बुलबुले आमतौर पर पानी के उबलने का पहला संकेत होते हैं, लेकिन माइक्रोवेव में गर्म करने पर ये जरूरी स्टेप छूट जाता है. यहां बताया गया है कि क्या हो रहा है.
इंडियन टू-व्हीलर मैन्यूफैक्चरर रॉयल एनफील्ड ने गोवा में चल रहे बाइकिंग इवेंट मोटोवर्स-2025 में इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली S6 को रिवील कर दिया है। स्क्रैम्बलर स्टाइल वाली भारत में ये पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइिकल है। इसे हाल ही में इटली के मिलान में हुए ऑटोमोटिव शो EICMA-2025 में पेश किया गया था। ये कंपनी की दूसरी इलेक्ट्रिक बाइक है। इससे पहले कंपनी ने पिछले साल मोटोवर्स-2024 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली C6 को पेश किया था। नई ई-बाइक C6 का ही स्क्रैम्बलर वर्जन है, जिसे रेट्रो लुक के साथ ऑफ-रोड राइडिंग के लिए तैयार किया गया है। कंपनी का कहना है कि ये प्रीमियम इलेक्ट्रिक स्क्रैम्बलर सेगमेंट में एंट्री करेगी, जिसमें फ्रेम-माउंटेड इलेक्ट्रिक मोटर और चेन ड्राइव से हाई टॉर्क मिलेगा। इसे 2027 की शुरुआत में लॉन्च किया जा सकता है और कीमत 2.30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। डिजाइन, डायमेंशन और कलर ऑप्शन फ्लाइंग फ्ली S6 का डिजाइन रेट्रो स्क्रैम्बलर स्टाइल पर बेस्ड है। यह गोल LED हेडलाइट, टीयरड्रॉप शेप का फ्यूल टैंक और स्लिम प्रोफाइल के साथ आई है। सीट के नीचे गोल्ड-फिनिश्ड इनवर्टेड फोर्क इसे प्रीमियम टच देता है। एंड्युरो-स्टाइल सीट से राइडर को सिटी या ऑफरोड दोनों जगह कम्फर्ट मिलेगा। डायमेंशन की डिटेल अभी नहीं बताई गई हैं, लेकिन स्लिम बॉडी से वजन लाइट रखा गया है। कलर ऑप्शन में मैट ब्लैक या ग्रीन शेड्स एक्सपेक्टेड हैं, जो रेट्रो वाइब देंगे। परफॉर्मेंस: फुल चार्ज में 150km की रेंज परफॉर्मेंस के लिए S6 में फ्रेम-माउंटेड इलेक्ट्रिक मोटर दी गई है, जो चेन ड्राइव के साथ हाई इनिशियल टॉर्क देती है। खासकर ऑफ-रोड और ट्रेल राइडिंग के लिए परफेक्ट है। मैग्नीशियम केसिंग वाला फिन्ड बैटरी पैक पैसिव एयर-कूलिंग से वेट ऑप्टिमाइज्ड है। कंपनी का दावा है कि बाइक फुल चार्ज में 150km (क्लेम रेंज) चलेगी। चार्जिंग डिटेल्स अभी रिवील नहीं हुई हैं, लेकिन OTA अपडेट्स से बैटरी मैनेजमेंट आसान होगा। ईवी में 6 राइडिंग मोड्स मिलेंगे, जिसमें ऑफ-रोड, कस्टम, फॉरवर्ड/रिवर्स क्रॉल शामिल हैं। हार्डवेयर: ऑफ-रोड के लिए सूटेबल एल्युमिनियम स्पोक व्हील फ्लाइंग फ्ली S6 इलेक्ट्रिक बाइक में हार्डवेयर सेटअप ऑफ-रोड फोकस्ड है। लॉन्ग-ट्रैवल गोल्ड-फिनिश्ड USD फ्रंट फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन से बम्प्स आसानी से हैंडल होंगे। वहीं, फ्रंट में 19-इंच और रियर में 18-इंच के एल्युमिनियम स्पोक व्हील हैं, जो ऑफ-रोड के लिए सूटेबल है। इन पर ऑफरोडिंग के लिए ब्लॉक पैटर्न टायर्स मिलेंगे। ब्रेकिंग के लिए फ्रंट और रियर में डुअल-चैनल स्विचेबल लीन-सेंसिटिव ABS के साथ डिस्क ब्रेक्स दिए गए हैं, जिन्हें लूज टेरेन्स पर ऑफ भी किया जा सकता है। फीचर्स: डिजिटल मीटर और कनेक्टिविटी फीचर्स की बात करें तो बाइक में 3.5-इंच राउंड टचस्क्रीन TFT कंसोल क्वालकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर से पावर्ड है, जिसमें इन-हाउस OS चलेगा। 4G, ब्लूटूथ और Wi-Fi से स्मार्टफोन-स्मार्टवॉच कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे नेविगेशन, कॉल/SMS अलर्ट्स, व्हीकल डेटा स्टैट्स सब चेक कर सकेंगे। वॉइस असिस्ट फीचर स्मार्टफोन से लिंक होकर हैंड्स-फ्री ऑपरेशन देगा। इन-हाउस VCU और NXP माइक्रोकंट्रोलर्स से पावर और ट्रैक्शन कंट्रोल्ड होगा। OTA अपडेट्स से राइड मोड्स और चार्जिंग डायग्नोस्टिक्स अपडेट रहेंगे। कीलेस एंट्री भी ऐप से पॉसिबल है।
मिस्र से 14,000 साल पुराना 'पिरामिड'! इंडोनेशिया की खोज ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों में खलबली मचा दी
25000 Year Old Pyramid: एक रहस्यमय इंडोनेशियाई जगह पर हुए एक रिसर्च हुई है. इस रिसर्च में दावा किया गया था कि यह पिरामिड मिस्र के पिरामिडों से भी पुराना है और यह मानव इतिहास के बारे में हमारी सारी जानकारी को बदल सकता है.
रॉयल एनफील्ड ने गोवा में शुरू हुए अपने एनुअल बाइकिंग इवेंट मोटोवर्स-2025 में हिमालयन 450 का माना ब्लैक एडिशन लॉन्च किया है। कंपनी ने एडवेंचर बाइक को हाल ही में EICMA 2025 में रिवील किया था। बाइक 40hp पावरफुल इंजन के साथ आती है। बाइक की कीमत 3,37,036 रुपए (एक्स-शोरूम, चेन्नई) रखी गई है, जो मौजूदा टॉप वैरिएंट हैनले ब्लैक एडिशन से करीब 17,354 रुपए ज्यादा है। भारत में बाइक KTM 390 एडवेंचर SW, येज्दी एडवेंचर, BMW G310 GS और ट्रायम्फ स्क्रैम्बलर 400X को टक्कर देती है। हिमालयन 450 माना ब्लैक एडिशन में नया क्या? इसका नाम इंडो-तिब्बत बॉर्डर पर स्थित माना गांव से लिया गया है। इसका लुक रग्ड और देसी पहाड़ी स्टाइल वाला नजर आ रहा है। बाइक को भारत में फैक्ट फिटेड एसेसरीज के साथ पेश किया गया है। इसमें एल्युमिनियम ब्रेस के साथ फैक्ट्री फिटेड नकल गार्ड, 860mm ऊंची रैली-स्टैप फ्लटर सीट (स्टैंडर्ड बाइक में 825 मिलीमीटर), फ्लेयर्ड टेल सेक्शन और क्रॉस स्पोक व्हील्स के साथ ट्यूबलेस टायर शामिल है। इसका वजन 195kg, यानी पहले से 1kg हल्की है। बाइक का कलर ऑल-ब्लैक है और इसे डार्क ग्रे ग्राफिक्स से से सजाया गया है। रॉयल एनफील्ड ने इसमें एरो के कस्टम एग्जॉस्ट भी दिया है, लेकिन यह केवल यूरोपियन मार्केट के लिए है। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 : परफॉर्मेंस रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 कंपनी की पहली लिक्विड कूल्ड इंजन वाली बाइक है। इसमें 452cc का सिंगल सिलेंडर, लिक्विड कूल्ड इंजन दिया गया है। यह करीब 8000rpm पर 40hp की पावर और 5500rpm पर 45nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को असिस्ट और स्लिपर क्लच के साथ 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक 0-100kmph की स्पीड सिर्फ 6-7 सेकेंड में हासिल कर लेती है। इसकी टॉप स्पीड 150-160kmph है। हाईवे पर 120kmph पर क्रूज करना कम्फर्टेबल लगता है। ऊंचाई वाले इलाकों (जैसे हिमालय) में भी पावर लॉस कम होता है, क्योंकि वॉटर कूलिंग की वजह से थिन एयर में भी 'स्नॉर्ट' मिलता रहता है। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 : ससपेंशन और ब्रेकिंग बाइक में कंफर्ट राइडिंग के लिए 43mm के USD डाउन फोर्क्स और रियर में प्री-लोड एडजस्टेबल मोनोशॉक सस्पेंशन सेटअब दिया गया है। दोनों ही सस्पेंशन 200mm तक ट्रेवल कर सकते हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए डुअल चैनल ABS के साथ फ्रंट व्हील पर 320mm का सिंगल डिस्क और रियर में 270mm का डिस्क ब्रेक मिलता है। एडवेंचर टूरिंग मोटरसाइकिल का वेट 196kg है और इसमें 17-लीटर का फ्यूल टैंक दिया गया है। बाइक 21-इंच के फ्रंट और 17-इंच के रियर व्हील पर चलती है। इसमें ऑफरोडिंग कैपेबिलिटी वाले टायर लगे हैं। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 452 : फीचर्स फीचर्स की बात करें तो न्यू जनरेशन हिमालयन 452 में इंटीग्रेटेड गूगल मैप्स, स्विचेबल रियर ABS, राइडिंग मोड्स, ऑल LED लाइटिंग सेटअप, रियर टेल लाइट्स के साथ 4 इंच का राउंड शेप्ड TFT इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलता है, जो टर्न इंडिकेटर्स के रूप में भी काम करता है। इसके अलावा हाइट एडजस्टेबल सीट दी गई है।
हम सब एलियन हैं! इंसान धरती पर नहीं जन्मे अंतरिक्ष से लाए गए हैं, वैज्ञानिकों की ये कैसी खोज
Life on Earth: 20 अरब साल पुरानी बेनू एस्टेरॉयड की एक चट्टान से पता चला है कि हम सभी जीव धरती पर पैदा नहीं हुए बल्कि हम इस ब्रह्मांड के मेहमान हैं. इस चट्टान में जीवन के 14 अमीनो एसिड और डीएनए आरएनए(DNA-RNA)के बीज मिले हैं.
एशिया के जंगलों में मिला रंग बदलने वाला 'ड्रैगन', पानी पर तो ऐसे दौड़ता है जैसे बिजली
Sailfin Dragon: अजीब से दिखने वाले और आधे पानी और आधे जमीन पर रहने वाले जीव आपको पुराने जमाने के प्रणियों जैसे लग सकते हैं. लेकिन ये आज भी जिंदा है.
नेपच्यून से भी दूर अंधेरे में छिपा 'आंतरिक कर्नेल', क्या ये हमारे ग्रहों का शुरुआती कब्रिस्तान है?
Neptune Cosmic Puzzle: वैज्ञानिकों को हमारे सौरमंडल के सबसे दूर कोने में एक पुरानी संरचना मिली है. उनका मानना है कि इससे अंतरिक्ष के 2 बातों पर खोज की जा सकती है.
पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट अब 10 गुना तक महंगा हो गया है। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज (MoRTH) ने देश में वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट की के लिए टेस्ट की फीस बढ़ा दी है। ये बदलाव सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (फिफ्थ अमेंडमेंट) के तहत लागू कर दिए गए हैं। नए नियम के तहत अब 20 साल पुरानी कारों का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए 15,000 रुपए, बाइक के लिए 2,000 रुपए और हैवी कमर्शियल व्हीकल के लिए 25,000 रुपए देने पड़ेंगे। इसके अलावा, गाड़ियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 10 साल में लेना होगा, जो पहले 15 पुरानी गाड़ियों के लिए अनिवार्य था। फिटनेस के लिए अब उम्र के हिसाब से 3 कैटेगिरी नई व्यवस्था में गाड़ियों को उम्र के हिसाब से 3 अलग-अलग कैटेगिरी में बांटा गया है। 10 से 15 साल, 15 से 20 साल और 20 साल से अधिक पुरानी गाड़ियां। यानी, जैसे-जैसे गाड़ी की उम्र बढ़ेगी, वैसे-वैसे फिटनेस टेस्ट का खर्च भी बढ़ेगा। सबसे ज्यादा असर 20 साल से पुरानी कमर्शियल गाड़ियों पर पड़ा है, क्योंकि उन पर फीस 10 गुना तक बढ़ गई है। मंत्रालय का कहना है कि ये बदलाव पुरानी गाड़ियों की सेफ्टी और पर्यावरण स्टैंडर्ड बनाए रखने के लिए जरूरी थे। फिटनेस टेस्ट की फीस क्यों बढ़ाई मंत्रालय ने कहा है कि गाड़ियां अपनी डिजाइन लाइफ के बाद भी सड़क पर चलती रहती हैं, इसलिए उनका सही तरीके से टेस्ट होना चाहिए। नई फीस से ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर्स पर अच्छी सुविधाएं आएंगी और टेस्टिंग सख्त होगी। भारत में गाड़ियां चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है। बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के व्हीकल ड्राइव करना अवैध है। कमर्शियल व्हीकल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का काम राज्य परिवहन विभाग करता है। फिटनेस सर्टिफिकेट से पता चलता है कि आपकी गाड़ी एमिशन स्टैंडर्ड के हिसाब से है।
Danube River: ब्लैक फॉरेस्ट से काला सागर तक, 10 देश और 4 राजधानियां पार करती है ये नदी
Danube River: डेन्यूब नदी यूरोप की दूसरी सबसे लंबी नदी है. यह नदी अपनी राजनीतिक पहुंच और ऐतिहासिक महत्व के मामले में सबसे खास है क्योंकि यह 10 यूरोपीय देशों से होकर बहती है.
अंतरिक्ष में दिखा 'डायमंड रिंग का Optical Illusion', वैज्ञानिकों का खुलासा- यह असली नहीं बल्कि...
Diamond Ring in Space: वैज्ञानिकों ने गैस और धूल का एक बहुत दूर और अजीब तरह से चमकने वाला छल्ला अंतरिक्ष में बनते देखा है. पता चला है कि यह चमकती हुई चीज उतनी सुंदर है नहीं जितनी दूर से दिखती है.
धरती के 4 पावरफुल क्लाइमेट सिस्टम कमजोर, वैज्ञानिकों की चेतावनी- 'चारों तरफ खतरा मंडरा रहा है'
Earth Systems are Failing: एक नई शोध के अनुसार धरती को स्थिर रखने वाली 4 प्रमुख प्रणालियां फेल हो रही हैं. यह अध्ययन ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर, अटलांटिक मेरिडियन ओवरटर्निंग सर्कुलेशन, अमेजन वर्षावन और दक्षिण अमेरिकी मानसून पर केंद्रित है.
चीन की 2000 साल पुरानी कब्र अचानक हुई एक्टिव, वैज्ञानिक हैरान होकर बोले- 'ये तो होना ही था'
Most Dangerous Tomb: चीन में एक 2000 साल पुरानी कब्र से कुछ खतरनाक चीजों का रिसाव हो रहा है. पुरानी किताबों में भी ऐसा होने की चेतावनी दी गई थी. अब वैज्ञानिकों ने भी पक्का कर दिया है कि इस बंद कब्र से भयानक रिसाव हो रहा है.
2032 में चांद से टकराने वाला है एस्टेरॉयड, धरती पर पड़ेगा असर, NASA पहले ही ले सकता है ऐसा एक्शन
एस्टेरॉयड के धरती से चकराने का खौफ हमेशा बना रहता है, लेकिन एक एस्टेरॉयड कुछ सालों बाद चांद से टकरा सकता है, ऐसे में नासा अहम कदम उठा सकता है.
Mysterious signals in space: दुनिया में अधिकतर लोगों को पता नहीं होगा कि शाम ढलते ही अंतरिक्ष से रहस्यमयी आवाजें आनी शुरू हो जाती थीं लेकिन 2022 में वे अचानक बंद हो गईं. अब इसका राज से पर्दा उठ गया है.
अगर आपके फोन पर कॉल आने पर कोई अनजान नाम दिखने लगे, जो आपके कॉन्टेक्ट लिस्ट में सेव नहीं है, तो घबराइए नहीं ये कोई गड़बड़ या ग्लिच नहीं है। ये भारत सरकार का नया CNAP सिस्टम है, जिसकी टेस्टिंग अभी देश के कुछ हिस्सों में शुरू की गई है। टेलीकॉम कंपनियां इस सिस्टम को धीरे-धीरे एक्टिवेट कर रही हैं। इस नए सिस्टम से बिना किसी थर्ड पार्टी एप के स्पैम कॉल और फ्रॉड से बचाव आसान हो जाएगा। यह कॉल आने पर सबसे पहले कॉलर का आधार से लिंक्ड वेरिफाइड नाम दिखाएगा। CNAP क्या है? CNAP यानी कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन। यह एक सरकारी बैकअप वाला कॉलर आईडी सिस्टम है। जब कोई अनजान नंबर से कॉल आएगी, तो फोन पर सबसे पहले वह नाम दिखेगा जो आधार कार्ड से लिंक्ड है। फिर उसके बाद जो नाम आपने कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव किया है, वही आएगा। मिसाल के तौर पर, अगर आपने मां का नाम 'मॉम' सेव किया है, तो कॉल आने पर पहले आधार वाला नाम दिखेगा, फिर 'मॉम'। यह सिस्टम सिम रजिस्ट्रेशन के रिकॉर्ड्स से डायरेक्ट नाम लेता है। यह सिस्टम ट्रूकॉलर से अलग है, क्योंकि ट्रूकॉलर यूजर्स के क्राउडसोर्स्ड डेटा पर चलता है, जो कभी-कभी गलत हो सकता है। लेकिन, CNAP में सब कुछ सरकारी वेरिफिकेशन पर बेस्ड है। यानी किसी थर्ड-पार्टी एप की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह डिफाल्ट सुविधा होगी। अगर कोई यूजर यह सुविधा नहीं चाहता, तो वह इसे डिएक्टिवेट भी करा सकेगा। इस सर्विस के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में पिछले साल ट्रायल किया था। ट्राई ने पिछले महीने अप्रूव किया था सिस्टम टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (ट्राई) और DOT (दूरसंचार विभाग) ने मोबाइल कॉल से होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए 29 अक्टूबर को नए सिस्टम को लागू करने का अप्रूवल दिया था। बड़ी टेलीकॉम कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया इसे अपने नेटवर्क पर इंस्टॉल कर रही हैं। यह प्लान पूरे देश में रोलआउट करने का है। अभी कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। DoT ने कहा है कि यह डिजिटल सिक्योरिटी को मजबूत करेगा। यूजर्स को क्या फायदा होगा? इस सिस्टम से अनजान कॉल्स पर भरोसा बढ़ेगा। स्पैमर्स और फ्रॉड कॉलर्स आसानी से पहचाने जा सकेंगे। कोई एप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं, डायरेक्ट फोन पर काम करेगा। खासकर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए सेफ्टी बढ़ेगी। कॉल्स में ट्रांसपेरेंसी आएगी, जिससे कॉन्फिडेंस लेवल ऊपर जाएगा। लॉन्ग टर्म में टेलीकॉम सेक्टर ज्यादा ट्रस्टेड बनेगा। फ्रॉड कॉल रोकने के लिए बदलाव यह कदम देशभर में धोखाधड़ी वाली कॉल्स और साइबर अपराधों जैसे डिजिटल अरेस्ट और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे उपभोक्ता को पता होगा कि उसे कौन कॉल कर रहा है, जिससे वह फर्जी कॉल्स को पहचानने में सक्षम होगा। इन्हें मिलेगी छूट यहां सवाल-जवाब में जानें स्पैम कॉल और मैसेज के बारे में... सवाल- स्पैम कॉल या मैसेज क्या होते हैं? जवाब- स्पैम कॉल या मैसेज किसी अनजान नंबर से लोगों को किए जाने वाले कॉल या मैसेज होते हैं। जिसमें लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है। यह सभी कॉल या मैसेज आपकी अनुमति के बिना की जाती हैं। सवाल- किन लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आ सकते हैं? जवाब- आमतौर पर स्पैम कॉल उन लोगों को ज्यादा आते हैं, जो स्पैम कॉल उठाते हैं और उसका जवाब देते हैं। स्पैम कॉल का जवाब देने से आपका नंबर कंपनी के पास उन नंबरों की लिस्ट में जुड़ सकता है, जो उनका फोन आम तौर पर उठाते हैं और रिस्पॉन्स देते हैं, क्योंकि एडवर्टाइजमेंट कंपनियां या स्कैमर्स सोचते हैं कि इन लोगों को कभी-न-कभी निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए आप जितना कम स्पैम के जाल में फंसेंगे, आपको उतनी ही कम स्पैम कॉल आएंगी। सवाल- इन कंपनियों के पास आपका मोबाइल नंबर आता कहां से है? जवाब- ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि मैंने इस कंपनी की कोई कोई सर्विस नहीं ली तो कंपनी के पास मेरा मोबाइल नंबर आखिर कहां से पहुंचा। दसअसल, यूजर ही अपने मोबाइल नंबर जाने-अनजाने में इन कंपनियों तक पहुंचाते हैं। कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो थर्ड पार्टी को आपका मोबाइल नंबर या ईमेल ID, उम्र या आपके शौक जैसा आपका पर्सनल डेटा बेचती हैं। जब आप किसी सर्विस के लिए साइन अप करते हैं तो कुछ कंपनियां अपनी टर्म्स एंड कंडीशन में इस बात का जिक्र करती हैं कि वे आपके डेटा का इस्तेमाल एडवर्टाइजमेंट के लिए या थर्ड पार्टी के साथ शेयर करने के लिए कर सकती हैं, लेकिन हममें से कोई कभी वो टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ने की जहमत नहीं उठाता है। जैसे कि- यहीं से ये कंपनियां आपके नंबर को दूसरी कंपनियों को बेच देती हैं। जिसके बाद एडवर्टाइजमेंट कंपनियां आपको कॉल या मैसेज भेजने लगती हैं। सवाल- स्पैम कॉल आने पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- स्पैम कॉल को पहचानना आसान नहीं है क्योंकि ये नंबर सामान्य मोबाइल नंबर से मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए अगर गलती से आपने स्पैम कॉल को उठा लिया है तो कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे कि-
अटलांटिक महासागर में दिखा 8,800 किमी लंबा 'भूरा अजगर', अंतरिक्ष से भी दिखती है ये खतरनाक चीज
Atlantic Giant Seaweed: अटलांटिक महासागर में फैली हुई शैवाल, जिसे समुद्री घास भी कहते हैं, की एक बहुत बड़ी पट्टी का आकार तेजी से बड़ा हो रहा है. वैज्ञानिकों ने अभी-अभी इस बढ़ती हुई पट्टी के पीछे की वजह का एक चौंकाने वाला नया हिस्सा खोजा है.
