नवादा जिले के बुंदेलखंड थाना प्रभारी धनवीर कुमार ने शुक्रवार को पुलिस बल के साथ स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और आपातकालीन सेवा डायल 112 के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करना था। थाना प्रभारी ने बुंदेलखंड थाना क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों का दौरा किया। उन्होंने छात्रों को साइबर अपराधों से बचाव के तरीके बताए। इसके अतिरिक्त, महिला सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों और आपातकालीन स्थिति में डायल 112 का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के बारे में विस्तार से समझाया। अभियान के दौरान, छात्रों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें इनसे बचाव के लिए आवश्यक जानकारी दी गई।थाना प्रभारी ने सभी छात्रों को आश्वस्त किया कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है और किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए उनसे संपर्क करने को प्रोत्साहित किया।
उदयपुर जिले के भीण्डर उपखंड क्षेत्र में कोमल राजीविका महिला सर्वांगीण विकास सहकारी समिति प्रा.लि. बांसड़ा की वार्षिक आमसभा शुक्रवार को मंगरिया श्याम बावजी चारगदिया के यहां संपन्न हुई। इस आमसभा का आयोजन सी.एल.एफ. पदाधिकारी, ब्लॉक परियोजना प्रबंधक श्रुति डांगे और क्लस्टर मैनेजर प्रियंका द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान भीण्डर पुलिस थानाधिकारी पुनाराम गुर्जर ने उपस्थित महिलाओं को सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) और साइबर सिक्योरिटी (साइबर सुरक्षा) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। क्लस्टर कोऑर्डिनेटर प्रेम गिरिजा पुष्करी ने राजीविका और महिला सशक्तिकरण के विषयों पर स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को संबोधित किया। महिला अधिकारिता विभाग से सुपरवाइजर मनीषा सैनी ने भी महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। सी.एल.एफ. अकाउंट सविता ने पूरे वर्ष की आय-व्यय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन एरिया कोऑर्डिनेटर नवीन चंद्र मीणा ने किया।
नवादा नगर में पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान के निर्देश पर साइबर सुरक्षा, महिला सुरक्षा और आपातकालीन सेवा डायल 112 के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। यह अभियान नगर थाना क्षेत्र के लगभग एक दर्जन स्थानों पर आयोजित किया गया। गर्ल्स स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं को दी जानकारी अभियान के तहत नगर थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने विभिन्न स्कूलों में लोगों को जागरूक किया। इसके अतिरिक्त, महिला पुलिसकर्मियों ने भी गर्ल्स स्कूल और कॉलेजों में जाकर छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी। बुंदेलखंड थाना क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में भी थाना अध्यक्ष धनवीर कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यह अभियान चलाया। यह पहल शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर की गई थी। नगर थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान डायल 112, महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। साइबर सुरक्षा और सोशल मीडिया से बचने के बताए उपाय इसमें केंद्र और राज्य सरकार के पुलिस विभाग तथा विभिन्न संगठन शामिल थे। लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट, फर्जी लोन ऐप, मैलवेयर और सोशल मीडिया से जुड़े खतरों से बचने के उपाय बताए गए। ओटीपी और निजी जानकारी साझा न करें जागरूकता अभियान का एक मुख्य केंद्र महिला सुरक्षा भी था, जहां महिलाओं और बालिकाओं को उनके डिजिटल अधिकारों और ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में शिक्षित किया गया। साइबर हेल्पलाइन नंबर के महत्व पर भी जोर दिया गया। लोगों को ओटीपी और निजी जानकारी साझा न करने, अज्ञात लिंक पर क्लिक न करने तथा TeamViewer या AnyDesk जैसे ऐप डाउनलोड करने से बचने की सलाह दी गई। पुलिस ने लुभावने विज्ञापनों और फर्जी दावों से सतर्क रहने, आपत्तिजनक पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेने तथा किसी भी विक्रेता को सत्यापित किए बिना खरीदारी न करने की चेतावनी दी। साइबर ठगी, लॉटरी या इनाम जीतने वाले फर्जी कॉल से बचने की भी जानकारी दी गई, क्योंकि बैंक ऐसे कॉल नहीं करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखना और उन्हें साइबर खतरों से खुद व अपने परिवार को बचाने के लिए शिक्षित करना था। इस दौरान एसआई विनोद कुमार सहित अन्य प्रभारी भी उपस्थित थे।
