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फैक्ट चेक: अल्लाह-हू-अकबर बोलते यात्रियों का वीडियो अहमदाबाद विमान हादसे का नहीं है

बूम ने पाया कि फ्लाइट के अंदर 'अल्लाह-हू-अकबर' बोलते यात्रियों का यह वीडियो सितंबर 2024 का अल्जीरियाकाहै.

बूमलाइव 16 Jun 2025 4:04 pm

ईरान में इजरायल ने फैलाई बारूदी मौत, लोग भागने पर मजबूर, सड़कों पर लंबा जाम; सरकार ने खोले अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन

ईरान और इजरायल के बीच जारी हमलों में लोगों की जिंदगी दरहम-बरहम हो गई है. राजधानी तेहरान में रहने वाले लोग शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. ज्यादा तादाद में लोगों के जरिए शहर छोड़ने की वजह से सड़कों पर भी लंबा जाम लग गया है.

ज़ी न्यूज़ 16 Jun 2025 3:49 pm

G7 summit: 2 दिन दुनिया के 7 ताकतवर देशों के बीच भारत की क्या होगी भूमिका? पीएम मोदी की हुंकार सुनने को तैयार पूरा विश्व?

G7 summit to focus on global economy, energy security: कनाडा के कनानास्किस में 15 से 17 जून 2025 तक चल रहे 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा मुख्य मुद्दे हैं. इस बार सम्मेलन को दो दिन का कर दिया गया है, जो 16 जून से शुरू हुआ. दुनिया के बड़े नेता अल्बर्टा के खूबसूरत रॉकी माउंटेन क्षेत्र में जुट रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 16 Jun 2025 3:26 pm

डोनाल्‍ड को मारने का प्‍लान! खामनेई की किलिंग पर ट्रंप का वीटो, बंकर में क्‍यों छिपे सुप्रीम लीडर?

Israel-Iran war: ईरान और इजरायल के बीच जंग में अब एक नया मोड़ आ गया है. इजरायल ने ईरान के इंटेलिजेंस चीफ को मार गिराया है, दूसरी ओर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई अब बंकर में छिप गए हैं, तीसरी बात डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश को लेकर एक खुलासा हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 16 Jun 2025 10:18 am

116 साल के इतिहास में पहली बार खुफिया एजेंसी को मिली महिला चीफ, कौन हैं इंटेलिजेंस ऑफिसर ब्लेज मेट्रेवेली?

UK Spy Agency: UK की खुफिया एजेंसी MI6 ने एक महिला ऑफिसर को पहली बार प्रमुख का पद सौंपा है. इसकी जिम्मेदारी टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन की डायरेक्टर जनरल ब्लेज मेट्रेवेली को मिली है.

ज़ी न्यूज़ 16 Jun 2025 9:36 am

जल्द खत्म होने वाला है इजरायल-ईरान संघर्ष? ट्रंप का दावा, भारत-पाक की तरह होगा शांति समझौता

Trump On Israel-Iran Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इजरायल-ईरान संघर्ष को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति लाने की बात कही है.

ज़ी न्यूज़ 16 Jun 2025 8:00 am

स्पॉटलाइट- क्रिकेट के 3 बड़े नियम, बदल जाएगा पूरा खेल:भारत- इंग्लैंड मैच में ऐसा क्या हुआ था कि बदलने पड़े नियम, देखें वीडियो

भारत बनाम इंग्लैंड के मैच में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के आने से क्यों मचा बवाल, अब इस पर बना नया नियम क्या कहता है, बॉलिंग और कैच को लेकर भी आईसीसी के नए नियम जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो

दैनिक भास्कर 16 Jun 2025 5:28 am

तेहरान जल रहा, ईरान में फंसे 1500 इंडियन स्टूडेंट:पेरेंट्स बोले-बच्चे सेफ नहीं, सरकार कुछ करे; इजराइल में भी भारतीय डरे हुए

‘सरकार से बस यही गुजारिश है कि हमारे बच्चों को ईरान से निकालिए। अब वो जरा भी महफूज नहीं हैं। तेहरान जल रहा है। वहां कोई गली, कोई इलाका सेफ नहीं है। इंटरनेट बंद है। 10-15 बार कोशिश करने पर किसी तरह एक फोन लग रहा है। हम सब बहुत डरे हुए हैं। इराक और पाकिस्तान ने अपने स्टूडेंट्स निकाल लिए। अब बस हमारे बच्चे ही फंसे हैं।’ कश्मीर की रहने वाली रेहाना अख्तर की बेटी शाहीन उन 1500 भारतीय स्टूडेंट्स में से है, जो ईरान-इजराइल के बीच बने जंग के हालात में तेहरान में फंसी है। इजराइल ने 15 जून की दोपहर तेहरान के हुजत दोस्त अली हॉस्टल पर हमला किया, जिसमें कुछ कश्मीरी स्टूडेंट्स घायल हुए हैं। इसके बाद से वहां फंसे भारतीय स्टूडेंट्स के परिवारों का तनाव और बढ़ गया है। हालांकि तेहरान से 150 किमी दूर कोम में रह रहे कारगिल के विलायत काचो अब भी ईरान को सेफ बता रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में वे कहते हैं कि यहां अब भी सब कुछ आम दिनों की तरह है। वहीं, इजराइल के हाइफा में पढ़ रहे केरल के सूरज रंजन डरे हुए हैं। वे कहते हैं, ‘इस बार हालात सबसे ज्यादा डरावने हैं। हमास के हमले के वक्त भी खौफ था, लेकिन इस बार ज्यादा है।‘ संघर्ष के पहले 3 दिनों में इजराइली हमलों से ईरान में 138 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और 20 से ज्यादा ईरानी कमांडर्स शामिल हैं। 350 से ज्यादा लोग घायल हैं। ईरान ने भी इजराइल पर 150 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। इसमें 14 इजराइली मारे गए हैं और 380 घायल हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने ईरान और इजराइल में रह रहे भारतीय स्टूडेंट्स और उनके परिवारों से बातचीत की। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मामलों के एक्सपर्ट्स से समझने की कोशिश की कि इजराइल और ईरान के बीच अगर जंग बढ़ी तो भारत पर क्या असर होगा। सबसे पहले भारतीय स्टूडेंट्स के परिवार…मिसाइल अटैक ने उड़ाई रातों की नींद, हमारे बच्चों को ईरान से निकाले सरकारईरान में करीब 1500 भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इनमें करीब 1300 कश्मीरी हैं। 15 जून को इजराइल की एयरस्ट्राइक में तेहरान का हुजत दोस्त अली हॉस्टल भी निशाना बना। ये कश्मीरी स्टूडेंट्स का ठिकाना है। हमले में कुछ स्टूडेंट्स जख्मी भी हुए हैं। इसके बाद से इनके परिवार वापसी के लिए परेशान हैं। श्रीनगर की रहने वाली सजादा अख्तर का बेटा तेहरान में पढ़ रहा है। वे कहती हैं 'बच्चे भले ही हमसे परेशान न होने को कह रहे हैं, लेकिन पिछले 3-4 दिनों से जो हालात बने हैं, उसे देखकर हम डरे हुए हैं। हमारी रातों की नींद और भूख-प्यास सब खत्म हो गई है।' 'इजराइल इतने मिसाइल अटैक कर रहा है कि कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। ये किसी देश की अंदरूनी लड़ाई नहीं है।' कश्मीर के बड़गाम के रहने वाले सुहैल की भी यही गुजारिश है। वे कहते हैं, ‘ईरान में सबसे ज्यादा कश्मीरी बच्चे फंसे हैं। शुरू के दो दिन वो भी पैनिक नहीं हुए। हमें ही दिलासा देते रहे कि सब ठीक है, हम सब सेफ हैं। जब से इजराइल ने एरियल अटैक शुरू किया है, तब से उनका तनाव बढ़ गया है। अब बच्चे हमें फोन करके गुजारिश कर रहे हैं कि भारत सरकार हमारी वापसी की व्यवस्था करे या फिर कहीं सुरक्षित रहने का इंतजाम करा दे।’ गांदेरबल के रहने वाले मोहम्मद शफीक सरकार से खफा नजर आए। वे कहते हैं, ’तीन दिन से बच्चे सोए नहीं हैं। इस हाल में भारत सरकार को ईरान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को निकालना चाहिए। इससे पहले जैसे यूक्रेन से निकाले वैसे ही हमारे बच्चों को निकालें, लेकिन इसकी कोई बात ही नहीं कर रहा है।’ ईरान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की बात…‘हमले सिर्फ मिलिट्री साइट पर हो रहे, सिविलियन इलाके सुरक्षित’जंग के हालात बने 3 दिन हो गए, लेकिन ईरान में सड़कों पर चहल-पहल कम नहीं हुई है। लोग यहां बाहर निकल रहे हैं। हालांकि सरकार कम्युनिकेशन चैनल्स पर सख्ती बरत रही है। वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद कर दिए गए हैं। जो भी सोशल मीडिया चैनल्स चल रहे हैं, वो सिर्फ VPN की मदद से चल रहे हैं। इसके अलावा इंटरनेट भी स्लो कर दिया गया है। कारगिल के रहने वाले विलायत काचो ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम में रहते हैं। वे कहते हैं, ‘हमारी यूनिवर्सिटी के आसपास और शहर में तो सब कुछ आम दिनों की तरह लग रहा है। फिलहाल मुझे नहीं लग रहा कि ईरान से बाहर जाने की जरूरत है। जंग अभी शुरुआती स्टेज में है, अगर आगे बढ़ती है तो मुझे लगता है कि यहां मौजूद इंडियन एंबेसी हमें सुरक्षित भारत भेजने की कोशिश करेगी।’ ’हम नॉर्मल दिनों की तरह बाहर जा रहे हैं। मार्केट खुले हुए हैं। गाड़ियां चल रही हैं। हम क्लास अटेंड कर रहे हैं। शनिवार को ईद के बाद एक सेलिब्रेशन रखा गया था, हमने वो भी सेलिब्रेट किया। ईरान में रहते हुए हमें अभी तो कोई दिक्कत नहीं हुई है।’ इंटरनेट डाउन, मैसेजिंग एप और सोशल मीडिया बंदइंटरनेट की क्या स्थिति है? क्या मैसेजिंग एप और सोशल मीडिया चैनल्स काम कर रहे हैं? इसके जवाब में विलायत कहते हैं कि इजराइल के हमले के बाद से इंटरनेट स्लो हो गया है। वॉट्सएप बंद कर दिया गया और कई दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी पाबंदियां लगानी शुरू कर दी गई हैं। हालांकि खाने-पीने से लेकर आम जिंदगी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं आया है। अभी हमारे आसपास ऐसा कुछ नहीं हुआ है, जिसकी वजह से खौफ का माहौल हो। मुझे उम्मीद है कि अगर हालात बिगड़े तो इंडियन एंबेसी हमारे लिए इंतजाम करेगी।’ ईरान में इंडियन एंबेसी ने यहां रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उसमें कहा गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए यहां रहने वाले भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों को दूतावास के साथ संपर्क में रहना है। ईरान में गैरजरूरी मूवमेंट न करें। अपडेट्स के लिए एंबेसी का सोशल मीडिया पेज देखते रहें।’ एंबेसी ने ईरान में रह रहे भारतीयों के लिए इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर भी जारी किए हैं। अब बात इजराइल की…‘अब तक का सबसे खौफनाक माहौल, काम कर रहा नया अलर्ट सिस्टम’इजराइल में 32,000 भारतीय रह रहे हैं। इनमें से 12,000 अक्टूबर 2023 से मार्च 2025 के बीच इजराइल गए हैं। इसके अलावा कई इंडियन स्टूडेंट्स यहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हीं में से एक सूरज रंजन केरल के रहने वाले हैं और 2021 से इजराइल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। सूरज हाइफा यूनिवर्सिटी में पीएचडी के स्टूडेंट है और करीब 4 साल से हाइफा शहर में रह रहे हैं। पिछले 4 साल में यहां जो कुछ घटा, उन्होंने वो सब देखा और महसूस किया है, चाहे 2023 में इजराइल पर हमास का हमला हो या फिर हिजबुल्ला और हूती की ओर से होने वाले मिसाइल हमले हों। सूरज बताते हैं, ’कल रात को ही हाइफा में अलार्म (सायरन) बजने लगे। हालांकि इसके बारे हमें पहले से ही फोन पर बताया गया था। हर अपार्टमेंट में एक बॉम्ब शेल्टर होता है, जिसे यहां ‘ममाद’ कहा जाता है। सायरन बजते ही कुछ सेकेंड के अंदर हमें उस शेल्टर में जाना होता है।’ सूरज बताते हैं, ‘इस बार हालात सबसे ज्यादा डरावने हैं। ईरान के साथ सीधे युद्ध में इजराइल ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। हमास के हमले के वक्त भी खौफ था, लेकिन इस बार खौफ कुछ ज्यादा है।‘ ‘इजराइल में एक नया अलर्ट सिस्टम काम कर रहा है। पहले जब सायरन बजता था, तब हमें बॉम्ब शेल्टर में जाना होता था। अब काफी पहले ही लोकल प्रशासन हमें अलर्ट कर देता है कि शेल्टर के पास ही रहें, कभी भी बॉम्ब शेल्टर में जाना पड़ सकता है। इस वजह से हमें बॉम्ब शेल्टर में सुरक्षित पहुंचने के लिए ज्यादा वक्त मिल जाता है।’ सूरज बताते हैं, ‘शुक्रवार को इजराइल में ‘शबाद’ की वजह से छुट्टी जैसा माहौल होता है। युद्ध के हालात के बाद सड़कों और बाजारों में तो सन्नाटा पसरा हुआ है।‘ यूनिवर्सिटी में भी रौनक कम हो गई है। शनिवार रात हमने यूनिवर्सिटी के पास भी धमाकों की कई आवाजें सुनी थीं। उन धमाकों के बाद काफी देर तक मुझे अपने कमरे में कंपन महसूस होता रहा। शायद आसपास कोई मिसाइल गिरी हो। हालांकि ईरान की तरह इजराइल में इंटरनेट की स्पीड और कनेक्टिविटी में कोई दिक्कत नहीं है। सारे मैसेजिंग एप और सोशल मीडिया चैनल्स काम कर रहे हैं। इजराइल में लोकल प्रशासन इन चैनल्स का इस्तेमाल करके लोगों को अलर्ट कर रहे हैं। इसी पर पूरा इजराइली सिविलियन अलर्ट सिस्टम काम कर रहा है। सूरज इजराइल में मौजूद इंडियन एंबेसी के कॉन्टैक्ट में हैं। समय-समय पर एंबेसी भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी कर रही है। दूतावास ने भी इजराइल में रह रहे भारतीयों के लिए इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं। एक्सपर्ट बोले- भारतीयों की सेफ्टी पहली चिंताभारत के ईरान और इजराइल दोनों से अच्छे ताल्लुकात हैं। हालांकि भारत की डिफेंस और रणनीतिक साझेदारी हाल के वर्षों में इजराइल से काफी अच्छी रही है। भारत ने जब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया तो इजराइल अकेला देश था, जो भारत के साथ मजबूती से खड़ा दिखा। ऐसे में इजराइल और ईरान की जंग अगर आगे बढ़ती है तो इसका भारत पर क्या असर होगा। इसे हमने विदेश नीति के जानकारों के नजरिए से समझने की कोशिश की। हमने मिडिल ईस्ट से जुड़े मामलों के जानकार प्रोफेसर उमैर अनस से बात की, जो तुर्किये की अंकारा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। प्रोफेसर उमैर बताते हैं, ‘इजराइल-ईरान संकट के बीच भारत की दो चिंताएं रहेंगी। पहला, जो भारतीय इन दोनों देशों में रह रहे हैं, उनकी सुरक्षा का सवाल। अगर तनाव ज्यादा बढ़ता है तो इन लोगों का रेस्क्यू करना। दूसरा, पश्चिम एशिया पर निर्भर भारत का एनर्जी सेक्टर, जिसमें कच्चा तेल सबसे अहम है। भारत के लिए ईरान-इजराइल में चुनाव करना मुश्किल होगाप्रोफेसर उमैर कहते हैं, ‘ईरान और इजराइल में अगर युद्ध लंबा चलता है, तो कच्चे तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी और इसकी वजह से भारत में महंगाई बढ़ने का खतरा रहेगा। भारत का बैलेंस ऑफ ट्रेड भी खराब होगा और भारत को आर्थिक रूप से नुकसान होगा। हालांकि ये असर बहुत बड़ा नहीं होगा क्योंकि भारत ईरान से बहुत कम तेल खरीदता है, भारत का ज्यादातर तेल खाड़ी देशों से आता है।‘ ‘भारत के ईरान और इजराइल दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं। ऐसे में भारत को एक देश चुनने में मुश्किल पेश आएगी।‘ अगर भारत ईरान का साथ देता है तो भारत के अमेरिका, इजराइल और पश्चिमी देशों से रिश्ते खराब होंगे। वहीं, इजराइल का साथ देने पर खाड़ी के इस्लामिक देश नाराज हो सकते हैं। ‘पाकिस्तान के मामले में ईरान और इजराइल दोनों अलग-अलग स्तर पर मदद करते रहे हैं। ऐसे में भारत बिल्कुल नहीं चाहेगा कि तनाव के बाद ईरान को बहुत ज्यादा नुकसान हो। भारत दोनों देशों से तनाव से पीछे हटने की गुजारिश करेगा और अपनी भूमिका निभाएगा। भारत की भूमिका इस संकट को काबू में रखने की ही होगी।‘ भारत दोनों देशों के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश करेगास्ट्रैटजिक एंड फॉरेन अफेयर्स के एक्सपर्ट सौरभ कुमार शाही कहते हैं, ‘इंटरनेशनल कानून के मुताबिक इजराइल ने ईरान पर जो हमला किया, वो गलत है। न्यूक्लियर साइट पर हमला भी गैरकानूनी है। अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा रहेगा। ऐसे में भारत को अपने कदम सोच-समझकर रखने होंगे।‘ भारत भले ही इजराइल का दोस्त है। दूसरी तरफ भारत के ईरान से पिछले कुछ सालों में अच्छे संबंध रहे हैं। भारत दोनों देशों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर सकता है और किसी एक देश की आलोचना करने से बचता दिखाई देगा। दिल्ली में JNU के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन में एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं, ‘इजराइल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति में भारत की विदेश नीति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। भारत के दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं। दूसरी और भारत की ना तो युद्ध रुकवाने की कोई क्षमता है, ना ही भारत कोई सलाह देने की स्थिति में होगा। हमारे कहने से ईरान और इजराइल दोनों ही नहीं मानेंगे।‘ ............................ इजराइल-ईरान टेंशन पर ये खबरें भी पढ़िए... 1. कच्चा तेल 10% चढ़ा, ईरान ने रास्ता रोका तो महंगे होंगे पेट्रोल-डीजल इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, तो तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। इस रास्ते से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है। अगर ईरान ने रास्ता ब्लॉक किया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है। पढ़िए पूरी खबर.. 2. इजराइली एयर स्ट्राइक में 78 की मौत, नेतन्याहू ने मोदी से बात की इजराइल की एयरस्ट्राइक में 78 लोगों की मौत हुई है। इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने सभी ड्रोन मार गिराए। इस बीच इजराइली PM नेतन्याहू ने PM मोदी से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट के हालात की जानकारी दी। पढ़िए पूरी खबर..

