डिजिटल समाचार स्रोत

पैसों से भरी ट्रेनें अभी रुकी नहीं... अमेरिका का सब्र यूक्रेन पर खत्म हो रहा है; ट्रंप जूनियर ने युद्ध को बताया 'मार्केटिंग

Donald Trump Jr Ukraine Warning: डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन शांति की दिशा में कदम नहीं उठाता, तो अमेरिका अपनी मदद वापस ले सकता है. उनके मुताबिक युद्ध अब सत्ता और पैसे का खेल बन गया है, और अमेरिका में भी यूक्रेन को मिल रही मदद पर सवाल बढ़ते जा रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 8 Dec 2025 8:03 am

जेलेंस्की को शांति नहीं, राजनीति ज्यादा प्यारी... भड़के ट्रंप ने कहा- मेरे प्रस्ताव पर नजर तक नहीं डाली

Ukraine Peace Talks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मैं थोड़ा निराश हूं क्योंकि जेलेंस्की ने अभी तक उनका शांति प्रस्ताव नहीं पढ़ा. उन्होंने हाल ही में कीव की कूटनीतिक पहल पर भी अपनी निराशा व्यक्त की.

ज़ी न्यूज़ 8 Dec 2025 7:07 am

ढाका में व्यापारियों और छात्रों का विरोध प्रदर्शन, राजधानी में यातायात जाम

बांग्लादेश के मोबाइल फोन व्यापारियों और छात्रों ने रविवार को राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन किया

देशबन्धु 8 Dec 2025 7:03 am

पाकिस्तान: सिंधी कल्चर डे रैली का रास्ता बदलने से मचा बवाल, कइयों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पाकिस्तान के कराची में सिंधी कल्चर डे रैली में आए लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने डंडे बरसाए और कइयों को हिरासत में भी लिया

देशबन्धु 8 Dec 2025 6:40 am

अमेरिका की लंका लग गई! 24 साल बाद फिर मिला चाइना शॉक 2.0, कैसे सुपरपावर के पैरों से तले ड्रैगन ने खिसका दी जमीन?

कई घरेलू मोर्चों पर पिछड़ने के बावजूद बीते कई दशकों से अमेरिका दो चीजों के दमपर सुपरपावर बना हुआ है. अमेरिकी 'ईगल' की ताकत का पहला मजबूत हथियार ये है कि दुनिया का आधा व्यापार आज भी उसकी करेंसी 'डॉलर' में होता है.

ज़ी न्यूज़ 8 Dec 2025 6:26 am

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास सैन्य कार्रवाई करने की शक्ति है : पीट हेगसेथ

कैरेबियन सागर में अमेरिका का ऑपरेशन जारी है। अमेरिका वेनेजुएला पर लगातार आरोप लगाता रहा है कि कैरेबियन के रास्ते से ड्रग्स यूएस में लाया जा रहा है

देशबन्धु 8 Dec 2025 6:20 am

‘वंदे मातरम‘ लिखने वाले बंकिमचंद्र को क्यों भूली ममता सरकार:वंशज बोले- जिसे धरोहर बनाया वो जर्जर, हमें कोई पूछने वाला नहीं

‘पश्चिम बंगाल में जब लेफ्ट की सरकार थी और बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब उस मकान को लाइब्रेरी बना दिया गया। तभी उसकी मरम्मत भी की गई थी और लाइब्रेरी भी रेगुलर चलती थी। ममता सरकार के आने के बाद से हालत बदतर हो गई है। लाइब्रेरी बंद पड़ी है। हम आज तक वहां जब भी गए, बंद ही मिली। इस सरकार में न हमें कोई पूछने वाला है और न हमारी विरासत को।‘ राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम‘ लिखने वाले बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की पांचवी पीढ़ी से आने वाले सजल चट्टोपाध्याय सरकार की बेरुखी से नाराज हैं। वो कोलकाता में मौजूद बंकिम चंद्र के घर की जर्जर हालत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि जिस मकान को धरोहर मानकर लिया, उसे ही उसके हाल पर छोड़ दिया गया। 7 नवंबर को वंदे मातरम् गीत को 150 साल पूरे होने पर BJP ने देश भर में प्रोग्राम किए थे। इसी दौरान कोलकाता में बंकिम चंद्र के लाइब्रेरी बन चुके मकान के रखरखाव के मामले ने भी तूल पकड़ा। अब 8 दिसंबर यानी आज संसद के दोनों सदनों में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा होनी है। इससे पहले दैनिक भास्कर कोलकाता में 5-प्रताप चटर्जी स्ट्रीट पर मौजूद बंकिम चंद्र के घर पर पहुंचा। हमने घर का हाल देखा। साथ ही उनके वंशजों और आस-पास रहने वालों से बात कर पूरा मामला समझा। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट… मकान को धरोहर बनाया लेकिन मरम्मत और साफ-सफाई भूलेसबसे पहले हम कोलकाता में बंकिम चंद्र के मकान पहुंचे, जिसके रखरखाव को लेकर सारा विवाद है। सड़क के एक तरफ मेडिकल कॉलेज और दूसरी ओर गली है। पश्चिम बंगाल में रही लेफ्ट की सरकार ने मकान का अधिग्रहण कर लिया था। इसे लाइब्रेरी में तब्दील कर 2006 में शुभारंभ भी कर दिया गया था। इसके बाहर लगे बोर्ड में लिखा है- ‘साहित्य सम्राट स्मृति लाइब्रेरी’ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित। रविवार होने के कारण हमें लाइब्रेरी बंद मिली। साफ-सफाई भी नहीं दिखी। गेट के बाहर कचरे का ढेर लगा था। गेट पर ही हमारी मुलाकात पास में रहने वाले धर्मेंद्र यादव से हुई। वे बताते हैं कि इस गली में बंगाली और बिहारी दोनों रहते हैं। लाइब्रेरी के साथ ही आसपास की बिल्डिंग काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी है। लाइब्रेरी की हालत के बारे में पूछने पर धर्मेंद्र कहते हैं, ‘यहां साफ-सफाई का हाल आप खुद ही देख लीजिए। सोमवार से शनिवार तक एक शख्स आकर लाइब्रेरी खोल देता है। हालांकि ज्यादा कोई आता-जाता नहीं है। बाहर की हालात देखकर ही समझ आता है कि अंदर क्या हाल होगा। सरकार की तरफ से तो कोई नहीं आता, लेकिन आसपास के लोग इसे मौका पड़ने पर साफ कर देते हैं।‘ इसे लेकर हो रही सियासत के बारे में पूछने पर धर्मेंद्र कहते हैं, ‘हां, ‘वंदे मातरम्’ को 150 साल पूरे होने पर कुछ दिन पहले BJP ने यहां प्रोग्राम रखा था। उसमें नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी आए थे। उस दिन उन्हें लाइब्रेरी का गेट नहीं खोलने दिया गया था।’ हम आगे बढ़े गली में हमें कार्यक्रम के लिए लगाए गए BJP के झंडे अब भी लगे दिखे। मकान को लेकर हो रही सियासत पर एक लोकल शख्स नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं, ‘यहां आस-पास ज्यादातर TMC समर्थक रहते हैं। ये ज्यादातर बंगाली हैं। जिस दिन शुभेंदु अधिकारी को आना था, उससे एक रात पहले जानबूझकर ये सड़क तोड़ दी गई। उसके बाद से ये अभी एक रात पहले ही बनी है।‘ BJP को चुनाव के वक्त बंकिम बाबू याद आएइसी गली में नरेंद्र बारिक दुकान चलाते हैं। बंकिम चंद्र के मकान को लेकर हो रही सियासत पर वे कहते हैं, ‘बंकिम बाबू का पैतृक घर नैहाटी में था। यहां प्रताप चटर्जी रोड में वो पढ़ने आते थे। मैं यहां लंबे समय से रह रहा हूं। 2005 में लेफ्ट की सरकार के वक्त इसे रेनोवेट किया गया।‘ ‘तब मोहम्मद सलीम सांसद थे। उन्होंने सांसद निधि से खर्च कर इसकी मरम्मत कराई थी। मुझे आज भी याद है, तब मुख्यमंत्री रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य यहां बनी लाइब्रेरी का उद्घाटन करने आए थे। उसके बाद से इस भवन में कोई काम नहीं हुआ। भवन की हालत देखकर भी इसका अंदाजा आप भी लगा सकते हैं। आस-पास के लोग ही थोड़ी बहुत साफ-सफाई करते हैं। इस लाइब्रेरी में भी कोई आता-जाता नहीं है।‘ नरेंद्र आगे बताते हैं, ‘लेफ्ट की सरकार के दौरान इसमें दो लाइब्रेरियन आते थे। तब कुछ लोग पढ़ने भी आते थे। कुछ विदेशी भी आते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। कहने को लाइब्रेरी है और सोमवार से शुक्रवार तक खुलती भी है लेकिन कोई आता-जाता नहीं दिखता है। एक लाइब्रेरियन है वो भी मनमर्जी का मालिक है।‘ बंकिम के वंशज बोले- जब भी मकान देखने गए ताला लगा मिलाहमने इस मामले में बंकिम चंद्र की पांचवी पीढ़ी से आने वाले सजल चट्टोपध्याय से भी मुलाकात की। उनके वंशज कोलकाता के शोभा बाजार में रहते हैं। वे पिछले कई सालों से बंकिम चंद्र की धरोहर के रख-रखाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सजल बताते हैं, ‘बंकिम बाबू की ज्यादातर संपत्ति आजादी के बाद से ही देश की धरोहर में शामिल कर ली गई। लेकिन आज ये स्थिति है कि उनके वंशजों को कोई पूछने वाला नहीं है।‘ ‘हम जिस राज्य में हम रहते हैं, वहां की सरकार न हमें जानती है और न ही हमें कभी याद किया जाता है। अगर बंकिम चंद्र के परिवार में कोई जिंदा है तो कौन है, कहां रहता है, इस सरकार ने कभी ये भी जानने की कोशिश नहीं की। ममता बनर्जी ने भी कभी हमें याद नहीं किया। हमें इस बात का बहुत दुख है।‘ घर के रख रखाव पर बात करते हुए वे कहते हैं, ‘जब लेफ्ट की सरकार थी और बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब लाइब्रेरी भी रेगुलर चलती थी और मरम्मत भी होती थी। ममता सरकार के आने के बाद से हालात बिगड़ गए। लाइब्रेरी बंद पड़ी है। जब जाओ तब बंद ही मिलती है। साफ-सफाई भी नहीं होती है। हमने कई बार इसके रख-रखाव के लिए सरकारी विभागों में चक्कर लगाए लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ।‘ हमें आस-पास के लोगों ने बताया कि हफ्ते में कुछ दिन लाइब्रेरी खुलती है। इस पर सजल कहते हैं, ‘पिछले महीने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी वहां गए थे और लाइब्रेरी खुलवाने के लिए कहा था आखिर तब क्यों नहीं खोली गई। बंकिम चंद्र देश की विरासत हैं लेकिन फिर भी नहीं खोली। हो सकता है कि इस विवाद के बाद खोली जाने लगी होगी।‘ संसद में वंदे मातरम् गाया जाए, बंकिम दादा के नाम पर विश्वविद्यालय खुले अपनी मांगों को लेकर सजल कहते हैं, ‘BJP कई सालों से वंदे मातरम् का मुद्दा उठा रही है, लेकिन अब ये हाईलाइट हुआ है। इस गीत का इस्तेमाल हर कोई कर रहा है। हालांकि हो सकता है कि आने वाली पीढ़ी बंकिम बाबू को न जाने। इसलिए इस पर आज ही बात होनी चाहिए।‘ ‘हमारी मांग है कि जिस तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में रवींद्र भवन बने हैं, उसी तरह से बंकिम भवन बनाए जाएं। देश में जैसे विद्यासागर के नाम पर विश्वविद्यालय है, वैसे ही बंकिम चंद्र के नाम पर विश्वविद्यालय क्यों नहीं, जबकि वो देश के पहले ग्रेजुएट थे। इसलिए अब मेरी केंद्र सरकार से गुजारिश है। उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय जरूर बनाया जाए।‘ अब जान लीजिए इस विवाद पर पॉलिटिकल पार्टियों की राययहां मजदूर सोते और आसपास के लोग कपड़े सुखातेBJP के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र भट्टाचार्य इस मुद्दे को लेकर कहते हैं, ‘फिलहाल ये मकान कोलकाता कॉर्पोरेशन की देख-रेख में है। जहां एक लाइब्रेरी है लेकिन वहां कोई नहीं आता है। हां, बाहर कुछ मजदूर सोए मिलते हैं और आसपास के लोग कपड़े सुखाते हैं। मकान बहुत ही खराब हालात में है। वंदे मातरम् को लेकर हो रहे विवाद पर वे कहते हैं, ‘BJP वंदे मातरम् की 150वीं सालगिरह के दौरान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गई। उन इलाकों में भी गए, जहां बंकिम बाबू रहे थे। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी उनके घर जाने लगे तो पहले रास्ते तोड़ दिए गए। फिर वहां पहुंचने पर गेट में ताला लगा मिला। इन सब से साफ नजर आता है कि TMC बांग्ला के इतने बड़े उपन्यासकार के साथ कैसा व्यवहार कर रही है। इस आरोपों को लेकर हमने TMC लीडर्स से भी बात करने की कोशिश की लेकिन ऑन रिकॉर्ड कोई सामने नहीं आया। एक लीडर ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि BJP वंदे मातरम् पर सिर्फ राजनीति कर रही है। जहां तक घर की बात है, वो हमारी धरोहर है, जिसकी देखरेख हो रही है। वहीं पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मीडिया से कहा, ‘BJP विभाजनकारी सियासत करती है। हिंदुओं और मुसलमानों, ब्राह्मणों और दलितों के बीच विभाजन पैदा करती है। अब वो दो महान बंगालियों रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है।‘ बंकिम चंद्र ने 1870 के दशक में लिखा था वंदे मातरम्'वंदे मातरम' को 1950 में भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था। इसे 1870 के दशक में बंकिम चंद्र ने संस्कृत निष्ठ बंगाली में लिखा था। ये उनके बंगाली उपन्यास आनंदमठ का ही हिस्सा है, जिसे पहली बार 1882 में प्रकाशित किया गया था। इसके 150 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था। ........................ये खबर भी पढ़ें... '24 साल टीचर रहीं, BLO बनाकर मां को मार डाला' ‘मां के मरने के बाद लोगों ने तरह-तरह की बातें कहीं। बहुत बुरा लगा, जब उन्हें फाकीबाज (कामचोर) कहा गया। वे स्कूल में बायोलॉजी पढ़ाती थीं। उम्र 53 साल थी। कुछ साल में रिटायर हो जातीं। दो महीने पहले ही उन्हें बीएलओ बनाया गया था। 24 साल की नौकरी में पहली बार ये काम कर रही थीं। SIR के काम की वजह से प्रेशर में थीं। 22 नवंबर की रात उन्होंने सुसाइड कर लिया।’ पश्चिम बंगाल में नादिया जिले के कृष्णानगर में रहने वाले अरिक्तो रिंकू तरफदार के बेटे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 8 Dec 2025 5:11 am

अगले हफ्ते किसी भी दिन बांग्लादेश चुनाव की तारीखों का हो सकता है ऐलान

शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है

देशबन्धु 7 Dec 2025 10:15 pm

बांग्लादेश : शेख हसीना के खिलाफ एक और मामले में 9 दिसंबर को आईसीटी करेगा सुनवाई

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दो फैसले कोर्ट ने सुना दिए हैं

देशबन्धु 7 Dec 2025 9:58 pm

मोसाद को मिला नया चीफ, खतरनाक एजेंसी के वो नामुमकिन ऑपरेशन, जिनसे दुश्मन देशों के दिल में भरा इजरायल का खौफ

Mossad: दुनिया के सबसे खतरनाक सीक्रेट ग्रुप मोसाद को नया कमांडर मिल गया है. मोसाद के भावी चीफ को नेतन्याहू का करीबी बताया जाता है. मोसाद के कमांडरों का इतिहास शानदार रहा है. मोसाद के नए चीफ को लेकर बड़ी खबर ये है कि वो हमास के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं है. कौन है मोसाद का नया चीफ आइए आपको भी बताते हैं.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 9:02 pm

पहले पुतिन ने दी यूरोप को वार्निंग, फिर फ्रांस के न्यूक्लियर बेस पर मंडराने लगे संदिग्ध ड्रोन, यूक्रेन युद्ध का दायरा बढ़ तो नहीं रहा?

Russia Ukraine war: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध अब पूरे यूरोप को अपनी चपेट में लेने वाला है. दरअसल बीते चार दिनों से कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो नए विनाश की आहट का इशारा कर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 8:40 pm

अफ्रीकी देश में तख्तापलट की LIVE घोषणा! सुबह होते ही कहानी में आया नया ट्विस्ट

Benin coup News: अफ्रीका के बेनिन में सुरक्षाबलों ने रविवार को सरकार समाचार चैनल के जरिए तख्तापलट की घोषणा कर दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पैट्रिस टैलोन को पद से हटा दिया है. लेकिन इस पर राष्ट्रपति के साथियों ने कहा कि वो बिल्कुल सुरक्षित हैं और कोई तख्तापलट नहीं हुआ है और मुख्य आर्मी नियंत्रण वापस ले रही है. इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम के पीछे की कहानी बड़ी रोचक है.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 7:48 pm

'ये अपनी तबाही के लिए तैयार होने जैसा', अलग फिलिस्तीनी मुल्क पर क्या बोले नेतन्याहू?

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर मर्ज से स्पष्ट कहा कि वो फिलिस्तीनी स्टेट के पक्ष में नहीं हैं. यरुशलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मर्ज के साथ नेतन्याहू ने कहा, 'जाहिर है, हमारा नजरिया अलग है, क्योंकि फिलिस्तीनी देश का मकसद सिर्फ और सिर्फ यहूदी देश को खत्म करना है.'

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 7:45 pm

Pakistani Constitutional Amendments: पाकिस्तान का सर्वेसर्वा बना आसिम मुनीर तो मचा हड़कंप, सड़कों पर उतर आए वकील

Pakistan 27th Constitutional Amendment: पाकिस्तान में 13 नवंबर को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिलने के बाद 27वें संशोधन पर साइन किए थे. इसमें राष्ट्रपति, एयर फोर्स के मार्शल और फ्लीट के एडमिरल को आपराधिक मामलों और गिरफ्तारी से जिंदगी भर की छूट मिलने की बात कही जा रही है.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 6:35 pm

मैक्सिको में पुलिस स्टेशन के बाहर हुआ जोरदार धमाका, 3 की मौत, 6 घायल

मैक्सिको में पुलिस स्टेशन के बाहर जोरदार धमाके की खबर सामने आई है। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए। घायलों को आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया

देशबन्धु 7 Dec 2025 6:27 pm

चांसलर मैर्त्स की पहली इस्राएल यात्रा, दो-राष्ट्र समाधान भी एजेंडा में

जर्मनी के चांसलर मैर्त्स पद संभालने के बाद पहली बार इस्राएल गए हैं. दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देना भी उनके प्रमुख एजेंडा में शामिल है

देशबन्धु 7 Dec 2025 6:20 pm

Heathrow Airport: लंदन के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर हड़कंप, स्प्रे अटैक से यात्रियों में पसरा खौफ; कई घायल

Heathrow Airport: घटना की जानकारी मिलने पर लंदन एम्बुलेंस सर्विस मौके पर पहुंची और पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, हमले में घायल हुए लोगों की चोट जानलेवा नहीं मानी जा रही है. हमले की वजह से अभी भी इलाके में ट्रैफिक की कुछ रुकावट है लेकिन टर्मिनल 3 खुला हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 6:13 pm

Love Affair News: प्रेग्नेंट पत्नी से बोला 'बिजनेस ट्रिप' पर जा रहा हूं, थाइलैंड में गर्लफ्रेंड के साथ पकड़ा गया; इस चूक से खुली पोल

Love Affair News in Hindi: कहते हैं कि रोमांस का अपना ही मजा होता है. इसके लिए इंसान कई बार खतरनाक कदम भी उठा लेता है. ऐसी ही एक घटना में पति अपनी गर्भवती पत्नी को 'बिजनेस ट्रिप' बताकर गर्लफ्रेंड को थाईलैंड लेकर पहुंच गया. हालांकि एक चूक से 4 दिनों बाद उसका भंडा फूट गया.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 5:16 pm

जंग के हालात के बीच चीन ने किया जापानी फाइटर प्लेन को रडार लॉक, रक्षा मंत्री ने दे दी खुली चेतावनी

China Japan Tension: टोक्यो में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ जापानी रक्षा मंत्री की बैठक हुई, जिसके दौरान उन्होंने कहा कि जापान में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वो चीन के बर्ताव का पूरी मजबूती के साथ जवाब देंगे.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 5:02 pm

नेपाल में राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन आज से शुरू, 5 मार्च 2026 को होना है चुनाव

नेपाल में अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। नेपाल में अगले साल 5 मार्च 2026 को चुनाव होने जा रहा है। संसदीय चुनाव लड़ने के लिए प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन (पीआर) सिस्टम के तहत राजनीतिक पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रविवार से शुरू हो गया

देशबन्धु 7 Dec 2025 4:33 pm

धधकने लगा था नाइट क्लब, बेली डांसर थिरकती रही:जलने से ज्यादा मौतें दम घुटने से कैसे हुईं, ऐसी जगह फंसे तो क्या करें

