कतर में मिली 2 करोड़ साल पुरानी हड्डियां, वैज्ञानिकों ने खोजी 'समुद्री गायों' की सबसे अनजान प्रजाति
Mysterious Creature in Qatar: कतर में हाल ही में समुद्री गायों की हड्डियों का बड़ा भंडार मिला है. इनसे पता चला है कि 20 मिलियन साल से भी ज्यादा समय से ये पुराने समुद्री जीव इस इलाके के इकोसिस्टम को बदलते आ रहे हैं.
धरती के करीब आते ही क्यों बदला 3I'ATLAS कॉमेट का रंग? देखकर वैज्ञानिकों की उड़ी नींद
Interstellar Comet 3I ATLAS: हवाई में लगी जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप ने अंतरतारकीय पिंड ने नई तस्वीरें ली हैं. ये तस्वीरें इस बात को साफ करती हैं कि 3I/ATLAS कॉमेट अक्टूबर में सूरज के पास से गुजरने का बाद और ज्यादा चमत्कार और हरा हो गया है.
Prometheus: 1964 में एक वैज्ञानिक ने गलती से प्रोमेथियस नाम का एक 5,000 साल पुराना पेड़ काट दिया. इस घटना से एक बड़ा खुलासा हुआ जिससे पुराने और अद्भुत प्राकृतिक चमत्कारों को देखने के हमारे तरीके को बदल दिया.
Alien News: रोजवेल एयर सेंटर में फिर धधक उठा ‘एलियन हैंगर’! क्या जलाए जा रहे थे 1947 के UFO सबूत?
Alien Latest News: न्यू मैक्सिको के रोजवेल एयर सेंटर में बना ‘एलियन हैंगर’ एक बार फिर धधक उठा! सवाल उठ रहे हैं कि क्या 1947 के एलियन के UFO क्रैश के सबूत मिटाने के लिए यह आग लगाई गई थी.
फैलोपियन ट्यूब में अटका भ्रूण; जानिए कैसे बनती है यह घातक स्थिति और मां के लिए कितना खतरनाक है ?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें भ्रूण फैलोपियन ट्यूब में अटक जाता है। समय पर इलाज न होने पर ट्यूब फट सकती है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग, शॉक और महिला की जान पर गंभीर खतरा होता है। जानिए इसके कारण, लक्षण और सुरक्षित उपाय।
Science News in Hindi: आसमान में अगर आपको अचानक लाल राक्षस नजर आ जाएं तो आपका रिस्पॉंस क्या होगा. आप डर और रोमांच से जड़ बनकर रह जाएंगे. इटली के एक फोटोग्राफर ने ऐसा ही दिलचस्प नजारा अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया है. जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं.
पेरू के रेगिस्तान में निकला 5,000 साल पुराना मंदिर, आखिर क्यों दीवार में दफनाए गए थे 3 कंकाल?
Temple in Peru: पुरातत्वविदों को उत्तर पश्चिमी पेरू के रेत के टीलों में एक शानदार मंदिर मिला है जो तकरीबन 4 से 5,000 साल तक पुराना है. इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ के लिए किया जाता था.
एक रिसर्च, एक फैसला और 4900 साल का अंत; विज्ञान के इतिहास की सबसे अफसोसजनक भूलों दर्ज है ये घटना!
Prometheus 4900 Years Cut Down: दुनिया का सबसे पुराना माना जाना वाला पेड़ प्रोमीथियस करीब 4,900 साल पुराना था. साल 1964 में शोध के दौरान एक वैज्ञानिक से हुई चूक के कारण यह ऐतिहासिक पेड़ काट दिया गया. बाद में जब इसकी उम्र का पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
अंतरिक्ष में खुलेआम घूम रहा है बृहस्पति से 6 गुना बड़ा ग्रह, 300 सालों में पूरा करता है एक चक्कर
Science News: वैज्ञानिकों ने टैटूइन जैसी एक छिपी हुई दुनिया की खोज की है. टैटूइन एक काल्पनिक ग्रह है जिसे आपने स्टार वॉर्स की फिल्मों में देखना होगा जिसके आकाश में 2 सूरज दिखाई देते हैं.
सहारा की रेत में मिला 7,000 साल पुराना कंकाल, वैज्ञानिकों ने बताया- 'पूरी दुनिया से अलग है इनका DNA'
Sahara Desert: सहारा रेगिस्तान में मिले कंकालों से 7,000 साल पुराना DNA मिला है. इस DNA से एक रहस्यमय मानव वंश का पता चलता है. हैरान की बात यह है कि इस पुराने वंश का आज की किसी भी आधुनिक आबादी से कोई संबंध नहीं है.
Mini Cooper का नया Convertible मॉडल, स्पीड और स्टाइल के साथ स्पोर्टी ड्राइव का नया अनुभव
MINI ने भारत में नई Cooper Convertible S लॉन्च की है, जिसकी कीमत 58.50 लाख रुपये है। ओपन रूफ, 201 bhp इंजन और 240 km/h टॉप स्पीड के साथ यह कार स्पोर्टी ड्राइव का नया अनुभव देती है। बुकिंग शुरू और डिलीवरी भी तुरंत।
Antarctica Earthquakes: अंटार्कटिका की डूम्सडे ग्लेशियर को लेकर वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. नई रिसर्च में पता चला है कि इस ग्लेशियर के आसपास सैकड़ों छोटे भूकंप नजर रिकॉर्ड किए गए हैं. ये भूकंप बर्फ के विशाल टुकड़ों के समुद्र में गिरने से पैदा होने वाले ग्लेशियल अर्थक्वॉएक हैं.
Giant Marine Predator: एक बहुत बड़ा समुद्री शिकारी जिसके बारे में कहा जाता था कि वह सिर्फ समुद्र में रहता है, हो सकता है कि 6 करोड़ 60 लाख साल पहले पुरानी नदियों में भी रहा करता था.
वैज्ञानिकों ने पकड़ा अंतरिक्ष से आता रहस्यमय सिग्नल, NASA ने 20 साल तक क्यों छिपाया ये राज?
Science Latest News: वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि 2006 से 2008 के दौरान धरती के ग्रैविटी में कुछ अजीब बदलाव आया था. उस समय GRACE नाम के सैटेलाइटों ने गुरुत्वाकर्षण में कुछ अजीब बदलाव आया था.
Jurassic Era Giant: वैज्ञानिकों ने डायनासोर की एक नई प्रजाति की खोज की है जो 100 साल से भी ज्यादा समय से म्यूजियम के रिकॉर्ड्स में छिपी हुई थी. इस खोज के बाद वैज्ञानिकों की डायनासोर के बारे में सारी सोच ही बदल गई है.
क्रिसमस और नए साल के तोहफे खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी का काफी काम एआई चैटबॉट्स के हवाले कर रखा है। चैटबॉट्स सुनते हैं कि यूजर क्या चाहता है, प्रोडक्ट्स की छंटनी करते हैं और उनकी तुलना में मदद करते हैं। शॉपिफाई के एक सर्वे के मुताबिक हॉलिडे सीजन में अमीर देशों में दो तिहाई कंज्यूमर और 18-24 वर्ष की आयु के 15-20% लोग शॉपिंग के लिए एआई से मदद लेने का प्लान बना रहे हैं। 2030 तक 450 लाख करोड़ तक की शॉपिंग चैटबॉट्स से होगी मैकिन्जी ने एक स्टडी में पाया कि अमेरिका में चैटजीपीटी जैसे टूल्स का सामान्य रिसर्च के बाद दूसरा सबसे आम उपयोग शॉपिंग की सलाह में किया जाता है। मैकिन्जी का अनुमान है, 2030 तक 270 लाख करोड़ रु. से 450 लाख करोड़ रुपए तक की शॉपिंग चैटबॉट्स के माध्यम से होगी। ओपन एआई ने शॉपिफाई और एटसी से उनके चैटबॉट्स के जरिए व्यवसायियों को अपने प्रोडक्ट्स बेचने की अनुमति देने के लिए करारकिया है। इसके बदले में फीस ली जाएगी। गूगल की नजर भी इस बाजार पर है। अमेजन ने ओपन एआई के एजेंट्स को सूचनाएं लेने से ब्लॉक किया अमेरिका में यूजर अपने एआई टूल्स से दुकानों का स्टॉक चेक करने, मूल्य देखने और खरीदारी करने के लिए कह सकते हैं। कई ई-कॉमर्स वेबसाइट्स उनके और उनके कस्टमर के बीच एआई एजेंट्स होने से भड़क गई हैं। अमेजन ने ओपन एआई के एजेंट्स को सूचनाएं लेने से ब्लॉक कर दिया है। वह परप्लेक्सिटी पर मुकदमा चला रही है। उसका दावा है कि परप्लेक्सिटी का कॉमेट ब्राउजर मानव के रूप में अमेजन की वेबसाइट के आसपास मंडराता है। वॉलमार्ट के प्रोडक्ट्स चैटजीपीटी से खरीदे जा सकेंगे वहीं अक्टूबर में वॉलमार्ट ने बताया कि जल्द ही उसके प्रोडक्ट्स चैटजीपीटी से सीधे खरीदे जा सकेंगे। मिजुहो बैंक के एनालिस्ट मानते हैं,वॉलमार्ट की वेबसाइट पर चार प्रतिशत विजिट दूसरों के हवाले से हुई हैं। एआई फैशन शॉपिंग टूल डेड्रीम की फाउंडर जूली बोर्नस्टीन कहती हैं, कुछ वस्तुओं की सर्चिंग के लिए अन्य माध्यमों के मुकाबले चैटबॉट्स अधिक सहायक हैं। वे वैक्यूम क्लीनर जैसे स्पष्ट और तुलनात्मक स्पेसिफिकेशन के प्रोडक्ट में बेहतर हैं। कॉस्मेटिक्स जैसे स्पेसिफिकेशन और निजी पसंद वाले प्रोडक्ट के मामले में ठीक-ठाक हैं। लेकिन वे फैशन जैसे पर्सनल क्षेत्र में अधिकतर मौकों पर गलती करते हैं। मानवीय संपर्क का महत्व भी एआई से ऑनलाइन शॉपिंग में बदलाव के कारण वास्तविक स्टोर्स को अहमियत मिली है। शानदार डिस्प्ले और आकर्षक असिस्टेंट वाली दुकानों के जरिए कंपनियों को स्वयं को पेश करने का एक अन्य रास्ता मिला है। इस साल शॉपिफाई सर्वे में तीन चौथाई लोगों ने बताया कि वे शॉपिंग करते हुए मानवों से संवाद को महत्व देते हैं। यह 2024 के मुकाबले पचास फीसदी अधिक है।
Turkey Sinkholes: तुर्की के कोन्या प्लेन में अत्यधिक सूखा और भूजल के अत्यधिक इस्तेमाल करने के कारण 684 से अधिक बड़े सिंकहोल बन गए हैं, जिससे किसानों को गंभीर नुकसान हो रहा है, और विशेषज्ञों ने तुरंत पानी के उपयोग को कंट्रोल करने की चेतावनी दी है.
Roman Era Ship: वैज्ञानिकों को मिस्र में अलेक्जेंड्रिया बंदरगाह के नीचे रोमन समय की एक बहुत ही खास नाव मिली है जो लगभग 2,000 साल पुरानी है. इसे प्लेजर शिर या थैलामागोस कहा जाता था. इसका इस्तेमाल मशहूर हस्तियों को घूमाने और खास धार्मिक समारोहों में होता था.
Bald Eagle Migration: अमेरिका के Arizona राज्य में रहने वाले कुछ बाल्ड ईगल (गंजे बाज) हर साल एक ऐसा सफर तय करते हैं, जिसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है.
World First Space Hotel: वॉयजर स्टेशन दुनिया का पहला अंतरिक्ष स्टेशन होगा जिसे 2027 तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना है. यह एक बड़े पहिए जैसा गोल स्टेशन होगा जो घूमता रहेगा. अब आपको छुट्टियां शिमला-मनाली की जगह स्पेस में भी काटने का मौका मिलने वाला है.
महिंद्रा XUV 700 का फेसलिफ्ट मॉडल 5 जनवरी को भारत में लॉन्च होगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने आज (12 दिसंबर) बताया कि कार की बुकिंग 15 दिसंबर से शुरू होगी। इसका टीजर जारी हो चुका है। खास बात ये है कि अपकमिंग प्रीमियम SUV ट्रिपल डिस्प्ले सेटअप के साथ XUV 7XO नाम से आएगी। वर्तमान में महिंद्रा XUV700 की कीमत 13.66 लाख रुपए से 23.71 लाख रुपए (एक्स-शोरूम पैन-इंडिया) के बीच है। अपकमिंग 2026 महिंद्रा XUV 7XO की कीमत इससे ज्यादा रखी जा सकती है। इसका मुकाबला महिंद्रा स्कॉर्पियो एन, टाटा सफारी, हुंडई अल्कजार और MG हेक्टर प्लस से होगा। डिजाइन: नए डुअल-पॉड LED प्रोजेक्टर हेडलैंप्स नई 2026 महिंद्रा XUV 7XO को टेस्टिंग के दौरान पहले भी कई बार भारतीय सड़कों पर देखा जा चुका है। इस के फ्रंट में अपराइट मल्टी-स्लेट ग्रिल, नए डुअल-पॉड LED प्रोजेक्टर हेडलैंप्स, शार्प एयर डैम और चौड़ी स्किड प्लेट के साथ न्यू डिजाइन बंपर दिया जाएगा। साइड में 18 इंच के नए अलॉय व्हील्स मिल सकते हैं। वहीं, रियर में कनेक्टेड LED टेललाइट और नए डिजाइन का बंपर मिलेगा। इस SUV को नए मोनोटोन और डुअल-टोन एक्सटीरियर कलर ऑप्शन के साथ उतारा जा सकता है। इंटीरियर और फीचर: ट्रिपल-डिस्प्ले सेटअप रियर वेंटिलेटेड सीटें XUV 7XO का इंटीरियर पहले जारी हुए स्पाय शॉट में नजर चुका है। महिंद्रा कार को नई टेक्नोलॉजी अपग्रेड के साथ उतारेगी। इसमें XEV 9e और अपकमिंग XEV 9S की तरह नया ट्रिपल-डिस्प्ले सेटअप दिया जाएगा। केबिन में लाइट कलर थीम के साथ बेज कलर्ड सीटें पहले की तरह मिलेंगी। फेसलिफ्ट XUV 7XO कार में नए ट्रिपल-स्क्रीन लेआउट के अलावा मसाजिंग फ्रंट सीटें, रियर वेंटिलेटेड सीटें (6-सीटर वैरिएंट), अपग्रेडेड 16-स्पीकर हार्मन कार्डन साउंड सिस्टम, मल्टी-कलर एम्बिएंट लाइटिंग और एक अतिरिक्त वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। कार में स्लाइडिंग मिडल रो सीटें भी मिल सकती है। इसके अलावा पहले की तरह स्टैंडर्ड मॉडल वाले फीचर मिलेंगे, जिसमें वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें, पैनोरमिक सनरूफ, मेमोरी के साथ पावर्ड ड्राइवर सीट और डुअल जोन क्लाइमेट कंट्रोल शामिल हैं। 2026 महिंद्रा XUV 7XO: सेफ्टी फीचर्स सेफ्टी के लिए इसमें 7 एयरबैग (6 स्टैंडर्ड), इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), ऑटो हेडलैंप, 360 डिग्री कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS), चाइल्ड आईएसओफिक्स माउंट, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और लेवल 2 एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। इसमें ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन कीप असिस्ट और फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग फीचर शामिल है। परफॉर्मेंस: डीजल इंजन के साथ ऑल व्हील ड्राइव ऑप्शन महिंद्रा XUV 7XO में मौजूदा मॉडल वाले इंजन ऑप्शन दिए जा सकते हैं। इसमें एक 2.0 लीटर का टर्बो पेट्रोल इंजन है, जो 200PS की पावर और 380Nm का टॉर्क जनरेट करता है। गियरबॉक्स की बात करें तो इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और 6-स्पीड ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन का ऑप्शन मिलता है। इसं इंजन के साथ फ्रंट व्हील ड्राइव का ऑप्शन मिलता है। वहीं, दूसरा 2.2 लीटर का डीजल इंजन मिलेगा, जो 185PS की पावर और 450Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसके साथ भी 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और 6-स्पीड ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन का ऑप्शन मिलता है। डीजल इंजन के साथ फ्रंट व्हील ड्राइव और ऑटोमेटिग गियरबॉक्स के साथ ऑल व्हील ड्राइव का ऑप्शन मिलेगा।
BMW के सब ब्रांड मिनी इंडिया ने आज (12 दिसंबर) भारतीय बाजार में नई मिनी कूपर S कन्वर्टिबल लॉन्च कर दी है। कंपनी की पिछले तीन महीनों में भारत आने वाली ये तीसरी कार है। इससे पहले अक्टूबर में JCW All4 और नवंबर में कंट्रीमैन SE All4 लॉन्च हुई थी। ये भारत में सबसे सस्ती कन्वर्टिबल कार है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 58.50 लाख रुपए है। कंपनी इसे फुली कंप्लीट बिल्ट यूनिट (CBU- यानी पूरी तरह से बनी बनाई) के रूप में बेचेगी। कंपनी का दावा है कि कार सिर्फ 6.9 सेकंड में 0-100kmph की रफ्तार पकड़ सकती है। कार में सबसे खास फीचर इसका इलेक्ट्रिक फैब्रिक रूफ है, जो 30kmph स्पीड पर 18 सेकंड में पूरी तरह खुल सकता है और 15 सेकंड में बंद हो सकता है। साथ ही 'सनरूफ मोड' में ये थोड़ा-सा पीछे खिसक सकता है, जिससे ओपन-एयर ड्राइविंग का एक्सपीरियंस ले सकते हैं। इसका मुकाबला फोक्सवैगन गोल्फ जीटीआई से है। एक्सटीरियर डिजाइन: 18-इंच अलॉय व्हील्स स्टैंडर्ड कार का लुक मिनी की आइकॉनिक स्टाइल पर बेस्ड है। फ्रंट में सर्कुलर LED हेडलाइट्स के साथ DRLs लगी हैं, और ऑक्टागोनल ग्रिल का आउटलाइन है, जो बीच में बॉडी-कलर्ड ट्रिम से अलग है। नीचे एयर डैम दिया गया है। साइड प्रोफाइल में 18-इंच अलॉय व्हील्स स्टैंडर्ड हैं और चारों तरफ प्लास्टिक क्लैडिंग लगी है, जो स्पोर्टी फील देती है। रियर में ट्रेडिशनल यूनियन जैक LED टेललाइट्स हैं और टेलगेट नीचे खुलती है जो 80kg तक वजन सहन कर सकती है। ये एक टेम्पररी सीट की तरह काम आती है। इस पर रेड 'S' बैजिंग भी लगी है। कलर ऑप्शंस में ब्लैक, व्हाइट और रेड जैसे स्टैंडर्ड शेड्स मिलेंगे। इंटीरियर डिजाइन: 9.4-इंच OLED टचस्क्रीन कार का केबिन प्रीमियम और मॉडर्न फील वाला है। फ्रंट सीट्स पावर्ड हैं और ड्राइवर सीट में मसाज फंक्शन भी मिलता है। डैशबोर्ड पर नया निटेड ब्लैक-एंड-बेज कलर स्कीम है, जो लग्जरी टच देता है। सेंटर में 9.4-इंच OLED टचस्क्रीन लगी है, जो वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले सपोर्ट करती है। स्टीयरिंग व्हील स्पोर्टी डिजाइन का है, लेकिन स्पेसिफिक डिटेल्स नहीं बताई गईं। सनरूफ की जगह फैब्रिक रूफ ही है, जो 'सनरूफ मोड' में काम करता है। बूट स्पेस 215 लीटर है, जो रूफ डाउन होने पर 160 लीटर रह जाता है। ये 4-सीटर केबिन है, जो लॉन्ग ड्राइव्स के लिए कम्फर्टेबल है। फीचर्स: हेड-अप डिस्प्ले और वायरलेस चार्जर कार में कई एडवांस्ड फीचर्स दिए गए हैं। कम्फर्ट के लिए हेड-अप डिस्प्ले, वायरलेस चार्जर और एम्बिएंट लाइट प्रोजेक्शन डैशबोर्ड पर मिलेगा। कन्वीनियंस में रियर-व्यू कैमरा और हरमन कार्डन साउंड सिस्टम है, जो म्यूजिक लवर्स को पसंद आएगा। एडवांस्ड फीचर्स में OLED स्क्रीन के साथ कनेक्टेड कार टेक शामिल है। ये सब मिलकर कार को फन-टू-ड्राइव बनाते हैं, खासकर कन्वर्टिबल यूजर्स के लिए। परफॉर्मेंस: 204hp पावरफुल इंजन 237kmph टॉप स्पीड मिनी कूपर S कन्वर्टिबल में परफॉर्मेंस के लिए 2-लीटर 4-सिलेंडर टर्बो-पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 204hp की पावर और 300Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ये 7-स्पीड डुअल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ फ्रंट-व्हील ड्राइव सेटअप पर चलती है। कंपनी का दावा है कि कार 0-100kmph की स्पीड सिर्फ 6.9 सेकंड में हासिल कर सकती है और इसकी टॉप स्पीड 237kmph है। माइलेज की ऑफिशियल फिगर नहीं बताई गई है, लेकिन प्रीमियम कन्वर्टिबल्स में ये 10-12kmpl के आसपास रहता है। सेफ्टी फीचर्स: रियर कैमरा और मल्टीपल एयरबैग्स सेफ्टी पर फोकस कम लगता है, क्योंकि डिटेल्स लिमिटेड हैं। स्टैंडर्ड फीचर्स में ABS, EBD, मल्टीपल एयरबैग्स और ESC जैसे बेसिक सिस्टम्स मिलेंगे। रियर-व्यू कैमरा भी है, जो पार्किंग में मदद करता है, लेकिन लेवल-2 ADAS या एडवांस्ड ड्राइवर असिस्ट जैसे फीचर्स का जिक्र नहीं है। मिनी का कहना है कि ये यूरो NCAP स्टैंडर्ड्स पर बेस्ड है, इसलिए बेसिक सेफ्टी कवर रहती है।
3000 साल पुरानी मगरमच्छ ममी का खुला राज, वैज्ञानिकों ने खोला तो अंदर मिली ऐसी चीज जिससे...
