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धीरेंद्र शास्त्री बोले- शादी तो जरूर करेंगे:जब डॉक्टर आतंकी निकल रहे, तो देश खतरे में; मुस्लिमों की शिक्षा बदलने की जरूरत

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा वृंदावन पहुंच चुकी है। 10 दिन में 170km की पदयात्रा में 3 बार धीरेंद्र शास्त्री की तबीयत बिगड़ी। वो कहते हैं- राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम...। मुझ पर 20 घंटे काम करने का साइड इफेक्ट दिखता है। दिल्ली ब्लॉस्ट पर वो कहते हैं- इस्लामिक भाइयों से कहना चाहता हूं कि उन्हें शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत है, ताकि कोई डॉक्टर आतंकवादी न निकले। हमारी हिंदू संस्कृति के लिए महापुरुषों ने बलिदान दिया। अगर हमारा बलिदान होगा तो हम ना रुकेंगे, ना डरेंगे, ना पीछे हटेंगे। पदयात्रा के दौरान हिंदू एकता देखकर आतंकवादी बौखला गए हैं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल- पदयात्रा में कई बार आपकी तबीयत खराब हुई, लेकिन आप रुके नहीं?जवाब- मेरी तबीयत ठीक है। तन का अपना धर्म है, वो निभा रहा है। तन जरूर कमजोर है, मगर दिल मजबूत है। हमारी तबीयत से ज्यादा हिंदुओं की तबीयत खराब है। उनकी तबीयत ठीक करने के लिए अगर हमारी तबीयत खराब होती है, तो होती रहे...। हिंदुओं की तबीयत ठीक करेंगे। इस देश को एक करने के लिए जुटे रहेंगे। हटेंगे नहीं, डटे रहेंगे। जब तक प्राण न चले जाएं, मेरा तन-मन हिंदू, मेरा परिचय हिंदू, मेरी रग-रग हिंदू। सवाल- 170 किमी लंबी यात्रा से आप जो चाहते थे, वो नतीजे मिले?जवाब- लक्ष्य मिल रहा है या नहीं, ये समय बताएगा। देखिए, कोई भी आंदोलन या आंदोलित होने वाली क्रांति क्षण में प्रभावी नहीं होती। कुछ दिन बाद पता चलेगा कि कितना ठीक रहा था, क्योंकि अभी तो सब जगह शोर-शराबा है। अभी तो चर्चा होगी, फिर विमर्श होंगे। फिर विरोध भी होंगे, इसके बाद ही कुछ दिखेगा। सवाल- आपने कहा है कि दिल्ली जैसा धमाका हर गली-मोहल्ले में होगा? इसका क्या मतलब है?जवाब- मायने बहुत सीधे हैं। जिस देश में डॉक्टर जैसे गरिमा वाले पद पर रहने वाला व्यक्ति अगर आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है, तो निश्चित रूप से इस देश का भविष्य खतरे में हैं। मजहबी कट्‌टरपंथी भाइयों को ये बात समझने की जरूरत है। हम सभी इस्लामिक भाइयों से अपील करना चाहते हैं कि आपको अपनी शिक्षा नीति में सुधार करना चाहिए। जिससे कोई डॉक्टर आतंकवादी न निकले। सवाल- आपने ये भी कहा, कुछ लोग हमारी यात्रा पर गलत दृष्टि रखे हैं। ये लोग कौन हैं?जवाब- इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारी संस्कृति के लिए महापुरुषों ने बलिदान दिया। अगर हमारा बलिदान होगा, तो हम ना रुकेंगे। ना डरेंगे, ना पीछे हटेंगे। सवाल- आपकी यात्रा के वक्त दिल्ली ब्लास्ट हुआ, कहीं ये आपको संदेश देने की कोशिश तो नहीं थी?जवाब- कहीं न कहीं बौखलाहट तो थी, जो नजर आया। बाकी सरकार और इंटेलिजेंस बेहतर बताएंगे। सुरक्षा बढ़ाई गई, गतिविधियां बढ़ाई गईं। इतना तो साफ है कि वो हिंदू एकता देखकर बौखला गए हैं। इससे हम रुकने वाले नहीं। वो बम फोड़ने पर भरोसा करते हैं, हम नारियल फोड़ने पर भरोसा करते हैं। सवाल- आप शुरू से हिंदुओं को एक करने पर जोर दे रहे। इसकी जरूरत क्यों पड़ रही?जवाब. ये जरूरत इसलिए भी पड़ी है, क्योंकि जब इस्लामिक कंट्री एक हो सकती हैं, तो हिंदू भी एक हो सकते हैं। हिंदू राज्य में हिंदू ही अल्पसंख्यक हो गए हैं, इसलिए भी इसकी जरूरत पड़ी है। आज हिंदू समाज जाति व्यवस्था और क्षेत्रवाद और भाषावाद में बंटा है। कहीं संस्कृति न नष्ट हो जाए, इसलिए भी जरूरत पड़ गई कि कहीं हिंदुओं की संस्तुति न खतरे में पड़ जाए, इसके लिए यही सही समय है। सवाल- आप हिंदू कट्‌टरवाद की बात करते हैं। इससे देश में क्या मुस्लिम कट्‌टरवाद नहीं बढ़ेगा?जवाब- हिंदू कट्‌टरवाद और मजहबी कट्‌टरवाद में जमीन आसमान का अंतर है। हमारी कट्‌टरता में अहिंसा परमो धर्म और वसुधैव कुटुंबकम् पर काम करते हैं। तलवारों की लड़ाई पर भरोसा नहीं करते, विचारों की लड़ाई पर भरोसा करते हैं। इसलिए हमारी कट्‌टरवाद और दूसरों के कट्‌टरवाद में बहुत अंतर है। सवाल- आपकी यात्रा से हिंदुओं का ध्रुवीकरण होता है। आरोप लगता है कि इसका फायदा BJP को होता है?जवाब- ये बेतुकी बात है, इस पदयात्रा से ही संविधान बचेगा। जब हिंदू एक होगा, तब ही देश बचेगा। इसके बाद ही संविधान बचेगा। जब देश ही नहीं बचेगा, तो संविधान कैसे बचेगा। जो इस्लामिक कंट्री हैं, वहां संविधान थोड़े माना जाता है। सवाल- आपने कथा में कहा था कि जब आपके दिन अच्छे नहीं थे, तब एक मुस्लिम दोस्त ने मदद की। अब आप हिंदू मुस्लिम की बात करते हैं?जवाब- हमारे कई अनुयायियों में मुस्लिम धर्म को मानने वाले भी हैं। हमारी पदयात्रा का मुस्लिमों से स्वागत किया। मुझे एक मूवी के बारे में बताया गया, वो थी अमर, अकबर, एंथोनी। इसमें दिखाते हैं कि अमर मंदिर में पूजा करने जाता है, अकबर मस्जिद में नमाज अदा करता है। एंथोनी चर्च में प्रेयर करता है। मगर मूवी का एंड बहुत जबरदस्त था। आखिर में सबका बाप कन्हैया निकलता है। देखिए, इस देश में कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, उनके लिए बहुत अच्छा मौका है। सवाल- आपको अंदाजा था कि बिहार में BJP को इतनी बड़ी जीत मिलेगी?जवाब- हमने कभी राजनीतिक बयान नहीं दिए, न टिप्पणी की है। हम सिर्फ राष्ट्रवाद की बातें करते हैं। राष्ट्रवाद और सनातन के लिए काम करने वाली पार्टियां जीतती रहें, यही भगवान से प्रार्थना करते हैं। हमने सुना है कि वहां पर जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया गया। लेकिन, आखिर में बांटने की कोशिश नाकाम हुई। जातियों से ऊपर उठकर लोगों ने खुद ही वोट किया। सवाल- यमुना शुद्धिकरण को कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?जवाब- इसमें यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को जागरूक रहना होगा। हमने सुना है कि सरकार भी नदी के शुद्धिकरण के लिए काम कर रही है। सवाल- BJP ने पहले कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार नहीं, अब उनकी सरकार है। इस पर आपका क्या मत है?जवाब- मुझे भी लगता है कि इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है। चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक टेबल पर बैठकर ऐसे निर्णय लेने चाहिए कि इतने साल, इतने महीने में हम अपने राज्य की शुद्ध कर लेंगे। आप अपने राज्य की करिए। 1 साल के अंदर पूरी नदी स्वच्छ हो जाएगी। सवाल- क्या हिंदू राष्ट्र की मांग करके आप संविधान में बदलाव चाहते हैं?जवाब- बिल्कुल भी नहीं, लोगों के दिलों में हिंदू राष्ट्र बन जाए, कागजों में तो अपने आप बन जाएगा। लोग जब सही पदों पर बैठेंगे, तो अपने आप परिवर्तन कर देंगे। सवाल- आपने तो हिंदू गांव भी बसाने के लिए कहा था, यह प्लान कहां तक पहुंचा?जवाब- हमने लोगों से कहा था कि जमीन हमारी है, आप आइए और बस जाइए। कोई धंधा नहीं करना है। सवाल- हिंदू राष्ट्र घोषित होने के बाद लोगों की जिंदगी क्या आसान हो जाएगी?जवाब- तो दुर्लभ भी नहीं होगी। सवाल- राम मंदिर की तरह आप श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए संकल्प दिलवा रहे?जवाब- तीन मंदिर, हमारे अधिकार हैं- काशी, अयोध्या और मथुरा। 16 नवंबर को संत-साधुओं के साथ विचार करेंगे। अभी कोर्ट के लिए ठहरे हुए हैं। ये बात तो तय है कि मंदिर वहीं बनना है। सवाल- आपके अनुयायी जानना चाहते हैं कि आप शादी कब करेंगे?जवाब- बिल्कुल करेंगे। सवाल- आप जिससे शादी करेंगे, वो क्या वह घरेलू महिला होगी?जवाब- (मुस्कुराते हुए) जब हम शादी करेंगे, तो गृहस्थ ही होंगे। सवाल- 2024 में मध्यप्रदेश में पदयात्रा की, 2025 में दिल्ली, हरियाणा और यूपी में आए, आगे किन राज्यों में प्लान है?जवाब- पदयात्रा 3.0 होगी, बिल्कुल होगी, मगर कहां होगी, ये 16 नवंबर के बाद ही तय कर पाएंगे। हम भारत के नागरिक हैं, हमें कहीं भी जाने की स्वतंत्रता है। सवाल- हम 24 घंटे आपके साथ पदयात्रा में हैं। अब 20 घंटे सड़क पर चलते हैं, शरीर को आराम नहीं दे रहे?जवाब- रामायण में लिखा है- राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। आराम करते तो हैं, मगर उतना नहीं कर पाते, जितना शरीर को चाहिए। उसका साइड इफेक्ट भी दिखाई पड़ते हैं, आगे से थोड़ा सुधार करेंगे। ------------------------------- यह खबर भी पढ़ें - धीरेंद्र शास्त्री बोले- देश बाबर का नहीं, राम का, गद्दारी करने वाले सुन लें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का आज नौवां दिन है। जया किशोरी यात्रा में शामिल हुईं। यात्रा में वह धीरेंद्र शास्त्री के आगे चलती दिखाई दीं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:36 am

MP की सड़कों से हटेंगी 15 साल पुरानी 900 बसें:ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी का आदेश, नाराज बस ऑपरेटर्स बोले- ऐसे निरस्त नहीं होता स्थायी परमिट

मध्य प्रदेश की सड़कों पर 899 बसें ऐसी दौड़ रही हैं जिन्होंने अपनी 15 साल की उम्र सीमा पार कर ली है। सीधी भाषा में कहें तो ये बस खटारा हो चुकी है, बावजूद इसके ये आज भी प्रमुख शहरों के बीच सवारियां ढोने का काम कर रही हैं। अब इस मामले पर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को एक पत्र लिखकर इन सभी बसों की सूची सौंप दी है और इन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा खटारा बसें जबलपुर तो सबसे कम रीवा संभाग में चल रही हैं। सरकार के इस आदेश के बाद बस संचालकों में नाराजगी है। उनकी दलील है कि जब उनकी बसों को परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया था तब उनकी उम्र 15 साल नहीं हुई थी। बसों का फिटनेस और परमिट अभी बकाया है ऐसे में अचानक बसों को बंद करने का फैसला अव्यवहारिक है। परिवहन सचिव ने लिखा ये बसें अवैध तरीके से संचालित हो रही14 नवंबर को परिवहन सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि इंदौर, रीवा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, सागर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (RTA) से जारी मंजिली गाड़ी परमिट की 899 बसों का विवरण सूची के रूप में संलग्न है। इस सूची में उन्हीं बस श्रेणी के वाहनों का विवरण है जिन्होंने 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है। पत्र में आगे इस बात की आशंका जताई गई है कि ये बसें अवैध रूप से संचालित हो रही होंगी, चूंकि इनके परमिट की वैधता अभी समाप्त नहीं हुई है, इस कारण इसकी पूरी संभावना है कि यह बसें फील्ड में अवैध रूप से संचालित हो रही होंगी। अतः इन सभी श्रेणी की बसों, जो आमजन की सुरक्षा के मान से खतरनाक हैं, उनकी जांच करवा लें तथा अगर किसी बस का संचालन पाया जाता है तो उस बस संचालक के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाए। नियमों की अनदेखी, परमिट देने वाले अधिकारियों पर सवाल अब यह स्थिति रातों-रात पैदा नहीं हुई है। यह सीधे तौर पर उन अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है जिन्होंने नियमों को जानते हुए भी इन बसों को परमिट जारी किए। मप्र मोटरयान नियम 1994 का नियम 77–1–ए स्पष्ट रूप से कहता है- इन स्पष्ट नियमों के बावजूद रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) के पद पर बैठे अधिकारियों ने परमिट देते समय वाहनों की उम्र का ध्यान नहीं रखा, जिसके कारण आज 899 कंडम बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं और हजारों यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। अब होगी परमिट निरस्त करने की कार्रवाईपरिवहन विभाग के जानकारों के अनुसार, सचिव के पत्र के बाद अब इन बसों के परमिट निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, अधिकारी सीधे परमिट कैंसिल करने से पहले बस संचालकों को नोटिस जारी कर सकते हैं। कुछ मामलों में उन्हें नए वाहन से बस को बदलने का विकल्प भी दिया जा सकता है, लेकिन इसकी संभावना कम है। सवारी बसों के रूप में हटेंगी, सड़क से नहींये बसें पूरी तरह से सड़क से नहीं हटेंगी। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने स्पष्ट किया, ‘15 साल पुरानी बसें स्टेज कैरैज (सवारी बस) के रूप में नहीं चल सकतीं, लेकिन इन्हें अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। इन बसों को एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, प्राइवेट इंस्टीट्यूट या फैक्ट्रियों में कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के तहत चलाया जा सकता है।' इसके अलावा, ऐसी बसों को सात दिन के विशेष परमिट पर बारात या अन्य निजी कार्यक्रमों के लिए भी चलाया जा सकता है। इन सभी के लिए एक ही शर्त है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट वैध होना चाहिए। हालांकि, आयुक्त ने यह भी साफ कर दिया कि जो ऑपरेटर बस बदलने के लिए आवेदन देना चाहते हैं, उन्हें यह कदम बस की 15 साल की उम्र पूरी होने से पहले उठाना होता है। अब उन्हें कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा और नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। बिना परमिट के बस चलाने पर रूल 13-ए के तहत प्रति सीट 1,000 रुपए की पैनाल्टी का प्रावधान है। बस संचालकों की दलील, स्थायी परमिट ऐसे कैंसिल नहीं कर सकतेदूसरी ओर, बस ऑपरेटरों ने सरकार की इस कार्रवाई पर अपनी दलीलें पेश की हैं। मप्र प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा कहते हैं, ‘15 साल पुरानी बसों को स्टेज कैरैज में नहीं चलाने का नियम है, इसे हम मानते हैं। जो बसें उम्र सीमा पार कर चुकी हैं, ऑपरेटर्स उन्हें हटाने के लिए तैयार हैं। हमारी मांग है कि परिवहन विभाग हमें नोटिस जारी करे और बसें बदलने के लिए कम से कम 6 महीने का समय दे, क्योंकि एक नई चेसिस लेकर उसकी बॉडी बनवाने और बस को पूरी तरह तैयार करने में इतना समय लगता है। उन्होंने एक कानूनी पेंच की ओर भी इशारा किया। बसों को हटाने का कोई कानून ही नहींहाईकोर्ट एडवोकेट सुबोध पांडे का कहना हैं, मध्यप्रदेश के मोटरयान नियम 1949 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि 15 साल पुराना वाहन सड़क पर चल नहीं सकता। इसके नियम में लिखा है कि मात्र नया परमिट जारी नहीं किया जा सकता। मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 59 के अंतर्गत किसी भी परिवहन यान की उम्र निर्धारित करने की शक्ति केंद्र सरकार को है। ऐसे में जिनके परमिट पहले से जारी है उन्हें निरस्त नहीं किया जा सकता।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:36 am

छत्तीसगढ़ में जन्मी दुनिया की सबसे छोटी गाय पुंगनूर:आर्टिफिशियल-इनसेमिनेशन से जन्म; ₹2000/लीटर बिकता है दूध, PM मोदी के पास भी इसी नस्ल की गायें

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कृत्रिम गर्भाधान (AI) प्रक्रिया से पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया का जन्म हुआ है। बछिया को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस नस्ल की गाय को दुनिया की सबसे छोटी गाय के रूप में जाना जाता है। यही नस्ल की गाय PM नरेंद्र मोदी के पास भी है। जानकारी के मुताबिक, गोढ़ीकला और ग्राम करमीटिकरा–करूमहुआ गांव में 1 नवंबर को एक बछिया का जन्म हुआ है। पशुपालक का नाम खगेश्वर यादव है। खगेश्वर का कहना है कि उन्होंने PM मोदी के पास इसी नस्ल की गाय देखी थी। इसके बाद उन्होंने अपनी देशी गाय में ब्रीडिंग कराई थी। पुंगनूर नस्ल की गाय 17 से 24 इंच (3 फीट) लंबी होती है। इन गायों की कीमत 2 से 10 लाख के करीब होती है। ये गाय 5 लीटर तक दूध देती हैं। इनके दूध की कीमत 1000 रुपए तक है, जबकि घी 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बेचा जाता है। अब पुंगनूर नस्ल की गाय की ये 3 तस्वीरें देखिए... सबसे पहले जानिए कैसे जन्मी ये बछिया ? पशुपालक खगेश्वर यादव बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के यहां छोटी-छोटी नस्ल की गायों का वीडियो देखा था। इसके बाद उन्होंने इस नस्ल की गाय को अपने गांव में पालने का मन बनाया। उन्होंने इसके लिए पत्थलगांव पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी केके पटेल से मुलाकात की। खगेश्वर ने पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी से बताया कि वह पुंगनूर नस्ल की गाय पालना चाहता है। ऐसी गाय हमारे गांव में भी होनी चाहिए। वह पहले से गाय पाल रहे हैं। उनके बकरियां भी हैं, लेकिन पुंगनूर नस्ल की गाय भी पालना है। कृत्रिम गर्भाधान तरीका अपनाया गया जशपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी केके पटेल ने बताया कि पशुपालक की मांग पर कोशिश की गई। इस दौरान पता चला कि यह नस्ल मुख्य रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है। इसे सीधे लाना महंगा पड़ता, इसलिए नई तकनीक आर्टिफिशियल-इनसेमिनेशन यानि कृत्रिम गर्भाधान का तरीका अपनाया गया। इसके लिए एक निजी संस्था से पुंगनूर नस्ल के सांड का सीमेन लिया गया। कृत्रिम गर्भाधान 29 जनवरी 2025 को कराया गया था। इसी सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान से लगभग 284 दिनों बाद 11 नवंबर 2025 की सुबह गाय ने पुंगनूर नस्ल की बछिया को जन्म दिया। पशुपालक खगेश्वर यादव को मिला सम्मान वहीं पशु चिकित्सक डॉ. बीपी भगत ने सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी केके पटेल और पशुपालक खगेश्वर यादव को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सिर्फ पत्थलगांव के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए गर्व की बात है। डॉ. बीपी भगत ने बताया कि पुंगनूर गाय का स्वभाव बहुत ही शांत और स्नेही होता है। इसे पालना आसान है। लोग इसे घर में साथी पशु के रूप में भी रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुंगनूर गाय को अपनाने के बाद इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है। पुंगनूर गाय से जुड़ी धार्मिक मान्यता धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमृत प्राप्ति के लिए जब देव और दावनों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था तो अमृत निकलने से पहले कई दुर्लभ चीजें भी उसमें से निकली थी। उसमें से एक सुरभि गाय भी निकली थी। इसे कामधेनु भी कहा जाता है। आंध्र के लोगों का मानना है कि पुंगनूर वही सुरभि गाय है। उस समय इसकी ऊंचाई दस फीट थी जो समय काल के प्रभाव से छोटी हो गई है। वैदिक काल में जब विश्वामित्र राजा थे तो उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से कामधेनु को हड़पने के लिए युद्ध किया था। युद्ध में ऋषि वशिष्ठ की कामधेनु ने मदद की थी। इसके कारण राजा विश्वामित्र हार गए थे। इसी के दूध से तिरुपति बालाजी काे अभिषेक किया जाता है। इसे क्षीराभिषेकम कहा जाता है। अब जानिए किस राज्य में कौन-कौन से गायें होती हैं ? गओलाओ (महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश) गओलाओ नस्ल नागपुर, छिंदवाड़ा और वर्धा में पाई जाती है। इनका शरीर मध्यम आकार का और रंग सफेद से सलेटी होता है। इसका सिर लंबा, मध्यम आकार के कान और छोटे सींग होते हैं। इस गाय के दूध में 4.32 प्रतिशत वसा की मात्रा होती है। खेरीगढ़ (उत्तर प्रदेश) इस प्रजाति के गोवंश उत्तर प्रदेश के खेरीगढ़ क्षेत्र में पाए जाते हैं। गायों के शरीर का रंग सफेद होता है। इनके सींग बड़े होते है। इस नस्ल के बैल फुर्तीले होते हैं। इस नस्ल की गायें कम दूध देती हैं। खिलारी (महाराष्ट्र और कर्नाटक) इस नस्ल का मूल स्थान महाराष्ट्र और कर्नाटक है। यह पश्चिमी महाराष्ट्र में भी पाई जाती हैं। इस प्रजाति के गोवंश का रंग खाकी, सिर बड़ा, सींग लम्बे और पूंछ छोटी होती है। खिल्लारी प्रजाति के बैल काफी शक्तिशाली होते हैं। इस नस्ल के नर का औसतन भार 450 किलो और गाय का औसतन भार 360 किलो होता है। इसके दूध में वसा लगभग 4.2 प्रतिशत होता है। कृष्णा वैली (कर्नाटक) कृष्णा वैली उत्तरी कर्नाटक की देसी नस्ल है। यह सफेद रंग की होती है। इस नस्ल के सींग छोटे, शरीर छोटा, टांगें छोटी और मोटी होती है। यह एक ब्यांत में औसतन 900 किलो दूध देती है। मालवी (मध्यप्रदेश) मालवी प्रजाति के बैलों का उपयोग खेती तथा सड़कों पर हल्की गाड़ी खींचने के लिए किया जाता है। इनका रंग लाल, खाकी तथा गर्दन काले रंग की होती है। इस नस्ल की गायें दूध कम देती हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में यह नस्ल पाई जाती है। मेवाती (राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश) मेवाती प्रजाति की गाय सीधे-सीधे तथा कृषि कार्य हेतु उपयोगी होते हैं। इस नस्ल की गाय काफी दुधारू होती हैं। इनमें गिर जाति के लक्षण पाए जाते हैं तथा पैर कुछ ऊंचे होते हैं। यह नस्ल राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले, हरियाणा के फरीदाबाद और गुड़गांव जिले और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले तक फैली हुई है। इसका रंग मुख्य तौर पर सफेद होता है। यह नस्ल एक ब्यांत में औसतन 958 किलो दूध देती है। नागोरी (राजस्थान) इस नस्ल की गाय राजस्थान के नागौर जिले में पाई जाती है। इस नस्ल के बैल भारवाहक क्षमता के विशेष गुण के कारण अत्यधिक प्रसिद्ध है। निमाड़ी (मध्यप्रदेश) निमाड़ी का मूल स्थान मध्यप्रदेश है। इसका रंग हल्का लाल, सफेद, लाल, हल्का जामुनी होता है। इसकी चमड़ी हल्की और ढीली, माथा उभरा हुआ, शरीर भारा, सींग तीखे, कान चौड़े और सिर लंबा होता है। इस गाय के दूध में वसा 4.9 प्रतिशत होता है। अंगोल (आंध्रप्रदेश) अंगोल प्रजाति तमिलनाडु के अंगोल क्षेत्र में पाई जाती है। इस जाति के बैल भारी बदन के और ताकतवर होते हैं। इनका शरीर लम्बा, किन्तु गर्दन छोटी होती है। यह प्रजाति सूखा चारा खाकर भी जीवन निर्वाह कर सकती है। इस नस्ल के ऊपर ब्राजील में काम कर रही है। पोंवर (उत्तर प्रदेश) इस नस्ल के गोवंश उत्तर प्रदेश के रुहेलखण्ड में पाए जाते हैं। इनके सींगों की लम्बाई 12 से 18 इंच तक होती है। इनकी पूंछ लम्बी होती है। इनके शरीर का रंग काला और सफेद होता है। यह गाय कम दूध देती है। पुंगनूर (आंध्रप्रदेश) पुंगनूर का मूल स्थान आंध्रप्रदेश का चितूर जिला है। इस नस्ल के पशु छोटे आकार के होते हैं, इनका शरीर सफेद रंग और खाल हल्के भूरे रंग का होता है। इनके सींग छोटे और मुड़े हुए होते हैं। इस नस्ल की मादा का औसतन भार 115 किलो और नर का औसतन भार 225 किलो होता है। राठी (राजस्थान) भारतीय राठी गाय की नस्ल ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती है। राठी नस्ल का राठी नाम राठस जनजाति के नाम पर पड़ा। यह गाय राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर इलाकों में पाई जाती हैं। यह गाय प्रतिदन 6 -8 लीटर दूध देती है। रेड कंधारी (महाराष्ट्र) रेड कंधारी महाराष्ट्र के नांदेड़, परभनी, अहमदनगर, बीड और लातूर जिले में पाई जाती है। इनका रंग हल्का लाल या भूरा होता है। इसके सींग टेढ़े, माथा चौड़ा, कान लंबे, होते हैं। इस नस्ल के नर का औसतन कद 1138 से.मी. और मादा का औसतन कद 128 से.मी. होता है। लाल सिंधी प्रजाति: ( पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु) लाल रंग की इस गाय को अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जाना जाता है। लाल रंग होने के कारण इनका नाम लाल सिंधी गाय पड़ गया। यह गाय पहले सिर्फ सिंध इलाके में पाई जाती थी। लेकिन अब यह गाय पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा में भी पाई जाती हैं। इनकी संख्या भारत में काफी कम है। साहिवाल गायों की तरह लाल सिंधी गाय भी सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती हैं। साहीवाल (पंजाब और राजस्थान) साहीवाल भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह गाय मुख्य रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पाई जाती है। यह गाय सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती हैं, जिसकी वजह से दुग्ध व्यवसायी इन्हें काफी पसंद करते हैं। यह गाय एक बार मां बनने पर करीब 10 महीने तक दूध देती है। अच्छी देखभाल करने पर ये कहीं भी रह सकती हैं। सीरी (सिक्किम और भूटान) इस नस्ल के गोवंश दार्जिलिंग के पर्वतीय प्रदेश, सिक्किम एवं भूटान में पाए जाते हैं। इनका मूल स्थान भूटान है। ये प्राय: काले और सफेद अथवा लाल और सफेद रंग की होती हैं। सीरी जाति के पशु देखने में भारी होते हैं। गंगातीरी (उत्तर प्रदेश और बिहार) गंगातीरी नस्ल उत्तर प्रदेश और बिहार में पाई जाती है। यह मध्यम आकार की होती है। इसके दूध में 4.1-5.2 प्रतिशत वसा की मात्रा होती है। थारपारकर (राजस्थान) यह गाय राजस्थान में जोधपुर और जैसलमेर में मुख्य रूप से पाई जाती है। थारपारकर गाय का उत्पत्ति स्थल 'मालाणी' (बाड़मेर) है। इस नस्ल की गाय भारत की सर्वश्रेष्ठ दुधारू गायों में गिनी जाती है। राजस्थान के स्थानीय भागों में इसे 'मालाणी नस्ल' के नाम से जाना जाता है। थारपारकर गोवंश के साथ प्राचीन भारतीय परम्परा के मिथक भी जुड़े हुए हैं। उम्ब्लाचेरी (तमिलनाडु) तमिलनाडु के थिरूवारूर और नागापटीनम जिले में यह नस्ल पाई जाती है। इनका माथा चौड़ा होता है। इस नस्ल के नर का औसतन कद 135 से.मी. और मादा का औसतन कद 105 से.मी. होता है। इस नस्ल की गाय के दूध में वसा 4.9 प्रतिशत तक होती है। वेचुर (केरल) वेचूर प्रजाति के गोवंश पर रोगों का कम से कम प्रभाव पड़ता है। इस जाति के गोवंश कद में छोटे होते हैं। इस नस्ल की गायों के दूध में सर्वाधिक औषधीय गुण होते हैं। इस जाति के गोवंश को बकरी से भी आधे खर्च में पाला जा सकता है। मोतू (ओडिशा,छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश) ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में यह नस्ल पाई जाती है। इनका रंग भूरा, सलेटी और सफेद होता है। इनके शरीर का आकार छोटा, सींग सीधे, पूंछ काली और खुर काले रंग के होते हैं। इस नस्ल की गाय के दूध में वसा 4.8-5.3 प्रतिशत होती है। घुमुसरी (ओडिशा) घुमुसरी का मूल स्थान ओडिशा है। इनका रंग सफेद या भूरे रंग का होता हैं। इनके सींग मध्यम आकार के होते हैं जो ऊपर और अंदर की तरफ को मुड़े होते हैं। इस गाय की पहली बार मां बनने की उम्र 42 महीने होनी चाहिए। इसके दूध में वसा 4.8- 4.9 प्रतिशत तक होता है। न्झार्पुरी (ओडिशा) यह नस्ल ओडिशा के भदरक और केंद्रापारा जिले में पाई जाती है। इनका रंग सफेद होता है, पर यह काले, भूरे या सलेटी रंग में भी मिल सकती है। इस नस्ल के सींग काले और मध्यम आकार के होते हैं, जो ऊपर की तरफ मुड़े होते हैं। इसके दूध में वसा 4.3-4.4 प्रतिशत होती है। खरिअर (ओडिशा) खरिअर ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की नस्ल है। यह छोटे आकार की होती है। इसके सींग सीधे, कमर और चेहरे का कुछ हिस्सा गहरे काले रंग का होता है। इस नस्ल की गाय के दूध में वसा 4-5 प्रतिशत होती है। कोसली (छत्तीसगढ़) कोसली नस्ल की गायें भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में पाई जाती हैं। इसका प्रमुख निवास स्थान छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी जिले जैसे रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग और बिलासपुर हैं। इनका आकार छोटा होता हैं। एक मादा का वजन 160-200 किग्रा और नर का वजन 200-300 किग्रा तक होता है। कोसली नस्ल की गायों के सींग छोटे आकार के होते हैं। बद्री (उत्तराखंड) बद्री गाय केवल पहाड़ी जिलों में पाई जाती है और पहले इसे 'पहाड़ी' गाय के रूप में जाना जाता था। इनका रंग भूरा, लाल, सफ़ेद होता है। इनके कान छोटे से मध्यम आकार की लम्बाई के होते हैं और इनकी गर्दन छोटी एवं पतली होती है। बद्री गायों का प्रतिदिन औसत दुग्ध उत्पादन लगभग 1.12 किग्रा है, लेकिन कुछ गायें 6.9 किग्रा तक दूध का उत्पादन करती हैं। इनका दुग्धकाल 275 दिनों का होता है। इन सब के अलावा जम्मू और कश्मीर की लद्दाखी गाय, असम की लखीमी, महाराष्ट्र और गोवा की कोंकण कपिला, हरियाणा और चंडीगढ़ की बिलाही, कर्नाटक की मल्नाद गिद्दा, तमिलनाडु की पुल्लिकुलम भी रजिस्टर्ड है। ............................... ये भी खबर भी पढ़ें कोरबा में मिली चार आंखों वाली मछली:असामान्य रूप से बड़ा है मछली का मुंह; ग्रामीणों ने तालाब में छोड़ा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 4 आंखों वाली मछली देखने को मिली है। हरदी बाजार स्थित सराई सिंगार गांव में इस मछली के मिलने से हलचल मच गई। 30 जून को राधा सागर तालाब में स्थानीय निवासी भंगू निर्मलकर को नहाते समय यह विचित्र मछली मिली। इस मछली का मुंह असामान्य रूप से बड़ा है। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:35 am

यमुनानगर में युवक ने फंदा लगाकर किया सुसाइड:कमरे में लटका मिला शव, बिहार का रहने वाला, फैक्ट्री में करता था काम

यमुनानगर के जगाधरी में एक युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। घटना के वक्त वह अपने कमरे में अकेला था। काम पर न आने पर जब साथी ने फोन किया तो कॉल रिसीव न होने पर कमरे पर पहुंचे और वहां पर उसका फंदे पर लटका शव पाया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया। पुलिस द्वारा शव को फंदे से उतारकर कब्जे में लिया गया और पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल जगाधरी पहुंचाया गया। बर्तन फैक्ट्री में करता था काम मृतक की पहचान बिहार के भोजपुर जिला निवासी 23 वर्षीय बजरंगी के रूप में हुई है। बजरंगी यहां जगाधरी में किराए के मकान में रहता था और बर्तन बनाने वाली एक फैक्ट्री में काम किया करता था। मौत की सूचना मिलते ही मृतक का जीजा विमलेश कुमार बिहार से यमुनानगर पहुंचा। विमलेश ने बताया कि बजरंगी अभी अविवाहित था। वह दो साल पहले रोजगार की तलाश में बिहार से यमुनानगर आया था। यहां पर वह जगाधरी में किराए के कमरे में अकेला रहा करता था और बर्तन फैक्ट्री में काम किया करता था।। एक दिन बाद बिहार से आए परिजन उन्हें बताया गया है कि बजरंगी शुक्रवार को बजरंगी काम पर नहीं गया। ऐसे में उसका साथी उसे फोन कर रहा था, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। बार-बार कॉल के बाद वह उसे देखता हुआ उसके कमरे पर पहुंचा। कमरे का दरवाजा बंद था। उसके कैसे भी करके दरवाजा खोला तो अंदर देखा बजरंगी ने फंदा लगाया हुआ था। उसने तुरंत इस बारे पुलिस को बताया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मामले के जांच अधिकारी मान सिंह ने बताया कि युवक के शक को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल जगाधरी में रखवाया गया था। परिजन बिहार से शनिवार को पहुंचे हैं। ऐसे में शनिवार की देर शाम तक शव का पोस्टमॉर्टम करा उन्हें सौंप दिया गया। मामले की जांच कर रहे हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:34 am

राजस्थान के 13 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे:सीकर में कोल्ड-वेव का अलर्ट, जयपुर, अजमेर संभाग के इलाकों में शीतलहर का असर रहेगा

उत्तर भारत से बफीर्ली हवाएं लगातार चलने से राजस्थान में सर्दी बरकरार है। रविवार को सीकर जिले में कोल्ड-वेव का येलो अलर्ट जारी किया गया है। जयपुर, अजमेर संभाग के जिलों में सुबह-शाम शीतलहर (कोल्ड-वेव) का प्रभाव है। इन संभाग के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हो रहा है। शनिवार को भी राज्य के 13 शहरों में तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ। मौसम केन्द्र जयपुर की ओर से राज्य में अगले कुछ दिन इसी तरह का मौसम रहने और प्रदेश के सुबह-शाम तेज सर्दी और हल्की शीतलहर का असर बरकरार रहने की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटे के दौरान सीकर फतेहपुर में 5 और सीकर में 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर, अजमेर, टोंक जिलों में शनिवार को सुबह-शाम शीतलहर का असर रहा। इन जिलों के अलावा नागौर में न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 7.9, पिलानी में 8.5, चित्तौड़गढ़ में 9.5, पिलानी में 8.5, अलवर में 8.4, वनस्थली (टोंक) 8.6, भीलवाड़ा में 9.4, दौसा में 6.9, झुंझुनूं में 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। अजमेर में 10, उदयपुर, जोधपुर में 10.2-10.2, जयपुर में 12.4, कोटा में 13.1, बाड़मेर में 15.4, जैसलमेर में 12.6, बीकानेर में 13.6, गंगानगर में 10.7, डूंगरपुर में 12.9, हनुमानगढ़ में 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। अधिकतम तापमान 1 डिग्री गिरा, दिन में ठंडक बढ़ी राजस्थान में अब दिन में भी तापमान में मामूली गिरावट हो रही है। शनिवार को भी दिन का अधिकतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। शनिवार को दिन का सबसे अधिक तापमान 32.4 बाड़मेर में दर्ज हुआ। जैसलमेर में अधिकतम तापमान 30.9, फलौदी में 30, बीकानेर में 31.3, गंगानगर में 30.5, अजमेर में 27.8, भीलवाड़ा में 27, वनस्थली (टोंक) 28.2, अलवर में 27.4, जयपुर में 28.4, सीकर में 27.5, पिलानी में 29.7, चित्तौड़गढ़ में 29, कोटा में 27.8, नागौर में 29.9, बारां में 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। शनिवार को दिन में सबसे ज्यादा ठंडक उदयपुर में रही, जहां का अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रविवार को यहां कोल्ड-वेव का येलो अलर्टमौसम केन्द्र जयपुर ने रविवार को सीकर जिले में कोल्ड-वेव चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा जयपुर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में भी कोल्ड-वेव का हल्का असर रहेगा। हालांकि, तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, सर्दी इसी तरह रहेगी।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:20 am

कुलपति ने टीचर-ट्रेनिंग लैब को बताया 'वर्ल्ड क्लास मीडिया लैब':दैनिक भास्कर को दिए बयान के बाद छात्रों के सामने पलटीं VC

गोरखपुर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों ने मीडिया लैब के लिए शुक्रवार को अपनी 5 मांग लेकर विभाग के नीचे धरने पर बैठ गए। शुक्रवार को जब दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने कुलपति प्रो. पूनम टंडन से इस बारे में बात कि तो उन्होंने बताया कि– हमारा तो डेढ़ साल पहले से ही लैब बना हुआ है और अच्छा खासा वर्ल्ड क्लास स्टूडियो बना हुआ है । आगे उन्होंने कहा कि- ''हिंदी और पत्रकारिता विभाग के अध्यापकों से कहा गया है कि छात्रों को को ट्रेनिंग दिलाई जाए लेकिन उनके वहां से कोई भी सेशन लेने नहीं पहुंचा। हमारे दूसरे लैब जो की हिंदी विभाग में बन रहा है उसका टेंडर पास हो चुका है। बहुत जल्द वहां काम शुरू होने की भी घोषणा हो गई है। इसमें प्रदर्शन का क्या वजह है मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है। '' जब रिपोर्टर ने उन्हें पूछा कि आप यहां पर फीता काटकर शुभारंभ करने वाली थी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई हमारे द्वारा बात नहीं किया गया था। इस बयान के बाद छात्र बोले–कि हम उस जगह जाकर देख चुके हैं। वहां छात्रों को एंट्री नहीं है। वो बस टीचर ट्रेनिंग लैब है।जबकि पत्रकारिता विभाग के अध्यापक व कोर्स-कोआर्डिनेटर ने भी ये बात कही कि वो रिकॉर्डिंग रूम है न को मीडिया लैब। इसी बात का पता लगाने दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने लैब में जाकर देखा तो वहां: 2 स्टूडियो लाइट, एक कैमरा स्टैंड, डिजिटल बोर्ड, साउंड प्रूफ रूम है।कुलपति के दिए वर्ल्ड क्लास लैब वाले बयान को लेकर छात्रों ने कुलपति से पूछा तो उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि– वर्ल्ड क्लास जैसी सुविधा वाली लैब की बात नहीं की है। वो लोग कुछ भी लिख देते है। यह धरना शनिवार शाम तक चला। जिसके बाद कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने छात्रों के बीच से 15 लोगों को बात करने के लिए बुलाया।छात्रों ने अपनी मांग रखी जिसपर उन्होंने सहमति बनाते हुए कहा कि 17 नवंबर को आप सभी लोग और विभाग के अध्यक्ष, HOD के साथ बैठकर इस विषय पर चर्चा होगी। तबतक के लिए आप लोग घरना खत्म करिए।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:19 am

