Arunachal Pradesh Elections: अरुणाचल प्रदेश सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, शुरू की दो योजनाएं
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य नें कृषि और बागवानी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरूआत की है। जिसमें से पहली योजना कृषि क्षेत्र की है। इस योजना का नाम 'आत्मनिर्भर कृषि योजना' है। वहीं दूसरी योजना बागवानी के लिए है, इसका नाम 'आत्मनिर्भर बागवानी योजना' है। बता दें कि यह योजनाएं बजट सत्र के दौरान घोषित किए गए आत्म निर्भर कार्यक्रम का हिस्सा है। दोनों ही योजनाओं के लिए कृषि और बागवानी विभागों को कुल 120 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है। यानी की प्रत्येक योजना के लिए 60 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पूर्व की योजनाओं का स्वरुप बता दें कि कृषि विभाग के तहत पूर्व मुख्यमंत्री के सशक्त किसान योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक योजना का संक्षिप्त संस्करण 'आत्मनिर्भर कृषि योजना' है। इसमें बैंक लोन का भी प्रावधान है। वहीं आत्म निर्भर बगवानी योजना भी बागवानी विभाग के तहत सीएम सशक्त किसान योजना नामक पूर्व योजना है। इसे भी पढ़ें: Arunachal Pradesh Profile: प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं बल्कि सियासत के नजरिए से भी बेहद खास है अरुणाचल प्रदेश जिला कृषि विभाग से संपर्क इन योजनाओं की शुरूआत करते हुए सीएम ने प्रदेश भर के किसानों और स्वयं सहायता समूहों को इन दोनों ही योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिला विभाग के कार्यालय से संपर्क के लिए कहा। इसके साथ ही सीएम ने योजनाओं के लिए उचित दिशानिर्देशों के साथ आने के लिए बागवानी विभागों और कृषि विभागों और बैंकों की सराहना की। गारंटी फ्री लोन यह दोनों योजनाएं बेहद अच्छी हैं। क्योंकि यह दोनों योजनाएं फ्रंट-एंडेड सब्सिडी पर आधारित हैं। इन योजनाओं के लिए अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक, क्रेडिट लिंक एसबीआई और अरुणाचल प्रदेश सहकारी एपेक्स बैंक द्वारा लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ उठाने वाले स्वयं सहायता समूहों के लिए भूमि अधिकार प्रमाण पत्र (एलपीसी) जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी। एक साधारण प्रमाण पत्र के जरिए सीओ, ईएसी या बीडीओ से इस योजना का लाभ लिया जा सकता है। किसानों के लिए फायदेमंद आपको बता दें कि 1.60 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। SHG के लिए 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए गारंटी की जरूरत नहीं होगी। सीएम खांडू ने कहा कि किसानों को सिर्फ 45% सरकारी सब्सिडी, 45% बैंक ऋण और केवल 10% किसान को वहन करना होगा। राज्य के लगभग 3700 स्वयं सहायता समूहों के लिए यह योजनाएं बहुत फायदेमंद होंगी। जिसमें महिला सदस्य बहुमत के रूप में हैं। कृषि बैंक को बेहतर बनाने पर ध्यान सीएम ने कहा कि ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक हमारे पास करीब 25 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि उपलब्ध है। लेकिन वर्तमान में हम 3.5 लाख हेक्टेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए हम सभी को अपने राज्य के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए भूमि बैंक का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। कीवी, संतरा, सेब, सुपारी, अखरोट और ख़ुरमा जैसे फलों की खेती के लिए बागवानी योजना है। वहीं चाय और रबर, दोहरी फसल, कृषि मशीनीकरण, वैज्ञानिक भूमि सीढ़ी, एफपीओ, एक प्रकार का अनाज की खेती के लिए कृषि योजना है।
Prabhasakshi News Network के खास कार्यक्रम Poorvottar Lok में आप सभी का स्वागत है। अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी भूस्खलन होने की खबर है। इसकी वजह चीन से लगने वाली सीमा से सटे इलाके जिसमें दिबांग घाटी के इलाके भी शामिल हैं, से संपर्क टूट गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। निचली दिबांग घाटी में रोइंग को एनीनी से जोड़ने वाले अहम राजमार्ग के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से दिबांग घाटी जिले से जमीनी संपर्क टूट गया है। अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात भूस्खलन के कारण हुनली और एनीनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जिससे सीमावर्ती जिले का मुख्य भूमि से संपर्क कट गया है। इसके अलावा मणिपुर में हुए विस्फोट में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर एक प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे राज्य की राजधानी इंफाल में आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे 150 से अधिक ट्रक बुधवार को सेनापति जिले में फंस गए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि अज्ञात लोगों ने देर रात करीब 12:45 बजे शक्तिशाली आईईडी विस्फोट किया, जिससे कांगपोकपी जिले में कोउब्रू लेइखा और सपरमीना के बीच स्थित पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इसे भी पढ़ें: Shaurya Path: Middle East tension, Israel-Hamas, Iran-Pakistan और Russia-Ukraine से जुड़े मुद्दों पर चर्चा अरुणाचल प्रदेश अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और राष्ट्रीय राजमार्ग-313 का एक हिस्सा धंस गया जिससे यातायात बाधित हो गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। निचली दिबांग घाटी में रोइंग को एनीनी से जोड़ने वाले अहम राजमार्ग के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से दिबांग घाटी जिले से जमीनी संपर्क टूट गया है। अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात भूस्खलन के कारण हुनली और एनीनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जिससे सीमावर्ती जिले का मुख्य भूमि से संपर्क कट गया है। अरुणाचल प्रदेश की चार विधानसभा सीट के आठ मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को पुनर्मतदान हुआ और करीब 74 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि, मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना है क्योंकि मतदान के लिए निर्धारित समय समाप्त होने के बाद भी सैकड़ों मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कतारों में खड़े थे। इसे भी पढ़ें: बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर के कारण बाजार रहे गुलजार, Sensex 74,000 के पार, Nifty भी 22,570 के ऊपर असम करीमगंज से कांग्रेस उम्मीदवार हाफिज अहमद राशिद चौधरी ने कहा है कि पार्टी दो प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चुनाव लड़ रही है - लोगों के मौलिक अधिकार और असम के आम नागरिकों के सामने आने वाली विविध चुनौतियों का समाधान। चौधरी ने कहा, “एक तरफ लोगों के सामने नागरिकता की समस्या है तो दूसरी तरफ बढ़ती बेरोजगारी के कारण वे जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।” ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि वह राज्य संचालित मदरसों को बंद करने के असम सरकार के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। धुबरी के मौजूदा सांसद ने उम्मीद जताई कि शीर्ष अदालत असम में सभी बंद मदरसों को फिर से खोलने का आदेश देगी। अजमल ने मंगलवार को एक चुनावी सभा से इतर संवाददाताओं को बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों को बंद करने का ऐलान किया और बाद में उच्चतम न्यायालय ने इसकी निंदा की। इस संदर्भ में हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे और वहां से आदेश लेंगे।” मणिपुर मणिपुर में हुए विस्फोट में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर एक प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे राज्य की राजधानी इंफाल में आवश्यक वस्तुएं ले जा रहे 150 से अधिक ट्रक बुधवार को सेनापति जिले में फंस गए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि अज्ञात लोगों ने देर रात करीब 12:45 बजे शक्तिशाली आईईडी विस्फोट किया, जिससे कांगपोकपी जिले में कोउब्रू लेइखा और सपरमीना के बीच स्थित पुल क्षतिग्रस्त हो गया। जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में हुए विस्फोट में पुल के मध्य भाग में तीन गड्ढे हो गए। हालांकि विस्फोट में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। मणिपुर सरकार ने “किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए” एनएच-2 पर सपरमीना और कोउब्रू लेइखा के बीच भारी वाहनों की आवाजाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। त्रिपुरा लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की त्रिपुरा इकाई की