Crocodile Mummy Egypt: वैज्ञानिकों को एक 3,000 साल पुरानी मगरमच्छ की ममी मिली है. इस ममी की जांच से प्राचीन मिस्र के लोगों के बारे में कई छिपी हुई बातें पता चलती हैं.
समुद्र में दिखा अजीबोगरीब जीव...अचानक पानी से बाहर आई 'किलर व्हेल', तस्वीरें देखकर दुनिया हैरान
Sea Mysterious Creature: जापान के किनारे से दूर समुद्र में एक दुर्लभ और रहस्यमय जीव पानी के ऊपर कूदते हुए कैमरे में कैद हुआ. वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत ही शानदार पल था.
अचानक खो NASA का मंगलयान! 11 साल बाद मार्स रोवर MAVEN से टूटा संपर्क, रहयस्यमय ढंग से गया सिग्नल
NASA Mars Rover: नासा ने मार्स रोवर MAVEN को 2013 में लॉन्च किया था और यह सितंबर 2014 में मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंच गया. इसका काम मंगल ग्रह के ऊपरी वातावरण को अध्ययन करना था.
वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में 'फाड़ा बर्फीले कीड़े का पेट', अंदर जो देखा उससे खुली रह गई आंखें
Antarctica Bug: अंटार्कटिका में एक खास तरह का छोटा कीड़ा, जिसे मिज भी कहते हैं, पाया जाता है. वैज्ञानिकों ने देखा है कि यह कीड़ा अब बहुत छोटे प्लास्टिक के टुकड़े खा रहा है.
अरबपति का खुला चैलेंज...धरती चपटी है तो इसका किनारा दिखाओ, और जीतो 83,00,000 रुपए
Flat Earth Challenge: आउटडोर ब्रांड कोलंबिया स्पोर्ट्सवेयर ने एक चुनौती पेश की है. उनका कहना है कि पृथ्वी के छोर की एक तस्वीर लाकर दिखाओ और आपको 100,000 डॉलर की संपत्ति वाली कंपनी मिल जाएगी.
तीन गुना हुई बाघों की संख्या! मौत को मात देकर लौटा 'जंगल का किंग', संरक्षण के प्रयास सफल
Endangered Animals: सुमात्रा में एक जगह है जिसका नाम है ल्यूसर पारिस्थितिकी तंत्र. यहां कैमरा ट्रैप तकनीक का इस्तेमाल करके एक नया सर्वे किया गया है जिसमें सुमात्रा बाघों की संख्या में बढ़ोतरी मिली है.
China Giant Dinosaur Discovery: चीन के दक्षिणी हिस्से में मिला एक बड़े डायनासोर का जीवाश्म वैज्ञानिकों के लिए सरप्राइज बन गया है. इस डायनासोर का नाम Tongnanlong zhimingi रखा गया है. इसकी लंबाई करीब 92 फीट तक मानी जा रही है.
धरती का सबसे रहस्यमयी जीव! जहर खाकर 24 कैरेट सोना 'पोटी' करता है… वैज्ञानिक भी दंग!
Cupriavidus metallidurans: आज हम ऐसे जीव के बारे में जानेंगे जो जहरीली धातुओं को खाकर उन्हें बाहर निकालते समय 24 कैरेट सोने में बदल देता है
टाटा मोटर्स की हाल ही में लॉन्च हुई SUV सिएरा भारत में सबसे ज्यादा माइलेज वाली पेट्रोल कार बन गई है। कार ने इंदौर के नेट्रैक्स टेस्ट ट्रैक पर 30 नवंबर को हुए टेस्ट में 29.9kmpl का माइलेज हासिल किया, जो फ्यूल एफिशिएंसी का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले ये रिकॉर्ड फॉक्सवैगन टाइगुन (29.8kmpl) के नाम था। हाइपरियन पेट्रोल इंजन वाली इस SUV ने लगभग 800 किमी की दूरी तय की, जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। यही नहीं कार ने 222kmph की टॉप स्पीड भी हासिल की। नेट्रैक्स ट्रैक पर लगातार 12 घंटे चलाई कार नेट्रैक्स ट्रैक पर टेस्ट 30 नवंबर को किया गया। इसमें पिक्सल मोशन की टीम के प्रोफेशनल ड्राइवर्स ने कार को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक लगातार 12 घंटे तक चलाया गया। हालांकि, ड्राइवर बदलने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लिए गए, लेकिन बाकी समय कार लगातार चलती रही। टेस्ट के लिए नेट्रैक्स का बंद ट्रैक इस्तेमाल किया गया, जहां ट्रैफिक, सिग्नल या रोड की खराबी जैसी परेशानियां नहीं थीं। एवरेज स्पीड 65-70kmph रखी गई, ताकि इंजन अपने बेस्ट RPM रेंज में काम कर सके। कुल दूरी करीब 800 किलोमीटर रही। टाटा ने कहा है कि ये आंकड़े कंट्रोल्ड कंडीशंस में हैं, रियल-वर्ल्ड में माइलेज कम हो सकता है। टाटा का नया 1.5 लीटर हाइपरियन टर्बो-पेट्रोल इंजन टाटा सिएरा 3 इंजन ऑप्शन का साथ आती है। कार में जिस इंजन का टेस्ट किया वह टाटा का नया डेवलप किया गया 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर TGDi हाइपरियन टर्बो-पेट्रोल इंजन है, जो 160PS की पावर और 255Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें एडवांस्ड कम्बशन सिस्टम, लो-फ्रिक्शन पार्ट्स और ब्रॉड टॉर्क बैंड है, जो फ्यूल को लंबे समय तक स्टेबल रखता है। ये इंजन 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आता है। टेस्ट के दौरान कार ने 222kmph की टॉप स्पीड भी हासिल की, लेकिन ग्राहकों की सेफ्टी के लिए ये स्पीड 190kmph तक लिमिटेड होगी। सिएरा में अन्य दो इंजन ऑप्शन भी हैं, जिनमें 106PS पावर वाला 1.5 लीटर NA पेट्रोल इंजन और 1.5 लीटर का डीजल इंजन शामिल है। टाइगुन ने बनाया था 29.8kmpl के माइलेज का रिकॉर्ड इससे पहले फॉक्सवैगन टाइगुन के 1.0 TSI इंजन ने 2024 में 24 घंटे के रन में 29.8kmpl का माइलेज हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें 1,300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय की गई थी। टाटा सिएरा ने कम समय में ही इसे पीछे छोड़ दिया। दोनों ही टेस्ट नेट्रैक्स पर हुए थे, जहां कंस्टेंट स्पीड पर मॉडर्न टर्बो-पेट्रोल इंजन की ताकत दिखी। लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये फिगर्स सिटी या हाईवे पर वैलिड नहीं, जहां ब्रेकिंग और ट्रैफिक माइलेज को 20-25% तक कम कर देते हैं। ये खबर भी पढ़ें 22 साल बाद मॉडर्न लुक में टाटा सिएरा लॉन्च: शुरुआती कीमत ₹11.49, तीन स्क्रीन वाली टाटा की पहली SUV, हुंडई क्रेटा को टक्कर देगी टाटा मोटर्स ने आज (25 नवंबर) अपनी मोस्ट अवेटिंग SUV सिएरा को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। सिएरा टाटा के लिए एक आइकॉनिक नाम है, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था। अब 22 साल बाद सिएरा ने मॉडर्न स्टाइल और फीचर के साथ वापसी की है। कार में 360 कैमरा और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। नई सिएरा की इंट्रोडक्टरी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 11.49 लाख रुपए रखी गई है। इसकी बुकिंग 16 दिसंबर से शुरू होगी और डिलीवरी 15 जनवरी से की जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
Kia Seltos या Tata Sierra: कौन सी SUV आपके लिए बेहतर? कीमत, फीचर्स और इंजन का पूरा मुकाबला!
भारत में मिड-साइज SUV सेगमेंट में Kia Seltos और Tata Sierra के बीच जबरदस्त मुकाबला, फीचर्स, इंजन, केबिन स्पेस और कीमत के आधार पर तुलना। जानें कौन सी SUV आपके लिए बेहतर और किफायती विकल्प है।
ISRO और भारतीय उद्योग: अंतरिक्ष मिशनों के लिए ISRO का तकनीकी सहयोग अभियान
ISRO ने भारतीय उद्योगों के साथ तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा दिया, जिसमें स्टेज रिकवरी, LOX-Methane इंजन, क्वांटम संचार और मानवयुक्त मिशनों जैसी उन्नत अंतरिक्ष तकनीकें शामिल हैं। यह पहल तकनीकी आत्मनिर्भरता, उद्योग विकास और राष्ट्रीय प्रगति में योगदान देगी।
नई AI पावर अनलॉक : अब Insta का एल्गोरिदम आपकी मर्जी से करेगा काम ; जानिए कैसे
इंस्टाग्राम ने “Your Algorithm” नामक एआई-संचालित फीचर लॉन्च किया है, जो यूज़र्स को उनकी रील्स फीड को प्रभावित करने वाले एल्गोरिदम को देखने और नियंत्रित करने की सुविधा देता है। यह कदम सोशल मीडिया पारदर्शिता, यूज़र नियंत्रण और वैश्विक नियामक दबाव के बीच एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।
Earth Invisible Plasma Magnetotail: आमतौर पर देखा जाए तो लोग comets या कुछ ग्रहों की पूंछ के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन हालिया रिसर्च में यह सामने आया है कि हमारी पृथ्वी की भी एक लंबी प्लाज्मा टेल है, जोकि स्पेस में लगातर बहती रहती है और दिखाई नहीं देती है.
हिमालय बन रहा है 'टाइम बम'...भारत पर मंडरा रहा है 8+ तीव्रता के भूकंप का खतरा! पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Great Himalayan Earthquake: महान हिमालयी भूकंप एक ऐसी बड़ी भूकंप की घटना को कहते हैं जिसके होने की सिर्फ कल्पना की गई है. माना जाता है कि यह भयानक भूकंप हिमालय पर्वतमाला के नीचे मौजूद एक बड़ी फॉल्ट लाइन, जिसे मेन हिमालयन थ्रस्ट (Main Himalayan Thrust) कहते हैं, पर आ सकता है.
मंगल और शुक्र पर इंसानी बस्ती का प्लान, वैज्ञानिकों ने बताया- 'धरती से परे कैसी बसेगी दुनिया'
Life Beyond Earth: जैसे-जैसे वैज्ञानिक खोज और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ रहे हैं वैसे ही मंगल और शुक्र ग्रहों पर इंसानों के लिए बस्तियां बनाना अब तेजी से एक संभव सच्चाई बनता जा रहा है.
Bezymianny Volcano Russia: रूस के फार ईस्ट में मौजूद Bezymianny ज्वालामुखी 1956 में बहुत बड़े धमाके से फटा था. ऐसे में पूरा पहाड़ ही टूटकर गिर गया था. अब वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह ज्वालामुखी लगभग अपनी पुरानी ऊंचाई तक आ चुका है.
तिरुपती मंदिर में 54 करोड़ का घोटाला! 10 साल तक भक्तों को दिया गया नकली शॉल, ACB करेगी जांच
Tirumala Tirupati Temple: तिरुमाला के वैभवोत्सव मंडपम से विजिलेंस विभाग ने कुछ शॉल के नमूने इकट्ठे किए थे. इन नमूनों को अब वैज्ञानिक जांच और गुणवत्ता चेक के लिए भेजा गया है.
NASA के जेम्स टेलीस्कोप की बड़ी खोज, अंतरिक्ष में मिला 10,000 सूर्य से भी बड़ा 'राक्षस तारा'
James Webb Telescope: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने एक बहुत दूर की आकाशगंगा में कुछ सीधे रासायनिक सबूत पकड़े हैं. इन सबूतों से यह पक्का हो गया है कि वहां बहुत बड़े आदिम तारे मौजूद हैं जिन्हें Massive Primordial Stars कहते हैं.
समुद्र की 11,000 फीट गहराई में जाएगा फ्रांस का 'रोबोट', 30 दिन की खोज में करेगा बड़े खुलासे
Submarine in Water: फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का ऑटोमैटिक अंडरवाटर ग्लाइडर बनाया है. यह ग्लाइडर अब समुद्र में 11,500 फीट की गहराई तक जाने के लिए तैयार है. यह रोबोट गहरे समुद्र से इससे जुड़ा जरूरी डेटा जुटाएगा.
धरती की गहराइयों में दफन ‘खजाना’, 6 टन की डायनासोर ममी को निकालने में लगा 1 साल; अब आगे क्या?
Science News: अमेरिका के बैडलैंड्स इलाके में वैज्ञानिकों को डायनासोर जीवाश्म मिला है, जिसे Medusa नाम दिया गया है. इसमें स्कीन और टेंडन के अवशेष पाए गए हैं, इसलिए इसे डायनासोर ममी कहा जा रहा है.
50 साल बाद NASA ने खोला सीलबंद जार...1972 के अपोलो मिशन ने सुलझाया चंद्रमा का सबसे बड़ा रहस्य
NASA Apollo Mission: अपोलो 17 मिशन के कुछ नमूनों को बड़ा और नया विश्लेषण किया गया है जिन्हें 1972 से सील करके रखा गया था. इसमें अचानक कुछ ऐसे सल्फर आइसोटोप मिले जिनकी उम्मीद भी नहीं थी.
Loudest Sound Ever Recorded: धरती रहस्यों से भरी हुई है और यहां पर आए दिन कुछ ना कुछ सुनने देखने को मिलता ही रहता है. ऐसे में आज हम आपको धरती पर सबसे तेज सुनी गई आवाज के बारे में आपको बताने वाले हैं, जिसे जानकर आप भी गहरी सोच में पड़ जाएंगे.
अमेरिका में बजेगा ISRO का डंका, 15 दिसंबर को ये 'बाहुबली रॉकेट' लॉन्च करेगा सबसे भारी सैटेलाइट
ISRO News: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो 15 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से एक बड़ा अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है. यह अंतरिक्ष से काम करने वाले सेलुलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क का हिस्सा है. यह लॉन्च भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करेगा.
वैज्ञानिकों के खून से बनी BabyBIG ने कैसे बचाई 3,700 बच्चों की जान, जानें इस खास दवा की पूरी कहानी
Magical Antidote: कैलिफोर्निया के टोनी बार्बेरा के लिए, उनके नवजात बेटे को दूषित फॉर्मूले से होने वाली जानलेवा बीमारी शिशु बोटुलिज्म से बचाना किसी चमत्कार से कम नहीं था. यह संभव हुआ BabyBIG नाम के एक दुर्लभ और महंगी दवा से जो इस बीमारी को रोकने वाली बीमारी का एकमात्र एंटीडोट है.
धरती के नीचे मिला 1,70,000 साल तक चलने वाला 'सोना', सदियों तक जरूरतों को करेगा पूरा
Hydrogen Beneath Earth: नई खोजों से पता चला है कि जमीन के नीचे प्राकृतिक हाइड्रोजन गैस का बहुत ही बड़ा भंडार मौजूद है. यह हाइड्रोजन आने वाले कई 100 सालों तक हमें लगातार प्रदूषण मुक्त और टिकाऊ ऊर्जा दे सकती है.
Old Giant Duck Billed Dinosaur: डायनासोर धरती के सबसे बड़े जानवरों में से एक माने जाते हैं, लगातार इन जानवरों के फॉसिल्स पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में पाए जाते रहे हैं. ऐसे में लगभग 100 साल तक गलत नाम से रखा गया 75 मिलियन साल पुराना डायनासोर, एक नई प्रजाति के रूप में पहचाना गया है.