सिंगर पेपॉन का लाइव शो आज:देख सकते हैं ग्रामीण बच्चों की प्रदर्शनी; जानिए भोपाल में कहां-क्या खास

आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:05 am

YEIDA बनाएगा कैंसर-केयर मैन्युफैक्चरिंग हब:कैंसर-केयर सिस्टम, CT–MRI–PET-CT उपकरण यही बनेंगे, 17-18 नवंबर को बेंगलुरु में करेंगे बैठक

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) अपने मेडिकल डिवाइस पार्क सेक्टर 28 को देश का प्रमुख कैंसर-केयर और हाई-एंड मेडिकल इक्विपमेंट हब बनाने पर काम कर रहा है। इसके लिए प्राधिकरण पार्क में एक बड़े कैंसर-केयर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करना चाहता है, जिससे मार्डेन ऑन्कोलॉजी उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए YEIDA के सीईओ आर.के. सिंह, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया और मेडिकल डिवाइसेस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (EPC) के प्रमुख प्रवीण मित्तल 17-18 नवंबर को बेंगलुरु में मेडिटेक कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे। इसका उद्देश्य उन कंपनियों को आकर्षित करना है जो रेडियोथैरेपी मशीन, न्यूक्लियर इमेजिंग सिस्टम, ऑन्कोलॉजी डायग्नोस्टिक, रेडियोलॉजी उपकरण और इंप्लांट बनाती हैं। अधिकारियों के अनुसार पार्क में अब तक 101 प्लॉट आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन कैंसर उपकरणों से जुड़ी केवल तीन छोटी इकाइयां ही कार्यरत हैं। इस कैटेगरी को मिलेगा बढ़ावामेडिकल डिवाइस पार्क में कैंसर-केयर सिस्टम, CT–MRI–PET-CT जैसे इमेजिंग डिवाइस, एडवांस कार्डियो-रेस्पिरेटरी और एनेस्थीसिया इक्विपमेंट, साथ ही ऑर्थोपेडिक, कार्डियक, न्यूरो और ऑन्कोलॉजी से जुड़े इम्प्लांट्स एवं इन-विट्रो डायग्नोस्टिक सिस्टम जैसी हाई-वैल्यू कैटेगरी को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सब्सिडी, SGST रीइंबर्समेंट, EPF इंसेंटिव, स्किल डेवलपमेंट सपोर्ट और 100% स्टांप ड्यूटी छूट जैसे लाभ भी दिए जाएंगे। पार्क नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से केवल 5 किमी दूरी पर स्थित है। जापान के प्रतिनिधि मंडल ने किया दौराहाल ही में जापान की एक उच्च-स्तरीय मेडिटेक प्रतिनिधिमंडल ने भी पार्क का दौरा किया। मेडिकल एक्सीलेंस जापान (MEJ) के सीईओ केनजी शिबुया के नेतृत्व में आए प्रतिनिधियों ने निवेश संभावनाओं और तकनीकी सहयोग के मॉडल पर चर्चा की। YEIDA ने 350 एकड़ में फैले पार्क का लेआउट, 90% से अधिक तैयार इन्फ्रास्ट्रक्चर और जेवर एयरपोर्ट के पास विकसित हो रहे 500 एकड़ के जापानी सिटी प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:05 am

आज हल्की धुंध से हुई सुबह, दिन रहेगा हल्का गर्म:आगरा में तापमान 26°C और नमी 40% के आसपास बनी रहने का अनुमान

आगरा में आज 16 नवंबर का मौसम दिनभर हल्की धुंध, हल्की गर्माहट और आरामदायक नमी के साथ गुज़र रहा है। सुबह की शुरुआत कोहरा और ठंडक लिए रही, जबकि दिन में मौसम थोड़ा साफ़ हुआ और तापमान 26 डिग्री तक पहुंचा। आज सुबह हल्की धुंध छाई रही और तापमान करीब 13C महसूस हुआ। दिन में हल्की धूप और हल्की गर्मी बनी रही, अधिकतम तापमान 26C तक रहा। शाम को फिर हल्की ठंडक लौटेगी और विजिबिलिटी थोड़ी कम रह सकती है। हवा की रफ्तार पूरे दिन औसतन 7 किमी/घंटा के आसपास चल रही है, जबकि नमी 36–40% के बीच रही, जो मौसम को आरामदायक बनाए हुए है। आगामी 7 दिन का मौसम, हवा और नमी 17 नवंबर – हल्की धुंध, दिन 26C, रात 14C, हवा 8 किमी/घं., नमी ~40% 18 नवंबर – धुंध हल्की, दिन 25–26C, रात 14C, हवा 7 किमी/घं., नमी ~38% 19 नवंबर – धूप बढ़ेगी, दिन 25C, रात 13C, हवा 6–7 किमी/घं., नमी ~35% 20 नवंबर – मौसम साफ़, दिन 26C, रात 16C, हवा 8 किमी/घं., नमी ~40% 21 नवंबर – धूप तेज, दिन 26C, रात 14C, हवा 7 किमी/घं., नमी ~38% 22 नवंबर – हल्की गर्माहट, दिन 28C, रात 15C, हवा 7–8 किमी/घं., नमी ~36% 23 नवंबर – साफ़ मौसम, दिन 28C, रात 15C, हवा 7 किमी/घं., नमी ~35–37% सुबह–शाम हल्की ठंडक में हल्की जैकेट साथ रखें। दिन में हल्के कपड़े आरामदायक रहेंगे। धुंध के कारण सुबह–शाम वाहन चलाते समय सावधानी रखें। नमी सामान्य है, इसलिए बाहर की गतिविधियाँ आराम से की जा सकती हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:04 am

वॉट्सएप लिंक खोलते ही बुजुर्ग का खाता खाली:लाइफ सर्टिफिकेट पूछताछ में रिटायर्ड कर्मचारी और पत्नी साइबर ठगी के शिकार

आगरा में साइबर अपराधियों ने यूपी टैक्सटाइल कॉरपोरेशन से रिटायर्ड प्रदीप कुमार कुलश्रेष्ठ और उनकी पत्नी को एक सोची-समझी चाल के जरिए ठगी का शिकार बना लिया। बुजुर्ग दम्पत्ति लाइफ सर्टिफिकेट की प्रक्रिया जानने के लिए मोबाइल पर जानकारी देख रहे थे। इसी दौरान उनके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया, जिसे उन्होंने सामान्य समझकर खोल लिया। मैसेज खोलते ही सामने वाला व्यक्ति बात करने लगा और खुद को लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ा ‘मदद करने वाला’ बताकर भरोसा जीतने लगा। शातिर ने पहले लाइफ सर्टिफिकेट बनवाने की बात कही और फिर आधार कार्ड, डेबिट कार्ड जैसी जरूरी जानकारी मांगी। जब प्रदीप कुमार ने बताया कि उनका डेबिट कार्ड एक्टिव नहीं है, तो अपराधी ने चतुराई से बात घुमाकर नोमिनी यानी उनकी पत्नी सुनील कुलश्रेष्ठ का मोबाइल नम्बर और बैंक डिटेल ले ली। उसने दावा किया कि पांच मिनट में लाइफ सर्टिफिकेट मिल जाएगा और दम्पत्ति को इंतजार करने को कहा। बुजुर्ग दम्पत्ति देर रात तक इंतजार करते रहे, लेकिन कोई सर्टिफिकेट नहीं आया। थकान के कारण वे सो गए। सुबह जब मोबाइल में आई एपीके फाइल और बैंक खाते की डिटेल देखी तो पूरा सच सामने आ गया। साइबर अपराधियों ने उनकी पत्नी के अकाउंट से 32,700 रुपये डेबिट कार्ड और यूपीआई के जरिए निकाल लिए थे। प्रदीप कुमार ने बताया कि अगर उनका डेबिट कार्ड एक्टिव होता तो ठग खाते से लाखों रुपये साफ कर सकते थे। ठगी का अहसास होते ही दम्पत्ति सीधा साइबर क्राइम सैल पहुंचा। यहां प्रभारी विमल कुमार ने शिकायत लेकर कार्रवाई और मदद का भरोसा दिया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:03 am

चंडीगढ़ में मुख्य नशा सप्लायर को दबोचने की तैयारी:दिल्ली जाएगी पुलिस, करोड़ों रुपए की कोकीन-कैश-सोने की ज्वैलरी बरामद

चंडीगढ़ पुलिस ने नशे के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 523 ग्राम कोकीन बरामद हुई है जिसकी बाजार कीमत लगभग 3 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। साथ ही नकदी व सोने की ज्वेलरी भी जब्त की गई है। गिरफ्तारियों के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस उस नेटवर्क के मुख्य आरोपी जो दिल्ली में बैठा है, उसे दबोचने की तैयारी कर रही है और जल्द ही एक टीम दिल्ली भेजी जाएगी। खुलेंगे कई राज सूत्रों के मुताबिक, जब पुलिस ने आरोपी बंटी को जीरकपुर एरिया से गिरफ्तार किया था, तो उसके पास से एक डायरी भी मिली। उस डायरी में ट्राइसिटी के साथ-साथ दिल्ली के मुख्य सप्लायर्स के नाम व मोबाइल नंबर लिखे थे। इन व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस टीम दिल्ली भेजेगी। इस खुफिया जानकारी से यह पता चलने की संभावना है कि ये आरोपी ट्राइसिटी व अन्य जगहों पर नशे की सप्लाई कहां-कहां करते थे। आरोपियों की पहचान डड्डूमाजरा निवासी सोनू उर्फ कालू, मलोया के स्मॉल फ्लैट्स निवासी सलमान उर्फ मुन्ना, सेक्टर-25 निवासी अनूप, सेक्टर-38डी निवासी सुनील उर्फ दर्शी, और दिल्ली के हिमगिरि एनक्लेव न्यू बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी निवासी बंटी के रूप में हुई है। पहले मामला ठंडे बस्ते चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच द्वारा नकली नोट के साथ पकड़े गए 3 आरोपी गौरव कुमार, विक्रम मीणा उर्फ विक्की और जितेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि इस केस के तार अब चीन से जुड़ रहे हैं, क्योंकि जो नकली नोट के बीच में तार का इस्तेमाल हो रहा था, वह चीन से मंगवाई जाती थी। वहीं इस केस का मुख्य आरोपी गोडिंया अभी भी फरार है। सूत्रों से पता चला है कि पुलिस ने जो 3 आरोपी पकड़े हैं, उनके पास तो आगे कोरियर के जरिए सप्लाई आती थी। इस पूरे गिरोह का मुख्य आरोपी गोडिंया, जो गुजरात में छिपा हुआ है, वहीं से अपना पूरा नेटवर्क चला रहा है। आरोपी गोडिंया चीन से नोट के बीच में डालने वाली तार को मंगवाता है और आगे जहां-जहां से नकली नोट की डिमांड आती है, वहां उसे कोरियर के जरिए भिजवा देता है। वहीं अब अगर चंडीगढ़ पुलिस के हाथ गोडिंया आ जाता है तो अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। जानिए कितने पैसे मिले थे इनके पास क्राइम ब्रांच ने शिशु निकेतन स्कूल, सेक्टर-22 के पास से गौरव कुमार और विक्रम मीणा को नकली 500 रुपए के नोट चलाते हुए पकड़ा था। तलाशी में काले बैग से 19 नकली 500 रुपए के नोट बरामद हुए। आगे तलाशी में सिल्वर रंग की टाटा हैरियर से 1,626 नकली 500 के नोट मिले। विक्रम मीणा की ऑल्टो कार से 392 नकली 500 के नोट बरामद हुए। विक्रम मीणा संगरूर में DTDC के जरिए कुरियर एजेंट के रूप में काम करता है। उसकी दुकान से 10 नकली 500 के नोट और कुछ 100 के नकली नोट बरामद हुए। जांच में पता चला कि ये नोट झलावाड़ (राजस्थान) से कुरियर के जरिए भेजे गए थे और हिमाचल के कटिपरी के निवासी आरोपी गौरव कुमार की मौजूदगी में यहाँ पहुंचाए गए थे। गौरव कुमार के पास से भी चार पैकेट में 400 नकली 500 रुपए के नोट बरामद हुए। राजस्थान में छापेमारी कर आरोपी जितेंद्र शर्मा को झालरापाटन, जिला झालावाड़ से गिरफ्तार किया गया। उसके किराए के मकान से 12,20,700 रुपए मूल्य के नकली नोट, प्रिंटर, बॉन्ड पेपर और नकली करेंसी छापने में प्रयुक्त अन्य उपकरण मिले। इस गिरोह में नकली नोट आमतौर पर 1:3 के अनुपात पर असली करेंसी के बदले दिए जाते थे यानी 1 लाख असली रुपए के बदले लगभग 3 लाख नकली नोट मिल जाते थे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

लुधियाना कांग्रेस में संजय तलवाड़ का ‘ऑपरेशन यूनिटी’ शुरू:राजा वड़िंग-आशु की दूरियां कम करने का प्रयास, नाराज चल रहे नेताओं को मनाएंगे

लुधियाना कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को खत्म करके सभी नेताओं को एकजुट करना दोबारा जिला प्रधान बने संजय तलवाड़ के लिए आसान नहीं होगा। सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के बीच की दूरियां कम करना है। संजय तलवाड़ ने दोबारा प्रधान बनते ही जिला कांग्रेस में ‘ऑपरेशन यूनिटी’ शुरू कर दिया है। उन्होंने शहर के सभी बड़े कांग्रेस नेताओं के घर जाकर उनसे मिलना शुरू कर दिया है। संजय तलवाड़ दोबारा प्रधान बनने के बाद अब तक पूर्व विधायकों व पार्टी के सीनियर नेताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात करनी शुरू कर दी है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले पूरी कांग्रेस को एकजुट करना लक्ष्य गुटबाजी खत्म करने के लिए ‘डोर-टू-डोर’ फॉर्मूला जिला कांग्रेस में पिछले कुछ सालों से अलग-अलग खेमों में बंटे वरिष्ठ नेता एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में संजय तलवाड़ ने कमान संभालते ही सबसे पहले शहर के सीनियर नेताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात करनी शुरू कर दी। पूर्व विधायक राकेश पांडे, सुरिंदर डाबर, कुलदीप वैद, सिमरजीत सिंह बैंस, बलविंदर बैंस व पूर्व जिला प्रधान पवन दीवान से मुलाकात कर चुके हैं। संजय तलवाड़ का दावा, वड़िंग-आशु जल्दी एक साथ दिखेंगे संजय तलवाड़ ने कहा कि जो लोग अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और भारत भूषण आशु के बीच दूरियों की बात कर रहे हैं उन्हें जल्दी वो एक साथ दिखेंगे। तलवाड़ ने कहा कि राजा वड़िंग पार्टी के प्रधान हैं और भारत भूषण आशु पार्टी के सीनियर लीडर हैं। उन्होंने कहा कि 2027 में शहर की सभी सीटें जीतना दोनों का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि दोनों एक साथ काम करेंगे। 2027 में पूरी कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी संजय तलवाड़ ने साफ कहा है कि उनका मिशन पूरी जिला कांग्रेस को एकजुट करके 2027 की तैयारी करना है। उन्होंने कहा कि लुधियाना शहर में 6 विधानसभा सीटें हैं। ये छह सीटें जीतने के लिए ग्रास रूट से लेकर शीर्ष नेता एक जुट होकर चुनाव लडेंगे। पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं को मनाएंगे संजय तलवाड़ का कहना है कि पार्टी को एकजुट करने के लिए वो लगातार काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ कार्यकर्ता पार्टी से नाराज चल रहे हैं उन्हें मनाने के लिए भी वो काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को उनका पूरा सम्मान दिया जाएगा। आईटी सेल काे मजबूत करेगी कांग्रेस जिला कांग्रेस अपने आईटी सेल को भी मजबूत करेगी। वार्ड लेबल से लेकर जिला स्तर तक के सभी नेताओं को सोशल मीडिया पर एक्टिव किया जाएगा ताकि पार्टी की बात को आम लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सके। कांग्रेस के लिए लुधियाना अहम क्यों? लुधियाना पंजाब की राजनीति का सबसे बड़ा शहरी केंद्र है। लुधियाना शहरी में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं लेकिन दो विधानसभा क्षेत्र गिल व साहनेवाल भी अब लगभग शहर में ही है। ऐसे में शहर में कुल आठ विधानसभा सीटें हैं। लुधियाना इसलिए सभी पार्टियों के मुख्य फोकस पर है। यही नहीं लुधियाना शहर कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

अंबेडकर को गाली देने वाले पहले खुद को देख लें:पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ बोले- जो शुरू से वोट चोरी कर रहे, वो आज वोट चोरी की बात करते है

बरेली के अर्बन हाट के ऑडिटोरियम में वरिष्ठ चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर आज कई तरह की राजनीतिक बयान बाज़ियां होती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अंबेडकर जितने विशाल व्यक्तित्व वाले थे, उनकी तुलना कोई कर ही नहीं सकता। उन्होंने कहा-“जो लोग अंबेडकर को गाली देते हैं, वो खुद बौने साबित होते हैं।” अंबेडकर की आलोचना करने वालों पर तीखा हमला कुलश्रेष्ठ बोले कि अंबेडकर को गाली देना किसी भी व्यक्ति के बौनेपन की निशानी है। जहां हम आज उनकी एक-एक बात पर राजनीतिक बहस करते हैं, वहीं अंबेडकर को हम जैसे आम लोगों से न तारीफ की जरूरत थी, न किसी प्रमाण की। उन्होंने कहा कि आज कई लोग हिंदुत्व की बातें ऐसे करते हैं मानो ये कोई नई चीज़ हो। जबकि भारत में हजारों वर्षों से सब कुछ संगठित रूप में रहा है। लेकिन अंबेडकर पर चर्चा कम इसलिए होती है क्योंकि कुछ लोगों को डर है कि अगर असली बातें सामने आ गईं तो उनकी राजनीति कमजोर पड़ जाएगी। अंबेडकर ने खुद अपना सरनेम क्यों लिखा-इस पर भी चर्चा उन्होंने बताया कि आज कुछ लोग अपने ही सरनेम से कतराने लगे हैं, जबकि अंबेडकर ने अपने नाम में “अंबेडकर” जोड़कर एक मिसाल रखी। वे बोले कि सरनेम तो अपनी पहचान के लिए होता है, लेकिन आज लोग इसे छिपाते फिरते हैं। सेकुलर शब्द पर अंबेडकर की असली सोच पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि संविधान सभा की बैठकों में सेकुलर शब्द पर बहस हुई थी। अंबेडकर ने साफ कहा था कि भारत को सेकुलर कहना गलत परिभाषा है, क्योंकि भारत तो हजारों साल से हर मत, हर विश्वास को स्वीकारता आया है। उन्होंने कहा-“लुटेरे आए, आक्रमणकारी आए, लेकिन इस देश के मूल निवासियों ने कभी उनकी पूजा-पद्धति या धर्म के कारण किसी की हत्या नहीं की, न किसी के उपासना-स्थल तोड़े।” यही भारत की असली सेकुलर आत्मा है, जो किसी शब्द पर नहीं, बल्कि मिट्टी और खून में बसती है। संविधान में ‘इंडिया दैट इज़ भारत’ कैसे आया कुलश्रेष्ठ बोले कि अंबेडकर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बीच एक गजब का संवाद था।अंबेडकर ने कहा-संविधान में सिर्फ इंडिया लिखा है, भारत कहां है?उन्होंने बताया कि संविधान 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट की कॉपी जैसा था, उसमें कई चीजें बस जोड़ी-घटाई गई थीं। फिर दोनों ने बैठकर तय किया कि संविधान के 22 अध्यायों में भारत की सभ्यता के प्रतीक-चित्र, चिन्ह और भावनाएं शामिल की जाएं। नंदलाल बोस को बुलाया गया- और इतिहास बन गया उन्होंने बताया कि कोलकाता के महान कलाकार नंदलाल बोस को दिल्ली बुलाया गया। उन्होंने अपने साथ 21 वर्ष के एक युवक को भी लाया, जो जबलपुर का रहने वाला था। दोनों ने पूरी भारतीय सभ्यता का अध्ययन किया और तय किया कि किस अध्याय पर कौन-सा प्रतीक या चित्र होना चाहिए। ज्ञानव्यापी का चित्र संविधान के पहले पेज पर क्यों है कुलश्रेष्ठ ने कहा कि भारत के संविधान के पहले पृष्ठ पर नंदलाल बोस ने काशी स्थित ज्ञानव्यापी परिसर के सामने स्थित शिवलिंग का चित्र बनाया। उन्होंने कहा-“लोग ज्ञानव्यापी का नाम मस्जिद से जोड़कर देखते हैं, लेकिन ज्ञान-व्यापी-ज्ञान का व्यापन-ये भारत की मूल आध्यात्मिक धरोहर है। ये बातें किसी को पता नहीं थीं, क्योंकि समाज रोज़मर्रा की बहसों में उलझा रहता है और अपनी जड़ों की खोज नहीं करता।” आज के युवा को असली तथ्य जानने की जरूरत उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी संविधान का सिर्फ नाम जानती है, उसकी आत्मा नहीं।उन्होंने जोर देकर कहा-“संविधान सिर्फ कानून नहीं, ये हमारी हजारों साल पुरानी सभ्यता का दस्तावेज़ है। इसे समझना होगा, पढ़ना होगा।” मोदी की बिना नाम लिए तारीफ, विपक्ष पर सर्जिकल हमला धर्म का अर्थ ड्यूटी, मजहब नहींउन्होंने कहा कि सारे धर्म बराबर हैं, यह किस ग्रंथ में लिखा है। धर्म का अर्थ मजहब नहीं, बल्कि कर्तव्य है। ब्रह्मांड में एक ही धर्म है - सनातन धर्म। युद्ध और जंग की फिलॉस्फी पर बातकुलश्रेष्ठ बोले कि युद्ध शब्द हिंदुस्तान का है, इससे निकला युद्धविराम। युद्धविराम के कारण 1971 में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को वापस किया गया। वहीं पाकिस्तानी समाज युद्ध नहीं, जंग मानता है - जहां जंग और इश्क में सब जायज है। इसलिए पहलगाम में हमारे लोगों को पहचान पूछकर मारा गया। राजनीति पर निशाना – ज्ञान वालों के पास डिग्री जरूरी नहींउन्होंने कहा कि सत्ता से मेरा कोई रिश्ता नहीं। लेकिन जो राष्ट्र के लिए काम करे उसकी तारीफ करना जरूरी है। सावरकर और नेताजी के परिवार का एक भी व्यक्ति सत्ता में नहीं है। जिनके पास ज्ञान होता है जरूरी नहीं कि उनके पास डिग्री हो। उनके पास भी डिग्री नहीं है। झूठ, डर और राज्यसभा पर तंजउन्होंने कहा कि कुछ लोग राम कथा के साढ़े 4 करोड़ रुपये लेकर राम की तुलना मौला से कर देते हैं। और साढ़े 4 करोड़ लेने वाले 4 भाषण के बाद पूछते हैं कि उन्हें राज्यसभा क्यों नहीं भेजा गया। झूठ वही बोलता है जो डरता है। राष्ट्र और देश पर टिप्पणीउन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र हजारों साल पहले पैदा हुआ, लेकिन राष्ट्र पिता 1947 में पैदा हुए। राष्ट्र का पिता अगर कोई है तो वेदव्यास हो सकते हैं। अम्बेडकर पर विस्तृत टिप्पणीकुलश्रेष्ठ ने कहा कि अम्बेडकर ने जो लिखा, वह नेताओं ने कभी नहीं बताया।उन्होंने कहा – अम्बेडकर ने पाकिस्तान पार्टिशन ऑफ इंडिया किताब में लिखा है कि भारत में मुसलमान रहेंगे तो शांति नहीं रह सकती। मुसलमान सरिया कानून को सर्वोपरि मानते हैं। कांग्रेस ने संविधान से राम, कृष्ण, शिवाजी की तस्वीर हटाई, जिसे अब वापस लगा दिया गया। वंदे मातरम पर टिप्पणीउन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ वंदे मातरम पर मुसलमानों ने ऐतराज किया था। लेकिन अब फिर पूरे देश में वंदे मातरम गाया जा रहा है। बम धमाकों का जिक्रउन्होंने कहा कि 10 नवंबर को दिल्ली में बम धमाके हुए। जिसमें कई सनातनी मारे हुए, लेकिन 14 तारीख को बिहार में भी एक धमाका हुआ। बिहार की जनता ने दिखा दिया कि एक सही बटन दबाने का कितना फायदा होता है। इसलिए EVM पर बटन सही जगह दबाना जरूरी है। सनातनी को 5 साल में 30 सेकेंड जरूर निकालने चाहिए। जाति छोड़कर पुरुषार्थी को चुनना चाहिए। भीड़, राजनीति और देश की दिशाउन्होंने कहा कि 70 सालों से आपको झूठ सुनाया गया। अम्बेडकर को गाली देने वाले बौने हो जाएंगे, अम्बेडकर कभी छोटे नहीं होंगे। अम्बेडकर ने जो किया वो सबसे बड़े ब्राह्मण थे। गोत्र की जगह वर्तमान स्थिति देखकर राजा चुनोउन्होंने कहा कि बेटी के लिए वर गोत्र देखकर चुनते हो कोई बात नहीं लेकिन राजा वर्तमान परिस्थितियों को देखकर चुनो। क्योंकि 7 राज्यों में आप शासन में नहीं और 5 में अल्पसंख्यक की स्थिति में हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ कौन हैं: राष्ट्रीय मुद्दों पर बेबाक बोलने वाले पूर्व पत्रकार, सोशल स्पीकर और जियो-पॉलिटिकल एनालिस्ट देश में राष्ट्रवाद, कश्मीर नीति और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर बोलने वाले पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ आज सोशल मीडिया और जनसभा मंचों पर एक चर्चित नाम हैं। वे खुद को जियो-पॉलिटिकल एनालिस्ट और सामाजिक चिंतक बताते हैं। टीवी डिबेट्स से लेकर यू-ट्यूब लेक्चर्स तक, उनके भाषण देश की सुरक्षा, आतंकवाद, कश्मीर घाटी, धारा 370, वोट बैंक पॉलिटिक्स और हिंदू समाज की चुनौतियों पर केंद्रित रहते हैं। पूर्व पत्रकार, AIR और DD में काम कर चुके हैंपुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने अपने करियर की शुरुआत मीडिया से की थी। आकाशवाणी और दूरदर्शन जैसे सरकारी मीडिया संस्थानों में कई साल काम किया। बताया जाता है कि उन्होंने विदेश मंत्रालय, कूटनीति और सुरक्षा मामलों में भी लंबे समय तक रिपोर्टिंग की, जिससे अंतरराष्ट्रीय मामलों पर उनकी पकड़ मजबूत हुई। कश्मीर और आतंकवाद पर उनके भाषण होते हैं हाईलाइटउनकी पहचान खास तौर पर उन भाषणों से बनी, जिनमें वे कश्मीर हिंसा, पाकिस्तान की राजनीति, आतंकवाद के नेटवर्क और भारत की सुरक्षा नीति पर सीधी और सख्त राय रखते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो क्लिप्स लाखों व्यूज हासिल करती हैं। समर्थक उन्हें बेबाक वक्ता कहते हैं, जबकि आलोचक उन्हें कट्टर विचारों वाला वक्ता बताते हैं। सोशल मीडिया पर बड़ी फॉलोइंगयूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उनकी जबरदस्त फॉलोइंग है। देश-विदेश में बसे NRIs के बीच भी उनके सेमिनार काफी लोकप्रिय रहते हैं। कई शहरों में आयोजित उनके कार्यक्रम हाउसफुल रहते हैं, जहां वे भारत की पुरानी सभ्यता, आतंकवाद की फंडिंग, हिंदू समाज की चुनौतियों और राजनीतिक बदलावों पर खुलकर बोलते हैं। सरकारी नीतियों के प्रबल समर्थकवे मोदी सरकार की विदेश नीति, सेना के ऑपरेशन और आंतरिक सुरक्षा संबंधी फैसलों का खुलकर समर्थन करते हैं। कई बार उनके भाषणों पर विवाद भी खड़े हुए हैं, लेकिन वे अपने स्टाइल में बोलना नहीं छोड़ते। कई संगठनों द्वारा कार्यक्रमों में बुलाया जाता हैदेशभर में उन्हें सामाजिक संस्थाएं, शिक्षण संस्थान और सांस्कृतिक मंच लगातार आमंत्रित करते हैं। लखनऊ, दिल्ली, जयपुर, भोपाल और बंगलूरू जैसे शहरों में वे हाल ही में कई कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं। कुल मिलाकर…पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक ऐसा नाम बन चुके हैं जो सोशल स्पेस में राष्ट्रवाद और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय है। वे न सिर्फ वक्ता हैं, बल्कि खुद को राष्ट्र की चेतना जगाने वाला भी बताते हैं। उनके भाषणों को लेकर बहस हमेशा बनी रहती है, लेकिन उनकी लोकप्रियता कम नहीं होती।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

गोरखपुर में 1000 की गड्डी 1400 रुपए में:शादियों के सीजन में नोटों का धंधा तेज, पैसों से पैसा ही खरीदने को मजबूर लोग

गोरखपुर में शादियों के सीजन आते ही नोटों की गड्डियों का डिमांड भी बढ़ गया है। लेकिन कस्टमर्स को इसे खरीदना काफी महंगा पड़ रहा है। मांग ज्यादा होने की वजह से दुकानदार इसका फायदा भी उठा रहे हैं। नोटों की गड्डियों पर एक्स्ट्रा चार्ज लेकर उसे महंगा बेच रहे हैं। सबसे महंगी 10 रुपए की नोटों वाली गड्डी मिल रही है। बैंक रोड स्थित सभी दुकानदारों ने अलग- अलग रुपए के नोट पर अलग- अलग चार्ज फिक्स कर रखा है। जैसे 10 रुपए वाली नई नोट की 1000 की गड्डी 1400 रुपए की बिक रही है। ऐसे ही सभी नोट के लिए अलग- अलग चार्ज है। मजबूरी बस लोगों को एक्स्ट्रा पैसा देकर खरीदना पड़ रहा है, क्योंकि बैंकों में भी उन्हें नोट नहीं मिल पा रहे हैं। बैंकों में नहीं मिल रही गड्डी शादियों में नोटों की गड्डी उड़ाना, नोटों की माला या छोटे- बड़े जगहों पर चेंज की जरूरत पड़ने की वजह से अक्सर लोगों को 10, 20 या 100, 50 के नोट की जरूरत पड़ती है। जिसके लिए लोग बैंकों से गड्डियां लेकर आते हैं। लेकिन आजकल बैंक भी गड्डियां देने से हाथ खड़े कर ले रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों को नोट एक्सचेंज करने वाले दुकानदारों के पास जाना पड़ रहा है। और एक्स्ट्रा पैसा देकर गड्डी खरीदना पड़ रहा है। निराश होकर लौट रहे कस्टमर्स ज्योति पांडेय ने बताया- घर में उनकी ननद की शादी है। जिसमें कई जगह खुले पैसों की जरूरत लगेगी। इसीलिए वो बैंक से 10 और 20 के नोटों की गड्डी लेने गई। लेकिन मुझे नहीं मिला। इसी तरह गड्डी खरीदने आए रोहित ने बताया- बैंक में कोशिश की लेकिन नहीं मिला। तो यहां आया हूं। अब एक्स्ट्रा चार्ज ही सही लेकिन मिल तो रहा है। अब शादी वाले घर में बिना खुले पैसों के काम तो चलेगा नहीं। वहीं कोटक बैंक की मैनेजर नौशीन ने बताया-इन दिनों बैंक में बहुत से ऐसे कस्टमर्स आ रहे हैं जो नोटों की गड्डियों की डिमांड करते हैं। लेकिन यह संभव नहीं है कि उन्हें गड्डियां मिल ही जाएं। जब बैंक में जैसी व्यवस्था रहती उनके मांग को पूरी की जाती है, नहीं तो लौटाना ही पड़ता है। 10 के नोट की गड्डी सबसे महंगी वैसे तो सभी नोटों की गड्डियों पर चार्ज लग रहा है, लेकिन सबसे महंगी 10 रुपए के नए नोट वाली गड्डी है। जिसकी कीमत 1000 रुपए के लिए 1400 रुपए है। मतलब 400 रुपए एक्स्ट्रा देने पड़ेंगे। वहीं पुराने नोट की 1000 रुपए की गड्डी पर 1200 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा। मतलब 200 एक्स्ट्रा। जिसकी जितनी डिमांड, वो उतना ही महंगा नोट बेचने वाले दुकानदार ने बताया- सबसे ज्यादा डिमांड 10 रुपए की गड्डी की होती है। इसीलिए ये ज्यादा महंगा बिकता है। इसके बाद 20 रुपए की गड्डी थोड़ी इससे सस्ती है। और सबसे कम चार्ज 500 रुपए की गड्डी पर लगता है। क्योंकि उसका डिमांड कम है। बाजार में बिक रही नोटों की गड्डियां और उनके रेट 10 के नए नोट की 1,000 रुपए की गड्डी -1,400 रुपए में (400 एक्स्ट्रा)10 के पुराने नोट की 1,000 रुपए की गड्डी -1,200 रुपए में (200 एक्स्ट्रा)20 के नोट की 1,000 रुपए की गड्डी- 1,300 रुपए में (300 एक्स्ट्रा)20 के नोट की 2,000 रुपए की गड्डी- 2,600 रुपए में (600 एक्स्ट्रा)50 के नोट की 1,000 रुपए की गड्डी- 5,100 रुपए में (100 एक्स्ट्रा)500 के नोट की 50,000 रुपए की गड्डी- 50,500 रुपए में (500 एक्स्ट्रा)

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

पंचकूला से सेब का ट्रक बिहार की बजाए पहुंचा सहारनपुर:यूपी के ड्राइवर ने की 15 लाख की धोखाधड़ी, अब 5 दिन के पुलिस रिमांड

पंचकूला पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने सेब व्यापारी से 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। बिहार के जहानाबाद, बिहार निवासी एक सेब व्यापारी ने पंचकूला पुलिस को बताया था कि 13 सितंबर को सेब मंडी पिंजौर से 902 पेटी सेब खरीदी थी। जिनकी कीमत लगभग 15 लाख रुपए थी। परिवहन के लिए उसने अपने परिचित ट्रांसपोर्टर की सहायता से अहसान पुत्र अय्यूब, निवासी जिला शामली उत्तर प्रदेश, जो स्वयं ट्रक चालक भी है, से संपर्क किया था। उसी दिन अहसान ने सेब ट्रक में लादकर पिंजौर से बिहार (गया) के लिए निकला। लेकिन कुछ समय बाद उसका फोन बंद आने लगा और वह अपने पते से भी लापता पाया गया। व्यापारी की शिकायत पर थाना पिंजौर में 4 अक्टूबर को बीएनएस की धारा 316(3), 318(4) व 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। आर्थिक अपराध शाखा ने की जांच मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा पंचकूला के एएसआई सुनील कुमार को सौंपी गई। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी अहसान को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसने ट्रक में भरे सभी सेब सहारनपुर मंडी उत्तर प्रदेश में बेच दिए थे। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी से रकम और अन्य जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तृत पूछताछ कर रही है ताकि मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

रोहतक में चलती कार में लगी आग:कार सवार लोगों ने बाहर निकलकर बचाई जान, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू

रोहतक के ब्लॉक कलानौर में चलती कार में अचानक आग लग गई। कार से धुआं निकलते देख उसमें सवार लोगों ने बाहर निकलकर जान बचाई। साथ ही पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। कलानौर के कॉलेज मोड पर देर रात को कार में अचानक आग लगी। गाड़ी रोहतक नंबर की है, जो भिवानी से देर रात को वापस रोहतक की तरफ आ रही थी। इसी दौरान कार में आग लगी, लेकिन कार सवार लोगों ने समय रहते बाहर निकलकर अपनी जान बचा ली। कार में कितने लोग सवार थे, यह अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। पूरी गाड़ी जलकर हुई राख कॉलेज मोड़ पर चलती कार से धुआं निकलने लगा तो लोगों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लेकिन देखते ही देखते कार आग का गोला बन गई और पूरी गाड़ी धूं-धूं कर राख के ढेर में बदल गई। जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, गाड़ी पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी। आग लगने का कारण बता रहे शॉर्ट सर्किट गाड़ी में आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया, लेकिन माना जा रहा है कि गाड़ी में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। गाड़ी से जब धुआं निकला तो उसमें बैठे लोग बाहर निकल गए थे। इसके बाद गाड़ी में तेजी से आग फैली और पूरी गाड़ी जल गई। पुलिस मामले में कर रही जांच कलानौर थाना पुलिस ने बताया कि उन्हें गाड़ी में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। वहीं, फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। पुलिस ने गाड़ी मालिक के बयान पर कार्रवाई की।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

‘आपका नंबर आतंकी गतिविधियों में इंवॉल्व है’:धार में बुजुर्ग को पुणे ATS के नाम से कॉल, धमकाया; थाने पहुंचा तो पता चला फेक है

धार जिले के धामनोद के एक बुजुर्ग के पास शनिवार शाम मोबाइल कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा, “हम ATS पुणे से बोल रहे हैं। हाल ही में हुई आतंकवादी गतिविधियों में आपका नंबर मिला है। तुरंत किसी कमरे में जाइए और हर आधे घंटे में हमें मैसेज करें कि आप सुरक्षित हैं।” बुजुर्ग देवराम पटेल घबरा गया, लेकिन समझदारी दिखाते हुए सीधे धामनोद थाना पहुंचे और टीआई प्रवीण ठाकरे को पूरी घटना बताई। थाने में टीआई ने तत्काल वीडियो कॉल के जरिए उस कथित अधिकारी से बात की और पता चला कि यह कॉल पूरी तरह से फेक थी। कॉलर केवल पुलिस की वर्दी और सरकारी बैकग्राउंड का दिखावा कर डराने की कोशिश कर रहा था। टीआई ने स्पष्ट किया कि पुलिस कभी भी वीडियो कॉल पर पूछताछ नहीं करती। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जैसे “आपके पार्सल में ड्रग्स है”, “आपका बच्चा पकड़ा गया है” या “आपका आतंकियों से लिंक मिला है” जैसी धमकियां। ये सभी साइबर फ्रॉड हैं, केवल लोगों को डराकर फंसाने के लिए की जाती हैं। देवराम पटेल की समझदारी से एक बड़ा नुकसान टल गया। टीआई ने धामनोद और पूरे धार जिले की जनता से निवेदन किया कि ऐसे किसी भी फेक कॉल पर भरोसा न करें। यदि कोई अजनबी या स्वयं को पुलिस बताने वाला व्यक्ति वीडियो कॉल करे, तो तुरंत पास के थाने में इसकी सूचना दें।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

CM भगवंत सिंह मान आज लुधियाना में:शहीद करतार सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

लुधियाना में महान क्रांतिकारी शहीद करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आज उनके पैतृक गांव सराभा में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान बतौर मुख्यअतिथि शिरकत कर शहीद सराभा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। प्रशासन ने समारोह को लेकर व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। कड़े सुरक्षा घेरे में रहेगा कार्यक्रम स्थल DC ने दिए निर्देश समारोह के मद्देनजर गांव सराभा को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एसडीएम समेत पुलिस अधिकारियों ने शनिवार देर शाम कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया। कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा मेहमानों की संख्या, और मंच पर बैठने वाले लोगों के नामों की सूची सहित तमाम जानकारियां जुटाई गई हैं।डीसी हिमांशु जैन ने सभी तैयारियों को लेकर अधीनस्थों से फीडबैक लिया और सुरक्षा के इंतजाम कड़े करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को पार्किंग स्थलों को लेकर भी विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। सीएम मान करेंगे शिरकत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आज सराभा गांव पहुंचकर बलिदानी करतार सिंह सराभा को नमन करेंगे और राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में भाग लेंगे। मान की मौजूदगी को देखते हुए पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहेगा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 6:00 am

