अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस–यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में बातचीत आगे बढ़ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कई महीनों से चल रही लड़ाई को रोका जा सकता है। ट्रंप ने यह बात बर्लिन में यूरोपीय नेताओं और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत के बाद कही
Donald Trump:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने वाला समझौता अब पहले से कहीं ज्यादा नजदीक है. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ लंबी और सकारात्मक बातचीत के बाद यह बयान दिया. बता दें, ये बयान ऐसे समय में आया है जब यूरोपीय नेता यूक्रेन में शांति समझौता लागू करने के लिए एक संयुक्त अंतरराष्ट्रीय बल तैनात करने का प्रस्ताव दे रहे हैं.
alien life on Europa : बृहस्पति के चांद यूरोपा पर नासा को एक अजीब मकड़ी जैसा निशान मिला है, जिसे वैज्ञानिक बर्फीली सतह के नीचे नमकीन पानी के बाहर आने का सबूत मान रहे हैं. यह निशान यूरोपा पर तरल पानी और सूक्ष्म जीवन की संभावना का सबसे बड़ा सुराग हो सकता है.
बर्लिन में यूक्रेन प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी दूतों से कहा कि NATO सदस्यता छोड़ने को तैयार अगर मजबूत सुरक्षा गारंटी मिले. अमेरिका लगातार दबाव डाल रहा है शांति डील पर, जिसके बाद अब यूरोप को डर समा गया है कि रूस यूक्रेन को हराने के बाद रुकेंगा नहीं, इसलिए हर संभव मदद का ऐलान कर दिया है.
यूरोप बसने का सपना बना खौफनाक... पुर्तगाल के लिए निकला गुजरात का परिवार लीबिया में कैसा हुआ कैद?
Gujarat couple: गुजरात के मेहसाणा का एक परिवार पुर्तगाल बसने निकला, लेकिन लीबिया में बंधक बना लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने 2 करोड़ की फिरौती मांगी है. मामला राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय तक पहुंच चुका है.
Donald Trump on Europe: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूरोप के 'टुकड़े-टुकड़े' करने का प्लान बना रहे हैं. जो यूरोप अब तक अमेरिका की आंख का टुकड़ा हुआ करता था, अब वो यूएस से दूर क्यों हो रहा है.
उभरती वैश्विक भूराजनीति में यूरोप कहां है?
अमीर यूरोपीय देशों, खासकर जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन की तिकड़ी के लिए, साल 2026 में जो भूराजनीतिक स्थिति बन रही है, उसमें अस्तित्व के संकट के काफी तत्व हैं
अब तक किसानों को पके हुए अमरूदों से नुकसान होता था, या तो इनकी खरीद नहीं हो पाती थी या फिर इन्हें खराब हो जाने पर फेंकना पड़ता था। अब इन पके हुए अमरूदों के भी किसानों को 12-20 रुपए किलो का भाव मिल रहा है। किसानों की समस्या देख आईआईटीयन ने सवाईमाधोपुर में प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है। इससे अमरूदों के पल्प को निकाल कर बाजार में बेचने के लिए ले जाया जाता है। ये मशीन 1 घंटे में 500 किलो अमरूदों का पल्प बना देती है। इससे किसान नुकसान से भी बच जाते हैं। सवाई माधोपुर के अमरूद बेंगलुरु, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर तक जा रहे हैं। आज कहानी एक आईआईटीयन की... IIT बॉम्बे से बीटेक, जर्मनी से M.Sc.जयपुर के रहने वाले यूनिट के एमडी सुधांशु गुप्ता (41) ने 2003 में जयपुर से 12वीं पास की। इसके बाद IIT बॉम्बे से 2004–2008 में बीटेक किया। फिर आगे की पढ़ाई के लिए जर्मनी चले गए। जहां FAU न्यूरेमबर्ग यूनिवर्सिटी से M.Sc. (Advanced Material Process) किया। सुधांशु ने कहा- यूरोप में छोटे-छोटे गांवों में भी डिसेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग यूनिट हैं। इससे किसानों को खराब होते फलों से भी कमाई होती है। भारत में समस्या उलटी है- फैक्ट्री दूर, खेत दूर… इसलिए फल समय पर प्रोसेस ही नहीं हो पाते। इस गैप को भरने का यही सही समय था। यही सोच लेकर उन्होंने एक कॉम्पैक्ट, ऑन-फॉर्म प्रोसेसिंग यूनिट डिजाइन की। जो खेतों के पास ही कुछ घंटों में फल को पल्प में बदलकर किसानों को नुकसान से बचाती है। मामा के खेत में पहले छोटी यूनिट लगाई6 साल पहले सवाईमाधोपुर में मामा के खेत में छोटी यूनिट लगाई। इसमें एक घंटे में 100 किलो अमरूद प्रोसेस होता था। दिसंबर 2024 में राइजिंग राजस्थान समिट में एमओयू किया। इसके बाद कुस्तला गांव में 500 किलो प्रति घंटा प्रोडक्शन क्षमता वाली अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट लगाई। सुधांशु बताते हैं कि हम किसान के खेत से ही ढीले और पके अमरूद 10–12 रुपए किलो खरीद रहे हैं। इससे उनकी बर्बादी बच रही है और सीधी कमाई बढ़ रही है। इसके साथ महिलाओं समेत स्थानीय 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। अब ज्यादा पके फल भी बिकेंगे 10–12 रुपए किलोसवाई माधोपुर