देश के 26 बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने अपने एप्स और वेबसाइट्स पर डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन इनमें से सिर्फ 5 कंपनियां ही पूरी तरह से डार्क पैटर्न फ्री हो पाई हैं। अन्य 21 कंपनियों के प्लेटफॉर्म्स पर अब भी कन्ज्यूमर्स से हिडन चार्जेस वसूल रहे हैं। यह दावा सिटिजन एंगेजमेंट प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स ने अपनी स्टडी रिपोर्ट में किया है। 26 कंपनियों ने CCPA को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंपा था दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने गुरुवार (20 नवंबर) को बताया था कि 26 कंपनियों ने इंटरनल या थर्ड-पार्टी ऑडिट के बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंप चुकी हैं। इन कंपनियों में फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, जोमेटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं। ये कंपनियां ग्रॉसरी, फूड डिलीवरी, फार्मेसी, फैशन और ट्रैवल सेगमेंट की हैं। कंपनियों ने ये डिक्लेरेशन अपनी वेबसाइट्स पर अपलोड भी किए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने इसे डिजिटल कंज्यूमर सेफ्टी के लिए बड़ा कदम बताया था और कहा था कि बाकी कंपनियों को भी सेल्फ-रेगुलेशन अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। कंपनियों ने सिर्फ ड्रिप प्राइसिंग के इश्यू को खत्म किया लोकल सर्किल्स ने इन प्लेटफॉर्मों की तरफ से किए गए दावे की पड़ताल की। इसमें 26 में से सिर्फ 5 प्लेटफॉर्म ही अपने दावे पर खरे उतरे। संस्था के फाउंडर सचिन तपड़िया ने कहा कि नियामकीय सख्ती के चलते ई-कॉमर्स कंपनियों ने सेल्फ-ऑडिट की घोषणा की है। हमारी जांच में इनमें से 90% प्लेटफॉर्म पर इन 13 तरह के डार्क पैटर्न में से कोई न कोई अब भी एक्टिव मिला। फिलहाल मीशो, इज माई ट्रिप, जेप्टो और बिग बॉस्केट ही डार्क पैटर्न-फ्री हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि अभी ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स ने ड्रिप प्राइसिंग के इश्यू को खत्म किया है। इतने भर से इन्हें लगता है कि ये डार्क पैटर्न फ्री हो गए हैं। इन प्लेटफॉर्म पर जबरन कार्रवाई वाले डार्क पैटर्न अब भी हैं। मसलन, आप कोई प्रोडक्ट लें तो उसमें दूसरी सर्विस जुड़ जाती है। एक और सर्विस जुड़ने से एक्सट्रा चार्ज लग जाता है। किन 26 कंपनियों ने खुद को डार्क पैटर्न फ्री किया? CCPA को मिले डिक्लेरेशन लेटर्स के मुताबिक, 26 प्लेटफॉर्म्स ने अपनी साइट्स पर जीरो डार्क पैटर्न्स होने की पुष्टि की है। 3 महीने में सेल्फ डिक्लेरेशन सबमिट करने को कहा था डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने जून 2025 में एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को 3 महीने के अंदर सेल्फ-ऑडिट करने और डिक्लेरेशन सबमिट करने को कहा था। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के जरिए सोशल मीडिया कैंपेन, इंफॉर्मेटिव वीडियोज और वर्कशॉप्स चलाए गए, ताकि कंज्यूमर्स डार्क पैटर्न्स पहचान सकें और शिकायत दर्ज करा सकें। CCPA ने इसे एक मिसाल बताया है और बाकी डिजिटल प्लेयर्स से भी वैसा ही करने को कहा। अगर कोई कंपनी डेडलाइन मिस करती है, तो रेगुलेटरी एक्शन हो सकता है। डार्क पैटर्न्स फ्री प्लेटफॉर्म से कंज्यूमर्स को क्या फायदा अभी कंपनियों ने अपनी मर्जी से ये वादा किया है कि वो डार्क पैटर्न्स नहीं चलाएंगी, लेकिन आने वाले समय में सरकार इसे सख्ती से लागू भी कर सकती है। इससे कंज्यूमर्स को अब शॉपिंग एप्स इस्तेमाल करते समय कम ट्रिक्स का सामना करना पड़ेगा, जिससे सेफ और ट्रांसपेरेंट एक्सपीरियंस मिलेगा। डिपार्टमेंट ने कहा कि ये अभियान डिजिटल कंज्यूमर सेफ्टी को मजबूत करेगा। भविष्य में और भी कंपनियां इसमें शामिल होंगी। कंज्यूमर्स को डार्क पैटर्न्स के बारे में एजुकेशनल कैंपेन से ये भी समझाया जाएगा कि डार्क पैटर्न्स होते क्या हैं और इन्हें कैसे पकड़ा जाए। ये लंबे समय में ये ई-कॉमर्स सेक्टर को ज्यादा भरोसेमंद बनाएगा। डार्क पैटर्न्स क्या हैं? डार्क पैटर्न्स वो ट्रिक्स हैं, जो ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान यूजर्स को गुमराह करती हैं। जैसे फेक अर्जेंसी क्रिएट करना, जहां लिखा हो 'अभी खरीदो वरना स्टॉक खत्म', या चुपके से कार्ट में एक्स्ट्रा आइटम ऐड कर देना। 2023 में नोटिफाई हुई गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ डार्क पैटर्न्स में 13 ऐसे पैटर्न्स को बैन किया गया है। इनमें फॉल्स अर्जेंसी, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, फोर्स्ड एक्शन, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफियरेंस, बेट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, डिस्गाइज्ड ऐड्स, नेगिंग, ट्रिक वर्डिंग, SAAS बिलिंग और रोग मैलवेयर शामिल हैं। ये ट्रिक्स कंज्यूमर्स को अनचाहे प्रोडक्ट्स खरीदने या सब्सक्रिप्शन में फंसाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत ये गाइडलाइंस 30 नवंबर 2023 को लागू हुईं, ताकि डिजिटल मार्केट में ट्रांसपेरेंसी आए।
240 साल बाद आसमान में लौटा ये शिकारी पक्षी, जानें इतने समय से कहां छिप कर रह रहा था!
Extinct Birds: कई सदियों पहले इंग्लैंड से गायब होने के बाद अब एक भयानक शिकारी पक्षी दक्षिणी आसमान में वापस लौट रहा है और वह सिर्फ कुछ देर के लिए आया हुआ मेहमान नहीं है.
AI ने खोल दिया 3 अरब साल पुराना राज! वैज्ञानिकों ने खोजे पृथ्वी पर जीवन के सबसे पुराने निशान
Science News in Hindi:वैज्ञानिकों ने मशीन-लर्निंग का इस्तेमाल करके एक नया तरीका खोजा है. यह नया तरीका टूट चुके अणुओं में भी जीवन के निशान पहचान सकता है. इस तकनीक को मंगल ग्रह और अन्य जगहों पर जीवन की खोज के लिए तैयार किया जा रहा है.
फिलीपींस की 35,000 साल पुरानी गुफाओं में मिला कुछ ऐसा, देखते ही बोले वैज्ञानिक- 'ये कैसे हो सकता है'
Cave in Philipines: फिलीपींस में वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ी खोज की है. देश के मिंडोरो द्वीप पर कुछ गुफाओं में रिसर्च की गई जिससे पता चला है कि आदिमानव वैज्ञानिकों के पहले के अनुमान से बहुत पहले, कम से कम 35,000 साल पहले से ही नाव चलाते थे.
अंतरिक्ष पहुंचना आसान लेकिन बेंगलुरु नहीं, एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने ट्रैफिक पर कसा तंज
Shubhanshu Shukla: भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बेंगलुरु के ट्रैफिक जाम को लेकर एक मजाक किया है. उनके इस मजाक पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी जवाब दिया है.
ISS ने अंतरिक्ष से दिखाई 'चमकती दिल्ली' की तस्वीर, लोग बोले- प्रदूषण के बाद भी इतनी खूबसूरत कैसे
International Space Station: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ने X पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में दुनिया भर के कुछ ऐसे शहर दिखाई दे रहे हैं जो बहुत ज्यादा चमक रहे हैं.
ISRO की नई चुनौती: Chandrayaan-5 के लिए 'विक्रम' का वजन होगा कम, चंद्रमा पर उतरेगा हल्का रोवर
Chandrayaan Mission: चांद पर जो पानी है वह सिर्फ जीवन बचाने के काम नहीं आएगा बल्कि इसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस में तोड़ा जा सकता है. इन दोनों गैसों के इस्तेमाल से रॉकेट का ईंधन बनाया जा सकता है.
अर्जेंटीना में 8500 साल से छिपी हुई थी यह जनजाति! 300 से ज्यादा कंकालों से हुआ खुलासा
Argentina Lost Tribe: वैज्ञानिकों को मध्य अर्जेंटीना में एक बहुत ही पुरानी आबादी के बारे में पता चला है. ये लोग पिछले 8500 साल से भी ज्यादा समय तक अकेले रहे. यह ऐसी आबादी है जिसके बारे में पहले कोई नहीं जानता था.
टेलीकॉम कंपनी जियो ने अपने AI ऑफर में अपडेट करते हुए सभी यूजर्स को फ्री में जेमिनी प्रो का एक्सेस दे दिया है। मार्केट में इसकी कीमत 35,100 रुपए है। अभी यह ऑफर सिर्फ 18 से 25 साल के यूजर्स के लिए था। इस प्लान में जेमिनी 3.1 Pro जैसे एडवांस्ड AI टूल्स, 2TB क्लाउड स्टोरेज से लेकर वीडियो बनाने के लिए Veo 3 जैसे टूल्स शामिल है। यह ऑफर 19 नवंबर से शुरू हो गया है। ऑफर को लेने के लिए जियो 5G सिम और उसमें रिचार्ज मिनिमम 349 रुपए वाला होना चाहिए। यहां हम सवाल-जवाब में पूरी डिटेल्स बता रहे हैं.. सवाल 1: इस Gemini AI Pro प्लान में क्या-क्या मिलेगा? जवाब: इस प्लान में शामिल है… सवाल 2: इस ऑफर को कैसे क्लेम करें? जवाब: एलिजिबल यूजर्स इस ऑफर को MyJio एप में दिए गए “क्लेम नाउ” बैनर पर क्लिक करके एक्टिवेट कर सकते हैं। ऑफर के लिए कोई चार्ज नहीं है। गूगल ऑफर खत्म होने से पहले रिमाइंडर ईमेल भेजेगा, ताकि आप चाहें तो सब्सक्रिप्शन कैंसिल कर सकें। सवाल 3: इस ऑफर की समय सीमा और शर्तें क्या हैं? जवाब: ये ऑफर 30 अक्टूबर 2025 से रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध है। यह ऑफर अभी जियो के उन ग्राहकों के लिए उपलब्ध है, जिनकी उम्र 18 से 25 साल के बीच है। इसके लिए यूजर्स को ₹349 या उससे ऊपर के 5G अनलिमिटेड प्रीपेड या पोस्टपेड प्लान का उपयोग करना होगा। सवाल 4: गूगल और जियो ऐसा ऑफर क्यों दे रहा है? जवाब: जियो का लक्ष्य 1.45 अरब भारतीयों के लिए इंटेलिजेंस सेवाओं को सरल बनाना है। वहीं गूगल इन ऑफर्स से डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देना चाहता है। कंपनी का मानना है कि ये यूजर्स को स्मार्ट और तेजी से सीखने में मदद करेंगे। साथ ही, गूगल इस ऑफर के जरिए अपने AI इकोसिस्टम को स्टूडेंट्स के बीच पॉपुलर करना चाहता है, ताकि भविष्य में वो इसके लॉन्ग-टर्म यूजर्स बनें। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... 1. ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म कस्टमर्स से नहीं वसूलेंगे हिडन चॉर्जेस: फ्लिपकार्ट-मिंत्रा और जोमेटो-स्विगी जैसे 26 प्लेटफॉर्म डार्क पैटर्न फ्री, देखें लिस्ट देश के 26 बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने अपने एप्स और वेबसाइट्स पर डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा की है। ये कंपनियां इंटरनल या थर्ड-पार्टी ऑडिट के बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंप चुकी हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... 2. चीनी वैज्ञानिकों के भरोसे चीन को टक्कर दे रहा अमेरिका: मेटा AI टीम 11 में से 7 रिसर्चर चीन के, 1 भी अमेरिकी नहीं मेटा CEO मार्क जकरबर्ग ने जून में अपनी नई सुपर इंटेलिजेंस लैब का ऐलान किया था। तब उन्होंने बताया था कि इस प्रोजेक्ट में शामिल 11 वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। इनका मकसद ऐसी मशीनें बनाना है जो इंसानी दिमाग से भी ज्यादा ताकतवर हों। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
देश के 26 बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने अपने एप्स और वेबसाइट्स पर डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल बंद करने की घोषणा की है। ये कंपनियां इंटरनल या थर्ड-पार्टी ऑडिट के बाद सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंप चुकी हैं। इन कंपनियों में फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, जोमेटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं। ये कंपनियां ग्रॉसरी, फूड डिलीवरी, फार्मेसी, फैशन और ट्रैवल सेगमेंट की हैं। कंपनियों ने ये डिक्लेरेशन अपनी वेबसाइट्स पर अपलोड भी कर दिए हैं, ताकि कंज्यूमर्स चेक कर सकें। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने इसे डिजिटल कंज्यूमर सेफ्टी के लिए बड़ा कदम बताया है, जो बाकी कंपनियों को भी सेल्फ-रेगुलेशन अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। डार्क पैटर्न्स क्या हैं? डार्क पैटर्न्स वो ट्रिक्स हैं, जो ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान यूजर्स को गुमराह करती हैं। जैसे फेक अर्जेंसी क्रिएट करना, जहां लिखा हो 'अभी खरीदो वरना स्टॉक खत्म', या चुपके से कार्ट में एक्स्ट्रा आइटम ऐड कर देना। 2023 में नोटिफाई हुई गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ डार्क पैटर्न्स में 13 ऐसे पैटर्न्स को बैन किया गया है। इनमें फॉल्स अर्जेंसी, बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, फोर्स्ड एक्शन, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफियरेंस, बेट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, डिस्गाइज्ड ऐड्स, नेगिंग, ट्रिक वर्डिंग, SAAS बिलिंग और रोग मैलवेयर शामिल हैं। ये ट्रिक्स कंज्यूमर्स को अनचाहे प्रोडक्ट्स खरीदने या सब्सक्रिप्शन में फंसाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत ये गाइडलाइंस 30 नवंबर 2023 को लागू हुईं, ताकि डिजिटल मार्केट में ट्रांसपेरेंसी आए। किन कंपनियों ने खुद को डार्क पैटर्न फ्री किया? CCPA को मिले डिक्लेरेशन लेटर्स के मुताबिक, 26 प्लेटफॉर्म्स ने अपनी साइट्स पर जीरो डार्क पैटर्न्स होने की पुष्टि की है। केंद्र सरकार की क्या रही भूमिका? डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने जून 2025 में एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को 3 महीने के अंदर सेल्फ-ऑडिट करने और डिक्लेरेशन सबमिट करने को कहा था। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के जरिए सोशल मीडिया कैंपेन, इंफॉर्मेटिव वीडियोज और वर्कशॉप्स चलाए गए, ताकि कंज्यूमर्स डार्क पैटर्न्स पहचान सकें और शिकायत दर्ज करा सकें। CCPA ने इसे एक मिसाल बताया है और बाकी डिजिटल प्लेयर्स से भी वैसा ही करने को कहा। अगर कोई कंपनी डेडलाइन मिस करती है, तो रेगुलेटरी एक्शन हो सकता है। कंज्यूमर्स को कैसे फायदा मिलेगा? अभी कंपनियों ने अपनी मर्जी से ये वादा किया है कि वो डार्क पैटर्न्स नहीं चलाएंगी, लेकिन आने वाले समय में सरकार इसे सख्ती से लागू भी कर सकती है। इससे कंज्यूमर्स को अब शॉपिंग एप्स इस्तेमाल करते समय कम ट्रिक्स का सामना करना पड़ेगा, जिससे सेफ और ट्रांसपेरेंट एक्सपीरियंस मिलेगा। डिपार्टमेंट ने कहा कि ये अभियान डिजिटल कंज्यूमर सेफ्टी को मजबूत करेगा। भविष्य में और भी कंपनियां इसमें शामिल होंगी। कंज्यूमर्स को डार्क पैटर्न्स के बारे में एजुकेशनल कैंपेन से ये भी समझाया जाएगा कि डार्क पैटर्न्स होते क्या हैं और इन्हें कैसे पकड़ा जाए। ये लंबे समय में ये ई-कॉमर्स सेक्टर को ज्यादा भरोसेमंद बनाएगा। ये खबर भी पढ़ें... ई-कॉमर्स पर मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स आसानी से ढूंढ सकेंगे: 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' के लिए अलग से फिल्टर लगेगा, कंज्यूमर मिनिस्ट्री ने नियम ड्राफ्ट किया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अब पैकेज्ड सामानों के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' का फिल्टर अलग से देना होगा। जिससे प्रोडक्ट सर्च कर रहे कस्टमर को उसका ओरिजिन (सामान मूल रूप से किस देश में बना है) का पता आसानी से पता चल सके। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर ने इसे मेंडेटरी करने के लिए प्रस्ताव लाया है। अगर ये पास हो गया, तो 2026 से लागू हो सकता है। मंत्रालय ने सोमवार, 10 नवंबर को कहा है कि ये बदलाव 2011 के लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स में संशोधन के जरिए होगा। पैकेज्ड सामानों पर कंट्री ऑफ ओरिजिन लिखने की अनिवार्यता पहले से ही है। नया नियम ई-कॉमर्स पर सर्च के लिए फिल्टर लगाने के लिए लाया जा रहा है। इससे डिजिटल मार्केटप्लेस पर ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और लोकल मैन्युफैक्चरर्स को बराबरी का मौका मिलेगा। पूरी खबर पढ़ें...
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) न केवल कई नौकरियां बदलेगा, बल्कि भविष्य में बड़े कंपनियों के CEO तक को रिप्लेस कर सकता है। बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अगले 12 महीनों में इतने विकसित रूप में पहुंच जाएगा कि यह कई जटिल काम अपने आप कर सकेगा। पिचाई ने यह भी कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग के बीच लोगों को खुद को लगातार अपडेट करना होगा। CEO के काम आसानी से कर लेगा AI पिचाई से पूछा गया कि क्या AI सभी नौकरियों, यहां तक कि उनके CEO पद के लिए भी खतरा है। इस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा एक CEO जो करता है, वह शायद उन कामों में से एक है, जिसे भविष्य में AI आसानी से कर सकता है। उन्होंने कहा कि AI मानव इतिहास की सबसे गहरी और प्रभावशाली तकनीकों में से एक है, जिसका असर समाज और नौकरियों पर बड़े बदलाव लाएगा। पिचाई के अनुसार, आने वाले समय में कुछ नौकरियां खत्म होंगी, तो कई नौकरियां बदलेंगी और नई नौकरियां पैदा होंगी। टेक इंडस्ट्री में ‘चीफ एग्जीक्यूटिव ऑटोमेशन’ की चर्चा पिचाई की राय ऐसे समय सामने आई है जब अन्य टेक CEO भी AI को CEO-स्तर की भूमिकाएं संभालने में सक्षम मान रहे हैं। ओपन AI के CEO सैम ऑल्टमैन पहले ही कह चुके हैं कि एक दिन AI मेरा काम मुझसे बेहतर करेगा। क्लार्ना के CEO सेबेस्टियन सीमीटकोव्स्की भी कह चुके हैं कि AI हमारी सभी नौकरियां कर सकता है, मेरी भी। एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के सर्वे के मुताबिक 500 CEO में से 49% का मानना है कि उनकी नौकरी के अधिकतर काम AI से ऑटोमेट हो सकते हैं। AI इंसानों को रिप्लेस नहीं कर सकता वहीं, एनवीडिया के CEO जेनसन हुआंग का मानना है कि AI अभी इंसानों को बड़े स्तर पर रिप्लेस नहीं कर सकता। उन्होंने कहा AI कुछ काम 1000 गुना बेहतर कर सकता है, लेकिन जो हम करते हैं, उसे पूरी तरह करने की उसकी क्षमता अभी नहीं है।
10 गुना तेजी से बढ़ रहा Everest! 5 करोड़ साल पुरानी प्लेटों की टक्कर ने खोला हैरान करने वाला बड़ा राज
Mount Everest: माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है और यह हिमालय पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है, लेकिन हाल की खोजों ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. पता चला है कि माउंट एवरेस्ट उम्मीद से कहीं तेजी से बढ़ रहा है. इसके पीछे की वजह सच में हैरान करने वाली है.
Hyundai Genesis GV80 : हुंडई अपनी नई लग्जरी SUV, Genesis GV80, भारतीय बाजार में पेश करने वाली है। AI कैमरा, 14.5 इंच इंफोटेनमेंट, ADAS सिस्टम और प्रीमियम फीचर्स के साथ यह कार मर्सिडीज-बेंज और BMW जैसी लग्जरी SUV को टक्कर देगी। लॉन्च की संभावना 2025 के अंत तक।
Vanished Tribe: ऊनी मैमथ और मैस्टोडॉन जैसे विशालकाय जानवरों के मौत की असली वजह क्या थी? वैज्ञानिकों ने अब इस पुराने सवाल का जवाब देकर खुलासा किया है.
ये हैं दुनिया के 5 सबसे छोटे जानवर; तीसरे का नाम जानकर चौंक जाएंगे आप
Smallest Animal: दुनिया भर में ऐसे कई जानवर पाए जाते हैं जो अपनी कद-काठी के लिए काफी फेमस होते हैं. ऐसे ही हम बताने चल रहे हैं दुनिया के 5 सबसे छोटे जानवरों के बारे में.
इंडियन टेक कंपनी इंडकल टेक्नोलॉजीज के सब ब्रांड ने भारतीय बाजार में अपना पहला स्मार्टफोन वोबल वन लॉन्च कर दिया है। फोन को 50 मेगापिक्सल AI पावर्ड कैमरा, डॉल्बी विजन सपोर्ट, मीडियाटेक डाइमेंशन 7400 प्रोसेसर और स्लिम डिजाइन के साथ पेश किया गया है। कंपनी ने इसे मिड प्रीमियम रेंज में तीन स्टोरेज वैरिएंट में उतारा है। इसके 8GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले बेस मॉडल की शुरुआती कीमत 21,999 रुपए रखी गई है। जबकि, फोन के 8GB रैम + 256GB स्टोरेज और 12GB रैम + 256GB स्टोरेज ऑप्शंस की कीमत नहीं बताई हैं। फोन की सेल 12 दिसंबर से शुरू होगी। फोन का डिजाइन भी प्रीमियम है। यह 7.8mm की स्लिम प्रोफाइल, ग्लास बैक और एल्यूमिनियम अलॉय फ्रेम के साथ उतारा गया है। वोबेल वन का मुकाबला इंडिया में आईक्यू Z10R, रियलमी 14T और पोको X7 जैसे मिड रेंज मोबाइल्स से रहेगा। वोबेल वन: स्पेसिफिकेशंस कैमरा: फोटोग्राफी के लिए स्मार्टफोन के बैक पैनल पर ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन (OIS) के साथ 50 मेगापिक्सल का सोनी LYT-600 प्राइमरी कैमरा दिया गया है। इसके साथ 8MP अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस और बोकेह कैमरा और 2 मेगापिक्सल का मैक्रो लेंस मिलेगा। खास बात यह है कि वोबेल वन अपने कैमरे में वोबेल मोड लेकर आया है, जिसे कंपनी ने एक AI-स्टेबलाइज्ड फोटोग्राफी फीचर के रूप में पेश किया है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए इसमें 32MP का हाई-क्वालिटी फ्रंट कैमरा है। परफॉरमेंस: वोबेल वन में परफॉरमेंस के लिए 4nm बेस्ड मीडिया टेक डाइमेंसिटी 7400 चिपसेट दिया गया है, जो 2.6GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। फोन एपिक हाइपर इंजन गेमिंग टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करता है। फोन में 12GB तक रैम और 256GB तक स्टोरेज मिलता है। फोन एंड्रॉएड 15 पर काम करता है। इसे गूगूल AI के साथ ऑप्टिमाइज किया गया है। डिस्प्ले: स्मार्टफोन में 6.67-इंच का फुल HD+ एमोलेड पैनल पर बनी स्क्रीन मिलती है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट पर काम करती है। यानी स्क्रॉलिंग एकदम स्मूद मिलेगी। इसकी पीक ब्राइटनेस 1200+ निट्स है, जो डॉल्बी विजन सपोर्ट के साथ आता है। पावर बैकअप: बैटरी के स्पेसिफिकेशंस के बारे में कंपनी ने फिलहाल कोई जानकारी शेयर नहीं की है, लेकिन कंपनी का दावा है कि फोन 47 घंटे तक की कॉलिंग, 24 घंटे तक की वीडियो प्लेबैक और 22 दिन की स्टैंडबाय लाइफ दे सकता है। अन्य फीचर्स: फोन में USB टाइप C पोर्ट, 3.5mm हेडफोन जैक, डॉल्बी एट्मॉस सपोर्ट और स्टाइलिश AI-पावर्ड इंटरफेस दिया गया है।
भारत ने पकड़ा अंतरिक्ष का एलियन! ISRO ने माउंट आबू में कैद की 3i Atlas की तस्वीर
Interstellar Comet: भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने माउंट आबू में लगी एक दूरबीन की मदद से अंतरतारकीय पिंड की तस्वीर क्लिक की है.
