बेगूसराय में असम पुलिस के कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि पत्नी और बच्चों ने ही उसे पीट-पीटकर मार डाला। मृतक की पहचान जागेश्वर मलिक के बेटे जंगली मलिक (57) के तौर पर हुई है। घटना मंसूरचक थाना क्षेत्र के मंसूरचक गांव वार्ड नंबर-10 और गणपतौल सीमा की है। पुलिस ने जंगली की पत्नी, बेटा और बेटी को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक जंगली मलिक की पत्नी, दो बेटे और एक बेटी के साथ गांव में रहती थी। कुछ दिन पहले जंगली ने असम में एक महिला से शादी कर ली थी। परिवार इसी बात को लेकर नाराज था। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए पूरा घटनाक्रम... खेत में ले जाकर पत्नी, बच्चों ने मार डाला पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार देर शाम जंगली मलिक की पत्नी और बेटे घर से करीब 500 मीटर दूर खेत में किसी बहाने से ले गए, जहां बांस के छोटे टुकड़े से जमकर पिटाई की गई। थोड़ी देर बाद एक बच्चे की नजर पड़ी तो उसने गांव में आकर शोर मचाया की कोई बेहोश गिरा पड़ा हुआ है। गांव के लोग दौड़े और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस उसे उठाकर मंसूरचक PHC लाई, जहां से सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल पर काफी खून बिखरा हुआ है और बांस का टुकड़ा पड़ा है, जिस पर खून लगा है। असम में दूसरी शादी की थी परिवार के कुछ लोगों ने बताया कि जंगली असम में रहता था। वो यहां बहुत कम ही आता था। कभी-कभी उनकी पत्नी से बात होती थी तो वो बताती थीं कि उसने असम में दूसरी शादी कर रखी है। उस महिला से भी उसे बच्चे थे। दूसरी शादी की वजह से वो घर पर कम ध्यान देता था। पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी भी नहीं उठाता था। कई बार इसे लेकर घर में झगड़े हुए थे, लेकिन जंगली को कोई फर्क नहीं पड़ता था। कई बार परिवार के लोगों ने भी उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वो उस महिला को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। जंगली रिटायर होने के बाद गांव में रहने के लिए एक घर बनवा रहा था। जिसकी देखरेख के लिए बीच-बीच में आता था। 5 दिन पहले जंगली गांव आया तो परिवार के लोगों के साथ बहस हुई थी। इस के बाद पत्नी ने दोनों बच्चों के साथ मिलकर उसकी हत्या की प्लानिंग की और उसे मार दिया। अब जानिए परिवार के लोगों ने क्या कहा पुलिस ने पत्नी और दोनों बच्चों को हिरासत में लिया वारदात के बाद परिवार के सभी लोग फरार हो गए थे। इसके बाद कार्रवाई करते हुए देर रात पुलिस ने मृतक की पत्नी, बेटे और बेटी को दलसिंहसराय से पकड़ा। सभी से हत्याकांड को लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस जल्द पूरे मामले का खुलासा करेगी। पुलिस की शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि कॉन्स्टेबल की असम में अफेयर था इसी वजह से परिवार ने ही हत्या की है।
नाम: महंत सीताराम दासपिता/अभिभावक का नाम: महंत त्रिभुवन दास जीमां का नाम: जानकी माता अयोध्या के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत सीताराम दास ने SIR यानी स्पेशल इंटेसिव रिवीजन के फॉर्म में यही जानकारी दी है। महंत सीताराम दास की तरह अयोध्या के करीब 15 हजार साधु-संतों में ज्यादातर ने पिता वाले कॉलम में अपने गुरु या हिंदू देवताओं के नाम लिखे हैं। ऐसे ही माता के नाम के आगे कौशल्या, सीता, जानकी, दुर्गा और सरस्वती माता लिखा है। साधु-संत BJP के वोटर माने जाते हैं, इसलिए पार्टी को चिंता है कि उनके वोट कट न जाएं। 