पंजाब के अमृतसर में थाना इस्लामाबाद के अंतर्गत आने वाले इलाके में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें आरोपी चंदन शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे काबू करके उसके पास से 9 mm की तुर्की पिस्टल और गोलियां बरामद किया। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि 13 दिसंबर की रात को कोट खालसा इलाके में जगराते के कार्यक्रम से लौट रहे विक्रम शर्मा ने देखा कि गुलशन कुमार और उसकी पत्नी किसी बुजुर्ग से बहस कर रहे थे। इस दौरान चंदन शर्मा मौके पर आया और विवाद बढ़ने पर उसने फायर कर दिया, जिससे शिकायतकर्ता की दोनों टांगों में गोली लगी। अगले दिन आरोपी की तलाश के दौरान एक और घटना हुई। भागते समय पुलिस को देखकर चंदन शर्मा ने फिर से गोली चलाई, जिसमें बिल्लू नामक मजदूर और सोनिया नामक महिला जख्मी हो गए। मामला गंभीर होने पर विशेष पुलिस टीम गठित की गई। आरोपी घायल हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आज पुलिस आरोपी का पीछा कर उसे उसी इलाके में पकड़ा। चेतावनी देने और हवा में फायर करने के बावजूद उसने पुलिस पर मारक नीयत से गोली चलाई। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे आरोपी घायल हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार, चंदन शर्मा मई 2025 में जेल से बाहर आया था। जांच में पता चला कि जेल के भीतर उसके संपर्कों के जरिए उसने हथियार हासिल किए थे। कमिश्नर भुल्लर ने बताया कि पुलिस की प्राथमिकता जन सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। आरोपी के खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई की जा रही है और मामले की गहन जांच चल रही है। यह भी पढ़ें... अमृतसर में दिनदहाड़े युवक को गोली मारी, VIDEO:उसके पेट से आर-पार हुई बुलेट महिला को लगी; स्कूटी की टक्कर के बाद हुई बहस पंजाब के अमृतसर में स्कूटी सवार बदमाश ने एक युवक को गोली मार दी। गोली उसके पेट से आर-पार हो गई। जिसके बाद गोली पास में खड़ी महिला को जा लगी। गोली लगते ही युवक खड़े-खड़े नीचे गिर गया। वारदात के समय वहां काफी लोग मौजूद थे। (पूरी खबर पढ़ें)
अयोध्या में शनिवार को विजय दिवस मनाया गया। लोगों ने 1971 में भारत–पाक युद्ध में शहीदों हुए वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। उनकी वीर गाथा को याद किया। इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों को शॉल और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मंगल पांडे चौक स्थित शहीद स्मारक पर हुआ। इसकी अध्यक्षता सैन्य शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह (पूर्व पुलिस उपाधीक्षक) ने की। चंपत राय और कर्नल शान्तुन राय ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी 1971 भारत–पाक युद्ध विजय दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महासचिव, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, चंपत राय, अति विशिष्ट अतिथि कर्नल शान्तुन राय, एडम कमांडेंट स्टेशन मुख्यालय अयोध्या, तथा अन्य विशिष्ट अतिथि पवन कुमार उपाध्याय, डिप्टी कमांडेंट 63, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, मुरली मनोहर, क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक ने पुष्प चक्र अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 1962, 1965 एवं 1971 के युद्धों में देश की रक्षा करते हुए बलिदान वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत अमर शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर 1962, 1965 एवं 1971 के युद्धों में देश की रक्षा करते हुए बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही वीर योद्धाओं, 63 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, जल पुलिस के जांबाज़ जवानों और वीर नारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सम्मिलित एवं सम्मानित व्यक्तियों में कैप्टन देवी प्रसाद तिवारी, सूबेदार मेजर शिव शंकर सिंह, फ्लाइंग अफसर विनोद बहादुर मिश्रा, मास्टर वारंट अफसर रामधीर तिवारी, सूबेदार विश्वनाथ तिवारी, सूबेदार ओमप्रकाश यादव, सूबेदार इतकाद हुसैन, नायब सूबेदार राधिका चन्द श्रीवास्तव, हवलदार राघव राम तिवारी, हवलदार राधेश्याम श्रीवास्तव, हवलदार सियाराम सिंह, नायक परशुराम सिंह, नायक बाबू राम सिंह, नायक राकेश कुमार सिंह, हवलदार मिर्जा मंसूर हुसैन, सिपाही रामचन्द्र तिवारी शामिल रहे। कांस्टेबल विजय कुमार, अनुरूप कुमार और कांस्टेबल जी डी वाई को किया सम्मानित इसके अतिरिक्त केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल से निरीक्षक रंजीत यादव, उप निरीक्षक नवल कुमार, कांस्टेबल विजय कुमार, कांस्टेबल अनुरूप कुमार और कांस्टेबल जी. डी. वाई. प्रसाद को सम्मान प्रदान किया गया।जल पुलिस से कांस्टेबल नित्यानंद यादव और कांस्टेबल सुरेन्द्र यादव को उनके कर्तव्यनिष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में देश के लिए बलिदान देने वाले वीरों की स्मृति में वीर नारी फूल पति सिंह, गंगोत्री पाण्डेय और ज्ञान मति यादव को भी सम्मानित कर नमन किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में यूको बैंक की अंचल प्रबंधक प्रियंका यादव, भारतीय स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारी और आनंद अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश सिंह नाहर ने किया।कार्यक्रम प्रभारी सूबेदार मेजर प्रदीप कुमार सिंह नाहर, व्यवस्था प्रभारी कैप्टन ब्रजेश कुमार सिंह, रामचन्द्र वर्मा, गिरधर अग्रवाल, कवींद्र साहनी, रूही खान, कुसुम मेहरोत्रा, परमिंदर कौर, सुनीता यादव, प्रीति श्रीवास्तव, नायब सूबेदार दलजीत सिंह, कैप्टन राकेश कुमार सिंह रहे। समारोह में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, जवान, गणमान्य नागरिक और क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।पूर्व सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्रीप्रकाश पाठक ने भी कार्यक्रम में अपने समर्थन और मार्गदर्शन से योगदान दिया। भजन गायक मोहन शास्त्री ने किया।
हरियाणा के 40 वर्षीय मिक्स्ड मार्शल आर्ट (MMA) फाइटर संग्राम सिंह की बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय फाइट फिलहाल टल गई है। 20 दिसंबर को इंग्लैंड में होने वाला यह मुकाबला अब अगले दो महीनों के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे फैंस को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। संग्राम सिंह का मुकाबला तुर्की के 25 वर्षीय फाइटर गुलाबी अकबुलूत से होना था, लेकिन अकबुलूत एक्सीडेंट में पैर में गंभीर चोट लगने के कारण यह फाइट कैंसिल कर दी गई। आयोजकों ने दोनों फाइटर्स की सुरक्षा को देखते हुए मुकाबले को आगामी दो महीनों के लिए टालने का फैसला लिया है। देश-विदेश में था मुकाबले का इंतजार संग्राम सिंह और गुलाबी अकबुलूत की इस फाइट को लेकर न सिर्फ भारत, बल्कि विदेशों में भी जबरदस्त उत्साह था। PCFC के तहत होने वाला यह मुकाबला दोनों फाइटर्स के करियर के लिहाज से अहम माना जा रहा था, जिसे लेकर फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। संग्राम की कड़ी तैयारी, शुद्ध शाकाहारी डाइट जहां संग्राम इस फाइट को लेकर भारतीय और रशियन कोच की निगरानी में रोज 6 घंटे प्रेक्टिस कर रहे हैं। पेरिस, थाईलैंड और बाली में ट्रेनिंग शेड्यूल के बाद 3 दिन पहले मुंबई लौटे थे। खास बात ये है कि हरियाणवी फाइटर शुद्ध शाकाहार पर निर्भर हैं। दूध-घी-चूरमा उनकी डाइट का अहम हिस्सा है। संग्राम सिंह दो बार एमएमए खिताब जीत चुके हैं। इंग्लैंड के पहली बार केज में उतरने के लिए उत्साहित नजर आ रहे थे। दोबारा इस फाइट का शेड्यूल जारी होने तक संग्राम 6 घंटे प्रेक्टिस जारी रखेंगे। दो बार के एमएमए चैंपियन संग्राम सिंह दो बार एमएमए खिताब जीत चुके हैं और यह उनके करियर की तीसरी प्रोफेशनल फाइट होने वाली थी। इंग्लैंड में पहली बार केज में उतरने को लेकर वह बेहद उत्साहित नजर आ रहे थे, लेकिन अब उन्हें अपने ड्रीम डेब्यू के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा। आक्रामक फाइटर हैं गुलाबी अकबुलूत तुर्की के एमएमए फाइटर गुलाबी अकबुलूत अपनी जबरदस्त स्ट्राइकिंग क्षमता और आक्रामक अंदाज के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। वह अब तक चार प्रोफेशनल मुकाबले लड़ चुके हैं, जिनमें तीन में जीत और एक में हार मिली है। हार वाले मुकाबले में उन्हें सिर और नाक पर गंभीर चोट भी आई थी। रोहतक से अंतरराष्ट्रीय केज तक प्रिमियर कॉम्बैट फाइटिंग चैंपियनशिप (PCFC) में होने वाला यह मुकाबला संग्राम सिंह के करियर की तीसरा प्रोफेशनल फाइट है। संग्राम मूलरूप से रोहतक के मदीना गांव से नाता रखते हैं। एमएमए में बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, रेसलिंग, जूडो, कराटे और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु सब शामिल रहता है। यानी एक ही फाइट में मारना, पकड़ना, गिराना और सबमिशन सब कुछ शामिल होता है। संग्राम सिंह के खेल के रोचक किस्से पढ़िए... संग्राम सिंह की फाइट को लेकर तैयारी...
