक्षण चला जाएगा। लेकिन मैं आपको स्पष्ट बता देता हूं कि भाजपा न आरक्षण को जाने देगी और न ही हटाएगी। ये मोदी की गारंटी है। हमने बहुमत का प्रयोग अनुच्छेद-370 हटाने के लिए किया, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए किया और सीएए लाने के लिए किया। इसे भी पढ़ें: सोनिया-मनमोहन के समय पाकिस्तान हर दिन हमले करता था, अमित शाह बोले- वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कुछ नहीं किया अमरावती में एक सार्वजनिक बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उद्धव ठाकरे, जो खुद को शिव सेना का अध्यक्ष होने का दावा करते हैं, शिव सेना का यह फर्जी अध्यक्ष सोनिया गांधी के डर से प्राण प्रतिष्ठा में भी शामिल नहीं हुए। 'राहुल बाबा' को भी निमंत्रण मिला, लेकिन वे 'प्राण प्रतिष्ठा' में शामिल नहीं हुए। इन लोगों ने 'प्राण प्रतिष्ठा' में शामिल न होकर भगवान राम का अपमान किया है।' शरद पवार को भी निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि तबीयत खराब है। अभी चुनाव में कैसे घूम रहे हैं। #WATCH | Maharashtra | In a public meeting in Amravati, Union Home Minister Amit Shah says, Uddhav Thackeray, who claims to be the president of Shiv Sena, this fake president of Shiv Sena didn't attend the 'Pran Pratishtha' due to fear of Sonia Gandhi even after him being… pic.twitter.com/madMEiTIbC — ANI (@ANI) April 24, 2024
Manjummel Boys फेम दीपक परमबोल ने अपर्णा दास से केरल के मंदिर में की शादी, देखें PHOTOS
Aparna Das and Deepak Parambol Wedding: मलयालम अभिनेत्री अपर्णा दास ने 'मंजुम्मेल बॉयज' फेम एक्टर दीपक परमबोल के साथ आज यानी 24 अप्रैल को केरल के गुरुवायुर मंदिर में शादी कर ली है. दोनों की शादी की ऑफिशियल तस्वीरें भी अब सामने आ चुकी हैं.
मणिपुर के बवाल पर केरल में क्यों उबाल? BJP का हो गया ये हाल
केरल का त्रिशूर और मणिपुर की राजधानी में दूरी 3700 किमी से ज्यादा की है लेकिन यहां बीते साल हुई हिंसा का मुद्दा उतना ही गर्म नजर आ रहा है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण भारत के इस राज्य में लोकसभा सीट का खाता खुलने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस 35 फीसदी ईसाई मतदाताओं वाले इस इलाके में मणिपुर के मुद्दे को जमकर उठा रही है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण बढ़ाकर मुसलमानों को देने की कोशिश की। टोंक में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में जैसे ही कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाई, उसका पहला काम आंध्र प्रदेश में एससी/एसटी आरक्षण को कम करना और मुसलमानों को देना था। उन्होंने दावा किया कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट था जिसे कांग्रेस पूरे देश में आज़माना चाहती थी। 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में चार बार मुस्लिम आरक्षण लागू करने की कोशिश की लेकिन कानूनी अड़चनों और सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता के कारण वह अपनी मंशा पूरी नहीं कर पाई... 2011 में कांग्रेस ने इसे पूरे देश में लागू करने की कोशिश की। मोदी ने यह भी कहा कि जब कर्नाटक में भाजपा सरकार को मौका मिला तो उसने सबसे पहला काम मुस्लिम कोटा खत्म करने का किया, जो एसटी/एससी से छीनकर बनाया गया था। इसे भी पढ़ें: Prajatantra: कांग्रेस लाएगी अमेरिका वाली पॉलिसी? सैम पित्रोदा के बयान पर क्यों मचा सियासी संग्राम पीएम किस बात का जिक्र कर रहे थे? आंध्र प्रदेश अविभाजित आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित) में मुसलमानों के लिए आरक्षण पहली बार 1993-1994 में प्रस्तावित किया गया था जब कोटला विजयभास्कर रेड्डी-कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की स्थापना की थी। अगस्त 1994 में, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मुसलमानों और 14 अन्य जातियों को 5% कोटा प्रदान करने वाला एक सरकारी आदेश जारी किया गया था। 1994 और 1999 में कांग्रेस की हार के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। 2004 में, कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए 5% कोटा को चुनावी वादा किया। जब वाई एस राजशेखर रेड्डी ने पार्टी को सत्ता में पहुंचाया, तो उन्होंने घोषणा की कि इसे दो महीने के भीतर लागू किया जाएगा। वाईएसआर सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान तेलंगाना कांग्रेस सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर के अनुसार, केंद्र में सत्ता में आई यूपीए सरकार ने आरक्षण को पूरा समर्थन दिया था। हालाँकि, कई व्यक्तियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया और अदालत ने सरकार से कोटा घटाकर 4% करने को कहा क्योंकि अन्यथा यह 50% की सीमा का उल्लंघन होगा। 