शेखपुरा का खांड पहाड़ बना पर्यटन केंद्र:स्थानीय युवाओं की मेहनत से संवर रहा आस्था और प्रकृति का संगम
शेखपुरा शहर की गोद में स्थित खांड पर पहाड़ अब धीरे-धीरे एक रमणीक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभरता नजर आ रहा है। करीब 500 फीट ऊंची पर्वत श्रृंखला पर स्थापित देवी कामाख्या और संतोषी मां के मंदिरों में इन दिनों भक्तों और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। सालों तक उपेक्षित रहे इस पहाड़ की बदली हुई तस्वीर के पीछे सबसे अहम भूमिका स्थानीय युवाओं की है, जो बिना किसी स्वार्थ के इसे संवारने और सजाने में जुटे हुए हैं। उपेक्षा से पहचान तक का सफर लंबे समय तक खांड पर पहाड़ न तो प्रशासन की प्राथमिकता में रहा और न ही किसी योजना का हिस्सा बन सका। चारों ओर जंगली घास, झाड़ियां और कचरे का अंबार लगा रहता था। धार्मिक महत्व होने के बावजूद श्रद्धालुओं को यहां आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जब किसी ने इस स्थल की जिम्मेदारी नहीं ली, तब खांड पर के युवाओं ने खुद आगे बढ़कर श्रमदान का बीड़ा उठाया। नववर्ष 2026 को लेकर तेज हुआ अभियान नववर्ष 2026 के आगमन को देखते हुए युवाओं ने पहाड़ पर सफाई और व्यवस्था सुधार का कार्य तेज कर दिया है। कड़ाके की ठंड और भीषण शीतलहर के बावजूद उत्साही युवक दिन के साथ-साथ रात में भी श्रमदान कर रहे हैं। पहाड़ पर चढ़ाई के लिए बनी 201 सीढ़ियों की रंगाई-पुताई, सफाई और मरम्मत का कार्य लगातार जारी है। सीढ़ियों से लेकर बैठने की जगह तक बदला नजारा स्थानीय युवाओं ने पहाड़ पर फैली जंगली घास, सूखे पत्ते और कचरे को हटाकर श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने और बैठने की समुचित व्यवस्था की है। टूट चुकी सीढ़ियों की मरम्मत, रेलिंग की सफाई और रंग-रोगन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी साफ दिखाई देती है। यह पूरा कार्य पूरी तरह स्वैच्छिक है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और जनहित की भावना प्रमुख है। आग की आशंका को लेकर पहले से सतर्कता श्रमदान में लगे रमेश महतो, गुड्डू कुमार, सचिन, पवन और विपुल का कहना है कि नववर्ष और अन्य पर्वों पर हजारों की संख्या में लोग खांड पर पहाड़ पहुंचते हैं। जंगली घास और गंदगी के कारण न सिर्फ असुविधा होती है, बल्कि आग लगने जैसी घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है, जिससे पहाड़ के पेड़-पौधों को भारी नुकसान हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए युवाओं ने समय से पहले सफाई अभियान शुरू किया। सफाई के साथ जागरूकता का संदेश यह पहल केवल सफाई तक सीमित नहीं है। युवा पहाड़ पर आने वाले लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं कि वे पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचाएं, नशा न करें और स्वच्छता बनाए रखें। युवाओं का कहना है कि खांड पर पहाड़ सिर्फ पिकनिक स्पॉट नहीं, बल्कि आस्था, प्रकृति और सामाजिक जिम्मेदारी का साझा स्थल है। नगर परिषद का सहयोग, लेकिन संसाधन सीमित नगर परिषद कर्मियों द्वारा भी युवाओं के इस प्रयास में सहयोग किया जा रहा है, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण सभी कार्य एक साथ पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में युवाओं का निरंतर श्रमदान इस अभियान की रीढ़ बना हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन और नगर परिषद इस पहल को और मजबूती दें, तो खांड पर पहाड़ शेखपुरा जिले का आदर्श धार्मिक-पर्यटन स्थल बन सकता है। सड़क निर्माण अधूरा, सवाल बरकरार गुड्डू कुमार ने बताया कि हाल ही में नगर परिषद द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए पहाड़ के नीचे से ऊपर तक सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था। हालांकि तीखे मोड़, कम चौड़ाई और अधिक चढ़ाव के कारण पहाड़ के ऊपर तक वाहनों के पहुंचने में दिक्कतें सामने आईं। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद निर्माण कार्य रुक गया, लेकिन संवेदक की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण ऊपर का सड़क निर्माण महीनों से बंद पड़ा है। युवाओं की एकजुटता बनी मिसाल कुल मिलाकर खांड पर पहाड़ आज स्थानीय युवाओं की एकजुटता, सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बनकर उभर रहा है। यह पहल साबित करती है कि जब युवा चाह लें, तो उपेक्षित स्थल भी दोबारा पहचान और सम्मान हासिल कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में घने कोहरे, तेज ठंड और कोल्ड वेव का असर है। इस वजह से न्यूनतम 4 डिग्री और अधिकारी तापमान 20 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। बीती रात शहडोल के कल्याणपुर में पारा 3.8 डिग्री पहुंच गया। पचमढ़ी, शाजापुर, रायसेन समेत कई जिलों में ओस की बूंदें जम गईं। वहीं, मंगलवार सुबह उत्तरी हिस्से में कोहरा होने से भोपाल, इंदौर और उज्जैन आने वाली कई ट्रेनें लेट है। तेज ठंड के चलते 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक स्कूलों में विंटर वेकेशन रहेंगे। इस दौरान पूरे प्रदेश के सभी UKG से लेकर 12वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने भी विंटर वेकेशन के आदेश जारी किए हैं। मौसम विभाग की माने तो जेट स्ट्रीम की रफ्तार 287 Kmph पहुंच गई है। इस वजह से प्रदेश के कई शहर दिन-रात कांप रहे हैं। बीते 24 घंटे में भोपाल, राजगढ़, इंदौर और शहडोल में शीतलहर का असर देखा गया। मंगलवार को भी सर्द हवाओं का असर बना रहेगा। ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, भोपाल, शाजापुर, रायसेन, विदिशा समेत कई जिलों में कोहरे का असर रहा। इस वजह से दिल्ली से आ रही ट्रेनें 4 से 5 घंटे तक लेट है। 25 शहरों में 10 डिग्री से नीचे तापमानइधर, रात के तापमान में भी गिरावट हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात में भोपाल में 5.6 डिग्री, इंदौर में 6.4 डिग्री, ग्वालियर में 9 डिग्री, जबलपुर में 8 डिग्री और उज्जैन में पारा 9.5 डिग्री रहा। इसी तरह कल्याणपुर के बाद राजगढ़ प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 4 डिग्री पहुंच गया। छतरपुर के नौगांव-उमरिया में 5 डिग्री, पचमढ़ी में 5.2 डिग्री, मलाजखंड में 5.3 डिग्री, मंडला में 5.8 डिग्री, खजुराहो-शिवपुरी में 6 डिग्री, रायसेन में 6.4 डिग्री, दमोह में 6.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 8 डिग्री, टीकमगढ़ में 8.5 डिग्री, दतिया-गुना में 8.6 डिग्री, बैतूल में 8.7 डिग्री, बैतूल, खरगोन, रीवा-रतलाम में 9 डिग्री, सागर में 9.4 डिग्री, सीधी और सतना में 9.7 डिग्री दर्ज किया गया। ग्वालियर में पारा 15.9 डिग्री, एक दिन में 7 डिग्री लुढ़काइधर, सोमवार को दिन में भी ठंड का दौर बना रहा। ग्वालियर में तो एक ही दिन में तापमान 7 डिग्री लुढ़ककर 15.9 डिग्री पर आ गया। वहीं, नौगांव में 19.5 डिग्री, खजुराहो में 20.1 डिग्री, रीवा में 20.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 21 डिग्री, सतना, मलाजखंड-सीधी में 21.2 डिग्री, दमोह में 22.6 डिग्री, नरसिंहपुर में 23 डिग्री रहा। दूसरी ओर, जबलपुर में 24.8 डिग्री, भोपाल में 27.2 डिग्री, इंदौर में 28.1 डिग्री, उज्जैन में 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लोगों के लिए यह अलर्ट.... नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दीइस बार नवंबर के बाद दिसंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। दूसरी ओर, दिसंबर में इंदौर में पारा सबसे कम रहा। भोपाल में भी यह 5 डिग्री से नीचे पहुंच चुका है। ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खासमौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्प्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है। अब जानिए दिसंबर में कैसी रहती है ठंड? मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही हो रहा है। शुरुआत से अब तक कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर भारत को प्रभावित कर चुके हैं। इस वजह से एमपी में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर का असर है। इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचरभोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पाराइंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दी, इस बार कोहरे का असरग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। इस बार तेज ठंड है। साथ ही घना कोहरा भी छा रहा है। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असरजबलपुर में 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। इस बार भी कड़ाके की ठंड का दौर है। बारिश नहीं हुई है। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंडउज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है, लेकिन अबकी बार एक भी दिन बारिश नहीं हुई है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
