रेलवे ट्रैक को शॉर्टकट समझकर पार करना जानलेवा साबित हो सकता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने पटरी पार करने वाले यात्रियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया है। चालू वित्त वर्ष में अब तक ऐसे 483 मामले पकड़े गए हैं। इनमें से 431 लोगों के खिलाफ कोर्ट में कार्यवाही की गई, जिनसे 51,350 रुपए का जुर्माना वसूला गया है। 52 मामलों में अभी कार्यवाही चल रही है। सीसीटीवी से हो रही निगरानी जोधपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त (RPF) नीतीश कुमार शर्मा ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक (DRM) अनुराग त्रिपाठी के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत मंडल के सभी प्रमुख और भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है। नियम तोड़ने वालों पर तुरंत एक्शन लिया जा रहा है। स्टेशनवार कार्रवाई (1 अप्रैल से 17 दिसंबर तक दर्ज केस) क्या है कानूनी प्रावधान (रेलवे एक्ट धारा 147) रेलवे एक्ट 1989 की धारा 147 के तहत रेलवे ट्रैक को गलत तरीके से पार करना सिर्फ नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि एक दंडनीय अपराध है। डीआरएम ने की अपील मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने यात्रियों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में सीधे पटरी पार न कर अपनी जान जोखिम में न डालें। एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर जाने के लिए हमेशा फुट ओवर ब्रिज (FOB), अंडरपास या निर्धारित क्रॉसिंग का ही उपयोग करें। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा से समझौता करने वाले यात्रियों के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी।
जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की प्रतापनगर थाना पुलिस ने स्कूटी चोरी की वारदात का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने आरोपी को अजमेर से दबोचने में सफलता हासिल की, उसके कब्जे से चोरी की गई स्कूटी भी बरामद हुई है। आरोपी की पहचान सुचिन्द्रा पिण्डेल (31) पुत्र रामदेव पिण्डेल, निवासी पिण्डेलों का बास, ग्राम बग्गड़ जिला नागौर के रूप में हुई है। गौरतलब है कि 19 अक्टूबर 2025 को प्रतापनगर के कमला नेहरू नगर क्षेत्र से प्रार्थी संजय कुमार अग्रवाल की स्कूटी अज्ञात व्यक्ति ने चोरी कर ली थी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसीपी रविन्द्र बोथरा के सुपरविजन में, थानाधिकारी भवानी सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने तकनीकी व मानवीय आसूचना तंत्र के माध्यम से आरोपी तक पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस अब आरोपी से चोरी की अन्य वारदातों के संबंध में पूछताछ कर रही है। उससे पूछताछ में चोरी की कई अन्य वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है।
रेलवे से सेवानिवृत्त इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट करके 12 लाख रुपए ठग लिए। जालसाजों ने पीड़ित को मनी लान्ड्रिंग केस में शामिल होने का भय दिखाकर ठगी की। पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस जांच में जुटी है। सेक्टर-78 स्थित द हाइड पार्क सोसाइटी में रहने वाले रामसेवक तोमर ने पुलिस को बताया कि वह रेलवे में इंजीनियर के पद पर थे। पत्नी का कुछ समय पूर्व देहांत हो गया था। बच्चे दिल्ली-एनसीआर से बाहर नौकरी करते हैं। 29 नवंबर की सुबह करीब साढ़े 10 बजे उनके वॉट्सऐप नंबर पर वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने स्वयं का नाम प्रदीप सावंत बताया है। उसने कहा कि वह दिल्ली स्थित क्राइम ब्रांच के मुख्यालय में जांच अधिकारी के पद पर है। उसने पीड़ित को बताया कि उनके आधार कार्ड का प्रयोग कर दिल्ली स्थित केनरा बैंक की शाखा में खाता खोला गया है। खाते पर डेबिट कार्ड भी जारी है। खाते का प्रयोग नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में किया गया है। इस अपराध में रामसेवक तोमर की भूमिका भी संदिग्ध होने का दावा किया। उसके बाद कथित अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारी से बात कराई। उसने अपना नाम विजय कुमार खन्ना बताया। उसने वीडियो कॉल किया। उसमें वह पुलिस यूनिफॉर्म पहने हुए बैठा था। आरोपी ने कुछ दस्तावेज भी वॉट्सऐप पर भेजे। इसके बाद एक दिसंबर को सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज के नाम पर वीडियो कॉल किया। जहां एक व्यक्ति जज की वेशभूषा में बैठा हुआ था। उसने आदेश दिया कि शिकायतकर्ता के पास जो भी फंड है उसे सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट में ट्रांसफर किया जाए। गहने गिरवी रखकर लिए 10 लाखयह सुनकर शिकायतकर्ता भयभीत हो गए। उस कथित पुलिस अधिकारी द्वारा तत्काल दो लाख रुपए गणेश जनार्दन कापसे नामक व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। यह खाता मुंबई स्थित सिटी यूनियन बैंक में खुला हुआ है। इसके बाद आरोपियों ने जेवरात पर ऋण लेकर रकम जमा करने के लिए कहा। पीड़ित ने चार दिसंबर को जेवरात पर 10 लाख रुपए ऋण लेकर जमा करा दिए। बार बार रुपए मांगने पर हुआ शकछह दिसंबर को आरोपियों ने म्यूचुअल फंड को बंद करके रकम जमा कराने के लिए कहा। बार-बार रुपए की मांग होने पर उन्हें संदेह होने लगा। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने 15 दिसंबर को एनसीआरपी पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
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रेलवे ने जोधपुर और बीकानेर मंडल पर चल रहे दोहरीकरण और पुल निर्माण कार्यों के चलते रेल यातायात में बड़ा बदलाव किया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अनुसार, बीकानेर मंडल के चूरू-सादुलपुर रेलखंड पर दोहरीकरण कार्य के लिए ब्लॉक लिया जा रहा है, जिसका सीधा असर जनवरी 2026 में जोधपुर मंडल की ट्रेनों पर पड़ेगा। इसके अलावा, हिसार रूट पर भी आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) निर्माण के कारण दिसंबर में ट्रेनें आंशिक रद्द रहेंगी। जनवरी में परिवर्तित मार्ग से चलने वाली ट्रेनें जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि जनवरी माह में दोहरीकरण कार्य के चलते जोधपुर मंडल की कई प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित रूट के बजाय मेड़ता बाईपास, डेगाना, कुचामन सिटी और फुलेरा होकर संचालित की जाएंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए परिवर्तित ट्रेनों का विवरण इस प्रकार है: प्रयागराज और लालगढ़ रूट की ट्रेनें ट्रेन 20404 (लालगढ़-प्रयागराज एक्सप्रेस): 22 व 24 जनवरी 2026 (2 ट्रिप)। ट्रेन 20403 (प्रयागराज-लालगढ़ एक्सप्रेस): 21 व 23 जनवरी 2026 (2 ट्रिप)। ट्रेन 12404 (लालगढ़-प्रयागराज एक्सप्रेस): 21 व 23 जनवरी 2026। ट्रेन 12403 (प्रयागराज-लालगढ़ एक्सप्रेस): 20 व 22 जनवरी 2026 (2 ट्रिप)। दिल्ली सराय रोहिल्ला रूट की ट्रेनें ट्रेन 22421 (दिल्ली सराय रोहिल्ला-जोधपुर): 21 से 24 जनवरी 2026 तक (4 ट्रिप)। ट्रेन 22422 (जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला): 24 जनवरी 2026 (1 ट्रिप)। हिसार-चूरू के बीच आंशिक रद्दीकरण डीआरएम त्रिपाठी ने बताया कि हिसार-सादुलपुर रेलखंड पर हिसार-चडोद स्टेशनों के बीच समपार फाटक संख्या 15 ए पर आरयूबी निर्माण किया जा रहा है। इस कारण 23 और 24 दिसंबर को यातायात प्रभावित रहेगा।
जोधपुर की कुड़ी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने अपहरण, मारपीट और फिरौती मांगने की सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश करते हुए आरोपी विक्रम उर्फ विक्की गेमलानी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पहले भी अपहरण, मारपीट और धमकी देने के कई मामले दर्ज हैं। पूरा मामला 13 सितंबर 2025 का है। तिलवासनी निवासी प्रेमराज अपने घर में बैठा था, तभी ब्लैक रंग की स्कॉर्पियो में सवार सात लोग वहां पहुंचे। इनमें रामस्वरूप जाखड़, अशोक जाखड़, भजनलाल ढाका और विक्रम उर्फ विक्की गेमलानी शामिल थे। चारों जबरन घर में घुसे, पिस्टल की नोक पर प्रेमराज को बंधक बनाया और बेहोश होने तक पीटते रहे। बाद में आरोपी उसे गाड़ी में डालकर ले गए। रास्ते में वाहन बदलकर उन्होंने सफेद क्रेटा ली और खेजड़ली क्षेत्र की ओर कच्चे रास्तों से भाग निकले। आंखों पर पट्टी बांधकर आरोपियों ने पीड़ित को निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया और फिर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगते हुए कहा कि पैसे नहीं दिए तो हाथ-पांव तोड़कर सड़क पर फेंक देंगे। घटना के पीछे मुख्य भूमिका सोहनलाल जाखड़ की बताई गई, जिसके कहने पर पूरा अपहरण करवाया गया था। पीड़ित के मुताबिक उसे पिस्टल, लाठी और मुक्कों से बेरहमी से पीटा, जिससे शरीर पर गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उसका पर्स, आधार कार्ड, पैन कार्ड और करीब 7 हजार रुपये नकद लूट लिए और घायल अवस्था में सड़क किनारे फेंक दिया। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। 8 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर 8, कुड़ी भगतासनी रोड पर एक व्यक्ति को कुछ लोगों ने पटककर भाग निकले हैं। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने घायल से पूछताछ की, जिसने अपना नाम विक्रम उर्फ विक्की गेमलानी (29) निवासी सीएचबी क्षेत्र, जोधपुर बताया। उसने बताया कि कार्तिक नामक व्यक्ति और उसके साथी उसे शास्त्रीनगर इलाके से उठाकर लाए और मारपीट कर सड़क किनारे छोड़ गए। उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ पहचान होने पर उपचार के बाद गिरफ्तार किया गया।
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। दिग्विजय की मन की बात, कहा- अभी रिटायर नहीं हूं78 साल के राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का अभी रिटायरमेंट का कोई मूड नहीं है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के एक कथन के जरिए अपने मन की बात बयां की। दरअसल, दिग्विजय सिंह को प्रभावी राजनीति के लिए लोकमत पार्लियामेंट्री अवॉर्ड 2025 के तहत लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के सम्मान से नवाजा गया है। अवॉर्ड को लेकर मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा- 'लाइफटाइम अवॉर्ड उसे दिया जाता है, जिसे ये संदेश दिया जाता है कि भाई तुम्हारा काम हो गया अब रिटायर हो जाओ। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था- न मैं टायर्ड हूं, न मैं रिटायर हूं।' मतलब साफ है कि दिग्विजय सिंह अभी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। खरी बात ये है कि दिग्विजय का ये ऐलान कुछ कांग्रेस नेताओं को परेशान कर सकता है। लेकिन भाजपा खुश है। क्योंकि भाजपा वाले कहते आए हैं कि दिग्विजय जब तक कांग्रेस में हैं, तब तक हमारी जीत की गारंटी पक्की है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान संसद में फुल फॉर्म में नजर आए। विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा- आज मैं बोलूंगा, मुझे देश को बताना है। ये मुझे चुप नहीं करा सकते। मेरा नाम भी शिवराज सिंह चौहान है। संसद में फुल फॉर्म में दिखे शिवराज सिंह चौहानशिवराज सिंह चौहान लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी VB–G Ram G पर जवाब दे रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए। इस पर शिवराज सिंह ने कहा- इनके हंगामे से हार नहीं मानूंगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के लोग ढोंग करते हैं। मनरेगा का नाम पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया। वो तो पहले नरेगा थी। बाद में जब 2009 के चुनाव आए तब चुनाव और वोट के कारण महात्मा गांधी याद आए। बापू याद आए। तब उसमें जोड़ा गया महात्मा गांधी। शिवराज सिंह ने महान कवि दुष्यंत कुमार की पंक्तियां पढ़ी- 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।' इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये बड़ी ही हीन भावना के साथ लिया गया निर्णय है और महात्मा गांधी का अपमान है। अब विपक्ष कुछ भी कहे, लोकसभा में बिल पास हो गया और मामा जी ने हंगामे के बीच भी खूब तालियां भी बटोर ली। कांग्रेस ने शाह की जगह विजयवर्गीय का पुतला फूंकाबालाघाट में महिला कांग्रेस की फजीहत हो गई। हुआ यूं कि महिला कांग्रेस कार्यकर्ता मंत्री विजय शाह का विरोध करने सड़क पर उतरे थे, लेकिन विजय शाह की जगह मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का पुतला जला दिया। कांग्रेस कार्यकर्ता पुतला लेकर आए और उसमें आग लगा दी। फिर वहां खड़े एक शख्स ने विजयवर्गीय के फोटो में आग लगाई। जब फोटो जमीन पर पड़ी तो मीडिया और बाकी लोगों की नजर उस पर पड़ी। इसका वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, लाड़ली बहनों पर दिए बयान को लेकर महिला कांग्रेस मंत्री विजय शाह के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी। अब कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि गलती से ऐसा हो गया।अब कांग्रेस कुछ भी कहे प्रदर्शन का खूब मजाक उड़ रहा है। 'राधा रानी' पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने गाया भजनसीएम डॉ. मोहन यादव गायक के रूप में नजर आए। उन्होंने राधा रानी पर भजन गाया। दरअसल, विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान रात में सांस्कृतिक आयोजन रखा गया था। उस दौरान आए कलाकारों ने भजन भी गाए। सीएम सामने बैठकर भजनों का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने माइक थामा और भजन गाया। सीएम ने गाया- मीठे रस से भरयो री, राधा रानी लागे, महारानी लागे, मने खारो खारो यमुना जी रो पानी लागे.. राधे.. राधे.. .................. ये भी पढ़ें -मंत्री विजयवर्गीय का दर्द, बोले- हम तो गरीबों जैसे; पानी के प्रेशर से खिसका पजामा कभी सीएम पद की दौड़ में शामिल रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दर्द मजाक में ही सही, एक बार फिर छलक पड़ा। हुआ यूं कि अक्सर कुर्ता-पजामा या फिर धोती-कुर्ता में नजर आने वाले सीएम डॉ. मोहन यादव सूट पहनकर विधानसभा पहुंचे थे। मंत्री विजयवर्गीय ने उनके लिए कहा- हमारे सीएम तो सूट-बूट में आए हैं और हम मंत्री-विधायक गरीबों जैसी वेशभूषा में हैं। पूरी खबर पढ़ें
गोरखपुर के कोतवाली इलाके में महिला के साथ अश्लील हरकत करने का मामला सामने आया है। महिला का आरोप है कि नहाते समय बाथरूम का पर्दा हटाकर मेरे 2 देवर अंदर चले आए। मुंह दबाकर अश्लील हरकत की। हाथापाई कर इज्जत बचा पाई। अब फिर से रेप की धमकी दे रहे हैं। महिला की तहरीर पर कोतवाली थाने की पुलिस ने दोनों देवरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। गुरुवार को इस मामले में कुछ लोगों के बयान लिए गए हैं। अब विस्तार से जानें पूरा मामला कोतवाली इलाके की महिला के पति बाहर काम करते हैं। महिला का कहना है कि 15 दिसंबर को वह घर पर अकेली थी। वह दोपहर 12 बजे अपने बाथरूम में नहाने गई। बाथरूम में केवल पर्दा लगा है। अचानक घर में अकेला देख मेरे दोनों देवर पर्दा हटाकर बाथरूम में घुस आए। इसके बाद बैड टच कर अश्लील हरकत करने लगे। मैं उनसे बचने के लिए गिड़गिड़ाती रही। लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद मैंने भी शोर मचाते हुए हाथ-पैर चलाने लगी। तभी दोनों देवरों ने मिलकर मेरा कपड़ा फाड़ दिया। मुंह दबाकर अश्लील हरकत करने लगे। इसके बाद मैंने फिर पूरी ताकत लगाकर दोनों देवरों से हाथापाई करने लगी। जब वे पीछे हटे, तब मौका पाकर अपने कमरे की तरफ भागी। इस दौरान शोर सुनकर मेरी 13 साल की बेटी भी आ गई। वह अपने मोबाइल से घटना का वीडियो भी बनाई है। आरोपी वीडियो बनता देखकर जान से मारने और रेप की धमकी देते हुए चले गए। महिला ने बताया कि मैंने वूमेन हेल्प लाइन नंबर 1090 पर कॉल किया। इसके बाद घर पर पुलिस पहुंची। दोनों पक्षों को समझाकर पुलिस वापस चली गई। अगले दिन 16 दिसंबर को कोतवाली थाने की पुलिस देवर को पकड़कर थाने ले आई। थाने पर दोनों पक्षों को पुलिस ने काफी देर तक समझाया। महिला का आरोप है कि इसके बाद भी दोनों देवर बार-बार जानमाल व रेप की धमकी दे रहे हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपी देवरों के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस अब मामले की जांच पड़ताल कर रही है। इस संबंध में कोतवाली थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि एक परिवार के भाइयों में संपत्ति का विवाद चल रहा है। इसको लेकर बार-बार विवाद होता है। इस बार महिला ने दूसरे पक्ष पर आरोप लगाया है। जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
हरदोई की बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के सांपखेड़ा गांव के पास गुरुवार देर रात खनन माफियाओं ने जिला खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह की सरकारी गाड़ी को टक्कर मार दी। अधिकारी अपनी टीम के साथ अवैध खनन की शिकायतों पर औचक निरीक्षण के लिए निकले थे। जब टीम पक्की सड़क से गांव के अंदर कच्चे चकमार्ग पर पहुंची, तो सामने से मिट्टी से भरा एक बिना नंबर प्लेट का पीला डम्पर आता दिखा। खनन अधिकारी ने वाहन रोकने का इशारा किया, लेकिन डम्पर चालक ने जानबूझकर सरकारी बोलेरो में तेज टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो अनियंत्रित होकर सड़क से पलटते हुए गेहूं के खेत में जा गिरी। गनीमत रही कि खनन अधिकारी, चालक अनुराग सिंह और टीम के अन्य सदस्य समय रहते गाड़ी से कूद गए, जिससे सभी की जान बच गई। टक्कर के बाद आरोपी चालक डम्पर को चकमार्ग पर पलटकर मौके से फरार हो गया। सरकारी बोलेरो का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। खनन अधिकारी शिवदयाल सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि डम्पर चालक सुमित यादव (निवासी परसौला, थाना बिलग्राम) ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और जान से मारने की नीयत से यह वारदात की। तहरीर में यह भी उल्लेख है कि आरोपी सुमित यादव पहले भी अवैध खनन के मामलों में लिप्त रहा है और उसकी जेसीबी मशीन पूर्व में सीज की जा चुकी है। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। फरार आरोपी और उसके अवैध खनन नेटवर्क की तलाश में दबिश दी जा रही है। इस घटना ने जिले में खनन माफियाओं की बेखौफ सक्रियता और प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संभल में एक पेट्रोल पंप पर खड़े ट्रक के अंदर चालक का शव मिला है। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक चालक का परिवार दिल्ली में रहता है। यह घटना जनपद संभल के कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के हिमायूपुर स्थित एक पेट्रोल पंप की है। मृतक की पहचान बबराला निवासी जाकिर (55 वर्षीय) पुत्र रफीक के रूप में हुई है। जाकिर गाजियाबाद से नेपाल के बीच ट्रक चलाता था। बुधवार सुबह वह पेट्रोल पंप पर आया था, जहां उसने चाय-नाश्ता करने के बाद ट्रक में सोने चला गया था। गुरुवार शाम करीब 07:30 बजे जाकिर की पत्नी परवीन ने दिल्ली से उसे फोन किया, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। लगातार फोन न उठने पर परवीन ने अपने एक परिचित को इसकी जानकारी दी। परिचित ने जब ट्रक पर जाकर देखा तो जाकिर ट्रक के अंदर मृत अवस्था में पड़ा था और ट्रक पूरी तरह से बंद था। परिचित ने तुरंत इसकी सूचना जाकिर की पत्नी को दी, जिसके बाद पुलिस को भी घटना की जानकारी गुरुवार रात 08 बजे मिली। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर ट्रक को खोलकर शव को अपने कब्जे में लिया। पति की मौत की सूचना मिलने के बाद पत्नी बच्चों के साथ दिल्ली से बबराला के लिए रवाना हो गई है। मृतक के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा भी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जाकिर की मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है। हालांकि, मौत की वास्तविक वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। थाना प्रभारी राजीव कुमार मलिक ने बताया कि जाकिर की संदिग्ध मौत का स्पष्ट कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
रेवाड़ी पहुंची बृजेंद्र सिंह की दो दिवसीय सद्भावना यात्रा के पहले दिन कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। कांग्रेस के दोनों नवनियुक्त जिला अध्यक्षों सहित पार्टी के बड़े चेहरों ने कांग्रेस के दोनों नवनियुक्त जिला अध्यक्षों के साथ दो पूर्व मंत्रियों सहित कांग्रेस के कई बड़े चेहरों ने पहले दिन यात्रा से दूरी बनाकर रखी। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव बेटे के साथ शामिल तो हुए परंतु अपने शब्दों से दूसरे धड़े को भी साधने का प्रयास किया। इतना ही नहीं सद्भावना यात्रा के मंच पर एक साथ दिखने वाले बृजेंद्र सिंह व कैप्टन अजय यादव के भाषण में भी पार्टी की गुटबाजी पर विरोधाभाष देखने को मिला। बृजेंद्र सिंह ने सद्भावना यात्रा से प्रदेश में कांग्रेस की एकजुटता का दावा किया और कैप्टन अजय यादव ने खुद ही उनके दावों को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया। इन बड़े चेहरों ने बनाई दूरी प्रदेश में सद्भावना यात्रा पर निकले पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने वीरवार को अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के साथ रेवाड़ी के गांव टीकला से शुरू की और साबन में समापन किया। आज सुलखा से शुरू होगी और खोरी में समापन होगा। पहले दिन ग्रामीण जिला अध्यक्ष सुभाष छाबड़ी, शहरी प्रधान प्रवीण चौधरी के अलावा पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा पहले दिन जसवंत सिह व पूर्व विधायक शकुंतला कहीं दिखाई नहीं दिए। हालांकि जिला अध्यक्षों ने चंडीगढ़ मीटिंग में होने की बात कहकर यात्रा में अपनी गैरमौजूदगी पर सफाई दी। यह बोले कैप्टन और बृजेंद्र सिंहबृजेंद्र सिंह ने कहा कि शुरूआत में यात्रा की सफलता पर बना डर अब यात्रा को मिल रहे समर्थन से खत्म हो गया है। कांग्रेस की एकजुटता को भी मजबूती मिल रही है। वहीं यात्रा के मंच से गायब बड़े चेहरों पर तंज कसते हुए कैप्टन अजय यादव ने कहा कि कई नेता यात्रा को देख गायब हो गए। डरो नहीं, मर्द बनो, मुझे किसी का डर नहीं और कोई मेरी भैंस भी नहीं खोल सकता। उन्होंने कहा जो आएगा हम उसका स्वागत करेंगे। कुमारी शैलजा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा या कोई भी आएगा, सभी का स्वागत करेंगे।
झीलों की नगरी उदयपुर में टूरिस्ट नहीं आएंगे। क्योंकि झीलों में पानी नहीं सिर्फ सूखे की दरारें होंगी। गुलाबी नगरी जयपुर का रंग धूल से पीला हो जाएगा। सूर्यनगरी जोधपुर में तापमान 50 डिग्री पहुंच जाएगा। लू-आंधी के कारण सांस के रोगी इतने बढ़ जाएंगे कि अस्पताल कम पड़ जाएंगे। आना सागर वाले अजमेर में पानी शॉपिंग मॉल में बिकेगा। एजुकेशन सिटी कोटा में बच्चों को ऑक्सीजन मास्क लगाकर स्कूल जाना पड़ेगा। सरिस्का में जंगल नहीं होगा। टाइगर सिर्फ तस्वीर में नजर आएगा। अभी शायद आपको ऊपर लिखी लाइनें मजाक लग रही होंगी, लेकिन कुछ साल बाद नहीं लगेंगी। राजस्थान से अरावली की पहाड़ियां खत्म हो गईं तो यहीं मजाक डरावनी हकीकत बनकर सामने आ सकता है। अरावली खत्म होने की बात हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि एक नई परिभाषा के अनुसार 100 मीटर से ऊंची पहाड़ी को ही अरावली माना जाएगा। ये परिभाषा ‘पहाड़ियों को काटने वालों के लिए एक वैध हथियार’ बन जाएगी। भास्कर की स्पेशल सीरीज में जानिए क्यों अरावली सिर्फ पर्वत श्रंखला नहीं, हमारी लाइफ लाइन है। आज पहले पार्ट में देखिए AI की मदद से बनानी गई भविष्य की डरावनी तस्वीरें... खतरा 1 : मास्क बन जाएगा जिंदगी का हिस्सा एनवायरमेंट एक्सपर्ट डॉ. एसएस पूनिया के अनुसार, अरावली रेगिस्तान की रेत को रोकती है। अरावली पर संकट आया तो रेगिस्तान की महीन रेत सीधे हमारे शहरों तक पहुंचेगी। हवा में हर समय धूल रहेगी। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मास्क ही एकमात्र विकल्प होगा। जहां भी जाएं ऑक्सीजन मास्क और सिलेंडर साथ लेकर जाना पड़ेगा। खतरा 2 : सांस के इतने मरीज कि हॉस्पिटल कम पड़ जाएंगे दिल्ली का करीबी राज्य होने के कारण राजस्थान में प्रदूषण लेवल हर साल बढ़ रहा है। अरावली नहीं होने पर ये खतरा और बढ़ जाएगा। हवा में PM2.5 और PM10 कण बढ़ेंगे, जिससे सांस लेना मुश्किल होगा। लगातार धूल प्रदूषण से अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियां तेजी से बढ़ेंगी। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा होगा। मरीज की संख्या बहुत ज्यादा होगी और हॉस्पिटल की कम। खतरा 3 : खत्म हो जाएंगे जंगल, तस्वीरों में दिखेगा टाइगर अरावली ही जंगलों का आधार है। अरावली खत्म होने से मिट्टी कटाव बढ़ेगा, नमी घटेगी और बारिश कम होगी। बिना पानी और स्थिर जमीन के जंगल पनप नहीं पाएंगे। जंगल खत्म हुए तो वन्यजीव भी खत्म हो जाएंगे। टूरिस्ट के लिए टाइगर रिजर्व में कुछ नहीं बचेगा। खतरा 4 : न झीलें बचेंगी, न टूरिस्ट आएंगे अरावली खत्म होने से झीलों का कैचमेंट और भूजल रिचार्ज नष्ट हो जाएगा। बारिश का पानी रुकने के बजाय बह जाएगा। नालों-धाराओं का प्रवाह टूटेगा। जंगल खत्म होने से बारिश घटेगी। बढ़ी गर्मी से वाष्पीकरण बढ़ेगा, जिससे झीलें धीरे-धीरे पूरी तरह सूख जाएंगी। खतरा 5 : जमीन हो जाएगी बंजर, कैसे करेंगे खेती अरावली खत्म होने से बारिश अनियमित हो जाएगी। पानी जमीन में नहीं रुकेगा। भूजल रिचार्ज बंद होगा। मिट्टी कटाव और रेत फैलने से उपजाऊ जमीन बंजर हो जाएगी, जिससे खेती करना असंभव हो जाएगा। खतरा 6 : पानी की किल्लत, खरीदकर पीना पड़ेगा अरावली खत्म होने से मानसूनी हवाएं बिना रुके आगे निकल जाएंगी, जिससे स्थानीय बारिश घटेगी। इसके अलावा जंगल खत्म होने से हवा में नमी कम होगी और बादल बनने की प्रक्रिया कमजोर पड़ेगी। बढ़ते तापमान और सूखे माहौल के कारण बारिश अनियमित होगी, जिससे लंबे सूखे और अचानक बाढ़ जैसी स्थितियां बनेंगी। खतरा 7 : तापमान बढ़ेगा, दिनभर धूल के तूफान अरावली राजस्थान के लिए सुरक्षा की दीवार है। ये रेगिस्तान से आने वाली गर्म, धूल भरी हवाओं को रोकती हैं। अरावली खत्म होने पर तेज हवाएं बिना रुकावट आगे बढ़ेंगी। दिनभर धूलभरी आंधियां चलेंगी। इसके अलावा हरियाली घटने से बारिश कम होगी और गर्मी बढ़ेगी। हीटवेव का असर बढ़ेगा। इसलिए बढ़ गई अरावली को लेकर चिंता 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा को मंजूरी देने के बाद 15 जिलों यानी करीब आधे राजस्थान में चिंता गहरा गई है। यह नई परिभाषा कहती है कि आसपास की जमीन से 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली भू-आकृति को ही अरावली पहाड़ी माना जाएगा। इस मानक से अरावली की 90% से ज्यादा पहाड़ियां संरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएंगी, जिसका सीधा असर खनन, रियल एस्टेट और निर्माण गतिविधियों पर पड़ेगा। छोटी पहाड़ियां बड़े काम की पर्यावरण विशेषज्ञ व झील संरक्षण समिति के पूर्व सदस्य डॉ. अनिल मेहता के अनुसार, छोटे टीले, रिज क्षेत्र और पहाड़ियों का नेटवर्क ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखता है। अरावली की यही छोटी पहाड़ियां हवा के भारी प्रवाह को रोकने, भूजल रिचार्ज करने और तापमान नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। यदि इन्हें कानूनी संरक्षण से बाहर कर दिया तो आने वाले वर्षों में पारिस्थितिक संतुलन भी डगमगा सकता है। 90% पहाड़ियां अरावली से बाहर हो जाएंगी 100 मीटर वाली परिभाषा ‘पहाड़ियों को काटने वालों के लिए एक वैध हथियार’ बन जाएगी। भारतीय वन सर्वेक्षण के आकलन के मुताबिक प्रदेश के 15 जिलों में मौजूद 12 हजार 81 अरावली पहाड़/टीले 20 मीटर या उससे अधिक ऊंचे हैं, लेकिन इनमें से केवल 1 हजार 48 ही ऐसे हैं जो 100 मीटर से ज्यादा ऊंचे हैं। यानी 11 हजार 33 संरचनाएं अरावली नहीं कहीं जा सकेंगी। 20 मीटर ऊंचाई का मानक इसलिए अहम माना जाता रहा है, क्योंकि इतनी ऊंचाई की पहाड़ियां भी हवा के प्रवाह को रोकने वाली प्राकृतिक दीवार का काम करती हैं। .... कल पढ़िए : अरावली न हो तो पाकिस्तान में बरसेगा राजस्थान का मानसून : 1.50 लाख से ज्यादा पहाड़ियों पर खनन का खतरा, अब तक करीब 25% चोटियां खत्म
