इतिहास में हुए भांति-भांति के रत्न और आभूषण चोर
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संग्रहालयों में से एक, पेरिस स्थित लूव्र, चोरों के एक संगठित गिरोह द्वारा लूट लिया गया है
गांधी का 'हिंद स्वराज' : उथल-पुथल में उपयोगी?
गांधीजी ने अपने आखिरी वसीयतनामा में साफ लिखा है कि: राज्यशक्ति हमेशा दमनकारी होती है
ललित सुरजन की कलम से - मोदी, हिन्दी और संस्कृत
'भाषाविज्ञान के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है कि जो वैदिक संस्कृत थी आगे चलकर उसका स्थान लौकिक संस्कृत ने ले लिया
तेजस्वी के नाम पर मुहर, देर आए, दुरुस्त आए
बिहार की सियासत में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण पड़ाव आया है। तेजस्वी यादव अब बाकायदा महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिए गए हैं
उर्दू मीडिया के साथ भेदभाव में घिरी भाजपा
पिछले सप्ताह इसी जगह महिला पत्रकारों के साथ हुए भेदभाव पर लिखने की जरूरत पड़ी थी और अब एक बार फिर ऐसा ही दूसरा विषय सामने आ खड़ा हुआ है
अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व न मिलना चिंता का सबब
हमारे देश में ऐसी परिस्थितियां पैदा हो रही हैं कि अल्पसंख्यक तबकों को न तो संसद में और न ही राज्य विधानसभाओं में उनकी आबादी के अनुरूप प्रतिनिधित्व मिल रहा है
सत्ता के नशे में आम आदमी के अधिकारों को कैसे कुचला जा रहा है इसका ताजा उदाहरण उत्तरप्रदेश के मेरठ से सामने आया है
भारत में लगी नफरत की आग की लपटें विदेशों तक पहुंची
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी से असहमत देश के हर व्यक्ति को पाकिस्तान भिजवाने वाले 'विभाग' के अघोषित प्रभारी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश के मुसलमानों को 'नमक हराम' बतलाते हुए कहा है कि 'उनकी पार्टी को ऐसे नमक हरामों के वोट नहीं चाहिए
क्या नक्सलवाद का यह समाधान आधा-अधूरा है
देश के अंदर किसी भी व्यक्ति या संगठन की ताकत शासन और व्यवस्था को चुनौती देने वाली नहीं होनी चाहिए
ललित सुरजन की कलम से - कावेरी, कोडगू, कॉफी, कोको
अच्छा तो आप दक्षिण का काश्मीर घूम आए। यह टिप्पणी एक प्रिय मित्र ने की जब मैंने उन्हें अपनी मड़िकेरी यात्रा के बारे में बताया
दीपावली और छठ पर्व करीब आते ही राजधानी दिल्ली सहित देशभर के कई रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है
अयोध्या में बाबरी का निर्माण करवाने के दावे से अखिलेश यादव का फर्जी ट्वीट वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि सपा नेता अखिलेश यादव ने इस तरह का कोई ट्वीट नहीं किया था. इसे छेड़छाड़ करके बनाया गया है.
मनोहर लाल धाकड़ और चिन्मयानंद के साथ मैथिली ठाकुर की एडिटेड तस्वीर वायरल
बूम ने पाया कि मंच पर उपस्थित बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और एक अन्य शख्स के चेहरों पर मनोहर लाल धाकड़ और चिन्मयानंद का चेहरा लगाकर मूल तस्वीर को एडिट किया गया है.
बिहार चुनाव : परिवार को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने नहीं की पीएम मोदी पर टिप्पणी
बूम ने जांच में पाया कि रेखा गुप्ता ने अपने भाषण के दौरान परिवार संभालने को लेकर पीएम मोदी पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.
