सीधी पुलिस ने एक किशोरी (15) को हैदराबाद से सुरक्षित बरामद किया है। किशोरी को नौकरी और बेहतर जीवन का झांसा देकर एक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले की शुरुआत 17 अक्टूबर को हुई, जब किशोरी के परिजनों ने थाना चुरहट में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी बिना बताए घर से लापता हो गई है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने तुरंत धारा 137(2) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस टीम ने कॉल डिटेल से लोकेशन का पता किया पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और कॉल डिटेल के आधार पर लगातार जांच की। तफ्तीश के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि गुमशुदा किशोरी हैदराबाद पहुंच चुकी है। इस सूचना की पुष्टि होने के बाद थाना प्रभारी चुरहट, उप निरीक्षक दीपक बघेल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें उप निरीक्षक आशा सिलावट भी शामिल थीं। टीम ने बिना समय गंवाए 1100 किलोमीटर का सफर तय किया। हैदराबाद पहुंचने के बाद, स्थानीय पुलिस की सहायता से लगातार प्रयासों के बाद किशोरी और आरोपी युवक को दस्तयाब कर लिया गया। किशोरी बोली- शहर में नौकरी दिलाने के नाम पर बहकाया सीधी लौटने के बाद किशोरी ने अपने बयान में बताया कि उसे घर की परिस्थितियां और छोटे शहर का माहौल पसंद नहीं था। आरोपी युवक लगातार उसके संपर्क में था और उसे बड़े शहर में नौकरी दिलाने, अच्छी जगह रखने और बेहतर जीवन देने का झूठा सपना दिखाता था। उसी के बहकावे में आकर वह उसके साथ चली गई थी। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नाबालिग किशोरी को काउंसलिंग के बाद उसके परिजनों को सुरक्षित सौंप दिया गया है।
निवेश के लिए हैदराबाद में सीएम करेंगे चर्चा:राजधानी में बड़ा बायोटेक सेंटर बनाएगी मप्र सरकार
22 नवंबर को हैदराबाद में होने वाले निवेश आयोजन में बड़ी बायोटेक कंपनियों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सीधी चर्चा करेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को बायोटेक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के निर्देश दिए हैं। उनका मानना है कि मप्र में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई संभावनाएं हैं। हैदराबाद में होने वाले आयोजन के लिए बायोटेक सेक्टर की कई कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की योजना राजधानी में एक बड़ा बायोटेक सेंटर स्थापित करने की है। शहर में आइसर, मैनिट, निरेह, एम्प्री और भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान जैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थान मौजूद हैं। भोपाल, मंडीदीप और पीथमपुर में कई बड़ी फार्मा यूनिट्स मौजूद हैं। आईटी पर भी फोकस हैदराबाद में डेल, गूगल, आईबीएम, टीसीएस, विप्रो, माइक्रोसॉफ्ट, ओरेकल, एचसीएल जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के कैंपस हैं। इसलिए आयोजन में आईटी, ड्रोन, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और एनिमेशन ग्राफिक्स नीतियों का प्रेजेंटेशन करके निवेश आकर्षित किया जाएगा। इसके लिए अलग राउंड टेबल सत्र होगा। उद्योग और पर्यटन की निवेश नीतियां भी सामने रखी जाएंगी। निवेशकों से सीएम वन टू वन बात करेंगे। बेंगलुरू में प्रदेश को टियर II शहरों का इनोवेशन हब बताया एमपीएसईडीसी ने बेंगलुरु टेक समिट में पवेलियन लगाकर मप्र को टियर II शहरों का बड़ा इनोवेशन हब बताया है। पवेलियन में 15 आईटी पार्क, 6 आईटी एसईजेड और 1200 टेक स्टार्टअप के बारे में जानकारी दी गई है।
दिल्ली कार ब्लास्ट से सुर्खियों में आई फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। महू निवासी जवाद के भाई हमूद सिद्दीकी को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। उसे 16 नवंबर को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। आरोप है कि हमूद ने चिटफंड कंपनी खोलकर पैसा दोगुना करने का झांसा दिया, फिर लोगों से निवेश करवाया। इसके बाद रुपए लेकर भाग गया। इस मामले में पुलिस उसको 25 साल से तलाश रही थी। जवाद फरीदाबाद की उस अल फलाह यूनिवर्सिटी का संस्थापक चेयरमैन है, जिसमें धमाके का मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी पढ़ाता था। वह अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालक भी है। चिटफंड कंपनी खोली, निवेश का पैसा लेकर भागा थामहू थाने के टीआई कमल सिंह गेहलोद ने बताया- साल 2000 में जवाद ने अपने भाई हमूद के साथ मिलकर उसी के नाम पर चिटफंड कंपनी खोली थी। लोगों को पैसा दोगुना करने का लालच देकर इसमें इन्वेस्टमेंट कराया। सेना के रिटायर्ड कर्मचारी और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस (MES) में काम करने वाले को भी फंसाया। इसके बाद सारा पैसा लेकर दोनों भाई परिवार समेत महू से भाग निकले। कंपनी में निवेश करने वाले लोगों ने मामले में पुलिस में केस दर्ज कराया था। हैदराबाद में शेयर ट्रेडिंग कारोबार कर रहा था हमूदटीआई गेहलोद का कहना है कि हमूद हैदराबाद में शेयर ट्रेडिंग का कारोबार कर रहा था। पुलिस ने सिद्दीकी परिवार के रिश्तेदारों से उसकी जानकारी निकाली। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ा। पुलिस अदालत से रिमांड पर लेकर हमूद से पूछताछ करेगी। जानकारी निकालेगी कि महू छोड़ने के बाद वह किन लोगों से संपर्क में रहा? उसकी आय किन-किन रास्तों से आती रही? दो दिन पहले बुरहानपुर आई थी एनआईए की टीम10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुंडई i20 कार में ब्लास्ट हुआ था। इसमें 13 लोगों की जान चली गई थी। इस सिलसिले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की एक टीम जांच के लिए 15 नवंबर को बुरहानपुर भी आई थी। हालांकि, टीम ने स्थानीय पुलिस अफसरों से संपर्क नहीं किया था। पिता शहर काजी रहे, सौतेला भाई जेल जा चुका हैजवाद का परिवार करीब 25 साल पहले महू के कायस्थ मोहल्ले में रहता था। उसके दो भाई भी यहीं पढ़े-लिखे हैं। पिता मोहम्मद हम्माद सिद्दीकी महू के शहर काजी रह चुके हैं। उसका सौतेला भाई अफाम हत्या के मामले में जेल जा चुका है।जवाद ने इंदौर के गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (GSITS) से बीटेक की डिग्री ली थी। इससे पहले वह महू के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल राजेश्वर विद्यालय से 11वीं तक पढ़ा था। उसने सिविल सर्विसेज परीक्षा में तीन बार इंटरव्यू तक दिया, लेकिन सिलेक्शन नहीं हो सका था। अल फलाह यूनिवर्सिटी में 3 कॉलेज, 600 बेड का अस्पतालअल फलाह यूनिवर्सिटी के तहत तीन कॉलेज संचालित हैं- अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अल फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग। यूनिवर्सिटी परिसर में ही 600 बिस्तरों वाला अस्पताल भी है, जहां मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्टर ही इलाज करते थे। साल 2015 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा इसे मान्यता दी गई थी। पिता के नाम पर है मकानमहू में जवाद के परिवार का मकान कायस्थ मोहल्ले में बना है। चार मंजिला इमारत में 25 से ज्यादा खिड़कियां हैं। एक बड़ा तलघर भी है। 90 के दशक में बने इस मकान को स्थानीय लोग मौलाना की बिल्डिंग के नाम से जानते हैं। मकान जवाद के पिता हम्माद के नाम पर हैं, उनकी 1995 में मौत हो चुकी है। मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... दिल्ली कार ब्लास्ट मामले का महू से कनेक्शन दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट और हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक के मामले में एक नया मोड़ आया है। जांच में सामने आया है कि आतंकी साजिश के आरोपों से घिरी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी मूल रूप से महू का रहने वाला है। पढ़ें पूरी खबर... दिल्ली ब्लास्ट-NIA ने आतंकी डॉ. उमर को सुसाइड बॉम्बर माना दिल्ली में लाल किले के पास चांदनी चौक में 10 नवंबर को हुंडई i20 कार में ब्लास्ट सुसाइड अटैक ही था। NIA ने रविवार को बताया कि कार चला रहा डा. उमर उल नबी एक आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) था। यह पहली बार है, जब किसी सुरक्षा एजेंसी ने ऑफिशियल तौर पर इसकी पुष्टि की है। पढे़ं पूरी खबर...
