कपूरथला में सांझ केंद्र की एक सफाई सेविका के घर दिनदहाड़े चोरी हो गई। चोर लाखों रुपए के गहने और नकदी लेकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना सिटी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी एएसआई सुखजिंदर सिंह ने बताया कि चोरों की पहचान के लिए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। टावर कॉलोनी, औजला फाटक के पास क्वार्टर नंबर 26 में रहने वाली पीड़ित महिला मनप्रीत कौर पत्नी परविंदर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी है। मनप्रीत कपूरथला सिटी थाना के सांझ केंद्र में सफाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत हैं, जबकि उनके पति परविंदर सिंह दाना मंडी में निजी नौकरी करते हैं। बॉलकनी के दरवाजे की कुंडी तोड़कर घुसे चोर मनप्रीत कौर ने बताया कि 10 दिसंबर को सुबह 9 बजे वह और उनके पति घर को ताला लगाकर अपनी ड्यूटी पर चले गए थे। शाम 5 बजे जब वह ड्यूटी खत्म कर अपने क्वार्टर नंबर 26 लौटीं तो बाहरी दरवाजे पर ताला लगा था। अंदर जाने पर उन्होंने देखा कि दोनों बेडरूम की अलमारियों का सामान बिखरा पड़ा था। बालकनी के दरवाजे की कुंडी और जाली भी टूटी हुई थी। आशंका है कि चोर बालकनी के दरवाजे की कुंडी तोड़कर घर में घुसे थे। बेटी के जेवर भी ले गए चोरचोर अलमारी में रखे सोने और चांदी के गहने, बेटी के चांदी के कंगन और झांझर, एक सोने की चेन, एक चांदी की चेन, कान के टॉप्स (2 ग्राम सोना) और 5000 रुपए उठा ले गए। मनप्रीत कौर ने बताया कि उनके भाई आकाशदीप सिंह (जो उनके साथ रहते हैं) का ओपो ए-78 मॉडल का मोबाइल फोन भी चोरी हो गया है।
करनाल शहर के मीरा घाटी चौक के पास लगे एक्सिस बैंक के एटीएम में उपभोक्ताओं के साथ बड़े फ्रॉड किए जाने का मामला सामने आया है। उपभोक्ताओं का एटीएम कार्ड मशीन में फंस गया और बिना पैसे निकले ही खातों से रुपए कट गए। मशीन खुली पड़ी मिली, जिससे साफ माना जा रहा है कि किसी व्यक्ति ने मशीन के साथ छेड़छाड़ की है। एटीएम की दीवार पर एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ मिला, जिस पर उपभोक्ताओं को मशीन में दिक्कत आने पर संपर्क करने के लिए कहा गया था। कई लोगों ने इस नंबर पर कॉल भी किया, लेकिन वह नंबर भी फ्रॉड करने वाले का निकला। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। लोन का 50 हजार था खाते में, कार्ड फंसा तो उड़े सभी पैसे चांद सराय धोबी घाट की पिंकी ने बताया कि वह एटीएम से पैसे निकालने आई थी। जैसे ही उसने कार्ड मशीन में डाला, वह वापस नहीं आया और अंदर ही फंस गया। एटीएम के भीतर दीवार पर एक मोबाइल नंबर लिखा मिला, जिस पर कॉल किया गया। सामने वाले ने कहा कि दोपहर बाद आधार कार्ड लेकर आना, कार्ड मिल जाएगा। पिंकी ने कहा कि यह नंबर फ्रॉड करने वाले का ही है। उसके खाते में घर बनाने के लिए लिए गए 50 हजार रुपए के लोन की रकम थी, जो अब खाते से गायब हो गई। अकाउंट से निकले 16,500, फोन पर कोड डालने को किया मजबूर ग्राहक अनिल कुमार ने बताया कि उनके खाते से 16,500 रुपए कट गए। उनका कार्ड भी मशीन में फंस गया था। दीवार पर लिखे नंबर पर कॉल किया तो फोन उठाने वाले ने एटीएम में एक कोड डालने के लिए कहा। कोड डालते ही खाते से पैसे निकल गए। अनिल ने कहा कि यहां एटीएम के अंदर ही फ्रॉड हो रहे हैं और नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। एटीएम मशीन खुली मिली, पुलिस तकनीकी जांच में जुटी सिटी थाना के सब इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि उन्हें मीरा घाटी चौक के पास एटीएम में कार्ड फंसने और पैसे कटने की जानकारी मिली थी। टीम मौके पर पहुंची तो एटीएम मशीन खुली हुई मिली। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है। एटीएम के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जाएगा ताकि फ्रॉड करने वाले तक पहुंचा जा सके। एटीएम बूथ की दीवार पर लिखे मोबाइल नंबर की भी विवरण निकाला जाएगा। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में एटीएम से छेड़छाड़ की आशंका है। पीड़ितों से शिकायत लेकर मामला दर्ज किया जाएगा और आरोपियों की पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
करौली जिले की सपोटरा पुलिस ने रानेटा घाटी से दो स्मैक तस्करों को 4.93 ग्राम अवैध स्मैक और दो मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया। ऑपरेशन स्मैक आउट के तहत कार्रवाई से नशा तस्करी पर नियंत्रण और पुलिस की सतर्कता स्पष्ट हुई।
गुरुग्राम के बसई चौक इलाके में एक मोबाइल रिपेयर शॉप से चोरी की घटना सामने आई है। एक चोर ग्राहक बनकर दुकान में घुसा और कुछ ही मिनटों में चार मोबाइल लेकर फरार हो गया। यह पूरी वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। बसई चौक स्थित दुकान पर उस समय मालिक मौजूद नहीं था, केवल एक रिपेयर करने वाला कर्मचारी काम देख रहा था। इसी दौरान एक युवक दुकान में घुसा और मोबाइल देखने की बात कही। कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद उसने मौका पाकर डिस्प्ले पर रखे चार मोबाइल फोन उठा लिए। जब कर्मचारी दूसरे काम में व्यस्त था, तो चोर आसानी से दुकान से बाहर निकल गया। सीसीटीवी में कैद हुई वारदात सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि एक युवक मोबाइल ठीक कराने के बहाने दुकान में दाखिल हुआ। इसके बाद वह मोबाइल उठाता दिख रहा है। दुकान मालिक हर्षित ने बताया कि वह और उनका भाई दुकान से बाहर गए हुए थे। उनकी गैरमौजूदगी में चोर ने वारदात को अंजाम दिया। फुटेज खंगालने पर चोरी का पता चला फोन गायब मिलने पर जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई, तो चोरी का मामला सामने आया। हर्षित के अनुसार चोर का व्यवहार ऐसा था कि कोई उस पर शक नहीं कर सकता था। उन्होंने इस संबंध में सेक्टर 9 थाने में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। चोरी की घटना बढ़ने से दुकानदार परेशान घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है। पास में दुकान चलाने वाले सुंदर ने बताया कि बसई चौक और आसपास के इलाकों में ऐसी चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई न होने के कारण चोर बेखौफ घूम रहे हैं।
सवाई माधोपुर पुलिस की बड़ी कार्यवाही: साइबर ठगी के आरोपी गिरफ्तार, मोबाइल और सिम जब्त
सवाई माधोपुर पुलिस ने साइबर ठगी के आरोपी दिलराज प्रजापत को गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से एंड्रॉइड मोबाइल और सिम जब्त किए गए। राष्ट्रीय साइबर शिकायत पोर्टल पर उसके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज थीं। पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त संदेश देती है।
बेटी– अर्थी पर लेटे पिता का सिर सहला रही थी, बेटा रोते हुए अंतिम पलों को अपने मोबाइल पर कैद कर रहा था। पिता का गला रूंधा हुआ था। बोले– वो हमारा खिलौना था, जो टूट गया। अब हम कहीं के नहीं रहे। हमारी 70 साल की अवस्था हो चुकी है। भगवान जो करे सो करे। हमारा तो एक ही बच्चा था। उसके दो बच्चे हैं। पोती 14 साल की और पोता 11 साल का। गम और रुंधे गले से कॉन्स्टेबल प्रद्युम्न दीक्षित के पिता बल्लभ दीक्षित बस इतना ही कहते रहे। घर का खिलौना, टूट गया। सागर जिले के बांदरी थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह पुलिस की गाड़ी सामने से आ रहे कंटेनर से टकराई। हादसा इतना भीषण था कि चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इनमें से एक कॉन्स्टेबल प्रद्युम्न दीक्षित भी। गुरुवार को हादसे में जान गंवाने वाले परिमाल सिंह तोमर को मुरैना जिले के ग्राम नख्ती, डॉग मास्टर विनोद शर्मा को मुरैना के जौरा, प्रद्युम्न दीक्षित को भिंड के फूप और अनिल सिंह कौरव को भिंड के टेकोन गांव में अंतिम विदाई दी गई। दैनिक भास्कर की टीम हादसे में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के अंतिम यात्रा में शामिल हुई और परिवार से बात की। पढ़िए रिपोर्ट... सबसे पहले जानिए इस दर्दनाक हादसे के बारे में…मुरैना जिले का बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड बालाघाट में ड्यूटी पर तैनात था। पुलिसकर्मी नक्सल विरोधी अभियान में शामिल हुए थे। वहां से वे बीडी-डीएस वाहन में सवार होकर मंगलवार रात वापस मुरैना के लिए रवाना हुए थे। इसी दौरान सागर में नेशनल हाईवे पर बांदरी के पास झिंझनी घाटी पर सामने से आ रहे कंटेनर से पुलिस वाहन की भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डॉग मास्टर समेत चार जवानों की जान चली गई। मृतक प्रद्युमन दीक्षित, अमन कौरव, ड्राइवर परमलाल तोमर और डॉग मास्टर विनोद शर्मा के शव को गुरुवार सुबह उनके पैतृक गांव ले जाया गया। वहीं, आरक्षक राजीव चौहान (निवासी मुरैना) की हालत गंभीर होने पर एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल ले जाया गया। टीम में शामिल डॉग सुरक्षित है। जानकारी के मुताबिक, NH- 44 पर अंडरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस कारण से बांदरी के पास हाईवे का ट्रैफिक वन वे हो गया है। इसी के चलते आमने-सामने से भिड़ंत हो गई। 11 साल के बेटे ने दी मुखाग्निभिंड के फूप कस्बे में बुधवार दोपहर करीब 12 बजे जवान प्रद्युम्न दीक्षित का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। गली-मोहल्लों में चीख-पुकार और रोने की आवाजें गूंज उठीं। पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान भावुक दृश्यों ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। बेटे ओम ने पिता को मुखाग्नि दी। बेटी रौनक ने सहलाया पिता का सिर, बेटे ओम ने रिकॉर्ड किए अंतिम पलअंतिम दर्शन के दौरान बेटी रौनक अपने आप को संभाल नहीं सकी। जब वह पिता के पास पहुंची तो सेज पर रखे पिता के सिर को सहलाते हुए फफक पड़ी। उसके आंसू गिरते ही मौजूद हर व्यक्ति का दिल भर आया। इधर, बेटा ओम भी अपने पिता को अंतिम बार कैमरे में कैद करने से खुद को रोक नहीं पाया। उसने रोते हुए अपने मोबाइल से करीब डेढ़ मिनट का वीडियो बनाया, ताकि पिता की यादें हमेशा उसके साथ रहें। मेहंदी लगे हाथों से पत्नी अनीता ने किया चरण स्पर्शघर के अंदर पत्नी अनीता का रो-रोकर बुरा हाल था। जैसे ही अर्थी आगे बढ़ने लगी, परिजनों ने उसे रोका और अर्थी जमीन पर रखा। अनीता तेजी से आगे बढ़ी और मेहंदी लगे हाथों से पति के चरणों को स्पर्श किया। करीब दो मिनट तक वह अपने पति के पैरों से लिपटी रही। साथ आई महिलाओं और परिजनों ने बड़ी मुश्किल से उसे संभाला और घर के भीतर ले गए। दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए अनीता ने बताया मंगलवार दोपहर पति से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि बुधवार तक घर पहुंच जाऊंगा, लेकिन लौटते समय हादसा हो गया और मुझे इसकी जानकारी भी किसी ने नहीं दी। मेरे पिता ने फोन कर पूछा कि हादसा कैसे हुआ, तब मुझे पता चला। मंगलवार को ही मैंने हाथों में मेहंदी लगाई थी और बुधवार को पति की मौत की खबर मिली। मां-पिता बोले- बेटा ही तो घर का सहारा थामां ने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा मेरा हृदय का टुकड़ा था। वह मुझसे बिछड़ गया, अब मैं कैसे जिंदा रहूंगी? ”पिता बल्लभ दीक्षित ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व था। वह हंसमुख और मिलनसार था। मेरे बुढ़ापे का सहारा था। मेरी लाठी टूट गई, मेरे घर का खिलौना चला गया। मैं इस बोझ के साथ कैसे जीउंगा? बिटिया रौनक बोली- पापा ने कहा था, ‘घर आ रहा हूं’बेटी रौनक ने बताया, “परसों वीडियो कॉल पर बात हुई थी। पापा ने कहा था कि मैं घर आ रहा हूं, बालाघाट से निकल चुका हूं।” इतना कहते ही वह फफक पड़ी। निर्माण एजेंसी पर आरोप - अधूरी सड़क ने ली जानप्रद्युम्न के साथियों में से एक विवेक भदौरिया, जो मुरैना से पार्थिव शरीर लेकर आए, उन्होंने हाईवे निर्माण एजेंसी को हादसे का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया- “मालथौन थाना क्षेत्र में हाईवे का निर्माण चल रहा है। फोरलेन के साथ अचानक सड़क सिंगल लेन हो जाती है। सामने से आ रहे हैवी वाहन से बीडीएस का वाहन टकरा गया, क्योंकि दूसरी लेन तैयार ही नहीं थी। यह हादसा अधूरी सड़क और लापरवाही के कारण हुआ है। पूरा दोष निर्माण एजेंसी का है। पड़ोसी बोले- कहा था बच्चे सड़क पर नहीं निकलें, ध्यान रखनामृतकों में शामिल आरक्षक प्रद्युम्न दीक्षित मुरैना पुलिस लाइन के क्वार्टर्स में परिवार के साथ रहते थे। हादसे के बाद उनके पड़ोसियों ने नम आंखों से अपनी यादें साझा कीं। हालांकि उन्होंने कहा- वे कैमरे के सामने अपने जज्बात जाहिर नहीं करना चाहते। पड़ोसी ने कहा- प्रद्युम्न दीक्षित हमारे सीनियर रहे हैं। 2014 से वह इसी क्वार्टर में रह रहे हैं, तब से हमारे पड़ोसी हैं। वह पड़ोसी नहीं परिवार की तरह ही सबसे मिलते थे, प्यार करते थे। खुशमिजाज इंसान थे। अभी बालाघाट में ड्यूटी के लिए 30 अक्टूबर को गए थे, तब मिलने आए और बोले- 'मैं कुछ दिनों के लिए बालाघाट जा रहा हूं। घर का और बच्चों का ध्यान रखना। बच्चे बाहर सड़क पर अधिक ना निकलें, यह देखते रहना।' अभी एक दिन पहले ही फोन पर बात हुई थी, बोल रहे थे कि कल आ जाऊंगा। पता नहीं था कि उनके हमेशा चले जाने की खबर आएगी। ‘उन्हें देखकर ड्यूटी की थकान मिट जाती थी’दूसरे पड़ोसी ने कहा- वे मजाक बहुत करते थे, हमेशा खुशनुमा मुस्कुराता हुआ चेहरा रहता था। उन्हें देख ड्यूटी की थकान मिट जाती थी। कभी एहसास नहीं हुआ कि वह पड़ोसी हैं या सीनियर हैं। हमेशा पारिवारिक स्नेह की तरह ही मिलते थे। बच्चों के लिए अधिक चिंतित रहते थे। सभी क्वार्टर्स के बच्चों को स्नेह करना, समझाइश देना, पढ़ाई की बातें करना यही खास था उनमें। दो दिन पहले फोन आया था। घर के हालचाल पूछे और बोले- बस दो दिन बाद आ जाऊंगा फिर मिलकर बैठेंगे। पर पता नहीं था कि आखिरी बार उनकी आवाज सुन रहा हूं। अब उनके साथ बैठना सिर्फ सपना ही रह गया। पिता बोले- कॉल आया बेटे की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया हैमृतक परिमाल के पिता भगवान सिंह तोमर का कहना है कि बुधवार सुबह करीब 10 बजे घर पर था। पुलिस का कॉल आया कि एक्सीडेंट हो गया है। इसके बाद भागे–भागे अस्पताल पहुंचे, जहां बच्चे की मौत की सूचना मिली। परिमाल के भाई भानू ने शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा– भाई और बाकी जवानों की ऑन ड्यूटी मौत हुई है। इन्हें भी सम्मान मिलना चाहिए। ये देश के लिए ड्यूटी कर रहे थे। ड्यूटी तो ड्यूटी होती है। भाई को मिले शहीद का दर्जामृतक विनोद शर्मा के भाई मनोज शर्मा ने भी शहीद दर्जा देने की मांग की। वे बोले – तीन दिन पहले बात हुई थी। बोला कि काम खत्म कर दो तीन दिन में वापस आ रहा हूं। कल सुबह पुलिस के माध्यम से उनकी मौत की खबर पता चली। भाई ऑन ड्यूटी था, उसे शहीद का दर्जा तो मिलना ही चाहिए। विनोद के जीजा सोनू शर्मा ने बताया कि भाई साहब से दो दिन पहले मेरी बात हुई थी। मैंने पूछा– काफी लंबी ड्यूटी वहां पर हो गई है, कब लौट रहे हैं। उन्होंने कहा– 2 दिनों बाद यहां से रिलीव हो रहे हैं। दोबारा भिंड आ रहा हूं। रात या सुबह कम निकलेंगे, अभी पता नहीं। बुधवार सुबह पुलिस का कॉल आया। बताया कि सागर के मालथौन के पास एक्सीडेंट हो गया है, आप जल्दी आ जाइए। हम निकले तो दतिया के पास हाईवे पर जाम लगा था। पुलिस और प्रशासन की गाड़ियां हमारे आगे चल रही थीं। मृतक विनोद शर्मा की बड़ी बहन लक्ष्मी ने बताया कि मैं हरियाणा में जॉब करती हूं। सुबह सूचना मिली कि पुलिस वैन का एक्सीडेंट हो गया है। मैंने इंटरनेट पर खबरें सर्च की तो भाई की मौत की खबर मिली। वो मेरा छोटा भाई था। करीब 7 महीने से उससे बात नहीं हो पाई थी। उसे देखा भी नहीं था। पता नहीं था कि वो ऐसे मिलेगा। विनोद के दोस्त सावन तिवारी ने बताया कि वो बचपन का साथी है। 25 तारीख को वीडियो कॉल किया था। बोला बहुत लंबा समय हो गया यार मिलने आना है। याद आ रही है। ऐसे मिलेगा, यह मालूम नहीं था। कुलदीप ने कहा– जौरा आने की बात कही थी। बोला था बच्चों को भी लेकर आऊंगा। एक–एक लाख की तत्काल आर्थिक सहायता दीडीआईजी चंबल रेंज सुनील कुमार जैन का कहना है कि पीड़ित परिवारों को 1–1 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता दी है। यह एक एक्सीडेंटल मृत्यु है।
