दुष्कर्म के आरोपी सहित 14 की जमानत खारिज
कोर्ट रिपोर्टर | दरभंगा न्यायमंडल दरभंगा के सत्र न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा की अदालत ने बहादुरपुर थाना कांड संख्या 443/25 में चोरी करते घटना स्थल पर गिरफ्तार रघेपुरा निवासी दिनेश राम की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं कोर्ट ने अभियुक्त को आदेश की तिथि से 6 माह बाद पुनः जमानत अर्जी दाखिल करने की स्वतंत्रता प्रदान की है। लोक अभियोजक अमरेंद्र नारायण झा ने बताया कि इसके अलावा कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना और जानलेवा हमला करने के 11 आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका निष्पादित करते हुए सभी आरोपियों को संबंधित न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। वहीं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार पाण्डेय की अदालत ने जानलेवा हमला के आरोप में दर्ज कांड के आरोपी नवटोली निवासी लालू पासवान की जमानत याचिका खारिज कर दिया है।
यू-विन पोर्टल पर डेटा संधारण में दक्ष बनाएंगे
सिटी रिपोर्ट | समस्तीपुर सदर अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल में मंगलवार को जिले के विभिन्न प्रखंडों की एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम पर दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के वित्तीय दिशा-निर्देश 2025-26 के तहत आयोजित किया गया है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विशाल कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य उन टीकाकर्मियों को विशेष रूप से दक्ष बनाना है जिन्हें यू-विन पोर्टल पर डेटा संधारण में कठिनाई होती है। इसके साथ ही नियमित टीकाकरण से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में आरसीएच रजिस्टर, टैली शीट, एचएमआईएस फॉर्मेट, कवरेज मॉनिटरिंग चार्ट, टीका-रोधक बीमारियों का परिचय, टीकाकरण सारणी, माइक्रोप्लानिंग, कोल्ड चैन प्रबंधन, सुरक्षित इंजेक्शन प्रथाएं और एईएफआई रिपोर्टिंग जैसे विषय शामिल हैं। साथ ही टीकाकरण सत्र स्थलों के सही आयोजन और इम्यूनाइजेशन वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण पर भी चर्चा की जा रही है। डॉ. विशाल कुमार ने कहा कि टीकाकरण बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। नियमित टीकाकरण नहीं कराने वाले बच्चों में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, जिससे वे कमजोर और कुपोषित हो सकते हैं। खसरा, पोलियो, टिटनस, गलघोंटू, काली खांसी, क्षय रोग और हेपेटाइटिस-बी जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीका लगना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को भी कुछ टीके लगाकर मां और शिशु दोनों को गंभीर संक्रमणों से बचाया जा सकता है।
जांच में पूजा सेवा सदन, अनन्या सेवा सदन सहित कई अस्पतालों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर हुई
सिटी रिपोर्टर | समस्तीपुर सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा जिले के कल्याणपुर प्रखंड के कई नर्सिंग होम को मानक के अनुरूप संचालन नहीं करने पर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किए जाने के बाद भी कई नर्सिंग होम की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसके बाद अब विभाग उनके विरुद्ध कार्रवाई कर सकती है। बता दें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कल्याणपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में सैदपुर के पूजा सेवा सदन व अनन्या सेवा सदन, चकमेहसी के पटना सेवा, कल्याणपुर के राज पॉली क्लिनिक, कल्याणपुर हाई स्कूल के सामने केयर चाइल्ड हॉस्पिटल, कल्याणपुर मधुरापुर टांरा स्थित एएस सदन, रमौली स्थित कमला इमरजेंसी, कल्याणपुर के आनंद इमरजेंसी, एमके ड्रग के नजदीक सेवा पॉली क्लिनिक एवं कल्याणपुर चौक स्थित सपना हॉस्पिटल से 13 नवंबर को ही स्पष्टीकरण मांगा गया था। हालांकि, अभी तक किसी ने जवाब देना उचित नहीं समझा है। जबकि पूजा सेवा सदन पर पूर्व में एफआईआर करने का आदेश भी दिया गया था। वहीं, मिली जानकारी के अनुसार, न्यू मां भगवती सेवा सदन को बंद करने का आदेश दिया गया है। वहीं, निष्ठा पॉली क्लिनिक को मंगलवार को सील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा करायी गई जांच में इन सभी संबंधित नर्सिंग होम में गंभीर कमियां पाई गई थीं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि नर्सिंग होम बिना लाइसेंस संचालित हो रहा है तथा डॉक्टरों व स्टाफ की जानकारी एवं कागजात उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा बायो मेडिकल वेस्ट सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाणपत्र, फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र, 247 जनरल व पेयजल आपूर्ति, इमरजेंसी सेवा, आउटडोर बैठने की व्यवस्था, सेवाओं का प्रदर्शन तथा साफ-सुथरे व व्यवस्थित बाथरूम का अभाव पाया गया था। इन कमियों को गंभीर बताते हुए सिविल सर्जन ने नर्सिंग होम संचालक को निर्देश दिया था कि पांच दिनों के भीतर स्पष्टीकरण के साथ आवश्यक साक्ष्य एवं प्रमाणपत्रों की अभिप्रमाणित प्रतियां कार्यालय में जमा करें। चेतावनी दी गई थी कि समय-सीमा में जवाब नहीं मिलने पर इसे मौन सहमति माना जाएगा और नैदानिक स्थापना पंजीकरण अधिनियम तथा अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, आदेश जारी होने के 20 दिन बीत जाने के बावजूद नर्सिंग होम की ओर से अब तक कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया है।
नगर निगम में शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन, मिलेगी सुविधा
भास्कर न्यूज | समस्तीपुर जिले सहित पूरे राज्य के सभी नगर निगमों में अब शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गठित किए जाएंगे। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसके गठन से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। इस प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में संभावित आपदाओं की रोकथाम, तैयारी, राहत एवं बचाव कार्यों की योजना बनाना, समन्वय स्थापित करना और उसके क्रियान्वयन को प्रभावी बनाना है।राज्य में कुल 19 नगर निगम हैं, जहां यह प्राधिकरण गठित होगा। संबंधित नगर निगम के आयुक्त प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे, जबकि जिलाधिकारी उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त एसपी/एसएसपी, उपविकास आयुक्त, असैनिक शल्य चिकित्सक, और संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता भी सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। अध्यक्ष की ओर से एक विशेष आमंत्रित सदस्य को भी शामिल किया जा सकेगा।अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जहां जिलाधिकारी, नगर आयुक्त से वरीय होंगे, वहां उनकी जगह अपर समाहर्ता शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में प्रतिनिधित्व करेंगे।
नजारत कार्यालय सुबह 11.18 बजे तक था बंद
भास्कर न्यूज|दरभंगा सदर दरभंगा सदर अंचल कार्यालय सुबह के मंगलवार को 11:18 तक बंद था। कार्यालय के बाहर कुछ लोग इधर-उधर घूम रहे थे। उनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि ऑफिस यहां पर अधिकांश दिन 11:30 के बाद ही खुलता है। इस संबंध में राजस्व अधिकारी विनीता चित्रा से पूछने पर उन्होंने बताई कि ऑफिस खुला हुआ है, हो सकता है कि एक दो कोई कार्यालय बंद होगा। ऑफिस तो प्रतिदिन समय से ही खुलता है। आप बता रहे हैं तो हम इसे देखते हैं। मेरे पास भी एक वीडियो आया है। हम उस वीडियो को देख कर ही इस संबंध में कुछ बताएंगे। वहीं, सीओ रणधीर कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि ऑफिस खुली हुई है। आप वहां जाकर देखिए मेरे पास भी वीडियो है। इसपर आपका क्या कहना है, तब उन्होंने फिर से रिपीट किया कि ऑफिस खुली हुई है। इसमें क्या कहूं ऑफिस तो खुली हुई है।
प्रेम कुमार का निर्विरोध चुना जाना गौरव का विषय
भास्कर न्यूज| दरभंगा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद पर भाजपा के वरिष्ठ तथा अनुभवी विधायक डॉ प्रेम कुमार के निर्विरोध निर्वाचित होने पर भाजपा नेताओं ने खुशी व्यक्त की है तथा इसे स्वस्थ लोकतंत्र का उदाहरण बताया है। सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने डा प्रेम कुमार के बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने को गौरव का विषय बताते हुए कहा है कि बिहार लोकतंत्र की आदि भूमि रही है तथा डॉ प्रेम कुमार के बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के पद सर्वसम्मति से चुना जाना इस बात को साबित करता है कि दलीय मतभेद होने के बावजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती के लिए यह बेहतर है।
वाहन की चपेट में आने से वृद्ध महिला की मौत
सिटी रिपोर्टर | दरभंगा अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक 65 साल के वृद्ध महिला की डीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक महिला दिप्ती देवी जाले थाना क्षेत्र के पकटोला गांव की रहने वाली है। उसे इलाज के लिए परिजन डीएमसीएच के इमरजेंसी में भर्ती कराया था। उसके साथ आई रेणू देवी ने बताया कि मृतक महिला दिप्ती देवी मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे में खाना बनाकर सड़क पर टहने के लिए गई थी। इस दौरान अज्ञात वाहन चालक ने ठोकर मारकर भाग गया। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को घर लेकर चले गए।
एयरपोर्ट के विकास को लेकर बैठक : वन विभाग पेड़ हटवाए, समय पर काम हो
जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने मंगलवार को दरभंगा एयरपोर्ट पर डायरेक्टर के कार्यालय कक्ष में दरभंगा हवाई अड्डे के समग्र विकास को लेकर समीक्षात्मक बैठक की। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी, सुरक्षा, यातायात प्रबंधन तथा विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में पथ निर्माण विभाग एवं एनएचएआई की ओर से सड़क कनेक्टिविटी से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई। डीएम ने कार्यपालक अभियंता को एयरपोर्ट तक बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के लिए तत्काल डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया। एयरपोर्ट परिसर में एप्रॉन निर्माण को लेकर वृक्षों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की गई। डीएम ने वन प्रमंडल पदाधिकारी को सभी वृक्षों का सुरक्षित और नियमानुसार स्थानांतरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों की भी समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि हवाई अड्डे के विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एयरपोर्ट प्रवेश द्वार के पास स्थित पुलिस नाका एवं दिल्ली मोड़ पर लगातार लगने वाले जाम पर चिंता जताते हुए डीएम ने संबंधित अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने और यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के कड़े निर्देश दिए। साथ ही, एयरपोर्ट से दिल्ली मोड़ तक स्थापित सीसीटीवी कैमरों को पूर्णतः सक्रिय रखने का निर्देश दिया गया, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके। डीएम ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी कार्यों को पूरा किया जाए और हवाई अड्डा विकास से जुड़े किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में सिटी एसपी अशोक कुमार, एयरफोर्स स्टेशन दरभंगा के कमांडिंग ऑफिसर, नगर आयुक्त राकेश कुमार गुप्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, एयरपोर्ट डायरेक्टर दिलीप कुमार समेत कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
समस्तीपुर में 1 दिसंबर को एड्स दिवस पर सिविल सर्जन के सामने 'परदेश नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी', 'अगर पति आवारा है तो कंडोम ही सहारा है' जैसे नारे लगाए गए। ये नारे सदर अस्पताल में एचआईवी काउंसलर विजय कुमार मंडल लगवा रहे थे। नर्सिंग स्कूल की छात्राओं की ओर से लगाए गए नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। कुछ यूजर्स ने इन नारों को घटिया बताया तो कुछ यूजर्स ने मर्दों का इंसल्ट कहा है। दरअसल, सोमवार को विश्व एड्स दिवस पर सदर अस्पताल से जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें एएनएम स्कूल की सैकड़ों छात्राओं, अस्पताल के मेडिकल कर्मियों और स्थानीय नागरिक शामिल हुए थे। यह रैली शहर के गोलंबर चौराहा, समाहरणालय ओवरब्रिज होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सदर अस्पताल पहुंचकर समाप्त हुई। इस दौरान नर्सिंग छात्राओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर लोगों को सुरक्षित जीवनशैली अपनाने, समय पर एचआईवी टेस्ट कराने और एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करने का संदेश दिया। सबसे पहले रैली की 2 तस्वीरें देखिए अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो... ये सबके लिए नहीं था नर्सिंग की छात्राओं से नारेबाजी कराने वाले विजय कुमार मंडल से दैनिक भास्कर ने बात की, तो उन्होंने बताया कि, 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया गया था। रैली निकाली गई थी। नारे लगाए गए थे, जिसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था। हमारे पास जो कपल एड्स की शिकायत लेकर आते हैं, उनमें कई ऐसे होते हैं, जो बाहर कमाने जाते हैं। वहां जागरूकता या जानकारी के अभाव में वो एड्स के शिकार होते हैं। फिर उनकी पत्नी भी इस खतरनाक बीमारी के संपर्क में आ जाती है। कभी-कभी बच्चे भी इसके शिकार हो जाते हैं। परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी... स्लोगन बाहर कमाने जाने वाले लोगों के लिए था। अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो... ये सबके लिए नहीं था, जो इस तरह के पति होते हैं, जो जागरूकता के अभाव में दूसरी औरतों के पास चले जाते हैं, उनके लिए इसे यूज किया था। सिविल सर्जन बोले- जब सुना तो मुझे भी अटपटा लगा था सिविल सर्जन डॉक्टर एसके चौधरी ने बताया कि, सोमवार को विश्व एड्स दिवस था। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से हम लोगों को इसे सेलिब्रेट करने का आदेश मिला था, ताकि आम जनता को मैसेज दिया जाए कि आखिर एड्स क्या बीमारी है और इससे कैसे बच जा सकते हैं। इसके तहत हम लोगों ने रैली निकाली थी, जिसमें एएनएम स्कूल की छात्राएं, अस्पताल की कुछ सिस्टर्स मौजूद थीं। स्लोगन की बात जहां तक है, ये उन एनजीओ की ओर से लिखे गए थे, जो रैली में शामिल हुए थे। ये स्लोगन हमारे एड्स सोसाइटी या डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ की तरफ से नहीं आया था। इस घटिया नारों से भागेगा एड्स वायरल वीडियो को लेकर सोशल मीडिया के यूजर्स ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने इन नारों को घटिया बताते हुए लिखा- इन घटिया नारों से AIDS भागेगा? एक अन्य यूजर ने समस्तीपुर सदर अस्पताल में एड्स दिवस पर की गई नारेबाजी को मर्दों का इंसल्ट बताया है। उन्होंने लिखा- ये तो मर्द लोग का खुला इंसल्ट है भाई.! तीसरे यूजर ने लिखा- जागरूकता अभियान बहुत ही सराहनीय कदम है। कम से कम एक व्यक्ति को एड्स है तो दूसरे व्यक्ति में फैलने से तो रोका जा सकता है।
भास्कर न्यूज | हसनपुर प्रखंड के हसनपुर बाजार से इमली चौक, वीरपुर होते हुए सखवा तक जाने वाली मुख्य सड़क के चौड़ीकरण एवं जल निकासी के लिए सड़क के किनारे नाला निर्माण किए जाने की आवश्यकता है। सड़क के चौड़ीकरण व नाला निर्माण की मांग पिछले कई सालों से उठती आ रही है। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने करीब 7 साल पहले पथ निर्माण विभाग के मंत्री को पत्र भी लिखा। लेकिन अभी तक कहीं से कोई ठोस पहल नहीं किया गया है। हसनपुर-सखवा मुख्य पथ का पहला व दूसरा किलोमीटर हसनपुर बाजार की सघन आबादी है। हाई स्कूल हसनपुर से लेकर वीरपुर गंगा सागर पोखर पुल तक सघन आबादी है। इसी रास्ते में प्रखंड कार्यालय, थाना, अस्पताल सहित अन्य सरकारी कार्यालय भी है। नाला नहीं होने से लोगों के घरों का पानी निकल कर सड़क पर बहता रहता है। इससे वातावरण प्रदूषित होता है। जल निकासी के लिए नाला नहीं होने से सड़क पर सालों भर पानी बहता रहता है। अस्थाई व्यवस्था से कभी-कभी कुछ पहल किया जाता है। लेकिन उससे समस्या का स्थाई निदान नहीं हो पाता है। इस सड़क में पथ निर्माण विभाग द्वारा पर्याप्त रूप से भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। लेकिन इस अधिग्रहित भूमि का लोग अवैध रूप से निजी उपयोग में ला रहे हैं। यदि नक्शा के अनुसार सड़क की चौड़ीकरण व सड़क के किनारे नाला का निर्माण कार्य किया जाता है। तो इससे अवैध अतिक्रमण तो हटेगा ही। सड़क की चौड़ाई भी बढ़ जाएगी। साथ ही जल निकासी संबंधित समस्या का भी समाधान हो जाएगा। बताया जाता है कि यह सड़क दरभंगा जिला क्षेत्र के कुशेश्वरस्थान तक पहुंचने के बाद फोर लेन सड़क को जोड़ने का भी काम करती है। इस स्थिति में इस सड़क के चौड़ीकरण कार्य किया जाना अनिवार्य है। ताकि क्षेत्र के लोगों को दरभंगा जिला क्षेत्र में जाने में आवागमन में सुविधा मिल सके।
शिशु मृत्युदर में कमी के लिए समस्तीपुर समेत 9 जिलों में ‘मुस्कान कार्यक्रम’ की होगी शुरुआत
सिटी रिपोर्ट | समस्तीपुर शिशु मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से समस्तीपुर सहित राज्य के 9 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 'मुस्कान कार्यक्रम' की शुरुआत की जा रही है। मुस्कान कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अस्पताल से लेकर प्रखंड स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक को शामिल किया जाएगा। हालांकि सबसे पहले जिला अस्पतालों में इस योजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए संस्थान व जिला स्तर पर विशेष क्वालिटी टीम का गठन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसको लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी की गई है। इसके तहत 0 से 12 वर्ष तक के बच्चों को दी जाने वाली सेवाओं में व्यापक सुधार किया जाएगा। इसमें नवजात, शिशु और बच्चों को बीमार होने से रोकने व उनकी मृत्यु दर को कम करने का लक्ष्य है। बता दें सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में नवंबर महीने में 79, पीकू वार्ड में 64 एवं एनआरसी में तीन बच्चों को भर्ती कर उनका उपचार किया गया। मुस्कान कार्यक्रम के तहत चार विभागों एसएनसीयू, एनआरसी, शिशु ओपीडी और पीकू वार्ड को व्यवस्थित और सुदृढ़ किया जाएगा। इसमें क्लिनिकल प्रोटोकॉल का पालन, संक्रमण नियंत्रण, पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता, रोगों की त्वरित पहचान और उपचार, दस्तावेज संधारण आदि को सुनिश्चित करना शामिल है। इसके लिए जिला और संस्थान स्तर पर विशेष क्वालिटी टीम का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में जिला क्वालिटी टीम का गठन होगा, जिसमें जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला गुणवत्ता सलाहकार, जिला बाल स्वास्थ्य अधिकारी, गुणवत्ता नोडल अधिकारी, नर्सिंग अधिकारी और बायोमेडिकल इंजीनियर शामिल रहेंगे। यह टीम जिले के सभी अस्पतालों में मुस्कान पहल के क्रियान्वयन की निगरानी और मार्गदर्शन करेगी। वहीं, अस्पताल स्तर पर मुस्कान क्वालिटी टीम में अस्पताल प्रभारी, बाल रोग विशेषज्ञ या चाइल्ड हेल्थ मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग प्रभारी, स्टाफ नर्स या एएनएम, काउंसलर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, फार्मासिस्ट, स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण कर्मी और क्वालिटी नोडल अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम मासिक समीक्षा करेगी, कमियों की पहचान करेगी और सुधार कार्यों को क्रियान्वित करेगी। राज्य स्तर पर एनएचएम के मिशन निदेशक की अध्यक्षता में राज्य गुणवत्ता आश्वासन समिति गठित की जाएगी। ^मुस्कान कार्यक्रम के लिए जिला और संस्थान स्तर पर क्वालिटी टीम का गठन किया जा रहा है। - डॉ एसके चौधरी, सिविल सर्जन, समस्तीपुर
विश्व मृदा दिवस पर प्रखंड स्तर पर समारोह में मिलेंगे मृदा स्वास्थ्य कार्ड
भास्कर न्यूज | विभूतिपुर प्रखंड मुख्यालय में आगामी 05 दिसंबर, 2025 को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा। हालांकि यह कार्यक्रम समस्तीपुर जिले के सभी प्रखंडों में आयोजित की जाएगी। इसको लेकर जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला, समस्तीपुर ने आगामी 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर जिला-भर में प्रखंड स्तर पर विशेष समारोह आयोजित करने की घोषणा की है। इस संबंध में सहायक निदेशक (रसायन) अमित कुमार ने प्रखंड कृषि पदाधिकारियों (सभी) को पत्र जारी कर विस्तृत दिशा-निर्देश दिया हैं। खासकर यह आयोजन किसानों को मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने पर केंद्रित होगा। इसको लेकर जारी पत्र में बीएओ को स्थानीय मीडिया के माध्यम से 05 दिसंबर को होने वाले समारोह का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि अधिक से अधिक किसानों की सहभागिता हो सके। कहा है कि प्रत्येक प्रखंड में समारोह आयोजित कर चयनित गांवों के किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे। इस दौरान कार्ड में अंकित महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी भी उन्हें प्रदान की जाएगी। कार्ड वितरण से संबंधित एक पंजी (रजिस्टर) का संधारण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। किसानों को रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम करने तथा जैविक उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी, जो मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम में सभी वर्गों के किसानों (सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला किसान) की अनिवार्य सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
सांसद के ठुमके से डोला मंच:खांसी वाले मरीज को कुकुर का वैक्सीन, उपहार लेते धराए राजस्व कर्मचारी
बात खरी है... इसमें आप देखेंगे बिहार के नेताओं और अफसरों के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है, और दिनभर की ऐसी बड़ी हलचल जो आपको हंसाएगी भी और जिम्मेदारों को आइना भी दिखाएंगी। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें...