दैनिक भास्कर 16 Jun 2025 4:00 am

’दुकान हटाकर तुलसी मंच बनाया, कहा- जय श्रीराम बोलो’:पश्चिम बंगाल में हिंसा-तोड़फोड़, हिंदू बोले- आरोप झूठे, मंदिर पर हमला-दुकानें लूटीं

‘जुनैद यहां कई सालों से दुकान लगा रहा है। वो ईद पर घर गया था। तभी मंदिर के लोगों ने उसकी दुकान हटाकर तुलसी का पौधा लगा दिया। उससे कहा गया कि अब वो मंदिर के सामने फल की दुकान नहीं लगा सकता है। यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ।’ मोहम्मद शाहिद साउथ 24 परगना के रबिंद्रनगर इलाके में दुकान चलाते हैं। वे हमें यहां हुई हिंसक झड़प की वजह समझाते हैं। दरअसल यहां 11 जून को दो गुटों के बीच हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। भीड़ ने रबिंद्रनगर और अकरा फाटक मार्केट में आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इसमें 70 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें 5 पुलिसकर्मी भी हैं। इलाके में रहने वाले हिंदुओं का आरोप है कि मुस्लिम यहां मंदिर के सामने तुलसी का मंच नहीं बनने देना चाह रहे, इसी को लेकर सारा विवाद हुआ। मुस्लिम दुकानदारों की भीड़ ने जानबूझकर हिंदुओं को निशाना बनाया। दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। भीड़ ने मंदिर पर ईंट और पत्थर भी फेंके। पुलिस ने इस मामले में अब तक 7 FIR दर्ज कर कुल 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से विस्फोटक बनाने का सामान भी जब्त किया गया है। पुलिस हिंसा और तोड़फोड़ में दोनों पक्षों की भूमिका की जांच कर रही है। दैनिक भास्कर की टीम ने कोलकाता के महेशतला में रबिंद्रनगर इलाके पहुंचकर प्रभावितों से बात की और पूरा मामला समझा… हिंदू पक्ष का आरोप…'मंदिर के सामने दुकान लगाई, हटाने पर भड़का विवाद'हम कोलकाता से 15 किलोमीटर दूर रबिंद्रनगर इलाके पहुंचे। यहां घटना के वक्त मौजूद रूबाई घोष मिले। विवाद और झड़प के बारे में पूछने पर वे बताते हैं, ‘बहुत मामूली सी वजह से विवाद हुआ। यहां जुनैद पहले सड़क के किनारे बैठकर फल बेचता था। फिर बड़ी रेहड़ी लगाने लगा। हम लोगों ने मना किया क्योंकि रेहड़ी पूरी सड़क घेर लेती थी।‘ ‘जब ईद पर वो घर गया, तभी आस-पास के लोगों ने उसकी रेहड़ी की जगह तुलसी का पौधा लगा दिया और मंच बनवा दिया। वो लौटकर आरोप लगाने लगा कि हम लोग उसे 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं। जबकि हमने ऐसा कुछ भी नहीं कहा। इसके बाद ही यहां हंगामा शुरू हुआ।‘ ‘मुस्लिम दुकानदार बुधवार (11 जून) के दिन दुकानें बंद रखते हैं। वे सब इकट्ठे होकर जुनैद के साथ आ गए। 100-200 लोगों की भीड़ देखते-ही-देखते 1000-2000 की हो गई।' यहीं हमें अविजित दास मिले। वे बताते हैं, 'हम लोग कई बार जुनैद उर्फ राजू से मंदिर के सामने से दुकान हटाने को कह चुके थे। उसने हमारी बात ही नहीं सुनी। वो जबरदस्ती वहां बैठता था।' हिंसा और झड़प की बात पर वे कहते हैं, 'मुस्लिम पक्ष बैठकर भी बात कर सकता था, लेकिन उन्होंने हिंसा का रास्ता अपनाया।' 2 से 3 हजार की भीड़ आई, पुलिस की दो गाड़ियां भी कंट्रोल नहीं कर पाईंविजेंद्र गोस्वामी का कहना है कि एक फलवाला ही सबको बवाल करने के लिए बुलाकर लाया था। उसे दुकान लगाते साल भर ही हुए हैं। जब हमने पूछा कि उसने जबरदस्ती धार्मिक नारे लगवाने का आरोप भी लगाया है। इस पर विजेंद्र कहते हैं, ‘हम लोगों ने किसी को 'जय श्री राम' बोलने के लिए नहीं कहा, ये सब झूठ है।' झड़प वाले दिन क्या-क्या हुआ, यहां मिले विजेंद्र गोस्वामी पूरा मामला समझाते हैं। वे बताते हैं, थाने के पास ही एक छोटा मंदिर है, वहीं सारा विवाद हुआ। मसला बातचीत से सुलझ जाता, लेकिन आसपास के इलाके से 2 से 3 हजार लोग आ गए और हिंसा करने लगे। पुलिस की दो गाड़ियां मौके पर आईं, लेकिन भीड़ को कंट्रोल नहीं कर पाईं। 'भीड़ ने पुलिस को भी नहीं छोड़ा। थाना इंचार्ज को हाथ पर गंभीर चोट आई है। उनका सिर भी फट गया। शिव मंदिर अंदर से तोड़ने की कोशिश की गई। मंदिर के अंदर से काफी ईंट-पत्थर भी मिले हैं। इतना ही नहीं, भीड़ बाजार में घुस आई और दुकानों में लूटपाट करने लगी। दुकानों से आलू, चावल और मसालों की बोरियां तक उठा ले गए। रास्ते में जो भी गाड़ी मिली, उसमें तोड़फोड़ की।' सिर्फ हिंदुओं की दुकानें लूटीं, मुस्लिमों की दुकानें छोड़ दींबिहार के भोला सिंह पिछले 20 साल से रबिंद्रनगर में रह रहे हैं। उनकी दुकान मंदिर के बगल में है। भीड़ ने उनकी दुकान में भी लूटपाट की थी। वे कहते हैं, 'उस दिन विवाद शुरू ही हुआ था कि जुनैद की पत्नी रानी भीड़ बुला लाई। धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करने वाली बात भी उसने ही बोली। ये सब प्लानिंग के साथ हुआ।' 'उन्होंने जानबूझकर बुधवार का दिन चुना क्योंकि उस दिन मुस्लिम दुकानदारों की छुट्टी रहती है। भीड़ ने सिर्फ हिंदुओं की दुकानें लूटीं, मुस्लिमों की दुकानें छोड़ दीं।' हिंसा में घायल हुए अरबिंदो बालो बताते हैं, ‘यहां हनुमान, शिव और कृष्ण मंदिर हैं, लेकिन मुस्लिम लोग हमें मंदिर के सामने तुलसी का मंच नहीं बनाने दे रहे। उस दिन भीड़ ने मंदिर पर ईंट-पत्थर फेंके। मुझे सिर पर गंभीर चोट आई। भीड़ में ज्यादातर मुस्लिम ही थे। मुश्किल से 10-15 ही हिंदू रहे होंगे।’ ‘उस वक्त मौके पर मुश्किल से 30 पुलिसकर्मी ही थे, जबकि भीड़ हजारों में थी। भीड़ में मोहल्ले के आसपास के ही लोग नजर आ रहे थे। पुलिसवाले खुद परेशान थे। वो अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। सबसे पहले उन पर ही हमला हुआ था। उसके बाद हमें और मंदिर को निशाना बनाया गया।' मुस्लिम पक्ष बोला…हमें दुकान हटाने और जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर कियाइसके बाद हम जुनैद के घर पहुंचे, जिसकी दुकान हटाने को लेकर सारा विवाद शुरू हुआ। घर पर ताला लगा मिला। घटना के बाद से ही वो और उसकी पत्नी रानी दोनों पुलिस की हिरासत में हैं। हमें उनके पड़ोस में रहने वाली नुसरत बीबी मिलीं। उनका दामाद भी पुलिस कस्टडी में है। नुसरत कहती हैं, 'मेरा दामाद काम करके शाम को घर लौटा था। हाथ-मुंह धोकर खाना खाया और सो गया। अगले दिन सुबह 4 बजे पुलिस उसे घर से उठा ले गई।' 'हमें तो पता भी नहीं था कि मोहल्ले में हंगामा हो रहा है। न ही हमारे मोहल्ले का कोई आदमी इसमें शामिल था। यहां फल की दुकान लगाने वालों को कुछ समय से परेशान किया जा रहा है। ये सब सिर्फ मुस्लिमों के साथ हो रहा है।' 'हम जहां फल, सब्जी और फूल बेचते हैं, वहां तुलसी का पौधा लगा दिया गया।’ धार्मिक नारे लगाने की बात पूछने पर वह कहती हैं, ‘हम ये नहीं जानते कि किसी को 'जय श्री राम' का नारा लगाने को बोला गया या नहीं।' कासिम पिछले 40 साल से रबिंद्रनगर में रह रहे हैं। वे बताते हैं, 'पहले कभी ऐसा विवाद या हिंसा नहीं हुई। जुनैद पिछले 30 साल से यहां रह रहा और दुकान लगा रहा है। आज तक किसी ने उसे कुछ नहीं कहा। अब उसे मंदिर के सामने दुकान लगाने से रोक रहे हैं। 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं इसीलिए हंगामा हुआ। दोनों पक्षों में बहस हुई, जिसके बाद भीड़ जमा हो गई।' यहां सब गरीब, कोई बेवजह बवाल नहीं करेगाइसी मोहल्ले में रहने वाले मोहम्मद शाहिद घटना के वक्त जुनैद के साथ थे। वे बताते हैं, 'हम सालों से यहां मिलकर रह रहे हैं। ये सब साजिश के तहत हुआ है। पुलिस ने अपना काम अच्छे से किया। जो भी दोषी है, उसे सजा मिलनी चाहिए।' इलाके में रहने वाली अम्बिया बेगम कहती हैं, 'कोई मुस्लिम अगर अपना ठेला लगा रहा है या दुकान चला रहा है तो उससे किसी को क्या दिक्कत हो सकती है? मुस्लिमों को कभी आतंकवादी बोल दिया जाता है। सब यहां गरीब हैं। यहां कोई भी जबरदस्ती झगड़ा नहीं करेगा, जब तक कि उसके साथ कुछ न हुआ हो। हमें झगड़ा सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।' मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ये घटना राजनीतिक मकसद से हुई। इफ्तिखार अहमद कहते हैं, 'थाने के पास हम लोग सालों से दुकान लगाते हैं। किसी ने कुछ नहीं बोला। वहीं पर मंदिर भी है। जुनैद की दुकान की जगह तुलसी का पौधा लगाने से हिंसा शुरू हुई।' पुलिस 3 हिस्सों में कर रही मामले की जांचमामले को लेकर एडिशनल एसपी मिथुन कुमार डे ने बताया कि पुलिस ने तीन हिस्सों में जांच की। वे कहते हैं, 'घटना रबिंद्रनगर पुलिस स्टेशन के पास हुई। हम इस पहलू की जांच कर रहे हैं कि क्या पुलिस एक्टिव नहीं थी। दूसरी बात, इसमें मुसलमानों की क्या भूमिका है। तीसरा, हिंदू पक्ष की हिंसा भड़काने में क्या भूमिका रही। महेशतला और बुगी-बुगी में रेड भी डाली गई है।' पुलिस ने इस केस में 7 FIR दर्ज कर कुल 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से विस्फोटक बनाने का सामान जैसे-सोडियम पाउडर, 10 किग्रा एल्युमिनियम पाउडर, फॉस्फोरस डस्ट, रेड सल्फर और आयरन डस्ट जब्त किया है। पुलिस के मुताबिक, ये एक प्लानिंग के साथ की गई कोशिश थी। भीड़ इलाके का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की मंशा से आई थी। डायमंड हार्बर SP राहुल गोस्वामी ने बताया- पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घटना के वक्त कोलकाता और बंगाल पुलिस दोनों की टीम मौजूद थी। उनका इलाज चल रहा है। अब जानते हैं आखिर सियासी पार्टियां क्या कह रहीं… BJP ने कहा: जिहादियों ने पुलिस के होते हुए मंदिर और हिंदुओं पर हमला कियाहिंसा के अगले दिन यानी 12 जून को BJP लीडर सुकांता मजूमदार, अग्निमित्र पॉल और सुवेंदु अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। उनके साथ भारी भीड़ थी। सुवेंदु अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'महेशतला के रबिंद्रनगर में 2000 जिहादी घुस आए, जबकि वहीं पर पुलिस स्टेशन था। उन्होंने मंदिर पर हमला किया, तुलसी मंच को निशाना बनाया। हिंदुओं के इलाके में घुसकर उन पर हमला किया। उनकी दुकानें तोड़ दीं।’ ‘मेरी बांग्ला पुलिस से गुजारिश है कि बिना देरी किए दोषियों पर कार्रवाई की जाए। ममता के राज में हिंदू और उनके मंदिर सुरक्षित नहीं हैं। हर जगह ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। यहां सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती हो, जैसा मुर्शिदाबाद में दंगों के दौरान किया गया था।' TMC बोली: ये सब BJP की साजिश TMC सभी आरोपों को खारिज कर रही है। पार्टी का कहना है कि विपक्ष एक लोकल मुद्दे को सियासी रंग देने की कोशिश कर रहा है। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष कहते हैं, 'महेशतला (रवींद्रनगर) में जो कुछ हुआ, उसके पीछे BJP की साजिश है। पुलिस ने घटना को काबू में कर लिया। उसके बाद उन्होंने जांच शुरू की। पुलिस को बड़ी मात्रा में बम बनाने का सामान भी मिला है।' 'पुलिस ने नबीन चंद्र रॉय को गिरफ्तार किया है। वो BJP और RSS कार्यकर्ता है। पहले भी वो पुलिस से हाथापाई कर चुका है। रामनवमी पर उसने पुलिस बैरिकेड तोड़ा था। उसका मॉडस ऑपरेंडी यही है कि उकसाओ और हमला करो। BJP ने इसकी प्लानिंग की थी। वो अशांति फैलाना चाहती है।' ..................... ये खबर भी पढ़ें... 'भगवान नहीं, अपने अल्लाह के नाम पर काम करें' BJP युवा मोर्चा के मंत्री विपिन पांडे हल्द्वानी में एक दुकान से दूसरी दुकान पर जाकर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को कह रहे हैं। उनका कहना है, 'ये बोर्ड हटाकर अपना नाम लिखो। ये हिंदू-मुस्लिम का मामला नहीं है। हमें पता होना चाहिए, हमारा दुकानदार किस धर्म का है। हमें पता तो हो कि हम जो सामान खरीदकर भगवान को चढ़ा रहे, उसे कौन बेच रहा है। वो पूरी तरह शुद्ध है भी या नहीं।' पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Jun 2025 4:00 am

प्लेन से कम कीमत, 5 देश घुमाएगी ये ट्रेन, गर्मी की छुट्टियों में आएगी मौज

Poland Train: आपने अक्सर देखा होगा कि लोग एक देश से दूसरे देश की यात्रा करने के लिए फ्लाइट का यूज करते हैं. हालांकि पोलैंड से एक ऐसी ट्रेन चलने जा रही है जो पांच देशों का सैर कराएगी और सबसे खास बात ये है कि इसके टिकट की कीमत प्लेन से भी कम है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 11:50 pm

अंतरिक्ष में अब Starlink Vs Kuiper की जंग! मस्क को टक्कर देने उतरे बेजोस, इंटरनेट की दुनिया में मचेगा तहलका

इंटरनेट की दुनिया में बड़ा तहलका मचने वाला है, क्योंकि अभी तक सैटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में इकलौते एलन मस्क बादशाह थे लेकिन अब उन्हें टक्कर देने के लिए जेफ बेजोस भी आ चुके हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 11:15 pm

ये क्या! अब जंग का भी सूरमा बना AI, फाइटर पायलट को मात देकर मचाया हाहाकार; सब रह गए हैरान

Sweden AI Fighter Pilots: AI तकनीक ने काफी हद तक लोगों का जीवन आसान कर दिया है. AI तकनीक की वजह से न केवल काम में तेजी आई है बल्कि ये युद्ध करने में भी माहिर हो गए हैं, स्वीडन में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 10:59 pm

PM Modi Cyprus Visit: G7 समिट दौरे में PM मोदी ने साइप्रस और क्रोशिया को क्यों किया शामिल? एक्सपर्ट कह रहे 'स्मार्ट मूव'

PM Modi Cyprus Visit News: पीएम मोदी को कनाडा में हो रहे जी7 समिट में शामिल होने जाना था. लेकिन उन्होंने इस दौरे में अचानक साइप्रस और क्रोशिया को भी शामिल कर लिया. ऐसा करके पीएम मोदी ने वो डिप्लोमेटिक मूव चल दिया है, जिसके बारे में दुश्मन मुल्क सोच भी नहीं रहे थे.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 10:20 pm

छोड़िये जिम, वर्कआउट, यहां तो 'तोंद' वाले पर मरती हैं लड़कियां, जितना बड़ा पेट; मर्द उतना सुपरहिट

Southern Ethiopia: खुद को फिट रखने के लिए लोग खाने- पीने पर विशेष ध्यान देते हैं. वर्कआउट करते हैं और अपनी डाइट में उन्हीं चीजों को शामिल करते हैं जिससे वो फिट रहें, लेकिन एक ऐसा देश हैं जहां पर बढ़ी हुई तोंद वालों को काफी ज्यादा सम्मान मिलता है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 10:15 pm

हमले से पहले ही ईरान में मोसाद ने भेज दिया था बारूद, फिदायीन बनकर घूम रही थीं गाड़ियां, ड्रोन्स को था इशारे का इंतजार

Israel Attack on Iran: इजरायल और ईरान एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. हालांकि इजरायल ने जो हमला ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया है, उसकी तैयारी उसने बहुत पहले कर ली थी. मोसाद पहले से ही ईरान में एक्टिव हो चुका था.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 7:21 pm

आसमान में मिसाइलें... नीचे लाउड म्यूजिक, डांस और... इजरायल-ईरान की जंग के बीच रूफ टॉप पार्टी का वीडियो वायरल

Viral Video:सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में छत पर पार्टी चल रही है. लाउड म्यूजिक के बीच डीजे काभी इंतजामहै. रात के वक्त आसमान में मिसाइलों और ड्रोन की हलचलों के बीच हिजबुल्लाह के गांव में जश्न चल रहा है. गाना बज रहा है, वीडियो बन रहा है. मिसाइलों की आवाजाही के बीच हो रही पावरी (पार्टी) हो रही है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 4:57 pm

बस कुछ दिन और फिर चारों तरफ मचेगी तबाही! 2025 को लेकर नास्त्रेदमस ये क्या लिख गए?

Nostradamus Predictions:नास्त्रेदमसने 2025 को लेकर भी काफी कुछ लिखा है. उनकी कविताओं को पढ़ने के बाद कुछ लोगों अर्थ निकाला है कि यह साल दुनिया के लिए बेहद मुश्किल होने वाला है. चलिए जानते हैं:-

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 3:29 pm

एक तीर से 4 निशाने.. साइप्रस पहुंच रहे पीएम मोदी, PAK के दो यारों के छूट जाएंगे पसीने

PM Modi Cyprus visit: पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन और तुर्किये पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के हितों को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस देश में पहुंचते ही पाकिस्तान के चेहरे की हवाइयां उड़ने वाली हैं. ये देश कोई और नहीं बल्कि साइप्रस है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 2:00 pm

'अमेरिकी सेना की पूरी ताकत...', इजरायल-ईरान तनाव के बीच ट्रंप की खामेनेई को बड़ी धमकी, क्या है US का प्लान?

US On Iran-Israel Conflict: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव में अब डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को लेकर बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर ईरान को धमकी भरा संदेश लिखा है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 1:36 pm

भारत किसकी तरफ..? इजरायल ईरान युद्ध से पूरी दुनिया में दो फाड़, कौन किसको कर रहा सपोर्ट

Israel Iran War: भारत ने शंघाई सहयोग संगठन SCO के उस बयान में भी भाग नहीं लिया जिसमें इजरायल की कार्रवाई की निंदा की गई थी. विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि भारत बातचीत और कूटनीति के जरिए तनाव कम करने का पक्षधर है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 1:18 pm

इस देश में तंबाकू पर लगा है बैन, भारी पड़ सकता है धूम्रपान करना

Tobacoo Ban In Bhutan:भूटान में तंबाकू पर प्रतिबंध लगा है. यहां इसके खरीदने, बेचने और उगाने पर सजा का प्रावधान है. भूटान ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 1:01 pm

4 दिन, 3 देश, G7 समिट और 27745 का सफर... ऑपरेशन सिंदूर के बाद PM नरेंद्र मोदी के पहले विदेश दौरे का पूरा कार्यक्रम

PM Modi Videsh yatra: पीएम मोदी अपने 4 दिवसीय विदेश यात्रा के लिए रवाना हो चुके हैं. इस दौरान वह साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे. भारत के लिए यह यात्रा बेहद महत्व रखता है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 10:51 am

100 को गोलियों से भूना, कमरों में जिंदा जलाए लोग...नाइजीरिया में नरसंहार का खौफनाक मंजर

Nigeria News: नाइजीरिया के एक गांव में भीषण नरसंहार हुआ है. यहां कुछ बंदूकधारियों ने कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी और कई लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 9:57 am

इजरायल पर ईरानी मिसाइलों की ताबड़तोड़ बारिश, 14 घायल; IDF ने ईरान में न्यूक्लियर प्रोजेक्ट, गैस फील्ड और ऑयल डिपो को निशाना बनाया

Iran Attack On Israel: ईरान और इजरायल एक दूसरे पर लगातार मिसाइलों से हमला कर रहे हैं. वहीं ईरान की कई मिसाइलें तेल अवीव के रिहायशी इलाकों में पहुंची हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 7:40 am

ट्रंप को हैप्पी बर्थडे के लिए पुतिन ने किया कॉल, फोन पर ही इजरायल-ईरान युद्ध की हो गई बात!

