इंडिगो की हैदराबाद और जयपुर उड़ानें निरस्त:एलायंस एयर ने 16 जनवरी तक दिल्ली की उड़ान निरस्त की; हफ्ते में तीन दिन चलती थी

इंदौर से इंडिगो और एलायंस एयर की उड़ानों में व्यवधान जारी है। इंडिगो ने आज सुबह की हैदराबाद और रात की जयपुर उड़ानें फिर रद्द की हैं। कल भी कंपनी ने हैदराबाद और चेन्नई की उड़ानें निरस्त की थीं। इंडिगो ने यात्रियों को रिफंड और रीबुकिंग का विकल्प दिया है और अन्य फ्लाइटों में एडजस्ट किया जा रहा है। इंदौर एयरपोर्ट की जानकारी के अनुसार, इंडिगो पिछले कई दिनों से सुबह की हैदराबाद उड़ान लगातार रद्द कर रही है। चेन्नई के लिए इंदौर से केवल एक फ्लाइट संचालित होती है, जिसके कैंसिल होने से यात्रियों को लंबा समय और अधिक खर्च झेलना पड़ रहा है। वहीं, देश की एकमात्र सरकारी एयरलाइन एलायंस एयर ने दिल्ली के लिए अपनी सभी उड़ानों को 16 जनवरी तक निरस्त कर दिया है। पहले यह अवधि 22 दिसंबर तक थी, जिसे बढ़ाकर अब 16 जनवरी किया गया है। इससे पहले बुकिंग कर चुके यात्रियों को बड़ी परेशानी हो रही है। कंपनी के अनुसार उड़ानें 17 जनवरी से फिर से शुरू होंगी। सप्ताह में तीन दिन चलती थी एलायंस एयर की दिल्ली-इंदौर फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन (मंगल, गुरु, शनिवार) चलती थी। 26 अक्टूबर से विंटर शेड्यूल के तहत यह शाम 5.30 बजे दिल्ली से रवाना होकर 7.40 बजे इंदौर आती और रात 8.05 बजे वापस दिल्ली के लिए उड़ान भरती थी। लेकिन कंपनी ने इस फ्लाइट को 18 नवंबर तक रद्द कर दिया। इसके बाद 2 दिसंबर और फिर 22 दिसंबर तक उड़ान निरस्ती की गई। अब कंपनी की वेबसाइट के अनुसार यह फ्लाइट 16 जनवरी तक बंद रहेगी। कंपनी ने 17 जनवरी से उड़ानों को फिर से शुरू करने का समय घोषित किया है। उड़ानें पहले की तरह सप्ताह में तीन दिन ही संचालित होंगी और विंटर शेड्यूल के अंत तक, यानी 28 मार्च तक बुकिंग उपलब्ध है। हालांकि यात्रियों को अब भी यह देखना होगा कि 17 जनवरी से उड़ानें समय पर शुरू होती हैं या फिर निरस्ती की तारीख आगे बढ़ाई जाएगी।

दैनिक भास्कर 23 Dec 2025 1:47 pm

आरएनटी मेडिकल कॉलेज:मेवाड़ के कानसिंह के फेफड़े हैदराबाद भेजे, मरीज को देंगे नए जीवन की सांसें

