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के.के. विश्नोई बोले- कांग्रेस 2 सालों से दांतों-तले-अंगुली दबा रहे:उनके पास कोई सॉलिड मुद्दा नहीं; गुड़ामालानी को जापानी-यूरोपीय मॉडल पर होगा सौन्दर्यकरण

राजस्थान सरकार के राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा- विपक्ष 2 सालों से दांतों तले अंगुली दबा रहा है। उनके पास कोई सॉलिड मुद्दे नहीं है। उनके मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री को लेकर जो बयान दिए पूरे प्रदेश ने सुनें। वो हर कदम पर आपसी फूट से बाहर नहीं आ पा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि गुड़ामालानी मुख्यालय का सौंदर्यीकरण जापान और यूरोप मॉडल पर होगा। यह बात के.के. मंत्री शुक्रवार रात को नई पंचायत समिति मांगता बनाने पर वहां के लोगों ने उनका स्वागत समारोह में कही। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी शामिल हुए थे। दरअसल, मांगता में नवगठित पंचायत समिति और राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया गया। यह नई पंचायत समिति धोरीमन्ना पंचायत समिति से अलग होकर सृजित हुई है। इस अवसर पर धन्यवाद सभा का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य मंत्री केके बिश्नोई मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने की। विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं- के.के. विश्नोई मीडिया से चर्चा में मंत्री बिश्नोई ने कहा कि विपक्ष पिछले दो सालों से सिर्फ आरोप लगा रहा है लेकिन उनके पास कोई सॉलिड मुद्दे नहीं है। उन्होंने कहा - “पूर्व सरकार में पेपर लीक, कुशासन, विकास को लेकर मुद्दे, उद्योगों को लेकर मुद्दे और आपसी फूट ने विकास रोक दिया था। मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) और उपमुख्यमंत्री (सचिन पायलट) के सार्वजनिक बयानों को पूरा प्रदेश याद रखता है। उनकी तुलना करना भी आज लोगों को ठीक नहीं लग रहा है। गुड़ामालानी मुख्यालय पर यूरोप की तर्ज पर सौन्दर्य करण किया जाएगा। यहां पर शानदार काम होने वाला है। ग्रामीणों के मन में खुशी है लेकिन विपक्ष के लोगों को ठीक नहीं लगेंगा। क्योंकि उनकी आदत में आ चुका है उसमें कोई न कोई कमी ढूंढ होती है। लेकिन जैसा बीते दो सालों में मुंह में अंगुली दबाने के अलावा उनके पास कोई काम नहीं है। गुड़ामालानी को यूरोप मॉडल पर विकसित करने की योजना बिश्नोई ने कहा कि केंद्र सरकार से अपग्रेडेशन की एक स्कीम है। उसके तहत गुड़ामालानी सीमांत जिले का हिस्सा है। अलग-अलग जिलों में आईटीआई दी गई। उसका प्रक्रियाधीन है। अलवर, भरतपुर, जैसलमेर और बाड़मेर जिला है। जहां पर अधिक आवश्यकता भी है। जहां पर नई-नई फैक्ट्रियां भी लगी हुई है। आगे भी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह नवाचार करने का प्रयास किया गया है। जापानी और यूरोपीय मॉडल पर सौंदर्यकरण किया जाएगा ग्रामीणों में खुशी, जगह-जगह स्वागत के.के. विश्नोई ने मीडिया बातचीत में कहा कि लगातार पंचायती राज पुनर्गठन का काम किया जा रहा है। रेवन्यू विलेज और ग्राम पंचायतें बनी उसके बाद से वहां के लोगों में खुशी का माहौल है। यहां के लोगों ने मेरा जगह-जगह स्वागत किया। इनका प्यार समझ लो या खुशी समझ लो। इन्होंने पूरे गुड़ामालानी विधानसभा में जगह-जगह स्वागत कर धन्यवाद और खुशी जाहिर की है। बजट पर बोले- सुझावों के आधार पर निर्णय आगामी बजट पर पूछे गए सवाल में बिश्नोई ने कहा कि कार्यकर्ताओं व जनता की राय के बाद ही बजट घोषणाएं तय होती हैं। उन्होंने कहा कि छोटे स्तर पर बैठकों में आने वाले सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी।

दैनिक भास्कर 6 Dec 2025 8:08 am

विस सत्र के बीच तेजस्वी यादव यूरोप रवाना, शिवानंद तिवारी ने उठाया विरोध की राजनीति खाली होने का सवाल

बिहार विधानसभा सत्र के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यूरोप रवाना, शिवानंद तिवारी ने विपक्ष की भूमिका पर उठाया सवाल। राज्यपाल के अभिभाषण में गैरहाजिरी और विदेश यात्रा ने विधानसभा में सियासी हलचल बढ़ा दी, विपक्ष की सक्रियता पर चर्चा तेज।

प्रातःकाल 5 Dec 2025 2:20 pm

बिहार दिनभर, 15 बड़ी खबरें:फैमिली संग यूरोप ट्रिप पर तेजस्वी, गर्लफ्रेंड के साथ दुपट्‌टे से लटका बॉयफ्रेंड, रसगुल्ले के लिए चलीं कुर्सियां

नमस्कार, आज की सबसे बड़ी खबर पटना से है। दिल्ली में सांसद रेणुका चौधरी के कुत्ते को लेकर पहुंचने पर बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार से पटना में विधानसभा के बाहर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बहुत सारी लेडीज हैं, जो संतुष्टि के लिए कुत्ते के साथ सोती हैं। चलिए सिलसिलेवार पढ़ते हैं, बिहार दिनभर में क्या कुछ खास रहा... टॉप 15 खबरें... 1. BJP विधायक बोले-बहुत लेडीज कुत्ते के साथ सोती हैं बिहार के मोतिहारी से बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार का महिलाओं पर शर्मनाक बयान सामने आया है। दिल्ली में सांसद रेणुका चौधरी के कुत्ते को लेकर पहुंचने पर उनसे बुधवार को पटना में विधानसभा के बाहर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बहुत सारी लेडीज हैं, जो संतुष्टि के लिए कुत्ते के साथ सोती हैं। मोबाइल पर भी देख लीजिएगा। वहां आपको ये सब मिल जाएगा। पूरी खबर पढ़ें 2. पटना में हार के 20 दिन बाद यूरोप घूमने निकले तेजस्वी बिहार विधानसभा चुनाव में हार के 20 दिन बाद तेजस्वी यादव यूरोप घूमने निकले हैं। इस ट्रिप में उनकी पत्नी और दोनों बच्चे भी उनके साथ हैं। तेजस्वी यादव ने 3 दिन का विधानसभा सत्र भी छोड़ दिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे ज्यादा चर्चा जिस नेता ने बटोरी, वह थे तेजस्वी यादव। क्योंकि वे जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने तारीख भी तय कर दी थी- “14 नवंबर रिजल्ट, 18 को शपथ”। लेकिन जब नतीजे आए, घटनाक्रम उलट गया। पूरी खबर पढ़ें 3. बेगूसराय में अतिक्रमण हटाने के दौरान युवक ने खुद पर पेट्रोल डाला बेगूसराय में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान गुरुवार को युवक ने खुद को आग लगाने की कोशिश की। उसने अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया। पुलिस ने दौड़कर उसे रोका और हिरासत में लिया। इस बीच भीड़ भड़क गई। पुलिस वालों के ऊपर पथराव किया गया। इसमें एक सिपाही का सिर फूट गया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। दौड़ा-दौड़ाकर लोगों पर डंडे बरसाए। पूरी खबर पढ़ें 4. छपरा में एक ही दुपट्टे से प्रेमी जोड़े ने लगाई फांसी सारण में एक प्रेमी जोड़े से साथ-साथ अपनी जान दे दी। दोनों ने एक ही दुपट्टे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना बुधवार देर रात जिले के सहाजितपुर थाना क्षेत्र के मोती छपरा गांव की है। दोनों की उम्र करीब 15 से 16 साल बताई जा रही है। वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। पूरी खबर पढ़ें 5. PMCH में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म PMCH में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हो गई है। 3 घंटे की लंबी बातचीत के बाद JDA प्रेसिडेंट ने हड़ताल को वापस ली। बुधवार सुबह 70 साल के सुरेश सिंह की मौत के बाद हंगामा हुआ। मौत की जानकारी देने के बाद परिजन भड़क गए। मेडिसिन इमरजेंसी में डॉक्टरों से मारपीट हुई। इसके बाद जूनियर डॉक्टर OPD सेवा ठप कर हड़ताल पर चले गए थे। पूरी खबर पढ़ें 6. पटना में लैंड फॉर जॉब स्कैम, आरोप तय करने पर फैसला टला लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप तय करने पर दिल्ली की अदालत आज गुरुवार को फैसला सुनाने वाली थी। इस मामले में फिलहाल राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला टाल दिया है। अब 8 दिसंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य समेत कई आरोपी हैं। पूरी खबर पढ़ें 7. CM ने जबरन हाथ उठवाकर PM को नमन करवाया बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। सदन में सीएम नीतीश ने नए विधायकों को बधाई दी। नीतीश कुमार ने कहा, 'पीएम ने बिहार के विकास के लिए बहुत काम किया है। इसमें मदद के लिए मोदी जी को नमन करता हूं। सीएम ने सभी से हाथ उठाकर नमन करने को कहा, आरजेडी विधायकों ने हाथ नहीं उठाया तो सीएम ने कहा कि आप लोग क्यों नहीं करते हैं आपलोग भी कीजिए।' पूरी खबर पढ़ें 8. समस्तीपुर में छात्रा की हत्या करने वाले टीचर का कबूलनामा 'मैं अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहता था, लेकिन उसके घरवाले खासकर मेरी प्रेमिका की छोटी बहन गुड़िया कुमारी हमारे रिश्ते के खिलाफ थी। गुड़िया को मैं पसंद नहीं था। लेकिन मुझे हर हाल में अपनी प्रेमिका से ही शादी करनी थी। मेरी प्रेमिका की बहन मेरी शादी के बीच रोड़ा बनने लगी तो मैंने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। गुड़िया की हत्या के बाद मैं अपनी प्रेमिका की हत्या करना चाहता था, लेकिन पकड़े जाने के डर से फरार हो गया।' ये बातें नालंदा जिले के रहने वाले 40 साल के कुमुद उर्फ दीपक ने पुलिस की पूछताछ में बताई है। पूरी खबर पढ़ें 9. मुजफ्फरपुर में डिलीवरी के बाद 800 रुपए मांगने वाली नर्स सस्पेंड मुजफ्फरपुर में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) के डिलिवरी डिपार्टमेंट में रिश्वत लेने के आरोप में एक नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। जिला पदाधिकारी (DM) सुब्रत कुमार सेन ने इस मामले में आरोप गठन का निर्देश दिया है। डीएम ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोपरि बताते हुए भ्रष्ट आचरण के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति दोहराई है। पूरी खबर पढ़ें 10. सहरसा में सदर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिली, कंधे पर ढोए शव सहरसा में गुरुवार को सदर अस्पताल सहरसा में अमानवीय लापरवाही देखने को मिली, जब दो मृतकों के परिजनों को सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के कारण शवों को खुद कंधे और स्ट्रेचर पर उठाकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक ले जाना पड़ा। अस्पताल परिसर में सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिलने की वजह से परिजनों का दर्द और आक्रोश साफ झलक रहा था। पूरी खबर पढ़ें 11. जमुई में 3 महिलाओं को मृत बताकर पेंशन बंद जमुई के बरहट प्रखंड में तीन जीवित महिलाओं को मृत घोषित कर उनकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई है। ये महिलाएं पिछले 2 साल से अपनी पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। टेंगहरा गांव की 81 साल की शकुंती देवी और 77 साल की रूना देवी के साथ-साथ नूमर गांव की सकली देवी भी इस समस्या से जूझ रही हैं। उन्हें पोर्टल पर मृत दर्शाया गया है, जिसके कारण उनकी पेंशन रोक दी गई है। पूरी खबर पढ़ें 12. कैमूर में चुनावी विवाद में मुखिया पुत्र को ट्रैक्टर से कुचला कैमूर के मोहनिया प्रखंड की डंडवास पंचायत में चुनावी विवाद के चलते मुखिया राजेश प्रजापति के बेटे कृष्णा कुमार को कथित तौर पर ट्रैक्टर से कुचल दिया गया। इस घटना में कृष्णा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है। मुखिया राजेश प्रसाद ने आरोप लगाया है कि यह हमला विधानसभा चुनाव में मतदान को लेकर हुई खींचतान का नतीजा है। पूरी खबर पढ़ें 13. गोपालगंज में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज गोपालगंज के मॉडल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में करीब ढाई घंटे तक बिजली गुल रही। इस दौरान डॉक्टरों और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया। दुर्घटना और मारपीट में घायल होकर आए मरीजों का इलाज करने में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को दिक्कतें आईं। मरीजों के परिजनों ने अपने मोबाइल का टॉर्च जलाकर रोशनी की, जिसके बाद इलाज शुरू हो सका। पूरी खबर पढ़ें अब वो खबर जो हटकर है 14. गयाजी में रसगुल्ले कम पड़े तो शादी में चली कुर्सियां गयाजी में शादी में रसगुल्ले कम पड़े तो बाराती और लड़की वालों के बीच जमकर मारपीट हुई। दोनों ओर से कुर्सियां चलीं। लड़की और लड़के पक्ष ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाए। जिसके हाथ में जो आया, वो फेंककर मारपीट की गई। वीडियो में बाराती और लड़की वाले एक-दूसरे पर कुर्सी, ग्लास-प्लेट फेंकते नजर आ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें जानिए कल प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम 15. बिहार में कल का मौसम सामान्य बना रहेगा बिहार में कल यानी शुक्रवार को मौसम सामान्य बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार कल कई जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज। वहीं सुबह और शाम में हल्की ठंड रहेगी।

