राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में लंबे समय से चले आ रहे विवाद और कानूनी प्रक्रिया के बीच बड़ा फैसला सामने आया है। RCA के लिए एक साल की अवधि के लिए रिटायर्ड जस्टिस अजय रस्तोगी को लोकपाल नियुक्त किया है। जिला क्रिकेट संघ श्रीगंगानगर की याचिका पर हाईकोर्ट जोधपुर ने सुनवाई करते हुए निर्णय दिया कि लोकपाल की जब नियुक्ति आरसीए द्वारा कर दिया तो याचिका में वो कॉज ऑफ एक्शन (जो मुद्दा पहले उठाया था वह अब नहीं है) नहीं है तो वो लोकपाल की नियुक्ति को कोर्ट द्वारा तय कर दिया, जोधपुर कोर्ट में मामला लंबित था। श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ बनाम RCA की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। RCA की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर और सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। जिला संघों ने लोकपाल नियुक्त करने की मांग की थीजिला क्रिकेट संघ श्रीगंगानगर के सचिव विनोद सहारण ने बताया- कुछ समय पहले RCA की अलग-अलग साधारण सभा की बैठक में रिटायर्ड जस्टिस दीपक वर्मा और अजय रस्तोगी दोनों के नाम लोकपाल पद के लिए प्रस्तावित किए गए थे। जिला संघों की ओर से मांग थी कि दीपक वर्मा को लोकपाल नियुक्त किया जाए। लेकिन RCA में चल रहे विवाद और मतभेदों के कारण नियुक्ति प्रक्रिया अटक गई थी। इसके बाद श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ ने मामला कोर्ट में उठाया। जहां गुरुवार को कोर्ट ने अजय रस्तोगी को एक साल के लिए RCA का लोकपाल नियुक्त करने का आदेश दिया। दो वर्ष से RCA का संचालन एडहॉक कमेटी के हाथ मेंपिछले दो वर्ष में RCA का संचालन एडहॉक कमेटी के हाथ में रहा है। लेकिन इस दौरान लगातार विवाद, मतभेद और कार्यशैली को लेकर टकराव सामने आते रहे हैं। प्रशासनिक असहमति और आपसी तालमेल की कमी ने राजस्थान क्रिकेट के संचालन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। हालात इतने बिगड़ गए थे कि RCA की एडहॉक कमेटी की ओर से रणजी ट्रॉफी की दो अलग-अलग टीमें तक घोषित कर दी गई। एक टीम एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने जारी की, जबकि दूसरी टीम चार सदस्यों धनंजय सिंह खींवसर, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवारी की ओर से घोषित कर दी गई। अब जिला क्रिकेट संघों से जुड़ी शिकायतों का निष्पक्ष निस्तारण हो सकेगाऐसे में अब अजय रस्तोगी की नियुक्ति को RCA के भीतर पारदर्शिता और अनुशासन स्थापित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। क्रिकेट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि अब जिला क्रिकेट संघों से जुड़ी शिकायतों का निष्पक्ष निस्तारण हो सकेगा। RCA में लंबे समय से चली आ रही खींचतान और विवादों के समाधान की उम्मीद भी मजबूत हुई है। एडहॉक कमेटी के कन्वीनर और मेंबर मिले मुख्यमंत्री सेवहीं गुरुवार को RCA की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत और सदस्यों धनंजय सिंह खींवसर, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात की। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने क्रिकेट संचालन की मौजूदा स्थिति पर कमेटी से फीडबैक लिया है। हालांकि डीडी कुमावत का कहना है कि मुलाकात औपचारिक थी। क्रिकेट से जुड़े किसी विशेष मुद्दे पर विस्तृत चर्चा नहीं हुई।
कौन था ‘बिकिनी किलर’ जिसने अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था को झकझोर दिया, जानिए पूरा क्राइम मैप
चार्ल्स सोभराज, जिसे ‘बिकिनी किलर’ और ‘सर्पेंट’ कहा गया, 1970 के दशक में एशिया में पश्चिमी पर्यटकों का शिकार बन गया। उसकी बहुराष्ट्रीय हत्याओं, धोखे और गिरफ्तारी की कहानी ने अपराध जगत और कानून व्यवस्था में गहरी छाप छोड़ी।
नोएडा में अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति से लगभग 12 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। सेक्टर-47 निवासी इंद्रपाल चौहान, जो एक इंजीनियर कंसल्टेंट हैं, इस ठगी का शिकार हुए हैं। ठगी की शुरुआत अक्टूबर में हुई। इंद्रपाल के व्हाट्सएप पर 'क्यारा शर्मा' नाम की एक प्रोफाइल से मैसेज आया। इस महिला ने बातचीत शुरू की और इंद्रपाल को निवेश के लिए उकसाया। इंद्रपाल पहले से ही विभिन्न कंपनियों में निवेश करने का काम करते हैं। उस युवती ने निवेश के नाम पर इंद्रपाल को 'SUNDARAN AMC-STAY Positive' और '111 SUNDARAN AMC-INFINITE Possibilities' नामक दो व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। इन ग्रुप्स में नकली प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट दिखाकर उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि यह एक प्रमाणित शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। शुरुआत में पीड़ित ने 50 हजार रुपए का निवेश किया। ठगों ने उन्हें 9 लाख रुपए का प्रॉफिट आसानी से निकालने दिया, जिससे उनका भरोसा बढ़ गया। इसके बाद, 17 दिनों में 9 ट्रांजैक्शन के माध्यम से कुल 11 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपए कई खातों में ट्रांसफर करवा दिए गए। बाद में, ठगों ने 'EXATO TECHNOLOGIES LTD' के आईपीओ में निवेश के नाम पर उनसे 17 करोड़ रुपए और मांगे। तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इसके बाद पीड़ित ने तत्काल थाना साइबर क्राइम सेक्टर-36 में एफआईआर दर्ज कराई। साइबर थाना पुलिस इस लगभग 12 करोड़ रुपए की ठगी के मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस खातों के विवरण के साथ राशि को फ्रीज कराने का प्रयास कर रही है। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि एक व्यक्ति के साथ निवेश के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। फिलहाल इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटना में जो भी बैंक खाते शामिल पाए गए हैं, उन्हें फ्रीज कर दिया गया है और जल्द ही संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, हरियाणा सरकार के साथ मिलकर राज्य की विभिन्न जेलों में कौशल विकास केंद्र, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स और आईटीआई स्तर के व्यवसायिक प्रशिक्षण शुरू करने जा रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य कैदियों को रोजगार से जुड़ी स्किल्स देना है। इन केंद्रों का उद्घाटन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत 6 दिसंबर को जिला जेल गुरुग्राम में करेंगे। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और हाई कोर्ट के सभी जज मौजूद रहेंगे। इससे कुछ दिन पहले सीजेआई सूर्यकांत सोनीपत में भी एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हाई कोर्ट के जस्टिस की अध्यक्षता में शुरू होगी पहल जस्टिस कुलदीप तिवारी की अध्यक्षता वाली विचाराधीन कैदियों के पुनर्वास और कौशल विकास समिति के प्रयासों से इस पहल को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद मिली है। उनका मानना है कि जेलें केवल सजा का स्थान नहीं, बल्कि सुधार, नई स्किल सीखने और सम्मानपूर्वक जीवन शुरू करने का अवसर देने वाले केंद्र होने चाहिए। हरियाणा की जेलों में पॉलिटेक्निक और कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत से यह दिखता है कि राज्य अब सुधारात्मक न्याय की ओर बड़ा और सकारात्मक कदम उठा रहा है। कैदियों को मिलेंगे ये प्रशिक्षण इस पहल के तहत कैदियों को व्यवसायिक और तकनीकी शिक्षा के कई कोर्स उपलब्ध होंगे। इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, वेल्डर, प्लंबर, ग्रेस मेकर, इलेक्ट्रीशियन, वुडवर्क टेक्नीशियन, सिलाई तकनीक और कॉस्मेटॉलोजी जैसे आईटीआई कोर्स शामिल हैं। इसके साथ ही कंप्यूटर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा भी शुरू किया जाएगा। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को इस तरह तैयार किया गया है कि कैदियों को न केवल तकनीकी ज्ञान मिले, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, अनुशासन और उद्देश्य की भावना भी विकसित हो। रिहाई के बाद भी मिलेगा लाभ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जेल से रिहा होने के बाद कैदी सामाजिक उपेक्षा या आर्थिक संकट का सामना न करें। उन्हें ऐसे कौशल और योग्यताएं प्रदान की जाएंगी, जो उन्हें रोजगार पाने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद करें। इन शैक्षिक और व्यवसायिक पहलों के माध्यम से दोबारा अपराध करने की दर को कम करने, वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और कैदियों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सक्षम बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल ने बोरीवली से दो ड्रग सप्लायरों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 50 लाख रुपये मूल्य की हाई-क्वालिटी हेरोइन और 5 लाख रुपये नकद बरामद। पुलिस ड्रग्स सप्लाई रूट और नेटवर्क की जांच में जुटी, संकेत मिल रहे हैं कि शहर में सक्रिय बड़े ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है।
छात्रों को साइबर क्राइम के खिलाफ किया जागरूक
अम्बाला | पुलिस ने साइबर जागरूकता अभियान चलाकर पॉलीटेक्निक शहर में विद्यार्थियों व शिक्षकों को साइबर अपराधों से बचने बारे जागरूक कर साइबर अपराधों से बचाव के उपाय बताए। इस कार्यक्रम में लगभग 250 लोगों ने भाग लिया। साइबर थाना के उपनिरीक्षक रवि कुमार, सहायक उप निरीक्षक सतपाल, मुख्य सिपाही नवदीप, मुख्य सिपाही दीनदयाल ने साइबर अपराधों से बचने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी अनजान व्यक्ति की कॉल पर भरोसा करके आप अपने बैंक खाता, क्रेडिट व डेबिट कार्ड की जानकारी साझा न करे। पुलिस वर्दी में वीडियो कॉल करके डिजिटल अरेस्ट करने वालों से न डरे। साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करे और अपनी शिकायत दर्ज करवाएं ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।
हरियाणा के पंचकूला में बुधवार को जिले की सभी पीसीआर, राइडर्स और ईआरवी टीमों के इन्चार्ज व कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। डीसीपी क्राइम ने मीटिंग के दौरान साफ कहा कि पुलिस बल तुरंत प्रभाव से अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय होकर गश्त, वाहनों की चेकिंग तथा हॉटस्पॉट पॉइंट्स पर निगरानी बढ़ाए। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 150 हॉटस्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं, जहां नशे का सेवन या बिक्री, जुआ-सट्टा, असामाजिक गतिविधियां और छोटे-बड़े अपराध होने की आशंका रहती है। डीसीपी ने निर्देश दिया कि इन स्थानों पर विशेष फोकस रखा जाए, और पुलिस की सख्त मौजूदगी से अपराधियों में डर पैदा किया जाए। डीसीपी मनप्रीत सिंह सूदन ने कहा कि लगातार डोमिनेशन व गश्त से चोरी, स्नैचिंग और अन्य वारदातों पर पहले से ही काफी हद तक अंकुश लगा है। आने वाले दिनों में इन अपराधों को पूरी तरह रोकने के लिए पुलिस की मौजूदगी और इंटेलिजेंस दोनों को मजबूत किया जाएगा। 120 पुलिसकर्मी रहे मौजूद मीटिंग में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुनीष कुमार, इन्चार्ज रामू स्वामी सहित करीब 120 पुलिसकर्मी मौजूद रहे। डीसीपी क्राइम ने सभी टीमों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तुरंत निकलकर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करें, हॉटस्पॉट इलाकों में लगातार दबिश दें और हर छोटी-बड़ी सूचना पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
रीवा जोन में पुलिस की कार्यप्रणाली को मजबूत बनाने और वैज्ञानिक जांच क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से आज रीवा कंट्रोल रूम में साइंटिफिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में रीवा, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, सतना और मैहर से आए पुलिस अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में कुल 15 अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिन्हें क्राइम सीन पर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाने का प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दिया गया। एफएसएल विभाग द्वारा आईजी रीवा के निर्देश पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने क्राइम स्पॉट क्रिएट कर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, साक्ष्य संरक्षण और तकनीकी तरीकों से साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया सीखी। यहां क्राइम सीन क्रिएट करके बताया गया। साइंटिफिक साक्ष्यों के बारे में बतायाअधिकारियों को बताया गया कि किसी भी अपराध की जांच में साइंटिफिक साक्ष्य सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन घटनास्थल से उन्हें सुरक्षित और सही तरीके से जुटाना चुनौतीपूर्ण होता है। इसी कौशल को निखारने के लिए यह प्रतियोगिता और प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिससे पुलिस की जांच क्षमता को और अधिक सशक्त किया जा सके।
क्या नेहा सिंह राठौर फरार है ? जस्टिस काटजू ने कह दी बड़ी बात
Is Neha Singh Rathore absconding? Justice Katju made a significant statement.