14 दिसंबर, 2025 को यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि यूपी की वोटर लिस्ट से करीब चार करोड़ वोटर गायब हैं। उन्होंने BJP नेताओं से कहा कि ये लोग आपके विरोधी नहीं हैं, बल्कि 90% आपके वोटर हैं। CM योगी ने आगे कहा कि यूपी की आबादी लगभग 25 करोड़ है। इनमें 65% मतदाता होने चाहिए। इस हिसाब से लगभग 16 करोड़ वोटर होंगे, लेकिन SIR में ये संख्या करीब 12 करोड़ ही आई है। माना जा रहा है कि इस वजह से यूपी में SIR की तारीख बढ़ सकती है। चार करोड़ वोटर सच में गायब हो गए हैं या वे फॉर्म नहीं भर पाए हैं, क्या फॉर्म रिजेक्ट हो रहे हैं, इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने चुनाव आयोग के अफसरों और एक्सपर्ट से बात की। SIR से जुड़ी दिक्कतें सिर्फ साधु-संतों तक नहीं हैं, प्रवासी कामगार भी इससे प्रभावित हैं। केस 1: SIR फॉर्म में मां के नाम की जगह सीता, जानकी और कौशल्या के नामअयोध्या के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत सीताराम दास ने 10 दिसंबर को SIR का फॉर्म भरा था। संन्यासी धर्म के मुताबिक, उन्होंने फॉर्म में असली माता-पिता की पहचान न लिखकर गुरु और हिंदू देवी-देवताओं के नाम लिखे हैं। इसकी वजह पूछने पर महंत सीताराम दास कहते हैं, ‘मैं पारिवारिक जीवन से संन्यास ले चुका हूं और विरक्त परंपरा का निर्वाहन कर रहा हूं। विरक्त मतलब जिसने अपने रक्त संबंध से रिश्ता तोड़ दिया हो। अब न हमारी कोई माता हैं, न पिता हैं और न कोई गोत्र है। हमारे लिए तो ईश्वर ही सब कुछ है। मैंने अपने SIR फॉर्म में मां के नाम की जगह जानकी माता का नाम लिखा है क्योंकि वही पूरे जगत को पालती हैं, सबकी मां वही हैं।’ SIR फॉर्म में रामायण काल से जुड़े नाम लिखने की शुरुआत BJP के पूर्व सांसद और दिवंगत हिंदू धाम पीठाधीश्वर डॉ. राम विलास दास वेदांती ने की थी। उन्होंने फॉर्म में मां के कॉलम में जानकी माता का नाम लिखा था। इसके बाद अयोध्या के दिगंबर अखाड़े और हनुमान गढ़ी के बाकी संतों ने भी ऐसा ही किया। अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक शहर में 60 वार्ड हैं। यहां 24.7 लाख लोग रहते हैं। इनमें 12.6 लाख पुरुष और 12.1 लाख महिलाएं हैं। इनमें 15 हजार से ज्यादा साधु-संत हैं। ये निर्मोही, दिगंबर और निर्वाणी अनी अखाड़ों में रहते हैं। फॉर्म में भगवान का नाम लिखने से उनकी जानकारी अधूरी मानी जा रही है। BJP के अवध प्रांत से जुड़े एक सीनियर लीडर इसे पार्टी के लिए बड़ा संकट मानते हैं। नाम न जाहिर करने की गुजारिश पर वे कहते हैं, ‘साधु समझ नहीं पा रहे हैं कि इस फैसले से उनका फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है। ऐसा हुआ तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा। मैंने खुद अयोध्या के संत समाज से अपील है कि वे फॉर्म में अपने वास्तविक माता-पिता का नाम भरें। कई लोगों ने मेरी बात मानकर सही फॉर्म भरा है, लेकिन ये संख्या बहुत कम है।’ वहीं, अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी बताते हैं, ‘हमने इस मसले पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से बात की है। उन्होंने इस पॉइंट को गंभीरता से लेते हुए अयोध्या के लिए खास निर्देश दिए हैं। फिलहाल कोई दिक्कत नहीं आ रही है।’ एक्सपर्ट बोले- साधुओं के लिए SIR में अलग ऑप्शन होसीनियर जर्नलिस्ट वीएन दास कहते हैं, ‘SIR प्रक्रिया में सबसे ज्यादा उन वोटर्स के रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आ रही हैं, जो अपना मूल स्थान छोड़कर कहीं और बस गए। इसमें खासतौर पर असंगठित क्षेत्रों से जुड़े कामगार और मठों-मंदिरों में बचपन से रह रहे साधु-संत शामिल हैं।’ 'हाल में दिवंगत अयोध्या के वरिष्ठ संत राम विलास वेदांती जी 12 साल की उम्र में घर छोड़कर अयोध्या आ गए थे। उन्हीं की तरह अयोध्या में ऐसे कई संन्यासी हैं, जो बचपन में यहां आए और फिर बाबा बन गए। अपनी उम्र के इतने साल बिताने के बाद कई संत ऐसे भी हैं, जिन्हें असल माता-पिता का नाम भी नहीं पता है। यही वजह है कि उनके फॉर्म अब न चाहते हुए भी अधूरे रह जाएंगे।’ 'SIR फॉर्म में साधु-महात्माओं और घुमंतु समुदायों के लिए नए विकल्प जोड़े जाने चाहिए। अगर उनके 2003 के वोटर रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैं, तो उनके आधार-पैनकार्ड या अस्थायी पते को ही प्रूफ मानकर फॉर्म जमा किया जाना चाहिए।’ केस 2: आधार कार्ड-NRC है, लेकिन घुसपैठिया बोला जा रहाSIR प्रक्रिया के बीच 22 नवंबर को CM योगी ने सभी DM को आदेश दिया कि वे जिलों में घुसपैठियों की पहचान करें और उनके खिलाफ सख्त एक्शन लें। इस आदेश के बाद 4 दिसंबर को लखनऊ नगर निगम की टीम गुडंबा थाने की फूलबाग कॉलोनी पहुंची। अधिकारियों ने झुग्गी बस्ती में रहने वाले असम के लगभग 50 मजदूर परिवारों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। ये लोग कचरा बीनने का काम करते हैं। 2 साल पहले असम के गोलपाड़ा जिले से लखनऊ आई कुलसुम निसा भी फूलबाग झुग्गी बस्ती में रहती हैं। उनका नाम गोलपाड़ा की वोटर लिस्ट में है। 17 नवंबर को चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, असम में वोटर लिस्ट में एसआर यानी स्पेशल रिवीजन का काम शुरू हो गया। कुलसुम को अब तक एसआर के बारे में कुछ नहीं पता। उन्हें अपने घर की फिक्र है। वे कहती हैं, ‘4 दिसंबर को मेयर मैडम (सुषमा खर्कवाल) बस्ती में आई थीं। उनके साथ 10-12 लोग और थे। वे बिना कुछ पूछे हमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या बोलकर डांटने लगीं। कहने लगीं कि तुम लोग अवैध तरीके से यहां रह रहे हो। हमने उन्हें अपना आधार कार्ड और NRC का कागज दिखाया, लेकिन वे बात सुनने को तैयार नहीं थीं।’ इस पर लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहना है कि फूलबाग कॉलोनी में रहने वाले कई लोग वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इसलिए उन्हें ये जगह खाली करनी होगी।’ कुलसुम के पड़ोसी इनताज अली को भी घर खाली करने के लिए कहा गया है। वे भी शहर में कचरा उठाने का काम करते हैं। 8 हजार रुपए महीना कमाते हैं। इनताज कहते हैं, ‘हम रोहिंग्या-बांग्लादेशी नहीं हैं, भारत के नागरिक हैं। हमने कभी गैरकानूनी काम नहीं किया। न ही हम सरकारी जमीन पर कब्जा करके रह रहे हैं। यहां रहने के लिए हम 1,000 रुपए महीने भाड़ा देते हैं। हम असम के रहने वाले हैं, हमें किसी से डर नहीं लगता।’ हमने इनताज से पूछा कि क्या आपका स्पेशल रिवीजन फॉर्म भरा गया है? इनताज जवाब देते हैं, हमारा वोटर आईडी गोलपाड़ा के बहाती गांव का है। हम वहीं वोट देते हैं। सालभर पहले हम बच्चों से मिलने गांव गए थे, तब से लखनऊ में हैं। अभी वहां फॉर्म भरवाए गए या नहीं, ये पता नहीं है। DEO बोले- फॉर्म में माता-पिता का नाम जरूरी, अधूरे फॉर्म पर नोटिस देंगेSIR फॉर्म में आ रही दिक्कतों पर हमने यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा और अयोध्या के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर अनिरुद्ध प्रताप सिंह से बात की। मठों-मंदिरों में रहने वाले साधुओं के SIR वेरिफिकेशन पर डिप्टी DEO अनिरुद्ध कहते हैं, ‘SIR फॉर्म में अपने माता-पिता का नाम और बाकी डीटेल्स देना जरूरी है।' 