सिरसा जिले में मोबाइल को लेकर दुकानदार व ग्राहक के बीच हुए झगड़ा मामले में दोनों पक्षों ने पुलिस को शिकायत दी है। यह झगड़ा विवादों में बना हुआ है और शहर के बीचों-बीच बाजार में हुआ था। दुकानदार व ग्राहक ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे और दोनों को चोटें लगी है। दुकानदारों ने आकर दोनों पक्षों में बीच-बचाव किया। मामले में पुलिस ने दुकानदार के पहले ही बयान ले लिए थे और दूसरे पक्ष को आज दोबारा बुलाया गया है। हड़ताल के चलते घायलों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में रेफर किया हुआ है। वहां दोनों लोगों का इलाज जारी है। उनके बयान दर्ज करना बाकी है। इसके बाद ही पुलिस जांच कर केस दर्ज करेगी। इससे पहले असल वजह पता लगाएगी, उसके बाद आगामी कार्रवाई होगी। भाई फोन ठीक करना देकर गया था पुलिस को दी शिकायत में कीर्ति नगर के दीपक कुमार ने बताया कि शिव गौरख मोबाइल सोल्यूशन नाम से एलआईसी रोड एमसी मार्केट में दुकान है। इसी दुकान में वह और उसका भाई अशोक कुमार दोनों मोबाइल रिपेयर का काम करते हैं। सोमवार को शेरपुरा का विजय सिंह मोबाइल लेने के लिए आया था। वह मोबाइल उसका भाई ठीक कराने के लिए देकर गया था। युवकों ने दुकान पर पहुंचकर पीटा उसने कहा कि मोबाइल ठीक करने के लिए देकर गया था, उसी को देंगे। जिस पर विजय सिंह ने झगड़ा कर लिया। 15-20 युवक दुकान पर पहुंच और उनको खींचकर बाहर लाकर लात-घुसों से पीटना शुरू कर दिया। एक दिन पहले भी उनका झगड़ा हुआ था, जिसका राजीनामा हो गया था। अगले दिन वह फिर आ गए। बात करवाने के बाद भी नहीं दिया फोन वहीं शेरपुरा के युवकों का कहना था कि जिसने मोबाइल ठीक करवाने दिया था, उससे भी दुकानदार की बात करवा दी थी, फिर भी उनको मोबाइल नहीं दिया। इस बात को लेकर उनकी आपस में बहस हो गई। कुछ दुकानदारों ने ग्राहक बनकर आए युवकों का स्पोर्ट किया है।
औरंगाबाद में बुधवार देर रात 2 बाइकों की टक्कर हो गई। हादसे में 3 युवक घायल हो गए। हालत गंभीर बनी हुई है। इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है। घटना रिसियप थाना क्षेत्र के सड़सा गांव के पास एनएच-139 की है।टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। घायल युवकों की पहचान अंबा निवासी रवि सोनी, प्रिंस कुमार और सड़सा गांव के गोलू कुमार के तौर पर हुई है। जानकारी के अनुसार रवि और प्रिंस बाइक से मोबाइल खरीदने औरंगाबाद गए थे। घर लौटते समय हादसे के शिकार हो गए। दूसरी बाइक पर गोलू सवार था। घर से खाना लेकर बगीचा होटल में अपने भाई को देने जा रहा था। स्थानीय लोगों में रोष हादसे के बाद मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। जानकारी मिलने के बाद परिवार के सदस्य भी पहुंचे। पुलिस टीम ने तीनों को सदर अस्पताल पहुंचा। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त वाहन को जब्त कर लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एनएच-139 पर तेज रफ्तार और लापरवाही से ड्राइविंग के कारण ऐसे हादसे अक्सर हो रहे हैं। पुलिस ने वाहन चालकों से सड़क पर सावधानी बरतने की अपील की है।
सिरसा जिले में एक लड़की के मिसिंग होने का मामला सामने आया है। जब लड़की के बारे में उसकी लाइब्रेरी में पता किया, तो वहां भी नहीं पहुंची। युवक और उसके रिश्तेदार पर बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। लड़की के पास मोबाइल फोन होने के बारे में स्पष्ट नहीं है। इसके बिना उसकी लोकेशन ट्रैस कर पाना मुश्किल होगा। हालांकि, मामले में पुलिस ने लड़की के पिता के बयान पर युवक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और उसकी तलाश में जुटी है। मगर अभी तक लड़की को कोई पता नहीं चल पाया है। इससे उसके परिवार की चिंता बढ़ गई है और लगातार पुलिस थाने में संपर्क कर उसे तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। रिश्तेदारी से नहीं लगा सुराग पुलिस को दी शिकायत में जिले के एक गांव के व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी सुबह 11 बजे लाइब्रेरी के लिए गई थी। वह रोजाना की भांति दोपहर 2 बजे तक वापस घर आती थी और आने के बाद खाना खाती थी। तीन दिन पहले वह घर नहीं आई और न ही लाइब्रेरी में मिली। उन्होंने उसके बारे में आसपास व रिश्तेदारी में पता किया, पर कोई सुराग नहीं लगा। केस दर्ज कर तलाश में जुटी पुलिस उन्हें शक है कि गांव का ही एक युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया है। उसके साथ उस युवक का रिश्तेदार भी शामिल है। यह पता चलने के बाद पुलिस को शिकायत दी है। ऐसे में पुलिस से मांग की है कि उनकी बेटी को तलाशा जाए।
अभियान:एसआईआर खत्म, अब जनगणना की तैयारी मोबाइल पर अपलोड होगी हर घर की हिस्ट्री
राज्य में एसआईआर का फील्ड वर्क लगभग पूरा हो गया है। अब दावा आपत्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अलबत्ता करीब डेढ़ माह से एसआईआर में जुटे मैदानी अमले को अब जनगणना के कार्य में लगाया जाएगा। 2011 की जनगणना के दौरान फील्ड के अमले को 8-10 पेज का प्रोफार्मा भरना पड़ता था। इस बार जनगणना करने वाली टीम अपने मोबाइल या टैब में पूरी प्रक्रिया करेगी। फील्ड में जनगणना को लेकर कागज पर किसी तरह का कोई काम नहीं किया जाएगा। सबकुछ ऑन लाइन होगा। इस प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी या तकनीकी दिक्कत तो नहीं है? इसका परीक्षण करने राजधानी सहित राज्य के कई शहरों में प्री जनगणना टेस्ट कराया जा रहा है। रायपुर में इसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अफसरों के अनुसार प्रारंभिक जांच के दौरान किसी तरह की कोई गंभीर या बड़ी तकनीकी दिक्कत सामने नहीं आई है। इस वजह से ये माना जा रहा है कि प्री जनगणना के फार्मेट में ही काम शुरू किया जाएगा। अगले साल यानी अप्रैल 2026 से जनगणना-2027 का काम शुरू कर दिया जाएगा। 2011 तक जनगणना का फार्मेट लगभग पुराने पैटर्न पर था। इस बार इसमें पूरी तरह से बदलाव किया जा रहा है। पिछली जनगणना तक 28 से 30 बिंदुओं की जानकारी लेने के लिए एक-एक घर में आठ से दस पेज का एक प्रोमार्मा भरना पड़ता था। इस बार जनणना पूरी तरह डिजिटली होगी। यानी मोबाइल एप और आनलाइन वेबसाइट के माध्यम से जनगणना होगी। प्रगणकों को उनके मोबाइल में एक एप डाउनडोल कराया जाएगा। उस एप में वे लोगों की पूरी जानकारी लेंगे और उसी समय अपलोड करेंगे। इससे पहले जहां एक व्यक्ति की जानकारी भरने में 15 से 20 मिनट का वक्त लगता था, वह आधे से भी कम समय में पूरा हो जाएगा। पहले चरण में गिनेंगे केवल मकानजनगणना का काम दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में हर शहर और गांव के एक-एक घर की गिनती की जाएगी। दूसरे चरण में मैदानी टीम घर-घर जाकर हर घर के एक-एक सदस्य की जानकारी लेंगे। 2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की जनसंख्या 2.55 करोड़ है। मकानों की गिनती के पूर्व राज्य सरकार को राज्य, जिला, नगरीय निकायों के लिए जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी। जनगणना में लगने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। वार्ड 52 में की गई प्री जनगणना केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और जनगणना निदेशालय के निर्देश पर रायपुर नगर निगम के जोन-10 के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद वार्ड (क्रमांक 52) को प्री टेस्ट जनगणना (पूर्व परीक्षण) के लिए चुना गया है। जनगणना निदेशालय के अधिकारी हीरेन्द्र सिंहा के नेतृत्व में जोन-10 की जनगणना पूर्व गणना हुई। नगर निगम आयुक्त विश्वदीप के निर्देश पर वार्ड के 8000 मकानों की पहले लिस्टिंग की गई। फिर इन मकानों में रहने वाले करीब 28 हजार लोगों की जनगणऩा की गई। जनगणना में इस तरह की जानकारी पूछी जाएगी मकान मालिक का नाम और पारिवार के सदस्यों जानकारी नाम, लिंग, आयु, जन्मतिथि और जन्मस्थान। {आर्थिक और शैक्षणिक जानकारी, व्यवसाय, शिक्षा का स्तर, साक्षरता राष्ट्रीयता। {घर का पता, रहने की अवधि। मकान कच्चा है या पक्का। कमरों की संख्या, बिजली है या नहीं। {शौचालय, खाना पकाने गैस में बनाते हैं या चूल्हें में। {टीवी, टेलीफोन, कंप्यूटर, मोबाइल, वाहन जैसी संपत्ति है या नहीं: यह पूरी तरह से डिजिटल होगी। एसआईआर के फील्ड वर्क का आज आखिरी दिन छत्तीसगढ़ में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के फील्ड वर्क का आज आखिरी दिन है। एसआईआर प्रोग्राम के तहत घर-घर जाकर लोगों से गणना प्रपत्र भरने और उन्हें निर्वाचन आयोग में जमा करने के फील्ड वर्क 11 दिसंबर को खत्म हो जाएगा। इसके बाद बीएलओ, बीएलए समेत इस काम में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों का फील्ड वर्क खत्म हो जाएगा। तीन महीने के रेस्ट के बाद शुरू होने वाली जनगणना में शिक्षा, राजस्व, नगरीय निकाय, जिला प्रशासन और राज्य शासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी। एसआईआर में काम करने वाले बीएलओ और बीएलए को जनगणना में भी फील्ड वर्क करना होगा। सीएस को लिखी चिट्ठीजनगणना की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके लिए मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया है। जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति के बाद अधिकारियों और जनगणना प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों का प्रशिक्षण होगा। इसके बाद अगले साल अप्रैल से जनगणना का पहला चरण शुरू होगा।कार्तिकेय गोयल, निदेशक जनगणना छग
फसलों का उचित दाम और समय से भुगतान करने पर दिया गया जोर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं हैं। किसानों को आधुनिक और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को फसलों का उचित दाम मिले और समय पर भुगतान हो, ऐसी व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को झारखंड विधानसभा में सिद्धो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धोकोफेड) के निदेशक मंडल की चतुर्थ बैठक हुई।इस दौरान सीएम ने किसानों के लिए स्पेशल मोबाइल ऐप एवं कृषि पोर्टल विकसित करने का निर्देश दिया। कहा कि किसान पाठशाला और वीडियो आधारित प्रशिक्षण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती के प्रत्येक चरण में उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण से लेकर विपणन तक पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। सरकार आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज, बेहतर सिंचाई सुविधा और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसान समूहों को दें मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने जल स्रोतों के संरक्षण और चेक डैमों की मरम्मत एवं देखरेख की आवश्यकता पर बल दिया। सुझाव दिया कि इन जल संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसान समूहों या जल सहिया समितियों को सौंपी जाएं, ताकि स्थानीय स्तर पर स्वामित्व और जवाबदेही, दोनों सुनिश्चित हो सकें। इस पहल से ग्रामीण आजीविका को भी स्थायी आधार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के वनोपज उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस एवं निर्णायक पहल कर रही है। कृषि वनोपज के उत्पादन, संकलन और प्रसंस्करण को मिलेगा बढ़ावा बैठक में सिद्धकोफेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 एवं 2026-27 के लिए विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, बजट एवं कार्य योजनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान लाह, बीज, तसर सहित राज्य के प्रमुख कृषि वनोपज उत्पादों के उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने से संबंधित नीतिगत निर्णय लिए गए। बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, जल संसाधन सचिव प्रशांत कुमार, कल्याण सचिव कृपानंद झा, उद्योग सचिव अरवा राजकमल भी उपस्थित थे।
मोबाइल दुकान चोरी का खुलासा, 3 गिरफ्तार:जमुई पुलिस ने 29 मोबाइल फोन किए बरामद
जमुई पुलिस ने मोबाइल दुकानों में हुई चोरी की घटनाओं का सफलतापूर्वक खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कुल 29 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। ये चोरियां 31 अक्टूबर और 2 नवंबर को टाउन थाना क्षेत्र में हुई थीं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो नाबालिग और एक बालिग युवक शामिल हैं। बालिग आरोपी की पहचान लखीसराय जिले के हलसी थाना निवासी ईगलेश कुमार (पिता श्री माहतो) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि चोरी के मोबाइल फोन की खरीद-बिक्री में शामिल दो अन्य नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है। इस चोरी कांड में शामिल एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है, जिसके लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। तकनीकी इनपुट के आधार पर मामलों का सफल उद्भेदन किया पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने बुधवार को समाहरणालय स्थित SP कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि टाउन थाना गेट के सामने स्थित वाजीद मोबाइल दुकान और गणेश मोबाइल सेंटर में दीवार काटकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस टीम ने कड़ी मेहनत और तकनीकी इनपुट के आधार पर इन मामलों का सफल उद्भेदन किया। विशेष छापेमारी टीम का गठन किया गया था एसपी दयाल ने जानकारी दी कि चोरी की सूचना मिलते ही एसडीपीओ सतीश सुमन के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया गया था। इस टीम में टाउन थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार, एसआई विवेक कुमार यादव, एसआई अखिलेश कुमार, एसआई उदय कुमार, एसआई धीरज कुमार, एसआई निकेश कुमार, जिला आसूचना इकाई तथा जमुई थाना सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। आरोपियों को गिरफ्तार किया और चोरी गए मोबाइल फोन बरामद किए पुलिस ने तकनीकी निगरानी और गोपनीय इनपुट के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया और चोरी गए मोबाइल फोन बरामद किए। एसपी ने कहा कि शहर में चोरी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस पूरी तरह सक्रिय है और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले में शामिल फरार आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शहर में गश्ती व्यवस्था और मजबूत की जाएगी।
127000 नंबर से आपके मोबाइल फोन पर भी आया है SMS ? जानिए ट्राई-आरबीआई के नया प्लान, क्या है मकसद ?
प्रमोशनल प्रोजेक्ट के परमिशन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और टेलीकॉम रेगुलेटरी ट्राई ने मिलकर नया पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. ट्राई और आरबीआई ने मिलकर ये पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.
कैमूर में कुदरा थाना क्षेत्र के पसपीपरा रोड स्थित खलसा नहर पुल के पास हुए लूटकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में एक आरोपी को लूटे गए मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह घटना 19 अक्टूबर 2025 की शाम करीब 6:30 बजे हुई थी। भदौला निवासी शत्रुधन कुमार अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे, तभी चार अज्ञात अपराधियों ने उन्हें ओवरटेक कर रोक लिया। अपराधियों ने शत्रुधन कुमार के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी देते हुए उनका सैमसंग गैलेक्सी ए-34 मोबाइल फोन, पांच हजार रुपए नकद और उनकी टीवीएस मोटरसाइकिल (रजिस्ट्रेशन संख्या BR24AG-6778) छीन ली थी। कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था इस घटना के संबंध में कुदरा थाना में कांड संख्या 418/25 दिनांक 20.10.2025 के तहत बीएनएस की धारा 309(4)/3(5) में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी अनुसंधान का सहारा लिया, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिले। मोबाइल बरामद किया और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने लूटा गया मोबाइल बरामद किया और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार युवक की पहचान खरहना, थाना कुदरा निवासी नीरज कुमार (उम्र लगभग 19 वर्ष), पिता शिवजी राम के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके कब्जे से लूटा गया मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस फरार हुए अन्य तीन अपराधियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कानपुर देहात पुलिस ने 11 जुआरी को किया गिरफ्तार:1.27 लाख नकदी, 9 मोबाइल और 5 बाइक बरामद
कानपुर देहात के भोगनीपुर पुलिस ने देर रात छापेमारी कर 11 जुआरियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 1,27,385 रुपए नकद, 9 मोबाइल फोन और 5 मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। मुखबिर की सूचना पर भोगनीपुर थाना पुलिस ने रैगवां-मांचा रोड पर स्थित एक बंद भट्टे पर छापा मारा। थाना प्रभारी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने मौके से 11 लोगों को जुआ खेलते हुए रंगे हाथ पकड़ा। सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर जुआ अधिनियम की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राहुल, रिंकू, कल्यान, मोहित, रवि, अमित पाल, अंकित कुमार, बलराम गुप्ता, बृजेश कुमार, रविन्द्र और जयवेन्द्र शामिल हैं। पूछताछ के दौरान सभी ने जुआ खेलने की बात स्वीकार की। पुलिस के अनुसार, कुछ आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी है। कल्यान, मोहित, रवि और अमित के खिलाफ पहले भी जुआ अधिनियम सहित अन्य धाराओं में कई मामले दर्ज हैं।
नोएडा-दिल्ली में 400 से ज्यादा स्नेचिंग करने वाले तीन बदमाशों को थाना सेक्टर-58 पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके नाम विजय उर्फ पाती, अमन, रितेश और कमरू है। डीसीपी ने बताया कि विजय थाना फेस-3 से साल 2017 व 2018 में मोबाइल लूट के संबंध में जेल जा चुका है। जबकि इसकी उम्र अभी महज 23 साल ही है। अमन भी थाना सेक्टर-63, नोएडा से 2023 में मोबाइल लूट में जेल जा चुका है। कमरू थाना फेस-3 से साल 2018, 2023, 2024, 2025 में मोबाइल लूट व पुलिस मुठभेड़ में जेल गया था। 52 मोबाइल फोन किए गए बरामद इनके पास से स्नेचिंग किए गए 52 मोबाइल फोन बरामद किए गए। जिनकी कीमत लाखों रुपए है। इसके अलावा चोरी की एक मोटरसाइकिल व घटना में शामिल 01 मोटरसाइकिल व 02 चाकू बरामद किए गए। इन तीनों को विलमैर सिचवर कंपनी सेक्टर-60 नोएडा की सर्विस रोड से गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे व निशानदेही से स्नैचिंग चोरी किये गये 52 मोबाइल फोन, चोरी की एक मोटरसाइकिल व घटना में प्रयुक्त 01 मोटरसाइकिल व 02 अवैध चाकू बरामद हुए है। रेकी कर लैपटॉप भी करते चोरी डीसीपी ने बताया कि ये लोग चोरी की मोटरसाइकिल से नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में मोबाइल फोन स्नैचिंग करते है। रेकी करके घरों व पीजी से मोबाइल व लेपटॉप चोरी करते है। यह लोग चोरी किये गए मोबाइल फोन को रितेश जिसकी मोबाइल रिपेयर की भी दुकान है उसको देते है। रितेश लॉक तुड़वाकर, दिल्ली के चोर बाजार में बेचते है। राशि को आपस में बांट लेते है। हाल ही में इनके द्वारा की गई घटना
सवाई माधोपुर पुलिस ने सट्टे की खाईवाली में लिप्त आरोपी महेश को गिरफ्तार कर 3,600 रुपये बरामद किए। वहीं, मोबाइल चोरी का मामला भी डीएसटी टीम की तत्परता से सुलझा। थाना मानटाउन और डीएसटी की प्रभावशाली कार्रवाई ने जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया।
गुरुग्राम में विदेशी करेंसी एक्सचेंज के बहाने होटल बुलाकर एक व्यक्ति से 23.48 लाख रुपए और महंगे मोबाइल लूट लिए। मामले की छानबीन करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपियों ने उसे बेहतर रेट का लालच देकर एक बड़े होटल में बुलाया था। जैसे ही वह होटल के कमरे में पहुंचा, तो अंदर मौजूद बदमाशों ने हथियार दिखाकर उसे डराया। आरोपियों ने उसके पास से बैग में रखी करेंसी निकाल ली। जिसकी कुल वैल्यू 23 लाख 48 हजार रुपए बनती है। लूट की इस वारदात को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए। काफी देर बाद पीड़ित ने होटल स्टाफ को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल किया गया। चार मुख्य आरोपियों को अरेस्ट किया शिकायत मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। तकनीकी जांच और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने 4 मुख्य आरोपियों को दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने इनके कब्जे से लूट की गई राशि का बड़ा हिस्सा बरामद किया है। होटल या एकांत स्थान पर बुलाकर करते हैं लूट पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह पिछले कई महीनों से गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर में विदेशी मुद्रा बदलने के नाम पर लोगों को फंसाकर लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा था। ये लोग सोशल मीडिया और लोकल एजेंट्स के जरिए पीड़ितों को लुभाते थे और होटल या एकांत स्थान पर बुलाकर लूटपाट करते थे। पुलिस ने इनके खिलाफ पहले भी कई थानों में लूट, डकैती और ठगी के मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी है। आरोपियों से पूछताछ कर रही पुलिस पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि इस गिरोह के बारे में पुलिस गहन जांच कर रही है। गुरुग्राम पुलिस पूरी चेन तोड़ेगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि विदेशी मुद्रा बदलने के लिए हमेशा अधिकृत बैंक या लाइसेंस प्राप्त एक्सचेंज काउंटर का ही उपयोग करें। किसी अनजान व्यक्ति के साथ होटल या एकांत जगह पर सौदा करने से बचें। उन्होंने बताया कि थोड़ी देर में इसकी जानकारी शेयर की जाएगी।
इंदौर के भंवरकुआ इलाके में एक इलेक्ट्रानिक दुकान पर काम करने वाले निजी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी को अचानक हार्ट अटैक आ गया। वह गश खाकर गिर गए। उन्हें उपचार के लिए नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। यहां उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है। घटना मंगलवार दोपहर की है, बुधवार को इसका VIDEO सामने आया।भंवरकुआं पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम शिवनारायण मालवीय(31) निवासी मूसाखेड़ी है। वह तीन ईमली के पास अजय इंटरप्राइजेस नाम की मोबाइल दुकान में काम करते हैं। काम के दौरान वह एक कस्टमर को मोबाइल फाइनेंस करने के लिए अपने मोबाइल से लॉगिन कर रहे थे। इस दौरान गश खाकर वहीं गिर गए। उन्हें उपचार के लिए साथी जूपिटर अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां उनकी मौत हो गई।भाई रामगोपाल ने बताया कि सुबह तक उसका भाई ठीक था। घर से अच्छे से निकला इसके बाद दोपहर में अचानक उनके यहां काम करने वाले युवक ने उन्हें बताया कि वह चक्कर खाकर गिर गया। फिलहाल पीएम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा लेकिन प्रारंभिक तौर पर साइलेंट अटैक की बात कही गई है। 3 तस्वीरों में देखिए युवक को इस तरह आया अटैक... परिवार में दो बच्चे, कन्नौद में होगा अंतिम संस्कारशिवनारायण के परिवार में एक 5 साल और एक ढाई साल का बेटा है। बड़े भाई रामगोपाल नजदीक ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पिता की 10 साल पहले मौत हो चुकी है। परिवार मूल रूप से कन्नोद के पास महुरिया ग्राम का रहने वाला है। परिवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाएगा। ये खबरें भी पढ़ें... 1. इंदौर में राह चलते प्रॉपर्टी कारोबारी को हार्ट अटैक...VIDEO इंदौर में सड़क पर जा रहे प्रॉपर्टी कारोबारी को हार्ट अटैक आ गया। पल भर में उसकी मौत हो गई। वह स्कूटी का टायर पंक्चर होने पर उसे धक्का देकर ले जा रहा था। इसी दौरान वह अचानक गिरा और फिर नहीं उठा। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है।पूरी खबर पढ़ें 2. पेट्रोल पंप पर खड़े-खड़े गिरा युवक, मौत, VIDEO इंदौर में पेट्रोल पंप पर गाड़ी में फ्यूल डलवा रहा युवक अचानक जमीन पर गिरा और बेहोश हो गया। पंपकर्मियों ने उसे उठाया। मुंह पर पानी के छींटे मारे। जब वह होश में नहीं आया तो उसे अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला विजयनगर इलाके में भारत पेट्रोलियम के पंप पर सोमवार सुबह की है।पूरी खबर पढ़ें
फतेहाबाद जिले में टोहाना के नेशनल हाईवे 148 बी पर मंगलवार देर रात एक डंपर बेसहारा पशु को बचाने के प्रयास में डिवाइडर पर चढ़ गया। इस हादसे में डंपर को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। घटना चंडीगढ़ रोड स्थित हर्बल पार्क के सामने हुई। हादसे के बाद अज्ञात व्यक्ति मोबाइल छीनकर फरार हो गया। ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज करमचंद के नेतृत्व में मौके पर पहुंची पुलिस ने यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए वाहनों को साइड से निकाला। झज्जर निवासी डंपर चालक रघुवीर ने बताया कि वह पंजाब के तलवंडी से फ्लाई ऐश (राख) लेकर राजस्थान जा रहा था। अचानक गाड़ी के सामने आया पशु रघुवीर के अनुसार, देर रात अचानक एक बेसहारा पशु डंपर के आगे आ गया। पशु को बचाने की कोशिश में डंपर बेकाबू होकर डिवाइडर पर चढ़ गया। चालक ने कूदकर अपनी जान बचाई। चालक ने यह भी बताया कि सड़क पर साइन बोर्ड न होने के कारण गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ गई, जिससे लाखों रुपए का नुकसान हुआ। डंपर में 38 टन राख भरी थी, जिसे आगे ले जाना था। अब इस सामान को दूसरे वाहन की सहायता से गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। रघुवीर ने बताया कि हादसे के बाद देर रात्रि एक अज्ञात व्यक्ति उसके मालिक से फोन पर बात करने का बहाना बनाकर उसका मोबाइल छीनकर फरार हो गया।
दरभंगा में बिहार पुलिस “चालक सिपाही” के पदों पर चयन/भर्ती के लिए आज परीक्षा है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। अनुमंडल पदाधिकारी सदर विकास कुमार ने बताया कि केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) की ओर से एग्जाम एकल पाली में दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक होगी। परीक्षा शहर क्षेत्र स्थित कुल 22 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिनमें बीकेडी बालक उच्च विद्यालय, एमएल अकादमी, मिल्लत कॉलेज, सीएम कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज, एमएलएसएम कॉलेज, केएस कॉलेज, एमएआर महिला विद्यालय, एचबी सोगरा हसन मेमोरियल, मारवाड़ी हाई स्कूल,एमकेपी विद्यापति हाई स्कूल,एमआरएम कॉलेज समेत अन्य संस्थान शामिल हैं। सदर SDO ने बताया कि परीक्षा दिवस पर केंद्रों के आसपास 200 मीटर की परिधि में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। यह आदेश सुबह 7 बजे से परीक्षा प्रक्रिया खत्म होने तक प्रभावी रहेगा। लाउडस्पीकर का उपयोग करना मना पांच या उससे अधिक व्यक्तियों का समूह में इकट्ठा होना,किसी प्रकार के हथियार जैसे लाठी, भाला, गड़ासा, चाकू, आग्नेयास्त्र आदि लेकर चलना,सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग,परीक्षार्थी व परीक्षा कर्मियों की ओर से मोबाइल फोन या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना ये सब प्रतिबंधित किया गया है। सरकारी पदाधिकारी, पुलिस बल, ड्यूटी पासधारी कर्मी, शांतिपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम, अंतिम यात्रा व शादी-विवाह कार्यक्रम को छुट रहेगा। जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने परीक्षा को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त रूप से संपन्न कराने के लिए सभी केंद्राधीक्षकों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि सभी केंद्राधीक्षक और कर्मी सुबह 7:30 बजे तक अनिवार्य रूप से उपस्थित हों। अभ्यर्थी केवल e-Admit Card और पहचान पत्र के साथ प्रवेश करेंगे। फ्रिस्किंग की जाएगी और किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। एडमिट कार्ड के साथ रिकॉर्ड की जाएगी परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों की फोटो और वीडियो उनके एडमिट कार्ड के साथ रिकॉर्ड की जाएगी। परीक्षा 2 घंटे की होगी, जिसमें 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न शामिल हैं। ईधर SDO ने बताया कि बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड (BBOSE) की प्रथम माध्यमिक (जून 2025) और द्वितीय माध्यमिक (दिसंबर 2025) परीक्षा 15 से 23 दिसंबर तक दो पालियों में आयोजित होगी। इसके लिए 2 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं। 1. प्लस टू देश रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद बालिका उच्च विद्यालय 2. मारवाड़ी उच्च विद्यालय, दरभंगा इन परीक्षा केंद्रों के आसपास भी धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
पाली में मंदिर में चोरी:चांदी की कवच-छत्र चुराया; ऑनलाइन कैमरे से मुंबई में मोबाइल पर गया अलर्ट
पाली के तखतगढ़ थाना एरिया के पावा गांव में चोरों ने बीती रात पावा गांव के सती माता मंदिर में चोरी की घटना वहां लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई और मुंबई में रहने वाले बाबूलाल के मोबाइल पर आया अलर्ट, उन्होंने तुरंत गांव के समाजबंधुओं को फोन कर सूचना दी। चोर मंदिर से करीब 3 किलो वजनी चांदी की कवच, चांदी का छत्र तथा चोरी कर ले गए। पूरी घटना मंदिर परिसर में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई है, जिसमें 2 चोर मंदिर में घुसते, मूर्ति पर से कवच निकालते और दानपात्र को तोड़ने का प्रयास करते साफ दिखाई दे रहे हैं। फुटेज के आधार पर पुलिस चोरों की तलाश में है। मुंबई में रहने वाले बाबूलाल के मोबाइल पर आया अलर्ट मंदिर के ऑनलाइन कैमरे लगा रखे है। घटना के समय मंदिर कमेटी पदाधिकारी बाबूलाल ब्राह्मण मुंबई में थे। रात में कैमरों की निगरानी के दौरान अचानक मोबाइल पर संदिग्ध मूवमेंट दिखाई दी। उन्होंने तुरंत गांव के समाजबंधुओं को फोन कर सूचना दी। इस पर संजय कुमार, भरत कुमार, प्रकाश कुमार, मोहनलाल, रामलाल, कैलाश कुमार सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को अवगत कराया। रात 3 बजे ही पहुंची पुलिस चोरी की सूचना मिलते ही तखतगढ़ पुलिस सक्रिय हो गई। रात करीब 3 बजे पुलिस टीम गांव पहुंची और जांच शुरू की। थाना अधिकारी शैतान सिंह चारण के साथ पहुंचे पुलिसकर्मियों ने मंदिर परिसर व आसपास की गलियों का निरीक्षण किया। पुलिस ने मौके पर ही सर्च ऑपरेशन चलाया और मुख्य रास्तों पर तलाशी तेज कर दी।
बच्चों को मोबाइल की लत से बचाएं और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ें : डीईओ
भवन्ज एसएल पब्लिक स्कूल में 113वां मासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘एक सुरमई शाम-शिक्षकों के नाम’ आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सांस्कृतिक चेतना का प्रसार करना और उभरती प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना था। मुख्य अतिथि के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार उपस्थित रहे। उनकी धर्मपत्नी किरन शर्मा ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया। भवन्ज कला केंद्र के समन्वयक विनोद शर्मा ने बताया कि इस सांस्कृतिक श्रृंखला की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी, जो आज 113वें पड़ाव तक पहुंच चुकी है। इस अवसर पर राज कुमार ठाकुर ने अपनी स्वरचित कविता ‘क्या ये शिक्षक गा सकते हैं’ प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन जीत लिया। संगीत प्रस्तुतियों की शुरुआत राकेश गुलाटी ने गीत ‘भरी दुनिया में आ के दिल’ से की। इसके बाद राज कुमार ठाकुर ने ‘हम बेवफा हरगिज न थे’, मनीष ने ‘पुकारता चला हूं मैं’ और ‘क्या हुआ तेरा वादा’ सुनाया। हरप्रीत ने ‘अजनबी कौन हो तुम’ और ‘दिल हूम हूम करे’ की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। युगल और समूह गीतों में ‘जानेमन तेरे दो नयन’, ‘मैं दुनिया भुला दूंगा’ और ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें’ ने पूरे सभागार को तालियों से गूंजा दिया। मुख्य अतिथि राजेश कुमार शर्मा ने भवन्ज प्रबंधन समिति का आभार व्यक्त करते हुए शिक्षकों और अभिभावकों को प्रेरित किया कि वे बच्चों को मोबाइल की अत्यधिक लत से बचाएं और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ें। उन्होंने शिक्षकों से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया। भवन्ज के अध्यक्ष अविनाश महेन्द्रू ने सभी कलाकारों की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।
मधेपुरा पुलिस ने मंगलवार को एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह का पर्दाफाश कर छह बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके कब्जे से 48 चोरी के मोबाइल फोन, 17,950 रुपये नकद और दो मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। उदाकिशुनगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी संदीप सिंह ने पूरी कार्रवाई की जानकारी दी। सब्जी खरीदते समय चोरी हुआ था युवक का मोबाइल एसपी ने बताया कि पूरे मामले की शुरुआत 7 दिसंबर को हुई। रतवारा थाना क्षेत्र के सोनामुखी निवासी वकील भगत ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बाजार में सब्जी खरीदते समय उनका ओपो कंपनी का मोबाइल चोरी हो गया। इस पर रतवारा थाना में कांड संख्या 79/25 दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई। सूचना मिलते ही बनी विशेष टीम 8 दिसंबर को रतवारा थानाध्यक्ष को इनपुट मिला कि मोबाइल चोरी करने वाला एक संगठित गिरोह क्षेत्र में सक्रिय है। इस पर एएसपी के निर्देश पर थानाध्यक्ष साजन पासवान के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने मानवीय और तकनीकी इनपुट का उपयोग करते हुए लगातार छापेमारी की और छह बदमाशों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार कर लिया। झारखंड–बिहार के युवक गिरफ्तार, चोरी कर करते थे साइबर अपराध गिरफ्तार बदमाश झारखंड और बिहार के निवासी हैं। इनमें शामिल हैं— पूछताछ में इन युवकों ने चोरी की घटनाओं में संलिप्तता स्वीकार की। साथ ही यह भी खुलासा किया कि मोबाइल छीनने के बाद वे साइबर क्राइम को अंजाम देते थे। 48 मोबाइल, नकद और दो बाइक बरामद गिरोह के पास से कुल 48 मोबाइल फोन, 17,950 रुपये नकद और दो मोटरसाइकिल बरामद की गई हैं। एसपी ने बताया कि सभी अभियुक्तों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी कर ली गई है और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है।यह पूरी कार्रवाई पुलिस मुख्यालय और कोसी रेंज के डीआईजी के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी। मधेपुरा पुलिस ने दावा किया है कि गिरोह की गिरफ्तारी के बाद जिले में मोबाइल चोरी और उससे जुड़े साइबर अपराधों पर लगाम लगेगी।
रायसेन पुलिस ने 'ऑपरेशन My Phone' के तहत 76 गुमशुदा मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इनकी कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने मंगलवार शाम 5 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में इन मोबाइलों को उनके मालिकों को सौंपा। मोबाइल वापस मिलने पर लोगों ने पुलिस का धन्यवाद किया। एसपी गुप्ता ने बताया कि सीईआईआर पोर्टल पर मिली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिले के सभी थानों को मोबाइल खोजने के निर्देश दिए। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया गया। पिछले एक महीने में मिली सफलता पिछले एक माह में पुलिस ने जिले के भीतर और बाहर से इन 76 मोबाइल फोन को बरामद किया। पुलिस अधीक्षक ने आमजन से कहा कि यदि उनका मोबाइल खो जाए, तो तुरंत सीईआईआर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं, ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके।
जबलपुर पुलिस ने अवैध हथियारों और कारोबार पर नकेल कसने के अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है। बरगी थाना पुलिस ने नागपुर से कारतूस बेचने आए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 14 कारतूस, पांच मोबाइल और एक स्कॉर्पियो जब्त किया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन-4 अंजना तिवारी और नगर पुलिस अधीक्षक बरगी अंजुल अयंक मिश्रा के मार्गदर्शन में की गई। बरगी थाना प्रभारी, प्रशिक्षु डीएसपी हेमंत कुमार ने बताया कि 8 दिसंबर 2025 को मुखबिर से सूचना मिली थी। मुखबिर ने बताया था कि मंडला बायपास रोड स्थित परमेश्वर ढाबा पर एक काले रंग की बिना नंबर की स्कॉर्पियो (जिस पर महाकाल लिखा था) में कुछ लोग अवैध कारतूस बेचने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने ढाबे पर दबिश दी। वहां स्कॉर्पियो वाहन के पास पांच संदिग्ध आरोपी बैठे मिले। पुलिस को देखते ही सभी भागने लगे, लेकिन घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने नागपुर से कारतूस बेचने के लिए जबलपुर आने की बात स्वीकार की। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में उजैर परवेज (38 वर्ष, राय आसियाना अपार्टमेंट, मनकापुर, नागपुर), कासिफ खान (28 वर्ष, प्रशांत कॉलोनी, गिट्टी खदान, नागपुर), असमित खोटे (26 वर्ष, पांच पावली, नागपुर), शुभम कोटांगले (25 वर्ष, बेझनबाग, जरीपटका, नागपुर) और जयघोस टेम्बुरने (30 वर्ष, धम्मदीप नगर, विनाकी लेआउट, नागपुर) शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से कुल 14 कारतूस, वीवो, नार्जो, रियलमी और एपल ब्रांड के पांच मोबाइल और एक काली स्कॉर्पियो वाहन (रजिस्ट्रेशन नंबर MH 35 P 7202) जब्त किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
डीग में विधिक जागरूकता का सशक्त प्रयास: मोबाइल वैन के माध्यम से निशुल्क विधिक सहायता शिविर का आयोजन
डीग में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में मोबाइल वैन द्वारा ग्राम पंचायत निगोही, बंधा चौथ और बंधा खालसा में निशुल्क विधिक सहायता शिविर आयोजित किया गया। विद्यार्थियों को राष्ट्रीय लोक अदालत और पीड़ित प्रतिकार योजना की जानकारी दी गई, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विधिक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला।
मुल्लांपुर दाखा में लुधियाना-फिरोजपुर मुख्य मार्ग पर सोमवार शाम एक फल विक्रेता से तलवार की नोक पर 4200 रुपए और एक मोबाइल फोन लूट लिया गया। दो अज्ञात लुटेरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित अमरनाथ ने बताया कि वह अपनी रेहड़ी पर फल बेचने के बाद शाम को घर लौट रहा था, तभी यह घटना हुई। अमरनाथ के अनुसार, जब वह मुख्य सड़क से अपने घर की ओर मुड़ने की तैयारी कर रहा था, तभी बाइक सवार दो युवकों ने उसे रोक लिया। एक युवक ने कपड़े से अपना चेहरा ढका हुआ था, जबकि दूसरे का चेहरा खुला था। अमरनाथ ने पुलिस को बताया कि वह खुले चेहरे वाले युवक को पहचान सकता है। तलवार से हमला करने की कोशिश अमरनाथ ने बताया कि, बाइक से उतरकर एक युवक ने बिना कुछ कहे उस पर तलवार से हमला करने की कोशिश की। अमरनाथ ने खुद को बचाते हुए पीछे हटने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान दूसरे युवक ने उसकी गर्दन पर तलवार रख दी। लुटेरों ने उसकी जेब से 4200 रुपए नकद और रेहड़ी में रखा मोबाइल फोन छीन लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद, अमरनाथ ने शोर मचाया, जिससे आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय निवासियों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही थाना दाखा की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश के लिए नाकाबंदी भी की गई है। अमरनाथ ने पुलिस से आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
धनबाद में तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार:फर्जी ऐप्स और लिंक भेजकर करते थे ठगी, 8 मोबाइल बरामद
धनबाद साइबर पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी शहर के विभिन्न हिस्सों में किराए के मकान लेकर ठगी को अंजाम देते थे। पुलिस ने इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 6 सिम कार्ड और दो बाइक बरामद की हैं। तीनों लंबे समय से साइबर ठगी में सक्रिय थे ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में टुंडी थाना क्षेत्र के सचिन कुमार, महेश मंडल और तोपचांची थाना क्षेत्र के विनोद कुमार महतो शामिल हैं। ये तीनों लंबे समय से साइबर ठगी में सक्रिय थे। ऐप्स व लिंक भेजकर लोगों के मोबाइल से निजी जानकारी चुराते थे पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पहले टुंडी क्षेत्र में सक्रिय था, लेकिन पुलिस का दबाव बढ़ने पर इन्होंने अपना ठिकाना बदलकर शहरी इलाकों में किराए के मकान ले लिए थे। अपराधी फर्जी APK फाइल, RTO चालान और SBI रिवॉर्ड जैसे नकली ऐप्स व लिंक भेजकर लोगों के मोबाइल से निजी जानकारी चुराते थे। जानकारी मिलने के बाद वे पीड़ितों को साइबर ठगी का शिकार बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों में 21 वर्षीय सचिन कुमार खुद को छात्र बताता है, लेकिन पुलिस के मुताबिक वही इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। महेश मंडल पहले भी साइबर अपराध के एक मामले में तिहाड़ जेल जा चुका है। ये तीनों मिलकर ठगी का एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। पुलिस अब जब्त किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड की जांच कर रही है, ताकि ठगी के शिकार हुए अन्य लोगों का पता लगाया जा सके और इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
सोनीपत पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। साइबर थाना सोनीपत की टीम ने तकनीकी जांच और लगातार निगरानी के बाद पंजाब के मोहाली से गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। आरोपियों द्वारा जॉब ऑफर का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपए हड़पने की शिकायतें मिली थीं। फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ सोनीपत पुलिस आयुक्त ममता सिंह, IPS, ADGP के मार्गदर्शन में और पुलिस उपायुक्त पश्चिम एवं साइबर कुशल पाल सिंह के नेतृत्व में साइबर थाना टीम ने गहन जांच करते हुए गिरोह का खाका तैयार किया। पुलिस ने मोहाली में रेड कर कॉल सेंटर चला रहे चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो ऑनलाइन जॉब ऑफर के नाम पर लोगों को निशाना बनाते थे। आरोपियों से साइबर थाना पुलिस ने 1 लाख 35 हजार रुपए कैश, 12 मोबाइल और 10 लैपटॉप बरामद किए हैं। आरोपियों को एक गिरोह लंबे समय से एक्टिव था और वह हरियाणा, पंजाब ,उत्तर प्रदेश और स्थानीय निवासियों को साइबर ठगी का शिकार बना रहे थे। शिकायतकर्ता से ऐसे की गई थी ठगी शिकायतकर्ता गोपाला कृष्णा, निवासी सेक्टर-13 सोनीपत ने बताया कि उन्हें www.Find2Career.com नाम की फर्जी कंसल्टेंसी से 12 जुलाई 2025 को नौकरी का झांसा देकर कॉल आया। रजिस्ट्रेशन फीस, इंटरव्यू, टेक्निकल टेस्ट और प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर उनसे करीब ₹5,00,000 की ठगी की गई। कॉल और ईमेल पर संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद वह पुलिस के पास पहुंचे, जहां मामले की जांच शुरू की गई। तकनीकी जांच से पकड़े गए आरोपी साइबर थाना प्रबंधक निरीक्षक बसंत कुमार के नेतृत्व में ASI नवदीप, ASI विनीत, मुख्य सिपाही प्रदीप, सिपाही विकास और SPO दिनेश की टीम ने आरोपी गिरोह की लोकेशन ट्रेस की। पुलिस ने मोहाली में दबिश देकर शिवम (बनारस), राहुल (द्वारका सेक्टर-8), मनोज (कैथल) और फैज (संगम विहार) को गिरफ्तार किया। न्यायालय में पेश कर भेजा जेल आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की। उनके कब्जे से मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और नकदी से साइबर फ्रॉड नेटवर्क की गहराई से जांच जारी है। पूछताछ के बाद चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। साइबर अपराध से बचने की पुलिस सलाह एसीपी साइबर राजदीप मोर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए और नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा कि किसी अनजान कॉल, लिंक या मैसेज पर विश्वास न करें। केवल भरोसेमंद और प्रमाणित वेबसाइट/एप का ही उपयोग करें। नौकरी दिलाने के नाम पर अग्रिम भुगतान मांगने वालों से सतर्क रहें। लालच या फर्जी ऑफरों के झांसे में न आएं। यदि कोई भी साइबर अपराध का शिकार हो तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करें।
बालोतरा पुलिस ने ऑनलाइन जुआ-सट्टा गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से ऑनलाइन सट्टेबाजी में इस्तेमाल किए जा रहे दो मोबाइल और लाखों रुपए का हिसाब-किताब बरामद किया है। डीएसटी बालोतरा से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जो सट्टा-जुआ के खिलाफ लगातार चौथी कार्रवाई है। भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच पर सट्टा लग रहा था बालोतरा थानाधिकारी हिंगलाजदान ने बताया- देर रात डीएसटी टीम को सूचना मिली थी कि पंचायत समिति के पास ऑनलाइन आईडी के माध्यम से भारत-दक्षिण अफ्रीका वनडे मैच पर सट्टा लगाया जा रहा था। इस सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आरोपी रवि को हिरासत में ले लिया। नई आईडी बनाकर लोगों को जोड़ता था आरोपी पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी रवि मास्टर आईडी का उपयोग करता था। वह ग्राहकों के लिए नई क्लाइंट आईडी और पासवर्ड बनाता था। इसके माध्यम से वह लोगों को क्रिकेट मैच पर दांव लगाने के लिए जोड़ता था, जिससे वह खुद पैसे कमाता था। मोबाइल में मिला लाखों का रिकॉर्ड पुलिस ने आरोपी के पास से दो मोबाइल जब्त किए हैं। इन मोबाइल में लाखों रुपए की ऑनलाइन सट्टेबाजी का पूरा रिकॉर्ड मिला है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान रवि पुत्र परमानंद खत्री, निवासी गांधीपुरा, बालोतरा के रूप में हुई है। थानाधिकारी ने बताया- आरोपी से पूछताछ जारी है। इसका उद्देश्य उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य सहयोगियों और संभावित गिरोह का पता लगाना है। पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन सट्टा गिरोह के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
यमुनानगर में थाना गांधीनगर में विदेश भेजकर नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। आस्ट्रेलिया भेजने के झांसे में एक युवक से आरोपियों ने करीब 11.65 लाख रुपए ठग लिए, जबकि कुल 20 लाख रुपए की डिमांड की गई थी। पुलिस ने शिकायत के बाद चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी और इमिग्रेशन एक्ट की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया कि जगाधरी वर्कशॉप में काम करने वाले उसके जानकार रितेश सैनी ने अप्रैल महीने में उसकी मुलाकात ग्लोबल इंफोटेक कंपनी के लोगों से कराई थी। कंपनी वालों ने दावा किया कि उनका आस्ट्रेलिया की कंपनियों से टाइअप है और वीजा लगते ही दिल्ली के महिपालपुर स्थित शांति पैलेस होटल में आस्ट्रेलियाई कंपनी के साथ जॉब एग्रीमेंट कराकर उसे विदेश भेज देंगे। मीटिंग के लिए दिल्ली में बुलाया विश्वास दिलाने के लिए आरोपियों ने अपने आधार-पैन कार्ड दिखाए और यह भी बताया कि दो आरोपी रमनदीप कौर और तरणप्रीत सिंह तो यमुनानगर के ही रहने वाले हैं। इसके बाद उसने अपना पासपोर्ट, शैक्षणिक दस्तावेज और पहले चरण में डेढ़ लाख रुपए नकद व गूगल पे से दिए। इसके बाद मई महीने में कई किस्तों में कुल दस लाख पैंसठ हजार रुपए रमनदीप कौर और तरणप्रीत सिंह के बैंक खातों में जमा कराए। जोकि कुल राशी 11 लाख 65 हजार रुपए बनती है। जून के पहले सप्ताह में आरोपियों ने फोन करके बताया कि वीजा लग गया है और 10 जून को दिल्ली के शांति पैलेस होटल में दोपहर 12 बजे मीटिंग है, जहां टिकट-पासपोर्ट सौंपकर फ्लाइट से भेज दिया जाएगा। होटल में पहुंचने पर आरोपियों के फोन बंद अजय ने बताया कि वह तय तारीख को दिल्ली पहुंचा तो होटल में न कोई मीटिंग थी, न कोई आस्ट्रेलियाई अधिकारी। साथ गए अन्य लोगों ने भी कमरे बुक कराए, लेकिन आरोपी वहां नहीं आए और उनके फोन बंद हो गए। यमुनानगर लौटकर जब अजय कंपनी के कन्हैया साहिब चौक वाले ऑफिस पहुंचा तो वहां भी ताला लटक रहा था। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है। पुलिस ने शिकायत की जांच के अजय कुमार (मोहाली), प्रदीप सिंह (डेराबस्सी), रमनदीप कौर और तरणप्रीत सिंह (दोनों यमुनानगर) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2), 318(4) तथा इमीग्रेशन एक्ट की धारा 10 व 24 के तहत थाना गांधीनगर में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
