लूट से लूव्र म्यूजियम ने लिया सबक, बढ़ाई गई सुरक्षा; जल्द 100 CCTV कैमरों से लैस होगा संग्रहालय
France: लूव्र म्यूजियम में हाल ही में हुई लूट के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए 100 सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही एक उन्नत पुलिस स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा. बता दें कि 19 अक्टूबर को हुई लूट में 10.2 करोड़ डॉलर के गहने चोरी हो गए थे.
200, 300 करोड़ नहीं...2000 करोड़ से भी ज्यादा में बिका ये पोट्रेट, ऐसा भी क्या है इसमें खास?
World Most Expensive Painting:1914-1916 का यह फोटो क्लिम्ट की उन कुछ कलाकृतियों में से एक है जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद भी बरकरार हैं. कम से कम छह कलेक्टर्स के बीच 20 मिनट तक बोली लगी रही. ओलिवर बार्कर नीलामी करने वाले थे, जिन्होंने सोथबी के नए ब्रेउर बिल्डिंग हेडक्वॉर्टर के खचाखच भरे कमरे में नीलामी की अगुआई की.
पहले स्पेस क्राइम मामले में आया सबसे बड़ा ट्विस्ट, पत्नी पर आरोप लगाने वाली महिला ने फोड़ा नया बम
Science News: वर्डेन ने गुरुवार को लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों से झूठ बोलने के दो मामलों में अपना अपराध स्वीकार कर लिया. 2019 में, वर्डेन ने दावा किया था कि मैकक्लेन ने जनवरी में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहते हुए उनके पासवर्ड का अनुमान लगाया और उनके बैंक खाता खोल लिया.
Donald Trump-Elon Musk News: ट्रंप और एलन मस्क के रिश्ते पिछले कुछ अरसे से काफी तनाव भरे रहे हैं. दोनों ने कई बार एक दूसरे पर व्यंग्य के तीर चलाए हैं. ऐसे में जब दोनों अचानक आमने-सामने मिले तो नजारा देखने लायक था.
बांग्लादेश : चुनाव आयोग ने नेशनल सिटिजन पार्टी को राजनीतिक पार्टी का दिया दर्जा
बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) को आधिकारिक तौर पर एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत कर लिया है
Chinese spies using LinkedIn to target British lawmakers:ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने एक बार फिर चीनी जासूसों की पोल खोल दी है. चौंकाने वाली बात ये है कि अब चीन के जासूस LinkedIn जैसी प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करके ब्रिटिश सांसदों और बड़े अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. जानें पूरी बात.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की बातचीत को खुलकर “हास्यास्पद और बेकार नाटक” बता दिया है. भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल नेने कहा कि 17 साल से जो अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) चल रही है, वो बस बयानबाजी का चक्कर है. नतीजा शून्य है.
America News: साल 2017 में US में हुए एक भारतीय महिला और उसके बेटे की हत्या के राज खुलासा हुआ है. एक लैपटॉप के जरिए इसका पर्दाफाश हुआ है. जानिए पुलिस कैसे कातिल तक पहुंची है.
बांग्लादेश के चुनावी मैदान में नए प्लेयर NCP की एंट्री, कहा- बैलेट या बुलेट दोनों के लिए तैयार हैं
बांग्लादेश चुनाव आयोग ने फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले एक और पार्टी को राजनीतिक पार्टी का दर्जा दे दिया दिया है. EC के सीनियर सेक्रेटरी अख्तर अहमद ने बताया कि आयोग ने NCP के साथ-साथ बांग्लादेश समाजतनत्रिक दल (मार्क्सिस्ट) को भी पंजीकरण प्रदान कर दिया है.
सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान कर रहे थे ट्रंप से मुलाकात, अचानक ओसामा बिन लादेन की क्यों करने लगे बात?
MBS US Visit: अपने अमेरिका दौरे के दौरान मोहम्मद बिन सलमान ने ओसामा बिन लादेन को लेकर भी बड़ी बात कही. उन्होंने पत्रकारों के सवाल-जवाब के दौरान ट्रंप को रोककर बताया कि ओसामा बिन लादेन का क्या मकसद था:
ऑस्ट्रेलिया में चलती कार ने भारतीय महिला को मारी टक्कर, मौके पर मौत; 8 महीने की थी गर्भवती
Indian Woman Killed In Australia Car Crash: ऑस्ट्रेलिया में एक गर्भवती महिला कीस कार एक्सीडेंट में दर्दनाक मौत हो गई. महिला अपने परिवार के साथ टचहल रही थी और तभी उसे एक गाड़ी से टक्कर लग गई.
दुनिया का सबसे डरावना एयरपोर्ट! हवा में 47 डिग्री का मोड़, इमारतों के इतने करीब से गुजरते विमान
Most Dangerous Airport: यूं तो दुनिया में एक से एक डरावने प्लेसेज हैं, यहां के डरावने किस्से रातों की नींद उड़ा देते हैं. कई जगहें तो ऐसी हैं जहां पर सालों से कोई गया ही नहीं है. लेकिन आज हम आपको हॉन्ग-कॉन्ग के एक ऐसे एयरपोर्ट (Kai Tak Airport) के बारे में बता रहे हैं जहां पर हवाई जहाज उतारने में बड़े-बड़े पायलट्स का गला सूख जाता है.
महिला पत्रकार पर कमेंट कर खुद ट्रोल हो गए ट्रंप, याद आया 29 साल पुराना मिस यूनिवर्स वाला कांड
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक महिला जर्नलिस्ट से कुछ ऐसा कह दिया कि लोगों ने उन्हें ही ट्रोल कर दिया और आलोचना शुरू कर दी.
Haiti celebrates decisive 1803 battle:हैती ने जहां एक तरफ 18 नवंबर को अपनी आजादी की 222 वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन उसके ही ऐतिहासिक शहर अर्काहे (जहां हैती का झंडा पहली बार फहराया गया था) पर भयानक गैंग हमला हो रहा था. जानें पूरी कहानी.
Epstein Files में यौन अपराधों के ऐसे कौन से राज छुपे हैं? जिनको ट्रंप समेत हर कोई दबाना चाहता है
Jaffery Epstein Files:नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया और बड़े-बड़े ताकतवर लोगों को भी इसमें शामिल करने के आरोपी जेफ्री एप्स्टीन से जुड़ी फाइलें अब खुलने वाली हैं, क्योंकि अमेरिकी सीनेट ने इसको हरी झंडी दिखा दी है. चलिए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला है क्या?
सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान वकीलों ने व्हिस्की का टेट्रापैक पेश किया तो जज चौंक गए. उन्हें यकीन नहीं हुआ कि शराब टेट्रापैक में भी बिकती है. आखिर मामला क्या है और कोर्ट ने सरकार से क्या पूछा, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक करें.
घुसपैठ को लेकर अमेरिका का बड़ा ऑपरेशन, नॉर्थ कैरोलिना में 130 लोग गिरफ्तार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पॉलिसी इलीगल इमिग्रेंट्स को लेकर सख्त रही है. इस बार उनके प्रशासन के फेडरल एजेंट्स ने नॉर्थ कैरोलिना में बड़ा ऑपरेशन चलाकर 130 लोगों को अरेस्ट किया.
जैसा की उम्मीद की जा रही थी, वैसा ही हुआ. जब डोनाल्ड ट्रंप और मोहम्मद बिन सलमान एक साथ प्रेस के सामने आए तो एक रिपोर्टर ने एमबीएस से त्रकार जमाल खशोगी की हत्या को लेकर सवाल पूछ दिया.
'नक्सली माड़वी हिड़मा और उसके बॉडीगार्ड बारसे देवा के आत्मसमर्पण के लिए 10 नवंबर को छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आखिरी कोशिश की थी। डिप्टी CM रायपुर से करीब 550 किलोमीटर का सफर तय कर सुकमा जिले के उस गांव पहुंचे थे, जहां हिड़मा और देवा की मां रहती हैं।' 'विजय शर्मा की सलाह पर दोनों की मांओं ने एक वीडियो के जरिए आत्मसमर्पण की अपील भी की। लेकिन 3-4 दिन बाद छत्तीसगढ़ नक्सल ऑपरेशन की टीम को मुखबिरों से पता चला कि हिड़मा ने मां की गुहार नकार दी है। जाहिर था अगर हिड़मा सरेंडर नहीं करेगा तो उसका सबसे करीबी और बॉडीगार्ड देवा भी नहीं करेगा।' नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल एक सोर्स ने बताया उसके बाद ये तय हो गया कि हिड़मा के आतंक को खत्म करने का एनकाउंटर ही एक रास्ता है। इन सबके 8 दिन बाद 18 नवंबर की सुबह माड़वी हिड़मा को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मरेडमिल्ली जंगल में एनकाउंटर के दौरान मारा गिराया गया। उसकी पत्नी मडकम राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर कर दिया गया। हिड़मा पिछले 2 दशक में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इनमें 2010 का दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमला और 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है। हिड़मा को सरेंडर के ऑफर देने से लेकर एनकाउंटर के बीच इन 8 दिनों में क्या हुआ, हिड़मा की लोकेशन फोर्स को कब और कैसे मिली, थ्री-लेयर सिक्योरिटी में रहने वाले इनामी नक्सली को कैसे मार गिराया गया। पढ़िए हिड़मा के एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी में… तेलंगाना की जगह आंध्र बॉर्डर चुनना हिड़मा की गलतीनक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल ऑफिशियल सोर्स से दैनिक भास्कर ने बात कर एनकाउंटर की पूरी कहानी समझी। हमने पूछा कि जिस हिड़मा की लोकेशन का इतने सालों से पता नहीं चल सका, उसके बारे में 8 दिन के अंदर कैसे पता लगा लिया गया? इस पर सोर्स ने बताया, ‘ऐसा नहीं है कि हिड़मा की लोकेशन फोर्स को कभी पता ही नहीं लगी थी। कई बार हिड़मा की क्लियर कट लोकेशन फोर्स तक पहुंची लेकिन उसकी इंटेलिजेंस यूनिट हमसे तेज थी। फोर्स के पहुंचने से पहले वो भाग निकलता था।‘ ‘इस बार फोर्स ज्यादा सतर्क थी। लोकेशन मिलने पर फोर्स उसके भागने से पहले वहां पहुंच गई। हिड़मा की बदकिस्मती ये भी थी कि इस बार मूवमेंट के लिए उसने करीब के बॉर्डर की जगह दूर का बॉर्डर चुना। तेलंगाना की जगह उसने आंध्रप्रदेश के जंगलों का रास्ता चुना। वहां भी आंध्र प्रदेश की एंटी नक्सल पुलिस यूनिट 'ग्रेहाउंड' हिड़मा की तलाश में मौजूद थी।' वे आगे बताते हैं, 'हिड़मा बस्तर का रहने वाला था। बस्तर के सुकमा जिले से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों के बॉर्डर लगते हैं। वो जब भी भागता था तो तेलंगाना का बॉर्डर पार कर राज्य बदलता था। तेलंगाना करीब है जबकि आंध्र दूर पड़ता है। इस बार हिड़मा ने आंध्र को चुना, शायद वो चकमा देना चाहता था। साथ में उसकी पत्नी, बॉडीगार्ड और दूसरे नक्सली भी थे। हालांकि इस बार इसकी भनक आंध्र प्रदेश की इंटेलिजेंस यूनिट को लग गई।' आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड फोर्स के जाल में कैसे फंसा हिड़मा क्या ग्रेहाउंड फोर्स ने सूचना मिलते ही हिड़मा को घेर लिया था या हिड़मा के यहां आने की खबर उन्हें काफी पहले मिल गई थी? इस पर सोर्स ने बताया, 'हिड़मा के आंध्र प्रदेश के बॉर्डर से स्टेट बदलने की सूचना एंटी नक्सल यूनिट को शायद एक दिन पहले ही मिल गई थी। वो आंध्र के घने जंगल मारेडुमिल्ली के करीब कहीं रातभर रुका भी था। इसलिए एंटी नक्सल यूनिट पहले से चौकन्नी थी।' 'हिड़मा को हमेश बच निकलने में माहिर माना जाता था ये यूनिट को भी मालूम था कि उसे दबे पांव ही दबोचा जा सकता था। 18 नवंबर की रात करीब 1.30 बजे एंटी-नक्सल ग्रेहाउंड पुलिस यूनिट और लोकल पुलिस ने डीप कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया। इसकी सूचना कुछ चुने हुए अधिकारियों और उन लोगों को थी, जिन्हें ये ऑपरेशन अंजाम देना था। सुबह तक मुठभेड़ हुई, जिसमें हिड़मा, उसकी पत्नी राजे राजक्का, बॉडीगार्ड देवा और 3 अन्य नक्सली मारे गए।' हिड़मा आंध्र प्रदेश में किस जगह रुका था? सोर्स ने बताया, 'हिड़मा मारेडुमिल्ली जंगल में कहीं रुका था। हालांकि अभी सटीक तौर पर लोकेशन नहीं पता लेकिन जंगल से ही सटे किसी गांव में उसने कुछ घंटे गुजारे थे। ये जंगल बहुत घना है और तीन राज्यों आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा से लगा हुआ है। वैसे वो इस गांव में भी नहीं रुकने वाला था। वो मूवमेंट शुरू कर चुका था। उसी दौरान उसे मारा गया।' थ्री-लेयर सिक्योरिटी घेरा फेल, भरोसेमंद बॉडीगार्ड देवा भी मारा गयासोर्स ने आगे बताया, ‘अभी ये चर्चा नहीं हो रही है कि हिड़मा के साथ ही एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। वो उसके बॉडी गार्ड देवा का मारा जाना है। हिड़मा और देवा दोनों एक ही गांव के थे। छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM ने जब हिड़मा की मां से मुलाकात की थी, तब उसी दिन वो देवा की मां से भी मिले थे। देवा, हिड़मा का सबसे करीबी और भरोसेमंद बॉडीगार्ड था।‘ ‘हिड़मा की तरह ही वो चौकन्ना और तेज था। सोचिए हिड़मा जैसे तेज तर्रार नक्सली ने अगर किसी को अपना बॉडीगार्ड चुना होगा तो उसमें कुछ तो खूबी जरूर रही होगी। हिड़मा की थ्री-लेयर सिक्योरिटी के सबसे अंदर के घेरे में देवा रहता था। अगर दो लेयर पार करने के बाद कोई हिड़मा तक पहुंच गया तो उसे पहले देवा से मुकाबला करना पड़ता था। वो हिड़मा का सबसे पुराना साथी था।‘ हिड़मा के सुरक्षा घेरे में रह चुकी एक पूर्व नक्सली थ्री-लेयर के सिक्योरिटी घेरे के बारे में बताया- 'इसे ए, बी, सी नाम दिया गया था। जब भी हिड़मा तक किसी को पहुंचना होता था तो पहले उसे इन तीरों लेयर को पार करना पड़ता था। यहां तक कि कोई नक्सली भी हिड़मा से मिलना चाहता था तो उसे इन तीनों घेरों के बॉडीगार्ड्स की परमिशन लेनी पड़ती थी।' पूर्व नक्सली ने ये भी बताया कि हिड़मा की सुरक्षा इतनी मजबूत थी कि उसका खाना बनाने के लिए भी एक खास टीम थी। वो जहां जाता था, रसोइए उसके साथ जाते थे। वो हर किसी के हाथ का खाना नहीं खाता था। मां की गुहार पर भी सरेंडर क्यों नहीं किया? इसके जवाब में पूर्व नक्सली ने बताया, 'वो बहुत कट्टर और स्वाभिमानी किस्म का था। जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, उन्हें संगठन में गद्दार कहते हैं। वो कहता था कि मर जाऊंगा लेकिन गद्दार नहीं बनूंगा।' 'आप नहीं समझ सकते कि जिस संगठन में कोई इतनी मुश्किलें उठाकर रहा हो, फिर उसे अपना अलग रास्ता चुनने पर गद्दार कहा जाए तो कितना बुरा लगता है। संगठन में एंट्री होने के बाद आप अपने फैसले लेने के लिए आजाद नहीं रह जाते। फैसला लिया तो संगठन आपका दुश्मन बन जाता है।' अब आंध्र प्रदेश पुलिस की बात...हिड़मा को लेकर एक-दो दिन से मिल रहे थे इंटेलिजेंस इनपुट आंध्र प्रदेश पुलिस के ADG (इंटेलिजेंस) महेश चंद्रा लड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ’छत्तीसगढ़ में लगातार दबाव के कारण नक्सलियों के टॉप लीडर्स आंध्र प्रदेश शिफ्ट होने की कोशिश कर रहे थे। हम लगातार उन पर नजर रख रहे थे।’ ’पिछले एक-दो दिन से हमारे पास खास इंटेलिजेंस इनपुट था कि कुछ टॉप नक्सली आंध्र प्रदेश की सीमा में घुस रहे हैं और वे इस तरफ संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हीं इनपुट के आधार पर 18 नवंबर की सुबह 6 बजे मरेडमिल्ली गल में नक्सलियों के साथ एनकाउंटर हुआ।’ हिड़मा 16 की उम्र में नक्सल संगठन में हुआ था भर्तीदैनिक भास्कर ने हिड़मा पर अपनी पिछली स्टोरी में पूर्व नक्सली कमांडर बदरना से हिड़मा को लेकर बातचीत की थी। बदरना 2000 में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। फिलहाल जगदलपुर में रहते हैं। 1996 में बदरना ने ही हिड़मा को नक्सल संगठन में भर्ती किया था। बदरना उसके नक्सली संगठन में भर्ती होने और फिर सेंट्रल कमेटी तक पहुंचने की बातें विस्तार से बताते हैं। बदरना ने बताया था, '16 साल की उम्र में उसके गांव पूर्वती में नक्सलियों की ग्राम राज्य कमेटी ने उसे चुना। भर्ती की प्रक्रिया मैंने ही पूरी की थी। बच्चों के लिए नक्सलियों में 'बालल संगम' नाम से एक संगठन होता है। हिड़मा की शुरुआत उसी से हुई। दुबली पतली कद काठी वाला हिड़मा बहुत तेज-तर्रार था और चीजों को तेजी से सीखता था।' 'उसकी इसी काबिलियत की वजह से उसे बच्चों की विंग 'बालल संगम' का अध्यक्ष बनाया गया। गोंड समाज से आने वाले हिड़मा की शादी नक्सली संगठन में आने से पहले हो चुकी थी। उसका असली नाम मुझे ठीक से याद नहीं, लेकिन हिड़मा नाम उसे संगठन ने दिया था।' नक्सलियों का अपना एजुकेशन सिस्टम और कल्चरल कमेटी होती है। यहां हिड़मा ने पढ़ाई करने के साथ गाना-बजाना सीखा। बदरना ने बताया था, 'हिड़मा जितना अच्छी तरह एम्बुश लगाना सीख रहा था, उतना ही अच्छा वो वाद्ययंत्र बजाने में भी था। उसकी आवाज में भी दम था। उसकी तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो प्राथमिक उपचार की शिक्षा लेने में भी सबसे आगे था।' ट्रेनिंग के बाद हिड़मा की पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में की गई थी। बदरना के मुताबिक '2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या के बाद उसे संगठन में अहम जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद झीरम घाटी के हमले की रणनीति भी हिड़मा ने ही तैयार की। 2017 में सुकमा के बुर्कापाल में सेंट्रल रिजर्व फोर्स पर हुए हमले का मास्टरमाइंड भी वही था।' 'अपनी उम्र के किसी भी नक्सली से वो बहुत आगे था। हालांकि जब हमले की रणनीति बनती है तो और भी बड़े-बड़े कमांडर इससे जुड़ते हैं, लेकिन हां, हिड़मा जिस हमले को लीड करता है, उसकी रणनीति बनाने में वहीं आगे रहता था।' पत्नी राजे भी कमेटी मेंबर रहीपुलिस के मुताबिक, हिडमा की पत्नी राजे ने भी नक्सलियों के संगठन में कई अहम भूमिकाएं निभा चुकी थी। वो 1994-95 में बाल संगठन सदस्य रही, उसके बाद 2002-03 में जगरगुंडा एरिया कमेटी मेंबर (ACM) बनी। फिर किस्तारम ACM (2006–07), पलाचलमा LOS कमांडर (2008). उसे 2009 में बटालियन मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल की शिक्षिका बनाया गया था। बाद में BNPC बटालियन पार्टी कमेटी मेंबर के तौरपर एक्टिव रही।..................ये खबर भी पढ़ें.. शाह ने तय की थी नक्सली हिड़मा की डेडलाइन गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को हिड़मा को खत्म करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इसके बाद आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित मरेडमिल्ली के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इसी ऑपरेशन में हिड़मा डेडलाइन से 12 दिन पहले ही मारा गया। पढ़िए पूरी खबर...
‘17 नवंबर की सुबह कभी नहीं भूल पाऊंगा। मेरे फूल जैसे इजान-हमदान और सबीया। मेरी बहू हुमारा और बेटा इरफान सब चले गए। सऊदी से आए फोन पर खबर मिली कि मक्का–मदीना जाते वक्त उनकी बस हादसे में जल गई। ये सुनकर मेरा दिल जैसे थम गया। मेरा इरफान तो परिवार की बरकत और सुकून की दुआएं लेकर ‘काबा’ गया था। कैसे मान लूं कि अब वो और उसके मासूम बच्चे इस दुनिया में नहीं हैं। अल्लाह उनकी रूहों को जन्नत नसीब करे।‘ 72 साल के सलीम अहमद अपने 6 और 7 साल के पोते इजान और हमदान की तस्वीर देखकर भावुक हो जाते हैं। हैदराबाद के रहने वाले सलीम ने सऊदी बस हादसे में अपने परिवार की पूरी अगली पीढ़ी खो दी। उनके बेटे इरफान अहमद हादसे में मरने वाले 45 भारतीयों में से एक थे। 16 और 17 नवंबर की दरमियानी रात करीब 1:30 बजे मक्का से मदीना जा रही एक टूरिस्ट बस डीजल टैंकर से टकरा गई। ये टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी बस जलकर राख हो गई। हादसे में सिर्फ 1 शख्स मोहम्मद शोएब ही जिंदा बच पाए हैं। घटना के वक्त वो ड्राइवर के पास बैठे थे। फिलहाल उनका इलाज एक सरकारी अस्पताल में चल रहा है। वहीं मरने वाले 45 लोगों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। दैनिक भास्कर इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के घर पहुंचा। अपनों को हमेशा-हमेशा के लिए खो चुके लोगों का सिर्फ इतना कहना है कि आखिरी बार ही सही उन्हें अपने घरवालों के शव सौंप दिए जाएं। आइए पूरी कहानी जानते हैं... हैदराबाद से 54 लोग 'काबा-शरीफ' गए थे, सिर्फ 9 जिंदा बचे हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, 9 नवंबर को 'काबा-शरीफ' की यात्रा पर हैदराबाद से 54 लोग सऊदी गए थे। इन लोगों ने प्राइवेट टूर ऑपरेटरों के जरिए बुकिंग करवाई थी। सभी की वापसी 23 नवंबर को होनी थी। लेकिन उससे पहले ये दुर्घटना हो गई। हादसा मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर मुहरास के पास भारतीय समय के मुताबिक रात लगभग 1:30 बजे हुआ। उस समय कई यात्री सो रहे थे। उन्हें बचने का मौका भी नहीं मिला। घटना वाले दिन 4 लोग मक्का में ही ठहर गए जबकि 4 अन्य कार बुक कराकर अलग से मदीना गए थे, जो बच गए। हादसे का शिकार हुई बस में 46 लोग सवार थे। इनमें हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद आसिफ नईम के परिवार के 18 लोग भी शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। आसिफ के मुताबिक, दुर्घटना में उनके परिवार के 9 बच्चों और इतने ही नौजवानों की मौत हो गई। सभी 9 तारीख को मक्का-मदीना की यात्रा पर निकले थे। नईम कहते हैं, 'मेरी पत्नी बेटी के साथ उमरा करने मक्का गई थीं। वो उमरा करके मदीना लौट रही थीं, तभी हादसा हो गया। उनके साथ मेरे सास-ससुर, दो साली और उनका परिवार गया था। मेरे भाई की भी पत्नी, बेटी और दामाद के परिवार में अब केवल एक बच्चा बचा है, क्योंकि वो इस वक्त USA में पढ़ाई कर रहा है। इस हादसे में मेरे परिवार की 3 पीढ़ियां खत्म हो गईं।' 'मेरी सरकार से यही मांग है कि हमें सऊदी जाने की मोहलत दी जाए। हादसे की भी जांच होनी जरूरी है। इसमें जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।' बहन ने वादा पूरा किया लेकिन अब जिंदा नहीं हादसे में हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद यूनुस की बहन जाकिया की भी मौत हुई है। वो अपने शौहर मस्तान और बेटे सोहेल के साथ उमरा करने गई थीं। यूनुस अपनी बहन को याद करते हुए कहते हैं, ‘9 नवंबर को जाकिया का फोन आया था, वो बहुत खुश थी। बोल रही थी कि भाई आप बचपन से चाहते थे कि मैं एक बार उमरा करने मक्का-मदीना जाऊं। देखिए आज वो दिन आ गया। उसकी ये बात अब रह-रहकर याद आ रही है। बहन ने अपना वादा तो निभाया लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं है।’ हमने तेलंगाना सरकार के अपील की है कि हमें जल्द से जल्द सऊदी भेजने का इंतजाम किया जाए। हमारे पास पासपोर्ट है। हम जितनी जल्दी वहां पहुंचेंगे, अपनों के शवों को आखिरी बार देख सकेंगे। मेरी ख्वाहिश है कि मैं आखिरी बार ही सही अपनी बहन को एकबार देख तो लूं। हैदराबाद के सुलेमान नगर के रहने वाले निजाम की पत्नी परवीन बेगम (34) अपनी दो बहनों के साथ 9 नवंबर को सऊदी पहुंची थी। वे 8 दिनों तक मक्का में ठहरी हुई थीं। 17 नवंबर को मदीना लौटते उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई। परवीन घर की सलामती की दुआ लेकर काबा गई थीं। निजाम ने भास्कर से बात करते हुए बताया, ’हमने मक्का टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर से बुकिंग करवाई थी। घटना वाले दिन सुबह 7 बजे के करीब ट्रैवल कंपनी की तरफ से ही हमें सूचना दी गई कि सऊदी में यात्रियों को ले जा रही बस का एक्सिडेंट हो गया है। इसमें आपकी पत्नी और रिश्तेदार बुरी तरह से जल गए हैं। उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं। कुछ देर बाद हमें बताया गया कि उनकी मौत हो चुकी है।’ शोएब बस से न कूदता तो मौत पक्की थी सऊदी बस हादसे पर हैदराबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर तफसीर इकबाल कहते हैं, ’सउदी के मुहरास इलाके में हुए इस दर्दनाक हादसे में 45 लोगों की मौत हुई है, इनमें से 43 लोग हैदराबाद के थे। जबकि 2 साइबराबाद और एक शख्स कर्नाटक के हुबली का था। बस में 18 पुरुष, 18 महिलाएं और 10 बच्चे सवार थे।’ घटना में जीवित बचने वाला एकमात्र शख्स मोहम्मद शोएब खिड़की का शीशा तोड़कर बस से बाहर कूद गया, जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। हालांकि खुद को बचाते हुए हुए उसके दोनों हाथ बुरी तरह जल गए हैं। घटना के बाद तेलंगाना सरकार ने सचिवालय में कंट्रोल रूम बनाया है। इसकी मदद से लोग अपने परिजनों के बारे में जानकारी ले सकेंगे। हम मृतकों के बारे में पोस्ट डेथ इन्क्वायरी के लिए लगातार रियाद पुलिस और भारतीय दूतावास से संपर्क में हैं। हैदराबाद पुलिस के मुताबिक, घटना में मरने वाले 45 भारतीयों में ज्यादातर हैदराबाद, रामनगर, मुरादनगर, मुगलनगर और चिंतालमेट के थे। विक्टिम फैमिली के साथ सऊदी जाएंगे अजहरुद्दीनसऊदी बस हादसे के बाद तेलंगाना सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन ने पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें मदद का भरोसा दिलाया है। CM रेवंत रेड्डी के आदेश पर अजहरुद्दीन अब राहत कार्यों में सहयोग के लिए सऊदी अरब जाएंगे। तेलंगाना सरकार के मुताबिक, हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से दो लोगों को सऊदी अरब भेजा जाएगा। वहां से शव भारत न लाकर सऊदी में ही धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया जाएगा। मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। जेद्दा में भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन जारी की है। दूतावास ने बताया कि सऊदी अरब के मदीना के पास भारतीय उमरा तीर्थयात्रियों के साथ हुई दुखद बस दुर्घटना को देखते हुए जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में 24x7 कंट्रोल रूम बनाया, हेल्पलाइन का संपर्क विवरण 8002440003 है। असदुद्दीन ओवैसी ने सऊदी अरब में भारतीय उमरा यात्रियों की बस दुर्घटना पर शोक जताया। उन्होंने लोगों को मक्का-मदीना ले जाने वाली हैदराबाद की 2 ट्रैवल एजेंसियों से भी बात की है। AIMIM चीफ ने रियाद में भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन (DCM) अबू मैथन जॉर्ज से भी संपर्क किया। जॉर्ज ने उन्हें बताया है कि रियाद के लोकल ऑफिसर्स मौके पर मौजूद हैं, मृतकों के शव सुरक्षित जगह पर रखे गए हैं। 3 फैक्टर जिनकी वजह से सऊदी में धार्मिक यात्राएं बनीं खतरनाक450 किमी लंबा मक्का–मदीना कॉरिडोर हज और उमरा यात्रियों के लिए बेहद व्यस्त मार्ग माना जाता है, पूरे सऊदी अरब में इस रास्ते पर सड़क दुर्घटनाएं लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रही है। इस रूट पर उमरा यात्रियों के लिए जोखिम का डर इतना ज्यादा क्यों है? इसे समझने के लिए हमने लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के एकेडमिक डीन रहे प्रोफेसर एपी त्रिपाठी से बात की। उन्होंने तीन फैक्टर्स के जरिए अपनी बात कही। 1. मक्का-मदीना कॉरिडोर रोड एक्सीडेंट प्रोन एरिया मक्का से मदीना जाने वाला हाईवे बेहद लंबा और रेतीला है। ये रूट व्यापारिक मार्ग भी है, जहां बहुत कम मोड़ होते हैं। ऐसे में इस रास्ते में तेल के टैंकरों और दूसरे भारी वाहन लगातार चलते रहते हैं। व्यस्त मार्ग होने की वजह से यहां सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम ज्यादा रहता है। रास्ता लंबा होने के कारण कई बार ड्राइवरों को भी नींद आने पर या आलस की वजह से एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है। 2. टक्कर और आग लगने का खतरा सऊदी में इनकम का सबसे बड़ा जरिया तेल है। यहां हर दूसरे मिनट पर आपको हाईवे पर तेल टैंकर गुजरते हुए मिल जाएंगे। हज यात्री इन्हीं के बीच अपने वाहनों से मक्का-मदीना की यात्रा करते हैं। लिहाजा तेल टैंकर जैसे ज्वलनशील से टक्कर होने पर आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे हादसे आम सड़क हादसों की तुलना में बेहद दर्दनाक साबित होते हैं। इनसे हमेशा बड़ी जनहानि का खतरा रहता है। 3. रोड बेहतर लेकिन प्राकृतिक चुनौतियां काफी ऐसा देखा गया है कि सऊदी में सड़कें भले ही अच्छी हों, फिर भी यहां रेगिस्तानी क्षेत्रों से गुजरने के कारण धूल भरी आंधी और मुश्किल मौसम की दूसरी चुनौतियां हर वक्त रहती हैं। ऐसे रूट्स पर ट्रैवल जोखिम भरा रहता है। ऐसे में हमेशा यात्रा से पहले सुनिश्चित करें कि आपका ड्राइवर सऊदी रोडवेज एसोसिएशन में रजिस्टर्ड हो। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सऊदी सरकार को अपने रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना होगा। अक्टूबर 2019 में भी मदीना के पास एक बस और वाहन की टक्कर में 35 यात्रियों की मौत हुई थी।..................ये खबरें भी पढ़ें... सऊदी में ड्राइवर की नौकरी देकर कचरा उठवाया-बकरी चरवाई 59 साल की सूरजकली बेटे राजीव की फोटो देखकर भावुक हो जाती हैं। राजीव मई 2023 में सऊदी अरब में ड्राइवर की नौकरी करने गए थे, लेकिन वहां वो कफाला सिस्टम का शिकार हो गए। उन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। वे रियाद में 3 साल कैद की सजा काट रहे। उन पर 18 लाख रुपए जुर्माना भी लगा है। ये कहानी सिर्फ राजीव की ही नहीं है। सऊदी में कफाला सिस्टम के शिकार बन चुके तमाम भारतीयों की है। पढ़िए पूरी खबर..
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को रोकने के अपने पुराने दावे को फिर दोहराया है. हालांकि भारत पहले ही ऐसी बातों का खंडन कर चुका है.
यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में एपस्टीन की फाइल्स रिलीज करने वाला बिल पास, अब आगे क्या?
जेफरी एपस्टीन से जुड़ी फाइल को सामने लाने का एक रास्ता साफ हो गया है, अब इस बिल को लेगर अगली वोटिंग सीनेट में होगी. अब तक विधेयक को दोनों दलों का भरपूर समर्थन मिला है.
F-35 Fighter Jet to Saudi Arabia:करीब 7 साल के बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिका की धरती पर कदम रखा. लेकिन उनके आने से पहले ही ट्रंप ने ऐलान कर दिया कि वह एफ-35 जेट सऊदी अरब को बेचेंगे.
मंगलवार की शाम करीब 5 बजे X, ChatGPT और Canva जैसी 75 लाख वेबसाइट्स अचानक बंद हो गईं। वजह- क्लाउडफ्लेयर का डाउन होना। क्लाउडफ्लेयर है क्या, कैसे काम करता है, क्यों डाउन हुआ और क्या यूजर्स को फिक्र करनी चाहिए; भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसे 5 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे... सवाल-1: क्लाउडफ्लेयर क्या है और कैसे काम करता है? जवाबः इंटरनेट एक खुली सड़क की तरह है, जहां कोई भी चल सकता है। अच्छे लोग भी और बुरी नीयत वाले लोग भी। बुरी नीयत से वेबसाइट पर खराब ट्रैफिक न आ जाए, इसे रोकने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला प्रोडक्ट है- Cloudflare। ये वेबसाइट्स को ज्यादा तेज, सेफ और भरोसेमंद बनाने में मदद करता है। वेबसाइट्स इसकी सर्विस लेती हैं। Cloudflare वेबसाइट के ठीक सामने खड़ा रहता है। जैसे सड़क पर सिक्योरिटी चेकपोस्ट होती है। ये वेबसाइट पर आने वाली हर रिक्वेस्ट को चेक करता है। अगर कोई गड़बड़ी है, तो उसे वेबसाइट से पहले ही रोक देता है। अगर कोई सामान्य जानकारी चाहिए तो उन सवालों के जवाब खुद ही दे देता है। ताकि ट्रैफिक सीधे असली वेबसाइट तक न जाए और वेबसाइट पर लोड न पड़े। सवाल-2: दुनियाभर की 75 लाख वेबसाइट डाउन होने में क्लाउडफ्लेयर का क्या रोल है? जवाबः लाखों वेबसाइट्स के लिए क्लाउडफ्लेयर एक सिक्योरिटी गेट की तरह है। अगर ये गेट बंद हो जाए या खराब हो जाए, तो कोई भी ट्रैफिक आगे नहीं जा सकता। सारा ट्रैफिक या तो रुक जाता है या रिजेक्ट हो जाता है। ठीक यही अभी आउटेज में हो रहा है। क्लाउडफ्लेयर का चेकपोस्ट बंद पड़ा है, इसलिए बहुत सारी वेबसाइट्स काम नहीं कर रही हैं। सवाल-3: क्लाउडफ्लेयर क्यों डाउन होता है, मौजूदा आउटेज क्यों हुआ? जवाबः क्लाउडफ्लेयर जैसी बड़ी CDN कंपनी का पूरा नेटवर्क या बड़ा हिस्सा डाउन होने की वजहें आमतौर पर बहुत कम होती हैं। फिर भी ये 5 प्रमुख संभावनाएं होती हैं… आज के आउटेज में क्लाउडफ्लेयर ने अभी तक सिर्फ इतना कहा है कि “application services” में दिक्कत है और वो ठीक कर रहे हैं। ज्यादातर संकेत यही हैं कि ये कोई कॉन्फिगरेशन चेंज गलत होने की वजह से हुआ है। जून 2024 का आउटेज भी ऐसा ही था। सवाल-4: क्या ये कोई साइबर अटैक भी हो सकता है? जवाबः 99% मामलों में क्लाउडफ्लेयर का बड़ा आउटेज 'अंदर की गलती' से होता है, बाहर का अटैक या फिजिकल डैमेज बहुत कम वजह बनता है। फिलहाल ये साइबर अटैक नहीं लग रहा। यूजर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सवाल-5: अब आगे क्या होगा? जवाबः क्लाउडफ्लेयर ने कहा कि उसे इस समस्या की जानकारी है और वह इसकी जांच कर रहा है। हम इस समस्या के पूरे प्रभाव को समझने और इसे कम करने के लिए काम कर रहे हैं। जल्द ही और अपडेट दिए जाएंगे। उनकी ऑफिशियल वेबसाइट https://www.cloudflarestatus.com/ के लेटेस्ट अपडेट में लिखा है कि हम एप्लीकेशन सर्विसेज ग्राहकों के लिए सर्विस बहाल करने का काम लगातार कर रहे हैं। जल्द ही सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा। ------------- ये खबर भी पढ़ें... दुनियाभर में चैटजीपीटी और X करीब 2 घंटे से बंद:क्लाउडफ्लेयर डाउन होने से सर्विस गड़बड़ाई, 75 लाख वेबसाइट्स पर असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में करीब 2 घंटे से बंद हैं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5:00 बजे से डाउन हैं। भारत समेत दुनियाभर में यूजर्स को लॉगिन, साइनअप, पोस्ट करने और देखने के अलावा प्रीमियम सर्विसेज सहित प्रमुख सुविधाओं का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है। पढ़िए पूरी खबर...
क्या जापान और चीन के बीच छिड़ेगी जंग? जापान के दूत मसाकी ने बीजिंग छोड़ा; रिश्तों पर साधी चुप्पी
Japan-China Tensions:जापानी विदेश मंत्रालय के एशियाई और महासागरीय मामलों के महानिदेशक मसाकी कनाई ने मंगलवार को चीन की आधिकारिक यात्रा पूरी कर बीजिंग से प्रस्थान किया. उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच ताइवान को लेकर चल रहे विवाद, कूटनीतिक संपर्क को मजबूत करने और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी.
लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई को लाया जा रहा भारत, सलमान खान के घर पर फायरिंग मामले में वांटिड
Anmol Bishnoi: जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. अमेरिका में छिपे बैठा गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड में वांटेड है, जिसको सीबीआई भारत ला रही है.
सस्ती प्लेट में छुपा था जादुई रहस्य; दुकानदार रातोंरात बना लखपति, ब्रिटेन में कैसे हुआ चमत्कार?
UK News: कहते हैं कि आपकी किस्मत कब चमक जाए, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. ऐसा ही ब्रिटेन में एक शख्स के साथ हुआ, उसने मामूली कीमत पर कुछ बर्तन खरीदे लेकिन जैसे ही उसकी असलियत पता चली, उसके होश उड़ गए.
क्यों जमाल खशोगी की हत्या फिर से चर्चा में आई, जब सऊदी क्राउन प्रिंस अमेरिका पहुंचे?
MBS US Visit: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका यात्रा के दौरान कई समझौतों पर दस्तखत होंगे, लेकिन 7 साल पहले जमाल खशोगी की हत्या की चर्चा फिर सामने आने लगी है.
SCO Summit: दिल्ली धमाके का 'इंतकाम' तय है...जयशंकर ने रूस की धरती से कह दी वो बात
SCO Summit:जयशंकर ने कहा,'आतंकवाद को कोई सफाई नहीं दी जा सकती, इससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. ना ही पर्दा डाला जा सकता है.जयशंकर का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
शेख हसीना को मिली मौत की सजा तो चीन बोला 'ये बांग्लादेश का अंदरूनी मामला'
Sheikh Hasina death sentence: इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल की तरफ से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा दी है. क्योंकि, उनके खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप सिद्ध हुआ है. हालांकि, शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं. बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत से अपील की है. शेख हसीना को फांसी दिए जाने के फैसले पर अब चीन के विदेश मंत्रालय का बयान भी सामने आया है.
