सुपर कॉरिडोर पर तो मेट्रो की रफ्तार दिखाई दे रही है, लेकिन खजराना चौराहा आते इस पर ब्रेक जैसा लग जाता है, क्योंकि अब तक सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि इसे जमीन के ऊपर ले जाएं या नीचे। मेट्रो को रास्ता देने के लिए अफसरों ने नई तरकीब लगाई और पत्रकार कॉलोनी वाले स्टेशन को हटाया, ताकि लागत कम हो जाए। प्रोजेक्ट को 1600 करोड़ से हजार करोड़ तक ले आए, बावजूद अब तक इस पर फैसला नहीं हो सका है। 550 करोड़ का टेंडर जारी कर चुके हैं। मेट्रो को अंडर ग्राउंड करने पर दो से तीन गुना तक लागत बढ़ जाएगी। वहीं प्रोजेक्ट सवा साल पिछड़ने के कारण एलिवेटेड कॉरिडोर की लागत करीब 40 करोड़ रुपए बढ़ चुकी है। मेट्रो को लेकर अफसर और जनप्रतिनिधि पिछले साल जून से माथापच्ची कर रहे हैं, लेकिन फैसला अब तक शून्य है। अंडरग्राउंड करने पर लागत 1600 करोड़ आ रही थी। प्रति किमी पर 250 करोड़ लागत अधिक आ रही थी तो नया डिजाइन बनाकर एक स्टेशन ही हटा दिया गया, ताकि लागत घटकर हजार करोड़ में निपट जाए। फिर भी खजराना चौराहे के बाद का पेंच जस का तस है। अक्टूबर तक रेडिसन तक चलाने का दावा कनाड़िया रोड पर है सबसे बड़ा अड़ंगा जून 2024 में नगरीय प्रशासन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में साफ कहा गया था कि कनाड़िया रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर संभव ही नहीं है। सर्वे भी हुआ, लेकिन उसमें भी अंडरग्राउंड ही विकल्प सही निकला। उसके बाद से ही मामला फाइलों के झूले में झूल रहा है। उधर, सिर्फ खजराना चौराहा ही नहीं, बल्कि एमजी रोड पर भी इसका विरोध हो रहा है। गौरतलब है कि सुपर कॉरिडोर से रेडिसन चौराहा तक 17.5 किमी हिस्से में काम चल रहा है। अफसर दावा कर रहे हैं कि अक्टूबर तक इस हिस्से में कमर्शियल रन शुरू कर देंगे, लेकिन जब तक खजराना–कनाड़िया और पलासिया का पेंच नहीं सुलझेगा, मेट्रो का सपना ‘अटका हुआ प्रोजेक्ट’ ही रहेगा। प्रतिवर्ष 6% बढ़ती है निर्माण लागत उधर, ठेकेदार काम करना चाहता है, लेकिन अब तक कॉर्पोरेशन से काम करने की अनुमति नहीं मिली। यानी खुद विभाग ही साइट क्लियर नहीं कर रहा है। इस कारण लागत बढ़ती जा रही है। प्रतिवर्ष 6 फीसदी निर्माण लागत बढ़ती है। चूंकी यह प्रोजेक्ट सवा साल पीछे हो गया है। इसलिए यूं भी इसकी लागत 40 करोड़ बढ़ चुकी है। मार्च 2024 में ही 550 करोड़ का टेंडर एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए जारी कर दिया गया था।
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ग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी की जिंदा जलकर मौत सुर्खियों में है। घर की तीसरी मंजिल पर 21 अगस्त की शाम 5.30 बजे वो आग की लपटों के बीच नजर आई। निक्की ने खुद आग लगाई या पति विपिन भाटी ने उसे आग के हवाले किया, पुलिस के लिए यह एक अनसुलझी गुत्थी है। जांच में सामने आया है कि विपिन के घर में 8 CCTV लगे थे, मगर घटना के वक्त सभी कैमरे बंद थे। इसलिए कुछ भी रिकॉर्ड नहीं हुआ। निक्की जब जलते हुए सीढ़ियों से उतर रही थी, उसे उसकी बड़ी बहन कंचन ने अपने मोबाइल से शूट किया था। इसे सबूत के तौर पर पुलिस को दिए गए हैं। विपिन के परिवार की तरफ से भी कई दावे किए गए और कुछ और वीडियो पुलिस को दिए गए हैं। इनकी मदद से निक्की की मौत की जांच को नए एंगल मिले हैं। फिलहाल, 7 दिन में 5 अहम वीडियो सामने आए। उनकी X पर पोस्ट किए जाने की तारीख तो सामने आई है, मगर शूट किए जाने की तारीख को लेकर विवाद है। इसके लिए नोएडा पुलिस इन वीडियो को आगरा और चंडीगढ़ की फोरेंसिक लैब भेजने की तैयारी की रही है। अब एक-एक करके वीडियो की हकीकत समझिए… ये वीडियो अचानक शूट हुई फुटेज की तरह है। निक्की की बहन कंचन का दावा है कि ये उसके मोबाइल से रिकॉर्ड हुआ था। 1 दिन पहले उसके पति ने मारपीट की थी। इसकी वजह से उसके हाथ में ड्रिप लगी हुई थी। वह अपने कमरे में थी। चीख पुकार सुनकर बाहर आई तो जो कुछ दिखा। उसको मोबाइल में शूट किया था। दावा : पुलिस जांच में सामने आया कि ये वीडियो 21 अगस्त का ही है। इसमें आग की लपटों में घिरी शख्स निक्की ही है। 24 अगस्त को सामने आया वीडियो रील फार्मेट में है। ये वीडियो 18 सेकेंड का है। इस वीडियो में दिख रहा है कि विपिन निक्की को पीट रहा है। उसके बाल पकड़ खींच रहा है। विपिन के कमर पर भी घाव का निशान है। साथ में उनकी सास नजर आ रही हैं, जिन्होंने शॉल ओढ़ा हुआ है। दावा : विपिन के परिवार का कहना है कि ये वीडियो 11 फरवरी का है। जब निक्की ने विपिन के कमर पर कैंची मारी थी। इसके बाद विपिन ने निक्की के साथ मारपीट की। पुलिस जांच में सामने आया कि इस पुराने वीडियो को आग वाले वीडियो के साथ जोड़ा गया। ये वीडियो 47 सेकेंड का है। इस वीडियो में दिख रहा है कि निक्की जली अवस्था में फर्श पर बैठी है। वो कराह रही है। सामने से किसी महिला की आवाज आ रही है, वो बोली रही है कि निक्की ये तूने क्या किया? एक बुजुर्ग पुरुष की आवाज भी है। इसमें वो कुछ बर्बाद करने की बात कह रही है। दावा : ये वीडियो भी 21 अगस्त की शाम का ही बताया जा रहा है। इसमें जो बातें सुनाई दे रही हैं, वह कंचन और उसकी सास दया की है। विपिन के घर के बाहर का एक वीडियो घटना के बाद 25 अगस्त को सामने आया। इसमें विपिन हड़बड़ाहट में दिख रहा है। वो गली में जाता है, फिर बाहर आता है। गाड़ी का गेट खोलता है। फिर तेजी से घर की तरफ जाता हुआ दिखता है। दावा : विपिन के परिजनों का कहना है ये वीडियो घटना के दिन का ही है। निक्की और कंचन दोनों तीसरे फ्लोर पर थे। घर के अंदर से तेज-तेज आवाज आने लगी, तब विपिन दौड़कर घर के अंदर पहुंचता है। इसके बाद बाहर आकर कार का गेट खोलता दिखता है। जिस समय घटना हुई, विपिन कार धोने के लिए पाइप लगा रहा था। 1.08 मिनट का एक वीडियो और सोशल मीडिया X पर पोस्ट हुआ। इसमें निक्की भाटी का दाह संस्कार किया जा रहा है। दिख रहा है कि ससुर सत्यवीर और निक्की का बेटा उसकी चिता को मुखाग्नि दे रहे हैं। हालांकि इस वीडियो में विपिन नहीं दिख रहा है। दावा : ये वीडियो 22 अगस्त की डेट में शूट हुआ था। इस वीडियो के आने के बाद विपिन के परिजनों ने कहा कि अगर ससुर को ही जलाकर मारना होता तो वो मुखाग्नि देने क्यों आते। पुलिस को डिजिटल साक्ष्य की जांच से मिलेंगे नए डायरेक्शन सभी वीडियो की फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। आगरा और चंडीगढ़ की फोरेंसिक लैब को डेटा भेजा जा रहा है। ये वीडियो किन नंबर, लोकेशन से वायरल किए गए। इसकी भी जांच हो रही है। साथ ही, विपिन के घर के बाहर का वीडियो दुकान पर लगे CCTV का है। क्योंकि विपिन की दुकान पर लगा CCTV खराब है। पुलिस ने विपिन, निक्की, उसकी सास और ससुर सभी के मोबाइल की CDR की जांच कर रही है। निक्की की मौत के 7 दिन बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। फिलहाल परिवार के अपने-अपने दावे हैं। कंचन जस्टिस फॉर निक्की मुहीम चला रही21 अगस्त की घटना के बाद से बड़ी बहन कंचन लगातार इंस्टाग्राम पर एक्टिव है। रील बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड कर रही है। अधिकांश लोग इसको 'जस्टिस फॉर निक्की' की मुहीम की तरह देख रहे हैं। अब पुलिस कंचन से नए सिरे से पूछताछ करेगी। कंचन ज्यादातर वीडियो में अपने ऊपर लगे आरोपों को क्लियर करने का प्रयास कर रही है। लोगों का आरोप है कि बहन निक्की जल रही थी, मदद करने के बजाय कंचन वीडियो शूट कर रही थी। साथ ही, निक्की को इंसाफ देने की गुहार लगा रही है। घटना के बाद से अब तक वह इंस्टाग्राम पर 44 पोस्ट कर चुकी है। 6 दिनों के भीतर उनके अकाउंट पर 34 हजार फॉलोअर्स बढ़ गए हैं। इंस्टाग्राम पर डाले गए पोस्टों में निक्की को इंसाफ दिलाने और ससुरालवालों को सजा दिलाने की बातों का जिक्र है। जब निक्की की मौत हुई थी, तब कंचन के इंस्टाग्राम अकाउंट makeover_by__kanchan पर करीब 49 हजार फॉलोअर्स थे, जो बढ़कर 83 हजार तक पहुंच गए। वहीं, एक अकाउंट Kanchanbhati6668 पर 67.3 फॉलोअर्स हो चुके हैं। इन सभी पोस्ट में घटना का जिक्र किया गया है। .............................ये भी पढ़ें : यह खबर भी पढ़ें : नोएडा में पत्नी को जलाने वाला बोला- मुझे पछतावा नहीं, पिता ने कहा- दरिंदे को फांसी दी जाए नोएडा में पत्नी को जिंदा जलाने वाले विपिन भाटी का पुलिस ने एनकाउंटर किया। उसके पैर पर गोली मारी। बावजूद इसके अकड़ कम नहीं हुई। वहीं, निक्की के पिता और परिवार की आंखों में दर्द और गुस्सा है। पिता ने कहा, शादी में गाड़ी, सोना, कैश मिलने के बाद भी और दहेज के लिए निक्की को जला दिया गया। दरिंदे को फांसी दी जानी चाहिए। पढ़ें पूरी खबर... नोएडा के निक्की हत्याकांड में सास-ससुर समेत 4 गिरफ्तार:जब पीड़िता को जिंदा जलाया तो पति बाहर था, सीसीटीवी से उलझी पुलिस ग्रेटर नोएडा के निक्की हत्याकांड में पुलिस ने फरार चल रहे जेठ और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है। कासना थाने की पुलिस ने सोमवार सुबह जेठ रोहित भाटी और ससुर सतवीर को सिरसा टोल और चौराहे के पास से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी विवाहिता निक्की को जिंदा जलाए जाने के बाद से ही फरार थे। पढ़िए पूरी खबर...
यूपी में कैराना से सपा सांसद इकरा हसन ने 26 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाया। अखिलेश ने उन्हें सरप्राइज पार्टी दी। जिसमें डिंपल यादव, जया बच्चन, धर्मेंद्र यादव, जियाउर्रहमान बर्क और प्रिया सरोज जैसे सपा के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की। सभी ने मिलकर केक काटा और इकरा हसन को जन्मदिन की बधाई दी। VIDEO में देखिए इकरा हसन कितनी पढ़ी-लिखी हैं और कैसे अखिलेश की भरोसेमंद बनीं...
अमेरिकी टैरिफ ने भदोही के कालीन उद्योग को संकट में डाल दिया है। 2500 करोड़ रुपए के ऑर्डर कैंसिल या होल्ड होने से कारोबार ठप हो गया है। कालीन निर्यातकों ने अपने कारीगरों को काम देना बंद कर दिया है। कुछ निर्यातक वैकल्पिक दिवस में काम उपलब्ध करा रहे हैं। यानी पूरे सप्ताह काम देने की बजाय सप्ताह में 3 दिन का ही काम दे रहे हैं। उसी रेश्यो में दिहाड़ी भी दे रहे हैं। कई कंपनियों ने तो कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू कर दी है। ऐसे में क्या असर पड़ रहा है? कितने का नुकसान हो रहा है? कालीन उद्योग से कितने परिवारों की रोजी-रोटी चलती है? पीक टाइम कब होता है? इसका लॉन्ग टर्म में क्या असर होगा? दैनिक भास्कर ने इन सब सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की। पढ़िए ये खास रिपोर्ट… अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से भारतीय निर्यातों पर लगाए गए 25% और अब 50% तक बढ़ाए गए टैरिफ ने कालीन उद्योग को संकट में डाल दिया है। दरअसल, भदोही और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में कारपेट एक्सपोर्ट की जाती है। इसमें सबसे बड़ा ग्राहक अमेरिका ही है। वहां 60 फीसदी से ज्यादा कारपेट निर्यात होता है। भदोही में कालीन उद्योग से जुड़े हैं 5 लाख परिवारकालीन निर्यातक और टेक्सटिको के मालिक इम्तियाज अहमद बताते हैं- कम से कम 2500 करोड़ का ऑर्डर या तो होल्ड कर दिया गया है या फिर कैंसिल कर दिया गया है। इसका सीधा असर कालीन उत्पादन और इस कारोबार से जुड़े लोगों पर पड़ रहा है। इम्तियाज अहमद बताते हैं- केवल भदोही में ही कालीन के कारोबार से करीब 5 लाख परिवार जुड़े हैं। आसपास की बात की जाए, तो कुल 7 लाख परिवारों की रोजी-रोटी इसी से चलती है। इसमें दूसरे राज्यों के भी कारीगर भी हैं, जो अब धीरे-धीरे वापस जाने लगे हैं। कालीन की देश में खपत कुल उत्पादन का मात्र 2 फीसदीइम्तियाज बताते हैं- भदोही भारत के कालीन निर्यात का एक प्रमुख केंद्र है। यहां के हाथ से बने कालीन, विशेष रूप से हैंड-टफ्टेड और परशियन शैली के हैंड-नॉटेड रग्स, दुनिया भर में अपनी गुणवत्ता और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं। भारतीय कालीन उद्योग का लगभग 98% उत्पादन निर्यात के लिए होता है। इसमें से 60 फीसदी हिस्सा अमेरिकी बाजारों को जाता है। भदोही और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों-हजारों छोटे-बड़े निर्माता और लाखों कारीगर इस उद्योग से अपनी आजीविका चलाते हैं। भारतीय बाजारों में कालीन की खपत कुल उत्पादन का मात्र 2 फीसदी ही होती है। मेन सीजन में ठप हुआ कारोबारइम्तियाज बताते हैं- कारपेट का जितना बिजनेस पूरे साल में नहीं होता, उतना बिजनेस 3 महीनों (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में होता है। क्योंकि, अमेरिका में ज्यादातर घरों में क्रिसमस से पहले रिनोवेशन होता है। इसमें पुराने सामान को बदला जाता है। इन 3 महीनों के लिए अप्रैल और मई से ऑर्डर फाइनल हो जाते हैं। अगस्त से सितंबर तक माल तैयार होकर शिपमेंट के लिए भेज दिया जाता है। टैरिफ की पड़ी इस मार ने अचानक से पूरे कारोबार पर ही ब्रेक लगा दिया है। टैरिफ तो बहाना, मकसद भारत को इग्नोर करना हैकालीन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (CEPC) के पूर्व सदस्य दर्पण बरनवाल कहते हैं- टैरिफ तो एक बहाना है। दरअसल ये इंबारगो है। इंबारगो का मतलब किसी देश काे इग्नोर करना या वहां का सामान नहीं खरीदना है। हैंड नॉटेड कारपेट पर 7% का टैरिफ था। जब ये 25% हुआ तब ही बहुत अधिक था। 50% टैरिफ तो सुसाइडल है। इस पर तो बात करना ही बेकार है। दर्पण बरनवाल कहते हैं- ये हमारे हैंड मेड इंडस्ट्री को बुरी तरह प्रभावित करने वाला है। जो मौजूदा ऑर्डर थे, उन्हें हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि जल्द माल डिस्पैच कर दिया जाए। आगे के जो भी ऑर्डर प्रोसेस थे, उन्हें रोक दिया गया है। नए शिपमेंट के लिए भी रोक दिया गया है। इसके लिए सरकार को समाधान निकालना हाेगा। ये इंडस्ट्री पहले से ही बुरे दौर से गुजर रही थी, टैरिफ ने हालात और खराब कर दिए हैं। दूसरे देशों का रुख कर रहे बायर्सइंडियन एक्सपोर्ट हाउस के मालिक मुश्ताक अंसारी बताते हैं कि वे कई पीढ़ियों से कारपेट का काम कर रहे हैं। अपने जीवन में इतने बड़े संकट का सामना नहीं किया है। पहले 25% टैरिफ ने हमें झकझोर दिया था, लेकिन अब 50% टैरिफ ने स्थिति को असंभव बना दिया है। करोड़ों का माल गोदाम में डंपकई कारोबारी ऐसे हैं, जिनके यहां कारपेट बनकर तैयार हैं और गोदाम में डंप हैं। ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं। एक-एक कारोबारी के यहां 7 से 10 करोड़ तक का माल डंप है। मुश्ताक बताते हैं कि 5-7% के मार्जिन पर कारोबार होता है। ऐसे में सीधे 50% टैरिफ वहन कर पाना कारोबारियों के लिए संभव नहीं। जहां तक अमेरिकी ग्राहकों की बात है, तो उनके लिए भी कीमत डेढ़ गुना हो गई है। ऐसे में वे भी इसका भार उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। कालीन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सदस्य असलम महबूब कहते हैं कि इस उद्योग में 80 प्रतिशत से अधिक श्रमिक ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। ये लोग खेती के साथ-साथ कालीन बुनाई, रंगाई और डिजाइनिंग जैसे काम करते हैं। कालीन उद्योग ही इनकी आय का जरिया है। टैरिफ के कारण ऑर्डर रुकने से अब इन श्रमिकों की आजीविका खतरे में है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो भदोही और आसपास के क्षेत्रों में लाखों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। बेलआउट पैकेज की मांगअसलम महबूब ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेलआउट पैकेज की मांग की गई है। जिससे संकट से निकला जा सके। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इसके लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अमेरिका के भारत पर 50% टैरिफ लगाने से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है। खासकर, भदोही, मुरादाबाद और कानपुर जैसे कारोबारी क्षेत्रों में जहां कारपेट और ब्रास उद्योग संकट में हैं। टैरिफ से किसानों और व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... संभल हिंसा से चर्चित ASP अनुज बोले-यहीं कल्कि अवतार होगा, कहा- टिकट ब्लैक करने वाले बड़े नेता बन गए संभल हिंसा के बाद चर्चा में आए अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुज चौधरी का कहना है कि संभल में ही भगवान कल्कि का अवतार होगा। ये बात मैंने भी पौराणिक ग्रंथों में पढ़ी है। ग्रंथों में जो लिखा है, उसको हम कैसे मना कर सकते हैं। अनुज चौधरी से ‘दैनिक भास्कर’ ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। पॉलिटिक्स में आने के सवाल पर कहा- मुझे पॉलिटिक्स में आने की कोई जरूरत नहीं है। टिकट ब्लैक करने वाले लोग बड़े नेता बन गए, मैं तो फिर भी राष्ट्रभक्त रहा और देश के लिए खेला। पॉलिटिक्स भविष्य की बात है। अभी उसके बारे में क्या कह सकता हूं। पूरी खबर पढ़ें...
