प्रयागराज में भारतीय परिधानों का प्रमोशन:मॉडल्स ने सिविल लाइंस में किया रैंप वॉक, संस्कृति को बढ़ावा
प्रयागराज में बुधवार शाम भारतीय संस्कृति और परिधानों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजवंश ज्वेलर्स, स्मार्ट बाजार से शुरू होकर यह कार्यक्रम पैलेस सिनेमा के पास झूडियो तक पहुंचा। कार्यक्रम में 5-6 मॉडल्स ने पारंपरिक भारतीय परिधान पहने। उन्होंने लोगों को भारतीय संस्कृति से जुड़ने का संदेश दिया। मॉडल्स की वॉक देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ एकत्र हुई। प्रतिभागियों ने भारतीय पहनिए और भारतीय संस्कृति अपनाइए का संदेश दिया। शहरवासियों ने मॉडल्स की पारंपरिक वेशभूषा की सराहना की। साथ ही आयोजकों के इस अभिनव प्रयास को भी सराहा।
रीवा में बुधवार से गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई। गणेश चतुर्थी पर घर-घर गजानन विराजे हैं। जहां अब 10 दिनों तक गणपति बप्पा की धूम रहने वाली है। आज शाम 4 बजे अमहिया के राजा के दर्शन के लिए लोग लाइन लगाकर घंटों पहले से इंतजार करते नजर आए। शहर के अमहिया में हर साल की तरह अमहिया के राजा का भव्य पंडाल सजा है। वहीं गढ़ क्षेत्र में विशाल पंडाल में विराजे गढ़ के गणपति राजा आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। पंडित अखंडानंद उपाध्याय ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल के दूसरे पहर में हुआ था। आज 27 अगस्त दिन बुधवार को यह शुभ काल सुबह से शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक 10 दिनों तक पंडालों और मंदिरों में सुबह-शाम भव्य आरती और पूजा-अर्चना की जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होने पहुंचते हैं। कुछ जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। वहीं व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। पंडालों के आस-पास पुलिस कर्मी भी तैनात किए गए हैं। गणेश उत्सव आज शहर का प्रमुख आयोजन बन चुका है। जिले के सैकड़ों पंडालों में विघ्नहर्ता का पूजन होता है। आज से शुरू होकर गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलेगा और अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 6 सितंबर को गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
कानपुर में बारावफात त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस कार्यालय सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था श्री आशुतोष कुमार ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में डीसीपी पूर्वी, पश्चिम, दक्षिण, सेंट्रल और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। नगर आयुक्त और प्रमुख नागरिक भी इस बैठक में शामिल हुए। त्योहार को सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता रखी जाएगी। पुलिस बल की उचित तैनाती की जाएगी। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। शांति समिति की सक्रिय भूमिका और नागरिकों के सहयोग से त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाएगा।
लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र स्थित शिवपुरी गांव के पौराणिक भद्रेश्वर महादेव मंदिर में कजरी तीज पर मेले का आयोजन किया गया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में रात 7 बजे से मशहूर शुक्ला जागरण पार्टी द्वारा जागरण का आयोजन होगा। श्री बाबा भद्रेश्वर नाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष और ग्राम प्रधान रामविलास ने बताया कि बारिश के कारण कुश्ती प्रतियोगिता नहीं हो सकी। अब यह प्रतियोगिता 12 फरवरी 2026 को महाशिवरात्रि पर आयोजित की जाएगी। मेले में दुकानदारों को सभी सुविधाएं नि:शुल्क दी जाएंगी और श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। भद्रेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व