फरीदाबाद जिले में नए साल के जश्न को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के 1500 जवानों के साथ सभी क्राइम ब्रांच टीमों को ड्यूटी पर लगाया गया है। शराब पीकर वाहन चलाने और हुड़दंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 18 जगहों पर ड्रिंकिंग ड्राइविंग नाके जिले में शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर नकेल कसने के लिए 18 स्थानों पर ड्रिंकिंग ड्राइविंग नाके लगाए जाएंगे। इनमें से अधिकतर नाके भीड़भाड़ वाले इलाकों में होंगे। शाम 7 बजे के बाद से पुलिसकर्मियों की तैनाती शुरू हो जाएगी। मॉल और प्रमुख बाजार क्षेत्रों में पुलिस की गश्त लगातार जारी रहेगी। दूसरे राज्यों और जिलों की सीमाओं पर 9 नाके दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं सहित अन्य जिलों से जुड़ने वाले मार्गों पर पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी। कुल 9 स्थानों पर सीमा नाके लगाए जा रहे हैं, जहां आने-जाने वाले वाहनों की सघन जांच की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम दो नाके लगाने के निर्देश दिए हैं। मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मुख्य बाजार, होटल, रेस्टोरेंट, पार्टी हॉल और चिह्नित चौक-चौराहों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। हर थाना क्षेत्र में दो-दो नाके अनिवार्य पुलिस कमिश्रर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि नए साल के जश्न के दौरान किसी भी तरह का हुड़दंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस पूरी तरह तैयार है और आमजन से अपील की गई है कि वे कानून का पालन करते हुए शांति और सुरक्षा के साथ नए साल का स्वागत करें।
हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने आज 31 दिसंबर को सेवानिवृत्ति के मौके पर पुलिस बल के नाम एक बेहद भावुक और संदेशपूर्ण पत्र साझा किया है। 1992 बैच के इस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने अपने विदाई संदेश में न केवल बीते सालों की उपलब्धियों का जिक्र किया, बल्कि भविष्य के लिए पुलिस बल को 'क्राइम प्रिवेंशन' का मंत्र भी दिया। साथ ही कहा कि 2026 में क्राइम की चुनौतियां कुछ ज्यादा रहेंगी। डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र में अपनी IPS यात्रा को एक रेल यात्रा के रूप में परिभाषित किया। लिखा कि IPS रूपी ट्रेन का उनका यह अंतिम स्टॉपेज है, यहां उतरना होगा। जीवन की यात्रा अभी जारी है। 1992 के दौरान मैं आईपीएस रूपी इस ट्रेन में सवार हुआ था, उसी दिन तय था कि मेरा स्टॉपेज 31 दिसंबर 2025 है। ओपी सिंह ने प्रसिद्ध कवि अल्फ्रेड टेनिसन की पंक्ति I am a part of all that I have met का जिक्र करते हुए उन्होंने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, जिनसे वे अपनी सेवा के दौरान मिले। मेरी लिखने में रुचि डीजीपी सिंह ने लिखा है कि उनकी रुचि लिखने में है, लिखता तो पहले भी रहा हूं लेकिन लगता है अब और अधिक समय इसे मैं दे पाउंगा। आजादी की असली लड़ाई मुंहजोरों, सनकियों और ठगों के आतंक के खिलाफ है। दुर्भाग्य से जो भी अभी जारी है। आपसे अपेक्षा है कि कानून के राज में आप लोगों के संघर्ष में उनका साथ देंगे। आईपीएस और हरियाणा पुलिस मेरी पहचान है। अब तक मेरे से जो बन पड़ा है, उसमें इन दोनों का बड़ा हाथ है। अब जबकि मेरा पड़ा आ गया है तो कबीर दास की पक्तियां आ रही हैं। दास कबीर जतन से ओढी, ज्यों-की-त्यों धर दीन्हीं चदरिया।2026 रहेगा अधिक चुनौतियों वाला साल साल 2025 में 2024 के मुकाबले अपराध दर में कमी रही है। साल 2026 में अधिक चुनौतियां रहेंगी। अपराध आंकड़े बेसलाइन से आंके जाएंगे। क्राइम दर पर शोर मचना तय है। इसको डील करने का एक ही तरीका है। अधिक से अधिक पुलिसकर्मी अपराध रोकने के लिए लगाए जाएं। एक व्यवस्थित तरीके से हिसंक अपराधियों के पीछे लग जाएं।
महिला ने एफडी तोड़कर साइबर अपराधियों के खाते में डाली थी रकम कदमकुआं में रहने वाली रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 3 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के एक शातिर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार साइबर अपराधी शुभम रॉय पश्चिम बंगाल के हुगली के सरेमपुर इलाके का रहने वाला है। उसे पश्चिम बंगाल के कल्याणी साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने पकड़ा। कल्याणी पुलिस उसे डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ की ठगी के एक अन्य मामले में तलाश रही थी। तब पटना की रिटायर्ड प्रोफेसर से ठगी में भी उसका हाथ होने का पता चला। बंगाल पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी पटना साइबर थाना को दी है। पटना साइबर थाने की पुलिस अब शुभम को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जल्द ही यहां से टीम बंगाल जाएगी। कैसे ठगा था : क्रेडिट कार्ड से ट्रांसफरकी गई रकम को कहा था मनी लॉन्ड्रिंग मामला नवंबर 2024 का है। साइबर फ्रॉड ने महिला प्रोफेसर को फोन किया। कहा-आपने एसबीआई में क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया था। उस क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। यह पैसा मनी लॉन्ड्रिंग का है। इसके बाद उसने एक फर्जी क्राइम ब्रांच के अधिकारी से बात कराई। फर्जी अधिकारी ने महिला प्रोफेसर को मोबाइल पर अरेस्ट वारंट भेज दिया और कहा-आपके खाते की जांच होगी। महिला को 48 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा। शातिर ने एक अकाउंट नंबर दिया और कहा कि आपके खाते में जितनी रकम है, सब इसमें ट्रांसफर कीजिए। आरबीआई इसकी जांच करेगा। सही पाए जाने पर आपको एनओसी मिलेगा। महिला प्रोफेसर ने 48 घंटे में अपना एफडी तोड़कर तीन करोड़ रुपए उसके खाते में ट्रांसफर कर दिए। शातिर ने फिर कहा-आपको आरबीआई एनओसी दे देगा, इसके लिए और 7.50 लाख देने होंगे। इसी दौरान महिला के बेटे ने फोन किया और मां की परेशानी समझ गया। बेटे ने जिद की तो उन्होंने सारी बात बता दी। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। इन बातों का ध्यान रखें, नहीं होंगे साइबर ठगी के शिकार भास्कर इनसाइट ठगी में शामिल 3 फ्रॉड यूपी और महाराष्ट्र के, गिरफ्तारी वारंट जारी महिला प्रोफेसर से तीन करोड़ की ठगी के मामले में साइबर थाने की पुलिस ने चार साइबर अपराधियों की पहचान की है। इन चारों के ही खाते में ठगी के पैसे गए थे। इनमें से शुभम रॉय को बंगाल पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी तीन उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। तीनों को साइबर थाने की पुलिस चिह्नित कर चुकी है। तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी ले चुकी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए साइबर थाने की पुलिस यूपी और महाराष्ट्र पुलिस की मदद ले रही है। साइबर अपराधियों के इस गिरोह पर देशभर में 100 से अधिक केस दर्ज हैं। अधिकतर मामले डिजिटल अरेस्ट और निवेश में मुनाफा देने का झांसा देकर ठगी के हैं।
न्यायिक फैसलों में धर्म नहीं, संविधान: जस्टिस अभय एस ओका का स्पष्ट संदेश
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एस ओका ने कहा है कि न्यायिक फैसलों का एकमात्र स्रोत संविधान है, न कि ईश्वर, गाय या कोई बाहरी प्रभाव...
Supreme Court: त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की देहरादून में हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका दायर करते हुए वकील ने ये बात कही है.
