पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है। इसके साथ ही भारत में 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस कार्रवाई से नाराज होकर अब पाकिस्तान ने भी भारतीय गानों पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान ने गुरुवार, 1 मई को अपने एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों का प्रसारण रोक दिया है। इस बात की जानकारी खुद पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA ) के महासचिव शकील मसूद ने दी। उन्होंने कहा, 'PBA ने देशभर में पाकिस्तानी एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों के प्रसारण को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA ) के फैसले की सराहना की है। PBA को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा, ‘PBA का यह देशभक्ति से प्रेरित कदम बेहद सराहनीय है और यह पूरे देश की सामूहिक भावना को दर्शाता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के एफएम स्टेशनों पर भारतीय गानों पर प्रतिबंध लगाना इस बात का प्रतीक है कि ऐसे कठिन समय में हम सभी राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने और अपने मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट हैं। बता दें, पाकिस्तानियों के बीच भारतीय गानों को काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। खासतौर पर लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश जैसे गायकों के गाने काफी लोकप्रिय हैं। इतना ही नहीं इनके गानों को यहां रोजाना तौर पर एफएम रेडियो स्टेशन प्रसारण किया जाता था। इन पाक कलाकारों को किया गया बैन भारत में रिस्ट्रिक्ट होने वाले पाकिस्तानी सेलेब्स में माहिरा खान, हानिया आमिर, अली जफर, माया अली, आयजा खान, सजल अली, इकरा अजीज, सनम सईद के नाम शामिल हैं। बता दें कि माहिरा खान, अली जफर, सजल अली बॉलीवुड में काम कर चुके हैं। सजल अली ने श्रीदेवी की फिल्म मॉम में उनकी बेटी का रोल प्ले किया था। ------------ इससे जुड़ी खबर पढ़ें.. भारत में पाक कलाकारों पर गिरी गाज:लीगल रिक्वेस्ट के चलते माहिरा-हानिया समेत कई पाकिस्तानी एक्टर्स के सोशल मीडिया अकाउंट भारत में ब्लॉक पहलगाम आतंकी हमले के बाद भले ही भारत में सभी पाकिस्तानी कलाकारों को बैन कर दिया गया है। हालांकि कई इंडियन न सिर्फ पाकिस्तानी ड्रामा पसंद करते हैं बल्कि पाकिस्तानी एक्टर्स को सोशल मीडिया पर फॉलो भी करते हैं। उन फैंस के लिए बुरी खबर है क्योंकि अब से कोई भी इंडियन यूजर, किसी पाकिस्तानी सेलेब्स का सोशल मीडिया अकाउंट नहीं देख सकेगा। पूरी खबर पढे़ं..
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। बॉलीवुड की कई प्रमुख हस्तियों ने इस हमले पर नाराजगी जाहिर की है। इसी बीच दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि इस तरह के हमलों की बार-बार हो रही घटनाओं की कड़ी निंदा की और भारत सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। दिल्ली में फिक्की के एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर शामिल हुए थे। इस दौरान जब पहलगाम हमले को लेकर उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने पाकिस्तान के बार-बार ऐसे हमलों से पल्ला झाड़ने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। जावेद अख्तर ने कहा, ‘आतंकवादी आखिर आते कहां से हैं? ये कोई जर्मनी से तो नहीं आते। हम उनकी सीमाओं से जुड़े हुए हैं और यह बात नजरअंदाज नहीं की जा सकती। पहलगाम की घटना एक अहम मोड़ होनी चाहिए। जब इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं, तो तनाव तो लाजमी है। लगभग हर कुछ दिनों में या फिर हर साल में कोई न कोई ऐसी दुखद घटना सामने आती है। जावेद अख्तर ने कहा कि भारत में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा, सभी की मंशा हमेशा से शांति स्थापित करने की ही रही है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि वाजपेयी जी तो खुद पाकिस्तान गए थे, दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। लेकिन बदले में पाकिस्तान ने क्या किया? उन्होंने उसी जमीन को धो डाला, जहां हमारे प्रधानमंत्री ने कदम रखा था। क्या इसे दोस्ती कहते हैं? जावेद अख्तर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान से संवाद कैसे संभव है, जब उसने कारगिल युद्ध के दौरान अपने ही सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत लोग भारत के प्रति वफादार हैं। हाल ही में मसूरी में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर हुए हमले का जिक्र करते हुए अख्तर ने इस घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी नागरिकों को भारत के अलग-अलग हिस्सों में निशाना बनाया जाता है, तो यह न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि ऐसा करके आप अनजाने में पाकिस्तान के झूठे प्रचार को बल दे रहे होते हैं। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन से सहमत जावेद अख्तर जावेद अख्तर ने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन पर साफ कहा था कि जो कुछ भी मौजूदा समय में हुआ उसके बाद ये सवाल ही नहीं किए जाने चाहिए कि क्या उन्हें बैन करना ठीक है या नहीं। क्योंकि अब पाकिस्तान के लिए फ्रैंडली फीलिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने का मौका देना पूरी तरह से एकतरफा है क्योंकि पाकिस्तान में आज तक लता मंगेशकर की एक परफॉर्मेंस तक नहीं होने दी गई है। उन्होंने इस एकतरफा काम करने के तरीके का पूरी तरह खंडन किया है। पूरी खबर पढ़ें..
बेबी’, ‘हमारी अधूरी कहानी’ और ‘बिग बॉस’ जैसे शोज में अपनी खास पहचान बना चुकीं मधुरिमा तुली जल्द ही जॉन अब्राहम के साथ फिल्म ‘तेहरान’ में नजर आएंगी। इस मौके पर उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। पढ़िए इंटरव्यू के कुछ प्रमुख अंश... सुनने में आ रहा है कि आप फिल्म 'तेहरान' में नजर आने वाली हैं। इस प्रोजेक्ट से आप कैसे जुड़ीं? ‘तेहरान’ में मैं जॉन अब्राहम जी की पत्नी का किरदार निभा रही हूं। यह एक बहुत ही खूबसूरत रोल है, जो परिवार की तरह दिल और आत्मा है। मुझे इस फिल्म की शूटिंग के दौरान सभी के साथ काम करके बहुत मजा आया। फिल्म में मानुषी छिल्लर और नीरू बाजवा भी हैं। इसे मैडॉक फिल्म्स प्रोड्यूस कर रही है और पूरी टीम के साथ काम करने का अनुभव बेहद शानदार रहा। अचानक ही मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए संपर्क किया गया। फिल्म की शूटिंग पहले से चल रही थी और मुझे लास्ट मिनट पर कॉल आया। पहले मुझसे मेरी डेट्स पूछी गईं और कुछ सीन पढ़ने के लिए दिए गए। उसके बाद कुछ समय तक कोई कॉल नहीं आया, लेकिन लगभग दो हफ्ते बाद मुझे बताया गया कि मुझे इस फिल्म के लिए फाइनल कर लिया गया है। वह पल मेरे लिए बहुत खुशी भरा था। सेट पर पहुंचने के बाद ही मेरी सबसे पहली बार मुलाकात हुई। उससे पहले मैं किसी से नहीं मिली थी। बाद में मुझे पता चला कि टीम को ‘बेबी’ में मेरा किरदार बहुत पसंद आया था और उसी के आधार पर उन्होंने मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए चुना। फिल्म का शूट दिल्ली में हुआ, जो करीब 5-6 दिनों तक चला। यह ज्यादा लंबा शूट नहीं था। मैंने मजाक में उनसे यह भी कहा था कि मेरा रोल थोड़ा बढ़ा दीजिए, क्योंकि मुझे शूटिंग में बहुत मजा आ रहा था। लेकिन जो किरदार था, मैंने वही निभाया। ‘बेबी' के बाद क्या आपको कभी नीरज पांडे या अक्षय कुमार की तरफ से कोई और ऑफर आया? बेबी’ के सीक्वल या स्पिन-ऑफ को लेकर मुझे फिलहाल कोई जानकारी नहीं है कि वह बन रही है या नहीं। हां, ‘बेबी’ का एक स्पिन-ऑफ ‘नाम शबाना’ जरूर बना था और ‘बेबी 2’ के अंत में एक क्लू भी छोड़ा गया था। मैंने तो नीरज सर से ‘बेबी 2’ बनाने का अनुरोध भी किया है। अक्षय सर की तरफ से ‘बेबी’ के बाद मुझे अब तक कोई सीधा अप्रोच नहीं मिला है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य में जरूर कोई प्रस्ताव आएगा, क्योंकि उस कहानी में आगे बढ़ने की पूरी संभावना है। आगे आप किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं? अब तक मैंने कई तरह के किरदार निभाए हैं। कुछ चुलबुले, कुछ गंभीर और कुछ चुनौतीपूर्ण भी। आगे मैं ऐसे किरदारों की तलाश में हूं जो न सिर्फ मजबूत हों, बल्कि कहानी में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। मेरा मानना है कि एक अच्छा किरदार वही होता है जो कहानी को आगे बढ़ाए और दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ जाए। मैं ऐसे किरदारों को एक्सप्लोर करना चाहती हूं जो महिला सशक्तिकरण का संदेश दें या समाज से जुड़े किसी महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाएं। इसके अलावा, मुझे साइकोलॉजिकल थ्रिलर और सस्पेंस से भरपूर कहानियों में काम करने में भी दिलचस्पी है। क्या आपके पास कोई ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें आप मुख्य भूमिका में नजर आएंगी? मेरे पास एक अमेजन का शो है, जिसका टाइटल है ‘वन पॉइंट 40’। इस प्रोजेक्ट को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं, क्योंकि इसमें मेरा किरदार फुल-फ्लेज्ड है। इस शो की पूरी कहानी काफी हद तक मेरे किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है। मेरा रोल सिर्फ एक सहायक भूमिका या कुछ दृश्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे कथानक का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है। इस शो में मुझे अपने अभिनय की लेयर्स को दिखाने का अवसर मिला है। किरदार में कई शेड्स हैं, जिन्हें निभाने की मैंने पूरी कोशिश की है। एक कलाकार के तौर पर मुझे इस प्रोजेक्ट से बहुत संतुष्टि मिली है। इसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है और फिलहाल यह पोस्ट-प्रोडक्शन फेज में है। उम्मीद है कि यह शो इस साल अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगा। इस शो में मेरे साथ संजय कपूर सर और अरबाज खान सर भी हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव भी बेहद शानदार रहा। अभी आपके एक प्रोजेक्ट ‘बेखबर' के बारे में सुना था। वह क्या है? बेखबर’ हमारी कंपनी एसवीएमटी का प्रोजेक्ट है, जिसे मेरे भाई ने शुरू किया है। यह एक म्यूजिकल शॉर्ट फिल्म है, जिसका निर्देशन मेरे भाई श्रीकांत ने किया है। फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपनी मां से नाराज होकर घर छोड़ देती है। आगे उसकी जर्नी और एक घटना के माध्यम से उसे यह एहसास होता है कि परिवार ही जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह फिल्म पहले इसी साल रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब शायद अगले साल आएगी। आप 2007 से इंडस्ट्री में सक्रिय हैं, लेकिन आपकी फिल्मोग्राफी अपेक्षाकृत (अन्य की तुलना में) कम नजर आती है। क्या इसके पीछे कोई खास वजह है? कहीं न कहीं मैं थोड़ी लेट थी, शायद थोड़ी आलसी भी थी। मैंने खुद को ज्यादा पुश नहीं किया। मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा और प्रयास करना चाहिए था ताकि मैं ज्यादा काम कर सकूं। जिस समय मेरा पीक पीरियड था, मैंने खुद को उतना पुश नहीं किया। मुझे लगता है कि यह मेरी ही गलती थी। भगवान ने बहुत कुछ दिया, लेकिन मैंने खुद को आगे बढ़ाने में कमी की। काम पाने को लेकर मेरी सेल्फ-प्रोएक्टिविटी कभी इतनी ज्यादा नहीं रही। मुझे काफी लोग जानते हैं, और इसके कारण ऑडिशंस और लुक टेस्ट के कॉल खुद-ब-खुद आ जाते हैं। पहले मैंने बहुत सारे ऑडिशन दिए हैं, लंबी लाइनों में खड़ी हुई हूं। अब अगर कॉल आता है, तो मैं घर से लुक टेस्ट दे देती हूं, या अगर ऑडिशन के लिए जाना होता है, तो मुझे एक पर्टिकुलर टाइम मिल जाता है। हालांकि, काम मांगने में कभी शर्म नहीं होनी चाहिए, खासकर जब आप किसी के साथ पहले काम कर चुके हों। कॉल करके दोबारा साथ काम करने की इच्छा व्यक्त करना बिल्कुल सही है। ‘नच बलिए’ और ‘बिग बॉस’ जैसे रियलिटी शोज से आपको क्या फायदे मिले? फायदे तो हर काम से मिलता है। मैं इंडस्ट्री में काम करने के लिए आई हूं और 'नच बलिए' और 'बिग बॉस' जैसे बड़े शोज हैं। अगर आपको डांस का शौक है तो क्यों नहीं करें? अगर मैं उसे मना कर दूंगी, तो फिर मैं इस इंडस्ट्री में हूं ही क्यों? मैंने टेलीविजन पर काफी काम किया है और अगर मैं 'नच बलिए' को ठुकराती तो वह मेरे लिए गलत होता। डांस एक पैशन है और एक्टिंग मेरा ख्वाब, तो मुझे वह करना ही था। आपने साउथ की फिल्मों में भी काम किया है। क्या आगे साउथ से कोई प्रोजेक्ट है? साउथ में तो नहीं, लेकिन मेरा मेन फोकस हमेशा से बॉलीवुड पर ही रहा है। साउथ में मैंने काम किया था, लेकिन वहां एक समस्या है कि आपको साउथ फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए बैंगलोर या हैदराबाद शिफ्ट होना पड़ता है, जो थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अगर कोई अच्छा ऑफर आएगा, तो जरूर करूंगी। फिलहाल अभी तक कोई अच्छा ऑफर नहीं आया है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में इस घटना को लेकर गुस्सा है। इस बीच एक नया पाकिस्तानी ड्रामा ‘शेर’ रिलीज से पहले ही चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इस शो में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की फिल्म ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’ के एक सीन की हूबहू नकल की गई है। पाकिस्तानी एक्टर्स दानिश तैमूर और सारा खान के नए ड्रामा 'शेर' का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है। इसमें दोनों कलाकार बंदूकें थामे एक-दूसरे की ओर निशाना साधे दिखाई दे रहे हैं, जिससे कहानी में रोमांच और टकराव दोनों का अंदाजा लगाया जा सकता है। टीजर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स के रिएक्शन सामने आने लगे। उनका मानना है कि इस सीन की झलक बॉलीवुड फिल्म 'राम लीला' से मिलती-जुलती है, जिसमें रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने मुख्य भूमिका निभाई थी। ड्रामा की कहानी भी प्यार और दुश्मनी के इर्द-गिर्द घूमती दिख रही है, जहां दो लोग एक-दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते हैं, लेकिन उनके परिवारों के बीच गहरी रंजिश है। इसी समानता के कारण कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे अब फिल्म की कॉपी बता रहे हैं। बैन लगते ही बिगड़े पाकिस्तानी एक्टर्स के बोल बता दें, पाकिस्तानी एक्टर्स को अब न सिर्फ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से बल्कि सोशल मीडिया से भी रिस्ट्रिक्ट कर दिया गया है। इसी बीच पाकिस्तानी एक्टर्स के खिसियाते हुए बोल बिगड़ने शुरू हो चुके हैं। कुछ समय पहले ही जावेद अख्तर ने इस बैन पर कहा था कि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को इज्जत दी गई, लेकिन बदले में पाकिस्तान ने कभी इंडियन कलाकारों को मौका नहीं दिया। इस पर पाक एक्टर ने कहा है कि कुछ लोग इज्जत के लायक नहीं होते। इतना ही नहीं उन्होंने ये तक कह दिया है कि अगर भारतीयों को पाकिस्तानियों से आपत्ति है, तो उन्हें फिल्म में कास्ट ही क्यों करते हैं। पूरी खबर पढ़ें..
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और आरजे महवश इन दिनों अपनी लव लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं। दोनों के बीच डेटिंग की खबरें लंबे समय से सामने आ रही हैं। इसी बीच अब महवश का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह युजवेंद्र पर प्यार लुटाते हुए उनकी तारीफ करती नजर आ रही हैं। दरअसल, बुधवार 30 अप्रैल को आईपीएल 2025 का 49वां मैच चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स के बीच खेला गया। इस मुकाबले में युजवेंद्र चहल ने 19वें ओवर में लगातार तीन विकेट लेकर हैट्रिक पूरी की, जिसमें एमएस धोनी का विकेट भी शामिल था। इसके बाद हर किसी ने युजवेंद्र चहल की जमकर तारीफ की। इसमें उनकी कथित गर्लफ्रेंड राजे महवश भी शामिल रहीं। चहल की हैट्रिक पर महवश ने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा— 'गॉड मोड ऑन क्या? युजवेंद्र चहल, आपके अंदर एक योद्धा की ताकत है, सर। कई बार चहल की तारीफ कर चुकी हैं महवश बता दें, यह पहली बार नहीं है जब महवश ने चहल की दमदार परफॉर्मेंस के बाद उनकी तारीफ की हो। इससे पहले भी वह कई बार चहल की तारीफ करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्टोरी लगा चुकी हैं। चहल संग है अफेयर की चर्चा महवश का नाम युजवेंद्र चहल के साथ जोड़ा जा रहा है। जब चहल का तलाक धनश्री वर्मा से नहीं हुआ था, तब भी दोनों की डेटिंग की खबरें सामने आने लगी थीं। वहीं, चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भी महवश और चहल एक साथ पहुंचे थे, जिसके बाद उनके अफेयर की खबरें और भी ज्यादा तूल पकड़ने लगी थीं।
पलक तिवारी की फिल्म द भूतनी आज रिलीज हो गई है। हाल ही में फिल्म की स्क्रीनिंग में न सिर्फ स्टार कास्ट शामिल हुई, बल्कि पलक के रूमर्ड बॉयफ्रेंड इब्राहिम अली खान भी नजर आए। इब्राहिम और पलक ने इस दौरान एक-दूसरे को गले लगाया, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसके अलावा, इब्राहिम को पलक के सौतेले भाई के साथ मस्ती करते हुए भी देखा गया। इसके बाद से ही फैंस का दावा है कि दोनों ने अपने रिश्ते को अब कंफर्म कर दिया है। दरअसल, फिल्म द भूतनी का 30 अप्रैल को स्क्रीनिंग रखी गई थी। इसमें पलक तिवारी की मां श्वेता तिवारी और उनके छोटे भाई रेयांश भी पहुंचे थे। इस दौरान रेयांश के साथ इब्राहिम अली खान काफी मस्ती करते नजर आए। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो फैंस भी काफी खुश हो गए। एक के बाद यूजर्स ने इस वीडियो पर अपना रिएक्शन देना शुरू कर दिया। एक यूजर ने कमेंट किया- मुझे पलक और इब्राहिम साथ में पसंद हैं। वे एक अच्छी जोड़ी बनाते हैं। एक फैन ने यह भी लिखा कि गर्लफ्रेंड के छोटे भाई को हमेशा प्यार किया जाता है। लंबे समय से है इब्राहिम-पलक के बीच अफेयर की चर्चा बता दें, इब्राहिम और पलक को कई बार एक-दूसरे के साथ स्पॉट किया गया है। लेट नाइट पार्टी हो या साथ में फिल्म देखने जाना हो अक्सर दोनों साथ में ही नजर आते हैं। कई बार पलक को लोगों से प्रोटेक्ट करते हुए भी इब्राहिम अली खान को देखा गया था। वहीं, हाल ही में एक इंटरव्यू में इब्राहिम अली खान से उनके और पलक तिवारी के रिलेशनशिप स्टेट्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘पलक मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त है। वह बहुत स्वीट है, बस यही कहूंगा।’ पूरी खबर पढ़ें..