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (एमबी चिकित्सालय) में रविवार को दो साल में दूसरी बार सफलतापूर्वक अंगों को निकालने (ऑर्गन रिट्रीवल) की प्रक्रिया की गई। बेगूं (चित्तौड़गढ़) निवासी 53 वर्षीय कान सिंह, जो कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे, उनके ब्रेन डेड घोषित होने पर परिजनों ने अंगदान का साहसिक निर्णय लिया। पत्नी और दोनों बेटों की सहमति के बाद विशेषज्ञों की टीम ने इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया। पिछले साल जनवरी में यहां पहली बार ऑर्गन रिट्रीवल हुआ था। हैदराबाद से आई टीम और स्थानीय चिकित्सकों के सहयोग से फेफड़ों व अन्य अंगों को संरक्षित किया गया। कान सिंह का यहां गत 14 दिसंबर से उपचार चल रहा था। तीन दिन पूर्व ब्रेन डेथ की पुष्टि हुई थी। इसके लिए न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, निश्चेतना विभाग और अंग प्रत्यारोपण समन्वयकों की संयुक्त टीम ने जांच कर स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) के निर्देश पर फेफड़ों को हैदराबाद भेजा। कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा जल्द शुरू होगी। जल्द ही अनुमति मिल जाएगी। अधिकांश निर्माण कार्य और तैयारी पूरी है। जनजाति बहुल इस क्षेत्र के मरीजों को अब प्रत्यारोपण के लिए बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डॉ माथुर ने बताया कि कान सिंह के परिवार ने जो मानवीय संवेदना दिखाई है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। यदि समाज का हर वर्ग अंगदान के प्रति जागरूक हो जाए, तो देश में अंगों की कमी से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। अंगदान ही वास्तव में महादान है। 2021 में शुरू हुआ सेंटर, 2024 में पहला रिट्रीवल ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर के पूर्व प्रभारी डॉ. सुनील गोखरू व वर्तमान प्रभारी डॉ. तरुण रलोत ने बताया कि आरएनटी मेडिकल कॉलेज में इस सेंटर की शुरुआत वर्ष 2020-21 में की गई थी। पहला रिट्रीवल जनवरी 2024 को हुआ था। ये मरीज एमपी का था। मरीज से लीवर व किडनी निकाला था। तब किम्स, हैदराबाद और जयपुर से एसएमएस मेडिकल कॉलेज, महात्मा गांधी हॉस्पिटल की टीम आई थी। फेफड़े के लिए किम्स की टीम ने इनकार किया था। उनका तर्क था कि मरीज लंबे समय से वेंटीलेटर पर था, इसलिए फेफड़े उपयुक्त नहीं पाए गए। महात्मा गांधी हॉस्पिटल की टीम उस मरीज का लीवर व किडनी लेकर गई थी। इसी दिन जयपुर एसएमएस की टीम एक किडनी लेकर लौटी थी। एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर, चार्टर से हैदराबाद भेजेआरएनटी मेडिकल कॉलेज में उनकी देह पहुंची तो प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर और अन्य चिकित्सक व परिजनों ने पार्थिव देह को नमन किया। प्रोसिजर के बाद निकाले गए अंगों को सजी-धजी एंबुलेंस से एयरपोर्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर से रवाना किया। चार्टर के जरिए फेफड़ हैदराबाद ले जाए गए। बेटा बोला- हमारे निर्णय से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी मृतक कानसिंह हलवाई थे। उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे रजतसिंह ने कहा- अंगदान को लेकर उनसे पूछा गया तो उन्होंने सहमति दे दी। इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी। इन अंगों से किसी को नया जीवन मिलेगा। कानसिंह की पत्नी सुनीता बोलीं कि उनके पिता का निधन भी फेफड़े खराब होने से हुआ था। इसलिए उन्होंने सोचा कि पति के अंगों से किसी को नया जीवन मिलेगा। ... नेशनल सेंटर पर अलर्ट, वेटिंग लिस्ट से चुनाव मरीज ब्रेन डेथ है या नहीं, इसके लिए एप्निया टेस्ट किया जाता था। इसके बाद जयपुर को अलर्ट किया जाता है। सोटो (स्टेट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टीशू एंड ट्रांसप्लांट), रोटो- रीजनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टिश्यू एंड ट्रांसप्लांट- चंडीगढ़, क्योंकि उदयपुर नोर्थ इंडिया सेंटर का हिस्सा है, और नोटो (नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टीशू एंड ट्रांसप्लांट) दिल्ली सफदरजंग को सूचना दी जाती है। वहां से वेटिंग के आधार पर मरीज व परिजन को सूचना दी जाती है। इसके लिए बकायदा अलर्ट जारी किया जाता है। वहां से मरीज का फॉलोअप लेकर समय तय करते हैं। इसके बाद संबंधित मरीज का हार्ट, किडनी, लीवर, फेफड़े निकाले जाते हैं। हार्ट के वाल्व, स्किन और आंखें भी ली जाती है। हार्ट को चार से छह घंटे में ट्रांसप्लांट करना जरूरी होता है।