संभाग के 4 जिलों में शीतलहर, सागर में तापमान सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा
भास्कर संवाददाता | सागर सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद ठंड को लेकर जो संभावनाएं जताई जा रही थीं, सागर में उसके अनुरूप अब तक सर्दी नहीं हुई। गुरुवार को संभाग के 6 जिलों में सबसे ज्यादा तापमान सागर का रहा। छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी व पन्ना शीतलहर की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने चारों जिलों में शुक्रवार को भी शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। पूर्वी मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां 6.5 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ नौगांव सबसे ठंडा रहा। पिछले 24 घंटों में सागर शहर में तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई, अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री दर्ज किया गया। सागर 29 डिग्री के साथ प्रदेश के सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान वाले पांच शहरों में शामिल रहा। यह तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक रहा।
डिमांड पर करते थे शिकार, काले हिरण के एक किलो मांस की कीमत 10 से 12 हजार
भास्कर संवाददाता | सागर राहतगढ़ क्षेत्र में हुए काले हिरण के शिकार में नया खुलासा हुआ है। वन विभाग की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि स्थानीय लोग मांस और रुपयों के लालच में नेटवर्क का हिस्सा बन गए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें शिकार में मदद करने के बदले मांस और रुपए मिलते थे। वन विभाग को एक मास्टरमाइंड की जानकारी लगी है, जो भोपाल, इंदौर से आने वाली डिमांड के अनुसार वन्यजीवों का शिकार कराता था। शिकार के लिए आरोपी डॉक्टर को बुलाया जाता था। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि करीब दो महीने पहले आरोपी वसीम राहतगढ़ क्षेत्र में आया था। वन विभाग के अनुसार वन्यजीवों के मांस की तस्करी मुंबई तक की गई है। एक किलो काले हिरण के मांस की कीमत 10 से 12 हजार रुपए तक पहुंच जाती थी। मांस के साथ-साथ खाल, सींग और दांत भी अलग-अलग दामों पर बेचे जाते थे। 4-5 दिसंबर की रात टेहरा-टेहरी जंगल से वन विभाग की टीम ने नाकाबंदी कर दो कार सहित 3 आरोपियों को पकड़ा था। तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं। मामले की राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक रमन कुमार जारोलिया ने बताया कि आरोपी वसीम सहित तीनों ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी। सुनवाई के बाद पंचम अपर सत्र न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
SIR: 33193 मतदाता नहीं मिले, सागर के सबसे ज्यादा
भास्कर संवाददाता| सागर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान गुरुवार को पूरा हो गया है। मतदाता सूची के सत्यापन के लिए अंतिम तारीख 18 दिसंबर थी। अंतिम तारीख तक जिले के 33193 मतदाता नहीं मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा 14633 मतदाता सागर विधानसभा से हैं। गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत जिले में 18 लाख 14 हजार 792 मतदाताओं में से 16 लाख 45 हजार 131 मतदाताओं का मिलान पूरा कर लिया है। जिले में 1 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं के फॉर्म अब तक वापस नहीं आए हैं। इस कारण उनके नामों का मिलान नहीं हो सका है। इनमें से करीब आधे ऐसे मतदाता हैं जो अन्य स्थानों पर चले गए हैं। स्थाई रूप से जाने वाले मतदाताओं की संख्या 80847 है। 36464 की मौत हो चुकी है। 10152 मतदाता ऐसे हैं जिनका नाम अन्य विधानसभा में था, यानी इनका नाम दो स्थानों पर जुड़ा था। ये मतदाता जिले की अलग-अलग विधानसभाओं या जिले के बाहर भी नाम जुड़वाए हुए थे। इनका नाम जब जोड़ा गया तो उसे पहले ही अन्य विधानसभा में जुड़ा बताया, इस कारण ये पकड़ में आ गए हैं। स्थानांतरित, मृत व दोहराव वाले मतदाताओं के नाम कटना अब तय है। इनकी संख्या 1 लाख 27 हजार 463 है। जिले में 25774 मतदाता ऐसे भी हैं जिनकी मैपिंग नहीं हुई है। यानी ये मतदाता मौजूदा सूची में तो हैं लेकिन 2003 की मतदाता सूची में इनका कोई प्रमाण नहीं मिला है। इनका या इनके परिवार के सदस्यों का नाम ये नहीं बता पाए हैं। इन मतदाताओं को नोटिस भेजकर जवाब लिया जाएगा। आयोग द्वारा तय दस्तावेज देने होंगे। अफसर संतुष्ट हुए तो इनके नाम जोड़ने या काटने पर निर्णय होगा। मतदाता सूची का अंतरित प्रकाशन 23 दिसंबर को होगा। किसी भी मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना के सूची से नहीं हटाया जाएगा। नोटिस भेजकर जवाब लिया जाएगा।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर VB–G RAM G बिल लोकसभा से पास होने को लेकर रही। वहीं, दूसरी बड़ी खबर UP पुलिस के कथावाचक को सैल्यूट करने को लेकर है। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. VB–G RAM G बिल लोकसभा से पास, भाजपा सांसद बोले- शादी न हो तो जय श्रीराम बोलिए विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी VB–G Ram G लोकसभा से पास हो गया। यह 20 साल पुराने मनरेगा एक्ट की जगह लेगा। बिल पर लोकसभा में बुधवार और गुरुवार को 14 घंटे बहस हुई। 50 से ज्यादा सांसदों ने इस पर अपनी बात रखी। सांसद बोले- जय श्रीराम बोलते हैं तो इंटेशन गलत कैसे: भाजपा सांसद अजय भट्ट ने बिल के पक्ष में कहा कि इसके नाम पर राजनीति सही नहीं है। हमारा इंटेंशन गलत कैसे हो गया बताइए जरा। लड़की की शादी न हो रही हो नौकरी न लग रही हो। घर में कहीं पर उठा--पटक हो रही हो। तो आप श्री राम जय राम कह दीजिए काम निकल जाएगा। पूरी खबर पढ़ें... 2. कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर मिलने पर अखिलेश-चंद्रशेखर भड़के, सैल्यूट करने वाले SP से जवाब तलब वृंदावन के कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने पर विवाद शुरू हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार और यूपी पुलिस पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश ने कहा- जब पूरा पुलिस महकमा सलामी में व्यस्त रहेगा तो प्रदेश का अपराधी मस्त रहेगा। पुलिस अपने काम में नाकाम है। भाजपा राज में पनप रहे बेतहाशा अपराध और माफिया राज पर लगाम लगाने की बजाय सलाम-सलाम का खेल खेला जा रहा है। वहीं, सांसद चंद्रशेखर ने कथावाचक को सलामी दिए जाने को संविधान पर हमला बताया। कहा- अब आस्था संविधान से ऊपर हो गई है। कथावाचक को SP ने किया था सैल्यूट: कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी 17 नवंबर को बहराइच पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस लाइन में पुलिसवालों मोटिवेट किया था। यह कार्यक्रम पूरी तरह पुलिस विभाग का था। जिसमें कथावाचक के लिए रेड कारपेट बिछाया गया और उन्हें खुद एसपी आर सिंह ने सैल्यूट कर सलामी दी थी। पूरी खबर पढ़ें... 3. गिरिराज ने कहा- नीतीश कुमार ने हिजाब हटाकर सही किया; ये इस्लामिक देश नहीं CM नीतीश कुमार के हिजाब खींचने को भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने इसे सही ठहराया। उन्होंने कहा- नीतीश कुमार ने कोई गलत काम नहीं किया है। अगर कोई नियुक्त पत्र लेने के लिए जा रही है तो क्या वो अपना चेहरा नहीं दिखाएगी? ये कोई इस्लामिक देश है क्या? जानिए क्या है हिजाब विवाद: 15 दिसंबर को बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान डॉक्टर नुसरत परवीन हिजाब पहनकर आईं तो नीतीश कुमार ने पूछा कि यह क्या है और उसे अपने हाथ से हटा दिया। महिला ने नौकरी न करने का फैसला पलटा: इधर, नुसरत परवीन ने नौकरी जॉइन करने का मन बना लिया है। परिवार के मनाने के बाद नुसरत ने ये फैसला लिया है। देर रात वे कोलकाता से पटना लौटी हैं। दरअसल विवाद के बाद परवीन राज्य छोड़कर चली गईं थी और नौकरी न करने का फैसला लिया था। पूरी खबर पढ़ें... 4. यूपी में किराया मांगने पर इंजीनियर की पत्नी की हत्या, पति-पत्नी ने टुकड़े कर लाश बेड में छिपाई गाजियाबाद में पति-पत्नी ने मिलकर फ्लैट मालकिन की हत्या कर दी। 6 महीने का बकाया किराया मांगने पहुंची दीपशिखा को देखकर किराएदार बौखला गए। उन्हें अंदर बुलाकर कुकर से हमला कर दिया। उन्हें जमकर पीटा। फिर दुपट्टे से गला घोंटकर मार डाला। लाश के टुकड़े करके सूटकेस में भरा पति-पत्नी ने दीपशिखा को चाकू से काटा डाला। छोटे-छोटे टुकड़े करके लाश को सूटकेस में पैक किया और बेड बॉक्स में छिपा दिया। काफी देर तक महिला घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने सोसाइटी का CCTV चेक कराया। इसमें महिला किराएदार के फ्लैट में जाते हुए दिखाई दी, लेकिन बाहर नहीं आई। पूरी खबर पढ़ें... 5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रिटायरमेंट से पहले जजों का ताबड़तोड़ फैसले सुनाना दुर्भाग्यपूर्ण सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटायरमेंट से ठीक पहले जजों का बाहरी कारणों से प्रभावित होकर ताबड़तोड़ फैसले सुनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। वे आदेश ऐसे सुनाते हैं, जैसे मैच के अंतिम ओवर में छक्के मार रहे हों। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी क्यों की: सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मध्य प्रदेश के एक प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। जज ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसके तहत रिटायरमेंट से 10 दिन पहले उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। आरोप है कि जज ने कुछ संदिग्ध आदेश पारित किए थे। RTI फाइल करने पर भी कोर्ट नाराज: सुप्रीम कोर्ट ने सस्पेंशन के आधार जानने के लिए RTI आवेदन दाखिल किए जाने पर भी आपत्ति जताई। बेंच ने कहा कि एक सीनियर न्यायिक अधिकारी से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह जानकारी के लिए RTI का सहारा ले। पूरी खबर पढ़ें... 6. चांदी ₹1,479 बढ़कर ₹2.01 लाख किलो के ऑलटाइम हाई पर, लगातार दूसरे दिन इजाफा चांदी लगातार दूसरे दिन ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है। 1 किलो चांदी की कीमत 1,609 रुपए बढ़कर 2,01,250 रुपए किलो हो गई है। इस साल अब तक चांदी की कीमत 1,15,233 रुपए बढ़ चुकी है। वहीं एक हफ्ते में 6 हजार का इजाफा हुआ। चांदी एक साल में ₹1,15 लाख महंगी: चांदी का भाव एक साल में 1,15,112 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,01,129 रुपए प्रति किलो हो गई है। चांदी में तेजी के 3 बड़े कारण: पूरी खबर पढ़ें... 7. गडकरी ने प्रियंका को स्पेशल डिश खिलाई, कहा- भाई का काम किया तो बहन का भी होगा कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान प्रियंका ने कुछ रोड प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा। इस पर गडकरी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि पहले राहुल गांधी का काम किया था, अब बहन का काम नहीं करेंगे तो सवाल उठेंगे। प्रियंका ने चावल की डिश खाई: गडकरी से मुलाकात के बाद प्रियंका ने चावल की एक खास डिश भी खाई। जिसे गडकरी ने खुद यूट्यूब देखकर बनवाया था। दरअसल, प्रियंका ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान नितिन गडकरी से मिलने का समय मांगा था और कहा था कि जून से अपॉइंटमेंट नहीं मिल पा रहा है। पूरी खबर पढ़ें... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… 1. बंगाल की जॉब-गारंटी योजना महात्मा गांधी के नाम पर होगी :ममता बोलीं- मनरेगा से बापू का नाम हटाना शर्मनाक (पूरी खबर पढ़ें) 2. दिल्ली में सख्ती, जगह-जगह गाड़ियों की चेकिंग: सिर्फ BS-6 इंजन गाड़ियों को एंट्री, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जा रहा (पूरी खबर पढ़ें) 3. सरकार बोली- नेहरू के दस्तावेज सोनिया लौटा नहीं रहीं: 17 साल पहले 51 बक्सों में दिए थे, उन्हें पब्लिक आर्काइव में होना चाहिए (पूरी खबर पढ़ें) 4. एअर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट के टायर फटे: जेद्दा से कालीकट जा रही थी, कोचीन में उतारा गया; 160 यात्री सुरक्षित (पूरी खबर पढ़ें) 5. राजा हत्याकांड में सोनम का दावा-‘मैं शादी से खुश थी’: राज कुशवाह से भाई-बहन जैसे रिश्ते; शिलॉन्ग कोर्ट में लगाई जमानत याचिका (पूरी खबर पढ़ें) 6. भारत का 98% सामान ओमान में टैक्स फ्री: नौकरियां बढ़ेंगी, प्रवासियों को वीजा आसान, ज्वेलरी-कपड़े के बिजनेस को बूस्ट (पूरी खबर पढ़ें) 7. 'फेमस डायरेक्टर ने मुझे किस करने की कोशिश की थी': बिग बॉस 19 की कंटेस्टेंट मालती चाहर ने बताया कास्टिंग काउच का किस्सा (पूरी खबर पढ़ें) 8. भीड़ में फंसीं एक्ट्रेस निधि अग्रवाल: कार तक पहुंचना हुआ मुश्किल, परेशान नजर आईं फिल्म द राजा साब की अभिनेत्री (पूरी खबर पढ़ें) 9. लखनऊ टी-20 देखने कोई नेपाल से आया,किसी ने गेहूं बेचा: अब BCCI सबके पैसे लौटाएगा, कोहरे के कारण कल रद्द हुआ था IND vs SA मैच (पूरी खबर पढ़ें) ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... खिलौने की तरह बेचे शरीर के अंग, मिली सजा मार्च्युरी के पूर्व मैनेजर सेड्रिक लॉज अपनी पत्नी डेनिस लॉज के साथ कोर्ट से बाहर आते हुए। अमेरिका के बोस्टन में हार्वर्ड मेडिकल कॉलेज की मार्च्युरी के पूर्व मैनेजर सेड्रिक लॉज को शरीर के अंग चुराने के आरोप में 8 साल की सजा सुनाई गई। आरोपी खिलौनों की तरह अंगों को बेचा करता था। एक शख्स को उसने स्किन इसलिए बेची ताकि वो बुक बाइंडिंग कर सके। वहीं दूसरे शख्स को चेहरा अलमारी में सजान के लिए बेचा था। इस काम में आरोपी की पत्नी ने भी साथ दिया। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… 1. आज का एक्सप्लेनर- दिल्ली से भी जहरीला था बीजिंग, चीन ने AQI 100 से नीचे कैसे ला दिया; भारत क्यों नहीं अपना रहा चीनी मॉडल 2. पाकिस्तान में फिर घर के सामने से हिंदू मां-बेटी अगवा: 11 महीने में 73 केस, लड़कियां-महिलाएं टारगेट, धर्मांतरण के लिए किडनैपिंग 3. ब्लैकबोर्ड-तलाक हुआ तो अनजान डोनर से स्पर्म लेकर मां बनी: विदेश ले जाकर पति ने घर से निकाला, बिना पति के महिलाओं की कहानियां 4. 'हाउस पार्टी' और 'स्ट्रेंजर मीट' के नाम पर ठगी: युवाओं से पैसे लेकर पार्टी नहीं करते; रिपोर्टर ने पार्टिसिपेंट बन 2000 का टिकट खरीदा 5. जरूरत की खबर- सर्दियों में बढ़ते रोड एक्सीडेंट: एक साल में बढ़े 6 हजार हादसे, जानें सर्दियों में ड्राइव करते हुए कैसे रहें सेफ 6. पेरेंटिंग– बेटी रोज कहानी सुनाने की जिद करती है: खुद को कहानियों का किरदार समझती है, क्या ये इमैजिनेशन ब्रेन के लिए हेल्दी है 7. 8.40 करोड़ में बिके जम्मू-कश्मीर के आकिब की कहानी: पिता डॉक्टर बनाना चाहते थे, परीक्षा भी दी; अब दिल्ली के लिए खेलेंगे करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज कन्या राशि वालों के दिन की शुरुआत सुखद होगी। वृश्चिक राशि के लोगों को करियर में आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
शिप्रा पर बना रहे समानांतर पुल:यातायात व भीड़ प्रबंधन में मिलेगी मदद
सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के तहत शिप्रा नदी पर यातायात के लिए इंदौर रोड स्थित पुराने पुल के समानांतर एक नया उच्च स्तरीय 150 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है। इंदौर से उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर और आगामी सिंहस्थ मेला क्षेत्र तक पहुंचने में आसानी हो।
शिप्रा नदी के घाट कितने सुरक्षित हैं, यह रामघाट पर देख सकते हैं। नदी में उतरते ही न तो उन्हें पानी की गहराई का अंदाजा लगता और न ही सेफ्टी के लिए कोई चेन है, यहां सुरक्षा के लिए रस्सी तक नहीं बांधी है। श्रद्धालु गहराई में जाकर डूबने लगते हैं। पिछले दो साल में कुल 615 लोगों को यहां डूबने से बचाया है। साढ़े तीन साल पहले अधूरी तैयारी के चलते नदी के घाटों के कायाकल्प करने और सुरक्षा व्यवस्था आदि के लिए 13.30 करोड़ रुपए का प्लान मंजूर कर टेंडर जारी कर दिया, लेकिन काम ही शुरू नहीं हो पाया। अब नगर निगम की ओर से शिप्रा के घाटों का जीर्णोद्धार करने के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक की डीपीआर बनाकर इसे स्वीकृति के लिए भोपाल भेजी है। स्वीकृति मिलने के बाद इसके टेंडर जारी कर काम शुरू किया जाएगा। 2024 में 370 और 2025 में 245 लोग नदी में डूबने से बचे रामघाट पर दो वर्षों के भीतर करीब 615 लोगों को होमगार्ड के जवानों ने नदी में डूबने से बचाया है। वर्ष 2024 में कुल 370 लोगों को रामघाट पर डूबने से बचाया था। वहीं 2025 में अब तक 245 लोगों को बचाया है।घाटों पर सेफ्टी चेन और समानांतर प्लेटफॉर्म नहीं होने से श्रद्धालु गहराई में जाकर डूबने लगते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवानों को तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई जाती है। घाटों पर चेंजिंग रूम नहीं है। इसके कारण विशेष रूप से महिलाओं को परेशानी होती है। अधूरी तैयारी से बना प्लान, जल्दबाजी में वर्कऑर्डर भी जारी कर दिया श्रद्धालुओं के डूबने की कई घटनाएं सामने आने के बाद स्मार्ट सिटी की ओर से जून 2022 में 13.30 करोड़ रुपए से घाटों के कायाकल्प व सुरक्षा सहित अन्य कामों का प्लान तैयार किया था। तत्कालीन निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने प्लान मंजूर करवाया। ग्वालियर की सुदर्शन इंजीनियरिंग वर्क एजेंसी का टेंडर स्वीकार करते हुए वर्कऑर्डर जारी कर दिया। आर्किटेक्ट और इंजीनियरों की टीम ने घाटों का सर्वे किया, लेकिन अधूरी तैयारी के साथ टेंडर जारी होने के बाद भी कोई काम नहीं हो सका। आखिरकार टेंडर निरस्त किया। शासन स्तर पर इसे इसलिए खारिज किया, क्योंकि यह काम केवल कुछ चुनिंदा घाटों के लिए ही तैयार किया था। 113.89 करोड़ रुपए की डीपीआर, स्वीकृति बाकी अब सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते डीपीआर तैयार की है। शिप्रा पर नए घाटों का निर्माण जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा किया जाएगा। वहीं पुराने घाटों का जीर्णोद्धार नगर निगम द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए कुल 113.89 करोड़ की डीपीआर बनाई है।105 करोड़ से स्थायी निर्माण होगा। वहीं 8.99 करोड़ से अस्थायी निर्माण के चलते जीर्णोद्धार, सेफ्टी चेन, रेलिंग, पेंटिंग सहित अन्य काम होंगे। डीपीआर को तकनीकी स्वीकृति के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को राज्य स्तरीय समिति को भेजा है। अभी स्वीकृति बाकी है। घाटों पर सुरक्षा के ऐसे हालात, संकेतक नहीं घाटों पर समानांतर प्लेटफॉर्म नहीं है, जिससे श्रद्धालुओं को गहराई का अंदाजा नहीं लगता। नदी में उतरते ही एक सीढ़ी नीचे जाने पर डेढ़ से दो फीट, दूसरी सीढ़ी उतरने पर तीन से चार फीट और तीसरी-चौथी सीढ़ी उतरते ही अचानक 8 से 10 फीट गहराई हो जाती है। इसमें प्रवेश करते ही लोग डूबने लगते हैं। पानी की गहराई को लेकर स्पष्ट कोई संकेतक नहीं है। प्रमुख धार्मिक स्थलों पर नदी में श्रद्धालुओं को स्नान के दौरान सुरक्षा के लिए सेफ्टी लगाई जाती है। पहले जो टेंडर जारी किया था, उसे निरस्त किया पहले घाटों के रिनोवेशन को लेकर जो टेंडर जारी किया था, उसे शासन के आदेश पर निरस्त कर दिया था। अब डीपीआर कर नगर निगम काम करेगा।— संदीप शिवा, सीईओ, स्मार्ट सिटी डीपीआर को स्वीकृति के लिए भेजा है घाटों के जीर्णोद्धार को लेकर डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भोपाल भेजी है। स्वीकृति के बाद टेंडर जारी कर काम शुरू करवाया जाएगा।— अभिलाष मिश्रा, निगमायुक्त
लुधियाना सेंट्रल जेल में हंगामा करके भागने की योजना बनाने वाले मास्टर माइंड कैदियों को इसी साल अलग-अलग जेलों से लुधियाना शिफ्ट किया गया है। दूसरे जिलों की जेलों से आए कैदियों ने अपना गुट बनाया है और वो जेल में हंगामा करके भागने की फिराक में थे। जेल में हुए हमले का सबसे बड़ा मास्टर माइंड सुनील कुमार नाटा है जिसे करीब तीन महीने पहले मुक्तसर जेल से लुधियाना सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया। सुनील कुमार नाटा के दूसरे प्रमुख साथी शिवकरण को ढाई महीने पहले गुरदासपुर से लुधियाना जेल में लाया गया था। इसी तरह हवालाती मनिंदर को संगरूर से करीब एक साल पहले लुधियाना जेल में शिफ्ट किया गया था। एफआईआर के मुताबिक जेल में हंगामे की शुरुआत सुनील कुमार नाटा, बिक्रमजीत, शिव करण व मनिंदर सिंह ने की थी। मास्टर माइंड सुनील नाटा पर 21 मामले दर्ज लुधियाना जेल में अफसरों पर हमला करके भागने की योजना के मास्टर माइंड सुनील कुमार नाटा के खिलाफ 21 से ज्यादा केस दर्ज हैं। सुनील कुमार नाटा को कुछ मामलों में सजा हो चुकी है जबकि कुछ मामले अभी कोर्ट में विचाराधीन हैं। जानकारी के अनुसार नाटा के खिलाफ हत्या की कोशिश, नशा व अन्य संगीन केस दर्ज हैं। नाटा फिरोजपुर का रहने वाला है और उसकी उम्र 52 साल है। उसे मुक्तसर जेल से 20 अगस्त 2025 को लुधियाना जेल में शिफ्ट किया गया था। शिवकरण को हत्या की कोशिश के मामले में हुई है सजा जेल में हमले के दूसरा प्रमुख मास्टर माइंड शिवकरण गुरदासपुर का है और उसे सात सितंबर 2025 को लुधियाना जेल में गुरदासपुर से शिफ्ट किया गया है। उसे हत्या की कोशिश के मामले में सजा हुई है। गुरदासपुर जेल में खराब व्यवहार के कारण ही उसे लुधियाना सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। मनिंदर के खिलाफ हत्या व हत्या की कोशिश के दो मामले दर्ज हवालाती मनिंदर सिंह के खलाफ हत्या व हत्या की कोशिश के दो मामले अभी अदालत में विचाराधीन हैं। मनिंदर एक साल से लुधियाना जेल में है। नाटा और शिवकरण जब लुधियाना जेल में आए तो मनिंदर की उनसे दोस्ती हो गई। बलजीत सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट, नशा समेत 10 मुकदमे दर्ज बलजीत सिंह होशियारपुर का रहने वाला है और उसे 31 जनवरी 2025 को लुधियाना जेल में शिफ्ट किया गया था। उसके खिलाफ कुल दस मुकदमे दर्ज हैं जिनमें से आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, हत्या की कोशिश जैसे केस शामिल हैं। इन कैदियों पर हुए हुआ है जेल में हंगामा करने पर पर्चा दर्ज सुनील कुमार नाटा, बिक्रमजीत सिंह, शिवकरण, मनप्रीत सिंह, चरणदीप सिंह, रणजोध सिंह, ईशर सिंह, बलजीत सिंह, सुनील कुमार, उबेद मसीह, संदीप सिंह, लवप्रीत सिंह, रजत कुमार, गुरविंदर सिंह, रोहित सिंह, करन सिंह, संदीप, जसप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, पंकज, परमिंदर सिंह व हवालाती मनिंदर सिंह एफआईआर दर्ज करके पुलिस ने शुरू की जांच थाना डिवीजन नंबर सात में कैदियों के खिलाफ पर्चा दर्ज करने के बाद कमिश्नरेट पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने जेल अधिकारियों के बयान ले लिए हैं हालांकि अभी जेल सुपरिंटेंडेंट कुलवंत सिंह व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जगजीत सिंह के बयान नहीं लिए गए हैं। वहीं अब पुलिस जेल में जाकर कैदियों के बयान भी लेगी। जेल विभाग ने भी शुरू की मामले की जांच जेल विभाग ने भी लुधियाना सेंट्रल जेल में हुए हमले की जांच शुरू कर दी है। बुधवार को एडीजीपी जेल अरूण पाल सिंह ने जेल का दौरा किया और अफसरों से पूरे मामले की रिपोर्ट ली। वहीं अब डीआईजी जेल भी लुधियाना सेंट्रल जेल पहुंचे और उन्होंने भी अफसरों व पुलिस कर्मियों से इस मामले में विस्तार से जानकारी ली।
गोरखपुर शहर को एक नया ओवरब्रिज मिल गया है। नाम है गोरखनाथ ओवरब्रिज। इस रूट पर पहले से एक ओवरब्रिज था। इस तरह अब यह शहर का पहला डबल लेन का पुल है। मतलब- लेन 1. गोरखनाथ मंदिर से धर्मशाला की तरफ आती है। लेन 2. धर्मशाला की तरफ से गोरखनाथ मंदिर की तरफ जाती है। बीच में रेलवे लाइन के ऊपर 76 मीटर लंबे स्टील के स्पॉन लगाए गए हैं, ये गर्डर 750 टन भारी हैं। 19 दिसंबर को CM योगी आदित्यनाथ ओवरब्रिज का उद्घाटन करने वाले हैं। इस ओवरब्रिज का फायदा गोरखपुर के 10 लाख लोगों को मिलने वाला है। नेपाल तक कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। अड़चनों को कैसे दूर किया?गोरखनाथ क्रॉसिंग पर पहला ओवरब्रिज 1980 में बनाया गया था। मगर जाम की समस्या सॉल्व नहीं हुई। 8 जुलाई, 2023 को एक और ओवरब्रिज के लिए 137.83 करोड़ की लागत स्वीकृत कर ली गई। ये प्रोजेक्ट रेलवे की मदद से बनना था। मगर ओवरब्रिज का काम शुरू होने के बाद रेलवे इस प्रोजेक्ट से बैकफुट हो गया। स्टेट गवर्नमेंट ने पूरा बजट दिया। 10 अक्टूबर, 2024 को आदेश जारी होने के बाद ओवरब्रिज का काम दोबारा शुरू हो सका। ओवरब्रिज का फायदा- कैसे शुरू हुआ था प्रोजेक्ट?CM योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान नए ओवरब्रिज के निर्माण के निर्देश दिए थे। लखनऊ–गोरखपुर रेल मार्ग के डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन के बीच पहले से बना ओवरब्रिज जाम का बड़ा कारण बन चुका था। इसलिए उसी के पास दूसरा आरओबी बनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड, गोरखपुर इकाई ने इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की।........................ ये पढ़ें - टीवी डिबेट देख कॉर्पोरेट जॉब छोड़ी, घरवाले बोले-पागल हो गया:IIIT वाले ने गोबर-गोमूत्र से बना डाली 10 करोड़ की कंपनी आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि जिंदगी कब और कैसे करवट बदलती है, पता ही नहीं चलता। यूरोप, अमेरिका, साउथ-ईस्ट एशिया के बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ऑफिसेज में काम करने वाला एक लड़का गाय चरा रहा है। नमस्कार, मैं असीम रावत, पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। अब मैं गाजियाबाद के सिकंदपुर में रहता हूं। मेरा बचपन और पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। सेंट पॉल्स स्कूल और लॉ मार्टिनियर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ा। पढ़िए पूरी खबर...