काफी प्राचीन है। इस मंदिर का उल्लेख शिवमहापुराण, स्कंद पुराण और रामचरितमानस में मिलता है। मान्यता है कि बाणासुर की पुत्री ऊषा रानी यहां भगवान शिव से ज्ञान प्राप्त करने आती थीं। मंदिर में आज भी उस शिला के अवशेष मौजूद हैं, जिसका प्रहार बाणासुर ने भगवान श्रीकृष्ण पर किया था। इस शिला के कुछ टुकड़े शिवपुरी के रणबाबा के चबूतरे और देवरी रुखारा गांव के मुक्तेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भी हैं। प्रत्येक वर्ष कजरी तीज पर यहां मेला और कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दराज से पहलवान भाग लेने आते हैं।
छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारी पिछले 9 दिनों से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मनेंद्रगढ़ स्थित जिला मुख्यालय में कर्मचारियों ने नृत्य के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वित्त मंत्री के मुखौटे पहने। एनएचएम की महिला कर्मचारियों ने कहा कि उनके पास त्योहार मनाने के लिए पैसे नहीं हैं। बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन पूरे छत्तीसगढ़ में चल रहा है। कर्मचारियों की मांगें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी हैं और वे इन मांगों के समाधान तक हड़ताल जारी रखेंगे।
दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। अब जिले के अधिकारी न केवल सरकारी कामकाज तक सीमित रहेंगे, बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी सीधे जुड़ेंगे। इसके तहत प्रत्येक अधिकारी अपनी धर्मपत्नी के साथ मिलकर कम से कम एक आंगनवाड़ी केंद्र को गोद लेंगे और बच्चों की देखरेख व केंद्र के उन्नयन में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आंगनवाड़ी गोद लेने के बाद अधिकारी और उनकी धर्मपत्नी हर पंद्रह दिन में केंद्र का निरीक्षण करें। इस दौरान वे बच्चों से संवाद करेंगे, उनकी समस्याओं को समझेंगे और उन्हें खुशी का एहसास दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि जब भी कोई त्यौहार आए, अधिकारी दंपत्ति बच्चों के साथ मिलकर त्योहार मनाएं और खुशियां साझा करें। इतना ही नहीं, परिवार के बच्चों के जन्मदिन भी आंगनवाड़ी केंद्रों पर मनाने की अपील की गई है, ताकि समाज में आपसी सहयोग और संवेदनशीलता का वातावरण बन सके। कलेक्टर वानखड़े ने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों में रंगाई-पुताई, सुविधाओं में सुधार और शिक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना इस पहल का प्रमुख उद्देश्य है। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि जिले में जो आंगनवाड़ी केंद्र उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उनका नाम सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाएगा और संबंधित अधिकारी व उनकी धर्मपत्नी को सम्मानित भी किया जाएगा।
त्योहारों की जगमगाहट अब विदेशी सामान पर नहीं, बल्कि स्थानीय महिलाओं की मेहनत और हुनर से बनी स्वदेशी इलेक्ट्रिक सीरीज पर टिकी होगी। सेवा भारती जिला राजगढ़ की इस अनूठी पहल ने खिलचीपुर, जीरापुर और छापीहेड़ा की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और रोजगार की नई राह खोल दी है। रविवार दोपहर खिलचीपुर के कालाजी बड़ली मार्ग स्थित साहू धर्मशाला में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 80 महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्हें इलेक्ट्रिक सीरीज बनाने की तकनीक सिखाई गई और साथ ही कच्चा माल भी उपलब्ध कराया गया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद महिलाएं घर पर सीरीज तैयार करेंगी और प्रति सीरीज 40 रुपए की बेच सकेंगी। संस्था द्वारा तैयार उत्पादों को त्योहारों के समय मार्केट में बेचा जाएगा। सेवा भारती की