गाजियाबाद में एमसीए छात्र वतन राणा की संदिग्ध मौत का मामला अब क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। परिजनों द्वारा हत्या का आरोप लगाए जाने और लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया गया। पहले इस मामले की जांच नंदग्राम थाना पुलिस कर रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम अब घटनास्थल, सबूत, बयान और तकनीकी साक्ष्यों की दोबारा पड़ताल करेगी। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि वतन की मौत आत्महत्या थी या हत्या। ADCP क्राइम पीयूष कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच हर एक बिंदु पर जांच करेगी, जिसमें दरवाजे की स्थिति और दोस्तों की मौजूदगी शामिल है। उन्होंने जल्द जांच आगे बढ़ाने की बात कही। स्थानीय पुलिस शुरू से ही इस मामले को आत्महत्या मानकर जांच कर रही थी। हालांकि, वतन के परिजनों ने इसे हत्या करार दिया था। परिवार का तर्क था कि जिस घर में वतन का शव मिला, उसका मुख्य दरवाजा बाहर से बंद था, जिससे आत्महत्या संभव नहीं है। इसी विरोधाभास के चलते परिवार और स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए। सैकड़ों की संख्या में परिजन और स्थानीय लोग नंदग्राम थाने के बाहर जमा हो गए और सड़क जाम कर दी। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही बरतने और मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए नारेबाज़ी की। पुलिस अधिकारियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। इस आश्वासन के बाद ही परिजन और भीड़ शांत हुई और सड़क से जाम हटाया गया। यह मामला 26 नवंबर की रात सामने आया था। नंदग्राम के हाउस नंबर E-183 में रहने वाले 21 वर्षीय वतन राणा का शव कमरे में फंदे पर लटका मिला था। घटना के समय घर का दरवाजा बाहर से कुंडी लगाकर बंद था। वतन के माता-पिता रिश्तेदार की शादी में गए थे और बहन अपनी नौकरी पर थी। रिश्तेदारों ने घर पहुंचकर खिड़की से झांककर शव देखा था। परिजन अब उम्मीद कर रहे हैं कि क्राइम ब्रांच की विस्तृत और तकनीकी जांच से सच्चाई सामने आएगी और यह स्पष्ट हो पाएगा कि वतन की मौत आत्महत्या थी या हत्या।
बिहार में करीब 20 सालों बाद सीएम नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ दिया। यह जिम्मेदारी भाजपा ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंपी। इनके कार्यभार संभालने के 24 घंटे में ताबड़तोड़ 2 एनकाउंटर हुए। इस पर चर्चा चल रही कि बिहार में भी अब योगी का यूपी पैटर्न लागू होगा। ऐसे में सवाल है कि अपराधियों पर भाजपा (योगी) का ‘यूपी पैटर्न’ क्या है? यूपी मॉडल की क्या खूबियां मानी जाती हैं? क्या छोटे-मोटे अपराध भी कम हुए? क्या इस मॉडल से लॉ एंड ऑर्डर लंबे समय तक सुधर सकता है? पढ़िए सारे सवालों के जवाब भास्कर एक्सप्लेनर में… पहले पढ़िए यूपी के दो बड़े एनकाउंटर केस 1- कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते समय 10 जुलाई, 2020 को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, ट्रांजिट के दौरान गाड़ी पलटने के बाद दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया। घटना से एक हफ्ते पहले विकास दुबे और उसके गैंग ने कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। यह एनकाउंटर देशभर में सबसे चर्चित रहा। पुलिस कार्रवाई पर कई राजनीतिक और कानूनी सवाल उठे। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT ने की थी। केस 2- उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी और अतीक अहमद का बेटा असद अहमद 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मार दिया गया। सीसीटीवी फुटेज में हथियार लेकर वारदात में शामिल दिखने के बाद वह लगभग 50 दिन तक फरार रहा। झांसी में एसटीएफ को उसकी लोकेशन की पुख्ता जानकारी मिली। इस एनकाउंटर को अतीक अहमद गैंग पर सबसे बड़ा झटका माना गया। 2 दिन बाद ही अतीक और अशरफ की भी हत्या हो गई। इससे मामला और हाई-प्रोफाइल बन गया। अपराधियों पर भाजपा का ‘यूपी पैटर्न’ क्या है?यूपी में 2017 के बाद अपराध नियंत्रण को लेकर जिस मॉडल को भाजपा अपनी बड़ी उपलब्धि बताती है, उसे आमतौर पर ‘यूपी पैटर्न’ कहा जाता है। यह मॉडल तेज कार्रवाई, कठोर कानून और अपराधियों के नेटवर्क पर सीधी चोट जैसी रणनीतियों पर आधारित है। हालांकि, यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह बताते हैं- भाजपा माफिया और उनके विरोधियों पर की गई कार्रवाई को अपना ‘यूपी पैटर्न’ बताती है। पुलिस अपराधियों का इतिहास खंगाल कर कार्रवाई करती है। लेकिन जब भाजपा से जुड़े लोग पुलिस अधिकारियों या एसडीएम तक से मारपीट करते हैं, तो उन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती। वहीं, रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय का कहना है कि इसे भाजपा पैटर्न नहीं, ‘योगी मॉडल’ कहना अधिक उचित होगा। इस मॉडल की सबसे खास बात है- जीरो टॉलरेंस की नीति। राज्य सरकार की साफ चेतावनी है कि यूपी में किसी भी अपराधी को ढिलाई नहीं मिलेगी। इसके लिए कुख्यात अपराधियों की एक लिस्ट तैयार की गई है। गैंगस्टर एक्ट और एनएसए जैसे सख्त कानूनों का इस्तेमाल बढ़ा है। 1- महिलाओं से जुड़े अपराधों में प्राथमिकतायोगी सरकार अपने लॉ एंड ऑर्डर मॉडल में महिलाओं से जुड़े अपराधों को 'टॉप प्रायोरिटी' मानती है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूपी में पिछले सालों में कई अहम कदम उठाए गए। 2- एनकाउंटर-आधारित पुलिसिंगयूपी मॉडल की सबसे पहचान वाली छवि मुठभेड़ों की संख्या में बढ़ोतरी रही। हाई-प्रोफाइल मामलों में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। कई कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। 3- माफिया की संपत्ति पर सीधा हमलाराज्य ने अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई की। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे माफिया नेटवर्क पर अवैध निर्माण गिराने और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को सरकार मॉडल की सबसे बड़ी सफलता मानती है। 4- तेज पुलिस और प्रशासनिक एक्शनहर जिले में स्पेशल टीमों की तैनाती, फरार अपराधियों की सार्वजनिक सूची और बड़े मामलों में त्वरित गिरफ्तारी, इस मॉडल की मुख्य विशेषताएं हैं। मुख्यमंत्री स्तर पर केसों की नियमित मॉनिटरिंग भी इसका हिस्सा है। यूपी पैटर्न का क्या असर हुआ? संगठित अपराध पर कड़ा हमला: माफिया गैंग, बाहुबली नेताओं और बड़े अपराधियों पर दर्जनों कार्रवाई, एनकाउंटर और संपत्ति जब्त की। तेज पुलिस रिस्पॉन्स: गंभीर अपराधों में पुलिस की प्रतिक्रिया समय पहले से तेज हुआ। महिलाओं संबंधी अपराधों में सख्ती: एंटी-रोमियो स्क्वॉड, फास्ट-ट्रैक जांच और त्वरित गिरफ्तारी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, माफिया नेटवर्क कमजोर हुए और कई बड़े गिरोह टूटे। पुलिसिंग में फियर ऑफ लॉ बढ़ा। हालांकि छोटे अपराधों- चोरी, महिला अपराध और साइबर फ्रॉड में गिरावट उतनी तेज नहीं दिखी। मॉडल पर मानवाधिकार और एनकाउंटर की वैधता को लेकर लगातार सवाल भी उठते रहे। क्या इससे छोटे अपराध कम हुए?