एसजीएसटी ने 50 लाख से ज्यादा की कर चोरी पकड़ी:दो ट्रकों में मिला ई वे बिल से ज्यादा माल, बाबूपुरवा थाने में दी तहरीर

एसजीएसटी की टीम ने 50 लाख रुपये से अधिक की कर चोरी का मामला पकड़ा है। दो ट्रकों में तय सीमा से अधिक उत्पादों को ले जाने और जीएसटी न दिए जाने पर अधिकारियों की ओर से बाबूपुरवा थाने में तहरीर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि ट्रक में लदे माल का आंकलन करने के बाद लगभग 50 लाख रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है। ई-वे बिल में दर्ज से ज्यादा मालएसजीएसटी के अधिकारियों की ओर से जांच के दौरान दो ट्रकों को जद में लिया गया। दोनों ट्रकों में बिल्टी और ई-वे बिल में दर्ज माल से कई गुना ज्यादा सामान लदा हुआ मिला। पहली कार्रवाई में नीलम रोड, गोशाला के पास ट्रक को रोका गया। जिसमें बिल्टी में 20 माल की एंट्री थी, जबकि ट्रक में उससे बहुत ज्यादा माल अधिकारियों को हासिल हुआ है। अधिकारियों को तीन फर्मों के ई-वे बिल मिलने पर पता चला कि माल का वजन और कीमत बिल्टी से कई गुना ज्यादा है। बिल्टी से ज्यादा और महंगा माल इसी तरह दूसरी कार्रवाई में विजय नगर चौकी पर ट्रक पकड़ा गया। इसमें भी बिल्टी से ज्यादा और महंगा माल मिला। इस ट्रक में दिल्ली और अम्बेडकर नगर की तीन फर्मों की बिल्टियां थीं लेकिन सामान ज्यादा मात्रा में भरा हुआ अधिकारियों को मिला। दोनों मामलों को विभाग के अधिकारियों ने कर चोरी और फर्जी बिल्टी का मामला माना है। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बाबूपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:56 am

‘भूलभुलैया’ में खोए धीरेंद्र शास्त्री...शिल्पा शेट्‌टी पर कही बड़ी बात:मुख्यमंत्री बोले- हिमालय की चोटी भी शरमा जाएगी; अफसर ने कर दी भारी मिस्टेक

मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। संत के मंच पर उतरे फिल्मी सितारेपंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा हाउसफुल चल रही है। बाबा का शो हिट हो रहा है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी हस्तियों के अलावा फिल्मी सितारे भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा में शामिल होकर उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्‌टी और अभिनेता राजपाल यादव भी सनातन पदयात्रा में पहुंचे। वे पंडित धीरेंद्र शास्त्री के मंच पर उनके चरणों में बैठे। इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दोनों ही फिल्मी कलाकारों को लेकर बड़ी बात कही। राजपाल यादव को देखकर तो शास्त्री को फिल्म भूलभुलैया का उनका कैरेक्टर याद आ गया। उन्होंने कहा- हनुमान जी का सिंदूर लगाकर कान में अगरबत्ती खोंसते हैं। पूछते जरूर है कि पंडित जी अब मैं नहा लूं। वो हमें इसलिए याद है क्योंकि हम हनुमान जी वाले हैं। उसमें ये हनुमान जी जैसे ही दिख रहे थे। उन्होंने शिल्पा शेट्‌टी को लेकर कहा कि इनकी एक अलग पहचान भी है। जिस तरह से हम संतों में योग गुरु बाबा रामदेव हैं, उसी तरह बॉलीवुड में शिल्पा शेट्‌टी हैं। सीएम ने बताया- बिहार की जीत कितनी बड़ी बिहार में एनडीए की जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा का जोश हाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भाजपा की ऐसी विजय हुई है कि हिमालय की चोटी भी शरमा जाए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने महागठबंधन की हार पर कहा कि उन्हें पहले से जिसका शक था, वहीं हुआ। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये पूरा का पूरा खेल मैनिपुलेट वोटर लिस्ट और ईवीएम का है। इस पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- कांग्रेस का कंसेप्ट साफ है। राहुल गांधी पर उंगली नहीं उठे, इसलिए ईवीएम और वोट चोरी का आरोप लगाओ। सांसद की कार के आगे लेटा भाजपा नेताग्वालियर में भाजपा का एक नेता अपने ही दल के सांसद की कार के आगे लेट गया। उन्हें खरी-खोटी सुनाई। आरोप है कि अपशब्द भी कहे। दरअसल, पप्पन यादव नाम के ये नेता सांसद भारत सिंह को क्षेत्र की समस्याएं बताना चाहते थे। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर दिखाना चाहते थे लेकिन सांसद ने आने से मना कर दिया। इस पर नेता जी गुस्सा हो गए और उनकी कार के आगे लेट गए। नेता जी ये कहते सुने गए कि जनता की समस्या दूर नहीं करेंगे तो काहे के सांसद। इधर, सांसद भी इस वाकये से गुस्सा हो गए। बहस होने लगी। अब लोग इस घटना को भाजपा की गुटबाजी के रूप में देख रहे हैं। अफसरों ने बिरसा मुंडा को गुंडा लिख दियामध्य प्रदेश को यूं ही अजब-गजब नहीं कहा जाता। रतलाम में जनजातीय विभाग ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया है। दरअसल, विभाग ने 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम के लिए एक लेटर जारी किया था। इसमें बिरसा मुंडा को गुंडा लिख दिया। मतलब मुंडा की जगह गुंडा कर दिया। जैसे ही ये लेटर सोशल मीडिया में आया लोग खासकर आदिवासी समाज नाराज हो गया। उन्होंने विभाग के जिम्मेदार अफसर का पुतला फूंका। बवाल मचा तो जिम्मेदार अधिकारी ने माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने इस गलती का ठीकरा टाइपिस्ट के सिर पर फोड़ दिया। बात खरी है सीरीज की ये कड़ी भी पढ़ें.. नरोत्तम की शायरी पर हंस-हंसकर लोट-पोट हुए धीरेंद्र शास्त्री, मुख्यमंत्री को जीतू पटवारी ने दिया नया नाम सत्ता के गलियारों से दूर चल रहे मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सनातन पदयात्रा निकाल रहे पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ नजर आए। मंच पर जब उन्होंने माइक थामा तो अपने चिर परिचित अंदाज में शायरियां बोलीं। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:55 am

नीतीश के संभावित 18 मंत्रियों की लिस्ट पढ़िए:डिप्टी CM की रेस में सम्राट, मंगल और रजनीश; कल इस्तीफा, 20 को हो सकता है शपथ ग्रहण

बिहार में अब नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। JDU ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कल यानी सोमवार को BJP विधायक दल की बैठक हो सकती है। CM नीतीश कुमार 17 नवंबर को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और इसी दिन नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। CM हाउस सोर्सेज की मानें तो 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10 वीं बार CM पद की शपथ ले सकते हैं। इस बार सरकार में एक बार फिर से नीतीश कुमार की पार्टी JDU का कद बढ़ना और BJP का छोटा होना तय माना जा रहा है। चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) की बिहार सरकार में एंट्री होगी। JDU- BJP के बराबर मंत्री होंगे, RLM भी सरकार का हिस्सा होगी सूत्रों की मानें तो इस बार 30-32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें JDU और ‌BJP के बराबर-बराबर मंत्री हो सकते हैं। इनके अलावा चिराग पासवान की पार्टी को 3 मंत्री पद, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। विधानसभा के मौजूदा नंबर के हिसाब से बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ‌BJP के साथ LJP(R) कर सकती है डिप्टी CM पद की दावेदारी 2020 चुनाव परिणाम के बाद से BJP बिहार में दो डिप्टी CM पद की परंपरा शुरू की। एक बार फिर से दो डिप्टी CM बनाने की चर्चा है, लेकिन दोनों BJP की जगह एक डिप्टी CM पद पर LJP(R) भी दावेदारी कर रही है। फिलहाल कैमरे पर सीधे बोलने की बजाय वे दबी जुबान ये बातें कर रहे है। हालांकि, नीतीश कुमार CM होंगे तो डिप्टी CM कौन होगा ये BJP ही तय करेगी। JDU अपने कोटे के मंत्रियों में बड़ा बदलाव नहीं करेगी पिछली सरकार में JDU कोटे से 13 मंत्री थे। संभव है कि इसमें से 10 मंत्रियों को नई सरकार में फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करने के मूड में नहीं है। भास्कर के पास JDU कोटे से बनने वाले मंत्रियों में से 10 लोगों के नामों की लिस्ट है। JDU कोटे से इनका मंत्री बनना तय भाजपा अपने डिप्टी CM को बदल सकती है पिछली सरकार में भाजपा कोटे से 19 मंत्री हैं। इसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की सूचना है। डिप्टी CM विजय सिन्हा को रिप्लेस किया जा सकता है। साथ ही सम्राट चौधरी को भी बदला जा सकता है, लेकिन वह अभी भी डिप्टी CM की रेस में हैं। इसके अलावा मंगल पांडेय और रजनीश कुमार में से किसी एक के डिप्टी CM बनने चर्चा है। BJP कोटे इनका मंत्री बनना तय 1. सम्राट चौधरी 2. नितिन नवीन 3. मंगल पाांडेय 4. रजनीश कुमार कुशवाहा की पत्नी बन सकती हैं मंत्री HAM से संतोष मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता के साथ LJP(R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मंत्री बन सकते हैं। संभावित मंत्रियों की लिस्ट में संजय पासवान के नाम की भी चर्चा है। मंत्री के साथ स्पीकर की भी रेस में विजय सिन्हा पिछली बार की तरह इस बार भी BJP स्पीकर का पद अपने पास रख सकती है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा विजय सिन्हा को डिप्टी CM ना बनाकर स्पीकर बना सकती है। हां, इतना जरूर तय है कि विजय सिन्हा को कोई ना कोई बड़ा पद मिलेगा। मंत्रिमंडल में MP और राजस्थान का प्रयोग कर चौंका सकती है BJP MP और राजस्थान के मंत्रिमंडल की तर्ज पर बिहार के नए मंत्रिमंडल से भी पुराने और दिग्गज नेताओं की छुट्‌टी हो सकती है। इनकी जगह नए चेहरों की एंट्री हो सकती है। 2020 से सरकार में BJP का दबदबा रहा है NDA के सरकार कैसे होता रहा है मंत्रालय का गठन फिलहाल सरकार में हिस्सेदार का समीकरण ये 18-20 के बीच शपथ ले सकते हैं नीतीश कुमार 17 नवंबर को सरकार की नीतीश सरकार की आखिरी कैबिनेट होगी। इसमें विधानसभा को भंग करने की सिफारिश होगी। फिर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। नई सरकार 18 से 20 नवंबर के बीच शपथ ले सकती है। इधर, शनिवार की रात जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह दिल्ली पहुंचे। गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के कई बड़े नेताओं से बात की। इससे पहले दोनों जदयू नेताओं ने पटना में मुख्यमंत्री से बात की। भाजपा नेताओं की भी बैठक हुई। उपेंद्र-चिराग बोले- नीतीश ही CM होंगे मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर तक है। रविवार को 18वीं विधानसभा की अधिसूचना होगी। नई सरकार में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की भी हिस्सेदारी होगी। चिराग के 19 व उपेंद्र के 4 प्रत्याशी जीते हैं। अभी सरकार में भाजपा, जदयू और हम के मंत्री हैं। डिप्टी सीएम दो रहेंगे। अभी दोनों डिप्टी सीएम भाजपा के हैं। यह बदल भी सकता है। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:54 am

बहादुरगढ़ के लाइनपार में जल अधिकार को लेकर धरना आज:पेयजल समस्या का समाधान उठाएंगे लोग, पार्षद प्रतिनिधि करेंगे अध्यक्षता

बहादुरगढ़ के लाइनपार क्षेत्र में लंबे समय से जारी जल संकट के समाधान की मांग को लेकर अब स्थानीय लोग खुलकर आंदोलन के लिए आगे आ गए हैं। क्षेत्रवासियों द्वारा रविवार को लाइनपार पुलिस थाने के सामने स्थित पार्क में जल अधिकार मांग प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। यह प्रदर्शन वार्ड 5 की पार्षद के प्रतिनिधि कर्मवीर शर्मा के नेतृत्व में होगा।लोगों का कहना है कि लाइनपार में समान वोट, समान बिल और समान टैक्स लिया जाता है, लेकिन समान जल सुविधा नहीं दी जाती। न पानी का कोई तय समय है, न ही साफ-सुथरा पानी मिल रहा है, और न ही प्रतिदिन पानी की उपलब्धता हो रही है। इसी असमानता के खिलाफ अब लाइनपार वासी एकजुट होकर आवाज उठाने की तैयारी में हैं।उन्होंने बताया कि प्रदर्शन की पांच मुख्य मुद्दे व मांगें हैं, जिनमें पानी का एक निश्चित समय तय किया जाए, पानी स्वच्छ व पूरी तरह साफ हो, पानी दैनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए व पानी की सप्लाई कम से कम 50 मिनट दी जाए। यह मांग केवल एक परिवार की नहीं बल्कि लाइनपार के हर घर की आवाज है। प्रदर्शन का उद्देश्य क्षेत्र में जल आपूर्ति को नियमित और स्वच्छ बनाना है, ताकि लोगों को मूलभूत सुविधा के लिए संघर्ष न करना पड़े।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:54 am

क्या बिहार में लागू होगा महाराष्ट्र फॉर्मूला?:पटना में नीतीश की 45 नेताओं के साथ बड़ी बैठक; CM का फरमान लेकर ललन सिंह, संजय झा दिल्ली रवाना

पहले ये 3 बयान पढ़िए महाराष्ट्र में भी सब ठीक था, यहां भी सब कुछ ठीक होगा। एनडीए में कहीं कोई भ्रम नहीं है। सभी चीजें तय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रही हैं।- नितिन नवीन, भाजपा नेता बिहार में CM की कोई वैकेंसी नहीं है।- ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री, जदयू जनादेश जब नीतीश कुमार को मिला तो CM कोई और बनेगा क्या? बिहार में सुशासन बाबू का काम और पीएम ने बिहार की तरक्की के लिए जो मदद की। बिहार को विकास के रास्ते पर ले चलने के लिए यहां की जनता ने नीतीश कुमार पर विश्वास जताया है।- श्रवण कुमार,जदयू के सीनियर नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद एनडीए के नेताओं ने ये बयान दिए। भाजपा महाराष्ट्र मॉडल को ठीक बता रही है। CM के चेहरे पर साफ बात नहीं कही जा रही। वहीं, जदयू के नेता नीतीश कुमार को CM चेहरा बता रहे हैं। 5 प्वाइंट में जानिए क्या बिहार में सीएम चेहरे पर पेंच फंस गया है। पॉइंट- 1. CM ने 40-45 नेताओं के साथ बैठक की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को दिनभर चुनाव जीतने वाले विधायकों से मिले। सुबह 9 बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। नीतीश ने मुलाकातों के बीच जदयू की बैठक की। बीजेपी के सीनियर नेताओं से भी मुलाकात की। नीतीश कुमार से मिलने वाले बड़े चेहरे कौन-कौन? नीतीश कुमार से मिलने सबसे पहले विजय कुमार चौधरी पहुंचे। इसके बाद चिराग पासवान आए। इस बीच जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी CM हाउस पहुंचे। उनके ठीक बाद फुलवारी से नव निर्वाचित विधायक श्याम रजक आए। बिहारशरीफ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. सुनील कुमार, जदयू नेता मनीष वर्मा, मसौढ़ी से नव निर्वाचित विधायक अरुण मांझी, इंजीनियर शैलेन्द्र, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री और बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार मंटू भी मिलने वाले नेताओं में शामिल थे। मंत्री रहे भाजपा नेता नितिन नवीन ने भी मुलाकात की। पॉइंट- 2. विधायक दल की बैठक पर फैसला सोमवार को जदयू विधायक दल की बैठक बुलाने का फैसला लिया गया। इसमें सीएम नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। पार्टी के चुनाव जीतने वाले सभी विधायकों को रविवार को पटना पहुंचने के लिए कहा है। पॉइंट- 3. शपथ ग्रहण की तारीख पर मंथन नीतीश कुमार 19-20 नवंबर को CM पद की शपथ ले सकते हैं। जदयू सूत्रों के अनुसार तारीख पर अंतिम मुहर विधायक दल की बैठक में लगेगी। पार्टी की ओर से दो तारीख चुने गए हैं। 19 या 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है। जदयू विधायक दल की बैठक में शपथ ग्रहण समारोह पर बात होगी। विधायक दल की यह बैठक काफी अलग होगी। लंबे समय बाद जदयू के इतने अधिक विधायक जीते हैं। पॉइंट- 4. मंत्रिमंडल के चेहरे और संख्या पर बात कितने मंत्री बनेंगे? कौन बनेंगे? इन सवालों पर बातचीत हुई। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए तैयारी चल रही है। समारोह में बिहार की जनता को न्योता दिया जाएगा। गाड़ियों में भर-भर कर लोगों को लाया जाएगा। नीतीश राजभवन की जगह पटना के गांधी मैदान में शपथ ले सकते हैं। गांधी मैदान में शपथ लेने की रही है परंपरा पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ लेने की पुरानी परंपरा रही है। लालू यादव ऐसा करते थे। नीतीश ने भी इस मैदान में शपथ लिए। नीतीश जब पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ 2005 में मुख्यमंत्री बने तो गांधी मैदान में शपथ लिया। इसके बाद 2010 और 2015 के चुनाव के बाद गांधी मैदान में ही शपथ ली। जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ा और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई तब राजभवन स्थित राजेंद्र मंडप में शपथ ली थी। 2020 में कोरोना महामारी की वजह से नीतीश ने राजभवन में शपथ ग्रहण किया था। लालू यादव ने शुरू की थी गांधी मैदान में शपथ लेने की परंपरा 1990 में राजद सुप्रीमो लालू यादव सीएम बने थे। उन्होंने गांधी मैदान में शपथ लिया था। इसके बाद 1990 से लेकर 2015 तक सीएम बनने वाले नेताओं ने शपथ ग्रहण स्थान गांधी मैदान चुना। पॉइंट- 5. संजय झा और ललन सिंह दिल्ली गए सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठक और मुलाकात के बाद जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह शनिवार की शाम दिल्ली चले गए। वह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। बिहार में नई सरकार बनाने पर बातचीत होगी। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:46 am

यूपी में मायावती के साथ आ सकते हैं ओवैसी:बिहार में जीते बसपा विधायक ने AIMIM का पोस्टर लगाया; गठबंधन हुआ तो कितना असर

बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बीच भी बसपा खाता खोलने में सफल रही। वहीं, इस लहर में सीमांचल में AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) भी 5 सीट जीतने में सफल रही। लेकिन, चर्चा बिहार से वायरल हो रही एक तस्वीर की है। ये तस्वीर बसपा के बिहार की रामगढ़ विधानसभा से जीते इकलौते विधायक सतीश उर्फ पिंटू यादव की है। उनके साथ बसपा के बिहार स्टेट प्रभारी अनिल चौधरी भी मौजूद हैं। चुनाव जीतने के बाद पिंटू यादव मीडिया से बात कर रहे थे। उनके पीछे दो तस्वीर लगी थीं। पहली बसपा की और दूसरी AIMIM की। इस तस्वीर ने चर्चा तेज कर दी है कि क्या यूपी में बसपा-AIMIM साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है? दोनों के बीच गठबंधन की कितनी संभावना है? यूपी में दोनों में गठबंधन हुआ तो कितना फायदेमंद होगा? पढ़िए ये रिपोर्ट… पहले बिहार में दोनों पार्टियों का प्रदर्शन जानिए- बसपा का प्रदर्शन : बसपा ने बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। हालांकि, चुनाव में वह 181 सीटों पर ही लड़ी। कई सीटों पर बीच में प्रत्याशियों ने साथ छोड़ दिया। बिहार की जिम्मेदारी राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के साथ मायावती के भतीजे आकाश आनंद को सौंपी गई थी। आकाश ने बिहार में 6 से अधिक रैली और नुक्कड़ सभाएं की थीं। बसपा का पूरा फोकस यूपी से सटे कैमूर और रोहतास जिलों पर था। दोनों जिलों में बसपा ने 7 सीटों पर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है। कैमूर जिले की रामगढ़ सीट सतीश कुमार यादव उर्फ पिंटू यादव कांटे के मुकाबले में 30 मतों के अंतर से जीतने में सफल रही। बसपा का वोट प्रतिशत 2020 की तुलना में 1.02% बढ़कर 1.62% तक पहुंचा है। बसपा ने रामगढ़ के अलावा करगहर विधानसभा पर जदयू को कड़ी टक्कर दी। यहां पार्टी प्रत्याशी उदय प्रताप सिंह 56 हजार से ज्यादा वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। जबकि मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, बक्सर और राजपुर विधानसभा सीटें महागठबंधन बसपा की दमदार प्रदर्शन के चलते हारी। इन सीटों की त्रिकोणीय लड़ाई में एनडीए जीतने में सफल रही। एआईएमआईएम का प्रदर्शन : एआईएमआईएम ने बिहार में 25 सीटों पर चुनाव लड़ा। 5 सीटें अमौर, बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट और बेतिया जीतने में सफल रही। वहीं, बलरामपुर और ठाकुरगंज में दूसरे नंबर पर रही। जबकि AIMIM की वजह से महागठबंधन को 4 सीटों प्राणपुर, कसबा, अररिया, कोटी पर हार का सामना करना पड़ा। AIMIM का वोट शेयर 2020 की तुलना में 1.25% से बढ़कर 1.85% हो गया। उसे कुल 9,30,504 वोट मिले हैं। दोनों दलों के बीच गठबंधन की कितनी संभावनाएं?यूपी विधानसभा चुनाव बसपा के अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है। 2022 विधानसभा और 2024 लोकसभा में बसपा का यूपी में सबसे बुरा प्रदर्शन रहा। लेकिन, मायावती ने पिछले कुछ महीनों से अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए यूपी चुनाव को लेकर रणनीतियां बनानी शुरू कर दी हैं। 9 अक्टूबर की रैली के बाद बसपा कार्यकर्ताओं का भी जोश हाई हुआ है। बसपा और AIMIM 2020 में बिहार में गठबंधन में चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार के चुनाव में भी असदुद्दीन ओवैसी ने सार्वजनिक अपील की थी कि जहां AIMIM के प्रत्याशी नहीं लड़ रहे हैं। वहां उनके समर्थक बसपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट करें। दूसरे मायावती यूपी के संदर्भ में पहले ही कह चुकी हैं कि वह किसी बड़ी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। छोटे और समान विचारधारा वाली पार्टियों से कुछ सीटों पर समझौता हो सकता है। मतलब साफ है कि ओवैसी के साथ यूपी में बसपा का गठबंधन होने में कोई पेंच नहीं फंसेगा। बिहार में जिस तरीके से बसपा के जीते इकलौते विधायक पिंटू यादव और स्टेट प्रभारी अनिल चौधरी की मौजूदगी में बसपा के बैनर के साथ AIMIM का बैनर लगा है। इससे साफ है कि दोनों दलों के बीच यूपी के संदर्भ में कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही है। दोनों दलों का बैनर एक साथ बिना मायावती की मर्जी से नहीं लग सकता है। बिहार में AIMIM 5 सीटों पर जीता है। बसपा का एक विधायक है। मतलब दोनों दल मिलकर विधानसभा में विपक्ष की आवाज उठाएंगे। यूपी में गठबंधन हुआ तो कितना फायदेमंद होगा?राजनीति के जानकार कहते हैं कि यूपी में बसपा और AIMIM गठबंधन में उतरते हैं, तो दोनों को फायदा मिलेगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने यूपी में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि, सिर्फ एक प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाया था। तब मुस्लिमों का अधिकांश समर्थन सपा को मिला था। ओवैसी की यूपी में रैलियों और सभाओं में बड़ी संख्या में मुस्लिम उमड़ते थे। उनकी पार्टी को यूपी में करीब 4.50 लाख वोट मिले थे। तब वे बिना किसी गठबंधन के चुनाव में उतरे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को 12.88 फीसदी वोट मिले थे। बसपा प्रमुख मायावती पिछले कुछ समय से पार्टी के साथ मुस्लिमों को जोड़ने की कवायद तेज कर दी है। उनकी गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों उन्होंने पहली बार मुस्लिम भाईचारा कमेटी की प्रदेश स्तरीय बैठक खुद ली। उन्होंने खुलकर मुस्लिमों से अपील की कि वह उनका साथ दें, तो वह भाजपा को सत्ता से उखाड़ देंगी। यूपी में दलित जहां 20 फीसदी के लगभग हैं, वहीं मुस्लिम आबादी भी 19 फीसदी के लगभग हैं। 2024 के लोकसभा में जो दलित बसपा से दूर चले गए थे, वो 9 अक्टूबर की रैली के बाद फिर से बसपा की ओर लौटने लगे हैं। जाहिर सी बात है कि दलितों के लौटने से बसपा की ताकत बढ़ेगी। इस ताकत में ओवैसी की मदद से यदि मुस्लिमों का समर्थन भी जुड़ गया तो दोनों मिलकर पश्चिमी यूपी की मुस्लिम-दलित बहुल कई सीटों पर बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। पश्चिम के बदले राजनीतिक समीकरण में ये कितना कारगर होगावरिष्ठ पत्रकार सैय्यद कासिम कहते हैं कि कभी पश्चिम में जाट-मुस्लिम समीकरण निर्णायक होता था। चौधरी चरण सिंह से लेकर अजीत सिंह के जमाने तक ये समीकरण प्रभावी रहा। लेकिन, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे ने जाट-मुस्लिम समीकरण को तोड़ दिया। इस समीकरण के टूटने से ही पश्चिम में लोकदल की ताकत घटती चली गई। बसपा के समय पश्चिम में पहली में मुस्लिम-जाटव समीकरण सफल हुआ था। अब मायावती एक बार फिर जाटव-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने में जुटी है। इसमें ओवैसी बड़े मददगार साबित हो सकते हैं। वैसे भी बसपा के पास आज की तारीख में ऐसा कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं है, जिसकी अपील ओवैसी जैसी हो। इसकी एक और वजह भी है। पश्चिम में यादव मतदाताओं की संख्या काफी कम है। पूर्वांचल से लेकर अवध और ब्रज क्षेत्र में यादव-मुस्लिम समीकरण प्रभावी है। मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, एटा, आगरा, हाथरस, अलीगढ़ में यादव आबादी निर्णायक मानी जाती है। लेकिन जैसे-जैसे पश्चिम और रूहेलखंड की ओर बढ़ते हैं यादव आबादी घटती जाती है। ऐसे में ये समीकरण इतना प्रभावी नहीं रह जाता। वहां एनडीए खासकर भाजपा को हराने के लिए जाटव-मुस्लिम या जाट-मुस्लिम समीकरण ही विकल्प बचता है। लोकदल मौजूदा समय में एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी जाट हैं। ऐसे में मुस्लिम-जाट का समीकरण बनने से रहा। बचा सिर्फ जाटव-मुस्लिम समीकरण ही है। मायावती इसे ओवैसी की मदद से साध सकती हैं। सपा के साथ क्यों नहीं हो सकता है गठबंधनएक सवाल ये भी आ सकता है कि ओवैसी यूपी में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए सपा के साथ गठबंधन क्यों नहीं करेंगे? इसका जवाब असदुद्दीन खुद दे चुके हैं। वे साफ कर चुके हैं कि उनका गठबंधन भाजपा-कांग्रेस को छोड़कर किसी से भी हो सकता है। सपा का यूपी में अभी कांग्रेस के साथ गठबंधन है। सपा ने बिहार में किसी भी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था। इसके बावजूद महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में अपने मुस्लिम चेहरों अफजाल अंसारी, इमरान प्रतापगढ़ी, इकरा हसन को सीमांचल में उतारा था। इन चेहरों ने जमकर ओवैसी के खिलाफ बोला था। इस वजह से भी सपा के साथ आने में ओवैसी परहेज करेंगे। दूसरा खुद सपा ये नहीं चाहती है कि यूपी में उसके रहते मुस्लिमों का कोई और नुमाइंदगी करने वाला दल पनपे। ओवैसी की पूरी राजनीति ही मुस्लिम के इर्द-गिर्द रहती है। ओवैसी यूपी में मजबूत हुए तो सपा का कमजोर होना तय है। ऐसे में ओवैसी के लिए भी बसपा के साथ गठबंधन करना ही मजबूत विकल्प होगा। दोनों दलों में गठबंधन होगा, अभी इस पर दोनों ही पार्टी की ओर से कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। बसपा से जुड़े प्रदेश स्तर के एक पदाधिकारी से बात की, तो कहा गया कि इस तरह का निर्णय पार्टी सुप्रीमो मायावती ही करेंगी। वहीं AIMIM के शौकत अली से बात की, ताे उन्होंने भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मामला डाल दिया। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में केशव का कद बढ़ेगा, टूट सकती है अखिलेश-राहुल की जोड़ी, जानिए बिहार नतीजों का असर बिहार चुनाव में NDA ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसका असर अब यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर 2027 के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय है। BJP पर सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल (S), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), निषाद पार्टी का दबाव कम होगा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार के नतीजों के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा को नए सिरे से अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। अखिलेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ अपनी शर्तों पर गठबंधन करेंगे। पढ़ें पूरी खबर

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:46 am

किसी ने चश्मा पहना तो किसी ने बनाई चोटी, VIDEO:कानपुर में 228 डॉग्स ने बिखेरा जलवा; 10 लाख के डॉगी ने दिल जीता

कानपुर में ऑल इंडिया ऑल ब्रीड्स चैम्पियनशिप डॉग शो में हर तरह के डॉग देखने को मिले। कोई चश्मा लगाकर, तो कोई बालों में चोटी बनाकर जलवा बिखेर रहा था। 10 लाख का ऑस्ट्रेलिया से आया डॉगी देखने के लिए तो लोग उमड़ पड़े। इन सभी डॉगी ने अपनी अदाओं से लोगों का दिल जीता। फिर अपने मालिकों के लिए ट्रॉफी जीती। डॉग शो की पूरी कहानी VIDEO में देखिए...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:46 am

यूपी में आतंक का ‘डॉक्टर मॉड्यूल’?:सिमी तो कभी IM, हर बार यहीं से जुड़े तार; क्यों कट्‌टर हो रहे पढ़े-लिखे मुस्लिम?

दिल्ली कार ब्लास्ट का यूपी कनेक्शन। जांच एजेंसियों ने कड़ियां जोड़नी शुरू कीं, तो आतंक का खौफनाक ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ सामने आया। एक के बाद एक 5 डॉक्टरों को जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस ने दबोचा। धमाके की मास्टरमाइंड डॉ. शाहीन भी लखनऊ में पकड़ी गई। उसके भाई डॉ. परवेज से जांच एजेंसियां सच उगलवा रही हैं। कभी सिमी, तो कभी इंडियन मुजाहिदीन और पीएफआई। हर बार आतंक के तार यूपी से जुड़ रहे हैं। लेकिन शायद ये पहली बार है, जब इतने पढ़े-लिखे लोग कट्‌टर (रेडिक्लाइज) हुए हैं। जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों के सामने भी बड़ा सवाल यही है कि क्या 2020 के दशक में देश में नया कट्‌टर पंथी संगठन तो सक्रिय नहीं हो गया। जो आम कॉलेज और यूनिवर्सिटी से इतर मेडिकल क्षेत्र में काम करने वालों को टारगेट कर रहा? आज की संडे बिग स्टोरी में जानेंगे मुस्लिम स्कॉलर इसे किस नजर से देखते हैं? उत्तर प्रदेश में कब-कब बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुईं? बटला हाउस कांड क्या था? इसमें यूपी का नाम कैसे आया? देश का माहौल खराब करने में 1990 के दशक में सिमी, 2000 के दशक में इंडियन मुजाहिदीन और 2010 के बाद पीएफआई की सक्रियता जग-जाहिर है। समय-समय पर जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों ने इनके मंसूबों को नाकाम भी किया, पर्दाफाश भी किया है। लेकिन दिल्ली में आतंकी घटना में जो नाम सामने आए, उनमें लगभग सभी डॉक्टर हैं। यूपी से अब तक 5 डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शनिवार को यूपी ATS ने डॉ. अदील से कनेक्शन के शक में सहारनपुर, देवबंद और शामली से 5 लोगों को उठाया। डॉ. परवेज अंसारी से संबंधित दस्तावेजों की जांच भी की जा रही। कंप्यूटरों को जांचा, स्टाफ से पूछताछ की। हर तरह से आतंकी साजिश को डिकोड करने की कोशिश की जा रही। यूपी में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी संगठनउत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के चलते आतंकियों के निशाने पर रहा है। जांच एजेंसियां पाकिस्तान से संचालित प्रमुख संगठनों से जुड़े लोगों पर समय-समय पर कार्रवाई करती रही हैं। 2007 में लखनऊ में हुए ब्लास्ट में लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका सामने आई थी। 2001 में संसद पर हमले के बाद से यूपी में जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां बढ़ी थीं। इसके बाद इस आतंकी संगठन से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई थीं। इसी तरह हिजबुल मुजाहिदीन, हूजी, अलकायदा इन इंडियन सबकंटिनैंट जैसे आतंकी संगठन सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी की वजह से मंसूबों में नाकाम होते रहे। सरहद पार से मिलती रही है मददये संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसके संरक्षित गुटों से समर्थन पाते रहे। सिमी को आईएसआई से हथियार मिलने, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से प्रशिक्षण हासिल करने जैसे सबूत भी जांच एजेंसियों काे मिले थे। इसी तरह इंडियन मुजाहिदीन को लश्कर-ए-तैयबा और हूजी से फंडिंग और आईईडी तकनीक की ट्रेनिंग मिली। 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट में पाकिस्तानी हैंडलर की भूमिका सामने आई थी। सरकारी एजेंसियों का मानना था कि सिमी और इंडियन मुजाहिदीन की तरह पीएफआई को भी पाकिस्तान से मदद मिलती रही है। 2022 में प्रतिबंध के बाद देश भर में हुई छापेमारी में बड़ी संख्या में इस संगठन से जुड़े हुए लोगों को जेल भेजा गया था। इन संगठनों का इस्तेमाल पाकिस्तान, भारत के खिलाफ प्रॉक्सी के रूप में करता रहा है। सिमी, आईएम और पीएफआई का रहा है यूपी में इतिहास क्या था बटला हाउस कांड, यूपी से क्या था कनेक्शन? 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट में 30 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में इंडियन मुजाहिदीन का नाम सामने आया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली कि दिल्ली के जामियानगर स्थित बटला हाउस में इस घटना को अंजाम देने वाले पांच आतंकी छिपे हुए हैं। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छापा मारा था। जहां छिपे आतंकियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस ऑपरेशन में दो आतंकी आतिफ अमीन और साजिद की मारे गए। मोहम्मद सैफ ने सरेंडर किया था। इस ऑपरेशन में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे और 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। शहजाद अहमद को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि अरिज खान फरार हो गया, जिसे 2018 में पकड़ा गया। सभी 5 संदिग्ध आजमगढ़ के रहने वाले थे। अरिज खान को 2008 यूपी-राजस्थान-गुजरात ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना गया। आतंकवाद से निपटने के लिए 2009 में बनाई गई एटीएसआतंकवाद के लिहाज से 2000 का दशक यूपी के लिए कठिन दौर था। साउथ एशिया टेररिस्ट पोर्टल के आंकड़ों की मानें, तो 2001 से 2010 के बीच यूपी में 19 आतंकवादी घटनाएं हुईं। यानी औसतन हर साल दो घटनाएं आतंकवादी घटना की होती थीं। 2005 से 2009 के बीच 12 आतंकी घटनाएं हुईं। इसे देखते हुए यूपी में आतंकवाद से निपटने के लिए विशेष बल का गठन किया गया और नाम दिया गया एंटी टेररिस्ट स्क्वाड। उस समय यूपी के डीजीपी रहे विक्रम सिंह बताते हैं कि 2009 में घटनाएं एक के बाद एक हो रही थीं। उस समय सरकार ने एटीएस का गठन किया। उस समय एडीजी कानून व्यवस्था बृज लाल थे। उन्हें एटीएस का भी चीफ बनाया गया। एटीएस ने एक के बाद एक कई ऑपरेशन किए, जिसे धीरे-धीरे यूपी में आतंकवाद की जड़ें कमजोर होती चली गईं। क्यों बढ़ाई गई तब्लीगी जमात पर निगरानीयूपी एटीएस के चीफ अमिताभ यश बताते हैं कि तब्लीगी जमात को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को लगातार इनपुट मिल रहे थे। इसे देखते हुए यूपी पुलिस ने उस पर निगरानी बढ़ाई है। तब्लीगी जमात के नाम पर कई अपराधी, घटनाओं को अंजाम देते हैं और फिर जमात में शामिल होकर धर्म का प्रचार करने लगते हैं। इसी साल के शुरुआत में शामली में बदमाशों के साथ एक मुठभेड़ हुई थी। इसमें एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार घायल हो गए थे, जिनकी बाद में मौत हो गई थी। जांच के दौरान पता चला था कि जिस अपराधी अरशद के साथ मुठभेड़ हुई थी। वह खुद के बचाव के लिए जमात का सहारा लेता था। इसी घटना के बाद से पुलिस और यूपी की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई थींं। लेकिन, जब कश्मीर से भी इसी तरह के इनपुट जांच एजेंसियों को मिले तो यूपी में इनकी निगरानी बढ़ा दी गई। हर आने जाने वालों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाने लगा। इससे अचानक जमात में आने-जाने वालों की संख्या बहुत कम हो गई। डॉक्टरों के कोड वर्ड को डिकोड करने की कोशिशफरीदाबाद में हुई छापेमारी के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों डॉ. उमर मोहम्मद उर्फ उमर उन नबी और डॉ. मुजम्मिल शकील गनई के कमरों से बरामद डायरियों में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करके आतंकी साजिश की प्लानिंग लिखी मिली है। यह छापेमारी 12-13 नवंबर 2025 को दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट से जुड़ी जांच के दौरान की गई। डायरियों में नाम, तारीखें, जगहें और ऑपरेशंस को कोड्स में लिखा गया था, ताकि बिना डिकोडिंग के समझ न आएं। जांच एजेंसियां इन कोड वर्ड को डिकोड करने की कोशिश कर रही हैं। यूपी से पकड़े गए डॉक्टरों के गैजेट्स में भी जो चीजें मिली हैं, उन्हें डिकोड करने की कोशिश हो रही है। जानिए मुस्लिम स्कॉलर कट्टरपंथ पर क्या कहते हैं?एरा मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के रिटायर प्रोफेसर मोहम्मद मोनिस अकबर फरीदी कहते हैं कि ये सिर्फ यूपी, कश्मीर या किसी सूबे की बात नहीं है। हमें ये समझना होगा कि गलतियां कहां हो रहीं। मुस्लिमों को ही ऐसे लोगों का बायकाट करने की जरूरत है। ये सच्चे मुसलमान हो ही नहीं सकते। सच ये है कि हमारे उलेमा और धर्म गुरुओं ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई। निभाई होती, तो आज ये नौबत न आती। हम अरबी तो पढ़ते हैं, लेकिन उसका मतलब नहीं समझते। ऐसे में अधूरा ही इस्लाम मिलेगा। अधूरी जानकारी ज्यादा खतरनाक होती है। जरूरत एजुकेशन की है न कि लिटरेसी की। एजुकेशन से व्यक्तित्व में बदलाव आता है। हर जुमे की नमाज में पढ़ते हैं कि बुराई से दूर रहो, न्याय करो, लोगों पर अहसान करो, किसी का दिल न दुखाओ। लेकिन, इस पर हम अमल नहीं करते। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में केशव का कद बढ़ेगा, टूट सकती है अखिलेश-राहुल की जोड़ी, जानिए बिहार नतीजों का असर बिहार चुनाव में NDA ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसका असर अब यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर 2027 के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय है। BJP पर सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल (S), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), निषाद पार्टी का दबाव कम होगा। पढ़ें पूरी खबर

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:45 am

UP की शादी मंडप से ज्यादा इंस्टा पर चमक रहीं:रील्स के लिए तय हो रही थीम, आउटफिट और डेकोर, बजट में डिजिटल जलवा

अब शादी सिर्फ एक सामाजिक रस्म नहीं, बल्कि डिजिटल कंटेंट प्रोजेक्ट बन चुकी है। हर रस्म, सजावट और डांस अब इंस्टाग्राम ट्रेंड्स को ध्यान में रखकर डिजाइन किए जाते हैं। पहले परिवार सोचते थे “लोग क्या कहेंगे?”, अब कपल्स सोचते हैं “रील पर कैसा दिखेगा?” हर जोड़ा चाहता है कि उसकी शादी न सिर्फ याद रहे, बल्कि ट्रेंड करे। हर किसी के लिए बड़े फोटोग्राफर या ड्रोन शूट आसान नहीं। अच्छी बात ये है कि अब शानदार तस्वीरों के लिए भारी खर्च नहीं, बस थोड़ी प्लानिंग, थोड़ी क्रिएटिविटी और सही टूल्स चाहिए। ‘बैंड, बाजा, बजट’ के पांचवें और आखिरी एपिसोड में बात इसी नए डिजिटल वेडिंग कल्चर की। क्यों अब कपल्स शादी से पहले ‘रील डायरेक्टर’ हायर कर रहे? क्यों हल्दी-मेहंदी में इंस्टा-फ्रेंडली बैकड्रॉप बन रहे? कैसे छोटी शादियों का बजट भी फोटोजेनिक बनने में लग रहा? हम बताएंगे वो आसान ट्रिक्स और टूल्स जिनसे मोबाइल कैमरे से भी शूट बने सिनेमैटिक, और आपकी शादी की रील हो बजट में वायरल। लखनऊ के अभिजीत सरकारी स्कूल में टीचर हैं। अपनी शादी याद करके मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मैं और संध्या चाहते थे कि शादी में सिर्फ सजावट नहीं, हमारी कहानी भी दिखे। हर फोटो में अपना एहसास झलके।” वे आगे जोड़ते हैं, “पहले बस रस्में होती थीं, अब हर पल कैमरे में कैद किया जाता है, क्योंकि इंस्टाग्राम का जमाना है।” अभिजीत और संध्या ने ये सब लो बजट में किया। उन्होंने बड़े स्टूडियो की जगह लोकल फोटोग्राफर टीम को चुना। मोबाइल शूट और DSLR कैमरा दोनों का मिक्स इस्तेमाल हुआ। डेकोरेशन में ज्यादा रोशनी रखी, ताकि फोटो नेचुरल आएं। एडिटिंग के लिए एक कॉलेज स्टूडेंट को फ्रीलांस प्रोजेक्ट दिया। खर्च आधा रह गया, क्वालिटी दोगुनी। संध्या हंसकर कहती हैं, “पैसा नहीं, प्लानिंग चाहिए। हमारी शादी इंस्टा-फ्रेंडली भी थी और जेब-फ्रेंडली भी।” एक्सपर्ट्स से जानिए कम बजट में क्वालिटी वेडिंग शूट के टिप्स इंस्टा-फ्रेंडली शादी के लिए सबसे जरूरी है प्लानिंग गोरखपुर के फोटोग्राफर भास्कर श्रीवास्तव बताते हैं कि पहले क्लाइंट फोटो एल्बम चाहते थे, लेकिन आजकल रील्स की डिमांड होती है। कपल्स चाहते हैं कि शादी की हर रस्म, हर एंट्री इंस्टा ट्रेंडिंग लगे। 3-4 साल पहले दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से शुरू हुआ ये ट्रेंड अब छोटे शहरों को भी इन्फ्लुएंस कर रहा है। भास्कर बताते हैं कि कम बजट में भी यादगार फोटो-वीडियोग्राफी हो सकती है। बस सही प्लानिंग की जरूरत होती है। महंगे डेकोर या बड़ा सेटअप जरूरी नहीं होता। लोकल टच और अच्छी कहानी ही असली लग्जरी होती है। आसपास की प्री वेडिंग लोकेशन, DIY डेकोरेशन और कम टीम के साथ भी अच्छी रील्स बनाई जा सकती हैं। लाइव एडिटिंग टीम रखने से कंटेंट तुरंत तैयार हो जाता है। लोकल फोटोग्राफर कम बजट में अच्छी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर सकते हैं। उन्हें आसपास की प्री वेडिंग शूटिंग लोकेशन की अच्छी जानकारी होती है। नेचुरल लोकेशन पर महंगी लाइटिंग की जरूरत भी नहीं होती। आप चाहें तो अपने ही घर की छत या गार्डन में भी शूट कर सकते हैं। वहां भी शानदार बैकग्राउंड मिल सकता है। 15 हजार में सिनेमैटिक शॉट्स बनाते है यादगार लम्हे लखनऊ के फोटोग्राफर शमीम खान बताते हैं कि बजट कम है तो छोटी लोकेशन लेनी चाहिए। DIY डेकोरेशन और कम टीम के साथ शूट करने से खर्च बचता है। ड्रोन और गिंबल का इस्तेमाल करके बहुत अच्छे इफेक्ट दिए जा सकते हैं। लाइव एडिटिंग से रील तुरंत तैयार हो जाती है। इससे महंगे एल्बम की जरूरत कम हो जाती है। अगर 5 लाख रुपए का बजट है तो 15 हजार रुपए में अच्छी फोटो-वीडियोग्राफी हो सकती है। इसके लिए पहले कपल को बताना होता है कि वे किन पल को कैप्चर करना चाहते हैं। इस बजट में हम बड़ी टीम नहीं रखते, छोटे पैकेज में काम करते हैं। DSLR कैमरा, गिंबल और 1-2 असिस्टेंट काफी होते हैं। हल्दी, मेहंदी और शादी में सिर्फ मेन फंक्शन शूट करते हैं। वीडियो के लिए स्लो मोशन और कुछ सिनेमैटिक शॉट्स लिए जाते हैं। सभी रस्मों के स्लो मोशन और क्लोजअप शॉट्स जरूरी गोरखपुर के फोटोग्राफर यश प्रताप बताते हैं कि हल्दी-मेहंदी का फंक्शन हो या शादी, तीन मेन शॉट्स होने ही चाहिए। पहला मेन सीन,एंट्री और ग्रुप शॉट्स। दूसरा डांस और तीसरा कॉमिक सीन। सभी के क्लोजअप शॉट्स भी होने चाहिए। ये मोमेंट्स फोटो और वीडियो में जान डाल देते हैं। बहुत ज्यादा मंहगे कैमरे की जरूरत नहीं होती, जरूरी है डेकोरेशन और लाइटिंग। इसके लिए हम फ्लोर रिफ्लेक्शन और डेकोरेट सीलिंग (छत) के शॉट्स बना सकते हैं। हल्दी-मेंहदी जैसे फंक्शन में रील्स के लिए ड्रोन से 360 डिग्री शॉट्स ले सकते हैं। दोस्त-रिश्तेदार हाथों फंकी स्लोगन लिए स्लेट्स पकड़ाकर भी रील्स बनाई जाती हैं। इनके बीच में रस्मों के कुछ शॉट्स और इमोशनल पल डाल कर बेहतरीन रील बनाई जा सकती है। यूपी के शहर हैं प्री-वेडिंग शूट के लिए खास फोटोग्राफर प्रिंस अवस्थी बताते हैं कि यूपी के कई शहर ऐसे हैं, जहां कपल्स प्री-वेडिंग शूट कराने आते हैं। बनारस में अस्सी घाट पर सुबह की आरती और गंगा का बैकग्राउंड, दशाश्वमेध घाट पर शाम की आरती और दीपदान के शॉट्स, गलियों में लोकल कल्चर और वाइब्रेंट रंगों की दीवारों का बैकग्राउंड हो सकता है। गंगा में नाव पर फोटो शूट में रिफ्लेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है। अयोध्या में रामायण थीम पर शूट होता है। राम मंदिर के आसपास का धार्मिक बैकग्राउंड, सरयू घाट और गुप्तार पर सुबह या शाम के समय कपल शूट किया जा सकता है। अयोध्या का नया ब्रिज मॉडर्न और हेरिटेज बैलेंस का अच्छा काम्बिनेशन है। आगरा में ताजमहल और यमुना किनारे रॉयल और रोमांटिक शूट हो सकता है। वहीं, आगरा का किला, मुगल गार्डन, शीश-महल, फतेहपुर सीकरी में हेरिटेज थीम के साथ शूट हो सकता है। यूपी के इन शहरों में भी प्री-वेडिंग शूट चलन बढ़ा फोटोग्राफर शमीम खान बताते हैं कि मथुरा-वृंदावन में आध्यात्मिकता और प्यार का अनोखा मेल दिखता है। यमुना किनारे घाट, गोवर्धन पर्वत, बरसाने की गलियां और प्रेम मंदिर के आसपास की लाइटिंग, हर फ्रेम को सिनेमैटिक लुक देती हैं। रील्स बनाने के लिए फ्लोरल पर्दे, घुंघरू और बांसुरी का म्यूजिक एकदम परफेक्ट बैकग्राउंड देते हैं। अगर शादी मथुरा क्षेत्र में हो तो राधाकृष्ण थीम डेकोर आजकल बहुत ट्रेंड में है। शमीम बताते हैं कि मेरठ में प्री-वेडिंग शूट के लिए हेरिटेज और मॉडर्न दोनों लोकेशन मिल सकती हैं। गांधी बाग, औघड़नाथ मंदिर, सूरजकुंड और आसपास के फॉर्म हाउस शूट के लिए पसंदीदा जगहें हैं। यहां के ग्रीन गार्डन, खुले मैदान और पुरानी हवेलियां फोटोग्राफी को क्लासिक लुक देती हैं। ड्रोन और गिंबल कैमरे से शूट करने पर हर फ्रेम ऑटोमैटिकली 'रील रेडी' बन जाता है। इसके अलावा झांसी भी एक बेहतर आप्शन हो सकता है। झांसी में किले का हेरिटेज बैकग्राउंड फोटोग्राफी को रॉयल और ग्रैंड टच देता है। पुराने किले की दीवारों, लाल पत्थरों और आर्च गेट के बीच कपल शॉट बेहद शानदार आते है। इसके अलावा लक्ष्मी तालाब, सिविल लाइन पार्क और झांसी के पास ही ओरछा के मंदिर और घाट प्री-वेडिंग शूट के लिए बेहतरीन ऑप्शन हैं। **** कॉपी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार ये खबर भी पढ़िए...बैंड, बाजा, बजट-4; सही मेकअप से शानदार बनेगी शादी की रील:वेदर, स्किन और आउटफिट के हिसाब से चुनिए मेकअप और ज्वेलरी कॉम्बो ‘बैंड, बाजा, बजट’ के चौथे एपिसोड में बात नई खूबसूरती की- जहां मेकअप सिर्फ चेहरा नहीं, आत्मविश्वास निखारता है। हम बताएंगे कैसे स्किन और मौसम के हिसाब से सही प्रोडक्ट चुनें। आउटफिट के साथ मेकअप का परफेक्ट मैच बनाएं बजट में। ​​​पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:45 am

कट्टा-सिक्सर और फिरौती, चुनावी गानों पर मोदी के डायलॉग, VIDEO:बिहार के गानों पर चुनाव का प्रचार; जानिए कौन से गानों ने बटोरी सुर्खियां

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी गाने खूब वायरल हो रहे हैं। बिहार के भभुआ में जनसभा के दौरान PM नरेंद्र मोदी ने RJD के वायरल गानों को निशाने पर लिया। PM मोदी ने 'मारब सिक्सर के छह गोली छाती में' वाले गाने का बोल सुनाया और जंगलराज की याद दिलाई। PM मोदी ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार आने पर 'रंगदारी, अपहरण और कट्टा दिखाकर लूटने' का पुराना प्लान वापस आ जाएगा। जैसे ही इन गानों का जिक्र PM मोदी ने किया, देखते ही देखते पूरे देशभर में बिहार के चुनावी गाने वायरल हो गए और खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। ऊपर क्लिक कर ​​​देखिए बिहार के फेमस चुनावी गानों का वीडियो...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:45 am

नीतीश नवंबर बाद CM नहीं रहेंगे...कहने वाले PK का रिजल्ट-0:जनसुराज की सरकार का दावा किया- 98% कैंडिडेट की जमानत जब्त; क्या राजनीति छोड़ेंगे प्रशांत

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने 202 सीटों पर प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज की। बीते 6 महीने में ये 3 बयान जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 100 से ज्यादा बार दिए। 6 साल में 6 CM बनवाने वाले पीके जब खुद बिहार जीतने निकला तो एक भी सीट नहीं जीत पाया। जन सुराज पार्टी को महज 10 लाख वोट भी नहीं मिले। 238 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, उसमें से 233 सीटों, मतलब 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई। ऊपर क्लिक कर के ​​​​​देखिए प्रशांत किशोर की पार्टी के दावे और रिजल्ट…

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:44 am

ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता हुई

भास्कर न्यूज | लुधियाना श्री ओपी गुप्ता, एसडीपी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन गतिविधियों को मेरे सपनों की दुनिया, पृथ्वी बचाओ, मेरा स्कूल, मेरा भारत, मेरा परिवार और अंतरिक्ष और ब्रह्मांड के विषय कर करवाई गई। स्कूल के प्रधान बलराज कुमार भसीन द्वारा इस मौके विशेष बधाई संदेश दिया गया और बच्चों को इनाम भी बांटे गए। स्कूल प्रिंसिपल डॉ संजीव बिंद्रा द्वारा भी बच्चों को शुभकामनाएं दी गई और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:43 am

सिरसा होटल रेप केस, नया वीडियो सामने आया:कार में साथ आए, फोन से VIDEO बनाती दिखी युवती; SI-ASI के विवाद से मामला गरमाया

सिरसा में हिसार रोड पर स्थित एक निजी होटल में हुए रेप केस का नया वीडियो सामने आया है। वीडियो में युवती अपने फोन से रिकॉर्डिंग करती हुई युवक के पीछे-पीछे होटल में प्रवेश करती दिखाई दे रही है। दोनों एक ही कार में होटल तक पहुंचे, लेकिन होटल में अलग-अलग एंट्री करते हैं। युवक क्रेटा कार से उतरकर पहले अंदर जाता है, जबकि युवती कुछ देर बाद वीडियो बनाते हुए पीछे-पीछे जाती दिख रही है। इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने युवक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। युवक सेक्टर-19 का रहने वाला है, जबकि युवती पंजाब की रहने वाली है। वह कुछ समय से सिरसा की एक कॉलोनी में परिवार के साथ रह रही है। दोनों की जान-पहचान पहले से थी और युवक उसे होटल लेकर आया था। घटना करीब एक सप्ताह पुरानी बताई जा रही है। SI और ASI के विवाद से मामला गरमाया यह वही होटल रेप केस है, जिसे लेकर महिला SI दर्शना देवी और ASI प्रवीण कुमारी के बीच विवाद सामने आया है। आरोप है कि एएसआई प्रवीण ने महिला थाना की पूर्व इंचार्ज व एसआई दर्शना को फंसाने की साजिश रची और उन पर दबाव बनाया। दरअसल, एसआई दर्शना इससे पहले बरनाला रोड स्थित एक होटल में नाबालिग से रेप के मामले की जांच कर रही थीं। उस होटल में एएसआई प्रवीण कुमारी के पति का पार्टनरशिप में नाम आने के बाद विवाद बढ़ गया। मामले को लेकर दोनों अधिकारियों के बीच बहस भी हुई थी। विवाद बढ़ने पर एसपी ने पहले एसआई दर्शना को महिला थाना से पुलिस लाइन में भेजा। बाद में एडीजीपी के आदेश पर दोनों अधिकारियों का सिरसा से बाहर ट्रांसफर कर दिया गया। अब सिलसिलेवार जानिए दोनों मामले पहला होटल रेप केस दूसरा होटल रेप केस अब जानिए दोनों लेडी पुलिसकर्मियों ने क्या कहा... इस मामले में SI दर्शना देवी और ASI प्रवीण कुमारी से बात की तो दोनों का अलग-अलग जवाब दिया है। एसआई दर्शना का कहना है कि न्याय का साथ दिया है। बरनाला रोड स्थित होटल में जिस नाबालिग लड़की के साथ गलत काम हुआ था। उसमें आरोपी युवक, महिला दलाल व उसका सहयोगी पकड़ा गया था। जांच में पता चला कि उसमें एएसआई प्रवीण का पति पार्टनर है। वह उस समय नहीं मिला था, जांच चल रही थी। तब से प्रवीण दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी और एक एसएचओ को बदनाम करने के लिए यह साजिश रच दी। वहीं, एएसआई प्रवीण को फोन कर इस मामले में पूछा गया तो कुछ कहने से मना कर दिया और फोन काट दिया। सिविल लाइन थाना पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:43 am

एक किलो तंबाकू के साथ आरोपी पकड़ा, एएसआई समेत 2 पर केस

लुधियाना| लुधियाना सेंट्रल जेल में नशा पहुंचाने की एक गंभीर कोशिश का खुलासा हुआ है। थाना लाडोवाल में तैनात एक एएसआई मेजर सिंह पर आरोप है कि वह एक आरोपी के जरिए 1 किलो तंबाकू जेल के अंदर तस्करी करवाना चाहता था। मामले में पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी समेत दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। जानकारी के अनुसार, 8 नवंबर को थाना लाडोवाल पुलिस ने 20 बोतल अवैध शराब के साथ सुखदेव सिंह उर्फ सुखा को गिरफ्तार किया था। उसकी जांच का जिम्मा एएसआई मेजर सिंह को दिया गया था। 12 नवंबर को अदालत से न्यायिक हिरासत मिलने के बाद सुखा को सेंट्रल जेल भेजा गया। जेल में सामान की नियमित जांच के दौरान कर्मचारियों को उसके बैग से 1 किलोग्राम तंबाकू मिला। बरामदगी के बाद जब जेल अधिकारियों ने सुखा से पूछताछ की, तो उसने बड़ा खुलासा किया। सुखा ने बताया कि जेल लाते समय एएसआई मेजर सिंह ने ही उसे बैग दिया था और कहा था कि अंदर कोई उसे ले लेगा। उसने दावा किया कि उसे बैग के अंदर क्या है, यह पता नहीं था। जेल प्रशासन ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को देकर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने एएसआई मेजर सिंह और सुखा दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच अधिकारी दिनेश कुमार के मुताबिक, मेजर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि बाद में वह जमानत पर रिहा हो गया। सुखा को आगे की पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर दोबारा लाया जाएगा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:43 am

घुमार मंडी से शुरू हुआ अर्बन पावर लाइन अपग्रेडेशन मेकओवर, दो महीने में 25 फीडरों पर काम पूरा होगा

भास्कर न्यूज| लुधियाना पंजाब के शहरों को लटकती तारों, खराब नेटवर्क और बार-बार की बिजली समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए अर्बन पावर लाइन अपग्रेडेशन मेकओवर परियोजना की शुरुआत लुधियाना के घुमार मंडी से हो चुकी है। पावर मंत्री संजीव अरोड़ा ने शनिवार को स्थल निरीक्षण कर बताया कि यह परियोजना राज्य के शहरी बिजली ढांचे में दशकों बाद होने वाला सबसे बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा कि यह केवल तारें बदलने का काम नहीं, बल्कि शहरों के विद्युत नेटवर्क का पूरी तरह कायाकल्प है। अरोड़ा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सिटी वेस्ट सबडिवीजन के 25 फीडरों में शुरू किया गया है, जिसे दो महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना के तहत बिजली खंभों से डिश, इंटरनेट फाइबर और गैर-पीएसपीसीएल तारों को हटाया जाएगा, नीचे लटकती तारें सुरक्षित ऊंचाई पर ले जाई जाएंगी, पुरानी तारों की जगह नई कंडक्टर लाइनें लगेंगी, मीटर बॉक्स मौसम-रोधी और छेड़छाड़-रोधी बनेंगे, और शहरों में बिजली दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी। यह मॉडल सफल होने पर पूरे पंजाब के 86 सबडिवीजनों में लागू किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पावरकॉम अधिकारियों से काम की प्रगति जानी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शहरों को सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने साफ कहा कि लटकती तारों से होने वाली दुर्घटनाएं अब बंद होंगी। बिजली कटौती कम होगी और सप्लाई पहले से अधिक स्थिर और विश्वसनीय होगी। मंत्री अरोड़ा ने बीएसएनएल अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन खंभों की जरूरत नहीं है, उन्हें तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त खंभे शहर की खूबसूरती भी खराब करते हैं और फॉल्ट डिटेक्शन में रुकावट भी डालते हैं। पावर मंत्री संजीव अरोड़ा निरीक्षण करते। मंत्री अरोड़ा ने कहा कि शहरों में बिजली के तारों को लेकर पहले तरह-तरह की शिकायतें मिलती थीं। कहीं तार बहुत नीचे, कहीं टूटे हुए, तो कहीं पुराने खंभों पर 10-10 तरह के तार लटके होते थे। लोग डर के कारण बच्चों को घर के बाहर नहीं जाने देते थे। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जनता को उन सभी समस्याओं से राहत देगी। घुमार मंडी, फिरोज गांधी मार्केट, कोचर मार्केट, हैबोवाल चौक, माया नगर, महाराज नगर, मॉडल ग्राम, मॉल रोड और शिवदेव मार्ग सहित लुधियाना पश्चिम के दर्जनों इलाकों में काम शुरू हो गया है। इसी तरह उत्तर विधानसभा के कुंदनपुरी, शाही मोहल्ला, दीप नगर, राजेंद्र नगर, जंडू चौक, सत्संग रोड आदि क्षेत्रों को भी पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि कई सालों से लटकती तारों और बार-बार टूटने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि यदि यह पहल पूरी तरह सफल हुई, तो शहर की सुरक्षा और सुंदरता दोनों बढ़ेंगी। दुकानदारों ने भी कहा कि सुरक्षित नेटवर्क से व्यापार प्रभावित नहीं होगा और लाइन फॉल्ट के कारण घंटों बैठना नहीं पड़ेगा। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता जगदेव हंस, अधीक्षण अभियंता कुलविंदर, एक्सईएन गुरदमनप्रीत और बीएसएनएल अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री अरोड़ा ने कहा कि जल्द ही पंजाब के शहरों से लटकती तारें पूरी तरह खत्म होंगी और पंजाब देश के चुनिंदा राज्यों में शामिल होगा जहाँ शहरी बिजली नेटवर्क सबसे सुरक्षित और आधुनिक होगा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:43 am

'करप्ट मंत्री के खिलाफ आवाज उठाना पार्टी विरोध कैसे':आरके सिंह बोले- जंगलराज के खिलाफ लड़ रहे और अपराधियों को टिकट दे रहे

पहली बार ऐसा हुआ है कि मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे को पार्टी से निष्कासित किया गया हो। हम बात कर रहे हैं आरके सिंह की, जिन्हें बिहार चुनाव के रिजल्ट आने के दूसरे दिन ही पार्टी 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। आरके सिंह 2014 से 2024 तक सांसद रहे। इस दौरान वे केंद्रीय मंत्री भी रहे। अब बीजेपी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं। दैनिक भास्कर ने आरके सिंह से पार्टी से निलंबन, एनडीए सरकार पर लगाए आरोपों, बिहार चुनाव के नतीजों और उनके 62 हजार करोड़ रुपए के आरोपों पर सवाल पूछा। पढ़िए और देखिए आरके सिंह का पूरा इंटरव्यू... सवाल: बीजेपी ने आपको पार्टी से क्यों निकाला? आपने ऐसा क्या कर दिया? जवाब: मुझे पार्टी की तरफ से कोई पत्र नहीं दिया गया, ना ही किसी ने फोन करके निलंबन की जानकारी दी। हमें मीडिया के जरिए पत्र मिला। उसमें हमने देखा कि पार्टी के पटना कार्यालय ने मुझे निलंबित किया है और हमसे कारण पूछा है कि हमें क्यों नहीं पार्टी से निकाला जाए। लेकिन अब हमने खुद ही पार्टी से अपना त्याग पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है। पत्र में लिखा गया था पार्टी विरोधी कार्रवाई, लेकिन हमें पार्टी के विरोध में क्या किया, वह स्पष्ट नहीं किया गया था। इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर हमने सवाल पूछा है कि आप कौन सी पार्टी विरोधी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। अगर आप बताएंगे ही नहीं कि आरोप क्या हैं तो मैं किस बात का जवाब दूंगा। आपने इतना कर लिया है तो मैं अब खुद इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन पार्टी विरोधी कार्रवाई क्या है? हमने ये बयान दिया कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट नहीं मिलना चाहिए। ये तो पार्टी, समाज और राष्ट्रहित में है। सवाल: आपने खुलकर पार्टी के खिलाफ बोला हैं, लेकिन पहले आपने पार्टी फोरम पर आवाज उठाई थी? क्या पार्टी स्तर पर निष्कर्ष नहीं निकला। जवाब: मैं पार्टी में हमेशा बोलता रहा हूं और पार्टी के हर फोरम पर बात रखी है। हम बोलते रहे हैं कि आपराधिक लोगों को पार्टी में नहीं होना चाहिए। सवाल: पार्टी में टॉप लीडर में आपने किससे कहा? जवाब: हमें जहां कहीं भी मौका मिला, वहां मैंने कहा कि पार्टी में आपराधिक लोगों के लिए जगह नहीं होना चाहिए। ये हमारा आज से कहना नहीं है, ये हमारा शुरू से स्टैंड रहा है। सवाल: पार्टी लीडर में किसी स्पेसीफिक नेता से कहा, अमित शाह से आपकी बात हुई? जवाब: हां भाई, हमने टॉप लीडरशिप को भी बताया है। उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जो जैसा चल रहा था, चलता रहा। सवाल: आपने बिहार की एनडीए सरकार पर 62 हजार करोड़ रुपए का पावर स्कैम का आरोप लगाया। इसकी वजह से आप पर कार्रवाई हुई, क्या ये बात सही है? जवाब: घोटाले के विरोध में बोलना ये पार्टी विरोधी कैसे हो गया। मैंने 62 हजार करोड़ के स्कैम का पूरा ब्योरा दिया है। मैं आपसे ही सवाल पूछता हूं कि ये कहां से पार्टी विरोधी हो जाएगा कि ये आपराधिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति है, इसको टिकट या मंत्री पद नहीं मिलना चाहिए। हर पार्टी की नीति यही होनी चाहिए कि भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की जाए। सवाल: बीजेपी का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान रहा है और जीरो टॉलरेंस की नीति है, फिर भी आपकी आवाज को क्यों दबाया गया? जवाब: आप जंगलराज के खिलाफ लड़ रहे थे, तो फिर आप खुद अपराधियों को टिकट कैसे देंगे। ये मुद्दे पार्टी के नेता होने के नाते उठना ही चाहिए। आम नागरिक को भी ये मुद्दे उठाने चाहिए। सवाल: भ्रष्टाचार का जो आरोप लगाया है, उसमें सबसे बड़ा फायदा कथित तौर पर उद्योगपति गौतम अदानी को होने वाला है। ऐसा कहा जा रहा है। आप पर कार्रवाई की सबसे बड़ी यही वजह है? जवाब: आरोप मैंने नहीं लगाया, आरोप विसलब्लोअर ने लगाया। उसने मुझे चिट्ठी लिखी। मैंने राज्य सरकार में इस गड़बड़ी को उठाया, क्योंकि ये राज्य सरकार का मामला है। पार्टी का मामला नहीं है। राज्य सरकार के कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार किया तो ये पार्टी के खिलाफ कैसे हो गया। हमने सरकार के पावर मिनिस्टर से इस डील से जुड़े कागज मांगे, लेकिन मंत्री ने कागज नहीं भेजे। हमने खुद कागज निकालकर जांच की और हमें लगा कि इसमें भ्रष्टाचार है। ये भ्रष्टाचार मंत्री और पदाधिकारियों ने किया है। ये पार्टी के खिलाफ कैसे हो गया। सवाल: ये एनडीए की सरकार की पोल खोलना हुआ ना। बीजेपी बिहार में एनडीए की सरकार का हिस्सा है। जवाब: भ्रष्टाचार करना क्या सरकार की नीति है? ये सरकार के खिलाफ नहीं है। भ्रष्टाचार ना सरकार और ना पार्टी की नीति हो सकती है। अगर कोई भ्रष्टाचार करता है तो वो पार्टी और सरकार के खिलाफ काम कर रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना पार्टी के खिलाफ बोलना नहीं है। सवाल: लेकिन पार्टी का अपना अनुशासन होता है, इसे इंटरनल फोरम में उठाया जाना चाहिए? जवाब: लेकिन क्यों? बात छुपी रहे। जहां तक व्यवस्था का सवाल है तो राज्य सरकार के एक मंत्री के खिलाफ आरोप है। पहले हमने उनसे पूछा फिर बोला। सवाल: आपने खुलकर बिहार की सरकार और बीजेपी के नेताओं सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला है और सवाल उठाया? जवाब: ये आरोप हमने नहीं लगाए। ये सवाल जन सुराज उठा रही थी। इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी। पार्टी की छवि साफ करने के लिए जरूरी है कि सम्राट चौधरी या जो भी हो, वो सफाई दें कि ये आरोप गलत हैं। सम्राट चौधरी को बताना चाहिए था। हमारी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, हम हत्या में कभी आरोपित नहीं रहे, फर्जी सर्टिफिकेट नहीं दिए हैं। ये सफाई दे दें तो पार्टी की छवि साफ रहेगी। सवाल: बीजेपी तो उल्टा इन पार्टियों को और ज्यादा प्रमोट करती रही। गृह मंत्री अमित शाह ने रैली में कहा कि सम्राट चौधरी को और बड़ा पद देंगे। साफतौर पर आप जिनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे, पार्टी उनको और बढ़ावा दे रही थी। जवाब: हमने जब कहा कि सम्राट चौधरी बयान दें, तो हमारा बयान पार्टी विरोधी नहीं था, बल्कि पार्टी हित में बयान था। सवाल: बीजेपी ने आपको निकाल दिया है। बीजेपी को कवर करते हुए हमारी समझ बनी है कि बिना पीएम मोदी और शाह की जोड़ी के इस तरह के फैसले नहीं लिए जाते। क्या ये सही है? जवाब: मुझे नहीं पता है। मैं अनुमान लगाना चाहता हूं। हमको पटना के कार्यालय से चिट्ठी आई और हमने उसका जवाब दे दिया। सवाल: आपने भ्रष्टाचार का जो आरोप लगाया, उसमें उद्योगपति अडाणी को फायदा हो रहा है। पीएम मोदी और गौतम अडाणी की करीबी का मुद्दा विपक्ष उठाता रहा है। आपने भी यही मुद्दा उठाया, इसलिए टॉप लीडरशिप नाराज चल रहे थे। क्या आपको लगता है कि अडाणी इसमें कोई फैक्टर है? जवाब: हम ये अनुमान नहीं लगाना चाहते है। कौन है, क्या है.. हमको कोई आइडिया नहीं है। जो हमारे सामने आया, मैंने आपको वो बताया। सवाल: आम तौर पर जब भी कोई सरकार के खिलाफ इस तरह से बात करता है तो कई मौकों पर हमने सरकारी एजेंसियों जैसे ईडी, सीबीआई उनके खिलाफ कार्रवाई देखी है। क्या आपको किसी तरह का डर है कि आपके खिलाफ भी क्रैकडाउन हो सकता है? जवाब: हमको अभी तक तो डर नहीं लगा। अगर हमने कहीं कोई अपराध किया हो, तब ना क्रैकडाउन होगा। सवाल: आपने इस सरकार में रहते हुए 10 साल काम किया है। आप भी इस सरकार के बारे में काफी कुछ जानते होंगे। इस पर कुछ बताइए जवाब: वो मर्यादा है, हम अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं करते हैं। जो सरकार के दौरान हमने काम किया, जो हमको जानकारी मिली, वो मर्यादा के अधीन है। हम उस पर नहीं बोलेंगे। सवाल: 10 साल से आप कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन 2024 में आरा से चुनाव हार गए। अब आपके पास जब कोई पद नहीं रहा, तब आप पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। तो क्या ये दुराग्रह तो नहीं है? जवाब: आरोप विसलब्लोअर ने मुझे चिट्ठी लिखी और बिहार सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में बताया। हमने पहले सरकार के अंदर बताया, जब जवाब नहीं मिला तो हमने सार्वजनिक रूप से उठाया। जवाब: आप कह रहे हैं कि पहले हमने क्यों नहीं आवाज उठाई। बतौर मंत्री जो हमारी जानकारी में है, वो तो हम उठाना नहीं चाहेंगे। मंत्री के तौर पर हमें जो कार्रवाई करनी थी, वो कार्रवाई हमने की। सवाल: 10 साल तक बतौर मंत्री काम करते हुए आपके मोदी-शाह की जोड़ी से कैसे संबंध रहे? कभी काम करते हुए कोई दिक्कत हुई ? जवाब: ये सब बातें मर्यादा के अधीन हैं। इतने साल मंत्री रहे, मंत्री रहते क्या हुआ, ये बोलना ठीक नहीं लगता है। सवाल: क्या आगे आप इस पर विस्तार से बताएंगे? बहुत कुछ ऐसा है जिन पर राज खोलेंगे? जवाब: छोड़िए ये। सवाल: बिहार के जो नतीजे आएं हैं उसमे एनडीए ने 202 सीटें जीतकर स्वीप कर दिया है। बीजेपी का स्ट्राइक रेट करीब 90 फीसद रहा है। आपको पार्टी ने प्रचार में नहीं भेजा, लेकिन क्या आपको उम्मीद थी ऐसा रिजल्ट आएगा? क्या आपको लगता है चुनाव निष्पक्ष हुए हैं? जवाब: नहीं मुझे ऐसा अनुमान नहीं था। ये बहुत ही आश्चर्यजनक रिजल्ट है। चुनाव की निष्पक्षता पर कुछ कहूंगा तो महज अनुमान होगा। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? 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दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:42 am

सालासर के दरबार में श्याम का ऐसा नजारा...

लुधियाना| लेडल खाटू श्याम के दुगरी तथा समूह श्याम प्रेमियों द्वारा तृतीय श्री श्याम उत्सव का भव्य आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। इंट्रो में ही बताया गया कि क्षेत्र के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचे, उत्सव स्थल को फूल-मालाओं, लाइटों और झांकियों से सजाया गया तथा भोग-प्रसाद की सेवा की गई। कार्यक्रम में भजन गायक हेमंत अग्रवाल की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण रही। उन्होंने वक्रतुंड महाकाय से शुरुआत की और सालासर के दरबार में श्याम का ऐसा नजारा..., पधारो मेरे आंगन तथा हारे का सहारा मेरे खाटू श्याम जैसे भजनों से भक्तों को भाव-विभोर किया। श्याम प्रेमियों ने बाबा श्याम को हारे का सहारा बताते हुए मनोकामना पूर्ण होने की महिमा का वर्णन किया। अंत में सभी भक्तों ने श्याम आरती में शामिल होकर अगले वर्ष फिर आयोजन करने का संकल्प लिया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:42 am

बिहार में बीजेपी की जीत पर लुधियाना के अधिवक्ताओं ने जताई खुशी

लुधियाना| बिहार विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर लुधियाना के अधिवक्ताओं ने सामूहिक खुशी जताते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। कार्यक्रम में एडवोकेट राजेश कश्यप, हर्ष शर्मा, आर. मौर्य, पुनीत गुप्ता, नवीन शर्मा, प्रदीप कपूर, ऋषि शर्मा, कुशाग्र कश्यप, राकेश भाटिया, प्रदीप शर्मा, वरुण गुप्ता, पूजा सिंह, नताशा शर्मा, हरिओम जिंदल, सौरभ कपूर, अमन शर्मा, गगनदीप शर्मा, बृजेश यादव, मनीष वर्मा और अजय गर्ग सहित बड़ी संख्या में स्थानीय अधिवक्ता शामिल हुए। अधिवक्ताओं ने कहा कि बिहार में बीजेपी की जीत विकास, सुशासन और सकारात्मक राजनीति की जीत है। उनका कहना था कि यह परिणाम देश की प्रगति, स्थिरता और जनता के विश्वास का संकेत है। सभी ने उम्मीद जताई कि आने वाले अन्य राज्यों में भी पार्टी इसी तरह सफलता हासिल करेगी। कार्यक्रम शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:41 am

मां के चरणों में सुख मिलता है...