उपाध्यक्ष जया जयसवाल ने कहा हमारा लक्ष्य है कि महिलाएं सिर्फ घर तक सीमित न रहें, बल्कि हुनर के बल पर आत्मनिर्भर बनें। अब समय है कि लोग विदेशी सीरीज छोड़कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक महिलाएं जुड़ें और त्योहारों की रोशनी अपने घर के हाथों से बनाई गई सीरीज से सजे। उन्होंने कहा यह प्रयास महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच महिलाएं अब अपनी पहचान और आय दोनों कमा सकेंगी। छोटे स्तर से शुरू हुई यह पहल आगे चलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकती है। प्रशिक्षण प्रांत प्रशिक्षक बलराम ने दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक प्रेम सिंह दांगी, सेवा भारती के जिला अध्यक्ष रामकृष्ण गुप्ता, सचिव मार्तंड, उपाध्यक्ष जया जयसवाल, सदस्य रामकला तोमर एवं आकांक्षा दुबे भी मौजूद रहे।
मधेपुरा में 25 अगस्त को बिहार पूर्व मुख्यमंत्री व मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बीपी मंडल की जयंती समारोहपूर्वक मनाई जाएगी। जिला प्रशासन एवं बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वावधान में दिन भर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सुबह 6 बजे बीपी मंडल के पैतृक गांव मुरहो एवं मधेपुरा शहर में स्कूली बच्चों ने प्रभातफेरी निकाली। वहीं 10 बजे बीपी मंडल चौक पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि किया जाएगा। उसके बाद 10.30 बजे मुरहो स्थित बीपी मंडल की समाधि पर पुष्पांजलि किया जाएगा। 10.35 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन शाम 5 बजे से रात 9.50 बजे तक बीएन मंडल स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें स्थानीय एवं ख्याति प्राप्त कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। ख्याति प्राप्त कलाकारों में श्यामा शैलजा और इंडियन आइडल फेम साहिल सोलंकी शामिल है। जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे इस समारोह में शामिल होकर बीपी मंडल की जयंती को ऐतिहासिक बनाएं और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लें। बनारस में हुआ था जन्म बीपी मंडल का जन्म 25 अगस्त 1918 को बनारस में हुआ था। उनके पिता का नाम रासबिहारी लाल मंडल था। उनका पैतृक घर मधेपुरा के मुरहो गांव में है। बीपी मंडल को सामाजिक न्याय के सशक्त पुरोधा माने जाते हैं। उन्होंने वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों की आवाज को बुलंद किया। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संघर्षरत रहे। 1968 में बिहार के बने मुख्यमंत्री बीपी मंडल के नाम से प्रसिद्ध बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल 1968 में बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालांकि राजनीतिक कारणों से एक महीने के बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। बाद में 20 दिसंबर 1978 को उन्हें केंद्र सरकार ने मंडल आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। दिसंबर 1980 में मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह को सौंपी। बीपी सिंह की सरकार ने 1990 में मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू किया गया। मंडल आयोग की सिफारिशों ने देश की राजनीति और समाज को गहराई से प्रभावित किया। पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया। 13 अप्रैल 1982 को बीपी मंडल का निधन हो गया।
घांटी के गणेशोत्सव में क्रिकेट प्रतियोगिता, इनडोर गेम्स और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे
भास्कर संवाददाता | डूंगरपुर आगामी गणेशोत्सव की तैयारियों को लेकर इको फ्रेंडली श्री गणेश घांटी नवयुवक मंडल डूंगरपुर की बैठक घांटी स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में सुरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मंडल के सभी कार्यकर्ताओं ने इस वर्ष 28वे गणेशोत्सव कार्यक्रम के तहत गणपतिजी के आगमन व स्थापना से लेकर विसर्जन तक के सभी कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा, रूपरेखा व आय-व्यय के विवरण को लेकर सुझाव दिए। मंडल सचिव पवन चौबीसा ने बताया कि गणेशोत्सव के दौरान समाज के सभी आयु वर्ग के वृद्धजनों, महिलाओं, बालकों व युवाओं के लिए विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंडल अध्यक्ष दक्ष शर्मा ने बताया कि इसके तहत संगीतमय सुंदरकांड, गणेश घांटी क्रिकेट लीग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम (नृत्य,कविता,भजन,गीत ), इनडोर गेम्स (चित्रकला, कैरम, मेहंदी, चेयर रेस, स्पून व लेमन रेस) प्रतियोगिता, भजन संध्या एवं तेरस पर मनमोहक झांकी और महाआरती के कार्यक्रम होंगे। अनंत चतुर्दशी पर भव्य शोभायात्रा में पारंपरिक 21 ढोल की सवारी के साथ गणपति दादा की सवारी निकाली जाएगी। बैठक में प्रस्तावित कार्यक्रमों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाकर मंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के निर्देशन में सदस्यों को विभिन्न आयोजनों के लिए दायित्व भी सौंपे गए। बैठक में संगठन मंत्री गजेंद्रसिंह राठौड़, जतिन, आकाश, विनय, नवीन, जय चौबीसा, धीरेंद्र शर्मा, जितेंद्रसिंह, चिन्मय श्रीमाली, ऋषि चौबीसा, अजितसिंह सिसोदिया, मनीष तोमर, हिमांशु, प्रेरक, अभिषेक, याम्य, अक्षय, हार्दिक, देवाशीष, गौरांग समेत अन्य मंडल प्रतिनिधि मौजूद रहे। अंत में पूर्व मंडल अध्यक्ष हिमांशु चौबीसा ने आभार माना।
बच्चों ने मिट्टी के बैल पूजा कर पोला त्योहार मनाया
भास्कर न्यूज | खल्लारी शासकीय प्राथमिक शाला सिंघी में तीजा पोला के त्योहार पर बच्चों ने बैल की पूजा कर और जाता पोरा, जैसे खेल का आयोजन किया। इस दौरान बच्चों ने टेठरी, खुरमी, मीठा व्यंजन भी लाए थे। सभी शिक्षकों ने इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया। इस पारंपरिक त्योहार के बारे में जानकारी देते हुए बच्चों को इसकी महत्ता बताई गई। बच्चों ने बड़े चाव के साथ चुकी पोरा खेल खेला और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद उठाया। मौके पर पीतांबर राव, राजेंद्र साहू, नूतन दुबे, प्रतिभा साहू, रूपसिंह दीवान, आलोक चंद्राकर, भीखम कश्यप, रोहित पटेल, शबनम मिर्जा सहित अन्य मौजूद थे।
पोला त्योहार पर बजरंग दल ने किया भव्य प्रसादी का वितरण
भास्कर न्यूज | भाटापारा ग्राम तरेंगा में पोला पर्व पर हुआ प्रसाद वितरण और भव्य स्वागत समारोह। ग्राम तरेंगा में इस वर्ष भी पारंपरिक पोला पर्व बड़े ही हर्षोल्लास और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। पर्व के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल तरेंगा के द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कीर्तन मंडली का स्वागत अभिनंदन रहा। मंडली के कलाकारों को पारंपरिक रीति से श्रीराम दरबार, श्रीफल भेंटकर एवं तिलक लगाकर सम्मानित किया गया। भक्ति गीतों और भजनों से ग्राम का वातावरण देर रात तक गुंजायमान रहा। इस अवसर पर बजरंग दल जिला गौ रक्षा प्रमुख नारायण यादव, प्रखंड सह संयोजक भरत चक्रधारी, सरपंच प्रतिनिधि धनेश साहू, उप सरपंच सतीश सोनी, जनपद सदस्य खन्नालाल साहू, तोपेश्वर साहू, नंदकुमार साहू, रामदुलार साहू, खंड संयोजक शिवकुमार यदु, सतन साहू, समीर देवांगन, पुष्पेंद्र चक्रधारी, अंकित यदु, अंकुश साहू, डोमेंद्र साहू, लोकेश साहू, बीरबल यदु, विजय ध्रुव, सोनू ध्रुव, हेमकुमार यदु, शिवम् यदु, एकलव्य यदु, रविकांत प्रजापति सहित बड़ी संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ता और श्रद्धालु उपस्थित रहे। भक्तिमय वातावरण में ढोल-नगाड़ों और भजन-कीर्तन की स्वर लहरियों ने उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से न केवल परंपराओं का संरक्षण होता है बल्कि ग्राम समाज में भाईचारा, सहयोग और सांस्कृतिक एकता भी सुदृढ़ होती है।
गाजीपुर में हरियाली तीज का उत्सव:महिला भूमिहार समाज ने सांस्कृतिक कार्यक्रम से बांधा समां
गाजीपुर के होटल ग्रैंड प्लेस चुंगी पर महिला भूमिहार समाज ने हरियाली तीज के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नारी शक्ति को मंच देना और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. शकुंतला राय, डॉ. रजनी राय, डॉ. विनिता राय, गीता राय, नीलम राय और साधना राय ने दीप प्रज्वलन से की। शैलवी राय ने गणेश स्तुति प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण और अंगवस्त्रम से किया गया। महिलाओं ने हरे पारंपरिक परिधान पहनकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। लोकगीत और कजरी के साथ ढोलक की थाप पर नृत्य किया। लोकगायिका रंजना राय ने 'पिया मेंहदी लगा द मोतीझील से जात साइकिल से' और 'सावन झरी लागे ओ धीरे धीरे' गीत प्रस्तुत किए। पूनम राय ने भी अपनी प्रस्तुति दी। महिला भूमिहार समाज की संस्थापिका डॉ. राजलक्ष्मी राय ने कहा कि यह आयोजन मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। डॉ. शकुंतला राय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में एकता और संस्कृति के संरक्षण में योगदान करते हैं। कार्यक्रम में प्राची, रंजना, अर्चना और गायत्री राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एकल और सामूहिक नृत्य प्रस्तुतियों में सभी महिलाओं ने उत्साह से भाग लिया।
बलहाडीह धाम न केवल धार्मिक स्थल बल्कि सामाजिक समरसता का केन्द्र है
भास्कर न्यूज | सहरसा दो दिवसीय बाबा गणिनाथ गोविंद जयंती समारोह का समापन शनिवार को विर्सजन एवं रंगोत्सव के साथ उत्साह और भक्तिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया। कहरा प्रखंड के बलहाडीह स्थित संत शिरोमणि बाबा गणीनाथ गोविंद धाम में आयोजित बाबा की 93वीं जयंती समारोह धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बाबा के चरणों में आस्था अर्पित की। वहीं अखिल भारतीय मध्य देशीय वैश्य सभा के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह ने कहा कि बाबा गणीनाथ की महिमा अपरंपार है। इनके आदर्शों की बदौलत ही समाज को सही दिशा और उन्नति का मार्ग मिलता है। आज बलहडीह धाम न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा देने का माध्यम बन चुका है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रदेश महामंत्री रामनरेश साह, रमेश कुमार राहुल, सुनील मित्रा, संजय कुमार, संतोष कुमार लड्डू, अजित कुमार अजय, मनोज मिलन, सुनील सम्राट, राजकिशोर गुप्ता, शंकर साह, भूपी साह, प्रिंस कुमार, सुरेश साह, रंजन साह, भैरव साह, बैजनाथ साह, सुरेंद्र साह, बिनोद साह, खगेश कुमार, अनुमंडल प्रभारी सुमित कुमार, कृष्ण कन्हैया, विक्की गुप्ता, कृष्ण मोहन साह, बृजमोहन साह, नरेश साह, भैरव साह सहित अन्य ने भाग लिया। समारोह के दूसरे दिन शनिवार को मंदिर प्रांगण में विशेष पूजा-अर्चना की गई। बाबा का शृंगार फूलों और विशेष सामग्रियों से किया गया। इसके बाद सुनरी पूजा, 14 देवान पूजा, शृंगार पूजा एवं हवन-यज्ञ संपन्न कराया गया। पूजा-अर्चना का नेतृत्व मंदिर के पुजारी ब्रजमोहन साह ने किया। जबकि यजमान के रूप में रामकृष्ण साह उर्फ मोहन साह एवं विमला देवी मौजूद रहे। हवन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति डालकर बाबा से सुख-समृद्धि की कामना की। सुख-समृद्धि की कामना
कटगी में पोला त्योहार मनाया गया