जिंदगी जितनी आसान दिखती है, उतनी है नहीं। वो अपने साथ बहुत से उतार-चढ़ाव लेकर चलती है। इस सफर में कुछ लोग हार जाते हैं, कुछ अपना रास्ता बना लेते हैं। ऐसी ही कहानी मेरी भी है। नमस्कार, मैं सूरज सिंह… बनारस के घाटों का एक स्केच आर्टिस्ट। मेरी जिंदगी कैनवास पर उतरने वाले इंद्रधनुषी रंगों जैसी नहीं थी। ये उदास ब्लैक एंड वाइट सिनेमा जैसी थी। लेकिन, न तो मैंने अपने हुनर का दामन छोड़ा और न ही हुनर ने मुझे। प्रयागराज का रहने वाला हूं, लेकिन 3 साल से बनारस में रह रहा हूं। बचपन से मुझे ड्रॉइंग का शौक था। ये शौक मेरी बहन की देन है। वो अक्सर घर के किसी कोने में बैठकर कुछ-कुछ बनाती थी। कभी फूल, कभी घर, कभी कोई चेहरा। मैं उसे ये सब करते देखता रहता था। मुझे लगता था कि पेंसिल में कोई जादू है। एक सफेद कागज पर अचानक पूरी दुनिया उतर आती थी। एक दिन मैंने भी दीदी की पेंसिल उठाई और कागज पर कुछ बनाया। अब याद नहीं क्या बनाया था, लेकिन ड्रॉइंग पूरी होते ही सबसे पहले दौड़कर बहन के पास गया। “दीदी-दीदी, देखो मैंने ये क्या बनाया है।” बहन ने वो ड्रॉइंग देखी। कुछ पल चुप रही। फिर आंखें सिकोड़कर बोली- “ये बनाना तुम्हारा नहीं, हम लड़कियों का काम है।” दीदी की वो बात मुझे समझ में नहीं आई। सच कहूं तो आज-तक समझ नहीं आई- “क्या कला भी लड़के-लड़की का भेद करती है?” दीदी के बाद मैं वो पेज लेकर सीधे मम्मी-पापा के पास गया। मां ने मेरी ड्रॉइंग देखी और मुस्कुरा कर बोलीं- “अच्छा बनाया है।” पापा ने कुछ कहना तो दूर, ड्रॉइंग की तरफ देखा तक नहीं। मुझे ड्रॉइंग और स्केचिंग बेहद पसंद थी। स्कूल में जब भी ड्रॉइंग कॉम्पटीशन होता तो मैं जरूर हिस्सा लेता था। टीचर मेरी खूब तारीफ करते थे। दोस्त मेरी ड्रॉइंग देखकर कहते- “काश हम भी इतनी अच्छी ड्रॉइंग कर पाते।” लेकिन घर का माहौल बिल्कुल अलग था। मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं। पापा किसान हैं। सुबह खेत, दोपहर धूप और शाम को थकान यही उनकी दुनिया है। हमारी फैमिली में कुछ लोग भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से भी जुड़े हैं। इसलिए पापा का कहना साफ था- या तो उनके साथ खेती संभालूं या फिर कैमरे की चमक के बीच कोई ‘नाम वाला’ काम करूं। मेरा मन न खेतों में लगता था और न स्क्रीन की चकाचौंध मुझे खींचती। मुझे पसंद था कागज, पेंसिल और वो खाली जगह, जहां मैं अपनी दुनिया बना सकता था। स्केच बनाना मेरे लिए शौक नहीं, सांस लेने जैसा था। पापा को ये बात कभी समझ नहीं आई। वो हमेशा कहते- “स्केच बनाकर जिंदगी नहीं चलती। ये फालतू का काम है।” मैं सोचता था, वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा। वक्त के साथ बातें कम नहीं, और तीखी होती गईं। अब रिश्तेदार भी मौका नहीं छोड़ते थे। शादी-पार्टी में मेरा मजाक उड़ाते- “अरे, ये लड़के की बॉडी में लड़की है। पेंसिल लेकर ड्रॉइंग बनाता है।” फिर इतने जोर के ठहाके लगाते कि मेरे कान जलने लगते। मैं मुस्कुराने की कोशिश करता, लेकिन मन भर आता था। धीरे-धीरे मैं लोगों से कटने लगा। जब ताने बढ़ जाते, मैं चुपचाप वहां से हट जाता। घर आकर कमरे में रोता रहता। कोई आवाज नहीं, कोई शिकायत नहीं, बस आंसू और सवाल- “क्या सच में ड्रॉइंग लड़कियों का काम है? लेकिन ये मुझे सुकून देता है… क्या ये मेरी गलती है?” एक दिन पापा ने साफ शब्दों में कह दिया- “अब से ड्रॉइंग-स्केचिंग नहीं करनी है।” उनकी आवाज में गुस्सा था और शायद डर भी। उनका बेटा उस रास्ते पर चल रहा, जिसे समाज ‘काम’ नहीं मानता। मैंने भी सिर झुका लिया, हामी भर दी, लेकिन दिल नहीं माना। दिल का काम ही नहीं, अपनी पसंद को भुला देना। उस दिन के बाद मैं चोरी-छुपे ड्रॉइंग करने लगा। रात में जब सब सो जाते, मैं टेबल लैंप जलाकर स्केचिंग करता। कभी मां का चेहरा बनाता, कभी खेत में खड़े पापा की तस्वीर, कभी अपना ही अधूरा-सा स्केच। हर लकीर के साथ मन थोड़ा हल्का हो जाता था। उसी से मुझे चैन मिलता था। मैं जानता था, अगर पकड़ा गया तो डांट पड़ेगी, मार भी पड़ सकती है। ये भी जानता था कि अगर मैंने ये छोड़ दिया, तो मैं खुद को खो दूंगा। एक दिन मेरी दुनिया सच में हिल गई। जिस डर से मैं रोज भागता था, वही सामने आकर खड़ा हो गया। मैं कमरे में बैठा स्केच बना रहा था। पेंसिल कागज पर फिसल रही थी, मन की उलझनें धीरे-धीरे उतर रही हों। तभी जोर से दरवाजा खुला, पापा थे। उनकी आंखों में गुस्सा नहीं, आग थी। शायद किसी ने बता दिया था या उन्होंने खुद ही देख लिया था। “अब भी ये सब कर रहा है?” गुस्से से उनकी आवाज कांप रही थी। मैं कुछ बोल नहीं पाया। मेरे हाथ से पेंसिल छूट गई। पापा ने एक-एक करके मेरी कॉपियां उठाईं और इधर-उधर फेंकनी शुरू कर दीं। अधूरे चेहरे, अधूरे सपने सब फर्श पर बिखरे पड़े थे। मेरी दुनिया जैसे टुकड़ों में बिखर रही थी। मैंने आगे बढ़कर कहना चाहा- “पापा, बस यही तो है जो मुझे अच्छा लगता है…” कुछ कह पाता, उससे पहले ही एक थप्पड़ पड़ा… तड़ा ऽ ऽ ऽ क। फिर दूसरा, तीसरा…। मेरे कानों में सीटी बजने लगी। मैं चुप था, रो भी नहीं पा रहा था। उस मार से ज्यादा दर्द इस बात का था कि पापा ने एक बार भी नहीं पूछा कि उनके मना करने के बावजूद मैं स्केचिंग क्यों कर रहा था। कुछ देर यूं ही खड़ा रहा, बिल्कुल चुप। जैसे शरीर वहीं था, लेकिन मन कहीं और चला गया था। “इससे पहले पापा ने मुझे कभी ऐसे नहीं मारा था।” मैं समझ रहा था कि वो मेरा बुरा नहीं चाहते। उन्हें डर था… समाज का, नाक का, उस ‘अच्छी जिंदगी’ का जिसे वो मेरे लिए देख रहे थे। उस दिन पहली बार मुझे एहसास हुआ कि प्यार और समझ के बीच कितना बड़ा फासला हो सकता है। पापा कमरे से चले गए। दरवाजा जोर से बंद हुआ। मैं फर्श पर बैठ गया। चारों तरफ फैले कागजों को देखने लगा। किसी स्केच पर पापा का चेहरा था, कहीं खेत, फूल और हमारा घर। उस रात मैं रोया नहीं। आंसू जैसे सूख चुके थे। साल 2022, मेरी जिंदगी में वो साल उम्मीद और टूटन दोनों साथ लेकर आया। मैंने प्रयागराज के ही एक सरकारी कॉलेज पढ़ रहा था। उस समय 11वीं में था। कॉलेज की एक छोटी-सी नोटिस ने मेरे भीतर कुछ जगा दिया। तमिलनाडु में नेशनल लेवल का ड्रॉइंग कॉम्पटीशन होने वाला था। आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशनल फ्लैग को लेकर कुछ इनोवेटिव ड्रॉइंग करनी थी। मैंने किसी को नहीं बताया। न घर में, न दोस्तों को। मुझे पता था- अगर बताया तो सवाल होंगे, ताने होंगे, और शायद रोक भी। मैं कॉलेज में ही तैयारी करता था। क्लास खत्म होने के बाद खाली कमरे में, कभी लाइब्रेरी में बैठकर। रबर से मिटाता, फिर बनाता। रंगों को समझता, चेहरे तलाशता। वो दिन मेरे लिए सिर्फ कॉम्पटीशन की तैयारी के नहीं थे, वो दिन थे जब मैं खुद पर भरोसा करना सीख रहा था। मैं घर में झूठ बोलकर कृष्णागिरि, तमिलनाडु गया। इलाहाबाद से मैं अकेला था। कॉम्पटीशन का दिन आया। समय मिला सिर्फ 5 मिनट। दिल जोर से धड़क रहा था, हाथ कांप रहे थे, लेकिन जैसे ही कागज पर पेंसिल चली सब शांत हो गया। 5 मिनट के अंदर मैंने तीन कलर के तीन चेहरे बनाए। केसरिया, सफेद और हरा। चेहरे अलग थे, रंग अलग थे, लेकिन भाव एक। मैसेज साफ था- इस देश में धर्म, रंग, जाति, पहचान अलग हो सकती है, लेकिन हम सब एक हैं। जब ड्रॉइंग पूरी हुई, लोग रुक-रुककर देखने लगे। जजों ने कहा- “आइडिया अलग है।” नतीजे आए तो मेरा नाम पुकारा गया। ग्लोबल वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट और मेडल मिला। इसके बाद लगा सब ठीक हो जाएगा। अब पापा मान जाएंगे। घरवाले कहेंगे कि लड़का कुछ कर सकता है। मैं सर्टिफिकेट और मेडल लेकर खुशी-खुशी घर पहुंचा। जैसे ही सर्टिफिकेट उनके सामने रखा, पापा ने बस एक लाइन कही- “या तो ड्रॉइंग चुन ले, या फिर घर...” चाचा और बाकी घरवाले भी वही बोले- “कॉम्पटीशन में सर्टिफिकेट भी जीता तो किसमें, ड्रॉइंग में... तू बस यही कर सकता है।” इस कॉम्पटीशन के लिए मैंने दिन-रात मेहनत की थी। उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे इस मेहनत की कोई कीमत ही नहीं। घरवालों ने मुझसे बात करना बंद कर दिया। दीदी की शादी पहले ही हो चुकी थी। घर में अकेला रह गया था। चाचा के बच्चे मेरे साथ कॉलेज नहीं जाते थे। मैं उनके पास जाता तो वो अपने बच्चों को दूर कर लेते। उन्हें डर था कि मेरे साथ रहेंगे तो मेरे जैसे हो जाएंगे। एक दिन पापा ने फिर पूछा- “तय कर लिया, ड्रॉइंग या घर?” उस दिन तक मुझे समझ आ गया है कि हर जिंदगी एक ही पैमाने से नहीं तौली जा सकती। किसी के लिए हल चलाना जरूरी है, किसी के लिए कैमरा और किसी के लिए एक पेंसिल ही पूरी दुनिया होती है। यही मेरी जिंदगी का मोड़ था। मैंने गहरी सांस ली। बहुत सोचकर बोला- “मुझे ड्रॉइंग करनी है।” इसके बाद सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। पापा ने मेरा हाथ पकड़ा, सामान उठाया और बाहर फेंक दिया। दरवाजा बंद, उस वक्त मेरे पास कुछ नहीं था। उस दिन सब कुछ छूट गया घर, परिवार, सहारा। कई घंटे तक मैं दरवाजे के बाहर बैठा रहा। किसी ने गेट नहीं खोला। गुस्से में मैंने भी बैग उठाया और वहां से चला आया। काफी देर अकेला बैठा बस यही सोचता रहा- “अब क्या किया जाए… कहां जाऊं, क्या करूं?” फिर मन में एक नाम आया- बनारस। सोचा वहां कुछ न कुछ तो कर ही लेंगे। जिंदगी ने घर छीना है तो शायद रास्ता वहीं से शुरू होगा, जहां मुझे कोई नहीं जानता। मैं बनारस पहुंचा। सुबह का वक्त था। रात की थकान अभी शरीर में बाकी थी। मैं सीधे ‘अस्सी घाट’ पहुंचा। सामने गंगाजी बह रही थीं- शांत, गहरी और बेपरवाह। कुछ देर बैठा रहा। गंगा मइया को देखता रहा। लहरों को, घाट की सीढ़ियों पर चढ़ती धूप को। ऐसा लग रहा था जैसे गंगा मइया मुझे देख रही हों, पूछ रही हों- “अब आगे क्या...” भूख भी लगने लगी थी। पेट में हल्की जलन हो रही थी। न खाने का इंतजाम, न रहने की कोई जगह। ख्याल आया- “वापस चला जाऊं?” लेकिन अपनों के दिए ताने याद आ गए। मार, अपमान और वो शब्द- “ड्रॉइंग या घर?” बहुत सह चुका था। ऊपर से घर से अभी तक किसी ने फोन भी नहीं किया था। न कोई खोज-खबर, न कोई सवाल। मैंने तय कर लिया कि अब यहीं रुकूंगा। वहीं, घाट पर ही बैठा रहा। फिर बैग खोला, एक कागज निकाला। फिर जो मन में था वो कागज पर उतरने लगा। डर, अकेलापन, उम्मीद- सब रेखाओं में बदलने लगे। मैं स्केच में इतना डूब गया कि आसपास का शोर गायब हो गया। तभी किसी की आवाज सुनाई दी- “ये कितने का है?” मैं चौंक गया। बगल में देखा, कुछ लड़के खड़े थे। मैंने बिना सोचे, बोल दिया- “50 रुपए…” एक लड़के ने जेब से रुपए निकाले और वो स्केच खरीद लिया। बस, उस एक पल में कुछ बदल गया। उस दिन पहली बार मुझे लगा कि मेरी कला की भी कीमत है। 50 रुपए कोई बड़ी रकम नहीं थी, लेकिन उस वक्त मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा नोट था। मैंने नाश्ता किया, पेट भर गया था। मेरे पास अभी इतने पैसे नहीं थे कि कमरा किराए पर ले सकूं, इसलिए कई रातें घाट पर ही बीतीं। बैग सिरहाने रखकर सीढ़ियों पर सो जाता था। कई बार भूखा सोना पड़ा, कभी मंदिर के प्रसाद से पेट भरना पड़ा। एक वादा मैंने खुद से कर लिया था कि हार नहीं मानूंगा। मैं रोज घाट पर स्केच बनाने लगा। कुछ लोग सिर्फ देखते, कुछ मोबाइल से फोटो खींचकर चले जाते थे। कुछ लोगों को सच में पसंद आता तो वो स्केच खरीद लेते। पैसे धीरे-धीरे जमा होने लगे। छोटे-छोटे नोट, लेकिन बड़ी उम्मीद। फिर अपने पैसों से मैंने बनारस में एक कमरा किराए पर ले लिया। महीने का किराया तीन हजार रुपए। कमरा छोटा था, दीवारें साधारण लेकिन वो मेरा था। उस दिन लगा जैसे जिंदगी धीरे-धीरे वापस पटरी पर आ रही है। आज भी मैं अस्सी घाट पर ही बैठता हूं। मेरे स्केच देखकर लोग रुकते हैं, देखते हैं। कुछ कहते हैं- “मेरा भी बना दो।” लोग सामने बैठ जाते हैं, चुपचाप… और मैं उनकी आंखों, उनके चेहरे से कहानी पकड़ने की कोशिश करता हूं। कई बार मोबाइल में फोटो देखकर स्केच बनाता हूं। एक स्केच बनने में करीब एक घंटा लगता है। साइज के हिसाब से रेट तय हैं। पोस्टर साइज का 1 हजार रुपए और छोटे स्केच का 500 रुपए। विदेशी भी आते हैं। पहले तो उनकी बात समझ में ही नहीं आती थी। हाथों के इशारे, टूटी-फूटी इंग्लिश बस वहीं तक बात होती थी। तब मैंने सोचा, काम के साथ पढ़ाई भी जरूरी है। मैंने काशी विद्यापीठ में फाइन आर्ट्स में एडमिशन ले लिया। इस समय सेकेंड ईयर में हूं। पढ़ाई, रहना, खाना सब खुद संभालता हूं। एक बार फीस के लिए पापा को फोन किया था। उन्होंने कहा- “जो करना है, खुद करो। मुझसे कोई उम्मीद मत रखना।” फोन कट गया, लेकिन मेरा हौसला नहीं। अब मैं महीने में 80 हजार से ऊपर कमा लेता हूं। अब घर पर भी बात होती है। मम्मी खुश हैं। पापा आज भी नाराज हैं, लेकिन पहले जैसे नहीं। सबसे बड़ा फर्क ये है कि जो लोग मुझे ताने मारते थे, कहते थे कि मैं लड़की हूं। आज वही कहते हैं- “बहुत आगे जाएगा।” अब वही लोग मेरी इंस्टाग्राम स्टोरी लाइक करते हैं, शेयर करते हैं। मैं अब भी अस्सी घाट पर बैठकर पेंसिल से अपनी जिंदगी बना रहा हूं। रास्ता आज भी आसान नहीं। अब फर्क ये है कि मैं खुद से सवाल नहीं करता। किसी से भी कोई शिकायत नहीं, बस यादें हैं। ऐसी यादें, जो आज भी अकेला कर देती हैं। मैंने जिंदगी के मोड़ पर घर को छोड़कर आर्ट को चुना और आज खुश हूं। *** स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार *** कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। ----------------------------------------------------------- सीरीज की ये स्टोरीज भी पढ़ें... दिल्ली की लड़की पहुंची बिना टॉयलेट वाली ससुराल; लोग बोले- जहां खाते हो वहीं हगोगे, मॉडर्न बहू पूरे गांव को बिगाड़ देगी शादी के बाद लड़कियों कि जिंदगी बदल ही जाती है। यही वजह है, हम लड़कियों को बचपन से ही ‘एडजस्ट’ करने की ट्रेनिंग दी जाती है। नमस्ते… मैं कोमल, दिल्ली के मदनगीर में जन्मी, शहरी चमक-दमक में पली, लेकिन शादी ने जैसे पूरी दुनिया ही बदल दी। पूरी स्टोरी पढ़ें... टीवी डिबेट देख कॉर्पोरेट जॉब छोड़ी, घरवाले बोले- पागल हो गया; IIIT वाले ने बना डाली 10 करोड़ की कंपनी आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि जिंदगी कब और कैसे करवट बदलती है, पता ही नहीं चलता। करीब 14 साल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अलग-अलग कंपनियों में काम किया। इस दौरान यूरोप, अमेरिका और साउथ ईस्ट एशिया के कई शहरों में रहा। पूरी स्टोरी पढ़ें...
गाजियाबाद में टीचर दीपशिखा (40) की हत्या कर दी गई। कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने किरायेदार पति-पत्नी से किराया मांगा था। 6 महीने में 90 हजार रुपए बकाया हो गया था। दीपशिखा के हाथ महिला ने पकड़े, पति ने गले में फंदा कस दिया। चिल्ला न सके, इसलिए उनके मुंह में चुनरी ठूंस दी। पत्नी ने प्रेशर कुकर दीपशिखा के सिर पर इतनी तेज मारा कि उनका गले की हड्डी टूट गई। हत्या करने के बाद लाश को लाल रंग के सूटकेस में भर दिया। फेंकने के लिए 500 रुपए में ऑटो बुक किया। सोसाइटी के नीचे आए, मगर दीपशिखा की मेड ने उन्हें देख लिया। इसके बाद दंपती भाग नहीं पाए। अपने फ्लैट F-506 में उन्हें लौटना पड़ा। पकड़े जाने के डर से उन्होंने लाश वाला सूटकेस अपने बेडरूम के बेड बॉक्स में छिपा दिया। मगर दीपशिखा के परिवार के लोग उनके फ्लैट पर पहुंच गए। घर की तलाशी लेने पर वो सूटकेस मिल गया, जिसमें लाश रखी हुई थी। पुलिस ने दंपती को अरेस्ट किया है। दीपशिखा की मां रोते हुए बोलीं- बेटी सिर्फ किराया मांगने ही तो गई थी। नहीं देना था, तो न देते...। मगर जान लेने की क्या जरूरत थी। इन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए। वहीं, हत्या करने वाले अजय और उसकी पत्नी आकृति ने कहा- कोई हमारे फ्लैट पर आकर हम पर हाथ उठाएगा, ये बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए मार दिया। दोनों ने मिलकर मारा है, आप हमें अरेस्ट कर लीजिए। अजय और आकृति ने ये प्लानिंग कैसे की? क्या इस मर्डर में कोई भी शामिल था? क्या सिर्फ किराया मांगने पर ये हत्या की गई? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने केस से जुड़े अधिकारियों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… सोसाइटी और कारोबारी परिवार को जानिए दीपशिखा के पति का हरियाणा में बिजनेस, बेटी की गुरुग्राम में जॉब गाजियाबाद के सिहानीगेट इलाके के काइमेरा सोसाइटी में रहने वाले उमेश शर्मा बिजनेसमैन हैं। इनकी पत्नी दीपशिखा शर्मा (40) गाजियाबाद शहर के कविनगर इलाके में एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं। उनकी इकलौती बेटी है, वह गुरुग्राम में जॉब कर रही है। उमेश गाजियाबाद में अपने घर पर 20–30 दिन में एक बार ही आ पाते हैं। कारोबार की व्यस्तता के चलते वह ज्यादातर हरियाणा के फरीदाबाद में रहते थे। इस सोसाइटी में उमेश शर्मा के दो फ्लैट हैं, एक फ्लैट जुलाई, 2025 को अजय गुप्ता और उसकी पत्नी आकृति को किराए पर दिया था। किराया तय हुआ 18 हजार रुपए महीना। फ्लैट किराये पर देते हुए एडवांस में किराया नहीं लिया गया था। अजय और आकृति ने फ्लैट में शिफ्ट होने के बाद कभी किराया नहीं दिया। दीपशिखा का अजय से बकाएदारी पर झगड़ा हुआ उमेश कारोबार में व्यस्त रहते थे, इसलिए किराये के लिए दीपशिखा हर महीने अजय को कॉल करके किराया देने के लिए कहती। हर बार अजय कोई न कोई बहाना बता देता। नवंबर में दीपशिखा के नाराज होने पर अजय से झगड़ा भी हुआ था। दीपशिखा परेशान होकर रिश्तेदार और पड़ोसियों से इस बारे में बता चुकी थीं। टावर में रहने वाले दूसरे परिवारों ने पुलिस को बताया कि दीपशिखा जब भी हम लोगों से मिलती थीं। कहती- फ्लैट किराये पर देकर गलती कर दी। न तो किरायेदार घर खाली कर रहे हैं, न ही किराया दे रहे हैं। आए दिन झगड़े हो रहे हैं। 17 दिसंबर यानी मर्डर वाली रात की कहानी.... आकृति ने कॉल किया, दीदी किराया लेने आ जाइएकिरायेदार आकृति गुप्ता ने शाम 7 बजे दीपशिखा को काल किया। कहा- दीदी, आप अभी फ्लैट पर आ सकती है क्या? हमने कुछ रुपए अरेंज किए हैं। आप ले लीजिए, बचे हुए रुपए भी जल्दी दे देंगे। दीपशिखा काइमेरा सोसाइटी के टावर-M के फ्लैट नंबर 105 में रहती थीं। उन्होंने जो फ्लैट किराये पर दिया था, वो टावर-F में 506 नंबर था। 7.30 बजे वो फ्लैट-506 पर पहुंच गईं। यहां अजय और आकृति पूरी प्लानिंग कर चुके थे। आकृति ने कहा- दीदी आप बेडरूम में चलिए, वहीं रुपए रखे हैं। अजय ने मेन गेट को अंदर से लॉक कर लिया। दोनों दीपशिखा को बेडरूम में लेकर पहुंचे। दीपशिखा ने हाथ पकड़े, बोली- तुम्हें हम गरीबों का दर्द नहीं दिखतायहां आकृति ने दीपशिखा के दोनों हाथ पकड़ लिए। कहा- तुम्हें सिर्फ रुपए दिखते हैं, गरीबों का दर्द नहीं दिखता। अब तुम्हारा हिसाब चुकता कर देते हैं। पीछे खड़े अजय ने दीपशिखा के मुंह में चुनरी ठूंस दी, इसलिए दीपशिखा की चीख नहीं पाईं और उनका दम घुटने लगा। दीपशिखा छटपटाते हुए फर्श पर गिर पड़ीं। वह बचने के लिए हाथ-पैर मारने लगीं। आकृति ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए। अजय ने उनका गला घोंटना शुरू कर दिया। दीपशिखा की सांस पूरी तरह से टूटी नहीं थी, आकृति किचन से कुकर उठा ले आई और सिर पर एक–एक करके कई वार कर दिए। पोस्टमॉर्टम में दीपशिखा की गर्दन की हड्डी इसलिए टूटी हुई मिली है। अब लाश को ठिकाने लगाते हुए पकड़े जाने की कहानी सूटकेस में बॉडी नहीं आई, तो हाथ-पैर तोड़कर भर दियापति-पत्नी ने पहले ही सोच लिया था कि दीपशिखा को मारने के बाद लाश का क्या करना है, उन्होंने लाल रंग के एक सूटकेस को खाली करके रखा हुआ था। दीपशिखा की बॉडी को उस सूटकेस में भरने की कोशिश करने लगे। जब बॉडी नहीं आई तो हाथ-पैर तोड़ दिए। घुटनों के पास से दोनों पैरों को भी तोड़कर मोड़ दिया। लाश को सूटकेस में रखकर चेन बंद कर दी। अजय सूटकेस को किसी नाले में फेंकना चाहता था। इसलिए एक ऑटो को बुक करके बुला लिया था। रात में करीब 11 बजे वो लोग सूटकेस लेकर लिफ्ट से नीचे आ गए। ऑटो में बैठ ही रहे थे कि दीपशिखा की मेड मिनी वहां पहुंच गई। ऑटो पर बैठते नौकरानी ने पकड़ा, बोली- दीदी नहीं मिल रहीजब रात के 11 बजे तक दीपशिखा नहीं आईं, तो मिनी अजय के फ्लैट पर पहुंची, देखा कि दोनों वहां नहीं हैं, मालूम हुआ कि ऑटो से दोनों कहीं जा रहे हैं। मिनी लिफ्ट से तेजी से नीचे आई। उसने आकृति से पूछा- आज दीदी (दीपशिखा) आपके फ्लैट पर आई थीं, उसके बाद से उनका मोबाइल बंद जा रहा था। फिर उसने लाल सूटकेस देखकर पूछा- आप लोग कहां जा रहे हैं? आकृति ने कहा- हम शॉपिंग करने जा रहे हैं। तब मिनी ने कहा कि आप लोग कैसे हैं? यहां दीदी मिल नहीं रही हैं, आपको शॉपिंग की पड़ी है। इस वक्त तक पड़ोस में रहने वाली महिला राजेश वहां आ गईं। डायल-112 पर कॉल की गई। इसके बाद मिनी ने अजय और आकृति से कहा कि आप दोनों पहले फ्लैट पर चलिए। दीदी को ढूंढने में मदद करिए। जब अजय और आकृति अपने फ्लैट पर पहुंचे तो मिनी ने गेट पर बाहर से लॉक लगा दिया। पुलिस ने बेड के अंदर से बॉक्स निकाला रात में करीब 12.30 बजे पुलिस आ गई। अजय भी समझ गया कि मेड और पड़ोसी उन पर शक कर रहे हैं, इसलिए अजय ने बेड के बाक्स में लाश वाला सूटकेस रखकर ऊपर से कपड़े लगा दिए। पुलिस आने के बाद अजय और आकृति से पूछताछ हुई। दोनों ने कहा- दीपशिखा 7.30 बजे आईं थी। 8 बजे वह किराया लेकर वापस चली गईं थीं। इसके बाद वह कहां गई़? ये हमें नहीं पता। इतने में गुस्से में मिनी ने कहा- वो सब तो ठीक है, मगर जिस सूटकेस को लेकर आप लोग शॉपिंग करने जा रहे थे, वो कहां है? दिखाई नहीं दे रहा है…। पुलिस ने इसके बाद पूरे फ्लैट की तलाशी ली। बेड के अंदर से लाल सूटकेस मिल गया। उसमें दीपशिखा की लाश मिल गई। अजय ने बयान दिया ट्रांसपोर्ट का बिजनेस तबाह हुआ, दाने-दाने को मोहताज थे अजय ने कहा- मेरा ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है, हमारे एक बेटा–एक बेटी थे, मगर बीमारी की वजह से दोनों की पहले ही मौत हो चुकी है। हम परेशान थे, एक तांत्रिक से मिले। उसने कहा कि तुम्हें बच्चे नहीं हो सकते। तांत्रिक ने हापुड़ के पास इलाज कराने भी भेजा। इस सबकी वजह से बिजनेस पर बहुत ध्यान नहीं दे सके। इसकी वजह से घाटा होता चला गया। यही वजह है कि दीपशिखा के फ्लैट को किराये पर लेने के बाद उसका किराया नहीं दे सके। यहां आने से पहले भी विजयनगर के जिस सोसाइटी में रहते थे, वहां भी 1 साल का किराया नहीं दे सके थे। आकृति ने बयान दिए आकृति ने कहा- कोई हमारे घर पर आकर मेरे पति पर हाथ उठाए, मेरे ऊपर हाथ उठाए, ये कैसे बर्दाश्त करेंगे? मेरे पति ने अकेले दीपशिखा को नहीं मारा है। हम दोनों ने मिलकर मारा है। ये दीपशिखा 1 महीने से हम लोगों को टॉर्चर कर रही थी। हम परेशान हो गए थे। हमने तो सिर्फ पैसा नहीं दिया था, वो लोग तो अमीर हैं, हम गरीब हैं, हम उनकी जिंदगी बिगाड़ नहीं रहे थे। हमें इसने (दीपशिखा) इतना परेशान कर लिया कि हम बता नहीं सकते हैं। अब दीपशिखा की मां का दर्द मर्डर की बात फैलने के बाद दीपशिखा की मां सुमित्रा और उनके भाई मनीष भी पहुंचे। मां बिलखते हुए कहती हैं- मेरी बेटी का क्या कसूर था? अगर किराया नहीं देना तो मारा क्यों? मेरी बेटी के साथ कितना बुरा किया, उसने क्या बिगाड़ा था…ऊपर वाला तुम्हें माफ नहीं करेगा। ऐसे लोगों को फांसी होनी चाहिए। भाई ने बताया- बहन से 16 दिसंबर को आखिरी बात फोन पर बात हुई थी। मेरी बहन टीचर थीं, भाईसाहब ने भी कभी कुछ नहीं कहा। पता नहीं किराए को लेकर क्यों हत्या कर दी, ये समझना थोड़ा मुश्किल है। हत्या का प्लान और वो चूक पढ़िए, जिससे पकड़े गए एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने कहा- किराए को लेकर पति पत्नी ने हत्या की है। पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट करके शव बरामद किया। जिसमें दोनों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया। दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया है। ............. ये भी पढ़े- हिस्ट्रीशीटर का आखिरी VIDEO, सीसीटीवी में दिखे शूटर:दोस्त रहे दो गैंगस्टरों में छिड़ी थी गैंगवार, प्रयागराज में बदले की आग में 5 गोली मारी प्रयागराज में हिस्ट्रीशीटर अफसर अहमद को सड़क घेरकर पांच गोली मारी गई। शूटरों ने दो गोली सिर, दो पेट और एक पैर में मारी। गैंगस्टर हत्याकांड के बाद पुलिस टीमों ने सीसीटीवी खंगाले तो अफसर के पीछे लगे शूटर नजर आए हैं। इतना तो साफ है कि हिस्ट्रीशीटर की हत्या के लिए रेकी और प्लानिंग की गई। पढ़िए पूरी खबर...
'प्रशांत वीर 10 साल का था। एक मैच में अच्छा खेला तो पड़ोसी मोनू सिंह ने 10 रुपए का इनाम दे दिया। उस इनाम को लेकर प्रशांत घर आया। पापा से कहा कि अब मुझे क्रिकेट ही खेलना है। पिता ने भी कह दिया कि जाओ खेलो। इसके बाद उसने मन लगाकर खेला। 14-14 किलोमीटर साइकिल चलाकर प्रैक्टिस करने जाता। आज 14.20 करोड़ रुपए में CSK ने उसे लिया। यह हम सबके लिए गर्व की बात है।' ये बातें प्रशांत के चाचा डॉ. एसके त्रिपाठी ने कहीं। इस वक्त अमेठी में प्रशांत वीर के घर जश्न का माहौल है। आसपास के लोग पहुंचकर बधाई दे रहे हैं। प्रशांत के पिता, मां, दादी, बहन सब खुश हैं। उसकी उपलब्धि और उसके संघर्ष को बता रहें। दैनिक भास्कर की टीम ने सबसे बात की। दोस्त बताते हैं, आसपास के टूर्नामेंट में हमेशा ‘मैन ऑफ द सीरीज’ बनता। 6 ओवर में 120 रन भी चाहिए हों, तो अकेले बना देता था। प्रशांत का सीलन वाला कमरा ट्रॉफी से भराअमेठी जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर गूजीपुर गांव है। यहीं 20 साल के प्रशांत वीर का घर है। टूटे हुए रास्ते से हम प्रशांत के घर पहुंचे। घर के बाहर प्रशांत के पिता रामेंद्र त्रिपाठी अन्य लोगों के साथ बैठे थे। घर के अंदर आसपास की महिलाएं बैठी थीं। हम सबसे पहले प्रशांत की दादी मिथिलेश कुमारी से मिले। पूछा- कैसा लग रहा? मिथिलेश बोलीं- बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा। बहुत खुश हूं। बहुत ऊंची पदवी पर पोता चला गया। 14 करोड़ मिला है, इतना तो कभी नहीं सोचा था। आगे और बढ़ जाए तो बहुत अच्छा। प्रशांत का घर एक मंजिल का है। घर के पहले कमरे में तमाम ट्रॉफी रखी थीं। ये सभी आसपास के टूर्नामेंट में जीते हुए मैन ऑफ द मैच और सीरीज की ट्रॉफियां हैं। परिवार के साथ उनकी तस्वीरें लगी हैं। जिस कमरे में ये सब है, उसमें सीलन है। छत के ऊपरी हिस्से पर प्लास्टर भी थोड़ा उखड़ रहा। देखकर ऐसा लगता है कि उसे पेंट के जरिए संभालने की कोशिश की गई है। प्रशांत जिस कीमत पर टीम में चुने गए हैं, अब संभव है कि ये सब चीजें सही हो जाएं। पिता शिक्षामित्र रहे, 6 महीने पहले नौकरी छोड़ दीप्रशांत के पिता रामेंद्र त्रिपाठी पेशे से शिक्षक रहे हैं। 2008 में उन्होंने बतौर शिक्षामित्र गांव के ही स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। इस साल जून में उन्होंने शिक्षामित्र की नौकरी छोड़ दी और खेती करने लगे। बेटे की उपलब्धि पर इस वक्त बेहद खुश हैं। वह कहते हैं- मैं भी क्रिकेट खेलता था। पहले लेदर बॉल से खेला, बाद में टेनिस बॉल से खेलने लगा। जब प्रशांत ने खेलना शुरू किया तो हमने छोड़ दिया। प्रशांत शुरुआत से ही बल्लेबाजी और गेंदबाजी में तेज रहे। रामेंद्र कहते हैं- एक बार पास में ही टूर्नामेंट था, उस वक्त प्रशांत 14 साल के थे। इनकी टीम फाइनल में पहुंची थी। हम देखने गए, वहां इन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। बाद में इन्होंने कहा कि पापा मुझे क्रिकेट सीखना है। हमने कहा कि ठीक है। फिर ये अमेठी में अंबेडकर मैदान आने लगे। उस वक्त गालिब अंसारी जी यहां नियुक्त हुए थे, उन्होंने खूब सिखाया। बाद में बेटे का मैनपुरी स्पोर्ट्स स्कूल में हो गया तो ये वहां चले गए। गालिब जी का भी ट्रांसफर हो गया। फिर यहां कोई नियुक्ति नहीं हुई। रामेंद्र से हमने पूछा कि किस टीम में चाहते थे कि बेटे का सिलेक्शन हो? वह कहते हैं- मेरी पसंद से कुछ नहीं होना था। सारे ही प्लेयर अलग-अलग फ्रेंचाइजी में हैं तो किसी में भी जाएगा, कोई दिक्कत नहीं होती। बेटे का धोनी से लगाव था, उसके लिए सीएसके में जाना अच्छा हुआ। 10 रुपए के इनाम ने मोटिवेट कियाप्रशांत के चाचा एसके त्रिपाठी पेशे से डॉक्टर हैं। परिवार के साथ अमेठी में रहते हैं। भतीजे की इस उपलब्धि पर वह भी इस वक्त घर पर ही मिले। कहते हैं- बचपन में प्रशांत पढ़ने में तेज था। लेकिन, क्रिकेट ने इसके माइंड को बदल दिया। हमारे पड़ोस में ही एक मोनू सिंह जी हैं। जब प्रशांत 10 साल का था, तब उसने एक मैच में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया था। उस वक्त मोनू जी ने 10 रुपए का इनाम दे दिया था। प्रशांत वह इनाम पाने के बाद खुशी से झूम उठा। 10 रुपए लेकर घर आया और अपने पापा से कहा कि अब मैं क्रिकेट ही खेलूंगा। पिता ने भी नहीं रोका। कहा कि जो चाहते हो, करो। प्रशांत का शरीर मजबूत है, इसके पीछे हमारे भाई साहब ही हैं। उन्होंने घर पर गाय ला दी। कहा कि अब जो दूध होगा वह बेटे पिएंगे और शरीर को मजबूत करेंगे। आज दूसरा बेटा भी अच्छा क्रिकेट खेलता है। मैंने कभी खेलते नहीं देखा, बस सुना और खुश हो लिएप्रशांत की मां अंजना गृहिणी हैं। आईपीएल के ऑक्शन वाले दिन को लेकर कहती हैं- घर में काम लगा था। दोपहर 2 बजे से ही लोग घर पर लैपटॉप और मोबाइल लेकर बैठ गए। 4 बजे तो मुझे भी बुलाया और कहा कि आकर बैठिए। इसके बाद हम बैठकर देखने लगे। प्रशांत का नंबर आया तो 30 लाख से शुरू हुआ। फिर 50 लाख फिर 70 लाख फिर 1 करोड़। बढ़ता ही चला जा रहा था। ये सब एकदम सपने जैसा था, यकीन करना मुश्किल हो रहा था। आखिर में 14 करोड़ 20 लाख में धोनी की टीम में चले गए। क्या आपने बेटे को खेलते हुए देखा है? इस सवाल पर अंजना कहती हैं- मैंने उसे कभी खेलते हुए नहीं देखा। देखते वक्त अजीब लगता है। बस लोगों से सुनती हूं कि आज बहुत अच्छा खेला। यही सुनकर खुश हो जाती हूं। अंजना क्रिकेट की शौकीन रही हैं। क्रिकेट के बारे में जानती भी हैं। बेटे को खेलते हुए नहीं देखने के पीछे एक डर है। उन्हें लगता है कि बेटा जल्दी आउट हो जाएगा। अंजना ने हमेशा प्रशांत को क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। बेस प्राइज भी मिलता, तब भी खुशी होतीप्रशांत के ममेरे भाई वैभवधर द्विवेदी बताते हैं- मैं तो प्रशांत के साथ खेलता था। वह जितना अच्छा बल्लेबाज है, उतना ही अच्छा गेंदबाज। जब यहां खेलता था, तब वह फॉस्ट बॉलर था। इतनी तेज गेंदबाजी करता था कि कोई खेल ही नहीं पाता था। इकाना में यूपी टी-20 लीग में नोएडा की तरफ से तो कमाल का खेला था। हमें यह तो तय लगा था कि एक दिन मेरा भाई कमाल करेगा। जिस दिन ऑक्शन चल रहा था, उस दिन ये लग रहा था कि प्रशांत को कोई टीम बस शामिल कर ले, भले वह बेस प्राइज में ही ले। वैभव कहते हैं- जब बोली शुरू हुई तो लगातार पैसा बढ़ने लगा। सभी टीमों ने इंट्रेस्ट दिखाया। पहले 1 फिर दो फिर 4, फिर 8 होते हुए 14 करोड़ 20 लाख तक पहुंच गए। सीएसके ने उसे अपने साथ जोड़ लिया। ये सब मानों एक सपना हो, हम उसी सपने में अभी भी खोए हैं। 100 किलोमीटर में प्रशांत जैसा कोई खिलाड़ी नहींहमने गूजीपुर में प्रशांत के परिजनों से बात कर ली। गांव के लोगों से बात कर ली। इसके बाद हम प्रशांत के दोस्तों से मिले। इन्हीं में से एक संजीव कुमार मिले। संजीव कहते हैं- प्रशांत हम लोगों के साथ खेलता था। उसे उसके ही गांव के चेतन सिंह चौहान लेकर हमारे बाग में आए, फिर यहीं से खेलना शुरू किया। उस वक्त वह 13-14 साल का था। गजब खेलता था। मतलब जिधर आप कहिए उधर उठाकर छक्का मार देगा। कवर के ऊपर से भी उसने लगातार छक्के मारे हैं। संजीव कहते हैं- हम आसपास के जितने भी टूर्नामेंट हों, हर जगह जाते थे। सामने वाली टीमें 6 ओवर में 120 रन तक बना देती थी। फिर जब हमारी बल्लेबाजी की बारी आती, तो अकेले प्रशांत ही पूरे रन मार देता था। अभी पिछले दिनों चढ़ारिया में मैच था। अकेले मैच अपनी तरफ कर लिया। प्रशांत टेनिस बॉल से खेलता तो शानदार था ही, गेंदबाजी भी बहुत तगड़ी करता था। इतनी तेज गेंद फेंकता कि सामने वाला बल्लेबाज खेल ही नहीं पाता था। अब जब वह लेदर से खेलने लगा, तो स्पिन करने लगा। कोच साहब को लगा होगा कि ये उसमें अच्छा कर सकता है। बाकी हम सभी बहुत खुश हैं। 5 टीमों के बीच फाइट चलीप्रशांत ने अब तक कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है। आईपीएल की नीलामी में उनका बेस प्राइज 30 लाख रुपए था। लखनऊ और मुंबई ने शुरुआत में उसे खरीदने के लिए पैडल उठाया। इसके बाद चेन्नई इस बोली में शामिल हो गई। बोली जब 4 करोड़ पहुंची, तो मुंबई पीछे हट गई। इसके बाद राजस्थान ने भी तेजी दिखाई और 6 करोड़ तक पहुंचे। अब लखनऊ भी पीछे हट गई। इसके बाद हैदराबाद बोली में आ गई। हैदराबाद और चेन्नई के बीच बोली चलती रही। आखिर में चेन्नई ने 14 करोड़ 20 लाख रुपए में अपनी टीम से जोड़ लिया। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... शामली में पत्नी, दो बेटियों को मारने वाला साइको जैसा, घर में कैद रखता, आधार तक नहीं बनवाए यूपी के जिला शामली में पत्नी और दो बेटियों की बेदर्दी से हत्या करने वाला फारुख साइको जैसा था। वो पत्नी और बच्चों को घर में कैद रखता था। बच्चे बाहर न जाएं, इसलिए उन्हें कभी स्कूल तक नहीं भेजा। परिवार के किसी भी सदस्य के आधार कार्ड भी नहीं बनवाए थे। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में कुरुक्षेत्र के शाहबाद के MLA ने बाढ़ प्रभावित किसानों की समस्या उठाई। विधायक रामकरण काला ने इस मामले को लेकर किसी प्रस्ताव को पास करने का सवाल भी पूछा। इस पर सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जवाब दिया। साथ ही पिहोवा के विधायक मनदीप चट्ठा ने बीबीपुर झील पर लंबित पुल निर्माण को लेकर सवाल किए। उन्होंने कचरा डंपिंग जोन और सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के कार्यों पर भी जबाव मांगा। पुल निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा से उत्तर दिए। क्षेत्र के 8 गांव में आई बाढ़ रामकरण काला ने सदन में कहा कि उनके क्षेत्र के रामनगर, गुमटी, मद्दीपुर, मलकपुर, कलसाना, कठुआ, मुगलमाजरा और मदनपुर गांवों में बाढ़ के कारण फसलें नष्ट हो गई। रेत जमने से खेती योग्य भूमि बर्बाद हो रही है, लेकिन सरकार ने इसे हटाने की अनुमति नहीं दी है। विधायक ने सवाल किया कि क्या सरकार के पास इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? बेदी का जबाव- पैरामीटर्स पूरे नहीं इस पर कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने जवाब दिया कि जिन किसानों ने रेत हटाने के लिए आवेदन किया है, वे सरकारी पैरामीटर्स पूरा नहीं कर पाए। एक से तीन इंच मोटी गाद को 7 दिन और इससे अधिक गाद को 15 दिनों हटाना है। इसके अलावा, किसानों को 20 प्रतिशत रेत अपने पास रखनी है, बाकी सरकार को सौंपनी होगी, लेकिन दोनों सूरत में कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। 100 से ज्यादा गांव हुए प्रभावित जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कुरुक्षेत्र के 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए। इसमें शाहाबाद के 63 गांव, लाडवा के 7 और पिहोवा 30 गांव शामिल हैं। थानेसर का कोई गांव बाढ़ की चपेट में नहीं आया। जिले में 23 हजार 574 एकड़ फसलें प्रभावित हुईं। किसानों को राहत दे सरकार इसे विधायक राम करण ने नाजायज बताते हुए पंजाब सरकार का उदाहरण दिया। कहा कि पंजाब में प्रभावित किसानों को राहत दी गई है। हरियाणा सरकार भी इसी तरह किसानों को तत्काल राहत प्रदान करे। वहीं कांग्रेस के थानेसर से विधायक अशोक अरोड़ा ने समर्थन देते हुए कहा कि यह किसानों की वाजिब समस्या है और सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। 5 साल में निर्माण पूरा नहीं- मनदीप चट्ठा उधर, पिहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप चट्ठा ने लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा से सवाल किया। उन्होंने कहा कि बीबीपुर झील पर चनालहेड़ी रोड के पास बन रहा पुल पिछले 5 साल से निर्माणाधीन है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका। इससे स्थानीय लोगों को आवाजाही में कठिनाई हो रही है। गंगवा बोले- 92% काम पूरा हुआ इस पर मंत्री गंगवा ने जवाब दिया कि यह 5 स्पैन वाला 21.75 मीटर लंबा हाई-लेवल ब्रिज है, जिस पर कुल 597.83 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। कार्य 10 जुलाई 2021 को शुरू हुआ, लेकिन फाउंडेशन धंसने और 2023 की बाढ़ के कारण देरी हुई। वर्तमान में 92 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 31 जनवरी 2026 तक इसे चालू करने की उम्मीद है। डंपिंग जोन पर उठाए सवाल चट्ठा ने कुरुक्षेत्र रोड पर नई अनाज मंडी के पास बने कचरा डंपिंग जोन को शिफ्ट करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि यह डंपिंग सेहत और पर्यावरण के लिए खतरा बन रहा है। इसी तरह, अरुणाय रोड बाईपास पर प्रस्तावित अंडरपास का निर्माण भी लंबित है।