'फॉर्म भरने वाले का सिग्नेचर भी प्रक्रिया के लिए पर्याप्त माना जा रहा है। इसलिए जो साधु-संत फॉर्म में अपनी मां का नाम नहीं दे पा रहे हैं, उनके लिए उनके साइन ही सबसे बड़ा प्रमाण माना जाएगा। उन्हें मां के कॉलम में दर्ज नाम से जुड़े सबूत देना जरूरी नहीं है।’ ‘वोटर के दिए फॉर्म SDM के पास स्क्रूटनी के लिए जाते हैं। वहां चेक किया जाता है कि 2003 की मतदाता सूची से वोटर और उसके माता-पिता की मैपिंग हो रही है या नहीं। अगर गलतियां सामने आती हैं, तो वोटर को नोटिस जारी किया जाता है।’ वहीं, यूपी के चीफ इलेक्शन ऑफिसर नवदीप रिणवा कहते हैं, ‘अगर आपको SIR फॉर्म भरने में दिक्कत आ रही है या फिर BLO को लेकर कोई शिकायत है, तो वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 पर फोन करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा वोटर खुद निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) और DEO से मिलकर शिकायत कर सकते हैं।’ एक मामला ये भी…गलत फॉर्म भरा, 80 साल की नूरजहां पर केस दर्जयूपी के रामपुर की रहने वाली 80 साल की नूरजहां SIR फॉर्म भरकर मुसीबत में पड़ गईं। उनके दोनों बेटे आमिर और दानिश खान बीते 5 साल से कुवैत में रह रहे हैं। नूरजहां ने SIR फॉर्म में उनका नाम दर्ज करवा दिया, लेकिन उन्होंने दोनों के विदेश में होने की जानकारी नहीं दी। बूथ लेवल ऑफिसर ने उनका डेटा ऑनलाइन जमा किया, तो ये गड़बड़ी सामने आ गई। इसके बाद रामपुर DM अजय कुमार द्विवेदी की तरफ से नूरजहां पर गलत जानकारी देने का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। नूरजहां पर सिविल लाइन थाने में BLO सुपरवाइजर की शिकायत पर FIR लिखी गई। उनके विदेश में रह रहे दोनों बेटों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। अब नूरजहां ने इस मसले को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग महिला को SIR की वजह से परेशान होना पड़ रहा है। SIR के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य का फॉर्म भर सकता है, बशर्ते वह अपने रिश्ते का जिक्र करे। नूरजहां ने बेटों के लिए फॉर्म भरते समय मां के रूप में खुद की सही पहचान बताई। उन्होंने कोई गलत जानकारी नहीं दी, जालसाजी या कानून का उल्लंघन नहीं किया। दिक्कतों के साथ SIR की डेडलाइन भी बढ़ीराजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की शुरुआत हुई थी। 11 दिसंबर को चुनाव आयोग ने राज्यों में प्रक्रिया में हो रही देरी, BLO की मांग और काम के बोझ को कम करने के लिए UP सहित 6 राज्यों में SIR प्रक्रिया की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया। यूपी में 31 दिसंबर, अंडमान, छ्त्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 23 दिसंबर तक प्रोसेस चलती रहेगी। गुजरात-तमिलनाडु में 19 दिसंबर को प्रोसेस पूरी हो चुकी है।
pm modi in assam: प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी में असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और क्षेत्र के सतत विकास के लिए नई परियोजनाओं का शुभारंभ किया है.
