इमिग्रेशन फर्जीवाड़ा: राजस्थान से काबू आरोपी को लेकर अमृतसर पहुंची पुलिस
भास्कर न्यूज | अमृतसर हरियाणा पुलिस ने पंजाब समेत कई राज्यों में इमिग्रेशन ऑफिसों पर छापेमारी कर एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। इसी के तहत शनिवार को हरियाणा पुलिस आरोपी साहिल कुमार और एक महिला को लेकर उनके सिटी ऑफिस में पहुंची। जांच के दौरान दफ्तर से कागजात, पैसे बरामद किए। पुलिस अब तक मास्टरमाइंड साहिल सहित तीन लोगों को काबू कर चुकी हैं। जिसमें एक महिला शामिल है। हरियाणा पुलिस ने बताया कि यह जांच एक शिकायतकर्ता शिवचरण की शिकायत से हुई। उसने पुलिस को बताया कि इमिग्रेशन एजेंट प्रदीप नामक व्यक्ति ने उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 14 लाख रुपए लिए थे, पुलिस जांच में पता चला कि यह एजेंट जालंधर में प्रदीप के नाम से रह रहा था, जबकि उसके खिलाफ पहले से ही करीब छह पर्चे दर्ज हैं। आरोपी को राजस्थान से काबू किया गया। पूछताछ की तो पता चला कि उसका असली नाम साहिल है। अब तक आरोपी के पास से 874 ग्राम सोना और 26 लाख 50 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं। आरोपी के सिटी ऑफिस से कागजात और पैसे किए रिकवर
इंटरपोल व म्यांमार सेना ने राजस्थान के 23 बंधकों को छुड़ाया, 16 जयपुर पहुंचे
बंधक बनाकर युवकों से करवाते थे साइबर ठगी युवाओं को कंबोडिया-थाईलैंड और म्यांमार में आईटी कंपनी, होटलों में मोटी सैलरी पर नौकरी दिलवाने का सपना दिखाकर बुलाया। इसके बाद म्यांमार में साइबर ठगी गैंग ने एक बिल्डिंग में साइबर गुलाम बना लिया था। गैंग ने युवकों के पासपोर्ट व आईडी छीन लिए थे। बुधवार को इंटरपोल और म्यांमार सेना की मदद से राजस्थान के 23 बंधक युवकों को छुड़ाया गया। इनमें से 16 युवक शुक्रवार को जयपुर पहुंच गए, बाकी 7 युवक अगले सप्ताह पहुंचेंगे। ये युवक 2024 -25 में म्यांमार गए थे। 3 माह पहले साइबर सेल राजस्थान को इसकी जानकारी मिली तो इंटरपोल को सूचना दी गई। इसके बाद युवकों को भारत वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय, इंटरपोल ने म्यांमार सेना की मदद से अभियान शुरू किया था। स्टेट क्राइम ब्रांच में एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में प्लेसमेंट संचालकों ने इन युवकों को सोशल मीडिया पर आईटी जॉब इन एशिया के नाम से ऑफर देकर जाल में फंसाया था। वहां मारपीट करने में तीन युवकों के हाथ पैर में फ्रैक्चर हो गए थे। वहां इन्हें साइबर फ्रॉड करने की ट्रेनिंग दी गई। पुलिस अब पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में युवकों को भेजने वाले प्लेसमेंट संचालकों का पता लगा रही है। हर युवक को 1 करोड़ रुपए की ठगी करने पर 10 लाख रुपए इन्सेंटिव का एग्रीमेंट किया, लेकिन 7 लाख से अधिक नहीं दिया गया। इसके लिए शर्त थी कि वे न काम छोड़ सकते थे, न बाहर जा सकते थे। शर्त नहीं मानने पर मारपीट कर रुपए काट लिए जाते थे। वे परिजनों से भी संपर्क नहीं करने देते थे। पीड़ितों को ठगी के नेटवर्क से नहीं जुड़ने की हिदायत दी: जयपुर लौटे 16 लोगों में दौसा, कोटा, भरतपुर, झुंझुनूं और धौलपुर के युवक शामिल हैं। सभी को केंद्र और राज्य एजेंसियों ने काउंसलिंग व मेडिकल जांच के बाद परिजनों को सौंप दिया है। इन युवकों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वे साइबर ठगी की ट्रेनिंग भूले और दोबारा उस नेटवर्क से जुड़ने की कोशिश नहीं करें। म्यांमार में ठगों के कंप्यूटरों को रोलर से तोड़ा म्यांमार में साइबर ठगों के 5 से अधिक इंटरनेशनल साइबर ठगी सेंटर पर कार्रवाई कर कंप्यूटरों को एकत्र कर सेना ने रोलर चलाकर नष्ट किया। इन सेंटर में चीन, वियतनाम और भारत के लोगों को बंधक बनाकर ऑनलाइन फ्रॉड करवाया जा रहा है। करीब 8 देशों के युवकों के वहां होने का पता चला है, जिनमें ज्यादातर एशियाई देशों के युवक हैं।
फतेहाबाद के जाखल में पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के एक मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर एक लाख 10 हजार रुपए की ठगी की थी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजस्थान के दौसा जिले के टाटिया थैलावास, गुड़ा कटला निवासी नितिन कुमार बैरवा के रूप में हुई है। जाखल थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि खंड के गांव उदयपुर निवासी सतपाल सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के बेटे जगदीप सिंह, जो कनाडा में रहते हैं, के नाम से अगस्त महीने में एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाई गई थी। ठग ने खुद को जगदीप सिंह बताकर सतपाल सिंह से संपर्क किया और कहा कि उसे कनाडा में एजेंट को 1.10 लाख रुपए देने हैं, अन्यथा उसका वीजा रद्द हो जाएगा। सतपाल सिंह ने इस पर विश्वास कर यह राशि बैंक ऑफ बड़ौदा, दौसा (राजस्थान) के एक खाते में जमा करवा दी। असली बेटे से बात करते पर पता चला ठगी की बात बाद में अपने असली बेटे से बात करने पर उन्हें ठगी का पता चला, जिसके बाद उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने साइबर पोर्टल और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें नितिन कुमार बैरवा का नाम सामने आया। पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से 2200 रुपए नकद भी बरामद किए हैं। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 319 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस आरोपी से बरामद मोबाइल डेटा और बैंक विवरण की जांच कर रही है ताकि ठगी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा सके। थाना प्रभारी ने जनता से अपील की है कि साइबर ठगी होने पर तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके और ठगी गई राशि को रोका जा सके।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अगले सत्र से स्टूडेंट्स को सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा का मौका देगा। शिक्षा मंत्री ने कहा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के प्रावधानों के अनुसार अगले सत्र से दो बार बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। सभी विद्यार्थियों के लिए प्रथम बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य होगा। पास होने वाले स्टूडेंट्स को सभी सब्जेक्ट में से किन्हीं तीन में दूसरी परीक्षा में अपने प्रदर्शन में सुधारने की अनुमति दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा शनिवार को कोटा के गणेश नगर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में की। फेल होने पर भी सुधार करने का मौका मिलेगा पूरक योग्य घोषित विद्यार्थियों को भी अधिकतम तीन विषयों में दूसरे अवसर में परीक्षा परिणाम सुधारने की अनुमति दी जाएगी। इसमें पूरक विषय सम्मिलित रहेंगे। यदि कोई विद्यार्थी प्रथम परीक्षा में अनुत्तीर्ण (फेल) रहता है तो उसे भी दूसरे अवसर में फेल विषयों में सुधार करने की अनुमति दी जाएगी। यदि विद्यार्थी इस द्वितीय अवसर की परीक्षा में किसी विषय में अनुत्तीर्ण रहता है, तो ऐसे विद्यार्थियों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा। वे केवल अगले वर्ष फरवरी माह में मुख्य परीक्षा में ही सम्मिलित हो सकेंगे। फरवरी-मार्च और मई-जून में होगा एग्जामशिक्षा मंत्री ने बताया कि साल में एक बार मुख्य परीक्षा फरवरी- मार्च में आयोजित की जाएगी। उसके परिणाम की घोषणा के बाद उसी सत्र में दूसरी परीक्षा मई -जून में आयोजित की जाएगी। इसे 'द्वितीय अवसर परीक्षा' नाम दिया जा सकता है। दोनों परीक्षाएं उस साल के पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। अध्ययन योजना और परीक्षा योजना सामान रहेगी। गैरमौजूद होने पर अधिकारी से सर्टिफिकेट चाहिए होगामुख्य परीक्षा में गैरमौजूद रहने वाले विद्यार्थी को सक्षम अधिकारी के चिकित्सा प्रमाण पत्र/संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही द्वितीय अवसर परीक्षा में प्रवेश की अनुमति दी जा सकेगी। द्वितीय अवसर पर परीक्षा शुल्क मुख्य परीक्षा के समान ही रहेगा तथा 'बेस्ट ऑफ टू अटेम्प्ट्स' सिद्धांत लागू रहेगा। यानी दोनों परीक्षाओं में प्राप्त श्रेष्ठ अंक अंतिम परिणाम में मान्य होंगे।
डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा थाना पुलिस ने 'ऑपरेशन स्वच्छता' के तहत रतनपुर बॉर्डर पर एक लग्जरी कार से 23 कार्टन राजस्थान निर्मित शराब जब्त की है। पुलिस ने इस मामले में एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। जब्त की गई शराब की अनुमानित कीमत करीब 2 लाख रुपए बताई जा रही है। बिछीवाड़ा थाने के थानाधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा 'ऑपरेशन स्वच्छता' चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत, राजस्थान-गुजरात के रतनपुर बॉर्डर से शराब तस्करी की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस ने रतनपुर बॉर्डर पर नाकेबंदी की। इस दौरान एक लग्जरी कार को रोककर उसकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान कार में राजस्थान निर्मित शराब के कार्टन भरे हुए पाए गए। पुलिस ने कार को जब्त करते हुए उसमें से शराब के 23 कार्टन बरामद किए। पुलिस ने अहमदाबाद निवासी तस्कर शोहेब खान को आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस गिरफ्तार तस्कर से आगे की पूछताछ कर रही है।
CSK फैंस के लिए खुशखबरी, धोनी खेलेंगे IPL 2026, CSK में होगी संजू सैमसन की एंट्री?
IPL 2026 NEWS : चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के फैंस के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। टीम के दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब भी रिटायर नहीं होने वाले हैं। फ्रेंचाइज़ी के सीईओ कासी विश्वनाथन (Kasi Viswanathan) ने पुष्टि की है कि धोनी IPL 2026 में भी पीली जर्सी में खेलते नजर आएंगे। धोनी ने खुद टीम मैनेजमेंट को अपनी उपलब्धता की जानकारी दी है। विश्वनाथन ने कहा, “एमएस ने हमें बताया है कि वह अगले सीजन के लिए तैयार हैं। वह सिर्फ खेलेंगे ही नहीं, बल्कि टीम की रणनीति और प्लानिंग में भी अहम भूमिका निभाएंगे।” CSK के लिए कठिन रहा पिछला सीजन आईपीएल 2025 का Chennai Super Kings के लिए निराशाजनक रहा था। टीम 14 में से सिर्फ 4 मैच जीत सकी और पहली बार पॉइंट्स टेबल के निचले पायदान पर रही। कप्तान रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) के चोटिल होने के बाद धोनी ने बीच सीजन में फिर से कप्तानी संभाली, लेकिन टीम की किस्मत नहीं बदल सकी। अब जब आईपीएल 2026 नजदीक है, फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि यह धोनी का आखिरी लेकिन यादगार सीजन साबित होगा। अगर वह खेलते हैं, तो यह CSK के साथ उनका 17वां और कुल 19वां आईपीएल सीजन होगा। धोनी ने अब तक CSK के लिए 248 मैचों में 4,865 रन बनाए हैं और टीम को पांच बार चैंपियन बनाया है — 2010, 2011, 2018, 2021 और 2023 में। संजू सैमसन को लेकर बड़ी हलचल इसी बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के कप्तान संजू सैमसन (Sanju Samson) को लेकर कई टीमों के बीच ट्रेड की बातचीत जारी है। बताया जा रहा है कि संजू खुद नई शुरुआत करना चाहते हैं और इसके लिए CSK, दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals), लखनऊ सुपर जायंट्स (Lucknow Super Giants) और कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Rights) जैसी टीमों से बातचीत चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, CSK और RR के बीच इस डील पर गंभीर चर्चा हो रही है। ट्रेड के तहत राजस्थान किसी बड़े CSK खिलाड़ी को अपने साथ लेने पर विचार कर सकता है। दोनों टीमों के मैनेजमेंट के बीच बातचीत जारी है और 10 या 11 नवंबर को धोनी, रुतुराज गायकवाड़, स्टीफन फ्लेमिंग और कासी विश्वनाथन*की एक अहम मीटिंग भी होनी है, जिसमें इस सौदे को लेकर अंतिम फैसला हो सकता है। BCCI ने 15 नवंबर तक टीमों को अपने रिटेन (Retain) किए गए खिलाड़ियों की सूची देने की समय सीमा तय की है। इसके बाद दिसंबर में आईपीएल 2026 का मिनी ऑक्शन होने की संभावना है। ऐसे में आने वाले कुछ हफ्ते काफी रोमांचक रहने वाले हैं क्योंकि कई बड़े नाम टीम बदल सकते हैं। ALSO READ: आखिर क्या है प्रधानमंत्री मोदी का 'Skin Care Routine'? महिला क्रिकेट टीम का मजेदार सवाल, जानिए, खुद पीएम ने क्या कहा [VIDEO]
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में राज्य से बाहर के व्यक्ति को कुलगुरु बनाने को लेकर विवाद गहराने लगा है। कुछ समय पहले राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) में महाराष्ट्र के डॉ. प्रमोद येवले को कुलगुरु नियुक्त करने को लेकर डॉक्टरों ने विरोध किया था। अब ऐसी ही स्थिति संस्कृत विवि में सामने आ रही है। कुलगुरु पद के लिए गठित सर्च कमेटी ने जो चार नाम सौंपे हैं। उनमें तीन बिहार से और एक यूपी से है। बिहार से प्रो. मदनमोहन झा, प्रो. श्रीधर मिश्र और प्रो. राधाकांत ठाकुर और यूपी के मेरठ के प्रो. सोमदेव शतांशु का नाम शामिल है। राजस्थान से एक भी विद्वान का नाम शामिल नहीं है। विधायकों का सीएम को पत्रप्रदेश के संस्कृत विद्वानों का कहना है कि राजस्थान में कई विद्वान हैं, लेकिन अनदेखी कर बाहरी को प्राथमिकता दी जा रही है। आरयूएचएस की तरह संस्कृत विवि में यह गलती क्यों दोहराई जा रही है। छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, डीडवाना विधायक युनूस खान और बाली विधायक पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने राज्य के विद्वानों को ही कुलगुरु लगाने की मांग का पत्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखा है। आवेदन प्रक्रिया पर भी सवाल विवि में कुलगुरु पद के निर्धारित तिथि तक 28 आवेदन आए थे। सर्च कमेटी चेयरमैन प्रो. अखिल रंजन गर्ग (बीकानेर तकनीकी विवि कुलपति) ने बाद में 11 दिन अवधि बढ़ा दी। समय बढ़ाने के बाद 5 और आवेदन आए। राजस्थान निवासी संस्कृत विद्वान ही संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद पर नियुक्त होना चाहिए। -बालमुकुन्दाचार्य, हवामहल विधायक एवं सिंडिकेट सदस्य संस्कृत विवि, जयपुर
मदन दिलावर के नेतृत्व में फिर बना विश्व रिकॉर्ड, राजस्थान देश में रहा सिरमौर
कोटा। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर देशभर में आयोजित किए जा रहे उत्सवों के क्रम में राजस्थान में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश भर में विभाग के विद्यालयों एवं कार्यालयों में सामूहिक रूप से एक साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम का गायन करके एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार […] The post मदन दिलावर के नेतृत्व में फिर बना विश्व रिकॉर्ड, राजस्थान देश में रहा सिरमौर appeared first on Sabguru News .