लुधियाना| न्यू सुभाष नगर बस्ती जोधेवाल स्थित श्री सिद्ध योगी बाबा बालक नाथ प्रभात मंदिर में 44वां विशाल मां भगवती जागरण शनिवार को आयोजित हुआ। यह आयोजन भगत शिवांश ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जागरण में मास्टर संजू लुधियाना वाले, हरजीत हीरा जालंधर वाले और महंत करण बैदी ने भजन जगदंबे तू ही सहारा, अंधेरों में उजियारा...,चलो दर तेरे मां, अरदास लिए, निगाह भर देख ले बस आस लिए..., मां के चरणों में सुख मिलता है, रोते मन को भी हंस मिलता है... जैसे गाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध किया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:41 am

शहीदी दिवस पर बाबा दीप सिंह गुरुद्वारे में उमड़ी संगत, गुल्लक में विदेशी मुद्रा निकली

लुधियाना| अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी के शहीदी दिवस पर अमर शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारा साहिब में सुबह से भारी संगत पहुंची। संगत ने मिलकर नाम सिमरन किया। दोपहर में श्री जपजी साहिब, श्री चौपाई साहिब और श्री सुखमणि साहिब के पाठ हुए। शाम को रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को आध्यात्मिक शांति से जोड़ा। इसी दौरान हर शनिवार होने वाली साप्ताहिक गुल्लक गिनती भी की गई, जिसमें कनाडा, अमेरिका और दुबई की विदेशी मुद्रा निकली। कमेटी सदस्य सुखविंदर पाल सिंह सरना ने बताया कि इस पावन स्थान पर देश-विदेश से संगत दर्शन के लिए आती है। हर बुधवार होने वाले जप तप समागम में भी विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं। संगत की सुविधा के लिए अलग-अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाती है। हरप्रीत सिंह राजधानी ने कहा कि हर सप्ताह प्रसिद्ध रागी जत्थे बुलाए जाते हैं। नवप्रीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि संगत के लिए मेडिकल कैंप और धार्मिक यात्राएं भी कराई जाती हैं। अमरजीत सिंह टिक्का ने जानकारी दी कि संग्राद के अवसर पर भी आज विशेष कीर्तन समागम होगा, जिसमें संगत मिलकर नाम सिमरन करेगी।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:41 am

विश्वविद्यालय में उठी प्राकृतिक संतुलन और सामाजिक बदलाव की आवाज

भास्कर संवाददाता | सागर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन दर्शन, संघर्ष और उनके सामाजिक पुनर्जागरण की चर्चा हुई। कार्यक्रम संयोजक प्रो. केशव टेकाम ने कहा कि मानव विकास प्रकृति-पोषित होना चाहिए, न कि प्रकृति-शोषित। बिरसा मुंडा का आंदोलन केवल अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह नहीं था, बल्कि जनजातीय समाज की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने का संघर्ष था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. वायएस ठाकुर ने कहा कि बिरसा मुंडा ने सामाजिक कुरीतियों, अत्याचार और शराबखोरी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे मोबाइल का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों तक सीमित रखें। मुख्य अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रो. सखाराम मुजाल्दे ने कहा कि 25 वर्ष की अल्पायु में अद्वितीय नेतृत्व और बलिदान के कारण बिरसा मुंडा ऐसे एकमात्र शहीद हैं, जिन्हें भगवान की उपाधि मिली। उन्होंने विश्वविद्यालय में जनजातीय अध्ययन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। प्रो. डीके नेमा ने कहा कि उद्देश्य और आचरण ही किसी महान व्यक्तित्व को जन्म देते हैं। प्रो. अजीत जायसवाल ने शिक्षा को अन्याय के खिलाफ संघर्ष का सबसे प्रभावी साधन बताया। कुलसचिव डॉ. एसपी उपाध्याय ने प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए जनजातीय अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए पहल करने की घोषणा की।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:37 am

पीपरा स्कूल में बाल दिवस पर बाल मेले का आयोजन, 46 स्टॉल लगाए

सागर| पीपरा हायर सेकंडरी स्कूल में प्राचार्य मोनिस कार्लो के निर्देशन एवं प्रभारी प्राचार्य अखिलेश गौतम के नेतृत्व में बाल दिवस पर बाल मेले का आयोजन किया गया। अध्यक्षता ग्राम के सरपंच रोहित सिंह ने की। मेले में बच्चों ने लगभग 46 स्टॉल लगाए। लोकमन चौधरी के निर्देशन में खेलकूद, डीएस दीक्षित द्वारा मेहंदी व रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई। सूर्यकांत द्विवेदी एवं वरदान पाठक के मार्गदर्शन में मोबाइल दुरुपयोग पर नाटिका व दीवार चित्रकारी प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर विद्यालय परिवार सहित ग्रामवासी मौजूद रहे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:37 am

बाईसा मुहाल में श्री भैरव बाबा का छठी उत्सव कल, बजेगी ढांक

सागर | बाईसा मुहाल स्थित अतिप्राचीन श्री काल भैरव बाबा के दरबार में छठी महोत्सव सोमवार को मनाया जाएगा। गोलू चौबे ने बताया कि सुबह बाबा के 8 स्वरूपों का अभिषेक पूजन होगा। संपूर्ण विश्व में शांति के लिए हरिओम विश्व शांति संकीर्तन अभियान मंडल के सभी भक्तों द्वारा रात 9 बजे से विशाल ढांक बजाई जाएगी। ढांक वादक उमाशंकर सोनी ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शैलेश केसरवानी होंगे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:37 am

मथुरा में सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल हुए विधायक जैन

सागर | विधायक शैलेंद्र जैन शनिवार को मथुरा पहुंचे। यहां उन्होंने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आयोजित सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में भाग लिया। पदयात्रा के दौरान विधायक जैन ने महाराज तथा उपस्थित संत-समाज का सानिध्य लिया और इसे अपने जीवन का सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि महाराजश्री के पावन आशीर्वचन सभी भक्तों के लिए प्रेरणा, मार्गदर्शन और आस्था का स्रोत हैं। कार्यक्रम में भाजपा सागर के पूर्व जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया भी उपस्थित थे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:37 am

एकमुश्त जल कर जमा करने पर माफ होगा दंड

सागर| संभाग में नहरों में पानी देने की तारीख 15 नवंबर तय की गई। अब जरूरत के मुताबिक पानी छोड़ा जाएगा। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्र. 1 सागर अखिल बिरथरे ने बताया कि बकाया जल कर भरने के लिए राज्य शासन ने ब्याज माफी योजना शुरू की है। इसके मुताबिक 1 अप्रैल 2026 तक कुल बकाया जल कर राशि एकमुश्त जमा करने की सुविधा दी है। यदि किसान अपने बकाया जलकर की मूल राशि एकमुश्त 31 मार्च 2026 तक जमा करते हैं तो दंड शुल्क माफ कर दिया जाएगा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:37 am

गौर जयंती के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर 21 को सुबह 10 बजे से

भास्कर संवाददाता | सागर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं महान दानवीर डॉ. गौर की जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र द्वारा 21 नवंबर को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर विवि के अभिमंच सभागार में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक आयोजित किया जाएगा। गौर उत्सव के मुख्य समन्वयक प्रो. आशीष वर्मा ने बताया कि शिविर में विश्वविद्यालय परिवार के साथ-साथ सागर शहर के नागरिक भी रक्तदान कर सकते हैं। डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि 18 से 62 वर्ष तक की आयु के स्वस्थ महिला या पुरुष रक्तदान कर सकते हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:36 am

मौसम का हाल:हवा में नमी की मात्रा 63 से घटकर 46% हुई, इससे सूखी ठंड बढ़ी

शहर के मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है, जिसके चलते दिन व रात के तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। पारे के साथ हवा में नमी की मात्रा भी लगातार कम हो रही है। शुक्रवार को सुबह के समय चलने वाली हवाओं में नमी की मात्रा 63 प्रतिशत थी, जो शनिवार सुबह 17 प्रतिशत घटकर 46 प्रतिशत बची है। इसके अलावा शाम के मौसम में भी नमी की लगातार कमी हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हवा में आई नमी से सूखी ठंड बढ़ेगी। जिसका असर मानव शरीर पर देखने को मिलेगा। नमी की कमी और तापमान कम होने से त्वचा में रूखापन बढ़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 48 घंटों में शहर के अधिकतम तापमान में 1.9 डिग्री व न्यूनतम तापमान में 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। शनिवार को शहर का अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4 डिग्री कम है। बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब का क्षेत्र : दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण के प्रभाव से 15 नवंबर की सुबह एक निम्न दाब का क्षेत्र बना है। इससे संबंधित चक्रवातीय ऊपरी वायु परिसंचरण ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर झुका हुआ है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान धीमी गति से पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इससे आने वाले तीन दिन में मौसम फिर से करवट ले सकता है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:36 am

झरने के मुहाने पर जाल फैलाकर पकड़ रहे मछली

सागर| भोपाल-सागर रोड पर राहतगढ़ के पास हरी-भरी वादियों के बीच स्थित बीना नदी का प्राकृतिक वाटर फॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। करीब 50-60 फीट की ऊंचाई से गिरता पानी हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता है, लेकिन यहां पर अव्यवस्थाएं बढ़ती जा रही हैं। नदी के ऊपरी हिस्से में जहां से झरना गिरता है, वहां पर लोग पानी की तेज धार और काई की फिसलन के बीच जान जोखिम में डालकर अवैध तरीके से मछली पकड़ते नजर आ रहे हैं। हाल ही में इस क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया गया था, इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा। फोटो | मनुज नामदेव

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:36 am

सीमैट: ऑनलाइन पोर्टल 17 को बंद

सागर| नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (सीमैट) 2026 के आवेदकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि पंजीकरण 17 नवंबर तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। पोर्टल बंद होने पर आवेदक पंजीयन नहीं कर पाएंगे। सागर| एसआईआर से संबंधित समस्या या जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1950 शुरू किया गया है। निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टर व निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे हेल्प डेस्क बनाएं। यह हेल्प डेस्क सुबह 8 से रात 8 बजे तक संचालित की जाए। 161500 (+1000) आसमान साफ रहेगा। तापमान में गिरावट दर्ज हो सकती है। सागर| पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना 2025 के तहत वर्ष के लिए रिक्त 17 सीटों के लिए पात्र अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उम्मीदवार 19 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पोर्टल 2.0 पर उपलब्ध है। (रेट प्रति 10 ग्राम में, जीएसटी एक्स्ट्रा) (-970) (रेट प्रति किलोग्राम में। ) न्यूनतम (-310) 22 कैरेट 116970 अधिकतम

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:36 am

केरल विवि के कोर्स में सुपेकर की लघुकथा

उज्जैन | शहर के लघुकथाकार संतोष सुपेकर की लघुकथा 105 नंबर, केरल के सेंट थॉमस कॉलेज, पलाई, कोट्टयम (महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के अधीन स्वायत्तशासी महाविद्यालय) के बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर, यूजी ऑनर्स की हिंदी पुस्तक के पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। जानकारी सरल काव्यांजलि के डॉ. संजय नागर ने दी।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

डायबिटीज शिविर में 212 लोगों की जांच, परामर्श दिया

उज्जैन | विश्व डायबिटीज जागरूकता दिवस पर लायंस क्लब उज्जैन फ्रेंड्स के साथ लायंस क्लब उज्जैन सुरभि, लायंस क्लब उज्जैन सम्राट एवं लायंस क्लब उज्जैन उड़ान के संयुक्त तत्वावधान में निःशुल्क डायबिटीज जांच शिविर का आयोजन किया। इसमें 212 लोगों की जांच कर निःशुल्क परामर्श और दवाइयां वितरित की गई। क्लब अध्यक्ष विनोद लुल्ला ने बताया डॉ. खंडेलवाल क्लीनिक देसाई नगर पर जोन चेयरपर्सन प्रदीप यादव की उपस्थिति में 42 लोगों को डिटेक्ट कर बड़ी हुई शुगर लेवल के लिए डॉ. सुशील खंडेलवाल ने परामर्श और दवाइयां प्रदान की। शिविर के दौरान राजेश बागरोला, नंदकिशोर मजावदिया, राजकुमार मनीषा केवलरामानी, क्लब की प्रथम महिला पूनम लुल्ला आदि उपस्थित थे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

दीपावली मिलन और सम्मान समारोह आज

उज्जैन | मध्य प्रदेश प्रेस क्लब की उज्जैन संभागीय इकाई द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर रविवार सुबह 11.30 बजे सुदामा नगर स्थित वनखंडी हनुमान मंदिर परिसर में वरिष्ठ पत्रकार सम्मान और दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। संभाग अध्यक्ष महेंद्र सिंह बैस ने बताया समारोह में उन वरिष्ठ पत्रकारों का विशेष सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने अपने जीवन के 50 से अधिक वर्ष पत्रकारिता एवं लोकहित के कार्यों में अर्पित कर दिए। आयोजन के मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष नवीन आनंद जोशी पत्रकारिता की नैतिकता, जिम्मेदारियों और बदलते दौर की चुनौतियों पर विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर हाल ही में प्रेमचंद सृजन पीठ के निदेशक ​नियुक्त साहित्यकार व पत्रकार मुकेश जोशी का अ​भिनंदन किया जाएगा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

देशभर में एक लाख हनुमान चालीसा का लक्ष्य, तैयारियां शुरू

उज्जैन | अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद एवं राष्ट्रीय बजरंग दल ने देशभर में एक लाख हनुमान चालीसा पाठ करने का लक्ष्य रखा है। इसकी सफलता के लिए संगठन ने तैयारियां शुरू कर दी है। जल्द ही संगठन द्वारा विभिन्न शहरों, कस्बों और ग्रामों में हनुमान चालीसा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां समिति के माध्यम से नियमित पाठ होगा। यह बात संगठन के महामंत्री मूलचंद साध ने गायत्री साधना केंद्र, मुरलीपुरा, बड़नगर रोड पर हुई अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल एवं राष्ट्रीय महिला परिषद ओजस्विनी की प्रांत वृत्त बैठक में कही। उन्होंने कहा प्रत्येक केंद्र पर निर्धारित संख्या में भक्तों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि लक्षित एक लाख पाठ को समयबद्ध रूप से पूरा किया जा सके। कोषाध्यक्ष मुकेश पाटीदार ने बताया कि बैठक में संगठन को मजबूत एवं सक्रिय बनाने को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की गई और बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करते हुए विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत विमर्श हुआ। प्रांत संगठन महामंत्री संजय यादव, प्रांत महामंत्री किशोर यादव, प्रांत मंत्री देवेंद्र अंजना, राष्ट्रीय बजरंग दल प्रांत अध्यक्ष अनिल सिंगार उपस्थित थे। राष्ट्रीय महिला परिषद, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद एवं राष्ट्रीय बजरंग दल पदा​धिकारी घोषित किए।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

यूट्यूबर शिवम पांडे ने महाकाल दर्शन किए, रक्षासूत्र बंधवाया

उज्जैन | विथ पांडे के नाम से ख्यात यूट्यूबर शिवम पांडे हिट एंड रन केस में कोर्ट से राहत मिलने के बाद बहन गिनी पांडे और पूजा पांडे के साथ महाकाल की शरण में पहुंचे। पुण्यसलिला शिप्रा नदी में स्नान कर उन्होंने श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में रक्षा सूत्र बंधवाया। शिवम ने बताया कुछ दिन पहले उन्हें एक झूठे हिट एंड रन के केस में फंसा दिया गया था जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उस समय बाबा महाकाल से प्रार्थना की थी कि जैसे ही उन्हें केस में राहत मिलेगी वे बाबा महाकाल के दर्शन करने आएंगे। उन्होंने कहा झूठे केस में संघर्ष कर खुद को निर्दोष साबित करना पड़ा। आम लोगों से कहा कि वे ऐसी घटना के लिए जागरूक रहें कहीं पर भी जाएं तो अपने साथ में स्पाई कैमरा अवश्य ले जाएं। साथ ही अपनी गाड़ी में जीपीएस एवं कैमरे अवश्य लगाएं ताकि आपके साथ में होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओं को आप कैप्चर कर सकें और आपकी लाइव लोकेशन आप के परिवार को पता हो। हो सकता है कभी भी आपको आपके द्वारा बनाए गए वीडियो की आवश्यकता पड़े और उस समय आप इसका इस्तेमाल कर सकें। यदि मेरे पास में हमारे द्वारा बनाए वीडियो सबूत के रूप में नहीं होते तो मैं आज निर्दोष साबित नहीं हो पाता। बाबा महाकाल से प्रार्थना है जैसे दिन मैंने व मेरे परिवार ने इस केस को लेकर झेले हैं वह किसी और को नहीं झेलना पड़े।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

व्यंग्यकार जोशी का अभिनंदन, काव्यगोष्ठी भी हुई

उज्जैन | शहर की विभिन्न संस्थाओं पोहा पंचायत, हम सब, उज्जैन चौपाल और ओम हास्याय नम: ने उज्जैन के ख्यात व्यंग्यकार मुकेश जोशी का राधा पार्क में मालवी पगड़, शाल, श्रीफल, इको फ्रेंडली हार एवं मोमेंटो प्रदान कर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर काव्यगोष्ठी भी हुई। अतिथि सम्राट विक्रम विवि कार्य परिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, कवि दिनेश दिग्गज थे। अध्यक्षता रमन सिंह सोलंकी ने की।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

ग्राम सोड़ंग में नाटक का मंचन

उज्जैन | माधव कॉलेज में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के समापन वर्ष के उपलक्ष्य में प्राचार्य प्रो. कल्पना वीरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में जनजातीय पखवाड़ा अंतर्गत 1 नवंबर से निरंतर कार्यक्रमों को आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर कॉलेज के गोद ग्राम सोड़ंग में नाटक का मंचन किया गया। पखवाड़ा अंतर्गत कॉलेज में सामूहिक खेलों का आयोजन, क्विज प्रतियोगिता , चित्रकला प्रतियोगिता, रंगोली, मेहंदी, निबंध व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संयोजन डॉ. ममता पंवार ने किया। कार्यक्रमों में क्रीडा अधिकारी नवीन कोरट, प्रो. महेंद्र शर्मा ,डॉ. रीना अर्धव्यु, प्रो. राय सिंह सोलंकी, डॉ. हुक्का कटारा, डॉ. संगीता वत्स , प्रो. पोप सिंह परमार, प्रो. सीमाबाला अवस्या, प्रो. अंजना खेर , प्रो. नीता तोमर का सहयोग रहा।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:35 am

करियर जागरुकता सेमिनार करवाया

लुधियाना| कपिल पार्क स्थित आदर्श पब्लिक स्कूल ने शनिवार को दसवीं के लिए करियर जागरुकता और मार्गदर्शन सेमिनार का आयोजन किया। इसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को उनकी रुचियों, क्षमताओं और लक्ष्यों के साथ अपने विकल्पों को चयन करने में मदद करके उनके शैक्षणिक और व्यावसायिक भविष्य के बारे में सही निर्णय लेने में सक्षम बनाना था। पुनीत और उनकी टीम द्वारा संचालित इस सेशन में व्यक्तिगत योग्यताओं और जुनून को समझने के महत्व पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने 10+2 के बाद और विभिन्न विषयों पर उपलब्ध करियर विकल्पों के बारे में बताया। प्रधानाचार्या ने पुनीत और उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने स्टूडेंट्स को आत्म-खोज और उद्देश्यपूर्ण करियर विकल्पों की ओर मार्गदर्शन दिया। आदर्श पब्लिक स्कूल में, हम न केवल युवा मस्तिष्कों को, बल्कि भविष्य के नेताओं को भी पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:34 am

चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर जी के अंतिम बलिदान को कर दिया जीवंत

भा स्कर न्यूज| लुधियाना आर्य कॉलेज की एनएसएस इकाइयों और एनसीसी विंग ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर एक गहन, सार्थक और प्रेरक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देना था, जिन्हें अत्याचार के युग में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और मानवता की रक्षा के लिए हिंद की चादर के रूप में याद किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु नानक नेशनल कॉलेज, दोराहा के सहायक प्रोफेसर संदीप सिंह हुंदल के व्याख्यान से हुई। वक्ता ने गुरु के अटूट साहस, मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उनकी शिक्षाओं की सार्वभौमिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। ऐतिहासिक संदर्भों का हवाला देते हुए, व्याख्यान ने दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर जी के अंतिम बलिदान को जीवंत कर दिया और न केवल सिख इतिहास के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए इसके महत्व को रेखांकित किया। आर्य कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सूक्ष्म आहलूवालिया ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनएसएस इकाई और एनसीसी विंग के प्रयासों की सराहना की।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:34 am

इंटर-हाउस प्रतियोगिता में कीर्ति हाउस विजेता

लुधियाना| जालंधर बाईपास स्थित ग्रीन लैंड सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल ने बाल दिवस का आयोजन किया गया। यह समारोह विशेष रूप से स्टूडेंट्स की ऊर्जा, उत्साह और रचनात्मकता का सम्मान करने के लिए आयोजित किया गया था। छठी से बारहवीं तक के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजक और कौशल-आधारित खेलों का आयोजन किया। इस समारोह में प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ाने के लिए, लड़के और लड़कियों दोनों के लिए एक इंटर- हाउस प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इसमें कीर्ति हाउस ने पहला और जागृति हाउस ने दूसरा स्थान हासिल किया। इस विशेष अवसर पर चेन ऑफ ग्रीन लैंड स्कूल्स के चेयरमैन डॉ. राजेश रुद्रा ने स्टूडेंट्स को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छात्रों को जिज्ञासु, प्रेरित और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:34 am

150 एनकाउंटर करने वाले 'सुपर कॉप' ने दबंग को हराया:बक्सर से BJP के आनंद मिश्रा जीते; IPS की नौकरी छोड़ने से MLA तक का सफर

'कोई चुनावी मुद्दा लेकर नहीं आया हूं। ना ही टिकट के लिए आया हूं। सिर्फ भाजपा को मजबूती देने आया हूं। शपथ लेता हूं कि मैं जब तक जिऊंगा, तब तक इस पार्टी और बिहार के लिए काम करूंगा। जब तक जिंदा रहेंगे, तब तक पार्टी को मजबूत करेंगे।' 3 महीने पहले बीजेपी जॉइन करते वक्त पूर्व IPS आनंद मिश्रा ने अफसरी अंदाज में मंच से ये शपथ ली थी। बिहार विधानसभा चुनाव में बक्सर से उन्हें जीत हासिल हुई है। आनंद मिश्रा को 84,901 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के संजय तिवारी रहे। आनंद मिश्रा एक साल पहले यानी 2024 के लोकसभा में अपनी किस्मत आजमाने के लिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। उन्होंने बहुत कोशिश की बीजेपी से टिकट मिल जाए, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद वो निर्दलीय लड़े, लेकिन हार गए। आनंद मिश्रा ने जनसुराज भी जॉइन की, लेकिन वो भी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का साथ देने की शपथ ले ली। पढ़िए आनंद मिश्रा का IPS से MLA बनने का पूरा सफर... 22 साल की उम्र में IPS बने थे आनंद मिश्रा मूल रूप से बिहार के आरा जिले के रहने वाले आनंद मिश्रा 2011 बैच के IPS अधिकारी हैं। उन्होंने महज 22 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास कर ली थी। 13 साल के करियर में आनंद मिश्रा ने करीब 150 एनकाउंटर किए। असम-मेघालय कैडर के अधिकारी आनंद मिश्रा का नाम तेज-तर्रार अधिकारियों में शुमार रहा, जिनसे अपराधी कांपते थे। आनंद मिश्रा की सोशल मीडिया पर भी अच्छी-खासी फॉलोअर्स है। इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स होने के साथ ही आनंद मिश्रा यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। आनंद मिश्रा संघ के बाल स्वयंसेवक रह चुके हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ा, मेहनत, की लेकिन हारे IPS की नौकरी से VRS लेकर उन्होंने राजनीति में एंट्री की। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत बक्सर लोकसभा चुनाव 2024 से हुई। BJP ने टिकट देने से मुकरी तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा में दावेदारी की, लेकिन वो हार गए। करीब 50,000 वोट हासिल करके उन्होंने राजनीतिक गलियारों में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा दी। लोकल लोगों की मानें तो यहां से NDA के उम्मीदवार को हराने में उनका बड़ा योगदान था। इस प्रदर्शन ने उन्हें युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया। फिर उन्होंने जन सुराज जॉइन कर ली। हालांकि आनंद मिश्रा के चलते 2024 के लोकसभा चुनाव में हुई हार से सबक लेते हुए BJP ने 2025 के विधानसभा चुनाव में बक्सर सदर सीट से आनंद मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया। अब जानिए बक्सर से आनंद मिश्रा की जीत की वजह आनंद मिश्रा ने कांग्रेस के संजय तिवारी को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया आनंद मिश्रा मणिपुर हिंसा की जांच के लिए बनी स्पेशल टीम का हिस्सा थे ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:34 am

एसपीएस के डॉ. रंजीत ने जीरो तकनीक से 20 मिनट में बदले दोनों घुटने

भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना स्थित एसपीएस अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रंजीत सिंह द्वारा जीरो तकनीक से घुटने बदलने की प्रसिद्धि न केवल पंजाब बल्कि अन्य राज्यों तक पहुंच गई है। हाल ही में, डॉ. रंजीत ने लुधियाना निवासी महिला का ऑपरेशन किया, जिनका वजन 110 किलोग्राम है और वे पिछले कई वर्षों से घुटनों के गंभीर दर्द से पीड़ित थीं। जिसके कारण वे चलने में पूरी तरह असमर्थ थीं। जिस कारण कोई भी डॉक्टर उनका इलाज करने को तैयार नहीं था। डॉ. रंजीत ने बताया कि जब वह एसपीएस अस्पताल में अपने घुटनों की जांच कराने आई थीं, तो उनकी जांच के बाद उनके परिजनों को बताया गया कि उनके घुटनों का इलाज केवल जीरो तकनीक से ही संभव है। परिजनों की सहमति के बाद, डॉ. रंजीत ने उस महिला की जीरो तकनीक से मात्र 20 मिनट में सर्जरी की और उसके दोनों घुटने बदल दिए। अब वह महिला सामान्य रूप से चल-फिर सकती है। डॉ. रंजीत ने जीरो तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस जीरो तकनीक से उन्होंने रोबोटिक सर्जरी को पीछे छोड़ते हुए अब तक हजारों सफल सर्जरी की हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:34 am

छात्रों ने एचआईवी और एड्स पर पोस्टर बनाकर किया जागरूक

भास्कर न्यूज| लुधियाना आर्य कॉलेज गर्ल्स सेक्शन के रेड रिबन क्लब के अंतर्गत एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करना विषय पर एक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसका उद्देश्य छात्राओं को एचआईवी और एड्स से जुड़ी जागरूकता, रोकथाम और सामाजिक कलंक को दूर करने के महत्व के बारे में जागरूक करना था। बड़ी संख्या में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सर्वश्रेष्ठ पोस्टरों को पुरस्कृत किया गया। एसीएमसी के सचिव डॉ. एसएम शर्मा ने सभी प्रतिभागियों की रचनात्मकता और प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने एचआईवी एवं एड्स जागरूकता का संदेश खूबसूरती से प्रस्तुत किया। प्रिंसिपल डॉ सूक्ष्म आहलूवालिया ने छात्रों की सक्रिय भागीदारी और सार्थक पोस्टरों के लिए उनकी सराहना की। प्रभारी डॉ. ममता कोहली ने कहा कि प्रतियोगिता से छात्रों को एचआईवी एवं एड्स जागरूकता के बारे में सीखने के साथ-साथ अपनी रचनात्मकता को भी उजागर करने में मदद मिली। कार्यक्रम का सफल संचालन रेड रिबन क्लब के नोडल ऑफिसर डॉ रमन नैय्यर ने किया

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:33 am

महात्मा हंसराज की पुण्यतिथि मनाई

लुधियाना| पक्खोवाल रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में शनिवार को आर्य समाज के महान स्तंभ, दूरदर्शी शिक्षाविद एवं राष्ट्र निर्माता महात्मा हंसराज की पुण्यतिथि को आर्य युवा समाज इकाई द्वारा मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत हवन के साथ हुई। स्कूल के संगीत विभाग ने अपनी मधुर भावपूर्ण प्रस्तुतियों से सभी को भाव-विभोर कर दिया। इस अवसर पर आर्य युवा समाज और एनएसएस इकाई के स्वयंसेवकों ने स्कूल के निकट स्थित सामुदायिक पार्क में श्रमदान सबसे महान स्वच्छता अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य स्टूडेंट्स में उत्तरदायित्व, स्वच्छता के महत्त्व और महात्मा हंसराज की सेवा भावना के मूल सिद्धांतों के प्रति जागरूकता फैलाना था। प्रिंसिपल डॉ. सतवंत कौर भुल्लर (अध्यक्ष, आर्य युवा समाज, पंजाब) ने अपने प्रेरक संदेश में महात्मा हंसराज द्वारा स्थापित सादगी, निस्वार्थ सेवा, कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के आदर्शों पर प्रकाश डाला।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:32 am

उग्रवाद और हिंसक गतिविधियां रोकने के लिए समाज सजग रहे

भास्कर संवाददाता | बड़वानी नई दिल्ली में हुए विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए जागृत हिन्दू मंच बड़वानी ने श्रद्धांजलि व विरोध कार्यक्रम किया। श्रीराम चौक में हुए कार्यक्रम में लोगों ने घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी व दो मिनट का मौन रखकर संवेदना प्रकट की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अधिवक्ता विजय यादव, सामाजिक कार्यकर्ता अजय कानूनगो, दीपक जेमन, संजय गुप्ता व आशा कुमरावत आदि वक्ताओं ने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा देश में किसी भी प्रकार के उग्रवाद और हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए समाज को सतर्क, संगठित और सजग रहने की आवश्यकता है। वक्ताओं ने रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, सीमा-पार घुसपैठ, तथा नागरिकों में जागरूकता की कमी जैसे मुद्दों पर भी अपने विचार रखे और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही यह भी कहा कि घटनाओं की विश्वसनीय जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस दौरान बालकृष्ण सोनगरा, भगवती प्रसाद सोनी, सुनील गुप्ता, नितिन बद्रीलाल अग्रवाल, राकेश सोनी, माधुरी कुशवाह, सोनू मेहता, शंकर कुशवाह, राजेंद्र चौहान, राजेंद्र देवड़े, मनोहर जैन, कुणाल भावसार, राजेंद्र गुप्ता, अमित उपाध्याय, आरआर प्रिंस, मनोहर निमाड़े, महेश खड़सोंदनी, सुषमा वाजपेयी सहित कार्यकर्ता और शहरवासी उपस्थित रहे। संचालन राजेश राठौड़ ने किया और आभार प्रदर्शन मोहित कुशवाह ने व्यक्त किया। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें दिल्ली में हुई विस्फोट की घटना की विस्तृत जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की मांग की जाएगी।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:32 am

श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस को समर्पित यात्रा 23 को आनंदपुर साहिब में संपन्न होगी

भास्कर न्यूज| लुधियाना शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी दिवस को समर्पित ऐतिहासिक नगर कीर्तन यात्रा का शनिवार को लुधियाना में भव्य स्वागत किया गया। यह विशाल यात्रा 21 अगस्त 2025 को असम के गुरुद्वारा धोबरी साहिब से शुरू हुई थी। यह देश के 20 राज्यों से होते हुए 23 नवंबर को आनंदपुर साहिब में संपन्न होगी। शहर में प्रवेश करते ही जालंधर बाईपास से घंटाघर चौक तक संगत ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। पूरे वातावरण में सतिनिधान श्री गुरु तेग बहादुर जी के जयकारे गूंजते रहे। नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री कलगीधर साहिब पहुंचा। यहां सड़क पर लाल रंग का मैट बिछाकर संगत ने विशेष सम्मान दिया। गोल्डी सप्रा ने अपने घर के बाहर डिजिटल आतिशबाजी कर श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया। यात्रा का प्रारंभ पारंपरिक नगाड़ों की थाप से हुआ। नगाड़ों के पीछे सजे वाहन पर पंज प्यारे सम्मान के साथ चल रहे थे। श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश फूलों से सजी बस में किया गया। संगत गुरबाणी सारे हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर और मेरे हर प्रीतम की कोई बात सुनाए कीर्तन करते हुए चल रही थी। बच्चे लगातार बोले सो निहाल के जयकारे लगा रहे थे। घरों की छतों से फूलों की वर्षा होती रही। यात्रा के पीछे शस्त्रों की बस थी, जिसमें गुरु गोबिंद सिंह महाराज और गुरु तेग बहादुर साहिब के पवित्र शस्त्र सजाए गए थे। श्रद्धालु दर्शन कर श्रद्धा प्रकट कर रहे थे। असम से रवाना हुई एक विशेष बस भी यात्रा में शामिल थी, जिसमें बुजुर्ग और बच्चे धन गुरु तेग बहादुर का स्मरण करते हुए बैठे थे। फील्ड गंज से होकर नगर कीर्तन गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब पहुंचा। यहां भी संगत ने फूल बरसाकर दर्शन किए। अकाली दल नेता हीरा सिंह गाबडिया ने बताया कि नगर कीर्तन रात को गुरुद्वारा श्री आलमगीर साहिब में विश्राम करेगा। सुबह यात्रा आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होगी। नगर कीर्तन यात्रा का स्वागत करने के लिए खड़ीं लड़कियां

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:31 am

राम कथा: श्रीराम ने भरत से पिता की आज्ञा को ही अपना सच्चा धर्म बताया

लुधियाना| टैंकी वाला पार्क, प्रेम नगर सिविल लाइंस में चल रही 7 दिवसीय राम कथा के छठे दिन कथा व्यास माता परजीत गिल ने चित्रकूट में भरत–राम मिलाप का संवेदनशील प्रसंग सुनाया। भरत जी गुरु वशिष्ठ, माताओं और समाज के साथ पैदल चित्रकूट पहुंचे थे, जहां उन्होंने प्रभु श्री राम से अयोध्या लौटकर राजसिंहासन संभालने की विनती की। प्रभु श्री राम ने पितृ-आज्ञा, धर्म और कर्तव्य को सर्वोपरि बताते हुए लौटने से मना किया और भरत जी को धर्म का मर्म समझाया। चित्रकूट प्रवास के दौरान प्रभु राम ने कई संत-मुनियों से आशीर्वाद प्राप्त किया और भरत जी ने भी संतों के दर्शन किए। श्रीराम कथा के दौरान मौजूद आयोजक।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:31 am

मां के भजन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए

लुधियाना| सिविल सिटी निष्काम सेवा सोसायटी द्वारा चंद्र नगर, गली नंबर 4 में आयोजित 16वें विशाल मां भगवती जागरण में शनिवार रात श्रद्धालु जुटे। जागरण की शुरुआत रात 8 बजे कलश पूजा और प्रधान राकेश ग्रोवर पप्पी द्वारा ज्योति प्रज्वलन से हुई। होशियारपुर के भजन गायक किशोर शर्मा ने पूरी रात भजनों से वातावरण भक्तिमय किया। हिमाचल प्रदेश के मां ज्वाला, मां चिंतपूर्णी, मां नैना देवी, पंचकूला की मां मंसादेवी और पटियाला के मां काली दरबार से लाई पावन ज्योतों ने आयोजन की शोभा बढ़ाई। इस दौरान भजन गायक के भजन सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:30 am

भाजपा के हर दूसरे विधायक पर क्रिमिनल केस:राजद के 25 में से 18 MLA पर मुकदमे, 13 बाहुबली विधानसभा पहुंचे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चुने गए 243 विधायकों में से 130 (53%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 102 (42%) तो ऐसे हैं, जो हत्या और अपहरण जैसे गंभीर मामलों में आरोपी हैं। 6 MLA पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले चल रहे हैं। भाजपा के 54 तो जदयू के 31 और राजद के 18 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जदयू के 92%, BJP के 87%, राजद के 96% और कांग्रेस के 100% विधायकों के पास 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। भास्कर की खास रिपोर्ट में जानें चुनाव जीतने वाले विधायकों में से कितने आपराधिक मामलों में आरोपी हैं? कितने करोड़पति हैं? कितने पढ़े-लिखे हैं? 102 विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले ADR (Association for Democratic Reforms) की रिपोर्ट के अनुसार 243 विधायकों में से 130 (53%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2020 की तुलना में इस मामले में थोड़ा सुधार हुआ है। 5 साल पहले जीते 241 विधायकों में से 163 (68%) के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज थे। इस तरह 15% का सुधार हुआ है। 2025 का चुनाव जीतने वाले 102 (42%) विधायकों ने स्वीकार किया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2020 में यह संख्या 123 (51%) थी। NDA के 6 विधायक हत्या के मामले में आरोपी नए चुने गए NDA के 6 विधायक हत्या के मामले में आरोपी हैं। इनमें से 3 भाजपा और 3 जदयू के हैं। वहीं, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में भी NDA के 6 विधायक आरोपी हैं। भाजपा के 61% विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले भाजपा के 89 में से 54 (61%), जदयू के 85 में से 31 (36%) और राजद के 25 में से 18 (72%) विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो बीजेपी के 89 में से 43, जदयू के 85 में ले 23 और राजद के 25 में से 14 विधायक आरोपी हैं। जदयू के 92%-BJP के 87% विधायक करोड़पति चुनाव जीतने वालों में करोड़पति सबसे अधिक हैं। भाजपा के 89 में से 77 तो जदयू के 85 में से 78 विधायक करोड़पति हैं। कांग्रेस के सभी 6 विधायक करोड़पति हैं। वहीं, जीतन राम मांझी की हम के 80 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। नए बने 20 विधायकों के पास डॉक्ट्रेट की डिग्री, 7 सिर्फ साक्षरनए चुने गए 243 विधायकों में से 152 (लगभग 62%) ग्रेजुएट या इससे ऊंची डिग्री रखने वाले हैं। इससे उम्मीद है कि अगले पांच साल विधानसभा में बहस का स्तर ऊंचा रहेगा। हालांकि ऐसे नेताओं की संख्या भी कम नहीं, जो पढ़ाई के मामले में कुछ खास नहीं कर सके। राजद नेता तेजस्वी उनमें से एक हैं। 7 विधायक सिर्फ साक्षर हैं। मोकामा से अनंत सिंह, कुचायकोट से अमरेंद्र पांडेय समेत कई बाहुबली जीते'छोटे सरकार' के नाम से मशहूर अनंत सिंह ने जदयू प्रत्याशी के रूप में मोकामा सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता। चुनाव से ठीक पहले 1 नवंबर को उन्हें दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था। कुचायकोट सीट से जदयू प्रत्याशी अमरेंद्र पांडेय जीत गए हैं। चेतन आनंद और ओसामा शहाब जैसे बाहुबलियों के कई रिश्तेदार भी विधायक बने हैं। गंभीर आपराधिक मामलों की संख्या में गड़बड़ीगंभीर आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग में गड़बड़ी भी दिखी है। जैसे कुचायकोट के जदयू उम्मीदवार अमरेंद्र कुमार पांडेय के खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही गई है। ADR और द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इन 14 में से एक आरोप गंभीर प्रकृति का है। हालांकि, MyNeta.info के अनुसार अमरेंद्र के खिलाफ दर्ज 14 मामलों में हत्या से संबंधित 4 और हत्या के प्रयास से संबंधित 4 आरोप शामिल हैं। अब सवाल है कि कैसे 4 हत्या और 4 हत्या के प्रयास के आरोपों वाले विधायक को आधिकारिक तौर पर केवल '1 गंभीर मामले' वाला गिना गया? दूसरा उदाहरण राजू कुमार सिंह का है। साहेबगंज से भाजपा विधायक चुने गए राजू के खिलाफ 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। ADR/द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उन पर दर्ज 10 मामलों में गंभीर प्रकृति के आरोप 0 हैं। हालांकि MyNeta की जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ जबरन वसूली के लिए चोट पहुंचाने का एक मामला दर्ज है। यह एक गंभीर अपराध है। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:30 am

नगर निगम एकीकरण के बाद अब बदलाव:100 वार्डों में सफाई कर्मचारी, प्रभारियों को काम का आवंटन, जाने आपके वार्ड में कौन होंगे प्रभारी

जोधपुर में निगम के एकीकरण के बाद अब निगम कमिश्नर ने सफाई व्यवस्था को लेकर वार्डो में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी किए हैं। जोधपुर के नगर निगम में 100 वार्डों में 2000 सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं। पूर्व में नगर निगम उत्तर और दक्षिण दोनों में 80-80 वार्ड थे। जिन्हें मर्ज करने के बाद कर्मचारियों के समायोजन को लेकर प्रक्रिया चल रही थी। इसी क्रम में अब वार्डो में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। जिनके जिम्मे वार्ड की सफाई व्यवस्था रहेगी। बता दें कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जोधपुर के नगर निगम में वार्ड उत्तर और दक्षिण को मर्ज कर एक निगम बनाया गया था। अब जोधपुर में एक ही नगर निगम होगा। जिसमें कुल 100 वार्ड हैं। देखें आपके वार्ड में कौन होगा प्रभारी

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:30 am

नारनौल में आज आएंगे सीएम नायब सिंह सैनी:राज्य स्तरीय शुर सैनी समारोह में करेंगे शिरकत, अनेक विकास कार्यों का होगा उद्घाटन व शिलान्यास

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज यहां की नई अनाज व सब्जी मंडी में राज्य स्तरीय महाराजा शुर सैनी जयंती समारोह में शिरकत करेंगे। सीएम करीब 11 बजे नई अनाज मंडी में पहुंच जाएंगे। इस मौके पर वे जिला महेंद्रगढ़ के लिए लगभग 83.70 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री कुल 19 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि सीएम कार्यक्रम स्थल से ही जिला मुख्यालय नारनौल में अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 3595.65 लाख की लागत से तैयार 110 आवासों का उद्घाटन करेंगे। इसी प्रकार लगभग 656.41 लाख की लागत से तैयार ट्रॉमा सेंटर नारनौल का भी उद्घाटन होगा। नांगल चौधरी बस स्टैंड का होगा उद्घाटन वहीं 280.25 लाख की लागत से तैयार महिला थाना से गर्ल्स आईटीआई तक सड़क निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य, 234.76 लाख रुपए की लागत से तैयार नारनौल शहर में दो पार्कों के निर्माण कार्य, नांगल चौधरी में 228.47 लाख रुपए की लागत से 3 बे बस स्टैंड, 116.25 लाख की लागत से तैयार नारनौल में महिला थाना से अग्रसेन चौक तक सड़क कार्यों, राजकीय कॉलेज अटेली में 100 लाख की लागत से तैयार प्रशासनिक खंड का निर्माण कार्य। चितवन वाटिका पार्क का भी होगा उद्घाटन 90.41 लाख की लागत से तैयार नारनौल शहर के चितवन वाटिका में पार्क का निर्माण, 71.81 लाख रुपए की लागत से तैयार वार्ड नंबर 13 नारनौल में सती माता मंदिर के पास पार्क का निर्माण, 40.29 लख रुपए की लागत से तैयार आजमाबाद मोखूता में जीवीएच का निर्माण, 35.83 लाख रुपए की लागत से तैयार मेघोत हाला में जीवीएच का निर्माण, 35.83 लाख रुपए की लागत से तैयार कमानियां में जीवीएच का निर्माण, 32.58 लाख रुपए की लागत से तैयार झूक में जीवीडी का निर्माण। चार परियोजनाओं का होगा शिलान्यास उन्होंने बताया कि लगभग 2789.23 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली 4 परियोजनाओं का शिलान्यास भी सीएम करेंगे। इसमें लगभग 2113.94 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) - सड़क परियोजनाएं फैजाबाद-सीहमा-कनीना सड़क (एडीआर-127) का सुधार कार्य का शिलान्यास करेंगे। इसी प्रकार राजकीय कॉलेज अटेली में लगभग 442 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाले विज्ञान खंड का निर्माण कार्य,193 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली रेवाड़ी-नारनौल सड़क (एनएच-11 से छलक नाला तक) के शहरी हिस्से का सुधार कार्य व 40.29 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाले महेंद्रगढ़ में गौशाला (जीवीएच), डुलाना का निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:30 am

मैया तेरे चरणों में हम तो भक्ति लुटाएंगे...