उपाध्यक्ष पाताल कन्या जमातिया ने पार्टी सहयोगी टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा पर राज्य में आदिवासियों के बीच नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टिपरा मोथा राजनीति के नाम पर आदिवासियों को धोखा दे रही है। जमातिया ने कहा कि अगर प्रद्योत ने माफी नहीं मांगी तो आदिवासी लोग क्षेत्रीय दल को समर्थन नहीं देंगे। मिजोरम मिजोरम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से 450 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों के दौरान राज्य में आई आपदा में आइजोल, कोलासिब, चम्फाई और खौजौल जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि असम की सीमा से लगे कोलासिब जिले में बारिश और ओलावृष्टि से कम से कम 265 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 13,900 से अधिक लोग प्रभावित हुए।
Arunachal Pradesh में भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग-313 का एक हिस्सा धंसा, यातायात बाधित
ईटानगर । अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और राष्ट्रीय राजमार्ग-313 का एक हिस्सा धंस गया जिससे यातायात बाधित हो गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। निचली दिबांग घाटी में रोइंग को एनीनी से जोड़ने वाले अहम राजमार्ग के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से दिबांग घाटी जिले से जमीनी संपर्क टूट गया है। अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात भूस्खलन के कारण हुनली और एनीनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जिससे सीमावर्ती जिले का मुख्य भूमि से संपर्क कट गया है। एनीनी के अतिरिक्त उपायुक्त धूर्बाज्योति बोरा ने कहा,‘‘ जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सड़क की मरम्मत के लिए श्रमिकों और पर्याप्त मशीनरी को तैनात किया है। यातायात बहाल होने में कुछ दिन लगेंगे।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं कि बृहस्पतिवार की शाम तक सड़क से छोटे वाहन गुजर सकें। रोइंग-एनीनी राजमार्ग दिबांग घाटी जिले के लिए जीवन रेखा है। अधिकारी ने बताया कि यह सड़क चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश की सुरक्षा के लिए रणनीतिक महत्व वाली है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हालात पर चिंता जताई है। खांडू ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘ हुनली और एनीनी के बीच राजमार्ग को हुई व्यापक क्षति के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा के बारे में जानकर परेशान हूं। जल्द से जल्द संपर्क बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि यह सड़क दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।’’ जिला प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने और मरम्मत कार्य पूरा होने तक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
VIDEO: अरुणाचल प्रदेश में भारी भूस्खलन, भारत-चीन सीमा के पास हाईवे बाढ़ में बहा
Landslide in Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भारी भूस्खलन हुआ है। इस वजह से नेशनल हाईवे-313 का एक हिस्सा धंस गया जिससे ट्रैफिक बाधित हो गया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि निचली दिबांग घाटी में रोइंग को एनीनी से जोड़ने वाले अहम हाईवे के एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने से दिबांग घाटी जिले से जमीनी संपर्क टूट गया है। अधिकारी ने बताया कि बुधवार रात भूस्खलन के कारण हुनली और एनीनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई।अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार सुबह भारी भूस्खलन हुआ, जिससे दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली सड़क बह गई। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घटना पर चिंता व्यक्त की है।सीएम पेमा खांडू ने घटना का एक वीडियो शेयर करेत हुए लिखा, हुनली और अनिनी के बीच हाईवे को व्यापक क्षति के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा के बारे में जानकर परेशान हूं। उन्होंने कहा, जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं, क्योंकि यह सड़क दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।