सेवा का पर्याय' है स्काउटिंग:कलेक्टर डॉ गर्ग, राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड ने मनाया स्थापना दिवस
भारत स्काउट गाइड का स्थापना दिवस मनाया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर डॉ. अरुण गर्ग थे। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य जिला आयुक्त जयदीप झाझडिया तथा जिला कमिश्नर एवं जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) राजेश मील विशिष्ट अतिथि थे। जिला कलक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने स्काउट गाइड स्टिकर का विमोचन किया। सी.ओ. स्काउट महेश कालावत और सी.ओ. गाइड प्रियंका कुमारी ने जिला कलक्टर और शिक्षा अधिकारियों को स्काउट स्टीकर लगाकर उनसे आर्थिक सहयोग प्राप्त किया। आर्थिक आत्मनिर्भरता और आपदा राहत के लिए पहल सी.ओ. स्काउट महेश कालावत ने बताया कि राष्ट्रीय मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा भारत स्काउट गाइड संगठन को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 10 मूल्य का यह स्काउट गाइड स्टिकर बिक्री के लिए जारी किया गया है।इस कोष का उपयोग संगठन की नियमित सेवाभावी गतिविधियों के साथ-साथ विभिन्न आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, अग्नि, दुर्घटना आदि से पीड़ित व्यक्तियों की मदद के लिए किया जाएगा। निस्वार्थ सेवा ही सकारात्मकता की कुंजी जिला कलक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने स्काउट गाइड संगठन को 'सेवा का पर्याय' बताया। उन्होंने निस्वार्थ भाव से कार्य करने के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमें प्रत्येक कार्य को पूर्ण निष्ठा एवं बिना किसी स्वार्थ के करना चाहिए। निस्वार्थ भाव से किया गया कार्य निश्चित रूप से सकारात्मक ऊर्जा एवं सकारात्मक सोच प्रदान करता है। कलक्टर ने जीवन में 'श्रेष्ठ करें', 'बेस्ट करें' और वातावरण के अनुसार एडजस्टमेंट करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को पूरी तन्मयता और मनोयोग से करने पर ही उसमें सफलता मिलती है। प्रोग्राम में विप्लव न्योला: उपनिदेशक, महिला अधिकारिता विभाग, मान महेंद्र सिंह भाटी: पूर्व सहायक राज्य संगठन आयुक्त, प्रहलाद राय जांगिड़: एडल्ट रिसोर्स कमिश्नर, रामावतार सबलानिया: हैड क्वार्टर कमिश्नर, बंसीलाल (झुंझुनू), महेंद्र सिंह (चिड़ावा), मनोज शर्मा (पिलानी), महेश सैनी (सूरजगढ़), रामचंद्र मीणा (अलसीसर), जितेंद्र कुमार (खेतड़ी), जयचंद भढ़िया (मंडावा), मनोहर लाल रणवा (गुढ़ा गोड़जी), निरंजन लाल शर्मा (चिड़ावा कोषाध्यक्ष), महेश कुमार (अलसीसर सहायक सचिव), विजय गर्वा (मान नगर सहायक सचिव), स्काउट मास्टर रौनक वर्मा, कविराज और गाइड कैप्टन पदमा सिंह आदि मौजूद थे।
सरपंच संघ राजस्थान का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के नेतृत्व में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिला। पंचायतों की वित्तीय व नरेगा संबंधी समस्याओं पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने भुगतान प्रक्रिया तेज करने और लंबित राशि जल्द जारी करने का आश्वासन दिया।
उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU) ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी। वहीं पहले सेमेस्टर के बाद अब किसी भी सेमेस्टर में स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने के बाद फिजिकल कॉपी जमा करवाने के लिए यूनिवर्सिटी नहीं आना पडे़गा। पहली बार राजस्थान में यह MLSU ने यह पहल शुरू की है। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी ने इस सत्र के लिए ग्रेजुएशन (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) फर्स्ट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू कर दी। यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर डिपार्टमेंट ने इसे लेकर ऑफिशियल अधिसूचना जारी कर दी है। सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से जुडे़ 210 कॉलेज, परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा करने की अनिवार्यता रद्द सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से जुडे़ 210 कॉलेज हैं, जहां 35 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर में एडमिशन लेने की संभावना है। यूनिवर्सिटी ने अब ऐतिहासिक निर्णय करते हुए छात्रों को परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी के संबंध में बड़ी राहत दी है। विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता परिषद में परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश कुमार बारबर के प्रस्ताव पर निर्णय करते हुए छात्रों को परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा करने की अनिवार्यता रद्द कर दी है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुकेश बारबर ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी संगठक एवं संबद्ध कॉलेज के (UGPG) द्वितीय वर्ष एवं उसके आगे की कक्षाओं के सभी छात्रों के परीक्षा फॉर्म की हार्ड कॉपी को जमा करने की अनिवार्यता रद्द कर दी है। अब स्टूडेंट्स को लंबी कतारों में लगकर परेशान होने की दिक्कतें नहीं आएगी। ग्रामीण इलाकों से आने वाले स्टूडेंट्स को घर बैठे ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरकर फॉर्म जमा करने के लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस निर्णय का सभी छात्र संगठनों ने स्वागत किया है। ऐसे भरें फॉर्म: विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट https://mlsu.ac.in पर जाएं। 'Examination' सेक्शन में 'Online Examination Form' लिंक पर क्लिक करें। या सीधे पोर्टल https://mlsuexamination.sumsraj.com पर लॉगइन करें। एबीसी आईडी (ABC ID) अनिवार्य है। यदि नहीं है तो पहले रजिस्ट्रेशन करें। फॉर्म भरने के बाद फीस ऑनलाइन जमा करें और प्रिंटआउट लें। फॉर्म भरने के लिए जरूरी दस्तावेज
पलवल में पेंसिल पैकिंग की नौकरी दिलाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले आरोपी को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच पूरी होने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। साइबर क्राइम थाना प्रभारी नवीन कुमार ने बताया कि टीकरी ब्राह्मण गांव निवासी मुकेश ने शिकायत दी थी कि 3 नवंबर को उसकी पत्नी के साथ एक अज्ञात व्यक्ति ने घर बैठे पेंसिल पैकिंग की जॉब दिलाने का झांसा देकर 5,700 रुपए की ठगी की। पीड़ित ने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। राजस्थान से पकड़ा गया आरोपी जांच के दौरान साइबर तकनीकी और बैंक रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस ने राजस्थान के जिला अलवर के आलमपुर गांव निवासी बलबिंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपी को अदालत में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान आरोपी के मोबाइल से ठगी से संबंधित चैट, क्यूआर कोड और मैसेज बरामद हुए। नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश पूछताछ के बाद आरोपी को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं और अब इस साइबर ठगी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। साइबर क्राइम पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन ठगी में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
विश्व पर्यटन बाजार लंदन (WTM London 2025) में राजस्थान की संस्कृति, विरासत और हस्तशिल्प की मनमोहक झलक ने सबका दिल जीत लिया। भारतीय उच्चायोग, लंदन में आयोजित इस आयोजन में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने राज्य की समृद्ध परंपराओं, पर्यटन विकास योजनाओं और वैश्विक साझेदारी की नई दिशा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में गोवा के मंत्री रोहन खौंटे, आंध्र प्रदेश के मंत्री कांदुला दुर्गेश, मध्यप्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरैस्वामी, भारत सरकार के संयुक्त सचिव हरिकिशोर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं पर्यटन उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस मौके पर दीया कुमारी ने कहा कि लंदन और राजस्थान दोनों इतिहास, सौंदर्य और सृजनशीलता के प्रतीक हैं। राजस्थान न केवल शाही भव्यता का प्रतीक है, बल्कि लोक जीवन, कला और परंपरा की आत्मा भी है। उन्होंने बताया कि राजस्थान का हर क्षेत्र अपनी अलग पहचान रखता है। जोधपुर और चित्तौड़गढ़ के किले, उदयपुर की झीलें, जैसलमेर के रेतीले टीले और जयपुर की शाही स्थापत्य कला एवं शिल्प दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राजस्थान की प्रसिद्ध ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ ट्रेन, शाही महलों में होने वाले डेस्टिनेशन वेडिंग्स और लोकसंगीत-नृत्य की परंपराएँ पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को सुगम, सुरक्षित और सतत बनाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों और शिल्प समुदायों को भी पर्यटन की मुख्यधारा से जोड़ रही है। उन्होंने बताया कि डिजिटल नवाचारों और बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से राजस्थान को और अधिक सुलभ तथा पर्यटक–अनुकूल बनाया जा रहा है। अंत में उन्होंने कहा कि राजस्थान सिर्फ एक गंतव्य नहीं, एक अनुभूति है, जो हर यात्री के हृदय में बस जाती है।
उत्तर भारत से चली बर्फीली हवाओं ने राजस्थान में अचानक सर्दी तेज कर दी। तापमान 7 डिग्री तक गिर गया और सीजन में पहली बार पारा सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ। नागौर और फतेहपुर में गुरुवार को सबसे ज्यादा सर्दी रही, यहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज हुआ। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। सर्द हवाएं चलने से तापमान में 2 से 3 डिग्री तक और गिरावट हो सकती है। पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे कम तापमान सीकर के पास फतेहपुर में दर्ज हुआ, जहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फतेहपुर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान में 5.8 डिग्री की गिरावट हुई। कल यहां तेज सर्दी के साथ देर शाम हल्की सर्द हवाएं भी चलीं। फतेहपुर के अलावा, नागौर में कल न्यूनतम तापमान 9.4 और बीकानेर के पास लूणकरणसर में तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सभी शहरों में पारा 20 डिग्री से नीचे आयागुरुवार इस सीजन में पहली बार ऐसा हुआ, जब सभी शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। बाड़मेर में न्यूनतम तापमान 18.2, जैसलमेर में 17.5, फलोदी में 18.2, जोधपुर में 13.7, बीकानेर, गंगानगर में 14.2-14.2, उदयपुर में 14, सीकर में 11, पिलानी में 11.6, जयपुर में 16.7, अजमेर में 13.7, कोटा में 17.8 और अलवर में 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दिन में भी रहा सर्द हवाओं का असर उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं का असर राजस्थान के शहरों में कल दिन में भी रहा। यहां कल दिन के अधिकतम तापमान में लगभग सभी शहरों में गिरावट हुई। कल दिन में सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, अलवर, सीकर, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर समेत अन्य कुछ शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ।
पटना लिटरेरी फेस्टिवल (पीएलएफ) अब जयपुर की सांस्कृतिक फिजाओं में अपनी अदब की महक घोलने जा रहा है। पीएलएफ की अगली कड़ी “एलिट नशिस्त – दिल की शायरी महफिल-3” का आयोजन 22 नवम्बर 2025 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शाम 6 बजे से रात 9:30 बजे तक किया जाएगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान वफ्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. खानु खान बुधवाली, रिटायर्ड आईएएस डॉ. मधुकर गुप्ता, किरण सोनी गुप्ता उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का पोस्टर गुरुवार को जवाहर कला केन्द्र के कॉफी हाउस में किया गया। कार्यक्रम में देश के जाने-माने सात शायर और कवि अपनी प्रस्तुति देंगे, जिनमें अजहर इकबाल, सपना मूलचंदानी (अजमेर), सैयद तबरेज मुनव्वर राणा (लखनऊ), चिराग शर्मा, दीपा सैनी (जयपुर) और अविनाश जोशी (जयपुर) शामिल हैं। प्रवेश आमंत्रण कार्ड के माध्यम से ही होगा। कला और संस्कृति को नई दिशा देगा पीएलएफ पीएलएफ के संस्थापक एवं सचिव खुर्शीद अहमद ने बताया कि बड़े काम करना है तो बड़े शहर में जाना होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दी और उर्दू भाषा को आगे ले जाने और कला-संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए पीएलएफ पिछले सात वर्षों से लगातार काम कर रहा है। जयपुर में अब हर वर्ष 4 से 6 कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। अहमद ने कहा कि सरकार को कला और साहित्यिक आयोजनों को सहयोग देना चाहिए, जिससे ऐसे प्रयास और सशक्त बन सकें। उन्होंने कहा किएलिट नशिस्त की यह श्रृंखला जयपुर के बाद दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक पहुंचेगी।