जंग रोकनी है या नहीं? कौन तय करेगा, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन ने बताया
Putin on Peace deal:पुतिन ने 2025 की आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'गेंद पूरी तरह से कीव सरकार के प्रमुख और उसके यूरोपीय समर्थकों के पाले में है. मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि हम शांति वार्ता को नहीं खींच रहे क्योंकि मॉस्को ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित डील में कुछ समझौते स्वीकार किए हैं'.
यूक्रेन से युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रखी यह शर्त
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वे यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन पुतिन ने इसके लिए एक शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की गारंटी मिलने पर ...
सिवनी की सुकतरा हवाई पट्टी सील:लीज शर्तों के उल्लंघन और दुर्घटनाओं के बाद प्रशिक्षण उड़ानों पर रोक
सिवनी मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर नागपुर नेशनल हाईवे के पास स्थित सुकतरा हवाई पट्टी को राजस्व अधिकारियों ने सील कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद हवाई पट्टी पर चल रही प्रशिक्षु उड़ानों पर विराम लग गया है। कलेक्टर के आदेश पर कुरई के प्रभारी एसडीएम विजय सेन, तहसीलदार हिमांशु कौशल, सतीश चौधरी और नायब तहसीलदार दामोदर दुबे सहित लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरके हनुमंते की उपस्थिति में यह कार्रवाई की गई। मेस्को एयर स्पेस कंपनी को अनुबंध पर दी गई हवाई पट्टी को सील कर संपत्ति को विभाग ने अपने अधिपत्य में ले लिया है। गेट पर लोक निर्माण विभाग ने एक आम सूचना भी चस्पा की है। रेडबर्ड एविएशन कंपनी को दी थी लीज पर सुकतरा हवाई पट्टी पर बीते कुछ सालों से रेडबर्ड एविएशन कंपनी विमान उड़ान का प्रशिक्षण केंद्र संचालित कर रही थी। इसी साल अप्रैल से अब तक प्रशिक्षु उड़ानों के दौरान विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की तीन घटनाएं घटित हो चुकी हैं। वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने सुकतरा हवाई पट्टी 15 सालों के लीज अनुबंध पर मेस्को एरो स्पेस कंपनी को एरो स्पोर्ट्स और अन्य गतिविधियों के लिए दी थी। इसके बदले कंपनी प्रतिवर्ष छह लाख रुपए का भुगतान करती थी। इसलिए सील किया केंद्र प्रत्येक माह प्रशिक्षण संबंधी उड़ानों की जानकारी कंपनी को डीजीसीए के पास भेजनी होती है। डीजीसीए द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि डीजीसीए के पत्रों का संतोषजनक जवाब मेस्को एरो स्पेस और संबंधित प्रशिक्षण कंपनी से नहीं मिला। साथ ही, लीज की शर्तों का उल्लंघन भी किया गया। इसी आधार पर राज्य सरकार और डीजीसीए ने कार्रवाई करते हुए सुकतरा हवाई पट्टी और प्रशिक्षण केंद्र को सील कर दिया। अब बकाया लीज राशि वसूल करने की कार्रवाई की जा रही है। राजस्व अधिकारियों ने भोपाल कार्यालय से मेस्को एरो स्पेस कंपनी द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्रालय को किए गए लीज भुगतान की जानकारी मांगी है। 8 दिसंबर को हुई थी घटना शहर से 20 किमी दूर सिवनी नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 44 में सुकतरा हवाई पट्टी (एयर स्ट्रिप) से 500 मीटर आमगांव के खेत में 8 दिसंबर की शाम रेडबर्ड एविएशन कंपनी का ट्रेनी विमान 33 केवी हाई वोल्टेज लाइन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना से बिजली लाइन क्षप्तिग्रस्त होने से बादलपार व ग्वारी सब स्टेशन के लगभग 80 से 90 गांव के 16 हजार परिवारों को 5 घंटे अंधेरे में रहना पड़ा था। बिजली कंपनी ने सुधार के बाद रात 11 बजे सभी गांव में आपूर्ति पुनः बहाल हुई थी।
भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलिकॉप्टर कहे जाने वाले AH-64E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों को जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया है, जो एक समय में 256 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 16 लक्ष्यों को प्राथमिकता दे सकता है। ये हेलिकॉप्टर अब पाकिस्तान सीमा की निगरानी और भारत की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को मजबूत बनाएंगे। हाल ही में जैसलमेर क्षेत्र में हुए सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ और ‘मरु ज्वाला’ में इन हेलिकॉप्टरों का उपयोग किया गया था। अभ्यास के बाद इन्हें पश्चिमी सीमा के पास एक महत्वपूर्ण एयरबेस पर तैनात किया गया है। यह पहली बार है जब भारतीय थल सेना के अपाचे हेलिकॉप्टरों ने किसी बड़े सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया। अभ्यास के दौरान इन हेलिकॉप्टरों ने तय लक्ष्यों पर सटीक हमला किया। जून 2025 में अमेरिका से मिले 3 अपाचे हेलिकॉप्टरों की पहली खेप की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। ये हेलिकॉप्टर अब ऑपरेशनल ड्यूटी के लिए तैयार हैं। राजस्थान में स्क्वाड्रन होने की वजह से इनका रंग रेत (मिट्टी) जैसा रखा गया है, जिससे रेगिस्तानी इलाकों में छुपने में मदद मिलती है। त्रिशूल युद्धाभ्यास में 'अग्निपरीक्षा' पास नवंबर में जैसलमेर के रेगिस्तान में हुए सैन्य अभ्यास के दौरान अपाचे हेलिकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। यह पहली बार था जब भारतीय थल सेना के अपाचे हेलिकॉप्टरों ने T-90 ‘भीष्म’ टैंकों के साथ संयुक्त रूप से अभ्यास किया। दुनिया का सबसे एडवांस अटैक हेलिकॉप्टर AH-64E अपाचे एक अटैक हेलिकॉप्टर है। यह हेलफायर मिसाइल, 70 मिमी रॉकेट और 30 मिमी चेन गन से लैस होता है। इसमें एएन/एपीजी-78 लॉन्गबो रडार सिस्टम लगा है, जो एक समय में 256 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और 16 लक्ष्यों को प्राथमिकता दे सकता है। हेलिकॉप्टर में नाइट विजन सिस्टम भी मौजूद है, जिससे रात के समय निगरानी और ऑपरेशन किए जा सकते हैं। जोधपुर का एयरबेस: क्यों है यह तैनाती खास? अपाचे हेलिकॉप्टरों की जोधपुर में तैनाती भारत की रक्षा रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है। IAF के अपाचे: एयर डॉमिनेंस और स्ट्राइक रोल भारतीय वायुसेना के पास पहले से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं। इनकी तैनाती मुख्य रूप से पठानकोट और असम जैसे रणनीतिक एयरबेस पर की गई है। IAF के अपाचे का मुख्य काम है- ये हेलिकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई, लंबी दूरी और बड़े ऑपरेशन एरिया को ध्यान में रखकर इस्तेमाल किए जाते हैं। आर्मी के अपाचे: जमीनी जंग के लिए खास थल सेना के लिए खरीदे गए 6 अपाचे हेलिकॉप्टर (जिनमें से 3 मिल चुके हैं)खास तौर पर रेगिस्तानी और मैदानी इलाकों के लिए कस्टमाइज किए गए हैं। आर्मी अपाचे का फोकस होता है- यानी ये हेलिकॉप्टर “आसमान से सेना का हथियार” बनकर काम करते हैं। 1. 30 मिमी की चेन गन: मौत का दूसरा नाम अपाचे के नीचे एक 30 मिमी की एम-230 चेन गन लगी होती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह गन पायलट के हेलमेट (Helmet Mounted Display) से जुड़ी होती है। पायलट जिस तरफ अपना सिर घुमाता है, यह गन भी उसी दिशा में घूम जाती है। यह एक साथ 1,200 राउंड गोला-बारूद दागने की क्षमता रखती है। 2. मिसाइल और रॉकेट का घातक कॉम्बिनेशन 3. 