Israel-Iran War: इस बातचीत के दौरान ट्रंप ने यह भी जानकारी दी कि रूस और यूक्रेन के बीच कैदियों की अदला-बदली की योजना पर भी काम चल रहा है और दोनों पक्षों से बड़ी संख्या में बंदियों की रिहाई जल्द की जाएगी.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 6:53 am

बहू साथ पकड़ा गया कंपाउंडर तो सास को काट डाला:सबूत मिटाने के लिए उसके बेटे को भी मार डाला, जज बोले-इसे फांसी हो; ओढव डबल मर्डर,पार्ट-3

3 जून 2017 की रात 8 बजे का वक्त। जगह अहमदाबाद का ओढव सिटी। कंधे पर झोला टांगे 34-35 साल का एक आदमी मकान नंबर D/147 में घुसा। 55 साल की महिला उसे देखते ही बोल पड़ी- ‘तुम…अब क्या है तुम्हारा यहां, जो आए हो।’ आदमी बोला- ‘बहुत बीमार रहती हो न अम्मा। मैंने सोचा घर आकर इलाज कर देता हूं।’ उसने झोले से कुल्हाड़ी निकाली और महिला के सिर पर दनादन वार करने लगा। महिला का सिर टुकड़ों में बंट गया। खून से सने अपने हाथ झटकते हुए वह बुदबुदाया, ‘जब भी उससे संबंध बनाता, ये #@$%b बीच में आ जाती थी।’ इसी बीच दरवाजे की घंटी बजी। सामने 36 साल का एक आदमी खड़ा था। उसने अंदर घुसते ही सकपकाते हुए बोला-‘ये खून किसका है। तुमने मां को मार दिया… नहीं, नहीं।’ कातिल बोला- ‘हां, चलो तुझे भी उसके पास भेज देता हूं।’ उसने कुल्हाड़ी से उस आदमी को भी काट डाला। दौड़कर हॉल से एक बोरी लाया और लाश उसमें ठूंस दी। कातिल पूरी तरफ थक चुका था। वह बेड रूम में गया और पलंग पर फैलकर लेट गया। 3.30 बजे वह जागा। सारे औजार झोले में रखा और दरवाजा खोलकर निकल गया। 3 दिन बाद पुलिस को उस मकान से 2 कटी-फटी लाश मिलीं। ये लाश कंचनबेन और उसके बेटे विपुल की थी। विपुल की भाभी ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी सुजाता का एक कंपाउंडर से चक्कर चल रहा था। जिसके चलते परिवार में कलह मची थी। पुलिस को मकान नंबर D/147 से श्रीराम हॉस्पिटल की एक पर्ची मिली। इंस्पेक्टर एनएल देसाई को शक हुआ कि कहीं इसी हॉस्पिटल के कंपाउंडर से सुजाता का चक्कर तो नहीं था। वे फौरन हॉस्पिटल पहुंच गए। वहां बलदेव नाम का कंपाउंडर मिला। इंस्पेक्टर देसाई ने कंचनबेन और विपुल की फोटो दिखाते हुए कंपाउंडर से पूछा- 'इन्हें पहचानते हो?' हां साहब… ये कंचनबेन यहां इलाज कराने आती थी। इनकी हत्या किसने की? हत्या… कब… मुझे कुछ नहीं पता साहब। इसके बाद इंस्पेक्टर देसाई थाने आ गए। उसी दिन एक कॉन्स्टेबल ने उन्हें घटना के दिन की सीसीटीवी फुटेज दिखाई। इंस्पेक्टर का दिमाग ठनका… अरे ये तो कंपाउंडर बलदेव जैसा ही दिख रहा। इंस्पेक्टर देसाई हॉस्पिटल पहुंचे तो कंपाउंडर गायब था। दैनिक भास्कर की सीरीज ‘मृत्युदंड’ में ओढव डबल मर्डर केस के पार्ट-1 और पार्ट-2 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-2 में आगे की कहानी… पुलिस ने कालूपुर रेलवे स्टेशन से कंपाउंडर बलदेवभाई चौहान को पकड़ लिया। बलदेवभाई को थाने लाया गया। इधर, एनएल देसाई की एक टीम सतारा के शिवनगर से विपुल की पत्नी सुजाता को भी लेकर थाने पहुंच गई। इंस्पेक्टर देसाई ने सुजाता से पूछा- ‘तुम्हारी सास और पति की हत्या किसने की है?’ डरते हुए सुजाता बोली- ‘नहीं साहब, मुझे कुछ नहीं पता। पति से लड़ाई के बाद मैं मायके आ गई थी।’ ‘किस बात पर लड़ाई हुई थी?’, एनएल देसाई ने सख्ती से पूछा। ‘घरेलू बातों को लेकर। मेरी एक बेटी है वैष्णवी। यह पहले पति से है। इसको लेकर हमारे बीच लड़ाई होती रहती थी।’ इतना कहते-कहते सुजाता रुक गई। पुलिस को शक हुआ कि ये कुछ छुपा रही है। इंस्पेक्टर देसाई ने महिला कॉन्स्टेबल को आवाज देकर बुलाया और कहा- ‘इसे दो हंटर लगाओ तो, तब ये बोलेगी।’ महिला कॉन्स्टेबल ने जैसे ही एक हंटर सुजाता को लगाया, वो फूट-फूटकर रोने लगी। जमीन पर बैठकर पुलिस के पैर पड़ गई। महिला कॉन्स्टेबल ने बाल खींचते हुए उसे कुर्सी पर बिठाया। बोली, ‘सब सच-सच बता दो साहब को, नहीं तो चमड़ी उधेड़ दूंगी।’ सुजाता फफकते हुए बोली- 'साहब… मैं सतारा की रहने वाली हूं। पहले पति से एक बेटी है वैष्णवी। कुछ साल बाद पति की मौत हो गई। मैं विधवा हो गई, तो पिता दूसरा लड़का देखने लगे। इधर, विपुल की अपनी बिरादरी में शादी नहीं हो रही थी। किसी ने बताया, तो पिता ने विपुल के साथ मेरा रिश्ता पक्का कर दिया। उसके घरवाले मेरी बेटी को अपनाने के लिए तैयार थे। बीजापुर के मंदिर में हमारी शादी हो गई। उसके बाद मैं अपनी सास कंचनबेन, पति विपुलभाई और बेटी वैष्णवी के साथ अहमदाबाद आ गई।’ अब इंस्पेक्टर देसाई ने बलदेवभाई से पूछा- ‘क्यों रे, तुमने दोनों को मारा है?’ बलदेवभाई बोला, ‘साहब मुझे इस केस के बारे में कुछ नहीं पता।’ ‘तू अभी भी झूठ बोल रहा है।’ इतना कहते ही इंस्पेक्टर ने उसके गाल पर दो थप्पड़ जड़ दिए। गाल सहलाते हुए बलदेवभाई बोला- ‘साहब मैं सच बोल रहा, मैंने किसी को नहीं मारा।’ इंस्पेक्टर देसाई ने एक कॉन्स्टेबल को आवाज लगाई- ‘इसे हाथ-पैर बांधकर उल्टा लटका दो। फिर डंडे बरसाओ। तब सच बोलेगा ये।’ ऐसा मत करो साहब सब बताता हूं मैं… बलदेव ने हांफते हुए कहा। बलदेव ने बताना शुरू किया- ‘साहब, सुजाता के साथ मेरा एक साल से चक्कर था। ये अपनी सास कंचनबेन को हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर आती थी। धीरे-धीरे यह मुझे अच्छी लगने लगी। हमारी बातचीत होने लगी। इसने बताया कि पति काम पर जाता है। घर में कोई और है नहीं, इसलिए इसे ही सास को लेकर हॉस्पिटल आना पड़ता है। मैं अक्सर डॉक्टर से दिखाने के लिए सुजाता का नंबर पहले लगा देता था। एक रोज सुजाता सास को हॉस्पिटल छोड़कर मेरे पास आ गई। उसने धीरे से कहा- आज पति देर से घर आएगा। तुम हमारे पीछे-पीछे घर चल चलो। ये बूढ़ी दूसरे कमरे में पड़ी रहती है। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। मैंने वैसा ही किया। उसकी सास जैसे ही अपने कमरे में गई, सुजाता ने मुझे अंदर बुला लिया। कमरे में हम दोनों काफी करीब आ गए। हमारे बीच संबंध भी बना। इसी बीच अचानक वो बूढ़ी आ गई। उसने मुझे सुजाता के साथ बेड पर देख लिया। मैं उस दिन किसी तरह वहां से बचकर भाग गया। मेरे जाने के बाद सुजाता ने अपनी सास को धमकाया। उससे कहा कि वो ये बात किसी को नहीं बताएगी। वर्ना वो उसे लेकर डॉक्टर के पास नहीं जाएगी। और खुद जहर खा लेगी। तब बूढ़ी ने ये बात किसी को नहीं बताई। हमें लगने लगा कि अब तो कोई रोकने वाला नहीं है। उसके बाद मैं अक्सर सुजाता के घर जाने लगा। एक शाम मैं सुजाता के साथ उसके कमरे में था। अचानक उसका पति विपुल आ गया। मैं पीछे की दीवार फांदकर भाग गया, लेकिन सुजाता पकड़ी गई। विपुल ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। तब उसकी सास ने भी विपुल से बता दिया कि अस्पताल के कंपाउंडर के साथ इसका चक्कर है। उसने कई बार इसके साथ गलत किया है। उसके बाद विपुल ने सुजाता को मार-पीटकर उसके मायके भेज दिया।’ ‘दोनों को मारने का प्लान कैसे बनाया?’ इंस्पेक्टर देसाई ने बलदेव से पूछा। बलदेव बोला‘, 29 मई को मुझे पता चला कि सुजाता मायके चली गई है। अब मैं उससे नहीं मिल पाऊंगा। उसी वक्त सोच लिया कि दोनों को खत्म कर दूंगा। उसी शाम को मैं कंचनबेन के घर गया। उससे पूछा कि सुजाता को मायके क्यों भेजा, तो वह मेरे साथ धक्का-मुक्की करने लगी। गाली देने लगी। मैं लौट गया। रास्ते में मैंने लोहा-लक्कड़ की दुकान से कुल्हाड़ी, चाकू और गड़ासा खरीदा। फिर 3 जून को उन्हें मारने का प्लान बनाया। कंचनबेन को मारने के बाद मैंने कुल्हाड़ी और गड़ासे का खून विपुल की शर्ट में पोंछ दिया था। ताकि पुलिस को विपुल पर शक हो, लेकिन वो विपुल उसी वक्त आ गया। फिर मुझे उसकी भी हत्या करनी पड़ी।’ ‘कुल्हाड़ी, गड़ासा, चाकू कहां है?’ ‘कमरे में।’ पुलिस ने फिर से बलदेव को दो थप्पड़ जड़ दिया। ‘झूठ बोलता है। बता कहां छुपा रखा है हथियार।’ कांपते हुए बलदेव बोला, ‘हॉस्पिटल के पीछे।’ ‘कैसे छुपाया?’ ‘गढ्ढा खोदकर तीनों औजार को गाड़ दिया और खून से सने कपड़ों को जला दिया।’ पुलिस बलदेव को लेकर श्रीराम हॉस्पिटल पहुंची। अस्पताल के पीछे पड़े बंजर खेतों से तीनों औजार बरामद कर लिए गए। कपड़े की राख और झोले की चेन फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया। एक हफ्ते बाद रिपोर्ट आ गई। उसमें साबित हुआ कि राख और दीवार पर लगे खून के धब्बे, दोनों के सैंपल मैच कर गए हैं। यह सैंपल लाश पर लगे खून से भी मैच कर गया। ओढव पुलिस ने करीब ढाई महीने बाद 24 अगस्त 2017 को बलदेव के खिलाफ अहमदाबाद सिटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। कंचनबेन की तरफ से सरकारी वकील आरएफ पटानी ने कोर्ट में पैरवी की। उन्होंने जज से कहा- 'मी लॉर्ड… हवस का भूखा बलदेव चौहान ने एक मां-बेटे को बेरहमी से मार दिया। उसने इसकी प्लानिंग की थी। 3 जून 2017 की शाम हॉस्पिटल से बहाना बनाकर वह निकला। रास्ते में धारदार हथियार खरीदा। इसने दुकानदार से पूछा भी था कि इससे इंसान तो कट जाएंगे न। उस वक्त तो दुकानदार ने हंसी में कहा कि हां, हां सब कट जाएंगे। उसे क्या पता था कि यह मर्डर करने के लिए हथियार खरीद रहा है। वह तब कंचनबेन के घर में दाखिल हुआ, जब उसका बेटा विपुल ड्यूटी पर गया हुआ था। घर में कंचनबेन अकेले थी। बुजुर्ग महिला ने इसका क्या बिगाड़ा था। उसने तो इसे बहू के साथ गलत काम करते देखा था। अब किसी की बहू, बेटी का गैर मर्द के साथ चक्कर होगा, तो यह बात कैसे बर्दाश्त होगी। मर्डर करने के बाद इसने लाश को छुपाने का भी प्रयास किया। साक्ष्य को छुपाने के लिए पूरे कमरे को साफ किया। हथियार को हॉस्पिटल के पीछे गाड़ा और कपड़े जला दिए। घटना के बाद से आसपास का रहने वाला हर कोई अपनी बहू, बेटी को लेकर सकते में है। इस शैतान को अगर जिंदा छोड़ा जाता है, तो न जाने कितने और घर बर्बाद करेगा। अपनी हवस के लिए और कितने मर्डर करेगा। इसे फांसी की सजा दी जाए।’ अब बचाव पक्ष के एडवोकेट ने दलील दी- ‘हुजूर, इस पूरे मामले में सुजाता के खिलाफ कोई केस नहीं बनाया गया है। किसी ने बलदेव को न मर्डर करते देखा और न ही ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे साबित हो सके कि खून बलदेव ने ही किया है। पुलिस कस्टडी के दौरान जबरन मेरे मुवक्किल से गुनाह कबूल करवाया गया है।' आरएफ पटानी ने उन्हें टोकते हुए कहा- ‘हमने 38 गवाहों के बयान कोर्ट के सामने पेश किए हैं। 3-4 जून की सुबह जब बलदेवभाई कंचनबेन के मकान से निकल रहा था, उस वक्त अमित राणा ने उसे देखा था। हुलिया, कद-काठी देखने के बाद राणा ने बलदेव की पहचान की है। फोरेंसिक रिपोर्ट में भी पता चला है कि जो खून के सैंपल कंचनबेन के कमरे की दीवार पर, फर्श पर और लाश से मिले हैं, वो जलाए गए कपड़ों की राख और झोले की चेन से मिले खून के सैंपल से मैच कर रहा है। इससे ज्यादा ठोस सबूत कोर्ट को क्या चाहिए।’ तब बचाव पक्ष के एडवोकेट ने नरम अंदाज में कहा, ‘अपराध के वक्त आरोपी की उम्र 33 साल थी। उसके आचरण में बदलाव की गुंजाइश है। इसलिए बलदेव को कम-से-कम सजा दी जाए। उसके घर में बुजुर्ग मां है। पूरे घर का दायित्व उसी के ऊपर है।’ दोनों पक्ष की दलील को सुनने के बाद अहमदाबाद सिटी कोर्ट के सेशन जज बीबी जाधव ने 8 जुलाई 2024 को बलदेवभाई चौहान को दोषी करार दिया। फैसले की तारीख दो महीने बाद मुकर्रर की गई। 10 सितंबर 2024 को सेशन जज बीबी जाधव ने अपने फैसले में कहा, ‘अपनी यौन इच्छा पूरी करने के लिए आरोपी बलदेवभाई चौहान ने प्री-प्लांड तरीके से एक मां-बेटे का मर्डर किया और लाश छुपा दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ है कि लाश इतनी सड़ चुकी थी कि मांस हाथ से खींचने से बाहर आ जा रहा था। कीड़े पूरे शरीर में बजबजा रहे थे। यह इंसान का नहीं, इंसानियत का मर्डर है। घटना के वक्त आरोपी बलदेव की उम्र 32 साल थी और कंचनबेन की उम्र 55 साल। कंचनबेन की उम्र का फायदा उठाते हुए वह तब घर में घुसा जब वो अकेली थीं, असहाय थीं। फिर कुल्हाड़ी से कंचनबेन की हत्या कर दी। कंचनबेन की हत्या को छुपाने के लिए आरोपी ने उनके बेटे विपुलभाई को भी मार डाला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ है कि विपुल के सिर पर कुल्हाड़ी से 3 बार वार किया गया था। आरोपी ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं। यह विरल से विरलतम मामला है। बलदेव को मरते दम तक फांसी पर लटकाए जाने का आदेश सुनाया जाता है।’ आदेश सुनाने के बाद बीबी जाधव उठकर चले गए। बलदेव अभी भी कठघरे में मूर्ति की तरह खड़ा था। पुलिस उसे खींचते हुए जेल ले गई। फिलहाल मामला गुजरात हाईकोर्ट में है। (नोट- यह सच्ची कहानी, पुलिस चार्जशीट, केस जजमेंट, एडवोकेट आर एफ पटानी और रजनीश पटानी, रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर एनएल देसाई से बातचीत पर आधारित है। सीनियर रिपोर्टर नीरज झा ने क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा है।) 'मृत्युदंड' सीरीज में अगले हफ्ते पढ़िए एक और सच्ची कहानी...