शाहरुख खान से मिले जयपुर के चार फैंस:जयपुर चैप्टर के जरिए जोड़ रहे राजस्थान का फैन नेटवर्क
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान ने देशभर के अपने फैंस से मुलाकात की। इस दौरान जयपुर के चार फैंस को भी आमंत्रित किया गया। मुंबई में आयोजित एसआरके डे इवेंट में जयपुर के प्रियांशु शर्मा, तुषार, अपेक्षा और शिवम ने हिस्सा लिया। इनमें से प्रियांशु शर्मा एसआरके यूनिवर्स फैन क्लब के जयपुर चैप्टर का संचालन करते हैं। राजस्थान के फैंस को सक्रिय रूप से इस क्लब से जोड़ रहे हैं। जयपुर चैप्टर के सदस्यों को इस बार शाहरुख खान ने खुद स्पेशल इनविटेशन देकर बुलाया और उनसे पर्सनली मुलाकात की। प्रियांशु ने बताया- हम शाहरुख खान के बहुत बड़े फैन हैं। जयपुर चैप्टर के सदस्य अब लगातार बढ़ रहे हैं। हम शाहरुख की हर एक्टिविटी को सेलिब्रेट करते हैं। उनकी आने वाली फिल्म ‘किंग’ के लिए हम पहले से ही तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने बताया- क्लब की कोशिश रहती है कि शाहरुख खान के खास मौकों पर उनकी पुरानी फिल्मों की स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित की जाए और नई फिल्मों के रिलीज दिन पहले शो के लिए पूरा सिनेमा हॉल एडवांस में बुक कर लिया जाए। प्रियांशु ने बताया- बर्थडे पर हुए इस इवेंट में शाहरुख खान ने अपनी लाइफ जर्नी और अनुभव साझा किए, जिसने सभी को बेहद प्रेरित किया। जिस तरह उन्होंने अपने करियर और परिवार को संभाला है, वह हमारे लिए एक मोटिवेशन से कम नहीं है। इस खास मौके ने जयपुर के फैंस के लिए यादगार लम्हे छोड़ दिए। जहां उनके पसंदीदा सितारे से मुलाकात ने फैंडम को और मजबूत कर दिया।
प्रसिद्ध नृत्यांगना, कोरियोग्राफर और इंडियन क्लासिकल डांस की टीचर, शर्मिला बिस्वास एंड ओडिसी एंड विजन मूवमेंट सेंटर, कोलकाता की ओर से आज राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी), जयपुर में अपना प्रोडक्शन ‘सृष्टि प्रलय’ प्रस्तुत किया गया। यह प्रस्तुति आगामी 22 और 23 नवंबर को आरआईसी में होने वाले पहले जयपुर डांस कॉन्क्लेव के लिए एक विशेष कर्टन रेजर के रूप में आयोजित की गई। ओडिसी परंपरा में एक मशहूर नाम, शर्मिला बिस्वास अपने गहन शोध-आधारित, विचारोत्तेजक और पौराणिक विषयों को सजीव करने वाले नृत्य-प्रयोगों और संगीत के लिए जानी जाती हैं। प्रस्तुति 'सृष्टि प्रलय' (क्रिएशन और डिसोल्यूशन) भी कुछ अलग नहीं थी, एक गहन और संवेदनशील यात्रा, जिसमें ताल, मिथक और सृष्टि के चक्र का अनूठा संगम दिखाई दिया। प्रस्तुति का पहला सेगमेंट, ‘सृष्टि तत्त्व’ जयदेव के दशावतार से प्रेरित था, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों के माध्यम से सृष्टि के निर्माण के विचार को प्रस्तुत किया गया। इस नृत्य में पारंपरिक ओडिसी मुद्राओं को सुंदर दृश्य चित्रों और जटिल लयों के साथ जोड़कर सृजन और संरक्षण के शाश्वत संतुलन को दर्शाया गया। दूसरे सेगमेंट, ‘ध्वनि-प्रतिध्वनि’ में प्रस्तुति का रूप शास्त्रीय से लोक की ओर स्थानांतरित हो गया, जहां ताल की मौलिक ऊर्जा का उत्सव मनाया गया। भारत की ग्रामीण परंपराओं से प्रेरणा लेते हुए, इसमें यह दर्शाया गया कि संगीत और नृत्य की उत्पत्ति कैसे भगवान शिव 'ब्रह्मांडीय नर्तक' के द्वारा हुई। जब मंच पर डंडा वादकों की गूंजती थापें बजीं और कथावाचकों ने शिव के नृत्य की कथाएं सुनाईं, तो पूरा सभागार एक पवित्र ऊर्जा से भर उठा। प्रस्तुति ने उस पौराणिक क्षण को जीवंत किया जब शिव के कमरबंध की घंटियां टूटकर धरती पर बिखर गईं, और उसी के साथ लय का ज्ञान मनुष्यों तक पहुंचा। यह उस दिव्य ध्वनि की खोज का प्रतीक था, जिसके माध्यम से मनुष्य ने संगीत को महसूस करना सीखा। ‘ध्वनि-प्रतिध्वनि’ के माध्यम से शर्मिला बिस्वास और उनकी टीम ने मुक्त, जोशपूर्ण लोक तालों से शास्त्रीय नृत्य की सुसंरचित लय तक का सहज और सुंदर परिवर्तन प्रस्तुत किया। यह परिवर्तन स्वाभाविकता और शैली - अराजकता और सृजन के बीच चलने वाले शाश्वत संवाद का प्रतीक था। प्रस्तुति की ऊर्जा, भावनात्मक गहराई और नृत्य-शिल्प की उत्कृष्टता ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। कार्यक्रम के समापन पर पूरा सभागार दर्शकों की खड़े होकर बजाई गई तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जयपुर डांस कॉन्क्लेव (जेडीसी), जयपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक नई और अनूठी पहल है, जो भारतीय नृत्य की कालातीत सुंदरता और उसके समकालीन स्वरूप का उत्सव मनाती है। यह मंच शास्त्रीय परंपराओं और आधुनिकता के संगम के माध्यम से संवाद, खोज और प्रदर्शन का अवसर प्रदान करेगा। अपने उद्घाटन संस्करण में, यह दो दिवसीय फेस्टिवल आकर्षक प्रस्तुतियों, कार्यशालाओं और चर्चाओं की एक रोमांचक श्रृंखला पेश करेगा, जिसमें पूरे भारत से प्रमुख डांसर्स, कोरियोग्राफर्स और सांस्कृतिक विशेषज्ञ एकत्र होंगे। अमृता लाहिड़ी और मंजोत चावला द्वारा संकल्पित और क्यूरेट किया गया, जेडीसी आर्टस्पॉट्स की पहल है। जयपुर डांस कॉन्क्लेव का उद्देश्य जयपुर के दर्शकों के बीच भारत की समृद्ध और विविध नृत्य परंपरा के प्रति जागरूकता और सराहना को बढ़ावा देना है।
300 साल से ज्यादा के मुगलिया इतिहास में बाबर के बाद औरंगजेब दूसरा सबसे क्रूर बादशाह हुआ। हिंदुस्तान के सैकड़ों छोटे-बड़े मंदिर तबाह करने के बाद उसकी नजर श्रीकृष्ण की लीलाभूमि पर थी। ऐसा कोई दिन न बीतता था, जब ब्रज का कोई न कोई मंदिर खंडित न होता हो। वृंदावन के लोग अपनी आंखों के सामने अपने ‘ठाकुर’ का स्थान उजड़ते देख रहे थे। इनमें कुछ ऐसे भी थे, जो जान की बाजी लगाकर अपने ‘नाथ’ के विग्रह बचाने में जुटे थे। दूसरे एपिसोड में आज पढ़िए, श्रीनाथ जी की गोवर्धन से नाथद्वारा तक की यात्रा। 2 साल, 4 महीने, 7 दिन का रोमांचक सफर... भगवान ने कैसे मेवाड़ की राजधानी उदयपुर की जगह सिहाड़ गांव में रहना चुना… कहानी से पहले ये जानना जरूरी है... रात का समय। हरिनाम कीर्तन से गूंजने वाले गोवर्धन के आसपास के गांवों में सन्नाटा था। हवाओं में खौफ था। गोवर्धननाथ जी (कैसे बने श्रीनाथ, सबसे नीचे स्लाइड में देखें) के सेवायत (पुजारी) सुकुमार तिलकायत दामोदर, उनके काका गोविंद, बालकृष्ण और वल्लभ महाराज गंभीर चर्चा कर रहे थे। वल्लभ महाराज ने कहा- “कई विग्रह तो पहले ही निकल चुके हैं। हमें भी कुछ करना चाहिए।” काका गोविंद परेशान थे। बुझी हुई आवाज में बोले- “ये इतना आसान नहीं है दामोदर। हर मोड़ पर खतरा है। मुगल फौज को भनक भी लगी तो सब गड़बड़ हो जाएगा।” बालकृष्ण ने धीरे से कहा- “कुछ लोग पकड़े गए हैं। उनके साथ क्या हुआ, सब जानते हैं। कहीं हम भी कहानी बनकर न रह जाएं।” इन चर्चाओं के बीच तिलकायत दामोदर चुप थे। सभी की नजरें एक साथ उनकी तरफ मुड़ीं। जैसे सभी पूछना चाह रहे हों- “आपकी राय…?” दामोदर जी ने सांस छोड़ते हुए कहा- “ठाकुर जी सुरक्षित रहें, इसके लिए विस्थापन ही सही। मुश्किलें तो आएंगी, लेकिन गोवर्धननाथ जी साथ हैं तो डर कैसा?” बालकृष्ण ने उत्सुकता से पूछा, “प्रभु बैलगाड़ी से जाएंगे क्या… मैं प्रबंध करूं?” काका गोविंद ने सुझाव दिया, “मंदिर के पड़ोस वाले ग्वाले के पास बैल हैं। हमें उसकी बैलगाड़ी मांगनी चाहिए।” बालकृष्ण और वल्लभ रात के सन्नाटे में ग्वाले के घर पहुंचे। दीये की टिमटिमाती रोशनी में उनके चेहरों पर चिंता साफ दिख रही थी। दोनों ने पूरी योजना ग्वाले को बताई। आखिर में वल्लभ ने कहा, “भइया, म्लेच्छों को इसकी कानों-कान खबर नहीं होनी चाहिए।” ग्वाले की आंख में आंसू थे। वो हाथ जोड़कर बोला- “महराज, लंका तक पुल बनाने के लिए गिलहरी ने अपने हिस्से के पत्थर जोड़े थे। आज गोवर्धननाथ जी लीला कर रहे हैं। मेरा बस चले तो मैं खुद बैलगाड़ी में जुतकर गोवर्धननाथ जी को यहां से ले चलूं। खैर, मैं न सही मेरे बैल ये काम करेंगे।” ग्वाले की बात सुनकर बालकृष्ण और वल्लभ में एक नई ताकत भर गई। दोनों ने पूरी बात जाकर दामोदर जी को बताई। उन्होंने कहा- “अब हमें देर नहीं करनी चाहिए। बैलगाड़ी तैयार करो।” गोवर्धन से निकलना… 10 अक्टूबर, 1669… शरद पूर्णिमा थी, लेकिन चंद्रमा की किरणें उदास मालूम हो रही थीं। द्वापर में यह रात राधा-कृष्ण के ‘महारास’ की साक्षी थी। वही रात आज कलियुग में गोवर्धननाथ का विस्थापन देख रही थी। दामोदर जी, काका गोविंद, बालकृष्ण और वल्लभ मंदिर पहुंचे। गोवर्धन पर्वत पर उजाला बिखरा हुआ था, लेकिन इन सबके मन में उदासी का अंधेरा था। शयन आरती हुई, भोग लगाया गया। दामोदर जी ने मन ही मन प्रार्थना की- “आपका ब्रज बंजर हो चला है प्रभु…। घंटे-घड़ियाल शांत हैं। म्लेच्छ हर जगह नजर गड़ाए बैठे हैं। कोई नहीं जानता कब, कौन अगला निशाना बन जाए। प्रभु, आपकी आज्ञा से हम आपके विग्रह को यहां से निकालना चाहते हैं, ताकि आस्था की ज्योति हमेशा जलती रहे। हमें विश्वास है, आप हमारे साथ हैं।” ठंडी और अलसाई रात में पेड़ों की पत्तियां पीली होकर गिर रही थीं। ऐसा लगता था, मानो ब्रज की सांसें टूट रही हों। उदास चांदनी में गोवर्धननाथ जी ब्रज से विदा ले रहे थे। बैलगाड़ी पर दो केसरिया ध्वज फहरा रहे थे। उसके पीछे दूसरी बैलगाड़ियों में सेवायत और कुछ अन्य भक्त बैठे थे। आंखों में आंसू और मन में एक ही धुन- ‘जय गोवर्धननाथ जी… जय-जय गोवर्धननाथ जी…।’ बैलगाड़ी धीरे-धीरे चलने लगी। ब्रज की गलियां पीछे छूट रही थीं, मानो यशोदा मइया टेर लगा रही हों- “जल्दी लौटना लल्ला…”, लेकिन बैलगाड़ी उस रास्ते पर चल पड़ी थी, जिसकी मंजिल तय नहीं थी। आगरा पहुंचने का संघर्ष… सुनसान जंगलों के बीच बैलगाड़ी चली जा रही थी। किसी को पता नहीं था कि प्रभु कहां विराजेंगे। रास्ते में तमाम रुकावटें आईं, लेकिन गोवर्धननाथ जी का भोग-राग नहीं रुका। सेवायतों को सिर्फ रात में आराम मिलता। जंगलों और वीरान रास्तों से गुजरते गोवर्धननाथ जी मुगल जासूसों की आंखों से दूर थे। फिर भी अनहोनी का डर हमेशा बना रहता। दामोदर जी हमेशा बेचैन रहते। रात में भी चैन न मिलता। बस गोवर्धननाथ जी की बैलगाड़ी के पास बैठकर गोविंद-गोविंद का जाप करते रहते। ऐसी ही एक रात वे ध्यान लगाए बैठे थे तभी कोई आहट हुई। पहले धीमी, फिर एकदम साफ… कुछ लोग उसी तरफ चले आ रहे थे। हर बीतते पल, आवाज तेज हो रही थी। दामोदर जी ने आसपास नजरें घुमाईं। दूर खेतों में मशालों की झिलमिलाहट साफ दिख रही थी। उन्होंने हड़बड़ाकर सभी को जगाया। सब एक ही आवाज में उठ बैठे। जैसे सैनिक नींद में भी सावधान रहते हैं। काका गोविंद ने कहा, “क्या हुआ दामोदर?” दामोदर जी बोले- “लगता है कुछ अनर्थ होने वाला है। आपको आवाजें सुनाई नहीं दे रहीं? जल्दी निकलना होगा यहां से…।” दामोदर जी बात पूरी करते उससे पहले ही बैलगाड़ी चल पड़ी। बालकृष्ण तेजी से गाड़ी हांक रहे थे। सबके माथे पर पसीना था। खुले आसमान में करोड़ों तारे जासूस की तरह आंख गड़ाए हुए थे। आवाजें लगातार तेज हो रही थीं। वल्लभ ने हड़बड़ाकर कहा- “मशालें बुझा दो। उन्हें भनक लग चुकी है।” भीड़ अभी भी पीछा कर रही थी। कुछ देर बाद भीड़ से आवाज आई- “रोको… गाड़ी रोको…।” बालकृष्ण और जोर से बैलगाड़ी हांकने लगे। दौड़ने की आवाज भी तेज होती गई। तभी एक सुर में उद्घोष उठा- “प्रभु गोवर्धननाथ की… जय, प्रभु गोवर्धननाथ की… जय।” काका गोविंद ने चौंककर कहा- “ये मुगल सैनिक नहीं हो सकते। उनकी जुबान पर ठाकुर जी का नाम कभी नहीं आ सकता।” दामोदर जी बोले- “शायद ये आसपास के ग्वाले और किसान हैं। मुगल सैनिकों के पास तो घोड़े भी होते हैं। वे होते तो अब-तक हमें पकड़ लिया होता। ये लोग तो भागते हुए ही आ रहे हैं।” बैलगाड़ी रोक दी गई। दामोदर जी की बात सही निकली। गांववालों को पता लग गया था कि गोवर्धननाथ जी उनके गांव से गुजर रहे हैं। गांववाले बैलगाड़ी के नजदीक आए। सबकी सांसें फूल रही थीं, लेकिन गोवर्धननाथ के दर्शन करके सबकी थकान उतर गई। लोग खुशी से फूले न समा रहे थे। गांव का एक बुजुर्ग बोला- “महराज, आपसे एक निवेदन है। हमारी इच्छा है कि आज मंगला आरती हमारे गांव में हो।” दामोदर जी मना न कर सके। मंगला आरती हुई। ठाकुर जी को भोग चढ़ा और बैलगाड़ी आगे बढ़ गई। सम-विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए गोवर्धननाथ जी का विग्रह आगरा पहुंचा। दीपावली के बाद अन्नकूट हुआ। आसपास के गांव में कुछ लोगों को पता चला। जिसके घर में जो था ठाकुरजी के लिए ले आया। प्रभु को भोग चढ़ा और सभी में बांटा गया। सब खुश थे, लेकिन दामोदर जी परेशान थे। मन में एक ही सवाल था- “आगरा तो मुगलों की छावनी जैसा है। क्या प्रभु यहां सुरक्षित हैं?” उन्होंने बालकृष्ण से कहा- “कल मंगला आरती के बाद हम यहां से निकल जाएंगे। आगरा सुरक्षित नहीं है।” आगरा में 16 दिन रुकने के बाद गोवर्धननाथ जी का काफिला फिर किसी अनजान मंजिल की ओर चल पड़ा। रास्ता मुश्किल था, लेकिन सेवायतों को सब सरल लगता। ठिठुरती रातें, घना कोहरा, सुनसान जंगलों के बीच से गोवर्धननाथ जी की बैलगाड़ी आगे बढ़ रही थी। कभी किसी गांव में दो-चार दिन, किसी पहाड़ी की तलहटी में हफ्ता-दस दिन के लिए सब रुकते। खाने-पीने का सामान इकट्ठा करके सभी फिर चल पड़ते। 