राजस्थान सरकार ने जारी की फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2025, प्रदेश को फिल्मिंग हब बनाने की पहल
राजस्थान सरकार ने फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2025 जारी की, जिसमें फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी, लोकेशन प्रोत्साहन और छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ दी जाएँगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की मौजूदगी में नीति ने राज्य को फिल्मिंग हब बनाने का नया मार्ग प्रशस्त किया।
राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति–2025 जारी की। नीति के तहत फिल्म निर्माण पर 30% तक सब्सिडी, शूटिंग शुल्क की प्रतिपूर्ति, छात्रवृत्ति और ऑनलाइन पोर्टल जैसे प्रावधान शामिल हैं, जिससे प्रदेश को राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय फिल्मांकन केंद्र बनाया जाएगा।
राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग द्वारा 'एक कदम स्वच्छता की ओर' अभियान के तहत रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के स्मृति कुंज में श्रमदान का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों ने स्मृति कुंज को प्लास्टिक मुक्त कर स्वच्छ बनाया। पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने बताया कि सुबह 8 बजे से शुरू हुए श्रमदान में जुटे सदस्यों ने प्लास्टिक की थैलियां, सूखा और गीला कचरा एकत्र किया। झाड़ू लगाकर स्मृति कुंज को कचरा मुक्त और सुंदर बनाया गया। यह श्रमदान दो घंटे तक चला, जिसमें सभी सदस्यों ने मिलकर कचरे का निस्तारण किया। श्रमदान में रामगढ़ अभयारण्य के फॉरेस्टर सुरेंद्र नागौरा, रामेष्ट युवा मंडल के शिखर पंचोली, रोहन गुर्जर, धैर्य सिंह, दीपेश सैनी, निशांत वर्मा, गढ़ पैलेस प्रबंधक जेपी शर्मा, पर्यटन विभाग के कर्मचारी, पुरातत्व विभाग के जगदीश वर्मा, नारायण मंडोवरा, गाइड एसोसिएशन के नरेंद्र सिंह डोकुन और नगर परिषद के कालू हरित ने अपनी टीम के साथ भाग लिया। श्रमदान के समापन के बाद, पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों को पर्यटन स्थलों को स्वच्छ रखने और गंदगी न फैलाने के प्रति लोगों को जागरूक करने की शपथ दिलाई।
प्रकृति की गोद में बसा मंत्रमुग्ध कर देने वाला पर्यटन स्थल
भास्कर न्यूज | गढ़वा गढ़वा जिला प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत पर्यटन स्थलों से भरा पड़ा है। जिनमें गुरु सिंधु जलप्रपात एक अनमोल प्राकृतिक धरोहर के रूप में उभरता है। गढ़वा जिले के चिनिया प्रखंड से लगभग 15 किलोमीटर दूर चपकली गांव के पास स्थित यह जलप्रपात झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर कनहर नदी के बहाव पर बना एक अतुलनीय प्राकृतिक चमत्कार है। करीब 200 फीट की ऊंचाई से दूधिया फुहारों के साथ नीचे गिरता पानी किसी स्वर्गीय दृश्य से कम नहीं प्रतीत होता। प्रकृति की अद्भुत रचना : सफेद झाग और गूंजती आवाज जब कनहर नदी का जल एक साथ विशाल चट्टानों से नीचे गिरता है तो पानी सफेद झाग बनाकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे पर्वतों के बीच से दूध की नदी बह रही हो। जलप्रपात की गूंज इतनी प्रबल होती है कि इसकी आवाज दूर खड़े लोगों तक पहुंचती है। आसपास की हरियाली, चट्टानों का गुलाबीपन और बहते पानी की धुन एक अद्भुत समन्वय प्रस्तुत करते हैं। जो यहां आने वालों के मन को शांति और सुकून से भर देता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता मन को इतना मोह लेती है कि पर्यटक इस पल को अपने कैमरों में कैद करने पर मजबूर हो जाते हैं। झरने के ऊपर से गिरते पानी पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तो इंद्रधनुषी