शनिवार रात गोवा के नाइट क्लब में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। हादसे में 25 लोग मरे और 6 घायल हुए। चौंकाने वाली बात ये है कि ज्यादातर मौतें जलने से नहीं, बल्कि दम घुटने के कारण हुई। आखिर क्लब में इतनी बड़ी आग कैसे लगी, लोग बाहर क्यों नहीं निकल पाए, जलने के बजाय दम घुटने से कैसे होती है मौत और ऐसे में क्या करें; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में... सवाल-1: गोवा के नाइट क्लब में आग कैसे लगी? जवाब: पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से आग लगी। सिलसिलेवार पूरा घटनाक्रम समझिए… सवाल-2: क्लब में फंसे लोग आग से बच क्यों नहीं पाए? जवाब: इसके 3 बड़े कारण हैं… सवाल-3: आग पर समय पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका? जवाब: 'बिर्च बाय रोमियो लेन' अरपोरा नदी के बैकवाटर यानी शांत इलाके पर बना हुआ है। यह नाइट क्लब खुद को एक ‘आइलैंड क्लब’ बताता है। मेन रोड से इस क्लब तक आने का रास्ता बहुत संकरा है। इस वजह से आग लगने के बाद 100-150 लोगों की भीड़ को निकलने में परेशानी हुई। वहीं संकरे रास्ते की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी क्लब तक नहीं आ पाईं। उन्हें क्लब से 400 मीटर दूर ही खड़ा करना पड़ा। एक फायर ब्रिगेड अफसर ने बताया कि संकरे रास्ते के कारण क्लब तक पहुंचना मुश्किल हो गया, जिससे आग बुझाने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि कई मौतें धुंए में फंसने के बाद दम घुटने से हुईं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि नाइट क्लब ने फायर सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया था। अरपोरा-नगुआ गांव के सरपंच के बताया कि क्लब गैरकानूनी था। पंचायत ने कंस्ट्रक्शन लाइसेंस न होने के चलते इसे गिराने का नोटिस भी जारी किया था, लेकिन बाद में इस पर स्टे लगा दिया गया। सवाल-4: आग लगने पर जलने से ज्यादा मौतें दम घुटने से क्यों होती हैं? जवाब: भीड़-भाड़ वाली जगहों में आग लगने पर अक्सर पाया गया है कि आग से जलने के बजाय दम घुटने से ज्यादातर मौतें होती हैं। इसके 4 बड़े कारण होते हैं… 1. ऑक्सीजन की मात्रा का कम होना 2. जहरीली गैसों से फेफड़े और कोशिकाओं को नुकसान 3. गर्म हवा से फेफड़े में जलन 4. जलने से ही पहले बेहोशी, फिर मौत सवाल-5: बंद जगह में आग में फंसने पर कैसे बचना चाहिए? जवाब: रूम, ऑफिस, कॉरिडोर, स्टोरेज जैसी बंद जगहों में आग लगने पर सबसे जरूरी है कि धुएं से बचें, शांत रहें और बाहर निकलने की सही कोशिश करें, जिसके लिए ये स्टेप्स फॉलो करें… सबसे पहले… दरवाजे खोलने से पहले… अगर धुएं में फंस जाएं तो… सवाल-6: अगर बाहर निकलने का रास्ता बंद हो जाए तो क्या करना चाहिए? जवाब: आग वाली जगह से बाहर निकलने के अगर रास्ते बंद हो जाएं तो ये करना चाहिए... सवाल-7: अगर बंद जगह में आग में फंस जाएं, तो क्या नहीं करना चाहिए? जवाब: अगर रूम, ऑफिस, फ्लैट जैसी बंद जगह में आग में फंस जाएं तो ये काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए… ****** गोवा क्लब से जुड़ी ये भी खबर पढ़िए... गोवा हादसा-बेली डांसर के डांस के दौरान आग लगी, VIDEO: संकरे रास्ते ने फायर ब्रिगेड रोकी; सरपंच बोले- क्लब अवैध, तोड़ने का नोटिस दिया था गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित नाइट क्लब ‘Birch By Romeo Lane’ में शनिवार रात आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि आग डांस फ्लोर से शुरू हुई। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 7 Dec 2025 4:08 pm

धरी रह गई शांति की उम्मीद, जेलेंस्की को रूस का तगड़ा झटका; रात भर बरसाए बम और उजाड़ दिया शहर

Russia attack Ukraine: यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को अमेरिका के शांति दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर से बात की थी, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की दृढ़ इच्छा जताई थी. इस बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने रूस के साथ युद्ध खत्म करने के संभावित पहलुओं पर भी चर्चा की थी.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 3:53 pm

खालिदा जिया लंबी फ्लाइट के लिए अभी फिट नहीं, 48 घंटे का ऑब्जर्वेशन पीरियड आज रात होगा खत्म, जानें इसके बाद डॉक्टर क्या करेंगे

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को उच्च स्तरीय इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाने की योजना बनाई जा रही थी। हालांकि, मेडिकल बोर्ड की तरफ से अपडेट आया है कि अभी वह इतनी फिट नहीं हैं कि उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा सके। वहीं, बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है

देशबन्धु 7 Dec 2025 2:19 pm

ग्रीक में एक बार फिर चौंकाने वाला मामला आया सामने , प्रवासियों को ले जा रही नाव पलटी, 17 लोगों की हुई मौत

ग्रीक के क्रीट द्वीप से एक बार फिर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। क्रीट द्वीप के पास शनिवार को प्रवासियों को ले जा रही एक नाव पलट गई, जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, नाव पर सवार दो लोग जिंदा थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया

देशबन्धु 7 Dec 2025 2:01 pm

बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया की हालत नहीं हो रही बेहतर, लंदन एयरलिफ्ट करने की तैयारी फिर टली

Khaleda Zia Health Update: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाने की योजना बनी थी, लेकिन मेडिकल बोर्ड ने उन्हें लंबी फ्लाइट के लिए फिट नहीं बताया. बीएनपी की बैठक में उनके स्वास्थ्य का आकलन किया गया. हालांकि उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है, लेकिन एयरलिफ्ट के लिए 48 घंटे का ऑब्जर्वेशन पूरा होने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 1:21 pm

कैसा है ईरान और भारत का संबंध? किन-किन चीजों का होता है व्यापार?

भारत और ईरान के बीच हजारों साल पुराना संबंध माना जाता है। दोनों ही देशों की सभ्यता काफी पुरानी है

देशबन्धु 7 Dec 2025 9:16 am

दक्षिणी यूनान में प्रवासी नाव डूबने से 18 की मौत, बचाव अभियान जारी

यूनान में क्रेते के दक्षिणी तट पर प्रवासियों से भरी एक नाव के पलट जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। यूनान के सार्वजनिक प्रसारक ईआरटी ने शनिवार को यह जानकारी दी

देशबन्धु 7 Dec 2025 9:12 am

दौड़ो, मगर हिजाब में... मैराथन में बिना दुपट्टे के दौड़ीं महिलाएं, फिर सुलग गई चिंगारी; आयोजक पर एक्शन

Iran Hijab Controversy: ईरान में हिजाब विवाद फिर भड़क उठा है. किश द्वीप पर आयोजित मैराथन में बिना हिजाब दौड़ने वाली महिलाओं की तस्वीरें वायरल होने पर सरकार ने कार्यक्रम के 2 आयोजकों को गिरफ्तार किया.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 7:22 am

संडे जज्बात-रिश्तेदार की लाश लाया था, मेरे गाल छूने लगा:मैं लाशें जलाती हूं- लाशों से डर नहीं लगता, वे पलटकर जवाब नहीं देतीं

मैं टुम्पा दास- पश्चिम बंगाल में डोम समुदाय की पहली महिला हूं, जो पिछले कई सालों से कोलकाता के बड़िपुर गांव के श्मशान में लाशें जला रही हूं। पता नहीं भारत में कोई और महिला यह काम करती है या नहीं, पर मैंने यही रास्ता चुना… और यह रास्ता आसान नहीं था। हर दिन यहां छह-सात लाशें आती हैं। कई चेहरे भूल जाती हूं, लेकिन कुछ चेहरे दिमाग में घर कर जाते हैं। एक दिन एक छोटी-सी बच्ची की लाश मेरे सामने लाई गई, उस पल को याद कर आज भी कांप जाती हूं। उस दिन चिता जलाते वक्त मेरा हाथ थरथरा गया था। यहां कई बार मेरे साथ बदतमीजी हुई। एक शख्स ने मेरा फोन नंबर मांगा और बेहिचक कहा- ‘मेरे साथ चलो… बिस्तर पर।’ दूसरे ने बिना इजाजत मेरा गाल छू लिया। उस दिन श्मशान की आग से ज्यादा, मेरे अंदर की आग भड़क उठी- और बवाल इतना कि सब देखते रह गए। इसी तरह इस काम की कालिख मैंने चेहरे पर नहीं, किस्मत पर भी झेली। लाशें जलाने के कारण मेरी शादी नहीं हो पाई। लोग कहते- ‘ऐसी औरत को हम बहू नहीं बनाएंगे।’ मैंने दुनिया की तिरछी नजरें, गंदी बातें और अकेलापन सब झेला… लेकिन इस काम को नहीं छोड़ा। दरअसल, पिता की चिता बुझी भी नहीं थी कि जीवन ने मेरे सामने एक और आग रख दी- श्मशान में डोम का खाली पड़ा काम। 2014 था वह साल, जब घर में रोटी के लिए भी जद्दोजहद थी। श्मशान की देखभाल करने वाले लोग हमारी हालत जानते थे। उन्होंने एक दिन कहा- ‘टुम्पा, यह काम संभाल ले… वर्ना घर कैसे चलेगा?’ उनकी बात सुनकर मेरे अंदर कुछ टूट भी गया और कुछ जाग भी उठा। मैंने बिना सोचे ‘हां’ कह दिया। तब नहीं जानती थी कि यह ‘हां’ मेरे खिलाफ पूरे गांव की दीवार बना देगी। लोगों ने मुझे ताने मारे, आंखें तरेरीं, बातें उड़ाई- ‘लड़की होकर डोम का काम करेगी? श्मशान का काम करेगी?’ मैं खुद से पूछती- अगर लड़के ये काम कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं? आखिर सोचिए जरा, मौत की राख में औरत-मर्द का फर्क बचता ही कहां है? मैंने तय कर लिया कि लाश जलाऊंगी। जब मां को बताया, तो वह डर गईं। कहने लगीं- ‘लोग तुझे इस काम के लिए कभी स्वीकार नहीं करेंगे। तू भारी लकड़ियां भला कैसे उठाएगी? चिता कैसे सजा पाएगी?’ उनका डर जायज था, लेकिन मेरी मजबूरी उससे भी बड़ी। मैंने मां का हाथ पकड़ा और कहा- ‘एक बार यह काम करने दो, मां… हमारे पास जिंदा रहने का कोई और रास्ता नहीं है।’ दरअसल, उस वक्त बतौर नर्स मुझे सिर्फ 4,000 रुपए मिलते थे। उसमें से आधा रास्ते में खत्म हो जाता था। चार लोगों का गुजारा 2,000 रुपए में कैसे होता? बहुत समझाने के बाद मां का चेहरा पिघला, और उसी दिन मैंने तय कर लिया कि चाहे कितनी ही बातें बनें, मैं पीछे नहीं हटूंगी। जिस दिन पहली बार चिता के सामने खड़ी हुई, उस दिन मुझे शव से नहीं, दुनिया की नजरों से डर लग रहा था। मेरी उम्र तब सिर्फ 22 साल थी- एक ऐसी उम्र, जब ज्यादातर लड़कियां कॉलेज, सपनों या किसी नई नौकरी में होती हैं, लेकिन मैं उस सुबह श्मशान में खड़ी थी, हाथों में लकड़ियां और सिर पर दुनिया की अनगिनत निगाहों का बोझ लिए। सुबह के ठीक 10 बजे पहला शव आया। दिल में एक अजीब सी कंपकंपी थी। डर शव का नहीं था… लोगों की उस फुसफुसाहट का था, जो मेरे पीछे लगातार दौड़ रही थी- ‘लड़की है… कैसे करेगी चिता का काम?’ शुरुआत में मां भी साथ आती थीं। उन्होंने पिता को यह काम करते देखा था- हर रस्म, हर तकनीक, लकड़ी रखने का सही तरीका। चिता सजाते वक्त वह धीरे से समझातीं- ‘चिता सजाना आसान नहीं है…' मैं सीख रही थी। हाथों पर छाले पड़ते, धुएं से आंखें जलतीं, पर दिल में बस एक ही बात थी- घर चलाना है… हार नहीं माननी। लेकिन असली आग तो लोग लगाते थे। जब भी कोई शव लेकर आता और देखता कि चिता एक लड़की सजा रही है- वे हाथ के इशारे से मुझे रोक देते। ‘न-न… तुमसे नहीं होगा। हम खुद कर लेंगे।’ कुछ लोग तो यह मानते थे कि औरत के हाथों से जली चिता से आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। हर बार ऐसा होता, और हर बार मैं घर लौटकर फूट-फूटकर रोती। ‘अगर ये यूं ही चलता रहा… तो नौकरी भी चली जाएगी… और इज्जत भी,’ यही सोचकर रातें कटीं। गांव की गलियों में तो लोग मुझे देखकर रास्ता बदलने लगे। औरतें अपने बच्चे खींचकर पास से हटा लेतीं। कहतीं- ‘वो डोम का काम करती है… अब अछूत हो गई है।’ कुछ गांव वाले समझाने भी आते- ‘तू लड़की है, कैसे करेगी ये काम? रात-रात भर ड्यूटी लगती है… अगर कोई शराब पी कर आ गया, या किसी की नीयत खराब हो गई, तब?’ उनकी बातों से दिल रोता था… पर हाथ नहीं रुके। धीरे-धीरे, साल बीते…लकड़ियों का बोझ उठाते-उठाते मेरे कंधे मजबूत हो गए। और लोगों का अपमान सहते-सहते दिल भी। फिर एक दिन अचानक कुछ बदल गया- लोग पूछने लगे, ‘बिटिया, आज कौन-सी लकड़ी बढ़िया रहेगी?’ ‘चिता कैसे जमानी है?’ मुझे स्वीकार कर लिया गया। जब इस काम में हाथ जमने लगा, तभी असली डर सामने आया- वही जिसकी सालों से लोग फुसफुसाकर चेतावनी देते थे। एक दिन मैं चिता सजा रही थी। एक आदमी मदद के बहाने मेरे पास आया। कुछ क्षण बाद- धीरे से वह मेरा गाल छूने लगा। उसके स्पर्श ने जैसे मेरे भीतर आग भड़का दी। मैंने उसका हाथ झटके से पकड़ा और पूरी ताकत से चिल्लाई। ‘बाहर निकलो यहां से!’ श्मशान की दीवारें भी जैसे मेरी आवाज से कांप उठीं। वह लड़खड़ाता हुआ श्मशान से बाहर चला गया। लाश जल जाने के बाद मैंने उसे दोबारा बुलाया और खूब खरी-खोटी सुनाई। उस दिन उसके रिश्तेदारों ने भी उसे खूब डांटा। लेकिन यह अकेली घटना नहीं थी। कुछ लोग शराब पीकर आते हैं- और नशे में उनका असली चेहरा दिख जाता है। एक दिन लाश के साथ एक शराबी आया था। वह मुझसे मेरा फोन नंबर मांगने लगा। बहुत बुरा लगा। मैंने कहा- ‘क्या समझते हो खुद को? मैं लड़की हूं, गरीब हूं, लेकिन मेहनत करके खाती हूं… किसी की रहम पर नहीं जिंदा हूं।’ लेकिन सबसे गंदी घटना तो वह थी, जिसे आज भी सोचकर गुस्सा आता है। एक शव आया था और उसके साथ आने वालों में एक आदमी ने उस दिन मेरी तरफ पैसे आगे बढ़ाए और इशारे में कहा- ‘आज मेरे साथ चलो… ज्यादा पैसे दूंगा। यहां कितना मिलता होगा?’ उस पल मेरा खून उबला। गुस्से में चिल्लाई- ‘मेरी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते हो? यहां से दफा हो जाओ!’ श्मशान में ऐसे लोग अक्सर आते हैं। हर लाश के साथ एक नई कहानी, एक नया इम्तिहान। लेकिन आज… मैं वैसी लड़की नहीं हूं जो चुपचाप सब सह लूं। बदतमीजी, अब एक सेकेंड बर्दाश्त नहीं करती। उसी वक्त श्मशान से बाहर करती हूं। कई बार यह देखकर बड़ा अफसोस होता है कि कुछ लोग पिता की लाश लेकर आते हैं और उनकी प्रॉपर्टी में हिस्से के लिए श्मशान पर ही झगड़ने लगते हैं। वह सब देखकर कई बार तो इस दुनिया से नफरत हुई। सोचती हूं कि आखिर सबको एक दिन यहीं आना है। लेकिन कुछ लाशें भारी लगती हैं… जो बिना उम्र की सांसें पूरी किए आ जाती हैं। उस वक्त श्मशान में आने वाले हर चेहरे पर एक अलग ही टूटन होती है- किसी की आंखें पथराई होती हैं, तो किसी का गला सूख जाता है। मैं रोज यह सब देखती हूं। कुछ शव ऐसे आते हैं, जिन्हें देखते ही दिल बैठ जाता है। लगता है- ‘इसकी उम्र ही क्या थी। ऐसे परिवारों से मैं आज भी बख्शीश नहीं ले पाती। हाथ अपने-आप रुक जाते हैं। लेकिन एक दिन…एक लाश ने मुझे बिल्कुल तोड़ दिया। वह एक छोटी बच्ची थी। इतनी प्यारी, इतनी सुंदर- जैसे नींद में हो और किसी भी पल आंखें खोल देगी। जब मैं उसकी चिता सजाने लगी, तो मेरे हाथ कांपने लगे। 10 साल के काम में ऐसा कभी नहीं हुआ था। मुझे लग रहा था- ‘अभी उठ जाएगी…’ उस दिन मैं चिता के पास खड़ी-खड़ी रो रही थी। अगर उस रात भगवान सचमुच सामने खड़े होकर मुझसे एक वरदान मांगने को कहते, तो मैं बिना सोचे कह देती- ‘इस बच्ची की जिंदगी लौटा दो…’ वह दिन, वह चेहरा… वह नन्हा सा शरीर- आज भी मेरे भीतर कहीं जलता रहता है। यही मेरा रोज की जिंदगी है- लाशें आती हैं, और मैं उन्हें विदा करती हूं। सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक वही आग, वही राख, वही आखिरी यात्रा। इस तरह श्मशान में आग तो हर दिन जलती है, पर कुछ लाशें…सालों बाद भी नहीं बुझती। यही नहीं, लाशों की आग ने मेरी जिन्दगी को मोड़ दिया। इस आग की वजह से मेरी शादी नहीं हुई। मां ने कितनी कोशिशें कीं- रिश्ते देखे, समझाया, मनाया। लोग आते, मुस्कुराते, फिर जैसे ही पता चलता कि मैं महिला होकर लाश जलाती हूं तो वे शादी से पलट जाते। मां जब कारण पूछतीं, तो वही सुनतीं- ‘श्मशान में काम करने वाली लड़की को हम बहू नहीं बनाएंगे।’ हर बार यह बातें सुनकर मैं चौंक जाती। सोचती- आखिर लोग डोम के साथ रात बिता सकते हैं, लेकिन उसे जीवन साथी नहीं बना सकते। वर्षों तक यह सिलसिला चलता रहा। आखिरकार मेरा शादी से मोह ही खत्म हो गया। मैंने कसम खा ली- डोम का काम नहीं छोड़ूंगी। चाहे शादी हो या न हो। आखिर, यही वह काम था, जिसने मुझे और मेरे परिवार को संभाला, बुरे वक्त में सहारा दिया। किसी आदमी के लिए तो मैं इसे नहीं छोड़ सकती। अब यह काम मेरा जीवन बन गया है। लाशों के साथ काम करते हुए मुझे सुकून मिलता है। तय कर लिया है- पति के बिना जिंदगी बिता लूंगी, लेकिन लाशों के बिना नहीं। लाशें शिकायत नहीं करतीं। जैसे भी जलाओ, पलटकर जवाब नहीं देतीं। उन्हें पता नहीं होता कि उनके साथ क्या हो रहा है। हां, अब जब अपने काम से मशहूर हो गई हूं तो शादी के रिश्ते आने लगे हैं, लेकिन साफ मना कर देती हूं- 'जब जरूरत थी तब तो किसी ने साथ नहीं दिया, अब शादी नहीं करूंगी।' और मैं… जमाने की शिकायतों से इतना थक चुकी हूं कि कई बार मन करता है- जिस आग को इतने सालों से जलाती आई हूं, एक दिन उसी में समा जाऊं। दरअसल, इस कहानी की शुरुआत 2014 से हुई थी। मेरे पापा इसी श्मशान में लाश जलाते थे। वो दिन आज भी आंखों के सामने है। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और वह हमारे बीच नहीं रहे। उस वक्त मैं बड़िपुर से बाहर एक नर्सिंग होम में काम कर रही थी। जितने पैसे मिलते, उनमें से आधा तो बस आने-जाने में ही खर्च हो जाते। पापा के गुजरने के बाद तो घर मेरे लिए हर दिन एक नई लड़ाई बन गया। हमारे पास खाने के लिए सिर्फ दो किलो चावल बचा था। दो महीने के भीतर मां भी बिस्तर पर पड़ गईं- बीपी और डायबिटीज ने उन्हें जकड़ लिया। बड़ी बहन, जो तलाकशुदा और प्रेग्नेंट थी, घर में ही रहती थीं। और मैं… मैं अचानक पूरे घर की जिम्मेदारी अपने कंधों पर महसूस कर रही थी। पापा थे तो कोई मुश्किल नहीं आती थी। उनके बिना हर चीज अधूरी लगती है। वे जितना कमाते, हमारे खाने-पीने और खुशियों में लगा देते। भात, चिकन, मछली, फल- लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन। कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। लेकिन, लाश जलाने के कारण गांव में पापा को सम्मान नहीं मिलता था। इस वजह से उन्होंने मुझसे एक दिन कहा- ‘बेटी, नर्स बनो। पढ़ाई में मन लगाओ, इससे तुम्हारी और हमारे परिवार की इज्जत बढ़ेगी।’ मैंने उनकी बात मानी, दिन-रात मेहनत की और आखिरकार नर्स बन गई। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मैं कभी नहीं सोच सकती थी कि एक दिन मुझे अपने पापा का ही काम करना पड़ेगा। वही श्मशान, वही आग, वही चिता… और उन्हीं की राह पर चलने को मजबूर। (टुम्पा दास ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) ------------------------------------------------ 1-संडे जज्बात-मैं मुर्दा बनकर अर्थी पर भीतर-ही-भीतर मुस्कुरा रहा था:लोग ‘राम नाम सत्य है’ बोले तो सोचा- सत्य तो मैं ही हूं, थोड़ी देर में उठकर साबित करूंगा मेरा नाम मोहनलाल है। बिहार के गयाजी के गांव पोची का रहने वाला हूं। विश्व में शायद अकेला ऐसा इंसान हूं, जिसने जिंदा रहते अपनी शव यात्रा देखी। यह बात चंद करीबी लोगों को ही पता थी। मरने का यह सारा नाटक किसी खास वजह से किया गया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-फौजी विधवा की 8 साल के देवर से शादी:मैं मेजर जनरल थी, उसकी बात सुनकर कांप गई; मन करता है कैसे भी उससे मिल लूं अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें

दैनिक भास्कर 7 Dec 2025 5:44 am

कैसे ढह गया इंडिगो का सिस्टम, क्राइसिस की इनसाइड स्टोरी:पायलट छुट्‌टी पर, फ्लाइट कैंसिल नहीं कीं, मनमानी के लिए DGCA कितना जिम्मेदार

‘मैं करीब 10 साल से एयरलाइन इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। आज तक इतना बड़ा संकट नहीं देखा। मुझे लगता है कि इंडिगो की दिक्कत किसी दूसरे की नहीं, बल्कि कंपनी की खुद की बनाई हुई है। मैंने अपने कई साथी पायलट से भी बात की, तब इस नतीजे पर पहुंचा हूं।’ 34 साल के पायलट कैप्टन रोहित सक्सेना (बदला हुआ नाम) एयरलाइन कंपनी इंडिगो में 3 साल से काम कर रहे हैं। रोहित को 5 हजार फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है। वे अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते क्योंकि नौकरी जाने का खतरा है। पहचान छिपाकर उन्होंने हमें वो सब बताया, जो इंडिगो क्राइसिस की जड़ में है। 2 दिसंबर को इस क्राइसिस की शुरुआत हुई। 6 दिसंबर तक इंडिगो की 2000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ीं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता समेत देश भर में लाखों पैसेंजर परेशान होते रहे। उन्हें कई-कई घंटे एयरपोर्ट पर रहना पड़ा। इसके कई वीडियो-फोटो सामने आ चुके हैं। आखिर इंडिगो क्राइसिस की वजह क्या है, इसके लिए इंडिगो के अलावा और कौन जिम्मेदार है, इस पर हमने इंडिगो के दो पायलट और चार एविएशन एक्सपर्ट्स से बात की। इससे समझ आया कि इस क्राइसिस के दो जिम्मेदार हैं। 1. इंडिगो: DGCA की गाइडलाइन के हिसाब से तैयारी नहीं कीDGCA की तरफ से जारी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL रेगुलेशन पहली बार जनवरी 2024 में नोटिफाई किए गए थे। इंडिगो के पास इन गाइडलाइंस के हिसाब से तैयारी के लिए काफी समय था। हालात बिगड़े तो उसने 5 दिन में 4 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं। इससे अलग-अलग रूट पर यात्री फंस गए और एयरपोर्ट पर अव्यवस्था फैल गई। 2. DGCA: नियमों का पालन करवाना था, इंडिगो के मामले में अनदेखी कीफ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन के नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी DGCA की थी। कांग्रेस ने इस पर सवाल किया है कि DGCA क्या कर रहा था। पार्टी के सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि DGCA को पता था देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इसके लिए तैयार नहीं है। ये नियम 1 नवंबर 2025 से पूरी तरह लागू किए गए। DGCA ने इंडिगो से इनका पालन क्यों नहीं करवाया। एक पायलट के नजरिए से समझिए सिस्टम अचानक स्लो हो गया, आधे घंटे की प्रोसेस में एक-सवा घंटा लगाइंडिगो के पायलट रोहित बताते हैं, ‘2 दिसंबर को मैं दिल्ली एयरपोर्ट पर था। एयरपोर्ट पर उड़ान करने से पहले प्री-फ्लाइट तैयारियों में एवरेज से ज्यादा वक्त लगा। ग्राउंड स्टाफ क्लियरेंस से लेकर बाकी प्रोसेस जिनमें आधा घंटा लगता है, उसमें एक-सवा घंटा लगा।’ ‘3 और 4 दिसंबर को भी ऐसा ही हुआ। लगा कि इंडिगो का सिस्टम अचानक स्लो हो गया है। इसके पीछे क्या टेक्निकल या मैनेजीरियल कारण हैं, ये पायलट्स को नहीं पता। हमें तो प्लेन उड़ाने के लिए रोस्टर मिलता है। हम उसके मुताबिक उड़ान के लिए निकल पड़ते हैं।’ क्या हाल में अचानक ज्यादा फ्लाइट उड़ाने और ज्यादा देर तक ड्यूटी करने का प्रेशर बना है? रोहित जवाब देते हैं, ‘ज्यादा उड़ान का दबाव नहीं है। हां, फ्लाइंग टाइम के अलावा दूसरे अप्रूवल्स जैसे टैक्सी, पार्किंग, एटीसी क्लियरेंस, सिक्योरिटी क्लियरेंस, चेकलिस्ट क्लियरेंस, ग्राउंड क्लियरेंस में ज्यादा वक्त लगा है।’ इस क्राइसिस के पीछे FDTL के नए नियम बताए जा रहे हैं, ये तो 1 नवंबर से लागू हो चुके थे। ये संकट एक महीने बाद क्यों आया? क्या एक महीने से पायलट ज्यादा उड़ान भर रहे थे और अचानक कम करने लगे? रोहित बताते हैं, ‘1 नवंबर से नियम लागू हुए, तब से नियमों के मुताबिक ही रोस्टर बनाए जा रहे थे। हफ्ते में 36 की जगह 48 घंटे का आराम दिया गया। हम पहले के बराबर ही उड़ान भर रहे थे। समझ नहीं आ रहा कि अचानक 3 दिसंबर से क्या हो गया।’ ‘पायलट कम, नई भर्ती की प्रोसेस धीमी’हमने इंडिगो में काम करने वाले एक ट्रेनी पायलट से भी बात की। वे नाम जाहिर नहीं करना चाहते। पायलट बताते हैं, ‘ऐसा नहीं है कि नए नियम अचानक आ गए। कंपनी को पहले से पता था। ऐसा नहीं है कि भर्तियां नहीं हो रही हैं, लेकिन प्रोसेस बहुत धीमी है। काफी पायलट छुट्टी पर गए हुए हैं। साल का आखिरी महीना चल रहा है और उनकी छुट्टियां पेंडिंग थीं।’ ‘बहुत सारे पायलट नौकरी छोड़ रहे हैं क्योंकि अनुभव लेने के बाद मिडिल ईस्ट या दूसरे देशों में अच्छी सैलरी मिलती है। पिछले कुछ साल से भारत में पायलट की सैलरी ग्रोथ रुकी हुई है। जाहिर सी बात है कि FDTL नियम सही हैं। पायलट्स को आराम चाहिए। इंडिगो बहुत ज्यादा उड़ान भरवाती है। कंपनी में नए नियमों के हिसाब से पायलट की कमी तो है।’ ‘एयरलाइन सेक्टर में इंडिगो की हिस्सेदारी 60% से ज्यादा है। एक तरीके से उसका एकाधिकार है। कंपनी हर चीज को बहुत टाइट कॉस्टिंग करके रखती है, तभी प्रॉफिट में रहती है। अंदरखाने लोग यही बोल रहे हैं कि इंडिगो ने दबाव बनाने के लिए ये सब किया है क्योंकि कंपनी ने DGCA के सामने जो मांगें रखी थीं, वे मान ली गई हैं।’ इंडिगो की 100 में से सिर्फ 3 फ्लाइट वक्त पर उड़ींइंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है। उसकी रोजाना करीब 2300 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल उड़ानें हैं। क्राइसिस के दौरान इंडिगो की ऑनटाइम परफॉर्मेंस 5 दिसंबर को 3.7% पर आ गई। यानी 100 फ्लाइट में सिर्फ 3.7 ही वक्त पर उड़ान भर पाईं। 5 दिसंबर को ही अकासा एयर की ऑनटाइम परफॉर्मेंस 79%, एलायंस एयर की 73%, एयर इंडिया एक्सप्रेस की 66.3%, स्पाइसजेट की 62.3% रही। 4 दिसंबर को इंडिगो की सिर्फ 8.5% और 3 दिसंबर को 19.7% फ्लाइट ही सही समय पर उड़ान भर पाई थीं। इंडिगो ने नियम क्यों नहीं माने, सरकार पर भी सवालएयरलाइंस पायलट एसोसिएशन के कैप्टन अनिल राव पायलट और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं। राव कहते हैैं, ‘हमने DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से यही सवाल किया है कि ये संकट अचानक क्यों आया। FDTL का नियम 2 साल से लागू किया जा रहा है। एयरलाइन कंपनी के पास इसे लागू करने के लिए काफी वक्त था। फिर भी ऐसा नहीं किया गया।’ ‘DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को पता था कि नए नियमों के हिसाब से एयरलाइंस काम नहीं कर रही हैं।' सरकार कैसे कह सकती है कि ये अचानक हो गया। सरकार चाहे तो खुद जांच कर सकती है कि ये पायलट और क्रू की कमी की वजह से हुआ या फिर कोई और वजह थी। नियम लागू होने के 35 दिन बाद कैसे आया क्राइसिसकैप्टन अनिल राव कहते हैं, ‘ये कहना गलत है कि सब कुछ अचानक हो गया है। FDTL 1 नवंबर से लागू है और ये संकट करीब 35 दिन बाद आया। एटीसी और क्रू के रिकॉर्ड देखें तो पता चलेगा कि सारे पायलट और क्रू टाइम पर जा रहे थे, फिर फ्लाइट आने-जाने में देरी क्यों हुई। ये पूरी व्यवस्था पारदर्शी नहीं है। इससे नहीं पता चल रहा कि क्राइसिस की असली वजह क्या है।’ ‘इंडिगो ने सरकार पर दबाव डालने के लिए ये संकट खुद खड़ा किया है। कंपनी नियमों में राहत चाहती थी। राहत नहीं मिली, तो उसने सिस्टम ही पलट दिया। ये दिक्कत क्यों खड़ी हुई, इसका साफ-साफ कोई जवाब नहीं दिया गया है।’ एक्सपर्ट बोले- इस स्थिति के लिए सिर्फ इंडिगो जिम्मेदारएविएशन एक्सपर्ट जीतेंद्र भार्गव कहते हैं, ‘इस पूरी अफरातफरी के लिए सिर्फ इंडिगो जिम्मेदार है। एयरलाइन कंपनियों के अनुरोध पर ही DGCA ने दो फेज में नियम लागू करवाए थे। शायद इंडिगो के मैनेजमेंट को बहुत ज्यादा भरोसा था कि नियम लागू करवाने में थोड़ा और वक्त ले लेंगे। कंपनी को पता चल गया कि DGCA ने उसका अनुरोध नहीं माना। उसके पास इतने पायलट नहीं हैं कि सारा ऑपरेशन नॉर्मल तरीके से हो।’ भार्गव आगे कहते हैं, ‘नियमों में बदलाव के हिसाब से ज्यादा स्टाफ की जरूरत थी। DGCA का सामान्य नियम है कि एक पायलट एक साल में 1000 घंटे से ज्यादा उड़ान नहीं भर सकता है। अभी दिसंबर है। मुमकिन है कि नवंबर तक कई पायलट ने अपनी लिमिट पूरी कर ली हो और वे उपलब्ध न हों। इसमें कई सारे फैक्टर एक साथ जुड़े हैं।’ ‘इंडिगो के पास दो ही विकल्प थे। पहला, जो अभी हुआ है। उन्होंने सारी फ्लाइट्स का शेड्यूल वैसा ही रखा। बाद में उन्हें कैंसिल करना पड़ा और यात्रियों को दिक्कतें हुईं। दूसरा, जो फ्लाइट ऑपरेट नहीं हो सकती थीं, उन्हें पहले ही कैंसिल कर देते। पायलट की तादाद के हिसाब से फ्लाइट ऑपरेट करना चाहिए था।’ ‘DGCA ने समस्या को अनदेखा किया, हालात हाथ से निकल गए’जीतेंद्र भार्गव कहते हैं, ‘ये सब DGCA को भी पता होगा। इसके बावजूद स्थिति को हाथ से निकलने दिया। नवंबर में भी इंडिगो की 1200 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुई थीं। ऐसे में DGCA को कारण बताओ नोटिस जारी करना चाहिए था।’ ‘अभी DGCA के सामने चुनौती थी कि कैसे हालात काबू में लाए। एक ऑप्शन था कि वो इंडिगो को ही समाधान करने देता। ये मुमकिन नहीं था क्योंकि पायलट पहले से तैयार नहीं मिलते। अचानक पायलट की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता था इसलिए DGCA ने नियमों में फिर से ढील दी।’ एविएशन एक्सपर्ट डॉ. सुभाष गोयल भी इस क्राइसिस के लिए इंडिगो को जिम्मेदार मानते हैं। वे कहते हैं, ‘अगर दूसरी एयरलाइंस नियमों के हिसाब से अपने क्रू मेंबर्स की संख्या बढ़ा सकती हैं, तो इंडिगो क्यों नहीं। उनके पास 60% मार्केट शेयर है, तो उन्होंने सोचा कि वे ब्लैकमेल करके पुराने नियमों पर ही चलेंगे।’ ‘एयरलाइन कंपनियों पर तगड़ा फाइन लगाना चाहिए’फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के प्रेसिडेंट चरणवीर सिंह रंधावा बताते हैं, ‘इंडिगो कोशिश कर रही थी कि नए नियम लागू न हो पाएं। पिछले साल भी उन्होंने देरी की थी। हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद कंपनी DGCA के पास गई। पहले फेज में 60-70% नियम जुलाई में ही लागू हो गए हैं। तब इंडिगो की एक भी फ्लाइट में देरी नहीं हुई।' '1 नवंबर को दूसरे फेज के नियम लागू किए गए, लेकिन कंपनियां फिर DGCA के पास गईं और नियम में राहत मांगी। एयरलाइन कंपनियों की इन नियमों को लागू करने की कोई मंशा नहीं थी।’ इंडिगो मनमानी करती रही, तो DGCA कहां चूकाचरणवीर सिंह रंधावा DGCA में फ्लाइट इंस्पेक्टर और CFO रह चुके हैं। वे कहते हैं, ‘DGCA में मैकेनिज्म काम करता है। इसके तहत वक्त पर स्पॉट चेकिंग होती है। साल में एक बार रेगुलेटरी ऑडिट करते हैं। रेगुलेटरी चेक के लिए एनुअल सर्विलांस प्लान साल की शुरुआत में जारी होता है। इसमें हर एयरलाइन कंपनी के बारे में रिपोर्ट होती है।’ ‘पिछले कुछ साल में जिस तरह से एविएशन इंडस्ट्री बढ़ी है, उसके मुकाबले DGCA के पास मैनपावर नहीं बढ़ा है। इस वजह से ऑडिट ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है। एक एयरलाइन के ऑडिट के लिए 3 दिन का समय मिलता है। इंडिगो की दिन की 2200 फ्लाइट उड़ रही हैं।' 'अभी जितना मैनपावर है, उसके हिसाब से तो एक महीने तक ऑडिट करना होगा। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के पास DGCA के अलावा रेगुलेशन के लिए दूसरी कोई संस्था नहीं है।’ टिकट के मनमाने रेट पर रोक, सरकार ने किराया तय कियाइंडिगो क्राइसिस के बीच सरकार ने 6 दिसंबर को एयरफेयर कैप लागू कर दिया। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से कई रूट्स पर टिकट की कीमतें 60 हजार तक पहुंच गई थीं। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि हमने सभी प्रभावित रूट्स पर ‘उचित और वाजिब किराया’ सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया है। एयरफेयर कैप हालात सामान्य होने तक लागू रहेगा। सभी एयरलाइन कंपनियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे इसका सख्ती से पालन करें। सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने कहा कि नए FDTL नियम 1 नवंबर से लागू हैं, लेकिन किसी और एयरलाइन को दिक्कत नहीं आई। साफ है कि गलती इंडिगो की है। एयरलाइन की लापरवाही की जांच होगी और एक्शन होना तय है। सरकार इंडिगो के कारण हुई दिक्कत की हाईलेवल इन्क्वायरी कराएगी। इसके अलावा मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वो बिना देरी किए यात्रियों को रिफंड दे। सभी कैंसिल या प्रभावित हुई फ्लाइट्स के लिए रिफंड प्रोसेस 7 दिसंबर 2025 को रात 8 बजे तक पूरी होनी चाहिए। किसी से रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा। अगर रिफंड देने में देरी होती है, तो एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।....................................इंडिगो संकट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें एयरपोर्ट पर यात्रियों में मारपीट, लात-घूंसे चले, इंडिगो संकट की 18 PHOTOS क्रू मेंबर की कमी का सामना कर रही इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट्स कैंसिल होने से एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी रही। कई जगह पैसेंजर्स ने हंगामा किया। एयरपोर्ट पर सूटकेस के ढेर पड़े हैं। 3 से 4 दिनों से लोगों को सामान नहीं मिला है। फ्लाइट का इंतजार कर रहे लोगों ने जमीन पर रात गुजारी। फ्लाइट कैंसिल होने से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर यात्री रोते नजर आए। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 7 Dec 2025 5:40 am

वेनेजुएला के 2 रक्षक टूटेगा ट्रंप का 'सुरक्षा कवच'! क्या हो गया अमेरिका के साथ 'खेला'?

South America news: ट्रंप की सनक, प्रतिशोध और जंगी तेवर हर किसी को सन्न कर रहा है. दावा किया जा रहा है कि ट्रंप अपने मकसद में कामयाब हो पाते, वेनेजुएला पर पहला विध्वंसक अटैक कर पाते उससे पहले ही US-वेनेजुएला क्राइसिस में पुतिन-जिनपिंग की एंट्री ने व्हाइट हाउस से पेंटागन तक सनसनी मचा दी है.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 3:05 am

हजारों साल की दोस्ती से लेकर युद्धों की खाई तक, भारत-ईरान के रिश्तों की पूरी ABCD

India Iran agreements: 2001 और 2003 में भारत और ईरान ने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तेहरान और नई दिल्ली में कई घोषणाओं पर हस्ताक्षर भी किए. जिसके बाद भारत ने अमेरिका साथ परमाणु समझौते को लेकर बातचीत शुरू की लेकिन यूएस की तरफ से ईरान पर प्रतिबंध लगा होने के कारण दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई.

ज़ी न्यूज़ 7 Dec 2025 12:36 am

खूबसूरत ही नहीं, किस्मत की भी हैं 'मल्लिका'; कौन हैं सऊदी अरब की ‘ब्यूटी क्वीन’ प्रिंसेस अमीरा?

Forbes Magazine Beautiful Princess: सऊदी अरब को कट्टरपंथी इस्लामिक देश माना जाता है. जहां पर महिलाओं को सख्त इस्लामिक कायदों में रहना पड़ता है. लेकिन वहां की एक शहजादी ने इस मिथक को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे खूबसूरत राजकुमारी का खिताब हासिल किया है.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 11:55 pm

तुर्की : बस दुर्घटना में सात लोगों की मौत, 11 घायल

तुर्की के दक्षिण-पूर्वी ओस्मानिये प्रांत में शनिवार को एक पैसेंजर बस ने खड़े ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी

देशबन्धु 6 Dec 2025 11:06 pm

फुटपाथ से टकराने के बाद 'फुटबॉल' की तरह उछली मर्सिडीज कार, CCTV में कैद खौफनाक नजारा

Mercedes Accident: अक्सर आपने भीषण सड़क हादसे देखें होंगे, लेकिन इस वक्त इंटरनेट पर वायरल हो रहे सड़क हादसे जैसा नजारा आपने शायद ही कभी पहले देखा होगा. रोमानिया की वायरल वीडियो देखने के बाद हर किसी के होश उड़े हुए हैं, क्योंकि नजारा ही कुछ ऐसा है. दरअसल, रोमानिया के एक पेट्रोल पंप के पास हुए हादसे में लग्जरी मर्सिडीज कार हवा में फुटबाल की तरह उछलते हुए रोड क्रॉस करती दिखाई दे रही है.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 10:20 pm

पहली बार जा रहे दुबई तो फोन में जरूर रखें ये 5 एप्स, ट्रिप से लौटकर बोलेंगे-थैंक्यू

Essential apps for Dubai: पहली बार दुबई जाना आपके लिए रोमांचक जरूर हो सकता है, लेकिन आपको दुबई घूमने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. कई बार आपको लोकेशन, फूड और अच्छे होटल की तलाश में घूमना पड़ सकता है. लेकिन अगर आपके पास नीचे बताए गए 5 गाइड ऐप हैं तो फिर आप बेफिक्री के साथ दुबई की ट्रिप को यादगार बना सकते हैं और वो भी बिना किसी झंझट में फंसे.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 6:19 pm

चीन-ताइवान विवाद में कूदा जापान, ड्रैगन ने दी खामियाजा भुगतने की खुली चेतावनी

China Taiwan dispute: जापानी प्रधानमंत्री ने चीन की तरफ से ताइवान पर हमला करने की स्थिति में सेना भेजकर मदद करने की बात कही थी. जिस पर पलटवार करते हुए चीन ने इसे उकसाने वाला बताया और उनके एक काउंसल जनरल ने ताइवान-चीन मामले पर दखल देने वाले की गर्दन काट देने की धमकी दी थी.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 5:55 pm

महिला पत्रकार कर रही थी रिपोर्टिंग, अचानक हो गया भयावह हादसा, कैमरे में कैद हो गई घटना

Female journalist: घटना उस वक्त हुई जब न्यूजीलैंड के ते आओ विद मोआना की 32 वर्षीय महिला जेसिका टायसन रिपोर्टिंग कर रही थी. फास्ट फैशन पर एक सेगमेंट की शूटिंग के दौरान सीगल के अचानक हमले में वो घायल हो गई. लेकिन अचानक हुए इस हादसे से जेसिका काफी घबराई हुई दिखाई दी.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 4:48 pm

चाइना की नाक के नीचे से...भारत ने चुपके से बना लिया स्वेज नहर का परमानेंट तोड़? 7200 KM का गुप्त रास्ता!

International North-South Transport Corridor: इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) भारत को स्वेज नहर के मुकाबले कम समय और कम लागत पर रूस और मध्य एशिया से जोड़ने वाला एक बहु-माध्यम व्यापार मार्ग है, जो भारत की आर्थिक स्थिती को और मजबूत करने का काम करता है.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 1:09 pm

'भारत से माफी मांगे US, मुनीर को करो गिरफ्तार...', पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने क्यों कर दी ये मांग?

