अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने 2025 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद, PM नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का जिक्र है। RSS पर धार्मिक नीतियों से लेकर स्कूली किताबों को बदलने तक कई आरोप लगाए हैं। इस रिपोर्ट पर अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जाहिर की है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने USCIRF की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने कहा- यह रिपोर्ट भारत की समावेशी सांस्कृतिक विरासत उसकी संप्रभुता और सभी भारतीयों के लिए सुनिश्चित संवैधानिक गारंटी का घोर अपमान है। वहीं, राम मंदिर कानूनी केस में शामिल रहे एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। पहले जानिए रिपोर्ट में क्या लिखा है 1- 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दियाUSCIRF के अनुसार- 2024 में पीएम मोदी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर राम मंदिर का उद्घाटन किया। 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दिया था। दावा किया था कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है। इस घटना के बाद दंगे हुए। जिसमें 2 हजार लोग मारे गए थे। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित जमीन एक ट्रस्ट को सौंपी जाएगी, जो वहां एक हिंदू मंदिर का निर्माण करवाएगा। USCIRF ने इसे 'धार्मिक स्वतंत्रता' के संदर्भ में पेश किया है, जबकि भारत इसे न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रिया के बाद पूरी तरह निपटा हुआ मामला मानता है। 2- RSS किताबों से मुस्लिम शासकों का इतिहास हटा रहाRSS का उद्देश्य- धार्मिक परिवर्तन को रोकना, गोहत्या पर रोक और स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से मुस्लिम शासकों से जुड़ी बातें हटवाने के एजेंडों को आगे बढ़ाना है। 3- 12 राज्यों में एंटी कन्वर्जन लॉ USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में ‘एंटी कन्वर्जन लॉ’ का भी जिक्र किया है। लिखा- साल भर में, 28 में से 12 राज्यों ने नए धर्मांतरण-विरोधी कानून लागू करने या मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाने की कोशिश की। इसमें छत्तीसगढ़ के ईसाई पादरी द्वारा जबरन हिंदुओं का धर्म परिवर्तन, असम सरकार ने असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ ई-विल) प्रेक्टिसेज बिल, राजस्थान में लव जिहाद के लिए नया कानून और गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट समेत अन्य मामलों का जिक्र किया गया। 4- चुनाव से पहले नफरती भाषण USCIRF ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि जून चुनावों (लोकसभा चुनाव 2024) से पहले मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण और भेदभावपूर्ण बयानबाजी की गई। पीएम मोदी ने मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ कहा और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया तो वह शरीयत लागू करेगा। हैरान करने वाली बात ये है कि विपक्ष के चुनावी घोषणापत्र तक में ऐसी कोई बात शामिल नहीं थी। USCIRF की रिपोर्ट पर संत समाज नाराज अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद से ही सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाकर भारत में अस्थिरता फैलाने के प्रयास शुरू हो गए। इसी कड़ी में दुर्भावनापूर्ण तरीके से रिपोर्ट यह जारी की गई है। अमेरिका की संस्था USCIRF ने भारत को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है। वह साफ दिखाती है कि कुछ विदेशी संस्थान अब खुलकर भारत के खिलाफ खड़े होने लगे हैं। कभी उनके वित्त विभाग के सलाहकार भारत में ब्राह्मणों के वर्चस्व की थ्योरी फैलाते हैं, तो कभी उनकी एजेंसियां अल्पसंख्यकों पर तथाकथित अत्याचारों की मनगढ़ंत कहानियों की फाइलें जारी कर देती हैं। यह सब किसी एक ही खेल का हिस्सा लगता है। ऐसा खेल जिसकी पटकथा भारत को कमज़ोर दिखाने की नीयत से लिखी गई है। अन्य देशों पर क्यों नहीं जारी हुआ रिपोर्ट स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- जहां तक यह सवाल है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है। अमेरिका और उसकी एजेंसियों को पहले अपने ही इतिहास पर नजर डाल लेनी चाहिए। कभी उन्होंने यह नहीं बताया कि बांग्लादेश में सोलह प्रतिशत हिंदू कैसे घटकर साढ़े सात प्रतिशत रह गए। कभी यह नहीं पूछा कि पाकिस्तान में आठ प्रतिशत हिंदू एक प्रतिशत से भी कम कैसे बचे। अफगानिस्तान एक हिंदू बचा, इसका जिक्र नहींस्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- अफगानिस्तान में जो हिंदू थे, आज एक अकेला व्यक्ति बचा है। इस पर कोई रिपोर्ट नहीं, कोई बयान नहीं। फिजी में कर्नल राबुका के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर जो अत्याचार हुए, उसका कहीं नामोनिशान नहीं। और फिर विश्व में जहां जहां इस्लाम या ईसाई धर्म फैला, वह किन लोगों की कीमत पर फैला, उस खूनखराबे पर कभी कोई रिपोर्ट नहीं। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद बना मंदिरस्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा - USICRF को शायद यह भी मालूम नहीं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर किसी सरकार की दया से नहीं बना। पांच सौ वर्षों के संघर्ष और सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत फैसले के आधार पर बना है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के मुद्दई हाशिम अंसारी के बेटे तक ने पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री को रामायण भेंट की थी। यह बात साफ कह देती है कि भारत के मुसलमानों ने निर्णय को स्वीकार किया था। यह देश की परंपराओं और सामंजस्य की मिसाल है। उन्होंने कहा- अमेरिका की एजेंसियों को यह समझना होगा कि भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठाने का अधिकार किसी बाहरी संस्था को नहीं है। वे ऐसी बातें अपने देश में रखें, यहां की सामाजिक संरचना को बिना समझे इस तरह की रिपोर्टें जारी करने से काम नहीं चलेगा। अगर वे इसी राह पर चलते रहे, तो हमें भी अपने संबंधों पर फिर से विचार करना ही पड़ेगा। 9-10 दिसंबर को संतों ने बुलाई है बैठक स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा- अखिल भारतीय संत समिति अमेरिकी एजेंसियों को स्पष्ट चेतावनी देती है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता पर प्रश्नचिह्न लगाने का अपना यह दुस्साहस पूर्ण आचरण तत्काल बंद करें। अन्यथा, हमें भी अमेरिका और उसकी एजेंसियों के संबंध में पुनर्विचार करने और उचित प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। आगामी 9 व 10 दिसंबर 2025 को होने वाली शीर्ष संतों के राष्ट्रीय बैठक में हम इन सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करके अपनी भावी रणनीति तय करेंगे। हम सही समय आने पर ठोस निर्णय भी लेंगे और उसे क्रियान्वित भी करेंगे। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह नरेटिव युद्ध USCIRF की रिपोर्ट पर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यात्मक आधार के विपरीत है। मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। हाल ही में संभल में एएसआई के अधिकारियों पर हमला किया गया। उन्हें सर्वेक्षण करने की अनुमति नहीं दी गई। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्होंने कहा- मस्जिदों को तोड़कर कई मंदिर बनाए गए हैं। मेरा मानना है कि तथ्य इसके बिल्कुल विपरीत हैं। इस देश में ऐसी सोच को दबाने और विघटनकारी ताकतों को पनपने से रोकने के लिए इस समय एक नरेटिव युद्ध चल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक विदेशी एजेंसी, जिसे इन मामलों के तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। और अगर ऐसी न्यायिक रिपोर्ट दी जा रही है, तो उसका एकमात्र उद्देश्य ज्ञानवापी, श्री कृष्ण जन्मभूमि या अन्य मामलों को दबाना है। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... मेरठ में ओलंपियन दुल्हन ने शादी में की फायरिंग, VIDEO:बॉक्सर दूल्हे ने नोटों की गड्डियां उड़ाईं, दोनों पर FIR मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज जीवनसाथी बन गए। लाल रंग का लहंगा पहने अन्नू अपनी सहेलियों के साथ स्टेज तक पहुंचीं। यहां साहिल ने आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गए। फिर घुटनों के बल बैठकर अन्नू को फूलों का गुलदस्ता दिया। पढ़ें पूरी खबर...
क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध, राष्ट्रपति ट्रंप बना रहे प्लान, जेलेंस्की भी जा रहे तुर्किए
Will Russia-Ukraine war end : करीब 4 वर्षों से जारी रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन रूस के साथ मिलकर युद्ध खत्म करने के लिए 28 बिंदुओं वाली योजना बना रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की यह नई योजना गाजा शांति योजना से प्रेरित है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी इस सप्ताह तुर्किए की यात्रा करेंगे, ताकि रूस के साथ वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से प्रयास किए जा सकें। इस बीच तुर्किए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकोफ भी आ रहे हैं, लेकिन रूसी राष्ट्रपति भवन का कहना है कि वह किसी को नहीं भेज रहा है। खबरों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से प्रयास किए जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन इसके लिए रूस के साथ गोपनीय तरीके से योजना बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की 28 बिंदुओं वाली इस नई योजना में यूक्रेन में शांति, सुरक्षा गारंटी, यूरोप की सुरक्षा और अमेरिका के रूस और यूक्रेन के साथ संबंध सुधारने जैसे मुद्दे हैं, जो कि गाजा शांति योजना से प्रेरित है। ALSO READ: Russia Ukraine War : महायुद्ध की आशंका, रूस-यूक्रेन युद्ध में अब NATO की एंट्री, ड्रोन गिराने के लिए भेजे फाइटर प्लेन वहीं दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी इस सप्ताह तुर्किए की यात्रा करेंगे, ताकि रूस के साथ वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से प्रयास किए जा सकें। इस बीच तुर्किए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकोफ भी आ रहे हैं, लेकिन रूसी राष्ट्रपति भवन का कहना है कि वह किसी को नहीं भेज रहा है। यूक्रेन के एक अधिकारी ने भी पुष्टि की कि उन्हें इस योजना की जानकारी है, क्योंकि विटकॉफ ने इस पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रुस्तेम उमेरोव के साथ भी इस हफ्ते चर्चा की। वहीं अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने इस योजना के बारे में यूरोपीय अधिकारियों को भी जानकारी देना शुरू कर दिया है। ALSO READ: पोलैंड में घुसे घातक रूसी ड्रोन, NATO ने चुन-चुनकर मारा, रूस-यूक्रेन युद्ध का दिखा असर जेलेंस्की ने कहा, युद्ध के अंत को करीब लाने के लिए हरसंभव प्रयास करना यूक्रेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि रूसी सेना ने आज यूक्रेन के कई इलाकों में हमला किया, जिसमें 9 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। 470 ड्रोन और 48 मिसाइलें दागी गईं। उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच अंतिम वार्ता गत 23 जुलाई को तुर्किए के इस्तांबुल शहर में हुई थी। Edited By : Chetan Gour
एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ की '120 बहादुर' को लेकर चर्चा अब अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। फिल्म ट्रेलर ने पूरी तरह से रोमांच और प्रेरणा का सही मिश्रण पेश किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बलिदान दिवस पर मेजर शैतान सिंह ...
ग्वालियर के एक व्यापारी होली डेकोरेशन का काम करते हैं। कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी से होली बैलून ऑर्डर किए थे, जिसके बदले उन्होंने 61 हजार रुपए का भुगतान किया था। सोमवार को जब ऑर्डर की डिलीवरी हुई तो पैकेट खोलने पर उसमें बैलून की जगह कपड़ों की कतरन निकली। व्यापारी ने प्रोडक्ट के स्थान पर कतरन मिलने की शिकायत दर्ज कराने कंपनी के अधिकारियों को कॉल किया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद पीड़ित मंगलवार को एसएसपी ग्वालियर के दफ्तर पहुंचे और मामले की शिकायत की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शहर के चाबड़ी बाजार, मीट वाली गली स्थित सिंघल भवन निवासी रमाकांत सिंघल होली ने कुछ समय पहले रोहिणी सेक्टर-3, दिल्ली स्थित मेहरा इंटरप्राइजेज से होली बैलून का ऑर्डर दिया था। कंपनी की ओर से उनके वॉट्सऐप पर मोबाइल नंबर 9711767328 से बैलून के सैंपल के फोटो भेजे गए थे। सैंपल पसंद आने पर रमाकांत ने 61 हजार रुपए का ऑर्डर बुक किया और अपने बेटे के खाते से यह राशि कंपनी को ट्रांसफर कर दी। 16 नवंबर को माल की डिलीवरी हुई। रमाकांत ने कार्टन अपने गोदाम में खुलवाए तो उसमें बैलून की बजाय कपड़ों की कतरन निकली। लगाते रहे कॉल, नहीं मिला जवाब मेहरा इंटरप्राइजेज द्वारा गलत माल भेजे जाने पर रमाकांत ने कंपनी से कई बार संपर्क किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किए गए। वॉट्सऐप संदेशों का भी कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर वह एसपी ऑफिस पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को रोकने के अपने पुराने दावे को फिर दोहराया है. हालांकि भारत पहले ही ऐसी बातों का खंडन कर चुका है.