आभा का नजारा किसी चित्रकार की कूची से उकेरी गई कलाकृति जैसा प्रतीत होता है। गढ़वा मुख्यालय से लगभग 42 किलोमीटर दक्षिण–पश्चिम में स्थित यह स्थान अब पर्यटन विभाग की नजर में भी खास महत्व रखता है। झारखंड सरकार द्वारा इसे आधिकारिक पर्यटन स्थल घोषित किया गया है। जिसके बाद यहाँ बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा नदी तट पर रेलिंग, पार्किंग स्थल, सड़क मार्ग का कालीकरण नीचे नदी के टापू तक उतरने हेतु सीढ़ियां का निर्माण कराया गया है। हालांकि यहां अभी ठहरने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए पर्यटक दिन में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले कर शाम तक लौट जाते हैं। घने जंगल, चट्टानों की दीवारें और स्वच्छ वातावरण: गुरु सिंधु जलप्रपात की सबसे बड़ी खूबी इसका अलौकिक और शांत वातावरण है। चारों ओर घने जंगल, पहाड़ों से छनती हवा और कुण्ड बनाकर गिरता जल, इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान बनाता है। यहां कोई शहरी शोर या प्रदूषण नहीं रहती है। बस प्रकृति की अनछुई ध्वनियां, पक्षियों की चहचहाहट और गिरते पानी का अनंत संगीत। गुरु सिंधु जलप्रपात न केवल पिकनिक स्पॉट है। बल्कि साहसिक पर्यटकों, फोटोग्राफरों और प्रकृति शोधकर्ताओं के लिए भी बेहतरीन स्थान है। बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भविष्य में यहां ईको-टूरिज्म, ट्रैकिंग रूट विकास, कैंपिंग सुविधाएं हैं।
न्यू ईयर पर घूमने की प्लानिंग करने वालों के लिए सफर इस बार महंगा और मुश्किल हो गया है। जयपुर से गोवा, मुंबई और जैसलमेर के लिए हवाई किराया 3 गुना तक पहुंच गया, जबकि धार्मिक शहरों की ट्रेनों में कंफर्म तो दूर, वेटिंग टिकट तक उपलब्ध नहीं हैं। 3 से 8 दिसंबर के बीच इंडिगो एयरलाइन के क्राइसिस के दौरान डीजीसीए ने निर्देश दिए थे कि एयरलाइंस मनमाने ढंग से किराया नहीं वसूल सकेंगी। दूरी और फ्लाइट ड्यूरेशन के आधार पर अधिकतम किराया तय किया था, लेकिन 15 दिन बाद ही न्यू ईयर की डिमांड को देखते हुए एयरलाइंस ने किराया बढ़ा दिया। धार्मिक शहरों के लिए ट्रेन ही सहारा, वहां भी सीट नहीं जयपुर से वाराणसी और जम्मूतवी (कटरा) के लिए डायरेक्ट फ्लाइट नहीं होने से ट्रेन ही विकल्प है, लेकिन क्रिसमस से न्यू ईयर के बीच ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं। जयपुर-मुंबई जाने वाली ट्रेनों में 100 से ज्यादा वेटिंग है। वैष्णो देवी, काशी, ऋषिकेश और हरिद्वार जाने वाली ट्रेनों में तो वेटिंग टिकट भी बंद है। जयपुर से गोवा का किराया सबसे महंगा; जयपुर से गोवा के लिए दो फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। दोनों में किराया 17 से तक पहुंच गया है। 30 दिसंबर को सुबह की फ्लाइट का किराया 17,444 रुपए, जबकि शाम की फ्लाइट का किराया 17,019 रुपए दर्ज किया गया। मुंबई-पुणे-जैसलमेर महंगे फ्लाइट्स की स्थिति (29 दिसंबर)
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राजस्थान के उदयपुर में उमरा-देबारी 25 किलोमीटर रेलखंड के दोहरीकरण के लिए 492 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। परियोजना से पर्यटन, औद्योगिक गतिविधियां और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही अहमदाबाद-जयपुर मार्ग पर तीव्र रेल संपर्क स्थापित होगा।
यूपी में ईको पर्यटन और धार्मिक स्थलों के विकास को मिलेगा नया आयाम, अनुपूरक बजट में रखा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट में पर्यटन, कला, संस्कृति को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों का विकास करने पर विशेष ध्यान दिया है। वित्त मंत्री ने आज विधान सभा में अनुपूरक बजट पेश करते हुए यूपी ईको टूरिज्म ...