दैनिक भास्कर 15 Jun 2025 5:08 am

‘पुलिसवाले आए, नशा किया, पीटा, मुर्गे भी ले गए’:अबूझमाड़ के लोग बोले- नक्सली राशन ले जाते हैं, हम दोनों तरफ से पिस रहे

‘नक्सली हमारे गांव में आते हैं। हम इस बात को क्यों छिपाएंगे। हमसे चावल या जो भी मांगते हैं, हमें देना पड़ता है। वो लोग यहां रहते नहीं हैं। उस दिन (19 मई को) पुलिस आई, तो हमने पुलिस को भी सब कुछ दिया। पुलिसवाले यहीं रुके थे, नशा किया और हमें पीटा भी। फिर तीन-चार मुर्गे भी ले गए। हम तो दोनों तरफ से ही पिस रहे हैं।’ ये कहना है गुंडेकोट गांव के रहने वाले मनकू राम मंडावी का। ये गांव छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में है। इसी गांव के पास 21 मई को एक करोड़ का इनामी नक्सली बसवाराजू मारा गया। दैनिक भास्कर की टीम अबूझमाड़ के जंगलों में एनकाउंटर साइट पर पहुंची, तो पास के तीन गांव गुंडेकोट, बोटेर, ढोंढरबेड़ा के लोगों से भी मिली। मनकू राम उनमें से एक हैं। वे बताते हैं कि पुलिसवाले नक्सलियों की मदद का आरोप लगाकर गांव के लोगों को पीटते हैं। बसवाराजू के एनकाउंटर से पहले भी गांव के लोगों को उठा लिया था। ‘नक्सलगढ़ से भास्कर’ सीरीज की पहली और दूसरी स्टोरी में आपने अबूझमाड़ के मुश्किल हालात और बसवाराजू के एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी पढ़ी। इस स्टोरी में पढ़िए, यहां के आम लोग कैसे नक्सली और पुलिस दोनों के बीच पिस रहे हैं। छोटे-छोटे ये गांव जंगलों के बीच बसे हैं। सभी की आबादी 60 से 130 के बीच है। गांव: गुंडेकोटआबादी: 60-65 बसवाराजू के एनकाउंटर वाली जगह से सबसे करीब गुंडेकोट गांव है। यह गांव नारायणपुर के ओरछा ब्लॉक में आता है। ओरछा ब्लॉक गुंडेकोट से करीब 50 किमी दूर है। यहां से महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला भी नजदीक है। गुंडेकोट अबूझमाड़ के घने जंगलों के बीच बसा है। आसपास नक्सलियों के सेफ ठिकाने हैं, इसलिए नक्सली अक्सर गांव में आते-जाते थे। यहां सिर्फ 13 परिवार हैं। 60 से 65 लोगों की आबादी है। गांव में स्कूल, हॉस्पिटल, पानी और बिजली, कुछ नहीं है। बसवाराजू के एनकाउंटर के बाद गांववालों ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि एनकाउंटर से एक दिन पहले कई लोगों के साथ मारपीट की गई। मनकू राम मंडावी गुंडेकोट के उन लोगों में हैं, जो थोड़ी-बहुत हिंदी बोल लेते हैं। वे कहते हैं, ‘19 मई को पुलिसवालों ने मुझे पकड़ लिया। मेरा बीमार बेटा साथ में था। पुलिस ने मुझे पीटा और बांधने लगे। मुझे धूप में बैठा दिया। वे पूछ रहे थे कि नक्सली कहां हैं, कहां रहते हैं। तुम्हारे गांव में मीटिंग हुई है, कहां मीटिंग हुई है।’ ‘ये सब मुझे कैसे पता होगा। वे लोग कह रहे थे कि अगर ये न बताए तो बांध दो इसे। बांधने और पीटने से मैं क्या बता देता। पुलिसवालों ने मुझे करीब डेढ़ घंटे बाद छोड़ा।’ वे लोग (नक्सली) गांव में आते-जाते हैं। गांववाले उनके लिए चावल जमा कर देते हैं, लेकिन वे कहां रहते हैं, हमें कैसे पता होगा। मनकू बताते हैं, ‘19 तारीख को पुलिस गांव में आई और सबके घरों पर पोस्टर चिपका दिए। इसमें नक्सलियों से हथियार छोड़कर सरेंडर करने की अपील थी। सरेंडर करने के लिए अलग-अलग डिवीजन के लोगों के नाम और नंबर लिखे हुए थे। इन्हीं नंबरों पर कॉन्टैक्ट करके सरेंडर करने को कहा गया है। पोस्टर में सरेंडर करने पर सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं का भी जिक्र था।’ ‘इस पोस्टर में सरेंडर कर चुके नक्सलियों की फोटो भी थीं। उनके हवाले से लिखा गया कि नक्सलियों को सरेंडर कर मुख्यधारा में आना चाहिए। माओवाद खोखली विचारधारा है। इसे छोड़कर आदिवासियों और मूल निवासियों को बचाने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए।' मनकू आगे कहते हैं, ‘इससे पहले यहां पुलिस कभी नहीं आई थी। 20 तारीख को पुलिसवाले फिर से गांव में आए। कई लोगों को पकड़कर ले गए। मेरे छोटे भाई को भी पकड़ लिया। DRG की महिला सिपाहियों ने मेरी मां को पीटा।’ गांव के सुखराम भी पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हैं। कहते हैं, ‘20 तारीख को मैं घर में सोया था। मेरी पत्नी भी घर में थी। उन लोगों ने हमें उठाकर पूछताछ की। फिर पास के जंगल में ले गए। वहां भी मारपीट की।’ गांव के एक युवक संतोष (बदला हुआ नाम) ने आरोप लगाया कि पुलिस मुझे पकड़कर एनकाउंटर साइट तक ले गई थी। वे कहते हैं, ‘20 मई को सुबह 11 बजे पुलिस ने मुझे पकड़ा था। जंगल में ले जाकर बुरी तरह पीटा। वे बार-बार पूछ रहे थे कि नक्सली कहां हैं। बसवाराजू कहां है।’ मुझे खाना-पानी कुछ नहीं दिया। पिटाई से मेरे शरीर पर निशान बन गए थे, इन्हें मिटाने के लिए सरसों का तेल दिया गया। 21 मई को सुबह फायरिंग शुरू हुई, तब मैं वहां से भाग आया। अब गुंडेकोट की पहचान बसवाराजू के एनकाउंटर सेगुंडेकोट गांव गूगल मैप पर दिखता जरूर है, लेकिन मैप के जरिए यहां नहीं पहुंच सकते। अब इस गांव की पहचान बसवाराजू के एनकाउंटर से होने लगी है। इसी एनकाउंटर की वजह से गुंडेकोट और आसपास के गांवों की तकलीफ भी सामने आ रही हैं। मनकू राम मंडावी बताते हैं, ‘गांव के लोग राशन लाने के लिए पैदल ओरछा तक जाते हैं। ओरछा करीब 50 किमी दूर है। पूरा रास्ता पहाड़ी है। अगर कोई सामान लाना हो तो हम 4 दिन पैदल चलते हैं।’ ‘अगर हम लोग सोमवार को यहां से निकलते हैं, तो अगले दिन दोपहर तक ओरछा पहुंचते हैं। रात वहीं रुकते हैं, फिर बुधवार को सामान लेकर लौटते हैं। गुरुवार को घर वापस आ पाते हैं। ऐसे में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे कंधे पर रखकर ले जाना पड़ता है। कभी-कभी हम ओरछा की बजाय दूसरी तरफ बीजापुर के भैरमगढ़ ले जाते हैं। वहां जाने में भी एक दिन लगता है। भैरमगढ़ से गाड़ी मिल जाती है।’ गांव: बोटेरआबादी: करीब 130 बोटेर गांव एनकाउंटर वाली जगह से 10-12 किमी दूर है। गुंडेकोट का रास्ता इसी गांव से होकर जाता है। बोटेर तक पहुंचना भी मुश्किल है, लेकिन ओरछा से यहां तक कच्चा रास्ता है। हम यहां पहुंचे, तभी गांववालों के लिए ओरछा से ट्रैक्टर पर राशन लाया गया था। बारिश शुरू होने वाली है, इसलिए गांववालों ने तीन-चार महीने का राशन मंगवाया है। गांव के लोग मिलकर ट्रैक्टर का किराया देते हैं। बोटेर में 27 परिवार हैं। आबादी करीब 130 है। नक्सलियों का मूवमेंट इस गांव तक है। गांववालों के आधार कार्ड भी बने हैं। गांव के कारुराम मंडावी 5वीं तक पढ़े हैं। वे हिंदी बोल लेते हैं। कारुराम बताते हैं कि एनकाउंटर के बाद ही बोटेर या गुंडेकोट तक पहली बार मीडिया पहुंचा। कारुराम बताते हैं, ‘पुलिस गांव में आती है, तो हमें नक्सली बोलकर पीटती है। 2016-17 में भी पुलिसवाले आए थे। गांव में सभी को पीटा। बोले कि हम नक्सलियों के लिए काम करते हैं। मुझे भी पीटा था। मेरे भाई को भी खूब पीटा। भाई ने बताया था कि पुलिसवाले उसे गोली मारने वाले थे। उसे समझ आया तो वो जंगल में भाग गया। इसके दो साल बाद 2019 में भाई की बीमारी से मौत हो गई।’ कारुराम आगे बताते हैं, 'गांव में पानी नहीं है। पहाड़ी नाले का पानी पीते हैं। बारिश में उसका पानी भी गंदा हो जाता है। स्कूल है, लेकिन टीचर नहीं आता। आंगनवाड़ी भी है, लेकिन काम करने के लिए कोई नहीं है। स्टाफ सिर्फ रजिस्टर में नाम दर्ज करने महीने में एक बार यहां आता है।’ रमेश मंडावी 12वीं में पढ़ते हैं। ओरछा में रहकर पढ़ाई करते हैं। कभी ओरछा जाना हो या वहां से घर आना हो, पैदल ही आते हैं। रमेश कहते हैं, हमें बिजली, पानी, स्कूल, सड़क और हॉस्पिटल की जरूरत है। गांव: ढोंढरबेड़ाआबादी: 130 बोटेर से पहले ओरछा की तरफ ढोंढरबेड़ा गांव है। हम यहां पहुंचे, तब लोग देवी की पूजा कर रहे थे। 2 जून को पूजा शुरू हुई और 4 जून को खत्म हुई। ये पूजा साल में एक बार होती है। इस पर्व का नाम कक्साड़ है। इसके लिए आसपास के गांववालों को न्योता देकर बुलाया जाता है। दूसरे गांव के लोग भी अपने देवी-देवता लेकर आते हैं। पूजा के बाद सभी गाना गाते हुए पूरी रात डांस करते हैं। बाहर से आए लोगों के लिए खाने का इंतजाम भी गांव के लोग करते हैं। जिस जगह ये उत्सव चल रहा था, वहीं पीछे पानी की टंकी का स्ट्रक्चर बना था। हमने गांव के अजय ध्रुव से इस बारे में पूछा। वे बताते हैं, ‘पानी की टंकी के लिए दो साल पहले स्ट्रक्चर बना था। आज तक काम पूरा नहीं हुआ। गांव में न बिजली है और न पीने का पानी। गांव अब भी नक्सल प्रभावित है। हालांकि पहले से माहौल थोड़ा ठीक हुआ है।’ अजय आगे कहते हैं, ‘गांव में करीब 50 परिवार हैं। यहां ढंग का स्कूल भी नहीं है। पुराना स्कूल है, लेकिन वो किसी काम का नहीं है। टीचर महीने में एक या दो बार आते हैं। यहां हॉस्पिटल की भी जरूरत है।’ नक्सलियों के बारे में पूछने पर अजय चुप हो जाते हैं। फिर कहते हैं, ‘पुलिसवाले गांव के लोगों पर शक करते हैं कि हमारे संबंध नक्सलियों से हैं।’ फिर बात बदलते हुए कहते हैं, ‘गांव में सड़क नहीं है। इससे बहुत दिक्कत होती है।’ गांव के गुड्डूराम नक्सलियों के बारे में पूछने पर कहते हैं, ‘उनकी वजह से गांव के लोगों को बहुत झेलना पड़ा है। वे गांव में मीटिंग करने आते थे। उसमें जबरदस्ती जाना पड़ता था। डर लगता था कि नक्सली आ गए तो यहां-वहां जाना पड़ेगा। ये बहुत पहले खत्म होना चाहिए था। अब मुझे नहीं लगता कि वे इधर वापस आएंगे।’ DIG बोले- पुलिस पर आरोप गलत, गांववाले नक्सलियों की जुबान बोल रहेगुंडेकोट, बोटेर और ढोंढरबेड़ा के लोगों के आरोपों पर हमने दंतेवाड़ा रेंज के DIG केएल कश्यप से बात की। वे कहते हैं कि नक्सलियों के लिए सहानुभूति रखने वाले लोगों ने ये धारणा बनाई है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। अगर आप गहराई से जांच करेंगे तो समझ आएगा कि वे लोग किसकी जुबान बोल रहे हैं। नक्सली को ट्रैक कर बसवाराजू तक पहुंची सिक्योरिटी फोर्ससिक्योरिटी फोर्स के पास इनपुट था कि बसवाराजू गुंडेकोट गांव के पास छिपा है। जवान उसके साथ मौजूद एक नक्सली को एक महीने से ट्रैक कर रहे थे। इसी से बसवाराजू की लोकेशन पता चल गई। उसकी तलाश में शुरू किए ऑपरेशन को ‘अबूझ-723’ नाम दिया गया। DRG की 3 टुकड़ियां बसवाराजू के तलाश में निकलीं। अबूझमाड़ के कलेकोट पहाड़ पर नक्सलियों को घेर लिया। खूब फायरिंग हुई। ऑपरेशन में 27 नक्सली मारे गए। इन्हीं में शामिल था नक्सलियों का टॉप लीडर नंबला केशव राव उर्फ बसवाराजू। वो प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी) का जनरल सेक्रेटरी था। एनकाउंटर के बाद बसवाराजू के संगठन CPI (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने दावा किया था कि बसवाराजू के साथ कुल 35 नक्सली थे। इनमें से 7 बचकर निकल गए। 28 की मौत हो गई। हालांकि फायरिंग रुकने के बाद जवान नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचे, तो 27 नक्सलियों की डेडबॉडी मिलीं। ऑपरेशन अबूझ से जुड़े एक सीनियर अधिकारी बताते हैं, ‘इस ऑपरेशन में तकनीक का भरपूर इस्तेमाल हुआ, लेकिन ये कामयाबी सिर्फ सैटेलाइट और ड्रोन से नहीं मिली। ये मुखबिरी पर टिकी थी। ऑपरेशन का खाका तैयार करने में बसवाराजू का एक पुराना साथी काम आया। वो अब सरेंडर कर चुका है। उसने बसवाराजू के सुरक्षा घेरे, 2016 से अबूझमाड़ में छिपे होने और लगातार ठिकाने बदलने जैसी अहम बातें बताई थीं। अगली स्टोरी में 17 जून को पढ़िए सबसे बड़े नक्सली हिडमा और बसवाराजू को छोड़कर आए कमांडर के खुलासे.................................................कैमरामैन: अजित रेडेकर............................................... 'नक्सलगढ़ से भास्कर' सीरीज की पहली और दूसरी स्टोरी 1.जहां नक्सली बसवाराजू मारा, वहां न रास्ते, न नेटवर्क; ऑपरेशन 'अबूझ' के निशान बाकी अबूझमाड़ का कलेकोट पहाड़ करीब 10 किलोमीटर में फैला है। 1300 मीटर से ज्यादा ऊंचा है। यहीं नक्सलियों का टॉप लीडर नंबला केशव राव उर्फ बसवाराजू मारा गया। ये घने जंगल वाला एरिया है। न रास्ता, न मोबाइल नेटवर्क। यहां पेड़ों पर गोलियों के अनगिनत निशान बने हैं। ये गोलियां बसवाराजू के एनकाउंटर के वक्त चली थीं। पढ़िए पूरी खबर... 2. कंपनी नंबर-7 की ‘गद्दारी’ से मारा गया बसवाराजू, फेक एनकाउंटर का दावा कितना सच 18 मई, 2025, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवानों ने नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के जंगलों में तीन तरफ से घुसना शुरू किया। उन्हें एक करोड़ के इनामी नक्सली लीडर बसवाराजू का ठिकाना पता चल गया था। बसवाराजू के साथ उसकी सुरक्षा करने वाली कंपनी नंबर-7 के लोगों ने ही गद्दारी की थी। 40 साल से इन जंगलों में छिपा हुआ बसवाराजू 21 मई को कलेकोट की पहाड़ी पर मारा गया। पढ़िए पूरी खबर

दैनिक भास्कर 15 Jun 2025 4:00 am

‘1 करोड़ लोग, 1000 ईरानी मिसाइल इजराइल को मिटा देंगी’:ईरानी प्रोफेसर बोले- झुकेंगे नहीं; जानिए क्या है ईरान की छिपी हुई ‘बसीज आर्मी’