पाकिस्तानी एक्टर्स को अब न सिर्फ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री से बल्कि सोशल मीडिया से भी रिस्ट्रिक्ट कर दिया गया है। इसी बीच पाकिस्तानी एक्टर्स के खिसियाते हुए बोल बिगड़ने शुरू हो चुके हैं। कुछ समय पहले ही जावेद अख्तर ने इस बैन पर कहा था कि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को इज्जत दी गई, लेकिन बदले में पाकिस्तान ने कभी इंडियन कलाकारों को मौका नहीं दिया। इस पर पाक एक्टर ने कहा है कि कुछ लोग इज्जत के लायक नहीं होते। इतना ही नहीं उन्होंने ये तक कह दिया है कि अगर भारतीयों को पाकिस्तानियों से आपत्ति है, तो उन्हें फिल्म में कास्ट ही क्यों करते हैं। मोदी भाई, अब क्या अम्मी से शिकायत लगाएंगे?- अर्सलान नसीर बुधवार को हानिया आमिर, माहिरा खान, अली जफर समेत कई पाकिस्तानी एक्टर्स के सोशल मीडिया अकाउंट इंडिया में रिस्ट्रिक्ट कर दिए गए हैं। बैन होने वाले एक्टर में अर्सलान नसीर भी शामिल हैं। अकाउंट रिस्ट्रिक्ट होने के बाद उन्होंने लिखा है, मोदी ब्रो, तुमने मुझे इंडिया में बैन कर दिया है? अब क्या, मेरी अम्मी को शिकायत लगाओगे? वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी एक्टर मलिक अकील ने जावेद अख्तर के उस बयान पर तंज कसा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में कभी भारतीय कलाकारों को सम्मान नहीं मिला। जावेद अख्तर के बयान पर मलिक अकील ने सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा है, जावेद साहब कुछ लोग इज्जत के काबिल नहीं होते और जब हम उन्हें ज्यादा इज्जत देते हैं तो रिजल्ट आप जैसे निकलते हैं। कास्ट करते ही क्यों हैं आप पाकिस्तानी एक्टर्स को, लगता है आपके पास हमारे जैसे एक्टर्स नहीं हैं। आप अपने एक्टर्स को भेज दीजिए, हानिया और फवाद उन्हें एक्टिंग सिखा देंगे, फिर करते रहना आप एक्टर्स को कास्ट। बताते चलें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों को भारत से बैन कर दिया गया है। फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल की रिलीज पर रोक लगा दिया गया है वहीं दिलजीत दोसांझ की फिल्म सरदार 3 से इंडियन सिनेमा में डेब्यू करने का इरादा करने वालीं एक्ट्रेस हानिया आमिर को फिल्म से निकाल दिया गया है।
सोनू निगम ने हाल ही में एक कॉलेज में परफॉर्मेंस दी थी। सिंगर अपने आइकॉनिक हिंदी गाने गा रहे थे, इसी बीच एक फैन जोर-जोर से चिल्लाते हुए कन्नड़-कन्नड़ बोलने लगा। ये सुनते ही सोनू निगम ने अपनी परफॉर्मेंस बीच में ही रोक दी और लड़के को जमकर फटकार लगाई। जहां एक तरफ देश में भाषा विवाद चल रहा है, वहां सोनू निगम का हाजिर जवाब लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इतना ही नहीं सोनू निगम ने कॉन्सर्ट के बीच ही पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र कर डाला। फैन को फटकार लगाते हुए सोनू ने कहा, मुझे अच्छा नहीं लगा कि वहां पर एक लड़का, जिसकी उम्र उतनी नहीं होगी, जितने सालों से मैं कन्नड़ गाने गा रहा हूं। ये कितना रूड था कि वो भीड़ से चिल्ला रहा था- कन्नड़-कन्नड़। यही कारण है, पहलगाम में जो हुआ है न, यही कारण है, ये जो तुम कर रहे हो न यहां पर। आगे सोनू निगम ने कहा, देखो तो कौन सामने खड़ा है। मुझे कन्नड़ लोग पसंद हैं। आय लव यू। मैं पूरी दुनिया में कहीं भी जाता हूं, चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या इंडिया में किसी भी जगह जाऊं, 14 हजार की ऑडियंस होती है और उनमें से एक आवाज आती है, कन्नड़…, तो मैं उनके लिए उस एक कन्नड़ के लिए भी कन्नड़ गाने गाता हूं। मैं आप लोगों की इतनी इज्जत करता हूं। ऐसा नहीं करना चाहिए आपको। मैंने जिंदगी में कई भाषाओं में गाने गाए हैं, लेकिन जो सबसे बेहतरीन गाना है वो कन्नड़ में गाया है। शोज तो हम लोग रोज करते हैं, लेकिन जब भी कर्नाटक में कहीं शो होता है तो हम बहुत इज्जत से आते हैं। क्योंकि आप लोगों ने हमें अपना परिवार माना है। हालांकि फैंस को डांट लगाने के बाद में सोनू निगम ने कन्नड़ भाषा में भी गाने गाए थे। ये पहली बार नहीं है जब सोनू निगम को मंच पर गुस्सा होते देखा गया है। इससे पहले भी साउथ में परफॉर्मेंस देते हुए कुछ स्टूडेंट हॉर्न बजाने लगे थे। ये देखकर सोनू ने परफॉर्मेंस बीच में ही रोक दी थी।
‘The Bhootni’ एक ऐसी फिल्म है जो हॉरर और कॉमेडी को मिलाकर दर्शकों को एक अनोखा अनुभव देने की कोशिश करती है। इसकी कहानी की शुरुआत एक कॉलेज से होती है, जहां वर्जिन ट्री नामक पेड़ है। हर साल 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे पर छात्र इस पेड़ के पास आकर अपनी अधूरी मोहब्बत पूरी होने की मुराद मांगते हैं। हालांकि, कुछ लोग इस पेड़ को श्रापित मानते हैं, क्योंकि माना जाता है कि इसके कारण कई छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। इसी पेड़ के पास दिल टूटा हुआ शांतनु (सनी सिंह) अपनी अधूरी मोहब्बत का दर्द सुनाता है और यहीं से उसकी जिंदगी में आत्मा ‘मोहब्बत’ भूचाल बनकर आती है। फिर एंट्री होती है पैरानॉर्मल एक्सपर्ट और घोस्ट हंटर कृष्णा त्रिपाठी (संजय दत्त) की। कहानी विज्ञान, धर्म और आत्माओं के धोखे से गुजरती है और अंत में मोहब्बत की जीत के साथ खत्म होती है। अभिनय की बात करें तोसनी सिंह ने शांतनु के किरदार को सहजता से निभाया है। पलक तिवारी ‘अनन्या’ के रोल में खूबसूरत लगी हैं और उन्होंने ठीक-ठाक परफॉर्म किया है। मौनी रॉय आत्मा ‘मोहब्बत’ के किरदार में दमदार नजर आती हैं और उन्होंने अपने अभिनय से कहानी में गहराई जोड़ी है। बियूनिक और आसिफ खान की कॉमेडी में पंच देखने को मिलते हैं, लेकिन असली शो स्टॉपर हैं संजय दत्त, जिनकी स्क्रीन पर मौजूदगी दर्शकों को बांधे रखती है। निर्देशन और लेखननिर्देशक और लेखक सिद्धांत सचदेव ने हॉरर-कॉमेडी के ट्रेंड को भुनाने की कोशिश की है। हालांकि, कहानी और स्क्रीनप्ले में कई लूप होल्स हैं, जिन्हें वे कॉमेडी और संजय दत्त की स्टार पावर से भरने की कोशिश करते हैं। पहले हाफ में कुछ सीन जबरन जोड़े हुए लगते हैं, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म रफ्तार पकड़ती है। संगीत और तकनीकी पक्षअमर मोहिले का बैकग्राउंड म्यूजिक असरदार है, लेकिन गाने कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ते। फाइनल वर्डिक्टअगर आप हॉरर-कॉमेडी के शौकीन हैं और संजय दत्त व मौनी रॉय को बड़े पर्दे पर देखने का मन बना रहे हैं, तो ‘The Bhootni’ एक बार जरूर देख सकते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भले ही भारत में सभी पाकिस्तानी कलाकारों को बैन कर दिया गया है। हालांकि कई इंडियन न सिर्फ पाकिस्तानी ड्रामा पसंद करते हैं बल्कि पाकिस्तानी एक्टर्स को सोशल मीडिया पर फॉलो भी करते हैं। उन फैंस के लिए बुरी खबर है क्योंकि अब से कोई भी इंडियन यूजर, किसी पाकिस्तानी सेलेब्स का सोशल मीडिया अकाउंट नहीं देख सकेगा। दरअसल, बुधवार को सभी पाकिस्तानी एक्टर्स के अकाउंट भारतीय यूजर्स के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं। अब पाकिस्तानी सेलेब्स के अकाउंट में लिखा आ रहा है, अकाउंट भारत में मौजूद नहीं है। इन कंटेंट को लीगल रिक्वेस्ट के चलते रिस्ट्रिक्ट किया जा रहा है। भारत में रिस्ट्रिक्ट होने वाले पाकिस्तानी सेलेब्स में माहिरा खान, हानिया आमिर, अली जफर, माया अली, आयजा खान, सजल अली, इकरा अजीज, सनम सईद के नाम शामिल हैं। बता दें कि माहिरा खान, अली जफर, सजल अली बॉलीवुड में काम कर चुके हैं। सजल अली ने श्रीदेवी की फिल्म मॉम में उनकी बेटी का रोल प्ले किया था। हैरानी की बात ये है कि जहां कई पाकिस्तानी टीवी एक्टर्स को भी रिस्ट्रिक्ट किया गया है, वहीं पाकिस्तान के सबसे पॉपुलर एक्टर फवाद खान का अकाउंट अब भी इंडियन यूजर्स के लिए मौजूद है। जबकि फवाद खान बीते लंबे समय से बॉलीवुड कमबैक फिल्म अबीर गुलाल के चलते विवादों से घिरे हुए थे। फवाद खान के अलावा सनम तेरी कसम में नजर आईं मावरा हौकेन, हिंदी मीडियम पाकिस्तानी एक्ट्रेस सबा कमर, युमना जैदी, महविश हयात, एक्टर वहाज अली और उरवा हौकेन के अकाउंट भी रिस्ट्रिक्ट नहीं किए गए हैं। अब पाकिस्तानी शोज भी नहीं देख सकेंगे इंडियन गृह मंत्रालय के आदेश पर अब पाकिस्तान के कई यूट्यूब चैनल्स भी भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं। इनमें ARY डिजिटल और हम टीवी के यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं, जो इंडियन यूजर्स के लिए पाकिस्तानी शोज का जरिया थे। भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाया गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगा दिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इन चैनलों पर भारत, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, सांप्रदायिक और भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप है। पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में लगा बैन साल 2016 में हुए उरी अटैक के बाद सभी पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर बैन लगा दिया गया था। यही वजह रही कि माहिरा खान, फवाद खान जैसे कलाकारों को भारत की कई फिल्में छोड़नी पड़ी थीं। साल 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाए जाने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कलाकारों को पॉलिटिकल टेंशन के चलते सजा नहीं दी जा सकती। यही वजह रही कि पाकिस्तानी कलाकारों को फिर हिंदी सिनेमा में काम दिया जाने लगा। हानिया आमिर को दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म सरदार 3 में काम मिला, वहीं फवाद खान फिल्म अबीर गुलाल से बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे। हालांकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया गया है। FWICE (फिल्म फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयज) ने हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेटर लिखकर साफ किया है कि अगर कोई भी भारतीय पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करेगा, तो उस पर देशद्रोह का केस होगा। साथ ही पाक कलाकारों के साथ काम करने वाले शख्स को इंडियन इंडस्ट्री से बैन कर दिया जाएगा। विवादों के बीच जाहिर तौर पर फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल अब भारत में रिलीज नहीं होगी। वहीं हानिया आमिर को भी फिल्म सरदार 3 से रिप्लेस किया जा रहा है।
अजय देवगन और रितेश देशमुख स्टारर रेड-2 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता की ये फिल्म साल 2018 में आई 'रेड' का सीक्वल है। फिल्म में अजय देवगन, रितेश देशमुख के अलावा अमित सियाल, वाणी कपूर, यशपाल शर्मा, सुप्रिया पाठक मुख्य भूमिका हैं।इस फिल्म की लेंथ 2 घंटा 19 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार की रेटिंग दी है। कहानी में है दम?रेड 2 एक बार फिर ईमानदार IRS ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) की कहानी लेकर आई है। इस बार उनका 75वां ट्रांसफर भोज शहर में होता है—एक ऐसा इलाका जहां केंद्रीय मंत्री और जननेता दादा मनोहर भाई (रितेश देशमुख) का दबदबा है। जनता उन्हें भगवान की तरह पूजती है। अमय जब अपने अधिकारियों के साथ दादा के ठिकानों पर रेड करता है, तो शुरुआत में कुछ हाथ नहीं लगता। यहीं से शुरू होता है एक दिमागी खेल, जहां कानून और सत्ता आमने-सामने हैं। कहानी में थ्रिल है, टेंशन है और एक उद्देश्य भी। पटकथा चुस्त है और कुछ मोमेंट्स वाकई एज़-ऑफ-द-सीट हैं। हालांकि कुछ दृश्य ज़रूरत से ज्यादा खींचे गए लगते हैं और क्लाइमैक्स अपेक्षाकृत अनुमानित लगता है। एक्टिंग में किसका चला जादू?अजय देवगन अमय पटनायक के किरदार में एक बार फिर जमे हैं—गंभीर, दृढ़ और असरदार। लेकिन असली सरप्राइज़ हैं रितेश देशमुख, जिन्होंने निगेटिव रोल में अपनी नई छवि गढ़ी है। उनका शांत लेकिन प्रभावशाली अंदाज़ कहानी में वज़न लाता है। अमित सियाल शो स्टीलर हैं—उनका अभिनय सहज और दमदार है। वाणी कपूर, यशपाल शर्मा और सुप्रिया पाठक ने भी अपने किरदारों के साथ पूरी ईमानदारी दिखाई है। डायरेक्शन कैसा रहा?राजकुमार गुप्ता ने रेड फ्रैंचाइजी को एक नई दिशा देने का साहसिक प्रयास किया है। भोज की नई पृष्ठभूमि, रितेश देशमुख जैसे वर्सेटाइल कलाकार को विरोधी के रूप में पेश करना, और राजनीतिक पावर बनाम सिस्टम की लड़ाई को थ्रिलर शैली में ढालना, ये सब तारीफ़ के काबिल है। अच्छाइयां: नई सेटिंग और किरदारों में ताजगी रितेश देशमुख की दमदार निगेटिव भूमिका चुस्त स्क्रीनप्ले और मजबूत एक्टिंग कमियां: कुछ दृश्यों में ज़रूरत से ज़्यादा सिनेमैटिक लिबर्टी कुछ सीन गैरजरूरी लगते हैं अंत अनुमानित और अपेक्षाकृत कमज़ोर संगीत और तकनीकी पक्षअमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के तनावपूर्ण माहौल को बनाए रखता है। 'तुम्हे दिल्लगी' जैसे गाने पहले से परिचित हैं और भावनात्मक गहराई जरूर लाते हैं, लेकिन कोई खास नयापन महसूस नहीं होता। डांस नंबर्स औसत हैं। सिनेमैटोग्राफी कुछ दृश्यों में प्रभावशाली है और एडिटिंग फिल्म की गति बनाए रखने में सफल रहती है। कुल मिलाकर:अगर आपको 'रेड' पसंद आई थी, तो 'रेड 2' भी निराश नहीं करेगी। यह एक एंगेजिंग क्राइम-थ्रिलर है जिसमें मजबूत परफॉर्मेंस, राजनीति बनाम ईमानदारी की लड़ाई, और मनोरंजक पटकथा का संतुलन देखने को मिलता है। कुछ कमजोरियां जरूर हैं, लेकिन फिल्म देखने लायक है। देखें या छोड़ें?देखें—अजय देवगन और रितेश देशमुख की टक्कर इस ‘रेड-2’ को खास बनाती है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल ने हाल ही में सलमान खान के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैंने अपने सामने बहुत सारे रिश्ते देखे है। मैं किसी को जज नहीं कर सकती। लेकिन हां, मैं नहीं चाहती की सलमान खान कभी भी शादी करें। फिल्मीमंत्रा से बातचीत में अमीषा पटेल ने फिल्म इंडस्ट्री में शादी और तलाक को लेकर बात की। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने आसपास हर तरह के रिश्ते देखे हैं। मैं संजू जैसे रिश्ते भी देखे और फिर कोई ऋतिक जैसा भी है, जिनका तलाक हो चुका है। लेकिन वह और सुजैन के साथ मिलकर आज भी बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं दोनों बेहद अच्छे दोस्त भी हैं। तो मैं कौन होती हूं किसी को जज करने वाली?’ अमीषा पटेल ने सलमान खान के बारे में कहा, सलमान खान काफी कूल इंसान है। सच कहूं तो मैं नहीं चाहती कि वो कभी भी शादी करें। वो बहुत कूल हैं। लोगों से प्यार करने वाले और ख्याल रखने वाले इंसान हैं और सभी के साथ अच्छे हैं।’ सलमान खान के साथ शादी करने पर अमीषा पटेल ने कहा, ‘मुझे सलमान का पूरा इंटरव्यू लेना पड़ेगा कि आप सुधरे हो या नहीं। वो एक दोस्त के रूप में इतने प्यारे हैं कि मैंने उन्हें कभी उस नजर से देखा ही नहीं, क्योंकि वो हमेशा मेरे लिए एक अच्छे दोस्त रहे हैं। बहुत शरारती दोस्त। वो मुझ पर बहुत सारी शरारतें करते हैं और मुझे रुला भी देते हैं। उन्होंने मेरा नाम ‘मीना कुमारी’ रख दिया है, क्योंकि मैं उनके साथ बार-बार रो देती हूं। तो हमारा रिश्ता ऐसा है। मैं खुद को उस तरह से देख ही नहीं सकती। मैं बस खुश हूं कि मैं उनकी और उनके पूरे परिवार की एक अच्छी दोस्त हूं।' बता दें, सलमान खान और अमीषा पटेल ने साथ में फिल्म ये है जलवा में काम किया था। यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म डेविड धवन द्वारा निर्देशित थी।