'अमेरिकी बगराम की बात करते रहते हैं और हम...', तालिबान ने US को लेकर अब दिया चौंकाने वाला बयान
Taliban-US:मुजाहिद ने कहा, 'हम अमेरिका समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं और हमारे संबंध दो चैनलों पर आधारित होंगे-कूटनीति और व्यापार. इस मामले में हमेशा अमेरिका के पास हम गए हैं ताकि वह इसमें हमारे साथ काम करे.'
लहरों के नीचे सोए हुए वो 3 शहर; जिसे अचानक निगल गया समंदर, लिस्ट में भारत का पड़ोसी भी है शामिल
Ocean Historical Story: समंदर के किनारे कई ऐसे शहर होते हैं जहां घूमना-टहलना लोग काफी पसंद करते हैं. ऐसे ही हम बताने चल रहे हैं कुछ ऐसे शहरों के बारे में जो अचानक समंदर में समा गए थे.
Sheikh Hasina Verdict Sentenced To Death:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का फिर सुर्खियों में है. उन पर 'मानवता के खिलाफ अपराध' का आरोप लगाकर फांसी की सजा सुनाई गई है. 78 साल की हसीना भारत में शरण लिए बैठी हैं, लेकिन ढाका की अदालत ने उन्हें और पूर्व गृह मंत्री आसदुज्जमां खान कमाल को मौत की सजा दे दी. इससे बांग्लादेश में तनाव चरम पर है. सड़कों पर झड़पें, पुलिस की लाठीचार्ज और बमबाजी है.
अचानक H1B वीजा प्रोग्राम का सपोर्ट करने लगे ट्रंप, अमेरिका को कौनसा डर सता रहा?
America H1B Visa Program: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा का समर्थन किया है. उनका कहना है कि इस वीजा के तहते देश में आने वाले लोग इसलिए जरूरी हैं क्योंकि वे अमेरिकी लोगों को ट्रेनिंग देते हैं.
Bangladesh News Update:बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 17 नवंबर 2025 को ढाका के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने मौत की सजा सुना दी# यह सजा 2024 के जुलाई-अगस्त छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर की गई क्रूर कार्रवाई के लिए है. ट्रिब्यूनल ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया, जिसमें 1,400 से ज्यादा मौतें शामिल हैं. फैसले के बाद बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए हैं. जानें ताजा अपडेट.
ट्रंप ने एच-1बी वीजा के समर्थन को दोहराया, कहा- अमेरिका फिर से बड़े स्तर पर चिप बनाएगा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एच-वन-बी वीजा का समर्थन किया है। उनका कहना है कि विदेशों से आने वाले कामगार जरूरी हैं, क्योंकि वे अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करते हैं
इस मुस्लिम देश ने भारत के साथ खत्म किया ये 'रिश्ता', भारत ने भी फौरन लिया एक्शन
Iran ends visa-free entry: ईरान ने एक फैसला लेते हुए नई दिल्ली से तेहरान के बीच भारतीयों की सीधी एंट्री को बाधित कर दिया है. ईरान ने आखिर ये फैसला क्यों लिया, क्या है इसके मायने और क्या ईरान सरकार के इस फैसले का दोनों देशों के रिश्ते पर कोई असर पड़ेगा, आइए जानते हैं.
स्वीडन का गोथेनबर्ग शहर अपने ही नीचे दबे 400 साल पुराने न्या लोडोसे शहरको देखकर दंग है. ये शहर 15वीं सदी में बसा, 1547 में पहली बार खाली हुआ, फिर लौटकर बसा और 1624 में हमेशा के लिए वीरान हो गया. अब खुदाई में किला, खाई, पत्थर का फाटक और हज़ारों पुरानी चीज़ें मिलीं.जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है.
रूस से तेल, अमेरिका से गैस! भारत ने एक तीर से किए दो शिकार; जयशंकर ने मास्को में सेट किया एजेंडा
India Russia bilateral summit: भारत और रूस करीब 80 साल पुराने भरोसेमंद साथी हैं. रूस ने हर मुश्किल में भारत का साथ दिया है. ट्रंप की धमकियों से इतर पुतिन भारत आने वाले हैं. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लावरोव से मुलाकात करके 23वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन और मोदी-पुतिन की मुलाकात दोनों का एजेंडा सेट कर दिया है.
शेख हसीना को मौत की सजा मिलने के बाद बांग्लादेश में तनाव, अंतरिम सरकार ने की शांति की अपील
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (आईसीटीबीडी) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है
डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान को यूएन की मंजूरी, इन 2 ताकतवर देशों ने नहीं की वोटिंग
इजरायल हमाल की जंग में गाजा पट्टी पूरी तरह तबाह हो गई है, इसको फिर नॉर्मल बनाने के लिए ट्रंप के प्लान को यूनाइटेड नेशंस की मंजूरी मिल गई है.
सेक्स करने वाले लोगों में अक्सर एड्स का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन क्यों, भारत में जल्द ही लेनाकापविर की एंट्री के बाद क्या ये डर खत्म हो सकता है. ये कैसे काम करता है,कितने रुपए में मिलेगा, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
नवंबर 1962। भारत और चीन के बीच जंग जारी थी। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC के नजदीक लद्दाख के रेजांग ला में 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी तैनात थी। माइनस 30 डिग्री की तूफानी हवाओं से बचने के लिए जवानों के पास ढंग के स्वेटर और दस्ताने तक नहीं थे। पत्थरों से बने बिना छत वाले बंकर, जरूरत से आधी ऑक्सीजन के साथ इस चौकी पर जिंदा रहना भी किसी जंग से कम नहीं था। तभी आई 18 नवंबर 1962 की वो सुबह। चौकी पर तैनात जवानों ने देखा कि 3 हजार से ज्यादा चीनी सैनिक मॉडर्न हथियारों के साथ रेजांग ला दर्रे की ओर चले आ रहे हैं। उनसे भिड़ने का मतलब था मौत। कंपनी कमांडर मेजर शैतान सिंह भाटी ने आदेश दिया- एक इंच भी पीछे नहीं हटना है। और फिर शुरू हुई वह जंग, जो मिसाल बनी। महीनों बाद जब बर्फ पिघली, तो पोजिशन में उनकी जमी हुई देह मिली। साथ ही दिखा चीनी सैनिकों का राइफलें उल्टी रखकर दिया गया Arms Down Salute। 21 नवंबर को रिलीज होने वाली फरहान अख्तर की फिल्म ‘120 बहादुर’ ने इस लड़ाई को फिर सुर्खियों में ला दिया है। कौन थे ये 120 योद्धा? रेजांग ला में उस रात क्या हुआ था और अब क्यों मच रहा है विवाद; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… रेजांग ला की लड़ाई से पहले भारत और चीन के सीमा विवाद को समझना जरूरी है। इसकी जड़ 1914 की मैकमोहन रेखा (McMahon Line) थी, जिसे भारत में ब्रिटिश राज के दौरान तिब्बत के साथ सीमा तय करने के लिए खींचा गया था, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया, तो भारत ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ के नारे के साथ शांति की नीति पर कायम रही। 1959 में तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा छुपकर भारत आ गए, जिससे चीन भड़क गया। इसके बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में लगातार घुसपैठ शुरू की। भारत ने जवाब में ‘फॉरवर्ड पॉलिसी’ अपनाई, यानी बॉर्डर के पास छोटी-छोटी चौकियां बनाकर अपने होने का एहसास कराया। इसी नीति के तहत भारतीय सेना ने अक्साई चिन और लद्दाख के इलाकों में कई पोस्टें बनाई थीं, जिनमें से एक थी रेजांग ला पोस्ट। ये इलाका करीब 16,000 फीट की ऊंचाई पर था, जहां तापमान -30 डिग्री तक गिर जाता था और ऑक्सीजन बेहद कम थी। 29 सितंबर 1962 को 13 कुमाऊं बटालियन को इस पोस्ट में तैनाती के आदेश मिले। उस समय चार्ली कंपनी के मुखिया थे मेजर शैतान सिंह भाटी। वो राजस्थान के जोधपुर जिले के बनासर गांव के रहने वाले एक राजपूत थे। बटालियन के ज्यादातर जवान उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से ताल्लुक रखते थे। कश्मीर में पोस्टिंग के चलते ये जवान सर्दियों में रहना सीख चुके थे, लेकिन बर्फ से इनका पाला कम ही पड़ा था। लद्दाख में विंड चिल फैक्टर भी काम करता है। यानी इतनी ठंडी हवाएं चलती हैं कि खाने-पीने की सारी चीजें पत्थर बन जाती हैं। बटालियन का हिस्सा रहे लांस नायक रामचंद्र यादव के मुताबिक, ‘लद्दाख की ठंड से निपटने के लिए जवानों के पास ढंग के कपड़े तक नहीं थे। कुछ ही दिनों बाद जवान बीमार पड़ने लगे।’ शुरुआत के दिनों में खाना बनाते वक्त बर्तनों ने जवाब दे दिया, तो जवानों ने बिस्किट खाकर काम चलाया। फिर एक बड़े प्रेशर कुकर का इंतजाम हुआ, जिसमें चावल उबालकर खाए गए। 20 अक्टूबर को भारत-चीन युद्ध शुरू हुआ। शुरुआती झड़पों में ही भारतीय सेना को पीछे हटना पड़ा और चीन ने तवांग, बोमडिला और गलवान जैसी चौकियों पर कब्जा कर लिया। नेविल मैक्सवेल अपनी किताब ‘इंडियाज चाइना वॉर’ में लिखते हैं कि युद्ध के पहले हफ्तों में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ये विश्वास था कि चीन भाईचारे के रिश्ते को नहीं तोड़ेगा, लेकिन जैसे-जैसे भारतीय चौकियां गिरती गईं, उन्हें धक्का लगता गया। इधर, लद्दाख में चुशूल ही एकमात्र इलाका बचा था, जिस पर अभी तक तिरंगा लहरा रहा था। रेजांग ला पास पर 13 कुमाऊं बटालियन तैयारियों में जुटी गई थी। बोरे मंगवाए गए, जिनमें कॉन्क्रीट भरकर बंकर बनाए गए। रेजांग ला में भारतीय सेना के पास ऊंचाई का एडवांटेज था। वो 18 हजार 300 फीट की ऊंचाई पर थी, जबकि चीनी सैनिक 16 हजार फीट पर। देर रात बर्फीले तूफान के बीच सैनिक अपने-अपने बंकरों में थे, लेकिन रेडियो ऑपरेटर लांस नायक रामचंद यादव को ब्रिगेड हेडक्वार्टर से एक संदेश मिला, जिसमें कंपनी को पीछे हट जाने का आदेश दिया गया। इस पर कंपनी कमांडर मेजर शैतान सिंह भाटी ने कहा- ‘हम अपनी पोजिशन नहीं छोड़ेंगे। जब तक जिंदा हैं, रेजांग ला की मिट्टी नहीं छोड़ेंगे।’ 18 नवंबर का सूरज अभी निकला नहीं था। रात के अंधेरे में दुश्मन दबे पांव रेजांग ला की ओर बढ़ने लगा। सबसे आगे की पोस्ट पर तैनात जवानों ने मेजर शैतान सिंह को सिग्नल भेजा, तो उनका जवाब आया कि चीनी सैनिक जैसे ही उनकी रेंज में आएं, फायरिंग शुरू कर दी जाए। ऑर्डर मिलते ही भारतीय जवान दुश्मन पर मशीन गन्स और लाइट मशीन गन्स की मदद से ताबड़तोड़ फायर करने लगे। कुछ ही मिनटों के बाद मेजर को इत्तला दी गई कि चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया है और अब तक किसी भी जवान को खरोंच तक नहीं आई है। वहीं, दूसरी ओर चीन ने सुबह साढ़े 4 बजे एक नई चाल चली। बटालियन की सभी पोस्ट्स पर एक साथ शेलिंग की। आसमान से बरसते बारूद के गोलों ने जवानों का खड़े रहना मुश्किल कर दिया। शैतान सिंह ने कहा कि जवान चाहें तो पीछे हट सकते हैं। इस पर आगे की सीमा पर लड़ रहे अहीर जवानों का जवाब आया-‘चिंता मत कीजिए साहब, हमें भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त है।’ इस पर शैतान सिंह ने कहा-‘मैं तुम लोगों के साथ हूं और भले ही मेरे नाम में भाटी लगा है, लेकिन आज मैं भी यादव हूं।’ शैतान सिंह की बातों ने बाकी सैनिकों में भी जोश भरने का काम किया, लेकिन हकीकत ये थी कि 20 मिनट की उस शेलिंग ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया था। जवानों के पास अब सिर्फ दूसरे विश्व युद्ध के दौर की 303 राइफलें थीं, जो चीन की हैवी आर्टिलरी के आगे नहीं टिक सकती थीं। 303 राइफलों को एक बार फायर करने के बाद फिर से लोड करना पड़ता था। कुलप्रीत यादव की किताब ‘द बैटल ऑफ रेजांग ला’ में इस बात का जिक्र मिलता है कि भारतीय जवानों के पास ठंड से लड़ने के कपड़े नहीं थे। वो मोटे हैंड ग्लव्स पहने हुए थे, जिससे बंदूक के ट्रिगर में उनकी उंगली नहीं जा पाती थी। इस बात का फायदा उठाकर चीनी सैनिकों ने पूरी ताकत से हमला किया। भारतीयों के टेंट और बंकर चकनाचूर हो गए, लेकिन उन्होंने लड़ना जारी रखा। कई सैनिकों के पैर कुचल दिए गए, वो गोलियां खाकर जमीन पर गिरने लगे। कुछ जवानों ने तो बिना हथियार के भी दो-दो हाथ किए, 2-3 चीनी सैनिकों को उठाकर पहाड़ी से नीचे फेंक दिया, मगर ये ज्यादा देर तक नहीं चल सका। मेजर शैतान सिंह बुरी तरह जख्मी हो गए थे। पहले उनके कंधे पर शेल का एक टुकड़ा आकर लग गया। फिर एक साथ 10 से ज्यादा गोलियां उनके पेट में आकर धंस गईं। उस समय उनके साथ मौजूद लांस नायक रामचंद्र यादव ने देखा कि मेजर की आंतें बाहर आ चुकी हैं। मेजर शैतान सिंह ने रामचंद्र से कहा कि बटालियन में जाओ रामचंद्र और उन्हें बताओ कि कंपनी कितनी बहादुरी से लड़ी और शहीद हो गई। सवा 5 बजे मेजर शैतान सिंह की सांसें थम चुकी थीं। इसके बाद रामचंद्र यादव ने उनके शरीर को बर्फ से ढंक दिया। मेजर शैतान सिंह के अंगरक्षक निहाल सिंह ने उनके आखिरी शब्द सुन लिए थे। वो वहां से निकलकर भाग जाना चाहते थे। उन्होंने किसी तरह अपनी लाइट मशीन गन के पुर्जे अलग किए, ताकि दुश्मन सैनिक उसका इस्तेमाल न कर सकें। लेकिन उनके दोनों हाथों में गोली लग चुकी थी और तभी चीनी सैनिकों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिर भी रात के अंधेरे में चीनी सैनिकों को चकमा देकर निहाल सिंह वहां से निकल भागे। भटकते-भटकते 19 नवंबर की दोपहर को निहाल सिंह हेडक्वार्टर पहुंचे, उन्हें जम्मू के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब अधिकारियों ने पूछा कि वहां क्या हुआ था, तो निहाल सिंह ने पूरी कहानी सुनाई। शुरुआत में उनकी बातों पर किसी ने भरोसा नहीं किया। इतिहासकार रचना बिष्ट एक इंटरव्यू में बताती हैं कि वो जवान रेजांग ला से वापस नहीं लौटे। उन्हें दो-तीन महीनों तक कायर कहा गया। आसपास के गांववालों ने उनके परिवारों से बात करना भी छोड़ दिया। यहां तक कि उनके बच्चों को भी स्कूल से निकाल दिया गया। 3 महीने बाद फरवरी 1963 में एक स्थानीय चरवाहे ने बर्फ में जमी लाशें देखकर नजदीकी भारतीय पोस्ट को सूचित किया। सूचना मिलने पर सर्च के लिए टीम भेजी गई। टीम ने वहां जो देखा, वो होश उड़ा देने वाला था। 13 कुमाऊं बटालियन के सैनिकों के शव मोर्चे पर अपनी पोजिशंस पर ही जमे मिले। कितने तो मरते-मरते हथियार जकड़े ही हुए थे। अंतिम संस्कार के लिए हथियारों को अलग करने में मेडिकल टीम के पसीने छूट गए। रेजांग ला की इस लड़ाई में 113 भारतीय सैनिक शहीद हुए। 6 जवानों को बंदी बना लिया गया, जिनमें से एक निहाल सिंह कैद से भाग निकले। एक की मृत्यु चीन की कैद में हुई और 4 वापस देश लौट गए। रेजांग ला की लड़ाई में भारतीय जवानों ने चीनियों को करारा जवाब दिया था। बाद में खुद चीन के रेडियो प्रसारण ने माना कि इस मुकाबले में उनके सैनिकों की हताहत संख्या भारत की तुलना में चार से पांच गुना ज्यादा हुई थी। माना जाता है कि उनकी वीरता को देखकर चीनी सैनिक भी स्तब्ध रह गए थे। जब टीम वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि चीनी सैनिक कई भारतीय सैनिकों की लाशों को आर्म्स डाउन सेल्यूट देकर गए थे। इसे सैनिक परंपरा में सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक माना जाता है। आसान शब्दों में कहें तो लाशों पर चीनी सैनिकों की राइफलों के मुंह नीचे की ओर झुके हुए रखे गए थे। कुछ रिकॉर्ड्स ये भी कहते हैं कि लड़ाई के बाद चीनी सैनिकों ने अपने कमांडरों से जाकर कहा था- They did not retreat an inch यानी वे एक इंच भी पीछे नहीं हटे। 13 कुमाऊं की ‘सी कंपनी’ को बाद में कई सम्मान मिले। मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत परमवीर चक्र, जबकि आठ अन्य जवानों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया। छह बचे हुए सैनिकों में से पांच को सेना मेडल और एक को मेंशन इन डिस्पैच दिया गया। यह एकमात्र ऐसी कंपनी थी जिसे भारतीय सेना के इतिहास में सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार एक साथ मिले। फरहान अख्तर की फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होने के बाद इसका नाम ‘120 बहादुर’ से बदलकर ‘120 वीर अहीर’ करने की मांग उठाई जा रही है। अहीर समाज का आरोप है कि फिल्म में अहीरों की कहानी को कम दिखाकर, इसे मेजर शैतान सिंह भाटी पर केंद्रित कर दिया गया है। अब सच्चाई क्या है, ये तो फिल्म रिलीज होने के बाद ही पता चला चलेगा। **** ये स्टोरी दैनिक भास्कर में फेलोशिप कर रहे प्रथमेश व्यास ने लिखी है। **** References and Further Readings: -------------- ये खबर भी पढ़िए... जब ईरान ने 53 अमेरिकियों को बंधक बनाया:अमेरिका गिड़गिड़ाता रहा, छुड़ाने गए 8 कमांडोज की लाश लौटी; 444 दिनों के जद्दोजहद की कहानी 4 नवंबर 1979 की सुबह… यानी आज से ठीक 46 साल पहले। वॉशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दफ्तर का फोन बजा। कॉल ईरान से थी। वहां अमेरिकी दूतावास की पॉलिटिकल ऑफिसर एलिजाबेथ ऐन स्विफ्ट ने हांफते हुए कहा- हमला हो गया है। भीड़ दीवार फांदकर दूतावास के अंदर घुस रही है और दूतावास पर कभी भी कब्जा हो सकता है। एलिजाबेथ के आखिरी शब्द थे- ‘वी आर गोइंग डाउन’। पूरी खबर पढ़ें...
मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका दौरा, सऊदी के साथ इस लड़ाकू विमान की डील करेंगे ट्रंप
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 7 साल बाद अमेरिका दौरे पर होंगे, जहां F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की बिक्री को ट्रंप मंजूरी देंगे.
बांग्लादेश: हसीना की सजा को अवामी लीग ने बताया'अवैध', मंगलवार को देशव्यापी बंद का ऐलान
अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को दोषी ठहराए जाने का विरोध करते हुए अवामी लीग ने मंगलवार को देशव्यापी बंद का ऐलान किया है
‘मैं कोर्ट के फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। मुझे उम्मीद थी कि तीनों आरोपियों को सजा-ए-मौत होगी लेकिन पूर्व IG पुलिस को सिर्फ 5 साल की सजा हुई। हमारी मांग है कि उन्हें कम से कम उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए।’ स्निग्धो बांग्लादेश में छात्र आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे हैं। वो शेख हसीना के मामले में आए कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। 18 जुलाई 2024 को उनके भाई मीर महामुबुर रहमान मुग्धो की छात्र आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। तब से स्निग्धो भाई को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने फैसले की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व PM शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ का दोषी पाया है। कोर्ट ने 17 नवंबर को हसीना को फांसी की सजा सुनाई है। पूर्व गृह मंत्री असदुजमान खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई है। जबकि तीसरे आरोपी पूर्व IG पुलिस चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून को सिर्फ 5 साल की सजा सुनाई गई है। छात्र आंदोलन का हिस्सा रहे स्टूडेंट लीडर फैसले से खुश हैं। हालांकि उनका मानना है कि जुलाई-अगस्त 2024 में शेख हसीना के आदेश पर प्रदर्शन के दौरान हुए कत्लेआम के लिए फांसी की सजा भी कम है। वे भारत से हसीना को सौंपने की मांग कर रहे हैं। 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना ने पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ दिया था। पिछले 15 महीनों से वो दिल्ली के एक सेफ हाउस में रह रही हैं। हमने शेख हसीना पर कोर्ट का पूरा जजमेंट सुना। फैसले को लेकर आंदोलन का हिस्सा रहे छात्रों, पॉलिटिकल लीडर्स और शेख हसीना से जुड़े करीबियों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए कोर्ट ने फैसला सुनाए हुए क्या कहा…ढाका में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल कोर्ट ने पहले शेख हसीना के केस की डिटेल जानकारी दी। करीब एक घंटे बाद फैसला सुनाते हुए अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमान ने कहा- ‘हमने तय किया है कि शेख हसीना को तीनों आरोपों में सिर्फ एक ही सजा होगी और वो है सजा-ए-मौत।‘ ट्रिब्यूनल का फैसला पूरी कानूनी वैधता रखता है। दोषियों के गिरफ्तार करते ही बिना किसी देरी के सजा उन पर लागू हो जाएगी। बांग्लादेश में टीवी से लेकर सोशल मीडिया तक फैसले का लाइव प्रसारण किया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया। वहीं दूसरे आरोपी पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी हत्याओं का दोषी माना और फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने हसीना और असदुज्जमान कमाल की प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया है। तीसरे आरोपी पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई। शेख हसीना के खिलाफ केस में अल-ममून सरकारी गवाह बन गए थे। हसीना को फांसी की सजा दिलाने में अल-ममून की गवाही सबसे अहम रही है। हसीना के चलते दोस्त खोए-खौफ में बीतीं रातें, अब इंसाफ मिलाफैसले को लेकर कोर्ट के अंदर और बाहर ज्यादातर लोगों के चेहरे पर खुशी दिखी। हालांकि जिन परिवारों ने जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान अपने परिजनों को खोया, उनके चेहरे पर खुशी के साथ आंखों में आंसू भी थे। छात्र आंदोलन का हिस्सा रहे ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट मोहम्मद महीन कहते हैं, ‘शेख हसीना ने हम छात्रों को बहुत सताया। हमने कई रातें खौफ में बिताई हैं। हमने न जाने कितने साथियों को खोया है। UN की रिपोर्ट में ही सिर्फ 1400 लोगों की मौत हुई। हमें फैसला सुनकर खुश हैं। अब बांग्लादेश की आम जनता से लेकर राजनीतिक पार्टियां सभी इस फैसले पर खुशी मना रही हैं।’ अब महीन छात्रों की बनाई नेशनल सिटिजन पार्टी के मेंबर हैं। वे कहते हैं, ‘मुझे जुलाई-अगस्त 2024 की वो लड़ाई और शहादत अच्छे से याद है। सजा-ए-मौत का फैसला सुनकर मेरी आंखों में भी आंसू आ गए। मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। ये न्याय व्यवस्था में विश्वास और खुशी के आंसू हैं।‘ सरेआम कत्लेआम के लिए सजा-ए-मौत भी कमफैसले को लेकर हमने बांग्लादेश में छात्र आंदोलन से राजनीति में आए NCP लीडर अलाउद्दीन मोहम्मद से भी बात की। पार्टी के इंटरनेशनल सेल के इंचार्ज अलाउद्दीन कहते हैं, ‘शेख हसीना पर हुई कार्रवाई, कोर्ट की प्रोसीडिंग और अब फैसला पूरी दुनिया ने देखा और सुना। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूरी शिद्दत के साथ शेख हसीना के खिलाफ जांच करके सभी तथ्य कोर्ट के सामने रखे। कोर्ट के फैसले पर हमें पूरा विश्वास है।‘ ‘हालांकि शेख हसीना पर जो फैसला आया है, वो सिर्फ एक रस्म अदायगी थी क्योंकि ये तो होना ही था। जिस तरह से हसीना के आदेश पर हिंसा की गई और युवाओं को मौत के घाट उतारा गया। उसके लिए सजा-ए-मौत से कम कुछ नहीं हो सकता था। हम डेढ़ साल बाद भी उस कत्लेआम को नहीं भूल पाए हैं। हमारे छात्र आंदोलन के कई साथी आज तक उस खौफ से नहीं उबर सके हैं।‘ ‘अब भारत को शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंप देना चाहिए’अलाउद्दीन भारत से शेख हसीना को सौंपने की मांग करते हुए आगे कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि भारत को बांग्लादेश के आम लोगों की भावनाएं समझने की जरूरत है। वो सिर्फ छात्रों से ही नहीं बल्कि किसी भी आम बांग्लादेशी से बात करेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि हम भारत को अपना अच्छा दोस्त मानते हैं। लोग चाहते हैं कि भारत समझदारी से काम ले।‘ सरकार में शामिल NCP लीडर कहते हैं, ‘भारत सरकार को बांग्लादेश के लोगों से रिश्ता बनाना होगा, न कि सरकारों से। अगर भारत के किसी राज्य में ऐसी हिंसा होती तो केंद्र सरकार चुप नहीं रहती। ऐसे में हसीना सरकार जब बड़े पैमाने पर हिंसा करवा रही थी तो भारत कैसे चुप रह सकता है। अब हम चाहते हैं कि भारत, बांग्लादेश सरकार का सहयोग करे और शेख हसीना को हमें सौंप दे।’ भारत पर हसीना के प्रत्यर्पण का दबाव बढ़ेगा?शेख हसीना बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से भारत में रह रही हैं। अब फैसले के बाद बांग्लादेश के अंतरिम PM ने मोहम्मद यूनुस ने भारत से हसीना को डिपार्ट करने की मांग की है। साथ ही अंतरिम सरकार ने पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी सौंपने की अपील की है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा- ‘किसी भी दूसरे देश का इन लोगों को शरण देना गैर-दोस्ताना कदम होगा और न्याय का मजाक उड़ाने जैसा होगा, क्योंकि इन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी ठहराया गया है। हम भारतीय सरकार से आग्रह करते हैं कि इन दोनों व्यक्तियों को तुरंत बांग्लादेश के अधिकारियों के हवाले किया जाए।