'लॉन्गबो' रडार: धुंध और अंधेरे में भी साफ नजर इसके रोटर (पंखों) के ऊपर लगा गुंबदनुमा रडार 256 ठिकानों को एक साथ ट्रैक कर सकता है। चाहे धूल भरी आंधी हो, घना कोहरा हो या काली रात, यह रडार दुश्मन की हर हरकत को पहचान लेता है। महाराष्ट्र के नासिक में ली 'कड़ी ट्रेनिंग' जोधपुर में तैनाती से पहले इन हेलीकॉप्टरों और इनके पायलटों ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहां पायलटों को अपाचे के डिजिटल कॉकपिट और जटिल वेपन सिस्टम को चलाने का अभ्यास कराया गया। जून 2025 में हिंडन एयरबेस पर आने के बाद से ही सेना इन्हें युद्ध के लिए तैयार (Battle Ready) करने में जुटी थी। विशेषज्ञों की राय: गेम चेंजर साबित होंगे ये हेलिकॉप्टर रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जोधपुर में अपाचे की तैनाती से पश्चिमी सीमा पर भारत की स्थिति पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है। यह हेलिकॉप्टर न केवल हमला करता है, बल्कि यह एक उड़ता हुआ 'कमांड सेंटर' भी है, जो जमीन पर मौजूद सैनिकों को दुश्मन की सटीक लोकेशन भेज सकता है। अपाचे का भारतीय सेना में शामिल होना और जोधपुर जैसे फ्रंटलाइन बेस पर तैनात होना यह संदेश देता है कि अब हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। इसकी मारक क्षमता बेजोड़ है। सेना को उम्मीद है कि पश्चिमी मोर्चे पर एक पूरी 'अपाचे स्क्वॉड्रन' तैयार हो जाएगी। डिलीवरी में देरी के बावजूद पूरा हुआ सौदा रक्षा मंत्रालय ने 2020 में बोइंग से थल सेना के लिए 6 हेलिकॉप्टर खरीदने का 600 मिलियन डॉलर (करीब 5,691 करोड़ रुपए) का करार किया था। मूल योजना के अनुसार इन हेलिकॉप्टरों को मई-जून 2024 तक पहुंचना था, लेकिन सप्लाई चेन की समस्याओं और तकनीकी कारणों से 15 महीने की देरी हुई। पहली तीन अपाचे हेलिकॉप्टर की खेप जुलाई 2025 में भारत पहुंची थी। आखिरी तीन हेलिकॉप्टर को नवंबर में भेजा जाना था, लेकिन तुर्की द्वारा ओवर फ्लाइट की अनुमति नहीं मिलने के कारण विमान को वापस अमेरिका लौटना पड़ा था।
भोपाल जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने IRCTC के विदेशी टूर पैकेज को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग ने कहा है कि कैंसिलेशन के नाम पर उपभोक्ता की जमा राशि पूरी जब्त कर लेना सेवा में कमी और अनुचित व्यवहार की श्रेणी में आता है। IRCTC के कैंसिलेशन नियम एकतरफा और मनमाने हैं और उपभोक्ता की सहमति या नुकसान का कोई वास्तविक आकलन किए बिना पूरी राशि रोकना सेवा में कमी है। इस केस की खास बात यह रही कि फरियादी खुद एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और उन्होंने अपनी पत्नी के नाम से यह मामला आयोग के सामने रखा। 65 वर्षीय सुनीता चौकसे और उनके पति ने इजिप्ट ‘गिफ्ट ऑफ नील’ टूर पैकेज लिया था। पति-पत्नी दोनों ने IRCTC के टूर के लिए 3,64,800 रुपए पैकेज की राशि जमा की थी। साथ ही IRCTC ने TCS की 18,240 रुपए की राशि भी ली। दंपती ने भोपाल-रायपुर-कोलकाता फ्लाइट टिकटों के लिए 31,000 रुपए खर्च किए, क्योंकि टूर की शुरुआत कोलकाता से होनी थी। मामले में फरियादी मोहन चौकसे न सिर्फ केस के पक्षकार हैं, बल्कि पेशे से अधिवक्ता भी हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि IRCTC से मेरा संबंध नया नहीं है। मैं करीब 10 साल से IRCTC के साथ ट्रैवल कर रहा हूं। सात-आठ इंटरनेशनल ट्रिप्स इनके साथ कर चुका हूं। बड़े-बड़े देशों की यात्राएं की हैं। भरोसा था, इसलिए इस बार भी मिस्र (इजिप्ट) का टूर बुक किया। इजिप्ट टूर की बुकिंग, पूरा भुगतान और टैक्स भी जमामोहन चौकसे के मुताबिक, उन्होंने IRCTC के मिस्र टूर पैकेज के लिए करीब 3.60 लाख रुपए का पूरा भुगतान समय पर कर दिया था। साथ ही आयकर से जुड़ी TCS की राशि भी जमा कर दी गई थी। उनका कहना है कि बुकिंग प्रक्रिया में किसी तरह की कोई चूक नहीं थी और सभी भुगतान नियमों के अनुसार किए गए थे। यात्रा की तैयारी पूरी थी, लेकिन परिस्थितियां अचानक बदल गईं। टूर से कुछ दिन पहले पत्नी की तबीयत बिगड़ीटूर से कुछ दिन पहले मोहन चौकसे की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और बाद में पेसमेकर लगाया गया। चौकसे बताते हैं कि पेसमेकर लगने के बाद सामान्य रूप से ऐसी जगह यात्रा करना संभव नहीं होता, जहां मशीनों से गुजरना पड़े या लंबी इंटरनेशनल ट्रैवल हो। डॉक्टरों की सलाह के बाद यह तय हो गया कि यात्रा संभव नहीं है। IRCTC ने पैसा लौटाने से किया इनकारपत्नी की गंभीर स्थिति को देखते हुए मोहन चौकसे ने IRCTC को पत्र लिखकर टूर कैंसिल करने का निवेदन किया और जमा की गई राशि लौटाने का अनुरोध किया। उनका आरोप है कि मेडिकल स्थिति स्पष्ट होने के बावजूद IRCTC ने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई और राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया। हमने कोई मनमर्जी से टूर कैंसिल नहीं किया था, यह मेडिकल मजबूरी थी। 90% रिफंड की मांग, लेकिन कंपनी अड़ी रहीमोहन चौकसे का कहना है कि मैंने आयोग के सामने यह मांग रखी थी कि कम से कम 90% राशि लौटाई जाए। सामान्य तौर पर किसी भी बुकिंग के कैंसिल होने पर 10% कटौती होती है। मैंने यही कहा था कि 10% काट लीजिए, बाकी पैसा लौटा दीजिए लेकिन IRCTC ने यह भी नहीं माना। कंपनी का कहना था कि वे सिर्फ 10% राशि ही लौटाएंगे, लेकिन वह राशि भी वापस नहीं की गई। मजबूरी में उपभोक्ता आयोग की शरण लेनी पड़ीराशि वापस न मिलने पर मजबूर होकर उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया। मोहन चौकसे ने बताया कि केस के दौरान IRCTC यह तक स्पष्ट नहीं कर पाया कि उनके टूर कैंसिल होने से कंपनी को वास्तव में कितना नुकसान हुआ। न कोई खर्च का हिसाब दिया गया, न यह बताया गया कि कितना पैसा कहां खर्च हुआ। बस नियम दिखा दिए गए। आयोग की सख्त टिप्पणी- नियम एकतरफा, उपभोक्ता की सहमति नहींभोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई के बाद माना कि IRCTC के नियम पूरी तरह एकतरफा हैं। उपभोक्ता से कभी यह नहीं पूछा गया कि वह इन शर्तों से सहमत है या नहीं। जब कंपनी खुद यह मान रही थी कि 10% राशि लौटाई जा सकती है, तो फिर वह राशि भी वापस न करना स्पष्ट रूप से सेवा में कमी है। 70% राशि लौटाने का आदेश, आयोग का संतुलित फैसलाआयोग ने यह भी माना कि चूंकि कंपनी कोई ठोस हिसाब नहीं दे पाई, इसलिए पूरी राशि रोकना उचित नहीं है। इसी आधार पर आयोग ने 70% राशि लौटाने, मानसिक कष्ट के लिए मुआवजा और वाद व्यय देने का आदेश पारित किया। यह फैसला न तो पूरी तरह कंपनी के पक्ष में गया और न ही पूरी तरह फरियादी के, बल्कि संतुलन के आधार पर दिया गया। IRCTC के इन नियमों पर आयोग ने उठाए सवाल आयोग ने इस पॉलिसी पर कई गंभीर प्रश्न उठाए 1. IRCTC ने यह नहीं बताया कि जमा राशि में से कौन-कौन से खर्च हुए एयर टिकटों और अन्य सेवाओं के वास्तविक खर्च का कोई रिकॉर्ड या हिसाब अदालत में नहीं दिया गया। 2. न एयरलाइंस रिफंड का विवरण दिया और न पैकेज राशि का ब्रेकअप आयोग ने कहा कि IRCTC यह बताने में विफल रहा कि टिकट कैंसिल होने के बाद उन्हें एयरलाइंस से कोई रिफंड मिला या नहीं। 3. एकतरफा नियम पर IRCTC खुद भी पूरी तरह इनका पालन नहीं कर रहा था यदि वास्तव में 'नो रिफंड' नीति थी, तो 10% रिफंड की पेशकश कैसे की गई? 4. नियम उपभोक्ता हितों के विपरीत आयोग ने कहा, यह पॉलिसी उपभोक्ता पर एकतरफा ढंग से थोपी गई है और इसे लागू कर पूरी राशि रोकना सेवा में कमी है। IRCTC की सेवा में कमी साबित, 70% राशि वापस करने का आदेश आयोग ने माना कि IRCTC द्वारा 90% राशि काट लेना सेवा में कमी है। इसलिए उपभोक्ता 70% राशि लौटाने का अधिकारी है। आदेश के अनुसार IRCTC को भुगतान करना होगा।
US China tension over Taiwan: ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच ठनती जा रही है. आशंका जताई जा रही है कि चीन 2027 तक ताइवान पर हमला कर सकता है. इसे देखते हुए यूएस ने उसकी 'रेड लाइन' पर सीधा अटैक कर दिया है.