डबल डेकर:तीसरी बार टेंडर की तैयारी, दावा- दीपावली तक शहर की सड़कों पर दौड़ेंगी बसें
मुंबई जैसी डबल डेकर बस इंदौर की सड़कों पर उतारने के लिए एआईसीटीएसएल ने तीसरी बार गणेश उत्सव के दौरान टेंडर निकालने की तैयारी कर ली है। दावा है कि दिवाली तक शहर की सड़कों पर डबल डेकर बस दौड़ती नजर आएगी। शहरवासी इसका लाभ ले सकेंगे। इसको लेकर ट्रायल भी हो चुका, रूट भी तय हो गए, लेकिन चिंता की बात है कि दो बार टेंडर निकलने के बाद भी कोई ऑपरेटर आगे नहीं आया था। पहले योजना थी कि बसें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) से खरीदी जाएं, लेकिन महंगी कीमत और सिर्फ एक बस के कारण कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई। अब एआईसीटीएसएल खुद बस खरीदेगा और ऑपरेटर को संचालन के लिए देगा। शुरुआत एक ही बस से होगी, जिस पर करीब साढ़े छह करोड़ का खर्च आएगा। 7 रूट तय, दो नए जोड़े इंजीनियर अभिनव सिंह चौहान के मुताबिक शुरुआत में बस को सात रूटों पर चलाने की तैयारी है। इसमें पितृ पर्वत से बड़ा गणपति, राजीव गांधी से निरंजनपुर, खजराना से मेडिकैप्स यूनिवर्सिटी और बेस्ट प्राइस से बायपास तक के रूट शामिल हैं। अब रणजीत हनुमान से कलेक्टोरेट और कलेक्टोरेट से एआईसीटीएसएल तक दो रूट और जोड़ दिए गए हैं। 2016 से टल रही योजना, हर बार अटकी डबल डेकर का खाका 2016 में बना था। तब तत्कालीन सीईओ ने कंपनियों से बात भी की थी, लेकिन इंदौर की तंग सड़कें और ऊंचाई सबसे बड़ी बाधा बनीं। कीमत भी इतनी ज्यादा रही कि योजना कभी पटरी पर नहीं आ सकी। अब इलेक्ट्रिक बस होने की शर्त ने और मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ट्रायल सफल, ऑपरेटर गायब करीब 10 महीने पहले मुंबई से डबल डेकर बुलाकर ट्रायल किया गया था। 9 मीटर लंबी, 15 फीट ऊंची और 65 सीटों वाली यह बस आरामदायक साबित हुई। ऊपरी डेक पर 36 और निचले डेक पर 29 सीटें, साथ ही खड़े यात्रियों के लिए 25 हैंडल भी हैं। एयर सस्पेंशन तकनीक से झटके कम महसूस होते हैं, लेकिन कीमत अधिक होने से ऑपरेटरों ने हाथ खींच लिया। यह डबल डेकर बस स्विच मोबिलिटी का मॉडल EiV22 है। इसकी कीमत 2 करोड़ है।
‘जब यह लेटर किसी को मिलेगा, तब तक मैं सचिन ग्रोवर, मेरी पत्नी शिवांगी, मेरा बेटा फतेह मेरी जान, मेरा जहान सबकुछ खत्म हो चुका होगा। मेरी लाइफ तब से बर्बाद हुई, जब मैंने बरेली में बिजनेस करने की सोची। लॉकडाउन में मेरे ऊपर बहुत कर्ज हो गया। मेरी फैक्ट्री, मेरी ससुराल का घर और उनका जेवर सब गिरवी था। तभी मेरी सास-ससुर, साले और मेरी वाइफ ने पैसों और मॉरली फुल सपोर्ट करके मुझे इस टेंशन से निकाला। मेरी अपनी फैमिली ने मेरा कोई सपोर्ट नहीं किया।' यह दर्द है शाहजहांपुर के हैंडलूम कारोबारी सचिन का, जिन्होंने सुसाइड से पहले लेटर लिखकर बयां किया। खुद जान देने से पहले उन्होंने अपने 4 साल के बेटे को मारा। फिर पत्नी के साथ फंदे पर झूल गए। सुसाइड लेटर 12 पन्ने का है। इसमें उन्होंने अपने भाई, चाचा और दोस्त सभी को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। पहले एक नजर में पूरे मामले पर शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी दुर्गा एन्क्लेव में रहने वाले कारोबारी सचिन ग्रोवर (35) ने पत्नी शिवांगी (30) और 4 साल के बेटे फतेह के साथ सुसाइड कर लिया। पहले बेटे को चूहे मारने की दवा खिलाकर मारा। फिर पति-पत्नी ने जान दी। 27 अगस्त की सुबह जब पहले फ्लोर पर कोई हलचल नहीं हुई, तो नीचे रह रहे घरवालों को शक हुआ। उन्होंने खिड़की के झांककर देखा तो दोनों के शव फंदे से लटके दिखे। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर गई तो बेटा बेड पर अचेत पड़ा था। पत्नी बेडरूम में और पति का शव ड्राइंग रूम में लटक रहा था। मरने से पहले कारोबारी की पत्नी शिवांगी ने अपनी मां को 12 पेज का सुसाइड नोट वॉट्सऐप पर भेजा था। कारोबारी ने 8 साल पहले लव मैरिज की थी। सचिन की फैमिली के सुसाइड का कारण लॉकडाउन में बिजनेस में हुआ घाटा तो था ही। साथ ही घर को बचाने के लिए लिया गया बैंक का कर्ज भी था। यह कर्ज अदा करने के लिए सचिन ने अपने दोस्त से 2 लाख रुपए उधार लिए थे। जिसके बदले हर दिन 2 हजार रुपए ब्याज के रूप में देने पड़ते थे। इसके अलावा अपने भाई और दोस्त से हर समय मिले धोखे ने सचिन को अंदर से तोड़ दिया। ये बातें सचिन ने अपने सुसाइड लेटर में लिखी हैं, जिसे सुनकर अब उनकी कॉलोनी के लोग भी हैरान हैं। पढ़िए सुसाइड लेटर में सचिन की लिखी मेन बातें सचिन ने लिखा- मेरी अपनी फैमिली ने मेरा कोई सपोर्ट नहीं किया। मेरा भाई गौरव और मेरे चाचा पवन ने मेरे साथ नहीं खड़े हुए। गौरव ने ऐसा प्रेशर बनाया कि घर बिक जाए। जो घर हमारे पिता ने बनवाया था और जो हमारी मां के नाम था। अगर वो घर बिक जाता, तो हमें कुछ नहीं मिलता। मेरी मां भी उन्हीं की तरफ थीं। इस घर के लिए मुझे बैंक से लोन लेना पड़ा। जिसकी 1 लाख 20 हजार रुपए हर महीने किश्त जाती है। यह कर्ज मुझे अपनी सास के नाम पर लेना पड़ा, क्योंकि मेरा सिबिल खराब था। मेरे भाई ने घर में हिस्सा लिया, साथ ही अपने हिस्से के पैसे भी ले लिए। मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई, लेकिन किसी ने मेरा साथ नहीं दिया। मुझे बार-बार अपमानित किया गया और धोखा मिला। दोस्त 30% ब्याज पर देता था पैसे, फिर लोगों का भड़काता थासचिन ने लिखा है- मेरा दोस्त शैंकी आनंद मुझसे 30% ब्याज पर पैसे वसूलता था। जब जरूरत पड़ती थी, तो वो मुझे अपने दोस्तों से पैसे दिलवा देता था। लेकिन, उसके बाद भारी ब्याज के साथ पैसे वसूलता था। वह मेरे रिश्तेदारों और दोस्तों को भड़काता था कि मैं पैसे वापस नहीं करता। जबकि, मैंने सभी का पैसा लौटाया है। फिर भी वह मेरे खिलाफ माहौल बनाता रहा। मेरी और मेरे परिवार की मौत में उसका सबसे बड़ा हाथ है। मेरे उसके साथ अच्छे संबंध थे, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया। मेरी पत्नी की छवि खराब की, अब टूट चुका हूंशैंकी और उसके साथियों ने मुझे समाज में बदनाम किया। मेरी पत्नी की भी मार्केट में छवि खराब की। मैंने लाख कोशिश की, लेकिन अब मैं थक गया हूं। मुझे कोई रास्ता नहीं दिख रहा। मैं 6 महीने से लगातार बैंक की किश्त चुका रहा हूं। लेकिन, कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। मैं अब टूट चुका हूं। मैंने किसी का पैसा हड़पने की नीयत से नहीं लिया था। फिर भी मुझे बदनाम किया गया। मैंने रामनगर मोहल्ले के विक्की बग्गा से भी कुछ पैसे लिए थे। उसे बताया था कि निवेश के लिए लिए हैं। लेकिन, मैं पैसे निवेश नहीं कर सका। ये गलती मैंने सबके सामने मानी थी। विक्की से 2-3 महीने का समय मांगा था। कहा था कि ग्रामीण बैंक में पत्नी के नाम से फाइल लगाई है। इस पूरे लेन-देन की जानकारी किसी को नहीं थी। कुछ पैसा मेरी सास की फर्म से भी आया गया। इसमें मेरा मोबाइल नंबर लगा था। लेकिन, इसकी जानकारी सास को भी नहीं थी। मुझे हार्ट अटैक पड़ा, लेकिन लोगों ने समय नहीं दियासचिन ने लिखा- मैंने शराब का बिजनेस भी किया था। उससे मुझे अच्छा पैसा मिला, लेकिन मैं पकड़ा भी गया। मैंने सबके सामने गलती मानी और पैसे लौटाने का समय मांगा। लेकिन, इन लोगों ने मुझे पीटा। फिर मेरी सास को फंसाने की धमकियां मिलती रहीं। मुझे हार्ट अटैक पड़ा। उसके बावजूद इन लोगों ने टाइम नहीं दिया। मेरा दोस्त शैंकी सबको मेरे खिलाफ भड़काता रहा। जितना पैसा मुझे इनको देना है, वो ये लोग शराब की कमाई से ले चुके हैं। अब मेरे पास कुछ नहीं बचा। मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं, लेकिन इतना मानसिक दबाव था कि मैं टूट गया। मेरे चाचा और बड़े भाई ने मुझे सबसे ज्यादा तकलीफ दी। वे हमदर्दी का दिखावा करते थे। लेकिन, मेरी परेशानियां सबको बताकर मुझे बदनाम करते थे। मेरे ऐसे में समय मुझे बचाने की बजाय मेरे मरने का कारण बन गए। हे भगवान मेरे भाई और चाचा को लंबी उम्र दे। मेरे पिता ने मेरे लिए सब कुछ बेच दिया...घर और जेवर सबकुछ। लेकिन, बाकी रिश्तेदारों ने मेरी हालत बिगाड़ दी। मेरी पत्नी शिवांगी का इन सब में कोई दोष नहीं है। फिर भी उसे प्रताड़ित किया गया। मैं उन सभी से पूछना चाहता हूं कि आपने मेरी पत्नी को क्यों तकलीफ दी, जब वो खुद सबसे दूर रहती थी? बेरोजगार भाई को काम दिया, मालिक बनाकर रखासचिन ने लिखा- मैं अपनी मां को वो सुख नहीं दे सका, जो जिम्मेदार होने के नाते देता। मैंने अपने सबसे बड़े भाई रोहित को बेरोजगार होने पर बिना शर्त अपने साथ काम में लगाया। जैसा भी था, उनको मालिक बनाकर रखा। मेरे मझले भाई गौरव ने मुझे सबसे ज्यादा परेशान किया। मैं ही देवता बनकर घर में घूमता रहा और बाहर से कर्ज लेकर घर-दुकान चलाता रहा। रोहित किराए वाली दुकान खाली कर दो और मंदिर वाली दुकान से गुजरा करना। किसी को व्यापार का पैसा नहीं देना। तुम खुद खुश रहना और मम्मी को भी खुश रखना। कित्तू को खूब पढ़ाना। सॉरी मम्मी…। मेरे मरने के बाद सब कुछ तुम्हारा हैसचिन ने लिखा- अब ये सब कर रहा हूं, हो सके तो मुझे माफ कर देना। मैंने अपने साथ शिवांगी की लाइफ भी बर्बाद कर दी। हमारे कर्ज अनोखे नहीं थे, जो सब घाव बनाकर हमारा जीवन कष्ट वाला बना दिया। मेरे मरने के बाद घर बेच कर बैंक का सैटलमेंट कर देना। अगर कुछ पैसा बचता है तो वह तुम्हारा है। कार, स्कूटी, मोबाइल, इंश्योरेंस सब कुछ तुम्हारा है। सास बोलीं- बाहरी लोग परेशान कर रहे थेसचिन की सास ज्योति मिश्रा का कहना है कि सचिन ने जिला उद्योग केंद्र से लोन की फाइल पास कराई थी। लोन मेरे नाम पर लिया था। उसकी आने वाली सब्सिडी को लेकर एक कर्मचारी कुछ हिस्सा मांग रहा था। इसलिए उसको बाहर के लोग परेशान कर रहे थे। घर के अंदर सब कुछ ठीक चल रहा था। मेरी बेटी दामाद काफी खुश थे, लेकिन उन्हें बाहरी लोगों ने प्रताड़ित किया है। जरूर इसी वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। वो लोग 26 अगस्त की शाम तक बहुत खुश थे। हालांकि, इस मामले में सचिन की मां सीमा, भाई रोहित और गौरव ने अब तक कोई बात नहीं की है। एसपी बोले- CDR से खुल सकते हैं कई नामएसपी राजेश द्विवेदी का कहना है कि 12 पेज के सुसाइड लेटर को पढ़ने के बाद जो भी नाम सामने आए हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। एक बार परिवारवालों से पूछताछ हो चुकी है। बाकी CDR निकलवाई जा रही है। जैसे तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार एक्शन लिया जाएगा। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें बेटे को जहर देकर पति-पत्नी ने फांसी लगाई, शाहजहांपुर में करोड़पति कारोबारी का पूरा परिवार खत्म शाहजहांपुर में करोड़पति कारोबारी ने पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ सुसाइड कर लिया। पहले बेटे को चूहे मारने की दवा खिलाकर मारा, फिर पति-पत्नी फंदे से लटक गए। बताया जा रहा कि व्यापार में घाटा होने से कारोबारी परेशान था। पूरी खबर पढ़ें
ढाई करोड़ की जमीन से अतिक्रमण हटाया
राजस्व विभाग ने कनाड़िया क्षेत्र में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। कलेक्टर को मिली शिकायत के आधार पर एसडीएम कनाड़िया ने पुलिस के साथ मिलकर यह निर्माण हटाया। एसडीएम ओमनारायण बड़कुल के मुताबिक प्रशासन द्वारा पारित आदेश पर ग्राम बाल्याखेड़ा स्थित सरकारी जमीन के खसरा क्र. 97 के अंश भाग 0.300 हेक्टेयर भूमि की विधिवत सुनवाई की गई। इसके बाद करीब ढाई करोड़ बाजार मूल्य की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। पुलिस बल और प्रशासनिक अमला मौजूद था।
महू-रीवा के बीच साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन 28 सितंबर से, बुकिंग आज से
त्योहारी सीजन के दौरान ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा के लिए महू-रीवा के बीच 28 सितंबर से साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाएगा। ट्रेन दोनों दिशाओं में पांच-पांच फेरे लगाएगी। ट्रेन की बुकिंग 28 अगस्त से शुरू होगी। यह रहेगा शेड्यूल-
गणेश चतुर्थी पर्व पर बुधवार को मंदिर, पंडाल से लेकर घरों तक गणपति बप्पा मोरिया का जयघोष गुंजायमन रहा। शहर में 3000 स्थानों पर गणेश पंडालों की स्थापना हुई और करीब 1.50 लाख घरों में मिट्टी की गणेश मूर्ति विराजित हुई। 10 हजार से अधिक घरों में पंचगव्य प्रतिमाओं को विराजित किया। फोटो अंतिम चौराहे की, जब गणेश प्रतिमा पंडाल में पहुंची तो श्रद्धालुओं ने ढोल-ताशों की गूंज के साथ स्वागत किया।
मध्यप्रदेश अब देश का पहला राज्य बन गया है, जिसे केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत मार्च 2026 तक 180 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा अनुदान मिला है। इस राशि से राज्य में अगले 18 महीने में सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या 7 से बढ़कर 15 हो जाएगी। अभी 7 आयुर्वेद कॉलेजों में 513 सीटें हैं, जो बढ़कर 1500 तक हो जाएंगी। अभी एक साथ 5 आयुर्वेद कॉलेजों सागर, शहडोल, नर्मदापुरम, बालाघाट, मुरैना और ट्राइबल क्षेत्र में दो कॉलेजों झाबुआ और शुजालपुर को मंजूरी मिली है। इसके अलावा डिण्डौरी में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से कॉलेज स्थापित होगा। इन सभी मेडिकल कॉलेज में 100-100 सीटें बढ़ेंगी। हर कॉलेज में पढ़ाई के साथ शोध भवन, अस्पताल, छात्रावास और स्टाफ क्वार्टर जैसी सुविधाएं होंगी। 70 करोड़ रुपए की लागत से हर कॉलेज का निर्माण कार्य 2027-28 तक पूरा कर लिया जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए 1570 नए पदों पर भी मंजूर हुए है। उज्जैन और खजुराहो में वैलनेस सेंटर पर्यटन और आयुष सेवाओं को जोड़ते हुए हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी भी है। इसके तहत उज्जैन और खजुराहो में 50-50 बेड वाले सुपर स्पेशलिटी पंचकर्म और वैलनेस सेंटर बनेंगे। हर प्रोजेक्ट पर 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। भोपाल और नरसिंहपुर में पहले से ऐसे केंद्र चल रहे हैं, जबकि महेश्वर, सीहोर, इंदौर, अमरकंटक, पन्ना, बालाघाट, गुना, भिंड और श्योपुर में निर्माण कार्य जारी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि खजुराहो जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल पर वैलनेस सेंटर खुलने से हेल्थ टूरिज्म को नई पहचान मिलेगी। वहीं उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ कुंभ में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु आने की संभावना है। ऐसे में वहां का वैलनेस सेंटर स्थानीय लोगों और बाहर से आए श्रद्धालुओं दोनों को लाभ देगा। छोटे शहरों में भी आयुष अस्पताल जहां 30 या 50 बेड वाले अस्पताल नहीं हैं, वहां भी लोगों तक आयुष सेवाएं पहुंचाने की योजना है। इसके लिए 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालय बनाए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र पर 7.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पहले चरण में सिंगरौली, ओरछा, चंदेरी, ओंकारेश्वर, अलीराजपुर, दतिया, सामपुर (मंदसौर), आगर-मालवा, चित्रकूट और पचमढ़ी को चुना गया है। जनजातीय क्षेत्रों में औषधियों पर रिसर्च होगी आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल खोलने के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा अनुदान है। इससे मध्यप्रदेश आयुष सेवाओं के विस्तार में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। इस राशि से नई परियोजनाएं और चिकित्सा सुविधाएं शुरू होंगी। जनजातीय क्षेत्रों में बनने वाले नए आयुर्वेद कॉलेज वहां के लोगों को शिक्षा और वहां पाई जाने वाली वन औषधियों पर शोध की सुविधा देंगे। सभी आयुष कॉलेजों में प्रवेश क्षमता बढ़ाकर 100 सीटें कर दी गई हैं। -इंदर सिंह परमार, कैबिनेट मंत्री, आयुष एवं उच्च शिक्षा विभाग
कांग्रेस के नए शहर और जिला अध्यक्ष 4 सितंबर को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही उनकी एक माह के अंदर शहर कांग्रेस कमेटी गठन करने की समय सीमा भी शुरू हो जाएगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में ही बैठक में नए अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वह 1 महीने में अपनी टीम का गठन कर लें। 50 से भी कम पदाधिकारियों की छोटी टीम बनाई जाएगी। नव नियुक्त कांग्रेस शहर अध्यक्ष चिंटू चौकसे का कहना है कि 4 सिंतबर को पदभार ग्रहण करने के बाद कमेटी गठन की तैयारी शुरू करेंगे। पहले बूथ, वार्ड और ब्लॉक का गठन किया जाएगा। इसके बाद शहर कार्यकारिणी तैयार करेंगे। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर शहर के नए अध्यक्ष चिंटू चौकसे 50 लोगों की छोटी कार्यकारिणी बनाएंगे। कार्यकारिणी का स्वरूप क्या रहेगा यह एआईसीसी तय करेगी। इससे पहले कृपा शंकर शुक्ला के समय 51 लोगों की कार्यकारिणी बनी थी। 50 से बड़ी टीम नहीं बनाएंगे चिंटू कांग्रेस की तैयार हो रही कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष, महामंत्री, सचिव और कार्यकारिणी सदस्य रहेंगे साथ ही प्रवक्ता भी बनाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि कमेटी छोटी रहेगी इसलिए इस बार सह-सचिव नहीं बनाएं जाएंगे। एआईसीसी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के लिए जो कार्यकारिणी तैयार की जाएगी उसमें 6 उपाध्यक्ष, 1 कोषाध्यक्ष, 1 संगठन मंत्री, 6 महासचिव, 7 सचिव के साथ कार्यकारिणी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य का फॉर्मेट रहेगा। इस फॉर्मूला से तैयार होगी कार्यकारिणी प्रमोद टंडन ने बनाई थी 1350 लोगों की जंबो कार्यकारिणी कांग्रेस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2006-07 के बाद जब प्रमोद टंडन शहर अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने इंदौर कांग्रेस की परंपरा को बदलते हुए सबसे बड़ी कार्यकारिणी तैयार की थी। टंडन ने उस समय लगभग 650 लोगों की जंबो कार्यकारिणी घोषित की थी। इसके बाद जब 2017-18 में प्रमोद टंडन पूर्णकालिक अध्यक्ष और विनय बाकलीवाल कार्यवाहक अध्यक्ष थे तब भी एक कार्यकारिणी घोषित की गई थी। यह इंदौर कांग्रेस के इतिहास की सबसे बड़ी कार्यकारिणी थी। इस समय टंडन और बाकलीवान ने 1350 लोगों की मेगा जंबो कार्यकारिणी घोषित की थी। कार्यकारिणी का पूरे देश में माखौल बनाया गया था। 350 लोगों की कार्यकारिणी चाहते थे बाकलीवाल, भोपाल ने रोक दी थी लिस्ट इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी से पूर्णकालिक अध्यक्ष बने विनय बाकलीवाल लगभग 4 साल से ज्यादा समय तक इंदौर कांग्रेस शहर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने कभी कार्यकारिणी गठन का काम नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर 2022 में कांग्रेस शहर अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए बाकलीवाल ने आनन-फानन में 350 लोगों की जंबो कार्यकारिणी बनाकर कांग्रेस के सभी खेमों को खुश करने की कोशिश की थी। लेकिन भोपाल में कांग्रेस आलाकमान ने उनकी तैयार कार्यकारिणी की सूची को अप्रूव नहीं किया। जिस कारण वह अपने कार्यकाल में कार्यकारिणी की घोषणा नहीं कर पाएं। वर्तमान में अध्यक्ष सुरजित सिंह भी 100 लोगों की कार्यकारिणी की लिस्ट तैयार कर चुके थे। लेकिन भोपाल से यह भी जारी नहीं हो पाई।
ग्वालियर के होटल में बल्ब के होल्डर में स्पाई कैमरा छिपाकर कपल्स के वीडियो शूट करने वाली गैंग ने कई खुलासे किए हैं। मास्टर माइंड इंजीनियरिंग की छात्रा राधा चौबे के बॉयफ्रेंड भूपेंद्र धाकड़ के मोबाइल में कई और कपल्स के निजी पलों के वीडियो मिले हैं। ये उन्होंने होटल विराट इन के रूम नंबर 203, 206 में शूट किए थे। लेकिन, होटल के रिसेप्शन से उन्हें इन कपल्स के मोबाइल नंबर नहीं मिल पाए थे, जिस कारण गैंग उनको ब्लैकमेल नहीं कर पाई। मास्टरमाइंड राधा, उसका बॉयफ्रेंड भूपेंद्र धाकड़ और तीसरा आरोपी बृजेश धाकड़ को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पूछताछ में पता लगा है कि राधा होटल में जाकर रूम बुक किया करती थी। उसके बाद उससे मिलने के बहाने आकर भूपेंद्र और बृजेश रूम में सही जगह का चुनाव कर बल्ब होल्डर वाला स्पाई कैमरा इंस्टॉल कर देते थे। फिर 7 दिन बाद लौटकर वही रूम बुक करते थे और स्पाई कैमरा निकालकर दूसरा इंस्टॉल कर देते थे। अब पुलिस इन वीडियो के संबंध में होटल में भी पड़ताल कर रही है। आशंका है कि होटल स्टाफ से भी कोई इस गैंग से जुड़ा हो सकता है। कपल्स ज्यादा आते थे इसलिए चुना यह होटलआरोपियों ने जेल जाने से पहले पुलिस अफसरों को बताया कि वे वीडियो शूट करने के लिए होटल विराट इन को ही चुनते थे। इसकी वजह यह है कि होटल सिटी सेंटर में है इसलिए यहां कपल्स काफी आते हैं। जिससे उन्हें आसान टारगेट मिल जाते थे। यहां के वीडियो तो मिल गए लेकिन रिसेप्शन पर सेटिंग न होने के कारण वहां रजिस्टर से उन कपल्स के मोबाइल नंबर नहीं मिल पाए थे। जिस कारण इन कपल्स को ब्लैकमेल नहीं कर पा रहे थे। सहेली के बॉयफ्रेंड को ही बना लिया टारगेटग्वालियर के चीनोर निवासी पुष्पेंद्र प्रजापति (27) रेलवे में कर्मचारी है। उसकी बहन ने एसएसपी को शिकायत कर बताया था कि कुछ लोग मेरे भाई को ब्लैकमेल कर रहे हैं। यदि उसे जल्दी बाहर नहीं निकाला गया तो वह सुसाइड जैसा कदम भी उठा सकता है। इसके बाद पुलिस ने पुष्पेंद्र से बात की तो उसने बताया कि वह 26 जुलाई 2025 को सिटी सेंटर को होटल विराट इन में गर्लफ्रेंड के साथ रुका था।रूम नंबर 203 में 5 घंटे गुजारे थे और इसके बदले मैंने मैनेजर मुकेश शर्मा को 1200 रुपए नकद दिए थे। यह रूम गर्लफ्रेंड की सहेली दतिया निवासी राधा चौबे ने बुक किया था। इसके बाद हम चले गए लेकिन कुछ दिन बाद अनजान नंबर से वॉटसएप मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि होटल विराट इन के रूम नंबर 203 में तुम्हारा गर्लफ्रेंड के साथ निजी पलों की पूरी रिकॉर्डिंग कर ली है। 1 लाख रुपए देने होंगे नहीं तो वीडियो वायरल कर देंगे। पुष्पेंद्र ने डर के कारण समय मांगा तो ब्लैकमेलर ने 3 दिन की मोहलत दी। 23 अगस्त को फिर कॉल आया। कहा- तू ज्यादा स्मार्ट बन रहा है, अब जीने नहीं देंगे। 30 मिनट में पैसे अकाउंट में डाल।' ब्लैकमेलरों ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र का अकाउंट नंबर भेजा और लगातार दबाव बनाया। डर के कारण पुष्पेंद्र ने पहले 5 हजार, फिर 45 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके बाद धमकी देकर 50 हजार रुपए और मांगे गए तो उसने अपने भाई को पूरी बात बता दी नंबर से पकड़ाया रैकेट, मास्टरमाइंड निकली छात्रापुष्पेंद्र को जिस नंबर से धमकी मिल रही थी उसे पुलिस ने ट्रैस किया। नंबर पुष्पेंद्र की गर्लफ्रेंड की सहेली राधा चौबे का निकला। दतिया के जुझारपुर निवासी राधा इंजीनियरिंग की छात्रा है। उसे राउंडअप किया तो पता चला कि ब्लैकमेलिंग में उसका बॉयफ्रेंड भूपेंद्र पिता राजेंद्र धाकड़ निवासी दुरावली का पुरा कैलारस (मुरैना) और उसका दोस्त बृजेश पुत्र सोनेराम धाकड़ निवासी कैलारस (मुरैना) शामिल था। इनको पकड़ा गया तो पूरा मामला खुल गया। एमबीए की फीस भरने करती थी ब्लैकमेलरैकेट की मास्टरमाइंड राधा ने पुलिस को कहानी सुनाई है कि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एमबीए करना चाहती थी, लेकिन उसके घर की हालत कुछ ठीक नहीं थी। जिस कारण उसने यह ब्लैकमेलिंग की प्लानिंग कर अपने बॉयफ्रेंड भूपेंद्र और उसके दोस्त बृजेश को इसमें शामिल किया था। पुलिस को आशंका है कि होटल स्टाफ में से भी कोई इस गैंग का सदस्य हो सकता है। फ्रॉड करने वाली सरगना के साथ भी हुआ धोखाहोटल में कपल्स के वीडियो शूट कर ब्लैकमेल करने वाली धोखेबाज इंजीनियरिंग की छात्रा राधा खुद अनजाने में धोखेबाजी का शिकार हो रही थी। उसका बॉयफ्रेंड भूपेंद्र धाकड़ खुद को कुंआरा बताकर उसे डेट कर रहा था। उससे शादी का वादा कर साथ रह रहा था। जब मामले का खुलासा हुआ तो उसकी हिस्ट्री खंगालने पर पता लगा कि वह शादी शुदा है। यह बात राधा को नहीं पता थी। होटल चेक इन करते वक्त ये रखें सावधानियां मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... बल्ब के होल्डर में लगाए कैमरे, कपल्स के बनाए VIDEO ग्वालियर में पुलिस ने होटल के कमरों में स्पाई कैमरे लगाकर कपल्स की वीडियो रिकॉर्डिंग करने वाली गैंग का खुलासा किया है। इस गैंग की मास्टरमाइंड इंजीनियरिंग स्टूडेंट राधा चौबे है। उसने अपने बॉयफ्रेंड और एक दोस्त के साथ मिलकर गैंग बनाई। पूरी खबर यहां पढ़ें...
