पाली में साथिन को दिए एआई, साइबर सुरक्षा के टिप्स:तकनीकी के साथ काम करने को लेकर किया अपडेट
पाली में कलेक्ट्रेट परिसर में बने पेंशनर समाज भवन में निदेशालय महिला अधिकारिता राजस्थान सरकार एवं एजुकेट गर्ल्स की साझा पहल पर सक्षम साथिन वर्कशॉप का आयोजन किया गया।यह आयोजन मंगलवार को हुआ।वर्कशॉप में मौजूद 35 से अधिक साथिनों और सुपरवाइजर्स को एक्सपर्ट ने सरकारी योजनाओं, उच्च शिक्षा के अवसरों तथा आधुनिक तकनीकी विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एजुकेट गर्ल्स की तरफ से रूपाली शर्मा द्वारा साथिनों के स्वागत से हुआ। महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं की दी जानकारीइस अवसर पर एजुकेट गर्ल्स की टीम ने साथिन कार्यकर्ताओं का विस्तृत विषयों पर प्रशिक्षण किया गया। रूपाली शर्मा ने शिक्षा सेतु योजना के तहत ओपन स्कूल में नामांकन, संबंधित प्रक्रिया एवं उच्च शिक्षा के फायदा पर जानकारी साझा की। रजत शर्मा ने प्रतिभागियों को मूलभूत अवधारणाओं, साइबर सुरक्षा और डिजिटल टूल्स के महत्व से परिचित कराया।राजश्री, जेंडर स्पेशलिस्ट, जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र (DHEW) ने 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान के तहत महिलाओं को उपलब्ध सहायताओं एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।डॉ. सुमन चौधरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ बांगड़ हॉस्पिटल ने साथिनों को सेहत संबंधित जानकारी साझा की। पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र की केंद्र प्रबंधक प्रियंका व्यास। उपलब्धियां गिनाकर किया प्रेरितसाथ ही सुपरवाइजर पिंकी एवं कुछ साथिनों ने अपने कार्यों, उपलब्धियों के बारे में बताकर सभी को प्रेरित किया तथा वन स्टॉप सेंटर से उपस्थित रेशमा ने शिक्षा सेतु योजना के तहत 10वीं उत्तीर्ण करने की यात्रा के बारे में बताया।अंत में मुख्य मेहमान भागीरथ चौधरी उपनिदेशक महिला एवं अधिकारिता विभाग पाली ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देकर साथिनों को आत्मनिर्भर बनने और अर्जित ज्ञान का सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।
सोनीपत में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के विधि एवं अन्य विभागों के छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को सोनीपत थाना शहर और साइबर क्राइम थाने का शैक्षिक दौरा किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को थाना स्तर की कार्यप्रणाली से अवगत कराया। पुलिस अधिकारियों ने विद्यार्थियों को थाना स्तर पर की जाने वाली पुलिस कार्यप्रणाली, एफ.आई.आर. दर्ज करने की प्रक्रिया, अपराध अन्वेषण एवं यातायात प्रबंधन, महिला एवं बाल सुरक्षा, साइबर क्राइम की रोकथाम व उससे संबंधित कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। विद्यार्थियों को पुलिस कार्यप्रणाली की व्यावहारिक समझ प्रदान करने हेतु उन्हें थाना रिकॉर्ड रूम, शिकायत कक्ष और अन्य थाना परिसर का अवलोकन भी कराया गया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रश्न पूछे जिनका अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर दिया। थाना प्रभारी शहर सोनीपत ने बताया कि ऐसे शैक्षिक दौरों से छात्रों में पुलिस कार्यप्रणाली के प्रति जागरूकता बढ़ती है और पुलिस व समाज के बीच आपसी विश्वास एवं सहयोग की भावना प्रबल होती है। वहीं, थाना प्रभारी साइबर क्राइम सोनीपत ने विद्यार्थियों को डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा के महत्व, साइबर अपराध की रोकथाम की रणनीतियों और साइबर अपराध की घटनाओं की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
लखनऊ में उत्तर क्षेत्र की विभिन्न विद्युत कंपनियों के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता पर सम्मेलन और कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया टीम पावर (CSIRT-Power), विद्युत मंत्रालय द्वारा एनटीपीसी लिमिटेड के सहयोग से हुआ। इस कार्यक्रम में एनटीपीसी उत्तर क्षेत्र ने मुख्य भूमिका निभाई। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों के लोग शामिल हुए। एनटीपीसी, पावरग्रिड, एनएचपीसी, टीएचडीसी, एसजेवीएनएल, पीएफसी, एसईसीआई, आरईसी और निजी क्षेत्र से 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल है। कार्यक्रम में साइबर खतरों की बढ़ती चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने AI जैसी उन्नत तकनीकों की भूमिका पर विचार साझा किया, जो साइबर हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने में मदद कर सकती हैं। एल. के. एस. राठौर, निदेशक (साइबर सुरक्षा) ने विद्युत क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की रणनीतिक महत्वता पर बल दिया और तकनीक आधारित समाधान, सहयोग एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई।
औरैया में भारतीय रिजर्व बैंक की पहल पर किसान उत्पादक संगठनों के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विकास भवन सभागार ककोर में आयोजित इस कार्यक्रम में एवोक इंडिया फाउंडेशन के प्रशिक्षक के.के. माथुर और प्रदीप कुमार पांडेय ने प्रशिक्षण दिया। उप कृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम (डीईएपी) के तहत आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में किसानों को बचत और धन प्रबंधन की जानकारी दी गई। साथ ही बैंक सेवाओं के उपयोग और खाता प्रबंधन के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में सुरक्षित बैंकिंग प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। आरबीआई के नियमों और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी भी शामिल की गई। इनमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा योजना और अंत्योदय योजना प्रमुख हैं। विशेष रूप से फ्रॉड और साइबर क्राइम से बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया।