लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैंड समेत अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में 300 बिहारी युवकों से साइबर गुलामी यानी साइबर स्लेवरी कराई जा रही है। इनमें सबसे अधिक करीब 150 युवक म्यांमार में फंसे हैं। इनमें पटना जिले के दो दर्जन से अधिक युवक हैं। इनसे अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग भारत में साइबर ठगी करवा रहा है। आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल की टीम ने ऐसे लोगों का पता लगाया है। विदेशों में फंसे भारतीयों का पता लगाने के लिए स्लेवरी डेस्क बनाई गई है। यह डेस्क इन भारतीयों को वापस लाने की कवायद में जुट गई है। इन युवकों को सेल्समैन, डाटा इंट्री ऑॅपरेटर, कूरियर डिलिवरी ब्वॉय आदि की नौकरी देने के बहाने भेजा गया था। वहां जाने पर अंतराष्ट्रीय साइबर अपराधियों ने अपने जाल में फांस लिया। इसके बाद भारत, कनाडा, अमेरिका समेत अन्य देशों में कॉल करवा कर साइबर फ्रॉड कराने लगे। बिहार के 36 लोगों को मुक्त कराया गया साइबर सेल के एसपी विनय तिवारी ने बताया कि इस साल म्यांमार में फंसे बिहार की 36 साइबर स्लैवरी को मुक्त कराया गया। पिछले साल 20 लोगों को मुक्त कराया गया था। ईओयू में साइबर स्लेवरी डेस्क बनाई गई है। कहीं से भी सूचना आने पर टीम उनके परिजनों के पास जाती है, फिर दिल्ली जाकर दूतावास को सूचनाएं दी जाती हैं। केंद्र से अधिकारी युवकों को मुक्त कराकर भारत लाते हैं। मुक्त कराए गए बिहार के युवकों को दिल्ली से लाकर परिजनों के हवाले किया जाता है। पटना के युवक की पीड़ा : पासपोर्टजब्त कर लिया, जमीन पर सुलाया पटना का अभिराज इसी साल फरवरी में एजेंट के माध्यम से नौकरी करने म्यांमार गया था। एजेंट ने डेढ़ लाख रुपए लिये। नौकरी देने का लालच देकर पहले थाईलैंड ले गया। वहां से म्यांमार के साइबर माफियाओं के हाथों बेच दिया। साइबर माफिया उसे थाईलैंड-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित एक नदी को नाव से पार करा कर म्यावाडी स्थित केके पार्क ले गए और वहां बंधक बना लिया। पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था। अभिराज ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके ट्रैप से छूटकर म्यांमार स्थित म्यावाडी में दो एनजीओ के शिविर में बिहार समेत भारत के 217 युवक हैं। 7 दिसंबर को ही इमिग्रेशन हो गया है, लेकिन अबतक यहां से नहीं निकल पाए। जब साइबर अपराधियां के ट्रैप में थे तो किसी से बात करने नहीं दिया जाता था। टारगेट पूरा नहीं करने पर बिजली का करंट देने के साथ ही मारपीट की गई। जमीन पर सुलाया जाता था। जानवरों से बदतर स्थिति कर दी थी। मुक्त करने के लिए 4 लाख की डिमांड करते थे। क्या कराते हैं...एआई की मदद से लड़की बन पहले फंसाना, फिर वसूली करना ठगी के शिकार बिहारियों ने बताया कि सैकड़ों लोग वहां साइबर गुलामी कर रहे हैं। एआई की मदद से लड़कियों का फोटो लगाकर भारत, अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के लोगों से बातचीत कर फंसाने को कहा जाता था। अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के पास नंबर कहां से आते हैं, इसकी जानकारी नहीं है। लोगों को फांसने के बाद उनसे पैसे वसूलते थे। इसके अलावा अमेरिका, कनाडा के लोगों से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के नाम पर भी ठगी होती है। भास्कर एक्सपर्ट - मुकेश चौधरी, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट जाने से पहले विदेशी कंपनी की ठीक से पड़ताल कर लें 1. एजेंटों के माध्यम से विदेश जाने से पहले उसके बारे में पड़ताल कर लें। 2. कोई अनजान व्यक्ति सोशल मीडिया पर नौकरी का झांसा दे तो भरोसा न करें। 3.एजेंट के बारे में पता लगा लें कि वह विदेश मंत्रालय में रजिस्टर्ड है या नहीं? 4. जिस कंपनी में नौकरी देने की बात है, उसके बारे में सोशल मीडिया पर जांच कर लें। 5.पासपोर्ट, शैक्षिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज किसी को न दें।
