Trump Putin Talks: वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ फोन पर बात की थी. इस बातचीत में पुतिन ने कुछ मांगे रखी हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
ट्रंप US का 'सुपरपावर' टैग बचा पाएंगे? रेयर अर्थ मैटेरियल पर चीन ने जोर से दबा दी नस
Rare earth material cause and concerns: दुनिया में जितनी अहम चीजें बन रही हैं, उनमें रेयर अर्थ मैटेरियल्स का अहम योगदान है. चीन के इस फैसले से न सिर्फ ट्रंप की हेकड़ी निकल जाने की अटकलें हैं बल्किअमेरिका के सुपरपावर वाले तमगे पर भी खतरा मंडराता दिख रहा है. क्या होते हैं रेयर अर्थ मैटेरियल और क्या है पूरा माजरा यहां जानिए.
अब अपनों को ही क्यों मार रहा हमास? US बोला- बंद करो वर्ना कर देंगे फुल एंड फाइनल
Hamas killing Palestinians: अमेरिका ने इसे नागरिकों और इलाके में अस्थिरता लाने वाला कृत्य जताते हुए शांति समझौते का उल्लंघन बताया. इस पर गारंटर देश मिस्र, कतर की भी पैनी नजर बनी हुई है.
अगले चरण का चीन-अमेरिका व्यापार परामर्श आयोजित होने की उम्मीद
चीन और अमेरिका के आर्थिक मुद्दे के लिए चीनी पक्ष के नेता, उप प्रधानमंत्री ह लीफंग ने 18 अक्टूबर को अमेरिकी पक्ष के नेता, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट व व्यापारिक प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के साथ वीडियो कॉल पर बात की
शी चिनफिंग ने डेविड अडियोंग को नाउरू के राष्ट्रपति के रूप में पुनर्निर्वाचित होने पर बधाई दी
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 17 अक्टूबर को डेविड अडियोंग को नाउरू गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में उनके पुनर्निर्वाचन पर बधाई संदेश भेजा
मानवाधिकार संगठन का दावा, 'बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों की ज्यादती बढ़ी'
मानवाधिकार संगठन, बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा जबरन गायब किए जाने, न्यायेतर हत्याओं और यातनाओं में वृद्धि पर प्रकाश डाला
मैं होम्योपैथी की डॉक्टर वीना चौहान हूं। पंजाब के मोहाली जिले में रहती हूं। डॉक्टर होने के बावजूद अपनी बेटी को बचा नहीं सकती। उसे एक लाइलाज बीमारी रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) है। इसका इलाज भारत में नहीं है, लेकिन विदेश में होता है। उस पर एक करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि विदेश ले जाकर बेटी का इलाज करा सकूं। उसे संभालने के लिए मैंने अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस छोड़ दी। सुध-बुध खो चुकी मेरी बेटी को देखकर मेरा बेटा कहता है, ‘दीदी मेरे साथ खेलती क्यों नहीं? वो हमेशा बैठी क्यों रहती हैं। 16 साल से अपनी आंखों के सामने बेटी को इस तरह तकलीफ में देखते रहना दुनिया का सबसे बड़ा दर्द है। हर दिन उसकी कम होती उम्र देख रही हूं। अब इसकी मुझसे और तकलीफ देखी नहीं जाती। आज से 16 साल पहले मेरी शादी हुई। जब प्रेग्नेंट हुई तो घर में बहुत खुशी थी। समय-समय पर चेकअप के लिए अस्पताल जाती थी। डॉक्टर हमेशा कहते कि सब ठीक है। बच्चा भी ठीक है। आखिरकार 11 अगस्त 2010 को मेरी बेटी अनु पैदा हुई। हम सभी बहुत खुश थे। आखिर वह हमारी पहली संतान जो थी। एक ही साल में वो हाथ-पैर के सहारे चलने लगी। उसकी चहलकदमी हमें बहुत खुशी देती। टीवी पर उसे कार्टून लगाकर देती, तो वो उसी में मस्त रहती। धीरे-धीरे वो दीवार या फर्नीचर का सहारा लेकर चलने लगी। सब अच्छा चल रहा था, लेकिन जब वह लगभग डेढ़ साल की हुई, तो अचानक कार्टून देखकर हंसना बंद कर दिया। फिर धीरे-धीरे कार्टून देखना भी। किसी भी बात पर कोई रिएक्शन नहीं करती। एकदम गुम-सुम रहने लगी। धीरे-धीरे उसका फोकस घटता चला गया। जब वो ढाई साल की हुई तो इसने चलना भी बंद कर दिया। बैठे रहने पर बहुत रोती। इसे तेज बुखार आने लगा। उसके बाद परेशान होकर हम इसे चंडीगढ़ पीजीआई दिखाने लेकर गए। वहां एक लंबी प्रक्रिया का टेस्ट हुआ। डॉक्टरों ने कहा कि उसे ‘डिले माइलस्टोन’ है- यानी बच्चे का विकास सामान्य से बहुत धीमा हो जाता है। इस बीमारी में बच्चे का विकास बहुत धीमा होता है। उसके बाद डॉक्टर ने कुछ दवाएं दीं और थेरेपी कराने को कहा। हमने बेहतरीन थेरेपी इंस्टीट्यूट्स का पता किया और वहां इसकी थेरेपी कराने लेकर जाने लगे। थेरेपी कराते 13 साल बीत गए, लेकिन कुछ खास सुधार नहीं हुआ। अब भी कोई एक्टिविटी कर नहीं पा रही थी। 13 साल हुई तो इसे पीरियड्स आए। पीरियड्स के बारे में इसे कुछ नहीं पता था। मैं उसको पैड लगाती और बदलती। इस दौरान वह छत की ओर टकटकी लगाकर देखती और उसकी आंखों से आंसू गिरते।उस दौरान मैं समझ जाती कि इसे पीरियड्स आए है और इसे बहुत तकलीफ हो रही है। उसे इस हालत में देखकर मेरा दिल टूट जाता था। जिंदगी की इस जद्दोजहद के बीच हमें एक बेटा हुआ। हमने उसके सभी एडवांस टेस्ट कराए। वह स्वस्थ है। एक दिन अचानक अनु की सेहत काफी बिगड़ गई। थेरेपी, दवाई सबने काम करना बंद कर दिया। उसका शरीर अकड़ने लगा। उसकी हालत इतनी बिगड़ गई कि किसी सहारे से भी चल नहीं पाती थी।अब वह पूरी तरह बिस्तर पर आ गई।अब खुद से खाना नहीं खा सकती थी। इस दौरान मैं एक सफल होम्योपैथी डॉक्टर थी। अब मुझे इसकी देखभाल के लिए अपनी प्रैक्टिस छोड़नी पड़ी। डॉक्टर कहते हैं कि धीरे-धीरे उसका शरीर और अकड़ जाएगा। इसकी दिक्कतें बढ़ जाएंगी। अब फिर से हमने दूसरी थेरेपी करानी शुरू की। इस दौरान मेरे पति भी अपना काम छोड़कर उसे अस्पताल लेकर जाते हैं। वहां थेरेपी में लगभग 15,000 रुपए महीना खर्च आता है। इस बीच मुझे दूसरी बेटी हुई। उसके भी हमने सभी एडवांस टेस्ट कराए। वो भी पूरी तरह स्वस्थ है। दूसरी बेटी के एडवांस टेस्ट के दौरान डॉक्टरों ने अनु के भी कई एडवांस टेस्ट किए। इस दौरान वो 14 साल की हो चुकी थी। इस बार टेस्ट में असल समस्या का पता चला। रिपोर्ट में आया कि उसे रेट सिंड्रोम नाम की जेनेटिक बीमारी है। इसका इलाज नहीं हो सकता। यह सिंड्रोम प्रेग्नेंसी के दौरान ही हो जाता है। इसमें लड़कियों के कुछ जींस नष्ट हो जाते हैं। ऐसे बच्चे जिंदगी भर नहीं बोल पाते। डॉक्टर ने बताया यह बीमारी सिर्फ लड़कियों में होती है। यह 10 हजार लड़कियों में किसी एक को होती है। इसका भारत में कोई इलाज नहीं है। इसकी 2.5 एमजी की दवा विदेश में मिलती है, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपए के आसपास है। हम मिडिल क्लास के लोग हैं। इतनी महंगी दवा कैसे मंगवाएं। अब हमारी जिंदगी का हर पल अनु के हिसाब से चलता है। उसके उठने से पहले ही घर का सारा काम कर लेती हूं। यह सो कर उठती है तो बस इसे ही संभालने होता है। वह खाना नहीं खाती, तो जबर्दस्ती खिलाती हूं। अनु मुझे मेरी महक से पहचान लेती है। कोई और खाना खिलाए तो खाती ही नहीं। अब हमारा दिन सुबह-शाम बस उसी को संभालने में बीतता है। मेरा बेटा जब थोड़ा बड़ा हुआ, तो वह अनु से हाथ मिलाता, लेकिन वह बेसुध रहती। वो जब कुछ बोलती नहीं तो बेटा कहता कि दीदी मेरे साथ खेलती नहीं। वह शिकायत करता है कि दीदी अपना काम खुद क्यों नहीं करतीं। फिर हम उसे समझाते हैं कि दीदी को चोट लगी है। वो चल नहीं सकती। आज अनु को संभालते हुए 16 साल हो चुके हैं। अनु को देखकर सोचती हूं कि मेरी पहली संतान मुझे ‘मम्मी’ भी नहीं कह पाई। आज भी उसके मुंह से मम्मी सुनने को तरस रही। अब तो वह मेरी तरफ देखती भी नहीं है। इस दौरान हमारा कहीं भी आना-जाना बंद हो चुका है। यह बहुत मुश्किल घड़ी है हमारे लिए। मुझे नहीं पता कि मेरी बेटी की उम्र कितनी है। डॉक्टर कहते हैं कि वह 40 साल तक जिंदा रह सकती है। सोचती हूं कि अगर हमें इस बीच कुछ हो जाए तो इसे कौन संभालेगा। हमारे न होने पर ऐसे बच्चों की देखभाल के लिए सरकार से कुछ स्थायी सुविधा मिलनी चाहिए। बस अब भगवान से यही दुआ है कि वह मेरी बेटी को और पीड़ा न दे। आखिर में मेरी सरकार से अपील है कि इस बीमारी से पीड़ित बाकी बच्चों का पता लगाए। इस हालत से जूझ रहे बच्चों के माता-पिता को ट्रेनिंग दिलाए ताकि ऐसे बच्चों को वे अच्छे से संभाल सकें। यही नहीं, ऐसे बच्चों के माता-पिता को आपस में मुलाकात कराई जानी चाहिए, ताकि वे अपने दुख साझा कर सकें। (डॉक्टर वीना चौहान ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं। अनु, बेटी का बदला हुआ नाम है।) --------------------------------------- 1- संडे जज्बात-फौजी विधवा की 8 साल के देवर से शादी:मैं मेजर जनरल थी, उसकी बात सुनकर कांप गई; मन करता है कैसे भी उससे मिल लूं अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2-संडे जज्बात-मुझे 5 गोलियां लगीं, 2 महीने कोमा में रहा:अस्पताल में पत्नी और पुलिस के ताने सुनता रहा; बोलना तो दूर हिल भी नहीं सका मैं अर्जुन पासवान, बिहार के जहानाबाद जिले के जमुआना गांव का रहने वाला हूं। हमारे पास जमीन नहीं थी। दलित होने के नाते जमींदारों के ही रहम-ओ-करम पर जिंदा थे। उनकी जमीनों पर काम के बदले खाने को बाजरा मिलता था। जमींदार रास्ते में मिल जाएं तो हम अपने पैरा का जूता हाथ में ले लेते थे। यही नहीं वे हमारी सुंदर महिलाओं पर नजर रखते थे। हमारा कुआं भी अलग होता था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
डोनाल्ड ट्रंप का दावा-अमेरिका ने 'ड्रग्स ले जाने वाली पनडुब्बी' को किया तबाह, इतने तस्करों की मौत
ड्रग्स के खिलाफ अमेरिका का ऑपरेशन एक बार फिर कामयाबी के दावे के साथ सामने आया है. साउथ और सेंट्रल अमेरिका से नारकोटिक्स की तस्करी काफी ज्यादा होती है.
'डॉ. मनमोहन सिंह से हमारी पुरानी दोस्ती रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हमारे साथ पढ़े थे। जब ये मुलाकात हुई तब वे PM नहीं थे। तब अटल बिहारी वाजपेयी PM थे। मनमोहन सिंह को हमने अपने गोल्फ लिंक वाले घर में मिलने के लिए बुलाया था। उनके साथ नजमा हेपतुल्ला भी आईं थीं। ये बातचीत करीब 3 घंटे तक चली थी और इस दौरान यासीन मालिक और कई दूसरे कश्मीरी नेता भी मौजूद थे। हुर्रियत के लीडर भी थे।’ तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट में 85 पन्नों का एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कई बड़े लीडर्स से मुलाकातों का दावा किया है। इन्हीं में से पूर्व PM मनमोहन सिंह से मुलाकात का भी जिक्र है। सीनियर जर्नलिस्ट प्रेम शंकर झा ने दैनिक भास्कर को बताया कि 2001 में ये मुलाकात उनके घर पर ही हुई थी। प्रेम शंकर झा बताते हैं, ‘यही वो मुलाकात थी जिसमें मनमोहन सिंह ये समझ गए थे कि कश्मीरी किसी भी हालात में पाकिस्तान की तरफ नहीं जाना चाहते हैं। भले ही उनमें नाराजगी है लेकिन वो हर कीमत पर भारत के साथ ही रहना चाहते हैं। पाकिस्तान के साथ तो 2 महीने भी चलना मुश्किल है।’ यासीन मालिक ने अपने एफिडेविट में भारत के कई पूर्व प्रधानमंत्री, ब्यूरोक्रेट, खुफिया एजेंसियों के चीफ और कैबिनेट मंत्रियों से मीटिंग का दावा किया है। इन सभी दावों की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। पढ़िए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट… सबसे पहले यासीन मलिक के 5 बड़े दावे... 1. पूर्व PM मनमोहन और अटल से मीटिंगयासीन दावा करते हैं, '1990 में मेरी गिरफ्तारी के बाद लगातार कई प्रधानमंत्री मेरे साथ संपर्क में थे। इनमें वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हाराव, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह शामिल हैं। 1994 में जेल से रिहा होने के बाद पहली बार मेरी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई थी। उस समय वो विपक्ष के नेता थे।' 'अटल जी ने मुझसे कहा था- यासीन जी, कच्चे धागे का ही सही, हमारे साथ रिश्ता जरूर रखना। विपक्ष में रहते हुए और PM बनने पर डॉ. मनमोहन सिंह भी मुझसे मिले थे। मनमोहन जी ने कहा था- 'मैं आपको कश्मीर में अहिंसक आंदोलन का जनक मानता हूं।' 2. राजेश पायलट से मुलाकात और जेल से रिहाईअप्रैल 1992 में दिल्ली के एम्स में ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मुझे महरौली के एक फार्म हाउस में रखा गया था। गृह मंत्री राजेश पायलट इस दौरान मुझसे कई बार मिलने आए। कई IAS भी मुझसे मिलने आते थे। इस दौरान बातचीत में कई बार मुझसे कहा गया कि PM पीवी नरसिम्हाराव ने मुझे अहिंसक यानी नॉन-वायलेंट राजनीति में लाने की जिम्मेदारी इन सभी को सौंपी थी। 3 साल मेरी इन अधिकारियों से बातचीत चली। मई 1994 में मुझे जेल से रिहा किया गया। 3. अटल जी ने आडवाणी से कहकर मेरा पासपोर्ट बनवायानवंबर 2000 में पाकिस्तान से सीजफायर की घोषणा हुई थी। इस दौरान अटल जी पीएम थे। इसी दौरान IB के डायरेक्टर अजीत कुमार डोभाल मुझसे मिले। इसके बाद IB के ही स्पेशल डायरेक्टर श्यामल दत्ता और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ब्रजेश मिश्रा से भी मेरी मुलाकात हुई। इन लोगों ने मुझसे कहा कि PM कश्मीर का मुद्दा बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं। वे मुझसे खुलकर बात करना चाहते थे। इसी के बाद 2001 में मुझे पहली बार भारतीय पासपोर्ट मिला था। ये भी PM अटल बिहारी वाजपेयी ने गृह मंत्री एलके आडवाणी की मदद से जारी करवाया था। 4. मनमोहन से मीटिंग और कांग्रेस ने BJP को सपोर्ट किया2001 में डॉ. मनमोहन सिंह, नजमा हेपतुल्ला, अब्दुल गनी लोन, मीरवाइज उमर फारूक के साथ मेरी जर्नलिस्ट प्रेम शंकर झा के दिल्ली गोल्फ लिंक स्थित आवास पर मीटिंग हुई थी। ये बातचीत PM अटल बिहारी वाजपेयी की शांति वार्ता को लेकर थी। मनमोहन ने मुझसे पूछा कि आखिर मैं चाहता क्या हूं। मैंने उनसे कहा कि उन्हें इस शांतिवार्ता को सपोर्ट करना चाहिए। इसके 24 घंटे बाद ही विपक्ष का डेलिगेशन PM से मिला और उन्होंने शांतिवार्ता का समर्थन किया। इसके बाद आरके मिश्रा के जरिए PM अटल की तरफ से दिया गया थैंक्स का मैसेज मुझ तक पहुंचाया गया। 5. IB डायरेक्टर के कहने पर आतंकी हाफिज सईद से मिला2006 में जब मनमोहन सिंह PM थे तब IB के स्पेशल डायरेक्टर वीके जोशी के कहने पर मैंने आतंकी हाफिज सईद और अन्य आतंकवादियों से मुलाकात की। ये कार्यक्रम वहां भूकंप से हुए नुकसान के बाद आर्थिक मदद से जुड़ा था। दोनों तरफ से 1 लाख से ज्यादा कश्मीरियों की मौत हुई थी। इसलिए मदद करने के लिहाज से गया था। इस मीटिंग से इंडिया लौटने के बाद यासीन मलिक ने फिर डॉ. मनमोहन सिंह और उस समय के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनके नारायणन से मुलाकात भी की थी। उस समय PM डॉ. मनमोहन सिंह ने मेरे प्रयासों और समर्पण के लिए आभार जताया था। हां मेरे घर पर मीटिंग हुई, फिर कांग्रेस ने BJP को सपोर्ट कियासीनियर जर्नलिस्ट प्रेम शंकर झा मानते हैं कि यासीन के एफिडेविट में किया दावा सही है। 2001 में उन्होंने ही यासीन मलिक और पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह की पहली मुलाकात कराई थी। इस मीटिंग के कुछ दिन बाद ही विपक्ष ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की कश्मीर को लेकर अपनाई जा रही रणनीति का समर्थन किया था। प्रेम शंकर झा यासीन मलिक के साथ पाकिस्तान भी जा चुके हैं। यासीन को सभी सरकारें इतनी तवज्जो क्यों दे रही थीं इस सवाल पर प्रेम कहते हैं, 'इसके दो मुख्य कारण है। पहला ये कि सरकारों को ये समझ आ गया था कि अब वो बंदूक से दूर है और अहिंसक राजनीति के रास्ते पर आ गया है। दूसरा ये कि पाकिस्तान के तत्कालीन PM से उसकी सीधी बातचीत थी। यासीन मलिक में आए बदलाव के बारे में प्रेम शंकर झा बताते हैं, 'जब 1994 में जेल से यासीन बाहर आया तब कश्मीर में वायलेंस कम हो गया था। 1994 में जेल से छूटने के बाद मेरी उससे दिल्ली में मुलाकात हुई थी। तब उसने हथियार भी छोड़ने की बात कह दी थी।' मुशर्रफ सिर्फ यासीन और मीरवाइज से ही बात करते थेसीनियर जर्नलिस्ट प्रेम शंकर जा बताते हैं, 'असल में पाकिस्तानी प्राइम मिनिस्टर जनरल परवेज मुशर्रफ दो लोगों से ही बाते करते थे। मीरवाइज और यासीन मलिक। मीरवाइज और यासीन के साथ मैं भी पाकिस्तान गया हूं।' 'वहां पर पाकिस्तान के मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूल के सेमिनार में यासीन मलिक ने कहा था- मैं आपको साफ साफ कहना चाहता हूं। कोई भी कश्मीरी पाकिस्तान में नहीं आना चाहता। बल्कि हम आजाद कश्मीर की मांग कर रहे हैं। ये सुनते ही पाकिस्तानी लोग बिल्कुल शॉक्ड हो गए थे। यही वजह थी कि भारत सरकार उससे बात कर रही थी।' यासीन के दावों पर पूर्व रॉ चीफ बोले- कुछ बातें सही, कुछ पूरी तरह गलत यासीन मलिक के इन दावों पर दैनिक भास्कर ने भारत के पूर्व रॉ चीफ एएस दुल्लत से भी बात की। दुल्लत के मुताबिक, यासीन मलिक के दावों में काफी हद तक सच्चाई है। उसके संपर्क में काफी बड़े ब्यूरोक्रेट, पॉलिटिशियन और नामी जर्नलिस्ट थे लेकिन उसके सभी दावे सच नहीं हैं। उसके एफिडेविट में मुझसे जुड़ी कोई बात नहीं है। इसलिए खुलकर कुछ नहीं कह सकता। 