दैनिक भास्कर 4 Dec 2025 6:46 pm

हार के 20 दिन बाद यूरोप घूमने निकले तेजस्वी:पत्नी और दोनों बच्चे भी साथ; 3 दिन का विधानसभा सत्र छोड़ा

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के 20 दिन बाद तेजस्वी यादव यूरोप घूमने निकले हैं। इस ट्रिप में उनकी पत्नी और दोनों बच्चे भी उनके साथ हैं। तेजस्वी यादव ने 3 दिन का विधानसभा सत्र भी छोड़ दिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे ज्यादा चर्चा जिस नेता ने बटोरी, वह थे तेजस्वी यादव। क्योंकि वे जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने तारीख भी तय कर दी थी- “14 नवंबर रिजल्ट, 18 को शपथ”। लेकिन जब नतीजे आए, घटनाक्रम उलट गया। NDA ने 202 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की और RJD सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई। महागठबंधन का आंकड़ा भी 35 से आगे नहीं बढ़ा। चुनावी हार के बाद एक और बात चर्चा में रही- तेजस्वी यादव का सार्वजनिक जीवन से अचानक गायब हो जाना। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले और दूसरे दिन तेजस्वी यादव सदन में दिखे। इसके बाद उनका पटना एयरपोर्ट से वीडियो सामने आया था। कहा गया था कि दिल्ली जा रहे हैं। सदन से तेजस्वी यादव के गायब होने पर बीजेपी विधायक नीरज कुमार ने निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव सदन में क्यों नहीं आ रहे हैं? कहां गायब हो गए हैं? 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में ऐतिहासिक शपथ समारोह हुआ। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, 11 राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे, लेकिन तेजस्वी यादव गायब। आमंत्रण भी गया था, सीट भी रिजर्व थी, लेकिन तेजस्वी नहीं दिखे। 14 से 23 नवंबर तक वे ना रोड पर, ना मीडिया के सामने, ना प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए। इसके बाद वो एकाध शादियों में दिखाई दिए। विधानसभा सत्र के 2 दिन कार्यवाही में भी वो दिखाई दिए, लेकिन इसके बाद वो सदन भी नहीं आए। सोशल मीडिया X पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार को सिर्फ एक औपचारिक रूप से बधाई दी। इन 20 दिनों में RJD में विवाद, परिवार में नाराजगी, हार की समीक्षा को लेकर उथल पुथल चलती रही। तेजस्वी के बाहर नहीं आने को लेकर सैकड़ों सवाल उठे कि क्या ये रणनीतिक तौर पर चुप हैं, मानसिक थकान है, आंतरिक असंतोष है या राजनीतिक पुनर्गठन का समय? इसके पीछे की पूरी कहानी पढ़िए, अगले 9 पॉइंट में...। सबसे बड़ा सवाल- सबसे बड़ी चुप्पी: 18 नवंबर शपथ तक गायब क्यों? 14 नवंबर को नतीजों की घोषणा शुरू हुई तो तेजस्वी अपने 1, पोलो रोड आवास में ही रहे। RJD की सीटें घटती गईं, लेकिन पूरे दिन उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। रात में वे राबड़ी आवास पहुंचे, लेकिन कोई बयान नहीं दिया। 15-16 नवंबर के दिन भी सन्नाटा देखने को मिला। इस चुनावी हार के बाद परंपरा रही है कि विपक्ष का नेता जनता और समर्थकों को संदेश दे, लेकिन तेजस्वी बाहर ही नहीं आए। सबसे बड़ा सवाल शपथ ग्रहण समारोह को लेकर उठा, क्योंकि बिहार के राजनीतिक इतिहास में ऐसा शायद ही हुआ होगा कि नेता प्रतिपक्ष इस मौके पर मौजूद ना हो। नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। मंच पर प्रधानमंत्री सहित दर्जनों राष्ट्रीय नेता थे, लेकिन RJD की खाली कुर्सी सभी का ध्यान खींच रही थी। क्या तेजस्वी निमंत्रण से नाखुश थे या कोई रणनीति थी या परिवार में चल रहे विवाद ने सार्वजनिक उपस्थिति रोक ली? RJD नेताओं ने भी इस मामले पर चुप्पी साथ रखी थी। तेजस्वी की यही चुप्पी चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गई है। 