नेपाल के पोखरा शहर में 16 से 19 दिसंबर तक आयोजित प्रथम दक्षिण एशियाई गोल शॉट बॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने दो स्वर्ण पदक जीते। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की कुसुम साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कोरबा की पुरानी बस्ती, भंडारी चौक निवासी कुसुम साहू के पिता संपत लाला साहू ट्रक चालक हैं और माता का नाम धनलक्ष्मी साहू है। उनकी अंतरराष्ट्रीय सफलता पर परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। माता-पिता ने बेटी की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया। भारत ने पुरुष और महिला टीमों के साथ जीते स्वर्ण पदक चार दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दक्षिण एशियाई देशों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने बेहतरीन तालमेल और आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक हासिल किए। भारतीय टीमों के मार्गदर्शन और नेतृत्व की जिम्मेदारी हरियाणा के भिवानी के प्रशिक्षकों ने संभाली। परमवीर सिवाच (गांव मित्ताथल) ने पुरुष टीम को कोचिंग दी, जबकि विवेक कुमार (गांव खरक) महिला टीम के मुख्य कोच रहे। टीम का नेतृत्व अमित कौशिक (गांव उमरावत) ने किया। कुसुम साहू ने बेहतर प्रदर्शन कर भारत का नाम किया रोशन कुसुम साहू ने बताया कि इस प्रतियोगिता में कई देशों की टीमों और खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। वह छत्तीसगढ़ की टीम में शामिल थीं और उनका प्रदर्शन बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से इस खेल के लिए मेहनत कर रही हैं और आगे भी खेलना चाहती हैं, ताकि भारत, छत्तीसगढ़ और कोरबा का नाम रोशन कर सकें। इस उपलब्धि पर प्रतीक कटौते, कैलाश यादव, गजेंद्र चौहान, नंद कुमार, आशीष भगत, अतुल यादव, निखिल युगल, हिमांशु सहित अनेक खेल प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने कुसुम साहू को बधाई दी है।
एशियाई देशों के बीच सद्भाव सुनिश्चित करने में मददगार हो सकते हैं रूसी राष्ट्रपति
The Russian president believes that Asian countries can be helpful in ensuring harmony.,एशियाई देशों, सद्भाव, सुनिश्चित करने में, मददगार हो सकते हैं, रूसी राष्ट्रपति
दक्षिण एशियाई देशों के लिए सावधानी और सहयोग से चलने का समय
अब समय आ गया है कि हम कुछ सकारात्मक सोचना शुरू करें। हमें यह समझना होगा कि हम तीन न्यूक्लियर हथियार वाले पड़ोसी हैं।
मनोरंजन जगत से सामने आई बेहद दुखद खबर! Asia की सबसे बड़ी फिल्म सिटीके संस्थापकRamoji Rao का हुआ निधन
Cannes Film Festival 2024 : सिनेमैटोग्राफी के लिए पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई बनें संतोष सिवन
Cannes Film Festival 2024: बॉलीवुड के जानेमाने फिल्म सिनेमैटोग्राफर और निर्देशक कान फिल्म फेस्टिवल में सिनेमैटोग्राफी के लिए पुरस्कार पाने वाले पहले एशियाई बन गए हैं। संतोष सिवन को 77वें कान फिल्म फेस्टिवल 2024 में 'सिनेमैटोग्राफी' में प्रतिष्ठित ...