48 घंटे के सामूहिक उपवास पर बैठे लोको रनिंग स्टाफ
भास्कर न्यूज | समस्तीपुर ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की केन्द्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर भारतीय रेलवे के सभी मंडलों की तरह समस्तीपुर मंडल कार्यालय के समक्ष भी मंगलवार को 48 घंटे का सामूहिक भूख उपवास शुरू हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एआईएलआरएसए समस्तीपुर के मंडल अध्यक्ष अशोक कुमार ने की। उपवास पर बैठे रनिंग स्टाफ की ओर से मुख्य वक्ता के रूप में जोनल महासचिव कॉमरेड एके राउत ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन के बावजूद गाड़ियों का परिचालन संरक्षित तरीके से किया जाएगा। साथ ही संगठन ने मंडल प्रशासन से अपील की है कि भूखे रहने के कारण किसी लोको पायलट की तबीयत बिगड़ने पर तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो। रनिंग स्टाफ अपनी लंबित मांगों को लेकर पूर्व में लॉबी, मंडल कार्यालय व जोनल कार्यालय के समक्ष कई चरणों में धरना-प्रदर्शन कर चुका है। परंतु समाधान नहीं निकलने के कारण संगठन को 48 घंटे का सामूहिक भूख उपवास करने का निर्णय लेना पड़ा। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि इस चरण के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुईं तो केन्द्रीय कमिटी के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन के लिए रनिंग स्टाफ बाध्य होगा।उनकी प्रमुख मांगों में किलोमीटर भत्ता में टीए बढ़ोतरी के अनुरूप 01 फरवरी 2024 से 25% वृद्धि तथा एरियर भुगतान,किलोमीटर भत्ता के 70% हिस्से को आयकर से छूट,रनिंग स्टाफ का आवधिक विश्राम 16+30 घंटे यानी कुल 46 घंटे करने,सिग्नल पासिंग एट डेंजर मामलों में रिमूवल की सजा समाप्त करने, संरक्षा के मद्देनजर अधिकतम ड्यूटी आवर्स एक स्ट्रेच में 8 घंटे सीमित करने और सिस्टर लॉबी के नाम पर ड्यूटी घंटे से की जा रही कटौती पर अविलंब रोक लगाने की मांग शामिल है।कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में संयुक्त मंडल सचिव रौशन कुमार सिंह, पवन कुमार पप्पू, विपेश कुमार, निर्दोष कुमार, अशोक कुमार, राकेश यादव, वैद्यनाथ राउत, मनोज कुमार, सुभाष पासवान, उमाशंकर चौपाल, चंदन कुमार, सच्चिदानंद कुमार, सुनील कुमार-2, दयाशंकर राय, भूतपूर्व मंडल मंत्री संजीव कुमार, शशिरंजन कुमार मंडल मंत्री एससी-एसटी एसोसिएशन, संजीव कुमार मिश्रा मंडल मंत्री ईसीआरईयू, चंदन यादव, ऋषिकेश कुमार, अविनाश कुमार, रंजीत कुमार (केन्द्रीय उपाध्यक्ष) शामिल रहे। कार्यक्रम के समापन पर संगठन द्वारा मंडल रेल प्रबंधक के माध्यम से मांगों से संबंधित ज्ञापन रेल मंत्री, भारत सरकार को सौंपा जाएगा।
आरसीएच 2.0 और डिजिटल स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण, डेटा अपलोड करने का निर्देश
भास्कर न्यूज | विभूतिपुर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें केंद्र पर कार्यरत सीएच,ओजीएनएम और एएनएम को स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को दी गई स्वास्थ्य सेवाओं का डेटा ऑनस्पॉट (मौके पर ही) डिजिटली अपलोड करें। प्रशिक्षण में सभी के मोबाइल में 'ई-क्षमता' ऐप इंस्टॉल कराया गया और उन्हें स्वास्थ्य मॉड्यूल के उपयोग का गहन प्रशिक्षण दिया गया। सभी प्रतिभागियों को यह प्रशिक्षण तुरंत पूर्ण करने और समय पर सभी तरह का डेटा अपलोड करना सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया गया। इसके अतिरिक्त, सभी सीएचओ को निक्षय पोर्टल पर सभी टीबी (तपेदिक) मरीजों के डेटा को अनिवार्य रूप से अपलोड करने का निर्देश दिया गया। सभी सीएचओ को इन सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की नियमित और प्रभावी मॉनिटरिंग (निगरानी) करने का भी निर्देश दिया गया। इस प्रशिक्षण और समीक्षा बैठक में बीएचएम अनिल कुमार राय, बीएमेनी रामलाल महतो, एसटीएस प्रदीप कुमार,सीएचओ अनीता कुमारी, अनुराधा कुमारी, मोनू कुमार, मिन्की कुमारी, एएनएम पूजा कुमारी, डॉली रानी मौजूद रहे। बैठक में प्रखंड स्वास्थ प्रबंधक ने सभी कर्मियों से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने और डिजिटल रूप से तत्काल डेटा अपलोड करने पर जोर दिया।
बिहार में ठंड बढ़ रही है। दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक न्यूनतम तापमान और गिरावट दर्ज की जाएगी। इससे ठंड बढ़ेगी, लेकिन शीतलहर जैसी स्थिति नहीं बनेगी। अगले दो दिनों तक प्रदेश के हिस्सों में सुबह और शाम कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, पछुआ हवा 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है, जिससे सर्द हवा का प्रभाव बढ़ेगा। इससे न्यूनतम तापमान 9 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटे में पटना, गोपालगंज, बेतिया, समस्तीपुर समेत 8 शहरों में कोहरा छाया रहा। सुबह-सुबह ठिठुरन महसूस हुई। वहीं बेगूसराय में हल्के बादल भी छाए रहे। 10.4 डिग्री तापमान के साथ समस्तीपुर सबसे ठंडा जिला रहा। दिसंबर 2025 में कैसा रहेगा बिहार का मौसम? मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस बार दिसंबर में बिहार के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। आमतौर पर दिसंबर में औसतन 5.1 एमएम बारिश होती है। लेकिन इस साल मौसम प्रणाली के कारण हल्की फुहारें अधिक देखने को मिल सकती हैं। हल्की बारिश के चलते सर्दी के पैटर्न में भी बदलाव होगा। कई इलाकों में अधिक ठंड महसूस की जाएगी। दिन में मौसम रहेगा सामान्य आने वाले दिनों में दिन का तापमान सामान्य रहेगा। इससे दिन में हल्की गर्माहट महसूस हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय हवा के प्रभाव की वजह से देखा जा रहा है। न्यूनतम तापमान में क्षेत्रवार बदलाव रात के तापमान में भी इस बार बदलाव देखने को मिलेंगे। पूर्वोत्तर और दक्षिण-पूर्व बिहार, जैसे-सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बांका और जमुई में न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है। जबकि उत्तर बिहार के शेष हिस्सों और मगध-भोजपुर क्षेत्र में रात का तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के सामान्य स्तर पर ही रहने का अनुमान है। शीतलहर की स्थिति सामान्य रहेगी मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि, दिसंबर में शीतलहर जैसी स्थिति बनने की संभावना कम है। यानी कड़ाके की ठंड वाले दिन कम होंगे। इससे आम लोगों को राहत रहेगी। हालांकि सुबह-शाम में ठिठुरन बनी रहेगी, इसलिए सावधानी जरूरी है। पटना में कैसा रहेगा मौसम पटना में सुबह हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। पछुआ हवा चलने से सुबह-शाम की ठंड थोड़ी बढ़ सकती है। दिन में धूप निकलेगी।
नाबालिग के अपहरण मामले के दो फरार अभियुक्तों के घर पुलिस ने साटा इश्तेहार
विभूतिपुर | स्थानीय पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय के आदेश पर फरार चल रहे दो अभियुक्त विभूतिपुर थाना क्षेत्र के बाजिदपुर बम्वैया के दिलिप सहनी के पुत्र नीतीश कुमार सहनी और उजियारपुर थाना क्षेत्र बेलारी गांव के निवासी श्याम सहनी के पुत्र कुंदन कुमार के घर डुगडुगी बजाकर इश्तिहार चिपकाया और उन्हें कड़ी चेतावनी दी है। यह कार्रवाई विभूतिपुर थाना में दर्ज नाबालिग लड़की के अपहरण के तहत की गई है। पुलिस द्वारा जारी किए गए इश्तेहार में इन दोनों अभियुक्तों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है। यदि वे 15 दिनों के भीतर न्यायालय (कोर्ट) अथवा विभूतिपुर थाना में आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो पुलिस उनके विरुद्ध कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करेगी। इस दौरान विभूतिपुर एएसआई विमल कुमार के साथ अन्य पुलिस बल मौजूद थे। पुलिस ने डुगडुगी बजाकर आस-पास के लोगों को भी इस कार्रवाई के संबंध में सूचित किया और चेतावनी दी है ।
देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाने पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश
अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप कुमार की अध्यक्षता में अनुमंडल सभाकक्ष में विधि-व्यवस्था से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना अध्यक्ष सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य एजेंडा क्षेत्र में विवाह समारोहों एवं विभिन्न सामाजिक आयोजनों में बिना अनुमति देर रात तक डीजे बजाने, अत्यधिक शोर-शराबा करने और अश्लील गीतों के प्रयोग से उत्पन्न हो रही समस्याओं की समीक्षा करना था। बैठक में बताया गया कि कई स्थानों पर निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। विशेषकर रिहायशी क्षेत्रों में देर रात तक होने वाली तेज आवाज से बुजुर्गों, बच्चों एवं बीमार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप कुमार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के लिए निर्धारित ध्वनि स्तर का कड़ाई से पालन अनिवार्य किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद BJP ने सरकार से लेकर सदन तक में अपना दबदबा साबित किया है। इस वक्त सरकार में सबसे ज्यादा 14 मंत्री BJP के हैं। 20 साल में पहली बार नीतीश कुमार गृह विभाग छोड़ने को मजबूर हुए। विधानसभा स्पीकर भी BJP के प्रेम कुमार बनाए गए। इसके साथ ही BJP अपनी सोशल इंजीनियरिंग का नया समीकरण तैयार करने में जुटी है। डिप्टी CM, मंत्रिमंडल और विधानसभा अध्यक्ष तक में जातियों के चयन में पार्टी लगातार प्रयोग कर रही है। सवर्ण और वैश्य के अपने कोर वोट बैंक के अलावा अब पार्टी गैर यादव OBC और EBC के बीच मजबूत पैठ बनाने में जुट गई है। क्या बीजेपी नीतीश कुमार को साथ रखकर उनका वोट बैंक हथियाने में जुटी है? जानें आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाही में.. 2 पॉइंट में समझिए BJP ने सरकार में EBC और कुशवाहा को कैसे आगे किया 1- 53 साल बाद EBC को बनाया विधानसभा स्पीकर जब से नीतीश कुमार CM बने हैं, तब से दलित, यादव या भूमिहार ही विधानसभा अध्यक्ष बनते रहे हैं। जब नीतीश पावरफुल थे तब दलित समाज से आने वाले उदय नारायण चौधरी को लगातार 2 बार स्पीकर बनाया। 2015 में नीतीश राजद के साथ गठबंधन में आए और महागठबंधन की सरकार बनी। उन्होंने अपने सबसे भरोसेमंद और भूमिहार समाज से आने वाले विजय चौधरी को स्पीकर बनाया। 2020 में स्पीकर का कोटा BJP के खाते में गया। BJP ने भी सवर्ण समाज से आने वाले विजय सिन्हा को यह पद दिया। 2022 में नीतीश ने पाला बदला और महागठबंधन में शामिल हुए। राजद ने यादव समाज से आने वाले अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर बनाया। 2024 में NDA सरकार आने के बाद BJP ने नंद किशोर यादव को ये जिम्मेदारी दी। अब BJP ने EBC समाज से आने वाले डॉ. प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। 53 साल बाद ऐसा हुआ है। इससे पहले EBC समाज से आने वाले राम नारायण मंडल 11 मार्च 1969-20 मार्च 1972 तक विधानसभा अध्यक्ष थे। ठीक उनसे पहले मार्च 1967 से मार्च 1969 तक EBC समाज से ही आने वाले धनिक लाल मंडल इस पद पर थे। 2- BJP ने मंत्रिमंडल में भी दी EBC को तवज्जो BJP ने केवल विधानसभा अध्यक्ष पद पर ही नहीं, मंत्रिमंडल में भी EBC को तवज्जो दी। पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ी और जीती निषाद समाज से आने वाली रमा निषाद को मंत्री बनाया है। इनके अलावा धानुक समाज से आने वाले सुरेंद्र मेहता को मंत्री पद मिला है। EBC समाज से आने वाले प्रमोद कुमार चंद्रवंशी और अरुण शंकर प्रसाद को मंत्री बनाया गया है। कुशवाहा को साधने के लिए सम्राट का कद सबसे बड़ा किया पॉलिटिकल एनालिस्ट अरुण कुमार पांडेय कहते हैं, ’मौजूदा समय में सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं। वे कुशवाहा समाज से आते हैं। नीतीश कुमार को लव-कुश का नेता कहा जाता है। ऐसे में लव अगर नीतीश कुमार हैं तो कुश आज सम्राट चौधरी हैं। मैसेज साफ है कि नीतीश कुमार के रहते हुए BJP उनका विकल्प तैयार कर रही है।’ पॉलिटिकल एनालिस्ट और बिहार यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘कुशवाहा भाजपा का कोर वोटर नहीं रहा है। पार्टी सम्राट चौधरी को आगे कर इस समाज को अपने से जोड़ने का प्रयास कर रही है। सम्राट को पहले पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष फिर डिप्टी CM बनाया। उसका फायदा चुनाव में हुआ है।’ बिहार में यादव (14. 26%) तो कुशवाहा 4.2% हैं। माना जाता है कि मगध, शाहाबाद, सीवान, भागलपुर, बांका, पूर्णिया, बेतिया और मोतिहारी इलाके की 40 से 45 सीटों पर कोइरी/कुशवाहा समाज अहम फैक्टर है। सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं। कुशवाहा ने NDA को अपना समर्थन दिया पोल्समैप सर्वे और लोक नीति के मुताबिक, विधानसभा चुनाव 2025 में कुर्मी-कोइरी समाज के 71% वोटर ने NDA को वोट किया है। 2020 में जिस मगध की 47 सीटों में से सिर्फ 18 सीटें NDA जीता था। 2025 में इसका आंकड़ा 40 सीट (22 ज्यादा) तक पहुंच गया है। 2020 में शाहाबाद में सिर्फ 2 सीट जीतने वाला NDA 2025 में 19 सीट (17 ज्यादा) पर पहुंच गया है। नीतीश ने लव-कुश के साथ EBC का वोट बैंक तैयार किया था नीतीश कुमार ने 2005 से पहले बिहार के EBC और दलितों का एक बड़ा वोट बैंक एकजुट करने में कामयाबी हासिल की थी। सरकार बनने के बाद इन्होंने पिछड़ों को अति पिछड़ा और दलित को महादलित वर्ग में बांटकर इस वोट बैंक को अपने साथ पक्के तौर पर एकजुट किया था। राजनीतिक टिप्पणीकार आरती जेरथ के मुताबिक, 'यह तो जगजाहिर है कि नीतीश कुमार की पॉलिटिक्स अब बहुत लंबी नहीं है। ऐसे में उनके वोट बैंक पर भाजपा सहित सभी पार्टियों की नजर है। विपक्ष में RJD के साथ कांग्रेस ने इसे हासिल करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाई।' लालू से तंग आकर EBC नीतीश के साथ आए राजनीतिक विश्लेषक संजय सिंह ने कहा, ‘EBC की ताकत को सबसे पहले लालू यादव ने पहचाना था। उस वक्त (1990-2005 तक) EBC में 94 जातियां थी। इस तबके का बड़ा हिस्सा लालू यादव को वोट करता था। 1995, 2000 की चुनावी रैलियों में लालू यादव कहते थे- ‘देखिएगा, बक्सा से जिन्न निकलेगा और हम जीत जाएंगे।’ ऐसा होता भी था। संजय सिंह ने कहा, ‘लालू यादव के खराब शासन के कारण EBC का झुकाव धीरे-धीरे नीतीश कुमार की तरफ होने लगा। नीतीश ने 2005 के बाद काम करके EBC समाज का विश्वास जीता। आज इनकी बदौलत ही वह 20 साल से CM हैं।’ 243 में से करीब 120 सीटों पर EBC वोटर्स का प्रभाव बिहार जातीय गणना-2023 के मुताबिक, राज्य की 13 करोड़ आबादी में से 4.70 करोड़ मतलब 36% EBC हैं। इसमें 112 जातियां हैं। इनमें से 100 जातियां ऐसी हैं, जिनकी कुल आबादी में अलग-अलग जाति के हिसाब से देखें तो हिस्सेदारी 1% से कम है। हालांकि इन जातियों के लोग मिलकर बड़ा असर डालते हैं। मिथिलांचल, कोसी, तिरहुत और मगध में इनका प्रभाव अधिक है। विधानसभा की 243 में से करीब 120 सीटों पर EBC की संख्या 20 से 40 फीसदी है। यह जीत-हार के लिए निर्णायक है। 2025 के चुनाव में भाजपा ने 10 अति पिछड़ा (9.9%) उम्मीदवार दिए थे। जदयू ने 22 कैंडिडेट अति पिछड़ा समाज से दिया था। एक्सपर्ट बोले- BJP अब NDA में डॉमिनेट करना चाहती है द हिंदू के सीनियर असिस्टेंट एडिटर अमरनाथ तिवारी ने कहा, ’BJP अब बिहार की पॉलिटिक्स में डॉमिनेट करना चाहती है। गठबंधन की सभी पार्टियों को अपने से नीचे रखने के प्लान के साथ आगे बढ़ गई है। नीतीश कुमार साथ रहेंगे तो आने वाले दिनों उन्हें भी BJP की नीतियों पर काम करना होगा।’ पॉलिटिकल एनालिस्ट अरुण कुमार पांडेय ने कहा, 'बीजेपी कोई कोना नहीं छोड़ना चाहती है। लगातार लव-कुश वोट बैंक मजबूत कर रही है। इसके साथ ही अपने कोर वोट बैंक सवर्ण और वैश्य को नाराज नहीं कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने EBC से आने वाले प्रेम कुमार को विधानसभा स्पीकर बनाया तो राजपूत समाज से आने वाले अवधेश कुमार सिंह को विधान परिषद का सभापति। मंत्रिमंडल में दिलीप जायसवाल के साथ वैश्य समाज के विधायकों को जगह दी।’ अब OBC की 3 जातियों का वोटिंग पैटर्न देखिए… अब 2 पॉइंट में BJP का स्पीकर होने के मायने जान लीजिए 1- भाजपा का प्लानः नीतीश दूसरी तरफ शिफ्ट ना हो सके अबकी बार नीतीश कुमार की पार्टी JDU 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 85 सीटें जीती है। अगर वह भाजपा से नाता तोड़ेंगे तो उसे सरकार बनाने के लिए 37 विधायकों की जरूरत है। RJD के पास 25, कांग्रेस के पास 6, AIMIM के पास 5, लेफ्ट के पास 3 और BSP-IIP के पास 1-1 विधायक हैं। सबको जोड़ने पर 41 होता है। इसमें JDU के 85 विधायकों को जोड़ने पर (85+41) 126 होगा। मतलब बहुमत से 4 ज्यादा। पॉलिटिकल एक्सपर्ट सत्यभूषण सिंह ने कहा, ‘भाजपा इस बार पहले की तुलना में ज्यादा ताकतवर है। पहले उसने नीतीश कुमार से गृह मंत्री पद छीना। अब विधानसभा अध्यक्ष भी अपना बनाया है। इससे साफ है कि भाजपा अब पूरी तरह बिहार की पॉलिटिक्स को कंट्रोल कर रही है।’ 2- क्या सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकते हैं स्पीकर? लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी ने कहा, ‘स्पीकर का मुख्य काम सरकार के हितों की रक्षा करना है। स्पीकर से अपेक्षा की जाती है कि वो सरकार के समर्थन में हो। अगर वह सरकार से असहमत हो जाए तो समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर स्पीकर सरकार के विश्वास का नहीं होगा तो बिल अटका सकता है। जैसे-विधानसभा में मनी बिल पेश होता है। यह राजस्व और खर्च से जुड़ा है। ऐसे विधेयक को अनुच्छेद 198 के तहत विधान परिषद में भेजा जाता है। वहां चर्चा तो हो सकती है, लेकिन उस पर वोटिंग नहीं। मनी बिल है या नहीं, इस पर आखिरी फैसला स्पीकर करते हैं।’
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। राज्यपाल का अभिभाषण होगा। सुबह 11:30 बजे विधान मंडल के दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) की संयुक्त बैठक सेंट्रल हॉल में होगी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां अभिभाषण में नई सरकार के एजेंडे, नीतियां और विकास योजनाओं की रूपरेखा पेश करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है। उपाध्यक्ष के लिए नरेंद्र नारायण यादव ने किया नामांकन सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को जदयू के वरिष्ठ नेता नरेंद्र नारायण यादव ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है। 4 दिसंबर को नए उपाध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी। नरेंद्र नारायण यादव ही नए उपाध्यक्ष होंगे, ये लगभग तय हो गया है। बस औपचारिकता पूरी होनी है। साल 2024 में नीतीश कुमार महागठबंधन से रिश्ता तोड़ NDA के साथ आए थे, तब भी स्पीकर का पद बीजेपी के पास था और उपाध्यक्ष का पद जदयू के पास था। तब भी नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष थे। कल नए स्पीकर चुने जाने के बाद की 3 तस्वीरें.... 241 विधायकों ने ली शपथ विधानसभा में नए विधायकों के शपथ की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 2 विधायकों को छोड़कर सभी 141 विधायकों ने शपथ ले ली है। मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह और गोपालगंज के कुचायकोट से बाहुबली विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय का शपथ लेना बाकी रह गया है। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. प्रेम कुमार निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए हैं।
बिहार के 2 IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर और अभिलाषा शर्मा टेंडर घोटाले में ED की जांच का सामना कर रहे ठेकेदार रिशुश्री से गलत लाभ लेने के आरोप के चलते मुसीबत में हैं। ED ने इनके खिलाफ जांच की और आगे की कार्रवाई के लिए SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) को पत्र लिखा है। रिशुश्री ने योगेश कुमार सागर और उनके 8 रिश्तेदारों को यूरोप की यात्रा कराई। 22 जून 2024 से 30 जून 2024 तक हुई इस यात्रा में योगेश और उनके परिवार के 8 लोग ऑस्ट्रिया के वियाना, साल्जबर्ग और वॉल्फगैंग शहर घूमे। आलीशान होटलों में ठहरे। हवाई यात्रा और विदेशी होटलों के रुकने पर 21.92 लाख रुपए खर्च हुए। पैसे रिशुश्री ने दिए। कौन हैं IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर और अभिलाषा शर्मा? इनपर लगे क्या आरोप? IAS अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का क्या है प्रोसेस? पढ़ें रिपोर्ट.. कौन हैं IAS योगेश कुमार सागर? 2017 बैच के IAS अधिकारी योगेश कुमार सागर समाज कल्याण विभाग में तैनात हैं। योगेश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली के हैं। उन्होंने 2012 में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) से MBBS किया था। कभी ठीक से पेट भरना था मुश्किल एक वक्त था जब योगेश कुमार सागर के लिए ठीक से पेट भरना तक मुश्किल था। बेहद कठिन स्थिति में बचपन बीता, पढ़ाई-लिखाई की। IAS बनने के बाद खुद के साथ रिश्तेदारों को भी यूरोप की सैर कराई। योगेश का जन्म 15 अप्रैल 1988 को हुआ था। पिता कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज विभाग में कॉन्स्टेबल थे। उनके 6 भाई और 4 बहनें हैं। पिता की सैलरी से बड़ी मुश्किल से परिवार का खर्च चल पाता था। 1990 में पिता की मौत हो हुई। पिता के जाने के बाद घर का खर्च चलाने का जिम्मा बड़े भाई शैलेश पर आ गया। वह IVRI बरेली में क्लर्क थे। 2 हजार रुपए वेतन था। इस पैसे से घर खर्च पूरा नहीं होता था। भाई-बहनों की स्कूल फीस भरने के लिए कर्ज लेना पड़ता था। योगेश ने IAS बनने के बाद बताया था, 'घर में रोज एक टाइम भोजन बनता। सब्जी की जगह चटनी। आधा पेट खाना खाकर स्कूल जाते थे।' योगेश ने 2004 में बरेली के राजकीय इंटर कॉलेज से हाई स्कूल की पढ़ाई की। 2005 में CPMT क्वालीफाई किया। 2006 में लखनऊ के KGMU में MBBS में एडमिशन लिया। 2012 में पढ़ाई पूरी की फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने में जुट गए। 2013 में दिल्ली गए। 2014-15 में परीक्षा दी और पहली बार में IRS के लिए चुने गए। नागपुर में ट्रेनिंग ले रहे थे। इसी दौरान 2016-17 में फिर से सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 223वीं रैंक के साथ क्वालीफाई किया। फारबिसगंज एसडीओ के रूप में शुरू हुआ था योगेश का करियर योगेश कुमार सागर का करियर अररिया जिले के फारबिसगंज SDO के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद वह भागलपुर में निगम कमिश्नर रहे। 7 मार्च 2024 से लेकर 17 फरवरी 2025 तक बुडको के एमडी रहे। बुडको से ट्रांसफर होने के बाद समाज कल्याण विभाग में हैं। कौन हैं IAS अभिलाषा शर्मा? अभिलाषा शर्मा ग्रामीण विकास विभाग में जीविका की सीईओ हैं। बिहार कैडर की 2014 बैच की IAS अधिकारी अभिलाषा ने पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है। अभिलाषा का जन्म 26 जनवरी 1989 को हुआ था। इनके करियर की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्रालय से हुई। वह बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। सीतामढ़ी की डीएम के रूप में काम किया। वित्त विभाग में संयुक्त सचिव थीं। अभिलाषा शर्मा के खिलाफ लगे क्या आरोप? अभिलाषा के घर की छत पर बगीचा लगाया गया। आरोप है कि इस काम में लगने वाले 9 लाख रुपए रिशु ने दिए। उसने IAS अधिकारी के रिश्तेदारों को गोवा, दिल्ली और हैदराबाद घुमाया। पूरा खर्च दिया। इसके साथ ही रिशु ने आईफोन और दूसरे महंगे गिफ्ट दिए। कितनी होती है IAS अधिकारी की सैलरी? IAS अधिकारी भारत में प्रशासनिक सेवाओं में टॉप ऑफिसर होते हैं। केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों से लेकर जिला स्तर तक, इन अधिकारियों के जिम्मे सरकार के काम होते हैं। एक आईएएस अधिकारी की सैलरी कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर है कि उन्होंने कितने साल सेवा दी, कैसा प्रदर्शन किया, कितने प्रमोशन मिले। इन बातों के आधार पर अधिकारी की सैलरी 2.5 लाख रुपए प्रति महीने तक पहुंच जाती है। इतना वेतन कैबिनेट सचिव जैसे अधिकारियों का होता है। आईएएस अधिकारी को वेतन के साथ ही DA, HRA, TA समेत कई भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं। IAS अधिकारी का शुरुआती वेतन करीब 84 हजार रुपए होता है। योगेश कुमार सागर 2017 बैच के अधिकारी हैं। वहीं, अभिलाषा 2014 बैच की अधिकारी हैं। आईएएस अधिकारी 9 साल से अधिक समय से सेवा में हो और डीएम, संयुक्त सचिव या उप सचिव जैसे पद पर हो तो उनका वेतन 1.17 लाख रुपए प्रति महीना से अधिक हो सकता है। इसमें 78,800 रुपए बेसिक पे, 36288 रुपए DA, 12608 रुपए HRA और 4000 रुपए TA शामिल है। आसान नहीं IAS अधिकारी को पद से हटाना IAS अधिकारी योगेश और अभिलाषा के खिलाफ SVU ने जांच शुरू कर दी है। निगरानी विभाग की अनुमति मिलने के बाद दोनों के खिलाफ SVU थाने में केस दर्ज किया जाएगा। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही एजेंसी SVU के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार इनके खिलाफ संबंधित विभाग को लिखकर भेजा गया है। भ्रष्टाचार के मामले की जानकारी दी गई है। विभाग की अनुमति के बाद इनके खिलाफ FIR दर्ज होगी। इस मामले में दोनों अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है? इसका जवाब आने वाले समय में मिलेगा। वैसे भारत में एक आईएएस अधिकारी को नौकरी से निकालना कोई आसान काम नहीं। कैडर कोई भी हो, आईएएस अधिकारी केंद्र सरकार के कर्मचारी होते हैं। नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। इन्हें नौकरी से निकालने की प्रक्रिया सख्त और स्पष्ट है। सिर्फ आरोपों या किसी मंत्री, सीएम के चाहने से अधिकारी को नहीं निकाला जा सकता। अगर किसी अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगते हैं तो उसकी जांच होगी। अगर जांच में वह दोषी पाए जाते हैं तो विभागीय जांच होगी। इस जांच में भी अधिकारी दोषी मिले तो केंद्र सरकार को रिपोर्ट दी जाती है। इस दौरान अधिकारी को अपनी सफाई देने का पूरा मौका मिलता है। आखिरी फैसला राष्ट्रपति द्वारा लिया जाता है। कौन है ठेकेदार रिशुश्री? ठेकेदार रिशुश्री का पूरा नाम रिशु रंजन सिन्हा है। इसके खिलाफ SVU ने FIR दर्ज की है। आरोप है कि रिशु सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच दलाली करता है। ईडी की जांच में पता चला है कि रिशु के संबंध बिहार के कई बड़े अधिकारियों से हैं। रिशुश्री टेंडर घोटाला केस में ईडी की जांच के घेरे में है। क्या है SVU? SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) बिहार पुलिस की खास यूनिट है। इसका काम सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच करना है। SVU द्वारा अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच की जाती है। ED जैसी केंद्रीय एजेंसी के अनुरोध पर भी SVU द्वारा जांच और FIR की जाती है।
18वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन स्पीकर का चुनाव हुआ। बीजेपी के विधायक प्रेम कुमार निर्विरोध स्पीकर चुने गए। स्पीकर चुने जाने पर नीतीश कुमार ने सभी सदस्यों को खड़े होकर विधानसभा अध्यक्ष को प्रणाम करने को कहा। इस दौरान तेजस्वी उठ ही रहे थे, तभी नीतीश कुमार ने कहा- ऐ खड़ा हो न भाई। इससे पहले 5 विधायकों ने शपथ ली। लौरिया बीजेपी विधायक विनय बिहारी शपथ से पहले भोजपुरी कविता पढ़ने लगे। इसे लेकर स्पीकर ने उन्हें टोका। शपथ के दौरान सदन में अनंत सिंह का नाम लिया गया। ऊपर क्लिक कर के वीडियो में देखिए शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन क्या-क्या हुआ। फोटो पर क्लिक कर देखिए VIDEO
बार-बार चेतावनी और जागरूकता अभियान के बावजूद पराली जलाने की जिद पर अड़े किसानों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। नालन्दा जिले में अब तक कुल 97 किसानों को फसल अवशेष जलाने के आरोप में दंडित किया जा चुका है। ताजा कार्रवाई में 17 और किसानों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। कार्रवाई के तहत इन सभी किसानों का डीबीटी पोर्टल से निबंधन रद्द कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अगले पांच वर्षों तक इन्हें कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। यह सजा किसानों के लिए एक गंभीर झटका साबित हो सकती है, क्योंकि इस दौरान वे बीज, खाद, कृषि यंत्र और अन्य सब्सिडी योजनाओं से पूरी तरह वंचित रहेंगे। प्रत्येक प्रखंड में धावा दल तैनात जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) नितेश कुमार ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर प्रखंड में विशेष धावा दल गठित किए गए हैं। इन दलों में जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के कर्मियों को शामिल किया गया है, जो सुबह से शाम तक निरंतर खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं। हर खेत पर हमारी नजर है। जहां कहीं भी पराली जलाने का मामला सामने आता है, तुरंत संबंधित किसान का पता लगाकर कार्रवाई की जाती है। राजगीर ने हरनौत को छोड़ा पीछे दिलचस्प बात यह है कि पराली जलाने के मामले में प्रखंडों की रैंकिंग में बदलाव आया है। दो दिन पहले तक हरनौत प्रखंड के किसान इस मामले में सबसे आगे थे, लेकिन अब राजगीर प्रखंड ने उसे पीछे छोड़ दिया है। राजगीर में सर्वाधिक 35 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जबकि हरनौत में 20 किसानों पर गाज गिरी है। 14 प्रखंडों में फैला है उल्लंघन अब तक जिले के 14 प्रखंडों में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। प्रखंडवार आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति इस प्रकार है: राजगीर में 35, हरनौत में 20, एकंगरसराय में 8, थरथरी में 6, नूरसराय में 5, बेन और रहुई में 4-4, अस्थावां, इस्लामपुर और करायपरसुराय में 3-3, बिंद और हिलसा में 2-2, तथा चंडी और सिलाव में 1-1 किसान दोषी पाए गए हैं। पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरा पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंचती है, बल्कि इससे वायु प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। इसके धुएं से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है। प्रशासन बार-बार किसानों से अपील कर रहा है कि वे वैकल्पिक तरीकों जैसे हैप्पी सीडर, मल्चर और अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग करें। डीएओ नितेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। हम धावा दल के माध्यम से छापेमारी अभियान चला रहे हैं। जहां से भी शिकायत आती है, तत्काल जांच कराई जाती है और दोषी किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
नालन्दा जिले के युवा कलाकारों और बाल वैज्ञानिकों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर आज से शुरू हो रहा है। शहर के टाउन हॉल में आज और कल दो दिवसीय जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के करीब 150 से 200 प्रतिभागी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी कुंदन कुमार करेंगे। आयोजन के पहले दिन यानी आज बुधवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें समूह लोक नृत्य, समूह लोकगीत और भाषण प्रतियोगिता शामिल हैं। इन प्रतियोगिताओं में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवा कलाकार अपनी पारंपरिक कला का प्रदर्शन करेंगे। जिला खेल पदाधिकारी शालिनी प्रकाश ने बताया कि नृत्य और गायन पारंपरिक शैली में होंगे। हालांकि, प्रतिभागियों को अपनी वेश-भूषा, परिधान, सामग्री और संगत कलाकारों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। आयोजकों की ओर से इसकी कोई आपूर्ति नहीं की जाएगी। विज्ञान मेला में उभरेंगे नए वैज्ञानिक चार दिसंबर को आयोजन का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें विज्ञान प्रदर्शनी मेला का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही कहानी लेखन, कविता लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। चित्रकला प्रतियोगिता का विषय 'नशा मुक्त युवा या स्वस्थ जीवन शैली' रखा गया है। विज्ञान मेले में बाल वैज्ञानिकों के लिए विशेष मंच तैयार किया गया है। प्रत्येक टीम में अधिकतम पांच सदस्य शामिल हो सकते हैं। विद्यार्थी टीमें जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी और डिजिटल समाधान जैसे आधुनिक विषयों पर अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत करेंगी। अंतिम समय तक मिला पंजीकरण का मौका डीपीओ शालिनी प्रकाश ने बताया कि मंगलवार शाम चार बजे तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करीब 150 प्रतिभागी पंजीकरण करा चुके हैं। हालांकि, इच्छुक प्रतिभागियों को 2 दिसंबर तक माई भारत पोर्टल पर ऑनलाइन या फिर नालंदा हेल्थ क्लब ऐतवारी बाजार में सीधे आवेदन जमा कराने का अवसर दिया गया था। निर्णायक मंडल का गठन पूरा प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए जिला कला संस्कृति पदाधिकारी की अध्यक्षता में हर विधा के लिए अलग-अलग निर्णायक मंडल का गठन किया गया है। आयोजकों ने स्पष्ट किया है कि निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम और सर्वमान्य होगा।
बिहार शरीफ शहर के निवासियों को आज बिजली व्यवस्था में सुधार की कीमत चुकानी होगी। बड़ी पहाड़ी ग्रिड में स्थापित किये गये नये 10 एमवीए पावर ट्रांसफॉर्मर को चार्ज करने के चलते आज दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक शहर के अहम इलाकों में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित रहेगी। बिजली विभाग के सब डिवीजनल ऑफिसर (एसडीओ) संजीत कुमार ने बताया कि यह व्यवस्था तकनीकी आवश्यकताओं के मद्देनजर अपरिहार्य है। नये पावर ट्रांसफॉर्मर को सुरक्षित तरीके से चार्ज करने के लिए बड़ी पहाड़ी (टू) 33 केवी फीडर लाइन को पूर्णतः बंद रखना जरूरी है। इस कारण बड़ी पहाड़ी-वन फीडर और सदर अस्पताल के डेडिकेटेड फीडर से बिजली की सप्लाई पूरी तरह से ठप रहेगी। कौन-कौन से क्षेत्र होंगे प्रभावित इस तीन घंटे की कटौती से शहर के कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान प्रभावित होंगे। जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट, सदर अस्पताल, और खुद बिजली विभाग का सर्किल ऑफिस भी इस दौरान बिना बिजली के रहेगा। इसके अलावा एतवारी बाजार, शेखाना, इमादपुर, कागजी मोहल्ला जैसे घनी आबादी वाले आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों में भी बिजली नहीं रहेगी। विशेष रूप से चिंता की बात यह है कि सदर अस्पताल जैसी अत्यावश्यक स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी संस्था को भी इस कटौती का सामना करना पड़ेगा, हालांकि अस्पताल प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। लंबी अवधि में बेहतर होगी व्यवस्था बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अल्पकालिक असुविधा दीर्घकालिक लाभ के लिए है। 10 एमवीए क्षमता का यह नया पावर ट्रांसफॉर्मर बड़ी पहाड़ी ग्रिड की क्षमता बढ़ाएगा और भविष्य में बिजली की बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए यह कदम समय की मांग था। एसडीओ संजीत कुमार ने आश्वासन दिया है कि चार्जिंग की प्रक्रिया पूरी होते ही, यानी दोपहर तीन बजते ही प्रभावित सभी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति फिर से बहाल कर दी जाएगी। विभाग ने स्थानीय निवासियों से इस अस्थायी असुविधा के लिए सहयोग की अपील की है। शहरवासियों से अपेक्षा है कि वे इस निर्धारित समय में बिजली न रहने की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कर लें और अपने जरूरी कार्यों की योजना तदनुसार बनाएं।
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। कांग्रेस में 'अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग'मध्य प्रदेश में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस विधायक बिखरे-बिखरे नजर आए। मतलब 'अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग' जैसी स्थिति नजर आई। कई मौके ऐसे आए जब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को अपने विधायकों को टोकना पड़ा। कांग्रेस विधायक अपने-अपने हिसाब से नारे लगा रहे थे। उनमें मीडिया के कैमरों पर आने की भी होड़ लगी थी। एक मौका तो ऐसा आया जब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे रहे अपने विधायक को कहा- भैया पहले नारे तो लगा लो। कांग्रेस का ये प्रदर्शन किसानों के मुद्दे पर था। जिसकी थीम 'चिड़िया चुग गई खेत' थी। कांग्रेस विधायक अपने साथ झांकी लेकर आए थे। जिसमें खेत में एक चिड़िया बैठी थी, जो किसानों के खेत चुग गई। कांग्रेस ने इस चिड़िया को भाजपा की सरकार बताया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश का किसान कभी खाद के लिए तो कभी मुआवजे के लिए दर–दर भटक रहा है। अन्नदाता मजबूर होकर सड़क पर संघर्ष कर रहा है, जबकि सत्ताधारी केवल भावांतर का झुनझुना बजा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्नदाता के अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक ले जाएंगे। उमा भारती की चुनावी तैयारी, बोलीं- सीएम नहीं बननापूर्व सीएम उमा भारती ने 'एक यात्रा मां के नाम' निकाली। इस दौरान उमा भारती अपने समर्थकों से बात कर ही थी। तभी एक कार्यकर्ता ने कहा कि आप फिर से मुख्यमंत्री बन जाओ। इस पर उमा भारती ने इनकार कर दिया। उमा भारती ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री नहीं बनना है। सीएम डॉ. मोहन यादव अच्छा काम करेंगे। हम उनसे काम करा लेंगे। वो मेरी सुनते भी हैं। शिवराज सिंह चौहान भी मेरी बात मान लेते थे। नीति तो वही मान रहे हैं जो मैं कह रही हूं। अब हर बात तो मैं उनसे नहीं कहती। ऐसे में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए मुझे सीएम नहीं बनना है। हालांकि इसी यात्रा के दौरान उमा भारती ने एक बार फिर से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने एक मंच से कहा कि कोई धोखे में मत रहना। मैं अभी 29 का चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हूं। अब कहने वाले कह रहे हैं कि दीदी ने इसीलिए ‘एक यात्रा मां के नाम’ निकाली। लेकिन दीदी ये बात भी अच्छी तरह से जानती हैं कि भाजपा में चुनाव कौन लड़ेगा, ये तो दिल्ली में ही डिसाइड होता है। जाम में फंसी भैंसे, पुलिस को करनी पड़ी जद्दोजहदखंडवा में पुलिस को डंडा लेकर भैंसों को जाम से निकालना पड़ा। दरअसल, शहर की रामेश्वर पुलिस चौकी के पास जाम लग गया था। जिसमें कई वाहन फंस गए थे। तभी यहां से भैंसों का गुजरना हुआ। उन्हें रास्ता नहीं मिला तो भैंसे पुलिस चौकी में घुस गई। जिसके बाद पुलिसकर्मी ने उन्हें बाहर निकाला। बाहर आई तो जाम में फंस गई। भैंसों के कारण जाम और बढ़ गया। जिसके बाद एक पुलिसकर्मी डंडा लेकर आया और भैंसों को धीरे-धीरे खदेड़ते हुए जाम से बाहर ले जाकर छोड़ा। इस पर लोगों ने कहा कि पुलिस को एक्स्ट्रा ड्यूटी करनी पड़ गई। शिवराज सिंह चौहान और साधना सिंह की जुगलबंदीवैसे तो आपने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई बार गाने और भजन गाते देखा और सुना होगा। लेकिन इस बार उन्होंने पत्नी साधना सिंह के साथ जुगलबंदी की। मौका शिवराज सिंह चौहान के ससुराल पक्ष में एक शादी समारोह का था। यहां मंच पर साधना सिंह गाना गा रही थी। गाना कुछ यूं था- जान-ए-जां ढूंढती फिर रही, हूं तुम्हें रात दिन.. मैं यहां से वहां... मुझको आवाज दो, छुप गए हो सनम... तभी मंच पर शिवराज सिंह आ गए। उन्होंने हाथ में माइक थामा। फिर शिवराज सिंह ने गाया.. तुम कहां.. इस पर साधना सिंह ने गाया.. मैं यहां..। शिवराज सिंह और साधना सिंह की इस जुगलबंदी पर जमकर तालियां गूंजी। बात खरी है सीरीज की ये कड़ी भी पढ़ें... पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- हम कुंवारे बैठे, तुम्हें लुगाई कहां से दें: जब राक्षस बनी कांग्रेस विधायक कांग्रेस विधायक सेना पटेल राक्षस का रूप धरकर विधानसभा आ गई। आलीराजपुर के जोबट से विधायक सेना पटेल पूतना बनी। गले में सिरप की शीशियों की माला लटका ली और कहने लगी- 'मैं पूतना हूं, मैं भाजपा की सरकार हूं, मैं बच्चों को मारने आई हूं। मैं चूहे बनकर बच्चों का काटने आई हूं'। पूरी खबर पढ़ें..