वेटरन एक्ट्रेस मुमताज और यश चोपड़ा फिल्म 'आदमी और इंसान' में साथ काम किया था। कहा जाता है कि यश कभी मुमताज के प्यार में पागल थे और उनसे शादी करना चाहते थे। अब हाल ही में मुमताज ने यश चोपड़ा संग अपने रिश्ते पर बात की। उन्होंने कहा यश चोपड़ा अक्सर उनके घर आया करते थे और उन्हें बार-बार शादी के लिए प्रपोज भी किया करते थे। पत्रकार विक्की लालवानी के साथ बातचीत में मुमताज से पूछा गया कि क्या यह सच है कि यश चोपड़ा उन्हें पसंद करते थे और उनका पीछा करते थे। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘एक बार नहीं, बल्कि उन्होंने मुझसे शादी के लिए शायद हजार बार पूछा होगा। लेकिन मैं उनसे प्यार नहीं करती थी, तो मैं उनसे शादी कैसे कर सकती थी? मैं हजार बार कह रही हूं, ये थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर कह रही हूं। लेकिन उन्होंने कई बार मुझसे कहा था कि ए मोटी, आई लव यू यार, मुझसे शादी कर लो। लेकिन देखिए, किसी के साथ रिश्ता तभी बनता है जब आप उस इंसान से प्यार करते हों। आपको उस इंसान के करीब होना पसंद आता हो और इसके लिए आप दोनों के बीच केमिस्ट्री होनी चाहिए। अगर केमिस्ट्री ही नहीं है, तो आप एक शादीशुदा जोड़े की तरह कैसे रह सकते हैं? मेरे और उनके बीच वो केमिस्ट्री कभी नहीं थी।’ मुमताज ने कहा, मुझे यश चोपड़ा बतौर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर पसंद थे। लेकिन उनका रिश्ता कभी उस दायरे से आगे नहीं बढ़ा। एक इंसान के तौर पर वो सबसे बेहतरीन लोगों में से एक थे। सेट पर हमेशा लोगों को हंसाते रहते थे। जब उनका निधन हुआ, तो मैं फूट-फूट कर रोई थी। उस समय मैं लंदन में थी। उनके जाने से कुछ समय पहले ही उन्होंने मुझे फोन किया था और कहा था कि उनकी नई फिल्म जरूर देखूं। उन्होंने मुझसे कहा था कि वादा करो कि तुम ये फिल्म देखोगी। मैंने हां कहा था। लेकिन फिर वो चले गए। बहुत दुख हुआ, क्योंकि वो एक बहुत अच्छे इंसान थे। मुमताज ने आगे कहा, ‘मुझे समझ नहीं आता कि वो इतनी जल्दी क्यों चले गए। मुझे नहीं पता कि उन्हें कौन-सी बीमारी थी। मुझे यकीन है कि उनके परिवार ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की होगी, लेकिन वो उन्हें नहीं बचा सके। एक पार्टी में उनकी बहू रानी मुखर्जी मुझसे मिलीं और कहने लगीं यश जी चाहते थे कि आप स्टूडियो आएं। आप कब आएंगी? मैं आपको पूरा स्टूडियो दिखाऊंगी। मैं वाकई में स्टूडियो देखना चाहती थी, क्योंकि वो उनकी आखिरी ख्वाहिश थी। लेकिन अब फोन करके टूर मांगना मुझे ठीक नहीं लगता।’ 80 की उम्र में हुआ था निधन साल 2012 में यश चोपड़ा को डेंगू हुआ था, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। लेकिन मल्टीपल ऑर्गन फेल होने की वजह से उनका निधन हो गया था। वो 80 साल के थे।
अजय देवगन की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘रेड-2’ एक मई को थियेटर में लग चुकी है। इस फिल्म में अजय का सामना रितेश देशमुख से होने वाला है। ‘रेड-2’ फिल्म साल 2018 में आई फिल्म ‘रेड’ का सीक्वल है। डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता की इस ड्रामा थ्रिलर मूवी में वाणी कपूर और सौरभ शुक्ला भी नजर आएंगे। एक्टर रितेश देशमुख और डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने दैनिक भास्कर से फिल्म को लेकर खास बातचीत की है। सवाल- रितेश, आपने हर जॉनर की फिल्में की हैं। आपके फैंस को लगता है कि आप अंडर रेटेड एक्टर हो। क्या कहेंगे? मैं 22 साल से इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। शुरुआत के 10-12 साल एक ही तरह के रोल और फिल्मों को करने में चले गए। उस वक्त सोचता था कि कभी ऐसा समय भी आएगा जब लोग कहेंगे कि ये कॉमेडी छोड़कर कुछ और भी कर सकता है। जब राजकुमार जी जैसे डायरेक्टर आपको इतने बेहतरीन रोल में सोचते हैं और फिर कास्ट करते हैं, ऐसे में ऑडियंस से तारीफ मिलती है तो अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि मेरे अंदर कॉमेडी से अलग भी कुछ है। हालांकि, मैं कॉमेडी बहुत पसंद करता हूं लेकिन किसी भी चीज से ज्यादा मुझे एक्टिंग पसंद है। सवाल- रितेश आपकी एक्टिंग पानी के जैसे है, जिस बर्तन में डाल दो, वैसा ही आकार ले लेता है। इस तारीफ के लिए शुक्रिया। मेरा मानना है कि मेरी पर्सनैलिटी ऐसी है, जो माहौल होता है, उसमें घुलमिल जाता हूं। अगर मेरे डायरेक्टर राज हैं, तो मैं उनके जैसा होना पसंद करता हूं। उनकी दुनिया में ढल जाता हूं। अगर मैं इंद्र कुमार के सेट पर हूं तो मैं उनके जैसा बन जाता हूं। मैं अपने जैसा तब होता हूं, जब मैं अपनी फिल्मों में काम करता हूं। सवाल- राजकुमार, ‘रेड-2’ आपके लिए क्या है और इसे बनाने में इतना समय क्यों लगा? फिल्म का कोई टाइम-टेबल नहीं होता है। टाइम इसलिए लगा कि मुझे ऐसी कहानी चाहिए थी, जो ‘रेड’ की कहानी को आगे ले जाने में सक्षम हो। कहानी के स्क्रीन प्ले और नेरेशन पर मेहनत हुई इसलिए भी टाइम लगा। अजय सर और रितेश जैसे एक्टर को एक साथ कास्ट करने और एक-दूसरे के खिलाफ दिखाने के लिए एक मजबूत कहानी की जरूरत थी। किरदार और कहानी ऐसी होनी चाहिए थी कि जब ऑडियंस देखे तो उन्हें भी मजा आया। इन सबकी वजह से इस फिल्म को लाने में समय लगा। मेरे लिए ‘रेड-2’ के मायने एक अच्छी कहानी और अच्छे पात्र हैं। सवाल- आप रितेश को दादा भाई के किरदार के लिए कास्ट करते समय क्या सोच रहे थे? देखिए, जैसा रितेश ने कहा कि वो 22 साल से काम कर रहे हैं। इन्होंने अलग-अलग किरदार निभाए हैं और एक मंझे हुए कलाकार हैं। रितेश बहुत सिंपल और नैचुरल हैं। डायरेक्टर इन्हें जिस भी किरदार में ढालना चाहता तो ये ढल जाते हैं। कॉम्लेक्स रोल को भी ये जिस सिंपलिसिटी के साथ निभाते हैं, वो अपने आप में कमाल है। मैंने दादा मनोहर भाई का किरदार बनाते समय रितेश की इन्हीं बातों को ध्यान में रखा। इनके साथ ऐसा नहीं है कि किरदार के लिए घंटों प्रैक्टिस करेंगे। मैंने इनके साथ ‘रेड-2’ से भी पहले एक सीरीज में काम किया था। मैंने उस वक्त देखा कि सेट पर हम सब हंसी- मजाक करते रहते थे और जैसे ही कैमरा ऑन होता था, ये अपने किरदार में घुस जाते थे। तभी मैंने सोचा था कि मेरे पास कोई ऐसा किरदार हुआ जिसके लिए रितेश को अप्रोच किया जाना चाहिए, तो मैं जरूर करूंगा। ‘रेड-2’ के समय ऐसा ही हुआ। मुझे पर्सनली ऐसा लगा कि रितेश इस किरदार को बहुत अच्छे से निभाएंगे और इसे एक अलग लेवल पर लेकर जाएंगे। सवाल-रितेश, आपको इस किरदार में क्या अच्छा लगा था? मैं सबसे पहले ये देखता हूं कि कहानी कहना क्या चाहती है। दूसरा कि इसे बना कौन रहा है। एक तो कहानी बहुत अच्छी थी और राजकुमार जी इस फिल्म को बना रहे थे। मुझे ऐसे रोल में किसी ने पहले देखा नहीं है। हालांकि, जब मैंने 'एक विलेन' किया था, तब उसमें मेरा किरदार एक कॉमन मैन का होता है। जो भीड़ में खोने वाला इंसान था। अगर वो कहीं भीड़ में खड़े हो तो आपको उसमें कोई खास बात नहीं दिखेगी। लेकिन ‘रेड-2’ का मेरा किरदार ऐसा है कि जब ये इंसान कहीं खड़ा होगा तो वहां भीड़ इकट्ठा होगी। दादा मनोहर भाई की पर्सनैलिटी इतनी डायनेमिक है। ये एक सेल्फ मेड पॉलिटिकल लीडर है, जो रास्ते से शुरुआत करता है और केंद्रीय मंत्री बनता है। कई दफा पावर डर की वजह से होती है। लेकिन दादा भाई की खासियत ये है कि इनकी पावर लोगों के प्यार और इज्जत की वजह से होती है। जब लोग इस तरह से प्यार करते हैं, फिर उस पावर की बात ही अलग होती है। मुझे लगा कि दादा मनोहर भाई कि किरदार में ताकत है और एक समय के बाद जिस तरह से फिल्म में वो उस पावर को यूज करना शुरू करता है। वो डरावना हो सकता है। सवाल- आप एक पॉलिटिकल फैमिली से आते हैं। इस रोल के लिए निजी अनुभव कितना काम आया? इस फिल्म में मेरा जो किरदार है, वो काफी अलग है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि कैरेक्टर में निजी अनुभव कोई काम आया। हां,लोगों के बीच एक पॉलिटिकल लीडर कैसे रहता है, पब्लिक स्पीच के दौरान क्या माहौल होता है ये सब मुझे पता था। मुझे पता है कि बैकस्टेज क्या होता है, स्टेज पर पहुंचने के बाद क्या होता है और स्पीच के बाद जब आप लोगों के बीच जाओ तो क्या बातें होती हैं। मंत्रालय के कॉरिडोर में अगर चल रहे हैं, तो आसपास क्या बातें होती हैं, ये पता है मुझे। मैंने इन चीजों को नजदीक से देखा है। फिल्म में जब ऐसे सीन्स फिल्माए जा रहे थे, तब मेरा ये अनुभव काम आया। मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे अलग-अलग पार्टी के बहुत सारे नेताओं से मिलने का मौका मिला है। उन सबका अपने तौर-तरीका और स्वैग है। कोई पब्लिक स्पीकिंग में अच्छा है तो किसी में ठहराव है और किसी में सादगी। इस रोल के लिए मैंने कई सारे लीडर्स के कैरेक्टर से कुछ ना कुछ लिया है। लेकिन मैं ऐसा नहीं कह सकता है कि मैंने जो किरदार किया है, वो हूबहू किसी से मिलता है। सवाल- राजकुमार, आप ओरिजनल कहानी के लिए जाने जाते हैं लेकिन आपकी फिल्म में दो ऐसे स्टार्स हैं, जो हिट फ्रेंचाइजी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा नहीं है। अजय और रितेश दोनों ने फ्रेंचाइजी के अलावा भी फिल्में की हैं। हां, इनकी फ्रेंचाइजी हिट रही है। हमारी इंडस्ट्री ऐसी है कि गारंटी किसी भी चीज की नहीं होती है। ‘रेड-2’ सीक्वल है लेकिन इसकी कहानी ओरिजनल ही है। हमने पहली फिल्म के किरदारों को इसमें आगे बढ़ाया है। किरदारों के इर्द-गिर्द जो दुनिया है, वो ओरिजनल ही है। अगर ऑडियंस फ्रेंचाइजी या ओरिजनल फिल्म समझकर देखने आती है तो इससे अच्छी बात क्या होगी। आखिरकार हम सब यही चाहते हैं कि ऑडियंस आए और फिल्म को देखे। सवाल- आप दोनों के पास सेट की कोई यादें हैं, जो आप शेयर करना चाहेंगे? रितेश- मेरे लिए इस फिल्म में दो सीन काफी इमोशनल रहा है। दादा भाई का अपनी मां के साथ जो रिश्ता है, वो मेरे लिए बहुत ज्यादा अहमियत रखता है। हालांकि, फिल्म उस रिलेशनशिप पर आधारित नहीं है। लेकिन उसकी जो नींव है, वो रिलेशनशिप से बंधी है। आप जब फिल्म देखेंगे तो समझ पाएंगे कि मैं क्या बात कर रहा हूं। राजकुमार- जब आप 60-70 दिन साथ काम करते हैं तो बहुत सारे इमोशनल मोमेंट बन जाते हैं। कभी किसी का परफॉर्मेंस होता है, कभी कोई आ रहा या कोई सीन हो गया। इस हिसाब से बहुत यादें हैं। ऐसे में किसी एक बताना थोड़ा अनफेयर होगा। सवाल- आखिर में, अजय देवगन के साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा है। क्या वो सेट पर भी इतने ही सीरियस होते हैं? रितेश- मुझे नहीं पता आप किस सेट की बात कर रहे हैं। अजय मेरे साथ तो कभी सीरियस नहीं रहे हैं। मैं और अजय सेट पर हंसी-मजाक करते रहते हैं। हम दोनों पिछले 20 साल एक साथ काम कर रहे हैं। हमारी साथ में चौथी या पांचवी फिल्म है। मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता हूं और वो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। मैंने ऑन सेट और ऑफ सेट उनके साथ खूब सारा समय बिताया है। अजय एक ऐसे एक्टर हैं, जो बिल्कुल ही इनसिक्योर नहीं हैं। कई बार कुछ स्टार फिल्म को अपनी दृष्टिकोण से देखते हैं लेकिन अजय उन दुर्लभ एक्टर्स में हैं, जो पहले फिल्म को देखते हैं। फिर वो अपने आप को स्टार नहीं किरदार मानते हैं। फिल्म के एक सीन में दादा भाई अमय पटनायक की धज्जियां उड़ाता है, उस सीन में अजय अमय ही थे। उन्होंने उसमें वैसे ही एक्सप्रेशन दिए। वो खुद को फिल्म से बड़ा नहीं मानते हैं। ये उनकी खूबी है। राजकुमार- मैं आपको अजय के प्रैंक का एक किस्सा बताता हूं। हम लोग होली के पहले शूट कर रहे थे। उस दिन कोई सेट पर गुझिया बांट रहा था। उस दिन मेरी वाइफ भी सेट पर थीं। मैं और अजय सीन की बात कर रहे थे। तभी कोई गुझिया लेकर हमारी तरफ आया। अजय ने मुझसे कहा कि ये तुम मत खाना। फिर उन्होंने मुझे बताया कि मेरी वाइफ ने दो गुझिया खा लिया है और वो हंसे जा रही है। मुझे बाद में पता चला कि उसमें कुछ मिला हुआ था।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय मारे गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली, जिसके बाद से ही भारतीयों में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश है। फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी पाकिस्तान का विरोध करते हुए बयान दे रहे हैं। इसी बीच करीना कपूर खान की एक तस्वीर वायरल हो गई, जिसमें वो पाकिस्तानी डिजाइनर के साथ डिनर करते दिख रही हैं। तस्वीर आते ही लोग करीना पर भड़क गए हैं। कुछ उन्हें गद्दार तक कह रहे हैं। ये भी बता दें कि हाल ही में फिल्म फेडरेशन ने ऐलान किया है कि किसी भी पाकिस्तानी कलाकार के साथ काम करने वाले शख्स पर देशद्रोह का केस किया जाएगा। सबसे पहले ये तस्वीर देखिए- तस्वीर में करीना कपूर जिनके कंधे में हाथ रखी हुई हैं, ये शख्स पाकिस्तानी डिजाइनर फराज मन्नान हैं। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद 27 अप्रैल को करीना कपूर दुबई गई थीं। दुबई में वो एक इवेंट का हिस्सा बनी थीं, जिसमें फराज भी शामिल हुए थे। फराज ने इस मुलाकात की तस्वीरें खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं, जो अब वायरल हो रही हैं। X प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने तस्वीरें पोस्ट कर लिखा है, जहां एक तरफ भारत, पाकिस्तान से जंग कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ करीना कपूर पाकिस्तानी डिजाइनर के साथ दुबई में फोटोशूट करने में व्यस्त हैं। वो पहले भी उनके साथ काम कर चुकी हैं। पिछले साल करीना ने फिलिस्तीन को सपोर्ट किया था, लेकिन अब वो अपने देश के लिए खड़ी नहीं हो रही हैं। क्या सिर्फ आर्मी को ही देश के लिए कुर्बानी देना होता है। क्या बॉलीवुड सेलेब्स का कोई कर्तव्य नहीं है अपने देश के लिए। पोस्ट पर एक यूजर ने भड़कते हुए लिखा है, उनके पास देश के लिए करने के लिए कुछ नहीं है। उन्हें सिर्फ खुद से फर्क पड़ता है। वहीं कई यूजर उन्हें गद्दार कह रहे हैं। फराज मन्नान की दोस्त हैं करीना कपूर बताते चलें कि करीना कपूर न सिर्फ फराज के साथ काम कर चुकी हैं, बल्कि उनकी अच्छी दोस्त भी हैं। करीना कई मौकों पर फराज के साथ पोस्ट भी शेयर करती रहती हैं। रणबीर कपूर ये सेलेब्स भी पहन चुके हैं पाकिस्तानी डिजाइनर के कपड़े पाकिस्तानी डिजाइनर फराज मन्नान दुबई के मशहूर डिजाइनर हैं। करीना कपूर खान से पहले भी कई इंडियन सेलिब्रिटीज उनके साथ काम कर चुके हैं। इनमें करीना के कजिन रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, तारा सुतारिया जैसे कई सेलेब्स भी शामिल हैं। देखिए तस्वीरें-
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी यूजर को सपोर्ट करना कॉमेडियन अभिषेक उपमन्यु को भारी पड़ गया। उन्हें अब यूजर्स की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है, जिससे परेशान होकर अभिषेक ने अपना एक्स अकाउंट डीएक्टिवेट कर लिया है। हालांकि, कुछ यूजर्स का दावा है कि उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है। जानें क्या है पूरा मामला? दरअसल, इंटरनेट पर्सनैलिटी अभिजीत अय्यर ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पाकिस्तानी महिलाओं के बारे में एक आपत्तिजनक टिप्पणी को री-शेयर किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक पाकिस्तानी यूजर ने तीखा जवाब दिया।। उसने लिखा था, 'जीरो क्लास। गालियों का मतलब कॉमेडी नहीं है। पूरी दुनिया आपके देश को बलात्कारियों के केंद्र के रूप में देखती है और यह सही भी है। एक औसत भारतीय के मुताबिक यह 'मजेदार' है। आप सभी पश्चिम के देशों में जिस नस्लवाद का सामना कर रहे हैं, आप उसके हकदार हैं।' वहीं, इस कमेंट को कॉमेडियन अभिषेक उपमन्यु ना सिर्फ लाइक किया, बल्कि पाकिस्तानी यूजर का सपोर्ट करते हुए हां का कमेंट भी किया। इसके बाद से ही सोशल मीडिया यूजर्स भड़क उठे और उन्होंने कॉमेडियन को ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोलिंग की लहर के बाद से एक्स पर अभिषेक उपमन्यु का अकाउंट डिएक्टिवेट दिखाई दे रहा है। इस बीच कई यूजर्स का दावा है कि उन्होंने खुद ही अपना अकाउंट बंद किया है, जबकि कुछ का कहना है कि यह एक्स की ओर से सस्पेंड किया गया है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोग मारे गए। जब हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा ने ली तो भारत और पाकिस्तान के संबंध फिर बिगड़ गए। इसका खामियाजा अपकमिंग फिल्म अबीर गुलाल को भुगतना पड़ रहा है। आतंकी हमले के बाद भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल को भारत में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। अब भारत के बाद पाकिस्तान में भी फिल्म अबीर गुलाल की रिलीज पर रोक लगा दिया गया है। जहां भारत को पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान से आपत्ति है, वहीं पाकिस्तानी डिस्ट्रीब्यूटर इंडियन एक्ट्रेस वाणी कपूर की फिल्म पाकिस्तान में रिलीज करने से इनकार कर रहे हैं। हाल ही में सियासत डॉट कॉम ने पाकिस्तान के सीनियर डिस्ट्रीब्यूटर सतीश आनंद के हवाले से पाकिस्तान में अबीर गुलाल बैन होने की खबर पर मुहर लगाई है। सतीश आनंद के अनुसार, इस बैन से फिल्ममेकर्स को बड़ा नुकसान होगा। पहलगाम हमले के बाद इस फिल्म को रिलीज करने का समय पहले से ही बेहद खराब चुना गया था। आतंकी हमले से पहले ही हो रहा था फिल्म का विरोध बताते चलें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद फिल्म अबीर गुलाल को बैन कर दिया गया है, हालांकि इसका विरोध इससे पहले ही शुरू हो चुका था। 1 अप्रैल को फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसके बाद से ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। MNS के प्रवक्ता अमेय खोपकर ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि किसी भी सूरत में ये फिल्म महाराष्ट्र में रिलीज नहीं होने दी जाएगी। वहीं सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा था, कई बार कहने के बावजूद कि पाकिस्तानी कलाकार की फिल्म भारत में रिलीज नहीं होगी, कुछ घटिया लोग नाक में दम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को कुचलने का काम मन सैनिक का होगा। हम करेंगे और करते रहेंगे। इसका मतलब ये नहीं है कि अबीर गुलाल भारत में रिलीज नहीं होगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने फवाद खान की फिल्म के बारे में कहा, 'भारत में पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर नफरत है। जब पाकिस्तान से कोई फिल्म रिलीज होती है, तो भारतीय लोग उसे देखना पसंद नहीं करते। एक-आध फिल्म को एक मिनट के लिए देखने की बात अलग है, लेकिन पाकिस्तान के आर्टिस्ट की फिल्में भारतीय ऑडियंस में ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पातीं। इसीलिए पाकिस्तान के स्टार्स कभी भी भारत में सफल नहीं हो पाए। मैं तो पाकिस्तानियों को यह सलाह दूंगा कि हिंदुस्तान के मार्केट को एक्सप्लोर करने से बेहतर है कि वे अपने ही देश में काम करें। बताते चलें कि फिल्म अबीर गुलाल 9 मई को रिलीज होने वाली थी। फिल्म में फवाद खान और वाणी कपूर लीड रोल में हैं, जबकि साइड रोल में लीजा हेडन, सोनी राजदान, रिद्धी डोगरा, फरीदा जलाल, परमीत सेठी जैसे कलाकार भी हैं। फिल्म की शूटिंग लंदन में 29 सितंबर से शुरू हुई थी, और इसे आरती एस. बागरी ने निर्देशित किया है। इसके निर्माता विवेक अग्रवाल, अवंतिका हरि और राकेश सिप्पी हैं। फिल्म में भारत और यूके के कई शानदार कलाकार सपोर्टिंग रोल्स में नजर आएंगे।