इंदौर में महूं नाके के पहले, लालबाग के पीछे स्थित पुराने आरटीओ भवन परिसर और उससे लगी खाली जमीन पर लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का स्मारक बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 110 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें पहले चरण में 40 करोड़ रुपए व्यय की जाएगी। परियोजना के तहत पुराने आरटीओ भवन में मौजूद हॉल और अन्य निर्माणों को तोड़ा नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें संरक्षित रखते हुए आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा। स्मारक में थ्री-डी प्रोजेक्शन, लाइट एंड साउंड शो, चित्रों और दृश्य प्रस्तुतियों के माध्यम से लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन, उनके योगदान और आदर्शों को दर्शाया जाएगा। महेश्वर में बनेगा ‘अहिल्या लोक’ इंदौर के साथ-साथ महेश्वर में भी उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ‘अहिल्या लोक’ विकसित किया जाएगा। इस पर मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा लगभग 110 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कुछ माह पूर्व कैबिनेट ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी और अब टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं। नर्मदा तट पर बनने वाले अहिल्या लोक में लाइट एंड साउंड शो, प्राचीन मंदिरों और घाटों का जीर्णोद्धार तथा पूरे नर्मदा तट का समग्र विकास किया जाएगा। इस परियोजना को तीन हिस्सों में विकसित किया जाएगा। लोकमाता के जीवन पर आधारित होगी संपूर्ण प्रस्तुति पहले हिस्से में लोकमाता अहिल्याबाई की जीवंत जीवनगाथा, उनके प्रेरणादायक प्रसंग, इंदौर आगमन, विवाह, शौर्य, सुशासन और आध्यात्मिक कार्यों को दर्शाया जाएगा। इसके लिए एक विशेष फिल्म भी बनाई जाएगी। दूसरे और तीसरे चरण में म्यूजियम का जीर्णोद्धार, बाग-बगीचों का विकास, माता अहिल्या की गादी, उनके द्वारा निर्मित शिव मंदिरों सहित अन्य मंदिरों का संरक्षण और जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही यहां की बुनकर कला को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें महेश्वरी साड़ियों और पारंपरिक वस्त्रों की ब्रांडिंग की जाएगी। नर्मदा किनारे 15 एकड़ भूमि चिन्हित अहिल्या लोक के लिए नर्मदा किनारे 15 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। परियोजना पूर्ण होने के बाद यहां भी महाकाल लोक की तरह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है। सिंहस्थ से पहले अहिल्या लोक के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु ओंकारेश्वर और महेश्वर भी दर्शन के लिए पहुंच सकें। उद्योगपति विनोद अग्रवाल ने दिए 5 करोड़ इंदौर में बनने वाले अहिल्याबाई होल्कर स्मारक के लिए गठित स्मारक प्रतिष्ठा की अध्यक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन हैं। उन्होंने इंदौर में राजवाड़ा पर आयोजित कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष इस परियोजना का प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया था। समाजसेवी रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि इंदौर स्मारक परियोजना की कुल लागत करीब 100 करोड़ रुपए है, जिसमें पहले चरण के लिए 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस परियोजना के लिए इंदौर के प्रसिद्ध उद्योगपति और दानवीर विनोद अग्रवाल ने 5 करोड़ रुपए के सहयोग की घोषणा की है।
बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने रविवार को मुंगेर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान घोषित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और स्थलीय निरीक्षण कर वरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त अवनीश कुमार सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक राकेश कुमार, जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पाणीकर, पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद और नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित सहित जिले के अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे। गंगा पथ निर्माण का किया स्थलीय निरीक्षण मुख्य सचिव ने मुंगेर में बनने वाले गंगा पथ निर्माण के लिए निर्धारित प्रारंभिक बिंदु हेरुदियारा का स्थलीय निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने जिले में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया। उन्होंने निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से बात की और परियोजना से संबंधित समस्याओं की जानकारी ली। स्थानीय समस्याओं की शिकायतों के निराकरण के लिए उन्होंने वरीय अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है, इसलिए इसमें किसी भी तरह का अवरोध उत्पन्न न हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने चंडिका स्थान के मुख्य मार्ग और मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने भीम बांध में पर्यटन विकास कार्यों की भी समीक्षा की। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा मुंगेर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का जो संकल्प लिया गया है, उसे साकार करने की कवायद शुरू कर दी गई है। उन्होंने भीम बांध में पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी समीक्षा कर निर्देश दिए। उन्होंने तेलडीहा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कांवर झील निर्माण की पहल की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने जिले में चल रही अन्य परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी किए। ग
तेलियागढ़ी किला एएसआई को देने की अनुशंसा:संरक्षण से पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
साहिबगंज के डीसी ने राज्य की ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए पर्यटन सचिव को लिखा पत्र साहिबगंज जिला के ऐतिहासिक तेलियागढ़ी किला को संरक्षित करने के लिए इसे आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को दिए जाने की अनुशंसा की गई है। इस संबंध में साहिबगंज के उपायुक्त ने पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। कहा है कि तेलियागढ़ी किला साहिबगंज की एक ऐतिहासिक धरोहर है एवं जिले के पर्यटन स्थल की श्रेणी-सी में अधिसूचित है। उन्होंने पर्यटन सचिव से अनुरोध किया है कि तेलियागढ़ी किला के संरक्षण के लिए इसे आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सौंपे जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। तेलियागढ़ी किला 13वीं शताब्दी में बनाया गया था। यहां कभी हुमायूं, शेरशाह, अकबर और शाह सुजा समेत कई बादशाहों की तलवारें चमकती थीं। वर्तमान में यह किला उपेक्षा का शिकार है। जिसके संरक्षण एवं देखभाल की अत्यंत आवश्यकता है। गत दाे जून 2025 औैर 30 अक्टूबर 2025 को जिला पर्यटन संवर्धन परिषद की बैठक में पर्यटन स्थल तेलियागढ़ी किला के संरक्षण के लिए एएसआई को दिए जाने का निर्णय लिया गया। किला अब एक खंडहर है, केवल अवशेष ही बचे तेलियागढ़ी किला अब एक खंडहर है, जिसके अब केवल अवशेष ही बचे हैं। लेकिन किले के अवशेष इसकी प्राचीनता और भव्यता को बताते हैं। यह बहुमूल्य धरोहर संरक्षित करने के अभाव में अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। किले की बनावट ऐसी है कि यहां पर जल मार्ग या भू-मार्ग से कोई आक्रमण नहीं हो सकता था। प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी यह अत्यंत ही मनोहारी स्थान पर स्थित है। इस किले के ऐतिहासिक महत्व का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 16वीं सदी में ईरानी यात्री अब्दुल लतीफ और 18वीं सदी में फ्रांसीसी यात्री बुकानन ने अपनी रचनाओं में इसे बड़े क्षेत्र में स्थित बताया है। बंगाल का प्रवेश द्वार कहा जाता था किला तेलियागढ़ी किला झारखंड के साहिबगंज जिले में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो जिला मुख्यालय से 7-8 किलोमीटर दूर करमटोला पहाड़ी के तलहटी पर स्थित है। इस किले को कभी बंगाल का प्रवेश द्वार कहा जाता था, क्योंकि यह रणनीतिक रूप से गंगा नदी के किनारे मुख्य व्यापारिक मार्ग पर स्थित था। मुगल काल में इसका बहुत महत्व था। इस किले का इतिहास मौर्य काल से जुड़ा है। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में यवन राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में इस किले का बौद्ध विहार के रूप में उल्लेख किया है। वहीं, हर्षवर्धन के समय में चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी तेलियागढ़ी किले का जिक्र किया है। कभी एक किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था तेलियागढ़ी किला तेलियागढ़ी किले के आसपास के मौजूद अवशेषों को देखकर लगता है कि यह किला करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था। किले की तत्कालीन लंबाई और चौड़ाई का अनुमान किले से पूर्व करीब 500 मीटर दूरी पर स्थित मध्यकालीन दीवारों को देखकर लगाया जा सकता है। साहिबगंज डीसी का प्रयास है कि तेलियागढ़ी किला एएसआई को सौंपे जाने से यह धरोहर सुरक्षित औैर संरक्षित हाे जाएगी।
हिल स्टेशन पचमढ़ी में अब पर्यटकों की भीड़ बढ़ने जा रही है। चार दिन बाद विंटर वेकेशन शुरू हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में पर्यटक और लोग पचमढ़ी में छुट्टियां बिताने जाएंगे। इस दौरान पीक सीजन भी 24 दिसंबर से शुरू हो जाएगा। इसमें जिप्सी का किराया हर पॉइंट पर अब पुराने से एक हजार रुपए ज्यादा देना होगा। साथ ही होटलों के कमरों का किराया भी 25 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। सबसे खास है कि अगले 12 से 14 दिन के लिए पचमढ़ी में एडवांस बुकिंग चल रही है। कई होटलें 60 प्रतिशत तक बुक हो चुकी हैं। इसलिए लोगों को पचमढ़ी में जाने से पहले वहां रुकने की व्यवस्था जरूर चेक करनी चाहिए। वहीं पुलिस विभाग की तरफ से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस बल तैनात होगा। पिपरिया एसडीओपी को सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष जिम्मेदारी एसपी ने दी है। पचमढ़ी में पर्यटकों के लिए पीक सीजन 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक रहेगा। जिला पंचायत की ओर से इसके लिए पत्र भी जारी किया गया है। टैक्सी यूनियन प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि जिस भी साइट पर लोग जाते हैं, वहां के लिए जो किराया तय रहता है, उससे एक हजार रुपए अधिक लगेगा। 2 जनवरी तक किराया बढ़ा रहेगा। इसी तरह होटल यूनियन के अध्यक्ष आनंद धूत ने बताया कि होटलों के कमरों की बुकिंग इस समय 60 प्रतिशत हो गई है। बुकिंग के साथ ही 25 प्रतिशत तक किराया बढ़ा रहेगा। इस समय होटलों में कमरे 2000 रुपए से मिलना शुरू हो रहे हैं। पचमढ़ी में सभी तरह की करीब 100 होटलें हैं। जब भीड़ अधिक होगी तब कमरे मिलने की स्थिति साफ नहीं रहती है। नए साल के लिए 60% से ज्यादा हो चुकी होटलों की बुकिंग हिल स्टेशन पचमढ़ी पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करती है। यहां पर बीफॉल, डचेस फाल, महादेव मंदिर, चौरागढ़, जटाशंकर, हांडी खोह सहित धूपगढ़ है। धूपगढ़ में सूर्यास्त का नजारा विशेष रूप से नजर आता है। धूपगढ़ ऊंची चोटी पर स्थित है। इसलिए यहां भारी भीड़ रहती है। पचमढ़ी में शनिवार-रविवार को भी पर्यटक पहुंच रहे हैं। रात में होगी पेट्रोलिंग, जवान भी तैनात रहेंगे: पचमढ़ी में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी पुलिस की व्यवस्था रहेगी। एसपी सांई कृष्णा ने एसडीओपी को पचमढ़ी में व्यवस्था की जिम्मेदारी दी है। एसडीओपी मोहित यादव ने बताया कि वहां अतिरिक्त पुलिस बल रहेगा। पुलिस लाइन से भी बल बुलाएंगे। रात में पेट्रोलिंग होगी। जाम नहीं लगे इसके लिए भी पॉइंट लगाए जाएंगे। जहां कैमरे लगे हैं वहां से कैमरों से निगरानी होगी। पचमढ़ी, पिपरिया थाना का स्टाफ भी लगातार पेट्रोलिंग में रहेगा। पचमढ़ी में ये खास