भोपाल गैस त्रासदी की आज (3 दिसंबर) 41वीं बरसी है। इस दिन भोपाल शहर के लिए सरकारी छुट्टी रहेगी। शहर के सभी स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे। दूसरी ओर, बैरसिया समेत ग्रामीण क्षेत्र में छुट्टी नहीं रहेगी। बरकतउल्ला भवन (सेंट्रल लायब्रेरी) में आज सर्वधर्म प्रार्थना सभा भी होगी। इसमें गैस राहत मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह मौजूद रहेंगे। सभा में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। विभिन्न धर्मगुरुओं द्वारा धर्मग्रंथों का पाठ किया जाएगा। यह है गैस त्रासदीभोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 की रात में हुई थी। इस रात यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिस गई। चारों ओर भगदड़ मच गई। फैक्ट्री के आसपास के इलाके में लाशें बिछ गईं। चारों ओर लाशें ही लाशें थीं, जिन्हें ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गईं। चीखें इतनी कि लोगों को आपस में बातें करना मुश्किल हो रहा था। धुंध इतनी कि पहचानना ही चैलेंज था। इस हादसे को भले ही कई साल बीत चुके हों और आज 41वीं बरसी मनाई जा रही है, लेकिन दर्द आज भी ताजा है। किसी ने पति-बेटों को आंखों के सामने मरते देखा तो किसी ने अपनी तीन पीढ़ियां खो दी। गैसकांड में मृत लोगों को दी श्रद्धांजलि इससे पहले मंगलवार की शाम को गैस कांड में मृत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संभावना ट्रस्ट क्लिनिक ने मोमबत्ती रैली निकाली। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने शाहजहांनी पार्क से मशाल-कैंडिल जुलूस निकाला। अब भी त्रासदी का दंश भोग रहा भोपाल संगठन के संयोजक शावर खान ने बताया, गैसकांड को भले ही कई साल बीत गए हो, लेकिन गैस पीड़ित आज भी दुनिया की सबसे भयानक त्रासदी का दंश भोग रहे हैं। जिस जगह फैक्ट्री है, उसके जहरीले कचरे की वजह से आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में पीने का पानी दूषित है। इस वजह से हजारों लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। सरकार इन पीड़ितों की सेहत पर गंभीरता से ध्यान दें। इसके अलावा पीड़ितों को पांच गुना मुआवजा दिया जाए। ताकि, वे बेहतर तरीके से जीवन यापन कर सकें।
महापौर ने कहा- प्रोजेक्ट पर निगम की ओर से कड़ी निगरानी
भास्कर न्यूज | समस्तीपुर नगर निगम, समस्तीपुर क्षेत्र के वार्ड संख्या 35 स्थित नक्कु स्थान मोहल्ला में बुडको द्वारा नाला निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कई सवाल खड़ा कर दिया है। स्थिति यह है कि सेंटरिंग हटाते ही नाले की दीवारों से बालू-गिट्टी-सीमेंट झरने लगा, जिससे निर्माण में उपयोग की गई रॉड तक साफ दिखाई देने लगी। वैसे भी अन्य जगहों पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलती हैं, लेकिन जब सेंटरिंग हटाया गया तो इसमें लोहे का छड़ दिखाई देने लगा। इस स्थिति में यह निर्माण कितने समय तक चल पायेगा इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। बुडको द्वारा शहर में नौ स्थानों पर लगाई जा रही हाईमास्ट लाइटों को कई जगहों पर सड़क के बीचों-बीच या वाहनों की आवाजाही बाधित करने वाले स्थानों पर गाड़ दिया गया है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नाला निर्माण कार्य में भी कई अनियमितताएं की बात सामने आई हैं। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं और काम की गति भी अत्यंत धीमी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से तय समय-सीमा में परियोजना का पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम क्षेत्र के शिक्षा भवन गली, विवेक विहार मोहल्ला सहित कई इलाकों में नाला स्लैब टूटे पड़े हैं, जिससे राहगीरों के बीच दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों से समस्या बनी है, मगर मरम्मत नहीं हो सकी है। रात के समय हादसे की संभावना और बढ़ जाती है। लोगों ने नगर निगम से जल्द क्षतिग्रस्त स्लैब बदलने और रास्ता सुरक्षित बनाने की मांग की है। हालांकि महापौर अनिता राम ने बताया कि स्ट्रॉर्म वाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट पर निगम की ओर से कड़ी निगरानी हो रही है ताकि गुणवत्ता पर कोई आंच नहीं आए। शहर के विकास के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। इससे शहरवासियों को जलजमाव जैसी समस्याओं से राहत मिलने में भी देरी होगी। लोगों ने बुडको के निर्माण कार्यों की कड़ी निगरानी करने, दोषी ठेकेदारों, अभियंता एवं लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने और कार्य को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा कराने की मांग की है। लोगों का आरोप- मानकों की अनदेखी की शिकायत पर नहीं होती कार्रवाई सेंटरिंग हटाते ही नाले की दीवारों से बालू-गिट्टी-सीमेंट झरने और निर्माण में उपयोग की गई रॉड दिखाई देने पर स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे नाराज मोहल्ला वासियों ने मौके पर विरोध जताते हुए कहा कि नाला निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है और मानकों की अनदेखी की गई है। स्थानीय लोगों ने भी संबंधित विभाग से गुणवत्तापूर्ण पुनर्निर्माण की मांग की है। इधर भाकपा माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने नाला निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदार निर्माण एजेंसी एवं संबंधित जेई पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। यह निर्माण बुडको के माध्यम से किया जा रहा है। इसकी स्थलीय जांच की गई है और बुडको के इंजीनियर को इसे तुरंत दुरूस्त कराने का आदेश दिया गया है। - ज्ञान प्रकाश, नगर आयुक्त, नगरनिगम, समस्तीपुर
मध्यप्रदेश में सरकारी विमान और हेलिकॉप्टर के किराए पर होने वाला खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। विधानसभा में कांग्रेस के दो विधायकों प्रताप ग्रेवाल और पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। 2021 की तुलना में विमानों का किराया 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। विधानसभा में पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा दी गई जानकारी ने सरकार के विमानन खर्च की पूरी तस्वीर उजागर कर दी। 11 महीनों में ही विमान कंपनियों को 90.7 करोड़ दिएविधानसभा में दी गई जानकारी बताती है कि जनवरी 2021 से नवंबर 2025 के बीच विमान किराये पर 290 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि सिर्फ जनवरी से नवंबर 2025 में निजी कंपनियों को 90.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। सीएम मोहन के कार्यकाल में विमानों के किराए पर 143 करोड़ खर्च हुएमुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि वर्ष 2019 में विमान किराये पर खर्च जहां मात्र 1.63 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष था, वही खर्च 2025 में उछलकर 90.7 करोड़ प्रतिवर्ष हो गया।सीएम मोहन यादव के कार्यकाल में जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के दौरान 143 करोड़ रुपये विमान किराये पर खर्च हुए। कोविड के बहाने 2023 में किराया बढ़ाया विधानसभा में दस्तावेज़ के अनुसार सरकार ने किराया बढ़ाने के लिए ये वजहें बताईं— विमानों और हेलिकॉप्टर किराया 30% तक बढ़ाया2023 में किराया बढ़ाने के पीछे दिए गए तर्कों के आधारों पर अलग-अलग श्रेणी के विमानों और हेलीकॉप्टरों का किराया 20% से 30% तक बढ़ा दिया गया। उदाहरण के तौर पर 2022–23 में 4.45 लाख प्रति घंटा वाला किराया बढ़कर 2024 में 5.70 लाख प्रति घंटा हो गया।3.50 लाख प्रति घंटा वाला किराया बढ़कर 4.75 लाख प्रति घंटा हो गया। हेलीकॉप्टरों का किराया कुछ श्रेणियों में 5.29 लाख रुपये प्रति घंटा तक पहुँच गया। सरकार का विमान 4 साल पहले हुआ दुर्घटनाग्रस्त, सिर्फ एक हेलिकॉप्टरदूसरी ओर, विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल पर दी गई जानकारी में यह सामने आया कि सरकार के पास फिलहाल सिर्फ एक हेलीकॉप्टर उड़ान योग्य है। सरकारी विमान मई 2021 में दुर्घटनाग्रस्त होकर ग्वालियर एयरबेस पर खड़ा है और उड़ान योग्य नहीं है। खर्च बढ़ता गया, सरकारी विमानों के बजाय किराए के एयरक्राफ्ट पर बढ़ रही निर्भरता विधानसभा में आए दस्तावेज़ बताते हैं कि विमान किराये पर निर्भरता लगातार बढ़ती गई, जबकि सरकारी विमानों की स्थिति और खराब होती गई। यही वजह है कि— विमानों का बेड़ा छोटा हुआ, किराया बढ़ता गया, और निजी कंपनियों पर खर्च कई गुना बढ़ गया। अब जानिए पिछले पांच सालों में किस कंपनी को कितना किराया चुकाया
लंबित संपत्ति कर का एकमुश्त भुगतान पर 31 मार्च तक छूट
भास्कर न्यूज | समस्तीपुर नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा लंबित संपत्ति कर का एकमुश्त भुगतान करने पर दिनांक 31 मार्च तक शत-प्रतिशत ब्याज एवं दंड में छूट प्रदान की गई है। नगर निगम समस्तीपुर क्षेत्रांतर्गत राजस्व संग्रहण को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न स्थानों पर राजस्व संग्रहण शिविर (कैम्प) लगाने का निर्णय लिया गया है। ये शिविर 26 दिसंबर तक पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक संचालित होंगे। शिविर 3 व 4 दिसंबर को लक्की वस्त्रालय, धरमपुर चौक, वार्ड 5 एवं 6 दिसंबर को मुसेपुर दुर्गास्थान, जूट मिल रोड, वार्ड 8 व 9 को मुक्तापुर गुमटी के समीप चौक, वार्ड 11,10 व 11 को चांदनी चौक, जितवारपुर, वार्ड 17, 12 व 13 को मध्य विद्यालय, बाजीपुर, वार्ड 30,15 व 16 को मध्य विद्यालय, धुरलख, वार्ड 31,17 व 18 को देवी स्थान, सारी चौक, वार्ड 13,19 व 20 को हनुमान मंदिर, नक्कू स्थान, वार्ड 35,22 व 23 को काली मंदिर, मोहनपुर पुल के समीप वार्ड 43, 24 को कोरवद्धा हाट, महादेव चौक, वार्ड 38 और 26 दिसंबर को पंचायत राज सरकार भवन, वार्ड 46 पर शिविर का आयोजन किया गया है। वहीं इसका नियंत्रण व निरीक्षण करने की जबावदेही नगर प्रबंधक आशुतोष मिश्रा को दिया गया है।
पीड़ित के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज
चेहरा कलां| कटहरा थाना की पुलिस ने चैनपुर गांव निवासी महेश राम के पुत्र किशन कुमार के द्वारा नगर थाना हाजीपुर पुलिस को दिए फर्द बयान के आधार पर दो महिला सहित आठ व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में कटहरा थानाध्यक्ष संजीव कुमार दुबे ने बताया कि नगर थाना पुलिस पदाधिकारी के समक्ष दिये फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।फर्द बयान के आधार पर 23 नवम्बर को सादी के लिए लड़की देखा देखी कर घर लौटने के क्रम में पूर्व के विवाद को लेकर पड़ोसी बब्लू राम, शंकर राम, संजय राय, अजय राम समेत अन्य नामजद सहित आठ लोगों ने हथियार से लैस होकर सड़क पर हमें रोककर गाली गलौज करने लगे जिसका विरोध किया तो उक्त सभी ने मारपीट कर जख्मी कर दिया। मौसी सहित अन्य मेरे परिजनों को आरोपी ने मारपीट करते हुए मंगलसूत्र छीन ली।
नई तकनीक से खेती के लिए चौपाल लगाकर दी जा रही जानकारी
पातेपुर के मंडई डीह पंचायत में कृषि विभाग के निर्देश पर वासंतिक रबी महा अभियान के तहत कृषि जनकल्याण चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में किसानों को नई तकनीक से खेती कर बेहतर उत्पादन के तरीके बताए गए। इस दौरान किसानों को जैविक खाद से होने वाले लाभ बताए गए तथा रासायनिक खाद के कम उपयोग पर जोर दिया गया। कृषि चौपाल का उद्देश्य किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन के लिए खेती के नए-नए तरीके बताए गए। वही बीज उपचारित करने तथा इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के मंडई डीह पंचायत स्थित मंगलवाचनालय भवन परिसर में आयोजित कृषि जनकल्याण चौपाल में किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई। कृषि चौपाल में मौजूद प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधक छवि छाया, किसान सलाहकार रमेश कुमार चौधरी, कृषि समन्वयक अखिलेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने किसानों को बताया कि रबी सीजन में फसल लगाने के लिए सरकार अनुदानित दर पर दलहन, तेलहन तथा गेहूं का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए किसानों को पहले ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। जो किसान पहले ऑनलाइन आवेदन नहीं करेंगे उन्हें बीज नहीं मिल सकेगा।कृषि चौपाल में पदाधिकारियों ने किसानों को बताया कि सामान्य तौर पर रबी एवं खरीफ मौसम में लगाई जाने वाली मोटा अनाज, बाजरा, सामा, कौनी मरुआ जैसे अनाज की खेती से किसानों को अधिक लाभ होता है।
गोरौल के बेरोजगारों को आज रोजगार मेले के माध्यम दिए जाएंगे रोजगार
सिटी रिपोर्टर|गोरौल भारत सरकार द्वारा गरीबी निवारण हेतु बेरोजगारों को रोजगार हेतु पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की लॉन्चिंग है । इस योजना के माध्यम से गांवों के हुनरमंद एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का अवसर प्रदान करने हेतु बिहार सरकार द्वारा अनवरत पहल जारी है । इसी के तहत बिहार सरकार द्वारा आज प्राथमिक विद्यालय गोरौल - चकव्यास के खेल मैदान में विभिन्न कंपनियों का रोजगार सह मार्गदर्शन मेला आयोजित है । निर्देशानुसार बेरोजगारों के इस मेले की जिम्मेवारी पूर्णतः जीविका को सौंपी गयी है । जीविका के बीपीएम धीरज कुमार से मिली जानकारी अनुसार नगरपंचायत द्वारा आयोजन स्थल के मैदान की साफ-सफाई के बाद विभिन्न कंपनियों के अलग- अलग स्टॉल एवं परामर्श केंद्र बनाये गये हैं । 15 कंपनियों के माध्यम से 24 सौ बेरोजगारों को नियोजित का है लक्ष्य जानकारी अनुसार अयोजित रोजगार मेले में देश की 15 निजी कंपनियां भाग ले रही है । इन कंपनियों के माध्यम से विभिन्न साक्षात्कार एवं प्राप्त योग्यता प्रमाणपत्र आदि के सत्यापन बाद चयन प्रक्रिया पूर्ण होगी । इसके साथ ही परामर्श भी दिया जायेगा ।तत्पश्चात ऑन स्पॉट रोजगार हेतु चयनितों की सूची सार्वजनिक की जाएगी । जानकारी अनुसार 15 निजी कंपनियों द्वारा 8वीं पास से लेकर स्नातक डिग्री वाले कुल 24 सौ से अधिक बेरोजगारों को कंपनियों में रोजगार हेतु अवसर दिया जायेगा जिसका एकरार होगा । मिली जानकारी अनुसार मैनेजर , एकाउंटेंट , सुपरवाइजर ,कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव , प्लम्बर मैन , मोबाइल रिपेयरिंग इंचार्ज ,सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर नियोजन का लक्ष्य है जिसकी संख्या कंपनीवार है ।
नशेड़ी बेटे ने पिता की आंख फोड़ी, और बहू ने सास को पीटा, जख्मी
सिटी रिपोर्टर|गोरौल माता-पिता पुत्र को अपनी आंखों का तारा, बुढ़ापे की लाठी और न जाने क्या-क्या उम्मीदें लगा बैठते हैं। वही पुत्र आंखों का तारा बनने के बजाए आंखें ही छीन ले, बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाए लाठी से बूढ़ी हड्डियों को तोड़ने लग जाए तो उस वृद्ध माता-पिता की व्यथा-बेबसी, दर्द का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। गोरौल नगर के एक ऐसे ही नालायक बेटा व बहु ने अपने वृद्ध पिता की बेरहमी से पिटाई करते एक आंख फोड़ दी। बचाने आई मां को उसी बेरहमी से पीट कर जख्मी कर दिया। आंख से बहते लहू के साथ थाना पहुंचकर बेबस बुजुर्ग पिता ने पुत्र व पुत्रवधु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीड़ित दोनों का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है जानकारी अनुसार गोरौल उर्फ धाने गोरौल निवासी रेलवे के खलासी पद से करीब छह वर्ष पूर्व रिटायर युगल किशोर झा घर में सोए हुए थे। पेशे से ड्राइवर पुत्र रवि झा घर आया। घर आने के साथ गाली-गलौज करते पिता के साथ मारपीट करने लगा। बेड पर से उठाकर जमीन पर पटक दिया। सीने पर चढ़कर लात-मुक्के से बेरहमी से पिटाई करने लगा। पिटाई के क्रम में घातक वार से उनका दाहिना आंख क्षतिग्रस्त हो गया। चिल्लाने की आवाज सुनकर पत्नी विमल देवी बचाने आयी तो उसे भी पुत्रवधु रंजना देवी ने मारपीट कर घायल कर दिया। दोनों को अधमरा कर दोनों कमरे से निकल गए। खुद जख्मी पत्नी विमल देवी पति को सहारा देकर घर से निकाला। बदजुबान व झगड़ालू स्वभाव के रवि और उसकी पत्नी रंजन के डर से पड़ोसी भी बचाने नहीं आए। हालांकि घर से निकलने पर जख्मी दंपत्ति को इलाज के लिए प्रखंड हॉस्पिटल भिजवाने में सहयोग किया। दोनों का इलाज हॉस्पीटल में चल रहा है। जख्मी युगल किशोर झा की लिखित शिकायत पर पुलिस ने आरोपी बेटे-बहु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। बताया गया कि जख्मी दंपत्ति के दो पुत्र है। छोटा पुत्र पुरोहित का काम करता है। हमलावर रवि बड़ा पुत्र है। पेशे से ड्राइवर है। पियक्कड़ है। अक्सर माता-पिता के साथ मारपीट किया करता था।
चेहराकलां| बखरीदोआ हाईस्कूल में इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा की प्रायोगिक परीक्षा देने गई नाबालिग लड़की गायब होने का मामला सामने आया है। मामले में बगल गांव किशनपुर तेलौड़ निवासी भगवानलाल राय के पुत्र कुंदन कुमार के खिलाफ शादी की नियत से भगा ले जाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लड़की मां ने कहा है कि वर्तमान में वो सपरिवार मायके जंदाहा थाना क्षेत्र के चकहमुदीन गांव में रहती है। ससूराल बखरीदोआ हाईस्कूल के बगल ही बस्ती सरसिकन गांव में है। उधर पति मुकेश कुमार पत्नी द्वारा ही करायी गई पॉक्सो एक्ट मामले में जेल की सजा काट रहा है। 28 नवंबर को जंदाहा स्थित अपने नैहर से अपने चचेरा भाई के साथ अपनी लड़की को प्रायोगिक परीक्षा देने हाईस्कूल बखरीदोआ भेजी थी।
एसी लग्जरी बसों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला यूपी के बलरामपुर का है जहां 1 दिसंबर की रात को सोनौली से दिल्ली जा रही यात्री बस में आग लगी, इसमें 3 लोग जिंदा जल गए और 24 झुलस गए। इससे पहले तेलंगाना, राजस्थान में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एमपी में तो एक महीने के भीतर दो बसों में आग लग गई। इन हादसों के बाद जब परिवहन विभाग की नींद टूटी और जांच का दिखावा शुरू हुआ, तो भास्कर ने उन जगहों की पड़ताल की, जहां इन गाड़ियों को आकार दिया जाता है। भोपाल और इंदौर के बस बॉडी निर्माण कारखानों में हमारी टीम ने जो देखा, वह चौंकाने वाला है। यहां सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए, दिहाड़ी मजदूरों के हवाले यात्रियों की जिंदगी कर दी गई है। बसों में आग-प्रतिरोधी मटेरियल की जगह सस्ती और ज्वलनशील प्लाईवुड का इस्तेमाल हो रहा है, और यह सब सिर्फ बस ऑपरेटरों के कुछ लाख रुपए बचाने के लिए किया जा रहा है। पहले जानिए तीन केस जिसकी वजह से भास्कर ने पड़ताल की अब समझिए, कैसे होता है इन बसों का निर्माणस्लीपर और लग्जरी बसों के निर्माण की प्रक्रिया दो तरह से होती है। पहली, वॉल्वो जैसी बड़ी कंपनियां जो अपनी फैक्ट्रियों में चेसिस से लेकर पूरी बस अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करती हैं। इनकी लागत 1 करोड़ रुपए से भी अधिक होती है और ये तुलनात्मक रूप से सुरक्षित होती हैं। दूसरा तरफ सबसे खतरनाक तरीका, जिसे ज्यादातर बस ऑपरेटर अपनाते हैं, वह है लागत में कटौती का। ऑपरेटर सिर्फ चेसिस खरीदते हैं और फिर उसे भोपाल, इंदौर, जयपुर या अन्य शहरों में स्थित स्थानीय वर्कशॉप में बॉडी बनाने के लिए दे देते हैं। यहां लागत लगभग आधी, यानी 40-50 लाख रुपए ही आती है। नियमों के अनुसार, इन बॉडी-बिल्डिंग कारखानों के पास ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) का सर्टिफिकेशन होना अनिवार्य है। सख्त नियमों और महंगे इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण अधिकांश वर्कशॉप बिना इस लाइसेंस के ही काम कर रहे हैं। वे चेसिस के मूल डिजाइन और क्षमता को दरकिनार कर, बस मालिक की हर मांग को पूरा करते हैं - चाहे वह बस की लंबाई अवैध रूप से बढ़ाना हो, इमरजेंसी गेट पर स्लीपर सीट लगाना हो, या फिर गैलरी को संकरा कर अतिरिक्त सीटें जोड़ना हो। ....अब भास्कर पड़ताल दिहाड़ी मजदूर कर रहे टेक्नीशियन का कामभोपाल का छोलारोड इलाका बस बॉडी निर्माण का एक बड़ा केंद्र है। यहां दर्जनों वर्कशॉप हैं, जहां लोकल और एसी बसों को तैयार किया जाता है। हमारी टीम सबसे पहले पहुंची कैपिटल बॉडी बिल्डर्स यहां गैराज के अंदर एक मिनी एसी बस की बॉडी पर काम चल रहा था। मैनेजर ने दावा किया कि वे सिर्फ नॉन-एसी बसें बनाते हैं, लेकिन उनकी बात मौके पर झूठी साबित हुई। पहली ही नजर में जो सबसे बड़ी खामी दिखी, वह थी फ्लोरिंग। बस के फर्श के लिए साधारण प्लाईवुड का इस्तेमाल हो रहा था, जो आग लगने पर कुछ सेकेंड में धधक सकती है। नियम के मुताबिक, एसी बसों में एल्युमिनियम की परत चढ़े नॉन-फ्लेमिंग मटेरियल का उपयोग होना चाहिए, ताकि आग लगने की स्थिति में यह तुरंत न जले और यात्रियों को बाहर निकलने का समय मिल सके। वेल्डिंग से लेकर वायरिंग तक, सब कुछ जुगाड़ पर चल रहा था। गुणवत्ता जांचने के लिए कोई इंजीनियर मौजूद नहीं था। इससे भी खतरनाक बात यह थी कि वर्कशॉप में कोई भी प्रशिक्षित या स्थायी कर्मचारी नहीं था। यहां दिहाड़ी मजदूर बस की बॉडी बनाने का काम कर रहे थे। जो न तो स्किल्ड हैं और न ही उन्हें सुरक्षा मानकों की कोई जानकारी है। यहां के मैनेजर ने स्वीकार किया, हमारे यहां रेगुलर कर्मचारी नहीं हैं। जब काम आता है, तो दिहाड़ी पर मजदूर बुला लेते हैं। 'बस मालिक जैसा कहता है वैसा काम करते हैं' छोला रोड पर ही सतनाम बॉडी बिल्डर्स की वर्कशॉप है। 20 साल से भी अधिक पुराने इस वर्कशॉप में 10 बसों पर एक साथ काम चल रहा था। संचालक सतपाल सिंह ने दावा किया कि वे नियमों का पालन करते हैं और उन्होंने बस के इंजन में लगा एक एंटी-फायर सिस्टम भी दिखाया, लेकिन उन्होंने भी एसी बस नहीं बनाने का झूठा दावा किया, जबकि उनके वर्कशॉप में भी एक एसी सीटर बस तैयार हो रही थी। यहां भी कोई प्रशिक्षित टेक्नीशियन नहीं मिला। सतपाल ने खुद माना, 'एक-दो पुराने वर्कर हैं, बाकी सब ठेके पर काम होता है।' सतपाल ने अनजाने में ही इस गोरखधंधे की पोल खोल दी। उन्होंने बताया, 'एसी बसों में आगे-पीछे फाइबर का शो लगा दिया जाता है, जो आग बहुत जल्दी पकड़ता है। वायरिंग में जरा सी कमी से शॉर्ट सर्किट होता है। मुनाफे के लिए जलने वाली प्लाईवुड पहली पसंदइंदौर का भमोरी क्षेत्र एसी और डीलक्स बसों की बॉडी बनाने का गढ़ है। यहां का हाल भोपाल से भी बदतर मिला। यहां के कई वर्कशॉप में हमने देखा कि फर्श बनाने के लिए धड़ल्ले से सस्ती प्लाईवुड का इस्तेमाल हो रहा था। एक वर्कर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'यह मटेरियल सस्ता पड़ता है। महंगा वाला मेटल-कोटेड प्लाईवुड लगाएंगे तो लागत बढ़ जाएगी। मालिक जैसा बजट देता है, वैसा सामान लगता है।' यहां भी काम करने वाले मजदूर अनस्किल्ड थे और क्वालिटी चेक करने वाला कोई नहीं था। यहां ज्यादातर वर्कशॉप में डिमांड के मुताबिक काम होता है। ऐसे ही एक वर्कशॉप के संचालक महेंद्र जांगिड़ एसी बसों की बॉडी बनाने का काम करते हैं। जांगिड़ ने बताया कि हम तो सीटों की लंबाई, गैलरी का स्पेस, इमरजेंसी गेट, सबकी जगह तय करके बनाते हैं। लेकिन बाद में मालिक अपने हिसाब से बदलाव करा लेते हैं। संकरे दरवाजे, ब्लॉक इमरजेंसी गेट और छोटी गैलरीहमारी पड़ताल में जो बसें तैयार हो रही थीं या सड़कों पर चल रही थीं, उनमें डिजाइन की गंभीर खामियां मिलीं संकरी गैलरी: एसी स्लीपर बसों में दो सीटों के बीच की गैलरी की चौड़ाई न्यूनतम 35-40 सेंटीमीटर होनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में लोग आसानी से भाग सकें। लेकिन हमें यह चौड़ाई 20-25 सेंटीमीटर तक मिली। ऐसी गैलरी में एक व्यक्ति भी मुश्किल से चल सकता है, भागना तो असंभव है। इमरजेंसी गेट सिर्फ नाम के: सबसे बड़ा धोखा इमरजेंसी गेट के साथ हो रहा है। कई बसों में इमरजेंसी गेट के सामने स्लीपर सीट लगा दी गई थी, जिससे गेट पूरी तरह ब्लॉक हो गया था। कई बसों में गेट इतने छोटे (ढाई फीट से भी कम) थे कि एक सामान्य व्यक्ति का झुककर निकलना भी नामुमकिन है। इसके अलावा, इन गेटों की ऊंचाई फर्श से 4 फीट से भी ज्यादा थी, जिससे हड़बड़ी में कूदने पर हड्डियां टूटना तय है। हालिया हादसों के बाद जब कार्रवाई का डर सताया, तो कई बस संचालक अब इन गेटों को कटवाने और सामने लगी सीटों को हटवाने के लिए वर्कशॉप पहुंच रहे हैं। एक्सपर्ट बोले- अनस्किल्ड हाथों से किया गया काम हादसे को न्योता मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(मैनिट) के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. आरके मंडलोई कहते हैं- एसी बसों में आग लगने की सबसे बड़ी वजह एयर-कंडीशनिंग सिस्टम में फॉल्ट और ओवर हीटिंग है। जब वायरिंग किसी स्किल्ड इलेक्ट्रीशियन की बजाय एक दिहाड़ी मजदूर से कराई जाएगी, तो शॉर्ट सर्किट होना तय है। अनस्किल्ड हाथों से की गई वेल्डिंग, वायरिंग और फायर सिस्टम की फिटिंग सीधे तौर पर हादसे को न्योता देना है। जब तक बसों में इस्तेमाल होने वाला हर मटेरियल, चाहे वह सीट कवर हो, फर्श की मैटिंग हो या पर्दे, फायर-रेटार्डेंट प्रमाणित नहीं होगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। रिटायर्ड अधिकारी बोले- रेगुलर इंस्पेक्शन जरूरीरिटायर्ड आईपीएस और पूर्व परिवहन अधिकारी, एन.के. त्रिपाठी कहते हैं कि ये समस्या दोहरी है। पहली, निर्माण के स्तर पर। दूसरी, फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के बाद। जब बस फिटनेस के लिए RTO ऑफिस आती है, तो नियमों की जांच होती है। सर्टिफिकेट मिलते ही कई संचालक उसमें अवैध मॉडिफिकेशन करा लेते हैं।