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 5:58 am

मेवाड़ के कानसिंह के फेफड़े हैदराबाद भेजे, अब गंभीर मरीज को देंगे नया जीवन

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (एमबी चिकित्सालय) में रविवार को दो साल में दूसरी बार सफलतापूर्वक अंगों को निकालने (ऑर्गन रिट्रीवल) की प्रक्रिया की गई। बेगूं (चित्तौड़गढ़) निवासी 53 वर्षीय कान सिंह, जो कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे, उनके ब्रेन डेड घोषित होने पर परिजनों ने अंगदान का साहसिक निर्णय लिया। प|ी और दोनों बेटों की सहमति के बाद विशेषज्ञों की टीम ने इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया। पिछले साल जनवरी में यहां पहली बार ऑर्गन रिट्रीवल हुआ था। हैदराबाद से आई टीम और स्थानीय चिकित्सकों के सहयोग से फेफड़ों व अन्य अंगों को संरक्षित किया गया। कान सिंह का यहां गत 14 दिसंबर से उपचार चल रहा था। तीन दिन पूर्व ब्रेन डेथ की पुष्टि हुई थी। इसके लिए न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, निश्चेतना विभाग और अंग प्रत्यारोपण समन्वयकों की संयुक्त टीम ने जांच कर स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) के निर्देश पर फेफड़ों को हैदराबाद भेजा। कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा जल्द शुरू होगी। जल्द ही अनुमति मिल जाएगी। अधिकांश निर्माण कार्य और तैयारी पूरी है। जनजाति बहुल इस क्षेत्र के मरीजों को अब प्रत्यारोपण के लिए बड़े शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डॉ माथुर ने बताया कि कान सिंह के परिवार ने जो मानवीय संवेदना दिखाई है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। यदि समाज का हर वर्ग अंगदान के प्रति जागरूक हो जाए, तो देश में अंगों की कमी से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। अंगदान ही वास्तव में महादान है। ... नेशनल सेंटर पर अलर्ट, वेटिंग लिस्ट से चुनाव मरीज ब्रेन डेथ है या नहीं, इसके लिए एप्निया टेस्ट किया जाता था। इसके बाद जयपुर को अलर्ट किया जाता है। सोटो (स्टेट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टीशू एंड ट्रांसप्लांट), रोटो- रीजनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टिश्यू एंड ट्रांसप्लांट- चंडीगढ़, क्योंकि उदयपुर नोर्थ इंडिया सेंटर का हिस्सा है, और नोटो (नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ टीशू एंड ट्रांसप्लांट) दिल्ली सफदरजंग को सूचना दी जाती है। वहां से वेटिंग के आधार पर मरीज व परिजन को सूचना दी जाती है। इसके लिए बकायदा अलर्ट जारी किया जाता है। वहां से मरीज का फॉलोअप लेकर समय तय करते हैं। इसके बाद संबंधित मरीज का हार्ट, किडनी, लीवर, फेफड़े निकाले जाते हैं। हार्ट के वाल्व, स्किन और आंखें भी ली जाती है। हार्ट को चार से छह घंटे में ट्रांसप्लांट करना जरूरी होता है। एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर, चार्टर से हैदराबाद भेजे आरएनटी मेडिकल कॉलेज में उनकी देह पहुंची तो प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर और अन्य चिकित्सक व परिजनों ने पार्थिव देह को नमन किया। प्रोसिजर के बाद निकाले गए अंगों को सजी-धजी एंबुलेंस से एयरपोर्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर से रवाना किया। चार्टर के जरिए फेफड़ हैदराबाद ले जाए गए। बेटा बोला- हमारे निर्णय से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी मृतक कानसिंह हलवाई थे। उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे रजतसिंह ने कहा- अंगदान को लेकर उनसे पूछा गया तो उन्होंने सहमति दे दी। इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी। इन अंगों से िकसी को नया जीवन मिलेगा। कानसिंह की प|ी सुनीता बोलीं कि उनके पिता का निधन भी फेफड़े खराब होने से हुआ था। इसलिए उन्होंने सोचा कि पति के अंगों से किसी को नया जीवन मिलेगा। 2021 में शुरू हुआ सेंटर, 2024 में पहला रिट्रीवल ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर के पूर्व प्रभारी डॉ. सुनील गोखरू व वर्तमान प्रभारी डॉ. तरुण रलोत ने बताया कि आरएनटी मेडिकल कॉलेज में इस सेंटर की शुरुआत वर्ष 2020-21 में की गई थी। पहला रिट्रीवल जनवरी 2024 को हुआ था। ये मरीज एमपी का था। मरीज से लीवर व किडनी निकाला था। तब किम्स, हैदराबाद और जयपुर से एसएमएस मेडिकल कॉलेज, महात्मा गांधी हॉस्पिटल की टीम आई थी। फेफड़े के लिए किम्स की टीम ने इनकार किया था। उनका तर्क था कि मरीज लंबे समय से वेंटीलेटर पर था, इसलिए फेफड़े उपयुक्त नहीं पाए गए। महात्मा गांधी हॉस्पिटल की टीम उस मरीज का लीवर व किडनी लेकर गई थी। इसी दिन जयपुर एसएमएस की टीम एक किडनी लेकर लौटी थी।