राजस्थान में छाए बादल:तेज सर्दी से मिल सकती है राहत, साल के अंत तक सामान्य रहेगी ठंड
उत्तर भारत में एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव राजस्थान में भी देखने को मिला है। गुरुवार को राज्य के उत्तर-पश्चिम के सभी जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए। इससे न्यूनतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। लोगों को तेज सर्दी से मामूली राहत मिली। मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर ने राज्य में अगले कुछ दिन इस सिस्टम का असर रहने और हल्के बादल छाए रहने की संभावना जताई है। साथ ही इस साल के अंत तक राज्य में मौसम साफ रहने, सर्दी सामान्य रहने और दिन में तेज धूप रहने का भी फोरकास्ट जारी किया है। इधर बादलों के कारण इन शहरों में गुरुवार दिन में धूप थोड़ी हल्की रही। धूप हल्की रहने से दिन के तापमान में मामूली गिरावट हुई। तीन शहरों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे राजस्थान में गुरुवार को लूणकरणसर, फतेहपुर, नागौर में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.3 और 4.4 डिग्री सेल्सियस फतेहपुर और नागौर में दर्ज हुआ। साल के आखिरी तक सर्दी सामान्य रहेगी मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर ने राज्य में अगले 2 सप्ताह का पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें 1 जनवरी 2026 तक प्रदेश में बारिश नहीं होने की संभावना जताई है। साथ ही प्रदेश में अगले एक दो सप्ताह मौसम साफ रहने और सर्दी सामान्य रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज होने और न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास दर्ज होने की संभावना व्यक्त की है।
मथुरा में 16 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 13 गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ। इसमें 19 लोग जिंदा जल गए, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए। यूपी के 1200 किमी वाले 6 एक्सप्रेस-वे पर हर साल 5 हजार से अधिक हादसे और 550 से अधिक मौतें हो रही हैं। सवाल है, हमारे देश में कोहरा आते ही हाईवे और एक्सप्रेस-वे हादसों के हॉटस्पॉट बन जाते हैं। लेकिन, अमेरिका और यूरोप में कोहरे के बावजूद एक्सीडेंट बहुत कम होते हैं। एक्सपर्ट की मानें, तो यूपी में अगर अमेरिका-यूरोप की 4 टेक्नॉलॉजी अपना ली जाएं तो यहां एक्सप्रेस-वे पर होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। अमेरिका-यूरोप में रोड सेफ्टी के इंतजाम क्या हैं? वहां वाहनों में किस तरह के सेफ्टी फीचर हैं? कोहरे में एक्सीडेंट से बचाव के लिए क्या इंतजाम हैं? पढ़िए यह रिपोर्ट… कोहरे में हादसों पर कैसे कंट्रोल करते हैं अमेरिका-यूरोप?वीरेंद्र सिंह राठौड़ राजस्थान में सड़क सुरक्षा को लेकर कई प्रयोग कर चुके हैं। वह कहते हैं- विदेशों में खासकर अमेरिका और यूरोप में 4 तरह के व्हीकल-टू-व्हीकल सिस्टम, व्हीकल-टू-इंफ्रास्ट्रक्चर, व्हीकल-टू-एनवायरमेंट और ड्राइविंग के सख्त नियम से ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाता है। अमेरिका और यूरोप के वाहनों में क्या एडवांस सिस्टमअमेरिका और यूरोप की गाड़ियों में ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेक, फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग, लेन डिपार्चर अलर्ट जैसी सुविधाएं आम हैं। कोहरा बढ़ते ही लो-बीम और फॉग लाइट अपने आप ऑन हो जाती हैं। अधिक कोहरा, तूफान या तेज बारिश होने पर जब दृश्यता शून्य पहुंच जाती है, तो मौसम विभाग और ट्रैफिक पुलिस मिलकर SMS, रेडियो, मोबाइल एप पर अलर्ट जारी करते हैं। जरूरत पड़ने पर हाईवे को अस्थायी रूप से बंद भी कर दिए जाते हैं। जबकि अपने देश में कोहरे की समस्या ज्यादा गंभीर है, लेकिन सेंसर आधारित स्पीड कंट्रोल नहीं है। इसी तरह रोड मार्किंग भी कमजोर है। फॉग ड्राइविंग की अलग से ट्रेनिंग नहीं दी जाती। मौसम विभाग और ट्रैफिक पुलिस का यहां कोई समन्वय ही नहीं। यूपी के एक्सप्रेस-वे और वाहनों में क्या नहीं है, क्यों नहीं है, क्या महंगा हैट्रैफिक एक्सपर्ट वीरेंद्र सिंह बताते हैं- एडवांस सिस्टम वाले वाहन इंडिया में आ चुके हैं। 20 लाख से ऊपर के वाहनों में विदेशों जैसी तकनीक है। लेकिन, देश में ऐसे वाहनों की संख्या 10 फीसदी ही है। हमारे यहां उन्नत तकनीक वाले वाहनों के हिसाब से रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। साथ ही ड्राइवर भी उतने कुशल नहीं होते, जो सिग्नल को आसानी से समझ सके। सस्ते वाहनों में भी लोग 80 हजार से एक लाख रुपए खर्च कर एडवांस सिस्टम लगवा सकते हैं। ऐसे सिस्टम वाहनों में हो, इसके लिए सरकार को अनिवार्य गाइडलाइन जारी करनी होगी। एक्सप्रेस-वे पर कोहरे में क्यों होते हैं ज्यादा हादसेवरिष्ठ वकील एवं रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट केसी जैन के मुताबिक, ठंड के मौसम में पूरे प्रदेश में कोहरा पड़ता है। रात 10 से सुबह 8 बजे तक इसका असर सबसे अधिक रहता है। कई स्थानों पर दृश्यता शून्य तक पहुंच जाती है। इसके बावजूद चालक रफ्तार कम नहीं करते। कोहरा और तेज रफ्तार एक्सप्रेस-वे पर हादसों की बड़ी वजह है। प्रदेश में 6 एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 1,225 किमी है। वहीं, नेशनल हाईवे 12,292 किमी और स्टेट हाईवे की लंबाई लगभग 13 हजार किमी है। यूपी रोड एक्सीडेंट डाटा डैशबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में हर साल होने वाले सड़क हादसों में करीब 10 फीसदी दुर्घटनाएं केवल कोहरे की वजह से होती हैं। पिछले तीन साल में सबसे अधिक हादसे नेशनल हाईवे पर 27 फीसदी, स्टेट हाईवे पर 14 फीसदी और एक्सप्रेस-वे पर 3 फीसदी दर्ज किए गए। साल-2024 में ओवरस्पीड के कारण प्रदेश में 12,010 मौतें हुईं, जबकि साल- 2023 में यह संख्या 8,726 थी। मौतों में यह बढ़ोतरी एक्सप्रेस-वे के बढ़ते नेटवर्क की ओर इशारा करती है। अकेले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर साल- 2021 से सितंबर 2025 के बीच 7,024 हादसों में 811 लोगों की मौत हुई। प्रदेश के सभी 6 चालू एक्सप्रेस-वे पर 2,829 लोगों की मौत हो चुकी है। अपने ही प्रयोग को भुला बैठी यूपीडा, हादसे के बाद टूटी नींदरोड सेफ्टी एक्टिविस्ट केसी जैन बताते हैं- 18 दिसंबर, 2022 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर अलीगढ़-एटा मार्ग के पास कोहरे से रोडवेज की 6 बसें आपस में टकरा गई थीं। इसके बाद निगम के इतिहास में पहली बार कोहरे के चलते बसों का संचालन रोका गया था। तब आदेश जारी किया गया था कि कोहरे के दौरान बसों को सार्वजनिक स्थानों पर रोका जाएगा। इसी तरह का निर्देश अन्य वाहनों के लिए भी लागू था। बहुत जरूरी होने पर ही 40-50 वाहनों को एक साथ टोल गेट से छोड़ा जाता था। लेकिन, यह व्यवस्था बाद में यूपीडा ने भुला दी। यूपी में पिछले दिनों हुए 5 बड़े हादसे और कोहरे का कनेक्शनयूपी में हाल के दिनों में हुए 5 बड़े सड़क हादसों से यह साफ है कि कोहरा जानलेवा साबित हो रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे से लेकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक, लगभग सभी हादसों में कोहरा और तेज रफ्तार मुख्य कारण रहे। ये सभी दुर्घटनाएं देर रात 1 से सुबह 9 बजे के बीच हुईं। यानी उस समय, जब कोहरे का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है। दृश्यता 10 मीटर से भी कम, और कई स्थानों पर शून्य तक पहुंच जाती है। यमुना एक्सप्रेस-वे (मथुरा जिला) : 16 दिसंबर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (हमीरपुर जिला) : 14 दिसंबर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे (उन्नाव जिला) : 14 दिसंबर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ग्रेटर नोएडा) : 13 दिसंबर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे : 16 दिसंबर रोड एक्सीडेंट में मरने वालों में हर 7वां यूपी काकेंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सड़क हादसों में मरने वाले हर 7वें व्यक्ति की मौत यूपी में होती है। साल- 2024 में देशभर में सड़क हादसों में 1 लाख 77 हजार 177 लोगों की जान गई। इनमें से 24 हजार 118 मौतें यूपी में हुईं। यह कुल मौतों का 13.61 फीसदी है। इसी अवधि में देशभर में कुल 4 लाख 87 हजार 705 सड़क हादसे हुए। जिनमें 46 हजार 52 हादसे यूपी में दर्ज किए गए, जो 9.44 फीसदी है। वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर अनिवार्य और ड्राइविंग लाइसेंस के नियम हों सख्तकेसी जैन का कहना है कि भारत में यूरोप और अमेरिका की तरह वाहनों में एडवांस सेफ्टी फीचर अनिवार्य नहीं हैं। यहां वाहन खरीदते समय कीमत को प्राथमिकता दी जाती है। 20 लाख से महंगे वाहनों में तो सेफ्टी फीचर हैं, लेकिन सड़क पर चल रहे करीब 90 फीसदी वाहनों में ये सुविधाएं नहीं हैं। वहीं, देश में ड्राइविंग लाइसेंस के नियम बेहद ढीले हैं। यहां बिना पर्याप्त ट्रेनिंग लाइसेंस मिल जाता है। सड़क पर चल रहे 90 फीसदी ड्राइवरों को यातायात नियमों की बुनियादी जानकारी तक नहीं। भारत सरकार सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को दोनों मामलों में सख्त और अनिवार्य नियम लागू करने चाहिए। अब एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट रोकने ये उठा रहे कदमप्रदेश यातायात विभाग के मुताबिक, यूपी में कुल 1,484 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं, जहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। इनमें एक्सप्रेस-वे पर 24, नेशनल हाईवे पर 965, स्टेट हाईवे पर 221 और अन्य सड़कों पर 274 ब्लैक स्पॉट शामिल हैं। हादसों पर अंकुश लगाने के लिए अवैध कट बंद करने और सड़क इंजीनियरिंग की खामियों को दूर करने के निर्देश एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और अन्य एजेंसियों को दिए हैं। यूपीडा में मुख्य सुरक्षा अधिकारी राजेश पांडेय के मुताबिक, इस बार कोहरा कुछ पहले शुरू हो गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे की वजह भी कोहरा ही है। पानी वाले स्थान जैसे नदी, नाले, तालाब के पास कोहरा अधिक पड़ता है। 50 मीटर से कम दृश्यता होने पर टोल पर ही वाहनों को रोक दिया जाएगा। फिर ग्रुप में आगे रवाना किया जाएगा। यूपीडा सीईओ के निर्देश पर 15 फरवरी तक वाहनों की स्पीड लिमिट कम किया जा चुका है। सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों छोर पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... यूपी में भीषण कोहरा क्यों? 4 दिन में 28 मौतें, एक्सप्रेस-वे सबसे ज्यादा खतरनाक यूपी में 4 दिनों में कोहरे के चलते 150 से ज्यादा गाड़ियां टकराईं। 28 की जान चल गई। एक्सप्रेस-वे पर स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक है। 5-10 मीटर विजिबिलिटी जानलेवा साबित हो रही है। धुंध अचानक से गाड़ियों को सामने आ रही है। स्पीड धीमी करते ही पीछे से गाड़ियां टकरा रही हैं। पढ़ें पूरी खबर
ठंड में मानवता की मिसाल, गुप्त दान से बंट रहे कंबल
भास्कर संवाददाता | दमोह कड़ाके की ठंड के बीच जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से दानदाताओं द्वारा कंबल एवं गर्म कपड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस मानवीय पहल की खास बात यह है कि अधिकांश दानदाता अपना नाम सार्वजनिक किए बिना गुप्त रूप से सहयोग कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा इन सामग्रियों को एकत्रित कर वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। जिले में बढ़ती ठंड को देखते हुए दानदाताओं से सहयोग की अपील की गई, जिस पर समाजसेवी, व्यापारी, कर्मचारी और आम नागरिक आगे आ रहे हैं। कई दानदाता स्वयं कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कंबल सौंप रहे हैं।कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा दानदाताओं के इस सहयोग से जरूरतमंदों को ठंड से राहत मिलेगी और यह समाज में सेवा व संवेदना की भावना को मजबूत करता है। दान की गई सामग्री को जरूरतमंदों, बेसहारा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए उम्मीद टीम रात के समय जरूरतमंदों को कंबल वितरित कर रही है। इस पहल से गरीब, वृद्ध, महिलाएं और बच्चे ठंड से राहत महसूस कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे आगे आकर इस पुनीत कार्य में सहयोग करें। छोटे से छोटा सहयोग भी किसी के लिए बड़ी राहत बन सकता है।
जिले के ब्लाकों, उप ब्लाकों में बनाए गए नवीन अध्यक्ष
दमोह | मप्र कांग्रेस कमेटी के प्रभारी हरीश चौधरी, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मानक पटेल से जिले के वरिष्ठ कांग्रेस की सहमति से जिले के ब्लाकों में उप ब्लाकों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है।जिनमें पथरिया ब्लाक से प्रदीप पटेल, बढ़ियागढ से सतीश लोधी, नरसिंहगढ़ उपब्लाक से आसाराम चौधरी, जबेरा ब्लाक से ओपी शर्मा, तेंदूखेड़ा ब्लाक से नीलेश यादव, नोहटा उपब्लाक से संतोष रजक, तेजगढ़ उपब्लाक से मोहन आदिवासी, इसी प्रकार हटा ब्लाक से योगेश, गोलू सराफ पटेरा ब्लाक से नंद कुमार चौरसिया, हिंडोरिया उपब्लाक से एसएम राही एवं गैसाबाद उपब्लाक से योगेंद्र पटेल को बनाया गया है।
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर सम्मान 31 जनवरी
रतलाम | सेन शक्ति महा संगठन मध्यप्रदेश द्वारा भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी सम्मान समारोह 31 जनवरी को सागर में मनाया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मंत्रिगण, विधायकगण, वरिष्ठ समाजसेवी व समाज की प्रतिभाएं शामिल होंगी।यह बात मेवाड़ा श्रीराधा-कृष्ण मंदिर में आयोजित बैठक में कही गई। इसमें जिलाध्यक्ष विशाल गहलोत का स्वागत किया गया। राष्ट्रीय सचिव सुरेश भाटी, मेवाड़ समाज अध्यक्ष प्रकाश पूरवाला, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष निलेश सोलंकी, सुरेश चौहान, मंगलसिंह राजोरिया, संतोष सेन, अनूप सोलंकी सहित कई वरिष्ठ, युवा व पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सागर में होने वाले समारोह की तैयारियों पर चर्चा की गई।
सुशीला परमार का निधन, नेत्रदान किए
रतलाम | राजस्व नगर निवासी पूर्व पार्षद सुशीला पति जयप्रकाश परमार का गुरुवार को निधन हो गया। विवेक अग्रवाल की प्रेरणा से बेटे राकेश परमार, नीरज परमार व परिजनों ने नेत्रदान की सहमति दी। नेत्रम संस्था की सूचना पर गीता भवन न्यास के ट्रस्टी व नेत्रदान प्रभारी डॉ. जीएल ददरवाल टीम के साथ पहुंचे और कार्निया लिया। इस दौरान परिजन, रिश्तेदार, मित्र उपस्थित रहे।
स्वदेशी संकल्प रथ यात्रा ने शहर में किया भ्रमण
रतलाम | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर निकाली जा रही स्वदेशी संकल्प रथ यात्रा ने शहर में भ्रमण किया। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में यात्रा निकाली जा रही है। स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक स्वतंत्र पाल सिंह देवड़ा ने बताया कि यात्रा स्थानीय व्यापार, स्वदेशी उद्योग, भारतीय उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रव्यापी अभियान को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण माध्यम है। शहर भ्रमण के दौरान यात्रा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया। इस मौके पर निर्मल कटारिया, स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक ओमप्रकाश पुरोहित, जिला युवा आयाम प्रमुख राजेश धाकड़, ललित चौपड़ा आदि मौजूद थे।
रक्तदान शिविर में 15 यूनिट ब्लड एकत्रित
रतलाम | रोटरी क्लब अॉफ रतलाम सेंट्रल ने महेंद्र गादिया की स्मृति में जिला चिकित्सालय स्थिति ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगाया। इसमें 15 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। इस मौके पर क्लब अध्यक्ष अमृत मांडोत, सचिव प्रवीण रामावत, अखिलेश गुप्ता, रोहित रुनवाल, विनोद मूणत, मनोहर जैन, पारस मूणत, धर्मेंद्र ललवानी, पंकज मित्तल, राकेश पोरवाल, नंदकिशोर शर्मा सहित सदस्य मौजूद थे।
सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहे कुत्ते, लोगों को काटने का भय
दमोह | शहर में जहां सड़कों पर आवारा कुत्ते झुंड में घूम रहे हैं वहीं अब सार्वजनिक स्थानों पर भी कुत्ते घूमना आम बात हो गई है। आश्चर्य की बात है कि कलेक्ट्रेट परिसर के हॉल में ही कुत्ते घूमते देखे जा रहे हैं, जबकि यहां बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना होता है मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान भी कुत्ते यहां देखे जाते हैं। लेकिन किसी के द्वारा बाहर नहीं निकाला जाता। इधर जिला अस्पताल परिसर में कुत्ते घूम रहे हैं इससे लोगों को काटने का भय बना रहता है। जबकि सार्वजनिक स्थानों से कुत्तों को पकड़ने के निर्देश हैं।
मध्य प्रदेश के IAS अफसरों का जमावड़ा शुक्रवार से भोपाल में होगा। ये अफसर 19 दिसंबर से शुरू हो रही तीन दिनी IAS सर्विस मीट में शामिल होंगे। इस मीट में सहायक कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव और पूर्व आईएएस अफसर और उनके परिवार के सदस्य मस्ती धमाल करेंगे। प्रशासनिक वर्किंग से हटकर अपनी कला, प्रतिभा का आभास आईएएस ऑफिसर्स के बीच कराएंगे। शुरुआत आज प्रशासन अकादमी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्बोधन के साथ होगी। इसके बाद अरेरा क्लब में दिन भर और देर रात तक कार्यक्रमों का दौर चलेगा। आखिरी दिन दिए जाएंगे अवार्डतीन दिन तक चलने वाली सर्विस मीट के लिए चार हाउस बनाए गए हैं। ये हाउस रेड हाउस, ग्रीन हाउस, ब्लू हाउस और यलो हाउस के रूप में रहेंगे जिसके कैप्टन और वाइस कैप्टन तय कर दिए गए हैं। मीट के आखिरी दिन चार कैटेगरी में अवार्ड दिए जाएंगे। यह अवार्ड मोस्ट क्रियेटिव, बेस्ट प्रजेंटेशन, बेस्ट एंटरटेनमेंट वैल्यू और बेस्ट कोआर्डिनेशन को लेकर दिए जाएंगे। इसके साथ ही 18 साल तक की कम उम्र के आईएएस अफसरों के बच्चों को बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट और बेस्ट सीनियर आर्टिस्ट के अवार्ड हर हाउस में दिए जाएंगे। एसोसिएशन अध्यक्ष बोले- प्रतिस्पर्धा और उत्साह बढ़ेगाआईएएस आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने कहा कि सर्विस मीट में फील्ड में पदस्थ अफसरों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और उनके आपसी समन्वय को सुगम बनाने के लिए, आस-पास के संभागों में पदस्थ फील्ड अफसरों को एक समूह में रखा गया है। इस सर्विस मीट के लिए बनाए गए ग्रुप्स के बीच सांस्कृतिक रात्रि सहित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिस्पर्धा होने से उत्साह और भी बढ़ जाएगा। आयोजन समिति के चेयरपर्सन प्रमुख सचिव पी नरहरि ने कहा है कि वर्ष 2010 में स्थापना के बाद से सर्विस मीट लगातार यादगार बन रही है। इससे एक परिवार के रूप में हमारे बंधन मजबूत हुए हैं, सहयोग को बढ़ावा मिला है, नई मित्रताएं बनी हैं और हमें संजोने लायक पल मिले हैं। भावपूर्ण संगीत, क्विज़ से लेकर जोशपूर्ण खेलों तक, हर एडिशन में सभी के लिए कुछ न कुछ रहा है। आज ऐसा चलेगा कार्यक्रम 20 दिसम्बर के कार्यक्रम 21 दिसम्बर के कार्यक्रम
युवाओं के लिए जॉब फेयर का आयोजन 22 को
मुरैना| बेरोजगार युवाओं के लिए जिला रोजगार कार्यालय परिसर चंबल कॉलोनी में 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक एक दिवसीय रोजगार, स्व-रोजगार और अप्रेंटिसशिप मेला युवा संगम आयोजित किया जाएगा। इस मेले में 5 प्रतिष्ठित कंपनियां विभिन्न पदों पर भर्ती करेंगी। नोयडा की कृष्फी प्राइवेट लिमिटेड ऑपरेटर पद, गुजरात की चैकमेट सर्विस सुरक्षा गार्ड, शिवशक्ति एग्रीटेक सैल्समेन, एलआईसी मुरैना अभिकर्ता और श्रीकृष्णा टेक्नोलॉजी शोल्यूशंस टेक्नीशियन पदों के लिए युवाओं का चयन करेंगी। जिले में स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मुरैना द्वारा ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इच्छुक युवा अपनी समग्र आईडी, रोजगार पंजीयन, शैक्षणिक प्रमाण-पत्र और बायोडाटा लेकर शामिल हो सकते हैं।
करनाल जिला के असंध विधानसभा क्षेत्र को जिला न बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने हांसी को 23वां जिला बनने पर बधाई दी, लेकिन असंध को नजरअंदाज किए जाने पर मायूसी जताई। उनका कहना है कि प्रशासनिक, भौगोलिक और जनहित के हिसाब से सबसे अधिक हक अगर किसी क्षेत्र का था तो वह असंध था। बावजूद इसके, राजनीतिक कारणों से असंध को जिला नहीं बनाया गया, जो यहां की जनता के साथ अन्याय है। विधानसभा में खुद पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि असंध को जिला बनाने की बात कोई नई नहीं है। विधानसभा सदन के अंदर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद यह कहा था कि असंध को जिला बनाया जाएगा। यह बात सदन की कार्यवाही में भी दर्ज है। उस समय सरकार की मंशा साफ दिखाई दे रही थी और असंध के लोगों को उम्मीद बंधी थी कि उनका लंबित सपना पूरा होगा। लेकिन नई सरकार आने के बाद से ही संकेत मिलने लगे थे कि असंध को जिला बनाने की फाइल ठंडे बस्ते में चली जाएगी। नई सरकार आते ही साफ कर दिया था रुख गोगी ने कहा कि जिस दिन से नई सरकार बनी, उसी दिन उन्होंने मीडिया के माध्यम से यह बात कह दी थी कि अब असंध को जिला नहीं बनाया जाएगा। उनका कहना है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह फैसला टलता चला गया। जबकि असंध लंबे समय से जिला बनने की मांग करता आ रहा है और हर पैमाने पर यह क्षेत्र इसके योग्य है। हिसार बड़ा जिला है, लेकिन हांसी-हिसार का अंतर ही नहीं दिखता उन्होंने कहा कि सरकार यह तर्क दे सकती है कि हिसार बहुत बड़ा जिला है, लेकिन हकीकत यह है कि हिसार और हांसी के बीच ऐसा कोई स्पष्ट बॉर्डर ही महसूस नहीं होता। दोनों क्षेत्रों के बीच महज 10 से 20 किलोमीटर का अंतर है और पूरा इलाका पहले से ही विकसित है। इसके विपरीत असंध की स्थिति बिल्कुल अलग है। असंध चार जिलों पानीपत, करनाल, जींद और कैथल से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में आम जनता को प्रशासनिक कामों के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। असंध को जिला भी नहीं बनाया, ऊपर से टोल का तोहफा गोगी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि असंध को जिला तो नहीं बनाया गया, उल्टा प्योंत में टोल लगाकर बीजेपी ने नए साल का तोहफा जरूर दे दिया। उन्होंने कहा कि असंध के लोगों को यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि मौजूदा सरकार ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया है। सफीदो को जोड़कर जिला बनाने पर भी था सहमति पूर्व विधायक ने विधानसभा की एक और बात साझा करते हुए कहा कि सदन के अंदर मनोहर लाल खट्टर ने उनसे पूछा था कि अगर असंध के साथ सफीदो को मिलाकर जिला बना दिया जाए तो क्या उन्हें कोई आपत्ति है। इस पर उन्होंने साफ कह दिया था कि उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, बस जिला बना दिया जाए। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर राजनीतिक क्रेडिट की चिंता है तो उसका श्रेय बीजेपी ले ले, लेकिन असंध को जिला जरूर बनाया जाए। राजनीतिक क्रेडिट की वजह से लटक गया मामला गोगी ने आरोप लगाया कि शुरुआत में मनोहर लाल खट्टर असंध को जिला बनाने को लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि कहीं राजनीतिक तौर पर इसका श्रेय गोगी को न मिल जाए। इसी आशंका के चलते यह फैसला आगे नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि क्रेडिट बीजेपी ले ले, लेकिन फिर भी असंध को जिला नहीं बनाया गया। पैरवी नहीं होगी तो काम कैसे होगा उन्होंने कहा कि इसे असंध का दुर्भाग्य कहें या कुछ और, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां कोई मजबूत पैरवी करने वाला नेता नहीं है। जिसका कोई खसम नहीं होता, उसका काम भी नहीं होता। असंध की जनता ने किसी को अपना खसम नहीं बनाया, इसलिए उसकी आवाज सही तरीके से ऊपर तक नहीं पहुंच पाई। ये फैसले राजनीतिक होते हैं और इनके लिए मजबूत पैरवी जरूरी होती है। जो जिला बनाएगा, उसी का धन्यवाद गोगी ने स्पष्ट कहा कि जो भी असंध को जिला बनाएगा, वे उसी का धन्यवाद करेंगे। उन्होंने असंध की जनता से वादा किया कि अगर कोई और सरकार यह काम नहीं करती, तो असंध जिला उनके ही हाथों बनेगा। उन्होंने दावा किया कि असंध जिला जरूर बनेगा, लेकिन मौजूदा बीजेपी सरकार इसे जिला नहीं बना सकती, क्योंकि उनकी नियत में खोट है। योगेंद्र राणा की पैरवी कहां अटक गई असंध के मौजूदा विधायक योगेंद्र राणा द्वारा पैरवी के सवाल पर गोगी ने तंज कसते हुए कहा कि यह देखना चाहिए कि वे कहां पर अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि शायद अब तो सैटेलाइट से देखना पड़ेगा कि योगेंद्र राणा की पैरवी कहां रुक गई। सालवन में हुई रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां मुख्यमंत्री आए थे, लेकिन असंध को जिला बनाने के मुद्दे पर मौजूदा विधायक अड़े नजर नहीं आए। हांसी के विधायक ने विधानसभा में आवाज नहीं उठाई हांसी के विधायक द्वारा विधानसभा में आवाज न उठाने के सवाल पर गोगी ने कहा कि भले ही उन्होंने सदन में खुलकर बात न की हो, लेकिन अंदर खाते पूरी प्रक्रिया चल रही थी। इसमें कैप्टन अभिमन्यु की भूमिका उन्हें ज्यादा नजर आती है, क्योंकि वहां भाषण भी उन्होंने ही दिया था। नेशनल हेराल्ड केस पर भी साधा निशाना नेशनल हेराल्ड केस को लेकर हुए प्रदर्शन पर गोगी ने कहा कि कोर्ट ने भी चार्जशीट को गलत बताया है। इसके बावजूद कुछ निर्लज्ज लोगों ने फैसले से पहले ही एफआईआर दर्ज करवा दी। उनका आरोप है कि बीजेपी और होम मिनिस्टरी को पहले से पता था कि फैसला उनके खिलाफ आने वाला है। इसलिए करीब 20 दिन पहले ही एफआईआर करवा दी गई। उन्होंने कहा कि देश में तानाशाही चल रही है और लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। यही तरीका कभी हिटलर ने अपनाया था, पहले संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा और फिर पूरे सिस्टम पर नियंत्रण।
इंदौर में 3 साल की मासूम कनिका एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है। बीमारी भी ऐसी कि जिसका इलाज दुनिया में सबसे महंगा है। बच्ची को स्पाइन मस्कुलर एट्रफी (SMA) टाइप-2 नाम की बीमारी है। जिसके इलाज में लगने वाले इंजेक्शन की कीमत करीब 9 करोड़ रुपए है। द्वारकापुरी इलाके में रहने वाले बच्ची के पिता प्रवीण शर्मा और मां संगीता शर्मा को जब से इस बीमारी का पता चला है, तभी से वे एक्टर्स, नेता, मंत्री, अफसरों समेत कई लोगों से संपर्क कर पैसे के इंतजाम में लगे हैं। 15 दिसंबर को बच्ची के बर्थडे पर बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए राजवाड़ा पर जुटे थे। अभी तक ढाई करोड़ रुपए का इंतजाम हो चुका है। पैसे का इंतजाम होते ही इसे एम्स के जरिए अमेरिका से मंगाया जाएगा। डॉक्टर का कहना है कि मुश्किल यह है कि दवा अभी केवल एक ही कंपनी नोवार्टिस बना रही है। किसी और कंपनी ने अब तक इस पर रिसर्च या प्रोडक्शन शुरू नहीं किया है। यही वजह है कि यह बहुत महंगी है। बीमारी के मरीज भी दुनिया में गिने-चुने ही हैं। ऐसे में दवा तैयार करने के लिए रिसर्च और ट्रायल पर बहुत ही ज्यादा खर्च होता है। स्थिति यह होती है कि ट्रायल के लिए मरीज मिलना भी मुश्किल होते हैं। दैनिक भास्कर ने विशेषज्ञ से जाना कि यह बीमारी क्या है? क्यों इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन इतना महंगा है। पढ़िए... क्या और कितनी खतरनाक है बीमारीइंदौर के शिशु रोग विशेषज्ञ और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. हेमंत जैन के मुताबिक दुर्लभ न्यूरो-मस्क्यूलर जेनेटिक बीमारी SMA में बच्चे की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड से मसल्स तक जाने वाले सिग्नल कम हो जाते हैं। इस बीमारी में स्पाइनल कॉर्ड की मोटर नर्व सेल्स डैमेज होने लगती हैं। दिमाग मसल्स को हिलाने-डुलाने के लिए संदेश भेज नहीं पाता। इसलिए बच्चा शरीर पर कंट्रोल खोने लगता है। शुरुआत में हाथ-पैर और शरीर हिलाने में कमजोरी दिखती है। समय के साथ बच्चा बैठना-चलना, यहां तक कि सांस लेना और निगलना भी मुश्किल हो सकता है। इस बीमारी के चलते शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। गंभीर स्थिति में लकवा या मौत भी हो जाती है। यह टाइप 1 से टाइप 4 तक की होती है। जो अलग-अलग उम्र के लोगों में होती है। मां के गर्भ में ही पहचान सकते हैं बीमारीडॉ. हेमंत जैन ने बताया कि बच्चा जब मां के पेट में होता है तभी इस बीमारी की पहचान की जा सकती है। कई बच्चे गर्भ में सही तरीके से घूम नहीं पाते हैं। ऐसा होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर उसकी कोशिकाओं का परीक्षण कराते हैं। तभी इस बीमारी का पता चल जाता है। ऐसा होने पर बच्चा जैसे ही जन्म लेता है उसे सही समय पर उपचार मिल जाए तो वह पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। इस बीमारी के बारे में जितना देरी से पता चलता है समय के साथ उतनी ज्यादा कोशिकाएं नष्ट होती जाती हैं, जिन्हें रिकवर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए मिलने वाले इंजेक्शन से भी मरी हुई कोशिकाओं को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। नई कोशिकाओं को इसके प्रभाव में आने से रोका जा सकता है। डॉ. जैन ने बताया कि महिला को अगली बार गर्भ होने पर उसकी जेनेटिक काउंसलिंग होना चाहिए। बच्चे का टिश्यू निकालकर एम्नियोसिम्प्टेसिस (जीन) टेस्ट कराते हैं। इससे होने वाले बच्चे में एसएमए बीमारी का पता लगाया जा सकता है। ट्रायल के लिए भी मरीज मिलना भी मुश्किलडॉ. जैन ने कहा कि कोई भी दवा को बाजार में लाने के पहले ट्रायल किया जाता है। भारत में 10 हजार लोगों में से एक मरीज एसएमए का शिकार होता है। इसलिए इसके ट्रायल और स्टडी के लिए मरीजों का उपलब्ध होना बहुत मुश्किल हो जाता है। दूसरा कारण बताते हुए डॉ. जैन ने कहा कि एसएमए बीमारी का उपचार जीन थैरेपी से किया जाता है। यानी किसी बीमारी को ठीक करने के लिए कोशिकाओं में एक नया या बदला हुआ जीन डाला जाता है, ताकि वो स्वस्थ प्रोटीन बना सकें या दोषपूर्ण जीन को ठीक कर सकें, इसलिए भी यह दवा महंगी है। मां बोली- इतना महंगा नहीं होना चाहिए इलाज अब तक इतने को लगा है इंजेक्शनमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी जिस जीन की खराबी के कारण होती है, जोलगेंस्मा इंजेक्शन उसे नए जीन से रिप्लेस करता है। ऐसा होने के बाद शरीर में दोबारा यह बीमारी नहीं होती, क्योंकि बच्चे के DNA में नया जीन शामिल हो जाता मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस इंजेक्शन को भारत में 90 से अधिक बच्चों को दिया जा चुका है। यह भी तब, जब इसे बीमारी को पूरी तरह ठीक करने के लिए उपयुक्त भी नहीं माना जा रहा। एक्सपर्ट की मानें, तो अगर इस इंजेक्शन को सही समय पर लगा दिया गया तो बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी जिस जीन की खराबी के कारण होती है, जोलगेंस्मा इंजेक्शन उसे नए जीन से रिप्लेस करता है। ऐसा होने के बाद शरीर में दोबारा यह बीमारी नहीं होती, क्योंकि बच्चे के DNA में नया जीन शामिल हो जाता है। जोलगेंस्मा (Zolgensma) क्या है?स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के इलाज के लिए विकसित किया गया जोलगेंस्मा एक जीन-थेरेपी आधारित दवा है। यह शरीर में एक स्वस्थ SMN जीन की कॉपी पहुंचाती है। इससे मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली मोटर न्यूरॉन कोशिकाएं ठीक से काम करने लगती हैं। यह खबर भी पढ़ें... मासूम अनिका के लिए इंदौर के राजबाड़ा पर जुटे लोग दुर्लभ बीमारी एसएमए (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) टाइप-2 से जूझ रही इंदौर की ढाई साल की मासूम अनिका का आज जन्मदिन है। इस मौके पर मासूम अनिका को उसके माता-पिता गोद में लेकर मां अहिल्या की प्रतिमा तक पहुंचे। पूरी खबर यहां पढ़ें...