हिमालयी क्षेत्र में 5 दिसंबर से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। मध्यप्रदेश में इसका असर अगले 2 दिन में यानी, 6-7 दिसंबर को देखने को मिल सकता है। बर्फीली हवा आने से इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग में सबसे ज्यादा सर्दी रहेगी। इससे पहले सोमवार-मंगलवार की रात में कई शहरों में तेज ठंड रही। भोपाल और इंदौर में पारा 9 डिग्री से नीचे रहा। वहीं, प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजगढ़ में 8.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, कल्याणपुर-शाजापुर में 8.7 डिग्री, उमरिया में 9.3 डिग्री और रीवा में पारा 9.6 डिग्री रहा। इधर, मंगलवार को दिन के तापमान में भी गिरावट का दौर जारी रहा। सुबह के समय ग्वालियर में घना कोहरा रहा। यहां विजिबिलिटी 500 से 1 हजार मीटर दर्ज की गई। भोपाल, दतिया में 1 हजार मीटर तक विजिबिलिटी रही। हिल स्टेशन पचमढ़ी में 22.6 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में 23 डिग्री, शिवपुरी में 24 डिग्री, बैतूल में 24.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 24.4 डिग्री, सिवनी में 24.6 डिग्री, धार में 25.3 डिग्री, रीवा में 25.5 डिग्री, छिंदवाड़ा में 25.8 डिग्री, उमरिया में 25.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 25.6 डिग्री, भोपाल में 26 डिग्री, उज्जैन में 28.4 डिग्री, ग्वालियर में 28 डिग्री, जबलपुर में 26 डिग्री रहा। नवंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दीइस बार नवंबर में सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन बताती हैं, इस बार उत्तरी राज्यों में नवंबर के पहले ही सप्ताह में बर्फबारी होने लगी। इस वजह से ठंडी हवाएं प्रदेश में पहुंची। आखिरी सप्ताह में हवा की दिशा बदल गई। जिससे ठंड का असर कम रहा है। ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खासमौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्प्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है। अब जानिए दिसंबर में कैसी रहेगी ठंड? मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही अनुमान है। इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी रहेगी 20-22 दिन चल सकती है कोल्ड वेवमौसम एक्सपर्ट की माने तो दिसंबर में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है। इसलिए रहेगा कड़ाके की ठंड का दौर ला नीना ने दिया ठंड को लंबा धक्का पहाड़ों पर जल्दी बर्फबारी, ठिठुरन बढ़ाई ठंडी हवाएं 25% ज्यादा अंदर तक घुसी पश्चिमी विक्षोभ का लगातार सक्रिय रहना MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचरभोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। इस बार भी बारिश होने के आसार हैं। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा पाराइंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दीग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असरजबलपुर में दिसंबर में बारिश होने का भी ट्रेंड है। 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में रात का तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंडउज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री...यही वो फैक्ट्री है, जिसने 41 साल पहले 24 घंटे में 3787 लोगों की जान ले ली थी। कुल 35 हजार मौतें हुई थीं। इतिहास के पन्ने में यह गैस कांड दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदी में रूप में दर्ज है। फैक्ट्री का कचरा पीथमपुर में ले जाकर नष्ट कर दिया गया लेकिन अब इस फैक्ट्री में घूमने-घुमाने का बड़ा खेल चल रहा है। जिनके ऊपर इस जगह की सुरक्षा का जिम्मा है, वे ही चंद रुपयों के खातिर फैक्ट्री में आसानी से भ्रमण करवा देते हैं। नियन कार्बाइड फैक्ट्री में तैनात सुरक्षा गार्ड का स्पष्ट कहना है- 'आप जैसे बहुत आते हैं, लेकिन परमिशन का नियम है। इसके बाद हम प्रोजेक्ट पूरा करवा देते हैं। हमारा काम ही यही है। नहीं तो 500 रुपए जमा करो इधर, हेड साहब की जेब में। समझ रहे हो न, दुनिया में दो रास्ते रहते हैं। एक सीधा-सीधा और एक'... दैनिक भास्कर ने स्टिंग करके पूरे खेल का खुलासा किया है। दो रिपोर्टर फैक्ट्री में गए और तैनात दो गार्ड से अंदर जाने की बात कहने लगे। पहले तो गार्ड ने परमिशन लाने का बोला, लेकिन बातों ही बातों में घूमने के लिए 500 रुपए की मांग कर डाली। एक गार्ड ने पैसों की बात की और दूसरे ने मोटरसाइकिल से घूमाया। हालांकि, अंदर घूमने के दौरान भास्कर रिपोर्टर ने पूरी सावधानी बरती। फैक्ट्री के अंदर न जाते हुए कुछ दूर से ही वापस भी आ गए।यह पूरा खेल कैमरे में भी कैद हो गया। लेन-देन, फिर अंदर जाने और रुपए लेने का जानिए पूरा खेल...। 3 दिन घुमी टीम, बच्चों ने किया खुलासाभास्कर टीम 3 दिन तक फैक्ट्री और आसपास के इलाके में घूमती रही। इस दौरान कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आईं। जेपी नगर के ठीक सामने ही फैक्ट्री कैम्पस है। कहने तो जिला प्रशासन ने कैम्पस के चारों ओर दीवारें बनवा दी, लेकिन ग्राउंड में हर रोज लोगों की आवाजाही लग रहती है। खासकर बच्चों की, जो यहां खेलने पहुंचते हैं। वे भी बिना रोक-टोक के फैक्ट्री की मशीनों के पास पहुंच जाते हैं। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता। इन्हीं में से कुछ बच्चों ने इस मामले का खुलासा किया। बच्चों ने बताया कि 400-500 रुपए लेकर वे इस रास्ते से किसी को भी अंदर ले जाते हैं। हम अकेले हैं तो कोई नहीं रोकता, लेकिन यदि कोई साथ जाता है तो उसके बदले में गार्ड को रुपए दे देते हैं। बच्चों की इस बात की सच्चाई जानने के लिए ही भास्कर रिपोर्टर स्टूडेंट बनकर गार्ड के पास पहुंचे और घूमने के ऐवज में रुपए दिए। इस बारे में कलेक्टोरेट की गैस राहत शाखा प्रभारी एवं डिप्टी कलेक्टर अजय शर्मा ने बताया कि पिछले 11 महीने से ऑफिस से अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। यदि कोई रुपए लेकर ऐसा कर रहा है तो कार्रवाई करेंगे। इसी साल जनवरी में पीथमपुर पहुंचा था 337 टन जहरीला कचरायूका फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा इसी साल जनवरी में 40 साल बाद हटा था। 12 कंटेनर के जरिए हाई सिक्योरिटी के बीच कचरा पीथमपुर ले जाया गया था। यहां लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद यह कचरा जलाया गया था, लेकिन फैक्ट्री में अब भी हजारों टन कचरा दफन होने की बात गैस पीड़ित संगठन कह रहे हैं। इसे लेकर लंबे समय से गैस पीड़ितों के लिए काम कर रही रचना ढिंगरा ने बताया कि 126 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद 337 टन कचरे को ट्रिपलिंग कर दिया गया, लेकिन हजारों टन कचरा अब भी जमीन में दफन है। कारखाने के अंदर 21 जगह पर कचरा आज भी दबा हुआ है। यूनियन कार्बाइड के पीछे 400 मीटर की दूरी पर 3 जहरीले तालाब यूनियन कार्बाइड ने बनाए थे। जिसे सोलर इवेपॉरेशन पॉन्ड कहते हैं। वह तालाब आज भी हैं और उस तालाब में सरकारी एस्टीमेट के हिसाब से मिलियंस ऑफ टन कचरा आज भी दबा हुआ है। जिसकी वजह से 42 बस्तियों का भूजल प्रदूषित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन बस्तियों में साफ पानी दिया जाए। वह इसी कचरे की वजह से हुआ है, जो आज भी तालाब में गड़ा हुआ है और कारखाने के अंदर है। भोपाल गैस कांड दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदीभोपाल गैस त्रासदी। करीब 41 साल पहले। 2-3 दिसंबर 1984 की वो रात। आज की पीढ़ी ने उस भयानक रात के बारे में सिर्फ सुना या तस्वीरों में देखा होगा। यकीन मानिए कि वह रात दुनिया सबसे खौफनाक रातों में से एक है। गूगल सर्च इंजिन भी मानता है कि दुनिया में उससे पहले और उसके बाद आज तक ऐसा कोई भी इंडस्ट्रियल डिजास्टर नहीं है, जो भोपाल गैस त्रासदी के दुख-दर्द और नुकसान के बराबर हो। इस घटना को करीब से देखने वाले और कवर करने वाले बताते हैं कि लाशें ही लाशें थीं, जिन्हें ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गईं। चीखें इतनी कि लोगों को आपस में बातें करना मुश्किल हो रहा था। धुंध इतनी कि पहचानना ही चैलेंज था उस रात। यह हुआ था उस रातJP नगर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के प्लांट नंबर-CK टैंक नंबर-610 से लीक हुई मिथाइल आइसोसाइनेट ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया। इस रात को जब शहर चैन की नींद सो रहा था, तब गैस भोपाल के बड़े इलाकों में लाशों का ढेर बिछा रही थी। लाशों को ढोने के लिए गाड़ियां और कफन भी कम पड़ गए थे। भोपाल कांड की देखिए तस्वीरें... भोपाल गैस त्रासदी या गैस कांड क्या था? भोपाल में अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन ने 1969 में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड का प्लांट शुरू किया था। इस फैक्ट्री में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) और अल्फा नेफ्थॉल के फॉर्मूलेशन से सेविन ब्रांड का कीटनाशक बनाया जाता था। MIC इतना खतरनाक था कि अमेरिका इसे एक-एक लीटर की स्टील की बोतलों में दूसरे देशों को सप्लाई करता था, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर भारत में इसे स्टील के कंटेनरों में अमेरिका से मंगाया जाता था। 1978 में भोपाल के फैक्ट्री परिसर में अल्फा नेफ्थॉल और 1979 में MIC बनाने की यूनिट लगाई गई थी। एमआईसी का स्टोरेज टैंक 610 अपनी क्षमता से अधिक भरा हुआ था। 2 दिसंबर की रात 8.30 बजे ठोस अपशिष्ट से भरे पाइपों को पानी से साफ किया जा रहा था। यह पानी लीक वाल्वों के कारण एमआईसी टैंक में घुसने से टैंक में 'रन अवे रिएक्शन' शुरू हो गया, जिस कारण टैंक 610 फट गया और उसमें मौजूद एमआईसी गैस हवा में लीक हो गई। रातभर में ही गैस के रिसाव से 3828 लोग मारे गए। 2003 तक 15,000 से ज्यादा मौत होने के दावे किए गए। 30,000 से अधिक लोग हादसे से प्रभावित हुए थे। यह आंकड़ा अब 5.5 लाख हो गया है।
मध्यप्रदेश में सरकारी इंजीनियरों के हर रोज कारनामे सामने आ रहे हैं। ताजा कारनामा बरेली-पिपरिया स्टेट हाईवे का है। पुल ढहने से एक बाइक सवार की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। अब मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) तीन सदस्यीय टीम से जांच करवा रहा है। ये टीम 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। वहीं, लापरवाही के चलते प्रबंधक एए खान को सस्पेंड भी कर दिया गया। एक्सपर्ट सुयश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि रायसेन के ब्रिज की सही ढंग से देखरेख और रखरखाव नहीं हुआ। सरियों में जंग लग गई थी। ज्वाइंट में कचरा भरा था। यह जिम्मेदारों को नहीं दिखा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सिर्फ यह एक नहीं, बल्कि ऐसे 3 मामले और हैं, जिनमें खराब इंजीनियरिंग के नमूने सामने आ चुके हैं। 90 डिग्री एंगल वाले ऐशबाग ब्रिज को लेकर पहले ही भोपाल सुर्खियों में रह चुका है। फिर मेट्रो के 2 स्टेशन भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। भोपाल बायपास का 100 मीटर का हिस्सा भी लापरवाही की वजह से धंस गया। इन नमूनों को सिलसिलेवार जानिए...। सबसे पहले ताजा मामला...ब्रिज गिरने कारायसेन जिले के बरेली-पिपरिया स्टेट हाईवे पर नयागांव में सोमवार को पुल ढह गया। हादसे में घायल बाइक सवार देवेंद्र सिंह धाकड़ (35) की मौत हो गई। वह अपनी बहन की विदाई कर लौट रहा था। हादसे के समय पुल के नीचे मरम्मत कार्य चल रहा था और छह मजदूर काम कर रहे थे। पुल ढहते ही मजदूरों ने दौड़कर जान बचाई। हालांकि, एक मजदूर मलबे की चपेट में आकर घायल हो गया। सभी घायलों के सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। यह मुद्दा विधानसभा में भी गूंज उठा। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य के बावजूद पुल पर ट्रैफिक नहीं रोका गया और न ही डायवर्जन किया गया। विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि सड़कों और पुलों का गिरना सरकार में भ्रष्टाचार का उदाहरण है और यह सुशासन पर सवाल खड़े करता है। पीडब्ल्यूडी मंत्री बोले- पुल कांग्रेस शासनकाल में बना, मरम्मत चल रही थी दूसरी ओर, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह पुल कांग्रेस शासनकाल में बना था और इसकी मरम्मत चल रही थी। एमपीआरडीसी के एमडी से रिपोर्ट मांगी गई है और संबंधित इंजीनियर पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा, इंजीनियरों के अनुसार ट्रैफिक रोकने जैसी स्थिति नहीं थी। बीजेपी और कांग्रेस के सवाल-जवाब के बीच इस मामले में पुल के संधारण की जिम्मेदारी में लापरवाही पर प्रबंधक एए खान को निलंबित कर दिया गया। वहीं, मौजूदा और पूर्व संभागीय प्रबंधकों व सहायक महाप्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। मुख्य अभियंता गोपाल सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई। अगले सात दिन में रिपोर्ट देना है। जिसमें से दो दिन बीत चुके हैं। क्या खामी रही- एक्सपर्ट के अनुसार, ब्रिज की मरम्मत के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट किया जाना चाहिए था। ऐसा नहीं होने से एक तरफ नीचे काम चलता रहा और ऊपर से गाड़ियां गुजरती रही। इससे ब्रिज लोड नहीं सहन पाया। इंजीनियरिंग का 2 नमूना- अचानक धंस गया भोपाल बायपास, जांच में मिली गड़बड़ीकरीब 55 किलोमीटर लंबे भोपाल बायपास के कल्याणपुरी के पास लगभग 100 मीटर का हिस्सा 13 अक्टूबर को 20 फीट तक धंस गया था। दरअसल, रेलवे ओवरब्रिज (ROB) से यह रेनफोर्स्ड अर्थ वॉल की सड़क जुड़ी है। इसमें इंजीनियरों की लापरवाही देखने को मिली थी। एक्सपर्ट के अनुसार कंपनी ने रेनफोर्स्ड अर्थ वॉल (आरई वॉल) को तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं बनाया। इस वजह से नीचे पानी भर रहा था। वहीं, 5 से 6 साल बीत जाने के बावजूद मेंटेनेंस भी नहीं हुआ। एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार कंपनी ने समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। इस वजह से 2020 में कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया था। इससे पहले भी 2017 में कंपनी ब्लैकलिस्ट की गई थी। इसके बावजूद अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री सिंह ने जांच कमेटी बैठाई थी। जिसने 27 अक्टूबर को रिपोर्ट दे दी। जिसमें एमपीआरडीसी की जीएम सोनल सिन्हा को मुख्यालय अटैच किया गया। वहीं, एजीएम संजीव जैन पर भी कार्रवाई हुई थी। अब नए सिरे से मरम्मत हो रही थी, जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। क्या खामी रही- ब्रिज के पास ही बारिश का पानी जमा था, जिसने मिट्टी को कमजोर कर दिया। वहीं, जीएम सिन्हा और एजीएम जैन ने निरीक्षण नहीं किया। इसी लापरवाही की वजह से सड़क धंस गई। इंजीनियरिंग का 3 नमूना-90 डिग्री एंगल वाला ऐशबाग ब्रिजभोपाल में ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था, जिसे 18 महीने में बनना था, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो सका है। 18 करोड़ रुपए से बने ब्रिज का लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। इसमें से ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है। छह महीने पहले यह ब्रिज 90 डिग्री मोड़ वाली डिजाइन और खराब इंजीनियरिंग की वजह से यह देशभर में सुर्खियों में रहा। इसके मीम्स तक बन गए। पीडब्ल्यूडी मंत्री सिंह ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से जांच कराई थी। एनएचएआई ने ब्रिज को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें 35-40 किमी प्रति घंटा से अधिक गति से गाड़ी नहीं चलाने का सुझाव दिया गया है। इससे अधिक स्पीड में गाड़ी चली तो हादसा होने का खतरा है। रिपोर्ट के बाद टर्निंग वाले हिस्से को फिर से बनाने की सहमति बनी, लेकिन यह काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। क्या खामी रही- ब्रिज की डिजाइन में ही खामी रही। निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 8 अफसरों को सस्पेंड कर दिया था। इनमें दो सीई सहित सात इंजीनियर्स शामिल हैं। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच की गई। आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया। इंजीनियरिंग का 4 नमूना- मेट्रो के 2 ठिगने स्टेशनभोपाल में एम्स से करोंद तक मेट्रो की ऑरेंज लाइन पर काम चल रहा है। सुभाष नगर से एम्स तक प्रायोरिटी कॉरिडोर है, जिसमें कुल 8 स्टेशन हैं। इन्हीं में से दो स्टेशन- सरगम टॉकीज और केंद्रीय स्कूल की ऊंचाई कम होने का मामला सुर्खियों में रह चुका है। सरगम टॉकीज का मामला पिछले साल सामने आया था। इसके बाद नीचे से सड़क की खुदाई कर दी गई। हालांकि, सड़क इतनी नीचे हो गई है कि बारिश के दिनों में जलभराव के हालात बनेंगे। केंद्रीय स्कूल मेट्रो स्टेशन का ताजा मामला है। सड़क से स्टेशन की ऊंचाई 5 मीटर ही है। इस वजह से डंपर भी नहीं गुजर सकता। इस वजह से आधा मीटर खुदाई और की जा रही है। हालांकि, बाद में मेट्रो कॉरपोरेशन ने तय पैमाने के अनुसार ही काम किए जाने का दावा किया है। क्या खामी रही- दोनों स्टेशन की ऊंचाई कम रही। जब खामी सामने आई तो सड़क की खुदाई की गई। इस वजह से सड़क से ट्रैफिक बंद किया गया है। ये भी बड़ी चूक...करोड़ों की बिल्डिंग में मीटिंग हॉल ही नहीं बनायालिंक रोड नंबर-1 पर भोपाल नगर निगम ने 5 एकड़ में करीब 40 करोड़ रुपए से 8 मंजिला बिल्डिंग तो बना दी, लेकिन जिम्मेदार मीटिंग हॉल बनाना भूल गए। अब पास की खाली 0.25 एकड़ जमीन कलेक्टर से मांगी गई है। नई बिल्डिंग में 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे, यानी जनता के पैसे की बर्बादी...। खास बात ये है कि बिल्डिंग निर्माण के दौरान तीन आईएएस अफसर बतौर निगम कमिश्नर के रूप में तैनात रहे। बावजूद किसी को यह नहीं दिखा। क्या खामी रही- तत्कालीन निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी के समय डिजाइन बनी, लेकिन बिल्डिंग की लागत कम करने के चक्कर में मीटिंग हॉल शामिल नहीं किया गया। इस कारण बिल्डिंग तो बना दी, लेकिन मीटिंग हॉल के लिए अब 10 करोड़ रुपए अलग से खर्च किए जाएंगे। कलेक्टर से जमीन भी मांगी गई है। रायसेन पुल: किसी और के पास थी जिम्मेदारी, दूसरे को कर दिया सस्पेंडरायसेन जिले में गिरे पुल को लेकर एमपीआरडीसी अफसरों की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इस मामले में प्रबंधक मैनेजर एए खान को निलंबित किया गया है, लेकिन वे भोपाल संभागीय कार्यालय में पदस्थ हैं। आदेश में कहा गया है कि पुल उनकी देखरेख में बन रहा था, लेकिन खान वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मदद के लिए ब्रिज पर पहुंचे थे। जबकि ब्रिज का पूरा कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारी एडिशनल जनरल मैनेजर विक्रम सिंह ठाकुर के पास है। उनके पदस्थापना आदेश में भी बरेली-पिपरिया रोड, स्टेट हाइवे 31 और 62 का स्पष्ट उल्लेख है। इसके बावजूद एजीएम ठाकुर को केवल शोकॉज नोटिस थमाकर छोड़ दिया गया, जबकि प्रथमदृष्टया जिम्मेदारी उन्हीं पर थी।अब जिम्मेदार अधिकारी कह रहे हैं कि 7 दिन में जांच का जिम्मा कमेटी को सौंपा है। उसमें साफ हो जाएगा कि पुल का जिम्मा किसके पास था। खान या ठाकुर में से जो भी जिम्मेदार होंगे, उन पर विभागीय स्तर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर:कारोबारी की 4 फर्म्स पर छापा, घर सील
कारोबारी संजय अग्रवाल और उसके सहयोगियों से जुड़ी चार फर्म्स पर स्टेट जीएसटी विभाग ने मंगलवार को एकसाथ छापेमारी की। कार्रवाई में अग्रवाल की एग्रोकेमिकल कंपनी सुशील कॉरपोरेशन, ग्रो रिच एग्रोटेक, नर्मदा ट्रेडर्स और वर्क विस्तार शामिल हैं। ग्रो रिच एग्रोटेक के डायरेक्टर उनके सहयोगी अर्पित कंसल है। विभाग की कार्रवाई के दौरान सबसे ज्यादा गहमागहमी बिचौली मर्दाना के पास संजना पार्क में संजय अग्रवाल के निवास पर रही, जहां भारी पुलिस बल मौजूद रहा। दोपहर 2 बजे शुरू हुई कार्रवाई में टीम ने घर सील किया और घरवालों के मोबाइल जब्त कर लिए। वहीं अन्य तीन ठिकानों पर भी छापे जारी रहे। कार्रवाई देर रात तक चली। सर्कुलर ट्रेडिंग, टर्नओवर कम दिखाने और आईटीसी के गलत इस्तेमाल जैसे आरोपों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। एग्रोकेमिकल से को-वर्किंग तक कारोबार
निगम टीम पर हमला:फुटपाथ का अतिक्रमण हटाने पहुंचे अमले के दो कर्मचारियों को युवक ने मार दी छुरी
विधानसभा का सत्र चल रहा है। पूरे शहर में हाई सिक्युरिटी सुरक्षा व्यवस्था के लिए मुख्य सड़क पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। बावजूद इसके मंगलवार को पॉलिटेक्निक चौराहे और एमएलबी कॉलेज के पास अतिक्रमणकारी युवक ने नगर निगम के अमले पर चाकू से वार कर दिए। इससे दो कर्मचारियों को हाथ और मुंह पर चोंट लगी है। मामले में श्यामला हिल्स थाने में केस दर्ज कराया गया है। आरोपी दुकान हटाने का विरोध कर रहा था। घटना मंगलवार दोपहर की है। अतिक्रमण अधिकारी शैलेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि पॉलिटेक्निक चौराहे के पास यह घटना हुई। निगम अमला नियमित कार्रवाई कर रहा था। इसी दौरान एक युवक लाला ठेला लगाकर फुटपाथ पर हेलमेट जमा कर बैठा था, जिसे हटाने को कहा। इसी दौरान युवक ने कार्रवाई का विरोध करते हुए निगम के दो कर्मचारियों पर हमला कर दिया। उनका कहना है कि चाकूबाजी करने के बाद युवक लाला गाली-गलौच करने लगा। मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है। घायलों का इलाज कराया गया है। बचने में हाथ आगे किया, छुरी लगी हमले में कर्मचारी मोहम्मद अकबर और रमेश राठौर को चोट लगी है। विरोध करते हुए आरोपी दुकानदार ने छूरी से पहले मो. अकबर पर हमला किया। अकबर ने छूरी से बचने के लिए हाथ आगे किया। इससे हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया। बीच बचाव में आए एक अन्य कर्मचारी रमेश को मुंह पर छुरी मार दी। हमीदिया अस्पताल में मेडिकल कराया... पुलिस ने मामला किया दर्ज घटना के बाद आरोपी मौके से भाग निकला। इधर, अमला श्यामला हिल्स थाने पहुंचा। इसके बाद हमीदिया अस्पताल में दोनों घायलों का मेडिकल कराया गया। मामले में पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध हमला करने और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज किया है। अतिक्रमण दस्ते पर कब-कब हमला 13 फरवरी 2015... निगम मुख्यालय परिसर में हमला, कार्यालय में तोड़फोड़। { 21 अगस्त 2022... अमले पर हमला- न्यू मार्केट में चाय ठेले हटाने गई टीम को कुछ शरारती तत्वों ने थप्पड़ जड़े। {8 जनवरी 2025... बागसेवनिया में टीम से मारपीट। आरोपी की तलाश चल रही है... हमारी टीम आरोपी की तलाश कर रही है। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। आरोपी के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। -भूपेंद्र कौल सिद्धू, थाना प्रभारी श्यामला हिल्स
विधानसभा शीत सत्र:पालिका संशोधन विधेयक पर चर्चा, विपक्ष ने कहा- प्रत्यक्ष हों जिपं अध्यक्ष के चुनाव
विधानसभा में मंगलवार को नगर पालिका संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान हार्स-ट्रेडिंग (जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त) पर जमकर बहस हुई। बिल के समर्थन में नगरीय विकास एवं आवास व संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसके पास होने पर पार्षदों की होर्स-ट्रेडिंग रुकेगी। अभी प्रदेशभर में हालात यह है कि पार्षद समूह बनाकर अध्यक्षों पर अनैतिक दबाव बनाते हैं। इससे वे काम नहीं कर पा रहे । विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार में जब वे खुद नगरीय विकास एवं आवास मंत्री थे, तब अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव का निर्णय लिया गया था, ताकि शहरी विकास में पार्षदों की भूमिका को बढ़ावा मिल सके। जयवर्धन ने मांग की कि यदि सरकार हार्स-ट्रेडिंग को रोकना ही चाहती है तो जिला पंचायत, जनपद पंचायत व मंडी बोर्ड में भी अप्रत्यक्ष प्रणाली को खत्म कर सीधे जनता से चुनाव कराए। वरिष्ठ विधायक भंवर सिंह शेखावत ने भी यही मांग दोहराई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बिल का तो समर्थन किया, लेकिन कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग तो सब जगह है, चाहे विधायक हों या सांसद हों। इस बिल से राजनीतिक फायदे ज्यादा हैं। यह पार्टियों के बिल टिकट बेचने का माध्यम बनेगा। सत्तापक्ष की ओर से ओमप्रकाश सकलेचा, शैलेंद्र जैन व अभिलाष पांडेय ने भी निकायों में अध्यक्षों के काम नहीं कर पाने के उदाहरण दिए। कांग्रेस विधायकों का विरोध : विधानसभा के बाहर खराब फसल लेकर किया प्रदर्शन विधानसभा में 13476 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पेश, भावांतर के लिए 500 करोड़ विधानसभा में मोहन सरकार ने 13476 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट पेश कर दिया। इसमें राजस्व मद में 8448.57 करोड़ तो पूंजीगत मद में 5028.37 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने इस पर चर्चा के लिए गुरुवार का दिन तय किया है। भावांतर के लिए 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। ग्रामीण विकास विभाग को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4000 करोड़, खाद्य विभाग को अनाज खरीद के लिए 2000 करोड़, वहीं लाड़ली बहना योजना के लिए 1794 करोड़ मिलेंगे। पंचायतों को 1633 करोड़, उद्योगों के लिए 650 करोड़ और नर्मदा घाटी परियोजनाओं पर 600 करोड़ का प्रावधान रखा है। शहरी विकास के लिए 365 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