जालोर के आहोर उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेस का बीएलए प्रशिक्षण संपन्न हुआ। आहोर विधानसभा क्षेत्र के भाद्राजून और आहोर ब्लॉक की इस बैठक की अध्यक्षता विधानसभा प्रभारी डॉ. संजीव राजपुरोहित ने की। इस दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बीएलए प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी गई। 'SIR एक राजनीतिक युद्ध' बैठक में डॉ. राजपुरोहित ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया केवल वोटर लिस्ट का नवीनीकरण नहीं, बल्कि एक राजनीतिक युद्ध है। हमारा मुख्य उद्देश्य गरीबों, वंचितों, हाशिये पर बैठे समुदायों और कांग्रेस के पारंपरिक समर्थकों के वोटों को सुनियोजित तरीके से हटाने से बचाना है। जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल ने इस प्रक्रिया को 'विशेष गहन पुनरीक्षण' बताते हुए कहा कि यह एक सामान्य प्रशासनिक कार्य प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने कार्यकर्ताओं से केवल फॉर्म भरवाने तक सीमित न रहकर, लोकतंत्र के सबसे पवित्र अधिकार यानी वोट के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान किया। बोले- भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी बाधा आहोर विधानसभा प्रत्याशी सरोज चौधरी ने एसआईआर प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर मौजूदा वोटर का नाम 2002 की पिछली वोटर लिस्ट से मिलाया जाएगा। जिन मतदाताओं का डेटा पुरानी सूची से मेल नहीं खाएगा, उन्हें नोटिस जारी कर पात्रता साबित करने के लिए सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यह प्रक्रिया लाखों वास्तविक भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी बाधा बन सकती है, विशेषकर प्रवासी मजदूरों, घुमंतू समुदायों, शादी के बाद नाम और पता बदलने वाली महिलाओं और उन युवा मतदाताओं के लिए जिनका नाम 2002 की सूची में नहीं था। सरोज चौधरी ने आगाह किया कि यह प्रक्रिया प्रशासनिक त्रुटि की आड़ में वोटों को व्यवस्थित रूप से काटने का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकती है, जिसे रोकना आवश्यक है। पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल ने कार्यकर्ताओं को बीएलओ के संपर्क में रहने और उनके दौरों की जानकारी रखने तथा अपने बूथ के मतदाताओं के परिगणना प्रपत्र सही-सही भरवाने का निर्देश दिया।
सऊदी अरब हादसा: किरेन रिजिजू ने शेयर किए हेल्पलाइन नंबर, बोले-मैं स्तब्ध और दुखी हूं
सऊदी अरब में हुए बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की
सऊदी अरब हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर पाना मुश्किल, ईरानी दूतावास ने जताया शोक
सऊदी अरब के मदीना में हुई बस दुर्घटना में भारतीय यात्रियों की मौत पर नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने सोमवार को दुख जाहिर किया
राजस्थान के रेगिस्तान में भारत और ब्रिटेन की सेना के अभ्यास के लिए डमी शहर बनाया गया। यहां दोनों देशों की थल सेनाओं के 120-120 जवानों ने सिटी टेरर अटैक से निपटने का अभ्यास किया। ईंटों से एक शहर का काल्पनिक क्षेत्र तैयार किया गया। सेनाओं ने शहरी इलाके में आतंकवादियों से निपटने की प्रैक्टिस की और अपने-अपने तरीके और अनुभव शेयर किए। दोनों सेना के जवानों ने को-ऑर्डिनेशन के साथ शहरी इलाके में छुपे आतंकियों को ढूंढा और उनको ढेर किया। दरअसल, भारत-ब्रिटेन के संयुक्त सैन्य अभ्यास अजेय वॉरियर-25 का आठवां संस्करण सोमवार से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में शुरू हुआ। यह 14 दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास 30 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों की ट्रेनिंग लेंगी और विपरीत हालात में युद्ध लड़ने का अभ्यास करेंगी। शहरी इलाकों में आतंक विरोधी ऑपरेशनजानकारी के अनुसार, अभ्यास में भारत और ब्रिटेन की थल सेना का समान प्रतिनिधित्व है। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सिख रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अंतर्गत आयोजित यह अभ्यास शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित है। आगामी 2 सप्ताह के दौरान प्रशिक्षण में ब्रिगेड स्तर पर संयुक्त मिशन योजना, एकीकृत सामरिक अभ्यास, सिमुलेशन-आधारित परिस्थितियां और वास्तविक आतंकवाद-रोधी हालात को दर्शाने वाले कंपनी-स्तरीय फील्ड प्रशिक्षण शामिल होंगे। हर हालात में लड़ने की क्षमता डवलप करना टारगेटअभ्यास का उद्देश्य सबसे अच्छी टेक्नीक का आदान-प्रदान, सामरिक दक्षता को बढ़ाना और जटिल परिस्थितियों में समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता विकसित करना है। साल 2011 से द्विवार्षिक रूप से अजेय वॉरियर अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय सेना और ब्रिटेन की सेना के बीच यह प्रमुख संयुक्त सैन्य सहभागिता के रूप में विकसित हुआ है। 2025 का संस्करण प्रोफेशनलिज्म, सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता के साथ ही वैश्विक शांति के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करता है। अब तस्वीरों में देखिए कैसे किया अभ्यास... ये खबर भी पढ़ें जैसलमेर-बॉर्डर पर सेना ने दुश्मन के ठिकानों पर मचाई तबाही:हेलिकॉप्टर से उतरे जवान,एआई से टारगेट पर हमला; तीनों सेनाओं का 'ऑपरेशन त्रिशूल' जैसलमेर के रेगिस्तान में बने दुश्मन के ठिकानों पर बुधवार को भारतीय सेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर से उतरकर तबाही मचाई। ध्रुव, रूद्र, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर ने जवानों को कवर दिया। जवानों ने अचूक निशाना लगाया और दुश्मन का खात्मा कर दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
सऊदी अरब में दर्दनाक हादसे का शिकार हुए 44 हज यात्री, परिजनों ने भारत सरकार से लगाई शव लाने की गुहार
Hyderabad Haj pilgrims: पीड़ित परिजनों ने भारत सरकार से मृतकों के शव हैदराबाद लाने की बात कही है और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो मदीना में ही उनको दफन करने की व्यवस्था की जाए. हैदराबाद की अल मक्का टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 20 और फ्लाई जोन टूर्स एंड ट्रैवल्स के जरिए 24 लोग 9 नवंबर को जहाज से मक्का के लिए रवाना हुए थे.
