अमेरिका ने ताइवान को 10 अरब डॉलर से ज्यादा के अत्याधुनिक हथियार बेचने का ऐलान किया है. इस पैकेज में मिसाइल सिस्टम, तोपें, ड्रोन और सैन्य सॉफ्टवेयर शामिल हैं. ट्रंप प्रशासन का यह फैसला चीन को नाराज कर सकता है, जबकि ताइवान ने इसे अपनी सुरक्षा के लिए अहम बताया है. जानें पूरी खबर.
समंदर में नार्को टेररिज्म के खिलाफ US का बड़ा एक्शन, 4 आतंकियों को किया ढेर- Video
Op Southern Spear: अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत महासागर में एक जहाज पर हमला कर 4 नारको-आतंकवादियों को मार गिराया. यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन के ‘ऑपरेशन सदर्न स्पीयर’ के तहत, युद्ध सचिव पीट हेगसेथ के निर्देश पर की गई.
कौन हैं अनीस आलमगीर? डरकर यूनुस सरकार ने किया गिरफ्तार; अशांति फैलाने का लगाया आरोप
Veteran Journalist Anis Alamgir: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार अनीस आलमगीर को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था. उन पर टॉक शो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दुष्प्रचार फैलाने और प्रतिबंधित अवामी लीग पार्टी के पुनर्वास की साजिश रचने का आरोप है. अब कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने उनकी तुरंत रिहाई की अपील करते हुए कहा कि पत्रकारों को निशाना बनाना लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा है.
ओमान के जिस सुल्तान से मिलेंगे पीएम मोदी, 281 साल पुराना है उनकी सल्तनत का इतिहास...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस ओमान दौरे पर गए है, वहां 1774 से लेकर अब तक एक ही राजवंशी की सल्तनत का राज चला आ रहा है. यहां हम ओमान के उदय से लेकर वहां राज करने वाले राजवंश के बारे में बता रहे हैं. बने रहिए हमारे साथ..
Trump announces $1,776 bonus for US troops:राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए बड़ी घोषणा की है. 14 लाख से ज्यादा सैनिकों को क्रिसमस से पहले स्पेशल 'वॉरियर डिविडेंड' मिलेगा. अमेरिका की स्थापना वर्ष 1776 के सम्मान में हर सैनिक को 1776 डॉलर दिए जाएंगे. जानते हैं इस मौके पर ट्रंप ने क्या कहा?
Trump White House speech 2025:अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में अपना भाषण शुरू किया, और अपने पहले के राष्ट्रपति जो बाइडेन के रिकॉर्ड पर निशाना साधा है. ट्रंप ने कहा कि जब वह जनवरी में ऑफिस लौटे तो उन्हें “विरासत में गड़बड़ी मिली”.
'सेवन सिस्टर्स' की नेक काटने की बात होगी सच! हसीना के बेटे ने भारत को किया अलर्ट
Sajeeb Wazed Warns India: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजेब वाजेद जॉय ने मुहम्मद यूनुस की सरकार पर बांग्लादेश को इस्लामिक शासन की ओर ले जाने और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने का आरोप लगाया है. उन्होंने पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियों को लेकर भी चिंता जताई, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
प्रदूषण से जंग: बीजिंग ने कौन सा रॉकेट साइंस लगाया, जो हम दिल्ली में नहीं कर पा रहे?
प्रदूषण विकराल हुआ तो दिल्ली में केवल बीएस-6 गाड़ियों को ही एंट्री दी जाएगी, पेट्रोल पंपों पर PUC जांच न होने पर ईंधन नहीं मिलेगा. अब लोग गाड़ी का प्रदूषण चेक कराने भाग रहे हैं. जल्दी कीजिए. प्रदूषण से जंग में सबका सहयोग जरूरी है. यह भी समझना जरूरी है कि बीजिंग ने अपना प्रदूषण कैसे झाड़ दिया. ऐसा क्या किया जो दिल्ली में नहीं हो पा रहा.
Russia-Ukraine War:रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी कि यदि शांति वार्ता मॉस्को की शर्तों के अनुसार नहीं होती तो रूस यूक्रेन में अपने क्षेत्रीय नियंत्रण का विस्तार करने के लिए सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
'पति की मौत के बाद रेलवे में उनकी जगह मुझे नौकरी मिल गई थी। एक दिन नौकरी से लौटी तो मेरी सास सो रही थी। उस दिन मेरा बेटा पड़ोसी के घर सो रहा था। मैं उसे वहां से लेकर आई, अपने बेड पर सुलाया और खुद भी उसके साथ लेट गई। दिनभर की नौकरी के बाद शरीर थक चुका था, आंख लगने ही वाली थी। तभी अचानक किसी के पैर की आहट सुनाई दी। इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, उसने किवाड़ पर टंगा हुआ तौलिया झपट लिया और मेरे मुंह पर डालकर पूरी ताकत से दबाने लगी। मैं चीखते हुए छटपटा रही थी। मेरी चीख सुनकर पड़ोसी जमा हो गए। बिस्तर से उठी तो देखा- मेरी सास ही तौलिए से मेरा मुंह दबा रही थीं। वह जोर-जोर से कह रही थीं- तूने मेरे बेटे को खा लिया। तू मांगलिक है। कुलच्छन है। अब अपने बच्चे को लेकर यहां से भाग जा, नहीं तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगी। तभी मकान मालिक भी आ गए। उन्होंने मुझसे कहा- बच्चे को उठाओ और तुरंत इंदौर, अपने मायके निकल जाओ। तुम इस तरह मारी जाओगी, तो मैं पुलिस को गवाही भी नहीं दूंगा। उस दिन के बाद मैं यहां इंदौर आकर रहने लगी।’ यह कहते हुए 63 साल की हेमलता मांडले की आवाज लड़खड़ा जाती है। चश्मे के पीछे से बहते आंसू पोंछते हुए वह कहती हैं- ‘बिना पति की अकेली महिला होना, और उस पर मां बनना… यह सजा मैं हर रोज भुगतती रही।’ ब्लैकबोर्ड में इस बार सिंगल मदर्स की स्याह कहानियां- एक की सास ने उनकी जान लेने की कोशिश की, एक के पति ने विदेश ले जाकर घर से निकाल दिया और एक, रिश्ता न चलने पर डोनर से स्पर्म लेकर मां बनी। हेमलता मांडले इन दिनों अपने बेटे और बहू के साथ इंदौर में रहती हैं। उनका बेटा प्रतीक आईटी कंपनी में काम करता है। हेमलता पति की मौत और उसके बाद के हालात याद करते हुए बार-बार अपने हाथ सहलाती हैं। उन दिनों को सोचकर आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वह कहती हैं, ‘पति के साथ जबलपुर में रहती थी। जून 1988 में शादी के एक साल बाद बेटे का जन्म हुआ। सितंबर 1990 की बात है। उस दिन पति ड्यूटी पर जा रहे थे। अचानक बोले- अगर मैं लौटकर न आऊं, तो बेटे के साथ मिलकर मेरे पितरों का श्राद्ध कर लेना।’ मैं घबराकर बोली- ऐसा क्यों कह रहे हो? आप अगली सुबह लौट आना, फिर हम साथ में श्राद्ध करेंगे। मुझे क्या पता था कि अगले ही दिन उन्हीं का श्राद्ध करना पड़ेगा। अगली सुबह खबर मिली कि पति की तबीयत खराब है। सास के साथ अस्पताल पहुंची। कोई सच बताने को तैयार नहीं था। बेचैनी में ऑपरेशन थिएटर तक जा पहुंची। तभी डॉक्टर ने कहा- ‘प्रभाकर मांडले की डेड बॉडी पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दी गई है। उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई है।’ प्रभाकर मांडले मेरे ही पति का नाम था। यह सुनते ही मैं बेहोश हो गई। मुझे करीब 36 घंटे बाद होश आया। डॉक्टर ने कहा- इसे तुरंत घर ले जाओ, नहीं तो दो-दो अर्थियां उठानी पड़ेंगी।’ पति की मौत के कुछ महीनों बाद ही रेलवे में उनकी जगह मुझे नौकरी मिल गई। यह कहते हुए वह सामने दीवार पर टंगी बेटे की तस्वीर देखने लगती हैं। कहती हैं, ‘मेरा बेटा उस वक्त सवा साल का था। सास के पास छोड़कर ड्यूटी जाती थी, लेकिन वह उसे दूध तक नहीं पिलाती थीं। बच्चा भूखा रोता रहता था।’ ‘जब पॉटी कर देता, तो सास उसे दो-दो घंटे बाथरूम में खड़ा रखतीं। मैं लौटती तो बिना कपड़ों के, टब-बाल्टी पकड़े मेरा बेटा मुझे देखकर चीखने लगता। इसे उस हाल में देखकर कलेजा फट जाता था।’ सास चाहती थीं कि मैं नौकरी छोड़ दूं, लेकिन नौकरी के सिवा मेरे पास कोई सहारा नहीं था। जब सास ने जान से मारने की कोशिश की, तब मैं इंदौर अपने मायके लौट आई। नौकरी करते हुए बच्चे को संभालना मुश्किल था। मैंने रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखकर बच्चे को ऑफिस लाने की अनुमति मांगी। अनुमति मिली। उसके बाद मैं दुधमुंहे बेटे को ड्यूटी पर साथ लेकर जाने लगी- दूसरे कमरे में दूध पिलाकर सुलाती और फिर काम में लग जाती। इस तरह मैंने अपने बच्चे को पाला। बेटा थोड़ा बड़ा हुआ, तो मेरे जीजा उसे स्कूल ले जाते और छोड़ते। मेरे पिता उस वक्त अक्सर कहते- ‘हेमलता, दूसरी शादी कर लो। बुढ़ापे में पति की कमी खलेगी।’ मैं बस यही कहती- जब एक नहीं रहा, तो दूसरा नहीं करूंगी। इस तरह बेटे को देखकर जीती रही। 2019 में बेटे की शादी के दिन खूब रोई थी। बारात के वक्त, जब सब साफा बांध रहे थे, मैंने भी साफा बंधवाया और बेटे से कहा- ‘मैं ही तुम्हारे लिए बाप भी हूं। आज बाप का फर्ज मैं ही निभाऊंगी।’ पति की बहुत याद आती है। उन्हें याद कर आज भी हर रात चुपके से रो लेती हूं। सोचती हूं, ‘जिस उम्र में लड़कियां सजती-संवरती हैं, उसी उम्र में मैं विधवा हो गई। गोद में बेटा भी था।’ उस वक्त जब बस में सफर करती तो महिलाएं बिंदी थमा देतीं- ‘दीदी, आज बिंदी नहीं लगाई?’ उन्हें कैसे बताती कि 26 साल की उम्र में सब छिन गया। यह बात पिता से बताई, तो उन्होंने कहा- ‘छोटी-सी बिंदी लगा लिया करो।’ एक दिन बेटा कहीं से बड़ी, लाल चटकदार बिंदी लाया और मेरे माथे पर लगा दिया। गले लगकर बोला- ‘मां, बिंदी लगाया करो। तुम सुंदर लगती हो।’ इंदौर में इस तरह सिंगल मदर हेमलता की कहानी जानने के बाद दिल्ली पहुंचा। वहां मेरी मुलाकात कनॉट प्लेस स्थित एक एनजीओ में काम कर रहीं रश्मि सहगल से हुई। मिलते ही मैंने पूछा- कितने बच्चे हैं आपके? सुनते ही रश्मि के पांव रुक जाते हैं। कहती हैं, ‘आते-जाते, सब्जी लेते हुए पिछले तीन सालों में यह सवाल कई बार सुन चुकी हूं। अचानक जुबान पर दो बच्चे...आते-आते बात रुक जाती है। फिर बोलती हूं- एक बच्चा। मन ही मन सोचती हूं कि अगर दो बच्चे बोलूंगी तो कई सवाल उठेंगे- कि वे बच्चे कहां हैं, पति क्या करते हैं और कहां हैं…वगैरह।' 'फिलहाल, इस वक्त सिर्फ एक बच्चे की मां हूं।’ ‘इस वक्त एक बच्चे की मां?’- मैं उनकी बात समझ नहीं पाया। दोबारा पूछने पर रश्मि कहती हैं, ‘अभी बेटी का फोन आया था। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से उसकी ऑनलाइन क्लास चल रही है। पिछले हफ्ते ही उसे बोर्डिंग स्कूल से लेकर लाई हूं। आज घर में मेड आलू-पराठा बना रही थी, तो बेटी बोली- ‘मॉम, आज तो रेस्टोरेंट वाला खाना बन रहा है। आप कब तक आओगी?’ कहां रहती हैं? 'कई मकान बदलने के बाद इस वक्त अपनी बेटी लॉरिन के साथ ग्रेटर नोएडा में रहती हूं।' रश्मि आगे कहती हैं, ‘मेरा बेटा माही अपने पापा के साथ रहता है। कहां, मुझे नहीं पता। चार साल से उससे मिली नहीं हूं। बेटे की वजह से कोई फिल्म नहीं देखती- परदे पर बच्चा दिखते ही मुझे वही नजर आता है।’ बेटे की कोई तस्वीर? पूरा मोबाइल खंगालने पर भी रश्मि को बेटे की एक भी फोटो नहीं मिलती। वह कहती हैं, ‘ऐसी कोई रात नहीं गुजरती, जब मेरे आंसुओं से तकिया गीला न हो। आज भी बेटे की कोई खबर नहीं है, फिर भी मां हूं- महसूस होता है कि वह ठीक होगा।’ वह बताती हैं, ‘पति ने बेटे को ले जाते वक्त धमकी दी थी कि वह बेटी को नहीं ले जा रहे, उसी से संतोष करना, वर्ना उसे भी छीन ले जाऊंगा। अब सिर्फ बेटी के लिए जी रही हूं। सिंगल मदर बन गई हूं। कई बार तो सोचकर ही कांप जाती हूं- अगर मुझे कुछ हो गया, तो मेरी 10 साल की बेटी का क्या होगा? मेरा सपना है कि बेटी को पढ़ा-लिखा दूं, उसके लिए एक घर बना दूं, जिसके गेट के बोर्ड पर लिखा हो- ‘लॉरिन हाउस’। ताकि कभी कोई उसे ताना दे, घर से निकाले तो वह कह सके- मेरा अपना भी घर है।’ पति कहां रहते हैं? ‘विदेश… शायद ऑस्ट्रेलिया, अपनी दूसरी पत्नी के साथ।’ रश्मि एक लाइन में जवाब देती हैं और चुप हो जाती हैं। थोड़ी देर बाद कहती हैं- ‘2014 में जहां मैं नौकरी करती थी, वहीं एक कश्मीरी मुस्लिम युवक से मेरी मुलाकात हुई। कुछ समय बाद हमने कश्मीर जाकर शादी कर ली। फिर हम दुबई चले गए। वहां 2015 में सर्जरी से मुझे बेटी पैदा हुई। दूसरे दिन ही अस्पताल से घर आ गई। बच्ची को दूध पिलाने से लेकर डायपर लाने तक सब मुझे ही करना पड़ता। पेट में टांके कच्चे थे, घाव खुल गया और उसमें पस भर गई।’ वह रुकती हैं- ‘उसी वक्त समझ आ गया था कि मैं अकेली हूं। पति का बच्ची से कोई जुड़ाव नहीं था। केवल वह थोड़ी-सी तय रकम दे देते थे। उसी में सब संभालना पड़ता था।’ उसके दो साल बाद, 2017 में बेटे माही का जन्म हुआ। तब लगा कि अब शायद सबकुछ ठीक हो जाएगा। देखभाल के लिए कश्मीर से मेरी सास भी आ गई थीं। वह कहती थीं- ‘तुम्हारे बच्चे मेरे हाथ से कुछ नहीं खाते, तुम ही इन्हें संभालो।’ असल में बच्चों की सारी जिम्मेदारी मुझ पर ही थी। आज भी वह हिजाब मेरे पास है, जिसमें गांठ बांधकर मैं अपने बेटे को पेट से बांधे रखती थी। पेट पर बांधे हुए उसे दूध पिलाती और बेटी को खाना खिलाती।’ भारत कैसे आईं? रश्मि के चेहरे पर हल्की मुस्कान उभर आती है, मानो वह पुराने जख्म को ढक रही हों। कहती हैं- ‘2022 की बात है। उस वक्त हम सिंगापुर रहने लगे थे। वहां रोज दोनों बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता था। सुबह पति को जगाती तो वह मुझसे झगड़ पड़ते थे। एक दिन मैंने पति से कहा कि मुझे ड्राइविंग सिखा दें, ताकि बच्चों को स्कूल छोड़ सकूं। उसके बाद मैंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एप्लिकेशन कर दिया। जिस दिन ड्राइविंग टेस्ट था, मेरे पति ने मुझे कार देने से मना कर दिया। मैं कार के सामने खड़ी गिड़गिड़ाती रही- चाबी देने को कहती रही, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। जाते वक्त मेरे पैर पर कार चढ़ाते हुए ऑफिस निकल गए। उसी दिन मैंने तय कर लिया- जिस इंसान को मेरी कद्र नहीं, उसके साथ रहना बेकार है। 