व्यापार समझौते की शर्त के रूप ट्रंप चाहते हैं भारत रूसी तेल आयात में कमी लाए
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक परेशानियां बढ़ती जा रही हैं क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 5 और 6 दिसंबर को प्रस्तावित भारत यात्रा के दिन नज़दीक आ रहे हैं
पिछले कुछ समय से सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल की खबरें लगातार आ रही हैं
गज़ा में शांति की एक और योजना की सफलता संदिग्ध
युद्ध के दो साल गुजरने के साथ आधुनिक युग के रक्तरंजित इतिहास में उत्तरी सीमा के दोनों किनारों पर जश्न मनाया गया
भाजपा के लोजपा (रामविलास) प्रेम से एनडीए के अन्य सभी सहयोगी आहत
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ी, अति-आत्मविश्वासी भाजपा नेतृत्व एनडीए में अपने सहयोगी दलों में से एक, लोजपा (रामविलास) के प्रति आसक्त हो गया
ओडिशा के हथकरघे व बुनकरों की आजीविका
हाल ही में मैंने ओडिशा में कुछ बुनकर समुदाय के लोगों से मुलाकात की
तेजस्वी बोले, बस कुर्सी चाहिए, भाड़ में जाए जनता जानिए दावे की सच्चाई
बूम ने जांच में पाया कि राजद नेता तेजस्वी यादव बिहार में एनडीए से जुड़े नेता जीतन राम मांझी और चिराग पासवान पर निशाना साध रहे थे.
ललित सुरजन की कलम से - राज्यपाल पद का महत्व?
हमारी समझ में तो यही आता है कि संविधान की औपचारिक व्यवस्था जो भी हो, जिस तरह से देश का कामकाज संभालने की जिम्मेदारी मुख्यत: प्रधानमंत्री की होती है वैसे ही प्रदेश में मुख्यमंत्री की
ट्रम्प की अनिश्चितता का ज़हरीला मिश्रण बना रहा सोना को एक सुरक्षित पनाहगाह
गिरता तेल, बढ़ता सोना, अस्थिर डॉलर और व्यापार शत्रुता - एक खूनी मिश्रण, अनिश्चितता का एक जहरीला मिश्रण पैदा कर रहा है जो नीति निर्माताओं के पास बहुत कम आसान विकल्प छोड़ता है
इस साल लाल किले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया
पत्रकारिता को लेकर माफी मांगती अंजना ओम कश्यप का वीडियो AI-manipulated है
बूम ने जांच में पाया कि अंजना के 2 साल पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करते हुए इसे एआई की मदद से एडिट किया गया है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का मंदिर बनाने की बात कहने वाला वीडियो डीपफेक है
एआई डिटेक्टर टूल DeepFake-O-Meter ने आमिर खान मुत्तकी के इस वीडियो के एआई से बने होने की पुष्टि की है.
सामान्य पटाखे बनाम ग्रीन पटाखे
बारिश खत्म होते ही, ठंड की हल्की दस्तक के साथ प्रदूषण का अनचाहा आगमन भी हो चुका है
विश्व खाद्य दिवस : हर थाली में अन्न, हर जीवन में गरिमा
भुखमरी और खाद्य सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने, हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है
भारत दौरे पर आए तालिबान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी की शुक्रवार को हुई प्रेस कॉफ्रेंस में किसी भी महिला पत्रकार का शामिल न होना कई सवाल खड़े कर गया
यह महंगाई नहीं, नग्न बाजारवाद का बेशर्म परीक्षण है!
जब आपूर्ति कम होती है तो बाजार में चीजें दिखाई नहीं पड़ती हैं और उनकी कालाबाजारी होती है
ललित सुरजन की कलम से - नेहरू बनाम पटेल क्यों?