‘ भारत सरकार ने भी हसीना पर कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, ‘भारत ने बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के फैसले पर संज्ञान लिया है, जो पूर्व PM शेख हसीना से संबंधित है। बतौर करीबी पड़ोसी होने के नाते भारत बांग्लादेश के लोगों के हित को लेकर प्रतिबद्ध है। हम बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेश और स्थिरता चाहते हैं।’ ‘भारत किसी कीमत पर हसीना का प्रत्यर्पण नहीं करेगा’हसीना पर फैसले को लेकर जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के साउथ एशियन स्टडीज की प्रोफेसर श्रीराधा दत्ता कहती हैं, ‘ये ज्यादा चौंकाने वाला नहीं है। जिस तरह से केस चल रहा था और आरोप लगाए गए थे, ये तो होना ही था। शेख हसीना के खिलाफ बहुत सारे सबूत मिल चुके थे। शायद इसीलिए पिछले एक महीने से शेख हसीना भी एक्टिव हैं और बांग्लादेश के लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं। अवामी लीग भी दो हफ्ते से बांग्लादेश की सड़कों पर है।’ क्या भारत शेख हसीना का प्रत्यर्पण करेगा। इसके जवाब में वे कहती हैं, ‘बांग्लादेश की सरकार पर शेख हसीना को वापस लाने का दबाव होगा। मुझे नहीं लगता कि भारत सरकार किसी भी कीमत पर उन्हें बांग्लादेश को सौंपेगा। हसीना खुद वापस जाना चाहें तो अलग बात है।’ श्रीराधा कहती हैं कि भारत पर UN का दबाव आ सकता है लेकिन भारत इसे मैनेज कर सकता है। हां, अगर अमेरिका दबाव बनाता है तो इससे निपटने के लिए रणनीति बनानी होगी। भारत और अमेरिका के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी देश इस मामले में भारत पर कोई दखल दे पाएगा।’ बांग्लादेश के हिंदू बोले- ये बदला लेने के मकसद से किया गया फैसला प्रदीप चंद्र पाल बांग्लादेश के रहने वाले हैं और हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से ये नहीं बताना चाहते हैं कि वो किस इलाके में रह रहे हैं। प्रदीप बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के संगठन बांग्लादेश जातीय हिंदू महाजोत के नेता हैं। वे कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि शेख हसीना के खिलाफ जो फैसला आया है वो यूनुस सरकार ने बदला लेने के मकसद से किया है। ये पूरा ट्रायल और फैसला पहले से सुनियोजित था। कोर्ट से ये फैसला पाकिस्तान के इशारे पर दिया गया है और ये सब पहले से तय था।’ प्रदीप नाराजगी जताते हुए कहते हैं, ‘शेख हसीना ने भी हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया। उनके PM रहते हुए भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सताया गया। अब भी हिंदुओं का शोषण ही हो रहा है।’ फैसले के बाद हिंसा और प्रदर्शन की संभावना को लेकर वे कहते हैं, ’अवामी लीग के समर्थक अब भी अंडरग्राउंड ही काम कर रहे हैं। हमें नहीं लगता कि अवामी लीग कुछ भी ऐसा करेगी जिससे दिक्कत खड़ी हो। प्रशासन सख्ती से हिंसा रोकने में जुटा हुआ है।’ ‘ये ‘कंगारू कोर्ट’ का फैसला, हम सड़क पर इसका विरोध करेंगे’शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने आज यानी 18 नवंबर को बांग्लादेश बंद का ऐलान किया है और बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की तैयारी की है। शेख हसीना खुद भी अवामी लीग का कैडर फिर से खड़ा करने की रणनीति पर काम कर रही हैं। भारत में रहते हुए पिछले 2 महीने से वो काफी एक्टिव हैं और बांग्लादेश में मौजूद अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रही हैं। हमने फैसले को लेकर हमने अवामी लीग के नेता सुजीत रॉय नंदी से बात की। वे अब भी बांग्लादेश में हैं लेकिन वो डेढ़ साल से अंडरग्राउंड हैं। हालांकि अंडरग्राउंड रहते हुए ही वो पार्टी के लिए एक्टिवली काम कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘ट्रिब्यूनल का फैसला राजनीतिक से प्रेरित प्रक्रिया के तहत लिया गया है। ये पूरी तरह से पक्षपाती और षड्यंत्र के तहत लिया गया फैसला है ताकि शेख हसीना की बांग्लादेश में वापसी ना हो सके।‘ शेख हसीना ने कहा- ये राजनीतिक से प्रेरित फैसला वहीं शेख हसीना ने बयान जारी कर कहा- ‘मेरे खिलाफ सुनाया गया फैसला एक धांधली वाले ट्रिब्यूनल ने दिया है। इसे एक ऐसी गैर-निर्वाचित सरकार ने बनाया और संचालित किया है जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है। ये फैसला पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।‘ शेख हसीना की कैबिनेट में सूचना मंत्री रहे मोहम्मद अली अराफात ने दैनिक भास्कर को बताया, 'ये फैसला शेख हसीना के खिलाफ पहले से तय था। ये एक ऐसा फैसला है जो मुकदमे से पहले ही लिख दिया गया था। सब कुछ पूर्वनिर्धारित था। अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) में आपने जो भी देखा, वो सब पूरी तरह स्क्रिप्टेड था।' भारत के लिए हालात सतर्कता से समझना बेहद जरूरीबांग्लादेश में हाई कमिश्नर रहे पिनाक रंजन चक्रवर्ती भी इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हैं। वे कहते हैं, ‘वहां की मौजूदा सरकार ने न्यायपालिका से कई जजों को बदल दिया। अंतरिम सरकार अपनी पसंद के जज नियुक्त कर रही है। अवामी लीग को फैसला करना है कि वो इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करना चाहती है या फिर शांत रहना चाहती है। मुझे नहीं लगता कि अवामी लीग के लोग ये फैसला स्वीकारेंगे।’ बांग्लादेश में भारत की हाई कमिश्नर रह चुकीं रिवा गांगुली दास कहती हैं, ये फैसला जरा भी चौंकाने वाला नहीं है। जिस तरह बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल है, उसमें ये होना ही था। अगर इस तरह का फैसला नहीं आता तब चौंकाने वाली बात होती। भारत को इस फैसले के बाद क्या करना चाहिए? इसके जवाब में रिवा कहती हैं, ‘भारत को बहुत सतर्कता से मौजूदा हालात समझना होगा। जब ये फैसला सुनाया गया है, तब दो बुलडोजर धानमंत्री इलाके में पहुंच चुके थे। बांग्लादेश में हालात बहुत नाजुक हैं, पिछले दिनों भी हिंसा की बहुत सी खबरें आईं हैं। पड़ोसी देश होने के नाते हमें ये सब करीब से समझना होगा।’ .........................ये खबर भी पढ़ें... शेख हसीना को मौत की सजा, अब भारत क्या करेगा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ का दोषी पाया गया है। सोमवार को बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल यानी ICT ने हसीना को फांसी की सजा सुनाई। वह पिछले साल ढाका छोड़कर भारत आई थीं और पिछले 15 महीनों से दिल्ली के एक सेफ हाउस में रह रही हैं। क्या अब भारत शेख हसीना को वापस बांग्लादेश को सौंप देगा, अगर नहीं दिया तो क्या होगा, शेख हसीना के पास क्या रास्ते हैं? पढ़िए पूरी खबर...
चीन से तनाव के बीच जापान ने 'विशेष दूत' को भेजा बीजिंग
चीन से बढ़ते तनाव के बीच जापान ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को बीजिंग भेजा है। टोक्यो को उम्मीद है कि बिगड़े रिश्तों में सुधार आएगा
भारत को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेश को प्रभावित करने की मची होड़ : प्रियम गांधी
बांग्लादेश में चल रही उठापटक की स्थिति और उसे प्रभावित किए जाने की कोशिश पर विदेश मामलों की विशेषज्ञ और विश्वामित्र रिसर्च फाउंडेशन की संस्थापक प्रियम गांधी-मोदी ने कहा कि भारत के पड़ोस में अच्छे दोस्त नहीं हैं
ड्राइवर के पास थी सीट, फिर भी रहे सलामत, जानिए सऊदी बस हादसे में जिंदा बचे शख्स की हैरतअंगेज दास्तां
Mecca Medina bus accident: सऊदी अरब बस हादसे में 45 भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों की मौत हुई, लेकिन एक शख्स जिंदा बच गया. कैसे हुआ ये करिश्मा.
सऊदी अरब हादसा: किरेन रिजिजू ने शेयर किए हेल्पलाइन नंबर, बोले-मैं स्तब्ध और दुखी हूं
सऊदी अरब में हुए बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की
सऊदी अरब हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर पाना मुश्किल, ईरानी दूतावास ने जताया शोक
सऊदी अरब के मदीना में हुई बस दुर्घटना में भारतीय यात्रियों की मौत पर नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने सोमवार को दुख जाहिर किया
मानव तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़, सरगना को म्यांमार से उठा लाई गुजरात पुलिस
Human trafficking: म्यांमार के केके पार्क में माफिया की तरफ से चलाए जा रहे घोटाला केंद्रों के सरगना को गुजरात के साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है. गुजरात में ये ग्रुप पिछले काफी समय से सक्रिय बताया जा रहा था, जिसके एजेंट युवाओं को नौकरी का लालच देते थे लेकिन अब गुजरात साइबर सेंटर ने उनका भंडाफोड़ कर दिया है.
Sheikh Hasina Death Sentence:अमेरिका में रहने वाले सजीब ने हमारे सहयोगी चैनल WION के संवाददाता सिद्धांत सिब्बल से बातचीत में कहा कि संसदीय अनुमोदन के बिना कानूनों में संशोधन किए जाने के बाद 100 दिनों से भी कम समय में मुकदमा जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया.
मैरिज एनिवर्सरी पर शेख हसीना को मिली सजा-ए-मौत...क्या जानबूझकर चुनी गई 17 नवंबर की तारीख?
Sheikh Hasina:सोशल मीडिया पर अब जमकर बहस चल रही है. यूजर्स का एक धड़ा यह आरोप लगा रहा है कि हसीना को मौत की सजा सुनाने के लिए जानबूझकर 17 नवंबर की तारीख तय की गई. सुनवाई 23 अक्टूबर को खत्म हो गई थी और सजा असल में 14 नवंबर को सुनाई जानी थी.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईटीसी) के फैसले पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है
ट्रंप के किस कदम से भारतीय किसानों को हो सकता है फायदा
डॉनल्ड ट्रंप ने 200 से ज्यादा खाद्य पदार्थों को टैरिफ से छूट दी है. इसका फायदा भारतीय किसानों को भी मिलने की उम्मीद है
और कठिन हुई शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की राह
बीते साल के आंदोलन और उसे दबाने के लिए हिंसा के दौरान कम से कम 1400 लोगों की मौत और 25 हजार के घायल होने का अनुमान है
नाइजीरिया के बोर्डिंग स्कूल पर बंदूकधारियों का हमला, 25 छात्राओं का किया अपहरण
नाइजीरिया के एक बोर्डिंग स्कूल पर बंदूकधारियों ने हमला कर 25 छात्राओं का अपहरण कर लिया। पुलिस के मुताबिक नाइजीरिया के केब्बी में इस वारदात को अंजाम दिया गया
सऊदी अरब में दर्दनाक हादसे का शिकार हुए 44 हज यात्री, परिजनों ने भारत सरकार से लगाई शव लाने की गुहार
Hyderabad Haj pilgrims: पीड़ित परिजनों ने भारत सरकार से मृतकों के शव हैदराबाद लाने की बात कही है और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो मदीना में ही उनको दफन करने की व्यवस्था की जाए. हैदराबाद की अल मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 20 और फ्लाई जोन टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 24 लोग 9 नवंबर को जहाज से मक्का के लिए रवाना हुए थे.
Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र विद्रोह के दौरान हुई हिंसा और नरसंहार का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग में 1400 लोगों की मौत की जिम्मेदारी सीधे हसीना पर डाली है.
Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से जुड़ाव की कहानी दशकों पुरानी है. 1975 में उनके परिवार पर हुए हमले और तख्तापलट के बाद उन्होंने भारत में शरण ली, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें सुरक्षा और आश्रय प्रदान किया था. आइए जानते है कि शेख हसीना के दोनों बच्चों का भारत से क्या कनेक्शन है...
ऑस्ट्रेलिया की राजधानी में मिला जानलेवा एस्बेस्टस, सरकार ने 70 से ज्यादा स्कूलों को किया बंद
Fibre asbestos: पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलियन कम्पटीशन एंड कंज्यूमर कमीशन ने इस रंगीन सजावटी रेत को वापस मंगाने का आदेश दिया था. क्योंकि, टेस्टिंग के दौरान उसमें क्राइसोटाइल एस्बेस्टस पाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एस्बेस्टस एक ऐसा खनिज रेशा है, जिसका पहले खुब उपयोग होता था. पहले स्कूल की छत बनाने में इस्तेमाल सीमेंट में एस्बेस्टस का प्रयोग किया जाता था.
