गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने शनिवार को गोड़धोइया नाला निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। शहर से जलनिकासी को लेकर यह काफी महत्वपूर्ण परियोजना है। उन्होंने कहा कि युद्ध स्तर पर काम करके पूरी गुणवत्ता के साथ समय से निर्माण पूरा करें। उन्होंने रेलवे कालोनी शाहपुर, मैत्रीपुर कालोनी, आदित्यपुरी कालोनी तथा फातिमा अस्पताल रोड का निरीक्षण किया।कमिश्नर ने नाले के निर्माणाधीन हिस्सों, स्लैब निर्माण, बेसमेंट स्ट्रक्चर, जलनिकासी चैनल एवं मार्ग विस्तार कार्य को मौके पर जाकर देखा। उन्होंने कार्य की प्रगति के बारे में इंजीनियरों से बात भी की। मैत्रीपुरम कालोनी के निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था जल निगम की ओर से बताया गया कि काम तेजी से किया जा रहा है। पाइप लाइन बिछायी गई है। कमिश्नर ने इंजीनियरों को निर्देश दिया कि दिन-रात लगकर युद्ध स्तर पर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन डालने से क्षतिग्रस्त हुई रोड को पूरी गुणवत्ता के साथ ठीक किया जाए। उन्होंने श्रमिकों की संख्या, उनकी कार्यशैली के बारे में भी जानकारी ली। मशीनरी की उपलब्धता एवं कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। कमिश्नर ने कहा कि श्रमिकों की संख्या एवं मशीनरी बढ़ाकर कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने कहा कि गोड़धोइया नाला शहर के प्रमुख जल निकासी मार्गों में से एक है। इसके निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निर्माणाधीन पार्क का भी किया निरीक्षणगोड़धोइया नाला निर्माण के निरीक्षण के बाद कमिश्नर ने सुभाष चंद्र बोस नगर बिलंदपुर खत्ता में निर्माणाधीन पार्क का भी निरीक्षण किया। कार्यदायी संस्था नगर निगम से भौतिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य किया जाए। इस काम को जल्द से जल्द पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। विरासत गलियारा से शीघ्र हटाया जाए मलबाकमिश्नर अनिल ढींगरा ने अंत में विरासत गलियारा परियोजना का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सड़क व नाली के लिए ध्वस्त किए गए मकानों के मलबों को वहां से हटाने को कहा। कमिश्नर ने कहा कि युद्ध स्तर पर मलबे को हटाया जाए, जिससे आवागमन में कोई बाधा न हो।
रोहतक में रूस आर्मी में फंसे युवकों को वापस लाने की मांग करते हुए विभिन्न जिलों से आए परिवार के लोगों ने नवीन जयहिंद से मुलाकात की और अपनी बात रखी। नवीन जयहिंद ने आश्वासन दिया कि उनकी आवाज को उठाने के लिए सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही विपक्ष से भी उनकी आवाज उठाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 60 परिवारों के बच्चे स्टडी वीजा पर रूस में गए हुए हैं, जिनके परिवार ने लाखों रुपए कर्ज उठाकर एजेंट के माध्यम से उन्हें भेजा था। लेकिन रूस के एजेंटों ने उन्हें धोखे से आर्मी में भर्ती करवा दिया, जिसके बाद उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया। यूक्रेन की रूस द्वारा कब्जाई गई जगह पर उन्हें बंकरों में भेजा हुआ है, जिनके बारे में परिवार को कोई जानकारी नहीं है। परिवार के लोगों ने बताया कि हरियाणा के दो युवकों के शव अब तक आ चुके हैं, जबकि अन्य युवकों के बारे में भी उनके परिवार को कोई सूचना नहीं है। उन्हें बच्चों के बारे में यह भी नहीं पता कि वह ठीक हैं या युद्ध में मर चुके हैं। भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए युवकों को वापस भारत लाने के लिए परिवार की मदद करे। स्टडी वीजा पर गया, वापस शव लौटा हिसार के गांव मदनहेड़ी से आए विकास ने बताया कि उसका भाई सोनू स्टडी वीजा पर 2024 में रूस गया था। करीब साढ़े 7 लाख रुपए लोगों से उधार लेकर रूप भेजा था, लेकिन 3 सितंबर को उन्हें फोन आया कि सोनू ने रूस की आर्मी ज्वाइन कर ली है। सोनू को एजेंट ने यह कहकर आर्मी ज्वाइन करवाई कि उसे कुक का काम करना है। विकास ने बताया कि ढाई लाख रुपए सैलरी पर रूस आर्मी ज्वाइन करने के बाद करीब 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई और उन्हें युद्ध में धकेल दिया। 3 सितंबर के बाद उनकी सोनू से कोई बात नहीं हुई। 19 अक्टूबर को फोन आया कि सोनू की युद्ध में मौत हो गई है। इसके बाद 29 अक्टूबर को सोनू का शव भारत आया। विकास ने बताया कि शुरू में सोनू की पहचान नहीं हो सकी, क्योंकि उसका चेहरा जला हुआ था। बाद में बैच नंबर से सोनू की पहचान हुई। उन्होंने सरकार से मांग की कि जो युवा रूस में फंसे हुए हैं, उन्हें भारत लाया जाए, क्योंकि हरियाणा के युवाओं को धोखे से आर्मी ज्वाइन करवाकर युद्ध में मरने के लिए छोड़ा जा रहा है। झूठ बोलकर रशियन आर्मी में भर्ती किया गांव तैमूर पुर निवासी श्रीभगवान ने बताया कि उसका भांजा 23 सितंबर 2024 को स्टडी वीजा पर रूस गया था और पढ़ाई के साथ रेस्टोरेंट में नौकरी भी करता था। करीब 10 महीने नौकरी करने के बाद उसे एजेंट मिला, जिसने झूठ बोलकर उसे रशियन आर्मी में भर्ती करवा दिया। संदीप को एजेंट ने ढाई लाख रुपए सैलरी व 10 लाख रुपए का एग्रीमेंट बताकर ज्वाइन करवा दिया। श्रीभगवान ने बताया कि संदीप को कुक की नौकरी बताई थी। रशियन भाषा में एग्रीमेंट था, जिस पर हस्ताक्षर करवाए गए। 3 महीने की ट्रेनिंग कही थी और 10 दिन में ही बंकरों में भेज दिया। बंकरों में 20 सितंबर से एक सप्ताह तक बात हुई, जिसमें संदीप ने बताया कि रोजाना एक आदमी को बाहर भेजा जाता है, जंगल पार करके जाना पड़ता है। श्रीभगवान ने बताया कि संदीप ने फोन पर कहा कि नीचे लैंड माइन और ऊपर ड्रोन का खतरा है। रोशनी भी नहीं कर सकते। खाने के लिए एक समय दलिया या खिचड़ी मिलती है। एक अक्टूबर को फोन आया कि उसे बाहर भेज रहे हैं और मना करने पर पिस्तौल अड़ा दी जाती है। संदीप को भारत वापस लाने के लिए सीएम विंडो, पीएम, रक्षा मंत्रालय जा चुके हैं। श्रीभगवान ने बताया कि 3 नवंबर को जंतर मंतर पर धरना दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। हमारी मांग है कि संदीप जीवित भारत लौटे। संदीप के साथ जितने भी लोग रूस में फंसे हुए हैं, उन्हें भी भारत सरकार सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रयास करे। जब शवों को भारत लाने का प्रबंध हो सकता है, तो जीवित लोगों को भी लाने का प्रबंध करें। पक्ष-विपक्ष के साथ सांसदों को उठानी चाहिए आवाज समाजसेवी नवीन जयहिंद ने कहा कि हरियाणा के 60 युवा हैं, जो स्टडी वीजा पर रूस आर्मी में फंसे हुए हैं। पुतिन भी इंडिया में आए हुए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी फैसला करवा देते हैं, उनसे मदद ली जा सकती है। अगर रूस को आर्मी में युवाओं की जरूरत है, तो हरियाणा में आकर भर्ती कर लें। धोखाधड़ी से क्यों भर्ती किया जा रहा है। नवीन जयहिंद ने कहा कि अमेरिका में तो युवाओं को भेड़ बकरियों की तरह ठूंसा हुआ है। हरियाणा के सीएम नायब सैनी व विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा के साथ हरियाणा के सभी 15 सांसदों को आवाज उठानी चाहिए, ताकि सभी युवाओं को सुरक्षित भारत लाया जा सके।
ग़ाज़ा में युद्धविराम के दौरान बच्चों सहित 260 से अधिक लोगों की मौत
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा है कि युद्ध से बुरी तरह तबाह हो चुके ग़ाज़ा में एक सहमत युद्ध विराम लागू होने के बावजूद कथित रूप से इसराइल के जारी हमलों और हवाई हमलों में हर उम्र के लोगों की मौतें हो रही हैं और लोग घायल हो रहे हैं। युद्ध विराम लागू ...
दिल्ली में दूसरी बड़ी वारदात से पहले पकड़ी गई ‘मौत की मंडी’! पाक-चीन-तुर्की का हथियार गठजोड़ ध्वस्त
Delhi News: दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण बम धमाके ने राजधानी को पहले ही दहशत में डाल रखा था लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियों के हाथ एक और बड़ा सुराग लगा है. धमाके के बाद हाई अलर्ट पर काम कर रही दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय हथियारों की एक ऐसी सप्लाई चेन का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार सीधे चीन और तुर्की में बनी घातक बंदूकों से लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तक जुड़ते हैं.
