आध्यात्मिक / अमर उजाला
शनि भारी होने पर तुरंत करें ये उपाय
कामदा एकादशी व्रत 19 अप्रैल को किया जाएगा। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक कामदा एकादशी का व्रत करते हैं
महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। एक महान संत होने के साथ-साथ वह महान विचारक भी थे।
Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप
Chanakya Niti: महान दार्शनिक और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती हैं।
आज देशभर में रामनवमी मनाई जा रही है। इस बार रामनवमी बहुत ही खास रहेगी। अयोध्या में राम मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामनवमी है। आज दो
इस वर्ष 17 अप्रैल, बुधवार के दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन को भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राम नवमी का पर्व चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। राम नवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाता है। राम नवमी पर भगवान राम की विशेष पूजा पूजा
प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। मान्यता है कि राम नवमी के दिन विधि-विधान पूजा करने से भगवान राम की कृपा बनी रहती
राम नवमी के दिन किसी भी हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और ‘ॐ हनुमते नमः’मंत्र का 108 बार जाप करें।
17 अप्रैल को श्रीरामचंद्र जी के जन्मोत्सव को रामनवमी के रूप में मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार रामलला का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी
Surya Abhishek: सनातन धर्म में सूर्य देव का विशेष महत्व माना गया है। सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है।
भगवान राम अपने दिन की शुरुआत हमेशा सूर्यदेव को जल अर्पित करके किया करते थे। महर्षि अगस्त ने भगवान राम को सूर्य का प्रभावी मंत्र आदित्य ह्रदयस्तोत्र की
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार राम नवमी के दिन आश्लेषा नक्षत्र, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। राम नवमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर
17 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक होने जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों के अधिपत
Chaitra Navratri 2024: 7 या 9 कितनी कन्याओं का पूजन होता है शुभ ?
9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है।
नवरात्रि में कुमारी पूजन का बहुत महत्व है। दो वर्ष से दस वर्ष तक की कन्याओं का इस व्रत में पूजन करना चाहिए। देवी भगवत पुराण के अनुसार कन्या के जन्म का
Vidur Niti: इंसान की पहचान उसके गुणों से की जाती है। उसका व्यवहार ही उसे औरों से अलग बनाता है।
मां कात्यायिनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय आ
हिंदू नववर्ष 2024
Ramnavami 2024 Surya Abhishek: चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है। 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। इसी के साथ अयोध्या में रामलला के भव्य जन्मोत्
Chanakya Niti : 'दुख बांटने से हल्का और सुख बांटने से गहरा होता है', ये पंक्ति तो आपने सुनी होगी। हालांकि, आचार्य चाणक्य के अनुसार सभी के साथ दुख बांट
Chanakya Niti For Life: हर व्यक्ति जीवन में सफलता हासिल करना चाहता है। हालांकि, सही राह ना पता होने के कारण कई बार निराशा ही हाथ लगती है।
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा का विधान है, जिनकी साधना करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती
Kanya Pujan 2024: 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है।
09 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रही है। प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना की जाती है। साथ ही नौ दिनों तक
Chaitra Navratri 2024: इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिनों तक रहेगी। 17 अप्रैल को रामनवमी के साथ इस चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। हिंदू पंचांग के अनुस
मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा पृथ्वी पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को जल्द सुनती हैं, इसलिए कहा जाता है कि नवरात्रि में
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और विधिविधान से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जातक क
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। चैत्र नवरात्रि पर लगातार 9 दिनों तक मां दुर्गा के न
9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। यह 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। इस दौरान व्रत और मां की पूजा अर्चना के साथ कलश स्थापना क
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर देवी दुर्गा पृथ्वी लोक आती है और अपने सभी भक्तों की हर एक मनोकामना को पूर्ण करती हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि क
नवरात्रि पूजन में कलश स्थापना के साथ ही देवी दुर्गा की उपासना प्रारंभ होती है। कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहते हैं। देवीपुराण में उल्लेख मिलता है कि
नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशिष्ट रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के नौ दिनों तक पहनें इस रंग के कपड़े, प्रसन्न होंगी मां दुर्गा
नवरात्रि में माता रानी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं, लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसी चिजों के बारे
नारद पुराण में चैत्र मास की अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है। शास्त्रों में
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। वहीं इसका समापन 17 अप्रैल को राम नवमी वाले दिन होगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही
इस साल कब है राम नवमी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
शास्त्रों के अनुसार एकादशी पर भगवान विष्णु का स्मरण करके किसी मंदिर,पवित्र नदी,सरोवर में अन्यथा तुलसी या पीपल के वृक्ष के नीचे दीपदान करना बहुत पुण्यद
इस बार पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल 2024 है। मान्यता है कि इस एकादशी व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने में किए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत र
नवरात्रि पर लगातार 9 दिनों तक देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा उपासना की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से आरंभ
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु थे। उन्होंने अपने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में लिखा है।
Baisakhi 2024: हर साल बैसाखी को बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे खुशहाली और समृद्धि का पर्व माना जाता है।
पाना चाहते हैं मां दुर्गा की कृपा, तो चैत्र नवरात्रि शुरू होने से पहले कर लें ये काम
अक्षय तृतीया का पर्व हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी क्षय न हो या फिर जिसका कभी नाश
प्रभु राम के जन्मदिन को राम नवमी के रूप में हर वर्ष देश-विदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष राम नवमी
ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने के पहले दिन मनाया जाता है। यह महीना रमजान के खत्म होने के बाद आता है। ईद से पहले रमजान के दौरान जमात-उल-विद