जिस कानून पर पिता ने लगाई थी मुहर, उसी का 'शिकार' हो गईं शेख हसीना, मिली सजा-ए-मौत
Sheikh Hasina: शेख हसीना कोइंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने सजा-ए-मौत सुना दी है. 2024 में भड़के दंगों को लेकर उन पर कई संगीन आरोप लगे और अदालत ने आरोप सिद्ध करने के बाद उन्हें दोषी पाया और अब फांसी की सजा सुना दी.
Sheikh Hasina Verdict Sentenced To Death:बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाई गई है. हसीना के साथ दो अन्य आरोपियों में एक को मौत की सजा और एक को फांसी से बचा दिया गया है. जानें पूरी कहानी.
शेख हसीना को फांसी की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध मामले में आईसीटी ने ठहराया दोषी
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मामले में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले का दोषी ठहराया और कहा कि हसीना सबसे कठोर सजा की हकदार हैं। कोर्ट ने फांसी की सजा का ऐलान किया है
तुर्की का झुकाव अकसर पाकिस्तान के पक्ष में देखा गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी तुर्की ने पाकिस्तान की मदद की है. चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों तुर्की हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में और भारत के खिलाफ खड़ा रहता है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (आईसीटीबीडी) आज फैसला सुनाने वाली है। हसीना के खिलाफ कई आरोप हैं, जिसे लेकर आईसीटीबीडी में सुनवाई शुरू हो गई है
शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाएगी कोर्ट? अवामी लीग के बंद के दूसरे दिन शूट एट साइट का ऑर्डर
Verdict on Sheikh Hasina: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के केंद्रीय समिति सदस्य काज़ी मोनिरुज्जमां ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामले में फैसले से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई है.
अपहरण, मर्डर और...क्या है शेख हसीना पर लगे वो गंभीर आरोप? जिसपर हो रही मौत की सजा की मांग
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट को आज तक कोई भूला नहीं है. शेख हसीना के खिलाफ भीषण प्रदर्शन हुआ और इसका ये नतीजा निकला की उनकी सरकार गिर गई है और उन्हें बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा, आंदोलनकारियों ने कई जगह पर आगजनी और तोड़फोड़ भी की थी.
PM Sanae Takaichi revealed sleeps 2 hours night:जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने जबसे जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर कुर्सी संभाली है, दुनिया को अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है. पहले ट्रंप से मुलाकात की, फिर चीन को खुलेआम ताइवान के मामले में जंग की धमकी दी. अब उन्होंने ऐसा खुलासा किया है, जिससे पूरे देश में हल्ला मचा हुआ है. जानें पूरी कहानी.
नंगे हाथों से शेर का करते हैं शिकार! पलक झपकते ही क्यों खूंखार हो जाती है ये रहस्यमयी जनजाति?
Maasai Tribe: इस दुनिया में ऐसी कई जनजातियां हैं जो अपनी अलौकिकता के लिए फेमस हैं. ऐसे ही हम बात करने चल रहे हैं उस जनजाति के बारे में जो अपने हाथों से शेर का शिकार करती है.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मामले में आज इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (आईसीटीबीडी) फैसला सुनाएगा। इस फैसले को लेकर बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण है, जिसको देखते हुए बांग्लादेश में शूट एट साइट का ऑर्डर दिया गया है
पुरुष, महिला और बच्चों के अलग-अलग रेट... मनोरंजन के लिए आम नागरिकों के शिकार की कहानी
क्या मनोरंजन के लिए किसी इंसान की जिंदगी ली जा सतकी है? वैसे तो यह सवाल ही नहीं होना चाहिए था लेकिन इटली की एक खबर ने सभी को हैरान कर दिया है. कहा जा रहा है कि यहां पैसे देकर आम नागरिकों पर गोलियां चलाई गई हैं.
US aircraft carrier arrives in Caribbean:ट्रंप ने एक तरफ कैरिबियन में 12,000 सैनिकों के साथ दुनिया का सबसे ताकतवर यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड विमानवाहक तैनात करवा दिया है. दूसरी तरफ वेनेजुएला के राष्टपति से बातचीत की बात भी कही है, लेकिन उनके समूह को आतंकवादी घोषित करने का भी प्लान बना लिया है. जिस तरह ट्रंप की तैयारी है, अटकलें लगाई जा रही हैं कि ट्रंप मादुरो को उखाड़ सकते हैं.
चिली में फंस गया चुनाव! पहले दौर में लेफ्ट या राइट किसी को बहुमत नहीं; अब कैसे मिलेगा नया राष्ट्रपति
Chile's presidential polls: चिली में राष्ट्रपति पद की रेस में आठ कैंडिडेट थे. पहले चरण में कोई भी कैंडिडेट 50 फीसदी से अधिक वोट पाते हुए नहीं दिख रहा है. ऐसे में टॉप पर मौजूद इन दो उम्मीदवारों वामपंथी जारा और दक्षिणपंथी कास्ट के बीच अब 14 दिसंबर को दूसरे दौर का मुकाबला होने की उम्मीद है.
Sant Singh Chatwal: पद्म भूषण से सम्मानित फेमस भारतीय-अमेरिकी कारोबारी संत सिंह चटवाल ने ‘लेट्स शेयर अ मील’ के कोऑर्डिनेटर ओंकार सिंह और सैकड़ों वालंटियर्स के साथ मिलकर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में हजारों लोगों को ‘लंगर’ (मुफ्त खाना) परोसा.
Japan Sakurajima volcano Video:जापान सकुराजिमा ज्वालामुखी में जोरदार धमाका हुआ है. विस्फोट इतना भयानक था जिसकी आग, राख और धुएं का गुब्बार आसमान में 4400 मीटर ऊंचा उठा. देखें वीडियो, जानें नुकसान.
Congo mine bridge collapse:दक्षिण-पूर्वी कांगो के कालांडो कोबाल्ट खदान में पुल ढह गया. अवैध खनिकों की भीड़, सैनिकों की गोली से भगदड़, बारिश की चेतावनी न मानने से 32 से अधिक लोगों की मौ हो गई. आप भी देखें खौफनाक वीडियो.
आईपीएल 2026 के लिए आरसीबी ने यश को रीटेन किया और इधर करोड़ों फैंस नाराज हो गए, इस नाराजगी की वजह क्या है, आरसीबी के यश को रीटेन करने की क्या वजह हो सकती है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
बिहार में NDA की प्रचंड जीत के बाद 14 नवंबर की शाम बीजेपी मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी ने कहा, 'गंगा जी बिहार से बहते हुए ही बंगाल तक जाती हैं। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि बीजेपी वहां से भी जंगलराज को उखाड़ फेकेंगी।' पश्चिम बंगाल चुनाव में अभी 5-6 महीने का वक्त है, लेकिन बीजेपी एक इलेक्शन मशीन की तरह अपने अगले मिशन पर शिफ्ट हो गई है। आखिर बीजेपी चुनाव कैसे जीतती है, मंडे मेगा स्टोरी में 8 फैक्टर में जानेंगे पूरी कहानी… **** ग्राफिक्स: अजीत सिंह और अंकुर बंसल ------ ये स्टोरी भी पढ़िए... बीजेपी मोलभाव कर सकेगी, लेकिन अब भी सहयोगियों पर निर्भर:महिलाओं की कैश स्कीम्स जीत की चाबी, राहुल का क्या; बिहार चुनाव के 7 नेशनल इम्पैक्ट बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी 90% स्ट्राइक रेट के साथ 92 सीटें जीत रही है, लेकिन जेडीयू भी सभी को चौंकाते हुए 80% स्ट्राइक रेट से 82 सीटों पर आगे चल रही है। नतीजों के बाद बीजेपी की बारगेनिंग पावर जरूर बढ़ेगी, लेकिन नेशनल पॉलिटिक्स में वो अब भी सहयोगियों के भरोसे रहेगी। पूरी खबर पढ़िए...
बांग्लादेश: डेंगू से पांच लोगों की मौत, मृतकों की संख्या 330 के पार
बांग्लादेश में रविवार तक पिछले 24 घंटों में डेंगू से पांच लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही, 2025 में इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या 336 हो गई है
'सरकार की नजर 'ठाकुर जी' के धन पर है। तोशखाने (तहखाना) में पहले से कुछ नहीं था, तो मिलेगा क्या? बांके बिहारी मंदिर में अंग्रेजों के समय दो बार डकैती पड़ी। तभी खजाने का बड़ा हिस्सा लूट लिया गया। ये मंदिर गोस्वामियों की मेहनत से बना है। हमारे पूर्वजों ने कंधे पर ईंट-पत्थर ढोकर इसे बनाया है। हमारी दादी, परदादी और घर की महिलाओं ने इसके लिए बड़ा त्याग किया। हमारे पूर्वज स्वामी हरिदास जी ने ही बिहारी जी को प्रकट किया और मंदिर में लेकर आए।' 'जब यहां कुछ नहीं था, तब तो कोई अधिकारी मंदिर की व्यवस्थाएं देखने नहीं आया। अब सरकार की नजर ठाकुर जी के 'धन-कोष' पर है। बृज के अंदर बहुत मंदिर हैं, सरकार को फिक्र है तो उन मंदिरों का उद्धार कर दे। उसे तो बिहारी जी के मंदिर पर कब्जा चाहिए। यूपी में हजारों मदरसे, चर्च और गुरुद्वारे हैं। सरकार का मन है तो वहां भी कब्जा करे लेकिन नहीं, उसे तो सिर्फ ठाकुर जी का खजाना चाहिए।' UP सरकार के खिलाफ ये नाराजगी बांके बिहारी मंदिर के मुख्य सेवादार पुजारी ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी की है। 18 अक्टूबर को धनतेरस के दिन मथुरा के पास वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 54 साल से बंद पड़े खजाने का ताला टूटा तो सबको उत्सुकता थी कि अंदर से क्या मिलेगा। हाई पावर कमेटी के निर्देश पर जब दरवाजा खोला गया तो अंदर दीवारों पर सीलन-फफूंद, सतह पर कीचड़ और धूल की परतें जमी मिलीं। टॉर्च की रोशनी में जांच अधिकारी तहखाने में गए लेकिन जो भी सामने आया, वो 'सोने का भंडार' की उम्मीद के मुकाबले बहुत मामूली था। तहखाने से सिर्फ 2 तांबे के सिक्के, 3 चांदी की डंडे और एक गुलाल लगी सोने की छड़ मिली। फिलहाल तहखाने के दरवाजे 25 दिन से बंद हैं, लेकिन वृंदावन की कुंज गलियों में सवाल अभी यही है कि खजाना आखिर कहां गया? मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मुख्य पक्षकार दिनेश फलाहारी महाराज का आरोप है कि मंदिर से 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत का खजाना गायब है। सवाल और भी हैं... 1. मंदिर के तहखाने में पहले क्या-क्या सामान था? 2. खजाना न मिलने पर सेवायत गोस्वामी परिवार क्या सोचते हैं? 3. क्या तहखाने में हुई खोज ने 'परंपरा बनाम सरकार' के नए विवाद को जन्म दिया? 4. क्या सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी फिर तहखाना खुलवा सकती है? इन सवालों के जवाब हमने बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामियों, लोकल लोगों-यात्रियों और तहखाने के जांच अधिकारियों से पूछे। सबसे पहले जानिए मंदिर का तहखाना आखिर क्यों खुलवाया गया…UP के मथुरा जिले से 13 किलोमीटर दूर वृंदावन तीर्थ क्षेत्र पड़ता है। यहीं यमुना नदी के किनारे पर बने प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का खजाना खोलने का फैसला 29 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने लिया। आदेश के बाद 12 अक्टूबर को कमेटी के सचिव और DM चंद्र प्रकाश सिंह ने तोशखाना खोलने का आदेश जारी किया। 18 अक्टूबर दोपहर 1 बजे के करीब भगवान के गर्भगृह के पास बने तोशखाने के गेट को खोलने से पहले सेवायत दिनेश गोस्वामी ने दीपक जलाया। इसके बाद जांच अधिकारियों की मौजूदगी में गेट को ग्राइंडर से काटा गया। तहखाने का मुख्य द्वार खुलने के बाद खोजबीन के लिए तय हाई पावर कमेटी के सारे मेंबर एक-एक करके अंदर गए। इस कमेटी में सिविल जज, सिटी मजिस्ट्रेट, SP सिटी, CO वृंदावन, CO सदर और चारों गोस्वामी शामिल थे। हर एक चीज की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही थी। तोशखाने में जांच करने गई टीम के एक मेंबर बताते हैं, ‘तहखाने में पहले दिन लगभग चार घंटे तक खोजबीन हुई। इस दौरान सबसे बड़ी चुनौती दरवाजे खोलने की थी क्योंकि मंदिर के पुरोहितों के पास ताले खोलने की चाबी नहीं थी। ये कमरे करीब आधी सदी से नहीं खुले थे, अंदर बहुत अंधेरा और धूल भरी थी। सावधानी बरतने के लिए हम ऑक्सीजन सिलेंडर और सांप पकड़ने वालों को भी साथ ले गए थे, क्योंकि अंदर सांप होने का खतरा था।' ‘पहले दिन हमें तहखाने में एक लकड़ी का बक्सा और कुछ छोटे-बड़े ज्वेलरी के खाली बॉक्स मिले। 