8 महीने का सफर, कोटा पहुंचे… सर्दियां बीतीं, बसंत आया। हवाओं में सरसों के फूलों की महक थी। जंगलों में पलाश के बिखरे फूल यूं लगते मानो गोवर्धननाथ जी के आने की खबर सुनकर वनदेवी रास्ते में फूल बिछा गई हों। जगह बदलने के साथ मौसम भी बदल रहे थे। गर्मियां शुरू हुईं। जेठ-बैशाख की तपती दोपहर भी कृष्ण भक्तों का रास्ता न रोक पाई। आठ महीने का सफर करके गोवर्धननाथ जी राजस्थान में कोटा पहुंचे। बूंदी नरेश अनिरुद्ध सिंह को इसकी सूचना मिली। खबर सुनते ही उनकी आंखें चमक उठीं। नगर में मुनादी हुई- “गोवर्धननाथ जी कोटा पधारे हैं। कल महाराज उनके दर्शन करने जाएंगे। नगरवासी भी चल सकते हैं।” दिन चढ़ने तक अनिरुद्ध सिंह और नगरवासी कोटा पहुंच गए। सभी भावविभोर थे। भगवान ब्रज की धरती से खुद दर्शन देने आए थे। अनिरुद्ध सिंह ने सभी सेवायतों का हालचाल जानने के बाद पूछा- “महराज, कितने दिन का निवास है?” सब चुप थे। बालकृष्ण ने हंसते हुए कहा- “जब तक ठाकुर जी का मन यहां लगे।” राजा ने दामोदर जी से कहा- “महराज, सावन शुरू होने वाला है। ऐसे में यात्रा ठीक नहीं। बरसात के चार महीने ठाकुर जी को यहीं विराजमान कीजिए। ठाकुरजी यहीं चातुर्मास करें। हम तो सेवक हैं, जो बन पड़ेगा प्रभु की सेवा के लिए तैयार करेंगे।” दामोदर जी को राजा का प्रस्ताव ठीक लगा। वह हड़ौती राजपूतों का इलाका था। वहां मुगलों का खतरा भी कम था। तय हो गया कि भगवान कुछ महीने यहीं रहेंगे। मौसम बदलते ही यात्रा फिर शुरू हुई। सर्दियां आ चुकी थीं। कुनकुनी धूप में सफर करते और बर्फीली रातों में खुले आसमान के नीचे सूर्य देवता के निकलने का इंतजार होता। अलाव जलाकर सब उसके आसपास लेट जाते। ठीक से नींद न आती। सुबह ठिठुरन से पैर जमे होते, लेकिन भाव में कोई कमी नहीं थी। ध्येय वैसा ही अडिग, ‘प्रभु के लिए सुरक्षित जगह ढूंढ़ना…।’ महाराणा का वचन… दो महीने चलने के बाद प्रभु अजमेर के पास किशनगढ़ पहुंचे। वहां के राजा मानसिंह ने खूब आवभगत की। आसपास के इलाकों में राजपूत राजाओं का शासन था। फिर भी औरंगजेब का डर बना हुआ था। तीन महीने वहां रुकने के बाद सभी गोवर्धननाथ जी को लेकर मारवाड़ की ओर चल पड़े। राजस्थान की गर्मी में खून, पसीना बनकर बह रहा था। सभी नदी, नाले, तालाब सूखे पड़े थे। आसमान से आग बरसती थी। ऐसे में सभी सेवायत ठाकुर जी की सेवा में लगे रहते। चंवर डुलाकर प्रभु को गर्मी से बचाने की कोशिश करते। बरसात शुरू होने से पहले गोवर्धननाथ जी जोधपुर के करीब चांपासनी गांव पहुंचे। जोधपुर के महाराज जसवंत सिंह उस वक्त अपने ननिहाल में थे। ब्रज छोड़ने के दो साल बाद भी कोई ऐसी जगह नहीं मिली थी, जहां श्रीनाथ जी सुरक्षित हों। एक दिन सभी सेवायत बातचीत कर रहे थे। बालकृष्ण ने कहा- “हम किशनगढ़ में क्यों नहीं रुके?” वल्लभ ने कहा- “वहां के राजा मान सिंह मुगलों के साथ हैं।” काका गोविंद तुरंत काटते हुए बोले- “मान सिंह की पहचान पहले एक सनातन की है। मुगलों के साथ होते हुए भी उन्होंने खबर नहीं होने दी कि ठाकुर जी उनकी रियासत में हैं। मुगलों का वहां आना-जाना लगा रहता था, इसलिए वहां रुकना ठीक नहीं था।” वल्लभ ने निराशा होकर कहा- “ठाकुरजी सात साल के बालक हैं। कब तक हम एक बालक को लेकर इधर-उधर भटकते रहेंगे?” एक अन्य सेवायत बोला- “महाराज जसवंत सिंह जोधपुर में नहीं हैं। ठाकुर जी को ज्यादा दिन यहां रखना ठीक नहीं।” दामोदर जी ने गंभीर आवाज में कहा- “अब सिर्फ मेवाड़ के महाराणा राज सिंह से उम्मीद है।” फिर काका गोविंद की ओर देखकर बोले- “काका आप खुद जाकर महाराणा से बात कीजिए।” काका गोविंद, महाराणा राज सिंह के दरबार में पहुंचे और पूरी बात कही। महाराणा ने वचन दिया- “आप गोवर्धननाथ जी को लेकर उदयपुर आ जाइए। मैं वचन देता हूं, जब तक मैं और मेरे एक लाख सैनिकों के अंदर खून की एक भी बूंद बाकी रहेगी, म्लेच्छ ठाकुरजी को हाथ भी नहीं लगा पाएंगे।” मेवाड़ में गोवर्धननाथ जी का स्वागत… काका गोविंद ने चांपासनी लौटकर महाराणा की कही बात सभी को बताई। तिलकायत दामोदर पहली बार निश्चिंत लग रहे थे। विक्रम संवत 1728, कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रीनाथ जी चांपासनी से मेवाड़ की राजधानी उदयपुर की ओर चल दिए। पहाड़ी इलाके पार करते हुए गोवर्धननाथ जी मेवाड़ रियासत की सीमा, घाणेराव (अब पाली जिले में) के नजदीक पहुंचे। ठाकुरजी पहली बार मेवाड़ राज्य पधार रहे थे। यह खबर वहां के रावल गोपीनाथ के जरिए महाराणा राज सिंह तक पहुंची। महाराणा खुशी से भर गए। उन्होंने पूरे उत्साह से आदेश दिया- “सभी नागरिक गोवर्धननाथ जी के स्वागत में शामिल होंगे। 20 हजार धनुषधारी भील लड़ाके, 5 हजार घुड़सवार, एक हजार ऊंट और हाथी प्रभु की अगुआई के लिए घाणेराव भेजे जाएं।” पूरे शहर में हलचल मच गई। ढोल, नगाड़े, तुरही की आवाजें गूंज उठीं। सभी के चेहरे श्रद्धा और उत्साह से दमक रहे थे। हर गली, हर छत, हर रास्ता प्रभु के स्वागत में सजाया जा रहा था। महाराणा के भाई अरि सिंह, बेटे जय सिंह और भीम सिंह, महाराणा अमर सिंह के बेटे राणावत भाव सिंह घाणेराव पहुंचे। जैसे ही गोवर्धननाथ जी की बैलगाड़ी आती दिखी, लाखों की भीड़ जय-जयकार करने लगी। करताल और ढोल की लयबद्ध ताल आसमान में गूंज उठी। बैलगाड़ी करीब आई। तिलकायत दामोदर, काका गोविंद, बालकृष्ण और वल्लभ चंवर डुला रहे थे। लोग बैलगाड़ी के भीतर झांककर प्रभु के दर्शन करने की कोशिश कर रहे थे। ठाकुरजी की एक झलक पाने को सब आतुर थे। बैलगाड़ी धीरे-धीरे महाराणा के सामने पहुंची। महाराणा ने गोवर्धननाथ जी को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। ठाकुरजी को 51 तोपों की सलामी दी गई। महाराणा ने सोने के एक हजार सिक्के प्रभु को अर्पित किए। रात वहीं गुजारने के बाद सभी राजधानी उदयपुर की ओर चल पड़े। सिहाड़ गांव बना नाथद्वारा… महाराणा राज सिंह और अन्य लोग आगे चले गए। गोवर्धननाथ जी गांव-गांव अपने भक्तों को निहाल करते हुए बढ़ रहे थे। कुछ दिनों बाद गोवर्धननाथ जी राजसमंद से आगे सिहाड़ गांव पहुंचे। गावंवालों ने उत्साह और भक्ति से प्रभु का स्वागत किया। अगले दिन मंगला आरती के बाद बैलगाड़ी आगे बढ़ी। कुछ दूर चलते ही बैलगाड़ी का पहिया जमीन में धंस गया। काफी कोशिशों के बाद भी जब गाड़ी आगे नहीं बढ़ी तो बालकृष्ण ने हैरानी से कहा- “दो साल की यात्रा में कभी कोई संकट नहीं आया। भयंकर से भयंकर नदी-नाले पार करते चले आए। मगर यहां बैलगाड़ी ऐसे फंसी है कि निकलने का नाम नहीं ले रही।” दामोदर जी ने मुस्कुराते हुए कहा- “सब ठाकुर जी की लीला है। शायद उन्होंने अपने रहने की जगह चुन ली है।” पूरे गांव में बात फैल गई। ‘ठाकुर जी यहीं सिहाड़ गांव में विराजमान होंगे, उदयपुर नहीं जाएंगे।’ पूरा गांव खुशी से नाच उठा। ग्रह-नक्षत्र और शुभ मुहूर्त देखकर छोटा सा मंदिर बन गया। गोवर्धननाथ जी विराजमान हुए। दिन था फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की सप्तमी, विक्रम संवत 1728 (20 फरवरी, 1672)। 2 साल, 4 महीने और 7 दिन के बाद खुद गोवर्धननाथ जी ने सिहाड़ में रहना चुना था। महाराणा राज सिंह को खबर भेजी गई। उन्होंने भी हरि इच्छा के सामने सिर झुका दिया। महाराणा ने पूरे मेवाड़ में उत्सव मनाने का आदेश दिया। रियासत के सभी लोग खुश थे। उदयपुर में भी उत्सव था, लेकिन मन के किसी कोने में एक उदासी भी थी। गोवर्धननाथ जी उदयपुर नहीं आए। लोग महीनों से ठाकुर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन निर्मोही ने फिर एक बार सभी को इंतजार करता छोड़ दिया। स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार **** रेफरेंस सुधाकर उपाध्याय, वरिष्ठ सेवायत- श्रीनाथ मंदिर, नाथद्वारा। डॉ परेश नागर, राजपुरोहित- श्रीनाथ मंदिर, नाथद्वारा। उमाबेन, अध्यक्ष- श्रीनाथ मंदिर, नाथद्वारा। महर्षि व्यास, सेवायत- श्रीनाथ मंदिर, नाथद्वारा। लक्ष्मी नारायण तिवारी, सचिव- ब्रज संस्कृति शोध संस्थान, वृंदावन। ब्रज विभव: संपादक गोपाल प्रसाद व्यास। श्रीनाथ जी की प्राकट्य वार्ता: गोस्वामी हरिहर राय। मथुरा-वृंदावन के वृहद हिंदू मंदिर: डॉ चंचल गोस्वामी। द कंट्रीब्यूशन ऑफ मेजर हिंदू टेंपल्स ऑफ मथुरा एंड वृंदावन: डॉ चंचल गोस्वामी। औरंगजेबनामा: संपादक डॉ अशोक कुमार सिंह। ब्रज के धर्म संप्रदायों का इतिहास: प्रभुदयाल मीतल। सनातन के संरक्षण में कछवाहों का योगदान: डॉ सुभाष शर्मा-जितेंद्र शेखावत। जयपुर इतिहास के जानकार- जितेंद्र शेखावत, संतोष शर्मा, प्रो देवेंद्र भगत (राजस्थान यूनिवर्सिटी) (श्रीनाथ जी के गोवर्धन से सिहाड़ पहुंचने तक की पूरी कहानी क्रमवार ढंग से किसी एक किताब में नहीं मिलती। भास्कर टीम ने कई दस्तावेजों और इतिहास के जानकारों से बात करने के बाद सभी कड़ियों को जोड़कर यह स्टोरी लिखी है। फिर भी घटनाओं के क्रम में कुछ अंतर हो सकता है। कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है।)
दो-दो सलेक्शन कमेटी, दो-दो टीमें, अकाउंट फ्रीज, कैसे चल रही राजस्थान की क्रिकेट
आरसीए में दो-दो सलेक्शन कमेटियां, दो-दो टीमें है। विवाद के कारण बैंक ने अकाउंट भी फ्रीज कर दिया। लाखों रुपए क्रिकेटर्स और सपोर्ट स्टाफ के फ्लाइट टिकट और होटल बुकिंग पर खर्च हो रहे हैं। आखिर कब तक क्रेडिट पर काम चलेगा। आपसी विवाद के कारण बैंक में साइनिंग अथॉरिटी बदलने के कारण अकाउंट फ्रीज हुए हैं। बुधवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम की आरसीए एकेडमी के तीसरे फ्लोर के मीटिंग हॉल में कन्वीनर कुमावत के बनाए सलेक्टर्स और मेंटर्स की मीटिंग चल रही थी तो इसी फ्लोर के एक अन्य कमरे में एडहॉक कमेटी के चार अन्य सदस्यों द्वारा बनाए सलेक्टर्स मीटिंग कर रहे थे। राजस्थान क्रिकेट संघ की किरकिरी अब चारों ओर हो रही है। मंगलवार को रणजी ट्रॉफी की दो-दो टीमों की घोषणा हुई थी तो बुधवार को अंडर-23 वनडे की भी दूसरी टीम सामने आ गई। खास बात यह है कि दोनों ही टीमों में 12 क्रिकेटर्स कॉमन हैं यानी दोनों ही टीमों में इनके नाम हैं जबकि चार क्रिकेटर्स बदले गए हैें।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में सियासी टकराव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। सरकार द्वारा गठित की गई एडहॉक कमेटी में विवाद इतना बढ़ गया है कि RCA द्वारा रणजी ट्रॉफी मुकाबले और अंडर 23 टूर्नामेंट के लिए एक ही राज्य की दो अलग-अलग टीमें घोषित कर दी गई हैं। अंडर - 23 टीम से जहां सर्वज्ञ पानेरी, शोभित मिश्रा, राज शर्मा और भगवान सिंह को हटाकर नीलेश टांक, राहुल गर्ग, अमोल चेलानी और प्रशांत माली को जगह दी गई है। जबकि रणजी टीम में से दीपक चौधरी और अभिजीत तोमर को हटाकर रामनिवास गोलाडा और साहिल दीवान को टीम में शामिल किया गया था। एक टीम का ऐलान एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने किया है, जबकि दूसरी टीम एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों धनंजय सिंह खींवसर, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवारी ने किया है। जिसके बाद से ही अब हैदराबाद के खिलाफ होने वाले अगले रणजी मुकाबले में आखिर कौन सी टीम मैदान में उतरेगी। इस विवाद ने न सिर्फ खिलाड़ियों और सिलेक्टर्स को उलझन में डाल दिया है। बल्कि, राजस्थान क्रिकेट की साख पर भी गंभीर असर डाला है। एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने कहा कि मैं एडहॉक कमेटी का अधिकृत कन्वीनर हूं। जो टीम मेरे द्वारा चयनित की गई है, वही मान्य होगी। टीम चयन के लिए जिन चयनकर्ताओं की नियुक्ति की गई थी, उनकी घोषणा पिछली AGM में की गई थी। अगर किसी सदस्य को आपत्ति थी, तो उस समय बतानी चाहिए थी। वहीं दूसरी ओर, एडहॉक कमेटी के सदस्य पिंकेश जैन ने दावा किया कि मौजूदा एडहॉक कमेटी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन टीम चयन को लेकर कन्वीनर का फैसला स्वीकार्य नहीं है। हमारे द्वारा बहुमत से जो टीम चुनी गई है, वही वैध है। कमेटी हमेशा बहुमत के साथ चलती है। अगर कन्वीनर को कोई आपत्ति है, तो हम बैठकर समाधान के लिए तैयार हैं। दरअसल, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में यह विवाद कोई नया नहीं है। 90 के दशक में भी दो-दो टीमों का विवाद सामने आया था। इसके बाद साल 2007 और 2008 में भी ऐसी स्थिति बनी थी। जब रणजी मैच के लिए दो अलग-अलग टीमें मैदान पर पहुंच गई थीं। उस समय भी RCA को बीसीसीआई के दखल का सामना करना पड़ा था। ऐसे में RCA में लगातार बढ़ते विवाद के बाद अब मामला बीसीसीआई तक पहुंच चुका है। सूत्रों के अनुसार, बोर्ड ने स्थिति पर करीबी नजर बना रखी है। अगर RCA विवाद को लेकर जल्द समाधान नहीं निकालता है। तो बीसीसीआई हस्तक्षेप कर खुद की कमेटी गठित कर सकता है। बता दें कि पहले भी जब ललित मोदी ने राजस्थान क्रिकेट में वापसी की कोशिश की थी। तब बीसीसीआई ने RCA पर लंबा प्रतिबंध लगाया था। उस दौरान बीसीसीआई ने टीम राजस्थान नाम से एक अलग कमेटी बनाकर राज्य में क्रिकेट संचालन कराया था, जो कई सौ तक सक्रिय रही। अब RCA में बढ़ते इस विवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान के क्रिकेटर हैं। दो टीमों के बनने से खिलाड़ियों में असमंजस है कि किस टीम का चयन सही माना जाएगा और बीसीसीआई किसे अधिकृत मानेगा।