रिटायर्ड IPS राजेश कुमार पांडेय बताते हैं- योगी मॉडल ने बड़े अपराधों (गैंगस्टर, माफिया, संगठित अपराध) पर बहुत तेज असर डाला। लेकिन, छोटे अपराधों में गिरावट सीमित और आंशिक रही है। हाउस ब्रेकिंग, मोबाइल स्नैचिंग, छेड़छाड़, चोरी जैसे अपराध पूरी तरह कम नहीं हुए। इन अपराधों में स्थानीय पुलिस की एक्टिव पेट्रोलिंग, बीट सिस्टम और त्वरित FIR की भूमिका ज्यादा होती है, जो हर जिले में एक जैसा मजबूत नहीं। वहीं, यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि अपराध कम नहीं हुए, बल्कि थानों में अपराध दर्ज नहीं हो रहे। इसलिए कुछ आकलन भी नहीं हो सकता है। क्या इस मॉडल से लॉ एंड ऑर्डर लंबे समय तक सुधर सकता है?पूर्व DGP एके जैन के अनुसार, यूपी में लॉ एंड ऑर्डर में लगातार सुधार देखा जा रहा। योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में भी अपराध के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई हो रही। इस मॉडल को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि यह दिखाता है कि लगातार, संस्थागत और टारगेटेड एक्शन से लंबे समय तक कानून-व्यवस्था में सुधार संभव है। उनका दावा है कि योगी मॉडल की वजह से पुलिस को फ्री-हैंड, अपराधियों पर स्ट्रॉन्ग पॉलिसी, और संगठित अपराध पर सिस्टमेटिक क्रैक-डाउन मिला है। यह लंबे समय तक असर दिखा सकता है। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के अनुसार, योगी सरकार का कानून-व्यवस्था मॉडल अधिकारियों के मुताबिक बेहद प्रभावी साबित हुआ है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह बताई जाती है कि कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित नहीं, बल्कि कानूनी और आर्थिक दोनों स्तरों पर दबाव बनाया गया। योगी सरकार के कानून-व्यवस्था मॉडल में यूपी गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 को सबसे प्रभावी हथियार माना जा रहा। इस धारा के तहत अपराधियों की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की गईं। माफिया का 'अंत' सिर्फ गिरफ्तारी से नहीं, बल्कि उनके आर्थिक साम्राज्य को तोड़कर किया गया। एटीएस और एसटीएफ को उच्च गुणवत्ता के हथियार, आधुनिक तकनीक और स्पेशल ट्रेनिंग दी गई। पुलिस बल में बड़ी संख्या में भर्तियां कर फोर्स की क्षमता बढ़ाई गई। तेज और प्रो-एक्टिव पुलिसिंगमजबूत केस तैयार कर अदालत से अपराधियों को सजा दिलाना मॉडल की बड़ी उपलब्धि माना जाता है। इसी प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से कई गैंगस्टरों की पकड़ कमजोर हुई। हालांकि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि इस मॉडल का दूरगामी असर पॉजिटिव नहीं दिखता है। बल्कि इसका खराब प्रभाव पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि पुलिस व्यवस्था के भीतर जिस तरह की आपराधिक मानसिकता और अनियमितताएं बढ़ी हैं, उन्हें ठीक करने में लंबा समय लगेगा। लॉ एंड ऑर्डर केवल एनकाउंटर या कड़े एक्शन से नहीं सुधरता। इसके लिए पुलिस सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत होती है। यह अभी कमजोर दिखाई देती है। यूपी मॉडल या योगी मॉडल की खूबियां क्या मानी जाती हैं?रिटायर्ड आईपीएस राजेश कुमार पांडेय बताते हैं- योगी मॉडल से ही राज्य में माफिया के आतंक पर रोक लगी है। अपराध कम हुए हैं। इसकी कई सारी खूबी हैं। इसके वजह से ही अपराधियों और माफिया के खिलाफ कार्रवाई में देरी नहीं होती है। तुरंत गिरफ्तारी, चार्जशीट और कोर्ट में तेजी से पेशी को इसकी बड़ी ताकत माना जाता है। हालांकि, पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह इस मॉडल में किसी खूबी को नहीं देखते। उनके अनुसार, जिसे यूपी मॉडल कहा जा रहा है, वह मूलरूप से दिखावटी एक्शन पर आधारित है, न कि वास्तविक सुधारों पर। सुलखान सिंह का कहना है कि इस मॉडल में कानून व्यवस्था सुधारने की ठोस रणनीति नहीं है। एनकाउंटर या सख्त कार्रवाई की छवि तो बनती है, लेकिन सिस्टम के अंदरूनी सुधार नहीं किए जाते। पुलिस की जवाबदेही, प्रशिक्षण, पारदर्शिता और संवेदनशीलता जैसे असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। यह मॉडल लंबी अवधि के परिणाम नहीं देता, क्योंकि इसमें संस्थागत सुधारों की कमी है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि किसी भी प्रदेश का लॉ एंड ऑर्डर तभी बेहतर होता है, जब पुलिस व्यवस्था पेशेवर, निष्पक्ष और पारदर्शी हो। यूपी मॉडल इन मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करने में नाकाम रहा है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में BLO रोती रही, बेटा चुप कराता रहा, बोलीं- SIR के लिए रात 3 बजे लोग फोन करते हैं 'रात में 3 बजे लोगों की कॉल आती है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) फॉर्म को लेकर सवाल पूछा जाता है। रोज 200-300 फॉर्म करवाओ, फील्ड में जाओ। कई बार घर जाओ, तो लोग दरवाजा नहीं खोलते। जो खोलते हैं, वो कहते हैं तुम ही भरो, ये तुम्हारा काम है।' यह दर्द शिक्षामित्र शिप्रा मौर्या का है। उन्हें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) बनाया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
महिला हेल्प डेस्क ने दिए पॉस्को एक्ट और साइबर क्राइम से बचाव के टिप्स
भास्कर न्यूज |सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना क्षेत्र स्थित नेपानी उच्च विद्यालय प्लस टू में सोमवार को महिला हेल्प डेस्क प्रभारी के द्वारा पॉस्को एक्ट, घरेलू हिंसा तथा साइबर क्राइम के विषय पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। विद्यार्थियों को संवेदनशील मुद्दों एवं सुरक्षा संबंधी कानूनी प्रावधानों की जानकारी सरल भाषा में दी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अधिकारियों ने पॉस्को एक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण प्रदान करता है और किसी भी प्रकार के शारीरिक, मानसिक या यौन उत्पीड़न पर कठोर दंड का प्रावधान करता है। विद्यार्थियों को बताया गया कि किसी भी असामान्य स्पर्श, धमकी, ब्लैकमेल या अवांछित व्यवहार की तुरंत सूचना अभिभावक, शिक्षक या पुलिस को देनी चाहिए। शिकायत के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 व अन्य माध्यम भी छात्रों को बताए गए। दूसरे सत्र में घरेलू हिंसा पर चर्चा हुई। टीम ने समझाया कि घरेलू हिंसा केवल मारपीट तक सीमित नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न, आर्थिक शोषण, दहेज दबाव और भावनात्मक प्रताड़ना भी इसके दायरे में आते हैं। छात्रों को बताया गया कि ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार महिला हेल्प डेस्क, महिला थाना, हेल्पलाइन नंबर 181 या न्यायालय के माध्यम से सहायता एवं सुरक्षा प्राप्त कर सकता है। तीसरे सत्र में बढ़ते साइबर अपराध पर विशेष फोकस किया गया।
साइबर खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार ने नया आदेश जारी किया है। स्मार्टफोन कंपनियों को ये निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' (Sanchar Saathi) प्री-इंस्टॉल (पहले से डाउनलोड) ...