जानें कैसे जस्टिस चंद्रचूड़ बनकर बुजुर्ग महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 3.71 करोड़
एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि साइबर अपराधियों ने दक्षिण मुंबई के कोलाबा थाने के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी बनकर महिला को फोन किया और उसे मनी लांड्रिंग मामले में डिजिटल अरेस्ट किया।
पूर्णिया में उद्योग और पथ निर्माण मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपराधियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि सभी अपराधी समय रहते सुधर जाएं, वरना पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा' उन्हें खुद सुधार देगा। समय आ गया है, अपराधियों को सुधर जाना चाहिए या फिर बिहार छोड़कर बाहर चले जाना चाहिए। वरना पुलिस उन्हें कानून का रास्ता दिखाएगी। अपराध का कोई ऑप्शन नहीं। मंत्री दिलीप जायसवाल ने ये बातें भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही। डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि इस समय एनडीए सरकार की दो सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं। पहली, बिहार में कानून का राज कायम रखना और दूसरी, युवाओं को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराना। जिन अपराधियों का मनोबल बढ़ गया था, अब उन्हें पता चल गया है कि पुलिस ने 'ऑपरेशन लंगड़ा' अभियान शुरू कर दिया है। अगर कोई अपराधी अवैध हथियार रखेगा या गुंडागर्दी करेगा, तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। इस कार्रवाई से दूसरे बदमाशों में डर बनेगा। पूर्णिया में भी दो-तीन ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। 1700 एकड़ जमीन आवंटित की गई रोजगार को लेकर डॉ. जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उद्योग मंत्री के तौर पर अब तक 136 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है और कई उद्योगों को इंसेंटिव भी दिया गया है। अशोक लेलैंड, जेके सीमेंट, दीवान स्टील, ब्रिटानिया, पेप्सी और कोका-कोला जैसी बड़ी कंपनियों को पूरे बिहार में करीब 1700 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। गया के डोभी, बक्सर के नावानगर समेत 21 जिलों में लैंड बैंक तैयार किया गया है। आने वाले समय में पूरे बिहार में उद्योगों का जाल बिछाया जाएगा। पथ निर्माण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि पटना और दिल्ली की तर्ज पर मुंगेर से सुल्तानगंज होते हुए भागलपुर तक गंगा किनारे मरीन ड्राइव का निर्माण कराया जा रहा है। मुंगेर से साहिबगंज बॉर्डर के मिर्जा चौकी तक फोरलेन सड़क का काम लगभग पूरा हो चुका है। खगड़िया से पूर्णिया तक फोरलेन सड़क का काम भी जल्द शुरू होगा। इसके अलावा पूर्णिया-बनमनखी-सहरसा-महेशखूंट रोड की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को तत्काल निर्देश दिए गए हैं। जहां-जहां रेलवे क्रॉसिंग हैं, वहां आरओबी बनाए जाएंगे। बिहार में भाजपा को किया मजबूत मंत्री दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि पूर्णिया को एक सुंदर और आधुनिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। एयरपोर्ट से हरदा तक फोरलेन सड़क का विस्तार किया जाएगा, जिससे आवागमन आसान होगा और विकास को नई गति मिलेगी। उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी और बिहार विधानसभा चुनाव का नेतृत्व करने का मौका मिला, यह उनके लिए गर्व की बात है। सीमांचल के नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने पूरे बिहार में भाजपा को मजबूत करने का काम किया है, जिस पर सीमांचल के लोगों को भी गर्व है।
जालंधर वेस्ट हल्के में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और नशे के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ रविवार को एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल, बीएसपी सहित कई राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और बड़ी संख्या में आम लोगों ने भाग लिया। हालांकि, सत्ताधारी आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता या कार्यकर्ता इस महापंचायत में नजर नहीं आया। महापंचायत में साफ शब्दों में चेतावनी दी गई कि यदि पुलिस और प्रशासन ने जल्द ठोस कार्रवाई नहीं की, तो लोग मजबूर होकर अपने इलाकों में ठीकरी पहरे लगाने और खुद सुरक्षा व्यवस्था संभालने पर मजबूर होंगे। जालंधर वेस्ट हल्के में आयोजित इस महापंचायत का मुख्य उद्देश्य इलाके में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं, नशा तस्करी, चोरी, लूटपाट और हत्या जैसी वारदातों पर चिंता जताना था। महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि वेस्ट हल्का इन दिनों अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है और आम नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि शाम ढलते ही घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है और महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों में डर का माहौल बना हुआ है। प्रशासन अपराध रोकने में नाकाम महापंचायत में मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन की ओर से अपराध रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कई वक्ताओं ने कहा कि अपराधी खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित नजर आती है। इसी नाराजगी के चलते सभी दलों और संगठनों ने एकजुट होकर सरकार और पुलिस को चेतावनी देने का फैसला किया। कई दिनों से हल्के अपराधी घटनाओं में हो रहा इजाफा जालंधर वेस्ट से पूर्व विधायक और भाजपा नेता शीतल अंगूराल ने कहा कि पिछले कई दिनों से हल्के में अपराधी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। चोरी, चकारी, लूटपाट और हत्या जैसी संगीन वारदातें आम हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को रोकने में न तो पंजाब पुलिस गंभीर दिखाई दे रही है और न ही पंजाब सरकार। शीतल अंगूराल ने भावुक होते हुए बताया कि हाल ही में उनके भतीजे की भी हत्या कर दी गई थी और इस हत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण इलाके में नशे का बढ़ता कारोबार है। नशा बनी युवाओं के लिए समस्या शीतल अंगूराल ने कहा कि नशा आज वेस्ट हल्के की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। युवा वर्ग तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है, जिसके कारण अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नशा तस्कर और आपराधिक तत्व जेल से बाहर आकर फिर से खुलेआम घूम रहे हैं और दोबारा अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि पंजाब पुलिस और सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो लोग मजबूर होकर अपने-अपने इलाकों में ठीकरी पहरे लगाने लगेंगे। महेंद्र भगत पर भी पर उठाए सवाल भाजपा नेता ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री महेंद्र भगत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं, वे न केवल खुलेआम घूम रहे हैं, बल्कि उनके मंत्री के घर के आसपास और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी दिखाई देते हैं। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में तस्वीरें भी मौजूद हैं। शीतल अंगूराल ने पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील की कि जालंधर वेस्ट में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए, पुलिस को सशक्त किया जाए और कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि आम जनता खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। कांग्रेस नेत्री सरकार को घेरा महापंचायत में कांग्रेस नेत्री सुरिंदर कौर ने भी सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जालंधर वेस्ट हल्के में नशा और अपराध इस कदर बढ़ चुका है कि आम आदमी का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने दावा किया कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब न तो नशे का यह हाल था और न ही अपराधी घटनाओं में इतनी बढ़ोतरी देखने को मिलती थी। सुरिंदर कौर ने कहा कि मौजूदा सरकार को सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने पुलिस विभाग से मांग की कि आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और नशा तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए। उनका कहना था कि जब तक अपराधियों में कानून का डर नहीं होगा, तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। बड़े स्तर पर आंदोलन करने की दी चेतावनी महापंचायत के अंत में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि यदि आने वाले समय में पुलिस और प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की, तो इलाके के लोग मिलकर पहरे लगाने पर मजबूर होंगे। साथ ही, भविष्य में और बड़े स्तर पर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई।
भोपाल में एयरपोर्ट रोड की पॉश कॉलोनी सूरज नगर में एडवोकेट के घर चोरी की वारदात के दो दिन बाद भी पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं जुटा सकी है। केस की जांच के लिए क्राइम ब्रांच, कोहेफिजा और शाहजहांनाबाद थाने की तीन टीमें जुटी हैं। पुलिस आरोपियों के कॉलोनी तक आने और जाने के रास्तों का रोड मैप तैयार कर रही है। कोहेफिजा थाना टीआई केजी शुक्ला के मुताबिक दोनों थानों की टीमें घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही हैं। कुछ संदेहियों की तस्वीरों में दिख रहे हुलिया के आधार पर तलाश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने सीनियर एडवोकेट अखिलेश श्रीवास्तव के घर को निशाना बनाया। वकील के घर दो खतरनाक कुत्ते हैं, ऐसे में बदमाशों ने पहले उन्हें कुछ खाने को दिया। कुत्तों ने भौंकना बंद किया तो हथियारों और औजारों से लैस नकाबपोश 8 नकाबपोश दीवार एवं गेट फांदकर घर में घुसे और अंदर कमरों के ताले तोड़कर करीब 18 लाख रुपए नगद और लाखों रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गए। बदमाश लोडिंग वाहन से आए थे। घटना 25 और 26 दिसंबर की दरम्यानी रात की है। श्रीवास्तव के मुताबिक वह इलाज के लिए परिवार के साथ इंदौर गए थे। बदमाशों ने इसी का फायदा उठाया। रैकी कर पूरी वारदात, सुबह मेड आई तो खुलासा हुआ वारदात के तरीके से साफ है कि बदमाशों ने पहले रैकी की। उन्हें सब कुछ मालूम था, इसीलिए कुत्तों के लिए खाना और सामान बटोरने के लिए लोडिंग वाहन लाए थे। पुलिस की गश्त नहीं थी, इसलिए रात करीब 1.15 से 3:45 तक बदमाश घर के आसपास घूमते रहे। वकील का कहना है कि 26 दिसंबर की सुबह काम वाली मेड घर आई तो उसने दरवाजा टूटा देखकर फोन पर जानकारी दी। इसके बाद वह इंदौर से आए तो देखा घर का सामान बिखरा पड़ा था। अलमारियों से नगदी और जेवर गायब थे। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। कोहेफिजा पुलिस ने नकबजनी का केस दर्ज किया है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा का कहना है कि आरोपियों का सुराग लगाया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों का पता लगाया जा रहा है। जल्द गिरफ्तारी होगी। कोई बात नहीं, इशारों में वारदातश्रीवास्तव ने घर की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए वाइस रिकार्डिंग वाले हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगा रहे हैं। कैमरों की नजर में मुख्य सड़क, मेन गेट, पोर्च आदि हिस्सा कवर होता है। इसमें सारी वारदात भी कैद हुई है। बदमाश अपने साथ एक इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स ले गए हैं। संभवत: वह इसे डीवीआर समझ रहे हैं। वारदात के दौरान बदमाशों ने किसी का नाम नहीं लिया। इशारों में ही पूरी वारदात को अंजाम दिया।