सऊदी अरब बस हादसे पर PM मोदी ने जताया दुख
Prime Minister Narendra Modi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मक्का से मदीना जा रही एक बस में आग लगने से उसमें सवार 42 लोगों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख प्रगट किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर कहा, मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़ी दुर्घटना से मैं बेहद दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मक्का से मदीना जा रही एक बस में आग लगने से उसमें सवार 42 लोगों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख प्रगट किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर कहा, मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़ी दुर्घटना से मैं बेहद दुखी हूं, मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। ALSO READ: पाकिस्तान से समझौते को लेकर भारत की सऊदी अरब को नसीहत प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमारे अधिकारी सऊदी अरब के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। खबरों के अनुसार, बस में सवार सभी लोग हैदराबाद के रहने वाले थे। मरने वालों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं। हादसे में हैदराबाद के रहने वाले एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई। इस बीच पीड़ित परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। हादसे का शिकार हुए लोग भारत से उमराह करने के लिए सऊदी अरब गए थे। घटना में शामिल बस में 46 लोग यात्रा कर रहे थे। ALSO READ: तेलंगाना में बस और ट्रक की भीषण भिड़ंत, 20 लोगों की मौत, कई घायल यह बस मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर एक तेल टैंकर से टकरा गई। इस दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति जीवित बचा है और उसका अस्पताल में इलाज हो रहा है। घटना के बाद जेद्दा और रियाद के महावाणिज्य दूतावास और एंबेसी ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। Edited By : Chetan Gour
यूक्रेन में युद्ध ने उत्पन्न किया विशालकाय आवासीय संकट
यूक्रेन पर लगभग साढ़े 3 वर्ष पहले शुरू हुए रूस के पूर्ण स्तरीय आक्रमण के कारण इस स्तर का आवासीय संकट उत्पन्न हो गया जैसा अतीत में पहले कभी नहीं देखा गया। यूएन एजेंसियों का आकलन बताया है कि युद्ध के दौरान दो लाख 36 हज़ार से अधिक इमारतें ध्वस्त हो गई ...
Saudi Arabia Bus Acciden : मक्का-मदीना मार्ग पर भीषण हादसा; 42 भारतीयों की हुई दर्दनाक मौत
Saudi Arabia Bus Acciden : सऊदी अरब के मदीना के पास मक्का से आ रही उमरा यात्रियों की बस डीज़ल टैंकर से टकराकर आग की चपेट में आ गई, जिसमें 42 भारतीयों की दुखद मौत हो गई। अधिकतर यात्री तेलंगाना और हैदराबाद के थे। भारतीय दूतावास और राज्य सरकार ने कंट्रोल रूम स्थापित कर राहत-बचाव और सहायता कार्य तेज़ किए हैं।
सऊदी अरब में दर्दनाक सड़क हादसा, उमराह के लिए गए 42 भारतीयों की मौत, मक्का से मदीना जा रही थी बस
Saudi Arabia Bus Accident:सऊदी अरब में हुए एक भीषण हादसे में 42 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. हादसे का शिकार हुई बस मक्का से मदीना जा रही थी.
उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के बिगुल को GI (जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर) टैग मिला है। बिगुल एक वाद्ययंत्र है, जो किसी भी आंदोलन/कार्यक्रम की शुरुआत के लिए बजाया (फूंका) जाता है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का बिगुल फूंकना हो या RSS के पहले स्थापना दिवस पर बिगुल बजाना। मेरठ का बिगुल ही हर जगह इस्तेमाल हुआ। देश की ज्यादातर आर्म्ड फोर्सेज के बैंड में आज मेरठ का बिगुल शामिल है। GI टैग मिलने के बाद इसे बनाने वालों को अब क्या संभावनाएं नजर आती हैं? बिगुल का इतिहास क्या है? ये समझने के लिए दैनिक भास्कर मेरठ की जली कोठी में पहुंचा। यहां से दुनियाभर के लिए वाद्य यंत्र बनाए और सप्लाई किए जाते हैं। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... मेरठ में 140 साल पुरानी पहली फैक्ट्रीमेरठ के जली कोठी एरिया में नादिर अली एंड कंपनी है। इसी कंपनी ने सबसे पहले वाद्य यंत्र बनाना शुरू किया था। बिगुल का इतिहास समझने के लिए हम इसी कंपनी में पहुंचे। कंपनी के डायरेक्टर फैज आफताब बताते हैं- अंग्रेजों के वक्त से बिगुल इस्तेमाल होता रहा है। जब भी किसी वॉर में जाते हैं, मेहमान आते हैं तो उनके लिए बजाया जाता था। एक तरह से ये बिगुल पूरे बैंड को लीड करता था। इसका इतिहास वैसे तो अंग्रेजों के समय का है। लेकिन, 1885 में मेरठ में हमारे दादा नादिर अली ने एक छोटी यूनिट लगाकर बिगुल बनाना शुरू किया था। बिगुल और ट्रम्पेट (तुरही) से इसकी शुरुआत हुई थी। देश की आजादी के वक्त भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ यही बिगुल बजाया था। 1971 में भारत-पाक वॉर हुआ, तब सेना के फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ मेरठ आए। उनके साथ आर्मी के सब एरिया कमांडर और मेरठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी थे। उस वक्त उन्होंने हमारी फर्म पर आकर सेना के लिए बिगुल खरीदे थे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पहले स्थापना दिवस पर जो बिगुल बजाया गया था, वो भी मेरठ की इसी फर्म से गया था। कैसे बनता है बिगुल, समझिएब्रास शीट को काटकर उसे हाथ से पीटा जाता है और बिगुल का आकार दिया जाता है। बिगुल की स्पेशल डाई होती है। उसी डाई के ऊपर ब्रास सीट को मोल्ड किया जाता है। इसके कई प्रोसेस हैं, तब ये फिनिशिंग लेवल तक जाता है। उसके बाद माउथ पीस को उस बिगुल में एड-ऑन किया जाता है, तब जाकर वो बज पाता है। फिलहाल तीन तरह के बिगुल बन रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा डिमांड कॉपर के बिगुल की है, जो पूरे हिंदुस्तान में हॉट सेलिंग है। दूसरा गोल्ड लेकर बिगुल