जालंधर पुलिस ने भार्गव कैंप नगर में विजय ज्वेलर पर हुई लूट मामले में आरोपियों से सोने की रिकवरी करवा ली है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों कुशल, गगन और कर्ण सहित पनाहगार को गिरफ्तार कर उनसे सोने की ज्वेलरी सहित वारदात में इस्तेमाल बाइक और कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस कमिश्नर धन प्रीत कौर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ इस मामले में 30 अक्टूबर को FIR 167 थाना भार्गव कैंप में दर्ज की थी। आरोपियों के खिलाफ यह मामला विजय कुमार निवासी 72-A, अवतार नगर ने दर्ज कराया था। 30 अक्टूबर की सुबह दिया था वारदात को अंजामशिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया था कि 30 अक्टूबर को सुबह लगभग 10 बजे 3 युवकों ने पिस्टल दिखाकर लगभग 1 करोड़ रुपए के गहने और नकदी लूट ली थी। सारी वारदात CCTV में कैद हो गई थी। इसे लेकर DCP मनप्रीत सिंह ढिल्लों, ADCP जयंत, ADCP-2 विनीत गिल, ACP वेस्ट सर्वजीत सिंह की निगरानी में टीम बनाई थी। टीम ने CCTV की जांच, तकनीकी सहायता से अजमेर से लुटेरों को काबू कर लिया।आरोपियों से हुई रिकवरी के PHOTOS कोर्ट में पेश कर आरोपियों का लिया रिमांडआरोपियों को जालंधर सेशन कोर्ट में पेश करके रिमांड लिया गया है। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों से 8 सोने के लेडीज सेट, वारदात के समय पहनी हुई काली हुडी; कुशल से 40 टॉप्स और वारदात के समय पहनी हुई काली हुडी तथा आरोपी गगन से 12 चेन, 7 अंगूठियां और बाइक बरामद की गई है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान को पता नहीं किसकी नजर लगी हुई है। रोजाना बड़े-बड़े हादसे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं। जूली ने दावा किया कि अंता विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी बहुमत से जीत हासिल करेगी। टीकाराम जूली विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पत्नी इंदिरा देवनानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने अजमेर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर राज्य सरकार पर निशाना साधा। जूली का आरोप- भाजपा ने 2 साल में कांग्रेस सरकार की योजनाएं बंद कीनेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- अंता विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहे हैं। पब्लिक में काफी जोश है। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 2 साल में सिर्फ कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने का काम किया। वहीं अपने उद्योगपति मित्रों को जमीन देने का काम किया। इसके अलावा कोई काम सरकार की ओर से नहीं किया गया। राजस्थान में कानून व्यवस्था चौपट है। ऐसा कोई दिन नहीं, जहां कहीं मर्डर या एक्सीडेंट की घटना नहीं हुई हो। दुर्घटनाओं के मुआवजे में किया जा रहा भेदभाव नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- हालत यह हैं कि मुख्यमंत्री सिर्फ मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं। वहीं बड़े-बड़े हादसे राजस्थान में हो रहे हैं। पता नहीं किसकी नजर राजस्थान को लग गई है। भाजपा सिर्फ हवाई दावे कर रही है। दुर्घटनाओं के मुआवजे में भेदभाव किया जा रहा है। बोले- अंता में कांग्रेस का अच्छा माहौलजूली ने दावा किया- कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया बड़े बहुमत से जीतेंगे। वहां कांग्रेस का अच्छा माहौल है, जनता का समर्थन मिल रहा है। जूली ने कहा- बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी। सभी नेताओं ने अपनी जान लगा रखी है। मजबूती के साथ बिहार में चुनाव चल रहे हैं। बीजेपी वोट चोरी कर सत्ता में आती है। लेकिन राहुल गांधी ने जनता के सामने इनका चेहरा बेनकाब करने का काम किया है। स्पीकर वासुदेव देवनानी के घर पहुंचे जूलीनेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली बुधवार को रामनगर स्थित विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निवास स्थान पर पहुंचे थे। जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पत्नी इंदिरा देवनानी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोक सभा में शामिल हुए।
बॉलीवुड एक्टर विंदू दारा सिंह मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम में जयपुर आए। उन्होंने एक शादी समारोह में संगीत के प्रोग्राम में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने अपनी फिल्म सन ऑफ सरदार के टाइटल ट्रेक पर डांस किया। इसके अलावा राजस्थानी गानों पर भी जमकर थिरके। हनुमान के डायलॉग भी सुनाए। दरअसल, मानसरोवर स्थित चौधरी परिवार के बेटों का संगीत समारोह था, जिसे अटेंड करने स्पेशल तौर पर विंदू दारा मुंबई से जयपुर आए थे। एक्टर बोले- हम मुम्बई वाले, परिवार को ऐसे एक साथ हंसते-खेलते देख नहीं पाते संगीत सेरेमनी के दौरान विंदू दारा सिंह ने मजाकिया अंदाज में कहा- चौधरियों की बात ही अलग है। मंगलवार को संगीत सेरेमनी है और पानी के साथ इसे एन्जॉय कर रहे हैं। जूस के साथ सादगी के अंदाज में यह समारोह चल रहा है। अब शादी में भी ऐसे ही मजा आएगा। विंदू ने आगे कहा- जयपुर में इस परिवार में आकर देखा कि सभी परिवार वाले एक साथ रहते हैं। पूरे समारोह में एक साथ जुटे हुए है। हम मुम्बई वाले लोग है। परिवार को ऐसे एक साथ हंसते-खेलते किसी को देख नहीं पाते है। यहां आज भी परिवार की सभी परम्पराओं को एक साथ निभाया जाता है, जिसे देखकर मुझे गर्व हो रहा है। इस परिवार ने दो बेटियों की शादी की है और अब दो बेटों की एक साथ शादी करके दो बेटियां लेकर आ रहे हैं। विंदू ने कहा- संयुक्त परिवार की शक्ति यहां दिखाई दी है। मैं यहां बच्चों को भी यही कहूंगा कि जैसे परिवार के बड़े सीतारामजी और राजेशजी ने अपने परिवार को एकजुट रखा है, वैसे ही आप लोग भी एकता में बंधे रहे। भारत का कल्चर यही है। लेकिन बड़ों को भी यही कहूंगा कि बच्चों को भी जो करना है, उन्हें करने दे। उन्हें बाहर जाना है, तो उन्हें जाने दें। लेकिन घूमकर बच्चों को वापस घर ही आना है। वीरेंद्र रंधावा है असली नामविंदू दारा सिंह ने बताया कि मेरा असली नाम वीरेंद्र रंधावा है, लेकिन बचपन में ही लोग मुझे विंदू-विंदू बोलने लग गए थे। अब जब मुझे कोई फाेन आता है और सामने से आवाज आती है कि आप वीरेन्द्र रंधावा बोल रहे हैं, तो मैं समझ जाता हूं कि लोन या इंश्योरेंस कंपनी से कॉल आया है। मेरा डॉक्यूमेंट का नाम वीरेंद्र रंधावा है। अभिनेता दारा सिंह के बेटे कई फिल्मों में कर चुके कामविंदू दारा सिंह प्रसिद्ध अभिनेता दारा सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1994 में फिल्म 'करण' से की थी। इसके बाद उन्होंने घर की आजादी, मुझसे शादी करोगी, पार्टनर, हाउसफुल, सन ऑफ सरदार जैसी कई फिल्मों में दमदार अभिनय किया। टीवी की दुनिया में भी वे लोकप्रिय रहे, खासतौर पर रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 3 के विजेता के रूप में उन्हें देशभर में पहचान मिली। अपने मजाकिया अंदाज और सादगी के लिए पहचाने जाने वाले विंदु ने फिल्मों के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
भिवानी के गांव बिजलानाबास निवासी 2 बहनों से राजस्थान में दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। जिनकी करीब 3 साल पहले शादी हुई थी। वहीं ससुराल वालों ने गाड़ी व 5 लाख रुपए की डिमांड पूरी नहीं करने पर मारपीट करके घर से निकाल दिया। भिवानी के गांव बिजलानाबास निवासी पूजा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी राजस्थान के चुरु निवासी प्रदीप व उसकी बड़ी बहन निशु शादी चुरु निवासी महेंद्र के साथ 3 मई 2022 को हुई थी। उसके माता पिता ने अपने हैसियत से ज्यादा दान दहेज दिया और करीब 15 लाख रुपए शादी में खर्च किए। लेकिन उनके ससुराल वाले दहेज के लोभी हैं। पीड़िता जब शादी के बाद ससुराल गई तो कम दहेज लाने के लिए ताने मारने शुरू कर दिए। कहने लगे कि भूखे नंगे घर की आ गई। काफी दिनों तक तानों को सहती रही। जब पीड़िता ने यह बातें अपने मायके आकर परिवार वालों को बताई। उस समय पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि शुरूआत में ऐसा ही होता है, बाद में सबकुछ ठीक हो जाएगा। इस आश्वासन पर वह ससुराल चली गई। लेकिन ससुराल वालों ने कम दहेज के लिए तंग व परेशान करना शुरू कर दिया। इसके बाद मारपीट करना भी आरंभ कर दिया। गाड़ी व 5 लाख रुपए की डिमांड कीपीड़िता ने शिकायत में बताया कि उसके पति कहता था कि उसके दोस्तों को सुसराल वालों ने गाड़ी दी, लेकिन तेरे माता-पिता ने मोटरसाइकिल तक नहीं दिया। वह गाड़ी की मांग करता है। उसने आरोप लगाया कि उसका पति शराबी है और प्रताड़ित करता रहता है। वहीं सास धमकी देती है कि उसके माता-पिता ने साने के जेवरात नहीं दिए। जिसके कारण उसकी सास ने भी मारपीट की। वहीं काका ससुर ने धमकी देते हुए कहा कि दोनों बहनों को घर से निकाल दें, दोनों भाईयों की मैं शादी करवा दूंगा। कई बार दहेज के लिए मारपीट करके घर से निकाल दिया। वहीं पंचायत के जरिए समझौते हुए, लेकिन ससुराल वालों ने दहेज प्रताड़ना जारी रखी। ससुराल वालों ने दिसंबर 2023 में पीड़िता से कहा कि अपने पिता से 5 लाख रुपए लेकर आओ। असमर्थता जताने पर मारपीट की और घर से निकाल दिया। वहीं पंचायतों में भी झूठे आश्वासन देकर समझौते करते रहे और प्रताड़ित करना जारी रखा। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) परीक्षा-2025 में आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स के लिए आवेदन फॉर्म में करेक्शन व बिना योग्यता आवेदन करने पर फॉर्म विड्रो का आज लास्ट दिन है। रात 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसमें कैंडिडेट्स अपना नाम, पिता का नाम, फोटो, जन्म तिथि व जेंडर के अलावा अन्य करेक्शन ही कर सकेंगे। आयोग ने 574 पदों के लिए ये वैकेंसी निकाली थी। आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया- इस परीक्षा का आयोजन 1 से 24 दिसंबर 2025 तक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन की शर्तों के अनुसार ऑनलाइन संशोधन का अवसर अभ्यर्थियों को दिया गया है। ऑनलाइन करेक्शन का अवसर अभ्यर्थियों के लिए सुविधा मात्र है। परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में पात्रता की शर्तों के अनुरूप ही करेक्शन मान्य होंगे। विज्ञापन की शर्तें पूर्वानुसार ही रहेंगी। ऑफलाइन संशोधन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। ऑनलाइन संशोधन के लिए शुल्क व प्रक्रिया संशोधन चाहने वाले अभ्यर्थी को ई-मित्र/ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से 500 रुपए फीस जमा करानी होगी। आयोग के ऑनलाइन पोर्टल https://rpsc.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध अप्लाई ऑनलाइन लिंक अथवा एसएसओ पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। सिटिजन ऐप्स में उपलब्ध रिक्रूटमेंट पोर्टल का चयन कर संबंधित परीक्षा में ऑनलाइन संशोधन किया जा सकेगा। इस संबंध में किसी प्रकार की तकनीकी कठिनाई होने पर recruitmenthelpdesk@rajasthan.gov.in पर ई-मेल से अथवा फोन नं. 9352323625 व 7340557555 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है। पुरानी भर्ती रद्द कर नई भर्ती निकाली थी राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से पूर्व में निकाली गई असिस्टेंट प्रोफेसर के 574 पद पर भर्ती को रद्द कर नई वैकेंसी निकाली। नई भर्ती भी इतने ही पदों पर रखी गई, लेकिन अभ्यर्थियों से नए सिरे से 20 सितंबर से 19 अक्टूबर तक आवेदन मांगे। इसके साथ ही भर्ती नियमों में भी बदलाव करते हुए न्यूनतम मार्क्स की बाध्यता लागू कर दी। इसके लिए परीक्षा 1 से 24 दिसंबर 2025 तक प्रस्तावित है। गलत सूचना देने व परीक्षा में शामिल नहीं होने पर होगी कार्रवाई असत्य एवं गलत सूचना के आधार पर आवेदन करना तथा बिना योग्यता के बावजूद विड्रो नहीं करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे अभ्यर्थी को काउंसलिंग/पात्रता जांच/ साक्षात्कार के दौरान अपात्र पाए जाने पर आगामी 1 वर्ष की अवधि के लिए भर्ती परीक्षाओं से डिबार भी किया जाएगा। अतः ऐसे अभ्यर्थी भी इस अवधि के दौरान अपना ऑनलाइन आवेदन विड्रॉ कर सकते हैं। इसके लिए एसएसओ पोर्टल पर लॉगिन कर रिक्रूटमेंट पोर्टल का चयन कर माय रिक्रूटमेंट सेक्शन के अन्तर्गत संबंधित परीक्षा के समक्ष उपलब्ध विड्रॉ बटन पर क्लिक कर ऑनलाइन आवेदन विड्रॉ किया जा सकता है। कार्मिक (क-2) विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में आयोजित की गई किन्ही 2 परीक्षाओं में गैरहाजिर रहने वाले अभ्यर्थियों की वन टाइम रजिस्ट्रेशन सुविधा ब्लॉक की जाएगी। जिसके तहत किन्हीं 2 परीक्षाओं में गैरहाजिर रहने पर 750 रुपए और उसके बाद फिर से उसी वित्तीय वर्ष की 2 और परीक्षाओं में गैरहाजिर होने पर राशि 1500 रुपए के भुगतान बाद ही ये सुविधा फिर से बहाल की जाएगी। इसलिए ऐसे अभ्यर्थी भी जो किन्ही कारणों से परीक्षा देने के इच्छुक नहीं हैं, निर्धारित अवधि व प्रक्रिया अनुसार अपना ऑनलाइन आवेदन-पत्र विड्रॉ कर सकते हैं। पढ़ें ये खबर भी...