Interstellar Tunnel: एक बहुत ही नई और हैरान कर देने वाली खोज सामने आई है. इससे पता चला है कि हमारा सौरमंडल एक बहुत बड़ी अंतरतारकीय सुरंग से जुड़ा हो सकता है.
Lost Civilization: मुस्लिम देश में मिला 3500 साल पुराना शहर, मिट्टी के नीचे दफन थी प्राचीन सभ्यता
Lost Ancient Civilization: वैज्ञानिकों ने कजाकिस्तान में एक बड़ी खोज की है. यह खोज एक प्राचीन बस्ती की है जिसे सेमियार्का कहते हैं.
2025 का लास्ट सूर्यास्त: अलास्का में दिखा साल का आखिरी सूरज, अब जनवरी तक रहेगा फुल अंधेरा
Last Sunset of 2025: अलास्का की एक जगह पर अब लोगों को 64 दिनों तक सूरज नहीं दिखाई देगा. वहां के लोगों को अब अगले सू्र्योदय के लिए 22 जनवरी 2026 तक का इंतजार करना होगा.
टेक कंपनी रियलमी आज (20 नवंबर) भारतीय बाजार में मिड बजट रेंज में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन रियलमी GT8 प्रो लॉन्च करेगी। फोन का लॉन्च इवेंट दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। फोन में दमदार परफॉर्मेंस, प्रीमियम डिजाइन, हाई-एंड डिस्प्ले और एडवांस कैमरा सिस्टम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि ये अब तक का सबसे एडवांस रियलमी फोन होगा, जो फोटोग्राफी और गेमिंग दोनों में प्रोफेशनल-ग्रेड एक्सपीरियंस देंगे। स्मार्टफोन 200MP टेलीफोटो कैमरा और 7000mAh बैटरी से लैस होगा। रियलमी ने हाल ही में अपने होम मार्केट चीन में रियलमी GT8 प्रो को 5 स्टोरेज वैरिएंट में लॉन्च किया था। वहां इसकी शुरुआती कीमत 2899 युआन (लगभग ₹35,850) है। भारत में इसे 35 हजार रुपए की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। रियलमी GT 8 प्रो की चार खास बातें रियलमी GT 8 प्रो स्मार्टफोन GT बूस्ट 3.0, सिमेट्रिक मास्टर एकॉस्टिक स्पीकर्स, अल्ट्रा हैप्टिक मोटर और IP69 रेटिंग जैसे फीचर से लैस है। डिजाइन: कस्टमाइज्ड कैमरा रिंग्स के साथ 3 कलर ऑप्शन रियलमी ने GT8 सीरीज के डिजाइन पर खास ध्यान दिया है। GT8 प्रो में मेकैनिकल असेंबली डिजाइन है, यानी कैमरा डेको के हिस्सों को बदला जा सकता है। आप अपनी पसंद के अनुसार कैमरा रिंग्स को कस्टमाइज कर सकते हैं। फोन दो कलर ऑप्शन के साथ आएगा। इसमें डेयरी वाइट और अर्बन ब्लू कलर शामिल है। डेयरी वाइट कलर में फ्रॉस्टेड ग्लास बैक होगा, जबकि अर्बन ब्लू में पेपर-लाइक लेदर फिनिश दी जाएगी। फोन में मैट मेटल फ्रेम और स्मूद कर्व्ड बॉडी ट्रांजिशन देखा जा सकता है। यह फोन सिर्फ 7.8mm पतला है और इसका वजन करीब 214 ग्राम है। रियलमी GT8 प्रो: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: रियलमी GT8 प्रो में 2K रिजॉल्यूशन वाला 6.79 इंच का डिस्प्ले मिलेगा, जो 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 7000 निट्स है, जिससे तेज धूप में भी स्क्रीन साफ दिखेगी। यह डिस्प्ले अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आएगा। जो मात्र 0.07 सेकंड में फोन को अनलॉक करने की क्षमता देगा। कंपनी इसे इंडस्ट्री-लीडिंग आई प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ पेश करने वाली है, जिससे लंबे समय तक उपयोग में भी आंखों को थकान नहीं होगी। परफॉर्मेंस: कंपनी ने कन्फर्म कर दिया कि रियलमी GT 8 प्रो में दुनिया का सबसे तेज स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट मिगेगा। ये TSMC की सेकेंड जनरेशन 3nm प्रोसेस टेक पर बना है। कंपनी का कहना है कि ये प्रोसेसर CPU को 20% तेज, GPU को 23% बेहतर और CPU एफिशिएंसी 33% ज्यादा देगा। फोन में AI पावर 37% बढ़ी और AI एफिशिएंसी 16% सुधरी मिलेगी। ये चिप LPDDR5X रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आएगी, जिससे मल्टीटास्किंग और गेमिंग एक्सपीरियंस अच्छा मिलेगा। फोन में R1 ग्राफिक्स प्रोसेसर भी है, जो 100 से ज्यादा गेम्स में सुपर फ्रेम और सुपर रिजॉल्यूशन मोड चला सकता है। 7000mm वैपर कूलिंग सिस्टम गर्मी रोकता है, जो GT7 से 30% बड़ा है। इससे लंबे गेमिंग सेशन्स में भी फोन ठंडा रहता है। कैमरा: कैमरा की बात करें, तो रियलमी ने रिको इमेजिंग के साथ पार्टनरशिप की है, जो अपनी प्रीमियम GR कैमरा सीरीज के लिए जानी जाती है। GT8 प्रो में रिको GR सीरीज से इंस्पायर्ड कैमरा सिस्टम दिया गया है, जिसमें हाई ट्रांसपेरेंसी लेंस ग्रुप है, जो कलर और क्लैरिटी दोनों में सुधार करता है। GT8 प्रो में 200MP सैमसंग HP5 पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा है, जो 3x ऑप्टिकल और 6x लॉसलेस जूम सपोर्ट करता है। साथ में 50MP सोनी IMX921 मेन सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड लेंस दिया गया है। वहीं, GT8 में 50MP मेन सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड और 50MP 3.5x टेलीफोटो लेंस है। वहीं, सेल्फी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए फ्रंट में GT8 प्रो में 32MP सोनी IMX615 सेंसर है, जो AI ब्यूटी मोड और 4K रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है। वहीं, GT8 में 16MP सेल्फी कैमरा दिया गया है। कैमरा फीचर्स की बात करें, तो इसमें GR मोड, स्नैप मोड, क्लासिक फिल्टर्स, HDR 2.0 और प्रो नाइटस्कैप जैसे मोड दिए गए हैं। वीडियो के लिए डॉल्बी विजन और AI मोशन कैप्चर सपोर्ट भी मिलता है। पावर बैकअप: बैटरी और चार्जिंग की बात करें, तो रियलमी GT8 प्रो में 7000mAh की सेकंड-जेनरेशन टाइटन बैटरी दी गई है। फोन को चार्ज करने के लिए 120W सुपरवूक और 50W वायरलेस चार्जिंग दी गई है। कंपनी का दावा है कि यह फोन सिर्फ 10 मिनट में 45% तक चार्ज हो जाती है और बैटरी लाइफ 1600 चार्जिंग साइकल्स तक टिकाऊ रहेगी। OS और सिक्योरिटी: रियलमी GT8 प्रो एंड्रॉएड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर काम करेगा। इसमें स्काई कम्यूनिकेशन सिस्टम और स्काई सिग्नल चिप S1 है, जो कमजोर नेटवर्क में भी 25% बेहतर सिग्नल देता है। फोन वाईफाई 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC और 21 ग्लोबल 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है। सुरक्षा के लिए इसमें अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक फीचर है।
वैज्ञानिक बोले- '2 हिस्सों में बंट रही है भारतीय टेक्टोनिक प्लेट', जमीन के नीचे बड़ी हलचल की चेतावनी
Indian Tectonic Plates: वैज्ञानिकों की एक चौंकाने वाल खोज सामने आई है जिसमें बताया गया है कि भारतीय प्लेट 2 हिस्सों में टूट रही हैं. इसका एक हिस्सा जमीन के नीचे मेंटल में जा रहा है.
Science News in Hindi: आजकल प्यार में लिप किस करना सामान्य माना जाता है लेकिन आखिर इस परंपरा की शुरुआत कब हुई. क्या 50 हजार साल पहले के आदिम मानव भी लिप किस करते थे.
बजाज ऑटो ने ऑस्ट्रियन बाइक मैन्युफैक्चरर KTM का अब पूरा कंट्रोल हासिल कर लिया है। कंपनी ने KTM की पैरेंट कंपनी पियरर मोबिलिटी एजी (PMAG) को खरीद लिया है। जिससे बजाज KTM, हुस्कवर्ना और गैसगैस ब्रांड्स की एकमात्र मालिक बन गई है। कंपनी ने BSE-NSE फाइलिंग में इस डील की जानकारी दी है। अब बजाज को KTM की स्ट्रैटेजी, प्रोडक्ट्स और ऑपरेशंस पर फुल डिसीजन लेने की पावर मिल गई है। पार्टनरशिप से ओनरशिप तक का सफर बजाज और KTM की 17 साल पहले 2007 में पार्टनरशिप हुई थी। तब बजाज ने KTM में 14.5% स्टेक खरीदे थे। उसके बाद 2012 में KTM ने भारत में एंट्री की और बजाज की मदद से ड्यूक 200 लॉन्च की गई। इस बाइक को भारतीय मार्केट में अच्छा रिस्पांस मिला। इस बाइक की लाखों यूनिट्स बिकी और KTM को भारत में पॉपुलर बना दिया। धीरे-धीरे KTM में बजाज का स्टेक बढ़ता गया, 2020 में ये 48% हो गया और अगले ही साल 49.9% तक पहुंच गया। हाल के सालों में KTM को फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ा। कंपनी मोटोजीपी बाइक्स की डेवलपमेंट तक रोकने पर मजबूर हो गई थी। ऐसे में बजाज ने और इन्वेस्टमेंट कर KTM के ऑपरेशंस को सपोर्ट दिया। आज बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स बीवी (BAIHBV) ने PMAG को खरीद लिया, जिससे बजाज को PMAG में 74.9% शेयरहोल्डिंग मिल गई। अब PMAG बजाज ऑटो की सब्सिडियरी बन गई है। डील की डिटेल्स: नाम बदला और मैनेजमेंट रिस्ट्रक्चरिंग शुरू डील के तहत PMAG का नाम बदलकर बजाज मोबिलिटी एजी कर दिया गया है। साथ ही पियरर बजाज एजी का नाम बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स एजी हो गया। मैनेजमेंट और बोर्ड मेंबर्स में भी चेंजेस किए गए हैं, ताकि ऑपरेशंस को स्मूथ तरीके से रन किया जा सके। बजाज के चेयरमैन राहुल बजाज ने कहा, 'ये स्टेप हमारी लॉन्ग-टर्म पार्टनरशिप को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है। KTM की स्ट्रेंथ को भारत और ग्लोबल मार्केट्स में यूज करेंगे।' हालांकि, ऑफिशियल स्टेटमेंट्स में डील वैल्यू का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन ये साफ है कि बजाज अब KTM के फ्यूचर पर फुल कंट्रोल रखेगी। भारतीय मार्केट में KTM की ग्रोथ को नया बूस्ट मिलेगा भारतीय टू-व्हीलर इंडस्ट्री में ये डील गेम चेंजर साबित हो सकती है। KTM की प्रीमियम बाइक्स जैसे ड्यूक और एडवेंचर सीरीज पहले से ही युवाओं में पॉपुलर हैं। बजाज की मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेंथ और KTM की टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन से अब नए मॉडल्स जल्द लॉन्च हो सकेंगे। KTM को भारत में बजाज ने ही रीच दी थी। पहले ये बाइक्स सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित थीं, लेकिन बजाज के नेटवर्क से ये छोटे शहरों और गांवों तक पहुंच गईं। इसका फैन बेस भी खूब बढ़ा। ग्लोबली बजाज को KTM की रिसर्च डेटा से फायदा मिलेगा, जो उनकी अपनी बाइक्स को इम्प्रूव करने में मदद करेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये मूव भारतीय बाइक इंडस्ट्री को इंटरनेशनल लेवल पर मजबूत बनाएगा। फ्यूचर प्लान्स: रिस्ट्रक्चरिंग से चमकेगा KTM का भविष्य अभी से ही बजाज ने KTM के मैनेजमेंट और ऑपरेशंस में रिस्ट्रक्चरिंग शुरू कर दी है। कंपनी का फोकस अब प्रोडक्ट इनोवेशन पर रहेगा। खासकर इलेक्ट्रिक और हाई-परफॉर्मेंस बाइक्स पर कंपनी काम करेगी। KTM के मोटोजीपी प्रोजेक्ट्स को भी रिवाइव करने की प्लानिंग चल रही है। बजाज के MD राजीव बजाज ने कहा, 'हम KTM को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। ये सिर्फ बिजनेस डील नहीं, बल्कि दो कंपनियों का फ्यूजन है जो ग्लोबल मार्केट को चेंज कर देगा।' आने वाले महीनों में नए लॉन्चेस और एक्सपैंशन प्लान्स की घोषणा हो सकती है। कुल मिलाकर ये पार्टनरशिप अब फुल ओनरशिप में बदल गई है, जो दोनों कंपनियों के लिए ब्राइटर फ्यूचर का संकेत दे रही है।
निवेशकों के लिए गोल्डन चांस: 5G की लहर और EV क्रांति से टेलीकॉम-ऑटो सेक्टर में बंपर उछाल संभव
टेक्निकल एनालिस्ट्स मिलन वैष्णव और फोरम छेड़ा ने टेलीकॉम और ऑटो ईवी सेक्टर में जबरदस्त उछाल की संभावना जताई। 5G रोलआउट, टैरिफ बढ़ोतरी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के कारण इन सेक्टरों के चुनिंदा स्टॉक्स पर फोकस करने की सलाह।
BMW मोटर्राड भारत में अपनी एडवेंचर बाइक बीएमडब्ल्यू F450 GS लॉन्च करने करने की तैयारी रही है। कंपनी इसे 19 दिसंबर से शुरू होने वाले इंडिया बाइक वीक इवेंट में पेश करेगी। कंपनी ने हाल ही में इसे EICMA-2025 में रिवील किया था। बाइक 48hp पावरफुल इंजन के साथ आएगी। कंपनी का दावा है कि बाइक 160kmph टॉप स्पीड से चल सकती है। बीएमडब्ल्यू F450 GS को चार वैरिएंट्स में उतारा जाएगा। इसकी शुरुआती कीमत ₹4.50 लाख के आसपास हो सकती है। इसकी अनऑफिशियल बुकिंग शुरू हो चुकी है, आप इसे ₹50,000 का टोकन देकर बुक कर सकते हैं। बीएमडब्ल्यू बाइक केटीएम 390 एडवेंचर और रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 को टक्कर देगी। सिटी रोड और ऑफ-रोड ट्रेल्स के लिए डिजाइन BMW F 450 GS एक मिडिल-कैपेसिटी एडवेंचर मोटरसाइकिल है, जिसे शहर की सड़कों से लेकर ऑफ-रोड ट्रेल्स तक सब हैंडल करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये BMW की GS सीरीज की नई एंट्री है, जो G 310 GS से ऊपर और R 1300 GS से नीचे फिट बैठेगी। BMW F 450 GS का डिजाइन क्लासिक GS फैमिली से इंस्पायर्ड है, जिसमें हाई-राइजिंग फ्यूल टैंक, एर्गोनॉमिक हैंडलबार और प्रोटेक्टिव क्रैश गार्ड्स हैं। इसका व्हीलबेस लॉन्ग है, जो स्टेबिलिटी बढ़ाता है और ग्राउंड क्लीयरेंस ऑफ-रोड के लिए परफेक्ट है। डायमेंशंस की बात करें तो ये 2150mm लंबी, 900mm चौड़ी और 1400mm ऊंची है। कलर ऑप्शंस में लाइट वाइट, रेसिंग ब्लू और ब्लैक स्ट्रोम जैसे बोल्ड शेड्स मिलेंगे, जो वैरिएंट्स के हिसाब से चेंज होंगे। स्पोर्ट्स वैरिएंट में ग्राफिक्स ज्यादा अट्रैक्टिव होंगे। परफॉर्मेंस: 160kmph टॉप स्पीड और 25-28kmpl माइलेज बाइक में परफॉर्मेंस के लिए 420cc का लिक्विड-कूल्ड पैरलल-ट्विन इंजन दिया गया है, जो 135-डिग्री फायरिंग ऑर्डर के साथ आता है। ये इंजन न सिर्फ पावरफुल है, बल्कि स्मूथ राइडिंग भी देता है। यह 8750rpm पर 48bhp की पावर और 6750rpm पर 43Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ये आंकड़े बाइक को हाईवे पर क्रूजिंग और ऑफ-रोड चढ़ाई के लिए आइडियल बनाते हैं। ट्रांसमिशन के लिए इंजन को 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है, इसके साथ सेमी-ऑटोमैटिक ऑप्शन भी मिलेगा। माइलेज की बात करें तो करीब 25-28kmpl मिल सकता है। वहीं, टॉप स्पीड 160kmph है। बाइक में तीन राइड मोड्स- रेन, रोड और एंड्यूरो मिलेंगे, जो मौसम और टेरेन के हिसाब से परफॉर्मेंस एडजस्ट करते हैं। हायर वैरिएंट्स में एंड्यूरो प्रो मोड भी मिलेगा। हार्डवेयर और फीचर्स: डुअल-चैनल कॉर्नरिंग ABS स्टैंडर्ड कंफर्ट राइडिंग के लिए बीएमडब्ल्यू F 450 GS के फ्रंट में USD फोर्क्स और रियर में एडजस्टेबल मोनोशॉक सस्पेंशन है। ब्रेकिंग के लिए डुअल-चैनल कॉर्नरिंग ABS स्टैंडर्ड है, साथ ही ट्रैक्शन कंट्रोल और डायनामिक ब्रेक कंट्रोल ऑप्शनल हैं। व्हील्स 19-इंच फ्रंट और 17-इंच रियर के अलॉय हैं, टायर्स ऑफ-रोड ग्रिप वाले हैं। फीचर्स की बात करें तो इसमें 6.5-इंच TFT कलर डिस्प्ले, LED हेडलाइट्स, हीटेड ग्रिप्स, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और बाय-डायरेक्शनल क्विकशिफ्टर (बेसिक में ऑप्शनल) जैसे फीचर्स हैं।
कोबरा के काटने के बावजूद भी इन लोगों में नहीं फैलता जहर, क्या है वजह? जानकर चकरा जाएगा माथा
Cobra Bite: कोबरा का जहर काफी ज्यादा खतरनाक होता है. हालांकि कई बार ऐसा भी होता है जब कोबरा काट तो लेता है लेकिन इसके बावजूद भी इंसान जीवित रहता है. उसके शरीर में जहर नहीं फैलता है. ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं इसके बारे में.
वॉट्सएप इस्तेमाल करने वाले 3.5 अरब से ज्यादा यूजर्स के फोन नंबर खतरे में हैं। एक बड़ी सिक्योरिटी कमजोरी की वजह से यूजर्स की प्रोफाइल पिक्चर, स्टेटस और अबाउट सेक्शन की डिटेल्स लीक हो सकती हैं। वियना यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस खामी का पता लगाया है। रिसर्चर्स के मुताबिक इस खामी के कारण किसी भी नंबर को चेक करके पता चल जाता है कि वो वॉट्सएप पर एक्टिव है या नहीं। फिर प्रोफाइल पिक्चर, स्टेटस और अबाउट सेक्शन की डिटेल्स आसानी से निकाली जा सकती हैं। इनका गलत इस्तेमाल हो सकता है। रिसर्चर्स ने बताया- बग का कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं ठग रिसर्चर्स ने बताया कि प्रॉब्लम वॉट्सएप के कॉन्टैक्ट डिस्कवरी फीचर में है। इसे यूजर्स की फोन एड्रेस बुक को सिंक करके लोगों को ढूंढना आसान बनाने के लिए बनाया गया था, लेकिन अनजाने में इसने यूजर डेटा की बड़े पैमाने पर हार्वेस्टिंग (चोरी) का दरवाजा भी खोल दिया। वियना यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने लिबफोनजेन टूल यूज करके 245 देशों के रियलिस्टिक फोन नंबर्स जेनरेट किए। फिर वॉट्सएप के XMPP प्रोटोकॉल से कनेक्ट कर क्वेरी भेजी। भारत के सबसे ज्यादा 74.9 करोड़ यूजर्स के नंबर खतरे में रिसर्चर्स ने बताया कि 3.5 अरब यानी 350 करोड़ यूजर्स में से भारत में सबसे ज्यादा 74.9 करोड़ (21.67%), इंडोनेशिया में 23.5 करोड़ (6.81%), ब्राजील में 20.7 करोड़ (5.99%), अमेरिका में 13.8 करोड़ (3.99%) और रूस में 13.3 करोड़ (3.84%) अकाउंट्स शामिल थे। इसमें 81% एंड्रॉयड और 19% iOS यूजर्स शामिल हैं। इसके अलावा 9% बिजनेस अकाउंट्स हैं, जो वॉट्सएप बिजनेस फीचर्स से ज्यादा डेटा शेयर करते हैं। वेस्ट अफ्रीका जैसे रीजन में 80% प्रोफाइल पब्लिक हैं, जहां मैसेजिंग के लिए वॉट्सएप ही यूज होता है। वॉट्सएप बोला- रिसर्च ने हमारी मदद की वॉट्सएप VP ऑफ इंजीनियरिंग नितिन गुप्ता ने कहा, 'रिसर्च ने हमारे एंटी-स्क्रैपिंग मेजर्स को टेस्ट करने में मदद की। अभी तक कोई गलत इस्तेमाल नहीं दिखा।' मेटा अब और पहले से ज्यादा मजबूत एंटी-स्क्रैपिंग टूल्स डेवलप कर रहा है। एक्सपर्ट बोले- प्राइवेसी अब यूजर की भी जिम्मेदारी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने इस खामी को लेकर कहा कि प्रोफाइल को प्राइवेट सेट करें, 'अबाउट' में पर्सनल डिटेल्स न डालें, स्टेटस शेयरिंग लिमिट करें। अगर आप बिजनेस यूजर हैं, तो वॉट्सएप बिजनेस API के सिक्योर फीचर्स यूज करें। फ्यूचर में ऐसी कमजोरियां कम होंगी, लेकिन प्राइवेसी अब यूजर की जिम्मेदारी भी है। ये खबर भी पढ़ें... इंटरनेट का चौकीदार क्लाउडफ्लेयर फेल कैसे हुआ: 4 घंटे तक X-वॉट्सएप-कैनवा नहीं चले, सालों पुराना बग निकला जिम्मेदार कल शाम की बात है। राहुल का फोन अजीब व्यवहार करने लगा। X पर स्क्रॉल करता तो बस खाली स्क्रीन। चैट जीपीटी से डिनर में बनाने के लिए रेसिपी पूछना था, वो भी समथिंग वेंट रॉन्ग दिखाने लगा। राहुल ने सोचा शायद उसके फोन में ही प्रॉब्लम हो गई है। पूरी खबर पढ़ें...
20 साल बाद 'जिंदा' हुई मछली! क्या है बोलीविया के उस सीक्रेट तालाब का राज? मौत से वापस लौटी मछली
Rare Fish Discovered: वैज्ञानिकों को लगा था कि मछली की एक प्रजाति हमेशा के लिए खत्म हो गई है. लेकिन वह मछली अचानक बोलीविया के एक छोटे से तालाब में जिंदा मिल गई है.
भाईसाहब ये तो कमाल हो गया! चीन चल रहा सबसे बड़ा परमाणु दांव, सीक्रेट न्यूक्लियर प्लानिंग का खुलासा
Worlds Largest Cargo Ship: चीन ने हाल ही में एक ऐसा मालवाहक जहाज(Cargo Ship)दिखाया है जो एक रहस्यमयी परमाणु तकनीक से चलता है. इस तकनीक को पश्चिमी देशों ने दशकों पहले छोड़ दिया था.
मंगल पर दिखा 'अजीब पत्थर', NASA वैज्ञानिकों के लिए ये चट्टान क्यों बनी है सिरदर्द?