है। मतलब उसके ऊपर पूरी फिनिशिंग गोल्ड जैसी है। तीसरा सिल्वर लेकर बिगुल है, जो ऑन डिमांड बनता है। निर्माता बोले- GI टैग से बाहरी मार्केट को मेरठ का इजी एक्सेस मिलेगाबिगुल निर्माता फैज आफताब ने बताया- अब हिंदुस्तान में कहीं भी कोई भी व्यक्ति अगर गूगल पर बिगुल टाइप करेगा तो स्क्रीन पर मैन्युफैक्चरिंग हब मेरठ आएगा। वहां बिगुल की ए-टू-जेड सारी जानकारी उपलब्ध होगी। इसलिए GI टैग से हमारे लिए बाहर की मार्केट अब इजी एक्सेस हो गई हैं। किसी को बिगुल लेना है, तो सीधा गूगल सर्च करके हम तक पहुंच सकता है। फिलहाल बिगुल का मार्केट आर्म्ड फोर्सेज, पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज में है। इसके अलावा अब स्कूल-कॉलेज से भी इसकी डिमांड आना शुरू हो गई है। हर स्कूल में एक बैंड बन गया है। उस बैंड में बिगुल भी शामिल है। क्या होता है GI टैग? किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। जब उस उत्पाद की ख्याति दुनियाभर में फैलती है, तब उसे प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया होती है। इसे GI यानी जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक भी कहा जाता है। संसद में उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर-1999 में अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम का नाम जीओ ग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स एक्ट-1999 रखा गया था। इसे 2003 में लागू किया गया। इसके तहत भारत में पाए जाने वाले प्रोडक्ट के लिए GI टैग देने का सिलसिला शुरू हुआ। GI टैग हासिल करने के लिए उस उत्पाद को बनाने वाली एसोसिएशन अप्लाई करती है। इसे अप्लाई करते वक्त ये बताना होता है कि उस उत्पाद को GI टैग क्यों दिया जाए? मतलब प्रोडक्ट की यूनीकनेस, ऐतिहासिक विरासत के बारे में प्रूफ देना होता है। दुनियाभर में बजते हैं मेरठ के वाद्ययंत्रमेरठ का वाद्य यंत्र उद्योग, खासकर ब्रास बैंड और हवा वाले यंत्र विश्व प्रसिद्ध है। ये करीब 200 साल पुराना है। यहां के कारीगर उच्च गुणवत्ता वाले ट्रम्पेट (तुरही), बिगुल, ड्रम और अन्य पीतल और तांबे के वाद्ययंत्र बनाते हैं। ये भारत के साथ दुनियाभर के कई देशों में निर्यात होते हैं। देश-विदेश की सेना भी इन्हें उपयोग करती है। ट्रम्पेट, बिगुल, ड्रम, यूफोनियम, सूसाफोन जैसे कई तरह के वाद्ययंत्र यहां बनते हैं, जिनमें से 90% बड़े आयोजनों में इस्तेमाल होने वाले वायु वाद्ययंत्र मेरठ में ही बनते हैं। यहां के वाद्ययंत्र न केवल पूरे भारत में, बल्कि सऊदी अरब, कतर, जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों में भी निर्यात होते हैं और ब्रिटिश सेना व बकिंघम पैलेस में भी इस्तेमाल हुए हैं। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में मायावती के साथ आ सकते हैं ओवैसी, बिहार में जीते बसपा विधायक ने AIMIM का पोस्टर लगाया बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बीच भी बसपा खाता खोलने में सफल रही। चुनाव जीतने के बाद पिंटू यादव मीडिया से बात कर रहे थे। उनके पीछे दो तस्वीर लगी थीं। पहली बसपा की और दूसरी AIMIM की। इस तस्वीर ने चर्चा तेज कर दी है कि क्या यूपी में बसपा-AIMIM साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है? पढ़ें पूरी खबर
इंदौर की प्राचीन पहाड़ी देवगुराड़िया को रालामंडल अभयारण्य की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यहां पहाड़ी पर चढ़ने के लिए ट्रैक के साथ ही सीमेंट के पैगाड़ा (मिनार जैसी संरचना), बगीचा, बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम व आराम करने के लिए हट जैसी सुविधाएं नजर आएंगी। इनका काम अंतिम चरण में है। न्यू ईयर से यहां इन सुविधाओं की शुरुआत हो सकती है। आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए यहां एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। वहीं देवगुराड़िया में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए सनावदिया रोड तरफ एंट्री-एग्जिट के साथ ही 50 कारों की पार्किंग जितनी व्यवस्था भी की जा रही है। रालामंडल की बात करें तो वीकेंड पर यहां 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंचते हैं। 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण 1. रेंजर संगीता ठाकुर के मुताबिक देवगुराड़िया की पहाड़ी भी संरक्षित है। इस पथरीली पहाड़ी में पूर्व में 10 हजार कंटूर किए गए थे। इस वजह से बारिश का पानी पहाड़ी में उतर जाता है। यहां भी सालभर हरियाली रहती है। पहाड़ी की चोटी पर एक तालाब भी है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा है। पहाड़ी के शीर्ष पर 21 हजार पौधे लगाए गए थे, जो अब पेड़ बन चुके हैं। पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए कई जगह पक्का तो कई जगह मुरम, गिट्टी से ट्रैक बना दिया है। रालामंडल की तरह देवगुराड़िया की चोटी पर भी सिटी का 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण किया है। 2. देवगुराड़िया पहाड़ी पर सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में मोर नजर आते हैं। शाम को जंगली खरगोश भी झाड़ियों से सरपट भागते दिख जाते हैं। वहीं दर्जनों तरह की चिड़िया भी यहां सुबह के वक्त दिख जाती हैं। शहर में फिलहाल ट्रैकिंग, हरियाली के लिए पूरा लोड रालामंडल पर है। बारिश के चार महीनों में यहां इतनी भीड़ हाे जाती है कि गाड़ियां तिल्लौर रोड पर लगाना पड़ती है। देवगुराड़िया पहाड़ी को इसलिए विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है।3. देवगुराड़िया की पहाड़ी व रालामंडल एक तरह से ग्रीन कॉरिडोर हैं। दोनों पहाड़ियों के बीच बड़ी संख्या में खेत, जंगल जैसा आवरण है। देवगुराड़िया के आसपास की कॉलोनी में भी दो महीने पहले तेंदुआ नजर आया था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर दुख जताया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में एक बस दुर्घटना में 45 भारतीय नागिरकों की मौत पर...