एनीनी के अतिरिक्त उपायुक्त धूर्बाज्योति बोरा ने पीटीआई से कहा, जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सड़क की मरम्मत के लिए श्रमिकों और पर्याप्त मशीनरी को तैनात किया है। ट्रैफिक बहाल होने में कुछ दिन लगेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि गुरुवार शाम तक सड़क से छोटे वाहन गुजर सकें।ये भी पढ़ें- UP Lok Sabha Election Phase 2: नोएडा में महेश शर्मा के सामने भला टिकेगा कौन, गाजियाबाद में वीके सिंह को हटाने का BJP को कितना फायदा?बताया जा रहा है कि यह हादसा लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हुआ। दिभांग घाटी के निवासियों को एक नोटिस भेजकर जिला प्रशासन ने कहा कि रोइंग एनीनी हाईवे पर बहाली के काम में कम से कम तीन दिन लगेंगे। लोगों को सड़क बहाल होने और बारिश सामान्य होने घर में रहने की सलाह दी गई है। Disturbed to learn the inconvenience being caused to commuters due to the extensive damage to the highway between Hunli and Anini. Instructions have been issued to restore the connectivity at the earliest as this road connects Dibang Valley to the rest of the country.@PMOIndia https://t.co/xwiOu7yrJB— Pema Khandu པདྨ་མཁའ་འགྲོ་། (Modi Ka Parivar) (@PemaKhanduBJP) April 25, 2024
अरुणाचल प्रदेश में भारी भूस्खलन के कारण राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। इस वजह से चीन की सीमा पर स्थित दिबांग वैली को देश से जोड़ने वाला एकमात्र हाईवे लैंडस्लाइड में पूरी तरह से तबाह हो गया। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कल जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-313 पर हुनली और अनिनी के बीच भारी भूस्खलन हुआ। सामने आए वीडियो से अरुणाचल में आए भारी तबाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पवर्तीय इलाका होने की वजह से तबाही भी ज्यादा हुई है। इस कठिन इलाके में राजमार्ग को जीवन रेखा माना जाता है। इसे भी पढ़ें: Arunachal Pradesh में Chunav Yatra के दौरान मैंने जो देखा...वह बेहद चौंकाने वाला था सीएम ने दिया निर्देश अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि दिबांग वैली में लैंड स्लाइड की खबर प्राप्त हुई है। हाईवे 313 से ही दिबांग वैली पूरे देश से कनेक्ट होती है। हमने तुरंत संपर्क स्थापित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआडीसीएल) ने राजमार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से मरम्मत के काम में खासी दिक्कतों का सामने करना पड़ रहा है।प्रशासन के अनुसार स्थिति को सामान्य होने में कम से कम तीन दिन का समय लगेगा। इसे भी पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश में केंद्रीय बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जाएंगी दिबांग वैली क्यों माना जाता है अहम नॉर्थ ईस्ट में प्रमुख रूप से बहने वाली दिबांग नदी भारत-तिब्बत केया दर्रे से पास से निकलती है। यह अरुणाचल प्रदेश में मुख्य रूप से बहती है। यह मिश्मी पहाड़ियों से होती हु निजामघाट के बाद मैदानी इलाके में पहुंचती है। दिबांग नदी कई परियोजनाओं के लिए भी जानी जाती है। केंद्र सरकार द्वारा दिबांग जलविद्युत परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई। कहा जा रहा है कि यह परियोजन अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी पर चीन की सीमा के करीब स्थापित की जा रही है। इस परियोजना द्वारा लगभग 2,880 मेगावाट बिजली का उत्पन्न होगी।(ये हैं भारत की श्रापित नदियां)चीन की ओर से बढ़ती चुनौतियों की वजह से अब सीमावर्ती इलाके में आधारभूत ढांचा मजबूत करने की कवायद के तहत इलाके में बड़े पैमाने पर पहाड़ियों को काट कर सड़क बनाने का काम शुरू हुआ। Road damage in #Roing_Anini Highway between #Hunli and #Anini is extensive. This is the only roadway that connects #DibangValley district to the rest of the country. pic.twitter.com/UIexaP5tYp — The Arunachal Times (@arunachaltimes_) April 24, 2024
LIVE UPDATES: अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन, बिहार में जेडीयू नेता की हत्या
अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग -33 भी प्रभावित हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग -33 पर हुनली और अनिनी के बीच भी भारी भूस्खलन होने की खबर है.