Michael Rubin: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने असीम मुनीर को पाकिस्तान का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDF) नियुक्त कर दिया है. वहीं पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कहा है उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए, उन्होंने ऐसी टिप्पणी क्यों की, आइए जानते हैं.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 11:09 am

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जन्म आधारित नागरिकता पर सुनवाई तय

अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला करने पर सहमति जताई है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह एग्जीक्यूटिव ऑर्डर कानूनी है या नहीं, जिसमें अमेरिका में जन्म लेने के आधार पर बच्चों को मिलने वाली नागरिकता खत्म करने की बात कही गई है

देशबन्धु 6 Dec 2025 10:13 am

रूसी राष्ट्रपति पुतिन से पीएम मोदी की वार्ता भारत का संतुलित कदम: लिसा कर्टिस

व्हाइट हाउस की पूर्व दक्षिण एशिया अधिकारी लिसा कर्टिस ने कहा कि नई दिल्ली में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वागत का भारत का निर्णय मॉस्को और वाशिंगटन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने का सोच समझा प्रयास है

देशबन्धु 6 Dec 2025 10:10 am

FIFA 2026 वर्ल्ड कप ड्रॉ में अचानक बजा ऐसा गाना; कुर्सी छोड़कर थिरकने करने लगे डोनाल्ड ट्रंप

Trump Dance Video: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थिरकते हुए नजर आ रहे हैं. ये आलम FIFA 2026 वर्ल्ड कप ड्रॉ में देखने को मिला है.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 8:17 am

अब भारत-रूस की दोस्ती का क्रेडिट ट्रंप को चाहिए? पेंटागन ने कहा- इसके लिए भी मिलना चाहिए नोबेल पीस प्राइज

Donald Trump Nobel Prize India Russia: पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रूबिन ने दावा किया है कि भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों का पूरा श्रेय ट्रम्प को जाता है, इसलिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 7:13 am

ऑपरेशन ‘सागर बंधु’: श्रीलंका में सड़क संपर्क बहाल करने के लिए भारत ने पहुंचाई मदद

श्रीलंका में चक्रवात दितवाह के कारण आई भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है

देशबन्धु 6 Dec 2025 7:00 am

डोनाल्ड ट्रंप को मिला पहला FIFA पीस प्राइज; अवॉर्ड मिलते ही क्यों भड़क गए फुटबॉल फैंस?

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फीफा शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन DC में उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 6:48 am

स्पॉटलाइट-आखिरकार शहबाज शरीफ को आसिम मुनीर के आगे झुकना पड़ा:CDF बने मुनीर के हाथ में परमाणु का बटन, क्या पीएम से ज्यादा ताकतवर बने

पाकिस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बने आसिम मुनीर को अब देश के परमाणु हथियारों पर भी नियंत्रण की शक्ति मिल गई है। माना जाता है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस कदम के पूरी तरह पक्ष में नहीं थे। लेकिन क्या यह सच है? और इस नई जिम्मेदारी के साथ आसिम मुनीर की ताकत कितनी बढ़ गई है? यह जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:28 am

क्या इंडिगो ने जानबूझकर फ्लाइट संकट खड़ा किया:5 महीने में नहीं किया पायलट्स का इंतजाम, सरकार बेबस क्यों हुई; 10 सवालों में पूरी कहानी

इंडिगो एयरलाइंस की हर 10 में से 9 फ्लाइट्स देरी से उड़ रही या रद्द हो चुकी हैं। इंडिगो का कहना है कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL के नए नियमों को लागू करने में चूक हुई। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इंडिगो के पास पर्याप्त समय था, वो नियमों में रियायत पाने के लिए सरकार को 'ब्लैकमेल' कर रही है। फिलहाल DGCA ने नियमों में अस्थायी राहत दे दी, लेकिन हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। आखिर हजारों फ्लाइट्स थमने की असली वजह क्या है, समस्या की शुरुआत कैसे हुई, इंडिगो को ही सबसे ज्यादा दिक्कत क्यों और अब आगे क्या होगा; भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसे 10 जरूरी सवालों के जवाब... सवाल-1: मौजूदा फ्लाइट संकट की शुरुआत कैसे हुई? जवाबः पायलट यूनियन ने जनवरी 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। इसमें पायलट के ज्यादा काम के घंटे और थकान से फ्लाइट सेफ्टी का मुद्दा उठाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद DGCA ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL नियमों में बदलाव किए। 1 जुलाई 2025 को पायलट्स को आराम देने के लिए 'फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नियम लागू किए गए थे। इसके तहत एयरलाइन कंपनियों के लिए पायलटों को हफ्ते में 36 घंटे के बजाय 48 घंटे आराम, यानी दो दिनों का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य कर दिया। इस दौरान किसी छुट्टी को वीकली रेस्ट गिनने पर रोक लगा दी थी। FDTL के दूसरे फेज में 1 नवंबर से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के लगातार नाइट शिफ्ट पर भी पाबंदी लगा दी थी। इन नए नियमों के आने के बाद इंडिगो पायलट्स और दूसरे स्टाफ की कमी दूर नहीं कर पाई और हालात बेकाबू हो गए। सवाल-2: पिछले 3-4 दिनों में हालात बेकाबू कैसे हुए? जवाबः पिछले 4 दिनों में इंडिगो ने 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं और हजारों देरी से चल रही हैं... सवाल-3: इंडिगो समाधान करने की बजाय लगातार बहाने क्यों बनाता रहा? जवाबः 2 दिसंबर को इंडिगो ने कहा कि किसी छोटी तकनीकी गड़बड़ी, सर्दियों के शेड्यूल मैनेजमेंट, मौसम, एयरपोर्ट कंजेशन और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों के चलते फ्लाइट्स प्रभावित हो रही हैं। साथ ही यात्रियों से टिकट रिफंड और री-बुकिंग का वादा किया। 3 दिसंबर को इंडिगो ने एयरलाइन से जुड़ी तकनीकी दिक्कत और ऑपरेशनल इश्यूज से फ्लाइट प्रभावित होने की बात कही गई। 4 दिसंबर को हालात बेकाबू हो गए, तो इंडिगो के सीनियर ऑफिसर्स ने DGCA के साथ मीटिंग के बाद नए रोस्टर नियमों के मुताबिक अपनी प्लानिंग में कमी की बात मानी। इंडिगो ने माना कि क्रू रिक्वायरमेंट अनुमान से ज्यादा था। नए क्रू रोस्टरिंग नियमों और बाकी तकनीकी कारणों, मौसम आदि के सम्मिलित प्रभाव के चलते उसकी फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडिगो को नए पायलट्स और बाकी स्टाफ हायर करने के लिए 9 महीने का समय दिया गया था, लेकिन इंडिगो ने जरूरत के मुताबिक नई भर्तियां नहीं कीं। यही बात शक पैदा करती है कि संकट अचानक नहीं हुआ, बल्कि पहले से अनुमानित था। सवाल-4: क्या इंडिगो ने इसे दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया? जवाबः कॉमेडियन अभिजीत गांगुली ने आरोप लगाया कि इंडिगो ने सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए फ्लाइट्स रद्द कीं, ताकि यात्रियों को तकलीफ हो और सरकार इंडिगो को FDTL के नियमों में छूट देने के लिए राजी हो जाए। जब नवंबर में दूसरे फेज के रूल्स लागू हुए, तभी बेंगलुरु में फ्लाइट्स प्रभावित होने लगी थीं। इंडिगो का स्टाफ कह रहा था कि अभी यह स्थिति करीब एक महीने तक चलेगी। वही हुआ और आखिरकार सरकार इंडिगो को नए रूल्स से राहत देने को तैयार हो गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इंडिगो की मोनोपॉली का सवाल उठाया... एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी कहते हैं, इंडिगो ने एक सोची समझी हड़ताल की है। नए नियमों को अचानक लागू नहीं किया गया था। स्टाफ की कमी पूरी करने के लिए इंडिगो के पास पर्याप्त समय था, लेकिन इंडिगो के पास भारतीय एविएशन सेक्टर में करीब 65% की हिस्सेदारी है। उसने अपना खर्च कम करने के लिए नए स्टाफ की भर्ती नहीं की और दबाव बनाने के लिए फ्लाइट्स प्रभावित की गईं। सवाल-5: पायलट-क्रू के आराम के लिए बने नए FDTL नियम क्या हैं? जवाबः FDTL के नए नियमों के तहत… सवाल-6: सरकार ने ये नियम क्यों बनाए और इन्हें लागू करना क्यों जरूरी था? जवाबः DGCA ने पायलटों की थकान से जुड़ी रिपोर्ट्स की समीक्षा करने के बाद ये नियम लागू किए हैं। पिछले 3-4 सालों में समय-समय पर कई पायलट्स एसोसिएशन ने DGCA को पत्र लिखकर इन नियमों को लागू करने की मांग की थी, ताकि उन्हें जरूरी आराम मिल सके। DGCA का कहना है कि पायलट्स की थकान बड़े हादसों को जन्म दे सकती है। दुनियाभर की एयरलाइंस भी इसे एक बड़ा जोखिम मानती हैं। थकान की वजह से खराब परिस्थितियों में फैसला लेने और रात के वक्त प्लेन लैंड कराने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA ने 2023 में 1,622 कॉमर्शियल पायलट्स को लाइसेंस जारी करने की बात कही थी, लेकिन फिर भी अगले 5 सालों में 2,375 पायलटों की कमी रह जाएगी। 2029 तक कुल 22,400 पायलटों की जरूरत होगी, जबकि अभी सिर्फ 11,745 पायलट्स ही हैं। 2022 से 2025 के बीच उड़ानें बढ़ने से पायलट्स खासकर कैप्टन पर काम का बोझ बढ़ा है। भारत के पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की क्षमता भी कम है। हर साल सिर्फ 1200-1500 पायलट्स को ही ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस मिल पाता है। जबकि जरूरत इससे कहीं ज्यादा है। सवाल-7: अमेरिका और यूके में पायलट्स को कितना रेस्ट मिलता है? जवाबः अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FFA) और यूरोप की यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने पायलटों को जरूरी आराम देने के लिए कुछ ऐसे ही नियम बनाएं हैं, जो अमेरिका और यूरोपीय देशों की लगभग सभी एयरलाइंस पर लागू होते हैं… भारत के नए नियम इसी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर आधारित हैं। सेफ्टी के लिहाज से ये जरूरी माने जाते हैं। सवाल-8: नए नियमों से सबसे ज्यादा इंडिगो ही क्यों प्रभावित हुआ? जवाबः नए नियमों से इंडिगो सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ क्योंकि... अभी इंडिगो के पास 5,456 पायलट और 10,212 केबिन क्रू मेंबर हैं। 41 हजार से ज्यादा स्थायी कर्मचारी हैं। इंडिगो का कहना है कि नए फ्लाइट टाइम लिमिटेशन नियमों के कारण पायलट और क्रू की कमी हुई है। सवाल-9: क्या सरकार वाकई ‘बेबस’ थी, उसके पास क्या विकल्प थे? जवाबः थ्योरिटिकली सरकार के पास चार विकल्प थे- स्थिति को देखते हुए DGCA ने एयलाइंस को नए नियमों से 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी है। पायलट्स को वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को भी वापस ले लिया है। सवाल-10: इस पूरे मामले में आगे क्या हो सकता है? जवाबः इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स का कहना है, 'इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द होने और देरी से चलने के लिए हम सभी से माफी मांगते हैं। पूरा सिस्टम रिबूट हो रहा है। हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। 10 से 15 दिसंबर तक हालात सामान्य हो सकेंगे। पिछले कुछ दिनों में ज्यादा दिक्कतें आई हैं। आज 1 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं। कल 1,000 से कम उड़ाने प्रभावित होंगी।' एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी कहते हैं ‘अभी सरकार के पास यात्रियों की समस्या दूर करने का विकल्प नहीं है, इसलिए अभी इंडिगो से बात की जा रही है। DGCA ने इंडिगो से पूछा है कि वह कितने फेज में और किस तरह से नए नियम लागू करेंगे। हो सकता है कि कुछ दिनों में इंडिगो नया शेड्यूल जारी करके कुछ फ्लाइट्स कम कर दे, क्योंकि यही एक चारा है, अचानक पायलट्स बढ़ाना आसान काम नहीं है।’ ------------------ ये खबर भी पढ़ें... हवा में दो विमानों की टक्कर:पहला विमान पिघलकर क्रैश, पायलट की मौत, दूसरा कैसे सुरक्षित लैंड हुआ; 3D और Ai से देखिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर है NSW स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट क्लब। यहां हर वीकेंड पर पायलट्स हवा में कलाबाजियां करने की प्रैक्टिस करने जाते हैं। 30 नवंबर की दोपहर 4 प्लेन हवा में उड़ान भरते हैं। कलाबाजियां करने के बाद सभी प्लेन जैसे ही रनवे पर लौटने के लिए अलग होते हैं, तभी एक प्लेन दूसरे प्लेन के फ्यूलसेज से टकराता है और क्रैश कर जाता है। 3D मैप, वीडियो और AI के जरिए देखिए पूरी कहानी...

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:19 am

इंडिगो ने उधारी के जहाज से भरी थी पहली उड़ान:अब देश की 60% से ज्यादा फ्लाइट्स पर कब्जा; क्या मौजूदा संकट से उभर पाएगा

पिछले 4 दिनों में इंडिगो एयरलाइंस की 1700 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। हजारों देरी से चल रही हैं। देशभर के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इंडिगो रोजाना करीब 2,200 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है और भारतीय एविएशन मार्केट में इसकी 60 फीसदी से भी ज्यादा की हिस्सेदारी है। मौजूदा संकट शुरू होने के बाद इंडिगो का मार्केट कैप करीब 21 हजार करोड़ घट गया है। इंडिगो के मेगा एंपायर बनने की पूरी कहानी और फिलहाल संकट में क्यों घिरी है कंपनी; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… 1984 का साल था। दिल्ली के रहने वाले राहुल भाटिया कनाडा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर भारत लौटे। वह कनाडा की नॉर्टेल कंपनी के साथ मिलकर भारत में टेलिकॉम बिजनेस शुरू करना चाहते थे। इसी सपने के साथ वह भारत लौटे थे। उस दौर में भारत सरकार विदेशी टेक्नोलॉजी के पक्ष में नहीं थी इसलिए उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। राहुल एक मिडिल क्लास फैमिली से थे। उनके पिता ‘दिल्ली एक्सप्रेस’ नाम से एक एयरलाइन टिकट बुकिंग एजेंसी चलाते थे। इस एजेंसी को उनके पिता ने 1964 में 9 पार्टनर के साथ मिलकर शुरू किया था। दिल्ली एक्सप्रेस में कुछ पार्टनर की धोखाधड़ी और पिता की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए राहुल की एंट्री फैमिली बिजनेस में हुई। इसी बीच 1992 में भारत सरकार ने एयरलाइंस के लिए प्राइवेट लाइसेंस देने की शुरुआत की। इस वजह से कई प्राइवेट कंपनियां एविएशन इंडस्ट्री में आ रही थीं। राहुल इस इंडस्ट्री में आना तो चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी हड़बड़ी नहीं थी। राहुल ने वक्त लिया, बेहतर रणनीति बनाई और उसके बाद एविएशन मार्केट में कदम रखा। एयरलाइन बिजनेस के लिए उन्हें एक पार्टनर की जरूरत थी, जो बने NRI राकेश गंगवाल। दो दोस्तों ने मिलकर शुरू की अपनी एयरलाइन कंपनीराहुल की राकेश से पहली मुलाकात काम के सिलसिले में ही हुई थी। राकेश अमेरिका में यूनाइटेड एयरलाइंस से जुड़े थे। राहुल की कंपनी इंटरग्लोब ग्रुप, इसी यूनाइटेड एयरलाइंस की भारत में जनरल सेल्स एजेंट थी। काम के चलते राहुल और राकेश के बीच दोस्ती बढ़ती गई। एक दिन राहुल ने राकेश से अपनी एयरलाइन कंपनी खोलने की बात की और दोनों इसका प्लान बनाने में जुट गए। राकेश गंगवाल दशकों से एयरलाइंस में काम कर रहे थे। उन्होंने IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और व्हार्टन से MBA की पढ़ाई पूरी की थी। 1994 में गंगवाल एयर फ्रांस के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट बने, जिसके चार साल बाद 1998 में उन्हें US एयरवेज का प्रेसिडेंट और CEO बनाया गया। 2004 में हुई इंडिगो की मार्केट में एंट्रीकाफी मशक्कत के बाद राहुल और राकेश को 2004 में इंडिगो एयरलाइन के लिए लाइसेंस मिला। इसी साल दोनों ने इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की नींव रखी। इस कंपनी में दोनों की हिस्सेदारी बराबर की थी। दिलचस्प यह है कि इंडिगो ने उस वक्त मार्केट में एंट्री ली, जब फ्यूल की कीमत में उछाल और रुपए में भारी गिरावट थी। इस समय भारतीय एयरलाइन इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही थी। किंगफिशर और स्पाइसजेट जैसी कंपनी घाटे में चल रही थीं। इंडिगो ने उधार लिए 5 लाख करोड़ के 100 जहाज 2005 में पेरिस में एक एयर शो हुआ। जिसमें इंडिगो ने एक साथ 5 लाख 43 हजार करोड़ (6.5 बिलियन डॉलर) के 100 एयरबस A320 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर देकर सबको चौंका दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश और राहुल ने सिर्फ 100 करोड़ लगाकर कंपनी शुरू की थी। ऐसे में हैरानी जायज थी, आखिर इतने कम इन्वेस्टमेंट में 100 जहाज कैसे लिया जा सकता है। पता चला कि इसके पीछे राकेश गंगवाल का हाथ था। राकेश पिछले तीन दशक से एविएशन फील्ड में काम कर रहे थे। इस वजह से एयरबस कंपनी में उनकी अच्छी जान-पहचान थी। एयरबस कंपनी उनके नाम पर उधार में जहाज देने को राजी हो गई। इंडिगो ने 4% डाउन पेमेंट पर 100 जहाज उठाए, उन्हें इसके साथ 40% का डिस्काउंट भी मिला। पहला जहाज उड़ाने में दो साल का वक्त लगाकंपनी को अपना पहला जहाज उड़ाने में 2 साल का वक्त लग गया। 28 जुलाई 2006 को इंडिगो को अपना पहला एयरबस मिला। जिसके एक हफ्ते बाद 4 अगस्त 2006 को दिल्ली से गुवाहाटी के लिए इंडिगो की पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी। यहां से भारतीय एविएशन इंडस्ट्री की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई। पहली उड़ान भरने के लगभग चार साल में ही इंडिगो ने एअर इंडिया को पीछे छोड़ते हुए 17.3% मार्केट शेयर के साथ तीसरा स्थान हासिल कर लिया। इंडिगो ने कॉस्ट कटिंग के लिए फ्री खाना हटाया इंडिगो ने पूरी तरह से मिडिल क्लास पर फोकस किया। कंपनी ने अपने जहाज में सिर्फ इकोनॉमी क्लास की सीटें लगाईं। हर फ्लाइट में 180 लोगों के बैठने की जगह बनाई गई। कॉस्ट कटिंग के लिए सफर के दौरान फ्री का खाना हटा दिया गया। कंपनी ने अपने स्टाफ को भी अलग तरह से ट्रेन किया। सभी को खास इंस्ट्रक्शन दिया गया कि 25 मिनट के अंदर जहाज फिर से उड़ने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। ग्राउंड स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी गई कि वह 6 मिनट के अंदर सभी पैसेंजर को जहाज से उतार दें। पैसेंजर के लगेज को 10 मिनट के अंदर लोड और अनलोड कर दिया जाए। । राकेश गंगवाल ने इंडिगो को पान की दुकान बताकर इस्तीफा दे दियाइंडिगो के लगातार बढ़ते कद को देखते हुए राकेश गंगवाल इसे तेजी से आगे बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने फरवरी 2018 में बताया था कि वित्त वर्ष 2019 में इंडिगो अपनी क्षमता में 52% का इजाफा करेगी। यानी 155 एयरक्राफ्ट वाली कंपनी अब अपने बेड़े में 95 एयरक्राफ्ट और बढ़ाने जा रही है। इसको लेकर कंपनी के तत्कालीन प्रेसिडेंट आदित्य घोष ने सीधे विरोध किया था। राहुल भी जल्दबाजी न दिखाते हुए सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहते थे। इस कारण धीरे-धीरे दोनों के बीच असहमति बढ़ती चली गई। राकेश इंडिगो के कॉर्पोरेट गवर्नेंस से नाराज थे। उन्होंने इंडिगो की तुलना, पान की दुकान से कर दी। इसके जवाब में राहुल ने कहा था, 'राकेश ऐसा एक भी मामला पेश नहीं कर पाए हैं जिससे इंडिगो को नुकसान का पता चलता हो। सच तो यह है कि मेरी पान की दुकान अच्छी चल रही है।' लंबे चले विवाद के बाद 2022 में राकेश गंगवाल ने एयरलाइन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। आज हर दिन इंडिगो की 2200 से ज्यादा उड़ानेंइंडिगो रोजाना 2200 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट कर रही है। देश के 90 से ज्यादा डोमेस्टिक और 40 से ज्यादा इंटरनेशनल उड़ाने हैं। कंपनी के बेड़े में 417 जहाज हैं। भारत में इंडिगो का 61.4% मार्केट शेयर है। यानी हर 10 में से 6 भारतीय इंडिगो फ्लाइट से सफर कर रहा है। कंपनी का दावा है कि वह हर 6 साल में अपने जहाज को रिटायर करती है। पिछले 3-4 दिनों से इंडिगो में मची अफरातफरी पिछले 4 दिनों में इंडिगो ने 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं और हजारों देरी से चल रही हैं... -------------- ये खबर भी पढ़ें... हवा में दो विमानों की टक्कर:पहला विमान पिघलकर क्रैश, पायलट की मौत, दूसरा कैसे सुरक्षित लैंड हुआ; 3D और Ai से देखिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर है NSW स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट क्लब। यहां हर वीकेंड पर पायलट्स हवा में कलाबाजियां करने की प्रैक्टिस करने जाते हैं। 30 नवंबर की दोपहर 4 प्लेन हवा में उड़ान भरते हैं। कलाबाजियां करने के बाद सभी प्लेन जैसे ही रनवे पर लौटने के लिए अलग होते हैं, तभी एक प्लेन दूसरे प्लेन के फ्यूलसेज से टकराता है और क्रैश कर जाता है। 3D मैप, वीडियो और AI के जरिए देखिए पूरी कहानी...