आसमान में मिसाइलों की रोशनी, शहरों से उठता काला धुआं, सायरन की गूंज, खून से लथपथ लोग और सड़कों पर दौड़ती एंबुलेंस, शुक्रवार सुबह इजराइली हमले के बाद ये ईरान का हाल था। शनिवार देर रात यही सब इजराइल में हुआ। ईरान ने हमले के जवाब में इजराइल पर 150 से ज्यादा मिसाइलें दागीं। इनमें 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं। इजराइल पर हमले के लिए ईरान की बसीज आर्मी भी तैयार है। 1 करोड़ आम लोगों से बनी ये आर्मी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने बनाई थी और उन्हीं के आदेश पर काम करती है। ये इजराइल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के जवाब में ईरान के 'ट्रू प्रॉमिस 3' ऑपरेशन की शुरुआत थी। ईरान ड्रोन और मिसाइलों से हमले कर रहा है। जंग के पहले 24 घंटे में ईरान में 138 और इजराइल में 3 लोग मारे गए। ये 1980 से 1988 तक चले ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा हमला है। इस बीच ईरान के मीडिया ने दावा किया है कि ईरानी फौज ने इजराइल के तीन F-35 फाइटर जेट मार गिराए हैं। दो पायलट उसकी कस्टडी में हैं। ईरानी प्रोफेसर बोले- अब तक हुए हमले कुछ नहींइजराइली हमले के बाद ईरान में क्या माहौल है और लोग इस जंग को कैसे देख रहे हैं, इस पर दैनिक भास्कर ने ईरान के प्रोफेसर जमीर अब्बास जाफरी से बात की। वे मुंबई से हैं, लेकिन 15 साल से कोम शहर में रह रहे हैं। जमीर ईरान की जानी-मानी शख्सियत हैं। वे कहते हैं, ‘अब तक हुए हमले कुछ भी नहीं हैं। ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइल का इतना जखीरा है कि इजराइल का डिफेंस सिस्टम आयरन डोम उन्हें रोक नहीं पाएगा।’ ‘ईरान के पास एक हजार से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल हैं। इजराइल को खत्म करने के लिए इतनी मिसाइलें काफी हैं। मिलिट्री के अलावा ईरान के पास एक करोड़ लोगों की बसीज आर्मी है। ये वॉलंटियर हैं, जो ईरान की आर्मी से कभी भी जुड़ सकते हैं।’ सवाल: ईरान के लोग इजराइली हमले के बारे में क्या सोच रहे हैं?जवाब: इजराइल ने 13 जून की सुबह पहला हमला किया था। इसमें मिलिट्री कमांडर के अलावा 100 से ज्यादा आम लोग मारे गए। इजराइल ने मिलिट्री बेस पर नहीं, बल्कि कमांडर्स के घरों पर सीधे हमला किया है। सेना से जुड़े लोगों के साथ उनके पत्नी, बच्चे और घरवाले भी मारे गए। ईरान के लोगों को पता चल गया है कि इजराइल के पास कोई नैतिकता नहीं है। इजराइली फोर्स सिर्फ जुल्म और कत्लेआम करना ही जानती है। सवाल: ईरान के पास ऐसा क्या है कि वो ताकतवर इजराइल को चुनौती दे सकता है?जवाब: ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइल हैं, जिन्हें इजराइल के आयरन डोम्स इंटरसेप्ट नहीं कर सकते। अगर इजराइल यमन की मिसाइल इंटरसेप्ट नहीं कर सकता, तो वो ईरान की मिसाइल तो बिल्कुल भी नहीं पकड़ पाएंगे। बीती रात इजराइल ने ईरान पर हमला किया। इजराइल ने दो महीने पहले हमला किया था, तब ईरान ने खुद को रोकते हुए जंग नहीं छेड़ी। इस बार इजराइल ने रात के अंधेरे में आम लोगों पर हमला किया है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने कहा भी है कि वो जमाना खत्म हो गया, जब तुम हमें मारकर भाग जाओगे और हम शांत बैठ जाएंगे। अब मारोगे, तो मार खाने के लिए भी तैयार रहो। सवाल: हमले के बाद ईरान में कैसा माहौल है, क्या लोग डरे हुए हैं?जवाब: मैं अभी ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर में हूं। कुछ देर पहले ही दोपहर की नमाज पढ़कर आया हूं। अगर किसी देश पर हमला हो जाए, तो लोग घर में दुबक कर बैठ जाते हैं। ईरान में लाखों लोग सड़कों पर निकल आए और इंतकाम इजराइल के नारे लगाने लगे। उनका साफ कहना है कि अगर इजराइल मारेगा, तो मार खाने के लिए भी तैयार रहे। ईरान इस बार मारेगा, ये बात इजराइल समझ ले। हमारे सुप्रीम लीडर ने भी ये बात बार-बार दोहराई है। सवाल: इजराइल ने ईरान के टॉप कमांडर और न्यूक्लियर साइंटिस्ट को मार दिया। क्या ये बात सही है?जवाब: अफसोस की बात है, लेकिन ये सही है। आपको समझना होगा कि ईरान में मिलिट्री कमांडर को शहीद करना इजराइल के लिए इतना आसान क्यों रहा। ईरान में मिलिट्री के लोग अपने घरों में परिवारों के साथ रहते हैं। वे आर्मी बेस पर नहीं रहते, बल्कि ईरानी लोगों के बीच में रहते हैं। फौज ये संदेश देना चाहती है कि जंग के दौरान हम बंकर में जाकर नहीं छिपेंगे। जनता के साथ खड़े रहेंगे। इजराइल के जिस हमले में अहम लोग मारे गए हैं, वे सभी सिविल एरिया में हुए हैं। मिलिट्री पोस्ट पर किसी कमांडर की मौत नहीं हुई। सवाल: ईरान के लोग इस युद्ध को कैसे देख रहे हैं?जवाब: युद्ध में ईरानी लोगों के जज्बे को समझने के लिए आपको इस्लाम, मुसलमान, ईरान के इतिहास और संघर्ष को समझना होगा। मैं शिया-सुन्नी विवाद नहीं पैदा करना चाहता, लेकिन एक मुस्लिम इमाम हुसैन और कर्बला को मानता है। महात्मा गांधी ने भी कहा है कि मैं इमाम हुसैन से प्रेरणा लेता हूं कि हक के लिए कुर्बानी कैसे दी जाती है। मैंने ये इमाम हुसैन से सीखा। नेल्सल मंडेला भी कहते थे कि इमाम हुसैन से मैंने सीखा कि कमजोर होने के बाद भी कैसे जीता जा सकता है। ईरान ने 10 साल तक इराक से जंग लड़ी। इराक को 67 देशों ने हथियार दिए, फिर भी वे सब मिलकर ईरान को नहीं हरा पाए। सवाल: ईरान ने इजराइल पर 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। क्या ईरान और हमले करेगा?जवाब: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पूछा गया कि ईरान पर हमला क्यों नहीं करते, तब उन्होंने कहा था कि ईरान शक्तिशाली देश है। अमेरिका ने पहले ही दिन इजराइली हमले से खुद को अलग कर लिया। ये बात साफ मैसेज देती है कि अमेरिका भी ईरान से खुलकर लड़ाई नहीं करना चाहता। अब तक जो हमले हुए, वे कुछ भी नहीं हैं। इजराइल ईरान से अकेले नहीं लड़ सकता है, इसलिए वो चाहता है कि अमेरिका उसके साथ रहे। इजराइल पश्चिमी देशों की प्रॉक्सी कंट्री है। उसके पास सारी चीजें अमेरिका की दी हुई हैं। इजराइल के मुकाबले ईरान के पास कई गुना मिलिट्री मैनपावर है। हमारे पास बेहतर मिसाइल सिस्टम है। यूक्रेन के साथ जंग में रूस ईरान की मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। इससे पता चलता है कि ईरान की मिसाइलों की क्वालिटी कितनी अच्छी है। सबसे बड़ी बात ये कि ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल के अटैक ने इजराइल के आयरन डोम सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। ईरान ऐसा देश है जो ज्ञान, विज्ञान, खेल से संस्कृति तक, हर चीज में आगे रहता है। सवाल: इजराइल ने कहा है कि उसकी लड़ाई ईरान के लोगों से नहीं, वहां की लीडरशिप से है?जवाब: महात्मा गांधी जैसे हिंदुस्तान में इंकलाब लाए थे, वैसे ही ईरान में इमाम अयातुल्ला खामेनेई ने क्रांति की। दोनों जगह अहिंसक तरीके से बदलाव आया। लोग रास्ते पर आए और शहादत देकर अपना मकसद हासिल किया। ईरान के लोग अपने मूल्य कर्बला से लेते हैं, जहां कुर्बानी, जान देना बहुत पाक समझा जाता है। जंग में अगर एक हजार लोग मर भी जाते हैं, तो खौफ नहीं होता बल्कि जान देने के लिए मोहब्बत होती है। ईरानी कौम कुर्बानी देने के लिए तरसती है। जिसे कर्बला समझ नहीं आता, उसे ईरान समझ नहीं आएगा। हक के लिए घर और जिंदगी कुर्बान कर देना लोगों के लिए सबसे बड़ी बात है। इजराइल पर मिसाइलें गिरने की तस्वीरें आपने देखी होंगीं। सड़कें सूनी हो जाती हैं और लोग बंकर में दुबक कर बैठ जाते हैं। ईरान में मिसाइलें गिरीं और लाखों लोग सड़कों पर उतर गए। ईरानी कौम में शहादत का यही जज्बा है। जो लोग मौत से नहीं डरते, आप उन्हें किसी चीज से नहीं डरा सकते। सवाल: पहले और अब के ईरान में क्या बदला है?जवाब: ईरान के 9 करोड़ लोग फौज के साथ है। ईरान में पैरामिलिट्री भी है। इसके अलावा करीब 1 करोड़ बसीज आर्मी में हैं। सद्दाम हुसैन ने ईरान पर हमला किया था, तब भी बिना हथियारों और तकनीक के ईरान ने एक साल तक जंग लड़ी थी। आज ईरान के पास हथियार, तकनीक, संगठन, ताकत सब कुछ है। पहले के मुकाबले ईरान 1000 गुना मजबूत है। उस वक्त पूरी दुनिया ईरान को नहीं हरा सकी, तो आज क्या हरा पाएगी। इजराइल भी जानता है कि ईरान का हमला बड़ा सख्त होगा और लंबा होगा। सवाल: इजराइल कहता है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके अस्तित्व पर खतरा है। आपको लगता है कि यही हमले की असली वजह है?जवाब: ईरान और इजराइल के बीच फिलिस्तीन को लेकर नैतिकता की जंग है। इजराइल के हमले के पीछे फिलिस्तीन ही सबसे बड़ा मुद्दा है। ईरान ने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया और इसलिए इजराइल ईरान को तबाह करना चाहता है। न्यूक्लियर वेपन का मुद्दा बनाकर इजराइल बहाना ढूंढ रहा है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि जिस तरह से इंग्लैंड इंग्लिश लोगों के लिए है, फ्रांस फ्रेंच लोगों के लिए है, वैसे ही फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों के लिए है। ईरान महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के मूल्यों पर टिका रहा। आज ईरान जो कुर्बानी दे रहा है वो नैतिकता के लिए है। फिलिस्तीन में इजराइल बच्चों को मारे जा रहा है। ईरान ही है, जो इजराइल को ऐसा करने से रोकना चाहता है। फिलिस्तीन में सुन्नी मुस्लिम हैं, लेकिन शिया मुल्क होने के बावजूद ईरान नैतिकता के पैमाने पर फिलिस्तीन के साथ खड़ा है। सवाल: भारत और ईरान के रिश्ते को ईरान के आम लोग किस तरह से देखते हैं?जवाब: ईरान हमेशा से भारत का दोस्त रहा है। ईरान की विदेश नीति भारत की सोच से मेल खाती है। दोनों देशों ने आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। एक इंकलाब के बाद भारत 1947 में और ईरान 1979 में आजाद हुआ। सवाल: आप भारत के लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?जवाब: हिंदुस्तान ने अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया। भारत के लोगों को समझना चाहिए कि फिलिस्तीन भी उसी तरह से आजादी के लिए लड़ रहा है। फिलिस्तीन के लोग अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं। अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता रोक सकता है ईरानईरानी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार को कहा कि अमेरिका ईरान पर इजराइल के हमले का समर्थन कर रहा है। ऐसे में परमाणु वार्ता का कोई मतलब नहीं है। हालांकि अब्बास अराघची ने वार्ता रद्द करने की बात सीधे तौर पर नहीं कही। वहीं, अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान पर इजराइली हमलों का हिस्सा नहीं है। अमेरिका-ईरान के बीच परमाणु वार्ता का छठा राउंड रविवार को ओमान में होना है। इजराइल ने कहा- तेहरान अब सुरक्षित नहीं, और हमले करेंगेईरान के मिसाइल हमले के बाद इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि अगर ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने और मिसाइलें दागीं, तो तेहरान जला देंगे। वहीं, इजराइल डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि तेहरान अब सुरक्षित नहीं है। ईरान की राजधानी पर इजराइली हमलों का खतरा बढ़ गया है। ................................................. इजराइल-ईरान जंग पर ये खबर भी पढ़ें... ईरानी मस्जिदों पर बदले के लाल झंडे, लोग बोले- अब बातचीत नहीं ईरान की राजधानी तेहरान में कई जगह से धुआं उठ रहा है। राहत-बचाव के काम में लगी गाड़ियों के सायरन शुक्रवार सुबह से ही बज रहे हैं। इजराइल के हमलों में ईरानी सेना के टॉप 20 कमांडर मारे जाने की खबरें हैं। मरने वालों में 6 परमाणु वैज्ञानिक भी हैं। उधर, तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर की जमकारन मस्जिद पर बदले का प्रतीक लाल रंग का झंडा फहराया जा रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 15 Jun 2025 4:00 am

सबसे बड़ी जंग...सबसे सरल विश्लेषण, परमाणु का बदला क्या परमाणु से लेगा 'खलीफा'?

UN on IRAN:अपने बयान में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इजरायल और ईरान को अपनी सैन्य कार्रवाई पर अंकुश लगाना चाहिए ताकि ये स्थिति किसी बड़े युद्ध में ना बदले. बातचीत ही हर समस्या का समाधान है और संवाद से ही ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा हो सकती है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 2:09 am

DNA: इराक, सीरिया और अब ईरान... 44 साल में तीन देशों को इजरायल सिखाया सबक, बन गया न्यूक्लियर बम किलर

DNA: इजरायल ने पिछले 44 वर्षों में तीन देशों को परमाणु ताकत हासिल करने से रोका है. इजरायल ने इराक, सीरिया और ईरान की परमाणु प्लांट्स को तबाह कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 11:18 pm

क्या ध्वस्त हो गया ईरान का डिफेंस सिस्टम, इजरायल का दावा-अब कभी भी कर सकते हैं बड़ा हमला

Iran Vs Israel: ईरान को लेकर इजरायली सेना के प्रवक्ता ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी समय उसपर अटैक कर सकते हैं और ईरान अब इजरायली हमलों से बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 10:00 pm

लॉ अफसर बनकर घर में घुसा, US सांसद और उसके पति की कर दी हत्या, दूसरे सांसद और उसकी पत्नी को मारी गोली, ट्रंप बोले- हिंसा नहीं करेंगे बर्दाश्त

US Firing: अमेरिका में शनिवार को गोलीबारी की बड़ी घटना सामने आई है. बताया जा रहा है किमिनेसोटा में दो सांसदों को घर में घुसकर गोली मार दी है. पुलिस इस मामले को राजनीति से जोड़कर देख रही है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 9:42 pm

दुबई की मरीना बिल्डिंग में आग का तांडव, 6 घंटे धधकती रही इमारत, धुएं की 'राक्षस' जैसी दिखी तस्वीर

Dubai Marina Building Fire: दुबई की एक इमारत में भयानक आग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि आग ने किस तरह एक पूरी इमारत को अपने कब्जे में लिया हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 7:15 pm

5 मिनट में गायब कर दी थी गोल्ड वाली 56 करोड़ की टॉयलेट सीट, सलाखों के पीछे पहुंचे चोर; यूं दिया Heist को अंजाम

18 Carat Gold Toilet Seat: साल 2019 में ब्लेनहाइम पैलेस में एक आर्ट शो के दौरान चुराई गई एक टॉयलेट सीट के चोरों को सजा मिल गई है. अदालत ने उन्हें उनके जुर्म की सजा दे दी है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 6:48 pm

Air India Plane Crash: दो जानलेवा क्रैश, एक जैसी किस्मत, एक ही सीट नंबर...हर बार बच गया प्लेन में इस कुर्सी पर बैठने वाला

Air India Crash and Seat 11A: जब उसने अपने साथ हुए चमत्कार के सबूत दिखाए तो लोगों ने दातों तले उंगली दबा ली. उसके बाद एयर इंडिया की फ्लाइट हो या किसी और एयरलाइन का प्लेन उसकी सीट नंबर 11A को लोग लकी मानने लगे हैं.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 6:18 pm

कुत्तों की भूख नहीं देख पाई, आखिरी वक्त तक खिलाती रही खाना, वही बन गए भक्षक, ले ली जान

Dog Attack: अमेरिका में एक किशोरी की उदारता उसके लिए भारी पड़ गई. भूख से तड़पते कुत्तों को खाना खिलाने गई लड़की पर डॉग ने अटैक कर दिया और इसकी वजह से उसे जिंदगी से हाथ धोना पड़ा.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 5:57 pm

इजरायली हमले के पलटवार में ईरान का ऑपरेशन 'ट्रू प्रॉमिस 3', दागीं सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन, IDF ने बच्चों के खिलौनों की तरह उड़ा दीं

Israel Iran War: ऑपरेशन राइजिंग लॉयन गुरुवार की रात शुरु हुआ जिसमें ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे. इसके बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई और अपनी मस्जिद में लाल झंडा टांग कर बदला लेने का ऐलान किया. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 5:07 pm

लंच ब्रेक पर घर पहुंची लड़की, बेडरूम में बॉस को अश्लील हालत में देख उड़ गए होश और फिर...

कई बार महिलाओं को दफ्तर में कुछ ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है जो काफी डरा देने वाली होती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही घटना का बारे में बताने जा रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 4:35 pm

1981 में बगदाद, अब 2025 में ईरान: जब 44 साल पहले इजरायल ने सद्दाम हुसैन के सपनों को कर दिया था चकनाचूर

हाल ही में इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला बोला है, हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इजरायल ने ऐसा है, इससे पहले 1981 में उसने कुछ इसी तरह इराक पर भी हमला बोला था.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 3:52 pm

इस देश में कैसे फेल हो गईं रूस-कनाडा-ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां? Gold की खदानें किसने छीन लीं

Gold Nationalisation: इन कदमों से पश्चिमी निवेशकों में चिंता देखी जा रही है. इनमें कनाडा की IAMGOLD, रूस की Nordgold और ऑस्ट्रेलिया की West African Resources जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. जिन्हें अब बुर्किना फासो में अपने निवेश पर खतरा महसूस हो रहा है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 1:38 pm

ईरान को क्यों इस वक्त युद्ध की आग में झोंक रहा इजरायल? क्या है नेतन्याहू का मास्टर प्लान

Israel Attack On Iran: ईरान इजरायल की ओर से किए गए हमले का जवाबी कार्रवाई कर रहा है. ये हमले बेहद भयानक तरीके से हो रहे हैं, खैर सवाल ये है कि आखिर इजरायल ने ईरान पर हमला करने के लिए यह समय क्यों चुना?

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 1:04 pm

जब क्रैश होते-होते बचा प्लेन, नदी पर करनी पड़ी थी इमरजेंसी लैंडिंग, कैप्टन सली की समझदारी ने बचाई यात्रियों की जान

Plane Crash: साल 2009 में अमेरिका का एक विमान पक्षियों के टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दौरान विमान के कैप्टन की समझदारी और बहादुरी ने सभी की जान बचाई थी.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 11:38 am

चमत्कार: आसमान में हुआ विमान में धमाका, 33 हजार फीट से गिरी लड़की जब जिंदा बच गई

Ahemdabad Plane Crash survivor Miraculous Story: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश जैसी कई कहानियां हैं, जो चमत्कार को नमस्कार करने को मजबूर करते हैं. इतिहास में ऐसी ही भयावह विमान दुर्घटना पहले भी देखने को मिली है, जब उसमें किसी यात्री की जान बच गई हो...

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 9:48 am

इजरायल की इस हरकत पर भारतीयों को क्यों आया गुस्सा? सोशल मीडिया पर निकाली भड़ास, IDF ने मांगी माफी

Israel-Iran Conflict: ईरान के साथ संघर्ष के बीच इजरायली डिफेंस फोर्स ने हाल ही में एक पोस्ट शेयर किया, जिसपर भारतीय इंटरनेट यूजर्स ने नाराजगी जाहिर की है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 8:36 am

ईरान पर हमले से अमेरिका को क्या होगा असली फायदा? ट्रंप की जुबान पर आ ही गया सच!

Israel Iran War: बड़ा सवाल यह भी है कि इस कंफ्लिक्ट से अमेरिका को क्या फायदा होने वाला है. इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जुबान पर सच आ गया है और उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 7:49 am

'अभी तो ये झांकी है..' आर-पार के मूड में इजरायल, उधर ईरान ने अमेरिका को दी खुली चेतावनी

Israel-Iran conflict: रिपोर्ट्स हैं कि ईरानी हमलों में इजरायल के कुछ शहरों में मिसाइलें गिरीं जिससे कई इमारतों को भी नुकसान हुआ है. लोग भी घायल हुए. दो की हालत गंभीर है. हालांकि इजरायली डिफेंस सिस्टम ने बताया कि ज्यादातर मिसाइलों और ड्रोन को रास्ते में ही रोक लिया.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 7:41 am

स्पॉटलाइट-अमेरिकी सेना के समारोह में जनरल आसिम मुनीर को न्योता:भारत से किसी को नहीं बुलाया; क्या है पूरा मामला, देखें VIDEO

पाकिस्तान समर्थित पहलगाम हमले के बाद, भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले मुनीर को अमेरिका ने क्यों दिया न्योता, क्या पाकिस्तान को इस समारोह में बुलाने की कोई खास वजह हो सकती है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 5:10 am

पति के जाते ही कंपाउंडर को बुला लेती थी पत्नी:पकड़े जाने के 4 दिन बाद पति और सास की लाश मिलीं; ओढव डबल मर्डर पार्ट-2

