भारतीय रेलवे लगातार अपना विस्तार कर रहा है. ट्रेनों की संख्या बढ़ाने से लेकर रूट विस्तार पर जोर दिया जा रहा है. भारत के कोने-कोने को रेलों से जोड़ने पर जोर है. नार्थ ईस्ट में रेल नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.
बरनाला के सैनिक का असम में निधन:ड्यूटी के दौरान बीमारी से मौत, राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार
बरनाला जिले के तपा मंडी निवासी 26 वर्षीय सैनिक लवली गिल का असम में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण बीमारी बताया जा रहा है। लवली गिल पुत्र सुरजीत सिंह तपा मंडी की आनंदपुर बस्ती दराज रोड के निवासी थे। वह 2018 में सेना की 18 सिख लाइट रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और वर्तमान में उनकी तैनाती असम के गुवाहाटी में थी। लवली अपने गरीब परिवार, माता-पिता और छोटे भाई-बहन की जिम्मेदारी निभा रहे थे। बीमारी के कारण बिगड़ी तबीयत अचानक बीमारी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके चलते उनका निधन हो गया। लवली गिल 12वीं कक्षा के बाद सेना में शामिल हुए थे और चार महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे। मृतक सैनिक लवली गिल का अंतिम संस्कार सेना की यूनिट द्वारा राजकीय सम्मान के साथ किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और तपा मंडी शहर के बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे, हालांकि मौजूदा आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का कोई बड़ा नेता नजर नहीं आया।
एमपी के मुरैना के सबलगढ़ में पिछले हफ्ते ( 26 अक्टूबर) को एक 18 साल की युवती को मरे हुए सांप ने काट लिया। परिजन युवती को पहले झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए, मगर तबीयत ज्यादा खराब हो गई। जब उसे अस्पताल ले गए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इस घटना के बाद सवाल उठे कि क्या मरा हुआ सांप भी किसी को काट सकता है? अगर हां, तो कैसे? युवती की मौत का असली कारण क्या था? क्या यह अपनी तरह की अकेली घटना है? भास्कर ने इस पूरे मामले की तह जाने के लिए एक्सपर्ट से बात की। एक्सपर्ट ने कहा कि मौत के बाद भी सांप खतरनाक होता है, आखिर कैसे? पढ़िए रिपोर्ट... अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक में समय बर्बाद जैसे ही मरे हुए सांप ने भारती को काटा। परिवार के लोगों को उस पर भरोसा नहीं हुआ। मगर, सांप काटने के कुछ ही मिनटों में जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो परिवार घबरा गया और उन्होंने वही किया जो ग्रामीण भारत में अक्सर होता है। वे उसे अस्पताल ले जाने के बजाय स्थानीय झाड़-फूंक और देसी इलाज करने वालों के पास ले गए। एक गांव से दूसरे गांव तक की दौड़-भाग में कीमती समय बर्बाद होता रहा और जहर भारती के शरीर में फैलता गया। जब तक वे उसे गंभीर हालत में सबलगढ़ अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। कोई अकेली घटना नहीं, असम में आ चुके तीन मामले भारती की मौत जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही यह दुर्लभ भी नहीं है। असम के शोधकर्ताओं की तरफ से प्रकाशित मेडिकल रिपोर्ट, ‘ए केस रिपोर्ट ऑफ डेड स्नेक एमवेनोमिंग एंड ट्रीटमेन्ट’, इस हकीकत की पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट में तीन ऐसे मामलों का विस्तार से जिक्र है, जो साबित करते हैं कि एक सांप मारे जाने के घंटों बाद भी जानलेवा हो सकता है। पहला केस: फेंकते समय कोबरा का हमलाअसम के शिवसागर जिले में एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने अपने घर में मुर्गियां खा रहे एक मोनोकोल्ड कोबरा को मार डाला। जब वह मरे हुए सांप को फेंकने के लिए उठा रहा था, तो सांप के कटे हुए सिर ने उसके दाहिने अंगूठे पर काट लिया। कुछ ही मिनटों में असहनीय दर्द उसके कंधे तक फैल गया और उसे कई बार उल्टियां हुईं। एक घंटे के भीतर वह अस्पताल पहुंचा, जहां घाव का हिस्सा काला पड़ चुका था। डॉक्टरों ने तुरंत एंटी वेनम दिया, लेकिन जहर अपना काम कर चुका था। घाव में फफोले पड़ गए जो सड़न में बदल गए। उस व्यक्ति को पूरी तरह ठीक होने में 40 दिन लगे। दूसरा केस: मौत के तीन घंटे बाद करैत का काटनाअसम के कामरूप जिले में कुछ लोगों ने एक ब्लैक करैत सांप को मारकर फेंक दिया। लगभग तीन घंटे बाद, एक व्यक्ति ने उत्सुकता से सांप का सिर उठाने की कोशिश की, तभी 'मृत' सांप ने उसकी उंगली पर डस लिया। शुरुआत में दर्द न होने के कारण उसने इसे नजरअंदाज कर दिया। आधी रात को उसे बेचैनी और निगलने में दिक्कत होने लगी। यह न्यूरो टौक्सिक जहर के लक्षण थे। अगली दोपहर जब उसे अस्पताल लाया गया, तो उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। 43 घंटों के संघर्ष के बाद उसकी हालत में सुधार हुआ और छठे दिन उसे छुट्टी मिली। तीसरा केस: ट्रैक्टर से कुचलने के घंटों बाद हमलाइसी जिले में एक किसान ने सुबह खेत में ट्रैक्टर चलाते समय एक कोबरा को कुचल दिया। उसे लगा कि सांप मर चुका है। कुछ घंटे बाद जब वह ट्रैक्टर से उतरा, तो उसी मृत सांप ने उसके पैर पर काट लिया। दर्द और सूजन बढ़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। एंटी वेनम से उसकी जान तो बच गई, लेकिन पैर को पूरी तरह से ठीक होने में 65 दिन लग गए। खतरनाक 'रिफ्लेक्स एक्शन'उज्जैन स्थित रेप्टाइल कंजर्वेशन एंड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ. मुकेश इंगले बताते हैं, 'सांप के मरने के बाद उसका नर्वस सिस्टम तुरंत बंद नहीं होता। उसके आंतरिक अंग धीरे-धीरे काम करना बंद करते हैं।' इसे 'रिफ्लेक्स एक्शन' कहते हैं। इसका मतलब है कि सांप का मस्तिष्क भले ही मर चुका हो, लेकिन उसकी मांसपेशियां और तंत्रिका किसी बाहरी उत्तेजना (जैसे स्पर्श) पर प्रतिक्रिया दे सकती हैं। भोपाल के वेटरनरी डॉक्टर ब्रजेश गुप्ता इसे एक सरल उदाहरण से समझाते हैं, 'आपने अक्सर देखा होगा कि छिपकली की पूंछ कटने के बाद भी कुछ देर तक फड़कती रहती है। सांपों में यह रिफ्लेक्स एक्शन और भी शक्तिशाली होता है और यह उनके जबड़ों को काटने के लिए प्रेरित कर सकता है।' जहर की सिरिंज जैसी प्रणालीडॉ. गुप्ता के अनुसार, 'सांपों में जहर की ग्रंथि उनके विष दंत से जुड़ी होती है और यह एक सिरिंज की तरह काम करती है।' जब सांप काटता है, तो मांसपेशियों के दबाव से जहर ग्रंथियों से निकलकर दांतों के जरिए शरीर में पहुंच जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से यांत्रिक हो सकती है। मौत के बाद भी अगर सांप के विष दंत किसी के शरीर में धंस जाएं और गलती से विष ग्रंथि पर दबाव पड़ जाए, तो जहर शरीर में इंजेक्ट हो सकता है। चिंताजनक बात यह है कि एक मरे हुए सांप का काटना, जिंदा सांप से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जिंदा सांप यह नियंत्रित कर सकता है कि उसे कितना जहर छोड़ना है। मरने के बाद उसका यह नियंत्रण खत्म हो जाता है। ऐसे में जब कोई मरा हुआ सांप काटता है, तो उसकी विष ग्रंथि का सारा जहर एक साथ शरीर में जा सकता है, जो पीड़ित के लिए लगभग निश्चित मौत का कारण बन सकता है। मौत की असली वजह जहर या अंधविश्वास?सर्पदंश के 17,000 से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके सर्जन डॉ. डी.सी. पटेल इस तरह की घटनाओं में एक और बड़े कातिल की ओर इशारा करते हैं और वह है अंधविश्वास। वे कहते हैं, 'लोग झाड़-फूंक और टोने-टोटकों के चक्कर में कीमती समय गंवा देते हैं। जब तक वे अस्पताल पहुंचते हैं, जहर नर्वस सिस्टम में फैल चुका होता है, जिससे एंटी-स्नेक वेनम का असर भी कम हो जाता है। भारती कुशवाह की दुखद मौत दो वजहों से हुई- पहली, सांप के दंश जैसी एक दुर्लभ जैविक घटना, और दूसरी, जानकारी के अभाव में इलाज में हुई देरी। उसकी कहानी एक गंभीर चेतावनी है कि सांप, चाहे जीवित हो या मृत, हमेशा खतरनाक होता है। लाखों वर्षों में विकसित हुई उसकी आत्मरक्षा की प्रणाली मौत के साथ तुरंत खत्म नहीं होती। वह एक आखिरी, घातक हमले के लिए तैयार रहती है।