'एक अन्य आरोप बार-बार लगाया जाता है कि नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल में सरदार पटेल और नेताजी जैसे शीर्ष नेताओं की जानबूझ कर उपेक्षा की गई क्योंकि वे नेहरूजी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे
1999 से अस्तित्व में आया जनता दल यूनाइटेड अब कब तक कायम रह पाएगा, उसका भविष्य क्या होगा
बुर्का पहनकर खेलने के दावे से बांग्लादेशी क्रिकेटरों की फर्जी तस्वीर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
ट्रैक्टर मालिकों के सामने नई चुनौतियां
भारत में ट्रैक्टर की वास्तविक उत्पादन लागत उसकी बिक्री कीमत के 40-७० प्रतिशत के बीच होती है
ललित सुरजन की कलम से - केन्द्र-राज्य संबंध और क्षेत्रीय दल
'भारत में केन्द्र-राज्य संबंधों को लेकर एक लंबे समय से बहस चलते आई है। केन्द्र-राज्य संबंधों में तनाव भी कोई नई बात नहीं है
भारत के डिजिटल अतिक्रमण पर नीति आयोग की चेतावनी को गंभीरता से लेने की ज़रूरत
अधिकांश परिपक्व कर प्रणालियों में, डिजिटल ऑडिट में सहयोग न करने पर प्रशासनिक जुर्माना लगता है, जेल नहीं
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
ललित सुरजन की कलम से—विकलांग चेतना का दौर
'सब जानते हैं शास्त्रीजी की मृत्यु ताशकंद में हुई थी। यह भी कोई छुपी बात नहीं है कि शास्त्रीजी को दिल की बीमारी थी।
नफरत ही खाना, नफरत ही पीना, नफरत रोज बढ़ाना: जय भाजपा!
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की दिल्ली में हुई प्रेस कान्फ्रेंस में केवल पुरुष पत्रकार जाएंगे इस पर मोदी सरकार को कोई आपत्ति नहीं हुई।
जातिवाद का जहर और दलित उत्पीड़न
आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी ने उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
छंटनी के साए में कैसे होगा व्यवसायों का विकास
भारत के आईटी सेवा क्षेत्र में एक स्टार परफॉर्मर रहा है। इसने अनुभवहीन इंजीनियरों को अनुभवी पेशेवरों में बदल दिया है
बिजली के लिए बेशर्मी : एक रुपये एकड़ में अडानी को जमीन
भागलपुर ज़िले के पीरपैंती क्षेत्र की 1,050 एकड़ भूमि को 'अडानी पावर' को 33 वर्षों के लिए मात्र एक रुपये प्रति एकड़ वार्षिक किराए पर देने का निर्णय बिहार में एक बड़ा राजनीतिक सवाल बन चुका है
कुछ समय पहले मुझे छत्तीसगढ़ के राजिम-नवापारा में जाने का मौका मिला
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : स्वस्थ तन में होता हैं स्वस्थ मन का निवास
भारत के संविधान का अनुच्छेद 21 किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं करता है
ललित सुरजन की कलम से - राजनीति में वंचित समाज के लिए जगह कहाँ?
'यदि तर्क के लिए मान लिया जाए कि आदिवासी अथवा वंचित समाज के नेताओं में काबिलियत का अभाव है तो सवाल उठता है कि इस स्थिति को सुधारने के लिए उनकी पार्टी ने क्या किया
बागराम एयरबेस पर नई कूटनीति: भारत-तालिबान की नज़दीकी से बदलेगा क्षेत्रीय समीकरण
तालिबान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी का भारत आना अपने आप में बड़ी खबर है
मुंबई में सड़क धंसने की घटना के दावे से वायरल वीडियो थाइलैंड का है
बूम ने पाया कि यह वीडियो बैंकॉक की राजधानी थाईलैंड का एक है. इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
बिहार में बीजेपी के विरोध के दावे से इंडोनेशिया में हुए प्रदर्शन का वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो 25 अगस्त 2025 को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है, इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
एक करोड़ सब्सक्राइबर्स वाला डीबी लाइव और सार्थक पत्रकारिता
देशबन्धु समूह के सहयोगी उपक्रम डीबी लाइव के यूट्यूब पर सब्सक्राइबर्स की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है
सियासत की जिस चालाकी को राहत इंदौरी साहब ने बहुत पहले भांप लिया था, वह अब भी कायम है, बल्कि पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है
ललित सुरजन की कलम से - विपक्ष : आत्ममंथन का समय
'भारतीय जनता पार्टी की विजय के बाद कांग्रेस व कुछ अन्य दलों ने अपनी हार पर आत्ममंथन करना प्रारंभ कर दिया है
बिहार चुनाव: कुशवाहा समाज को धमकाने के दावे से प्रशांत किशोर का एडिटेड वीडियो वायरल
बूम ने जांच में पाया कि मूल वीडियो में प्रशांत किशोर कुशवाहा समाज के लिए नहीं बल्कि भ्रष्ट नेताओं और अफसरों को चेतावनी देते हुए कह रहे थे कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ऐसे लोगों की खैर नहीं है.