नववर्ष के मौके पर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा इस बार आम लोगों के लिए महंगी साबित हो रही है। भोपाल से उज्जैन, ओंकारेश्वर और पचमढ़ी जाने वाली टैक्सियों के किराए में अचानक उछाल देखने को मिल रहा है। आम दिनों की तुलना में प्रति ट्रिप किराया करीब 1000 रुपये तक अधिक वसूला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इन सभी स्थलों पर मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) के होटल पूरी तरह फुल हो चुके हैं। आमतौर पर भोपाल से उज्जैन का टैक्सी किराया 2000 से 2500 रुपए, पचमढ़ी के लिए 2200 से 2500 रुपए और ओंकारेश्वर के लिए 2800 से 3200 रुपए के बीच रहता है। लेकिन नववर्ष के पीक सीजन में यही किराया बढ़कर उज्जैन और पचमढ़ी के लिए 3000 से 3500 रुपए,ओंकारेश्वर के लिए 3800 से 4200 रुपए तक पहुंच गया है। टैक्सी संचालकों का कहना है कि नववर्ष पर मांग बढ़ने, सीमित वाहनों की उपलब्धता और लगातार ट्रिप के दबाव के कारण किराया बढ़ाना मजबूरी है। पचमढ़ी में सबसे ज्यादा दबाव पचमढ़ी में पर्यटकों का सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिल रहा है। यहां एमपीटीडीसी की 11 यूनिट्स हैं, जिनमें 180 से 190 कमरे हैं। नववर्ष को लेकर ये सभी कमरे फुल हो चुके हैं। निजी होटल भी 60% तक बुक हैं। आम दिनों में जहां एक कमरे का किराया 4500 से 5000 रुपये रहता है, वहीं नए साल में किराया 6500 से 7000 तक पहुंच गया है। उज्जैन-ओंकारेश्वर में भारी भीड़, नहीं मिल रही कमरों की बुकिंगमहाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए उज्जैन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां एमपीटीडीसी के तीन प्रमुख होटल, जिनमें 100 से अधिक कमरे हैं, पूरी तरह भर चुके हैं। निजी होटल और धर्मशालाओं में भी कमरे सीमित बचे हैं और किराए में 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसी तरह ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। यहां एमपीटीडीसी के सीमित होटल और करीब 50 से 60 कमरे पहले ही फुल हो चुके हैं। अन्य धार्मिक स्थलों पर भी परेशानीमहेश्वर और मैहर माता के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को भी ठहरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई श्रद्धालुओं को मजबूरी में कटनी और आसपास के कस्बों में रुकना पड़ रहा है। वहीं भोपाल से नए साल के पहले दिन सीहोर के गणेश मंदिर, भोजपुर और सलकनपुर जाने वालों की भीड़ के कारण यहां के होटल और लॉज भी बुक बताए जा रहे हैं। प्रदेश के बाहर भी यही हालगोवा, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और पुणे जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी नए साल को लेकर यही स्थिति है। फ्लाइट और होटल किराए में तेज बढ़ोतरी के चलते कई लोग यात्रा में बदलाव करने को मजबूर हैं।
नारागांव में एडवेंचर और राफ्टिंग सेंटर खोला जा रहा, लोगों को मिलेगा रोजगार
भास्कर न्यूज | बालोद जिले की मनोरम प्राकृतिक वादियों में इको-टूरिज्म का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नारागांव में एडवेंचर और राफ्टिंग सेंटर स्थापित किया जा रहा है। गुरूर विकासखंड के सियादेवी मंदिर के समीप बन रहे इस केंद्र में पर्यटक राफ्टिंग, कैंपिंग, बोनफायर और स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकेंगे। परियोजना में स्थानीय सामग्री और पारंपरिक कौशल से बनी बांस की राफ्ट का सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। भविष्य में यहां ईको-कॉटेज और सूर्योदय-सूर्यास्त व्यू प्वाइंट भी विकसित किए जाएंगे, जिससे प्रकृति के बीच पर्यटकों को एक संपूर्ण अनुभव मिलेगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील चंद्रवंशी ने स्थल का निरीक्षण कर परियोजना को अंतिम स्वीकृति दी है। नए वर्ष से शुरू होने वाली इस पहल से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे और बालोद जिले में इको-टूरिज्म को मजबूती मिलेगी।
भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन 1 को
भास्कर न्यूज | कवर्धा एक जनवरी को छत्तीसगढ़ के पर्यटन विकास को नई दिशा देने वाले भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन होने जा रहा है। 146 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस परियोजना का भूमिपूजन केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे। सोमवार को आयोजन के तैयारी का जायजा लेने डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भोरमदेव मंदिर परिसर स्थित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तैयारी के विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्य मंच व बैठक व्यवस्था, जनसमुदाय के बैठक व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात, पार्किंग, पेयजल समेत आयोजन से संबंधित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्था को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिपं अध्यक्ष ईश्वरी साहू, जिपं उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, डॉ वीरेंद्र साहू, एएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, एडीएम विनय पोयाम व अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे। प्रोजेक्ट में कई विकास कार्य शामिल: भोरमदेव मंदिर परिसर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटन कॉरिडोर के निर्माण से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक व सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। इस प्रोजेक्ट अंतर्गत सड़क, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, पर्यटक सुविधा केंद्र, सौंदर्यीकरण व अन्य बुनियादी सुविधा का विकास होगा। इससे न केवल पर्यटक की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए। भोरमदेव कॉरिडोर इसी सोच का परिणाम है, जो आने वाले वर्ष में क्षेत्र की पहचान को और मजबूत करेगा।
हाड़ौती की पर्यटन क्षमता को वैश्विक मंच पर लाएगा 'कोटा–हाड़ौती ट्रैवल मार्ट'
कोटा में 2 से 4 जनवरी 2026 तक आयोजित होने वाला कोटा–हाड़ौती ट्रैवल मार्ट हाड़ौती क्षेत्र की ऐतिहासिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा। चम्बल रिवर फ्रंट से शुरू होने वाला यह आयोजन राजस्थान के विकेन्द्रीकृत पर्यटन विकास को नई दिशा देगा।
नए साल से जयपुर सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूमना महंगा हो जाएगा। राजस्थान सरकार के अधीन आने वाले ऐतिहासिक स्मारकों और पर्यटन स्थलों की प्रवेश शुल्क दरों में बढ़ोतरी कर दी गई है, जो नए साल पर 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगी। वर्ष 2015 यानी करीब 10 साल बाद टिकट दरों में यह बढ़ोतरी पहली बार की गई है, जिसके तहत आमेर महल में भारतीय पर्यटकों को अब 200 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 1000 रुपए का टिकट देना होगा। पर्यटन विभाग का तर्क है कि बढ़ती सुविधाओं और रखरखाव के खर्च को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। नई दरों को लेकर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं, जो राजस्थान गजट में प्रकाशित हो चुके हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, अधिकांश प्रमुख स्मारकों पर टिकट की कीमतों में लगभग दोगुनी वृद्धि की गई है। यह प्रक्रिया पिछले तीन महीनों से चल रही थी, जिसे अब अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रमुख स्मारकों की नई प्रवेश शुल्क दरें जयपुर के सबसे प्रसिद्ध आमेर किला में जहां पहले भारतीय पर्यटक 100 रुपए लेकर देखता था, वहीं 300 रुपए विदेशी पर्यटक को देने पड़ते थे, वहीं अब भारतीय पर्यटक 200 रुपए का टिकट लेगा, वहीं विदेशी पर्यटकों को 1000 रुपए चुकाने होंगे। जबकि, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, हवा महल, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किले पर अब भारतीय पर्यटक की टिकट दर 100 रुपए और विदेशी पर्यटक की टिकट दर 600 कर दी गई है। 