बीकानेर के महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में एक बार फिर सुबह से शाम तक धमाकों की आवाज आ रही है। भारत और इंग्लैंड की सेनाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर अपने-अपने हथियारों का न सिर्फ प्रदर्शन कर रही है, बल्कि इनकी ट्रेनिंग भी रहे हैं। आतंकवाद से लड़ने के लिए दोनों देशों की सेनाओं का ये युद्धाभ्यास काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें भारत पूरी तरह से स्वदेश में बने हथियारों का उपयोग कर रही है। इससे पहले जैसलमेर और बीकानेर दोनों जगह हुए युद्धाभ्यासों में भी स्वदेशी हथियारों का ही उपयोग किया गया। सेमी-अर्बन एरिया में काउंटर-टेरर ट्रेनिंगइस एक्सरसाइज का मुख्य फोकस सेमी-अर्बन इलाके में काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन पर है। ट्रेनिंग के दौरान दोनों सेनाएं ऐसा माहौल तैयार करेंगी, जो वास्तविक ऑपरेशन जैसा होगा। इसमें जॉइंट मिशन प्लानिंग के माध्यम से दोनों देश मिलकर साथ में प्लान तैयार करके दुश्मन पर हमला करेंगे। इससे दोनों देशों में युद्ध की प्लानिंग का स्किल बढ़ेगा। युद्ध में तकनीकी साधनों के उपयोग के लिए इंटीग्रेटेड टैक्टिकल ड्रिल्स होगी। सिमुलेशन-बेस्ड सिनैरियो के माध्यम से किसी वास्तविक स्थिति को कंप्यूटर, मशीन, डिजिटल मॉडल या कृत्रिम वातावरण में बनाकर वैसा ही अनुभव कराया जाएगा। काल्पनिक युद्ध में वास्तविक युद्ध जैसा अनुभव दिया जाएगा। इसके अलावा कंपनी-लेवल फील्ड ट्रेनिंग कार्यक्रम भी अजेय वॉरियर का हिस्सा है। युद्ध से पहले संयुक्त प्लानिंग भारतीय और ब्रिटिश सैनिक मिलकर ब्रिगेड स्तर पर मिशन प्लानिंग करेंगे। इसके बाद टैक्टिकल ड्रिल्स की जाएंगी, जिनमें इन्फैंट्री, आर्टिलरी और एयर सपोर्ट का एक साथ इस्तेमाल दिखाया जाएगा। इसी तरह सिमुलेशन तकनीक का उपयोग कर रीयल-टाइम फैसले लेने की क्षमता का अभ्यास भी कराया जाएगा। अभ्यास के अंतिम दिनों में 29 व 30 नवम्बर को काल्पनिक दुश्मन के ठिकानों पर बम वर्षा भी होगी और सेना के जवान मौके पर पहुंचकर दुश्मनों को मारने का अभ्यास भी करेंगे। इन्फैंट्री हथियारों का हो रहा उपयोग अभ्यास “कंपनी-स्तरीय फील्ड ट्रेनिंग” और “टैक्टिकल ड्रिल्स” में इन्फैंट्री के हथियारों का उपयोग किया जा रहा है। ब्रिटिश सैनिक L85 (SA80) राइफल का उपयोग कर रही है। इससे पहले इंग्लैंड में हुए युद्धाभ्यास में ब्रिटिश सेना ने ब्लैंकों (प्रैक्टिस राउंड) के साथ MILES लेजर-टैग सिस्टम का उपयोग किया था। इस बार महाजन में भी इन्हीं हथियारों का उपयोग हो सकता है। अभ्यास में अक्सर ब्रिटिश पिस्टल, राइफल और अन्य छोटी हथियार प्रणाली शामिल होते रहे हैं। भारतीय सेना आर्टिलरी (तोपखाना), टैंक, हेलीकॉप्टर और ड्रोन के साथ युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है। भारत में ही बने टैंक का उपयोग इस दौरान किया जा सकता है। हर एक्शन में दोनों देशों के जवान साथ युद्धाभ्यास के दौरान हर एक्शन में दोनों देशों के 240 जवान हिस्सा लेंगे। इस दौरान हर टीम में दोनों देशों के जवानों को संयुक्त रूप से शामिल किया जाएगा। दोनों देशों के हथियारों का उपयोग जवान मिलकर करेंगे ताकि एक दूसरे का संचालन भी सीख सकें। शहरी युद्ध की ट्रेनिंग अजेय वॉरियर नाम से हो रहे इस युद्धाभ्यास में, ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों को संयुक्त उच्च-टेंप ऑपरेशन, सब-कन्वेंशनल ऑपरेशन और शहरी युद्ध पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का एक हिस्सा है। सिख रेजिमेंट कर रही भारत का नेतृत्व भारतीय सेना की ओर से सिख रेजिमेंट इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है। सिख रेजिमेंट के 120 जवान भोर से देर रात तक युद्ध के मैदान में नई तकनीक के साथ अपना युद्ध कौशल बढ़ा रही है। साल 2011 से लगातार दोनों देशों का संयुक्त युद्धाभ्यास होता है। इसमें एक बार ब्रिटेन में और एक बार भारत में ये युद्धाभ्यास किया जाता है। आठवीं बार हो रहे इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन से भी 120 जवान और सैन्य अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
बाड़मेर जिले के बालोतरा क्षेत्र के एक 19 वर्षीय युवक की सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की बॉडी भारत लाने और मौत के कारण की जांच के लिए बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। सांसद का कहना है कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। विदेश जाकर कोई कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई नहीं करने में असमर्थ है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। 11 अक्टूबर को गया था रोजगार के लिए बालोतरा, गिड़ा मेघवालों की ढाणी सोहड़ा निवासी रमेश कुमार पुत्र खम्माराम 11 अक्टूबर 2025 को रोजगार के लिए सऊदी अरब गया था। 13 नवंबर को परिजनों से उसकी आखिरी बातचीत हुई, जिसके बाद से उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को चिट्ठी लिखकर इसमें हस्तक्षेप कर बॉडी को भारत लाने की मांग की है। परिवार आर्थिक रूप से है कमजोर सांसद ने चिट्ठी में लिखा है कि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण विदेश जाकर कोई कानूनी या प्रशासनिक कार्यवाही करने में पूरी तरह असमर्थ है। शव को भारत लाने की लागत भी वहन करने की स्थिति में नहीं है। इस विकट परिस्थिति में परिजनों ने स्थानीय सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल से मदद की गुहार लगाई। मामले का संज्ञान लेते हुए सांसद बेनीवाल ने तुरंत विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर तथा उनके कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर भी चर्चा की। पत्र में भारत सरकार के व्यय पर भारतीय दूतावास, रियाद के माध्यम से शव को शीघ्रातिशीघ्र स्वदेश लाने और शोक संतप्त परिवार को हरसंभव मानवीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। दूतावास को भेजी कॉपी सांसद बेनीवाल ने चिट्ठी की एक कॉपी भारतीय दूतावास रियाद तथा यूएई दूतावास, नई दिल्ली को भी भेजी है। ताकि सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय से कार्रवाई कर सके। बेनीवाल ने कहा विदेश में काम करने वाले हमारे मजदूर भाईयों की सुरक्षा और उनके परिवारों को समय पर सहायता मिलना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
24 अक्टूबर को रात 12 बजे प्रीतम दीदी को कहीं लेकर गया था। दूसरे दिन विजेंद्र सर का बेटा वेदांत उनको आष्टा छोड़ने गया था। इतनी रात वह कहां और क्यों लेकर गया, रातभर उसने दीदी काे कहां रखा, हमें कुछ नहीं पता। अगले दिन दीदी घर आई और सुसाइड कर लिया। यह कहना है जुजुत्सु (जापानी मार्शल आर्ट) की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रोहिणी कलम (35) की छोटी बहन रोशनी का। रोहिणी ने 26 अक्टूबर को अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी। बीएनपी थाना पुलिस ने रोहिणी के कोच विजेंद्र खरसोदिया और जुजुत्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया है। रोशनी ने कहा कि पुलिस से यही मांग कर रहे हैं कि वह पता लगाए, उस रात आखिर हुआ क्या था। मामले में प्रीतम के एकतरफा प्रेम की बात सामने आई है। दैनिक भास्कर ने अब तक जांच में क्या हुआ, इसे लेकर पुलिस और परिजनों से बात की, पढ़िए यह रिपोर्ट... प्राइवेट स्कूल में मार्शल आर्ट की कोच भी थी रोहिणीमार्शल आर्ट खिलाड़ी रोहिणी कलम के पिता महेश कलम बीएनपी के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रोहिणी आष्टा के निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच थीं और वहीं रह रही थीं। उन्होंने 2007 में खेल जीवन की शुरुआत की थी। 