2023 आते-आते हालात और बिगड़ गए। एक रात पति ने मुझे और मेरी बेटी को घर से निकाल दिया। उन्हें लगा, हर बार की तरह मैं रोऊंगी और सुबह वापस लौट जाऊंगी, लेकिन उस दिन दोस्तों को फोन कर उधार पैसे मांगे। टिकट कराया और बेटी को साथ लेकर दिल्ली आ गई। जो बेटी सिंगापुर के करिकुलम में पढ़ रही थी, उसे दिल्ली में कोई स्कूल एडमिशन देने को तैयार नहीं था। सभी स्कूल बच्चे के पिता की डिटेल्स मांग रहे थे। बड़ी मुश्किल से एक स्कूल में एडमिशन मिला। वहां महीने की फीस 15 हजार थी, जबकि उस वक्त मेरी सैलरी महज 30 हजार। करीब एक साल तक बेटी को पढ़ाया, फिर उस स्कूल ने बेटी को निकाल दिया। उसके बाद बेटी बीमार पड़ने लगी। जो भी बचत का पैसा और गहने थे, बेचकर उसका इलाज कराया। उस दौरान मेरी भी तबीयत काफी खराब हो गई। अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गई। मैं बेटी को कुछ दिनों के लिए अपनी मां के पास छोड़ने के लिए लाजपत नगर गई, लेकिन मां ने दरवाजा बंद कर लिया और सीधे मना कर दिया- यहां मत आना। बीमार होने की वजह से मेरी नौकरी छूट गई। उस वक्त लोग सलाह दे रहे थे- 'दूसरी शादी कर लो। बच्ची के चक्कर में जिंदगी क्यों खराब कर रही हो। जिसका बच्चा है, उसे दे दो।' उन्हें क्या पता, मैं अपनी बेटी के लिए जी रही हूं। उस वक्त बेटी कुछ मांगती, तो कोई बहाना बना लेती। उससे सच बताने की हिम्मत नहीं होती। जब नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाती तो बेटी फोन करके पूछती- ‘मां, नौकरी लगी?’ मैं हंसकर कहती- ‘नहीं बेटा’। मन ही मन सोचती- आज फिर उसे पिज्जा खिलाने और फिल्म दिखाने का वादा पूरा नहीं कर पाऊंगी। ऐसे ही चार महीने गुजर गए। अभी सब ठीक है। आप खुद को अनाथ क्यों कह रहीं? ‘चौथी क्लास में थी, तभी पापा की कैंसर से मौत हो गई थी। इसके बाद मां ने दूसरी शादी कर ली। 5वीं से 10वीं की पढ़ाई तक जैसे-तैसे उसी घर में रही। एक दिन मां मुझे और मेरी बहन को कार में बैठाकर पास के एक अनाथ आश्रम में छोड़ आईं। उसके बाद हम कभी घर नहीं लौटे।’ रश्मि की कहानी के बाद मैं भोपाल लौटा, जहां संयुक्ता बनर्जी से मुलाकात हुई। संयुक्ता बिना शादी के मां बनी हैं। वह बताती हैं, ‘2007 में मैं बॉयफ्रेंड के साथ मुंबई में लिव-इन में रहती थी। मेरे परिवार को सब पता था। बाद में हमने शादी भी की, लेकिन रिश्ता टिक नहीं पाया। मैं वापस भोपाल आ आई और 2014 में हमारा आपसी सहमति से तलाक हो गया।’ संयुक्ता कहती है, ‘तलाक के बाद मेरा मां बनने का सपना अधूरा रह गया। मैंने सोचा एक बच्चा गोद ले लूं। उसके लिए मैंने अप्लाई भी किया, लेकिन सालों तक सफल नहीं हो पाई। तब तक मेरी उम्र 35 साल हो चुकी थी। उसी दौरान पता चला कि बिना पति के स्पर्म डोनर की मदद से भी मां बना जा सकता है। मैंने स्पर्म लेने का फैसला किया और मां बन गई। इस तरह मैं सिंगल मदर हूं।’ -------------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड- बेटी ने मारा तो घर छोड़ा:बस के नीचे मरने पहुंचे, भाई ने फर्जी साइन से पैसे हड़पे, वृद्धाश्रम में रोज सुबह सोचते हैं- कोई लेने आएगा मेरे बच्चे नहीं हैं। पत्नी की मौत के बाद अकेला हो गया था। मुझे आंख से दिखाई नहीं देता। एक रिश्तेदार के यहां रहने चला गया। वहां बहुत जलील हुआ तो एक दूसरे रिश्तेदार के यहां रहने पहुंचा, लेकिन उन्होंने अपने यहां रखने से साफ मना करा दिया। उस दिन मन में विचार आया कि सब खत्म कर दूं। सोचा कि यमुना में कूद जाऊं। फिर मरने के लिए एक बस डिपो पर गया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते हैं हलचल भरी दिल्ली में शाम ढलने लगी थी। मैं शहर के जीबी रोड पहुंची। इसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है। यह इलाका सेक्स वर्क के लिए बदनाम है। दूर से ही सेक्स वर्कर्स के कोठे नजर आ रहे थे, जिनकी खिड़कियों से सजी-संवरी महिलाएं झांक रही थीं। एक-एक करके ग्राहक बाहर बनी सीढ़ियों से उन कोठों पर जा रहे थे। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
5 दिसंबर की बात है। पाकिस्तान के कराची में शेर शाह के सिंधी मोहल्ले में हिंदू महिला रानी बेटी को लेकर घर से निकली थीं। तभी एक ऑल्टो कार आई, जिसमें हथियारों से लैस तीन लोग सवार थे। वे रानी और उसकी डेढ़ साल की बेटी को जबरन खींचकर ले गए। घटना के 3 दिन बाद FIR दर्ज हुई, लेकिन अब तक दोनों का सुराग नहीं मिला है। परिवार को शक है कि मां-बेटी का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाएगा। फिर जबरन शादी करा दी जाएगी। पाकिस्तान में इस तरह का ये कोई पहला या अकेला मामला नहीं है। सिंध से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। सिंध हिंदू बहुल आबादी वाला प्रांत हैं। यहां पिछले 11 महीनों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध की 611 घटनाएं हुईं, जिनमें 73 मामले धर्म परिवर्तन के हैं। यानी हर महीने हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ धर्म परिवर्तन की 7 घटनाएं हुईं। अपहरण के 3, हत्या के 6 और चाइल्ड मैरिज के 2 से ज्यादा केस दर्ज हुए। पाकिस्तान के सिंध में हिंदुओं पर बढ़ते जुल्म को लेकर कुछ केस स्टडी निकाली। साथ ही रानी के मामले में FIR की पड़ताल की और रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पीड़ित प्रेम कुमार से भी बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… रानी किडनैपिंग केसपति दवा लेने गए, 3 नकाबपोशों ने मां-बेटी को किडनैप कियारानी और उसकी बेटी के मामले में 8 दिसंबर को FIR दर्ज कराई गई थी। FIR के मुताबिक, 5 दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे रानी डेढ़ साल की बेटी को लेकर घर से निकली थी। उसने घर पर ताला लगाया और कुछ कदम ही आगे बढ़ी थी, तभी कार सवार तीन बदमाशों ने दोनों को अगवा कर लिया। तीनों के चेहरे पर मास्क और हाथों में हथियार थे। वे सिल्वर रंग की ऑल्टो कार से आए थे। उस वक्त रानी के पति प्रेम दवाई लेने अस्पताल गए हुए थे। घटना के कुछ घंटे बाद वो घर लौटे तो ताला लगा मिला। पत्नी को फोन लगाया तो कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद आसपास के लोगों और दोस्तों से पूछताछ की। शुरू में लोग घटना से डरे हुए थे, तो किसी ने कुछ नहीं बताया। बाद में अपहरण का पता चला। उन्होंने नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आसपास के लोगों और समाजसेवी संस्थाओं के विरोध को देखते हुए 3 दिन बाद FIR दर्ज की गई। ये पाकिस्तानी पैनल कोड यानी (PPC) की धारा-496A में दर्ज हुई है। पत्नी-बेटी को किडनैप कर धर्म परिवर्तन कराने का शकरानी के पति प्रेम कुमार बताते हैं कि हम कराची में शेर शाह इलाके के सिंधी मोहल्ले में रहते हैं। हमारे एक करीबी रिश्तेदार गुजरात के अहमदाबाद में रहते हैं। हालांकि केस को लेकर वो ज्यादा बातचीत करने के लिए राजी नहीं हुए। प्रेम ने इतना जरूर कहा, 'हम भारतीय मीडिया से खुलकर बात नहीं कर सकते हैं। आप लोगों ने हमसे संपर्क किया, इस बात से काफी खुशी हुई। उम्मीद है कि इसी तरह अगवा हुई मेरी बेटी और पत्नी भी मिल जाएंगी। FIR में जो भी बातें लिखी हैं, वही सच है। आशंका यही है कि मां-बेटी का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाएगा और फिर जबरन शादी कर दी जाएगी।' 'हम पाकिस्तानी हैं, सिर्फ हिंदू होना हमारा कसूर'इसके बाद हमने पाकिस्तान में हिंदुओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे शिवा काछी से बात की। उनका पाकिस्तान दरावर इत्तेहाद (PDI) नाम से NGO है। ये NGO हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन को लेकर इंसाफ मांग रहा है। इन्होंने सिंधी मोहल्ले से किडनैप हुई मां-बेटी का मुद्दा उठाया और FIR कराने में मदद की। हमने इनसे बात करने के लिए कॉन्टैक्ट किया तो इन्होंने हमें घटना की जानकारी दी, लेकिन ये भी कहा कि हम खुलकर भारतीय मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान में पुलिस और प्रशासन को लगता है कि हम लोग देशभक्त नहीं हैं। जबकि हम पाकिस्तान में जन्मे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग हमें देशद्रोही करार दे रहे हैं।' सिंध में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ SSP ऑफिस के बाहर नारेबाजी करते हुए शिवा काछी ने हमें अपना एक वीडियो भी शेयर किया। वीडियो में वो कहते हैं, ‘क्या सिंध के हिंदुओं को पाकिस्तान अपना समझता भी है या नहीं। IG जैसे पुलिस अधिकारी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हम अफ्रीका या इंडिया से नहीं आए हैं। हम यहीं पाकिस्तान के हैं। हमारी हिंदू लड़कियों का अपहरण होता है। तब पुलिस अधिकारी कहते हैं कि लव मैरिज हुई होगी। हम यहां के हिंदू हैं। हमारा कसूर क्या है। हमें किस बात की सजा मिल रही है।‘ उमरकोट में हिंदू दुल्हन को किडनैप करने की कोशिशरानी और उसकी बेटी के अपहरण से ठीक एक दिन पहले एक और घटना हुई थी। ये 4 दिसंबर को सिंध प्रांत के उमरकोट इलाके में ही हुई थी, जहां सबसे ज्यादा हिंदू आबादी रहती है। उमरकोट के डेगो फार्म की रहने वाली दुल्हन को अगवा करने की कोशिश हुई थी। असल में हरचंद कोहली की बेटी भागवी की एक दिन पहले ही शादी हुई थी। वो दूल्हे और बारात के साथ घर लौट रही थी। तभी 7 हथियारबंद बदमाशों ने दूल्हे और कुछ बारातियों पर हमला बोल दिया। इसी दौरान रास्ते से ही बदमाशों ने दुल्हन को जबरदस्ती अगवा करने की कोशिश की। ये सब घटनाक्रम पास के होटल में मौजूद लोग देख रहे थे। उन्होंने इसका विरोध कर दिया और तब जाकर अपहरण की कोशिश रोकी जा सकी। इस मामले में उमरकोट पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और जांच कर रही है। 14 साल की अनीता अगवा, धर्म परिवर्तन के बाद शादी कराने का शकसिंध प्रांत के मीरपुर खास में भील कॉलोनी की रहने वाली अनीता ठाकुर पिछले 3 महीने से गायब हैं। उसे घर से ही गन पॉइंट पर अगवा किया गया। हिंदू कम्युनिटी के लोगों के विरोध करने पर मीरपुर खास के सैटेलाइट थाने में FIR दर्ज हुई। इसमें आरोप लगाया गया है कि अनीता को अगवा करने के बाद उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया और जबरन शादी करा दी। लड़की के माता-पिता और आसपास के लोग पिछले 3 महीने से थाने और IG ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। उसकी बरामदगी की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अनीता के माता-पिता का कहना है कि हम लोग डर के साए में जी रहे हैं। थाने और पुलिस अधिकारियों के पास इंसाफ मांगने जाते हैं तो लौटा दिए जाते हैं। ये कहकर वापस कर देते हैं कि तुम्हारी बेटी किसी के साथ भाग गई होगी। 3 साल पहले अगवा हुई चंदा मेहराज, छोटी बहन अब घर से बाहर नहीं जातीये 3 साल पहले सितंबर 2022 की घटना है। 14 साल की नाबालिग लड़की चंदा मेहराज का अपहरण कर लिया गया था। चंदा सिंध में हैदराबाद की रहने वाली है। वो फतेह चौक इलाके में बड़ी बहन के साथ सामान खरीदने बाजार गई थीं। आरोप है कि तभी कार में सवार होकर आए बलूच लड़कों ने उसे अगवा कर लिया। बड़ी बहन शोर मचाने लगी और किसी तरह से बचकर भाग निकली। परिवार के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में कोई मदद नहीं की। बाद में हिंदू कम्युनिटी के लोगों के विरोध के बाद पुलिस ने मामले की जांच की। कुछ हफ्ते बाद चंदा को कराची के एक कमरे से बरामद कर लिया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान वो अपने परिवार के साथ रहना चाहती थी, लेकिन कोर्ट के आदेश पर उसे कई दिनों तक शेल्टर होम में रखा गया। वहां भी उसे टॉर्चर किया गया। फिर वहीं से वो गायब हो गई, जिसके बाद परिवार को आज तक नहीं मिली। बेटी के इंतजार में पिता बीमार हो गए। लंबी बीमारी के बाद उनकी मौत हो गई। चंदा की एक बड़ी बहन और एक छोटी बहन हैं। परिवार एक छोटे से कमरे में रहकर गुजारा कर रहा है, जिसका किराया 10 हजार रुपए है। अभी चंदा की मां और बहन ने एक वीडियो जारी करके लोगों से मदद मांगी है। चंदा की मां कहती हैं कि बेटी के अपहरण के बाद से छोटी बहन बहुत डरी रहती है। वो जल्दी घर से बाहर भी नहीं जाती है। इसलिए अब जनवरी में उसकी शादी कर रहे हैं। सिंध में हर महीने धर्म परिवर्तन के 7, अपहरण के 3 और चाइल्ड मैरिज के 2 केसहमने पाकिस्तान में हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रहे जुल्म के आंकड़े जानने के लिए पाकिस्तान के नेशनल और लोकल मीडिया में छपी रिपोर्ट की पड़ताल की। कुछ गिने-चुने केस छोड़कर वहां की मीडिया ने इन पर कोई रिपोर्ट नहीं की है। हमें माइनॉरिटी राइट ऑर्गनाइजेशन दरावर इत्तेहाद पाकिस्तान की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2025 में हुए क्राइम की रिपोर्ट है। इसमें 3 खास बातें हैं… 1. 2025 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 11 महीने में सिंध प्रांत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुल 611 क्राइम हुए। इनमें मानसिक प्रताड़ना की वजह से सबसे ज्यादा 185 सुसाइड के मामले रहे। 2. सिंध में 11 महीनों में धर्म परिवर्तन के केस दूसरे नंबर पर रहे। इसके कुल 73 केस सामने आए। इसके बाद तीसरे नंबर पर हत्या के 62 केस रहे। हत्या के अलावा अपहरण के 32 और चाइल्ड मैरिज के 26 मामले सामने आए जबकि रेप के 19 केस दर्ज हुए। 3. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय में करीब-करीब हर महीने धर्म परिवर्तन की 7 घटनाएं हुईं। हत्या के 6, अपहरण के 3 और चाइल्ड मैरिज के 2 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। ................ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली ब्लास्ट-20 घंटे पहले मिला अलर्ट, फिर उमर कैसे भागा 10 नवंबर को दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद संदिग्ध आतंकी जेल में है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। दैनिक भास्कर को खुफिया जांच एजेंसियों से ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिससे डॉक्टर टेरर मॉड्यूल को लेकर 3 बड़ी बातें पता चली हैं। पहली, आतंकी अब भी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के खुफिया विभाग से जारी अलर्ट में इसका खुलासा हुआ। पढ़िए पूरी खबर...