दतिया में भांडेर के चिरगांव रोड स्थित पोला पहाड़ हनुमान मंदिर में सोमवार दोपहर एक युवक अचानक मंदिर परिसर में घुसा और श्री हनुमान महाराज की प्रतिमा को तोड़कर खंडित कर दिया। वहां रह रहे महंत पप्पू बाबा ने जब आरोपी को रोकने की कोशिश की, तो युवक ने उनके साथ अभद्रता की और हाथापाई करते हुए उनका मोबाइल भी तोड़ दिया। अचानक हुई घटना से महंत सहम गए और स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचने लगे। प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद युवक भाग गया मंदिर पर मौजूद भक्तों ने बताया कि घटना दोपहर करीब 1 बजे की है। युवक बेहद उग्र अवस्था में दिखाई दे रहा था और किसी की बात नहीं सुन रहा था। प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद वह मौके से भाग निकला। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में मंदिर पर जमा हो गए। प्रतिमा को खंडित किए जाने की खबर फैलते ही श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई। मंदिर के महंत ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस को दी और लिखित आवेदन भी दिया। महंत के अनुसार आरोपी की पहचान हसापुर निवासी राघवेंद्र पाल के रूप में हुई है। महंत ने बताया कि आरोपी मंदिर में घुसते ही प्रतिमा को तोड़ने लगा। रोकने पर उसने उन पर हमला करने की कोशिश की और मोबाइल छीनकर फेंक दिया। जिससे वह टूट गया। शाम करीब 4 बजे महंत और स्थानीय भक्तों का समूह भांडेर थाने पहुंचा और कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा। भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई और तुरंत मंदिर पहुंचकर स्थिति की जांच की।
हाथरस। पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) प्रभारी धीरज गौतम पर युवकों के साथ मारपीट करने और मोबाइल फोन तोड़ने का आरोप लगा है। घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के मंडी समिति परिसर का है, जहां एसओजी प्रभारी का निवास है। जानकारी के अनुसार रविवार देर रात कुछ युवक अपने परिचित के यहां कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने अपनी गाड़ी मंडी समिति परिसर में खड़ी कर दी। इसी दौरान विवाद बढ़ा और आरोप है कि एसओजी प्रभारी ने युवकों से अभद्रता करते हुए मारपीट की। वीडियो बनाने पर उनके मोबाइल फोन भी तोड़ दिए गए। पीड़ित युवक विकास कुशवाहा का कहना है कि वह अपने जीजा के कार्यक्रम में शामिल होने गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी प्रभारी ने गंदी गालियां देते हुए धक्का-मुक्की की। मामले का वीडियो वायरल होने के बाद युवकों ने पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। धीरज गौतम ने आरोपों से इनकार किया उधर, एसओजी प्रभारी धीरज गौतम ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि कुछ युवक उस समय परिसर में आतिशबाजी कर रहे थे और शराब के नशे में हंगामा कर रहे थे। उन्होंने केवल उन्हें रोका था, किसी से मारपीट नहीं की। गौतम ने बताया कि घटना के समय वह अपने आवास पर बिना वर्दी के थे। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। मामला फिलहाल जांच में बताया जा रहा है।
बैतूल शहर के गंज क्षेत्र स्थित सोबेग सिंह साहनी एंड संस मेडिकल होलसेल एजेंसी में कार्यरत कर्मचारी निखिल वाईकर को दवाओं की चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एजेंसी के संचालक कवलजोत सिंह साहनी ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। यह घटना 6 दिसंबर की रात करीब 9 बजे दुकान बंद होने के बाद हुई। जब कर्मचारी अपने-अपने घर जा रहे थे, तब दुकान के बाहर तैनात गार्ड दीपक मालवी और नरेश मेहरा ने निखिल वाईकर की जांच की। जांच के दौरान उसकी जुराबों (मोजों) में हेम्फर कैप्सूल, सुमोकोल टेबलेट, ममेट और पायोज टेबलेट के पैकेट मिले। इसके अलावा, उसकी स्कूटी (क्रमांक सीजी 12 एल 8797) की डिग्गी से दो जोमेट नेल स्प्रे भी बरामद हुए। स्टॉक में कमी मिलने पर की गई थी जांच एजेंसी संचालक कवलजोत सिंह के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से दुकान के सिस्टम रिकॉर्ड में दवाइयों की गड़बड़ी सामने आ रही थी, जिसके चलते निखिल पर पहले से ही शक था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि निखिल दुकान से दवाइयां चोरी कर बाहर बेचता था। संचालक ने बताया कि निखिल के मोबाइल से चोरी का पूरा रिकॉर्ड, डॉक्टरों के साथ दो वॉयस रिकॉर्डिंग, कई चैट्स और लेन-देन के सबूत, और ग्राहकों के नामों की सूची बरामद हुई है। इस पूरे केस में निखिल की पत्नी भी सहयोगी बताई जा रही है, जो पैसों का लेन-देन संभालती थी। मामले की सभी जानकारी और सबूत पुलिस को सौंपे जा चुके हैं और एफआईआर दर्ज की गई है। एजेंसी संचालक के मुताबिक, घटना के बाद कुछ लोगों ने समझौते का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने किसी भी समझौते से इनकार कर दिया। कवलजोत सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य दोषियों को उजागर करना और दवा व्यवसाय की विश्वसनीयता बनाए रखना है।
सवाई माधोपुर में ट्रेन से मोबाइल चुराने वाला पकड़ा:GRP ने फोन भी बरामद किया; स्लीपर से चुराकर भागा था
सवाई माधोपुर की जीआरपी थाना पुलिस ने ट्रेन से मोबाइल चुराने के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने रामअवतार उर्फ सुदामा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से चोरी किया गया 5G मोबाइल भी बरामद किया है। सवाई माधोपुर जीआरपी थानाधिकारी हरिमन मीणा ने बताया कि रेलवे में बढ़ती संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर जीआरपी पुलिस की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में थानाधिकारी हरिमन मीणा CI के नेतृत्व में गठित टीम के ASI ओमप्रकाश, कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, कॉन्स्टेबल मखनलाल ने टेक्निकल एनालिसिस और कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी रामअवतार उर्फ सुदामा (27) पुत्र रज्जो निवासी सिरसौदा, थाना रूपवास, जिला भरतपुर को 7 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से चोरी गया ओप्पो 5G मोबाइल बरामद किया गया। पूछताछ में आरोपी ने डेढ़ासरावा एक्सप्रेस के कोच S/7 से मोबाइल चोरी करना स्वीकार किया। मामले में आरोपी को आज सोमवार को न्यायालय एसीजेएम रेलवे कोर्ट, कोटा में पेश किया जाएगा।
कोटा शहर में बीच बाजार एक युवक द्वारा चाकू लहराकर दहशत फैलाने का मामला सामने आया हैं। आरोप हैं कि चाकू की नोक पर एक गोल गप्पे का ठेला लगाने वाले युवक से बदमाश ने मोबाइल और गल्ले मे रखे पैसे जबरन छीन लिए। बदमाश ने युवक को चाकू की नोक पर डराया-धमकाया और बाजार में चाकू लहरा कर आम जन मे दहशत फैलाई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। घटना रविवार शाम 7 बजे के आसपास महावीर नगर थाना क्षेत्र के संतोषी नगर चौराहे की है। पीड़ित जितेंद्र कुशवाह ने बताया कि वो संतोषी नगर चौराहे पर चाट पानी पूरी का ठेला लगाता है। रविवार शाम को ठेले पर कर्मचारी रामू काम कर रहा था। उसी समय इलाके का बदमाश देवा गुर्जर व सोनू मेहरा वहां आए। उन्होंने रामू से पैसे मांगे। रामू ने पैसे देने से इनकार किया तो देवा गुर्जर और सोनू मेहरा ने शराब के नशे में चाकू निकाल लिया और जबरदस्ती गल्ले में रखे 3 हजार रूपए निकाल लिए। और चाकू से जान से मारने की कोशिश की। मौके पर भीड़ जमा हो गई। बदमाशों ने आसपास लगे दो तीन ठेले पलट दिए। जितेंद्र ने बताया कि बदमाश लंबे समय से चौराहे पर चौथ वसूली कर रहे है।इसकी शिकायत महावीर नगर पुलिस थाने में की है।
गयाजी में श्रद्धालुओं की बस से कैश, सोने का हार और मोबाइल की चोरी हुई है। मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से पिंडदान और विष्णुपद मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। इस घटना से नाराज श्रद्धालुओं का कहना है कि धर्मनगरी चोरी का सामना करना पड़ा है। यहां ऐसा होगा, कभी सोचा नहीं था। ड्राइवर मोहन सिंह चौहान ने थाने में दिए आवेदन में कहा कि शनिवार की रात 11:30 बजे के करीब बस(MP-139-5533) लेकर पहुंचा था। बाईपास बुनियाधार पुल के पास पंडा राजेंद्रन बाबू की देखरेख में बस खड़ी की गई। ड्राइवर समेत सभी यात्री बस में ही सो गए। सुबह करीब 5 बजे जगा तो मेरा मोबाइल गायब था। गाड़ी का शीशा टूटा हुआ था। अंदर पड़े सामान की जांच की गई तो कई बैग खुले पड़े मिले। पूजा का सामान और कपड़े सड़क किनारे करीब 50 मीटर दूर गड्ढे में बिखरे थे। मोबाइल, कैश और जेवरात गायब थे। लोगों में नाराजगी यात्री हर सिंह के बैग से 35,000 कैश, नानूराम के पास से सोने का 20 ग्राम का हार, एक और यात्री के बैग से 25 हजार नगद गायब है। इसके अलावा अन्य यात्रियों के बैग से पूजा-सामग्री, कपड़े समेत सामान बस से 50 मीटर दूर फेंका पड़ा हुआ मिला। यात्रियों ने वीडियो भी बना लिया। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। लेकिन रविवार देर शाम डीएसपी सरोज कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि छुट्टी से लौटा हूं। मुझे सूचना नहीं थी। आप कह रहे हैं तो पता करवा रहा हूं। इधर तीर्थ यात्री दीपलाल, बालकृष्ण रामलाल का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता चिंता की बात है। हम श्रद्धा लेकर आए थे। बस में चोरी हो गई। ऐसी घटनाओं से गयाजी की छवि धूमिल होती है। प्रशासन को सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। पुलिस ने जांच शुरू करने की बात कही है। चोरी का मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
आइसक्रीम पार्लर में छत से घुसा चोर, 2.50 लाख कैश व 5 मोबाइल चुराए
शहर के व्यस्त इलाकों में से एक फाउंटेन चौक स्थित मशहूर बसंत आइसक्रीम पार्लर में तड़के बड़ी चोरी की वारदात सामने आई। सुबह करीब 4 बजे एक चोर साथ वाली बिल्डिंग की छत से नीचे उतरकर पार्लर में घुसा और कैश काउंटर का ताला तोड़कर 2 लाख 50 हजार रुपये नकद और 5 मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर फरार हो गया। पार्लर के मालिक भूपिंदर सिंह ने बताया कि सुबह उनके कर्मचारी ने फोन कर सूचना दी कि शटर खोलते ही कैश काउंटर का ताला टूटा मिला। तुरंत पुलिस को जानकारी दी गई। जब सीसीटीवी फुटेज देखी गई तो पता चला कि चोर ने अपना पूरा चेहरा ढका हुआ था और उसने करीब 40 मिनट तक पार्लर में घूमकर चोरी की योजना को अंजाम दिया।फुटेज में दिखाई दे रहा है कि आरोपी पहले पूरा पार्लर खंगालता है, इसके बाद कैश ड्रॉअर का लॉक तोड़कर रुपये और मोबाइल अपनी जेब में डालता है। फिर जैसे आया था, उसी रास्ते से—छत के रास्ते दूसरी बिल्डिंग में जाकर फरार हो जाता है। डिवीजन नंबर 8 के ड्यूटी अफसर हरदीप सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की है। उन्होंने कहा कि फुटेज के आधार पर आरोपी नशे का आदी लग रहा है। वह अकेला आया और वारदात को अंजाम देकर चला गया। चौक और नजदीकी बिल्डिंगों के कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इलाके में ऐसी वारदातों के बाद स्थानीय व्यापारियों में भी दहशत का माहौल है और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जा रही है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में धीवर समाज का युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मोबाइल के जरिए सभा को संबोधित किया, जबकि प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने व्यक्तिगत रूप से शिरकत की। छत्तीसगढ़ धीवर समाज महासभा रायपुर की ओर से रविवार को शहर के एकलव्य खेल परिसर में आयोजित इस प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में प्रदेशभर से 500 विवाह योग्य युवक-युवतियों ने मंच पर आकर अपना परिचय दिया। मुख्यमंत्री साय ने अपनी व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में उपस्थित न हो पाने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने धीवर समाज की एकता की सराहना की और आश्वासन दिया कि समाज की सभी मांगों को अवश्य पूरा किया जाएगा। प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने धीवर समाज की तेजी से हो रही प्रगति और सामाजिक एकता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मछुआरा समाज एक संगठित समाज है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने मछुआ कल्याण बोर्ड की स्थापना की है। मंत्री ने समाज के युवक-युवतियों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और उच्च शिक्षा के जुनून का भी जिक्र किया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जमीनी रजिस्ट्री शुल्क वृद्धि पर कहा कि आदेश अभी लागू रहेगा और इस विषय पर आगे विचार किया जाएगा। सिन्हा कलार समाज को 20 लाख रुपए भवन के लिए छत्तीसगढ़ के धमतरी में सिन्हा कलार समाज की ओर से युवक-युवती परिचय एवं पारिवारिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए। सम्मेलन में 70 से अधिक युवक-युवतियों ने अपना जीवनसाथी चुनने के उद्देश्य से परिचय दिया। मंत्री ने सिन्हा कलार समाज के भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। धमतरी में जिला स्तरीय सिन्हा कलार समाज की ओर से यह युवक-युवती परिचय और पारिवारिक सम्मेलन हर वर्ष नवंबर-दिसंबर माह में आयोजित किया जाता है। इस साल भी यह आयोजन हुआ, जिसमें जिले के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों से भी युवक-युवती अपना परिचय देने पहुंचे थे। कई प्रतिभागियों ने पहले से ही अपना पंजीकरण करा लिया था। इस मंच का मुख्य उद्देश्य युवक-युवतियों को दाम्पत्य जीवन से जोड़ने का अवसर प्रदान करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा थे। उनके अलावा छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा, कलाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष युवराज सिन्हा, धमतरी नगर निगम के महापौर रामू रोहरा सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। युवराज सिन्हा कलार समाज के प्रदेश अध्यक्ष युवराज सिन्हा ने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि ऐसे मंच समाज के सदस्यों को एक-दूसरे को जानने का अवसर प्रदान करते हैं, जो समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी कारण नवंबर-दिसंबर में हर जिले में ऐसे परिचय सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिससे समय की बचत होती है और योग्य वर-वधू की तलाश आसान होती है। मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि समाज का सम्मेलन हम सभी के बीच भाईचारा, प्रेम और संपर्क बढ़ाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में हम अपने सुख-दुख, समाज और संगठन की बातें साझा करते हैं, और समाज को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करते हैं। मंत्री वर्मा ने यह भी उल्लेख किया कि 50 साल पहले समाज काफी पिछड़ा हुआ था, लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं और सिन्हा कलार समाज निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सामान ऑर्डर करने के नाम पर 37,000 रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के मेहंदी हसन चौक स्थित एक दुकान के मालिक मो. आबिद ने मोबाइल पार्ट्स और सामान ऑनलाइन मंगवाया था, लेकिन पार्सल खोलने पर उसमें पानी की बोतलें मिलीं। उन्होंने ब्रह्मपुरा और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मो. आबिद के अनुसार, उन्होंने अर्शनवाज नाम के एक व्यक्ति से मोबाइल नंबर 976388764 पर संपर्क किया था। बातचीत के बाद, उन्हें 51 प्रकार के सामान के लिए 36,620 रुपए का बिल भेजा गया। पैकिंग शुल्क सहित कुल 37,000 रुपए का भुगतान PhonePe के माध्यम से ठग की ओर से दिए गए नंबर- 6398928578 पर किया गया। आबिद ने यह राशि दो अलग-अलग UTR नंबरों के जरिए ट्रांसफर की थी। ऑर्डर में मिली पानी की बोतल 6 दिसंबर 2025 को 'अतुल कुरियर्स लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' की ओर से यह पार्सल मो. आबिद की दुकान पर पहुंचाया गया। पार्सल खोलने पर, ऑर्डर किए गए मोबाइल पार्ट्स और अन्य वस्तुओं के बजाय, उन्हें केवल पानी की बोतलें मिलीं, जिससे वे ठगी का शिकार होने का एहसास हुआ। इस धोखाधड़ी के बाद, मो. आबिद ने पुलिस से ठगी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने आवेदन के साथ धोखाधड़ी से संबंधित बिल, बैंक ट्रांजैक्शन रसीदें और पार्सल की तस्वीरें साक्ष्य के तौर पर संलग्न की हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच कर रही है।
झांसी में पिता को पीटकर बेटे ने सुसाइड कर लिया। वह शराब पीने का आदी था। शनिवार रात को भी शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था। नहीं देने पर झगड़ा कर पिता से मारपीट कर दी। इसके बाद वह रातभर मोबाइल चलाता रहा। सुबह परिजन जगे तो फंदे पर लटका था। परिजन फंदे से उतारकर जिला अस्पताल ले गए। जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस शब कब्जे में लेकर मामले की जांच कर रही है। पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के छनियापुरा मोहल्ले का है। अक्सर झगड़ा करता था युवक मृतक का नाम पंकज साहू (22) पुत्र ओमप्रकाश साहू था। वह कोतवाली क्षेत्र के छनियापुरा मोहल्ले का रहने वाला था। मृतक के चचेरे भाई राजेश साहू ने बताया- पंकज शराब पीने का आदी था। वो नशा करने घरवालों और मोहल्ले के लोगों से झगड़ा करता था। शनिवार रात को शराब पिए था। अपने पिता से शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगा। मना करने पर पंकज ने अपने पिता से मारपीट कर दी। मुझे बहन का कॉल आया तो मैंने समझाया तो मामला शांत हो गया। रात को पंकज लेट गया। सुबह 3 बजे पिता जगे तो वह मोबाइल चला रहा था। सुबह देखा तो वह फांसी पर लटका था। परिजन उतारकर जिला अस्पताल ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मां की पहले हो चुकी थी मौत पंकज साहू की मौत के बाद परिजन सदमे में हैं। पंकज दुकान पर काम करता था, जबकि उनके पिता लाइट का काम करते हैं। दो भाइयों में पंकज बड़ा था। छोटे का नाम सोनू है। दोनों अविवाहित है। जबकि पंकज की दो बहनों भारती और पूनम की पहले ही मौत हो चुकी है। पंकज की मां की लगभग 9 साल पहले मौत हो गई थी।