'उसने हीरो बनने के लिए इंसानियत का गला काटादैनिक भास्कर ने यासीन मलिक के पड़ोसी और साथी रहे JKLF के पूर्व मेंबर सैफुल्लाह फारूक से बात की। 1990 के दशक में फारूक ने भी PoK में जाकर ट्रेनिंग ली थी। यासीन के एफिडेविट में किए दावों पर फारूक कहते हैं, 'मैं JKLF का मेंबर रहा हूं। मेरे पड़ोस में ही यासीन का घर है। उसने इंटरनेशनल हीरो बनाने के लिए इंसानियत का गला काट दिया। कश्मीरी बच्चों के हाथ में बंदूकें दीं, उन्हें कब्र तक पहुंचाया। इसे पाकिस्तान भेजा गया। इससे काम लिया गया। पाकिस्तान की गोद में बैठकर इसने कश्मीरी बच्चों को मरवाया।' इसी ने हमारे एयरफोर्स के जवानों की हत्या कराई थी। कश्मीरी पंडितों की हत्याएं कराई। ये जेल चला गया। फिर लौटा तो ऐलान किया कि अब गांधीवादी तरीके से कश्मीर की आजादी की लड़ाई लड़ूंगा। शांति वार्ता के जरिए कश्मीर की आजादी के लिए लड़ूंगा। मेरा सवाल है कि 1990 के दौरान जो पाकिस्तान से हथियार लाए थे, वो क्या हुए। क्योंकि आज तक उससे जुड़ा कोई सच सामने नहीं आया।' यासीन ने कश्मीरियों को मारा, रूबिया सईद ने भी इसे कोर्ट में पहचानायासीन के JKLF में साथी रहे फारूक कहते हैं, 'ये खुद सरकार के साथ मिल गया, इससे पहले मुखबिर होने का इल्जाम लगाकर कश्मीरियों की जान लेता था। 14 जनवरी 1996 को एक हत्या हुई। उस लड़के का नाम था मोहम्मद उमर खान था। वो मेरे छोटे भाई जैसा था। 24 जनवरी 1996 को JKLF ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। ये कहा गया कि ये लड़का सरकार से मिल गया था यानी मुखबिर बन गया था। इसके बाद भी कई लड़कों की हत्याएं की गईं। शब्बीर हुसैन नामक युवक की हत्या हुई थी। ये 4-5 बहनों का इकलौता भाई था। इसके पिता भी नहीं थे। इस हत्या में भी JKLF का ही हाथ था। इन सभी केस में यासीन पर केस क्यों नहीं चला। रूबिया सईद केस में इसे सजा क्यों नहीं हुई। फारुक कहते हैं, जिस दिन यासीन को फांसी दी जाएगी उस दिन लाल चौक पर लड्डू बाटूंगा और पटाखे भी जलाऊंगा।' फारुक के रूबिया सईद से जुड़े सवाल पर जर्नलिस्ट प्रेमशंकर झा कहते हैं, 'कश्मीर में असल आतंकी घटनाएं 1989-90 में रूबिया सईद के अपहरण से शुरू हुईं थी। इसका असली मास्टरमाइंड मुश्ताक अहमद जरगर था। ये आज भी PoK के मुजफ्फराबाद में है। वो ISI से मिला हुआ था। रूबिया सईद को कुल 4 लोगों ने अगवा किया था। इसमें यासीन बाद में मिल गया, जिसके बाद कुल 5 लोग हो गए थे। रूबिया के सामने सिर्फ यासीन मलिक ने ही अपना चेहरा दिखाया था। इसलिए ये कहा गया कि यासीन ही पूरे अपहरणकांड का मास्टरमाइंड है। हालांकि मेरा मानना है कि उसने रूबिया को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए चेहरा दिखाया था।' रूबिया ने पहले अदालत में यासीन को बतौर किडनैपर पहचाना था। हालांकि, 21 सितंबर 2022 को TADA कोर्ट में सुनवाई के दौरान वे बयान से पलट गईं और कहा कि वे किसी भी किडनैपर को नहीं पहचानतीं। जॉर्ज फर्नांडीज की 4 कश्मीरी नेताओं से मीटिंग, बाद में चारों का मर्डरसीनियर जर्नलिस्ट प्रेम शंकर झा बताते हैं कि सरकार यासीन को मुख्यधारा में लाकर चुनाव लड़वाना चाहती थी। हालांकि ये इतना भी आसान नहीं था। उस समय के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज भी काफी सीक्रेट तरीके से 4 कश्मीरी नेताओं से मिले थे। ये जानकारी आतंकियों तक पहुंच गई और इन चारों की हत्या कर दी गई। 1990 के दशक के माहौल में जो कश्मीरी नेता भारत सरकार से बात करने की कोशिश करता, उसे मार दिया जाता था। 2001 में भी जब मेरे आवास पर यासीन मलिक और डॉ. मनमोहन सिंह की मुलाकात हुई थी, तब भी यही देखने को मिला था। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि आप लोग को खुद चुनाव लड़ना चाहिए लेकिन जो भी चुनाव लड़ने की बात करता या तैयारी करता था, उसकी हत्या कर दी जाती थी। उस समय BBC ने कश्मीरी नेता मीरवाइज मोहम्मद फारूक का इंटरव्यू किया था। उस इंटरव्यू में पूछा गया था कि अगर आप अमन चाहते हैं तो हिंदुस्तान को क्या करना चाहिए। उन्होंने जवाब में चुनाव और अमन से जुड़ी कुछ बातें कह दीं। इंटरव्यू के 3 हफ्ते बाद ही मई 1990 में उनके घर की घंटी बजी। उन्होंने दरवाजा खोला और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। यासीन के खिलाफ NIA की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में क्या NIA की चार्जशीट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का इरादा हथियारों के बल पर जम्मू कश्मीर को आजाद कराना था। 1987 में यासीन मलिक अपने JKLF के कई मेंबर्स के साथ बॉर्डर पार कर पाकिस्तान गया था। वहां आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद JKLF को आतंकवादी संगठन बनाया। यासीन ने साथियों के साथ मिलकर तब केंद्रीय गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण किया। इसके अलावा एयरफोर्स के 4 अधिकारियों की हत्या कराई। इस केस में यासीन अरेस्ट हुआ। इसी केस में 1994 में वो जेल से बाहर आया था। उसके बाद JKLF ने हथियार का रास्ता छोड़ने का ऐलान किया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि JKLF से जुड़े ज्यादातर आतंकी मारे गए थे या फिर अरेस्ट कर लिए गए थे। मोहम्मद यासीन मलिक उर्फ असलम को 10 अप्रैल 2019 को जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां चलाने को लेकर गिरफ्तार किया गया। इससे पहले 26 फरवरी 2019 को यासीन मलिक के घर पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। जिसमें कई डॉक्युमेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले थे। 1990 के दशक में JKLF और अन्य कई आतंकी संगठन लगातार किलिंग कर रहे थे। इसे देखते हुए ही 3 जुलाई 1990 को जम्मू कश्मीर डिस्टर्ब एरिया एक्ट लागू किया गया। जिसमें जम्मू कश्मीर के अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर और एलओसी से 20 किमी तक के एरिया जैसे राजौरी और पुंछ भी शामिल किए गए। रूबिया सईद के अपहरण केस में शामिल रहे यासीन मलिक, मोहम्मद शौकत बख्शी, इकबाल और जावेद जरगर के घर पर भी अप्रैल 1990 में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। यासीन फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलवाना चाहता हैयासीन का केस फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में है। NIA यासीन मलिक की उम्रकैद को मौत की सजा में बदलने की अपील कर रही है। इसी के जवाब में यासीन ने एफिडेविट दाखिल किया है। उसने आरोप लगाया है कि 13 साल बाद, आर्टिकल- 370 हटाने से पहले उसकी इस मीटिंग को तोड़-मरोड़कर उसके खिलाफ UAPA लगाया गया और उसे आतंकी करार दिया गया। जबकि उसने ये सब खुलकर और प्रेस के सामने किया था। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष NIA कोर्ट ने 24 मई 2022 को UAPA की धारा-17 के तहत आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाना, IPC की धारा-121 के तहत भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और IPC-120बी के तहत साजिश रचने की धाराओं में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इजरायल में नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, इस्तीफे की क्यों कर रहे मांग?
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर के बाद शांति समझौता हो गया, लेकिन अभी भी पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ उनकी ही धरती पर विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में क्यों हो रहा 'नो किंग्स' प्रदर्शन? विपक्ष भी सड़कों पर मौजूद
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी उन्हें अपने देश में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
Ghost Story in Hindi: आज के जमाने में अगर कोई भूत-प्रेत की बात करे तो लोग उसकी हंसी उड़ाने लग जाते हैं. लेकिन दो देश ऐसे हैं, जहां शाम होते बॉर्डर पर भूतियां आवाजें आनी शुरू हो जाती हैं. ये आवाजें इतनी करणामय, मार्मिक और डरावनी हैं कि लोगों में दहशत भर गई है.
दक्षिण अफ्रीका बस दुर्घटना : घटना में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन? जांच में हुआ बड़ा खुलासा
दक्षिण अफ्रीका के लिम्पोपो प्रांत में हुई बस दुर्घटना में 43 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में जांच के बाद परिवहन मंत्री बारबरा क्रीसी ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि बस जर्जर हालत में थी और सड़क पर चलने की स्थिति में नहीं थी और हादसे के वक्त उसकी रफ्तार तेज थी, जो हादसे की वजह बनी
Video: ढाका के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लगी आग, सभी फ्लाइट्स कैंसिल; एयरफोर्स-नेवी ने संभाला मोर्चा
Dhaka Airport Fire: हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आग लग गई है.
जेन-जी प्रदर्शन: इतने गुस्से में क्यों हैं एशिया के नौजवान?
दक्षिण और दक्षिण–पूर्व एशिया के युवाओं में नेताओं के प्रति भारी नाराजगी है
India Canada News in Hindi: जस्टिन ट्रूडो के समय रसातल में पहुंच चुके भारत-कनाडा के संबंध अब फिर से पटरी पर आते दिख रहे हैं. कनाडियन पीएम मार्क कार्नी राजधानी टोरंटो में हुए दिवाली सेलिब्रेशन में शामिल हुए और ऐसा करके एक बड़ा मैसेज दे गए.
पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में तीन अफगानी क्रिकेटरों की मौत
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक्स पर लिखा है कि बीते शुक्रवार को पक्तिका प्रांत में पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में उनके तीन क्रिकेटरों की मौत हो गई है
Putin Trump News: पिछले साढ़े तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने के लिए पुतिन और ट्रंप के बीच दूसरी मुलाकात की चर्चा जोरों पर है. इसके लिए हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट का नाम लिया जा रहा है. लेकिन क्या बिना खतरे के पुतिन वहां तक पहुंच पाएंगे.
दक्षिण कोरिया में अगले कुछ सप्ताह में होगी ट्रंप-जिनपिंग की मुलाकात
दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने जा रही है
Donald Trump: अमेरिका के हालात धीरे-धीरे खराब होते जा रहे हैं. यहां पर शटडाउन का असर दिखने लगा है, बंद के 18वें दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने डेमोक्रेट्स पर हमला बोला है. उन्होंने इस शटडाउन को 'डेमोक्रेट शटडाउन' करार दिया.
गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग में LG मनोज सिन्हा ने टेका मत्था, क्या है मठ का ऐतिहासिक महत्व?
Geden Shedup Choekorling Monastery: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को रूस के कलमीकिया स्थित एलिस्टा स्थित बौद्ध मठ में मत्था टेका, इसके बाद इस मठ की काफी ज्यादा चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं इस मठ के इतिहास के बारे में.
10-वर्षीय परमाणु समझौता समाप्त, हम अब किसी प्रतिबंधों से बंधे नहीं : ईरान
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब उसके परमाणु कार्यक्रमों पर प्रतिबंध की समय सीमा समाप्त हो चुकी है लेकिन तेहरान कूटनीति को लेकर प्रतिबद्ध है। 18 अक्टूबर को संयुक्त व्यापक कार्य योजना आयोग (जेसीपीओए) के 10 साल पूरे होने पर उन्होंने ये बातें कहीं
Donlad Trump: ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन को हत्याओं के इस सिलसिले को बंद कर तुरंत समझौता करने की सलाह दी थी. इतना ही नहीं ट्रंप ने रूस और यूक्रेन को जहां हैं वहीं पर रूक जाने की बात कहते हुए सैनिकों को वापस अपने परिवार के पास जाने की भी नसीहत दी है.
Explained: अभी तो रूस पर पटाखे फोड़ रहा यूक्रेन! ट्रंप ने 'ब्रह्मास्त्र' देने से मना क्यों कर दिया?
Tomahawk Cruise Missile: पिछले काफी समय से ऐसा लग रहा था कि अमेरिका यूक्रेन को अपना यह शक्तिशाली हथियार देने वाला है. यूक्रेन व्हाइट हाउस के लिए निकल चुके थे. एक फोन आया और ट्रंप का शायद मूड बदल गया. अब वह कह रहे हैं कि कैसे दे दें, हमें अपने देश की रक्षा करनी है.
दुनिया में एक देश ऐसा है जिसे भूले भालुओं की जन्नत माना जाता है. स्लोवेनिया में सरकारी आंकड़े के मुताबिक भूरे भालुओं की आबादी 950 है जो चंद महीनों में बढ़कर यानी अगले साल की शुरुआत में 1100 हो सकती है.
हवा में 'दहशत' फैलाते हैं ये फाइटर जेट्स, 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान से लैस हैं ये देश
Fifth Generation Fighter Jets: दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. सैन्य शक्ति के बदौलत ही किसी देश की पहचान होती है. ऐसे में हम बात करने चल रहे हैं उन देशों के बारे में जिनके पास पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान संचालित करने की तकनीक है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का शांति संदेश, जेलेंस्की से की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ढाई घंटे तक फोन पर बातचीत करने के एक दिन बाद व्हाइट हाउस में अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की
Thailand-Combodia : सीमापार से आ रही कुत्ते के रोने, भूतों की आवाज; डर के भाग रहे लोग
Thailand psychological warfare:इस मनोवैज्ञानिक युद्ध की शुरुआत 10 अक्टूबर की रात से हुई जहां सीमा पर लाउडस्पीकरों के जरिए भूतिया माहौल की डरावनी आवाजें सुनाई दीं तो लोग सहम गए, थोड़ी देर बाद बच्चों के रोने और कुत्तों के भौंकने की आवाजें आने लगीं. इसके बाद हेलीकॉप्टर और बमबारी जैसी आवाजें आईं तो लोग अपने घर से छोड़कर बाहर निकल आए.
IAF Instructors To Train RAF Pilots: भारतीय वायुसेना के 2 टॉप गन जल्द ही ब्रिटेन में रॉयल एयरफोर्स फाइटर पायलट्स को ट्रेनिंग देने वाले हैं. ये ट्रेनिंग अगले साल शुरू हो सकती है.
भारत-जर्मनी संबंधों को और बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं: राजदूत एकरमैन
जर्मनी और भारत के बीच संबंधों की सराहना करते हुए भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं
मोजाम्बिक में बीच समुद्र दर्दनाक हादसा, नाव पलटने से 3 भारतीयों की मौत
Mozambique Boat Accident: नाव हादसे में बचाए गए 5 भारतीय नागरिक फिलहाल सुरक्षित हैं. इनके अलावा एक भारतीय का बेइरा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.पांच लापता भारतीय नागरिकों की खोज और बचाव के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस रेस्क्यू में लोकल अधिकारियों के अलावा समुद्री एजेंसियां भारतीय दल के साथ सहयोग कर रहे हैं.
Thailand-Combodia Tension: सीमापार से आ रही कुत्ते के रोने, भूतों की आवाज; डर के भाग रहे लोग
दुनिया के कई देशों के बीच सीमा पर तनाव बना रहता है. जहां गोला-बारूद वाली सीधी जंग नहीं होती, वहां मनोवैज्ञानिक युद्ध लड़ा जाता है.
पाकिस्तान हमला कर रहा अफगानिस्तान पर... 'चौधरी' ट्रंप वहां भी कूदे, कर दिया बड़ा ऐलान
Pakistan Taliban War: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है. कई दिनों से ऐसा महसूस भी हो रहा था कि ट्रंप इस पर भी बोलेंगे. पाकिस्तान तो पहले से ही स्वागत के मूड में बैठा था. अब ट्रंप ने दुनिया के सामने बताया है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमला कर रहा है.
भारत दौरे पर आए मंगोलिया के राष्ट्रपति, उधर प्रधानमंत्री को देना पड़ गया इस्तीफा, जानिए क्यों?
Prime Minister Gombojav Jadanshatar: 127 सीटों वाली मंगोलिया की संसद में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया. इस दौरान 111 सदस्यों में से 71 ने जदनशतार के इस्तीफे का समर्थन किया तो 40 ने इसका विरोध किया.
Eva Air: अंतिम संस्कार चल रहा था, बॉस का मैसेज आया- साबित करो कि बीमार हो; कट गया बवाल
Taiwan Airline: ताइवान में एक एयरलाइन कंपनी ने अपनी एकत मृत कर्मचारी के देहांत होने पर उसका सबूत मांगा. इसको लेकर अब एयरलाइन कंपनी के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया है.
