मुख्य समाचार / टीएफआई पोस्ट
एक होते हैं राजनीतिक नौसिखिये, फिर आते हैं अरविन्द केजरीवाल जैसे बेवकूफ और फिर आते हैं जीतन राम मांझी और उदित राज जैसे महानुभाव, जो चुनाव के अंडरटेकर
बाबा विश्वनाथ की नगरी में शिवलिंग का मिलना कोई बड़ी बात नहीं है. काशी के ज़र्रे-ज़र्रे में बाबा का वास है. मज़हबी सनकीपन में पागल इस्लामिक आक्रांताओं
षड्यंत्रकारी शासकों में जब भी भावी पीढ़ियां नाम दोहराएंगी तो कलयुग के सबसे बड़े षड्यंत्रकारी के रूप में दिल्ली के कथित मालिक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरी
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा, आज यह कथन पंजाब की उस आम आदमी पार्टी सरकार पर चरितार्थ हो रहा है, जो किसानों के दम पर और किसान आ
यदि आपको लगता है कि इन ट्रेंड्स की उत्पत्ति भारत में हुई है, या ये भारत में अधिक प्रचलित हो सकते हैं, तो इसके लिए आप दोषी नहीं। अब पाकिस्तान के साथ हम
एक तरफ जहां उत्तर भारत गर्मी और लू से तप रहा है वहीं दूसरी तरह पूर्वोत्तर भारत के कई राज्य भारी बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में हैं. असम में लगातार बार
आज कल समय ही कुछ ऐसा चल रहा है की कुछ निर्णय को समय के साथ-साथ लिए जाए तो अच्छे भी लगते हैं, और जब यह निर्णय सरकार और जनता से जुड़े हों जिससे एक हितकार
आज के समय में जैसा नेतृत्वकर्ता वैसे उसके चाटुकार होते हैं और जैसा कांग्रेसी आलाकमान वैसे उसके नेता लोग है । यह सत्य है कि जिस पार्टी के नेता देश में
राजनीति में कब परिस्थिति बदल जाए यह कहा नहीं जा सकता। एक जमाना था जब देश की सबसे पुरानी पार्टी कही जानी वाली कांग्रेस का देश में एकक्षत्र राज चलता था,
झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो और इतना झूठ बोलो, इतना प्रोपेगेंडा फैलाओ की 1 दिन उसे सच बना दो। पर, कोई कितना भी झूठ को सच बनाने की कोशिश करें, वह निरर्थक
कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम एक और बड़े मामले में बुरी तरह से एक्सपोज़ हो गए हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेत
आप सभी को पता होगा, यातायात के चार साधन क्रमश: सड़क मार्ग, जल मार्ग, रेलमार्ग और वायु मार्ग है इनमें से रेलमार्ग और वायुमार्ग पर भारत सरकार का एकाधिकार
“धर्म के लिए जिया हूँ, धर्म के लिए मरूँगा” बहुत ही मस्त, एकदम सरस, अति उत्तम, परंतु ये बातें अक्षय कुमार के मुख पर तो बिल्कुल नहीं सुहाती। उनकी फिल्म
झारखंड की राजनीति में फिर से उथल-पुथल मचा हुआ है। हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम उस जमीन के खनन विवाद में फंस गया, जिसे उन्होंने
उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान अखिलेश यादव किसी तरह से अपना गठबंधन बचाने में कामयाब रहे. उसके पीछे बड़ी वजह ये भी थी कि गठबंधन में शामिल पार्ट
जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। कुछ ऐसा ही हाल उन कट्टरपंथियों का हुआ था जो इतने तैश में आ गए कि शिव के अस्तित्व पर ही प्रश्न उठाने लगे
स्वावलंबन शक्ति, सामर्थ्य और साहस की जननी है। यह आपके अंदर आत्मविश्वास, आत्मस्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की अलौकिक लौ प्रज्वलित करती है। पूर्ण स्वावलंबी
‘हम देखेंगे, लाज़िम है कि हम भी देखेंगे’, फ़ैज अहमद फ़ैज की इस पंक्ति को आपने देश के कई हिस्सों और तमाम विरोध प्रदर्शनों में अवश्य सुना होगा। वामपंथियों