किआ मोटर्स इंडिया ने आज (10 दिसंबर) भारतीय बाजार में अपनी पॉपुलर मिड साइज SUV किआ सेल्टोस का न्यू जनरेशन मॉडल रिवील कर दिया है। कंपनी ने कार में न सिर्फ अंदर और बाहर के डिजाइन में बदलाव किए हैं, बल्कि कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में इसे कॉम्पिटिटिव बनाए रखने के लिए अपग्रेड फीचर भी दिए गए हैं। कार में सेफ्टी के लिए 21 ऑटोनोमस लेवल-2 एडवांस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम (ADAS) फीचर्स दिए गए हैं। इसमें स्मार्ट क्रूज कंट्रोल, फ्रंट कॉलिजन अवॉइडेंस असिस्ट, लेन कीपिंग असिस्ट, पार्किंग कॉलिजन अवॉइडेंस असिस्ट रिवर्स और क्लस्टर में ब्लाइंड व्यू मॉनिटर जैसे फीचर्स शामिल है। नई 2026 किआ सेल्टोस की बुकिंग 11 दिसंबर को रात 12 बजे से शुरू होगी। आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन 25,000 रुपए टोकन अमाउंट देकर बुक कर सकते हैं। कार की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 11.20 लाख रुपए हो सकती है, जिसका खुलासा 2 जनवरी को होगा। नई SUV की डिलीवरी जनवरी के बीच से शुरू होगी। इसका मुकाबला टाटा सिएरा, हुंडई क्रेटा, मारुति विक्टोरिस, फॉक्सवैगन टाइगन और स्कोडा कुशाक से है। एक्सटीरियर: 4.4 मीटर लंबाई के साथ सेगमेंट में सबसे बड़ी कार में से एक न्यू जनरेशन किआ सेल्टोस में कंपनी की नई डिजाइन थीम अपनाई गई है, जिससे यह मौजूदा मॉडल से अलग नजर आती है। इसका लुक पहले से कहीं ज्यादा बोल्ड, शार्प और प्रीमियम हो गया है। कार ब्रांड के K3 प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है। कार का साइज बढ़ाया गया है। ये अब पहले से 95mm लंबी और 30mm चौड़ी हो गई है। इसका व्हील बेस 80mm बढ़ाया गया है। हालांकी हाइट 10mm घटाई गई है। वहीं, बूट स्पेस में 14 लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे ये 4.4 मीटर लंबाई के साथ अब सेगमेंट में सबसे बड़ी कार में से एक हो गई है। इंटीरियर: 64-कलर एम्बिएंट लाइटिंग और पैनोरमिक सनरूफ 2026 किआ सेल्टोस में कई नए फीचर दिए गए हैं जिसमें इंफोटेनमेंट सिस्टम और डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले के लिए डुअल 12.3-इंच डिस्प्ले शामिल है। इसमें 5-इंच स्क्रीन भी दी गई है जो इन दोनों स्क्रीन के बीच में पोजिशन की गई है। इसके अलावा इसमें मेमोरी सेटिंग्स के साथ 10-वे पावर-एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, फ्रंट और रियर डैशकैम, डुअल-ज़ोन ऑटो एसी, 8-स्पीकर बोस साउंड सिस्टम, फ्रंट सीट वेंटिलेशन, 64-कलर एम्बिएंट लाइटिंग, पैनोरमिक सनरूफ, वायरलेस फोन चार्जर और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी जैसे फीचर भी दिए गए हैं। सेफ्टी: 6 एयरबैग स्डैंडर्ड और लेवल-2 ADAS फीचर्स सेफ्टी के लिए कार में 6 एयरबैग स्डैंडर्ड, फ्रंट, साइड और रियर पार्किंग सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), हिल स्टार्ट असिस्ट, ISOFIX चाइल्ड सीट एंकरेज, 360-डिग्री कैमरा सिस्टम और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) दिया गया है। परफॉर्मेंस: तीन इंजन और पांच ट्रांसमिशन ऑप्शन 2026 किआ सेल्टोस में मैकेनिकली कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इसमें 3 इंजन और पांच ट्रांसमिशन ऑप्शन मिलते हैं। इसमें एक नया 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर टर्बो GDI पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 160 PS की पावर और 253 NM का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इस इंजन के साथ 6 स्पीड iMT और 7 स्पीड DCT का ऑप्शन मिलता है। कार के साथ 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर एडवांस्ड स्मार्टस्ट्रीम नॉर्मल पेट्रोल इंजन भी दिया गया है, जो 115 PS की पावर और 144 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को दो ट्रांसमिशन ऑप्शन 6 स्पीड मैनुअल (6MT) और IVT ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। इसके अलावा 1.5 लीटर का एक 4 सिलेंडर रिफाइंड CRDi VGT डीजल इंजन का ऑप्शन भी दिया गया है। ये इंजन 116 PS की पावर और 250 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इसे 6iMT और 6AT गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है।
White Shark Weight:अब अटलांटिक महासागर में सबसे बड़ी ग्रेट वाइट शार्क का पता चला है. वैज्ञानिकों को यकीन है कि उसके जरिए वह उसकी प्रजाति की सीक्रेट ब्रीडिंग वाली जगह तक पहुंच जाएंगे. इस वाइट शार्क का नाम कंटेंडर है.
PLI योजना 2025: इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और ऑटो में ₹1.76 लाख करोड़ निवेश, रोजगार में नया आयाम
भारत की PLI योजना 2025 ने घरेलू निर्माण, निर्यात और रोजगार में नया आयाम जोड़ा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, ऑटो एवं व्हाइट गुड्स में निवेश बढ़ा है। योजना के संशोधन और विस्तार से भारत का निर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में योगदान मजबूत हुआ है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने CRISPR में किया बड़ा इनोवेशन; अब कैंसर और जेनेटिक रोग होंगे आसानी से ठीक
कोलकाता के बोस इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने नया CRISPR प्रोटीन GlowCas9 विकसित किया है, जो जीन एडिटिंग के दौरान चमकता है। इससे आनुवंशिक रोगों और कैंसर का इलाज सुरक्षित और प्रभावी होगा, साथ ही शोधकर्ताओं को जीवित कोशिकाओं में प्रक्रिया का वास्तविक समय में अवलोकन करने की सुविधा मिलेगी।
पहली नजर में ही किसी पर फिदा क्यों हो जाता है दिल? जानें बॉडी में कैसे होता है चेन रिएक्शन
Love At First Sight: 2008 में आई फिल्म रेस (Race) का एक गाना पहली नजर में तो आपने जरूर सुना होगा जिसके बोल हैं पहली नजर में ऐसा जादू कर गया. शायर की शायरी में, कवि की कविता में और लेखक के लेख में पहली नजर के इश्क का जिक्र कई बार हुआ है. लेकिन आज हम जानने की कोशिश करेंगे कि कोई पहली नजर में ही दिल में कैसे उतर जाता है, चलिए जानते हैं शरीर के अंदर ऐसा क्या होता है.
टेक कंपनी नथिंग ने फोन (3a) का कम्यूनिटी एडिशन लॉन्च कर दिया है। स्पेशल एडिशन स्मार्टफोन की सिर्फ 1000 यूनिट ही बनाई गई हैं। भारत में 28,999 रुपए की कीमत में बेचा जाएगा। इसकी सेल 13 दिसंबर 2025 को बेंगलुरु में स्पेशल ड्रॉप इवेंट में शुरू होगी। 90s के गेम्स से इंस्पायर्ड रेट्रो बैक डिजाइन इसकी सबसे बड़ी खासियत कम्यूनिटी-ड्रिवन डिजाइन है, जिसे यूजर्स की क्रिएटिविटी से बनाया गया है। यह 12GB रैम + 256GB स्टोरेज वैरिएंट मिलेगा, जो रेगुलर मॉडल में नहीं है। रेट्रो बैक डिजाइन 90s के गेम्स से इंस्पायर्ड है, जो फ्यूचरिस्टिक ग्लिफ इंटरफेस के साथ आता है। कस्टम लॉक-स्क्रीन क्लॉक क्लटर-फ्री UI देता है, जबकि 'डाइस' एक्सेसरी हिस्टोरिकल टच जोड़ती है। ब्लू-पर्पल वॉलपेपर्स ईस्टर एग्स से फन बढ़ाते हैं। ये सब मिलकर फोन को पर्सनल और कलेक्टिबल बनाते हैं, जो क्रिएटिव यूजर्स के लिए अच्छी चॉइस बन सकता है। कम्यूनिटी एडिशन प्रोजेक्ट के तहत डिजाइन किया फोन 2025 की शुरुआत में फोन (3a) लॉन्च होने के बाद, नथिंग ने 'कम्यूनिटी एडिशन प्रोजेक्ट' शुरू किया। इसमें दुनिया भर के क्रिएटर्स को इनवाइट किया गया कि वे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, एक्सेसरीज और मार्केटिंग आइडियाज दें। 700 से ज्यादा एंट्रीज आईं, और चार विनर्स चुने गए। इन विनर्स ने मिलकर फोन को नया लुक दिया। नथिंग फोन (3a) कम्यूनिटी एडिशन: स्पेसिफिकेशंस डिजाइन के अलावा, नथिंग फोन (3a) कम्युनिटी एडिशन के स्पेसिफिकेशन रेगुलर वर्जन जैसे ही हैं।
Seawater Hydrogen China: चीन ने तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके बारे में आम इंसान सोच भी नहीं सकता है. बता दें कि इसमें चीन सिर्फ समुद्री पानी और फैक्ट्रियों की बेकार गर्मी की मदद से पीने का पानी और ग्रीन हाइड्रोजन दोनों को एक साथ बनाा जा रहा हैं.
अंतरिक्ष से हिमालय का शानदार नजारा...ISS से वीडियो आया सामने, धरती की 'नसों' जैसा दिखा ये पर्वत
Himalayan Veins: एक वीडियो में बर्फ से ढकी पहाड़ की चोटियां सूरज की रोशनी में चमकती दिख रही हैं. ये चोटियां ऊबड़-खाबड़ घाटियों और गहरी छायाओं के बीच से निकलती हुई दिख रही हैं.
धरती से उड़कर एलियंस से मिलने कहां पहुंच गया वो? 48 साल बाद आई चौंकाने वाली खबर
वो करीब पांच दशक से सफर में है. शायद इतना लंबा यात्री धरती पर कोई नहीं होगा. तब भारत के जो पीएम थे वे अब इस दुनिया में नहीं हैं. दो पीढ़ी बीत चुकी है लेकिन वह स्पेस की गहराइयों में चला ही जा रहा है. अब उसके बारे में एक बड़ा अपडेट आया है.
What is Black Death: 14वीं सदी में आई काली मौत (Black Death) नाम के प्लेग महामारी ने यूरोप की करोड़ों जिंदगियां छीन लीं और कुछ इलाकों की तो 60% आबादी ही खत्म कर दी थी.
China Large Scale Tree Planting: चीन ने पिछले 2 दशकों में इतने पेड़ और घास उगाई है कि देश के अलग-अलग इलाकों में पानी का बंटवारा बदल गया है. कुछ जगहों पर पानी कम हुआ है तो अन्य जगहों पर पानी काफी बढ़ गया है. नई रिसर्च से पता चलता है कि जंगल बढ़ने से हवा में जाने वाला पानी (evaporation) बढ़ गया लेकिन बारिश उतनी नहीं हो रही है. जिससे कई क्षेत्रों में पानी की कमी हो गई है.
जापान में 8+ के 'महाभूकंप' का अलर्ट...जानें Megaquake का मतलब और क्या भारत को इससे डरना चाहिए?
Japan Megaquake Warning: जापान ने बहुत बड़ी महाभूकंप की चेतावनी जारी की है. इसका मतलब है कि जापान के उत्तरी प्रशांत तट पर 8 या उससे अधिक की तीव्रता के भूकंप का खतरा थोड़े समय के लिए सामान्य से ज्यादा हो गया है.
माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब अमेजन ने भी भारत में बड़ा निवेश करने का ऐलान किया है। अमेजन ने घोषणा की है कि 2030 तक कंपनी भारत में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करेगी। यह निवेश AI ड्रिवन डिजिटाइजेशन, एक्सपोर्ट ग्रोथ और जॉब क्रिएशन पर फोकस्ड होगा। यह ऐलान अमेजन की सालाना SMBhav समिट में हुआ। जहां कंपनी ने छोटे बिजनेस और MSMEs को AI टूल्स देने का प्लान बताया। 2013 से अब तक अमेजन ने भारत में कुल 40 बिलियन डॉलर यानी 3.59 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। अमेजन तीन सेक्टरों पर फोकस करेगी अमेजन का यह नया निवेश तीन मुख्य सेक्टरों में बंटा है। पहला- AI से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करना। दूसरा- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना ताकि मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल मार्केट में पहुंचें। तीसरा- जॉब क्रिएशन के जरिए इकोनॉमी को बूस्ट करना। इस महीने ही अमेजन ने 12.7 बिलियन डॉलर (1.14 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का ऐलान किया था, जो AI और AWS (अमेजन वेब सर्विसेज) पर था। इसमें तेलंगाना और महाराष्ट्र में डेटा सेंटर्स का एक्सपेंशन शामिल है। कुल मिलाकर 2030 तक यह निवेश लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और छोटे बिजनेस को सपोर्ट करने में लगेगा। की-स्टोन स्ट्रेटेजी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन ने अब तक 12 मिलियन यानी 1.2 करोड़ से ज्यादा छोटे बिजनेस को डिजिटाइज किया है और 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट एनेबल किए हैं। AI पर जोर, लाखों लोगों को फायदा अमेजन AI को भारत के लिए गेम चेंजर मान रही है। कंपनी का प्लान है कि 14 मिलियन यानी 1.4 करोड़ छोटे बिजनेस और सैकड़ों मिलियन शॉपर्स को AI के फायदे मिलें। इसमें LLM (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट शामिल है। साथ ही 4 मिलियन यानी 40 लाख गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स को AI एजुकेशन और करियर एक्सप्लोरेशन दिया जाएगा। यह कदम भारत की नेशनल प्रायोरिटी से मैच करता है, जहां डिजिटल इनोवेशन को पुश दिया जा रहा है। अमेजन का कहना है कि AI से छोटे बिजनेस अपनी सेल्स, कस्टमर सर्विस और इन्वेंटरी मैनेजमेंट को बेहतर कर सकेंगे। एक्सपोर्ट को बूस्ट करने में नया कदम SMBhav समिट में अमेजन ने अपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया। यह पार्टनरशिप एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा देने के इनिशिएटिव के तहत की गई है, जो डिजिटल एंटरप्रेन्योर्स को मैन्युफैक्चरर्स से जोड़ेगी। ताकि वे ग्लोबल सेलिंग कर सकें। इसके लिए 10 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स में ऑन-ग्राउंड ऑनबोर्डिंग होगी, जैसे तिरुपुर, कानपुर और सूरत। यह पार्टनरशिप मैन्युफैक्चरिंग फोकस्ड है और छोटे बिजनेस को एक्सपोर्ट में मदद करेगी। माइक्रोसॉफ्ट के 17.5 बिलियन डॉलर (1.57 लाख करोड़ रुपए) के AI-क्लाउड निवेश के बाद अमेजन का यह ऐलान टेक जायंट्स की रेस को दिखाता है। 2030 तक 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे अमेजन के इमर्जिंग मार्केट्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित अग्रवाल ने समिट में कहा, 'हम पिछले 15 सालों से भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बने हैं। अमेजन की ग्रोथ यहां आत्मनिर्भर और विकसित भारत की विजन से मैच करती है।' उन्होंने आगे बताया, 'हमने फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में स्केल पर निवेश किया है। जिससे लाखों जॉब्स क्रिएट हुए और मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल हुए। आगे हम AI को लाखों भारतीयों के लिए डेमोक्रेटाइज करेंगे, 1 मिलियन यानी 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे और 2030 तक ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को 80 बिलियन डॉलर यानी 7.18 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाएंगे।' 2013 से भारत में अमेजन का सफर अमेजन ने 2013 में भारत में अपना मार्केटप्लेस लॉन्च किया था। तब से कंपनी ने तेजी से ग्रोथ की है। 2024 की की-स्टोन स्ट्रेटेजी रिपोर्ट कहती है कि अमेजन ने 2.8 मिलियन यानी 28 लाख से ज्यादा डायरेक्ट, इंडायरेक्ट, इंड्यूस्ड और सीजनल जॉब्स सपोर्ट किए हैं। ई-कॉमर्स से 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट एनेबल हुए हैं। यह निवेश अमेजन के ग्लोबल स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जहां भारत को सबसे बड़ा मार्केट माना जा रहा है। पहले भी अमेजन ने लॉजिस्टिक्स और क्लाउड सर्विसेज में भारी निवेश किया, जो अब AI के साथ और मजबूत होगा। 2030 तक अमेजन का टारगेट क्या है? 2030 तक अमेजन का टारगेट है कि ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएं, जो मौजूदा का चार गुना है। 1 मिलियन नई जॉब ऑपर्च्युनिटीज क्रिएट होंगी। AI से छोटे बिजनेस और स्टूडेंट्स को स्किल्स मिलेंगी, जो इकोनॉमी को बूस्ट करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निवेश एक्सपोर्ट और जॉब्स से GDP में योगदान देगा। अमेजन का फोकस आत्मनिर्भर भारत पर है, जहां टेक से ग्रामीण इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। ये खबर भी पढ़ें... माइक्रोसॉफ्ट भारत में ₹1.6 लाख करोड़ निवेश करेगी: AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा; CEO सत्य नडेला ने PM मोदी से मुलाकात के बाद ऐलान किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव के बावजूद माइक्रोसॉफ्ट भारत में 17.5 अरब डॉलर (करीब ₹1.57 लाख करोड़) निवेश करने जा रही है। अमेरिकी टेक कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। फंड का इस्तेमाल AI, क्लाउड और डेटा सेंटर जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...