25 मार्च 2010 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4% मुस्लिम कोटा के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी, जबकि अगले आदेश तक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग श्रेणी के तहत 14 श्रेणियों के लिए आरक्षण जारी रखने का आदेश दिया। इसने मामले को एक संवैधानिक पीठ के पास भी भेज दिया, जो अभी भी मामले की सुनवाई कर रही है। कांग्रेस 2009 के लोकसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में, जब वह सत्ता में फिर से चुनाव की कोशिश कर रही थी, कांग्रेस ने नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों के लिए राष्ट्रव्यापी आरक्षण का वादा किया था। विचार यह था कि 27% ओबीसी कोटा के भीतर एक मुस्लिम उप-कोटा बनाया जाए। विवाद जैसे ही यूपीए सरकार के चुनाव पूर्व कदम पर सवाल उठाया गया, चुनाव आयोग ने हस्तक्षेप किया और मनमोहन सिंह सरकार से यूपी सहित पांच राज्यों में चुनाव के अंत तक कोटा लागू नहीं करने को कहा। विवाद को और हवा देने वाली बात तत्कालीन कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, जिनके पास अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार भी था, ने यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान एक बयान दिया था कि अगर पार्टी जीतती है तो कांग्रेस राज्य में पिछड़े अल्पसंख्यकों को 9% आरक्षण देगी। इसके बाद चुनाव आयोग ने खुर्शीद को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे यह बताने को कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए। फरवरी 2012 में, उसने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए खुर्शीद की निंदा की। हालाँकि, खुर्शीद अवज्ञाकारी रहे, उन्होंने कानून मंत्री के रूप में उनकी निंदा करने के चुनाव आयोग के अधिकार पर सवाल उठाया, जिसके बाद तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पत्र लिखकर चुनाव आयोग को चुनौती देने के लिए मंत्री के खिलाफ शिकायत की। राष्ट्रपति ने पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेज दिया। आख़िरकार खुर्शीद पीछे हट गए। उन्होंने कुरैशी को लिखे पत्र में कहा कि मैं इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं और बयान पर खेद व्यक्त करता हूं। मैं चुनाव आयोग की बुद्धिमत्ता को नमन करता हूं और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रतिबद्ध हूं कि ऐसी स्थितियां उत्पन्न न हों। मई 2012 में, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने यूपीए सरकार के 4.5% उप-कोटा कदम को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसे बनाने वाला कार्यालय ज्ञापन धार्मिक आधार पर था, न कि किसी अन्य विचार पर। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अपने 2014 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, कांग्रेस ने कहा कि उसकी यूपीए सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी रोजगार में आरक्षण प्रदान करने के लक्ष्य के साथ पिछड़े अल्पसंख्यकों की स्थितियों को संबोधित करने के लिए कदम उठाए हैं, और कहा: हम इस मामले को अदालत में बारीकी से उठाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि नीति उचित कानून के माध्यम से लागू हो। इसे भी पढ़ें: 'कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने आतंकवादियों को दी पनाह', Kerala में बोले Amit Shah- हम एकता और विकास करने के लिए प्रतिबद्ध कर्नाटक मामला मार्च 2023 में, कर्नाटक में विधानसभा चुनावों से पहले, राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार ने 2बी पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत मुसलमानों को दिए गए 4% आरक्षण को खत्म कर दिया और समुदाय को सामान्य श्रेणी ईडब्ल्यूएस के लिए 10% कोटा पूल में स्थानांतरित कर दिया। आमतौर पर माना जाता है कि कर्नाटक में मुसलमानों के लिए उनके सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा 1994 में एचडी देवेगौड़ा द्वारा पेश किया गया था जब वह मुख्यमंत्री थे। हालाँकि, मुसलमानों के लिए 2बी श्रेणी के निर्माण के माध्यम से उनकी जनता दल सरकार का कदम, उस प्रक्रिया की निरंतरता थी जो 1918 में तत्कालीन मैसूर रियासत के शासन के दौरान शुरू हुई थी। वास्तव में कई राज्य आयोगों द्वारा वैज्ञानिक जांच के माध्यम से मुसलमानों की पहचान सामाजिक रूप से पिछड़े के रूप में की गई थी। देवेगौड़ा और उनकी पार्टी जद(एस) संयोग से अब कर्नाटक में भाजपा की सहयोगी हैं। यह खबर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के आदान पर है
लोकसभा चुनावः 20 सीटों में बिखरी है केरल की स्टोरी, भाजपा कहीं नहीं
केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं। यहां पर भाजपा के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने चुनाव लड़ने में यहां कमी नहीं छोड़ी। वो किसी भी तरह अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना चाहती है। केरल में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को वहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रोड शो करते नजर आए।जानिए वहां क्या राजनीतिक समीकरण हैः
Kochi खड़गे ने केरल में एलडीएफ को कांग्रेस का मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानने से किया इनकार, पीएम मोदी पर साधा निशाना
सनी लियोनी केरल में कर रहीं अपनी मलयालम फिल्म की शूटिंग, सेट से लीक हुआ वीडियो
Sunny Leone: सनी लियोनी बॉलीवुड से लेकर साउथ इंडस्ट्री तक अपनी एक्टिंग का जलवा दिखा चुकी हैं। अब वह एक नए प्रोजेक्ट के साथ मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। सनी ने बीते दिनों अपने अनाम मलयालम प्रोजेक्ट की शूटिंग शुरू की ...
वोटिंग का ऐसा जुनून... गल्फ से केरल की उड़ान भर रहे हजारों NRI, वायनाड के वोटर्स भी शामिल
विदेश में बसे NRI बड़ी तादाद में मतदान करने केरल पहुंत रहे हैं. दरअसल, केरल के कई राजनीतिक दलों से जुड़े प्रवासी संगठन मतदान को बढ़ावा देने के लिए किफायती दर पर फ्लाइट टिकट बुक कराने में लोगों की मदद कर रहे हैं. इसके लिए प्रवासी संगठन ट्रैवल एजेंसियों से भी हाथ मिला रहे हैं.