2015 से पेशेवर रूप से जुजुत्सु में भाग लेने लगीं। वह जुजुत्सु संघ की महासचिव भी थीं। चार बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थीं। उनकी आईपीएस बनने की इच्छा थीं। पुलिस की जांच- तनाव में थीं रोहिणीपुलिस जांच में सामने आया कि रोहिणी काफी तनाव में थीं। घटना वाले दिन भी आत्महत्या से पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद ही यह कदम उठाया। परिवार का कहना है कि 26 अक्टूबर को कोच विजेंद्र खरसोदिया ने रोहिणी की छोटी बहन को फोन किया। बताया था कि रोहिणी के कमरे में देखो, कुछ करने वाली है। बहन कमरे में पहुंची, तो बाहर से दरवाजा बंद था। दरवाजा तोड़कर देखा तो वह फंदे पर लटकी थी। बहन ने शोर मचाया तो अन्य लोग पहुंचे और से फंदे से नीचे उतारा। उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पता चला कि घटना की जानकारी मिलते ही कोच भी बेसुध हो गया था। बीपी बढ़ने के कारण वह दो दिन तक निजी अस्पताल में भर्ती रहा था। कोचिंग के दौरान प्रीतम से मुलाकात पुलिस के अनुसार 26 अक्टूबर को रोहिणी की मौत की सूचना मिली थी। पूछताछ में परिवार ने बताया कि रोहिणी कलम वर्ष 2009-10 से जुजुत्सु (मार्शल आर्ट्स) की ट्रेनिंग के लिए यूनिवर्सल मार्शल आर्ट्स अकेडमी जॉइन किया था। बाद में उसने M.Ped तक पढ़ाई की। अकेडमी में विजेंद्र खरसोदिया उसके कोच थे। रोहिणी ने मार्शल आर्ट्स में नेशनल, इंटरनेशनल अवॉर्ड जीते। साल 2022-2023 में म.प्र. जुजुत्सु संघ के महासचिव भी रही, जिसमें विजेंद्र खरसोदिया अध्यक्ष (कोच) हैं। इसी दौरान दो साल पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह सोलंकी निवासी हाटपिपल्या देवास से पहचान हुई। प्रीतम सिंह भी म.प्र. जुजुत्सु संघ में उपाध्यक्ष था और अभी भी उसी पद पर है। रोहिणी की उसके कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह सोलंकी से फोन पर बात होती थी। रोहिणी को मई महीने में पेट में तेज दर्द होने लगा था, तो विजेंद्र सिंह उसे इंदौर में डॉक्टर के पास ले गए थे, जहां डॉक्टर ने पेट में गठान होना बताया था। रोहिणी का जून महीने में ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद वह घर पर ही रहकर आराम कर रही थी। मर्जी से कहीं नहीं जा सकती थी रोहिणी परिजनों का आरोप- मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड कियापरिवार ने बताया कि डॉक्टर ने उसे आराम करने के लिए बोला था, लेकिन उसके कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह बार-बार फोन करके परेशान करते थे। ऑपरेशन के बाद भी कोच उसे ट्रेनिंग दिलाने के लिए बुलाते रहते थे। उस पर दबाव बनाकर रखते थे। बिना पूछे कहीं भी जाने नहीं देते थे। उन्हें जहां लेकर जाना होता था, वहां रोहिणी की मर्जी के बिना भी लेकर चले जाते थे। प्रीतम कभी भी उसे फोन लगाता रहता था। रोहिणी अगर प्रीतम का फोन नहीं उठाती, तो वह घर के अन्य सदस्य को फोन करके पूछता रहता था। रोहिणी को जब नैनीताल के टूर्नामेंट के लिए जाना था, तब वह फोन पर बात करते हुए कह रही थी कि प्रीतम को पता नहीं चलना चाहिए कि वह नैनीताल जा रही है, नहीं तो वह भी आ जाएगा। उनकी बातों से यह तो पक्का था कि वह रोहिणी के पीछे पड़ा था, लेकिन वह उससे दूर भाग रही थी। रोहिणी ने भी यह बात घर पर बताई थी कि वह उसके कोच और प्रीतम से परेशान हो गई है। कोच विजेंद्र खरसोदिया और प्रीतम सिंह से मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर रोहिणी ने सुसाइड किया है। रात 12 बजे बहन को कहां और क्यों लेकर गया था प्रीतम बहन बोली- दीदी को रात में कहीं लेकर गए थेरोहिणी की छोटी बहन रोशनी ने बताया कि सुसाइड के एक दिन पहले शुक्रवार रात 12 बजे प्रीतम दीदी को कहीं लेकर गया था। दूसरे दिन विजेंद्र सर का बेटा वेदांत उनको आष्टा छोड़ने गया था। इतनी रात वह क्यों लेकर गया? रातभर उसने दीदी काे कहां रखा? हमें कुछ नहीं पता। हमारी मांग है कि पुलिस पता लगाए कि उस रात क्या हुआ था। उनका कहना है कि दीदी कुछ समय से प्रीतम से दूरी बनाकर चल रही थी। उसे कुछ भी बताने से डरती थी। दीदी की पर्सनल लाइफ में वह ज्यादा दखल दे रहा था। दीदी उससे घुलना-मिलना नहीं चाह रही थी, पर वह मानने को तैयार नहीं था। प्रीतम कैसे परेशान करता था, यह तो ज्यादा पता नहीं, लेकिन दीदी उससे मेंटली परेशान हो चुकी थी, क्योंकि दीदी जब 25 अक्टूबर को घर आई थी, तो उन्होंने कहा था कि प्रीतम या विजेंद्र सर और वेदांत.... किसी का भी कॉल आता है, तो यह मत बताना कि मैं कब आई थी। कह देना कि दोपहर ढाई बजे घर आई थी, जबकि वह साढ़े तीन बजे घर आई थी। उसका कहना है कि पुलिस एक बार और आष्टा चलकर हमारे सामने दीदी के रूम की जांच करे। दीदी का लैपटॉप और मेमोरी कार्ड गायब है। दीदी के मोबाइल की मेमोरी फुल होने पर उन्होंने कुछ डेटा लैपटॉप पर अपलोड किया था। अब दोनों ही गायब है। मां ने कहा- प्रीतम चार बार आ चुका था घर मां बोलीं- अपने पैरों पर खड़े होने वाली थी बेटीरोहिणी की मां ममता कलम का कहना है कि प्रीतम का घर आना-जाना था, पर ज्यादा नहीं। इन दो साल में चार से पांच बार आया होगा। हमारी लड़की इस लाइन (प्रेम-प्रसंग) में नहीं थी। उसका सपना कुछ बनने का था अपने पैरों पर खड़े होने का था। जब भी हम सब उससे रिश्ते की बात करते तो वह बोलती थी कि नहीं पहले कुछ बनना है। उसका साफ सुथरा व्यवहार था। शादी के लिए चार साल पहले बोला था, लेकिन उसने कहा था, मेरी जॉब लग जाए, फिर मैं शादी कर लूंगी। पेट में गठान का पता चलने पर ऑपरेशन करवाया था। 15 बाद ड्यूटी जॉइन करने फोन आया। हमने कहा कि दो-तीन महीने हो जाएं, फिर आएगी। 20 दिन बाद फिर स्कूल से फोन आया, तो वह ड्यूटी पर चली गई थी। आष्टा में करीब तीन साल से वह कोच के पद पर पदस्थ थी। हमारी बेटी इन दोनों के कारण आज हमारे बीच नहीं है। दोनों आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। प्रीतम के एकतरफा प्रेम की बात आई सामनेआरोपी प्रीतम सिंह सोलंकी हाट पिपलिया देवास का रहने वाला है। कुछ वर्षों पहले हाट पिपलिया में कॉलेज में प्रोग्राम हुआ था। करीब दो साल पहले वह जुजुत्सु संघ का उपाध्यक्ष बना था। हालांकि उसे खेल का ज्यादा अनुभव नहीं है। जब भास्कर टीम ने पड़ताल की तो पाया कि आरोपी प्रीतम रोहिणी कलम से एकतरफा प्यार करता था। पुलिस को जांच में पता चला है कि प्रीतम रोहिणी को किसी से बात नहीं करने देता था। हर बात पर रोक-टोक करता था। इस कारण रोहिणी तनाव में थी। घटना से पहले भी प्रीतम से रोहिणी की बात हुई थी। पुलिस भी प्रेम प्रसंग के एंगल पर जांच की बात कह रही है। भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बोले- पद से हटा दिया हैमामले में जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष राम सोनी से प्रीतम सिंह के बारे में चर्चा की गई, तो उनका कहना था कि प्रीतम सिंह की निष्क्रियता के चलते, उसे पांच माह पहले ही लेटर जारी कर हटा दिया गया था। हालांकि जब लेटर मांगा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं ट्रैफिक में हूं। कॉल करने का कहकर काट दिया। विजेंद्र को 2008 से जानती थी रोहिणीविजेंद्र खरसोदिया मूलत: सोनकच्छ विधानसभा के डेहरिया साहू गांव का रहने वाला है। वह मार्शल ऑफ कोर्ट जुजुत्सु एसोसिएशन मप्र का प्रेसीडेंट और जुजुत्सु कोच है। पिछले कई वर्षों से वह देवास समेत आसपास के बच्चों को एसोसिएशन के तहत जुजुत्सु की ट्रेनिंग दे रहा है। वह बच्चों को प्रतियोगिता के लिए बाहर भी लेकर जाता है। रोहिणी का 2008 में उससे संपर्क हुआ था। प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाई बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी ने बताया कि परिजनों के कथन और साक्ष्य के आधार पर यह पाया गया कि रोहिणी कलम को उसके कोच विजेंद्र खरसोदिया और एक अन्य आरोपी प्रीतम सिंह लगातार प्रताड़ित कर रहे थे, जिसके कारण रोहिणी ने आत्महत्या की थी। पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामले की जांच के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा।