अजमेर की सिविल लाइन थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े बुजुर्ग महिला से ठगी का मामला सामने आया है। दो बदमाशों ने घर के बाहर खड़ी बुजुर्ग महिला को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बातकर झांसे में लिया। चार डायमंड, एक सिल्वर की चूड़ी लेकर भाग गए। बदमाशों ने महिला को हाथ में नकली चूड़ियां धमाकर चले गए थे। मामले में महिला के बहू ने सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। सिविल लाइन थाना पुलिस जांच में जुटी है। सब इंस्पेक्टर भर्ती गिरिराज ने बताया कि सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाली महिला राज राठी(60) मंदिर से आकर अपने घर पहुंची थी। तभी घर के बाहर बाइक पर दो बदमाश पहुंचे और दोनों ने महिला को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया था। सब इंस्पेक्टर ने बताया- दोनों बदमाशों ने महिला से कहा कि उन्होंने जो चूड़ियां पहन रखी, वह नकली चूड़ियां हैं। इसके साथ ही महिला को पूरी तरीके से झांसे में लिया। चार डायमंड और एक सिल्वर की चूड़ी उतरवा ली। इसी दौरान बातों में उलझा कर महिला को हाथों में नकली चूड़ियां पकड़ कर फरार हो गए। कुछ देर बाद महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। मामले में महिला की बहू नेहा राठी की ओर से सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिेगेशन (CBI) को देशभर से सामने आए डिजिटल अरेस्ट के मामलों की पैन इंडिया जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान SC ने सभी राज्यों को डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच में CBI की मदद करने के भी निर्देश दिए। CJI सूर्यकांत की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- डिजिटल अरेस्ट तेजी से बढ़ता साइबर क्राइम है। इसमें ठग खुद को पुलिस, कोर्ट या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर वीडियो/ऑडियो कॉल के जरिए पीड़ितों, खासकर सीनियर सिटिजन को धमकाते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं। CJI सूर्यकांत की बेंच ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर पूछा कि साइबर ठगी में उपयोग हो रहे बैंक खातों को तुरंत ट्रैक और फ्रीज करने के लिए AI और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा। इससे पहले 3 नवंबर की सुनवाई में SC ने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट मामलों में लगभग ₹3 हजार करोड़ की ठगी का पता चला है। अदालत ने इसे 'आयरन हैंड' से निपटने लायक गंभीर 'राष्ट्रीय समस्या' बताया था। दरअसल, हरियाणा के अंबाला जिले में बुजुर्ग दंपति से 3 से 16 सितंबर के बीच 1.05 करोड़ रुपए की ठगी हुई थी। दंपती को सुप्रीम कोर्ट के जजों के फर्जी साइन और जांच एजेंसियों के नकली आदेश दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया गया था। पीड़ित ने 21 सितंबर को CJI बीआर गवई (पूर्व सीजेआई) को चिट्ठी लिखकर पूरी बात बताई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में खुद से एक्शन लिया था। SC के CBI को दिए निर्देश टेलिकॉम डिपार्टमेंट और राज्यों को SC के निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश मामले में SC की पहले की सुनवाई पढ़ें.... 3 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट बोला- 3 हजार करोड़ की साइबर ठगी चौंकाने वाली सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जताई थी। सरकार ने कोर्ट में साइबर फ्रॉड से जुड़े आंकड़े पेश कर बताया था कि देशभर में पीड़ितों से करीब तीन हजार करोड़ रुपए की ठगी हुई है। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा था- इस मामले में सख्ती से निपटाना होगा। यह बेहद चौंकाने वाला है कि देशभर में लोगों से 3 हजार करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड हुआ है। बेंच ने कहा कि मामले में जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें... 27 अक्टूबर: डिजिटल अरेस्ट मामले में CBI जांच पर विचार सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सभी राज्यों से डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी एफआईआर की जानकारी मांगी थी। साथ ही कोर्ट ने पूछा था कि क्या सीबीआई के पास इन मामलों की जांच के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। वहीं गृह मंत्रालय और सीबीआई ने इस पर सीलबंद रिपोर्ट पेश की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि मंत्रालय में एक अलग यूनिट इस मुद्दे पर काम कर रही है। पूरी खबर पढ़ें... 17 अक्टूबर: SC ने केंद्र सरकार और CBI से जवाब मांगा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और CBI से जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा था कि यह कोई आम अपराध नहीं है। कोर्ट के नाम, मुहर और आदेशों की नकली कॉपी बनाना पूरी न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार व अंबाला साइबर क्राइम यूनिट को निर्देश दिया था कि अब तक की जांच की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अपराधों का देशभर में फैलता नेटवर्क सामने आ रहा है। इसलिए सिर्फ एक मामले की जांच नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य पुलिस को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करनी होगी। पूरी खबर पढ़ें... 2024 में 1100 करोड़ की साइबर ठगी हुई दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2025 में साइबर अपराधियों ने लोगों से करीब 1,000 करोड़ रुपए ठगे। इस साल इन्वेस्टमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और बॉस स्कैम ठगी के सबसे ज्यादा आम तरीके बने। साल 2024 में दिल्ली के लोगों से करीब 1,100 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई थी। उस समय पुलिस और बैंक ठगे गए पैसों में से करीब 10% रकम को ही फ्रीज कर पाए थे, लेकिन 2025 में दिल्ली पुलिस ने बैंकों के साथ मिलकर लगभग 20% ठगे गए पैसे को रोकने में सफलता पाई है। यानी, पिछले साल की तुलना में यह उपलब्धि दोगुनी है। धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात, आईकार्ड-बैकग्राउंड लोगो भी दिखाते हैं ठग धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात करते हैं। वीडियो कॉलिंग के दौरान आईडी कार्ड दिखाते हैं। जिस भी एजेंसी के अफसर को कॉल ट्रांसफर करते हैं, उसके बैकड्रॉप पर एजेंसी का लोगो दिखता है। कथित सुनवाई में प्रदर्शित सेटअप भी कोर्ट रूम का होता है, इसलिए लोग विश्वास कर लेते हैं। साइबर जांच से जुड़े एक अफसर बताते हैं कि बहुत पढ़े-लिखे, उच्च पदस्थ व रिटायर्ड लोग कानून का सम्मान ज्यादा करते हैं। वे इन साइबर अपराधियों को असली अफसर मान लेते हैं, जबकि देश में फोन पर ऐसी