DNA in Hindi Islamic Terrorism: दुनियाभर में आतंकवाद की जितनी भी घटनाएं होती हैं, उनमें से 85 प्रतिशत इस्लामिक आतंकवाद से जुड़ी होती हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. अब इस आतंकवाद के खिलाफ माहौल बनने लगा है.
एलन मस्क को मिली कानूनी जीत: ऑस्ट्रेलिया में वीडियो से हटा बैन, चार्ली किर्क हत्या की थी क्लिप
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की सरकार डिजिटल नियमों को लेकर किसी भी अन्य देश के मुकाबले थोड़ी ज्यादा सख्त है। टीनएजर्स के लिए एज लिमिट सेट करने को लेकर दुनिया ने तारीफ की। हाल ही में एक वीडियो पर ऑस्ट्रेलिया में बैन लगाया गया। ये चार्ली किर्क हत्या का क्लिप था। एक्स पर इसे दुनिया भर में लोग देख रहे थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इस पर तुरंत रोक लगा दी। बात अदालत तक पहुंची।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में यहूदियों पर रविवार 14 दिसंबर को हुए आतंकी हमले की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी निंदा की। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया के तमाम देशों को कट्टर इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की
Ethiopia PM Nobel Prize: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 दिसंबर को इथियोपिया की यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान उनकी 'कार डिप्लोमेसी' चर्चा में रही है. इथियोपिया के पीएम अबी अहमद अली ने खुद कार चलाकर पीएम मोदी को एयरपोर्ट से होटल पहुंचाया और साइंस म्यूजियम की सैर भी कराई. यह दौरा भारत-इथियोपिया संबंधों के लिहाज से अहम माना जा रहा है. अबी अहमद अली सैनिक से नेता बनकर नोबेल पुरस्कार जीता और देश में कई सुधार किए.
Susie Wiles OnTrump, Epstein:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स ने वैनिटी फेयर मैगजीन को दिए एक लंबे और बेबाक इंटरव्यू में जेफरी एपस्टीन फाइल्स को लेकर कई चौंकाने वाले बयान दिए हैं. उन्होंने ट्रंप और सेक्स ऑफेंडर जेफरी एपस्टीन के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों युवा, सिंगल प्लेबॉय साथ थे. जानें पूरी बात.
शेरों की धरती में आना मेरे लिए सम्मान की बात', इथियोपिया की संसद में बोले PM मोदी
पीएम मोदी ने अदीस अबाबा में इथियोपिया की संसद के जॉइंट सेशन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज आपके सामने खड़ा होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. शेरों की धरती इथियोपिया में आकर बहुत अच्छा लग रहा है.
Ukraine Drone Knocks Out Putin $400:यूक्रेन ने दुनिया में पहली बार अंडरवाटर ड्रोन से रूसी किलो-क्लास सबमरीन पर हमला किया, जिसमें सबमरीन को गंभीर नुकसान पहुंचा और वह पूरी तरह से लड़ने के लायक नहीं रही है.उधर रूस ने कहा है कि कुछ हुआ ही नहीं है. जानें पूरी रिपोर्ट.
अमेरिकी सीनेटरों ने रूसी तेल की खरीद पर रोक के लिए एक नया प्रस्ताव किया पेश
अमेरिका की ओर से लगातार रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर लगातार दबाव बना रहा है। इसी सिलसिले में अमेरिकी सीनेटरों के एक समूह ने एक नया प्रस्ताव पेश किया है। इसका मकसद उन विदेशी कंपनियों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना है जो रूस से तेल खरीदना जारी रखती हैं
Rob Reiner Murder Case: अमेरिका के Los Angeles में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे हॉलीवुड से लेकर आम लोगों तक को झकझोर कर रख दिया है. प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक रॉब रेनर और उनकी पत्नी मिशेल सिंगर रेनर की उनके ही घर में हत्या कर दी गई. इस मामले में उनका 32 वर्षीय बेटा निक रेनर मुख्य आरोपी बनाया गया है.
Bermuda Triangle Mystery: बरमूडा ट्रायंगल का नाम सुनकर सबसे पहले मन में 'सुपरनैचुरल पावर' आता है, जिसके कारण यहां जहाज, विमान रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते हैं. लेकिन इस बारे में साइंटिस्ट का कुछ और ही कहना है.
Cedric Lodge: हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के पूर्व मुर्दाघर प्रबंधक सेड्रिक लॉज को 8 साल की जेल हुई है. बता दें, ये सजा किसी सामान्य अपराध के लिए नहीं बल्कि मानव शवों के अंगों की चोरी और उन्हें बेचने के लिए है. जानकारी के अनुसार, लॉज ने ये काम उन शवों के साथ किया जिन्हें मेडिकल रिसर्च के लिए दान किया गया था.
2022 के दौर से पहले क्यों लौटना चाहती है दुनिया? 2026 में AI पर आने वाला है तूफान !
एआई की कुछ चीजें लोगों को पसंद आईं तो भरोसे का भारी संकट पैदा हो गया. यही वजह है कि दो साल के भीतर ही अब कंपनियां और कुछ संस्थान इससे दूरी बनाने लगे हैं. एक एनालिसिस में कई केसज स्टडीज के हवाले से अनुमान लगाया गया है कि 2026 में एआई पर बड़ा तूफान आ सकता है.
Meloni meetsMozambiquePresident in Rome Video Viral: इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और मोजाम्बिक के राष्ट्रपति डैनियल चैपो की रोम में हुई मुलाकात का वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. चैपो की 6 फुट 8 इंच की हाइट है और मेलोनी की 5 फुट 2 इंच की लंबी है. जब मेलोनी ने चैपो से हाथ मिलाया तो आंखों में देखते ही रह गईं. देखें वीडियो.
ट्रंप ने 20 और देशों पर अमेरिकी यात्रा प्रतिबंध लगाया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंधों को और सख्त करने का आदेश जारी किया है
Opinion: आधी आबादी के हक को 80 साल तक दबाए रखा, UN में क्यों होने जा रहा बड़ा बदलाव?
दुनिया भर में शांति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, मानवाधिकारों का संरक्षण, सम्मान और समानता को बनाए रखने मकसद से बनाया गया संयुक्त राष्ट्र खुद अपने 80 साल के इतिहास में असमान रहा? चलिए जानते हैं कि यह सवाल क्यों उठ रहा है.
राख में दबी थी 80 साल पुरानी चीख; बाल से हुई लड़की की पहचान, हिरोशिमा बमबारी में गई थी जान
Hiroshima Bombing: हिरोशिमा में हुई बमबारी के बारे में आज भी जब बात होती है तो लोग दहल जाते हैं. इस बमबारी में 13 साल की एक बच्ची की भी मौत हो गई थी. जिसकी पहचान 80 साल बाद हो पाई है.
Aung San Suu Kyi Son Kim Aris Fears: म्यांमार की जेल में बंद पूर्व नेता आंग सान सू ची को लेकर चिंता गहराती दिख रही है. उनके बेटे किम एरिस ने कहा है कि पिछले दो सालों से किसी ने भी उनकी मां को नहीं देखा है और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है.
Brown University Shooting:ब्राउन यूनिवर्सिटी में शनिवार को हुई गोलीबारी में दो छात्रों की मौत और नौ घायल हैं. संदिग्ध अभी फरार है. पुलिस ने नया वीडियो जारी किया और प्रोविडेंस स्कूलों में सुरक्षा बढ़ाई है. पीड़ितों में से कुछ अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. छात्र एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं. जांच जारी है, टिप्स मांगे जा रहे हैं.
बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को उजागर करे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री: बलूच नेता की अपील
बलूच अमेरिकन कांग्रेस के अध्यक्ष तारा चंद ने बॉलीवुड कलाकारों और भारतीय फिल्म उद्योग से अपील की है कि वे बलूचिस्तान पर पाकिस्तान के कथित “जबरन कब्जे” और वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर करने के लिए एक प्रभावशाली फिल्म बनाएं
मतदान से पहले ही मशीनों ने दे दिया धोखा, नेपाल में टला CPN-UML के जनरल कन्वेंशन का चुनाव
Nepal Politics: नेपाल में केपी शर्मा ओली की CPN-UML पार्टी के चल रहे जनरल कन्वेंशन के दौरान वोटिंग मशीनों में आई टेक्निकल खराबी के बाद नई लीडरशिप चुनने की चुनाव प्रक्रिया बुधवार सुबह तक के लिए टाल दी गई है. आइए विस्तार से जानते हैं.
हैदराबाद के टोलीचौकी में बने दो मंजिला आलीशान मकान के गेट पर ताला लटका है। तेलंगाना ATS की टीम घर के आसपास मौजूद है। पड़ोसी खामोश हैं और गली में सन्नाटा पसरा है। इस घर में साजिद अकरम का परिवार रहता है। साजिद और उसके बेटे नवीद ने 14 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में बॉन्डी बीच पर फेस्टिवल मना रहे 15 यहूदियों की हत्या कर दी थी। खबरें आई थीं कि साजिद पाकिस्तानी मूल का है, लेकिन 16 दिसंबर को तेलंगाना पुलिस ने बताया कि वो हैदराबाद का रहने वाला है और 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया चला गया था। दैनिक भास्कर हैदराबाद में साजिद के घर पहुंचा। साजिद का भारतीय कनेक्शनसाजिद ने हैदराबाद से बी.कॉम की पढ़ाई की थी। नवंबर 1998 में स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया चला गया। वहां उसने इटली मूल की वेनेरा ग्रोसो से शादी की और वहीं बस गया। उसके बेटे नवीद का जन्म ऑस्ट्रेलिया में ही हुआ। साजिद ने 2001 में पार्टनर वीजा में ट्रांसफर करा लिया था। साजिद के पिता सऊदी अरब में रहते थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने हैदराबाद में एक अपार्टमेंट खरीदा था। इसी दौरान साजिद ऑस्ट्रेलिया चला गया। जांच में पता चला है कि साजिद कुछ साल पहले हैदराबाद आया था। तब उसका भाई से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हुआ था। बॉन्डी बीच पर हमले के बाद साजिद के भाई सामने नहीं आ रहे हैं। उनके मुताबिक, कई साल से हमारा उससे संपर्क नहीं था। वो 27 साल पहले हैदराबाद छोड़कर ऑस्ट्रेलिया चला गया था। वहां उसने एक ईसाई महिला से शादी कर ली। इसके बाद परिवार ने उससे रिश्ता तोड़ लिया था। अम्मी की उम्र 80 साल हो गई है। वो बीमार रहती हैं। साजिद ने कभी उनका हाल-चाल नहीं पूछा। वहीं, साजिद के रिश्तेदार बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद वह छह बार भारत आया है। ज्यादातर प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों या बुजुर्ग अब्बू-अम्मी से मिलने ही आया। अब्बू के इंतकाल के वक्त भी वह भारत नहीं आया था। परिवार को साजिद या उसके बेटे की कट्टरपंथी सोच के बारे में पता नहीं था। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, भारत छोड़ने से पहले साजिद का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं था। टोलीचौकी में रहने वाले एक शख्स खुद को साजिद के परिवार का करीबी बताते हैं। वे भी कहते हैं, ‘विवाद की वजह से साजिद ने घरवालों से कई साल पहले ही रिश्ता तोड़ लिया था।’ साजिद और नवीद का IS कनेक्शन1 नवंबर, 2025 को साजिद और नवीद सिडनी से फिलीपींस गए थे। ऑस्ट्रेलिया की पुलिस के मुताबिक, वे फिलीपींस में 28 दिन रुके। उन्होंने बताया था कि वे दावो जा रहे हैं। फिलीपींस के इमिग्रेशन अफसरों के मुताबिक, साजिद ने भारतीय पासपोर्ट और नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर यात्रा की थी। 28 नवंबर को दोनों दावो से राजधानी मनीला की कनेक्टिंग फ्लाइट से सिडनी चले गए। दावो शहर साउथ फिलीपींस के मिंडानाओ द्वीप में है। यहां करीब 4% आबादी मुस्लिम है। फिलीपींस की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी यहीं है। दावो और इससे करीब 400 किमी दूर मरावी शहर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी IS का गढ़ माना जाता था। IS 8 साल पहले खत्म हो चुका है, लेकिन इसके समर्थक अब भी मौजूद हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है कि साजिद और नवीद हमले की ट्रेनिंग लेने दावो गए थे। ऑस्ट्रेलिया ने 2014 में इस्लामिक स्टेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऑस्ट्रेलिया के जांच अधिकारी ने बताया, ‘बाप-बेटे फिलीपींस क्यों गए थे, इसकी जांच की जा रही है। हमने फिलीपींस अथॉरिटी से कहा है कि दोनों कहां-कहां गए और क्या किया, इसकी जानकारी दें। साउथ फिलीपींस में इस्लामिक स्टेट से जुड़े कुछ गुट एक्टिव हैं। अंदेशा है कि बाप-बेटे ने हमले से एक महीने पहले फिलीपींस में ट्रेनिंग ली थी।’ एक वीडियो, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया नवीदसाजिद के बेटे नवीद अकरम का एक वीडियो सामने आया है। ये वीडियो सिडनी की सड़क पर 6 साल पहले शूट किया गया था। तब नवीद की उम्र करीब 18 साल थी। नवीद ने 12वीं तक ही पढ़ाई की है। वो सिडनी में कंस्ट्रक्शन साइट पर मिस्त्री का काम करता था। वीडियो में नवीद कह रहा है ‘अल्लाह एक है और मोहम्मद अल्लाह के मैसेंजर हैं। ये मैसेज हर किसी तक पहुंचाओ। अल्लाह का कानून, किसी भी दूसरे काम या पढ़ाई से ज्यादा जरूरी है। मैं ये जितना कहूं, उतना कम है।’ सोर्स बताते हैं कि ये वीडियो सामने आने के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया की सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन (ASIO) ने नवीद पर नजर रखनी शुरू की थी। उसे टेररिस्ट वॉचलिस्ट में भी रखा गया था। उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर निगरानी रखी जा रही थी। स्पोर्ट्स क्लब का बहाना बनाकर 6 लाइसेंसी राइफल लींएजेंसियों को करीब 7-8 साल पहले नवीद के ISIS से रिश्तों के बारे में जानकारी मिली थी। इनपुट होने के बावजूद उसके अब्बू साजिद को 6 राइफल के लाइसेंस दे दिए गए। 2023 में इन्हें रिन्यू भी किया गया। साजिद ने स्पोर्ट्स क्लब का बहाना बनाकर लाइसेंस लिए। राइफल खराब होने का बहाना बनाकर वो एक के बाद एक नया लाइसेंस लेता रहा। ऑस्ट्रेलिया टुडे के एडिटर अमित सरवाल कहते हैं, ‘जांच एजेंसियों की तरफ से कमी रही है कि शक के दायरे में होने के बावजूद साजिद के परिवार पर कार्रवाई नहीं हुई। मुझे लगता है कि इस्लामोफोबिया (इस्लाम के खिलाफ नफरत का भाव) का आरोप न लग जाए, इसलिए कार्रवाई नहीं की गई।‘ अमित सरवाल बताते हैं, ‘बॉन्डी बीच पर हमले में 3 भारतीय नौजवान भी घायल हुए हैं। हालांकि अब तक हॉस्पिटल ने उनके बारे में जानकारी नहीं दी है।’ नवीद कोमा से बाहर आया, पूछताछ शुरूहमले के बाद पुलिस ने साजिद को मौके पर ही मार गिराया था। नवीद को गोली लगी थी। सिडनी हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था। हॉस्पिटल से जुड़े सोर्स बताते हैं कि नवीद कोमा से बाहर आ गया है। जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। वहीं, नवीद की मां बताती हैं, ‘वह अच्छा लड़का था। उसे तो बंदूक चलाना भी नहीं आता था। नवीद अपने वालिद के साथ फिशिंग करने गया था। वो बीच पर कैसे पहुंचा, समझ ही नहीं आ रहा।’ अमित सरवाल बताते हैं, ‘अब तक इस टेरर मॉड्यूल के दो लोग सामने आए हैं। पता नहीं ऑस्ट्रेलिया से कितने लोग फिलीपींस में छुट्टियां मनाने का बहाना बनाकर गए और ट्रेनिंग लेकर आए। अब ऑस्ट्रेलिया पुलिस ऐसे लोगों का पता लगा रही है, जो हाल में फिलीपींस होकर आए हैं। या फिर वे लोग जो पहले मॉड्यूल का हिस्सा थे, लेकिन एक्टिव नहीं थे।’ ‘ऑस्ट्रेलिया के लोगों में खौफ बैठा’ऑस्ट्रेलिया की रेडियो प्रजेंटर एरिन मोलान बॉन्डी बीच के पास ही रहती हैं। एरिन के कई यहूदी दोस्त हैं, जिनके परिवार हमले के वक्त बीच पर मौजूद थे। एरिन कहती हैं, ‘हमले के बाद मैं बॉन्डी बीच गई थी। लोग अपनों को याद करने के लिए इकट्ठा हुए थे। ऑस्ट्रेलिया के लोगों के दिलों में खौफ बैठ गया है। वे यकीन नहीं कर पा रहे कि उनके शहर में ये कैसे हो गया।’ एरिन आगे कहती हैं- ऑस्ट्रेलिया में भारत से कई प्रवासी आते हैं। कानूनी तौर पर आए लोगों ने ऑस्ट्रेलिया की संस्कृति को समझा, सीखा और बेहतर बनाया है, लेकिन हम ऐसे लोगों को नहीं आने देना चाहते, जो हमारी ही हत्या कर दें। एरिन कहती हैं कि अक्टूबर 2023 में हमास के इजराइल पर हमले के बाद से ऑस्ट्रेलिया में हालात बदल गए हैं। हमास के हमले के दो दिन बाद हमने ऑस्ट्रेलिया में लोगों को जश्न मनाते देखा। तब लोग नारेबाजी, आतिशबाजी कर रहे थे। यहूदियों की मौत का जश्न मना रहे थे। ये फ्री स्पीच नहीं है, बल्कि हेट स्पीच है। इसके बाद भी किसी पर कार्रवाई नहीं की गई। ‘ऑस्ट्रेलिया में हिजबुल्ला और तालिबान के झंडे फहराए गए, तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहूदियों के पूजा स्थल सिनागॉग पर हमले हुए, उनके बच्चों को निशाना बनाया गया। ऑस्ट्रेलिया में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर सरकार चुप रही। उल्टा सरकार ने फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने का ऐलान कर दिया।’ एरिन आगे कहती हैं, ‘भारत के लोग अच्छी तरह से आतंकवाद को समझते हैं। भारतीय आतंकवाद के शिकार रहे हैं। हमें समझना होगा कि हम सभी एक ही खतरे के शिकार हैं।’ ‘बॉन्डी बीच पर हुआ हमला भारत के लिए सबक’एंटी टेररिज्म एक्सपर्ट और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी कहते हैं, ‘IS की ट्रेनिंग दो स्तर पर होती है। पहला ब्रेनवॉश और दूसरा मिलिट्री ट्रेनिंग। ब्रेनवॉश के तहत ये ट्रेनिंग दी जाती है कि मजहब का रास्ता ही सही है। फिर हथियारों की ट्रेनिंग दी गई होगी।’ ‘इस्लामिक स्टेट ईरान और सीरिया तक सीमित नहीं है। उसका मकसद दुनिया में इस्लामिक खलीफा राज्य की स्थापना करना है। ISIS ने बॉन्डी बीच पर अटैक की भी पूरी प्लानिंग की होगी। कैसे चुन-चुनकर यहूदियों को मारना है, इसकी पूरी ब्रीफिंग दी गई होगी। ISIS इंटरनेट पर अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए जाना जाता है। सारी प्लानिंग ऑनलाइन भी हुई होगी। अब सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच करेंगी।’ संजय कुलकर्णी आगे बताते हैं, ‘हमने भारत में पहलगाम हमला देखा है। ऑस्ट्रेलिया में आम लोगों को चुन-चुनकर मारा, वैसे ही पहलगाम में टूरिस्ट को मारा गया था। भारत से हमलावरों का संबंध मिलने के बाद हमें भी सोचना होगा कि कैसे इस तरह की सोच हमारे आसपास भी हो सकती है।’ ऐसी घटनाओं के बाद हमें अलर्ट रहना होगा। बतौर देश टेक्नोलॉजी, ह्यूमन इंटेलिजेंस और साइबर तकनीक को तेज करना होगा। इस तरह के हमलों के बाद आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी सतर्क होना चाहिए। ‘भारत की भौगोलिक स्थिति काफी संवेदनशील है। भारत को इस तरह के हमलों से बचने के लिए इंटेलिजेंस नेटवर्क को अलर्ट पर रखना होगा। लाल किले पर हुए ब्लास्ट में हमने वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल देखा। कैसे पढ़े-लिखे डॉक्टर्स ने हमारे बीच रहते हुए बम ब्लास्ट की साजिश रची।’ हमलावर से बंदूक छीनने वाले अहमद से मिले प्रधानमंत्रीऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज बॉन्डी बीच पर हुए हमले के दौरान साजिद से बंदूक छीनने वाले अहमद अल अहमद से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। साथ ही लिखा कि अहमद, आप ऑस्ट्रेलिया के हीरो हैं। आपने दूसरों की जान बचाने के लिए खुद को खतरे में डाला। सबसे बुरे वक्त में हमें ऑस्ट्रेलियाइयों का सबसे बेहतरीन रूप देखने को मिलता है और रविवार रात हमने वही देखा। हर ऑस्ट्रेलियाई की ओर से मैं आपको धन्यवाद कहता हूं। .....................................सिडनी अटैक पर ये रिपोर्ट भी पढ़िए चश्मदीद बोले- लोग मरते रहे; पुलिस सामने थी, लेकिन कुछ नहीं किया सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए हमले में 15 लोग मारे गए। एक चश्मदीद बताते हैं कि हमलावर काफी दूर थे, इसलिए मैं उनकी आवाज नहीं सुन पाया। वहां 4 पुलिसवाले भी थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। मैं इजराइली हूं। मैंने इस तरह के हालात देखे हैं। मैं 6 बच्चों के साथ आया था, शुक्र है हम सब सही-सलामत हैं। पढ़िए पूरी खबर...
'BJP के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह लखनऊ में एक कार्यक्रम में थे। तभी उनके फोन की घंटी बजी। ये फोन गृह मंत्री अमित शाह का था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम फाइनल हो गया है। नितिन नबीन के नाम का लेटर जारी कर दो। अगले एक घंटे के भीतर लेटर तैयार होकर पार्टी और संगठन के बीच सर्कुलेट हो गया।' पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में हमारे सोर्स ये बात पूरे दावे से कहते हैं। 14 दिसंबर को BJP ने पार्टी के नए कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नितिन नबीन के नाम का ऐलान किया। 2020 से जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2024 में उनका कार्यकाल खत्म हुआ था। तब से वे एक्सटेंशन पर थे। नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले के बारे में किस-किस को पता था, ये पूछने पर सोर्स ये भी दावा करते हैं कि इसे लेकर सबसे पहला फोन अरुण सिंह के पास गया। उससे पहले न किसी को इस नाम की भनक थी और न ही घोषणा की तारीख का पता था। इसके सिर्फ 3 ही राजदार थे।' दैनिक भास्कर की टीम ने BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर रेस में शामिल कुछ पार्टी लीडर्स से बात की। साथ ही बिहार से लेकर BJP और RSS तक कई सोर्सेज से बात की। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जानिए, आखिर कैसे हुआ कार्यकारी अध्यक्ष का फैसला… 2 दिन पहले PM ने ऑनलाइन मीटिंग ली, अध्यक्ष के लिए खासियतें पूछींBJP सोर्स की मानें तो 12 दिसंबर को PM मोदी ने दो घंटे के नोटिस पर पार्लियामेंट्री बोर्ड के सभी मेंबर्स को ऑनलाइन मीटिंग में जुड़ने का मैसेज करवाया। मीटिंग में पार्लियामेंट्री बोर्ड के मेंबर के तौर पर खुद PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी थे। नरेंद्र मोदी ने मीटिंग को संबोधित करते हुए पूछा, 'आपको पार्टी के लिए कैसा राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहिए। आप लोगों को उसमें किन-किन गुणों की अपेक्षा है? यही आज इस मीटिंग का विषय है। ध्यान रहे कि हमें आपकी तरफ से कोई नाम नहीं चाहिए। बस आप लोगों को उन खासियतों के बारे में बताना है, जो आप राष्ट्रीय अध्यक्ष में देखना चाहते हैं? बोर्ड मेंबर्स की ओर से अध्यक्ष के लिए संभावित गुणों की लिस्ट आने लगी। इसके बाद एक फाइनल लिस्ट तैयार हुई। इसमें मोटे तौर पर सबसे ज्यादा बार 4-5 बातें दोहराई गई थीं। 1. युवा चेहरा2. संगठन और पार्टी में तालमेल बैठाए3. विवादित न हो4. संघ और पार्टी दोनों का बैकग्राउंड हो5. हिंदी भाषी हो पार्लियामेंट्री बोर्ड मेंबर्स की ये मीटिंग 45-50 मिनट तक चली। हालांकि न इसमें किसी नाम की चर्चा हुई और न ही ये कहा गया कि 2 दिन बाद ही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो जाएगा। शाह ने कहा- नए पार्टी अध्यक्ष के नाम का लेटर तैयार करो14 दिसंबर की बात बताते हुए पार्टी सोर्स कहते हैं, 'शाम 4 बजे लखनऊ में BJP के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह एक कार्यक्रम में मौजूद थे। तभी उनके फोन की घंटी बजी। दूसरी तरफ से अमित शाह की आवाज थी। उन्होंने कहा, फौरन पार्टी के नए कार्यकारी अध्यक्ष के नाम का लेटर तैयार करवाओ और सर्कुलेट कर दो। हमारे नए कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन हैं।' ‘बस क्या था, एक घंटे के अंदर लेटर तैयार होकर सर्कुलेट भी हो गया।‘ फिर इस फैसले के बाद पार्टी में तो खलबली मची होगी? ‘खलबली जैसा कुछ नहीं था, लेकिन हां जो लोग रेस में थे, उन्हें झटका लगा होगा। एक का नाम तो मैं भी जानता हूं। उनसे मेरी बात भी हुई।' ऐलान से पहले सिर्फ मोदी, शाह और बीएल संतोष को थी खबर BJP सोर्स ने बताया, 'जिस दिन नितिन नबीन के नाम का ऐलान हुआ, उस दिन PM नरेंद्र मोदी और संगठन महामंत्री बीएल संतोष, गृह मंत्री अमित शाह के घर पर मौजूद थे। यहीं से बीएल संतोष ने ही नितिन नबीन को भी लेटर जारी होने के कुछ घंटों पहले फैसले की जानकारी दी।' 'उस वक्त इसके बारे में सिर्फ इन्हीं 3 लोगों को पता था। ये लोग एक साथ कितनी देर तक थे, ये तो नहीं पता है। हालांकि ये एक साथ गृह मंत्री जी के घर पर थे, ये बात पक्की है।' क्या इनके अलावा पार्टी के किसी और सीनियर लीडर को इसकी जानकारी थी, ये जानने के लिए हमने कुछ पार्टी लीडर से भी बात की, लेकिन उनका कहना है कि इस बारे में उन्हें भी तब पता चला, जब नितिन नबीन के नाम का लेटर जारी हुआ। नितिन नबीन को कब और कैसे मिली खुशखबरीअब सवाल था कि नितिन नबीन को इस फैसले के बारे में कब पता चला? महामंत्री अरुण सिंह से पहले या बाद में? इसे जानने के लिए हमने नितिन नबीन के एक करीबी सोर्स से बात की। वे बताते हैं, 'ऐलान के दिन सुबह तक नितिन जी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि उनका नाम फाइनल हुआ है। वो तो अपनी विधानसभा सीट बांकीपुर में थे। वहां वो कार्यकर्ता सम्मान कार्यक्रम में व्यस्त थे।' 'इसे बिहार में जीत की खुशी में नबीन जी ने ही कार्यकर्ताओं के सम्मान में रखा था। इसी दौरान दोपहर 2 से 2.30 बजे के करीब उनके पास संगठन महामंत्री बीएल संतोष जी का फोन आया। उन्होंने कहा कि फौरन दिल्ली आ जाइए। आपका नाम अध्यक्ष पद के लिए तय हुआ है।' प्रवक्ताओं को दी गई थी हिदायत, यूपी और राष्ट्रीय अध्यक्ष पर संभल कर बोलेंBJP राष्ट्रीय कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, 13 दिसंबर को करीब 3 बजे पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में एक मीटिंग हुई। मीटिंग BJP के सीनियर लीडर विनोद तावड़े के नेतृत्व में हुई थी। इसमें राष्ट्रीय स्तर के सभी प्रवक्ता थे। इसमें सभी से यूपी अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कोई भी बयान देने से बचने के लिए कहा गया था। ये भी कहा गया था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कयास भरे बयान से बचें। हालांकि मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के न तो नाम पर चर्चा हुई और न ही घोषणा की तारीख पर। ये जरूर कहा गया था कि यूपी अध्यक्ष की घोषणा के एक घंटे बाद से लेकर एक महीने बाद तक कभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। सोर्स बताते हैं कि सबको यही लगा कि खरमास के खत्म होते ही पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा क्योंकि अध्यक्ष बनाने की एक प्रक्रिया होती है, उसे पूरा करने में ही 3-4 दिन लग जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर नहीं हुई कोई औपचारिक बैठकपार्टी कार्यालय के एक कार्यकर्ता कहते हैं, 'राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में तो कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई, न ही कोई नोटिफिकेशन जारी हुआ। वैसे तो इस तरह के चुनाव बहुत कॉन्फिडेंशियल होते हैं। PM, गृहमंत्री और RSS के वरिष्ठजनों की राय से ही फैसला होता है। हां राष्ट्रीय स्तर पर औपचारिक मीटिंग जरूर होती है, लेकिन अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर ये मीटिंग नहीं हुई।' वे आगे कहते हैं, ‘हालांकि जगत प्रकाश नड्डा का चुनाव भी पहले ऐसे ही हुआ था, जब वो कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। अमित शाह गृहमंत्री बने और उसके 1-2 दिन बाद ही नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था। फिर 6-7 महीनों बाद जब वो स्थायी अध्यक्ष बने, तब पूरी प्रक्रिया हुई।‘ यानी कार्यकारी अध्यक्ष के लिए ये प्रक्रिया जरूरी नहीं? इस पर जवाब मिला, ‘देखिए BJP में पहली बार नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। तब ये प्रक्रिया नहीं हुई थी, तभी हमें भी पता चला कि कार्यकारी अध्यक्ष के लिए किसी प्रक्रिया की जरूरत नहीं।‘ कार्यकारी अध्यक्ष के पास कितनी पावर? इस पर पार्टी सोर्स ने बताया, 'वो अभी स्वतंत्र रूप से कोई फैसला नहीं ले पाएंगे। कार्यकारी अध्यक्ष न तो टीम से किसी सदस्य को निकाल सकता है और न ही नया सदस्य जोड़ सकता है। मतलब वो पुराने स्ट्रक्चर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। जो काम या प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उसे उन्हीं की निगरानी करना और बैठकें करना होगा।' पुराने अध्यक्ष का क्या दखल रहेगा? हां, उसे कुछ वक्त मिलेगा कि वो अपने काम ट्रांसफर कर सकें। जिन फैसलों पर काम चल रहा है, उन्हें नए अध्यक्ष को डिटेल में बता सकें। ऐसे में उनका कुछ हद तक ही दखल रहेगा। नितिन नबीन ने मंत्रिपद से इस्तीफा दियानितिन नबीन ने 16 दिसंबर को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है। बिहार सरकार में उनके पास पथ निर्माण विभाग और नगर विकास विभाग की जिम्मेदारी थी। अब ये विभाग किसी और मंत्री को सौंपे जाएंगे। BJP में लंबे समय से ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत लागू है। इसके तहत नितिन नबीन को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा है। उन्होंने 15 नवंबर को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचकर पदभार संभाला। ......................ये खबर भी पढ़ें... मोदी-शाह के आज्ञाकारी नेता होने का इनाम मिला BJP ने बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को अपना राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। वे इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा नेता हैं। उम्र है महज 45 साल। अमित शाह जब अध्यक्ष बने थे तो उनसे 5 साल बड़े यानी 50 साल के थे।नितिन नबीन को भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की भनक नहीं थी। नितिन नबीन को BJP ने क्यों बनाया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष? 5 पॉइंट में पढ़िए...