14 नवंबर- नतीजों के दिन राबड़ी आवास के बंद दरवाजे और बेचैनी 14 नवंबर की सुबह चुनावी गिनती के दौरान शुरुआत में RJD कार्यकर्ता उत्साहित थे। सेट ट्रेंड देख उम्मीदें बनीं, लेकिन धीरे-धीरे तस्वीर बदलने लगी। पोलो रोड आवास के बाहर मीडिया, समर्थक, राजनीतिक विश्लेषक जुटे। सभी को केवल तेजस्वी के बयान का इंतजार था, लेकिन पूरे दिन ना कोई प्रेस नोट, ना अपीयरेंस, ना सोशल मीडिया संदेश। देर रात तक जब हार तय हो गई थी, तेजस्वी राबड़ी आवास पहुंचे, लेकिन वहां भी सन्नाटा पसरा था। लालू परिवार में क्या हुआ, रणनीति पर क्या चर्चा हुई, इसको लेकर बाहर किसी को भी जानकारी नहीं दी गई। यह पहली बार हुआ, जब तेजस्वी ने चुनावी हार पर फौरन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे यह सवाल उठा कि क्या RJD की हार उम्मीद के विपरीत थी, जबकि वे जीत को निश्चित मान बैठे थे या पार्टी के भीतर असंतोष को शांत करने में देरी हुई। RJD के युवा कैडर लगातार पूछते रहे- “दिशा क्या है?” लेकिन जवाब नहीं मिला। उस रात RJD की चुप्पी ने कहानी बदल दी। 17 नवंबर- हार की समीक्षा बैठक, लेकिन कैमरे से रही दूरी 17 नवंबर का दिन RJD के लिए बेहद अहम था। एक पोलो रोड स्थित कार्यालय में सभी हारे उम्मीदवारों को बुलाया गया। लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव एक साथ पहुंचे। अंदर लगभग तीन घंटे समीक्षा चली- किसकी हार क्यों हुई? सीट बंटवारे में गलती? कैडर मैनेजमेंट? मुस्लिम-यादव वोट का बिखराव? INDIA गठबंधन का नुकसान? लेकिन इस बैठक के दौरान तेजस्वी चुप थे, कैमरे से चेहरे छुपाते दिखे। राजनीति में हार के बाद नेतृत्व की भूमिका और भी बड़ी मानी जाती है। बैठक के बाद RJD ने उन्हें औपचारिक रूप से नेता प्रतिपक्ष चुना। यानी संगठन को अभी भी उन पर भरोसा है। लेकिन बाहर आकर भी तेजस्वी ने एक शब्द नहीं बोला। यही चुप्पी राजनीतिक पहेली बन गई कि क्या वे खुद को जिम्मेवार मान रहे हैं? या आरोप लगाने वालों से बच रहे हैं? 20 नवंबर- सोशल मीडिया पर नहीं दिखे एक्टिव, सिर्फ नीतीश सरकार को औपचारिक बधाई दी तेजस्वी यादव आमतौर पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। तेज प्रतिक्रियाएं, तंज, ग्राफिक्स, रैली अपडेट, वीडियो संदेश। नतीजों आने के बाद तस्वीर बिल्कुल उलट दिखी। तेजस्वी ने 8 दिनों तक एक भी ट्वीट नहीं किया। सिर्फ 20 नवंबर को शपथ दिवस पर औपचारिक पोस्ट- “शुभकामनाएं” बस लिखा। कोई प्रतिक्रिया, कोई आत्मनिरीक्षण, कोई राजनीतिक संदेश नहीं। डिजिटल दौर में चुप्पी राजनीतिक निर्णय नहीं, राजनीतिक संदेश बन जाती है। इससे यह सवाल उठा कि क्या RJD डिजिटल टीम को भी “चुप रहने” का निर्देश मिला था? क्या पार्टी बड़े संकट प्रबंधन मोड में थी? या पारिवारिक विवादों को बढ़ने से रोकना चाहती थी? राजनीतिक संचार विशेषज्ञ कहते हैं कि चुनाव के बाद जनता उम्मीद करती है कि नेता सामने आए, बोले, दिशा दे। लेकिन यहां साइलेंस ने ही खबर बना दी। रोहिणी विवाद- परिवार की कलह ने राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ाई हार के तुरंत बाद RJD परिवार में तनाव खुलकर सामने आया। रोहिणी आचार्य के पोस्ट असंयमित, भावुक, आरोपों से भरे थे, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। फिर मीसा भारती की प्रतिक्रिया, unfollow-follow एपिसोड, समर्थकों की लड़ाई और कथित राजनीतिक सलाहकारों पर निशाना। RJD समर्थकों ने पहली बार इतने खुले रूप में लालू परिवार को विभाजित देखा। यह वही लालू परिवार है, जिसने 30 वर्षों तक एकता की छवि बनाई। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि हार के बाद पार्टी को संदेश देना चाहिए था कि “हम एक हैं”, लेकिन हुआ उल्टा। फिर भी तेजस्वी चुप रहे और कोई सफाई, कोई अपील, कोई मध्यस्थता नहीं किया। इससे यह धारणा बनी कि या तो वे पहले से नाराज थे या वे पारिवारिक भावनात्मक विस्फोट को रोक नहीं पा रहे थे। इस विवाद ने तेजस्वी की गैर-मौजूदगी को और सवालों के घेरे में ला दिया। क्या 171 रैलियां करने के बाद भी हार ने निजी सदमे का रूप लिया? तेजस्वी यादव का चुनाव अभियान देशभर में चर्चा में रहा। कुल 171 रैलियां, 20 रोड शो, प्रति दिन 7-8 सभाएं, औसतन 4 जिले प्रतिदिन। उन्होंने नीतीश और मोदी दोनों से अधिक रैलियां की। यह असाधारण राजनीतिक ऊर्जा थी। युवाओं की भीड़, महिलाओं की उपस्थिति, बेरोजगारी का मुद्दा- सभी ने संकेत दिए थे कि RJD दौड़ में है। लेकिन नतीजे उम्मीद से बिल्कुल विपरीत आए। शायद यही सबसे बड़ा भावनात्मक झटका बना। राजनीतिक मनोविज्ञान कहता है कि जो नेता अभियान में बेहद निवेश करता है, वह हार के बाद सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आता, क्योंकि वह पहले खुद से लड़ता है। तेजस्वी की चुप्पी को इससे भी पढ़ा जा सकता है। या तो आत्ममंथन हो सकता है या हार पचाने की प्रक्रिया। लेकिन सवाल वही- क्या नेता को जनता से भी eight-day recovery की जरूरत थी? 20 नवंबर- NDA का शपथ ग्रहण में सीट खाली, क्या राजनीतिक संदेश था? 20 नवंबर की तस्वीरें आज भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। गांधी मैदान में ऐतिहासिक मंच, सुरक्षा का अभूतपूर्व इंतजाम, देशभर के नेताओं का जमावड़ा, हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ और तेजस्वी की खाली कुर्सी। समारोह लोकतंत्र का उत्सव था, लेकिन विपक्ष की अनुपस्थिति संतुलन तोड़ रही थी। आमतौर पर विपक्षी नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचते हैं, क्योंकि सत्ता और विपक्ष संसद की दो अनिवार्य दीवारें हैं। लेकिन RJD की गैर-मौजूदगी को BJP ने अवसर बना लिया। जेडीयू ने कहा “हार पच नहीं रही।” यह राजनीतिक नजारा लोगों के मन में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। सवाल है कि क्या यह बायकॉट था? क्या यह निजी निर्णय था या फिर यह कोई संकेत था? तेजस्वी ने न स्पष्टीकरण दिया, न ही खंडन किया। राजनीति में बिना बोले भी संदेश बन जाता है। RJD के भीतर सवाल, नेतृत्व शैली पर पहली बार खुली चर्चा चुनाव समीक्षा बैठक के बाद कई उम्मीदवारों ने खुलकर कहा कि टिकट वितरण जल्दबाजी में हुआ। गठबंधन की रणनीति गलत थी। मुस्लिम-यादव वोट NDA में शिफ्ट हुआ और कुछ जिलों में प्रचार कमजोर रहा। यह आवाजें पहले कम सुनाई देती थीं, जो अब खुलकर सामने आने लगीं। सबसे बड़ा सवाल यह था कि क्या RJD अब भी पूरी तरह से तेजस्वी-केंद्रित है या संगठन बदलाव चाहेगा? अनुभवी नेताओं का यह भी मत है कि हार के बाद नेता को सामने आना चाहिए। जनता और कार्यकर्ताओं को संबोधित करना चाहिए। लेकिन आठ दिनों की अनुपस्थिति ने भीतरी असंतोष को उभरने का मौका दे दिया। इसी बीच तेज प्रताप भी दो बार सार्वजनिक हुए और समर्थकों से मिले। यानी नेतृत्व केवल एक चेहरा नहीं रह गया। यह RJD संरचना में भावी परिवर्तन की संभावनाओं की शुरुआत हो सकती है। अब आगे क्या- तेजस्वी की अगली चाल ही विपक्ष का भविष्य तय करेगी तेजस्वी का राजनीतिक सफर अभी लंबा है। युवा पहचान, जनाधार और विपक्ष का चेहरा, सब उनके पास है। हार एक अंत नहीं, री लॉन्च का अवसर हो सकती है। अब सबसे बड़ा सवाल— क्या वे आक्रामक विपक्ष बनेंगे? क्या वे INDIA ब्लॉक से दूरी बढ़ाएंगे? क्या वे संगठन का पुनर्गठन करेंगे? क्या वे परिवार के भीतर मतभेद सुलझाएंगे? क्या वे बेरोजगारी और महंगाई पर आंदोलन शुरू करेंगे? या कुछ समय के लिए public visibility कम रखेंगे? मीडिया, जनता और राजनीतिक गलियारों की नजर तेजस्वी के अगले कदम पर टिकी हुई है। बिहार की राजनीति में खालीपन नहीं रहता। अगर विपक्ष खामोश रहा तो NDA का नरेटिव स्थायी हो जाएगा। तेजस्वी जल्दी ही लौटेंगे, ऐसी उम्मीद उनके समर्थक कर रहे हैं। लेकिन तेजस्वी का अगला कदम ही तय करेगी कि उन्होंने कुछ सीख लिया या भीतर से टूट गए?