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 4:00 am

बेटा बोला- पापा चले गए, उनके ऑर्गन जिंदा रहेंगे:पत्नी बोलीं- अंग किसी के काम आएं तो अच्छा, उदयपुर में लंग्स डोनेट, ग्रीन कॉरिडोर से हैदराबाद भेजे

उदयपुर में कानसिंह नाथावत (53) के ऑर्गन डोनेशन से दो लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। शहर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज से रविवार को उनके लंग्स ग्रीन कॉरिडोर के जरिए हैदराबाद के किम्स हॉस्पिटल भेजे गए। चित्तौड़गढ़ के बेगूं के रहने वाले कानावत को 14 दिसंबर को ब्रेन स्ट्रोक आने पर उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल भर्ती कराया था। जहां शनिवार रात उनका निधन होने पर हॉस्पिटल प्रशासन ने परिवार से मृतक के ऑर्गन डोनेट के बारे में समझाइश की। बड़े बेटे ने कहा- हमें संतुष्टि रहेगी कि पापा के ऑर्गन किसी के शरीर में आज भी जिंदा हैं। वहीं मृतक की पत्नी सुनीता देवी ने बताया- मेरे पिताजी के फेफड़े करीब 35 साल की उम्र में खराब हो गए थे। इससे उनका निधन हो गया था। इसलिए मन में आया कि पति के फेफड़े किसी के काम आएं तो अच्छी बात है। इसके बाद परिवार ने मृतक की बॉडी के ऑर्गन डोनेट का निर्णय लिया। हैदराबाद से आई डॉक्टरों की टीम पुलिस सुरक्षा में एम्बुलेंस से ऑर्गन लेकर डबोक एयरपोर्ट रवाना हुई। जहां से चार्टर के ​जरिए हैदराबाद ले जाया गया। पापा चले गए, उनके ऑर्गन जिंदा रहेंगे: बेटामृतक कानसिंह हलवाई का काम करते थे। उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे रजत सिंह ने कहा- उन्हें डॉक्टरों ने जब ऑर्गन डोनेशन के बारे में पूछा तो तुरंत सहमति दी। हम ऑर्गन डोनेशन के प्रति दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। डोनेशन के प्रति लोगों में भ्रांतियां दूर हों: डॉ. माथुरआरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने कहा- मृतक चित्तौड़गढ़ के बेगूं निवासी कानसिंह नाथावत के फेफड़े दान किए गए हैं। यह दूसरा अंगदान है। इससे पहले जनवरी 2024 में हुआ था। इससे दो लोगों की जिंदगी बच सकती है। उन्होंने बताया कि हमारी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर की टीम अस्पताल में ब्रेन डेड पेशेंट से मिलते हैं। उन्हें समझाकर काउसलिंग करते हैं, लेकिन भ्रांतियों की वजह से लोग अंगदान करने से हिचकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस नेक कार्य में आगे आएं।

