राय और ब्लॉग्स / लाइव हिन्दुस्तान
किसी भी परिस्थिति में भगवान राम असत्य नहीं बोलते हैं। सत्य के बल से असत्य पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। वे विजयी हैं। वे कभी भी पलायन नहीं
आम चुनाव में माओवादियों के सशस्त्र हस्तक्षेप की अब तक कोई उल्लेखनीय घटना नहीं घटी है, जिससे उम्मीद बंधती है कि उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में पूरा चुन
ईरान ने आखिर इजरायल पर हमला कर ही दिया। इसकी आशंका विगत सप्ताह से जताई जा रही थी और इसके साथ ही पहले से जारी युद्धों से दुखी लोगों की दुनिया में चिंता
पूरा देश चुनावमय है। विचारों की भरमार है। निष्पक्षता, चंदा और आयोग पर रह-रहकर बहस हो रही है। 25 अप्रैल, 1986 को लोकसभा में चुनाव सुधार पर बहस हुई थी औ
पूरा देश चुनावमय है। विचारों की भरमार है। निष्पक्षता, चंदा और आयोग पर रह-रहकर बहस हो रही है। 25 अप्रैल, 1986 को लोकसभा में चुनाव सुधार पर बहस हुई थी औ
मध्य प्रदेश और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का चुनावी आधार मजबूत दिख रहा है। दिल्ली, भोपाल में बैठे भाजपा नेताओं का पूरा फोकस यहां कांग्रेस के नीचे से जा
लोकसभा सीटों के लिहाज से तीसरे सबसे बड़े राज्य में दोनों बड़े दावेदारों यानी तृणमूल व भाजपा पर अपनी पुरानी सीटों को बचाने और उनकी तादाद बढ़ाने की गंभीर च
राजस्थान के इस लोकसभा चुनाव में तीन बातें साफ-साफ दिखाई देती हैं। एक, यह एक लहर विहीन चुनाव है, हालांकि माहौलबंदी जरूर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक प्रमुख अखबार ने अपने 31 मार्च के संस्करण में बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा सन् 1974 में कच्चातिवु नाम
जब विचारधाराओं की मियाद खत्म हो चुकी हो और उनके प्रति प्रतिबद्धता यदि हमें कहीं नहीं ले जा पाती, तो वैचारिकता से तलाक ले चुकी राजनीति भी हमें कहीं नही
अमेरिका की भारत विरोधी टिप्पणी और इस पर भारत का तीखा जवाब आजकल चर्चा में है। सवाल-जवाब का यह शगल पुराना है। साल 1985 में भी 18 अप्रैल को लोकसभा में अम
अमेरिका की भारत विरोधी टिप्पणी और इस पर भारत का तीखा जवाब आजकल चर्चा में है। सवाल-जवाब का यह शगल पुराना है। साल 1985 में भी 18 अप्रैल को लोकसभा में अम
यहां 2019 के बाद से सब कुछ बदल गया है। शिव सेना और एनसीपी के दो-दो समूहों में बंटने के बाद, 2024 के चुनाव में चार स्थानीय दल अपने वर्चस्व के लिए लड़ रह
पूर्वोत्तर में न तो चुनावी बॉन्ड पर चर्चा हो रही है और न आम आदमी पार्टी की। यहां भ्रष्टाचार मुद्दा ही नहीं है। इसके उलट, यहां स्थानीय समस्याओं पर लोग
सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के कथित हमले में सात लोगों की मौत ने हमास-इजरायल जंग को एक नया मोड़ दे दिया है, वहीं दूसरी तरफ, प्रधानमंत्
पूर्वी उत्तर प्रदेश के माफिया गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हुई मृत्यु से जितने प्रश्न सुलझे, उससे ज्यादा खड़े हो गए हैं। यदि यह रॉबिनहुड की
अमृतकाल के अंत में, यानी 15 अगस्त 2047 तक क्या भारत एक विकसित राष्ट्र हो जाएगा? क्या हम चीन और अमेरिका को पछाड़ने या कम से कम बराबर की टक्कर देने में क
आज देश न्याय की स्वीकार्यता को लेकर एकजुट है, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में शामिल होने के लिए प्रवर्तन निदेश
तारीख 21 मार्च, राजधानी दिल्ली में रात का पहर है। सिविल लाइंस के एक आवास के अंदर केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती हुई एक संस्था के करीब दर्जन भर अधिक
लोकसभा चुनाव के महापर्व की भागदौड़ के बीच एक ऐसी खबर आई, जिसने मन-मस्तिष्क में कुछ पल के लिए एक ठहराव सा ला दिया। भारत की आध्यात्मिक चेतना के प्रखर व्य
आम चुनाव का आगाज हुआ और महिलाओं के खिलाफ बदजुबानी तेज होती दिख रही है। दो-ढाई दशक पहले तक महिलाओं के खिलाफ ऐसे ‘सेक्सिस्ट रिमार्क’, यानी अशोभनीय टिप्प
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले फरवरी और मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु के कम से कम पांच दौरे से भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर था
हर किसी को त्योहार मनाने का संस्कार अपने परिवार से मिलता है। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी मां और पिताजी, दोनों खूब होली खेला करते थे। बेशक, आजकल लोग सूखी
एक अंग्रेजी कहावत है कि सबसे कामयाब वह होता है, जो अपने ऊपर फेंकी गई ईंटों से अपना मकान बना लेता है। भारतीय राजनीति में फिलहाल कामयाबी का यही रास्ता अ
पुरानी तकनीक और सिमित संसाधनों के चलते सरकारी अधिकारियों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण करने में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता
आसिफ अली जरदारी ने हाल ही में एक बार फिर पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पद संभाला है। उनकी बेगम बेनजीर भुट्टो की हत्या हुई थी और उन्हें सुपुद-ए-खाक हुए 17
पर्यावरण वह जूं है, जो राजनीति के कान पर कभी रेंग ही नहीं पाती। तीन दशक से यह साफ है कि हमारे शहरों की हवा सांस लेने लायक नहीं है। मगर राजनीति इस समस्
शायद ही कोई सप्ताह ऐसा गुजरता हो, जब हम भारत में नकली या घटिया दवाओं के बारे में न सुनते हों। मार्च के पहले हफ्ते में तेलंगाना से नकली दवाओं की जब्ती
सोलह मार्च 2024 को 18वीं लोकसभा के लिए भारत के केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखें घोषित किए जाने के साथ ही, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र (नब
चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव की तारीखें आने के बाद अब वादों और इरादों की लाइन लगने वाली है। यह भारत में ही नहीं, दुनिया में सबसे बडे़ चुनावों का स
नागरिकता विधेयक को एक संयुक्त प्रवर समिति को निर्देशित करने से संबंधित इस प्रस्ताव पर गत तीन दिनों से चर्चा हो रही है। इस पर बोलने वाले सभी वक्ताओं ने
नागरिकता की समस्या सदा बड़ी कठिन समस्या रही है। नागरिकता की धारणा का विकास कई शताब्दियों में हुआ है। पहले केवल वही किसी देश केनागरिक माने जाते थे, जो व
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं, जो मेरी निगाह में उचित हैं। यह भारत की
नागरिकता (संशोधन) कानून यानी सीएए पर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में खुशी भी है और विरोध भी। ऐसे में, चुनाव के लिहाज से यह कितना अहम मुद्दा होगा? गरिकत
भारत एक ऐसा देश है, जहां शरणार्थी आते रहे हैं। सन् 1947 में बंटवारे के समय ही लाखों लोग सीमा पार करके यहां आए थे। कुछ इसी तरह की तस्वीर ‘मुक्ति-संग्रा
इलेक्टोरल बॉन्ड पर बैंक अधिकारियों को आखिर दिक्कतें क्या आ रही हैं? उनको यह बताने में संकोच क्यों हो रहा है कि किसने, कितने रुपये, किस राजनीतिक दल को
एक बार चुनाव में एआई का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर शुरू हो गया, तो इसका इस्तेमाल सभी करने लगेंगे। एक वक्त ऐसा आएगा, जब मशीनें ही मशीनों के खिलाफ चुनाव लड़े
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया कि सांसदों और विधायकों को रिश्वत के मामले में अभियोजन से छूट नहीं है। इसके बाद सांसदों के विशेष अधिकार पर बहस छिड़ने क
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया कि सांसदों और विधायकों को रिश्वत के मामले में अभियोजन से छूट नहीं है। इसके बाद सांसदों के विशेष अधिकार पर बहस छिड़ने क
प्रधानमंत्री ने उचित ही याद दिलाया है कि एक युग था, जब गरीबों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जाती थीं, पर जम्मू-कश्मीर के भाई-बहन लाभ से वंचित रह जाते
आइए, इस महिला दिवस पर उन ्त्रिरयों के साहस को सम्मानित करें, जो हमारे ईद-गिर्द रहती हैं और अपने-अपने तरीके से रोजाना संघर्ष करके स्थितियां बदल रही हैं
पाकिस्तान में शहबाज शरीफ ने दूसरी बार वजीर-ए-आजम का पद संभाल लिया है। उनकी सरकार फौज का मुखौटा है या नहीं, यह बहस का एक अलग विषय है, लेकिन शहबाज की ता
संरक्षण हटते ही घुटने टेकते अपराधी पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपराधियों का वर्चस्व हो गया है, ज्यादा चिंताजनक है कि देश के कुछ दूसरे हिस्सों में भी अ
किसी भी जंग में समय रहते बड़ी सेना उतारने के अपने फायदे हैं। चुनावी मैदान में भी पहले आई सेना की ताकत स्वत: ही कुछ ज्यादा हो जाती है। इस लिहाज से देखें
आज जिस तरह एक के बाद दूसरे प्रदेश में विधायक और सांसद पाला बदलने लगे हैं, उससे दल-बदल कानून उपहास का विषय बन गया है। ऐसे में, साल 1985 में इससे जुड़ा स
आज जिस तरह एक के बाद दूसरे प्रदेश में विधायक और सांसद पाला बदलने लगे हैं, उससे दल-बदल कानून उपहास का विषय बन गया है। ऐसे में, साल 1985 में इससे जुड़ा स
22 जनवरी 2024 को, अयोध्या की प्राचीन नगरी में एकता, श्रद्धा, भक्ति और समरसता का अविस्मरणीय संगम देखा गया। जहां देश के प्रत्येक कोने से, भिन्न भिन्न पृ
मणिपुर में पिछले साल मई से हिंसा का जो नया दौर शुरू हुआ, वह दस महीने के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तक करीब 200 लोग इस हिंसा में जान गंवा चुके
पाकिस्तान में चुनाव खत्म हुए तीन हफ्ते हो गए, लेकिन यह एक मजाक ही है कि अभी तक पूरे नतीजे स्पष्ट नहीं हैं। कौमी असेंबली (निचले सदन) का स्वरूप हमें मोट
भारतीय परिवारों के मासिक खर्च का औसतन लेखा-जोखा बताने वाले पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण : 2022-23 के आंकडे़ समद्ध होते भारत के संकेत देते हैं। राष्ट