India UAE Joint Military Exercise 2025: भारत और यूएई के बीच गुरुवार से राजस्थान में संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हो गया है. यह अभ्यास 2 हफ्ते तक चलेगा. इस अभ्यास से पाकिस्तान परेशान हो गया है.
यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी कार्रवाई और बांग्लादेश संकट: दुनिया एक नए टकराव की ओर?
प्रशांत महासागर में अमेरिकी सेना की कार्रवाई, यूक्रेन शांति वार्ता, बांग्लादेश में भारतीय मिशन पर खतरा और पीएम मोदी का ओमान दौरा—देश दुनिया की बड़ी खबरें
रूस-यूक्रेन युद्ध में अरजनसर के युवक की मौत, पैसों के लालच में जबरन सेना में भर्ती का आरोप
रूस-यूक्रेन युद्ध में राजस्थान के अरजनसर निवासी अजय गोदारा की मौत से गांव में शोक का माहौल है। स्टडी वीजा पर रूस गए अजय को कथित तौर पर पैसों के लालच में जबरन सेना में भर्ती किया गया। चार महीने पहले मदद की गुहार के बावजूद सहायता नहीं मिल सकी, अब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा।
लोकसभा में नितिन गडकरी का दर्द छलका है। उन्होंने लोकसभा में बताया कि युद्ध से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मर रहे हैं। यह बहुत दुख की बात है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने बताया कि हर साल भारत में 5 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिसमें 1 लाख 80 ...
पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना की सख्त चौकसी, उच्च स्तरीय युद्ध तैयारी से भेजा कड़ा संदेश
पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना ने युद्ध तैयारियों को तेज कर दिया है। लगातार सैन्य अभ्यास, ऑपरेशनल ड्रिल्स और साबर ब्रिगेड की उच्च स्तरीय तत्परता के जरिए सेना ने “Lethal, Precise, Unstoppable” क्षमता का प्रदर्शन किया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमाई निगरानी के प्रति मजबूत संदेश देता है।
हरियाणा के 40 वर्षीय मिक्सड मार्शल आर्ट (MMA) फाइटर संग्राम सिंह बड़ी फाइट लड़ने जा रहे हैं। यह फाइट 20 दिसंबर को इंग्लैंड में होगी। केज में सामने होगा तुर्की का 25 साल का फाइटर गुलाबी अकबुलूत। एमएमए चैंपियन अकबुलूत स्ट्राइकिंग क्षमता और आक्रामक अंदाज के लिए दुनिया भर में चर्चित हैं। अकबूलुत ने तीन मैच जीते हैं और एक हारा। हारने वाले मैच सिर और नाक फट गया था। संग्राम भारतीय और रशियन कोच की निगरानी में रोज 6 घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं। पेरिस, थाईलैंड और बाली में ट्रेनिंग शेड्यूल के बाद मुंबई लौटे हैं। खास बात ये है कि हरियाणवी फाइटर शुद्ध शाकाहार पर निर्भर हैं। दूध-घी-चूरमा उनकी डाइट का अहम हिस्सा है। संग्राम सिंह दो बार एमएमए खिताब जीत चुके हैं। इंग्लैंड के पहली बार केज में उतरेंगे। प्रिमियर कॉम्बैट फाइटिंग चैंपियनशिप (PCFC) में होने वाला यह मुकाबला उनके करियर की तीसरा प्रोफेशनल फाइट है। संग्राम मूलरूप से रोहतक के मदीना गांव से नाता रखते हैं। एमएमए में बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, रेसलिंग, जूडो, कराटे और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु सब शामिल रहता है। यानी एक ही फाइट में मारना, पकड़ना, गिराना और सबमिशन सब कुछ शामिल होता है। पहले पढ़िए, संग्राम सिंह के खेल के रोचक किस्से... तीन साल के थे तब डॉक्टर्स ने कहा- बचने के चांस कमसंग्राम बताते हैं-3 साल का था, जब मुझे रुमेटॉइड गठिया हो गया था। लंबे समय तक कोई इस बीमारी को समझ नहीं पाया। कोई कहता था कि पेट में कीड़े पड़ गए हैं, तो कोई अलग ही बीमारी बता देता। डॉक्टर्स के साथ वैद्य से भी इलाज करवाया गया। इलाज के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक मां गोद में लिए पैदल ही चलती थीं। किसी गाड़ी या टैक्सी के लिए पैसे नहीं होते थे। शरीर में दर्द बढ़ता गया। शरीर पतला हो गया। खुद से खाना भी नहीं खा पाता था। मां गोद में उठाकर नित्य कर्म के लिए ले जाती थीं। किसी तरह पैसे इकट्ठा करके घरवालों ने मुझे दिल्ली के हॉस्पिटल में दिखाया। वहां के डॉक्टर ने कहा कि यह बीमारी मौत के साथ जाती है। इसके बचने के बहुत कम चांसेज हैं। इतना सब कुछ सुनने के बाद भी मेरे घरवालों ने हार नहीं मानी। उन्हीं की मेहनत और परमात्मा के आशीर्वाद से मैं ठीक हो गया और खुद के पैरों पर खड़ा हुआ।’ अब जानिए, संग्राम सिंह की इस बड़ी फाइट को लेकर क्या तैयारी... स्कूल में बच्चे बीमारी का मजाक बनाते थेसंग्राम बताते हैं- एक वक्त ऐसा था कि लोग मेरी इस कमजोरी का मजाक बनाते थे। स्कूल में भी लोग हंसते थे। उस समय व्हीलचेयर जैसी चीजें आम नहीं थीं। लकड़ी का सहारा लेकर किसी तरह चलता था। चलते वक्त ऐसा महसूस होता था कि मानो पैरों में कांटे चुभ रहे हों। गांव में कुश्ती देख पहलवान बनने का फैसला कियाएक दिन मैंने गांव में कुश्ती देख ली। किसी ने मुझे बैसाखी के जरिए अखाड़े तक पहुंचाया। अखाड़े में पहलवानों के खाने के लिए दूध-दही और घी की व्यवस्था थी। साथ में पैसे और बहुत सारा सम्मान भी मिलता था। मैं मन ही मन बहुत प्रभावित हुआ। सोचने लगा कि काश, मैं भी कुश्ती खेल पाता। मेरे बड़े भाई साहब अखाड़े में जाते थे। वहां खड़े एक मेंटर से मैंने कहा कि मुझे भी कुश्ती सीखनी है। उन्होंने मेरा मजाक बना दिया, बेइज्जती की। कहा कि अगर तुम कभी कुश्ती खेल सकोगे तो देश का कोई भी बच्चा कुश्ती में भाग ले सकेगा। मां को यकीन था कि इतनी खतरनाक बीमारी के बावजूद वे रेसलिंग कर सकते हैं। संग्राम की बॉडी की तंदरुस्ती के लिए मां दिन में कई बार मसाज करती थीं। ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में पहला मेडल जीतासंग्राम बताते हैं- दिन बीतते गए। हर दिन के साथ मेरी बीमारी सही होती गई। मैंने दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद के लिए प्रयास किया, जिसमें सफल भी हुआ। इसके बाद ऑल इंडिया पुलिस गेम्स के अंडर होने वाले कुश्ती प्रतियोगिता में पहला मेडल जीता।
DNA in Hindi Islamic Terrorism: दुनियाभर में आतंकवाद की जितनी भी घटनाएं होती हैं, उनमें से 85 प्रतिशत इस्लामिक आतंकवाद से जुड़ी होती हैं. यह हम नहीं कह रहे बल्कि आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. अब इस आतंकवाद के खिलाफ माहौल बनने लगा है.