अरुणाचल में चीन सीमा पर मूसलाधार बारिश से तबाही, दिबांग वैली को देश से जोड़ने वाला हाईवे लैंडस्लाइड में बह... News18 हिंदी अरुणाचल प्रदेश में लैंड स्लाइड: नेशनल हाईवे-313 का बड़ा हिस्सा ढहा, चीन सीमा से सटी दिबांग वैली का संपर्क ट... Dainik Bhaskar अरुणाचल प्रदेश में भारी भूस्खलन, चीन सीमा से लगने वाले वाले इलाके से टूटा संपर्क NDTV India Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन से बहा हाईवे, देखिए वीडियो Zee Hindustan
अरुणाचल: चीन सीमा पर मूसलाधार बारिश से तबाही, लैंडस्लाइड में बहा हाईवे
Arunachal Pradesh Rain: चीन की सीमा से लगते अरुणाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने व्यापक पैमाने पर तबाही मचाई है. कई जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं. सीमावर्ती इलाके दिबांग वैली को देश से जोड़ने वाला एकमात्र हाईवे भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रवार सबसे बड़ा राज्य है। प्रशासनिक रूप से राज्य को 25 जिलों में विभाजित किया गया है। यह राज्य असाधारण प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पूर्वोत्तर भारत में स्थित अरुणाचल प्रदेश में अधिकतर जनजातियां निवास करती हैं। जिनकी अपनी परंपराएँ और भाषाएं हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से अरूणाचल प्रदेश भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र का सबसे बड़ा राज्य है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है। अरुणाचल प्रदेश का इतिहास बता दें कि राज्य का इतिहास एक रहस्य बना हुआ है। इसमें कुछ मौखिक साहित्य और करीब प्रारंभिक ईसाई युग के तलहटी पहाड़ियों में पाए गए। ऐतिहासिक खंडहरों को छोड़कर कोई रिकॉर्ड नहीं है। साल 1858 में अंग्रेजों द्वारा भारत पर कब्ज़ा करने तक यह क्षेत्र असमियों और अहोम के हाथों चला गया। अरुणाचल को लोकप्रिय रूप से नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी कहा जाता था। अरुणाचल प्रदेश ने साल 1914 में अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसे भी पढ़ें: Arunachal Pradesh में साथ हो रहे हैं विधानसभा और लोकसभा के चुनाव, जनता का मूड़ इस बार किसकी सरकार बनवाने का है? अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था इस राज्य की अर्थव्यवस्था विकासशील है। राज्य में कृषि अर्थव्यवस्था का प्राथमिक चालक है। यहां उगाई जाने वाली फसलों में चावल, गेंहू, दालें, मक्का, बाजरा, गन्ना और तिलहन आदि शामिल है। वहीं वन उत्पाद राज्य की अर्थव्यवस्था का अगला सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। अरुणाचल प्रदेश का जलविद्युत उत्पादन अर्थव्यवस्था के लिए थोड़ा उपयोगी है। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी पूरक बनाता है। जातीय समीकरण यह राज्य अपनी प्राचीन संस्कृति के लिए जाना जाता है। अरुणाचल प्रदेश में 100 से अधिक उप-जनजातियों के साथ करीब 26 जनजातियां हैं। राज्य की जनसंख्या की बात करें, तो वर्तमान समय में अरुणाचल प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या 17,11,947 है। जिसमें पुरुषों की संख्या 8,83,358 और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 8,28,589 है। अरुणाचल की करीब 30 फीसदी आबादी ईसाई धर्म को मानती है। राजनीतिक समीकरण एक समय पर अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। लेकिन साल 2004 में पहली बार बीजेपी को अरुणाचल में जीत हासिल हुई थी। बता दें कि राज्य में 22 जिले, 60 विधानसभा सीटें और 2 लोकसभा सीटें हैं। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल की थी। पार्टी ने 60 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हैं। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 31 सीटों की जरूरत होती है। राज्य विधानसभा चुनाव में सीएम पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चाउना मीन समेत सत्तारूढ़ भाजपा के 10 प्रत्याशियों ने बिना किसी मुकाबले के अपनी सीटों पर जीत हासिल की है।
अरुणाचल प्रदेश के 8 पोलिंग बूथ पर आज फिर डाले जा रहे वोट, 19 अप्रैल को मतदान के दौरान हुई थी हिंसा
चुनाव आयोग ने रविवार को एक आदेश में अरुणाचल प्रदेश के आठ मतदान केंद्रों पर वोटिंग (Arunachal Pradesh Repoll) को शून्य घोषित कर दिया था और 24 अप्रैल को फिर से मतदान कराए जाने का आदेश दिया था.