तारीख थी 3 जून 2017, वक्त रात के 8 बजे। जगह अहमदाबाद का ओढव सिटी। कंधे पर झोला टांगे 34-35 साल के दुबले-पतले शख्स ने मकान नंबर D/147 की घंटी बजाई। 55 साल की महिला दरवाजा खोलते ही बोली- ‘तुम…अब क्या है तुम्हारा यहां, जो आए हो।’ आदमी ने महिला को धक्का दिया और अंदर घुस गया। कहने लगा- ‘बहुत बीमार रहती हो न अम्मा। मैंने सोचा घर आकर इलाज कर देता हूं।’ उसने झोले से कुल्हाड़ी निकाली और महिला के सिर पर एक के बाद एक कई वार किए। महिला का सिर टुकड़ों में बंट गया। फिर उसने गड़ासे से लाश के टुकड़े-टुकड़े कर डाले। हॉल से साड़ी लेकर आया और उसमें लाश समेटकर बांध दी। उसके हाथ खून से सने हुए थे। दोनों हाथ झटकते हुए बुदबुदाया, ‘जब भी उससे संबंध बनाता, ये #@$%b बीच में आ जाती थी।’ इसी बीच दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजा खोला, तो सामने 36 साल का एक आदमी खड़ा था। उसने अंदर घुसते ही देखा कि फर्श पर खून ही खून फैला है। सकपकाते हुए बोला-‘ये खून किसका है। तुमने मां को मार दिया… नहीं, नहीं।’ ठहाके लगाते हुए कातिल बोला- ‘तुम्हारी मां तो गई, चलो तुझे भी उसके पास भेज देता हूं।’ उसने कुल्हाड़ी उठाई और उसके सिर पर दे मारी। वह तड़पते हुए गिर पड़ा। अब कातिल दौड़कर हॉल में गया और गड़ासा लेकर आया। उसकी गर्दन पर गड़ासा से तीन-चार वार किया। गर्दन कटकर लटक गई। दौड़कर हॉल से एक बोरी लाया और लाश उसमें ठूंस दी। कातिल अब पूरी तरफ थक चुका था। वह बेड रूम में गया और पलंग पर फैलकर लेट गया। अचानक उसे नींद लग गई। 3.30 बजे वह जागा। झट से उठा, कुल्हाड़ी, गड़ासा और चाकू को झोले में रखा और दरवाजा खोलकर दबे पांव निकल गया। दैनिक भास्कर की सीरीज ‘मृत्युदंड’ में ओढव डबल मर्डर केस के पार्ट-1 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-2 में आगे की कहानी… डबल मर्डर के 3 दिन बाद यानी 6 जून 2017 की सुबह 8 बजे का वक्त। मकान नंबर D/147 के ठीक सामने रहने वाले अशोकभाई प्रजापति अपने घर से बाहर निकले। उन्होंने महसूस किया कि बुजुर्ग महिला के घर से सड़े हुए मांस की बदबू आ रही है। वे थोड़ा और आगे बढ़े। बदबू तेज आने लगी। उन्होंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई, लेकिन कोई आवाज नहीं आई। अशोकभाई सोचने लगे कि कुछ तो गड़बड़ है। उन्होंने आवाज देकर आसपास के लोगों को बुला लिया। मोहल्ले वाले मकान नंबर D/147 के बाहर जुट गए। भीड़ में से एक ने कहा, ‘इस मकान में तो कंचनबेन, उसका बेटा विपुलभाई और बहू सुजाताबेन रहते थे। तीन-चार दिनों से किसी की आवाज नहीं सुनी। न कोई आ-जा रहा है। मामला गड़बड़ लगता है। मकान मालिक को फोन करो।’ अशोकभाई ने जेब से मोबाइल निकाला। एक नंबर डायल किया। बोले- ‘दिव्येशभाई… आपके मकान से तेज बदबू आ रही। लग रहा है कि अंदर सड़ा हुआ मांस है। कब से दरवाजे की घंटी बजा रहा, कोई जवाब नहीं दे रहा।’ दिव्येश अपनी दुकान जाने के लिए तैयार हो रहे थे। वे अहमदाबाद के पुरुषोत्तमनगर सोसाइटी से भागे-भागे सिंगरवा बस्ती पहुंचे। देखा, पूरे मोहल्ले के लोग उनके मकान के बाहर जुटे हुए थे। घबराते हुए उन्होंने अशोक से कहा, ‘बदबू तो तेज आ रही है। फिर से घंटी बजाओ न।’ ‘कब से तो घंटी बजा रहा। मुझे नहीं लगता कि कोई अंदर है।’ कहते हुए अशोक दरवाजे तक गए और फिर से घंटी बजाने लगे, पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद दिव्येश ने भी आवाज लगाई- ‘ओ विपुलभाई, कंचनबेन, सुजाताबेन कोई है क्या?’ इस बार भी कोई जवाब नहीं मिला। अशोकभाई बोले- ‘वक्त जाया न करो। जल्द पुलिस को फोन करो।’ दिव्येश ने थाने में फोन किया। एक घंटे के भीतर ओढव थाने की पुलिस पहुंच गई। इंस्पेक्टर एनएल देसाई ने वहां मौजूद लोगों से पूछा, ‘किसका मकान है ये?’ ‘साहब मेरा है। मैंने रेंट पर दूर के चाचा के बेटे विपुलभाई को दिया था। 2500 रुपए महीने के किराए पर। ’ घबराए हुए दिव्येश ने कहा। इंस्पेक्टर एनएल देसाई ने अपनी टीम से कहा, ‘दरवाजा तोड़ दो।’ पुलिस ने जोर-जोर से धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया। इंस्पेक्टर देसाई और बाकी लोग अंदर घुसे। हॉल में हल्का अंधेरा था। कहीं कोई नजर नहीं आ रहा था। बेड रूम में भी कोई नहीं था। अब इंस्पेक्टर उस तरफ बढ़े, जहां से बदबू आ रही थी। बाथरूम तक पहुंचते-पहुंचते पुलिस वालों को उबकाई आने लगी। पुलिस ने जल्दी-जल्दी घर के सभी कमरे और खिड़की खुलवाए। बाथरूम एरिया में खून से सनी एक गठरी और एक बोरी रखी थी। पुलिस वाले गठरी और बोरी खींचकर हॉल में ले गए। एनएल देसाई ने एक कॉन्स्टेबल से कहा- ‘खोलो इसे। देखो क्या है अंदर?’ दो पुलिस वालों ने गठरी खोलनी शुरू की। एक इंसान की लाश मिली। पूरी तरह से सड़ चुकी। कीड़े बजबजा रहे थे। दूसरे कॉन्स्टेबल ने बोरी फाड़ दी। उसमें भी एक कटी-फटी लाश थी। इंस्पेक्टर देसाई ने इधर-उधर नजर दौड़ाई। कहीं कोई हथियार या औजार नहीं दिख रहा था। उन्होंने दिव्येश से कहा- ‘किसकी लाश है, पहचानते हो?’ दिव्येशभाई बोले, ‘साहब ये दोनों लोग कौन हैं, मुझे नहीं पता।’ दरअसल, लाश इतना सड़ चुकी थी कि पहचान पाना मुश्किल था। इंस्पेक्टर देसाई ने फिर पूछा, ‘कंचनबेन के परिवार में और कोई है क्या?’ ‘हां साहब, सतारा में उसका परिवार रहता है। नयनभाई और उसकी भाभी कृष्णाबेन।' दिव्येश बोला। ‘उन्हें खबर करो।’, एनएल देसाई बोले। दोनों लाश की तस्वीर ली गई। कुछ ही देर में फोरेंसिक और पोस्टमार्टम टीम भी वहां पहुंच गई। कमरे में फर्श पर खून के हल्के-हल्के निशान थे। फोरेंसिक टीम उसके सैंपल लेने लगी। तभी उनकी नजर दीवार पर पड़ी। कुछ-कुछ जगहों पर दीवार रगड़ी हुई थी। फोरेंसिक टीम ने सभी सैंपल लेने के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए गांधीनगर भेज दिया। ओढव पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या, 201 यानी साबूत मिटाना और गुजरात पुलिस एक्ट 135 (1) के तहत अज्ञात शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर देसाई, मकान मालिक दिव्येशभाई को भी थाने ले गए। इंस्पेक्टर देसाई ने दिव्येशभाई से पूछा, ‘जो लोग इस मकान में रहते थे, उनके बारे में जो भी जानते हो, आराम से बताओ।’ दिव्येश ने बताना शुरू किया, ‘डेढ़ साल पहले दूर के चाचा सुरेशभाई ने कॉल किया था। उन्होंने बताया कि उनके बेटे विपुलभाई की अहमदाबाद की एक कंपनी में नौकरी लगी है। उसे किराए पर अपना मकान दे दीजिए। मैंने हां कर दी। वेरिफिकेशन के लिए जब मैं आया तो देखा कि विपुल, उनकी मां कंचनबेन, पत्नी सुजाताबेन और सात साल की बेटी वैष्णवी कमरे में रह रहे थे।' पुलिस के लिए यह केस एक पहली की तरह था। न कोई चश्मदीद गवाह था और ना ही किसी आरोपी का नाम सामने आया था। उधर, कंचनबेन के दूसरे बेटे नयनभाई को जैसे ही यह खबर मिली वे पत्नी कृष्णाबेन के साथ सतारा से अहमदाबाद के लिए निकल गए। रास्ते में नयनभाई ने पत्नी से कहा, ‘पता नहीं दोनों लाश किसकी है। दिव्येशभाई भी नहीं पहचान पाए। मां, भाई भी नहीं मिल रहे हैं। मुझे तो बड़ी चिंता हो रही है।’ अहमदाबाद पहुंचते ही दोनों ओढव पुलिस स्टेशन पहुंचे। इंस्पेक्टर देसाई उनका इंतजार कर रहे थे। देसाई ने उन्हें लाश की फोटो दिखाई। फोटो देखते ही नयनभाई के चेहरे पर पसीने आ गए। लगभग चीखते हुए बोले, ‘ये तो मां कंचनबेन और भाई विपुल है। किसने मारा, हमारी तो किसी कोई दुश्मनी भी नहीं थी।’ ‘इसकी पत्नी सुजाता और बेटी वैष्णवी कहां है?’, इंस्पेक्टर देसाई ने पूछा। कृष्णाबेन बोली, ‘सुजाता बेटी के साथ मायके में है।’ ‘मायके क्यों, कब गई?’ कृष्णाबेन बोली- ‘साहब, मां से कुछ दिन पहले बात हुई थी। वो बता रही थी कि सुजाता का किसी के साथ चक्कर है। वो आदमी बार-बार घर पर आ जाता है। विपुलभाई घर पर नहीं होते हैं, तो वह सुजाता के साथ गलत काम करता है। मां ने दोनों को कई बार पकड़ भी लिया था। ये बात जब विपुल को पता चली, तो उसने सुजाता की पिटाई कर दी। उसे सतारा के शिवनगर में पिता के घर भेज दिया। वह वैष्णवी को भी लेकर चली गई।' चक्कर किसके साथ था? 'अब किसके साथ चक्कर था। मुझे ये नहीं पता। बस मां इतना कहती थी कि जिस हॉस्पिटल में वो इलाज कराने के लिए जाती हैं, उसी के कंपाउंडर से सुजाता फंसी हुई है।’ इंस्पेक्टर देसाई नयनभाई से बोले, ‘सुजाता को बुलावा भेजो कि वो जल्द से जल्द थाने पहुंचे।' ‘साहब, हमारी उससे बातचीत नहीं होती। जब मां ने अवैध संबंध के बारे में बताया था, तो मैंने उसे समझाया, लेकिन वह मुझसे ही लड़ने लगी। उसके बाद से कभी हमारी बात नहीं हुई।’ सुजाता कहां रहती है, कुछ पता है? नयनभाई ने इंस्पेक्टर देसाई को उसका पता लिखवा दिया। देसाई ने फौरन एक टीम सतारा के शिवनगर के लिए भेज दी। इधर, इंस्पेक्टर देसाई फिर से उस मकान में गए, जहां दो सड़ी हुई लाशें मिली थीं। पूरे कमरे को छान मारने के बाद एक पर्ची मिली। इसमें पता था, डॉ. योगेश, श्रीराम हॉस्पिटल, ओढव। 7 जून 2017 की सुबह पुलिस श्रीराम हॉस्पिटल पहुंची। डॉ. योगेश अपने केबिन में थे। इंस्पेक्टर देसाई ने कंचनबेन और विपुलभाई की फोटो दिखाते हुए उनसे पूछा, ‘इन्हें पहचानते हो।’ डॉ. योगेश ने कुछ देर सोचने के बाद कहा, ‘सर, ये तो कंचनबेन है। मेरे यहां इलाज करवाने के लिए आती थी।’ 'इसके साथ और कौन आता था यहां?' 'सर… इसकी बहू।' डॉ. ने जवाब दिया। डॉक्टर के केबिन के बगल में बने काउंटर पर 34-35 साल एक शख्स दवा पैक कर रहा था। पुलिस को देखते ही वह सकपका गया। इंस्पेक्टर देसाई ने कंपाउंडर को कंचनबेन और विपुलभाई की फोटो दिखाते हुए पूछा- 'इसे पहचानते हो?' ‘हां साहब, ये तो कंचनबेन है। कुछ ही दिन पहले इलाज करवाने के लिए आई थी। बाकी मुझे कुछ नहीं पता।’, कंपाउंडर का चेहरा उतरा हुआ था। इसके बाद इंस्पेक्टर देसाई थाने पहुंचे। उन्हें बताया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। जिसमें बताया गया है कि लाश मिलने के 72 घंटे पहले दोनों का मर्डर किया गया था। इंस्पेक्टर देसाई अपनी टीम के साथ एक बार फिर से मकान नंबर D/147 के पास पहुंचे। आसपास के लोगों से पूछताछ करनी शुरू की। पूछते-पूछते वे पड़ोस के अमित राणा के घर पहुंचे। इंस्पेक्टर देसाई ने अमित से पूछा- ‘तीन-चार दिन पहले इस घर में किसी को आते हुए देखा है क्या?’ अमित राणा कुछ याद करते हुए बोले, ‘साहब, 3 जून की रात करीब 3-4 बजे मैं पेशाब करने के लिए घर से बाहर निकला, तो एक दुबला-पतला आदमी जल्दी-जल्दी उस मकान से बाहर निकल रहा था। उसके हाथ में झोला भी था। अंधेरा था, मैं चेहरा तो नहीं पहचान पाया।’ इंस्पेक्टर ने आसपास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज निकलवाई। बस्ती के एंट्री गेट पर 3 जून की रात करीब साढ़े 8 बजे एक आदमी पैदल चलते हुए दिखा। उसके हाथ में झोला था। उसी कैमरे में सुबह 4 बजे उसी आदमी का चेहरा दिखा। हाथ में अभी भी एक झोला था। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद इंस्पेक्टर देसाई को ध्यान आया- इसका हुलिया तो श्रीराम हॉस्पिटल के कंपाउंडर जैसा मिल रहा। कंचनबेन की बहू कृष्णाबेन भी बोल रही थी कि सुजाता का कंपाउंडर के साथ चक्कर था। उसे पकड़ना पड़ेगा। अगले दिन इंस्पेक्टर देसाई सुबह-सुबह हॉस्पिटल पहुंच गए, लेकिन काउंटर पर कंपाउंडर नहीं था। इंस्पेक्टर देसाई ने डॉक्टर योगेश से पूछा- कहां है कंपाउंडर? ‘सर…आज तो उसने छुट्टी ली है। कह रहा था कि महाराष्ट्र जाना है।’ तभी इंस्पेक्टर देसाई का फोन बजा। उधर से आवाज आई- ‘सर… इस हुलिया का आदमी कालूपुर रेलवे स्टेशन पर दिखा है।’ इंस्पेक्टर जीप में बैठे और कालूपुर रेलवे स्टेशन के लिए निकल गए। श्रीराम हॉस्पिटल का कंपाउंडर कौन था? अगले दिन वह गायब क्यों हो गया? पुलिस कातिल तक कैसे पहुंची? पूरी कहानी ओढव डबल मर्डर केस पार्ट-3 में… आरोपी बोला- मैं सुजाता के साथ उसके कमरे में था, तभी उसका पति आ गया 'एक शाम मैं सुजाता के साथ उसके कमरे में था। अचानक उसका पति विपुल आ गया। मैं पीछे की दीवार फांदकर भाग गया, लेकिन सुजाता पकड़ी गई। विपुल ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। तब उसकी सास ने भी विपुल से बता दिया कि अस्पताल के कंपाउंडर के साथ इसका चक्कर है। उसने कई बार इसके साथ गलत किया है। उसके बाद विपुल ने सुजाता को मार पीटकर उसके मायके भेज दिया। इसी के बाद मैंने उनकी हत्या का प्लान बना लिया।' पूरी कहानी पढ़िए ओढव डबल मर्डर केस पार्ट-3 में… (नोट- यह सच्ची कहानी, पुलिस चार्जशीट, केस जजमेंट, एडवोकेट आर एफ पटानी और रजनीश पटानी, रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर एनएल देसाई से बातचीत पर आधारित है। सीनियर रिपोर्टर नीरज झा ने क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा है।

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 5:08 am

क्या पायलट को लगेज का गलत वजन बताया गया:टॉप एविएशन एक्सपर्ट से जानिए, अहमदाबाद विमान क्रैश से उठे हर जरूरी सवाल का जवाब

अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 क्रैश होने के बाद से कयासों का दौर जारी है। विमान के इंजन फेल होने से फ्लैप और नोज के एंगल तक पर सवाल उठ रहे। कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि अचानक एक यात्री ने इमरजेंसी विंडो खोल दी, जिससे हादसा हो गया। दैनिक भास्कर इन सभी कयासों और सवालों के साथ एविएशन सेफ्टी के टॉप एक्सपर्ट ग्रेग फेथ के पास पहुंचा, जिन्हें ऐसे कॉम्प्लेक्स विमान हादसों की जांच का लंबा अनुभव है। ग्रेग अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) में सीनियर एयर सेफ्टी इन्वेस्टिगेटर रह चुके हैं। उनसे बात की है भास्कर संवाद्दाता उत्कर्ष कुमार सिंह ने... सवाल-1: 12 जून को अहमदाबाद में जिस तरह से बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश हुआ, आपको क्या वजह लगती है? जवाब: इंटरनेट पर उपलब्ध दो वीडियो से साफ है कि विमान में परफॉर्मेंस की समस्या थी। चालक दल को विमान उड़ान भरने के लिए 11,500 फीट के पूरे रनवे का उपयोग करना पड़ा, जो असामान्य है। इतनी गर्मी में भी इतने लंबे रनवे की जरूरत नहीं होनी चाहिए थी। सवाल यह है कि विमान को इतना रनवे क्यों चाहिए था और टेक-ऑफ के के बाद भी विमान क्यों नहीं उड़ा पाया? यह विमान की कॉन्फिगरेशन से जुड़ा हो सकता है- जैसे कि फ्लैप्स की स्थिति या इंजन की थ्रस्ट सेटिंग। ये सेटिंग्स फ्लाइट मैनेजमेंट कंप्यूटर द्वारा कैलकुलेट की जाती हैं और अगर कैलकुलेशन गलत थी, तो प्लेन की स्पीड और फ्लैप सेटिंग भी गलत हो सकती थी, जिससे उड़ान भरने के बाद पायलट्स एयरप्लेन से कंट्रोल खो बैठे। सवाल-2: आपने फ्लैप सेटिंग का जिक्र किया, वीडियोज में आपको फ्लैप सेटिंग में क्या गड़बड़ी दिखी? जवाब: बोइंग 787 में फ्लैप्स पीछे की ओर खिसकते हैं, नीचे की ओर नहीं। वीडियो में ऐसा नहीं लगता कि फ्लैप्स नीचे हैं, बल्कि वे फैले हुए हैं। अगर फ्लैप्स और स्लैट्स सही स्थिति में नहीं थे, तो पायलट को ऑडियो और विजुअल अलर्ट मिलता, जो उन्हें बताता कि विमान टेकऑफ के लिए तैयार नहीं है। इसलिए, चालक दल ने बिना फ्लैप्स और स्लैट्स के टेकऑफ शुरू नहीं किया होगा। हो सकता है कि सेटिंग सही न हों, क्योंकि कंप्यूटर सिर्फ यह जांचता है कि पायलट ने फ्लैप को किसी स्थिति में नीचे रखा है या नहीं। सवाल-3: तो आप कह रहे हैं कि उड़ान के लिए विमान की सेटिंग सही नहीं थी? जवाब: हां, यह संभव है। फ्लैप सेटिंग और थ्रस्ट सेटिंग विमान के वजन पर आधारित होती हैं। अगर फ्लाइट मैनेजमेंट कंप्यूटर में गलत वजन दर्ज किया गया हो, तो फ्लैप और थ्रस्ट सेटिंग गलत हो सकती हैं, जिससे विमान के लिए पर्याप्त थ्रस्ट न मिला हो। सवाल-4: अगर विमान तैयार नहीं था, तो उसे उड़ने की अनुमति कैसे मिली? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जवाब: एयरलाइन संचालन में कई हिस्से शामिल होते हैं। कार्गो, यात्री और ईंधन के आधार पर विमान का कुल वजन तय किया जाता है। यह जानकारी पायलट को दी जाती है। वो इसे फ्लाइट मैनेजमेंट कंप्यूटर में दर्ज करते हैं। कंप्यूटर तापमान और रनवे के आधार पर फ्लैप और थ्रस्ट सेटिंग की कैलकुलेशन करता है। हो सकता है कंपनी ने अतिरिक्त सामान का हिसाब न लगाया हो और गलत वजन की जानकारी दे दी हो। ऐसे में कंप्यूटर ने उसी डेटा के आधार पर फ्लैप और थ्रस्ट की गलत सेटिंग्स बता दी। अगर कंपनी के आंकड़े सही थे, तो हो सकता है पायलटों ने गलत डेटा दर्ज किया हो। जांचकर्ताओं को यह पता लगाना होगा कि विमान में वजन का कैलकुलेशन सही थी या नहीं। सवाल-5: चर्चा है कि टेकऑफ के दौरान दोनों इंजन फेल हो गए, क्या यह संभव है? जवाब: दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना, खासकर टेकऑफ के दौरान, बहुत रेयर है। इसके लिए दोनों इंजनों में कोई एक जैसी समस्या होनी चाहिए। जैसे- ईंधन की दिक्कत। अगर ईंधन में अशुद्धि थी या विमान में फ्यूल मैनेजमेंट की समस्या थी, तो इंजन फेल हो सकते हैं। हालांकि वीडियो में टेकऑफ के बाद इंजन से धूल उड़ती दिख रही है। यानी जब विमान उड़ान भर रहा था, तो दोनों इंजन थ्रस्ट पैदा कर रहे थे। अगर दोनों इंजन फेल हो गए होते, तो पायलट प्लेन की नोज को इतना ऊंचा नहीं रखते। वे नोज को नीचे करके एयर स्पीड बनाए रखते, क्योंकि एयर स्पीड ही विमान को नियंत्रण में रखती है। सवाल-6: क्या आपको प्लेन की नोज एंगल में कोई गड़बड़ी दिखी? जवाब: टेकऑफ के दौरान नोज का एंगल (पिच एटिट्यूड) 10-12 डिग्री था, जो सामान्य है। असामान्य बात यह थी कि जब विमान लगभग 625 फीट की अपनी अधिकतम ऊंचाई पर पहुंचा और नीचे गिरना शुरु हुआ तो विमान का नोज एंगल और बढ़ गया। यह शायद पायलट की कोशिश थी कि विमान को नीचे गिरने से रोके। सवाल-7: बोइंग 787 के साथ पहले भी बैट्री और मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट की शिकायतें रही हैं। क्या आप इन्हें इस दुर्घटना से जोड़कर देख रहे? जवाब: जब किसी दुर्घटना की जांच होती है, तो हर चीज को ध्यान में रखा जाता है। बैट्री की पुरानी समस्याएं तात्कालिक कारण नहीं हो सकतीं, लेकिन जांचकर्ता यह देखेंगे कि क्या कोई इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम थी। एक वीडियो में दिखा कि दुर्घटना से कुछ घंटे पहले विमान में इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम थीं। जांचकर्ता यह देखेंगे कि क्या यह दुर्घटना का कारण तो नहीं या उसमें किसी तरह से कंट्रीब्यूट तो नहीं किया। इंटरनेट पर मौजूद वीडियोज के अलावा, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, और विमान से बोइंग, जनरल इलेक्ट्रिक, और एयर इंडिया को भेजा गया डेटा जांच में मदद करेगा। ग्राउंड पर प्लेन की सभी फेजेज में जांच होती है, उसका डेटा भी इस्तेमाल होगा। सवाल-8: भारत में अक्सर विमानों में स्क्रीन जैसी इलेक्ट्रिकल डिवाइसेज काम नहीं करतीं। क्या इसका दुर्घटना से कोई संबंध हो सकता है? जवाब: स्क्रीन का काम न करना सीधे दुर्घटना का कारण नहीं है, लेकिन यह रखरखाव की व्यवस्था पर सवाल उठाता है। अगर छोटी समस्याओं को ठीक नहीं किया गया, तो बड़े मुद्दों की अनदेखी की संभावना हो सकती है। जांचकर्ता रखरखाव के रिकॉर्ड्स की जांच करेंगे कि क्या कोई अनसुलझी समस्या थी जो प्लेन की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकती थी। हवाई जहाज को काम न करने वाली वीडियो स्क्रीन के साथ उड़ने दिया जाता है, तो उस हवाई जहाज पर और क्या टूटा हुआ है जिसे ठीक नहीं किया गया है? सवाल-9: अगर दोनों इंजन फेल हो जाएं, तो क्या विमान और यात्रियों के लिए बचाव का कोई रास्ता होता है? जवाब: हां, अगर दोनों इंजन फेल हो जाएं, फिर भी पायलट विमान को नियंत्रित कर सकते हैं। 2009 के ‘मिरैकल ऑन द हडसन’ में, न्यूयॉर्क के लागार्डिया एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले एयरबस के पायलट ने पक्षियों के झुंड से टकराने के बाद विमान को हडसन नदी में सुरक्षित उतारा था। इंजन बंद नहीं हुए थे, लेकिन वे विमान को उड़ाने के लिए जरूरी थ्रस्ट पैदा करने में सक्षम नहीं थे। कैप्टन सुलेनबर्गर ने नियंत्रित परिस्थितियों में विमान को नीचे उतारने का विकल्प चुना। इंजन में पॉवर के बिना भी वो विमान को उड़ाने में सक्षम हुए। इसलिए यदि पायलट विमान पर नियंत्रण बनाए रखने में सक्षम हैं, तो वे विमान को नियंत्रित तरीके से खुली जगह पर नीचे उतार सकते हैं। लेकिन अहमदाबाद में एयरपोर्ट के पास घनी आबादी के कारण पायलट के पास खुली जगह नहीं थी, जिसने उनके बचने की संभावना कम कर दी। सवाल-10: यानी प्लेन की ऊंचाई और आसपास की आबादी ने सुरक्षित लैंडिंग को प्रभावित किया? जवाब: अगर हवाई जहाज ज्यादा ऊंचाई पर होता तो पायलट को हवाई जहाज को दूसरी जगह ले जाने का बेहतर मौका मिल जाता। जैसा कि हमने कोरिया के जेजू 737 विमान हादसे के दौरान देखा, पक्षियों के झुंड से टकराने के बाद उनके इंजन में समस्या आई, लेकिन वो वे लैंडिंग के लिए हवाई अड्डे का चक्कर लगाने में सक्षम रहे। दुर्भाग्य से, उन्होंने कई निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और प्लेन क्रैश हो गया। इसलिए ऊंचाई महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पायलटों को बेस्ट एक्शन लेने का समय देती है। जब हवाई जहाज बहुत मजबूत स्ट्रक्चर जैसे कंक्रीट की इमारतों से टकराता है, तो जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। लेकिन अगर वह हवाई जहाज खुले मैदान में उतरा होता, तो लोगों के बचने की संभावना बढ़ जाती। जैसा हमने सैन फ्रांसिस्को में एशियाना 777 क्रैश में देखा था। हवाई जहाज रनवे से नीचे गिर गया, इंजन और लैंडिंग गियर टूट गए लेकिन सभी लोग बच गए क्योंकि विमान का वो हिस्सा सुरक्षित रहा जहां पैसेंजर और क्रू थे। सवाल-11: अब तक कितने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन दुर्घटना का शिकार हुए हैं? जवाब: बोइंग 787 का इस्तेमाल 12-15 साल से हो रहा है और दुनिया भर में लगभग 1,100 बोइंग 787 सर्विस में हैं। बोइंग का 737 तो कई बार क्रैश हो चुका है, लेकिन 787 विमान क्रैश होने की यह पहली घटना है। जांचकर्ता यह देखेंगे कि क्या डिजाइन, निर्माण या संचालन में कोई कमी थी या यह एयरलाइन और पायलटों की गलती थी। यह जानकारी जल्दी मिलने से भविष्य में ऐसी दुर्घटना को रोका जा सकता है। पायलट अभी भी दुनिया भर में इन विमानों को उड़ा रहे हैं, और हम कभी भी इस तरह की कोई दुर्घटना नहीं देखना चाहते हैं। सवाल-12: चूंकि आप खुद एक सीनियर एयर सेफ्टी इंवेस्टिगेटर रहे हैं, आप इस मामले की जांच कैसे करते? जवाब: सबसे पहले मैं जल्दी खराब होने वाले साक्ष्य इकट्ठा करता, जैसे वीडियो, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर। मैं इंटरनेट पर मौजूद वीडियोज के साथ ही एयरपोर्ट पर लगे तमाम कैमरों के वीडियो देखता, जो कई पहलू दे सकते हैं। इंजन की परफॉर्मेंस के डेटा से पता करता कि इंजन सामान्य रूप से काम कर रहे थे या उनमें से एक या दोनों फेल हो गए थे। मलबे की जांच से यह पुष्टि होती कि कोई मैकेनिकल खराबी थी या नहीं। फिर मलबे से ये जांचता कि विमान के किसी स्ट्रक्चर या सिस्टम में कोई मेकैनिकल मैलफंक्शन या फेलियर था या नहीं। सवाल-13: हवाई जहाज का मलबा बुरी तरह नष्ट दिख रहा है। क्या इससे जांच में परेशानी होगी? जवाब: इंवेस्टिगेटर फोरेंसिक तरीके से काम करते हैं। वे छोटे-छोटे टुकड़ों की भी जांच करते हैं। जैसे वाल्व, इंजन और फ्लैप्स की जैक स्क्रू। यह देखने के लिए कि क्या वे सामान्य थे। इंजन के फिजिकल निशान बताते हैं कि इम्पैक्ट के समय वह कितनी पावर जनरेट कर रहे थे। सभी पार्ट्स को देखा जाता है कि क्या कोई असामान्य चीज है जो विमान के सामान्य संचालन को बाधित या रोक सकती थी। फिर इसकी तुलना फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के डेटा से करते हैं जिससे असामान्यताओं का पता चलता है। सवाल-14: क्या ये संभव है कि इमरजेंसी गेट के पास बैठे पैसेंजर ने गेट खोलने की कोशिश की हो, जिससे दुर्घटना हुई? जवाब: नहीं, यह संभव नहीं है। बोइंग 787 के इमरजेंसी गेट ‘प्लग डोर’ होते हैं, जिन्हें दबाव के कारण उड़ान के दौरान खोलना असंभव है। जीवित बचे व्यक्ति का बचना चमत्कार और रहस्य दोनों है। वह शायद नहीं जानता कि वह कैसे बाहर निकला। जो उसके बगल में बैठे थे, मर गए। यह सब क्रैश डायनामिक्स, इम्पैक्ट फोर्सेज और प्लेन किस चीज से टकरा रहा है, इस पर निर्भर करता है। सवाल-15: जांचकर्ताओं को सबूत इकट्ठा करने और किसी नतीजे पर पहुंचने में कितना समय लगेगा? जवाब: जांच दो चरणों में होती है। पहला चरण तत्काल साक्ष्य और जानकारी इकट्ठा करना है ताकि एयर सेफ्टी के लिए कोई खतरा हो तो तुरंत सुधार हो सके। यह जानकारी अगले 7-10 दिनों में मिल सकती है। इसके साथ ही, घटना के सभी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कारणों और पहलुओं की विस्तृत जांच होगी, जो 18-24 महीनों में पूरी हो सकती है। अगले 48 घंटों में महत्वपूर्ण डेटा मिलने की उम्मीद है। ----------------------------- अहमदाबाद विमान दुर्घटना से जुड़ी अन्य खबरें... प्लेन क्रैश में बचे इकलौते यात्री से मिले PM मोदी:10 मिनट बातचीत की; पैसेंजर रमेश बोला- दरवाजा टूटा और मैं सीट समेत नीचे गिर गया अहमदाबाद प्लेन हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद नहीं था। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 5:08 am

ईरानी मस्जिदों पर बदले के लाल झंडे, इजराइल में सन्नाटा:ईरान के लोग बोले- अब बातचीत नहीं, इजराइली अफसर ने कहा- जंग लंबी चलेगी

ईरान की राजधानी तेहरान में कई जगह से धुआं उठ रहा है। राहत-बचाव के काम में लगी गाड़ियों के सायरन शुक्रवार सुबह से ही बज रहे हैं। इजराइल के हमलों में ईरानी सेना के टॉप 20 कमांडर मारे जाने की खबरें हैं। मरने वालों में 6 परमाणु वैज्ञानिक भी हैं। उधर, तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर की जमकारन मस्जिद पर लाल रंग का का झंडा फहराया जा रहा है। मस्जिद के बाहर हजारों लोग जमा हैं, जो इजराइल को खत्म करने की नारेबाजी कर रहे हैं। ईरानी सरकार के एक टॉप अधिकारी दैनिक भास्कर से कहते हैं- ‘अब बातचीत का वक्त खत्म हो चुका है। इजराइल ने घातक हमले किए हैं। किसी ने नहीं सोचा था कि इस तरह हमला होगा। हमारे जनरल सलामी की मौत हो गई है। जिन न्यूक्लियर साइंटिस्ट की मौत हुई है, वे तो परमाणु कार्यक्रम में एक्टिव तरीके से जुड़े भी नहीं थे।’ देश अभी युद्ध की कगार पर है, इसलिए ईरान के अधिकारी और आम लोग मीडिया के सामने पहचान जाहिर नहीं करना चाहते। सरकार से हिदायत मिली है कि विदेशी मीडिया से बात न करें। हालांकि उनकी बातों से साफ है कि हमले में ईरान को काफी नुकसान पहुंचा है। उधर, ईरान ने भी इजराइल पर ड्रोन अटैक किया है। दैनिक भास्कर ने इजराइल और ईरान में लोगों और सरकारी अधिकारियों से बात की। ईरान में सड़कें सूनी, मस्जिदों से बदले का ऐलान13 जून की सुबह इजराइल के अटैक के बाद ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गाबिलफ मीडिया के सामने आए, उन्होने कहा- ‘बदला लेने का समय आ गया है। यह बदला किसी भी तरीके और हथियार के जरिए लिया जा सकता है।’ इससे पहले इजराइली एयरफोर्स ने शुक्रवार सुबह ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया था। टारगेट पर तेहरान समेत आसपास के 6 सैन्य ठिकाने थे। इनमें से 4 जगह परमाणु फैसिलिटी सेंटर हैं। ईरानी मीडिया ने इजराइली हमले में आम लोगों के मारे जाने का दावा किया है। रिहायशी बिल्डिंगों को भी नुकसान पहुंचा है। इजराइली हमले पर ईरान के लोग खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने वहां कॉन्टैक्ट में रहे 6 लोगों को कॉल और मैसेज किया। कोई भी वहां के हालात बताने के लिए तैयार नहीं हुआ। ईरान के एक सरकारी अधिकारी की तरफ से जवाब आया। हालांकि उन्होंने भी पहचान न बताने की गुजारिश की। वे कहते हैं, ‘इजराइल के हमले के बाद से ईरान की सड़कों पर सन्नाटा है। अमेरिका ने हमले में इजराइल का साथ दिया है। अब अमेरिका के साथ बातचीत का समय चला गया है। मुझे नहीं लगता कि परमाणु कार्यक्रम पर कोई बातचीत हो सकती है।’ हमने ईरानी अधिकारी से पूछा कि अमेरिका ने कहा है कि इजराइल के हमले में वो शामिल नहीं है। क्या आप अमेरिका की ये बात मानेंगे? वे जवाब देते हैं, ‘अमेरिका भले कहे कि ईरान पर हमले में उसका हाथ नहीं है, लेकिन हमें पता है कि वो इजराइल के साथ है। अमेरिकियों के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। इजराइल ने ईरानी अधिकारियों और फौजियों की हत्या की है। इसके बाद बातचीत की जगह नहीं बच जाती।’ ‘अब ईरान भी आगे कदम उठाएगा। मैं मानता हूं कि ईरान की तरफ से इंटेलिजेंस की चूक हुई है। आखिर कैसे इजराइल ईरान के अंदर की इतनी सारी जानकारी इकट्ठा कर पाया और उसके प्लान के बारे में हमें कैसे पता नहीं चला।’ आगा जमान, स्टूडेंटशहर: कोम, ईरानलद्दाख के करगिल में रहने वाले आगा जमान ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 150 किमी दूर कोम शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। आगा बताते हैं, ‘अभी यहां सुबह हुई है। अब तक कोई दिक्कत नहीं हुई। मैं जहां रहता हूं, वहां से तेहरान दूर है। इसलिए यहां धमाकों की आवाजें सुनाई नहीं दीं। तेहरान में क्या हालात हैं, इस बारे में मुझे पता नहीं चला है। हमारे शहर में धुआं वगैरह भी दिखाई नहीं दिया।' इस बातचीत के बाद आगा का फोन भी बंद हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ईरान में लोगों को विदेशी मीडिया से बात न करने की हिदायत भी जारी की गई है। जमीर अब्बास जाफरी, प्रोफेसरकोम, ईरान मुंबई के रहने वाले जमीर 15 साल से अल-मुस्तफा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। 13 जून की सुबह 3 बजे इजराइल की तरफ से बमबारी शुरू हुई, तब वे नमाज के लिए जाग चुके थे। कोम तेहरान से करीब 150 किमी है, इसलिए उन तक धमाकों की आवाज नहीं पहुंची। हालांकि हमले की खबर उन्हें तुरंत मिल गई। जमीर बताते हैं, ‘जुमे की नमाज में हजारों लोग मौजूद थे। यहां नारे लग रहे थे, हम कर्बला वाले हैं, इजराइल से नहीं डरते। नमाज के बाद लड़कियां और महिलाएं भी इकट्ठा हुई। सभी ने जुलूस निकाला। लोग इजराइल से बदला लेना चाहते हैं। बदला लेने तक जंग खत्म नहीं होगी।’ इजराइल में बाजार बंद, अस्पताल बम शेल्टर में शिफ्ट, हवाई जहाज विदेश भेजेईरान के जवाबी हमले की आशंका से इजराइली सेना ने पूरे देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। तेल अवीव का बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट खाली करा लिया गया है। खबरें हैं कि इजराइली एयरलाइंस कंपनियां अपने प्लेन दूसरे देशों में शिफ्ट कर रही हैं। इजराइल आने-जाने वाली सभी फ्लाइट सस्पेंड कर दी गई हैं। देश भर में अस्पतालों को बड़े हादसों के निपटने के लिहाज से तैयारी करने के लिए कहा गया है। सेना ने बयान जारी कर कहा, ‘इस अभियान के दौरान हम सभी से अलर्ट रहने की उम्मीद करते हैं। जितना हो सके घर या पब्लिक प्लेस पर शेल्टर में रहें। अगर आसपास सुरक्षित जगह नहीं है, तो छिपने के लिए सीढ़ी के नीचे रहें या घर के अंदर वाले कमरे में चले जाएं।' 'हर नागरिक को पता होना चाहिए कि उसके आसपास सबसे सुरक्षित जगह कौन सी है। बिना वजह बाहर घूमने और वाहन चलाने से भी बचना चाहिए।’ रीना पुष्कराना, रेस्टोरेंट मालिकतेल अवीव, इजराइलइजराइल में रह रहीं भारतीय मूल की रीना पुष्कराना तेल अवीव में रेस्टोरेंट चलाती हैं। वे इजराइल में भारतीय कम्युनिटी की लीडर हैं। हमने उनसे इजराइल के हालात पर बात की। रीना बताती हैं, ‘रात के 3 बजे थे। तभी तेज आवाज में इमरजेंसी सायरन बजने लगे। समझ नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। हमारे घर में बम शेल्टर बना है। मैं फैमिली के साथ शेल्टर की तरफ भागी। वहां पहुंचकर फोन चेक किया, तो पता चला कि इजराइल ने ईरान पर हमला किया है। जवाब में ईरान की तरफ से मिसाइलें दागी गई हैं। कई महीनों बाद इतना लंबा सायरन बजा होगा। अब फिर से डर लग रहा है।’ ‘इजराइल में हालात पहले से काफी ठीक हो गए हैं। अक्टूबर, 2023 में गाजा की तरफ से हुए हमले के बाद बहुत बुरी स्थिति थी। फिर भी अभी तेल अवीव शहर में सब कुछ बंद है। सड़कों और बाजार में सन्नाटा है। टैक्सी बंद हैं। पूरे इजराइल में सायरन की आवाज गूंज रही है। मेरे रेस्टोरेंट में भी बम शेल्टर है, इसलिए हम अभी रेस्टोरेंट में ही हैं। बीच-बीच में बाहर निकलकर देख लेते हैं।’ ‘इजराइल में एयरपोर्ट बंद हैं। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने रात में ही बता दिया कि बाहर नहीं निकलना है। खाना-पानी घर इकट्ठा करके घरों के अंदर बम शेल्टर के पास रहना है। सायरन बजे तो उसे सीरियसली लेना है।’ आमिर, डिफेंस फोर्सनॉर्थ इजराइलइजराइली डिफेंस फोर्स के फौजी आमिर नॉर्थ इजराइल में रहते हैं। उनकी तैनाती लेबनान से लगने वाली सीमा पर होती है। दैनिक भास्कर ने अक्टूबर 2023 में गाजा पर इजराइली हमले के वक्त युद्ध की कवरेज की थी। तभी हम आमिर से मिले थे। हमने उनसे पूछा कि अभी हालात कैसे हैं? आमिर ने जवाब दिया, ‘बहुत अच्छे नहीं हैं। हम सेफ रूम और शेल्टर के पास ही रह रहे हैं। लग रहा है जंग लंबी चलेगी।’ ट्रम्प बोले- आगे हमले ज्यादा क्रूर होंगेईरान पर इजराइली हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'मैंने ईरान को डील करने के लिए कई मौके दिए। उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, वे कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, लेकिन इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने उनसे कहा कि यह किसी भी चीज से कहीं ज्यादा बुरा होगा।' इससे पहले ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें इजराइली हमले के बारे में पता था, लेकिन इसमें अमेरिकी सेना ने कोई भूमिका नहीं है। एक्सपर्ट बोले- ये सिर्फ शुरुआत, जंग लंबी चलेगीजेएनयू में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं, ‘इजराइल ने जिस तरह ये हमला किया है, इसे ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की शुरुआत माननी चाहिए। इजराइल को डर था कि कहीं ईरान की अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील न हो जाए और ईरान पर लगे प्रतिबंध न हट जाएं।' ‘इजराइल ने पूरी रणनीति के साथ अमेरिका को दरकिनार करते हुए ईरान पर हमला किया है। अमेरिका को दरकिनार करने का मतलब ये नहीं समझना चाहिए कि अमेरिका इजराइल के साथ नहीं है। ईरान पर बिना अमेरिका की जानकारी के हमला नहीं हो सकता। अमेरिका इजराइल के जरिए ईरान को तबाह करना चाह रहा है। ‘ईरान के लिए ये कोई सामान्य हमला नहीं है। उसके टॉप मिलिट्री कमांडर, टॉप साइंटिस्ट को मार देना नेशनल क्राइसिस है। ईरान और इजराइल के बीच ये युद्ध लंबे वक्त तक चल सकता है।’ ‘फिलहाल रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है। इस वजह से वो खुलकर ईरान का समर्थन नहीं कर पाएगा। पिछले दरवाजे से जरूर सपोर्ट करना चाहेगा। चीन की अमेरिका से ट्रेड डील होनी है, इस वजह से वो कुछ भी नहीं कर पाएगा। चीन डिप्लोमैटिक तरीके से और बैकडोर से जरूर हथियार या दूसरी मदद कर दे।’ ‘भारत के इजराइल-ईरान से अच्छे संबंध, युद्ध हुआ तो असर पड़ेगा’राजन कुमार आगे कहते हैं, ‘ये वॉर अगर बड़ा होता है तो भारत लिए ज्यादा खतरनाक होगा क्योंकि ये युद्ध हमारे पड़ोस में होगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक संकट गहराएगा। हमारा गल्फ के देशों में एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। ये हमारे इजराइल के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है।’ स्ट्रैटेजिक एंड फॉरेन अफेयर्स एक्सपर्ट सौरभ कुमार शाही कहते हैं, ‘इजराइल का राजनीतिक संकट ईरान के साथ तनाव की बड़ी वजह है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर करप्शन के गंभीर आरोप हैं। वे प्रधानमंत्री हैं, तभी तक उन्हें राहत मिली हुई है। इजराइल जब तक युद्ध में रहेगा, वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे।’ सौरभ कुमार शाही के मुताबिक, इजराइल के हमले की स्टाइल हिजबुल्लाह पर किए हमले की तरह ही है। ईरान की टॉप मिलिट्री अफसर, न्यूक्लियर साइट और सैनिक ठिकानों पर हमला किया गया। ईरान की इजराइल से जमीनी सीमा नहीं लगती। सीरिया में भी ईरान के समर्थन वाली असद सरकार नहीं रही। इसलिए ईरान एयर ऑपरेशन पर ही निर्भर है। वो अपनी मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा। ईरान के पास यही सबसे घातक हथियार हैं। 1. नतांज: ईरान का मेन परमाणु फैसिलिटी सेंटरतेहरान से लगभग 250 किलोमीटर साउथ में है। अनुमान है कि यहां 9 परमाणु बम बनाने जितना यूरेनियम मौजूद है। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये साइट अंडरग्राउंड है और 7.6 मीटर मोटी दीवार से ढकी है। फिर भी हमले में इसे नुकसान पहुंचा है। 2. तेहरान: ईरान की राजधानी, कई अहम मिलिट्री ठिकानेइजराइल ने तेहरान पर हमला करके जता दिया कि वो ईरान के पावर सेंटर तक पहुंच सकता है। तेहरान में संसद के अलावा सरकार के सभी अहम ऑफिस है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई भी यही रहते हैं। अहम मिलिट्री ठिकाने और एयरपोर्ट्स हैं। तेहरान के आसपास इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी IRGC के ट्रेनिंग सेंटर और हथियार डिपो हैं। 3. इस्फहान: परमाणु टेक्नोलॉजी सेंटरइस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यहां कच्चे यूरेनियम को गैस में बदला जाता है। इस शहर में एयरबेस भी है। माना जा रहा है कि इस बार के हमले में एयरबेस के रडार सिस्टम को निशाना बनाया गया है। इस्फहान में हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियां भी हैं। 4. अराक: हैवी वाटर रिएक्टरअराक में हैवी वाटर रिएक्टर है। इससे प्लूटोनियम बन सकता है। यह परमाणु हथियार बनाने का एक और तरीका है। यहां हमले की वजह ईरान के एटमी प्रोग्राम के दूसरे रास्ते को भी रोकना है। 5. तबरीज: मिलिट्री बेस और तेल रिफाइनरीतुर्की और आर्मेनिया की सीमा के करीब बसा तबरीज शहर ईरान के अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। यहां परमाणु ठिकाना नहीं है, लेकिन मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट और IRGC से जुड़े ठिकाने हैं। यहां बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन बनते हैं। तबरीज में तेल रिफाइनरी भी है। यहां हमला करने का मकसद ईरान के तेल क्षमता को कमजोर करना है। 6. करमनशाह: यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटीईरान के मिसाइल बेस और इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स इराक सीमा के पास हैं। अक्टूबर 2024 में ईरान ने इसी बेस से इजराइल पर मिसाइल हमले किए थे। दोबारा यहां से जवाबी हमला न हो, इसलिए करमनशाह को टारगेट किया गया। इजराइल-ईरान टेंशन पर ये खबरे भी पढ़िए... 1. कच्चा तेल 10% चढ़ा, ईरान ने रास्ता रोका तो महंगे होंगे पेट्रोल-डीजल इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए, तो तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के उत्तरी किनारे पर है। इस रास्ते से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देशों का तेल सप्लाई होता है। अगर ईरान ने रास्ता ब्लॉक किया, तो दुनिया की 20% तेल सप्लाई अटक सकती है। पढ़िए पूरी खबर.. 2. इजराइली एयर स्ट्राइक में 78 की मौत, नेतन्याहू ने मोदी से बात की इजराइल की एयरस्ट्राइक में 78 लोगों की मौत हुई है। इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने सभी ड्रोन मार गिराए। इस बीच इजराइली PM नेतन्याहू ने PM मोदी से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट के हालात की जानकारी दी। पढ़िए पूरी खबर..