बीकानेर के अर्जुनसर निवासी अजय गोदारा की रूस यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई है। 22 सितम्बर को अपने घर वालों से अंतिम बार बात करने वाले अजय का शव अब करीब तीन महीने बाद बीकानेर लाया गया है। दस दिसम्बर को ही रूस से गोदारा के परिजनों को फोन आया था कि अजय का शव जल्दी ही भारत भेजा जा रहा है। ये शव बुधवार सुबह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, जिसके बाद शव को लेकर परिजन बीकानेर पहुंच गए हैं। अजय के साथ ही उत्तराखंड के भी एक युवक का शव भारत लाया गया है। अजय गोदारा बीकानेर के अरजनसर गांव से 28 नवम्बर 2024 को वीजा लेकर रूस गया था। वहां एक महिला से मुलाकात हुई तो उसने सेना का कुकिंग इंचार्ज बना देंगे। अजय को हर महीने दो लाख रुपए सैलेरी देने का आश्वासन दिया गया। अजय सहित कई लड़के रुसी सेना की कुकिंग डिपार्टमेंट में नौकरी के लिए हां भर दी। जब अजय सहित अन्य लड़कों को रूसी सेना में भेजा गया तो वहां उन्हें सैन्य यूनीफॉर्म पहनाकर उन्हें युद्ध के मैदान में उतार दिया गया। 22 सितम्बर 25 को अजय ने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि उन्हें युद्ध में धकेल दिया गया है। रूस और युक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में उन्हें बिना किसी ट्रेनिंग के हथियार देकर उतार दिया गया है। वीडियो जारी किया अजय ने 22 सितम्बर को ही जारी एक वीडियो में कहा कि आज हम युद्ध करने आगे जा रहे हैं। अगर कल से मेरा कॉल नहीं आए तो समझ लेना कि हमारी मौत हो गई। ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था। खूब चक्कर काटे मंत्रियों के अजय के परिजनों ने इसके बाद अपने स्तर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से बातचीत की। करीब पांच दिन तक अजय के परिजन दिल्ली में मेघवाल के घर पर रहे। स्वयं मेघवाल ने विदेश मंत्री से बात करके अजय की सुरक्षा के लिए प्रयास किया। हालांकि इसके बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला। अब करीब तीन महीने बाद उसका शव ही भारत आया है। आज सुबह पहुंचा शव दस दिसम्बर को सूचना मिलने के बाद से ही अजय का परिवार दिल्ली में डेरा डाले हुआ था। जहां गुरुवार सुबह अजय का शव भारत पहुंच गया। जिसे लेकर परिजन बीकानेर के अरजनसर गांव पहुंच गए हैं। गुरुवार को ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मौत कब हुई स्पष्ट नहीं अजय की मौत कब हुई? इस बारे में कोई जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। उसका शव पूरी तरह से खराब हो चुका है। शव इतना खराब हुआ कि परिजनों को दिखाया तक नहीं गया। शव का मुंह एक बार खोलकर वापस बंद कर दिया गया। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शव काफी पुराना हो चुका है।
गोपालगंज के तेज गेंदबाज साकिब हुसैन को हाल ही में हुई आईपीएल 2026 की नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद ने 30 लाख रुपए में खरीदा है। साकिब जिले के सदर प्रखंड के दरगाह मोहल्ला के निवासी हैं। यह नीलामी अबू धाबी में आयोजित की गई थी। साकिब के नीलामी में चुने जाने की खबर मिलते ही उनके घर और पूरे मोहल्ले में खुशी का माहौल बन गया। लोगों ने टीवी पर यह खबर देखते ही एक-दूसरे को बधाई दी। साकिब के पिता अली अहमद हुसैन सऊदी अरब में मजदूरी करते हैं और फिलहाल अपने घर आए हुए हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है। 30 लाख रुपए रखा गया था बेस प्राइस साकिब पहले भी आईपीएल का हिस्सा रह चुके हैं। इस बार सनराइजर्स हैदराबाद में शामिल होने पर उनके प्रदर्शन को लेकर लोगों में उत्सुकता है। पिछली बार उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपए था, जबकि इस बार यह 30 लाख रुपए रखा गया था। इंटर तक की पढ़ाई करने वाले साकिब अब तक 6 फर्स्ट क्लास और 12 टी20 मैच खेल चुके हैं। फर्स्ट क्लास में उनके नाम 16 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में रणजी ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ मैच में 10 विकेट लेकर बिहार को जीत दिलाई थी। टी20 में साकिब ने कुल 10 विकेट झटके हैं। उन्होंने हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 5 मैचों में 5 विकेट लिए थे। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति था लगाव साकिब ने अपनी सफलता का श्रेय स्व टूना गिरी,अपने माता-पिता, कोच और सभी शुभचिंतकों को दिया है। इस अवसर पर स्थानीय खेल प्रेमियों और क्रिकेट एसोसिएशन ने भी साकिब को बधाई दी है। चार भाईयो में तीसरे स्थान का साकिब बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव रखता था। शहर के मिंज स्टेडियम में आर्मी की तैयारी के लिए दौड़ने जाता था, जहां क्रिकेट के खिलाड़ियों को देखकर उसके मन में भी यह तमन्ना जगी थी कि वह भी एक बेहतर क्रिकेटर बनकर परिवार और जिले का नाम रोशन करेगा। इंटर तक पढ़ाई करने के बाद साकिब ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और धीरे धीरे आगे बढ़ता गया। देवधारी गिरी टूर्नामेंट से हुई क्रिकेट की शुरुआत साकिब की क्रिकेट में शुरुआत उस वक्त से हुई जब वह मिंज स्टेडियम में हुए देवधारी गिरी टूर्नामेंट में खेलने के दौरान साकिब को बॉलिंग के लिए चयन किया गया था। बॉलिंग देखकर मौके पर मौजूद टूर्नामेंट के आयोजक स्व टूना गिरी, जावेद सिद्दीकी कुमार, साकेत और कोच रॉबिन जी को बॉलिंग अच्छा लगा और उन लोगो ने उनकी बॉलिंग देखकर सराहना की। टूना गिरी क्रिकेट एकेडमी से खेलने के बाद 2021 में पटना में होने वाले बिहार क्रिकेट लीग में शामिल हुआ। इसके बाद अंडर 19 खेलने चंडीगढ़ गया, जिसमें हाईएस्ट विकेट टेस्ट था। इसके बाद नेशनल क्रिकेट एकेडमी बैंगलोर में शामिल हुआ। साकिब को मुस्ताक अली ट्राफी खेलने का मौका भी मिल चुका है, जिसमें लाइव प्रसारण हुआ था। लाइव प्रसारण के दौरान ही आईपीएल टीम ने बेहतर प्रदर्शन को देखकर ट्रायल के लिए नेट बॉलिंग लिए बुलाया गया था।
नशे के विरुद्ध युद्ध जारी और मौतें भी...12 माह में 24 जानें गईं
लुधियाना| बेसुध युवा, हाथ में सिरिंज और सुई नस के अंदर धंसी हुई। पास में नशे की पुड़िया और बगल में स्कूटी। डाबा रोड के किनारे सुंदर नगर के खाली प्लॉट का यह दृश्य हैरान कर रहा था। राहगीरों ने अचेत देखा तो उठाने का प्रयास किया, पर शरीर में कोई हलचल नहीं थी। वे डर गए तो पुलिस बुलाई। पुलिस ने शव को मॉर्चरी भिजवा दिया। थाना डाबा की इंचार्ज इंस्पेक्टर कुलवंत कौर ने बताया कि जगविंदर सिंह (30) की मौत ओवरडोज से हुई लगती है। वह जॉब न लगने की वजह से डिप्रेशन में था। बहन और परिजनों ने पोस्टमार्टम से मना कर दिया है।
मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र की शताब्दीनगर सेक्टर-5 कॉलोनी मंगलवार रात तनावग्रस्त हो गई। यहां सैकड़ों हिन्दू समाज के लोग पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कॉलोनी के पार्क में टेंट लगाकर विरोध शुरू किया और अपने मकानों पर 'मकान बिकाऊ' व 'पलायन' के पोस्टर लगाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। यह मामला एक विशेष समुदाय की युवती से संबंधित है। आरोप है कि कॉलोनी का एक हिन्दू युवक युवती को अपने साथ ले आया था। इसकी सूचना मिलने पर युवती के पिता मौके पर पहुंचे और हंगामा करने लगे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। मारपीट में युवती के पिता के सिर में चोट आई। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने युवती को उसके पिता के साथ भेज दिया और हिन्दू युवक को हिरासत में ले लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से कॉलोनीवासी नाराज हो गए। उन्होंने पुलिस पर निष्पक्ष जांच किए बिना एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। कॉलोनी निवासी राजेंद्र पाल ने बताया कि देर रात विशेष समुदाय का व्यक्ति अपने परिवार के साथ एक महिला के घर पहुंचा। उसने आरोप लगाया कि महिला के बेटे ने उसकी बेटी को बंधक बनाकर रखा और छेड़छाड़ की। जब कॉलोनी के लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराने का प्रयास किया, तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां दी गईं। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और महिला के बेटे को हिरासत में ले लिया गया। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि संबंधित व्यक्ति पहले भी इस तरह के आरोप लगाकर कॉलोनी में तनाव पैदा कर चुका है। पिंटू कुमार ने बताया कि डर और असुरक्षा के माहौल के कारण कई परिवार पहले ही अपने मकान बेचकर कॉलोनी छोड़ चुके हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ ब्रह्मपुरी सौम्या अस्थाना मौके पर पहुंचीं। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया और निष्पक्ष जांच तथा उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