फ्री मोबाइल रिचार्ज का ऑफर! जानिए त्योहारों में कैसे हो रहा है स्कैम
सोशल मीडिया पर अलग-अलग अवसरों पर फ्री मोबाइल रिचार्ज मिलने का वादा करके लोगों के साथ स्कैम किया जा रहा है.
बिहार चुनाव : भाजपा-राजद का कृष्णपक्ष, जदयू-कांग्रेस का शुक्लपक्ष
बीस साल से बिहार में राज्य कर रहे नीतीश कुमार जब हड़बड़ी में पटना मेट्रो का उद्घाटन कर रहे थे
ललित सुरजन की कलम से - संसद की सर्वोच्चता कायम रखने की जरूरत
'मेरा सदैव से मानना रहा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था सिर्फ कानून से नहीं चलती, जबकि हमारी विडंबना यह है कि कुछ भी गड़बड़ होने पर हम तुरंत एक नया कानून बनाने की मांग करने लगते हैं
लोकतंत्र को कुचलने में गोडसे का रवैया
देश में दलितों को अधिकारसंपन्न होते देख सवर्णों का एक बड़ा तबका किस कदर आहत है
बरेली में पुलिस एक्शन के बाद मुस्लिमों के शहर छोड़कर जाने के दावे से पुराना वीडियो वायरल
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो बरेली में अगस्त 2025 में आयोजित उर्स-ए-रजवी के समापन के बाद बरेली जंक्शन पर जुटी भीड़ का है.
उत्तर भारत में सांप्रदायिक द्वेष भड़काने के लिए गढ़े जा रहे हैं नए बहाने
यह 'आई लव मोहम्मद' वाला पुराना प्रकरण मुसलमानों को डराने-धमकाने और हाशिए पर धकेलने की स्थिति को और बदतर बना रहा है
दो दिनों में फैले आरएसएस के शताब्दी वर्ष के केंद्रीय आयोजनों ने जितने बलपूर्वक उसके बुनियादी तौर पर एक राजनीतिक संगठन और वर्तमान सत्ता की राजनीति करने वाला संगठन होने की सचाई को उजागर किया है
ललित सुरजन की कलम से - राजनीति के नए रंग
'भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत के साथ केन्द्र में तथा आम आदमी पार्टी को अभूतपूर्व बहुमत के साथ दिल्ली में मतदाताओं ने इस भावना के साथ विजय दिलवाई थी कि ये सरकारें लोकहित में बिना किसी अनुचित दबाव के काम कर सकेंगी
मुख्य न्यायाधीश पर हमला, संयोग या प्रयोग
सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के भीतर एक ऐसी घटना हुई, जिसकी कल्पना भी कभी नहीं की गई होगी
फैक्ट चेक : ADC लेह ने गृह मंत्री के आदेश पर वांगचुक को हिरासत में लेने बात नहीं कही थी
बूम ने पाया कि एडीसी लेह का डीपफेक वीडियो बनाकर गलत दावा किया गया है.
2015 की तरह इस बार भी बिहार में आरक्षण सबसे बड़ा मुद्दा
बिहार चुनाव की घोषणा होने वाली है। वहां यह मुद्दा सबसे बड़ा बनने जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसकी शुरुआत हो गई है
अयोध्या और काशी पर बवाल भारत के लिए अशुभ
न्यायिक निर्णय, खासकर उच्च न्यायपालिका के, सूक्ष्म बारीकियों के साथ गढ़े जाते हैं ताकि 'धुएं के परदे' की तरह काम करने वाले खुरदुरे पहलुओं को छिपाया जा सके
ललित सुरजन की कलम से - आप किसे वोट देंगे?