21 को होगा क्रिकेट खिलाड़ियों का चयन
बड़वानी | इंदौर संभाग क्रिकेट संगठन की ओर से खरगोन में आयोजित अंडर 18 वर्ग के क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए जिला क्रिकेट एसोसिएशन खिलाड़ियों का चयन रविवार को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के मैदान पर दोपहर 1 बजे से करेगा। चयन में वें ही खिलाड़ी हिस्सा ले पाएंगे, जिनका जन्म 1 जुलाई 2007 के बाद का हुआ होगा। चयन के पूर्व खिलाड़ियों का पंजीयन किया जाएगा। डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र, पिछले तीन वर्ष की वास्तविक अंक सूची व आधार कार्ड साथ लाना होगा। जिले की चयनित होने वाली टीम को खरगोन में अपना पहला मैच झाबुआ जिले की क्रिकेट टीम से 30 दिसंबर को खेलना होगा। इंदौर संभाग क्रिकेट के चयन में जिला क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष कैलाश गोईवाला, उपाध्यक्ष कालीचरण तिवारी, सत्यनारायण गुप्ता, सचिव श्याम एकडी, चंद्रशेखर मराठे व आकाश भाबोर मौजूद रहेंगे।
बड़वानी | सजवानी गांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के दूसरे दिन पं. शैलेंद्र शास्त्री ने व्यास पीठ से भगवान वासुदेव की कथा सुनाई। उन्होंने जीवन में गुरु का महत्व बताते हुए कहा कि हर किसी को गुरु अवश्य बनाना चाहिए। गुरु के बिना भव पार नहीं हो सकता है। हमें हमारे गुरु व सच्चे मित्र के साथ कभी भी छल नहीं करना चाहिए। गुरु और शिष्य का रिश्ता पवित्र होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
अखिलेश यादव का दिल जिस मेरठिया कोट पर आया है वो लाखों में एक है। यह कोट मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार पर तैयार होगा। क्योंकि सपा नेता सम्राट मलिक ने इसी दुकान से अपना कोट खरीदा था। सपा सुप्रीमो के लिए कोट सिलाने का काम शुरू हो चुका है। कोट तैयार करने वाले विद्यार्थी खादी भंडार के संचालक वैभव शर्मा से दैनिक भास्कर की पूरी बातचीत पढ़िए... अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही दुकान जिस दुकान पर अखिलेश यादव का कोट तैयार होगा इसका नाम विद्यार्थी खादी भंडार है। दुकान मेरठ के बुढ़ाना गेट में है। दुकान संचालक वैभव ने बताया कि यह शॉप 1934 में उनके दादाजी स्व. चैतन्य प्रकाश शर्मा ने शुरू की थी। अंग्रेजों के शासनकाल में खादी की इस दुकान को शुरू करना दादाजी के लिए बहुत बड़ा चैलेंज था। लेकिन मेरे दादाजी गांधीवादी विचारधारा के थे। स्वतंत्रता और देशभक्ति को समर्पित करते हुए उन्होंने उस वक्त खादी के कपड़ों की ये दुकान खोली। बाद में मेरे फादर स्व. अरुण कुमार शर्मा इस शॉप को देखने लगे। अब मैं देखता हूं। वैभव ने आगे बताया कि पहले दुकान पर केवल खादी के कुर्ता, धोती, जैकेट मिलता था। लेकिन समय के साथ हमने काम बढ़ाया अपनी फैक्ट्रीज लगाईं। अब हमारे यहां फाइन क्वालिटी का हर डिजायनर कपड़ा मिलता है। जिसे हम खुद तैयार करते हैं। इसमें सभी लेटेस्ट डिजायन होते हैं। लेडिज, जेंट्स, किड्स सभी के लिए हर कपड़ा तैयार किया जाता है। पूर्व पीएम भी हमारे यहां से बने कपड़े पहनते थेवैभव आगे कहते हैं कि मेरे दादाजी ने खादी को बढ़ावा देने के लिए यह दुकान खोली थी। लेकिन आज हम फैशन के साथ कदमताल करते हुए बढ़ रहे हैं। हमारी शॉप पर पूर्व प्रधानमंत्री जी जवाहरलाल नेहरू भी कपड़े खरीदने आते थे। उनके सारे कपड़े यहीं तैयार होते थे। इसके बाद से लगातार तमाम नेता, अभिनेता, सेलेब्स हमारे यहां कपड़े लेने आते हैं। कई हमारे परमानेंट ग्राहक हैं। जिनके साइज हमारे पास हमेशा रहते हैें। वो ऑर्डर कर देते हैं हम कपड़े तैयार करके उनको भेजते हैं। 2 दिन बाद पता चला कि हमारा कोट फेमस हो गयावैभव हंसते हुए कहते हैं कि हमें तो पता भी नहीं था कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव जी को हमारी शॉप का तैयार कोट पसंद आया है। हमें तो न्यूज और वीडियो से पता चला। इसके बाद गुरुवार को सम्राट मलिक हमारी शॉप पर आए। उन्होंने वो न्यूज दिखाई। फिर कहा कि भैय्या आपका वो वाला कोट तो हमारे भइया को पसंद आ गया है। अब अखिलेश भइया के लिए वो कोट बनाना है। ये कोट लाखों में एक कैसे है?वैभव ने बताया कि ये डिजायनर कोट है। सबसे पहले ये हर आउटफिट पर पेयर हो जाता है। दूसरी बात बॉडी फिट कोट से थोड़ा लूज होने के कारण कंफर्ट फिट है। तीसरा इसकी लेंथ कमर से 2 इंच नीचे और घुटनों से थोड़ी ऊपर है ये लांग, शॉर्ट लेंथ से अलग है इसलिए इसका लुक अलग होता है। चौथा ये कोट ऊंचे कुर्तों पर काफी अच्छे से मैच करता है इसलिए अखिलेश जी हमेशा घुटने से ऊंचा यानि मिड लेंथ का कुर्ता पहनते हैं। उनके कुर्ते पर ये कोट परफेक्टली फिट होगा। हमने स्पेशली इस कोट को इसीलिए डिजायन किया था कि इसे मिडलेंथ कुर्तों पर लड़के पहन सकें। इसलिए हम इसे लाखों में एक कोट कहते हैं। फिर अखिलेश जी तो इतने फिट हैं कि उनकी फिटनेस पर ये कोट बहुत सूट करेगा। इसकी सिलाई में दूसरे कोट्स से ज्यादा टाइम लगता है, क्योंकि काम बारीक है। अखिलेश यादव के लिए कोट कैसे तैयार करेंगे?सम्राट मलिक हमारी शॉप पर आए थे तो बोले कि अखिलेश जी के लिए कोट का फैब्रिक, डिजायन और कलर बता दीजिए। फिर बड़ी प्रॉब्लम उनके नाप की थी। बिना मेजरमेंट कोट कैसे सिल दें? फिर सम्राट ने हमारी अखिलेश जी के लखनऊ वाले टेलर से बात कराई। उन्होंने बताया कि अखिलेश जी 44 नंबर की जैकेट पहनते हैं। इत्तेफाक से उनकी वो जैकेट हमारी शॉप की है। तो हमें अखिलेश जी के साइज का प्राइमरी अंदाजा हो गया है। लेकिन फिर भी बात कपड़े की फिटिंग की है इसलिए नाप लेने के बाद ही हम उसे तैयार करेंगे। दिल्ली जाकर मेजरमेंट लेकर फिर कोट बनाएंगेजिस कोट की तारीफ अखिलेश यादव ने तारीफ की है वह जोधपुरी कोट है, इसमें जो फैब्रिक इस्तेमाल हुआ है वो वूलन टवीट है। इस कोट की डिजाइनिंग ऐसी होती है कि इसे कुर्ते , शर्ट, जींस हर ड्रेस पर पेयर कर सकते हैं। हम लोग कोट के कुछ फैब्रिक जिनमें ऐसा जोधपुरी कोट बन सकता है उनके सैंपल और अपना एक कुशल कारीगर जो नाप लेगा उसको लेकर 21 दिसंबर के बीच दिल्ली जाएंगे। सम्राट ने बताया कि अखिलेश जी अभी 21 दिसंबर तक दिल्ली में हैं। हम वहीं उनका कोट मेजरमेंट करेंगे। फिर वो जैसा चाहेंगे वैसा कोट बनाएंगे। इसकी कास्टिंग क्या होगी ये अभी नहीं बता सकते। बड़े बड़े नेताओं के कपड़े यहीं से जाते हैं हमारे मेरठ के नेता भी यहां से अपने नेताओं के लिए कपड़ा लेकर जाते हैं, इसके साथ ही बाहर से कुछ नेताओं के भी आर्डर हमे मिलते हैं जिनको हम कोरियर के माध्यम से कपड़ा भिजवाते हैं या अगर किसी तैयार कुर्ते या जैकेट की डिमांड आती है तो हम वह भी भेजते हैं। क्या है कोट का पूरा मामलामेरठ के समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक एक ब्लैक कलर का कोट पहनकर दिल्ली अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे थे। जब अखिलेश यादव लोकसभा के बाहर अपनी गाड़ी में बैठने जा रहे थे। तभी उनके पास जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक आ गए। इस दौरान उन्होंने सम्राट के कोट की तारीफ करते हुए ऐसे ही कोट की डिमांड की थी। सबसे पहले अखिलेश यादव ने जो तारीफ की वो पढ़िए.... सम्राट- नमस्ते भैया... अखिलेश- नमस्ते, तुम्हारा कोट बहुत अच्छा है। सम्राट- जी भैया। अखिलेश- हमको भी सिलवा दो एक। सम्राट- जी भैया, जरूर। अखिलेश- कहां से सिलवाते हो ये। सम्राट- मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार से। इसके बाद अखिलेश मुस्कराते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए।
कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई। आदिवासी समाज के लोग ईसाइयों को डंडे मारकर भगा रहे थे। इसके जवाब में धर्मांतरित समुदाय के लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इससे गुस्साए आदिवासियों ने सरपंच के घर में तोड़फोड़ कर दी। गांव के चर्च में आग लगा दी। ग्रामीण इसके बाद भी नहीं रुके। 3 हजार से ज्यादा की भीड़ आमाबेड़ा पहुंच गई। यहां भी एक चर्च को आग के हवाले कर दिया। भीड़ तीसरे चर्च को फूंकने आगे बढ़ रही थी। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। घटना में कई ग्रामीण, कवरेज कर रहे कुछ पत्रकार और ASP अंतागढ़ आशीष बंछोर समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इलाके में धारा 144 लागू की गई है। दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मृत्यु के बाद उनका शव गांव में ही दफना दिया गया। सरपंच के परिवार ने धर्म परिवर्तन किया था, जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे। पिछले 2 दिनों से ग्रामीण शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने भारी सुरक्षा के बीच शव को बाहर निकाला। गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है। पहले देखिए ये तस्वीरें- स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमला शव को लेकर रवाना हो चुका है। शव को जिले से बाहर रायपुर ले जाया गया। वहीं हिन्दू संगठनों ने आसपास के ग्रामीणों से अपील की है कि बिना प्रशासनिक अनुमति के धर्मांतरण से जुड़े किसी भी शव को अपने गांव में दफनाने न दें। अलर्ट आमाबेड़ा, बड़े तेवड़ा, नरहरपुर, सुरही, दुधवा, चारामा, भानुप्रताप, कांकेर, कोंडागांव, धमतरी, सिहावा और नगरी क्षेत्रों में जारी किया गया है। गांव को किया गया सील स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग-अलग क्षेत्रों में रखा है और गांव को पूरी तरह सील कर दिया है। बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। पुलिस बल तैनात होने के बाद भी मारपीट आमाबेड़ा थाना अंतर्गत बड़े तेवड़ा में धर्मांतरित सरपंच के पिता के शव दफन का मामला 16 दिसंबर की सुबह से गरमाया हुआ है। शव दफन की बात को लेकर आदिवासी समाज और धर्मांतरित समाज दोनों आमने सामने हो गए। अब मामला इतना बिगड़ गया की पुलिस बल तैनात होने के बाद भी लाठी डंडा चलाया जा रहा है। ग्रामीणों का साफ कहना है कि गांव में अंतिम संस्कार को लेकर वर्षों से चली आ रही सामाजिक परंपराएं और प्रशासनिक नियम हैं, जिनका इस मामले में पालन नहीं किया गया। गांव की सहमति के बिना शव को दफन करवा दिया। इससे न केवल सामाजिक सौहाद्र प्रभावित हुआ है, बल्कि गांव में तनाव और असंतोष भी फैल गया है। सरपंच पर दादागिरी का आरोप ग्रामीणों ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। ग्रामीण ने बताया कि गांव के सरपंच रजमन सलाम के पिता का देहांत होने के बाद उसके शव को सुबह लगभग 7 बजे दफनाया गया। सरपंच अपने मूल धर्म से बाहर होकर दूसरे धर्म को मानता है। नियम है कि जिस भी धर्म का मानने वाला हो उसके शव दफन के लिए एक निश्चित जगह दिया जाता है। गांव का सरपंच होने के नाते उसने दादागिरी दिखाई और गांव में ही अपने पिता के शव को दफनाया। ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन पर संरक्षण देने का आरोप लगाया है। परंपरागत रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार की मांग पर अड़े आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि जिस प्रकार शव को दफन किया गया है, वह गांव की परंपराओं और सामाजिक मान्यताओं के विपरीत है। उनका आरोप है कि बिना समाज की सहमति और परंपरागत रीति रिवाजों का पालन किए बिना शव को दफन कर दिया गया, जिसे वे स्वीकार नहीं कर सकते। इसी कारण आदिवासी समाज के लोग दफन स्थल से शव को बाहर निकालकर परंपरानुसार अंतिम संस्कार किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, धर्मांतरित समाज के लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं है। कांकेर के 14 गांवों में पास्टर-पादरियों पर बैन इससे पहले कांकेर जिले में धर्म परिवर्तन की घटनाओं के बाद 14 गांवों में पास्टर और पादरियों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया। ग्रामीणों के मुताबिक यह कदम उन्होंने अपनी परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए उठाया है। इन 14 गांवों में से एक जामगांव है जिसकी जनसंख्या करीब 7 हजार है। यहां 14-15 परिवारों ने अघोषित रूप से ईसाई धर्म अपना लिया है। इसी वजह से आदिवासी समुदाय और धर्म परिवर्तन कर चुके परिवारों के बीच दूरी बढ़ गई है। वहीं, ईसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके रिश्तेदार भी अब मिलने नहीं आ पाते, क्योंकि जिन गांवों में वे रहते हैं, वहां भी इसी तरह के बोर्ड लगे हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इन ग्राम सभाओं के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने माना कि जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण रोकने के लिए लगाए गए ये बोर्ड असंवैधानिक नहीं हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति की रक्षा के लिए ग्राम सभा का एहतियाती कदम हैं। पेसा अधिनियम के तहत ग्रामीणों ने ऐसा किया हर एक बोर्ड पर यह लिखा गया है कि बस्तर पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है और पेसा अधिनियम 1996 के तहत गांवों को अपनी परंपराओं और रूढ़िवादी संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है। बोर्डों पर स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि गांवों में मसीही समाज का धार्मिक आयोजन वर्जित है। ............................ इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ के 14 गांवों में पास्टर-पादरियों पर बैन: कफन-दफन, चूड़ी-बिंदी नहीं लगाने से बढ़ा विवाद, ईसाई समुदाय बोला- रिश्तेदारों से नहीं मिल पा रहे कांकेर जिले में धर्म परिवर्तन की घटनाओं के बाद अब 14 गांवों में पास्टर और पादरियों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक यह कदम उन्होंने अपनी परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए उठाया है। इन 14 गांवों में से एक जामगांव है जिसकी जनसंख्या करीब 7 हजार है। यहां 14-15 परिवारों ने अघोषित रूप से ईसाई धर्म अपना लिया है। पढ़ें पूरी खबर...
घणी कस्सूती धुंध... 10 मीटर की दृश्यता, सड़कों पर हादसों का खतरा, तीन दिन के लिए अलर्ट जारी
भास्कर न्यूज | कैथल जिले में घने कोहरे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। गुरुवार सुबह के समय हालात ऐसे रहे कि विजिब्लिटी घटकर मात्र 10 मीटर रह गई। सड़कों पर वाहन चलाना जोखिम भरा रहा, वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों और दफ्तर जाने वाले लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। कोहरे के चलते कई स्थानों पर वाहन रेंगते नजर आए। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है और वाहन चालकों से धीमी गति, फॉग लाइट का प्रयोग और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की गई है। गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान करीब 18 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 3 दिन तक जिले में कोहरे और धुंध का सिलसिला जारी रहेगा। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहेगा और विजिब्लिटी कम बनी रहेगी। रात के तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे सर्दी का असर और तेज होगा। शनिवार को दिन का न्यूनतम तापमान 11 से घटकर एकदम दो डिग्री तक कम होगा, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ना लगभग तय है।
धुंध छाई, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आज छाएंगे आंशिक रूप से बादल
करनाल | मौसम ने अब पूरी तरह सर्दी का असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह और देर शाम धुंध छाने लगी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। धुंध के कारण सड़कों पर दृश्यता कम हो रही है ठंडी हवाओं के चलते ठिठुरन भरी ठंड बढ़ गई है। बाजारों में भी गर्म कपड़ों की मांग बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 19 दिसंबर को आंशिक रूप से बादल छाने की संभावना है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार यह ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभकारी मानी जा रही है। वर्तमान तापमान गेहूं की बढ़वार के अनुकूल है।
ट्रक का संतुलन बिगड़ने पर पलटा, धुंध में दिखाई नहीं देने पर कैंटर खादानों में उतरा
भास्कर न्यूज | करनाल धुंध के कारण बुधवार रात को हाईवे पर दो अलग-अलग स्थानों पर सड़क हादसे हो गए। स्क्रैप से भरा ट्रक पलट गया, जबकि कोयले से भरा कैंटर खादानों में उतर गया। दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। हादसों के दौरान हाईवे पर जाम की समस्या बन गई। पुलिस ने यातायात को सुचारू रूप से चलवाया। पहला हादसा भिवानी से कोयला लेकर लुधियाना जा रहे कैंटर चालक को बुधवार रात 10:30 बजे धुंध के कारण सड़क दिखाई नहीं दी। इस दौरान तरावड़ी के पास कैंटर खादानों में उतर गया और गड्ढों में फंस गया। दो हाइड्रा मंगवाए गए, लेकिन उनसे भी गाड़ी बाहर नहीं निकली। इसके बाद एक और हाइड्रा मंगवाई, जिससे गाड़ी को खादानों से निकाला गया। इस हादसे में चालक का बचाव रहा। चालक राकेश ने बताया कि धुंध के कारण हादसा हुआ है। दूसरे हादसे में ट्रक पलट गया। उसमें स्क्रैप भरी हुई थी। चालक का संतुलन बिगड़ना और हाईवे से चलता हुआ ट्रक सर्विस लाइन पर जाकर पलट गया। इससे सर्विस लाइन रोड पूरी तरह से बंद हो गई। हादसे के बाद चालक चला गया। पुलिस ने रात को स्थिति संभाली और गाड़ी के नंबर से उसके संचालक से संपर्क किया। इस हादसे में गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।
पहले भूमि नहीं मिली, अब कॉलोनी का आधा क्षेत्र अवैध मिला, एसटीपी अटका
भास्कर न्यूज | करनाल स्मार्ट सिटी में नहर पार की कॉलोनी गुरुनानकपुरा में एक एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) का प्रोजेक्ट पहले जमीन न मिलने से अटका रहा। अब कॉलोनी का आधा हिस्सा अवैध होने से काम अटक गया। पिछले तकरीबन ढाई साल से यह प्रोजेक्ट कागजों में बना हुआ है। प्रदेश के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। घोषणा को पूरा करने के दावे तो अधिकारियों ने कई बार किए, लेकिन अब तक यह प्रोजेक्ट बनाने और चंडीगढ़ भेजने तक सीमित है। ढाई साल पहले तत्कालीन सीएम की घोषणा पर नगर निगम ने एक एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट तैयार किया था। लेकिन एसटीपी बनाने के लिए जमीन नहीं थी। जिला जेल के पास एक एकड़ जमीन खरीदने के लिए नगर निगम तैयार हो गया था। सरकार द्वारा गठित हाई परचेज कमेटी और जमींदार के बीच में जमीन के रेट पर सहमति नहीं बन पाई। इसी कारण यह प्रोजेक्ट डेढ़ साल से भी अधिक समय तक लटका रहा। सरकार के निर्देशों के अनुसार डेढ़ साल बाद नगर निगम ने यह प्रोजेक्ट जनस्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था। अब तक करीबन एक साल होने वाला है, लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। निर्माण कार्य होना तो दूर की बात अभी तक जनस्वास्थ्य विभाग को विभागीय मुख्यालय से डीपीआर को लेकर स्वीकृति नहीं मिल पाई है। क्योंकि अब इस एक एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य में गुरुनानकपुरा कॉलोनी का आधा भाग अवैध होने का पेंच फंस गया है। हालांकि नगर निगम की ओर से आधे भाग को भी वैध करने के लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। पिंगली डेयरी कॉम्प्लेक्स में बनना है एसटीपी नगर निगम की ओर से पिंगली डेयरी कॉम्प्लेक्स में भी एसटीपी बनना है। यह जमीन खाली पड़ी हुई है। यह जमीन कॉलोनी से 2 किलोमीटर से अधिक दूर है। जहां पर एसटीपी बनने से न केवल गुरुनानकपुरा बल्कि पास की यमुना विहार और बालाजी कॉलोनी को पानी निकासी की समस्या से राहत मिलेगी। ^गुरुनानकपुरा में एक एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट की डीपीआर बनाकर मुख्यालय को भेजी हुई है। कॉलोनी का एरिया अप्रूव्ड न होने की बात सामने आ रही है। अब उच्चाधिकारियों द्वारा ही इस पर निर्णय लिया जाना है। - संजय शर्मा, एक्सईएन, जनस्वास्थ्य विभाग ^गुरुनानकपुरा के लिए एसटीपी बनाने का कार्य जनस्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। कॉलोनी का कुछ हिस्सा वैध नहीं हैं। शहर की कई कॉलोनियों के प्रस्ताव सरकार को भेजे हुए हैं। रेणुबाला गुप्ता, मेयर नगर निगम करनाल। तकरीबन 12 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत गुरुनानकपुरा कॉलोनी में लगभग 3 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन भी बिछाई जानी है, ताकि लोगों को घरेलू सीवर कनेक्शन मिल सके और गंदा पानी गलियों में न छोड़ना पड़े। कॉलोनी वासी संदीप कुमार, रामकुमार, लाल बहादुर, श्रीकिशन, ज्ञान, सुरेंद्र व निरंजन आदि ने कहा वे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगने का इंतजार कर रहे हैं। नहर के पार की इस कॉलोनी में पानी निकासी के लिए कोई जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में घरों का गंदा पानी भी गलियों में भरा रहता है। बरसात आने पर जलभराव हो जाता है। तीन कॉलोनियों के लोग गंदे पानी निकासी न होने की समस्या से त्रस्त हैं।
नई वार्डबंदी पर दर्ज आपत्तियां दूर करने को दिनभर चला मंथन, आज भेजी जाएगी रिपोर्ट
भास्कर न्यूज | सोनीपत नई वार्डबंदी पर आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराने का समय खत्म हो गया है। शहर के लोगों द्वारा दर्ज कराई गई आपत्तियों पर निगम अधिकारियों ने मंथन किया। आपत्तियों को दूर करने के लिए उपायुक्त ने निगम अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी हुई है। इसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार मुख्यालय भेजी जाएगी। निगम क्षेत्र में आबादी बढ़ने पर वार्डों की संख्या 20 से बढ़ाकर 22 करने के लिए वार्डबंदी की गई है। निगम अधिकारी देर शाम तक आपत्तियों पर मंथन करते रहे। अधिकांश आपत्तियां कॉलोनी व गली को अलग-अलग वार्ड में किए जाने से संबंधित है। निगम अधिकारियों के सामने समस्या है कि यदि एक ही वार्ड में कॉलोनी को शामिल करते हैं तो इससे आबादी बढ़ेगी। जिससे वार्ड का संतुलन बिगड़ेगा। वहीं, एक कॉलोनी को इधर-उधर करने का असर कई वार्डों पर पड़ेगा। वार्डबंदी पर सवाल उठाने वाले सौरभ सचदेवा का कहना है कि वार्डबंदी नई जनगणना के आधार पर होनी चाहिए, परंतु अभी जनगणना नहीं हुई है, फिर वार्डबंदी किस आधार पर की गई। केवल परिवार पहचान पत्र के आधार पर वार्डबंदी नहीं की जा सकती। यदि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उनकी आपत्ति को दूर नहीं करके वार्डबंदी को फाइनल कराते हैं तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। इसी तरह से पार्षद मंजीत गहलावत का भी कहना है कि वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कमेटी गठित करने और वार्डबंदी करने में मनमानी की गई है। 8 जनवरी को समाप्त होगा मेयर व पार्षदों का कार्यकाल नगर निगम मेयर और पार्षदों का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त हो जाएगी। इसलिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा जनवरी में ही निकाय आम चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। नई वार्डबंदी भी इसी के मद्देनजर कराई गई है। वार्डबंदी फाइनल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मुख्यालय ने जिला निर्वाचन अधिकारी को 19 दिसंबर तक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए है। तय समय में प्रक्रिया पूरी करने के लिए दिन भी अधिकारी आपत्तियों पर मंथन करते रहे। इससे निगम अधिकारियों को नई सीमा निर्धारित करनी पड़ेगी। इसलिए अधिकारी इन तरह की आपत्तियों को दूर करने के लिए देर शाम तक मंथन करते रहे। इस बारे में अंतिम निर्णय जिला निर्वाचन अधिकारी को लेना है। इसलिए इस बारे में आपत्ति दर्ज कराने वालों से भी बातचीत की जाएगी। जिससे बातचीत के माध्यम से उन्हें समझाया जा सके। वहीं, एक आपत्ति वार्डबंदी ही गलत किए जाने की दर्ज कराई गई है।
वार्डबंदी पर आपत्ति: 6 वार्ड वासियों को पार्षद से मिलने के लिए पार करनी होगी रेलवे लाइन