दरभंगा के जाले प्रखंड के रतनपुर में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा विजय दिवस समारोह मनाया गया। मंगलवार शाम आयोजित इस कार्यक्रम में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। परिषद के नायब सूबेदार रामदयाल ठाकुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि संचालन मीडिया प्रभारी नायक दिनेश ठाकुर ने किया। मुख्य अतिथियों में सूबेदार मेजर शंभुशरण चौबे और हवलदार प्रेम कुमार झा शामिल थे। समारोह की शुरुआत 1942 की अगस्त क्रांति के शहीद प्रदीप शर्मा और शहीद मो. बीलट दर्जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण के साथ हुई। सैनिकों के बलिदान पर प्रत्येक भारतीय को गर्व अध्यक्ष रामदयाल ठाकुर ने अपने संबोधन में बताया कि 16 दिसंबर को भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय की याद में विजय दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि 1971 में 3 से 16 दिसंबर तक चले युद्ध में कई भारतीय सैनिकों ने अपना बलिदान दिया था, जिन पर हमें गर्व है। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण श्री ठाकुर ने आगे बताया कि इस युद्ध में 16 दिसंबर को भारतीय सैनिकों के पराक्रम के सामने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर बांग्लादेश का निर्माण किया, जो विश्व की एक महत्वपूर्ण घटना थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सवाल उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों द्वारा आत्मसमर्पण करवाए गए पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को वापस कर दिया गया, लेकिन पाकिस्तान की कैद में रहे हमारे 54 सैनिकों को उनके हाल पर क्यों छोड़ दिया गया, साथ ही, पूर्वी पाकिस्तान से भारत में शरणार्थी बनकर आए लाखों लोगों को वापस क्यों नहीं भेजा गया, यह भी एक बड़ा प्रश्न है। विश्व ने भारत के सैनिकों के पराक्रम का लोहा माना भूतपूर्व सैनिक सुरेश ठाकुर ने कहा कि पूरे विश्व ने भारत के सैनिकों के पराक्रम का लोहा माना था। इस अवसर पर रतनपुर के वीर सैनिक शिवाजी ठाकुर को भी याद किया गया, जिन्होंने इस युद्ध में अपना एक पैर गंवा दिया था। ये लोग उपस्थित रहे समारोह को भूतपूर्व सैनिक बैद्यनाथ ठाकुर, कृष्ण बिहारी ठाकुर, योगेंद्र पासवान, उपेंद्र ठाकुर, आश नारायण ठाकुर, दिनेश ठाकुर, मनोज ठाकुर और राकेश ठाकुर सहित कई अन्य ने भी संबोधित किया।
1971 युद्ध के शहीदों को किया याद, श्रद्धांजलि अर्पित की:डीडवाना में 54वां विजय दिवस समारोह आयोजित
डीडवाना में 54वां विजय दिवस समारोह मंगलवार को युद्ध स्मारक पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय का स्मरण किया गया और देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर डॉ. महेन्द्र खड़गावत मुख्य मेहमान के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस युद्ध में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। कलेक्टर डॉ. महेन्द्र खड़गावत ने शहीदों के परिजनों को किया नमन, देखें फोटोज... डॉ. खड़गावत ने डीडवाना-कुचामन जिले के सैनिकों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने बताया कि जिले के 27 वीर सपूतों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जबकि 14 सैनिक घायल हुए थे। इस युद्ध में जिले के सैनिकों को 1 कीर्ति चक्र, 4 वीर चक्र, 4 सेना मेडल और 1 मेन्शन इन डिस्पैच सहित विभिन्न शौर्य सम्मानों से नवाजा गया। समारोह में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनावालिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा, ईसीएचएस प्रभारी कर्नल राजेन्द्र सिंह जोधा, पूर्व अधिकारी कर्नल मदन सिंह जोधा, लेफ्टिनेंट कर्नल मनोहर सिंह सहित कई शौर्य पदक धारक, युद्ध वीरांगनाएं, पूर्व सैनिक, गणमान्य नागरिक एवं एनसीसी कैडेट्स उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान गैलेन्ट्री पदक धारकों, युद्ध वीरांगनाओं एवं युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों का शॉल एवं साफा पहनाकर सम्मान किया गया।
लखनऊ के राजेंद्र नगर स्थित नवयुग कन्या महाविद्यालय में 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग ने विजय दिवस मनाया। यह कार्यक्रम 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत की 54वीं वर्षगांठ पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर भारतीय सैनिकों को याद किया गया। प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय के मार्गदर्शन और एनसीसी अधिकारी मेजर मनमीत कौर सोढ़ी के संयोजन में कैडेट्स को विजय दिवस के महत्व से अवगत कराया गया।कैडेट्स को बताया गया कि यह दिन भारत की सैन्य शक्ति, अदम्य साहस और रणनीतिक क्षमता का प्रतीक है। 1971 में भारत ने पाकिस्तान को न केवल जवाब दिया, बल्कि ऐसा प्रहार किया जिससे दुनिया का भू-राजनीतिक नक्शा बदल गया। इस कार्यक्रम में सीनियर अंडर ऑफिसर अंजलि बाजपेई, अंडर ऑफिसर बुशरा हामिद, दीप्ति, सार्जेंट प्रिया सिंह कुशवाहा, प्रीति कुमारी और आस्था त्रिपाठी सहित कई कैडेट्स उपस्थित रहे।
1971 युद्ध में भारत की निर्णायक विजय:बुलंदशहर में शहीदों को श्रद्धांजलि, पूर्व सैनिक सम्मानित
आज ही के दिन 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर निर्णायक विजय हासिल की थी। यह दिन भारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और संकल्प का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक क्षण को 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भारतीय सेना के बलिदान, साहस और शौर्य को नमन किया जाता है। इसी कड़ी में, बुलंदशहर जनपद में 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद हुए 39 वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। जिलाधिकारी श्रुति ने काला आम स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया। इस अवसर पर, युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले 30 पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया गया। उन्हें माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर उनके शौर्य और सेवा के प्रति आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (नौ सेना) अनिल कुमार शर्मा सहित कई पूर्व सैनिक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
आरएसएस ने महराजगंज में मनाया विजय दिवस:1971 युद्ध में भारत की जीत को बताया स्वाभिमान दिवस
महराजगंज नगर की दुर्गा प्रभात शाखा पर मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विजय दिवस मनाया। इस अवसर पर जिला संघ चालक रमाशंकर गुप्त और जिला प्रचारक विनय के नेतृत्व में दंड प्रहार कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बीस स्वयंसेवकों ने भाग लिया और एक हजार से अधिक दंड प्रहार किए। यह आयोजन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत की याद में किया गया। जिला संघ चालक रमाशंकर गुप्त ने बताया कि 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत में तिरानबे हजार पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस दिन को भारत स्वाभिमान दिवस और विजय दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। संघ के स्वयंसेवकों को इस दिवस पर अपनी-अपनी शाखाओं पर एक हजार दंड प्रहार करने का अभ्यास कराया जाता है। जिला प्रचारक विनय ने बताया कि 1971 की विजय को आरएसएस प्रहार दिवस के रूप में मनाता है, जिसमें देश भर की सभी शाखाओं पर स्वयंसेवक दंड का प्रहार करते हैं। 50 से अधिक प्रहार करने वाले स्वयंसेवकों को संघ द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है। दुर्गा प्रभात शाखा के मुख्य शिक्षक विनोद गुप्ता ने कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बताया। उनके अनुसार, इसका लक्ष्य युवाओं को संगठित, दृढ़ निश्चयी, शक्ति संपन्न और पुरुषार्थी बनाना है। संघ के बाल, तरुण, शिशु और प्रौढ़ स्वयंसेवक इस कार्यक्रम में भाग लेकर शहीद वीरों की शहादत को नमन करते हैं। इस अवसर पर जिला संघचालक रमाशंकर गुप्त, जिला प्रचारक विनय, मुख्य शिक्षक विनोद कुमार, गड शिक्षक अनिल जायसवाल, शाखा कार्यवाह राजेश मद्धेशिया, शाखा व्यवस्था प्रमुख मेवालाल जी, राजकुमार, शारीरिक प्रमुख श्याम कुमार, अंबिका पटेल, सुरेंद्र अग्रहरी, छोटेलाल गुप्ता, सुभाष वर्मा, सुभाष गुप्ता, वृंदावन अग्रहरी, विवेक कुमार गुप्ता, कृष्ण कुमार जायसवाल सहित दो दर्जन से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