उज्जैन में जैन साध्वी के साथ छेड़छाड़ करने वाले अधेड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। आरोपी का नाम मोहम्मद ताज पिता शफी है। सोमवार रात नमक मंडी में 2 जैन साध्वी मंदिर से उपाश्रय जा रहीं थीं। इस दौरान सड़क किनारे साध्वी नीचे ही रुकी हुईं थीं। तभी सफेद कुर्ता-पायजामा, काली टोपी और नीला गमछा पहने आराेपी आया और अभद्रता कर भाग निकला। शोर मचाने पर लोग एकत्रित हो गए। घटना को लेकर जैन समाज में रोष था। मामले की शिकायत खारा कुंवा थाने में श्रीपाल राजावत और ऋषभ देवजी छगन लालजी पेढ़ी ने की है। आरोपी के फोटो और वीडियो भी समाज ने पुलिस को उपलब्ध करवाए थे। जिसमें वह नमक मंडी से जाता हुआ दिखाई दे रहा था। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
सीहोर का मामला:फसल बीमा की राशि 100 और 1100 रुपए मिली, विरोध में सड़क पर लेटे किसान
पांच साल से फसलें खराब हो रही हैं। इसके बाद भी किसानों को बीमा की पूरी राशि नहीं मिली। किसी को 100 रुपए मिले, किसी को 250 से 1100 रुपए तक। इससे नाराज किसान पिछले एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को पीपलनेर गांव के किसानों ने सड़क पर लोट लगाकर विरोध जताया। किसानों ने लंबी रैली निकाली। फिर सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया। किसानों की मांग है कि सरकार खराब फसलों का सर्वे कराए। किसानों ने डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
व्यापमं फर्जीवाड़ा...:एफआईआर के 10 साल बाद अब 122 आरोपियों के खिलाफ तय होंगे आरोप
फर्जी तरीके से पीएमटी पास करने के मामले में एफआईआर होने के लगभग 10 साल बाद आरोप तय होंगे। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद एसआईटी से केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। जुलाई 2015 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था और 5 दिसंबर 2020 को कोर्ट में चालान पेश किया। 3 जुलाई 2025 को सीबीआई के मजिस्ट्रेट कोर्ट से केस कमिट हुआ और 26 जुलाई को प्रधान जिला न्यायाधीश के आदेश से केस विशेष ट्रायल कोर्ट सीबीआई पहुंचा। अब बहुत जल्द केस की सुनवाई होगी, जहां कुल 122 आरोपियों पर चार्ज लगाए जाएंगे। इनमें 9 से ज्यादा डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। चर्चित नामों में कांग्रेस विधायक फुंदेलाल सिंह के बेटे अमितेश कुमार, निगम अधिकारी (संविदा) डॉ. अतिबल सिंह यादव के बेटे अरुण यादव, लखनऊ की डॉ. स्वाति सिंह का नाम शामिल है। सबसे पहले 2013 में पुलिस थाना झांसी रोड में इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। एडवोकेट अभिषेक पाराशर ने बताया कि डॉ. स्वाति पर मोनिका यादव के स्थान पर पीएमटी देने का आरोप है। ये चर्चित नाम भी इस केस में आरोपी : डॉ. विजय सिंह, डॉ. उमेश कुमार बघेल, डॉ. अभिषेक सचान पुत्र सुरेंद्र नाथ सचान, अभिषेक सचान पुत्र रमेशचंद्र, डॉ.संजय वर्मा, डा. सुधीर सिंह, डॉ. उदय प्रताप सिंह, डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. हितेंद्र यादव, दीपक व राहुल यादव (दोनों पुत्र कप्तान सिंह), अजितेश सिंह यादव,संजय बाथम, अरुण यादव पुत्र अशोक सिंह, दिलीप मुजाल्दे, सतीश यादव, शैलेंद्र निरंजन, विंध्यवासिनी कुमार, विशाल यादव पुत्र मानसिंह यादव, सचिन यादव पुत्र विशाल सिंह यादव, रामकुमार सिंह यादव, रामराज सिंह यादव, विकास कुमार यादव, कुमार गौरव, चांद खान के नाम शामिल हैं।
पंजाब में बारिश और डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण 7 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। लेकिन नदियों में बढ़ रहा पानी का स्तर लगातार आगे बढ़ते हुए गांवों को चपेट में ले रहा है। बीते दिन जहां अमृतसर के अजनाला में 15 के करीब गांव चपेट में थे, अब ये आंकड़ा बढ़कर 25 के करीब पहुंच चुका है। इसी बीच हल्की राहत है कि राज्य में आज बारिश को लेकर कोई अलर्ट नहीं है। जम्मू-कश्मीर में भी आज बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। हालात सामन्य रहेंगे। जिससे रावी में आए उफान से हल्की राहत मिलेगी। लेकिन, डिस्ट्रिक मंडी सहित हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी है। अगर इन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई तो इसका असर ब्यास दरिया में देखने को मिलेगा। कल से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस होगा एक्टिव नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस कल से एक्टिव हो रहा है। जिसके बाद शुक्रवार से दोबारा से राज्य में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश से सटे इलाको में इसका अधिक असर देखने को मिलेगा। जबकि अन्य जिलों में भी सामान्य बारिश के आसार बन रहे हैं। पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी 1 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। एक दिन की राहत के बाद पंजाब में हालात फिर से असामान्य हो सकते हैं। 30 तक राज्य के स्कूल बंद पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कर्मचारियों -अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। प्रदेश के सभी 23 जिलों में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। 30 अगस्त तक सभी स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं। रावी-ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के 150 से अधिक गांव डूब गए हैं। यहां NDRF, SDRF और सेना को रेस्क्यू में लगाया गया है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के साथ-साथ पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा परिसर में पानी भर गया है। तस्वीरों में देखें बाढ़ के हालात बुधवार को बाढ़ की बढ़ी घटनाएं
मध्यप्रदेश में इस साल मूंग का उपार्जन लक्ष्य से दोगुना हो गया है। खरीदी बंद हुए 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी करीब 33 हजार किसानों को 800 करोड़ रुपये का भुगतान मिलना बाकी है। सरकार हर दिन 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर रही है, ऐसे में 7 से 10 दिन का और समय लग सकता है। हालांकि नर्मदापुरम, सागर और रायसेन जैसे जिलों में जांच में अमानक मूंग मिलने से कई किसानों का पेमेंट फंसने की आशंका है। बता दें कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 3.51 लाख मीट्रिक टन मूंग खरीदी का लक्ष्य दिया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने लक्ष्य से अधिक 7.65 लाख मीट्रिक टन मूंग खरीद ली। यानी 4.14 लाख मीट्रिक टन मूंग की अतिरिक्त खरीदी हुई। इससे राज्य सरकार पर 3594 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आया। अब राज्य सरकार जैसे जैसे मार्कफेड यानी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को पेमेंट कर रही है, वैसे वैसे किसानों को पैसा ट्रांसफर हो रहा है। इसमें अभी 10 दिन का समय और लग सकता है। चार जिलों में फंसा किसानों का भुगतान देर-सवेर ही सही, पर किसानों को मूंग का पेमेंट मिल रहा है। लेकिन नर्मदापुरम, सागर, रायसेन और जबलपुर के किसानों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, लक्ष्य से ज्यादा खरीदी गई मूंग का भुगतान राज्य सरकार को करना है। इसकी गुणवत्ता जांच का जिम्मा मध्यप्रदेश वेयरहाउस कॉर्पोरेशन को दिया गया है। जांच में इन जिलों के स्टेक (2–3 हजार क्विंटल के ढेर) में अमानक मूंग पाई गई। अब नियम ऐसा है कि मूंग में खराबी भले ही एक किसान की हो, लेकिन रिजेक्ट पूरा स्टेक होता है। ऐसे में रिजेक्ट हुए स्टेक में शामिल अन्य कई किसानों का भुगतान उलझ सकता है। अनुमान है कि इससे 200 से 250 करोड़ रुपये तक का पेमेंट फंस सकता है। 90 हजार किसान खरीदी से हुए थे बाहर मूंग बेचने के लिए 3.62 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी सिर्फ 2.72 लाख किसानों से ही हो सकी। यानी करीब 90 हजार किसान स्लॉट बुक न कर पाने की वजह से उपार्जन से बाहर हो गए थे। खरीदी का यह सीजन इसलिए भी अलग रहा क्योंकि पहली बार बरसात के बीच खरीदी हुई। लगातार बारिश से कई केंद्रों पर मूंग भीग गई, जिससे उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठे और किसानों की उपज रिजेक्ट हो गई। 21 जुलाई के बाद स्लॉट बुकिंग बंद हो गई। जिस पर किसानों का आरोप है कि सरकार इस बार पहले से ही मूंग नहीं खरीदने का मन बना चुकी थी, जिसके कारण इतनी सारी परेशानियां हुईं। विभाग को पत्र लिखा ^किसी एक किसान की अमानक मूंग के कारण पूरे स्टेक को कैंसिल करना व्यवहारिक नहीं है। इसमें उस किसान का भी पेमेंट फंस रहा है जिसकी मूंग अमानक नहीं है। हमने विभाग को पत्र लिखकर जल्द भुगतान की मांग की है।- सर्वज्ञ दीवान, अध्यक्ष मध्य भारत प्रांत, किसान संघ।
सौर-पवन ऊर्जा प्लांट:25 साल तक सालाना 65 करोड़ रुपए बचाएगा जल निगम
मप्र जल निगम को अपनी 147 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भविष्य में होने वाले बिजली बिल में बड़ी राहत मिलने जा रही है। कैबिनेट ने मंगलवार को जल निगम की 100 मेगावाट सौर ऊर्जा और 60 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र को मंजूरी दी है। इन दोनों परियोजनाओं के शुरू होने से अगले 25 साल में निगम को सौर ऊर्जा से 331.74 करोड़ और पवन ऊर्जा से 337.75 करोड़ रुपए की बचत होगी। जल निगम की सभी 147 योजनाएं पूरी होने में अभी करीब दो साल का वक्त लगेगा। इनके पूरे होने के बाद मप्र के 35 हजार से ज्यादा गांवों के 75 लाख परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए निगम को हर साल करीब 1200 करोड़ खर्च पड़ते। इन दोनों संयंत्रों के लगने से निगम को अगले 25 साल तक सौर ऊर्जा के लिए 3.14 रुपए प्रति यूनिट और पवन ऊर्जा से 4.14 रुपए प्रति यूनिट बिजली बिल देना होगा। मौजूदा दर के आधार पर निगम को 6.14 रुपए प्रति यूनिट बिजली बिल चुकाना पड़ता है। यानी सौर ऊर्जा से प्रति यूनिट 3 रुपए और पवन ऊर्जा से प्रति यूनिट 2 रुपए की बचत होगी, जो हर साल करीब 65 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस तरह की योजनाओं पर मप्र के सभी सरकारी विभागों में सबसे पहले भोपाल नगर निगम ने काम शुरू किया था। इसके बाद इंदौर नगर निगम ने भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया, लेकिन इसके लिए उन्हें 250 करोड़ रुपए का लोन भी लेना पड़ा। अब मप्र जल निगम तीसरा निगम मंडल होगा, जिसने अपने बिजली बिल की बचत करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र लगाने की योजना बनाई है। एमडी जल निगम केवीएस चौधरी ने बताया कि इन दोनों प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 745 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि, निगम को इसके लिए केवल 61 करोड़ रुपए ही खर्च करने पड़ेंगे। बाकी का पूरा खर्च वेंडर खुद उठाएगा। इसके अलावा दोनों संयंत्रों के मेंटेनेंस और उसके संचालन की जिम्मेदारी भी वेंडर की ही होगी। मंदसौर के सुवासरा में मिली 315 एकड़ जमीन सौर ऊर्जा के लिए मंदसौर कलेक्टर ने सुवासरा तहसील में 315 एकड़ जमीन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित कर दी है। सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए यह जमीन एक प्रक्रिया के तहत जल निगम को दी जाएगी। आने वाले कुछ दिनों में इस संयंत्र के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी। इस स्थान से करीब 8 किमी दूर ही 220 केवी का बिजली सब स्टेशन है। यानी सब स्टेशन में सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली पहुंचाने के लिए केवल 8 किमी लंबी बिजली केबल ही बिछानी होगी। पवन ऊर्जा के लिए स्थान का चयन विंड एटलस के आधार पर किया जाएगा। 60786 करोड़ से बन रही 147 परियोजनाएं मध्य प्रदेश जल निगम फिलहाल प्रदेश के 35 हजार से ज्यादा गांवों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए 60786 करोड़ रुपए खर्च कर 147 परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से 45 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जबकि 102 पर काम जारी है। इन्हें पूरा होने में अभी दो साल और लग सकते हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद प्रदेश के 75 लाख परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाने का दावा है।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही विद्युत खपत और भविष्य में बढ़ने वाली औद्योगिक मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार बिजली उत्पादन में कोयले पर अपनी निर्भरता बढ़ाने जा रही है। प्रदेश में 24 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के दो नए कोल आधारित थर्मल पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। अगले माह होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में ऊर्जा विभाग की ओर से इन दोनों थर्मल पावर प्लांट की मंजूरी का प्रस्ताव रखा जाएगा। कोल आधारित ये थर्मल पावर प्लांट अमरकंटक के चचाई और बैतूल के सारणी में स्थापित होंगे। दोनों ही सुपर क्रिटिकल यूनिट होंगी, जिनकी विद्युत उत्पादन क्षमता 660-660 मेगावाट होगी। प्रत्येक की लागत 12 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई है। इन थर्मल पावर प्लांट का निर्माण और संचालन मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड करेगी। इन प्लांट के लिए निर्माण पर होने वाले पूंजीगत व्यय का 70 प्रतिशत राशि बैंक लोन से जुटाया जाएगा। वहीं 30 प्रतिशत राशि मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड और एसईसीएल व डब्ल्यूसीएल (51:49 अनुपात) में साझा करेंगे। 10 साल में दोगुनी हो जाएगी प्रदेश में बिजली की मांग ऊर्जा विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी मंदार पुराणिक के मुताबिक प्रदेश में 2025 की स्थिति में रोजाना औसतन 20 हजार मेगावाट बिजली की मांग है। जबकि वर्तमान में प्रदेश की विद्युत उपलब्ध क्षमता लगभग 24 हजार मेगावाट है। इस लिहाज से मप्र अभी पावर सरप्लस स्टेट है। लेकिन वर्ष 2035 तक प्रदेश में विद्युत मांग 40 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। यानी अगले 10 साल में मप्र में बिजली की खपत दोगुनी हो जाएगी। इस लिहाज से विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर अभी से काम करने की जरूरत है। प्रदेश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण और बढ़ती शहरी आबादी के कारण अगले पांच साल में मप्र की घरेलू बिजली मांग तेजी से बढ़ेगी। इस कारण सरकार कोल आधारित विद्युत उत्पादन पर अपनी निर्भरता कम करने की स्थिति में नहीं है।
गोरखपुर के शहर के पार्क रोड पर करोड़ों की जमीन आजकल चर्चा में है। लगभग 95000 वर्ग फीट जमीन को फ्री होल्ड कराकर 2003 में उद्यमी ओमप्रकाश जालान की कंपनी ने रजिस्ट्री कराई थी। इसी जमीन पर पूर्व विधायक और सैंथवार समाज के नेता केदार सिंह 1980 से किराएदार के रूप में रहते थे। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उद्यमी के पक्ष में जमीन खाली करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया। केदार सिंह 2012 में दिवंगत हो चुके हैं। उनके परिवार ने जमीन व मकान खाली करने का कोर्ट में शपथ पत्र दे दिया है। लेकिन जमीन पर लड़ाई अभी जारी है। जमीन की यह लड़ाई अब सैंथवार समाज के इमोशन से जोड़ी जा रही है। यह इमोशन स्व. केदार सिंह के नाम से जुड़ा है। उनके निधन के बाद इसी परिसर में उनकी एक प्रतिमा लगाई गई थी जो आज भी है। अब यह बात सैंथवार समाज के बीच तेजी से फैल रही है कि यह प्रतिमा हटाई जाएगी। सैंथवार मल्ल सभा के पदाधिकारी स्व. केदार सिंह को सैंथवार समाज का मसीहा बता रहे हैं। ऐसे में यह सवाल आम चर्चा में है कि क्या स्व. केदार सिंह आज भी सैंथवार समाज के लिए भावनात्मक मुद्दा हैं? क्या उनकी प्रतिमा हटाई गई तो सैंथवार मतदाताओं में भावनात्मक ज्वार उमड़ेगा? हमने राजनीतिक विश्लेषकों, सैंथवार मल्ल सभा के पदाधिकारियों से बात कर इस सवाल का जवाब तलाशने का प्रयास किया। पहले जानिए क्या है जमीन का पूरा मामला पार्क रोड पर सिटी माल के बगल में स्थित यह जमीन कभी नजूल की हुआ करती थी। इसके जमींदार मुग्गन बाबू थे। 1980 में केदार सिंह पिपराइच से विधायक बने। 1982 में तत्कालीन डीएम के आदेश पर वह किराएदार के रूप में उन्हें रहने के लिए यह बंगला दिया गया। बदले में हर महीने 72 रुपये 30 पैसे मुग्गन बाबू को देने थे। स्व. केदार सिंह के बड़े पुत्र अजय सिंह उर्फ राकेश सिंह के मुताबिक 1999 में मुग्गन बाबू से सहमति लेकर अवधेश श्रीवास्तव और 2003 में समीर अग्रवाल ने जमीन फ्री होल्ड करा लिया। समीर उद्यमी ओमप्रकाश जालान की कंपनी में निदेशक हैं। उसके बाद भी केदार सिंह वहां रहते रहे। 2008 में फ्री होल्ड कराने वाले लोगों की ओर से स्थानीय दीवानी कोर्ट में खाली कराने के लिए वाद दाखिल किया गया। जवाबदेही में केदार सिंह ने फ्री होल्न्ड कराने वाले लोगों का किराएदार होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये अचानक आ गए, नोटिस भी नहीं दिए। 2012 में केदार सिंह का निधन हो गया। उसके बाद उद्यमी के पक्ष में एक्स पार्टी फैसला हो गया। उसके बाद हाईकोर्ट होता हुआ यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां से 6 फरवरी 2024 को आदेश दिया गया कि स्व. केदार सिंह के परिजन आवास 1 साल में खाली कर दें। केदार सिंह के एक बेटे अजीत लखनऊ में रहते हैं। उन्होंने मकान खाली कर देने का शपथ पत्र कोर्ट में दे दिया। उद्यमी को कब्जा नहीं मिला, जिसपर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का वाद दाखिल किया है। अब 9 सितंबर को सुनवाई होनी है। अब जानिए कि यह लड़ाई इमोशन से क्यों जोड़ी जा रहीसुप्रीम कोर्ट की ओर ये आवास खाली करने का आदेश आने के बाद अब कानूनी रूप से कोई इसपर टिप्पणी करने को तैयार नहीं है। वर्तमान में स्व. केदार सिंह के चारो पुत्रों में से कोई यहां नहीं रहता। लेकिन परिसर में पूर्व विधायक की प्रतिमा आज भी लगी है। उसी के बहाने सैंथवार समाज के कुछ लोग वहां दिनभर मौजूद रहते हैं। पुलिस भी नजर आती है। पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा आम हो गई कि मकान को तोड़ा जाएगा और स्व. केदार सिंह की प्रतिमा को वहां से हटाने की तैयारी है। इसको लेकर सैंथवार-मल्ल सभा सक्रिय हो गया। डीएम कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन किया गया और प्रतिमा न हटाने की मांग की गई। सोमवार को मौके पर जोरदार प्रदर्शन भी हुआ। मजिस्ट्रेट आए, पुलिस बुलानी पड़ी। 36 लोग हिरासत में भी लिए गए। अब यह मांग जोर पकड़ रही है कि स्व. केदार सिंह सैंथवार समाज के मसीहा हैं इसलिए उनकी प्रतिमा वहां से न हटायी जाए। यह समाज की भावनाओं से जुड़ी है। फ्री होल्ड जमीन पर पार्क बनाने की मांग सैंथवार मल्ल सभा के पदाधिकारी उस जमीन पर भव्य पार्क बनाने की मांग करने लगे हैं। यह पार्क स्व. केदार सिंह के नाम पर बनाने के लिए आवाज उठायी जा रही है। सीएम को ज्ञापन सौंपने की भी तैयारी है। सभा के लोगों का कहना है कि जब तमाम महापुरुषों के नाम पर पार्क हो सकता है तो सैंथवार समाज के महापुरुष के नाम पर क्यों नहीं? उनका कहना है कि योगी सरकार शहर को सजा रही है और सुंदर पार्क के लिए इससे अच्छी जगह और कोई नहीं हो सकती। सभा के लोग जानते हैं कि यह जमीन सरकारी नहीं है लेकिन वे इसका अधिग्रहण कर पार्क बनाने की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक फायदे-नुकसान की बात भी होने लगीसैंथवार-मल्ल सभा के अध्यक्ष गंगा सिंह सैंथवार बताते हैं कि स्व. केदार सिंह हमारे समाज के समीहा हैं। उनकी बदौलत ही सैंथवार समाज के लोगों को ओबीसी का आरक्षण मिला है और वे कई क्षेत्रों में आगे आए हैं। उनकी प्रतिमा समाज के लोगों की भावनाओं से जुड़ी है। इसे हटाना उचित नहीं होगा। हम इसका विरोध करेंगे। यहां उनके नाम पर भव्य पार्क बनाने की मांग हम करेंगे। यह पार्क शहर की खूबसूरती बढ़ाएगा। सैंथवार समाज के भावनाओं से जुड़ा होगा, उनकी आस्था इससे जुड़ी रहेगी। साथ ही शहर के लोगों का भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि आगामी राजनीति पर भी इसका असर पड़ेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश की 32 सीटों पर हमारी अच्छी-खासी संख्या है। यदि पार्क बनता है तो यह समाज सरकार का ऋणी रहेगा। मांग नहीं मानी गई तो सबकी भावनाएं आहत हो सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यहां की राजनीति प्रभावित हो सकती हैदीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं राजनीतिक विश्लेषक डा. अमित उपाध्याय इस घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूं तो सबको विधि और कोर्ट की बात माननी चाहिए। लेकिन भारतीय राजनीति अभी परिपक्व राजनीति नहीं बन सकी है। यहां मुद्दों से ज्यादा भावनात्मक एवं जाति का अधिक प्रभाव रहता है। यहां की राजनीति को जाति से अलग नहीं किया जा सकता है। वैसे भी स्व. केदार सिंह सैंथवार समाज के कद्दावर नेता थे। इस जाति के लिए उनके योगदान को यह समाज याद रखता है। सामान्य तौर पर भले ही उनकी याद न आती हो लेकिन जब उनके नाम से कोई विवाद जुड़ेगा तो यह सैंथवार समाज की भावनाओं को जरूर झकझोरेगा। ऐसे में यदि उनके नाम पर भावनात्मक कार्ड खेला गया तो आने वाले चुनावों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। जानिए अभी किसको मिलता है साथपूर्वी उत्तर प्रदेश की 32 विधानसभा सीटों पर सैंथवार मतदाताओं की संख्या प्रभावी मानी जाती है। इस समाज का बड़ा हिस्सा भाजपा का वोटर माना जाता है। इस समाज के नेताओं को भाजपा तवज्जो भी देती दिखती है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. धर्मेंद्र सिंह सैंथवार दो बार क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। पार्टी ने उन्हें एमएलसी भी बनाया है। महेंद्रपाल सिंह पिपराइच से लगातार दो बार से विधायक हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख के कई पद भी इसी समाज के लोगों के पास है। युधिष्ठिर सिंह लगातार कई वर्ष जिलाध्यक्ष रहे। यानी भाजपा इस समाज के वोटबैंक को साधे रखने के लिए भरपूर प्रतिनिधित्व दे रही है। देवरिया से 4 बार विधायक रहे सैंथवार नेता स्व. जन्मेजय सिंह भी भाजपा में थे लेकिन उनके पुत्र पिंटू सिंह अब सपा में हैं। सपा ने कुशीनगर से 2024 में उन्हें लोकसभा का टिकट दिया था। इस जिले में भी सैंथवार मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है। पिंटू जीतने में सफल नहीं हुए थे। महराजगंज जिले की पनियरा सीट भी भाजपा के पास है और इसी समाज का नेता यहां विधायक है। यह आम धारणा है कि सैंथवार मतदाताओं का बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ जाता है।अब जानिए कौन थे स्व. केदार सिंह पूर्व विधायक केदार सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश, विशेषकर गोरखपुर क्षेत्र के चर्चित नेता रहे हैं। उनका राजनीतिक सफर और सामाजिक योगदान क्षेत्रीय राजनीति और सैंथवार समाज के लिए ऐतिहासिक माने जाते हैं। 1980 में स्व. केदार सिंह विधायक चुने गए। 1989 में वह दोबारा विधायक बने। उन्होंने आरक्षण की लड़ाई लड़ी। मंडल कमीशन लागू होने के बाद जब वीपी सिंह की सरकार गिर गई तो उन्होंने गोरखपुर के तमकुही कोठी मैदान में उनकी सभा आयोजित कराई। इस सभा के वे संयोजक बनाए गए थे। आरक्षण के विरोध में गठित सवर्ण लिब्रेशन फ्रंट ने सभा को रोकने की कोशिश की। स्व. केदार के घर बम फेंकने की बात भी कही जाती है। वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भी काफी करीब रहे। अपने राजनीतिक जीवन में सबसे पहले वह कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह चंद्रभानु गुप्ता व सुचेता कृपलानी के करीब रहे। सैंथवार समाज को आरक्षण दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। अब स्व. केदार सिंह के परिवार के बारे में जानिए स्व. केदार सिंह की पत्नी भी अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके 4 बेटे व 1 बेटी है। सबसे बड़े बेटे अजय सिंह उर्फ राकेश सिंह हैं। केदार सिंह के निधन के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाकर दर्जा प्राप्त उप राज्य मंत्री बनाया था। वह आज भी सपा में सक्रिय हैं। केस में पैरवी भी वही करते हैं। उनके बाद अजीत सिंह हैं। वह व्यवसायी हैं और लखनऊ में रहते हैं। तीसरे नंबर के डा. आशीष सिंह पैत्रिक गांव राजेपुरा में ही रह रहे हैं। सबसे छोटे भाई अमित कुमार सिंह इंजीनियर हैं। इस समय वह बुगलुरू में ही शिफ्ट हैं। बहन नीता उसी परिसर में रहती हैं, जिसको लेकर विवाद है। उस जमीन पर दावा करते हुए उन्होंने भी दीवानी कोर्ट में वाद दाखिल किया है। हालांकि फ्री होल्ड कराने वाली कंपनी ने उन्हें पार्टी नहीं बनाया है।अब जानिए क्या कहता है परिवारस्व. केदार सिंह के बड़े पुत्र अजय सिंह कहते हैं कि उनके परिवार के साथ अच्छा नहीं हुआ। जिन लोगों ने फ्री होल्ड कराया, वे उद्यमी ओमप्रकाश जालान के लोग हैं। मुग्गन बाबू से सहमति के आधार पर फ्री होल्ड कराया गया। जबकि जमींदार के बाद दूसरा हक किराएदार का होता है। मेरे पिता को आश्वासन दिया गया था कि जिस मकान में वह रह रहे हैं, वह उन्हें दे दिया जागा। शेष जमीन वे लोग ले लेंगे। अजय का आरोप है कि काम हो जाने पर वे पलट गए। पिता जी ने 5 साल तक इंतजार किया। 5 साल बाद उद्यमी की ओर से जमीन खाली कराने के लिए कोर्ट में वाद दाखिल किया गया।उन्होंने बताया कि केस उनके पिता ही देखते थे। 2012 में जब उनकी मृत्यु हो गई तब तक हमें केस के बारे में जानकारी नहीं थी। हम पैरवी में नहीं जा पाए और एक्स पार्टी आर्डर हो गया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। हमें खाली करने को कहा गया। हम मकान खाली कर चुके हैं। हमने 5 जजों की बेंच में क्रिएटिव पिटीशन दाखिल की है और वह लिस्टेड भी है। मेरी बहन नीता भी उसी परिसर में रहती है। उसने भी दीवानी कोर्ट में वाद दाखिल किया है। उसपर फैसला नहीं आ सका है। पिता जी की प्रतिमा को लेकर लोग भावुक हैं। उन्हें चाहने वाले कुछ लोग ही वहां जाते हैं। हम चारो भाई वहां नहीं जाते। अब जानिए उद्यमी का पक्षउद्यमी ओम प्रकाश जालान कहते हैं कि रजिस्ट्री के बाद वह हमारी जमीन है। वहां लोग अवैध रूप से काबिज हैं। सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया गया कि उन्होंने मकान खाली कर दिया है लेकिन हकीकत में उसे खाली नहीं किया गया। हमने पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए रजिस्ट्री कराई। हमारी जमीन पर अवैध रूप से दुकानें खोल ली गईं। जहां तक स्व. केदार सिंह की पुत्री की बात है तो उनका कोई अधिकार नहीं है। जबरन हमारी जमीन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। आखिर कोई किराएदार किसी की जमीन पर मूर्ति कैसे लगा सकता है। यह काम उचित नहीं है। दबाव बनाकर जमीन खाली करने से बचा जा रहा है। हमें कानून व कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पुराने संसद भवन के डिजाइन की प्रेरणा मुरैना के चौसठ योगिनी मंदिर से ली गई है, जबकि नए संसद भवन का मॉडल विदिशा के बीजा मंडल मंदिर के आधार पर बना है। यह दिखाता है कि हमारे मंदिर भी लोकतंत्र का आधार बन सकते हैं। डॉ. यादव बुधवार को उज्जैन में दूसरी ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव- रूह-मान्टिक को संबोधित कर रहे थे। कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पहले जितने लोग सालभर में आते थे, उतने अब एक से डेढ़ हफ्ते में आ जाते हैं। सीएम डॉ. यादव ने प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के प्रभाव और उपलब्धियों से अवगत करवाया। उन्होंने प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ाने और गतिविधियों को संचालित करने का आग्रह किया।
बेअसर सख्ती:दो से तीन दिन कार्रवाई होकर रह जाती है , इससे अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद
यह तस्वीर मानसरोवर के आसपास की हैं। यहां से एक महीने पहले नगर निगम ने ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर कंडम वाहन हटाए थे, लेकिन अब वे फिर जम गए हैं। यह तस्वीर यहीं की नहीं बल्कि पूरे शहर की है। निगम ने जहां-जहां से वाहन हटाए थे, अब लगभग उन्हीं जगहों पर दोबारा वाहन जम गए हैं। भोपाल प्रशासन ने दो महीने पहले इसके खिलाफ अभियान शुरू किया था। इसके तहत सड़क और सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटाने के लिए 20 जून से कार्रवाई शुरू की गई थी। सबसे पहले बड़ी कार्रवाई टीटी नगर इलाके से की थी। अभियान को लगातार 15 दिन चलाकर शहर के सभी इलाकों से वाहनों को हटाया जाना था। इसके लिए नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, पुलिस, एसडीएम समेत सभी विभागों के अधिकारियों की टीम बनाई गई थी। हालांकि दोबारा से वही स्थिति बन गई है। तीन साल में चार बार कार्रवाई बीते तीन साल में चार से ज्यादा बार इसके खिलाफ अभियान चला चुके हैं, लेकिन इससे मुक्ति नहीं मिल पाई है। कंडम वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन हर बार कुछ दिन में ही मुहिम बंद हो जाती है। सख्ती नहीं होने के कारण लोग दोबारा से वाहन वहीं खड़े कर देते हैं। मुख्य रूप से गोविंदपुरा औद्योगिक गेट के पास, शाहजहांनाबाद चौराहे से नूर महल रोड, भोपाल टॉकीज चौहरा से शाहजहांनाबाद चौराहा, लाल मस्जिद से सैफिया कॉलेज रोड, पुराना कबाड़खाना से बड़वाले महादेव रोड, साई मंदिर रोड पर टीला थाने की ओर जाने वाला मार्ग, जेपीनगर से डीआईजी बंगला चौराहा, सपना लॉज अग्रवाल धर्मशाला से मिलन गार्डन के सामने, सेंट्रल लाइब्रेरी के पास इतवारा रोड, बरखेड़ी ऐशबाग फाटक के पास, मेहता मार्केट के सामने और कमला पार्क के पास सबसे ज्यादा सड़क और सड़क किनारे सबसे ज्यादा संख्या में कंडम गाड़ियां रखी हैं। इसके अलावा कॉलोनियों के अंदर भी कंडम गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इसके कारण एक्सीडेंट और ट्रैफिक की समस्या होती है। अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते हैं। जहां पुलिस या ट्रैफिक पुलिस की जरूरत होती है, वहां उनकी मदद ली जाती है। इसके बाद भी अगर दोबारा अतिक्रमण हो रहा है, तो हम ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर उसे हटाएंगे। - वरुण अवस्थी, अपर आयुक्त नगर निगम
मध्यप्रदेश में गुरुवार से फिर भारी बारिश का दौर शुरू होगा। मानसून ट्रफ की एक्टिविटी होने से खरगोन, खंडवा समेत 10 जिलों में तेज पानी गिर सकता है। वहीं, अगले 4 दिन कई जिलों में बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर थमा रहा, जो गुरुवार से फिर शुरू होगा। खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, भोपाल, इंदौर में रिमझिम बारिश हो सकती है। इससे पहले बुधवार को प्रदेश 12 जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का दौर बना रहा। इंदौर, उज्जैन और श्योपुर में आधा इंच पानी गिर गया। वहीं, सागर, शाजापुर, मंदसौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, धार, बालाघाट, खरगोन और रतलाम में भी हल्की बारिश हुई। भोपाल में दिनभर तेज धूप रही, लेकिन शाम को बादलों ने डेरा डाल दिया। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई है। बीचोंबीच से गुजर रही मानसून ट्रफसीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, बुधवार को एक मानसून ट्रफ प्रदेश के बीचोंबीच से गुजरी। एक अन्य ट्रफ की सक्रियता भी देखने को मिली। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो रहा है। इसका अगले कुछ दिन में असर देखने को मिलेगा। ऐसे में प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का दौर बना रहेगा। गुना-मंडला में 53 इंच से ज्यादा पानी गिराइस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां औसत 53.8 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 53.1 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 50.5 इंच, शिवपुरी में 49.9 इंच और रायसेन में 49.6 इंच बारिश हुई है।वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर सबसे आखिरी में है। यहां अब तक औसत 16.5 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 19 इंच, खरगोन में 19.1 इंच, खंडवा में 19.6 इंच और बड़वानी में 20.1 इंच पानी गिरा है। एमपी में अब तक 35.6 इंच बारिशप्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 35.9 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 29.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.7 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। इस हिसाब से कोटे की 97 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। 1.1 इंच बारिश होते ही इस बार भी बारिश का कोटा फुल हो जाएगा। पिछली बार 44 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। एमपी में इतनी हुई बारिश... ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतरएमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया में भी 96 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम... अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड... भोपाल में अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश हुई थीभोपाल में अगस्त में मानसून जमकर बरसता है। इस महीने राजधानी में औसत साढ़े 35 इंच तक बारिश हो चुकी है, जो साल 2006 में हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश करीब 12 इंच 14 अगस्त 2006 को हुई थी। पिछले सालों की बात करें तो 2015 और 2022 में 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल में इस महीने औसत 14 दिन बारिश होती है। इस दौरान 13 दिन तक पानी गिर जाता है। इंदौर में 1944 में गिरा था 28 इंच पानीइंदौर में अगस्त महीने में औसत 28 इंच बारिश का रिकॉर्ड है, जो साल 1944 में दर्ज किया गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 22 अगस्त 2020 को बनाया था। इस दिन साढ़े 10 इंच पानी गिरा था। पिछले 10 साल में दो बार 17 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में अगस्त महीने की औसत बारिश 10 से 11 इंच है। महीने में 12 से 13 दिन तक बारिश होती है। ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्डग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 10 अगस्त 1927 को बना था। सर्वाधिक मासिक बारिश वर्ष 1916 में 28 इंच हुई थी। इस महीने की औसत बारिश साढ़े 9 इंच है। एवरेज 12 दिन बारिश होती है। जबलपुर में 102 साल पहले गिरा था 44 इंच पानीजबलपुर में एक महीने में 44 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। 102 साल पहले यानी वर्ष 1923 में अगस्त महीने में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इस साल 20 अगस्त को 24 घंटे में ही 13 इंच बारिश हुई थी। यहां बादल फटने जैसी स्थिति बनी थी। जबलपुर में इस महीने की औसत बारिश 18 इंच है। करीब 16 दिन तक पानी गिरता है। पिछले 10 साल की बात करें तो साल 2019 में यहां 30.61 इंच बारिश हुई थी। उज्जैन में अगस्त में जमकर होती है बारिशउज्जैन में साल 2006 में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड बना था। इस साल अगस्त महीने में करीब 35 इंच बारिश हुई थी। इसी साल 24 घंटे में सर्वाधिक 12 इंच बारिश का रिकॉर्ड 10 अगस्त को बना था। उज्जैन में अगस्त की औसत बारिश 10 इंच है। 10 से 11 दिन यहां बारिश होती है।
भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा के बीच करीब 13 किमी लंबे मेट्रो ट्रैक पर चलने वाली ब्लू लाइन के लिए 550 स्थानों पर सॉयल टेस्टिंग का काम जारी है। करीब 1006 करोड़ रुपए खर्च कर बन रही ब्लू लाइन की शुरुआत रत्नागिरी तिराहा से जियो टेक्नीकल इन्वेस्टिगेशन (जीटीआई) करके की गई थी। मिट्टी का यह परीक्षण अब राजभवन के सामने से होते हुए डिपो चौराहा के आगे तक पहुंच गया है। इससे मेट्रो के एलिवेटेड ट्रैक के पिलर कहां बनेंगे और नींव कहां-कहां बनाई जाएगी, इसका पता चल जाएगा। फिलहाल 300 से ज्यादा स्थानों पर सॉयल टेस्टिंग की जा चुकी है, जिसके सैंपल लैब में भेजे गए हैं। यहां से आ रहीं रिपोर्ट के आधार पर डिपो चौराहा स्टेशन और जेके रोड स्टेशन की पाइल फाउंडेशन (नींव) का काम शुरू कर दिया गया है। इस रूट पर कुल 14 स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें एक स्टेशन कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर पर भी बनेगा। ये स्टेशन राजभवन के ठीक सामने होगा। 14वें स्टेशन के तौर पर बोगदा पुल (इंटरचेंज) सेक्शन बनाया जा रहा है, जहां करोंद चौराहा से एम्स के बीच बनने वाली ऑरेंज लाइन और भदभदा चौराहा से रत्नागिरी तिराहा के बीच चलने वाली ब्लू लाइन का इंटरचेंज होगा। यह एक ऐसा सेक्शन होगा, जहां यात्री एक मेट्रो से उतरकर दूसरी में सवार हो सकेंगे। पुल बोगदा के पास का हिस्सा सुभाष नगर से एम्स (प्रायोरिटी ट्रैक) के पास ही है, इसलिए इंटरचेंज सेक्शन पर भी जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरचेंज सेक्शन को अभी से डिजाइन करना पड़ेगा। ब्लू लाइन का डिपो सेक्शन भी सुभाष नगर ही होगा। इस लाइन का डिपो भी सुभाष नगर ही होगा लैब से लगातार आ रहीं रिपोर्ट के आधार पर डीटेल डिजाइन सर्टिफिकेशन (डीडीसी) भी किया जा रहा है। जहां-जहां की डीडीसी तय हो रही है, वहीं पर मेट्रो ब्लू लाइन के एलिवेटेड पियर्स बनाए जाएंगे। फिलहाल इसके लिए भदभदा चौराहा से लाल परेड ग्राउंड के बीच इसे फ्रीज कर दिया गया है। इस लाइन का डिपो भी सुभाष नगर ही होगा, जहां डिपो में ब्लू मेट्रो के जाने के लिए रैंप एरिया बनाया जाना है। इसके लिए भी यहां जीटीआई शुरू कर दिया गया है। ये हैं ब्लू लाइन के 14 स्टेशन भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रोशनपुरा चौराहा, कुशाभाऊ ठाकरे हॉल, परेड ग्राउंड, प्रभात चौराहा, गोविंदपुरा, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र, जेके रोड, इंद्रपुरी, पिपलानी और रत्नागिरी तिराहा। इससे पहले चार मेट्रो ट्रैक का काम कर चुकी है कंपनी मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि ब्लू लाइन को बनाने का काम मुंबई की अफ्कॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को करीब 1006 करोड़ रुपए में दिया गया है। ये कंपनी इससे पहले मुंबई, कोच्ची, दिल्ली और चेन्नई मेट्रो ट्रैक का काम भी कर चुकी है। इस कंपनी ने अपना कास्टिंग यार्ड जंबूरी मैदान पर बनाया है।
सामान लाने के बहाने लूटा मैजिक वाहन, कैश भी ले गए
गुनगा पुलिस ने एक मैजिक चालक की शिकायत पर दो युवकों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज किया है। आरोपियों ने एक स्थान से सामान लाने के लिए बैरसिया से लोडिंग मैजिक किराए पर बुक किया था। रास्ते में चालक से मारपीट की और उसे बंधक बनाकर उसका मैजिक, नकदी 15 हजार रुपए और सामान लूटकर ले गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। गुनगा थाना प्रभारी कृष्णा ठाकुर के मुताबिक, मूलत: विदिशा का रहने वाला 22 वर्षीय अभिषेक जाटव बैरसिया में रहकर लोडिंग मैजिक चलाता है। उसने पुलिस को बताया कि मंगलवार की शाम बैरसिया में उसके पास दो युवक पहुंचे थे। उन्होंने पीपलखेड़ा से सामान लाने के लिए 2200 रुपए में अभिषेक का मैजिक वाहन बुक किया था। विक्रम बंजारा नामक युवक उसके साथ मैजिक वाहन में सवार हो गया। उसका साथी बाइक से साथ चल रहा था। रास्ते में बातचीत के दौरान विक्रम ने खुद को शमशाबाद, विदिशा का रहने वाला बताया था। हाथ बांधकर फेंका ग्राम महोली के पास शाम करीब 7 बजे एक सुनसान स्थान पर विक्रम और उसके साथी ने मैजिक रुकवाया। दोनों ने अभिषेक के साथ मारपीट की। उसके हाथ बांधकर सड़क किनारे फेंककर मैजिक वाहन लेकर फरार हो गए। जैसे-तैसे अभिषेक ने अपने हाथ खोले और पुलिस तक पहुंचा। बताया गया है कि मैजिक में गाड़ी की लोन किश्त भरने के लिए 15,600 रुपए भी रखे थे। बदमाश वाहन के साथ नगदी और मोबाइल भी लूटकर ले गए। पुलिस अब विक्रम बंजारा नामक बदमाश और उसके साथी की तलाश कर रही है।
बिडला मंदिर के पास हादसा:नाश्ता करके घर लौट रहे बाइक सवारोंको कार ने मारी टक्कर, एक की मौत
दोनों दोस्त साथ में हुक्का लाउंज में करते थे नौकरी टीटी नगर से नाश्ता करके घर लौट रहे आर वन-5 बाइक सवार युवकों को बिडला मंदिर के पास सामने से आ रही कार ने जोरदार टक्कर मार दी। जिसमें बाइक चालक की मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा उसका साथी घायल है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस अरेरा हिल्स पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्ट मॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। अरेरा हिल्स पुलिस के मुताबिक भीम नगर निवासी 25 वर्षीय विपिन तिवारी अपने साथी चंद्रप्रकाश तिवारी के साथ टीटी नगर पंचानन बिल्डिंग के पास नाश्ता करने गया था। जहां से दोनों दोस्त करीब 7 बजे वापस लौट रहे थे। आर वन-5 बाइक विपिन चला रहा था। बिडला मंदिर के पास सामने से आ रही कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी। जिसमें दोनों दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने विपिन को मृत घोषित कर दिया। चंद्रप्रकाश की हालत गंभीर है। हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। दोनों दोस्त एक साथ एक हुक्का लाउंज में पर नौकरी करते थे। हाइवे पर कार पलटने से भोपाल के दो लोगों की मौत हरदा/ खिरकिया| हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे पर बुधवार को भिरंगी गेट के पास एक तेज रफ्तार अल्टो कार अनियंत्रित होकर तीन पलटी खाकर हाईवे से नीचे उतर गई। हादसा जर्जर सड़क पर गड्ढा बचाने की कोशिश में हुआ। कार में चार दोस्त सवार थे, जो सारंगपुर से घूमने निकले थे। हादसे में भोपाल के बैरागढ़ निवासी प्रकाश भील (52), अवधनारायण (65) और सारंगपुर निवासी काशीराम की मौत हो गई। वहीं, मंशाराम घायल हुआ, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दोस्त का इंतजार कर रहे एमसीए छात्र की बाइक बदमाशों ने लूटी
ऐशबाग के प्रभात चौराहे पर मंगलवार-बुधवार की रात दोस्त का इंतजार कर रहे एमसीए छात्र की बाइक तीन बदमाश लूटकर फरार हो गए। छात्र पहले अशोका गार्डन थाने गया, जहां से उसे ऐशबाग थाना भेजा गया। ऐशबाग पुलिस ने अज्ञात तीन बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उनकी तलाश जारी है। ऐशबाग पुलिस के मुताबिक, मूलतः बिहार का रहने वाला 20 वर्षीय चंदन मौर्य पटेल नगर में किराए पर कमरा लेकर रहता है। वह एक प्राइवेट कॉलेज से एमसीए कर रहा है। चंदन का दोस्त मंगलवार की रात ट्रेन से भोपाल आया था। उसने चंदन का घर नहीं देखा था, इसलिए उसे प्रभात चौराहे बुला लिया था। चंदन चौराहे पर खड़ा होकर दोस्त का इंतजार कर रहा था। तभी रात करीब 1.15 बजे तीन बदमाश पैदल आए। उन्होंने चंदन से बातचीत शुरू की। पहले उसे पिज्जा डिलीवरी बॉय बताया। इस बीच उनके बीच बहस हो गई। तभी एक बदमाश उसकी बाइक छीनकर भाग गया। उसके दोनों साथी अलग-अलग दिशा में भागे। घटना के बाद वह अशोका गार्डन थाने पहुंचा, जहां से उसे ऐशबाग भेजा गया।
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने बुधवार को एनकाउंटर में 4 नक्सलियों को मार गिराया है। मौके से बड़ी तादाद में हथियार बरामद किए गए हैं। नारायणपुर जिले और गढ़चिरौली बॉर्डर इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है। मामला गढ़चिरौली के कोपरशी गांव का है। मिली जानकारी के मुताबिक जवानों को नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया सोर्स से इनपुट मिले थे। गढ़चिरौली पुलिस की सी-60 कमांडो टीम को ऑपरेशन पर भेजा गया। टीम ने कोपरशी गांव के पास जंगल में सर्च शुरू किया, तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में नक्सली मारे गए हैं। वहीं बीजापुर में बुधवार को 81 लाख रुपए के 20 इनामी समेत 30 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। पुलिस और केंद्रीय बल अधिकारियों के सामने इन्होंने हथियार डाल दिए। इसमें DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर) सोनू हेमला उर्फ कोरोटी (8 लाख इनामी) ने अपनी पत्नी के साथ हथियार डाला है। अब जानिए एनकाउंटर स्पॉट से क्या-क्या मिला ? गढ़चिरौली पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ के बाद जब इलाके की तलाशी ली गई तो बड़ी संख्या में हथियार मिले हैं। इसमें 1 इंसास रायफल, 2 SLR और 1 थ्री-नॉट-थ्री रायफल शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि नक्सली इन हथियारों का इस्तेमाल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश थी। बरामद हथियारों से यह साफ है कि नक्सली लंबे समय से इस इलाके में सक्रिय थे। जंगल में अभी भी कुछ नक्सली छिपे हो सकते हैं। इसी वजह से सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर रखा है। ऑपरेशन अब भी जारी है। मुठभेड़ के चलते आसपास के गांवों में तनाव का माहौल है। बीजापुर में 30 नक्सलियों का सरेंडर इसके अलावा, कंपनी नंबर-02 के 5 सदस्य, ACM-02, एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-05, PLGA सदस्य-01, CNM सदस्य-02, जनताना सरकार उपाध्यक्ष-01, जनताना सरकार सदस्य-05, मिलिशिया प्लाटून सदस्य-02, DAKMS सदस्य-02 शामिल हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार का चेक पुनर्वास सहायता के रूप में दिया गया। इस दौरान दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, आईजी बीएस नेगी, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र यादव, कोबरा, केरिपु और DRG अधिकारी शामिल रहे। 2024 से अब तक 834 गिरफ्तार, 496 सरेंडर, 190 मारे गए 1 जनवरी 2025 से अब तक 331 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। 307 ने आत्मसमर्पण किया है। जबकि मुठभेड़ में 132 नक्सली मारे गए हैं। वहीं, 2024 की शुरुआत से अब तक कुल 834 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं। 496 ने आत्मसमर्पण किया है और 190 मुठभेड़ों में मारे गए हैं। यह बड़ी उपलब्धि- पुलिस पुलिस अधिकारियों ने कहा कि, यह आत्मसमर्पण बीजापुर जिले के नक्सल उन्मूलन अभियान में बड़ी सफलता है। नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कैम्प, सड़क, बिजली, पानी और शासन की योजनाओं से ग्रामीण अब विकास और शांति की राह चुन रहे हैं। क्यों छोड़ा संगठन?
चिंता बढ़ी:रुक-रुक कर बारिश होने से मच्छर तेजी से पनप रहे, भोपाल में डेंगू के अब तक 60 केस
स्वास्थ्य विभाग की लोगों से सतर्क रहने की अपील राजधानी में पिछले दिनों से कम बारिश होने के कारण डेंगू के मामले बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। इधर, चिकनगुनिया के केस भी लगातार बढ़ रहे हैं। मौसम के उतार-चढ़ाव और रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण मच्छर तेजी से पनपने लगे हैं और डेंगू-चिकनगुनिया का खतरा बढ़ रहा है। इस साल अगस्त 2025 तक डेंगू के 60 केस सामने आ चुके हैं। हालांकि इनमें 90 प्रतिशत मामलों में मरीज की स्थिति गंभीर नहीं पाई गई। मालूम हो कि पिछले साल अगस्त अंत तक डेंगू के 172 मरीज सामने आ चुके थे। चिकनगुनिया के केस 2024 में 45 थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 54 हो गई है। चिकनगुनिया के केसों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। अब तक शहर में 7,500 मरीजों की डेंगू और चिकनगुनिया जांच की जा चुकी है। वहीं मलेरिया की 1,99,580 जांचें हुईं, जिनमें से सिर्फ 7 मरीज पॉजिटिव पाए गए। मलेरिया विभाग का घर-घर सर्वे और जागरूकता अभियान मलेरिया विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे किया। जनवरी से अब तक कुल 3,21,789 घरों की जांच की गई, जिनमें 10,161 घर लार्वा पॉजिटिव पाए गए। कंटेनरों की जांच में 23,63,325 कंटेनर देखे गए, जिनमें से 11,450 कंटेनर लार्वा पॉजिटिव मिले। यह सीजन ज्यादा सतर्कता बरतने का सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि अब डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया का पीक सीजन शुरू हो चुका है। इस समय ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। अपने घर के आसपास मच्छर नहीं पनपने दें। समय-समय पर सफाई करते रहें और पानी जमा न होने दें। हो सके तो पूरी बाहों के कपड़े पहनें, विशेषकर बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। लार्वा न पनपे इसलिए एंटी लार्वा दवा का छिड़काव घर और आसपास करवाएं। ठंड लगकर बुखार आना, जोड़ों में दर्द, तेज सिर दर्द जैसे लक्षण हों तो डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज लें। कहां मिले मरीज? इस साल डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज साकेत नगर, महामाई का बाग, बरखेड़ी कला, बाघमुगालिया, अवधपुरी, शाहजहानाबाद और शहीद नगर जैसे इलाकों में पाए गए। स्वास्थ्य विभाग ने इन इलाकों में फॉगिंग और लार्वा नष्ट करने का काम बढ़ा दिया है। 15 जगह चालानी कार्रवाई नगर निगम ने भी अभियान चलाकर कार्रवाई की। जून से अगस्त के बीच 15 स्थानों पर अभियान चलाया गया और 15,700 रुपए का जुर्माना वसूला गया। यह कार्रवाई उन जगहों पर की गई, जहां लार्वा पाया गया या लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया।
बुधवार से पूरा शहर उत्सव के रंग में रंग गया। गणेश चतुर्थी पर ही शहरभर में छोटी-बड़ी करीब 4 हजार प्रतिमाओं की स्थापना हुई। शाम ढलते ही पंडाल रोशनी से दमक उठे। अटल पथ पर विराजित करने के लिए लड्डू गोपाल की प्रतिमा आई तो फूलों की बारिश और लाइटिंग के बीच गणपति बप्पा की जय-जयकार हुई। बप्पा के दर्शन के साथ लोगों ने उनकी तस्वीरें कैमरे में कैद की।
सरकारी जमीन की तलाश...:पुलिस के साये में 40 एकड़ जमीन नापी, अवैध कब्जों पर लगे लाल निशान
13 खसरों का होगा सीमांकन, पशुपालन विभाग का दावा- उसकी 99 एकड़ जमीन पर कई अवैध कब्जे जिला प्रशासन की टीम ने बुधवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कोकता के पास सरकारी जमीन की तलाश शुरू की। पशुपालन विभाग की शिकायत के बाद 99 एकड़ जमीन का सीमांकन शुरू किया गया है। पहले दिन 11 पटवारियों, 3 आरआई, दो नायब तहसीलदार और एक तहसीलदार ने करीब 40 एकड़ जमीनों की हदें तय की। इस दौरान जमीन पर चूना डालकर लाल निशान की लकड़ी गाड़ी गई। कुछ मकानों पर भी लाल निशान लगाए गए। इसमें कुछ कब्जे भी चिह्नित किए गए हैं। इधर जिला प्रशासन का कहना है कि अभी सिर्फ सीमांकन का काम किया जा रहा है। अतिक्रमण की लिस्ट बाद में तैयार की जाएगी। प्रशासन की टीम पता लगा रही है कि राजस्व रिकॉर्ड में जमीन किसकी है। अभी कब्जा किसका है। किसने बेचा और किसने कब्जा कराया। अभी की स्थिति में ग्रामीण इलाके से लेकर नगर निगम सीमा की जमीनों पर भी कब्जे की आशंका जताई जा रही है। यह पूरी कार्रवाई ड्रग्स तस्करी और दुष्कर्म मामले में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई है। पहले चरण में मछली परिवार के हथाईखेड़ा में कब्जे हटाए गए। अब दूसरा चरण शुरू हुआ है। निगम द्वारा बनाई दुकानें और पेट्रोल पंप भी दायरे में... पहले दिन सीमांकन में 3 कॉलोनियों के कुछ प्लॉट, रोड, खाली प्लॉट के साथ निगम द्वारा बनाई गई शॉप और पेट्रोल पंप भी आए हैं। प्रशासन टीएनसीपी और निगम से इनका रिकॉर्ड लेगा। यह भी पशुपालन विभाग की जमीन पर बताए जा रहे हैं। कब्जों की लिस्ट तैयार कर रिकॉर्ड निकालेंगेगोविंदपुरा एसडीएम रविश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहले दिन 40 एकड़ जमीन का सीमांकन हुआ है। पूरे इलाके में 13 खसरों की करीब 99 एकड़ जमीन को नापा जा रहा है। सीमांकन होने के बाद अतिक्रमण की लिस्ट तैयार की रिकॉर्ड निकाला जाएगा। सीमांकन में एक सप्ताह का समय लग सकता है। इसमें ग्रामीण के साथ ही नगर निगम सीमा की जमीनें भी आ रही हैं। 20 लोगों के नोटिस भेजे गए थे... पशुपालन विभाग का दावा है कि उसकी जमीन पर 20 लोगों ने कब्जा किया है। इसी आधार पर प्रशासन ने सभी को नोटिस जारी किए हैं। अभी 50 प्रतिशत काम हो पाया है। कार्रवाई अभी जारी रहेगी। सीमांकन के बाद आगे की कार्रवाई होगी...^पशुपालन विभाग द्वारा दिए गए खसरों की जमीनों का सीमांकन कर रहे हैं। कार्रवाई शुरू हो गई है। सीमांकन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
हरियाणा के सरकारी विभागों में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने 1495 करोड़ रुपए की गड़बड़ी पकड़ी है। यह रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा में पेश की गई। कैग की रिपोर्ट में बताया गया कि किस तरह अफसरों की लापरवाही से सरकार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और इनकम टैक्स का जुर्माना झेलना पड़ रहा है। गेहूं को तुलवाने के लिए लाने-ले जाने में ही करीब पौने 3 करोड़ खर्च कर दिए गए। यही नहीं, आढ़तियों को तय रेट से ज्यादा कमीशन बांटा गया। ठेकेदारों को प्रोजेक्ट कॉस्ट से ज्यादा पेमेंट की गई। ई–टेंडरिंग से बचने के लिए तक उसकी अमाउंट में हेराफेरी की गई। सरकार की आपकी बेटी-हमारी बेटी स्कीम में डबल आवेदनों को नहीं हटाया गया और LIC से 15 करोड़ से ज्यादा की पेमेंट करा दी गई। फेल प्रोजेक्ट पर भी अधिकारी करोड़ों रुपए फूंकते रहे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किस विभाग को अधिकारियों ने कैसे चूना लगाया... 1. स्थानीय निकाय विभाग में 3 खामियां मिलीं 2. फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग में 4 गड़बड़ियां पकड़ीं 3. सिंचाई विभाग में 2 गड़बड़ियां मिलीं लेबर विभाग में 731 करोड़ का फालतू इनकम टैक्स बनाकैग ने लेबर विभाग में 'भवन एवं अन्य संनिर्माण विभाग में कर्मकारी के कल्याण' योजना का ऑडिट किया। इसमें 2017-18 से लेकर 2021-22 तक पांच सालों की जांच में बड़ी खामी मिली। दरअसल, इस दौरान विभाग को 2153.11 करोड़ रुपए का लेबर सेस कलेक्शन हुआ। मगर, अधिकारियों ने कुल फंड 5.553.71 करोड़ रुपए में से केवल 1,656.78 करोड़ (29.83%) का ही यूज किया। बाकी पैसा विभाग के खाते में रहा, लेकिन समय पर इनकम टैक्स छूट के लिए आवेदन नहीं किया। जिस वजह से सरकार पर 713.25 करोड़ रुपए के इनकम टैक्स की देनदारी बन गई।
हरियाणा में सभी सरकारी विभागों में कुल मिलाकर करीब 4 लाख 25 पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। जबकि प्रदेश के 65 रोजगार कार्यालयों करीब 4 लाख 4 हजार बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं। ये चौंकाने वाले आंकड़े सरकार के ही हैं। सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने 11 अगस्त को लोकसभा में सवाल लगाया था। जिसके जवाब में हरियाणा की ओर से जानकारी भेजी गई। आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा विभाग से लेकर पुलिस तक में कर्मचारियों की कमी है। हरियाणा के सरकारी महकमों में जो पद खाली पड़े हैं, उनमें से शिक्षकों के 16,840 पद से लेकर आंगनबाड़ी वर्कर के 2856 और हेल्परों तक के 4809 पद खाली हैं। प्रदेश सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत करीब 1.29 लाख कर्मी भर्ती हैं। हालांकि HKRN के तहत लगे कर्मियों को नियमित कर्मियों के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है। सिरसा सांसद के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्री का जवाबसिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने 11 अगस्त 2025 को अतारांकित प्रश्न संख्या नंबर 3672 लोकसभा में रखा था। इसके लिए श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री से जवाब मांगा था कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कोई योजना बनाई गई हैं, तो इसका ब्योरा दें। इस पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री की ओर से जवाब में दिया गया कि सरकार हरियाणा राज्य सहित देशभर में विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं को लागू कर रही है। योजना, स्टार्ट अप एवं डिजिटल प्लेटफार्म एवं रोजगार मेलों के माध्यम से निजी एवं सरकारी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। 10 जुलाई 2025 तक हरियाणा में एनसीएस पोर्टल पर करीब 4.25 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। यह भर्तियां है कोर्ट में अटकीइंप्लॉमेंट एक्टिविस्ट श्वेता ढुल के मुताबिक हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) की ओर से निकाली गई असिस्टेंड डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (एडीए), असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, स्टेनो, एमपीएचडब्ल्यू, लैब टेक्निशियन या एमएलटी, चुनाव के समय निकाली गई ग्रुप-C की 24 हजार भर्ती कोर्ट में विचाराधीन है, जिसका रिवाइज रिजल्ट आएगा। इसके अलावा 2024 में निकली पुलिस की भर्ती भी विद-ड्रॉ कर ली गई। आईसीएस कोचिंग के डायरेक्टर परिमल कुमार बताते हैं कि कोर्ट केस के चलते एचएसएससी की करीब 10 हजार वेकेंसी अटकीं हुई है। कॉमर्स स्ट्रीम, जेबीटी मेवात कैडर, बिजली निगम में जेई व अन्य पदों की भर्ती शामिल हैं। 16 लाख युवाओं ने CET व HTET के पेपर दिएइस बार 13.49 लाख से ज्यादा युवाओं ने ग्रुप-सी की सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) का पेपर दिया है। सीईटी इस बार चार साल के बाद हुआ है। ऐसे में युवाओं में जोश था। युवाओं ने हर साल सीईटी लेने की डिमांड रखी है। यह परीक्षा दो दिनों में चार शिफ्टों में आयोजित हुई। इसी तरह 3.33 लाख अभ्यर्थियों ने दिया एचटेट (HTET) का पेपर दिया। इनका रिजल्ट अभी नहीं आया है। HKRN में सस्ते कर्मचारी रख रही सरकारसरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) में 3 लेवल पर करीब 1.29 लाख कर्मियों की भर्तियां कर रखी हैं। हाल ही में सरकार ने 5 साल का अनुभव पूरा कर चुके कर्मियों के लिए सेवा सुरक्षा की गारंटी दी है। 5 साल से कम अनुभव वालों की नौकरी पर खतरा है। HKRN के तहत रखे कर्मियों को नियमित कर्मियों के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है। ठीक उसी तरह जैसे गेस्ट टीचरों को नियमित टीचरों और कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर को नियमित एसोसिएट प्रोफेसर्स के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठा बेरोजगारी का मुद्दाकालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरलावा ने सीईटी हर साल कराने पर सरकार से जवाब मांगा था, ताकि युवाओं को मौका मिल सके। सीईटी के लिए 13,48,893 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 12,46,797 ने परीक्षा दी। HISF से हटाए जवानों के लिए जॉब सिक्योरिटी मांगीसोनीपत के भाजपा विधायक निखिल मदान ने विधानसभा में शून्यकाल में हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल (HISF) से हटाए गए कर्मियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन जवानों को स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के तौर पर जॉब सिक्योरिटी मिलनी चाहिए। ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो सरकार के समय में साल 2004 में HSISF की स्थापना की गई। तब लगभग 3,500 युवाओं को भर्ती किया गया। इसके बाद जब मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो जून 2005 में उसने HSISF अधिनियम को रद्द कर दिया। साथ ही नतीजा लगभग 3,500 जवानों की नियुक्तियां खारिज कर दी गईं। बाद में इनमें से कुछ को SPO के तौर पर एडजस्ट किया गया, लेकिन वेतन काफी कम है और नौकरी न तो नियमित है और न सुरक्षित।
रेडियस बढ़ाने के लिए अब दो पियर बनाए जाएंगे 90 डिग्री वाले ऐशबाग आरओबी की बड़ी खामी दूर करने की तैयारी शुरू हो गई है। बुधवार को भोपाल आई केंद्रीय एक्सपर्ट कमेटी ने निरीक्षण कर पीडब्ल्यूडी का प्रजेंटेशन देखा और रेडियस बढ़ाने पर जोर दिया। अभी इसका रेडियस महज 6 मीटर है। इसे बढ़ाकर 16.7 मीटर करने का फैसला लिया गया है। सुबह 10:30 बजे से दोपहर तक कमेटी ने आरओबी का निरीक्षण किया। साथ में रेलवे के इंजीनियर भी थे। रेलवे ने अतिरिक्त जमीन देने पर सहमति दी, जिसके बाद रेडियस बढ़ाने का निर्णय लिया गया। योजना के अनुसार, पुल बोगदा की ओर जाने वाले हिस्से में बाईं तरफ वॉल को डिजाइन कर घुमाव दिया जाएगा और दाईं तरफ रेडियस बढ़ेगा। रेडियस बढ़ाने के लिए अब दो पियर बनाने होंगे। कमेटी अगले दो दिन में फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेगी। रेलवे व सभी सदस्यों की सहमति के बाद काम शुरू किया जाएगा। ढलान ज्यादा होने से भी असुरक्षित हुआ आरओबी निरीक्षण में ढलान पर चर्चा नहीं हुई, जबकि आरोप पत्र में ढलान की खामी स्पष्ट लिखी है। आरोप है कि जीएडी (जनरल अरेंजमेंट डिजाइन) बनाते समय रेडियस, कर्व और टर्निंग के साथ ढलान पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐशबाग एप्रोच रोड में झुकाव 1:26 रखा गया है, जबकि यह 1:30 होना था। इससे ढलान ज्यादा हो गई और आरओबी असुरक्षित हो गया। एक महीने पहले बनाई थी कमेटी... दैनिक भास्कर ने मामले को सबसे पहले उठाया था। इसके बाद देश भर में यह चर्चा का विषय बन गया। इसके बाद 18 जुलाई 2025 को लोक निर्माण विभाग द्वारा एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई थी। इसमें सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) की ब्रिज डिवीजन के एचओडी राजीव गोयल को अध्यक्ष और 4 सदस्य बनाए गए थे।
हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत को पुलिस सुसाइड बता रही है। एसपी से लेकर डीजीपी तक मीडिया के सामने कह चुके हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में जहर के अंश मिले हैं। मौत के 15 दिन बाद वो पेस्टिसाइड विक्रेता सामने आया है, जिससे मनीषा ने एक लीटर कीटनाशक खरीदा था। दुकानदार देवेंद्र कुमार से पुलिस ने भी लंबी पूछताछ की है। उसे मनीषा के संस्कार के बाद ही छोड़ा गया। अब कई दिन बाद उन्होंने फिर से दुकान खोल ली है। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में देवेंद्र कुमार ने बताया-’मनीषा अकसर उनकी दुकान के सामने से पैदल गुजरती थी। उस दिन (11 अगस्त) दोपहर में करीब 2 बजे वो दुकान पर आई। बोली-अंकल जी, मोनो मिल जाएगी। मनीषा के हाव-भाव सामान्य थे। ऐसा कुछ लग नहीं रहा था, जिससे शक होता। इसलिए मैंने एक लीटर स्प्रे दे दिया। इन दिनों कपास, ग्वार व मूंग पर इसका स्प्रे होता है। मैंने सोचा किसान की बेटी है, परिवार वालों ने मंगवाई होगी। 14 अगस्त को पुलिस मेरी दुकान में पहुंची, मुझे तब पता चला कि उस बच्ची के साथ इतनी बड़ी अनहोनी हुई।’ मनीषा की मौत का अफसोस है। उससे भी ज्यादा अफसोस इस बात का है कि उसके संस्कार में नहीं जा सका, क्योंकि पुलिस पूछ-पड़ताल कर रही थी। जिस स्कूल में पढ़ाती थी, उससे करीब 100 मीटर की दूरी पर दुकानमनीषा जिस प्ले-वे स्कूल में पढ़ाई थी, वो सिंघानी-सिवानी रोड से निकलने वाली गली में अंदर करीब 100 मीटर की दूरी पर है। स्कूल गेट से बाईं ओर मुड़कर आइडियल नर्सिंग कॉलेज की तरफ सड़क जाती है। स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही देवेंद्र खाद-बीज भंडार है। जहां से उस दिन मनीषा ने कीटनाशक स्प्रे खरीदा था। मनीषा हर रोज स्कूल से छुट्टी के बाद इसी दुकान के आगे से गुजरकर नर्सिंग कॉलेज के गेट तक जाती थी। जहां से वो अपने गांव ढाणी लक्ष्मण जाने के लिए कॉलेज की बस में बैठती थी। पुलिस अभी तक इस सवाल से टाल रही कि स्प्रे की बोतल बरामद हुई या नहींलापता होने के दो दिन बाद 13 अगस्त को खेतों में मनीषा की लाश मिली थी। गर्दन पर गहरा घाव था और लगभग कट चुकी थी। तब पुलिस इसे हत्या का मामला मान रही थी। लाश मिलने के दिन पुलिस ने मौके से कीटनाशक स्प्रे की कोई बोतल मिलने की बात सार्वजनिक नहीं की थी। 21 अगस्त को DGO शत्रुजीत कपूर से भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब सवाल किया कि घटनास्थल से स्प्रे की बोतल बरामद हुई थी क्या? इस उनका कहना था कि यह सभी चीजें जांच में आएंगी। अभी तक सीन ऑफ क्राइम पर कुछ डिब्बे आदि मिले हैं। इससे संबंधित कौन सा है यह जांच का विषय है। वहीं, एसपी सुमित कुमार ने बताया था कि वहां मौके पर जितने बॉक्स मिली हैं, उनके बैच नंबर व जिस दुकान से खरीदी हैं, उसके बैच नंबर के लिए कंपनी से मैच किया जा रहा। उसके बार कंफर्म होगा। हालांकि यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब जानिए दुकानदार के मुताबिक 11 अगस्त को क्या हुआ था…गांव सिंघानी के देवेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 2 साल पहले सिवानी रोड पर किराये की दुकान लेकर देवेंद्र खाद बीज भंडार शुरू किया था। अगले महीने दुकान शुरू किए 2 साल पूरे हो जाएंगे। मनीषा 11 अगस्त को स्प्रे लेकर गई थी। समय तो पूरा ध्यान नहीं है, लेकिन करीब 1 बजकर 55 के आसपास लेकर गई थी। मोनो स्प्रे फसलों की ग्रोथ के लिए आती है, वह ली थी। इसकी ग्वार, कपास व मूंग में स्प्रे होती है। दुकान पर आकर बोली-एक लीटर की मोनो मिल जाएगीदेवेंद्र कुमार ने बताया कि मनीषा पैदल अकेले ही दुकान पर आई। बोली-अंकल, मोनो मिल जाएगी एक लीटर। मैंने कहा- बेटा मिल जाएगी। इसके बाद वह 600 रुपए की मोनो स्प्रे लेकर गई थी। मनीषा ने यह तो नहीं बताया कि वह किस काम के लिए लेकर जा रही। मनीषा का हाव-भाव सामान्य था, कोई घबराहट नहीं थीदेवेंद्र कुमार ने बताया कि मनीषा के हाव-भाव से तो कुछ नहीं लगा। कोई घबराहट भी नहीं दिखी। सामान्य लग रही थी। हाव-भाव से कुछ लगता तो हम उससे पूछते कि बेटा क्यों चाहिए और क्या बात है। जो मोनो स्प्रे दी थी, उसकी रजिस्टर में एंट्री भी की हुई है। हालांकि मनीषा से यह नहीं पूछा कि वह किस काम के लिए लेकर जा रही है। मनीषा पैदल ही मोनो स्प्रे की बोतल लेकर चली गई। 14 अगस्त को पुलिस दुकान पर पहुंची, कई दिन पूछताछ चलीमनीषा के जाने के बाद मैं अपने काम में व्यस्त हो गया। 14 अगस्त को पुलिस मेरी दुकान पर आई। मैंने पुलिस को दुकान का रिकॉर्ड दिखा दिया। रजिस्टर व बिल पुलिस के पास जमा करवा दिए गए। दुकान में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। उसके बाद कई दिन पूछताछ का दौर जारी रहा। जितनी मुझे जानकारियां थी और रिकॉर्ड था, मैंने पुलिस को दिया। मनीषा की मौत का अफसोस, किसी के बच्चे के साथ ऐसा न होदेवेंद्र कहते हैं कि जब मनीषा की मौत का पता लगा तो मुझे काफी अफसोस हुआ। जब किसी के बच्चे के साथ इस तरह की घटना होती है तो दुख होता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर में जहर के अंश होने की बात लिखीमनीषा के शव का पहले भिवानी सिविल अस्पताल, फिर पीजीआई रोहतक और उसके बाद एम्स दिल्ली में पोस्टमॉर्टम हुए हैं। भिवानी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद फॉरेंसिक जांच के लिए विसरा के 10 सैंपल मधुबन लैब भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में इंसेक्टिसाइड के अंश मिलने की बात कही गई। एम्स में भी सैंपल लिए गए, हालांकि ये सैंपल भिवानी पुलिस को सौंप दिए गए। पुलिस ये सैंपल CBI को सौंपेगी। CBI अपने हिसाब से किसी लैब में इनकी जांच कराएगी। एक्सपर्ट बोले- ये कीटनाशक पीने से 15 मिनट से 4 घंटे में मौत संभवकृषि और कीटनाशकों से जुड़े एक्सपर्ट कहते हैं कि मोनो स्प्रे पर लाल निशान होता है। जो अत्यधिक विषैला की श्रेणी में आता है। हालांकि इसकी गंध हल्की होती है। ये कीटनाशक इंसानों के नर्वस सिस्टम को सीधे प्रभावित करता है। अगर गलती से त्वचा के संपर्क में आ जाए तो जलन, चक्कर, पसीना आना व कमजोर के लक्षण दिखते हैं। यदि सांस के साथ नाक-मुंह के अंदर चली जाए तो सिरदर्द, मिचली, नजर धुंधली होना या सांस लेने में दिक्कत होती है। निगलने से उल्टी, बेहोशी, दिल की धड़कन रुकने से लेकर मृत्यु तक संभव है। कीटनाशक पीने से 30 मिनट से 4 घंटे के भीतर मौत संभव है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि स्प्रे करते समय हमेशा मास्क, दस्ताने और चश्मा पहनें। -------------- मनीषा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... मनीषा की मौत का केस CBI को ट्रांसफर:देर रात CM की मंजूरी के बाद फाइल भेजी गई; DGP समेत 3 लोग बने अहम कड़ी भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को ट्रांसफर कर दी गई है। सरकार ने देर रात इस मामले से जुड़ी फाइल CBI को भेज दी। भिवानी पुलिस की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद CBI जल्द ही केस की जांच शुरू कर सकती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को इस केस को CBI को सौंपने का ऐलान किया था। पूरी खबर पढ़ें...
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के चंडीगढ़ मौसम केंद्र ने गुरुवार (28 अगस्त) के लिए हरियाणा में कोई अलर्ट जारी नहीं किया। हालांकि, 13 जिलों में बूंदाबांदी जरूर हो सकती है। इनमें पंचकूला, अंबाला, करनाल, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 31 अगस्त से प्रदेश में तेज बारिश होगी जो 3 दिन जारी रहेगी। प्रदेश में इस सीजन सामान्य से अधिक बारिश हुई है। सबसे अधिक बारिश यमुनानगर में, जबकि सिरसा में सबसे कम बारिश दर्ज हुई है। संक्षिप्त में जानिए, बुधवार को क्या-क्या हुआ... अगले 3 दिन कैसा रहेगा मौसम...
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान हुआ है। करीब 1400 करोड़ रुपए की सड़कें, पुल आदि टूट गए हैं। राज्य में अब तक 310 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 369 लोग घायल हैं और 38 लापता हैं। 1240 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। इनमें 331 घर पूरी तरह से टूट चुके हैं। पंजाब में भारी बारिश के कारण नई दिल्ली-कटरा वंदे भारत समेत 18 ट्रेनें अगले आदेश तक कैंसिल कर दी गईं। रिजर्वेशन टिकट वाले पैसेंजर्स का पूरा पैसा रिफंड किया जाएगा। वहीं, जम्मू-कश्मीर में बारिश से जुड़ी दुर्घटनाओं में 41 लोगों की मौत हो गई। वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में जान गंवाने वाले 34 लोगों में से 24 की पहचान हो गई है। इनमें से 14 महिलाएं हैं। पीड़ित राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र के हैं। 10 अज्ञात मृतकों में चार महिलाएं हैं। नॉर्दर्न रेलवे ने जम्मू और कटरा से आने-जाने वाली 58 ट्रेनें रद्द कर दी गईं। देशभर में बाढ़-बारिश की तस्वीरें... देशभर के राज्यों में बारिश का डेटा, मैप से समझें... राज्यों में बारिश का हाल शहरों में बारिश का डेटा
राजधानी सहित देशभर के एम्स में फैकल्टी तेजी से नौकरी छोड़ रहे हैं। भोपाल एम्स में बीते दो साल में 10 डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ी है। यहां कुल 71 पद हैं। जिनसें से 23 प्रतिशत अभी भी रिक्त बने हुए हैं। एम्स छोड़ने वालों में डॉक्टर सचिन बंसल, डॉ. मनोज नागर, डॉ. अजय हलदर, डॉ. सरन, डॉ. गौरव, डॉ. अंकित, डॉ. महेंद्र जैन, डॉ. दिनेश, डॉ. निलेंद्र राय सहित अन्य डॉक्टर हैं। इनका साफ कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में वेतन एम्स की तुलना में 4 से 10 गुना तक ज्यादा है। एम्स में सुविधाओं की भी कमी है। आवास ढंग के नहीं हैं। हाउस रेंट अलाउंस बेहद कम है। रिसर्च में ज्यादा फोकस न होने के कारण भी डॉक्टर्स को समस्या आ रही है। अन्य एम्स में और बुरे हालात दरअसल, एम्स दिल्ली में 1,306 स्वीकृत फैकल्टी पोस्ट हैं। इनमें से 462 (35%) रिक्त हैं। एम्स भुवनेश्वर में 103 (31%) पोस्ट खाली हैं। अन्य एम्स में भी खाली फैकल्टी पोस्ट का प्रतिशत 20% से 35% के बीच है। नर्सों, ओटी तकनीशियनों और अन्य महत्वपूर्ण कर्मचारियों सहित कई नॉन-फैकल्टी पद भी खाली पड़े हैं। 2022 से 2024 के बीच देशभर के करीब 20 एम्स से कई डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल कहलाए जाने वाले एम्स 52 से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। व्यवस्था ठीक करने भोपाल समेत 15 एम्स के अध्यक्ष इसी महीने बदले गए हैं।
नए एमएलए रेस्ट हाउस बनाने के लिए मौजूदा रेस्ट हाउस को अगले महीने तोड़ना शुरू किया जाएगा। विधायकों से आवास खाली कराए जा रहे हैं। लेकिन, पीडब्ल्यूडी के राजधानी परियोजना डिवीजन ने इन बिल्डिंग की कीमत का आकलन नहीं किया है। यानी अभी यह नहीं बताया जा सकता कि जिन तीन बिल्डिंगों को तोड़ा जा रहा है, उनसे कितना मलबा और अन्य मटेरियल निकलेगा। यह अनुमान लगाने के बाद ही बिल्डिंग तोड़ने का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है। इससे बिल्डिंग तोड़ने वाला कांट्रैक्टर मलबा और अन्य मटीरियल बेच सकता है, जिससे विभाग को लागत कम आती है। सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल और स्मार्ट सिटी में भी ऐसा ही किया गया था। अभी 23 आवास होना है खाली नया रेस्ट हाउस बनाने के लिए पुराना पारिवारिक ब्लॉक और विधायक विश्राम गृह खंड-1 के साथ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तोड़ा जाना है। पुराना पारिवारिक ब्लॉक और विवि गृह खंड-1 में 36 विधायक में से 13 ने आवास खाली कर दिए हैं। 23 अन्य आवास भी इसी महीने खाली हो जाएंगे। तोड़ने के बाद बेचेंगे मलबा ^विधायकों के आवास खाली होने के बाद बिल्डिंग तोड़ी जाएगी। जो कॉन्ट्रैक्टर निर्माण कर रहा है, वही इसे तोड़ेगा। बिल्डिंग तोड़ने के बाद मलबे की बिक्री करेंगे। -अजय श्रीवास्तव, एक्जीक्युटिव इंजीनियर पीडब्ल्यूडी (सीपीए)
आयरलैंड में जन्मा ‘मावलिन’ मप्र का स्टार परफॉर्मर, कई देशों में दिखाया दम घुड़सवारी की दुनिया में देश का नंबर-1 घोड़ा इस वक्त भोपाल में है। नाम है- मावलिन। उम्र 12 साल, कद 6.5 फीट और कीमत 70 लाख रुपए। घोड़ा ‘मावलिन’ का जन्म आयरलैंड में हुआ लेकिन अब यह मध्यप्रदेश राज्य घुड़सवारी अकादमी, बिशनखेड़ी का स्टार परफॉर्मर है। इसे लंबी दौड़, नदी और ऊंची-ऊंची दीवारें लांघने में महारत हासिल है। यह अब तक 7 इंटरनेशनल और 20 नेशनल मेडल जीत चुका है। एशियन चैम्पियनशिप का प्रतिनिधित्व कर चुके राजू सिंह इसके मुख्य राइडर हैं। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने 2007 में मप्र राज्य घुड़सवारी अकादमी की स्थापना की थी। इसकी शुरुआत 10 घोड़ों से अंकुर मैदान पर हुई। बाद में बिशनखेड़ी में शिफ्ट हुई। अब देश की महत्वपूर्ण अकादमी बन चुकी है। एशियन चैम्पियनशिप सहित कई देशों में चमके यहां के घोड़े घुड़सवारी सबसे कठिन, प्रतिष्ठित ओलंपिक इवेंट है। इसमें घोड़ा और घुड़सवार कई बाधाएं पार करते हैं। इनमें नदी-नाले, ऊंची दीवारें लांघना और लंबी दौड़ के साथ जंपिंग भी अहम है। यही कारण है कि इस इवेंट के लिए ऑलराउंडर घोड़ों की जरूरत होती है। अकादमी में ऐसे छह ऑलराउंडर घोड़े है- मावलिन, मातकाली, प्रियंका, कैरेबियन बॉय, जावा और शिवालिक। इनकी जयपुर में ट्रेनिंग चल रही है। क्योंकि वहां की रेतीली जमीन बरसात में भी अभ्यास के लिए अनुकूल होती है। हाल में खरीदे गए तीन विदेशी घोड़ेअकादमी ने 2023 में तीन विदेशी घोड़े खरीदे हैं। इनमें मावलिन-जावा को आयरलैंड से, जबकि ल्यूक को जर्मनी से लिया गया है। जावा 7 साल और ल्यूक 12 साल का है। अकादमी के खाते में 300 मेडलमप्र घुड़सवारी अकादमी ने साल 2024-25 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 7 मेडल और राष्ट्रीय स्तर पर 28 मेडल जीते। कुल मिलाकर अकादमी के खाते में अब तक 300 से ज्यादा मेडल दर्ज हो चुके हैं। राजू और मावलिन की जोड़ी स्टार है।
सत्ता और सिस्टम की मर्यादा भंग:मुद्दा खाद था; विधायक-कलेक्टर ने एक-दूसरे को चोर कहा, औकात पूछी
भिंड में भाजपा विधायक और कलेक्टर के बीच मारपीट तक की नौबत भिंड में बुधवार को भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव आपस में भिड़ गए। विधायक सुबह 10:30 बजे कलेक्टर के बंगले पर खाद की किल्लत की शिकायत लेकर पहुंचे थे। मामला इतना गरमाया कि कहासुनी हाथापाई तक पहुंच गई। कलेक्टर ने विधायक की ओर उंगली उठाई तो कुशवाह ने भी मुक्का तान दिया। दोनों पक्षों के सुरक्षाकर्मियों को बीच-बचाव किया। विधायक ने कलेक्टर के बंगले के बाहर ही धरना शुरू कर दिया। गेट के सामने टेंट और माइक मंगवा लिया। कलेक्टर के ट्रांसफर की मांग की। तीन घंटे बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और प्रभारी मंत्री ने समझाइश की तो कुशवाह धरने से उठे। दरअसल, बुधवार सुबह विधायक ने कलेक्टर को फोन कर खाद की समस्या बताई। बातचीत से विधायक संतुष्ट नहीं हुए, तो कलेक्टर के बंगले पहुंच गए। यहां कलेकटर से बहस हो गई। कलेक्टर ने अपने मोबाइल से वीडियो बनाना चाहा तो विधायक ने मोबाइल में रिकॉर्डिंग बंद करा दी। कलेक्टर ने तल्ख लहजे में कहा- ‘औकात में रहकर बात करो।’ विधायक भड़के- ‘औकात किसे बता रहे हो, तू हमें नहीं जानता।’ कलेक्टर ने जवाब दिया- ‘रेत चोरी नहीं चलने दूंगा।’ विधायक ने पलटकर कहा- ‘सबसे बड़ा चोर तू है।’ खाद के बीच रेत का मामला आया कहां से?... कलेक्टर ने भिंड में नियुक्ति के बाद अवैध रेत खनन पर कार्रवाई की। हाल ही में दो नाके लगाए, जो संयोग से विधायक कुशवाह के विस क्षेत्र में हैं। विधायक ने कहा कि रेत रोकने के लिए नाके सिर्फ भिंड विस क्षेत्र में ही क्यों लगाए गए, भारौली में क्यों नहीं? यह मंत्री राकेश शुक्ला का क्षेत्र है। आईपीएस को भी थप्पड़ मारने का आरोप... कुशवाह पर 2012 में तत्कालीन एएसपी जयदेवन ए को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था। तब होली के दौरान शराब बिकने की शिकायत पर एएसपी ने छापा मारा था।
स्कूल में वैदिक समूह गान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया
लुधियाना| वेद प्रचार मंडल के तत्वावधान में स्व. निधि आहूजा स्मृति में बीसीएम आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, शास्त्री नगर में वैदिक समूह गान प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ विद्यालय के मानद सचिव कैप्टन विजय सयाल, डॉ. परमजीत कौर, सीए अमरजीत कंबोज और डॉ. रितेश सूद ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. गुरविंदर जीत सिंह संधू, प्रिंसिपल एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज ने की। मुख्य अतिथि डॉ. विनीत कुमार, संयुक्त आयुक्त नगर निगम और विशिष्ट अतिथि डिप्टी मेयर प्रिंस जौहर रहे। समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और शिक्षा जगत की कई हस्तियां भी मौजूद रहीं। प्रतियोगिता में 15 विद्यालयों के 192 प्रतिभागियों ने वैदिक संस्कार और समकालीन विषयों पर आधारित गान प्रस्तुत किए। प्रथम पुरस्कार एवं चल विजय पहाड़ बीसीएम आर्य मॉडल स्कूल, द्वितीय पुरस्कार डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, तृतीय पुरस्कार बीसीएम स्कूल बसंत एवेन्यू तथा प्रताप पब्लिक स्कूल को मिला। विजेताओं को डॉ. विनीत कुमार, प्रिंस जौहर और आहूजा परिवार ने पुरस्कार प्रदान किए।
राधा अष्टमी की तैयारियों में जुटे सेवक
लुधियाना| गोविंद गोधाम में 31 अगस्त को श्री राधा अष्टमी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। अशोक धवन और सुंदर दास धमीजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लंगर, दर्शन, छबील, जोड़ा घर और पार्किंग के लिए सेवक टीमें बनाई गईं। कार्यक्रम में श्री राधा रानी के चरण दर्शन और फूल बंगला उत्सव होगा। आयोजन श्री गोविंद गोधाम सेवक एवं श्री राधा रानी फूल बंगला उत्सव कमेटी की ओर से किया जा रहा है। श्रद्धालुओं में उत्सव को लेकर उत्सुकता है। अशोक धवन ने कहा कि राधा अष्टमी के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से प्रकाशित होता है और किशोरी जू की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु गोधाम अवश्य आएं। तैयारियों में मनोहर वर्मा, वरिन्दर गुप्ता, राजू, सोनी वालिया, प्रवीण मुकीम, रमण अग्रवाल, राज वर्मा, अभिषेक सिंगला, वीके पुरी और शाम लाल कपूर मौजूद रहे। गोविंद गोधाम में राधा अष्टमी उत्सव के लिए की मीटिंग में सदस्य।
सामाजिक कार्यों के लिए संस्था सम्मानित
लुधियाना| दिव्यांगजन सेवा और सामाजिक कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिए भगवान महावीर सेवा संस्थान और इसकी महिला शाखा को हेल्पफुल एनजीओ वेलफेयर सोसायटी ने सम्मानित किया। वर्ष 2005 से सक्रिय भगवान महावीर सेवा संस्थान जरूरतमंदों की सेवा कर रहा है। वहीं महिला शाखा की अध्यक्ष नीलम जैन के नेतृत्व में टीम बीते 10 वर्षों से मानव सेवा प्रकल्पों में काम कर रही है। हेल्पफुल एनजीओ के संस्थापक दीपक गर्ग और टीम ने अभिनंदन किया। संस्था सेवाभावी संगठनों के साथ मिलकर नए प्रकल्प शुरू करेगी।
गायत्री परिवार ने दिव्य ज्योति कलश यात्रा निकाली
भास्कर न्यूज | लुधियाना युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा 1926 में प्रज्वलित अखंड ज्योति कलश यात्रा गणेश चतुर्थी पर लुधियाना पहुंची। 22 से 24 अगस्त तक बीआरएस नगर और सेक्टर-32 में गायत्री परिवार ने इसका श्रद्धापूर्वक स्वागत किया। इस दौरान दीपयज्ञ, यज्ञ, मंत्रोच्चार और जाप हुआ। गायत्री महिला मंडल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और पूजा-अर्चना में भाग लिया। शांतिकुंज हरिद्वार से आए मंगतराम शर्मा और उनकी टोली ने प्रेरक भूमिका निभाई। गायत्री परिवार लुधियाना के परिजनों के घरों पर भी कलश की पूजा हुई। भक्तों ने इसे अपने जीवन को आलोकित करने का संकल्प बताया। कार्यक्रम में अखिल भारतवर्षीय श्री खांडल विप्र महासभा शाखा, लुधियाना के अध्यक्ष पूर्णमल रूंथला, मनोज चोटिया, राजू शर्मा, मूलचंद शर्मा, रवि शर्मा, अनादि शर्मा, अभिषेक शर्मा, कैलाश शर्मा, सुनील शर्मा, शंकर सैन, ओमप्रकाश सैन, दीपक रूंथला, संजय शर्मा समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु मौजूद रहे। गायत्री माता के उपासक विकेश शर्मा ने कहा कि यह दिव्य रथ यात्रा न केवल पूरे भारत में बल्कि विश्वभर में घूमकर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण कर रही है। गुरुदेव का सपना मनुष्य में देवत्व का जागरण और धरती पर स्वर्ग का निर्माण इस पावन यात्रा के माध्यम से साकार होता दिख रहा है। दिव्य ज्योति कलश यात्रा के दर्शन करते श्रद्धालु।
अमर शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारे में जप तप समागम का आयोजन किया गया
भास्कर न्यूज| लुधियाना अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी गुरुद्वारा साहिब में बुधवार को जप तप समागम का भव्य आयोजन हुआ। इसमें लुधियाना के अलावा दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और आसपास के शहरों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। समागम की शुरुआत श्री जपजी साहिब, श्री चौपाई साहिब और श्री सुखमनी साहिब के पाठ से हुई। इसके बाद पूरी संगत ने एक स्वर में वाहेगुरु का सिमरन किया और बाबा दीप सिंह जी के नाम का जाप किया। बारिश की बूंदों ने मौसम को भले ही भिगो दिया, लेकिन संगत की आस्था पर असर नहीं पड़ा। सिर पर रुमाल, होंठों पर सिमरन और आंखों में विश्वास लिए श्रद्धालु अपने स्थान पर टिके रहे। स्त्री सत्संग सभा की बहनों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को प्रभु के चरणों से जोड़ा। मेरे बाबा जी मेहर करो, अब तब जब कब, तू ही-तू ही जैसे शबदों से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु हरमीत कौर ने बताया कि वह पिछले पांच साल से इस समागम में सेवा निभा रही हैं। उनके अनुसार, यहां छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी सेवा में हिस्सा लेते हैं। कोई लंगर बनाता है, कोई पानी परोसता है और कोई जोड़ों की सेवा करता है। गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य सुखविंदर पाल सिंह सरना, नवप्रीत सिंह बिंद्रा, हरप्रीत सिंह राजधानी और अमरजीत सिंह टिक्का ने बताया कि संगत की संख्या इतनी अधिक हो जाती है कि कई श्रद्धालु सड़कों पर बैठकर भी हाज़िरी लगाते हैं। संगत के लिए कड़ी-चावल का विशेष लंगर तैयार किया गया। सेवादार दिन-रात सेवा में जुटे रहे। शाम चार बजे अंतिम अरदास के साथ समागम का समापन हुआ। बोले सो निहाल... सत श्री अकाल के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। श्रद्धालु संतोष और श्रद्धा के साथ लौटे कि उन्होंने सच्चे मन से सिमरन किया और बाबा दीप सिंह जी के चरणों में अपनी आस्था अर्पित की।
भास्कर न्यूज | लुधियाना विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा नानकसर कलेरा में सचखंड निवासी संत बाबा नंद सिंह जी की 82वीं बरसी के अवसर पर बुधवार को चौथे दिन विशाल नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन की शुरुआत होते ही बरसात होने लगी, लेकिन बारिश भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी। लाखों की संख्या में देश-विदेश से आई संगतें सतनाम वाहेगुरु और बाबा नंद सिंह जी तेरी जय होवे के जयकारे लगाती हुई नगर कीर्तन में शामिल हुईं। पवित्र पालकी साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप सजाकर नगर कीर्तन की रवानगी हुई। पालकी साहिब को फूलों से सजाया गया। संगत पालकी साहिब के दर्शन करने के लिए उत्साहित रही। संत बाबा घाला सिंह जी और संत बाबा गुरजीत सिंह जी ने गुरु साहिब को पालकी साहिब में बिराजमान करवाया। संगतों ने पालकी को अपने कंधों पर उठाकर नगर कीर्तन की शुरुआत की। पालकी साहिब पर पूरे रास्ते फूलों की वर्षा होती रही। नगर कीर्तन श्री सच्चखंड साहिब से रवाना होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा और सरोवर की परिक्रमा के बाद सच्चखंड साहिब में संपन्न हुआ। इस दौरान गतका पार्टियों ने शानदार कौशल का प्रदर्शन किया। श्रद्धालु यह प्रदर्शन देखकर भाव-विभोर हो उठे। पूरे नगर कीर्तन के दौरान जयकारों और शब्द गायन से वातावरण धार्मिक रंग में रंग गया। संगत ने उत्साह और श्रद्धा के साथ बाबा नंद सिंह जी तेरी जय होवे का शबद गाया। बरसी समागम में अलग-अलग कीर्तन जत्थों ने पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का गुणगान किया। कीर्तन से संगतें निहाल हुईं। लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होकर बाबा नंद सिंह जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। श्रद्धालुओं का यह अपार सैलाब देखकर हर कोई दंग रह गया। संत बाबा घाला सिंह जी ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि धन्न धन्न बाबा नंद सिंह जी नाम-सिमरन के धनी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सेवा और भक्ति को समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि आज नानकसर साहिब में जुटी यह भारी संगत बाबा नंद सिंह जी की आत्मिक कमाई का प्रमाण है। उन्होंने संगत को आशीर्वाद दिया और कहा कि जो श्रद्धालु इस बरसी अवसर पर गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर नतमस्तक हुए हैं, वे वास्तव में भाग्यशाली हैं। गुरुद्वारा नानकसर कलेरा श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना रहा।
राष्ट्रीय खेल दिवस... रांची में कल से 3 दिवसीय खेल उत्सव, 1 100 खिलाड़ियों की दिखेगी प्रतिभा
रांची| राष्ट्रीय खेल दिवस को लेकर राजधानी रांची में 29 से 31 अगस्त तक तीन दिवसीय खेल उत्सव का आयोजन होगा। इस दौरान शहर के विभिन्न स्टेडियम और मैदानों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम की जानकारी खेल निदेशक शेखर जमुआर ने बुधवार को खेल निदेशालय मोरहाबादी में दी। उन्होंने बताया कि उत्सव में एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल, तीरंदाजी, बैडमिंटन और तैराकी प्रतियोगिताएं होंगी। इन खेलों में राज्य के डे बोर्डिंग सेंटर, आवासीय केंद्र, सेंटर फॉर एक्सीलेंस, खेलो इंडिया सेंटर और साई सेंटर से लगभग 1100 खिलाड़ी और करीब 40 तकनीकी पदाधिकारी तथा सपोर्ट स्टाफ हिस्सा लेंगे। प्रतियोगिता का उद्घाटन खेल मंत्री सुदिव्य कुमार मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम में करेंगे। वहीं, समापन समारोह भी 31 अगस्त को भी इसी स्टेडियम में होगा। उत्सव के दौरान पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसे सभी जिलों में जिला खेल पदाधिकारी संचालित करेंगे, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। तीन करोड़ के पुरस्कार खेल निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत में खेल नीति 2024-25 के तहत खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान तीन करोड़ से अधिक की राशि का नगद पुरस्कार के रूप में वितरित की जाएगी। इसमें से 39 लाख रुपए बेहतर प्रशिक्षकों को दिए जाएंगे। साथ ही कई खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले माह से पूरे राज्य में टैलेंट हंट कार्यक्रम चलाया जाएगा।