केरल की सभी सीटों पर 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए आज प्रचार का अंतिम दिन है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह केरल पहुंचे है। उन्होंने अलपुझा में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। अमित साह ने कहा कि मुझे यहां आप सभी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। आपका उत्साह बताता है कि आपने हमें जिताने की ठान ली है! उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवार को आपका प्रत्येक वोट मोदी जी को फिर से भारत का प्रधान मंत्री बनाना सुनिश्चित करेगा। हाल के सभी सर्वेक्षणों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पूरा केरल भाजपा के साथ, नरेंद्र मोदी जी के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है। इसे भी पढ़ें: Sachin Pilot को जीत का भरोसा, बोले- केरल में खाता नहीं खोल पाएगी बीजेपी, UDF को मिलेंगी 20 में 20 सीटें शाह ने कहा कि केरल के सभी मछुआरे और किसान मोदी जी से प्यार करते हैं और उनका समर्थन करते हैं। मोदी जी को वोट देने का मतलब है विकास के लिए वोट करना, समृद्धि के लिए वोट करना और केरल के हर कोने में संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने के लिए वोट करना। उनन्होंने दावा किया कि कम्युनिस्ट दुनिया और देश में अस्तित्व खो रहे हैं। देश में अस्तित्व खोती जा रही है कांग्रेस...आने वाला समय सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का है! उन्होंने कहा कि हम भारत में एकता और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपको विभाजनकारी ताकतों, भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्टों से अवगत होना चाहिए... भाजपा को चुनें, शांति और स्थिरता को चुनें। इसे भी पढ़ें: 'झूठे हैं PM Modi', केरल में बोले खड़गे, यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है उन्होंने कहा कि यह चुनाव भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का चुनाव है। ये 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का चुनाव है। यह भारत को कृषि, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में नंबर-1 बनाने का चुनाव है। उन्होंने दावा किया कि केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने आतंकवादियों को पनाह दी है। अल्पसंख्यक वोट-बैंक हासिल करने के उनके स्वार्थी एजेंडे ने उन्हें पीएफआई का समर्थन करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एसडीपीआई का समर्थन प्राप्त है। गौरतलब है कि भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की चाहत रखने वाली वेलफेयर पार्टी भी कांग्रेस का समर्थन कर रही है। अब, आपको सही विकल्प के साथ जाना याद रखना चाहिए।
Kochi केरल के वायनाड में संदिग्ध माओवादियों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का कियाआह्वान
Kochi केरल के वायनाड में संदिग्ध माओवादियों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का कियाआह्वान
Lok Sabha Election 2024 LIVE: शुक्रवार को कर्नाटक, केरल, MP, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर समेत 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
मणिपुर में हुआ था बवाल, 3700 KM दूर केरल में क्यों उबाल; BJP का क्या हाल
29 जून 2023 को साइरो-मालाबाह कैथोलिक चर्च ने मणिपुर में हुई हिंसा को नरसंहार करार दिया था। आर्चबिशप जोसफ पम्पलानी ने कहा था, 'हिंसा को शांत करने में केंद्र और राज्य सरकारें असफल रही हैं।
IRCTC Kerala Package: माता-पिता के साथ देवदर्शन, कम बजट की हवाई यात्रा 7 दिन
IRCTC केरल पैकेज: केरल देश का सबसे खूबसूरत और साफ-सुथरा राज्य है। सबसे अधिक तीर्थ स्थलों के साथ, केरल यात्रा के लिए कई विकल्प प्रदान करता है। हनीमून मनानेवालों के लिएकेरल एक स्वर्ग है ।फिलहाल गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. अगर आप इस महीने के अंत तक केरल की यात्रा (Travel प्लान फॉर केरल) …
Kochi केरल HC ने संपत्ति और आय पर तिरुवनंतपुरम से भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे के खिलाफ खारिज की याचिका
मंगलवार को पलक्कड़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नीलांबुर विधायक ने कहा, 'मैं वायनाड का हिस्सा हूं, जो राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र है. मैं उन्हें गांधी सरनेम से नहीं बुला सकता. वह इतने निम्न स्तर के नागरिक बन गए हैं.'
Kochi लोकसभा चुनाव में दक्षिण केरल में बड़े दांव पर चल रही लड़ाई
Kochi लोकसभा चुनाव में दक्षिण केरल में बड़े दांव पर चल रही लड़ाई
'झूठे हैं PM Modi', केरल में बोले खड़गे, यह चुनाव संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज केरल में चुनाव प्रचार किया। चेंगानूर में उन्होंने केहा कि हम देख रहे हैं कि भाजपा सरकार संविधान को बदलने पर तुली हुई है। आरएसएस प्रमुख से लेकर वर्तमान सांसद या भाजपा उम्मीदवार तक, वे बयान दे रहे हैं कि एक बार भाजपा को दो-तिहाई बहुमत मिल जाए, तो वे संविधान बदल देंगे, इसलिए वे कह रहे हैं अबकी बार 400 पार। इस बार भारत की जनता मोदी जी को सबक सिखाएगी! उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह चुनाव भारत के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। इसे भी पढ़ें: 'राहुल गांधी गंभीर राजनेता नहीं', लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता पर फिर बरसे केरल के मुख्यमंत्री खड़गे ने आगे कहा कि मैं मोदी को चुनौती देता हूं, अगर उन्हें इस देश के गरीब लोगों के लिए कोई चिंता है और सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो उन्हें उन सभी भाजपा नेताओं को निष्कासित करना चाहिए जो कह रहे हैं कि वे संविधान बदल देंगे। अगर मोदी में हिम्मत है तो उन्हें यह कार्रवाई करनी चाहिए।' उन्होंने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद, इंडिया गठबंधन सरकार देशव्यापी 'जाति-आधारित जनगणना' कराएगी। हम आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को भी बढ़ाएंगे। हम एक 'विविधता आयोग' का गठन करेंगे जो सार्वजनिक और निजी रोजगार के साथ-साथ शिक्षा में विविधता को मापेगा, निगरानी करेगा और बढ़ावा देगा। खड़गे ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने 'सबका साथ, सबका विकास' का वादा किया। उन्होंने सबका साथ तो लिया, लेकिन सबका विकास नहीं किया; इसके बजाय, उन्होंने 'सबका सत्यानाश' किया। पिछले साल मोदी ने 14 देशों की यात्रा की और सैकड़ों चुनावी बैठकों में हिस्सा लिया, लेकिन वह एक बार भी मणिपुर नहीं गए। उन्होंन साफ तौर पर कहा कि झूठे हैं प्रधानमंत्री मोदी!