क्राइम ब्रांच की टीम ने 13.82 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ एक बदमाश को पकड़ा। ब्राउन शुगर की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1 लाख 40 हजार रुपए है। बदमाश गाड़ी रिपेयरिंग का काम करता है और 8वीं तक पढ़ा हुआ है। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के बाद टीम लोखंडे पुल पर पहुंची। यहां पर रोड किनारे एक व्यक्ति काले रंग की बिना नंबर की बाइक पर बैठा दिखा, जो गतिविधि से संदिग्ध लगा। टीम ने उसकी घेराबंदी की तो टीम को देखकर वह घबरा गया। उससे पूछताछ कि तो उसने अपना नाम भूपेंद्र डिगवा निवासी एरोड्रम बताया। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से 13.82 ग्राम ब्राउन शुगर मिली। बाइक सहित उससे 2 लाख 30 हजार रुपए का माल बरामद किया है। ज्यादा पैसा कमाने के लिए बेचता था ब्राउन शुगर एडिशनल डीसीपी ने बताया कि बदमाश से पूछताछ की तो पता चला कि वह गाड़ी रिपेयरिंग का काम करता है और 8वीं तक पढ़ाई की है। उससे ये जानकारी निकाली जा रही है कि वह ब्राउन शुगर कहां से लेकर आता था और शहर में किन-किन लोगों को सप्लाई करता था। इसके साथ ही उसके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड भी चेक कराए जा रहे हैं। बदमाश के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा में कायमी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
कुलदीप सिंह सेंगर मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने योगिता भायना को पत्र लिखकर आरोपों का जवाब दिया और सार्वजनिक बहस की मांग की।
नालंदा जिला वर्ष 2025 में अनेक घटनाओं का साक्षी रहा। सड़क दुर्घटनाओं, जघन्य अपराधों और प्राकृतिक आपदाओं ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया। ये घटनाएं न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी। रहस्यमयी हत्या से सनसनी मार्च महीने में चंडी थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव के पास एक महिला का शव मिला था। पैरों में कील ठोंकी गई थी। यह मामला विधानसभा से लेकर पूरे बिहार में गरमाया, लेकिन आज तक महिला की पहचान नहीं हो सकी है। एकंगरसराय थाना क्षेत्र में महिला(60) के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी निर्मम हत्या ने मानवता को शर्मसार कर दिया। पीड़िता के शरीर पर हिंसा के भयावह निशान मिले थे। आज तक आरोपी पुलिस पकड़ से दूर है। यह घटना पुलिस तंत्र के समक्ष एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। प्राकृतिक आपदा और हिंसा का महीना अप्रैल का महीना विशेष रूप से त्रासदपूर्ण रहा। सिलाव थाना क्षेत्र में एक युवक ने घर में घुसकर मां-बेटी को गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद को भी गोली मार ली। 10 अप्रैल को नालंदा में आंधी-बारिश ने कहर बरपाया। दीवारें और पेड़ गिरने से 22 लोगों की जान चली गई। यह प्राकृतिक आपदा जिले के लिए एक बड़ा झटका था। 1 अप्रैल को इस्लामपुर थाना क्षेत्र में एक दंपत्ति के साथ लूटपाट और सामूहिक दुष्कर्म की जघन्य घटना हुई। जून से अगस्त: अपराध और दुर्घटनाओं का सिलसिला जून में बिहार शरीफ में एक एएनएम छात्रा की हत्या कर उसके शव को सूटकेस में बंद करके फेंक दिया गया। यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा। जुलाई में दीपनगर थाना क्षेत्र के डुमरावां गांव में जातीय हिंसा में एक युवती और किशोर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी महीने पावापुरी में कर्ज के जाल में फंसे एक परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सिर्फ 10 वर्षीय बच्चे की जान बची। इस घटना ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया। अगस्त में रहुई के भेंडा गांव के पास अनियंत्रित कार पानी में गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि पटना जिले में ट्रक की टक्कर से ऑटो सवार हिलसा के मलवां गांव के नौ लोगों की मौत ने नौ परिवारों की खुशियां एक साथ छीन ली। कई दिनों तक गांव में मातम का माहौल रहा। साल के अंत में भी जारी रहा हादसों का सिलसिला दिसंबर महीने में दीपनगर थाना क्षेत्र के कंचनपुर के पास शादी समारोह से लौट रही बस डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें 30 लोग घायल हुए और एक व्यक्ति की मौत हो गई। 3 दिसंबर को दीपनगर थाना क्षेत्र के एनएच 20 के देवधा ओवरब्रिज पर कार और स्कॉर्पियो के बीच भीषण टक्कर हो गई। कार में आग लगी गई। इस हादसे में पांच युवक बुरी तरह घायल हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई। कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर सवाल वर्ष 2025 नालंदा जिले के लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। सड़क सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के मामले में गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इन समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
‘जस्टिस स्वामीनाथन ब्राह्मणिक इकोसिस्टम के बड़े समर्थक हैं। कोर्ट प्रोसिडिंग में साफ दिखता है कि वे खास कम्युनिटी के वकीलों के साथ सांठगांठ में काम करते हैं। कई वकीलों ने उनके आदेशों के खिलाफ शिकायत की है। आम लोग आदेशों को गहराई से नहीं देखते, लेकिन वकील जानते हैं कि कैसे यह पैटर्न चल रहा है।’ तमिलनाडु के मद्रास हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट सारनाथन मदुरै बेंच के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर जाति के आधार पर भेदभाव के गंभीर आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं कि जस्टिस स्वामीनाथन का RSS की विचारधारा की ओर झुकाव है और वे ब्राह्मण वकीलों को तरजीह देते हैं। ये व्यवहार कानूनी निष्पक्षता के खिलाफ है। जस्टिस स्वामीनाथन का विरोध करने वालों में एडवोकेट सारनाथन अकेले नहीं हैं। मद्रास हाईकोर्ट के 8 से ज्यादा पूर्व जस्टिस और कई वकील भी उनका विरोध कर रहे हैं। DMK और इंडिया ब्लॉक के 120 सांसदों ने स्वामीनाथन को हटाने के लिए लोकसभा में महाभियोग का नोटिस दिया है। 9 दिसंबर 2024 को दिए गए महाभियोग नोटिस पर फिलहाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने 19 दिसंबर को कहा कि वे नियमों और प्रक्रिया के मुताबिक, इसकी जांच कर रहे हैं। जस्टिस स्वामीनाथन पर लगे आरोपों के पीछे वजह क्या है, कोर्ट में उनके व्यवहार और फैसलों पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? ये समझने के लिए हमने मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस, वकीलों और सीनियर जर्नलिस्ट से बात की। पूरा मामला शुरू कहां से हुआ9 दिसंबर को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, सपा सांसद अखिलेश यादव, DMK सांसद कनिमोझी के साथ विपक्ष के 120 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को महाभियोग का नोटिस सौंपा। इसमें जस्टिस स्वामीनाथन पर आरोप लगाया है कि वे खास समुदाय के वकीलों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाते हैं। साथ ही वे फैसले खास राजनीतिक विचारधारा के आधार पर लेते हैं, जो भारतीय संविधान के सेकुलर सिद्धांतों के खिलाफ है। यह नोटिस जस्टिस स्वामीनाथन के 2 दिसंबर के एक फैसले के बाद आया। उन्होंने मदुरै के तिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर दरगाह के पास एक पत्थर के खंभे पर दीया जलाने की इजाजत दी थी। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदू संगठनों ने याचिका दाखिल की थी। जस्टिस स्वामीनाथन के फैसले पर तमिलनाडु की DMK सरकार ने आरोप लगाया कि VHP और जस्टिस स्वामीनाथन सांप्रदायिक तनाव भड़का रहे हैं। सरकार ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि, 50 से ज्यादा पूर्व जजों ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग का विरोध किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी 10 दिसंबर को सदन में कहा कि विपक्षी सांसद अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर महाभियोग प्रस्ताव लाए हैं। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद इतने साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई जज फैसला सुनाएं, तो उन्हें इस तरह से महाभियोग का सामना करना पड़ रहा हो।’ जस्टिस स्वामीनाथन पर ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने के आरोप क्यों लगे 11 अगस्त को भी INDIA ब्लॉक के लगभग 50 सांसदों ने CJI और राष्ट्रपति को लेटर लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंगल जज बेंच के दौरान जस्टिस ने खास वकीलों के केसों को लिस्टिंग में तवज्जो दी और टाइम स्लॉट अलॉट किया। खासतौर पर ब्राह्मण समुदाय के वकीलों और दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े वकीलों को ये राहत दी गई। इसके अलावा इसी साल 14 जून को मद्रास हाईकोर्ट के वकील एस. वंचिनाथन ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के सामने जस्टिस स्वामीनाथन पर जातिगत पक्षपात जैसे गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद 25 जुलाई को एक अलग केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस स्वामीनाथन ने एडवोकेट वंचिनाथन को कोर्ट में बुलाया। 