हिसार के हांसी में महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सरोज कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को सनातन धर्म महिला महाविद्यालय में एक महिला सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली, उपलब्ध सुविधाओं और महिला अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना था। इंस्पेक्टर सरोज कुमार ने वन स्टॉप सेंटर की भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया कि यह महिलाओं के विरुद्ध अपराध की स्थिति में त्वरित सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यहां पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता, पुलिस मदद, परामर्श, अस्थायी आश्रय और अन्य आवश्यक सुविधाएं तुरंत प्रदान की जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह सेंटर 24x7 सक्रिय रहता है और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाता है, जिससे पीड़िता सुरक्षित महसूस कर सके। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को हेल्पलाइन नंबर, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया, जांच प्रणाली और सुरक्षा प्रावधानों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इंस्पेक्टर सरोज कुमार ने छात्राओं को सोशल मीडिया पर बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने अपील की कि वे अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी प्रकार की धमकी, ब्लैकमेलिंग या असुविधाजनक संदेश मिलने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें। छात्राओं ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और अपनी जिज्ञासाओं से संबंधित प्रश्न पूछे, जिनका पुलिस टीम ने समाधान किया। कार्यक्रम का समापन महिलाओं की सुरक्षा, आत्मरक्षा, आत्मविश्वास और सतर्कता को जीवन में अपनाने के संदेश के साथ हुआ। हांसी पुलिस ने बताया कि वह भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न शिक्षण संस्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित करती रहेगी। इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों को और अधिक सशक्त बनाना है।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में साइबर सेल मनेंद्रगढ़ ने बैंक प्रबंधकों और अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम, पुलिस और बैंकों के बीच त्वरित समन्वय स्थापित करना तथा तकनीकी कार्रवाई को अधिक प्रभावी बनाना था। बैठक में म्यूल अकाउंट की त्वरित पहचान, 'पुट ऑन होल्ड' प्रक्रिया और संदिग्ध खातों की नियमित निगरानी पर जोर दिया गया। साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को समय रहते फ्रीज़ करने और पीड़ितों की राशि की रिकवरी में तेजी लाने के लिए संयुक्त कार्य योजना बनाने पर भी चर्चा हुई। बैंक स्टाफ को साइबर फ्रॉड से सतर्क रहने के निर्देश बैंक स्टाफ को फिशिंग, यूपीआई फ्रॉड, ऑनलाइन टास्क/इन्वेस्टमेंट स्कैम और व्हाट्सऐप हैकिंग जैसे बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ग्राहकों को जागरूक करने को कहा गया कि वे किसी प्रलोभन या लापरवाही के कारण अपना खाता किसी अन्य को उपयोग न करने दें। बैंकों में फर्जी केवाईसी और संदिग्ध खातों पर कड़ी नजर फर्जी केवाईसी, नकली दस्तावेजों और संदिग्ध खातों को रोकने के लिए बैंकों में मौके पर सत्यापन प्रक्रिया लागू करने पर बल दिया गया। साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तत्काल रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, इंटर-बैंक सहयोग, डिजिटल साक्ष्य संरक्षण, ट्रांज़ेक्शन ट्रैकिंग और अंतरराज्यीय समन्वय को मजबूत बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विवेक पाटले, पुष्कल सिन्हा, भूपेंद्र यादव, जितेंद्र ठाकुर और राकेश तिवारी उपस्थित रहे। विभिन्न बैंकों से उदय सिंह (एसबीआई), संतोष सोनी (बैंक ऑफ बड़ौदा), उदित कश्यप (डीसीसीबी), प्रवीण वर्मन (इंडसइंड), मनीष झारिया (एक्सिस बैंक), योगेंद्र सिंह (यूबीआई), साकेत सौरभ (बैंक ऑफ इंडिया), प्राग सुहाने (एचडीएफसी), अमित गुप्ता व राहुल जायसवाल (डीएफसी फर्स्ट) और धनेश्वर बावले (पीएनबी) के प्रबंधक व कर्मचारी भी मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस विभाग को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
डिजिटल गार्ड हो गये फेल, साइबर सुरक्षा की कमजोरी हुई उजागर
साइबर-सिक्योरिटी फर्म और वेब-इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कंपनी द्वारा की गई रुकावट एक गंभीर याद दिलाती है कि किस प्रकार रक्षक भी कमजोर हैं