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:19 am

'फ्लाइंग क्रेमलिन' से रूस लौटे पुतिन की लग्जरी के किस्से:काला सागर के किनारे और जंगलों के बीच सीक्रेट पैलेस; जानिए घुड़सवारी जैसे क्या-क्या शौक हैं

भारत दौरे पर पुतिन की ‘ऑरस सीनेट’ कार सुर्खियों में रही। ये दुनिया की सबसे महंगी कार मानी जाती है। जो बुलेट, ग्रेनेड के साथ केमिकल अटैक भी झेल सकती है। इसमें प्रीमियम लेदर-वुड इंटीरियर, मसाज वाली सीटें, मल्टिपल स्क्रीन और फ्रिज कम्पार्टमेंट जैसी लग्जरी है। 5 दिसंबर की रात वो अपने 'फ्लाइंग क्रेमलिन' विमान में सवार होकर रूस लौट गए। भास्कर एक्सप्लेनर में पुतिन की लग्जरी-सीक्रेट लाइफ की रोचक कहानी… क्रेमलिन के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, पुतिन की एनुअल सैलरी 1 लाख 40 हजार डॉलर है यानी करीब 1 करोड़ 26 लाख भारतीय रुपए। पुतिन के पास 800 स्क्वायर फुट का अपार्टमेंट और तीन कार हैं। ये वो ऑफिशियल डेटा है जिसे उन्होंने सार्वजनिक किया है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि पुतिन दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्रपति हैं। अमेरिकी मूल के ब्रिटिश फाइनेंसर और जाने माने पॉलिटिकल एक्टिविस्ट बिल ब्राउनर के मुताबिक, पुतिन की नेटवर्थ 200 बिलियन डॉलर यानी लगभग 18 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है। ब्राउनर पहले रूस में सबसे बड़े फॉरेन इन्वेस्टर थे। उन्होंने 2017 में बताया कि पुतिन ने ये दौलत तब बनानी शुरू की, जब रूसी ओलिगार्क मिखाइल खोदोरकोव्स्की को 2003 में धोखाधड़ी और टैक्स चोरी के मामले में जेल भेजा गया। पुतिन का आधिकारिक आवास मॉस्को का ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस है, जिसे रूस की सत्ता का प्रतीक माना जाता है। 1990 के दशक में इस पैलेस को रेनोवेट किया गया था, जिसमें उस समय करीब 1 बिलियन डॉलर यानी 8 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस करीब 25,000 स्क्वायर मीटर में फैला है और इसमें 700 से ज्यादा कमरे हैं। इस पैलेस के इंटीरियर को सोने और महंगे क्रिस्टल से सजाया गया है, जिनका वजन कई टन तक है। इसके अंदर 5 शाही हॉल हैं जिनमें से सेंट एंड्रयू हॉल को सबसे ज्यादा लग्जरी माना जाता है। इस हॉल में सोने के तीन शाही सिंहासन रखे हैं। इस पैलेस के नीचे और दीवारों के भीतर सोवियत काल के सुरक्षित बंकर और सुरंगें हैं, जो इसे दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक बनाते हैं। इसके अलावा पुतिन के कई सीक्रेट पैलेस भी हैं। ब्लैक सी के किनारे बना सीक्रेट ‘पुतिन पैलेस’ रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी ने साल 2021 में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि ब्लैक सी के किनारे बना पुतिन का जेलेंडजिक सीक्रेट पैलेस मोनाको देश से 39 गुना बड़ा है। मोनाको का एरिया 2 स्क्वायर किमी है और पुतिन के सीक्रेट पैलेस का एरिया करीब 77-78 किमी स्क्वायर हो सकता है। तब विपक्षी नेता ने कहा था कि ये भ्रष्टाचार से बना है। हालांकि, तब पुतिन ने उस वीडियो और एलेक्सी नवलनी के दावे को भी खारिज कर दिया था। बाद में नवलनी को जेल हुई और 2024 में उनकी मौत हो गई। नवलनी के मुताबिक इस पैलेस की कीमत लगभग 1.35 बिलियन डॉलर यानी करीब 11 हजार करोड़ रुपए है। पूरी तरह से इटैलियन शैली में बना ये महल लग्जरी फीचर्स के लिए जाना जाता है। इस पैलेस एरिया में स्वीमिंग पूल, हुक्का बार या स्ट्रिप क्लब, कसीनो, थिएटर, आइस पैलेस जैसे ढेरों सुविधाएं मौजूद हैं। पैलेस के इंटीरियर को इटैलियन ब्रैंड्स के फर्नीचर से सजाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सीक्रेट पैलेस के नीचे 16 मंजिला अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन है। जिसे मांद कहते हैं। पुतिन पैलेस को नो-फ्लाई जोन है, जहां किसी भी विमान के उड़ने की परमिशन नहीं है। पैलेस के चारों तरफ लगभग 7,000 हेक्टेयर का सिक्योरिटी बफर जोन है जिसे रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB) कंट्रोल करती है. पैलेस के नीचे से कई सुरंगें भी हैं जो अलग-अलग दिशा में खुलती हैं। चारो तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा नोवो-ओगार्योवो- 'द रियल होम' पुतिन जिस घर में सबसे ज्यादा रहते हैं वो है मॉस्को के बाहरी इलाके 'रूबलियोवका' में बना नोवो-ओगार्योवो। पुतिन साल 2000 से यहां रह रहे हैं। उन्होंने क्रेमलिन ऑफिस जाने के बजाय इस जगह को इसलिए चुना ताकि रास्ते के ट्रैफिक से बचा जा सके। वैसे तो ये आलीशान घर साल 1950 में ही बन चुका था, लेकिन पुतिन के लिए इसे पूरी तरह से रिनोवेट किया गया। इंग्लिश गॉथिक स्टाइल में बना ये लग्जरी हाउस अपनी सुविधाओं के लिए भी काफी मशहूर है। नोवो-ओगार्योवो में एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है जिसमें एक बड़ा स्विमिंग पूल, जिम और अस्तबल है। यहां पुतिन के पसंदीदा घोड़े रहते हैं। इस घर के अंदर एक छोटा चर्च भी है। इसके अलावा आधिकारिक मुलाकातों के लिए 'रिसेप्शन हाउस', सिनेमा हॉल, हेलिपैड और सीक्रेट बंकर भी मौजूद है। रूस की इंडिपेंडेंट इन्वेस्टिगेटिव मीडिया आउटलेट के मुताबिक, पुतिन के नोवो-ओगार्योवो ऑफिस की तरह ही बाकी के पैलेस में भी हूबहू ऑफिस बनाए गए हैं। जिससे किसी भी स्थिति में दुश्मन को कन्फ्यूज किया जा सके। जंगलों में बना पुतिन का सबसे सुरक्षित फॉरेस्ट पैलेस पुतिन का एक ठिकाना मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के बीच घने जंगलों और झील के बीच भी है। इसे फॉरेस्ट पैलेस कहा जाता है। पुतिन यहां जाने के लिए हवाई जहाज या कार की जगह सीक्रेट आर्मर्ड ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। डोजियर सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पैलेस के पास सीक्रेट रेलवे स्टेशन भी है, जो आम नागरिकों के लिए नहीं है। यह स्टेशन चारों तरफ से ऊंची फेंसेस और सुरक्षा गार्ड्स से घिरा है। इस घर में रेसिंग ट्रैक, बड़ा खेल का मैदान, स्विमिंग पूल, मड बाथ और क्लिनिक भी मौजूद है। माना जाता है कि पुतिन के बच्चे भी यहीं रहते हैं। पुतिन की सबसे ज्यादा दिलचस्पी मार्शल आर्ट में है- खासकर जूडो और सांबो में। 11 साल की उम्र में ही उन्होंने जूडो की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। 1975 में उन्होंने लॉ की पढ़ाई के लिए ‘लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी’ में एडमिशन लिया। इस दौरान पुतिन जूडो में लेनिनग्राद के चैंपियन बने। 1978 में उन्हें ‘मास्टर ऑफ स्पोर्ट्स’ का खिताब मिला। उन्होंने जूडो पर किताब भी लिखी, जिसका नाम है- जूडो: हिस्ट्री, थ्योरी, प्रैक्टिस। पुतिन इस किताब के को-ऑथर हैं। इसके अलावा जूडो पर उन्होंने कई वीडियोज भी बनाए हैं। जूडो की ट्रेनिंग पर, पुतिन के करीबी और कोच इजिओ गाम्बा कहते हैं- ‘पुतिन ट्रेनिंग ऐसे करते हैं जैसे कोई बच्चा लेगो (ब्लॉक्स से खेला जाने वाला क्रिएटिव गेम) से खेल रहा हो। पुतिन पूरी गंभीरता से जूडो खेलते थे।’ आज भी पुतिन फिटनेस के लिए जू़डो खेलते हैं। डायरेक्टर ओलिवर स्टोन की डॉक्यूमेंट्री ‘द पुतिन इंटरव्यूज’ में बताया गया कि वे सप्ताह में सातों दिन एक्सरसाइज करते हैं। वे पहले जिम जाते हैं, फिर स्विमिंग करते हैं। सर्दियों में पुतिन अल्पाइन स्कीइंग करते हैं। पुतिन इसको एक्टिव रहने और फिटनेस बनाए रखने का बेहतरीन तरीका बताते हैं। 60 साल की उम्र में पुतिन पहली बार स्केट्स पर चढ़े। एक इंटरव्यू में इसे याद करते हुए पुतिन कहते हैं- मैं पहले से ही एक बूढ़ा अंकल था। सच कहूं तो, मैंने सोचा कि उन्हें तुरंत फेंक देना चाहिए। क्योंकि स्केट्स को रोकना मुश्किल हो रहा था, मैं सीधे किनारे से टकरा जाता था। बाद में हॉकी खिलाड़ी अलेक्सी कसातोनोव ने पुतिन को ट्रेनिंग दी, जिसके बाद वे रेगुलर तौर पर आइस-हॉकी खेलने लगे। वे कभी नाइट हॉकी लीग के मैचों में खेलते, तो कभी सुरक्षा सेवा (FSO) के कर्मचारियों के साथ। पुतिन ने कई बार गाला आइस हॉकी के मैच खेले हैं और कई गोल भी किए हैं। एक मैच में उन्होंने 8 गोल दागे थे। 2016 में एक आइस हॉकी मैच के दौरान पुतिन फिसलकर गिर गए थे। ये मैच रूस के नाइट हॉकी लीग के गाला में हुआ था। आइस हॉकी मैच पर पुतिन कहते हैं- एक मैच में मेरा 1.5-2 किलो वजन कम हो जाता है। यह बहुत स्ट्रेसफुल खेल है। पुतिन को एक्सट्रीम एक्टिविटीज का भी शौक है। वे कई बार नदियों में राफ्टिंग कर चुके हैं उन्होंने खुद को फॉर्मूला-1 ड्राइवर के रूप में भी आजमाया। पुतिन ने कई बार तो 240 किमी/घंटा की स्पीड से रेसिंग कार चलाई। वे बाथिस्काफ यानी छोटी पनडुब्बी जैसी मशीन में बैठकर बैकाल झील की गहराइयों में भी उतर चुके हैं। कई बार वे टीयू-160 और टीयू-160एम जैसे मिलिट्री बॉम्बर्स के कॉकपिट में बैठकर उड़ान भर चुके हैं, जहां सिर्फ प्रोफेशन पायलट्स बैठते हैं। 2009 में कहा जाने लगा कि पुतिन अब बूढ़े और कमजोर हो चुके हैं। वह राजनीतिक रूप से थका हुआ महसूस कर रहे हैं। लेकिन तभी अगस्त 2009 में पुतिन की कुछ तस्वीरें सामने आईं, जिनमें वह दक्षिणी साइबेरिया के तुवा रीजन में बिना शर्ट के घोड़े की सवारी करते हुए, मछली पकड़ते हुए और स्विमिंग करते हुए दिखे। मॉस्को टाइम्स के मुताबिक, इन तस्वीरें के जरिए पश्चिमी देश के नेताओं को ये दिखाया गया कि पुतिन मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट हैं। यह तस्वीर दुनिया भर में खूब वायरल हुई। 2017 में भी पुतिन ब्लागोवेशचेन्स्क जाते हुए अचानक दक्षिणी साइबेरिया में रुक गए थे। इसको रोमांचकारी बताते हुए पुतिन कहते हैं - मैं मुश्किल पहुंच वाली ताइगा में गया, पहाड़ी झीलों में मछली पकड़ी, धूप में लेटा, पहाड़ी नदियों और रैपिड्स से नीचे उतरा, नहरों में मोटरबोट और राफ्ट चलाए, हाइकिंग की और एटीवी चलाते हुए पहाड़ों से गुजरा। इसके बाद भी पुतिन कई बार साइबेरिया आते रहे। इसके अलावा पुतिन अक्सर बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ वलाम भी जाते हैं। वलाम मठ को पुतिन ‘रूस का मिरर’ कहते हैं, एक ऐसी जगह जहां उन्हें आध्यात्मिक सुकून मिलता है। पुतिन को किताबों का भी शौक है। वे बताते हैं कि उन्होंने यंग एज में जैक लंदन, जूल्स वर्न और अर्नेस्ट हेमिंग्वे जैसे राइटर्स की किताबें पढ़ीं। पुतिन रुसी, जर्मन और अंग्रेजी भाषाएं जानते हैं. उनके प्रेस सेक्रेटरी दिमित्री पेस्कोव बताते हैं कि इन भाषाओं में खुद को एक्सिलेंट बनाए रखने के लिए पुतिन जर्मन और अंग्रेजी टीवी चैनल्स देखते हैं और अखबार पढ़ते हैं। उनकी बेडसाइड वाली टेबल पर अक्सर इतिहास की किताबें और संस्मरण रखे होते हैं। फिक्शन में उनके पसंदीदा लेखक रूसी साहित्यकार लेर्मोनतोव हैं। इसके अलावा पुतिन को बचपन से ही रुडयार्ड किपलिंग भी पसंद है। कई बार वे पॉलिटिक्स या इंटरनेशनल सिचुएशन को समझाने के लिए किपलिंग के किरदारों- जैसे शेर खान का उदाहरण देते हैं। पुतिन रूसी, जर्मन और अंग्रेजी भाषाएं बोलते हैं। उनके प्रेस सेक्रेटरी दिमित्री पेस्कोव बताते हैं- जर्मन और अंग्रेजी भाषा में पकड़ बनाए रखने के लिए वे जर्मन और अंग्रेजी टीवी चैनल्स देखते हैं। हफ्ते में कई बार वे अंग्रेजी अखबार पढ़ते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे अपना शब्द-भंडार कम नहीं होने देना चाहते। खाने में पुतिन को ऑर्गेनिक और पारंपरिक रूसी खाना पसंद है। मछली उनका सबसे फेवरेट फूड है। वे कम शुगर वाली आइसक्रीम खाना भी पसंद करते हैं। पुतिन अपनी फिटनेस पर काफी ध्यान देते हैं.. इसलिए वे कई तरह के सलाद भी खाते हैं। इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति कभी-कभी खाना भी बनाते हैं। 2018 में एक मीडिया फोरम में उन्होंने कहा कि, ‘मैं सलाद बनाता हूँ, बहुत स्वादिष्ट बनता है।’ एक बार पुतिन ने सीक्रेट मैरीनेट में बने रुसी कबाब तैयार किए थे, जिसकी तारीफ तुवा गणराज्य के पूर्व प्रमुख, शोल्बान कारा-ओल ने की थी।---------पुतिन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए-पुतिन का 60 साल में तलाक, 31 साल छोटी गर्लफ्रेंड: बच्चों को ब्रिटेन से पढ़ाने आते हैं टीचर; रूसी राष्ट्रपति की सीक्रेट फैमिली रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिन के दौरे पर भारत आए। उनके साथ करीब 100 लोगों की टीम है, लेकिन इसमें परिवार का एक भी सदस्य नहीं है। 2012 में आखिरी बार पुतिन अपनी पत्नी के साथ दिखे थे। इसके बाद विदेश दौरे तो क्या रूस में भी पुतिन का परिवार कहीं नहीं दिखा। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:09 am

अभिजीत कातिल नहीं तो मॉडल दिव्या पाहूजा को किसने मारा:9 गवाह पलटे, गैंगस्टर के परिवार पर शक; होटल बोला- CCTV फुटेज हमारा नहीं