वायु सेना रैंकिंग में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. चीन के पास दुनिया का पहला 6th जनरेशन फाइटर जेट है वहीं भारत 4th या 4.5th जनरेशन जेट्स का इस्तेमाल करता है फिर भी भारत ने चीन को कैसे पछाड़ा? रैंकिंग का क्या क्राइटीरिया होता है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
‘हर दिन लगता था कि कोई बम हमारी टनल के ऊपर गिरेगा और हम मारे जाएंगे। हमें धमाकों की आवाज आती थी। अगर धमाका पास में होता, तो हमास के लड़ाके हमसे भागने के लिए कहते। हम एक टनल से दूसरी टनल में भागते रहते। हमास के लोग हमेशा आसपास ही रहते थे। हाथों में बंदूक और चेहरे ढके हुए। हमें इधर से उधर दौड़ाते रहते। टनल में वक्त, तारीख कुछ पता नहीं चला।’ इजराइल के रहने वाले इटान के बीते 736 दिन इसी तरह बीते। इटान का घर गाजा बॉर्डर पर निज ओज किबुत्ज में है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के लड़ाके इजराइल में घुस गए थे। 1,200 से ज्यादा लोगों को मार डाला। 251 लोगों को बंधक बनाकर साथ ले गए। इनमें इटान और उनके भाई याइर भी थे। इजराइल के साथ समझौता होने के बाद हमास ने 13 अक्टूबर को इटान को रिहा कर दिया। 13 अक्टूबर को कुल 48 बंधक लौटे। 20 जिंदा और 28 डेड बॉडी। इजराइली होस्टेज फोरम के मुताबिक सभी 20 बंधकों को कुछ महीने तक स्पेशल साइकोलॉजिकल केयर में रखा गया है। साइकोलॉजिकली फिट होने तक उन्हें किसी से नहीं मिलने दिया जाएगा। दैनिक भास्कर ने बंधकों के परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करके उनकी कहानियां जुटाई हैं। पढ़िए ऐसी तीन कहानियां… पहली कहानी इटान कीकरीब 30 साल के इटान हमले वाले दिन बड़े भाई याइर के घर गए थे। 7 अक्टूबर की सुबह सूरज पूरी तरह निकला भी नहीं था कि हमास ने बॉर्डर पार कर हमला कर दिया। उसके लड़ाके बॉर्डर के पास के इजराइली गांवों में घुस गए। इटान और याइर तभी से हमास की कैद में थे। हमास ने दोनों भाइयों का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें इटान और याइर एक-दूसरे को गले लगाते हैं, फिर रोने लगते हैं। तब याइर की रिहाई होने वाली थी। इटान पीछे छूट गए। अब दोनों भाई साथ हैं। भूखे रहने और बीमारियों की वजह से इटान का वजन आधा रह गया है। हमास की कैद में अनुभवइटान बताते हैं, ‘एक दिन इजराइली मिलिट्री की बमबारी हो रही थी। टनल का एक हिस्सा गिरने लगा। जोरदार धमाकों की आवाज के साथ अचानक टनल के ऊपरी हिस्से से मलबा गिरा। हमास का एक कमांडर आया। उसके साथ में राइफल थी। उसने चेहरे पर मास्क लगाया था।’ ‘उसके कहने पर हमास के आतंकियों ने सभी बंधकों को खड़े होने के लिए कहा। हमें टनल में ही दूसरी लोकेशन पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया। मेरे हाथ-पैर बंधे हुए थे। उसी हालत में कई घंटे तक हमें टनल के अंदर पैदल चलाते रहे। एक वक्त के बाद मुझसे पैदल नहीं चला जा रहा था और मैं टनल में वहीं बैठ गया। फिर भी चलते रहना मजबूरी थी।’ दूसरी कहानी मतान की22 साल के मतान एंग्रेस्ट इजराइली आर्मी में हैं। वे टैंक यूनिट में थे। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के लड़ाकों ने हमला किया, तब मतान टैंक में ही थे। लड़ाकों ने उन्हें बाहर निकाला और अगवा करके ले गए। हमास की कैद में अनुभवफौजी थे इसलिए अलग रखा, बेहोश होने तक पीटते थेमतान का जो वीडियो सामने आया था, उसमें उनका चेहरा खून से लथपथ दिख रहा था। पिटाई का ये दौर पूरे दो साल चला। उन्हें बेहोश होने तक पीटा जाता था। हमास के लड़ाके मतान के चेहरे पर काला कपड़ा बांध देते थे। उन्हें घसीटते थे। कई दिनों तक सोने नहीं देते थे। मतान को क्रोनिक अस्थमा है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। हमास की कैद में ये तकलीफ और बढ़ गई। मतान फौजी थे, इसलिए आखिरी 4 महीनों में उन्हें अकेले छोटी सी अंधेरी टनल में रखा गया। मतान को दिमागी तौर पर तोड़ने की कोशिश की गई। उनसे कहा जाता कि इजराइल ने बंधकों को मरने के लिए छोड़ दिया है। हमास अब जीतने वाला है। 14 अक्टूबर, 2025 को मतान को रिहा किया गया। सबसे पहले उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां उन्होंने अपनी टैंक क्रू के लिए मैसेज लिखा। उनके दोनों हाथ जले हुए थे। उनमें इन्फेक्शन फैल गया। कैद में इलाज भी नहीं मिला। टनल में नमी होती थी। फैमिली के मुताबिक, मतान को एंटीबायोटिक्स नहीं दी गईं। इससे वे अब उंगलियां भी नहीं हिला पा रहे। उनके चेहरे और जबड़े की हड्डी टूटी है। तीसरी कहानी एमिली दमारी कीएमिली दमारी गाजा बॉर्डर पर किबुत्ज कफार अजा में रहती हैं। उनके पास ब्रिटिश और इजराइली नागरिकता है। हमास के लड़ाके उन्हें घर से उठा ले गए थे। इसी दौरान एमिली को गोली लगी और उन्होंने दो उंगलियां खो दीं। हमास की कैद में अनुभवगोली लगने के बाद भी इलाज नहीं, फिर बिना बेहोश किए सर्जरीएमिली का परिवार बताता है कि उन्हें ज्यादातर टनल में रखा गया। वहां दिन में भी रोशनी नहीं आती थी। गोली लगने के बावजूद उसे कोई ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। बाद में बिना एनेस्थीसिया के इलाज किया गया। कई-कई दिन तक खाना नहीं दिया गया। एमिली को 19 जनवरी 2025 को फेज्ड होस्टेज एग्रीमेंट के तहत रिहा किया गया। रिहाई के बाद एमिली ने कहा, ‘मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी जान वापस आ गई है।’ एमिली के साथ उनके पड़ोसी गेली और जिव को भी हमास ने बंधक बनाया था। एमिली ने लौटकर बताया कि दोनों भाई जिंदा हैं। इन सभी को टनल में रखा गया था। ‘बंधकों के लिए नर्क जैसे रहे 2 साल’हमने इजराइली जर्नलिस्ट और राइटर लेव आरान से समझा कि सीजफायर डील के बाद इजराइल में लोग क्या सोच रहे हैं और बंधकों की वापसी के बाद क्या माहौल है। लेव कहते हैं, ‘गाजा से लौटे बंधकों के लिए बीते दो साल नर्क से कम नहीं रहे। ऐसा नहीं है कि हमास के पास खाने की कमी थी। फिर भी इजराइली बंधकों को भूखा रखा गया। बंधक अभी वापस आए हैं। उन पर जुल्म की और कहानियां सामने आना बाकी हैं। फिर भी हम जो कहानियां सुन रहे हैं वो बहुत डरावनी हैं।’ लेव बताते हैं, ‘इजराइलियों ने तय किया कि हमास के साथ समझौता करके ही बचे बंधकों को वापस लाया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की वजह से उम्मीद जगी। हमें लगा कि अमेरिका के कतर और खाड़ी देशों के साथ रिश्तों की दम पर समझौता हो सकता है।’ ‘गाजा हमास को ही देना था, तो एक साल पहले डील कर लेते’लेव आगे कहते हैं, ‘2 साल से हम गाजा में हमास के आतंकियों से युद्ध लड़ रहे थे। हम अपने बंधकों को वापस लाने में कई बार कामयाब हुए, कई बार फेल भी हो गए। अब सभी बंधक वापस आ चुके हैं।’ ‘इजराइल में जल्दी चुनाव करवा सकते हैं नेतन्याहू’इजराइल और फिलिस्तीन के संघर्ष में आगे क्या होगा और इसका असर इजराइली की अंदरूनी राजनीति में क्या होगा? लेव जवाब देते हैं, ‘अगर नेतन्याहू को लगेगा कि वे अभी चुनाव जीत सकते हैं, तो इजराइल में अभी इलेक्शन हो सकते हैं।' 'अभी सरकार के पास 120 में से 68 सांसदों का समर्थन है। अगर अभी चुनाव होते हैं, तो गठबंधन के पास करीब 50 सीटें ही बचेंगीं। ऐसे में नेतन्याहू के पास बहुमत नहीं होगा और उनको विपक्ष में बैठना पड़ेगा।’ ‘अभी प्रधानमंत्री होते हुए उन्हें ज्यादा संरक्षण हासिल है। वो अगर विपक्ष में चले जाएंगे, तो उनके पास कम अधिकार होंगे। इसलिए अभी तुरंत चुनाव नहीं होने वाले हैं। अगर नेतन्याहू को लगा कि अभी जनमत उनके साथ है, या भविष्य में वे जनमत खो सकते हैं, तो संसद भंग करके चुनाव भी करवा सकते हैं।’ अब गाजा का हाल जानिएइजराइली हमले की वजह से गाजा पूरी तरह बर्बाद हो गया है। 67 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। करीब 1.7 लाख लोग घायल हुए हैं। 80% इमारतें तबाह हो चुकी हैं, यानी अब रहने लायक नहीं बचीं। 20 लाख से ज्यादा लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है। गाजा के मौजूदा हालात पर हमने फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट और राइटर फकीरी अबू दयाब से बात की। वे फिलिस्तीन के इलाकों जैसे वेस्ट बैंक में रामल्ला, जेनिन से लेकर गाजा तक अच्छी पकड़ रखते हैं। जाना-पहचाना नाम भी हैं। वे बताते हैं- ‘गाजा में युद्ध रुक गया है। वहां के लोगों को राहत मिली है। 2 साल की भुखमरी, बीमारी और डर के बाद अब लोगों को उम्मीद जागी है कि ये सब खत्म होगा। 'गाजा के लोग कभी नहीं चाहते कि युद्ध चलता रहे। वे बर्बाद हो चुके हैं। आसमान के नीचे सोते हैं। स्कूल, हॉस्पिटल, कुछ नहीं बचे। परिवार बिखर गए। मेरे जानने वाले ज्यादातर परिवारों ने किसी ना किसी अपने को खोया है। हर किसी के पास गाजा में जख्म है।’ ‘अभी हमास गाजा में फिर से खुद को एकजुट कर रहा है। सीजफायर लागू होने के कुछ घंटों बाद, 14 अक्टूबर 2025 को एक वीडियो मैसेज में हमास के सीनियर लीडर जाहिर जबारिन ने कहा कि हमास सीजफायर समझौते को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है। हम अपनी बंदूकें कभी नहीं छोड़ेंगे, या तो जीत या शहादत।’ ‘सीजफायर डील में हमास के हथियार छोड़ने की शर्त रखी गई है, साफ है कि हमास उसे मानने के लिए तैयार नहीं है। अब भी गाजा पट्टी से इजराइली डिफेंस फोर्स और हमास के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं।’ फकीरी अबू दयाब कहते हैं, ‘सीजफायर अब लागू हो गया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि इजराइल को इंटरनेशनल कानून मानने के लिए मजबूर करे। सबसे बड़ी जरूरत है कि गाजा पर अब इजराइल नया हमला न करे। हमें इजराइली सरकार और अमेरिका दोनों पर भरोसा नहीं है। ट्रम्प और नेतन्याहू दोनों दोस्त हैं और दोनों के पास एक ही तरह का एजेंडा है। दोनों की गाजा के लिए एक ही सोच है।’ ‘हमास ने गाजा में 5 नए गवर्नर नियुक्त किए’हमने अपने सोर्स के जरिए कतर में मौजूद हमास के एक लीडर से बात की। उन्होंने बताया कि हमास ने गाजा के 5 नए गवर्नर नियुक्त किए हैं। हम गाजा को फिर से एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और अपना कंट्रोल जमा रहे हैं। हमारी प्राथमिकता गाजा को फिर से खड़ा करने की है। इसके लिए हम दुनिया की मदद चाहते हैं। मैं ये भी साफ कहूंगा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम हथियार नहीं डालेंगे।’ ................................... गाजा से जुड़ी ये स्टोरी भी पढ़ें...2 साल में गाजा के 90% मकान मलबे में तब्दील, हर घंटे 1 बच्चे की मौत 737 दिन बाद इजराइल और हमास की जंग थमने की उम्मीद है। 13 अक्टूबर को गाजा सीजफायर प्लान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिस्र जाकर दस्तखत किए। हमले तो रुक गए, लेकिन गाजा पूरा बर्बाद हो गया। 90% इमारतें मिट्टी में मिल गईं। सबसे ज्यादा भयानक कहानियां बच्चों की थी। यहां हर घंटे एक बच्चे ने दम तोड़ा। पढ़िए पूरी खबर...
नाबालिग से यौन संबंध का आरोप, ब्रिटेन के इस प्रिंस ने छोड़ा 'ड्यूक ऑफ यॉर्क' टाइटल
Prince Andrew Affair: ब्रिटिश रॉयल फैमली के एक वारिश ने अपना टाइट छोड़ दिया है, पिछले कुछ सालों से वो विवादों में थे, जिससे शादी परिवार की काफी बदनामी हुई थी.
Death Sentence: अमेरिका में एक और सजा-ए-मौत को जल्द अंजाम दिया जाएगा. एक किलर को 20 साल पहले किए गए मर्डर के लिए एग्जिक्यूट किया जाएगा.
Pakistan Taliban Conflict News: पाकिस्तान और तालिबान में संघर्ष धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर बिना उकसावे के हमला करने का आरोप लगाया है. इससे दोनों के रिश्तों में दरार बढ़ गई है.
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ कर दी गद्दारी, सीजफायर के बाद भी कर दी एयर स्ट्राइक
अभी शुक्रवार को दोनों देशों के बीच 48 घंटों के लिए सीजफायर का ऐलान हुआ था. लेकिन कुछ ही घंटों में दोगले पाकिस्तान ने अपना रंग दिखा दिया और अफगानिस्तान पर हवाई हमले शुरू कर दिए. अफगानिस्तान के तोलो न्यूज के मुताबिक अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर हवाई हमले करने के आरोप लगाए हैं.
ट्रैरिफ वॉर के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को बताया 'लुटेरा', लेकिन ड्रैगन से समझौते पर कही ये बात
US China Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है, उन्होंने ड्रैगन की ट्रेड प्रैक्टिस को अनफेयर बताते हुए यूएस के धन को लूटने का इल्जाम लगाया है.
एलन मस्क की राह पर डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सलाहकार जॉन बोल्टन! अमेरिकी प्रशासन ने लगाए 18 गंभीर आरोप
यहां सबसे दिलचस्प बात ये है कि जॉन बोल्टन डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बने थे. दोनों के बीच शुरुआती दौर में काफी अच्छे रिश्ते रहे और बोल्टन को ट्रंप का सबसे करीबी नेता माना जाता था. धीरे-धीरे विदेश नीति और कई बहुत अहम मामलों में ट्रंप और बोल्टन के बीच मतभेद आने शुरू हो गए.
JFK Murder Secret File: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की हत्या किसने करवाई थी, यह आज भी लोगों के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है. लेकिन लगता है कि 58 साल बाद इस राज से अब परदा उठ सकता है. रूस ने इस हत्या से जुड़ी एक सीक्रेट फाइल यूएस को सौंपी है.
Zubeen Garg death case latest news: असम के प्रसिद्ध गायक रहे जुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई रहस्यमय मौत के मामले में भारत और सिंगापुर दोनों जगह जांच चल रही है. इसी बीच सिंगापुर पुलिस ने इस मौत से जुड़े मामले में बड़ा बयान जारी किया है, जिससे फिर हलचल पैदा हो गई है.
TTP Chief Noor Wali mehsud Video:तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आका मुफ्ती नूर वली महसूद ने नया वीडियो जारी करके पाकिस्तानी फौज के दावे की हवा निकाल दी है. पाकिस्तान को घुटनों पर झुकाने वाले इस 'वली' ने नए वीडियो में पाकिस्तान को उसकी औकात बताते हुए मानो ये कहा- 'टाइगर अभी जिंदा है'.
35 की उम्र में थम गई जिंदगी! I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokki से बनाई थी दुनिया में पहचान
Korean Author Death:I Want To Die But I Want To Eat Tteokbokk किताब की मशहूर लेखिका Baek Se-hee का 35 साल की उम्र में निधन हो गया है. इस खबर ने उनके लाखों पाठकों को झकझोर कर रख दिया है जो उनके लिखने के तरीके के कायल थे.
अटलांटा से लेकर न्यूयॉर्क तक हर कहीं दीपावली की धूम, मेयर से लेकर गवर्नर तक हुए शामिल
Diwali Celebration: न्यूयॉर्क के स्वामीनारायण मंदिर में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ गवर्नर कैथी होचुल और फ्लशिंग भी दीपावली समारोह में शामिल हुए थे. जिसके लिए डीसीजी विशाल जे. हर्ष ने न्यूयॉर्क गवर्नर का भारतीय प्रवासियों के प्रति निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद किया.
30 दिन के भीतर ट्रंप के तीसरे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक विरोधी पर शिंकजा, आरोप भी हैं गंभीर
John Bolton news:आपको बताते चलें कि बोल्टन पर राष्ट्रीय रक्षा संबंधी जानकारी प्रसारित करने के आठ और राष्ट्रीय रक्षा संबंधी जानकारी को अपने पास रखने के 10 आरोप हैं. अभियोजकों का कहना है कि बोल्टन ने अपनी गतिविधियों की डिजिटल डायरियां रखीं और अपने परिवार के सदस्यों के साथ साझा कीं. इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहते हुए सभी प्रकार की गोपनीय सामग्री शामिल थी.
मार्शल लॉ मामला : दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति लगातार दूसरी बार मुकदमे में नहीं हुए पेश
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक-येओल शुक्रवार को मार्शल लॉ से जुड़े आरोपों के मामले में चल रहे अपने दूसरे मुकदमे में फिर से पेश नहीं हुए
दोहा : पाक-अफगान के बीच आज शांति वार्ता
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण हैं। भारी गोलीबारी और बमबारी के बाद दोनों पक्षों ने सीजफायर पर सहमति जताई। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अफगानिस्तानी मीडिया के सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान कतर की राजधानी दोहा में बातचीत कर सकते हैं
Sheikh Hasina: शेख हसीना को मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों की मास्टरमाइंड करार देते हुए मौत की सजा देने की मांग की है. ताजुल ने शेख हसीना पर 1400 हत्याओं को प्री प्लान और सुनियोजित भी करार दिया है.