जांच और पैसे ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस की अपील- फौरन शिकायत करें, पैसा बच सकता है दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट के डीसीपी विनीत कुमार ने कहा- जैसे ही किसी को साइबर फ्रॉड का पता चले, तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। अगर आप जल्दी रिपोर्ट करते हैं, तो हम बैंक खातों में पैसा फ्रीज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे चालू रहने वाली 24 हेल्पलाइन लाइनों की व्यवस्था की है, ताकि लोग तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। ये मैसेज असली लगते हैं क्योंकि ये आधिकारिक आईडी या कंपनी नंबर जैसे दिखते हैं। इसलिए लोग धोखा खा जाते हैं। ---------------------------------- डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 4 महीने में 400 करोड़ की ठगी, डॉक्टर-इंजीनियर, IIT प्रोफेसर को शिकार बना रहे, मास्टरमाइंड दुबई में बैठे देश में पिछले 4 माह में करीब 400 करोड़ रुपए ठगे जा चुके हैं। ताज्जुब ये है कि इसमें जो शिकार बने हैं, उनमें डॉक्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सैन्य अफसर और आईआईटी प्रोफेसर जैसे उच्च शिक्षित लोग शामिल हैं। इसके पीछे दुबई में बैठे मास्टरमाइंड हैं। भास्कर की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें... गांधीनगर में देश का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, डॉक्टर को 3 महीने अरेस्ट कर 19.24 करोड़ रुपए वसूले साइबर फ्रॉड : बताओ... अभी तुम कहां हो? महिला डॉक्टर: मैं दवा की दुकान पर हूं। वह मेरे घर के पास ही है। साइबर फ्रॉड :चलो... अभी घर जाओ और तुम्हें जो बैंक अकाउंट दिया है, उसमें दो करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दो। महिला डॉक्टर: लेकिन मैं तुम्हें पहले ही 6 करोड़ दे चुकी हूं और कितने पैसे दूं? पूरी खबर पढ़ें...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने 30 नवंबर को बस्तर दौरे के दौरान केशकाल के प्रसिद्ध भंगाराम में देवी-देवताओं की पारंपरिक अदालत का अवलोकन किया। इसके बाद वे केशकाल के टाटामारी में ही रात रुके। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सलामी भी दी। जानकारी मिलने पर कि टाटामारी के नैनाराज में देवी-देवताओं की परंपरागत अदालत लगती है, जस्टिस राजपूत वहां पहुंचे। उन्होंने भंगाराम माई के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों के अनुसार, इस अदालत में लोगों के बीच के विवादों और अपराधों का निपटारा पारंपरिक रीति से किया जाता है, जिसे न्यायाधीशों द्वारा सजा सुनाने जैसी पद्धति माना गया है। देव-परंपराओं से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं की दी जानकारी जस्टिस राजपूत ने अदालत की व्यवस्था को करीब से समझते हुए इसके इतिहास और परंपरा की विस्तृत जानकारी ली। भंगाराम माई की अदालत और उससे जुड़ी मान्यताओं ने उन्हें विशेष रूप से आकर्षित किया। स्थानीय जानकारों ने उन्हें जुलूस नाच, प्रतिवर्ती भादो माई की जाजरा परंपरा और देव-परंपराओं से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं की जानकारी भी दी। जस्टिस राजपूत ने अपने इस अनुभव को “अद्वितीय और आनंददायी” बताया। दर्शन के बाद जस्टिस राजपूत ने केशकाल व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इसके बाद वे नारायणपुर एवं कोंडागांव के लिए रवाना हो गए। इस दौरान हाईकोर्ट रजिस्ट्रार मंज़ूर अहमद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सौम्या राय, एसपी पंकज चंद्रा, एएसपी अरुण नेताम, फॉरेस्ट एसडीओ सुभाष नेताम और टीआई जोगेंद्र सिंह चौहान सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
रोहतक के ब्लॉक लाखनमाजरा में अंधेरा होते ही युवाओं ने बॉस्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला और स्टेडियम पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। कोच व खिलाड़ियों ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बॉस्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की 25 नवंबर को स्टेडियम में बॉस्केटबॉल की प्रैक्टिस करने के दौरान छाती पर पोल गिरने के कारण मौत हो गई थी। ऐसा ही एक हादसा 23 नवंबर को बहादुरगढ़ में हुआ, जिसमें अमन को अपनी जान गंवानी पड़ी। हार्दिक की आत्मा की शांति व दोषियों पर कार्रवाई की मांग ग्रामीणों, खिलाड़ी व कोच ने कैंडल मार्च निकालते हुए गांव में जस्टिस फॉर हार्दिक राठी के नारे लगाए और बदलाव अवस्था में पहुंच चुके स्टेडियम में जाकर कैंडल से दिल बनाते हुए हार्दिक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही सरकार ने हार्दिक के साथ न्याय करने की मांग की। प्रदेश के स्टेडियमों का हो सुधार मृतक हार्दिक राठी के पिता संदीप राठी ने कहा कि पूरे हरियाणा में जितने भी स्टेडियम हैं, उनकी सरकार द्वारा मरम्मत करवानी चाहिए, ताकि कोई हार्दिक राठी फिर से हादसे का शिकार ना हो। गांव का कोई भी बच्चा जब मेडल लेकर आएगा तो वह समझेंगे कि उनका बेटा मेडल लेकर आया है। ग्रामीणों में सरकार के प्रति दिखा रोष हार्दिक की मौत के बाद गांव में शोक की लहर है। वहीं, ग्रामीणों में सरकार के प्रति गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार समय रहते स्टेडियम को ठीक करवा देती, पोल को बदलवा देती तो आज हार्दिक उनके साथ होता। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ है।
गुरुग्राम के रास्ते हरियाणा के युवाओं को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजा जा रहा है। मोटी कमाई का लालच देकर इनसे जबरन साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। साइबर पुलिस द्वारा शनिवार को पकड़े गए जींद निवासी प्रवीण ने पूछताछ में खुलासा किया है कि हरियाणा के युवाओं की मानव तस्करी में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय रैकेट काम कर रहा है। इस रैकेट में चीनी मूल के सरगना शामिल हैं, जो थाईलैंड को ट्रांजिट पॉइंट बनाकर हरियाणा सहित उत्तर भारत के युवाओं को पहले थाईलैंड और फिर डंकी रूट से म्यांमार ले जाते हैं। वहां उन्हें बंदूक की नोंक पर साइबर ठगी का काम कराया जाता है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी और भारत वापसी के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाते हैं। 