भारतीय मूल के यूट्यूब के CEO नील मोहन को टाइम मैगजीन ने 2025 का CEO ऑफ द ईयर चुना है। 2023 से CEO बने नील ने यूट्यूब को ट्रांसफॉर्मेटिव एरा में लीड किया है। मैगजीन ने उन्हें कल्चरल आर्किटेक्ट कहा, जो अरबों लोगों का डेली कंजम्प्शन शेप करता है। टाइम ने लिखा मोहन फार्मर है, जो वो कल्टीवेट करेगा, वो हम खाएंगे। यूट्यूब इस साल अपनी 20वीं एनिवर्सरी मना रहा है। टाइम ने नील की किसान से तुलना की टाइम ने अपने स्टेटमेंट में लिखा यूट्यूब आज पूरी दुनिया का खाना बना रहा है। नील मोहन किसान हैं, जो वो उगाएंगे, वही हम सब खाएंगे। यूट्यूब एक खेत है। इसमें कोई अच्छी फसल बोता है, कोई जहरीली। खेत पूरा प्लैनेट बन चुका है, इसलिए जो भी उगेगा, वही सबकी प्लेट में आएगा। नील मोहन कौन हैं? नील मोहन 52 साल के हैं, 1973 में मिशिगन के एन आर्बर में जन्मे थे। 1980 के दशक में तमिल पैरेंट्स के साथ लखनऊ आए, जहां हिंदी और संस्कृत सीखा। संस्कृत को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से कंपेयर किया। स्टैनफोर्ड से अंडरग्रेजुएट और MBA किया। उनके भाई अनुज की 30 साल की उम्र में स्विमिंग पूल एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। मोहन ने पाना करियर कंसल्टिंग से शुरू किया। उन्होंने नेटग्रेविटी जॉइन किया जो डबलक्लिक में मर्ज हुआ। 2007 में गूगल ने $3.1 बिलियन में डबलक्लिक खरीद लिया। नील मोहन की यूट्यूब में जर्नी डबलक्लिक डील से सुजैन वोझिक्की से मिले, जो बाद में यूट्यूब CEO बनीं। वोझिक्की ने उन्हें यूट्यूब में रिक्रूट किया। वोझिक्की के कैंसर डायग्नोसिस के समय मोहन ने जिम्मेदारियां संभालीं। 2023 में मोहन यूट्यूब के CEO बने। 2024 में वोझिक्की का निधन हो गया। टाइम ने कहा, मोहन क्वाइट-स्पोकेन, डेलिबरेटिव, हार्ड टू रफल हैं। मोहन को स्पोर्ट्स देखना, बेटियों के डांस रिसाइटल जाना पसंद है। कई बार वे क्रिएटर्स के वीडियो में भी आ जाते हैं।
टेक कंपनी आईटेल ने भारत में आईटेल A90 स्मार्टफोन के लिमिटेड एडिशन का 128GB स्टोरेज वैरिएंट लॉन्च कर दिया है। इसे 12GB रैम (4GB फिजिकल +8GB वर्चुअल) सपोर्ट के साथ मार्केट में उतारा गया है। आईटेल फोन को “3P प्रोमिस” के साथ लेकर आया है। जो इसे डस्ट, वॉटर और ड्रॉप रेसिस्टेंट बनाते हैं। फोन IP54 सर्टिफिकेशन और MIL-STD-810H मिलिट्री ग्रेड प्रोटेक्शन के साथ लॉन्च हुआ है, जिससे यह बारिश, धूल और छोटे-मोटे झटकों से सुरक्षित रहता है। कंपनी 100 दिन में फ्री स्क्रीन रिप्लेसमेंट भी ऑफर कर रही है। इसकी कीमत 7,299 रखी गई है और यह देशभर के रिटेल स्टोर्स पर 3 कलर ऑप्शन- स्पेस टाइटेनियम, स्टारलाइट ब्लैक, अरोरा ब्लू में अवेलेबल है। आईटेल A90 लिमिटेड एडिशन: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: आईटेल A90 में 6.6 इंच का HD+ IPS डिस्प्ले दिया गया है, जो 90Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसमें ऑलवेज-ऑन डिस्प्ले और डायनामिक बार जैसे फीचर्स मिलते हैं। जिससे यूजर को बैटरी, कॉल्स और नोटिफिकेशन जैसी जरूरी जानकारी बिना स्क्रीन को पूरी तरह ऑन किए मिल जाती हैं। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन में 13MP का प्राइमरी रियर कैमरा दिया गया है, जो एडवांस इमेज प्रोसेसिंग और स्लाइडिंग जूम बटन के साथ फोटोज कैप्चर करता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 8MP का फ्रंट कैमरा मिलता है। परफॉर्मेंस: स्मार्टफोन में परफॉर्मेंस के लिए ऑक्टा-कोर T7100 प्रोसेसर दिया गया है। फोन एंड्रॉएड 14 गो एडिशन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। मोबाइल में 4GB रैम के साथ 8GB वर्चुअल रैम का फ्यूजन सपोर्ट मिलता है, जिससे मल्टीटास्किंग और एप स्विचिंग स्मूद मिलती है। ये 128GB इंटरनल स्टोरेज के साथ अवेलेबल है। बैटरी: पावरबैक के लिए फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है, जिसे चार्ज करने के लिए 10W का चार्जर मिलता है, जबकि फोन 15W तक चार्जिंग का सपोर्ट करता है। अन्य: फोन IP54 रेटिंग के साथ आता है, जिससे यह डस्ट और स्प्लैश प्रूफ बनता है। सेफ्टी के लिए फोन में फेस अनलॉक और साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे फीचर्स दिए गए हैं। आईटेल A90 में DTS साउंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो यूजर को एक रिच, क्रिस्प और इमर्सिव ऑडियो का एक्सपीरियंस देता है।
टेक कंपनी वनप्लस भारत में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन वनप्लस 15R और मिड-रेंज टैबलेट वनप्लस पैड गो 2 लॉन्च करने जा रही है। कंपनी 12वीं एनवर्सरी के मौके पर 17 दिसंबर को बेंगलुरू में होने वाले इवेंट में दोनों डिवाइस को पेश करेगी। लॉन्च ईवेंट वनप्लस की ऑफिशियल वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम होगा। वनप्लस 15R को स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर, 7400mAh बैटरी और 50 मैगापिक्सल कैमरा के साथ उतारा जाएगा। फोन की कीमत 40 से 50 हजार रुपए के बीच हो सकती है। इस प्राइस रेंज में स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर वाला ये भारत में पहला फोन होगा। वहीं, वनप्लस पैड गो 2 को मीडियाटेक डाइमेंशन 7300-अल्ट्रा प्रोसेसर और 10,050mAh की बैटरी के साथ उतारा जाएगा। टैबलेट की कीमत 20 हजार रुपए के आसपास रखी जा सकती है। वनप्लस 15आर: स्पेसिफिकेशंस परफॉर्मेंस: वनप्लस 15R में परफॉर्मेंस के लिए स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर मिलेगा। यह मोबाइल चिपसेट 3 नैनोमीटर प्रोसेस पर बना ऑक्टा-कोर प्रोसेसर है जो 3.8GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। ये पावरफुल और लैगफ्री प्रोसेसिंग देता है। वहीं, ग्राफिक्स के लिए फोन में एड्रेनो 830 GPU दिया गया है। फोन एंड्रॉएड 16 पर बेस्ड ColorOS 16 ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आएगा। इसमें LPDDR5X रैम मिलेगी, जो स्मूथ मल्टीटास्किंग करने में मदद करती है। मोबाइल में UFS 4.1 स्टोरेज लगी है, जिससे फास्ट डाटा ट्रांसफर होता है। इसके अलावा फोन में NFC, वाई-फाई 7 और ब्लूटूथ 5.4 का सपोर्ट मिलेगा। बैटरी: कंपनी ने ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर दी है कि वनप्ल्स 15R को 7400mAh बैटरी पर लॉन्च होगा। इसे चार्ज करने के लिए 80W सुपरवूक चार्जिंग तकनीक मिलेगी। इससे पहले वनप्लस का कोई भी फोन इतनी बड़ी बैटरी के साथ नहीं आया है। हाल ही में लॉन्च हुआ वनप्लस 15 स्मार्टफोन 7300mAh बैटरी पर लॉन्च हुआ था। वनप्लस 15R की बैटरी को सिलीकॉन नेनोस्टेक टेक्नोलॉजी पर बनाया गया है। कंपनी का दावा है कि 4 साल बाद भी इसकी बैटरी हेल्थ 80% से कम नहीं जाएगी। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए वनप्लस 15R के बैक पैनल पर डुअल कैमरा सेटअप मिलेगा। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन के साथ 50 मेगापिक्सल का सोनी IMX906 मेन रियर सेंसर और 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड एंगल लेंस शामिल है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलेगा। फोन डिटेलमैक्स इंजन के साथ आएगा। इसमें अल्ट्रा क्लीयर मोड, क्लीयर बर्स्ट और क्लियर नाइट इंजन जैसे एडवांस फीचर्स मिलेंगे। डिस्प्ले: वनप्लस 15R में 28001272 पिक्सल रेजोल्यूशन वाली 6.83-इंच की 1.5K स्क्रीन मिलेगी। यह एमोलेड पैनल पर बनी डिस्प्ले 165Hz तक के हाई रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ आएगी। इसके साथ 1800 निट्स की पीक ब्राइटनेस और 450PPI ऑटो डिमिंग मिलेगी। कंपनी ने बताया कि मोबाइल TUV राइनलैंड इंटेलीजेंट आई केयर 5.0 सर्टिफाइड है, जो अंधेरे में फोन चलाने पर भी आंखों को नुकसान से बचाने में मदद करेगा। स्क्रीन में इन-डिस्प्ले अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर भी मिलेगा। वनप्लस पैड गो 2: स्पेसिफिकेशंस परफॉर्मेंस: वनप्लस पैड गो 2 को मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7300 अल्ट्रा चिपसेट के साथ पेश किया जाएगा। यह मिड रेंज में गेमिंग और डेली यूज के लिए अच्छी परफॉर्मेंस देता है। कंपनी का दावा है कि टैबलेट को 4 साल वाली फ्लुएंसी सर्टिफिकेशन मिल चुकी है, यानी लंबे समय तक स्मूथ और भरोसेमंद परफॉर्मेंस मिलेगी। बैटरी: पावरबैकअप के लिए टैबलेट में 10,050mAh की बैटरी और 33 वॉट की सुपरवूक फास्ट चार्जिंग मिलेगी। कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज करने पर टैबलेट में 15 घंटे तक वीडियो चला सकते हैं, 53 घंटे म्यूजिक सुन सकते हैं या 60 दिन तक स्टैंडबाय पर रख सकते हैं। इसके साथ रिवर्स केबल चार्जिंग भी मिलेगी, यानी फोन या अन्य डिवाइस भी चार्ज कर सकते हैं। डिस्प्ले: फ्रंट में 12.1 इंच की बड़ी स्क्रीन है, जिसकी पीक ब्राइटनेस 900 निट्स है। डिस्प्ले को TUV राइनलैंड इंटेलिजेंस आई केयर 4.0 सर्टिफिकेशन भी मिला है, यानी लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर आंखों को नुकसान नहीं होगा। स्क्रीन को खास तौर पर ओपन केनवास मल्टीटास्किंग सॉफ्टवेयर के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है, यानी स्प्लिट स्क्रीन और कई विंडो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे। टैबलेट डॉल्बी विजन सपोर्ट के साथ आएगा। वनप्लस पेड गो 2 स्टाइलो कंपनी पहली बार वनप्लस पेड गो 2 स्टाइलो भी लॉन्च करेगी। ये स्टाइलस खास इसी टैबलेट के लिए बनाया गया है। इसे सिर्फ 10 मिनट चार्ज करने पर आधे दिन तक लिख और पेंट कर सकते हैं।
पोको C85 5G स्मार्टफोन भारत में लॉन्च:6.9-इंच 120Hz डिस्प्ले और 6,000mAh बैटरी; कीमत ₹12,499 से शुरू
शाओमी की सब-ब्रैंड पोको ने भारत में अपना नया बजट स्मार्टफोन C85 5G लॉन्च कर दिया है। C सीरीज का ये लेटेस्ट एडिशन 6.9 इंच HD+ डिस्प्ले और 6000mAh बैटरी के साथ आया है। कंपनी का दावा है कि 106 घंटे तक म्यूजिक प्लेबैक चलेगा। फोन की तीन कलर ऑप्शंस मिस्टिक पर्पल, स्प्रिंग ग्रीन और पावर ब्लैक के साथ बाजार में उतारा गया है। पोको C85 5G की सेल 16 दिसंबर दोपहर 12 बजे फ्लिपकार्ट पर शुरू होगी। कंपनी इंट्रोडक्टरी ऑफर में HDFC, ICICI या SBI कार्ड पर ₹1,000 डिस्काउंट दे रही है। C85 5G: डिस्प्ले और डिजाइन पोको C85 5G में 6.9 इंच की बड़ी HD+ स्क्रीन है, जो 7201600 पिक्सल रेजोल्यूशन और 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आती है। पीक ब्राइटनेस 810 निट्स तक जाती है। फोन 7.9mm पतला है और वजन 211 ग्राम है। बैक पर क्वाड-कर्व्ड डिजाइन है। वहीं फोन की IP64 रेटिंग धूल और बारिश के छींटों से बचाती है। फोन के साइड में फिंगरप्रिंट स्कैनर है। C85 5G: प्रोसेसर और स्टोरेज C85 5G में मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 चिपसेट दिया गया है, जो 6nm पर बना है। ये प्रोसेसर पावरफुल और बैटरी बचाने वाला है। इसका AnTuTu स्कोर 4.5 लाख से ज्यादा है। फोन में 128GB UFS 2.2 स्टोरेज दिया गया है जो एप्स और गेम्स को तेजी से खोलता है। माइक्रो SD कार्ड से 1TB तक बढ़ा सकते है। ड्यूल सिम + अलग SD कार्ड स्लॉट तीन चीजें एक साथ चला सकते हैं। C85 5G: बैटरी और चार्जिंग C85 की 6000mAh की बड़ी बैटरी नॉर्मल यूज में 2 दिन से ज्यादा चल सकती है। कंपनी का दावा है कि इसमें म्यूजिक प्लेबैक 106 घंटे तक मिलेगा। फोन में 33W फास्ट चार्जिंग दी गई है। फोन सिर्फ 28 मिनट में 50% चार्ज हो सकता है। फोन में 10W रिवर्स वायर्ड चार्जिंग भी है। C85 5G: कैमरा और सॉफ्टवेयर स्मार्टफोन में पीछे ड्यूल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें 50MP का मेन सेंसर (f/1.8) + QVGA सेकंडरी सेंसर शामिल है। । फ्रंट में 8MP का सेल्फी कैमरा है जो वीडियो 1080p 30fps पर रिकॉर्ड कर सकता है। फोन का सॉफ्टवेयर हाइपरOS 2.2 पर एंड्रॉइड 15 पर काम करता है। पोको ने वादा किया है कि फोन में 2 साल के एंड्रॉइड अपडेट और 4 साल सिक्योरिटी पैच अपडेट दिए जाएंगे। कनेक्टिविटी और अन्य फीचर्स स्मार्टफोन की कनेक्टिविटी में 5G, Wi-Fi 5, ब्लूटूथ 5.4, 3.5mm जैक, USB Type-C पोर्ट दिए गए हैं। इसके अलावा फोन में एम्बिएंट लाइट, प्रॉक्सिमिटी, E-कंपास, एक्सेलेरोमीटर सेंसर दिए गए हैं।
टाटा मोटर्स अपनी पॉपुलर फुल साइज SUV टाटा हैरियर और सफारी का पेट्रोल वर्जन आज (9 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। कंपनी दोनों कारों को नए 1.5-लीटर TGDI टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ पेश करेगी। कंपनी ने ये इंजन पहली बार ऑटो एक्सपो 2023 में शोकेस किया था। ये इंजन 25 नवंबर को लॉन्च होने वाली नई SUV टाटा सिएरा में दिया जा सकता है। इसके अलावा, पेट्रोल वैरिएंट्स में कुछ नए फीचर भी मिल सकते हैं। टाटा सफारी का मुकाबला MG हेक्टर प्लस, महिंद्रा XUV700 और हुंडई अल्कजार से है। वहीं टाटा हैरियर की टक्कर MG हेक्टर और जीप कंपास से है। टाटा हैरियर और सफारी के पेट्रोल वैरिएंट्स की कीमत इनके डीजल मॉडल से कम हो सकती है। सफारी की डीजल वर्जन की कीमत 14.66 लाख रुपए से 25.96 लाख रुपए के बीच है। वहीं, हैरियर डीजल वर्जन की कीमत 14 लाख रुपए से 25.25 लाख रुपए के बीच है। परफॉर्मेंस : 2.0-लीटर का 4-सिलेंडर डीजल इंजन टाटा सफारी और टाटा हैरियर में फिलहाल 2.0-लीटर का 4-सिलेंडर डीजल इंजन मिलता है, जो 170PS की मैक्सिमम पावर और 350Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इंजन को 6-स्पीड मैनुअल और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। हैरियर इस इंजन के साथ मैनुअल ट्रांसमिशन में 16.80kmpl और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में 14.60kmpl का माइलेज देती है। वहीं, सफारी में मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 16.30kmpl और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ 14.50kmpl का क्लेम्ड माइलेज मिलता है। सेफ्टी के लिए लेवल-2 ADAS फीचर्स दोनों कार में सेफ्टी के लिए 360 कैमरा के साथ लेवल-2 ADAS फीचर्स मिलते हैं। इनमें लेन कीप असिस्ट, एडेप्टिव स्टीयरिंग असिस्ट, एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, फॉरवर्ड कॉलिजन वॉर्निंग और हाई बीम असिस्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं।
मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने क्लेरिफिकेशन दिया है कि उसने भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान अभी नहीं किया है। कंपनी ने बताया कि स्टारलिंक की इंडिया वेबसाइट पर जो गलत प्राइसिंग दिखाई दे रही थी, वो एक ग्लिच के कारण थी। दरअसल, सोमवार को कंपनी की वेबसाइट पर स्टारलिंक की सर्विस के प्लान दिखाई दे रहे थे। जिसमें मंथली प्लान ₹8,600 और हार्डवेयर किट की प्राइसिंग ₹34,000 दिखाई दी थी। हालांकि, अब कंपनी ने क्लेरिफाई किया कि ये नंबर्स डमी टेस्ट डेटा थे और असली सर्विस अभी लाइव नहीं हुई है। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च के लिए फाइनल अप्रूवल का इंतजार है। वेबसाइट पर क्या गलत दिखा था? स्टारलिंक इंडिया की वेबसाइट कुछ घंटों के लिए लाइव हो गई थी, जहां न्यू सब्सक्राइबर्स के लिए मंथली सर्विस प्राइस ₹8,600 और हार्डवेयर किट की कीमत ₹34,000 बताई गई। लेकिन कंपनी ने तुरंत इसे फिक्स कर दिया। स्पेसएक्स की वाइस प्रेसिडेंट लॉरेन ड्रेयर ने X पर पोस्ट शेयर कर बताया, 'स्टारलिंक इंडिया वेबसाइट अभी लाइव नहीं हुई है। प्राइसिंग भी अनाउंस नहीं की गई हैं और हम अभी इंडियन कस्टमर्स से कोई ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। ये डमी टेस्ट डेटा था, जो वेबसाइट पर गलती से दिखाई दे गया था। असली प्राइसिंग इससे अलग होगी। ये गड़बड़ी कॉन्फिगरेशन ग्लिच की वजह से हुई थी, जो कुछ ही देर में ठीक भी कर दी गई।' स्टारलिंक का भारत में क्या प्लान है? स्टारलिंक भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट लाने की तैयारी में है। खासकर उन इलाकों में जहां टेरेस्ट्रीयल ब्रॉडबैंड कमजोर है। कंपनी का फोकस प्लग-एंड-प्ले इंस्टॉलेशन, 99.9% से ज्यादा अपटाइम, एक्सट्रीम वेदर रेसिस्टेंस और अनलिमिटेड डेटा कैप्स पर है। हालांकि, अभी सर्विस एक्टिवेट करने के लिए कंपनी को भारत सरकार से फाइनल अप्रूवल मिलना बाकी है। लॉरेन ड्रेयर ने कहा, 'हमारी टीम अप्रूवल्स पर फोकस्ड है। इंडिया के लोगों को स्टारलिंक के हाई-स्पीड इंटरनेट से कनेक्ट करने को उत्सुक हैं।' कंपनी ने बेंगलुरु में पेमेंट्स मैनेजर, अकाउंटिंग मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसी चार पोजिशन्स के लिए हायरिंग शुरू की है, जो इंटरनेशनल एक्सपेंशन प्लान का हिस्सा है। महाराष्ट्र सरकार के साथ LoI साइन किया महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने हाल ही में स्टारलिंक के साथ लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) साइन किया। ये डील मुंबई में CM देवेंद्र फडणवीस और IT मिनिस्टर आशीष शेलार की मौजूदगी में हुई। LoI के तहत गड़चिरोली, नंदुरबार, धाराशिव और वाशिम जैसे रिमोट डिस्ट्रिक्ट्स में सर्विस डिप्लॉय होगी। ये गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स, रूरल कम्युनिटीज और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए होगा। CM फडणवीस ने कहा था, 'मुंबई में स्टारलिंक की वाइस प्रेसिडेंट लॉरेन ड्रेयर का स्वागत करना शानदार रहा। महाराष्ट्र पहला स्टेट है जो स्टारलिंक के साथ फॉर्मल पार्टनरशिप कर रहा। इलॉन मस्क की कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ICT कंपनी है, जिसके पास सबसे ज्यादा कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स हैं।' स्टारलिंक का ग्लोबल एक्सपेशन स्टारलिंक स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो हजारों सैटेलाइट्स से ग्लोबल इंटरनेट कवरेज देता है। भारत में एंट्री लंबे समय से डिले हो रही थी, लेकिन अब अप्रूवल्स क्लियर होते दिख रहे हैं। ये सर्विस खासकर रूरल और अंडरसर्व्ड एरियाज के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, जहां फाइबर या मोबाइल नेटवर्क कमजोर हैं। कंपनी का दावा है कि ये सर्विस एक्सट्रीम कंडीशन्स में भी काम करेगी, जैसे भारी बारिश या दूरदराज इलाके। भारत लॉन्च से स्टारलिंक की मार्केट वैल्यू और बढ़ेगी, क्योंकि यहां 1.4 बिलियन पॉपुलेशन है और डिजिटल डिवाइड बड़ा चैलेंज है। आगे क्या होगा, कब लॉन्च होगी सर्विस? स्टारलिंक जल्द फाइनल अप्रूवल्स लेने पर काम कर रही है। अप्रूवल मिलते ही वेबसाइट एक्टिवेट हो जाएगी और प्राइसिंग अनाउंस होंगी। महाराष्ट्र से शुरुआत हो सकती है, लेकिन नेशनल लेवल पर रोलआउट प्लान्ड है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट देगा। कंपनी ने कहा कि असली प्राइसिंग कस्टमर्स को सूट करने वाली होगी, लेकिन अभी कोई टाइमलाइन नहीं दी। अगर सब ठीक रहा, तो 2026 की शुरुआत तक सर्विस स्टार्ट हो सकती है। ये खबर भी पढ़ें... स्टारलिंक मंथली ₹8,600 में अनलिमिटेड इंटरनेट देगी: 220+ Mbps की स्पीड; जियो-एयरटेल ₹1,600 में देते हैं 300 Mbps स्पीड वाला प्लान इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान कर दिया है। रेसीडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को ₹8,600 हर महीने देने होंगे। वहीं, हार्डवेयर के रूप में एक सैटेलाइट डिश किट लेनी होगी, जिसकी कीमत ₹34,000 है। पूरी खबर पढ़ें...