पहले चुनाव में उन्होंने कालाधन वापस लाने और रुपये बांटने का वादा किया था। सभी को 15 लाख रु. क्या आपको वादे के मुताबिक 15 लाख रुपये मिले? उन्होंने हर साल 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने का वादा किया. क्या मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 20 करोड़ नौकरियां पैदा कीं? इसे भी पढ़ें: Kerala में बोले हिमंत बिस्वा सरमा, कांग्रेस अपने घोषणापत्र से भारत में नहीं, पाकिस्तान में जीत सकती है चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है, और भाजपा के लोग उन्हें एक वैश्विक व्यक्ति के रूप में सम्मानित करते हैं। केरल अपने विकास के लिए जाना जाता था. दुर्भाग्य से, पिछले 8 वर्षों में, सरकार ने कर्ज में डूबी अर्थव्यवस्था को वेतन और पेंशन प्रदान करने के लिए पर्याप्त धन के बिना सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत, अमीर और गरीब के बीच का अंतर 100 साल के उच्चतम स्तर पर है, यहां तक कि ब्रिटिश राज से भी अधिक। पिछले 10 सालों में मोदीजी ने सिर्फ अपने 2-3 करीबी दोस्तों के लिए ही काम किया है।
'राहुल गांधी गंभीर राजनेता नहीं', लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता पर फिर बरसे केरल के मुख्यमंत्री
केरल में 2024 के चुनाव के लिए मतदान का दिन नजदीक आते ही, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ अपना हमला जारी रखा और उन्हें एक गैर-गंभीर और अपरिपक्व राजनेता बताया। उन्होंने कहा कि कई बार जब देश में गंभीर राजनीतिक घटनाक्रम हुआ तो राहुल गांधी यहां नहीं थे। देश के लोगों का अनुभव है कि वह कोई गंभीर राजनेता नहीं हैं। हमने इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया क्योंकि वह दूसरी पार्टी से हैं और यह उनका आंतरिक मामला है। लेकिन आम चुनाव के समय यहां आकर केंद्रीय जांच एजेंसियों के समर्थन में टिप्पणी करना बेहद अपरिपक्वता है। इसे भी पढ़ें: एझावा, नायर, मुस्लिम, ईसाई, जिनके इर्द-गिर्द ही राजनीतिक दल सूबे में रणनीति बनाते हैं, केरल की सियासत को आसान भाषा में समझिए इससे पहले केरल में अपने अभियान भाषण के दौरान, राहुल गांधी ने पूछा था कि सीएम विजयन को उनकी सरकार के खिलाफ विभिन्न घोटालों के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा क्यों बचाया जा रहा है, जबकि अन्य विपक्षी नेताओं को उनके द्वारा परेशान किया जा रहा है। विजयन ने एलडीएफ विधायक पीवी अनवर की टिप्पणी की आलोचना करने से भी इनकार कर दिया, जिन्होंने यह निर्धारित करने के लिए राहुल गांधी के डीएनए की जांच करने के लिए कहा था कि क्या वह नेहरू-गांधी परिवार के वंशज हैं। इसे भी पढ़ें: 'भाजपा में ईसाई समुदाय का विश्वास हुआ मजबूत', PM Modi बोले- केरल में UDF और LDF के झूठ से तंग आ चुके हैं लोग मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई जो कहता है और काम करता है, उस पर कड़ा प्रहार होता है। इससे पहले अनवर ने तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि राहुल गांधी इतने निचले स्तर पर गिर गए हैं कि उन्होंने गांधी उपनाम लगाने का अधिकार खो दिया है. उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार में जन्मा कोई व्यक्ति राहुल जैसा आचरण नहीं कर सकता। इस बीच, सीएम विजयन ने यह भी कहा कि राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुस्लिम समुदाय के बारे में की गई टिप्पणी अपमानजनक है और इसका उद्देश्य सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना है।
Kochi केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भाजपा के आरएसएस एजेंडे पर 'चुप्पी' के लिए कांग्रेस की आलोचना की
I.N.D.I.A बनाया गया, फिर नष्ट कर दिया गया, क्यों विपक्षी एकता केरल और पश्चिम बंगाल में एक विरोधाभास
I.N.D.I.A बनाया गया, फिर नष्ट कर दिया गया, क्यों विपक्षी एकता केरल और पश्चिम बंगाल में एक विरोधाभास
MLA पीवी अनवर ने कहा है राहुल गाँधी का DNA चेक करवाया जाना चाहिए कि वह नेहरू परिवार के ही सदस्य हैं। CM विजयन ने इस बयान का बचाव किया है।
दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर अरब सागर व सौहाद्री पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित भाग को केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38 हजार 863 वर्ग किलोमीटर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार परशुराम ने अपना परशु समुद्र में फेंका जिसकी वजह से उसी आकार की भूमि समुद्र से बाहर निकली और केरल अस्तित्व में आया। यहां 10वीं ईसा पूर्व से मानव बसाव के प्रमाण मिले हैं। केरल शब्द की उत्तपति को लेकर विद्वान एकमत नहीं हैं। कहा जाता है कि कि चेर - स्थल, कीचड़ और अलम-प्रदेश शब्दों के योग से केरल शब्द बना है। केरल शब्द का एक और अर्थ है:- वह भूभाग जो समुद्र से निकला हो। केरल की 54.7 फीसदी आबादी भी हिंदुओं, 26.7 फीसदी मुस्लिमों और 18.4 फीसदी आबादी ईसाइयों की है। केरल में विभिन्न जातियां और समुदाय प्रमुख पार्टियों और उनके गठबंधनों की राजनीति को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। चुनावी मौसम में उम्मीदवारों के चयन से लेकर उनके अभियान चलाने के लिए योजनाएं तैयार करने तक, वोट बैंक बनाए रखने और प्रतिद्वंद्वी क्षेत्रों में आधार बढ़ाने के लिए पार्टियों द्वारा ऐसे समुदायों के हितों और चिंताओं को अपनी रणनीतियों के हिस्से के रूप में शामिल किया जाता है। इसे भी पढ़ें: Kerala में बोले हिमंत बिस्वा सरमा, कांग्रेस अपने घोषणापत्र से भारत में नहीं, पाकिस्तान में जीत सकती है चुनाव एझावा केरल के हिन्दू समुदायों के बीच में सबसे बड़ा समूह है। उन्हें प्राचीन तमिल चेर राजवंश के विलावर संस्थापकों का वंशज माना जाता है, जिनका कभी दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों पर शासन हुआ करता था। राज्य की आबादी का लगभग 23% है। ओबीसी वर्ग से संबंधित एझावा समुदाय परंपरागत रूप से सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के वोट बैंक का हिस्सा रहा है। समुदाय के सबसे बड़े संगठन एसएनडीपी योगम ने 2015 में एक राजनीतिक पार्टी भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) बनाई। बीडीजेएस 2016 के विधानसभा चुनावों के बाद से राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का सहयोगी रहा है। हालाँकि, भाजपा बीडीजेएस के माध्यम से एझावा समुदाय में पैठ बनाने में सफल नहीं हो पाई। इसके जमीनी स्तर के कार्यकर्ता एसएनडीपी योगम के सदस्य हैं, जो विभिन्न दलों, विशेषकर सीपीआई (एम) से जुड़े हुए हैं। 