सतर्कता क्षमता निर्माण को लेकर सेल एमटीआई में कार्यशाला , प्रतिभागी शामिल
रांची | केंद्रीय सतर्कता आयोग के तत्वावधान में सतर्कता जागरुकता सप्ताह अभियान के तहत तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम बुधवार को सेल-एमटीआई में हुआ। इस महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण पहल में विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी संगठनों के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम सीवीसी द्वारा संरचित प्रशिक्षण के लिए सुझाए गए दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर सीधे ध्यान केंद्रित करता है। जांच और रिपोर्ट के अलावा आरोप-पत्र तैयार करना है। ये क्षेत्र प्रतिभागियों को प्रभावी सतर्कता कार्य के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मौके पर ए.के. कनौजिया (अपर सचिव, सीवीसी), बानी ब्रत रॉय (पूर्व संयुक्त सचिव, सीवीसी), एस. एन. गुप्ता (सीवीओ, सेल), ए.के. पांडे, ईडी (सतर्कता, सेल), अनूप कुमार और संजय धर मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन-कार्य एवं विकास एमटीआई शामिल हुए। सीवीसी के अपर सचिव ने सतर्कता जागरुकता सप्ताह 2025 के विषय सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला। समावेशी एवं सहभागी सतर्कता को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया।
श्रद्धालुओं की आपत्ति पर पुलिस की कार्रवाई, त्योहार पर मांसाहारी बिक्री पर रोक
लुधियाना| थाना डिवीजन नंबर-1 की पुलिस ने मंगलवार को रेखी सिनेमा के बाहर लगी अंडे और मीट की रेहड़ी को बंद करवाया। दरअसल, गणेश चतुर्थी के अवसर पर आसपास के श्रद्धालुओं ने आपत्ति जताते हुए पुलिस से मांग की थी कि धार्मिक माहौल को देखते हुए मांसाहारी सामान की बिक्री रोकी जाए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और रेहड़ी संचालक को समझाते हुए बिक्री बंद करने के निर्देश दिए। अधिकारियों का कहना है कि त्यौहारों के समय धार्मिक स्थल और जुलूस मार्ग के पास इस तरह की दुकानों को अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि त्योहारों पर धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी है। वहीं, पुलिस ने आश्वासन दिया है कि शहर में गणेश चतुर्थी के दौरान संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाएगी ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।
बिहार से पशु लाने वाले व्यापारियों से वसूली और तस्करी करनेवालों को छूट का आरोप
विशेष संवाददाता| रांची रांची के पशु व्यापारियों का धंधा बंद होने के कगार पर पहुंच गया है, क्योंकि, बिहार के विभिन्न हाट-बाजार से गाय-भैंस खरीद कर लाने वाले व्यापारियों से रास्ते में अवैध वसूली तेज हो गई है। यह आरोप झारखंड राज्य पशु विक्रेता संघ ने लगाया है। संघ के महासचिव दिलीप यादव ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि झारखंड और बंगाल में सरकार द्वारा चलाई जा रही पशुधन योजना के लिए अधिकतर व्यापारी बिहार से पशु लाते हैं। हरेक सप्ताह तीन से चार खेप पशु को लाया जाता है जो एनएच होकर गुजरता है। इस दौरान हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, रामगढ़ सहित अन्य जिलों में पशुओं को लेकर आने वाले वाहनों को रोककर अवैध वसूली की जा रही है। स्थानीय पुलिस और पशु तस्करों का गैंग जबरन पशु वाहन रोककर कागजात की जांच करता है। कागजात होने के बावजूद प्रति वाहन एक से डेढ़ लाख रुपए की मांग करता है। पैसे नहीं देने पर पशुओं को गौशाला भेज दिया जाता है और गाड़ी को जब्त करके व्यापारी को जेल भेज दिया जाता है। कई बार पशु पकड़ने के बाद तस्कर उसे बाहर भेज देते हैं। पशुओं को बांग्लादेश भेज रहे हैं तस्कर संघ का कहना है कि रात के अंधेरे में थाना की मदद से बड़े-बड़े कंटेनर में लदे पशुओं को बंगाल होते हुए बांग्लादेश भेजा जा रहा है। रोजाना करीब 50 कंटेनर हजारीबाग, गिरिडीह व धनबाद के रास्ते आसनसोल बंगाल के बार्डर से बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। तस्करी के खेल में यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल के दर्जनों पशु तस्कर सहित कई नेता व स्थानीय दागी छवि के लोग शामिल हैं। संघ ने दुधारू पशुओं को लाने वाले व्यापारियों की रक्षा करने और तस्करों पर लगाम लगाने की अपील की है।
सेल ने नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों के लिए 8000 टन क्रिटिकल स्टील की आपूर्ति की
विशेष संवाददाता|रांची भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक और महारत्न कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों, आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों युद्धपोतोंे के लिए सेल ने करीब 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति की है। कंपनी ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ साझेदारी करते हुए, अपने बोकारो, भिलाई और राउरकेला स्टील प्लांट्स से क्रिटिकल ग्रेड की हॉट-रोल्ड शीट और प्लेट्स की आपूर्ति की है। इसके साथ ही इस महारत्न कंपनी ने रक्षा क्षेत्र के साथ अपनी महत्वपूर्ण साझेदारी जारी रखी है। सेल की यह पहल सीधे तौर पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ और मेक इन इंडिया पहलों से जुड़ी हुई है। अकेले राउरकेला स्टील प्लांट के ‘स्पेशल प्लेट प्लांट ने टैंक, युद्धपोतों और मिसाइलों जैसे रक्षा अनुप्रयोगों के लिए एक लाख टन से भी अधिक क्रिटिकल–ग्रेड स्टील की आपूर्ति की है।
झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय कार्यालय का उद्घाटन
रांची | गणेश चतुर्थी पर झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन का नवनिर्मित प्रांतीय कार्यालय मारवाड़ी भवन परिसर में उद््घाटन हुआ। शुभारंभ सम्मेलन के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष भागचंद पोद्दार ने फीता काटकर व श्री गणेश प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि यह नया कार्यालय संगठन के कार्यों को और अधिक सशक्त, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाएगा। मौके पर निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया, कमल कुमार केडिया, चंडी प्रसाद डालमिया, सज्जन पाड़िया, मनोज चौधरी व अन्य थे।
लालबाग के राजा की तर्ज पर गणपति ने दिए दर्शन
मेनरोड में गणेश पूजा समिति द्वारा 5 दिवसीय गणेश महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया है। काल्पनिक पंडाल में मुख्य आकर्षण का केंद्र लालबाग के राजा की तर्ज पर गणपति विराजे हैं। पहला दिन कलश स्थापना कर पूजा की गई। गुरुवार को महाआरती होगी। रांची | पहाड़ी मंदिर विकास समिति द्वारा गणेश चतुर्थी पर महाकाल बाबा का गणपति स्वरूप में शृंगार किया गया। भोले की फौज ने भजन-कीर्तन किया।
चैंबर चुनाव 21 को स्वर्णभूमि बैंक्वेट हॉल में, नए को-चेयरमैन बने विकास
सिटी रिपोर्टर | रांची झारखंड चैंबर के वर्तमान सत्र के कार्यसमिति की 15वीं बैठक बुधवार को चैंबर भवन में अध्यक्ष परेश गट्टानी की अध्यक्षता में हुई। चुनाव पदाधिकारी पवन शर्मा ने बताया कि चैंबर की 61वीं वार्षिक आमसभा 20 सितंबर को चैंबर भवन में और चुनाव 21 सितंबर को स्वर्णभूमि बैंक्वेट हॉल में होगा। चुनाव की तैयारियों पर चुनाव कमेटी जल्द बैठक करेगी। कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से पूर्व अध्यक्ष विकास सिंह को चुनाव का नया को-चेयरमैन मनोनीत किया। महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने चैंबर की वार्षिक रिपोर्ट का अनुमोदन कराया। सह सचिव विकास विजयवर्गीय ने आगामी माह में खेलगांव में आयोजित होनेवाली डिफेंस एक्सपो में अधिकाधिक संख्या में उद्योग जगत को शामिल होने की अपील की। सह सचिव नवजोत अलंग ने नए सदस्यता के आवेदन को प्रस्तुत किया, जिसे स्वीकृति दी गई। बैठक में कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने चैंबर के वित्तीय वर्ष 2024-25 के ऑडिटेड बैलेंस शीट को प्रस्तुत किया गया, जिसे कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से स्वीकृत किया। चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि सभी के सहयोग से ही पिछले वर्ष महासचिव और इस वर्ष अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल को सुचारू रूप से चलाने में सफलता मिली है। वर्तमान सत्र में सभी जिलों के चैंबर से समन्वय बनाकर फेडरेशन के स्वरूप को वृहत बनाने की कोशिश की गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम आए हैं।
तीसरे दिन भी आशा वर्करों का रोष, सरकार को 31 तक का अल्टीमेटम
भास्कर न्यूज|लुधियाना आशा वर्कर्स फैसिलिटेटर्स सांझा मोर्चा पंजाब के आह्वान पर 27 अगस्त को तीसरे दिन भी राज्यभर में रोष प्रदर्शन जारी रहा। मोर्चे की अगुवाई चार कन्वीनरों अमरजीत कौर-रण सिंह वाला (एटक ग्रुप), राणों खेड़ी गिल्लां (ग्रुप सतीश राणा), हरिंदर कौर शतराणा (सीटू) और संतोष कुमारी फिरोजपुर ने की। कन्वीनरों ने कहा कि आशा वर्करें बिना नियमित वेतन के भी स्वास्थ्य विभाग और जनता के बीच सेतु का काम करती रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मेहनत और योगदान को नजरअंदाज कर रही है। जनरल सचिव बलवीर कौर गिल ने बताया कि तीसरे दिन भी सरकार का कोई प्रतिनिधि बातचीत के लिए नहीं आया। यदि 31 अगस्त तक बैठक बुलाकर हल नहीं निकाला गया तो मुख्यमंत्री भगवंत मान के हलके संगरूर में घेराव या स्थायी मोर्चे का एलान किया जाएगा। वर्करों ने अपनी मांगें दोहराते हुए कहा कि उन्हें छठे वेतन आयोग के तहत कम से कम 26 हजार रुपए वेतन पर रेगुलर किया जाए, कटे भत्ते बहाल किए जाएं, फैसिलिटेटर का मानदेय दुगुना किया जाए, केंद्र से मिलने वाला 1000 रुपए भत्ता बढ़ाकर 10 हजार किया जाए, शहरी क्षेत्रों में भर्ती खोली जाए और सेवानिवृत्ति पर 5 लाख रुपए सहायता व पेंशन दी जाए। वर्करों का कहना है कि अगर सरकार ने मांगें न मानीं तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
विराजे गणपति बप्पा... देर रात तक दर्शन
रांची गणेश चतुर्थी पर बुधवार को घर-घर में गणपति बप्पा का स्वागत किया गया। विभिन्न समितियों द्वारा बनाए गए पंडालों में पूजा-अर्चना व महाआरती की गई। दिनभर गणपति बप्पा के जयकारों से शहर गूंजता रहा। शास्त्री मैदान चुटिया में भव्य काल्पनिक मंदिर, ओटीसी में शिवलिंग पर आधारित पंडाल समेत सभी पंडालों में बप्पा के दर्शन के लिए देर रात तक श्रद्धालु पहुंचे। कचहरी रोड में बने पंडाल में झारखंड की संस्कृति को देखने के लिए भक्तों की कतारें लगी रहीं। एल्बर्ट एक्का चौक पर बने पंडाल का प्रारूप देखने दूर-दराज से भी श्रद्धालु पहुंचे। शहर में 50 से ज्यादा पूजन पंडालों में भक्तों ने भगवान का दर्शन किए। श्री श्री गणेश पूजा समिति, साउथ रेलवे चुटिया में भी देर रात तक भक्त आते रहे। साउथ रेलवे कॉलोनी, ओटीसी ग्राउंड, डोरंडा व अन्य जगहों पर मेला का आयोजन किया गया है।
लैंड पुलिंग पर सवाल...:केंद्रीय गृहमंत्री के सामने सरकार ने रखा पक्ष
उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में लैंड पुलिंग का मामला अब दिल्ली पहुंच गया है। भारतीय किसान संघ की शिकायत पर मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने मप्र सरकार से जानकारी ली। सिंहस्थ क्षेत्र में सरकार 2 हजार 376 हैक्टेयर (12 हजार 500 बीघा) जमीन का अधिग्रहण कर रही है। इसमें किसानों की जमीनें हैं। किसान संघ ने दिल्ली को बताया कि सरकार भूमि लेकर स्थाई निर्माण कराना चाहती है। इसी पर शाह ने मप्र से पूछा कि सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण क्यों कराना चाहते हैं? मप्र की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन तमाम अधिकारी मौजूद रहे। स्थाई निर्माण को लेकर शाह के सवाल पर मप्र की ओर से बताया गया कि हरिद्वार में भी ऐसी ही व्यवस्था है। इस पर बैठक में मौजूद सीनियर नेताओं ने कहा कि हरिद्वार में स्थाई व्यवस्थाएं बरसों पुरानी हैं। उज्जैन में इसकी क्या जरूरत है? लंबी बैठक में मप्र ने अपना पक्ष रखा। नगरीय विकास के एसीएस संजय दुबे ने लैंड पुलिंग स्कीम के बारे में बताया कि स्कीम ऐसे काम करेगी कि किसानों को नुकसान नहीं होगा। किसान जमीन देना नहीं चाहते, वे छीन रहे है : किसान संघभारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि 17 गांवों के किसानों की जमीन का मामला है। किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने जुलाई में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पत्र लिखकर तमाम स्थिति से अवगत कराया था। इसमें कहा गया था कि सिंहस्थ क्षेत्र में सीमेंट-कांक्रीट का निर्माण क्यों किया जा रहा है। जब किसान जमीन देना ही नहीं चाहते तो, छीनी क्यों जा रही है? इस पत्र के बाद मप्र सरकार ने दिल्ली में जाकर मोहन मिश्र के सामने अपना पक्ष रखा। वे संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद मामला और बढ़ गया।
बारिश से सतलुज का जलस्तर 72 इंच, गांवों में घुसा पानी
प्रशासन ने हालात पर नजर रखने के लिए संबंधित विभागों को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राजस्व, स्वास्थ्य, सिंचाई और पुलिस विभाग की टीमों को सतलुज किनारे तैनात किया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए नावों और ट्रैक्टर-ट्रालियों की व्यवस्था की गई है। मॉक ड्रिल में आपदा प्रबंधन टीम ने गांवों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की प्रक्रिया समझाई गई है। वन विभाग ने दरिया किनारे कटाव रोकने के लिए रेत से भरी बोरियों की दीवार खड़ी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा खतरा उन जगहों पर है जहां दरिया का बहाव तेज है और किनारे कच्चे हैं। ऐसे इलाकों में अतिरिक्त टीमें लगाई गई हैं। स्कूलों और पंचायत भवनों को अस्थायी ठिकानों के तौर पर चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीमें तैनात की हैं ताकि बाढ़ प्रभावित गांवों में दवाइयों और प्राथमिक उपचार की सुविधा दी जा सके। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। दरिया का जलस्तर बढ़ने के कारण हालात गंभीर हो रहे हैं, लेकिन समय रहते कदम उठाकर नुकसान कम करने की कोशिश की जा रही है। भास्कर न्यूज | लुधियाना लगातार हो रही बरसात से सतलुज दरिया का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। 15 दिन पहले जहां लेवल 50 इंच दर्ज किया गया था, वहीं अब यह बढ़कर 72 इंच तक पहुंच गया है। दरिया का पानी आसपास के गांवों में घुसने लगा है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर तैयारी शुरू कर दी है। मॉक ड्रिल करवाई गई है और वन विभाग की टीमों ने किनारों पर रेत की बोरियां लगानी शुरू कर दी हैं। अधिकारियों का कहना है कि दरिया का लेवल खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है और रोजाना इसमें बढ़ोतरी हो रही है। सतलुज किनारे बसे गांवों में पानी घुसने से खेत डूबने लगे हैं। निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिनों से पानी तेजी से गांवों की ओर आ रहा है। कई जगह कच्चे रास्ते टूटने लगे हैं। लोगों ने प्रशासन से राहत इंतजाम बढ़ाने की मांग की है।
कॉलोनाइजर पर पर्चा, गलाडा ने रद्द करने की सिफारिश भेजी
भास्कर न्यूज |लुधियाना शहर में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ गलाडा द्वारा चलाई जा रही मुहिम के तहत लाडोवाल थाने में बेल्ग्रीविया होम्स के कॉलोनाइजर ईशान अग्रवाल के खिलाफ पापरा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। हैरानी की बात ये है कि ये कार्रवाई उस कॉलोनी पर की गई है, जिसे 2023 में गलाडा से लाइसेंस मिल चुका है और शिकायत भी करीब पांच साल पुरानी है। खुद गलाडा के डीटीपी हरप्रीत बाजवा ने माना कि यह लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी है। इससे भी अधिक चौंकाने वाला पहलू ये है कि पुलिस द्वारा इस मामले में बिना किसी जांच के एफआईआर दर्ज कर दी गई। जब लाडोवाल थाने की एसएचओ गुरशरण कौर से बात कि तो वे बोली-चेक करके बताती हूं। अब गलाडा अधिकारियों ने पुलिस कमिश्नर को लिखित में भेजा है कि मामला रद्द किया जाए। भास्कर की खबर के बाद हिला सिस्टम दैनिक भास्कर में इस मामले को उजागर किए जाने के बाद कॉलोनाइजरों में हड़कंप मच गया है। कई कॉलोनाइजरों ने अपने बकाया भुगतान गलाडा कार्यालय में जमा करना शुरू कर दिया है। ईशान अग्रवाल के बेटे कॉलोनाइजर प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने भी चेक जमा करवा दिया है। वहीं रिवर हाइट्स कॉलोनी के कॉलोनाइजर अभिषेक ने भी 25 लाख का चेक जमा कराने की पुष्टि की है।
ये मेरा दीवानापन है...मुकेश की याद में बनाई उनके गानों-तस्वीरों की वेबसाइट
भारतीय संगीत के स्वर्ण युग के महान गायक मुकेश चंद्र माथुर, जिन्हें करोड़ों लोग ‘मुकेश’ के नाम से जानते हैं, की पुण्यतिथि पर एक प्रशंसक ने उन्हें अनोखी श्रद्धांजलि दी है। झारखंड जैव विविधता बोर्ड के पीसीसीएफ और सदस्य सचिव, संजीव कुमार ने मुकेश को समर्पित एक विशेष वेबसाइट बनाई है, जो इस महान कलाकार के जीवन और उनकी कला को समर्पित है। संजीव कुमार खुद मुकेश के एक बड़े प्रशंसक हैं। कहते हैं कि वह बचपन से ही उनकी आवाज़ के दीवाने रहे हैं। उनके पास मुकेश के लगभग सभी गीतों का संग्रह है। यह वेबसाइट केवल गीतों का संग्रह नहीं, बल्कि मुकेश की विरासत को संजोने और दुनिया के साथ साझा करने का एक प्रयास है। वे उनके गाने गाते भी हैं। महान गायक की विरासत नई पीढ़ी तक पहुंचेगी संजीव कुमार ने बताया कि वेबसाइट मुकेश की अविस्मरणीय आवाज़ को फिर से सुनने का विनम्र प्रयास है। यह उन यादों व भावनाओं को ताज़ा करती है जो उनके गीतों ने लाखों लोगों के दिलों में पैदा की हैं। यह वेबसाइट केवल एक डिजिटल संग्रह नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जहां प्रशंसक आपस में जुड़ सकते हैं, उनके गानों पर चर्चा कर सकते हैं, और मुकेश की विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। यह वेबसाइट बताती है कि मुकेश सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि ऐसी भावना थे जो हमारी संस्कृति और संगीत में जीवित है। 1000 गाने, वीडियो व ऑडियो क्लिप्स भी उपलब्ध वेबसाइट पर मुकेश के जीवन से जुड़ी ढेर सारी जानकारी, उनके गायन करियर की प्रमुख उपलब्धियां और उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्य शामिल हैं। यहां उनके 1000 से अधिक गीतों का उल्लेख है, जिसमें ‘कभी कभी मेरे दिल में’ और ‘जीना यहां मरना यहां’, ‘ये मेरा दीवानापन है’ जैसे दिल को छू लेने वाले सदाबहार नगमे भी शामिल हैं। इसके अलावा, वेबसाइट में मुकेश की दुर्लभ तस्वीरें, वीडियो और ऑडियो क्लिप्स भी उपलब्ध हैं, जो उनके प्रशंसकों के लिए एक खजाना हैं।
2 होटल मैनेजर, की चोरी पकड़ी , फरार