हार्ले डेविडसन ने अपनी पॉपुलर रोडस्टर बाइक X440 सीरीज में नया वैरिएंट X440 T लॉन्च किया है। कंपनी ने इसे भी हीरो मोटोकॉर्प के साथ मिलकर बनाया है। बाइक X440 पर ही बेस्ड है, लेकिन इसके रियर डिजाइन को बदला गया है साथ ही कुछ नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं। इसमें राइड-बाय-वायर थ्रॉटल के साथ राइडिंग मोड्स, स्विचेबल ABS और स्विचेबल ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स शामिल हैं। प्रीमियम रोडस्टर बाइक की भारत में एक्स-शोरूम कीमत 2.79 लाख रुपए रखी गई है, जो इसके लाइनप में सबसे महंगा है। कंपनी ने X440 के अन्य वैरिएंट विविड की कीमत में 25 हजार और S वैरिएंट की कीमत में 24,600 रुपए की कीमत में कटौती की है। इसके अलावा सबसे सस्ते और पुराने डेनिम वैरिएंट को डिस्कंटीन्यू कर दिया गया है। नई X440 T की बुकिंग शुरू कर दी गई है और जल्द ही डिलीवरी शुरू की जाएगी। इसे हार्ले-डेविडसन और हीरो प्रेमिया डीलरशिप्स से बेचा जाएगा। बाइक का मुकाबला रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350, येज्दी रोडस्टर, जावा 350, होंडा CB350 और ट्रायम्फ स्पीड 400 से है। डिजाइन: न्यू डिजाइन रियर प्रोफाइल X440 T में सबसे बड़ा बदलाव रियर डिजाइन में है, जो हार्ले की पुरानी XR1200 से इंस्पायर्ड है। इसमें न्यू डिजाइन रियर फेंडर को पतला किया गया है और टेल लाइट अंदर ही फिट की गई है। इसके अलावा रोडस्टर बाइक में नई रिब्ड (लाइन वाली) रियर सीट, रीडिजाइन ग्रैब हैंडल्स, पहले से ज्यादा चौड़ा और फ्लैट हैंडलबार, बार-एंड मिरर्स और न्यू डिजाइन एग्जॉस्ट मिलता है। बाइक में 4 नए कलर ऑप्शन मिलते हैं। टैंक, साइड पैनल और टेल पर अपडेटेड ग्राफिक्स हैं, जिससे ये स्टैंडर्ड X440 से अलग लगती है। फ्यूल टैंक पर 3D एम्ब्लेम की जगह स्टिकर्स लगाए गए हैं। न्यू हार्ले-डेविडसन X440 T में पहले की तरह स्क्वॉयरिश फ्यूल टैंक, LED DRLs के साथ गोल हेडलाइट, हेडलाइट के ऊपर राउंड स्पीडो मीटर, चौड़े हैंडलबार के साथ इंडिकेटर्स और मिरर्स दिए हैं। हेडलाइट में रिंग जैसा LED प्रोजेक्टर दिया गया है, जिसके ऊपर हार्ले-डेविडसन लिखा है। डायमेंशंस स्टैंडर्ड X440 जैसे ही हैं, लेकिन कर्ब वेट 1.5kg बढ़ाकर 192kg किया गया है। परफॉर्मेंस: सेफ राइडिंग के लिए स्विचेबल ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम X440 T में परफॉर्मेंस के लिए स्टैंडर्ड X440 वाली ही 440cc का सिंगल-सिलेंडर, एयर/ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 30bhp की पावर और 40Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ राइड-बाय-वायर सिस्टम है। स्विचेबल रियर ABS और ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स इसे सेफ और फन राइडिंग के लिए परफेक्ट बनाते हैं। राइड-बाय-वायर थ्रॉटल के साथ दो राइडिंग मोड्स- रोड और रेन मिलते हैं, जो अलग-अलग कंडीशंस में बाइक को कंट्रोल करते हैं। पैनिक ब्रेकिंग अलर्ट सिस्टम भी है, जो हार्ड ब्रेकिंग के दौरान इंडिकेटर्स को फ्लैश करता है। रोड मोड में फुल परफॉर्मेंस मिलती है, ABS और ट्रैक्शन कंट्रोल ऑफ रहते हैं। रेन मोड में टॉर्क करीब 10% कम हो जाता है और सेफ्टी फीचर्स ऑन रहते हैं। माइलेज की ऑफिशियल फिगर नहीं हैं, लेकिन यूजर्स रिव्यूज से 30-35kmpl की उम्मीद की जा सकती है। हार्ले-डेविडसन X440: ब्रेकिंग और फीचर्स हार्ले-डेविडसन X440 T में कंफर्ट राइडिंग के लिए फ्रंट टेलिस्कोपिक फोर्क्स और रियर ट्विन शॉक एब्जॉर्वर्स दिए गए हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के साथ डुअल-चैनल ABS (फ्रंट और रियर में डिस्क ब्रेक) दिए गए हैं। बाइक में 18 इंच के फ्रंट और 17 इंच के रियर अलॉय व्हील हैं। इसमें स्मार्टफोन कनेक्टिविटी के साथ नेविगेशन, कॉल और मैसेज को मैनेज करने वाली एक TFT यूनिट दी गई है। इसके अलावा एक USB चार्जिंग सॉकेट भी दिया गया है। हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड और रोड ग्लाइड भी लॉन्च हार्ले-डेविडसन का CVO (कस्टम व्हीकल ऑपरेशंस) डिपार्टमेंट क्रूजर बाइक्स को एडवांस और नया लुक देने के लिए जाना जाता है। अब कंपनी ने भारतीय बाजार में हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड और CVO रोड ग्लाइड लॉन्च की है। स्ट्रीट ग्लाइड की एक्स-शोरूम कीमत 63.03 लाख रुपए और रोड ग्लाइड की कीमत 67.37 लाख रुपए रखी गई है। दोनों बाइक लक्जरी टूरिंग सेगमेंट में उतारी गई हैं। इनकी बुकिंग शुरू कर दी गई है, डिलीवरी जल्द शुरू होगी। हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड
सोशल मीडिया पर चैटजीपीटी में एड दिखने के दावों के बीच ओपनएआई के वाइस प्रेसिडेंट और चैटजीपीटी हेड निक टर्ले ने X पर पोस्ट करके साफ किया कि कंपनी चैटजीपीटी पर ऐड्स टेस्ट नहीं कर रही है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर जो भी स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं वे या तो फेक हैं या विज्ञापन नहीं हैं। कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर ऐड्स जैसे प्रॉम्प्ट्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे। ओपनएआई के चीफ रिसर्च ऑफिसर मार्क चेन ने भी माना है कि चैटजीपीटी सजेशन्स विज्ञापन जैसे लगे, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन के स्क्रीनशॉट शेयर किए कुछ यूजर्स ने चैटजीपीटी एप में प्रॉम्प्ट्स में विज्ञापन दिखाने के स्क्रीनशॉट शेयर किए। टर्ले ने X पर लिखा, चैटजीपीटी में विज्ञापन की अफवाहों से कन्फ्यूजन हो रहा है। लेकिन विज्ञापन पर कोई लाइव टेस्ट नहीं किया जा रहा है। अगर ऐड्स लाएंगे तो थॉटफुल अप्रोच लेंगे। मार्क चेन ने कहा, जो भी ऐड जैसा लगे, उसे केयर से हैंडल करना चाहिए। लेकिन हमने मॉडल की प्रिसिजन सुधारने के लिए सजेशन्स बंद कर दिए। इससे यूजर्स की कन्फ्यूजन हुआ। बेहतर कंट्रोल्स पर काम कर रहे हैं ताकि यूजर्स इसे ऑफ कर सकें। सैम ऑल्टमैन ने रेड कोड दिया यह कंट्रोवर्सी तब आई जब ओपनएआई ने चैटजीपीटी सजेशन्स रोलआउट किए। यूजर्स को शॉपिंग और ऐप्स से जुड़े प्रॉम्प्ट्स दिखे, जो ऐड्स जैसे लगे। वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, CEO सैम ऑल्टमैन ने इंटरनल मेमो में चैटजीपीटी के लिए कोड रेड कॉल किया है। इससे हेल्थ, शॉपिंग पर AI एजेंट्स और पर्सनल असिस्टेंट पल्स जैसे प्रोजेक्ट्स पॉज हो गए। पहले कोड ऑरेंज मॉडल परफॉर्मेंस सुधारने के लिए था। ओपनएआई में कलर-कोड सिस्टम यूज होता है, रेड सबसे हाई प्रायोरिटी है। कोड रेड और कोड ऑरेंज का मतलब क्या है? कोड रेड और कोड ऑरेंज ओपनएआई कंपनी के अंदर इस्तेमाल होने वाले अलर्ट हैं। जैसे आर्मी में रेड अलर्ट सबसे खतरनाक होता है, वैसे ही कोड रेड मतलब सबसे हाई प्रायोरिटी यानी सब कुछ रोककर एक काम पर फोकस करो, ये बहुत जरूरी है। अभी सैम ऑल्टमैन ने चैटजीपीटी के लिए कोड रेड लगाया है, यानी सारे इंजीनियर्स सिर्फ चैटजीपीटी को बेहतर बनाने में लगे हैं। कोड ऑरेंज उससे थोड़ा कम सीरियस होता है। ये भी जरूरी है, लेकिन अभी रेड जितना नहीं। मतलब कंपनी के अंदर रंगों से पता चल जाता है कि कौन सा प्रोजेक्ट सबसे ऊपर है।
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान कर दिया है। रेसीडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को ₹8,600 हर महीने देने होंगे। वहीं, हार्डवेयर के रूप में एक सैटेलाइट डिश किट लेनी होगी, जिसकी कीमत ₹34,000 है। कंपनी ने कहा है कि यूजर्स को पहले 30 दिन के ट्रायल का मौका मिलेगा, अगर वो इससे संतुष्ट नहीं होंगे तो पुरा पैसा रिफंड हो जाएगा। सर्विस जनवरी 2026 तक शुरू हो सकती है। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू होने से अनलिमिटेड डेटा के साथ 99.9% अपटाइम मिलेगा, जो ग्रामीण और दूरदराज इलाकों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। 220+ Mbps होगी डाउनलोड स्पीड सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट? 3 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें... सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है? जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता। सवाल 2: आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं। सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा? जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने नेटफ्लिक्स और वॉर्नर ब्रदर्स के बीच हो रही मल्टी-बिलियन डॉलर डील पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि नेटफ्लिक्स का मार्केट शेयर पहले से ही बहुत बड़ा है, जो इस डील से और बढ़ सकता है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि नेटफ्लिक्स का वॉर्नर ब्रदर्स को खरीदना बाजार के लिए खतरा भी हो सकता है। ट्रम्प ने साफ कहा कि वे इस डील से जुड़े फैसले में खुद शामिल रहेंगे। हॉलीवुड में एंटीट्रस्ट की चिंताओं के बीच फेडरल अथॉरिटी डील की जांच भी कर रही है। ट्रम्प की चिंता- OTT दिग्गजों का बढ़ता दबदबा ट्रम्प ने कहा कि नेटफ्लिक्स का मार्केट शेयर पहले से ही बहुत ज्यादा है और यह एक समस्या हो सकती है। उनका मानना है कि यह डील मीडिया लैंडस्केप को हिला देगी। OTT प्लेटफॉर्म्स का दबदबा बढ़ने से कॉम्पिटिशन कम हो सकता है, जो कंज्यूमर्स के लिए अच्छा नहीं है। हॉलीवुड में भी इस डील को लेकर विरोध हो रहा है। वहां कंसोलिडेशन की आशंका से एंटीट्रस्ट चिंताएं बढ़ गई हैं। फेडरल अथॉरिटी देख रही है कि क्या यह डील आगे बढ़नी चाहिए या नहीं। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब डील का रिव्यू चल रहा है। ट्रम्प का बयान इस डील में सीधा दखल ट्रम्प ने कहा कि मैं इस डील के फैसले में शामिल रहूंगा। व्हाइट हाउस का इस डील से सीधा कनेक्शन हो सकता है। वे चाहते हैं कि मार्केट में बैलेंस बना रहे। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ट्रम्प ने नेटफ्लिक्स के को-सीईओ टेड सरेंडोस की तारीफ भी की। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने मूवीज के इतिहास में सबसे शानदार काम किया है। ट्रम्प का यह रुख दिखाता है कि वे बिजनेस डील्स में पर्सनल टच रखना पसंद करते हैं। पहले भी उन्होंने कई मर्जर-एक्विजिशन में दखल दिया है। आगे क्या होगा, रेगुलेटरी चुनौतियां और संभावनाएं अभी इस डील को मंजूरी मिलना बाकी है। अगर फेडरल अथॉरिटी ने ग्रीन सिग्नल दिया, तो नेटफ्लिक्स का कंटेंट पोर्टफोलियो और मजबूत हो जाएगा। लेकिन एंटीट्रस्ट इश्यूज से डील में देरी या बदलाव हो सकता है। हॉलीवुड के लिए यह एक बड़ा शेकअप होगा। क्योंकि इस डील से कंटेंट क्रिएटर्स और स्टूडियोज पर असर पड़ सकता है। वहीं यह डील कंज्यूमर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, अगर उन्हें ज्यादा कंटेंट एक ही जगह मिल जाए। लेकिन ट्रम्प की चिंता सही साबित हुई, तो डील रद्द भी हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि OTT सेक्टर में कंसोलिडेशन जारी रहेगा, लेकिन रेगुलेशन टाइट होगा। यह खबर भी पढ़ें... नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को खरीदने का ऐलान किया: ₹6.47 लाख करोड़ में डील हुई, इससे OTT प्लेटफॉर्म की कंटेंट लाइब्रेरी बढ़ेगी OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपए में खरीदने का ऐलान किया है। ये डील एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा मर्जर है, जो स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया को जोड़ेगी। पूरी खबर पढ़ें...
जोमैटो की पैरेंट कंपनी ईटर्नल के फाउंडर-सीईओ दीपिंदर गोयल ने अपना नया डिवाइस टेम्पल का टीजर इंस्टाग्राम पर शेयर किया। यह छोटा गोल्डन डिवाइस ब्रेन ब्लड फ्लो को रियल-टाइम मॉनिटर करता है। गोयल ने कैप्शन में लिखा, गेटिंग देयर। पहले उन्होंने इसे पहले माथे पर दाहिने ओर पहना था, जिससे सोशल मीडिया पर काफी क्यूरियोसिटी बढ़ी। डिवाइस गोयल के ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस पर रिसर्च का हिस्सा है। टेम्पल डिवाइस की डिटेल्स गोयल ने लिंक्डइन पर बताया कि टेम्पल एक एक्सपेरिमेंटल डिवाइस है जो ब्रेन फ्लो को एक्यूरेटली, रियल-टाइम और कंटीन्यूअस कैलकुलेट करता है। यह छोटा गोल्डन डिवाइस सिर पर लगता है। गोयल ने कहा कि यह उनके कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो ह्यूमन एग्जिस्टेंस एक्सप्लोरेशन पर काम करता है। पिछले दो साल से बायोलॉजी स्टडी कर रहे हैं ताकि एजिंग स्लो डाउन करने का तरीका ढूंढें। ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस क्या है? पिछले महीने गोयल ने लिंक्डइन पर सीरीज पोस्ट की, जिसमें ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस बताया। उन्होंने कहा कि ग्रेविटी डायरेक्टली ह्यूमन एजिंग को इन्फ्लुएंस कर सकती है। न्यूटन ने नाम दिया, आइंस्टीन ने कहा कि यह स्पेस-टाइम बेंड करता है। मैं कहता हूं कि ग्रेविटी लाइफस्पैन शॉर्ट करती है। गोयल ने तीन आइडियाज लिंक किए।अपराइट पोस्चर से ब्रेन ब्लड फ्लो में स्लाइट रिडक्शन, हाइपोथैलेमस और ब्रेनस्टेम न्यूरॉन्स की सेंसिटिविटी, और इन रीजन का एजिंग रेगुलेट करने में रोल। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं गोयल ने कहा, मैं ईटर्नल के CEO के तौर पर नहीं, बल्कि एक क्यूरियस ह्यूमन के तौर पर शेयर कर रहा हूं। हाइपोथेसिस को डिवाइस प्रमोट करने के आरोप पर बोले, टेम्पल छोटी क्यूट कंपनी बनेगी, अगर बनेगी। ईटर्नल से तुलना नहीं है। हमने हाइपोथेसिस को मार्केटिंग गिमिक के लिए नहीं बनाया। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं है। गोयल का एजिंग स्लो करने पर फोकस गोयल का कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट एजिंग स्लो करने पर फोकस कर रहा है। टेम्पल डिवाइस ग्रेविटी हाइपोथेसिस को टेस्ट करने का टूल बनेगा। गोयल ने कहा कि यह साइंटिफिक लेकिन अनकन्वेंशनल है। रिसर्च जारी है, डिवाइस लॉन्च पर अपडेट देंगे।
बजाज ऑटो ने 160cc सेगमेंट में अपनी पॉपुलर बाइक पल्सर N160 का नया वैरिएंट लॉन्च किया है। इसमें गोल्डन कलर का इनवर्टेड USD फोर्क और सिंगल-सीट लेआउट दिया गया है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 1,23,983 रुपए रखी गई है। नया वैरिएंट इसके टॉप वैरिएंट से 2000 सस्ता है। बाइक देशभर में सभी डिलरशिप पर अवेलेबल है। बाइक का मुकाबला TVS अपाचे RTR 160 4V , हाल ही में अपडेट की गई हीरो एक्सट्रीम 160R 4V, और 2025 यामाहा FZ-S Fi से है। कंपनी का कहना है कि ग्राहकों की डिमांड पर ये अपडेट लाया गया है। कंपनी की रिसर्च से पता चला कि कई ग्राहक सिंगल पीस सीट को ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि ये लॉन्ग राइड्स में कम्फर्ट देती है। पहले USD फोर्क सिर्फ टॉप वैरिएंट में था, लेकिन अब ये फीचर कीम कीमत में अवेलेबल हो गया है। कुल मिलाकर N160 के अब 4 वैरिएंट हो गए हैं। पल्सर N160: वैरिएंट्स वाइस प्राइस डिजाइन: LED हेडलाइट के साथ गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क नए वैरिएंट में गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क (USD फोर्क) सबसे हाइलाइट फीचर है। ये फोर्क न सिर्फ लुक को प्रीमियम बनाता है, बल्कि हैंडलिंग को भी बेहतर करता है। सिंगल पीस सीट को वापस लाया गया है, जो पहले के लोअर वैरिएंट्स में था। बाइक का ओवरऑल डिजाइन एग्रेसिव है, जिसमें LED हेडलाइट और मस्कुलर फ्यूल टैंक शामिल हैं। कलर ऑप्शन में पहले की तरह ही 4 शेड्स हैं। इसमें पर्ल मेटालिक व्हाइट, रेसिंग रेड, पोलर स्काई ब्लू और ब्लैक कलर शामिल है। डायमेंशंस में कोई बदलाव नहीं है। पहले की तरह ही इसकी लंबाई 2212mm, चौड़ाई 744mm और व्हीलबेस 1352mm है। परफॉर्मेंस: 45-60kmpl का माइलेज नई पल्सर N160 में में कोई भी मैकैनिकली बदलाव नहीं किए गए है। इसमें परफॉर्मेंस के लिए 165 cc का सिंगल-सिलेंडर इंजन दिया गया है, जो 17 hp की मैक्सिमम पावर और 14.3 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। सिटी राइडिंग में माइलेज करीब 45kmpl और हाईवे पर 60kmpl तक मिल सकता है। टॉप स्पीड 120kmph के आसपास है। पल्सर N160 : ब्रेकिंग और सस्पेंशन कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में गोल्डन कलर के USD फोर्क्स और रियर में नाइट्रोक्स गैस-चार्ज्ड मोनोशॉक एब्जॉर्बर सस्पेंशन दिए गए हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए पल्सर N160 में डुअल चैनल ABS के साथ 300mm फ्रंट डिस्क ब्रेक दिए गए हैं और रियर में 230mm डिस्क ब्रेक मिलते हैं। वहीं, बाइक के दोनों तरफ 17 इंच के अलॉय दिए गए हैं। इनमें फ्रंट व्हील पर 100/80-17 सेक्शन और रियर व्हील 130/70-17 सेक्शन के ट्यूबलेस टायर मिलते हैं। फीचर्स: ब्लूटूथ कनेक्टेड LCD कंसोल और नेविगेशन बाइक में फुली डिजिटल LCD कंसोल दिया गया है, जो ब्लूटूथ से कनेक्ट होता है। कंपनी ने अपडेटेड बाइक में फुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया है। इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर को ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के जरिए बजाज राइड कनेक्ट एप से जोड़ा जा सकता है। इससे राइडर बाएं हाथ के स्विचगियर पर एक बटन का इस्तेमाल करके कॉल रिसीव या रिजेक्ट भी कर सकता है। ये डिस्प्ले फोन की बैटरी और सिग्नल की स्थिति दिखाता है। इसके अलावा, कंसोल स्पीडोमीटर, ओडोमीटर, टैकोमीटर, गियर पोजीशन इंडिकेटर, रियल टाइम फ्यूल एफिशिएंसी और एवरेज माइलेज भी देख सकते हैं। बाइक में डुअल-चैनल ABS के 3 मोड्स- सेफ्टी बढ़ाते हैं।
भारत के शहरी इलाकों में जंक फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोकलसर्कल्स के सर्वे के अनुसार, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिकने वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स में आधे से ज्यादा हाई फैट, शुगर, सॉल्ट (HFSS) वाले या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) हैं। सर्वे में 39% घरों ने बताया कि वे सॉफ्ट ड्रिंक्स, बिस्किट, चिप्स, नूडल्स जैसे आइटम रेगुलर खरीदते हैं, यानी हर 10 में 4 घर से जंक फूड ऑर्डर किया जा रहा है। खास बात ये है कि ऑर्डर करने वालों में बच्चे और यूवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कोविड के बाद अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की सेल वैल्यू 10% से ऊपर पहुंच गई है, जो हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा रही है। रिपोर्ट में बताया कि हर 10 में से 9 पैरेंट्स ने जंक फूड पर रेड कोडिंग लगाने की मांग की है। जंक फूड का जेन Z में सबसे ज्यादा क्रेज रिपोर्ट के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर हर दो में से एक आइटम जंक या हाई-फैट, हाई-शुगर, हाई-सॉल्ट (HFSS) वाला है। ये वही चीजें हैं जो बच्चे सबसे ज्यादा ऑर्डर करते हैं। इसमें बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, चॉकलेट और आइसक्रीम शामिल है। ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर इतने ज्यादा ऑप्शन होने से बच्चों के लिए इनसे दूर रहना मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट में पाया गया कि जंक या अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (UPF) की डिमांड कोविड के बाद 'V-शेप्ड' बढ़ रही है। खासकर जेन Z में ये ट्रेंड ज्यादा है, क्योंकि क्विक डिलीवरी और लो कॉस्ट की वजह से ये आसानी से मिल जाते हैं। 10 में से 9 पैरेंट्स एप्स पर रेड वार्निंग लेबल चाहते हैं लोकलसर्कल्स ने जुलाई-सितंबर 2024 के बीच देशभर के 277 जिलों में 42,000 से ज्यादा लोगों का सर्वे किया। इनमें से 39% माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चे नियमित रूप से इन एप्स से जंक फूड मंगाते हैं। सर्वे में पता चला कि 10 में से 9 माता-पिता चाहते हैं कि एप्स पर भी रेड वार्निंग लेबल दिखाया जाए, ताकि बच्चे समझ सकें कि कौन-सी चीज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन फिलहाल, ज्यादातर एप्स ऐसी कोई जानकारी नहीं देते। स्वाद और अवेलेबलिटी की वजह से लत लग रही पिछले साल ICMR और NIN ने साफ कहा था कि UPF में फाइबर और पोषक तत्व में कम, लेकिन शुगर, नमक और तेल में अत्यधिक होते हैं। इनका स्वाद ऐसा होता है कि ये जल्दी लत लगा देते हैं और इनकी उपलब्धता पूरे देश में इतनी आसान है कि लोग इन्हें रोजमर्रा के खाने में शामिल करने लगे हैं। इकॉनोमिक सर्वे ने भी बताया कि भारत के 56% से ज्यादा रोगों की जड़ अस्वास्थ्यकर भोजन है, जिसमें जंक फूड मुख्य भूमिका निभा रहा है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड क्या है? अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो इंडस्ट्रियल प्रोसेसिंग से तैयार किए जाते हैं। इनमें प्रिजर्वेटिव, इमल्सीफायर, आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर, एडेड शुगर, सेचुरेटेड फैट और नमक जैसी कई चीजें मिलाई जाती हैं। इनका उद्देश्य फूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाना और उसे स्वाद व दिखने में अधिक आकर्षक बनाना होता है। आसान भाषा में कहें तो ये रेडी-टू-ईट फूड्स होते हैं, जिन्हें बार-बार गर्म करने या पकाने की जरूरत नहीं होती है। इनमें फ्रोजन फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड मीट, इंस्टेंट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, मोमोज, फ्रेंच फ्राईज, चिप्स, नमकीन, कुकीज, केक और मफिन जैसे प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं, जो दिखने और खाने में तो लाजवाब होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
फोन में प्रोसेसर कौन सा चुनें, रैम कितनी जरूरी:नया फोन खरीदने से पहले इन 9 फीचर्स के बारे में जानिए
आज बाजार में हर बजट, हर जरूरत और हर यूजर के लिए फोन मिल रहा है। सिर्फ ब्रांड या विज्ञापन देखकर फोन खरीद लेना समझदारी नहीं है। अगर आप नया फोन लेने जा रहे हैं तो ये 9 बातें जानना जरूरी है। फोन में रैम, प्रोसेसर या डिस्प्ले चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें... 1. आपको कितनी RAM चाहिए? RAM फोन की एक्टिव मेमोरी है जो फोन को एक-एक काम तेजी से करने में मदद करती है। इसे रेस्टोरेंट के वेटर से समझें। रेस्टोरेंट में वेटर जितने ज्यादा होंगे, सर्विस उतनी तेज होगी। वैसे ही रैम जितनी ज्यादा होगी, फोन एक साथ अधिक एप्स खोलकर लैग (फंसेगा) नहीं करेगा। 15 हजार रुपए तक के फोन में 6 से 8GB रैम ठीक है। 2. प्रोसेसर क्या है... कैसे चुनें? प्रोसेसर फोन की स्पीड और क्षमता तय करता है। इस समय स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 और मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 टॉप लेवल माने जाते हैं। प्रोसेसर का चिप साइज भी जरूरी होता है। यह नैनोमीटर में हाेता है। इसका आंकड़ा कम होना बेहतर है। जैसे 3nm चिप 4nm से आगे मानी जाती है। 3. एमोलेड-एलीसीडी डिस्प्ले में अंतर? LCD: ट्रेडिशनल डिस्प्ले होता है। सस्ता और बैकलाइट इस्तेमाल करता है (एक तरह की ट्यूबलाइट जैसी रोशनी)। AMOLED: यह हर पिक्सल खुद रोशन करता है। इसका फायदा है कि कलर ऑरिजनल लगते हैं और पावर कम खर्च होती है। फिल्में-सीरीज और डीप कॉन्ट्रास्ट के लिए एमोलेड बेहतर है। 4. रिफ्रेश रेट क्या होता है? रिफ्रेश-रेट बताती है कि स्क्रीन एक सेकेंड में कितनी बार खुद को अपडेट करती है। 60Hz यानी 60 बार/सेकंड, 90Hz/120Hz यानी ज्यादा स्मूद एनीमेशन और स्क्रॉलिंग। 144Hz/165Hz यानी गेमिंग के लिए और भी स्मूद, पर फोन का प्रोसेसर और गेम दोनों सपोर्ट करना चाहिए। 5. कैमरा में मेगापिक्सल क्या? मेगापिक्सल पिक्सल की संख्या बताते हैं। जैसे 1MP यानी 10 लाख पिक्सल। 50MP यानी 5 करोड़ पिक्सल। लेकिन फोटो की क्वालिटी सिर्फ मेगापिक्सल पर निर्भर नहीं करती। सेंसर का साइज और अपर्चर ज्यादा महत्वपूर्ण है। कम रोशनी में अच्छी फोटो का राज होता है बड़ा सेंसर और छोटा अपर्चर नंबर। 6. मेन और अल्ट्रावाइड कैमरा जानें प्राइमरी कैमरा मेन कैमरा होता है और सबसे बेहतर क्वालिटी देता है। अल्ट्रावाइड कैमरा ज्यादा चौड़ा एंगल कैप्चर करता है। ग्रुप फोटो या लैंडस्केप के लिए बढ़िया है। टेलीफोटो कैमरा 2x, 3x या 5x जूम देता है। दूर की चीजें साफ दिखती हैं और पोट्रेट फोटो क्वालिटी में आती है। 7. IP रेटिंग क्या होती है? IP Rating बताती है कि फोन धूल और पानी से कितनी सुरक्षा देता है। IP68 सबसे भरोसेमंद रेटिंग मानी जाती है। इसका मतलब है कि यह फोन 15 फीट पानी में 30 मिनट तक टिक सकता है। ध्यान रखें कि IP Rating का मतलब यह नहीं कि पानी से खराब होने पर वारंटी मिलेगी। 8. eSIM कैसे अलग होती है? eSIM फोन के अंदर लगी होती है और सॉफ्टवेयर से एक्टिव होती है। इंटरनेशनल ट्रैवल में इसका बड़ा फायदा है। आप नई कंट्री का eSIM ले सकते हैं, बिना अपनी असली SIM निकाले। वापस आने पर पुराने SIM या eSIM को आसानी से री-एक्टिव किया जा सकता है। 9. एआई फीचर्स क्या हैं? अब कई फोन एआई वाले काम अपने अंदर ही कर लेते हैं, वो भी बिना इंटरनेट की मदद से। जैसे टेक्स्ट एडिट करना, छोटी कमांड्स चलाना, फोटो प्रोसेसिंग आदि। एंड्राइड में यह गूगल के जेमिनी नैनो मॉडल से चलता है। जानकारी टेक एक्सपर्ट तुषार मेहता (को-फाउंडर athenil) के पॉडकास्ट के आधार पर है।
OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपए में खरीदने का ऐलान किया है। ये डील एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा मर्जर है, जो स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया को जोड़ेगी। कंपनी के मुताबिक, ये खरीदारी उनके कंटेंट को और मजबूत करेगी। नेटफ्लिक्स के CEO टेड सारंडोस ने कहा, 'ये डील हमारी ग्रोथ को नई ऊंचाई देगी। वॉर्नर की फिल्में और शोज हमारी लाइब्रेरी का हिस्सा बनेंगे, जिससे यूजर्स को ज्यादा ऑप्शन्स मिलेंगे।' ये ऐलान गुरुवार को कंपनी की बोर्ड मीटिंग के बाद किया गया। डील के तहत नेटफ्लिक्स, वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (WBD) के फिल्म-टीवी स्टूडियोज और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (HBO Max और HBO) को अपने साथ मिलाएगा। नेटफ्लिक्स कैश और स्टॉक से वॉर्नर ब्रदर्स को पेमेंट करेगी ये डील 72 बिलियन डॉलर की है, जिसमें ज्यादातर कैश पेमेंट होगा और बाकी नेटफ्लिक्स के शेयर से भी पेमेंट किया जाएगा। वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का हिस्सा है, जो पहले ही कई बिडर्स के चक्कर में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिज्नी और अमेजन ने भी बिड लगाई थी, लेकिन नेटफ्लिक्स ने सबसे ऊंची बोली लगाई। डील अगले साल की पहली तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है, बशर्ते रेगुलेटरी अप्रूवल मिल जाए। नेटफ्लिक्स के पास अभी दुनियाभर में 30 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि वॉर्नर ब्रदर्स 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को सर्विस देता है। ये मर्जर दोनों की ऑडियंस को एक प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। नेटफ्लिक्स की शुरुआत DVD से, वॉर्नर ब्रदर्स की हॉलीवुड हिस्ट्री नेटफ्लिक्स 1997 में रीड हेस्टिंग्स ने DVD रेंटल से शुरू किया था। आज ये ग्लोबल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका रेवेन्यू 2024 में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए रहा। कंपनी ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस करती है, जैसे स्ट्रेंजर थिंग्स और द क्राउन। वहीं वॉर्नर ब्रदर्स 1923 में बनी थी, जो हॉलीवुड के पुराने स्टूडियो में से एक है। ये बैटमैन, हैरी पॉटर जैसी फ्रेंचाइजी की मालिक है। 2022 में वॉर्नर डिस्कवरी का मर्जर हुआ था, लेकिन कंपनी डेट और कॉम्पिटिशन से जूझ रही थी। नेटफ्लिक्स के लिए ये खरीदारी सस्ते में क्वालिटी कंटेंट हासिल करने का मौका है। डील से स्ट्रीमिंग मार्केट में नेटफ्लिक्स का दबदबा बढ़ेगा इस डील से स्ट्रीमिंग वॉर में नेटफ्लिक्स आगे निकल जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉर्नर की 10 हजार से ज्यादा फिल्में और शोज नेटफ्लिक्स पर आ जाएंगी, जो यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर रोकने में मदद करेंगी। लेकिन ये डील एंटी-ट्रस्ट चिंताओं को बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि मार्केट शेयर 40% से ऊपर चला जाएगा। वॉर्नर के चेयरमैन डेविड जसलेव ने कहा, 'नेटफ्लिक्स के साथ पार्टनरशिप से हमारी क्रिएटिविटी को नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।' इंडस्ट्री एनालिस्ट्स मानते हैं कि ये मर्जर छोटे प्लेयर्स जैसे पैरामाउंट को प्रेशर देगा। ज्यादा ओरिजिनल कंटेंट, ग्लोबल एक्सपेंशन की प्लानिंग डील के बाद नेटफ्लिक्स 2026 तक 50 नए ओरिजिनल शोज लॉन्च करने का प्लान कर रहा है, जिनमें वॉर्नर की IP इस्तेमाल होगी। कंपनी इंडिया और एशिया में एक्सपेंड करेगी, जहां अभी 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये डील स्ट्रीमिंग को मेनस्ट्रीम बनाएगी, लेकिन प्राइवेसी और कंटेंट रेगुलेशन पर फोकस बढ़ेगा। नेटफ्लिक्स अब AI टूल्स से पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन पर काम भी करेगा। ये खबर भी पढ़ें... वेबसाइट्स को साइबर-अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर फिर डाउन: जीरोधा, ग्रो, कैनवा यूज करने में दिक्कत हुई; 16 दिन में दूसरी बार डाउन वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। पूरी खबर पढ़ें...
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को 23वें भारत-रूस समिट के लिए दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। उन्हें रिसीव करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद दिल्ली के पालम एयरपोर्ट आए। यहां से दोनों लीडर एक ही कार में बैठकर पीएम आवास पहुंचे। खास बात ये रही कि ये कोई बुलेटप्रूफ कार नहीं, बल्कि वाइट कलर की टोयोटा फॉर्च्यूनर थी। अब प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति की ये राइड अब इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां लोग फॉर्च्यूनर ओनर्स के लिए 'प्राउड मोमेंट' बता रहे हैं। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स इसे पश्चिमी देशों के लिए एक डिप्लोमैटिक सिग्नल मान रहे हैं। चलिए जानते हैं सफेद कलर की कार का ही इस्तेमाल क्यों किया गया, ये जापानी ब्रांड की कार क्यों यूज की गई। साथ ही इस कार के बारे में डिटेल में जानेंगे... मोदी-पुतिन ऑफिशियल कार छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ बैठे आमतौर पर विदेशी मेहमानों के लिए रेंज रोवर या मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें इस्तेमाल होती हैं। वहीं, पुतिन हर विदेशी दौरे पर अपनी बुलेटप्रूफ लिमोजिन कार ऑरस सीनेट का इस्तेमाल करते हैं और पीएम मोदी की ऑफिशियल कारें रेंज रोवर (यूके मेड) और मर्सिडीज-मेबैक S650 गार्ड हैं। दोनों लीडर ने अपनी कारों को छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ सफर किया। इसके पीछे प्रधानमंत्री की रेंज रोवर और पुतिन की बुलेटप्रूफ लग्जरी कार ऑरस सीनेट भी चल रही थीं। वाइट फॉर्च्यूनर क्यों? अफसरों का कहना है कि ऐसी गाड़ियां हाल ही में अपडेट हुए VIP फ्लीट का हिस्सा हैं, जो हाई-प्रोफाइल मूवमेंट्स के लिए सेफ्टी, एमिशन और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए मेंटेन की जाती हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां VIP मूवमेंट्स के लिए अक्सर वाइट फॉर्च्यूनर इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि ये मॉडल गवर्नमेंट फ्लीट्स में काफी यूज होती हैं, कन्वॉय में आसानी से घुल-मिल जाती हैं और हाई स्टेबिलिटी व ग्राउंड क्लीयरेंस देती हैं। यूनिफॉर्म कलर और स्टैंडर्ड लुक की वजह से गाड़ी लो प्रोफाइल रख पाती है, साथ ही सेफ्टी भी सुनिश्चित हो जाती है। सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स कन्वॉय में आमतौर पर आर्मर्ड व्हीकल्स होते हैं, लेकिन ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी के लिए फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी सपोर्टिंग कारें भी जोड़ी जाती हैं। फॉर्च्यूनर का रेगुलर रजिस्ट्रेशन प्लेट ध्यान खींच गया, क्योंकि VIP मूवमेंट्स में ज्यादातर स्पेशल नंबर प्लेट्स या अनमार्क्ड गाड़ियां इस्तेमाल होती हैं। हालांकि, अफसरों ने ये नहीं बताया कि महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर क्यों यूज हुई, लेकिन सिक्योरिटी एजेंसियां हाई-प्रोफाइल विज़िट्स के लिए कई स्टेट्स में फ्लीट रखती हैं। वेस्ट को मैसेज या प्रैक्टिकल वजह? डिफेंस एनालिस्ट कर्नल रोहित देव ने X पर पोस्ट किया, 'ये वेस्ट को मैसेज है।' बीजेपी स्पोक्सपर्सन शहजाद पूनावाला ने कहा, 'स्मार्ट लोग समझ जाएंगे क्यों।' एक यूजर ने लिखा, 'नो अमेरिकन, नो यूरोपियन, जापानीज कार। सिग्नलिंग शुरू!' ये कदम दिखाता है कि डिप्लोमेसी में सिंबॉलिक स्टेप्स कितने जरूरी होते हैं।
वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। कंपनी ने कहा कि डैशबोर्ड और APIs में प्रॉब्लम है, इसके कारण आधे घंटे तक तक सिस्टम ठप रहा। इसके कारण रिक्वेस्ट फेल हुईं और यूजर्स को एरर मैसेज दिखे। यह नवंबर 18 के बाद दूसरा बड़ा आउटेज है। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर 2,100 से ज्यादा रिपोर्ट्स आईं, जो दोपहर 1:50 बजे से शुरू हुईं। कैनवा, जूम जैसे प्लेटफॉर्म भी डाउन हुए क्लाउडफ्लेयर ने बताया कि आंतरिक सर्विस डिग्रेडेशन की वजह से डैशबोर्ड और APIs प्रभावित हैं। यूजर्स को वेबसाइट एक्सेस, सर्वर कनेक्शन और होस्टिंग में दिक्कत हो रही है। जीरोधा ने कहा कि सर्विस रिस्टोर हो गई। ग्रो ने भी कन्फर्म किया कि क्लाउडफ्लेयर आउटेज की वजह से इश्यू था। कैनवा, जूम, शॉपिफाई, वैलोरेंट, स्पॉटिफाई, चैटजीपीटी जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स भी डाउन हुए। आउटेज करीब 30 मिनट चला। 16 दिन में दूसरी बार डाउन हुआ क्लाउडफ्लेयर इससे पहले 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर की वजह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में डाउन हो गईं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5 बजे से रात 9 बजे तक डाउन रहीं। भारत समेत दुनियाभर में यूजर्स को लॉगिन, साइनअप, पोस्ट करने और देखने के अलावा प्रीमियम सर्विसेज सहित प्रमुख सुविधाओं का उपयोग करने में दिक्कत आई। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर भी बंद रही। कौन सी सर्विसेज सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं थीं 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर डाउन होने से से 1.4 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स प्रभावित हुई। इनमें X, चैटजीपीटी, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, स्पॉटिफाई, कैनवा, क्लॉड AI, उबर, जूम शामिल थीं। क्लाउडफ्लेयर दुनिया की 20% से ज्यादा वेबसाइट्स को कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क, सिक्योरिटी और रूटिंग सर्विस देता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की हर पांचवीं वेबसाइट को क्लाउडफ्लेयर सर्विस देता है। क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है क्लाउडफ्लेयर क्लाउडफ्लेयर एक ग्लोबल क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। यह डेटासेंटर्स, वेबसाइट और ईमेल सिक्योरिटी, डेटा लॉस से बचाव और साइबर खतरों से सुरक्षा देती है। कंपनी खुद को “इंटरनेट का इम्यून सिस्टम” बताती है। मतलब उसकी टेक्नोलॉजी अपने क्लाइंट्स और बाकी दुनिया के बीच में बैठकर रोजाना अरबों साइबर अटैक ब्लॉक करती है। साथ ही, अपनी ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से यह इंटरनेट ट्रैफिक को तेज भी बनाती है। कंपनी हर तिमाही में 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4.42 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा की कमाई करती है। इसके करीब 3 लाख ग्राहक हैं। कंपनी चीन समेत 125 देशों में काम करती है।