भारतीय सेना आज विजय दिवस मना रही है। इस अवसर पर 1971 के भारत–पाक युद्ध से जुड़ी एक ऐसी वीरगाथा सामने आई है, जो इतिहास के पन्नों में कम दर्ज हुई, लेकिन इसका साहस और बलिदान अतुलनीय रहा। युद्धकालीन अधिकारी कैप्टन विजय सिंह बामणू ने फिरोजपुर सेक्टर के हुसैनीवाला हेड पर लड़े गए भीषण संघर्ष की आंखों देखी कहानी साझा की है। हुसैनीवाला हेड आज शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की स्मारक स्थली तथा बीएसएफ की रिट्रीट सेरेमनी के लिए जाना जाता है। लेकिन नवंबर और दिसंबर 1971 में यही इलाका भारत–पाक युद्ध का एक निर्णायक रणक्षेत्र था। यहां 1965 और 1971 के युद्धों में शहीद हुए वीर सैनिकों के नाम आज भी अंकित हैं। 3 दिसंबर 1971: पश्चिमी सीमा पर एक साथ हमला 3 दिसंबर 1971 की शाम पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर हवाई और जमीनी हमले एक साथ शुरू किए। कारगिल से लेकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान तक युद्ध के कई मोर्चे खुल गए। इसका उद्देश्य भारत की सैन्य तैयारियों को एक साथ कई दिशाओं से चुनौती देना था। हुसैनीवाला रेल-रोड ब्रिज पर पाकिस्तान की बड़ी साजिश फिरोजपुर से करीब 11 किलोमीटर आगे सतलुज नदी पर बने हुसैनीवाला रेल-रोड ब्रिज के जरिए पाकिस्तान ने फिरोजपुर पर कब्जा करने की योजना बनाई। इस हमले में करीब 45 बख्तरबंद टैंक शामिल थे, जो पुल पार कर भारतीय सीमा में घुसने लगे। जैसे ही पाकिस्तानी टैंक पुल पर पहुंचे, भारतीय सेना के इंजीनियरों ने पहले से लगाए गए विस्फोटकों से पुल का अपनी ओर का हिस्सा उड़ा दिया। धमाके के साथ एक पाकिस्तानी टैंक सतलुज नदी में जा गिरा, जबकि बाकी टैंक वहीं फंस गए। इस साहसिक कार्रवाई ने दुश्मन की फिरोजपुर पर कब्जे की योजना को पूरी तरह नाकाम कर दिया। भारतीय तैनाती और भीषण गोलाबारी उस समय क्षेत्र में भारतीय पैदल सेना की 15 पंजाब रेजिमेंट और तोपखाने की 5 फील्ड रेजिमेंट की 48 तोपें तैनात थीं। दोनों ओर से जबरदस्त गोलाबारी हुई, लेकिन पुल टूट जाने के कारण पाकिस्तानी सेना आगे बढ़ने में असफल रही। 8 दिसंबर: सतलुज में पानी छोड़ने का निर्णायक आदेश 8 दिसंबर 1971 को भारतीय उच्च कमान से आदेश मिला कि हुसैनीवाला बैराज के गेट खोलकर सतलुज नदी में पानी छोड़ा जाए, ताकि दुश्मन किसी भी हालत में नदी पार न कर सके। यह एक बेहद जोखिम भरा लेकिन रणनीतिक रूप से जरूरी फैसला था। अंधेरा होते ही इंजीनियर कोर के एक मेजर और एक सूबेदार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। 5 फील्ड रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल एल.टी. फर्नांडीज को इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी का दायित्व दिया गया। उनके साथ आईओ कैप्टन सी.एस. ढिल्लों और रेडियो ऑपरेटर लख सिंह भाटी भी मौजूद थे। भारी फायरिंग में शहादत और घायल ‘टाइगर’ जैसे ही बैराज के गेट खुलने की आवाज आई, दुश्मन ने लाइट फायर की और पुल पर जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में इंजीनियर कोर के अधिकारी और जेसीओ शहीद हो गए, जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल फर्नांडीज गंभीर रूप से घायल हो गए। ‘टाइगर’ को कंधों पर उठाकर बचाई जान रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी में कमांडिंग ऑफिसर का कोडवर्ड “टाइगर” होता है। खून से लथपथ घायल ‘टाइगर’ को कैप्टन सी.एस. ढिल्लों और रेडियो ऑपरेटर लख सिंह भाटी ने अपनी जान की परवाह किए बिना कंधों पर उठाया। गोलियों की बारिश के बीच वे उन्हें पुल के पीछे सुरक्षित स्थान तक ले गए। उसी रात लेफ्टिनेंट कर्नल फर्नांडीज को फिरोजपुर एडीएस पहुंचाया गया, जहां ब्लैकआउट के चलते सीमित इलाज संभव था। अगले दिन उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा गया। दिल्ली और बाद में पुणे में तीन बड़े ऑपरेशनों के बाद उनकी जान बच सकी। 9–10 दिसंबर: ममदोट सेक्टर में जवाबी कार्रवाई 9 और 10 दिसंबर 1971 को 5 फील्ड रेजिमेंट को ममदोट (फाजिल्का) सेक्टर भेजा गया। यहां अमरूदवाली, जलोकेधुआं और राजामोतम समेत पाकिस्तान की पांच चौकियों पर कब्जा किया गया। इस अभियान में 15 डोगरा, 13 पंजाब और 3 गार्ड बटालियन की पैदल सेना अग्रिम मोर्चे पर डटी रही। 16 दिसंबर 1971: जीत के साथ एक अधूरी कहानी 16 दिसंबर 1971 को युद्धविराम हुआ और भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इसके बावजूद एक टीस यह रही कि लेफ्टिनेंट कर्नल एल.टी. फर्नांडीज, कैप्टन सी.एस. ढिल्लों और रेडियो ऑपरेटर लख सिंह भाटी जैसे जांबाजों के लिए कोई गैलेंट्री अवॉर्ड साइटेशन नहीं भेजा गया। हालांकि उनका अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा रेजिमेंटल इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगी।
हरदा में रानी लक्ष्मीबाई मिडिल स्कूल मैदान पर 4 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले स्वदेशी मेला का भूमि पूजन सोमवार को हुआ। स्वर्णिम भारत फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित इस मेले का भूमि पूजन मध्य प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री और स्वदेशी मेला आयोजन के संरक्षक कमल पटेल ने किया। इस अवसर पर कमल पटेल ने स्वदेशी अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जहां पूरा विश्व हथियारों की लड़ाई से तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहा है, वहीं व्यापारिक कूटनीति से भी युद्ध जारी हैं। ऐसे में स्वदेशी क्रय-विक्रय और रोजगार की भावना 'ब्रह्मोस मिसाइल' का कार्य करती है, जो आर्थिक युद्ध में विजय दिलाती है। उन्होंने स्वदेशी मेले को इस भावना को जन-जन तक पहुंचाने का श्रेष्ठ माध्यम बताया। स्वदेशी मेला सह-संयोजक डॉ. एल.एन. पाराशर ने बताया कि इस वर्ष मेले को बहुत विस्तृत स्वरूप में आयोजित करने की रूपरेखा बनाई गई है। इसमें बच्चों के लिए आकर्षक झूले, वरिष्ठ और नेत्र रोगियों के लिए व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य मेला तथा स्थानीय एवं प्रांतीय स्तर की सांस्कृतिक झलकियां देखने को मिलेंगी। स्वदेशी मेला आयोजन के लिए निर्मित ब्रोशर का विमोचन केंद्रीय मंत्री एवं सांसद दुर्गादास उइके की उपस्थिति में हुआ। उइके ने कहा कि यह मेला 'स्व' के भाव को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इससे स्वदेशी भावना को मजबूती मिलेगी। आयोजकों ने बताया कि स्वदेशी मेला पूर्ण अनुशासन और गरिमा के साथ आयोजित किया जाएगा। भूमि पूजन कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गेहलोत, नगर पालिका उपाध्यक्ष अंशुल गोयल, मार्गदर्शक नरेंद्र राठी, नरेंद्र भांबू, बनवारीलाल यादव, ओपी राठौर, श्याम छपरवाल, बसंत राजपूत, योगमाया शर्मा, त्रिलोक शर्मा, राजेश कपूर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और समाज सेवी उपस्थित रहे।
वीरभूमि झुंझुनूं में 12 राजपुताना राइफल्स (इच्छामति बटालियन) का 'इच्छामति दिवस' सोमवार को पूर्ण सैन्य अनुशासन, गरिमा और राष्ट्रभक्ति के वातावरण में मनाया गया। यह दिवस 15 दिसंबर 1971 के भारत-पाक युद्ध में बटालियन द्वारा इच्छामति नदी क्षेत्र में मिली ऐतिहासिक विजय और शहीदों के बलिदान को याद करने ल का दिन है। शहीद स्मारक पार्क में आयोजित भव्य श्रद्धांजलि समारोह में बांग्लादेश मोर्चे पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल पी.