डबल इंजन सरकार कांग्रेस द्वारा पैदा की गई समस्याओं को हल कर रही है: असम में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन वाली...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय असम दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआई) पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने गुवाहाटी हवाई अड्डे पर गोपीनाथ बोरदोलोई की 80 फुट ऊंची भव्य मूर्ति का अनावरण किया
हरियाणा के नारनौल शहर से एक 39 साल की महिला और उसकी 11 साल की बेटी के लापता होने का मामला सामने आया है। लापता महिला के पति ने इस बारे में सिटी थाना में शिकायत दी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी। नारनौल के गांव बलाहा कलां निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि वह शहर के निजामपुर रोड पर ईश्वर कॉलोनी के पास रहता है। वह एक निजी अस्पताल में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्य करता है और विवाहित है। उसके दो बच्चे हैं। उसकी पत्नी जिसकी उम्र 39 वर्ष और 11 साल की बेटी बीते दिनों दोपहर करीब 12 बजे सब्जी लाने की कहकर निकली थीं, लेकिन इसके बाद वापस नहीं लौटीं। कई जगह किया तलाश इससे बाद उसने अपनी पत्नी व बेटी की तलाश अपने स्तर पर रिश्तेदारों और अन्य संभावित स्थानों पर की, लेकिन उनका कहीं कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद उसने 18 दिसंबर को थाना सिटी नारनौल में शिकायत देने पहुंचा। जहां पर उसने शिकायत देकर पत्नी व बेटी को तलाश करने की गुहार लगाई है। मूल रूप से असम की रहने वाली शिकायत के अनुसार उसकी पत्नी मूल गांव मागोरमारी, जिला कोकराझार (असम) बताया गया है। जिस दिन लापता हुई, उस दिन उसने हरे रंग का सूट, पैरों में चप्पल पहनी थी। वहीं उसकी बेटी ने गुलाबी रंग का सूट व नीले रंग की प्लाजो पहना हुआ है। पुलिस तलाश में जुटी पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लापता महिला तथा उसकी बेटी की तलाश शुरू कर दी है।
कौन हैं असम की अर्चिता फुकन? अमेरिकी एडल्ड स्टार संग तस्वीर शेयर करके मचाई सनसनी
असम की रहने वाली अर्चिता फुकन इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई है। बीते दिनों अर्चिता ने एक अमेरिकी एडल्ड स्टार केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर शेयर की थी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इसके बाद से हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अर्चिका फुकन है कौन? ...
घर पर ताला लगाकर गायब हुए रणवीर अल्लाहबादिया, खाली हाथ लौटी मुंबई और असम पुलिस!
कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में माता-पिता पर भद्दा कमेंट करके यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया मुश्किलों में घिर चुके हैं। देश के कई राज्यों में रणवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं यह मामला संसद तक उठ चुका है। अब खबर आ रही है कि ...
Ramen Baruah missing : मनोरंजन जगत से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। असम के प्रख्यात गायक, संगीतकार और निर्देशक रमन बरुआ तीन दिन से लापता हैं। रमन बरुआ बीते सोमवार गुवाहाटी के लतासिल इलाके में अपने घर से पास के मंदिर में दर्शन करने के लिए ...