दैनिक भास्कर 21 Dec 2025 6:44 pm

विश्व ध्यान दिवस पर पुलिसकर्मियों का सामूहिक मेडिटेशन:दाजी के मार्गदर्शन में हैदराबाद से वर्चुअली जुड़े; SP ने बताया तनाव मुक्ति का आधार

विश्व ध्यान दिवस पर आगर मालवा के पुलिस कोतवाली परिसर में सामूहिक ध्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना के निर्देश पर प्रदेशव्यापी गतिविधियों का हिस्सा था। इसका उद्देश्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को मानसिक रूप से सशक्त, एकाग्र और तनावमुक्त बनाना है। कार्यक्रम के दौरान कोतवाली परिसर में एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी। इसके जरिए हार्टफुलनेस संस्था के वैश्विक मुख्यालय कान्हा शांति वनम, हैदराबाद में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से वर्चुअल सीधा जुड़ाव स्थापित किया गया। हैदराबाद के इस वैश्विक आयोजन में उपराष्ट्रपति, तेलंगाना के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। ध्यान मानवता और वैश्विक एकता को जोड़ने का माध्यम कान्हा शांति वनम से हार्टफुलनेस के वैश्विक आध्यात्मिक मार्गदर्शक कामलेश डी. पटेल, जिन्हें 'दाजी' के नाम से जाना जाता है, ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि ध्यान केवल आत्मिक शांति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानवता, करुणा और वैश्विक एकता को जोड़ने का एक सशक्त साधन भी है। दाजी ने सभी से ध्यान को नियमित रूप से अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया। पुलिसकर्मियों ने किया सामूहिक मेडिटेशन दाजी के मार्गदर्शन में हार्टफुलनेस पद्धति से सामूहिक मेडिटेशन कराया गया। इसमें आगर मालवा जिले के सभी थानों-सोयत, सुसनेर, बड़ौद, कानड़ और नलखेड़ा के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। ध्यान सत्र के दौरान उपस्थित लोगों ने मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन का अनुभव किया। कार्यक्रम के समापन पर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा अत्यंत जिम्मेदारीपूर्ण और तनावपूर्ण होती है। ऐसे में ध्यान और मेडिटेशन पुलिसकर्मियों की मानसिक दृढ़ता, आत्मसंयम और निर्णय क्षमता को मजबूत बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन सकारात्मक, संवेदनशील और जनहितैषी पुलिस व्यवस्था के निर्माण में सहायक सिद्ध होते हैं। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविंद्र कुमार बोयत, शहर के समस्त थाना प्रभारी, सूबेदार जगदीश यादव और जितेंद्र शुक्ला सहित 100 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

दैनिक भास्कर 21 Dec 2025 2:03 pm

कुडू के युवा मजदूर ने हैदराबाद में की आत्महत्या, परिजनों ने कहा- हत्या हुई

भास्कर न्यूज | कुडू कुडू थाना क्षेत्र के जिंगी पंचायत के राहें गांव से दो महीने पहले मजदूरी करने हैदराबाद गए युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हैदराबाद के चिटी थाना प्रभारी ने शव को कब्जा में लेकर तलाशी ली। जिसमें युवक का आधार कार्ड पहचान किया गया। जिसके बाद पुलिस ने खोजबीन करते हुए युवक के आत्महत्या जानकारी परिजनो को दी। घटना के बाद परिजन युवक का शव लाने के लिए परेशान हैं। जानकारी के अनुसार कुड़ू लाल थाना क्षेत्र के राहे गांव निवासी मंगरू उरांव का पुत्र सुधीर उरांव मजदूरी के लिए हैदराबाद गया था। इसी बीच शुक्रवार चिटी थाना पुलिस के छोटु पाल विलमी नायडू ने परिजनो को बताया हैदराबाद के गांव के समीप एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर सुधीर ने आत्महत्या कर ली है। वही परिजनों ने आरोप लगाया है कि सुधीर की हत्या करते हुए शव को फांसी के फंदे में लटकाया गया है। परिजन मुआवजा की मांग कर रहे है। हैदराबाद के चिटी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है,

दैनिक भास्कर 20 Dec 2025 4:00 am

पर्दे पर आएगी हैदराबाद रेप केस की सच्ची तस्वीर, दिखेगी करीना-आयुष्मान की धमाकेदार जोड़ी

सच्ची कहानियों को संजीदगी से पर्दे पर उतारना मेघना गुलजार बेहतरीन तरीके से जानते हैं. फिल्म मेकर ने दीपिका पादुकोण के साथ छपाक, इरफान खान के साथ तलवार बना चुकी हैं. अब डायरेक्टर ने अब हैदराबाद में 2019 के दौरान हुए एक जघन्य अपराध को अपनी फिल्म की कहानी के लिए चुना है.