मप्र में निवेश के लिए दो साल में हुई दस इनवेस्टर्स समिट पर सरकार ने 187 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें सात रीजनल इनवेस्टर्स समिट है, जबकि भोपाल में हुई एक ग्लोबल समिट, उज्जैन की एक स्पिरिचुअल एंड वैलनेस समिट और रतलाम की रीजनल इंडस्ट्री स्किल एंड इंप्लायमेंट कॉन्क्लेव शामिल है। भोपाल में हुए ग्लोबल समिट पर सर्वाधिक 89 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। भाजपा विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय के सवाल पर विभाग ने सदन में यह जानकारी दी। विभाग ने दावा भी किया है कि इन दो सालों में लगभग 14 हजार करोड़ का निवेश आया है और 57 हजार 565 लोगों को रोजगार मिला है। यहां उल्लेखनीय है कि सरकार ने सिर्फ ग्लोबल समिट में ही 30 लाख 77 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों के मिलने का दावा किया था, लेकिन सदन में काफी कम निवेश का आंकड़ा दिया गया है। एमएसएमई (छोटा निवेश) और एमपीआईडीसी के आंकड़ों को मिला दिया जाए तो 658 इकाइयां (छोटे-बड़े उद्योग) स्थापित हुई हैं। बीजेपी विधायक मालवीय ने सरकार से प्रश्न किया था कि बीते दो सालों में मप्र में कितनी इन्वेस्टर मीट हुईं और इन पर कितना खर्च हुआ। उन्होंने ये भी पूछा था कि इनसे कितने निवेश के प्रस्ताव मिले और कितने लोगों को नए उद्योगों में रोजगार मिला। सरकार की तरफ से लिखित जवाब में दो सालों आंकड़ा दिया गया। इसी में 13 हजार 461 करोड़ निवेश आने की बात कही गई। सभी आयोजनों पर कुल मिलाकर 186.64 करोड़ का खर्च हुआ। आंकड़ों की हकीकत : भोपाल में दो साल में 266 इकाइयां आईं, 7614 लोगों को रोजगार
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में मंगलवार को कार्यपरिषद (ईसी) की बैठक हुई। इसमें वर्ष 2015-16 से 2023-24 तक की अवधि के हुए फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। इस दौरान वित्तीय अनियमितताओं उजागर हुई। इनको ईसी मेंबर्स ने कहा कि यह गंभीर मामला है। प्रशासनिक स्तर पर इसकी जांच संभव नहीं है। इसलिए सीबीआई से कराने राज्य सरकार को सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा भेजी जाए। मध्यप्रदेश में संभवत: पहली बार ऐसा अवसर आया है जब किसी विवि के कार्यपरिषद सदस्यों ने वहां उजागर वित्तीय अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। दैनिक भास्कर ने 27 नवंबर के अंक में इस बात का खुलासा किया था कि फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में 116 करोड़ रुपए से अधिक की अनियमितता सामने आई हैं। वहीं ईसी बैठक के दौरान ईसी मेंबर्स ने पूछा कि आरजीपीवी ने कितनी एफडी कराई। इसको लेकर रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन ने बताया कि विवि ने करीब 2246 एफडी कराई गईं। इनमें से करीब 800 एफडी ट्रेस नहीं हो पा रही हैं। विवि में रिकॉर्ड उबलब्ध नहीं और बैंक भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। एक एफडी को ट्रेस करने में करीब 200 दिन लग जाते हैं। बार-बार पत्र लिखे जाने पर भी संबंधित बैंक से जवाब नहीं मिलता। इस पर ईसी मेंबर्स ने कहा कि लीगल नोटिस जारी करना चाहिए। लेकिन राज्यपाल द्वारा नियुक्त ईसी मेंबर्स ने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। सीबीआई जांच करेगी तो बैंक दो घंटे में जानकारी उपलब्ध कराने लगेगी। बैंक अभी भी जानकारी नहीं दे रहे हैं तो वे आगे जानकारी देंगे, इस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं। इससे मामला कोर्ट-कचहरी में और फंस जाएगा। डॉ. एसके गांधी, डॉ. संजय दीक्षित, डॉ. संगीता चौहान, कुणाल जियानी, डॉ. सुधीर सिंह भदौरिया, डॉ. संजय सिलाकारी आदि ने उच्च स्तरीय जांच सीबीआई से कराने को कहा है। बैठक में 14 मेंबर मौजूद रहे। इस पर अन्य सदस्यों ने भी सहमति दी। बैठक की अध्यक्षता कार्यवाहक कुलगुरु प्रो. एससी चौबे ने की। कार्यपरिषद की बैठक में रात 10 बजे मिनिट्स तैयार हुए धरने पर एबीवीपी कार्यकर्ता बैठे रहे इधर, बैठक शुरू होने से पहले एबीवीपी कार्यकर्ता आरजीपीवी पहुंचे और ईसी की बैठक खत्म होने तक वीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे रहे। एबीवीपी ने ईसी मेंबर्स और विवि प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर सीबीआई से जांच कराने की मांग रखी। ईसी की बैठक दोपहर 3 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे तक चली।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में 114 आवेदन प्राप्त हुए। इस दौरान साइबर फ्रॉड का एक मामला जनसुनवाई में पहुंचा। गोविंदपुरा की रहने वाली वर्षा गव्हाड़े ने अपना आवेदन दिया। उनका कहना है कि उनके पास वाराणसी कमिश्नरेट (उत्तर प्रदेश) में दर्ज के अपराध के संबंध में नोटिस आया है। जिसमें कहा गया है कि उन्होंने वाट्सएप के जरिए 62 लाख रुपए का फ्रॉड किया है, जिसके संबंध में उन्हें 7 दिनों के अंदर वाराणसी पहुंचना है। वर्षा ने कलेक्टर से कहा कि नोटिस में जिस मोबाइल नंबर से 62 लाख रुपए का फ्रॉड करने की बात कही गई है। वो सिम उनके द्वारा कभी खरीदी ही नहीं गई। उनके पास दो बैंक खाते हैं। इन दोनों अकाउंट भी उन्होंने चैक किए हैं। इनमें भी 62 लाख रुपए की कोई राशि नहीं आई या गई है। वर्षा ने कलेक्टर से मांग की है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने वर्षा के आवेदन को डीसीपी साइबर क्राइम को जरूरी कार्रवाई करने के लिए भेजा है। एसआईआर में नाम नहीं आया : भोपाल के इमरान खान ने जनसुनवाई में बताया कि 2003 की वोटर आईडी और दक्षिण विधानसभा की मतदाता सूचना में उनका और पिता का नाम है, लेकिन एसआईआर के दौरान बीएलओ ने नाम हटे होने की जानकारी दी। उन्होंने कार्रवाई की मांग की। 114 आवेदन , दादी और चाचा का परिवार नहीं दे रहा असली दस्तावेज करोंद के रहने वाले काशिफ और असमा ने जनसुनवाई में अपना आवेदन दिया। उनका कहना है कि उनके ओरिजनल दस्तावेज दादी के घर पर रखे हैं। जिसकी उनको जरूरत है। लेकिन, दादी सितारा बी, चाचा वारिस और चाची फरहत द्वारा उनको दस्तावेज नहीं दिए जा रहे हैं। जब उनकी मां ने दस्तावेज मांगे तो उन लोगों ने झूठे केस में फंसाने की धमकी दे डाली। काशिफ ने बताया कि उनके गैस राहत के पेपर, कब्रिस्तान रसीद, आधार कार्ड, परिचय पत्र, मूल निवास, समग्र आईडी समेत अन्य दस्तावेज दादी के पास रखे हैं। कलेक्टर ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उचित कार्रवाई के लिए आवेदन कोहेफिजा थाना प्रभारी को भेजा है। मर्डर केस में केस दर्ज करने आदेश विदिशा के काले खां ने कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में बताया कि उनका बेटा चुन्नू खां करोंद, भोपाल में रहता था। 23 सितंबर 2025 को पास की एक महिला उसे अपने रिश्तेदार से मिलने हमीदिया अस्पताल ले जाने के बहाने साथ ले गई। रास्ते में उसकी मुलाकात मुजाज खां और शोएब खां से हुई, जिनसे उसका पुराना विवाद था। इसके बाद दो दिन तक चुन्नू से संपर्क नहीं हुआ और 26 सितंबर को उसका शव बड़े तालाब में मिला। चुन्नू की बाइक शोएब और मुजाज के पास से मिली, जबकि मोबाइल उस महिला के पास था। काले खां का कहना है कि पुलिस में जानकारी देने के बाद भी FIR दर्ज नहीं हुई। कलेक्टर ने तलैया थाना प्रभारी को FIR दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
वलीमे में पान की दुकान पर 40 रुपए का विवाद बढ़ा, झारे से युवक के सिर पर किया हमला, 3 टांके आए
सोमवार देर रात 12 बजे वीआईपी रोड स्थित खानूगांव के बाग-ओ- बहार शादी हॉल में वलीमे के दौरान लड़के पक्ष वालों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। इस दौरान दो युवक घायल हुए हैं। एक के सिर में 3 टांके आए हैं। वहीं, दूसरे युवक को भी चोटें आई हैं। विवाद लड़के पक्ष के कुछ युवकों द्वारा शादी हॉल के बाहर स्थित एक पान की दुकान से सामान लेने के बाद पैसा नहीं देने से शुरू हुआ था। युवकों ने दुकानदार मोहतसीन से 40 रुपए का सामान खरीदा। पैसे देने पर उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट की बात की, जिसे दुकानदार ने इंकार कर दिया। युवक बिना भुगतान शादी हॉल लौटने लगे। दुकानदार ने घरवालों और मोहल्ले के लोगों को सूचना दी और उनके पीछे शादी में पहुंच गया। दुकानदार और घरवालों के आने पर मारपीट शुरू हुई, पत्थरबाजी और बर्तनों में तोड़फोड़ भी हुई। सूचना पर कोहेफिजा थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 9 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। लड़का और लड़की पक्ष दोनों जहांगीराबाद के रहने वाले हैं। हमीदिया अस्पताल में किया इलाज, एक अन्य भी घायल दुकानदार की सूचना पर शादी हॉल में पहुंचे आरोपियों ने विवाद किया। बहस के दौरान खाना बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले झारे से अली ने वलीमे में शामिल शहजादे नाम के युवक पर हमला कर दिया। इससे उसका सिर में चोटें आईं। उसे हमीदिया अस्पताल लेकर जाया गया। यहां उसके सिर में 3 टांके आए हैं। वहीं, विवाद में एक और युवक घायल हुआ है। उसका का प्रारंभिक इलाज करा दिया गया है। 5 आरोपियों को जेल भेजा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दुकानदार मोहतसीन, फैसल, अजहर, मुस्तकीम, अली, साद, शाजिल और मुदस्सिर की पहचान कर मामला दर्ज किया। साद, शाजिल और मुदस्सिर फरार हैं। बाकी पांच आरोपियों को मंगलवार शाम कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। बाग-ओ-बहार शादी हॉल में विवाद के बाद खानूगांव चौराहे पर पुलिस पॉइंट का समय बढ़ाया गया है। पुलिस रात 3 बजे तक हर गतिविधि पर निगरानी रखेगी।
नेशनल कराते खिलाड़ी से दुष्कर्म, 10 साल की सजा
नेशनल कराते खिलाड़ी से दुष्कर्म के आरोपी सैय्यद फुजैल अली को दोषी पाते हुए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने सुनाया है। आरोपी फुजैल कराते का कोच था। शिकायत के 4 माह पहले नेपाल में एक मैच के दौरान उसकी मुलाकात पीड़िता से हुई थी। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ने पैरवी की है। घटना कमला नगर थाना क्षेत्र की 6 जुलाई 2019 से 26 अगस्त 2019 के बीच की है। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उससे कहा था कि वो उसे पसंद करता है और उससे शादी करना चाहता है। विश्वास में लेने के बाद वह उसे न्यू मार्केट में दोस्त के फ्लैट पर लेकर गया। यहां उसने दुष्कर्म किया। इसके बाद डेढ़ महीने के अंदर आरोपी ने 3 बार पीड़िता के साथ उसी फ्लैट में दुष्कर्म किया। पीड़िता ने 26 अगस्त को जब शादी करने की बात कही, तो आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और शादी करने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने मामला दर्ज कराया था।
हमीदिया रोड व मेट्रो निर्माण...:भोपाल टॉकीज से अल्पना तिराहे तक जाम
भोपाल टॉकीज चौराहे से अल्पना तिराहा तक और आसपास की सड़कों पर मंगलवार शाम एक बार फिर ट्रैफिक जाम के हालात बन गए। करीब एक घंटे तक वाहन रेंगते नजर आए। इसकी बड़ी वजह हमीदिया रोड को जोड़ने वाली सड़कों पर चल रहा निर्माण कार्य और इसके साथ ही मेट्रो का जारी सिविल वर्क रहा। इन दोनों कारणों से सड़क पर वाहनों के चलने के लिए कम ही जगह बचती है। इसलिए खासकर व्यस्ततम समय में दबाव बढ़ते ही ट्रैफिक थम जाता है। रहवासियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से लगभग रोजाना इसी तरह के हालात बन रहे हैं। निर्माण कार्य के चलते लोड झेल रही वैकल्पिक सड़कों में बॉटल नेक बन रहे हैं। आसपास के बाजारों में आने वाले लोडिंग वाहनों के दाखिल होने से हालात और बिगड़ जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन कम जगह और लगातार बढ़ते दबाव के कारण सुगमता बहाल करने में मुश्किलें आईं। लोगों का कहना है कि जब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, इस रूट पर इस तरह की परेशानी बनी रहेगी।
डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर टाइगर रिजर्व की स्थापना का एक साल पूरा होने पर मंगलवार को करमई और घोड़ापछाड़ दो नए गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। यह दोनों क्षेत्र कम मानव हस्तक्षेप वाले माने जाते हैं, जहां बाघ, तेंदुआ, भालू और अन्य दुर्लभ प्रजातियों की नियमित गतिविधियां दर्ज होती रही हैं। नए गेटों से पहली ही सुबह ऑफलाइन सफारी में पांच पर्यटक पहुंचे, जिन्होंने वल्चर, चीतल और सोन कुत्ता की साइटिंग की। एक वर्ष में देलावाड़ी और झिरी गेटों से कुल 5 हजार पर्यटकों ने सफारी की। इनमें लगभग 500 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। राजधानी से 50 किमी दूर टाइगर रिजर्व में दो और गेट खुलने से अब सफारी का दायरा दोगुना होने की उम्मीद है। 8 से ऑनलाइन बुकिंग... स्थापना दिवस पर दो नए सफारी वाहनों का शुभारंभ किया गया। औबेदुल्लागंज वनमंडल और रातापानी के प्रभारी फील्ड डायरेक्टर हेमंत रैकवार ने बताया कि 8 दिसंबर से चारों गेटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो जाएगी। करमई और घोड़ापछाड़ को भी पोर्टल पर जोड़ा जा रहा है। नए गेट और सुविधाएं शुरू होने से पर्यटकों को पहले से अधिक रोमांचक और प्राकृतिक सफारी अनुभव मिलेगा। 450 कैमरे 24 घंटे चालू रातापानी टाइगर रिजर्व में 2026 के राष्ट्रीय बाघ आकलन का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस बार 450 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जो 24 घंटे बाघों की गतिविधियां रिकॉर्ड कर रहे हैं। फील्ड टीमें पगमार्क, खरोंच, विष्ठा और मूत्र छिड़काव जैसे साक्ष्य एकत्र कर तुरंत एम-स्ट्राइप्स ऐप पर अपलोड कर रही हैं। इससे बाघ से संबंधित सटीक अनुमान मिलता है। डिजिटल इनपुट्स का विश्लेषण वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा। अंतिम रिपोर्ट 2027 में आएगी।
नीट फर्जीवाड़ा:किराए के खातों से नेटवर्क चला रहा था मेडिकल छात्र
नीट यूजी के मॉपअप राउंड में फर्जी सर्टिफिकेट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरोह का मास्टरमाइंड सुमित चौधरी खुद रीवा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रहा था। उसने दो साल पहले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला लिया था। पकड़ा नहीं गया तो दूसरे राज्यों के छात्रों को भी इसी तरीके से प्रवेश दिलाना शुरू किया। उसने पूरा गिरोह बना लिया था। यह किराए के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराता था और काउंसिलिंग के दौरान दौड़भाग के लिए 5 हजार प्रतिदिन पर क्रेटा गाड़ी भी मुहैया कराता था। कुछ सर्टिफिकेट फर्जी मिलने के बाद कोहेफिजा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। मामले में सहरसा, बिहार के हिमांशु कुमार और मुंबई की क्रिस्टल डी कोस्टा को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने बीएचयू के फर्जी पीएच सर्टिफिकेट, भोपाल पते वाला आधार और मप्र का मूल निवासी प्रमाण पत्र लगाया था। अब तक हिमांशु के पिता डॉ. शिलेंद्र कुमार, क्रिस्टल के पिता क्लाइव डी कोस्टा, रवि कुमार, रविकर सिंह, डॉ. राहुल राज, नवल कुमार यादव, पंकज कुमार शाह, कौशल कुमार, अमित कुमार और साजिद को जेल भेजा जा चुका है। 15.50 लाख रुपए 7 खातों में भेजे क्लाइव डी कोस्टा ने बेटी क्रिस्टल के फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए 15.50 लाख रुपए सात खातों में ट्रांसफर किए थे। इनमें नवल, पंकज और कौशल के बैंक खाते शामिल थे। 12 आरोपी पकड़े गए: इनमें खाते देने वाले भी आधार में पता बदलवाते, फिर फर्जी प्रमाणपत्र स्टेट कोटे में राज्य के छात्रों को 85 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। इसी का फायदा उठाने के लिए दूसरे राज्यों के छात्र आधार कार्ड में पता बदलवाकर इसे मप्र के किसी जिले का करा लेते थे। इसके बाद गिरोह की मदद से मप्र का मूल निवासी प्रमाण पत्र तैयार करा लिया जाता था। मूल निवासी प्रमाण पत्र बनने के बाद गिरोह छात्रों को प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की आरक्षित सीटों पर प्रवेश दिलाने के लिए फ्रीडम फाइटर, ईडब्ल्यूएस, विकलांगता जैसी श्रेणियों के फर्जी और कूटरचित प्रमाणपत्र तैयार कराता था।
रिटायर्ड कर्मी संग वारदात:आतंकी फंडिंग का डर दिखा 76 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा
अशोका गार्डन निवासी रिटायर्ड कोलकर्मी चैतराम नरवरे को साइबर ठगों ने दिल्ली और पुलवामा हमले की फंडिंग उनके खाते में आने का झांसा देकर 76 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। ठग सीबीआई-ईडी अधिकारी बनकर धमकाते रहे। लगातार 27 ऑडियो-वीडियो कॉल के जरिये नया सिम खरीदवाया। उन्होंने चैतराम को भोपाल से बैतूल बुलाया और बगडोना के गेस्ट हाउस में रुकवाकर दो एफडी तुड़वाई। इनसे 73 लाख रुपए नए खाते में जमा कराए। जालसाज पैसे आरटीजीएस कराने का दबाव बना रहे थे, तभी बेटे योगेश को संदेह हुआ और उसने पुलिस को सूचना दे दी। बैतूल पुलिस ने तत्काल पहुंचकर उन्हें छुड़ाया। बैतूल में कोई रिश्तेदार नहींनवंबर शाम 4 बजे चेतराम को पहला कॉल आया। 1 दिसंबर रात 8 बजे तक ठगों ने अलग-अलग नंबरों से 27 ऑडियो-वीडियो कॉल किए। उन्हें बैतूल बुला लिया। चेतराम बेटे को बता रहे थे कि रिश्तेदार के घर आए हैं, जबकि उनका कोई रिश्तेदार वहां नहीं है। इसी से बेटे को शक हुआ और उसने पुलिस को खबर की। कॉल अंतरराष्ट्रीय नंबरों व असम की सिम से किए गए, सिम बंद होने से आरोपी ट्रेस नहीं हो सके। पुलिस ने समय रहते पीड़ित को बचाया।-वीरेंद्र जैन, एसपी बैतूल
विधानसभा के 88 वर्षों के इतिहास में 56 साल बाद अति पिछड़ा वर्ग के डॉ. प्रेम कुमार स्पीकर बने। वो अति पिछड़ा वर्ग के दूसरे स्पीकर हैं। इसके पहले वर्ष मार्च 1967 से मार्च 1969 तक धनिक लाल मंडल स्पीकर थे। मंगलवार को विधानसभा में डॉ. प्रेम के निर्विरोध निर्वाचन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद नेता तेजस्वी यादव को कहा, खड़ा हो न.. भाई। फिर सबको कहा- खड़ा होकर इनको प्रणाम कर दीजिए। सर्वसम्मति से डॉ. प्रेम के निर्वाचन के लिए मुख्यमंत्री ने विपक्ष को धन्यवाद भी दिया। कहा- गया टाउन से 9वीं बार विधायक बने डा.प्रेम का लंबा संसदीय अनुभव है। डॉ. प्रेम ने विधान सभा मुख्य भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा की। महात्मा गांधी की प्रतिमा, अमर जवान ज्योति और ‘शहीद स्मारक’ पर माल्यार्पण किया। सदन में अपना पहला संबोधन गीता के श्लोक से शुरु किया,‘‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।” कहा- बिहार विधान सभा स्मार्ट लेजिस्लेटिव गवर्नेंस का मॉडल बनेगा। मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष ने आसन पर बिठाया अख्तरुल बोले-स्पीकर सत्य के पक्षधर बनेंगे एआईएमआईएम के नेता डॉ. अख्तरुल इमान ने डा. प्रेम से आग्रह किया। कहा- स्पीकर निष्पक्ष नहीं सत्य के पक्षधर बनेंगे। सत्ता पक्ष को अपार बहुमत मिला है। ऐेसे में उसकी ताकत की वजह से सदन में विपक्ष को नुकसान नहीं होगा, ये आशा है। राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि हमारी किसी से दुश्मनी नही हैं। विपक्ष आईना दिखाने के लिए होता है। स्पीकर ज्यादा समय हमको देंगे। 4 दिसंबर को होगा विस उपाध्यक्ष का निर्वाचन 4 दिसंबर को विधानसभा उपाध्यक्ष का निर्वाचन होगा। निवर्तमान उपाध्यक्ष और प्रोटेम स्पीकर नरेन्द्र नारायण यादव ही उपाध्यक्ष बनेंगे। स्पीकर डॉ. प्रेम ने सदन में कहा कि पिछली विधान सभा के भंग होते ही उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त हो गया है। उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए बुधवार 12 बजे दिन तक नामांकन प्रस्ताव की सूचना दी जा सकती है। अनंत और अमरेन्द्र छोड़ 241 सदस्यों ने शपथ ली जदयू से जीते दो बाहुबली अनंत कुमार सिंह (मोकामा) और अमरेन्द्र कुमार पांडेय (कुचायकोट) छोड़ सभी 241 विधायकों ने शपथ ले ली। अनंत सिंह जेल में हैं। वहीं अमरेन्द्र पांडेय के भतीजे का मतदान के दिन (6 नवंबर) ही ब्रेन हेमरेज हो गया था। तब से अमरेन्द्र गोरखपुर/गुड़गांव अस्पताल में भतीजे के साथ ही है।
इंसाफ दूर...:2 साल में 19 सुनवाइयां तो इसी पर कि डाउ पर भोपाल में केस चले या नहीं
41 साल पहले 1984 में भोपाल ने एक त्रासदी झेली। इस त्रासदी के दोषियों को सजा दिलाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आज भी अदालतों में मामले लंबित हैं। भोपाल कोर्ट में चल रहे मामले में 39 साल बाद 2023 में यह सवाल खड़ा हुआ कि भोपाल की अदालत को अमेरिकी कंपनी के खिलाफ सुनवाई का अधिकार है भी या नहीं? इस पर अक्टूबर 2023 से अब तक 19 बार सुनवाई हो चुकी है। पिछली सुनवाई 27 नवंबर को हुई थी और अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होना है। हालांकि सीबीआई 23 जनवरी 2025 की सुनवाई में यह साफ किया जा चुका है कि भारतीय क्रिमिनल प्रक्रिया के हिसाब से अधिकार क्षेत्र इसी से तय होता है कि घटना किस जगह घटित हुई है। 41 साल बाद भी तारीख पर तारीख... यह भी एक त्रासदी 1987 में चालान... स्थानीय प्रजाति के पेड़ हैवी मेटल को अवशोषित करते हैं1 दिसंबर 1987 को को सीबीआई ने कोर्ट में यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) यूएसए और वॉरेन एंडरसन के खिलाफ चालान पेश किया था। इसके बाद 1 फरवरी को भोपाल कोर्ट में मुख्य न्यायिक अधिकारी यूसीसी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। इस बीच अलग-अलग कोर्ट में मामले दर्ज होते रहे। टर्निंग पॉइंट... यूसीसी को डाउ ने खरीदी, उसका पक्ष जानने कोर्ट ने दिया आदेश6 फरवरी 2001 को कई एनजीओ भोपाल कोर्ट में आवेदन दिया कि यूसीसी को डाउ केमिकल कंपनी (यूएस) ने खरीद लिया है। इससे अब डाउ केमिकल यूसीसी की मालिक है। जून 2004 को भोपाल कोर्ट ने ऑर्डर किया कि डाउ केमिकल इंटरनेशनल (यूएस) का पक्ष भी सुनना जरूरी है। इसलिए उसे नोटिस जारी हो। 2016 से यूएस की डाउ केमिकल को 6 नोटिस, 2023 तक पेश नहीं हुई केंद्र ने डाउ केमिकल यूएसए को फरवरी 2016 के बाद करीब 6 नोटिस भेजे, लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए। 3 अक्टूबर 2023 को पहली बार डाउ केमिकल कंपनी यूएसए की ओर से वकील कोर्ट में हाजिर हुए। आवेदन दिया कि भोपाल कोर्ट को अमेरिकी कंपनी के खिलाफ सुनवाई का अधिकार नहीं है।
उम्मीदों का जंगल...‘:जहर हटा’, यहां खड़ा हो सकता है शहर को सांसें देने वाला नगर वन
दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के 41 साल बीत चुके हैं। भोपाल अब नए दौर में आ गया है। 342 टन जहरीला कचरा भी यूका कारखाने से हटाया जा चुका है। पर्यावरणविद और टाउन प्लानर्स का कहना है कि अब यूका की 65 एकड़ जमीन को शहर को सांसे देने वाले एक सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित किया जा सकता है। पूर्व वन अधिकारी डॉ. सुदेश वाघमारे कहते हैं- यहां पहले से कुछ पेड़ हैं, बाकी खाली जमीन पर अब भी करीब 25 हजार पेड़ और लगाए जा सकते हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि यूका परिसर में कोई भी गतिविधि तब तक नहीं हो सकती, जब तक गैस त्रासदी से जुड़े केसों में न्यायालय से अंतिम निर्णय नहीं आ जाता। पौधरोपण के साथ डायोरामा जोन का भी सुझाव साफ होगी मिट्टी भी.... स्थानीय प्रजाति के पेड़ हैवी मेटल को अवशोषित करते हैंडॉ. वाघमारे के मुताबिक यहां हर्रा, बेहड़ा, आंवला, नीम, बरगद, पीपल आदि स्थानीय प्रजातियों के पेड़ लगा सकते हैं। ये पेड़ जमीन के भीतर से हैवी मेटल को अवशोषित करते हैं। यानी मिट्टी में जो भी दूषित तत्व हैं वो सब धीरे-धीरे कम हो जाएंगे। इससे आसपास के ग्राउंड वॉटर की स्थिति भी सुधरेगी। त्रासदी के सबक बताने के लिए एक इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जा सकता हैटाउन प्लानर विनयप्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि यहां इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जा सकता है, जिसमें इतिहास से सीख के साथ ऐसी घटनाओं का समाधान भी बताया जाएगा। साथ ही थ्रीडी एक्सपीरियंस वाला डायोरामा जोन बनाया जाना चाहिए जिसमें लोग उस रात के घटनाक्रम को महसूस कर सकें। 263 करोड़ की 10 एकड़ जमीन पर यूका का गेस्ट हाउस अब खंडहर यूका का एक गेस्ट हाउस श्यामला हिल्स पर है। 10 एकड़ जमीन पर बने इस गेस्ट हाउस की सरकारी कीमत लगभग 263 करोड़ है। लेकिन अब यह गेस्ट हाउस एक खंडहर में बदल गया है। गेस्ट हाउस सरकार के अधीन है, पर मामला कोर्ट में उलझा है इसलिए इसका कोई अन्य उपयोग नहीं हो पा रहा है।
बाल विवाह रुकना तो दूर, छह साल में 46.99% बढ़े, 538 शादियां इसी साल
मध्यप्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती हैं, फिर भी प्रदेश में बाल विवाह लगातार बढ़ रहे हैं। विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 साल (2020 से 2025) में प्रदेश में कुल 2,916 बाल विवाह हुए हैं। ये वो मामले हैं, जो रजिस्टर हुए हैं। हर साल मामलों में बढ़ोतरी दिखी है। सिर्फ साल 2025 के 11 महीनों में ही 538 मामले दर्ज हो चुके हैं। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में दी। सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि दमोह, राजगढ़, गुना, सागर और छतरपुर ऐसे 5 जिले हैं, जहां सबसे ज्यादा बाल विवाह होते हैं। ये जिले लगातार हॉट स्पॉट बने हुए हैं। पिछले छह सालों के डेटा से यह भी सामने आया कि हर साल प्रदेश में औसतन 486 बाल विवाह होते हैं। विधायक जयवर्धन सिंह ने पूछा था कि मार्च 2020 से अब तक कितने बाल विवाह हुए? बाल विवाह के बाद कितनी बालिकाओं ने बच्चों को जन्म दिया? कितने बच्चों की मौत हुई? मप्र में 6 साल में 1,200 से ज्यादा नाबालिग मां बनीं, उनके बच्चों में मौत सामान्य से दोगुनी मध्यप्रदेश में बीते छह साल में 1,200 से ज्यादा नाबालिग मां बनी हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के जन्म पंजीयन व महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट से सामने आया है। देश में औसत नवजात मृत्यु दर (0–28 दिन में मौत) 27 प्रति 1,000 जीवित जन्म है, जबकि मप्र में यह 36 है। नाबालिग माताओं से जन्मे बच्चों में यह मौत दर सामान्य से दोगुनी है। दो बिल भी पास... मंगलवार को नगर पालिका (संशोधन) विधेयक 2025 और मप्र दुकान एवं स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 पास हो गए।
विधानसभा में दो मंत्री बोले-:खंडवा में बिना सुरक्षा त्योहार भी नहीं मना सकते