इंदौर में एक युवक ने पीतल की वाल्मीकि रामायण तैयार की है। रामायण के हर कांड को अलग-अलग पीतल की किताबों में उकेरा गया है। ये सभी किताबें संस्कृत भाषा में हैं। इन सभी किताबों का वजह 10 से साढ़े 10 किलो के करीब है। पूरी रामायण को तैयार करने में इतने दिनों का समय लगा और कई लोगों की मेहनत इसमें लगी है। किताब में यह सब रामायण के ये सभी कांड पीतल पर उकेरे गए हैं। पीतल की रामायण तैयार करने वाले एडव्होकेट लोकेश मंगल ने बताया कि स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की प्रेरणा से समर्पण से संसार पुस्तक द्वारा वाल्मीकि रामायण को पीतल पर उकेरने का काम किया गया है। संपूर्ण रामायण 1241 पीतल के पेज पर तैयार की गई है। उत्तरकांड के 67 पेज साढ़े 7 बाय 8 के है, बाकी सभी 7 बाय 5 के हैं। धातु के अलावा बाकी सभी काम सेवा के रूप में किए गए हैं। जिसमें 2481 पीएलटी फाइल का बनना हो, पेजों की कटिंग हो, इसमें होल करना हो। सभी के प्रयासों से ये काम किया गया है। धातु की बात करें तो 10 से 11 हजार रुपए के आसपास खर्च आया है। अगर कोई व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से इसे तैयार करवाते है तो इसमें करीब 37 लाख का खर्च होगा और साढ़े तीन साल का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि पीतल की रामायण तैयार करने की शुरुआत महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती से शुरू किया गया और कार्तिक पूर्णिमा तक पूरा कर लिया गया। देखा जाए तो इसमें 31 दिन का समय लगा 7 अक्टूबर से 5 नवंबर तक। इसमें देखा जाए तो इसका वजह करीब 10 से साढ़े 10 किलो है। प्रत्येक कांड को अलग-अलग तैयार किया गया है। इसमें युद्ध कांड में सबसे ज्यादा पेज लगे है। रामायण तैयार होने के बाद हरिद्वार में स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के पास ले जाया गया था। वहां से रामायण को वापस इंदौर लाया गया। लंबे समय तक टिका रहता है पीतल लोकेश मंगल ने बताया कि धर्मगुरुओं ने पीतल को शुभ बताया, जिसके चलते पीतल का चयन किया गया। पीतल पर उकेरना का उद्देश्य ही यहीं है कि ये सैकड़ों साल तक रहेगा। ये हमारे साथ भी और हमारे बाद भी संसार में रहेगा। वाल्मीकि रामायण के अलावा भी कई पुस्तकें पीतल पर तैयार की जा चुकी हैं।इसमें भारतीय संविधान को महज चित्रों के माध्यम से 32 किलो पीतल की 54 पेजों की पीतल की किताब को भारतीय संविधान दिवस के मौके पर 2022 में जारी किया गया था। 193 देशों के संविधान को 6177 चित्रों के माध्यम से 4 फीट पीतल की 57 किलो की 99 पेजों की किताब में दर्शाया गया इसे 14 अप्रैल 2023 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर जारी किया गया। इसका वजन 10 किलो हैं। इसमें करीब 42 हजार रुपए खर्च आया था। ये किताब 14 इंच चौड़ी और 48 इंच लंबी है। इस तरह की दुर्लभ रामायण रचना की यह पहल पहली बार इंदौर में हुई है। इसमें 4 इंच लंबे और 4 चौड़े 108 पत्थर पत्थरों पर लेजर तकनीक द्वारा पीएलटी फाइल की मदद से छापा गया। 108 पत्थरों की कटाई में 2 घंटे 35 मिनट लगे। पीएलटी फाइल बनाने में 3 घंटे 40 मिनट एवं छपाई करने में 5 घंटे 20 मिनट समय समय लगा। हालांकि, योजना को मूर्तरूप देने की तैयारी, पत्थरों का चयन, फिनिशिंग एवं बारिक काम नवरात्रि के पहले दिन से ही शुरू हो गए थे। पत्थरों चित्रमय अंकित इस रामायण को नवमी को फायनल रूप दे दिया गया। विजयादशमी को इसका अनावरण किया गया। उनके द्वारा गणेश उत्सव पर 622 पीतल के पेजों पर महाभारत का वर्णन तैयार किया, इसमें केवल चित्र हैं, इसकी छपाई एक तरफ की गई है। पेजों का साइज 5 इंच चौड़ा और 8 इंच लंबा है। 1247 चित्रों का दुर्लभ संग्रह है। इसके अलावा भी वे कई चीजें पीतल की किताबों पर उकेर चुके हैं।
Delhi car blast:दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है.आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी 2022 में तुर्किये में एक सीरियाई आतंकी से मिला था.यह मुलाकात पाकिस्तान स्थित हैंडलर उकाशा के निर्देश पर हुई थी.NIA ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर आतंकी साजिश के अंतरराष्ट्रीय लिंक तलाशने शुरू कर दिए हैं.
पंजाब के लुधियाना में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (A.N.T.F.), लुधियाना रेंज ने नशे के सौदागरों पर बड़ी नकेल कसी है। पिछले लगभग एक महीने के दौरान टीम ने तीन अलग-अलग कार्रवाइयों में कुल 2 किलो 177 ग्राम हेरोइन बरामद कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। स्पेशल डायरेक्टर जनरल पुलिस, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स पंजाब और एआई, एएनटीएफ, लुधियाना रेंज के द्वारा पंजाब में नशा खत्म करने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें लगातार सफलता मिली है। कई तस्करों के घर गिराने जैसी कार्रवाई भी हुई है। डीएसपी एएनटीएफ अजय कुमार ने प्रेस को अभियान के बारे में जानकारी दी। तीन प्रमुख मामलों का ब्योरा दिया अमृतसर के तीन तस्कर गिरफ्तार, 603 ग्राम हेरोइन बरामद: दिनांक 19 नवंबर 2025 को एसआई नरेश कुमार की टीम ने नाकाबंदी कर हरप्रीत सिंह पुत्र जगतार सिंह, निवासी मंडियाला, अमृतसर, मनी कुमार उर्फ मनी पुत्र स्व. सुखदेव राज, निवासी नवाकोट, अमृतसर, और राज कुमार उर्फ राजू पुत्र स्व. पूरन चंद, निवासी गुरदासपुर को गिरफ्तार किया। उनके पास से 603 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। पुलिस ने एक स्प्लेंडर बाइक भी जब्त की थी। उनके खिलाफ NDPS Act के तहत थाना ए.एन.टी.एफ सोहाना, मोहाली में मामला दर्ज किया गया है। ये आरोपी अमृतसर से नशा लाकर अन्य इलाकों में इसकी तस्करी करते थे। बटाला के तस्कर से 524 ग्राम हेरोइन बरामद: एएनटीएफ की टीम ने बटाला के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। इस आरोपी के पास से 524 ग्राम हेरोइन और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई। मोटरसाइकिल सवार से मिली बड़ी खेप: मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति के पास से हेरोइन की एक बड़ी खेप बरामद हुई। आरोपी के पास से लगभग 1 किलो 50 ग्राम हेरोइन जब्त की गई।
अमेरिकी सैन्य अधिकारी पहुंचे यूक्रेन, जल्द खत्म हो सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध ?
पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी रूस के साथ युद्ध समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन पहुंचे हैं। यह जानकारी बीबीसी ने गुरुवार को अमेरिकी सेना के हवाले से दी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब को अब तक के सबसे बेहतरीन सैन्य हथियार बेचने का ऐलान कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है. इससे सिर्फ एक दिन पहले ही सऊदी को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी” का दर्जा दिया गया था. यानी अब अमेरिका खुलकर सऊदी के साथ खड़ा नजर आ रहा है. आइए जानते हैं कैसेमिडिल-ईस्ट में ईरान को 'पंगु' बनाकर ट्रंप ने सऊदी अरब को बना दिया 'हीरो'.
अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने 2025 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बाबरी मस्जिद, PM नरेंद्र मोदी, अमित शाह सहित RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का जिक्र है। RSS पर धार्मिक नीतियों से लेकर स्कूली किताबों को बदलने तक कई आरोप लगाए हैं। इस रिपोर्ट पर अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जाहिर की है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने USCIRF की रिपोर्ट को खारिज किया। उन्होंने कहा- यह रिपोर्ट भारत की समावेशी सांस्कृतिक विरासत उसकी संप्रभुता और सभी भारतीयों के लिए सुनिश्चित संवैधानिक गारंटी का घोर अपमान है। वहीं, राम मंदिर कानूनी केस में शामिल रहे एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। पहले जानिए रिपोर्ट में क्या लिखा है 1- 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दियाUSCIRF के अनुसार- 2024 में पीएम मोदी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर राम मंदिर का उद्घाटन किया। 1992 में हिंदू भीड़ ने 16वीं सदी की मस्जिद को ढहा दिया था। दावा किया था कि यह भगवान राम का जन्मस्थान है। इस घटना के बाद दंगे हुए। जिसमें 2 हजार लोग मारे गए थे। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित जमीन एक ट्रस्ट को सौंपी जाएगी, जो वहां एक हिंदू मंदिर का निर्माण करवाएगा। USCIRF ने इसे 'धार्मिक स्वतंत्रता' के संदर्भ में पेश किया है, जबकि भारत इसे न्यायिक और संवैधानिक प्रक्रिया के बाद पूरी तरह निपटा हुआ मामला मानता है। 2- RSS किताबों से मुस्लिम शासकों का इतिहास हटा रहाRSS का उद्देश्य- धार्मिक परिवर्तन को रोकना, गोहत्या पर रोक और स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से मुस्लिम शासकों से जुड़ी बातें हटवाने के एजेंडों को आगे बढ़ाना है। 3- 12 राज्यों में एंटी कन्वर्जन लॉ USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में ‘एंटी कन्वर्जन लॉ’ का भी जिक्र किया है। लिखा- साल भर में, 28 में से 12 राज्यों ने नए धर्मांतरण-विरोधी कानून लागू करने या मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाने की कोशिश की। इसमें छत्तीसगढ़ के ईसाई पादरी द्वारा जबरन हिंदुओं का धर्म परिवर्तन, असम सरकार ने असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ ई-विल) प्रेक्टिसेज बिल, राजस्थान में लव जिहाद के लिए नया कानून और गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट समेत अन्य मामलों का जिक्र किया गया। 4- चुनाव से पहले नफरती भाषण USCIRF ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि जून चुनावों (लोकसभा चुनाव 2024) से पहले मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण और भेदभावपूर्ण बयानबाजी की गई। पीएम मोदी ने मुसलमानों को ‘घुसपैठिए’ कहा और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया तो वह शरीयत लागू करेगा। हैरान करने वाली बात ये है कि विपक्ष के चुनावी घोषणापत्र तक में ऐसी कोई बात शामिल नहीं थी। USCIRF की रिपोर्ट पर संत समाज नाराज अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद से ही सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाकर भारत में अस्थिरता फैलाने के प्रयास शुरू हो गए। इसी कड़ी में दुर्भावनापूर्ण तरीके से रिपोर्ट यह जारी की गई है। अमेरिका की संस्था USCIRF ने भारत को लेकर जो रिपोर्ट जारी की है। वह साफ दिखाती है कि कुछ विदेशी संस्थान अब खुलकर भारत के खिलाफ खड़े होने लगे हैं। कभी उनके वित्त विभाग के सलाहकार भारत में ब्राह्मणों के वर्चस्व की थ्योरी फैलाते हैं, तो कभी उनकी एजेंसियां अल्पसंख्यकों पर तथाकथित अत्याचारों की मनगढ़ंत कहानियों की फाइलें जारी कर देती हैं। यह सब किसी एक ही खेल का हिस्सा लगता है। ऐसा खेल जिसकी पटकथा भारत को कमज़ोर दिखाने की नीयत से लिखी गई है। अन्य देशों पर क्यों नहीं जारी हुआ रिपोर्ट स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- जहां तक यह सवाल है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है। अमेरिका और उसकी एजेंसियों को पहले अपने ही इतिहास पर नजर डाल लेनी चाहिए। कभी उन्होंने यह नहीं बताया कि बांग्लादेश में सोलह प्रतिशत हिंदू कैसे घटकर साढ़े सात प्रतिशत रह गए। कभी यह नहीं पूछा कि पाकिस्तान में आठ प्रतिशत हिंदू एक प्रतिशत से भी कम कैसे बचे। अफगानिस्तान एक हिंदू बचा, इसका जिक्र नहींस्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- अफगानिस्तान में जो हिंदू थे, आज एक अकेला व्यक्ति बचा है। इस पर कोई रिपोर्ट नहीं, कोई बयान नहीं। फिजी में कर्नल राबुका के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर जो अत्याचार हुए, उसका कहीं नामोनिशान नहीं। और फिर विश्व में जहां जहां इस्लाम या ईसाई धर्म फैला, वह किन लोगों की कीमत पर फैला, उस खूनखराबे पर कभी कोई रिपोर्ट नहीं। पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद बना मंदिरस्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा - USICRF को शायद यह भी मालूम नहीं कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर किसी सरकार की दया से नहीं बना। पांच सौ वर्षों के संघर्ष और सर्वोच्च न्यायालय के सर्वसम्मत फैसले के आधार पर बना है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के मुद्दई हाशिम अंसारी के बेटे तक ने पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री को रामायण भेंट की थी। यह बात साफ कह देती है कि भारत के मुसलमानों ने निर्णय को स्वीकार किया था। यह देश की परंपराओं और सामंजस्य की मिसाल है। उन्होंने कहा- अमेरिका की एजेंसियों को यह समझना होगा कि भारत की एकता और अखंडता पर सवाल उठाने का अधिकार किसी बाहरी संस्था को नहीं है। वे ऐसी बातें अपने देश में रखें, यहां की सामाजिक संरचना को बिना समझे इस तरह की रिपोर्टें जारी करने से काम नहीं चलेगा। अगर वे इसी राह पर चलते रहे, तो हमें भी अपने संबंधों पर फिर से विचार करना ही पड़ेगा। 9-10 दिसंबर को संतों ने बुलाई है बैठक स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा- अखिल भारतीय संत समिति अमेरिकी एजेंसियों को स्पष्ट चेतावनी देती है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता पर प्रश्नचिह्न लगाने का अपना यह दुस्साहस पूर्ण आचरण तत्काल बंद करें। अन्यथा, हमें भी अमेरिका और उसकी एजेंसियों के संबंध में पुनर्विचार करने और उचित प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। आगामी 9 व 10 दिसंबर 2025 को होने वाली शीर्ष संतों के राष्ट्रीय बैठक में हम इन सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करके अपनी भावी रणनीति तय करेंगे। हम सही समय आने पर ठोस निर्णय भी लेंगे और उसे क्रियान्वित भी करेंगे। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह नरेटिव युद्ध USCIRF की रिपोर्ट पर एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा- यह रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यात्मक आधार के विपरीत है। मंदिरों को तोड़कर कई मस्जिदें बनाई गई हैं, फिर भी मंदिर के प्रमाण मौजूद हैं। हाल ही में संभल में एएसआई के अधिकारियों पर हमला किया गया। उन्हें सर्वेक्षण करने की अनुमति नहीं दी गई। यह रिपोर्ट देश में तनाव बढ़ा रही है, और उन्हें हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में कुछ भी नहीं पता। उन्होंने कहा- मस्जिदों को तोड़कर कई मंदिर बनाए गए हैं। मेरा मानना है कि तथ्य इसके बिल्कुल विपरीत हैं। इस देश में ऐसी सोच को दबाने और विघटनकारी ताकतों को पनपने से रोकने के लिए इस समय एक नरेटिव युद्ध चल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक विदेशी एजेंसी, जिसे इन मामलों के तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है। और अगर ऐसी न्यायिक रिपोर्ट दी जा रही है, तो उसका एकमात्र उद्देश्य ज्ञानवापी, श्री कृष्ण जन्मभूमि या अन्य मामलों को दबाना है। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... मेरठ में ओलंपियन दुल्हन ने शादी में की फायरिंग, VIDEO:बॉक्सर दूल्हे ने नोटों की गड्डियां उड़ाईं, दोनों पर FIR मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी और किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज जीवनसाथी बन गए। लाल रंग का लहंगा पहने अन्नू अपनी सहेलियों के साथ स्टेज तक पहुंचीं। यहां साहिल ने आगे बढ़कर उनका हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज पर ले गए। फिर घुटनों के बल बैठकर अन्नू को फूलों का गुलदस्ता दिया। पढ़ें पूरी खबर...
एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ की '120 बहादुर' को लेकर चर्चा अब अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। फिल्म ट्रेलर ने पूरी तरह से रोमांच और प्रेरणा का सही मिश्रण पेश किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बलिदान दिवस पर मेजर शैतान सिंह ...