लुधियाना| शिमलापुरी स्थित नैना देवी मंदिर में महिलाओं ने दुर्गा माता का संकीर्तन आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर भक्ति का माहौल बनाया। कार्यक्रम की शुरुआत माता के जयकारों से हुई और महिलाओं ने सामूहिक रूप से भजन गाकर मां के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। संकीर्तन के दौरान महिलाओं ने मां दुर्गा के भजन जय अम्बे गौरी, मैया जय अम्बे गौरी..., आज मेरी नैया पार लगा दे माँ..., मैया तेरे चरणों में हम तो भक्ति लुटाएंगे... जैसे भजन गाए।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:29 am

30 को गोविंद गोधाम में भिक्षा दान व शिलादान कार्यक्रम का आयोजन

लुधियाना| 30 नवंबर को होने वाले भिक्षा दान एवं शिलादान कार्यक्रम की तैयारी को लेकर बैठक आयोजित की गई, जिसमें कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी श्रद्धालुओं से तन-मन-धन से सहयोग की अपील की गई। बैठक में सुंदरदास धमीजा, अशोक धवन, मनोहर वर्मा, प्रमोद दीवान, अनूप सग्गड़, सोनी वालिया और प्रवीण अग्रवाल ने सभी से अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही। बसंत कुमार, सुभाष जिंदल, डॉ. अशमनी गुप्ता, दीपक जैन, पं. राज शर्मा और अशमनी ग्रोवर ने बताया कि कार्यक्रम के तहत गौ भक्तों को 11,000 रुपये प्रति गज का दान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि धार्मिक कार्यों में सामूहिक सहयोग बढ़े।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:27 am

चैन चोरी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार:टैक्सी में बैठाकर महिलाओं की चैन उड़ाने वाली अंतरराज्यीय गैग पकड़ी, कर चुके हैं कई वारदात

प्रतापनगर पुलिस ने चैन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाली एक अंतरराज्यीय गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी संगठित गिरोह बनाकर टैक्सी में महिला को साथ रखते थे और योजनाबद्ध तरीके से महिलाओं को टैक्सी में बैठाकर उनकी सोने की चैन चोरी कर फरार हो जाते थे। ये है मामला पीड़िता शकुंतला ने सूरसागर 29 सितम्बर 2025 को रिपोर्ट दी कि बैंक ऑफ बड़ौदा, चांदपोल विधाशाला रोड से घर लौटते समय एक टैक्सी उनके पास रुकी। ड्राइवर और टैक्सी में बैठे दो पुरुष तथा एक महिला ने उन्हें बैठने के लिए कहा। भरोसा करके वह टैक्सी में बैठ गईं। इसी दौरान टैक्सी में मौजूद महिला और दोनों पुरुषों ने उनकी गले में पहनी सोने की चैन उतार ली। घर पहुंचने पर उन्हें चोरी का पता चला। ऐसे आए पकड़ में टीम ने सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी साक्ष्यों की मदद से जांच आगे बढ़ाई। पता चला कि इसी प्रकार की वारदात में पुलिस थाना महामंदिर ने कुछ आरोपियों को पहले ही पकड़ा हुआ है। उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की गई, जहां उन्होंने प्रतापनगर इलाके की इस वारदात को भी स्वीकार किया।आरोपियों की निशानदेही पर चोरी की चैन और घटना में प्रयुक्त टैक्सी बरामद कर ली गई। पुलिस के अनुसार यह गैंग गुजरात से टैक्सी लेकर आता था, वारदात कर वापस गुजरात लौट जाता था। ये आरोपी गिरफ्तार 1. भीमा भाई पुत्र रमेश भाई, जाति वागरी, उम्र 36 वर्ष, निवासी सरदार नगर, मेहमदाबाद, जिला खेडा, गुजरात 2. मुंसरी जाफरभाई पुत्र अनवर भाई, जाति मुस्लिम मंसुरी, उम्र 32 वर्ष, निवासी सरदार नगर, सिखवाडा, थाना मेहमदाबाद, जिला खेडा, गुजरात 3. पारू पत्नी कालूराम, जाति वागरी, उम्र 30 वर्ष, निवासी कुमार खान, न्यू रेलवे स्टेशनगरनाल, मेहमदाबाद, जिला खेडा, गुजरात

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:21 am

पार्टी हारी, परिवार टूटा...तेजस्वी के सामने अब 5 बड़े संकट:लालू को साइड कर दो चुनाव लड़े दोनों हारे, भाई ने फेलस्वी कहा, बहन घर छोड़ गई

सबसे पहले दो बयान पढ़िए… पहला- ये जयचंदों की करारी हार है। इन जयचंदों ने RJD को भीतर से खोखला कर दिया। बर्बाद कर दिया। इसी वजह से तेजस्वी आज फेलस्वी हो गया।- नतीजे के बाद तेज प्रताप यादव का पोस्ट दूसरा- मैं पार्टी राजनीति और परिवार दोनों से अपना नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।- नतीजे के अगले दिन रोहिणी आचार्य का पोस्ट पहले चुनाव में मिली करारी शिकस्त। इसके बाद बड़े भाई और बहनों का किनारा। ये साफ संकेत हैं कि विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे तेजस्वी यादव के लिए बिहार की सियासत की राह आसान नहीं रहने वाली है। इन्हें पार्टी को खड़ी करने से पहले परिवार बचाने की चुनौती से निबटना होगा। लगातार दो चुनाव में सत्ता से दूर रहने के कारण पार्टी के भीतर असंतोष को शांत करने से लेकर गठबंधन का भरोसा जीतने तक कई मोर्चे पर इन्हें जूझना होगा। संडे बिग स्टोरी में 5 पॉइंट में समझिए, बिहार में सरकार गठन के साथ ही तेजस्वी यादव के सामने क्या-क्या चुनौतियां रहने वाली हैं…। 1. परिवार से मिल रही चुनौती को संभालना होगा कभी खुद को तेजस्वी का सारथी बताने वाले बड़े भाई तेज प्रताप यादव को सोशल मीडिया पर अपनी गर्लफ्रेंड की तस्वीर पोस्ट करने के बाद परिवार से दूर कर दिया गया। तेज प्रताप ने कोशिश की, लेकिन तेजस्वी नहीं माने उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से किनारे कर दिया गया। नतीजा बड़े भाई ही छोटे भाई के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए। जनशक्ति जनता दल नाम की पार्टी बनाकर 45 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारे। खुद महुआ से चुनाव लड़े। एक भी सीट नहीं जीते, लेकिन महुआ से राजद को हरा दिए। तेज प्रताप ने जहानाबाद की एक सभा में कह दिया- ’जो भाई का नहीं हुआ वो जनता का क्या होगा।’ लोकसभा चुनाव के दौरान से ही सोशल मीडिया पर अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए सबसे मुखर रहीं रोहिणी आचार्या ने अब विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी और परिवार छोड़ दिया है। इसके बाद अब तेजस्वी के सामने बिखरते परिवार को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होगी। बड़ी बहन मीसा भारती और तेजस्वी के बीच कई मुद्दों पर अनबन की खबर पहले ही आ चुकी है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी कब तक तेजस्वी यादव के साथ ढाल के रूप में रहेंगे, इसकी भी चर्चा होने लगी है। 2. पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ेगा, टूट की संभावना बढ़ेगी चुनाव के दौरान पार्टी से निकाले गए नेताओं ने भी हार का ठीकरा तेजस्वी के करीबियों पर फोड़ना शुरू कर दिया है। चुनाव तक राजद की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रहीं रितू जायसवाल ने हार के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, 'खुद को चाणक्य समझने की भूल में किस तरह जीती हुई सीटें गंवाई जाती हैं, यह बात RJD के सलाहकारों से सीखी जा सकती है। परिहार इसका उदाहरण है।' ऐसे में तेजस्वी के सामने परिवार के साथ पार्टी को भी संभालने की दोहरी चुनौती है। पार्टी कार्यकर्ताओं का हार के कारण पहले ही मनोबल टूटा हुआ है। तेजस्वी के करीबी संजय यादव के खिलाफ पार्टी में नाराजगी उस समय से ही है, जब इन्हें राज्यसभा भेजा गया था। 3. सहयोगी नेतृत्व पर सवाल उठाएंगे, इन्हें संभालने की चुनौती हालांकि, अभी तक बिहार चुनाव में हार की समीक्षा विपक्ष की तरफ से केवल कांग्रेस ने किया है। लेकिन दबी जुबान में महागठबंधन से जुड़ी सभी पार्टियां ये कहना शुरू कर दिया है कि तेजस्वी के खुद को सीएम फेस साबित करने के चक्कर में महागठबंधन की हार हुई है। सीनियर जर्नलिस्ट संजय सिंह बताते हैं, ‘इस नतीजे के बाद अब सहयोगी हार का ठीकरा तेजस्वी पर ही फोड़ेंगे। सहयोगी पार्टियों को नेतृत्व पर सवाल करने का मौका मिल गया है। लेफ्ट की पार्टियां (माले, CPI, CPIM) चुनाव के रिजल्ट के बाद नए सिरे से अपने गठबंधन पर विचार कर सकती हैं। चूंकि, ये पार्टियां अभी बीजेपी को रोकने के लिए ही तेजस्वी के साथ हैं। अगर आगे उनको लगेगा कि BJP को कोई दूसरी पार्टी रोक सकती है तो वह उसके साथ हो सकती हैं।’ 4. मुस्लिम वोट बैंक शिफ्ट हुआ, इसे रोकने की चुनौती तेजस्वी यादव को विरासत में MY यानी मुस्लिम-यादव वोट बैंक मिला है। जाति आधारित सर्वे-2022 के मुताबिक, दोनों की आबादी 31.96% (मुस्लिम 17.7% + यादव 14.26%) है। तेजस्वी और कांग्रेस के एक साथ होने के कारण मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं होता है। हालांकि, कुछ मुस्लिम नीतीश कुमार को भी वोट करते रहे हैं। मुस्लिम बीजेपी को रोकने के लिए तेजस्वी के साथ थे, लेकिन अब वे भी मानने लगे हैं कि तेजस्वी इसमें सक्षम नहीं हैं। यही कारण है कि AIMIM बिहार के सबसे ज्यादा मुस्लिम बहुल इलाके में अपनी पैठ मजबूत करते जा रही है। पार्टी पिछले चुनाव में भी सीमांचल में 5 सीट जीती थी। तेजस्वी उनके 4 विधायक को तोड़ लिए थे। इसके बाद भी इस चुनाव में AIMIM फिर से वो पांचों सीटें जीतने में सफल रही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट ओमप्रकाश अश्क बताते हैं, ‘ओवैसी ने चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताकर अपने कौम को संदेश दिया है कि हम बीजेपी को रोकने के लिए एक हैं। इस बार न केवल मुस्लिम उनसे छिटके, बल्कि यादव विधायकों की भी संख्या कम हुई है।' ओमप्रकाश ने कहा, 'राजद की तरफ से कुल 54 यादव कैंडिडेट को टिकट दिया गया था। इनमें मात्र 11 जीतने में सफल रहे। हैरानी इस बात की है कि महागठबंधन से ज्यादा NDA में यादव विधायक जीते हैं। महागठबंधन में कुल 12 यादव कैंडिडेट जीतने में सफल रहे हैं, जबकि NDA में 15 यादव विधायक जीत कर आएं हैं।' इस चुनाव में मात्र 10 मुस्लिम विधायक जीते हैं। इनमें सबसे ज्यादा 5 AIMIM से हैं। राजद भले 19 मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट दी, लेकिन उनकी पार्टी के मात्र 3 ही जीतने में सफल रहे। 5. BJP अब राज्य की सबसे बड़ी पार्टी, PK 5 साल टिक गए तो सबसे बड़ी चुनौती सियासी जमीन पर अब तेजस्वी यादव के लिए दोहरी चुनौती हो गई है। इतनी बड़ी हार के बाद अब उन्हें न केवल अपनी पार्टी का मोराल नए सिरे से हाई करना होगा बल्कि BJP जैसी ताकत से उन्हें मुकाबला करना होगा। सीनियर जर्नलिस्ट संजय सिंह बताते हैं, ‘अभी भी तेजस्वी के पीछे लालू-राबड़ी का शासनकाल चल रहा है, जो लोगों के दिलो-दिमाग में चस्पा है। वहीं, अब पूरी पॉलिटिक्स EBC पर शिफ्ट हो गई है, जिस पर NDA काबिज है। BJP भी बढ़ रही है, जो आगे RJD के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है।‘ 20 साल पहले RJD को जितना वोट मिलता था उतना ही वोट अब भी उसके पास है। जबकि, ‌BJP अपना करीब 4% वोट बैंक बढ़ा चुकी है। प्रशांत किशोर की जोर आजमाइश के बाद कई एक्सपर्ट मानते हैं कि बिहार की जनता एक तीसरा ऑप्शन तलाश रही है। बीते 4 विधानसभा चुनावों को देखें तो आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। करीब 25% से ज्यादा लोगों ने हर चुनाव में दोनों NDA और महागठबंधन से अलग वोट किया है। यानी लोग एक अलग विकल्प की तलाश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर भले इस चुनाव में फेल हो गए, लेकिन जिस तरह का संघर्ष उन्होंने अभी 3 साल किया, अगर अगले 5 साल तक वे इस संघर्ष को जारी रख लेते हैं तो वे एक ताकतवर विपक्ष की भूमिका में होंगे। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:20 am

लालू परिवार में बड़ी फूट,रोहिणी ने रात को घर छोड़ा:बोलीं- तेजस्वी ने निकाला, हार पर सवाल किया तो संजय-रमीज ने चप्पल उठाई

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद एक बार फिर तेजस्वी के करीबी संजय यादव को लेकर लालू परिवार में बवाल तेज हो गया है। लालू को किडनी देने वाली दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से संबंध खत्म करने की घोषणा कर दी है। तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए रोहिणी ने कहा- 'सवाल पूछोगे तो गाली दी जाएगी, चप्पल से मारा जाएगा।' इससे पहले शनिवार को ही रोहिणी ने X पर पोस्ट कर लिखा, 'मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।' रोहिणी ने अपनी पोस्ट में ये बताने की कोशिश की है कि संजय यादव और रमीज ही पार्टी के सभी फैसले लेते हैं। संजय राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी के रणनीतिक सलाहकार हैं। रमीज यूपी के बलरामपुर के रहने वाले हैं। जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं। इन पर हत्या समेत कई मुकदमे हैं। ये RJD का सोशल मीडिया और चुनाव का कामकाज देखते हैं। इनकी पत्नी भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। इसी साल 25 मई को लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाला था। तेज प्रताप ने इसके लिए संजय यादव को ही जिम्मेदार ठहराया था। कल आए चुनाव के नतीजों में RJD को महज 25 सीटें मिली हैं। जबकि 2020 में पार्टी ने 75 सीटें जीती थीं। तेजप्रताप करीब 50 हजार वोटों से इस चुनाव में हारे हैं। लंबी खींचतान के बाद तेजस्वी अपनी सीट बचा पाए हैं। नतीजों के बाद RJD सांसद संजय यादव को लेकर लालू परिवार में टकराव बढ़ गया है। कल तेजप्रताप ने भी लिखा था- जयचंदों ने राजद को खोखला किया। इससे पहले रोहिणी ने पार्टी से लेकर परिवार के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अन फॉलो कर दिया था। संजय यादव के तेजस्वी की गाड़ी के फ्रंट सीट पर बैठने पर शुरू हुआ विवाद 18 सितंबर को लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया था। पोस्ट आलोक कुमार नाम के एक RJD समर्थक का था। पोस्ट में लिखा था- पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग फ्रंट सीट पर लालू जी और तेजस्वी यादव को बैठे/बैठते देखने के अभ्यस्थ हैं। उनकी जगह पर कोई और बैठे यह हमें कतई मंजूर नहीं। जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में एक विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता है… ये बात अलग है। संजय की बढ़ती ताकत से घरवाले नाराज कहा जाता है कि लालू यादव ने तेजस्वी यादव को फ्री हैंड दे दिया है। जब से तेजस्वी को पूरी पावर मिली है, उनके करीबी संजय यादव का प्रभाव भी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेजस्वी क्या करेंगे, किससे बात करेंगे, उनकी रणनीति क्या होगी सब संजय यादव तय करते हैं। रोहिणी ने इशारों-इशारों में संजय को निशाने पर लिया है। हालांकि, इससे पहले तेज प्रताप यादव खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। आजकल तेज प्रताप ‘जयचंद’ कह कर निशाना साधते हैं। कहा जाता है कि उनका इशारा संजय की तरफ ही है। तेज प्रताप के पुराने पोस्ट को पढ़िए… संजय यादव कौन हैं, तेजस्वी के इतने करीब कैसे हैं? संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नंगल सिरोही गांव के हैं। चुनावी हलफनामे के मुताबिक, संजय कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2.18 करोड़ संपत्ति है। तेजस्वी और संजय की मुलाकात दिल्ली में 2012 के आसपास क्रिकेट ग्राउंड पर हुई थी। 2013 में जब लालू यादव चारा घोटाले में जेल गए तब तेजस्वी पटना लौट आए। राजनीति सीखने लगे तब उन्होंने अपने दोस्त संजय को पटना बुला लिया। संजय ने मल्टी नेशनल IT कंपनी की नौकरी छोड़कर आ गए। सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह अपनी किताब ‘जेपी टू बीजेपी: बिहार आफ्टर लालू एंड नीतीश’ में लिखते हैं, ‘संजय ने तेजस्वी को समाजवादी राजनीति से जुड़ी कई किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। देश के शीर्ष नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नांडीस, कांशीराम, मायावती, चंद्रशेखर और वीपी सिंह के भाषण दिखाते और सुनाते थे। ताकि अच्छे भाषण की कला और बारिकी सीख सके। संजय रोज लालू के दिल्ली के तुगलक रोड स्थित आवास पर तेजस्वी के साथ चार से 5 घंटे साथ बिताते थे।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रियदर्शी रंजन बताते हैं, ‘बिहार आकर संजय ने कुछ साल तक यहां की राजनीति को समझा, चुनावी समीकरण और आंकड़ों पर काम किया। जरूरत के मुताबिक RJD में कई तरह के तकनीकी और डिजिटल दौर के बदलाव भी किए।’ अब लालू फैमिली में बवाल मचाने वाले रमीज की कहानी रमीज यूपी के बलरामपुर के रहने वाले हैं। जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं। इन पर हत्या समेत कई मुकदमे हैं। ये RJD का सोशल मीडिया और चुनाव का कामकाज देखते हैं। इनकी पत्नी भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। बताया जाता है कि यूपी के कौशांबी में रेलवे लाइन पर एक युवक का शव मिला था। मृतक के परिजनों का आरोप था कि पैसों के लेनदेन को लेकर पूर्व सांसद के दामाद रमीज नेमत ने हत्या को अंजाम दिया है। इसके बाद पुलिस ने उनके ऊपर FIR दर्ज की। रमीज़ के नाम पर 4.75 करोड़ रुपए की जमीन थी जिसे प्रशासन ने जब्त किया था। यह जमीन रिजवान जहीर ने अपने दामाद के नाम पर खरीदी थी। पुलिस ने इसकी कुर्की करवा दी थी। जमीन की कीमत 4 करोड़ 75 लाख 86 हजार रुपए बताई जा रही है। करीब 6 महीने पहले तेजप्रताप को लालू ने पार्टी-परिवार से निकाला इसी साल 24 मई को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी। जिसमें तेजप्रताप के अनुष्का यादव के साथ 12 साल से रिश्ते में होने की बात थी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। इसके बाद तेज प्रताप यादव ने रात 10:56 बजे X पर पोस्ट कर कहा कि हमारे सोशल मीडिया हैंडल को हैक कर लिया गया है और हमें बदनाम और परेशान करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद तेजप्रताप-अनुष्का के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। अगले दिन 25 मई को लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर निकाल दिया। लालू के फैसले को परिवार का समर्थन तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निकालने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने इस बारे में अपनी भावना स्पष्ट कर दी है। कोई अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहा है, ये किसी से पूछकर नहीं करता। मुझे भी इस बारे में मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली है।' लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने X पर लिखा, 'जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं, जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की गलती- धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं।' बेदखल होने के 35 दिन बाद तेज प्रताप ने की बगावत पार्टी और परिवार से बेदखली के 35 दिन बाद तेज प्रताप ने RJD से बगावत कर दिया। उन्होंने महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया और 5 छोटे दलों भोजपुरिया जन मोर्चा, विकास वंचित इंसान पार्टी, संयुक्त किसान विकास पार्टी, प्रगतिशील जनता पार्टी और वाजिब अधिकार पार्टी के साथ 'जन शक्ति मोर्चा' बनाया और 43 सीटों पर चुनाव लड़ा। तेजप्रताप के सारे कैंडिडेट हारे वो अपनी सीट महुआ भी नहीं बचा पाए। ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? 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दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:19 am

PM ने 189 बार जंगलराज, 587 बार महिला बोला:हर रैली में 10 बार छठ का जिक्र; लेकिन 14 में से 12 रैलियों में फौज का नाम नहीं

बिहार चुनाव में NDA ने प्रचंड बहुमत के साथ 243 में से 202 सीटें जीत ली है। 89 सीटों के साथ बीजेपी पहली बार बिहार में नंबर वन पार्टी बनी है। वहीं जदयू ने 85 सीटें जीती है। इस चुनाव में NDA का स्ट्राइक रेट 83% रहा है। पूरे चुनाव में बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी ने जंगलराज, महिला और छठ पर सबसे ज्यादा फोकस किया। पीएम ने अपनी 14 रैलियों में कुल 189 बार जंगलराज और 56 बार कट्टे का जिक्र किया। हर रैली में उन्होंने करीब 41 बार महिला और 10 बार छठ का जिक्र किया। विक्ट्री स्पीच में भी PM ने 5 बार जंगलराज, 2 बार कट्टा और 8 बार छठ का जिक्र किया, लेकिन रणनीति के तहत पीएम ने अपनी 14 में से 13 रैलियों में फौज और 12 रैलियों में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र ही नहीं किया। पूरे चुनाव प्रचार में सिर्फ 6 बार फौज का जिक्र किया। पीएम ने अपने भाषणों में सबसे ज्यादा किस शब्द का जिक्र किया आइए जानते हैं… 56 बार कट्टे का जिक्र, वोटिंग वाले दिन 42 बार जंगलराज कहा PM ने 24 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच 14 रैलियां कीं। सभी रैलियों को मिलाकर उन्होंने 189 बार जंगलराज का नाम लिया। यानी हर भाषण में करीब 14 बार। पीएम ने कुल 80 बार रंगदारी तो 56 बार कट्टे का जिक्र किया। खास बात यह है कि जैसे-जैसे चुनाव चढ़ता गया, वैसे-वैसे पीएम के भाषणों में रंगदारी और कट्टे का जिक्र भी बढ़ता गया। चुनाव प्रचार के पहले दिन 18 बार और पहले फेज की वोटिंग वाले दिन 42 बार जंगलराज जिक्र किया। 14 रैलियों में से 11 में सेना और 13 रैलियों में फौज का नाम नहीं ऑपरेशन सिंदूर, सैनिक और फौजी, ये 3 शब्द ऐसे रहे जिनका जिक्र पीएम ने अपने भाषणों में सबसे कम किया। 14 रैलियों में से 12 रैलियों में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र नहीं किया। 11 रैलियों में सेना और 13 रैलियों में फौज के बारे में नहीं बोला। कुल मिलाकर पीएम ने 5 बार ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। 3 नवंबर को आरा की रैली में 4 बार और पहले फेज की वोटिंग के बाद औरंगाबाद में 1 बार। इसी तरह सैनिक या सेना का जिक्र उन्होंने आरा में 8 बार, औरंगाबाद में 1 बार और भभुआ में 1 बार किया। फौज का जिक्र सिर्फ औरंगाबाद की रैली में 6 बार किया। औरंगाबाद, भभुआ और आरा ये तीनों मगध और शाहाबाद इलाके में आते हैं। 2020 के चुनाव में यहां महागठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल की थी। दोनों रीजन की कुल 71 सीटों में से महज 20 सीट ही एनडीए जीत पाई थी। एक्सपर्ट के मुताबिक पीएम ने रणनीति के तहत सेना और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र अपनी रैलियों में नहीं किया। क्योंकि इससे विपक्ष सवाल उठा सकता था। हर रैली में 41 बार महिलाओं का जिक्र, वोटिंग के दिन 81 बार प्रधानमंत्री ने 14 रैलियों में कुल मिलाकर 587 बार महिलाओं का जिक्र किया। यानी हर रैली में करीब 41 बार। उनका फोकस फर्स्ट टाइम वोटर और बुजुर्ग महिलाओं पर सबसे ज्यादा रहा। इसे ऐसे समझ सकते हैं- पीएम ने 14 रैलियों में कुल 271 बार बहन का जिक्र किया। यानी औसतन हर रैली में 19 बार। 250 बार माता और 66 बार महिला शब्द का जिक्र किया। इन सबको जोड़ दें तो आंकड़ा पहुंचता है 587. पहले फेज की वोटिंग के दिन यानी 6 नवंबर को पीएम ने सबसे ज्यादा 81 बार महिलाओं का जिक्र किया। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार महिलाओं ने पुरुषों से 9% ज्यादा मतदान किया है। एक्सपर्ट NDA की जीत में महिलाओं की बड़ी भूमिका मान रहे हैं। 14 में से 13 रैलियों में छठ का जिक्र, हर रैली में 10 बार नाम लिया प्रधानमंत्री ने 14 में से 13 रैलियों में छठ का जिक्र किया। सभी भाषणों को जोड़ दें तो कुल 132 बार। यानी हर रैली में औसतन करीब 10 बार। छठ के ठीक बाद पीएम ने 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर की रैली में सबसे ज्यादा 29 बार छठ का जिक्र किया। दरअसल, छठ के अगले ही दिन 29 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर में ही रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा- ‘नरेंद्र मोदी को छठ पूजा से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें सिर्फ आपका वोट चाहिए। आप वोट के लिए उनसे कोई भी ड्रामा करवा लो वो कर देंगे। वोट के लिए उनसे कहिए स्टेज पर आकर डांस करें वो कर देंगे।' पीएम ने राहुल के इस बयान को चुनाव में मुद्दा बनाया। उन्होंने हर रैली में छठ का जिक्र किया। मोदी ने तो 14 नवंबर को जीत के बाद भी 8 बार छठ का जिक्र किया। 14 रैलियों में 60 बार रोजगार, लेकिन 11 रैलियों में नौकरी का जिक्र नहीं पीएम ने 14 रैलियों में कुल मिलाकर 144 बार युवा-नौजवान और 60 बार रोजगार का जिक्र किया, लेकिन नौकरी का जिक्र सिर्फ 8 बार। यानी पीएम ने औसतन हर रैली में 4-5 बार रोजगार और 10 बार युवा-नौजवान का जिक्र किया, लेकिन 14 रैलियों में से 11 रैलियों में उन्होंने नौकरी शब्द का जिक्र नहीं किया। पहले फेज की वोटिंग के बाद सबसे ज्यादा एक ही रैली में उन्होंने 5 बार नौकरी शब्द का जिक्र किया था। कुल मिलाकर उन्होंने 8 बार नौकरी शब्द का जिक्र किया। जबकि इस चुनाव में विपक्ष ने नौकरी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। आरजेडी का 318 तो कांग्रेस का 314 बार जिक्र, 58 बार नीतीश का नाम लिया कांग्रेस महागठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी है, लेकिन पीएम ने अपनी रैलियों में जितना आरजेडी का जिक्र किया, लगभग उतना ही जिक्र कांग्रेस का भी किया। 14 रैलियों में 318 बार आरजेडी का तो 314 बार कांग्रेस का जिक्र किया। यानी हर रैली में औसतन 22 बार। पीएम ने हर रैली में नीतीश कुमार का जिक्र किया। 14 रैलियों को मिलाकर कुल 58 बार। यानी औसतन हर रैली में करीब 4 बार। पीएम ने सबसे ज्यादा नीतीश शब्द का जिक्र अपनी पहली रैली में किया था। तब उन्होंने 10 बार नीतीश का नाम लिया था। हालांकि विक्ट्री स्पीच में उन्होंने सिर्फ 1 बार नीतीश कुमार का नाम लिया। 14 भाषणों में 73 बार मंदिर, 88 बार गरीब और 40 बार दलित का जिक्र मोदी ने अपने भाषणों में मंदिर का भी खूब जिक्र किया। 14 भाषणों को मिलाकर कुल 73 बार यानी हर रैली में औसतन 6 बार। गरीब का जिक्र 88 बार और रुपए-पैसे का जिक्र 175 बार किया। उन्होंने कुल 40 बार दलित शब्द का जिक्र किया और 64 बार पिछड़े का। 39 बार नक्सली और माओवादी शब्द का इस्तेमाल किया। जबकि, विकास शब्द का जिक्र133 बार यानी हर रैली में करीब 10 बार। अब ये ग्राफिक भी देख लीजिए... ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:17 am

इंसुलिन लगाकर रसगुल्ले खाते थे बिहार के पहले CM:गांधी की मर्जी के उलट 17 साल मुख्यमंत्री रहे; जीते तो विरोधी से लिपटकर रोने लगे

बात 1953 की है। गांधीवादी विनोबा भावे ‘भूदान आंदोलन’ की अगुआई करते हुए बिहार पहुंचे। तब उन्हें पता चला कि देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में दलित नहीं जा सकते। उन्होंने दलितों के साथ मंदिर जाने का ऐलान किया। बैद्यनाथ धाम के पंडों को ये नामंजूर था। पंडों ने विनोबा को रोकना चाहा, लेकिन वे नहीं माने और सत्याग्रह पर बैठ गए। गुस्साए पंडों ने विनोबा से मारपीट कर दी। हंगामा खड़ा हो गया। राज्य सरकार पर भी दबाव बढ़ने लगा। तब के मुख्यमंत्री श्रीबाबू ने ऐलान किया- ‘मैं खुद दलितों के साथ बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश करूंगा।’ पंडों में हड़कंप मच गया। उन्होंने श्रीबाबू के परिवारवालों और करीबियों से कहा कि श्रीबाबू ऐसा न करें, नहीं तो अनर्थ हो जाएगा। श्रीबाबू के बड़े भाई देवकीनंदन ने भी विरोध किया, लेकिन वे नहीं माने। फिर तारीख आई 27 सितंबर 1953 की। बैद्यनाथ धाम छावनी बन चुका था। श्रीबाबू ने मंत्री विनोदानंद झा और 700 दलितों के साथ मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की। पुलिस की मौजूदगी और नेताओं की मर्जी के सामने पंडे कुछ कर नहीं पाए। श्रीबाबू के इस ऐतिहासिक कदम के बाद राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिरों में किसी भी जाति के प्रवेश पर लगी अघोषित रोक खत्म हो गई। श्रीकृष्ण सिंह का गांव मुंगेर जिले के बरबीघा थाना के माउर में था, लेकिन उनका जन्म 21 अक्टूबर 1887 को नवादा जिले के खनवा गांव में हुआ। ये उनका ननिहाल था। वे 5 भाई थे, 3 उनसे बड़े और एक छोटे। पिता हरिहर सिंह मुंगेर के जमींदार और शिवभक्त थे। एक रोज श्रीकृष्ण की मां की तबीयत बिगड़ गई। पता चला कि उन्हें प्लेग हो गया है। कुछ ही दिनों में वो चल बसीं। तब श्रीकृष्ण महज 5 साल के थे। तब से उनकी बड़ी भाभी यानी सबसे बड़े भाई देवकीनंदन सिंह की पत्नी ने देखभाल का जिम्मा संभाला। श्रीबाबू को पिता हरिहर से शुरुआती शिक्षा मिली। सबसे पहले उन्होंने उर्दू सीखी, फिर हिंदी। 1894 में वे गांव के स्कूल में पढ़ने जाने लगे। फिर उनका दाखिला मुंगेर जिला स्कूल में हो गया। वजीफा भी मिल गया। धीरे-धीरे वे कोर्स के अलावा देश-दुनिया की राजनीति से जुड़ीं किताबें पढ़ने लगे। राजनीति में दिलचस्पी बढ़ती गई। वे लोकमान्य तिलक का 'मराठा' और श्री अरविंदो का 'वंदे मातरम' अखबार पढ़ने लगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर नरेंद्र कुमार पांडेय अपनी किताब 'डॉ. श्रीकृष्ण सिंह: इतिहास के आईने में' में लिखते हैं, 'श्रीकृष्ण पर बंगाली और मराठा नेताओं के विचारों, लेखों और किताबों का असर पड़ा। वे क्रांति की ओर बढ़ने लगे। एक रोज वे गंगा नदी में खड़े हो गए। उन्होंने एक हाथ में गीता और दूसरे हाथ में कृपाण लेकर कसम खाई कि चाहे प्राण ही क्यों न चले जाएं, लेकिन देशसेवा की राह से नहीं भटकूंगा।' जॉर्ज पंचम पटना आए, तो खुद को दिनभर कमरे में बंद कर लिया साल 1911, दिसंबर का महीना। ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम पटना पहुंचे। तब श्रीकृष्ण पटना कॉलेज में पढ़ते थे और मिंटो हिंदू हॉस्टल में रहते थे। मिंटो हॉस्टल गंगा नदी के किनारे था। किंग जॉर्ज के स्वागत में पूरा शहर सजाया गया। वे नाव में बैठकर शहर देखने निकले। घाटों पर लंबा जाम लग गया। पटना कॉलेज के छात्र भी किंग जॉर्ज को देखने के लिए जाने लगे, पर श्रीकृष्ण सिंह नाराज हो गए। कहने लगे- 'लोग उसे देखने के लिए उतावले हैं, जिसके हम गुलाम हैं।' श्रीकृष्ण को अंग्रेजों से इतनी नफरत थी कि वे दिनभर अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। खिड़की-दरवाजे तक बंद कर लिए, ताकि भूल से भी किंग जॉर्ज पर नजर न पड़ जाए। 1913 में MA की डिग्री हासिल करने बाद श्रीकृष्ण पटना के नेशनल कॉलेज में पढ़ाने लगे, लेकिन बड़े भाई देवकीनंदन के कहने पर वे नौकरी छोड़कर वकालत पढ़ने लगे। 1915 में उन्हें डॉक्टरेट ऑफ लॉ की डिग्री मिली। वे मुंगेर में वकालत करने लगे। इस बीच उनकी शादी हो गई। दो बेटे भी हुए- शिवशंकर और बंदीशंकर। फिर साल आया 1916 का। वाराणसी के सेंट्रल हिंदू कॉलेज में एक सभा हुई। यहां महात्मा गांधी ने भाषण दिया। सभा में श्रीकृष्ण भी मौजूद थे। गांधीजी के विचारों ने उनके मन में छाप छोड़ दी। वे गांधीजी के आंदोलनों में भाग लेने लगे। आगे चलकर श्रीकृष्ण का नाम ‘श्रीबाबू’ और ‘बिहार केसरी’ पड़ गया। 1920 में गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया। अगले ही साल वकालत छोड़ श्रीबाबू भी आंदोलन से जुड़ गए। जेल भी गए। रिहाई के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 1927 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए। अब बिहार के बड़े नेताओं में श्रीबाबू की गिनती होने लगी थी। गांधीजी की मर्जी के उलट बिहार के प्रधानमंत्री बने साल 1937, अंग्रेजों ने बिहार में पहली बार विधानसभा चुनाव करवाए। कांग्रेस को बहुमत मिला, लेकिन अंग्रेजों ने मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी के मोहम्मद यूनुस को बिहार का प्रीमियर बना दिया। तब राज्यों में मुख्यमंत्री के बजाय प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री का पद होता था। कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आखिरकार यूनुस को इस्तीफा देना पड़ा। अब कांग्रेस में विधायक दल का नेता चुनने की कवायद शुरू हुई। महात्मा गांधी की पसंद अनुग्रह नारायण सिंह थे। वे चंपारण सत्याग्रह के दिनों से अनुग्रह नारायण को जानते थे। उन्होंने कद्दावर कांग्रेसी नेता और बाद में राष्ट्रपति बने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को चिट्ठी लिखी- ‘अनुग्रह बाबू को विधायक दल का नेता चुना जाए।’ जुलाई 1937, एक दिन पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेसी विधायकों की बैठक हुई। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ऐलान किया, ‘गांधीजी चाहते हैं कि अनुग्रह बाबू को नेता चुना जाए।’ इतना सुनते ही कांग्रेसी नेता सर गणेश दत्त सिंह और किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती खड़े हो गए। सर गणेश बोल पड़े, ‘अनुग्रह ही क्यों, श्रीबाबू क्यों नहीं?’ दरअसल, अनुग्रह बाबू राजपूत थे और उन्हें कायस्थ लॉबी का समर्थन था। वहीं श्रीबाबू भूमिहार थे और उनके साथ ब्राह्मण गुट था। दरभंगा नरेश कामेश्वर सिंह भी श्रीबाबू के फेवर में थे। अनुग्रह बाबू भांप गए कि श्रीबाबू का पलड़ा भारी है। उन्होंने खुद ही श्रीबाबू का नाम आगे कर दिया। इस तरह गांधीजी की मर्जी के उलट श्रीबाबू विधायक दल के नेता चुने गए और बिहार के प्रीमियर यानी प्रधानमंत्री बन गए। नेहरू के समर्थन से मिली मुख्यमंत्री की कुर्सी 1950 में संविधान लागू होने के बाद राज्यों के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री कहलाने लगे। यानी श्रीबाबू बिहार के प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री हो गए। 1952 में देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए। बिहार की 331 में से 235 विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीतीं। अब बारी थी विधायक दल के नेता चुनने की। पंडित नेहरू ने इस बार भी श्रीबाबू का साथ दिया, लेकिन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद चाहते थे कि अनुग्रह नारायण मुख्यमंत्री बनें। दोनों ओर जबरदस्त लामबंदी हुई। आखिर में नेहरू ने अनुग्रह बाबू से बात की और एक पॉलिटिकल फॉर्मूला सुझाया। अनुग्रह मान भी गए। विधायक दल की मीटिंग में अनुग्रह बाबू ने खुद ही श्रीबाबू का नाम आगे कर दिया। नेहरू के फॉर्मूले के तहत श्रीबाबू CM बने और अनुग्रह बाबू डिप्टी CM। अनुग्रह बाबू को वित्त मंत्रालय भी मिला। दोनों के बीच भले ही राजनीतिक अदावत रही, लेकिन एक दूसरे पर भरोसा कभी कम नहीं हुआ। श्रीबाबू प्रोटोकॉल से बाहर जाकर भी अनुग्रह बाबू की फाइलों और सिफारिशों पर दस्तखत कर देते थे। CM बने तो धुर विरोधी के गले लगकर रोने लगे फरवरी 1957 में बिहार में फिर से विधानसभा चुनाव हुआ। कांग्रेस ने 318 में से 210 सीटें जीतीं। इस बार अनुग्रह बाबू ने खुलकर मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया। अनुग्रह बाबू को लगा कि दिल्ली आलाकमान का अब उतना दबाव नहीं है और अंदरखाने विधायकों का समर्थन भी है। इधर, श्रीबाबू को अंदाजा था कि चुनाव बाद उनके खिलाफ खेमेबंदी होगी। ऐसे में उन्होंने चुनाव से पहले ही एक दांव चला। उन्होंने पार्टी की तरफ से ऑब्जर्वर बनकर आए बंबई के CM मोरारजी देसाई के साथ मिलकर संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में से 70 नाम कटवा दिए। इनमें से ज्यादातर अनुग्रह बाबू के खेमे के थे। वहीं राजपूत जाति से आने वाले अनुग्रह बाबू ने चुनाव के बाद सारा ध्यान दूसरी जाति के विधायकों को मनाने में लगा दिया। इससे नाराज राजपूत श्रीबाबू के खेमे में चले गए। बिहार के कद्दावर कांग्रेसी नेता रहे ललितेश्वर प्रसाद शाही अपनी बायोग्राफी 'बनते बिहार का साक्षी' में लिखते हैं, ‘मार्च महीने के एक दिन हुई बैठक में श्रीबाबू को 145 कांग्रेस विधायकों के वोट मिले, जबकि अनुग्रह बाबू को 109 वोट।’ जीत के बाद श्रीबाबू अपने समर्थकों और गाजे-बाजे के साथ राजभवन के सामने बने घर पहुंचे। जश्न का माहौल था। मिठाइयां बंट रही थीं। श्रीबाबू घर की पहली मंजिल पर थे, तभी उन्हें पता चलता है कि अनुग्रह बाबू वहां आ रहे हैं। भारी-भरकम शरीर वाले श्रीबाबू तेजी से सीढ़ियां उतरे और अनुग्रह बाबू की गाड़ी के दरवाजे तक पहुंच गए। जैसे ही अनुग्रह बाबू गाड़ी से बाहर निकले, श्रीबाबू उनके गले लग गए। दोनों रोने लगे। अनुग्रह बाबू माफी मांगते हुए बोले, 'उकसावे में आपके खिलाफ खड़े होने की गलती कर दी।' श्रीबाबू ने कहा, 'देखो अनुग्रह, अब इस अदावत को यहीं खत्म करो। तुम्हारा जैसा मन हो वैसी सरकार बनाओ।' श्रीबाबू ने कहा- या तो मैं चुनाव लड़ूंगा या मेरा बेटा1957 में चुनाव हो रहे थे। कांग्रेस के कुछ बड़े नेता श्रीबाबू से उनके बेटे शिवशंकर को चुनाव लड़वाने के लिए जोर डालने लगे, लेकिन श्रीबाबू नहीं माने। उन्होंने कहा, 'मैं तैयार हूं, लेकिन फिर मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। एक परिवार से एक ही व्यक्ति को चुनाव लड़ना चाहिए।' यही वजह थी कि श्रीबाबू के रहते उनके परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ा। श्रीबाबू अपने लिए कभी वोट मांगने नहीं जाते थे। फिर भी कभी चुनाव नहीं हारे। श्रीबाबू कहते थे- अगर मैंने काम किया है तो लोग मुझे वोट देंगे। हालांकि, वे आम दिनों में अपने क्षेत्र में जरूर जाते थे। CM रहते जब भी वे अपने गांव जाते, तो सुरक्षाकर्मियों को दूर ही छोड़ देते। उनका मानना था कि अपने गांव में उन्हें किसी से खतरा नहीं हो सकता। खाने के इतने शौकीन कि इंसुलिन लगाकर रसगुल्ला खाते थे श्रीबाबू के परपोते अनिल कुमार सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया कि बाबा (श्रीबाबू) के बारे में मेरे पिताजी बताते थे कि वे खाने के बहुत शौकीन थे। वे इंसुलिन का इंजेक्शन लगाकर रसगुल्ला खाते थे। यही वजह थी कि उनका वजन बहुत बढ़ा हुआ था। अनिल कहते हैं, 'जब भी बाबा मुजफ्फरपुर या बेगूसराय जाते तो पहले ही अरहर की दाल बनाकर रखने का संदेश भेज देते। वहां रुक के खाना खाना, लोगों से मिलना उनका शौक था। उस वक्त आने-जाने की बेहतर सुविधा नहीं थी। बाबा पालकी या बैलगाड़ी से क्षेत्र का मुआयना करते थे।’ नेहरू से बोले- बिहार में फैक्ट्री नहीं लगी तो इस्तीफा दे दूंगा, अनशन पर बैठ गए श्रीबाबू बिहार में रिफाइनरी और उर्वरक फैक्ट्री लगवाना चाहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू ने इसके लिए दूसरे राज्य चुन रखे थे। श्रीबाबू इसके खिलाफ अनशन पर बैठ गए। साफ बोले- बिहार में प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए तो इस्तीफा दे दूंगा।’ इसके बाद ही बरौनी में दोनों कारखाने खोले गए। कहते हैं कि प्रधानमंत्री नेहरू को सिर्फ दो ही मुख्यमंत्री 'तुम' कहा करते थे। पहले बंगाल के CM बिधान चंद्र रॉय और दूसरे बिहार के CM श्रीबाबू। परपोते अनिल कुमार सिन्हा के मुताबिक, नेहरू बाबा को इतना पसंद करते थे कि वह उन्हें केंद्र में गृह मंत्रालय देना चाहते थे, लेकिन बाबा बिहार में ही काम करना चाहते थे। 17 साल के कार्यकाल के दौरान श्रीबाबू ने बोकारो में पहला स्टील प्लांट लगवाया। बरौनी में डेयरी शुरू की। हटिया में भारी उद्योग निगम स्थापित किया। गढ़हरा में एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड बनवाया। भागलपुर के सबौर, समस्तीपुर के पूसा और रांची में एग्रीकल्चर कॉलेज बनवाए। कई पुल, हाईवे, ब्रिज बनवाए। इसलिए वे 'आधुनिक बिहार के निर्माता' कहलाए। संपत्ति के नाम पर सिर्फ 24.5 हजार, वो भी परिवार के लिए नहीं31 जनवरी 1961 को श्रीबाबू का निधन हो गया। 12 दिन बाद राज्यपाल डॉ. जाकिर हुसैन, बिहार के तत्कालीन CM दीपनारायण सिंह, जयप्रकाश नारायण और श्रीबाबू के मुख्य सचिव मजूमदार की मौजूदगी में उनकी तिजोरी खोली गई। उसमें 4 लिफाफे निकले। चारों में कुछ-कुछ रकम थी। कुल मिलाकर साढ़े 24 हजार रुपए, ​वह भी पार्टी और करीबियों के लिए। पहले लिफाफे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम 20 हजार रुपए थे। दूसरे में उजिहार हुसैन मुनीमी नाम के एक दोस्त की बेटी की शादी के लिए 3 हजार रुपए। तीसरे लिफाफे में बिहार के तत्कालीन मंत्री महेश प्रसाद सिन्हा की छोटी बेटी की शादी के लिए एक हजार रुपए निकले और चौथे में अपने एक भरोसेमंद नौकर के लिए 500 रुपए। । सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह अपनी किताब 'द जननायक कर्पूरी ठाकुर: वॉयस ऑफ द वॉयसलेस' में लिखते हैं, '1937 से 1939 तक जब वे बिहार के प्रधानमंत्री थे, तब मंत्रियों को हर महीने 5 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। श्रीबाबू ने इसे घटाकर 500 रुपए कर दिया था।' ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों 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दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:16 am