कटगी| ग्रामीण क्षेत्रों में पोला का त्योहार बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया गया। छत्तीसगढ़ के परंपरानुसार, पोला के दिन किसान भाई अपने बैलों और मिट्टी से बने बैलों की पूजा-अर्चना करते हैं। यह त्योहार भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो इस बार 23 अगस्त को पड़ा। पोला त्योहार के दिन, किसान अपने बैलों को सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। बैलों के सींगों पर रंग-बिरंगे रंग लगाए जाते हैं और उन्हें घंटियाँ, फूलों की माला व आभूषण पहनाए जाते हैं। इसके अलावा, बैलों को नहलाकर उन्हें गुड़, मीठा चारा और अनाज खिलाया जाता है। जिन परिवारों के पास बैल नहीं होते, वे मिट्टी के बैलों की पूजा करते हैं।
शाजापुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल दुपाड़ा में पर्यावरण संरक्षण के लिए खास कार्यक्रम हुआ। शुभेच्छा फाउंडेशन के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में 574 विद्यार्थियों ने मिट्टी से गणेश प्रतिमाएं बनाईं। बच्चों ने बनाईं 78 गणेश प्रतिमाएं कार्यक्रम में शुभेच्छा फाउंडेशन की बिंदु ठोंमरे और पर्यावरणविद् जितेंद्र ठोंमरे ने इकोक्लब के माध्यम से विद्यार्थियों को मिट्टी से प्रतिमा बनाने की विधि सिखाई। छात्रों ने मिलकर 78 सुंदर प्रतिमाएं तैयार कीं। प्राचार्य सिद्दीकी ने विद्यार्थियों से इस परंपरा को घरों तक ले जाने की अपील की। वरिष्ठ शिक्षक आशीष जोशी ने बताया कि मिट्टी की प्रतिमाओं को पुराने बर्तनों में सिंदूर, बेलपत्र और बीजों के साथ विसर्जित करने से पौधारोपण को बढ़ावा मिलता है। टीचर बोले- मिट्टी की प्रतिमाओं से स्थानीय कला को बढ़ावा मिलता है शिक्षक जगदीश चंद्रपाल ने चीन से आयातित रासायनिक मूर्तियों के नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मिट्टी की प्रतिमाओं से स्थानीय कला को बढ़ावा मिलता है और विसर्जन के बाद पौधे भी उगते हैं। शुभेच्छा फाउंडेशन जिले भर के विद्यालयों में इको-फ्रेंडली गणेश बनाने की मुहिम चला रहा है। कार्यक्रम का संचालन जगदीश चंद्रपाल ने किया और आभार अखिलेश सोनी ने व्यक्त किया। इस दौरान विद्यालय का स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।
भाद्रपद मास की अमावस्या पर मनाए जाने वाले पोला पर्व की तैयारियां खरोरा में शुरू हो गई हैं। यह त्योहार किसान फसलों की निंदाई-कुड़ाई पूरी होने और फसलों की बढ़वार की खुशी में मनाते हैं। खरोरा के साप्ताहिक बाजार में कुम्हार कई प्रकार के खिलौने लेकर पहुंचे हैं। सोमवार को नगर के नागरिकों और आसपास के ग्रामीणों की अच्छी भीड़ देखी गई। खुले मौसम का फायदा उठाते हुए दिनभर लोगों का आना-जाना जारी रहा। इस साल महंगाई का असर त्योहार की तैयारियों पर दिख रहा है। खरोरा के चौक-चौराहों पर बिक्री के लिए रखे गए नंदिया बैलों की मांग कम है। कुम्हारों के अनुसार, पिछले सालों की तुलना में नंदिया बैलों और घरेलू उपयोग के खिलौनों की बिक्री में गिरावट आई है। पेंट और वार्निश की बढ़ी कीमतों के कारण उत्पादों के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं। मिट्टी से बने बैल की कीमत 80 से 90 रुपए तक है। महंगाई के कारण लोग त्योहार पर खर्च से बच रहे हैं, जिससे त्योहार का उत्साह कुछ फीका पड़ता दिख रहा है।
रक्षा बंधन का त्योहार कैसे हुआ प्रारंभ, किसने बांधी सबसे पहले राखी?
History of raksha bandhan: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा को भाई बहनों का त्योहार रक्षा बंधन मनाया जाता है। इसे राखी का पर्व भी कहते हैं। इस बार यह त्योहार 9 अगस्त 2025 शनिवार के दिन रहेगा। रक्षा बंधन का त्योहार कैसे हुआ ...
होली को छपरियों का त्योहार बताकर फंसीं फराह खान, दर्ज हुआ केस
फिल्ममेकर-कोरियोग्राफर फराह खान इन दिनों कुकिंग रियलिटी शो 'सेलिब्रिटी मास्टशेफ' को जज करती नजर आ रही हैं। हाल ही में शो के एक एपिसोड में फराह खान ने होली को 'छपरी लोगों का फेवरेट फेस्टिवल' बताया था। इसके बाद फराह मुश्किलों में घिर गई हैं। फराह खान ...