2 जनवरी 2024, शाम करीब 6 बजे का वक्त था। गुरुग्राम के एक होटल में 27 साल की मॉडल दिव्या पाहूजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरुआती जांच में घटना सिटी पॉइंट होटल के कमरा नंबर-111 में होने का दावा किया गया। हत्या का आरोप बिजनेसमैन अभिजीत पर लगा। अभिजीत ने पहले पुलिस को बयान दिया था कि दिव्या 30 लाख रुपए की डिमांड कर रही थी। उसने पैसों के साथ गुरुग्राम के होटल में एक लेस्बियन (समलैंगिक) पार्टनर की डिमांड की थी। इसी से नाराज होकर अभिजीत ने दिव्या को गोली मार दी थी। फिर दोस्त बलराज और होटल स्टाफ की मदद से लाश नहर में ठिकाने लगा दी। अब इस वारदात के करीब 2 साल पूरे होने वाले हैं। मॉडल की बहन नैना पाहूजा और मां सोनिया पाहूजा अब अभिजीत पर हत्या के आरोप से पलट गई हैं। दोनों ने गुरुग्राम कोर्ट में बयान दर्ज कराया है कि उन्हें दिव्या की हत्या का शक गैंगस्टर संदीप गाडोली के परिवार वालों पर है लेकिन पुलिस ने इस एंगल से जांच ही नहीं की। कोर्ट में अब तक 15 में से 9 गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। सभी अपने बयान से पलट गए हैं। 2 दिसंबर 2025 को चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने भी आरोपी अभिजीत को सशर्त जमानत दे दी है। आखिर दिव्या पाहूजा केस में क्या नया मोड़ आया है। होटल के जिस सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने केस में अहम माना था। उसे लेकर होटल स्टाफ ने दावा कर दिया है कि फुटेज उनके होटल के नहीं हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने भी गवाहों के कोर्ट में दिए बयान और चार्जशीट की पड़ताल की। सबसे पहले केस में आरोपी अभिजीत की बात…2 दिसंबर को चंडीगढ़ हाईकोर्ट से शर्तों के साथ जमानत मिली मॉडल दिव्या पाहूजा मर्डर केस को लेकर हमने चंडीगढ़ हाईकोर्ट में अभिजीत का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट विनोद घई से बात की। उन्होंने बताया, ‘2 दिसंबर को अभिजीत को रेगुलर जमानत का आदेश जारी हुआ। इस केस में शिकायत करने वाली दिव्या की बहन और मां दोनों ने अपना बयान वापस ले लिया।‘ ‘केस में गवाह रहे होटल स्टाफ ने भी लोअर कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज को लेकर सवाल उठाए थे। स्टाफ ने बताया था कि पुलिस ने जो सीसीटीवी फुटेज पेश किया है, वो होटल से जब्त नहीं किया गया था। लिहाजा हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ अभिजीत को जमानत दे दी है।‘ 15 में से 9 गवाह पलटे, मां-बहन को गैंगस्टर के परिवार पर शक गुरुग्राम कोर्ट में आरोपी अभिजीत का केस देख रहे एडवोकेट प्रशांत यादव कहते हैं, ‘इस केस में वारदात के करीब 88 दिन बाद चार्जशीट फाइल हुई थी। कुल 15 गवाह थे। इनमें से 9 गवाह के बयान कोर्ट में दर्ज किए जा चुके हैं। कोर्ट में दिव्या की मां-बहन और होटल के 5 स्टाफ से सवाल-जवाब हुए हैं। मेघा केस में अप्रूवर थी। उसे भी एग्जामिन किया जा चुका है।‘ ‘सभी ने स्टेटमेंट आरोपी के पक्ष में दिया है। इन्होंने दावा किया है कि उस दिन दिव्या पाहूजा नाम की लड़की होटल में ही नहीं आई थी। मॉडल की बहन नैना और मां सोनिया ने सभी आरोप वापस ले लिए हैं। इन्होंने कहा है कि अभिजीत पर उन्हें शक नहीं है। बल्कि उन्होंने मुंबई में मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली के परिवार पर शक जताया है।‘ ‘नैना ने बयान में कहा है कि दिव्या मुंबई में संदीप के एनकाउंटर केस में आरोपी थी। उस केस में उसे धमकी भी मिली थी।‘ अब मॉडल की बहन नैना का बयान…आखिर दिव्या की बहन ने कोर्ट में क्या बयान दियामृतक दिव्या पाहूजा के मर्डर के बाद उनकी बहन नैना ने FIR दर्ज कराई थी। पुलिस ने चार्जशीट में नैना का बयान भी दर्ज किया है। जिसमें अभिजीत पर हत्या का आरोप लगाया गया था। हालांकि कोर्ट में गवाहों से हुए सवाल-जवाब के दौरान वो अपने इस बयान से पलट गईं। 13 अगस्त 2025 को ये दर्ज हुआ था। नैना ने बयान में कहा- ‘25 सितंबर 2024 को गुरुग्राम पुलिस के सामने दिया गया बयान मेरी इच्छा से नहीं लिया गया था। तब गुरुग्राम पुलिस ने जैसा कहा था, मैंने वैसा बयान दे दिया था। क्योंकि उस वक्त मैं बहन की मौत की वजह से परेशान थी। पुलिस ने मुझसे जहां साइन करने के लिए कहा, मैंने वहां साइन कर दिए थे। मैंने पुलिस से अभिजीत और बलराज के खिलाफ हत्या को लेकर शिकायत नहीं की है।‘ हमें संदीप गाडोली के परिवार पर शक, पुलिस ने पूछताछ नहीं की नैना ने बयान में आगे कहा, ‘मैंने बहन के मर्डर के लिए गैंगस्टर संदीप गाडोली के परिवार पर शक जताया है न कि आरोपी अभिजीत या अदालत में मौजूद बाकी आरोपियों पर। पुलिस ने इस मामले में जानबूझकर गाडोली परिवार से पूछताछ नहीं की। गैंगस्टर की हत्या में उसके परिवार वालों ने मेरी बहन का नाम बेवजह फंसाया था। इन सबकी वजह से उसे जेल जाना पड़ा और वहां भी उसे परेशान किया गया।‘ ‘तभी संदीप की बहन सुदेश कटारिया और भाई ब्रह्म प्रकाश ने खुलेआम कहा था कि जैसे ही इस मामले में कोई भी आरोपी जमानत पर रिहा होगा, वो उसे मार डालेंगे। उन्होंने ही मेरी बहन को टारगेट किया है लेकिन पुलिस ने मामले को दूसरी दिशा में मोड़ दिया।‘ ‘मैंने आज कोर्ट में पुलिस की पेश किया सीसीटीवी फुटेज देखा लेकिन मेरी बहन फुटेज में कहीं नहीं दिख रही है।‘ अब होटल स्टाफ के बयान की बात…होटल स्टाफ का दावा- हमारे होटल का सीसीटीवी फुटेज ही नहींआरोपी अभिजीत के जिस सिटी पॉइंट होटल में दिव्या पाहूजा के मर्डर की बात कही गई है। उसके 35 साल के रिसेप्शनिस्ट दिनेश के बयान से केस में नया मोड़ आ गया है। दिनेश ने 5 सितंबर 2025 को कोर्ट में बयान दर्ज कराया है, जिसमें कहा है, ‘मैं होटल सिटी पॉइंट में रिसेप्शनिस्ट का काम करता हूं। 3 जनवरी 2024 को पुलिस होटल में आई थी। मुझसे दिव्या पाहूजा के बारे में पूछा गया था।‘ ‘ये भी पूछा गया था कि क्या 2 जनवरी की रात अभिजीत के साथ कोई लड़की होटल में आई थी या नहीं। हमने पुलिस को बताया था कि इस नाम की कोई लड़की 2 जनवरी को होटल में नहीं आई थी। हमने सीसीटीवी फुटेज, सभी कमरे और विजिटर के रिकॉर्ड भी दिखाए थे। पुलिस को उस दिन यहां से कुछ नहीं मिला था और वो लौट गई थी।‘ ‘हमें कोर्ट में जो सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया, उसमें भी दिव्या नाम की कोई लड़की नहीं दिख रही है। वास्तव में जो फुटेज दिखाया जा रहा है, वो तो हमारे होटल का भी नहीं है। इस बारे में हमने पहले भी पुलिस को सूचना दी थी।‘ आरोपी अभिजीत का बयान…30 लाख रुपए के लिए ब्लैकमेल कर रही थी इसलिए मारी गोलीदिव्या मर्डर केस को लेकर अभिजीत ने गुरुग्राम पुलिस के सामने दो बार बयान दिए थे। पहले बयान में 30 लाख रुपए को लेकर दिव्या के ब्लैकमेल करने की बात थी। इसी को लेकर गुस्से में हत्या करने की बात कही थी। वहीं दूसरी बार दर्ज कराए बयान में अभिजीत ने दिव्या को लेस्बियन बताया था। उसने अपने बयान में दिव्या पर आरोप लगाया- ‘2014 में मेरी मुलाकात दिव्या से हुई थी। वो गुरुग्राम में मेरे सिटी पॉइंट होटल के नजदीक बस स्टैंड से आती-जाती थी। उसके साथ मेरे अवैध संबंध थे। वो साल 2016 में संदीप गाडोली मर्डर केस में जेल भी चली गई थी। 2023 में उसे जमानत मिली थी। इसके बाद वो फिर मुझसे मिलने लगी।‘ ‘मैं उसे रुपए भी देता था। तब से दिव्या मुझसे 3 लाख 50 हजार रुपए ले चुकी थी। करीब 1 लाख 40 हजार रुपए का एक आईफोन भी दिया था। बाद में उसकी डिमांड बढ़ने लगी। जब देने से मना किया तो वो कहने लगी कि तुम्हारे परिवार और दोस्तों को बता दूंगी। कहने लगी कि इन सबसे बचना है तो 30 लाख रुपए दे दो।‘ ‘मैंने दिव्या को पैसे देने से मना कर दिया। 1 जनवरी 2024 को वो मेरे घर आई थी। वहां मेरा दोस्त बलराज और रवि बंगा भी थे। इनके बाद में मेघा भी आई थी। हालांकि वो जल्दी चली गई थी। फिर दिव्या ने मुझसे पैसे लेने के लिए दबाव बनाया। मैंने सोचा कि दिव्या मेरी बेइज्जती ना कर दे इसलिए हम उसी रात करीब सवा 3 बजे दिल्ली से गुरुग्राम के लिए निकल गए।‘ दिव्या की डिमांड- मैं लेस्बियन, मेरे लिए फीमेल पार्टनर बुलाओअभिजीत बयान में आगे बताते हैं, ‘हम करीब सवा 4 बजे गुरुग्राम के होटल पहुंचे। वहां मैं 114 नंबर रूम अपने लिए परमानेंट बुक रखता हूं लेकिन उस दिन चाबी नहीं मिली। इसलिए हमने रूम नंबर 111 खुलवाया। फिर बलराज चला गया लेकिन मैं और दिव्या वहीं रुक गए। अगले दिन (2 जनवरी) हम दोपहर के बाद सोकर उठे। तभी दिव्या ने बातचीत में कहा कि वो लेस्बियन है। उसे अभी एक पार्टनर चाहिए।‘ ‘फिर मैंने मेघा को फोन कर बुलाया। दिव्या फिर मुझ पर पैसों का दबाव बनाने लगी। मेरे पास देसी पिस्टल थी। शाम करीब 6 बजे ही मैंने दिव्या के सिर पर सामने से गोली मार दी। वो फर्श पर गिर गई। मैं कुछ देर तक बेड पर बैठा रहा।' ‘करीब 7 बजकर 50 मिनट पर मेघा का फोन आया। मैं उसे लेकर रूम नंबर-111 में पहुंचा। मेघा अंदर गई तो खून देखकर बोली कि काका ये आपने क्या कर दिया। मैंने मेघा से बताया कि दिव्या बार-बार पैसे मांगती थी। इसलिए उसे गोली मार दी।‘ ‘मैंने मेघा को दिव्या का फोन और पिस्टल ठिकाने लगाने के लिए दे दिया। रात करीब साढ़े 10 बजे जब बलराज और रवि आए, तब मैंने होटल स्टाफ हेमराज और ओमप्रकाश को 5-5 लाख रुपए का लालच दिया और उनसे दिव्या की डेडबॉडी नहर में फेंकने के लिए कहा।‘ पेट्रोल, सैनिटरी पैड्स से क्राइम सीन पर मिटाए गए खून के धब्बेचार्जशीट के मुताबिक, दिव्या पाहूजा के मर्डर केस में जब फोरेंसिक टीम ने होटल के रूम नंबर 111 की छानबीन की थी, तब वहां से पेट्रोल की गंध आ रही थी। मौके से हरे रंग की पेट्रोल की बोतल भी मिली थी। साथ ही कई सैनिटरी डिस्पोजबल पैड्स मिले थे। इनसे दीवार और फर्श पर लगे खून के धब्बे साफ करने की कोशिश की गई थी। हालांकि, जांच टीम को सीढ़ियों समेत कई जगहों से खून के सैंपल मिले थे। चार्जशीट में लिखा है कि जब नहर से दिव्या पाहूजा की लाश मिली, तब पोस्टमॉर्टम के दौरान पता चला कि मर्डर के दौरान उसे पीरियड्स थे। इसलिए आशंका जताई गई कि दिव्या ही अपने साथ सैनिटरी पैड का पैकेट लाई थी। जिसका इस्तेमाल कर खून के निशान साफ करने की कोशिश हुई थी। नए साल पर पहली बार दिव्या से मिली, 2 जनवरी को पार्टी में बुलायाहमने केस में गवाह रही मेघा के कोर्ट में दिए बयान की भी पड़ताल की। मेघा ने ये बयान 30 जुलाई 2024 को दिया था। इसमें कहा गया- ‘मैं डिलीवरी गर्ल थी। एक पोर्टर एप्लिकेशन के लिए डिलीवरी का काम करती थी। मुझे एक परिचित ने अभिजीत से मिलवाया था।‘ ‘मैं 1 जनवरी 2024 को उनकी न्यू ईयर पार्टी में गई थी। वहीं मैं पहली बार दिव्या से मिली, वो नशे में थी। इससे पहले कई बार उसका नाम सुना था। उसने काफी शार्ट ड्रेस पहनी हुई थी। उसके पास एक छोटी पिस्टल भी थी, जिससे उसने फायर भी किया था। रात करीब 8 बजे मैं पार्टी से निकल गई थी।‘ ‘2 जनवरी की सुबह करीब 11 बजे एक अनजान नंबर से कॉल आया। वो दिव्या का था। उसने मुझे गुरुग्राम के सिटी पॉइंट होटल में पार्टी के लिए बुलाया। उसके बाद मैंने अभिजीत को फोन कर पूछा था कि होटल आना है या नहीं। अभिजीत ने हामी भरी तो मैं शाम को करीब 7 से साढ़े 7 बजे के बीच वहां पहुंची थी।‘ ‘अभिजीत ने पहले मुझे होटल दिखाया, फिर रूम नंबर-111 में ले गए। वहां दिव्या नहीं थी। बेड पर कई शॉपिंग बैग्स पड़े थे। वहां हमने कुछ देर दिव्या का इंतजार किया। अभिजीत ने कई बार दिव्या को कॉल भी किया लेकिन वो कॉल काट रही थी। इसके बाद हम होटल के कमरे से बाहर आ गए।‘ ‘मैं रात 8 से 9 बजे के बीच होटल से निकल गई थी। होटल में इससे पहले क्या हुआ था या क्या नहीं हुआ था, इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता।‘..................................ये खबर भी पढ़ें... प्रेमी की लाश से शादी, बोली-जयभीम वाला था, इसलिए मारा ‘मैं और सक्षम 3 साल से रिश्ते में थे। सक्षम दूसरी जाति का था, इसलिए मेरे पापा को हमारा रिश्ता पसंद नहीं था। वे मुझसे कहते थे, कोई भी दूसरा लड़का बताओ, उससे तुम्हारी शादी करवा दूंगा, लेकिन इससे नहीं होने दूंगा। पापा और मेरे भाइयों ने सक्षम को कई बार धमकी दी थी। आखिरकार उसे मार डाला।’ 19 साल की आंचल मामीडकर ये बात बताते हुए रोने लगती हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ में रहने वाली आंचल अनुसूचित जाति से आने वाले सक्षम से प्यार करती थी। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:05 am

'24 साल टीचर रहीं, BLO बनाकर मां को मार डाला':कामचोर कहा तो फांसी लगाई, पश्चिम बंगाल SIR में 39 मौतों की वजह क्या

‘मां के मरने के बाद लोगों ने तरह-तरह की बातें कहीं। बहुत बुरा लगा, जब उन्हें फाकीबाज (कामचोर) कहा गया। वे स्कूल में बायोलॉजी पढ़ाती थीं। उम्र 53 साल थी। कुछ साल में रिटायर हो जातीं। दो महीने पहले ही उन्हें बीएलओ बनाया गया था। 24 साल की नौकरी में पहली बार ये काम कर रही थीं। SIR के काम की वजह से प्रेशर में थीं। 22 नवंबर की रात उन्होंने सुसाइड कर लिया।’ पश्चिम बंगाल में नादिया जिले के कृष्णानगर में रहने वाले अरिक्तो रिंकू तरफदार के बेटे हैं। रिंकू टीचर थीं, लेकिन पश्चिम बंगाल में SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन की प्रोसेस शुरू होने के बाद उन्हें बीएलओ का काम मिला था। आरोप है कि रिंकू पर काम समय से पूरा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इससे वे परेशान थीं और उन्होंने फांसी लगा ली। सुसाइड नोट में भी उन्होंने काम के दबाव की बात लिखी है। SIR के दूसरे फेज में राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट के लिए डेटा जुटाया जा रहा है। 30 नवंबर तक 7 राज्यों में 29 बीएलओ की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 9 मौतें मध्यप्रदेश में हुई हैं। पश्चिम बंगाल में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं। इसलिए यहां SIR की वजह से ज्यादा कंट्रोवर्सी है। सरकार चला रही TMC का दावा है कि SIR के दौरान राज्य में 39 मौतें हो चुकी हैं। इनमें 4 बीएलओ हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। पश्चिम बंगाल में 4 बीएलओ की मौत, दो सुसाइड ‘मेरी आत्महत्या के लिए इलेक्शन कमीशन जिम्मेदार है। मेरा किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं है। मैं बहुत साधारण इंसान हूं, जो इलेक्शन कमीशन के इस दबाव को नहीं झेल पा रही हूं। मैंने ऑफलाइन 95% काम पूरा कर लिया है, लेकिन ऑनलाइन नहीं कर पा रही हूं। इसके लिए BDO ऑफिस और सुपरवाइजर को भी बताया, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। ऐसा दबाव बाकी बीएलओ पर न डाला जाए।’ ये रिंकू तरफदार के सुसाइड नोट का एक हिस्सा है, जिसमें उन्होंने इलेक्शन कमीशन और वर्कलोड का जिक्र किया था। हमने इस बारे में रिंकू के बेटे अरिक्तो से बात की। रिंकू के भाई कैफे चलाते हैं, अरिक्तो से हमारी मुलाकात उनके कैफे में ही हुई। अरिक्तो बताते हैं, ‘मां दो महीने पहले ही बीएलओ बनी थीं। ये काम पढ़ने-पढ़ाने से एकदम अलग था। वे लगातार परेशान थीं। इलेक्शन कमीशन की ओर से कोई भी नया नोटिफिकेशन आता, तो घबरा जाती थीं।’ ‘मम्मी ने इतने साल एक सेट पैटर्न में बच्चों को पढ़ाया था। इस उम्र में आकर कुछ नया सीखना थोड़ा मुश्किल था। उन्होंने फील्ड का सारा काम लगभग कर लिया था। उन्हें बस डेटा अपलोड करने में परेशानी हो रही थी।' अरिक्तो आगे बताते हैं, 'मैं और मेरी दीदी दोनों घर पर नहीं रहते। कोरोना के दौरान मम्मी को ऑनलाइन क्लास लेनी होती थी। तब मैं या दीदी जूम में क्लास शुरू कर देते थे। इस बार काम थोड़ा मुश्किल था। इलेक्शन कमीशन की तरफ से बार-बार चीजें बदली जा रही थीं।’ ‘मम्मी को डर था, कुछ गलती न हो जाए’अरिक्तो मम्मी के साथ वॉट्सऐप पर 18 नवंबर को हुई चैट दिखाकर बताते हैं, ‘सुसाइड से 4 दिन पहले मम्मी ने मेरे पास इलेक्शन कमीशन का नोटिफिकेशन भेजा था। पूछा था कि इसमें क्या करना है। वे बहुत घबराई हुई थीं। उन्हें डर था ऑनलाइन कुछ गलत हो गया, तो क्या होगा। पहले करेक्शन का भी ऑप्शन नहीं था, न ही कोई हेल्पलाइन नंबर था।’ अरिक्तो बताते हैं, ‘मम्मी की ड्यूटी 18 किलोमीटर दूर थी। उनका स्कूल भी वहीं था। हम 2013 में चापरा से कृष्णानगर शिफ्ट हो गए थे। सारे डॉक्यूमेंट पुराने घर के ही थे, इसलिए मम्मी को बीएलओ का काम भी वहीं के हिसाब से मिला था।’ ‘मम्मी को रोज 18 किमी दूर जाना पड़ता था। ऑनलाइन अपलोड से बढ़ते प्रेशर को देखते हुए उन्होंने बीडीओ को इसकी शिकायत की, ताकि उन्हें काम से हटा दिया जाए। बीडीओ नहीं माने और नौकरी छोड़ने के लिए कहने लगे। मम्मी ने तुरंत नौकरी छोड़ने के लिए हां कर दी थी, लेकिन उन्हें कहा गया तो काम करके देना पड़ेगा।’ ‘नौकरी छोड़ने के बारे में कहा, लेकिन छोड़ नहीं पाईं’आगे की बात अरिक्तो के पास बैठे उनके मामा अर्नब साह बताते हैं। वे कहते हैं, ‘दीदी इस काम को लेकर परेशान थी। उन्होंने पहले स्कूल के प्रिंसिपल को बताया था। उन्होंने बीडीओ से मिलने के लिए कहा। बीडीओ ऑफिस से कलेक्टर ऑफिस जाने के लिए कहा गया। वहां उनसे कहा गया कि नौकरी छोड़ दो। दीदी घर आईं और हमसे पूछा कि मैं नौकरी छोड़ दूं क्या। तीन दिन कहती हैं कि मुझे पता चला है, अगर मैं नौकरी छोड़ भी दूं, तो भी काम पूरा करना ही पड़ेगा। अर्नब आगे कहते हैं, ‘दीदी को नौकरी का लालच नहीं था। उनका परिवार संपन्न है। जीजाजी का बिजनेस हैं। दीदी को सिर्फ 14,500 रुपए सैलरी मिलती थी। पढ़ाना उनका पैशन था। हर किसी को सिर्फ सुसाइड के बारे में जानना है, लेकिन इसके बाद क्या कुछ सुधार होगा। इतनी बड़ी प्रक्रिया के तहत काम किया जा रहा है, लेकिन न कोई हेल्प लाइन नंबर है, न ही कोई हेल्प डेस्क, क्या और बीएलओ की मौत का इंतजार हो रहा है।’ शांतिमणि एक्का आंगनबाड़ी में काम करती थीं। बीएलओ बनाए जाने के बाद वे घर-घर जाकर SIR के फॉर्म बांटती थीं। फिर उन्हें वापस लेने जाती थीं। 19 नवंबर को उन्होंने अपने घर के आंगन में फांसी लगा ली। शांतिमणि की बेटी सुलेखा बताती हैं, ‘मेरी मम्मी के लिए ये काम कर पाना बहुत मुश्किल था। उन पर जल्दी काम करके देने का दबाव था। वे इस प्रेशर को बर्दाश्त नहीं कर पाईं। हमारा घर चाय बागान वाले एरिया में है।’ सुलेखा आगे बताती हैं, ‘ज्यादातर लोग फॉर्म नहीं भर पा रहे थे। सभी मम्मी से ही फॉर्म भरवा रहे हैं। कुछ लोग खुद फॉर्म भर कर दे रहे थे, उसमें कई गलतियां कर रहे थे। लोग बार-बार मम्मी से कह रहे थे अगर कुछ गलत हो गया, तो हमें सरकारी सुविधा नहीं मिल पाएगी। ‘सारा दिन फील्ड में काम करने के बाद घर पर फॉर्म भरती थीं। उस पर भी अधिकारी रोज रात को कहते थे कि जल्दी काम करो, अभी इतना ही काम हुआ है। यह प्रेशर लगातार बढ़ रहा था। मम्मी भाषा और ऑनलाइन फॉर्म भरने को लेकर परेशान थी।' 'वे आंगनबाड़ी वर्कर थीं, उनसे ऑनलाइन काम की उम्मीद नहीं की जा सकती। परेशान होकर मम्मी और भाई जॉइंट बीडीओ मोहम्मद तौकीफ अली के पास गए थे। उनसे कहा था कि ये काम नहीं हो पाएगा। उन्होंने कोई बात नहीं सुनी।' हमने इस बारे में जॉइंट बीडीओ से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। कहा कि इस बारे में सीनियर अधिकारियों से पूछिए। माल बाजार एसडीओ ने भी बयान देने से इनकार कर दिया। बीएलओ बोले- ऑनलाइन फॉर्म भरने की ट्रेनिंग नहीं मिलीहमने कुछ बीएलओ से SIR की प्रोसेस के दौरान होने आ रही परेशानियों के बारे में बात की। सबोरनी सन्याल मंडल कृष्णानगर की बीएलओ हैं। उनका ऑनलाइन फॉर्म भरने का कुछ काम बाकी रह गया है। सबोरनी बताती हैं, ‘14 नवंबर से SIR का काम शुरू हुआ। उसी दिन से ऑनलाइन फॉर्म भी अपलोड करने थे। इसके लिए कई बार नियम बदले गए। सबसे बड़ी समस्या थी कि फॉर्म में गलती सुधारने का विकल्प नहीं था। इससे बीएलओ परेशान थे कि सरकारी कागज हैं, कोई गलती न हो जाए। शिकायत के बाद इसे ठीक किया गया। 22 नवंबर के बाद सारी चीजें दुरुस्त हुईं। तब से काम सही चल रहा है।’ काम में क्या दिक्कतें आईं? सबोरनी बताती हैं, ‘हमें सिर्फ ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए ट्रेनिंग दी गई है। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए ट्रेनिंग नहीं मिली। सबसे बड़ी समस्या अपलोडिंग की थी। दिन में तो ज्यादातर वेबसाइट बिजी रहती है। कई बार इतनी हैंग होती कि पूरा फॉर्म भरने के बाद अगर सब्मिट नहीं हुआ, तो दोबारा पूरी प्रोसेस करनी पड़ती है।' 'मैं कई बार फंस गई थी। बाद में मैंने सुबह 4 बजे उठकर फॉर्म भरना शुरू किया। इसके अलावा सीरियल नंबर मिलने में भी देरी हुई। इससे फॉर्म बांटने में परेशानी हुई।’ हालांकि आसनसोल के बीएलओ मोहित कुमार सिंह बताते हैं, ‘हमें एक-एक चीज की ट्रेनिंग दी गई है। कई बार अधिकारी बीएलओ के साथ फील्ड पर गए। एक समस्या भाषा को लेकर हुई, इससे बीएलओ का काम बढ़ गया।’ ‘पूरा फॉर्म बांग्ला में था। हिंदी प्रदेशों से आए लोगों को बांग्ला नहीं आती। फॉर्म अंग्रेजी में भरने का प्रावधान है। मैंने कई वोटर्स को एक-एक चीज अच्छे से बताई, फिर भी गलतियां हुईं। आखिर में मैंने वोटर्स को घर में बुलाकर, सामने बैठाकर फॉर्म भरवाया। इसमें काफी समय लगा, लेकिन गलती की आशंका कम हो गई।’ ‘इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म भरने में परेशानी हुई। कई बार फॉर्म भरने के बाद भी उस पर डेटा अपडेट नहीं होता है। हम लोगों के पास भी 11 दिसंबर तक का समय है। अगर तब तक नहीं दिया, तो ऑनलाइन अपडेट में परेशानी होगी।’ एक परेशानी उर्दू बोलने वाले लोगों को हो रही है। पश्चिम बंगाल के इंडस्ट्रियल इलाके में यूपी-बिहार के ज्यादातर मुस्लिम उर्दू बोलते हैं। इसकी वजह उर्दू स्कूल हैं। फरहद जबी उर्दू भाषा स्कूल में टीचर हैं। उनका घर बर्धमान जिले की कुल्टी विधानसभा सीट में है। फरहद भी बीएलओ हैं। वे कहती हैं, ‘मेरे इलाके में ज्यादातर लोग उर्दू बोलने वाले हैं और फॉर्म बांग्ला में है। मुझे अंग्रेजी का एक ऑनलाइन फॉर्म मिला था। इसके जरिए मैंने वोटर्स को समझा दिया। यह परेशानी मेरे लिए भी थी।’ कुल्टी के नियामतपुर में रहने वाले मोहम्मद तबरेज अंसारी SIR का फॉर्म भरने आए थे। वे कहते हैं, ‘SIR के फॉर्म में भाषा का विकल्प नहीं है। आप फॉर्म तो अंग्रेजी में भर सकते हैं, लेकिन पढ़ना तो बांग्ला में है। इस परेशानी को दूर करने के लिए बांग्ला समझने वाले लड़कों से मदद लेनी पड़ी।’ ममता का वादा- किसी का नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटेगापश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC SIR का विरोध कर रही है। कोलकाता के धर्मतल्ला में पार्टी की रैली में ममता ने कहा कि SIR के डर से लोग जान न दें, किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा। वहीं मुर्शिदाबाद में हुई रैली में उन्होंने कहा कि SIR के बहाने BJP पश्चिम बंगाल में डिटेंशन कैंप खोलना चाहती है। मैं ऐसा होने नहीं दूंगी। इसके अलावा TMC सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 28 नवंबर को चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार से मिला था। उन्हें SIR की प्रक्रिया के दौरान मरने वाले 39 लोगों की लिस्ट सौंपी, जिनमें रिंकू तरफदार और शांतिमणि एक्का के अलावा 2 और बीएलओ हैं। BJP बोली- ममता सरकार मदद करती तो बीएलओ पर कम प्रेशर होताबीएलओ के सुसाइड के बारे में पूछने पर BJP की जनरल सेक्रेटरी अग्निमित्रा पॉल ममता सरकार पर आरोप लगाती हैं। वे कहती हैं, ‘इलेक्शन कमीशन ने ऑनलाइन प्रोसेस आसान बनाने के लिए राज्य सरकार से एक हजार डेटा ऑपरेटर मांगे थे, ताकि जिन बीएलओ को ऑनलाइन फॉर्म भरने में परेशानी हो रही है, उन्हें सुविधा मिले। राज्य सरकार ने मदद नहीं की।' SIR के लिए पश्चिम बंगाल में 80,600 से ज्यादा बीएलओ, 8 हजार सुपरवाइजर, 3 हजार AERO और 294 ERO तैनात हैं। नवंबर के आखिरी सप्ताह तक राज्य में करीब 14 लाख फॉर्म ‘अनकलेक्टेबल’ के तौर पर पहचाने गए हैं। ये वोटर या तो गैर-हाजिर थे, डुप्लीकेट थे, मर चुके हैं या हमेशा के लिए कहीं चले गए हैं। SIR का फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 4 दिसबंर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी गई है। ड्राफ्ट की पहली लिस्ट 16 दिसंबर तक आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया कि वे SIR में लगे बूथ लेवल अधिकारियों से काम का दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाने पर विचार करें।.....................................SIR पर ये स्टोरी भी पढ़ें बंगाल में SIR के विरोध में BLO का प्रदर्शन SIR के विरोध में एक दिसंबर को कोलकाता में पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) के ऑफिस के बाहर BLO अधिकार रक्षा कमेटी के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। ठीक उसी समय BJP नेता सुवेंदु अधिकारी और पार्टी के MLA चुनाव अधिकारियों के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे थे। BJP कार्यकर्ताओं से भी प्रदर्शनकारियों की बहस हुई। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 5:05 am