2018 में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ भाजपा के नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान, बीडीजेएस ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। हालाँकि, बीडीजेएस के संरक्षक और एसएनडीपी योगम के महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन, सबरीमाला आंदोलन का मुकाबला करने के लिए गठित सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली सरकार के पुनर्जागरण आंदोलन मंच के साथ बने रहे। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीडीजेएस ने 20 में से 4 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन कोई खास कामयाबी हाथ नहीं लगी। उसे केवल 1.88% वोट ही प्राप्त हुए। जबकि सहयोगी भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 13% वोट लाने में तो कामयाब हो गई लेकिन खाता फिर भी नहीं खुल सका। 2021 के विधानसभा चुनावों में बीडीजेएस ने 140 में से 21 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन इसका वोट शेयर और गिरकर 1.06% हो गया। भाजपा ने 113 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे कोई सीट नहीं मिली। बीजेपी के भी वोट शेयर में गिरावट हुई और ये 11.30% रह गया। इनमें से कई सीटों पर एलडीएफ विजयी हुआ या पिछले चुनावों की तुलना में उसके वोट शेयर में सुधार हुआ। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीडीजेएस फिर से बीजेपी की 16 सीटों की तुलना में 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीडीजेएस के अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली कोट्टायम से मैदान में हैं, जबकि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन अटिंगल सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां एझावा मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है। इसे भी पढ़ें: त्रिशूर पूरम विवाद: केरल सरकार ने शुरू की जांच, शहर के पुलिस आयुक्त के तबादले का आदेश दिया मुसलमान राज्य में मुसलमानों की आबादी का 26% है। केरल में मुस्लिम समुदाय की राजनीति पर परंपरागत रूप से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सहयोगी आईयूएमएल का वर्चस्व रहा है। पिछले दो दशकों में समुदाय में हुए मंथन के कारण कई पार्टियों और विभाजित समूहों का गठन हुआ है, लेकिन वे आईयूएमएल के साथ लामबंद नजर आ रहे हैं। आईयूएमएल राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यधारा की राजनीति का हिस्सा है। मुस्लिम मतदाता मुख्य रूप से उत्तरी केरल के वायनाड, मलप्पुरम, कोझिकोड, वडकारा, कन्नूर, पोन्नानी और कासरगोड निर्वाचन क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। सीपीआई (एम) समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, मुख्य रूप से सुन्नी मुसलमानों को टारगेट पर रखा जा रहा है। सुन्नी आईयूएमएल के साथ निकटता से जुड़े रहे हैं। इस चुनाव में मुस्लिम वोट की अहमियत और बढ़ गई है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर चिंताएं राज्य में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गई हैं। सीपीआई (एम) और कांग्रेस दोनों ने खुद को भाजपा के खिलाफ आक्रामक रूप से तैनात किया है, यहां तक कि वे राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के साझेदार होने के साथ-साथ राज्य में एक-दूसरे के खिलाफ नजर आ रहे हैं। ईसाई ईसाई राज्य की आबादी का 18% है। ये पारंपरिक रूप से कांग्रेस के साथ रहा है। हालाँकि, क्षेत्रीय ईसाई पार्टी केरल कांग्रेस समूहों की गिरावट और कांग्रेस के प्रमुख ईसाई चेहरों के बाहर निकलने या मृत्यु की वजह से अब भाजपा ने ईसाईयों तक पहुंच बनानी शुरू कर दी है। मध्य केरल के निर्वाचन क्षेत्रों में जहां ईसाई वोट निर्णायक हैं, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने केरल कांग्रेस गुटों से सामुदायिक वोट आधार हासिल करने के लिए एक-दूसरे के साथ सीधी भिड़ंत में हैं। ईसाइयों में कैथोलिक प्रमुख समूह हैं। जबकि कैथोलिक चर्च कुछ आंतरिक प्रशासनिक मुद्दों से जूझ रहा है, कुछ चर्चों के नियंत्रण को लेकर जेकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स चर्चों के बीच मतभेद हैं। मुसलमानों को लुभाने की कांग्रेस और सीपीआई (एम) दोनों की कोशिशों को लेकर ईसाइयों के एक वर्ग में कुछ नाराजगी दिख रही है। उच्च जाति के ईसाई समूह राष्ट्रीय जाति जनगणना के लिए कांग्रेस की वकालत से भी चिंतित हैं। इससे बीजेपी और संघ परिवार को ईसाई समुदाय तक पहुंचने की कोशिश करने का मौका मिल गया है। हालाँकि, पिछले साल मई से चल रहे मणिपुर जातीय संघर्ष ने केरल के ईसाइयों से जुड़ने की भाजपा की कोशिश को झटका दिया है। मणिपुर संकट के आलोक में राज्य के चर्च और सूबा भाजपा के प्रति अपने दृष्टिकोण पर विभाजित प्रतीत होते हैं। नायर उच्च जाति का हिंदू नायर समुदाय केरल की आबादी का लगभग 14% है। ये एक प्रभावशाली समूह है जिसका राजनीति और शासन में मजबूत प्रतिनिधित्व है। समुदाय के संगठन नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) की एक राजनीतिक शाखा, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी थी यूडीएफ का हिस्सा थी। 1995 में जब कांग्रेस सत्ता में थी तब इसे भंग कर दिया गया था। तब से एनएसएस आधिकारिक तौर पर पार्टियों से राजनीतिक रूप से समान दूरी पर रहने की अपनी स्थिति पर अड़ा हुआ है। वर्तमान पिनाराई विजयन कैबिनेट में 21 में से सात मंत्री नायर हैं, हालांकि माना जाता है कि एनएसएस नेतृत्व 2021 के चुनावों में सीपीआई (एम) के खिलाफ था। हाल ही में एनएसएस नेतृत्व ने तीन बार के सांसद शशि थरूर की असली नायर के रूप में सराहना की। थरूर तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां नायर वोट एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जाता है। राज्य कांग्रेस नेतृत्व में के सी वेणुगोपाल, रमेश चेन्निथला और के मुरलीधरन जैसे अन्य प्रमुख नायर चेहरे भी हैं। थरूर का मुकाबला हाई-प्रोफाइल बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर से है, जो नायर जाति से आते हैं। कोल्लम, पथानामथिट्टा और कोट्टायम सीटों पर भी नायर समुदाय चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाता है। त्रिशूर में भाजपा के उम्मीदवार अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी हैं, जो नायर समुदाय से हैं। दलित राज्य की आबादी में लगभग 9% अनुसूचित जाति (एससी) हैं, जो विभिन्न संगठनों के माध्यम से मुख्य रूप से सीपीआई (एम) और कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। अललथुर और मवेलिककारा दो एससी-आरक्षित सीटें हैं। छह बार के लोकसभा सदस्य कोडिकुन्निल सुरेश, जो मावेलिककारा से चुनाव लड़ रहे हैं, कांग्रेस के प्रमुख दलित राजनेता हैं। राज्य मंत्री के राधाकृष्णन, जो अलाथुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, सीपीआई (एम) में एक प्रमुख दलित चेहरा हैं। जहां सुरेश कांग्रेस कार्य समिति के आमंत्रित सदस्य हैं, वहीं राधाकृष्ण सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य हैं।