28 जुलाई को जस्टिस स्वामीनाथन और के. राजशेखर की बेंच ने सुनवाई में कहा कि वकील के आरोप आपराधिक अवमानना के दायरे में आते हैं। इस फैसले के बाद वकीलों ने कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। जस्टिस के. चंद्रू समेत 8 रिटायर्ड जजों ने जॉइंट लेटर जारी कर वंचिनाथन का सपोर्ट किया। उन्होंने जस्टिस स्वामीनाथन से अपील की थी कि वे इस मामले से खुद को अलग रखें। कोर्ट में वकीलों से पक्षपात का आरोप मदुरै बैंच में प्रैक्टिस करने वाले सीनियर एडवोकेट सारनाथन जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वे अभी जस्टिस स्वामीनाथन की कोर्ट में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। वे आरोप लगाते हैं कि जस्टिस कोर्ट में खास समुदाय के वकीलों का फेवर करते हैं। उनसे असहमत वकीलों पर कोर्ट में अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। सारनाथन एडवोकेट वंचिनाथन केस की सुनवाई का जिक्र करते हुए बताते हैं, ‘मैंने उनके कोर्ट में सीधे कोई केस नहीं लड़ा, लेकिन एडवोकेट वंचिनाथन को 'कावर्ड' (कायर, डरपोक) कहा गया, तब मैं कोर्ट में मौजूद था।’ ‘CJI से शिकायत पर जस्टिस को आधिकारिक तरीके से जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने गुस्से में वंचिनाथन को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा। ये सही नहीं था। वंचिनाथन ब्राह्मण समुदाय से नहीं आते और दलितों के लिए काफी एक्टिव रहे हैं।’ वकील अवमानना के डर से बोलने से बच रहेमद्रास हाईकोर्ट एक वकील कहते हैं कि सिटिंग जज के खिलाफ वकील खुलकर नहीं बोलते क्योंकि अवमानना का डर रहता है। जस्टिस स्वामीनाथन तो अपने खिलाफ केस में खुद सुनवाई के लिए बैठ जाते हैं। ये वकील आरोप लगाते हैं कि जस्टिस स्वामीनाथन काफी चतुराई के साथ अपनी छवि पर काम कर रहे हैं। उन्होंने दलित विरोधी न दिखने की भी कोशिश की है। उन्होंने सभी यूनिवर्सिटी चांसलर ऑफिस में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की फोटो लगाने का आदेश दिया। ऐसे एक-दो ही उदाहरण हैं, उनके ज्यादातर फैसले संविधान विरोधी ही रहे हैं।’ आरोप: जज बनने के बाद RSS के कार्यक्रम में गए थे जस्टिस स्वामीनाथनएडवोकेट सारनाथन जस्टिस स्वामीनाथन के जज बनने को ही गलत मानते हैं। वे कहते हैं कि वकालत के दौरान जस्टिस RSS विचारधारा के समर्थक थे। तब ये उनकी निजी राय हो सकती है, लेकिन जज बनना पूरी प्रक्रिया के विरुद्ध था। जज बनने के बाद भी वे निष्पक्ष नहीं रहे। सोर्स बताते हैं कि 1994 में जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु से डेलिगेट के तौर पर RSS की लॉयर विंग अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की बैठक में हिस्सा लिया था। 2023 में जज बनने के बाद वे परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में दोबारा गए। यहां उन्होंने कहा कि मैं परिषद का कार्यकर्ता हूं। इसके अलावा मार्च, 2023 में हरियाणा में RSS के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसमें उन्होंने भारतीय संविधान को कॉपी किया हुआ दस्तावेज बताते हुए कहा कि यह 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट से लिया गया है और इसमें कोई मौलिकता नहीं है। सारनाथन महाभियोग को सही तरीका नहीं मानते, लेकिन वे फिर भी इसका समर्थन करते हैं। इसके पीछे कारण बताते हैं, ‘महाभियोग जजमेंट को चुनौती देने का सही रास्ता नहीं है क्योंकि डिवीजन बेंच और सुप्रीम कोर्ट में अपील का विकल्प मौजूद है। फिर भी जज के पक्षपात वाले फैसलों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने के लिए यह जरूरी था।’ सारनाथन दावा करते हैं कि सभी बार एसोसिएशन जज के रवैये के खिलाफ हैं। मदुरै बेंच में भी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। मद्रास हाईकोर्ट में विरोध हुआ। तिरुपरनकुंद्रम विवाद में असंवेदनशीलता का आरोप एडवोकेट सारनाथन तिरुपरनकुंद्रम विवाद में जस्टिस स्वामीनाथन पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं कि उनके फैसले ने मंदिर में 100 से ज्यादा साल से चले आ रहे रिवाज को अचानक बदल दिया। ये फैसला सामाजिक संतुलन को बिगाड़ सकता है। पूर्व जस्टिस बोले- स्वामीनाथन कम उम्र से ही RSS से जुड़े जस्टिस स्वामीनाथन के विरोध में सबसे ज्यादा मुखर मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस के. चंद्रू हैं। वे दलितों के लिए काम करते रहे हैं। उनके ऊपर जय भीम नाम से फिल्म बन चुकी है। वे आरोप लगाते कि स्वामीनाथन कॉलेज में ABVP के सदस्य थे। उन्होंने यह कहकर छात्रों को लामबंद करना शुरू किया था कि लॉ स्कूल का सिलेबस बेकार है। ‘10 साल से ज्यादा वक्त तक उन्होंने चेन्नई में प्रैक्टिस की। 2004 में नए बने मदुरै बेंच में शिफ्ट हो गए। मदुरै में नेटवर्क बढ़ाया और RSS से जुड़े रहे भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के करीबी हो गए।’ पूर्व जस्टिस चंद्रू कहते हैं कि स्वामीनाथन ने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद हासिल करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। 2014 में उन्हें मदुरै बेंच के लिए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। ये पद मद्रास हाईकोर्ट के मदुरै बेंच में एडिशनल जज बनने की सीढ़ी था। 2019 में स्वामीनाथन को स्थायी जज बना दिया गया। महाभियोग के लिए मिसबिहेवियर साबित होना जरूरीपूर्व जस्टिस चंद्रू महाभियोग नोटिस को सही मानते हैं। वे कहते हैं, ‘आर्टिकल 217 के तहत हाईकोर्ट जज पर महाभियोग के लिए मिसबिहेवियर साबित होना जरूरी है। इसमें कोर्ट के बाहर गलत बर्ताव या भ्रष्ट फैसले भी शामिल होते हैं।’ ‘स्वामीनाथन का कोर्ट के बाहर आचरण 1999 के ज्यूडिशियल स्टेटमेंट ऑफ वैल्यूज के विरुद्ध है। वे हिंदुवादी और RSS से जुड़े वकीलों की बैठकों में गए। यहां वे भारतीय संविधान और कानून की आलोचना करते हैं और शास्त्रों-पुराणों को मौजूदा कानूनी व्याख्या का विकल्प बनाने की वकालत करते हैं।’ हालांकि पूर्व जस्टिस चंद्रू मिसबिहेवियर साबित करने को चैलेंजिंग बताते हैं। वे समझाते हैं कि सिटिंग जज के आचरण पर चर्चा में ऑब्जेक्टिव स्टैंडर्ड बनाना मुश्किल है क्योंकि उन्हें ऑर्डर देने की गहराई से समझ है। 80% सिटिंग जज उनके व्यवहार और आचरण से नाराज हैं, लेकिन कुछ वकीलों का सपोर्ट उन्हें मिला हुआ है। सपोर्ट की वजह क्या है? पूर्व जस्टिस बताते हैं, ‘जस्टिस स्वामीनाथन वकीलों को चतुराई से प्रभावित करते हैं। वे उन्हें कई तरह की राहत देते हैं। कोर्ट में तय घंटों से ज्यादा काम करके ऑर्डर बांटते हैं।’ हालांकि कई वकील जस्टिस स्वामीनाथन का समर्थन करते हैं। मद्रास हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील रामास्वामी मयप्पन जस्टिस स्वामीनाथन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित मानते हैं। वे कहते हैं, ‘जस्टिस स्वामीनाथन 2023 में जज रहते हुए ABAP के प्रोग्राम में गए थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक RSS के फंक्शन में गए हैं। RSS वैध संगठन है। उसकी अधिवक्ता परिषद रजिस्टर्ड सोसायटी है। उसके कार्यक्रम में जाना गलत नहीं है।’ ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने के आरोपों को भी रामास्वामी खारिज करते हैं। वे कहते हैं, उनके केस की संख्या सार्वजनिक है। गैर-ब्राह्मण वकीलों को भी उनसे फायदा मिला है। जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग का नोटिस न्यायपालिका को कंट्रोल करने की कोशिश हैं। DMK को कोई फैसला पसंद नहीं आया तो ऐसा प्रस्ताव ले आए। जर्नलिस्ट बोले- जस्टिस का एक विचारधारा की ओर झुकाव दिखता हैतमिलनाडु में द रूसटर न्यूज के नाम से यूट्यूब चैनल चला रहे सीनियर जर्नलिस्ट राहुल मानते हैं कि जस्टिस एम. स्वामीनाथन पर लगे आरोपों में दम हैं। वे बताते हैं कि स्वामीनाथन 2014 से 2017 तक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहते हुए BJP के कार्यक्रमों में स्पीकर बने और भाषण दिए। उन्होंने तमिलनाडु के BJP प्रदेश अध्यक्ष रहे अन्नामलाई की तारीफ की। यह उनके वैचारिक झुकाव को दिखाता है। जस्टिस स्वामीनाथन के विवादित फैसले और बयान1. बैन हो चुकी धार्मिक प्रथा को मंजूरी2024 में एक याचिकाकर्ता ने तमिलनाडु के करूर में एक मंदिर उत्सव में अन्नदान और अंगप्रदक्षिणम की अनुमति मांगी। अंगप्रदक्षिणम के तहत मडे स्नाना में ब्राह्मणों के खाने के बाद बचे केले के पत्तों पर लोटा जाता है। एक डिवीजन बेंच ने इसे अमानवीय बताते हुए बैन लगा दिया था। जस्टिस स्वामीनाथन की सिंगल बेंच ने इस प्रथा को मंजूरी दे दी। उन्होंने डिवीजन बेंच के पुराने फैसले को शून्य घोषित कर दिया, जो सिंगल बेंच जज का काम नहीं है। डिवीजन बेंच ने बाद में उनका फैसला पलट दिया और इसे न्यायिक अनुशासनहीनता कहा। 2. PM पर कमेंट करने वाले को क्रिप्टो-क्रिश्चियन कहा18 जुलाई 2021 को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के दौरान एक विरोध प्रदर्शन में दिए भाषण के लिए 2022 में एक ईसाई प्रीस्ट पर मुकदमा चला। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले बयानों का आरोप लगा था। इस पर जस्टिस स्वामीनाथन ने अपने फैसले में कन्याकुमारी की डेमोग्राफी पर टिप्पणी की और क्रिप्टो-क्रिश्चियंस शब्द का इस्तेमाल किया। ये उन हिंदुओं के लिए था, जो ईसाई बन गए, लेकिन कानूनी रूप से हिंदू ही रहते हैं। 3. लड़की की आत्महत्या में जबरन धर्मांतरण की जांच कराई2022 में 17 साल की लड़की की आत्महत्या का केस जस्टिस स्वामीनाथन के सामने आया था। उन्होंने लड़की के कैथोलिक स्कूल की तरफ से धर्मांतरण का दबाव बताकर जांच CBI को सौंप दी। उन्होंने तमिलनाडु पुलिस की आलोचना की। CBI को जबरन धर्मांतरण का कोई सबूत नहीं मिला।
कानपुर की निगरानी के लिए नगर निगम शहर में कैमरों की संख्या बढ़ाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में जगह-जगह कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे एक साथ हर इलाके की निगरानी की जा सके। इन कैमरों को स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से जुड़ने के बाद होने वाली किसी भी गतिविधि पर एक जगह बैठकर निगरानी की जा सकेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा पुलिस विभाग को होगा। अगर शहर में कोई अपराधिक गतिविधि होती है, तो शहर में लगे कैमरे अपराधियों की पहचान करने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होंगे। ANPR कैमरों की भी बढ़ाई जाएगी संख्या स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन) कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे यह फायदा मिलेगा कि अगर कोई वाहन इन कैमरों के सामने से गुजरेगा तो उसका नंबर ऑटोमैटिक स्कैन हो जाएगा। जिससे उस वाहन और उसके स्वामी की आसानी से पहचान हो जाएगी। शहर में होने वाली अपराधिक गतिविधि के दौरान यह कैमरे सबसे ज्यादा मददगार साबित होंगे। क्योंकि इनके जरिए आसानी से अपराधी की पहचान की जा सकेगी। अभी शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कैमरे लगे हुए हैं। आने वाले दिनों में इन कैमरों की संख्या को और ज्यादा बढ़ाया जाएगा, जिससे कि शहर के सभी इलाकों की मॉनीटरिंग की जा सके। आईआईटी देगा टेक्निकल सपोर्ट शहर के स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के बेहतर संचालन के लिए आईआईटी से टेक्टिकल सपोर्ट भी लिया जा रहा है। आईआईटी की टेक्निकल टीम प्रोजेक्ट से जुड़ी हर एक बारीकी पर नजर रख रही है और कंट्रोल रूम को बेहतर तरीके से स्थापित किया जा रहा है। कंट्रोल रूम को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि सिर्फ एक क्लिक पर शहर के किसी भी प्वाइंट को देखा जा सकेगा। वहीं कैमरों की रिकॉर्डिंग भी निगम के पास मौजूद रहेगी। जिससे कई महीने तक इसकी समीक्षा की जा सकेगी और जरूरत पड़ने पर कैमरों की रिकॉर्डिंग निकाली जा सकेगी।
सेंगर मामला : जस्टिस काटजू बोले- विपक्ष महिलाओं का शिखंडी की तरह कर रहा प्रयोग
कुलदीप सिंह सेंगर मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश पर मचे विवाद को जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कानूनी नहीं, राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया। पूरा विश्लेषण पढ़िए।
गुरुग्राम में आसिफ नाम के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में परिजनों ने फर्रुखनगर क्राइम ब्रांच पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है। परिजनों का आरोप है कि 24 दिसंबर को जब उसे पकड़ा गया तो मामला रफा-दफा करने के लिए चार लाख रुपए की डिमांड की गई। जब तक डिमांड पूरी नहीं की गई, तब तक उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। इतना ही नहीं परिजनों से ये भी कहा गया कि चार लाख नहीं दे सकते तो दो लाख भिजवा दो, नहीं तो आसिफ का एनकाउंटर कर देंगे। मृतक आसिफ के चाचा अलीजान की शिकायत पर फर्रुखनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर क्राइम ब्रांच में तैनात एक एएसआई समेत चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर हंगामा इससे पहले शनिवार को आसिफ के परिवार वाले तिजारा से पूर्व विधायक इमरान खान के साथ गुरुग्राम पहुंचे। यहां परिजनों ने आसिफ की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़ गए और शव लेने से इंकार कर दिया। कई घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। मामला बिगड़ता देख पुलिस के उच्च अधिकारियों ने हत्या की एफआईआर और चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया। इसके बाद परिजनों ने शव लिया। मजिस्ट्रेट के सामने पोस्टमॉर्टम, वीडियोग्राफी करवाई मॉर्च्युरी में मजिस्ट्रेट के समक्ष तीन डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमाॅर्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। सूत्रों के अनुसार पोस्टमॉर्टम के दौरान हल्की चोट के निशान पाए गए हैं। हालांकि यह साफ नहीं है कि यह ताजे हैं या पुराने। डाक्टरों ने बिसरा को जांच के लिए मधुबन लैब भेज दिया है। दो एसीपी और चार थानों के एसएचओ पहुंचे पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर परिजनों के विरोध को देखते हुए दो एसीपी और चार थानों के एसएचओ पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। इनमें एसीपी क्राइम ललित दलाल, एसीपी पटौदी सुखबीर सिंह, फर्रुखनगर, सिविल लाइंस, उद्योग विहार और सिटी थाने के प्रभारी मौजूद रहे। पुलिस पर मौत की जानकारी नहीं देने का आरोप इस दौरान भी परिवार वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत में बातें छिपाई। सही तरीके से परिवार वालों को मौत के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच की एक टीम शुक्रवार रात में ही आसिफ के घर पहुंची थी और परिवार वालों से उसका आधार कार्ड ले गई। उस दौरान भी आसिफ की मौत के बारे में जानकारी नहीं दी गई। गिरफ्तारी पर कन्ट्रोवर्सी आसिफ इकबाल की गिरफ्तारी को लेकर भी कन्ट्रोवर्सी सामने आ रही है। परिजनों का कहना है कि 24 दिसंबर को खैरथल के करेंडा गांव से पकड़ा गया था। जबकि आसिफ की मौत के बाद गुरुग्राम पुलिस पीआरओ की तरफ से बताया गया कि चोरी के मामले में आरोपी आसिफ को फर्रुखनगर मोड से गिरफ्तार किया। अलीजान द्वारा बताई आसिफ की गिरफ्तारी की पूरी कहानी............. 24 दिसंबर को पकड़ा: शाम करीब चार बजे चार पुलिसकर्मी रामपुरा गांव स्थित उनके भाई इकबाल के घर सादे कपड़ों में आए। उन्होंने अपने आप को फर्रुखनगर क्राइम ब्रांच से बताया। पुलिसकर्मियों ने उनके एक भतीजे इसरार को एक मोबाइल नंबर मिलाने के लिए कहा। इसरार ने जब नंबर लगाया तो वह आसिफ का था। आसिफ को बुलाया गया। जैसे ही आसिफ घर से बाहर आया तो पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। चार लाख रुपए की डिमांड की: पुलिसकर्मी आसिफ से पूछताछ करने लगे। पुलिसकर्मियों ने कहा कि उसके खिलाफ एक चोरी की एफआईआर दर्ज है, जिसमें आसिफ के सिम का इस्तेमाल हुआ है। कुछ देर बाद चारों पुलिसकर्मियों ने परिवार से चार लाख रुपए मांगे। कहा कि वह यह मामला यहीं रफा दफा कर देंगे और आसिफ को भी यही छोड़ जाएंगे। मारपीट नहीं करने के दो लाख मांगे: जब परिवार ने गरीब बताते हुए चार लाख देने से मना किया और कहा कि इतने पैसे नहीं हैं। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दो लाख रुपए की डिमांड की और कहा कि वह आसिफ के साथ मारपीट नहीं करेंगे और न ही पुलिस रिमांड लेंगे। एनकाउंटर की धमकी दी: परिवार वालों ने जब पैसे देने से मना कर दिया, तो पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि यदि उन्होंने दो लाख नहीं पहुंचाए तो वह आसिफ को गंभीर चोट पहुंचाएंगे तथा खाने कमाने लायक भी नहीं छोड़ेंगे। कहीं पर भी एनकाउंटर करके मार देंगे। पुलिस पर हत्या करने का आरोप: इसके बाद पुलिसकर्मी आसिफ को लेकर चले गए। 26 दिसंबर को आसिफ के फांसी लगाकर सुसाइड की जानकारी दी गई। परिजनों का आरोप है कि क्राइम ब्रांच के कर्मचारियों ने जानबूझकर आसिफ की हत्या की है और इसे आत्महत्या बना दिया गया। अब पांच प्वाइंट में जानिए पुलिस द्वारा बताई कहानी..................... 26 दिसंबर को अरेस्ट किया: क्राइम ब्रांच फर्रुखनगर की टीम द्वारा केस नंबर 266/2025, धारा 305, 331(4) BNS, थाना फर्रुखनगर में वांटेड आरोपी आसिफ (उम्र-22 वर्ष) निवासी रामपुरा, भिवाड़ी (राजस्थान) को फर्रुखनगर मोड, गुरुग्राम से नियमानुसार गिरफ्तार किया गया था। शाम को 3:45 बजे फांसी ली: गिरफ्तारी के बाद आरोपी को क्राइम ब्रांच फर्रुखनगर में रखा गया। इसी दौरान शाम करीब 03.45 बजे आरोपी ने सर्दी में ओढ़ने के लिए दी गई रजाई का कवर फाड़ कर रोशनदान के जंगले में फांसी लगा ली। पुलिस तुरंत आरोपी को अस्पताल लेकर गई तो डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। तुरंत मजिस्ट्रेट जांच शुरू की: सुसाइड की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया तथा मौके पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के लिए सक्षम प्राधिकारी को सूचना दी गई। पंचनामा की कार्रवाई नियमानुसार की गई और मृतक के परिजनों को सूचित किया गया। एसओपी के अनुसार कार्रवाई जारी: नियुक्ति न्यायिक जज द्वारा घटना से संबंधित सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। इस घटना को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुरूप कार्रवाई हो रही है। जांच पूरी होने के पश्चात आवश्यक तथ्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फांसी से मौत: पुलिस की तरफ से दावा किया गया है कि डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में कोई भी संदिग्ध तथ्य सामने नहीं आया है। पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण Hanging मिला है।
नामकुम: एंटी क्राइम चेकिंग में 2 अपराधी धराए, हथियार बरामद
नामकुम पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुख्यात अपराधी राहुल दुबे के गिरोह के सदस्य किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए मोटरसाइकिल से टाटीसिल्वे मार्ग होते हुए रांची आ रहे हैं। सूचना के आधार पर शुक्रवार की देर रात पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा नामकुम–टाटीसिल्वे मार्ग स्थित सपाही नदी पुल, जोरार के पास एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया गया। इसी दौरान टाटीसिल्वे की ओर से आ रही एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्ति पुलिस को देखकर हेडलाइट बंद कर भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने पीछा कर दोनों को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हेसाहातु, सोनाहातु निवासी राजेश पाण्डेय उर्फ अमरजीत पाण्डेय (29), वर्तमान पता पटियादोन जोरार बस्ती तथा होटलो, सोनाहातु निवासी कन्हाई दास (23) के रूप में हुई। तलाशी के दौरान राजेश पांडेय के पास से एक पिस्टल, दो मैगजीन, पांच जिंदा कारतूस, एक मोबाइल फोन और अपाची मोटरसाइकिल (जेएच01एफएफ 9889) बरामद की गई। वहीं कन्हाई दास के पास से भी एक पिस्टल, दो मैगजीन, पांच जिंदा कारतूस और एक मोबाइल फोन मिला। पूछताछ में आरोपियों ने राहुल दुबे गिरोह के लिए काम करने और रांची के बड़े व्यवसायियों की रेकी कर रंगदारी मांगने की योजना का खुलासा किया। छापेमारी दल में थाना प्रभारी मनोज कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।
बालोतरा में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार को संविधान की मूल भावना पर गहन विचार-विमर्श हुआ। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे. के. माहेश्वरी ने भारत के संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए सेक्युलर शब्द पर चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के विधिवेत्ताओं ने इसे धर्मनिरपेक्ष के बजाय पंथनिरपेक्ष बताने का सुझाव दिया था, जिसे बाद में स्वीकार किया गया। न्याय: मम् धर्मः के ध्येय-वाक्य का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे. के. माहेश्वरी ने आगे कहा कि यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि एक जीवंत सत्य है। यूनिटी एंड इंटीग्रिटी ऑफ नेशन: कॉन्स्टिट्यूशन मैंडेट विषय पर केंद्रित अधिवेशन के तीसरे सत्र में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे. के. माहेश्वरी ने कहा कि संविधान केवल अदालतों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि वकीलों और आम नागरिकों के आचरण में भी दिखना चाहिए। संविधान के लेखन में 303 तरह के कुल 432 निब का उपयोगजस्टिस माहेश्वरी ने बताया- संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. आंबेडकर थे, संविधान की मूल प्रति का आर्टवर्क नंदलाल बोस ने किया था और इसे प्रेम बिहारी नारायण राय ने अपने हाथों से लिखा था। संविधान के लेखन में 303 प्रकार के कुल 432 निब का उपयोग किया गया। उन्होंने डेटा ओरिएंटेशन के माध्यम से इन निब के चित्र भी सेमिनार हॉल में प्रदर्शित किए। संविधान की पुस्तक केवल वकीलों और न्यायाधीशों के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी आस्था का केंद्र होनी चाहिए। विक्रमादित्य के सिंहासन से न्याय का संदेशजस्टिस माहेश्वरी ने विक्रमादित्य के सिंहासन से जुड़े न्याय के प्रसंग पर कहा कि उस समय न्याय न केवल दिया जाता था, बल्कि जनता द्वारा स्वीकार भी किया जाता था। उन्होंने कहा कि कानून के शासन (Rule of Law) में हर धर्म के व्यक्ति के लिए संविधान सर्वोपरि है और संविधान ही उनके लिए गीता, कुरान और बाइबिल के समान है। उन्होंने बालोतरा और जोधपुर की भूमि को वीरता और अटूट विश्वास के लिए जाना जाने वाला बताया। जस्टिस विनीत माथुर ने 'वसुधैव कुटुंबकम' को रेखांकित कियाइस सत्र में राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस विनीत कुमार माथुर, जस्टिस संजीत पुरोहित और पूर्व न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी भी मौजूद थे। जस्टिस विनीत माथुर ने कहा कि भारतीय संविधान की उद्देशिका में 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उन्होंने संविधान की मूल भावना को व्यक्तिपरक नहीं, बल्कि राष्ट्रपरक बताया। पूर्व न्यायाधीश डॉ. विनीत कोठारी ने कहा कि अधिवक्ता न्याय रूपी वाहन के प्रमुख पहिये हैं, उनके बिना न्याय की कल्पना संभव नहीं है। उन्होंने भारतीय न्याय प्रणाली की वैश्विक प्रतिष्ठा का उल्लेख करते हुए इसे बनाए रखने में वकीलों और न्यायाधीशों की समान जिम्मेदारी बताई। अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्रन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सत्र में अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्रन डी, सुनील जैन, विनीता पाय, सुरेश मोर, मार्टिनो कार्तो, झरनासिंह और तेज कुमार मोड़ भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता परिषद मध्यप्रदेश के ज़ोनल सचिव प्रदीप सिंह ने किया। चरी नृत्य और भांगड़ा ने मोहा मनशुक्रवार रात भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के तत्वावधान में कल्चरल नाइट का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद चरी नृत्य ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। पोरबंदर से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शौर्य गीत पर आधारित तलवार रास और पंजाबी कलाकारों का ऊर्जावान भांगड़ा दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे। इसके अतिरिक्त मयूर नृत्य, कथक, राठवा और मांगणियार कलाकारों की प्रस्तुतियों ने पूरे कार्यक्रम को रंगारंग बना दिया। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देशभर से आए अधिवक्ताओं को राजस्थान की समृद्ध लोक कला और वीरता की परंपरा से परिचित कराया। कार्यक्रम का सफल संचालन पूनम शर्मा और अधिवक्ता पंकज अवस्थी ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता और अतिथि उपस्थित थे। अधिवेशन के विभिन्न सत्रों में प्रबुद्धजन भी पहुंचेअधिवेशन के विभिन्न सत्रों के दौरान अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हरिराव बोरीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष के. श्रीनिवास मूर्ति, राष्ट्रीय सचिव विक्रम दुबे, प्रांत अध्यक्ष सुनील जोशी, प्रांत महामंत्री श्याम पालीवाल, हाईकोर्ट जोधपुर इकाई के महामंत्री देवकीनंदन व्यास, प्रांत कोषाध्यक्ष कमलेश रावल, वरिष्ठ अधिवक्ता कांतिलाल ठाकुर, अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार, श्याम लादरेचा और महावीर बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।
फरीदाबाद में नशा तस्करों के खिलाफ क्राइम ब्रांच पुलिस ने कार्रवाई की है। क्राइम ब्रांच की दो टीमों ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस नशा तस्करों से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच सेक्टर-56 की टीम ने 26 दिसंबर को सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक नशा तस्कर और नशा उपलब्ध कराने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 45.31 ग्राम स्मैक बरामद की है। बरामद स्मैक की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार, आरोपी फरीदाबाद क्षेत्र में लंबे समय से नशे की सप्लाई कर रहे थे। दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि नशा कहां से लाया गया था और किन-किन लोगों तक इसकी सप्लाई की जा रही थी। ऊंचा गांव क्राइम ब्रांच मे तीन को पकड़ा वहीं, एक अन्य मामले में क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव की टीम ने जेसीबी कंपनी, सेक्टर-58 के पास नाकाबंदी के दौरान एक वेगनआर कार को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान गाड़ी से 21 किलो 142 ग्राम गांजा बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों में शाहरुख (26) निवासी अलीगढ उत्तर प्रदेश, नजीम (25) निवासी बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, अफसर खान (23) व इरशाद (23) निवासी एसजीएम नगर, फरीदाबाद शामिल है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी गांजे की खेप को फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई करने की फिराक में थे। जांच में जुटी पुलिस फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि नशा तस्करी के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके। पुलिस का कहना है कि नशा तस्करों के खिलाफ आगे भी इसी तरह सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गैंगस्टर कपिल सांगवान के करीबी के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भगोड़े गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू के क्राइम सिंडिकेट को बड़ा झटका दिया है। सिंडिकेट के मुख्य सदस्य मनोज यादव उर्फ कैरा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी गई है
गुरुग्राम में चोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी ने फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक के खिलाफ विभिन्न थानों में 8 केस दर्ज हैं और चार मामलों में उसे कोर्ट से सजा मिल चुकी है। आरोपी को फंदे से लटका देखकर अधिकारियों के पैरों तले जमीन सरक गई और उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया। लॉकअप में सुसाइड के मामले की न्यायिक जांच के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। क्राइम ब्रांच फर्रुखनगर की टीम ने गुरुवार को आरोपी आसिफ (उम्र-22 वर्ष) निवासी रामपुरा, भिवाड़ी (राजस्थान) को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे अस्थाई लॉकअप में रखा गया। सर्दी से बचने के लिए उसे एक रजाई दी गई थी। शाम के वक्त आरोपी ने रोशनदान के जंगले में रजाई का कवर फाड़ कर फंदा बना लिया और फांसी लगा ली। फंदे से उतार कर अस्पताल लेकर गई पुलिस फंदे पर लटका देखकर पुलिस तुरंत आरोपी को अस्पताल लेकर गई तो डाक्टर द्वारा आरोपी को मृत घोषित किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया तथा मौके पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के लिए सक्षम प्राधिकारी को सूचना दी गई। मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है तथा पोस्टमाॅर्टम की प्रक्रिया कानून के अनुसार कराई जाएगी। एसओपी के अनुसार कार्रवाई की जा रही पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि जज द्वारा घटना से संबंधित सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। इस घटना को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है और जांच पूरी होने के पश्चात आवश्यक तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मृतक के खिलाफ वर्ष 2022 से लगातार अभी तक चोरी करने का एक केस दिल्ली में, तीन केस फरीदाबाद और चार केस गुरुग्राम में दर्ज हैं। चार मामलों में उसे कोर्ट से सजा भी मिल चुकी है।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार को बालोतरा-नाकोड़ा स्थित लालबाग परिसर में शुरू हुआ। तीन दिवसीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने जाति एवं भाषा के आधार पर राष्ट्र की अवधारणा को घातक बताया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने वकीलों के लिए मेडिकल पॉलिसी लाने और एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द पारित कराने का आश्वासन दिया। जस्टिस बिश्नोई ने दी सामाजिक समरसता की सीख उद्घाटन सत्र दोपहर 2:30 बजे मां भारती, अधिवक्ता परिषद के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी और संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ। भारतीय संविधान के 75 वर्ष: सामाजिक समरसता विषय पर आयोजित उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विजय बिश्नोई ने अंबेडकर के विचारों को पर कहा कि भारत का लोकतंत्र तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक उसमें लिबर्टी, इक्वालिटी और फ्रैटरनिटी-तीनों एक साथ मौजूद न हो। जस्टिस बिश्नोई ने कहा कि अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करते हुए सभी को सामाजिक समरसता के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने जाति एवं भाषा के आधार पर राष्ट्र की अवधारणा को घातक बताते हुए कहा कि यह विचार कि राजस्थान में केवल राजस्थानी, महाराष्ट्र में केवल मराठी या केरल में केवल मलयाली ही रह सकता है, पूर्णतः गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसी कई साझा समस्याएं हैं, जिनके समाधान के लिए अधिवक्ताओं को सजग रहना चाहिए। वकीलों के लिए मेडिकल पॉलिसी और प्रोटेक्शन एक्ट का आश्वासन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बालोतरा की धरती भक्ति की भी है और शक्ति की भी। उन्होंने कवि की पंक्तियां सोने की धरती जठे, चांदी का आसमान, रंग रंगीलो, रसभरियो म्हारो प्यारो राजस्थान सुनाते हुए राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत का जिक्र किया। मेघवाल ने बताया कि केंद्र सरकार अब तक 1562 अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त कर चुकी है, जिनकी वर्तमान में कोई आवश्यकता नहीं थी और हाल ही में 71 और अनुपयोगी कानूनों को भी समाप्त किया गया है। उन्होंने वकीलों को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही देश में वकीलों के लिए मेडिकल पॉलिसी लाने पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट भी लॉ कमीशन के पास विचाराधीन है, उसे शीघ्र पारित कराने के प्रयास किए जाएंगे। न्यायमूर्ति भाटी ने वकीलों को बताया संविधान का प्रहरी राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। केवल राजस्थान को ही देखें तो यहां हर 20 किलोमीटर पर पगड़ी और वेशभूषा बदल जाती है। ऐसे में संविधान निर्माताओं के सामने कितनी बड़ी चुनौतियां रही होंगी, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का मंच अत्यंत महत्वपूर्ण है और अधिवक्ताओं को संविधान का प्रहरी और सिपाही बताया। सॉलिसिटर जनरल ने कहा- संवैधानिक कर्तव्यों का पालन जरूरी भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिवक्ता परिषद का सम्मेलन शहीदी दिवस के दिन आयोजित किया जाना अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता केवल भाषणों से नहीं आएगी, बल्कि इसके लिए धरातल पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम संवैधानिक अधिकारों के अंतर्गत न्यायालयों से राहत चाहते हैं, तो हमें अपने संवैधानिक कर्तव्यों का भी ईमानदारी से पालन करना होगा। अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी व्यक्त किए विचार कार्यक्रम में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता के. श्रीनिवास मूर्ति ने अध्यक्षीय संबोधन दिया। परिषद की गतिविधियों पर महासचिव और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता डी. भरत कुमार ने रिपोर्ट पेश की। जोनल सेक्रेटरी कमल परसवाल, प्रांत सचिव श्याम पालीवाल और स्वागत समिति की ओर से प्रसिद्ध उद्योगपति रमेश मुथा ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में राज्य के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद, अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मीरा ताई, प्रांत अध्यक्ष सुनील जोशी, नागालैंड से आईं अधिवक्ता लवी लोथा एवं प्रांत सचिव पूनम शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता परिषद जोधपुर हाईकोर्ट इकाई के महामंत्री देवकीनंदन व्यास एवं अधिवक्ता प्रतिष्ठा सिंहा ने किया। अंत में प्रांत अध्यक्ष सुनील जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति मुकेश राजपुरोहित, न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर, बालोतरा जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम.एल. सुथार, जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी के अलावा देशभर से बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं के साथ सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट के न्यायाधीशों और भारत सरकार के वरिष्ठ विधि अधिकारियों ने अधिवेशन में हिस्सा लिया।
इंदौर के हीरानगर क्षेत्र में मंगलवार रात पुलिसकर्मी से विवाद करने वाले इन्फ्लुएंसर सोनू उर्फ पंकज वर्मा और उनके साथी शुक्रवार को क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने एडीशनल डीसीपी के सामने माफी मांगी। इस दौरान विवाद में शामिल उनके दो अन्य इन्फ्लुएंसर साथी भी मौजूद थे। इसके बाद सभी को हीरानगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के कार्यालय में इन्फ्लुएंसर सोनू वर्मा, आदित्य वैष्णव और उनके साथी पहुंचे। उन्होंने सामूहिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि उनसे गलती हो गई थी। गुस्से में आकर उन्होंने हीरानगर के पुलिसकर्मी से बहस की और बदतमीजी कर बैठे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने उन्हें पूरा सहयोग दिया है और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। इस पर एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने उन्हें समझाइश देते हुए कहा कि वे समाज के सामने एक अच्छा चेहरा पेश करते हैं, इसलिए भविष्य में न तो इस तरह का कंटेंट बनाएं और न ही ऐसी गलतियां दोहराएं। सोनू के साथ आए अन्य इन्फ्लुएंसर आदित्य वैष्णव ने भी इस मामले में माफी मांगी। इसके बाद एडीशनल डीसीपी ने सोनू वर्मा और उसके साथियों को हीरानगर पुलिस के सुपुर्द करने के निर्देश दिए, जहां पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी कर ली। हेड कांस्टेबल से की थी बदसलूकी, थप्पड़ मारने की दी थी धमकी सोनू वर्मा और आदित्य वैष्णव ने मंगलवार रात स्कीम नंबर 136 स्थित ‘द जंगल कैफे’ के पास हेड कांस्टेबल गोरख खेम से बदसलूकी की थी। दोनों ने अपना रुतबा दिखाते हुए पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने की धमकी दी थी और उससे माफी मांगने का दबाव भी बनाया था। हेड कांस्टेबल डायल 112 के पॉइंट पर ड्यूटी पर तैनात था। इस दौरान सोनू और उसके साथियों ने कार में बैठे एक घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से भी रोका। अगले दिन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सोनू और उसके साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया। गौरतलब है कि सोनू वर्मा के खिलाफ लसूड़िया थाने में गांजा पीने का एक मामला पहले से दर्ज है।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का 17वां राष्ट्रीय अधिवेशन कल यानी 26 दिसंबर से बालोतरा-नाकोड़ा स्थित लालबाग में शुरू हो रहा है। देशभर से 4 हजार से अधिक अधिवक्ताओं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विजय बिश्नोई, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की मौजूदगी में होने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राजस्थान में पहली बार आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में अतिथियों का स्वागत जालौर के बावड़ी गांव की प्रसिद्ध गेर नृत्य मंडली ढोल-थाली की थाप पर राजस्थानी अंदाज में करेगी। सुप्रीम कोर्ट जज से लेकर केंद्रीय मंत्री तक होंगे शामिलअधिवेशन का उद्घाटन समारोह 26 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे आयोजित होगा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विजय बिश्नोई, राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे। इससे पहले सुबह परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। उद्घाटन सत्र का केंद्रीय विषय भारतीय संविधान के 75 वर्ष: सामाजिक समरसता रखा गया है। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता के. श्रीनिवास मूर्ति अध्यक्षीय संबोधन देंगे और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं महासचिव डॉ. भरत कुमार परिषद की गतिविधियों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। गेर नृत्य से होगा राजस्थानी स्वागतराष्ट्रीय अधिवेशन में राजस्थान की लोक कला और संस्कृति आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेगी। जालौर जिले के बावड़ी गांव के प्रसिद्ध गेरियों का दल पारंपरिक गेर नृत्य की भव्य प्रस्तुति देगा। गेर दल के प्रमुख तानसेन के नेतृत्व में 12 सदस्यीय मंडली ढोल-थाली की लयबद्ध थाप पर देशभर से आए अधिवक्ताओं को राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराएगी। गेर नृत्य दल के प्रमुख तानसेन ने बताया कि उनका दल हिमाचल, लेह-लद्दाख सहित देश के कई प्रदेशों में प्रस्तुति दे चुका है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के इस विशाल कानूनी आयोजन में मारवाड़ की लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करना गौरव का विषय है। यह प्रस्तुति न केवल अतिथियों का मनोरंजन करेगी, बल्कि उन्हें राजस्थानी आतिथ्य परंपरा का अनूठा अनुभव भी देगी। जस्टिस माथुर ने किया निरीक्षण, तैयारियों को सराहा राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने कार्यक्रम स्थल लालबाग पहुंचकर व्यवस्थाओं का मुआयना किया। बालोतरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम एल सुथार ने न्यायाधीश माथुर का स्वागत किया। जस्टिस माथुर ने अधिवक्ता परिषद के जोधपुर प्रांत महामंत्री श्याम पालीवाल एवं आयोजन समिति के सदस्यों के साथ कॉन्फ्रेंस हॉल, भोजन पांडाल, जल मंदिर और अतिथियों के स्वागत की व्यवस्थाओं का विस्तृत जायजा लिया। उन्होंने देशभर से आने वाले हजारों अतिथियों के आगमन, आवागमन और सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भव्य बनाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बावड़ी गांव के गेरियों ने संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थित सभी अतिथियों ने भरपूर सराहा। संविधान से लेकर कोर्ट रूम कल्चर तक होगा मंथनतीन दिवसीय अधिवेशन के दौरान संविधान, सामाजिक समरसता, कोर्ट रूम कल्चर, भारतीय चेतना एवं विधि व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में देशभर से आए वरिष्ठ अधिवक्ता, न्यायाधीश और विधि विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। साथ ही परिषद की आगामी वर्षों की गतिविधियों और कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी। मीडिया समन्वयक एडवोकेट देवकीनंदन व्यास ने बताया कि यह अधिवेशन केवल औपचारिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि विधिक जगत के लिए गहन मंथन और दूरदर्शी निर्णयों का सशक्त मंच बनेगा। अधिवक्ताओं से जुड़े समसामयिक विधिक विषयों पर गंभीर विमर्श, संगठन की भविष्य की नीतियों और रणनीतियों से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से यह अधिवेशन परिषद की भावी दिशा स्पष्ट रूप से निर्धारित करेगा। बालोतरा को मिलेगी नई पहचानअधिवक्ता परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन राजस्थान में पहली बार आयोजित किया जा रहा है, जिसकी मेजबानी जोधपुर प्रांत कर रहा है। जोधपुर प्रांत में जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर, बालोतरा, नागौर, फलोदी, डीडवाना, बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिले शामिल हैं। अधिवेशन को लेकर पूरे प्रांत में उत्साह का माहौल है और पिछले कई दिनों से जोधपुर प्रांत के अधिवक्ता कार्यकर्ता बालोतरा में डेरा डाले हुए हैं। मीडिया सह समन्वयक अधिवक्ता अश्विन राजपुरोहित ने बताया कि यह अधिवेशन बालोतरा के लिए गौरव का अवसर होगा। इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन से बालोतरा न केवल देशभर से आए विधि विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि अपनी आतिथ्य परंपरा, सांस्कृतिक पहचान और संगठनात्मक क्षमता के कारण राष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई और सकारात्मक पहचान भी स्थापित करेगा। 28 दिसंबर को दोपहर 1.30 बजे समापन समारोह आयोजित होगा।