ग्वालियर के एक व्यापारी होली डेकोरेशन का काम करते हैं। कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी से होली बैलून ऑर्डर किए थे, जिसके बदले उन्होंने 61 हजार रुपए का भुगतान किया था। सोमवार को जब ऑर्डर की डिलीवरी हुई तो पैकेट खोलने पर उसमें बैलून की जगह कपड़ों की कतरन निकली। व्यापारी ने प्रोडक्ट के स्थान पर कतरन मिलने की शिकायत दर्ज कराने कंपनी के अधिकारियों को कॉल किया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद पीड़ित मंगलवार को एसएसपी ग्वालियर के दफ्तर पहुंचे और मामले की शिकायत की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शहर के चाबड़ी बाजार, मीट वाली गली स्थित सिंघल भवन निवासी रमाकांत सिंघल होली ने कुछ समय पहले रोहिणी सेक्टर-3, दिल्ली स्थित मेहरा इंटरप्राइजेज से होली बैलून का ऑर्डर दिया था। कंपनी की ओर से उनके वॉट्सऐप पर मोबाइल नंबर 9711767328 से बैलून के सैंपल के फोटो भेजे गए थे। सैंपल पसंद आने पर रमाकांत ने 61 हजार रुपए का ऑर्डर बुक किया और अपने बेटे के खाते से यह राशि कंपनी को ट्रांसफर कर दी। 16 नवंबर को माल की डिलीवरी हुई। रमाकांत ने कार्टन अपने गोदाम में खुलवाए तो उसमें बैलून की बजाय कपड़ों की कतरन निकली। लगाते रहे कॉल, नहीं मिला जवाब मेहरा इंटरप्राइजेज द्वारा गलत माल भेजे जाने पर रमाकांत ने कंपनी से कई बार संपर्क किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किए गए। वॉट्सऐप संदेशों का भी कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर वह एसपी ऑफिस पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
जालोर के आहोर उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेस का बीएलए प्रशिक्षण संपन्न हुआ। आहोर विधानसभा क्षेत्र के भाद्राजून और आहोर ब्लॉक की इस बैठक की अध्यक्षता विधानसभा प्रभारी डॉ. संजीव राजपुरोहित ने की। इस दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बीएलए प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी गई। 'SIR एक राजनीतिक युद्ध' बैठक में डॉ. राजपुरोहित ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया केवल वोटर लिस्ट का नवीनीकरण नहीं, बल्कि एक राजनीतिक युद्ध है। हमारा मुख्य उद्देश्य गरीबों, वंचितों, हाशिये पर बैठे समुदायों और कांग्रेस के पारंपरिक समर्थकों के वोटों को सुनियोजित तरीके से हटाने से बचाना है। जिलाध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल ने इस प्रक्रिया को 'विशेष गहन पुनरीक्षण' बताते हुए कहा कि यह एक सामान्य प्रशासनिक कार्य प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने कार्यकर्ताओं से केवल फॉर्म भरवाने तक सीमित न रहकर, लोकतंत्र के सबसे पवित्र अधिकार यानी वोट के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान किया। बोले- भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी बाधा आहोर विधानसभा प्रत्याशी सरोज चौधरी ने एसआईआर प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर मौजूदा वोटर का नाम 2002 की पिछली वोटर लिस्ट से मिलाया जाएगा। जिन मतदाताओं का डेटा पुरानी सूची से मेल नहीं खाएगा, उन्हें नोटिस जारी कर पात्रता साबित करने के लिए सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यह प्रक्रिया लाखों वास्तविक भारतीय नागरिकों के लिए एक बड़ी बाधा बन सकती है, विशेषकर प्रवासी मजदूरों, घुमंतू समुदायों, शादी के बाद नाम और पता बदलने वाली महिलाओं और उन युवा मतदाताओं के लिए जिनका नाम 2002 की सूची में नहीं था। सरोज चौधरी ने आगाह किया कि यह प्रक्रिया प्रशासनिक त्रुटि की आड़ में वोटों को व्यवस्थित रूप से काटने का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकती है, जिसे रोकना आवश्यक है। पीसीसी सदस्य सवाराम पटेल ने कार्यकर्ताओं को बीएलओ के संपर्क में रहने और उनके दौरों की जानकारी रखने तथा अपने बूथ के मतदाताओं के परिगणना प्रपत्र सही-सही भरवाने का निर्देश दिया।
राजस्थान के रेगिस्तान में भारत और ब्रिटेन की सेना के अभ्यास के लिए डमी शहर बनाया गया। यहां दोनों देशों की थल सेनाओं के 120-120 जवानों ने सिटी टेरर अटैक से निपटने का अभ्यास किया। ईंटों से एक शहर का काल्पनिक क्षेत्र तैयार किया गया। सेनाओं ने शहरी इलाके में आतंकवादियों से निपटने की प्रैक्टिस की और अपने-अपने तरीके और अनुभव शेयर किए। दोनों सेना के जवानों ने को-ऑर्डिनेशन के साथ शहरी इलाके में छुपे आतंकियों को ढूंढा और उनको ढेर किया। दरअसल, भारत-ब्रिटेन के संयुक्त सैन्य अभ्यास अजेय वॉरियर-25 का आठवां संस्करण सोमवार से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में शुरू हुआ। यह 14 दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास 30 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों की ट्रेनिंग लेंगी और विपरीत हालात में युद्ध लड़ने का अभ्यास करेंगी। शहरी इलाकों में आतंक विरोधी ऑपरेशनजानकारी के अनुसार, अभ्यास में भारत और ब्रिटेन की थल सेना का समान प्रतिनिधित्व है। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सिख रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अंतर्गत आयोजित यह अभ्यास शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित है। आगामी 2 सप्ताह के दौरान प्रशिक्षण में ब्रिगेड स्तर पर संयुक्त मिशन योजना, एकीकृत सामरिक अभ्यास, सिमुलेशन-आधारित परिस्थितियां और वास्तविक आतंकवाद-रोधी हालात को दर्शाने वाले कंपनी-स्तरीय फील्ड प्रशिक्षण शामिल होंगे। हर हालात में लड़ने की क्षमता डवलप करना टारगेटअभ्यास का उद्देश्य सबसे अच्छी टेक्नीक का आदान-प्रदान, सामरिक दक्षता को बढ़ाना और जटिल परिस्थितियों में समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता विकसित करना है। साल 2011 से द्विवार्षिक रूप से अजेय वॉरियर अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय सेना और ब्रिटेन की सेना के बीच यह प्रमुख संयुक्त सैन्य सहभागिता के रूप में विकसित हुआ है। 2025 का संस्करण प्रोफेशनलिज्म, सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता के साथ ही वैश्विक शांति के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करता है। अब तस्वीरों में देखिए कैसे किया अभ्यास... ये खबर भी पढ़ें जैसलमेर-बॉर्डर पर सेना ने दुश्मन के ठिकानों पर मचाई तबाही:हेलिकॉप्टर से उतरे जवान,एआई से टारगेट पर हमला; तीनों सेनाओं का 'ऑपरेशन त्रिशूल' जैसलमेर के रेगिस्तान में बने दुश्मन के ठिकानों पर बुधवार को भारतीय सेना के जवानों ने हेलिकॉप्टर से उतरकर तबाही मचाई। ध्रुव, रूद्र, चेतक और चीता हेलिकॉप्टर ने जवानों को कवर दिया। जवानों ने अचूक निशाना लगाया और दुश्मन का खात्मा कर दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
सऊदी अरब में बड़ा हादसा, मक्का से मदीना जा रहे 42 भारतीयों की मौत
सऊदी अरब में एक बड़े सड़क हादसे में कम से कम 42 भारतीयों की मौत हो गई
उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के बिगुल को GI (जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर) टैग मिला है। बिगुल एक वाद्ययंत्र है, जो किसी भी आंदोलन/कार्यक्रम की शुरुआत के लिए बजाया (फूंका) जाता है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का बिगुल फूंकना हो या RSS के पहले स्थापना दिवस पर बिगुल बजाना। मेरठ का बिगुल ही हर जगह इस्तेमाल हुआ। देश की ज्यादातर आर्म्ड फोर्सेज के बैंड में आज मेरठ का बिगुल शामिल है। GI टैग मिलने के बाद इसे बनाने वालों को अब क्या संभावनाएं नजर आती हैं? बिगुल का इतिहास क्या है? ये समझने के लिए दैनिक भास्कर मेरठ की जली कोठी में पहुंचा। यहां से दुनियाभर के लिए वाद्य यंत्र बनाए और सप्लाई किए जाते हैं। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... मेरठ में 140 साल पुरानी पहली फैक्ट्रीमेरठ के जली कोठी एरिया में नादिर अली एंड कंपनी है। इसी कंपनी ने सबसे पहले वाद्य यंत्र बनाना शुरू किया था। बिगुल का इतिहास समझने के लिए हम इसी कंपनी में पहुंचे। कंपनी के डायरेक्टर फैज आफताब बताते हैं- अंग्रेजों के वक्त से बिगुल इस्तेमाल होता रहा है। जब भी किसी वॉर में जाते हैं, मेहमान आते हैं तो उनके लिए बजाया जाता था। एक तरह से ये बिगुल पूरे बैंड को लीड करता था। इसका इतिहास वैसे तो अंग्रेजों के समय का है। लेकिन, 1885 में मेरठ में हमारे दादा नादिर अली ने एक छोटी यूनिट लगाकर बिगुल बनाना शुरू किया था। बिगुल और ट्रम्पेट (तुरही) से इसकी शुरुआत हुई थी। देश की आजादी के वक्त भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ यही बिगुल बजाया था। 