Weird Rock on Mars: नासा के पर्सिवियरेंस रोवर को मंगल ग्रह पर 80 सेंटीमीटर का एक पत्थर मिला जो देखने में बहुत अजीब लग रहा था क्योंकि इसका आकार बहुत ही अलग था.
कल शाम की बात है। राहुल का फोन अजीब व्यवहार करने लगा। X पर स्क्रॉल करता तो बस खाली स्क्रीन। चैट जीपीटी से डिनर में बनाने के लिए रेसिपी पूछना था, वो भी समथिंग वेंट रॉन्ग दिखाने लगा। राहुल ने सोचा शायद उसके फोन में ही प्रॉब्लम हो गई है। उधर मुंबई में कॉलेज स्टूडेंट प्रिया कैन्वा पर अपना प्रोजेक्ट पूरा करने बैठी थी। अचानक ये चलना बंद हो गया। Wi-Fi ऑफ-ऑन किया, फोन रीस्टार्ट किया, कुछ नहीं हुआ। प्रिया ने दोस्त को फोन किया उसके साथ भी ऐसी ही समस्या हो रही थी। धीरे-धीरे खबरें आने लगी कि पूरी दुनिया में ही इस तरह की समस्या आ रही है। पता चला कि क्लाउडफ्लेयर के सर्वर से जुड़ी कोई समस्या है। क्लाउडफ्लेयर को आप इंटरनेट का चौकीदार कह सकते है। वेबसाइट्स डेटा क्लाउडफ्लेयर से होकर गुजरता है। छोटी सी परमिशन बदलने से लेटेंट बग एक्टिवेट हो गया था पर ये सब हुआ कैसे। क्लाउडफ्लेयर ने अपनी ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट में पूरी घटना की डिटेल्ड रिपोर्ट जारी कर दी है। कंपनी ने माना कि यह कोई साइबर अटैक नहीं था, बल्कि उनके सिस्टम में सालों पुराना एक लेटेंट बग था जो रूटीन चेंज से एक्टिवेट हो गया। कौन सी सर्विसेज सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं क्लाउडफ्लेयर दुनिया की 20% से ज्यादा वेबसाइट्स को कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क, सिक्योरिटी और रूटिंग सर्विस देता है। आउटेज से 1.4 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स प्रभावित हुई। इनमें X, चैटजीपीटी, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, स्पॉटिफाई, कैनवा, क्लॉड AI, उबर, जूम शामिल थीं। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की हर पांचवीं वेबसाइट को क्लाउडफ्लेयर सर्विस देता है। आउटेज के बाद क्लाउडफ्लेयर 3 बड़े बदलाव करेगी… क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है क्लाउडफ्लेयर क्लाउडफ्लेयर एक ग्लोबल क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। यह डेटासेंटर्स, वेबसाइट और ईमेल सिक्योरिटी, डेटा लॉस से बचाव और साइबर खतरों से सुरक्षा देती है। कंपनी खुद को “इंटरनेट का इम्यून सिस्टम” बताती है। मतलब उसकी टेक्नोलॉजी अपने क्लाइंट्स और बाकी दुनिया के बीच में बैठकर रोजाना अरबों साइबर अटैक ब्लॉक करती है। साथ ही, अपनी ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से यह इंटरनेट ट्रैफिक को तेज भी बनाती है। कंपनी हर तिमाही में 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4.42 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा की कमाई करती है। इसके करीब 3 लाख ग्राहक हैं। कंपनी चीन समेत 125 देशों में काम करती है।
टेक कंपनी रियलमी कल (20 नवंबर) भारतीय बाजार में मिड बजट रेंज में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन रियलमी GT8 प्रो लॉन्च करने जा रही है। फोन का लॉन्च इवेंट दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। फोन में दमदार परफॉर्मेंस, प्रीमियम डिजाइन, हाई-एंड डिस्प्ले और एडवांस कैमरा सिस्टम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि ये अब तक का सबसे एडवांस रियलमी फोन होगा, जो फोटोग्राफी और गेमिंग दोनों में प्रोफेशनल-ग्रेड एक्सपीरियंस देंगे। स्मार्टफोन 200MP टेलीफोटो कैमरा और 7000mAh बैटरी से लैस होगा। रियलमी ने हाल ही में अपने होम मार्केट चीन में रियलमी GT8 प्रो को 5 स्टोरेज वैरिएंट में लॉन्च किया था। वहां इसकी शुरुआती कीमत 2899 युआन (लगभग ₹35,850) है। भारत में इसे 35 हजार रुपए की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। रियलमी GT 8 प्रो की चार खास बातें रियलमी GT 8 प्रो स्मार्टफोन GT बूस्ट 3.0, सिमेट्रिक मास्टर एकॉस्टिक स्पीकर्स, अल्ट्रा हैप्टिक मोटर और IP69 रेटिंग जैसे फीचर से लैस है। डिजाइन: कस्टमाइज्ड कैमरा रिंग्स के साथ 3 कलर ऑप्शन रियलमी ने GT8 सीरीज के डिजाइन पर खास ध्यान दिया है। GT8 प्रो में मेकैनिकल असेंबली डिजाइन है, यानी कैमरा डेको के हिस्सों को बदला जा सकता है। आप अपनी पसंद के अनुसार कैमरा रिंग्स को कस्टमाइज कर सकते हैं। फोन दो कलर ऑप्शन के साथ आएगा। इसमें डेयरी वाइट और अर्बन ब्लू कलर शामिल है। डेयरी वाइट कलर में फ्रॉस्टेड ग्लास बैक होगा, जबकि अर्बन ब्लू में पेपर-लाइक लेदर फिनिश दी जाएगी। फोन में मैट मेटल फ्रेम और स्मूद कर्व्ड बॉडी ट्रांजिशन देखा जा सकता है। यह फोन सिर्फ 7.8mm पतला है और इसका वजन करीब 214 ग्राम है। रियलमी GT8 प्रो: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: रियलमी GT8 प्रो में 2K रिजॉल्यूशन वाला 6.79 इंच का डिस्प्ले मिलेगा, जो 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 7000 निट्स है, जिससे तेज धूप में भी स्क्रीन साफ दिखेगी। यह डिस्प्ले अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आएगा। जो मात्र 0.07 सेकंड में फोन को अनलॉक करने की क्षमता देगा। कंपनी इसे इंडस्ट्री-लीडिंग आई प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ पेश करने वाली है, जिससे लंबे समय तक उपयोग में भी आंखों को थकान नहीं होगी। परफॉर्मेंस: कंपनी ने कन्फर्म कर दिया कि रियलमी GT 8 प्रो में दुनिया का सबसे तेज स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट मिगेगा। ये TSMC की सेकेंड जनरेशन 3nm प्रोसेस टेक पर बना है। कंपनी का कहना है कि ये प्रोसेसर CPU को 20% तेज, GPU को 23% बेहतर और CPU एफिशिएंसी 33% ज्यादा देगा। फोन में AI पावर 37% बढ़ी और AI एफिशिएंसी 16% सुधरी मिलेगी। ये चिप LPDDR5X रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आएगी, जिससे मल्टीटास्किंग और गेमिंग एक्सपीरियंस अच्छा मिलेगा। फोन में R1 ग्राफिक्स प्रोसेसर भी है, जो 100 से ज्यादा गेम्स में सुपर फ्रेम और सुपर रिजॉल्यूशन मोड चला सकता है। 7000mm वैपर कूलिंग सिस्टम गर्मी रोकता है, जो GT7 से 30% बड़ा है। इससे लंबे गेमिंग सेशन्स में भी फोन ठंडा रहता है। कैमरा: कैमरा की बात करें, तो रियलमी ने रिको इमेजिंग के साथ पार्टनरशिप की है, जो अपनी प्रीमियम GR कैमरा सीरीज के लिए जानी जाती है। GT8 प्रो में रिको GR सीरीज से इंस्पायर्ड कैमरा सिस्टम दिया गया है, जिसमें हाई ट्रांसपेरेंसी लेंस ग्रुप है, जो कलर और क्लैरिटी दोनों में सुधार करता है। GT8 प्रो में 200MP सैमसंग HP5 पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा है, जो 3x ऑप्टिकल और 6x लॉसलेस जूम सपोर्ट करता है। साथ में 50MP सोनी IMX921 मेन सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड लेंस दिया गया है। वहीं, GT8 में 50MP मेन सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड और 50MP 3.5x टेलीफोटो लेंस है। वहीं, सेल्फी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए फ्रंट में GT8 प्रो में 32MP सोनी IMX615 सेंसर है, जो AI ब्यूटी मोड और 4K रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है। वहीं, GT8 में 16MP सेल्फी कैमरा दिया गया है। कैमरा फीचर्स की बात करें, तो इसमें GR मोड, स्नैप मोड, क्लासिक फिल्टर्स, HDR 2.0 और प्रो नाइटस्कैप जैसे मोड दिए गए हैं। वीडियो के लिए डॉल्बी विजन और AI मोशन कैप्चर सपोर्ट भी मिलता है। पावर बैकअप: बैटरी और चार्जिंग की बात करें, तो रियलमी GT8 प्रो में 7000mAh की सेकंड-जेनरेशन टाइटन बैटरी दी गई है। फोन को चार्ज करने के लिए 120W सुपरवूक और 50W वायरलेस चार्जिंग दी गई है। कंपनी का दावा है कि यह फोन सिर्फ 10 मिनट में 45% तक चार्ज हो जाती है और बैटरी लाइफ 1600 चार्जिंग साइकल्स तक टिकाऊ रहेगी। OS और सिक्योरिटी: रियलमी GT8 प्रो एंड्रॉएड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर काम करेगा। इसमें स्काई कम्यूनिकेशन सिस्टम और स्काई सिग्नल चिप S1 है, जो कमजोर नेटवर्क में भी 25% बेहतर सिग्नल देता है। फोन वाईफाई 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC और 21 ग्लोबल 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है। सुरक्षा के लिए इसमें अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक फीचर है।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अब फर्जी SMS और फिशिंग एक्टिविटीज पर रोक लगाने के लिए एक कड़ा कदम उठाया है। TRAI ने देश की सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि कॉमर्शियल कम्युनिकेशन के लिए भेजे जाने वाले सभी SMS टेम्प्लेट्स में मौजूद 'वेरिएबल कंपोनेंट्स' को अब पहले से ही टैग (Pre-Tag) करना होगा। यह नियम खासकर उन अनरजिस्टर्ड लिंक्स और फ्रॉड कॉल बैक नंबरों को टारगेट करेगा, जिनका इस्तेमाल धोखेबाज आम लोगों को फंसाने के लिए करते हैं। कंपनियों को यह नियम लागू करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें दिनभर किसी न किसी बैंक, फाइनेंशियल सर्विस या ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के नाम से फर्जी SMS आते रहते हैं और आप फ्रॉड के डर से इन्हें इग्नोर कर देते हैं। तो आपके लिए यह एक राहत की खबर है। क्या है TRAI का नया 'प्री-टैगिंग' नियम? TRAI का यह नया नियम मुख्य रूप से SMS टेम्प्लेट में इस्तेमाल होने वाले डायनामिक कंटेंट से जुड़ा है। वेरिएबल कंपोनेंट्स का मतलब मैसेज के उन हिस्सों से है, जो हर रिसीवर के लिए बदल सकते हैं। जैसे... नए नियम के तहत, मैसेज भेजने वाली प्रिंसिपल एंटिटी (PE) यानी वह कंपनी जो मैसेज भेज रही है, उसे टेम्प्लेट रजिस्टर करते समय यह बताना होगा कि वेरिएबल फील्ड में क्या आने वाला है। उदाहरण के लिए अगर वहां कोई URL आना है, तो उसे स्पष्ट रूप से #url# के रूप में टैग करना होगा। अगर कोई नंबर आना है, तो #number# के रूप में टैग करना अनिवार्य होगा। फ्रॉड पर कैसे लगेगी लगाम? पहले इन वेरिएबल फील्ड्स को टैग नहीं किया जाता था, जिसका सीधा फायदा फ्रॉडस्टर्स उठाते थे। वे अप्रूव्ड मैसेज टेम्प्लेट में ही चुपके से किसी बैंक या सरकारी योजना के नाम पर मैलीशियस लिंक्स या ऐसे नंबर डाल देते थे, जो उन्हें फाइनेंशियल फ्रॉड करने में मदद करते थे। चूंकि इन फील्ड्स की कोई पहचान यानी टैगिंग नहीं थी, इसलिए टेलीकॉम प्रोवाइडर्स उन्हें पहचान नहीं पाते थे। अब प्री-टैगिंग के बाद एक्सेस प्रोवाइडर्स यानी टेलीकॉम कंपनियां इन फील्ड्स को ऑटोमैटिकली पहचान पाएंगे और उनकी जांच कर पाएंगे। इससे वे यह पता लगा सकेंगे कि डाला गया लिंक या नंबर व्हाइटलिस्टेड डोमेन या नंबरों से है या नहीं। अगर वह टैग के विपरीत होगा या फ्रॉड लिंक होगा, तो मैसेज वहीं ब्लॉक हो जाएगा। TRAI ने साफ किया है कि यह कदम एंटी-स्पैम और एंटी-फ्रॉड फ्रेमवर्क को और मजबूत करेगा। कंपनियों को 60 दिन में करना होगा बदलाव TRAI ने एक्सेस प्रोवाइडर्स और प्रिंसिपल एंटिटीज को अपने मौजूदा SMS टेम्प्लेट्स में जरूरी बदलाव करने के लिए 60 दिनों की मोहलत दी है। यानी अगर किसी कंपनी के लाखों पुराने टेम्प्लेट्स अप्रूव्ड हैं, तो उन्हें 60 दिन के अंदर इस नए प्री-टैगिंग नियम के हिसाब से अपडेट करना होगा। इस कॉम्प्लायंस विंडो के खत्म होने के बाद अगर कोई भी मैसेज नॉन-कॉम्प्लायंट टेम्प्लेट का इस्तेमाल करके भेजा जाता है, तो टेलीकॉम कंपनी उसे रिजेक्ट कर देगी और वह मैसेज ग्राहक तक नहीं पहुंचेगा। यह एक तरह से फ्रॉड मैसेज भेजने वालों के लिए सीधी चुनौती है। डिजिटल कम्युनिकेशन पर फिर बढ़ेगा भरोसा यह नया नियम TRAI के टेलीकॉम कॉमर्शियल कम्यूनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) 2018 को और बल देता है। जिसका उद्देश्य अनऑथोराइज्ड कॉमर्शियल कम्युनिकेशन पर पूरी तरह रोक लगाना है। TRAI का मानना है कि इस पहल से पब्लिक सेफ्टी बढ़ेगी और डिजिटल मैसेजिंग चैनल्स पर लोगों का भरोसा फिर से बहाल होगा। ये चैनल्स बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, सरकारी और दूसरी जरूरी सेवाओं के कम्युनिकेशन के लिए बहुत जरूरी होते हैं। अब हर वेरिएबल फील्ड का ट्रांसमिशन से पहले वैलिडेशन होगा, जिससे फ्रॉड की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी। ये खबर भी पढ़ें... दुनियाभर में X और चैटजीपीटी 4 घंटे डाउन रहे: क्लाउडफ्लेयर में दिक्कत होने से सर्विस गड़बड़ाई, 75 लाख वेबसाइट्स पर असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में डाउन हो गईं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5 बजे से रात 9 बजे तक डाउन रहीं। पूरी खबर पढ़ें...
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में करीब 1 घंटे से बंद हैं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5:15 बजे से डाउन हैं। भारत समेत दुनियाभर में यूजर्स को लॉगिन, साइनअप, पोस्ट करने और देखने के अलावा प्रीमियम सर्विसेज सहित प्रमुख सुविधाओं का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर भी बंद है। क्लाउडफ्लेयर वेबसाइट के डाउन होने के कारण यह दिक्कत आई है। इससे जुड़ी करीब 75 लाख वेबसाइट्स पर भी असर पड़ा है। x या चैटGPT डाउन होने की वजह क्या है क्लाउडफ्लेयर डाउन होने से सर्विसेज डाउन: क्लाउडफ्लेयर एक इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो वेबसाइट और एप्लिकेशन को फास्ट, ज्यादा सेफ और ज्यादा भरोसेमंद बनाने के लिए सर्विस प्रोवाइड करती है। इसके डाउन होने से ये सर्विसेज डाउन हैं। एक बयान में क्लाउडफ्लेयर ने कहा कि उसे एक समस्या की जानकारी है और वह इसकी जांच कर रहा है। हम इस समस्या के पूरे प्रभाव को समझने और इसे कम करने के लिए काम कर रहे हैं। जल्द ही और अपडेट दिए जाएंगे। 43% लोगों को पोस्ट देखने में समस्याएं हुई डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, दुनियाभर में X के कई यूजर्स को वेब और एप दोनों वर्जन पर एक्सेस करने और पोस्ट रिफ्रेश करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा। लगभग 43% लोगों को पोस्ट देखने में समस्याएं हुईं। वहीं 23% लोगों को बेवसाइट का इस्तेमाल करने में परेशानी आईं और लगभग 24% ने बताया कि उन्हें वेब कनेक्शन में दिक्कत हुईं। चैटजीपीटी इस्तेमाल कर रहे 87% लोगों ने वेबसाइट पर, 9% यूजर्स ने एप पर और 3% ने API पर अपनी समस्या रिपोर्ट की... X के दो आउटेज इलॉन मस्क ने 2022 में खरीदा था X 27 अक्टूबर 2022 को इलॉन मस्क ने ट्विटर (अब X) खरीदा था। ये डील 44 बिलियन डॉलर में हुई थी। आज के हिसाब से ये रकम करीब 3.84 लाख करोड़ रुपए होती है। मस्क ने सबसे पहले कंपनी के चार टॉप ऑफिशियल्स CEO पराग अग्रवाल, फाइनेंस चीफ नेड सेगल, लीगल एग्जीक्यूटिव विजया गड्डे और सीन एडगेट को निकाला था। 5 जून 2023 को लिंडा याकारिनो ने X के CEO के तौर पर जॉइन किया था। इससे पहले वो NBC यूनिवर्सल में ग्लोबल एडवर्टाइजिंग एंड पार्टनरशिप की चेयरमैन थीं। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... X सर्विस 3 घंटे ठप रहने के बाद शुरू हुईं: यूजर पोस्ट नहीं देख पा रहे थे, ढाई महीने में दूसरी बार सर्विस डाउन हुईं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) को डेटा सेंटर में तकनीकी खराबी के कारण दूसरे दिन भी करीब 3 घंटे तक आउटेज का सामना करना पड़ा। शनिवार शाम को करीब 5.30 से 8.43 बजे तक सर्विसेस डाउन रहीं। पूरी खबर पढ़ें...
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने तकनीकी खराबी के कारण 39,506 गाड़ियों को वापस बुलाया है। कंपनी के इस रिकॉल में 9 दिसंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के बीच बनाई गई पॉपुलर SUV ग्रैंड विटारा के मॉडल शामिल हैं। इस रिकॉल का कारण फ्यूल लेवल इंडिकेटर और वार्निंग लाइट सिस्टम में संभावित तकनीकी खामी बताई गई है। मारुति सुजुकी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। लो फ्यूल वार्निंग लाइट फ्यूल का लेवल गलत बता रही कंपनी का कहना है कि इन गाड़ियों के स्पीडोमीटर असेंबली में फ्यूल गेज और लो फ्यूल वार्निंग लाइट फ्यूल का लेवल सही ढंग से डिस्प्ले नहीं कर पा रही है। इससे चालक को गलत फ्यूल जानकारी मिल सकती है, जो लंबी दूरी या हाइवे ड्राइविंग के दौरान परेशानी का कारण बन सकती है। कंपनी ने कहा कि यह समस्या सीमित संख्या के वाहनों में देखी गई है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी प्रभावित यूनिट्स को जांच के लिए बुलाया जा रहा है। हम सभी ओनर्स को सलाह देंगे कि वह अपनी गाड़ी में पर्याप्त फ्यूल भरवा कर रखें और इस पार्ट को जल्दी से जल्दी बदलवा लें। कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज कंपनी ने बताया कि मारुति सुजुकी के अधिकृत वर्कशॉप मॉडल्स के ऑनर्स से संपर्क करेंगे, जहां डिफेक्ट को सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दे दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, ओनर यहां क्लिक कर अपना व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (VIN) डालकर भी पता लगा सकते हैं कि उनकी गाड़ी इस पार्ट से प्रभावित हुई है या नहीं। सीट बेल्ट में खराबी के कारण बुलाई थीं 11,177 गाड़ियां ग्रैंड विटारा के लिए यह पहला रिकॉल नहीं है। मारुति सुजुकी ने इससे पहले 24 जनवरी 2023 को इसकी 11,177 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने 8 अगस्त 2022 से 15 नवंबर 2022 के बीच बनाए गए मॉडल्स के रियर सीट के सीट बेल्ट माउंटिंग ब्रैकेट में टेक्निकल डिफेक्ट आने के कारण रिकॉल किया था। पहले भी वापस बुलाई थीं कारें देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।
टेक कंपनी ओप्पो अपनी फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज आज (18 नवंबर) भारतीय बाजार में लॉन्च करने जा रही है। इसमें फाइंड X9 और फाइंड X9 प्रो मॉडल उतारे जाएंगे। ब्रांड ने हाल ही में इन फोन्स को ग्लोबल मार्केट में लॉन्च किया था। ये फोन्स डायमेंसिटी 9500 चिपसेट और प्रीमियम 6.59 इंच डिस्प्ले के साथ आएंगे। इसके अलावा फाइंड X9 में लूमोजिन इमेज इंजन के साथ 50MP कैमरा सेटअप और 7025mAh की बड़ी बैटरी जैसे फीचर्स मिलेंगे। वहीं, फाइंड X9 प्रो मॉडल में 200MP कैमरा सेटअप और 7500mAh की बड़ी बैटरी जैसे फीचर्स दिए जाएंगे। भारत में इनका मुकाबला, वीवो X300, वनप्लस 13 और शाओमी 17 जैसे फ्लैगशिप सीरीज के स्मार्टफोंस से होगा। लॉन्च इवेंट दोपहर 12 बजे ऑनलाइन होगा। ओपो ग्लोबल वेबसाइट पर ईवेंट को लाइव देख सकते हैं। ओप्पो फाइंड X9 प्रो: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले और डिजाइन: ओप्पो फाइंड X9 प्रो में 6.78 इंच की 2K एमोलेड स्क्रीन मिलेगी, जो 27721272 पिक्सल रेजोल्यूशन के साथ आती है। स्क्रीन को गोरिल्ला ग्लास विक्टस 2 की प्रोटेक्शन दी गई है और इसमें 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर भी है। यह स्क्रीन 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ स्मूद काम करती है और 3600 निट्स पीक ब्राइटनेस की वजह से तेज धूप में भी साफ दिखती है। वहीं, 2160Hz PWM डिमिंग की वजह से स्क्रीन आंखों को नुकसान भी नहीं पहुंचाती है और ये 450PPI भी सपोर्ट करती है। सॉफ्टवेयर और परफॉर्मेंस: फोन नए ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) एंड्रॉएड 16 पर बेस्ड कलरOS 16 पर चलता है। इसमें मीडियाटेक का लेटेस्ट डायमेंसिटी 9500 प्रोसेसर है, जो 3nm टेक्नोलॉजी पर बना है और 4.21GHz की स्पीड देता है। ग्राफिक्स के लिए आर्म G1-अल्ट्रा GPU है। फोन में LPDDR5X रैम और UFS4.1 स्टोरेज है, जिससे एप्स तेजी से खुलते हैं और मल्टीटास्किंग स्मूद रहती है। ओप्पो का ट्रिनिटी इंजन फोन को हैवी गैमिंग के दौरान भी ठंडा और परफॉर्मेंस को मेंटेन रखता है। साथ ही 36,344.4mm का कूलिंग एरिया गर्म होने से बचाता है। फोन को 5 साल तक Android OS अपग्रेड और 6 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे। बैटरी और चार्जिंग: फोन में पावरबैकअप के लिए 7500mAh की सिलिकॉन-कार्बन बैटरी है। कंपनी का दावा है कि 5 साल तक 80% हेल्थ मेंटेन रख सकती है। इसे 80W सुपरवूक वायर्ड और 50W एयरवूक वायरलेस चार्जिंग से तेजी से चार्ज किया जा सकता है। साथ ही 10W रिवर्स चार्जिंग का ऑप्शन भी है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन में 200MP टेलीफोटो पेरिस्कोप कैमरा, 50MP सोनी LYT828 OIS मेन सेंसर, 50MP अल्ट्रा-वाइड लेंस और ट्रू कलर सेंसर है। सेल्फी के लिए 50MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। कनेक्टिविटी और ड्यूरेबिलिटी: यह फोन IP66, IP68, और IP69 रेटिंग के साथ वॉटरप्रूफ और डस्टप्रूफ है। इसमें NFC, वाईफाई 7, ब्लूटूथ 6.0 और USB 3.2 जेन 1 जैसे फीचर्स हैं। AI लिंकबूस्ट तकनीक हर जगह बेहतर नेटवर्क कनेक्शन देती है। ओप्पो फाइंड X9: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले और डिजाइन: ओप्पो फाइंड X9 में 6.59 इंच की 1.5K ओलेड OLED फ्लैट स्क्रीन दी गई है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट पर काम करती है। यानी टच स्मूद चलता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 1800निट्स है। स्क्रीन को ओप्पो क्रिस्टल शील्ड ग्लास से प्रोटेक्ट किया गया है और P3 डिस्प्ले चिप से तस्वीरें और भी शानदार दिखती हैं। फोन का वजन 203 ग्राम और मोटाई 7.99mm है, जो इसे हल्का और प्रीमियम बनाता है। परफॉर्मेंस और सॉफ्टवेयर: फोन में मीडियाटेक डायमेंसिटी 9500 प्रोसेसर है, जो तेज और पावरफुल है। इसमें LPDDR5X रैम और UFS 4.1 स्टोरेज है, जिससे एप्स जल्दी खुलते हैं और मल्टीटास्किंग स्मूद रहती है। यह एंड्रॉएड 16 पर बेस्ड कलरOS 16 पर काम करता है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन में 50MP सोनी LYT808 OIS मेन कैमरा, 50MP सैमसंग JN5 अल्ट्रा-वाइड लेंस और 50MP LYT600 पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस है। इसमें हैजलब्लेड XPAN मोड और 4K Ultra HD लाइव फोटो का सपोर्ट भी है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 32MP सोनी IMX615 फ्रंट कैमरा दिया गया है। बैटरी और अन्य फीचर्स: फोन में 7025mAh की दमदार बैटरी है, जो 80W फास्ट वायर्ड और 50W वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करती है। इसमें WiFi 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC, IR ब्लास्टर, IP68/IP69 रेटिंग (वॉटर और डस्टप्रूफ), अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर, X-axis लीनियर मोटर और डुअल स्टीरियो स्पीकर जैसे फीचर्स भी हैं।
हीरो मोटोकॉर्प ने आज (17 नवंबर) हीरो एक्सट्रीम 160R का नया कॉम्बैट एडिशन भारतीय बाजार के लिए रिवील कर दिया है। इसमें क्रूज कंट्रोल, कलर LCD डिस्प्ले और 3 राइडिंग मोड्स जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। लॉन्च होने पर ये स्पोर्टी बाइक भारत में क्रूज कंट्रोल फीचर वाली पहली 160CC बाइक बन जाएगी। डुअल चैनल ABS फीचर ब्रेक लगाने पर फ्रंट और रियर दोनों व्हील्स को कंट्रोल करता है। इससे बाइक फिसलने का खतरा कम हो जाता है। इसकी कीमत 1.35 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी जा सकती है। इसकी डिलीवरी नवंबर के आखिर या दिसंबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद है। हीरो एक्सट्रीम 160R अपने सेगमेंट में TVS अपाचे RTR 160 4V (₹1.33 लाख) और बजाज पल्सर NS160 (₹1.23 लाख) को टक्कर देगी। डिजाइन, डायमेंशन और कलर ऑप्शन हीरो एक्सट्रीम 160R 4V कॉम्बैट एडिशन का डिजाइन रेगुलर मॉडल से थोड़ा अलग है। इसमें शार्पर LED हेडलाइट और सिग्नेचर ग्रे/फ्लोरोसेंट यलो कलर स्कीम इसे मिलिट्री-इंस्पायर्ड लुक देगा। डायमेंशन स्टैंडर्ड ही हैं। इसकी लंबाई 2023mm, चौड़ाई 781mm, ऊंचाई 1054mm, व्हीलबेस 1335mm है। सीट हाइट 795mm रखी गई है, जो एवरेज हाइट वालों के लिए परफेक्ट है। कलर ऑप्शन में नया ग्रे विद येलो हाइलाइट्स मिलेगा, जो स्पोर्टी वाइब देगा। वजन 139.5 किलो है, जो हैंडलिंग को लाइट रखता है। हीरो ने ग्राफिक्स पर भी फोकस किया है, ताकि स्ट्रीट पर ये बाइक हेड-टर्नर बने। परफॉरमेंस: 163cc इंजन के साथ 50kmpl से ज्यादा का माइलेज बाइक के इंजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें पहले की तरह ही 163CC का सिंगल-सिलेंडर ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 16.6hp की मैक्सिमम पावर और 14Nm का टार्क जनरेट करता है। इस इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स यूनिट के साथ ट्यून किया गया है। बाइक OBD-2 अनुरूप और E20 पेट्रोल (20% इथेनॉल मिक्स पेट्रोल) पर चलने में सक्षम है। परफॉर्मेंस बेस मॉडल जैसी ही है, लेकिन राइड-बाय-वायर से रिस्पॉन्स बेहतर हो गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक 0-60kmph की स्पीड सिर्फ 4.5 सेकेंड में हासिल कर लेती है। माइलेज शहर में 45kmpl और हाईवे पर 50kmpl से ऊपर मिलेगा। तीन राइडिंग मोड्स से रेन मोड में सेफ्टी बढ़ती है, जबकि स्पोर्ट मोड में थ्रिल मिलता है। हीरो का दावा है कि ये बाइक सिटी कम्यूटिंग और वीकेंड राइड्स दोनों के लिए बैलेंस्ड है। इसकी टॉप स्पीड 115kmph के आसपास है, जो सेगमेंट में कॉम्पिटिटिव है। हार्डवेयर: KYB सस्पेंशन और डुअल-चैनल ABS से सेफ्टी फुल ऑन हीरो ने हार्डवेयर को रिफाइन किया है, ताकि स्पोर्टी राइडिंग में भी स्टेबिलिटी बनी रहे। कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में KYB इनवर्टेड फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन सेटअप दिया गया है, जो खराब रास्तों को अच्छे से हैंडल करता है। इसमें 17-इंच के अलॉय व्हील्स हैं। वहीं, फ्रंट व्हील में 100/80-17 सेक्शन और रियर में 130/70-17 सेक्शन के टायर्स मिलते हैं। ब्रेकिंग में 276mm फ्रंट डिस्क और 220mm रियर डिस्क के साथ डुअल-चैनल ABS स्टैंडर्ड है। फीचर्स: कलर LCD कंसोल से मॉडर्न टच नया कलर LCD इंस्ट्रूमेंट कंसोल स्पीड, फ्यूल लेवल, टाइम, गियर पोजिशन, टैकोमीटर, ओडोमीटर और ट्विन ट्रिप मीटर्स दिखाता है। ये कंसोल हीरो ग्लैमर X125 और एक्सट्रीम 125R जैसा है, लेकिन 160cc के लिए ऑप्टिमाइज्ड है। फुल LED लाइटिंग सेटअप है, जो नाइट राइडिंग को ब्राइट बनाता है।
भारत में इस हफ्ते 5 नए स्मार्टफोन लॉन्च होंगे। 17 से 23 नवंबर के बीच वीवो, रियलमी और भारतीय ब्रांड लावा जैसे ब्रांड अपने डिवाइस पेश करेंगे। एक ओर जहां ओपो फाइंड X9 सीरीज पेश की जाएगी, दूसरी ओर फ्लैगशिप रियलमी GT8 प्रो लॉन्च होगा। इन फोन्स में लेटेस्ट AI फीचर्स मिलेंगे। इसके अलावा, 200 मेगापिक्सल मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा, 7000mAh की बड़ी बैटरी और एमोलेड स्क्रीन जैसे ऑप्शन मिलेंगे। इसके अलावा एक नया स्मार्टफोन ब्रांड भी इंडिया में नए फोन के साथ एंट्री करने जा रहा है। चलिए डिटेल में जानते हैं... ओप्पो फाइंड X9: 18 नवंबर ओपो फाइंड X9 सीरीज ग्लोबल मार्केट में लॉन्च हो चुकी है। कंपनी 18 नवंबर को नए फोन भारतीय बाजार में उतारेगी। इस सीरीज का बेस मॉडल, ओपो फाइंड एक्स9, डाइमेंसिटी 9500 चिपसेट से लैस है, जो फोन को बेहद तेज और स्मूथ परफॉर्मेंस देता है। इसमें 6.59-इंच की 1.5K फ्लैट OLED स्क्रीन लगी है, जो क्रिस्प विजुअल्स और ब्राइट डिस्प्ले का मजा देती है। बैटरी की बात करें तो 7025mAh की दमदार कैपेसिटी वाली यह बैटरी लंबे समय तक साथ निभाती है, साथ ही 80W फास्ट वायर्ड और 50W वायरलेस चार्जिंग से बैटरी फटाफट फुल हो जाती है। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप है। इसमें 50MP सोनी LYT808 मेन सेंसर OIS के साथ हिलने पर भी साफ तस्वीरें लेता है, 50MP सैमसंग JN5 अल्ट्रा-वाइड लेंस वाइड फोटो कैप्चर करता है और 50MP LYT600 पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस दूर की चीजों को जूम करके परफेक्ट क्लिक करता है। सेल्फी के लिए आगे 32MP सोनी IMX615 कैमरा मिलेगा, जो शार्प और नैचुरल सेल्फीज देगा। ओप्पो फाइंड X9 प्रो: 18 नवंबर ओपो फाइंड X9 प्रो फोन भी भारत में 18 नवंबर को लॉन्च होने वाला है। ये डाइमेंसिटी 9500 चिपसेट पर चलता है, साथ में ओपो का ट्रिनिटी इंजन मिलेगा जो परफॉर्मेंस को और ज्यादा स्मूथ और पावरफुल बनाएगा। डिस्प्ले की बात करें तो 6.78-इंच की 2K AMOLED स्क्रीन दी गई है, जो सुपर शार्प इमेजेस, वाइब्रेंट कलर्स और स्मूथ स्क्रॉलिंग के साथ आएगी। बैटरी के मामले में 7500mAh की मास्टर बैटरी मिलेगी, जो हेवी यूज में भी दिनभर साथ देगी और चार्जिंग ऑप्शन टॉप क्लास हैं। 80W सुपरवूक वायर्ड, 50W एयरवूक वायरलेस और 10W रिवर्स चार्जिंग से कहीं भी क्विक पावरअप हो जाएगा। कैमरा सेटअप तो कमाल का है, ये 200MP का हाई-रेजोल्यूशन वाला फोन है जिसमें 50MP Sony LYT828 OIS मुख्य सेंसर हिलने पर भी क्रिस्प शॉट्स लेगा, 50MP अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस चौड़े लैंडस्केप कैप्चर करेगा, और सेल्फी के लिए आगे 50MP कैमरा शानदार पोर्ट्रेट्स देगा। सेफ्टी के लिए IP66 + IP68 + IP69 रेटिंग के साथ ये फोन पानी, धूल और हाई-प्रेशर जेट्स से पूरी तरह महफूज रहेगा। वूबल 1: 19 नवंबर भारतीय बजाार में 19 नवंबर को नए स्मार्टफोन ब्रांड की एंट्री होने जा रही है। भारतीय कंपनी इंडकॉल टेक्नोलॉजीज अपना पहला अपना मोबाइल फोन लॉन्च करने वाली है। इसका नाम वूबल 1 5G हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फोन 2.6GHz मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 चिपसेट पर चलेगा, जो इसे तेज बनाएगा। इसमें 8GB रैम और 256GB तक स्टोरेज मिलेगी। फोटो के लिए पीछे 3 कैमरे हैं। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन (OIS) के साथ 50MP का मेन सेंसर और फ्रंट में 16MP का सेल्फी कैमरा मिलेगा। ये स्मार्टफोन पूरी तरह 'मेड इन इंडिया' होगा, यानी भारत में ही बनाया गया। कीमत 15 से 20 हजार रुपए के बीच हो सकती है। रियलमी GT8 प्रो: 20 नवंबर रियलमी GT 8 प्रो कंपनी का पहला ऐसा स्मार्टफोन है, जो स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट के साथ आएगा है, ये फोन को बेहद तेज और हाई-परफॉर्मेंस वाला बनाता है। गेमिंग लवर्स के लिए इसमें GT बूस्ट 3.0 टेक्नोलॉजी और हाइपरविजन AI चिप दी गई है, जो गेम्स को बिना किसी लैग के सुपर स्मूथ चलाएगी। फोन 7000mAh की बैटरी के साथ आएगा और इसके साथ 120W वायर्ड और 50W वायरलेस फास्ट चार्जिंग मिलेगी। इसमें 6.79-इंच की QHD+ एमोलेड फ्लेक्सिबल स्क्रीन मिलेगी, जो 144Hz रिफ्रेश रेट, 3200Hz टच सैंपलिंग रेट और 7000 निट्स पीक ब्राइटनेस के साथ आएगी। फोटोग्राफी के लिए बैक पैनल पर 200MP मुख्य + 50MP अल्ट्रा-वाइड + 50MP टेलीफोटो का ट्रिपल कैमरा सेटअप मिलेगा, जबकि सेल्फी के लिए फ्रंट में 32MP कैमरा मिलेगा। लावा अग्नि 4: 20 नवंबर इंडियन ब्रांड लावा मोबाइल्स अपना नया मिड-रेंज स्मार्टफोन अग्नि 4 इसी हफ्ते भारत में लॉन्च करने जा रहा है। इसकी कीमत करीब 20 से 25 हजार रुपए के बीच हो सकती है। बैक पैनल पर रियर कैमरा मॉड्यूल इसे थोड़ा iPhone Air जैसा दिखाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये फोन मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8350 प्रोसेसर पर चलेगा, जो इसे तेज और स्मूथ परफॉर्मेंस देगा। बैटरी के लिए 7000 mAh की बड़ी कैपेसिटी मिलेगी, जो लंबे समय तक चलेगी। स्क्रीन 6.78 इंच की फुल HD+ एमोलेड होगी। फोटोग्राफी के लिए रियर में 50 मेगापिक्सल का डुअल रियर कैमरा सेटअप होगा।
टाटा मोटर्स अपनी मोस्ट अवेटिंग SUV सिएरा को शनिवार (15 नवंबर) को रिवील कर दिया है। कंपनी इसे भारत में 25 नवंबर को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने इसके प्रोडक्शन मॉडल का टीजर जारी किया है। कार को कई बार टेस्टिंग के दौरान सड़कों पर देखा जा चुका है। सिएरा टाटा के लिए एक आइकॉनिक नाम था, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था। अब 22 साल बाद सिएरा मॉडर्न स्टाइल और फीचर के साथ वापसी कर रही है। इसे पहले ICE वर्जन में पेश किया जाएगा, इसके बाद ईवी वर्जन आएगा। कार में 360 कैमरा और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। टाटा सिएरा की एक्स-शोरूम कीमत करीब 11 लाख रुपए से शुरू हो सकती है। इसका मुकाबला हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, स्कोडा कुशाक, फोक्सवैगन टाइगन, मारुति ग्रैंड विटारा, होंडा एलिवेट और MG एस्टर से रहेगा। एक्सटीरियर: 1990 मॉडल और नई सफारी से इंस्पायर्ड डिजाइन नई सिएरा के ICE वर्जन का डिजाइन 1990 में आने वाले अपने पुराने मॉडल से इंस्पायर्ड है, लेकिन कंपनी ने ओवरऑल डिजाइन थीम मौजूदा लाइनप में शामिल हैरियर और सफारी के जैसी रखी है। इसके फ्रंट में कनेक्टेड LED DRL जैसे मॉडर्न एलिमेंट्स दिए गए हैं। इनके बीच कार की चौड़ाई तक फैली ग्रिल और स्टाइलिश बंपर दिया गया है। इसमें हेडलाइट को बंपर में इंटीग्रेट है। साइड से SUV वाला बॉक्सी सिल्हूट पहले की तरह रहेगा, जिसमें आइकॉनिक ‘एल्पाइन विंडो’ डिजाइन मिलेगी, लेकिन इसमें ओरिजनल सिएरा की तरह सिंगल ग्लास पेन ग्लास रूफ नहीं होगा, क्योंकि नई सिएरा 4 दरवाजों वाली कार होगी। इसमें फ्लश डोर हैंडल और स्टाइलिश मल्टी-स्पोक डुअल-टोन अलॉय व्हील भी मिलेंगे। रियर से सिएरा काफी सिंपल है और इसमें कार की पूरी चौड़ाई तक फैली LED टेल लैंप्स दी गई है। इसमें सिल्वर स्किड प्लेट के साथ ग्लॉसी ब्लैक रियर बंपर दिया गया है जो इसे पीछे से शानदार लुक देता है। इंटीरियर: ट्रिपल स्क्रीन सेटअप वाली टाटा की पहली कार सिएरा कार का केबिन वर्तमान में टाटा की मौजूदा कारों से काफी अलग है। इसके केबिन में ट्रिपल स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जो एक पेनल पर इंटीग्रेटेड है और ये डैशबोर्ड की पूरी चौड़ाई तक फैला है, जो पहली ही नजर में सबका ध्यान अपनी ओर खींचता है। इसके डैशबोर्ड पर कई जगह यलो हाइलाइट दिए गए हैं, जबकि एसी वेंट्स काफी पतले हैं। इसमें इल्लुमिनेटेड लोगो के साथ 4-स्पोक स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। सिएरा के केबिन में पीछे की तरफ बेंच सीट के साथ तीन एडजस्टेबल हेडरेस्ट और एक सेंटर आर्मरेस्ट दिया गया है। फीचर्स: ड्यूल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल और लेवल-2 ADAS दूसरी टाटा कार की तरह सिएरा एसयूवी भी फीचर लोडेड हो सकती है। इसमें तीन स्क्रीन, ड्यूल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस फोन चार्जर, JBL साउंड सिस्टम, वेंटिलेशन के साथ पावर्ड फ्रंट सीटें, एम्बिएंट लाइटिंग, और पैनोरमिक सनरूफ जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। पैसेंजर की सुरक्षा के लिए इसमें 7 एयरबैग, EBD के साथ ABS, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर के साथ 360 डिग्री कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, ISOFIX चाइल्ड सीट एंकर और लेवल 2 ADAS (एडवांस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम) जैसे सेफ्टी फीचर दिए जा सकते हैं। टाटा सिएरा: इंजन और ट्रांसमिशन टाटा सिएरा के टेक्निकल स्पेसिफिकेशन का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन इसमें 1.5-लीटर T-GDI टर्बो-पेट्रोल इंजन दिया जा सकता है। यह इंजन 170PS की पावर और 280Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन के लिए इसमें 6-स्पीड एमटी और 7-स्पीड डीसीटी गियरबॉक्स के ऑप्शन मिलेंगे। वहीं, 1.5-लीटर की डीजल इंजन दिया जा सकता है, जो जो 118PS की पावर और 260Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसके साथ 6-स्पीड मैुअल ट्रांसमिशन और 7-स्पीड डुअल क्लच ट्रांसमिशन का ऑप्शन मिलेगा। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रिक पावरट्रेन का ऑप्शन भी मिलेगा।
गूगल ने भारत में गूगल मैप्स यूजर्स के लिए जेमिनी AI को इंटीग्रेट कर दिया है। इससे अब मैप्स सिर्फ रास्ता बताने वाला एप नहीं रहेगा, बल्कि आपका पर्सनल ट्रैवल असिस्टेंट बन जाएगा। जो बोलेगा, समझेगा और भारतीय यूजर के हिसाब से फैसले लेगा। इससे अब आप बोलकर पास का पेट्रोल पंप या रेस्टोरेंट ढूंढ सकते हैं, यही नहीं अब बिना टाइप किए रिव्यू, फोटो और डिटेल्स मिलेंगी। इसके अलावा एक्सीडेंट अलर्ट, स्पीड लिमिट और टू-व्हीलर नेविगेशन जैसे नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं। यह अपडेट एंड्रॉएड और iOS पर जल्द रोलआउट होगा, जो ट्रैवल को स्मार्ट बनाएगा। भारत में करीब 25 करोड़ से ज्यादा लोग हर दिन गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए भीड़भाड़ वाले शहरों, रोजाना के ऑफिस ट्रैफिक और सुरक्षा के लिहाज से ये फीचर्स भारत जैसे देश के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। ये 6 फीचर्स सबसे उपयोगी... 1. अब आवाज रास्ता दिखाएगी अब ड्राइव के दौरान मोबाइल को छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप बस बोलिए और जेमिनी AI आपके इंस्ट्रक्शन पर तुरंत काम करेगा। जैसे- कमांड्स पर तुरंत रूट, लोकेशन या सर्च रिजल्ट मिल जाएगा। 2. ट्रेवल से पहले ‘स्मार्ट टिप्स’ अब किसी जगह पर जाने से पहले ही आपको सारी जरूरी जानकारियां मिल जाएंगी। जैसे- पार्किंग की स्थिति, वहां की भीड़, फूड स्पेशलिटी और आस-पास घूमने लायक जगह कौन-कौन सी हैं। कुल मिलाकर गूगल मैप्स अब सिर्फ रास्ता नहीं दिखाएगी, बल्कि आपका स्मार्ट ट्रैवल पार्टनर बनेगी। जेमिनी AI के साथ आप वॉइस से सवाल पूछ सकते हैं– जैसे 'पास में वेजिटेरियन रेस्टोरेंट कहां है?' और AI तुरंत सटीक जवाब देगा। इसमें रिव्यू, फोटो और जरूरी जानकारी भी शामिल होगी। ड्राइविंग के दौरान अन्य एप्स से लिंक करने का ऑप्शन मिलेगा, ताकि हैंड्स-फ्री यूज हो सके। 3. टू-व्हीलर के लिए अलग नेविगेशन भारत में बाइक और स्कूटर यूजर्स की संख्या देखते हुए गूगल ने नेविगेशन एरो को टू-व्हीलर आइकन में बदलने का ऑप्शन जोड़ा है। 4. एप बंद होने पर भी अलर्ट जेमिनी अब रोडब्लॉक या डायवर्जन की चेतावनी भेजेगा। बस गूगल मैप्स एप में नोटिफिकेशन ऑन रखना होगा और इंटरनेट ऑन होना चाहिए। एप बंद होने पर भी यह काम करेगा। पहले फ्लायओवर पर वॉइस नेविगेशन अक्सर गलत दिशा दिखाता था, लेकिन अब यह सटीक हो गया है। ये चेंजेस सिटी ट्रैफिक में सुरक्षित राइडिंग को आसान बनाएंगे। 5. AI बेस्ड रोड सेफ्टी अलर्ट गूगल ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ मिलकर उन रास्तों की पहचान की है, जहां एक्सीडेंट ज्यादा होते हैं। अब जैसे ही आप इन जोन्स के पास पहुंचेंगे, गूगल पहले से अलर्ट देगा। यह सुविधा गुरुग्राम, हैदराबाद और चंडीगढ़ जैसे शहरों से शुरू हो रही है। साथ ही, लोकल ट्रैफिक पुलिस के डेटा से ऑफिशियल स्पीड लिमिट दिखेगी, जो ओवरस्पीडिंग रोकने में मदद करेगी। शुरुआत मुंबई, कोलकाता और हैदराबाद से होगी। बेहतर ट्रैफिक अलर्ट सिस्टम सबसे पहले भारत के एंड्रॉएड यूजर्स को मिलेगा। 6. भारतीय भाषा में जवाब देगा गूगल मैप्स अब गूगल मैप्स का AI सिर्फ अंग्रेजी तक सीमित नहीं रहा है गूगल मैप्स में जेमिनी AI के इंटीग्रेशन से अब भारतीय यूजर्स को अपनी मातृभाषा में ही बात करने की सुविधा मिलेगी। जेमिनी AI गूगल मैप्स में कुल 9 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करेगा। इसमें हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल है। मतलब, आप अंग्रेजी के अलावा अपनी रीजनल भाषा में सवाल पूछ सकेंगे, और AI उसी भाषा में जवाब देगा। यह फीचर खासतौर पर भारत के लिए डिजाइन किया गया है, जहां ज्यादातर लोग लोकल भाषाओं में कम्फर्टेबल होते हैं। गूगल ने कहा है कि आगे और भाषाएं जोड़ी जाएंगी।
भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट 2023 अब नियमों के साथ पूरी तरह लागू हो चुका है। सरकार ने 14 नवंबर को इसके नियमों को नोटिफाई कर दिया है। ये नियम आम लोगों की प्राइवेसी को मजबूत करने के साथ-साथ इनोवेशन और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा। DPDP एक्ट को संसद ने 11 अगस्त 2023 को पास किया था। यह डिजिटल पर्सनल डेटा को हैंडल करने वाली कंपनियों (डेटा फिड्यूशरी) की जिम्मेदारियां तय करता है, जबकि लोगों को उनके अधिकार देता है। बच्चों और दिव्यांगों के डेटा के लिए पेरेंट्स की सहमति जरूरी बच्चों के लिए किसी भी रूप में उनके डेटा का उपयोग करने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य है। हेल्थकेयर, एजुकेशन या रीयल-टाइम सेफ्टी जैसे जरूरी मामलों में ही छूट मिलेगी। दिव्यांगों के लिए, जो लीगल डिसीजन नहीं ले पाते, उनके कानूनी गार्जियन से कंसेंट लेना पड़ेगा, जो कानून के तहत वेरिफाइड हो। DPDP एक्ट की 5 सबसे जरूरी बातें… डेटा ब्रेक और शिकायतों का क्या होगा? अगर पर्सनल डेटा ब्रेक होता है, तो डेटा फिड्यूशरी को तुरंत अफेक्टेड लोगों को प्लेन लैंग्वेज में बताना पड़ेगा। जैसे- ब्रेक की नेचर, इसका क्या प्रभाव हो सकता है, क्या कदम उठाने चाहिए और किससे मदद लेनी चाहिए। लोगों को राइट्स मिले हैं- अपना डेटा एक्सेस, करेक्ट, अपडेट या इरेज करने के। नॉमिनी भी ये अधिकार मिलेंगे। सभी रिक्वेस्ट्स पर मैक्सिमम 90 दिनों में रिस्पॉन्स देना पड़ेगा। शिकायतों के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड डिजिटल होगा जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप से फाइल और ट्रैक कर सकेंगे। --------------------- ये खबर भी पढ़ें... जानें अपने अधिकार- डिजिटल प्राइवेसी का अधिकार: बिना इजाजत डेटा यूज करना गैरकानूनी, ऑनलाइन डेटा को सेफ रखने के 6 टिप्स आज डिजिटल टेक्नोलॉजी के दौर में हर इंसान की गतिविधियां कहीं-न-कहीं डेटा में बदल रही हैं। कौन कहां गया, क्या सर्च किया, किससे बात की, क्या खरीदा ये सारी जानकारियां स्मार्टफोन, एप्स और इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स के जरिए रिकॉर्ड हो रही हैं। लोकेशन, बैंकिंग ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल्स से लेकर बायोमेट्रिक डेटा तक ट्रैक होता है। अक्सर व्यक्ति को इसकी भनक तक नहीं लगती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
हीरो मोटोकॉर्प की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ब्रांड विडा ने भारतीय बाजार में विडा VX2 गो का नया वैरिएंट लॉन्च किया है। कंपनी ने पॉपुलर इलेक्ट्रिक स्कूटर के नए वैरिएंट को 3.4kWh बैटरी पैक के साथ पेश किया है। 3.4kWh बैटरी पैक के साथ विडा VX2 की क्लेम्ड रेंज 142km है, लेकिन कंपनी का दावा है कि ये नया वैरिएंट फुल चार्ज में 100 किलोमीटर की रियल वर्ल्ड रेंज देगा। इससे पहले VX2 गो सिर्फ 2.2kWh बैटरी पैक के साथ अवेलेबल था, जबकि बड़ी 3.4kWh बैटरी पैक सिर्फ VX2 प्लस में ही अवेलेबल था। कंपनी ने नए वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 1.02 लाख रुपए रखी गई है। नया वैरिएंट VX2 गो 2.2kWh (₹85,000 से शुरू) और VX2 प्लस (₹1.10 लाख से शुरू) के बीच में आता है। आप बैटरी-एज-अ-सर्विस (BaaS) प्रोग्राम के तहत 60,000 रुपए की एक्स-शोरूम कीमत में खरीद सकते हैं। इसमें बैटरी की कीमत शामिल नहीं है। बैटरी का परफॉर्मेंस 70% कम होने पर फ्री में बदलेगी कंपनी हीरो का कहना है कि VX2 को बैटरी रेंटल प्रोग्राम के साथ खरीदने पर आपको 96 पैसे/किलोमीटर चार्ज देना होगा। इसमें बैटरी का परफॉर्मेंस 70% कम हो जाता है तो, कंपनी इसे फ्री में बदलकर देगी। ये ई-स्कूटर TVS आईक्यूब, बजाज चेतक, ओला S1 और एथर रिज्टा को टक्कर देगा। इसकी डिलीवरी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। बैटरी एज ए सर्विस प्रोग्राम क्या है? बैटरी एज ए सर्विस (BAAS) एक बैटरी रेंटल प्रोग्राम है। इसकी शुरुआती सबसे पहले MG मोटर इंडिया ने विंडसर ईवी के साथ की थी। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर उसकी कीमत में बैटरी पैक के प्राइस शामिल नहीं होते हैं। इसकी जगह आपसे बैटरी के इस्तेमाल (प्रति किलोमीटर) के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं। यानी आप गाड़ी जितने किलोमीटर चलाओगे उस हिसाब से बैटरी की कॉस्ट रेंटल फीस के तौर पर कंपनी को देनी होगी। यहां हर महीने आपको EMI के तौर पर देनी होगी, लेकिन आपको बैटरी चार्ज करने का खर्च खुद उठाना पड़ता है। ये प्लान उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो शुरुआती खर्च कम रखना चाहते हैं और बैटरी मेंटेनेंस या रिप्लेसमेंट की टेंशन नहीं लेना चाहते। डिजाइन : ऑल LED लाइटिंग सेटअप के साथ 7 कलर ऑप्शन हीरो विडा VX2 का डिजाइन मॉडर्न, प्रैक्टिकल और फैमिली-फ्रेंडली है, जो इसे सिटी राइडर्स और घरेलू इस्तेमाल के लिए परफेक्ट बनाता है। ई-स्कूटर EICMA-2024 में पेश किए गए विडा Z कॉन्सेप्ट का प्रोडक्शन वर्जन है और विडा V2 से मिलता-जुलता है, लेकिन इसमें कुछ खास बदलाव हैं। स्लीक और स्मूद: VX2 का डिजाइन साफ-सुथरा और मिनिमलिस्टिक है। इसमें विडा V2 की तरह कोई तीखे कॉर्नर नहीं हैं, बल्कि कर्व्ड सॉफ्ट लुक्स हैं, जो इसे मॉडर्न और यूथफुल वाइब देते हैं। 7 कलर ऑप्शन: विडा VX2 में 7 कलर ऑप्शन मिलते हैं। इसमें नेक्सस ब्लू, मैट वाइट, ऑरेंज, मैट लाइम, पर्ल ब्लैक और पर्ल रेड शामिल है। मेटैलिक ग्रे और ऑरेंज सिर्फ प्लस वैरिएंट में मिलेगा। LED लाइटिंग: ई-स्कूटर में LED हेडलैम्प, LED टेललाइट और LED DRLs (डेटाइम रनिंग लाइट्स) इसे प्रीमियम लुक देते हैं और रात में बेहतर विजिबिलिटी मिलती है। परफॉर्मेंस: 6kWh की पावर और टॉप स्पीड 80kmph इलेक्ट्रिक स्कूटर में परफॉर्मेंस के लिए परमानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर दी गई है, जो 6kWh की पावर और 25Nm का टॉर्क जनरेट करती है। प्लस वैरिएंट में 3 राइड मोड- इको, राइड और स्पोर्ट्स मिलते हैं। वहीं, गो में स्पोर्ट्स मोड नहीं है। कंपनी का दावा है कि विडा का गो वैरिएंट सिर्फ 4.2 सेकेंड में 0 से 40kmph की स्पीड पकड़ सकता है। वहीं, प्लस में 3.1 सेकेंड लगते हैं। स्कूटर की टॉप स्पीड स्पोर्ट्स मोड में 80kmph, राइड मोड में 70kmph और ईको मोड में 45kmph है। रेंज और चार्जिंग: फुल चार्ज पर 142km तक की रेंज मोटर को पावर देने के लिए गो वैरिएंट में 2.2kWh का सिंगल रिमूवेबल बैटरी पैक दिया गया है, जिसे फुल चार्ज करने पर 92km की IDC रेंज मिलती है। कंपनी के अनुसार, रियल वर्ल्ड कंडीशन में इको मोड में 64km और राइड मोड में 48km की रेंज मिलेगी। वहीं, प्लस वैरिएंट में 3.4kWh के दो रिमूवेबल बैटरी पैक दिए गए हैं, जिन्हें फुल चार्ज करने पर 142km की IDC रेंज मिलती है। कंपनी के अनुसार, रियल वर्ल्ड कंडीशन में इको मोड में 100km, राइड मोड में 75km और स्पोर्ट्स मोड में 65km की रेंज मिलेगी। चार्जिंग की बात करें तो प्लस वैरिएंट में दोनों बैटरी को 0 से 100% चार्ज होने में 5:39 घंटे लगते हैं। वहीं, गो वैरिएंट में सिंगल बैटरी को 0 से 100% चार्ज होने में 3:43 घंटे लगते हैं। दोनों में रिमूवेबल और IP67-रेटेड बैटरी हैं और फास्ट चार्जर से 0-100% चार्ज होने में 120 मिनट लगते हैं। हार्डवेयर: 33.2 लीटर का अंडरसीट बूट स्पेस हीरो विडा VX2 को विडा V2 के ही ट्यूबलर फ्रेम पर बनाया गया है। इसमें दोनों तरफ 12-इंच के अलॉय व्हील लगे हैं। ई-स्कूटर में कंफर्ट राइडिंग के लिए फ्रंट में डुअल टेलिस्कोपिक फोर्क्स और रियर में एडजस्टेबल सिंगल मोनोशॉक एब्जॉर्वर दिया गया है। वहीं, ब्रेकिंग के लिए प्लस वैरिएंट के फ्रंट में डिस्क और रियर में ड्रम ब्रेक दिए गए हैं। गो वैरिएंट में दोनों ओर ड्रम ब्रेक मिलते हैं, लेकिन दोनों वैरिएंट में कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) मिलता है। अंडरसीट बूट स्पेस की बात करें तो प्लस में 27.2-लीटर और गो में 33.2-लीटर का स्पेस मिलता है। वहीं दोनों में 6.1-लीटर का स्पेस के साथ फ्रंट क्यूबी होल दिया गया है।
चाइनीज ऑटो कंपनी चेरी को टाटा की सब्सडियरी JLR की कार लैंड रोवर की नकल करना महंगा पड़ गया। कंपनी ने अपनी नई SUV फुलविन X3L से तियानमेन माउंटेन की मशहूर 999 सीढ़ियों को चढ़ने का चैलेंज लिया, लेकिन बीच रास्ते में ही कार फिसल गई और रेलिंग से जा टकराई। टक्कर से रेलिंग टूट गई और कंपनी ने माफी मांगनी पड़ी है और नुकसान की भरपाई का वादा किया है। यह घटना 12 नवंबर की है, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल, कंपनी ने लैंड रोवर के 2018 के हेवन्स गेट चैलेंज की नकल करने की कोशिश थी, जिसमें लैंड रोवर ने 999 सीढ़ियां चढ़कर रिकॉर्ड बनाया था। हेवनली लैडर चैलेंज में 999 सीढ़ियां पार करना था चेरी ने तियानमेन माउंटेन के 'हेवनली लैडर' पर यह टेस्ट किया। यह जगह चीन का फेमस टूरिस्ट स्पॉट है, जहां 999 सीढ़ियां लगभग 300 मीटर लंबी हैं और ऊंचाई 150 मीटर है। सीढ़ियां संकरी हैं, हर स्टेप 30 सेंटीमीटर चौड़ा है, औसत ढलान 45 डिग्री का है और कुछ जगह 60 डिग्री से ज्यादा है। कंपनी ने इसे 'एक्सट्रीम चैलेंज टेस्ट' बताया था, जो पावर, हैंडलिंग और फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम को चेक करने के लिए था। दोपहर करीब 12 बजे टेस्ट कार ने चढ़ना शुरू किया, लेकिन आधे रास्ते में यह फिसल गई। वीडियो में दिख रहा है कि कार रुकी, पीछे खिसकी और रेलिंग से टकराकर उसे तोड़ दिया। कार दो घंटे तक फंसी रही। इससे 'हेवनली लैडर' 12 और 13 नवंबर को टूरिस्ट्स के लिए बंद रहा। लोकल गाइड और आईविटनेस ने बताया कि ऑप्शनल एस्केलेटर से लोगों को ऊपर भेजा गया। यह जगह इतनी मुश्किल है कि ज्यादातर इंपोर्टेड ऑफ-रोड गाड़ियां भी यहां ट्राई ही नहीं करते। सेफ्टी रोप का शैकल डिटैच होने से फेल हुई कार टेस्ट के दौरान सेफ्टी रोप का शैकल अचानक डिटैच हो गया। यह रोप कार को कंट्रोल करने के लिए बंधी थी। डिटैच होने पर रोप राइट फ्रंट व्हील में उलझ गई, जिससे पावर आउटपुट रुक गया। वीडियो में एक जोरदार 'पॉप' की आवाज आई, फिर ब्लैक कंपोनेंट गिरा और SUV कंट्रोल खो बैठी। यह रेलिंग के साथ रगड़ खाती हुई नीचे खिसकी और फेंस तोड़ दिया। चेरी की 13 नवंबर की प्रीलिमिनरी जांच में यह बात कन्फर्म हुई। कंपनी ने माना कि रिस्क का अंडर एस्टीमेशन हुआ और डिटेल्ड कंट्रोल में चूक हुई। खासकर पब्लिक स्केनिक एरिया चुनने में गलती हुई। कोई इंसान घायल नहीं हुआ और नेचुरल एनवायरनमेंट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन रेलिंग डैमेज हो गई। 2018 में लैंड रोवर ने 999 सीढ़ियां चढ़कर बनाया था रिकॉर्ड यह चैलेंज लैंड रोवर के 2018 के 'ड्रैगन रोड' टेस्ट की कॉपी था। तब रेंज रोवर स्पोर्ट PHEV ने हेवन गेट की 999 सीढ़ियां चढ़ी थीं, जो मार्केटिंग के लिए बड़ा हिट साबित हुई। लैंड रोवर दुनिया की पहली गाड़ी थी, जिसने यह कारनामा किया, जो 99 मोड़ों वाले ड्रैगन रोड (तियानमेन माउंटेन रोड) को पार करने के बाद 45-डिग्री के ढलान वाली सीढ़ियों पर चढ़ी। इस चुनौतीपूर्ण चढ़ाई को ले मैन्स विजेता ड्राइवर, हो-पिन तुंग ने अंजाम दिया था, जिन्होंने इसे अब तक की सबसे कठिन ड्राइविंग चुनौतियों में से एक बताया था। चेरी जैसी चाइनीज कंपनियां इसे कॉपी करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इस फेलियर ने कंपनी को शर्मिंदा कर दिया है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसे चैलेंज ब्रांड की ऑफ-रोड इमेज बनाते हैं, लेकिन सेफ्टी पहले होनी चाहिए। चेरी अब आगे के टेस्ट में ज्यादा कैशियन लेगी।
मॉस्को के एक इवेंट में रूस का पहला AI-पावर्ड ह्यूमेनॉइड रोबोट AIDOL स्टेज पर आते ही गिर गया। करीब 50 जर्नलिस्ट्स के सामने इसका डेमो दिखाया जा रहा था। इसके बाद ऑर्गेनाइजर्स जल्दी से रोबोट को खींचकर अंदर ले गए और काला पर्दा लगा दिया। ऑर्गेनाइजर्स ने इसे कैलिब्रेशन और लाइटिंग प्रॉब्लम बताया। स्टेज पर क्या हुआ: ग्रैंड एंट्री से फेलियर तक इवेंट में AIDOL को हेवीवेट बॉक्सिंग मैच की तरह पेश किया गया था। 'रॉकी' का फेमस थीम म्यूजिक बजा, रोबोट स्टेज पर चढ़ा और ऑडियंस को हाथ हिलाकर स्वागत किया। लेकिन कुछ ही सेकंड्स में यह लड़खड़ाया और गिर पड़ा। ऑडियंस में मौजूद एडिनोरोग मीडिया के एडिटर-इन-चीफ दिमित्री फिलोनोव ने बताया, पहले तो सन्नाटा छा गया, फिर सबने तालियां बजाकर सपोर्ट दिखाया। यह रूस का पहला ऐसा पब्लिक डेमो था, जहां AI रोबोट को ह्यूमन जैसा बिहेवियर दिखाने की कोशिश की गई। कंपनी के CEO बोले: अभी लर्निंग स्टेज में है रोबोट AIDOL के CEO व्लादिमीर विटुखिन ने रूसी स्टेट न्यूज एजेंसी TASS से कहा, रोबोट अभी लर्निंग स्टेज में है। उम्मीद है यह गलती एक्सपीरियंस बन जाए। कंपनी ने इवेंट के बाद यह सफाई दी कि यह न तो टेक्निकल गड़बड़ी थी, न कि डिजाइन फेलियर। AIDOL का बैकग्राउंड: क्या कर सकता है यह रोबोट कंपनी ने अपने वेबसाइट पर दावा किया है कि यह ह्यूमनॉइड रोबोट वॉक कर सकता है, ऑब्जेक्ट्स हैंडल कर सकता है और लोगों से कम्युनिकेट कर सकता है। डेवलपर्स का कहना है कि यह ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, वेयरहाउस, मेडिसिन और एंटरटेनमेंट में यूजफुल हो सकता है। खास बात यह है कि ज्यादातर ह्यूमनॉइड रोबोट्स में फेस नहीं होता, लेकिन AIDOL में ह्यूमन-लाइक फेस पर भारी इन्वेस्टमेंट किया गया है। कंपनी का फोकस AI-embodied मशीन पर है। यानी, एक ऐसी मशीन है जिसमें AI को फिजिकल बॉडी में फिट किया गया हो। ग्लोबल ह्यूमनॉइड मार्केट: इन्वेस्टमेंट्स और कॉम्पिटिशन दुनिया भर में ह्यूमनॉइड रोबोट्स की रेस तेज हो रही है। 2024 में इस टेक्नोलॉजी में 1.6 बिलियन डॉलर से ज्यादा इन्वेस्टमेंट हुआ, जिसमें इलॉन मस्क की टेस्ला का ऑप्टिमस प्रोजेक्ट शामिल नहीं है। बोस्टन डायनेमिक्स जैसी कंपनियां भी एटलस रोबोट से फेमस हुईं है।----------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें...मस्क ने रोबोट के साथ डांस किया VIDEO:रोबोट आर्मी बनाएंगे, इससे गरीबी मिटाने का दावा; 1 ट्रिलियन डॉलर वेतन पैकेज मंजूर टेस्ला के शेयरधारकों ने सीईओ इलॉन मस्क के लिए अब तक का सबसे बड़ा वेतन पैकेज शर्तों के साथ मंजूर कर दिया है। यह पैकेज 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग ₹83 लाख करोड़) का है। पूरी खबर पढ़ें
दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए हमले में शामिल आतंकियों ने एन्क्रिप्टेड एप्स का इस्तेमाल किया था। एन्क्रिप्टेड एप्स यानी मैसेज सिर्फ सेंडर और रिसीवर ही पढ़ सकते हैं। इसमें तीन बड़े एप्स का नाम सामने आया है। टेलिग्राम, सिग्नल और सेशन। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल और उमर ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने इन्हीं एप्स की मदद से अपने हैंडलर्स से बात की थी। रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए इस कार ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी। टेलीग्राम से सिग्नल और सेशन एप पर शिफ्ट हुए आतंकी टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे टेरर ग्रुप्स से जुड़े 4 आतंकी 2022 में तुर्की गए थे। वो यहां उकासा कोडनेम वाले हैंडलर से मिले। शुरुआती बातचीत टेलीग्राम पर हुई, लेकिन ग्रुप ने स्ट्रैटेजिकली कोऑर्डिनेशन को ज्यादा सिक्योर सिग्नल और सेशन एप्स पर शिफ्ट कर दिया, ताकि कोई भी उन्हें ट्रेस न कर पाए। टेलीग्राम, सिग्नल और सेशन तीनों एन्क्रिप्टेड एप एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्स मूल रूप से यूजर्स की प्राइवेसी के लिए बनाए गए थे, लेकिन पिछले कुछ सालों मेंआतंकी ग्रुप्स, रेडिकल संगठन और अपराधियों की पहली पसंद बन गए हैं। टेलीग्राम: ये एक पॉपुलर मैसेजिंग एप है जो फास्ट मैसेजिंग, वॉइस और वीडियो कॉल्स जैसे फीचर्स ऑफर करता है। प्राइवेसी के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मिलता है। सिक्योरिटी के लिए 2FA, पासकोड लॉक और सेल्फ-डिस्ट्रक्टिंग मैसेज जैसे ऑप्शन्स हैं। सिग्नल: एक फ्री और सिक्योरिटी-फोकस्ड मैसेजिंग एप है जो प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखता है। ये टेक्स्ट, वॉइस, वीडियो कॉल्स, ग्रुप चैट्स जैसे फीचर्स देता है, लेकिन सब कुछ एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से प्रोटेक्टेड होता है। फोन नंबर हाइड करने के लिए यूजरनेम्स का ऑप्शन है। सेशन: एक प्राइवेट मैसेंजर एप है जो पूरी तरह डिसेंट्रलाइज्ड है। ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन यूज करता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन के लिए फोन नंबर या ईमेल की जरूरत नहीं पड़ती। ये ओपन-सोर्स है जो ग्लोबल कम्युनिटी द्वारा मैनेज होता है। प्राइवेसी की वजह से ये ओनियन रूटिंग जैसी टेक्नोलॉजी यूज करता है, जिससे मेटाडेटा भी ट्रैक नहीं होता। एक्सपर्ट्स बोले- इन एप्स से प्रोपगैंडा फैलाना आसान आतंकी बाबरी का बदला लेना चाहते थे लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके में 13 लोग मारे गए थे। इस मामले की जांच में गुरुवार को बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी के दिन दिल्ली समेत कई जगह धमाके करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 32 कारों का इंतजाम किया था। इनमें बम और विस्फोटक सामग्री भरकर धमाके किए जाने थे। जांच एजेंसियों को अब तक चार कारें बरामद हो चुकी हैं। 10 नवंबर जिस आई20 कार में धमाका हुआ था, वह इसी सीरियल रिवेंज अटैक का हिस्सा थी।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजर स्कैम्स के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। साइबर क्रिमिनल्स फेक सर्टिफाइड एस्ट्रोलॉजर बनकर लोगों को फंसाते हैं, फ्री कंसल्टेशन से ट्रस्ट बनाते हैं और फिर पैसे मांगते हैं। एक पीड़ित ने बताया कि फ्री कंसल्टेशन के बाद ₹10,000 की डिमांड की गई, लेकिन पेमेंट लिंक से बैंक अकाउंट खाली हो गया। साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने कहा- डिस्ट्रेस्ड लोग क्विक सॉल्यूशंस की तलाश में फंस जाते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है। ऐसे में इस स्टोरी में जानेंगे कि भारत में एस्ट्रोलॉजी का मार्केट कितना बड़ा है, ये इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है, कहां-कहां एस्ट्रोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, एस्ट्रो से जुड़े साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए… 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का एस्ट्रोलॉजी का मार्केट रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक भारत में एस्ट्रो मार्केट 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो चुका है। अकेले डिजिटल सेगमेंट में इसके 2030 तक 10 गुना बढ़ने की उम्मीद है। केवल भारत में ही नहीं अमेरिकी मार्केट में भी ये पॉपुलर हो रही है। अलाइड मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ऑनलाइन एस्टोलॉजी के मार्केट की वैल्यू करीब 3 बिलियन डॉलर का है। अगले पांच सालों में ये तीन गुना बढ़ सकता है। सबसे पॉपुलर ज्योतिष एप्स में से एक को-स्टार के पास 3 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। वहीं प्यू रिसर्च सेंटर की स्टडी के मुताबिक, अमेरिका के करीब 30% लोग साल में कम से कम एक बार हॉरोस्कोप, टैरो कार्ड्स या फॉर्च्यून टेलर्स से सलाह जरूर लेते हैं। ट्रेडिंग करने के लिए हो रहा एस्ट्रोलॉजी का इस्तेमाल ज्योतिष भारत की जिंदगी का हिस्सा रहा है। शादी, पैसा, बेबी नेम्स तक फैसला लेने में इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के आने से ये अब शादी-ब्याह और करियर से आगे निकलकर स्टॉक ट्रेडिंग तक पहुंच गया है। कई ट्रेडर्स अब बैलेंस शीट के साथ ग्रह-नक्षत्र भी चेक करते हैं। 43 साल के कमोडिटी ट्रेडर जय पटेल कहते हैं कि बुध ट्रेडिंग टाइम बताता है, गुरु एक्सपेंशन का सिग्नल देता है और शनि स्लोडाउन वार्निंग। पटेल अपने सबसे मेमोरेबल ट्रेड के बारे में बताते हुए कहते हैं… सारी ज्योतिषीय गणनाएं करने के बाद एक बार उन्होंने इस एस्ट्रोलॉजिकल विंडो में कॉल ऑप्शन खरीदा था। एस्ट्रो के आधार पर लिए गए इस ट्रेड में उन्हें 90 गुना रिटर्न मिला। पटेल इंस्टीट्यूशनल ट्रेडर्स को अपनी सर्विस देते हैं, जिनमें से ज्यादातर भारत के बाहर बेस्ड हैं। बिजनेस कंसल्टेशन के लिए 200 डॉलर चार्ज करते हैं और महीने के 500 डॉलर में अपना एस्ट्रो-ट्रेडिंग डैशबोर्ड एक्सेस देते हैं। वो सेक्टर, एंट्री पॉइंट्स और एग्जिट टाइमिंग पर सलाह देते हैं। सेक्टर ट्रेंड्स पर ग्रहों के आधार पर कमेंट्री के लिए CNBC आवाज और ET Now जैसे चैनल्स ज्योतिषियों को इनवाइट करते हैं। सेलिब्रिटी ज्योतिषी चिराग दारूवाला ने जुलाई में शुक्र-शनि के मूव्स से एनर्जी और डिफेंस स्टॉक्स में बुलिश रिटर्न प्रेडिक्ट किया था। ऑनलाइन ज्योतिष के बढ़ने के 2 बड़े कारण 35 साल से कम उम्र के है एस्ट्रोटॉक के 84% यूजर्स एस्ट्रोटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर महीने में 50 लाख पेड कंसल्टेशन हो रहे हैं। इसके फाउंडर पुनीत गुप्ता कहते हैं, एप पर 7 करोड़ यूजर्स में 84% 35 साल से कम उम्र के है। सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल? मेरा एक्स कब वापस आएगा? एप पहले ही टैप पर नाम, बर्थ डिटेल्स और लोकेशन मांग लेता है। सेकंड्स में यूजर्स को ज्योतिषियों से मैच कर देता है। जैसे ही फ्री मिनट्स खत्म होते हैं, रिचार्ज के लिए मैसेज पॉप अप हो जाता है। रेट्स 250 रुपये प्रति मिनट तक जाते हैं। एप पर एक डिस्क्लेमर भी है: वेबसाइट की सर्विसेज सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए हैं। वहीं प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल? मेरा एक्स कब वापस आएगा? AI स्पीड व एक्यूरेसी में ह्यूमन ज्योतिषियों से बेहतर कुछ वेबसाइट्स अब AI का इस्तेमाल करके कंसल्टेशन दे रही हैं। AstroSage AI ने 2018 में Bhrigoo.ai नाम का एल्गोरिदम-पावर्ड प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। इसके फाउंडर फाउंडर पुनीत पांडे ने कहा 10 साल में लोग ज्योतिष को आज से 100 गुना ज्यादा यूज करेंगे। कंपनी का कहना है कि ज्योतिष में कॉम्प्लेक्स कैलकुलेशन्स लगते हैं और AI स्पीड व एक्यूरेसी में ह्यूमन ज्योतिषियों से बेहतर है। एक ही टाइम में 5 गुना ज्यादा सवालों का जवाब दे सकता है। ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी स्कैम का खतरा बढ़ रहा AI टूल्स के आने से एस्ट्रोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, इससे ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी स्कैम का खतरा भी बढ़ रहा है। कई लोग इन स्कैम्स के शिकार हो चुके हैं। फेक ज्योतिषी बनकर कई लोग फ्री कंसल्टेशन ऑफर करते हैं, लोगों की प्रॉब्लम्स सुनकर लॉजिकल एक्सप्लेनेशन देते हैं। फिर भविष्य में परिवार की कलह, हेल्थ इश्यू या जॉब लॉस जैसी मुसीबतें बताते हैं। रिचुअल्स या ज्योतिष रेमेडीज के लिए पैसे मांगते हैं, जैसे प्रार्थना या पूजा के नाम पर एडवांस। पेमेंट के लिए लिंक्स या एप्स भेजते हैं, जो फोन एक्सेस या बैंक डिटेल्स चुराने के लिए यूज होते हैं। इन स्कैम्स से कैसे बचें