लखनऊ में ट्रैफिक अवेयरनेस के लिए विंटेज कार-बाइक की रैली निकाली गई। हजरतगंज चौराहे से शुरू हुई रैली रूमी गेट, 1090 चौराहा होते हुए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में समाप्त हुई। करीब 20 किलोमीटर निकली रैली को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ जुटी। ट्रैफिक पुलिस और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की तरफ से रैली निकाली गई। इसमें 40 विंटेज कार और 5 विंटेज बाइक शामिल हुईं। इनमें एक्टर आशा पारेख की कार और विश्व युद्ध के पहले की बाइक भी शामिल हुई। 1923 की बेबी ऑस्टिन और 1927 की फोर्ड का जलवा दिखा। लोगों में इन कारों और बाइकों के साथ सेल्फी लेने का क्रेज दिखा। गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर रैली की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि विंटेज कार रैली का यह एडिशन काफी शानदार है। यह कम्युनिटी काफी वाइब्रेट है। इन गाड़ियों को काफी अच्छी तरीके से बनाया गया है। इनके मेंटेनेंस में पैसा और मेहनत लगती है। बावजूद इसके यह गाड़ियां आज अच्छी कंडीशन में हैं। इन लोगों ने अपने पैशन को लोगों के सामने रखा है। इस रैली के माध्यम से रोड सेफ्टी के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। देखिए 3 तस्वीरें... पल-पल के अपडेट के लिए लाइव ब्लाग से गुजर जाइए...
अजमेर मंडल के अंतर्गत 15 स्टेशनों पर अमृत स्टेशन योजना के तहत विकास कार्य किए जा रहे हैं। चित्तौड़गढ़-उदयपुर खंड पर स्थित मावली जंक्शन स्टेशन पर भी व्यापक विकास कार्य प्रगति पर हैं। इन कार्यों पर लगभग 21 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इन्हें इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राजस्थानी थीम पर आकर्षक पेंट वर्क मावली स्टेशन पर 1428 वर्ग मीटर क्षेत्र में लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत से एक नई स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इस बिल्डिंग का ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका है, जिसमें पंखे और ट्यूबलाइट जैसी लाइटिंग का कार्य भी शामिल है। यह बिल्डिंग धौलपुर के पत्थरों से निर्मित हो रही है और इसमें राजस्थानी थीम पर आकर्षक पेंट वर्क किया गया है। श्रीनाथ जी और हल्दीघाटी के युद्ध का सुंदर चित्रण बिल्डिंग में श्रीनाथ जी और हल्दीघाटी के युद्ध का सुंदर चित्रण किया गया है, जो मेवाड़ के शौर्य को दर्शाता है और सभी का ध्यान आकर्षित करेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में स्टील बेंच लगाई गई हैं। आधुनिक शौचालय का कार्य भी पूर्ण हो गया है, जिसमें महिला एवं दिव्यांगजनों के लिए विशेष शौचालय शामिल हैं। बुकिंग और पूछताछ कार्यालय में भी काम शुरू हो चुका है। स्टेशन बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर भी पंखे और लाइटिंग का काम पूरा कर लिया गया है, और इसका अधिकांश कार्य संपन्न हो चुका है। मुख्य स्टेशन बिल्डिंग, प्लेटफॉर्म शेल्टर और बुकिंग काउंटर का कार्य भी पूर्ण हो गया है। हालांकि, सर्कुलेटिंग एरिया का कार्य अभी जारी है। ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य तेज अमृत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य चल रहा है और सर्कुलेटिंग एरिया के अंतर्गत मुख्य प्रवेश द्वार के सामने का कार्य शेष है। प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 और 3 पर 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है, जिसका लोहे का ढांचा तैयार हो चुका है। दूसरी एंट्री की तरफ बुकिंग कार्यालय और वेटिंग हॉल का कार्य पूर्ण हो गया है। लगभग 9 हजार वर्ग मीटर सर्कुलेटिंग एरिया और 1315 वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का कार्य भी जारी है।
बरेली में पुलिस ने ऐसे शातिर जेबकतरों को गिरफ्तार किया है। जो पलक झपकते ही जेब काट लेते थे। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ये जेबकतरे अपना शिकार तलाशते थे। जिस वजह से आए दिन लोगों की जेब कट जाती थी। बरेली की बारादरी पुलिस की कार्यवाही के बाद अब लोगों को राहत मिलेगी। 13 नवंबर को बहेड़ी के युवक की कटी थी जेब13 नवंबर को बहेड़ी निवासी शादाब ने बारादरी थाने में तहरीर दी कि सुरेश शर्मा नगर चौराहे पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी जेब काटकर पैसे निकाल लिए। इसी शिकायत पुलिस एक्शन में आई और शातिर जेबकतरों को गिरफ्तार किया। मुखबिर की सूचना पर दबिश, दो बदमाश दबोचे13/14 नवंबर की रात चौकी जोगीनवादा प्रभारी उपनिरीक्षक मुनेन्द्र पाल, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र सिंह और चीता मोबाइल पर तैनात सुमित कुमार व पवन कुमार गश्त पर थे। तभी मुखबिर ने सूचना दी कि जेबकटी करने वाले दो आरोपी आज फिर किसी वारदात की फिराक में डोहरा रोड पर खड़े हैं और उनके पास अवैध असलहे भी हैं। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की और दोनों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से 315 बोर का एक तमंचा, एक जिंदा कारतूस, एक नाजायज चाकू, अपाचे मोटरसाइकिल (UP25 DM 0401) और 8,000 रुपये नकद बरामद हुए। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों, रोडवेज, रेलवे स्टेशन, टैम्पो और मैरिज लॉन में जेब काटते हैं और बैग भी चाकू से काटकर पैसे निकाल लेते हैं। आरोपी जनपद बदलकर करते थे वारदातगिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि यह जेबकटी इनके परिवार का पुराना धंधा है। उनके गैंग के सदस्य टैम्पो और बसों में सवारी बनकर बैठते हैं और वहीं लोगों की जेब व बैग काट लेते हैं। वारदात के बाद वे तुरंत नया जनपद बदल लेते थे, ताकि पहचान न हो सके। असलहे इसलिए रखते थे कि पकड़ में आने पर पुलिस से बचकर भाग सकें। बरामद 8,000 रुपये उन्होंने दो दिन पहले सैटेलाइट के पास एक व्यक्ति की जेब काटकर निकाले थे। शातिरों का लंबा आपराधिक इतिहासगिरफ्तार अजीत कुमार (36 वर्ष) और आकाश उर्फ मनी (30 वर्ष), दोनों फर्रुखाबाद जिले के रहने वाले हैं। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि अजीत के खिलाफ भोजीपुरा, कोतवाली, प्रेमनगर और लखनऊ कमिश्नरेट में हत्या प्रयास, चोरी, धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के कई केस दर्ज हैं। वही आकाश भी पुराना क्रिमिनल है और उस पर कोतवाली, इज्जतनगर और बारादरी में जेबकटी व अवैध असलहे रखने के कई मुकदमे दर्ज हैं। दोनों ने पुलिस को बताया कि उनके गांव के कई अन्य लोग भी इसी गैंग का हिस्सा हैं और अलग-अलग जिलों में जेबकटी करते हैं। यह लोग अक्सर यात्रियों को निशाना बनाते हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग सफर में शिकायत नहीं करते। गिरफ्तारी करने वाली टीमइस पूरी कार्रवाई में प्रभारी बारादरी थाने के इंस्पेक्टर प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडे, उपनिरीक्षक मुनेन्द्र पाल सिंह, उपनिरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल सुमित कुमार और कांस्टेबल पवन कुमार की संयुक्त टीम ने अहम भूमिका निभाई। यही टीम पिछले कई दिनों से जेबकतरों के गैंग की मूवमेंट पर लगातार नजर बनाए हुए थी।
भारत और इंग्लैंड के बीच एक बार फिर महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास होगा। इस संयुक्त युद्धाभ्यास की शुरुआत 17 नवम्बर से हो रही है, जिसमें दोनों देशों के जवान अपने-अपने मॉडर्न हथियारों के साथ पहुंच रहे हैं। भारत-यूके संयुक्त अभ्यास अजय वारियर का ये 8वां एडिशन है। जो सोमवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (एमएफएफआर) में शुरू होगा। अगले कुछ दिनों तक दोनों देशों के जवान अपनी-अपनी तकनीक के साथ युद्ध का अभ्यास करेंगे। आतंकवाद सहित सीमा पर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर दोनों देश अपने अपने अनुभव शेयर करेंगे। लगातार चल रहा है अभ्यासबीकानेर में सोमवार से शुरू हो रहे अभ्यास से पहले भी पश्चिमी राजस्थान में कई जगह युद्धाभ्यास जोरों पर है। पश्चिमी राजस्थान के किसी हिस्से में रुद्र ब्रिगेड ने जमीनी अभियानों, विशेष हेलीबोर्न अभियान के तहत अभ्यास किया। इसी तरह सेना आर्मी एविएशन से समन्वित हमलावर हेलिकॉप्टर मिशन का अभ्यास कर रही है। साथ ही मशीनीकृत और पैदल सेना युद्धाभ्यासों का समन्वय किया जा रहा है। हाल ही में एक युद्धाभ्यास में सभी आर्म्स और सर्विसेज के एकीकृत उपयोग के माध्यम से कोणार्क कोर की पूर्ण-स्पेक्ट्रम युद्ध तत्परता को साबित किया गया। थल और वायुसेना साथ दिखे हाल ही में हुए अभ्यास के दौरान भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के बीच सहज तालमेल देखा गया। इसमें पैदल सेनाओं के फाइटर ग्राउंड अटैक मिशन भी शामिल थे। यह अभ्यास भविष्य की युद्ध आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अगली पीढ़ी की स्वदेशी तकनीकों के इस्तेमाल पर आधारित है। स्वदेशी ड्रोन, मानवरहित सिस्टम, ड्रोन-रोधी सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ग्रिड का उपयोग भी बताया जा रहा है।
पंजाब के न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है। गुरुवार भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 0.3 डिग्री की गिरावट देखने को मिली। वहीं, राज्य के अधिकतर शहरों का न्यूनतम तापमान 10C के करीब रहा। मौसम में बदलाव के बीच राज्य में पराली जलाने के मामले में बढ़ रहे हैं और प्रदूषण भी सांसें घोंट रहा है। सख्ती के बाद भी सीएम मान के गृह जिले में पराली जलाने के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार राज्य का तापमान 0.3 डिग्री गिरा है। गुरुवार सभी शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के करीब रहा। अमृतसर का तापमान 25.7 डिग्री, लुधियाना का 26.5 डिग्री, पटियाला का 27 डिग्री, पठानकोट का 26.5 डिग्री, बठिंडा का 29.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पंजाब का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री बना हुआ है, जो फरीदकोट में दर्ज किया गया। पंजाब में पराली जलाने के मामले 4662 दर्ज वहीं प्रदेश में 15 सितंबर से 12 नवंबर तक इस सीजन में पराली जलाने के 4 हजार 662 मामले सामने आए हैं। हैरानी की बात है कि इनमें से 3 हजार 20 मामले नवंबर महीने में ही सामने आए। इनमें भी सबसे अधिक 402 संगरूर जिले से हैं, जो सीएम भगवंत मान का गृह जिला है। वहीं, फिरोजपुर से 327, तरनतारन से 288, मोगा से 280, मुक्तसर से 278, मानसा से 294 और फाजिल्का से 178 मामले पराली जलाने के सामने आए हैं।
कतरास थाना क्षेत्र के नवागढ़ में एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान नवागढ़ निवासी जीतन रवानी (50) के रूप में हुई है। उन्होंने अपने घर के पीछे स्थित जंगल में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचित किया। स्थानीय निवासी गुड्डू रवानी ने बताया कि उन्हें अचानक सूचना मिली थी कि जंगल में किसी ने फांसी लगा ली है। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने जीतन रवानी का शव पेड़ से लटका देखा। गुस्से में घर छोड़कर दो-तीन दिन तक बाहर रहते थे गुड्डू रवानी के अनुसार, जीतन पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे। वह कई बार गुस्से में घर छोड़कर दो-तीन दिन तक बाहर रहते थे। बताया जा रहा है कि आत्महत्या करने से पहले भी वह एक दिन से घर नहीं लौटे थे। मृतक जीतन रवानी शादीशुदा थे और उनके तीन बच्चे हैं। सूचना मिलने के बाद कतरास थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है।
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
असहिष्णुता है, 'टैरिफ युद्ध' की वजह
भारत पर अधिकतम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अलावा अमेरिका ने दुनिया के लगभग 67 देशों पर 'व्यापार टैरिफ' लगाया है
War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा
रितिक रोशन और एनटीआर स्टारर War 2 ‘स्पाई यूनिवर्स’ की बड़ी पेशकश मानी जा रही थी, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और औसत निर्देशन ने इसे निराशाजनक बना दिया। शानदार एक्शन सीक्वेंस और एनटीआर के दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद फिल्म का सेकंड हाफ बिखर गया। कहानी में ...
ललित सुरजन की कलम से - युद्ध की तारीफ में
'नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, यह उनका एक व्यक्तित्व है
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। उर्वशी ने बेहद ही कम समय में एक अलग मुकाम हासिल किया है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ 'मिलने और अभिवादन' के क्षणों में संलग्न रहती है। ऐसा ही एक क्षण था जब ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
Adil Hussain: दुनियाभर में इन दिनों पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है। पेरिस ओलंपिक में दुनियाभर के खिलाड़ियों ने भाग लिया है। भारत के कई खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं। हाल ही में तुर्की के शूटर यूसुफ डिकेक ने सिल्वर मेडल जीता।
बॉर्डर की 27वीं सालगिरह पर, अभिनेता सनी देओल ने एक घोषणा वीडियो के ज़रिए फ़्रैंचाइज़ी के दूसरे संस्करण की पुष्टि की है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर सनी ने बॉर्डर 2 में अपनी वापसी की आधिकारिक घोषणा करते हुए एक वीडियो शेयर किया और इसे 'भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म' बताया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ''एक फौजी अपने 27 साल पुराने वादे को पूरा करने के बाद, आ रहा है फिर से। भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म, बॉर्डर 2।'' इस फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता करेंगे। आगामी युद्ध फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करेंगे। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | पति से तकरार के बीच केन्या लौट गई हैं Dalljiet Kaur? शादी को बचाने की कर रही कोशिश सनी द्वारा घोषणा वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कमेंट सेक्शन में बाढ़ ला दी। एक यूज़र ने लिखा, ''वाह, यह बहुत बढ़िया घोषणा है सर जी, जय हिंद।'' दूसरे ने लिखा, ''बहुत उत्साहित हूँ।'' तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, ''बॉर्डर 2 के लिए बहुत उत्साहित हूं।'' इसे भी पढ़ें: NDA पर इमोशनल बयान, काले सूट में ली मंत्री पद की शपथ और शर्मिला अंदाज, Tripti Dimri की तरह रातों रात भारत के Sensation बन गये Chirag Paswan सनी देओल की अन्य परियोजनाएं उन्हें आखिरी बार अमीषा पटेल के साथ गदर 2 में देखा गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। गदर 2 की सफलता के बाद, सनी ने लाहौर 1947 सहित कई फिल्में साइन कीं, जिसे आमिर खान के प्रोडक्शन बैनर के तहत बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया है, जिन्होंने आमिर को कल्ट क्लासिक अंदाज़ अपना अपना (1994) में निर्देशित किया था। View this post on Instagram A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)
Kalki 2898 AD: शुरू हो गया नया युद्ध, पूरे ट्रेलर की अहम कड़ी हैं अमिताभ, प्रभास करेंगे इम्प्रेस
Kalki 2898 AD के ट्रेलर को देखें तो, फिल्म कल्कि 2898 एडी के मेकर्स ने विश्वास दिलाया है कि ये फिल्म लोगों को बांधने में कामयाब होगी. टफ सीक्वेंस, क्लियर एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर आपका ध्यान खींचते हैं. वीएफएक्स पर भी अच्छा काम किया गया है.
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
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'सावरकर' रिव्यू: खोखली, एकतरफा फिल्म में एकमात्र अच्छी चीज है रणदीप हुड्डा का काम
आज के दौर में 'गुमनाम' हो चुके एक स्वतंत्रता नायक की कहानी कहने निकली ये फिल्म, एक अनजान कहानी बताने से ज्यादा अपने हीरो विनायक दामोदर सावरकर को बाकियों के मुकाबले अधिक 'वीर' बताने पर फोकस करने लगती है.