आज तक 17 Jun 2024 6:36 pm

Lok Sabha Election 2024: SS Rajamouli दुबई से हैदराबाद पोलिंग बूथ पर वोट करने पहुंचे, किसने कहां डाला वोट

एसएस राजामौली सोमवार सुबह लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान अपना वोट डालने के लिए निकले। फिल्म निर्माता न केवल अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए हैदराबाद के मतदान केंद्रों पर तेलुगु सितारों की कतार में शामिल हुए, बल्कि उन्होंने मतदान के बाद अपनी और पत्नी राम राजामौली की एक तस्वीर भी साझा की। एसएस राजामौली का ट्वीट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर फिल्म निर्माता ने उन परिस्थितियों का भी खुलासा किया जिनके तहत वह मतदान केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने वोट डालने के बाद अपनी और रमा की स्याही लगी उंगलियां दिखाते हुए एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “दुबई से उड़ान भरी… हवाईअड्डे से सीधे मतदान केंद्र पहुंचे, इसलिए थका हुआ लग रहा हूं… हो गया! आप? हैदराबाद में सेलेब्स ने डाला वोट चौथे चरण के लिए मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ और सभी लोकसभा क्षेत्रों में शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। इससे पहले सोमवार को, ऑस्कर विजेता संगीतकार एमएम कीरावनी हैदराबाद के जुबली हिल्स में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के लिए निकले। वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''आपको वोट देना होगा क्योंकि आप लोकतंत्र में हैं।'' उनसे पहले, दिग्गज अभिनेता चिरंजीवी ने पत्नी सुरेखा कोनिडेला के साथ लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अभिनेता ने सोमवार सुबह मीडिया से बात करते हुए नागरिकों को वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया। चिरंजीवी ने कहा, मैं लोगों से अपने वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने का अनुरोध करता हूं। कृपया आएं और अपनी शक्ति का उपयोग करें। सिर्फ वह ही नहीं, जूनियर एनटीआर और फिल्म निर्माता तेजा भी सोमवार को तेलंगाना में मतदान केंद्र पर पहुंचे। 'मैं राजनीतिक तौर पर किसी भी पार्टी से जुड़ा नहीं हूं'- अल्लू अर्जुन इससे पहले दिन में अभिनेता अल्लू अर्जुन अपना वोट डालने के लिए हैदराबाद के मतदान केंद्र पर पहुंचे। वोट डालने के बाद मीडिया से बात करते हुए अर्जुन ने कहा, कृपया अपना वोट डालें। यह देश के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। आज हमारे जीवन के अगले पांच वर्षों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। एक बड़ा मतदाता होगा। मतदान प्रतिशत, क्योंकि अधिक से अधिक लोग मतदान करने के लिए बाहर आ रहे हैं, मैं आपको बताना चाहता हूं; मैं राजनीतिक रूप से किसी भी पार्टी से जुड़ा नहीं हूं, मैं सभी पार्टियों के प्रति तटस्थ हूं।''

प्रभासाक्षी 13 May 2024 4:45 pm

रजाकार इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज, फिल्म में दिखेगी हैदराबाद नरसंहार की कहानी

Razakar The Silent Genocide of Hyderabad: 1947 में भारत को आज़ादी मिली, इसके बाद हैदराबाद में एक नरसंहार हुआ। इसके बारे में ना लोगों को ज्यादा पता है और ना ही किसी ने बताया। अब इस नरसंहार पर आधारित फिल्म 'रजाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद' पैन ...

वेब दुनिया 20 Apr 2024 3:30 pm