ग्रीक द्वीप के पास प्रवासियों से भरी नाव डूबी, 28 को बचाया गया, 3 लापता
मंगलवार को तुर्की से अवैध तरीके से प्रवासियों को ले जा रही एक नाव ग्रीस के सामोस द्वीप के पास डूब गई
धरने पर फिर बैठीं इमरान खान की बहनें: अलीमा बोलीं- 'जहां रोकोगे, वहीं बैठेंगे, हम कंबल लेकर आए हैं'
पाकिस्तान की सियासत का ये चुनौती पूर्ण समय है। हुक्मरानों को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ बार-बार चैंलेज कर रहा है
9/11 जैसा टेरर अटैक! न्यू ईयर ईव पर अमेरिका में सीरियल ब्लास्ट की साजिश नाकाम होने की इनसाइड स्टोरी
FBI News:मास्टर माइंड ऑड्री कैरोल से कई IED और इसमें इस्तेमाल चीजें बरामद की गई हैं. हमले की प्लानिंग में पहले सिर्फ दो लोग शामिल थे. मगर बाद में हमास जैसी सोच रखने वाले दो और लोगों को भर्ती किया गया. पहले कागज पर पूरा प्लान तैयार किया गया, लेकिन ट्रायल से पहले ही पूरी साजिश बेनकाब हो गई.
पीएम मोदी के ओमान दौरे पर एफटीए पर रहेगा फोकस : इंडस्ट्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से ओमान को काफी उम्मीदें और इसमें भारत-ओमान के बीच फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर मोहर लगने की उम्मीद है
DNA: गाजा का दर्द दिखा, सिडनी का क्यों नहीं? आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन में सिलेक्टिव रवैया क्यों?
Bondi Beach Attack:दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इस समय भी गाजा और फिलिस्तीन को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. ब्रिटेन, जर्मनी, डेनमार्क और नीदरलैंड्स समेत कई देशों में लोग अचानक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उनके प्रदर्शन का एजेंडा आतंकवाद का विरोध नहीं है बल्कि गाजा है.
Princess Sarvath El Hassan: जॉर्डन राजपरिवार ब्रिटेन के शाही परिवार से भी ज्यादा अमीर है. अंग्रेजों ने तो भारत पर बरसों तक राज किया. लेकिन जॉर्डन की राजकुमारी का भारत से बेहद ही खास कनेक्शन है. चलिए आपको बताते हैं.
US Immigration Crackdown:इस सदमे वाली घटना को लेकर उनकी 34 साल की बेटी जोती ने कहा कि उनकी मां को मर्दों से भरी एक वैन में बैठाया गया. हिरासत में लिए जाने के बाद उनके हाथ और पैर कांप रहे थे. वह बहुत डरी हुई थीं. हमने ऐसी कहानियां सुनी हैं, जिसमें लोग ही गायब हो गए. हमें डर है कि ऐसा कुछ भी हो सकता है.
Mexico Assembly: महिलाओं विधायकों के बीच पहले जमकर चले घूंसे-थप्पड़, फिर नोच डाले बाल
Mexico Assembly: मेक्सिको विधानसभा में मचे घमासान की तस्वीरें आप को हैरत में डाल सकती हैं. सदन कार्यवाही के दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि महिला विधायकों ने एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया. जिसके बाद उन्होंने जमकर एक दूसरे पर कोहनी चलाई और थप्पड़ भी बरसाए.
जिस देश जॉर्डन के दौरे पर गए PM मोदी, वहां का AQI जानते हैं? दिल्ली से तो तुलना भी नहीं कर सकते!
PM Modi Jordan visit: भारत से करीब3777 किमी दूर जॉर्डन की राजधानी अम्मान में जहां पीएम मोदी के एक छोटे बच्चे को दुलराने की फोटो वायरल हुई वहां की एयर क्वालिटी कैसी है.आइए इस सवाल का जवाब बताते हैं.
Bondi Beach Attack: हमलावर से बंदूक छीनने वाले शख्स का नाम एडवर्ड कैबट्री नहीं है
बूम ने पाया कि बोंडी बीच के पास हुई गोलीबारी के दौरान एक हमलावर से बंदूक छिनने वालेशख्सका नाम अहमद अल अहमदहै.
Sydney Beach Attack:यह साफ नहीं है कि फिलीपींस आकर इन लोगों ने क्या किया या फिर दवाओ पहुंचकर ये दोनों कहीं और भी गए. वह इसलिए क्योंकि दवाओ में एक मिंडानाओ शहर है, जहां आईएसआईएस से जुड़े धड़े और आतंकी समूहों का बसेरा है.
Top 10 crises the world:अंतरराष्ट्रीय रेस्क्यू कमिटी (IRC) की 2026 इमरजेंसी वॉचलिस्ट ने दुनिया के 10 सबसे खतरनाक संकटों की लिस्ट जारी की है. सूडान नंबर-1 पर है जहां गृहयुद्ध से लाखों मर चुके हैं. गाजा, साउथ सूडान, इथियोपिया जैसे देशों में भुखमरी और विस्थापन चरम पर. करोड़ों जिंदगियां खतरे में है. देखें और समझें पूरी रिपोर्ट.
बोंडी बीच ही नहीं इन 5 भयानक मास शूटिंग ने भी हिला दी थी दुनिया, याद कर आजतक खड़े हो जाते हैं रोंगटे
Australia Bondi Beach Attack: ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में बीते दिनों एक भयानक आतंकी हमला हुआ. इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई. ऑस्ट्रेलिया से पहले कई देश भी इस भयानक आतंकी हमले का सामना कर चुके हैं.
Brown University Shooting:अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में शनिवार को हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत और नौ घायल हो गए थे. जिसके बाद FBI और पुलिस ने संदिग्ध के नए CCTV फुटेज जारी किए थे. अब इस मामले में जांच जारी है, FBI ने जानकारी देने पर 50 हजार डॉलर का इनाम रखा है. आप भी देखें वीडियो.
भारत ने गाजा पीस प्लान का किया स्वागत, पहले चरण को बताया शांति की दिशा में अहम कदम
India Welcomes Gaza Peace Plan: भारत ने गाजा शांति योजना का स्वागत किया है, साथ हीउम्मीद जताई है कि इसका पहला चरण पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान क्षेत्रीय शांति, फिलिस्तीन मुद्दे, ऊर्जा सहयोग और जल प्रबंधन जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के पक्ष में अपनी पुरानी नीति पर बना हुआ है और इसी कड़ी में गाजा पीस प्लान का समर्थन भी करता है. भारत को उम्मीद है कि यह पहल आगे चलकर पूरे क्षेत्र में लंबे समय तक शांति बनाए रखने में काफी मदद करेगी.
जॉर्डन में PM मोदी की खास मेहमान नवाजी; क्राउन प्रिंस ने कार चलाकर पहुंचाया म्यूजियम
PM Modi: पीएम मोदी जॉर्डन दौरे पर हैं, यहां पर पीएम मोदी का खास अंदाज में स्वागत हुआ, इतना ही नहीं क्राउन प्रिंस अल हुसैन खास अंदाज़ में PM मोदी को जॉर्डन म्यूजियम तक पहुंचाया.
30 साल से US में रह रही भारतीय महिला को अचानक लगी हथकड़ी; छोटी सी लापरवाही पड़ गई भारी
US News: 30 साल से अमेरिका में रह रही एक भारतीय महिला को अचानक हिरासत में ले लिया गया है. उन्हें हिरासत में लेने के बाद ICE डिटेंशन सेंटर भेजा गया है.
बांग्लादेश के विजय दिवस के अवसर पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चिंता जताई है कि वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में पराजित हुई ताकतें फिर से सक्रिय हो गई हैं। यह वही युद्ध था, जिसमें बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी हासिल की थी
Rob Reiner Murder:हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर रॉब रेनर और उनकी पत्नी मिशेल सिंगर रेनर की हत्या के बाद पता चला है कि उनके बेटे निक रेनर और उनके बीच शनिवार को क्रिसमस पार्टी में जोरदार बहस हुई थी. यह बहस उनके ब्रेंटवुड वाले घर में हुई, जहां निक ने पार्टी में मौजूद लोगों से बहस की थी.
भारत के पासपोर्ट पर भी यात्रा कर चुका है आंतकी साजिद... सिडनी हमले में अब तक क्या सामने आया?
Sajid Akram: सिडनी में आतंक की दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले साजिद अकरम को लेकर खुलासा हुआ है कि उसने यात्रा करने के लिए भारतीय पासपोर्ट्स का भी इस्तेमाल किया है.
दुनियाभर में क्यो फेमस है जॉर्डन की ‘रोज सिटी’ पेट्रा, वजह जानकर हो जाएंगे हक्के-बक्के
Petra Rose City History: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 15 दिसंबर को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे थे. यह यात्रा भारत और जॉर्डन के रिश्तों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों को 75 साल पूरे हो चुके हैं. आपको बता दें कि इसी जॉर्डन में पेट्रा नाम की जगह विश्वभर में फेमस है.
भारत से 'सेवेन सिस्टर्स' को कर देंगे अलग-थलग... बांग्लादेशी नेता की धमकी, रैली में उगला जहर
India-Bangladesh Relations:बांग्लादेश के नेता हसनत अब्दुल्ला का भारत के खिलाफ एक और तीखा बयान सामने आया है. नेता ने धमकी दी है कि अगर बांग्लादेश की संप्रभुता या चुनावी प्रक्रिया में भारत दखल देता है, तो पूर्वोत्तर के सात राज्यों जिन्हें 'सेवन सिस्टर्स' कहा जाता है को भारत से अलग-थलग कर दिया जाएगा.
प्रशांत महासागर में ड्रग लार्ड्स की नावें ध्वस्त, 8 'नार्को-टेररिस्ट' को उतारा मौत का घाट
US boat strike: अमेरिका ने पूर्वी प्रशांत महासागर में नार्कोट्रैफिकिंग के रास्तों पर तीन नावों पर हमला किया, जिसमें आठ संदिग्ध ड्रग तस्कर मारे गए हैं. इस कार्रवाई को प्रशासन ने कानूनी बताया, लेकिन नाविकों की मौत से विवाद और युद्ध अपराध के सवाल उठ गए हैं.
इंशाअल्लाह, हम खुशी-खुशी वापस लौटेंगे... अहमद का पहला बयान वायरल, मां से की खास गुजारिश
Ahmed Al Ahmed: ऑस्ट्रेलिया में बॉन्डी बीच हुए हमले के हीरो अहमद-अल-अहमद का पहला बयान सामने आया है. जिसमें वो खुदा का शुक्र अदा कर रहे हैं और मां से भी एक खास अपील कर रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस–यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में बातचीत आगे बढ़ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कई महीनों से चल रही लड़ाई को रोका जा सकता है। ट्रंप ने यह बात बर्लिन में यूरोपीय नेताओं और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत के बाद कही
Elon Musk:एक चीनी अरबपति जू बो ने अमेरिका में सरोगेसी के जरिए 100 से ज्यादा बच्चे पैदा करवाए हैं. अब जू अगला प्लान इन सभी बच्चों की शादी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बच्चों से करवाना.
आजाद हुआ ईरानी बॉडीबिल्डर! 5 महीने बाद अमेरिकी कोर्ट ने रिहा करने का दिया आदेश; जानिए पूरा मामला
Hamid Ziaei released: अमेरिकी संघीय न्यायालय ने ईरानी प्रवासी और बॉडीबिल्डर हमीद जियाई को पांच महीने से हिरासत में रखने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है.
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी अधिकारियों का दमनात्मक रवैया, चार बलूची जबरन गायब
बलूचिस्तान में एक ही परिवार के कम से कम चार लोगों को कथित तौर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने जबरन गायब कर दिया है। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को यह जानकारी दी
लाश के साथ सोती हैं महिलाएं, सपने में मिलती है शादी की इजाजत; बड़े अजीब है इस जनजाति के रिवाज
Luo Tribe: अफ्रीका की नील नदी घाटी में बसी लुओ जनजाति की परंपराएं सचमुच में बड़ी अजीब है. इस निलोटिक समुदाय में एक ऐसी प्रथा है जो सुनने में अटपटी लगती है, लेकिन उनके लिए गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है. जानकारी के अनुसार, जब किसी लुओ महिला का पति मर जाता है तो उसे उस रात अपने पति के शव के बगल में सोना पड़ता है, जिसके बाद उसे दूसरी शादी करने का मौका मिलता है.
जॉर्डन की मलिका पर क्यों टिक जाती हैं सबकी नजरें? जेफ बेजोस की शादी में गईं तो हो गया था विवाद
Jordan First Lady: पीएम मोदी जॉर्डन में हैं, उन्होंने किंग अब्दुल्लाह-II से भी मुलाकात की. इस दौरान हम आपको किंग अब्दुल्लाह II की पत्नी के मलिका रानिया के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.
रूस-यूक्रेन जापोरिज़्झिया परमाणु संयंत्र पर समझौते के करीब: अमेरिका
रूस और यूक्रेन ज़ापोरिज़्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के भविष्य को लेकर किसी समझौते के करीब पहुंचते दिख रहे हैं
Donald Trump:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने वाला समझौता अब पहले से कहीं ज्यादा नजदीक है. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ लंबी और सकारात्मक बातचीत के बाद यह बयान दिया. बता दें, ये बयान ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय नेता यूक्रेन में शांति समझौता लागू करने के लिए एक संयुक्त अंतरराष्ट्रीय बल तैनात करने का प्रस्ताव दे रहे हैं.
Mexico plane crash: मेक्सिको में एक छोटा प्राइवेट विमान इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश के दौरान एक इमारत की छत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है.
India's Reply To Pakistan In UNSC:भारत ने UNSC में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठे दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया. भारत के राजदूत हरीश परवथानेनी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अविभाज्य हिस्से हैं और यह कभी नहीं बदलेगा. उन्होंने UNSC मंच के दुरुपयोग के लिए पाकिस्तान की निंदा की जो अपनी सनकपूर्ण राजनीति से भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है.