दैनिक भास्कर 4 Dec 2025 2:45 pm

'हमारे लिए बाधा बनकर खुद का नुकसान कर रहे', पुतिन का प्लेन भारत लैंड करने से पहले जयशंकर ने अमेरिका-यूरोप को क्यों चेताया?

EAM Jaishankar warns immigration restricted:रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विशेष विमान आज भारत में लैंड हो रहा है. उनके इस दो दिवसीय दौरे से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका और यूरोप जैसे पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश दिया है. जयशंकर ने बहुत ही साफ शब्दों में कह दिया है कि ये देश खुद का ही नुकसान कर रहे हैं. जानते हैं आखिर क्या है मामला?

ज़ी न्यूज़ 4 Dec 2025 10:47 am

DNA: पुतिन ने चेताया, जर्मनी ने 'हमला' कर दिया! रूस पर यूरोप के पहले 'अटैक' का DNA टेस्ट

Russia-Europe: पुतिन ने कहा कि हम यूरोप से जंग नहीं चाहते लेकिन अगर वह ऐसा चाहते हैं तो हम तैयार हैं. यह बयान जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे यूरोप के बड़े देशों को पुतिन की बड़ी धमकी है.

ज़ी न्यूज़ 3 Dec 2025 11:05 pm

बेनीवाल बोले- 61 भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेला:राजस्थान के भी 5 युवा शामिल, धोखे से फ्रंटलाइन पर भेजा; संसद में उठाया मुद्दा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। उनके आने से एक दिन पहले बुधवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा के शून्यकाल में रूस में फंसे 61 भारतीय युवकों का मामला उठाया है। बेनीवाल ने रूस में स्टडी और वर्क वीजा पर गए राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों के 61 भारतीय नागरिकों की तत्काल वतन वापसी की मांग की है, जिन्हें कथित तौर पर धोखे से रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया है। ​धोखे से युद्ध क्षेत्र में धकेले गए युवक​सांसद बेनीवाल ने सदन को बताया- इन 61 युवकों को रोजगार और सामान्य कार्य का झांसा देकर रूस भेजा गया था। हालांकि, वहां तैनात एजेंटों ने आपराधिक कृत्य करते हुए उन्हें जबरन सैन्य गतिविधियों में लगा दिया है। बेनीवाल ने कहा कि उन्हें इन प्रभावित परिवारों से गंभीर जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें सामने आया है कि ये युवक पिछले तीन से चार महीनों से अपने परिजनों के संपर्क में नहीं हैं। ​परिजनों ने जंतर-मंतर पर दिया था धरना​सांसद ने बताया कि इन 61 युवकों में राजस्थान के मनोज सिंह शेखावत, अजय कुमार, संदीप सूंडा, महावीर प्रसाद और करमचंद जैसे युवा शामिल हैं। अपनी पीड़ा और चिंता सरकार तक पहुंचाने के लिए इन प्रभावित परिवारों ने 3 नवंबर और 1 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था। बेनीवाल ने इस विषय की सूचना स्वयं विदेश मंत्रालय को भी दी है और प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की हैं। ​सांसद ने की त्वरित कार्रवाई की मांग​नागौर सांसद ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा- वर्तमान में इन भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए रूस सरकार से तुरंत वार्ता कर इन्हें युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला जाए और स्वदेश वापसी की ठोस पहल की जाए। इसके साथ ही युवाओं को धोखा देकर फ्रंटलाइन पर भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ भी शीघ्र आपराधिक कार्रवाई की जाए। विदेश मंत्रालय ने जारी की थी एडवाइजरी.... बीते कुछ दिनों में राजस्थान के अलावा, हरियाणा और पंजाब के बाद ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं। जिसमें युवक धोखे से उन्हें यूक्रेन युद्ध में धकेलने का दावा कर रहे हैं। ऐसे वीडियो सामने आने के बाद 11 सितंबर 2025 को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक एडवाइजरी भी जारी की थी। जानें- क्या है वो एडवाइजरी... .... इंडियन स्टूडेंट्स को यूक्रेन युद्ध में धकेलने से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... रूस के बंकरों से जयपुर के मनोज का आखिरी VIDEO:कहा था- 3 दिन में कॉल नहीं आए तो समझना जिंदा नहीं, अब 2 सप्ताह से संपर्क नहीं, सदमे में परिवार जयपुर के मनोज सिंह शेखावत…15 अक्टूबर को रूस के एक बंकर से खुद का 51 सेकेंड का वीडियो पत्नी को भेजते हैं….चेहरा सहमा हुआ है आवाज में एक डर नजर आ रहा है... पूरी खबर पढ़िए बीकानेर का स्टूडेंट बोला- हमें जबरन यूक्रेन युद्ध में धकेला:ये मेरा लास्ट वीडियो हो सकता है, मां-बाप ने कहा- हमारे इकलौते बेटे को लौटा दो राजस्थान से मॉस्को (रूस) में पढ़ाई के लिए गए एक स्टूडेंट ने दावा किया है कि उसे जबरन युद्ध के मैदान में उतारा गया है। उसने दो वीडियो भी परिवार को भेजे हैं, जिसमें वो सेना की वर्दी में नजर आ रहा है। पूरी खबर पढ़िए