वो गैंगस्टर जिसका काफिला देख पुलिस भाग जाती थी:'मुझे शरबत नहीं, खून पीना है’ कहकर लाशें बिछा दी; कहानी सम्राट अशोक की

बिहार चुनाव में बाहुबलियों और गैंगस्टर्स की खूब चर्चा रही। कई बाहुबली चुनाव में उतरे। कुछ जीते तो कुछ हार गए। बिहार में एक वो भी दौर था जब गैंगस्टर्स सरकार बनाने-बिगाड़ने की कवायद करते थे। भास्कर ऐसे ही कुछ चर्चित गैंगस्टरों की कहानियां ला रहा है। आज पहला एपिसोड... साल 1990 और तारीख 31 जनवरी। सरस्वती पूजा का दिन। जगह बिहार का मुजफ्फरपुर। शाम ढल रही थी। बाहुबली चंदेश्‍वर सिंह अपने काफिले के साथ छाता चौक इलाके से गुजर रहा था। 4 गाड़‍ियों में करीब 10-12 लोग। सभी के पास देसी पिस्‍टल। अचानक चंदेश्‍वर की गाड़ी खराब हो गई। काफिला रुक गया और उसके गुर्गे गाड़ी में गड़बड़ी चेक करने लगे। चंदेश्‍वर ने भी उतरकर अपनी कमर सीधी की और जेब से सिगरेट निकाली। एक गुर्गा भागकर आया और सिगरेट जलाने के लिए माचिस जलाने लगा। इसी बीच एक गोली उसकी पीठ पर लगी और सीना चीरकर निकल गई। चंदेश्‍वर सिंह कुछ समझ पाता, उससे पहले ही ताबड़तोड़ गोलियों ने सबको छलनी कर दिया। कोई अपनी देसी पिस्‍टल निकाल भी न सका। जब सबकी लाशें सड़क पर बिछ गईं, तब गोलियों के धुएं के बीच से एक 6 फीट कद, काले घुंघराले बाल और गोरे रंग का शख्‍स कंधे पर AK-47 टांगे सामने आया। उसने चंदेश्‍वर के सीने पर पैर रखकर कहा- ‘कहे थे न, आज ही के दिन मारेंगे।’ और AK47 की एक पूरी मैग्‍जीन उसके बदन में उतार दी। देसी पिस्‍टल वाले बिहार ने पहली बार AK-47 की तड़तड़ाहट सुनी थी; और ये शोर करने वाला शख्‍स था, बिहार का सबसे बड़ा डॉन- अशोक सम्राट। दैनिक भास्‍कर की इलेक्‍शन सीरीज 'गैंगस्‍टर' के पहले एपिसोड में कहानी बिहार के पहले डॉन 'अशोक सम्राट' की... पुलिस को चंदेश्‍वर के शरीर में AK-47 की कुल 40 गोलियां मिलीं। पूरे बिहार में दहशत फैल गई कि अशोक सम्राट के हाथ AK-47 आ गई है। इस वारदात से पहले तक अशोक पर 40 से ज्‍यादा केस थे, मगर पुलिस के पास उसकी कोई तस्‍वीर नहीं थी। वो कभी बुलेट मोटरसाइकिल, तो कभी खुली जीप में बेखौफ घूमता था। पहनावा फिल्मी हीरो जैसा। जब बिहार पुलिस उसे तलाश रही होती, तो वो राजधानी पटना के सैलून में घंटों बैठा रहता। बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे बताते हैं, ‘बेगूसराय समेत आसपास के कई जिलों में अशोक सम्राट की ही बादशाहत चलती थी। पूरे इलाके का वही मालिक हुआ करता था। जिस रास्ते से उसका काफिला गुजरता, वहां किसी पुलिसवाले की ड्यूटी करने की हिम्मत नहीं होती। उसके ठिकानों पर दबिश देने के लिए कोई तैयार नहीं होता।’ बचपन में खुद को गोली मारी, पुलिस की नौकरी हाथ से गई बेगूसराय जिले का सोखहारा गांव बड़ौनी रेलवे स्टेशन के करीब है। बेगूसराय को उस समय ‘मिनी मॉस्को’ या ‘बिहार का लेनिनग्राद’ कहा जाता था, क्‍योंकि ये कम्‍युनिस्‍टों का गढ़ था। यहीं जन्‍म हुआ अशोक शर्मा का। वो बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल था। उसने डबल MA किया। उसका सपना था- पुलिस की वर्दी पहनना। बचपन से ही उसका गुस्सा आसमान छूने लगा था। छोटी-छोटी बात पर बिगड़ जाना, मारपीट करना उसके लिए रोज की बात होने लगी। इसी वजह से गांव के लोग उसे ‘अशोक पगला’ कहने लगे। बड़ा हुआ तो उसे फुटबॉल का शौक चढ़ा। एक दिन फुटबॉल ग्राउंड पर ही उसकी मुलाकात रामविलास चौधरी से हुई। दोनों गहरे दोस्त बन गए और धीरे-धीरे दोनों हर काम साथ-साथ करने लगे। दोस्ती ऐसी कि गांव में मिसाल दी जाने लगीं। लड़ाई अशोक करता, बदला लेने रामविलास पहुंच जाता। कभी रामविलास परेशान होता, तो अशोक मामला न‍िपटाता। अशोक प्‍यार से रामविलास को ‘मुखिया’ या ‘मुखू’ कहता था। पढ़ाई में तेज अशोक ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सब इंस्‍पेक्‍टर भर्ती का पेपर क्लियर कर लिया। फिजिकल टेस्ट में भी पास हो गया, लेकिन इसी दौरान उसके जिगरी दोस्त रामविलास ने घर के झगड़ों से तंग आकर जहर खा लिया। ये खबर सुनते ही अशोक बदहवास सा हो गया। उसने खुद को कमरे में कैद कर लिया। उसने कहा, ‘अगर मेरा दोस्त जिंदा नहीं रहेगा तो मैं भी मर जाऊंगा।’ और देसी कट्टे से अपने पेट में गोली मार ली। लंबे इलाज के बाद दोनों बच गए, लेकिन अशोक का पुलिस की वर्दी पहनने का सपना हमेशा के लिए टूट गया। खाद की चोरी से कम्‍युनिस्‍टों के दुश्‍मन बने साल 1983-84, उस समय गांवों में खाद और बीज के गोदाम नहीं थे, इसलिए इसे सड़कों पर ही उतारा जाता था। अशोक ये बात जानता था। वो रामविलास के साथ मिलकर रात में खाद चुराने लगा। इस काम में जितना मुनाफा था, उतना ही जोखिम भी। ऐसे में रामविलास ने उसे हथियार खरीदने की सलाह दी। अशोक ने एक बुलेट मोटरसाइकिल खरीदी और शान बढ़ाने के लिए खुली जीप भी ली। अब तक दोनों बेगूसराय के कम्‍युनिस्‍ट व्‍यापारियों की नजर में आ चुके थे। उन्‍होंने दोनों के बीच फूट डालने का प्‍लान बनाया। अशोक तो जाल में नहीं फंसा, लेकिन रामविलास झांसे में आ गया। एक दिन अकेला पाकर किसी ने रामविलास को खूब शराब पिलाई और नशे में धुत हो जाने पर कहा, ‘रामविलास, सब कुछ तो तुमने किया है। तुम्हारी वजह से ही नोटों की बरसात हो रही है। तुम ही सारा काम करते हो, लेकिन बॉस वो बन बैठा है। देखो नाम उसी का हो रहा है।’ ये बात रामविलास के दिमाग पर छप गई। वो हर किसी से कहने लगा कि वो अशोक का बॉस है। अशोक को जब ये पता चला तो दोनों दोस्‍तों के बीच दरार पड़ने लगी। दोनों के बीच आए दिन झगड़े होने लगे। कई मौकों पर मारपीट भी हो गई। आखिरकार दोनों ने संपत्ति बंटवारे का फैसला कर लिया और नौबत पंचायत तक पहुंच गई। चूंकि रामविलास का साथ व्‍यापारी दे रहे थे, इसलिए सारे हथियार, जमीन, ट्रक, गाड़ी उसे मिले। अशोक को मिली केवल उसकी बुलेट मोटरसाइकिल और एक कबाड़ हो चुकी मैटाडोर। जाहिर है रामविलास ज्यादा ताकतवर हो गया। मगर बंटवारे से झगड़ा खत्म होने के बजाय बढ़ गया। रामविलास ने अशोक को जान से मारने का फैसला कर लिया। बचपन के दोस्‍त ने किया हमला, बेगूसराय छोड़ना पड़ा बंटवारे में मिली मोटरसाइकिल से एक रात अशोक घर लौट रहा था। रास्ते में उसकी हेडलाइट खराब हो गई। दूर-दूर तक अंधेरा और घने जंगल के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। अशोक रास्ते में ही बुलेट की हेडलाइट सुधारने लगा। तभी उसे एक ट्रक आता हुआ दिखाई दिया। ट्रक चलाने वाला विपिन सिंह रिश्‍ते में अशोक की भतीजी का पति था। विपिन ने उससे कहा- 'बुलेट का हेडलाइट बिगड़ गया है क्‍या? ऐसा कीजिए, आप बुलेट पर आगे-आगे चलिए, हम ट्रक लेकर पीछे से आते हैं।' ट्रक कुछ दूर ही आगे बढ़ा था कि पीछे से एक जीप ओवरटेक करने की कोशिश करने लगी। जीप से लगातार लोग चिल्ला रहे थे, हॉर्न बजा रहे थे। विपिन समझ गया कि वो रामविलास के लोग थे जो अशोक पर हमला करने आए थे। विपिन ने ट्रक बीच में ही अड़ा दिया और जीप को ओवरटेक नहीं करने दिया। जीप से फायरिंग शुरू हो गई। विपिन घायल हो गया, मगर अशोक ने बड़ौनी थाने के कैंपस में घुसकर अपनी जान बचा ली। इस हमले के बाद अशोक को समझ आ गया कि आज तो जान बच गई, लेकिन अब बेगूसराय सुरक्षित नहीं। इसके बाद वो मुजफ्फरपुर निकल गया। तिलक समारोह में घुसकर पूरे परिवार को खून से नहलाया साल 1986। गर्मियों का दिन था। मुजफ्फरपुर के एक बड़े बाहुबली चंदेश्‍वर सिंह के बेटे का तिलक चढ़ रहा था। घर में उत्सव का माहौल था और लगातार लोग आ-जा रहे थे। इसी भीड़ में अशोक भी शामिल था। एक घरवाले ने उसे शरबत पीने के लिए पूछा। अशोक ने मुस्‍कुराकर कहा- 'शरबत नहीं, मुझे तो खून पीना है।' पत्रकार ज्ञानेश्‍वर बताते हैं, 'अशोक ने जेब से पिस्‍टल निकाली और वहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। उसके साथ उसका पार्टनर मिनी नरेश भी बेतरतीब गोलियां चलाने लगा। दोनों का निशाना बाहुबली चंदेश्‍वर था। गोलियों की आवाज से चंदेश्‍वर सतर्क हो गया और घर से भाग गया। मगर इस हमले में उसके परिवार के कई लोगों की जान चली गई।' दरअसल, अशोक ने मुजफ्फरपुर आकर छात्र राजनीति के किंग मिनी नरेश से हाथ मिला लिया था। चंदेश्‍वर और मिनी नरेश का झगड़ा पुराना था। परिवार के लोगों की मौत से चंदेश्‍वर बौखला गया। 1989 में सरस्‍वती पूजा के दिन अशोक शहर में नहीं था। मौके का फायदा उठाकर चंदेश्‍वर पीजी हॉस्टल में घुस गया और मिनी नरेश को तलवार से टुकड़ों-टुकड़ों में काट डाला। इस घटना से अशोक हिल गया। उसने ऐलान किया कि एक साल के भीतर मिनी नरेश का बदला लेगा। अगले सरस्वती पूजा के दिन ही उसने छाता चौक पर चंदेश्‍वर सिंह को AK47 से भून डाला और अशोक से अशोक सम्राट बन गया। अब अशोक सम्राट का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका था कि उसने बिना बेगूसराय गए ही अपने बचपन के दोस्‍त और पुराने दुश्‍मन रामविलास चौधरी को मरवा दिया। पहली नजर में बैंक अधिकारी की बेटी से प्‍यार हुआ पटना के शास्त्री नगर के अलकनंदा अपार्टमेंट्स में अशोक सम्राट का ठिकाना था। इसी बिल्डिंग में वैशाली से आए शाही जी रहते, थे जो बैंक के अधिकारी थे। उनकी तीन बेटियां और पत्नी भी वहीं उनके साथ रहती थीं। एक दिन बिल्डिंग के बाहर अशोक ने शाही जी की बड़ी बेटी भव्या (बदला हुआ नाम) को देखा। उसे पहली नजर में ही भव्या पसंद आ गई। इसके बाद दोनों की मुलाकातें होने लगीं। भव्‍या भी अशोक को पसंद करने लगी। अशोक सम्राट के परिवार वालों ने कभी इस शादी को कबूल नहीं किया। हालांकि, भव्या के घरवालों ने सम्राट को दामाद के रूप में अपना लिया था। शादी के बाद रिसेप्शन बेगूसराय के एक अन्य बाहुबली और नेता रतन सिंह के घर पर हुआ। ये वही रतन सिंह थे जिनके साथ अशोक ठेकों का काम किया करता था। ये रिसेप्शन भव्य था। पूरे बिहार के कई बड़े और नामी लोग इसमें शामिल होने पहुंचे। लोग कहते हैं कि करीब 500 गाड़ियां रिसेप्शन हॉल के बाहर पार्क की गई थीं। सम्राट के इतने भव्य आयोजन के बावजूद बिहार पुलिस उस पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर सकी। विरोधी को चुनाव हराने के लिए पूरे गांव को धमकाया शादी के बाद अशोक खून-खराबे की जिंदगी से दूर रहना चाहता था। इसके लिए उसे राजनीति का रास्ता मुफीद लगा। 1989 में उसने कांग्रेस के हेमंत शाही को सपोर्ट किया, मगर हेमंत चुनाव हार गए। इसके 2 साल बाद 1991 के चुनाव में कांग्रेस ने हेमंत की जगह विरोधी खेमे के रघुनाथ पांडे को टिकट दे दिया। अशोक को ये बात अच्‍छी नहीं लगी। वो खुलेआम कांग्रेस के विरोध में उतर आया। वो मुजफ्फरपुर के भूमिहार इलाकों में जाकर कहता कि चुनाव के दिन वोट देने न जाएं। उसके डर से भूमिहर मतदान बहुत कम हुआ। आखिरकार रघुनाथ पांडे हारे और जॉर्ज फर्नांडिस जीत गए। आखिरकार 1995 में वो खुद चुनाव में उतरा। इसके लिए मुजफ्फरपुर का कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र चुना गया। अशोक चुनाव में निर्दलीय खड़ा हुआ। उसके सामने थे जनता दल के बसावन प्रसाद भगत, समता पार्टी के सिंहेश्वर सैनी और BJP के चंदेश्वर प्रसाद। चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी भव्या ने संभाली। लेकिन कुढ़नी से जनता दल के बसावन प्रसाद भगत जीत गए, उन्हें 65,604 वोट मिले। वहीं, अशोक सम्राट को सिर्फ 25,124 वोट मिले। पुलिस ने जिसका धोखे में एनकाउंटर किया, वो सम्राट निकला 5 मई 1995 की बात है। पटना पुलिस ने एक बड़ी प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाई। DGP जीपी दौरे ने पत्रकारों से कहा, 'कल वैशाली में हुए पुलिस एनकाउंटर में 3 वांटेड अपराधी मारे गए हैं। इनमें अनिल शर्मा और रामा सिंह की पहचान हो गई है, जबकि तीसरे की पहचान नहीं हो पाई है। इस एनकाउंटर में 2 कॉन्स्‍टेबल भी घायल हुए हैं। अपराधियों के पास से पिस्‍टल, राइफल और जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।' पुलिस जिस तीसरे अपराधी की पहचान नहीं कर पाई थी, उसका चेहरा पत्‍थर से कुचला हुआ था। पुलिस ये पता करने में जुट गई कि ये तीसरा आदमी कौन है। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस से ठीक एक दिन पहले अशोक सम्राट एक रेलवे टेंडर के सिलसिले में पटना से सोनपुर के लिए निकला था। वो सुबह नाश्ता करके नीले रंग की मारुति कार से घर से निकला। उसके साथ 5 और गुर्गे आगे दूसरी गाड़ी में थे। जब वो पासवान चौक पर पहुंचा तो पुलिस इंस्पेक्टर शशि भूषण शर्मा ने इनकी गाड़ी को रोक लिया। अशोक पुलिस से टकराना नहीं चाहता था, सो उसने गाड़ी दूसरी ओर मोड़कर भगा दी। पुलिस फौरन उनके पीछे लग गई। भागते हुए अशोक की मारुति वैन एक पत्‍थर से टकराकर पलट गई। अब सभी लोग नीचे उतरकर सड़क पर दौड़ने लगे। पुलिसवाले भी उनका पीछा करने लगे। उन्हें डराने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की, लेकिन अशोक और उसके लोग नहीं रुके। ये भागम-भाग भीषण गर्मी में खुले खेतों में चल रही थी। इन दिनों आसपास के कई गांवों में डकैती की वारदात हुई थी। इसी का फायदा उठाते हुए पुलिस पीछे से डकैत-डकैत चिल्लाने लगी। ये सुनकर गांव वाले भी पुलिस की मदद के लिए अशोक और उसके साथियों का पीछा करने लगे। हालांकि, अभी तक पुलिस को पता नहीं था कि वो अशोक सम्राट का पीछा कर रही है। दौड़ते-दौड़ते सभी मानसिंहपुर रसौली गांव पहुंच गए। उन्होंने एक खाली घर देखा और उसमें छिपने चले गए। यह घर विधवा शकुंतला देवी का था। जब सभी घर में घुस रहे थे, तो गांव के एक आदमी ने इन्‍हें रोकने की कोशिश की, लेकिन अशोक के साथियों ने उस पर गोली चला दी। इससे ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया। जब सभी घर में घुसे तो शकुंतला देवी घर के बाहर आ गईं और घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। अब अशोक सम्राट अपने साथी कांता सिंह, विनोद सिंह और एक अन्य साथी के साथ घर के अंदर बंद हो गया। कुछ ही देर में पुलिस भी वहां पहुंच गई। गांववालों ने उन्‍हें बाहर निकालने के लिए घर में आग लगा दी। चारों फायरिंग करते हुए घर से बाहर निकले। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें चारों मारे गए। एक गोली अशोक सम्राट के चेहरे पर लगी। गांववालों ने उसका चेहरा भी बिगाड़ दिया। पुलिस ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इस मुठभेड़ की जानकारी दी तो अशोक के घरवाले भी लाश की पहचान के लिए पहुंचे। घरवालों ने बताया कि वो तीसरी लाश जिसकी पहचान में पुलिस जुटी थी, वो अशोक सम्राट की थी। पुलिस महकमे के लिए यह एनकाउंटर इतना महत्वपूर्ण था कि इसे अंजाम देने वाले इंस्पेक्टर शशिभूषण शर्मा को सीधे DSP बना दिया गया। अशोक अगर उस दिन एक किलोमीटर और भाग लेता तो अपनी पत्नी के गांव पहुंच गया होता। **** स्‍टोरी संपादन - रविराज वर्मा (गैंगस्‍टर अशोक सम्राट की कहानी अखबारों की रिपोर्ट्स, किताबों, वरिष्‍ठ पत्रकारों के संस्‍मरण और सरकारी अफसरों के इंटरव्यू के आधार पर लिखी गई है। इसे रोचक बनाने के लिए कहानी की तरह लिखा गया है।) रेफरेंस : ------------ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के 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दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:15 am

अग्र नगर की गलियां मां के जयकारों से गूंज उठी... पूरा इलाका भक्ति में डूब गया

भास्कर न्यूज | लुधियाना शाम का रंग अभी पूरी तरह गहरा भी नहीं हुआ था कि अग्र नगर की गलियों में हल्की-हल्की धूप के साथ मां के जयकारों की आवाजें गूंजने लगीं। रघुनाथ मंदिर के बाहर लगा मानो पूरा इलाका एक ही छतरी के नीचे इकट्ठा हो गया हो। लाल चुनरियों की चमक, अगरबत्ती की महक और सामने लगी भव्य सजावट सब कुछ मिलकर ऐसा दृश्य बना रहे थे कि नजर बार-बार उसी ओर जाती रही। करीब 4 बजे ही लोगों का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया था। उस दौरान अचानक शाम 5:15 बजे भीड़ में हलचल हुई मेयर इंदरजीत कौर पहुंच चुकी थीं। हाथ जोड़कर उन्होंने सबको प्रणाम किया और माहौल में एक अलग ही उत्साह दौड़ गया। कुछ समय बाद मां के झंडा रोहण हुआ। सामने रथ में मां ज्वाला जी से लाई गई पावन ज्योत रखी जा रही थी जैसे पूरा अग्र नगर उसी रोशनी का स्वागत करने को तैयार हो। 5:35 बजे जैसे ही रस्से पर हाथ पड़े, शोभा यात्रा की शुरुआत हो गई। बी ब्लॉक की गलियों में घर-घर से लोग बाहर आए। किसी ने थाली में आरती उतारी, किसी ने फूल बरसाए। छोटे बच्चों की आंखों में उत्सुकता थी हर कदम पर कुछ नया देखने को मिल रहा था। हर कदम पर रोशनी की लड़ियां, हर मोड़ पर सजाए स्वागत द्वार ऐसा लग रहा था कि इलाका किसी भव्य पर्व का घर बन गया हो। शोभा यात्रा बाड़ेवाल चौक पार करती हुई ए ब्लॉक के मंदिर तक पहुंची। रास्ते में रात धीरे-धीरे गहराने लगी थी और लाल-पीली रोशनी से सजा हर घर चमकने लगा था। लगभग 9:30 बजे यात्रा वापस रघुनाथ मंदिर पहुंची और वहीं संपन्न हुई। इस दौरान चेयरमैन अश्वनी गोयल, प्रधान दीपक जैन, सुरिंदर गर्ग, राज कुमार गोयल, कृष्ण गोपाल बंसल, शाम सुंदर गुप्ता, मुकेश सिंघानिया, सुरेश गुप्ता, सुरिंदर कोचर, सतीश गुप्ता, विरेंद्र बंसल व नरेश समेत कई मौजूद रहे।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:11 am

बच्चों ने जगाई चेतना- समागम ने दिया ‘नो चाइना डोर’ का संदेश

भास्कर न्यूज| लुधियाना शनिवार सुबह दरेसी ग्राउंड में कदम रखते ही लगा कि मानो शहर एक पवित्र आध्यात्मिक नगरी में बदल गया हो। जहां तक नजर जाती थी, वहां भगवा झंडे, रंगीन सजावट और श्रद्धा में डूबे लोग दिखाई दे रहे थे। श्री हिन्दू न्याय पीठ द्वारा आयोजित 20वां राज्य स्तरीय सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ इस बार अपने भव्य पैमाने, अनुशासन और 8 हजार स्कूली बच्चों की मौजूदगी के कारण खास रहा। पूरा आयोजन मुख्य सेवादार प्रवीण डंग के नेतृत्व में किया गया। मैदान में सुबह से ही उत्साह था। बच्चों की कतारें लग चुकी थीं। शिक्षक उन्हें स्थानों पर बैठा रहे थे। मंच पर संत समाज और विद्वानों का आगमन लगातार हो रहा था। कार्यक्रम का शुभारंभ संतों के आशीर्वाद से हुआ। मंच पर स्वामी दयानंद सरस्वती, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान से स्वामी कपिला भारती, स्वामी अमिता भारती, स्वामी विश्वा भारती, स्वामी अध्यात्मानंद, स्वामी निष्काम भारती और अन्य संत विराजमान हुए। मंच के सामने बैठी भीड़ उनकी ओर देखकर बार-बार हाथ जोड़ रही थी। कार्यक्रम में वेद मंत्रों का उच्चारण भी हुआ। कुछ देर बाद भजन गायक कुमार गौरव मंच पर आए। उनकी मधुर आवाज ने बच्चों की थकान को भी भक्ति में बदल दिया। जैसे ही बच्चों ने सुर मिलाया जय हनुमान ज्ञान गुन सागर... पूरा मैदान एक कंपन के साथ जाग उठा। आवाज इतनी पवित्र थी कि कुछ क्षणों के लिए सब शांत हो गए। माता-पिता और बुजुर्ग भावुक होकर उन्हें निहार रहे थे। यह दृश्य किसी आध्यात्मिक शक्ति के साक्षात्कार जैसा था। कार्यक्रम में विधायक मदन लाल बग्गा, आहूजा बूटा, दिनेश मरवाहा, बलबीर गुप्ता, राकेश कपूर, प्रवीण बांसल, राजीव कतना, गुरदीप सिंह गोशा, विपन विनायक और पवन शर्मा की मौजूदगी से कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ गई। मुख्य प्रवक्ता प्रवीण डंग ने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों को नशे से दूर करने, संस्कारों को मजबूत करने और एकता का संदेश देने का कार्य करते हैं।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:11 am

कैथल में विज बोले-सीएम पद से मोह नहीं:कहा-35 साल से विधायक हैं, कभी दावा नहीं किया; कोई तो मंत्री पद लेने दिल्ली जाता

कैथल में मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्हें सीएम पद से कोई मोह नहीं है। वे पहले भी मोस्ट सीनियर थे और अब भी हैं। सीएम को लेकर सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि वे 35 साल से विधायक हैं, लेकिन उन्होंने कभी सीएम का दावा नहीं किया। उन्होंने जिंदगी में आज तक सीएम बनने की कोई इच्छा नहीं रखी। न ही उन्होंने किसी से आज तक कुछ मांगा। हर बार जब भी चुनाव होते हैं, तो सारे एमएलए दिल्ली जाते हैं, लेकिन वे एक बार भी नहीं गए। कोई मंत्री पद लेने दिल्ली जाता है, तो कोई डिपार्टमेंट लेने मंत्री विज ने कैथल में जारी एक वीडियो में कहा कि कोई मंत्री पद लेने के लिए दिल्ली जाता है, तो कोई डिपार्टमेंट लेने के लिए। वे आज तक इस प्रकार दिल्ली नहीं गए। जब मुख्यमंत्री का पद तय हो रहा था, तब भी वे अंबाला कैंट में ही रहे। यह निर्णय पार्टी के स्तर पर ही लिया गया कि किसको सीएम बनाया जाना है। सीनियर मोस्ट थे और अब हैं मंत्री ने बताया कि उनसे मीडिया ने पूछा था कि सारे लोग तो दिल्ली गए हुए हैं, आप क्यों नहीं गए। इस पर भी उन्होंने यही कहा कि वे पहले भी सीनियर मोस्ट थे और अब भी सीनियर मोस्ट हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा। वे जिस पार्टी के सदस्य हैं, उस पार्टी में उनको यही सिखाया गया है कि डोंट डिजर्व। बचपन से यही सिखाया गया उन्होंने कहा - उनको ये सब उस समय सिखाया गया, जब वे राजनीति में बच्चे थे। उनके दिमाग में तभी ये छप गया था। अब वह मिटाया तो नहीं जा सकता। वे तो उसी नीति पर चल रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे। पार्टी के आदेशानुसार ही सीएम का पद तय किया जाता है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:05 am

राज शेखावत बोले-लॉरेंस धर्मयोद्धा नहीं, राष्ट्रविरोधी अपराधी:विदेशों में आतंकी घोषित, भारत में क्यों नहीं? मुस्लिम देशप्रेमी हैं तो भाई, नहीं तो यहां जगह नहीं

क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने साफ कहा कि लॉरेंस कोई धर्म योद्धा नहीं, बल्कि वह देश को नुकसान पहुंचाने वाला संगठित अपराधी है। वह विदेश में बैठकर गैंग चलाता है, नशे का व्यापार करता है, फिरौतियां वसूलता है और समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों पर हमले करवाता है। उसकी गतिविधियां किसी भी मायने में आतंकवाद से कम नहीं हैं।शेखावत ने केंद्र सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि “सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि विदेशों में कई जगह इस गैंग को आतंकवादी घोषित किया गया, लेकिन भारत की सरकार अभी तक इसे आतंकवादी संगठन घोषित क्यों नहीं कर रही? देश का व्यापारी वर्ग भयभीत है। वही व्यापारी जो देश की आर्थिक रीढ़ है, उससे आज भी यह गैंग फिरौतियां मांग रहा है। व्यापारियों का डर देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है, पर सरकार की चुप्पी समझ से परे है। उन्होंने आगे कहा कि सुखदेव सिंह गोगामी की हत्या केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक चोट है। “ऐसे अपराधियों का इस देश में क्या दुनिया में होना भी दुख की बात है। यदि मेरे मुखिया को इन्होंने मारा है, तो यह सिर्फ हमारा नुकसान नहीं, पूरा समाज इसकी पीड़ा महसूस करता है। बता दें कि क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज सिंह शेखावत ने लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1 करोड़ 11 लाख 11 हजार 111 रुपए का नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया था। राज शेखावत ने गुजरात से वीडियो जारी कर यह घोषणा की। लाॅरेंस से वही युवा प्रभावित होते हैं जो अपराध की राह पर हैंशेखावत ने सोशल मीडिया पर लॉरेंस को फॉलो करने वाले युवाओं को लेकर कहा कि मुझे बताया गया कि कुछ युवा उसे ‘इन्फ्लुएंसर’ मानते हैं, लेकिन मेरी नजर में ऐसे युवा बेहद सीमित हैं और वे खुद भी अपराधी मानसिकता रखते हैं। देश का वास्तविक युवा आज भी भगत सिंह, महाराणा प्रताप और शिवाजी को अपना आदर्श मानता है। गली के गुंडों को आदर्श मानने वाले वैसे भी समाज के मुख्यधारा युवाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते। देश का युवा समझदार है और वह जानता है कि अपराध और नशा फैलाने वाला व्यक्ति समाज का नहीं हो सकता। देशप्रेमी हैं मुस्लिम तो भाई, नहीं है तो देश में जगह नहींमुस्लिम समाज पर बयान देते हुए उन्होंने कहा जो मुस्लिम इस देश का प्रेमी है, वह मेरा भाई है। लेकिन जो देश का गद्दार है, बम ब्लास्ट करता है, आतंकवाद बढ़ाता है, उसके लिए कोई माफी, कानून या कैद का विकल्प नहीं होना चाहिए। जो देशद्रोही है, वह धर्म या जाति के आधार पर नहीं, राष्ट्र के आधार पर पहचाना जाएगा। सुरक्षाकर्मी चाहे किसी धर्म का हो, वह पहले देश का सिपाही है, उन्हें धार्मिक आयोजनों में रोकना गलत है। लेकिन आतंकवादियों के साथ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उन्हें कानून का डर नहीं होता। देशद्रोही को गोली ही अंतिम जवाब है। जो सत्ता में है बात भी उसी से और नाराजगी भी उसी सेराजनीति पर शेखावत ने साफ कहा कि उनकी नाराजगी किसी पार्टी विशेष से नहीं, बल्कि उस व्यवस्था से है जो सत्ता में है। उन्होंने कहा कि आदमी उसी से नाराज होता है जिससे उम्मीद होती है। आज शासन में BJP है, तो हमारी बात भी उसी से होगी और नाराजगी भी उसी से होगी। हमें न्याय विपक्ष से नहीं, सरकार से मिल सकता है। इसलिए हम अपनी मांगें सीधे सरकार के सामने रख रहे हैं। सरकार को कोई आपत्ति होती है तो हो, लेकिन हमें तो न्याय चाहिए और वह सत्ता में बैठे लोगों की जिम्मेदारी है। हमने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है और उससे समाधान की अपेक्षा है। गो माता पर बोले-केंद्र ने वादा निभाने में देर कीगो माता को राष्ट्रमाता दर्जा देने की मांग दोहराते हुए शेखावत ने कहा कि BJP की केंद्र सरकार हिंदू एजेंडे पर सत्ता में आई थी और गो माता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का वादा भी वर्षों पहले हुआ था। लेकिन आज तक यह निर्णय नहीं लिया गया। महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने ‘राज्य माता’ का दर्जा देकर पहल की है, और हम MP सरकार से भी उम्मीद करते हैं कि वही रास्ता अपनाए। जब राज्यों से यह प्रस्ताव केंद्र तक जाएगा तो राष्ट्र स्तर पर ‘राष्ट्रमाता’ दर्जा देने का मार्ग और आसान होगा। हमें यह मांग अब प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक सम्मान के रूप में चाहिए। विजय शाह के बयान पर बोले धर्मांतरण व्यक्तिगत मुद्दा नहींमंत्री विजय शाह के धर्मांतरण संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को व्यक्तिगत मामला कहना वास्तविकता से आंखें चुराना है। यह समाज की सांस्कृतिक जड़ों पर हमला है। पहले हम दूसरे धर्मों की सक्रियताओं से जूझ रहे थे, अब कुछ नए संप्रदाय भी सनातनियों को भ्रमित कर रहे हैं और हमारे देवी-देवताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अति गंभीर मसला है। यदि हमारे धार्मिक अस्तित्व पर प्रहार होगा, तो करणी सेना घर में घुसकर जवाब देने की अपनी परंपरागत शैली अपनाएगी। यह चेतावनी नहीं, हमारी दृढ़ घोषणा है। देशप्रेमी है तो भाई, नहीं है तो देश में जगह नहींमुस्लिम समाज पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम इस देश का प्रेमी है, वह मेरा भाई है। लेकिन जो देश का गद्दार है, बम ब्लास्ट करता है, आतंकवाद बढ़ाता है, उसके लिए कोई माफी, कानून या कैद का विकल्प नहीं होना चाहिए। जो देशद्रोही है, वह धर्म या जाति के आधार पर नहीं, राष्ट्र के आधार पर पहचाना जाएगा। सुरक्षाकर्मी चाहे किसी धर्म का हो, वह पहले देश का सिपाही है—उन्हें धार्मिक आयोजनों में रोकना गलत है। लेकिन आतंकवादियों के साथ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उन्हें कानून का डर नहीं होता। देशद्रोही को गोली ही अंतिम जवाब है। अग्निवीर योजना युवाओं के भविष्य के साथ मजाकअग्निवीर योजना पर शेखावत बेहद स्पष्ट और आलोचनात्मक रहे। उन्होंने कहा कि अग्निवीर में चार साल नौकरी, फिर पेंशन नहीं, यह युवा के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। एक सैनिक को अनुशासन और समर्पण के लिए स्थिरता चाहिए, न कि यह भय कि चार साल बाद उसे बाहर कर दिया जाएगा। यदि सरकार चाहती है कि देश का हर युवा प्रशिक्षित हो, तो हर जिले में प्रशिक्षण केंद्र खोल दे। इससे युवाओं में कौशल भी बढ़ेगा और भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। अग्निवीर योजना देश के सुरक्षा तंत्र और युवाओं दोनों के लिए हानिकारक है, इसलिए इसे समाप्त कर सामान्य भर्ती बहाल की जानी चाहिए। लाठीचार्ज निर्दयता से हुआ, बहन-बेटियों को तक पीटा हरदा कांड पर शेखावत का आक्रोश बेहद तीखा रहा। उन्होंने कहा कि हरदा का प्रकरण एक सुनियोजित षड्यंत्र था जिसका उद्देश्य करणी सैनिकों का मनोबल तोड़ना था। जिस प्रकार निहत्थे पदाधिकारियों पर लाठीचार्ज किया गया, हॉस्टल में घुसकर लड़कियों तक को मारा गया, संपत्तियां तोड़ी गईं, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत था। यह खबर भी पढ़ें... करणी सेना का सीएम-हाउस की ओर कूच, पुलिस ने रोका भोपाल में करणी सेना के आंदोलन के बीच भेजा गया 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सीएम हाउस से लौट आया है। मुख्यमंत्री मौजूद न होने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन अधिकारियों ने करणी सेना पदाधिकारियों से बातचीत की और 25 नवंबर तक हरदा प्रकरण सहित अन्य मांगों के समाधान का भरोसा दिया। पूरी खबर पढ़ें