कौन था मोहम्मद अल-गमारी? जिसे इजरायल मानता था बड़ा खतरा, अगस्त में हुई थी मारने की कोशिश
IDF killedMohammed al Ghamari:आतंकवाद (Terrorism) का खात्मा करने के लिए इजरायल (Israel) लगातार कार्रवाई कर रहा है. भले ही माफ मांगनी पड़े, टारगेट हासिल करने की जल्दबाजी में वो अपने संरक्षक अमेरिका (US) के जानने वालों पर भी बम मारने में संकोच नहीं कर रहा. मिडिल ईस्ट हो या अरब जगत हर जगह इजरायली फौजों (IDF) की तूफानी पारी जारी है. ईरान के पाले पोसे हों या कहीं और के लेबनान के 'हिज्बुल्लाह' से यमन के 'हूती' तक इजरायली खौफ पसरा है. इसी बीच अचानक मोहम्मद अल गमारी की मौत की खबर आती है और आते ही वायरल हो जाती है. आखिर कौन हैं गमारी जिसकी मौत पर कहीं मातम है तो कहीं जश्न, आइए आपको बताते हैं.कौन हैं गमारी?यमन में हूती विद्रोहियों के सैन्य कमांडर मोहम्मद अल-गमारी की मौत हो गई है, ईरान समर्थित संगठन हूती को कुछ देश आतंकवादी संगठन मानते हैं. ऐसे में हूती ने जैसे ही गमारी की मौत की पुष्टि की तो इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने उसका क्रेडिट लेने में देर नहीं लगाई. इजरायली रक्षामंत्री ने कहा, 'इजरायली हमले में घायल होने के बाद गमारी की मौत हुई है'.कहीं मातम कहीं जश्नहूती ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के जरिए अपने चीफ की मौत की जानकारी देते हुए कहा, 'उनकी मौत जिहाद के लिए लड़ते हुए हुई. हालांकि हूतियों ने अपने कमाडंर इन चीफ की मौत की असल वजह नहीं बताई'.इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने X के जरिए कहा, 'अगस्त में इजरायली हमले में हूती सेना के प्रमुख मुहम्मद अल-गमारी घायल हो गए थे. इस हमले में हूती प्रधानमंत्री और लगभग एक दर्जन अन्य मंत्री मारे गए थे.'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने 12 जून को अल-गमारी और अन्य वरिष्ठ हूती अधिकारियों पर टारगेट किलिंग का प्रयास किया था. उसी समय आ रही रिपोर्ट्स से संकेत मिले रहे थे कि अल-गमारी गंभीर रूप से घायल हैं और उनकी मौत की खबर कभी भी आ सकती है.अगस्त में भी हूती नेताओं पर इजरायली हमले में कथित तौर पर निशाना अल-गमारी भी शामिल थे. उस हमले में हूती प्रधानमंत्री अहमद गालिब अल-रहावीके समेत उनके दर्जनभर खास आदमी ढेर हुए थे. यमन की राजधानी सना में हुई एयर स्ट्राइक में हूती चरमपंथियों के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत हो गई थी. इजरायली एयरस्ट्राइक के दौरान रहावी अपने सेफ हाउस में थे.हूती की ताकतहूती यमन के लाल सागर तट और राजधानी सना सहित देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं. इन्होंने गाजा में इजरायल-हमास की जंग के दौरान इजरायल पर कई हमले किए. हूती लाल सागर से गुजरते जहाजों को भी निशाना बनाते रहे हैं. इसके बादइजराइल, अमेरिका, ब्रिटेन यानी पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन ने यमन में हूती के लड़ाकों को निपटाने का मिशन लॉन्च कर रखा है.
यूरोप की धरती से ऐसी खबर सामने आई जिसके बाद पूरी दुनिया हैरान है. नीदरलैंडसरकार ने अचानक चीनी मालिक वाली चिप कंपनी नेक्स्पेरिया पर कब्जा कर लिया. यूरोप में वर्ल्ड वॉर 2 के बाद सरकारी कानून के दमपर किसी विदेशी कंपनी पर इस तरह कब्जा किया गया है. जानें आखिर क्या है पूरा मामला.
US-Venezuela:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे कहा कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो अवैध तरीके से राष्ट्रपति हैं, तब से यह अटकले लगाई जा रही हैं कि किसी समय वेनेजुएला में सत्ता पलट सकती है. उसके लिए ट्रंप ने बकायदा अपनी पूरी तैयारी कर ली है. समझें पूरी ट्रंप-मादुरो की जंग की अब तक की पूरी कहानी.
गाजा में युद्धविराम और शांति प्रयास : नई वास्तविकताएं और चुनौतियां
साल 2023 का अक्टूबर महीना दुनिया की आत्मा को झकझोर गया था। हमास के हमले और उसके बाद इजरायल की भीषण सैन्य कार्रवाई ने गाजा को मानवीय त्रासदी की गहराई में धकेल दिया
कौन हैं होशाम अल-अस्तल जिनकी गुहार पर ट्रंप ने कहा-हमास को उतार देंगे मौत के घाट?
Israel Hamash War: गाजा में खान यूनिस इलाके के इजरायल समर्थित मिलिशिया नेता ने डोनाल्ड ट्रंप से हमास के हमलों से फिलिस्तीन के लोगों को बचाने की अपील की है. ट्रंप ने हमास को फिलिस्तीन लोगों पर तुरंत प्रभाव से हमले रोकने की चेतावनी दी है. ऐसा नहीं करने पर ट्रंप की तरफ हमास लड़ाकों को अंदर घुसकर मारने की चेतावनी दी गई है.
टाइप 1 : फर्जी अकाउंट। डेली लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ तक। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। फिर इनमें कितना भी हवाला का पैसा घुमा सकते हो। टाइप 2 : ऐसे अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट मिल जाएंगे जिनकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट करोड़ों में होगी। लेकिन ये अकाउंट बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। यानी आप अकाउंट किराये पर लेंगे। ये ऑफर उन माफियाओं के हैं, जो प्रॉपर बैंकिंग चैनल से हवाला का रैकेट चला रहे हैं। हवाला रैकेट सीरीज के पहले पार्ट में आपने देखा कि, कैसे दिल्ली के चांदनी चौक से देशभर में हवाला के जरिए पैसा पहुंचाया जा रहा है। अब देखिए बैंकिंग चैनल के जरिए कैसे फर्जी अकाउंट्स खुलवाकर पैसे इधर से उधर करवाए जा रहे हैं। पड़ताल के दौरान हमारी मुलाकात जावेद और वसीम नाम के दो हवाला एजेंट्स से होती है। अब आगे की कहानी…। माजिद ने जावेद से मुलाकात करवाई सूत्रों से हमें पता चला था कि पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हवाला के कई ऐसे एजेंट्स सक्रिय हैं, जो प्रॉपर बैंकिंग चैनल से हवाला रैकेट चला रहे हैं और ये एजेंट्स माजिद के संपर्क में हैं। इसलिए हमने माजिद को फॉलो किया। माजिद ने बताया कि वो जावेद नाम के एजेंट को जानता है, जो हवाला का काम बैंकिंग चैनल के जरिए करता है। हमारे कहने पर माजिद ने जावेद को फोन लगाया और उसे मिलने के लिए कहा। माजिद ने अगले दिन शाम 4 बजे दरियागंज आने को कहा। हम तय समय पर लोकेशन पर पहुंचे। वहां माजिद ने हमारी जावेद से मुलाकात करवाई। जावेद हमें पास ही मौजूद एक खुली जगह पर ले गया और डीलिंग शुरू कर दी। फोटो तुम्हारा, बाप का नाम मेरा, एड्रेस इनका… जावेद : यह देखो कौन सा बैंक है…प्राइवेट लिमिटेड…अकाउंट नंबर ये है…इसकी 2 करोड़ की लिमिट है, ये आधार–पैनकार्ड, ये सारी चीजें आएंगी जावेद : अकाउंट तो बहुत हैं रिपोर्टर : किसी बड़े बैंक का हो और लिमिट अच्छी होना चाहिए जावेद : खरीदोगे या परसेंटेज पर काम करोगे रिपोर्टर : इनमें क्या अंतर है जावेद : परसेंटेज का 50–50 है। फिर पैसा एक नंबर का हो या दो नंबर का, हमें कोई मतलब नहीं। रिपोर्टर : यह फ्रेश अकाउंट हैं, या इनमें ऑलरेडी काम चल रहा है जावेद : सब फेक अकाउंट हैं, लेकिन सब रनिंग में हैं रिपोर्टर : मतलब पैसा आ गया न इनमें जावेद : फिलहाल अपना ही पैसा घूम रहा है। चार–पांच दिन चले फिर बंद हो गए, ऐसे अकाउंट नहीं हैं रिपोर्टर : जो अकाउंट खरीदते हैं, वो कितने दिन चलेगा जावेद : 10–15 दिन तो चलता ही है रिपोर्टर : यह सारे कॉर्पोरेट काउंट हैं न जावेद : हां रिपोर्टर : खरीदने का क्या सिस्टम है जावेद : 5 से 10 लाख में पड़ेगा रिपोर्टर : कितने अकाउंट दे दोगे जावेद : जितने लेना चाहो रिपोर्टर : 100 अकाउंट मिल जाएंगे अभी जावेद : हां, मिल जाएंगे। सेविंग अकाउंट भी मिल जाएंगे रिपोर्टर : ये असली अकाउंट हैं या फेक जावेद : सारे फेक हैं। फोटो तुम्हारा, बाप का नाम मेरा, एड्रेस इनका, कहां ढूंढेगा। अपना काम करो, सिम तोड़ कर फेंक दो, क्योंकि जब भी बम फटेगा, अकाउंट वाले की तरफ से फटेगा रिपोर्टर : जिनके अकाउंट हैं, ये दिल्ली के हैं या बाहर के हैं जावेद : सब बाहर के हैं। अगर दिल्ली के भी होंगे, तो उसमें एड्रेस पर बंदा मिलेगा नहीं। ये सारे इंटरनेशनल बैंक के अकाउंट नंबर होते हैं रिपोर्टर : अच्छा, सारे बाहर के फेक अकाउंट हैं जावेद : सारे यूपी, बंगाल के लड़के हैं रिपोर्टर : कुछ अकाउंट की डिटेल दे सकते हो क्या जावेद : हां, मंगवा देता हूं। लिमिट वगैरह सब चेक कर लो। ओके हो तो मंगवा दूंगा। नेट बैंकिंग वाली सिम हमारे पास रहती है रिपोर्टर : और एटीएम कार्ड जावेद : वो मिल जाएगा। पूरी किट दूंगा। एटीएम, चेक बुक, पिन सब। सिम आपके पास रहेगी, नेट बैंकिंग एक्सेस आपके पास रहेगा, यूजर आईडी पासवर्ड आपको शेयर करेंगे, आप चेंज कर सकते हो रिपोर्टर : रेट कौन तय करेगा, अग्रवाल साहब या आप जावेद : मैं ही करूंगा। सिम कार्ड, किट दूंगा रिपोर्टर : और बैंक अकाउंट जावेद : जब कहोगे उनसे मांग लूंगा रिपोर्टर : रेट थोड़ा देख लेना, 100 अकाउंट आप से ही लेंगे जावेद : जो परसेंटेज वाले होंगे, वो परसेंटेज पर चलेंगे। जो बिकने वाले होंगे, आप खरीद लेना। बहुत से लोग बेचते नहीं हैं रिपोर्टर : अच्छा जावेद : अकाउंट होल्डर को बुला लेंगे। तुमने गोद ले लिया समझो। जहां रखना है रखो रिपोर्टर : 50 या 100 करोड़ का काम करना है तो जावेद : बड़े–बड़े अकाउंट हैं, बड़े मगरमच्छ हैं। 2–2 हजार वाले रिपोर्टर : अकाउंट की लिमिट कितनी रहेगी जावेद : कॉर्पोरेट अकाउंट की 75 लाख की है। 2–3 बार उसको रनिंग करोगे तो अपने आप बढ़ जाएगी जावेद ने फर्जी अकाउंट के दो तरीके बताए। पहला, वह ऐसा अकाउंट मुहैया करवाएगा जिसकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ के बीच होगी। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। ऐसे 100 से जयादा अकाउंट्स एक से डेढ़ महीने में दे देगा। दूसरे तरीके में जावेद ने बताया कि, उसके पास कुछ अकाउंट होल्डर्स ऐसे हैं, जिनके अकाउंट्स की डेली लिमिट 50 करोड़ से 100 करोड़ तक है। लेकिन ये अकाउंट्स बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। अब दो सवाल खड़े होते हैं। पहला, वो कौन लोग हैं जिनके नाम पर फर्जी अकाउंट खोले गए, या वो कौन लोग हैं जो ऐसे अकाउंट अपने नाम पर खोल रहे हैं और किसी की पकड़ में नहीं आ रहे? दूसरा, क्या बैंक ऐसे अकाउंट्स को बिना वेरिफिकेशन के ही खोल देता है। इन्हीं सवालों को जानने के मकसद से हमने फेक अकाउंट एजेंट जावेद से बातचीत आगे बढ़ाई। फर्जी GST नंबर भी बन जाएगा… जावेद : हम दिल्ली के अकाउंट यूज नहीं करते, बाहर के मिल जाएंगे रिपोर्टर : जम्मू–कश्मीर का मिल जाएगा क्या जावेद : जे एंड के का रिपोर्टर : हां, उस तरफ से इनका पैसा आ नहीं पाता। इसलिए हवाला की जरूरत है जावेद : खुल जाएगा। आईडी वाला बंदा है तुम्हारे पास रिपोर्टर : मिल जाएगा जावेद : अगर बंदे नहीं हैं तो अकाउंट खुलवाने वाले बंदे भी दे दूंगा। अपनी आईडी पर खुलवा कर आपको दे देगा, अकाउंट खुलवाओ, कम से कम एक लाख या 50 हजार से अकाउंट खुलवाना रिपोर्टर : मतलब जावेद : उसमें लिमिट ज्यादा होती है, जीएसटी नंबर नहीं है तो वो भी बन जाएगा। वेरिफिकेशन वाले को गोदाम और माल दिखा देंगे। सेटिंग सबकी है, सारे काम होते हैं रिपोर्टर : जो अकाउंट खोलेगा उसे बुला दीजिए। आमने–सामने बात हो जाएगी जावेद : बुला लूंगा इस खेल में अब एक और किरदार की एंट्री होती है — नाम है वसीम… हवाला रैकेट की परतें धीरे-धीरे हमारे सामने खुल रही थीं। लेकिन अब हमें उस शख्स तक पहुंचना था, जो इस गिरोह के लिए फर्जी बैंक अकाउंट, दस्तावेज, सिम और फर्जी लड़के तक मुहैया कराता है। जावेद ने बताया था कि वह उस शख्स से मिलवाएगा, जो फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए लड़के और दस्तावेज मुहैया कराता है। ठीक दो दिन बाद, यानी 25 सितंबर को, जावेद का फोन आया। वह आईटीओ स्थित बाल भवन के ठीक सामने बनी चाय की दुकान पर मिलने के लिए बुलाता है। हम उसकी बताई जगह पर पहुंचते हैं। जावेद चाय की दुकान के बाहर इंतजार कर रहा था। उसके साथ वसीम मिलता है। जावेद बताता है कि वसीम ही वह व्यक्ति है, जो फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए लड़के दिलवाता है। फिर वसीम से हम फर्जी अकाउंट्स को लेकर बातचीत करते हैं। 10 करोड़ की डेली लिमिट वाला अकाउंट भी बनवा दूंगा रिपोर्टर : आपने मुझे जो अकाउंट दिया है, इसकी लिमिट 50 लाख बता रहे हो, इसमें ट्रांजैक्शन हुए हैं क्या जावेद : नया अकाउंट है, कोई ट्रांजैक्शन नहीं है, अभी यूज में नहीं हैं रिपोर्टर : इसका स्टेटमेंट दे सकते हो क्या जावेद : एटीएम से निकालकर भेज देंगे (वसीम फोन पर किसी को बताता है की जिस अकाउंट का कहा था, उसका मिनी स्टेटमेंट निकलवा दो) जावेद फोन पर : अग्रवाल जी आपने जो भेजा है यह 3 आईडी है या 5 आईडी है, वो बस चेक करवा लो रिपोर्टर : 3 आईडी मतलब तीन लोग का कंबाइंड अकाउंट जावेद : 10 करोड़ डेली की लिमिट मिल जाती है। लॉगिन आईडी ज्यादा होती हैं रिपोर्टर : अकाउंट किसके नाम पर होते हैं वसीम : लड़के हैं अपने पास रिपोर्टर : लड़के अपने नाम पर अकाउंट देंगे वसीम : हां रिपोर्टर : कितने बंदे मिल जाएंगे वसीम : जितने कहोगे रिपोर्टर : 100 बंदे मिल जाएंगे वसीम : हां, अच्छे लड़के हैं, हर तरह के आदमी हैं जावेद : अपनी आईडी लेकर आ जाएंगे, बाकी डॉक्युमेंट्स हम बनवाएंगे रिपोर्टर : एक अकाउंट पर कितना खर्चा आएगा वसीम : कम से कम 5 लाख रुपए रिपोर्टर : लिमिट कितनी होगी वसीम : 1 से 5 करोड़ डेली जावेद : प्रोसीजर क्या है वसीम : डॉक्युमेंट्स तैयार करना पड़ेंगे। सेटअप बनाना पड़ेगा रिपोर्टर : कैसा सेटअप वसीम : कोई काम दिखाना पड़ेगा। फैक्ट्री वगैरह। मैनेजर से सेटिंग करना पड़ेगी, लिमिट वही देगा क्योंकि अब कोई भी बैंक 50 लाख से ज्यादा लिमिट नहीं दे रहा रिपोर्टर : कल से कोई एक्शन हो गया तो बंदा हाथ आएगा या नहीं वसीम : तभी हाथ आएगा, जब एड्रेस ओरिजिनल होगा। यहां सब फेक आईडी पर है रिपोर्टर : मतलब आधार, पैन कार्ड सब फेक वसीम : मोबाइल नंबर भी फेक। जो आधार कार्ड होगा, उसका नंबर डालने पर ऑनलाइन शो करेगा रिपोर्टर : अच्छा, उस आदमी का वसीम : लेकिन फिंगर लगे तो पकड़ा जाएगा रिपोर्टर : अच्छा ये बताओ जो अकाउंट दोगे वो सारे 50 लाख और एक करोड़ की लिमिट के होंगे न वसीम : हां रिपोर्टर : एडवांस पैसा देता हूं तो कब तक मिल जाएंगे वसीम : 15 दिन लगेंगे जावेद : पंगा जीएसटी का है, जीएसटी कितने दिनों में आ रही है वसीम : जीएसटी में अगर नॉर्मल तरीके से करोगे तो एक महीना लग रहा है, लेकिन जो हम करवाएंगे उसमें थोड़ा पैसा ज्यादा जाएंगे, लेकिन वो 5-6 दिन में आ जाएगा रिपोर्टर : जीएसटी के वेरिफिकेशन नहीं होती है क्या वसीम : सेटिंग है 10 हजार जाते आगे 5-6 दिन में सब हो जाता है वसीम और जावेद सरकारी से लेकर प्राइवेट बैंक तक के अकाउंट्स खुलवा रहे हैं। लिमिट, नेट बैंकिंग सब इनके कंट्रोल में होती है। हर नए अकाउंट के पीछे एक नया चेहरा और एक नया नाम होता है, लेकिन असली खिलाड़ी वही रहते हैं, जो परदे के पीछे से इस पूरे खेल को मैनेज कर रहे हैं। फर्जी अकाउंट, फर्जी दस्तावेज, फेक सिम, नकली आधार कार्ड, बैंक मैनेजर से सेटिंग और यहां तक कि जीएसटी विभाग में भी सांठगांठ। इन सब खुलासों से साफ होता है कि यह नेटवर्क गहराई तक फैला हुआ है। हर कड़ी किसी न किसी सिस्टम से जुड़ी है, जो इस अवैध कारोबार को चलाए रखती है। चांदनी चौक का इलाका हवाला रैकेट के लिए मशहूर दिल्ली पुलिस के पूर्व अधिकारी वेद भूषण कहते हैं, ‘हवाला का व्यापार तब शुरू हुआ जब लेन‑देन बहुत बड़े हो गए और एक जगह से दूसरी जगह अधिक पैसा ले जाना नामुमकिन हो गया।’ ‘पुराने समय के बट्टा/एक्सचेंज सिस्टम की तरह ही उसी पैटर्न पर यह व्यवस्था लागू की गई। धीरे‑धीरे यह एक पेशा बन गया और एक तरह का गैरकानूनी व्यापार हो गया क्योंकि सरकार की कोई प्रभावी रोक‑टोक या दखलअंदाजी नहीं थी।’ वे कहते हैं, ‘चांदनी चौक का इलाका हवाला रैकेट के लिए मशहूर है। किसी को खबर नहीं होती। करोडों रुपए कुछ ही सेकेंड में लेन‑देन हो जाते हैं। ये इतना सीक्रेटली होता है कि किसी को भनक न लगे और पैसा ट्रांसफर हो जाए।’ ‘हजारों करोड़ के हवाला लेन‑देने होते रहते हैं जिनकी खबर न तो आम व्यापारियों को होती है, न पुलिस‑इंटेलिजेंस एजेंसियों और न ही आर्थिक अपराध से जुड़ी संस्थाओं को — और यह हवाला आज भी जारी है।’ वे कहते हैं, ‘बैंकिंग संस्थान में कई तरह के लूपहोल्स हैं और इस वजह से हवाला के लेन‑देने बैंकिंग सिस्टम के जरिए भी बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। सरकार ऐसे ट्रांजैक्शनों को रोकने में असफल रही है।’ ‘खासकर अगर बेटिंग की बात की जाए — क्रिकेट जैसे बड़े मैचों के समय बेटिंग में हजारों करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम के जरिए ट्रांसफर होते हैं। इसलिए सरकार को इतने सख्त कानून बनाने चाहिए कि उन्हें गैर‑जमानती धाराओं के दायरे में लाया जा सके।’ मिनिस्ट्री को सवाल भेजे : भास्कर ने इस खुलासे से जुड़े सवाल भारत सरकार के गृह मंत्रालय को ईमेल किए हैं। जैसे ही जवाब आएगा, उसे खबर में अपडेट किया जाएगा। ......................................................... ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं ‘2 घंटे में कैश कहीं भी पहुंचा देंगे’:कोडवर्ड जयश्री महाकाल; हवाला का अड्डा दिखाते हुए माफिया कैमरे में कैद ‘देश में कहीं भी करोड़ों रुपए पहुंच जाएंगे। दो मिनट का फर्क नहीं होगा। कश्मीर में भी पहुंच जाएंगे लेकिन वहां किसी मुस्लिम से डील नहीं होगी। क्योंकि अगर किसी के हाथ चढ़ गया तो मामला सीधे आतंकवाद से जुड़ेगा। पैसे मिलते ही ‘जयश्री महाकाल’ लिख देना, यही कोडवर्ड है’। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