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी नई दरें पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का मानना है कि बढ़ी हुई दरों से स्मारकों के संरक्षण, रखरखाव और सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी। हालांकि, टिकट दरों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी से स्थानीय पर्यटकों और गाइड्स के बीच चर्चा का विषय भी बना हुआ है। नई दरें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी और राज्य के सभी संबंधित स्मारकों पर लागू की जाएगी। इस संबंध में विभाग की ओर से सभी स्मारकों को आदेश जारी हो चुके हैं। विभागाधीन 10 संरक्षित स्मारकों और 02 कला दीर्घाओं में शामिल तोपखाना-जालोर, बाला किला-अलवर, गुंबद फतेहजंग-अलवर, मूसी महारानी की छतरी-अलवर, अमर सिंह की छतरी-नागौर, किशोरी महल-भरतपुर, किला डीग-भरतपुर, सुनहरी कोठी-टोंक, किला ग्राम फतेहगढ़-अजमेर, किला सरवाड़-अजमेर, कला दीर्घा चंद्रावती-सिरोही, कला दीर्घा -विराटनगर में नवाचार करते हुए नवीन प्रवेश शुल्क दरें लागू की जा रही है। म्यूजियम में भारतीय पर्यटकों को 30 रुपए में मिलेगा प्रवेश एक ही जिले में स्थित स्मारकों/कला दीर्घाओं के लिए नवीन एकजाई प्रवेश शुल्क दरें भी लागू की जारी की जा रही है। जयपुर जिले के अतिरिक्त राजकीय संग्रहालयों में भारतीय पर्यटक के प्रवेश शुल्क की दर 20 रुपए के स्थान पर 30 रुपए निर्धारित की गई है। विभाग की ओर से नवाचार करते हुए राजस्थान राज्य में विभागीय संरक्षित स्मारकों/संग्रहालयों/कला दीर्घाओं के लिए एक नवीन एकजाई प्रवेश शुल्क दर भारतीय पर्यटक 1300 रुपए और विदेशी पर्यटक 5500 रुपए तय किया गया है, जिससे पर्यटक राजस्थान के विभागीय स्मारकों / संग्रहालयों/कला दीर्घाओं का एक बार ही शुल्क देकर 10 दिन तक घूम कर सकते है।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन विकास को नई ऊंचाई देने वाले कवर्धा के भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भव्य भूमिपूजन एक जनवरी को किया जाएगा। करीब 146 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रदेश के सबसे बड़े पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भोरमदेव मंदिर परिसर में आयोजन स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को मंच, बैठक, सुरक्षा, यातायात, पार्किंग और पेयजल सहित सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी करने के निर्देश दिए। इस परियोजना से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी भोरमदेव मंदिर परिसर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटन कॉरिडोर के निर्माण से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत सड़क, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, पर्यटक सुविधा केंद्र, सौंदर्यीकरण एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे इससे न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए। भोरमदेव कॉरिडोर इसी सोच का परिणाम है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की पहचान को और मजबूत करेगा। भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन न केवल नए साल की शुरुआत को खास बनाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक नई उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा। यह परियोजना राज्य के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
कोटा में 2 से 4 जनवरी 2026 तक आयोजित होने वाला कोटा–हाड़ौती ट्रैवल मार्ट हाड़ौती क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के निर्देशन में यह आयोजन पर्यटन, रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट को पर्यटन के हब के रूप में विकसित करने के संकल्प के तहत, जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने सोमवार को अधिकारियों के साथ कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिए कि परिक्रमा मार्ग में आकर्षक पत्थर लगाए जाएं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुंदर व सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने कामदगिरि आरती स्थल का निरीक्षण करते हुए कहा कि पर्यटन विकास से जुड़े सभी कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। आरती स्थल को इस प्रकार विकसित किया जाए कि वह पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन सके। डीएम ने परिक्रमा मार्ग में जल निकासी के लिए बनाए जा रहे नाले को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने व्यू प्वाइंट पर साइन बोर्ड लगाए जाने और तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए स्वच्छ शौचालयों को शीघ्र संचालित कराने के भी निर्देश दिए। जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने कहा कि शासन का लक्ष्य चित्रकूट को पर्यटन का हब बनाना है और इस दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि पर्यटन विकास कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी किसी भी दशा में स्वीकार नहीं की जाएगी। इस निरीक्षण के दौरान, संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने जिलाधिकारी को कार्यों की प्रगति की जानकारी दी।
उदयपुर में विंटर वेकेशन में टूरिस्ट सीजन पीक पर है। 25 दिसंबर के बाद से शहर की सभी होटल-रिसोर्ट्स पूरी तरह फुल चल रहे है। प्रमुख टूरिस्ट पॉइंट्स पर घंटों की वेटिंग की स्थिति बनी हुई है। सिटी पैलेस, करणी माता रोप वे, सहेलियों की बाड़ी, सज्जनगढ़ और शिल्पग्राम समेत हर जगह टूरिस्ट की भीड़ है। सभी टूरिस्ट पॉइंट के बाहर ट्रॉफिक जाम के साथ ओल्ड सिटी के हाल ज्यादा खराब है, हर तरफ पार्किंग से व्यवस्था बेहाल है। माना जा रहा है कि 4 जनवरी तक उदयपुर में यही हाल रहेगा। उधर शिल्पग्राम महोत्सव के लास्ट 2 दिन होने से वहां भी हाउसफुल की स्थिति है। विंटर वेकेशन और न्यू ईयर इंजॉय करने के मकसद से देशभर से आए टूरिस्ट उदयपुर में है। टूरिस्ट इंड्रस्टी से जुड़े लोगों में इस सीजन को लेकर अनुसार इस बार बीते सालों की तुलना में टूरिस्ट की संख्या ज्यादा रहने की उम्मीद है। होटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया किस्कूलों में छुटिट्यों के शुरू होते ही परिवार सहित लोग उदयपुर घूमने आ रहे है। 4 जनवरी तक यह सिलसिला जारी रहेगा। शहर में बढ़ते टूरिस्ट दबाव से शहर की यातायात व्यवस्था प्रशासन के लिए चुनौती बनती जा रही है। सड़कों पर अभी से जाम की स्थिति बनने लगी है। चेतक सर्किल, कुम्हारों का भट्टा, देहलीगेट, शास्त्री सर्किल, सूरजपोल, उदियापोल, गुलाबबाग, घंटाघर, चांदपोल और पिछोला झील रोड दिनभर वाहन रेंगते हुए नजर आ रहे हैं। सुबह और शाम ही नहीं, दिन में भी कई जगह यातायात के दबाव का सामन करना पड़ रहा है। यातायात पुलिस और प्रशासन के सामने अगले एक पखवाड़े तक ट्राॅफिक को मैनेज करना बड़ी चुनौती रहेगा। सहेलियों की बाड़ी, सज्जनगढ़ बायो पार्क और सज्जनगढ़ किले का समय एक से डेढ़ घंटे तक बढ़ाया है। सुबह 9 बजे खुलने वाला सज्जनगढ़ बायो पार्क और सज्जनगढ़ किले में जाने के लिए एंट्री सुबह 8 बजे से हो रही है। यह व्यवस्था 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक लागू रहेगी। न्यू ईयर को लेकर भी स्वागत की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है। होटल्स, होम स्टे और रिसॉर्ट्स में न्यू ईयर के लिए बुकिंग पूरी हो गई है। अब 4 जनवरी तक ज्यादातर प्रीमियम होटल्स में लगभग सभी रूम्स फुल है। होटल व्यवसायियों की मानें तो दिसंबर में गोवा के बाद उदयपुर ही सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है। उदयपुर में 900 से ज्यादा होटल्स-रिसॉर्ट हैं, जबकि 550 से ज्यादा होम स्टे, गेस्ट हाउस और विला हैं। वहीं सीजन के बीच ज्यादातर होटल्स में रेट्स डबल हैं तो नए साल साल के मौके पर 4 गुना महंगी हो गई हैं। न्यू ईयर वीकेंड (29 दिसंबर से 1 जनवरी) के लिए बड़े होटल्स और रिसॉर्ट में एक कमरे का किराया 3 से 4 गुना बढ़ा है। पिछले साल की तुलना में इस बार पैकेज और होटल रेट्स में 20% से 25% तक की बढ़ोतरी हुई है। न्यू ईयर पर होटल्स और रिसॉर्ट में स्पेशल सेलिब्रेशन प्रोग्राम (डीजे पार्टी, कल्चरल शो, थीम नाइट्स और लाइव म्यूजिक) आयोजित होंगे। सामान्य दिनों में इन्हीं होटल्स में रूम का किराया 5 से 10 हजार रुपए तक रहता है, जो न्यू ईयर पर 25 से 40 हजार रुपए तक पहुंच गया है। जबकि 5 स्टार होटल्स में यह किराया 60 हजार से एक लाख रुपए तक पहुंचा है। प्रमुख रिसॉर्ट, हेरिटेज और लेक-साइड होटल्स 20 से 40 हजार रुपए तक रूम बुकिंग हुए है। 31 दिसंबर के ग्रैंड सेलिब्रेशन के लिए कई ग्रुप्स, कॉर्पोरेट और इंटरनेशनल गेस्ट ने 1 से 3 दिनों तक होटल बुक कराए हैं। इवेंट ऑर्गेनाइजर भरत सिंह राठौड़ ने बताया कि न्यू ईयर पर उदयपुर में 300 से ज्यादा इवेंट्स होंगे। इस बार उदयपुर में सबसे बड़ी डीजे पार्टी में सिंगर राजीव राजा और डीजे रूप आ रहे हैं। उदयपुर में पार्टी के लिए गुजरात से हजारों लोगों की बुकिंग्स हुई हैं।
Deepika Padukone And Ranveer Singh Vacation Photo Viral: 'धुरंधर' एक्टर रणवीर सिंह फिल्म की सफलता के बाद अब न्यूयॉर्क में पत्नी और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के संग वेकेशन का मनाते हुए दिखे. कपल की फोटोज सोशल मीडिया पर की तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें वो क्रिसमस सेलिब्रेट करते नजर आ रहे हैं.
रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म धुरंधर की शानदार सफलता के बाद ब्रेक पर हैं। वह पत्नी दीपिका पादुकोण के साथ छुट्टियां मना रहे हैं। दोनों को हाल ही में न्यूयॉर्क सिटी में साथ देखा गया। सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों के आधार पर माना जा रहा है कि दोनों न्यूयॉर्क पहुंच चुके हैं। इंटरनेट पर सामने आई तस्वीरों में रणवीर और दीपिका न्यूयॉर्क में फैंस के साथ फोटो खिंचवाते दिख रहे हैं। एक फैन ने तस्वीरें शेयर करते हुए बताया कि रणवीर ने उनके साथ फोटो क्लिक करवाई। वहीं दीपिका रणवीर की बहन रितिका भावनानी के साथ खड़ी नजर आईं। इस आउटिंग के दौरान रणवीर का लुक कैजुअल नजर आया। उन्होंने ब्लैक स्वेटर पहना था। इसके साथ ग्रे रंग का डिजाइन वाला स्कार्फ था। सिर पर ब्लैक बीनी और आंखों पर हल्के रंग के सनग्लासिस दिखे। एक रेड कलर की क्रॉस-बॉडी स्ट्रैप ने उनके लुक में थोड़ा कलर जोड़ा। वहीं दीपिका सर्द मौसम के हिसाब से सिंपल और एलिगेंट आउटफिट में दिखीं। उन्होंने सफेद रंग का कोट और उसी रंग का मोटा स्कार्फ कैरी किया था। धुरंधर ने 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर, जिसे आदित्य धर ने डायरेक्ट किया है, 5 दिसंबर को रिलीज हुई थी। रिलीज के कई हफ्तों बाद भी फिल्म की कमाई जारी है। फिल्म ने दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली है। धुरंधर भारत की अब तक की टॉप 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हो चुकी है। फिल्म ने रिलीज के सिर्फ 23 दिनों में यह आंकड़ा पार किया है। इस बीच मेकर्स ने धुरंधर 2 का भी ऐलान कर दिया है। यह फिल्म 19 मार्च 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।
न्यू ईयर वेकेशन पर निकले रणबीर–आलिया:एयरपोर्ट पर एक्टर क्लीन-शेव अवतार में नजर
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट नए साल से कुछ दिन पहले मुंबई एयरपोर्ट पर नजर आए। दोनों छुट्टियां मनाने के लिए रवाना हो रहे थे। इस दौरान रणबीर कपूर का नया लुक सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। वीडियो में रणबीर क्लीन-शेव लुक में दिखे। उन्होंने बाहर खड़े फोटोग्राफर्स को थम्स-अप भी दिया। आलिया भट्ट ने भी पैपराजी का गर्मजोशी से स्वागत किया। वह मुस्कुराती नजर आईं, हाथ हिलाया और एयरपोर्ट के अंदर जाने से पहले फ्लाइंग किस भी दी। पिछले साल रणबीर और आलिया ने नया साल थाईलैंड में मनाया था। उस दौरान उनके साथ बेटी राहा और कपूर परिवार के अन्य सदस्य भी थे। इस हफ्ते की शुरुआत में आलिया ने अपने क्रिसमस सेलिब्रेशन की तस्वीरें भी शेयर की थीं। उन्होंने मुंबई में अपनी मां सोनी राजदान के घर हुई क्रिसमस पार्टी की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट कीं। इन तस्वीरों में परिवार के खुशहाल पल दिखे। इनमें रणबीर, आलिया और उनकी बेटी राहा की प्यारी झलक भी शामिल थी। वर्क-फ्रंट की बात करें तो आलिया भट्ट जल्द फिल्म अल्फा में नजर आएंगी। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, फिल्म की रिलीज को टालने का फैसला लिया गया है। यह फैसला सलमान खान की आने वाली वॉर फिल्म बैटल ऑफ गलवान से टकराव से बचने के लिए किया गया है। शिव रावैल के निर्देशन में बनी अल्फा वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स की छठी फिल्म है। इस फ्रेंचाइजी में एक था टाइगर, टाइगर जिंदा है, वॉर और पठान जैसी फिल्में शामिल हैं। अल्फा में आलिया भट्ट के साथ शरवरी और बॉबी देओल भी अहम भूमिकाओं में हैं।
डिस्ट्रिक्ट क्लब स्पोर्ट्स कार्निवल 2025 के तहत कई मुकाबले आयोजित किए गए। महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में तायल एडवेंचर्स ने सोलंकी सुपर स्टार को 5 विकेट से हराकर फाइनल मैच जीता।इसके साथ ही कई रोचक मुकाबले हुए। बैडमिंटन डबल्स में प्रमोद मुथा और हितेश फोफलिया की जोड़ी ने वरिष्ठ खिलाड़ी डॉ. तपन पुरोहित और धर्मेंद्र चौधरी को हराकर खिताबी जीत दर्ज की। टेबल टेनिस के जूनियर वर्ग में आरव मेहता और खुश शर्मा ने अपने-अपने आयु वर्ग में खिताब जीते, जबकि यथार्थ चौधरी और रुचिर मेहता उप-विजेता रहे। बालिका वर्ग में अनुष्का बिसावा ने प्रथम और विप्रा दायमा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।सभी प्रतियोगिताओं का पुरस्कार वितरण समारोह 28 दिसंबर की शाम क्रिकेट फाइनल के बाद होगा। 31 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम की तैयारियों में विवेक मेहता, हर्ष लोढ़ा, प्रशांत मूथा सहित पूरी टीम जुटी है। खेल प्रभारी राजेश पाटनेचा व ऋषि बोहरा ने बताया कि पुरुष क्रिकेट में सत्कार सुपर किंग, रिषभ राइजिंग स्टार्स, विनायक जायंट्स, पाली पेंथर्स, दीपक पाली केम, नाहर चैलेंजर्स, पराग फेब्रिक्स और नाकोड़ा मार्बल ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है।बैडमिंटन डबल्स में हितेश फोफलिया व प्रमोद मुथा विजेता रहे। टेनिस डबल्स में चंद्रवीर सिंह व प्रवीण मुथा विजेता रहे। टेबल टेनिस डबल्स में अकेंश गादिया व आशीष बिसावा विजेता रहे।
खगड़िया में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कसरैया धार का विस्तृत निरीक्षण किया। रविवार को उनके निर्देश पर इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं का आकलन किया गया। जिलाधिकारी के साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम भी मौजूद थी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कसरैया धार की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और जलधारा के आसपास फैले हरित क्षेत्र का गहन अवलोकन किया। व्यू-प्वाइंट्स, पर्यटकों की सुविधाओं का रखें ध्यान टीम ने संभावित व्यू-प्वाइंट्स, पर्यटकों की सुविधा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, स्थल तक पहुंचने वाले मार्गों की स्थिति, सड़क कनेक्टिविटी, पार्किंग की संभावनाएं, सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया। जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि कसरैया धार प्राकृतिक रूप से एक रमणीय स्थल है। यदि इसे योजनाबद्ध और पर्यावरण-संतुलित तरीके से विकसित किया जाए, तो यह जिले का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण बन सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पर्यटन विकास की रूपरेखा तैयार की जाए, ताकि प्राकृतिक स्वरूप को कोई नुकसान न पहुंचे। जिलाधिकारी ने प्रस्तावित योजना में पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सूचना पट्ट और स्थानीय संस्कृति को दर्शाने वाले तत्वों को शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुरक्षा से जुड़े सभी आवश्यक बिंदुओं पर भी जोर दिया। कसरैया धार के विकसित होने से मजबूत होगा पर्यटन साथ ही, स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए रोजगार सृजन के अवसरों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। प्रशासन का मानना है कि कसरैया धार के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से खगड़िया जिले की पहचान पर्यटन मानचित्र पर मजबूत होगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। यह पहल जिले में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ पर्यटन को आगे बढ़ाने का एक सकारात्मक संदेश भी देगी।
अरावली पर्वतमाला को लेकर उठा विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दरअसल, जमीन से 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली मानने की नई परिभाषा से विवाद पैदा हुआ है। अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की वेकेशन बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी, जिसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह भी शामिल होंगे। सीजेआई के वेकेशन कोर्ट में यह मामला पांचवें नंबर पर लिस्ट है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई पर टिकी हैं, जहां केंद्र और राज्य सरकारों को नए निर्देश जारी किए जा सकते हैं। क्या है अरावली विवादसुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर 2025 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की समिति की सिफारिश स्वीकार की, जिसमें 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली के रूप में मान्यता देने की बात कही गई। इससे पहले 1985 से चले आ रहे गोदावर्मन और एमसी मेहता मामले में अरावली को व्यापक संरक्षण मिला हुआ था। नए फैसले के बाद राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता इसे इकोलॉजिकल आपदा बता रहे हैं। पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। पर्यावरणविदों का तर्क है कि अरावली रेंज में 100 मीटर से छोटी पहाड़ियों में खनन की मंजूरी मिलने से इन पर्वतमालाओं के अस्तित्व खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं, केंद्र का कहना है कि यह गलतफहमी है और संरक्षण बरकरार रहेगा। आरपी बलवान की याचिका पर केंद्र, राज्यों को नोटिस हरियाणा के वन विभाग के रिटायर अधिकारी आरपी बलवान ने भी पिछले सप्ताह केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की समिति की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पहले से चल रहे गोदावर्मन मामले में याचिका दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने केंद्र, राजस्थान, हरियाणा सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट शीतकालीन अवकाश के बाद इस मामले में सुनवाई करेगा। विवाद के बाद केंद्र ने अरावली रेंज में नए खनन पट्टों पर लगाई रोकविवाद बढ़ने पर केंद्र सरकार ने अरावली में नए खनन पट्टों पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए। 24 दिसंबर (बुधवार) को केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बयान में कहा कि पूरी अरावली श्रृंखला में कोई नया खनन लीज नहीं जारी होगा। केंद्र ने राज्य सरकारों को अरावली में किसी भी प्रकार के नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। ये प्रतिबंध पूरे अरावली पर समान रूप से लागू होंगे। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जारी लिखित बयान के मुताबिक इस आदेश का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली सतत भूवैज्ञानिक श्रृंखला के रूप में अरावली की रक्षा करना और सभी अनियमित खनन गतिविधियों को रोकना है। केंद्र के बयान के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत, जयराम रमेश सहित विपक्षी नेताओं ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह सब है, उसी का पालन करना है। --- अरावली पर्वतमाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें पीली हो जाएगी गुलाबी नगरी, बिना झीलों का उदयपुर:दिनभर धूल के तूफान, बिना मास्क सांस नहीं, AI से देखिए अरावली खत्म होने के खतरे राजस्थान से अरावली की पहाड़ियां खत्म हो गईं तो यहीं मजाक डरावनी हकीकत बनकर सामने आ सकता है। अरावली खत्म होने की बात हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि एक नई परिभाषा के अनुसार 100 मीटर से ऊंची पहाड़ी को ही अरावली माना जाएगा। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली न हो तो पाकिस्तान में बरसेगा राजस्थान का मानसून:1.50 लाख से ज्यादा पहाड़ियों पर खनन का खतरा, अब तक 25% चोटियां खत्म, पार्ट-2 सुप्रीम कोर्ट ने वन पर्यावरण मंत्रालय की समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए अरावली की पहाड़ियों की नई परिभाषा को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार दिल्ली से राजस्थान और गुजरात तक 700 किमी में फैली पहाड़ियां 100 मीटर से कम ऊंची हैं तो उन्हें अरावली में नहीं गिनेंगे। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली पर्वत बचाने के लिए आंदोलन, जोधपुर में लाठीचार्ज:राजस्थान के कई शहरों में पुलिस-प्रदर्शनकारी भिड़े, सीकर में हर्ष पर्वत पर चढ़े लोग राजस्थान में अरावली पर्वत श्रंखला में खनन को मंजूरी मिलने से नाराज लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। कांग्रेस और सामाजिक संगठनों के लोगों की उदयपुर कलेक्ट्रेट में पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। यहां पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को अरेस्ट भी कर लिया। सीकर में 945 मीटर ऊंचाई पर स्थित हर्ष पर्वत पर प्रदर्शन किया गया। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली के लिए राष्ट्रपति के नाम खून से लिखी चिट्ठी:कलेक्टर टीना डाबी को सौंपी; ग्रीनमैन बोले- मेरे खून से नहीं, अरावली के आंसुओं से लिखी है अरावली पर्वतमाला के संरक्षण और बदलाव का विरोध जगह-जगह हो रहा है। इस कड़ी में ग्रीनमैन नरपतसिंह राजपुरोहित ने अपने खून से राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन लिखा। बुधवार को बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन दिया। अरावली बचाओ जैसे स्लोगन भी लिखे। पूरी खबर पढ़िए
बिहार आने वाले पर्यटकों के लिए परिवहन विभाग बसें चलाएगा। पटना से कैमूर, बोधगया, नवादा, सासाराम, बेतिया, बांका, कैमूर, वीटीआर समेत 40 पर्यटन स्थलों के लिए 100 इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें चलेंगी। फरवरी से यह सुविधा मिलने लगेगी, जिससे दो लाख से अधिक लोगों फायदा होगा। इन बसों का किराया हर वर्ग के पर्यटकों के हिसाब से तय होगा। एसी और नन एसी बसों की सेवा मिलेगा। नन एसी बस का किराया 150 से 600 और एसी बस का 200 से 700 रुपए होगा। हालांकि विभाग के अधिकारी की मानें तो किराया सरकार के स्तर से तय होगा। अभी फाइनल नहीं है। घट-बढ़ सकता है। परिवहन विभाग ने निगम को पर्यटन स्थलों का सर्वे कराने को कहा है। इसमें पर्यटकों की संख्या, एक से दूसरे जिले के पर्यटन स्थल की दूरी, जाने में लगनेवाले समय की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद राज्य के पर्यटन व धार्मिक स्थलों को परिवहन सेवा से जोड़ा जाएगा। साल 2024 में बिहार में 6.06 करोड़ घरेलू तो 7.36 लाख विदेशी टूरिस्ट आए। जबकि पटना में 23 हजार विदेशी और 1.06 लाख घरेलू पर्यटक आए। इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें खरीदी जाएंगी राज्य के जिलों में चलने वाली परिवहन निगम की कई बसें खटारा हो गई हैं। इसलिए इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें खरीदी जाएंगी। वर्ष 2026-27 में करीब 200 बसें खरीदी जाएंगी। 100 बसें लोकल रूट पर चलेंगी। जबकि 100 स्टेट बस होगी। वहीं भारत सरकार से 400 इलेक्ट्रिक बसें भी मिलेंगी। इनको खरीदने के लिए केंद्र राशि देगा। बस में ये सुविधाएं राज्य के पर्यटन स्थलों पर इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसों का परिचालन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पर्यटकों के साथ-साथ आमलोगों को सीधे फायदा मिलेगा। - राजकुमार, परिवहन सचिव
नए साल पर भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर की मिलेगी सौगात
कवर्धा| नए साल के पहले दिन कबीरधाम जिले को पर्यटन विकास की बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन 01 जनवरी 2026 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की विशेष उपस्थिति में किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन को नई पहचान मिलेगी। यह पर्यटन कॉरिडोर स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत भोरमदेव मंदिर परिसर से लेकर मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा और सरोदा जलाशय तक ऐतिहासिक, पुरातात्विक और प्राकृतिक स्थलों का समग्र विकास किया जाएगा। लगभग 146 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह कॉरिडोर भोरमदेव क्षेत्र को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर के भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। जरूरी निर्देश दिए।
डीएम ने मधुश्रवा में पर्यटन विकास की संभावनाएं जांची:अधिकारियों को कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए
अरवल जिला पदाधिकारी अमृषा बैंस ने आज कलेर प्रखंड के मधुश्रवा क्षेत्र का स्थल निरीक्षण किया। यह निरीक्षण क्षेत्र में पर्यटन विकास की संभावनाओं का आकलन करने के उद्देश्य से किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य क्षेत्र के भौतिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों का अवलोकन कर पर्यटन के अनुरूप कार्ययोजना तैयार करना था। निरीक्षण के दौरान, जिला पदाधिकारी ने स्थल की भौगोलिक स्थिति, आवागमन की सुविधा और पर्यटकों के लिए आधारभूत संरचनाओं की संभावनाओं का विस्तृत अवलोकन किया। उन्होंने स्वच्छता, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता का भी जायजा लिया। इसके बाद, संबंधित अधिकारियों को पर्यटन विकास के लिए एक आवश्यक कार्ययोजना तैयार कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। जिला पदाधिकारी ने कहा कि पर्यटन के विकास से न केवल क्षेत्र की पहचान सुदृढ़ होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और स्थानीय संस्कृति के संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य करने पर बल दिया।
धार शहर में रेलवे परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्षों से प्रतीक्षित रेल सुविधा का सपना अब साकार होता दिख रहा है। इसी क्रम में धार रेलवे स्टेशन को भव्य और आकर्षक स्वरूप देने का कार्य भी शुरू हो गया है। इस रेलवे स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि इसके भवन को विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडू के ऐतिहासिक जहाज महल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। यह स्टेशन को एक अनूठी पहचान देगा और धार व मांडू की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत को देशभर में पहुंचाएगा। फिलहाल, रेलवे स्टेशन परिसर में सेट संरचना पर चादर चढ़ाने का कार्य अंतिम चरण में है। निर्माण स्थल पर श्रमिक और मशीनें दिन-रात काम कर रही हैं, जिससे स्टेशन की आकृति अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है। यात्रियों को आधुनिक और बेहतर सुविधाएं मिलेंगीरेलवे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसमें गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। धार जिले के नागरिकों के लिए यह परियोजना एक बड़ी सौगात है। लंबे समय से रेल सेवा की प्रतीक्षा कर रहे लोगों में अब नई उम्मीद जगी है। रेलवे स्टेशन के साथ-साथ रेल लाइन, प्लेटफॉर्म और अन्य आधारभूत सुविधाओं से जुड़े कार्य भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। यह नया रेलवे स्टेशन न केवल यात्रियों को आधुनिक और बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि इससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
खजुराहो एयरपोर्ट ने देश के सभी हवाई अड्डों को पीछे छोड़ते हुए नंबर 1 स्थान हासिल किया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) द्वारा जारी 2025 के कस्टमर सैटिस्फेक्शन सर्वे में खजुराहो एयरपोर्ट को यात्रियों की संतुष्टि के आधार पर शीर्ष स्थान दिया गया। इस सर्वे में यात्रियों ने सुविधाओं और स्टाफ के व्यवहार के लिए इसे सर्वोच्च अंक दिए। सर्वे में खजुराहो को सर्वश्रेष्ठ माना गया एएआई के कस्टमर सैटिस्फेक्शन सर्वे राउंड 2 में एयरपोर्ट का मूल्यांकन स्वच्छता, सुरक्षा और यात्री सुविधाओं जैसे मानकों पर किया गया। सर्वे में यात्रियों से एयरपोर्ट स्टाफ के व्यवहार और उपलब्ध सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली गई। आंकड़ों के अनुसार स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा के हर पैमाने पर खजुराहो एयरपोर्ट को उच्चतम अंक प्राप्त हुए। यात्रियों ने सुविधाओं की सराहना की यात्रियों ने खजुराहो एयरपोर्ट की साफ-सफाई, प्रतीक्षा क्षेत्रों में बैठने की सुविधा, सामान वितरण की तेज व्यवस्था और सुरक्षित माहौल की तारीफ की। एयरपोर्ट स्टाफ का मददगार रवैया भी इसे शीर्ष स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण रहा। डायरेक्टर बोले- यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा रही प्राथमिकता एयरपोर्ट डायरेक्टर संतोष सिंह ने इस उपलब्धि का श्रेय पूरी टीम के बेहतर तालमेल और सेवा गुणवत्ता को दिया। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा से यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा रही है। मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय स्थानीय लोगों ने बताया कि खजुराहो एयरपोर्ट की यह उपलब्धि मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। यह दर्शाता है कि छोटे शहरों के एयरपोर्ट भी बेहतर सुविधाएं और उत्कृष्ट सेवा प्रदान करके बड़े महानगरों के हवाई अड्डों को पीछे छोड़ सकते हैं। देखें पूरी लिस्ट...