इंडिगो की लगातार उड़ानें रद्द होने का असर सिर्फ यात्रियों पर ही नहीं, बल्कि इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी की आय पर भी पड़ा है। देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट को बीते पांच दिनों में करीब दो करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। उड़ानें रद्द होने से होटल, पर्यटन और टैक्सी उद्योग के साथ-साथ एयरपोर्ट की राजस्व व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने का सिलसिला अब भी जारी है और पिछले दो दिनों से रोज एक से दो उड़ानें निरस्त हो रही हैं। जानकारी के मुताबिक, इंदौर एयरपोर्ट से रोजाना करीब 12 से 14 हजार यात्री यात्रा करते हैं, जिनमें आधे आने और आधे जाने वाले होते हैं। इंदौर से संचालित उड़ानों में इंडिगो का नेटवर्क सबसे बड़ा है और यहां की आधे से अधिक उड़ानें इसी एयरलाइन पर निर्भर हैं। 4 से 8 दिसंबर के बीच इंडिगो की कई उड़ानें प्रभावित रहीं, जिससे इन दिनों में यात्रियों की औसत संख्या 40 से 45 प्रतिशत तक घट गई। 5 दिसंबर को स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही, जब करीब 5 से 6 हजार यात्रियों को उड़ानें रद्द होने के कारण एयरपोर्ट से लौटना पड़ा। इंडिगो ने यात्रियों को टिकट की पूरी राशि वापस कर दी, लेकिन उड़ानें निरस्त होने से एयरपोर्ट अथॉरिटी को मिलने वाला शुल्क लगभग शून्य हो गया, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। इस तरह हुई अथॉरिटी की आय कम इंदौर से किसी भी विमानन कंपनी का टिकट बुक कराने पर यात्रियों से यूजर डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ), रीजनल कनेक्टिविटी चार्ज (आरसीसी) और एविएशन सिक्योरिटी फीस मिलाकर औसतन 700 रुपए से अधिक शुल्क वसूला जाता है। यह शुल्क अलग-अलग एयरपोर्ट पर अलग-अलग होता है, जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी यात्री सुविधाओं के रखरखाव और विस्तार पर खर्च करती है। सामान्य दिनों में प्रतिदिन मिलने वाले यात्री शुल्क के मुकाबले संकट के दिनों में प्रतिदिन लगभग 5 हजार से 6 हजार यात्रियों से शुल्क नहीं मिल पाया। यानी एयरपोर्ट को रोजाना लगभग 35-40 लाख रुपए तक की चपत लगी। सूत्रों की माने तो एयरपोर्ट अथारिटी को पांच दिनों का कुल नुकसान 1.75 से 2 करोड़ रुपए या उससे अधिक होने का अनुमान है। आधी रह गई पैसेंजर संख्या एयरपोर्ट से टैक्सी का संचालन करने वाले संदीप यादव ने कहा कि उस समय लोग आए अंदर ही एयरपोर्ट में फंसे रहे। कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों को एयरपोर्ट पर लेने बुला लिया। लोगों को फ्लाइट निरस्त होने की सूचना पहले मिल गई। लोग आए ही नहीं, इससे हमें सवारी ही नहीं मिली। अब जाकर हालात सामान्य हुए हैं। इसके अलावा पार्किंग को लेकर भी बड़ा नुकसान हुआ है। ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि इस संकट से बड़ी संख्या में पैकेज और होटल रूम भी निरस्त हुए हैं। इससे भी काफी नुकसान हुआ है। होटलों ने क्रेडिट नोट बनाकर दिए हैं, लेकिन उससे मनचाही डेट पर बुकिंग नहीं हो पा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जालंधर में रीची ट्रैवल के दफ्तर और मालिक के घर पर छापा मारा है। यह कार्रवाई बस स्टैंड के पास स्थित रीची ट्रैवल के कार्यालय और जसवंत नगर में मालिक के आवास पर की जा रही है। यह कार्रवाई डंकी रूट के माध्यम से लोगों को विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ ईडी की जांच का हिस्सा है। मामला उन भारतीयों से जुड़ा है जिन्हें हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था। इसी मामले में, ईडी ने दो दिन पहले ट्रैवल एजेंट्स की 5 करोड़ रुपए की संपत्ति भी जब्त की थी। यह कार्रवाई डंकी रूट से जुड़े मामलों में लगातार जारी है। रेड अभी जारी है, सूचना अपडेट की जा रही है। पहले हुई रेड से मिले इनपुट के आधार पर जांच जालंधर ईडी की टीम ने डंकी रूट मामले में कुछ दिन पहले 2 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान ईडी टीम ने डंकी रूट के जरिए अवैध रूप से विदेश भेजने से जुड़े लोगों की 5.41 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अटैच की थी। इस संबंध में जालंधर ईडी टीम ने जालंधर, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 13 व्यावसायिक और रिहाइशी ठिकानों पर छापेमारी की है। रिची ट्रैवल के घर पर भी चल रही रेड ईडी टीम की इस समय बस स्टैंड के पास रिची ट्रैवल के दफ्तर में सर्वे चल रहा है। इसके साथ ही रिची ट्रैवल के मालिक के घर जसवंत नगर में भी रेड चल रही है। ईडी द्वारा डंकी रूट पर काम करने वाले ट्रैवल एजेंट के खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए भारतीयों को लेकर हुई पूछताछ के बाद कई ट्रैवल एजेंट ईडी की रडार पर हैं। जालंधर के साथ दिल्ली-पानीपत में भी ट्रैवल एजेंट पर रेड सूत्रों के अनुसार, रिची ट्रैवल्स के साथ, तरुण खोसला (दिल्ली) और बलवान शर्मा (पानीपत) में भी रेड चल रही है। बताया जा रहा है कि ईडी टीम ने यह जांच उन FIR के आधार पर शुरू की थी, जो फरवरी 2025 में अमेरिका से 330 भारतीयों के डिपोर्ट होने के बाद दर्ज की गई थीं। इन भारतीयों को अमेरिकी सेना के कार्गो विमान के जरिए वापस भेजा गया था। जांच में सामने आया कि इन लोगों को डंकी रूट के जरिए अवैध रूप से अमेरिका भेजा गया था। इसके पीछे ट्रैवल एजेंटों, बिचौलियों, डोंकरों, विदेशों में मौजूद साथियों, हवाला ऑपरेटरों का नेटवर्क काम कर रहा था। ईडी टीम द्वारा पहले की गई 2 रेड और जांच के दौरान मिले सबूतों से इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
कॉरिडोर में कृष्ण: 'कुंज गलियों' का पर्यटन
15 मई 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने की अनुमति दी थी
गोवा में वेकेशन एंजॉय कर रहीं कृष्णा श्रॉफ, शेयर की खूबसूरत तस्वीरें
कृष्णा श्रॉफ निश्चित रूप से जानती हैं कि लोगों का ध्यान कैसे आकर्षित करना है- चाहे वह उनकी MMA चॉप्स हों या उनकी वेकेशन की तस्वीरें। कृष्णा इस दिनों गोवा की धूप और बीच पर छुट्टियां मना रही हैं। इसी बीच कृष्णा श्रॉफ ने सोशल मीडिया पर अपनी ट्रॉपिकल ...
कैंसर के ट्रीटमेंट जंग के बीच वेकेशन मनाने मालदीव पहुंचीं हिना खान, शेयर की खूबसूरत तस्वीरें
टीवी एक्ट्रेस हिना खान भले ही कैंसर से जंग लड़ रही हैं, लेकिन वह अपनी लाइफ को खुलकर जी रही हैं। इस गंभीर बीमारी से जंग लड़ते हुए वह लाइफ का हर पल एंजॉय कर रही हैं। हिना खान इन दिनों मालदीव में वेकेशन एंजॉय कर रही हैं। मालदीव में वेकेशन मनाते हुए ...
Tejasswi Praksh-Karan Kundrra नहीं हुए अलग,रोमांटिक वेकेशन एन्जॉय कर रहा है कपल करीबी दोस्त ने खोला राज
सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या और उनकी पत्नी नतासा स्टेनकोविक के अलग होने की अफवाहें जोरों पर हैं। यह सब तब शुरू हुआ जब नतासा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से 'पांड्या' उपनाम हटा दिया। प्रशंसकों ने यह भी देखा कि वह आईपीएल मैचों के दौरान स्टैंड्स से गायब थीं। हालांकि, तमाम अटकलों के बावजूद इस जोड़े ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। दूसरी ओर, एक ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि हार्दिक विदेश में किसी अज्ञात स्थान पर छुट्टियां मना रहे हैं। विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें। इसे भी पढ़ें: Shabana Azmi ने Shashi Kapoor के साथ इंटीमेट सीन करने से किया था इंकार, सुपरस्टार ने कह दिया था एक्ट्रेस को 'बेवकूफ लड़की' | Read All About नताशा स्टेनकोविक से अलगाव की अफवाहों के बीच हार्दिक