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:05 am

MP के भोपाल में 8° और इंदौर में 9° तापमान:रीवा-नौगांव सबसे ठंडे; अगले 3 दिन कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट

इस बार नवंबर में ही पूरा मध्यप्रदेश ठिठुर रहा है। भोपाल, इंदौर में तो पारा रिकॉर्ड लुढ़का है। वहीं, ग्वालियर, जबलपुर-उज्जैन समेत कई शहरों में कड़ाके की ठंड है। अगले 3 दिन तक कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट है। शुक्रवार-शनिवार की रात के तापमान की बात करें तो भोपाल में 8 डिग्री, इंदौर में 9.6 डिग्री, ग्वालियर में 9.9 डिग्री, उज्जैन में 11.7 डिग्री और जबलपुर में 9.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, राजगढ़ में सबसे कम तापमान रहा। वहीं, रीवा में 7.5 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.8 डिग्री और खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया में 8.4 डिग्री, शिवपुरी में 9 डिग्री, सतना-मलाजखंड में 9.6 डिग्री और छिंदवाड़ा में 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बाकी शहरों में पारा 10 डिग्री या इससे अधिक रहा। इस वजह से प्रदेश में तेज ठंडपहाड़ी राज्य- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हो रही है। इसका असर एमपी में भी हो रहा है। उत्तरी हवाएं सीधे प्रदेश में आ रही हैं। इस वजह से रातें ठंडी है। दिन में धूप निकलने से ठंड का असर उतना नहीं रहता। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अति शीतलहर और शीतलहर का असर है। अगले 3 दिन भी कोल्ड वेव का अलर्ट है। इसके बाद थोड़ी राहत मिल सकती है। आज इन जिलों में शीतलहर का अलर्टमौसम विभाग ने रविवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, जबलपुर, डिंडौरी और अनूपपुर में शीतलहर का अलर्ट है। इससे पहले शनिवार को भोपाल में लगातार 8 दिन तक शीतलहर का असर देखा गया। सीहोर, इंदौर, शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, छतरपुर, शिवपुरी, रीवा, राजगढ़ में भी कोल्ड वेव का असर रहा। नवंबर में पहले ही सप्ताह में ही तेज ठंडप्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम है। हालांकि, अबकी बार नवंबर के पहले ही सप्ताह में तेज ठंड शुरू हो गई। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। इस महीने औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है। भोपाल में 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन था। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा। जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम... भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकीनवंबर में भोपाल में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। यहां इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पाराइंदौर में नवंबर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। इंदौर में कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा थापिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो नवंबर में ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक रहा, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। ग्वालियर में इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिशजबलपुर में पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान रहता है। उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11 के बीचउज्जैन में 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:05 am

पंजाब में रात का पारा गिरा, दिन सामान्य:फरीदकोट में तापमान 5 °C दर्ज; आने वाले दिनों में और गिरेगा पारा

पंजाब में फिलहाल अधिकतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। लेकिन, न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे है। आगामी सप्ताह में मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा और बारिश की संभावना कम रहेगी। ऐसे में मौसम सामान्य बना रहने का अनुमान है। शनिवार पंजाब में औसत अधिकतम तापमान में 0.2C की बढ़ोतरी हुई है, जो राज्य में सामान्य स्तर के करीब है। राज्य का सबसे अधिकतम तापमान बठिंडा में 30.1C दर्ज किया गया है। वहीं औसत न्यूनतम तापमान में 0.4C की गिरावट आई है और यह सामान्य से 2.6C नीचे है। सबसे न्यूनतम तापमान फरीदकोट में 5C रिकॉर्ड किया गया है। रातें होंगी और ठंडी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरी और पूर्वी जिलों में तापमान 24-26C, बाकी हिस्सों में 26-28C के बीच रहेंगे। अधिकतम तापमान इस सप्ताह राज्य में सामान्य स्तर के आस-पास रहने की उम्मीद है। दूसरी तरफ उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी जिलों में 6-8C, अन्य हिस्सों में 8-10C के बीच होगा। न्यूनतम तापमान अधिकांश राज्य में सामान्य से नीचे रहेंगे, केवल कुछ केंद्रीय और पूर्वी इलाकों में सामान्य स्तर पर रहने की संभावना है। भारत के मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह पंजाब में बारिश की संभावना कम है और मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहेगा। कुल मिलाकर, राज्य में अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे के बीच रहेगा, जिससे ठंड का आभास होगा लेकिन कड़क सर्दी नहीं पड़ेगी।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:05 am

बेटी के साथ आधी रात को बस में अश्लील हरकतेंं:150 किमी कार दौड़ाकर पहुंची मां; ड्राइवर-क्लीनर गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

पिछले दिनों मुंबई से इंदौर लौट रही एक युवती के साथ बस में छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने जिस ड्राइवर और क्लीनर गिरफ्तार किया था, उनकी जमानत शुक्रवार को कोर्ट बड़वानी कोर्ट ने खारिज कर दी। इसमें मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। चौंकाने वाली बात यह कि यह मामला साधारण छेड़छाड़ का नहीं है बल्कि उसके साथ अश्लील हरकतें की गई थी। बस में सवार यात्रियों ने उसे बचाने का प्रयास किया तो उन्हें भी धमकाया गया था। इस केस में सबसे बड़ी भूमिका युवती की मां की रही। दरअसल युवती ने जैसे ही आधी रात को मां को फोन किया तो उन्होंने उसकी लोकेशन ट्रैस की और तुरंत कार से सेंधवा के लिए रवाना हुई और दो आरोपियों को गिरफ्तार कराया। जानिए यह है पूरा मामला मामला इंदौर की एक युवती का है जो मुंबई में एनिमेटर का जॉब करती है। 6 नवंबर की शाम वह गोरेगांव से हंस ट्रेवल्स की बस (AR-11 D-1919) से इंदौर के लिए रवाना हुई थी। बस जब रात 11.30 कसारा फूड स्टॉप पर रुकी तो वहां बस के ड्राइवर मुकेश को धानी गांव निवासी इसी ट्रेवल्स के एक अन्य ड्रायवर ने फोन पर कहा किसी के बारे में कहा कि उन्हें भी बस में बैठा लेना, वे भी इंदौर ही जाएंगे। फिर ड्राइवर और क्लीनर के साथ एक सरदार युवक (वही जिसे इंदौर जाना था) भी जब बस में सवार हुए। ये तीनों नशे में थे।बस कुछ आगे बढ़ी ही थी कि सरदार युवक ने अपर बर्थ पर लेटी इंदौर की युवती पर आपत्तिजनक बातें कहीं। ड्राइवर और क्लीनर ने भी सरदार युवक का साथ दिया और हंसने लगे। इस पर युवती घबरा गई। उसने अन्य यात्रियों को मदद मांगी तो एक यात्री ने तीनों को मना किया तो उसे भी धमकाया। जब उनकी हरकतें नहीं रुकी तो युवती ने इंदौर में अपनी मां को फोन पर घटना की जानकारी दी। आरोपी का नाम सरदार किशोर सिंह बताया गया है। तुम चिंता मत करो मैं रवाना हो रही हूंमां ने बेटी को कहा कि तुम चिंता मत करो मैं कार से रवाना हो रही हूं, सेंधवा टोल नाके पर पहुंच रही हूं वहां बस रुकवाना। इसके बाद वह परिवार के साथ साढ़े तीन घंटे कार दौड़ा कर मां सेंधवा टोल नाके पहुंची। इस बीच सेंधवा पुलिस को सूचना दे दी गई थी।7 नवंबर सुबह मां व परिवार के लोग सेंधवा नाके पहुंच गए। फिर सुबह 7 बजे के करीब बस पहुंची तो उन्होंने बेटी को उतारा। यहां बस से उतरने के दौरान सरदार युवक, ड्राइवर और क्लीनर तीनों नीचे उतरे। इस पर युवती ने मां को बताया कि सरदार युवक ने मेरे साथ अश्लील हरकतें की हैं। इस दौरान ड्राइवर पैर छूकर दोनों से माफी मांगने लगा जबकि सरदार युवक तब भी नशे में था और परिवार से बहस करने लगा। परिवार ने कहा कि हम इंदौर जाकर रिपोर्ट लिखाएंगे और वे बेटी को लेकर इंदौर आ गए। पूर्व लोकसभा स्पीकर ने कमिश्नर से की बातअगले दिन युवती की मां ने पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पूरा घटनाक्रम बताया। इस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने बात की कि युवती की मनोस्थिति अभी ठीक नहीं है। वह काफी घबराई हुई है। सेंधवा में केस दर्ज होने पर उसे बयान के लिए परेशानी होगी इसलिए राजेंद्र नगर थाने में केस दर्ज किया जाएगा। समाजजन के साथ कलेक्टर से मिलेइंदौर में इस मामले को लेकर पार्षद प्रशांत बडवे ने समन्वय बनाया और युवती व परिवार की मनोस्थिति समझी। फिर 11 नवंबर को वे, परिजन, रिश्तेदार, भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे, किशोर चौधरी, पूर्व पार्षद बलराम वर्मा सहित समाजजन कलेक्टर शिवम वर्मा से मिले। उन्हें बताया कि मामला साधारण नहीं है। इसके साथ ही युवती की मां की सजगता के बारे में बताया कि वह किसी तरह परिवार को लेकर आधी रात को कार से रवाना हुई और सुबह सेंधवा टोल नाके तक पहुंची। इस दौरान बेटी ने उसे बार-बार फोन किए जो काफी घबरा गई थी। कलेक्टर ने तुरंत अगले दिन इंदौर में सभी ऑपरेटरों की बैठक ली। इसमें बसों में पैनिक बटन लगवाने, बस ड्राइवर-क्लीनर का वैरिफेकशन, आचरण सहित सुरक्षा व्यवस्था में कसावट लाने की चेतावनी दी। ...तो दूसरा निर्भया कांड हो जातामामले में पार्षद प्रशांत बडवे ने युवती की मां और परिवार की सजगता के बारे में बताया कि उन्होंने मामले को तुरंत गंभीरता से लिया। इसके साथ ही युवती की बस में मदद करने वाले युवक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि युवती के साथ जो घटनाक्रम हुआ वह बहुत ही शर्मनाक है और शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अगर मां व परिवार समय पर नहीं पहुंचते तो दूसरा निर्भया कांड हो जाता। ड्राइवर और क्लीनर को गिरफ्तार किया जबकि मुख्य आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया है। शर्मनाक घटनाक्रम को FIR में बताया युवती ने 10 नवंबर को राजेंद्र नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मामला सेंधवा पुलिस को रैफर किया गया। मामले में सेंधवा पुलिस ने युवती को बयान के लिए बुलाया तो उसने पुलिस कमिश्नर और एसपी (बड़वानी) को पत्र लिखा। इसमें अपने साथ हुए शर्मनाक घटनाक्रम को बताया गया। उसने लिखा कि मेरे साथ जो घटनाक्रम हुआ है उसे लेकर राजेंद्र नगर पुलिस ने साधारण धाराओं में केस दर्ज किया है। मराठी समाज ने ली जमानत पर आपत्तिइधर, शुक्रवार को आरोपी ड्राइवर और कंडक्टर की ओर से कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाया। उधर, वहां मराठी समाज को इसका पता चला तो उन्होंने अपने एडवोकेट के माध्यम से जमानत पर आपत्ति ली। सुनवाई में एडवोकेट श्याम एकडी ने कोर्ट को घटनाक्रम बताया और महिला की सुरक्षा पर सवाल उठाए। इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों की जमानत खारिज कर दी। यह खबर भी पढ़ें... भोपाल में छेड़छाड़ की शिकायत,1 महीने बाद भी FIR नहीं भोपाल की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान टॉप रैंकर्स के फाउंडर हर्ष गगरानी, करण और उनके एम्पलायी शाहनवाज खान पर लगे छेड़छाड़ और हैरेसमेंट के आरोपों को एक महीना बीत चुका है। जांच अब भी बेनतीजा है। पुलिस अब तक दोनों ही पक्षों के खिलाफ कार्रवाई तय नहीं कर सकी है। पूरी खबर पढ़ें

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:03 am

श्रीमद् भागवत कथा: श्री कृष्ण की लीलाएं, गोवर्धन प्रसंग सुन सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए

लुधियाना| न्यू रामनगर क्लब द्वारा ग्यासपुरा, न्यू रामनगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शनिवार को कथा वाचक पंडित अवधेश पाण्डेय ने भगवान कृष्ण की पावन बाल लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान सर्वशक्तिमान होकर भी भक्तों की प्रसन्नता के लिए किसी भी रूप में प्रकट होते हैं और वही सृष्टि के रचयिता, पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं। बाल स्वरूप में ही श्रीकृष्ण ने पूतना, तृणावर्त, और अघासुर जैसे दैत्यों का विनाश कर उनका उद्धार किया। व्रजवासियों को समझाया कि प्रकृति ही वास्तविक देवता है और गोवर्धन पर्वत का पूजन किया जाना चाहिए। बाद में भगवान गोवर्धन रूप में प्रकट हुए और भक्तों द्वारा अर्पित 56 भोग को स्वीकार किया।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:01 am

एमपी में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट:4 पैरामीटर पर मंत्रियों का रिव्यू, भार्गव- मालिनी की एंट्री संभव; संगठन में जा सकते हैं सीनियर मंत्री

क्या मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल होने वाला है? राज्य स्थापना दिवस के मौके पर भास्कर ने जब सीएम डॉ. मोहन यादव से ये सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया था कि मंत्रियों के दो साल का रिव्यू करेंगे कि किसने कैसा काम किया? अब सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के परफॉर्मेंस की रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया है। अब उनके प्रभार वाले जिलों की समीक्षा की जा रही है। इस कवायद से मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। मंत्रियों के साथ विधायकों का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि यदि मध्य प्रदेश में भी गुजरात फॉर्मूला लागू किया गया तो कई सीनियर विधायकों को दोबारा मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। वहीं, मंत्रिमंडल के कुछ सीनियर सदस्यों को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बता चुके हैं कि बिहार चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। ऐसे में सूत्र कहते हैं कि नए अध्यक्ष की टीम में मध्य प्रदेश से भी सीनियर लीडर्स शामिल हो सकते हैं। इस तस्वीर के साफ होने के बाद ही मोहन यादव मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ होगी। संडे स्टोरी में पढ़िए कि कौन से चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है और मंत्रियों के परफॉर्मेंस के लिए कौन से पैरामीटर तैयार किए गए हैं... मंत्रियों-विधायकों के काम की समीक्षा मंत्रिमंडल विस्तार की स्क्रिप्ट मंत्रियों और विधायकों के कामकाज के परफॉर्मेंस पर लिखी जाएगी। मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में भोपाल में हुई दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के बाद ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी सरकार के सदस्यों के प्रदर्शन का आकलन शुरू कर दिया था। मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड का पैरामीटरमंत्रियों की ग्रेडिंग इन चार प्रमुख बिंदुओं पर तय की जा रही है- विधायकों के कामकाज का आकलनइसी तरह विधायकों के प्रदर्शन को भी बारीकी से परखा जा रहा है। विधायकों को चार साल का रोडमैप बनाने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने अपनी विधायक निधि का जनकल्याण और क्षेत्र के विकास में कितना और कैसे उपयोग किया, इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार कराई गई है। ये जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। अब जानिए, किन्हें मिल सकता है मौका… 1. वरिष्ठ विधायक फिर बन सकते हैं मंत्रीभाजपा सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव, बृजेंद्र प्रताप सिंह मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। इन्हें जातीय समीकरण साधने के लिए बनाए गए मंत्रियों के कारण मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी। गोपाल भार्गव 9वीं बार के विधायकगोपाल भार्गव 16वीं विधानसभा के सबसे सीनियर विधायक हैं। उन्होंने अपनी रहली विधानसभा से 2023 के चुनाव में 9वीं बार जीत हासिल की है यानी पिछले 45 सालों से वह चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं। वह उमा, गौर और शिवराज मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 2018 में जब एमपी में 15 महीने के लिए कांग्रेस की सरकार बनी तो बीजेपी ने उनकी वरिष्ठता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष बनाया था। साल 2020 में जब शिवराज सरकार ने सत्ता में वापसी की तो उनके साथ शपथ लेने वाले 5 मंत्रियों में भार्गव शामिल नहीं थे, लेकिन इसके बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शामिल किया किया गया था। इस बार डॉ. मोहन सरकार के मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली। अब उनकी वापसी के संकेत मिल रहे हैं। बृजेंद्र प्रताप सिंह संघ और संगठन की पसंदपन्ना से विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह शिवराज सरकार में खनिज मंत्री थे, लेकिन डॉ. मोहन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का करीबी माना जाता है। वे चार बार के विधायक हैं और क्षत्रिय समाज से आते हैं। इस कारण जातिगत समीकरण भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिलने की एक वजह बताई गई। सिंह को संघ और संगठन की पसंद बताया जाता है। 2. कांग्रेस से आए कमलेश शाह को मिल सकता है मौकाकांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह को कैबिनेट में मौका मिल सकता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी। कमलेश शाह को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का सबसे खास माना जाता था। कमलेश शाह के बीजेपी जॉइन करने के बाद अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव हुआ। उन्होंने कांग्रेस के धीरेन शाह को 3705 वोट के अंतर से हराया था। कमलेश शाह को बीजेपी ने मंत्री बनाने का कमिटमेंट किया था। जब कांग्रेस से आए रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया, तब भी कमलेश शाह को मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए गए थे। उस वक्त उन्हें जगह नहीं मिल पाई, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस बार उन्हें एडजस्ट किया जा सकता है। 3. दो महिलाओं को शामिल किया जा सकता हैमंत्रिमंडल विस्तार की इस कवायद में दो महिलाओं को मौका मिल सकता है। इंदौर की पूर्व मेयर और चार बार की विधायक मालिनी गौड़ इस रेस में सबसे आगे हैं। दरअसल, इंदौर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। यही वजह है कि इंदौर का प्रभार उन्होंने अपने पास रखा है। इंदौर से अभी कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट मंत्रिमंडल में शामिल हैं। सीधी से विधायक रीति पाठक को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, बशर्ते उन्हें महिला मोर्चा का अध्यक्ष न बनाया जाए। दरअसल, बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से 5 विधायक चुने गए थे। इनमें से नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए हैं। बाकी तीन मोहन कैबिनेट में शामिल हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में बदल सकते हैं जातीय-राजनीतिक समीकरण 1. जातीय समीकरण: साल 2023 में था ओबीसी पर फोकसराजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मोहन सरकार जब सत्ता में आई और मंत्रिमंडल तैयार हुआ तो लोकसभा चुनाव का ध्यान रखा गया था। भाजपा का फोकस इस चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के वोटों पर था इसलिए कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री इस वर्ग से बनाए गए थे। इसकी वजह यह है कि मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी अच्छी-खासी है और उनके वोट राजनीतिक दलों का भविष्य तय करने की क्षमता रखते हैं। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को मिलाकर मंत्रिमंडल में कुल 9 मंत्री सवर्ण समाज से आते हैं। वर्तमान में अनुसूचित जनजाति से 5 और अनुसूचित जाति के 5 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। अब लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं और पार्टी का फोकस गवर्नेंस और 2028 के विधानसभा चुनाव की नींव रखने पर है, इसलिए इन जातीय समीकरणों में बदलाव होना तय है। ​जातीय समीकरण साधने 6 विधायकों को बनाया था मंत्रीलोकसभा चुनाव के लिए जिन चेहरों को जातीय समीकरण साधने के लिए मंत्री बनाया गया था, उनमें से कुछ को अब संगठन या निगम-मंडलों में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है, ताकि उनका मंत्री का दर्जा बरकरार रहे। 2. राजनीतिक समीकरण: मालवा-निमाड़ का आदिवासी बेल्टमंत्रिमंडल में कुछ चेहरे विशुद्ध रूप से राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए शामिल किए गए थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रतलाम लोकसभा सीट है, जहां से तीन-तीन मंत्री बनाए गए- चैतन्य काश्यप (रतलाम सिटी), निर्मला भूरिया (पेटलावद) और नागर सिंह चौहान (आलीराजपुर)। निर्मला भूरिया और नागर सिंह चौहान को मंत्री बनाकर पार्टी ने मालवा-निमाड़ के भील-भिलाला आदिवासी बेल्ट को साधने का प्रयास किया था, जहां आदिवासियों के लगभग 1.20 करोड़ वोटर्स हैं। यह रणनीति सफल भी रही और नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता चौहान रतलाम से सांसद चुनी गईं। अब चूंकि एक ही परिवार (पति-पत्नी) और एक ही क्षेत्र से दो बड़े पद हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि नागर सिंह चौहान या निर्मला भूरिया में से किसी एक को नई जिम्मेदारी देकर किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। ये खबर भी पढ़ें... एमपी बीजेपी की कार्यकारिणी घोषित, लता वानखेड़े, सुमेर सोलंकी समेत 4 महामंत्री, 9 उपाध्यक्ष एमपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की टीम का ऐलान हो गया है। टीम हेमंत में लता वानखेड़े, सुमेर सोलंकी, गौरव रणदिवे और राहुल कोठारी को प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। मौजूदा मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल को दोबारा मौका दिया गया है। रीवा संभाग के संगठन मंत्री रहे श्याम महाजन को प्रदेश कार्यालय मंत्री बनाया गया है। अखिलेश जैन कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:01 am

‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय... से गूंजा परिसर

लुधियाना| श्री सिद्ध पीठ दंडी स्वामी मंदिर में 75वें श्री हरिनाम संकीर्तन और गौलोकवासी पंडित जगदीश चंद्र कोमल जी महाराज के 25वें वरदान दिवस का 8वें दिन का आयोजन शनिवार को भक्तिमय रहा। 8वें दिन श्री धाम वृंदावन से पधारे परम पूज्य गोवत्स श्री राधा कृष्ण महाराज ने अजामिल की कथा सुनाई। धर्मात्मा ब्राह्मण अजामिल ने जीवन के अंत में ‘नारायण’ नाम जपकर पापों से मुक्ति पाई और वैकुंठ धाम को प्राप्त हुआ। भगवान के नाम का जाप पाप नाशक है और उनकी शरण मोक्ष का मार्ग है। भगवान भक्त को निभाते हैं, पर भक्त को भी नाम निभाना चाहिए। जीवन में मांग नहीं होनी चाहिए। जो भगवान दें, उसे स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रायश्चित पूजा, दान, नियम और तप से संभव है। इससे पाप का फल मिट जाता है, लेकिन संस्कार नहीं मिटते। संकीर्तन की शुरुआत निताई भैया ने की। कार्यक्रम में मोहन आओ तो सही..., यमुना किनारे मेरो गांव..., दूर नगरी बड़ी दूर नगरी... जैसे भजन गूंजते रहे। भक्त भावविभोर होकर झूमते रहे। दुर्गा माता मंदिर में कथा के दौरान मौजूद श्रद्धालु। श्री सिद्ध पीठ दंडी स्वामी मंदिर में राधा कृष्ण को सुनते श्रद्धालु।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:01 am

कमीशन के लालच में फंसा मोहाली का सुनार:800 करोड़ के पुराने नोट बदलवाने के झांसे में 7 करोड़ गंवाए, सब निकला फर्जी

पंजाब के मोहाली में पुलिस ने पुराने नोट बदलने के नाम पर ठगी करने गिरोह का भंडाफोड़ किया है। उनके खिलाफ पुलिस ने डेढ़ माह पहले 1 अक्टूबर को गुपचुप FIR दर्ज की थी। आरोपियों ने मोहाली के सुनार को ठगी का शिकार बनाते हुए उससे 7 करोड़ रुपए ले लिए थे। सुनार के पास 800 करोड़ के पुराने नोट बदलाने के लिए कॉल आए। ठगी 2023 में हुई थी। पुलिस ने इनके खिलाफ 1 अक्टूबर 2025 को मामला दर्ज किया था और डेढ़ माह बाद इनकी गिरफ्तारी हो सकी। पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था, जिनमें से हरियाणा के कुरूक्षेत्र के रहने वाले सचिन व गुरदीप सिंह को गिरफ्तार किया। इनके पास से 9 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए, जो स्कॉर्पियो गाड़ी में थे। जबकि इस मामले में महाराष्ट्र, जीरकपुर, लुधियाना, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के अज्ञात ठगों को भी शामिल किया गया है। पुलिस ने अब इनके खिलाफ नकली नोट बनाने की धाराओं के तहत थाना डेरा बसी में आपराधिक मामला दर्ज किया है। आरोपियों की कई राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ साठगांठ थी। इन्हें हर कार्रवाई का पहले ही पता लग जाता था। इस बार ठगों को पकड़ने के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। लंबी जद्दोजहद के बाद ही वह गिरफ्तार हो सके हैं। पुलिस को इनके दस अन्य साथियों की भी तलाश है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। कई राज्यों में कर चुके ठगीअब तक की जांच में सामने आया है कि आोपी किसी एक राज्य में करोड़ों की ठगी कर दूसरे राज्य में चले जाते हैं और वहां पर ठगी के बाद राज्य बदल लेते हैं। इन्होंने राजस्थान, गुजरात के अलावा मध्यप्रदेश के लोगों से भी ठगी की है। वह पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट बदली करवाने के नाम पर लोगों को ठगते थे। इसके लिए इन्होंने कंपनियां तक बनाई गई थीं। पहले गुजरात की एक कंपनी के नाम पर ठगी हुई थी और अब उन्होंने जीरकपुर में डेटा कलेक्शन कंपनी का कार्यालय खोला हुआ था। अब FIR में पढ़ें 4 बड़ी बातें शक न हो, इसके लिए दी जाती थीं रसीदेंपीड़ित ने बताया कि आरोपितों ने उसे बताया था कि उनकी दीक्षा कॉर्पोरेशन गांधीनगर गुजरात के नाम से कंपनी है। वह इसकी रसीद कंपनी की ही ईमेल के जरिए भेजते थे। यही नहीं आरोपियों की तरफ से उसे कंपनी के आईकार्ड तक भेजे गए थे। वह उनके बहकावे में आकर उन पर विश्वास कर बैठा था। फर्जी निकली कंपनी और आईकार्ड पैसे जमा करवाने के कई माह बाद उसे कमीशन के पैसे नहीं मिले। इस पर उसने आरोपियों को फोन किया। लेकिन उन्होंने उसका फोन नहीं उठाया। मिलना-जुलना भी बंद कर दिया। उसे शक हुआ तो उसने खुद जांच शुरू की। उसे पता चला कि जिस कंपनी का उसे नाम बताया जा रहा है वह तो है ही नहीं। यही नहीं आरोपियों के खिलाफ पहले भी गांधीनगर में मामला दर्ज है। नई कंपनी बनाई, नए लोग लगाए अब ठगों की तरफ से जीरकपुर में एक कार्यालय किराए पर लेकर नई फर्जी कंपनी बनाई गई थी। इसमें डेटा कलेक्शन करने का काम करने की बात कही जाती थी, मगर इसके एवज में लोगों से ठगी का कारोबार चलाया जा रहा था। वह अपनी कंपनी में लोकल लड़कों को पंद्रह से बीस दिन से ज्यादा काम नहीं करवाते थे और उन्हें किसी न किसी बहाने से काम से निकाल देते थे। कल्बों और पार्टी में होती थी बड़े लोगों से दोस्तीइस फर्जीबाड़े में पुलिस को कई रईसजादों और नेताओं की तलाश है। पकड़े गए हरियाणा के आरोपी इनके जरिए ही ठगी का जाल बिछाते थे। खुद को अमीर दिखाने के लिए वह लग्जरी जिंदगी जीते थे। रोजाना बड़े क्लबों और होटलों में पार्टियां होती थीं, ताकि बड़े लोगों के साथ लिंक बनाए जा सकें। इन्हीं लिंक का इस्तेमाल कर लोगों को बहकाया जाता था। शाही जिंदगी जीने का दिखावा करते थेसचिन व गुरदीप सिंह समेत अन्य आरोपी शाही जिंदगी जीने का दिखावा करते थे। इनके अलावा उनके साथ कई ऐसे लोग काम करते थे जो नकली नोट मुहैया करवाने का काम करते थे। इनके पास स्कॉर्पियो एन जैसी गाड़ियां हैं और अब वह चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर हैं। दोनों आरेापियों के वकील ने अदालत में दावा किया है कि दोनों को गलत ढंग से फंसाया गया है। दरअसल मामला कंपनी में निवेश और प्रॉपर्टी के विवाद का है।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:00 am

भोपाल के कई इलाकों में चलाए नकली नोट:30 लाख के नोट छापने की तैयारी में था जालसाज; एक ही दुकान पर दूसरी बार पहुंचा तो पकड़ाया

भोपाल में नकली नोट खपाने वाले विवेक यादव ने पुलिस की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। वह शहर के आउटरों में बनी छोटी किराना दुकानों, पान की गुमठियों और चाय-नाश्ते की होटलों पर इन नोटों को खपाता था। उसने रायसेन रोड, 11 मील, बैरसिया रोड का ईटखेड़ी गुनगा, परवलिया सड़क, एयरपोर्ट रोड, गांधी नगर, पिपलानी, अवधपुरी समेत कई इलाकों में नोट चलाए हैं। आसपास के जिलों में भी उसने नोट चलाए हैं। खास बात यह है कि वह एक दिन में सिर्फ 3 से 4 नकली नोट ही चलाता था। आरोपी विकास के घर की तलाशी में पुलिस को 500 रुपए के 428 नकली नोट मिले हैं। पुलिस को उसके पास से 30 लाख से ज्यादा के नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल भी मिला है। पूछताछ में उसने नकली नोट खपाने के तरीके बताए हैं। यह भी बताया कि उसने नकली नोटों में अधिक सफाई लाने के लिए रकम जुटाकर महंगे उपकरण खरीदे थे। आरोपी पिपलानी इलाके में शुक्रवार शाम को शांति नगर झुग्गी बस्ती के पास एक दुकान पर दोबारा नोट चलाने गया था। जहां उसे पहचान लिया गया। इसके बाद पुलिस को सूचना दे दी। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। अब तक 6 लाख के नकली नोट चलाएएडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने बताया कि आरोपी दुकानों पर जाने के बाद 20 से 50 रुपए के बीच का सामान खरीदता था। इसके लिए वह पांच सौ रुपए का नोट दिया करता था। दिन भर में वह तीन से चार अलग-अलग दुकानों पर इसी तरह से नोट चलाता था। जब उसने जरूरत की चीजें नकली नोटों के बल पर जुटा लीं तो अय्याशी करना शुरू कर दिया। शहर के अलग-अलग होटलों में महंगे खाने से लेकर मॉल से कपड़ों की खरीददारी तक इसी रकम से कर डाली। इस तरह आरोपी करीब 6 लाख रुपए के नकली नोट मार्केट में खपा चुका है। विदिशा-सीहोर रायसेन में भी खपाए नोटआरोपी नकली नोट खपाने विदिशा, सीहोर और रायसेन तक जा चुका है। वह चार से पांच हजार रुपए के नकली नोट लेकर घर से निकलता था। आधे नोट खपाने के बाद घर लौट आता था। पकड़ा न जाए इसके लिए उसने अपने काम में कोई पार्टनर नहीं बनाया था। नोटों की छपाई से लेकर खपाने काम अकेले ही अंजाम देता था। असली नोट जैसा कागज करता था यूजपुलिस ने जब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके घर को बारीकी से देखा तो समझ आया कि विवेक ने अपने नकली नोट प्रिंटिंग के कारोबार को अच्छे से जमा रखा था उसने अपने घर पर नोट छापने का पूरा मैकेनिज्म इंस्टॉल कर लिया था, वो हुबहू वैसा ही कागज उपयोग करता था जैसा असली नोट में होता था। वाटर मार्क भी लगा देता था जिससे शक न हो। पुलिस को उसके पास से 30 लाख से ज्यादा के नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल भी मिला है। मटेरियल भी ऑनलाइन ऑर्डर करता था विवेक ने पुलिस को बताया वो पिछले एक साल से ये कारोबार कर रहा है। वो अकेले ही नकली नोट छापता है और फिर उसे एक-एक कर मार्केट में खपाता है। आरोपी मूलतः उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। फिलहाल भोपाल में करोंद इलाके में रहता है। पुलिस उससे उन सभी कनेक्शन के बारे में पूछताछ कर रही है जहां से वो ऑनलाइन मटेरियल जुटाता था। 2 लाख 25 हजार 500 रुपए बरामदआरोपी की निशानदेही पर पुलिस उसे उसके घर लेकर पहुंची। घर की तलाशी में पुलिस को 500 रुपए के 428 नकली नोट मिले हैं। इस तरह कुल 2 लाख 25 हजार 500 रुपए के नकली नोट बरामद किए गए। साथ ही कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर और नोट बनाने में इस्तेमाल अन्य उपकरण भी जब्त किए गए। पुलिस आरोपी से यह जानकारी जुटा रही है कि क्या आरोपी ने नकली नोट बाजार में चलाए भी हैं। नकली नोट चलाने-छापने पर इतनी सजा का प्रावधान भारतीय कानून के मुताबिक, नकली नोट छापने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास हो सकती है। वहीं नकली नोटों के लिए उपकरण या सामग्री बनाने या रखने पर 7 साल तक की जेल हो सकती है। नोटों को लेकर यह भी जानिए... यह खबर भी पढ़ें...भोपाल में घर से छप रहे थे नकली नोट ​​​ भोपाल पुलिस ने घर में नकली नोट छापने वाले युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी से 2.25 लाख रुपए कीमत के जाली नोट और नोट बनाने के सामान मिले हैं। युवक प्रिंटिंग प्रेस में काम कर चुका है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:00 am

लुधियाना की सिटी नीड्स बनीं मददगार:बच्चे के इलाज का खर्च जुटा रही, नगर कीर्तन में लगी थी गोली, पुलिस ने आरोपी नहीं पकड़ा

पंजाब के लुधियाना में नगर कीर्तन में गोली लगने से घायल बच्चा पार्थ 16 दिन से प्राइवेट अस्पताल के ICU में दाखिल है। उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। परिवार के पास जितना पैसा था वो इलाज में खर्च कर चुका है। अब अस्पताल का बिल देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। अब तक अस्पताल में 8 लाख रुपए का बिल बन चुका है। जिसमें से 2 लाख रुपए परिवार जमा कराए हैं। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है तो रोजाना बिल बढ़ता जा रहा है। शहर की प्रमुख संस्था सिटी नीड्स बच्चे की मदद के लिए आगे आई है। सिटी नीड्स ने शहरवासियों से अपील की है कि बच्चे की मदद के लिए पैसे दें, ताकि उसकी जान को बचाया जा सके। वेबसाइट व सोशल मीडिया पर डाली पोस्टसिटी नीड्स ने अपनी वेबसाइट व सोशल मीडिया अकाउंट पर एक गूगल फॉर्म लॉन्च किया है और उसके जरिए लोगों से डोनेशन मांग रहे हैं। उसमें उन्होंने 6 लाख रुपए इकट्‌ठे करने का लक्ष्य रखा है, ताकि जो अस्पताल की आउट स्टेंडिंग है उसे क्लियर किया जा सके। गुगल फॉर्म के ऊपर टारगेट और जमा राशि भी डिस्पले हो रही है। बच्चे के परिजनों की 3 अहम बातें... सिलसिलेवार पढ़िए पूरी घटना...

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:00 am

मनीषा मर्डर मिस्ट्री, गांव में होने वाले धरने की तैयारी:पिता बोले- सभी को न्यौता, जांच तेज करने व मामला स्पष्ट करने की मांग

भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी करीब 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा मौत मामले को लेकर गांव में 30 नवंबर को धरना दिया जाएगा। वहीं भूख हड़ताल भी की जाएगी। इसको लेकर तैयारी चल रही है। इस धरने व भूख हड़ताल में परिवार के लोग भी शामिल होंगे और भूख हड़ताल करेंगे। इसके अलावा विभिन्न संगठनों के लोगों से भी आह्वान किया गया है कि वे भी इसमें पहुंचेंगे। मनीषा के पिता संजय ने कहा कि सीबीआई की जांच तेजी से की जाए और जल्दी से जल्दी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। इसके अलावा सीबीआई की जांच कहां तक पहुंची। यह भी स्पष्ट रूप से बताई जाए। इसी मांग को लेकर 30 नवंबर को गांव में एक दिवसीय संकेतिक धरना दिया जाएगा। इस धरने में शामिल होने के लिए सभी लोगों को न्योता दिया गया है। लोगों को इस मामले की स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सीबीआई को कहे कि वह जांच को तेज करके दोषियों को जल्द से जल्द सबके सामने लेकर आए। साथ ही अभी तक की जांच में क्या चल रहा है। वह भी बताया जाए। ताकि पता लग सके कि जांच सही चल रही है या नहीं। जबकि सीबीआई जब भी बात कहती है तो अधिकारी आश्वासन देते हैं कि जांच चल रही है और सही दिशा में चल रही है। करीब एक पखवाड़े बाद गांव में धरना रखा गया है। तब तक उनकी मांग पूरी जो जाएं, तो उन्हें धरना भी नहीं देना होगा। 30 नवंबर को देंगे धरनामंगलवार को गांव ढाणी लक्ष्मण में पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांवों के लोग और मनीषा का परिवार शामिल हुआ। वहीं पंचायत ने चर्चा के बाद फैसला लिया कि 30 नवंबर को गांव में धरना दिया जाएगा। पंचायत में फैसला हुआ कि धरने मे शामिल लोग भूख हड़ताल भी करेंगे। मनीषा का परिवार भी शामिल होगा। पंचायत में शामिल लोगों ने मांग की कि CBI जांच में जो भी अपडेट चल रहा है, उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी जाए। साथ ही जांच भी तेज की जाए। 11 अगस्त को लापता हुई, 13 को लाश मिलीगांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया था कि उसकी बेटी मनीषा 11 अगस्त को प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बार वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर गई थी। जिसके बाद मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। लोगों ने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। वहीं 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। इसके बाद लोगों का विरोध बढ़ गया। बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया और जांच CBI को सौंप दी। CBI कर रही मामले की जांचमनीषा की मौत मामले में CBI की जांच जारी है। टीम जांच के लिए 3 बार भिवानी आ चुकी है और अपने स्तर पर जांच कर चुकी है। वहीं CBI की टीम 27 अक्टूबर सोमवार को भिवानी से दिल्ली लौट गई। इसके बाद दिल्ली में ही रहकर जांच कर रही है। लेकिन CBI की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी साझा नहीं की गई।

दैनिक भास्कर 16 Nov 2025 5:00 am