जयपुर के ऐतिहासिक खोले के हनुमान मंदिर में इस बार भी भक्ति, परंपरा और विशाल आयोजन का संगम देखने को मिलेगा। 9 नवंबर को यहां 65वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। इसमें करीब 2 लाख भक्तों के लिए भोजन प्रसादी तैयार की जाएगी। कभी जयपुर की राजसी संस्कृति का प्रतीक रहा यह अन्नकूट अब शहर में सामाजिक एकता और मेल-जोल का प्रतीक बन चुका है। मंदिर परिसर में दोपहर 12:15 बजे हनुमान जी की महाआरती होगी। इसके बाद भगवान को छप्पन भोग और अन्नकूट प्रसाद का भोग लगेगा। दोपहर 1 से रात 9 बजे तक अन्नकूट पंगत प्रसादी चलेगी। छप्पन भोग भगवान को अर्पित होगा और हजारों भक्तों के बीच प्रसाद वितरण होगा। पहले तैयारियों की 3 PHOTOS देखिए... 30 विशाल भट्ठियां तैयारमंदिर परिसर में 30 विशाल भट्ठियां तैयार की जा रही हैं। कारीगर जगदीश ने बताया कि हर भट्ठी 8 से 10 फीट गहरी बनाई गई है, जिसमें 1,000 ईंटें लगी हैं। एक बार में 2 क्विंटल लकड़ी जलेगी। दीपावली से चार दिन पहले से इन भट्ठियों का निर्माण शुरू हो चुका था। 7 नवंबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएंगी।भोजन बनाने का काम 8 नवंबर की शाम से शुरू होगा और 9 नवंबर की रात तक चलेगा। भोजन पकाने के लिए 35 से 40 गाड़ियां लकड़ी मंगाई जा रही है। हर गाड़ी में 35 से 40 क्विंटल लकड़ी होगी, जो जमवारामगढ़ से लाई जाएगी। लकड़ी पर बने इस प्रसाद को 450 हलवाई तैयार करेंगे। 800 क्विंटल मिठाइयां और स्नैक्स बनेंगेअन्नकूट के दौरान भगवान को अर्पित होने वाला छप्पन भोग इस बार पहले से ज्यादा भव्य रहेगा। छप्पन भोग तैयार करने वाले हलवाई रामावतार ने बताया कि बुधवार से छप्पन भोग बनना शुरू हो जाएगा। छप्पन भोग की पूरी व्यवस्था कांजी हलवाई के नेतृत्व में की जा रही है। उन्होंने बताया कि 200 हलवाई 4 दिनों तक दिन-रात काम करेंगे। इस दौरान लगभग 40 क्विंटल चीनी, 35 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल मैदा, 100 पीपे (1500 किलो) घी, 200 पीपे मूंगफली तेल, 300 किलो मावा, 400 किलो दाल, 13 क्विंटल बूरा, 1 क्विंटल मसाला और 1 क्विंटल गुड़ का उपयोग किया जाएगा। कांजी हलवाई ने बताया कि सूखी सामग्री का 5 गुना वजन तैयार आइटम बनकर निकलता है। इस हिसाब से करीब 800 क्विंटल छप्पन भोग तैयार होगा, जिसमें 80 से 85 आइटम शामिल होंगे। यह प्रसाद दर्शन करने आने वाले भक्तों को बांटा जाएगा। 20 से ज्यादा सब्जियां होंगी50 क्विंटल आलू, 50 क्विंटल गोभी, 50 क्विंटल मूली, 25 क्विंटल गाजर, 10 क्विंटल बैंगन, 15 क्विंटल पत्तागोभी, 2 क्विंटल मोगरी, 2 क्विंटल बालोद फली, 4 क्विंटल हरी मिर्च, 20 क्विंटल पालक, 1.5 क्विंटल अदरक, 1.5 क्विंटल जिमीकंद, 2 क्विंटल शकरकंद, 5 क्विंटल लौकी, 20 क्विंटल टमाटर, 1.5 क्विंटल हरा धनिया। 40 क्विंटल दही से बनेगी कढ़ीकढ़ी 10 क्विंटल बेसन और 40 क्विंटल दही से तैयार होगी। एक कड़ाही में 10 हजार लोगों के लिए कढ़ी बनेगी और कुल 20 कड़ाही कढ़ी तैयार होगी। इसके अलावा सूजी का हलवा 8 नवंबर की रात से बनना शुरू होगा, जिसे पहले घी में भूनकर रखा जाएगा। वहीं, कढ़ी पकाने का काम रात 3 बजे से शुरू होगा, जिसे पकाने में हर बार 2 से 3 घंटे लगेंगे। राजस्थान के अलग-अलग जिलों से आएंगे हलवाईकांजी हलवाई ने बताया कि शादियों के सीजन में इतने हलवाई जुटाना मुश्किल होता है, इसलिए विशेष रूप से दौसा, लालसोट, सवाई माधोपुर, चाकसू और टोंक से हलवाई बुलाए गए हैं। करीब 450 हलवाई अन्नकूट प्रसादी बनाएंगे और 200 हलवाई छप्पन भोग तैयार करेंगे। 200 लोग भोजन सामग्री भट्ठी से जीमण स्थल तक गाड़ियों से पहुंचाने में लगेंगे। 250 लेबर बर्तन धोने में और 1,000 वॉलंटियर वितरण में लगाए जाएंगे। हर पंगत में 10 हजार भक्त एक साथ प्रसाद ग्रहण करेंगे। भोजन वितरण के लिए पिकअप और ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग किया जाएगा। भक्तों का सहयोग और मंदिर व्यवस्थानरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बीएम शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में मौजूद 11 शिवालयों के साथ हनुमानजी, रामचंद्रजी, प्रेमभाया, गायत्री माता और गंगा माता के मंदिरों में भी अन्नकूट का भोग लगेगा।आसपास के 61 मंदिरों में भी मूंग, मोठ, बाजरा, चावल, मिक्स सब्जी और पूड़ी सहित अन्य व्यंजन भक्तिभाव से अर्पित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भक्त हल्दी, मिर्ची, गुड़, घी, सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल, मूंग, बाजरा, चौला, बेसन और शक्कर जैसी सामग्री मंदिर में दान कर रहे हैं। पिछले साल करीब 1.5 लाख भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया थाकांजी हलवाई ने बताया कि वे पिछले 30 साल से खोले के हनुमान मंदिर में अन्नकूट प्रसादी तैयार कर रहे हैं। हर साल 10 से 15 हजार भक्तों की संख्या बढ़ती है। पिछले साल करीब 1.5 लाख भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया था, जबकि इस बार यह संख्या पौने दो लाख से ज्यादा पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा- अन्नकूट प्रसादी सिर्फ भोजन नहीं, यह हमारी भक्ति और परंपरा का हिस्सा है। यहां शुद्धता और स्वाद, दोनों का बराबर ध्यान रखा जाता है।
क्रिकेट ‘हिट विकेट’... रणजी के लिए राजस्थान की 2-2 टीमें घोषित
कन्वीनर की टीम सचिन यादव, महिपाल लोमरोर (कप्तान), दीपक हूडा, कार्तिक शर्मा, कुणाल सिंह राठौड़, अजय सिंह कूकना, राहुल चाहर, अनिकेत चौधरी, आकाश सिंह, अशोक शर्मा, सलमान खान, समर्पित जोशी, शुभम गढ़वाल, अभिजीत तोमर, दीपक चौधरी। जयपुर| जिसका डर था, आखिरकार वही हुआ। मंगलवार को रणजी ट्रॉफी के लिए राजस्थान की 2-2 टीमों की घोषणा हो गई। एक 15 सदस्यीय टीम आरसीए एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत की ओर से जारी की गई तो दूसरी टीम एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों द्वारा अनिल सिन्हा की अध्यक्षता में गठित की गई सलेक्शन कमेटी ने जारी की। खास बात यह है कि इन दोनों ही टीमों में 13 खिलाड़ी कॉमन हैं। कन्वीनर की टीम में मुंबई के खिलाफ खेली टीम को ही यथावत रखा गया है जबकि नई सलेक्शन कमेटी ने इसमें दो बदलाव किए हैं। एक ओपनर अभिजीत तोमर की जगह रामनिवास गोलाडा को शामिल किया गया है। दूसरा दीपक चौधरी के स्थान पर साहिल दीवान टीम में आए हैं। दीपक चौधरी बिना खेले ही टीम से बाहर हो गए। उन्हें जम्मू-कश्मीर के खिलाफ मैच के दौरान टीम में शामिल किया था। शेष | पेज 14
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर श्रीगंगानगर जिले में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मंगलवार से शुरू हो गया। सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर जाकर एन्युमरेशन फॉर्म (ईएफ) बांटने लगे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ. मंजू ने श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र में खुद मैदान में उतरकर इस काम की मॉनिटरिंग की और मतदाताओं से सहयोग की अपील की। डॉ. मंजू ने शहर के वार्ड नंबर-8 से लेकर ग्रामीण इलाकों के 46 एफ मोडा, जगतेवाला तक का दौरा किया। भाग संख्या-67 में बेअंत कौर व गुरनाम सिंह, भाग 75 में राजेंद्र पैंसिया, भाग 76 में काशीराम और भाग 51 सहित कई मतदाताओं से रूबरू होकर एसआईआर की बारीकियां समझाईं। इस दौरान कलेक्टर ने कहा- ईएफ में अपनी डिटेल्स देकर लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करें। कोई पात्र छूटे नहीं, अपात्र शामिल न हो। 2002 की सूची से लिंकिंग, 60 प्रतिशत मैपिंग पूरी जिला कलेक्टर ने कहा- पुनरीक्षण का मकसद, मतदाता लिस्ट को अपडेट, शुद्ध और बेदाग बनाना है। भारतीय नागरिक, 18+ उम्र, स्थानीय निवासी और अयोग्य न हो। जिले में 2002 की पुरानी सूची से मैपिंग हो रही, अब तक 60 प्रतिशत से ज्यादा फिजिकल मैपिंग हो चुकी। हर मतदाता को ईएफ दिया जाएगा, जिसमें नाम, पता, विधानसभा, भाग नंबर प्री-प्रिंटेड। पुरानी फोटो भी लगी होगी, नई रंगीन फोटो चिपकानी पड़ेगी। बीएलओ तीन बार घर आएंगे और मदद करेंगे। इसे ऑनलाइन भी भर सकते हैं। एसआईआर के लिए फिलहाल कोई दस्तावेज नहीं मांगेंगे। भरा ईएफ जमा होते ही ड्राफ्ट रोल में नाम शामिल। बाद में अनलिंक्ड वालों को नोटिस, जांच के बाद फाइनल लिस्ट में जगह। अपात्रों के नाम कटेंगे। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक वितरण-संग्रहण होगा। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट लिस्ट पब्लिश होगी। 9 दिसंबर से 9 जनवरी 2026 तक दावे-आपत्तियां पेश कर सकते हैं। 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस, सुनवाई व वेरिफिकेशन होगा। 7 फरवरी 2026 को फाइनल लिस्ट रिलीज होगी। ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं किए गए अनुपस्थित, स्थानान्तरित, मृत एवं डुप्लीकेट नामों की सूची निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इसके बाद नागरिक अपने नाम जुड़वाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकेंगे। कलेक्टर ने बताया- राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://election.rajasthan.gov.in के सिटिजन सेन्टर कॉर्नर से मतदाता सूचियां देखी जा सकती हैं। पूर्व में की गई एसआईआर के सम्पूर्ण भारतवर्ष के डेटा वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध हैं। यहां मतदाता वर्ष 2002 की राजस्थान की मतदाता सूची एवं अन्य राज्यों की सूचियां भी देख सकते हैं। बीएलओ भरे हुए परिगणना प्रपत्र मतदाताओं से प्राप्त कर सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (एईआरओ) को जमा कराएंगे। बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर तीन बार जाएंगे तथा उन्हें परिगणना प्रपत्र भरने में सहायता करेंगे। इसे मतदाता अपने स्तर पर ऑनलाइन भी कर सकते हैं।
चंडीगढ़ की महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 15 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपियों को साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान राजस्थान के रहने वाले पूनम चंद और जय प्रकाश के रूप में हुई है। चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने राजस्थान के फलोदी जिला में छापेमारी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया कि उनके बैंक खातों का उपयोग कई अन्य साइबर ठगी मामलों में भी किया गया है। इन आरोपियों को डीएसपी ए. वेंकटेश की सुपरविजन में थाना साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर इरम रिजवी की अगुआई में टीम ने पकड़ा है। थाना साइबर क्राइम, यूटी चंडीगढ़ में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 308, 318(4), 319(2), 338, 336(3), 340(2) व 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। नारकोटिक्स विभाग का अफसर बन ठगी साइबर सेल को दी शिकायत में सुनीता ने बताया कि उसके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को पहले नारकोटिक्स विभाग का बड़ा अफसर बताया और फिर खुद को कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताया। उसने कहा कि उसका नाम नशे के एक केस में आया है और उसकी वेरिफिकेशन के लिए उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर मिला है। नशे की बात सुनकर सुनीता डर गई और खुद को निर्दोष साबित करने के प्रयास में बात करती रही, जिसके बाद आरोपियों ने पैसों की डिमांड करते हुए उससे ₹15 लाख की ठगी कर ली। इन बैंकों में ट्रांसफर हुए पैसे जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ठगी की रकम इंडसइंड बैंक, यूको बैंक और बाद में बंधन बैंक के खातों में ट्रांसफर की गई थी, जो आरोपियों के नाम पर थे। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने बैंक खातों के किट (चेकबुक, एटीएम कार्ड, पासबुक आदि) तीसरे व्यक्तियों को पैसे और कमीशन के बदले बेच दिए थे।
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राजस्थान में 7 नवम्बर से विशेष आयोजन शुरू होंगे। इसकी तैयारियों को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ‘वंदे मातरम्@150’ कार्यक्रम को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत उत्सव के रूप में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का अवसर है, बल्कि नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना जगाने का भी माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और जनता की अधिकतम सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी कार्यक्रमों का सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार किया जाएगा और कार्यक्रम स्थलों पर सेल्फी बूथ लगाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने डीओआईटी विभाग को निर्देश दिए कि सभी कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण और तकनीकी तैयारियां समय पर पूरी की जाएं। राज्य स्तरीय कार्यक्रम 7 नवम्बर को जयपुर के एस.एम.एस. स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी व मेडिकल कॉलेज, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, पुलिस, आरएसी जवान और सामाजिक संगठन सक्रिय रूप से भाग लेंगे। इसी दिन अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, सीकर, भीलवाड़ा और अलवर में भी जिला स्तरीय आयोजन होंगे। इसके बाद 8 और 9 नवम्बर को शेष 31 जिलों में प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार ने कार्यक्रमों की श्रृंखला की तैयार साथ ही, 7 नवम्बर से 26 नवम्बर (संविधान दिवस) तक सभी विद्यालयों व महाविद्यालयों में ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक वाचन किया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर ए. सावंत, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन राजेश कुमार यादव, प्रमुख शासन सचिव स्वास्थ्य गायत्री ए. राठौड़, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास डॉ. देबाशीष पृष्टी, शासन सचिव स्वायत्त शासन रवि जैन, शासन सचिव डीओआईटी डॉ. रवि कुमार सुरपुर और सचिव सूचना एवं जनसंपर्क सन्देश नायक सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