विधानसभा में मंगलवार को खंडवा की कानून-व्यवस्था को लेकर सत्तापक्ष के ही मंत्रियों और विधायकों के अलग-अलग बयान सामने आने से सरकार असहज स्थिति में आ गई। खंडवा शहर से भाजपा विधायक कंचन मुकेश तनवे ने प्रश्नकाल में क्षेत्र में सशस्त्र पुलिस बल (एसएएफ) की बटालियन की स्थापना को लेकर सवाल उठाया था। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि खंडवा में दो थानों और 7 चौकियों काे अपग्रेड किया जा रहा है। बटालियन की स्थापना खरगोन में प्रस्तावित है। खंडवा में बटालियन की जरूरत नहीं है। विधायक तनवे ने कहा- ‘खंडवा के पेठिया गांव के मदरसे से पुलिस 20 लाख रुपए के नकली नोट जब्त कर चुकी है। यह क्षेत्र सिमी और आतंकियों की गतिविधियों के संदिग्ध दायरे में है। यहां तत्काल पुलिस बटालियन जरूरी है।’ राज्यमंत्री पटेल ने जवाब दिया- ‘जरूरत पड़ी तो खरगोन से एक घंटे में फोर्स भेजा जा सकता है।’ इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि खंडवा की स्थिति ऐसी है कि बिना पुलिस सुरक्षा के कोई त्योहार तक नहीं मनाया जा सकता। उन्होंने मदरसों से नकली नोट बरामदगी को गंभीर बताते हुए कहा- ‘यह बेहद चिंताजनक स्थिति है, बटालियन की जरूरत बिलकुल सही है।’ मंत्री विजय शाह ने भी समर्थन किया। बोले- ‘खंडवा काफी समय से गंभीर सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। यह आतंकियों की हिट लिस्ट में है। यहां जेल टूट चुकी है, एनकाउंटर हो चुके हैं। बटालियन की मांग उचित है।’ शाह ने बताया कि इसके लिए 100 एकड़ जमीन आरक्षित है। मामला उलझता दिखा, तो पटेल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री विजयवर्गीय के बयान को सरकार की आधिकारिक राय माना जाए। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सरकार ने खंडवा की स्थिति को संज्ञान में लिया हुआ माना जाए। खंडवा इसलिए है संवेदनशील खंडवा जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के ही विधायक हैं। यहां से सांसद और नगरीय निकाय में अध्यक्ष भी भाजपा से ही हैं।
मप्र में दिव्यांगों के लिए सरकारी विभागों में 6% आरक्षण तो है, लेकिन भर्ती ही नहीं हो रही। दूसरी ओर पिछले दो साल में ही करीब 250 लोगों ने फर्जी प्रमाण-पत्र से दिव्यांगों की नौकरी हासिल कर ली।ये सिर्फ वे लोग हैं, जो जांच में पकड़े गए। हकीकत में संख्या ज्यादा हो सकती है। स्पर्श पोर्टल पर करीब 9 लाख दिव्यांग पंजीकृत हैं। प्रदेश के 48 विभागों में करीब 37 हजार पद इनके लिए स्वीकृत हैं, लेकिन हाई कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी इनमें से 21 हजार (60%) पद रिक्त हैं। 60% पद खाली... पिछले साल 4287 पदों के विज्ञापन, भर्ती 2750 पर ही हुई अब नया नियम... साक्षात्कार की बजाय परीक्षाप्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के लिए आरक्षित पदों पर सीधे साक्षात्कार के जरिए नियुक्ति देने के आदेश पर रोक लगा दी है। अब दिव्यांगों को भर्ती प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि पिछले साल जिन विभागों ने दिव्यांगों के खाली पदों को साक्षात्कार के जरिए भरने के लिए आवेदन बुलाए थे, उनकी नियुक्ति होगी या फिर उन्हें भर्ती परीक्षा देनी होगी। फर्जी प्रमाण पत्र से इतने लोगों ने पाई नौकरी 2024-2025 के बीच करीब 2750 पदों पर ही भर्ती की गई। जबकि पिछले साल 12 विभागों ने 4287 पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी किए थे। अब प्रमोशन में मिल सकता है आरक्षणमप्र में दिव्यांगजनों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए आयुक्त निशक्तजन की तरफ से सामान्य प्रशासन विभाग को अनुशंसा भेजी जा चुकी है। हम सीधे भर्ती नहीं कर सकते। ये विभागों को ही करना है। हम लगातार उन्हें पत्र भेज रहे हैं। नारायण सिंह कुशवाह, मंत्री सामाजिक न्याय, दिव्यांग कल्याण
41 साल पुरानी त्रासदी, पहले हवा, फिर कचरा, अब राख बनी संकट
गैस त्रासदी ने भोपाल काे ऐसा जख्म दिया कि 41 साल बाद भी भर नहीं पा रहा। पहले यूनियन कार्बाइड की जहरीली गैस से भोपाल लाशों से पटा। इन्हें हटाया तो जहरीला कचरा सीने पर बोझ बनकर बैठ गया। 40 साल तक हम इंतजार करते रहे कि कोई आए, इस जहर को उठाए और दफना दे। आखिरकार 2 जनवरी 2025 को यह कचरा 250 किमी दूर पीथमपुर भेज दिया गया। लेकिन वहां इसे जलाने को लेकर विरोध शुरू हो गया। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो फैक्ट्री के 337 टन कचरे, 19 टन दूषित मिट्टी और 2.2 टन पैकेजिंग मटीरियल यानी कुल 358 टन सामग्री को वैज्ञानिक तरीके से जलाकर राख बना दिया गया है। यह प्रक्रिया जुलाई तक चली। करीब 900 टन राख निकली। लेकिन अब इस राख का निस्तारण नहीं हो पा रहा। अभी इसे प्लांट के लीक-प्रूफ स्टोरेज शेड में रखा गया है। सवाल जिंदा है- यह राख कब दफन होगी? क्योंकि राख भले कहीं भी हो, नाम तो भोपाल का ही आता है। अभी स्थिति क्या? क्यों अटका?
रायसेन में पुल हादसा:पुल ढहने में जिम्मेदार अफसर को सिर्फ नोटिस, गलत अफसर सस्पेंड
मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) में कार्रवाई की प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रायसेन जिले के बरेली में पुल गिरने के मामले में एमपीआरडीसी ने सबसे बड़ी चूक करते हुए जिम्मेदार अधिकारी को बचाकर, किसी अन्य इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया। सोमवार को जारी आदेश में कॉर्पोरेशन ने मैनेजर ए.ए. खान को निलंबित कर दिया, जबकि वे भोपाल संभागीय कार्यालय में पदस्थ हैं। सीनियर अफसरों के निर्देश पर खान शाम 6 बजे मदद के लिए मौके पर पहुंचे थे, लेकिन आदेश में गलत तरीके से लिख दिया गया कि “पुल उनकी देखरेख में बन रहा था।’ इसी आधार पर उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, सच्चाई यह है कि ब्रिज का पूरा कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारी एडिशनल जनरल मैनेजर विक्रम सिंह ठाकुर के पास थी। बजट स्वीकृति से लेकर साइट मॉनिटरिंग तक काम उन्हीं के अधीन था। उनके पदस्थापना आदेश में भी बरेली-पिपरिया रोड, स्टेट हाइवे 31 और 62 का उल्लेख है। इसके बावजूद एजीएम ठाकुर को केवल शोकॉज नोटिस थमाकर छोड़ दिया, जबकि प्रथमदृष्टया जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। सोमवार को नयागांव कलां का पुल ढह गया था। इसमें सीआरपीएफ के पूर्व जवान की मौत हो गई थी, जबकि 4 घायल हो गए थे। निलंबन आदेश जारी करने वाले अफसर का विरोधाभासी बयान, एक-दूसरे पर मढ़ रहे दोष रायसेन में सोमवार को हुए पुल हादसे में भास्कर ने एमपीआरडीसी पर सवाल उठाए थे। उसी को आधार बनाकर जांच की जा रही है। मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासन) प्रदीप जैन ने कहा- ‘खान मैनेजर हैं, इसलिए पहली जिम्मेदारी उनकी बनती है... रोड भी उन्हीं के पास थी।’ लेकिन इस बयान में तथ्यात्मक गलती है। खान से सीनियर अधिकारी विक्रम सिंह हैं। रोड की जिम्मेदारी वहीं संभाल रहे थे। बाद में प्रदीप जैन ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि विक्रम सिंह को भी नोटिस जारी किया है। एमपीआरडीसी के एमडी भरत यादव बोले- ‘बाकी लोगों को भी नोटिस दिए गए हैं। जांच कमेटी बनाई है, कार्रवाई जारी है।’
शादियों की वजह से दिल्ली का विमान किराया 25 हजार तक पहुंचा
शादी-विवाह के लगन की वजह से पटना से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत अन्य शहरों का विमान किराया चार गुना तक बढ़ गया है। मंगलवार को पटना से दिल्ली का किराया 22 हजार तक चला गया। मंगलवार शाम की फ्लाइट में पटना से दिल्ली के लिए टिकट भी उपलब्ध नहीं था। 3 दिसंबर को पटना से दिल्ली का टिकट 13600 से 23200 रुपए में उपलब्ध है। कुछ सीटें ही बची हैं। 7 दिसंबर तक लगन है। उस दिन भी पटना से दिल्ली को किराया 25 हजार तक पहुंच गया है। यह सामान्य दिनों के मुकाबले करीब चार गुना है। पटना से मुंबई और बेंगलुरु का किराया भी चार गुना है। दिसंबर अंत में क्रिसमस और फिर नए साल को लेकर पर्यटन स्थलों का किराया भी दो से तीन गुना हो गया है। पटना-दिल्ली के बीच 16, पटना-मुंबई के बीच 5 और पटना-बेंगलुरु के बीच 7 विमान हैं। नए साल में पर्यटन स्थलों का किराया दोगुना 1 जनवरी को पटना से दिल्ली का किराया 6 हजार, मुंबई का 8423 रुपए और बेंगलुरु का 7 हजार है। है। जिन्हें नए साल का जश्न मनाने जाना है, वे अभी टिकट बुक करा लें। बाद में और बढ़ सकता है। क्रिसमस और नए साल के लिए लोग कोच्चि, कच्छ का रण, अंडमान निकोबार, धर्मशाला, मनाली, गोवा, शिमला, श्रीनगर, मसूरी, गंगटोक और दार्जिलिंग समेत अन्य पर्यटक स्थलों का अभी से टिकट बुक करा रहे हैं। 5 दिसंबर को पटना से कोलकाता या दिल्ली होते कोच्चि जाने का किराया 12 हजार, वहीं 22 और 23 दिसंबर को 24 हजार है। वहीं दिल्ली होते धर्मशाला, शिमला का किराया 22 और 23 दिसंबर को सामान्य के मुकाबले डेढ़ गुना 18 हजार तक हो गया है। हिमाचल और श्रीनगर का किराया भी 22-23 दिसंबर को आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ गुना यानी 21 हजार तक हो गया है। ममता ट्रैवल्स के मैनेजर कुमंद रंजन ने बताया कि अगले एक सप्ताह के अंदर टिकट बुक कराने पर यात्रियों को अधिक फायदा होगा। हालांकि इन शहरों से इस अवधि में पटना लौटने का किराया सामान्य है। 8 से होगा नॉर्मल, पर 25 से कुछ बढ़ेगा कुमुद रंजन बताते हैं कि लगन में सबसे ज्यादा दिल्ली के टिकट की डिमांड है। उसके बाद मुंबई और बेंगलुरु का। ट्रेन में एसी से लेकर स्लीपर क्लास में टिकट के लिए मारामारी है। स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, पर यात्रियों को भरोसा नहीं है कि वे राइट टाइम पहुंचेगी। इस वजह से एयर टिकट बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर से एयर टिकट नॉर्मल हो जाएगा। फिर 25 दिसंबर से कुछ बढ़ेगा।
नितिन नवीन बोले-डॉ. राजेंद्र प्रसाद का समाधि स्थल 10 एकड़ में विकसित होगा
बापू टावर संग्रहालय में मंगलवार को देशर| कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी सादगी, राष्ट्रसेवा और संवैधानिक योगदान को याद किया गया। साथ ही ‘स्टैच्यू ऑफ विजडम’ और राजेंद्र प्रसाद स्मृति परियोजना को नई दिशा देने पर सहमति बनी। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, सहकारिता मंत्री प्रमोद चंद्रवंशी, दीघा विधायक संजीव चौरसिया, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन, बॉलीवुड कलाकार चंदन रॉय, गायक-अभिनेता आर्यन बाबू, गायिका खुशी ककड़ सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आयोजन इंडिया पॉजिटिव और डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेवा समर्पण ट्रस्ट के सचिव मनीष सिन्हा की पहल पर किया गया। उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद को राजनीति के दायरे में बांधना उनके कद को छोटा करना है। वे सभी दलों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्हीं के रास्ते पर चलकर समाज को दिशा मिल सकती है। विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि देशर| के विचारों को घर-घर पहुंचाने का अभियान जारी रहेगा। प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि दी पटना|राजेंद्र नगर टर्मिनल पर मंगलवार को भारतीय जन जागृति मंच की ओर से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। नेतृत्व मंच के संस्थापक और भाजपा नेता सुनील सिन्हा ने किया। मौके पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन, रविन्द्र रंजन, रवि भूषण प्रसाद, विद्यानंद शर्मा, सविता कुमारी आैर सुजीत प्रकाश समेत कई लोग मौजूद रहे। सुनील सिन्हा ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली आज भी विकास से वंचित है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से जन्मस्थली के विकास तथा बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को भारत र| देने की फिर से मांग की। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्टेशन मास्टर राकेश कुमार और उप स्टेशन मास्टर जय राम कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनशैली सदैव प्रेरणादायी रहेगी पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने घोषणा की कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में ‘यूनिटी ऑफ विजडम’ परियोजना में सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने बताया कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद के समाधि स्थल को वेस्ट टू वंडर थीम पर 10 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जिसका नाम डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेमोरियल-बिहार गौरव पार्क होगा। इसकी रूपरेखा 28 फरवरी तक तैयार हो जाएगी। सहकारिता मंत्री प्रमोद चंद्रवंशी ने कहा कि भाजपा डॉ. प्रसाद के विचारों को आत्मसात कर रही है। उनके जीवन में गांव, किसान और भारतीय संस्कृति की बड़ी भूमिका थी। वरिष्ठ आईपीएस विकास वैभव ने डॉ. प्रसाद को तप, सत्य और सेवा का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनकी जीवनशैली युवाओं के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगी। डॉ. शैलेंद्र ने कहा कि डॉ. प्रसाद जीवनभर सादगी और उच्च विचारों का पालन करते रहे। डॉ. निगम प्रकाश ने उन्हें ईमानदारी की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूरी निष्ठा से संविधान निर्माण का नेतृत्व किया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स को नई गति मिली और उनके मूल्यों को समाज तक पहुंचाने के संकल्प को एक नई मजबूती।
बिहटा थाने के विशम्भरपुर पेट्रोल पंप के पास बाइक सवार अपराधियों ने जमीन कारोबारी अभिषेक सिन्हा पर हमला कर दिया। अभिषेक के अनुसार अपराधी 5 बाइक पर 14 की संख्या में थे। उन्होंने स्कॉर्पियो को घेरकर जानलेवा हमला किया। अभिषेक, रंजीत राय और संतोष कुमार घायल हो गए। अभिषेक ने बताया कि वे मंगलवार को किसान से जमीन का एग्रीमेंट कराने दानापुर जा रहे थे। उसी दौरान अपराधियों ने ईंट-पत्थर से गाड़ी क्षतिग्रस्त की। अभिषेक का दावा है कि बदमाश 11 लाख कैश और सोने की दो चेन भी लूटकर फरार हो गए। चेन की कीमत करीब 6 लाख बताई गई है। अभिषेक ने कहा कि जान बचाने के लिए तीनों भागने लगे। तीनों जख्मी हो गए। उन्होंने डायल 112 पर कॉल किया। पुलिस पहुंची और सभी को अस्पताल ले गई। इधर, दानापुर एसडीपीओ टू एके झा ने कहा कि मारपीट की घटना हुई है, लेकिन कैश और चेन लूटने की बात अबतक स्पष्ट नहीं है। एक व्यक्ति को नामजद किया गया है। आवेदन में लूट की बात दर्ज है। बिहटा थानेदार रंजीत कुमार ने बताया कि जांच की जा रही है।
19 दिसंबर के बाद कड़ाके की ठंड पड़ेगी:इस महीने के तीसरे हफ्ते में 7 डिग्री से नीचे जाएगा तापमान
राज्य में 19 दिसंबर के बाद कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पहले सप्ताह में राज्य के कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में 1-3 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। दूसरे सप्ताह में 9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने का पूर्वानुमान है। अभी न्यूनतम तापमान 10 से 18 डिग्री सेल्सियस तक रह रहा है। तीसरे सप्ताह में 7 डिग्री सेल्सियस के नीचे जा सकता है। आखिरी सप्ताह में शीतलहर चलेगी, जो जनवरी मध्य तक जारी रहेगी। इस बीच, मंगलवार को पटना के अधिकतम तापमान में 0.6 और न्यूनतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आई। अधिकतम तापमान 25.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इस महीने में बारिश भी सामान्य या सामान्य से अधिक होगी। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, नवंबर की बारिश ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल 2021 से 2024 तक नवंबर में पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया और वाल्मीकिनगर में बारिश नहीं हुई। इस साल पटना में 9.8 एमएम, गया में 14.3 एमएम, भागलपुर में 70.9 एमएम, पूर्णिया में 46.4 एमएम और वाल्मीकिनगर में 23.2 एमएम बारिश हुई है।
बिहार में उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को निश्चित समय में बिजली, पानी, सड़क, पर्यावरण, परिवहन सहित एनओसी मिलेगा। तय समय में ही जमीन उपलब्ध कराया जाएगा। उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि हर चीज के लिए समय सीमा तय होगी। इससे उद्योग लगाने वाले व्यर्थ की भागदौड़ से बचेंगे। निश्चित समय के अंदर ही फैक्ट्री लगाएंगे। इससे बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। समय सीमा तय होने से निवेशकों को वास्तविक वन स्टॉप क्लीयरेंस का फायदा मिलेगा। उन्होंने राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड में लंबित मामलों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही समस्या को जल्द खत्म करने का निर्देश दिया। विभाग की बैठक में उद्योग निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे। एमएसएमई केंद्र पर उद्योग लगाने वाले को प्रशिक्षित किया जाएगा। हर जानकारी दी जाएगी। उत्पाद से संबंधित मार्केट, बिक्री के तरीके, प्रचार के तरीके के बारे में बताया जाएगा। एमएसएमई केंद्र के माध्यम से उद्योग लगाने वालों को बाजार, वित्तीय सहायता, तकनीकी जानकारी, बाजार सुविधा, ब्रांडिंग और मूल्य श्रृंखला के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही स्टार्टअप करने वालों को भी उद्योग विभाग की ओर से सहयोग किया जाएगा। इससे बिहार में निवेश करने वालों को बेवजह परेशानी से निजात मिलेगी। जिलास्तर पर स्टार्टअप, टेक्सटाइल, लेदर, इथेनॉल, लॉजिस्टिक नीति जांच का निर्देश डॉ. दिलीप जायसवाल ने बैठक में जिलास्तर पर स्टार्टअप, टेक्सटाइल, लेदर, इथेनॉल सहित अन्य उद्योग के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही लॉजिस्टिक नीति से होने वाले फायदे के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से प्रखंडवार उद्योग के प्रगति की जांच करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही निर्धारित समय के अंदर उद्योग में होने वाली परेशानियों को भी बताने को कहा है।
40 साल पुराने फर्जी सर्टिफिकेट भी नहीं बचेंगे:बिहार बोर्ड अब एआई से पकड़ेगा फर्जी सर्टिफिकेट
बिहार बोर्ड अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से फर्जी सर्टिफिकेट पकड़ेगा। जो विद्यार्थी नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि या फोटो बदलकर एक से अधिक बार मैट्रिक या इंटर की परीक्षा दे चुके हैं, उन्हें एआई पकड़ेगा। बोर्ड फॉर्म भरने, परीक्षा आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक हर चरण में एआई का इस्तेमाल करेगा। यह सिस्टम 2026 की मैट्रिक-इंटर परीक्षा से पहले पूरी तरह चालू हो जाएगा। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि एआई 1985-86 तक के पुराने फर्जी प्रमाण पत्र भी पकड़ लेगा। ऐसे सभी सर्टिफिकेट रद्द होंगे। अगर कोई व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहा है और सत्यापन बोर्ड से हुआ, तो उसकी नौकरी खत्म हो सकती है। सत्यापन, डेटा एंट्री या कोर्ट केस के दौरान पहले भी कई फर्जी सर्टिफिकेट उजागर हुए हैं। बोर्ड ने ऐसे सर्टिफिकेट रद्द भी किए थे। अब एआई नाम, पता, जन्मतिथि और फोटो स्कैन कर मिलान करेगा। इसलिए गड़बड़ी के बहुत अधिक मामले सामने आने की संभावना है। जो आप जानना चाहते हैं... कार्रवाई सख्त होगी... संबंधित व्यक्ति के सर्टिफिकेट को तत्काल रद्द कर दिया जायेगा। उस आधार पर लिये गये दूसरे सर्टिफिकेट भी मान्य नहीं होंगे फर्जीवाड़े का इतिहास... विगत वर्षों में जब सर्टिफिकेट्स को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, इस तरह के मामले बीच-बीच में पकड़ में आते रहे हैं। इस संबंध में शिकायतें भी आती रहती हैं। बोर्ड का कोई अधिकारिक डाटा नहीं है। कितने दायरे में... हर साल 13 लाख इंटर व 15 लाख मैट्रिक के छात्र-छात्राओं की सभी जानकारियों को एआई स्कैन करेगा। 1985-86 तक के फर्जी सर्टिफिकेट एआई के दायरे में आएंगे। अगर सर्टिफिकेट फर्जी मिला तो रद्द किया जाएगा। प्रमाणपत्र पर भर्ती: पुलिस, शिक्षक, राजस्व जैसे विभागों में फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी ली तो नियुक्ति अवैध घोषित होगी। अवैध हो जाएगी। संविदा पर नियुक्ति : संविदा पर काम कर रहे लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उनका सर्टिफिकेट सत्यापन नहीं होता है। कैसे की जाएगी जांच.. एआई अभ्यर्थियों की फोटो, सिग्नेचर, आधार, सर्टिफिकेट्स में दर्ज नाम, पता, जन्म तिथि आदि से मिलान कर फर्जी सर्टिफिकेट्स को पकड़ेगा। एआई के इस्तेमाल की तैयारी पूरी बिहार बोर्ड में एआई का इस्तेमाल करने की तैयारी पूरी है। इससे पुराने या नए सभी फर्जी सर्टिफिकेट डिटेक्ट हो जाएंगे। कोई छात्र नाम या जन्मतिथि बदलकर परीक्षा देगा तो तुरंत पता चलेगा। बोर्ड का काम पहले से तेज और सटीक होगा। छोटी-छोटी गलतियां भी पकड़ी जाएंगी। -आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति 7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को परीक्षा होगी बीपीएससी की ओर से 7279 पदों पर स्पेशल टीचर की नियुक्ति के लिए 29 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी। 7279 में से 5334 पदों पर 1 से 5वीं कक्षा तक के टीचरों की नियुक्ति होगी। जबकि, 1745 पदों पर 6वीं से 8वीं कक्षा के टीचर की नियुक्ति होगी। 1 से 5वीं कक्षा के लिए भाषा और सामान्य अध्ययन विषय की परीक्षा होगी। 6 से 8वीं कक्षा के लिए अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, बांग्ला सहित अन्य विषय की परीक्षा होगी।
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस बुधवार को है। राज्य में 21 प्रकार के दिव्यांग हैं। इसमें सबसे अधिक आंखों से दिव्यांग हैं। पूर्व राज्य आयुक्त नि:शक्तता एवं दिव्यांग विशेषज्ञ डॉ शिवाजी बताते हैं-2024 में सिविल सोसाइटी के माध्यम से सर्वे करवाया है। इसमें पता चला है कि राज्य में दिव्यांगों की संख्या 51 लाख हो गई है। इसमें 11 लाख से अधिक आंखों की दिव्यांगता वाले हैं। आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में मायोपिया से अंधापन की शिकायतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय तक समय बिताने और आंखों में चोट लगने से बच्चे अंधापन के शिकार हो रहे हैं। जबकि बुजुर्गों में सही खान-पान नहीं मिलने और शुगर की बीमारी की वजह से अंधापन बढ़ा है। संस्थान के प्रोफेसर एंड चीफ डॉ विभूति प्रसून सिन्हा बताते हैं कि एक साल में एक से सवा लाख लोग आंख की समस्या लेकर आईजीआईएमएस आए हैं। ज्यादातर मामले रेफर्ड होते हैं। यानी जिनकी आंखों की रोशनी खराब हो जाती है। इसमें डिजिटल स्क्रीन और ट्रोमा की वजह से बच्चों में देखने की समस्या आ रही है। 22% बच्चे चश्मा लगाने को मजबूर बिहार शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल जाने वाले 70% बच्चे किसी न किसी नेत्र समस्या से ग्रस्त हैं। 22% बच्चों के पास चश्मा है, लेकिन कई बार गलत पावर वाला चश्मा मिलता है, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ मायोपिया ही नहीं, बल्कि दृष्टि-दोष और आंखों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी बच्चे बड़ी संख्या में झेल रहे हैं। आजकल बच्चे मोबाइल, टैबलेट, टीवी और कंप्यूटर आदि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं। पढ़ाई-लिखाई, ऑनलाइन क्लास, गेमिंग और वीडियो निकट से देखना है। ऐसा लगातार और लंबे समय तक होने से आंख पर दबाव पड़ता है। 2025 की समीक्षा में पाया गया कि डिजिटल स्क्रीन पर हर अतिरिक्त घंटे से मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) होने का जोखिम करीब 21% बढ़ जाता है।
जेपी गंगा पथ के उत्तर गंगा किनारे 10 एकड़ में बॉटनिकल गार्डन बनेगा। बिहार राज्य पथ विकास निगम के अधिकारियों के मुताबिक, राजापुर के सामने मेट्रो कॉस्टिंग यार्ड के बगल में बॉटनिकल गार्डन के लिए मिट्टी भरी जा रही है। वहीं, सभ्यता द्वार के सामने जेपी गंगा पथ के उत्तर (एयर शो वाली जगह पर) बड़ा मैदान बनेगा। यह गांधी मैदान का विकल्प होगा। इसके उत्तर गंगा की कल-कल धारा बहती रहेगी। यहां बच्चों के खेलने के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। अभी पटना में एक ही बड़ा मैदान है। कार्यक्रमों के कारण गांधी मैदान की खूबसूरती नहीं रह पाती है। यहां बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान शहर में सड़क जाम की समस्या पैदा होती है। नया मैदान बनने से इन समस्याओं से निजात मिलेगी। जेपी गंगा पथ के उत्तर और दक्षिण के इलाके को विकसित करने पर 387 करोड़ खर्च हो रहे हैं। उत्तर और दक्षिण में बनने वाले पार्कों को जोड़ने के लिए गंगा पथ के नीचे बने अंडरपास का टनल के रूप में उपयोग होगा। एनजीटी के निर्देश के आलोक में कहीं भी कंक्रीट का उपयोग नहीं होगा। खुली प्रयोगशाला होगा गार्डन बॉटनिकल गार्डन में वैज्ञानिक अनुसंधान, संरक्षण और शिक्षा के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के पौधों का संग्रह और प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पौधों के वानस्पतिक नामों के साथ जानकारी मिलेगी। यह छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए खुली प्रयोगशाला का काम करेगा। लुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों का संरक्षण होगा। 10 एकड़ में बॉटनिकल गार्डन बनेगा गंगा चैनल का जीर्णोद्धार होगा गंगा पथ के दक्षिण गंगा चैनल का जीर्णोद्धार दूसरे चरण में होगा। यह कुर्जी से सभ्यता द्वार तक होगा। इसकी गहराई 2 मीटर होगी। इसकी खूबसूरती लाइटिंग के दौरान पानी के फव्वारा से बढ़ेगी। पैडल बोट, मोटर बोटिंग आदि की सुविधाएं होंगी, जो आकर्षण का केंद्र होंगी। इस गंगा चैनल में कुर्जी के पास गंगा का साफ पानी लिफ्ट कर डाला जाएगा। पानी को नियमित अंतराल पर निकालने की व्यवस्था होगी। इसके लिए कुर्जी और सभ्यता द्वार के पास स्लुइस गेट लगाया जाएगा। जेपी गंगा पथ के उत्तर गंगा किनारे कहां क्या बनेगा, विस्तार से जानिए जेपी गंगा पथ व अशोक राजपथ के बीच