Loksabha Election 2024: दूसरे चरण के लिए थमेगा प्रचार का शोर, Arunachal Pradesh में दोबारा मदतान
Loksabha Election 2024: दूसरे चरण के लिए थमेगा प्रचार का शोर, Arunachal Pradesh में दोबारा मदतान
अपर सुबांसिरी जिले के नाचो क्षेत्र के अंतर्गत डिंग्सर, बोगिया सियुम, जिमबारी और लेंगी मतदान केंद्रों में मतदान जारी है। इसके अलावा सियांग जिले के रमगॉन्ग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोगने और मोरोन मतदान केंद्रों में भी दोबारा मतदान होगा।
Travel Tips: गर्मी के मौसम में घूमने के लिए बहुत ही शानदार हैं अरुणाचल प्रदेश के ये चार पर्यटक स्थल
इंटरनेट डेस्क। अरुणाचल प्रदेश भी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण दुनिया में प्रसिद्ध है। अगर आपका इस गर्मी में कही पर घूमने का प्लान है तो यहां पर जा सकते हैं। यहां की सुंदरता और संस्कृति से पर्यटकों का बहुत ही प्राभावित करती है। इस राज्य में विदेशों से भी हर साल सैलानी घूमने के लिए आया करते हैं। आज हम आपको यहां की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जहां पर गर्मी के इस मौसम में घूमने में बहुत ही मजा आ जाएगा। तवांग मठ यहां का तवांग मठ बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल है। ये बौद्ध तीर्थयात्रियों के आलावा सभी वर्ग के लोगों को प्रसंद आता है। यहां पर आपको करीब से प्रकृति की खूबसूरती का दीदार करने का भी आपको मौका मिलेगा। नूरांग फॉल्स अरुणाचल प्रदेश का नूरांग वाटर फॉल और बोंग बोंग वाटर फॉल भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आपको आज ही यहां पर घूमने का प्लान बना लेना चाहिए। बम ला दर्रा यहां का बम ला दर्रा भी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण प्रसिद्ध है। ये अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के लहोखा विभाग के बीच हिमालय पर्वत का एक पहाड़ी दर्रा है। यह तवांग शहर से 37 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 15200 फिट की ऊंचाई पर बसे इस स्थान पर घूमने में भी आपको बहुत ही मजा आ जाएगा। सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश का सेला दर्रा भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है, जो पश्चिमी कामेंग जिले और तवांग को जोडऩे वाला एकमात्र मार्ग है। बताया जाता है कि यहा पर एक समय 101 पवित्र झीलें थी। PC:holidayrider,hi.wikipedia अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें
सूर्य की भूमि के नाम से मशहूर अरुणाचल प्रदेश एक बेहद खूबसूरत और दर्शनीय जगह है। हमारे देश में सबसे पहले सूरज यहीं उगता है. यही कारण है कि इसे उगते सूरज की भूमि कहा जाता है। यहां की खूबसूरती और संस्कृति को देखने के लिए हर साल न सिर्फ अपने देश से बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं........
India-China Relations: आपके घर का नाम बदल दूं तो वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोका ABP न्यूज़ चीन ने अरुणाचल की 30 जगहों के नाम बदले: 7 साल में चौथी बार ऐसा किया; अरुणाचल को फिर अपना हिस्सा बताया Dainik Bhaskar पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे के बाद से बौखलाया चीन, अब 30 जगहों के रखे चाइनीज नाम TV9 Bharatvarsh अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, अरुणाचल प्रदेश पर फिर ठोका दावा; बदले 30 शहरों के नाम.. दैनिक जागरण (Dainik Jagran)