मिडिल ईस्ट में सऊदी अरब और इजराइल के बीच एक छोटा का मुल्क है- जॉर्डन। पीएम नरेंद्र मोदी 15 और 16 दिसंबर को यहीं के दौरे पर हैं। जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II के आलीशान हुसैनिया पैलेस में सोमवार शाम पीएम मोदी का स्वागत हुआ। किंग अब्दुल्ला को पैगंबर मोहम्मद की 41वीं पीढ़ी का वंशज माना जाता है। उनका परिवार 1400 साल से जॉर्डन पर राज कर रहा है। अब्दुल्ला का नाम सबसे अमीर किंग और उनकी पत्नी का सबसे खूबसूरत क्वीन में शुमार होता है। इस स्टोरी में जानेंगे, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय की कहानी और उनसे जुड़े रोचक किस्से… तारीख 30 जनवरी 1962 और जगह जॉर्डन की राजधानी अम्मान। किंग हुसैन और उनकी दूसरी पत्नी प्रिंसेस मुना के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। किंग हुसैन की ये पहली संतान थी। उन्होंने दादा अब्दुल्ला के नाम पर उस बच्चे का नाम रखा- अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन। कायदे से किंग का सबसे बड़ा बेटा क्राउन प्रिंस बनता है। इसलिए अब्दुल्ला द्वितीय जन्म से ही क्राउन प्रिंस बने। हालांकि जब वे 3 साल के हुए तो मिडिल ईस्ट में राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई। ऐसे में किंग हुसैन ने छोटे भाई हसन बिन तलाल को क्राउन प्रिंस बना दिया। दरअसल, क्राउन-प्रिंस राजा की मौत या उनके गद्दी छोड़ने के बाद देश का राजा बनता है। अब्दुल्ला की शुरुआती पढ़ाई अम्मान के इस्लामिक एजुकेशनल कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के सेंट एडमंड्स स्कूल और अमेरिका के डियरफील्ड एकेडमी से स्कूली पढ़ाई पूरी की। अब्दुल्ला की बचपन से ही आर्मी और हथियारों में दिलचस्पी थी। 1980 में उन्होंने इंग्लैंड की ब्रिटिश रॉयल मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ली और ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कुछ समय ब्रिटिश आर्म्ड फोर्सेस में काम किया। फिर जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेस जॉइन की। 1993 में स्पेशल फोर्सेस के डिप्टी कमांडर और अगले साल कमांडर बने। 9 साल छोटी एक आम लड़की से पहली नजर में प्यार, 6 महीने बाद शादी साल 1992 के आखिरी महीने का किस्सा है। एक शाम अब्दुला एक डिनर पार्टी में गए। वे साथियों के साथ शाम का लुफ्त उठा रहे थे। तभी वहां एक फिलिस्तीनी लड़की ने कदम रखे। नाम था- रानिया अल-यासीन। पहली ही नजर में 31 साल के अब्दुल्ला के दिल में 23 साल की रानिया बस गई। रानिया को भी उनसे प्यार हो गया। दोनों के बीच गुफ्तगू हुई। फिर दोस्ती और मोहब्बत तक बात पहुंच गई। पहली मुलाकात के 6 महीने बाद अब्दुला और रानिया ने सगाई कर ली और फिर 10 जून 1993 को अम्मान के जहरान पैलेस में शादी। शादी के वक्त अब्दुला ने अपनी सैन्य वर्दी पहनी हुई थी और कमर पर एक तलवार लगाई थी। वहीं रानिया ने सोने की किनारी वाला छोटी आस्तीन का गाउन पहना था। साथ में सुनहरा बेल्ट, सफेद जैकेट और दस्ताने पहने थे। रानिया किसी शाही परिवार से नहीं थीं। फिर भी अब्दुल्ला का परिवार इस शादी के लिए राजी हो गया। दरअसल, रानिया का जन्म 31 अगस्त 1970 को वेस्ट बैंक के एक फिलिस्तीनी परिवार में हुआ था। पिता फैजल डॉक्टर थे। बाद में वे काम के सिलसिले में परिवार के साथ कुवैत चले गए, लेकिन 1990 में उन्हें कुवैत से जॉर्डन आना पड़ा। इस दौरान रानिया काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रही थीं। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे जॉर्डन आईं। पहले एक बैंक में और फिर एपल कंपनी उन्होंने काम किया। आज रानिया जॉर्डन की महारानी हैं। उनके 4 बच्चे हैं- प्रिंस हुसैन, प्रिंसेस इमान, प्रिंसेस सलमा और प्रिंस हाशेम। रानिया महिलाओं और बच्चों की पढ़ाई, अधिकार और पोषण के लिए काम करती हैं। इसके लिए प्रोग्राम्स चलाती हैं। सोशल मीडिया और ग्लोबल समिस्ट्स में एक्टिव रहती हैं। अक्सर वे अपने मॉडर्न लुक, डिजाइनर कपड़ों, ज्वेलरी और मेकअप के लिए सुर्खियों में छाई रहती हैं। रानिया दुनिया की सबसे सुंदर और मिलनसार महारानियों में शुमार हैं। दूसरी बार क्राउन प्रिंस बने, 2 हफ्ते बाद मिली जॉर्डन की गद्दी किस्सा है जनवरी 1999 का। 63 साल के किंग हुसैन 46 साल से जॉर्डन की गद्दी संभाल रहे थे, लेकिन कैंसर से जूझ रहे थे। एक दिन अचानक से उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उनके बचने की उम्मीद दिन-ब-दिन कम हो रही थी। फिर एक दिन अस्पताल से एक चिट्ठी आई, जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया। ये चिट्ठी क्राउन प्रिंस तलाल के लिए थी। इसमें लिखा था कि किंग हुसैन छोटे भाई क्राउन प्रिंस हसन बिन तलाल से काफी नाराज हैं। उन्होंने तलाल पर सत्ता के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। इसके चलते तलाल को क्राउन प्रिंस के पद हटा दिया गया। कहा गया कि किंग हुसैन को अपने आखिरी दिनों में लगा कि बेटे को ही उत्ताराधिकारी बनाना सही रहेगा। ऐसे में उन्होंने सबसे बड़े बेटे अब्दुल्ला द्वितीय को दोबारा क्राउन प्रिंस बनाया। दोबारा इसलिए, क्योंकि अब्दुल्ला जन्म से ही क्राउन प्रिंस थे। लेकिन जब वे 3 साल के हुए तो मिडिल ईस्ट में उठापटक शुरू हो गई। ऐसे में किंग हुसैन ने 1965 में छोटे भाई हसन बिन तलाल को क्राउन प्रिंस बना दिया। अब्दुल्ला के क्राउन प्रिंस बनने के 2 हफ्ते बाद 7 फरवरी 1999 को किंग हुसैन चल बसे। इसी दिन अब्दुल्ला जॉर्डन के नए राजा बने। हालांकि 4 महीने बाद 9 जून 1999 को उनका राज्याभिषेक हुआ। सौतेले भाई को पहले प्रिंस बनाया, फिर 5 साल बाद हटाया; आज नजरबंद अब्दुल्ला ने सत्ता संभालते ही सौतेले भाई प्रिंस हमजा को क्राउन प्रिंस बनाया। कहा गया कि ये भाई-भाई का प्यार है। लेकिन बात कुछ और थी। दरअसल, किंग हुसैन ने 4 शादियां की थी। हमजा उनकी चौथी बेगम नूर अल-हुसैन का बेटा था। नूर चाहती थीं कि हुसैन के बाद हमजा राजा बने और वे खुद राजमाता। किंग हुसैन को भी अपनी 11 संतानों में से हमजा सबसे ज्यादा प्यारा था। वे उसे आंखों का सुकून कहते। इतना चहेता होने के कारण किंग हुसैन ने मरते वक्त अब्दुल्ला से कहा कि राजा बनते ही वे हमजा को क्राउन प्रिंस बनाए। अब्दुल्ला ने ठीक ऐसा किया, लेकिन 5 साल बाद सबकुछ बदल गया। नवंबर 2008 में अब्दुल्ला ने हमजा को क्राउन प्रिंस के पद से हटा दिया। अब्दुल्ला ने हमजा को एक चिट्ठी भी लिखी, 'इस पद के कारण से तुम कुछ जरूरी जिम्मेदारियां नहीं उठा पा रहे हो। जॉर्डन को तुम्हारी जरूरत है। ऐसे में मैंने तुम्हें क्राउन प्रिंस के पद से हटाने का फैसला किया है। उम्मीद है तुम राजा के प्रति वफादार बने रहोगे।’ चिट्ठी की बातें तो अच्छी थी, लेकिन मकसद कुछ और था। दरअसल, अब्दुल्ला हमजा को हटाकर अपने बेटे हुसैन के लिए रास्ता बना रहे थे। जुलाई 2009 में उन्होंने हुसैन को क्राउन प्रिंस बना भी दिया। फिर अप्रैल 2021 में खबरें आईं कि पूर्व क्राउन प्रिंस हमजा को उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया है। उनकी सिक्योरिटी हटा ली गई है और उन्हें घर से नहीं निकलने दिया जा रहा। किसी से मिलने, बात करने, फोन और इंटरनेट पर भी रोक लगा दी गई। तब जॉर्डन के डिप्टी पीएम ऐमान सफादी ने कहा कि प्रिंस हमजा जॉर्डन की सुरक्षा और स्थिरता के खिलाफ काम कर रहे थे। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है। हमजा पर तख्तापलट का आरोप लगा। ISIS के आतंकियों को मारने खुद उड़ाया फाइटर जेट! साल 2015 और तारीख 2 फरवरी। आतंकी संगठन ISIS ने 22 मिनट का एक वीडियो जारी किया। इसमें जॉर्डन के पायलट लेफ्टिनेंट मुआथ अल-कसासबह से पहले पूछताछ की गई। फिर उसे पिंजरे में बंद करके जिंदा जला दिया गया। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में 27 साल के मुआथ का F-16 फाइटर जेट सीरिया में ISIS के खिलाफ एक मिशन में क्रैश हो गया था। इसके बाद ISIS ने उन्हें पकड़ लिया। मुआथ की मौत का वीडियो देखकर जॉर्डन में गुस्सा फूट पड़ा। लोग सड़कों पर उतर आए। ‘बदला लो!’ के नारे लगने लगे। उस वक्त किंग अब्दुल्ला अमेरिका में थे। जैसे ही खबर मिली, वो फौरन जॉर्डन लौट आए। अम्मान एयरपोर्ट से अब्दुल्ला सीधे मुआथ के परिवार से मिलने गए। वहां उन्होंने कहा, ‘ये कायरों की हरकत है। ISIS न सिर्फ जॉर्डन से लड़ रहा है, बल्कि इस्लाम और इंसानियत से भी। हम इसका जवाब इतना जोरदार देंगे कि धरती हिल जाएगी।’ अगले ही दिन जॉर्डन ने ISIS के 2 आतंकियों को फांसी दे दी। इसके बाद किंग अब्दुल्ला ने ‘ऑपरेशन शहीद मुआथ’ लॉन्च किया। 3 दिन के इस ऑपरेशन में जॉर्डन की एयर फोर्स ने सीरिया में मौजूद ISIS के ठिकानों पर जोरदार बमबारी की। इसमें 56 आतंकी मारे गए। इस बीच किंग अब्दुल्ला की एक फोटो वायरल हुई, जिसमें वो जंग वाली वर्दी में नजर आए। सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि किंग खुद फाइटर जेट उड़ा रहे हैं। वो ISIS पर बम बरसा रहे हैं। अब्दुल्ला को ‘वॉरियर किंग’ कहा जाने लगा। हालांकि कुछ देर बाद साफ हो गया कि ये सब अफवाह है और अब्दुल्ला ने खुद जेट नहीं उड़ा। उन्होंने सिर्फ ऑपरेशन की कमान संभाली। फिर भी इस घटना ने किंग अब्दुल्ला की इमेज को और मजबूत कर दिया। वो एक ऐसे नेता बने जो अपने देश और सैनिकों के लिए कुछ भी कर सकते हैं। दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में शुमार; 6,750 करोड़ की संपत्ति, 12 पैलेस किंग अब्दुल्ला के अनुमानित पर्सनल प्रॉपर्टी करीब 750 मिलियन डॉलर यानी 6,750 करोड़ रुपए है। इसमें उनकी विरासत, रियल एस्टेट, इन्वेस्टमेंट्स और अन्य इनकम शामिल है। दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में अब्दुल्ला का नाम शुमार है। हालांकि उनकी सैलरी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब्दुल्ला के पास 12 पैलेस हैं, जिनका इस्तेमाल शाही परिवार घर और ऑफिस के तौर पर करता है। उनके शाही परिवार और महलों पर सालाना 35 मिलियन डॉलर यानी 300 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा उनके पास एक रॉयल ऑटोमोबाइल म्यूजियम है, जिसमें 80 से ज्यादा कार और बाइक हैं। इसमें रोल्स-रॉयस, बुगाटी वेरोन, पॉर्शे, एस्टन मार्टिन, मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें शामिल हैं। वहीं हार्ले-डेविडसन, BMW, Zundapp KS जैसी आलीशान बाइक हैं। इसके अलावा उनके पास 3 एयरक्राफ्ट और 1 यॉट है। अब्दुल्ला को सबसे मॉर्डन किंग भी माना जाता है। पैंडोरा पेपर्स, स्विस सीक्रेट्स से अब्दुल्ला की 3,200 करोड़ की संपत्ति उजागर अक्टूबर 2021 में पैंडोरा पेपर्स का खुलासा हुआ, जिसमें 1.19 लाख दस्तावेज और 2.9 टीबी डेटा लीक हुआ। इसमें पता चला कि किंग अब्दुल्ला ने 2003 से 2017 के बीच गुप्त रूप से अमेरिका और ब्रिटेन में 14 लग्जरी संपत्तियां खरीदीं। इनकी कीमत करीब 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 900 करोड़ है। इसमें मालिबू बीच की 3 आलीशान हवेली, वॉशिंगटन डीसी के 3 लक्जरी अपार्टमेंट, लंदन और एस्कॉट के कई घर शामिल हैं। फरवरी 2022 में स्विट्जरलैंड के 'क्रेडिट सुइस' बैंक के 18 हजार खातों का डेटा लीक हुआ। इसका नाम रखा गया- स्विस सीक्रेट्स। इसमें किंग अब्दुल्ला के 6 सीक्रेट अकाउंट मिले, जिनमें करीब 250 मिलियन डॉलर यानी 2250 करोड़ रुपए जमा थे। इस पर रॉयल हाशेमाइट कोर्ट ने कहा, यह पैसा राजा अब्दुल्ला का निजी। इसका इस्तेमाल सुरक्षा, रॉयल प्रोजेक्ट्स, निजी खर्च और इस्लामी पवित्र स्थलों के रखरखाव के लिए किया जाता है। अपने पसंदीदा 'स्टार ट्रेक' सीरियल में एक्टिंग की जब अब्दुल्ला 34 साल के थे, तब उन्हें स्पेस एडवेंचर, एलियंस और स्टारशिप में काफी दिलचस्पी थी। इसी के चलते वे एक साइंस फिक्शन सीरियल ‘स्टार ट्रेक: वॉयजर’ के फैन बन गए। एक बार जब वे इसकी शूटिंग देखने कैलिफोर्निया के पैरामाउंट स्टूडियो पहुंचे तो सीरियल के प्रोड्यूसर्स ने उन्हें एक छोटा रोल ऑफर किया। अब्दुल्ला ने खुशी-खुशी ऑफर अपना लिया। 13 मार्च 1996 को पब्लिश हुए शो में अब्दुल्ला एक साइंस ऑफिसर के तौर पर नजर आए। हालांकि उन्होंने न तो डायलॉब बोल और न ही क्रेडिट लिया। कुछ ही सेकंड के लिए वे स्क्रीन पर नजर आए। एक फैन के तौर पर अब्दुल्ला इतना खुश हुए कि उन्होंने शो के दो एक्टर्स- इथन फिलिप्स और रॉबर्ट पिकार्डो को जॉर्डन आने का न्योता दे दिया। बाद वे दोनों जॉर्डन गए भी। कार रेसिंग, स्कूबा डाइविंग, स्काइ डाइविंग के शौकीन 1980 के दशक में स्पेशल फोर्सेस के कमांडो रह चुके किंग अब्दुल्ला को एडवेंचर गेम्स बहुत पसंद है। उनका कार रेसिंग से बहुत जुड़ाव है। वे 1986 और 1988 में जॉर्डनियन डेजर्ट रैलियों में चैंपियन बने। उन्होंने रेगिस्तान में कई रैलियां भी जीतीं। 2000 में अब्दुल्ला ने जॉर्डन में बनी ‘Black Iris’ रैली कार खुद चलाई, जो यंग रैली ड्राइवरों के लिए सस्ती कार थी। आज भी वे रैली से पहले ट्रैक चेक करने वाली ‘जीरो कार’ चलाते हैं। इसके अलावा वे एक क्वालिफाइड फ्रॉगमैन यानी पेशेवर सैन्य गोताखोर हैं। रेड सी पर बना शहर अकाबा उनकी पसंदीदा स्कूबाडाइविंग जगह है। वे अपने बेटे क्राउन प्रिंस हुसैन के साथ समुद्र की गहराई में जाकर कचरा साफ करने के लिए क्लीन-अप डाइव्स भी करते हैं। अब्दुल्ला को स्काईडाइविंग और पैराशूटिंग का भी शौक है। वे फ्री-फॉल पैराशूटिस्ट हैं। यानी जो प्लेन से कूदकर कुछ समय तक बिना पैराशूट खोले हवा में गिरते हैं और तय ऊंचाई पर पैराशूट खोलकर फिर जमीन पर उतरते है। किंग बनने से पहले वे रेगुलर स्काईडाइविंग करते थे, लेकिन अब सुरक्षा कारणों से वे ये शौक पूरा नहीं कर पाते। हालांकि स्पेशल फोर्सेस की ट्रेनिंग में जंप मास्टर बनकर जवानों का हौसला बढ़ाते हैं। **** पीएम मोदी की जॉर्डन यात्रा से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... मोदी बोले- आतंकवाद के खिलाफ जॉर्डन की सोच भारत जैसी: किंग अब्दुल्ला के साथ द्विपक्षीय बैठक की; हुसैनिया महल में PM का स्वागत हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला से हुसैनिया पैलेस में मुलाकात की। हुसैनिया पैलेस पहुंचने पर पीएम का औपचारिक स्वागत किया गया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक भी की। पूरी खबर पढ़ें...