प्रचार के एक दिन पहले सीएम विजयन ने की चुनाव आयोग व केरल के सांसदों की आलोचना
केरल में चुनाव प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) और केरल के 18 सांसदों...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के टोंक में चुनावी सभा में बोलते हुए कहा कि मुझे आप सभी का प्यार, आशीर्वाद और उत्साह मिला है। आज हनुमान जयंती का शुभ अवसर है और मैं सभी को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि राजस्थान ये बखूबी जानता है कि सुरक्षित राष्ट्र और स्थायी सरकार कितनी जरूरी है। इसलिए चाहे 2014 हो या 2019 हो, राजस्थान ने एकजुट होकर देश में भाजपा की ताकतवर सरकार बनाने के लिए अपना आशीर्वाद दिया था। आपने 25 की 25 सीटें भाजपा को दी थीं। उन्होंने कहा कि एकजुटता ही राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी है। याद रखिएगा, जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब देश के दुश्मनों ने फायदा उठाया है। अब भी राजस्थान को बांटने की पूरी कोशिशें हो रही हैं। इससे राजस्थान को सावधान रहने की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: Kerala में बोले हिमंत बिस्वा सरमा, कांग्रेस अपने घोषणापत्र से भारत में नहीं, पाकिस्तान में जीत सकती है चुनाव मोदी ने कहा कि 2014 में आपने मोदी को दिल्ली में सेवा का अवसर दिया। फिर देश ने वो फैसले लिए जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन आप सोचिए कि 2014 के बाद भी और आज भी अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या क्या हुआ होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस होती, तो जम्मू कश्मीर में आज भी हमारी सेनाओं पर पत्थर चल रहे होते। कांग्रेस होती, तो सीमा पार से आकर दुश्मन आज भी हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाते। कांग्रेस होती, तो न ही हमारे फौजियों के लिए वन रैंक-वन पेंशन लागू होती और न ही हमारे पूर्व सैनिकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिलते। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मेरे भाई-बहन तो कुछ महीने पहले ही कांग्रेस के पंजे से मुक्त हुए हैं। कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में रहते हुए, जो जख्म दिए, वो राजस्थान के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। कांग्रेस ने महिलाओं पर अत्याचार के मामले में राजस्थान को नंबर 1 बना दिया था और दुर्भाग्य देखिए कि कांग्रेस के लोग विधानसभा में बेशर्मी के साथ कहते थे कि ये तो राजस्थान की पहचान है। मोदी ने कहा कि टोंक में किन असामाजिक तत्वों के कारण यहां की इंडस्ट्री बंद हो गई, ये भी आप जानते हैं। लेकिन, आपने हमारे भजनलाल जी को सेवा करने का मौका दिया है। जबसे भजनलाल जी और उनकी टीम काम पर लगी है, माफिया और अपराधी राजस्थान छोड़कर भागने पर मजबूर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हनुमान जयंती पर आपसे बात करते हुए मुझे कुछ दिन पहले की एक तस्वीर भी याद आ रही है। कुछ दिन पहले कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक में एक छोटे दुकानदार को केवल इसलिए बुरी तरह से पीटा गया, क्योंकि वो अपनी दुकान में बैठे-बैठे हनुमान चालीसा सुन रहा था। आप कल्पना कर सकते हैं... कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो राम-राम सा कहने वाले राजस्थान में रामनवमी पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस ने शोभायात्रा पर पत्थरबाजी करने वालों को सरकारी संरक्षण दिया था। इसी कांग्रेस पार्टी ने तुष्टिकरण के लिए मालपुरा, करौली, टोंक और जोधपुर को दंगों की आग में झोंक दिया था। मोदी ने कहा कि अब भाजपा सरकार आने के बाद किसी की हिम्मत नहीं है कि आपकी आस्था पर सवाल उठा दे। अब आप चैन से हनुमान चालीसा भी गाएंगे और रामनवमी भी मनाएंगे। ये भाजपा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि परसो जब मैं राजस्थान आया था, तो अपने एक 90 सेकंड के भाषण में मैंने कुछ सत्य देश के सामने रखा था। उससे पूरी कांग्रेस और INDI गठबंधन में भगदड़ मच गई है। मैंने देश के सामने सत्य रखा था कि कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनकर अपने खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश रचकर बैठी है। इसे भी पढ़ें: गुजरात में वोटिंग से पहले ही BJP की पहली जीत, सूरत में पार्टी उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित उन्होंने कहा कि 2-3 दिन पहले मैंने कांग्रेस की इस वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति का पर्दाफाश किया था। इससे कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम को इतनी मिर्ची लगी है कि वो हर तरफ मुझे गालियां देने में जुटे हैं। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आखिर वो सच्चाई से इतना डरते क्यों हैं। कांग्रेस क्यों अपनी नीतियों को छिपाने में लगी है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोटबैंक पॉलिटिक्स के दलदल में इतना धंसी हुई है कि उसे बाबा साहेब के संविधान की भी परवाह नहीं है। उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में लिखा है कि आपकी संपत्ति का सर्वे करेंगे, हमारी माताओं-बहनों के पास जो मंगलसूत्र होता है उसका सर्वे करेंगे। फिर उनके एक नेता ने तो यहां तक कहा कि एक्स रे किया जाएगा।
PM Modi ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर का जिक्र कर केरल सरकार को की घेरने की तैयारी, जानें पूरा मामला
लोकसभा चुनाव-2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी बात को लेकर सबसे ज्यादा जोर लगा रहे हैं. वह अपने 10 साल के काम को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने एशियननेट न्यूज को अब तक का सबसे...
गूगल से ढूंढता था 'मालदार' घर, केरल में बिहार का 'रॉबिनहुड' गिरफ्तार... कारनामे हिला कर रख देंगे
Bihar Crime News: बिहार में एक जिला पंचायत अध्यक्ष का पति केरल में गजब कांड करने के बाद पकड़ा गया। उसने पूछताछ के दौरान जब मुंह खोला तो पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई। पता चला कि वो अपने शिकार का पता गूगल से लगाता था। जानिए कैसे धरा गया बिहार का कथित 'रॉबिनहुड'...
कर्नाटक के हुबली में हुए नेहा हीरेमठ के मर्डर के बाद अब उनके पिता ने कहा है कि उनकी बेटी की हत्या 'दे केरल स्टोरी' के स्टाइल में हुई थी।
त्रिवेंद्रम लोकसभा सीट पर शशि थरूर लगातार तीन बार से सांसद हैं। उन्होंने 2009, 2014 और 2019 का चुनाव जीता। 2014 और 2019 में बीजेपी इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही।
Kochi मुल्लापेरियार बांध मेगा पार्किंग परियोजना पर केरल के खिलाफ तमिलनाडु के मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को करेगा सुनवाई
Chapra 80 साल की उम्र में भी 25 वाला जोश, केरल से छपरा आकर अपने दम पर दो हजार महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
Saudi Arab में मौत की सजा पाए Abdul Rahim को Kerala के लोगों ने बचाया, CM ने सराहा |Deen Duniya
सउदी की जेल में पिछले 18 साल से बंद एक शख्स को बचाने के लिए केरल के लोगों ने 35 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा की है। पहली नजर में भले ही यकीन न हो लेकिन केरल के लोगों ने कौमी यगजहती यानि सामाजिक एकजुटता का मुजाहिरा करते हुए बूंद-बूंद से घड़ा भरने की कहावत को सच कर दिया है। इतनी बड़ी रकम इकट्ठा होने के बाद अब कोझीकोड के अब्दुल रहीम की रिहाई हो पाएगी।आप सोच रहे होंगे कि एक कत्ल के मुजरिम के लिए सबके दिल में इतना रहम क्यों..तो सुनिए कोझिकोड के रहने वाले अब्दुल रहीम ने साल 2006 में बतौर ड्राइवर काम करने के लिए सऊदी अरब का रुख किया था। सऊदी जाने पर उसे वहां ड्राइवर की नौकरी भी मिल गई। रहीम को वहां के एक बड़े रईस अल शहरी के यहां उसके माजूर यानि दिव्यांग या डिसेबल बेटे अनस को घुमाने की नौकरी मिल गई थी। नौकरी करते हुए अभी एक महीना हुआ था कि एक दिन अब्दुल रहीम अनस को घुमाने निकला... मीडिया रिपोट्स बताती हैं कि सफर के दौरान बच्चा हाईपर हो गया.. बच्चे को संभालने में रहीम का हाथ उसके गले में लगे टैब से टकरा गया। अनस बेहोश हो गया। बाद में उसकी मौत हो गई..कुछ मीडिया रिपोर्टस ये भी कहती हैं कि बच्चे ने...
CAA का विरोध क्यों नहीं कर रही कांग्रेस ? केरल सीएम पिनाराई विजयन ने राहुल गांधी पर फिर बोला हमला
कोच्ची: वि पक्षी गठबंधन INDIA गुट के सहयोगी पर निशाना साधते हुए केरल सीएम पिनाराई विजयन ने आरोप लगाया कि केरल से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के 18 सांसद, संसद में राज्य के हित के खिलाफ खड़े थे। वटकारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, सीएम विजयन ने वामपंथियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच 'समझौता' के कांग्रेस के आरोप का जवाब दिया, और प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला करने के लिए रॉबर्ट वाड्रा-DLF भूमि सौदा मामला उठाया। सीएम विजयन ने कहा कि, 2019 में, 18 UDF (कांग्रेस गठबंधन) के सांसद चुने गए। हम पूछना चाहेंगे कि क्या इनमें से कोई भी सदस्य केरल के हित के लिए खड़ा था? वे RSS के एजेंडे के साथ खड़े थे। उन्होंने संसद में केंद्र सरकार की आलोचना करने की भी परवाह नहीं की। क्या उन्होंने केरल के लिए एक भी शब्द बोला है?'' अपना हमला जारी रखते हुए, सीएम विजयन ने कहा कि, जब केंद्र राज्य का आर्थिक रूप से गला घोंट रहा था, तब UDF सदस्यों ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया और केरल के अधिकारों के लिए खड़े नहीं हुए।वे (कांग्रेस) भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की गलतियों के लिए वाम सरकार को दोषी ठहराना चाहते थे। बता दें कि हाल ही में राहुल गांधी ने विजयन पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब वह बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं तो वामपंथी नेता उन्हें क्यों निशाना बना रहे हैं। पिछले महीने अधिसूचित नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर, विजयन ने अपने घोषणापत्र में इसका उल्लेख नहीं करने के लिए कांग्रेस से सवाल किया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ऐसी खबरें थीं कि कांग्रेस के घोषणापत्र के मसौदे में शामिल CAA के खिलाफ कड़े शब्दों वाले बयानों को शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद हटा दिया गया था। सीएम विजयन ने पुछा कि, जब संघ परिवार अपना कोई एजेंडा लागू करता है, तो धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले लोग इसका विरोध करते हैं। राहुल गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं या संघ परिवार जैसी मानसिकता वाले व्यक्ति हैं। कांग्रेस CAA का विरोध क्यों नहीं कर रही है। विजयन ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए निजी कंपनी DLF पर हुई CBI छापेमारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कंपनी और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के बीच जमीन सौदे के आरोप थे। विजयन ने दावा किया कि छापेमारी के बाद कंपनी ने 170 करोड़ रुपए के चुनावी बांड खरीदे। विजयन ने कहा, उसी भाजपा सरकार ने बाद में अदालत को बताया कि कंपनी के लेनदेन में कुछ भी अवैध नहीं था। चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को भुगतान करने के तुरंत बाद छापेमारी और मामला समाप्त हो गया। 'लालू यादव ने बहुत बच्चा पैदा कर दिए, इतना नहीं करना चाहिए था..', सीएम नितीश कुमार ने कसा तंज प्रधानमंत्री बताएं, उन्हें 10 सालों में कर्नाटक के लिए क्या किया ? कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने दागा सवाल 'आपने हमें 2014 और 2019 में बहुमत दिया, जिसका इस्तेमाल हमने..', राजस्थान में अमित शाह ने भरी हुंकार
'क्या यही नया भारत है..', केरल में मोदी सरकार पर जमकर बरसीं प्रियंका गांधी