दिल्ली धमाके के बाद सुर्खियों में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद सिद्दीकी को महू पुलिस ने रविवार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया। महू न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। जवाद सिद्दीकी के महू निवासी होने की जानकारी के बाद पुलिस हरकत में आई और उसके परिवार के पुराने रिकॉर्ड खंगाले थे। जवाद का भाई हमूद ठगी के मामले में 25 साल से फरार था। दिल्ली धमाकों का मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी अल फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हमूद हैदराबाद में शेयर ट्रेडिंग का काम करता था। महू छोड़ने के बाद हमूद किन लोगों के संपर्क में रहा, यह जानकारी भी जुटाई जा रही है। हमूद की गिरफ्तारी को लेकर स्थानीय पुलिस कुछ भी कहने से इनकार कर रही है। रिटायर्ड कर्मचारियों से की थी ठगी। हमूद ने महू में साल 2000 में एक निजी बैंक बनाकर सैकड़ों लोगों के साथ राशि दोगुनी करने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की थी। हमूद ने सबसे ज्यादा सेना से रिटायर्ड कर्मचारी, एमईएस विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को निशाना बनाया था। इसके बाद महू से परिवार सहित फरार हो गया था।
सीधी जिले में 7 वर्षीय बच्चे के अपहरण के प्रयास को पुलिस ने नाकाम कर दिया। 36 घंटे तक लगातार चले सर्च ऑपरेशन और 95 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया है। आरोपी बच्चे को हैदराबाद ले जाकर भीख मंगवाने और मजदूरी कराने की योजना बना रहा था। यह है पूरा मामला घटना रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र की है। शुक्रवार शाम करीब 5 बजे प्रिंस रावत नाम का बच्चा अचानक गायब हो गया। परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी ने तुरंत 16 पुलिसकर्मियों की चार टीमें बनाईं और तलाश शुरू की। संदिग्ध युवक की सूचना पर लिया एक्शन इसके बाद करीब 7 बजे एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि एक युवक बच्चे को जबरदस्ती रीवा की तरफ ले जा रहा है। पुलिस ने तुरंत तकनीकी जांच शुरू की और 95 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। पुराने बस स्टैंड, नए बस स्टैंड, रीवा रेलवे स्टेशन, शिल्पी प्लाजा और विभिन्न सर्विलांस कैमरों की जांच की गई। इन्हीं फुटेज में एक जगह आरोपी बच्चे के साथ जाता दिखाई दिया, जिससे पुलिस को उसकी लोकेशन का सुराग मिल गया। 36 घंटे तक जारी रही खोज इसके बाद चार टीमों ने अलग-अलग क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चलाया। एक टीम जंगलों और गड्डी रोड की तरफ, दूसरी शिल्पी प्लाजा और रेलवे स्टेशन पर, तीसरी पुराने और नए बस स्टैंड पर और चौथी टीम रीवा शहर के सुनसान इलाकों में तलाश में जुटी रही। लगातार निगरानी और पीछा करने के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंचने में सफल हुई। बस स्टैंड के पीछे से पकड़ा रविवार दोपहर करीब 2 बजे जानकारी मिली कि आरोपी रीवा बस स्टैंड के पीछे सुनसान स्थान पर बच्चे के साथ मौजूद है। पुलिस ने तुरंत घेराबंदी कर दीपक रावत (30), निवासी घूंघटा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह बच्चे को हैदराबाद ले जाकर भीख मंगवाने और मजदूरी कराने की योजना बना रहा था। एसपी ने हर घंटे मॉनिटरिंग की थाना प्रभारी सुधांशु तिवारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीमों को सक्रिय कर दिया गया था। सीधी एसपी संतोष कोरी स्वयं इस पूरे ऑपरेशन को हर घंटे मॉनिटर करते रहे और लगातार अपडेट लेते रहे। उनके निर्देशन में तकनीकी टीम और सर्च टीम ने तेजी से काम किया, जिससे बच्चे को सुरक्षित बचाया जा सका। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है।
पर्दे पर आएगी हैदराबाद रेप केस की सच्ची तस्वीर, दिखेगी करीना-आयुष्मान की धमाकेदार जोड़ी
सच्ची कहानियों को संजीदगी से पर्दे पर उतारना मेघना गुलजार बेहतरीन तरीके से जानते हैं. फिल्म मेकर ने दीपिका पादुकोण के साथ छपाक, इरफान खान के साथ तलवार बना चुकी हैं. अब डायरेक्टर ने अब हैदराबाद में 2019 के दौरान हुए एक जघन्य अपराध को अपनी फिल्म की कहानी के लिए चुना है.
रजाकार इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज, फिल्म में दिखेगी हैदराबाद नरसंहार की कहानी
Razakar The Silent Genocide of Hyderabad: 1947 में भारत को आज़ादी मिली, इसके बाद हैदराबाद में एक नरसंहार हुआ। इसके बारे में ना लोगों को ज्यादा पता है और ना ही किसी ने बताया। अब इस नरसंहार पर आधारित फिल्म 'रजाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' पैन ...