'जब राजनीति व्यक्ति केंद्रित हो जाए तो विचारों की बलि अपने आप चढ़ जाती है। हमें चारों दिशाओं में एक भी ऐसा नेता दिखाई नहीं देता जो मीडिया को अपने अंगूठे के नीचे न रखना चाहता हो
भाजपा शासित मध्यप्रदेश और राजस्थान में पिछले एक महीने में कम से कम 15 बच्चों की मौत केवल इसलिए हुई है क्योंकि उन्हें दवा के नाम पर जहर पीने को मिला
गांधी पाठकों से प्राप्त होने वाले पत्रों को न केवल समाचार पत्र में स्थान देते वरन पाठकों के पत्रों के आधार पर समाचार पत्र में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने के लिए आलेख भी लिखते थे।
राजनीति से प्रेरित है गांधी से नफरत का अभियान
— डा. सुदर्शन अयंगर अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधीजी ने जाति आधारित हिंसा के खिलाफ स्पष्ट और संरचनात्मक दोनों तरह से बिताया। दलितों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के संघर्ष का नेतृत्व करने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ अपने तीखे मतभेदों के बावजूद लोगों के दिलो-दिमाग से अस्पृश्यता को दूर करने के अपने अभियान को गांधीजी ने जारी रखा था। संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में घोषित किया है। दुनिया ने गांधी को शांति के दूत के रूप में मान्यता दी है। अहिंसा और शांति के वैश्विक प्रतीक के रूप में गांधी के सम्मान में कुल 102 देशों ने उनकी प्रतिमाएं स्थापित की हैं। वे पिछली दो सहस्राब्दियों में जन्म लेने वाले 10 उत्कृष्ट व्यक्तित्वों में से एक हैं जिनके बारे में सबसे अधिक लिखा गया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि, 'गांधीजी एक वैश्विक प्रतीक हैं और अहमदाबाद में उनके निवास साबरमती आश्रम को एक विश्व स्तरीय स्मारक में बदल दिया जाएगा।' 1200 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम चल रहा है। भारत का शीर्ष नेतृत्व गांधीजी को छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकता। यह स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि गांधीजी भारत का वैश्विक चेहरा हैं। इसलिए उनका निरतंर उल्लेख किया जाना जारी है। प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2014 से सितंबर, 2025 तक विदेशी संसदों में दिए 17 भाषणों में से 6 में महात्मा गांधी का सीधे उल्लेख किया है। उन्होंने कई अन्य अवसरों पर अप्रत्यक्ष रूप से गांधीजी का उल्लेख किया है। उन्होंने बापू को अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया है। स्थिरता और समानता के बारे में बात करते हुए उन्होंने गांधी के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लेख किया है। मोदी के अंतरराष्ट्रीय भाषणों में अक्सर गांधी के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के संदेश का उल्लेख होता है। उनके राजनयिक उद्देश्यों में यह संदेश उनकी अच्छी मदद कर रहा है। उन्होंने देश में भी 2 अक्टूबर, 2014 को 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की। हाल ही में वे स्वदेशी पर मुखर रहे हैं। प्रतीकवाद अपने चरम पर है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 में चेक-इन सेक्शन में प्रवेश करते हुए कोई भी व्यक्ति एक विशाल चरखा देख सकता है। यह हस्तचालित चरखा बर्मा सागौन से बना है और इसका वजन चार टन है। द्वार 4 और 5 के बीच चरखे के नीचे स्थापित पट्टिका में गांधीजी के योगदान का स्पष्ट रूप से उल्लेख है। स्थापना के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा था-'चरखा आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्रियों को भारत की कालातीत विरासत तथा स्थिरता और सद्भाव के मूल्यों की याद दिलाने का काम करेगा और इसी उद्देश्य से इसे बनाया गया