टेक कंपनी वनप्लस आज (13 नवंबर) भारत में अपना नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन वनप्लस 15 लॉन्च करने जा रही है। ये इंडिया का पहला स्मार्टफोन होगा जो स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 प्रोसेसर के साथ आएगा। इसके साथ ही वनप्लस 15 पहला फोन है, जिसमें फोटो की क्वालिटी को बेहतर बनाने वाला डीटेलमैक्स इमेज इंजन लगाया गया है। इसके अलावा फोन में 120W चार्जिंग के साथ 7300mAh बैटरी और 16GB रैम मिलेगी। लॉन्च ईवेंट शाम 7 बजे शुरू होगा, जिसे ऑफिशियल वेबसाइट सहित ब्रांड के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव देखा जा सकेगा। रात 8 बजे से फोन की सेल शुरू होगी। फोन को ऑफिशियल वेबसाइट और ई-कॉमर्स साइट से खरीदा जा सकेगा। प्रोसेसर और डीटेलमैक्स इमेज इंजन वाला पहला भारत में फोन डीटेलमैक्स इमेज इंजन: ये वनप्लस का अपना पहला इन-हाउस डिजाइन कंप्यूटेशनल इमेजिंग सॉफ्टवेयर है, जो एडवांस्ड अल्गोरिदम और पावरफुल प्रोसेसर का इस्तेमाल करके स्मार्टफोन कैमरा में ज्यादा डेटा कैप्चर और प्रोसेस करता है। ये फोटोज को ओवर-ब्यूटीफिकेशन या डिस्टॉर्शन के बिना, पूरी तरह रियल और क्लियर तरीके से पेश करता है, ताकि जूम करने पर भी डिटेल्स शार्प रहें। ये लो-लाइट में क्लीयर नाइट इंजन, फास्ट मूविंग सब्जेक्ट्स के लिए क्लीयर बर्स्ट जैसे फीचर्स के साथ HDR ऑप्टिमाइजेशन और AI-पावर्ड डिटेल बूस्ट देता है, जो फोटोज को नैचुरल और डेप्थ वाली बनाता है। क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 प्रोसेसर: ये 3 नैनोमीटर आर्किटेक्चर पर बना ऑक्टा-कोर मोबाइल CPU है, जो 4.6GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। वनप्लस 15 के बाद इसी चिपसेट के साथ भारत में रियलमी GT 8 प्रो और आईक्यू 15 फोन भी लॉन्च होंगे। डिजाइन: तीन कलर ऑप्शन के साथ माइक्रो आर्क ऑक्सीडेशन ट्रीटमेंट वनप्लस 15 एलुमिनियम फ्रेम पर बना है, जिसमें इंडस्ट्री का पहला माइक्रो आर्क ऑक्सीडेशन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी का दावा है कि यह रॉ एलुमिनियम से 3.4 गुना ज्यादा टफ और टाइटेनियम से 1.5 गुना ज्यादा मजबूत है। मोबाइल को IP66 + IP68 + IP69 + IP69K रेटिंग प्राप्त है, जो धूल और पानी के साथ ही चाय या तेल जैसे लिक्विड गिरने पर भी फोन को सुरक्षित रखती है। फोन इनफिनिटी ब्लैक अल्ट्रा वॉयलेट और सेंड ड्यून कलर ऑप्शन के साथ आएगा। वनप्लस 15 : स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: फोन में 6.78 इंच की बड़ी स्क्रीन है, जो 1.5K रेजोल्यूशन वाली है। मतलब, तस्वीरें और वीडियो बहुत क्लियर और शार्प दिखेंगी। ये एक फ्लैट (सीधी) स्क्रीन है, जो थर्ड जनरेशन के BOE Flexible Oriental OLED पैनल पर बनी है। OLED का मतलब है कि कलर्स बहुत जीवंत और ब्लैक कलर गहरा दिखेगा, और फ्लेक्सिबल होने से स्क्रीन मजबूत बनी है। स्क्रीन 144Hz रिफ्रेश रेट पर चलती है, यानी स्क्रॉलिंग या वीडियो देखते समय सब कुछ स्मूद लगेगा। ज्यादा धूप में भी 6000 nits की पीक ब्राइटनेस से स्क्रीन साफ दिखेगी। गेमिंग के दौरान ये 165Hz तक रिफ्रेश रेट दे सकता है, जिससे गेम्स और भी तेज और रिएक्टिव लगेंगे। फोन में अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर है, जो स्क्रीन के नीचे लगा है। ये तेज, सुरक्षित और गीली उंगली पर भी अच्छा काम करता है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन के बैक पैनल पर ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें 50 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है, जो सोनी LYT700 सेंसर के साथ मिलकर नॉर्मल फोटोज को क्लियर और डिटेल्ड बनाता है। इसके साथ 3.5X जूम वाला 50 मेगापिक्सल का 3.5x पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस और 50 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड कैमरा मिलता है। वहीं, वीडियो कॉलिंग और सेल्फी के लिए 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है, जो क्लियर सेल्फी और वीडियो देता है। बैटरी और चार्जर: पावर बैकअप के लिए वनप्लस 15 में 7300mAh बैटरी मिलेगी। फोन को चार्ज करने के लिए 120W सूपर वूक फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ 50W एयरवूक चार्जिंग टेक्नोलॉजी दी गई है।
एपल ने आइफोन पॉकेट नाम का नया प्रोडक्ट अनाउंस किया है। ये एक निटेड पाउच है, जिसे एक्स्ट्रा पॉकेट की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसे क्रॉस-बॉडी, हैंडहेल्ड या बैग पर टाई करके यूज किया जा सकता है। ये आईफोन के किसी भी मॉडल में में फिट हो जाता है। प्रोडक्ट निटेड फैब्रिक, लाइटवेट और फ्लेक्सिबल मटेरियल से बना है। कंपनी इसे शुक्रवार, 14 नवंबर को लॉन्च करेगी। मार्केट में इसके दो वर्जन मिलेंगे, जो प्रोडक्ट सिर्फ लिमिटेड टाइम के लिए होगा और चुनिंदा ऐपल स्टोर्स व ऑनलाइन स्टोर पर मिलेगा। स्टीव जॉब्स के दोस्त के आइडिया से इंस्पायर्ड है प्रोडक्ट आइफोन पॉकेट स्टीव जॉब्स के दोस्त जापानी डिजाइनर इस्से मियाके के आइडिया से इंस्पायर्ड है। ये डिजाइन मिनिमलिस्ट है, जो ऐपल के सिग्नेचर स्टाइल से मैच करता है। इस्से मियाक स्टीव जॉब्स के अच्छे दोस्त थे, 2022 में उनका निधन हो गया। मियाके ने जॉब्स के सिग्नेचर ब्लैक टर्टलनेक डिजाइन किए थे। जॉब्स ने बायोग्राफर वॉल्टर इसाकसन को बताया था कि मियाके ने उनके लिए '100 टर्टलनेक्स' बनाए थे, जो जिंदगी भर चलने के लिए काफी थे। जॉब्स ने शुरू में ऐपल एम्प्लॉयी के लिए वेस्ट डिजाइन करवाने की कोशिश की, लेकिन एम्प्लॉयी ने रिजेक्ट कर दिया। फिर जॉब्स ने पर्सनली टर्टलनेक्स मंगवाए। 2017 में मियाके ने जॉब्स स्टाइल के टर्टलनेक्स लाइन लॉन्च की। ब्लूमबर्ग ने इसे 'सीवियर लेकिन सीरिन, ऐस्केटिक लेकिन कुशी' बताया। ये लुक टेक वर्ल्ड में पॉपुलर हुआ- मार्क जुकरबर्ग के ग्रे टी-शर्ट्स और एलिजाबेथ होम्स के ब्लैक टॉप्स तक। 2004 में लॉन्च आईपॉड शॉक्स से तुलना सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने आईफोन पॉकेट को 2004 के आईपॉड शॉक्स से कंपेयर किया। वो निटेड पाउच पैक थे जो महज 29 डॉलर में 6 पीस मिलते थे। जॉब्स ने तब लॉन्च पर मजाक में कहा था- 'ये आई-पॉड को कोल्ड डेज में वार्म रखेगा'। हालांकि, नए प्रोडक्ट आईफोन पॉकेट की हाई प्राइस पर लोगों के रिएक्शन नेगेटिव हैं। एक यूजर ने लिखा, 'लगा ये पैरोडी है।' दूसरे ने रिप्लाई किया, 'मैं तो सोच रहा था ये द ऑनियन आर्टिकल है।' तीसरे ने कहा, '150 डॉलर सिर्फ क्लॉथ के लिए? ये तो बारगेन है।' वहीं, टेक रिव्यूअर मार्क्वेज ब्राउनली ने इसे ऐपल फैंस का 'लिटमस टेस्ट' बताया। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... 1. सबसे पतला आईफोन लॉन्च, कीमत ₹1.20 लाख: आईफोन-17 सीरीज में 4 फोन आएंगे, हार्ट रेट बताने वाला पहला एयरपॉड भी लॉन्च एपल ने अपने सालाना इवेंट 'ऑव ड्रॉपिंग' में अपना सबसे पतला आईफोन लॉन्च किया। आईफोन एयर 5.6mm पतला है। इसकी शुरुआती कीमत 1.20 लाख रुपए है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... 2. भारत में इस साल 2.39 करोड़ आईफोन बने: पिछले साल से 52% ज्यादा; ट्रम्प ने इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग न करने की धमकी दी थी एपल को ट्रम्प की धमकी के बावजूद अमेरिका में बिकने वाले 78% आईफोन भारत में बन रहे हैं। मार्केट रिसर्चर कैनालिस के मुताबिक 2025 में जनवरी से जून के बीच भारत में 23.9 मिलियन (2 करोड़ 39 लाख) आईफोन बने, जो पिछले साल की तुलना में 53% ज्यादा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
यामाहा मोटर इंडिया ने 11 नवंबर को इंडियन मार्केट में दो नए लॉन्चेस किए हैं। इसमें रेट्रो स्टाइल वाली XSR155 बाइक और युवाओं को टारगेट करने वाली FZ रेव शामिल हैं। कंपनी ने दो ईवी स्कूटर अनवील किए हैं। पहला EV स्कूटर एयरॉक्स E और दूसरा EV मॉडल EC-06 है। ये लॉन्चेस कंपनी की EV और प्रीमियम सेगमेंट में एंट्री को मजबूत करेंगी। 1. XSR155: रेट्रो लुक में मॉडर्न परफॉर्मेंस यामाहा की नई XSR155 रेट्रो-क्लासिक बाइक है, जो पुराने जमाने के स्टाइल को आज के इंजन के साथ जोड़ती है। ये 155cc लिक्विड-कूल्ड इंजन से चलती है, जो 19 PS पावर देता है। कीमत:बाइक की इंट्रोडक्टरी एक्स-शोरूम दिल्ली प्राइस ₹1.50 लाख है। ऑन-रोड प्राइस शहर के हिसाब से अलग है। मुंबई ₹1.79 लाख; बैंगलोर ₹1.90 लाख; दिल्ली ₹1.74 लाख। इंजन: इसमें 155cc लिक्विड-कूल्ड, फोर-वॉल्व सिंगल-सिलेंडर इंजन दिया गया है। ये 18.1 bhp पावर और 14.2 Nm टॉर्क प्रोड्यूस करता है, जो सिक्स-स्पीड गियरबॉक्स से जुड़ा है। कलर: बाइक में चार कलर ऑप्शन्स मिलेंगे। मेटालिक ग्रे, विविड रेड, ग्रेयिश ग्रीन मेटालिक और मेटालिक ब्लू। इंडिया में सेल पर उपलब्ध है। इसे सिंगल मॉडल में ही उतारा गया है। डायमेंशन: इसमें 17 इंच के पहिए हैं, जिन पर आगे 100/80 और पीछे 140/70 के ट्यूबलेस टायर लगे हैं। 810 mm की सीट हाइट है। बाइक में 10 लीटर का फ्यूल टैंक है। सेफ्टी/ ब्रेकिंग: दोनों तरफ डिस्क ब्रेक हैं और डुअल-चैनल ABS स्टैंडर्ड मिलता है। व्हील को फिसलने या स्पिन करने से रोकने के लिए ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम दिया गया है। डिजाइन एलिमेंट्स: इसमें मॉडर्न-रेट्रो स्टाइलिंग है। टीड्रॉप टैंक, अपराइट स्टांस, न्यूट्रल राइडिंग ट्राएंगल है। इसमें ऑल LED लाइटिंग है। गोल LCD इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर लगा है। कनेक्टिविटी: Y-Connect ऐप से कई कनेक्टिविटी फीचर्स एक्सेस हो जाते हैं। यूजर्स LCD इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर KR स्क्रीन पर कॉल्स, टेक्स्ट मैसेजेस और ईमेल अलर्ट देख सकते हैं। 2. EV लाइनअप: एरॉक्स E यामाहा ने EV सेगमेंट में पहला कदम एरॉक्स E और EC-06 के साथ रखा है। एरॉक्स E कंपनी का पहला EV स्कूटर है, जो स्पोर्टी लुक में आता है। स्पेसिफिकेशन्स और फिचर्स: कीमत और लॉन्च टाइमलाइन यामाहा ने कन्फर्म किया है कि एरोक्स ई लोकल कंडीशंस और पसंद को ध्यान में रखकर खासतौर पर इंडिया के लिए बनाई गई है। भविष्य में इसे एक्सपोर्ट किया जा सकता है, लेकिन शुरू में इंडिया ही मुख्य फोकस मार्केट रहेगा। प्राइसिंग Q1 2026 में अनाउंस होगी। बड़े शहरों में मजबूत चार्जिंग और बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क सेटअप करने के बाद ही व्हीकल की डिवीलरी शुरू होगी। इंडिया में सभी यामाहा EVs में रिमूवेबल बैटरी टेक्नोलॉजी होगी। 3. EC-06 इलेक्ट्रिक स्कूटर यामाहा ने इस स्कूटर को मैक्सी-स्टाइल EV के रूप में पोजिशन किया है। इसमें फ्यूचरिस्टिक स्टाइलिंग को प्रैक्टिकलिटी के साथ ब्लेंड किया गया है। मोटर: 4.5kW इलेक्ट्रिक मोटर लगी है, जो पीक आउटपुट के रूप में 6.7kW प्रोड्यूस कर सकता है। हालांकि इसकी टॉप स्पीड की जानकारी अभी डिस्क्लोज नहीं की गई है। बैटरी: 4kWh फिक्स्ड बैटरी पैक है, जो सिंगल चार्ज पर 160 km की सर्टिफाइड रेंज देता है। होम चार्जिंग को सपोर्ट करता है, जिसमें फुल रिचार्ज के लिए करीब नौ घंटे लगते हैं। फीचर्स: LCD इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और बिल्ट-इन टेलीमेटिक्स सिस्टम है। तीन राइड मोड्स और रिवर्स असिस्ट फंक्शन शामिल है। इसमें 24.5 लीटर का अंडर-सीट स्टोरेज स्पेस है। कीमत: यामाहा EC-06 की कीमत अभी अनाउंस नहीं की गई है। यामाहा ने कंफर्म किया है कि आगे की डिटेल्स और लॉन्च टाइमलाइन 2026 के पहले क्वार्टर में शेयर की जाएंगी। 4. FZ रेव: स्टाइलिश और पावरफुल FZ रेव यामाहा की FZ सीरीज का नया वेरिएंट है, जो युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया। इसमें 150cc का इंजन दिया गया है। ये बाइक सिटी और हाईवे दोनों के लिए सूटेबल है। बैकग्राउंड: यामाहा का इंडियन मार्केट में नया फोकस यामाहा मोटर इंडिया 1985 से यहां मौजूद है, लेकिन अब EV और प्रीमियम सेगमेंट पर जोर दे रही है। कंपनी का लक्ष्य 2025 तक EV में 10% शेयर हासिल करना है। ये लॉन्चेस 'Powers into a New Era' कैंपेन का हिस्सा हैं, जो सस्टेनेबिलिटी और यूथ कल्चर को जोड़ती हैं। कंपनी 2026 तक और EV मॉडल्स लाने की प्लानिंग कर रही है, साथ ही डीलर नेटवर्क एक्सपैंड करेगी। फ्यूचर में सोलर चार्जिंग स्टेशन्स और ऐप-बेस्ड सर्विसेज पर काम करेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी ओपनएआई ने दिल्ली में 50-सीटर ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। यह कंपनी का भारत में पहला ऑफिस होगा। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्पेस प्रीमियम वर्कस्पेस प्रोवाइडर ‘कॉरपोरेटएज’ के साथ लीज समझौते के तहत लिया गया है। चैटजीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपनएआई ने इस साल अगस्त में भारत में ऑफिस खोलने की घोषणा की थी। कंपनी फिलहाल दिल्ली में ही स्पेस तलाश रही थी। इसके अलावा ओपनएआई भारत में सरकार, बिजनेस और डेवलपर्स के साथ काम करने के लिए स्थानीय टीम बना रही है। ऑल्टमैन ने कहा था- हम भारत में निवेश के लिए उत्साहित ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने अगस्त में कहा था, भारत में पहला ऑफिस खोलना कंपनी का अहम प्लान है, ताकि एआई को भारत के लिए और भारत के साथ विकसित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत में एआई अपनाने की रफ्तार अद्भुत रही है। हम भारत में और अधिक निवेश करने के लिए उत्साहित हैं। भारत कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट कंपनी ने कहा कि यूजर्स के लिहाज से अमेरिका के बाद भारत उसका दूसरा सबसे बड़ा मार्केट और सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। पिछले एक साल में भारत में चैटजीपीटी के वीकली एक्टिव यूजर्स की संख्या चार गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। इतना ही नहीं भारत OpenAI डेवलपर के टॉप-5 मार्केट में से एक है। वहीं दुनिया भर में चैटजीपीटी को यूज करने वाले स्टूडेंट्स में सबसे ज्यादा स्टूडेंट भारत के ही हैं। ओपनएआई को ऑफिस देने वाला कॉरपोरेटएज क्या है कॉरपोरेटएज एक प्रीमियम वर्कस्पेस प्रोवाइडर है जो फुली-फर्निश्ड, रेडी-टू-मूव ऑफिस प्रदान करता है। इसमें हाई-स्पीड इंटरनेट, मीटिंग रूम, सिक्योरिटी और हाउसकीपिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। कंपनी ने हाल ही में दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नारौजी नगर में 42,000 वर्गफुट का प्रीमियम ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है, जिसमें 500 से ज्यादा वर्कस्टेशन, 5 हाई-टेक मीटिंग रूम, प्राइवेट फोन बूथ, कोलैबोरेटिव स्पेस और वर्कबेंच कैफे शामिल हैं। कॉरपोरेटएज मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक कुल 5.9 लाख वर्गफुट के पोर्टफोलियो तक पहुंचने की उम्मीद कर रही है। ये खबर भी पढ़ें... चैटजीपीटी गो सब्सक्रिप्शन भारत में एक साल के लिए फ्री:ज्यादा चैट और इमेज जनरेट कर सकेंगे, यूजर को एक साल में ₹4788 का फायदा ओपनएआई भारत में 'चैटजीपीटी गो' का सब्सक्रिप्शन प्लान एक साल के लिए फ्री करने जा रहा है। ये ऑफर 4 नवंबर 2025 से भारतीय यूजर्स के लिए एक्टिव होगा। अभी ये सब्सक्रिप्शन भारत में 399 रुपए प्रति महीने का है। यानी यूजर को साल में 4,788 रुपए का फायदा होगा। चैटजीपीटी के इस प्लान में ज्यादा चैट और इमेज बना सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अब पैकेज्ड सामानों के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' का फिल्टर अलग से देना होगा। जिससे प्रोडक्ट सर्च कर रहे कस्टमर को उसका ओरिजिन (सामान मूल रूप से किस देश में बना है) का पता आसानी से पता चल सके। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर ने इसे मेंडेटरी करने के लिए प्रस्ताव लाया है। अगर ये पास हो गया, तो 2026 से लागू हो सकता है। मंत्रालय ने सोमवार, 10 नवंबर को कहा है कि ये बदलाव 2011 के लीगल मेट्रोलॉजी रूल्स में संशोधन के जरिए होगा। पैकेज्ड सामानों पर कंट्री ऑफ ओरिजिन लिखने की अनिवार्यता पहले से ही है। नया नियम ई-कॉमर्स पर सर्च के लिए फिल्टर लगाने के लिए लाया जा रहा है। इससे डिजिटल मार्केटप्लेस पर ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और लोकल मैन्युफैक्चरर्स को बराबरी का मौका मिलेगा। उपभोक्ता मंत्रालय के प्रस्ताव की बड़ी बातें मंत्रालय ने ड्राफ्ट लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) (सेकंड) अमेंडमेंट रूल्स, 2025 जारी किया है। इसमें कहा गया है कि हर ई-कॉमर्स एंटिटी जो इम्पोर्टेड प्रोडक्ट्स बेचती है, उसे प्रोडक्ट लिस्टिंग्स में कंट्री ऑफ ओरिजिन का फिल्टर देना होगा। ये फिल्टर सर्चेबल और सॉर्टेबल होंगे, यानी यूजर्स आसानी से फिल्टर लगा कर लोकल या इम्पोर्टेड आइटम्स छांट सकेंगे। क्यों आया ये प्रस्ताव, बैकग्राउंड में क्या है ई-कॉमर्स का बाजार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। 2025 तक ये 3 लाख करोड़ रुपए का हो चुका है, लेकिन कंज्यूमर्स अक्सर प्रोडक्ट्स का ओरिजिन न जान पाने की शिकायत करते रहे हैं। मंत्रालय का मानना है कि ट्रांसपेरेंसी न होने से इम्पोर्टेड सामानों को ज्यादा एडवांटेज मिलता है। पिछले सालों में कई कंज्यूमर कंप्लेंट्स आईं, जहां लोग 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट्स ढूंढने में परेशान हुए। मंत्रालय ने इसे नोटिस किया और डिजिटल मार्केट को रेगुलेट करने के लिए ये स्टेप उठाया। मंत्रालय ने कहा- ट्रांसपेरेंसी और कंप्लायंस पर जोर मंत्रालय ने स्टेटमेंट में कहा, ‘ये फीचर कंज्यूमर्स को विस्तृत लिस्टिंग्स में ओरिजिन लोकेट करने का टाइम बचाएगा। साथ ही, ये अथॉरिटीज को भी मदद करेगा। अब मैन्युअल रिव्यू की बजाय ऑटोमेटेड चेकिंग से नियमों के उल्लंघन पकड़े जा सकेंगे। ये बदलाव नेशनल प्रायोरिटीज से मैच करता है। कंज्यूमर ट्रस्ट बढ़ेगा और डिजिटल इकोसिस्टम ज्यादा कॉम्पिटिटिव बनेगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘प्रोडक्ट इंफॉर्मेशन वेरिफाई करना आसान हो जाएगा, जिससे कंप्लायंस मॉनिटरिंग तेज होगी।’ लोकल मैन्युफैक्चरर्स को बूस्ट मिलेगा ये प्रपोजल 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' को डायरेक्ट सपोर्ट देगा। कंज्यूमर्स को 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट्स आसानी से मिलेंगे, जिससे डोमेस्टिक गुड्स की विजिबिलिटी बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे छोटे और लोकल ब्रांड्स को 20-30% ज्यादा सेल्स मिल सकती है, क्योंकि फिल्टर से 'मेड इन इंडिया' कैटेगरी टॉप पर आएगी। ई-कॉमर्स इकोसिस्टम ज्यादा कॉम्पिटिटिव बनेगा लॉन्ग टर्म में ये बदलाव ई-कॉमर्स को ज्यादा कंज्यूमर-फ्रेंडली बनाएगा। कंपनियों को टेक्निकल चेंजेस करने पड़ेंगे, जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी प्लेटफॉर्म्स पर नया फिल्टर ऐड करना। लेकिन ये नेशनल गोल्स से जुड़े होने से सपोर्ट मिलेगा। ------------------------------ ये खबर भी पढ़ें... 1. ई-कॉमर्स कैश ऑन डिलीवरी पर एक्स्ट्रा चार्ज ले रहे: ऑर्डर के फाइनल स्टेज में छिपे शुल्क भी जोड़े जा रहे; सरकार बोली ये गलत, जांच शुरू सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर कैश ऑन डिलीवरी ऑर्डर्स पर एक्स्ट्रा चार्ज लगाए जाने की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स द्वारा सीओडी पर अतिरिक्त शुल्क लगाना एक तरह का ‘डार्क पैटर्न’ है। इस साल प्राप्त शिकायतों के बाद विभाग ने जांच तेज कर दी है।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... 2. 75% ग्राहकों को पहले कीमत कम दिखी, खरीदते वक्त बढ़ी: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स किन 5 डार्क पैटर्न से ग्राहकों को गुमराह करते हैं इंस्टाग्राम स्क्रॉल कर रही श्रेया को एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का विज्ञापन दिखा। जिसमें एक ड्रेस की कीमत 750 रुपए थी। श्रेया ने फौरन उसे क्लिक किया, लेकिन खरीदते वक्त उसी ड्रेस की कीमत 1400 रुपए हो गई। श्रेया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के डार्क पैटर्न का इकलौता शिकार नहीं हैं। पूरी खबर पढ़ेने के लिए यहां क्लिक करें...