कानपुर में क्राइम ब्रांच ने 9 जुआरी पकड़े:छापेमारी में मुख्य आरोपी मासूम अली समेत 10 फरार
कानपुर में क्राइम ब्रांच टीम ने बादशाहीनाका क्षेत्र के एक बंद मकान में छापा मारकर नौ जुआरियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान मुख्य आरोपी मासूम अली सहित दस अन्य जुआरी छत से कूदकर भागने में सफल रहे। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 1,04,100 रुपए नकद और नौ मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एडीसीपी पूर्वी अंजलि विश्वकर्मा ने बताया कि एसीपी कैंट ने क्राइम ब्रांच की मदद से नौघड़ा स्थित एक बंद मकान में यह कार्रवाई की। उन्होंने पुष्टि की कि नौ जुआरियों को मौके से पकड़ा गया, जबकि दस भाग निकले। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं और उन्हें जल्द ही पकड़कर जेल भेजा जाएगा। शहर के विभिन्न थानों में बंद कमरों में जुआ खिलवाने का मुख्य आरोपी शातिर मासूम अली एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इससे पहले भी पुलिस मासूम के कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है, जिसमें कई जुआरी गिरफ्तार हुए, लेकिन मासूम हमेशा बच निकलता है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि पुलिस के मुखबिर तंत्र से जुआरियों को छापे की सूचना पहले ही मिल जाती है, जिससे मुख्य आरोपी फरार हो जाते हैं। फरवरी 2023 में बाबूपुरवा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सट्टेबाज मासूम को पकड़ा था। उस समय मासूम के साथियों ने खुद को डीजीपी बताकर तत्कालीन इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की धमकी दी थी। इस धमकी के डर से इंस्पेक्टर ने शातिर मासूम को छोड़ दिया था। यह मामला जब विभाग से बाहर आया तो हड़कंप मच गया था। क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए जुआरियों में कल्याणपुर निवासी नीरज और सर्वेश, रावतपुर निवासी रिंकू सिंह, जाजमऊ निवासी मोहम्मद आसिफ, रतनलाल नगर निवासी ओमप्रकाश सिंह, किदवई नगर निवासी महेश कुमार, बाबूपुरवा निवासी विशाल अग्रहरि, हरबंशमोहाल निवासी रोनक अवस्थी और फीलखाना निवासी अजय शर्मा शामिल हैं। छापेमारी के दौरान फरार होने वालों में मुख्य आरोपी मासूम अली के साथ सरवन, जावेद उर्फ तोता, विशाल सोनी उर्फ शीलू, नदीम, रवि यादव, राजा, कालू, बतन और सेटू शामिल हैं। क्राइम ब्रांच इन सभी की तलाश कर रही है।
एमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया ने अपनी आगामी थियेट्रिकल रिलीज फिल्म 'निशांची' का धमाकेदार फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया है। अजय राय और रंजन सिंह द्वारा जार पिक्चर्स के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई ये फिल्म एक रोमांचकारी ...
क्रिमिनल जस्टिस 4 में एक अलग अवतार में दिखीं बरखा सिंह, बोलीं- मैं खुद को साबित करना चाहती थी
बरखा सिंह भारतीय सिनेमा के सबसे होनहार चेहरों में से एक हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर काम करते हुए, बाधाओं को पार किया है और अपने लिए एक रास्ता बनाया है। दर्शकों और आलोचकों को उनके किरदारों और अभिनय के तरीके से बेहद प्यार है। एक इंटरव्यू में बरखा ...
राणा नायडू सीजन 2: नए किरदारों के साथ क्राइम, एक्शन और इमोशन का जबरदस्त तड़का
राणा नायडू सीजन 2' में गालियों में कमी और ड्रामा में बढ़ोतरी हुई है। अर्जुन रामपाल का 'रॉफ' और कृति खरबंदा जैसे नए किरदार कहानी को नया मोड़ देते हैं। राणा और नागा के किरदार पहले की तरह दमदार हैं, जो परिवार को मुश्किलों से निकालते हैं। सीरीज की ...
अनुराग कश्यप लेकर आए क्राइम ड्रामा फिल्म निशांची, इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज
अनुराग कश्यप एक नई गहन क्रामइ ड्रामा फिल्म 'निशांची' लेकर आ रहे हैं। अमेजन एमजीएम स्टूडियो ने इस फिल्म का टीजर शेयर करते हुए इसकी थिएट्रिकल रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ये फिल्म हालात को हूबहू पर्दे पर उतारने वाली और ...
प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी रोमांचक इन्वेस्टीगेटिव क्राइम थ्रिलर 'स्टोलन' का दमदार ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर टीम के साथ 'स्टोलन' करण ...
क्राइम फ्री धड़कपुर से चोरी हुई बाइक, प्राइम वीडियो की सीरीज दुपहिया का मजेदार ट्रेलर हुआ रिलीज
web series dupahiya trailer: प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी ओरिजिनल सीरीज 'दुपहिया' का दिलचस्प ट्रेलर जारी कर दिया है। सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदासानी द्वारा उनके बैनर बॉम्बे फिल्म कार्टेल के तहत रचित और कार्यकारी निर्मित है। यह सीरीज़ एक काल्पनिक ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
Mirzapur 3 के बाद Prime Video ने किया एक और क्राइम-थ्रिलर सीरीज का एलान, 'मटका किंग' बनकर धूम मचाएगा ये एक्टर
गशमीर महाजनी और Surbhi Jyoti की नई क्राइम-थ्रिलरसीरीज Gunaah का टीजर हुआ लॉन्च, जाने कब और कहां होगी स्ट्रीम
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने आखिरकार शुक्रवार को क्राइम ड्रामा सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस के बहुप्रतीक्षित चौथे अध्याय की घोषणा कर दी, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। नई किस्त में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अलौकिक वकील माधव मिश्रा के रूप में वापसी करेंगे। एक बयान में, अभिनेता ने कहा कि नया अध्याय मिश्रा के जीवन और जटिल मामलों को इतनी आसानी और स्थायित्व के साथ सामने लाने की उनकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताएगा। पंकज त्रिपाठी के हवाले से बताया गया कि ऑन-स्क्रीन वकीलों की प्रसिद्धि के हॉल में, मुझे लगता है कि माधव मिश्रा ने क्रिमिनल जस्टिस के साथ अपनी जगह बना ली है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सीरीज़ में माधव का किरदार मुझसे कितना मिलता-जुलता है। हर जीत मुझे अपनी जैसी लगती है और हर हार ऐसी लगती है एक व्यक्तिगत क्षति। मैं डिज़्नी+हॉटस्टार पर नए सीज़न की घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस सीज़न को पहले की तरह ही प्यार देना जारी रखेंगे। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने पोस्ट को कैप्शन दिया ''कोर्ट जारी है, और नए सीज़न की तैयारी भी। आ रहे हैं माधव मिश्रा, #HotstarSpecials #CriminalJustice के नए सीज़न के साथ!'' इसे भी पढ़ें: Rakhi Sawant Condition is Critical | क्रिटिकल है एक्ट्रेस राखी सावंत की हालत, पूर्व पति रितेश ने शेयर किया है हेल्थ अपडेट फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी क्रिमिनल जस्टिस की शुरुआत 2018 में अपने पहले सीज़न के साथ हुई थी जिसे 2008 में इसी नाम की ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला से रूपांतरित किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स नामक दूसरा सीज़न 2020 में आया, इसके बाद तीसरा अध्याय, क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच, 2022 में आया। क्रिमिनल जस्टिस का निर्माण अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसे भी पढ़ें: Scam 2010 The Subrata Roy Saga: हंसल मेहता ने किया 'स्कैम' के तीसरे सीजन का ऐलान, सहारा की कहानी पर केंद्रित होगा नया शो बता दें कि पंकज त्रिपाठी आखिरी बार मर्डर मुबारक में नजर आए थे। फिल्म में सारा अली खान, विजय वर्मा, आदित्य रॉय कपूर और करिश्मा कपूर समेत कई स्टार कलाकार शामिल हैं। होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। वह अगली बार मिर्ज़ापुर 3 में नज़र आएंगे। रिलीज़ डेट की अभी घोषणा नहीं की गई है। View this post on Instagram A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)
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सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
Nikkhil Advani BirthdaySpecial :रोमांस-क्राइम और थ्रिलर के बेताज बादशाह है निखिल अडवानी, पढ़िए उनका पूरा फिल्मी सफरनामा
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई दूसरी बंदूक बरामद की। सूरत की तापी नदी से तीन मैगजीन के साथ बंदूक बरामद की गई। इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया 16 अप्रैल को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बाद में, शहर की एक अदालत ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक मुंबई अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया। आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। इसे भी पढ़ें: काला जादू- टोना-टोटका करने का Kangana Ranaut पर आरोप लगाने के बाद अब एक्ट्रेस के बारे Adhyayan Suman क्या सोचते है? मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच अभी भी जारी है मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। अनजान लोगों के लिए, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की धमकियों के बाद 2022 में सलमान की सुरक्षा का स्तर वाई-प्लस तक बढ़ा दिया गया था। अभिनेता को व्यक्तिगत बन्दूक ले जाने के लिए भी अधिकृत किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्होंने एक नया बख्तरबंद वाहन भी खरीदा है।
Salman Khan फायरिंग केस में आया बिलकुल तड़कता-भड़कता अपडेट,मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथ लगा एक और पुख्तासबूत
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क्राइम-थ्रिलर कंटेंट देखने के है शौकीन! तो फौरन देख डाले UP के माफियाओं पर बनी येवेब सीरीज,खौफनाक कहानियां खड़े कर देंगी रोंगटे