मौनी रॉय जल्द ही फिल्म द भूतनी में नजर आएंगी। हालांकि, इन दिनों वह अपने लुक को लेकर ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि एक्ट्रेस ने प्लास्टिक सर्जरी करवाई है और उनका बोटॉक्स ट्रीटमेंट खराब हो गया है। अब इस पूरे मामले में मौनी ने अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उन लोगों पर दया आती है जो ऑनलाइन नेगेटिविटी फैलाते हैं। जूम के साथ बातचीत में मौनी से पूछा गया कि एक फीमेल एक्टर को खास तौर पर उनके लुक और फैशन को लेकर किस तरह की आलोचना का सामना करना पड़ता है। इसके जवाब में मौनी ने कहा, शुरुआत में जब मैंने वो कमेंट्स पढ़े थे और अब भी कभी-कभी जब मैं वो AI वीडियो देखती हूं, तो मुझे अचानक एक अजीब सी फीलिंग होती है। क्रिंज महसूस होता है। ऐसा लगता है जैसे इसे झेल नहीं पा रही हूं। और फिर यह महसूस होता है कि वह मेरी ही शक्ल है, तो और भी अजीब लगता है। सोचिए, अगर किसी और को ऐसे देखे तो क्या महसूस होगा। जब मेरा चेहरा किसी और के शरीर पर फिट किया जाता है, तो वो अनुभव बहुत घिनौना लगता है। मैं सोचने में मजबूर हो जाती हूं कि आखिर लोग ऐसा क्यों करते हैं। इस तरह की चीजें करके वे क्या हासिल करना चाहते हैं? उनका उद्देश्य क्या है? क्योंकि ऐसा करके तो वे बस लोगों की नेगेटिवि प्रतिक्रियाएं और बद्दुआएं ही इकट्ठा कर रहे हैं। ऐसे काम करने वाले के लिए कोई भी अच्छी दुआ नहीं करेगा। मौनी ने कहा, ‘शुरुआत में जब मैं इंस्टाग्राम पर आई और मुझे बहुत नफरत झेलनी पड़ी, तो मैं वाकई में उन लोगों की प्रोफाइल पर जाकर उन्हें ब्लॉक करने की कोशिश करती थी। लेकिन अब मुझे ऐसे लोगों पर दया आती है। मुझे लगता है कि उनके लिए प्रार्थना करनी चाहिए। ये लोग झूठे हैं, जो खुद को स्क्रीन के पीछे छिपाकर रखते हैं और इस तरह की बातें लिखते हैं।’ 'मैं अपने फैंस से मिलने वाले प्यार को कभी नकार नहीं सकती। लेकिन मुझे सच में लगता है कि इंटरनेट खासकर सोशल मीडिया एक बहुत ही नकारात्मक जगह बनता जा रहा है। लोग सिर्फ लाइक और अटेंशन के लिए दूसरों के बारे में बकवास और भद्दी बातें लिखते हैं। हालांकि मुझे समझ आ गया है कि उनके ऐसा करने से न तो मुझ पर और न ही मेरे काम पर कोई असर पड़ता है। इसलिए मैंने इन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। अपने लुक्स को लेकर ट्रोल हुई थीं एक्ट्रेस फिल्म भूतनी के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में मौनी रॉय संजय दत्त के साथ पहुंची थीं। इवेंट की तस्वीरें सामने आने के बाद मौनी को उनके बदले या कहें तो बिगड़े हुए लुक के चलते जमकर ट्रोल किया जा रहा था। ट्रोलर्स लगातार सर्जरी बिगड़ने की बात कहते हुए उन्हें ट्रोल करने लगे। पूरी खबर पढ़ें..
जावेद अख्तर ने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन पर साफ कहा है कि जो कुछ भी मौजूदा समय में हुआ उसके बाद ये सवाल ही नहीं किए जाने चाहिए कि क्या उन्हें बैन करना ठीक है या नहीं। क्योंकि अब पाकिस्तान के लिए फ्रैंडली फीलिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने का मौका देना पूरी तरह से एकतरफा है क्योंकि पाकिस्तान में आज तक लता मंगेशकर की एक परफॉर्मेंस तक नहीं होने दी गई है। उन्होंने इस एकतरफा काम करने के तरीके का पूरी तरह खंडन किया है। जावेद अख्तर ने हाल ही में पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा है, 'सवाल ये होना चाहिए कि क्या हमें पाकिस्तानी कलाकारों को यहां काम करने देना चाहिए। इसके दो जवाब हैं और दोनों ही लॉजिकल हैं। ये हमेशा से एकतरफा बात रही है। नुसरत फतेह अली खान भारत आए, मेहंदी हसन भारत आए, गुलाम अली भारत आए, नूर जहां भारत आईं। वो ग्रेट परफॉर्मर थे। फैज अहमद फैज भी आए, वो सबकॉन्टिनेंट पोएट थे। मैं उन्हें पाकिस्तानी पोएट नहीं कहूंगा। वो पाकिस्तान में रहते थे, क्योंकि वो वहां पैदा हुए थे, लेकिन वो प्यार और शांति के पोएट थे। जब अटल बिहारी बाजपेयी प्राइम मिनिस्टर थे, तब वो भारत आए थे, तब उन्हें स्टेट हैड जैसा सम्मान दिया गया था। यहां तक की सरकार ने भी उन्हें बहुत सम्मान दिया था। लेकिन मुझे इसका पछतावा है कि वहां से इसके बदले कुछ नहीं किया गया। मुझे पाकिस्तान के लोगों से कोई शिकायत नहीं है।' जावेद अख्तर ने आगे कहा है, 'पाकिस्तान के बड़े कवियों ने लता मंगेशकर के लिए गाने लिखे हैं। वो 60-70 के दशक में भारत और पाकिस्तान की सबसे पॉपुलर सिंगर थीं। लेकिन आज तक पाकिस्तान में कभी उनकी एक भी परफॉर्मेंस नहीं हुई। मुझे पाकिस्तानी लोगों से शिकायत नहीं। वहां के लोग उन्हें पसंद करते थे, लेकिन उनका रास्ता रोका गया था। सिस्टम ने बाधा डाली, जो मैं कभी नहीं समझ सकता। ये जो एकतरफा ट्रेफिक है, कहीं न कहीं हम इससे थक चुके हैं कि ये बात तो ठीक नहीं है। तुम्हारी तरफ से तो हमें रिस्पॉन्स मिलता नहीं है। ये कब तक चलेगा।' आगे उन्होंने कहा है, 'दूसरा पॉइंट ऑफ व्यू भी वैलिड है। वो ये है कि अगर हम एक सॉलिड लॉजिक के साथ पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करते हैं तो हम किसे खुश कर रहे हैं, आर्मी और कट्टरपंथियों को। वो भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऊंची दीवार बनाना चाहते हैं, जिससे पाकिस्तानी ये न देख सके कि भारतीय लोगों के पास कितनी आजादी और विशेषाधिकारों हैं, जिसे वो एंजॉय करते हैं। वो दूरी चाहते हैं, यही उनपर शोभा देता है। जो हमारी मिलनसारिता है कि हमें पाकिस्तानी आर्टिस्ट के साथ काम करना है, ये उन पर शोभा ही नहीं देता। क्योंकि फिर वो आर्टिस्ट वापस जाकर पाकिस्तान में इंडियन सोसाइटी के बारे में बताते होंगे कि वो लोग तो बहुत खुश हैं। तो क्या हम उन्हें खुश कर रहे हैं, क्या हम उन्हें बैन करके उनकी मदद कर रहे हैं। हाल फिलहाल में जो हुआ है, उसके बाद तो ये टॉपिक ही नहीं होना चाहिए। उनके लिए कोई फ्रैंडली फीलिंग नहीं है। ये तो अब इसके बारे में सोचने का समय भी नहीं है।' बताते चलें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। यही वजह है कि फवाद खान की कमबैक फिल्म अबीर गुलाल अब भारत में रिलीज नहीं होगी। फिल्म फेडरेशन ने ये भी ऐलान किया है कि पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करना अब देशद्रोह माना जाएगा।
सिंगर नेहा कक्कड़ मेलबर्न के एक कॉन्सर्ट के चलते विवादों से घिरी हुई हैं। सिंगर पर आरोप हैं कि उन्होंने मेलबर्न में 3 घंटे तक फैंस को इंतजार करवाया और फिर मंच पर आकर माफी मांगते हुए रो पड़ीं। आरोप ये भी हैं कि उन्होंने 1 घंटे तक परफॉर्म भी नहीं किया। विवादों से घिरने के बाद नेहा ने ऑर्गेनाइजर्स पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए थे और न ही रुकने और खाने का इंतजाम था। इसके बावजूद उन्होंने परफॉर्मेंस दी। हालांकि अब ऑर्गेनाइजर्स की मानें तो नेहा के 3 घंटे देरी से आने की वजह इंतजाम नहीं बल्कि कम भीड़ थी। नेहा ने जब देखा की उनके कॉन्सर्ट में लोग कम हैं, तो उन्होंने ऑर्गेनाइजर्स से कहा कि जब तक स्टेडियम फुल नहीं होता वो नहीं गाएंगी। हाल ही में सिद्धार्थ कानन को दिए इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलिया कॉन्सर्ट के ऑर्गेनाइजर पेस डी और बिक्रम सिंह रंधावा ने इस विवाद पर बात की। उन्होंने कहा कि नेहा कक्कड़ को कॉन्सर्ट में साढ़े 7 बजे पहुंचना था, लेकिन वो 10 बजे पहुंचीं। भीड़ लगातार चीयर कर रही थी, लेकिन जब वो नहीं पहुंचीं तो लोग भड़कने लगे। ब्रिकम रंधावा ने कहा कि उस कॉन्सर्ट के लिए लोग टाइम निकालकर आए थे। उन्होंने एक टिकट के करीबन 15 हजार रुपए खर्च किए थे। बिक्रम ने बताया कि नेहा कक्कड़ ने मेलबर्न कॉन्सर्ट के ऑर्गेनाइजर से ये कह दिया था कि सिर्फ 700 लोग आए हैं, इसलिए मैं परफॉर्म नहीं करूंगी। नेहा ने कहा था, जब तक और जनता नहीं आएगी और स्टेडियम नहीं भरेगा, मैं परफॉर्म नहीं करूंगी। नेहा ने सोशल मीडिया के जरिए ऑर्गेनाइजर्स पर आरोप लगाए थे कि उनका साउंड चेक नहीं हुआ था, जिसके चलते शो में देरी हुई। हालांकि नेहा के दावे को बिक्रम रंधावा ने बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि उस शो में ओपनिंग एक्ट हुए थे, माइक से लेकर सेटअप तक सब कुछ बढ़िया था। जो उन्होंने चीजें बोली हैं, मुझे नहीं लगता वो सच है। हमने खुद अपनी आंखों से देखा है कि वहां सारा सेटअप हुआ था। उस शो का ऑर्गेनाइजर हमारा दोस्त ही है। नेहा ने ये भी दावा किया था कि ऑर्गेनाइजर्स पैसे लेकर भाग गए थे। उनकी टीम को रहने और खाने की व्यवस्था भी नहीं दी गई। इसके बावजूद उन्होंने बिना पैसे लिए शो किया। इस पर बिक्रम रंधावा ने कहा, गाड़ियों की लाइनें लगी हुई थीं। होटल्स उनके बुक थे। तो कहां रुकी हुई थीं मैडम। किसी भी आर्टिस्ट को ऑस्ट्रेलिया बुलाने से पहले ही उसके सारी फीस दी जाती है और उसकी पहले से बुकिंग करवाई जाती है। उनके इस दावे को मैं खारिज करता हूं। विवाद पर क्या था नेहा कक्कड़ का बयान कॉन्सर्ट का वीडियो वायरल होने के बाद नेहा कक्कड़ ने इस पर सफाई देते हुए कहा था- वो कहते हैं कि ये 3 घंटे लेट आई, क्या उन्होंने एक बार भी पूछा कि उसके साथ क्या हुआ? उन लोगों ने उसके और उसके बैंड के साथ क्या किया? जब मैंने स्टेज पर बोला तो मैंने किसी को नहीं बताया कि क्या हुआ क्योंकि मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थी। मैं किसी को सजा देने वाली होती कौन हूं। लेकिन जब अब बात मेरे नाम की है तो मुझे बोलना पड़ेगा। क्या आप जानते हैं कि मेलबर्न की जनता के लिए मैंने फ्री में परफॉर्म किया था। स्पोंसर्स मेरे और दूसरों के पैसे लेकर भाग गए। मेरे बैंड को खाना, पानी और होटल तक नहीं दिया गया। मेरे पति और उनके दोस्तों ने जाकर खाना मुहैया करवाया। इन सबके बावजूद हम स्टेज पर गए और बिना किसी रेस्ट के शो किया क्योंकि मेरे फैंस मेरा कई घंटों से इंतजार कर रहे थे। क्या आपको पता है कि हमारा साउंड चेक रोक दिया गया था। क्योंकि साउंड वालों को भी पैसे नहीं दिए गए थे तो उन लोगों ने साउंड देने से मना कर दिया था। हमें ये भी नहीं पता था कि कॉन्सर्ट हो पाएगा या नहीं क्योंकि ऑर्गेनाइजर्स ने मेरे मैनेजर का कॉल उठाना बंद कर दिया था। क्योंकि वो लोग स्पॉन्सर्स के साथ भाग चुके थे। शेयर करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन मुझे लगता है कि इतना काफी होगा। मैं उन लोगों को शुक्रिया कहना चाहती हूं जिन्होंने मेरे बारे में खूबसूरती से कहा, मानों जैसे ये उन्हीं के साथ हुआ हो। मैं हमेशा उन लोगों की आभारी रहूंगी, जो लोग मेरे कॉन्सर्ट में आए और मेरे साथ रोए। ऑर्गेनाइजर्स बोले- होटल रूम में सिगरेट पी रही थीं सिंगर मेलबर्न कॉन्सर्ट की ऑर्गेनाइजर बीट प्रोडक्शन कंपनी ने दावा किया कि सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में क्राउन टावर्स ने उन पर बैन लगा दिया है। साथ ही बताया कि क्योंकि नेहा और उनके साथियों ने होटल के उन कमरों में भी स्मोकिंग की, जहां यह सब मना होता है। साथ ही कंपनी ने ये भी बताया है कि नेहा कक्कड़ की वजह से उन्हें साढ़े 4 करोड़ का नुकसान हुआ है। कंपनी ने एक स्क्रीनशॉट शेयर कर इसका सबूत पेश किया था।
पिछले कुछ सालों में कई बड़ी फिल्में भी ज्यादा हिट नहीं हो रही हैं। बड़े स्टार्स की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर रही हैं और कई फिल्में चंद दिनों में ही थिएटर से उतर रही हैं। इस मुद्दे पर अब संजय दत्त ने भी माना है कि फिल्म इंडस्ट्री बंट चुकी है। इससे उबरने के लिए संजय दत्त ने इंडस्ट्री से एकजुट रहने की विनती की है। हाल ही में अपकमिंग फिल्म द भूतनी के प्रमोशनल इवेंट में संजय दत्त ने कहा है, दुख होता है कि अपनी इंडस्ट्री बंट चुकी है, जो कभी देखा नहीं था। हम लोग एक फैमिली थे और हमेशा रहेंगे, आगे भी चल कर। थोड़ा भटक गए हैं। मैं ये कहना चाहता हूं हर पिक्चर इंपॉर्टेंट होती है, इस इंडस्ट्री के लिए। हर पिक्चर को वो मौका देना चाहिए, फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर, प्रमोटर सबको हर किसी के लिए बराबर होना चाहिए। आगे उन्होंने कहा, भूतनी को इतना जोर नहीं दिया जा रहा है, लेकिन मुझे पता है कि पिक्चर बहुत आगे निकलेगी। मैं विनती करता हूं कि फिल्म इंडस्ट्री एक साथ खड़ी हो और एक दूसरे की मदद करे। जिससे फिल्म इंडस्ट्री तरक्की कर सके। मैं सिर्फ अपनी बात नहीं कर रहा हूं। पूरी अपनी कम्युनिटी की बात कर रहा हूं, पूरी इंडस्ट्री की बात कर रहा हूं, आई लव माय इंडस्ट्री। बताते चलें कि मंगलवार को मुंबई में फिल्म द भूतनी का प्रमोशनल इवेंट रखा गया था। इस दौरान फिल्म की पूरी स्टारकास्ट मौजूद रही। इवेंट में संजय दत्त ने ओपन जीप से शानदार एंट्री ली। फिल्म द भूतनी एक हॉरर ड्रामा फिल्म है, जिसमें संजय दत्त, मौनी रॉय, पलक तिवारी, सनी सिंह लीड रोल में नजर आने वाले हैं। ये फिल्म 1 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी, जिसका निर्देशन सिद्धांत सचदेव ने किया है।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गम में डुबो दिया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने हमले की तुलना अब फिल्म मैं हूं ना में सुनील शेट्टी के किरदार 'राघवन' से कर दी। उनका कहना है कि इस हमले के सामने तो फिल्म में उनका रोल कोई खलनायक का नहीं था दरअसल, सुनील शेट्टी ने अपने अपकमिंग फिल्म केसरी वीर के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने फिल्म में अपने किरदार के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘जो देशभक्त है, वो विलेन तो हो ही नहीं सकता। फिल्म की स्क्रिप्ट के मुताबिक राघवन एक विलेन के रोल में था। लेकिन जब मैंने कहानी सुनी, तो मैंने दो मिनट के अंदर ही हां कह दिया। मुझे आज भी याद है, फराह खान ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं वाकई यह रोल करना चाहता हूं, क्योंकि यह एक नेगेटिव किरदार है।’ इससे पहले कई स्टार्स ने इस रोल को करने मना कर दिया। इसमें नाना पाटेकर और कमल हासन का भी नाम शामिल था। लेकिन मेरी मानों तो यह रोल नेगेटिव कैसे हो सकता है? हमारा दुश्मन तो वही रहेगा। अब फिल्म के हिसाब से मेरा बेटा सीमा पार दूसरी तरफ मारा गया था। मैंने तो बस यह चाहा था कि उसका शव वापस दिया जाए, लेकिन वे तैयार नहीं थे। तो दुश्मनी तो दोगुनी ही हो जाएगी न?’ सुनील शेट्टी आगे कहते हैं, फिल्म केसरी वीर में उनका किरदार युद्धा का है, जो देश के प्रति उनके प्यार को दिखाता है। इससे पहले भी उन्होंने बॉर्डर, कयामत: सिटी अंडर थ्रेट और मैं हूं ना फिल्मों में ऐसे रोल किए थे। सुनील शेट्टी ने कहा, मुझे खुशी है कि अब ऐसी फिल्में बनाई जा रही हैं, जिसमें यह दिखाया जाता है कि सनातन धर्म क्या है। हम क्या मानते हैं? हम क्या कहना चाहते थे और अब भी हम दुनिया को क्या बताना चाहते हैं? हम कौन हैं। जैसे कि मैंने हमेशा कहा है, धर्म, कर्म और सेवा ही हमारी मान्यता है और यही इस फिल्म का विषय है। पहलगाम आतंकी हमले पर सुनील शेट्टी का बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर जहां एक ओर बॉलीवुड के कई सितारों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। वहीं एक्टर सुनील शेट्टी ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपनी अगली छुट्टियां कश्मीर घाटी में बिताएं। उन्होंने कहा, जो लोग नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हमें यह संदेश देना होगा कि कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमेशा हमारा ही रहेगा। पूरी खबर पढ़ें..