है।' उन्होंने देश के नागरिकों से खादी को अपनाने की अपील की है। दुनिया के किसी भी कोने से आने वाला यात्री अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'गांधीजी के पदचिह्न' नामक एक छोटी सी प्रदर्शनी को देखने का अवसर नहीं छोड़ता है। इसके बावजूद जिस देश में वे पैदा हुए, रहे और अपना बलिदान दिया, वहां उनके खिलाफ पिछले 25 वर्षों के दौरान एक घृणा अभियान तेज हो गया है। गांधी नफरत करने लायक व्यक्ति बन गए हैं। मुसलमानों के प्रति उनके कथित पक्षपात के लिए उनसे नफरत की जाती है। अस्पृश्यता को दूर करने के लिए उनके 15 साल के अथक प्रयत्नों का मजाक उड़ाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की अनदेखी करने के लिए उनकी निंदा की जाती है। भगत सिंह की फांसी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान हाशिए पर है। बोस द्वारा उन्हें दी गई 'राष्ट्रपिता' की उपाधि का उपहास उड़ाया जाता है। सोशल मीडिया ने हम भारतीयों के मन में गांधी की छवि को नष्ट कर दिया है। 'गांधी का गुजरात' आज एक बुरा शब्द है। जहरीली नफ़रत के साथ प्रकट और छिपी हुई हिंसा ने लोगों के दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया है। कट्टरपंथी हिंदू भीड़ बेहिचक आगे बढ़ रही है और कानून के रक्षक भी उन पर विशेष रोक-टोक नहीं करते। यह जानकर दुख होता है कि कट्टरपंथियों की भीड़ नवरात्रि गरबा महोत्सव के आयोजकों से कड़ी पूछताछ करती है कि मुसलमानों को कितने पास और टिकट जारी किए गए हैं। एक तरफ गरबा नृत्य चल रहा है तो उसी समय भीड़ मुस्लिम प्रतिभागियों की जांच करती है। इस साल की शुरुआत में राजनीतिक रैलियों, धार्मिक जुलूसों, विरोध मार्च और सांस्कृतिक समारोहों जैसे कार्यक्रमों में हुए भाषणों में अभद्र भाषा के उपयोग की संख्या बढ़ी है। 2024 में 1,165 मामले सामने आए जबकि एक साल पहले इनकी संख्या 668 थी । रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल चुनाव अभियान के दौरान नफ़रत फैलाने वाले भाषण चरम पर थे। अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधीजी ने जाति आधारित हिंसा के खिलाफ स्पष्ट और संरचनात्मक दोनों तरह से बिताया। दलितों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के संघर्ष का नेतृत्व करने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ अपने तीखे मतभेदों के बावजूद लोगों के दिलो-दिमाग से अस्पृश्यता को दूर करने के अपने अभियान को गांधीजी ने जारी रखा था। क्या अंबेडकर और गांधी दोनों के प्रयासों को हम भारतीय विफल नहीं कर रहे हैं? 2025 में भी तथाकथित उच्च और श्रेष्ठ जाति के लोगों ने दलितों का अपमान करने, निंदा करने, शोषण, बलात्कार, घायल करने और मारने का कोई मौका नहीं छोड़ा। गांधी के प्रति नफ़रत का अभियान सुनियोजित और राजनीति से प्रेरित है। इस तरह के प्रायोजित हमले के पीछे का दिमाग धोखेबाज है। जातिगत मानसिकता पूरी तरह से खेल खेलती है। नफ़रत करने वाले लोग भारत में मुसलमानों को 'सबसे निचली जाति' बनाना चाहते हैं जिसे समाज में हलके दर्जे के काम करने के लिए मजबूर किया जाए। ये तत्व चाहते हैं कि उन्हें गरीबी और दरिद्रता में सड़ना और दबाव में आकर इस देश को छोड़ देना चाहिए। हम भारत के नागरिक क्या इस बात को समझते हैं कि हम नफ़रत, निंदा व भेदभाव कर, चोट पहुंचाकर और हत्या करके दुश्मनी का माहौल बना रहे हैं? कोई भी प्रत्यक्ष, छिपी हुई और संरचनात्मक हिंसा मजबूत भावनाओं और कड़वाहट को जन्म देती है जो हिंसा की जड़ है। हमें समझना चाहिए कि जब किसी वर्ग को निशाना बनाया जाता है और उसका बहिष्कार किया जाता है तथा जब लोग सीधे तौर पर व राज्य धोखे से यह खेल खेलते हैं, तो पीड़ित समूह नाराज होकर बदला लेने पर उतारू हो जाता है। ऐसे समुदायों