दोस्त पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता की भेंट, 'द मोदी स्टोरी' ने दिखाई पीएम मोदी के भारतीय साहित्य और अध्यात्म से जुड़ी झलक

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भरोसेमंद दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का भव्य स्वागत किया

देशबन्धु 6 Dec 2025 4:20 am

दिल्ली में पुतिन का भव्य स्वागत, राष्ट्रपति भवन में औपचारिक समारोह

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। इस दौरान उन्होंने राजधानी दिल्ली में आयोजित 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया

देशबन्धु 6 Dec 2025 3:41 am

भारत-रूस: दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी, परिवहन और संपर्क समेत कई मुद्दों पर सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

देशबन्धु 6 Dec 2025 3:33 am

मेक-इन-इंडिया को मिली रूस की ताकत, अब भारत में बनेंगे रूसी हथियारों के स्पेयर पार्ट्स

Make in India: भारत-रूस ने शेष परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाइयों के निर्माण के साथ-साथ केकेएनपीपी के कार्यान्वयन में हुई प्रगति का स्वागत किया है. इतना ही नहीं उपकरणों और ईंधन की आपूर्ति के लिए दोनों पक्षों ने समय-सीमा का पालन करने पर सहमति भी जताई है.

ज़ी न्यूज़ 6 Dec 2025 1:30 am

Cyclone Ditwaha: दित्वाह ने श्रीलंका में किया 'चक्का जाम', लाइफसेवर की भूमिका में उतरा भारत

Cyclone Ditwaha: 28 नवंबर को चक्रवात दित्वाह से श्रीलंका में उत्पन्न भीषण बाढ़ के कारण हुई जनहानि और व्यापक तबाही के बाद भारत ने मोर्चा संभाला और तत्काल खोज एवं बचाव तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत समर्थन के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 11:58 pm

दुनिया को खटकने लगी भारत-रूस की दोस्ती, अमेरिकी अखबार ने ट्रंप के सिर फोड़ा ठीकरा

DNA Analysis: अब हम आपके सामने उन प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने जा रहे हैं, जो पुतिन की भारत यात्रा को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनीतिक हलकों से सामने आ रही हैं. इस विश्लेषण को समझने के लिए आपको सबसे पहले दुनिया के कुछ मशहूर अखबारों की हेडलाइंस गौर से देखनी चाहिए.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 11:01 pm

Bangladesh: एयर एम्बुलेंस में आई खराबी, बेहतर इलाज के लिए खालिदा जिया की लंदन यात्रा स्थगित

Khaleda Zia Health News: फखरुल के अनुसार खालिदा जिया के ब्रिटेन जाने का अंतिम निर्णय यात्रा के दिन उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा. उन्होंने आगे कहा कि गुरुवार रात उनकी हालत थोड़ी बिगड़ गई थी. उन्होंने कहा कि अभी उनका हेल्थ चेकअप किया जाना है, जिसके बाद डॉक्टर तय करेंगे कि वह यात्रा के लिए फिट हैं या नहीं.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 10:42 pm

जापान पहुंचे पंजाब के सीएम भगवंत मान, आसोका में किया बिजनेस रोड शो

Bhagwant Mann Japan visit: उन्होंने आज ओसाका में उच्च-स्तरीय बैठकों की शृंखला भी की, जिसमें एयर वाटर इंक के साथ औद्योगिक गैसों और इंजीनियरिंग उपकरणों में नए अवसरों पर चर्चा भी शामिल रही.मुख्यमंत्री ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और एसएमई सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए ओसाका चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ओसीसीआई) के साथ भी आधिकारिक बातचीत की.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 10:20 pm

पुतिन को 'श्रीमद्भगवद्गीता' देने पर कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल, बोले- फिर कुरान शरीफ भी देते

PM Modi: उन्होंने कहा कि मुझे पीएम का मकसद समझ नहीं आया और मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा, लेकिन पीएम को कुरान शरीफ और गुरु ग्रंथ साहिब भी दिए देने चाहिए था. हुसैन ने पीएम की तरफ से पुतिन को श्रीमद्भगवद्गीता के साथ-साथ महाभारत की किताब देने की भी बात कही.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 8:05 pm

हजारों फ्लाइट्स रद्द होने के पीछे की कहानी:5 महीने पहले नियम बने, फिर इंडिगो से कहां गड़बड़ हुई; 7 जरूरी सवालों के जवाब

इंडिगो एयरलाइंस की हर 10 में से 9 फ्लाइट्स देरी से उड़ रही या रद्द हो चुकी हैं। पिछले 72 घंटों में 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुई, जिससे लाखों यात्री परेशान हैं। इंडिगो का कहना है कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL के नए नियमों को लागू करने में चूक हुई। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नियम 5 महीने पहले लागू हुए, इंडिगो रियायत पाने के लिए सरकार को 'ब्लैकमेल' करना चाहती थी। फिलहाल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय DGCA ने नियमों में अस्थायी राहत दे दी, लेकिन हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। आखिर हजारों फ्लाइट्स थमने की असली वजह क्या है, समस्या की शुरुआत कैसे हुई, इंडिगो को ही सबसे ज्यादा दिक्कत क्यों और अब आगे क्या होगा; भास्कर एक्सप्लेनर में 7 जरूरी सवालों के जवाब... सवाल-1: आखिर पिछले 2-3 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि देशभर में हजारों फ्लाइट्स थम गईं? जवाबः दरअसल, पायलट यूनियन ने ज्यादा वर्किंग और थकान के चलते जनवरी 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बाद DGCA ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी FDTL नियमों में बदलाव किए। 1 जुलाई 2025 को पायलट्स को आराम देने के लिए 'फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नियम लागू किए गए थे। इसके तहत एयरलाइन कंपनियों के लिए पायलटों को हफ्ते में 36 घंटे के बजाय 48 घंटे आराम, यानी दो दिनों का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य कर दिया था। इस दौरान किसी छुट्टी को वीकली रेस्ट गिनने पर रोक लगा दी थी। FDTL के दूसरे फेज में 1 नवंबर से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के लगातार नाइट शिफ्ट पर भी पाबंदी लगा दी थी। इन नए नियमों के आने के बाद इंडिगो पायलट्स और दूसरे स्टाफ की कमी दूर नहीं कर पाई और पिछले 4 दिनों में इंडिगो ने 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द कीं... DGCA ने कहा है कि FDTL फेज 2 की प्लानिंग में कमी के चलते क्रू की शॉर्टेज हुई है। इंडिगो किसी न किसी तरह के बहाने बनाती रही। जब एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हुईं, तो इंडिगो ने आखिरकार गलती मानते हुए यात्रियों से माफी मांगी है। सवाल-2: इंडिगो सॉल्यूशन की बजाय लगातार बहाने क्यों बनाता रहा? जवाबः 2 दिसंबर को फ्लाइट्स रद्द होने के बाद से इंडिगो ने कई बार आधिकारिक बयान जारी करके इसकी अलग-अलग वजहें बताईं, लेकिन साफ तौर पर यह नहीं कहा कि नए नियमों के तहत पायलट्स और क्रू को ज्यादा आराम देने के लिए उसके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं हैं… इंडिगो ने माना कि क्रू रिक्वायरमेंट अनुमान से ज्यादा था। इंडिगो ने कहा कि नए क्रू रोस्टरिंग नियमों और बाकी तकनीकी कारणों, मौसम आदि के सम्मिलित प्रभाव के चलते उसकी फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडिगो को नए पायलट्स और बाकी स्टाफ हायर करने के लिए 9 महीने का समय दिया गया था, लेकिन इंडिगो ने जरूरत के मुताबिक नई भर्तियां नहीं कीं। इंडिगो ने एक लंबा नोट लिखकर यात्रियों से माफी भी मांगी और जल्दी ही सर्विस बहाल करने की बात कही है। हालांकि कॉमेडियन अभिजीत गांगुली जैसे कई लोगों ने इंडिगो पर आरोप लगाया है कि उसने सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए फ्लाइट्स रद्द कीं, ताकि यात्रियों को तकलीफ हो और सरकार इंडिगो को FDTL के नियमों में छूट देने के लिए राजी हो जाए। एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया है कि जब नवंबर में दूसरे फेज के रूल्स लागू हुए, तभी बेंगलुरु में फ्लाइट्स प्रभावित होने लगी थीं। इंडिगो का स्टाफ कह रहा था कि अभी यह स्थिति करीब एक महीने तक चलेगी। वही हुआ और आखिरकार सरकार इंडिगो को नए रूल्स से राहत देने को तैयार हो गई। एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी भी कहते हैं कि इंडिगो ने एक सोची समझी हड़ताल की है। नए नियमों को अचानक लागू नहीं किया गया था। स्टाफ की कमी पूरी करने के लिए इंडिगो के पास पर्याप्त समय था, लेकिन इंडिगो के पास भारतीय एविएशन सेक्टर में करीब 65% की हिस्सेदारी है। उसने अपना खर्च कम करने के लिए नए स्टाफ की भर्ती नहीं की और दबाव बनाने के लिए फ्लाइट्स प्रभावित की गईं। सवाल-3: पायलट-क्रू के आराम का पूरा नियम क्या है? जवाबः FDTL के नियमों के तहत… एयरलाइन्स को हर महीने थकान-जोखिम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। ऐसा न करने पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। सवाल-4: सरकार ने ये नियम क्यों बनाए और इन्हें लागू करना क्यों जरूरी था? जवाबः DGCA ने पायलटों की थकान से जुड़ी रिपोर्ट्स की समीक्षा करने के बाद ये नियम लागू किए हैं। पिछले 3-4 सालों में समय-समय पर कई पायलेट्स एसोसिएशन ने DGCA को पत्र लिखकर इन नियमों को लागू करने की मांग की थी, ताकि पायलेट्स को जरूरी आराम मिल सके। दिल्ली हाई कोर्ट में 2019 से चली आ रही इन याचिकाओं के बाद DGCA ने ये नियम बनाए हैं। DGCA का कहना है कि पायलेट्स की थकान बड़े हादसों को जन्म दे सकती है। दुनियाभर की एयरलाइंस भी इसे एक बड़ा जोखिम मानती हैं। थकान की वजह से खराब परिस्थितियों में फैसला लेने और रात के वक्त प्लेन लैंड कराने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA ने 2023 में 1,622 कॉमर्शियल पायलट्स को लाइसेंस जारी करने की बात कही थी, लेकिन फिर भी अगले 5 सालों में 2,375 पायलटों की कमी रह जाएगी। 2029 तक कुल 22,400 पायलटों की जरूरत होगी, जबकि अभी सिर्फ 11,745 पायलेट्स ही हैं। 2022 से 2025 के बीच उड़ानें बढ़ने से पायलेट्स खासकर कैप्टन पर काम का बोझ बढ़ा है। भारत के पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की क्षमता भी कम है। हर साल सिर्फ 1200-1500 पायलट्स को ही ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस मिल पाता है। जबकि रिक्वायरमेंट इससे कहीं ज्यादा है। सवाल-5: अमेरिका और यूके में पायलट्स को कितना रेस्ट मिलता है? जवाबः अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FFA) और यूरोप की यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने पायलटों को जरूरी आराम देने के लिए कुछ ऐसे ही नियम बनाएं हैं, जो अमेरिका और यूरोपीय देशों की लगभग सभी एयरलाइंस पर लागू होते हैं… सवाल-6: नए नियमों से सबसे ज्यादा इंडिगो ही क्यों प्रभावित हुआ? जवाबः नए नियमों से इंडिगो सबसे ज्यादा प्रभावित इसलिए है क्योंकि भारत के एयरलाइंस मार्केट में उसकी सबसे ज्यादा 60% हिस्सेदारी है। एयरलाइन दिन भर में लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ऑपरेट करती है। यह संख्या एअर इंडिया के एक दिन में संचालित उड़ानों की लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर यदि 10–20 प्रतिशत उड़ानें भी देर से चलें या रद्द हों, तो इसका मतलब होता है 200–400 उड़ानें प्रभावित होना। इंडस्ट्री इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो भारत में बड़े पैमाने पर काम करता है। उसका एयरलाइंस मार्केट में दबदबा है। इंडिगो की सबसे ज्यादा और लगातार फ्लाइट रहती है। देर रात और सुबह की उड़ानों पर इंडिगो सबसे ज्यादा ध्यान देता है। इंडस्ट्री इनसाइडर के मुताबिक इसकी तुलना में अन्य एयरलाइंस कंपनियां नए विमानों की डिलीवरी में देरी और मरम्मत के लिए खड़े विमानों से जूझ रही है। ऐसे में इनकी उड़ाने कम और स्टॉफ ज्यादा है। यह एयरलाइंस नए नियमों के हिसाब से आसानी में पायलट्स की ड्यूटी शेड्यूल कर पा रहे हैं। अभी इंडिगो के पास 5,456 पायलट और 10,212 केबिन क्रू मेंबर हैं। 41 हजार से ज्यादा स्थायी कर्मचारी हैं। इंडिगो का कहना है कि नए फ्लाइट टाइम लिमिटेशन नियमों के कारण पायलट और क्रू की कमी हुई है। नए नियमों में पायलटों के उड़ान भरने के नियमों को घटाकर रोजाना 8 घंटे कर दिया गया है। नाइट लैंडिंग 6 से घटाकर 2 कर दी गई हैं। क्रू के लिए 24 घंटे में 10 घंटे आराम का समय रखा है। सवाल-7: इस पूरे मामले में आगे क्या हो सकता है? जवाबः एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी कहते हैं‘अभी सरकार के पास यात्रियों की समस्या दूर करने का विकल्प नहीं है, इसलिए अभी इंडिगो से बात की जा रही है। DGCA ने इंडिगो से पूछा है कि वह कितने फेज में और किस तरह से नए नियम लागू करेंगे। हो सकता है कि कुछ दिनों में इंडिगो नया शेड्यूल जारी करके कुछ फ्लाइट्स कम कर दे, क्योंकि यही एक चारा है, अचानक पायलट्स बढ़ाना आसान काम नहीं है।’ अनंत के मुताबिक, पायलट्स को 48 घंटे आराम देना जरूरी है, इसलिए सरकार उनके घंटे कम करने पर आसानी से राजी नहीं होगी। ------------------ ये खबर भी पढ़ें... हवा में दो विमानों की टक्कर:पहला विमान पिघलकर क्रैश, पायलट की मौत, दूसरा कैसे सुरक्षित लैंड हुआ; 3D और Ai से देखिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर है NSW स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट क्लब। यहां हर वीकेंड पर पायलट्स हवा में कलाबाजियां करने की प्रैक्टिस करने जाते हैं। 30 नवंबर की दोपहर 4 प्लेन हवा में उड़ान भरते हैं। कलाबाजियां करने के बाद सभी प्लेन जैसे ही रनवे पर लौटने के लिए अलग होते हैं, तभी एक प्लेन दूसरे प्लेन के फ्यूलसेज से टकराता है और क्रैश कर जाता है। 3D मैप, वीडियो और AI के जरिए देखिए पूरी कहानी...