भास्कर न्यूज | अम्बाला नगर निगम चुनाव को लेकर की गई वार्डबंदी पर आपत्तियां व सुझाव देने का गुरुवार को अंतिम तारीख था। वार्डबंदी की सीमाएं व ड्राइंग को लेकर वार्ड-10 के पार्षद एडवोकेट मिथुन वर्मा व वार्ड-11 की पार्षद राजिंदर कौर ने निगम व डीसी कार्यालय में 7 आपत्तियां जमा कराई हैं। साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं। पार्षद मिथुन वर्मा ने कहा कि वार्ड-1, 2, 4, 10, 11 व 13 में रेलवे लाइनों के दोनों ओर के क्षेत्र जोड़ दिए गए हैं। ऐसा जातिगत समीकरण बनाने के लिए किया गया है, ताकि वार्ड को जाति के हिसाब से आरक्षित किया जा सके। वार्डों का एक हिस्सा रेलवे लाइन के इस पार और दूसरा हिस्सा उस पार कर दिया है। इससे लोगों को अपने ही वार्ड के पार्षद तक पहुंचने के लिए रेलवे लाइन को पार करना पड़ेगा। यहां अंडरब्रिज बना है, लेकिन इसमें अक्सर पानी भरा रहता है। इसे महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों व बच्चों को पैदल पार करना काफी मुश्किल होगा। ऐसे ही ओवरब्रिज की ऊंचाई भी अधिक है। इस पर पर्याप्त फुटपाथ, रैंप और सुरक्षा रेलिंग की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा वार्ड-1, 2, 15 व 20 को क्षेत्रफल व लंबाई के दृष्टिगत अत्यधिक बड़ा और असंतुलित बनाया गया है। इससे एक छोर से दूसरे तक पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा। बता दें कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 12 दिसंबर को राजपत्र जारी कर शहर के 20 वार्डों की सीमाओं की अधिसूचना जारी की थी। वार्ड-1: रेलवे लाइन के एक तरफ निजामपुर, लाल डोरा घेल, छोटी घेल, बड़ी घेल क्षेत्र हैं। दो रेलवे लाइनों के बीच देवी नगर, दादियाना, मानकपुर, रंगड़ा, लोहगढ़ व डंगडेहरी क्षेत्र हैं। वार्ड-2: गांव सुल्तानपुर एक तरफ तो दूसरी तरफ काकरू, दशमेश नगर का कुछ हिस्सा, सद्दोपुर, हरिनगर, गुरु नानक नगर, मॉडल गांव मंडौर, सुंदर नगर हैं। {वार्ड-4: प्रताप नगर पार्ट-1, जसमीत नगर, वीटा एन्क्लेव व पूजा होलसेल कॉम्प्लेक्स रेलवे लाइन के कारण प्रभावित हैं। वार्ड-10: कृष्णा कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी एक्सटेंशन व नयागांव के लोग भी रेलवे लाइन के कारण परेशान होंगे। वार्ड-11: मोती नगर पार्ट-1, रेलवे कॉलोनी व लायलपुर बस्ती के लोग रेलवे लाइन के कारण प्रभावित होंगे। वार्ड-13: रेलवे लाइन के एक तरफ जंडली गांव, लाल डोरा जंडली, फ्रेंड्स कॉलोनी आदि हैं। दूसरी तरह आदर्श नगर, ओल्ड एरिया आदर्श नगर, जीवन नगर, करतार नगर, विराट नगर, फ्रेंड्स कॉलोनी पार्ट-1, धूलकोट, लाल डोरा धूलकोट, सेना कॉलोनी, वीटा विहार, किंग विहार-1 कॉलोनी हैं।
ज्वेलर्स की दुकान से 29.5 किलो चांदी, 70 ग्राम सोने के गहने और सवा लाख कैश चोरी
भास्कर न्यूज | अम्बाला कैंट के सर्राफा बाजार स्थित लक्ष्मण दास ज्वेलर्स के प्रोपराइटर मोहित वर्मा की दुकान में चोरी हो गई। चोरों ने पीछे की दीवार तोड़कर लाखों रुपए के आभूषण व नकदी चोरी कर ली। कैंट पुलिस ने मोहित वर्मा की शिकायत पर केस दर्ज किया है। मोहित ने बताया कि वह वीरवार दोपहर करीब 12 बजे दुकान पर पहुंचे तो पिछली दीवार टूटी हुई देखी, जहां से चोर दुकान में घुसा। चोर की नजर सीसीटीवी पर पड़ी तो उसने अपना चेहरा छिपाने के लिए काले रंग के पॉलीथिन से सिर ढक लिया। जिसने टॉर्च भी पकड़ी हुई थी। चोरी हुए सामान में सोने के कोके व बालियां शामिल हैं, जिनका कुल वजन 70 से 75 ग्राम है। इसके अलावा चांदी के जेवरात में पायल, चुटकियां, मंगलसूत्र, चेन, कड़े, अंगूठियां, सुइयां, पॉलिश किए हुए चांदी के सेट, चांदी के सिक्के, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, हस्लियां, दाने, होई माता तथा चांदी के बर्तन (प्लेट, चम्मच व कटोरियां) शामिल हैं। कुल चांदी का वजन 29.5 किलो है। साथ ही 1.24 लाख रुपए भी चोरी हो गए। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी खंगाला जा रहा है। चोर ने रात में खाली प्लॉट से दाखिल होने के बाद दीवार में सेंध लगाई थी।
कोहरे में दृश्यता 50 मीटर तक सिमटी, सर्दी व बुखार की ओपीडी 500 से बढ़कर 800 पहुंची
अम्बाला | लगातार दूसरे दिन गुरुवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। विजिबिलिटी 1 किलोमीटर से घटकर 50 मीटर रही। 5 से 7 किलोमीटर की रफ्तार से शीतलहर चलती रही। दिन का तापमान 18.8 डिग्री और रात का तापमान 10.7 डिग्री रहा। वहीं, सर्दी बढ़ने से सिविल अस्पताल में फिजिशियन ओपीडी 500 से बढ़कर 800 तक पहुंच गई। मरीज सर्दी, बुखार, खांसी, जुकाम व सांस संबंधी शिकायतें लेकर अस्पताल पहुंचे। मौसम विभाग ने 3 दिन घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को अप-डाउन की 30 ट्रेनें प्रभावित रही। इनमें 18 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से एक से 21 घंटे तक लेट रहीं। वहीं, 12 ट्रेनें रद्द रही।
शिक्षण संस्थान, बस स्टैंड, स्टेशन, अस्पताल स्टेडियम होंगे डॉग फ्री; शेल्टर में भेजे जाएंगे
नेशनल हाइवे और मेन रोड भी किए जाएंगे कैटल फ्री भास्कर न्यूज | रेवाड़ी/धारूहेड़ा आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड ने पूरे देश के लिए नई मानक कार्यप्रणाली जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह निर्देश जारी हुए हैं। डीसी अभिषेक मीणा ने सार्वजनिक स्थानों बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, स्टेडियम व शिक्षण संस्थानों को कुत्तों और खुले घूम रहे पशुओं से मुक्त करने के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ गुरुवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में बैठक भी की। उन्होंने निर्देश दिए कि इन जगहों को पूर्णत: कुत्तों और खुले घूम रहे पशुओं से मुक्त बनाया जाए। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के सभी रोड भी कैटल फ्री बनाने को लेकर निर्देश दिए गए। अधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट किसी भी शिक्षण संस्था में यदि चार दीवारी या गेट क्षतिग्रस्त हैं, तो उसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाए ताकि कोई कुत्ता या पशु परिसर में नहीं आए। इसी तरह बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल और शहर और गांवों में बनाए गए खेल स्टेडियम में भी नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए पूर्णत खुले घूम रहे कुत्ते और पशु मुक्त सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जिला में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे सहित अन्य रोड भी कैटल फ्री करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी इसमें लापरवाही न बरते और इसकी रिपोर्ट अपने-अपने विभाग सहित जिला प्रशासन को देना भी सुनिश्चित करें। इस अवसर पर जिला नगर आयुक्त ब्रह्म प्रकाश और डीडीपीओ एचपी बंसल सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है। सत्र की शुरुआत 1 दिसंबर से हुई थी। इस दौरान सत्र में वंदे मातरम्, चुनाव सुधारों जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं, गुरुवार रात 12.30 बजे राज्यसभा में VB-G RAM R बिल पास हो गया। बिल बुधवार को लोकसभा से पास हुआ था। इसको लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। तृणमूल (TMC) सांसद, संसद परिसर में 12 घंटे के धरने पर बैठे। कहा कि ये बिल महात्मा गांधी का अपमान और किसानों-गरीबों के खिलाफ है। वहीं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा कि मैं विपक्ष से उम्मीद कर रहा था कि वे अच्छी बहस करेंगे, लेकिन उन्होंने केवल बेवजह के आरोप लगाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि देश की जनता सड़कों पर गोली खाएगी, लेकिन बिल को कभी स्वीकार नही करेगी। संसद में पिछले 14 दिनों की कार्यवाही... 1 दिसंबर- वित्त मंत्री ने 3 बिल पेश किए, मणिपुर GST बिल पास संसद के शीतकालीन सत्र में पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में तीन बिल पेश किए, जिसमें से मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 बिल पास हुआ। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक, 2025 भी लोकसभा में पेश किए थे। पूरी खबर पढ़ें... 2 दिसंबर- सरकार ने SIR पर बहस के लिए अड़े विपक्ष को मनाया चुनाव सुधार यानी SIR पर लोकसभा में 9 दिसंबर को चर्चा होगी। संसद में दो दिन से फौरन चर्चा पर अड़ा विपक्ष बहस के लिए मान गया है। मंगलवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता के. सुरेश ने बताया- 9 दिसंबर को इलेक्टोरल रिफॉर्म्स यानी चुनावी सुधारों पर 10 घंटे बहस होगी। साथ ही उन्होंने कहा- एक दिन पहले 8 दिसंबर को वंदे मातरम् पर चर्चा होगी। इसके लिए भी 10 घंटे का समय तय किया गया है। पूरी खबर पढ़ें... 3 दिसंबर- PM मोदी बंगाल के भाजपा सांसदों से मिले, कहा- विधानसभा चुनाव जीतना है संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 11 बजे दोनों सदनों की कार्यवाही से पहले संसद परिसर में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से मुलाकात की। उन्होंने सांसदों से कहा कि राज्य के मौजूदा हालात को लेकर जनता से बातचीत की जरूरत है। PM ने कहा- जमीनी स्तर पर जो कुछ हो रहा है, उसका कड़ा विरोध करना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें... 4 दिसंबर- राहुल बोले थे- विदेशी मेहमानों से मिलने नहीं देती सरकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद सत्र के चौथे दिन आरोप लगाया कि सरकार, विदेश से आने वाले शीर्ष नेताओं (दिग्निटरीज) से मिलने नहीं देती। उनसे कहती है कि वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) से न मिलें। इसका कारण सरकार की असुरक्षा है। पूरी खबर पढ़ें... 5 दिसंबर- DMK सांसद ने हाईकोर्ट जज को 'RSS जज' कहा संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 5 दिसंबर को तमिलनाडु से DMK सांसद टीआर बालू और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बीच तीखी बहस हुई। DMK सांसद ने एक मुद्दे पर बोलते हुए एक हाईकोर्ट के जज को 'RSS जज' कह दिया। किरेन रिजिजू ने इस पर तुरंत आपत्ति जताई। पूरी खबर पढ़ें... 8 दिसंबर- लोकसभा में वंदेमातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा में वंदेमातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा की गई। इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री मोदी ने की। इस दौरान उन्होंने वंदे भारत के 4 खंड हटाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग के डर से कांग्रेस ने वंदे भारत का अपमान किया। पूरी खबर पढ़ें... 9 दिसंबर- लोकसभा में SIR पर, राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने हिस्सा लिया और आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं। इधर राज्यसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा हुई। शाह ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने हमेशा से वंदे मातरम का अपमान किया है। पूरी खबर पढ़ें.... 10 दिसंबर- राहुल का शाह को डिबेट का चैलेंज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब दिया। अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि चुनाव सुधार पर चर्चा से बीजेपी के लोग भागते नहीं है। इस पर सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी सीट से खड़े हुए और शाह से कहा कि मैं SIR पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर डिबेट के लिए आपको चैलेंज करता हूं। इस दौरान दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई। पूरी खबर पढ़ें... 11 दिसंबर- अनुराग ठाकुर बोले- TMC सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे, सौगत रॉय ने कहा- हम पी सकते हैं संसद में गुरुवार को लोकसभा सदन में ई-सिगरेट पीने का विवाद चर्चा में रहा। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला को शिकायत करते हुए कहा- TMC सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि एक्शन लिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें... 12 दिसंबर- राहुल ने सरकार से प्रदूषण रोकने के लिए प्लान बनाने को कहा कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'हमारे देश के ज्यादातर बड़े शहर जहरीली हवा की चपेट में हैं। लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं।' इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम चर्चा को तैयार हैं। पूरी खबर पढ़ें... 15 दिसंबर- 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' नारे को लेकर संसद में हंगामा संसद के शीतकालीन सत्र के 11वां दिन दोनों सदनों में भाजपा सांसदों ने कांग्रेस की रैली में PM मोदी के खिलाफ नारेबाजी का मुद्दा उठाया। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा- पीएम के खिलाफ ऐसी बातें करना, उनकी मौत की कामना करना शर्मनाक है। पूरी खबर पढ़ें... 16 दिसंबर- लोकसभा में 'VB-जी राम जी' बिल पेश, थरूर ने कहा- राम का नाम बदनाम न करो लोकसभा में 12वें दिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-जी राम जी) बिल, 2025’ पेश किया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। पूरी खबर पढ़ें... 17 दिसंबर- TMC सांसद महुआ मोइत्रा बोलीं- मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी का अपमान TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को लोकसभा में जी-राम-जी बिल पर चर्चा में कहा कि मनरेगा योजना का नाम बदलकर यह बिल महात्मा गांधी के राम राज्य के विचार को मिटा रहा है। इस बिल से पता चलता है कि सरकार न किसी का साथ, न किसी का विकास, न रहीम का न राम का में विश्वास करती है। पूरी खबर पढ़ें... 18 दिसंबर- VB–G RAM G बिल लोकसभा से और राज्यसभा में परमाणु ऊर्जा से जुड़ा बिल पास लोकसभा में गुरुवार को विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी VB–G Ram G पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने जवाब दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच बिल ध्वनि मत से पास हो गया। वहीं राज्यसभा में सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल ध्वनिमत से पास कर दिया गया। पूरी खबर पढ़ें...
जोधपुर की लूणी थाना पुलिस ने अवैध बजरी खनन और उससे जुड़े आपराधिक सिंडिकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर रात 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया और दो बाल अपचारियों को निरुद्ध किया। दोनों गुटों के लोग बजरी खनन को लेकर रंजिश पाले हुए थे। कार्रवाई जोधपुर पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश, डीसीपी पश्चिम विनीत कुमार बंसल, एसीपी बोरानाडा आनंद सिंह राजपुरोहित के निर्देशन में लूणी थानाधिकारी डॉ. हनवंतसिंह की अगुवाई में की गई। बजरी भरने को लेकर था विवाद पुलिस के अनुसार, राजेन्द्रसिंह उर्फ राजुसिंह निवासी भाडु, थाना बोरानाडा और शैतानसिंह टेकरा निवासी टेकरा, थाना बाप दोनों कुख्यात हिस्ट्रीशीटर हैं। इनके खिलाफ क्रमशः 18 और 12 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। दोनों की साझेदारी में धुंधाड़ा गांव, लूणी नदी क्षेत्र में दुर्गा टिम्बर नाम से बजरी लीज चल रही थी। दोनों पक्षों में जीएसटी भरने और अवैध बजरी निकासी के पैसों को लेकर विवाद बढ़ गया। हालात इतने बिगड़े कि दोनों पक्षों ने अपने-अपने गुर्गे बुलाकर एक-दूसरे को खत्म करने की धमकियां देनी शुरू कर दीं। पुलिस को सूचना मिली कि दोनों पक्ष अप्रिय घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं, जिसके बाद फौरन कार्रवाई की गई। दोनों आरोपियों के खिलाफ पूर्व में भी 126, 135 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई कर कार्यपालक मजिस्ट्रेट कार्यालय जोधपुर में पाबंद किया गया था। 15 दिसंबर को भी हुआ था विवाद गौरतलब है कि 15 दिसंबर को भी पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच उठे तनातनी को शांत करवाया था, लेकिन यह विवाद धीरे-धीरे गैंगवार का रूप लेता जा रहा था। राजेन्द्रसिंह और शैतानसिंह ने अपने अपने साथ बाहरी जिलों से आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को जोड़कर एक संगठित अपराध सिंडिकेट बना लिया था, जो बजरी खनन में दखल देने वालों को डराकर हटाता और भारी रकम वसूलता था। थानाधिकारी हनवंतसिंह ने बताया कि मौके पर मौजूद दोनों पक्षों के लोग हथियारों से लैस थे और एक-दूसरे को जान से मारने की धमकी दे रहे थे। पुलिस ने घेराबंदी कर सभी आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपी विशाल पुत्र मेघदान, निवासी लूणावास, झंवर, नारायणसिंह पुत्र गेनसिंह, निवासी बालोतरा, संदीप सिंह पुत्र समुंदरसिंह, निवासी नागौर, पूरणसिंह पुत्र भवानीसिंह, निवासी सीकर, ओमसिंह पुत्र थानसिंह, निवासी डीडवाना, जितेंद्रसिंह पुत्र पुरागसिंह, निवासी शेरगढ़, चुनाराम पुत्र झुझाराम, निवासी बाड़मेर, ढगलाराम पुत्र मांगीलाल, निवासी जालोर, पारस पुत्र रतनाराम, निवासी धुंधाड़ा, भलाराम पुत्र बाबूलाल, निवासी केरू, सुरेंद्रसिंह पुत्र पर्वतसिंह, निवासी पिपरली, पिंटू पुत्र लालूराम, निवासी उदयपुर, लोकेन्द्रसिंह पुत्र चन्द्रपालसिंह, निवासी सिणली, किशनलाल पुत्र चौखाराम, निवासी बाड़मेर, इसके अलावा दो बाल अपचारियों को भी डिटेन किया गया है। पुलिस ने बताया कि राजुसिंह, शैतानसिंह और मेहबूब खां जैसे हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के गिरोह से लोग रिपोर्ट देने से डरते हैं। इन आरोपियों का बजरी, मारपीट, अवैध वसूली और धमकी जैसे मामलों में लंबा आपराधिक इतिहास है। डीसीपी विनीत कुमार बंसल ने कहा कि लूणी क्षेत्र में अवैध बजरी से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सतना जिले की रैगांव सीट से बीजेपी विधायक और नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के भाई अनिल के गांजा तस्करी में पकडे़ जाने के मामले में विपक्ष हमलावर है। इस मामले पर दैनिक भास्कर से मंत्री प्रतिमा बागरी ने बात की। उन्होंने तमाम आरोपों के जवाब दिए। मंत्री का कहना है कि अनिल मेरा भाई है लेकिन वह परिवार से अलग रह रहा है। उसे अलग हुए 5 साल से ज्यादा समय हो गया है। वहीं, उन्होंने कहा कि जिस बहन ने घर छोड़ दिया था, अब उसके पति को मैं बहनोई नहीं मानूंगी। उस व्यक्ति से मेरा किसी भी प्रकार का संबंध नहीं हैं। सवाल: आपके भाई अनिल पर गांजा तस्करी के आरोप लगे हैं? आप क्या कहेंगी?प्रतिमा बागरी: मैंने पहले भी कहा है कि पुलिस प्रशासन अपना काम कर रहा है। निष्पक्षता से जांच होगी। जांच में जो उचित कार्रवाई होगी वो पुलिस करेगी। मैने किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया है। भाई, बहन, बहनोई और भी नातेदार-रिश्तेदार, या सगा संबंधी, परिचत कोई भी अगर गलत काम करेगा उसके प्रति हम सख्ती बरतेंगे। गलत काम गलत है। कोई भी किसी के संरक्षण में गलत काम नहीं कर सकता। मैं निष्पक्षता के साथ कार्य करती हूं, गलत काम में कोई भी संलिप्त रहता है तो उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई हो, मैं इसके पक्ष में हूं। सवाल: आपके बहनोई भी गांजा तस्करी में पकडे़ गए थे?प्रतिमा बागरी: इसी तरह जिस व्यक्ति को मेरा बहनोई का बताया उस व्यक्ति से मेरा किसी भी प्रकार का संबंध नहीं हैं। मैं अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं। लोगों को यही नहीं पता कि कौन बड़ा है, कौन छोटा है। 2008 में मेरी शादी हुई और मैं अपने ससुराल चली गई। ससुराल जाने के बाद मायके से किसका कितना संबंध रहता है। आज तो टेलिफोनिक दौर है इसलिए लोग संपर्क भी कर लेते हैं। लेकिन, मेरी शादी जिस दौर में हुई थी उस वक्त हम लोगों को ससुराल से मायके साल भर में एक या दो बार आने को मिलता था। ससुराल से मायके इतना आना-जाना होता था। सवाल: आपके बहनोई भी गांजा तस्करी में पकडे़ गए थे?प्रतिमा बागरी: 2010 में यह पता चला कि मेरी बहन घर छोड़कर चली गई। चूंकि मेरे पिताजी बहुत सख्त स्वभाव के थे, उन्होंने उस घटना के बाद कभी न तो यह पता करने की कोशिश की कि बहन कहां गई, क्या किया? उसने किससे शादी की, किसी भी प्रकार की किसी को जानकारी नहीं थी। मैं अपने ससुराल में थी मुझे भी इतना पता चला कि बहन घर छोड़कर चली गई। जिस बहन ने घर छोड़ा उसने अपनी बहन को बताना उचित नहीं समझा तो आप समझ लीजिए कि कितने अच्छे संबंध रहे होंगे और मायके में मेरी कितनी भागीदारी रही होगी, लेकिन उसका पति जिसे लोगों ने कहा कि इनके बहनोई ने यह काम किया है तो निश्चित तौर पर मैं तो उसे बहनोई नहीं मानूंगी। वो क्षत्रिय समाज से आते हैं। जिससे हमारी जानकारी में संबंध स्थापित नहीं हुए उसे मैं कैसे मान लूं। जब तक मैं विधायक और मंत्री नहीं बनी थी, तब तक ये सगे संबंधी कहां थे? तब तक तो कोई परिचय कराने और बताने वाला नहीं था। इस परिप्रेक्ष्य में मैंने मीडिया से कहा था कि कभी-कभी मीडिया का दुरुपयोग भी किया जाता है। समस्त बागरी समाज में यह मान लिया जाएगा कि ये मंत्री जी से संबंधित है तो ये ठीक नहीं है। भास्कर: आप कह रहीं हैं कि हमारा संबंध नहीं हैं, जबकि वो तो उसी घर में रहते हैं?प्रतिमा बागरी: रहते हैं। एक ही छत है। उसमें बंटवारा करके उनका हिस्सा अलग कर दिया है। उनकी रसोई गेट सबकुछ अलग है। पांच साल से ज्यादा समय हो गया उनका परिवार से अलग हुए। मम्मी-पापा से किसी प्रकार की बातचीत और आना-जाना नहीं है। रक्षाबंधन ऐसा त्योहार है जब बहनें भाईयों को राखी बांधती हैं। उस अवसर पर मैं भी राखी बांधने मायके जाती हूं। उसकी इच्छा हुई तो भाई आ जाता है। अगर उसको ठीक नहीं लगता तो नहीं भी आता है। ये उसके ऊपर निर्भर करता है। वो काफी समय से राखी बंधवाने नहीं आया। ये उसके मूड के ऊपर है लेकिन उसमें हमारी कोई प्रतिबद्धता नहीं रहती उनकी स्वेच्छा है। बात करना है तो ठीक, नहीं तो नहीं करता। इस बात को भी मीडिया ने गलत तरीके से ले लिया। जिसे भतीजा बताया वो मेरा भतीजा था ही नहीं। बहनोई जिसे बोल दिया मैं कैसे एक्सेप्ट कर लूं कि वो मेरा बहनोई है। इस संबंध में मैंने कहा था। उस बात को भाई के संबंध में जोड़कर ले गए ये गलत था। भास्कर: खजुराहो का एक वीडियो और आया था। जिसमें आप कह रहीं थीं कि अरे फालतू की बात क्यों करते हो?प्रतिमा बागरी: वो वीडियो तो बहुत अदरवाइज लिया गया। बहुत ज्यादा ट्रोल किया गया, लेकिन मैं बता दूं कि खजुराहो में उस दिन हमारी समीक्षा बैठक थी। अगले दिन कैबिनेट थी। पूरे दिन हमारी समीक्षा बैठक चली। उस बैठक में मेरे पास मोबाइल नहीं था। मेरा फोन साइलेंट था। उस समय हो सकता है कि इसी घटना की जानकारी देने के लिए बहुत सारे फोन आए हों। जैसे ही मैं बैठक से निकली तो मेरे पीएसओ ने कहा कि मैडम कुछ घटना हुई है, आप बात कर लीजिए। वही वीडियो में देखा होगा कि मैं कान पर फोन लगाकर बाहर निकल रही थी। स्वाभाविक है मैं शॉक थी, जब मुझे जानकारी मिली कि ऐसा कुछ हुआ है वह भी कन्फर्म नहीं थी कि पूरी क्या घटना हुई है? मैं फोन पर बात करते हुए आ रही थी तो एक मोबाइल लिए व्यक्ति ने वीडियो बनाते हुए पूछा कि आपके भाई हैं? जब मुझे जानकारी नहीं हैं तो मीडिया को कैसे ब्रीफ कर सकती हूं। मेरा यही शब्द था कि क्या आप फालतू की बात कर रहे हो। इसके अलावा तो मैंने कुछ नहीं कहा था। लोगों ने उसे गलत तरीके से प्रजेंट किया। जबकि मैं खुद शॉक थी, वो गुस्सा कहिए या शॉकिंग कहिए मैं खुद ही कन्फर्म नहीं कर पाई और वही रिएक्शन था। न कि ये मीडिया के लिए रिएक्शन था। जिसको मीडिया ने अलग तरीके से प्रस्तुत किया। मैं तो यह कहूंगी कि मीडिया का दुरुपयोग किया। भास्कर: आपके भाई के साथ तमाम फोटो सोशल मीडिया में आई हैं, राखी बांधते हुए छपीं हैं?प्रतिमा बागरी: फोटो में भी बहुत ब्लंडर हुआ है। लोगों को फोटो नहीं मिले, बहुत से लोगों को एक फोटो भाई के शादी के टाइम का मिला। एक फोटो में तो ऐसी मिस्टेक हुई कि लोगों ने कजिन भाई की फोटो छाप दी। तो ऐसी भी घटनाएं हुई हैं। मुझे अब ये भी सुनने को मिलता है कि किया किसी ने फोटो किसी और का छप गया। किसी और की बदनामी हो रही है। ये चीज भी मैं सहन कर रही हूं। मैं कह रही हूं कि इस घटना को गलत तरीके से प्रजेंट किया गया। इसमें मुझे घेरकर मेरा गलत प्रजेंटेशन किया गया। जिस व्यक्ति के ऊपर मंत्रिमंडल में रहते हुए दो साल में एक भी आरोप न लगे हों। उसके ऊपर इतना बड़ा आरोप लगना, कहीं न कहीं आप इसकी तह में जाएंगे तो बहुत बड़ी बू आएगी। मुझे विश्वास है कि मीडिया चाहे तो जैसे उसका गलत उपयोग किया गया है इसकी जैसे ही जांच और खुलासे होंगे तो यह पता चल जाएगा कि मैं निर्दोष हूं मुझे मात्र फंसाया है। यह खबर भी पढ़िए.... मंत्री बागरी का भाई गांजा तस्करी में गिरफ्तार मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के भाई अनिल बागरी को सतना की रामपुर बघेलान पुलिस ने गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अनिल और उसके साथी पंकज सिंह से 46 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ है। एडिशनल एसपी प्रेमलाल धुर्वे ने कहा- मुखबिर की सूचना पर 7-8 दिसंबर की दरमियानी रात रामपुर बघेलान पुलिस ने मरौहा गांव में पंकज सिंह के घर पर दबिश दी। यहां पढ़ें पूरी खबर...