में रोटी कमाने वालों को उचित अवसर नहीं दिए जाते। वे ऐसी मुश्किल या कठिन परिस्थितियों में डाल दिए जाते हैं जहां से उनके पास निकलने का कोई विकल्प नहीं रह जाता। यह परिस्थिति नफ़रत और हिंसा के एक नए चक्र को जन्म दे सकती है जो भारत को बर्बाद कर देगी। अहिंसा के वैश्विक प्रतीक महात्मा गांधी ने जाति आधारित हिंसा को समाप्त करने और हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। फिर भी आधुनिक भारत में उनकी विरासत को षड्यंत्रपूर्वक रचे घृणा अभियानों के माध्यम से बदनामी का सामना करना पड़ता है। अस्पृश्यता को मिटाने और समानता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के बावजूद 2025 में भी दलितों और मुसलमानों को भेदभाव, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है जो गांधी और डॉ. अंबेडकर दोनों के दृष्टिकोण को धोखा दे रहा है। सामाजिक और राजनीतिक ताकतें अल्पसंख्यकों को हाशिए पर डाल देती हैं, बहिष्कार एवं प्रतिरोध के माध्यम से उन्हें 'सबसे निचली जाति' के रूप में मानती हैं जिससे दुश्मनी और संभावित प्रतिशोध का माहौल पैदा होता है। सत्य, अहिंसा और वैश्विक एकता पर जोर देने वाले गांधी के सत्याग्रह के दर्शन ने दुनिया भर के आंदोलनों को प्रेरित किया लेकिन संकीर्ण लाभ के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने वालों से भारत को खतरा है। गांधी की 156वीं जयंती पर भारत को नफ़रत को अस्वीकार करना चाहिए, अंतरधार्मिक संवाद को अपनाना चाहिए और अलगाव को दूर करने तथा शांतिपूर्ण भविष्य को सुरक्षित करने के लिए न्याय को बनाए रखना चाहिए। (लेखक महात्मा गांधी द्वारा 1920 में स्थापित गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपति हैं। सिंडिकेट: द बिलियन प्रेस)
बाढ़ की समस्या का मुकाबला कैसे करें?
कई बांध व बड़े जलाशयों में नदियों को मोड़ दिया जाता है, उससे नदी ही मर जाती है। नदियां बांध दी जाती हैं।
पश्चिम एशिया में बदलते समीकरण: नई दोस्तियां और नयी चुनौतियां
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से दुनिया भर में टैरिफ युद्ध छेड़ा, उसके बाद कोई देश भी ये दावा करने की स्थिति में नहीं है कि वह अमेरिका का स्थायी दोस्त है
ललित सुरजन की कलम से - विश्व राजनीति के दो संकेत
जिस यूरोप के अनेक देशों ने अतीत में उपनिवेश स्थापित किए थे, दूसरे देशों को गुलाम बनाया था
कांग्रेस की परीक्षा में फेल हुआ संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विजयादशमी पर नागपुर के रेशम बाग स्थित मुख्यालय में अपना शताब्दी समारोह मनाया
नहीं बदला साल में औसतन दो-तीन पत्रकारों की हत्या का तथ्य
पत्रकारिता को लेकर एक घुटन भरी स्थिति बनती जा रही है। एक तरफ सरकार की चाटुकारिता करने वाले पत्रकार हैं
अमेरिका द्वारा बाहर की गई प्रतिभाओं को आकर्षित करने में लगा है चीन
भारत में उच्च विज्ञान संस्थानों की एक श्रृंखला मौजूद है। भारत के पास वर्तमान में उच्च विज्ञान और इंजीनियरिंग के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तपोषित करने हेतु पर्याप्त धन है
ललित सुरजन की कलम से - माधवराव सप्रे
यह निबंध प्रथमत: 1907 में प्रकाशित हुआ था और मेरे लिए यह विस्मयजनक था कि सौ वर्ष पूर्व इस विषय पर कोई लेख लिखा जा सकता था
संघ के सौ साल पर प्रधानमंत्री की स्वीकारोक्ति
इस साल 15 अगस्त को लालकिले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खुल कर सराहना की थी
'यूपी पुलिस लट्ठ बजाओ...' राजस्थान के जुलूस का एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो 25 सितंबर 2025 की रात को राजस्थान के जयपुर में एक स्थानीय नेता नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस का है, जिसे एडिट भी किया गया है.