कोच्ची: कांग्रे स महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज शनिवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “इस 'नए' राष्ट्र में, लोकतंत्र की प्रक्रिया को दरकिनार कर कानून बनाए जाते हैं और लोगों पर उनकी इच्छा के विरुद्ध लागू किए जाते हैं। लाखों किसानों ने महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया, उनमें से कुछ की मृत्यु हो गई, और उनमें से कुछ को आतंकवादी और राष्ट्र-विरोधी कहा गया, फिर भी उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। प्रियंका केरल के त्रिशूर में एक रैली को संबोधित कर रहीं थीं। उल्लेखनीय है कि, मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून पेश किए थे जो 2020 में संसद द्वारा पारित किए गए थे। कृषि कानूनों के अधिनियमन ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के एक वर्ग के साथ एक साल तक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिन्होंने दिल्ली के आसपास की सीमाओं पर डेरा डाला था। 2021 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। आजत्रिशूर में रैली के दौरान, वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भी जिक्र किया और कहा, “इस 'नए' राष्ट्र में, उनकी आवाज तब तक अनसुनी रहती है, जब तक सरकार आगामी चुनावों के कारण कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर नहीं हो जाती। इस 'नए' राष्ट्र में, एक पूरा राज्य महीनों तक इंटरनेट और फोन सेवाओं के बिना बंद रहता है। लद्दाख में अपने अधिकारों की मांग के लिए हजारों लोग भूख हड़ताल पर हैं।” बता दें कि, केरल, जो लोकसभा में 20 सांसद भेजता है, 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान करेगा। दोनों दलों के विपक्षी गठबंधन INDIA के सदस्य होने के बावजूद, राज्य में कांग्रेस CPIM के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ सीधे मुकाबले में है। राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं, जिस सीट पर उन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनावों में, जबकि कांग्रेस पार्टी ने 15 सीटें जीती थीं, उसके सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने दो सीटें जीती थीं, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने एक और केरल कांग्रेस (एम) ने एक सीट जीती थी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अलाप्पुझा में एक सीट जीती थी। CAA का विरोध क्यों नहीं कर रही कांग्रेस ? केरल सीएम पिनाराई विजयन ने राहुल गांधी पर फिर बोला हमला 'लालू यादव ने बहुत बच्चा पैदा कर दिए, इतना नहीं करना चाहिए था..', सीएम नितीश कुमार ने कसा तंज प्रधानमंत्री बताएं, उन्हें 10 सालों में कर्नाटक के लिए क्या किया ? कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने दागा सवाल
अगर आप भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आप दक्षिण भारत के केरल राज्य में घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां की हरियाली, धार्मिक स्थलों, शांत माहौल, प्राकृतिक सुंदरता और झीलों के कारण लोकप्रिय है। केरल में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। साथ ही पर्यटकों को बार-बार यहां आने के लिए उत्साहित करते हैं। ऐसे में आप केरल की वागामोन नामक जगह घूमने जा सकते हैं। केरल की इडुक्की सीमा में स्थित कोट्टायम वागामोन का मुख्य आकर्षण है। वागामोन में घूमने और देखने के लिए आपको कई ऑप्शन मिल जाएंगे। आप कम पैसों में भी यहां पर आसानी से घूम सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वागामोन ट्रिप से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं। इसे भी पढ़ें: Honeymoon Destination: कम बजट में हनीमून के लिए एक्सप्लोर करें ये जगहें, कम पैसों में कर सकेंगे ढेर सारी मस्ती वागामोन पाइन जंगल पाइन जंगल में पहुंचने के बाद आप खुद को नेचर के बेहद करीब महसूस करेंगे। इस जंगल को ब्रिटिश काल के दौरान बनवाया गया था। शाम के समय में पाइन जंगल की सुंदरता देखते ही बनती है। वागामोन झील अगर आप भी वागामोन घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां पर आप वागामोन झील देखने के लिए जा सकते हैं। हरी-भरी पहाड़ियों और पन्ना ग्रीन टी के बागानों के बीच यह झील स्थित है। इस झील का पानी बेहद शांत है। जो आपको सुकून का अनुभव कराता है। आप यहां पर अपने पार्टनर या फिर दोस्तों के साथ घूमने के लिए आ सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर अन्य एक्टिविटी का भी लुत्फ उठा सकते हैं। मारमला झरना वागामोन के मुख्य आकर्षणों में एक मारमाला झरना है। मारमाला झरना कोट्टायम जिले के ईराटूपेट्टा में स्थित है। यह स्थान पहाड़, पेड़ों और घनी झाड़ियों से घिरा है। जो जंगल की जादूगरनी के रूप में दिखता है। आप चाहें तो यहां पर ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते है। उलीपुनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी वागामोन में उलीपुनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी स्थित है। ऐसे में अगर आप वन्य जीवों में रुचि रखते हैं, तो यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं। साथ ही कुछ समय प्रकृति के बीच बिता सकते हैं। उलीपुनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आप बाघ, हाथी समेत कई जानवर देखने के साथ पहाड़ों और झीलों के बीच बोटिंग का मजा ले सकते हैं।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 13 अप्रैल को होर्मुज स्ट्रेट से गुजर रहे इजरायल के एक जहाज MSC Aries को कब्जे में लिया था.यह जहाज लंदन काजोडियक मैरिटाइम है, जो इजरायल के अरबपति आइल ओफेर के जोडियक ग्रुप का है.यह जहाजसंयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक बंदरगाह से रवाना हुआ था.
PM Modi in Kerala Alathur: पीएम मोदी ने Wayanad से Election लड़ने को लेकर Rahul Gandhi पर कसा तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केरल के अलाथुर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि करुवन्नूर कोऑपरेटिव बैंक स्कैम के पीड़ितों को उनका पैसा वापस किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
Kerala SET July 2024: केरल एसईटी जुलाई 2024 के लिए पंजीकरण करने की तारीख में बदलाव किया है। अब इच्छुक उम्मीदवार 25 अप्रैल, 2024 तक आधिकारिक वेबसाइट, lbsedp.lbscentre.in पर जाकर आवेदवन कर सकते हैं।
आप भी इन गर्मियों में करें केरल के पथानामथिट्टा की इन 5 जगहों की सैर, कम खर्च में बन जाएगा समा
केरल एक ऐसा राज्य है जहां हर कोई एक बार जरूर जाना चाहता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता से लेकर प्राचीन मंदिर तक इसे एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाते हैं.....
गर्मियों की छुट्टियों में घूमने का बनाया है प्लान तो दक्षिण भारतीय राज्य केरल है बेस्ट,जरूर करें बच्चों के साथ एक्स्प्लोर