जालंधर।रिची ट्रैवल्स के मालिक सतपाल मुल्तानी के साथ 5 करोड़ 54 लाख 17 हजार 318 रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में थाना-7 में दिल्ली निवासी मोहित गोगिया और भारत छाबड़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों ने बैंक से वन टाइम सेटलमेंट (OTS) करवाने के नाम पर यह ठगी की। शिकायतकर्ता सतपाल मुल्तानी, निवासी जसवंत नगर ने पुलिस को बताया कि उनके पार्टनर सुखविंदर सिंह ने करीब 10 करोड़ रुपए का बैंक कर्ज लिया था। इस कर्ज के बदले परागपुर के पास जीटी रोड स्थित करीब 436 मरले का प्लॉट गिरवी रखा गया था, जबकि वे खुद बैंक के गारंटर थे। मुल्तानी के मुताबिक, पार्टनर धोखा देकर अमेरिका चला गया, जिसके बाद बैंक लगातार कर्ज की वसूली के लिए दबाव बना रहा था। कर्ज से छुटकारा पाने के लिए वे अपने एक परिचित के जरिए दिल्ली में मोहित गोगिया से मिले। खुद को राज्यसभा मेंबर बताकर बनाया भरोसा मुल्तानी ने बताया कि मोहित गोगिया के दिल्ली स्थित दफ्तर में उनकी मुलाकात एक ऐसे शख्स से करवाई गई, जिसने खुद को राज्यसभा सदस्य बताया। आरोपियों ने दावा किया कि बैंक ने उन्हें वन टाइम सेटलमेंट के लिए अधिकृत किया है। इसी भरोसे में आकर उन्होंने आरोपियों के बताए गए खाते में करोड़ों रुपए ट्रांसफर कर दिए। वाट्सऐप पर भेजा गया फर्जी नो-ड्यूज सर्टिफिकेट रकम लेने के बाद आरोपियों ने वाट्सऐप पर बैंक की ओर से जारी किया गया नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भेज दिया और कहा कि एक महीने के भीतर बैंक से सभी दस्तावेज मिल जाएंगे। लेकिन तय समय बीतने के बाद भी जब कोई कागजात नहीं मिले तो मुल्तानी बैंक पहुंचे।बैंक अधिकारियों ने साफ किया कि ऐसा कोई नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किया गया, जिसके बाद ठगी का खुलासा हुआ। दिए गए चेक भी हुए बाउंस मुल्तानी ने बताया कि जब उन्होंने आरोपियों से पैसे वापस मांगे तो मोहित गोगिया ने तीन बार चेक दिए, लेकिन तीनों ही बाउंस हो गए। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दी।करीब एक साल चली जांच के बाद पुलिस ने मंगलवार रात थाना-7 में केस दर्ज किया। इसी महीने ईडी ने की थी छापेमारी गौरतलब है कि इसी महीने प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिची ट्रैवल्स के दफ्तर, घर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।
एसआईआर में 4.48 लाख वोटर्स के नाम गलत दर्ज:अब होगा रि-वेरिफिकेशन, BLO विंटर वेकेशन में भी करेंगे काम
सीकर जिले में S.I.R. प्रक्रिया में ड्राफ्ट वोटर्स लिस्ट प्रकाशन के बाद बड़ी चूक सामने आई है। 22.77 लाख से ज्यादा वोटर्स वाले सीकर जिले में करीब साढ़े 4 लाख वोटर्स और उनके पिता के नाम गलत दर्ज हो गए हैं। एसआईआर प्रक्रिया में ढाई हजार से ज्यादा कार्मिक करीब 2 महीने से काम कर रहे हैं। कलेक्टर से लेकर सभी बड़े अधिकारी लगे थे। अब 4.48 लाख वोटर्स के नाम व उनके पिता और पति के नाम में गड़बड़ी सामने आई है। इस कैटेगरी में जिले के 4,48,765 वोटर शामिल हैं। ऐसे में अब कुल साढ़े 5 लाख वोटर्स का दोबारा वेरिफिकेशन करना होगा। जबकि निर्वाचन विभाग की एसआईआर प्रक्रिया में पहले रि-वेरिफिकेशन का काम शामिल नहीं था। गलती होने पर यह व्यवस्था की गई है। विभाग ने 5 बिंदुओं पर रि-वेरिफिकेशन के काम को जल्द पूरा करने के लिए संबंधित बीएलओ के शीतकालीन अवकाश (विंटर वेकेशन) रद्द कर दिए हैं। इस गलती से अब वोटरों को भी परेशानी होगी, क्योंकि एकबार फिर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। क्योंकि बहुत से वोटर जिले से दूसरे राज्यों में जा चुके हैं, जो केवल एसआईआर के लिए ही घर आए थे। ऐसे सुधरेंगी डिटेल्स जिन वोटर्स के नाम, पिता के नाम या अन्य कोई गलती है तो उससे संबंधित दस्तावेज जैसे- आधार कार्ड, मूल-निवास, 10वीं क्लास की मार्कशीट, कास्ट सर्टिफिकेट, पैनकार्ड में से कोई एक दस्तावेज बीएलओ को देने होंगे। कोई बाहर हैं तो वे वॉट्सऐप कर सकते हैं। निर्वाचन शाखा के अधिकारियों के अनुसार नामों में वर्तनी की गलती, उपनाम बदलना, या रिकॉर्ड अपडेट ना होने के कारण यह स्थिति बनी है, डिजिटाइजेशन में जिले के 143850 वोटर्स के नाम पहले ही कट चुके हैं। इधर, नए नाम जोड़ने को लेकर अब तक कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुए हैं। इससे वोटर्स लिस्ट को लेकर लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 14 फरवरी को फाइनल वोटर्स लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। केस एक धोद के बूथ नंबर 192 के वोटर रमेश के पिता का नाम रामलाल है जबकि एसआईआर में रामू कर दिया गया। केस दो मो. आदिल कुरैशी के पिता का नाम मो. जमाल कुरैशी है, जबकि इस बार एसआईआर में उनका नाम मो. जमाल कर दिया गया है। केस तीन धोद के बूथ नंबर 186 के वोटर अनिल के पिता का नाम नोला राम जाखड़ है, जबकि इस बार एसआईआर में पिता का नाम नोला राम कर दिया गया। केस चार बूथ नंबर 229 राधाकिशनपुरा सीकर के वोटर अंकित कुमार शर्मा के पिता का नाम ओमप्रकाश शर्मा है, लेकिन S.I.R. में ओमप्रकाश कर दिया गया। अंकित ने बताया- जो फॉर्म दिया था उसके आधार पर फीडिंग नहीं की गई।
बांध के पर्यटन केंद्र बनने की संभावना बढ़ी
भास्कर न्यूज | बेनूर नारायणपुर जिला मुख्यालय से करीब 21 किलोमीटर दूर ग्राम सिरपुर में स्थित वर्षों पुराना बांध इन दिनों एक बार फिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बनता नजर आ रहा है। पहाड़ों की गोद में बसे इस बांध के चारों ओर फैली हरियाली, ऊंचे-ऊंचे पेड़-पौधे और शांत वातावरण इसे बेहद मनमोहक और मनोरम बनाते हैं। दूर से देखने पर यह स्थल किसी प्राकृतिक पर्यटन स्थल से कम नहीं लगता। इस बांध की खास बात सिर्फ इसकी खूबसूरती ही नहीं, बल्कि इससे लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित वह अद्भुत धार्मिक स्थल भी है, जहां धरती के गर्भ से उत्पन्न भगवान शिव-पार्वती, गणेश, नंदी, कार्तिकेय, शेर और शिव गणों की प्राचीन प्रतिमाएं मौजूद हैं। वहीं पास ही एक स्वयंभू शिवलिंग भी विराजमान है, जो इस क्षेत्र की आस्था को और मजबूत करता है। ग्रामीणों के अनुसार यह स्थल वर्षों से आस्था का केंद्र रहा है। कुछ वर्ष पहले तक आसपास के ग्रामीण इस बांध में पिकनिक मनाने के लिए बड़ी संख्या में आते थे, लेकिन समय के साथ यह परंपरा लगभग समाप्त हो गई थी। अब लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर लोग नदी-झरनों को छोड़कर इस शांत और सुरक्षित स्थल पर पिकनिक मनाते नजर आ रहे हैं। श्रद्धालु साक्षात धरती से प्रकट शिव मंदिर में दर्शन भी कर सकते हैं।
ओटीएस के नाम पर रिची ट्रैवल्स के मालिक से 5.54 करोड़ रुपए की ठगी
भास्कर न्यूज | जालंधर रिची ट्रैवल्स के मालिक सतपाल मुल्तानी वासी जसवंत नगर के साथ 5,54,17,318 रुपए की ठगी का मामला थाना-7 में दर्ज किया गया है। केस में दिल्ली के रहने वाले मोहित गोगिया व भारत छाबड़ा को आरोपी बनाया गया है। ठगी उनसे बैंक से वन टाइम सेटलमेंट के नाम पर की गई थी। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता का भरोसा जीतने के लिए दिल्ली में उनकी एक राज्यसभा मेंबर से मुलाकात करवाई थी, लेकिन वह नकली निकला। पुलिस को दिए बयान में सतपाल मुल्तानी ने कहा कि उनके पार्टनर सुखविंदर सिंह ने करीब 10 करोड़ का कर्जा लिया था। कर्ज के लिए परागपुर के पास जीटी रोड पर करीब 436 मरले का प्लॉट गिरवी रखा था। वह खुद बैंक गारंटर थे। पार्टनर धोखा करके अमेरिका चला गया तो बैंक अपने पैसे मांग रहा था। वे कर्जा खत्म करना चाहते थे। इसलिए अपने दोस्त के जरिये दिल्ली में मोहित गोगिया से मिले थे। मोहित के दफ्तर में एक शख्स मिला, जो खुद को राज्यसभा मेंबर बता रहा था। उसे बताया गया था कि बैंक ने उसे वन टाइम सेटलमेंट के लिए ऑथोराइज किया है। वे झांसे में आ गए और उनके बताए गए खाते में रकम जमा करवा दी। मुल्तानी ने कहा कि उन्हें वाट्सएप पर बैंक की ओर से जारी किया नो ड्यूज सर्टिफिकेट भेज दिया और कहा कि बैंक एक महीने में सभी दस्तावेज भेज देगा। महीने बाद भी दस्तावेज नहीं आए तो वे बैंक गए। वहां पता चला कि बैंक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। मोहित ने उन्हें तीन बार उक्त अमाउंट के चेक दिए, लेकिन वे बाउंस हो गए। करीब एक साल चली जांच के बाद मंगलवार रात थाना-7 में आईपीसी की धारा 420 व 406 के तहत केस दर्ज किया गया है।