ललित सुरजन की कलम से- रक्षा सौदों का सच
'राजनीतिक दलों से प्राथमिकता: उम्मीद की जाती है कि वे अपनी नीतियां और सिद्धांत लेकर जनता के बीच में जाएंगे
छठ ऐसा पर्व है जिसमें कुछ भी कृत्रिम नहीं होता और वह पुरोहित और पोथी के सहारे चलने वाला पर्व नहीं है
जब गांधी ने 125 वर्ष तक जीने की इच्छा त्याग दी थी!
पिछले एक-डेढ़ दशक से इस संगठन ने देश में सांप्रदायिक और जातीय विद्वेष का माहौल लगभग उसी तरह का बना दिया गया है
ट्रंप ने तय कर लिया फिलिस्तीन का भविष्य
बीते दो साल से फिलीस्तीन में चल रहे नरसंहार के खत्म होने के दिन करीब आते दिख रहे हैं
रोपवे की ट्रॉली के नीचे गिरने की घटना का वीडियो वाराणसी का नहीं है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ का है. अप्रैल 2025 में बमलेश्वरी मंदिर में संचालित रोपवे की ट्रॉली गिर गई थी.
एशिया कप में मिली हार के बाद पाकिस्तानी फैंस के तोड़फोड़ के दावे से पुराना वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो एशिया कप 2022 का है, जहां पाकिस्तान से मैच हारने के बाद अफगानी फैंस ने शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में तोड़फोड़ की थी.
Fact check: क्या सोनम वांगचुक ने कहा कि लद्दाख में नेपाल की तरह बदलाव आएगा, जानें सच
बूम ने सोनम वांगचुक के 10 सितंबर 2025 को लेह में दिए 35 मिनट के इस पूरे भाषण को देखा और पाया कि उन्होंने लद्दाखी भाषा में कहीं भी हिंसा भड़काने वाला कोई उत्तेजकबयाननहींदिया.
अखंड भारत का नाम, खंडित करने का काम
लद्दाख के हाल के घटनाक्रम ने इस सच्चाई को आंखें खोलने वाले तरीके से सामने ला दिया है कि आरएसएस-भाजपा नाम भले अखंड भारत का लेते हों, वास्तव में काम भारत को खंडित करने का ही करते हैं
भारत विभाजन पर एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल में सांप्रदायिकता समर्थक सामग्री और झूठ
कक्षा 6 से 8 तक के लिए मॉड्यूल या पठन सामग्री, जैसा कि उन्हें वर्गीकृत किया गया है, की विषय-वस्तु 'विभाजन' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को 'विभाजन के अपराधी' के रूप में वर्णित करती है
ललित सुरजन की कलम से - मानसरोवर यात्रा पर राहुल
'पंडित नेहरू और उनके लगभग सभी साथी- सहयोगी भी स्वतंत्र भारत में इन जनतांत्रिक विश्वासों को पुष्ट करना चाहते थे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जिस कुर्सी पर वे बैठे हैं, जिस महान देश की सत्ता इस समय वो संभाल रहे हैं, उसकी जिम्मेदारी का रत्ती भर एहसास भी उन्हें नहीं हैं
बरेली प्रदर्शन में गिरफ्तारी के बाद तौकीर रजा ने नहीं की योगी की तारीफ
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो जून 2022 का है. इसका बरेली में हालिया विरोध प्रदर्शन और तौकीर रजा की गिरफ्तारी से कोई संबंध नहीं है.