दैनिक भास्कर 3 Dec 2025 3:15 pm

मैंने 8 युद्ध खत्म किए। भारत, पाकिस्तान... कितने ही युद्ध खत्म किए। मुझे नाटो में यूरोप का राष्ट्रपति कहते हैं : ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी समय से दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने कई युद्धों को रुकवाया है। आलम ये है कि उन्होंने खुद के लिए शांति का नोबल पुरस्कार की मांग भी कर दी थी। ट्रंप इस बात का भी लगातार दावा कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही सीजफायर करवाया। एक बार फिर से उन्होंने युद्ध रुकवाने के शानदार रिकॉर्ड पर जोर देते हुए भारत और पाकिस्तान का जिक्र किया।

देशबन्धु 3 Dec 2025 12:39 pm

यूरोप युद्ध लड़ना चाहता है तो रूस तैयार है...पुतिन की खुलेआम चेतावनी, बोले-ऐसी मार मारेंगे शांति वार्ता के लिए कोई यूरोपीय देश नहीं बचेगा

Putin warns Europe: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वे रूस से जंग शुरू करेंगे, तो यूरोप का ऐसा हाल होगा कि बातचीत करने वाला कोई नहीं बचेगा. यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन ने कहा कि रूस शांति चाहता है, लेकिन यूरोपीय देश ट्रंप की शांति कोशिशों में बाधा डाल रहे हैं. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 3 Dec 2025 7:05 am

विदेश में मौज-मस्ती करने वाले IAS योगेश-अभिलाषा को जानिए:कभी नहीं मिलता था भरपेट खाना, आज रिश्तेदारों को करा रहे यूरोप की सैर