1971 में भारत-पाक वॉर हुआ, तब सेना के फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ मेरठ आए। उनके साथ आर्मी के सब एरिया कमांडर और मेरठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी थे। उस वक्त उन्होंने हमारी फर्म पर आकर सेना के लिए बिगुल खरीदे थे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के पहले स्थापना दिवस पर जो बिगुल बजाया गया था, वो भी मेरठ की इसी फर्म से गया था। कैसे बनता है बिगुल, समझिएब्रास शीट को काटकर उसे हाथ से पीटा जाता है और बिगुल का आकार दिया जाता है। बिगुल की स्पेशल डाई होती है। उसी डाई के ऊपर ब्रास सीट को मोल्ड किया जाता है। इसके कई प्रोसेस हैं, तब ये फिनिशिंग लेवल तक जाता है। उसके बाद माउथ पीस को उस बिगुल में एड-ऑन किया जाता है, तब जाकर वो बज पाता है। फिलहाल तीन तरह के बिगुल बन रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा डिमांड कॉपर के बिगुल की है, जो पूरे हिंदुस्तान में हॉट सेलिंग है। दूसरा गोल्ड लेकर बिगुल है। मतलब उसके ऊपर पूरी फिनिशिंग गोल्ड जैसी है। तीसरा सिल्वर लेकर बिगुल है, जो ऑन डिमांड बनता है। निर्माता बोले- GI टैग से बाहरी मार्केट को मेरठ का इजी एक्सेस मिलेगाबिगुल निर्माता फैज आफताब ने बताया- अब हिंदुस्तान में कहीं भी कोई भी व्यक्ति अगर गूगल पर बिगुल टाइप करेगा तो स्क्रीन पर मैन्युफैक्चरिंग हब मेरठ आएगा। वहां बिगुल की ए-टू-जेड सारी जानकारी उपलब्ध होगी। इसलिए GI टैग से हमारे लिए बाहर की मार्केट अब इजी एक्सेस हो गई हैं। किसी को बिगुल लेना है, तो सीधा गूगल सर्च करके हम तक पहुंच सकता है। फिलहाल बिगुल का मार्केट आर्म्ड फोर्सेज, पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज में है। इसके अलावा अब स्कूल-कॉलेज से भी इसकी डिमांड आना शुरू हो गई है। हर स्कूल में एक बैंड बन गया है। उस बैंड में बिगुल भी शामिल है। क्या होता है GI टैग? किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। जब उस उत्पाद की ख्याति दुनियाभर में फैलती है, तब उसे प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया होती है। इसे GI यानी जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक भी कहा जाता है। संसद में उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर-1999 में अधिनियम पारित हुआ था। इस अधिनियम का नाम जीओ ग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स एक्ट-1999 रखा गया था। इसे 2003 में लागू किया गया। इसके तहत भारत में पाए जाने वाले प्रोडक्ट के लिए GI टैग देने का सिलसिला शुरू हुआ। GI टैग हासिल करने के लिए उस उत्पाद को बनाने वाली एसोसिएशन अप्लाई करती है। इसे अप्लाई करते वक्त ये बताना होता है कि उस उत्पाद को GI टैग क्यों दिया जाए? मतलब प्रोडक्ट की यूनीकनेस, ऐतिहासिक विरासत के बारे में प्रूफ देना होता है। दुनियाभर में बजते हैं मेरठ के वाद्ययंत्रमेरठ का वाद्य यंत्र उद्योग, खासकर ब्रास बैंड और हवा वाले यंत्र विश्व प्रसिद्ध है। ये करीब 200 साल पुराना है। यहां के कारीगर उच्च गुणवत्ता वाले ट्रम्पेट (तुरही), बिगुल, ड्रम और अन्य पीतल और तांबे के वाद्ययंत्र बनाते हैं। ये भारत के साथ दुनियाभर के कई देशों में निर्यात होते हैं। देश-विदेश की सेना भी इन्हें उपयोग करती है। ट्रम्पेट, बिगुल, ड्रम, यूफोनियम, सूसाफोन जैसे कई तरह के वाद्ययंत्र यहां बनते हैं, जिनमें से 90% बड़े आयोजनों में इस्तेमाल होने वाले वायु वाद्ययंत्र मेरठ में ही बनते हैं। यहां के वाद्ययंत्र न केवल पूरे भारत में, बल्कि सऊदी अरब, कतर, जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों में भी निर्यात होते हैं और ब्रिटिश सेना व बकिंघम पैलेस में भी इस्तेमाल हुए हैं। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में मायावती के साथ आ सकते हैं ओवैसी, बिहार में जीते बसपा विधायक ने AIMIM का पोस्टर लगाया बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बीच भी बसपा खाता खोलने में सफल रही। चुनाव जीतने के बाद पिंटू यादव मीडिया से बात कर रहे थे। उनके पीछे दो तस्वीर लगी थीं। पहली बसपा की और दूसरी AIMIM की। इस तस्वीर ने चर्चा तेज कर दी है कि क्या यूपी में बसपा-AIMIM साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है? पढ़ें पूरी खबर
इंदौर की प्राचीन पहाड़ी देवगुराड़िया को रालामंडल अभयारण्य की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यहां पहाड़ी पर चढ़ने के लिए ट्रैक के साथ ही सीमेंट के पैगाड़ा (मिनार जैसी संरचना), बगीचा, बच्चों के लिए झूले, ओपन जिम व आराम करने के लिए हट जैसी सुविधाएं नजर आएंगी। इनका काम अंतिम चरण में है। न्यू ईयर से यहां इन सुविधाओं की शुरुआत हो सकती है। आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए यहां एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। वहीं देवगुराड़िया में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिए सनावदिया रोड तरफ एंट्री-एग्जिट के साथ ही 50 कारों की पार्किंग जितनी व्यवस्था भी की जा रही है। रालामंडल की बात करें तो वीकेंड पर यहां 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंचते हैं। 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण 1. रेंजर संगीता ठाकुर के मुताबिक देवगुराड़िया की पहाड़ी भी संरक्षित है। इस पथरीली पहाड़ी में पूर्व में 10 हजार कंटूर किए गए थे। इस वजह से बारिश का पानी पहाड़ी में उतर जाता है। यहां भी सालभर हरियाली रहती है। पहाड़ी की चोटी पर एक तालाब भी है, जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा है। पहाड़ी के शीर्ष पर 21 हजार पौधे लगाए गए थे, जो अब पेड़ बन चुके हैं। पहाड़ी पर ट्रैकिंग के लिए कई जगह पक्का तो कई जगह मुरम, गिट्टी से ट्रैक बना दिया है। रालामंडल की तरह देवगुराड़िया की चोटी पर भी सिटी का 360 डिग्री व्यू देखने के लिए शिकारगाह जैसा निर्माण किया है। 2. देवगुराड़िया पहाड़ी पर सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में मोर नजर आते हैं। शाम को जंगली खरगोश भी झाड़ियों से सरपट भागते दिख जाते हैं। वहीं दर्जनों तरह की चिड़िया भी यहां सुबह के वक्त दिख जाती हैं। शहर में फिलहाल ट्रैकिंग, हरियाली के लिए पूरा लोड रालामंडल पर है। बारिश के चार महीनों में यहां इतनी भीड़ हाे जाती है कि गाड़ियां तिल्लौर रोड पर लगाना पड़ती है। देवगुराड़िया पहाड़ी को इसलिए विकल्प के रूप में तैयार किया जा रहा है।3. देवगुराड़िया की पहाड़ी व रालामंडल एक तरह से ग्रीन कॉरिडोर हैं। दोनों पहाड़ियों के बीच बड़ी संख्या में खेत, जंगल जैसा आवरण है। देवगुराड़िया के आसपास की कॉलोनी में भी दो महीने पहले तेंदुआ नजर आया था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में बस हादसे में भारतीय नागरिकों की मौत पर दुख जताया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सऊदी अरब में एक बस दुर्घटना में 45 भारतीय नागिरकों की मौत पर...
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
असहिष्णुता है, 'टैरिफ युद्ध' की वजह
भारत पर अधिकतम 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अलावा अमेरिका ने दुनिया के लगभग 67 देशों पर 'व्यापार टैरिफ' लगाया है
War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा
रितिक रोशन और एनटीआर स्टारर War 2 ‘स्पाई यूनिवर्स’ की बड़ी पेशकश मानी जा रही थी, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और औसत निर्देशन ने इसे निराशाजनक बना दिया। शानदार एक्शन सीक्वेंस और एनटीआर के दमदार परफॉर्मेंस के बावजूद फिल्म का सेकंड हाफ बिखर गया। कहानी में ...
ललित सुरजन की कलम से - युद्ध की तारीफ में
'नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं, यह उनका एक व्यक्तित्व है
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला अपनी खूबसूरती से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। उर्वशी ने बेहद ही कम समय में एक अलग मुकाम हासिल किया है। वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों के साथ 'मिलने और अभिवादन' के क्षणों में संलग्न रहती है। ऐसा ही एक क्षण था जब ...
सलमान खान की सिकंदर के आखिरी गाने में दिखेगा जबरदस्त जलवा, तुर्की से बुलाए गए 500 डांसर्स!
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की 'सिकंदर' इस साल की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है, जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इसके एक्शन-पैक्ड टीजर ने इसकी भव्य एंट्री के लिए एकदम परफेक्ट माहौल तैयार कर दिया है। भव्य पैमाने पर बनाई गई इस फिल्म में ...
केसरी वीर के लिए सूरज पंचोली ने की कड़ी ट्रेनिंग, ऐसे सीखा युद्ध कौशल
बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली अपनी पहली बायोपिक में वीर हामीरजी गोहिल के ऐतिहासिक किरदार को जीवंत करने जा रहे हैं। सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अभिनीत फिल्म 'केसरी वीर : लीजेंड्स ऑफ सोमनाथ' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। सोमनाथ मंदिर की ...