दुनियाभर में तालिबानी लड़ाकों की पाकिस्तानी सैनिकों की पैंट हाथ में लहराते तस्वीर वायरल हो रही हैं। लेकिन ये लड़ाके इतने खतरनाक कैसे है. कैसे इन्होंने अमेरिका, सोवियत संघ और ब्रिटेन जैसी विश्व महाशक्तियों को भी धूल चटाई? जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
'IPS पूरन सिंह 5 दिन तक करीब-करीब किडनैप रहे। ये किडनैपिंग पुलिस के हाथों हुई। उन्हें पुलिस ने शराब व्यापारियों से वसूली के आरोप में पूछताछ के लिए उठाया और ह्यूमिलेट किया। गुनाह कबूलने का दबाव डाला। फिर पुलिस ने इस गैरकानूनी हिरासत के सबूत भी मिटा दिए।' 'थाने से उन 5 दिनों की सीसीटीवी फुटेज आज भी गायब है। पूरन को इस दौरान न किसी से मिलने दिया और न बात करने दी। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां रखा गया था।' हरियाणा के सीनियर IPS वाई पूरन कुमार के सुसाइड करने से पहले क्या-क्या हुआ, उसे लेकर एक सीनियर प्रशासनिक अधिकारी ये दावे कर रहे हैं। उनका ये भी आरोप है कि इस कथित किडनैपिंग को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि रोहतक SP नरेंद्र बिजराणिया हैं। IPS पूरन ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने घर पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इसके पहले उन्होंने पत्नी IAS अफसर अमनीत पी. कुमार को आखिरी नोट भेजा था। उसने 8 पन्ने की नोट में अपनी मौत के लिए 15 अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। चंडीगढ़ पुलिस ने नोट के आधार पर DGP शत्रुजीत कपूर समेत 15 अफसरों पर केस दर्ज किया है। पूरन कुमार की खुदकुशी के 7 दिन बाद 14 अक्टूबर को रोहतक में साइबर सेल में तैनात ASI संदीप कुमार ने भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अपने आखिरी वीडियो में संदीप ने आरोप लगाया कि IPS पूरन कुमार ने करप्शन केस में बदनामी के डर से सुसाइड किया है। IPS पूरन कुमार के साथ आखिर क्या हुआ, सुसाइड नोट में लगाए आरोपों की सच्चाई क्या है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पूरन कुमार को करीब से जानने वाले और हाल ही में उनके परिवार से मिले कुछ प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। अफसर ने सुसाइड नोट में लगाए आरोपों की हकीकत बताई…सीनियर प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं, ‘IPS पूरन कुमार के साथ इमोशनल, सोशल और इकोनॉमिक हर तरह का अत्याचार किया गया। पूरन ही नहीं कोई भी इलीट, अंग्रेजी बोलता और तेज दिमाग वाला दलित अधिकारी सबकी आंखों में चुभता है। पूरन शार्प और हाजिर जवाब अधिकारी थे। उन पर जब आरोप लगाए गए, वो झुकने की जगह अकड़ कर खड़े हुए। बस उनके यही तेवर अफसरों को चुभ गए।‘ 1. पांच दिन की हिरासत में ह्यूमिलेशन, फिर मीडिया ट्रायल की साजिशएक इतने बड़े अधिकारी को 5 दिन की हिरासत में रखने के आरोप लग रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी भी IAS हैं। इस मामले को पूरन कुमार ने दबाया क्यों? सोर्स कहते हैं, 'जितनी बड़ी इज्जत, उतनी बड़ी बेइज्जती। पूरन पर बड़ा आरोप लगा था। पत्नी पर भी डिपार्टमेंटल कई केस हैं। ऐसा नहीं कि वो ये शिकायत लेकर DGP या फिर सरकार के पास नहीं गए लेकिन उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली।' पूरन के खिलाफ जो लॉबी है, वो बहुत मजबूत है। या यूं कहें कि ऐसे दलित अफसर जो झुकते नहीं, उनके खिलाफ मजबूत लॉबी ही होती है। उन्हें झुकाने के लिए उन पर कई आरोप मढ़ दिए जाते हैं। कुछ इन आरोपों से डरकर झुक जाते हैं तो कुछ नप जाते हैं। 'उन पर शराब कारोबारियों से उगाही करने का आरोप था। मैं नहीं जानता ये सच था या झूठ लेकिन डिपार्टमेंट में उनके खिलाफ अगर कोई जांच चल रही थी तो सवाल उठता है कि मीडिया में इसे क्यों लीक किया गया? फिर जहां उन्हें 5 दिन की हिरासत में रखा गया, वहां के सीसीटीवी कैमरों से उन दिनों के फुटेज क्यों गायब हुई। मुझे थोड़ा बहुत याद है कि पूरन ने फुटेज निकलवाने की कोशिश की थी लेकिन नहीं मिली। उनकी हिरासत के सबूत मिटाने की जरूरत क्यों पड़ी?' 'तीसरा और सबसे अहम सवाल ये है कि सेक्शन-17 ए के तहत ऐसी किसी भी जांच के लिए संबंधित अधिकारी को सरकार और DGP से फॉर्मल परमिशन लेनी चाहिए लेकिन ये परमिशन क्यों नहीं ली गई। यही वजह है कि उनकी हिरासत के सबूत मिटा दिए गए। हिरासत में पूरन पर आरोप कबूल करने का दबाव डाला गया। जाति संबंधी कमेंट तो हर बार किए जाते हैं।' 2. अंबाला थाने में मंदिर में दाखिल होने पर मिला नोटिसIPS पूरन ने सुसाइड नोट में मंदिर में एंट्री को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है। ये क्या घटना थी? सोर्स ने बताया, '2020 में पूरन कुमार अंबाला थाने के मंदिर के अंदर गए। जैसे हर व्यक्ति को मंदिर जाने का अधिकार होता, उसी अधिकार के तहत पूरन भी गए। हालांकि यहां असमान्य ये हुआ कि उन्हें इसके बदले नोटिस मिल गया।' 'नोटिस में सीधे तौर पर क्या लिखा था ये तो याद नहीं है लेकिन कुछ अनुशासन से संबंधित था। क्योंकि पूरन खुद कानून के अच्छे जानकार थे। इसलिए नोटिस का जवाब उन्होंने खुद ही दिया था। नोटिस उस वक्त DGP रहे मनोज यादव ने भेजा था।' ये सीधा भेदभाव का मामला था। SC-ST एक्ट का मामला बनता है। इसकी शिकायत पूरन कुमार ने ऊपर क्यों नहीं की? अधिकारी आरोपी लगाते हुए कहते हैं, 'DGP जब खुद भेदभाव कर रहा है तो शिकायत कितनी भी ऊपर जाए, उसका नतीजा शून्य ही रहता है। हालांकि मैं भरोसे से नहीं कह सकता कि उन्होंने शिकायत नहीं की होगी? उन्होंने इन सब मामलों में कई शिकायतें की थीं। अगर कोई पता लगा पाए तो ढेरों शिकायतें सामने आएंगी।' 3. ऐसी पोस्ट दी गई ताकि ह्यूमिलेशन हो सकेपूरन कुमार ADGP थे, फिर उन्होंने सुसाइड नोट में ये क्यों लिखा कि उन्हें नॉन एग्जिस्टेंशियल पोस्ट मिली? जवाब में अधिकारी कहते हैं, 'आप जर्नलिस्ट हैं। ये सबको पता है, लेकिन अपनी पोस्ट की बारीकी कोई जर्नलिस्ट ही समझ सकता है। वैसे ही पूरन ADGP थे लेकिन उन्हें जो नियुक्ति मिली थी वो IG होमगार्ड की थी।' 'पूरन चाहते थे कि उन्हें उनके कॉडर के हिसाब से पोस्ट मिले लेकिन उन्हें ह्ययूमिलेट करने के लिए पद के हिसाब से पोस्ट न देकर वो पोस्ट दी गई, जो प्रशासनिक सेवा में बहुत रुतबे वाली नहीं मानी जाती है। इस वक्त तो उन्हें पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में डाल दिया गया था। वैसे भी अच्छी, मलाईदार और रुतबे वाली पोजीशन उन्हें ही मिलती है, जो सरकार और बॉस के चहेते होते हैं।' 29 सितंबर, 2025 को उनकी पनिशमेंट पोस्टिंग हुई। IG रोहतक के पद से हटाकर इन्हें पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया भेज दिया गया। सोर्स के मुताबिक, पूरन कुमार को मिला ये ट्रांसफर एक तरह से पनिशमेंट थी। सबको पता है कि IG के पद से हटाकर ट्रेनिंग में लगाना यही होता है।' 4. अफसरों ने पब्लिकली किए जातिगत कमेंटप्रशासनिक सोर्स बताते हैं, 'जाति पर आधारित कमेंट सीधे नहीं किए जाते। इनका तरीका कुछ ऐसा होता है कि आप शिकायत भी न कर पाएं और कमेंट भी हो जाए। ज्यादातर दलित अधिकारियों को इसका अनुभव होगा।' 'IPS पूरन के मामले में कई बार काम को लेकर चर्चा के दौरान उन्हें नीचा दिखाने के लिए व्यंग्य में पूछा गया- पढ़ाई कहां से की है? अपनी बिरादरी से ऊपर उठो या कौन सी बिरादरी से हो? किसी दलित के केस को दलित अधिकारी के सामने ही डिस्कस करना और फिर कहना कि इन लोगों के साथ यही तो दिक्कत है, वगैरह-वगैरह। कोई दलित अधिकारी जब कुछ कहता है, तो कह देंगे यार मजाक नहीं समझते क्या?' 5. तीन बैचमेट और उनके लीडर पूर्व मनोज यादव पर प्रताड़ना आरोपसीनियर अधिकारी बताते हैं, 'ADGP पूरन कुमार ने अपने नोट में मनोज यादव, IPS (1988 बैच) और तत्कालीन DGP हरियाणा पीके अग्रवाल, IPS (1988 बैच) और तत्कालीन DGP हरियाणा टीवीएसएन प्रसाद, IAS (1988 बैच) तत्कालीन ACS गृह पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने साफ लिखा है कि मनोज यादव प्रमुख साजिशकर्ता थे और बाकी बैचमेट होने का फर्ज निभा रहे थे। 6. उनके खिलाफ कई झूठी कम्प्लेन हुईं, आपको कुछ पता हैं?डिपार्टमेंटल कम्प्लेन कुछ न कुछ सब पर होती हैं लेकिन पूरन पर कई थीं। ये बहुत बड़े आरोप नहीं होते। ज्यादातर अनुशासनहीनता के आरोप होते हैं लेकिन स्पेसिफिक कम्प्लेन के बारे में बिना डॉक्यूमेंट देखे कहना ठीक नहीं है। सोर्स आगे कहते हैं, ‘अभी ताजा मामला 6 अक्टूबर का है, जब पूरन के गनमैन के खिलाफ FIR हुई।‘ इसमें पूरन के खिलाफ शराब व्यापारियों से पैसा उगाही करने के आरोप लगे। उनके गनमैन के खिलाफ 6 अक्टूबर को हरियाणा के अर्बन थाना स्टेट में FIR की गई। सोर्स की मानें तो गनमैन ने पूछताछ में पूरन का नाम ले लिया था और यहीं से तनाव बढ़ गया। ‘पूरन ने DGP शत्रुजीत कपूर को फोन किया। फोन उठा भी लेकिन उधर से मदद मिलने की जगह गोलमोल जवाब मिला। फिर पूनम कुमार ने SP नरेंद्र बिजराणिया को फोन किया लेकिन वहां से तो कई कॉल करने के बाद भी फोन नहीं उठा। ये सब कुछ जानबूझकर हुआ।' 7. पिता की मौत पर भी छुट्टी नहीं मिलीतब ACS गृह रहे संजीव अरोड़ा पर पूरन कुमार ने पिता के निधन से पहले उनसे आखिरी बार मिलने की भी छुट्टी न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है- 'ये मेरी अर्न्ड लीव थी। इस घटना ने मुझे तोड़ दिया था।' इस पर सोर्स बताते हैं, 'उनके पिता की डेथ शायद 2021 में हुई थी। ये ठीक उससे पहले की बात है। इस बारे में पूरन ने उस वक्त मुख्य सचिव को लिखित में शिकायत भी की थी लेकिन संजीव अरोड़ा के खिलाफ कुछ नहीं हुआ।' 8. नोट में मकान अलॉटमेंट को लेकर एडिश्नल कंडीशन का जिक्र है, ये क्या था? सोर्स ने इसका जवाब नहीं दिया क्योंकि उनके पास इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं थी। 9. शिकायतों पर गृहमंत्री ने की थी बैठक, डॉक्यूमेंट में दर्जपूरन कुमार ने नोट में लिखा है कि उस वक्त राज्य के गृहमंत्री रहे अनिल बिज ने मेरे सभी आवेदनों और शिकायतों पर नवंबर 2023 में बैठक की थी। इसमें DGP शत्रुजीत कपूर और ACS होम टीवीएसएन प्रसाद भी थे। हमने सोर्स से जब इस बारे में पूछा तो जवाब मिला, 'बैठक हुई थी। शिकायतों पर चर्चा भी हुई थी लेकिन कुछ हुआ नहीं था। इससे भी पूरन काफी आहत थे।' 'उन्हें उम्मीद थी कि गृहमंत्री की बैठक के बाद उनकी शिकायतों पर कार्रवाई होगी लेकिन बैठक के बाद चर्चा तक नहीं हुई।' 10. बैठक या उसके बाद एक अधिकारी ने उनका सार्वजनिक मजाक उड़ायाहमने सोर्स से पूछा कि सुसाइड नोट में लिखा है कि 1996 के IPS अधिकारी रवि किरण ने पूरन का सार्वजनिक तौर पर मजाक उड़ाया था। ये कब हुआ था? वो जवाब में कहते हैं, 'शायद गृहमंत्री की बैठक के बाद लेकिन ठीक से नहीं पता।' DGP पर भी करप्शन के आरोप, दलित अफसर को घेरा-कपूर को बचायासोर्स ने बताया कि पूरन पर करप्शन का आरोप भी लगा लेकिन साबित नहीं हुआ। जांच होने में कोई बुराई नहीं लेकिन जांच सबकी हो और प्रोसेस के साथ हो। शत्रुजीत कपूर के खिलाफ भी करप्शन का एक केस सामने आया लेकिन उन्होंने सरकार से एफिडेविट बनवाकर जमा कर दिया कि उनके खिलाफ प्राथमिक जांच के लिए भी सरकार से परमिशन लेनी होगी। उन्हें ये प्रोटेक्शन क्यों? वे आगे कहते हैं, ‘क्योंकि पूरन दलित थे इसलिए उन्हें आरोप लगने पर ही हिरासत में ले लिया गया। सबूत तक मिटा दिए गए कि मामला क्या था? शत्रुजीत कपूर पर बिजली विभाग में टेंडर पास करने में 25 लाख रुपए के करप्शन का आरोप लगा था। ऑल इंडिया इंजीनियर्स एसोसिएशन ने शिकायत भी की थी लेकिन सब अंदर ही अंदर खत्म कर दिया गया।‘ वे बात खत्म करते हुए आखिर में कहते हैं, 'दलित अफसर का मुंह बंद करने का जरिया सिर्फ ये है कि उस पर आरोप मढ़ दो। एक नहीं कई अधिकारी मिलेंगे, जिन पर आरोपों की लंबी लिस्ट है। उन्हें पता है कि वो अगर बोलेंगे तो उनकी सुनी नहीं जाएगी। पूरन साहसी थे इसलिए बोलते थे लेकिन प्रताड़ना का क्या स्तर रहा होगा जो आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। शायद अब कोई दलित अधिकारी सवाल पूछने की हिम्मत भी न करे।' IPS पूरन के गनमैन को अरेस्ट करने वाले ASI ने भी किया सुसाइडIPS वाई पूरन कुमार की मौत के 7 दिन बाद रोहतक पुलिस के साइबर सेल में तैनात ASI संदीप लाठर ने भी सुसाइड कर लिया। उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर जान दे दी। सुसाइड से पहले संदीप लाठर ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया और 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें IPS वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। रिश्वत केस में पूरन कुमार के गनमैन (PSO) सुशील कुमार को हिरासत में लेने वाली टीम में संदीप लाठर भी शामिल था। चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) टीम रिश्वत केस और सुशील की गिरफ्तारी से जुड़ी रोहतक पुलिस के सभी कर्मियों से पूछताछ कर रही है। टीम ने संदीप से भी पूछताछ की थी।.................ये खबर भी पढ़ें...CJI पर जूता फेंकने वाले वकील बोले- मुस्लिम पीटते थे '90 के दशक की बात है। मेरी पत्नी मुरादाबाद की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। हम वहीं रहते थे। माहौल ऐसा था कि अगर मुस्लिम कम्युनिटी के किसी व्यक्ति की बकरी से मेरी स्कूटर छू भी जाती तो वो मुझे उतारकर मारते-पीटते और पत्नी को उठा ले जाते। वहां ऐसा अक्सर होता था।' जस्टिस बीआर गवई की तरफ जूता फेंकने वाले एडवोकेट राकेश किशोर अपनी जिंदगी से जुड़े इस किस्से से मुस्लिमों के प्रति अपनी सालों पुरानी नाराजगी जता देते हैं। पढ़िए पूरी खबर...
Ahmed Al-Sharaa Russia Visit: रूस की राजधानी मॉस्को में आज सीरिया के राष्ट्रपति अहमद-अल-शारा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. अहमद-अल-शारा इस समय रूस के दौरे पर हैं और उन्हें स्टेट गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया है. इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य रूस और सीरिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देना बताया जा रहा है.
'मानो यौन संबंध बनाना उसका अधिकार हो...' ब्रिटेन के प्रिंस पर गिफ्रे ने लगाए आरोप
Prince Andrew:गिफ्रे ने कहा है कि उसने एंड्रयू के साथ तीन अलग-अलग मौकों पर यौन संबंध बनाए थे, जिसमें वह समय भी शामिल है जब वह 18 वर्ष से कम उम्र की थी. बता दें, गिफ्रे उस समय चर्चित हुईं जब उन्होंने आरोप लगाया कि बदनाम अमेरिकी फाइनेंसर एपस्टीन ने उन्हें यौन कर्मी के रूप में इस्तेमाल किया तथा एंड्रयू ने उन पर हमला किया.
'कर्ज नहीं चुकाने का ये सिला...',पहले डेड बॉडी के पास पहुंची महिला, फिर करने लगी ये काम
Taiwan News: ताइवान से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक महिला शव देखने के बहाने एक युवक के शव के पास पहुंच गई और फिंगर प्रिंट लेने लगी. ये करता देख वहां पर लोग दंग हो गए.
बेड से बांधकर लगाया जाता है जहरीला इंजेक्शन, मौत की सजा के इस ऑप्शन से क्यों बच रही सरकार?
सुप्रीम कोर्ट में मौत की सजा देने के तरीके पर बहस हो रही है. फांसी को अमानवीय और क्रूर बताते हुए मांग की गई है कि इसकी जगह जहरीले इंजेक्शन या दूसरा कोई विकल्प चुना जाए. हालांकि सरकार अभी इंजेक्शन के विकल्प के लिए तैयार नहीं है. अमेरिका में तीन इंजेक्शन वाली 9 डोज से ही दोषी को मौत की सजा दी जाती है.
सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने पर की हत्या! महिला ने की बॉयफ्रेंड की नई गर्लफ्रेंड को उतारा मौत के घाट
Florida Murder Case: साकिना थॉम्पसन ने अपने एक्स बॉयफ्रेंड की नई गर्लफ्रेंड कायला हॉयसन की हत्या कर दी. ऐसा थॉम्पसन ने इसलिए किया कि उनके एक्स ने उनसे सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया.
America News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचती है. यहां पहुंचने के बाद महिला अपना पासपोर्ट दिखाती है. उसके देश पर ‘टोरेंजा’ लिखा हुआ था, जिसे देखकर अधिकारियों का सिर चकरा गया.
War start again between Israel-Hamas:गाजा में जब युद्धविराम हुआ तो दुनिया को लगा की अब खून-खराबा थम जाएगा, लेकिन सीजफायर के छठे दिन बात बिगड़ गई और इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर हमास बंधकों के शव नहीं लौटाएगा और हथियार नहीं छोड़ेगा, तो इजरायल अमेरिका के साथ मिलकर फिर हमला करेगा. ट्रंप ने भी हमास को धमकी दी कि वे गिरोहों का सफाया करें, वरना इजरायल वापस लौटेगा. सेना अलर्ट पर है.
महारानी के साथ कौन सोएगा? कुश्ती से होता था फैसला, सत्ता के लिए आशिक को भी कर दिया था कुर्बान
Queen Nzinga: अंगोला की तेज तर्रार और बुद्धिमान रानी एनजिंगा की कई कहानियां वायरल रहती है. आज हम आपको उनके बारे कुछ ऐसी कहानियां बताने जा रहे हैं जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं.
रूसी तेल भारत के लिए जरूरी... ट्रंप के दावे पर बोला मॉस्को; भारत ने कितना तेल खरीदा?
Donald Trump Russia Oil Claim: रूस से तेल खरीदने को लेकर ट्रप के दावे के बाद अब मॉस्को का बयान भी आ गया है. ट्रंप ने कहा था कि पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा.
इजरायल ने दी चेतावनी, कहा - अगर हमास समझौते का पालन नहीं करता तो हम अमेरिका के साथ मिलकर करेंगे हमला
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने सैन्यीकरण नहीं किया और अपने बंधकों के सभी शव नहीं लौटाए, तो इजरायल फिर से लड़ाई पर उतर जाएगा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला में अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) को सीक्रेट ऑपरेशन चलाने की मंजूरी दे दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले पर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का रिएक्शन भी सामने आया
पहली बार भारत आईं श्रीलंका की पीएम, 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी, कई मुद्दों पर करेंगी चर्चा
श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या पहली बार दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचीं। श्रीलंका में प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है
लोग मुझे देखकर ताने मारते हैं कि ये हैंगर में टंगे कपड़े सी लगती है। राह चलते लड़के तंज कसते हैं। मोहल्ले की आंटियां तो मेरे पीछे ही पड़ गई हैं कि जब तक इसकी शादी नहीं होती, इसका शरीर ही नहीं भरेगा। दुकानों पर फिटिंग के कपड़े नहीं मिलते। एक्स्ट्रा स्मॉल साइज के कपड़े छोटा करा-कराकर बार-बार पहनती हूं। अच्छे-अच्छे कपड़े खराब हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि पतला होना पाप हो गया। मैंने कोई गुनाह कर दिया है। आज ब्लैकबोर्ड में कहानी इन्हीं पतली लड़कियों की… दिल्ली के एक पार्क में 20 साल की गिन्नी नीली जीन्स और सफेद टॉप में बैठी हैं। वो बेहद पतली हैं। उनका वजन 40 किलो है। मिलते ही गिन्नी मुस्कुरा देती हैं, लेकिन उनकी मुस्कुराहट के पीछे बहुत शिकायतें हैं। बताती हैं कि जब वो 11-12 साल की थीं, तब इनका वजन बिल्कुल ठीक था। लेकिन जैसे ही प्यूबर्टी यानी शारीरिक बदलाव शुरू हुआ, सब कुछ बदल गया। पीरियड शुरू होते ही अचानक वजन कम होने लगा- पूरे 10 किलो घट गया। मां डर गईं। वे उन्हें डॉक्टरों के पास ले गईं। हर तरह का टेस्ट कराया। थायरॉइड, ब्लड चेकअप, हार्मोनल चेकअप, लेकिन सब नॉर्मल निकला। गिन्नी कहती हैं, 'मेरा वजन कम होना तो जैसे मोहल्ले की आंटियों के लिए तमाशा बन गया। सभी को लगता था कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। कुछ कहती खाना कम खाती हूं। एक बार पड़ोस में गाने-बजाने का कार्यक्रम था। वहां गई तो मुझे देखकर मोहल्ले की आंटियां तरह-तरह की बातें बनाने लगीं। एक आंटी ने हंसते हुए पूछा- 'बेटा, डॉक्टर ने क्या बताया?' आखिर घर में सबका शरीर ठीक है, तुम इतनी पतली क्यों हो? वे मुझे जिम जाने की सलाह देते हैं। प्रोटीन पाउडर लेने को कहते हैं। उन्हें ऐसा लगता है, जैसे पतला होना कोई बीमारी है। एक दिन एक शादी में जाने के लिए तैयार हुई। मेरे कपड़े देखकर दादी ने कहा कि तुम बहुत पतली लग रही हो। सूट के बजाय जीन्स-टी-शर्ट पहनकर जाओ। उस दिन रो दिया था। सोच रही थी कि अब तो शादी-ब्याह के पारंपरिक कपड़े भी नहीं पहन पाऊंगी। इसी तरह कॉलेज में दोस्त पड़ोस और रिश्तेदारों से अलग ही बातें करते। वे कहते कि गिन्नी थोड़ा खाया-पीया करो। तुम ऐसी लगती हो कि फूंक दो तो उड़ जाओ। जैसे हैंगर पर टंगा कपड़ा लगती है। उसके बाद जब एक ऑफिस ज्वाइन किया तो लोग वहां हंसकर कहते तुम्हें देखकर लगता है जैसे स्केलेटन यानी कोई कंकाल हो। इस तरह की बातें मजाक में कही जाती हैं, लेकिन दिल टूट जाता है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी चैन से नहीं रहने देते लोग। वहां मेरे दोस्त मोटी होने के नुस्खे बताने वाली रील्स भेजते हैं। कहते हैं कि गिन्नी, इस सलाह को फॉलो करो, वजन बढ़ जाएगा। उस पर मन करता है कि जाकर मुक्का मार दूं। आखिर में इन बातों से तंग आकर मैंने पैडेड ब्रा पहनना शुरू किया, ताकि भरी-भरी दिखूं। लेकिन असलियत तो मुझे पता है। इन कपड़ों से आत्मविश्वास नहीं आता। एक बार लाल रंग का, एक गोल गले वाला ब्लाउज खरीदी। घर आकर पहना, तो बहुत ढीला था। उसके बाद टेलर के पास जाकर उसकी फिटिंग कराई, लेकिन उसका सारा मैटीरियल और स्टाइल खराब हो गया। उस दिन बहुत अफसोस हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी और के शरीर में खुद को फिट कर रही हूं। अब किसी दुकान पर कपड़े खरीदने जाती हूं तो टेंशन होती है। महिलाओं के सेक्शन में तो जाती ही नहीं। उसमें मेरे साइज के कपड़े ही नहीं मिलते। बच्चों के सेक्शन में जाकर अपने साइज के कपड़े ढूंढती हूं। कई बार तो दुकानदार भी कह देते हैं- 'अभी स्कूल जाती हो क्या?' अब तो बड़े कपड़े पहनने लगी हूं। इस पर कुछ लोग मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि तुम्हारे ऊपर कपड़ा ऐसे लगता है, जैसे धूप में सूखने को टंगा हो। इस बार नवरात्र में एक आंटी ने मुझे कन्या समझकर अष्टमी के दिन भोज के लिए बुला लिया। मैंने उनसे कहा था कि आंटी मैं 20 साल की हूं। 'वो हंसते हुए बोली थीं- अरे, मुझे लगा कि तू अभी बच्ची है।' गिन्नी कहती हैं कि आखिर वो वही सब खाती हैं, जो बाकी लोग। लेकिन उन पर कुछ असर नहीं करता। कोई कहता है कि जेनेटिक कारण हैं, तो कोई कमजोरी बताता है। जबकि मेरा पूरा परिवार एकदम फिट है। घर में मां हर दिन कोशिश करती हैं कि मेरा वजन बढ़ जाए। वो मुझे दूध में बादाम मिलाकर देती हैं। केला शेक बनाती हैं। कभी न्यूट्री ग्रेन, तो कभी वेट गेन पाउडर लाकर देती हैं। लेकिन कोई खास फायदा नहीं होता। शादी के बाद भी नहीं बढ़ा पूजा का वजन 29 साल की पूजा, नोएडा की एक साधारण गृहिणी हैं। वह भी बेहद पतली हैं। उनका वजन हमेशा 42 से 45 किलो के बीच रहा है। पूजा बताती हैं कि जब उनकी शादी तय हुई तो घर वालों ने पूरी कोशिश की कि थोड़ी मोटी हो जाएं। पापा दूध में केले और मुनक्का डालकर पिलाते। कहते- इससे भूख बढ़ेगी, ज्यादा खाओगी। पड़ोस के एक अंकल कहते कि सबके साथ बैठकर खाना खाया करो। सबके साथ खाओगी तो दो रोटी ज्यादा खा लोगी। आखिर सब करके देख लिया, लेकिन उनका वजन नहीं बढ़ा। सगाई के दिन तो लोग कह रहे थे कि बाकी सब तो ठीक है, लेकिन लड़की पतली है। फिर शादी के दिन जब खूब सजी-धजी थीं तब भी लोग बातें कर रहे थे- 'लड़की तो बहुत पतली है।' उस समय लगा कि सजना-धजना सब बेकार हो गया। जब शादी हुई तो तानों ने एक अलग ही रंग ले लिया। लोग कहते हैं- 'तुम्हारी सास खाने नहीं देती क्या? घर में लड़ाई होती है? टेंशन में रहती हो?' जब उनकी प्रेग्नेंसी हुई तो भी केवल 10 किलो वजन बढ़ा था। डॉक्टर कहते थे कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन 75 से 80 किलो तक हो जाता है, लेकिन उनका वजन सिर्फ 55 किलो हुआ। जब बच्चा पैदा हो गया तो वजन फिर से कम हो गया। उससे पहले लोग कहते थे कि शादी के बाद वजन बढ़ जाएगा। लेकिन कुछ नहीं बदला। लोगों की बातें बढ़ती गईं। इस दौरान डॉक्टर से हर 3-6 महीने में मेडिकल चेकअप करवाती हूं। थायरॉयड, टीबी सबका चेकअप होता है, लेकिन रिपोर्ट हमेशा नॉर्मल रहती है। वह रुककर कहती हैं- ‘अगर मुझे कोई बीमारी होती, तो इलाज करवा लेती, लेकिन मेरा शरीर ही ऐसा है, क्या करूं?' पूजा कहती हैं कि जब वह शादी या किसी फंक्शन में साड़ी पहनकर जाती हैं, तो लोग कहते हैं- ‘साड़ी तुम पर सूट नहीं करती।' तुम्हारी तो जैसे कमर ही नहीं है। अब तो घर से बाहर कहीं जाने का मन नहीं करता। सोशल मीडिया पर भी राहत नहीं मिलती। उनके इंस्टाग्राम पेज पर और वॉट्सऐप पर मोटी होने के नुस्खे वाले मैसेज आते रहते हैं। पतली होने की वजह से सीमा की शादी नहीं हो रही 25 साल की सीमा पटना यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हैं। वह बताती हैं, घर में हम तीन बहनें हैं- दोनों की शादी हो चुकी है, मैं सबसे छोटी हूं। सीमा मानती हैं कि पतली होने से उनका व्यक्तित्व अधूरा लगता है। मन में एक अजीब-सा डर रहता है। जब अपने दोस्तों के साथ होती हूं तो वे कहते हैं कि हमारे बीच एक कुपोषित लड़की रहती है। वे कहते हैं, लगता है जैसे कॉलेज के बच्चों के बीच पांचवीं क्लास का कोई बच्चा खड़ा हो। मैं कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं की तैयारी करती हूं। कुछ परीक्षाओं के लिए न्यूनतम वजन जरूरी होता है, नहीं तो मैं पात्र नहीं हो पाती। जैसे दरोगा की परीक्षा के लिए 48 किलोग्राम वजन होना जरूरी है। अभी हाल ही में मेरी दीदी की शादी हुई है। मैं भी उनके साथ लहंगा लेने गई थी। जो लहंगा पसंद आया, वह मेरे साइज का नहीं था। जब दुकानदार से उसे छोटा करने को कहा, तो उसने कहा- थोड़ा बहुत छोटा किया जा सकता है, ज्यादा नहीं। आपके साइज का करूंगा तो ड्रेस का डिजाइन और मटेरियल दोनों खराब हो जाएगा। ऐसी बातें चिंता और अवसाद में डाल देती हैं। अब जब मेरी भी शादी की बात चल रही है। कई रिश्ते आए, लेकिन ज्यादातर में लड़के वालों ने मेरा शरीर देखकर रिश्ता करने से मना कर दिया। रिश्तेदार बताते हैं कि फोटो भेजने पर लोग कहते हैं-आंखें तो अच्छी हैं, लेकिन शरीर कमजोर है। लोगों के ताने सुन-सुनकर परेशान हो चुकी हूं। मैंने अब लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया है। हमेशा सोचती हूं कि क्या करूं कि शरीर सही हो जाए। वजन कम होने से लोग मेरी बातें गंभीरता से नहीं लेते। (गिन्नी, पूजा और सीमा तीनों बदले हुए नाम हैं।) --------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड- तंग आकर घाघरा-चोली आग में फेंक दी:लोग लड़की समझकर पीछा करने लगते थे; तब बताना पड़ता कि 'भाई, मैं मर्द हूं' 'मेरे भीतर एक औरत थी। शुरुआत से ही। दुनिया क्या कहेगी, लोग क्या कहेंगे, यह सब सोचकर मैं चुप रह जाती थी। फिर एक दिन मैंने तय कर लिया कि अपने भीतर की औरत को सजाना है, संवारना है और दुनिया के सामने निखारना है। मैंने महिलाओं से घाघरा-चोली मांगे और फेयर एंड लवली लगाकर सज गई। मुझे बॉलीवुड की नूरजहां बहुत पसंद थीं, सो मैंने अपना नाम नूरजोरा रख लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-56 की उम्र में 20 साल छोटे लड़के से शादी:देवर बोला, भाभी कहूं या बुआ; लोग तंज कसते हैं- देखो मां-बेटे जा रहे 56 साल की थी जब कनाडा में पति ने मुझे तलाक दे दिया। भारत लौटी तो बहुत परेशान थी। यहां मुझे अपने से 20 साल छोटे लड़के निखिल से प्यार हो गया। शादी के लिए जब हम तैयार हुए तो लोगों ने जमकर विरोध किया। निखिल की मां ने मुझसे कहा कि सोचो, अगर तुम्हारा लड़का 20 साल बड़ी लड़की से शादी करता तो तुम एक मां के तौर पर क्या करती? 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दिवाली से पहले ही बाजारों में सोने के बाद अब चांदी को लेकर भी मारामारी शुरू हो गई है. क्योंकि पूरी दुनिया चांदी की कमी से जूझ रही है. लेकिन क्यों? आखिर दुनियाभर में 5 सालों का चांदी का स्टॉक कैसे खत्म हुआ, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