बिहार के 2 IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर और अभिलाषा शर्मा टेंडर घोटाले में ED की जांच का सामना कर रहे ठेकेदार रिशुश्री से गलत लाभ लेने के आरोप के चलते मुसीबत में हैं। ED ने इनके खिलाफ जांच की और आगे की कार्रवाई के लिए SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) को पत्र लिखा है। रिशुश्री ने योगेश कुमार सागर और उनके 8 रिश्तेदारों को यूरोप की यात्रा कराई। 22 जून 2024 से 30 जून 2024 तक हुई इस यात्रा में योगेश और उनके परिवार के 8 लोग ऑस्ट्रिया के वियाना, साल्जबर्ग और वॉल्फगैंग शहर घूमे। आलीशान होटलों में ठहरे। हवाई यात्रा और विदेशी होटलों के रुकने पर 21.92 लाख रुपए खर्च हुए। पैसे रिशुश्री ने दिए। कौन हैं IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर और अभिलाषा शर्मा? इनपर लगे क्या आरोप? IAS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का क्या है प्रोसेस? पढ़ें रिपोर्ट.. कौन हैं IAS योगेश कुमार सागर? 2017 बैच के IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर समाज कल्याण विभाग में तैनात हैं। योगेश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के हैं। उन्होंने 2012 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से MBBS किया था। कभी ठीक से पेट भरना था मुश्किल एक वक्त था जब योगेश कुमार सागर के लिए ठीक से पेट भरना तक मुश्किल था। बेहद कठिन स्थिति में बचपन बीता, पढ़ाई-लिखाई की। IAS बनने के बाद खुद के साथ रिश्तेदारों को भी यूरोप की सैर कराई। योगेश का जन्म 15 अप्रैल 1988 को हुआ था। पिता कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज विभाग में कॉन्स्टेबल थे। उनके 6 भाई और 4 बहनें हैं। पिता की सैलरी से बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च चल पाता था। 1990 में पिता की मौत हो हुई। पिता के जाने के बाद घर का खर्च चलाने का जिम्मा बड़े भाई शैलेश पर आ गया। वह IVRI बरेली में क्लर्क थे। 2 हजार रुपए वेतन था। इस पैसे से घर खर्च पूरा नहीं होता था। भाई-बहनों की स्कूल फीस भरने के लिए कर्ज लेना पड़ता था। योगेश ने IAS बनने के बाद बताया था, 'घर में रोज एक टाइम भोजन बनता। सब्जी की जगह चटनी। आधा पेट खाना खाकर स्कूल जाते थे।' योगेश ने 2004 में बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की पढ़ाई की। 2005 में CPMT क्वालीफाई किया। 2006 में लखनऊ के KGMU में MBBS में एडमिशन लिया। 2012 में पढ़ाई पूरी की फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने में जुट गए। 2013 में दिल्ली गए। 2014-15 में परीक्षा दी और पहली बार में IRS के लिए चुने गए। नागपुर में ट्रेनिंग ले रहे थे। इसी दौरान 2016-17 में फिर से सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 223वीं रैंक के साथ क्वालीफाई किया। फारबिसगंज एसडीओ के रूप में शुरू हुआ था योगेश का करियर योगेश कुमार सागर का करियर अररिया जिले के फारबिसगंज SDO के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद वह भागलपुर में निगम कमिश्नर रहे। 7 मार्च 2024 से लेकर 17 फरवरी 2025 तक बुडको के एमडी रहे। बुडको से ट्रांसफर होने के बाद समाज कल्याण विभाग में हैं। कौन हैं IAS अभिलाषा शर्मा? अभिलाषा शर्मा ग्रामीण विकास विभाग में जीविका की सीईओ हैं। बिहार कैडर की 2014 बैच की IAS अधिकारी अभिलाषा ने पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है। अभिलाषा का जन्म 26 जनवरी 1989 को हुआ था। इनके करियर की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्रालय से हुई। वह बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। सीतामढ़ी की डीएम के रूप में काम किया। वित्त विभाग में संयुक्त सचिव थीं। अभिलाषा शर्मा के खिलाफ लगे क्या आरोप? अभिलाषा के घर की छत पर बगीचा लगाया गया। आरोप है कि इस काम में लगने वाले 9 लाख रुपए रिशु ने दिए। उसने IAS अधिकारी के रिश्तेदारों को गोवा, दिल्ली और हैदराबाद घुमाया। पूरा खर्च दिया। इसके साथ ही रिशु ने आईफोन और दूसरे महंगे गिफ्ट दिए। कितनी होती है IAS अधिकारी की सैलरी? IAS अधिकारी भारत में प्रशासनिक सेवाओं में टॉप ऑफिसर होते हैं। केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों से लेकर जिला स्तर तक, इन अधिकारियों के जिम्मे सरकार के काम होते हैं। एक आईएएस अधिकारी की सैलरी कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर है कि उन्होंने कितने साल सेवा दी, कैसा प्रदर्शन किया, कितने प्रमोशन मिले। इन बातों के आधार पर अधिकारी की सैलरी 2.5 लाख रुपए प्रति महीने तक पहुंच जाती है। इतना वेतन कैबिनेट सचिव जैसे अधिकारियों का होता है। आईएएस अधिकारी को वेतन के साथ ही DA, HRA, TA समेत कई भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। IAS अधिकारी का शुरुआती वेतन करीब 84 हजार रुपए होता है। योगेश कुमार सागर 2017 बैच के अधिकारी हैं। वहीं, अभिलाषा 2014 बैच की अधिकारी हैं। आईएएस अधिकारी 9 साल से अधिक समय से सेवा में हो और डीएम, संयुक्त सचिव या उप सचिव जैसे पद पर हो तो उनका वेतन 1.17 लाख रुपए प्रति महीना से अधिक हो सकता है। इसमें 78,800 रुपए बेसिक पे, 36288 रुपए DA, 12608 रुपए HRA और 4000 रुपए TA शामिल है। आसान नहीं IAS अधिकारी को पद से हटाना IAS अधिकारी योगेश और अभिलाषा के खिलाफ SVU ने जांच शुरू कर दी है। निगरानी विभाग की अनुमति मिलने के बाद दोनों के खिलाफ SVU थाने में केस दर्ज किया जाएगा। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही एजेंसी SVU के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार इनके खिलाफ संबंधित विभाग को लिखकर भेजा गया है। भ्रष्टाचार के मामले की जानकारी दी गई है। विभाग की अनुमति के बाद इनके खिलाफ FIR दर्ज होगी। इस मामले में दोनों अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है? इसका जवाब आने वाले समय में मिलेगा। वैसे भारत में एक आईएएस अधिकारी को नौकरी से निकालना कोई आसान काम नहीं। कैडर कोई भी हो, आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार के कर्मचारी होते हैं। नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। इन्हें नौकरी से निकालने की प्रक्रिया सख्त और स्पष्ट है। सिर्फ आरोपों या किसी मंत्री, सीएम के चाहने से अधिकारी को नहीं निकाला जा सकता। अगर किसी अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगते हैं तो उसकी जांच होगी। अगर जांच में वह दोषी पाए जाते हैं तो विभागीय जांच होगी। इस जांच में भी अधिकारी दोषी मिले तो केंद्र सरकार को रिपोर्ट दी जाती है। इस दौरान अधिकारी को अपनी सफाई देने का पूरा मौका मिलता है। आखिरी फैसला राष्ट्रपति द्वारा लिया जाता है। कौन है ठेकेदार रिशुश्री? ठेकेदार रिशुश्री का पूरा नाम रिशु रंजन सिन्हा है। इसके खिलाफ SVU ने FIR दर्ज की है। आरोप है कि रिशु सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच दलाली करता है। ईडी की जांच में पता चला है कि रिशु के संबंध बिहार के कई बड़े अधिकारियों से हैं। रिशुश्री टेंडर घोटाला केस में ईडी की जांच के घेरे में है। क्या है SVU? SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) बिहार पुलिस की खास यूनिट है। इसका काम सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच करना है। SVU द्वारा अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच की जाती है। ED जैसी केंद्रीय एजेंसी के अनुरोध पर भी SVU द्वारा जांच और FIR की जाती है।

दैनिक भास्कर 3 Dec 2025 6:06 am

फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन, 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Alain Delon passes away: 'द लेपर्ड' और 'रोक्को एंड हिज ब्रदर्स' जैसी सुपर हिट फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखाने वाले फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन हो गया है। एलेन डेलन ने 88 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। अभिनेता के पारिवारिक सूत्रों ने ...

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समाचार नामा 21 May 2024 2:45 pm

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मनोरंजन नामा 29 Apr 2024 9:00 pm