हिमाचल प्रदेश के शिमला में भूकंप के झटके, जानिए केंद्र और तीव्रता?
Himachal earthquake : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई पर रहा। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। भूकंप की तीव्रता काफी कम थी इस वजह से यहां जान ...
पिंकसिटी में शॉर्ट फिल्म ‘दिलवाले शिमला मिर्च दे जाएंगे’ की शूटिंग चल रही है। जयपुर के कई खूबसूरत इलाकों सांगानेर, महेश नगर, नाहरगढ़, जल महल, मानसरोवर, जेएलएन मार्ग और जगतपुरा (NWR क्षेत्र) में कई सीन शूट किए गए हैं। ये फिल्म एक ड्रामेटिक कॉमेडी है, जिसमें हंसी के साथ भावनाओं का तड़का भी देखने को मिलेगा। आरसीवी फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही फिल्म का डायरेक्शन विक्रम ओ. सिंह कर रहे है। कहानी शिवम माजी ने लिखी है। डायरेक्टर विक्रम सिंह ने फिल्म को दो भाषाओं हिंदी और ब्रजभाषा में शूट करने का फैसला लिया है ताकि दर्शकों को नया और मनोरंजक अनुभव मिल सकें। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर होगी रिलीजडायरेक्टर विक्रम ने बताया कि फिल्म का टाइटल जितना दिलचस्प है। उतनी ही कहानी दिलचस्प है। हंसी-मजाक, मानवीय रिश्तों की मिठास और छोटे-छोटे पलों में छिपी भावनाओं को दिखाने वाली यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जल्द रिलीज की जाएगी। प्रोड्यूसर का कहना है कि ‘दिलवाले शिमला मिर्च दे जाएंगे’ दर्शकों के लिए एक ताजगी भरी, पारिवारिक और मनोरंजक प्रस्तुति साबित होगी, जो हंसी के साथ दिल को भी छू जाएगी। मेन किरदारों में ये आएंगे नजरफिल्म के मेन किरदारों में विजय केलुत, रितु कांवट, विक्रम ओ. सिंह, कृष्ण भार्गव, रुद्र खत्री, राहुल गोटवाल, सुमित चेची, प्रांजल गुर्जर और अमन तसेरा नजर आएंगे। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी राज अशिवाल ने की है। कास्टिंग समीर पहाड़िया और कॉस्ट्यूम डिजाइन का जिम्मा कृष्णा मीणा ने संभाला है।
मैं इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद घर की माली हालत को देखते हुए रोजगार की तलाश में जुट गया था। रोजगार के लिए कई जगह हाथ-पांव मारा पर ढंग का काम नहीं मिला। उसके बाद एक एनजीओ से जुड़ा जो कृषि के लिए काम करता था। 3 साल तक कृषि के लिए किसानों को प्रोत्साहन का काम किया। इसी से प्रेरणा मिली कि क्यों न खुद की खेती शुरू की जाए। इसके लिए दारासाई कृषि विज्ञान केन्द्र से तकनीकी मदद ली। परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने का सोचा। ऐसी फसल लगाने का रिस्क लिया जो इस क्षेत्र में नहीं होता है। उसके बाद इसमें ऐसा जुड़ा कि अब दूसरे किसानों को प्रेरित करता हूं। इंटरमीडिएट करने के बाद मैंने तय किया कि मैं खेती-बाड़ी को ही अपना करियर बनाऊंगा। आज मेरी सालाना आय करीब छह लाख रुपए है और मैं खुश हूं। खेती के साथ मछली, बत्तख और बकरी पालन भी करता हूं। दो पॉली हाउस बनाकर उगा रहे सब्जियां दो पॉली हाउस बनाकर बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला जैसी सब्जियों का उत्पादन शुरू किया। इसके अलावा चार एकड़ जमीन पर शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, नेनुआ, लौकी और खीरा साल भर उगाता हूं। अपने छोटे भाई सुमित महतो को अमित बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करा रहे हैं। पिता अनिल महतो और परिवार के अन्य सदस्य भी कृषि कार्य में उनकी मदद करते हैं। पॉली हाउस में साल में तीन बार सब्जियों का चारा उगाते हैं। करीब 25 दिनों में तैयार होने वाला चारा डेढ़ रुपए प्रति यूनिट बिकता है। पूरे कोल्हान में इसका वितरण करते हैं। इससे सालाना दो-तीन लाख रुपए की आय होती है। अब किसान बीज की बजाय चारा उगाना पसंद कर रहे हैं क्योंकि इससे फसल जल्दी तैयार होती है। नुकसान भी कम होता है। अमित महतो का कहना है कि वे चाहते हैं कि और युवा भी खेती को करियर बनाएं और स्थानीय स्तर पर रोजगार व खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करें। करीब चार एकड़ में बड़ा तालाब है, जहां मछली पालन करते हैं। तालाब में बत्तख भी हैं। 30 युवाओं को जोड़कर कमेटी बनाई अमित ने 30 युवाओं को अपने साथ जोड़कर कमेटी बनाई और उन्हें खेती के लिए प्रेरित किया। सीएसआर के तहत 30 तालाब खुदवाए गए, जहां मछली पालन की योजना है। तालाब के पानी से आस-पास की बंजर जमीन पर खेती और बागवानी की गई। उनके साथ जुड़ने वाले युवा किसान उपेंद्र महतो और दिनेश महतो ने तीन-चार एकड़ में अमरूद, आम और अन्य फलों की बागवानी की। इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। जानिए... कौन हैं अमित महतो घाटशिला प्रखंड के जोड़िसा पंचायत के सीताडांगा (छोलागोड़ा) गांव के 35 वर्षीय युवा किसान अमित कुमार महतो ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद खेती को अपना करियर बनाया। अमित के पिता अनिल महतो और परिवार के अन्य सदस्य भी कृषि कार्य में उनकी मदद करते हैं। अमित ने वर्ष 2018 से कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाया और बोरिंग व तालाब के माध्यम से सिंचाई शुरू की। आज अमित खेती के साथ मछली, बत्तख और बकरी पालन भी करते हैं। वह गांव के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हैं।