बॉलीवुड एक्टर विंदु दारा सिंह मंगलवार को जयपुर पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर फैंस ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। विंदु की सादगी और मुस्कान लोगों को खूब पसंद आई। जैसे ही वे अराइवल गेट से बाहर निकले, फैंस ने उन्हें घेर लिया और सेल्फी की फरमाइश करने लगे। इस दौरान विंदु ने भी किसी को निराश नहीं किया और सभी के साथ मुस्कुराते हुए तस्वीरें खिंचवाईं। एक्टर विंदु दारा सिंह चौधरी परिवार के संगीत समारोह में करेंगे शिरकत विंदु इस बार जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में चौधरी परिवार के संगीत समारोह में शिरकत करने पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर वरुण बंसल और भरत आजाद ने एक्टर विंदु का स्वागत किया। इसके बाद विंदु होटल के लिए रवाना हो गए। राजस्थान का इतिहास, संस्कृति और आर्किटेक्चर हमेशा से करते हैं आकर्षित इस मौके पर उन्होंने कहा जयपुर आना हमेशा खास होता है। राजस्थान का इतिहास, संस्कृति और आर्किटेक्चर हमेशा से आकर्षित करते हैं। यह वीर भूमि है और यहां के लोग बेहद आत्मीय हैं। हर बार यहां आकर मन खुश हो जाता है।अभिनेता दारा सिंह के बेटे कई फिल्मों में कर चुके काम विंदु दारा सिंह प्रसिद्ध अभिनेता दारा सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1994 में फिल्म 'करण' से की थी। इसके बाद उन्होंने घर की आजादी, मुझसे शादी करोगी, पार्टनर, हाउसफुल, सन ऑफ सरदार जैसी कई फिल्मों में दमदार अभिनय किया। टीवी की दुनिया में भी वे लोकप्रिय रहे, खासतौर पर रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 3 के विजेता के रूप में उन्हें देशभर में पहचान मिली। समाज सेवा के क्षेत्र में भी निभाई अहम भूमिका अपने मजाकिया अंदाज और सादगी के लिए पहचाने जाने वाले विंदु ने फिल्मों के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। जयपुर दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि वे आने वाले समय में राजस्थान की पृष्ठभूमि पर आधारित किसी प्रोजेक्ट में काम करने की इच्छा रखते हैं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए विशेष छात्रवृत्ति एवं अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन आंमत्रित किए गए है। आवेदन 6 नवम्बर से किए जा सकेंगे। बोर्ड सचिव गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए विशेष छात्रवृत्ति एवं अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है। ये आवेदन छात्रवृत्ति फ्रेश 2025 एवं रिन्यूअल 2024 के ईडब्ल्यूएस (जनरल) के विद्यार्थियों के लिए है। इनमे राजस्थान के सामान्य वर्ग के ईडब्ल्यूएस (जनरल) प्रमाण-पत्र धारक ऎसे विद्यार्थी जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के बोर्ड आवेदन फार्म में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी कोड (14) को चिन्हित किया है तथा माध्यमिक परीक्षा 2025 में 80 प्रतिशत या उससे अधिक एवं वर्ष 2024 (रिन्यूअल) के लिए कक्षा 11 में 55 प्रतिशत या उससे अधिक प्राप्तांक अर्जित विद्यार्थी ही पात्र है। आवेदन 6 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2025 तक संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान के माध्यम से बोर्ड की वेबसाइट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। ऑफलाईन आवेदन पत्र स्वीकार नहीं है। अधिक जानकारी व आवश्यक दिशा निर्देश के लिए बोर्ड की वेबसाइट व दूरभाष नम्बर 0145-2632025 व 0145-2632854 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
एसआईआर फॉर्म के साथ बीएलओं आज से पहुंचेंगे आपके घर, उनसे रसीद जरूर लें
राजस्थान सहित 12 राज्यों में मंगलवार से विशेष गहन पुनरीक्षण यानि एसआईआर के तहत बीएलओ घर-घर जाकर सर्वेक्षण का काम शुरू करेंगे। ये कार्य 4 नवबंर से 4 दिसंबर तक की यह अवधि काफी अहम है, क्योंकि इसमें राज्य के सभी बीएलओ मतदाताओं के घर-घर पहुंचकर उनसे 2 प्रतियों में गणना प्रपत्र भरवाएंगे, जिसमें से एक प्रति रसीद के तौर पर मतदाता के पास ही रहेगी। गणना प्रपत्र में मतदाता से संबंधित सूचनाएं जैसे नाम, इपिक नंबर, पता एवं वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार भाग एवम क्रमांक संख्या पहले से ही भरी हुई आ रही है। साथ ही मतदाता की फोटो भी गणना प्रपत्र पर छपी हुई है। बीएलओ घर-घर जाकर प्रत्येक मतदाता को गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे और उसे भरने में सहायता भी करेंगे। प्रपत्र में मतदाता को जन्म तिथि, आधार संख्या (वैकल्पिक), पिता या अभिभावक का नाम व इपिक नंबर (वैकल्पिक), माता का नाम व इपिक नंबर (वैकल्पिक), मोबाइल नंबर जैसी मूल जानकारियां भरनी हैं। एक नवीनतम रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो चिपकानी होगी। गणना प्रपत्र में ही विगत एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की सूचनाएं लेकर भरी जानी है जिन मतदाताओं का स्वयं का नाम विगत एसआईआर में शामिल नहीं है किंतु उनके रिश्तेदार जैसे माता-पिता, दादा-दादी , नाना-नानी आदि का नाम शामिल है तो गणना प्रपत्र में उक्त रिश्तेदार का विवरण भरकर मैपिंग की जाएगी। बीएलओ क्या करेंगे? {घर-घर जाकर आंशिक रूप से भरे गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म) की दो प्रतियां आपको देंगे। {विगत एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की सूचनाएं लेकर मैपिंग में मतदाता की सहायता करेंगे। सूची http://voters.eci.gov.in) व https://election.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध है। {आपके द्वारा भरे हुए गणना प्रपत्र को एकत्रित करेंगे और उसे ECINET एप पर अपलोड करेंगे। आपको क्या करना है? {गणना प्रपत्र की दोनों प्रतियों को भरें {भरे हुए गणना प्रपत्र BLO को जमा करावें एवं 1 प्रति रसीद के रूप में अपने पास रखें। {4 दिसंबर से पहले अपना गणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को जमा करावे, ताकि आसानी से अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकें। इस अवधि के बाद भी आप अपना नाम दर्ज करा पाएंगे, इसके लिए आपको अतिरिक्त फॉर्म 6, घोषणा पत्र (घोषणा प्रपत्र) के साथ भरना होगा।
जयपुर आरटीओ प्रथम से सोमवार को हुई ऑनलाइन नीलामी में आरजे 60सीएम 0001 (RJ60CM0001) नंबर रिकॉर्ड तोड़ 31 लाख रुपए में बिका। यह नंबर राजस्थान का अब तक का सबसे महंगा वाहन नंबर बन गया है। यह वीआईपी नंबर करीब 3 करोड़ रुपए की ऑडी आरएस क्यू8 कार के लिए खरीदा गया है। आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया- सोमवार को फैंसी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया सुबह से शुरू हुई थी। इस दौरान कई लोगों ने बोली लगाई, लेकिन आरजे 60सीएम 0001 नंबर पर बिडिंग लंबे समय तक चलती रही। अंत में यह नंबर 31 लाख रुपए में नीलाम हुआ। शेखावत ने बताया- इस नीलामी से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिला है और लोगों में वैध तरीके से नंबर खरीदने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। शेखावत ने कहा- थ्री डिजिट नंबर घोटाले के बाद अब लोग पोर्टल के ज़रिए पारदर्शी प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। पहले जहां कोई भी नंबर बेस प्राइस पर ही बिक जाता था, वहीं अब फैंसी नंबरों के लिए कई गुना अधिक बोली लगाई जा रही है। बेटे के जन्मदिन पर गिफ्ट में दी कार यह वीआईपी नंबर जयपुर के कारोबारी राहुल तनेजा ने खरीदा है। उन्होंने बताया- यह नंबर उन्होंने अपने बेटे रेहान तनेजा की नई ऑडी आरएस क्यू8 कार के लिए लिया है। रेहान 16 नवंबर को 18 साल का हो रहा है, और उसी दिन यह कार उसे गिफ्ट की जाएगी। राहुल ने कहा कि उन्हें और उनके बेटे को लग्जरी कारों और वीआईपी नम्बरों का शौक है। राहुल इससे पहले भी कई महंगे नंबर ले चुके हैं। साल 2011 में उन्होंने अपनी बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज कार के लिए आरजे14सीपी0001 नंबर 10 लाख रुपए में खरीदा था। इसके बाद 2018 में अपनी जैगुआर एक्सजेएल कार के लिए आरजे45सीजी0001 नंबर लिया था, जो उस समय राजस्थान का सबसे महंगा नंबर माना गया था। राहुल ने बताया - शौक की कोई कीमत नहीं होती। मैं आज में जीता हूं, मुझे जो चीज खुशी देती है, वही करता हूं। कल क्या होगा, कौन जानता है।
बीकानेर में कल से शुरू होगा SIR:बीएलओ घर-घर पहुंचा रहे हें फॉर्म, चार दिसम्बर तक चलेगा अभियान
राजस्थान सहित 12 राज्यों में मंगलवार से विशेष गहन पुनरीक्षण यानि एसआईआर के तहत बीएलओ घर-घर जाकर सर्वेक्षण का काम शुरू करेंगे। बीकानेर में भी मंगलवार से ही एसआईए का काम शुरू हो जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि 4 नवबंर से 4 दिसंबर तक की यह अवधि काफी अहम है क्योंकि इसमें राज्य के सभी बीएलओ मतदाताओं के घर-घर पहुंचकर उनसे दो प्रतियों में गणना प्रपत्र भरवाएंगे जिसमें से एक प्रति रसीद के तौर पर मतदाता के पास ही रहेगी। प्रदेश में वर्ष 2025 की वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 827 मतदाता हैं। इसमें 2.84 करोड़ पुरूष, 2.65 करोड़ महिला और 681 अन्य मतदाता हैं। इनकी विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बूथ लेवल अधिकारियों के द्वारा गणना प्रपत्र भरवाकर जांच की जानी है। क्या है गणना प्रपत्रनिर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत गणना प्रपत्र काफी आसान बना दिया है। अब यह एक ही पृष्ठ का है और उसमें भी मतदाता से संबंधित सूचनाएं जैसे नाम, ईपिक नंबर, पता एवं वर्तमान मतदाता सूची के अनुसार भाग एवम क्रमांक संख्या पहले से ही भरी हुई आ रही हैं। साथ ही मतदाता की फोटो भी गणना प्रपत्र पर छपी हुई है। बीएलओ घर-घर जाकर प्रत्येक मतदाता को गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे और उसे भरने में सहायता भी करेंगे। प्रपत्र में मतदाता को जन्म तिथि, आधार संख्या (वैकल्पिक), पिता या अभिभावक का नाम व ईपिक नंबर (वैकल्पिक), माता का नाम व ईपिक नंबर (वैकल्पिक), मोबाइल नंबर जैसी मूल जानकारियां भरनी होंगी। इसके साथ ही एक नवीनतम रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो चिपकानी होगी।गणना प्रपत्र में ही विगत एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की सूचनाएं लेकर भरी जानी है जिन मतदाताओं का स्वयं का नाम विगत एसआईआर में शामिल नहीं है किंतु उनके रिश्तेदार जैसे माता-पिता/ दादा-दादी / नाना-नानी आदि का नाम शामिल है तो गणना प्रपत्र में उक्त रिश्तेदार का विवरण भरा जाकर मैपिंग की जाएगी। वर्तमान मतदाताओं की मैपिंग जारीसभी राज्यों की मतदाता सूचियां https://voters.eci.gov.in/ पर अपलोड कर दी गयी है। साथ ही यह लिंक मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट (https://election.rajasthan.gov.in/) पर भी उपलब्ध कराया गया है। विगत एसआईआर की मतदाता सूची में अगर किसी वर्तमान मतदाता के माता-पिता/ दादा-दादी / नाना-नानी आदि का नाम शामिल है तो सटीक और सत्यापित पारिवारिक संबंध के माध्यम से वंशावली मानचित्रण (मैपिंग) की जा रही है। जिससे अधिकांश मतदाताओं से किसी भी प्रकार के दस्तावेज लेने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। चालीस साल से अधिक आयु के ढाई करोड़ मतदाता राज्य में 40 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या लगभग 2.61 करोड़ है, जिसमें से 83 प्रतिशत की मैंपिंग की जा चुकी है। वहीं 2.88 करोड़ मतदाता 40 वर्ष से कम आयु के हैं इनकी भी अब तक 50 प्रतिशत मैपिंग का कार्य किया जा चुका है। अब तक कुल 65.3 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग का कार्य बीएलओ ऐप पर भी किया जा चुका है। गणना चरण के दौरान यह मैपिंग और अधिक हो जाएगी। क्या करेंगे बीएलओ?घर-घर जाकर आंशिक रूप से भरे गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म ) की दो प्रतियां देंगे।विगत एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं की सूचनाएं लेकर मैपिंग में मतदाता की सहायता करेंगे। समस्त राज्यों की विगत एसआईआर की मतदाता सूची भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाईट (http://voters.eci.gov.in) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पार्टल (https://election.rajasthan.gov.in/) पर उपलब्ध है। मतदाता की ओर से भरे हुए गणना प्रपत्र को एकत्रित करेंगे और उसे ECINET ऐप पर अपलोड करेंगे। 4 दिसंबर 2025 तक अपना गणना प्रपत्र नवीनतम फोटो एवं सूचनाओं के साथ अपने बीएलओ को जमा कराने होंगे। शीघ्र ही इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था प्रारंभ होने जा रही है।
पर्यटन विभाग की ओर से 19 नवंबर को सायं 6 बजे से डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में ‘घूमर फेस्टिवल-2025’ का आयोजन किया जाएगा। जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने सोमवार को इसके पोस्टर का विमोचन किया। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए स्कूली स्टूडेंट्स से आवेदन मांगे गए हैं, जबकि बीस नवम्बर से स्कूलों में हाफ ईयरली एग्जाम है। जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि इस आयोजन के लिए 12 वर्ष से अधिक आयु की छात्राएं और महिलाएं ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी। यह आवेदन घूमर डॉट राजस्थान डॉट जीओवी डॉट इन (https://ghoomar.rajasthan.gov.in/Website/index.html) के माध्यम से होगा। अधिक से अधिक स्कूलों और कॉलेज, विभिन्न नृत्य समूहों की प्रतिनिधियों, गृहणियों, प्रोफेशनल महिलाओं को भी आवेदन के लिए प्रेरित किया जा रहा हे। पर्यटन विभाग ने स्कूली बच्चों की उपलब्धता को देखा ही नहीं। दरअसल, बीस नवम्बर से राजस्थान के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में एक साथ एक ही पेपर से हाफ ईयरली एग्जाम शुरू होना है। ऐसे में स्कूली स्टूडेंट्स इस आयोजन का हिस्सा नहीं बन सकेंगे। सिर्फ सीबीएसई स्कूल्स के लिए ही ये आयोजन होगा। जिला कलक्टर ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर लोकनृत्य ‘घूमर’ को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों पर ‘घूमर’ महोत्सव हो रहा है। ये होंगे घूमर प्रतियोगिता के नियम जिला कलक्टर नमृता वृष्णि ने महोत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। अभियान के आयोजन से जुड़े सभी अधिकारी पूर्ण गंभीरता से कार्य करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) रमेश देव, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल राठौड़, सहायक निदेशक (पर्यटन) महेश व्यास तथा सहायक पर्यटन अधिकारी नेहा शेखावत मौजूद रहे।
'यूपी पुलिस लट्ठ बजाओ...' राजस्थान के जुलूस का एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो 25 सितंबर 2025 की रात को राजस्थान के जयपुर में एक स्थानीय नेता नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस का है, जिसे एडिट भी किया गया है.
बिहार में बीजेपी के साड़ी की दुकान लूटने के दावे से वायरल वीडियो राजस्थान का है
बूम ने पाया कि यह वीडियो अगस्त 2025 का राजस्थान के उदयपुर का है, जहां अग्रवाल साड़ीज नाम की एक दुकान में प्रोमोशनल सेल के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी.
क्या 6 महीने बाद फिर से राजस्थान के इस महल में शादी करने जा रहे हैं विक्की कैट
राजस्थान अपने खूबसूरत किलों और महलों के लिए विश्वभर में जाना जाता है। कला और संस्कृति के इस अनूठे संगम, शाही ठाठ बाठ समेत राजपुताना वास्तुकला का आनंद उठाने दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक यहां आते हैं..........