दैनिक भास्कर 5 Dec 2025 6:30 pm

महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं ये देश, आधी रात बेखौफ घूमनी हैं महिलाएं

Countries Best For Women: महिलाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा का होता है. महिला सुरक्षा कानून के साथ साथ एक नैतिक जिम्मेदारी का भी मुद्दा है. चलिए जानते हैं ऐसे कौन से देश हैं जो महिला सुरक्षा के मामले में टॉप पर हैं या महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित हैं.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 5:24 pm

हिंदू या मुस्लिम नहीं, रूस में सबसे ज्यादा रहते हैं इस धर्म के लोग

Religion Population in Russia: रूस की बात करें तो ये क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा देश है. रूस 2 महाद्वीप में फैला देश है. रूस की कुल आबादी लगभग 14 करोड़ है. ऐसे में चलिए जानते हैं रूस में किस धर्म के कितने लोग रहते हैं.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 5:06 pm

डबलिन में जेलेंस्की की फ्लाइट के पीछे पड़ गए लड़ाकू ड्र्रोन! आयरलैंड में हाई अलर्ट; रूस की साजिश का शक बढ़ा

Zelenskiy Drone Security Alert: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की डबलिन यात्रा के दौरान एयरक्राफ्ट के फ्लाइट पाथ के पास पांच संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं, जिसके कारण बड़े सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 12:46 pm

अमेरिकी कांग्रेस की एक कमेटी 10 दिसंबर को करेगी सार्वजनिक बैठक, आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर रहेगा जोर

अमेरिकी कांग्रेस की एक प्रमुख कमेटी अगले सप्ताह 10 दिसंबर को एक सार्वजनिक बैठक करने जा रही है, जिसमें भारत–अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की दिशा पर चर्चा होगी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच बदलते रक्षा, आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर खास ध्यान दिया जाएगा

देशबन्धु 5 Dec 2025 10:24 am

अमेरिका ने वर्क परमिट की अवधि कम की, हजारों भारतीय पेशवरों पर पड़ेगा असर

अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम में एक बड़ा बदलाव करते हुए यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने यह घोषणा की है कि अब एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स यानी ईएडी की अधिकतम वैधता अवधि घटा दी जाएगी

देशबन्धु 5 Dec 2025 9:04 am

इमरान खान से नहीं मिल पाएंगी उनकी बहन, मंत्री तरार बोले- अब हर दिन तमाशा नहीं होगा

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की बहन उज्मा को अब अदियाला जेल में उनसे नहीं मिलने दिया जाएगा

देशबन्धु 5 Dec 2025 8:08 am

मॉस्को टू दिल्ली: पुतिन की फ्लाइट पर थी पूरी दुनिया की नजर, विमान ने बनाया नया रिकॉर्ड

Putin Flight: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं. गुरुवार शाम वह राजधानी दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. जब वो रूस से भारत के लिए निकले तो पूरी दुनिया की नजर उन पर थी. उनके विमान ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. ये रिकॉर्ड बताता है कि पुतिन के भारतीय दौरे पर सभी की नजर है.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 8:02 am

इधर पुतिन दिल्ली में, उधर ट्रंप ने रूस-यूक्रेन जंग पर कर दिया बहुत बड़ा दावा, खबर सुनते ही सोच में पड़ जाएगी दुनिया

Putin India Visit:एक तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन की यात्रा पर भारत पहुंच चुके हैं. जिस अंदाज में पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात हुई है,‌ जिसकी खूर्च चर्चा हो रही है. अब इसी बीच ट्रंप ने बहुत बड़ा दावा कर दिया है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 5 Dec 2025 7:01 am

स्पॉटलाइट-79 साल के करोड़पति ने पत्नी के लिए विज्ञापन निकाला:सालाना 60 लाख सैलरी, काम बच्चे पैदा करना; ये 7 शर्तें पूरी करना जरूरी

79 साल के एक करोड़पति अपनी जायदाद संभालने के लिए कम से कम दो बेटों की चाह रखते हैं। वे जिस महिला से शादी करेंगे, उसे सालाना लगभग 60 लाख रुपए देने को तैयार हैं, लेकिन उनकी पत्नी बनना बिल्कुल आसान नहीं है, क्योंकि उन्होंने कई अनोखी और कड़ी शर्तें रखी हैं। पूरा मामला जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।

दैनिक भास्कर 5 Dec 2025 5:08 am

बंगाल में बाबरी विवाद- जमीन नहीं, तो मस्जिद कहां बनेगी:हुमायूं का जवाब- 6 दिसंबर को दिखाऊंगा, TMC विधायक बोले- वो झूठा, BJP का एजेंट

'हुमायूं कबीर ने मस्जिद के लिए जो जमीन खरीदी है, उसका एग्रीमेंट दिखाए। उसने कोई जमीन खरीदी ही नहीं है, न ही वो कुछ बनाने वाला है। सिर्फ राजनीति कर रहा है। अब उसने मेरा और दूसरे विधायकों का नाम लेना शुरू कर दिया है कि हम अड़ंगा लगा रहे हैं। जब उसने घोषणा की थी, तभी से तय था कि वो सिर्फ इसे राजनीतिक मुद्दा बनाएगा। जब मस्जिद नहीं बन पाएगी तो कहेगा इन विधायकों ने नहीं बनने दी।' मुर्शिदाबाद के बेलडांगा से TMC विधायक हसनुज्जमां शेख बाबरी के नाम पर मस्जिद बनाने के हुमायूं कबीर के ऐलान को बस चुनावी तैयारी बताते हैं। उनका मानना है कि हुमायूं खुद इस ऐलान को लेकर गंभीर नहीं है। ये सिर्फ सियासी फायदे के लिए उठाया गया मुद्दा है। दरअसल, मुर्शिदाबाद के बेलडांगा ब्लॉक के जिस हिस्से में हुमायूं ने 6 दिसंबर को मस्जिद का शिलान्यास करने की बात कही है, वो तीन विधायकों के क्षेत्र में आती है। इसमें हुमायूं के अलावा बेलडांगा के TMC विधायक हसनुज्जमां शेख और रेजिनगर से TMC विधायक रबीउल आलम चौधरी का क्षेत्र भी शामिल है। हुमायूं अब इन दोनों पर जमीन न खरीदने देने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अब तक मस्जिद के लिए सच में जमीन नहीं मिली है? क्या 6 दिसंबर को बाबरी के नाम पर असल में मस्जिद का शिलान्यास किया जाएगा या फिर ये चुनाव में फायदा लेने के लिए सिर्फ एक सियासी हथकंडा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… हुमायूं के प्लान में सिर्फ ऐलान, वो मस्जिद नहीं बनाएगाबाबरी के ऐलान और विवाद को लेकर हमने TMC के उन दोनों विधायकों से बात की, जिन पर हुमायूं जमीन न खरीदने देने का आरोप लगा रहे हैं। इनमें पहला नाम मुर्शिदाबाद के बेलडांगा से विधायक हसनुज्जमां शेख और दूसरा नाम रेजिनगर (मुर्शिदाबाद) से विधायक रबीउल आलम चौधरी का था। हुमायूं का आरोप है कि जिन किसानों से वो जमीन लेने की बात कर रहे हैं, ये दोनों विधायक उन्हें डरा-धमका रहे हैं। जमीन खरीदने में अड़ंगा लगा रहे हैं। इस पर मुर्शिदाबाद के बेलडांगा से TMC विधायक हसनुज्जमां शेख कहते हैं, 'वो सिर्फ ऐलान कर रहा है। उसका प्लान राजनीति करना है, मस्जिद बनाना नहीं। अगर होता तो वो जमीन का मुद्दा ही क्यों उठाता। ये बात वो पिछले साल से कह रहा है। वो चुपचाप जमीन खरीदता और नींव रख देता। उसे शोर मचाना है क्योंकि उसे अपनी राजनीति करनी है।' वो पहले से राजनीति ही तो कर रहे हैं, आखिर वो TMC से विधायक बने, अब और क्या करना है? 'उसके लिए पार्टी में पहले से ही कुछ ठीक नहीं चल रहा था। तीन अलग-अलग मामलों में नोटिस मिल चुका है। इस मुद्दे पर भी फटकार लगी।' इस विवाद के बाद TMC ने हुमायूं को पार्टी से सस्पेंड भी कर दिया है। हुमायूं तो कह रहे हैं कि मस्जिद बनाने के लिए वो जान भी दे देंगे? आप समझिए पहले उसने ऐलान किया। फिर कहा कि हम मस्जिद बनाने नहीं दे रहे हैं। अब नहीं बनाएगा और फिर कहेगा मैं जान दे रहा हूं। मस्जिद का दुश्मन हमें ठहराएगा। लोगों के बीच हमें विलेन बनाकर खुद उनका नेता बन जाएगा और दंगा भड़काएगा। उसका बस इतना ही प्लान है। हम पूरी तरह अलर्ट हैं। यहां दंगा नहीं होने देंगे।' सियासी फायदे उठाने के लिए हुमायूं झूठ बोल रहामुर्शिदाबाद के रेजिनगर से TMC विधायक रबीउल्ला आलम चौधरी तो हुमायूं के सारे दावों को खारिज करते हैं। वो हुमायूं के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहते हैं। बस इतना कहते हैं, 'हुमायूं झूठ बोल रहा है और मस्जिद का ऐलान करके सिर्फ राजनीति कर रहा है। वो कुछ नहीं बनाने वाला है, सिर्फ इसी तरह बयान देता रहता है।' 'इसके बाद वो मीडिया इकट्ठा करके कहेगा कि दूसरे विधायक उसके काम में टांग अड़ा रहे हैं। फिर कहानी बनाएगा कि वो पार्टी छोड़ देगा। जबकि वो ऐसा करेगा नहीं क्योंकि पार्टी से उसे पहले ही कई नोटिस मिल चुके हैं, लेकिन अब तक उसने कोई कदम नहीं उठाया।' हुमायूं बोला- मस्जिद मेरी तो नाम भी मैं ही तय करूंगा...इन दोनों विधायकों से बात करने के बाद हमनें हुमायूं कबीर से भी बात की। जमीन के बारे में पूछने पर वो भड़कते हुए कहते हैं, 'आपको सब जानने की इतनी जल्दी क्यों है। मैं हर किसी को एग्रीमेंट तो नहीं दिखाऊंगा न। जो देखना या सुनना है, वो 6 दिसंबर को वेन्यू पर आकर देख लीजिएगा। वहीं हम सबकुछ बोलेंगे और दिखाएंगे।' क्या आपने कुछ जमीन खरीद ली है, क्योंकि आपकी ही पार्टी के विधायकों ने साफ कहा है कि आपके पास कोई जमीन नहीं है? हुमायूं इस पर भड़कते हुए कहते हैं, 'मैंने जमीन पहले ही ले ली थी, लेकिन मैं किसी को कुछ नहीं दिखाऊंगा। मर जाऊंगा, लेकिन मस्जिद की नींव 6 दिसंबर को रखी ही जाएगी।' आपने मस्जिद का नाम बाबरी ही क्यों रखा? जवाब में हुमायूं कहते हैं, अरे बच्चा मेरा तो मैं ही नाम रखूंगा। मस्जिद मेरी है तो नाम भी मैं ही तय करूंगा।' आप कह रहे हैं कि दो विधायक आपको जमीन नहीं खरीदने दे रहे। आपने एक साल पहले मस्जिद बनाने का ऐलान किया था, तब भी ये अड़ंगा लगा रहे थे या अभी शुरू किया है? इस पर हुमायूं भड़कते हुए फिर कहते हैं, 'आपको इतनी जल्दी क्यों है, आपको इतना परेशान नहीं होना चाहिए? 6 दिसंबर को मैं सब बताऊंगा भी और दिखाऊंगा भी। मस्जिद की नींव रखी जाएगी। मेरी जिम्मेदारी मुझे निभाने दीजिए।' हुमायूं मस्जिद का कंस्ट्रक्शन प्लान बताते हुए कहते हैं, '6 दिसंबर को नींव रखी जाएगी। 3 महीने का वक्त DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) अप्रूवल में लगेगा। 3 साल में मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी।' आप अभी किसी को जमीन का एग्रीमेंट नहीं दिखाएंगे क्या? इसके जवाब में हुमायूं कहते हैं, 'क्यों दिखाऊं, मैं अपना प्लान तो बता रहा हूं। जो दिखाना चाहिए, वो दिखा रहा हूं और बता रहा हूं।' TMC बोली- हुमायूं BJP का एजेंट, शुभेंदू अधिकारी के कॉन्टैक्ट में थाTMC प्रवक्ता मानव जायसवाल से जब इस बारे में पूछा गया तो वो कहते हैं, 'पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मामले को लेकर जांच बैठाई है। हुमायूं कबीर ने ये ऐलान क्यों किया, किसके कहने पर किया, वो BJP का एजेंडा किसके उकसाने पर चला रहा है, क्या इसके पीछे शुभेंदू अधिकारी हैं? इन सबको लेकर जांच की जा रही है।' अब तक की जांच में क्या निकला? मानव बताते हैं, 'अभी जांच चल रही है। हालांकि BJP लीडर शुभेंदू अधिकारी हुमायूं के संपर्क में थे।' फिर क्या ये सब BJP ने करवाया? इस पर मानव कहते हैं, 'हुमायूं BJP का पुराना साथी रहा है, लेकिन इंटरनल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ स्पष्ट कह पाएंगे।' मानव ये भी साफ करते हैं कि पार्टी का मस्जिद बनाने के ऐलान से कोई लेना-देना नहीं है। वे आगे कहते हैं, ‘हम मस्जिद बनाने के समर्थक नहीं हैं। मस्जिद या मंदिर बनाना सरकार का काम नहीं है। ये सब संस्थाओं का जिम्मा है।‘ इसके साथ ही मानव कुछ मंदिरों के नाम भी गिनवाते हैं और कहते हैं, ‘दीघा में जगन्नाथ मंदिर हमने बनवाया, कालीघाट कॉरिडोर रि-डेवलप कराया, दक्षिणेश्नवर कॉरिडोर बनवाया और शांति निकेतन को भी रि-डेवलप किया। हम हर तरह की संस्था के लिए काम करते हैं।' बाबरी के नाम पर मस्जिद बनाने के ऐलान को लेकर TMC ने हुमायूं कबीर को पार्टी से बाहर कर दिया है। 2015 में भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उसे TMC ने 6 साल के लिए निष्कासित किया था। लिहाजा 2018 में वो BJP में शामिल हो गए। 6 साल का निष्कासन पूरा होने के बाद वो फिर TMC में आ गए और भरतपुर सीट से विधायक बने। BJP बोली- विधायक ने ऐसा ऐलान क्यों किया, TMC जवाब देTMC के आरोपों पर BJP प्रवक्ता श्रीरूपा भट्टाचार्या कहती हैं, ‘जवाब तो TMC को देना चाहिए। उनके विधायक रहते हुए कोई इतना विवादित ऐलान कैसे कर सकता है। उसे क्यों सस्पेंड किया गया, ये सब पहले उन्हें बताना है।‘ ‘BJP या शुभेंदु अधिकारी पर आरोप लगाने की बात करें तो इस पर किसी का जोर नहीं है। कोई भी कुछ भी कह सकता है।‘ ये कितना अजीब आरोप है कि उनका विधायक BJP के संपर्क में था इसलिए ऐसा काम किया और फिर उसे सस्पेंड करना पड़ा। BJP ऐसे आरोपों पर जवाब नहीं देगी। मस्जिद को लेकर विवाद साल भर पुरानापूरा विवाद नवंबर 2024 में शुरू हुआ। तब TMC विधायक हुमायूं कबीर ने अयोध्या वाली बाबरी मस्जिद की छोटी प्रतिकृति बनाने की बात कही थी। जब बाबरी नाम के इस्तेमाल को लेकर विवाद खड़ा हो गया, तब उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद मुसलमानों के लिए भावनात्मक मुद्दा है। इसके बाद दिसंबर 2024 में ही BJP ने मुर्शिदाबाद में राम मंदिर बनाने की बात कही। हालांकि तब भी BJP नेता शंकर घोष का कहना था कि राम मंदिर को मस्जिद के जवाब के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। मंदिर संस्कृति का हिस्सा है, जबकि बाबरी मस्जिद का एक खराब इतिहास है, ये बंगाल में कैसे बन सकती है। ‘100 मुसलमान शहीद होंगे तो 500 को ले जाएंगे‘इसके बाद 25 नवंबर को TMC विधायक हुमायूं कबीर ने फिर कहा कि हम 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे। बाबरी मस्जिद बनाने को लेकर 28 नवंबर 2025 को हुमायूं कबीर ने एक और विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘जो कोई उन्हें रोकने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। अगर 100 मुसलमान शहीद होंगे तो वे अपने साथ 500 लोगों को ले जाएंगे।‘ हुमायूं कबीर पहले भी विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के समय मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में हुमायूं कबीर ने एक जनसभा में कहा, ‘मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर दो घंटे में तुम्हें (हिंदुओं को) भागीरथी नदी में डुबो न दिया। तुम 30% हो, हम 70% (मुस्लिम) हैं। मैं तुम्हें शक्तिपुर में रहने नहीं दूंगा।‘ इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। वहीं TMC ने इस बयान से दूरी बना ली थी। .............................ये खबर भी पढ़ें... ’मुर्शिदाबाद में बाबरी बनना तय, हिम्मत है तो गिराओ’ ‘6 दिसंबर (2025) को 12 बजे ही बाबरी मस्जिद का शिलान्यास होगा। मुसलमानों का सेंटिमेंट टूटा है, कुछ तो करना पड़ेगा। 1992 में जिन्होंने बाबरी मस्जिद तोड़ी, उनमें हिम्मत है तो मुर्शिदाबाद में आकर गिरा दें।‘ मुर्शिदाबाद के भरतपुर से TMC विधायक हुमायूं कबीर पश्चिम बंगाल में बाबरी नाम से मस्जिद बनाने का दावा कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 5 Dec 2025 5:00 am

पाकिस्तान: महरंग बलूच की हिरासत को कोर्ट ने बताया गलत, माना 'सबूत मनगढ़ंत'

पाकिस्तान की एक अदालत ने मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच को नौ महीने से बिना किसी ठोस सबूत के हिरासत में रखने पर सवाल खड़े किए हैं

देशबन्धु 4 Dec 2025 11:35 pm

DNA: पुतिन...ट्रंप को अपने जाल में फंसाकर दिल्ली आए हैं, जानिए क्या है पूरा मामला

जो ट्रंप दुनिया के सरपंच बने फिरते हैं, दुनिया भर में युद्ध रोकने का दावा करते हैं, वो ट्रंप वेनेज़ुएला और निकोलस मादुरो का नाम सुनते ही युद्ध की बात करने लगते हैं. यानी शांति के लिए नोबेल पुरस्कार का दावा करने वाले ट्रंप ख़ुद एक युद्ध में उलझ गए हैं और ट्रंप को वेनेज़ुएला के युद्ध में उलझाने में पुतिन की बड़ी भूमिका है.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 11:09 pm

पुतिन अपनी स्पेशल कार छोड़ पीएम मोदी के साथ बैठे:चलता-फिरता किला है पुतिन की कार, बैठे-बैठे कर सकते हैं न्यूक्लियर अटैक

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत पहुंचते ही सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ दिया। उन्होंने रूस से एयरलिफ्ट करके आई अपनी ऑरस सीनेट कार छोड़ी और पीएम मोदी के साथ एक गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से रवाना हुए। पुतिन का सिक्योरिटी प्रोटोकॉल दुनिया में सबसे सख्त माना जाता है। उनके खाने की जांच रूस से लाई मोबाइल लैब में होती है। सबसे अनोखी बात- पुतिन का मल-मूत्र तक सील्ड बैग में मॉस्को भेजा जाता है। भास्कर एक्सप्लेनर में पुतिन का पूरा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल जानेंगे... **** ग्राफिक्स: अजित सिंह, द्रगचंद्र भुर्जी और अंकुर बंसल ****References and further reading... ------ ये स्टोरी भी पढ़िए... रनवे पर हमेशा तैयार मिलता है एयरफोर्स-1:बाइडेन को बाथरूम में भी अकेला नहीं छोड़ते; अमेरिकी राष्ट्रपति का पूरा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल अमेरिकी राष्ट्रपति की विदेश यात्रा के दौरान उनका एयरफोर्स-1 विमान रनवे पर हमेशा तैयार मिलेगा। किसी भी इमरजेंसी में महज कुछ सेकेंड में वो उड़ान भर सकता है। राष्ट्रपति के पहुंचने से पहले एजेंट्स आस-पास के मेंटल हॉस्पिटल से छोड़े गए मरीजों की जानकारी तक खंगालते हैं। इन्हें पोटेंशियल थ्रेट माना जाता है। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 4 Dec 2025 7:50 pm

इमरान खान ने इस्लामाबाद कोर्ट में दाखिल की याचिका, अगले 3 दिनों में मेडिकल टेस्ट कराने की मांगी इजाजत

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक अर्जी दी है। उन्होंने शौकत खानम अस्पताल में अगले तीन दिनों में अपने मेडिकल टेस्ट और जांच कराने की इजाजत मांगी है। स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी

देशबन्धु 4 Dec 2025 7:11 pm

पुतिन के भारत पहुंचते ही डोनाल्ड ट्रंप का आया चौंकाने वाला बयान, सोशल मीडिया पर लिखा- मैं अमेरिकी जहर से...

Donald Trump Social Media Post: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारतीय दौरे पर पहुंच गए हैं.इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला बयान दिया है.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 7:09 pm

युद्ध और मौत के तांडव के बीच गाजा में बजी शहनाई, 54 जोड़ों ने एक साथ रचाई शादी

Group Marriage in Gaza Patti: हमास इजरायल युद्ध के बीच गाजा पट्टी में54 जोड़ों ने सामूहिक विवाह किया. दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में जहां एक तरफ बम और गोलियों के हमलों से इमारतों के मलबे दिखाई दे रहे हैं वहां मंगलवार को शहनाई की गूंज सुनाई दी.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 5:20 pm

बीच रेत में अचानक प्रकट हुआ चमचमाता जहाज, सोने-चांदी की होने लगी बारिश; खोला 500 साल पुराना राज

500 Year Old Treasure Ship Found: नामीबिया की रेत में एक 500 साल पुराना जहाज मिला है. यह जहाज 7 मार्च साल 1533 को पुर्तागल के लिस्बन से भारत के लिए निकला था.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 3:39 pm

पुतिन नई दिल्ली पहुंचने के लिए मॉस्को से हुए रवाना, आज शाम 6 बजे तक पर पहुंचेंगे भारत

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंचने के लिए मॉस्को से रवाना हो चुके हैं। पुतिन आज शाम करीब 6 बजकर 35 मिनट पर भारत पहुंचेंगे। स्थानीय मीडिया की ओर से यह जानकारी साझा की गई है

देशबन्धु 4 Dec 2025 2:15 pm

42 अमेरिकी सांसदों ने मार्को रुबियो को लिखा पत्र, पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का किया आग्रह

पाकिस्तान में हो रहे दमनकारी अभियानों का शोर अमेरिका तक पहुंच रहा है। इस सिलसिले में भारतीय मूल की अमेरिकी कांग्रेस सदस्य महिला प्रमिला जयपाल और कांग्रेस सदस्य ग्रेग कैसर के नेतृत्व में करीब 42 टॉप अमेरिकन सांसदों ने अमेरिकी मंत्री मार्को रुबियो से पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है

देशबन्धु 4 Dec 2025 1:37 pm

दिल, दोस्ती, डिप्लोमेसी! मॉस्को से आया भारत का दोस्त, पुतिन की यात्रा से होने वाले 10 बड़े फायदे

Vladimir Putin India Visit: बतौर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दसवीं बार भारत दौरे पर आ रहे हैं. वो 4-5 दिसंबर तक यहां रहेंगे. पुतिन का यह दौरा बेहद अहम है. इस दौरान व्यापार विस्तार, रक्षा तकनीक हस्तांतरण और ऊर्जा सहयोग मुख्य एजेंडों पर दोनों देशों के बीच बात हो सकती है. आइए जानते हैं भारत को कौन से बड़े फायदे होने की उम्मीद है.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 1:05 pm

हद से ज्यादा काम करते हैं इन देशों के लोग, डिमांड या कल्चर का हिस्सा? जानें

Workaholic Countries Name: भारत में ज्यादातर कंपनियों में एक दिन में 8 से 9 घंटे काम किया जाता है. इस तरह भारतीय लोग हफ्ते में 45 से 48 घंटे काम करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे ज्यादा काम किस देश के लोग करते हैं और कितने घंटे काम करते हैं. चलिए जानते हैं.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 1:04 pm

6,000 साल पुराने शंख में छिपा मिला ऐसा खजाना, अंदर से आती है आवाज! सुनकर सहमे साइंटिस्ट

Spain Catalonia 6000 Year Old Shell: स्पेन में मिली हजारों साल पुरानी शंख-टरंपेट्स दुनिया के सबसे पुराने संगीत वाद्य हो सकते हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये नियोथलिक काल में संगीत और लंबी दूरी की सूचना देने के लिए इस्तेमाल होते थे.

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 12:56 pm