भोपाल जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने IRCTC के विदेशी टूर पैकेज को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आयोग ने कहा है कि कैंसिलेशन के नाम पर उपभोक्ता की जमा राशि पूरी जब्त कर लेना सेवा में कमी और अनुचित व्यवहार की श्रेणी में आता है। IRCTC के कैंसिलेशन नियम एकतरफा और मनमाने हैं और उपभोक्ता की सहमति या नुकसान का कोई वास्तविक आकलन किए बिना पूरी राशि रोकना सेवा में कमी है। इस केस की खास बात यह रही कि फरियादी खुद एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और उन्होंने अपनी पत्नी के नाम से यह मामला आयोग के सामने रखा। 65 वर्षीय सुनीता चौकसे और उनके पति ने इजिप्ट ‘गिफ्ट ऑफ नील’ टूर पैकेज लिया था। पति-पत्नी दोनों ने IRCTC के टूर के लिए 3,64,800 रुपए पैकेज की राशि जमा की थी। साथ ही IRCTC ने TCS की 18,240 रुपए की राशि भी ली। दंपती ने भोपाल-रायपुर-कोलकाता फ्लाइट टिकटों के लिए 31,000 रुपए खर्च किए, क्योंकि टूर की शुरुआत कोलकाता से होनी थी। मामले में फरियादी मोहन चौकसे न सिर्फ केस के पक्षकार हैं, बल्कि पेशे से अधिवक्ता भी हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने बताया कि IRCTC से मेरा संबंध नया नहीं है। मैं करीब 10 साल से IRCTC के साथ ट्रैवल कर रहा हूं। सात-आठ इंटरनेशनल ट्रिप्स इनके साथ कर चुका हूं। बड़े-बड़े देशों की यात्राएं की हैं। भरोसा था, इसलिए इस बार भी मिस्र (इजिप्ट) का टूर बुक किया। इजिप्ट टूर की बुकिंग, पूरा भुगतान और टैक्स भी जमामोहन चौकसे के मुताबिक, उन्होंने IRCTC के मिस्र टूर पैकेज के लिए करीब 3.60 लाख रुपए का पूरा भुगतान समय पर कर दिया था। साथ ही आयकर से जुड़ी TCS की राशि भी जमा कर दी गई थी। उनका कहना है कि बुकिंग प्रक्रिया में किसी तरह की कोई चूक नहीं थी और सभी भुगतान नियमों के अनुसार किए गए थे। यात्रा की तैयारी पूरी थी, लेकिन परिस्थितियां अचानक बदल गईं। टूर से कुछ दिन पहले पत्नी की तबीयत बिगड़ीटूर से कुछ दिन पहले मोहन चौकसे की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और बाद में पेसमेकर लगाया गया। चौकसे बताते हैं कि पेसमेकर लगने के बाद सामान्य रूप से ऐसी जगह यात्रा करना संभव नहीं होता, जहां मशीनों से गुजरना पड़े या लंबी इंटरनेशनल ट्रैवल हो। डॉक्टरों की सलाह के बाद यह तय हो गया कि यात्रा संभव नहीं है। IRCTC ने पैसा लौटाने से किया इनकारपत्नी की गंभीर स्थिति को देखते हुए मोहन चौकसे ने IRCTC को पत्र लिखकर टूर कैंसिल करने का निवेदन किया और जमा की गई राशि लौटाने का अनुरोध किया। उनका आरोप है कि मेडिकल स्थिति स्पष्ट होने के बावजूद IRCTC ने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई और राशि लौटाने से साफ इनकार कर दिया। हमने कोई मनमर्जी से टूर कैंसिल नहीं किया था, यह मेडिकल मजबूरी थी। 90% रिफंड की मांग, लेकिन कंपनी अड़ी रहीमोहन चौकसे का कहना है कि मैंने आयोग के सामने यह मांग रखी थी कि कम से कम 90% राशि लौटाई जाए। सामान्य तौर पर किसी भी बुकिंग के कैंसिल होने पर 10% कटौती होती है। मैंने यही कहा था कि 10% काट लीजिए, बाकी पैसा लौटा दीजिए लेकिन IRCTC ने यह भी नहीं माना। कंपनी का कहना था कि वे सिर्फ 10% राशि ही लौटाएंगे, लेकिन वह राशि भी वापस नहीं की गई। मजबूरी में उपभोक्ता आयोग की शरण लेनी पड़ीराशि वापस न मिलने पर मजबूर होकर उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया। मोहन चौकसे ने बताया कि केस के दौरान IRCTC यह तक स्पष्ट नहीं कर पाया कि उनके टूर कैंसिल होने से कंपनी को वास्तव में कितना नुकसान हुआ। न कोई खर्च का हिसाब दिया गया, न यह बताया गया कि कितना पैसा कहां खर्च हुआ। बस नियम दिखा दिए गए। आयोग की सख्त टिप्पणी- नियम एकतरफा, उपभोक्ता की सहमति नहींभोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई के बाद माना कि IRCTC के नियम पूरी तरह एकतरफा हैं। उपभोक्ता से कभी यह नहीं पूछा गया कि वह इन शर्तों से सहमत है या नहीं। जब कंपनी खुद यह मान रही थी कि 10% राशि लौटाई जा सकती है, तो फिर वह राशि भी वापस न करना स्पष्ट रूप से सेवा में कमी है। 70% राशि लौटाने का आदेश, आयोग का संतुलित फैसलाआयोग ने यह भी माना कि चूंकि कंपनी कोई ठोस हिसाब नहीं दे पाई, इसलिए पूरी राशि रोकना उचित नहीं है। इसी आधार पर आयोग ने 70% राशि लौटाने, मानसिक कष्ट के लिए मुआवजा और वाद व्यय देने का आदेश पारित किया। यह फैसला न तो पूरी तरह कंपनी के पक्ष में गया और न ही पूरी तरह फरियादी के, बल्कि संतुलन के आधार पर दिया गया। IRCTC के इन नियमों पर आयोग ने उठाए सवाल आयोग ने इस पॉलिसी पर कई गंभीर प्रश्न उठाए 1. IRCTC ने यह नहीं बताया कि जमा राशि में से कौन-कौन से खर्च हुए एयर टिकटों और अन्य सेवाओं के वास्तविक खर्च का कोई रिकॉर्ड या हिसाब अदालत में नहीं दिया गया। 2. न एयरलाइंस रिफंड का विवरण दिया और न पैकेज राशि का ब्रेकअप आयोग ने कहा कि IRCTC यह बताने में विफल रहा कि टिकट कैंसिल होने के बाद उन्हें एयरलाइंस से कोई रिफंड मिला या नहीं। 3. एकतरफा नियम पर IRCTC खुद भी पूरी तरह इनका पालन नहीं कर रहा था यदि वास्तव में 'नो रिफंड' नीति थी, तो 10% रिफंड की पेशकश कैसे की गई? 4. नियम उपभोक्ता हितों के विपरीत आयोग ने कहा, यह पॉलिसी उपभोक्ता पर एकतरफा ढंग से थोपी गई है और इसे लागू कर पूरी राशि रोकना सेवा में कमी है। IRCTC की सेवा में कमी साबित, 70% राशि वापस करने का आदेश आयोग ने माना कि IRCTC द्वारा 90% राशि काट लेना सेवा में कमी है। इसलिए उपभोक्ता 70% राशि लौटाने का अधिकारी है। आदेश के अनुसार IRCTC को भुगतान करना होगा।
हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई डिस्ट्रिक्ट कैडर टीचर्स के लिए कैडर चेंज पॉलिसी, 2025 की अधिसूचना जारी हो गई है। पॉलिसी की खास बात यह है कि यदि किसी जिले में शिक्षकों की कुल संख्या अगर वहां की आवश्यकता के 95 प्रतिशत से कम है, तो उस जिले से किसी भी शिक्षक को बाहर ट्रांसफर लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी पॉलिसी में नियमित आधार पर कार्यरत PRT/JBT (प्राइमरी टीचर), हेड टीचर (HT), और CV (क्लासिकल और वर्नाकुलर) शिक्षकों पर लागू होगी। जो शिक्षक विशेष रूप से मेवात कैडर के लिए भर्ती किए गए हैं, उनका नूंह जिले से बाहर तबादला नहीं किया जाएगा। हालांकि, जो शिक्षक मेवात कैडर के नहीं हैं लेकिन नूंह में कार्यरत हैं, वे इस पॉलिसी के तहत पात्र हैं। पॉलिसी की खास बात यह है कि इसमें नैगेटिव मार्किंग भी है। जिन टीचर्स को मेजर पेनल्टी है, उनके 10 अंक काटे जाएंगे।चॉइस का सिंगल ऑप्शन भी मौजूद हरियाणा जेबीटी टीचर के लिए पॉलिसी की विशेषता है कि अब उन्हें 22 ऑप्शन भरने की जरूरत नहीं है। वे अपने पसंद का एक भी ऑप्शन भर सकेंगे। इसके अलावा वे अपनी पंसद के कितने भी ऑप्शन टिक कर सकते हैं। अगर उनके पंसद के स्टेशन नहीं मिलते हैं तो उन्हें वापस उसी स्टेशन पर रखा जाएगा। विशेष प्राथमिकता, ऐसे शिक्षक को मिलेंगे सीधे 80 अंक वरिष्ठता (Seniority) का नियम गंभीर बीमारियों की सूची पॉलिसी के अंत में उन बीमारियों की सूची दी गई है जिनके आधार पर अंक या प्राथमिकता मिलती है। इसमें शामिल हैं: हृदय रोग, किडनी फेलियर, कैंसर, थैलेसीमिया, एचआईवी/एड्स, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, पैरालिसिस आदि। 95 प्रतिशत का फार्मूला गलत : राठी हरियाणा प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन के राज्य प्रधान हरिओम राठी ने बताया कि सोनीपत, भिवानी, करनाल जैसे जिलों में छात्र संख्या से ज्यादा शिक्षक हैं। वहीं यमुनानगर, फरीदाबाद, अंबाला और पलवल जैसे जिलों में शिक्षक कम हैं। 95 प्रतिशत का फार्मूला गलत है। सभी को एक समान अवसर उपलब्ध करवाए जाने को लेकर विभाग के निदेशक से मुलाकात की जाएगी। पॉलिसी में कपल केस के नंबर में केंद्र या दूसरे प्रदेश के कर्मचारियों के लिए कोई स्थान नहीं रखा गया है, जो कि गलत है।
हरियाणा के सोनीपत के सांदल कलां में 21 साल के आदित्य के मर्डर के बाद लाश ठिकाने लगाने ले जा रही कार का वीडियो सामने आया है। यह CCTV फुटेज 10-11 दिसंबर आधी रात के बाद का है। 10 दिसंबर की दोपहर को ही आदित्य लापता हुआ था। सीसीटीवी में कैद हुई सफेद रंग की स्विफ्ट कार आदित्य की लाश लेकर उसी के नए बन रहे घर के सामने से गुजरी। कार के शीशे ब्लाइंड कर्टन से ढके थे। इससे साफ है कि दोपहर में हत्या करने के बाद आरोपी विश्वामित्र ने कई घंटे तक लाश घर में ही रखी। रात को जब सब सो गए तो उधार की मांगी कार में लाश को बड़वासनी नहर में फेंकने गया। गुरुवार को परिवार ने अपने जवान बेटे की 13वीं की रस्म निभाई। इस दौरान पिता सोमपाल ने कहा कि पुलिस इस केस को महज 10-20 हजार के लेन-देन में हुई हत्या बता रही है। जबकि यह हत्या 14 लाख रुपए के लालच में की गई। जमीन बेचकर एडवांस के तौर पर आए 25 लाख में से 14 लाख रुपए बेटे आदित्य के खाते में डलवाए थे। हत्या आरोपी विश्वामित्र को यह बात पता थी। परिवार का यह भी कहना है कि इस हत्या को सिर्फ विश्वामित्र ने ही अंजाम तक नहीं पहुंचाया, बल्कि इसमें कई लोग शामिल रहे होंगे। क्योंकि 10 दिसंबर दोपहर को आदित्य को फोन किया तो पीछे से कई आवाजें आ रहीं थी। पुलिस जानबूझकर फिरौती वाले एंगल पर जांच नहीं कर रही, जबकि 25 लाख की फिरौती मांगने की पोस्ट सामने आई। बेटे की हत्या को लेकर पहली बार पिता ने किए कई खुलासे... 30 हजार की उधारी और फोन कॉलपिता ने बताया कि दीपावली के आसपास विश्वामित्र ने 20 दिन के लिए 20 हजार रुपए उधार लिए थे। बीच में कुछ पैसे लौटा दिए थे। 8 दिसंबर को जब बाकी पैसे मांगे तो उसने एक-दो दिन में देने की बात कही। तीन बार फोन करने पर भी वह यही कहता रहा कि जल्दी पैसे लौटा देगा, बाद में फोन उठाना बंद कर दिया। पिता का कहना है कि उन्होंने कभी विश्वामित्र पर दबाव नहीं बनाया। विश्वामित्र ने उनका तो फोन नहीं उठाया, लेकिन उसने आदित्य को फोन कर कहा कि 9 तारीख को कैश दे देगा। पिता का दावा-अकेला विश्वामित्र नहीं, और भी शामिलसोमपाल को शक है कि उनके बेटे की हत्या अकेले विश्वामित्र ने नहीं की, बल्कि और भी लोग इसमें शामिल थे। इसके पीछे उनके अपने तर्क हैं। कहते हैं-अकेला व्यक्ति न तो किसी को कट्टे में पैक कर सकता है, न ही गाड़ी में अकेला लाद सकता है। अकेले ने ही नहर में डेड बॉडी फेंकी होगी, ऐसा नहीं लगता है। इसी वजह से परिवार पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। ममेरे भाई ने कॉल की तो कई लोगों की आवाज आ रही थीपिता सोमपाल ने अपने रिश्तेदार हरविंद्र (आदित्य का ममेरा भाई) के मोबाइल की कॉल डिटेल दिखाई। इसमें 10 दिसंबर को हरविंद्र ने आदित्य के मोबाइल पर कई बार कॉल किया था। दोपहर में डेढ़ बजे के आसपास कॉल की तो आदित्य ने कहा था कि अभी वह घर नहीं पहुंचा है। कुछ देर में पहुंच जाएगा। हरविंद्र ने बताया कि 2:20 बजे दोबारा कॉल किया तो फोन नहीं उठा। 2:21 पर कॉल उठी और करीब 8 सेकेंड बात हुई। इसमें आदित्य ने कहा कि वह कहीं बैठा है और बाद में कॉल करेगा। हरविंद्र का कहना है कि 8 सेकेंड की बातचीत के दौरान पीछे से कई लोगों की आवाज सुनाई दी थी। इससे उसे लगा कि आदित्य वहां अकेला नहीं था। इसी आधार पर परिवार को शक है कि विश्वामित्र के साथ और लोग भी वारदात में शामिल हैं। परिवार का आरोप-अंतिम संस्कार तक ही पुलिस एक्टिव दिखीपिता सोमपाल ने कहा कि उनके बेटे की हत्या मामले में कोई भी बेगुनाह नहीं फंसना चाहिए और गुनहगार बचना नहीं चाहिए। अभी तक पुलिस की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं हैं। अंतिम संस्कार तक पुलिस एक्टिव रही, बाद में ठंडी पड़ गई। सोमपाल ने कहा कि अब उन्हें सतगामा की पंचायत पर भरोसा है। पंचायत जो भी निर्णय लेगी, आगे उसी के अनुसार काम किया जाएगा। सतगामा पंचायत का पुलिस को 3 दिन का अल्टीमेटमपरिवार और सतगामा पंचायत ने कहा कि पुलिस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करें। परिवार और पंचायत को पुलिस संतुष्ट करे कि आदित्य की हत्या में एक ही आरोपी था। पंचायत में भी खुले मंच से कहा गया कि पुलिस के पास तीन दिन का समय है और अगर मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आगामी फैसला सतगामा पंचायत लेगी और उसके बाद सर्वजातीय खाप पंचायत बुलाई जाएगी। 21 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। अब जानिए, इस केस में पुलिस थ्योरी के बड़े दावे क्या... 10 दिसंबर को उधारी की रकम को लेकर गाली-गलौज हुईपुलिस का दावा है कि 10 दिसंबर को ड्यूटी से लौटने के बाद आदित्य अपनी बाकी की उधारी की रकम लेने पड़ोसी विश्वामित्र के घर गया। इस दौरान गाली-गलौज की नौबत आ गई। तैश में आकर विश्वामित्र ने धारदार दाव से सिर पर हमला किया। उसके बाद रेती से सिर पर 4 वार किए। पुलिस का दावा है कि दाव और रेती बरामद कर ली हैं। 20 हजार रुपए के लेन-देन का मामला, फिरौती का नहींपुलिस का यह भी दावा है कि यह सिर्फ 20 हजार रुपए के लेन-देन में हुए विवाद का है। फिरौती की पोस्ट तो परिवार और पुलिस को गुमराह करने के लिए बनाई गई होगी। उस दिन आरोपी ने आदित्य को पहले जोर से धक्का दिया। तो उसका सिर ग्रिल से लगा। शव ठिकाने लगाने को 1100 रुपए किराये पर ली कारपुलिस का तीसरा दावा है कि विश्वामित्र ने कई घंटे लाश घर पर रखी। फिर उसे ठिकाने लगाने को गांव के ही सोनू की कार 1100 रुपए में किराये पर ली। आरोपी ने कहा कि उसे रिश्तेदारी में जाना है। लाश के कट्टे में पैक कर इसी कार से नहर में फेंका। परिवार को गुमराह करने को आदित्य का मोबाइल इस्तेमाल कियापुलिस का चौथा दावा है कि विश्वामित्र ने आदित्य के परिवार को गुमराह करने को उसके मोबाइल से मैसेज भेजे। 10 दिसंबर को शाम तक आदित्य घर नहीं लौटा तो परिवार पुलिस के पास जाने लगा। इसी बीच आदित्य के नंबर से मैसेज आया-“मेरे फोन की बैटरी कम है, सुबह आ जाऊंगा।” ये मैसेज देखकर परिवार वापस घर लौट आया। 11 दिसंबर को दोबारा पोस्ट व वीडियो डाली। इसमें आदित्य को लहूलुहान दिखाया और 25 लाख तैयार रखने को कहा। 12 दिसंबर को आदित्य की लाश नहर में मिली। ------------------- ये खबर पढ़ें... सोनीपत में आदित्य मर्डर केस में सतगामा पंचायत:पुलिस को 3 दिन का अल्टीमेटम; बोले- हत्या में अन्य आरोपी भी शामिल सोनीपत जिले के गांव सांदल कलां में आदित्य की हत्या के बाद आज उसकी 13वीं रस्म पूरी हुई। इसके उपरांत ग्राम पंचायत निवादा की चौपाल में सतगामा पंचायत आयोजित हुई। जिसमें सात गांवों के प्रतिनिधि, पंचायत सदस्य और ग्रामीण एकत्रित हुए। पंचायत में हत्या मामले की निष्पक्ष जांच, अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका और न्याय की मांग को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस की ओर से नायब सैनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है। विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कांग्रेस के नोटिस को मंजूरी देते हुए इस प्रस्ताव को सदन की कार्यसूची में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि आज यानी शुक्रवार को दोपहर बाद विधानसभा में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। यह कदम कांग्रेस की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ विरोध स्वरूप उठाया गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने वर्तमान सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं और उन्हें कारण बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव रखा है। स्पीकर के द्वारा इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिए जाने के बाद एक बार फिर सत्तापक्ष और विपक्ष सदन में आमने-सामने होंगे। विधानसभा में इस प्रस्ताव पर जोरदार बहस होगी, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद हुए मतदान के परिणाम से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वर्तमान सरकार को विधानसभा का समर्थन प्राप्त है या नहीं। राज्य की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव सदन के प्रति सदस्यों के विश्वास की परीक्षा होता है। खट्टर के खिलाफ 2 बार लाई कांग्रेस अविश्वास प्रस्तावहरियाणा की सियासत में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है बल्कि समय-समय पर विभिन्न सरकारों के खिलाफ विपक्षी दलों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर घेरा जाता रहा है। हालांकि, हरियाणा में अभी तक जिन भी सरकारों के विरुद्ध विपक्ष के द्वारा जितने भी अविश्वास प्रस्ताव लाए गए, वे सिरे नहीं चढ़े और विधानसभा के पटल पर औंधे मुंह गिर गए। इससे पहले मनोहर लाल खट्टर सरकार में दो बार कांग्रेस की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। पहला 2021 और दूसरा 2024 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर कांग्रेस आई थी, लेकिन दोनों बार प्रस्ताव गिर गया। वहीं सैनी सरकार में पहली बार विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी हरियाणा विधानसभा का क्या है गणित... BJP सदन में पूर्ण बहुमत सेहरियाणा विधानसभा में कुछ 90 सीटें हैं। बीजेपी के पास 48 विधायक हैं, इसके अलावा बीजेपी को सदन में तीन निर्दलीयों ने भी समर्थन दिया हुआ है। जिसके बाद सरकार के पास 51 विधायकों का आंकड़ा दिख रहा है। इनमें से स्पीकर को घटा दें तब भी आंकड़ा 50 बनता है।परंपरा के मुताबिक स्पीकर उस स्थिति में वोट करते हैं यदि ड्रॉ यानी बराबरी की स्थिति आ जाए। सदन में विश्वास प्रस्ताव के लिए सरकार को सिर्फ 46 विधायकों का ही समर्थन चाहिए। ऐसे में बीजेपी पूरे बहुमत के साथ सदन में उतरेगी। मंत्री कृष्ण पंवार स्वास्थ्य कारण से पहले दिन सदन में नहीं आए। वह डॉक्टर्स की निगरानी में हैं। कांग्रेस के पास 37 विधायकसदन में कांग्रेस भले ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है, लेकिन उसके पास इस प्रस्ताव को पास करने के लिए जरूरी बहुमत नहीं दिख रहा। अभी कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है, इंडियन नेशनल लोकदल के पास दो विधायक हैं, लेकिन वह कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी या नहीं इसको लेकर पार्टी की ओर से पत्ते खोले नहीं गए हैं। INLD वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगीविधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के सरकार के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगी। पार्टी के मीडिया सलाहकार राकेश सिहाग ने बताया कि इनेलो हरियाणा की जनता के साथ है। कांग्रेस के प्रस्ताव में यदि जनहित के मुद्दे उठाए जाएंगे तो ही वह इसका समर्थन करेगी, लेकिन यदि कांग्रेस राजनीति करेगी तो पार्टी के विधायक प्रस्ताव का विरोध करेंगे। यहां पढ़िए पहले दिन की कार्यवाही में क्या क्या हुआ... आठ विधेयक प्रस्तुत किए गए : हरियाणा विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान आठ विधेयक प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुत किए गए विधेयकों में हरियाणा श्री माता मनसा देवी पूजास्थल (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा श्री माता शीतला देवी पूजास्थल (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा श्री माता भीमेश्वरी देवी मंदिर (आश्रम), बेरी पूजास्थल (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा श्री कपाल मोचन, श्री बद्री नारायण, श्री मंतरा देवी तथा श्री केदार नाथ पूजास्थल (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2025, हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा नगर निकाय विधेयक, 2025 शामिल हैं। मंत्री के जवाब पर भड़कीं विधायक: प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने स्कूलों के भवनों की जर्जर हालत का मुद्दा उठाया। इस पर शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा के जवाब से वह भड़क गईं। उन्होंने कहा- हमारी सरकार की बनाई बिल्डिंग में मंत्री भाजपा का झंडा लगाकर प्रोग्राम कर रहे हैं। आई एम ए विजिलेंट एमएलए (मैं एक सचेत विधायक हूं)। क्या शेम-शेम कर रहे हैं आप? मैं एक रिस्पांसिबल एमएलए हूं। मंत्री आप माफी मांगें। मृतकों को श्रृद्धांजलि दी गई: आज की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही CM सैनी ने सदन में सबसे पहले शोक संदेश पढ़े और मृतकों को श्रृद्धांजलि दी। इसके बाद विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा और INLD के विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने भी ने भी मृतकों के लिए शोक प्रकट किया। इसके बाद स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने 2 मिनट का मौन रखवाया। गुरु तेगबहादुर जी के शहीदी दिवस पर भी हुई चर्चा: इसके बाद सदन में गुरु तेगबहादुर जी के शहीदी दिवस को लेकर चर्चा हुई। इसमें CM नायब सैनी ने कहा कि हम सभी ने मिलकर गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस को मनाने का संकल्प लिया था। CM बोले- मैं कोई चर्चा नहीं करना चाहता, क्योंकि यह विषय ऐसा है कि जब भी इसकी याद आती है तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस विषय पर कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा- गुरु तेगबहादुर को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को उनके बारे में जानने का मौका मिलेगा। कांग्रेस विधायक सेतिया-मंत्री गंगवा से तीखी बहस: सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया की ओर से पानी की दिक्कत को लेकर उठाए गए मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री रणवीर गंगवा में जमकर बहस हुई। कांग्रेस विधायक ने गंगवा को कहा कि आपकी जीरो परफार्मेंस हैं। आपसे अच्छे तो आपके विभाग के अधिकारी हैं। इस पर गंगवा ने विरोध जताया। डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिड्डा ने कांग्रेस विधायक की ओर से बोले गए शब्दों पर आपत्ति प्रकट की। उन्होंने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते।गंगवा ने कहा कि आप झूठे आरोप लगा रहे हैं, मैं किसी भी अधिकारी को कोई शह देकर नहीं आया। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस विधायक तो वॉकआउट कर सदर से बाहर ही चले गए थे। ------------------- ये खबर भी पढ़ें.... हरियाणा विधानसभा विंटर सेशन, कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव मंजूर:कल होगी चर्चा; कांग्रेस विधायक के BJP मंत्री को अपशब्द कहने पर हंगामा-वॉकआउट, बचाव में आए हुड्डा हरियाणा विधानसभा के विंटर सेशन का आज पहला दिन रहा, जिसमें 8 विधेयक पेश किए गए। सुबह कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई। दोपहर बाद लंच के बाद स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया। स्पीकर ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है, जिस पर कल 19 दिसंबर को दूसरी सिटिंग में चर्चा की जाएगी। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के सोनीपत और पानीपत में चार मासूम बच्चों की डुबोकर हत्या आरोपी गांव भावड़ की बहू पूनम का सच सबके सामने उजागर हुआ है। वह साइको नहीं बल्कि शातिर है। पुलिस, कोर्ट और डॉक्टरों के सामने खुद को कभी रोती हुई मां, कभी बीमार महिला और कभी पछतावे से भरी आरोपी दिखाने वाली पूनम किसी मानसिक बीमारी की शिकार नहीं है। वह मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ है। वह बेहद शातिर और चालाक निकली। पानीपत पुलिस की गिरफ्त से लेकर सोनीपत कोर्ट और मनोरोग विशेषज्ञ की जांच तक, पूनम हर मंच पर अलग एक्टिंग करती रही। बयान बदलना, सवालों से बचना, सहानुभूति बटोरने के लिए रोना और फिर अपनी ही बातों से मुकर जाना। यही उसकी रणनीति रही। मनोरोग विशेषज्ञ की रिपोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि यह बीमारी नहीं, बल्कि सोची-समझी चाल थी। इसका खुलासा होने के बाद अब पुलिस की जांच का फोकस उसके मानसिक हालात पर नहीं, बल्कि उसके इरादों और अपराध की पूरी साजिश पर टिक गया है। गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ ड्रामापानीपत पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पूनम को प्रोटेक्शन वारंट पर सोनीपत लाया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान उसने जज के सामने रो-रोकर खुद को असहाय दिखाने की कोशिश की। यहां तक कि उसने अपना केस खुद लड़ने की अनुमति भी मांगी। उस दिन उसने चारों बच्चों की हत्या स्वीकार कर ली थी, जिससे मामला पूरी तरह पलटता नजर आया। पहले कबूलनामा, फिर पलटी कहानीसोनीपत में प्रोटेक्शन वारंट पर पूछताछ के पहले दिन पूनम ने चार बच्चों की हत्या स्वीकार की, लेकिन जैसे ही वह मनोरोग विशेषज्ञ के सामने पहुंची, उसका रुख बदल गया। कहा कि उसने केवल जेठ की बेटी विधि की हत्या की है। बाकी तीन बच्चों की मौत कैसे हुई, इसकी जानकारी उसे नहीं है। यही विरोधाभास उसकी शातिराना की पहली बड़ी निशानी बना। यहां जानिए मनोरोग विशेषज्ञ ने कैसे पकड़ा पूनम का झूठ.... इलाज का इतिहास, बीमारी का कोई सबूत नहींपति नवीन ने बताया कि बेटे की मौत के बाद पूनम को जींद और चंडीगढ़ में न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाया गया था। कई महीनों तक इलाज चला, लेकिन किसी डॉक्टर ने मानसिक बीमारी की पुष्टि नहीं की। यह तथ्य मौजूदा रिपोर्ट को और मजबूत करता है। मां सुनीता ने बताया कि पूनम बचपन से ही गुमसुम स्वभाव की थी। वह स्कूल की बातें घर में साझा नहीं करती थी, लेकिन उसका व्यवहार सामान्य बच्चों जैसा ही था। न हिंसा, न असामान्यता के कोई संकेत। पति नवीन के अनुसार, शादी के बाद पूनम छोटी-छोटी बातों पर सास-ससुर से झगड़ा कर मायके चली जाती थी। कई बार एक-दो महीने वहीं रहती थी। उसकी कोई सहेली नहीं थी और फोन पर भी वह ज्यादातर अपनी मां से ही बात करती थी। डॉक्टर की रिपोर्ट ने खोली परतेंमनोरोग विशेषज्ञ की अंतिम रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि पूनम को किसी भी प्रकार का मनोरोग नहीं है। वह पूरी तरह मानसिक रूप से स्वस्थ है और जानबूझकर बीमारी का नाटक कर रही थी। चार मासूम बच्चों की हत्या के इस सनसनीखेज मामले में अब यह साफ हो चुका है कि पूनम कोई साइको नहीं, बल्कि बेहद शातिर और चालाक आरोपी है। डॉक्टर के मुताबिक, बयान बदलना, भावनात्मक नाटक करना और सहानुभूति बटोरने की कोशिश—यह सब उसकी रणनीति का हिस्सा रहा। अब जांच का फोकस उसके मानसिक हालात पर नहीं, बल्कि उसके इरादों और अपराध की पूरी साजिश पर टिक गया है। सिलसिलेवार पढ़ें…चार बच्चों की हत्या की खौफनाक कहानी ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें... साइको किलर की कहानी पति की जुबानी:शादी के बाद 3 साल तक ठीक रही, बेटे के जन्म के बाद बदले हाव-भाव; सुंदर बच्चों से चिढ़ने लगी दो साल में 4 बच्चों को पानी में डुबोकर मारने वाली 32 साल की पूनम के साइको किलर बनने की कहानी काफी अजीब है। पानीपत के सिवाह गांव की पूनम की साल 2019 में सोनीपत के नवीन के साथ शादी हुई। शादी के 2 साल तक सब ठीक रहा। पहला बेटा हुआ। उसके बाद पूनम के हाव-भाव बदलने लगे। उसे सुंदर बच्चों से चिढ़ होने लगी। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के गुरुग्राम में गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आए कपल की मौत को लेकर चौकाने वाला सच सामने आया है। गाड़ी नंबर 12249 स्वर्ण नगरी एक्सप्रेस के लोको पायलट ने खुलासा किया है कि पुरुष और महिला रेलवे ट्रैक के किनारे आपस में झगड़ रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसे वे दूसरे को रोकने की कोशिश कर रहे हों, जैसे ही ट्रेन नजदीक आई तो दो एक दूसरे का हाथ छुड़ाकर ट्रेन की तरफ दौड़ने लगे। जब तक लोको पायलट कुछ समझ पाते तब तक पुरुष इंजन से टकरा कर घसीटता चला गया, जबकि महिला टक्कर लगने के बाद साइड में गिर गई। वहीं गुरुवार को मौके पर पहुंची जीआरपी टीम के सामने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों पांच बजे से यहां दिखाई दे रहे थे और आपस में लड़ाई झगड़ा भी कर रहे थे। पुलिस का अनुमान है कि वे दो घंटे तक यहां लड़ते रहे और अंधेरा होते ही ट्रेन के सामने कूद गए। 10 टुकड़ों में बंट गया पुरुष का शवपुरुष का शव 100 मीटर तक ट्रेन के साथ घसीटने से टुकड़ों में बंट गया। महिला की डेडबॉडी के पास उसका पैर मिला है तो 10 मीटर की दूसरी पर एक हाथ पड़ा था। आगे 30 मीटर पर दूसरा पैर और एक हाथ पड़ा मिला। सिर और धड़ 100 मीटर दूर था। पुरुष का शरीर जिस तरह से कुचला हुआ था, जिससे पहचान होना भी मुश्किल है। हालांकि, महिला के सिर में ही चोट है, जबकि एक हाथ भी टूटा हुआ है। दोनों के हाथ पर टैटूपुरुष के दाएं हाथ पर 'S' और महिला के हाथ पर 'B' टैटू है। महिला के बाएं हाथ पर राजस्थानी आर्ट टैटू और कमर पर बड़ा तिल है। पुलिस आसपास के गांवों और राजस्थान के थानों में संपर्क कर रही है। हालांकि उनके पास से पहचान संबंधी कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला है। उनके कपड़ों में करेंसी या किसी बस ट्रेन की टिकट भी नहीं है। उम्र को लेकर भी संशयजांच अधिकारी नीलम पूनिया के अनुसार पुरुष की उम्र करीब 45 वर्ष और महिला की 40 वर्ष है। मगर, जब उन्हें पोस्टमॉर्टम हाउस भिजवा गया तो डॉक्टरों ने पुरुष की उम्र 35 साल और महिला की उम्र 30 से 32 वर्ष बताई। जीआरपी को उनके पति-पत्नी होने का शक है। हालांकि पहचान होने के बाद ही उनके रिश्ते का सही पता चल सकेगा। लोको पायलट की आंखों देखी तीन अहम बातें.............. अब तक की जांच में पुलिस की थ्योरी... आज फिर घटना स्थल का निरीक्षण होगाजांच अधिकारी नीलम पूनिया ने बताया कि गुरुवार को शाम के वक्त घटनास्थल का दौरा किया था, जहां कुछ राहगीरों से बातचीत की गई। इनसे कुछ अहम जानकारियां मिली है। आज भी मौके का मुआयना किया जाएगा। आसपास की कॉलोनियों में पूछताछ की जाएगी। गुरुग्राम और आसपास के जिलों से गुमशुदा लोगों की डिटेल मैच की जा रही है। अगर पहचान नहीं होती है तो 72 घंटे बाद शवों का पोस्टमॉर्टम करवा कर सरकारी खर्च पर दाह संस्कार करवाया जाएगा। फिलहाल पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि पहचान हो जाएगी, पहचान होने पर ही सुसाइड की असली वजह सामने आएगी।-------------------- ये खबर भी पढ़ेंगुरुग्राम में ट्रेन के आगे कूदकर कपल ने किया सुसाइड:दूर तक बिखरे शरीर के अंग, वाइफ बचाने दौड़ी, पति के हाथ पर S टैटू गुरुग्राम जिले में गढ़ी हरसरू रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से दंपती की मौके पर ही मौत हो गई। देर शाम दोनों रेलवे ट्रैक के किनारे बैठे थे। तभी दिल्ली की तरफ से ट्रेन आती देख अचानक से पति अपनी पत्नी का हाथ छुड़ाकर ट्रैक पर आ गया, पीछे पीछे चिल्लाती हुई पत्नी आई। (पूरी खबर पढ़ें)
पंजाब के लुधियाना में नर्स हत्याकांड में अब नया खुलासा हुआ है। नर्स रेखा के पुराने मोबाइल ने इस मामले के कई राज खोले हैं। नर्स के मोबाइल में जो दस्तावेज मिले हैं, उसके हिसाब से बॉयफ्रेंड अमित निषाद ने नर्स की मर्जी के बगैर जबरन उसके घर में ही उसका रेप किया था। उसने रेखा को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसे जान से मार देगा। मोबाइल में मिले दस्तावेजों के मुताबिक नर्स रेखा ने अपना मेडिकल करवाया और थाना मेहरबान में शिकायत दी। थाना मेहरबान में शिकायत को लेकर उसकी पुलिस कर्मियों से बहस भी हुई है। इसका एक वीडियो भी उसके पुराने मोबाइल में मिला है। यही नहीं मोबाइल में रेखा की तरफ से अमित निषाद के खिलाफ पुलिस कमिश्नर व साइबर सेल को लिखी शिकायतें भी मिली हैं। मोबाइल में मिली शिकायतों में रेखा ने अमित निषाद से खुद की और बच्चों की जान को भी खतरा बताया था। हालांकि मोबाइल में एक राजीनामा भी मिला, जिस पर 9 नवंबर 2024 की तारीख लिखी गई है। इस राजीनामा पर भी न तो रेखा के हस्ताक्षर हैं न ही अमित निषाद के और न ही किसी पुलिस अधिकारी के। मोबाइल में दो दस्तावेज और मिलेपुराने मोबाइल में दो दस्तावेज मिले, जिनमें लिखा गया है कि जो शिकायत मैंने अमित निषाद के खिलाफ थाने में दी है। उसे ही मेरा बयान समझकर आगे की कार्रवाई जाए। अमित निषाद व उसके दो दोस्त उसके घर आकर शिकायत वापस लेने को कह रहे हैं। वो धमकी दे रहे हैं कि अगर उसने शिकायत वापस नहीं ली तो वो उसे जान से मार देंगे। इसके अलावा दूसरे दस्तावेज में लिखा है कि उसने अमित निषाद के खिलाफ जो लिखित शिकायत दी थी उसे ही उसका बयान समझा जाए। इन दोनों दस्तावेजों पर भी किसी के हस्ताक्षर व तिथि नहीं लिखी गई है। मोबाइल में मिला राजीनामामोबाइल में एक दस्तावेज मिला है जिसके ऊपर आपसी सहमति लिखा है। इसमें लिखा है कि उसने अमित निषाद के साथ उसकी आपसी सहमति हो गई है। इसलिए अमित निषाद के खिलाफ उसने थाने में जो शिकायत दी है उस पर वो कार्रवाई नहीं करवाना चाहती है। इस पर 9 नवंबर 2024 की तिथि है लेकिन हस्ताक्षर इस पर भी किसी के नहीं हैं। नर्स रेखा के मोबाइल से मिले दस्तावेज... पुलिस कमिश्नर को लिखी शिकायत में लगाए गंभीर आरोपरेखा के पुराने मोबाइल में पुलिस कमिश्नर के नाम लिखी जो शिकायत मिली है उसमें लिखा है कि वो 30 अक्तूबर 2024 को अपने परिवार व अमित निषाद के साथ वैष्णो देवी गई थी। दो नवंबर को वहां से ट्रेन में वापस आए। रास्ते में वो बाथरूम में गई तो अमित निषाद ने उसके बच्चों से मोबाइल लिया और सारा डेटा फोटो वीडियो समेत अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर दिया। डेटा ट्रांसफर करने के बाद उसने मोबाइल रिसेट कर दिया। लुधियाना पहुंचने के बाद अमित निषाद उसके घर रुक गया और रात में उसने कई बार उसके साथ जबरन रेप किया। उसके बाद अमित निषाद ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो वह उसे और उसके बच्चों को जान से मार देगा। शिकायत में यह भी लिखा है कि रेखा ने उसके अगले दिन मेडिकल करवाया और पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उसने पुलिस कमिश्नर से अपील की है कि मेरे साथ हुए रेप, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने वाले अमित निषाद के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस शिकायत पर भी न तो कोई हस्ताक्षर हैं और न ही कोई तिथि लिखी है। साइबर सेल को लिखी शिकायत में भी लगाए गंभीर आरोपमोबाइल में एक शिकायत साइबर सेल को लिखी भी मिली। इस शिकायत में भी रेखा ने वही कहानी लिखी है जो कि पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में लिखी हे। इस शिकायत में उसने कुछ और बातें लिखी हैं। उसने लिखा है कि अमित निषाद ने उसका मोबाइल हैक करके उसके सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड भी ले लिए हैं। अगर वो पासवर्ड बदल रही है तो वो नहीं बदले जा रहे हैं। इसके अलावा उसने मोबाइल में से उसके गुगल पे व अन्य ऐप के पासवर्ड भी ले लिए हैं। उसे शक है कि अमित उसके सोशल मीडिया अकाउंट से फोटो व वीडियो लेकर उसे ब्लैकमेल कर सकता है। बेटी की मौत के समय की थी मददनर्स रेखा ने उस शिकायत में यह भी लिखा है कि उसकी बेटी की मौत मार्च 2024 में हुई थी। उसी दौरान अमित निषाद ने उसकी मदद की और उसका विश्वास हासिल कर दिया। उसके बाद उसका घर आना जाना शुरू हो गया था। उसकी का गलत फायदा उठाकर उसने ये सब किया है। नर्स ने शिकायतें पुलिस को दी या नहीं यह जांच का विषयनर्स के पुराने मोबाइल में जो शिकायतें मिली हैं उसने ये शिकायत उन पुलिस अधिकारियों को दी या नहीं यह अभी जांच का विषय है। इन शिकायतों पर तिथि कहीं भी नहीं लिखी है इसलिए शिकायतें जमा करवाई या नहीं इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि अधिकारी बिना तिथि के किसी शिकायत को नहीं लेते। नर्स रेखा के भाई ने क्या कहा... नर्स के मोबाइल में मिली पुलिस कमिश्नर को लिखी शिकायत... ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ये खबरें भी पढ़ें... लुधियाना की नर्स इंस्टा रील्स की शौकीन थी:बॉयफ्रेंड की वजह से पति को जेल कराई; प्राइवेट पार्ट काटा तो उसी ने होटल में हत्या की पंजाब के लुधियाना के नर्स के हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। जिस बॉयफ्रेंड ने उसकी हत्या की, उसी की वजह से नर्स की शादीशुदा जिंदगी बर्बाद हुई थी। यहां तक कि विवाद बढ़ने पर रेखा के पति को 3 महीने की जेल भी काटनी पड़ी। पूरी खबर पढ़ें... लुधियाना नर्स हत्याकांड, सबको गुमराह करता रहा बॉयफ्रेंड:पुलिस और डॉक्टरों से बोला- बदमाशों ने हमला किया पंजाब में लुधियाना के होटल में अपनी गर्लफ्रेंड रेखा का मर्डर कर भागा युवक अमित निषाद अस्पताल में डॉक्टरों और पुलिस को गुमराह करता रहा। वह अपना कटा हुआ प्राइवेट पार्ट लेकर अस्पताल पहुंचा था (पढ़ें पूरी खबर) लुधियाना के होटल में नर्स हत्याकांड: संबंध बनाते बॉयफ्रेंड ने कहा- मेरी सगाई कर दी; गुस्साई गर्लफ्रेंड ने प्राइवेट पार्ट काटा तो कत्ल कर डाला पंजाब के लुधियाना के इंडो-अमेरिकन रेस्टोरेंट में कत्ल की गई रेखा नर्स थी। उसका कत्ल कर भागा बॉयफ्रेंड अमित निशाद एंब्रॉयडरी का काम करता था। होटल में संबंध बनाते वक्त अमित ने रेखा को बता दिया कि घरवालों ने उसकी सगाई कर दी है। (पढ़ें पूरी खबर)