फरहान अख्तर लेकर आ रहे भारत-चीन युद्ध पर आधारित फिल्म 120 बहादुर, निभाएंगे मेजर शैतान सिंह का रोल
Movie 120 Bahadur : रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट, ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज के साथ मिलकर '120 बहादुर' को पेश करने के लिए उत्साहित हैं। यह फिल्म मेजर शैतान सिंह (पीवीसी) और चार्ली कंपनी, 13 कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों की कहानी कहती ...
बॉर्डर की 27वीं सालगिरह पर, अभिनेता सनी देओल ने एक घोषणा वीडियो के ज़रिए फ़्रैंचाइज़ी के दूसरे संस्करण की पुष्टि की है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर सनी ने बॉर्डर 2 में अपनी वापसी की आधिकारिक घोषणा करते हुए एक वीडियो शेयर किया और इसे 'भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म' बताया। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ''एक फौजी अपने 27 साल पुराने वादे को पूरा करने के बाद, आ रहा है फिर से। भारत की सबसे बड़ी युद्ध फिल्म, बॉर्डर 2।'' इस फिल्म का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, जेपी दत्ता और निधि दत्ता करेंगे। आगामी युद्ध फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करेंगे। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | पति से तकरार के बीच केन्या लौट गई हैं Dalljiet Kaur? शादी को बचाने की कर रही कोशिश सनी द्वारा घोषणा वीडियो शेयर किए जाने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कमेंट सेक्शन में बाढ़ ला दी। एक यूज़र ने लिखा, ''वाह, यह बहुत बढ़िया घोषणा है सर जी, जय हिंद।'' दूसरे ने लिखा, ''बहुत उत्साहित हूँ।'' तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, ''बॉर्डर 2 के लिए बहुत उत्साहित हूं।'' इसे भी पढ़ें: NDA पर इमोशनल बयान, काले सूट में ली मंत्री पद की शपथ और शर्मिला अंदाज, Tripti Dimri की तरह रातों रात भारत के Sensation बन गये Chirag Paswan सनी देओल की अन्य परियोजनाएं उन्हें आखिरी बार अमीषा पटेल के साथ गदर 2 में देखा गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत सफल रही और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। गदर 2 की सफलता के बाद, सनी ने लाहौर 1947 सहित कई फिल्में साइन कीं, जिसे आमिर खान के प्रोडक्शन बैनर के तहत बनाया जा रहा है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया है, जिन्होंने आमिर को कल्ट क्लासिक अंदाज़ अपना अपना (1994) में निर्देशित किया था। View this post on Instagram A post shared by Sunny Deol (@iamsunnydeol)
Kalki 2898 AD: शुरू हो गया नया युद्ध, पूरे ट्रेलर की अहम कड़ी हैं अमिताभ, प्रभास करेंगे इम्प्रेस
Kalki 2898 AD के ट्रेलर को देखें तो, फिल्म कल्कि 2898 एडी के मेकर्स ने विश्वास दिलाया है कि ये फिल्म लोगों को बांधने में कामयाब होगी. टफ सीक्वेंस, क्लियर एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर आपका ध्यान खींचते हैं. वीएफएक्स पर भी अच्छा काम किया गया है.
आशुतोष राणा ने डीपफेक वीडियो को बताया 'माया युद्ध', बोले- ये सालों से चल रहा
आशुतोष ने कहा कि ऐसी बातों में खुद को डिफेंड करने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि जो लोग आपको जानते हैं वो सवाल करेंगे ही नहीं. और जो नहीं जानते, उन्हें किसी रिस्पॉन्स से फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो दिमाग में आपकी एक छवि बना चुके होते हैं.
रानीति बालाकोट एंड बियॉन्ड: जिमी शेरगिल की नई सीरीज भारत की आधुनिक युद्ध की ऐतिहासिक कहानी को प्रदर्शित करेगी। जिमी शेरगिल दो मिनट के ट्रेलर की शुरुआत पुलवामा हमले की झलक से होती है। एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाने वाले आशीष कहते हैं, ये एक नया रण है या इसे जीतने के लिए एक नई रणनीति की जरूरत है। इसे भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार', कमांडर शंकर राव समेत अब तक 79 हुए ढेर, हिट लिस्ट में और भी कई नाम शामिल आगामी वेब शो आधुनिक युद्ध को डिकोड करता है जो केवल भौतिक सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि सोशल मीडिया, डिजिटल रणनीति और गुप्त राजनीतिक चालों के क्षेत्र से परे है जो भू-राजनीति को नया आकार देने की शक्ति रखता है। वेब श्रृंखला उन वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है जिन्होंने 2019 में देश को हिलाकर रख दिया था। शो में कुछ हवाई दृश्य, शानदार प्रदर्शन और एक शक्तिशाली कथा है जो युद्ध के मैदान के अंदर और बाहर हर पहलू को चतुराई से पकड़ती है। इसे भी पढ़ें: Biden को सोचना पड़ेगा फिर एक बार, Iran पर प्रहार तो रूस करेगा पलटवार, रक्षा मंत्रायल ने चिट्ठी लिखकर जता दी मंशा आगामी वेब श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, जिमी ने कहा: यह मेरे द्वारा अतीत में की गई किसी भी भूमिका से भिन्न है। कम से कम यह कहना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भारत की पहली वॉर-रूम केंद्रित वेब-श्रृंखला का हिस्सा बनना बेहद संतोषजनक भी है। वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित जिसने देश को हिलाकर रख दिया। एनएसए प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, आशीष ने कहा, एनएसए प्रमुख की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन रक्षा बलों के कुछ सदस्यों के साथ बैठकों ने मुझे अपने चरित्र की बारीकियों को समझने में मदद की। तैयारी कार्य और कार्यशालाएं मुझे वापस ले गईं मेरे एनएसडी के दिनों में। संतोष सिंह द्वारा निर्देशित, श्रृंखला का निर्माण स्फीयरओरिजिन्स मल्टीविजन प्राइवेट लिमिटेड के सुंजॉय वाधवा और कॉमल सुंजय डब्ल्यू द्वारा किया गया है। इसमें प्रसन्ना भी हैं। शो का प्रीमियर 25 अप्रैल को JioCinema पर होगा।
दर्शक काफी समय से रैपर बादशाह और हनी सिंह के बीच जुबानी जंग देख रहे हैं। दोनों का रिश्ता सालों से विवादों से भरा रहा है। हालांकि करियर के शुरुआती दिनों में बादशाह और हनी सिंह के बीच अच्छी दोस्ती हुआ करती थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि सफलता और पैसे ने धीरे-धीरे इस दोस्ती को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अब दोनों अक्सर एक दूसरे पर तंज कसते नजर आते हैं। हाल ही में हनी सिंह एक होली पार्टी में शामिल हुए, जहां उन्होंने बादशाह के 'पापा कमबैक' वाले कमेंट का करारा जवाब दिया। रैपर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे भी पढ़ें: Punjab Kings के खिलाफ जीत के बाद इंटरनेट पर Virat Kohli का Anushka Sharma के साथ वीडियो कॉल, FLY KISS देते नजर आये खिलाड़ी हनी सिंह ने बादशाह पर किया पलटवार बादशाह कुछ दिनों पहले हनी सिंह पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में थे, जिसमें उन्होंने हनी सिंह की वापसी पर कटाक्ष किया था। अब सिंगर और रैपर हनी सिंह ने एक कमेंट के जरिए बादशाह को करारा जवाब दिया है और कहा है कि उन्हें बादशाह को जवाब देने के लिए मुंह खोलने की जरूरत नहीं है। उनके फैन ही काफी हैं जो हर चीज पर बात कर सकते हैं। उन्होंने अपने गाली वाले अंदाज में अपने फैंस से बात करते हुए बादशाह का जवाब दिया। हनी सिंह को सोमवार को मुंबई में एक होली पार्टी में परफॉर्म करते देखा गया और यहीं उन्होंने बादशाह पर कटाक्ष किया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, हर कोई कहता है, रिप्लाई करो, रिप्लाई करो... मैं क्या रिप्लाई करूं... आप लोग तो उनके सारे कमेंट्स का बहुत अच्छे से रिप्लाई कर चुके हैं। मुझे मुंह खोलने की जरूरत है। ऐसा नहीं होता है। जैसे ही भीड़ ने उनके लिए तालियां बजाईं, गायक ने कहा, मुझे बोलने की जरूरत नहीं है। आप लोग खुद पागल हैं। हनी सिंह पागल हैं और उनके प्रशंसक भी पागल हैं। इसे भी पढ़ें: Taapsee Pannu के पति Mathias Boe आखिर कौन है? जब सफल भी नहीं थी एक्ट्रेस तब से उन्हें प्यार करते थे बैडमिंटन खिलाड़ी रैपर बादशाह ने क्या कहा? आपको बता दें कि हाल ही में बादशाह ने हनी सिंह पर कमेंट करते हुए कहा था, ''मुझे एक पेन और कागज दो। मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लाया हूं। मैं कुछ गाने लिखूंगा और तुम्हें दूंगा। पापा की वापसी तुम्हारे साथ होगी।'' Kalesh Controversy B/w Honey Singh and Badshah (Honey Singh Replied to Badshah) pic.twitter.com/o74t423bgS — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 25, 2024 Kalesh Between Badshah & Honey Singh Fans on Stage during Live Concert pic.twitter.com/M4VqSqLSc3 — Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) March 19, 2024
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