50 हजार रुपए का कमीशन मिलता है जींद की दया बस्ती के रहने वाले प्रवीण ने बताया कि वह दसवीं पास है और पिछले साल खुद थाईलैंड गया था। जहां उसकी मुलाकात चीनी, पाकिस्तानी और भारतीय साइबर अपराधियों से हुई। इन्होंने प्रति युवक 50 हजार रुपए का कमीशन देने का लालच दिया। दिसंबर 2025 में भारत लौटने के बाद उसने कमीशन के लालच में अपने ही प्रदेश के युवाओं को फंसाना शुरू कर दिया। टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन पुलिस पूछताछ में प्रवीन ने कबूल किया कि वह टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर आकर्षक नौकरी के विज्ञापन डालता था। युवकों को थाईलैंड में डेटा एंट्री या कस्टमर केयर की हाई सैलरी वाली नौकरी का लालच देता था। विश्वास जीतने के बाद टूरिस्ट वीजा पर थाईलैंड भेजता और वहां उसके साथी उन्हें अवैध रूप से म्यांमार की सीमा पार करा देते थे। पासपोर्ट छीन लेते हैं म्यांमार पहुंचते ही पासपोर्ट छीन लिए जाते हैं और चीनी सरगनाओं के कंपाउंड में कैद कर साइबर फ्रॉड कराया जाता है। एक शिकायतकर्ता को भारत वापस भेजने के नाम पर 4700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 लाख रुपए) की मांग की गई थी। अक्टूबर 2025 में म्यांमार सेना ने छापेमारी कर कई भारतीयों को मुक्त कराया था, जिनमें यह पीड़ित भी शामिल था। इसके बाद थाईलैंड ने उसे डिपोर्ट कर भारत भेज दिया। प्रवीन ने अब तक जींद जिले से ही कम से कम दो युवकों को इसी तरीके से विदेश भिजवाने की बात कबूल की है। एसीपी साइबर क्राइम (पश्चिम) प्रियांशु दिवान के मुताबिक प्रवीन पर पहले भी जींद में फर्जी वीजा बनवाने के नाम पर ठगी का मुकदमा दर्ज है। 28 नवंबर को उसे कोर्ट में पेश कर दो दिन का पुलिस रिमांड लिया गया था। मानव तस्करी के मामले में पिछले एक महीने के अंदर 5 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं। रिमांड के दौरान उसके मोबाइल, बैंक खातों और सोशल मीडिया चैट्स की गहन जांच की गई। अभी भी काफी युवक म्यांमार के कखारेत और म्यावडी इलाकों में चीनी गिरोहों के कंपाउंड में कैद हैं।
पुलिस मुख्यालय ने शनिवार शाम को आदेश जारी कर 64 आरपीएस के तबादले किए हैं। आदेश के अनुसार सभी अधिकारियों को नए पदस्थापन पर तुरंत प्रभाव से कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं। 1 दिन पहले 26 एएसपी के तबादले हुए थे। विष्णु खत्री को ट्रैफिक प्रभारी लगाया श्रीगंगानगर ग्रामीण सीईओ आयुष वशिष्ठ को किशनगढ़ ग्रामीण (अजमेर) सीओ लगाया गया है। वहीं, डीवाईएसपी ट्रैफिक रणवीर सिंह को ग्रामीण सीओ बीकानेर उत्तर (लूणकरणसर) लगाया गया है। साइबर क्राइम में डीवाईएसपी पुष्पेंद्र सिंह ज्वाला को करणपुर सीईओ लगाया गया है। भूपेंद्र सोनी को जिले में पोस्टिंग मिल गई है। सोनी का झालावाड़ से ट्रांसफर कर ग्रामीण सीईओ, श्रीगंगानगर के पद पर लगाया गया है। सोनी काफी लंबे समय से इसके लिए प्रयास कर रहे थे। वहीं, करणपुर सीओ विष्णु खत्री को श्रीगंगानगर ट्रैफिक जिला प्रभारी नियुक्त किया गया है। 22 दिन में दूसरी बार श्रीकरणपुर सीओ को बदला इससे पहले, 8 नवंबर को विष्णु खत्री ने सर्कल डीएसपी के रूप में कार्यभार संभाला था। आज जारी हुई पुलिस उपाधीक्षक सूची के अनुसार, विष्णु खत्री को श्रीगंगानगर यातायात प्रभारी नियुक्त किया गया है। वहीं, श्रीगंगानगर में तैनात साइबर डीएसपी पुष्पेंद्र सिंह ज्वाला को श्रीकरणपुर सर्कल डीएसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस महकमा एक तरफ तो साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए आए दिन सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले में साइबर क्राइम डीएसपी का पद खाली है। महिला सुरक्षा का दावा करने वाले पुलिस महकमे में महिला अनुसंधान अधिकारी का पद भी खाली है।
बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने कोंडागांव में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण स्थल को बदलने का निर्देश दिया है। 29 नवंबर को न्यायालय निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह फैसला सुनाया। यह निर्णय कलेक्ट्रेट परिसर में प्रस्तावित भवन स्थल को लेकर चल रहे विवाद और छात्रों के प्रदर्शनों के बाद आया है। जस्टिस राजपूत ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए जा रहे नवीन न्यायालय भवन के विवादित मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्कूल ग्राउंड को बचाने की मांग को लेकर छात्रों की ओर से किए जा रहे लगातार प्रदर्शनों का संज्ञान लिया और अधिवक्ता संघ से इस संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी। जस्टिस राजपूत ने मंडी प्रांगण की भूमि का निरीक्षण किया बार एसोसिएशन के आग्रह पर जस्टिस राजपूत ने मंडी प्रांगण पहुंचकर वहां स्थित खाली सरकारी भूमि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि कलेक्ट्रेट परिसर में न्यायालय भवन के लिए आवंटित भूमि 5 एकड़ से भी कम है। वर्तमान आवंटित भूमि न्यायालय भवन के लिए अपर्याप्त इस स्थान पर पार्किंग, रिकॉर्ड रूम, विधिक सेवा केंद्र, बार रूम, प्रतीक्षा कक्ष और अन्य न्यायिक व्यवस्थाओं जैसी भविष्य की सभी सुविधाओं का सुचारु निर्माण संभव नहीं है। इसलिए, यह स्थल न्यायालय भवन के लिए उपयुक्त नहीं है। नई भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश निरीक्षण के बाद जस्टिस राजपूत ने प्रधान जिला-सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी को निर्देश दिया कि मंडी प्रांगण के पीछे स्थित खाली सरकारी भूमि को नवीन न्यायालय भवन के लिए आवंटित कराने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए। अधिवक्ता संघ ने निर्णय को बताया सही और हितकारी जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दीपक ठाकुर ने बताया कि पीएम श्री महात्मा गांधी वार्ड स्कूल के प्रांगण में प्रस्तावित न्यायालय भवन सर्व-सुविधायुक्त परिसर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चों के हित, स्थानीय जनभावनाओं और भविष्य की न्यायिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट जस्टिस ने मंडी प्रांगण की भूमि को अधिक उपयुक्त माना है। अधिवक्ता संघ ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न केवल स्कूल के बच्चों का खेल मैदान सुरक्षित रहेगा, बल्कि कोंडागांव को एक सुव्यवस्थित और पूर्ण सुविधाओं वाला न्यायालय परिसर भी मिलेगा।