‘देश में कहीं भी करोड़ों रुपए पहुंच जाएंगे। दो मिनट का फर्क नहीं होगा। कश्मीर में भी पहुंच जाएंगे लेकिन वहां किसी मुस्लिम से डील नहीं होगी। क्योंकि अगर किसी के हाथ चढ़ गया तो मामला सीधे आतंकवाद से जुड़ेगा। पैसे मिलते ही ‘जयश्री महाकाल’ लिख देना, यही कोडवर्ड है’ यह बात कारोबारी बनकर दिल्ली में हवाला रैकेट चलाने वाले माफियाओं ने भास्कर के हिडन कैमरे पर कही। शॉपिंग और खाने–पीने के लिए फेमस दिल्ली का चांदनी चौक इन माफियाओं का गढ़ है। जो दुकानें ऊपर से साज–सजावट के सामान से भरी नजर आती हैं, वहीं से ये माफिया हवाला का रैकेट चलाते हैं। रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने ब्रोकर बनकर तीन माफियाओं से डील की। पढ़िए और देखिए रैकेट कैसे चल रहा है, और कैसे करोड़ों रुपए चंद घंटों में यहां से वहां किए जा रहे हैं। पहले 50 लाख दो दिन बाद 1 करोड़ लोकेशन : चांदनी चौक किससे मिले : गुलशन–नीरज (हवाला एजेंट्स) दिल्ली का चांदनी चौक। ओल्ड लाजपत राय मार्केट। रंगीन लाइटों की दुकानें। संकरी सीढ़ियों से होते हुए हम दुकान के अंदर दाखिल हुए। चारों तरफ लाइटों से भरे कर्टन रखे थे। कमरेनुमा दफ्तर था। जब हम यहां पहुंचे तो दो लोग पहले से ही बैठे थे। कुछ ही मिनटों में तीसरा शख्स भी पहुंचा। हमने खुद को ब्रोकर बताया। कहा कि, दुबई में हमारी सट्टा कंपनी है, जो क्रिकेट और गेम्स पर सट्टा खिलवाती है। इसका पैसा हवाला के जरिए कश्मीर भेजना है और कश्मीर से पैसा दिल्ली लाना है। अब पढ़िए रिपोर्टर और ब्रोकर के बीच हुई बातचीत। नीरज : कश्मीर में किस जगह चाहिए रिपोर्टर : जहां दे दे नीरज : यहां पे कहां देंगे रिपोर्टर : यहीं दे देंगे नीरज : करोल बाग रिपोर्टर : करोल बाग में दे देंगे नीरज : चांदनी चौक में कोई लेना नहीं चाहता रिपोर्टर : ठीक है। सिस्टम क्या रहेगा नीरज फोन पर : हेलो, यह करोल बाग में दे देंगे, वहां कश्मीर में कहां दोगे रिपोर्टर : श्रीनगर अगर दे देंगे, तो बढ़िया रहेगा। सबसे सेफ तो श्रीनगर ही है। नीरज फोन पर : कोई नहीं, जैसे बोलोगे, वैसा कर लेंगे। पहले 50 देंगे, दो दिन, फिर उसके बाद एक सीआर, दो सीआर जो भी है, स्टार्टिंग एक से रिपोर्टर : ठीक है कोई बात नहीं, स्टार्टिंग एक से करते हैं नीरज फोन पर : वहां बंदा जो हमारा पैसा गिनेगा, यहां पर आप पैसा देख लो, वहां पैसा उसने हाथ में लिया, यहां आप ले लो। कोई दिक्कत नहीं हमारा बंदा वहां पहुंच जाएगा। आपके बताए हुए एड्रेस पर, यहां पर आप माल देख लो, वहां पर वो गिनना चालू करेगा। नीरज : देखो पेमेंट आप यहां पे ऐसे लेकर बैठोगे। बंदा देख लिया पेमेंट है, गिन लिया। हम पहुंचे पैसे लेकर, आपका बंदा वहां पहुंच जाएगा पैसे लेने वाली लोकेशन पे रिपोर्टर : ठीक है नीरज : यहां से यह पैसे गिने, वहां से, ओके जी पैसे गिन लिए, यह पैसे पकड़, वो पैसे हमने दिए रिपोर्टर : ठीक है गुलशन: बिल्कुल, साफ–सुथरा काम रिपोर्टर : श्रीनगर में कहां पर नीरज : जहां आप बोलोगे, वहां पर वो दे देंगे, अगर हम लोकेशन बताएंगे, तो आपको वहां पर आकर लेना पड़ेगा रिपोर्टर : ठीक है, मतलब लोकेशन तो श्रीनगर की रहेगी ना नीरज : हां, कश्मीर में कहीं भी ले लो आप। आप जहां बोलोगे उस लोकेशन पर पहुंच जाएगा, लेकिन प्रोफाइल 'M' नहीं होना चाहिए रिपोर्टर : 'M' मतलब नीरज : मोमदन, कंडीशन यह है कि मोमदन नहीं होना चाहिए, सामने वाला पैसा लेने वाला भी और इधर से देने वाला भी, क्योंकि अगर हाथ किसी के चढ़ गया फिर, हवा लग जाएगी ज्यादा गुलशन : देखो जी साफ काम करने में कोई बुराई नहीं है। बात मुसलमान की नहीं है, वहां पर थोड़ी दिक्कत है रिपोर्टर : समझ रहा हूं। वहां कोई हिन्दू तो रहता नहीं है, सब मुस्लिम ही हैं। मेरे ख्याल से आपकी जो पेमेंट होगी, वहां पर भी कोई कश्मीरी ही होगा, कोई मुस्लिम कश्मीरी ही होगा नीरज : डील सब हिन्दू करते हैं। बाकी लेने देने का जब काम हो जाता है, उसके बाद बात की बात है, लेकिन डीलिंग सारी मुसलमान से नहीं होगी। सब हिन्दू से ही होगा। लेने वाला वर्कर भले ही मुसलमान हो। क्योंकि मोमदन केस में मामला सीधे आतंकवादी तक पहुंच जाता है रिपोर्टर : ठीक है, पैसे यहां देने हैं या करोल बाग नीरज : चांदनी चौक में डील नहीं रिपोर्टर : क्या दिक्कत है नीरज : यहां ईडी, क्राइम ब्रांच, विजिलेंस सब घूमते हैं, ईडी रेड मारेगी तो टाइम लेती है, एक घंटे का, मारने से पहले परमिशन लेती है, लेकिन एनआईए परमिशन बाद में लेती है कि हमने रेड मारी है रिपोर्टर : करोल बाग सेफ है ना गुलशन : सेफ है भाईसाहब, मार्केट आपने देखी नहीं करोल बाग की रिपोर्टर : मार्केट देखी हुई है गुलशन : मार्केट में ही, कोई बाहर थोड़ी ना जंगल में पैसे लेंगे रिपोर्टर : ठीक है गुलशन : जब आप पैसे लेकर आ रहे हो, किसी को बताना मत। फोन स्विच ऑफ कर दो। लोकेशन आपकी… लेटेस्ट की होगी। अब आप वहां पहुंचोगे। मेरे बंदे खड़े होंगे। छोटा भाई नीरज मिलेगा। पैसा गिनेगा…पैसे ले लिए, ओके हो गया, कोड श्री जय महाकाल लिख कर भेज दिया। वो गया, इधर पैसे गए। मेरे बंदे खड़े होंगे, पूरी टीम, सेफ्टी के लिए रिपोर्टर : ठीक है मिडिल मैन (राजुल) : अच्छा गुलशन भाई जैसे यहां से पैसे भेजा, वहां से अगर मंगाना भी हो तो रिपोर्टर : सेम रूट से आएगा नीरज : पूरे हिंदुस्तान में लिंक है। बांग्लादेश के पास भी दे देंगे। सऊदी अरब में भी दे देंगे। आप यहां बैठे हो ना। आप बोलो कि भाई मैं आपको कैश दे दूंगा, सऊदी अरब में आप उसको दे दो, तो दे देंगे रिपोर्टर : सेम रूट से वापस भी आ जाएगा पैसा, यहां पर पैसा अगर मंगवाना हो नीरज : जाएगा दूसरे रूट से, आता दूसरे रूट से है रिपोर्टर : कश्मीर से पैसा आ जाएगा दिल्ली नीरज : आ जाएगा गुलशन और नीरज की बातों से पता चलता है कि, चांदनी चौक–करोल बाग में हवाला का नेटवर्क एक्टिव है। दोनों ने दावा किया कि, कश्मीर से दिल्ली हवाला के जरिए पैसा पहुंचा भी सकते हैं और ला भी सकते हैं। सऊदी अरब–बांग्लादेश तक नेटवर्क है। चांदनी चौक पर जांच एजेंसियों की नजर है, इसलिए अब कारोबार करोल बाग से हो रहा है। कश्मीर को लेकर दोनों ने साफ कहा कि, किसी भी मुस्लिम से कोई हवाला डील नहीं करेंगे, हिंदू के जरिए डील करने को राजी हैं। नीरज के मुताबिक, हवाले की रकम का 5% हिस्सा कमीशन के तौर पर कट जाता है। बाकी पैसा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, जहां कहो वहां पहुंच सकता है। चाहे चुनावी खर्च का कैश हो या सट्टे का काला धन, इस हवाला नेटवर्क के लिए सब एक जैसा है। हाल ही में बड़े आतंकी हमले से दहले पहलगाम जैसे संवेदनशील इलाके में भी ये लोग बिना किसी परेशानी के रकम पहुंचाने का दावा कर रहे है। दूसरी मुलाकात हवाला रैकेट चलाने वाले राकेश जैन से हुई....... लोकेशन : चांदनी चौक, पुरानी दिल्ली किससे मिले : राकेश जैन, हवाला रैकेट चलाता है पड़ताल के दौरान हमारी अगली मुलाकात अदनान से हुई। अदनान के संपर्क में पुरानी दिल्ली के कई हवाला एजेंट हैं। अदनान ने बताया कि वह राकेश जैन नाम के शख्स को जानता है, जो आज के हालात में श्रीनगर में हवाला के जरिए पैसा पहुंचा सकता है। अदनान के मुताबिक, राकेश चांदनी चौक का बड़ा हवाला एजेंट है। शुरुआत में अदनान ने राकेश से फोन पर बात की, क्योंकि मामला श्रीनगर का था और फिलहाल कोई भी एजेंट वहां डील करने को तैयार नहीं था। राकेश ने अपने नेटवर्क से बातचीत करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा। फिर अदनान ने हमे जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के ठीक सामने मिलने के लिए बुलाया। हम अदनान के साथ चांदनी चौक की एक दुकान पर पहुंचे, जहां राकेश से मुलाकात हुई। राकेश : मेरे से क्या चाहते हो रिपोर्टर : बात हुई थी ना अभी राकेश : दुबई से पैसे चाहिए रिपोर्टर : दुबई नहीं, कश्मीर राकेश : वहां बड़ी दिक्कत है रिपोर्टर : हां दिक्कत चल रही है राकेश : संदीप भाई आप से दो टूक बात करूंगा। इस टाइम 2000 रुपए है रिपोर्टर : ठीक है राकेश : आप कहोगे ना काम चालू करवा दूंगा रिपोर्टर : ठीक है राकेश : आप यहां छोड़ देना, शाम तक आपको रिसीव हो जाएगा रिपोर्टर : पेमेंट आपको इसी शॉप पर देनी है या जहां से पेमेंट जाएगी, वहां देना है राकेश : जहां से पेमेंट जाएगी, वहीं देना है, कूचा घासी राम रिपोर्टर : कूचा घासी राम से, मतलब आप जगह बता दोगे, वहां, पेमेंट बंदा लेकर आएगा यहां पर, आपके, कूचा घासी राम जो बता रहे हैं, जगह, वहां पे, लेकिन वो बैठा रहेगा, जब तक वहां पर पैसा रिसीव नहीं हो जाता, तब तक राकेश : बाकी पैसे देने पड़ेंगे पहले ही रिपोर्टर : पेमेंट लेकर बैठेगा राकेश : लेकर नहीं बैठेगा, तुम कहो बैठा है, वहां दे दो, वो होगा काम रिपोर्टर : आप समझे नहीं बात को, आपको हाथ में दे देंगे राकेश : पैसे चले जाएंगे, वहां से उठ के रिपोर्टर : अच्छा राकेश : पैसे दिन भर आते हैं और दिन भर जाते हैं रिपोर्टर : अब चार घंटे में तो कश्मीर पहुंचेगा नहीं पैसा, वहां पैसा ऑलरेडी होता ही है, रखा होगा न राकेश : पैसा एक जगह ट्रांजैक्शन होकर जाता है, मैंने लिया, वहां से एक जगह पहुंचता है, वहां से ओके हो जाता है, पैसे मिल जाएंगे आपको, लेकर कोई नहीं जा रहा रिपोर्टर : वो ही तो, कह रहा हूं राकेश : बाकी आप ये कहो कि मैं लेकर बैठा हूं, मैं कहूं कि मैं भी लेकर बैठा हूं, न तू देगा ना मैं दूंगा, बात समझो आप हवाले का काम कैसे होता है, भेजने के पैसे मिल रहे हैं, जैसा तुम चाह रहे हो, वो नहीं होगा पाएगा। न तुम दोगे ना मैं दूंगा रिपोर्टर : हवाला का काम होता कहां पर है राकेश : चलो एक बार घुमा लाऊंगा आपको, कल आप आ जाना 12:00 बजे के करीब रिपोर्टर : ठीक है राकेश : अपनी दुकान है यह, मेरा छोटा भाई है, मेरी चांदनी चौक पर खुद की दुकान है रिपोर्टर : कपड़ों की दुकान है न राकेश : मालीवाड़ा में रिपोर्टर : मालीवाड़ा में राकेश : ठीक है, मेरा अपना ऑफिस भी है प्रॉपर्टी का, ऐसी कोई बात नहीं है ... रिपोर्टर : सही कह रहे हो आप, होता है ना, पहली बार में थोड़ी सा एक आदमी को राकेश : पहली हो या आखरी हो जब पैसे देने जाओगे, छोड़कर ही जाना पड़ेगा पैसा, मैंने तुम्हें बैठने के लिए भी कह दिया, वह तो तुम्हें एक सेकंड भी नहीं बैठने देगा, पैसे दिए, जाओ चलो, यह तुम्हें भी पता है रिपोर्टर : वह तो हर जगह का अपना सिस्टम होता है, अब जैसे, जहां हमारी जानकारी वहां कोई दिक्कत नहीं है, इन सब बातों की, लेकिन जहां नहीं जानकारी है, वहां सब बातें हैं। रिपोर्टर : श्रीनगर देंगे या जगह जो हम बताएंगे, वहां देंगे राकेश : श्रीनगर ले लो, लाल चौक, जैसे चांदनी चौक है, वैसे लाल चौक, रिसीविंग देने तो कोई नहीं जाएगा आपको, आपको ही जाना पड़ेगा रिपोर्टर : हां हां, वो तो आदमी वहां का रहेगा राकेश : क्या है कि, बड़ी मुश्किल से एक से बात बनी है, नहीं तो एक महीने से काम ही नहीं हो रहा है रिपोर्टर : हो रहा है, सबका अपना-अपना रूट है राकेश : दूसरे रूट से हो रहा है, जो सबसे खास है उनका काम हो रहा है, नया काम कोई नहीं पकड़ रहा है, जैसे मैं तुम्हारा नया काम पकड़ रहा हूं न, वैसे कोई पकड़ेगा नहीं, वो मेरी बात पर पकड़ा जाएगा रिपोर्टर : सही कह रहे हैं आप राकेश : पहली बात, दूसरा मोमदन के नाम से बिदक जाएगा वो, आप इस बात को गलत तरीके से मत लेना, हर आदमी की अपनी सोच है रिपोर्टर : सही बात है राकेश : कोई नहीं आप कल आ जाना एक बार, देख कर चले जाना, मंडे से काम करो, कोई दिक्कत नहीं रिपोर्टर : संडे को, पार्टी है दुबई में अभी, संडे को ये आएगी, मंडे को मेरी मुलाकात होगी, मंगलवार, बुधवार से मान कर चलो काम शुरू हो जाएगा राकेश : ठीक है राकेश जैन का मलिवाडा में कपड़े व प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस है, और उसी की आड़ में वो हवाला रैकेट चलाता है। वो दावा करता है कि वो श्रीनगर के लाल चौक हो या दुबई का बुर्ज खलीफा हवाला के जरिए कहीं भी पैसा पहुंचा देगा। पटना से हवाला के जरिए पैसे लाने हैं या भेजने, यह काम दो घंटे में हो जाएगा। राकेश से दूसरी मीटिंग… बल्लीमारान, चांदनी चौक एरिया डील की जगह दिखाई, हवाला का अड्डा पुरानी इमारत में निकला एक तरफ राकेश को डर था कि कहीं हम उसका ठिकाना देखकर पुलिस को खबर न कर दें। दूसरी तरफ उसे तसल्ली भी थी, क्योंकि हमारी मुलाकात उस बिचौलिए के जरिए हुई थी जिसे वो पिछले 12 सालों से जानता है। उसे भरोसा था कि ये बिचौलिया उसे किसी गलत आदमी से नहीं मिलवाएगा। इसी भरोसे के चलते उसने हमें अगले दिन दोपहर 12 बजे चांदनी चौक बुलाया। जगह पूछने पर राकेश ने अदनान की तरफ इशारा किया — बोला, ये जगह जानता है। लेकिन अदनान को कुछ जरूरी काम आ गया, तो उसने हमें जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन पर दोपहर 3 बजे मिलने को कहा। हम तय वक्त पर पहुंच गए। स्टेशन के बाहर अदनान बाइक लिए हमारा इंतजार करता मिला। हम उसकी बाइक पर सवार हो गए। चांदनी चौक की संकरी गलियों से होकर वो हमे बल्लीमारान की तरफ ले गया। एक पुरानी मस्जिद के बाहर बाइक रोकी और फिर हम पैदल चल पड़े। थोड़ी ही दूर चले थे कि राकेश जैन रास्ते में मिल गया। उसने कहा, “चलिए, आपको जगह दिखाता हूं जहां पैसा पहुंचाना है।” वो हमें लेकर कूचा घासी राम इलाके की तरफ बढ़ा और बताने लगा कि यहीं से पैसा हवाला के जरिए श्रीनगर जाएगा। बात करते-करते राकेश अचानक एक पुरानी बहुमंजिला इमारत में घुस गया। अंदर काफी अंधेरा था। थोड़ी दूर चलने पर कुछ कमरे दिखे। एक कमरे की तरफ इशारा करते हुए राकेश ने बताया — यही वो कमरा है... जब काम चलता है तब खुलता है। अभी सब लोग चले गए हैं, इसलिए बंद है। दरवाजे पर ग्रिल थी और उस पर ताला लटका था। इतना कहकर राकेश हमें तेजी से बाहर लेकर आया। हम फिर मुख्य सड़क पर आ गए। वहीं खड़े-खड़े राकेश ने एक बार फिर पूरी डील दोहराई — पैसा कहां देना है, और कोडवर्ड से श्रीनगर में कैसे रिसीव होगा। रिपोर्टर : मैक्सिमम कितना अमाउंट यहां से जा सकता है राकेश : 50 लाख से ज्यादा लेंगे ही नहीं, 5 लाख, 2 लाख जो भी दोगे, तुम्हारी डील हो जाएगी, 50 से ऊपर तुम चाहे 10 रुपए ले आओ, तो भी हम तुमसे तीन बार में लेंगे, 50-50 करके, क्यों इससे ज्यादा काम नहीं करेंगे, आदमी भग जाएगा रिपोर्टर : मैंने शाम को 4 बजे 10 लाख रुपए दिए, तो रात 9 बजे श्रीनगर में रिसीव हो जाएंगे राकेश : वो पहले ही हो जाएंगे, 9 बजे हो जाएंगे, 2 घंटे अपनी तरफ से लेट बोल रहा था रिपोर्टर : दूसरी चीज, पैसा मुझे मुकेश श्रीवास्तव इन्हीं के आफिस में देना है राकेश : यही पर रखना, अंदर ऑफिस दिखाया था वहां पर रिपोर्टर : वहीं पर ना जो मुकेश श्रीवास्तव ऑफिस था, जहां बैठे हुए थे राकेश : कमरे कई होते हैं ये, इस कमरे में नहीं तो इस कमरे में, होना यहीं है सब रिपोर्टर : वहां कहां रिसीव होगा राकेश : लाल चौक रिपोर्टर : लाल चौक पर, लाल चौक का कोई एड्रेस दोगे राकेश : एड्रेस भी दूंगा, फोन नंबर भी दूंगा, फोन नंबर से पैसा रिसीव होगा, नोट नंबर दूंगा रिपोर्टर : नोट नंबर दोगे, कोड में नोट रहेगा, जूते का चलता था पहले राकेश : वो अपना अपना सिस्टम होता है रिपोर्टर : नोट का नंबर दोगे राकेश : हां रिपोर्टर : ठीक है , जैन साहब व्यक्तिगत लेनदेन में दस्तावेज नहीं होते, इसलिए पकड़ना मुश्किल हवाला रैकेट पर यूपी के एक्स डीजीपी रंजन द्विवेदी कहते हैं कि, 'जब कोई लेन–देन व्यक्तिगत आधार पर होता है तो उसके दस्तावेज नहीं होते। ऐसे मामलों में कार्रवाई कठिन हो जाती है।' 'जितने भी हवाला कारोबारी हैं, उनके फोन पर निगरानी रखने के लिए अनुमति चाहिए, तब उनको रिकॉर्ड किया जा सकता है, और पकड़ा जा सकता है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया है।' 'मुझे लगता है हमारे डेटाबेस में हवाला कारोबार से जुड़े डेटा का इंटीग्रेशन होना चाहिए। आयकर विभाग कुछ काम कर रहा है; जैसे TAN, AIS, आदि फॉर्मों में डेटा आता है। लेकिन सभी स्तरों पर डेटा अभी भी संगठित/एकीकृत नहीं है।' 'कई देशों में डेटा इतना इंटीग्रेटेड है कि किसी सरकारी देनदारी का रिकॉर्ड न चुकाने पर जब आप इमिग्रेशन या अन्य सेवाओं पर जाते हैं तो वहां पर अलर्ट आ जाता है।' 'जब डेटा एकीकृत होगा तब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए एल्गोरिद्म बनाए जा सकते हैं जो सिग्नेचर्स पहचानें कि कौन सी एक्टिविटी हवाला से जुड़ी लगती हैं। इससे हवाला कारोबारियों पर सख्ती बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी।' भास्कर ने इस खुलासे से जुड़े सवाल भारत सरकार के गृह मंत्रालय को ईमेल किए हैं। जैसे ही जवाब आएगा, उसे खबर में अपडेट किया जाएगा। कल पढ़िए बैंकिंग चैनल के जरिए चलने वाले हवाला का खुलासा…. यह हवाला रैकेट का पहला हिस्सा था। कल पढ़िए बैंकिंग चैनल के जरिए चलने वाले हवाला रैकेट का खुलासा। कैसे फर्जीवाड़ा करके बैंक अकाउंट खोले जा रहे हैं, और करोड़ों इधर से उधर किए जा रहे हैं…। ...................................................... भास्कर की ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं जिस निशान को देखकर मुस्लिम सामान खरीद रहे वो फर्जी:5 हजार में मिल रहा फर्जी हलाल सर्टिफिकेट, कैमरे पर पर्दाफाश बिना जांच और बिना किसी तय प्रक्रिया के 5 हजार से 15 हजार रुपए में हलाल सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। न कोई वैरिफिकेशन, न दस्तावेजी पड़ताल, सिर्फ पैसे देकर ‘हलाल’ का ठप्पा लगवाइए और बेफिक्र व्यापार करिए। हलाल सर्टिफिकेट देखकर मुस्लिम ग्राहक ये यकीन कर लेते हैं कि वो जो प्रोडक्ट खरीद रहे हैं, वो जायज है और उसे कुरआन या हदीस में जो नियम बताए गए हैं, उसके तहत ही तैयार किया गया है। पूरा खुलासा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