परवीन बाबी अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती थीं। एक समय उनका नाम फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ भी जुड़ा था, उस समय वह शादीशुदा थे। हाल ही में महेश भट्ट ने खुलासा करते हुए बताया कि परवीन बाबी की पहले ही शादी हो चुकी थी। उनका पति पाकिस्तान चले गए थे और फिर कभी वापस नहीं लौटे। बीबीसी न्यूज हिंदी से बातचीत में महेश भट्ट ने कहा, ‘परवीन की शादी के बारे में मुझे बाद में पता चला, जब हम पहले से ही रिश्ते में थे। परवीन खुद इस बारे में बहुत कम बात करती थीं, लेकिन उनकी मां जूनागढ़ से मिलने आती थीं, तब कभी-कभी इस बारे में बात होती थी, क्योंकि उस समय तक मैं परवीन के साथ रह रहा था। तभी यह चर्चा हुई कि परवीन की एक बार शादी हुई थी। लेकिन जिस व्यक्ति से शादी हुई थी वह व्यक्ति पाकिस्तान चला गया था।’ महेश ने कहा, ‘साल 2003 में जब मैं एक फिल्म फेस्टिवल के लिए पाकिस्तान गया था। वहां मुझे बताया गया कि कोई आपसे मिलना चाहता है, लेकिन मैं उससे मिल नहीं सका। मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं उससे नहीं मिलना चाहता, लेकिन किसी वजह से वह मुलाकात हो नहीं पाई। मैं सोच रहा था कि वह मुझसे क्यों मिलना चाहता होगा? मैं कभी ऐसा इंसान नहीं रहा, जिसने अपने दरवाजे किसी के लिए बंद कर दिए हों।’ बता दें, महेश भट्ट और परवीन बाबी का अफेयर 1977 में शुरू हुआ था। उस वक्त परवीन टॉप की एक्ट्रेस थीं और 'अमर अकबर एंथोनी', 'काला पत्थर' की शूटिंग कर रही थी और वे फ्लॉप फिल्ममेकर थे। लेकिन फिर 1980 में महेश और परवीन का ब्रेकअप हो गया। घर में मिली थी परवीन बाबी की लाश परवीन बाबी पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जूझ रही थीं। परवीन की मौत साल 2005 में हो गई थी। उनकी लाश को 3 दिन बाद उनके घर से बरामद किया गया था।
संजय दत्त, मौनी रॉय, सनी सिंह स्टारर फिल्म ‘द भूतनी’ एक मई को थियेटर में रिलीज हो रही है। ये एक हॉरर कॉमेडी है, जिसे लिखा और डायरेक्ट सिद्धांत सचदेव ने किया है। फिल्म में ‘पंचायत’ फेम आसिफ खान, पलक तिवारी भी दिखेंगी। साथ ही इस फिल्म से एक नए एक्टर निक अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं। संजय दत्त फिल्म में एक्ट करने के अलावा इसके प्रोड्यूसर भी हैं। दैनिक भास्कर के साथ ‘द भूतनी’ के स्टार कास्ट ने खास बातचीत की है। पढ़िए उनका इंटरव्यू… सवाल- मौनी, 'द भूतनी' फिल्म की जर्नी कैसी रही। इसके बारे में बताएं। इस फिल्म में हमारे डायरेक्टर सिद्धांत सचदेव ने एक अलौलिक और अद्भुत दुनिया बनाई है। सेटअप कॉलेज का है, जिसमें कुछ लोगों की कहानी है। कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स हैं, जो चाहते हैं कि उन्हें प्यार मिले। खासकर के शांतनु का जो किरदार है, उसे प्यार की तलाश है। उस कहानी में आगे चलकर क्या होता है। उसे प्यार मिलता है और कैसा प्यार मिलता है। ये कहानी है। मैं और पलक क्या कर रहे हैं, उसके लिए आपको फिल्म जाकर देखना पड़ेगा। सवाल- सनी, संजय दत्त इस फिल्म में एक्टिंग के अलावा इसे प्रोड्यूस भी कर रहे हैं। जब आपको पता चला तो क्या रिएक्शन था? इससे पहले भी 2018 के आसपास हमने एक मीटिंग की थी। वो भी एक कॉमेडी फिल्म थी। हम चाह रहे थे कि वो फिल्म शुरू हो लेकिन लॉकडाउन लग गया। तब से आज तक मेरा और संजय सर का एक अनकहा बॉन्ड है। इस फिल्म के जो डायरेक्टर हैं सिद्धांत सचदेव उनके साथ मेरी दोस्ती है। इस फिल्म में मेरा कनेक्शन काफी लोगों के साथ है। जब मैं इसकी नेरेशन सुन रहा था, मैं तबसे संजू सर को लेकर उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि हम जब पर्दे पर साथ आएंगे तो कुछ अलग होगा। बचपन से उनके साथ काम करने की चाहत थी, वो इतने अच्छे तरीके से हुआ है। जिस तरह से कहानी लिखी गई है, सबके किरदार, संजू सर बाबा बने हैं वो बहुत ही खूबसूरत है। सेट पर संजू सर अगर चुप भी बैठे हैं, तो लगता है हम उनसे कुछ सीख रहे हैं। सवाल- संजय दत्त के साथ कोई यादगार मोमेंट? शूटिंग के दौरान मैंने और सर तय कि हम लोग फिल्म का पोस्टर इंस्टाग्राम पर डालेंगे। हम दोनों ने इसके लिए शाम छह बजे का वक्त तय किया था। छह बजते ही संजू सर मेरे पास आए और पंजाबी में कहा कि सनी फोटो नहीं डालनी? सर के इस जेस्चर से मैं बहुत खुश हो गया। मेरे पास उनके इतने किस्से हैं, जो कभी खत्म नहीं होंगे। पर्सनली भी उन्होंने मुझे काफी मदद की है। मेरी मां को गुजरे दो-ढाई साल हो गए हैं। उस वक्त संजू सर ने मुझे अपने डॉक्टर से मिलवाया। उन्होंने मां का ट्रीटमेंट किया। मां के गुजरने के बाद हर कुछ दिन बाद वो चेक करते थे कि मैं ठीक हूं या नहीं। मुझे किसी चीज की जरूरत तो नहीं है। मैं इस चीज को कभी नहीं भूल पाऊंगा। सवाल- पलक, आप भूत-प्रेत में यकीन रखती हैं? नहीं, मेरा भूत-प्रेत में कोई यकीन नहीं है। हां, मेरी नानी ने मुझे हमेशा भगवान में विश्वास करना सिखाया है। मेरी फैमिली बहुत ज्यादा पूजा-पाठ करने वाली है। मेरी नानी हर सुबह पांच बजे उठकर पूजा-पाठ करती हैं। उनकी वजह से हम सब में स्प्रिचुअलिटी ज्यादा है। प्रेत का पता नहीं, भूत होते होंगे और अच्छे ही होते होंगे। मुझे नहीं लगता कि बुरी आत्माएं होती हैं। एक एनर्जी होती है, जो याद की तरह पीछे रह जाती है। जैसा कि हमारे फिल्म में दिखाया गया है। भूत कभी-कभी एक एहसास भी होते हैं। सवाल- आसिफ आप आपने किरदार के बारे में बताएं। फिल्म में मेरा लुक तो आपने ट्रेलर में देख ही लिया है। मेरे किरदार का नाम नासिर है। नासिर अपने तीन-चार दोस्तों के साथ कॉलेज में पढ़ता है। वहां उनकी लाइफ में दो-चार और नए किरदारों की एंट्री होती है, जिसके लिए वे तैयार नहीं होते हैं। मेरा किरदार नासिर यूपी के एक बहुत छोटे शहर से आता है। उसे उर्दू बोलने और शायरी लिखने का शौक होता है। वो इतना सीधा है कि अगर जमाना 40 की स्पीड से चल रहा है तो वो 20 की स्पीड से चलता है। कॉलेज में जो उसके दोस्त हैं, वो सब भी सीधे हैं। सवाल- निक, आप इस फिल्म से अपना डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म से कैसे जुड़े? जी, मैं सिद्धांत सर से मिला था। उन्होंने मुझे कहानी नैरेट करने से पहले कहा कि ये तू ही है। जब मैंने साहिल के किरदार का नेरेशन सुना, तब मुझे भी लगा कि मैं ही हूं। फिल्म में मेरा एक्सपीरियंस आसिफ से हटकर है। आसिफ फिल्म में किरदार निभा रहा है। मैं तो असल में यही हूं। मुझे ज्यादा तैयारी करनी नहीं पड़ी। मैं मुंबई से हूं, साहिल का किरदार भी मुंबई से होता है। भाषा की भी दिक्कत नहीं हुई। साहिल का किरदार लाउड है, मैं भी असल जिंदगी में लाउड हूं। मैं खुद को लकी मानता हूं कि पहली फिल्म में मुझे ऐसा रोल मिला, जिसके लिए बहुत तैयारी नहीं करनी पड़ी। साथ ही पहली ही फिल्म में इतने सारे अच्छे एक्टर के साथ काम करने का मौका मिला, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। सवाल- मौनी, फिल्म में आप कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही हैं। असल जीवन में क्या हासिल करना चाहती हैं? आपने बढ़िया सवाल पूछा है। असल जिंदगी में मैं पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस चाहती हूं। पूरी तरह से मेंटल पीस हासिल करना चाहती हूं। मैं पिछले साढ़े तीन साल से भगवद गीता पढ़ रही हूं।उसमें बताया गया है कि सेवा सबसे बड़ा धर्म होता है। मैं लोगों की हेल्प करना चाहती हूं। अभी जितना करती हूं वो काफी नहीं है। जानवरों के लिए कुछ करना चाहती हूं। लाइफ में ऐसी कई ख्वाहिशें हैं। मेरे एम्बिशन बहुत हाई नहीं हैं। सवाल- संजय दत्त के साथ पहला सीन क्या था? पहले सीन में उनसे ज्यादा बातचीत नहीं हुई। मैंने उन्हें सिर्फ हाय-हैलो नमस्ते बोला। पहला सीन ऐसा था कि मैं शूट करती हूं और वो दूर से खड़े होकर देखते हैं। आप जब फिल्म देखेंगे तो समझ आएगा। मेरा मेन सीन संजय सर के साथ हार्नेस पर था। मैं हवा में उड़कर उनसे मिली हूं। आप जो पोस्टर में देख रहे हैं कि मैं हवा में उड़कर उनके सीन पर पैर रखा है। ये सीन संजय सर के साथ शूट किए गए पहले कुछ चुनिंदा सीन्स में से एक है। ये करते वक्त मुझे डर और अजीब लग रहा था कि मैं उन पर कैसे पैर रख सकती हूं। मैं बार-बार उन्हें सॉरी सर बोल रही थी। लेकिन वो काफी अप्रोचेबल हैं। जितना बड़ा उनका ओहदा है, वो उतने ही ज्यादा उदार हैं। वो आपसे बहुत प्यार से मिलते हैं। मैं चाहती थी कि उनके साथ मेरे थोड़े और सीन्स हों लेकिन उनके साथ काम करके एक सपना पूरा हुआ है। सवाल- ऐसी कोई हॉरर फिल्म है, जिसे देखकर आप सबको डरा लगा था? सनी- हां, मैं और मेरे दोस्त बचपन में फन के लिए हॉरर फिल्म देखते थे। हॉरर फिल्म हम सब सिर झुका कर देखते थे। जब भूत स्क्रीन पर आता, तब हम अपना सिर नीचे कर लेते और जैसे ही चला जाता फिल्म देखने लगते। मैंने 'ईविल डेड' देखी थी, मुझे वो डरावनी लगी थी। 'गुमनाम है कोई' से भी डर लगता था। लेकिन मैं मानता हूं कि हॉरर कॉमेडी का अपना चार्म है। ऐसी फिल्मों से डर भी लगता है और जब कॉमेडी आती है, तब हम थोड़ा रिलैक्स हो जाते हैं। आसिफ- भूत का डर तब तक ही होता है, जब तक उसे आप दिखाओ ना। जैसे ही पर्दे पर भूत दिखाया जाता, मेरा डर खत्म हो जाता है। फिल्मों में काम करने के बाद मेरे लिए हॉरर फिल्म का मजा खराब हो गया है। अब मैं जब पर्दे पर भूत देखता हूं तो मेरे दिमाग में चलता है कि इसे शूट करने के लिए इसके सामने डीओपी होगा। फिर मेरा मजा खराब हो जाता है। मौनी- मुझे 'कंज्यूरिंग' से काफी डर लगा था। हिंदी फिल्म की बात करें तो 'कौन' बहुत डरावनी लगी थी। उर्मिला मैम ने अपनी परफॉर्मेंस से उसमें जान डाल दी थी। मैं आसिफ की बात से भी सहमत हूं कि जब तक भूत ना दिखे, डर बना रहता है। सवाल-पलक आपको जीवन में क्या हासिल करना है? मुझे बस इतना काम करना है कि मैं अपने परिवार को उन्नति और सुख दे पाऊं। मैं अपने काम से अपनी मां को, अपने नाना-नानी और अपने भाई को स्थिर जिंदगी देना चाहती हूं। उन्हें कभी किसी चीज की जरूरत ना हो। जैसे मेरी मां ने मुझे अब तक रखा है। मैं अपनी भाई को वैसी ही परवरिश और लग्जरी देना चाहती हूं, जैसी मेरी हुई है। सवाल- आसिफ, आपने संजय दत्त की कौन सी फिल्म सबसे पहली देखी थी? मैंने सर की पहली फिल्म 'दाग द फायर' वीसीआर पर देखी थी। हॉल मैं तो उनकी कितनी फिल्में देखी है, याद भी नहीं। मैं राजस्थान के चितौड़ जिले के एक बहुत छोटे से शहर आता हूं। वहां पर ऑटो में एक तरफ सलमान सर की और एक तरफ संजू सर की फोटो लगी होती है। जिम में भी दोनों की फोटो लगी होती है। किसी भी बनियान की कंपनी हो, उसे पर फोटो संजू सर या सलमान सर की होती है। आपको छोटे शहरों में इन दोनों के लिए बहुत प्यार-मोहब्बत मिलेगी। जब से वहां यार-दोस्तों को पता चला है कि मैं उनके साथ काम कर रहा हूं, वो सब अभी से पागल हैं। वो इंतजार कर रहे हैं कि फिल्म कब आएगी। सनी- मैं एक बात कहना चाहूंगा...90 में सलमान और संजय दत्त जैसे जो हीरो थे, उनका नेचुरल स्टाइल था। उन्होंने कुछ क्रिएट नहीं करना पड़ता था। वो इतना ज्यादा नेचुरल है कि उन दोनों के गानों पर डांस कैसे करना है, हमें पता होता है। इन दोनों का छोटे शहरों में ऐसा क्रेज है कि लोग पूरी लाइफ इनके जैसे बनकर रहते हैं। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे बॉलीवुड जगत को गहरे सदमे में डाल दिया है। फिल्म इंडस्ट्री के तमाम कलाकार और फिल्ममेकर इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अब डायरेक्टर अनिल शर्मा ने भी अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा कि अब सहनशीलता की सारी हदें पार हो चुकी हैं। भारत ने कभी भी पहले हमला नहीं किया, लेकिन अब और चुप रहना मुमकिन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी फिल्मों में हमेशा शांति और एकता का संदेश दिया जाता है। ई टाइम्स से बातचीत के दौरान अनिल शर्मा ने कहा, ‘हर फिल्ममेकर ने अपने-अपने तरीके से भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई को पर्दे पर उतारा है। यश चोपड़ा जी ने अपने खास तरीके से इसे दर्शाया, जबकि 'बॉर्डर' ने इसे एक अलग अंदाज में लोगों के सामने पेश किया। जब हमने 'गदर' बनाई, तो हमारा संदेश यही था कि मोहब्बत ही सबसे जरूरी है। बंटवारे के दौरान लाखों जिंदगियां खत्म हो गईं। इसके बाद हमें यह सवाल उठाना पड़ा कि अगर दोनों देशों में लोग एक जैसे थे, तो क्या किसी नए देश की आवश्यकता थी? उस वक्त भारत में रह रहे मुसलमानों की जड़ें कहीं न कहीं हिंदुओं से जुड़ी हुई थीं और दोनों के बीच गहरी भाईचारे की भावना थी।’ अनिल शर्मा ने आगे कहा, ‘बंटवारे के समय यह कहा गया था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू वहीं रहेंगे और भारत में रहने वाले मुसलमान वहीं रहेंगे। जैसा कि हमने गदर में भी दिखाया था। पाकिस्तान में हिंदुओं को वहां से निकलने के आदेश दिए जा रहे थे। यह सब सत्ता के और धर्म के खेल का परिणाम था, जो इंसानियत को खत्म करता है। अनिल शर्मा की मानें तो 'उरी' और 'वीर जारा' जैसी फिल्में पूरी तरह से अलग हैं। अगर कोई हमारे घर में हमला करेगा, तो हम भी उसकी जगह जाकर पलटवार करेंगे। उरी और अनिल शर्मा की पहले अपनी फिल्म 'तहलका' में भी यही दिखाया था। अनिल शर्मा ने कहा, ‘नाम पूछकर हत्या करने का क्या मतलब है? हत्या की जरूरत क्यों पड़ी? क्या आप यह चाहते हैं कि हिंदू और मुसलमानों के बीच लड़ाई हो? यह सब राजनीति की चालें हैं, जहां लोग अपने निजी हितों को पूरा करने के लिए ऐसे माहौल को बढ़ावा देते हैं। अगर दोनों देशों के लोग इंसानियत के रास्ते पर चलने का फैसला करें, तो रिश्तों में सुधार हो सकता है। नेता तो हमेशा राजनीति करेंगे, लेकिन हमें अपने समाज में प्यार और शांति का संदेश फैलाना चाहिए। ---------------- इससे जुड़ी खबर पढ़ें.. पहलगाम आतंकियों पर भड़कीं दीपिका कक्कड़:कहा- इतना बुरा हाल करो कि वो सरेआम तड़पें, हमले से चंद घंटे पहले कश्मीर में ही थीं एक्ट्रेस 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से चंद घंटे पहले एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम कश्मीर में ही थे। हालांकि खुशकिस्मती से वो वहां से समय रहते निकल आईं। अब एक्ट्रेस ने इस भयावह हमले पर दर्द जाहिर किया है। पूरी खबर पढ़ें..