भारतीय रेलवे आने वाले 2-3 साल में पूरे देश में 200 वंदे भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें और 50 नमो भारत रैपिड रेल चलाने की तैयारी कर रहा है। इस मेगा प्रोजेक्ट में अब रायपुर रेल मंडल भी शामिल होने जा रहा है। रेलवे के अनुसार, रायपुर को शुरुआती चरण में ही नई हाई-स्पीड और प्रीमियम ट्रेन सेवाएं मिलने की संभावना है। मंडल प्रशासन ने हावड़ा, मुंबई, जयपुर और असम (कामाख्या) के लिए अमृत भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेजा है। रेलवे बोर्ड से इस पर सकारात्मक संकेत मिले हैं, यानी जल्द इन रूटों पर ट्रेनें शुरू होने का ऐलान हो सकता है। पूर्वोत्तर भारत से भी होगी सीधी कनेक्टिविटी रायपुर से कामाख्या (असम) के लिए अमृत भारत ट्रेन प्रस्तावित है। इससे पहली बार रायपुर की डायरेक्ट कनेक्टिविटी पूर्वोत्तर भारत से बनेगी। इस रूट पर भारी यात्री संख्या को देखते हुए यह सेवा बेहद लाभकारी मानी जा रही है। मुंबई-हावड़ा रूट को मिलेगा प्रीमियम ट्रेन विकल्प मुंबई और हावड़ा रूट पर ट्रेन शुरू होने से लंबी दूरी के यात्रियों को तेज, आरामदायक और आधुनिक यात्रा का अनुभव मिलेगा। फिलहाल रायपुर से नागपुर और विशाखापट्टनम के लिए वंदे भारत चल रही है। आने वाले महीनों में चार नई अमृत भारत ट्रेनें मिलने की उम्मीद है। जयपुर और असम के लिए वंदे भारत भी प्रस्तावित रायपुर से जयपुर और असम के लिए भी वंदे भारत एक्सप्रेस का प्रस्ताव है। नई सेवाएं शुरू होने के बाद यात्रियों को 4 से अधिक प्रीमियम ट्रेनों का विकल्प मिलेगा, जिससे टिकट मिलना आसान होगा। कौन सी ट्रेन कब और क्यों? रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जैसे ही नए रैक तैयार होंगे, ट्रेनों को इन रूटों पर रोलआउट कर दिया जाएगा। शुरूआती सूची में रायपुर का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
सिंगर जुबीन गर्ग की मौत का सच गहराया, असम सरकार ने जांच के लिए गठित की एसआईटी
फेमस असमिया और बॉलीवुड सिंगर जुबीन गर्ग के अचानक निधन से उनके फैंस के बीच शोक की लहर है। जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में स्कूबा डाइविंग के दौरान निधन हो गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के डीजीपी से जुबीन गर्ग ...
प. बंगाल और असम में अल्पसंख्यकों की स्थिति में विरोधाभास
असम में भारतीय जनता पार्टी और प. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के शासन के बीच, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि अल्पसंख्यक समुदायों के संबंध में दोनों राज्य सरकारों द्वारा अपनाई गई आधिकारिक नीतियां बिल्कुल अलग हैं।
घर पर ताला लगाकर गायब हुए रणवीर अल्लाहबादिया, खाली हाथ लौटी मुंबई और असम पुलिस!
कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में माता-पिता पर भद्दा कमेंट करके यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया मुश्किलों में घिर चुके हैं। देश के कई राज्यों में रणवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं यह मामला संसद तक उठ चुका है। अब खबर आ रही है कि ...
Ramen Baruah missing : मनोरंजन जगत से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। असम के प्रख्यात गायक, संगीतकार और निर्देशक रमन बरुआ तीन दिन से लापता हैं। रमन बरुआ बीते सोमवार गुवाहाटी के लतासिल इलाके में अपने घर से पास के मंदिर में दर्शन करने के लिए ...

 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						