4-5 पुराने ताले भी मिले थे। बक्से में 2 फरवरी, 1970 की तारीख का एक लेटर भी मिला। दूसरे दिन भी सुबह से ही खोजबीन शुरू हो गई। 18 और 19 अक्टूबर के दो दिन की कार्रवाई में हमें 2 तांबे के सिक्के, 3 चांदी की डंडे और एक गुलाल लगी सोने की छड़ मिली। पुरोहित बोले- हमें पहले से मालूम था, तहखाने में कुछ नहीं मिलेगा तहखाने को अचानक खोलना बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज को 'परंपरा बनाम सरकार' की सोच जैसा लगता है। 18 अक्टूबर को जब खजाने का दरवाजा तोड़ा जा रहा था, तब मंदिर के सेवायत मनोज गोस्वामी कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने जांच टीम से कहा कि मंदिर की मर्यादा मत तोड़ो। 50 साल में कभी ये गेट नहीं खुला। हम बचपन से सुनते आए हैं कि इसमें एक विशाल दाढ़ी वाला नाग है। इसमें बिहारी जी का खजाना है। ये कुबेर का दरवाजा है। इसे खुलना नहीं चाहिए। यहां मर्यादा भंग हो रही है। हालांकि मंदिर के खजाने में उम्मीद के बजाए मामूली सामान मिलने से पुरोहित गोस्वामी समुदाय को कोई ज्यादा हैरानी नहीं है। मंदिर के मुख्य सेवायत ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी कहते हैं, ‘वृंदावन का गोस्वामी समुदाय ठाकुर जी की सेवा में पीढ़ियों से लगा हुआ है। हम पहले से जानते थे कि तोशखाने में कुछ नहीं मिलेगा। अगर तहखाना भरा होता तो गोस्वामी लोग अपने घर से भगवान को पराठे का भोग क्यों लगाते। हम उसी कीमती सामान से ठाकुर जी का भोग न चढ़ाते।‘ ‘तहखाना खुलवाकर सरकार ने साबित कर दिया है कि वो मंदिर पर कब्जा करना चाहती है। मंदिर के गोस्वामी, जो पीढ़ियों से यहां पूजा-पाठ कर रहे हैं, उस पूजा को खत्म कर सरकार खुद यहां का हैंडओवर लेना चाहती है। सरकार के मंसूबों से ये साफ है कि उसकी नजर ठाकुर जी से पैसों पर है।‘ ‘सारे खर्चों के बिल रिकॉर्ड हमारे पास हैं। सरकार को अगर इसकी जांच चाहिए तो हम देने तो तैयार हैं।‘ गोस्वामियों पर आरोप, बांके बिहारी का खजाना खर्च कियावृंदावन की कुंज गलियों में बांके बिहारी के खजाने को लेकर लोगों की अपनी-अपनी कहानियां हैं। पूछने पर कोई इसे भगवान का चमत्कार बता रहा है, तो कोई गोस्वामियों पर भगवान के खजाने को इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है। मंदिर के पास मुकुट-पोशाक की दुकान चलाने वाले मयेंद्र कहते हैं, ‘तोशखाने में कुछ भी न मिलना ये बताता है कि भगवान की सेवा में लगे लोगों ने कहीं-न-कहीं खजाने में रखे बक्सों से कीमती सामान निकाला और उन्हें वहीं पर खाली छोड़ दिया।‘ राजस्थान से वृंदावन दर्शन करने आए नितेश तोरल कहते हैं, ‘बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी बहुत टाइम से यहां का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। उन्हें ही पता रहता है कि मंदिर की कौन सी चीज कहां रखी हैं। मुझे लगता है कि खजाने के सामान के बारे में उन्हें पता है। या फिर ऐसा हो सकता है कि वो सामान उनकी फैमिली में कहीं यूज हो गया हो, लेकिन बड़ी बात ये है कि वो चीजें भगवान का दान थीं। इसलिए पूरी जवाबदेही गोस्वामियों की बनती है।‘ हालांकि, बांके बिहारी व्यापार संघ के अध्यक्ष नीरज गौतम का कहना है कि बड़े-बड़े लोगों को लग रहा था कि बांके बिहारी मंदिर के तहखाने में पद्मनाभ स्वामी मंदिर की तरह बहुत माल होगा। यहां भगवान ने चमत्कार दिखाकर सबकुछ गायब कर दिया। दुनिया जान गई है कि जो बिहारी जी का माल था, वो उनका है और उनका ही रहेगा। क्या वाकई सेवायत गोस्वामियों नें खजाने में हेर-फेर की?इस सवाल को नकारते हुए बांके बिहारी के मुख्य पुजारी ज्ञानेंद्र गोस्वामी ने अपने पूर्वजों का एक किस्सा सुनाया। ज्ञानेंद्र के मुताबिक, अंग्रेजों के शासनकाल में 1920 से 1940 के बीच मंदिर के खजाने में दो बार लूट हुई। ऊंटों पर खजाने का माल लादकर लुटेरे अपने साथ ले गए। हमारे पूर्वजों ने खजाना बचाने की बहुत कोशिशें की, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा लूट लिया गया। बाद में जो दान लुटेरों की पहुंच से बच गया, उसे हमारे गोस्वामी समाज के लोगों ने लाला हरगुलाल को दिखाया। उन्होंने मंदिर के चौक पर सारे आभूषण (सोने-चांदी) गलाकर भगवान का हिंडोला (झूला) बनवाया। इसमें जो कुछ कमी रह गई, उसे हरगुलाल जी ने ही पूरा करवाया। ज्ञानेंद्र आगे बताते हैं, ‘1947 के बाद पहली बार इसी झूले पर ठाकुर जी विराजे थे। तब से हर साल हरियाली तीज पर भगवान को इसी झूले पर झुलाया जाता है। मंदिर को आजादी से पहले ग्वालियर, करौली और भरतपुर जैसे अलग-अलग राजधरानों से मिले कीमती आभूषण लूट लिए गए। जो कुछ भी बचा उसे झूले में लगा दिया गया।‘ आजादी के बाद 1971 में गोस्वामियों ने मंदिर के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाया। तब से दान में मिला सारा सामान उसी में रखा जाता है। इसलिए खजाने में हेर-फेर हो ही नहीं सकती। ‘1862 में बांके बिहारी मंदिर की स्थापना के बाद यहां के पुरोहितों को तोशखाने की जरूरत महसूस हुई। यहां पर ठाकुर जी के रोजाना इस्तेमाल होने वाले बर्तन, कलश, स्नान सामग्री और पुराने आभूषण रखे जाते थे। इनकी सुरक्षा को देखते हुए गर्भगृह के ठीक नीचे एक तोशखाना बनवाया गया।‘ बांके बिहारी मंदिर को पाकिस्तान से भी मिला दान, अब CBI जांच की मांग बांके बिहारी मंदिर में कई साल से दान की गई संपत्ति न मिलने पर मथुरा और वृंदावन के लोगों और संत समाज में भारी निराशा है। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में मुख्य हिंदू पक्षकार दिनेश फलाहारी महाराज ने इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर दुख जताया है। दिनेश महाराज कहते हैं, ‘मंदिर का तोशखाना जब खोला गया तो उसपर न तो सरकार की सील लगी थी, न ही उसके अंदर कुछ मिला। मंदिर में भक्तों, राजा-महाराजाओं और श्रद्धालुओं ने कई सालों से करोड़ों की संपत्ति, हीरे-जवाहरात और आभूषण दान किए थे। बिहारी जी को देश के हर राज्य, यहां तक कि पाकिस्तान से भी दान में जमीनें मिली, लेकिन तोशखाने में उनसे जुड़ा कोई अभिलेख नहीं मिला और संदूकें खाली मिलीं।' 'मैंने CM योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले की CBI जांच की मांग की है। सख्ती से जांच होगी तो ये पता चल पाएगा कि ठाकुर जी का खजाना आखिर किसने चुराया।' वृंदावन शोध संस्थान के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा के मुताबिक, भारत में भक्ति मूवमेंट की शुरूआत के बाद से ही वृंदावन और बृज मंडल हमेशा केंद्र में रहा। निधिवन की लताओं के बीच से लाकर भगवान बांके बिहारी को वृंदावन की कुंजगलियों में स्थापित करने वाले महान संत हरिदास जी महाराज के पूर्वजों का जुड़ाव मुल्तान के उच्च राज्य से रहा है। ये जगह आज के पाकिस्तान में आती है। हरिदास जी का परिवार मुल्तान से आकर अलीगढ़ के कोल स्थान में बस गया। बाद में उन्हें कृष्ण भक्ति वृंदावन ले आई। जहां उन्होंने लोगों के बीच बिहारी जी के पूजा-पाठ का विस्तार किया। DM बोले- तोशखाना खुलने के बाद मंदिर की निगरानी बढ़ाई गईबांके बिहारी मंदिर का तहखाना खोले जाने और इस पर काम कर रही हाई पावर कमेटी के बारे में हमने मथुरा के DM चंद्र प्रकाश सिंह से बात की। चंद्र प्रकाश कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए मंदिर के तोशखाने की जांच की गई थी। अगस्त में 12-सदस्यीय कमेटी के गठन के बाद हम लगातार मंदिर की सुरक्षा और लोगों के लिए सुलभ दर्शन पर काम कर रहे हैं। 'कमेटी ने हाल ही में अपनी 7वीं बैठक में ये फैसला लिया है कि मंदिर की निजी बैंकों में जमा धनराशि को जल्द से जल्द सार्वजनिक बैंकों में जमा करवाया जाए। साथ ही मंदिर में दर्शन और हर दिन आने वाले दान की लाइव स्ट्रीमिंग कराने का फैसला लिया गया है। साथ ही मंदिर में नई रेलिंग व्यवस्था बनाने के लिए IIT रुड़की के एक्सपर्ट्स से मदद ली जा रही है।' .......................ये खबर भी पढ़ें... 50 महीने जेल-600 करोड़ खत्म, चुनाव लड़ने पर बैन यूपी सरकार में कभी कैबिनेट मंत्री रहे आजम ने बीते 5 सालों में अपनी जिंदगी के 50 महीने जेल में काटे। योगी सरकार आने के बाद वो 2 बार जेल गए। पहली बार फरवरी 2020 से मई 2022 तक और फिर अक्टूबर 2023 से सितंबर 2025 तक जेल में रहे। कैद में रहते हुए आजम की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चला और स्कूल बंद कर दिए गए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
फिलीपींस के बाद चीन ने जापान पर तानी 'बंदूक'! अचानक मिसाइल ड्रिल का किया ऐलान, बिगड़ रहे हैं हालात
China Japan News in Hindi: दक्षिण चीन सागर में बमवर्षक विमान भेजकर फिलीपींस को डराने के बाद चीन ने अब जापान पर अपनी बंदूक ताननी शुरू कर दी है. ताइवान का सपोर्ट करने पर चीन ने अचानक यलो सी में लाइव फायर मिसाइल ड्रिल करने का ऐलान किया है.
नेपाल में बीमा नियामक ने आतंकवादी संगठनों की संपत्तियां फ्रीज करने का आदेश दिया
नेपाल के बीमा नियामक ने देश में संचालित सभी बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि वे आतंकवाद से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों की संपत्तियों को फ्रीज करें
Bullet Train Interesting Facts: बुलेट ट्रेनों की स्पीड 300 किमी प्रति घंटा के आसपास होती है. इतनी जबरदस्त स्पीड में दौड़ने के बावजूद उसमें रखी चीजें गिरती क्यों नहीं हैं. क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है.
नेपाल का ऐतिहासिक फैसला, भारत में आतंक फैलाने वाले संगठनों की संपत्ति होगी फ्रीज
Nepal orders insurance companies: नेपाल की बीमा कंपनियों को यूएनएससी की तरफ से बताए गए आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के नाम की संपत्तियों को तत्काल फ्रीज करके और उन्हें किसी भी प्रकार का बीमा देने से रोकने का आदेश दिया है. यूएनएससी की तरफ से जारी सूची में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-जिहाद इस्लामी जैसे संगठनों के नाम शामिल किए गए हैं. इन पर भारत में आतंकवादी हमले करने के आरोप हैं.
Crime News in Hindi: अपराधियों का एक गिरोह तूफान की तरह ज्वेलरी शॉप पर पहुंचे और महज 7 मिनट में 10 करोड़ रुपये के जेवर लूटकर भूत की तरह गायब हो गए. पुलिस अब बदमाशों की तलाश में अपना माथा पीट रही है.
अपने उद्देश्यों में विफल होने के बाद वेस्ट, ईरान से करना चाहता है बात : अराघची
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने दावा किया कि पश्चिमी देश उनसे परमाणु कार्यक्रम को लेकर बात करना चाहते हैं
अमेरिका में कोहराम, तेजी से खत्म हो रहीं नौकरियां, कंपनियों के बुरे हाल, आखिर वजह क्या है?
America job Crisis: ट्रंप सरकार की तरफ से लगाए गए 43 दिनों के सरकारी शटडाउन के कारण अमेरिका में महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े भी जारी नहीं हो पाए, जिसके चलते लेबर विभाग डेढ़ महीने की देरी सेअब सितंबर महीने में रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़ों की रिपोर्ट अगले गुरुवार को जारी करेगा.
DRC में आतंकियों ने खेला खूनी खेल, IS से जुड़े विद्रोहियों ने 20 लोगों की हत्या कर घरों में लगाई आग
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) के पूर्वी हिस्से में एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (ADF) के विद्रोहियों ने 20 लोगों को मार डाला. विद्रोहियों ने शुक्रवार से शनिवार की रात आतंक मचाया. स्थानीय सूत्रों ने सिन्हुआ को ये जानकारी दी.