मोटोरोला अपनी एज 70 सीरीज को और बढ़ाने जा रही है। कंपनी का नया फ्लैगशिप मॉडल एज 70 अल्ट्रा जल्द लॉन्च हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्मार्टफोन में क्वालकॉम का नया स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 प्रोसेसर और 1.5K OLED डिस्प्ले होगा। टिप्स्टर के मुताबिक, ये फोन एज 50 अल्ट्रा से परफॉर्मेंस में ज्यादा बेहतर और और प्रीमियम फीचर्स से लैस होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉरम X पर टिप्स्टर अनविन ने लीक शेयर की है। उनके मुताबिक, एज 70 अल्ट्रा में 1.5K OLED डिस्प्ले होगा, जो शार्प विजुअल्स और वाइब्रेंट कलर्स देगा। इसके अंदर स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 SoC चिपसेट होगा, जिसका अनाउंसमेंट इस महीने के अंत में क्वालकॉम कर सकता है। टिप्स्टर ने ये भी कहा कि फोन का डिजाइन हाल ही में लॉन्च हुए एज 70 जैसा स्लिम और लाइटवेट रहेगा, जो सिर्फ 5.99mm मोटा है। साथ ही, इसमें पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा होगा, जो एडवांस्ड फोटोग्राफी के लिए फोकस करेगा। एज 70 अल्ट्रा की एक्सपेक्टेड स्पेसफिकेशन भारत में ₹65,000-70,000 रेंज में लॉन्च हो सकता है स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 के साथ एज 70 अल्ट्रा गेमिंग, मल्टीटास्किंग और AI फीचर्स में मजबूत होगा। पेरिस्कोप कैमरा से जूम क्वालिटी बेहतर होगी, जो फोटोग्राफी लवर्स को अट्रैक्ट करेगा। मोटोरोला का फोकस स्लिम डिजाइन पर है, जो मार्केट में अलग पहचान देगा। कंपनी ने स्मार्टफोन को लेकर अभी कोई ऑफिशियल कन्फर्मेशन नहीं दिया है। एज 70 अल्ट्रा भारत में ₹65,000-70,000 रेंज में लॉन्च हो सकता है, जो सैमसंग और वनप्लस जैसे ब्रांड्स से मुकाबला करेगा। मोटोरोला एज 70 अल्ट्रा एज 50 अल्ट्रा का सक्सेसर होगा। कंपनी ने जून 2024 में इस स्मार्टफोन को ₹59,999 रुपए में लॉन्च किया था। इसके भी स्पेसिफिकेशन देख लीजिए।
ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट बनाने पर बैन कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया इस तरह का बैन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है। यह रोक ऑस्ट्रेलिया सरकार के नवंबर 2024 में पास हुए 'ऑनलाइन सेफ्टी अमेंडमेंट बिल' से लागू होगी। यह बैन 10 दिसंबर से लागू होगा। इस कानून का मकसद बच्चों को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट और साइबर जोखिमों से बचाना है। यहां सवाल-जवाब में समझिए कैसे लागू होगा बैन… सवाल 1: सोशल मीडिया बैन कैसे काम करेगा?जवाब: इस सोशल मीडिया बैन का मतलब है कि 'एज-रिस्ट्रिक्टेड' प्लेटफॉर्म्स पर 16 साल से कम उम्र के बच्चे अकाउंट नहीं बना सकेंगे। सरकार का कहना है कि यह बैन नहीं, बल्कि 16 साल तक इंतजार की देरी है। ऑस्ट्रेलिया की कम्युनिकेशंस मिनिस्टर अनिका वेल्स ने कहा है कि यह बच्चों को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट से बचाने का तरीका है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इसके लिए उम्र चेक करने जैसे रीजनेबल स्टेप्स लेने होंगे। कानून का पालन नहीं होने पर पनिशमेंट सिर्फ प्लेटफॉर्म्स को मिलेगी, बच्चों या पेरेंट्स को नहीं। सवाल 2: कौन से प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगेगा, और कौन बचेंगे?जवाब: बैन उन प्लेटफॉर्म्स पर लगेगा, जहां सोशल इंटरैक्शन मुख्य है। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, टिकटॉक, X, यूट्यूब, थ्रेड्स, रेडिट और किक शामिल हैं। रेडिट और किक को हाल ही में जोड़ा गया, क्योंकि ये सोशल इंटरैक्शन और यूजर कंटेंट पर फोकस करते हैं। यूट्यूब और रेडिट पर बच्चे वीडियो देख सकेंगे, लेकिन अकाउंट न बनाकर कमेंट या पोस्ट न कर सकेंगे। दूसरी ओर, डिस्कॉर्ड, ट्विच, मेसेंजर, वॉट्सएप, गिटहब, गूगल क्लासरूम, लेगो प्ले, रोब्लॉक्स, स्टीम, और यूथूब किड्स जैसे प्लेटफॉर्म्स बैन से बाहर हैं। ऑस्ट्रेलिया की ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने बताया कि ये प्लेटफॉर्म सोशल इंटरैक्शन पर केंद्रित हैं, इसलिए बैन लिस्ट अभी फाइनल नहीं है , बदलाव हो सकता है। सवाल 3: मौजूदा अकाउंट्स का क्या होगा?जवाब: बैन 10 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। मौजूदा अकाउंट्स को डिएक्टिवेट या हटाना होगा। प्लेटफॉर्म्स को 'रीजनेबल स्टेप्स' लेने होंगे, जैसे उम्र चेक करना। वेल्स ने कहा, प्लेटफॉर्म्स को 10 दिसंबर से पहले हर यूजर को बताना होगा। सवाल 4: बैन को लागू कैसे करेंगे, और जुर्माना क्या होगा?जवाब: बैन लागू करने की जिम्मेदारी प्लेटफॉर्म्स पर होगी। अगर वे न मानें, तो $49.5 मिलियन (करीब 400 करोड़ रुपए) का फाइन लग सकता है। प्लेटफॉर्म्स को 'एज-रिलेटेड सिग्नल्स' चेक करने होंगे, जैसे अकाउंट कितना पुराना है, बच्चे के कंटेंट पर इंटरैक्शन, या प्रोफाइल फोटो से उम्र अनुमान।
टेक कंपनी रियलमी 20 नवंबर को भारत में मिड बजट रेंज में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन रियलमी GT8 प्रो लॉन्च करने जा रही है। फोन का लॉन्च इवेंट दोपहर 12 बजे से शुरू होगा। फोन में दमदार परफॉर्मेंस, प्रीमियम डिजाइन, हाई-एंड डिस्प्ले और एडवांस कैमरा सिस्टम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि ये अब तक का सबसे एडवांस रियलमी फोन होगा, जो फोटोग्राफी और गेमिंग दोनों में प्रोफेशनल-ग्रेड एक्सपीरियंस देंगे। स्मार्टफोन 200MP टेलीफोटो कैमरा और 7000mAh बैटरी से लैस होगा। कंपनी ने हाल ही में अपने होम मार्केट चीन में रियलमी GT8 प्रो को 5 स्टोरेज वैरिएंट में लॉन्च किया था। वहां इसकी शुरुआती कीमत 2899 युआन (लगभग ₹35,850) है। भारत में इसे 35 हजार रुपए की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया जा सकता है। रियलमी GT 8 प्रो की चार खास बातें रियलमी GT 8 प्रो स्मार्टफोन GT बूस्ट 3.0, सिमेट्रिक मास्टर एकॉस्टिक स्पीकर्स, अल्ट्रा हैप्टिक मोटर और IP69 रेटिंग जैसे फीचर से लैस है। डिजाइन: कस्टमाइज्ड कैमरा रिंग्स के साथ 3 कलर ऑप्शन रियलमी ने GT8 सीरीज के डिजाइन पर खास ध्यान दिया है। GT8 प्रो में मेकैनिकल असेंबली डिजाइन है, यानी कैमरा डेको के हिस्सों को बदला जा सकता है। आप अपनी पसंद के अनुसार कैमरा रिंग्स को कस्टमाइज कर सकते हैं। फोन दो कलर ऑप्शन के साथ आएगा। इसमें डेयरी वाइट और अर्बन ब्लू कलर शामिल है। डेयरी वाइट कलर में फ्रॉस्टेड ग्लास बैक होगा, जबकि अर्बन ब्लू में पेपर-लाइक लेदर फिनिश दी जाएगी। फोन में मैट मेटल फ्रेम और स्मूद कर्व्ड बॉडी ट्रांजिशन देखा जा सकता है। यह फोन सिर्फ 7.8mm पतला है और इसका वजन करीब 214 ग्राम है। रियलमी GT8 प्रो: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: रियलमी GT8 प्रो में 2K रिजॉल्यूशन वाला 6.79 इंच का डिस्प्ले मिलेगा, जो 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 7000 निट्स है, जिससे तेज धूप में भी स्क्रीन साफ दिखेगी। यह डिस्प्ले अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आएगा। जो मात्र 0.07 सेकंड में फोन को अनलॉक करने की क्षमता देगा। कंपनी इसे इंडस्ट्री-लीडिंग आई प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ पेश करने वाली है, जिससे लंबे समय तक उपयोग में भी आंखों को थकान नहीं होगी। परफॉर्मेंस: कंपनी ने कन्फर्म कर दिया कि रियलमी GT 8 प्रो में दुनिया का सबसे तेज स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट मिगेगा। ये TSMC की सेकेंड जनरेशन 3nm प्रोसेस टेक पर बना है। कंपनी का कहना है कि ये प्रोसेसर CPU को 20% तेज, GPU को 23% बेहतर और CPU एफिशिएंसी 33% ज्यादा देगा। फोन में AI पावर 37% बढ़ी और AI एफिशिएंसी 16% सुधरी मिलेगी। ये चिप LPDDR5X रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आएगी, जिससे मल्टीटास्किंग और गेमिंग एक्सपीरियंस अच्छा मिलेगा। फोन में R1 ग्राफिक्स प्रोसेसर भी है, जो 100 से ज्यादा गेम्स में सुपर फ्रेम और सुपर रिजॉल्यूशन मोड चला सकता है। 7000mm वैपर कूलिंग सिस्टम गर्मी रोकता है, जो GT7 से 30% बड़ा है। इससे लंबे गेमिंग सेशन्स में भी फोन ठंडा रहता है। कैमरा: कैमरा की बात करें, तो रियलमी ने रिको इमेजिंग के साथ पार्टनरशिप की है, जो अपनी प्रीमियम GR कैमरा सीरीज के लिए जानी जाती है। GT8 प्रो में रिको GR सीरीज से इंस्पायर्ड कैमरा सिस्टम दिया गया है, जिसमें हाई ट्रांसपेरेंसी लेंस ग्रुप है, जो कलर और क्लैरिटी दोनों में सुधार करता है। GT8 प्रो में 200MP सैमसंग HP5 पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा है, जो 3x ऑप्टिकल और 6x लॉसलेस जूम सपोर्ट करता है। साथ में 50MP सोनी IMX921 मेन सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड लेंस दिया गया है। वहीं, GT8 में 50MP मेन सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड और 50MP 3.5x टेलीफोटो लेंस है। वहीं, सेल्फी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए फ्रंट में GT8 प्रो में 32MP सोनी IMX615 सेंसर है, जो AI ब्यूटी मोड और 4K रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है। वहीं, GT8 में 16MP सेल्फी कैमरा दिया गया है। कैमरा फीचर्स की बात करें, तो इसमें GR मोड, स्नैप मोड, क्लासिक फिल्टर्स, HDR 2.0 और प्रो नाइटस्कैप जैसे मोड दिए गए हैं। वीडियो के लिए डॉल्बी विजन और AI मोशन कैप्चर सपोर्ट भी मिलता है। पावर बैकअप: बैटरी और चार्जिंग की बात करें, तो रियलमी GT8 प्रो में 7000mAh की सेकंड-जेनरेशन टाइटन बैटरी दी गई है। फोन को चार्ज करने के लिए 120W सुपरवूक और 50W वायरलेस चार्जिंग दी गई है। कंपनी का दावा है कि यह फोन सिर्फ 10 मिनट में 45% तक चार्ज हो जाती है और बैटरी लाइफ 1600 चार्जिंग साइकल्स तक टिकाऊ रहेगी। OS और सिक्योरिटी: रियलमी GT8 प्रो एंड्रॉएड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर काम करेगा। इसमें स्काई कम्यूनिकेशन सिस्टम और स्काई सिग्नल चिप S1 है, जो कमजोर नेटवर्क में भी 25% बेहतर सिग्नल देता है। फोन वाईफाई 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC और 21 ग्लोबल 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है। सुरक्षा के लिए इसमें अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक फीचर है।
हीरो मोटोकॉर्प ने आज (7 नवंबर) हीरो एक्सट्रीम 125R का नया टॉप वैरिएंट लॉन्च किया है। इसके साथ ही ये भारत में डुअल चैनल ABS वाली पहली 125CC बाइक बन गई है। स्पोर्टी बाइक में क्रूज कंट्रोल, कलर TFT डिस्प्ले और 3 राइडिंग मोड्स जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। इसकी कीमत 1,04,500 रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी गई है, जो इसके सिंगल चैनल ABS वाले मौजूदा टॉप वैरिएंट से 9 हजार रुपए ज्यादा है। हीरो एक्सट्रीम 125R अपने सेगमेंट में होंडा हॉर्नेट CB125, TVS रेडर और बजाज पल्सर N125 को टक्कर देती है। ब्रेक लगाने पर फिसलने का डर नहीं डुअल चैनल ABS फ्रंट और रियर दोनों व्हील्स को ब्रेक लगाने पर कंट्रोल करता है। इससे बाइक फिसलने का खतरा कम हो जाता है। हीरो का कहना है कि ये फीचर युवा राइडर्स के लिए परफेक्ट है, जो स्पीड और सेफ्टी दोनों चाहते हैं। डिजाइन: नए ग्राफिक्स के साथ 3 नए कलर ऑप्शन हीरो एक्स्ट्रीम 125R के नए टॉप वैरिएंट को 3 नए कलर ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें ब्लैक पर्ल रेड, ब्लैक मैटशॉ ग्रे और ब्लैक लीफ ग्रीन कलर शामिल है। बाइक में अब नए ग्राफिक्स दिए गए हैं, जो ज्यादा प्रीमियम फील देते हैं। बाइक में टैंक एक्सटेंशन काफी शार्प है। एंगलुर साइड पैनल, हाई-सेट टेल सेक्शन और टायर हगर से बाइक स्पोर्टी नजर आ रही है। इसके अलावा बाइक का ओवरऑल डिजाइन पहले जैसा ही एग्रेसिव और मस्कुलर है। इसमें LED हेडलाइट, मस्कुलर टैंक और अपस्वेप्ट एग्जॉस्ट शामिल है। सीटिंग पोजिशन कम्फर्टेबल है, जो सिटी राइडिंग के लिए सूटेबल है। वजन 136 किलो है, जो हैंडलिंग को आसान बनाता है। टेलिस्कोपिक फोर्क्स सस्पेंशन के साथ सिंगल चैनल ABS डिस्क ब्रेक हीरो एक्सट्रीम 125R को डायमंड टाइप फ्रेम पर तैयार किया गया है और इसमें बॉक्स-सेक्शन स्विंगआर्म दिया गया है। कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में कन्वेंशनल टेलिस्कोपिक फोर्क्स सस्पेंशन और रियर में 7-स्टेप एडजस्टेबल हायड्रोलिक मोनोशॉर्क एब्जॉर्बर मिलता है। ब्रेकिंग के लिए नए टॉप वैरिएंट में दोनों व्हील पर डुअल चैनल ABS के साथ 240mm फ्रंट और 130mm रियर डिस्क ब्रेक दिए गए हैं। इसके अलावा, सभी वैरिएंट्स में रियर साइड पर 130mm ड्रम ब्रेक्स मिलते हैं। इसके बेस मॉडल में कम्बाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) के साथ 240mm फ्रंट डिस्क ब्रेक मिलते हैं, जबकि स्प्लिट-सीट और नए सिंगल-पीस सीट ABS वर्जन में सिंगल चैनल ABS के साथ 276mm फ्रंट डिस्क ब्रेक्स मिलते हैं। परफॉर्मेंस: 5.9 सेकेंड में 0-60kmph की स्पीड और 66kmpl माइलेज हीरो एक्सट्रीम 125R में परफॉर्मेंस के लिए 124.7cc का एयर-कूल्ड 4 स्ट्रोक सिंगल-सिलेंडर इंजन मिलता है, जो 8250RPM पर 11.39ps की पावर और 6000RPM पर 10.5Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन के लिए इंजन को वेट मल्टी प्लेट क्लच के साथ 5 स्पीड कॉन्सटेंट मेश गियरबॉक्स से ट्यून किया गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक सिर्फ 5.9 सेकेंड में 0-60kmph की स्पीड हासिल कर सकती है। इसका ARAI सर्टिफाइड माइलेज 66kmpl है, जो रियल वर्ल्ड में 55-60 kmpl तक मिल सकता है। बाइक में राइड बाय वायर थ्रॉटल से रेस्पॉन्स स्मूथ मिलता है। तीन राइडिंग मोड्स- स्ट्रीट, रोड और ऑफ-रोड से परफॉरमेंस को एडजस्ट किया जा सकता है। क्रूज कंट्रोल हाईवे पर रिलैक्स्ड राइडिंग देता है। फीचर्स: फुल LED लाइटिंग सेटअप और डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल हीरो एक्सट्रीम 125R में एक्सट्रीम 200S की तरह हेडलाइट यूनिट और फुल LED लाइटिंग सेटअप मिलता है। इसके अलावा बाइक में स्प्लिट पिलियन ग्रैब रेल्स की सुविधा है। इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ 4.2-इंच कलर TFT LCD डिस्प्ले दिया गया है, जिसमें डिजिटल स्पीडोमीटर, फ्यूल गेज, ट्रिप मीटर, टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन, कॉल और SMS अलर्ट्स, म्यूजिक कंट्रोल जैसे फीचर्स मिलते हैं।