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 4:00 am

DNA: ईरान का 'परमाणु बम', इजरायल ने कैसे फोड़ा? समझिए मोसाद के प्लान से अंजाम तक की पूरी कहानी

Israel on Iran: इज़रायल ने ईरान की कई न्यूक्यिलर साइट्स को निशाना बनाया. लेकिन ईरान के लिए सबसे बड़ा झटका नतांज परमाणु केंद्र पर हमला है. जो ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र है. इज़रायल और अमेरिका के मुताबिक ईरान यहीं पर परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम का संवर्धन कर रहा था.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 1:55 am

DNA: जंग में इजरायल नहीं अकेला, मुस्लिम देश होकर भी ईरान को भारत के 'दोस्त' ने सुना दी खरी-खोटी

Israel-Iran War News:सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस्लामिक देश ईरान पर बिना उकसावे के हुए हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. इजरायल की ये एकतरफा कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है और इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को खतरा पैदा हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 12:12 am

DNA: ईरान का परमाणु बम का सपना चकनाचूर, अब 'डर्टी बम' से मचाएगा तबाही?

DNA Analysis: ईरान की कोशिश थी कि वो इजरायल पर अपना परमाणु बम फोड़े लेकिन उससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के न्यूक्लियर अड्डों के साथ-साथ खलीफा के परमाणु बम वाले ख्याली गुब्बारे को फोड़ दिया. इसलिये अब ईरान के पास परमाणु बम के बजाय सिर्फ डर्टी बम फोड़ने का विकल्प बच गया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 11:36 pm

DNA: क्या सीज होगा ड्रीमलाइनर? DGCA का बड़ा आदेश, उड़ान से पहली की जाएगी जांच

DNA Analysis: एक आदेश DGCA यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बोइंग के 787-8 और बोइंग के 787-9 मॉडल के लिए जारी किए हैं. DGCA के आदेश के मुताबिक हर बोइंग के 787-8 और बोइंग के 787-9 विमान की उड़ान से पहले कई अलग-अलग जांच होगी. जानिए इसके पीछे की क्या वजह है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 10:47 pm

कभी पायलट कभी फ्लाइट अटेंडेंट बन जाता... लियोनार्डो की फिल्म देख 120 बार प्लेन में फ्री घूमा

Flight Scam: दुनिया भर में ऐसे कई व्यक्ति होते हैं जो अपने काम की वजह से लोगों को हैरान कर देते हैं. एक ऐसा ही शख्स है जिसने खुद को कभी पायलट तो कभी फ्लाइट अटेंडेंट बताकर 120 बार से ज्यादा मुफ्त में हवाई सफर किया. जब इसकी जानकारी एयरलाइंस को लगी तो लोगों के होश उड़ गए.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 8:32 pm

अभी वक्त है लेकिन बहुत कम... ईरान को ट्रंप की खुली धमकी, क्या मिडिल ईस्ट से शुरू होगी वर्ल्ड वार-3?

Donald Trump on Iran: ईरान पर इजरायल के हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आ गया है. उन्होंने एक बार फिर ईरान को धमकाते हुए कहा कि अभी-भी समय है लेकिन बहुत कम, इससे पहले कि सब कुछ तबाह हो जाए, समझौता कर लेना चाहिए.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 7:16 pm

जंग में ईरान की मदद करेंगे तुर्किये-पाकिस्तान! इजरायली हमले पर कौन सा मुस्लिम देश किसके साथ, सऊदी-यूएई क्या बोले

Israel Iran War Latest News: पाकिस्तान, तुर्की और ईरान के बीच दोस्ती जगजाहिर है. तीनों इस्लामिक देश इजरायल के खिलाफ पहले भी मोर्चा संभालते रहे हैं. सवाल है कि इजरायली हमले के खिलाफ क्या ईरान की युद्ध में पाकिस्तान और तुर्की मदद करेंगे या नहीं

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 6:06 pm

इजराइल के हमलों से दहला ईरान; उड़े रिवोल्यूशनरी गार्ड के परखच्चे, बदला लेने के लिए इस शख्स को सौंपी कमान

Israel Strike on Iran: इजराइल ने ईरान पर जबरदस्त हमला किया है. इस हमले के बाद ईरान में अफरा- तफरी का माहौल है. हमले के बाद ईरान पूरी तरह से आग- बबूला हो गया है. अब ईरान ने बदला लेने के लिए इस शख्स को रिवोल्यूशनरी गार्ड की कमान सौंपी है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 5:56 pm

300 साल पुराने मलबे के लिए क्यों लड़ रही हैं 4 ताकतें, समंदर में मिले जहाज में क्या छुपा है?

समंदर के अंदर 300 साल पुराने एक जहाज का मलबा मिला है, जिसको लेकर 4 ताकतें आपस में लड़ रही हैं, ये सभी इसपर अपना मालिकाना हक जता रही हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 5:23 pm

इजरायल ने सच में उड़ा दी ईरान की अवैध न्यूक्लियर साइट? रेडिएशन लेवल को लेकर IAEA के अध्यक्ष ने की पुष्टि

Israel strikes Iran LIVE:ईरान ने इजरायल के हमले में हुए भारी नुकसान के बाद पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है. उसकी सर्वोच्च सैन्य बॉडी के चीफ मारे गए हैं. हमले के बाद न्यूक्लियर लीक की खबरों पर इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी का बयान आया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 4:04 pm

जो शेर की तरह खुद को... ईरान पर हमले से पहले नेतन्याहू ने मुकद्दस दीवार पर क्या लिखा था? क्या है इसके मायने

Western Wall: इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई जगहों पर जोरदार हमला किया है. हमलों की वजह से ईरान दहल गया है. इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का वेस्टर्न वॉल पर छोड़ा एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जानिए क्या है इसके मायने.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 3:32 pm

इजराइली निशाने पर थी नतांज अंडरग्राउंड लैब:ईरान ने ऐसी क्या टेक्नोलॉजी हासिल की, जो इजराइल ने 200 लड़ाकू विमानों से हमला कर दिया

ईरान के 100 ठिकानों पर इजराइल के 200 विमानों ने ताबड़तोड़ 330 बम क्यों गिराए? इन ठिकानों में सबसे खास है, तेहरान से 220 किलोमीटर दक्षिण में नतांज। दरअसल, नतांज में ईरान की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड परमाणु लैबोरेट्री है। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर ईरान ने इस लैबोरेट्री में ऐसी क्या टेक्नोलॉजी डेवलप कर ली कि इजराइल ने इतना बड़ा हमला कर दिया… सवाल-1: इजराइल ने ईरान में कहां-कहां हमले किए, इनमें कौन मारे गए और क्या तबाही हुई? जवाब: इजराइल ने ईरान पर भारतीय समय के मुताबिक सुबह 5.15 पर एकसाथ 6 शहरों पर हमले किए। तब ईरान में सुबह के साढ़े तीन बज रहे थे। सवाल-2: इजराइल ने इतना बड़ा हमला क्यों किया और इससे हासिल क्या हुआ? जवाब: इजराइल के हमले का मुख्य उदेश्य नतांज परमाणु लेबोरेट्री को तबाह करना था, ताकि ईरान परमाणु बम ना बना सके। इजराइल, अमेरिका और कई पश्चिमी देशों का दावा है कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी 90% प्योर यूरेनियम हासिल करने के काफी करीब है। यूनाइटेड नेशन्स की वॉच डॉग मानी जाने वाली संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के मुताबिक ईरान ने यूरेनियम संवर्धन के लिए हजारों उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें स्थापित की हैं। मार्च 2025 तक ईरान के पास करीब 275 किलोग्राम यूरेनियम था, जिसे 60% तक शुद्ध किया जा चुका था। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान ने 87% तक यूरेनियम शुद्ध कर लिया है। यह यूरेनियम आधा दर्जन परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त है। हालांकि, ईरान के न्यूक्लियर प्लांट 80 मीटर यानी करीब 26 मंजिल की गहराई में हैं। ईरान की सीमेंट की तकनीक दुनिया में सबसे बेहतरीन है। इसलिए माना जा रहा है कि फिलहाल उसके न्यूक्लियर प्लांट को बहुत नुकसान नहीं पहुंचा है। IAEA ने भी कहा है कि उस प्लांट से फिलहाल कोई रेडिएशन नहीं निकल रहा है। सवाल-3: परमाणु बम कैसे बनता है? उसमें यूरेनियम संवर्धन क्यों जरूरी है? जवाबः परमाणु बन बनाने के लिए यूरेनियम के आइसोटोप U-235 या प्लूटोनियम के आइसोटोप Pu-239 का इस्तेमाल किया जाता है। यह ऐसा आइसोटोप होता है, जो आसानी से टूट जाता है। आइसोटोप यानी ऐसे परमाणु जिनमें इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या बराबर होती है, लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या अलग होती है। यानी इनकी परमाणु संख्या एक ही होगी, पर परमाणु भार अलग-अलग। परमाणु बम बनाने के लिए न्यूक्लियर रिएक्टर में U-235 पर न्यूट्रॉन से बमबारी करवाई जाती है। U-235 टूटकर बेरियम और क्रिप्टन में बदल जाता है। इस दौरान 3 न्यूट्रॉन और बेहिसाब एनर्जी निकलती है। ये तीन न्यूट्रॉन फिर से U-235 के परमाणुओं से टकराते हैं। इस तरह ये प्रोसेस लगातार चलती रहती है। इसे ‘चेन रिएक्शन’ कहा जाता है और इस तकनीक को ‘न्यूक्लियर फिजन’ या ‘नाभकीय विखंडन’ कहा जाता है। U-235 के एक परमाणु के टूटने से करीब 200 मिलियन इलेक्ट्रॉनवोल्ट एनर्जी निकलती है। और इस पूरे चेन रिएक्शन में यूरेनियम के असंख्य परमाणु टूटते हैं। यानी इस रिएक्शन से हजारों टन TNT एनर्जी निकलती है। 6 अगस्त 1946 को अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराया था, जिससे 15 हजार TNT एनर्जी निकली थी। करीब 70 हजार लोग तुरंत ही मारे गए थे। सवाल-4: ये सेंट्रीफ्यूज टेक्नोलॉजी क्या है, जिस पर हमला किया गया? जवाबः पढ़ने में भले ही आपको परमाणु बम बनाने की प्रोसेस आसान लग रही हो, लेकिन ऐसा है नहीं। इसे बनाने के लिए बहुत बड़ी फैक्ट्री, सेंटीफ्यूज, न्यूक्लियर रिएक्टर, और सालों का काम लगता है। दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही इस तरह की फैसिलिटी है। प्रकृति में ज्यादातर यूरेनियम U-238 के रूप में मौजूद है। महज 0.7% यूरेनियम ही U-235 के रूप में है। परमाणु बम बनाने के लिए U-235 की मात्रा 90% होनी चाहिए। इसे बढ़ाने के लिए सेंट्रीफ्यूज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। सेंट्रीफ्यूज टॉप स्पीड मशीन है, जो हल्के और भारी परमाणुओं को अलग करती है। कुछ वैसे ही जैसे दूध से मलाई अलग करने के लिए मथानी चलाई जाती है। सबसे पहले यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड गैस UF6 को सेंट्रीफ्यूज में डाला जाता है। इससे यूरेनियम के भारी आइसोटोप यानी U-238 बाहर की ओर चला जाता है और हल्का U-235 अंदर की ओर जमा होता जाता है। इस प्रोसेस को बार-बार दोहराया जाता है, ताकि U-235 की मात्रा बढ़ती जाए। इस प्रोसेस को यूरेनियम इनरिचमेंट या यूरेनियम संवर्धन कहा जाता है। सवाल-5: क्या इजराइल परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए ईरान पर इससे पहले भी हमला कर चुका है? जवाब: हां, इससे पहले भी ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए कई तरह के हमले हो चुके हैं। माना जाता है कि इन हमलों के पीछे इजराइल और अमेरिका का हाथ रहा है। 2000 से बाद से ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं। 2010 में मसूद अली मोहम्मदी और माजिद शाहरीयारी मारे गए। 2011 में दरयूश रेजाईनेजाद और 2020 में मोहसेन फखरीजादे मारे गए। मोहसेन को ईरानी परमाणु बम प्रोग्राम का आर्किटेक्ट माना जाता है। इसके पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया गया। ********* ईरान पर इजराइली अटैक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें: भास्कर एक्सप्लेनर- इजराइल का ईरान पर अटैक, अमेरिका ने पल्ला झाड़ा: ईरान कैसे करेगा पलटवार, भारत पर क्या असर; 5 सवालों के जवाब इजराइली पीएम नेतन्याहू ने कहा- ईरान को रोका नहीं गया तो वो कुछ महीनों में ही परमाणु हथियार बना सकता है। अमेरिका ने साफ कर दिया कि वो इस हमले में शामिल नहीं हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि इसकी सजा मिलेगी। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 13 Jun 2025 2:45 pm

इजरायली हमले से तिलमिलाया ईरान, दागे 100 ड्रोन- तबाही तय.. नई जंग की बिछ गई बिसात!

Middle East war: एक्सपर्ट्स का एक पॉइंट यह भी है कि ईरान का अगर किसी ने खुलकर साथ नहीं दिया तो वह कमजोर होगा. अमेरिका यही चाहता है. इसके बाद ईरान की स्थिति भी मिडिल ईस्ट के बाकी मुस्लिम देशों की तरह हो जाएगी.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 1:29 pm

200 फाइटर जेट्स, 100 टारगेट...इजरायल ने ईरान को दिया जिंदगी भर का जख्म? एटॉमिक साइट तबाह, मिसाइलें बर्बाद; साइंटिस्ट-कमांडर सब मारे गए

Israel attack on Iran’s military nuclear sites:इजरायल की एयरफोर्स ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है. इस हमले की पुष्टि इजरायल ने अब कर दी है. आइए जानते हैं किस कदर मची तबाही.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 12:16 pm

इजरायल ने ईरान पर किया भीषण हमला, तेहरान में गिरे बम.. निशाने पर परमाणु ठिकाने!

Israel Iran attack: इस पूरे हमले से अमेरिका ने खुद को अलग कर लिया है. पहले दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ने ये हमले अपने स्तर पर किए हैं और अमेरिका की इसमें कोई भूमिका नहीं है. इसके बाद मार्को रूबियो ने भी यही बात दोहराई है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 7:47 am

प्लेन क्रैश के बाद अमेरिका-ब्रिटेन क्यों भेज रहे अपनी स्पेशल टीमें? अहमदाबाद के लिए रवाना

US-UK aviation teams: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टॉमर ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया है. अमेरिका और ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से जांच में सहयोग की पेशकश करते हुए अपनी अपनी स्पेशल जांच टीमें भारत भेजने का ऐलान किया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 6:58 am

Ahmedabad Plane Crash: काश ऐसा होता… अहमदाबाद क्रैश पर हर किसी की जुबान पर एक ही बात, जब लोगों को याद आया वो ब्रिटिश चमत्कार

Ahmedabad Plane Crash Viral News: अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्या क्रैश होने से बच सकता था? यह सवाल अब हर किसी के मन में है. ब्रिटिश एयरवेज की एक बोइंग फ्लाइट को पायलट ने मुश्किल हालात में भी बचा लिया था, तो क्या वैसा कुछ यहां भी मुमकिन था?

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 6:49 am