सांसद खेल महोत्सव 2025 का समापन गुरुवार को पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में हुआ। समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल रूप से जुड़े और उन्होंने खेल महोत्सव में भाग लेने वाले युवाओं को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस खेल महोत्सव के जरिए हजारों खिलाड़ी एक साथ आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खेल भावना से सक्षम और अनुशासित युवा ही राष्ट्र का निर्माण करते हैं। दो दिवसीय सांसद खेल महोत्सव के समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस खेल महोत्सव से समाज की सोच बदल रही है और लोग इससे प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेल जीवन का एक अहम हिस्सा है। खेल के मैदान में हम जीत का आनंद लेते हैं और हार से सीखते हैं। पीएम मोदी ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे बच्चों को खेल के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का समन्वय बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर बच्चे खेलेंगे, तो वे फिट और मजबूत बनेंगे। पूरे देश में एक साथ हुआ आयोजन समापन समारोह को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि सांसद खेल महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे भारत में आयोजित किया गया, जिसका समापन आज हो रहा है। हम युवा शक्ति को खेलों की ओर प्रेरित कर रहे हैं और योग्यता को महत्व मिल रहा है। सरगुजा सांसद चिंतामणी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल के महत्व को समझा और युवाओं में खेल भावना को बढ़ावा देने और पारंपरिक के साथ परंपरागत खेलों को संरक्षित करने के उद्देश्य से खेल महोत्सव की शुरुआत की। सांसद चिंतामणि महाराज ने कहा कि खेलों का आयोजन हमारे सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में तीनों जिलों में हुआ, जिसमें पहला ब्लॉक स्तर फिर विधानसभा स्तर फिर लोकसभा स्तर में आज का आयोजन हो रहा है। इन प्रतियोगिता के द्वारा युवाओं की प्रतिभा को सामने लाया जा रहा है, प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के प्रतिभा को निखारने के लिए युवाओं को मंच प्रदान किया जा रहा है। कार्यक्रम को महापौर मंजूषा भगत, कलेक्टर अजीत वसंत ने संबोधित करते हुए युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। विजेता खिलाड़ी हुए पुरस्कृत अतिथियों ने विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार से सम्मानित किया। सांसद खेल महोत्सव में कई परंपरागत खेल खेले गए, जिनमें रस्सा कसी, पिट्ठुल, वॉलीबॉल, कबड्डी, रस्सी कूद, गोला फेंक, 100 मीटर, 200 मीटर दौड़ और गेड़ी दौड़ शामिल थे। ये सभी खेल बालक और बालिका वर्ग में आयोजित किए गए थे। विजेता और उपविजेता टीमों को समारोह में पुरस्कृत किया गया। ये रहे उपस्थित समापन समारोह में जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनारायण यादव, निगम सभापति हरिमन्दर सिंह टिन्नी, पार्षद आलोक दुबे, विकास सिंह, कर्ताराम गुप्ता सहित अनिल सिंह मेजर, ललन प्रताप सिंह व अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
उदयपुर में टूरिस्ट सीजन पीक पर है, जो 4-5 जनवरी तक चलेगा। इस बीच लेकसिटी की सभी होटल्स-रिसॉर्ट लगभग फुल हो चुके हैं। 21 दिसंबर से शहर में टूरिस्ट की संख्या बढ़ने लगी थी, जो 24 दिसंबर से अपने पीक पर पहुंच गई। प्रशासन ने टूरिस्ट पॉइंट्स के एंट्री और एग्जिट टाइम को बढ़ाया है और शिल्पग्राम के लिए शहर से बसें भी शुरू की गई हैं। 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक लागू रहेगी व्यवस्था इस बीच उदयपुर जिला प्रशासन ने टूरिस्ट की सुविधा के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों के समय में अस्थायी वृद्धि की है। सहेलियों की बाड़ी, सज्जनगढ़ बायो पार्क और सज्जनगढ़ किले का समय एक से डेढ़ घंटे तक बढ़ाया है। अब तक सुबह 9 बजे खुलने वाला सज्जनगढ़ बायो पार्क और सज्जनगढ़ किले में जाने के लिए एंट्री सुबह 8 बजे से शुरू कर दी गई है। प्रशासन की मंगलवार को हुई बैठक में पर्यटन स्थलों को सुबह जल्दी खोलने और शाम को ज्यादा देर तक खुला रखने का निर्णय हुआ। यह व्यवस्था 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक लागू रहेगी। सुबह 10 से रात 10 बजे तक सिटी बस शुरू उदयपुर के हवाला गांव में चल रहे शिल्पग्राम उत्सव को देखते हुए नगर निगम ने भी सुबह 10 से रात 10 बजे तक सिटी बस शुरू की हैं। सूरजपोल से शिल्पग्राम तक यह सेवा हर आधे घंटे में मिलेगी। इससे शहरवासियों के साथ बजट फ्रेंडली पर्यटकों को भी सहूलियत मिलेगी। वे सस्ते में शिल्पग्राम पहुंच सकेंगे। यह बस सेवा सूरजपोल से चेतक सर्किल, सहेलियों की बाड़ी, देवाली होते हुए शिल्पग्राम पहुंचेगी। वापसी में बस शिल्पग्राम से फतहसागर, चेतक सर्किल, देहलीगेट होते हुए सूरजपोल पहुंचेगी। 95% से ज्यादा बुकिंग हो चुकी न्यू ईयर को लेकर भी स्वागत की तैयारियां फायनल स्टेज पर हैं। होटल्स, होम स्टे और रिसॉर्ट्स में न्यू ईयर के लिए 95% से ज्यादा बुकिंग हो चुकी है। 4 जनवरी तक ज्यादातर प्रीमियम होटल्स में भी लगभग सभी रूम्स बुक है। होटल व्यवसायियों की मानें तो दिसंबर में गोवा के बाद उदयपुर ही सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है। उदयपुर में 900 से ज्यादा होटल्स-रिसॉर्ट हैं, जबकि 550 से ज्यादा होम स्टे, गेस्ट हाउस और विला हैं। वहीं सीजन के बीच ज्यादातर होटल्स में रेट्स डबल हैं तो नए साल साल के मौके पर 4 गुना महंगी हो गई हैं। न्यू ईयर वीकेंड (29 दिसंबर से 1 जनवरी) के लिए बड़े होटल्स और रिसॉर्ट में एक कमरे का किराया 3 से 4 गुना बढ़ गया है, जिसमें गाला डिनर भी शामिल है। पिछले साल की तुलना में इस बार पैकेज और होटल रेट्स में 20% से 25% तक की बढ़ोतरी हुई है। न्यू ईयर पर होटल्स और रिसॉर्ट में स्पेशल सेलिब्रेशन प्रोग्राम (डीजे पार्टी, कल्चरल शो, थीम नाइट्स और लाइव म्यूजिक) आयोजित होंगे। 31 दिसंबर की रात को यादगार बनाने के लिए होटल इंडस्ट्री लंबी तैयारी चल रही थी। सामान्य दिनों में इन्हीं होटल्स में रूम का किराया 5 से 10 हजार रुपए तक रहता है, जो न्यू ईयर पर 25 से 40 हजार रुपए तक पहुंच गया है। जबकि 5 स्टार होटल्स में यह किराया 60 हजार से एक लाख रुपए तक पहुंचा है। प्रमुख रिसॉर्ट, हेरिटेज और लेक-साइड होटल्स 20 से 40 हजार रुपए तक रूम बुकिंग हुए है। 31 दिसंबर के ग्रैंड सेलिब्रेशन के लिए कई ग्रुप्स, कॉर्पोरेट और इंटरनेशनल गेस्ट ने 1 से 3 दिनों तक होटल बुक कराए हैं। इवेंट ऑर्गेनाइजर भरत सिंह राठौड़ ने बताया- न्यू ईयर पर उदयपुर में 300 से ज्यादा इवेंट्स होंगे। वे भी इस बार उदयपुर में सबसे बड़ी डीजे पार्टी बड़ी रोड पर रस्म रिर्सोट में करवा रहे हैं। सिंगर राजीव राजा और डीजे रूप की नाइट के लिए लोग उत्साहित है। उदयपुर में पार्टी के लिए गुजरात से हजारों लोगों की बुकिंग्स हैं। होटल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कई होटल्स की तरफ से पैकेज जारी किए गए हैं। इस बार सभी होटल्स में 95 फीसदी से ज्यादा की बुकिंग है। रोजाना हर होटल्स में आधा दर्जन से कॉल आ रहे हैं। ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, एमपी और राजस्थान से टूरिस्ट आ रहे हैं। जानिए कब कितने टूरिस्ट आए
झज्जर जिले में आज जिला स्तरीय सुशासन दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश के सहकारिता, कारागार, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचेंगे। देश के पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर देशभर में सुशासन दिवस मनाया जाता है। डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। इसी के तहत आज झज्जर में भी सुशासन दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उत्कृष्ट कार्य करने वाले होंगे सम्मानित डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कहा कि सुशासन दिवस का उद्देश्य प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही एवं जनसेवा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करना है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करने वाले विभागों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिला स्तरीय सुशासन पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुशासन पुरस्कारों के चयन के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है, जो विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त प्रविष्टियों का निष्पक्ष मूल्यांकन कर उल्लेखनीय कार्य करने वाले विभागों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का चयन करेगी।
राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पर्यटन विभाग द्वारा 'एक कदम स्वच्छता की ओर' अभियान के तहत रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के स्मृति कुंज में श्रमदान का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं के सदस्यों ने स्मृति कुंज को प्लास्टिक मुक्त कर स्वच्छ बनाया। पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने बताया कि सुबह 8 बजे से शुरू हुए श्रमदान में जुटे सदस्यों ने प्लास्टिक की थैलियां, सूखा और गीला कचरा एकत्र किया। झाड़ू लगाकर स्मृति कुंज को कचरा मुक्त और सुंदर बनाया गया। यह श्रमदान दो घंटे तक चला, जिसमें सभी सदस्यों ने मिलकर कचरे का निस्तारण किया। श्रमदान में रामगढ़ अभयारण्य के फॉरेस्टर सुरेंद्र नागौरा, रामेष्ट युवा मंडल के शिखर पंचोली, रोहन गुर्जर, धैर्य सिंह, दीपेश सैनी, निशांत वर्मा, गढ़ पैलेस प्रबंधक जेपी शर्मा, पर्यटन विभाग के कर्मचारी, पुरातत्व विभाग के जगदीश वर्मा, नारायण मंडोवरा, गाइड एसोसिएशन के नरेंद्र सिंह डोकुन और नगर परिषद के कालू हरित ने अपनी टीम के साथ भाग लिया। श्रमदान के समापन के बाद, पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों को पर्यटन स्थलों को स्वच्छ रखने और गंदगी न फैलाने के प्रति लोगों को जागरूक करने की शपथ दिलाई।
स्विमिंग पूल किनारे मोनालिसा का सिजलिंग अंदाज, वेकेशन से शेयर की बोल्ड तस्वीरें
भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा हिंदी टीवी इंडस्ट्री में भी अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी मोनालिसा की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। वह अपनी ग्लैमरस तस्वीरों से तहलका मचाती रहती हैं। मोनालिसा इन दिनों थाइलैंड में वेकेशन एंजॉय कर रही ...