एस. राठौड़ रहे, जबकि अध्यक्षता सूबेदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन रणजीत सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में कर्नल आज़ाद सिंह बेनीवाल तथा कर्नल राजेश सिंह (सेना मेडल, शौर्य चक्र) उपस्थित रहे। अतिथियों ने झुंझुनूं को वीरों की धरती बताते हुए कहा कि यह भूमि देश को सर्वाधिक शहीद देने का गौरव रखती है। बटालियन के वर्तमान कमांडिंग ऑफिसर कर्नल दिवेश ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि 12 राजपुताना राइफल्स की पहचान उसके शौर्य, अनुशासन और बलिदान से है। उन्होंने जवानों से बटालियन की गौरवशाली परंपराओं को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। पूर्व कमांडिंग ऑफिसर ने भी बटालियन की वीर गाथाएं साझा करते हुए कहा कि यह इकाई सदैव राष्ट्र रक्षा में अग्रिम पंक्ति में रही है। समारोह के संयोजक हवलदार केशर सिंह थे। आयोजन में उपाध्यक्ष सूबेदार शीशराम तथा सचिव सूबेदार मेजर ऑनरेरी कैप्टन सुभाष चंद्र ने अतिथियों का स्वागत किया। शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित पुष्पांजलि और मौन: समारोह का शुभारंभ शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दो मिनट का मौन रखकर किया गया, जिसके बाद वातावरण भारत माता की जय और वीर शहीद अमर रहें के उद्घोष से देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया। इसलिए मनाया जाता है 'इच्छामति दिवस' इच्छामति दिवस 12वीं बटालियन दी राजपूताना राइफल्स के लिए शौर्य और बलिदान का प्रतीक है, जिसे 'इच्छामति बटालियन' भी कहा जाता है। यह दिवस हर साल 15 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका दिन का महत्व विजय की स्मृति और 'बैटल ऑनर' * ऐतिहासिक जीत: यह दिवस 15 दिसंबर, 1971 को हुए बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (भारत-पाकिस्तान युद्ध) के दौरान इस बटालियन द्वारा इच्छामति नदी के क्षेत्र में प्राप्त की गई ऐतिहासिक विजय की स्मृति में मनाया जाता है। * वीरतापूर्ण मान्यता: इस निर्णायक जीत के उपलक्ष्य में, बटालियन को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा 'इच्छामती बैटल ऑनर' से सम्मानित किया गया था। यह एक वीरतापूर्ण सैन्य मान्यता है, जो 12वीं बटालियन दी राजपूताना राइफल्स के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। युद्ध में क्या हुआ था * यह दिवस उस ऐतिहासिक युद्ध की जीत का प्रमाण है, जहाँ बटालियन ने शेदपुर, रंगपुर और विनाजपुर जैसे तीन प्रमुख पाकिस्तानी ट्रेनिंग सेंटरों से हथियार और गोला-बारूद सहित महत्वपूर्ण सामग्री कब्जे में ली थी। * इस कार्रवाई ने दुश्मन सेना की कमर तोड़ने में और युद्ध में भारत की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शहीदों और वीरांगनाओं का सम्मान इस अवसर पर शहीदों की पत्नियों (वीरांगनाओं) का सम्मान किया गया। प्रोग्राम 12 वीरांगनाओं का सम्मान किया गया। * कमलेश पत्नी स्व० ह० बलबीर सिंह * सुनीता पत्नी स्व० ह० मानसिंह * रजनी देवी पत्नी स्व० ह० आनंद सिंह (SM) * कमला देवी पत्नी हनुमान सिंह * सम्पती देवी पत्नी हुकमार कर्ण सिंह * अनिता देवी पत्नी पवन कुमार * कंचन देवी पत्नी राजेश कुमार * मंजू देवी पत्नी कैलाश चन्द्र * सुनीता देवी पत्नी सुबे० सतीश राव * आरती देवी पत्नी धर्मेन्बर कुमार * मनोज देवी पत्नी सुबे० रामचन्द्र * गुलाब देवी पत्नी छगन सिंह (VRC)
हरदोई के शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र में भूमाफियाओं पर भाजपा बूथ अध्यक्ष की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगा है। पीड़ित परिवार ने विरोध करने पर प्रताड़ित किए जाने और स्थानीय पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। यह मामला बुधबाजार इलाके का है। भाजपा बूथ अध्यक्ष रामकरन कुशवाहा ने बताया कि बुधबाजार में उनकी और उनके परिवार की करीब पचास वर्षों से कब्जे वाली भूमि पर सरकन्ने और शैलेंद्र मिश्रा उर्फ बाबा जबरन कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। कुशवाहा के अनुसार, यह भूमि विवाद न्यायालय में विचाराधीन है, बावजूद इसके कब्जा करने का दबाव बनाया जा रहा है। रामकरन कुशवाहा ने आरोप लगाया कि भूमाफियाओं ने पहले उनके परिवार द्वारा उपयोग किए जा रहे सरकारी शौचालय को तोड़ दिया। जब परिवार ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने पुलिस को बुला लिया। शाहाबाद पुलिस पर आरोप है कि उसने भूमाफियाओं के कहने पर कार्रवाई करते हुए भाजपा बूथ अध्यक्ष के परिवार के सदस्यों को उनके घर से उठाकर कोतवाली ले गई। पीड़ित परिवार के प्रमोद कुशवाहा, रामनिवास, पूजा, अरुणाती और रीना सहित अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि थाने में पुरुषों और महिलाओं दोनों के साथ मारपीट की गई और उनकी बात नहीं सुनी गई। इस घटना के बाद भाजपा बूथ अध्यक्ष रामकरन कुशवाहा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन को वीडियो जारी कर न्याय की मांग की है। पीड़ित परिवार ने भूमाफियाओं और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ की '120 बहादुर' को लेकर चर्चा अब अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। फिल्म ट्रेलर ने पूरी तरह से रोमांच और प्रेरणा का सही मिश्रण पेश किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बलिदान दिवस पर मेजर शैतान सिंह ...
असहिष्णुता है, 'टैरिफ युद्ध' की वजह
भारत पर अधिकतम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अलावा अमेरिका ने दुनिया के लगभग 67 देशों पर 'व्यापार टैरिफ' लगाया है
War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा
रितिक रोशन और एनटीआर स्टारर War 2 ‘स्पाई यूनिवर्स’ की बड़ी पेशकश मानी जा रही थी, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और औसत निर्देशन ने इसे निराशाजनक बना दिया। शानदार एक्शन सीक्वेंस और एनटीआर के दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद फिल्म का सेकंड हाफ बिखर गया। कहानी में ...
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। उर्वशी ने बेहद ही कम समय में एक अलग मुकाम हासिल किया है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ 'मिलने और अभिवादन' के क्षणों में संलग्न रहती है। ऐसा ही एक क्षण था जब ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
फरहान अख्तर लेकर आ रहे भारत-चीन युद्ध पर आधारित फिल्म 120 बहादुर, निभाएंगे मेजर शैतान सिंह का रोल
Movie 120 Bahadur : रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट, ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के साथ मिलकर '120 बहादुर' को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। यह फिल्म मेजर शैतान सिंह (पीवीसी) और चार्ली कंपनी, 13 कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों की कहानी कहती ...
Adil Hussain: दुनियाभर में इन दिनों पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है। पेरिस ओलंपिक में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने भाग लिया है। भारत के कई खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। हाल ही में तुर्की के शूटर यूसुफ डिकेक ने सिल्वर मेडल जीता।
बॉर्डर की 27वीं सालगिरह पर, अभिनेता सनी देओल ने एक घोषणा वीडियो के ज़रिए फ़्रैंचाइज़ी के दूसरे संस्करण की पुष्टि की है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर सनी ने बॉर्डर 2 में अपनी वापसी की आधिकारिक घोषणा करते हुए एक वीडियो शेयर किया और इसे 'भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म' बताया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ''एक फौजी अपने 27 साल पुराने वादे को पूरा करने के बाद, आ रहा है फिर से। भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म, बॉर्डर 2।'' इस फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता करेंगे। आगामी युद्ध फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करेंगे। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | पति से तकरार के बीच केन्या लौट गई हैं Dalljiet Kaur? शादी को बचाने की कर रही कोशिश सनी द्वारा घोषणा वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कमेंट सेक्शन में बाढ़ ला दी। एक यूज़र ने लिखा, ''वाह, यह बहुत बढ़िया घोषणा है सर जी, जय हिंद।'' दूसरे ने लिखा, ''बहुत उत्साहित हूँ।'' तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, ''बॉर्डर 2 के लिए बहुत उत्साहित हूं।'' इसे भी पढ़ें: NDA पर इमोशनल बयान, काले सूट में ली मंत्री पद की शपथ और शर्मिला अंदाज, Tripti Dimri की तरह रातों रात भारत के Sensation बन गये Chirag Paswan सनी देओल की अन्य परियोजनाएं उन्हें आखिरी बार अमीषा पटेल के साथ गदर 2 में देखा गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। गदर 2 की सफलता के बाद, सनी ने लाहौर 1947 सहित कई फिल्में साइन कीं, जिसे आमिर खान के प्रोडक्शन बैनर के तहत बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया है, जिन्होंने आमिर को कल्ट क्लासिक अंदाज़ अपना अपना (1994) में निर्देशित किया था। View this post on Instagram A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
आखिर क्यों Indira Gandhi ने Aandhi मूवी पर लगा दिया था प्रतिबन्ध, आज भी देखने से कतराते हैं लोग
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'सावरकर' रिव्यू: खोखली, एकतरफा फिल्म में एकमात्र अच्छी चीज है रणदीप हुड्डा का काम
आज के दौर में 'गुमनाम' हो चुके एक स्वतंत्रता नायक की कहानी कहने निकली ये फिल्म, एक अनजान कहानी बताने से ज्यादा अपने हीरो विनायक दामोदर सावरकर को बाकियों के मुकाबले अधिक 'वीर' बताने पर फोकस करने लगती है.
अस्तित्व और बदले के लिएब्रह्मांड में शुरू होने वाला है महायुद्ध, एक्शन और रोमांच से भरपूर हैRebel Moon 2 का धांसू ट्रेलर