इंडिया आर्कियोलॉजिकल सर्वे (ASI) के पूर्व रीजनल डायरेक्टर केके मुहम्मद ने कहा है कि मुसलमानों को दो और ऐतिहासिक जगहें छोड़ देनी चाहिए जो मंदिर भी हैं। पहली- मथुरा जो भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। दूसरी- ज्ञानवापी जो भगवान शिव से जुड़ी है। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए केके मुहम्मद ने कहा कि ये जगहें मुसलमानों को हिंदू समुदाय को भव्य हिंदू मंदिर बनाने के लिए सौंप देनी चाहिए। मथुरा-काशी हिंदुओं के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने मक्का और मदीना मुसलमानों के लिए हैं। हालांकि उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि हिंदू समुदाय को अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के अलावा हर मस्जिद के पीछे नहीं जाना चाहिए। दोनों समुदायों के नेतृत्व को कुछ शर्तों पर सहमत होना चाहिए। केके भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नॉर्थ जोन के रीजनल डायरेक्टर के तौर पर 2012 में रिटायर हो चुके हैं। वे 1976 में बीबी लाल की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने बाबरी मस्जिद की खुदाई की थी। केके का दावा- कम्युनिस्ट इतिहासकार मुसलमानों के दिमाग में जहर भर देंगे केके ने कहा कि आपको कम्युनिस्ट इतिहासकारों से इन सब बातों पर बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि पहले के मामले में भी इरफान हबीब जैसे कम्युनिस्ट इतिहासकारों और JNU के कुछ लोगों ने ही इस मुद्दे को उलझाया था। मुस्लिम समुदाय का एक हिस्सा राम जन्मभूमि सौंपने के लिए भी तैयार था क्योंकि मैंने कई लोगों से बात की थी। इसलिए, हमें इन कम्युनिस्ट इतिहासकारों को नहीं लाना चाहिए, वे इस मुद्दे को उलझा देंगे और मुसलमानों के दिमाग में जहर भर देंगे। केके मोहम्मद को आज भी मिलती रहती हैं धमकियां 73 साल के आर्कियोलॉजिस्ट केके ने राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें अक्सर जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ता है। वे केरल के कोझिकोड में अपने घर पर ही रहते हैं। केके ने बताया था- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया बैन होने से पहले तक कोझिकोड में बहुत ज्यादा एक्टिव था। जब से केके ने बाबरी मस्जिद से मिले नतीजों के बारे में बताया है, तब से वे खतरे का जीवन जी रहे हैं। रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों के साथ-साथ आर्कियोलॉजिस्ट केके मोहम्मद को भी निमंत्रण मिला था। लेकिन बीमारी के चलते वे नहीं जा सके थे।
लखनऊ में ग्रेजुएट पास युवकों का एक गैंग कई महीनों से शहर में घूम-घूमकर ई-रिक्शा की बैटरियां चुरा रहा था। एक पीड़ित की शिकायत पर सक्रिय हुई कृष्णानगर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मंगलवार को चारों चोरों को दबोच लिया। गिरोह की निशानदेही पर पुलिस ने 18 बैटरियां, चोरी में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट कार, दो कटिंग प्लायर और 20 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। बरामद बैटरियों की कीमत करीब चार लाख रुपये बताई गई है। एसीपी कृष्णानगर रजनीश वर्मा के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में सर्वेश (इंदिरानगर सेक्टर-14), अभिषेक सिंह (बड्डुपुर, बाराबंकी—वार्ड ब्वॉय), विकास सिंह (घुंघटेर—ड्राइवर) और जमई निवासी बहराइच का रहने वाला एक युवक शामिल है, जो इस समय चिनहट डूडा कॉलोनी में रह रहा था। सर्वेश और अभिषेक दोनों ग्रेजुएट हैं। अभिषेक फरवरी 2025 में जेल से छूटा था। सर्वेश पर चार और अभिषेक पर एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है। बाकी आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है। 29 नवंबर को गीता पल्ली से चोरी हुई थी बैटरी 29 नवंबर को आलमबाग गीता पल्ली निवासी पंकज के ई-रिक्शा की बैटरी चोरी हुई थी। शिकायत मिलने पर इंस्पेक्टर कृष्णानगर पी.के. सिंह के नेतृत्व में दो टीमें लगाई गईं। जांच के दौरान पता चला कि गिरोह कई इलाकों गीतापल्ली, औरंगाबाद, आलमबाग, बिजनौर और दुबग्गा में बैटरी चोरी की वारदात कर चुका है। पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। एक संदिग्ध कार बार-बार घटनास्थलों के पास दिखी। फुटेज में आरोपियों को रात में घरों के बाहर खड़े ई-रिक्शा से बैटरी खोलते भी देखा गया। इसके बाद पुलिस ने चारों को हिरासत में ले लिया। ऐसे करते थे वारदात पूछताछ में चोरों ने बताया कि पहले दो लोग इलाके में रेकी करते थे। इसके बाद सभी चार कार से पहुंचते थे। दो आरोपी कार में ही बैठे रहते थे और दो ई-रिक्शा की बैटरी खोलकर कार में रखकर फरार हो जाते थे। एक बैटरी की बाजार कीमत करीब 30 हजार रुपये है। कृष्णानगर पुलिस ने गिरोह का खुलासा कर 18 बैटरी बरामद की हैं। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि चोरी की बैटरियां कहां बेची जाती थीं और गिरोह के संपर्क में और कौन-कौन लोग थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जनगणना 2027 की प्रक्रिया दो स्टेज में होगी, जिसकी शुरुआत 2026 में घरों की लिस्टिंग और घरों का डेटा इकट्ठा करने से होगी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक सवाल के लिखित जवाब में विवरण देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पहले चरण में आवास गणना और दूसरे चरण में आबादी की गणना की जाएगी। पहला फेज अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिन में पूरा होगा। इसके लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टाइमलाइन तय करेंगे। दूसरा फेज जिसमें आबादी की गिनती होगी, वह फरवरी 2027 में होगा। जनगणना 2027 की टाइमलाइन पिछली जनगणनाओं में अपनाए गए तरीकों की तरह ही रखी गई है। मंत्रालय के मुताबिक 1 मार्च 2027 को रात 12 बजे पूरे देश में गिनती के लिए रेफरेंस डेट होगी। हालांकि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले इलाकों के लिए, आबादी की गिनती सितंबर 2026 में की जाएगी। 1 अक्टूबर 2026 को रेफरेंस डेट माना जाएगा। जनगणना 2027 पर नित्यानंद राय के जवाब की बड़ी बातें... जनगणना का ज्यादातर काम पेपरलेस होगा मोबाइल एप, पोर्टल और रियल टाइम डेटा ट्रांसफर से जनगणना बहुत हद तक पेपरलेस होगी। कागज पर लिखी जानकारी पढ़ने के लिए एआई आधारित इंटेलीजेंट कैरेक्टर रिकगनीशन टूल्स होंगे। जीपीएस टैगिंग और प्री-कोडेड ड्रॉपडाउन मैन्यू की व्यवस्था में गलती की गुंजाइश नहीं रहेगी। आम लोगों की मदद के लिए राष्ट्रव्यापी प्रचार होगा। लोकसभा में इन सवालों के जवाब भी दिए गए
जयपुर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत परिगणना कार्य तेजी से जारी है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी मेघराज मीणा ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जयपुर के चौमूं विधानसभा क्षेत्र ने जिले में सबसे पहले शत प्रतिशत डिजिटलीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया है। अब तक चौमूं सहित जिले के कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों में शत प्रतिशत डिजिटलीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। मीणा ने जानकारी दी कि जिले में 97 प्रतिशत से अधिक परिगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी लगातार इस कार्यक्रम की निगरानी कर रहे हैं। 2 दिसंबर 2025 की रात 8 बजे तक कुल 46 लाख 89 हजार 52 परिगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका था, जो कुल प्रपत्रों का 97 प्रतिशत से अधिक है। डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी सभी ईआरओ (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी) और बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के बूथ लेवल पर्यवेक्षक श्री सीताराम यादव और बस्सी निर्वाचन क्षेत्र के श्री कंचन बाबू मीणा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जयपुर में 3 हजार 75 बीएलओ शत प्रतिशत परिगणना पत्रों के डिजिटलीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर चुके उप जिला निर्वाचन अधिकारी मेघराज मीणा ने बताया कि जयपुर जिले के सभी बीएलओ भारतीय निर्वाचन आयोग की भावना के अनुरूप पूर्ण उत्साह के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य कर रहे हैं। इसी प्रतिबद्धता के कारण जिले के 3 हजार 75 बीएलओ शत प्रतिशत परिगणना पत्रों के डिजिटलीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि उनकी यह प्रतिबद्धता पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बीएलओ से आग्रह किया कि वे अपने अनुभव, ऊर्जा और कार्यकुशलता से अन्य साथियों को प्रेरित करें और उन्हें भी लक्ष्य प्राप्ति में मार्गदर्शन दें, ताकि पूरे जिले में पुनरीक्षण अभियान की गति और अधिक मजबूत एवं प्रभावशाली बन सके। उन्होंने बताया कि बस्सी विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 37 हजार 796, शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 40 हजार 239, चौमूं विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 57 हजार 475, चाकसू विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 35 हजार 473, दूदू विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 58 हजार 37, फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 65 हजार 906, आमेर विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 2 हजार 105, जमवारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 37 हजार 665, हवामहल विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 68 हजार 940 परिगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। साथ ही उन्होंने बताया कि किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 89 हजार 105, आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 64 हजार 943, झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4 लाख 49 हजार 436, बगरू विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 49 हजार 933, सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 35 हजार 92, मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 7 हजार 387, सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 49 हजार 741 एवं विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में 3 लाख 36 हजार 779 परिगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। अपना परिगणना प्रपत्र ऑनलाइन भरने के लिए https://voters.eci.gov.in/ पर जाए अथवा QR Code को स्कैन करें उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व विशेष गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची में अब साधारण जानकारी के आधार पर नाम खोजने का विकल्प मुहैया करवाया गया है, जिससे मतदाताओं को अपना नाम खोजने और परिगणना प्रपत्र भरने में और अधिक सहजता मिलेगी। निर्वाचन विभाग द्वारा साथ ही मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने हेतु ऑनलाइन विकल्प भी उपलब्ध कराया गया है। मतदाता स्वयं अपना परिगणना प्रपत्र https://voters.eci.gov.in/ पर जाकर अथवा प्रदान किए गए QR Code को स्कैन कर ऑनलाइन भर सकते हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी मतदाताओं से अपील है कि वे अपने तथा अपने परिवारजनों के परिगणना प्रपत्र अधिक से अधिक संख्या में ऑनलाइन भरकर अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें।
इंदौर में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पारुल अहिरवार और उसके दोस्त गौरव रावल के बीच चल रहा प्रॉपर्टी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में पारुल ने गौरव पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। इसके बाद अब गौरव ने भी पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को आवेदन देकर पारुल और उसके साथी वीर शर्मा पर पुलिसकर्मी बनकर धमकी भरा कॉल करने और बदनाम करने का आरोप लगाया है। पारुल और वीर के सोशल मीडिया पर मिलियन में फॉलोअर्स हैं, इसलिए मामला सुर्खियों में है। 800 वर्ग फीट के मकान को लेकर तनातनीपुलिस के मुताबिक, पारुल का कहना है कि वर्ष 2020 में उसने और गौरव ने 800 वर्ग फीट का मकान संयुक्त रूप से खरीदा था। इसके लिए दोनों ने चार-चार लाख रुपए जमा किए थे। गौरव ने इस मकान पर 20 लाख रुपए का बैंक लोन ले लिया था। इस लोन की आधी किस्त 9,000 रुपए पारुल साल 2020 से भरती रही है। इस संबंध में दोनों के बीच एक लिखित एग्रीमेंट भी हुआ था। पारुल का आरोप है कि गौरव ने यह एग्रीमेंट चुरा लिया। फिर मकान की रजिस्ट्री अपने नाम पर करा ली। जून 2025 में पारुल को पता चला कि गौरव मकान को किसी और को बेच चुका है। उसने गौरव को कॉल किया लेकिन फोन स्विच ऑफ था। पारुल ने कई बार गौरव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। आखिरकार पारुल ने गौरव के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करा दी। गौरव बोला- मकान मेरे और मां के नाम पर थाउधर, गौरव रावल द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, पारुल और उसने मिलकर शुभांजन ओमेक्स वन सिटी में मकान लिया था। इसकी रजिस्ट्री गौरव और उसकी मां के नाम पर थी। समझौते के अनुसार, पारुल को बाद में 5 लाख रुपए देने की बात तय हुई थी। इसके ऐवज में पारुल ने केवल 4 लाख रुपए सीधे बिल्डर के बैंक खाते में जमा कराए थे। पारुल आधे हिस्से में रहने की बात कहकर करीब 18 महीने तक गौरव को मकान का किराया देती रही। गौरव का दावा है कि जब उसने मकान बेचने का मन बनाया तो पारुल ने बिना पूरी रकम दिए इसके एक हिस्से की रजिस्ट्री अपने नाम कराने का दबाव डाला। वीर पर पुलिसकर्मी बनकर कॉल करने का आरोपगौरव का आरोप है कि पारुल ने अपने साथी वीर को उसकी बहन ममता के ऑफिस में भेजकर अभद्रता कराई। जिसके बाद ममता की नौकरी चली गई। इसके बाद वीर ने खुद को लसूडिया थाने का पुलिसकर्मी बताकर ममता को कॉल किए। गौरव ने बताया कि उसे अलग-अलग फोन नंबरों से धमकी भरी कॉल आ रही थीं। उसने इनकी दो ऑडियो रिकॉर्डिंग पुलिस को भी सौंपी हैं। वकील बोले- गौरव को कोई नोटिस नहीं मिलाइस विवाद में पारुल पहले ही गौरव के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा चुकी है। अब गौरव ने भी अपने वकील के माध्यम से पारुल और वीर के खिलाफ धमकी देने और धोखाधड़ी करने जैसे आरोपों में कार्रवाई की मांग की है। गौरव के वकील पवन राय ने कहा- मेरे मुवक्किल को किसी तरह का नोटिस नहीं मिला है, न ही किसी अधिकारी ने बयान देने के लिए बुलाया है। यदि पारुल और वीर सोशल मीडिया पर गौरव की बदनामी करेंगे तो हम उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। ये भी बता दें कि विवाद बढ़ने के बाद पारुल और वीर ने सोशल मीडिया पर एक्टिविटी कम कर दी हैं।
राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव एम.एल. मेहता की स्मृति में मंगलवार को 11वें एम.एल. मेहता मेमोरियल ओरेशन का आयोजन किया गया। एम.एल. मेहता फाउंडेशन ने HCMRIPA के सहयोग से बी.एस. मेहता ऑडिटोरियम में इस कार्यक्रम को आयोजित किया। इस अवसर पर एम.एल. मेहता की प्रशासनिक शैली पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां, विचारक और परिवर्तन लाने वाले लोग शामिल हुए, जो जरूरतमंद समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित हैं। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास और मैनेजमेंट डेवलपमेंट एकेडमी, जयपुर के अध्यक्ष प्रो. रमेश के. अरोड़ा भी उपस्थित थे। मैनेजमेंट डेवलपमेंट एकेडमी, जयपुर के अध्यक्ष प्रो. रमेश के. अरोड़ा ने कहा, किसी व्यक्ति की आयु वर्षों से नहीं मापी जाती; उसके विचार, उसकी संवेदनशीलता और लोगों के आँसू पोंछने का उसका संकल्प ही उसे अमर बनाते हैं। मेहता साहब आज भी अपनी कर्मनिष्ठा, अपनी खुले दरवाज़ों वाली प्रशासनिक शैली और हर आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान लाने की अपनी अदम्य इच्छा के कारण जीवित हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके जीवन से यही सीख मिलती है कि प्रशासक पद से नहीं, बल्कि मानवीयता से महान बनता है—नीतियों से नहीं, बल्कि प्रेरणा से। मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट के सिद्धांत पर जोर प्रेसिडेंशियल ऑब्जर्वेशन देते हुए, राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट के सिद्धांत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कम सरकारी हस्तक्षेप और लोगों को अधिक सुविधा प्रदान करना। श्रीनिवास ने बताया कि आज सरकारी कामकाज तेजी से डिजिटल हो रहा है। सचिवालय में अधिकांश फाइलें अब ऑनलाइन चलती हैं, जिससे कार्य में गति, समय की बचत और गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी अच्छे डिजिटल सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जोड़ने से वह और अधिक स्मार्ट हो जाता है। इससे सरकार का कामकाज और आसान, तेज़ और पारदर्शी बनता है। उन्होंने युवा छात्रों और शोधकर्ताओं से ऐसी तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जो सरकार के काम को बेहतर बना सकें और सीधे जनता को लाभ पहुंचा सकें। होनहार स्टूडेंट्स को मेरिट-कम-नीड-बेस्ड स्कॉलरशिप दी गईं इस मौके की अहमियत को और बढ़ाते हुए, होनहार स्टूडेंट्स को मेरिट-कम-नीड-बेस्ड स्कॉलरशिप दी गईं। कुल 13 स्टूडेंट्स को ₹10,000 की स्कॉलरशिप मिली, जबकि एक स्टूडेंट को ₹40,000 की फाइनेंशियल मदद दी गई। ये पहचान एम.एल. मेहता की वैल्यूज और टैलेंट को आगे बढ़ाने और पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए फाउंडेशन के लगातार कमिटमेंट के लंबे समय तक चलने वाले असर को दिखाती हैं। ये रहे मौजूद कार्यक्रम में रश्मि मेहता, राकेश मेहता, अजय मेहता के अलावा IIHMR से अशोक अग्रवाल और अनिल कुमार, सी एस राजन, गोविंदराज शर्मा, एसपीएस श्रीवास्तव, किशन लाल जैसे जाने-माने ब्यूरोक्रेट्स भी मौजूद थे।
इंदौर में स्टेट जीएसटी विभाग ने मंगलवार दोपहर बाद पेस्टिसाइड कारोबारी संजय अग्रवाल के निवास, कंपनियों के ऑफिस सहित अन्य ठिाकनों पर छापा मारा और घंटों तक छानबीन की। आशंका है कि इन कंपनियों द्वारा लाखों की जीएसटी चोरी की गई है। इसमें बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है। दोपहर को स्टेट जीएसटी की अलग-अलग टीमों ने अग्रवाल के संजना पार्क निवास सहित पांच कंपनियों में एक साथ छापा मारकर कार्यवाही शुरू की। जिन कंपनियों में छापा मारा गया उनमें नर्मदा ट्रेडर्स, ग्रो रिच एग्रोटेक, सुशील कॉर्पोरेशन आदि हैं। विभाग की एक बड़ी टीम ने बिचौली मर्दाना स्थित अग्रवाल के निवास पर गहन छानबीन की। छापे की कार्रवाई शुरू होते ही टीम ने सबसे पहले बंगले में सभी की आवाजाही बंद की और वहां मौजूद परिवार के लोगों के मोबाइल एक स्थान पर रखवा लिए। इस दौरान दस्तावेजों, डाटा आदि को लेकर पूछताछ और जानकारी जुटाने के साथ उन्हें जांच में लिया। विभाग की अलग-अलग टीमों ने मुख्य कंपनी के अलावा एसोसिएट कंपनियों और इनके कर्ताधर्ताओं के बैंक खातों, लेन-देन आदि की जानकारी हासिल की। इसके साथ ही कंपनियां कितने प्रकार के पेस्टिसाइड और इससे जुड़े प्रॉडक्ट्स तैयार करती है, इनसे संबंधी दस्तावेज हासिल किए। इन उत्पादों का प्रॉडक्शन इंदौर सहित अन्य स्थानों पर कहां-कहां होता है, उसका पता किया। अनुमान है कि बीते समय में कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर शासन को चूना लगाया।
गौहरगंज क्षेत्र में 21 नवंबर की रात दुष्कर्म का शिकार हुई 6 साल की मासूम अब खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने उसे मंगलवार को एम्स भोपाल से डिस्चार्ज कर दिया। हालांकि उसकी पूरी रिकवरी में अभी लंबा समय लगेगा। डॉक्टरों के अनुसार, मासूम को प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें आई थीं। उसकी जान बचाने के लिए कोलॉस्टोमी नाम की जटिल सर्जरी करनी पड़ी। इस प्रक्रिया में कुछ समय के लिए शरीर से मल त्याग के लिए दूसरा रास्ता बनाया जाता है। 21 नवंबर की शाम 6 साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाला 23 वर्षीय सलमान उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने जंगल की ओर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म कर भाग गया। बच्ची खून से लथपथ हालत में मिली, जिसके बाद परिवार उसे अस्पताल लेकर गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते उसकी जान बचाने के लिए तुरंत जटिल सर्जरी करनी पड़ी। आरोपी की गिरफ्तारी और शॉर्ट वारदात के छह दिन बाद आरोपी सलमान को भोपाल के गांधी नगर थाना क्षेत्र में एक चाय की दुकान से गिरफ्तार किया गया। गुरुवार देर रात पुलिस उसे भोपाल से गौहरगंज लेकर आ रही थी। भोजपुर क्षेत्र के कीरत नगर के पास पुलिस वाहन का टायर पंचर हो गया। दूसरी गाड़ी में बैठाते समय सलमान ने पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। आत्मरक्षा में पुलिस ने उस पर फायर किया, गोली उसके पैर में लगी। आरोपी को तुरंत हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। ये खबर भी पढ़ें... गौहरगंज में मासूम से रेप-डेढ़ घंटे गुमराह करता रहा सलमान रायसेन के गौहरगंज में 6 साल की मासूम से रेप का आरोपी सलमान पकड़े जाने के बाद डेढ़ घंटे तक गुमराह करता रहा। वह खुद को आष्टा का रहने वाला कहता रहा। यही नहीं उसने अपना नाम भी सही नहीं बताया। वह खुद को अंसार बताता रहा। पूरी खबर पढ़ें
मोहन सरकार ने आने वाले महीनों में सबसे अधिक फोकस प्रदेश में ग्रामीण विकास पर करेगी। इसमें पीएम आवास, लाड़ली बहना और किसानों के लिए समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीदी के भुगतान को प्राथमिकता में रखा गया है। इसके अलावा किसानों का आपदा राहत राशि देने के लिए भी बजट में 77.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। किसानों को भावान्तर योजना का लाभ देने के लिए भी बजट में 500 करोड़ तय किए गए हैं। अनुपूरक बजट में आगामी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण इलाकों में बनने वाले पीएम आवासों के लिए 4000 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग के लिए इस बजट में सबसे अधिक राशि तय की गई है। इसको लेकर विधानसभा में चालू वित्त वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया है जिस पर गुरुवार को सदन में साढ़े तीन घंटे तक चर्चा का समय तय किया गया है। महिला और बाल विकास विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 1794 करोड़ का बजट तय किया गया है। इसके अलावा पंचायत विभाग के अंतर्गत 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर स्थानीय निकायों को अनुदान राशि 1633 करोड़ देने का प्रावधान बजट में किया गया है। कुल अनुपूरक बजट 13476 करोड़ 94 लाख 83 हजार 585 रुपए का है जिस पर गुरुवार को चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। इन विभागों के लिए इतना बजट
चकेरी में बुजुर्ग मां के सामने बेटे को खींचकर पड़ोसी ने लाठियों से पीटा और बेदम अवस्था में छोड़कर भाग निकला। उठने-बैठने को लाचार मां चीखती रही। आरोपी के जाने पर किसी तरह सड़क से उठाकर बेटे को कमरे में लाई। पैसों के अभाव में इलाज भी नहीं करा सकी। पिटाई से युवक रातभर कराहता रहा। हाथ-पैर फूल गए। अगले दिन तड़पते हुए देर शाम को दम तोड़ दिया। किसी तरह पैदल थाने पहुंची मां ने पुलिस से मारपीट की शिकायत की, सूचना पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम भेजा व जांच शुरू की है। दरवाजा खुलवाने के विरोध में पीटा मूलरूप से विहार दरभंगा के नेहरा गांव निवासी संतोष कुमार चौधरी की पत्नी माधुरी व दो बेटे हैं। जिसमें एक बेटा 27 वर्षीय भरत कुमार चकेरी के टटियन झनाका मोहल्ले में किराए पर मां के साथ रहता था, जबकि दूसरा रोहित मथुरा में नौकरी करता है। बुजुर्ग माधुरी के अनुसार भरत मजदूरी करता था और वह मांगकर गुजारा करती हैं। उन्होंने बताया कि रविवार रात करीब 11 बजे भरत बाहर से आया और दरवाजा खुलवाने के लिए उन्हें आवाज दे रहा था। कई बार उसने दरवाजा भी पीटा। आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाला युवक कमरे से निकला और उसे गालियां देने लगे। विरोध पर बेटे को खींचकर लाठी से जमकर पीटा। भरत के बेदम होने पर उसे सड़क पर छोड़कर चले गए। वह बेटे की मदद के लिए पहुंची, लेकिन उठा नहीं सकी। कुछ देर बाद खुद ही जमीन पर घिसटते हुए कमरे तक आया। रातभर उसने कराहते हुए गुजारी। सुबह अस्पताल ले जाने के लिए उनके पास सिर्फ 100 रुपये थे। पैसों के अभाव में इलाज भी नहीं हो पाया, किसी से मदद भी नहीं मिली। और दूसरे दिन शाम करीब छह बजे भरत की मौत हो गई। वृद्धा माधुरी के अनुसार उन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस से मारपीट की शिकायत की। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद शव पोस्टमार्टम भिजवाया। माधुरी ने बताया कि जानकारी पुलिस को दी है। मामले में कार्यवाहक थाना प्रभारी मो. रिजवान ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से अब तक कोई तहरीर नही मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
गाजियाबाद में कुणाल रेजिडेंसी की लिफ्ट टूटकर गिरी:40 फीट की ऊंचाई से लिफ्ट गिरने से 4 लोग हुए घायल