गोवा में वेकेशन एंजॉय कर रहीं कृष्णा श्रॉफ, शेयर की खूबसूरत तस्वीरें
कृष्णा श्रॉफ निश्चित रूप से जानती हैं कि लोगों का ध्यान कैसे आकर्षित करना है- चाहे वह उनकी MMA चॉप्स हों या उनकी वेकेशन की तस्वीरें। कृष्णा इस दिनों गोवा की धूप और बीच पर छुट्टियां मना रही हैं। इसी बीच कृष्णा श्रॉफ ने सोशल मीडिया पर अपनी ट्रॉपिकल ...
कैंसर के ट्रीटमेंट जंग के बीच वेकेशन मनाने मालदीव पहुंचीं हिना खान, शेयर की खूबसूरत तस्वीरें
टीवी एक्ट्रेस हिना खान भले ही कैंसर से जंग लड़ रही हैं, लेकिन वह अपनी लाइफ को खुलकर जी रही हैं। इस गंभीर बीमारी से जंग लड़ते हुए वह लाइफ का हर पल एंजॉय कर रही हैं। हिना खान इन दिनों मालदीव में वेकेशन एंजॉय कर रही हैं। मालदीव में वेकेशन मनाते हुए ...
Tejasswi Praksh-Karan Kundrra नहीं हुए अलग,रोमांटिक वेकेशन एन्जॉय कर रहा है कपल करीबी दोस्त ने खोला राज
सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या और उनकी पत्नी नतासा स्टेनकोविक के अलग होने की अफवाहें जोरों पर हैं। यह सब तब शुरू हुआ जब नतासा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से 'पांड्या' उपनाम हटा दिया। प्रशंसकों ने यह भी देखा कि वह आईपीएल मैचों के दौरान स्टैंड्स से गायब थीं। हालांकि, तमाम अटकलों के बावजूद इस जोड़े ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। दूसरी ओर, एक ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि हार्दिक विदेश में किसी अज्ञात स्थान पर छुट्टियां मना रहे हैं। विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें। इसे भी पढ़ें: Shabana Azmi ने Shashi Kapoor के साथ इंटीमेट सीन करने से किया था इंकार, सुपरस्टार ने कह दिया था एक्ट्रेस को 'बेवकूफ लड़की' | Read All About नताशा स्टेनकोविक से अलगाव की अफवाहों के बीच हार्दिक पंड्या विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं हार्दिक पंड्या की पत्नी नतासा स्टेनकोविक के साथ निजी जिंदगी हाल ही में चर्चा का विषय बनी हुई है। क्रिकबज द्वारा रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अलगाव की अफवाहों के बीच क्रिकेटर विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं। अभी लोकेशन का नाम सामने नहीं आया है। इसे भी पढ़ें: Anant Ambani और Radhika Merchant Pre-Wedding Party! तारों भरी रात से लेकर टोगा पार्टी तक, जानें इस बार क्या-क्या होगा खास यह बताया गया है कि इंडियन प्रीमियर लीग से अपनी टीम के बाहर होने के बाद क्रिकेटर ने देश छोड़ दिया। कठिन अवधि के बाद तरोताजा होने के लिए, उन्होंने विदेश में एक सप्ताह की छुट्टी का विकल्प चुना। हार्दिक के शीघ्र ही न्यूयॉर्क में टी20 विश्व कप 2024 के अभ्यास सत्र के लिए भारतीय टीम में फिर से शामिल होने की उम्मीद है। विशेष रूप से, आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए रोहित शर्मा की जगह हार्दिक के नेतृत्व की काफी आलोचना हुई। पूरे सीज़न में भारतीय क्रिकेटर को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस बीच, वह पेशेवर असफलताओं से जूझ रहे थे। उनकी निजी जिंदगी सुर्खियों में आ गई। कुछ दिन पहले हार्दिक ने अपने सोशल मीडिया पर ढेर सारी तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे। वीडियो में उन्हें पूल में तैरते हुए अच्छा समय बिताते हुए दिखाया गया, जबकि फोटो में वह एक खूबसूरत बैकग्राउंड के साथ पोज दे रहे थे। इसे छोटा और सरल रखते हुए, उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया था, रिचार्जिंग। पोस्ट के जवाब में, कई प्रशंसकों ने उनके टिप्पणी अनुभाग में बाढ़ ला दी, अपना अटूट समर्थन दिखाया और आगामी विश्व कप के लिए उनकी जय-जयकार की। एक यूजर ने लिखा, “हार्दिक पंड्या जल्द ही टी20 वर्ल्ड कप में वापस आ रहे हैं,” एक अन्य फैन ने लिखा, “हार्दिक टी20 में अपने पुराने मॉडल के साथ आएं और अपने नफरत करने वालों को चुप करा दें। जबकि एक तीसरे फैन ने लिखा, “मजबूत वापसी भाई।” इसके अतिरिक्त, एक प्रशंसक ने लिखा, अपना भाई शेर था और रहेगा तू टेंशन माउंट लेना रे। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, कोई बात नहीं हम सब आपके साथ हार्दिक हमारे हीरो हैं। एक अन्य प्रशंसक ने कहा, हार्दिक भाई विश्व कप में वापसी करेगा। हार्दिका पंड्या की पत्नी नतासा ने अलगाव की अफवाहों पर प्रतिक्रिया दी दूसरी ओर, अलगाव की अफवाहों के बीच हार्दिक की पत्नी को शनिवार को पहली बार शहर में देखा गया। अपनी नवीनतम आउटिंग में, उन्हें एक कैफे से बाहर निकलते समय एक करीबी दोस्त के साथ देखा गया था। जाने से पहले एक्ट्रेस ने शटरबग्स के लिए पोज दिए। दरअसल, एक पिता ने उनसे तलाक के बारे में पूछा। हालांकि, इसके जवाब में एक्ट्रेस ने सवाल को नजरअंदाज करने का फैसला किया और सम्मानजनक चुप्पी बनाए रखी. जाने से पहले, उसने बस इतना कहा, बहुत-बहुत धन्यवाद और अपनी प्रतीक्षारत कार की ओर बढ़ गई। अपनी नवीनतम आउटिंग के दौरान, जब वह अपने दोस्त के साथ एक कैफे से बाहर निकली, तो उसे गुलाबी शर्ट के साथ सफेद टॉप और शॉर्ट्स पहने देखा गया। दो महीने पहले एक नौका पर बॉलीवुड अभिनेत्री को प्रस्ताव देने के बाद, हार्दिक और नतासा ने लगभग चार साल पहले 31 मई, 2020 को शादी कर ली थी। उनके पहले बच्चे, अगस्त्य का जन्म 30 जुलाई, 2020 को हुआ था। अपनी तीसरी शादी की सालगिरह मनाते हुए, हार्दिक और नतासा ने उदयपुर में एक भव्य समारोह के साथ अपनी प्रतिज्ञाओं को भी नवीनीकृत किया था। View this post on Instagram A post shared by Hardik Himanshu Pandya (@hardikpandya93) View this post on Instagram A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani)
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