पंड्या विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं हार्दिक पंड्या की पत्नी नतासा स्टेनकोविक के साथ निजी जिंदगी हाल ही में चर्चा का विषय बनी हुई है। क्रिकबज द्वारा रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अलगाव की अफवाहों के बीच क्रिकेटर विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं। अभी लोकेशन का नाम सामने नहीं आया है। इसे भी पढ़ें: Anant Ambani और Radhika Merchant Pre-Wedding Party! तारों भरी रात से लेकर टोगा पार्टी तक, जानें इस बार क्या-क्या होगा खास यह बताया गया है कि इंडियन प्रीमियर लीग से अपनी टीम के बाहर होने के बाद क्रिकेटर ने देश छोड़ दिया। कठिन अवधि के बाद तरोताजा होने के लिए, उन्होंने विदेश में एक सप्ताह की छुट्टी का विकल्प चुना। हार्दिक के शीघ्र ही न्यूयॉर्क में टी20 विश्व कप 2024 के अभ्यास सत्र के लिए भारतीय टीम में फिर से शामिल होने की उम्मीद है। विशेष रूप से, आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए रोहित शर्मा की जगह हार्दिक के नेतृत्व की काफी आलोचना हुई। पूरे सीज़न में भारतीय क्रिकेटर को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस बीच, वह पेशेवर असफलताओं से जूझ रहे थे। उनकी निजी जिंदगी सुर्खियों में आ गई। कुछ दिन पहले हार्दिक ने अपने सोशल मीडिया पर ढेर सारी तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे। वीडियो में उन्हें पूल में तैरते हुए अच्छा समय बिताते हुए दिखाया गया, जबकि फोटो में वह एक खूबसूरत बैकग्राउंड के साथ पोज दे रहे थे। इसे छोटा और सरल रखते हुए, उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया था, रिचार्जिंग। पोस्ट के जवाब में, कई प्रशंसकों ने उनके टिप्पणी अनुभाग में बाढ़ ला दी, अपना अटूट समर्थन दिखाया और आगामी विश्व कप के लिए उनकी जय-जयकार की। एक यूजर ने लिखा, “हार्दिक पंड्या जल्द ही टी20 वर्ल्ड कप में वापस आ रहे हैं,” एक अन्य फैन ने लिखा, “हार्दिक टी20 में अपने पुराने मॉडल के साथ आएं और अपने नफरत करने वालों को चुप करा दें। जबकि एक तीसरे फैन ने लिखा, “मजबूत वापसी भाई।” इसके अतिरिक्त, एक प्रशंसक ने लिखा, अपना भाई शेर था और रहेगा तू टेंशन माउंट लेना रे। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, कोई बात नहीं हम सब आपके साथ हार्दिक हमारे हीरो हैं। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, हार्दिक भाई विश्व कप में वापसी करेगा। हार्दिका पंड्या की पत्नी नतासा ने अलगाव की अफवाहों पर प्रतिक्रिया दी दूसरी ओर, अलगाव की अफवाहों के बीच हार्दिक की पत्नी को शनिवार को पहली बार शहर में देखा गया। अपनी नवीनतम आउटिंग में, उन्हें एक कैफे से बाहर निकलते समय एक करीबी दोस्त के साथ देखा गया था। जाने से पहले एक्ट्रेस ने शटरबग्स के लिए पोज दिए। दरअसल, एक पिता ने उनसे तलाक के बारे में पूछा। हालांकि, इसके जवाब में एक्ट्रेस ने सवाल को नजरअंदाज करने का फैसला किया और सम्मानजनक चुप्पी बनाए रखी. जाने से पहले, उसने बस इतना कहा, बहुत-बहुत धन्यवाद और अपनी प्रतीक्षारत कार की ओर बढ़ गई। अपनी नवीनतम आउटिंग के दौरान, जब वह अपने दोस्त के साथ एक कैफे से बाहर निकली, तो उसे गुलाबी शर्ट के साथ सफेद टॉप और शॉर्ट्स पहने देखा गया। दो महीने पहले एक नौका पर बॉलीवुड अभिनेत्री को प्रस्ताव देने के बाद, हार्दिक और नतासा ने लगभग चार साल पहले 31 मई, 2020 को शादी कर ली थी। उनके पहले बच्चे, अगस्त्य का जन्म 30 जुलाई, 2020 को हुआ था। अपनी तीसरी शादी की सालगिरह मनाते हुए, हार्दिक और नतासा ने उदयपुर में एक भव्य समारोह के साथ अपनी प्रतिज्ञाओं को भी नवीनीकृत किया था। View this post on Instagram A post shared by Hardik Himanshu Pandya (@hardikpandya93) View this post on Instagram A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)
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