गाजियाबाद के थाना विजयनगर क्षेत्र के प्रताप विहार इलाके में मंगलवार रात स्थित कुणाल रेजिडेंसी सोसायटी की लिफ्ट टूटकर चौथी मंजिल से बेसमेंट में गिरी। लिफ्ट में चार लोग थे जो घायल हो गए है। चौथी मंजिल यानी करीब 40 फीट की ऊंचाई से लिफ्ट गिरी है। फिलहाल लोगों ने इस घटना की सूचना विजयनगर पुलिस को दी गई है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। SHO विजयनगर धर्मपाल सिंह ने बताया कि चार लोग लिफ्ट में थे, लिफ्ट किन कारणों से गिरी है। इसकी जांच कराई जा रही है, मामूली चोट लगने पर चारों लोग घर चले गए हैं। गनीमत रही की एक बड़ा हादसा होने से टल गया। गाजियाबाद में लगातार हो रहे हादसे
श्री भवानी निकेतन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में मंगलवार को 'मूमल' नामक फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नवप्रवेशित छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसका मुख्य उद्देश्य प्रथम वर्ष की छात्राओं का स्वागत करना और उन्हें महाविद्यालय की परंपराओं एवं गतिविधियों से परिचित कराना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिस्टर भारत जीतेंद्र शर्मा और ग्लैम इंडिया मिस मनीषा सिंह थीं। महाविद्यालय प्रशासन ने प्रतीक-चिन्ह भेंट कर दोनों अतिथियों का स्वागत किया। फ्रेशर पार्टी 'राजपूताना' के तहत छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इनमें फैशन शो, कालबेलिया नृत्य, हरियाणवी नृत्य 'नो डांडी का बीजना', 'छेल भंवर रो कांगसियो' और राजस्थानी घूमर शामिल थे। इन प्रस्तुतियों ने राजस्थान की समृद्ध लोक-संस्कृति को दर्शाया। मिस्टर भारत जीतेंद्र शर्मा और मिस बनी ठनी मनीषा सिंह ने विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया। मिस फ्रेशर 2025 का ताज नेहा शेखावत को मिला, जबकि मनीष झांवर फर्स्ट रनर-अप और मनीषा धोबी सेकेंड रनर-अप रहीं। संवाद सत्र के दौरान छात्राओं ने मिस्टर भारत जीतेंद्र शर्मा से पूछा कि उनके अनुसार मिस्टर भारत कौन हैं। छात्राओं ने स्वयं उत्तर दिया कि जो अपने देश से प्रेम करे, वही मिस्टर भारत है। इस पर जीतेंद्र शर्मा ने कहा, मेरे मिस्टर भारत भगवान श्री राम हैं। उन्होंने अपनी मातृभूमि अयोध्या को मस्तिष्क पर धारण किया, पिता के वचन हेतु वनवास स्वीकार किया और राज्य छोड़कर भाई भरत के लिए आदर्श प्रस्तुत किया। जीतेंद्र शर्मा के इस उत्तर के बाद छात्राओं ने जय श्री राम के नारे लगाए, जिससे पूरा परिसर गूंज उठा। महाविद्यालय संचालन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह बगड़, उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह जैसलान, सचिव सुदर्शन सिंह सुरपुरा, उप सचिव जालम सिंह हुडिल, शिक्षा सलाहकार अभय सिंह राठौड़ और पूर्व सचिव गुलाब सिंह मेड़तिया ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के समापन पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा सिंह ने सभी अतिथियों, छात्राओं और आयोजन समिति को धन्यवाद दिया।
देश के कई एयरपोर्ट पर मंगलवार को एअर इंडिया और दूसरी एयरलाइंस के चेक-इन सिस्टम में गड़बड़ी हो गई। इसके कारण मंगलवार शाम को फ्लाइट में देरी हुई, दिक्कत 45 मिनट तक बनी रही, जिसके बाद इसे ठीक कर दिया गया। एअर इंडिया ने रात 10.49 बजे एक पोस्ट में कहा, थर्ड पार्टी सिस्टम पूरी तरह से ठीक हो गया है, और सभी एयरपोर्ट पर चेक-इन नॉर्मल तरीके से काम कर रहा है। हमारी सभी फ्लाइट शेड्यूल के हिसाब से चल रही हैं। आज की बाकी बड़ी खबरें... दिल्ली ब्लास्ट केस के लिए केंद्र ने सीनियर वकील माधव खुराना को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अपॉइंट किया केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को सीनियर वकील माधव खुराना को 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट से जुड़े केस में ट्रायल और दूसरे मामलों को चलाने के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अपॉइंट किया है। इस ब्लास्ट में 15 लोगों की जान चली गई थी। खुराना को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की ओर से NIA स्पेशल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के सामने ट्रायल और दूसरे कानूनी मामलों को चलाने के लिए तीन साल के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) अपॉइंट किया गया है।
अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में देर रात दो समुदायों के युवकों के बीच विवाद बढ़ते-बढ़ते मारपीट और हथियार चलने तक पहुंच गया। आरोप है कि एक पक्ष के कुछ युवक एक घर में घुसे और तलवार-छुरी जैसे हथियारों से हमला कर दो युवकों को घायल कर दिया। घायलों को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अनुराग लाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और CCTV फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। जल्द गिरफ्तारियां होंगी। घटना के बाद हिंदू समाज से जुड़े कई संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता घायलों से मिलने हमीदिया अस्पताल पहुंचे। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा हिंदू समाज को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ये खबर भी पढ़ें... जमीनी विवाद में दो पक्षों की मारपीट का VIDEO शाहपुर थाना क्षेत्र के छदना कला गांव में जमीनी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। विजेंद्र प्रताप सिंह का अपने ही परिवार के नरेंद्र सिंह उर्फ मुन्ना सिंह और मार्तंड सिंह के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। दो सप्ताह पहले यह विवाद मारपीट में बदल गया।
गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर स्थित ओरियन मॉल में मंगलवार देर रात एक आठ साल का बच्चा तीसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर गिर गया। गंभीर रूप से घायल बच्चे को परिजन पास के प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर गए। जहां डॉक्टर ने उसकी हालत नाजुक देख सिटी हॉस्पिटल रेफर कर दिया। इधर, दुर्घटना के बाद मॉल में मौजूद लोगों में भगदड़ व दहशत का माहौल बन गया। खोराबार थानाक्षेत्र के दिव्यनगर निवासी अनिकेत पांडेय बृद्ध रेवेन्यू होटल में फाइनेंस मैनेजर हैं। अनिकेत पांडेय ने बताया कि मंगलवार की रात उनकी पत्नी साक्षी अपने 8 साल के बेटे आद्वीक, तीन वर्षीय बेटी अदिति, अपनी बहनें स्मिता मिश्रा व जया मिश्रा के साथ ओरियन मॉल घूमने आई थीं। करीब 9 बजे सभी लोग तीसरी मंजिल पर स्थित ओपन फूड कोर्ट में बैठे हुए थे। इसी दौरान मासूम आद्वीक अचानक टेबल पर चढ़ गया। बताया जा रहा है कि कुछ ही पल में वह संतुलन खो बैठा और रेलिंग के पास से अनियंत्रित होकर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जा गिरा। बच्चे के गिरने की आवाज और चीख-पुकार से पूरे मॉल में हड़कंप मच गया। कई लोग मदद के लिए दौड़े और सुरक्षा कर्मी फौरन मौके पर पहुंचे। परिजन उसे तुरंत टीमोनियर हॉस्पिटल फिर शकुंतला अस्पताल लेकर गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए उसे सिटी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।इधर हादसे की जानकारी मिलते ही बच्चे के पिता अनिकेत पांडेय भी अस्पताल पहुंचे। उन्हें बदहवास हालत में इधर-उधर घूमते देखा गया। परिजनों के मुताबिक, गिरने के बाद बच्चे को गहरी चोटें आई हैं और डॉक्टर लगातार निगरानी में इलाज कर रहे हैं। परिवार और डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे की हालत फिलहाल गंभीर है और उसकी हर पल मॉनिटरिंग की जा रही है। इस संबंध में कैंट थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय चौकी की टीम मॉल पहुंची है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और मामले की जांच की जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, घटना पूरी तरह दुर्घटनावश हुई है, लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेकर पूछताछ की जाएगी।
भोपाल की सड़कों पर दौड़ने वाली सिटी बसों के टिकट कलेक्शन पर फिर सवाल खड़े हुए हैं। एक यात्री ने टिकट कलेक्शन में गड़बड़ी को उजागर करते हुए वीडियो बना लिया। यात्री ने बस कंडक्टर से पूछा कि किराया ले रहे, लेकिन टिकट क्यों नहीं दे रहे? जवाब में कंडक्टर ने कहा कि मशीन खराब है। ऐसे में टिकट कलेक्शन राशि में गड़बड़ी सामने आई है। इसकी शिकायत भी निगम अधिकारियों से की गई है। यात्री और कंडक्टर के बीच बातचीत का 47 सेकंड का वीडियो भी सामने आया है। सिटी बस रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से कटारा की जा रही थी। तभी यात्री कंडक्टर से टिकट मांगता है, लेकिन मशीन खराब होने के बहाने टिकट नहीं दी जाती है, जबकि किराया ले लिया जाता है। इस पर सवारी ने ही वीडियो बनाया। जिसमें वो कह रहा है कि पूरी बस भरी है। कंडक्टर ने किसी को टिकट नहीं दिया है। क्यों नहीं दिया, यह सवाल है। सवाल पर कंडक्टर ने कहा कि मशीन ही काम नहीं कर रही है। इस पर यात्री ने शिकायत करने की बात कही। शाम तक निगम अफसरों तक शिकायत भी पहुंच गईं। दो तरह से गड़बड़ीमशीन के जरिए टिकट नहीं दिए जाने पर दो तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है। पहली कि कंडक्टर निर्धारित से ज्यादा यात्रियों से किराया वसूले और दूसरा संबंधित बस एजेंसी को पूरी राशि नहीं दें। ऐसे में आगे चलकर एजेंसी संचालक नुकसान का हवाला दें और नगर निगम से रियायत मांगें। इस तरह गड़बड़ी की वजह से यात्री और निगम पर आर्थिक बोझ आ रहा है। भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बुरे हालबता दें कि भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बुरे हाल है। एक समय कुल 368 बसें सड़कों पर दौड़ रही थी, लेकिन बाद में बसें बंद होने लगी और अब इनकी संख्या 60 पर आ गई। कुछ दिन पहले ही 16 नई सीएनजी बसें चलने लगी, लेकिन यह काफी नहीं है। टिकट कलेक्शन के चलते ही बंद हो चुकी हैं बसेंडेढ़ साल पहले तक भोपाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में सिटी बसों का संचालन BCLL के जरिए 4 एजेंसी कर रही थी। इनमें मां एसोसिएट्स, एपी मोटर्स, श्री दुर्गांबा और आई-मोबिलिटी एजेंसी शामिल हैं। ये एजेंसियां 25 रूट पर बसें चला रही थी। इनमें से सबसे पहले पिछले साल 4 जुलाई को मां एसोसिएट्स ने 149 बसों का संचालन बंद किया था। इसकी वजह इन बसों में टिकिट कलेक्शन करने वाली एजेंसी 'चलो एप' की ओर से प्रति किमी दी जाने वाली राशि घटाने की मांग है, लेकिन डेढ़ साल बाद भी बीसीएलएल और निगम के जिम्मेदार इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पाए। इसके बाद अन्य एजेंसियों की बसें भी बंद होने लगी और संख्या 368 से घटकर 60 पर आ गई। चलो ऐप विवाद के बाद बसें बंद कर दी गईंचलो ऐप टिकट कलेक्शन एजेंसी थी, जिसे प्रति किलोमीटर राशि 33 रुपए देना था, लेकिन आमदनी 20 से 22 रुपए आ रही थी। इस राशि को कम करने की मांग उठ रही थी। बस ऑपरेटर और चलो ऐप में इस राशि को लेकर विवाद की स्थिति बनी। इसके बाद धीरे-धीरे बसें बंद कर दी गईं।
मेरठ में बीएलओ ने खाया जहरीला पदार्थ:आईसीयू में भर्ती, यूनियन का हंगामा; अधिकारी पहुंचे अस्पताल
मेरठ में काम के अत्यधिक दबाव से परेशान एक बीएलओ ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उन्हें गंभीर हालत में गढ़ रोड स्थित लोकप्रिय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना के बाद विभागीय यूनियन ने अस्पताल में हंगामा किया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मुंडाली थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा गांव निवासी मोहित चौधरी सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं। वह पल्लवपुरम में बीएलओ आईसीडी का कार्य भी संभालते हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, मोहित पिछले तीन दिनों से लगातार काम के दबाव में थे। उन पर तहसील सुपरवाइजर आशीष शर्मा द्वारा अत्यधिक कार्यभार डालने का आरोप है। मंगलवार देर रात मोहित चौधरी अपने घर लौटे और तनाव के चलते उन्होंने कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया। परिजनों ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और वे आईसीयू में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही विभागीय यूनियन के लीडर आशीष शर्मा और अन्य कर्मचारी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया। यूनियन का आरोप है कि अत्यधिक काम का दबाव और उत्पीड़न ही मोहित के इस आत्मघाती कदम की मुख्य वजह है। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए, एसीएम दीपक कथूरिया, नायब तहसीलदार आदेश सिंह और पुलिस बल तुरंत मौके पर पहुंचा। अधिकारियों ने अस्पताल में मोहित चौधरी की हालत का जायज़ा लिया और यूनियन के सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। यूनियन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों से 443 करोड़ रुपए की वसूली के मामले को लेकर विधानसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव ने जवाब दिया है। कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के सवाल पर खनिज विभाग ने विधानसभा में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 685 के उत्तर में जबलपुर जिले में बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन और राजस्व के नुकसान के मामले पर जवाब दिया। खनिज साधन विभाग ने स्वीकार किया है कि जबलपुर जिले की चार कंपनियों द्वारा निर्धारित स्वीकृति सीमा से अधिक रेत का उत्खनन किया गया। कंपनियों के नाम खनिज विभाग ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गठित दल एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर इन कंपनियों पर कुल ₹4,43,04,86,890 की वसूली निर्धारित की गई है। क्यों दिए नोटिस जबलपुर कलेक्टर द्वारा 10 नवंबर 2025 को जारी आदेशों (जिनकी प्रति विधायक को दी गई) में स्पष्ट है कि इन सभी आदेशों में कलेक्टर ने कंपनियों को 15 दिनों में वसूली जमा करने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा भू–राजस्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। विधानसभा में सरकार का जवाब—“कड़ी कार्रवाई की जा रही है। खनिज विभाग द्वारा विधानसभा सचिवालय को दिए गए लिखित उत्तर में कहा गया है कि जांच दल द्वारा तैयार अतिरिक्त उत्खनन रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है। संबंधित कंपनियों को वसूली आदेश जारी किए जा चुके हैं। वसूली राशि जमा न करने पर नियम 216 (खनिज नियम 2019) तथा भू–राजस्व संहिता के तहत आगामी कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस विधायक ने कहा: ये एक हजार करोड़ का खेलविधायक ने उठाया सवाल- ‘1000 करोड़ का रेत माफिया खेल’ विधानसभा में यह मुद्दा उठाने वाले विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि— जिले में लंबे समय से रेत ठेकेदार कथित संरक्षण के कारण मनमानी कर रहे थे। उनके अनुमान के अनुसार वास्तविक राजस्व हानि 1000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। सरकार को पूरे जिले और अन्य जिलों में भी व्यापक ऑडिट कराना चाहिए। कलेक्टर के आदेशों में सभी फर्मों में ये गड़बड़ी मिली अब आगे क्या? खनिज विभाग ने कहा है कि 15 दिनों की समय-सीमा के बाद वसूली न होने पर बैंक खातों की कुर्की, मशीनरी जब्ती, और पट्टा निरस्तीकरण की प्रक्रिया लागू की जाएगी। पूरे मामले की पुनः जांच भी की जाएगी ताकि जिले में भविष्य में ऐसा न हो। किस कंपनी में क्या गड़बड़ी ये खबर भी पढ़ें... विधायक संजय पाठक बोले-अफसरों ने अनुमान से रिपोर्ट बनाई कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी तीन फर्मों से 443 करोड़ की वसूली करने को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह के सवाल पर जवाब दिया। पूरी खबर पढ़ें
गोरखपुर के सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में चल रही 69वीं अखिल भारतीय रेलवे वॉलीबॉल चैम्पियनशिप–2025 का फाइनल मुकाबला 2 दिसंबर को खेला गया। रोमांच से भरे इस फाइनल में उत्तर रेलवे नई दिल्ली ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे गुवाहाटी को 3–1 से हराकर खिताब अपने नाम किया। फाइनल में जोरदार मुकाबला फाइनल मैच की शुरुआत से ही दोनों टीमों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। पहला सेट: उतार-चढ़ाव भरे खेल में उत्तर रेलवे ने 25-23 से जीत दर्ज की। दूसरा सेट: पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने शानदार वापसी करते हुए यह सेट 25-19 से अपने नाम किया। तीसरा सेट: दोनों टीमों ने 1-1 अंक के लिए जमकर मेहनत की, लेकिन अंत में उत्तर रेलवे 25-21 से सेट जीतने में सफल रहा। चौथा सेट: यह सेट भी बेहद रोमांचक रहा। उत्तर रेलवे ने 25-21 से जीत हासिल कर चैम्पियनशिप पर कब्जा कर लिया। तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में दक्षिण पश्चिम रेलवे ने पूर्व रेलवे को 27-25, 25-19 और 25-13 से हराया। पुरस्कार वितरण और सम्मान फाइनल मैच के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक उदय बोरवणकर ने विजेता और उपविजेता टीमों के खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक विनोद कुमार शुक्ल, नरसा के अध्यक्ष अभय कुमार गुप्ता, प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में खिलाड़ी तथा दर्शक उपस्थित रहे। समापन समारोह को संबोधित करते हुए उदय बोरवणकर ने कहा कि सभी टीमों ने उत्कृष्ट खेल कौशल और अनुशासन का परिचय दिया। उन्होंने विजेता और उपविजेता टीमों को बधाई देते हुए आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए नरसा अध्यक्ष अभय कुमार गुप्ता, महासचिव पंकज कुमार सिंह और उनकी टीम की सराहना की। 350 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा महासचिव पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस चैम्पियनशिप में कुल 18 टीमों के 350 से अधिक खिलाड़ी, कोच, रेफरी और आधिकारिक सदस्य शामिल हुए। सभी ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर पूर्वांचल के दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में खेल सुविधाओं का लगातार विकास हो रहा है, जिसका सकारात्मक असर खिलाड़ियों के प्रदर्शन में दिख रहा है। खिलाड़ियों और रेफरियों का उम्दा प्रदर्शन उत्तर रेलवे की ओर से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रोहित कुमार और समीर चौधरी का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा। टीम के कोच कप्तान सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फाइनल मैच में रेफरी के रूप में शेषनाथ कुशवाहा और उपेंद्र बहादुर सिंह (पूर्वोत्तर रेलवे) तथा चीफ रेफरी कनक राज (दक्षिण रेलवे) का विशेष योगदान रहा। दर्शकों में उत्साह फाइनल मुकाबला देखने के लिए बड़ी संख्या में वॉलीबॉल प्रेमी और खिलाड़ी स्टेडियम पहुंचे। पूरे मैच के दौरान दर्शकों में उत्साह और जोश बना रहा। समापन समारोह में एक आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस तरह रोमांचक मुकाबलों और उत्साहपूर्ण माहौल के बीच 69वीं अखिल भारतीय रेलवे पुरुष वॉलीबॉल चैंपियनशिप-2025 का सफल समापन हुआ, जिसमें उत्तर रेलवे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
उज्जैन के पास नागदा रेलवे स्टेशन पर दिव्यांग युवक को पीटने का वीडियो वायरल हुआ। दिव्यांग युवक को पीटने वाला कोई आम आदमी नहीं जीआरपी नागदा के आरक्षक था। घटना का वीडियो एसी कोच में बैठे एक यात्री ने बनाकर वायरल कर दिया। जिसके बाद जीआरपी एसपी ने आरक्षक को निलंबित कर दिया। घटना मंगलवार सुबह करीब 10 बजे के आसपास की बताई जा रही है। नागदा के प्लेटफार्म नंबर एक पर एक दिव्यांग अपने बेग के साथ सोया हुआ था। इस दौरान जीआरपी के प्रधान आरक्षक मानसिंह ने दिव्यांग को प्लेटफार्म पर जमकर पीटा। घटना का वीडियो एसी कोच के यात्री ने बनाकर वायरल कर दिया। जीआरपी के आरक्षक के अनुसार दिव्यांग शराब पीकर अपशब्द बोल रहा था। वायरल वीडियो में आरक्षक मानसिंह दिव्यांग युवक के साथ पहले थप्पड़ मारते हुए और फिर उसके लात मारते हुए दिखाई दे रहा है। इस दौरान दिव्यांग रोता हुआ स्टेशन से जाता हुआ भी दिख रहा है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जीआरपी एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरक्षक मानसिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनताजीआरपी एसपी ने निलंबन पत्र जारी किया वो भी वायरल हुआ जिसमें लिखा है कि डयूटी के दौरान एक दिव्यांग व्यक्ति के साथ मारपीट की जाने का वीडियो वायरल हुआ है। कार्यवाहक प्रधान आरक्षक के उक्त कृत्य के कारण रेल पुलिस की छवि जनमानस एवं यात्रियों में विपरीत प्रचारित हुई है। कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित है। मानसिंह, चौकी जीआरपी नागदा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
जयपुर में ट्रैफिक पुलिसकर्मी को बोनट पर लटकाकर ट्रक दौड़ाने का मामला सामने आया है। नो-एंट्री में घुस ट्रक को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी बोनट पर चढ़ा था। लोगों ने अपने वाहनों को ट्रक को आगे लगाने पर ड्राइवर ने रोका। आदर्श नगर थाना पुलिस ने ट्रक को जब्त कर ड्राइवर को अरेस्ट किया है। पुलिस ने बताया- भरतपुर के रूपवास निवासी रामपाल (52) ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। वह जयपुर में ट्रैफिक ब्रांच में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है। रविवार सुबह हेड कॉन्स्टेबल रामपाल की ड्यूटी गुरद्वारा मोड तिराहा स्थित पॉइंट पर थी। रात करीब 8:30 बजे ड्यूटी के दौरान एक ट्रक नो-एंट्री में आता दिखाई दिया। हेड कॉन्स्टेबल रामपाल ने इशारा कर उसको रोकने का प्रयास किया। ट्रक धीमा करने के बाद भी नहीं रोकने पर रामपाल बोनट पर चढ़कर रुकवाने का प्रयास करने लगे। ड्राइवर ने ट्रक को ओवर स्पीड में चलाकर पुलिसकर्मी को नीचे गिराने का प्रयास किया। करीब आधा किलोमीटर तक बोनट पर पुलिसकर्मी को लटका कर ट्रक दौड़ा ले गया। लोगों ने अपने वाहनों को आगे लगाकर ट्रक को रुकवाया। आदर्श नगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। ट्रक के साथ ड्राइवर को लेकर थाने लेकर आए। शराब के नशे में मिले ड्राइवर रघुवीर सिंह निवासी लक्ष्मणगढ़ सीकर पुलिस ने अरेस्ट किया। ट्रैफिक के हेड कॉन्स्टेबल रामपाल की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की है।
लखनऊ के चिनहट इलाके में मंगलवार देर रात मिठाई की दुकान में आग लग गई। तेज लपटें उठता देखा इलाके के लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां आग पर काबू पाने में लगी हैं। इंदिरा नगर, गोमतीनगर सहित टेलको से फायर बिग्रेड की गाड़ियां बुलाई गई हैं। आग का विकराल रूप देखते हुए हजरतगंज से भी गाड़ी रेडी करवाई गई है। 2 तस्वीरें देखिए... मटियारी चौराहे पर स्थित नरेंद्र अवस्थी का तीन मंजिला मकान है। जिसमें अवस्थी स्वीट्स और अवस्थी जनरल स्टोर चलता है। इसी मकान में तीन भाइयों का परिवार भी रहता है, मंगलवार को सभी परिवार के सदस्य एक शादी समारोह में गए थे। घर में एक लड़का और बुजुर्ग थे। इस दौरान शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। जिसने कुछ ही देर में विकराल रूप ले लिया। तेज लपटें देख स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस ने देखा अंदर दो लोग फंसे हैं। जिन्हें तत्काल खिड़की व दरवाजे तोड़कर बाहर निकाला गया। टीम की सूझबूझ से कोई जनहानि नहीं हुई है, हालांकि घर के दूसरे मंजिले तक आग फैल गई। जिससे घर का काफी सामान जल गया। करीब 6 गाड़ियां ने आग पर काबू पाया। फायरकर्मियों को धुंआ निकालने के लिए करनी पड़ी मशक्कत आग घर के मुख्य दरवाजे पर लगी थी। जिसके चलते फायरकर्मियों का अंदर जाना मुश्किल था और पूरी बिल्डिंग में धुंआ भर गया था। इसके चलते टीम ने सारी खिड़कियां तोड़नी शुरू की। अंदर से धुंआ बाहर निकालने के बाद टीम अंदर दाखिल हुई। जिसके बाद पंपिंग शुरू की गई। आग बीच-बीच वापस उठ रही थी। जिसके चलते कर्मियों को काफी दिक्कत हुई।
सोनभद्र में धर्म परिवर्तन कराने का आरोप:चंगाई सभा में शामिल पास्टर और पत्नी समेत 2 पर FIR
सोनभद्र में मंगलवार को कथित धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया। यहां सुनील पाल के घर पर एक चंगाई सभा आयोजित की जा रही थी, जिसमें पास्टर रामू प्रजापति, उनकी पत्नी रिंकी सहित करीब एक दर्जन लोग मौजूद थे। इसी दौरान हिंदू संगठन के सदस्यों को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और सभा का विरोध किया। उन्होंने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम गांव पहुंची और घर में मौजूद सभी लोगों को पूछताछ के लिए कोतवाली ले आई। शिकायतकर्ताओं की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मामला के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बभनौली गांव का है। शिकायतकर्ता एवं भाजयूमो के जिला मंत्री शिवम राजपूत ने आरोप लगाया कि घर में धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से प्रार्थना सभा चल रही थी। उनका कहना है कि विरोध के दौरान आरोपी पक्ष ने स्थानीय महिलाओं को आगे कर धमकाने की कोशिश की। राजपूत ने कहा कि जिले में किसी भी रूप में धर्मांतरण की गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं, आरोपी पक्ष का कहना है कि वे अपने घर में नियमित रूप से प्रभु यीशु की प्रार्थना कर रहे थे। उनका आरोप है कि हिंदू संगठनों के लोग बिना अनुमति घर में घुस आए। उनका कहना है कि संविधान सभी नागरिकों को अपनी पसंद के धर्म में प्रार्थना व उपासना करने का अधिकार देता है। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार कुछ संगठनों के माध्यम से माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। पुलिस के अनुसार, मामले में पास्टर रामू प्रजापति और उनकी पत्नी रिंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जा रही है। पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है।