Salman Khan फायरिंग केस में आया सनसनीखेज अपडेट, राजस्थान के इस राज्य से पकड़ा गया मामले का एक और आरोपी
सलमान खान के घर पर गोलीबारी प्रकरण में नया मामला दर्ज, राजस्थान से एक व्यक्ति गिरफ्तार
मुंबई। मुंबई पुलिस ने अप्रैल में अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर हुई गोलीबारी के सिलसिले में एक नया मामला दर्ज किया है और आपराधिक धमकी के आरोप में राजस्थान से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान राजस्थान के बूंदी निवासी बनवारीलाल लटूरलाल गुर्जर (25) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि गुर्जर ने कथित तौर पर अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने कहा था, लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और गिरोह के अन्य सदस्य मेरे साथ हैं तथा मैं सलमान खान को मारने जा रहा हूं क्योंकि उसने अभी तक माफी नहीं मांगी है। आरोपी ने राजस्थान में एक राजमार्ग पर वीडियो बनाया और उसे अपने चैनल पर अपलोड कर दिया। अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम जांच के लिए राजस्थान भेजी गई और उसने आरोपी को पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि मुंबई के साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। अधिकारी ने कहा, हम जांच कर रहे हैं कि आरोपी गुर्जर का कोई पिछला आपराधिक इतिहास तो नहीं है। उसे भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं, 506 (2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है। बांद्रा इलाके में 14 अप्रैल की सुबह सलमान खान के घर के बाहर मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने कई गोलियां चलाई थीं। इस मामले में कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक अनुज थापन ने एक मई को पुलिस हवालात में कथित तौर पर फांसी लगा ली थी।
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'एकलव्य' के बारे में कुछ अनकहे किस्से
एकलव्य : रॉयल गार्ड का मूल नाम यज्ञ था। उत्पादन 2005 की शुरुआत में शुरू हुआ..........
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'परमाणु' के बारे में कुछ अनकहे किस्से
जॉन अब्राहम की फिल्म 'परमाणु- द स्टोरी ऑफ पोखरण' को रिलीज हुए 6 साल हो गए हैं। यह फिल्म 25 मई 2018 को रिलीज हुई थी..........
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'बादशाहो' के बारे में कुछ अनकही बाते
बादशाहो एक पीरियड एक्शन-थ्रिलर थी.......
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'हाईवे' के बारे में कुछ रोचक बाते
जब इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित यह रोड ड्रामा प्रसारित हुआ, जिसमें आलिया भट्ट और रणदीप हुडा ने अभिनय किया, तो लोगों ने इसे बहुत प्यार दिया, न केवल इसकी अभूतपूर्व कहानी के कारण, बल्कि भट्ट के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण भी...........
देसी मिट्टी से शाहरुख खान ने कमा डाले 200 करोड़ रुपये, राजस्थान में करी थी फिल्म जवान की शूटिंग?
शाहरुख खान की फिल्म जवान ने पहले तीन दिनों में 200 करोड़ रुपये की कमाई कर शानदार प्रदर्शन किया है. 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म ने 75 करोड़ की बड़ी ओपनिंग का रिकॉर्ड बनाया है............
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'गाइड' के बारे में कुछ अनकही बाते
उदयपुर में शूट की गई पहली फिल्मों में से एक वहीदा रहमान और देव आनंद अभिनीत एक रोमांस ड्रामा थी। यह फिल्म आर.के. नारायण के प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित है, जिसे व्यापक रूप से भारतीय सिनेमा उद्योग की उपलब्धियों में से एक माना जाता है.............
फिल्मों की शूटिंग के लिए बेस्ट लोकेशन बन रहा राजस्थान का अलवर
राजस्थान प्रदेश का अलवर जिला इन दिनों फिल्मों और वेब सीरीज समेत शॉर्ट फिल्मों के लिए बेस्ट लोकेशन बनता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड एक्टर उज्जवल चोपड़ा अपनी शॉर्ट फिल्म की 4 दिन की शूटिंग के लिए अलवर पहुंचे..........
जोधा अकबर की शूटिंग के बाद मशहूर हुई राजस्थान की ये जगहे
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पीरियड फिल्म 'जोधा अकबर' के कुछ सीन जयपुर के आमेर किले में शूट किए गए हैं. आपको आशुतोष गोवारिकर की फिल्म का वो सीन याद होगा, जिसमें ऐश्वर्या राय किचन में राजा के लिए खाना बनाती है......
बॉलीबुड और हॉलीवुड फिल्मों के लिए फेमस है राजस्थान की ये जगहे, देखें वीडियो
राजस्थान और फिल्में हमेशा से मनोरंजन का तड़का लगाती रही हैं। राजधानी जयपुर हमेशा से फिल्म निर्माताओं की पसंदीदा रही है। 'पिंक सिटी' में एक-दो नहीं बल्कि कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है......
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'लगान' के बारे में कुछ रोचक तथ्य
मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान की फिल्म 'लगान' उनके फिल्मी करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। फिल्म में एक ऐसे गांव का चित्रण किया गया था जहां के लोग किराए के बोझ तले दबे हुए थ......
करण-अर्जुन की शूटिंग के बाद मशहूर हुई राजस्थान की ये जगहे
आप सभी ने फिल्म अर्जुन तो देखी ही होगी, यह उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। और इस फिल्म में दिखाया गया गांव और ठाकुर दुर्जन सिंह की हवेली सभी को याद होगी. लेकिन ज्यादातर लोगों को ये नहीं पता कि इस फिल्म की शूटिंग किस गांव में हुई थी.........
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'बॉर्डर' के बारे में कुछ अनोखी बातें
सनी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, सुदेश बेरी, पुनीत इस्सर और कुलभूषण खरबंदा अभिनीत फिल्म बॉर्डर ने अपनी रिलीज के 26 साल पूरे कर लिए हैं। 1971 के वास्तविक जीवन के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित और लोंगेवाला की लड़ाई की सच्ची घटनाओं पर आधारित, बॉर्डर 1997 में रिलीज़ हुई थी और इसका निर्देशन जेपी दत्ता ने किया था............
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'बोल बच्चन' के बारे में कुछ अनोखी बातें
रोहित शेट्टी की फिल्म 'बोल बच्चन' में अभिषेक बच्चन, अजय देवगन और असिन नजर आए हैं. फिल्म की आधे से ज्यादा शूटिंग पिंक सिटी जयपुर में हुई है. फिल्म का हिट गाना 'चलाओ न नैनों से बाण रे' की शूटिंग जयपुर के मशहूर रिजॉर्ट चोखी ढाणी में हुई है......
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' के बारे में कुछ अनोखी बातें
जब आलिया भट्ट और वरुण धवन अपनी फिल्म 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' के प्रमोशन के लिए जयपुर आए तो यह उनके लिए घर वापसी जैसा था। आप पूछेंगे कैसे? दोनों ने राजस्थान में फिल्म की शूटिंग के लिए इतना समय बिताया है कि उन्हें लगता है कि वे यहीं के हैं.....
Rajasthan 12th Board: दो दिन बाद समाप्त होंगे पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन, ऐसे भरें फॉर्म
राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वीं रिजल्ट 2024: पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 मई है। जो छात्र अपने अंक से असंतुष्ट हैं, वे आवेदन कर सकते हैं। आइए जानते हैं, कैसे करना है आवेदन। यहां देखें
यहाँ जानिए, राजस्थान में बनी फिल्म 'हम साथ साथ हैं' के बारे में कुछ अनोखी बातें
4 अक्टूबर 1998 को ग्रोव के संरक्षक मांगीलाल सोनल द्वारा सार्वजनिक पार्क में फिल्म ' हम साथ - साथ हैं ' की शूटिंग की अनुमति दी गई थी। यह खुलासा वन विभाग के अधिकारी शिवचंद बोहरा और सोनल से जिरह के दौरान हुआ.........
कभी राजस्थान में हुई थी इस फेमस मूवी की शूटिंग, देखें वायरल वीडियो
राजस्थान के बीकानेर ज़िले में स्थित लक्ष्मी निवास पैलेस अपनी भव्यता से भर जाता है.यह आलीशान और लग्ज़री होटल है, जिसकी बनावट और महीन कारीगरी काफ़ी खास है.इस पैलेस को 1904 में महाराजा गंगा सिंह के लिए बनवाया गया था.......
फिल्म करण अर्जुन 1995 में रिलीज हुई थी। रिलीज के इतने साल बाद भी फिल्म करण अर्जुन का नशा लोगों के दिलों में इस कदर छाया हुआ है कि लोग इसे भूल नहीं पाते हैं। आज हम इस फिल्म से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में बात करेंगे......
पिछले कई महीनों से एक दर्जन सहित क्षेत्रीय भाषा और विदेशी फिल्मों की शूटिंग का हिस्सा रही जैसलमेर की धरती पर लाइट...एक्शन...कैमरे की आवाज नहीं गूंज रही है। एक साल में दर्जनों बॉलीवुड फिल्में......
रेत के टीलों से लेकर ऐतिहासिक स्मारकों तक, राजस्थान सभी फिल्म निर्माताओं को शूटिंग के लिए आकर्षित करता रहा है। जयपुर, जोधपुर जैसे शहरों की ऐतिहासिक विरासत से लेकर जैसलमेर, बाड़मेर जैसे जिलों के रेत के टीलों तक, यहां सब कुछ अनोखा है.....
जॉली एलएलबी की तीसरी किस्त में अक्षय कुमार और अरशद वारसी स्क्रीन शेयर करने जा रहे हैं। शूटिंग राजस्थान में चल रही थी और उन्होंने पहला शेड्यूल पूरा कर लिया है। हाल ही में, अभिनेताओं ने शूटिंग खत्म करते हुए एक मजेदार वीडियो साझा किया। कुछ ही देर में ये वायरल हो गया। दोनों को बड़ी मुस्कान के साथ बाइक चलाते देखा गया। अक्षय और अरशद ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया अक्षय और अरशद ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर वीडियो साझा किया और लिखा, “और यह एक शेड्यूल रैप है! जैसा कि आप देख सकते हैं कि दोनों जॉलीज़ ने राजस्थान में अच्छा समय बिताया। वीडियो में दोनों सड़क पर बाइक चला रहे हैं। अरशद की शर्ट खून से लथपथ है. हाल ही में, बड़ी संख्या में अक्षय के प्रशंसक उनकी फिल्म के सेट पर उन्हें आश्चर्यचकित करने और उनके साथ तस्वीरें लेने के लिए पहुंचे। अब सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में, राम सेतु अभिनेता को जॉली एलएलबी 3 के सेट पर उनका स्वागत करने आए लोगों के लिए तस्वीरें लेते और ऑटोग्राफ देते देखा जा सकता है। अक्षय पहले भी वीडियो शेयर कर चुके हैं इससे पहले, जॉली एलएलबी 3 के सेट से एक बिहाइंड द सीन वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें अक्षय शर्टलेस बैठे नजर आ रहे थे और उन्होंने सन बाथ का भी आनंद लिया था। वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए अक्षय के फैन पेज ने लिखा, @अक्षयकुमार #JollyLLB3 के सेट पर सन बाथ ले रहे हैं...अगर आप ठीक से सुनेंगे तो बजरंग बैन चल रहा है। बता दें, अक्षय कुमार ने इस महीने की शुरुआत में जॉली एलएलबी 3 की शूटिंग शुरू की थी, जब उन्होंने सेट से एक मजेदार वीडियो भी जारी किया था। वीडियो में अक्षय के साथ अरशद वारसी भी शामिल थे और दोनों काले कपड़े पहने नजर आ रहे थे। इसकी शुरुआत अक्षय द्वारा सभी को जगदीश त्यागी उर्फ जॉली बीए एलएलबी डुप्लिकेट से सावधान रहने की चेतावनी देने से हुई। इसके बाद, अरशद को खुद को असली जॉली के रूप में पेश करते देखा गया। जॉली एलएलबी की 3 किस्त आ रही है पहली जॉली एलएलबी फिल्म, जो 2013 में रिलीज हुई थी, जिसमें अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला मुख्य भूमिका में थे। दूसरी ओर, फिल्म का सीक्वल 2017 में सिनेमाघरों में आया जिसमें अक्षय कुमार ने अरशद वारसी की जगह ली। उनके साथ हुमा कुरेशी भी उनकी प्रेमिका के रूप में शामिल हुईं। कथित तौर पर, तीसरी किस्त में, अक्षय कुमार और अरशद वारसी आमने-सामने होंगे, जबकि सौरभ शुक्ला जज के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे। हालांकि, अभी तक मेकर्स ने फिल्म की कहानी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। View this post on Instagram A post shared by Akshay Kumar (@akshaykumar)
अपनी बायोपिक में Shahrukh Khan को काम करते देखना चाहता है ये मशहूर विदेशी क्रिकेटर,Rajasthan Royals टीम का है हिस्सा
भारत के राष्ट्रीय प्रसारक Doordarshan ने नए लोगो का अनावरण किया, जिसका रंग लाल से नारंगी हुआ
भारत सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक टेलीविजन प्रसारक दूरदर्शन ने अपने समाचार चैनल डीडी न्यूज का लोगो लाल से बदलकर भगवा कर दिया है। यह लोगो 16 अप्रैल, 2024 को लागू हुआ, जिसने पिछले लाल वाले को बदल दिया। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से, डीडी न्यूज़ ने कहा कि उनके मूल्य वही रहेंगे और वे अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। इसे भी पढ़ें: Barahi Devi Temple: बाराही देवी मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होती है गंभीर बीमारियां, जानिए मंदिर से जुड़ी मान्यता पोस्ट में कहा गया एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी गई.. बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। हमारे पास यह कहने का साहस है: गति से अधिक सटीकता, दावों से अधिक तथ्य, सनसनीखेज से अधिक सत्य। क्योंकि अगर यह डीडी न्यूज पर है, तो यह सच है। दूरदर्शन का इतिहास दूरदर्शन ने 15 सितंबर, 1959 को सार्वजनिक सेवा प्रसारण में एक मामूली प्रयोग के साथ शुरुआत की। यह प्रयोग 1965 में एक सेवा बन गया जब दूरदर्शन नई दिल्ली और उसके आसपास के लिविंग रूम में टेलीविजन सेट तक पहुंच गया। 1975 तक सेवाओं को मुंबई, अमृतसर और सात अन्य शहरों तक बढ़ा दिया गया। 1 अप्रैल, 1976 को यह सूचना और प्रसारण मंत्रालय में एक अलग विभाग के अंतर्गत आ गया। 1982 में दूरदर्शन राष्ट्रीय प्रसारक बन गया। इसे भी पढ़ें: Rajasthan: पाली में बोले अमित शाह, हम भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अर्थतंत्र बना देंगे, ये मोदी की गारंटी है 1982 में, दूरदर्शन का रंगीन संस्करण तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के सीधे प्रसारण के साथ शुरू हुआ, इसके बाद दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों का रंगीन प्रसारण हुआ। वर्तमान में, दूरदर्शन 6 राष्ट्रीय चैनल और 17 क्षेत्रीय चैनल संचालित करता है। राष्ट्रीय चैनलों में डीडी नेशनल, डीडी इंडिया, डीडी किसान, डीडी स्पोर्ट्स, डीडी उर्दू और डीडी भारती शामिल हैं। दूसरी ओर, डीडी अरुणप्रभा, डीडी बांग्ला, डीडी बिहार, डीडी चंदना, डीडी गिरनार, डीडी मध्य प्रदेश, डीडी मलयालम, डीडी नॉर्थ ईस्ट, डीडी ओडिया, डीडी पोधिगई, डीडी पंजाबी, डीडी राजस्थान, डीडी सह्यगिरी, डीडी सप्तगिरी, डीडी उत्तर प्रदेश, डीडी यादगिरी और डीडी काशीर इसके क्षेत्रीय चैनल हैं। While our values remain the same, we are now available in a new avatar. Get ready for a news journey like never before.. Experience the all-new DD News! We have the courage to put: Accuracy over speed Facts over claims Truth over sensationalism Because if it is on DD News, it… pic.twitter.com/YH230pGBKs — DD News (@DDNewslive) April 16, 2024
बच्चों के साथ राजस्थान की सैर पर निकलीं शिल्पा शेट्टी, वीडियो शेयर कर...
शिल्पा शेट्टी इन दिनों राजस्थान की सैर पर निकली हैं. शिल्पा के साथ उनके बच्चे भी राजस्थान के नेशनल पार्क में घूमते नजर आ रहे हैं. शिल्पा ने इसका वीडियो शेयर किया है. वीडियो में शिल्पा शेट्टी बच्चों के साथ मस्ती करती नजर आ रही हैं.