में करीब 15 हजार हेक्टेयर में अमरूद की खेती होती है। समस्या यह थी कि केवल हरे और टाइट फल ही बाजार में बिकते थे। ज्यादा पके अमरूद किसानों को फेंकने पड़ते थे। यह यूनिट इन्हीं पके अमरूदों को खरीद रही है। धुलाई से पैकिंग तक पूरा ऑटोमैटिक सिस्टम है। अमरूद का पल्प ऑटोमैटिक और हाइजीन तरीके से पैक किया जाता है। इसे बाजार में 35 से 40 रुपए किलो तक बेचा जाता है। सालाना ढाई लाख मीट्रिक टन अमरूद का उत्पादनसवाई माधोपुर का अमरूद पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है। राजस्थान में अमरूद की सर्वाधिक खेती इसी जिले में होती है। वर्तमान में करीब 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अमरूद की बागवानी की जा रही है। सवाई माधोपुर राजस्थान का सबसे बड़ा अमरूद उत्पादक जिला भी है, जहां हर साल लगभग ढाई लाख मीट्रिक टन अमरूद का उत्पादन होता है। यहां की पैदावार मुख्य रूप से दिल्ली और उत्तर प्रदेश की मंडियों में सप्लाई होती है। कई वर्षों से जिले में अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की मांग उठती रही थी, जो अब पहली प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होने के साथ पूरी हो गई है। खेती किसानी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… दोगुनी साइज का खीरा उगाया, अब लाखों की कमाई:20 दिन तक खराब नहीं होता; यूट्यूब से खाद और कीटनाशक बनाना सीखा यूट्यूब पर वीडियो देखकर आधुनिक तकनीक और ऑर्गेनिक खेती से पाली के किसान ने ऐसा मॉडल बनाया, जो अब दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है। बिना फर्टिलाइजर और कीटनाशक के 18 से 20 दिन खराब नहीं होने वाला खीरा तैयार किया। (पढ़ें पूरी खबर)
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। फरवरी से रनवे की लंबाई बढ़ाने का काम शुरू करने की तैयारी है। एयरपोर्ट का रनवे 2700 मीटर से बढ़ाकर 3200 मीटर किया जाएगा। करीब एक दशक से लंबित यह प्रोजेक्ट अब निजी प्रबंधन के बाद तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। नया टर्मिनल बनते ही बढ़ी जरूरत, टैक्सीवे से संचालन हुआ आसान टी-3 टर्मिनल के बन जाने के बाद एयरपोर्ट का ट्रैफिक काफी बढ़ चुका है। हाल ही में समानांतर टैक्सीवे, रनवे मरम्मत और एडवांस लाइटिंग सिस्टम का काम पूरा हुआ है। टैक्सीवे तैयार होने से अब विमानों को रनवे पर आने-जाने में ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता। इसके बाद अब रनवे विस्तार को हरी झंडी मिलने का इंतजार है। एक दशक पुरानी फाइल पर अब तेजी रनवे विस्तार की योजना लगभग दस साल पुरानी है, लेकिन दस्तावेजों में अटकी रही। अब एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने के बाद इसे प्राथमिकता दी गई है। सूत्रों के मुताबिक फरवरी में इसका काम शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि एयरपोर्ट प्रशासन ने इस पर आधिकारिक टिप्पणी करने से इनकार किया है। पहले 3500 मीटर तक बढ़ाने की थी योजना शुरुआती प्रस्ताव के मुताबिक रनवे को 3500 मीटर तक बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन जगह की कमी के कारण इसकी लंबाई केवल 500 मीटर बढ़ाई जाएगी। इससे रनवे कुल 3200 मीटर का हो जाएगा, जो बड़े विमान संचालन के लिए पर्याप्त माना जाता है। सीधे यूरोप और अमेरिका की उड़ानों का रास्ता खुलेगा फिलहाल लखनऊ से यूरोप या अमेरिका जाने वाले यात्रियों को दिल्ली या मुंबई की कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी पड़ती है। कई विदेशी एयरलाइंस बड़े विमानों का इस्तेमाल करती हैं, जिन्हें ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत होती है। 3200 मीटर लंबा रनवे तैयार होने पर लखनऊ से सीधे यूरोप और अमेरिका की उड़ानें संचालित करना संभव होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा। उतरेगा 320 सीटर जंबो जेट रनवे विस्तार के बाद अमौसी एयरपोर्ट पर 320 सीटों वाले जंबो जेट भी लैंड कर सकेंगे। अभी अधिकतम 180 सीटों वाले विमानों का ही इस्तेमाल किया जाता है। बड़े जहाज आने से न सिर्फ यात्रियों की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि एयरपोर्ट को भी यात्री संख्या और आय दोनों में लाभ मिलेगा।
फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन, 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
Alain Delon passes away: 'द लेपर्ड' और 'रोक्को एंड हिज ब्रदर्स' जैसी सुपर हिट फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखाने वाले फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन हो गया है। एलेन डेलन ने 88 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। अभिनेता के पारिवारिक सूत्रों ने ...
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