‘मैं सीढ़ी पर बैठी थी, तभी चारों मेरे पास आए और मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। उन्होंने मेरी जैकेट उतारी और पैंट पकड़ कर खींचा। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। फिर वो मेरी जांघ पर चढ़कर मुझे किस करने लगे।‘ दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली वैशाली (बदला हुआ नाम) ने कैंपस के अंदर ही यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विक्टिम का आरोप है कि इस दौरान आरोपियों ने उससे मारपीट की और कपड़े भी फाड़ दिए। घटना 12 अक्टूबर की रात हुई लेकिन FIR 14 अक्टूबर को दर्ज हो सकी। वैशाली बिहार की रहने वाली हैं और बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं। वो करीब एक महीने पहले ही कैंपस में आई हैं। उनका ये भी आरोप है कि घटना की शिकायत करने पर केयर टेकर ने एक्शन लेने के बजाय उन्हीं पर सवाल उठा दिए। केयरटेकर का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वो कह रही हैं कि कपड़े फटे नहीं हैं बल्कि ब्लेड से काटे गए हैं। इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वे यूनिवर्सिटी पर मामले को दबाने का आरोप लगा रहे हैं। 14 अक्टूबर को स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चिट्ठी लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच और स्टाफ को सस्पेंड करने की मांग रखी। स्टूडेंट्स का आरोप है कि ये कोई पहली घटना नहीं है। प्रशासन ने पहले भी ऐसे मामलों में लापरवाही बरती है। दैनिक भास्कर की टीम ने दिल्ली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी प्रबंधन से बात कर पूरा मामला समझा। सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए…पहले ई-मेल कर मिलने बुलाया, फिर न्यूड फोटो भेज धमकायाFIR में दर्ज वैशाली के बयान के मुताबिक, 'आर्यन यश' नाम की मेल आईडी से उसे 2-3 दिनों से ईमेल आ रहे थे। उसे रात में 11.27 बजे गेस्ट हाउस की तरफ मिलने को कहा जा रहा था। दूसरे दिन फिर ईमेल आया, उसमें लिखा था कि वो बात नहीं मान रही है। इस बार उसे गंदे मैसेज और इमोजी भी भेजी गई। वैशाली ने ईमेल के बारे में अपने दो दोस्तों को बताया। इसके बाद उसके दोस्त रात करीब 11:27 बजे उस जगह पर देखने गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। वैशाली ने बयान में आगे बताया, ‘अगले दिन फिर शाम 6 बजे के बाद मुझे वॉट्सएप और टेलीग्राम मैसेज आया। मेरी ई-मेल की प्रोफाइल पर लगी फोटो को मॉर्फ कर न्यूड करके मुझे भेजा गया। उसके साथ मैसेज किया कि एक घंटे के अंदर यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-3 पर नहीं आई तो सारी फोटो यूनिवर्सिटी में सर्कुलेट हो जाएंगी।‘ ‘मैंने अपनी दोस्त को मैसेज करके सारी बात बताई। इसके बाद फिर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था- ‘तू बहुत टाइम ज्यादा लगा रही है, मैं तेरे गेट के बाहर खड़ा हूं।’ B-1 ब्लॉक कम्पाउंड में एक लड़की दिखेगी, उसके साथ यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-3 पर आ जाना।‘ FIR के मुताबिक, उसी वक्त वैशाली की दोस्त कॉल कर रही थी, लेकिन घबराहट में वो फोन उठा नहीं सकी और हॉस्टल के पीछे वाले रास्ते से निकल गई। कैंपस की बिल्डिंग में कपड़े फाड़े, रेप की कोशिश कीवैशाली ने FIR में आगे बताया, ‘मैं पहले सी-ब्लॉक की तरफ गई, वहां काफी भीड़ थी। मुझे लगा कि शायद मैसेज भेजने वालों में से कोई यहीं मिल जाए। इसके बाद मैं एडमिन ब्लॉक की तरफ बढ़ी, लेकिन भीड़ की वजह से मैं वहां से कॉन्वोकेशन सेंटर की ओर चली गई। यहां बिल्डिंग का काम चल रहा है। रात में यहां कोई आता-जाता नहीं है।‘ ‘थोड़ी दूर चलने के बाद एक गार्ड मिला। उसने पूछा कि क्या हो गया। मैंने बताया कि मेस में खाना खाने जा रही और वहीं थोड़ी दूरी पर बैठ गई। तभी गार्ड ने किसी को फोन किया। थोड़ी देर बाद वहां एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया। वो लोग आपस में बात करने लगे और मेरे पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने फिर पूछा कि क्या हुआ, यहां क्यों आई हो। तभी दो और लड़के आ गए।‘ मैं उन्हें देखकर वहां से जाने लगी तो उनमें से एक ने पहले जैकेट उतारने की कोशिश की, जबकि दूसरे ने मेरी दोनों आंखों में उंगली डाल दी। वो लोग मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। ‘इसी बीच उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। वो मेरी पैंट पकड़कर खींच रहे थे। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। वो मेरी जांघ पर चढ़ गए और मुझे कंट्रोल करने की कोशिश करने लगे। फिर जबरदस्ती मेरे मुंह में एक पिल डालने लगे और मुझे किस करने लगे। तभी मेस-1 की तरफ से खाने का कार्ट लेकर कोई बाहर आ गया और आवाज सुनकर चारों भाग गए।‘ वैशाली ने बयान में आगे बताया, ‘भागते वक्त भी उन चारों ने मेरे साथ मारपीट की। जब मैं उठी तो मेरा फोन ऑफ था। मैंने फोन ऑन किया और वहां से बाहर भागी। मैं इतनी घबरा गई थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं रास्ते में दो-तीन बार बैठी। फिर मेरी रूम मेट आई और वो मुझे वापस हॉस्टल लेकर गई।‘ दोस्त ने बताया…पूरी रात सदमे में थी वैशाली, बोलती- मेरे कपड़े मत फाड़ोवैशाली की दोस्त बताती हैं, ‘जिस नाम से उसे ई-मेल भेजे जा रहे थे, कैंपस में उस नाम का कोई स्टूडेंट ही नहीं है। हालांकि वैशाली ने हमें बताया कि ई-मेल भेजने वाले को हॉस्टल के रूम नंबर और बाकी कई सारी चीजों के बारे में पता था।‘ दोस्त के मुताबिक, वैशाली जब 12 अक्टूबर की रात उसे मिली तो सदमे में थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। उसने पूछने के बाद भी पूरी रात हमें कुछ नहीं बताया।‘ रात को सोते हुए अचानक उठ जाती और बोलने लगती- मेरे कपड़े मत फाड़ो। सुबह उठने के बाद उसने धीरे-धीरे पूरी घटना बताई। ये सब उसके साथ रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हुआ। ‘सुबह करीब 9:30 बजे हमने हॉस्टल की केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा को पूरी बात बताई लेकिन वो वैशाली पर ही सवाल उठाने लगीं। जब हमने उसे हॉस्पिटल ले जाने और पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो बोलने लगीं कि उसके कपड़े बदलवाओ और नहाने के लिए बोलो, ठीक हो जाएगी।‘ विक्टिम की दोस्त बताती है, ‘सुबह से सबकुछ पता होने और वैशाली की हालत देखने के बावजूद उन्होंने न जल्दी एंबुलेंस बुलाई और न ही पुलिस को जानकारी दी। कैम्पस में हर जगह सीसीटीवी लगे हैं, यूनिवर्सिटी को सबकुछ सामने रखना चाहिए।‘ हॉस्टल केयरटेकर बोली- कपड़े फटे नहीं ब्लेड से काटे लग रहेइस घटना को लेकर दैनिक भास्कर को हॉस्टल केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। इसमें वो स्टूडेंट्स से कह रही हैं, ‘आप लोग ऐसा मत बोलो कि कुछ गलत हुआ है। क्योंकि बच्ची के साथ कुछ नहीं हुआ है, वो बस थोड़ी मानसिक रूप से परेशान है।‘ ‘उसके कपड़े कैसे फटे हैं, आपने देखा है? कपड़ा कोई खींचेगा तो अलग तरीके से फटेगा। वो ब्लेड से कटा हुआ लग रहा है। किसी पहचान वाले ने फोन किया होगा, तभी वहां गई होगी। कोई भी लड़की अकेले कैसे चली जाएगी? मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी जानने वाले के पास ही गई थी। मैं यहां 15 साल से हूं। आज तक यहां ऐसा केस नहीं हुआ।‘ FIR में विक्टिम ने भी शिकायत की है, ‘हमने उन्हें रात में ही कॉल किया था लेकिन वो बोलीं- सुबह आती हूं। स्टूडेंट रात से ही कह रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। यूनिवर्सिटी किसी भी बाहर के व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं करना चाह रही थी। मैंने मम्मी को वीडियो कॉल पर सब बताना चाहा लेकिन अनुपमा मैम और गार्ड मुझे कवर कर रहे थे, बताने नहीं दे रहे थे। अनुपमा मैडम ने बोला कि तुम लोगों के बहुत सारे बॉयफ्रेंड होते हैं।’ यूनिवर्सिटी अफसरों को अगले दिन दोपहर मिली खबर13 अक्टूबर की दोपहर 1:45 बजे हॉस्टल वॉर्डन रिंकू गुप्ता ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को ई-मेल भेजा कि बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट वैशाली को पैनिक अटैक आ रहे हैं। वो खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उसकी टी-शर्ट फटी हुई है। ई-मेल में आगे लिखा- ‘डॉ प्रियदर्शिनी (यूनिवर्सिटी की डॉक्टर) ने उसकी जांच की है और बताया कि ये उत्पीड़न का मामला हो सकता है। डॉ प्रियदर्शिनी ने FIR दर्ज कराने और उसे सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाकर फुल चेक-अप कराने की सिफारिश की है।‘ इसके 19 मिनट बाद 2 बजकर 4 मिनट पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने ई-मेल का जवाब दिया कि स्टूडेंट डीन डॉ नवनीत से इस बारे में चर्चा की गई और उन्होंने भी FIR दर्ज करवाने की सलाह दी है। ये जल्द से जल्द करवाना चाहिए जैसा कि कॉल पर भी बताया गया है। हालांकि स्टूडेंट्स का आरोप है कि सुबह से जानकारी होने के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे एक स्टूडेंट ने कॉल करके पुलिस को जानकारी दी। तब पुलिस कॉलेज पहुंची और विक्टिम को एंबुलेंस से मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स बोले….केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड करे यूनिवर्सिटीइंटरनेशनल रिलेशन के स्टूडेंट शिवराज सिंह राठौड़ उन छात्रों में से हैं, जो विक्टिम वैशाली के साथ हॉस्पिटल गए थे। वे बताते हैं कि 12 तारीख को जब उन्हें पता चला तो कई सारे स्टूडेंट शाम को बी-ब्लॉक के पास पहुंच गए। शिवराज कहते हैं, ‘यूनिवर्सिटी प्रशासन इस घटना को कवर करने की कोशिश कर रहा था। घटना के बारे में काफी पहले पता चल गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस को खबर नहीं की। ई-मेल से एडिटेड फोटो भेजे जाने के कारण वैशाली काफी तनाव में थी। इसी के आधार पर यूनिवर्सिटी प्रशासन बोल रहा है कि वो पहले से तनाव में थी, वो मानसिक रूप से सही नहीं है। उसके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं।‘ शिवराज कहते हैं कि प्रशासन के अब तक के कदमों से साफ लग रहा है कि केस दबाए जाने की कोशिश की जा रही थी। हमारी मांग है कि केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड किया जाए क्योंकि उन्होंने इस घटना को छिपाने की कोशिश की। शिवराज सवाल करते हुए कहते हैं कि विक्टिम ने जिस गार्ड के बारे में बयान दिया है, पुलिस और यूनिवर्सिटी उसकी पहचान क्यों नहीं कर रही है। यूनिवर्सिटी की एक और स्टूडेंट शुभांगी केसरवानी भी प्रशासन पर सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘अगर वॉर्डन को रात में ही बता दिया गया है कि ऐसी घटना हुई है तो उनमें इतनी हिम्मत कैसे आई कि वो कहती हैं- सुबह आएंगी।‘ ‘अगर ऐसे ही चलता रहा तो ये चीजें बढ़ेंगी। यूनिवर्सिटी को पहले अपने स्टाफ को ही संवेदनशील बनाना पड़ेगा।‘ शुभांगी कैंपस की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘यूनिवर्सिटी के बाहर जो सड़क मेन रोड को कनेक्ट करती है, वो अब पूरी तरह अंधेरे में डूबी है। मैं भी रात में इस कैंपस में घूमती हूं। अब ऐसी घटना होने के बाद हमें रात में बाहर निकलने में भी डर लगेगा। शिकायत होने के बाद भी अब तक यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी ने किसी को सजा नहीं दी।‘ यूनिवर्सिटी प्रशासन बोला- जांच के बाद तुरंत एक्शन लेंगेइस घटना के बाद साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने 13 अक्टूबर को 4 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है। ये कमेटी 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट जमा करेगी। हमने यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के OSD एसपी अग्रवाल से बात की। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसलिए हम इस पर ज्यादा नहीं बता सकते। कार्रवाई में देरी के आरोपों पर एसपी अग्रवाल ने कहा, ‘जैसे ही प्रशासन को पता चला, घटना की रिपोर्ट तुरंत की गई। जांच पूरी होने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी कोई फाइंडिंग्स सामने नहीं आई है। जैसे ही हमें कुछ मिलेगा, तुरंत एक्शन लेंगे। अग्रवाल दावा करते हैं कि यूनिवर्सिटी ने पुलिस से अनुरोध किया है कि इस घटना की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाए। पुलिस ने कहा- IP एड्रेस निकाल रहे, सीसीटीवी भी खंगाल रहेइस मामले पर दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि पुलिस विक्टिम के सारे बयानों की जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं। अभी तक फुटेज में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी है। अधिकारी ने बताया, ‘लड़की ने कुछ ई-मेल आने की बात कही है, हम उसकी जांच कर रहे हैं। उसे ई-मेल भेजने वाले का IP एड्रेस निकालने की कोशिश कर रहे हैं।‘ ‘यूनिवर्सिटी के अंदर लगभग सभी जगहों पर कैमरे लगे हैं, हम उसकी छानबीन कर रहे हैं। विक्टिम को घटनास्थल पर भी लेकर जाएंगे और वहां भी जांच करेंगे। हम सीन रीक्रिएट भी करवा सकते हैं। वो घटनास्थल पर जो भी बताएंगी, उसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा हम उनके दोस्तों से भी पूछताछ करेंगे।‘..........................ये खबर भी पढ़ें... ऑनलाइन गेमिंग तो बैन, हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा महाराष्ट्र के संतोष गंगाशेट्टी कपड़ों का कारोबार करते थे। अच्छी कमाई थी। ऑनलाइन गेम्स के चक्कर में कर्जदार हो गए। मकान तक बेचना पड़ा। अब किराए के घर में रह रहे हैं। हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा। ये कहानी सिर्फ संतोष की नहीं है। देश में लाखों लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत से जूझ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...
घर का कलह आपकी जिंदगी में उतना हंगामा नहीं मचाता, जितनी पड़ोस में भड़की हिंसा का शोर आपको बेचैन करता है। भारत भी इस समय वैसे ही हालातों से घिरा हुआ है
बंधकों की रिहाई नहीं हुई तो हमास को भुगतना पड़ेगा : ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को चेतावनी दी है कि अगर उसने हथियार नहीं हटाए और गाजा पट्टी में रखे सभी 24 बंधकों के अवशेषों को नहीं सौंपा तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी
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Weakest Militaries in Asia: एशिया में कई अमीर देश हैं जबकि बहुत सारे गरीब देश भी हैं. किसी भी देश की पहचान उसके सैन्य शक्तियों से की जाती है. हालांकि हम आपको बताने जा रहे हैं एशिया के उन देशों के बारे में जिसकी सैन्य शक्ति काफी ज्यादा कमजोर है.
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Israel-Hamas Peace Talks: इजराइल और हमास के बीच हुए शांति समझौते में एक नया मोड़ आ गया है. जहां इजराइल ने हमास द्वारा लौटाए गए बंधकों के शवों को बंधक मानने से इनकार कर दिया है. इजराइल के अनुसार, इन शवों को मानवीय आधार पर लौटाया गया है न कि किसी बंधक समझौते के तहत.
Gaza: गाजा में सोमवार शाम को हमास आतंकवादियों ने कई लोगों की हत्या कर दी. स्थानीय सुरक्षा बलों ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
US strikes another boat off coast of Venezuela:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना को ड्रग तस्करों पर बिना ट्रायल गोली चलाने की छूट दे दी है. वेनेजुएला तट पर एक जहाज पर हमले में 6 मौतें हुईं, कुल 27 लोग अब तक इस अभियान में मारे जा चुके हैं. ट्रंप का दावा है कि ये 'नार्को-टेररिस्ट' थे. मादुरो ने इसे सरकार गिराने की साजिश बताया है. जानें पूरी खबर.
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