चाइनीज टेक कंपनी रियलमी ने P सीरीज में नया स्मार्टफोन P4x 5G भारत में लॉन्च कर दिया है। स्मार्टफोन में 7,000mAh की बड़ी बैटरी के साथ 45W की फास्ट चार्जिंग दी गई है। बेहतर पर्फोमेंस के लिए मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट के साथ 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज दिया गया है। फोन को तीन कलर ऑप्शंस मैट सिल्वर, एलिगेंट पिंक और लेक ग्रीन के साथ लॉन्च किया गया है। कंपनी ने लॉन्च ऑफर के तहत बेस मॉडल पर ₹2,000 का डिस्काउंट दे रही है। इस फोन की सेल 12 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। आप इसे फ्लिपकार्ट और रियलमी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। रियलमी P4x 5G की बैटरी और चार्जिंग फीचर्स बड़ी बैटरी: इस फोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी बैटरी है। 7,000mAh की बड़ी बैटरी इस सेगमेंट में सबसे बड़ी बैटरी में से एक है। फास्ट चार्जिंग: बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए इसमें 45W वायर्ड फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट दिया गया है। रिवर्स चार्जिंग: यह फोन रिवर्स वायर्ड चार्जिंग को भी सपोर्ट करता है, यानी आप इससे अपनी दूसरी डिवाइस को भी चार्ज कर सकते हैं। बाईपास चार्जिंग: इसमें बाईपास चार्जिंग का सपोर्ट भी है, जिसका मतलब है कि गेमिंग के दौरान चार्जिंग सीधे बैटरी को बायपास करके फोन को पावर देगी, जिससे फोन ज्यादा गरम नहीं होगा। रियलमी P4x 5G: डिस्प्ले और डिजाइन 6.72 इंच फुल-HD LCD डिस्प्ले है, 144Hz रिफ्रेश रेट के साथ। पीक ब्राइटनेस 1,000 निट्स तक जाती है, धूप में भी साफ दिखेगा। IP64 रेटिंग से फोन डस्ट और स्प्लैश प्रूफ रहेगा। स्मार्टफोन की मोटाई 8.39mm और वजन 208 ग्राम है। रियलमी P4x 5G:परफॉर्मेंस और स्टोरेज स्मार्टफोन में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट (6nm) दिया गया है। 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज। वर्चुअल RAM 18GB तक। लंबे गेमिंग सेशन के लिए इसमें खास 'फ्रोजन क्राउन कूलिंग सिस्टम' दिया गया है, जिसमें 5300mm का वेपर चैंबर और कॉपर-ग्रेफाइट कोटिंग है। 50+2 मेगापिक्सल का डुअल कैमरा सेटअप इस फोन में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसका मेन कैमरा 50 मेगापिक्सल का है, जिसे 2 मेगापिक्सल के सेकेंडरी सेंसर के साथ जोड़ा गया है। सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियलमी P4x 5G कनेक्टिविटी फीचर्स फोन में 5G, Wi-Fi, ब्लूटूथ, GPS, USB टाइप-C पोर्ट दिया है। स्मार्टफोन एंड्रॉइड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर रन करता है। इसके साथ ही 2 साल OS अपडेट और 3 साल सिक्योरिटी पैच मिलेंगे। रियलमी ने स्मार्टवॉच 5 भी लॉन्च की रियलमी ने भारत में नई स्मार्टवॉच 5 लॉन्च कर दी है। P4x 5G फोन के साथ AIoT लाइनअप में आई यह वॉच बड़ी AMOLED स्क्रीन, इंडिपेंडेंट GPS और ढेर सारे हेल्थ फीचर्स के साथ आई है। कंपनी ने बताया कि वॉच ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ पार्टनरशिप में भारत में ही बनी है। रियलमी वॉच 5 की कीमत ₹4,499 रखी गई है। लॉन्च ऑफर में ₹500 डिस्काउंट के साथ सिर्फ ₹3,999 में मिलेगी। पहली सेल 10 दिसंबर दोपहर 12 बजे रियलमी इंडिया ई-स्टोर, फ्लिपकार्ट और मेनलाइन चैनल्स पर शुरू होगी। चार कलर ऑप्शंस टाइटेनियम ब्लैक, टाइटेनियम सिल्वर, मिंट ब्लू और वाइब्रेंट ऑरेंज दिए गए हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा में उनकी लिमोजिन कार ‘ऑरस सीनेट’ चर्चा में है। 7 टन वजनी ये कार एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक डोर हाथ से नहीं हाइड्रोलिक सिस्टम से खुलता है। कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की कार ‘द बीस्ट’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ती है। ‘द बीस्ट’ की स्पीड 112 किमी प्रति घंटा है। ये कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है। टायर फटने पर भी दौड़ सकती है गाड़ी चारों टायर फटने पर भी ये गाड़ी 80kmph की स्पीड से दौड़ सकती है। 6cm मोटा कांच पूरी तरह बुलेटप्रूफ है। यह असॉल्ट राइफल, AK-47, ग्रेनेड हमले को झेल सकता है। केमिकल अटैक होने पर कार के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। पुतिन की ऑरस सीनेट एकमात्र ऐसी कार है जो पूरी तरह स्वदेशी है, दुनिया के किसी राष्ट्राध्यक्ष के पास स्वदेशी कार नहीं है। ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम: खतरा होने पर खुद अलर्ट भेज सकता है इसका ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम 360 डिग्री खतरे को हमेशा मॉनिटर करता रहता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को यह खुद डिटेक्ट करता है। तुरंत सुरक्षा बल को अलर्ट करता है। ड्राइवर को तुरंत रूट चेंज करने की जानकारी देता है। यह एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से भी लैस है। परमाणु हमले की स्थिति में भी यह सिस्टम एक्टिव रहता है। काउंटर अटैक में सक्षम 1. टियर गैस लॉन्चर सिस्टम: सेल्फडिफेंस के लिए इसमें ऑटोमैटिक टियर गैस लॉन्चर फिट किए गए हैं। दुश्मन के करीब आने पर ऑटोमैटिकली टियर गैस फायर होता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है। 2. स्मोक स्क्रीन सिस्टम: गाड़ी के विभिन्न हिस्सों से ऑटोमैटिक स्मोक ग्रेनेड निकलते हैं। इस सिस्टम के ऑन करते ही कार के चारों तरफ से धुएं की एक चादर बन जाती है। यह दुश्मन की नजर को धुंधला कर चकमा दे सकती है। 3. फायर सप्रेशन सिस्टम: अगर बम विस्फोट हो जाए या आग लग जाए, तो इसका सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद इसमें लगा फायर सप्रेशन सिस्टम खुद ऑन हो जाता है और फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) बाहर निकलकर आग पर काबू पा लेता है। इसमें विशेष फ्लेम रिटार्डेंट केमिकल स्प्रे होता है। 4. इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम: गाड़ी इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम से भी लैस रहती है। इसके गेट व हैंडल से इलेक्ट्रिक शॉक छोड़ा जा सकता है। हमले की स्थिति में इसका इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर से कोई हमलावर उसे पकड़ न सके। पुतिन के सुरक्षा गार्ड को आजीवन रहना होता है सीक्रेट; 35 में हो जाते हैं रिटायर्ड पुतिन की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड्स को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है। माना जाता है कि इसके बाद रिफ्लेक्स (प्रतिक्रिया) धीमे हो जाते हैं। ये मूंछें, दाढ़ी, टैटू और पियर्सिंग नहीं करा सकते हैं। इन्हें पूरी लाइफ सीक्रेटली बितानी होती है। सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से राष्ट्रपति के बारे में जानकारी प्रकट करने से भी प्रतिबंधित हैं। पुतिन के बॉडीगार्ड्स ‘पूप सूटकेस’ भी लेकर चलते हैं खाने-पीने की चीजों के साथ चम्मच, प्लेट व कटोरी भी टीम लेकर चलती है। पुतिन के बॉडीगार्ड्स पूप सूटकेस भी लेकर चलते हैं। ताकि, विदेश में पुतिन के अपशिष्ट पदार्थ (मल-मूत्र) न छूटे। वजह, डीएनए व अन्य जानकारी लीक न करना है। पुतिन प्लेन: ट्रम्प एयर फोर्स वन से ज्यादा गोपनीय है पुतिन का विमान इल्यूशिन आईएल-96-300पीयू ट्रम्प के एयर फोर्स वन की तुलना में ज्यादा गोपनीय है। इसके डिजाइन व सिस्टम की सभी बातें छुपी हैं। वहीं, एयर फोर्स वन की जानकारी सार्वजनिक है। पुतिन जहां भी जाते हैं वह दो या तीन विमान ले जाते हैं।
देश का सबसे बड़ा मोटरसाइक्लिंग फेस्ट इंडिया बाइक वीक (IBW) इस साल एक नई जगह पर होगा। गोवा में होने वाले जिला परिषद चुनावों के चलते IBW के 12वें एडिशन को महाराष्ट्र के पंचगनी में शिफ्ट किया गया है। इस बार इवेंट में 10 से ज्यादा एडवेंचर राइडिंग एक्सपीरियंस, हिल क्लाइंब, फ्लैट ट्रैक रेस, स्टंट शो, बच्चों के लिए मिनी मोटोट्रैक और देश का सबसे बड़ा टेस्ट-राइड एरीना शामिल होगा। जिसमें कई प्रीमियम मोटरसाइकिल ब्रांड अपनी बाइक्स पेश करेंगे। पंचगनी के धुंध से ढके पठारों और घुमावदार पहाड़ी रास्तों के बीच IBW 2025 राइडर्स के लिए एक बिल्कुल नया हाई-एड्रेनालाईन एक्सपीरियंस होगा। म्यूजिक सेशन में किंग-सुगा हनी जैसे आर्टिस्ट होंगे म्यूजिक सेशन में किंग, करण कंचन, सुगा हनी और कई पॉपुलर आर्टिस्ट मंच संभालेंगे। वहीं बिग ट्रिप स्टेज पर दुनिया के जाने-माने ट्रैवलर्स- साइमन और लिसा थॉमस, एल्स्पेथ बियर्ड, कैंडिडा लुइस जैसे नाम अपनी रोमांचक यात्राओं की कहानियां सुनाएंगे। इवेंट में ईवी और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस होगा इवेंट में ईवी और सस्टेनेबिलिटी पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। Vida EV ऑपरेशंस सपोर्ट करेगी। साथ ही रीसाइक्लिंग जोन, EV चार्जिंग पॉइंट्स और बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जाएगी। राइडर्स को कैम्पिंग, बोनफायर नाइट्स, नए ऑफ-रोड ट्रेल्स, आफ्टर-पार्टियां और बाइकिंग गियर से भरी मार्केटप्लेस जैसी सुविधा भी मिलेंगी। जिससे IBW 2025 एक और यादगार इवेंट बनेगा।
चीन की लीडिंग प्राइवेट स्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने 3 दिसंबर को अपना पहला रीयूजेबल रॉकेट ZQ-3 Y1 लॉन्च किया। रॉकेट ने सफलतापूर्वक ऑर्बिट हासिल की, लेकिन फर्स्ट स्टेज बूस्टर की लैंडिंग के दौरान खराबी आ गई। यह रिकवरी साइट के ऊपर फट गया। यह चीन का पहला ऐसा प्रयास था जहां रीयूजेबल रॉकेट को ऑर्बिट में भेजा गया। अमेरिका अब भी इकलौता देश है, जिसका ऑर्बिटल क्लास बूस्टर धरती पर सफलतापूर्वक लौटा है। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सबसे पहले ऐसा किया था। इसके अलावा, जेफ बोजेस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ऐसा कर चुकी है। पिछले महीने न्यू ग्लेन रॉकेट अपने दूसरे मिशन में बूस्टर को रिकवर करने और रीयूज करने में कामयाब रहा था। मिशन की 3 तस्वीरें... मिशन का मकसद: रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना इस मिशन का मकसद रॉकेट को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक ले जाना और फर्स्ट स्टेज को वापस पृथ्वी पर लैंड करना था। हालांकि, आग लगने के कारण वो इसमें कामयब नहीं हो सका। टेस्ट कैसे रहा: लॉन्च स्मूथ हुआ लेकिन रिटर्न के दौरान फटा मिथेन-पवार्ड इंजन से चलता है रॉकेट छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट फेल हुआ एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट को फेल कर दिया। इस प्रॉब्लम को ठीक करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कंपनी के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ये पहला टेस्ट था, डेटा से हम अगली फ्लाइट्स को और मजबूत बनाएंगे। यह टेस्ट चीन की कॉमर्शियल स्पेस सेक्टर का हिस्टोरिक मोमेंट था, क्योंकि यह पहली बार किसी चाइनीज प्राइवेट फर्म ने ऑर्बिटल टेस्ट के साथ फर्स्ट स्टेज रिकवरी ट्रायल किया। अभी तक चीन के पास सिंगल-यूज रॉकेट्स हैं, लेकिन रीयूजेबल से कॉस्ट 30-50% कम हो सकती है। 2015 में झांग चांगवू ने बनाई थी लैंडस्पेस लैंडस्पेस बीजिंग बेस्ड प्राइवेट स्पेस फर्म है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई था। इसके फाउंडर और CEO झांग चांगवू का फोकस रीयूजेबल रॉकेट टेक्नोलॉजी पर है। 2023 में लैंडस्पेस ने ZQ-2 के साथ दुनिया का पहला मिथेन-LOX रॉकेट ऑर्बिटल लॉन्च किया था। फ्यूचर प्लान्स: स्पेस स्टेशन सप्लाई से मून मिशन्स तक लैंडस्पेस 2026 से चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन के लिए स्पेसक्राफ्ट लॉन्च मिशन्स करेगी। कंपनी रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को वेरिफाई और अप्लाई करने पर काम जारी रखेगी। रीयूजेबल टेक से चीन सैटेलाइट कांस्टेलेशन, मून मिशन्स और स्पेस टूरिज्म पर फोकस करेगा।
टेक कंपनी वीवो ने भारतीय बाजार में नई फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज X300 लॉन्च कर दी है। इसमें X300 और X300 प्रो मॉडल पेश किए गए हैं। दोनों मॉडल्स X200 के अपग्रेडेड वर्जन है। इनमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसके अलावा, दोनों फोन 200 मेगापिक्सल कैमरा, बड़ी बैटरी और नए डिजाइन के साथ पेश किए गए हैं। फोन्स के साथ फोटोग्राफी के लिए वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी मिलेगी। वीवो X300 को तीन स्टोरेज वैरिएंट में पेश किया गया है। X300 की कीमत 75,999 से शुरू होती है, जबकि X300 प्रो को सिंगल वैरिएंट में 1,09,999 की कीमत में लॉन्च किया गया है। फोन के साथ कंपनी ने वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी 18,999 की कीमत में पेश की है। सभी डिवाइस की प्री-बुकिंग वीवो इंडिया ई-स्टोर, ई-कॉमर्स और ऑफलाइन स्टोर्स पर शुरू कर दी गई है। इनकी सेल 10 दिसंबर से शुरू होगी। इनका मुकाबला ओप्पो फाइंड X9 सीरीज, सैमसंग गैलेक्सी S25 अल्ट्रा, शाओमी 17 प्रो मैक्स और एपल आईफोन 17 सीरीज से रहेगा। वीवो X300 सीरीज: स्पेसिफिकेशंस कैमरा: वीवो X-सीरीज की सबसे बड़ी खासियत हमेशा से ही कैमरा क्वालिटी रही है। वीवो X300 के बैक पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन (OIS) और CIPA 4.5 स्टेबिलाइजेशन के साथ 200MP का प्राइमरी सेंसर है, जो 50MP वाइड-एंगल लेंस और 50MP टेलीफोटो सेंसर के साथ मिलकर काम करता है। फोन में में 3x ऑप्टिकल जूम मिलता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फ्रंट में 50MP ऑटो फोकस कैमरा दिया गया है। वहीं, वीवो X300 में भी तीन कैमरे दिए गए हैं। इनमें 50MP सोनी LYT-828 प्राइमरी OIS सेंसर के साथ 50MP वाइड-एंगल और 200MP टेलीफोटो कैमरा शामिल है। ये सेटअप 3.5x ऑप्टिकल जूम और CIPA 5.5 स्टेबिलाइजेशन सपोर्ट करता है। प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए दोनों स्मार्टफोन जाइस पोर्टरेट, एस्ट्रो मोड, लैंडस्केप मोड, लॉन्ग एक्सपोजर और टेलीफोटो एक्सटेंडर जैसे एडवांस मोड्स को सपोर्ट कर सकते हैं। डिस्प्ले: वीवो X300 में 2640 1216 रिजॉल्यूशन वाला 6.31-इंच का एमोलेड डिस्प्ले दिया गया है, जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट पर काम करता है। सेफ्टी के लिए जेनसेशन XT कोर ग्लास दिया गया है। वहीं, X300 प्रो में बड़ा 6.78-इंच LTPO एमोलेड पैनल है। जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट सपोर्ट करता है। इसमें HDR10+ और डॉल्बी विजन के साथ हाई-क्वालिटी मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस मिलेगा। दोनों फोंस में 94% से ज्यादा स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो के साथ आते हैं। परफॉरमेंस: परफॉरमेंस के लिए X300 और X300 प्रो मीडियाटेक डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसमें C1-अल्ट्रा, C1-प्रीमियम और C1-प्रो कोर स्ट्रक्चर है। ये कॉन्फिग्रेशन मल्टीटास्किंग, गेमिंग और प्रोफेशनल-ग्रेड वीडियो रेंडरिंग को स्मूद कमांड दे सकता है। दोनों डिवाइसेस LPDDR5X अल्ट्रा रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आते हैं। बैटरी: पावर बैकअप के लिए X300 में 6040mAh की बैटरी और 90W फ्लैश चार्ज सपोर्ट दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में इससे बड़ी 6510mAh बैटरी दी गई है, जो 90W वायर्ड चार्जिंग और 40W वायरलेस फ्लैश चार्ज सपोर्ट करती है। अन्य फीचर: सिक्योरिटी और बिल्ड की बात करें तो वीवो X300 में सिंगल-पॉइंट 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में भी इसी फिंगरप्रिंट तकनीक का उपयोग हुआ है। दोनों फोन IP68 और IP69 रेटिंग के साथ आते है। जिसका मतलब है कि पानी और धूल से पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनमें NFC, वाई-फाई 7, ब्लूटूथ 6.0, USB 3.2 जेन1, NavIC सपोर्ट और ई-सिम जैसे फीचर्स हैं।
अमेरिकी टेक कंपनी एपल भारत सरकार के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें हर नए फोन में ‘संचार साथी’ एप इंस्टॉल करने को कहा गया है। मंगलवार (2 दिसंबर) को पीटीआई ने रिपोर्ट में बताया कि, एपल इस फैसले से सहमत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संचार साथी एप और पोर्टल यूजर्स के सिम कार्ड्स को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन एपल इसे प्राइवेसी में दखल मान रही है। कंपनी का कहना है कि, 'आदेश पर सरकार के साथ बातचीत की जाएगी और बीच का रास्ता निकालेंगे। हम मौजूदा स्वरूप में आदेश लागू करने में सक्षम नहीं है।' फ्रॉड रोकने का नया टूल मान रही सरकार सरकार का कहना है कि एप चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकने के काम आएगा। यानी साइबर फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। संचार साथी एप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस मिल चुके हैं। आदेश में एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। एपल ने कहा- यूजर की प्राइवेसी पहली प्रायोरिटी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने रिपोर्ट में बताया, 'हम यूजर प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखते हैं। सरकार के इस डायरेक्टिव से iOS डिवाइसेस पर डेटा शेयरिंग की जरूरत पड़ेगी, जो हमारी पॉलिसी के खिलाफ है।' एपल का तर्क है कि पोर्टल और एप से यूजर्स का पर्सनल डेटा, जैसे IMEI नंबर और कॉल हिस्ट्री, लीक होने का खतरा है। एपल अब सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चैलेंज करने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी के वकीलों ने DoT को लेटर लिखा है, जिसमें आदेश को 'अनरेशनल' बताया है। एपल इंडिया के हेड ने इंटरनल मीटिंग में स्टाफ को आदेश दिया है कि कोई भी डेटा शेयर न करें। एपल की पॉलिसी क्या है? डेटा को लेकर पहले भी सरकार से हो चुका टकराव भारतीय बाजार में एपल की 9% हिस्सेदारी भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। संचार साथी एप क्या है और कैसे काम करता है ये खबर भी पढ़ें... क्या संचार एप से जासूसी हो सकती है:सरकार ने इसे हर मोबाइल के लिए जरूरी किया; यह OTP पढ़ सकता है, बातचीत सुन सकता है कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सकें। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सकें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? पूरी खबर पढ़ें...
कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सके। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कदम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। यह एक जासूसी एप है। सरकार हर नागरिक की निगरानी करना चाहती है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? सवाल 1: संचार साथी मोबाइल एप क्या है, यह एप मेरे लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब: यह केंद्र सरकार का एक डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। इसे 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी ये मौजूद है। इसके जरिए आम लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे… सवाल 2: संचार एप का विरोध क्यों हो रहा है, यह मेरे फोन में क्या-क्या डेटा देख सकता है? जवाब: 1 दिसंबर 2025 को एक सरकारी प्रेस रिलीज आई। कहा गया, “अब हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। 90 दिन में सभी कंपनियों को लागू करना होगा। इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा।” पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर कुछ एक्सपर्ट्स ने एप की परमिशन लिस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाले। इसमें बताया गया कि ये एप कैमरा, माइक, कीबोर्ड, मैसेज, कॉल लॉग, लोकेशन जैसी परमिशन मांगता है, जिन्हें यूजर ऑफ नहीं कर सकते। सवाल 3: क्या इस एप से मेरी निगरानी या जासूसी हो सकती है? जवाब: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये संभव है। संचार साथी एप को फोन के कई हिस्सों तक एक्सेस चाहिए, जो IMEI चेक से कहीं ज्यादा है। इसका सर्वर भी यही है। सवाल 4: एप जो डेटा लेता है, उसे कितने समय तक रखा जाता है? जवाब: संचार साथी की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और कानूनी जरूरत पर शेयर होगा, लेकिन कितने समय तक स्टोर रहेगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी रिस्क बढ़ सकता है। सवाल 5: क्या एप में कोई ऐसी अनुमति है जिसके बिना भी ये चल सकता है? जवाब: संचार साथी एप के कोर फंक्शन IMEI वेरिफिकेशन, खोए फोन की रिपोर्टिंग, फ्रॉड कॉल/SMS रिपोर्टिंग, SIM चेक है। इसके लिए मुख्य रूप से डिवाइस आइडेंटिफायर्स (IMEI), फोन स्टेट (कॉल/SMS), लोकेशन (ट्रैकिंग) और नेटवर्क एक्सेस काफी हैं। लेकिन एप गूगल प्ले और एप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार कैमरा, माइक, स्टोरेज, कीबोर्ड जैसी ब्रॉड अनुमतियां मांगता है, जो IMEI चेक या फ्रॉड रिपोर्ट के बिना भी एप को बेसिक रन करने देती हैं। DoT पॉलिसी में इन्हें सपोर्टिंग फीचर्स कहा गया है। सवाल 6: क्या पहले भी जासूसी के मामले आए हैं? जवाब: 2023 में पेगासस स्पाइवेयर केस आया था। ये इजराइल के NSO ग्रुप का टूल था, जो फोन में घुसकर मैसेज, कैमरा, माइक एक्सेस करता था। आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार ने पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए बेहद खतरनाक पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और द वॉशिंगटन पोस्ट की नई जांच में ये खुलासा हुआ था। ये स्पाइवेयर मैसेज और ईमेल पढ़ सकता था, फोटो देख सकता था, कॉल सुन सकता था, लोकेशन ट्रैक कर सकता था, यहां तक कि कैमरा चालू करके वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकता था। हालांकि ये पेगासस एक स्पाइवेयर था जिसे चुपचाप से फोन में छोड़ दिया जाता था। सरकार का संचार साथी एप डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। ये फोन में पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। अभी इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यानी, ये स्पाइवेयर नहीं है। सरकार इसे नागरिकों को बेहतर सर्विस देने के लिए लाई है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इसका इस्तेमाल भी स्पाइवेयर की तरह हो सकता है। सवाल 7: कई सारे एप्स हैं, जो ऐसी परमिशन मांगते है, संचार एप का विरोध क्यों? जवाब: विरोध और चिंताएं मुख्य रूप से दो फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं- बड़ी और स्थापित कंपनियां जैसे गूगल या एपल आमतौर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसीज में ज्यादा पारदर्शिता रखती हैं और सख्त नियमों के तहत काम करती हैं। हां, सैद्धांतिक रूप से किसी भी एप से जासूसी हो सकती है, यदि उसके पास आवश्यक अनुमतियां हैं। इसी वजह से संचार एप के मामले में आलोचकों का तर्क है कि सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया गया एप निगरानी का रास्ता खोल सकता है। डर है कि इस डेटा का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर नागरिकों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, न कि केवल धोखाधड़ी रोकने के लिए। सवाल 8: क्या एप को अन इंस्टॉल किया जा सकता है या यह जबरन रहेगा? जवाब: पहले ये खबरें थीं कि इसे अन इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। इसी वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा था। हालांकि आज दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि एप को अन इंस्टॉल कर सकेंगे। सवाल 9: मोबाइल कंपनियों के पास क्या विकल्प, एपल क्या करेगा? जवाब: मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। नए फोन में संचार एप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा। वहीं पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। ये टेलिकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 के तहत है, लेकिन कंपनियों के पास क्या विकल्प हैं? सवाल 10: यूजर्स को प्राइवेसी के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब: संचार साथी एप अभी पूरी तरह वैकल्पिक है, इसलिए अगर आपको लगता है कि ये आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है तो इसे डाउनलोड करने से बचें। पुराने फोन में ऑटो सॉफ्टवेयर अपडेट बंद कर दें। प्राइवेसी सेटिंग्स में कैमरा, माइक, लोकेशन, SMS और कॉल लॉग की परमिशन को “आस्क एवरी टाइम” कर दें। हर रीस्टार्ट के बाद बैटरी यूजेज चेक करें कि एप बैकग्राउंड में तो नहीं चल रहा। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... संचार साथी एप पर प्रियंका बोलीं-सरकार जासूसी करना चाहती है: सरकार ने कल कहा था- सभी मोबाइल में इंस्टॉल होगा; आज बोली- डिलीट कर सकते हैं सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
एपल ने अमर सुब्रमण्या को अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है। कंपनी ने उन्हे 1 दिसंबर को हायर किया है। सुब्रमण्या जॉन जियानैंड्रिया की जगह लेंगे, जो मई 2026 में रिटायर हो रहे है। गूगल में सुब्रमण्या फाउंडेशन मॉडल्स, मशीन लर्निंग रिसर्च और एआई सेफ्टी टीम्स को लीड करेंगे और सॉफ्टवेयर टीम के हेड क्रेग फेडरिकी को रिपोर्ट करेंगे। एपल में सुयह हायरिंग सिलिकॉन वैली की टैलेंट वॉर का हिस्सा है, जहां टॉप इंजीनियर्स को हाई सैलरी और बोनस से लुभाया जा रहा है। सुब्रमण्या 2009 से जुलाई 2025 तक 16 साल गूगल में काम किया। गूगल के AI असिस्टेंट जेमिनी के इंजीनियरिंग टीम को भी लीड किया। जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया, लेकिन 5 महीने से भी कम समय में माइक्रोसॉफ्ट छोड़ एपल में आ गए। अमर सुब्रमण्या: बेंगलुरु से सिएटल तक का सफर अमर सुब्रमण्या भारतीय मूल के एआई रिसर्चर हैं। उनका जन्म बेंगलुरु में हुआ था। 2001 में बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की डिग्री हासिल की। 2005-2009 के बीच सिएटल के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की। एपल की AI चुनौतियां: सिरि का ओवरहॉल क्यों लेट हो रहा एपल की AI जर्नी में कई रुकावटें आई हैं। अक्टूबर 2024 में लॉन्च हुए एपल इंटेलिजेंस में प्रॉब्लम्स सामने आईं। जैसे नोटिफिकेशन समरी में फेक हेडलाइंस बनीं- एक संदिग्ध की सुसाइड, स्पोर्ट्स में जल्दबाजी जीत और नेतन्याहू की अरेस्ट जैसी गलत खबरें। इससे यूजर्स नाराज हुए और लीगल केस भी बने। सिरि के अपग्रेड में देरी सिरि का बड़ा अपग्रेड, जिससे उसे कॉन्टेक्सचुअल अवेयरनेस और एप कंट्रोल मिलेगा, उसमें मिड 2026 तक की देरी हो गई है। इंटरनल टेस्ट फेल हो गए। सिरि टीम पहले जॉन जियानैंड्रिया के अंडर थी। जियानैंड्रिया ने मशीन इंटेलिजेंस लीड किया, लेकिन 2024 में रिटायर हो गए। वे मई 2026 तक एडवाइजर रहेंगे। उन्होंने 2024 में 'लार्ज-रीजनिंग मॉडल्स' पर पेपर पब्लिश किया, जिसमें AI की सिमुलेटेड कॉग्निशन पर क्रिटिक की। सिमुलेटेड कॉग्निशन का मतलब है कंप्यूटर या आर्टिफिशियल सिस्टम में मानव जैसी सोचने-समझने की प्रक्रिया को नकली तरीके से बनाना। एपल अब 1-ट्रिलियन पैरामीटर का इन-हाउस मॉडल डेवलप कर रहा है। साथ ही जेमिनी के साथ 1 बिलियन डॉलर का लाइसेंसिंग डील होने वाली है, जो सिरि को बूस्ट देगा। सुब्रमण्या की एंट्री से एपल को AI रेस में तेजी मिलेगी सुब्रमण्या की एंट्री से एपल को AI रेस में तेजी मिलेगी। वे एपल इंटेलिजेंस और जेमिनी डील को इंटीग्रेट करेंगे। सिरि को रिवाइव करने में मदद मिलेगी। सिलिकॉन वैली में टैलेंट मोबिलिटी बढ़ रही है। ओपनAI , मेटा और एंथ्रोपिक भी एक्सपर्ट्स के पीछे हैं। एपल का फोकस मल्टीमॉडल AI पर रहेगा, लेकिन प्राइवेसी को बैलेंस करना चैलेंज होगा।
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा आज (2 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV 360 डिग्री कैमरा, एयरबैग और लेवल-2 एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स के साथ आएगी। ईवी का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
अब हर नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' प्री-इन्स्टॉल (पहले से डाउनलोड) मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये आदेश आज सामने आया है। इसमें एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिलीट या डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इन्स्टॉल जाएगा। हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन की चोरी को रोकना है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह एप फर्जी IMEI से होने वाले स्कैम और नेटवर्क मिसयूज को रोकने के लिए जरूरी है।' संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद डुप्लीकेट IMEI नंबर से बढ़ रहा साइबर क्राइम भारत में 1.2 अरब से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबर की वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है। IMEI एक 15 डिजिट का यूनिक कोड होता है, जो फोन की पहचान करता है। अपराधी इसे क्लोन करके चोरी के फोन को ट्रैक से बचाते हैं, स्कैम करते हैं या ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। सरकार का कहना है कि यह एप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में मदद करेगा। सितंबर में DoT ने बताया था कि 22.76 लाख डिवाइस ट्रेस हो चुके हैं। कंपनियों पर असर, ऐपल-सैमसंग को दिक्कत हो सकती इंडस्ट्री सोर्सेज कहते हैं कि पहले से कंसल्टेशन न होने से कंपनियां परेशान हैं। खासकर एपल के लिए मुश्किल है, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में गवर्नमेंट या थर्ड-पार्टी एप प्री-इंस्टॉलेशन पर पाबंदी है। पहले भी एपल का एंटी-स्पैम एप पर रेगुलेटर से टकराव हुआ था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एपल सरकार से नेगोशिएशन कर सकती है। एपल यूजर्स को वॉलंटरी प्रॉम्प्ट देने का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने आदेश के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है। यूजर्स की सीधा फायदा मिलेगा यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। चोरी का फोन होने पर IMEI चेक करके तुरंत ब्लॉक कर सकेंगे। फ्रॉड कॉल रिपोर्ट करने से स्कैम कम होंगे, लेकिन एप डिलीट न होने से प्राइवेसी ग्रुप्स सवाल उठा सकते हैं। यूजर कंट्रोल कम होगा। भविष्य में एप और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जैसे बेहतर ट्रैकिंग या AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन। DoT का कहना है कि यह टेलीकॉम सिक्योरिटी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा। ये खबर भी पढे़ं सुप्रीम कोर्ट बोला- वॉट्सएप क्यों, स्वदेशी एप अपनाएं:सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड-ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी, याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें देशभर में सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड या ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी। याचिकाकर्ता चाहते थे कि सोशल मीडिया कंपनियां अकाउंट सस्पेंड या ब्लॉक करने में साफ प्रक्रिया, पारदर्शिता और संतुलन रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने अनुच्छेद 32 के तहत कहा कि वॉट्सएप तक पहुंच को मौलिक अधिकार कैसे कहा जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें...
इंडियन मोबाइल मार्केट में दिसंबर महिने में 10 हजार रुपए के बजट फोन से लेकर 1 लाख रुपए तक के फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च होंगे। इसमें वीवो, रेडमी, वनप्लस, रियलमी जैसे ब्रांड अपने डिवाइस पेश करेंगे। इन फोन्स में लेटेस्ट AI फीचर्स मिलेंगे। इसके अलावा, DSLR जैसी क्वालिटी वाला 200 मेगापिक्सल मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा, 7000mAh की बड़ी बैटरी और एमोलेड स्क्रीन जैसे फीचर मिलेंगे। चलिए डिटेल में जानते हैं... वीवो X300 लॉन्च डेट- 2 दिसंबर वीवो X300 छोटा लेकिन पावरफुल फोन होगा, जिसमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 प्रोसेसर मिलेगा। इस कॉम्पैक्ट फोन में 6.31-इंच की 1.5K ओलेड स्क्रीन मिलेगी, जो 120Hz की रिफ्रेश रेट और 4500 निट्स पीक ब्राइटनेस के साथ आएगी। फोटोग्राफी के लिए फोन में 200 मेगापिक्सल का मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल का जूम वाला पेरिस्कोप लेंस और एक 50 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा। सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है। पावर बैकअप के लिए फोन में 90W वायर्ड और 40W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6040mAh की बैटरी मिलेगी। वीवो X300 प्रोलॉन्च डेट – 2 दिसंबर वीवो X300 प्रो भारत में इस साल लॉन्च होने वाला आखिरी फ्लैगशिप फोन होगा। ये फोन भी मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 प्रोसेसर के साथ आएगा। डिवाइस में 6.78 इंच की 1.5K एमोलेड डिस्प्ले मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए इसमें 200MP पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस के साथ 50MP सोनी LYT828 सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा दिया गया है। वहीं सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 50MP फ्रंट कैमरा मिलेगा। पावर बैकअप के लिए 6510mAh बैटरी दी गई है, जिसके साथ 90W वायर्ड, 40W वायरलेस और रिवर्स वायरलेस चार्जिंग भी मिलती है। रेडमी 15C 5Gलॉन्च डेट- 3 दिसंबर रेडमी 15C को 12 से 15 हजार रुपए की रेंज में लाया जाएगा। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करता है। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग के साथ पावर बैकअप के लिए 6000mAh बैटरी मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए फोन 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा सपोर्ट करता है और फ्रंट पर 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा है। रेडमी 15C फोन में 6.9-इंच की HD+ स्क्रीन दी गई है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करती है। रियलमी P4xलॉन्च डेट- 4 दिसंबर ये रियलमी ‘P4’ सीरीज का तीसरा मॉडल होगा। पावर बैकअप के लिए फोन में 45W फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ 7000mAh बैटरी मिलेगी। लीक्स के अनुसार, स्मार्टफोन में 144Hz रिफ्रेश रेट वाली 6.72-इंच की फुल HD+ LCD स्क्रीन और इसमें 18GB डायनामिक रैम भी मिलेगी। वहीं, फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया जा सकता है। वनप्लस 15Rलॉन्च डेट- 17 दिसंबर वनप्लस 15 के बाद अब कंपनी प्रीमियम मोबाइल वनप्लस 15R लॉन्च करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फोन में स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 प्रोसेसर, 16GB रैम और पावर बैकअप के लिए 120W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 7800mAh बैटरी जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। वहीं, 1.5K रेजोल्यूशन और अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर सपोर्ट वाली OLED स्क्रीन मिलेगी, जो 165Hz रिफ्रेश रेट पर काम करती है। पोको C85लॉन्च डेट- तय नहीं यह पोको का लो बजट स्मार्टफोन इसी महीने 15 हजार से कम में आएगा। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6000mAh बैटरी दी जाएगी। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करेगा। फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलेगा। पोको C85 में 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ बड़ी 6.9-इंच स्क्रीन मिलेगी। ओप्पो रेनो 15 सीरीजलॉन्च डेट – तय नहीं ओप्पो रेनो 15 सीरीज चीन में लॉन्च हो चुकी है, कंपनी दिसंबर में इसके दोनों फोन- रेनो 15 और रेनो 15 प्रो लॉन्च भारत में लॉन्च कर सकती है। फोन मीडियाटेक डायमेंसिटी 8450 प्रोसेसर के साथ आएंगे। फोटोग्राफी के लिए इनमें 200MP प्राइमरी सेंसर, 50MP अल्ट्रावाइड और 50MP टेलीफोटो कैमरा मिलेगा। वहीं सेल्फी के लिए 50MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। रेनो 15 6200mAh और प्रो मॉडल 6500mAh बैटरी के साथ आएगा। प्रो मॉडल में जहां 6.78-इंच स्क्रीन दी गई है, वहीं नॉन प्रो मॉडल 6.32-इंच डिस्प्ले मिलेगा।
नवंबर में UPI से ₹26.32 लाख करोड़ का लेनदेन:2,047 करोड़ ट्रांजैक्शन, सालाना आधार पर 32% की बढ़ोतरी
नवंबर महीने में देशभर में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए 2,047 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिसमें 26.32 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। सालाना आधार पर लेनदेन की संख्या 32% बढ़ी है। पिछले साल यानी नवंबर में 1,548 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे। वहीं, ट्रांसफर की गई राशि में 22% का इजाफा हुआ है। नवंबर 2024 में 21.55 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था। नवंबर 2025 में रोजाना औसतन 68.2 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए और ₹87,721 करोड़ राशि ट्रांस्फर की गई। इससे पहले अक्टूबर 2025 में 2,071 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए ₹27.28 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। यह अब तक किसी एक महीने में रिकॉर्ड है। UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आज यानी 1 नवंबर को डेटा जारी किया। IMPS, FASTag और AePS में भी बढ़त UPI को NCPI ऑपरेट करता है भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं। ------------------------ PAN-आधार लिंक करने की डेडलाइन इस महीने खत्म हो रही: लोन सस्ते हो सकते हैं, कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 10 रुपए घटे; 6 बदलाव इस बार दिसंबर के महीने में 6 बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसमें आधार-पैन लिंकिंग डेडलाइन से लेकर तय तारीख के बाद भरे जाने वाले ITR की आखिरी तारीख और SBI mCASH सर्विस बंद होना भी शामिल है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