टीवी एक्ट्रेस फलक नाज और एक्टर अविनाश सचदेव 'बिग बॉस ओटीटी 2' में नजर आए थे। शो के दौरान दोनों के बीच काफी अच्छा बॉन्ड देखने को मिला, जिसके बाद से ही उनके अफेयर की खबरें सामने आने लगीं। हालांकि, हाल ही में फलक ने खुलासा किया है कि अब उनकी और अविनाश की बातचीत बंद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कैसे समय के साथ दोनों के बीच दूरियां आ गईं। फलक नाज ने एक इंटरव्यू के दौरान सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत में अपने और अविनाश सचदेव के रिश्ते को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, 'अविनाश ने मुझसे कहा था कि फलक मुझे नहीं लगता कि ये हो पाएगा यार। जब उसकी मम्मी की तबीयत खराब हुई थी, तब वह एक अलग जोन में चला गया था। उसने मुझसे कहा कि मुझसे यह सब नहीं संभाला जाएगा। अब हमें ब्रेक लेना चाहिए। हालांकि, मुझे उस वक्त ये बात समझ नहीं आई कि आखिर किस चीज का ब्रेक?' जब फलक नाज से पूछा गया कि क्या अविनाश ने यह बात उन्हें कॉल पर या वॉट्सऐप के जरिए कही थी, तो उन्होंने जवाब दिया, नहीं, उसने यह बात आमने-सामने कही थी, जब हम साथ बैठे थे। उस समय मुझे समझ ही नहीं आया कि वो किस ब्रेक की बात कर रहा है। मैं समझ ही नहीं पाई कि वो क्या कहना चाहता था। इसके बाद उसने मेरी कॉल्स उठाना बंद कर दिया। बता दें कि अविनाश सचदेव ने एक शो के दौरान फलक नाज के प्रति अपनी फिलिंग्स का इजहार किया था। हालांकि, उस समय फलक ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इसके बावजूद शो के खत्म होने के बाद भी दोनों के बीच दोस्ती और आपसी तालमेल बना रहा। उस दौरान उनके बीच कथित रोमांस की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती थीं। साल 2024 में फलक और अविनाश ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया था, जिससे उनके रिश्ते में खटास की अटकलें और तेज हो गईं। इस पर पिंकविला से बातचीत में अविनाश ने सफाई देते हुए कहा था, वो बस एक इंटरनेट एरर था। मेरा अकाउंट अचानक लॉगआउट हो गया था। ऐसा कुछ नहीं है। लोगों को करने के लिए कोई और काम नहीं है। इन शोज में नजर आ चुकी हैं फलक नाज टीवी शो 'ससुराल सिमर का' में फलक नाज ने जाह्नवी भारद्वाज का रोल अदा किया था। इसके बाद वह साल 2013 में तारक मेहता का उल्टा शो में भी नजर आई थीं।
साउथ एक्टर घंटा नवीन बाबू उर्फ 'नानी' ने हाल ही में सलमान खान के उस बयान पर रिएक्शन दिया है, जिसमें सलमान ने कहा था कि साउथ की फिल्मों को उत्तर भारत में बड़े चाव से देखा जाता है, लेकिन साउथ में हिंदी सिनेमा को उतना नहीं देखा जाता। अब नानी ने इस बयान का खंडन किया। साथ ही एक्टर पर तंज कसते हुए कहा, अगर साउथ में उनकी फिल्में नहीं देखी जातीं, तो फिर वह सुपरस्टार कैसे बन गए? दरअसल, फिल्म 'सिकंदर' के प्रमोशन के दौरान सलमान खान ने कहा था कि साउथ के लोग उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर बहुत प्यार से ‘भाई-भाई’ कहते हैं, लेकिन उनकी फिल्मों को देखने थिएटर नहीं आते। उन्होंने यह भी कहा कि नॉर्थ इंडिया के लोग साउथ की फिल्मों को बड़े प्यार से देखते हैं और उसे हिट बनाते हैं, जबकि साउथ इंडियन लोग बॉलीवुड फिल्मों को कभी अपनाने की कोशिश नहीं करते। अब डीएनए इंडिया से बातचीत में नानी ने सलमान खान के इस बयान पर रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा, दक्षिण का सिनेमा बाद में आया। दक्षिण सिनेमा को अब जो प्यार मिल रहा है, वह हाल ही में मिला है। लेकिन बॉलीवुड को दक्षिण में जो प्यार मिला है, वह दशकों से चला आ रहा है। अगर आप वहां (साउथ) किसी से पूछेंगे कि आपकी पसंदीदा हिंदी फिल्म कौन सी है? तो उनके पास अमिताभ बच्चन की बचपन की यादें होंगी। वे बहुत सारी फिल्मों के बारे में बात करेंगे। हम हमेशा हिंदी फिल्में देखते थे। 'कुछ कुछ होता है', 'दिल तो पागल है' जैसी फिल्में हैदराबाद और अन्य दक्षिणी राज्यों में ब्लॉकबस्टर रही हैं। अब हर कोई दक्षिण की फिल्मों को पसंद कर रहा है, लेकिन हिंदी सिनेमा को हमेशा पूरे देश में अपनाया गया है।' नानी ने आगे सलमान खान के बयान पर कहा, 'नहीं, वहां नहीं चले? बिना चले कैसे सुपरस्टार बन गए? 100% चलती है और हम सभी उन्हें प्यार करते हैं। हम सभी ने सलमान की बहुत सारी फिल्में देखी हैं। 'हम आपके हैं कौन..' जैसी फिल्में वहां सांस्कृतिक महत्व रखती हैं। 'दीदी तेरा देवर दीवाना' और अन्य गाने हम अपनी शादियों में बजाते थे।' इन फिल्मों में नजर आ चुके हैं नानी ‘भीमिली कबड्डी जाट्टू’, ‘भले भले मगदिवोई’, ‘निन्नु कोरी’, ‘ऑ’, ‘जर्सी’ जैसी फिल्मों में घंटा नवीन बाबू उर्फ नानी नजर आ चुके हैं।
मनोज बाजपेयी स्टारर सीरीज फैमिली मैन 3 में नजर आ चुके एक्टर रोहित बसफोरे की लाश संदिग्ध परिस्तिथियों में मिली है। रोहित 27 अप्रैल को अपने दोस्तों के साथ असम के गरभंगा में पिकनिक मनाने गए थे। हालांकि बाद में गरभंगा के जंगल के एक वॉटरफॉल के पास उनकी लाश मिली है। उनके शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले हैं। सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने इस मामले की सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। रोहित बसफोरे असम के रहने वाले हैं, हालांकि वो काम के सिलसिले मं मुंबई में रह रहे थे। कुछ समय पहले ही वो छुट्टियों पर घर गए थे। रोहित के परिवार ने पुलिस को बताया है कि रविवार (27 अप्रैल) को दोपहर करीब 12 बजकर 30 मिनट पर वो अपने दोस्तों के साथ ट्रिप पर निकले थे। शाम को जब घरवालों ने उन्हें कॉल किया तो उनका कॉल नहीं लगा। शाम को रोहित के एक दोस्त ने उनकी मौत की खबर परिवार को दी। परिवार को सूचना देने वाले लड़के ने बताया था कि वो झरने से गिर गया है। परिवार ने तुरंत SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद शाम साढ़े 6 बजे के करीब उनकी लाश जंगल से बरामद कर अस्पताल पहुंचाई गई। परिवार का दावा- दोस्तों ने साजिश कर हत्या की रोहित बसफोरे के परिवार ने उनके दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। रोहित की मां ने पुलिस बयान में कहा है कि कुछ समय पहले ही उनका पार्किंग को लेकर दोस्तों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद तीन दोस्तों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। रोहित की लाश मिलने के बाद से ही उनके साथ ट्रिप पर गए 3 दोस्त फरार हैं। उन लोगों के नाम रंजीत बसफोरे, अशोक बासफोरे और धरम बसफोरे बताए जा रहे हैं। परिवार का आरोप है कि इन तीनों दोस्तों के साथ जिम ट्रेनर अमरदीप भी शामिल हैं, जो रविवार को रोहित को ट्रिप के लिए बुलाने आया था। अटोप्सी रिपोर्ट में शरीर पर कई चोट के निशान मिले उड़ीसा बाइट की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को रोहित बसफोरे की अटॉप्सी रिपोर्ट सामने आ चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, रोहित को बुरी तरह पीटा गया था। उनके चेहरे, सिर और शरीर के कई हिस्सों पर कई चोट के निशान हैं। सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने असम CM से की जांच की अपील रोहित बसफोरे के निधन की खबर सामने आने के बाद ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने असम के मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर जांच की मांग की है।
इंडियाज गॉट लेटेंट शो में अभद्र टिप्पणी करने के मामले में समय रैना, रणवीर अलाहबादिया, अपूर्वा मखीजा, आशीष चंचलानी समेत शो से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। इस मामले में फंसी अपूर्वा ने कुछ समय पहले ही एक इमोशनल वीडियो जारी कर बताया कि केस दर्ज होने के बाद उन्हें और उनके परिवार को काफी अपमानित किया गया था। अब हाल ही में अपूर्वा मखीजा ने विवाद के बाद पहली पब्लिक अपीयरेंस दी है, लेकिन विवाद पर अपूर्वा का अटपटा बयान फिर सुर्खियों में आ गया है। हाल ही में अपूर्वा मखीजा को एक रेस्टोरेंट के बाहर स्पॉट किया गया था। इस दौरान पैपराजी ने उनसे पूछा, गलती महसूस हुई कि नहीं, जो गलती आपने की थी। इसके जवाब में अपूर्वा ने कहा, सर, कैसे कैसे सवाल पूछ रहे हो, सच तो मैं नहीं बोल सकती। मुझसे गलती हो गई, मुझे माफ कर दो। अपूर्वा का अटपटा बयान सुनकर पैप ने फिर कहा, मेहनत करो, काम करो, नाम करो। ये सुनकर अपूर्वा ने फिर कहा, हां हां, गाली गलौज बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, कोई मत किया करो। जब आगे उनसे पूछा गया, लोगों की नेगेटिविटी को आप कैसे देखते हो। इस पर उन्होंने जवाब दिया, सर, इतनी डीप इंसान तो मैं हूं ही नहीं। इतना तो मैंने सोचा ही नहीं किसी नेगेटिविटी के बारे में। ठीक है यार अब जो हो गया वो हो गया। विवाद के बाद पहले व्लॉग में मांगी थी माफी लेटेंट विवाद के बाद रेबेल किड नाम से मशहूर अपूर्वा मखीजा ने पहला व्लॉग शेयर माफी मांगी थी। अपूर्वा ने अपने व्लॉग में बताया कि उन्हें कई मुश्किलों का समाना करना पड़ा। इन सबके कारण उन्हें सोशल मीडिया भी बंद करना पड़ा था। अपूर्वा मखीजा ने अपने यूट्यूब वीडियो की शुरुआत समय रैना से मिलने और शो में शामिल होने के बारे में बताया। अपूर्वा ने कहा कि इंडियाज गॉट लेटेंट शो पर जाना उनका सपना था। लेकिन काफी टाइम तक उन्हें समय रैना का कॉल नहीं आया, तब अपूर्वा ने सोचा कि उन्हें नहीं लगता जो वो करना चाहती हैं, वो कर पाएंगी। अपूर्वा ने वीडियो में समय रैना के साथ हुई व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए, इन मैसेज में समय ने उनसे इस एपिसोड का हिस्सा बनने के लिए कहा था। वीडियो में अपूर्वा ने अपने स्टेटमेंट से हर्ट हुए सभी लोगों से माफी मांगी। इसके बाद वह शो का हिस्सा बनीं और जब मामला बिगड़ गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, तो उनके मैनेजर ने उन्हें बताया कि अगले 2-3 महीनों तक उन्हें कोई काम नहीं मिलेगा। अपूर्वा ने कहा कि इन सब से बचने के लिए उसने जो वकील हायर किया उसने भी यही कहा, 'गलती तो है तुम्हारी।' माता-पिता की बात कहते हुए रोने लगीं इस वीडियो में अपूर्वा ने अपने माता-पिता का जिक्र भी किया और रोते हुए कहा, मुझे ज्यादा दुख जब हुआ तब मेरे माता-पिता को गलत बोला जा रहा था। अपूर्वा ने निगेटिविटी को लेकर कहा, ‘मैंने इन सब से निकलने के लिए एक टैरो कार्ड रीडर की मदद ली। जिसने मुझे बताया आपके ऊपर काला जादू हुआ है और मैं उसकी बातों से श्योर हो गईं। ज्यादा निगेटिविटी की वजह से मैंने खुद को ही नुकसान पहुंचा लिया। मेरे पास अभी भी उसके निशान हैं।’ इस वीडियो में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा, 'मुझे बहुत दुख है। मुझे अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए था। मैंने अपना सबक सीख लिया है और मैं वादा करती हूं कि मैं कभी ऐसा नहीं करूंगी।'
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से चंद घंटे पहले एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम कश्मीर में ही थे। हालांकि खुशकिस्मती से वो वहां से समय रहते निकल आईं। अब एक्ट्रेस ने इस भयावह हमले पर दर्द जाहिर किया है। उन्होंने कहा है, दीपिका कक्कड़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर व्लॉग शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा है, हैलो, आज बहुत दिनों बाद व्लॉग शूट कर रही हूं। पिछले दो-तीन दिनों से एक अलग सी मायूसी है। या कहते हैं न कि आप सोचने समझने की कैपेसिटी में नहीं रहते हो। जिस दिन हमने दिल्ली में लैंड किया उसके बाद धीरे-धीरे हमें पता चलने लगा। पहले हमें लगा कि कुछ छोटा से हुआ है, लेकिन फिर इस घटना की संजीदगी पता चली। पता नहीं इसे भयानक कहूं या पूरी तरह से दर्दनाक। पूरी तरह हिलाकर रख दिया है। मैं जितनी बार मैं उन महिलाओं और बच्चों के वीडियोज देख रही हूं, हम कहीं घूम रहे हों और अचानक ऐसा कुछ हो जाए। आपका कोई अपना खो जाए, ये सोच ही बहुत दर्दनाक है। उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी, जिन्होंने अपने पिता, पति को खो दिया है। मुझे नहीं लगता कि हम कभी ये फील कर सकते हैं। वो बेचारे घूमने गए थे। कश्मीर जो एक खूबसूरत जगह है, वहां के लोग कितने प्यारे हैं। आगे दीपिका ने कहा, मैं दिल से दुआ करती हूं कि जिस किसी ने भी ये किया है, वो चार लोग जिनके स्केच सामने आए हैं वो और इसके पीछे जो भी लोग हैं उन सबका इतना बुरा हाल हो, इतना बुरा हाल हो और सबके सामने हो। जैसे आज बेचारी ये फैमिली तड़प रही हैं, वैसे ही वो तड़पें। हर एक दर्द वो महसूस करें। जितना मैं इस्लाम को समझी हूं मैं ये यकीन के साथ कह सकती हूं कि कोई ईमान वाला मुसलमान ये काम कर ही नहीं सकता। किसी बेगुनाह को इस तरह मार देना मजहब के नाम पर या किसी भी नाम से ये इस्लाम नहीं सिखाता। व्लॉग अनाउंस कर ट्रोल हुए थे शोएब इब्राहिम 22 अप्रैल को जिस समय पहलगाम में हमला हुआ, उसी दिन दीपिका और शोएब कश्मीर से रवाना होकर दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली पहुंचते ही शोएब ने एक पोस्ट कर सुरक्षित होने की जानकारी साझा की थी। हालांकि इसी के साथ व्लॉग की अनाउंसमेंट कर वो ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए। शोएब इब्राहिम ने लिखा था, हैलो दोस्तों, आप हमारी सलामती के लिए फिक्रमंद थे। हम सब सेफ हैं ठीक हैं। आज ही सुबह हमने कश्मीर छोड़ दिया था और हम सुरक्षित दिल्ली पहुंच चुके हैं। आपकी फिक्र के लिए शुक्रिया। व्लॉग का जिक्र करने पर भड़के लोग शोएब इब्राहिम ने अपनी पोस्ट के आखिर में लिखा है कि उनका नया व्लॉग जल्द ही आएगा। आतंकी हमले से जहां देश में आक्रोश है, वहीं शोएब द्वारा व्लॉग का जिक्र किए जाने पर सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए हैं। एक यूजर ने आलोचना कर लिखा है, ‘न्यू व्लॉग कमिंग सून’ सीरियसली, आप आतंकी हमले में पीड़ितों के लिए कुछ नहीं कहेंगे। इसमें भी सिर्फ व्लॉग की पड़ी है। उन लोगों को शर्म आनी चाहिए, जो आपके चैनल को सब्सक्राइब कर आपको देखते हैं। वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, आपको शर्म नहीं आती। 25 से ज्यादा हिंदू पॉइंट ब्लैंक रेंज से मारे गए और आपका लोगों के लिए मैसेज और फिक्र सिर्फ आपके व्लॉग के बारे में है। आप टेररिस्ट के देश, खाने, ड्रामा और कल्चर की तारीफ करो और भारत से कमाओ। ट्रोलिंग होने के बाद शोएब इब्राहिम ने व्लॉग शेयर कर मामले पर सफाई पेश की थी। शोएब ने कहा है कि कश्मीर में उनका नंबर बंद था, क्योंकि वहां सिर्फ प्री-पेड सिम चलती है। फोन बंद था तो उन्हें आतंकी हमले की जानकारी नहीं मिल सकी थी। जब उन्होंने फोन चालू किया तब सिर्फ इतनी खबर आई थी कि पहलगाम में कुछ लोग जख्मी हुए हैं। तब इसे आतंकी हमला नहीं कहा जा रहा था। शोएब ने आगे कहा, हमारे बहुत सारे हेटर्स हैं और चाहनेवाले भी हैं। हमें उन सबके मैसेज आ रहे थे, तो मैंने एक स्टोरी डाल दी कि हम दिल्ली आ चुके हैं और नया व्लॉग आएगा। उस स्टोरी का बाद में बवाल बना दिया गया। मेरा इंटेशन वो नहीं था कि मुझे अपना व्लॉग प्रमोट करना है। बात सिर्फ इतनी थी कि उस समय मेरे पास इन्फॉर्मेशन उतनी ही थी। जब सोशल मीडिया पर वीडियो आने लगीं तब मुझे खुद बुरा लगने लगा क्योंकि हम उस जगह पर रहकर आए थे। तब भी मैंने स्टोरी डिलीट नहीं की, क्योंकि मेरा इंटेशन वो नहीं था। कई लोग मुझे मां-बहन की गालियां बककर गए हैं। आगे शोएब ने कहा, आप मुझे एक चीज बताइए। आप में से कितने लोगों ने जाकर देखा है कि मैंने नया व्लॉग डाला या नहीं। मान लो मैं डाल भी देता तो सिर्फ मैं और दीपिका टारगेट क्यों। हम क्या स्पेशल हैं आपके लिए, क्योंकि सारे व्लॉगर्स ने व्लॉग डाले हैं। फिल्म के प्रमोशन हो रहे हैं, म्यूजिक वीडियो हो रहे हैं। आप लोगों की भी जिंदगी चल ही रही होगी, आप लोग भी खाना खा रहे होगे, तो सिर्फ मैं क्यों टारगेट हुआ। मुझे क्यों मां-बहन की गालियां पड़ीं। दीपिका को इतना क्यों ट्रोल किया गया। मुझे लगता है कि हम शायद स्पेशल हैं, क्योंकि हमें हर चीज के लिए ट्रोल किया जाता है, फिर चाहे वो हमारे कपड़े हों, चाहे हमारे खाने के लिए हो, या हमारे रुहान के लिए हो या फैमिली के लिए हो। ट्रोल करने वालों को बस एक मौका मिल गया। देखिए वेकेशन की तस्वीरें-
विक्की कौशल ने मुंबई के जुहू इलाके में स्थित अपने लग्जरी अपार्टमेंट का किराया समझौता (लीज) फिर से तीन साल के लिए बढ़ा लिया है। इसका मतलब है कि अब अगले तीन साल तक वह अपने परिवार के साथ इसी अपार्टमेंट में रहेंगे और हर महीने 17.01 लाख रुपए किराया देंगे। इस डील के तहत, पहले और दूसरे साल विक्की हर महीने 17.01 लाख रुपए का किराया देंगे, जबकि तीसरे साल किराया बढ़कर 17.86 लाख रुपए हो जाएगा। यानी की अगले तीन सालों में विक्की लगभग 6.2 करोड़ रुपए का किराया देंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्की का अपार्टमेंट जुहू के एक लग्जरी प्रोजेक्ट ‘राज महल’ में स्थित है, जो 258.48 वर्ग मीटर के कार्पेट एरिया में फैला हुआ है। इसमें तीन कार पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है। यह लीज डील अप्रैल 2025 में रजिस्टर्ड की गई है। इतना ही नहीं विक्की ने इस डील में 1.69 लाख रुपए स्टांप ड्यूटी और 1,000 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस दी है। साथ ही, उन्होंने 1.75 करोड़ रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा किए हैं। गौरतलब है कि विक्की कौशल ने साल 2021 में इस अपार्टमेंट के लिए पांच साल की लीज साइन की थी, जब इसका किराया मात्र 8 लाख रुपए प्रति माह था। 14 फरवरी को रिलीज हुई थी फिल्म छावा विक्की कौशल हाल ही में फिल्म 'छावा' में नजर आए थे। यह फिल्म मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। फिल्म में विक्की ने संभाजी महाराज का किरदार निभाया, जबकि औरंगजेब का किरदार अक्षय खन्ना ने निभाया है।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने हाल ही में विदू विनोद चोपड़ा के साथ अपने अनुभव पर बात की। उन्होंने बताया कि चोपड़ा ने करियर के ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के बाद अपने शुरुआती दोस्तों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। ललनटॉप को दिए गए इंटरव्यू में परेश रावल ने कहा, 'विदू विनोद चोपड़ा वो शख्स हैं, जिन्होंने अपनी सफलता के बाद उन लोगों को इग्नोर किया, जिनके साथ उन्होंने शुरुआत की थी।' वह उस समय का जिक्र कर रहे थे, जब उन्हें 'मुन्ना भाई MBBS' में बमन ईरानी का किरदार ऑफर हुआ था। इस बारे में एक्टर ने आगे बताया, 'मैं 'मुन्ना भाई' करने वाला था। हम फीस पर बात कर रहे थे और मेरे दिमाग में था कि मुझे 15 लाख चाहिए। विदू ने वही ऑफर किया, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने कहा 'मैं तुम्हें 15 दूंगा', वो मुझे ठीक नहीं लगा। मैंने 50 लाख की मांग की और ठान लिया कि अब मैं अपनी मांग से नहीं हटूंगा।' इसके बाद, परेश ने वही रोल 'शंकर दादा MBBS' में निभाया, जो 'मुन्ना भाई MBBS' का तेलुगू वर्शन था। इसके अलावा, उन्होंने 'संजू' फिल्म में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो विदू विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन में बनी थी। परेश रावल ने कहा, 'ये सिर्फ पैसों का सवाल नहीं था, बल्कि तमीज और इज्जत का था। अगर कोई मेरे कंधे पर हाथ रखकर, अच्छे तरीके से बात करेगा, तो मैं एक रुपये के लिए भी फिल्म करूंगा। लेकिन अगर कोई अहंकार दिखाए, तो मैं करोड़ों रुपये मिलने के बावजूद भी फिल्म नहीं करूंगा।' बता दें, परेश रावल ने हाल ही में 'द स्टोरीटेलर' फिल्म में काम किया। आने वाले समय में वे 'हाउसफुल 5', 'भूत बंगला', 'थामा' और 'हेरा फेरी 3' जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।
संदीपा धर एक्टिंग से ज्यादा डांस की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। अपने सोशल मीडिया पर अक्सर डांस का वीडियो डालती हैं, जिसे फैंस भी खूब पसंद करते हैं। एक्ट्रेस का मानना है कि वो खुद को एक्टर से ज्यादा बेहतर डांसर मानती हैं। वर्ल्ड डांस डे मौके पर संदीपा ने डांस को लेकर अपने पैशन के बारे में दैनिक भास्कर से बात की है। सवाल- आपने बहुत छोटी सी उम्र में डांस सीखना शुरू कर दिया था। आपको भरतनाट्यम के अलावा कई डांस में महारत हासिल है। जी, मेरा पहला पैशन डांसिंग है। मुझे पर्सनली ये फील होता है कि मैं एक्टर से बेहतर डांसर हूं। मैं बचपन से डांस करते आ रही हूं। ये मेरे लिए मेरी हॉबी है। मैं काफी शर्मीली किस्म की लड़की रही हूं तो डांसिंग मेरे लिए खुद को एक्सप्रेस करने का जरिया है। मेरी विफलता और बुरे समय में डांस ने मुझे बचाया है। जब मैं डांस करती हूं तो सब भूल जाती हूं। चाहे मेरा गुस्सा हो, फ्रस्ट्रेशन हो सब डांस से निकल जाता है। मुझे लगता है कि आर्ट एक ऐसी चीज है, जिसके साथ आप पैदा होते हैं। आप इसे हासिल नहीं कर सकते हैं। मुझे खुशी है कि भगवान में मुझे एक आर्ट फार्म दिया है। डांस के साथ एक स्पिरिचुअल कनेक्शन है। मैं शायद एक्सप्रेस नहीं कर सकती कि मैं डांस करते समय क्या महसूस करती हूं। मेरे लिए ये मेडिटेशन जैसा है। इसमें भगवान से डायरेक्ट कनेक्शन बन जाता है। सवाल- आप खुद को माधुरी दीक्षित की बहुत बड़ी फैन मानती हैं। मैंने बचपन में सिर्फ उनके ही गाने देखे हैं। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। मैं बहुत छोटी थी और माधुरी का ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’, ‘माए नी माए’ देख-देखकर मां को बोला था कि मुझे भी ये करना है। मेरी मां ने तभी मुझे कम उम्र में ही भरतनाट्यम क्लास में डाल दिया था। माधुरी जैसा कोई नहीं है। उनके जैसा एक्सप्रेशन, ग्रेस किसी में नहीं है। अभी जब लोग किसी के लिए कहते हैं ना कि ये अच्छा डांसर है। मैं उस बात से सहमत नहीं हो पाती हूं। जो बात माधुरी और श्रीदेवी जी में थी। वैसा अब कहां देखने मिलता है। सवाल- आपको कभी माधुरी दीक्षित से मिलने का मौका मिला? हां, मैं उनसे मिली हूं। मुझे याद है कि मैं अपनी पहली फिल्म ‘इसी लाइफ में’ के लिए स्टारडस्ट अवॉर्ड में नॉमिनेट हुई थी। मैंने वो अवॉर्ड जीता भी था। उस अवॉर्ड फंक्शन में वो मेरे साथ बैठी थीं। सबसे खुशी की बात ये थी कि वो मेरे बारे में जानती थीं। मेरी पहली फिल्म राजश्री प्रोडक्शन की थी तो हमारे बीच राजश्री कनेक्शन भी था। उनके साथ वो मेरा बिगेस्ट फैन मोमेंट था। मैं बहुत ज्यादा खुश और नर्वस थी। वो बहुत विनम्र हैं और गर्मजोशी से मिलती हैं। हालांकि, उसके बाद कभी मुझे मौका नहीं मिला। मेरी ख्वाहिश है कि किसी दिन मैं उनके साथ डांस करूं। साथ में स्टेज शेयर करूं।
'कश्मीर हमारा है, फिर भी हम डरकर वहां जाते हैं'….ये शब्द अभिनेत्री संदीपा धर के हैं। संदीपा की फैमिली ने कश्मीरी पंडितों होने का दर्द झेला है। उनके पेरेंट्स को अपनी बनी-बनाई दुनिया छोड़कर आना पड़ा। दूसरे राज्य में आकर जीरो से शुरुआत करनी पड़ी और आज जब वो कश्मीर जाते हैं तो अंदर एक डर रहता है। पहलगाम हमले के बाद एक्ट्रेस ने दैनिक भास्कर के साथ बात की है। इंटरव्यू में वो अपना दर्द, गुस्सा जाहिर करने के अलावा कई जरूरी सवाल पूछती हैं। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश… आप कश्मीर से हैं। आपने और आपकी फैमिली ने पलायन का दर्द झेला है। पहलगाम हमले पर क्या कहना चाहेंगी? पहलगाम में जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दिल तोड़ने वाली घटना है। मैं इस फैक्ट को समझ नहीं पा रही हूं कि हम 30 साल से उसी जगह फंसे हुए हैं, जहां से हमने शुरुआत की थी। पहलगाम में जो हुआ वो पहले हर दिन होता है। अब शायद साल में दो साल में एक बार हो रहा है। मुझे याद है, जब ये घटना हुई, उस वक्त मैंने सोशल मीडिया पर एक क्लिप देखी थी। उस वीडियो में एक महिला अपनी बच्चे को लेकर भाग रही है और पीछे फायरिंग हो रही है। मैंने उनके चेहरे पर डर और दुख देखा। वो रो रही थीं। मैं चाहती हूं कि भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम डेवलपमेंट और ग्रोथ में टॉप पांच देशों में शामिल हैं लेकिन हमारे ही देश में पिछले 35 सालों से यही चल रहा है। मुझे नहीं पता ये कब खत्म होगा। मुझे नहीं पता कि सरकार को इस बारे में कुछ करने के लिए कितने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी। मैं चाहती हूं कि कभी भी किसी को जीवन में इस हालत से न गुजरना पड़े। जब ऐसा कुछ होता है तब अपने ही देश पर बहुत गुस्सा आता है और दर्द भी होता है। वो लोग टूरिस्ट थे। कोई हनीमून मनाने गया था तो कई फैमिली को लेकर छुट्टियां मनाने गया था। जब वो वहां थे, तब उन्हें ये अनुभव मिला। ये डरावना है। हम लोग जो इतना बोलते रहते हैं कि इंडिया का कोई कुछ नहीं कर सकता। इंडिया नंबर वन है लेकिन ये सच्चाई है। मैं उम्मीद करती हूं कि जो दोषी हैं, सरकार उन्हें पकड़ सख्त से सख्त सजा देगी। इस घटना के कारण हुई सभी मौतों की भरपाई करेगी। जो आतंकियों ने किया उसके लिए उन्हें ऊपर वाला तो कभी नहीं माफ करेगा। मैं उम्मीद करती हूं कि सरकार उन्हें उचित जवाब देगी क्योंकि ये बहुत सालों से चल रहा है। हालांकि, मैं इस बात से खुश हूं कि आज का भारत वो भारत नहीं है, जो चुप बैठता है। अब हम जवाब देते हैं। मैं उम्मीद कर रही हूं कि मोदी जी कुछ करेंगे ताकि और मासूम जानें नहीं जाए। हमारे यहां बहुत से आर्मी जवान हैं, जो रेगुलर बेसिस पर अपनी जान गंवा रहे हैं। हमें पता नहीं चलता है क्योंकि न्यूज में ये चीजें आती नहीं हैं। मुझे सच में महसूस होता है कि अब तो बहुत हो गया यार। पिछले साल ही आप अपनी फैमिली के साथ कश्मीर गई थीं। आपने अपना पुराना घर देखा था। हमें अभी तो लगना शुरू हुआ था कि कश्मीर में चीजें नॉर्मल होने लगी हैं। मैं और मेरी फैमिली पिछले साल कश्मीर में थी। उस वक्त सब कुछ नॉर्मल था। मैं अभी थोड़े टाइम पहले पहलगाम गई थी। उस वक्त हर जगह आर्मी थी। मैं सच बताऊं तो अभी भी समझ नहीं पा रही हूं कि ये हुआ कैसे? क्योंकि कश्मीर में बहुत ज्यादा सिक्योरिटी है। आप कहीं पर भी जाओ, वहां आर्मी जवान तैनात होते हैं। फिर ये कैसे हुआ? दिन दहाड़े दो-चार आतंकी टूरिस्ट प्लेस पर आते हैं और इतने लोगों को मार कर चला जाता है। वो भी उस राज्य में, जहां सबसे ज्यादा आर्मी है। मैं नहीं समझ पा रही कि ये कैसे पॉसिबल है? मुझे लगता है उन्हें जवाब देना चाहिए। पूरा विश्व जानता है कि भारतीय लोग सहिष्णु होते हैं। आपके पेरेंट्स भी ऐसा ही सोचते हैं। हम भारतीय बहुत जल्दी भूल जाते हैं। हम माफी दे देते हैं। हम कर्मा पर यकीन करते हैं। हमें लगता है कि जिन्होंने बुरे करम किए हैं, उन्हें सजा मिल ही जाएगी। मुझे नहीं लगता कि अब हमें ऐसी चीजों पर भरोसा करना चाहिए। मुझे लगता है कि अब इस बात का एडवांटेज लिया जा रहा है। मेरा मानना है कि अब हमें इसे बंद करना चाहिए। हमें अब बदला लेना चाहिए। मैं प्रार्थना करूंगी कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, वो पकड़े जाए और उन्हें कठोर से कठोर सजा मिली। ऐसी सजा मिले कि उनकी कई पीढ़ी आगे ऐसा कुछ करने का सोच भी नहीं पाए। मेरी फैमिली और हमारे जैसी लाखों फैमिली ने अपना घर, प्रॉपर्टी सब कुछ छोड़ा है। हम सब ने जीरो से शुरुआत की है। हम अपने ही शहर नहीं जा पा रहे हैं। ये बात नॉर्मल कैसे हो सकती है। मेरे पेरेंट्स बहुत डर-डर कर कश्मीर जाते हैं। कश्मीर उनकी जगह है, उनका स्टेट है। वो लोग यहीं पले-बढ़े हैं। अगर आप अपने घर जाने के लिए डरते हैं तो मेरे लिए ये पॉलिटिकल सिस्टम की विफलता है। इसे बदलने की जरूरत है।
ग्राउंड जीरो और देव माणूस के रिलीज पर बोले तेजस:बोले- लग रहा दो अलग सब्जेक्ट का इम्तिहान दे रहा हूं
निर्देशक तेजस प्रभा विजय देओस्कर की दो फिल्में ‘ग्राउंड जीरो' और ‘देव माणूस' एक साथ 25 अप्रैल को रिलीज हो गई हैं। इस बातचीत में तेजस ने इन दोनों फिल्मों और कलाकारों के साथ तालमेल समेत शूटिंग को लेकर खास जानकारी दी... आपकी दो फिल्में, ‘ग्राउंड जीरो’और ‘देव माणूस’ एक साथ रिलीज हो रही हैं। क्या कहना चाहेंगे? यह सच है कि मेरी दो अलग-अलग फिल्में, ‘ग्राउंड जीरो’ और ‘देव माणूस’, एक ही दिन दर्शकों के सामने आई हैं। इसे लेकर मैं कई तरह की भावनाओं से भरा हुआ हूं। मुख्य रूप से तो उत्साह है, क्योंकि एक निर्देशक के तौर पर यह मेरे लिए एक खास पल है। दोनों ही फिल्में मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं। दिलचस्प बात यह है कि वे एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। ‘ग्राउंड जीरो’ एक ऐसी कहानी है, जो कश्मीर की संवेदनशील पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसमें एक्शन और थ्रिल है। वहीं, ‘देव माणूस’ एक अधिक व्यक्तिगत और मनोवैज्ञानिक कहानी है, जो मानवीय स्वभाव के जटिल पहलुओं को छूती है। इनकी विषयवस्तु अलग है, इनकी भाषाएं अलग हैं। ‘ग्राउंड जीरो’ मुख्य रूप से हिंदी में है जबकि ‘देव माणूस’ मराठी में है। मैं इस स्थिति को ऐसे देख रहा हूं जैसे मैं एक साथ दो अलग-अलग विषयों की परीक्षाएं दे रहा हूं। ‘ग्राउंड जीरो’ कश्मीर में शूट हुई। वहां आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? कश्मीर में शूटिंग करना कई मायनों में चुनौतीपूर्ण था। मुंबई या दिल्ली की तुलना में वहां शूटिंग के लिए आवश्यक चीजें आसानी से उपलब्ध नहीं थीं। इसके अलावा, फिल्म 2001-2003 की पृष्ठभूमि पर आधारित है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना पड़ा कि आधुनिक चीजें दृश्यों में न दिखें, जैसे कि एलईडी स्ट्रीट लैंप को हटाना या अपनी खुद की लाइटिंग का उपयोग करना। सबसे बड़ी चुनौती विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और उनके प्रोटोकॉल से निपटना था। मुझे जानकारी मिली कि लगभग 27 अलग-अलग एजेंसियां वहां काम करती हैं और इन सभी के अपने-अपने नियम और प्रोटोकॉल हैं। हालांकि, मैं जम्मू-कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी का आभारी हूं, जिन्होंने हमें आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने में बहुत मदद की। कश्मीर में शूटिंग के दौरान आपने वहां की जमीनी हकीकत को किस तरह महसूस किया? जब हम ‘ग्राउंड जीरो’ की शूटिंग के लिए कश्मीर गए, तो हमारा मुख्य उद्देश्य फिल्म बनाना था, इसलिए हम एक तरह से पर्यटक की तरह ही थे। हमारा कोई राजनीतिक या अन्य विशेष उद्देश्य नहीं था। मेरा अनुभव कश्मीर में बहुत ही सकारात्मक रहा। इसके अलावा, स्थानीय लोगों का समर्थन और प्रेम भी हमारे लिए एक बड़ी राहत थी। उन्होंने हमें हमेशा खुले दिल से स्वीकार किया। इसलिए, भले ही चुनौतियां थीं लेकिन वहां काम करने का अनुभव भी बहुत यादगार और संतोषजनक रहा। हमने कुल मिलाकर लगभग 35-40 दिन वहां शूटिंग की। जब हम वापस लौट रहे थे, तो हमें लग रहा था जैसे हम अपने किसी प्रिय स्थान को छोड़कर जा रहे हों। ‘ग्राउंड जीरो’ में एक्शन दृश्यों के लिए क्या व्यवस्थाएं की गईं? क्या आपको सेना या अन्य एजेंसियों से कोई सहायता मिली? ‘ग्राउंड जीरो’ में एक्शन दृश्यों को वास्तविकता के करीब दिखाने के लिए हमने विशेष प्रयास किए। चूंकि फिल्म की कहानी बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के इर्द-गिर्द घूमती है, इसलिए हमने उनकी विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाने की कोशिश की। बीएसएफ के अधिकारियों ने हमें हथियारों और अन्य आवश्यक उपकरणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी और कुछ वास्तविक हथियार भी शूटिंग के लिए उपलब्ध कराए। हालांकि, सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, हमने कई डमी हथियार और अन्य प्रोप्स भी मुंबई से मंगवाए थे। इसके अतिरिक्त, हमें वहां बुलेटप्रूफ वाहनों की आवश्यकता थी, जो हमें बीएसएफ द्वारा ही उपलब्ध कराए गए। यह अपने आप में एक अनूठा अनुभव था क्योंकि ये वाहन आमतौर पर नागरिक उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। बीएसएफ के अधिकारियों ने हमें ट्रेनिंग और तकनीकी पहलुओं को समझने में भी मदद की, ताकि अभिनेता अपने किरदारों को और अधिक प्रामाणिकता से निभा सकें। यह सहयोग फिल्म के एक्शन दृश्यों को विश्वसनीय बनाने में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ। ‘ग्राउंड जीरो’ के लिए अभिनेताओं को किस प्रकार की ट्रेनिंग दी गई? ग्राउंड जीरो अभिनेताओं को उनके किरदारों को अधिक प्रामाणिक रूप से निभाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। हम शूटिंग शुरू करने से लगभग तीन-चार दिन पहले कश्मीर पहुंचे और वहां हमने बीएसएफ कैंप में काफी समय बिताया। मुंबई में भी हमने इस बारे में प्रारंभिक चर्चाएं की थीं। अभिनेताओं के लिए दो मुख्य पहलू थे जिन पर हमने ध्यान केंद्रित किया। पहला था उनकी शारीरिक मुद्रा और हावभाव। एक सैनिक का खड़े होने, चलने और बात करने का तरीका उनकी विशेष ट्रेनिंग के कारण आम लोगों से अलग होता है। हमने अभिनेताओं को यह बारीकी से समझाया और उन्हें बीएसएफ जवानों के तौर-तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। दूसरा महत्वपूर्ण पहलू था उनका अनुशासन और सम्मानजनक व्यवहार। सैनिकों में एक विशेष प्रकार का अदब और बातचीत का सलीका होता है, जो सीखने योग्य है। हमने अभिनेताओं को इन गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया। बीएसएफ द्वारा हमें एक लाइसेंसिंग अधिकारी भी नियुक्त किया गया था, जिन्होंने अभिनेताओं और मेरे साथ मिलकर विस्तार से चर्चा की कि बीएसएफ का पूरा कामकाज और उनकी दुनिया कैसी होती है। इससे हमें उनके जीवन और जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली। इसके अलावा, स्क्रिप्ट पर काम करते समय, मैंने दुबे सर, जिनके अनुभवों पर यह कहानी आधारित है, उनसे कई बार बातचीत की और उनसे विभिन्न पहलुओं पर सवाल पूछे ताकि हम कहानी को सही ढंग से प्रस्तुत कर सकें। यह सब प्रशिक्षण अभिनेताओं के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ ताकि वे अपने किरदारों को सच्चाई और संवेदनशीलता के साथ निभा सकें। अपनी दूसरी फिल्म ‘देव माणूस’ के बारे में बताएं। यह किस प्रकार की कहानी है? ‘देव माणूस’ मेरे लिए एक बहुत ही निजी कहानी है। इसमें मानवीय स्वभाव के कुछ ऐसे सार्वभौमिक पहलुओं को छुआ गया है जिनसे हर दर्शक कहीं न कहीं जुड़ाव महसूस करेगा। यह फिल्म उन घटनाओं और परिस्थितियों को दर्शाती है जो किसी भी सामान्य व्यक्ति के जीवन में घट सकती हैं। यह किसी सच्ची घटना पर आधारित नहीं है लेकिन यह उन आम स्थितियों से प्रेरित है जो हमारे आस-पास अक्सर होती रहती हैं। फिल्म यह पता लगाने की कोशिश करती है कि कैसे एक साधारण जीवन जीने वाला व्यक्ति अचानक एक ऐसी स्थिति में फंस जाता है जहां उसे यह सोचना पड़ता है कि क्या वह जो करने जा रहा है वह सही है या गलत। यह फिल्म इसी नैतिक दुविधा और मनःस्थिति को दर्शाती है। फिल्म यह भी दिखाती है कि ऐसे समय में एक व्यक्ति कैसे प्रतिक्रिया करता है, वह अपनी आंतरिक संघर्षों से कैसे निपटता है और अंततः क्या निर्णय लेता है। हमने इसी मानवीय पहलू को गहराई से छूने की कोशिश की है। आपने ‘देव माणूस’ के लिए महेश मांजरेकर को ही क्यों चुना गया? महेश जी हमारी पहली पसंद थे। उन्होंने कई साक्षात्कारों में कहा है कि ‘देव माणूस’ के नाम से उनकी ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन छवि विपरीत है। लेकिन एक अभिनेता के तौर पर उनकी क्षमता बहुत अधिक है और वह किसी भी किरदार को निभा सकते हैं। इसलिए, मैंने सोचा कि यह उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहानी सुनने के बाद तुरंत इसे करने की इच्छा जताई, जिससे मुझे बहुत खुशी हुई। क्या ‘देव माणूस’ की कहानी मूल रूप से मराठी में ही सोची गई थी? यह फिल्म ‘वध’ की रूपांतरण है। रीमेक के विपरीत, रूपांतरण में हम मूल अवधारणा लेते हैं और उस पर एक नई कहानी लिखते हैं। ‘वध’ की दुनिया और हमारी फिल्म की दुनिया में बहुत अंतर है। लगभग यह एक अलग ही कहानी है। भारतीय सिनेमा में रूपांतरण के कई बेहतरीन उदाहरण हैं, जैसे कि विशाल भारद्वाज की ‘मकबूल’ (मैकबेथ पर आधारित), ‘ओमकारा’ (ओथेलो पर आधारित) और ‘हैदर’ (हैमलेट पर आधारित)। ये फिल्में मूल कहानियों से प्रेरित थीं, लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग दुनिया और कहानी बनाई। महेश का किरदार इसमें क्या है? क्या वह ‘वध’ की तरह एक स्कूल मास्टर हैं? महेश जी का किरदार स्कूल टीचर से परे है। महेश जी और रेणुका शहाणे दोनों इसमें वारकरी समुदाय से हैं। वारकरी महाराष्ट्र का एक प्रसिद्ध समुदाय है जो हर साल पंढरपुर की वारी (तीर्थयात्रा) में भाग लेता है। रेणुका जी पैठणी (एक प्रकार की साड़ी) बनाने वाली महिला का किरदार निभा रही हैं। इसलिए, हमने मूल कहानी से बहुत अलग दुनिया बनाई है। कई बार लोगों को लगता है कि बस कहानी के कुछ पात्रों के नाम बदल दिए जाएं, स्थान बदल दिए जाएं या कुछ घटनाओं को थोड़ा-बहुत बदल दिया जाए तो वह रूपांतरण हो गया। वास्तव में ऐसा नहीं है। यह सिर्फ सतही बदलाव नहीं है, बल्कि कहानी की गहराई में जाकर उसे फिर से कल्पना करने और उसे एक नया जीवन देने जैसा है। हमें खुशी है कि लव फिल्म्स, जो वध’ के निर्माता भी हैं और देव माणूस’ को भी प्रोड्यूस कर रहे हैं, उन्होंने हमें इस कहानी को अपने तरीके से प्रभावी ढंग से रूपांतरित करने की पूरी स्वतंत्रता दी।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाया है। पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे, लेकिन अब सभी पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में पूरी तरह बैन कर दिया गया है। ये बड़ा फैसला तो आतंकी हमले के बाद हुआ, लेकिन इससे पहले भी हमारा पड़ोसी मुल्क कई बार अटपटी वजहों से भारत की फिल्मों को अपने देश में रिलीज होने से रोक चुका है। इन फिल्मों में रांझणा, फैंटम, जॉली एलएलबी 2, पैडमैन और रेस 3 जैसी 36 फिल्में शामिल हैं। कई बैन हुई फिल्में ऐसी भी हैं, जिनमें पाकिस्तानियों को हारता दिखाए जाने पर पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। वहीं कुछ हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी, पैड जैसे शब्द के इस्तेमाल, तो कभी राष्ट्रगान या तिरंगा दिखाने पर बैन कर दी गईं। हास्यास्पद बात तो ये है कि पाकिस्तान में रईस, तेरे बिन लादेन और ऐ दिल है मुश्किल जैसी फिल्मों पर भी रोक लगाई गई थी, जबकि इन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकार ही लीड रोल में थे। एक नजर उन भारतीय फिल्मों पर जिन्हें पाकिस्तान में किसी न किसी बहाने से बैन कर दिया गया- नोट- फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में भारत की फिल्मों पर पूर्णतः बैन लग चुका है। अटपटे कारणों से पाकिस्तान में बैन हुईं फिल्में रांझणा (2013)- धनुष और सोनम कपूर स्टारर फिल्म रांझणा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि फिल्म में जोया नाम की मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के से अफेयर दिखाया गया है। इस फिल्म को पहले पाकिस्तान में रिलीज किया जाने वाला था, हालांकि चंद दिनों पहले ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने डिस्ट्रीब्यूटर को लेटर लिखकर कहा कि हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी के चलते इससे युवाओं में गलत मैसेज जाएगा। दंगल (2017)- आमिर खान की फिल्म दंगल को पाकिस्तान में इसलिए बैन कर दिया गया, क्योंकि फिल्म में इंडियन नेशनल फ्लैग और राष्ट्रगान दिखाया गया था। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने तिरंगे और राष्ट्रगान के सीन हटाने की मांग की थी, हालांकि आमिर खान ने इससे साफ इनकार कर दिया था। पैडमैन (2018)- अक्षय कुमार और सोनम कपूर स्टारर फिल्म को पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने टाइटल में महज पैड शब्द के इस्तेमाल के चलते बैन कर दिया। सेंसर बोर्ड ने तर्क दिया कि वो पाकिस्तान में ऐसे किसी सब्जेक्ट, स्टोरी को नहीं दिखा सकते, जिसे समाज ने स्वीकार्य नहीं किया है। उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर्स को फिल्म के राइट्स खरीदने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करके वो इस्लामिक ट्रेडिशन, इतिहास और कल्चर को बर्बाद कर रहे हैं। लाहौर (2010)- किकबॉक्सिंग पर बनी इस फिल्म को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया था, क्योंकि इसमें इंडियन प्लेयर को पाकिस्तानी प्लेयर को हराते दिखाया गया था। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानियों को नेगेटिव रोल में दिखाया गया था। परी (2018)- अनुष्का शर्मा स्टारर सुपर नेचुरल हॉरर फिल्म परी भी पाकिस्तान में बैन है। सेंसर बोर्ड का कहना था कि फिल्म काले जादू को प्रमोट करती है, जो इस्लामिक वैल्यूज के खिलाफ है। इससे इस्लामिक सेंटिमेंट हर्ट हो सकते हैं। जबकि साल 2013 में पाकिस्तान में सियाह नाम की फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें जादू, टोने और भूत-प्रेत का कॉन्सेप्ट दिखाया गया था। रेस 3 (2018)- सलमान खान की फिल्म रेस 3 साल 2018 में ईद के मौके पर रिलीज की जाने वाली थी। हालांकि पाकिस्तान में इसे सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया, जिससे ईद के मौके पर पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं। सेंसर बोर्ड को डर था कि सलमान की फिल्म के आगे पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप हो जाएंगी। ट्यूबलाइट (2017)- सलमान की ट्यूबलाइट को भी पाकिस्तान में इसलिए रिलीज नहीं किया गया, जिससे इसके साथ रिलीज होने वाली पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं। ढिशूम (2017)- जॉन अब्राहम और वरुण धवन स्टारर इस फिल्म में इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से ठीक पहले इंडियन क्रिकेटर की किडनैपिंग दिखाई गई थी। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने इसे पाकिस्तानियों के खिलाफ मानते हुए बैन कर दिया था। पाकिस्तानी कलाकारों की बॉलीवुड फिल्मों पर भी लगा पाकिस्तान में बैन तेरे बिन लादेन (2010)- पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफर स्टारर बॉलीवुड फिल्म तेरे बिन लादेन पाकिस्तान में बैन कर दी गई थी। दरअसल, पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को फिल्म के टाइटल तेरे बिन लादेन से आपत्ति थी। उनका कहना था कि इस्लामिक एक्स्ट्रीमिस्ट ओसामा बिन लादेन के नाम का इस्तेमाल करना बेहद संवेदनशील है। लोगों में भ्रम फैल सकता है कि फिल्म लादेन पर बनी है। रईस (2017)- पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने शाहरुख खान की फिल्म रईस से बॉलीवुड डेब्यू किया था। हालांकि फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में आपत्तिजनक कंटेंट है और साथ ही कई मुस्लिमों को फिल्म में क्रिमिनल, टेररिस्ट और वांटेड दिखाया गया है। ये फिल्म उरी अटैक के बाद भारत में भी विवादों में थी। ऐ दिल है मुश्किल (2015)- रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान स्टारर फिल्म ऐ दिल है मुश्किल को भारत-पाक के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। इस समय पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की कास्टिंग के चलते भारत में भी इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग हुई थी। पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर बैन की गईं फिल्में- फैंटम (2015)- सैफ अली खान और कटरीना कैफ स्टारर ये फिल्म 26/11 आतंकी हमले पर बनी थी, जो हुसैन जैदी की किताब मुंबई एवेंजर पर आधारित थी। 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा ने इस पर बैन लगाने की मांग की थी। नतीजतन लाहौर हाईकोर्ट ने फिल्म पर बैन लगा दिया। लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद बिलाल ने सरकार को इस फिल्म की सीडी पर भी रोक लगाने के आदेश दिए थे। बेबी (2015)- फिल्म में विलेन को मुस्लिम दिखाने पर पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था। भाग मिल्खा भाग (2013)- भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह पर बनी बायोपिक को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में पाकिस्तानी स्पोर्ट्स एथॉरिटी को पक्षपात करते दिखाया गया है, जिससे पाकिस्तान की छवि धूमिल हो सकती है। एजेंट विनोद (2012)- सैफ अली खान और करीना कपूर स्टारर स्पाई फिल्म एजेंट विनोद को रिलीज से महज एक दिन पहले पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI को गलत तरह से पेश किया गया है। सैफ अली खान ने इस पर कहा था, फिल्म में हमने दिखाया है कि पाकिस्तान में भारत के प्रति कुछ नेगेटिव एलिमेंट हैं, लेकिन सेंसर बोर्ड को इससे आपत्ति है। हमने मोस्ट वांटेड अपराधियों को दिखाया है, जो पाकिस्तान की शरण में हैं और ये एक फैक्ट है। एक था टाइगर (2012)- फिल्म में पाकिस्तानियों की छवि नेगेटिव दिखाए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। बैंगिस्तान (2015)- रितेश देशमुख और पुलकित सम्राट स्टारर ये फिल्म दो सुसाइड बॉम्बर की कहानी थी। हालांकि सुसाइड बॉम्बर दिखाने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज होने पर रोक लगा दी गई थी। नीरजा (2016)- कराची में हाईजैक हुई इंडियन फ्लाइट की कहानी दिखाने वाली फिल्म नीरजा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। हालांकि बाद में पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने ये तर्क दिया कि फिल्म को बैन नहीं किया गया था। ये फिल्म कभी स्क्रीनिंग के लिए पाकिस्तान पहुंची ही नहीं। नाम शबाना (2017)- तापसी पन्नू स्टारर फिल्म नाम शबाना को पाकिस्तान के खिलाफ और टेररिस्ट के कुछ सीन्स को कट कर रिलीज किया गया था। हालांकि छवि धूमिल होने के डर से इसे एक दिन बाद ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया। टाइगर जिंदा है (2017)- सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है को पाकिस्तानी एजेंसी और कानून की छवि गलत तरीके से दिखाए जाने पर बैन कर दिया गया था। राजी (2018)- आलिया भट्ट स्टारर स्पाई फिल्म राजी को पाकिस्तान में इसलिए बैन किया गया क्योंकि उसमें इंटेलिजेंस एजेंट को पाकिस्तान की जासूसी करते दिखाया गया था। मुल्क (2018)- पाकिस्तान से ताल्लुक रखने पर देशद्रोह का आरोप झेलने वाले परिवार की कहानी दिखाने वाली फिल्म मुल्क को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। फिल्म ही नहीं, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के ट्रेलर पर भी पूरी तरह रोक लगा दी थी। गोल्ड (2018)- फिल्म में 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कुछ सीन दिखाए गए थे, जिसके चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था। अय्यारी (2018)- सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह स्टारर फिल्म अय्यारी को पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर पाकिस्तान में बैन किया गया था। परमाणु (2018)- पोकरण में हुए सफल न्यूक्लियर टेस्ट पर बनी फिल्म के एक हिस्से में पाकिस्तान के न्यूक्लियर टेस्ट का रेफरेंस दिए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। पाकिस्तान में ये इंडियन फिल्में भी हैं बैन जॉली एल एल बी 2- जम्मू कश्मीर में टेररिज्म का मुद्दा दिखाए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन किया गया था। वीरे दी वेडिंग (2018)- करीना कपूर, सोनम कपूर और स्वरा भास्कर स्टारर फिल्म वीरे दी वेडिंग को फिल्म में महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की गई अभद्र भाषा के कारण पाकिस्तान में बैन किया गया था। अंबरसरिया (2016)- फिल्म में इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी RAW का जिक्र होने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया। उड़ता पंजाब (2015)- फिल्म में गाली-गलौज का इस्तेमाल किए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन किया गया था। कैलेंडर गर्ल (2015)- फिल्म के एक आपत्तिजनक डायलॉग के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया था। शिवाय (2015)- इंडिया-पाकिस्तान के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था। हैदर (2014)- शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर स्टारर हैदर में कश्मीर के उग्रवाद की कहानी दिखाई गई थी। सेंसिटिव मुद्दा होने के चलते सेंसर बोर्ड ने इसे सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था। खिलाड़ी 786 (2012)- अक्षय कुमार की फिल्म खिलाड़ी 786 को सिर्फ टाइटल के चलते पाकिस्तान में बैन किया जा रहा था। हालांकि बाद में फिल्म के टाइटल से 786 हटा दिया गया था। जिसके बाद फिल्म खिलाड़ी टाइटल के साथ पाकिस्तान में रिलीज हुई थी। बैन के बावजूद पाकिस्तान में इंडियन फिल्मों का क्रेज, गैरकानूनी ढंग से रिलीज कर दी थी पठान 2019 के बाद से ही सभी भारतीय फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज करने पर प्रतिबंध है। हालांकि इसके बावजूद बीते साल शाहरुख खान की फिल्म पठान का क्रेज ऐसा था कि इसे पाकिस्तान के कराची के एक निजी थिएटर में रिलीज कर दिया गया। जानकारी मिलते ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने स्ट्रिक्ट एक्शन लेते हुए स्क्रीनिंग रुकवाई थी। पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में लगा बैन साल 2016 में हुए उरी अटैक के बाद सभी पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर बैन लगा दिया गया था। यही वजह रही कि माहिरा खान, फवाद खान जैसे कलाकारों को भारत की कई फिल्में छोड़नी पड़ी थीं। साल 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाए जाने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कलाकारों को पॉलिटिकल टेंशन के चलते सजा नहीं दी जा सकती। यही वजह रही कि पाकिस्तानी कलाकारों को फिर हिंदी सिनेमा में काम दिया जाने लगा। हानिया आमिर को दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म सरदार 3 में काम मिला, वहीं फवाद खान फिल्म अबीर गुलाल से बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे। हालांकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया गया है। FWICE (फिल्म फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयज) ने हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेटर लिखकर साफ किया है कि अगर कोई भी भारतीय पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करेगा, तो उस पर देशद्रोह का केस होगा। साथ ही पाक कलाकारों के साथ काम करने वाले शख्स को इंडियन इंडस्ट्री से बैन कर दिया जाएगा। विवादों के बीच जाहिर तौर पर फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल अब भारत में रिलीज नहीं होगी। वहीं हानिया आमिर को भी फिल्म सरदार 3 से रिप्लेस किया जा रहा है।