ब्लैकमेलिंग-ऑनलाइन फ्रॉड गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार:3.60 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन बरामद
बाराबंकी में साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल और देवा पुलिस की संयुक्त टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए ब्लैकमेलिंग और ऑनलाइन टास्क के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक सक्रिय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने उनके कब्जे से 3 लाख 60 हजार रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान राजन सिंह (पुत्र तेज सिंह, निवासी मोहल्ला कचेहरान व कटरा, थाना देवा, बाराबंकी) और अनूप कुमार (पुत्र शत्रोहन लाल, निवासी अड़ौरा, थाना देवा) के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्त एक संगठित और शातिर साइबर गैंग का हिस्सा हैं। यह गिरोह टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर अश्लील वीडियो कॉल व कंटेंट भेजकर पीड़ितों को ब्लैकमेल करता था। वे 'वर्क फ्रॉम होम', 'ऑनलाइन टास्क' और 'निवेश कर पैसे कई गुना करने' जैसी लुभावनी स्कीमें दिखाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पीड़ितों का विश्वास जीतने के बाद, वे उनके मोबाइल पर स्कैनर, वीपीए लिंक और फर्जी बैंक खाते की जानकारी भेजकर धनराशि ट्रांसफर करवा लेते थे। राजन सिंह ने अपने पिता का नाम बदलकर एयरटेल पेमेंट्स बैंक में एक फर्जी अकाउंट भी खोल रखा था, जिसका उपयोग धोखाधड़ी के लेन-देन के लिए किया जाता था। इस गिरोह के दो अन्य सदस्य, यशराज सिंह (पुत्र जैनेन्द्र सिंह) और सिद्धार्थ तिवारी (पुत्र संजय तिवारी, निवासी इस्माईलगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ) अभी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। उनके बैंक खातों और तकनीकी नेटवर्क की भी गहन जांच की जा रही है। बाराबंकी पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अज्ञात नंबरों से आने वाले वीडियो कॉल, अश्लील कंटेंट या संदिग्ध संदेशों से सावधान रहें। 'घर बैठे नौकरी', 'ऑनलाइन टास्क' या 'पैसे दोगुना' करने जैसे किसी भी लुभावने ऑफर से बचें। किसी भी साइबर धोखाधड़ी की सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
30 लाख रुपये के 160 खोए मोबाइल बरामद:बाराबंकी में सर्विलांस सेल व थाना पुलिस ने स्वामियों को सौंपे
बाराबंकी पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत 160 गुम हुए मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइलों की अनुमानित कीमत 30 लाख रुपये बताई गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के निर्देश पर सर्विलांस सेल और विभिन्न थाना पुलिस की संयुक्त टीमों द्वारा की गई। पुलिस अधीक्षक ने गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए सर्विलांस टीम और थानों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों का पालन करते हुए, टीमों ने CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल का उपयोग किया। तकनीकी विश्लेषण, IMEI ट्रैकिंग और लोकेशन आधारित जांच के माध्यम से इन मोबाइलों का पता लगाया गया। देखें, 5 तस्वीरें... बरामद किए गए सभी मोबाइल फोन पुलिस लाइन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उनके वास्तविक स्वामियों को सौंप दिए गए। अपने गुम हुए फोन वापस मिलने पर लोगों ने बाराबंकी पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया। बाराबंकी पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि मोबाइल फोन गुम या चोरी होने की स्थिति में तत्काल नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं अथवा CEIR पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें। पुलिस के अनुसार, यह पोर्टल मोबाइल को ब्लॉक करने, ट्रैक करने और उसकी शीघ्र बरामदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समस्तीपुर में सड़क हादसे में मोबाइल दुकानदार की मौत हो गई। विरोध में ग्रामीण और परिजनों ने रोड जाम कर दिया। टायर जलाकर प्रदर्शन किया। मृतक की पहचान वार्ड 10 निवासी गंगासागर साह के पुत्र उपेश कुमार(27) के तौर पर हुई है। घटना रोसड़ा थाना क्षेत्र की है। भाई मिथिलेश कुमार ने बताया कि उपेश मब्बी चौक पर मोबाइल की दुकान चलाता था। साथ ही वीडियोग्राफी का भी काम करता था। 2 बच्चे हैं। एक बेटा 3 साल का और दूसरे 1 साल का है। शनिवार दोपहर घर से निकला था, इसके बाद वापस नहीं लौटा। रात में सड़क हादसे में घायल होने की सूचना मिली। जिसके बाद परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे। घायल को पहले प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर गए। जहां से डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके बाद बेगूसराय लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद शव को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। जांच में जुटी पुलिस जाम की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष लाल बाबू ने बताया कि हादसे में एक युवक की मौत हुई है। आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटवा दिया गया है। परिजनों से लिखित आवेदन मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अपने स्तर से छानबीन कर रही है।
दुर्ग जिले में ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के नाम पर धोखाधड़ी और झपटमारी का मामला सामने आया है। वारदात खमतराई इलाके की है, जहां एम.कॉम का छात्र अपना मोबाइल बेचने गया था, लेकिन मौका पाकर बाइक सवार बदमाश 22 हजार रुपए में खरीदने की बात करते-करते उसका मोबाइल फोन, चार्जर और बिल समेत पूरा बॉक्स झपटकर फरार हो गए। ओलएक्स पर डाला था एड खमतराई निवासी रोहित देवांगन (22 वर्ष) रोज की तरह पढ़ाई में व्यस्त था। उसने अपना मोबाइल फोन बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। 5 दिसंबर की सुबह उसके पास कुम्हारी के एक मोबाइल नंबर से संपर्क हुआ। कॉल करने वाले ने खुद को खरीदार बताते हुए फोन खरीदने में रुचि दिखाई और सौदा आगे बढ़ाने के लिए उसे रायपुर-दुर्ग रोड स्थित टाटीबंध पेट्रोल पंप के पास बुलाया। बाइक सवार दे थे दो युवक रोहित अपने दोस्त दीपक साहू के साथ स्कूटी से तय स्थान पर पहुंचा। वहां कुछ देर बाद एक बाइक पर 24-25 साल के दो युवक पहुंचे। दोनों ने मोबाइल बॉक्स देखा, फोन चेक किया और 22,000 रुपए में खरीदने की सहमति जताई। उन्होंने रोहित से कहा कि उनके पास कैश नहीं है, वे कुम्हारी के एटीएम से पैसे निकालकर तुरंत दे देंगे। इस पर रोहित ने फोन, चार्जर और बिल को वापस बॉक्स में रखकर उनके साथ कुम्हारी की ओर चल पड़ा। मौका पाकर झपटा फोन, कुम्हारी की तरफ भागे जैसे ही तीनों वाहन टोल प्लाजा पार कर अमृततुल्य चाय दुकान के सामने पहुंचे, तभी बाइक सवार दोनों युवक अचानक रोहित की स्कूटी के बिल्कुल पास आ गए। इससे पहले कि रोहित कुछ समझ पाता, पीछे बैठे युवक ने उसके हाथ में पकड़ा हुआ मोबाइल का बॉक्स जोर से झपट लिया और स्पीड से भगाते हुए कुम्हारी की ओर फरार हो गए। छात्र रोहित ने वारदात के बाद कुछ दिनों तक अपने स्तर पर मोबाइल की खोजबीन की, लेकिन जब हार गया तो उसने 6 दिसंबर को कुम्हारी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दुकान का ताला तोड़ 20 मोबाइल और नकदी चोरी
भास्कर न्यूज | विभूतिपुर अज्ञात चोरों ने शुक्रवार की रात दलसिंहसराय के मुख्य पथ पर स्थित साक्षी मोबाइल इलेक्ट्रिक दुकान को निशाना बनाया और लगभग ढाई लाख रुपये की संपत्ति की चोरी कर ली। चोरों ने लगभग 20 मोबाइल फोन,करीब 10 हेडफोन, गल्ले से ₹20,000 नकद,सीसीटीवी कैमरे का हार्ड डिस्क और अन्य सामान की चोरी कर लिया है। घटना के संबंध में शिवनाथपुर निवासी उमेश प्रसाद सिंह के पुत्र दुकान संचालक पप्पू कुमार ने बताया कि 6 दिसंबर शनिवार की सुबह करीब 9:00 बजे जब वह दुकान खोलने पहुंचा, तो दुकान का ताला टूटा मिला। शटर उठाकर देखा तो भीतर का सारा सामान गायब था। वहीं इधर-उधर खोजबीन के दौरान चोरी किए गए मोबाइलों के सभी खाली डिब्बे (खोला) सिंघिया घाट बालिका उच्च विद्यालय के पीछे फेंका मिला है। इस घटना को लेकर पप्पू कुमार ने इस स्थानीय थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से मामले की गंभीरता से जांच करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।
गोपालगंज मॉडल सदर अस्पताल में बिजली गुल होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग ढाई घंटे तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा, जिसके कारण एक मरीज के टूटे हुए हाथ का प्लास्टर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया। इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना तब सामने आई जब अस्पताल में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। मरीज और उसके परिजन अंधेरे में प्लास्टर करवाते समय काफी चिंतित थे। उन्हें इस बात का डर था कि अपर्याप्त रोशनी में किया गया प्लास्टर सही तरीके से हुआ होगा या नहीं। मरीज बोला- समझ नहीं पा रहा, प्लास्टर सही हुआ या नहीं प्लास्टर कराने आए एक युवक ने बताया, हम यहां एक से दो घंटे से हैं, लेकिन काफी देर से बिजली कटी हुई है। मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर अपने हाथ का प्लास्टर करवाया है। अब ऐसे में मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूं कि मेरा प्लास्टर सही हुआ भी है या नहीं। युवक ने आगे कहा कि उसने सुना है कि यह मॉडल अस्पताल 43 करोड़ रुपये की लागत से बना है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। उसने सीसीटीवी कैमरे न होने और मरीजों को ठीक से इलाज न मिलने की भी शिकायत की। कई अन्य मरीज भी बिजली आने का इंतजार कर रहे थे। मॉडल अस्पताल होने के बावजूद जेनरेटर की व्यवस्था न होना या उसका उपयोग न करना एक गंभीर चूक मानी जा रही है। इस लापरवाही से मरीजों की जान जोखिम में पड़ने की संभावना है। अस्पताल प्रशासन को इस मामले की तुरंत जांच कर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
वाराणसी के भेलूपुर थाना अंतर्गत खोजवा चौकी के पास स्थित बाबा कीनाराम हास्पिटल की छत पर लगे जियो और एयरटेल के मोबाइल नेटवर्क टावर में अचानक आग लग गई। आसपास के लोगों ने जब धुआँ उठते देखा तो तुरंत शोर मचाते हुए घटना की जानकारी पुलिस और दमकल विभाग को दी। देखते ही देखते आग की लपटें ऊँची होने लगीं। सूत्रों के अनुसार टावर के पैनल में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिसके कारण आग तेजी से फैल गई। हवा के कारण आग ने कुछ ही मिनटों में पूरे पैनल को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के समय छत पर कोई तकनीकी कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे किसी तरह की जनहानि होने से बचाव हो गया। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। दमकल कर्मियों ने लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। आग बुझाने में स्थानीय लोगों ने भी फायर ब्रिगेड की मदद की। यदि समय रहते आग पर नियंत्रण नहीं पाया जाता तो यह आस-पास की इमारतों तक फैल सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। खबर अपडेट हो रही...
पंजाब के लुधियाना में लोहारा डाबा रोड पर मोबाइल झपटमारी की घटना सामने आई है। गली में चारपाई पर सो रही महिला के हाथ में मोबाइल पकड़ा हुआ था। बाइक सवार दो झपटमार मोबाइल छीन कर फरार हो गए। महिला ने स्नेचरों का पीछा भी किया लेकिन वह पकड़े नहीं गए। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में ये घटना कैद हो गई। इस वारदात के बाद इलाके के लोगों में सहम है। लोगों का कहना है कि अब वह गली में बैठे भी सुरक्षित नहीं है। हाथ से छीना बदमाशों ने मोबाइल जानकारी देते हुए पीड़ित महिला गीता ने कहा कि में घर के बाहर गली में चारपाई लगाकर लेटी हुई थी। मुझे शुगर है, इस कारण मुझे नींद भी आ गई। तभी बाइक सवार दो लड़के आए। ये दोनों लड़के काफी समय से इलाके में चक्कर लगा रहे थे। मेरे हाथ में पकड़ा मोबाइल छीन कर दोनों लुटेरे फरार हो गए। मैंने लुटेरों का पीछा करने की भी कोशिश की लेकिन वह पकड़े नहीं गए। अक्सर इलाके में नशेड़ी युवक इस तरह की वारदातें करते है। इलाके में पुलिस की पेट्रोलिंग ना होने के कारण इन अपराधियों को हौंसले बढ़ चुके है। सीसीटीवी से पुलिस करे आरोपियों की पहचान गीता ने कहा कि ये इलाके में झपटमारी की कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अक्सर मोबाइल झपटमारी की वारदातें इलाके में होती है। मेरा मोबाइल वीवो कंपनी का था। करीब 20 से 25 हजार रुपए का मोबाइल था जो लुटेरे ले गए। इस घटना के बाद अब लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। पुलिस प्रशासन से मांग है कि आरोपियों की सीसीटीवी जरिए पहचान कर पकड़ा जाए।
डीग जिले में पुलिस ने 'ऑपरेशन एंटीवायरस' अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है। कामा, सीकरी, जुरहरा और पहाड़ी थाना क्षेत्रों में दबिश देकर 26 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठग सोशल मीडिया पर सस्ती दुधारू गाय-भैंस बेचने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करते थे। पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने ठगों के पास से 29 मोबाइल फोन और 17 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए सभी ठगों से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है। साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न ऐप्स के माध्यम से अपनी ठगी को अंजाम देते थे। वे दुधारू नस्ल के पशुओं के फर्जी वीडियो और फोटो पोस्ट कर किसान और मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाते थे। ठग फोन पर सस्ते दामों में दुधारू गाय देने का लालच देते थे और फिर उनसे ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर पैसे डलवा लेते थे। इसके बाद, वे एक फर्जी लोकेशन बताकर कहते थे कि पशु रास्ते में है। फिर बिल्टी चार्ज और गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर कई हजार रुपए और डलवाकर ठगी को अंजाम देते थे। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए ठगों से पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
सिरसा में तीन बच्चों को छोड़ विवाहिता फरार:बिना बताए घर से निकली, मोबाइल भी बंद, युवक पर जताया शक
सिरसा जिले में एक विवाहिता तीन बच्चों को लेकर छोड़कर मिसिंग हो गई। 33 वर्षीय महिला दो दिन पहले अपने घर से बिना बताए चली गई। अब महिला के पति ने एक युवक पर शक जताया है। जिस पर झांसे में लेकर उसे भगा ले जाने का आरोप लगा है। संदिग्ध युवक का नाम भी पुलिस को बता दिया है। उसके बारे में भी कोई सुराग नहीं लगा है। विवाहिता के पति का कहना है कि उसका फोन बंद आ रहा है, कोई पता भी नहीं चल पा रहा। लोकेशन नहीं हो पा रही ट्रेस मामले में महिला के पति ने पुलिस को गुमशुदगी की शिकायत दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अभी उसका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। इस कारण उसकी लोकेशन भी ट्रैस नहीं हो पाई है। इससे परिवार की चिंता बढ़ गई है। उसके मायके से भी पता नहीं चला है। 14 साल पहले हुई थी शादी पुलिस को दी शिकायत में जिले के एक गांव के व्यक्ति ने बताया कि उसकी शादी को करीब 14 साल बीत गए और उसकी तीन बेटियां है। पत्नी की उम्र करीब 33 साल है और वह घरेलू कामकाज करती है। बुधवार दोपहर को वह और उसकी पत्नी व बच्चे घर पर ही थे। तभी उसकी पत्नी अचानक घर से चली गई और जाते समय किसी को कुछ बताया भी नहीं। उन्होंने उसके बारे में आसपास के लोगों व रिश्तेदारी में पता किया, पर उसका कहीं पता नहीं चला। पुलिस से मांग की है कि उसकी पत्नी की तलाश की जाए।
बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के बिछलखा गांव से गुरुवार शाम तीन नाबालिग लड़कियां लापता हो गईं। क्रांति (13), संतोषी (15) और काजल (12) के रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस ने जांच के दौरान गांव के पास एक दुकान के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में तीनों लड़कियां खेत की ओर एक ही दिशा में पैदल जाती हुई दिखाई दीं। इस फुटेज से पुलिस को उनकी संभावित गतिविधियों का अनुमान लगाने में मदद मिली। तकनीकी जांच में मोबाइल लोकेशन एक महत्वपूर्ण सुराग साबित हुई। लोकेशन ट्रैकिंग से पता चला कि लड़कियां बाराबंकी से लखीमपुर जनपद के गोला गोकरननाथ क्षेत्र में पहुंची थीं। सूचना के आधार पर बाराबंकी पुलिस ने लखीमपुर पुलिस से समन्वय स्थापित किया। देर रात तीनों लड़कियों को सकुशल बरामद कर लिया गया और सुरक्षा के साथ बाराबंकी के लिए रवाना किया गया। बाराबंकी के एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बच्चियों के लापता होने की सूचना मिलते ही पुलिस टीमों को सक्रिय कर दिया गया था। तकनीकी सर्विलांस की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। उन्होंने कहा, तीनों बच्चियों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। उनसे पूछताछ कर आगे की जानकारी जुटाई जाएगी कि वे वहां कैसे पहुंचीं। बच्चियों की तस्वीरें देखिए...