दुनिया में ऑस्ट्रेलिया की पहचान तीन जगहों से है- ओपेरा हाउस, सिडनी हार्बर ब्रिज और बॉन्डी बीच। ओपेरा हाउस और सिडनी हार्बर ब्रिज तो पहले की तरह गुलजार हैं, लेकिन सिडनी के मशहूर बॉन्डी बीच पर मातम पसरा है। 14 दिसंबर की शाम दो हमलावरों ने यहूदियों को टारगेट कर 50 राउंड फायरिंग की। 15 लोग मारे गए। 40 लोग घायल हैं। ये सभी धार्मिक त्योहार ‘हनुक्का’ सेलिब्रेट कर रहे थे। मरने वालों में फेस्टिवल ऑर्गनाइज करने वाले एली स्लैंगर भी थे। हमलावरों ने सबसे पहले उन्हें ही गोली मारी। सिडनी में रहने वाले 41 साल के एली स्लैंगर ऑस्ट्रेलिया के यहूदियों में जाना-पहचाना नाम थे। मरने वालों में 10 साल की बच्ची से लेकर बुजुर्ग तक हैं। दैनिक भास्कर ने बॉन्डी बीच में हुए हमले के चश्मदीद और विक्टिम रहे कुछ किरदारों से बात की। पहले किरदार: यांकी बर्गरयहूदियों के नेता और एली स्लैंगर के दोस्तऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी के बॉन्डी बीच वाले इलाके में देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं। यहूदी समुदाय के ज्यादातर लोग बड़े कारोबारी हैं और इसी इलाके में रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों को शांति से रहने वाली प्रोफेशनल कम्युनिटी के तौर पर जाना जाता है। इसी एरिया में रहने वाले यांकी बर्गर यहूदियों के नेता है। वे बताते हैं, ‘बॉन्डी बीच पर मेरे दोस्त एली स्लैंगर ने हनुक्का फेस्टिवल का आयोजन किया था। अचानक 2 आतंकियों ने फेस्टिवल को टारगेट कर फायरिंग शुरू कर दी। फेस्टिवल मना रहे लोग भागने लगे। आतंकियों ने महिलाओं, बच्चों, बुजुर्ग सभी को गोली मारी।’ ‘पहली गोली एली को ही लगी। एली यहूदियों के नेता थे। उनके 5 बच्चे हैं। एली खुशमिजाज शख्स थे। हमले के वक्त वे स्टेज पर खड़े थे। तभी हमलावरों ने उनके सिर पर गोली मारी।’ हमले के वक्त यांकी बर्गर के बेटे और पोती भी फेस्टिवल में मौजूद थे। उनकी आंखों देखी बताते हुए यांकी कहते हैं, ‘बेटे मेंडी ने फायरिंग की आवाज सुनी। मेरी पोती बाथिया उसके साथ थी। मेंडी ने बेटी को गोद में उठाया और बचने के लिए छिप गया। उसे महसूस हो रहा था कि फायरिंग की आवाज तेज हो रही है और उसके आसपास भीड़ जमा हो रही है।’ ‘मेंडी को लगा कि अब मौत करीब है। वो बेटी के साथ हमारे धर्म में पढ़ी जाने वाली आखिरी प्रार्थना करने लगा। उसने लोगों को गोली लगते और गिरते देखा। हमलावरों को भी करीब से देखा। इस हमले के बाद लोग खौफ और सदमे में हैं। दर्द से जूझ रहे हैं, लेकिन उम्मीद है हम और ज्यादा मजबूत बनेंगे।’ ‘हमास के हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ नफरत बढ़ी’यांकी ऑस्ट्रेलिया की सरकार से नाराज दिखते हैं। वे कहते हैं, ‘7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ नफरत बढ़ी है। यहां भीड़ यहूदियों के खिलाफ प्रदर्शन करती थी। इसके बावजूद सरकार कुछ नहीं करती थी। प्रदर्शन में शामिल लोग कई बार यहूदियों को मारने की बात कहते थे। एली स्लैंगर इसी तरह के मुद्दे उठाते रहते थे।’ ‘यहूदी होने के नाते मुझे लगता है कि इस हमले के बाद जरूरी है कि हमारी सुरक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार कदम उठाए। समुदाय के तौर पर भी ये हमारे लिए बड़ी सीख है। हमें और ज्यादा एकजुट रहना होगा। होलोकास्ट के सिर्फ 3 साल बाद हमने 1948 में अपना खुद का देश इजराइल बनाया था।’ ‘पूरी दुनिया जानती है कि यहूदियों ने सदियों से बहुत कुछ झेला है। मुझे लगता है कि अब यहूदी जाग गए हैं और अपने खिलाफ होने वाले जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना सीख गए हैं। हम फेस्टिवल मनाने के लिए इकट्ठे हुए थे। ये रोशनी का त्योहार है। अंधेरे को दूर करता है और दुनिया को रोशन बनाने का संदेश देता है।’ एली स्लैंगर के एक और दोस्त एलीजर टेवेल ने उनके लिए लिखा, ‘वे सिर्फ अपना काम कर रहे थे। वे किसी युद्ध के मैदान में नहीं थे। वे सिर्फ एक फेस्टिवल में थे।’ दूसरे किरदार: अमित सरवालऑस्ट्रेलिया टुडे के एडिटरअमित सरवाल बताते हैं, ‘हादसे के बाद पुलिस ने पूरे बॉन्डी बीच को खाली करवा लिया था। इस इलाके से एक कार मिली है। इसे हमलावरों की कार बताया जा रहा है। कार में बम बनाने का सामान मिला है। हमलावरों में 24 साल का नवीद अकरम शामिल है। उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला। इसके बाद हमलावरों के घर पर छापेमारी की गई।’ ‘ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बनीज ने हाईलेवल सिक्योरिटी मीटिंग बुलाई थी। वे चाहते हैं कि बंदूक लाइसेंस से जुड़े नियमों को सख्त किया जाए। एक व्यक्ति के पास 1-2 से ज्यादा हथियार न हों, ये सुनिश्चित करने की बात हो रही है।’ क्या इसे यहूदी विरोधी इस्लामिक हिंसा माना जाए? अमित जवाब देते हैं, ‘अभी ये पुख्ता तरीके से नहीं कहा जा सकता। ये कंफर्म होना बाकी है कि हमलावर कुछ ऐसा बोल रहे थे या उन्होंने इस्लाम का हवाला देकर हमले के समर्थन में पोस्टर-पर्चे फेंके हों।’ ‘ये सच है कि बॉन्डी बीच पर उस वक्त बहुत सारे लोग थे। टारगेट करके सिर्फ यहूदियों को ही मारा गया। हमलावरों ने दूसरे कैफे में बैठे लोगों पर फायरिंग नहीं की। जानबूझकर फेस्टिवल मना रहे यहूदियों पर ही फायरिंग की। प्रधानमंत्री और पुलिस ने भी ये बात मानी है। हमलावरों ने राजनीति या धर्म से प्रेरित होकर हमला किया, ये अब तक साफ नहीं हो सका है।’ ‘ऑस्ट्रेलिया की पार्टी ग्रीन्स की डिप्टी लीडर महरीन फारुकी बॉन्डी एरिया में गईं, तो लोगों ने उनका विरोध किया। अब लोगों को लग रहा है कि 7 अक्टूबर 2023 के बाद से ग्रीन्स और लेफ्ट पार्टियों ने यहूदी विरोध को इतनी ज्यादा हवा दे दी है कि लोगों में कट्टर सोच पैदा हो रही है। ये बहस भी चल रही है।’ तीसरे किरदार: यहूदी चश्मदीदइस शख्स की पहचान नहीं हुई है। उन्होंने हमलावरों को करीब से देखा था। वे कहते हैं, ‘वहां दो शूटर थे। एक ब्रिज के नीचे और ऊपर था। वे लगातार 20 मिनट तक फायरिंग करते रहे। मैगजीन बदलते और फिर फायरिंग शुरू कर देते थे। 20 मिनट तक किसी ने भी जवाबी फायरिंग नहीं की। मैंने अपने बच्चों को छिपा लिया। मैं उन हमलावरों को ही देख रहा था।’ ‘हमलावर काफी दूर थे, इसलिए मैं उनकी आवाज नहीं सुन पाया। वहां 4 पुलिसवाले भी थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। मैं इजराइली हूं। मैंने इस तरह के हालात देखे हैं। मैं 6 बच्चों के साथ आया था, शुक्र है हम सब सही-सलामत हैं।’ ‘फेस्टिवल का पहला दिन था। हम उसी के लिए इकट्ठा हुए थे। आतंकी हमें मार देना चाहते थे। हम बाकी नागरिकों की तरह ही हैं, लेकिन हमें इस तरह मारा जा रहा है। मैं खुद फौजी रहा हूं, मैंने ये सब करीब से देखा है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ऐसा हो जाएगा कभी नहीं सोचा था। आतंकी फायरिंग करते रहें और उन पर जवाबी फायरिंग न हो, ये चौंकाने वाली बात है।’ चौथे किरदार: अहमद अल अहमदहमलावर की बंदूक छीनकर हीरो बनेसीरियाई मूल के प्रवासी अहमद अल अहमद सिडनी में दुकान चलाते हैं। हमले के वक्त बीच पर मौजूद थे। उन्होंने देखा कि एक हमलावर लोगों पर फायरिंग कर रहा है। वे चुपके से गए और उसे पकड़ लिया। उसकी बंदूक छीन ली। हमलावर को रोकने की कोशिश में अहमद को गोली लग गई। वे गंभीर रूप से घायल हैं और हॉस्पिटल में एडमिट हैं। 43 साल के अहमद के परिवार ने बताया कि उनके कंधे में गोलियां लगी हैं। कुछ गोलियां हड्डियों में फंसी हैं। अहमद का परिवार कुछ महीने पहले ही सीरिया से सिडनी शिफ्ट हुआ था। हमला करने वाले बाप-बेटे, ISIS से जुड़े होने का शकहमला करने वालों की पहचान साजिद अकरम और उसके 24 साल के बेटे नवीद के तौर पर हुई है। उन्होंने परिवार को बताया था कि वीकेंड पर मछलियां पकड़ने जा रहे हैं। नवीद का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। ऑस्ट्रेलियाई खुफिया पुलिस के मुताबिक, दोनों पर आतंकी संगठन ISIS से जुड़े होने का शक था। 2019 से उन पर नजर रखी जा रही थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासन ने इस जानकारी पर एक्शन क्यों नहीं लिया। साजिद के पास 6 राइफल के लाइसेंस थे। वो फायरिंग क्लब का मेंबर था। इसलिए उसे इतने लाइसेंस मिल गए थे। क्लब के जरिए उसे शॉटगन के लाइसेंस मिले थे। पुलिस के मुताबिक, उसने सामान्य तरीके से ही लाइसेंस हासिल किए थे। 50 साल के साजिद को मौके पर ही मार दिया गया। नवीद घायल है, उसका इलाज चल रहा है। न्यू साउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर माल लैन्योन ने कहा कि पुलिस को एक शूटर के बारे में जानकारी थी, लेकिन यह नहीं पता था कि वे हमले की योजना बना रहे हैं।
‘सब काम पर चले जाते हैं तो मैं नीचे कुर्सी डालकर बैठ जाती हूं। अकेले ऊपर नहीं रह पाती। रात के 12 बजे तक जागती रहती हूं, लगता है कि अब बेटा दरवाजा खटखटाते हुए कहेगा, मम्मी खोलो। अगर मुझे मार देते तो ठीक रहता। 14 साल के बच्चे ने क्या बिगाड़ा था?‘ नीशा खातून बेटे साहिल को याद कर भावुक हो जाती हैं। बेटे की मौत के सदमे से परिवार अब भी उभर नहीं पाया है। आरोप है कि 29 नवंबर को CISF के हेड कॉन्स्टेबल मदन गोपाल तिवारी ने 14 साल के साहिल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक, CISF जवान मदन के भाई की शादी थी। बारात में साहिल अपने दोस्तों के साथ नोट बीन रहा था। इसी पर गुस्साए मदन ने साहिल को पहले पीटा फिर पिस्तौल से सिर में गोली मार दी। हालांकि मदन का परिवार जानबूझकर गोली मारने के आरोप को गलत बता रहा है। आरोपी मदन पुलिस की हिरासत में है। साहिल का परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है। घटना वाले दिन हुआ क्या था? साहिल का परिवार किस हाल में रह रहा है? आरोपी के परिवार की क्या दलील है। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर दिल्ली के शाहदरा में घटनास्थल पर पहुंचा। सबसे पहले जानिए 29 नवंबर को क्या हुआशाहदरा में मानसरोवर पार्क इलाके में DDA के फ्लैट्स और कम्युनिटी हॉल है। पहले इसके बगल में ही मानसरोवर पार्क थाना हुआ करता था, लेकिन अब इसके पीछे शिफ्ट किया गया है। यहां से लगभग 500 मीटर दूर गली नंबर-14 में रेलवे ट्रैक के किनारे साहिल का परिवार रहता है। रेलवे ट्रैक और घर के बीच में एक दीवार खड़ी है। दीवार की एक तरफ घर और दूसरी तरफ कचरे का ढेर है। गंदगी के बीच बने 25 गज के एक मंजिला मकान में साहिल के पिता सिराजुद्दीन अंसारी और मां नीशा खातून 3 बच्चों के साथ रहते हैं। नीचे के हिस्से में मकान मालिक ने सामान भर रखा है। परिवार पहली मंजिल पर रहता है। संकरी सीढ़ियों से पहली मंजिल तक पहुंचने पर एक छोटा सा कमरा और शौचालय दिखता है। मकान का किराया 38 सौ रुपए है। घर पर पहले हमारी मुलाकात साहिल के पिता 42 साल के सिराजुद्दीन अंसारी से हुई। 6 महीने पहले उनके शरीर के एक हिस्से में लकवा मार गया था। इसीलिए वे काम पर नहीं जा पाते थे। ऐसे में 14 साल के साहिल का ही सहारा था। वो परचून की दुकान में दूध की सप्लाई करता था और उसी की कमाई से घर चलता था। पिता सिराजुद्दीन बताते हैं कि साहिल दुकान से रोजाना 9 बजे लौटता था। उस रात भी उसी वक्त लौटा। मोहल्ले में शादी थी और बाकी बच्चे बारात में लुटाए गए पैसे बटोर रहे थे। साहिल ने पैसे तो नहीं लूटे लेकिन वो वहीं खड़ा हो गया। तभी CISF जवान ने उसे पकड़ लिया और लात-जूते मारे। जवान नशे में धुत लग रहा था। साहिल बोला कि अंकल, मैंने कुछ नहीं किया। मेरी कोई गलती नहीं। फिर भी वो साहिल को पीटता रहा। फिर पिस्टल निकाली और गोली मार दी। साहिल को गोली मारकर आरोपी मदन कार में बैठकर भाग निकला। पुलिस ने जब दूल्हे और उसके पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तब आरोपी मदन का पता लगा। CISF जवान मदन दूल्हे के मामा का बेटा है और छुट्टी लेकर शादी में आया था। वो इटावा के भरथना का रहने वाला है और कानपुर में पोस्टेड है। इसके बाद मानसरोवर थाना पुलिस ने आरोपी को अगले दिन सुबह भरथना से अरेस्ट कर लिया। बच्चे ने पत्थर मारने की कोशिश की इसलिए मारी गोलीसिराजुद्दीन दावा करते हैं, ‘जब मैं आरोपी CISF जवान से थाने में मिला था, तब वो साहिल को कसूरवार ठहरा रहा था। उसने कहा कि साहिल पैसे लूट रहा था। मैंने उसे भगाया लेकिन वो भागा नहीं। उलटा उसने पत्थर मारने की कोशिश की, इसलिए गोली मार दी।’ सिराजुद्दीन सवाल करते हुए कहते हैं, ’14 साल का बच्चा क्या कर सकता है। शादी में बच्चे का पैसे लूटना आम बात है।’ मां बोलीं- गोली आर-पार हो गई थी, शादी में नोट लूटने की बात झूठीसाहिल के पिता सिराजुद्दीन और मां नीशा इससे पहले 2020 में भी एक बेटा खो चुके हैं। उनके सबसे बड़े बेटे की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। अब साहिल की मौत से परिवार को एक और धक्का लगा है। साहिल की हत्या वाले दिन को याद करते हुए साहिल की मां नीशा की आंखों में आंसू आ जाते हैं। वे कहती हैं, ‘मैं रात करीब 10 बजे खाना बना रही थी। अचानक दो बच्चे भागते हुए आए और चिल्लाने लगे कि गोली मार दी, गोली मार दी। मुझे लगा कि शायद मजाक कर रहे हैं। दरवाजा खोला तो देखा चारों ओर भीड़ लगी हुई है। मैं भी भागकर शादी वाली जगह पहुंचीं।’ ‘वहां साहिल सड़क पर पड़ा था। उसके सिर में गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई थी। मैंने छुआ तो सांसें थम चुकी थीं। उसकी ऑन-स्पॉट ही मौत हो गई। पुलिस ने मुझे हटा दिया। थाने से एम्बुलेंस आई और हम उसे जीटीबी हॉस्पिटल ले गए। वहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा खत्म हो गया।‘ नीशा नोट लूटने की बात को गलत बताती हैं। वे कहती हैं, ‘साहिल पैसे कमाकर मेरे हाथ में देता था। फिर मैं ही उसे खर्च के लिए पैसे देती थी। उस दिन मैंने उसे 50 रूपए दिए थे। पुलिस को भी जेब से 60 रुपए मिले। पैसे लूटने का बहाना बनाया जा रहा है, साहिल तो बस साइड में खड़ा होकर सब देख रहा था।‘ घर चलाना मुश्किल, साहिल ही कमाता था परिवार का हाल पूछने पर साहिल के पिता बताते हैं, ‘1999 में झारखंड के गोड्डा से मेरा परिवार कमाई की आस में दिल्ली आया था। परिवार में 7 बच्चे थे, जिनमें से 3 बेटियों की शादी हो गई। वहीं 2020 में एक बेटे की मौत के बाद तीन बेटों का परिवार बचा था।‘ ‘अब परिवार में दो लड़के और हम मियां-बीवी हैं। साहिल और बड़ा भाई मिलकर कमाते थे। मैं मजदूरी करता था, लेकिन हाथ में लकवा मारने के बाद से दिक्कत हो गई। अब हेल्पर का काम करता हूं, जिसमें 400-500 रुपए ही मिलते हैं। ऐसे में घर का खर्च चलाने में दिक्कत आती है।‘ घटना के 8-10 दिन बाद अब सिराजुद्दीन ने फिर से काम शुरू किया। पिता सिराजुद्दीन कहते हैं, ‘काम में दिल कहां लगता है? लोग आते-जाते रहते हैं। दुनिया कहेगी कि बच्चा मर गया और पिता काम पर निकल पड़े लेकिन गुजारा तो करना पड़ता है। हमें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। गांव वालों ने अंतिम संस्कार में थोड़ी मदद की लेकिन बाकी किसी ने मदद का कोई हाथ नहीं बढ़ाया।‘ दूसरे बच्चे पर भी चलाई थी गोली, वो बाल-बाल बचाइस घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें साहिल के सिर पर गोली लगी है और वे सड़क पर पड़े दिख रहे हैं। घटना वाली जगह पर खाने-पीने की कुछ दुकानें हैं। रात साढ़े नौ बजे के आस-पास जब साहिल को गोली मारी गई, तब यहां खाने की एक दुकान खुली हुई थी। जब हम इस दुकान पर पहुंचे तो यहां काम करने वाले एक वर्कर ने बताया, ‘उस दिन जब गोली चली तब लगा कि पटाखों की आवाज है। शादियों में अक्सर पटाखे जलते हैं। बाद में जब लड़के को गोली लगने की बात पता लगी तो हम दुकान बंद कर चुके थे। तुरंत पुलिस भी आ गई थी।’ घटना के वक्त साहिल का दोस्त 14 साल के संतोष (बदला हुआ नाम) भी ट्यूशन पढ़कर लौट रहा था। संतोष दावा करते हैं कि वहां दूसरा बच्चा भी था, जो बाल-बाल बच गया। उसे भी गोली मारी थी लेकिन वो नीचे लेट गया इसलिए बच गया। संतोष आगे बताते हैं, ’मैं ट्यूशन से लौट रहा था। रास्ते में साहिल सड़क पर पड़ा था। मैं और साहिल का छोटा भाई साजिम घर गए और आंटी को बताया। जब हम लौटे, तो पुलिस सबको हटा रही थी। कोई उसे उठा नहीं रहा था, न ही कुछ कर रहा था।’ संतोष भी पैसे लूटने की बात नहीं मानते। वे कहते हैं कि साहिल मेरा बचपन का दोस्त था। 6-7 साल से हम साथ थे। शादियों में हम दोनों साथ आते-जाते थे। शादी-ब्याह का मौसम चलता रहता है। हम बस आकर देखते और चले जाते थे। कभी पैसे नहीं लूटते थे। साहिल तो ऐसा बिल्कुल नहीं था। पुलिस बोली- आरोपी ने गुस्से में गोली चलाने की बात कबूली आरोपी CISF जवान मदन गोपाल तिवारी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। शाहदरा के डिप्टी कमिश्नर प्रशांत गौतम ने बताया कि आरोपी घटना के बाद तुरंत फरार हो गया था। वो गाड़ी में बैठकर दिल्ली के रास्ते इटावा भाग गया। पुलिस ने दूल्हे के पिता और दूल्हे से पूछताछ की तब पता लगा कि आरोपी इटावा के भरथना में रहता है। प्रशांत गौतम बताते हैं, ‘जानकारी मिलने पर जांच के लिए सीमापुरी के ASP और मानसरोवर थाना के SHO की निगरानी में टीम बनाई गई है। लोकल स्तर पर पूछताछ और विवाह स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से अगले ही दिन यानी 30 नवंबर को उत्तर प्रदेश से आरोपी को पकड़ लिया गया।‘ मानसरोवर थाने के SI सुनील कुमार भरथना गई टीम का हिस्सा थे। वे बताते हैं कि आरोपी ने घटना में इस्तेमाल लाइसेंसी .32 बोर की पिस्तौल को एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया था। हालांकि पुलिस रात को ही आरोपी के ठिकाने पर पहुंच गई। आरोपी को साथ दिल्ली लाते वक्त पिस्तौल और गाड़ी भी बरामद हो गई। आरोपी की फैमिली बोली- आरोप झूठे, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगेआरोपी मदन गोपाल तिवारी का परिवार इटावा के भरथना में रहता है। परिवार में उसके अलावा पत्नी और दो बच्चे हैं। इटावा के भरथना में रहने वाले आरोपी के भाई सोनू से हमने फोन पर बात की। वे अपने भाई पर लगे आरोपों को गलत बताते हैं। सोनू दावा करते हैं, ‘मेरे भाई ने गोली जानबूझकर नहीं चलाई। बारात में काफी भीड़ थी और पिस्तौल लोडेड थी। भीड़-भाड़ में गलती से पिस्तौल चल गई और बच्चे को गोली लग गई।‘ आरोपी के नशे में होने की बात को भी सोनू गलत बताते हैं। वे कहते हैं कि सब कह रहे हैं कि मेरा भाई नशे में था लेकिन ये बात पूरी तरह से गलत है। मेरे भाई ने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया है। सोनू कहते हैं कि परिवार अब कानूनी लड़ाई लड़ेगा। CISF के जवाब का इंतजारआरोपी मदन गोपाल तिवारी CISF का हेड कॉन्स्टेबल है। उसकी फिलहाल कानपुर में पोस्टिंग थी। हमने मामले में CISF का पक्ष जानने की कोशिश की। CISF की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए कॉन्टैक्ट पर कॉल नहीं उठा। इसके बाद हमने CISF को अपना सवाल मेल किया है। जवाब आने पर खबर में अपडेट करेंगे। हालांकि CISF के नियमों की बात करें तो अगर कोई जवान किसी आपराधिक मामले में 48 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रहता है तो उसे सस्पेंड कर दिया जाता है।........................ ये खबर भी पढ़ें... ‘सिर्फ मुसलमानों के घर तोड़े, अब हमें गोली मार दो‘ ‘अगर हम ही बांग्लादेशी हैं तो पहले दिन ही क्यों नहीं उजाड़ दिया? हिंदुओं को टारगेट क्यों नहीं करते? बस हमें मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। अगर इतनी ही नफरत है, तो एक गोली मारकर खत्म कर दो न। कम से कम ऐसी जिल्लत तो नहीं देखनी पड़ेगी। कम से कम बेघर होकर सड़क पर मरने-जीने की नौबत नहीं आएगी न।’ असम में नागांव जिले के लुटीमारी इलाके में रहने वाली रुबीना बेगम (बदला हुआ नाम) के घर 29 नवंबर को बुलडोजर चलाया गया। पढ़िए पूरी खबर...
Vijay Diwas: भारतीय सेना (Indian Army), इतिहास के पन्नों में16 दिसंबर की तारीख के जिक्र के दौरान अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा चुकी है. भारत-पाकिस्तान युद्ध साल 1971 में 3 दिसंबर को शुरू होकर 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना (Pak Army) के सरेंडर के साथ खत्म हुआ था. जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था.
Sydney Bondi Beach Attack:सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बताया कि इस हमले के पीछे 50 साल के पिता और उसका 24 साल का बेटा है. 16 लोगों की मौत के बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में गुस्सा है और यह पिछले 3 दशकों में मास शूटिंग का सबसे खौफनाक मामला है.
Bondi Beach attack: सिडनी बीच पर आतंकवादियों ने श्लैंगर और उनके समुदाय के 12 लोगों की हत्या कर दी है. श्लैंगर ने एक हफ्ते पहले ही मुंबई हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया था.
Srilanka Petroleum Corruption:भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाली संस्था ने बताया, 'राणातुंगा और उनके भाई ने लंबे वक्त के लिए दिए जाने वाले तेल के कॉन्ट्रैक्ट्स की प्रक्रिया को बदला और ज्यादा कीमत पर खरीद की'
यूक्रेनी बच्चों को उत्तर कोरिया भेजे जाने पर मचा हंगामा
यूक्रेनी बच्चों को उत्तर कोरिया भेजे जाने पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने तीखा विरोध जताया. उनका आरोप है कि रूस नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल दुष्प्रचार फैलाने और अपनी राजनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए कर रहा है
Murder: आपने फिल्मों और वेबसीरीज में अपराध जगत की एक से बढ़कर एक खबरें पढ़ीं होंगी, लेकिन मर्डर के जिस केस के बारे में अब आपको बताने जा रहे हैं वो 62 साल पहले हुआ था. अपने पिता के बारे में सबकुछ जानने और उनके हत्यारों को सजा दिलाने के लिए दिन-रात एक कर देने वाले बेटा आखिरकार अपने पिता के लापता होने की गुत्थी कैसे सुलझाई, आइए जानते हैं.
कौन हैं रोमी रेनर? जिन्होंने सबसे पहले देखी हॉलीवुड के दिग्गज रेनर दंपति की डेडबॉडी?
आज पूरी दुनिया हॉलीवुड लेजेंड रॉब रेनर के निधन पर शोक मना रही है. रविवार को वो अपनी पत्नी मिशेल के साथ ब्रेंटवुड स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे. इस दुखद घटना का पता उनकी सबसे छोटी बेटी 28 वर्षीय रोमी रेनर को तब चला था, जब उन्होंने अपने माता-पिता से संपर्क न हो पाने पर अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी थी कि कई दिनों से वो अपने माता-पिता से संपर्क नहीं कर पा रही हैं.
क्लिप के पहले कुछ सेकंड में विमान के दोनों हिस्से बर्फ से ढके, दूरदराज के इलाके में पानी में गिरते हुए दिख रहे हैं. जैसे ही विमान जलाशय की सतह से टकराता है, पानी साफ तौर पर हवा में उछलता हुआ दिखाई देता है.
Who is Jose Antonio Kast?जोस एंटोनियो कास्ट चिली के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. 59 साल के ये दक्षिणपंथी नेता अपराध और अवैध प्रवासन के खिलाफ सख्त रुख के लिए मशहूर हैं. वामपंथी सरकार से तंग आ चुकी जनता ने उन्हें बंपर वोट दिए हैं. जानते हैं पूरी खबर.
Bondi Beach Attack: सिडनी के बोंडी बीच पर पाकिस्तानी मूल के दो शूटर, साजिद अकरम और उसके बेटे नावेद अकरम ने हनुक्का त्योहार मना रही भीड़ पर गोलियां चला दीं, जिसमें 16 लोग मारे गए. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक हमलावर को मार गिराया, जबकि नावेद घायल हो गया.
जोस एंटोनियो कास्ट बनें चिली के नए राष्ट्रपति
जोस एंटोनियो कास्ट चिली के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। चुनाव अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार दक्षिणपंथी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार कास्ट ने राष्ट्रपति पद के दूसरे चरण के चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है
बर्लिन में यूक्रेन प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी दूतों से कहा कि NATO सदस्यता छोड़ने को तैयार अगर मजबूत सुरक्षा गारंटी मिले. अमेरिका लगातार दबाव डाल रहा है शांति डील पर, जिसके बाद अब यूरोप को डर समा गया है कि रूस यूक्रेन को हराने के बाद रुकेंगा नहीं, इसलिए हर संभव मदद का ऐलान कर दिया है.
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South Africa News: साउथ अफ्रीका में एक मंदिर अचानक ढह गया जिसकी वजह से भारतीय मूल के आदमी के साथ 3 अन्य लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था.
दुनिया के 4 सबसे कठोर पेड़, जिनसे मिलती है सबसे मजबूत और टिकाऊ लकड़ी...
Hardest Wood in World: दुनिया भर में तरह-तरह के पेड़ पाए जाते हैं. लेकिन क्या आपको बता है कि दुनिया की सबसे कठोर लकड़ी कौन सी है? इस खबर में हम आपको ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे, जो कि धरती के सबसे कठोर पेड़ों में गिने जाते हैं.
Who Is house whisperer:लंदन में अपने नए फ्लैट में बॉयफ्रेंड के साथ रह रही पॉपी ने घर की अव्यवस्था से परेशान होकर 500 पाउंड की 'हाउस व्हिस्परर' कैटी मलिक को बुलाया. कैटी ने राशिफल और एनर्जी चेक से घर में बहुत सारे बदलाव सुझाव, जानें क्या बदल गई पॉपी की जिंदगी.
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Bondi Beach: ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी से एक और बुरी खबर आ रही है कि कुछ लोगों मुस्लिम कब्रिस्तान में सुअर के कटे हुए सिर फेंके हैं. बताया जा रहा है कि आतंकी हमले के बाद यह बदले की भावना के साथ की गई हरकत है.
दुनिया की वो जनजाति जो दुल्हन पाने के लिए करती है लड़ाई, ताकत के लिए पीती है खून
Most Dangers Tribe In The World: दुनिया में विभिन्न प्रकार की जनजातियां पाई जाती है लेकिन इनमें से कुछ जनजाति अपनी अजीब परंपरा के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है. इन्हीं में से एक जनजाति है सूरी जनजाति. आइए जानते है इस जनजाति की अनोखी परंपराओं के बारे में...
नवीद अकरम जैसा बेटा सभी चाहेंगे...खौफनाक घटना के बाद आतंकवादी की मां ने क्या कहा?
Bondi Breach Attack:ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी के बॉन्डी ब्रीच में हुई आतंकी घटना के बाद पत्राकारों ने आतंकवादी की मां से बात की है. बातचीत के दौरान कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं.