सोनीपत में पुलिस आयुक्त ममता सिंह (IPS, ADGP) के मार्गदर्शन और पुलिस उपायुक्त पश्चिम एवं साइबर सोनीपत कुशल पाल सिंह के दिशा-निर्देशानुसार, सोनीपत पुलिस ने ‘साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान’ के तहत आम जनता को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए साइबर एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में साइबर अपराधों की रोकथाम और बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। मजबूत पासवर्ड और MFA का प्रयोग करेंपुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं, जिनमें अक्षर, संख्या और प्रतीक शामिल हों। एक ही पासवर्ड का बार-बार उपयोग न करें और जहां संभव हो, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) सक्षम करें। सॉफ्टवेयर अपडेट और संदिग्ध लिंक से सावधानीमोबाइल और कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करने की सलाह दी गई है। साथ ही, अनजान स्रोतों से ऐप डाउनलोड न करने और संदिग्ध ईमेल, संदेश या सोशल मीडिया लिंक पर क्लिक करने से बचने की चेतावनी दी गई है। व्यक्तिगत जानकारी साझा न करेंपुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति कॉल, टेक्स्ट या ईमेल पर अपना ओटीपी या पासवर्ड साझा न करे। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी जैसे पालतू जानवरों के नाम, स्कूल या परिवार के सदस्यों की जानकारी साझा करने में भी सावधानी बरतें, क्योंकि इनका उपयोग पासवर्ड अनुमान लगाने में किया जा सकता है। फर्जी निवेश और नौकरी रैकेट से सतर्क रहेंव्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर ऊँचे रिटर्न का वादा करने वाले फर्जी निवेश समूहों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। साथ ही, युवाओं को फर्जी नौकरी प्रस्तावों से सतर्क रहने को कहा गया है, जिनमें पंजीकरण शुल्क या प्रशिक्षण के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी से बचेंएडवाइजरी में बताया गया है कि कुछ अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करते हैं और कहते हैं कि आपके खिलाफ वारंट है या आपको डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया है। ऐसे कॉल पूरी तरह फर्जी होते हैं और इनसे पैसे ऐंठे जाते हैं। बैंकों के साथ समन्वय और त्वरित रिपोर्टिंगनागरिकों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध लेनदेन की तुरंत रिपोर्ट करें ताकि धोखाधड़ी वाले खातों को फ्रीज किया जा सके और वित्तीय नुकसान से बचा जा सके। साइबर हमले के बाद उठाएं ये कदमयदि कोई साइबर अपराध का शिकार होता है, तो तुरंत अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी और अन्य वित्तीय संस्थानों को सूचित करें। पहचान चोरी होने पर संबंधित कार्यालय में रिपोर्ट दर्ज कराएं। साथ ही, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
एमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया ने अपनी आगामी थियेट्रिकल रिलीज फिल्म 'निशांची' का धमाकेदार फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया है। अजय राय और रंजन सिंह द्वारा जार पिक्चर्स के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई ये फिल्म एक रोमांचकारी ...
राणा नायडू सीजन 2: नए किरदारों के साथ क्राइम, एक्शन और इमोशन का जबरदस्त तड़का
राणा नायडू सीजन 2' में गालियों में कमी और ड्रामा में बढ़ोतरी हुई है। अर्जुन रामपाल का 'रॉफ' और कृति खरबंदा जैसे नए किरदार कहानी को नया मोड़ देते हैं। राणा और नागा के किरदार पहले की तरह दमदार हैं, जो परिवार को मुश्किलों से निकालते हैं। सीरीज की ...
अनुराग कश्यप लेकर आए क्राइम ड्रामा फिल्म निशांची, इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज
अनुराग कश्यप एक नई गहन क्रामइ ड्रामा फिल्म 'निशांची' लेकर आ रहे हैं। अमेजन एमजीएम स्टूडियो ने इस फिल्म का टीजर शेयर करते हुए इसकी थिएट्रिकल रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ये फिल्म हालात को हूबहू पर्दे पर उतारने वाली और ...
प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी रोमांचक इन्वेस्टीगेटिव क्राइम थ्रिलर 'स्टोलन' का दमदार ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर टीम के साथ 'स्टोलन' करण ...
सोनू सूद की फतेह इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हुई स्ट्रीम, साइबर क्राइम की काली दुनिया को दिखाती है फिल्म
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की फिल्म 'फतेह' को सिनेमाघरों में मिलाजुला रिस्पॉन्स मिला था। इस फिल्म से सोनू सूद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा है। साइबर क्राइम पर आधारित इस फिल्म में सोनू सूद के साथ जैकलीन फर्नांडिस मुख्य भूमिका में नजर आईं। वहीं ...
क्राइम फ्री धड़कपुर से चोरी हुई बाइक, प्राइम वीडियो की सीरीज दुपहिया का मजेदार ट्रेलर हुआ रिलीज
web series dupahiya trailer: प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी ओरिजिनल सीरीज 'दुपहिया' का दिलचस्प ट्रेलर जारी कर दिया है। सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदासानी द्वारा उनके बैनर बॉम्बे फिल्म कार्टेल के तहत रचित और कार्यकारी निर्मित है। यह सीरीज़ एक काल्पनिक ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
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सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
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Salman Khan फायरिंग मामले में पुलिस को मिली अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी, क्राइम ब्रांच के हाथ लगे दो और अपराधी
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई दूसरी बंदूक बरामद की। सूरत की तापी नदी से तीन मैगजीन के साथ बंदूक बरामद की गई। इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया 16 अप्रैल को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बाद में, शहर की एक अदालत ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक मुंबई अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया। आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। इसे भी पढ़ें: काला जादू- टोना-टोटका करने का Kangana Ranaut पर आरोप लगाने के बाद अब एक्ट्रेस के बारे Adhyayan Suman क्या सोचते है? मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच अभी भी जारी है मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। अनजान लोगों के लिए, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की धमकियों के बाद 2022 में सलमान की सुरक्षा का स्तर वाई-प्लस तक बढ़ा दिया गया था। अभिनेता को व्यक्तिगत बन्दूक ले जाने के लिए भी अधिकृत किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्होंने एक नया बख्तरबंद वाहन भी खरीदा है।
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मुंबई क्राइम ब्रांच का एक्शन, सलमान के घर फायरिंग करने वाले दोनों शूटर दबोचे
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Salman Khan firing case: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर रविवार तड़के दो अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर दी। इस हमले के बाद हर कोई सलमान खान की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर रहा है। बांद्रा पुलिस ने दो अज्ञात शख्स के ...
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