यूपी के गोरखपुर में जीआरपी (GRP) ने 19 नवंबर को 55 लाख रुपए कीमत के 248 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाए। मेरठ रेंज की पुलिस इस साल 5 हजार मोबाइल रिकवर करके लोगों को वापस कर चुकी है। ये वो मोबाइल हैं, जो चोरी या खो चुके थे। इन मोबाइलों की रिकवरी संभव हुई है सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल से। प्रदेश में अक्टूबर–2025 में इस पोर्टल पर मोबाइल गुम होने या ब्लॉक करने की करीब पौने 3 लाख शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 57761 मोबाइल बरामद कर लिए गए। आंकड़े बताते हैं कि अब जो मोबाइल रिकवर होते हैं, उसमें 50 फीसदी रिकवरी इसी पोर्टल की वजह से हो पा रही है। केंद्र सरकार का मोबाइल एप ‘संचार साथी’ इसी पोर्टल का ही हिस्सा है जिस पर देशभर में हल्ला मचा। हालांकि, भारी विरोध के बाद इसे सरकार ने ऐच्छिक कर दिया है। आखिर गुम मोबाइल कैसे बरामद होते हैं? गुम मोबाइलों की कंप्लेंट रजिस्टर करने की प्रक्रिया क्या है? पुलिस कैसे उन्हें ढूंढती है? लूट-चोरी के मोबाइलों को खपाने का नेटवर्क क्या है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... सबसे पहले तीन केस स्टडी DIG बोले– मोबाइल चालू होते ही लोकल पुलिस के पास आता है अलर्ट CEIR पोर्टल पर इन मोबाइलों की शिकायत और रिकवरी का प्रोसेस समझने के लिए हमने मेरठ रेंज के DIG कलानिधि नैथानी से बात की। उन्होंने बताया– भारत सरकार के दूरसंचार विभाग का एक पोर्टल सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (ceir.gov.in) है। यदि किसी का मोबाइल कहीं चोरी या गुम हुआ है तो संंबंधित व्यक्ति उस पोर्टल पर कंप्लेंट रजिस्टर कर सकता है। एक प्रावधान तो ये होता है कि व्यक्ति संबंधित पुलिस स्टेशन पर जाकर अपनी शिकायत दे सकता है। दूसरा माध्यम ये पोर्टल है। एफआईआर के साथ–साथ इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने से ये फायदा होता है कि भविष्य में कभी भी अगर वो फोन चालू होगा तो एक अलर्ट जारी हो जाता है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र से चोरी हुआ फोन अगर मेरठ में चालू होता है तो मेरठ में लोकल पुलिस के पास अलर्ट मैसेज आ जाता है। हर जिले में साइबर सेल को इसका नोडल बनाया गया है। फिर हम लोकल स्तर पर एक टीम गठित करके उस मोबाइल को रिकवर करना सुनिश्चित करते हैं। DIG ने बताया– मैं हाल ही में हापुड़ जिले के एक थाने पर गया। वहां मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला, जिसका मोबाइल दो साल पहले खो गया था और इसी पोर्टल के जरिए अपना मोबाइल पाकर वो काफी खुश था। मेरठ रेंज में इस साल पांच हजार से ज्यादा फोन इसी पोर्टल के जरिए रिकवर हो चुके हैं। यूपी से चीन, दुबई, नेपाल तक बिकने जाते हैं लूट–चोरी के मोबाइल मेरठ पुलिस ने अक्टूबर–2019 में मोबाइल चोरों का इंटरनेशनल गैंग पकड़ा था। करीब एक करोड़ रुपए कीमत के मोबाइल रिकवर हुए थे। ये गैंग मेरठ में ब्रह्मपुरी का शरद गोस्वामी चला रहा था। शरद सहित 7 आरोपी पकड़े गए थे। खुलासा हुआ था कि लूट–चोरी के मोबाइलों की सप्लाई चीन, दुबई, नेपाल तक होती है। शरद गोस्वामी ने ऐसा गैंग तैयार कर रखा था, जो सरेराह लोगों से मोबाइल लूटता था। इसके बाद 100–100 के पैकेट तैयार करके ये मोबाइल विदेश भेजे जाते थे। मेरठ के अलावा भी यूपी के कई शहरों में इसी तरह के गैंग पकड़े गए हैं। दरअसल, भारत के मोबाइल जब विदेश में जाकर बिक जाते हैं तो उन्हें ट्रैक करना संभव नहीं होता। क्योंकि भारत के मोबाइल में जो IMEI नंबर होता है, वो विदेश में रन नहीं हो पाता। इसलिए अगर लूट–चोरी का मोबाइल एक बार विदेश चला गया तो पुलिस उसे कभी ट्रैक नहीं कर सकेगी। संचार साथी एप बताएगा फोन चोरी का है या नहीं? हाल ही में संचार साथी एप का मामला चर्चाओं में है। दरअसल, ये एक साइबर सिक्योरिटी टूल है। ये 17 जनवरी 2025 को मोबाइल एप के रूप में पेश किया गया। सरकार के अनुसार– अगस्त 2025 तक 50 लाख से अधिक बार इस एप को डाउनलोड किया जा चुका है और इस एप के जरिए अब तक 37 लाख गुम मोबाइलों को खोजा जा चुका है। बीते दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आईं कि सरकार इस एप को नए फोन में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल कराने जा रही है। विपक्ष ने इसका खूब विरोध किया। जिसके बाद सरकार ने स्पष्ट कहा है कि नए मोबाइल्स में इस एप की अनिवार्यता नहीं है। यूजर्स अपनी इच्छा के मुताबिक इस एप को इंस्टॉल या अन-इंस्टॉल कर सकते हैं। यूजर्स जब इस एप को फोन में खोलते हैं तो सबसे पहले ये मोबाइल नंबर मांगता है। नंबर डालने पर एक OTP आता है। OTP दर्ज करते ही वो फोन इस एप से कनेक्ट हो जाता है। इसके बाद ये एप फोन के IMEI नंबर को पहचान लेता है और उसको दूरसंचार विभाग की सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) के डेटाबेस से जांचता है। इससे ये पता चल जाता है कि मोबाइल कहीं चोरी की तो नहीं, कोई एफआईआर तो नहीं, या चोरी का मामला तो दर्ज नहीं। फोन ब्लैक लिस्टेड तो नहीं है। ये एप हिन्दी और 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। -------------------- ये खबर भी पढ़ें... कफ सिरप का मास्टरमाइंड गिड़गिड़ाया, बोला-बेगुनाह हूं:योगीजी जांच करवाइए...सबूत दूंगा; अखिलेश भ्रम न फैलाएं मैंने कोई जहरीली सिरप नहीं बेची। मेरी द्वारा बेची गई दवाओं से बच्चों की मौत नहीं हुई। मैं क्लियर करना चाहता हूं, ये सभी बातें झूठी हैं। फेंसिडिल (Phensydil) सिरप न तो जहरीली है, न ही प्रतिबंधित है। न ही इससे बच्चों की मौत हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश और अन्य नेताओं से मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी राजनीति न करें। लोगों को भ्रम में न डालें। मैं सीएम योगी से हाथ जोड़कर कहता हूं कि मैं बेगुनाह हूं। मुझे फंसाया जा रहा है। सीएम जी, हमारी मदद कीजिए। आप जांच करा लीजिए। मेरे पास हर तरह के सबूत हैं। पढ़ें पूरी खबर
दुकान से सेल्समैन का मोबाइल चुराया, केस
उदयपुर| सूरजपोल थाना क्षेत्र में एक व्यापारी ने बदमाश के खिलाफ दुकान से सेल्समैन का मोबाइल चुरा ले जाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार नवरत्न कॉम्पलेक्स निवासी छोटू सिंह ने रिपोर्ट दी कि उदियापोल के पास उनकी जी3 टेलीकॉम नाम से मोबाइल शॉप है। गत 3 दिसंबर को एक बदमाश मोबाइल खरीदने के बहाने आया। मौका पाकर सेल्समैन विक्रम सिंह का मोबाइल चुराकर भाग गया। उन्होंने सीसीटीवी चेक किए। इसमें घटनाक्रम रिकॉर्ड है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हिसार जिले के गांव सुलखनी स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्टाफ द्वारा स्कूल समय में मोबाइल फोन का उपयोग किए जाने की शिकायतों के बाद प्रिंसिपल राजकुमार श्योराण ने सख्त रुख अपनाया है। प्रिंसिपल ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला के उन स्टाफ सदस्यों को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किए हैं, जो लगातार निर्देशों के बावजूद स्कूल समय में मोबाइल जमा नहीं कर रहे और उनका उपयोग कर रहे हैं। कई बार दिए आदेश, फिर भी नहीं मिला पालन प्रिंसिपल राजकुमार श्योराण ने बताया कि पिछले 6 महीनों के दौरान स्टाफ को कई बार लिखित आदेश जारी किए गए। एसएमसी की बैठक में भी निर्णय लिया गया था कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए स्कूल समय में किसी भी स्टाफ सदस्य को मोबाइल प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद भी परिसर में संचालित प्राथमिक विद्यालय के कई शिक्षकों द्वारा इस नियम की लगातार अवहेलना की गई। उन्होंने बताया कि सितंबर में भी नई चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन उसके बावजूद कुछ स्टाफ सदस्यों के मोबाइल प्रयोग करने की शिकायतें बढ़ती रहीं। हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी हिसार द्वारा भी सभी सरकारी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए गए कि कक्षा के समय किसी भी कर्मचारी द्वारा मोबाइल का उपयोग नहीं किया जाएगा। स्कूल प्रशासन ने यह आदेश स्टाफ को अवगत भी कराए, मगर स्थिति जस की तस बनी रही। बच्चों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल प्रिंसिपल द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि कुछ स्टाफ सदस्य यह तर्क दे रहे हैं कि वे ठेकेदारी या अन्य निजी कार्य करते हैं, इसलिए उन्हें मोबाइल रखने की आवश्यकता रहती है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण कई बार बच्चे कक्षा से बाहर निकलकर तालाब की ओर चले जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ है और बेहद गंभीर है। यहां देखें, स्टॉफ को जारी किए गए लेटर की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रिंसिपल का लेटर प्रिंसिपल द्वारा स्टाफ को लिखे गए नोटिस की कॉपी गुरुवार को सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। वायरल लेटर में स्टाफ की लापरवाही, मोबाइल पर निजी काम करने और बच्चों पर ध्यान न देने की बात साफ तौर पर दर्ज है। इससे क्षेत्र में भी स्कूल स्टाफ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आगे होगी कार्रवाईप्रिंसिपल राजपाल श्योराण ने कहा कि प्राथमिक स्कूल के स्टाफ को तीन दिन का समय दिया गया है। यदि निर्धारित समय में स्पष्ट व संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता, तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई और सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुंगेली जिले के जरहागांव में पुलिस ने सट्टा लिखते एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी रितिक साहू (25) को मोबाइल और कागज पर सट्टा पट्टी लेते हुए पकड़ा गया। वह आम लोगों को पैसे का लालच देकर अंकों पर दांव लगवा रहा था। पुलिस ने आरोपी रितिक साहू के पास से सट्टे से अर्जित 4,500 रुपये नकद, एक सट्टा पट्टी, एक डॉट पेन और 10,000 रुपये कीमत का एक मोबाइल फोन जब्त किया है। जब्त की गई कुल सामग्री की कीमत 14,500 रुपये है। सट्टेबाजी पर पुलिस की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने जिले में सट्टे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में जरहागांव पुलिस और साइबर सेल ने मुखबिर की सूचना पर ग्राम जरहागांव में यह कार्रवाई की। रितिक साहू के खिलाफ छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 6 के तहत अपराध क्रमांक 187/25 दर्ज किया गया है। उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। आरोपी का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड भी संलग्न किया गया है।
कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में साइबर ठगों ने शादी का कार्ड भेजकर टेलर के साथ 2.20 लाख रुपए का फ्रॉड कर लिया। वॉट्सऐप पर आए कार्ड पर क्लिक करते ही मोबाइल में एप्लिकेशन इंस्टॉल हुई और मोबाइल हैंग हो गया। जब तक टेलर को पता चला, उसके खाते से पैसे ट्रांसफर हो चुके थे। सुखदेव गांव के सुखदेव सिंह ने बताया कि वह गांव में ही टेलर का काम करता है और दिव्यांग है। कुछ दिन पहले उसके वॉट्सऐप पर शादी का निमंत्रण कार्ड आया। बच्चों ने उसे खोलकर देख लिया, इसके बाद उसका मोबाइल हैंग हो गया। खोलकर देखो किसकी शादी ये मैसेज उसके स्कूल के बच्चों के टीचर के मोबाइल नंबर से आया था। बच्चों ने मैसेज देखा, तो उस पर लिखा था, 10 तारीख को शादी है। खोलकर देखो किसकी शादी है। बच्चों ने टीचर का नंबर देखकर उस कार्ड को खोल लिया। हालांकि बाद में उसने टीचर से पूछताछ भी की, लेकिन ठगों ने उनको मोबाइल को हैंक करके सबके पास मैसेज भेज रखा था। कार्ड खोलते ही एप हुई डाउनलोड कार्ड खोलते ही मोबाइल में ऐप डाउनलोड हो गई। बच्चों ने और उसने ऐप को डिलीट करने की कोशिश भी की, लेकिन ऐप डिलीट नहीं हुई। उसने फोन भी बंद करना चाहा, लेकिन नहीं हुआ। इस दौरान उसके अकाउंट से 70 हजार रुपए और दूसरे अकाउंट से 4 बार में करीब डेढ़ लाख रुपए ट्रांसफर हो गए। फोन का सॉफ्टवेयर नया डलवाना पड़ा बाद में उसे अपने फोन का सॉफ्वेयर नया डलवाना पड़ा, जिसके बाद उसने हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दी। उधर, साइबर थाना के SHO महेश कुमार ने बताया कि पुलिस साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करती है। ये भी बताया जाता है कि किसी भी लिंक को ओपन ना करें। फिलहाल पुलिस ने शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
दुर्ग जिले में ऑनलाइन क्रिकेट में सट्टा लगाने वाले 12 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रायपुर में 3 दिसंबर को हुए भारत-दक्षिण अफ्रीका ODI मैच पर आरोपी मोबाइल ऐप के जरिए सट्टा लगवा रहे थे। जिले के 3 थानों की पुलिस सिटी कोतवाली, पुलगांव और धमधा थाना क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा है। उनके कब्जे से लगभग 2 लाख रुपए नकद और 15 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। हर दांव पर 3 प्रतिशत कमीशन लेते थे हाल ही के महीनों में जुआ प्रतिबंध अधिनियम के तहत यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सिटी कोतवाली पुलिस को 3 दिसंबर को सूचना मिली थी कि तांदुला जलाशय के पास राजेंद्र पार्क के सामने एक युवक मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा संचालित कर रहा है। टीम ने मौके पर छापा मारकर दिनेश बंजारे (31 वर्ष) को सट्टा खिलाते हुए रंगेहाथ पकड़ा। पूछताछ में दिनेश ने बताया कि उसे सट्टा आईडी 'MYbet777.co' आरोपी अंकित मेडे ने उपलब्ध कराई थी। दिनेश हर दांव पर 3% कमीशन लेता था और इसी आईडी से वह आकाश नंदनवार (25 वर्ष) को भी 2% कमीशन पर दांव लगवाता था। पुलिस ने दिनेश के पास से एक लाख रुपए नकद और दो मोबाइल फोन, जबकि आकाश के पास से 50 हजार रुपए नकद और एक मोबाइल फोन जब्त किया। सूचना मिलते ही पुलगांव थाना पुलिस ने दी दबिश पुलगांव थाना क्षेत्र में भी पुलिस को ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा लगाए जाने की सूचना मिली। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए टीमन बंजारे (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया। जांच में टीमन ने बताया कि वह अपने दोस्त पवन तांबूले के जरिए सट्टा आईडी बनवाकर दांव लगवाता था। पुलिस ने उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन (वीवो और सैमसंग) जब्त किए। धमधा थाना क्षेत्र में भी पुलिस ने एक ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसे आठ लोगों की टीम चला रही थी। धमधा पुलिस की कार्रवाई धमधा थाना क्षेत्र में बाजारपारा मंगल भवन के पास पुलिस ने एक और बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। यहां शशांक शर्मा (24 वर्ष) अपने मोबाइल से क्रिकेट, कल्याण और राजधानी नाइट पर ‘ऑनलाइन सट्टा पट्टी’ लिखता पाया गया। मौक़े पर उपस्थित तुकाराम शर्मा, राकेश सिन्हा, धर्मराज वर्मा, देवचरण साहू, संजय कहार, थान सिंह यादव और शेखर साहू के मोबाइल फोन भी चेक किए गए। सभी के मोबाइल में सट्टा लेनदेन से जुड़े चैट, स्क्रीनशॉट और रिकॉर्डिंग मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यहां से पुलिस ने 10 मोबाइल और ₹31,200 नकद जब्त किया। न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए आरोपी सभी मामलों में सिटी कोतवाली, पुलगांव और धमधा थानों में आरोपियों के खिलाफ धारा 7, छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपी 1. दिनेश बंजारे (31) 2. आकाश नंदनवार (25) 3. टीमन बंजारे (26) 4. पवन तांबूले 5. शशांक शर्मा (24) 6. तुकाराम शर्मा (45) 7. राकेश सिंह (32) 8. धर्मराज वर्मा (29) 9. देवचरण साहू (25) 10. संजय कर (32) 11. थान सिंह यादव (37) 12. शेखर साहू (28)
कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सके। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कदम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। यह एक जासूसी एप है। सरकार हर नागरिक की निगरानी करना चाहती है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? सवाल 1: संचार साथी मोबाइल एप क्या है, यह एप मेरे लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब: यह केंद्र सरकार का एक डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। इसे 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी ये मौजूद है। इसके जरिए आम लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे… सवाल 2: संचार एप का विरोध क्यों हो रहा है, यह मेरे फोन में क्या-क्या डेटा देख सकता है? जवाब: 1 दिसंबर 2025 को एक सरकारी प्रेस रिलीज आई। कहा गया, “अब हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। 90 दिन में सभी कंपनियों को लागू करना होगा। इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा।” पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर कुछ एक्सपर्ट्स ने एप की परमिशन लिस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाले। इसमें बताया गया कि ये एप कैमरा, माइक, कीबोर्ड, मैसेज, कॉल लॉग, लोकेशन जैसी परमिशन मांगता है, जिन्हें यूजर ऑफ नहीं कर सकते। सवाल 3: क्या इस एप से मेरी निगरानी या जासूसी हो सकती है? जवाब: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये संभव है। संचार साथी एप को फोन के कई हिस्सों तक एक्सेस चाहिए, जो IMEI चेक से कहीं ज्यादा है। इसका सर्वर भी यही है। सवाल 4: एप जो डेटा लेता है, उसे कितने समय तक रखा जाता है? जवाब: संचार साथी की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और कानूनी जरूरत पर शेयर होगा, लेकिन कितने समय तक स्टोर रहेगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी रिस्क बढ़ सकता है। सवाल 5: क्या एप में कोई ऐसी अनुमति है जिसके बिना भी ये चल सकता है? जवाब: संचार साथी एप के कोर फंक्शन IMEI वेरिफिकेशन, खोए फोन की रिपोर्टिंग, फ्रॉड कॉल/SMS रिपोर्टिंग, SIM चेक है। इसके लिए मुख्य रूप से डिवाइस आइडेंटिफायर्स (IMEI), फोन स्टेट (कॉल/SMS), लोकेशन (ट्रैकिंग) और नेटवर्क एक्सेस काफी हैं। लेकिन एप गूगल प्ले और एप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार कैमरा, माइक, स्टोरेज, कीबोर्ड जैसी ब्रॉड अनुमतियां मांगता है, जो IMEI चेक या फ्रॉड रिपोर्ट के बिना भी एप को बेसिक रन करने देती हैं। DoT पॉलिसी में इन्हें सपोर्टिंग फीचर्स कहा गया है। सवाल 6: क्या पहले भी जासूसी के मामले आए हैं? जवाब: 2023 में पेगासस स्पाइवेयर केस आया था। ये इजराइल के NSO ग्रुप का टूल था, जो फोन में घुसकर मैसेज, कैमरा, माइक एक्सेस करता था। आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार ने पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए बेहद खतरनाक पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और द वॉशिंगटन पोस्ट की नई जांच में ये खुलासा हुआ था। ये स्पाइवेयर मैसेज और ईमेल पढ़ सकता था, फोटो देख सकता था, कॉल सुन सकता था, लोकेशन ट्रैक कर सकता था, यहां तक कि कैमरा चालू करके वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकता था। हालांकि ये पेगासस एक स्पाइवेयर था जिसे चुपचाप से फोन में छोड़ दिया जाता था। सरकार का संचार साथी एप डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। ये फोन में पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। अभी इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यानी, ये स्पाइवेयर नहीं है। सरकार इसे नागरिकों को बेहतर सर्विस देने के लिए लाई है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इसका इस्तेमाल भी स्पाइवेयर की तरह हो सकता है। सवाल 7: कई सारे एप्स हैं, जो ऐसी परमिशन मांगते है, संचार एप का विरोध क्यों? जवाब: विरोध और चिंताएं मुख्य रूप से दो फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं- बड़ी और स्थापित कंपनियां जैसे गूगल या एपल आमतौर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसीज में ज्यादा पारदर्शिता रखती हैं और सख्त नियमों के तहत काम करती हैं। हां, सैद्धांतिक रूप से किसी भी एप से जासूसी हो सकती है, यदि उसके पास आवश्यक अनुमतियां हैं। इसी वजह से संचार एप के मामले में आलोचकों का तर्क है कि सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया गया एप निगरानी का रास्ता खोल सकता है। डर है कि इस डेटा का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर नागरिकों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, न कि केवल धोखाधड़ी रोकने के लिए। सवाल 8: क्या एप को अन इंस्टॉल किया जा सकता है या यह जबरन रहेगा? जवाब: पहले ये खबरें थीं कि इसे अन इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। इसी वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा था। हालांकि आज दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि एप को अन इंस्टॉल कर सकेंगे। सवाल 9: मोबाइल कंपनियों के पास क्या विकल्प, एपल क्या करेगा? जवाब: मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। नए फोन में संचार एप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा। वहीं पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। ये टेलिकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 के तहत है, लेकिन कंपनियों के पास क्या विकल्प हैं? सवाल 10: यूजर्स को प्राइवेसी के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब: संचार साथी एप अभी पूरी तरह वैकल्पिक है, इसलिए अगर आपको लगता है कि ये आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है तो इसे डाउनलोड करने से बचें। पुराने फोन में ऑटो सॉफ्टवेयर अपडेट बंद कर दें। प्राइवेसी सेटिंग्स में कैमरा, माइक, लोकेशन, SMS और कॉल लॉग की परमिशन को “आस्क एवरी टाइम” कर दें। हर रीस्टार्ट के बाद बैटरी यूजेज चेक करें कि एप बैकग्राउंड में तो नहीं चल रहा। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... संचार साथी एप पर प्रियंका बोलीं-सरकार जासूसी करना चाहती है: सरकार ने कल कहा था- सभी मोबाइल में इंस्टॉल होगा; आज बोली- डिलीट कर सकते हैं सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
अब हर नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' प्री-इन्स्टॉल (पहले से डाउनलोड) मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये आदेश आज सामने आया है। इसमें एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिलीट या डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इन्स्टॉल जाएगा। हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन की चोरी को रोकना है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह एप फर्जी IMEI से होने वाले स्कैम और नेटवर्क मिसयूज को रोकने के लिए जरूरी है।' संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद डुप्लीकेट IMEI नंबर से बढ़ रहा साइबर क्राइम भारत में 1.2 अरब से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबर की वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है। IMEI एक 15 डिजिट का यूनिक कोड होता है, जो फोन की पहचान करता है। अपराधी इसे क्लोन करके चोरी के फोन को ट्रैक से बचाते हैं, स्कैम करते हैं या ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। सरकार का कहना है कि यह एप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में मदद करेगा। सितंबर में DoT ने बताया था कि 22.76 लाख डिवाइस ट्रेस हो चुके हैं। कंपनियों पर असर, ऐपल-सैमसंग को दिक्कत हो सकती इंडस्ट्री सोर्सेज कहते हैं कि पहले से कंसल्टेशन न होने से कंपनियां परेशान हैं। खासकर एपल के लिए मुश्किल है, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में गवर्नमेंट या थर्ड-पार्टी एप प्री-इंस्टॉलेशन पर पाबंदी है। पहले भी एपल का एंटी-स्पैम एप पर रेगुलेटर से टकराव हुआ था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एपल सरकार से नेगोशिएशन कर सकती है। एपल यूजर्स को वॉलंटरी प्रॉम्प्ट देने का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने आदेश के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है। यूजर्स की सीधा फायदा मिलेगा यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। चोरी का फोन होने पर IMEI चेक करके तुरंत ब्लॉक कर सकेंगे। फ्रॉड कॉल रिपोर्ट करने से स्कैम कम होंगे, लेकिन एप डिलीट न होने से प्राइवेसी ग्रुप्स सवाल उठा सकते हैं। यूजर कंट्रोल कम होगा। भविष्य में एप और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जैसे बेहतर ट्रैकिंग या AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन। DoT का कहना है कि यह टेलीकॉम सिक्योरिटी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा। ये खबर भी पढे़ं सुप्रीम कोर्ट बोला- वॉट्सएप क्यों, स्वदेशी एप अपनाएं:सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड-ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी, याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें देशभर में सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड या ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी। याचिकाकर्ता चाहते थे कि सोशल मीडिया कंपनियां अकाउंट सस्पेंड या ब्लॉक करने में साफ प्रक्रिया, पारदर्शिता और संतुलन रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने अनुच्छेद 32 के तहत कहा कि वॉट्सएप तक पहुंच को मौलिक अधिकार कैसे कहा जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें...
जल्द ही आप घर बैठे आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल सकेंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है। इसके जरिए यूजर्स आधार एप पर OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन से अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। इस सर्विस से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग और सीनियर सिटिजन को आसानी होगी। नई सर्विस कैसे काम करेगी? UIDAI के मुताबिक मोबाइल अपडेट करने की प्रोसेस काफी सिंपल रखा गया है। इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट या फिजिकल विजिट की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस कुछ मिनटों में हो जाएगी। आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है? आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 130 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा जुड़ा हुआ है। मोबाइल नंबर इसका सबसे अहम हिस्सा है, क्योंकि इसी से OTP के जरिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिटल सर्विसेज जैसे डिजीलॉकर तक एक्सेस मिलता है। अगर नंबर पुराना हो जाए या खो जाए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। अभी तक इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी कतारों का झंझट होता है। लेकिन अब UIDAI डिजिटल तरीके से इसे आसान बनाने जा रहा है। UIDAI ने पिछले महीने AADHAAR एप लॉन्च किया था एक महीने पहले UIDAI ने आधार कार्ड का नया मोबाइल एप लॉन्च किया था। इसमें यूजर एक ही फोन में 5 लोगों के आधार रख सकते हैं। इसमें आधार की सिर्फ वही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन है, जो जरूरी होते हैं। इस ऐप में आप UPI में जिस तरह स्कैन कर पेमेंट करते है, उसी तरह आधार डिटेल्स शेयर कर सकते हैं। एप को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए इसमें फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। आधार के नए एप के फीचर्स पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया? पुराना mAadhaar और नया आधार एप का मकसद आधार को डिजिटल तरीके से यूज करना है, लेकिन फोकस अलग-अलग है... नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा? 2009 में शुरू हुआ था आधार आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए। --------------------------- देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: पश्चिम बंगाल में 34 लाख ID धारक अब जिंदा नहीं; UIDAI ने सर्वे शुरू किया देश में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू हुआ था। हर नागरिक को आधार नंबर जारी करने की शुरुआत के 15 साल हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हो पाए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
'कल्कि 2898 AD' के ट्रेलर रिलीज के वक्त मोबाइल फेंकने जा रहे थे अमिताभ बच्चन, खुद बताया पूरा किस्सा
बॉलीवुड फिल्मों के जाने माने मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन वैसे तो अक्सर ही खबरों में बने रहते हैं. लेकिन इस बार उनके क्रेज का कारण उनका जबरदस्त एक्शन अवतार है. हिंदी फिल्मों के एंग्री यंगमैन कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन अपनी नई फिल्म 'कल्कि 2898 AD' के ट्रेलर में एक विस्फोटक एक्शन अवतार में दिखाई दे रहे हैं. निर्देशक नाग अश्विन की इस पैन इंडिया फिल्म में कई लोगों को अमिताभ का एक्शन अवतार, फिल्म के हीरो प्रभास से भी अधिक दमदार लग रहा है. लेकिन इस ऑनस्क्रीन एक्शन अवतार का प्रभाव शायद बच्चन साहब को रियलिटी में भी फील होने लगा है. इधर 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर रिलीज हुआ तथा उधर अमिताभ बच्चन अपने फोन से इतने नाराज हो गए कि उसे तोड़ने की बात कह गए. अपने ब्लॉग पर 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर साझा करते हुए बताया कि वो अपने मोबाइल से फ्रस्ट्रेट हो गए हैं. उन्होंने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'अपना फोन ठीक करने की बड़ी कोशिश कर रहा हूं... पहले से जो सेट था, अचानक बदल गया. तो हर तरफ से मदद लेने का प्रयास कर लिया, लेकिन नाकाम रहा... बहुत फ्रस्ट्रेटिंग है ये... चाह रहा था कि इंग्लिश और हिंदी टाइपिंग, दोनों हों. इंग्लिश में एक हिंदी वर्ड लिखूं और वो देवनागरी में आ जाए... मगर कई घंटे लिंक्स और एक्स्पेरिमेंट्स फॉलो करने के बाद, अब मैं खिड़की से बाहर फेंककर अपना फोन तोड़ डालने के बहुत करीब हूं.' कुछ देर पश्चात् बच्चन साहब ने साफ किया कि वो सच में अपना मोबाइल नहीं फेंकने जा रहे, बस गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, 'नहीं नहीं नहीं... ऐसी किस्मत कहां... बस गुस्सा निकाल रहा हूं.' अपने ब्लॉग पोस्ट में अमिताभ ने ये भी कहा कि 'कल्कि 2898 AD' एवं 'Section 84 IPC' के पश्चात्, वो समझ नहीं पा रहे कि अगला प्रोजेक्ट क्या चुनना है. उन्होंने लिखा कि आज एक अभिनेता के पास 'मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स से लेकर एजेंट्स तक' इतने सारे लोग होते हैं, ये बताने के लिए कि मार्किट में किस प्रकार का कंटेंट चल रहा है तथा सिनेमा लवर्स क्या पसंद कर रहे हैं, क्या नहीं. मगर उनके दौर में ऐसा कुछ नहीं था. अमिताभ ने कहा, 'हम सिर्फ अगली जॉब का मौका खोज रहे होते थे, जिससे हम घर चलाने की, नौकरी बनाए रखने की शर्त पूरी कर सकें. अब बात अलग हो गई है. नई जेनरेशन इस तरह सोचती है, ऐसे चलती है कि... मैं बाद एक काम खोजूंगा और उम्मीद करूंगा कि काम मिले और बस मेरा 'किचन चलता रहे.' अमिताभ बच्चन की अगली फिल्म 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर सोमवार शाम को रिलीज हुआ है. इस फिल्म में अमिताभ, अश्वत्थामा का माइथोलॉजी बेस्ड भूमिका निभा रहे हैं तथा ट्रेलर में जनता उनके किरदार और काम को बहुत पसंद कर रही है. 'ये मेरी चॉइस है, मेरे मां-बाप…', जहीर इकबाल संग शादी पर आई सोनाक्षी सिन्हा की प्रतिक्रिया शूटिंग से 4 दिन पहले डायरेक्टर ने किया एक्ट्रेस को फिल्म से बाहर, सालों बाद खुद किया चौंकाने वाला खुलासा सैलरी पर हो रही चर्चा को लेकर आई 'पंचायत' के सचिव जी की प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?
तमन्ना भाटिया को महाराष्ट्र साइबर सेल द्वारा आईपीएल मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उनसे 29 अप्रैल को पूछताछ के लिए पेश होने की उम्मीद है। संजय दत्त भी इस मामले से जुड़े थे, लेकिन अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण, वह 23 अप्रैल को पूछताछ सत्र में शामिल नहीं हो सके। इसके बजाय, उन्होंने अपना बयान दर्ज करने के लिए एक अलग तारीख की मांग की। फेयरप्ले, जो महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप की सहायक कंपनी है, को क्रिकेट, पोकर, कार्ड गेम्स और टेनिस जैसी विभिन्न लाइव गेम्स पर अवैध सट्टेबाजी से जोड़ा गया है। पिछले साल यह ऐप सुर्खियों में आया जब रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर जैसे अभिनेताओं, जिन्होंने इस ऐप का प्रचार किया, को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप दुबई से संचालित होता है, जिसे भिलाई, छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल चलाते हैं। उन्होंने नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई वेबसाइटें और चैट समूह बनाकर विभिन्न रणनीतियों का उपयोग किया और सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर भुगतान किए गए विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आकर्षित किया। ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न हाई प्रोफ़ाइल राजनेता और अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगाया गया है। भीड़ में पापा अमिताभ को सँभालते नजर आए अभिषेक बच्चन, फैंस कर रहे तारीफ इतनी छोटी स्कर्ट पहनकर इवेंट में पहुंच गई ऋतिक रोशन की Ex वाइफ, हुई Oops मोमेंट का शिकार ऐश्वर्या राय संग इंटीमेट सीन पर बोले रणबीर कपूर- 'हाथ कांप रहे थे फिर...'