सरकंडा पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार
बिलासपुर| क्षेत्र में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने सरकंडा पुलिस ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की है। गुरुवार को पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्ति क्षेत्र में शांति भंग करने की नीयत से संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए धारा 170 बीएनएस के तहत शंकर गौराहा (26), नीरज यादव (21) निवासी अटल आवास, अशोक नगर, सरकंडा तथा साहिल चौथानी (18) निवासी सरकंडा बंगाली पारा को पकड़ा।
हाई कोर्ट रोड: एनआईटी की रिपोर्ट से पीडब्ल्यूडी असहमत
सिटी रिपोर्टर| बिलासपुर बिलासपुर। हाई कोर्ट रोड के पुनर्निर्माण को लेकर एनआईटी रायपुर द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट से लोक निर्माण विभाग के अधिकारी फिलहाल सहमत नहीं हैं। रिपोर्ट में मौजूदा सीसी रोड के ऊपर ही एक और सीसी रोड बनाने की अनुशंसा की गई है, जिस पर विभाग ने आपत्ति जताई है। पीडब्ल्यूडी का मानना है कि इस प्रस्ताव पर अमल करने से पहले और अधिक मंथन की आवश्यकता है। चीफ इंजीनियर आरके. रात्रे के अनुसार यदि वर्तमान सीसी रोड के ऊपर ही दूसरी परत बिछाई जाती है, तो सड़क का लेवल काफी ऊंचा हो जाएगा। इससे बरसात के दौरान सड़क किनारे बसे घरों और बस्तियों में पानी घुसने की समस्या पैदा हो सकती है। इसी तकनीकी कारण से विभाग फिलहाल एनआईटी की रिपोर्ट को हुबहू स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है। पेंड्रीडीह से काली मंदिर तिफरा तक लगभग 11 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण वर्ष 2013 में करीब 70 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था। उस समय यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा थी, जिसे अब पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित कर दिया गया है। निर्माण के कुछ समय बाद ही सड़क पर दरारें आनी शुरू हो गई थीं। सरकारी धन का सदुपयोग सुनिश्चित करने और सड़क को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से ही विभाग ने निर्माण पूर्व एनआईटी रायपुर से जांच कराई थी।
लोक अदालतें समान न्याय को साकार करने प्रभावी जरिया: सीजे सिन्हा
लीगल रिपोर्टर| बिलासपुर राष्ट्रीय लोक अदालतें भारतीय संविधान में निहित समान न्याय की अवधारणा को साकार करने का एक प्रभावी माध्यम बन चुकी हैं। पिछली नौ राष्ट्रीय लोक अदालतों के दौरान कुल 2 करोड़ 27 लाख 18 हजार 454 मामलों का निपटारा किया गया है। छत्तीसगढ़ लगातार राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पांच राज्यों में स्थान प्राप्त करता रहा है। यह बातें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गुरुवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने इन उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, सभी न्यायिक अधिकारियों और पैरा लीगल वॉलंटियर्स के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में गुरुवार को दूसरी राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चीफ जस्टिस और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक रमेश सिन्हा ने राष्ट्रीय लोक अदालतों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशों और पैरा लीगल वॉलंटियर्स को सम्मानित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में राष्ट्रीय लोक अदालत प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए उपलब्धियों की समीक्षा और प्रदर्शन का मूल्यांकन करना था। सह-अध्यक्षता राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल और हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस प्रार्थ प्रतीम साहू ने की। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने किया। सम्मेलन में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास, जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस राकेश मोहन पांडेय, जस्टिस संजय कुमार जायसवाल, जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा, जस्टिस बिभु दत्ता गुरु और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद उपस्थित रहे। इसके अलावा रजिस्ट्रार जनरल एवं रजिस्ट्री के अधिकारी समेत जिलों से आए न्यायिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सीजे सिन्हा ने उत्कृष्ट योगदान के लिए सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशों तथा पैरा लीगल वॉलंटियर्स को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। साथ ही, 16 दिसंबर 2023 की राष्ट्रीय लोक अदालत, वर्ष 2024 में 4 राष्ट्रीय लोक अदालतों और वर्ष 2025 में 4 राष्ट्रीय लोक अदालतों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया। दीप प्रज्जवलित करते सीजे रमेश सिन्हा।
सिम्स में भर्ती गुरु का हाल जानने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री, बेहतर इलाज के निर्देश
बिलासपुर | प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल गुरुवार को सपरिवार सिम्स पहुंचे। यहां उन्होंने चिरमिरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पीठाधीश एवं अपने गुरु बाबा पुरुषोत्तम पुरी का हाल-चाल जाना। वे पिछले चार दिनों से सिम्स में भर्ती हैं और फिलहाल आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार बाबा पुरुषोत्तम पुरी को हाइपर टेंशन, दिमागी समस्या के साथ-साथ बोलने में भी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों से उनकी सेहत को लेकर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सिम्स के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह को गुरुजी के इलाज पर विशेष निगरानी रखने और हर संभव बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
नागरिक बैंक में संचालक मंडल के 10 सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू
बिलासपुर| नागरिक सहकारी बैंक में संचालक मंडल के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 17 दिसंबर को बैंक परिसर में इसे संबंध में बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि संचालक मंडल के लिए कुल 10 सदस्यों का चुनाव किया जाएगा। सहकारी सोसायटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पदों का आरक्षण निर्धारित किया गया है। आरक्षण व्यवस्था के तहत 7 पद अनारक्षित रखे गए हैं, जबकि 2 पद अन्य पिछड़ा वर्ग और 1 पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इसके अलावा महिला आरक्षण के अंतर्गत अनारक्षित वर्ग से 2 पद महिलाओं के लिए तय किए गए हैं। आरक्षण की जानकारी बैंक के सदस्यों की मौजूदगी में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष दी गई।
शराब के लिए पैसे नहीं देने पर दो युवकों को बदमाशों ने जमकर पीटा
बिलासपुर| शराब के लिए पैसे नहीं देने पर बदमाशों ने दो युवकों की जमकर पिटाई की। घटना बुधवार की रात की है। बदमाशों ने दोनों को दौड़ा-दौड़ाकर लात-घूसों से मारा। इसका वीडियो सामने आया है। बदमाशों ने युवक को उठाकर बार-बार सड़क पर पटका। हमले में एक गंभीर रूप से घायल है। उसे इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना तारबाहर थाना क्षेत्र की है। तालापारा निवासी अजय चौहान (22) अपने दोस्त करण बचकानी के साथ पुराना बस स्टैंड स्थित शराब दुकान गया था। इस दौरान राहुल बंजारे वहां पहुंचा। उसने शराब पीने के लिए पैसे की मांग की। इसके बाद राहुल के दोस्त अरमान अली, मनोहर विश्वकर्मा, धर्मेंद्र बंजारे और रितेश सोनकर भी आ गए। फिर पैसे मांगने लगे। करण ने पैसे देने से मना किया तो युवकों ने करण की पिटाई कर दी। अजय चौहान बीच-बचाव करने आया तो उसे भी पीटा। दोनों के जमीन पर पटक दिया और लात-घूंसे चलाए। हमले में करण बुरी तरह से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीपत से कटघोरा पहुंचे हाथी ने दो और को मारा
सिटी रिपोर्टर। बिलासपुर बैमा के खपराखोल मोहल्ले में महिला को पैरों तले रौंदने वाले लोनर हाथी ने मरवाही और कटघोरा के जंगल में दो और लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। जंगल में अकेले घूम रहा हाथी उग्र हो गया है। इस हाथी ने एक सप्ताह के अंदर तीन महिलाओं को मार दिया है। सीपत के खोंदरा और सोंठी के आसपास के इलाकों में ग्रामीणों के बीच एक सप्ताह से भी ज्यादा समय तक दहशत फैलाने वाला हाथी खोंदरा से वापस पाली होते हुए कटघोरा के जंगल पहुंच गया है। गुरुवार को लोनर हाथी चैतमा रेंज के बाईसमर बीट से होते हुए जटगा वन परिक्षेत्र के बिंझरा ग्राम के चंदनपुर मोहल्ला में पहुंचा। सुबह लगभग 5 बजे मीना पति राजकुमार पर उसने हमला कर दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके पति ने भागकर अपनी जान बचाई। एक दिन पहले यानी मंगलवार की रात में हाथी ने चैतमा रेंज के लीमपानी में महिला को कुचलकर मार दिया था। एक सप्ताह में हाथी ने 3 महिलाओं की जान ले ली है। वन विभाग हाथी का सही लोकेशन पता नहीं कर पा रहा। ग्रामीण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हाथी की तलाश की जा रही है। कटघोरा डीएफओ कुमार निशांत का कहना है कि हाथी के संभावित रूट के गांवों में मुनादी कराई जा रही है। लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि जंगल न जाएं।
एडवांस टेंडर पर बैठक बेनतीजा रही, पुराने बिल पर अड़े ठेकेदार
सिटी रिपोर्टर| बिलासपुर बिजली विभाग में एडवांस टेंडर को लेकर ठेकेदार पिछले 8 महीनों से टेंडर नहीं डाल रहे हैं। बुधवार शाम बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री, एई और ठेकेदारों के बीच हुई बैठक में ठेकेदारों ने स्पष्ट किया कि जब तक लगभग 5 करोड़ रुपये के पुराने बिल पास नहीं किए जाते, तब तक वे टेंडर नहीं डालेंगे। बिजली विभाग में टूट-फूट के कार्यों के लिए एडवांस टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस वर्ष बिजली विभाग में कार्य करने वाले ठेकेदार पिछले 8 महीनों से टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहे हैं, जिसके कारण विभाग के कई कार्य प्रभावित हो गए हैं। बुधवार शाम 5 बजे बिजली विभाग ग्रामीण के कार्यपालन यंत्री अनुपम सरकार ने ठेकेदारों की बैठक बुलाई, जिसमें 13 ठेकेदार शामिल हुए। इसमें जब ठेकेदारों से एडवांस टेंडर में भाग लेने कहा गया, तो उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक पिछले 3 वर्षों के बकाया लगभग 5 करोड़ रुपये के बिल पास नहीं किए जाएंगे, तब तक वे टेंडर नहीं डालेंगे। बताया जाता है कि कार्यपालन यंत्री अनुपम सरकार ने ठेकेदारों से कहा कि जिनके बिल अटके हुए हैं, वे इसकी जानकारी एक साथ उपलब्ध कराएं, ताकि बिल जारी करने को लेकर चर्चा की जा सके। हालांकि एडवांस टेंडर के मामले में अभी भी ठेकेदारों और बिजली विभाग के अधिकारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। ^एडवांस टेंडर के लिए बैठक बुलाई गई थी। सभी ठेकेदारों को बिल की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। बिल जमा होने के बाद आगे की चर्चा की जाएगी। -अनुपम सरकार, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण बिजली विभाग
फेडरेशन की 3 दिनी कलमबंद हड़ताल 29 से, संभागीय बैठक में बनी रणनीति
बिलासपुर| छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय निकाय के आह्वान पर बिलासपुर संभाग की बैठक गुरुवार को जल संसाधन परिसर स्थित प्रार्थना सभा भवन में हुई। इसमें फेडरेशन द्वारा प्रस्तावित 29 से 31 दिसंबर तक दिनी कलम बंद हड़ताल को सफल बनाने रणनीति बनाई गई। बैठक की अध्यक्षता फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने की। उन्होंने आगामी आंदोलन में पूर्ण एकजुटता के साथ सभी कर्मचारी-अधिकारियों की सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। जिला संयोजक डॉ. बीपी सोनी व जिला महासचिव किशोर शर्मा ने बताया कि आंदोलन की सफलता के लिए सभी जिलों में कार्यालयों व विद्यालयों में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। बैठक में प्रांतीय पदाधिकारी रोहित तिवारी, संजय सिंह, पंकज पांडे, राजेंद्र दवे, पी.आर. यादव, सुनील कौशिक, अरुण तिवारी ने भी विचार रखे। आभार प्रदर्शन राजेश पांडे ने किया। इस अवसर पर अरुण पांडे, अजय जायसवाल, चंद्रशेखर पांडे, रजनीकांत, प्रवीण गुप्ता, आकाश राय, रामकृष्ण वैष्णव, सचिन तिवारी आदि मौजूद रहे।
शांतिनिकेतन स्कूल में किड्स कार्निवल' का आयोजन आज
बिलासपुर| सिरगिट्टी, बीईसी फर्टिलाइजर के सामने स्थित शांतिनिकेतन पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को वार्षिक उत्सव “किड्स कार्निवल 2025” का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक होंगे। अध्यक्षता क्रेडा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में भाजपा मंत्री देवेंद्र कौशिक, जिला उद्योग संघ महासचिव शरद सक्सेना, आलोक श्रीवास्तव व शांतिनिकेतन एजुकेशन एकेडमिक के संस्थापक राकेश गुप्ता उपस्थित रहेंगे। यह जानकारी शहनाज बेगम ने दी।
गुरु घासीदास के विचार सामाजिक एकता का आधार
भास्कर न्यूज | मुंगेली गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुंगेली जिले के धार्मिक स्थल खैरा-सेतगंगा धाम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जैतखंभ की पूजा-अर्चना कर पालो चढ़ाई और राम जानकी मंदिर में दर्शन किए। सीएम साय ने सेतगंगा धाम के कायाकल्प के लिए 1 करोड़ 10 लाख रुपए की घोषणा की, इसमें 50 लाख से सामुदायिक भवन निर्माण, 50 लाख से राम जानकी मंदिर पर्यटन क्षेत्र का विकास और 10 लाख से गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम का आयोजन शामिल है। सीएम ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने समानता, सद्भाव और मानवता का जो मार्ग दिखाया है, वह आज भी प्रासंगिक है। उनके विचार समाज में भाईचारे को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है। 70 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। नक्सलवाद उन्मूलन की दिशा में ठोस कार्य हो रहे हैं और प्रशासन में पारदर्शिता के लिए ई-ऑफिस को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, विधायक धरमलाल कौशिक, शांति देवचरण भास्कर, राम कमल सिंह, पुष्पा लता मोहले, दीनानाथ केशरवानी, शैलेश पाठक, सुनील पाठक, राधे श्याम महाराज, पं. दीनानाथ उपध्यायय, मानिक लाल सोनवानी, डॉ सुरेश केशरवानी, सुखचंद साहू, रामशरण यादव, सोम वैष्णो, दादू राम गबेल मौजूद रहे।
नरगोड़ा हत्याकांड: परिजन ने एसआईटी जांच की मांग की
भास्कर न्यूज | सीपत सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम नरगोड़ा निवासी 26 वर्षीय राजेंद्र सूर्यवंशी उर्फ राजू की मौत का मामला अब गहराता जा रहा है। पीएम रिपोर्ट में शरीर के अंदर गंभीर चोटों और पसलियां टूटने के खुलासे के बाद परिजनों ने इसे हत्या करार दिया है। मृतक के पिता सनोहर लाल सूर्यवंशी ने परिजनों के साथ बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच और हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। बता दें कि राजेंद्र सूर्यवंशी पेशे से पेंटर था और चाटीडीह स्थित अनिला टावर में पत्नी के साथ रहता था। 13 जुलाई 2025 को राजेंद्र अचानक लापता हुआ। 14 जुलाई 2025 को सरकंडा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। और 15 जुलाई को बिलासपुर के पचरीघाट में राजेंद्र का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ। मृतक के पिता का आरोप है कि सिटी कोतवाली पुलिस ने पंचनामा के समय परिजनों की आशंकाओं और बयानों को नजरअंदाज कर दिया। 6 अगस्त को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को नया मोड़ दे दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, राजेंद्र की मौत डूबने से नहीं, बल्कि गंभीर आंतरिक चोटों और पसलियां टूटने के कारण हुई है। इसके बावजूद अब तक हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया। परिजनों ने एसएसपी को सौंपे ज्ञापन में राजेंद्र की पत्नी अनुपा सूर्यवंशी, दोस्त कुश कुमार (निवासी कछार) और आशीष सूर्यवंशी (निवासी पौंसरा) पर हत्या की साजिश में शामिल होने का संदेह जताया है। परिजनों का दावा है कि राजेंद्र के लापता होने के अगले दिन उसका मोबाइल सिम कार्ड उसके दोस्त कुश कुमार के फोन में सक्रिय पाया गया था। परिजन ने मांग की है कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया जाए।
मनखे मनखे एक समान के संदेश से ही आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़: पवन
भास्कर न्यूज | मुंगेली 18 दिसंबर को सीएम साय का सेतगंगा आगमन हुआ। इस अवसर पर पवन पाण्डेय ने अपने सहयोगियों व कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया। पवन ने छत्तीसगढ़ के महान संत बाबा गुरु घासीदास के अमृत वचन मनखे-मनखे एक समान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह संदेश सामाजिक समरसता, समानता और भाईचारे का प्रतीक है, जिसे अपनाकर समाज और प्रदेश का समग्र विकास संभव है। उन्होंने बताया कि सेतगंगा क्षेत्र को सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लगातार लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री साय ने कार्यकर्ताओं से संवाद कर संगठन को मजबूत करने और जनहित के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया।
गुरु घासीदास के बताए मार्ग पर चलने की शपथ ली
मुंगेली | गुरु घासीदास की जयंती के अवसर पर 18 दिसंबर को सतनाम भवन, दाऊपारा मुंगेली में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुंगेली संघ के स्वयंसेवकों ने जैतखंभ के समक्ष श्रीफल व माला अर्पित कर आरती–पूजन किया और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों ने गुरु घासीदास के मनखे–मनखे एक समान को आत्मसात करने का संकल्प लिया। उन्होंने समाज में समानता, भाईचारा और सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर संदीप ताम्रकार, विकास खांडेकर, यशवंत सिंह परिहार, आकाश सोनी, निमेष देवांगन, विकास बुनकर, दिलीप देवांगन, करण साहू, रूप प्रकाश सहित उपस्थित रहे। सभी ने गुरु घासीदास के आदर्शों पर चलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प व्यक्त किया।
जैत खंभ की पूजा कर गुरु घासीदास की जयंती मनाई
मुंगेली | जिला जेल मुंगेली में परिरुद्ध बंदियों के नैतिक उत्थान और सत्मार्ग की प्रेरणा के उद्देश्य से गुरु घासीदास की 269वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आध्यात्मिक प्रवचन, सत्संग व विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के तहत जेल परिसर में स्थित जैत खंभ पर श्वेत पताका फहराई गई और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन में विभिन्न धर्मों के बंदियों ने सहभागिता कर सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द का संदेश दिया। सहायक जेल अधीक्षक ममता पटेल ने कहा कि गुरु घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया है। उन्होंने बंदियों व कर्मचारियों से बाबा के बताए सत्मार्ग पर चलने की अपील की।
बूचड़खाने ले जाई जा रही भैंसें मुक्त कराई, गिरफ्तार
पेण्ड्रा | पेण्ड्रा थाना पुलिस ने अवैध रूप से बूचड़खाने ले जाई जा रही छह भैंसों को मुक्त कराया है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सुरंगटोला मसुरीखार तालाब के पास जंगल मार्ग पर की गई। सहायक उप निरीक्षक अवधेश यादव ने बताया कि सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति जंगल के रास्ते मवेशियों को पीटते हुए मध्यप्रदेश की ओर बूचड़खाने ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही प्रधान आरक्षक अरुण तिर्की और आरक्षक प्रमोद खलखो सहित पुलिस टीम गवाहों के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से जंगल मार्ग पर घेराबंदी की गई। पुलिस को देखकर आरोपी मवेशियों को छोड़कर भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
आयोजन: बच्चों ने रंगारंग पंथी नृत्य की प्रस्तुति दी
मल्हार | पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार में गुरु घासीदास जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पीसी झा द्वारा बाबा गुरु घासीदास की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद शिक्षक सीपी साहू ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में कक्षा नवमी के छात्र आलोक कांत ने प्रेरक भाषण प्रस्तुत किया। वहीं कक्षा छठवीं की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मनमोहक पंथी नृत्य ने सभी को भावविभोर कर दिया। प्रभारी प्राचार्य पीसी झा ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास का महान संदेश मनखे-मनखे एक समान मानव समानता और गरिमा का प्रतीक है। कार्यक्रम का संचालन हिंदी शिक्षक सीपी साहू ने किया।
गुरु घासीदास की जयंती पर आनंद आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन किया
भास्कर न्यूज | मुंगेली गुरु घासीदास के जन्मोत्सव के अवसर पर आनंद आश्रम में सेवा, समर्पण और मानवता से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. मनीष बंजारा व जीवन बंजारा ने बाबा गुरु घासीदास के चित्र पर पूजा-अर्चना कर वरिष्ठजनों के मंगलमय जीवन की कामना की और चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। डॉ. मनीष बंजारा ने कहा कि गुरु घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का नारा देकर मानव समाज को समानता, एकता और प्रेम का संदेश दिया, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। कार्यक्रम के दौरान आनंद आश्रम में निवासरत 12 वृद्धजनों का सम्मान किया गया। ठंड से बचाव के लिए उन्हें शाल व टोपी भेंट की गई। साथ ही स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई। वृद्धजनों के चेहरों पर खुशी और संतोष स्पष्ट दिखाई दिया। डॉ. मनीष बंजारा ने कहा कि किसी भी समाज की पहचान उसके बुजुर्गों के प्रति सम्मान और सेवा से होती है। वृद्धजन समाज की अमूल्य धरोहर हैं, जिनके अनुभव और आशीर्वाद आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वृद्धा आश्रम के प्रमुख दिलीप अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए ईश्वर से कामना की कि यह स्नेह और सेवा निरंतर बनी रहे। कार्यक्रम में अधिवक्ता जितेन्द्र जांगड़े, चित्रलेखा सहित आश्रम के कर्मचारी उपस्थित रहे।
राहत: जीपीएम जिले में धान खरीदी की लिमिट बढ़ाई गई
भास्कर न्यूज | पेण्ड्रा धान खरीदी को लेकर जीपीएम जिले के किसानों की बढ़ती परेशानियों पर दैनिक भास्कर द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित समाचार का असर हुआ है। 17 दिसम्बर के अंक में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने शासन को तत्काल पत्र लिखा, जिसके बाद खाद्य संचालक ने जिले में प्रतिदिन की खरीदी लिमिट में 13312 क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। इस फैसले से उन हजारों किसानों को बड़ी राहत मिली है, जो कम लिमिट के कारण केंद्रों के चक्कर काट रहे थे। दैनिक भास्कर ने अपनी खबर में स्पष्ट किया था कि यदि प्रतिदिन की खरीदी सीमा नहीं बढ़ाई गई, तो पिछले वर्ष की तुलना में इस साल लगभग 4.81 लाख क्विंटल कम धान की खरीदी हो पाएगी। जिले के सभी केंद्रों में लिमिट कम होने से टोकन कटने और धान खपाने में समस्या आ रही थी। किसानों की समस्या को देखते हुए कलेक्टर ने 9 दिसम्बर को पत्र लिखकर 14 केंद्रों में 9855 क्विंटल और 12 दिसम्बर को पुनः पत्र लिखकर अन्य 6 समितियों में 3457 क्विंटल लिमिट बढ़ाने की मांग की थी। कुल मिलाकर 13312 क्विंटल की अतिरिक्त लिमिट मिलने से अब खरीदी में तेजी आएगी। भले ही लिमिट बढ़ा दी गई है, लेकिन प्रशासन के सामने समय की कमी अब भी एक बड़ा संकट है। जिले में धान खरीदी का लक्ष्य पिछले वर्ष के मुकाबले 2 लाख क्विंटल पिछड़ चुका है। धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी है, ऐसे में बचे हुए दिनों में पिछड़न को कवर करना और किसानों का पूरा धान खरीदना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
दोस्त का शव नदी में फेंका, पकड़ाए तो पंचायत ने 4 लाख में कराया राजीनामा
जोंधरा | पचपेड़ी थाना के कुकुरदीकेरा (हरदी) में चार माह पहले लापता हुए 45 वर्षीय पुनीराम कंवर की मौत का खुलासा हुआ है। जिन दोस्तों के साथ पुनीराम घूमने गया था, उन्हीं ने करंट से हुई उसकी मौत को छिपाने के लिए लाश को शिवनाथ नदी में फेंका था। गांव के रसूखदारों के बीच पुलिस को अंधेरे में रखकर इस मौत का सौदा 4 लाख में कर लिया गया। 23 जुलाई को पुनीराम कंवर अपने पांच दोस्तों तुकचंद, सरजू, फिरता कंवर और गोपी ध्रुव के साथ हरदी डैम नाला घूमने गया था। शाम को सभी दोस्त घर लौट आए, लेकिन पुनीराम नहीं लौटा। पत्नी हेमाबाई और उसके तीन छोटे बच्चों ने महीनों तक उसकी तलाश की। पचपेड़ी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस के हाथ खाली रहे। 16 नवंबर को आया, जब गांव में चर्चाओं के बीच दोस्तों ने अपना गुनाह कबूल किया। उन्होंने बताया कि मछली पकड़ने के दौरान पुनीराम करंट की चपेट में आ गया था। पकड़े जाने के डर से उन्होंने लाश को शिवनाथ नदी में बहा दिया। एक तरफ पुलिस जांच शुरू कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ उसी रात गांव के प्रमुखों की मौजूदगी में एक पंचायत बैठी। इसमें मृतक के परिजनों और चारों आरोपी दोस्तों के बीच 4 लाख में आपसी समझौते की बात सामने आई है। यह राजीनामा पुलिस को सूचना दिए बिना और कानूनी प्रक्रिया को ताक पर रखकर किया गया। फिलहाल, पचपेड़ी पुलिस इस खुलासे के बाद आरोपियों से पूछताछ और शव की तलाश में जुट गई है।
घोघर में डूबे एनआईटी छात्र का 4 दिन बाद मिला शव
भास्कर न्यूज | सुंदरगढ़ सुंदरगढ़ जिले के तलसरा थाना अंतर्गत बालिशंकरा ब्लॉक के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल घोघर कनाकुंड में एक बार फिर दर्दनाक हादसा सामने आया है। राउरकेला एनआईटी के छात्र दीपेश प्रधान का शव लापता होने के 86 घंटे यानी चार दिन बाद बरामद किया गया। इस घटना के साथ ही पिछले पांच वर्षों में कनाकुंड में डूबने से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। जानकारी के अनुसार, दीपेश प्रधान राउरकेला एनआईटी में गणित विभाग में पीएचडी के छात्र थे। बीते शनिवार को वे अपने चार दोस्तों के साथ बोलेरो वाहन से कनाकुंड घूमने आए थे। अपराह्न लगभग 3:50 बजे सात बखरा क्षेत्र में नहाने के दौरान वे तेज जलधारा में बह गए और लापता हो गए। साथियों के शोर मचाने पर आसपास मौजूद लोगों ने खोजबीन की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका। इसके बाद तलसरा थाना और अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। झारसुगुड़ा और राउरकेला की ओड्राफ टीम, बालिशंकरा व सबडेगा अग्निशमन दल तथा तलसरा पुलिस ने लगातार चार दिनों तक व्यापक तलाशी अभियान चलाया। अंततः मंगलवार दोपहर करीब 12:50 बजे सबडेगा ब्लॉक की यमुना पंचायत अंतर्गत बैसनबहाल बालिघाट से, कनाकुंड के सात बखरा से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर, दीपेश का शव बरामद किया गया। 2021 से अब तक 8 मौत कनाकुंड में इससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। वर्ष 2021 से अब तक यहां आठ लोगों की मौत हो चुकी थी। तेज जलधारा, गहरे पानी और सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण यह स्थल लगातार हादसों का गवाह बन रहा है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित होकर कनाकुंड पहुंचते हैं, लेकिन लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है।
नाबालिग को चाकू दिखा किया दुष्कर्म, 20 साल की सजा सुनाई
भास्कर न्यूज | रायगढ़ चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और डराने-धमकाने वाले आरोपी को न्यायालय ने कड़ी सजा सुनाई है। पॉक्सो न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र साहू ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी शिशुपाल सेठ (21 वर्ष) को दोषी पाया और उसे 20 साल के सश्रम कारावास सहित 6 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की। घटनाक्रम के अनुसार, पीड़िता अपनी वृद्ध दादी के साथ रहती है। आरोपी शिशुपाल सेठ जनवरी 2022 से ही पीड़िता को जान से मारने की धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। पीड़िता ने बताया कि जब वह एक रात घर से बाहर निकली थी, तब आरोपी ने उसे खेत में ले जाकर चाकू की नोंक पर डराया और पहली बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी उसे लगातार डरा-धमकाकर खेत बुलाता रहा और जबरन संबंध बनाता रहा। उसने पीड़िता को धमकी दी थी कि यदि उसने इस बारे में किसी को बताया, तो वह उसके पूरे परिवार को जान से मार डालेगा। शिशुपाल की हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने न्याय की उम्मीद में आरोपी के माता-पिता और बड़े भाई से शिकायत की थी। परंतु, आरोपी के परिजनों ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और उल्टा पीड़िता को ही डांटकर वहां से भगा दिया। परिजनों से सहयोग न मिलने और आरोपी के बढ़ते अत्याचारों से परेशान होकर अंततः पीड़िता ने 11 जून 2025 को चक्रधर नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार किया गया।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने मनोज
अंबिकापुर | भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा, छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक साहू ने शहर के युवा पार्षद मनोज गुप्ता को प्रदेश उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा है। इस नियुक्ति पर मनोज गुप्ता ने शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन ने जो जिम्मेदारी दी है, उस पर वे ईमानदारी से खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। गुप्ता इससे पूर्व पिछले दो कार्यकालों में संगठन के प्रदेश मंत्री के रूप में सक्रिय रहे हैं।
पात्र छात्र-छात्राओं के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे
अंबिकापुर | अपर कलेक्टर व उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने शासकीय, अशासकीय व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के प्राचार्यों को पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देश दिया है कि नवीन प्रवेशित और 18 वर्ष पूर्ण कर चुके ऐसे छात्र-छात्राओं, जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़ा है, उन्हें चिह्नांकित कर फार्म-6 भरवाया जाए। यह कार्य विशेष गहन पुनरीक्षण अवधि में ऑफलाइन व voters.eci.gov.in के माध्यम से किया जाएगा।
अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बने दीपक
दीपक। भास्कर न्यूज | कुसमी भारतीय जनता पार्टी द्वारा बलरामपुर जिले में अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष दीपक सोनवानी को नियुक्त करने पर भाजपाइयों ने खुशी जाहिर की है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे संगठन को मजबूत करने वाला निर्णय बताया है। बताया गया कि दीपक सोनवानी विद्यार्थी परिषद नगर मंत्री, अजा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष व वर्तमान जिला अजा मोर्चा जिला महामंत्री एवं उपसरपंच पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। संगठन में उनके अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।
फायर कर सही हिसाब नहीं देने पर पिस्टल लाइसेंस रद्द
धमतरी| लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग रेंज के अतिरिक्त अन्य स्थान पर फायर करने तथा राउंड्स का सही हिसाब ना देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने उनका लाइसेंस ही निरस्त कर दिया। कोतवाली थाना प्रभारी राजेश मरई ने बताया कि एसपी द्वारा लाइसेंसधारियों के शस्त्रों एवं इश्यू राउंड्स का चेकिंग करने निर्देशित किया था। इस पर कोतवाली पुलिस ने जांच की, जिस पर मोटर स्टैंड वार्ड निवासी शुभम सोनी ने हथियार लाइसेंस की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन किया। कोतवाली पुलिस ने एसपी को प्रतिवेदन भेजा, जिसमें पिस्टल का लाइसेंस निरस्तीकरण की अनुशंसा कर एसपी ने कलेक्टर को अनुशंसा पत्र भेजा। इसके बाद सार्वजनिक शांति व लोक न्याय में आयुध अधिनियम, 1959 के अध्याय 3 की कंडिका 17 के उपखंड 3 (ख) के तहत शुभम सोनी का पिस्टल लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
धमतरी| भारतीय गौ क्रांति मंच द्वारा 20 व 21 दिसंबर को धर्मसभा का आयोजन किया है। 20 दिसंबर को आमदी में सुबह 11 बजे, दोपहर 2 बजे कोर्रा में धर्मसभा होगी। 21 दिसंबर को सुबह 11 बजे सिंगपुर और दोपहर 2 बजे बगदेही में धर्मसभा होगी। धर्मसभा के मुख्य वक्ता पाटेश्वर धाम पीठाधीश्वर श्रीराम बालक दास महात्यागी होंगे। कार्यक्रम में रक्तदान शिविर भी होगा। आयोजन की तैयारी में संगठन के पदाधिकारी नामदेव राय, संजय सिन्हा, तिलक देवांगन, रिंकू सेन, चेतन साहू, सूर्या नेताम, खूबलाल साहू, डोमेंद्र सिन्हा, रोशन गोस्वामी, जितेंद्र पटेल, किशोर कुंभकार, संतोष निर्मलकर, दीपक साहू आदि जुटे हैं। भखारा/कोर्रा| कोर्रा में भारतीय गौ क्रांति मंच धमतरी द्वारा 20 दिसंबर को दोपहर 2 बजे धार्मिक सभा का आयोजन किया है। श्री पाटेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाल योगेश्वर राम बालकदास का आगमन होगा। इस दौरान रक्तदान शिविर का भी आयोजन होगा। रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए हेलमेट दिया जाएगा।
रोड निर्माण में समतलीकरण की अनदेखी, हुई शिकायत
अंबिकापुर | शहर में सड़कों के निर्माण में मानकों को पूरा नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। मामले को लेकर केदारपुर निवासी शिवेश सिंह बाबू ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया है कि सड़क बनाई जा रही है, लेकिन पानी के ठहराव को रोकने निर्माण से पहले समतलीकरण नहीं किया जा रहा है। इससे सड़क पर पानी का ठहराव रोकना संभव नहीं होगा और सड़क फिर खराब होगी। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि सड़क निर्माण समतलीकरण का ध्यान रखा जाए।
जिले में एम्स और मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग
बैकुंठपुर | कोरिया जिले के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में जिले की अपेक्षित प्रगति न होने को लेकर गंभीर चिंता जताई और कई मांगें सामने रखीं। इसमें मेडिकल कॉलेज, एम्स अस्पताल, संभाग का दर्जा, बीएड., लॉ, फिजियोथेरेपी, उद्यानिकी कॉलेज तथा नालंदा विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना शामिल है। मेडिकल कॉलेज और एम्स अस्पताल से विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मरीजों को बाहर रेफर करने की आवश्यकता खत्म होगी। संभाग का दर्जा मिलने से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। बी.एड. और लॉ कॉलेज से योग्य शिक्षक और अधिवक्ता तैयार होंगे। उद्यानिकी कॉलेज और उद्योगों की स्थापना से किसानों की आय बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
शहर में बीएसएनएल के फर्जी नौकरी के पोस्टर लगे
अंबिकापुर | शहर में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के नाम पर जगह-जगह फर्जी नौकरी के विज्ञापन पोस्टर लगाए गए हैं। इसे लेकर बीएसएनएल ने लोगों को सतर्क किया है। बीएसएनएल, सरगुजा के अनुसार, नगर के विभिन्न स्थान नया बस स्टैंड, घड़ी चौक, गांधी स्टेडियम के सामने सहित अन्य इलाकों में “बीएसएनएल टावरों को चाहिए लड़के-लड़कियां” शीर्षक से नौकरी संबंधी विज्ञापन चिपकाए जाने की जानकारी सामने आई है। इन विज्ञापन पोस्टरों की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर बीएसएनएल प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि उक्त विज्ञापनों से भारत संचार निगम लिमिटेड का किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। न तो बीएसएनएल द्वारा इस तरह की कोई भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है और न ही विभाग की ओर से ऐसे विज्ञापन शहर में लगाए गए हैं। यह मामला आम लोगों, विशेषकर बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर ठगी का शिकार बनाने का है।