लुधियाना| सराभा नगर पुलिस ने होटल से लाखों की हेराफेरी करने के आरोप में दो मैनेजरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता गुरकीरत सिंह निवासी सुखमणि एंकलेव ने बताया कि उनका होटल कनाल रोड, फतेहपुर अवाना के पास है। कुछ दिनों से होटल के दोनों मैनेजर अजय प्रसाद और संदीप कुमार काम पर नहीं आ रहे थे। जब मालिक ने हिसाब-किताब चेक किया तो सामने आया कि मैनेजरों ने अलग-अलग समय पर बिल क्लियर न करके लाखों रुपए हड़प लिए। थाना सराभा नगर के जांच अधिकारी कुलवीर सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी उत्तर प्रदेश फरार हो गए हैं।
टेलीविजन के पॉपुलर रियलिटी शो बिग बॉस-19 में झारखंड के मशहूर एक्टर-राइटर व डायरेक्टर जीशान कादरी की एंट्री हुई है। धनबाद निवासी जीशान मशहूर फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की कहानी लिखी थी। वहीं इस फिल्म के दूसरे पार्ट में उन्होंने एक्टिंग भी की। बिग बॉस में उनकी एंट्री झारखंडी स्टाइल में हुई। कंधे पर गमछा लटकाए पहुंचे जीशान ने सलमान खान को भी गमछा भेंट किया, जिसे सलमान ने अपने कंधे पर रख कर जीशान का परिचय कराया। उनके परिचय के समय धनबाद के वासेपुर का वीडियो भी दिखाया गया। उनके साथ ही तानिया मित्तल ने भी बिग बॉस में कदम रखा, जो पिछले कुछ महीनों से झारखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ मिलकर राज्य के विभिन्न टूरिस्ट प्लेस की वीडियो फिल्म बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड कर रही हैं और यहां के लोकेशन को प्रमोट कर रही हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर में ‘डेफिनिट’ से घर-घर फेमस 3 कटोरी दाल से जीशान व 800 साड़ियों से तान्या कर रहे ट्रेंडिंग : बिग बॉस-19 में 16 कंटेंस्टेंट्स ने एंट्री ली और दूसरे दिन ही नॉमिनेशन टास्क देखने को मिला। इसमें 7 कंटेंस्टेंट्स के नाम नॉमिनेशन में शामिल हुए। इनमें जीशान कादरी और तान्या मित्तल का नाम भी है। जीशान का एक्टर गौरव खन्ना के 3 कटोरी दाल खाने पर हुआ विवाद सोशल मीडिया में ट्रेंडिंग कर रहा है। इसके साथ ही इंफ्लुएंसर और एंटरप्रेन्योर तान्या मित्तल का यह कहना कि वह अपने साथ 800 साड़ियां लेकर आई हैं और हर दिन 3 साड़ियां पहनेंगी। उनकी इस अनोखी स्टेटमेंट ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी और फैन्स उन्हें लेकर मिक्स्ड रिएक्शन दे रहे हैं। जीशान कादरी का जन्म 1983 में धनबाद के वासेपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई धनबाद में की और फिर मेरठ से कला स्नातक की डिग्री ली। मुंबई आने से पहले उन्होंने दिल्ली में कॉल सेंटर में काम किया। 2009 में वह अभिनेता बनने के लिए मुंबई चले गए। उन्होंने अनुराग कश्यप को वासेपुर की कहानी सुनाई, जिसे बाद में 2012 में दो भागों में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के रूप में रिलीज किया गया। इस फिल्म के दूसरे भाग में उन्होंने ‘डेफिनिट’ का किरदार भी निभाया। इस लोकप्रिय किरदार से वह घर-घर फेमस हो गए। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘रिवॉल्वर रानी’, ‘मैडमजी’ में एक्टिंग की। 2015 में निर्माता-निर्देशक के रूप में ‘मेरठिया गैंगस्टर’ फिल्म का निर्माण किया।
इंस्टा चैट से खुला राज: दोस्तों की लड़ाई में मारा गया युवक
भास्कर न्यूज |लुधियाना सराभा नगर थाना क्षेत्र अधीन लय्यर वैली के पास 22 अगस्त की सुबह जोशी नगर, हैबोवाल कलां निवासी अभिमन्यु (21) का शव बरामद हुआ। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि युवक की पीट-पीटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों में ऋतिक कुमार (पुत्र राजीव कुमार), करन (पुत्र हरी लाल) और रोहित कुमार (पुत्र मनोज राम) को गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने तीनों को चार दिन के रिमांड पर भेज दिया है। जांच अधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि अभिमन्यु अपने दोस्त रोहित कुमार की मदद के लिए गांव जवद्दी कलां गया था। रोहित की दूसरे गुट से अनबन थी। 21 अगस्त की रात करीब 9:30 बजे झगड़ा शुरू हुआ, जो रात 10 बजे तक चला। इस दौरान रोहित तो भाग निकला, लेकिन आरोपियों ने अभिमन्यु को पकड़कर बेरहमी से पीटा और उसकी हत्या कर शव को लय्यर वैली के पास फेंक दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को पकड़ा। फुटेज में देखा गया कि रात करीब 8 बजे सभी आरोपी एक शॉपिंग मॉल में इकट्ठा हुए, इसके बाद दूसरी फुटेज में वे गांव जवद्दी की गली नंबर-4 में बाइक पर जाते नजर आए। परिजनों ने बताया कि मृतक अभिमन्यु इंस्टाग्राम पर अपने दोस्तों से झगड़े का जिक्र कर रहा था। उसकी चैटिंग उसके छोटे भाई सोनू के पास भी थी, जो उसका इंस्टाग्राम अकाउंट चलाता था। सोनू ने चैटिंग परिजनों को दिखाई, तब जाकर पूरा मामला सामने आया।
सरकार के इंतजार में नहीं बैठे, पुलिस ने खुद किया पुल का पेचवर्क
लुधियाना| लगातार 2 दिन से हो रही बारिश के कारण जोन-6 के अधीन गिल नहर पुल पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। गड्ढों की वजह से न सिर्फ लोगों को परेशानी हो रही थी बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ गया था। इसी बीच गिल नहर पुल पर सवारियों से भरे ऑटो के दो बार पलटने की घटना सामने आई। तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी तलविंदर जीत सिंह ने बताया कि गड्ढों से ट्रैफिक की समस्या तो आ ही रही थी, लेकिन जब उनकी आंखों के सामने लगातार दो बार ऑटो पलटा, तो उन्हें हालात और गंभीर लगे। उन्होंने तुरंत अपनी इंचार्ज बिबल प्रीत कौर से बात की। इसके बाद ट्रैफिक विभाग के स्टाफ ने आपस में पैसे इकट्ठे किए और करीब 1000 रुपए से मलवे से भरी ट्रॉली मंगवाई। बुधवार को सभी ट्रैफिक कर्मियों ने मिलकर खुद ही गड्ढों को भरकर पेचवर्क किया। लोगों ने ट्रैफिक पुलिस की इस पहल को सराहा और कहा कि पुलिस अगर चाहे तो आम लोगों की मुश्किलें भी कम कर सकती है।
मोदी सरनेम मामला : राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मामले में गवाही शुरू
रांची | मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मामले में बुधवार को शिकायतकर्ता की तरफ से कोर्ट में पहले गवाह का बयान दर्ज कराया गया। गवाह आनंद कुमार मोदी ने एमपी-एमएलए मामले के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत में हाजिर होकर राहुल गांधी द्वारा तीन अलग-अलग जगहों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को उजागर किया। गवाह का प्रति-परीक्षण करने के लिए राहुल गांधी के वकील ने समय की मांग की। इस पर अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 20 सिंतबर निर्धारित की है। राहुल गांधी पर 6 जुलाई 2024 को आरोप तय किया गया था। एक साल बाद गवाही शुरू हुई। बता दें कि हाईकोर्ट से राहुल गांधी को इस मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्राप्त है। मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर लालपुर थाना क्षेत्र निवासी अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने सिविल कोर्ट रांची में 23 अप्रैल 2019 में शिकायतवाद दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता ने याचिका में कहा है कि राहुल गांधी 2 मार्च 2019 को मोरहाबादी मैदान में उलगुलान रैली को संबोधित करते हुए अपने भाषण में अभद्र तरीके से मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर बताया था। इस टिप्पणी से पूरा मोदी समाज अपमानित महसूस कर रहा है। इस टिप्पणी से मोदी समाज आहत है। इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। संबोधन में राहुल ने कहा था मोदी नाम वाले चोर हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को लंबे संघर्षों के लिए तैयार रहने को कहा है। मध्यप्रदेश के महू में आयोजित ‘रण संवाद’ में बुधवार को उन्होंने कहा, ‘युद्ध 2 महीने, 4 महीने, एक साल, 2 साल या 5 साल तक चले, तो भी हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सिर्फ सैनिकों की संख्या या हथियारों का भंडार अब युद्ध जीतने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। भविष्य के युद्ध तकनीक, खुफिया जानकारी, अर्थव्यवस्था और कूटनीति का संयुक्त खेल होंगे। साइबर युद्ध, एआई, ड्रोन और सैटेलाइट आधारित निगरानी भविष्य के युद्धों को आकार दे रहे हैं। आधुनिक युद्ध बाहरी अंतरिक्ष और साइबरस्पेस तक फैल गए हैं। सैटेलाइट सिस्टम, एंटी-सैटेलाइट हथियार और स्पेस कमांड सेंटर नई शक्ति के उपकरण हैं। इसलिए, आज हमें केवल रक्षात्मक तैयारी की नहीं, बल्कि एक सक्रिय रणनीति की भी आवश्यकता है। युद्ध राष्ट्र के दृष्टिकोण का मुद्दा रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ सैन्य मामला नहीं रह गया। यह ‘पूरे राष्ट्र के दृष्टिकोण’ का मुद्दा है। रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए तीनों सेनाओं की सराहना करते हुए कहा-यह भारत के स्वदेशी प्लेटफार्मों, उपकरणों और हथियार प्रणालियों की सफलता का बड़ा उदाहरण है। भारत किसी की जमीन नहीं चाहता, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। सिंह ने कहा कि 2027 तक सभी सैन्य जवानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी आधारित ट्रेनिंग दी जाएगी। रण संवाद के समापन सत्र को सीडीएस जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। दो दिन के रण संवाद में 12 सेशन हुए। इनमें 450 सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त सेमीनार हुआ।
शहर में अवैध शराब बेचने वाले दो आरोपी गिरफ्तार किए
लुधियाना| पुलिस ने अवैध शराब तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अलग-अलग थानों की टीमों ने दबिश दी। इस दौरान पुलिस ने 16 पेटियां और 11 बोतल अवैध शराब बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पहला मामला फोकल पॉइंट थाना क्षेत्र का है। हवलदार बेअंत सिंह गोबिंदगढ़ फाटक के पास गश्त पर थे। इस दौरान ठेके के नजदीक खड़ी एक संदिग्ध गाड़ी की जांच की गई। गाड़ी से 16 पेटियां अवैध शराब बरामद हुईं और पुलिस ने मौके से चाहत कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दूसरी कार्रवाई दुगरी थाना क्षेत्र में हुई। जांच अधिकारी बलवीर सिंह गश्त के दौरान अर्बन एस्टेट फेज-2 इलाके में मौजूद थे। इसी बीच सूचना मिली कि हरप्रीत सिंह नामक व्यक्ति अवैध शराब बेच रहा है। पुलिस ने दबिश देकर उसे काबू किया और उसके पास से 11 बोतल अवैध शराब बरामद की गई। दोनों मामलों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एक्साइज एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
शेफ कुणाल ने बावर्ची सीजन-2 में 180 से प्रतिभागियों को 2 कैटेगरी में किया जज
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना से हुई, जबकि कार्यक्रम का आकर्षण शेफ राहुल और शेफ विश्वदीप के बीच मजेदार कुक-ऑफ तथा शेफ कुणाल कपूर की ऊर्जावान बातचीत रही। इसी दौरान शेफ विकास चावला ने आहार में मिलेट्स के महत्व पर विचार रखे। समापन सीटी यूनिवर्सिटी के छात्रों की भांगड़ा प्रस्तुति के साथ हुआ। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने युवा पाक-प्रतिभाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि भोजन को केवल करियर नहीं, बल्कि एक कला के रूप में अपनाना चाहिए। शेफ कुणाल कपूर ने कहा कि भारत के कोने-कोने से इतनी प्रतिभा देखकर गर्व होता है, जबकि डॉ. मनबीर सिंह ने बावर्ची सीजन-2 की मेजबानी को सीटी यूनिवर्सिटी के लिए गौरवपूर्ण बताया। इस आयोजन ने पाक-कला के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित किया और युवाओं में रचनात्मकता एवं नवाचार के प्रति नई ऊर्जा भरी। भास्कर न्यूज|लुधियाना सीटी यूनिवर्सिटी में बावर्ची सीजन-2 का समापन हुआ, जिसमें देशभर से 180 से अधिक प्रतिभागियों ने दो श्रेणियों होम कुक और स्टूडेंट में हिस्सा लिया। इस सीजन में देशभर से 180 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिन्हें दो श्रेणियों होम कुक और स्टूडेंट में विभाजित किया गया। पहला राउंड में से फाइनल के लिए 31 प्रतिभागियों का चयन किया गया। फिनाले का आकर्षण सेलेब्रिटी शेफ कुणाल कपूर की मौजूदगी रही, जिन्होंने न केवल प्रतियोगिता को जज किया बल्कि दर्शकों से बातचीत करते हुए अपनी पाक-यात्रा और अनुभव भी साझा किए। फिनाले का आकर्षण सेलेब्रिटी शेफ कुणाल कपूर की मौजूदगी रही, जिन्होंने न केवल प्रतियोगिता को जज किया बल्कि दर्शकों से बातचीत करते हुए अपनी पाक-यात्रा और अनुभव भी साझा किए। जूरी पैनल में शेफ संजीव वर्मा, अजय सूद, आशीष भसीन, गुंजन गोएला, विकास चावला, राहुल वाली, डॉ. वरिंदर सिंह राणा और विश्वदीप बाली शामिल रहे। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए चांसलर चरणजीत सिंह चन्नी, प्रो चांसलर डॉ. मनबीर सिंह, पद्मश्री रजनी बेक्टर, डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन, महिला मोर्चा अध्यक्ष राशि अग्रवाल और शिक्षा-विद्वान वीना डी’सूज़ा व मारिया भी उपस्थित रहे।
छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले ट्यूशन टीचर को 14 साल सश्रम कारावास की सजा
दसवीं की छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार गुमला के सिसई गांव निवासी ट्यूशन शिक्षक मधुसूदन बैठा को पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश बीके श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को 14 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने उक्त आरोप में 20 अगस्त को दोषी ठहराया था। पीड़िता ने घटना को लेकर अरगोड़ा थाना में 12 दिसंबर 2022 को आरोपी शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पीड़िता ने बताया था कि वह अपनी सहेली के साथ आरोपी के घर पर ट्यूशन पढ़ने जाती थी। घटना के दिन उसकी सहेली नहीं गई थी और वह अकेली थी। इस दौरान िशक्षक ने अकेली पाकर छात्रा के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया था। जब वह रोने लगी तो धमकी दी कि इस बारे में किसी को नहीं बताए, नहीं तो परिणाम भुगतने होंगे। घर पहुंची तो आरोपी ने उसके मोबाइल पर कॉल किया और किसी को घटना की जानकारी नहीं देने की बात कही थी। पत्रकार के साथ लूटपाट करने वालों को तीन-तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई रांची| पत्रकार साकेत कुमार पुरी के साथ चाकू की नोंक पर काठीटांड़ चौक पर रात के 12:45 बजे लूटपाट करने वाले दो आरोपियों रोहित सिंह और मोहित सिंह को तीन-तीन वर्ष की आश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने सुनाई है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अलग से 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना की राशि नहीं देने पर दोनों को अलग से तीन-तीन माह की सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी। नाबालिग के साथ छेड़छाड़ में डेढ़ माह की सजा नाबालिग से छेड़छाड़ करने के आरोप में सात साल पुराने मामले में ट्रायल फेस कर रहे आरोपी राजू महतो को पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने बुधवार को जेल में बिताए गए डेढ़ माह की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। घटना को लेकर पीड़िता ने जगन्नाथपुर थाना में 9 दिसंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि 9 दिसंबर 2018 को दोपहर के वक्त आरोपी उसकी दुकान में आया और छेड़छाड़ की। प्राथमिकी दर्ज होने के तीन महीने बाद 7 मार्च 2019 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। डेढ़ महीने जेल में रहने के बाद अदालत ने सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान कर दी थी।
रांची नगर निगम में गुरुवार को भी काम-काज ठप रहेगा। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के साथ घरों का असेस्मेंट, बाजार शाखा की संपत्ति से मासूल वसूली, सड़क-नाली की योजना बनाने सहित सभी कार्य नहीं होंगे। क्योंकि, नगर निगम के 300 से अधिक स्थाई कर्मचारी हड़ताल पर अड़ गए हैं। निगमकर्मियों ने निगम के दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर निगमकर्मियों ने मुख्यमंत्री को मार्मिक पत्र लिखकर शोषण करने वाले पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि नगर निगम के टैक्स कलेक्टर नकुल तिर्की को इलाज के लिए अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया। 21 दिन तक फाइल घूमती रही आैर जिस दिन उसकी मौत हो गई उस दिन स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा अवकाश स्वीकृत किया गया। निगम में लंबे समय से परंपरा चली आ रही है कि किसी भी निगमकर्मी की मौत होती है तो पीड़ित परिवार को एक शोक पत्र आैर अंतिम संस्कार के लिए पांच-दस हजार रुपए सहायता राशि दी जाती है। लेकिन नकुल तिर्की की मौत होने पर निगम के पदाधिकारियों ने प्रशासक को भी गुमराह कर दिया आैर एक आदिवासी कर्मचारी के दाह संस्कार के लिए पैसे तक नहीं दिए गए। संघ ने निगम में फैले भ्रष्टाचार की जांच कराने की भी मांग की है। अनुकंपा पर आश्रितों की नियुक्ति नहीं करके बाहरी लोगों को संविदा पर नियुक्त करने, पेंशन में कटौती करने, प्रोन्नति सहित अन्य मामलों की जांच कराने की मांग की गई है। इंजीनियर-इंफोर्समेंट कर्मचारी की नियुक्ति की जांच की मांग निगमकर्मियों ने पत्र में कहा है कि निगम से हटाए गए छह जूनियर इंजीनियरों को दुबारा बहाल किया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्व प्रशासक द्वारा हटाए गए इंफोर्समेंट कर्मचारियों को भी चुपके-चुपके दुबारा बहाल किया गया । इसके लिए किसी तरह का विज्ञापन तक नहीं निकाला गया। लंबे समय से कई पदाधिकारी एक ही जगह जमे हैं तो कुछ बार-बार यहीं पोस्टिंग कराते हैं, इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
सिविल कोर्ट से रेकर्ड की चोरी, रजिस्ट्रार से की लिखित शिकायत, कार्रवाई की मांग
रांची | सिविल कोर्ट से रेकर्ड चोरी होने की बात कहते हुए हिंदपीढ़ी निवासी राजेश कुमार वर्मा ने बुधवार को रजिस्ट्रार से लिखित शिकायत की है। रजिस्ट्रार को दिए गए लिखित आवेदन में राजेश कुमार वर्मा ने कहा है कि मोबाइल चोरी के संबंध में उसने लोअर बाजार थाना में कांड संख्या 180/2024 दर्ज कराया था, जिसके सारे रेकर्ड की चोरी न्यायिक दंडाधिकारी राजेश रंजन कुमार के न्यायालय से हो गई है। राजेश वर्मा ने यह भी कहा है कि मोबाइल चोरी होने के बाद उन्होंने लोअर बाजार थाने में मामला दर्ज कराया था। 17 जुलाई 2024 को मोबाइल बरामद कर पुलिस ने चोर को छोड़ दिया। ऐसे में हो सकता है कि उस चोर ने ही साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से सारे रेकर्ड गायब कर दिए। कार्यालय के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज से घटना का पता लगाया जा सकता है। रेकर्ड गायब होने की वजह से थाने से मोबाइल रिलीज करने का आवेदन एमसीए 4957/2025 पेंडिंग है। पूरे मामले में जो संभव हो, वह कार्रवाई की जाए।
बारिश से पूरा शहर बदहाल... सड़कों पर गड्ढे और बाजार कीचड़ से भरे, चलना भी मुश्किल
ये तस्वीरें रमणीक रांची के स्लोगन पर बदनुमा दाग है। रांची जो खनिज-संपदा से परिपूर्ण झारखंड की राजधानी है। रांची की सूरत में ही पूरे झारखंड की झलक दिखती है। लेकिन अभी रांची की स्थिति ऐसी है कि कोई बोल दे कि घर से पैदल निकल कर बाजार तक चलना है तो मन में सवाल उठने लग रहा है कि जाएं या नहीं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह शहर की बदहाली है। मानसून में रोजाना रुक-रुक कर हो रही बारिश से प्रमुख सड़कों के साथ एप्रोच रोड की स्थिति भयावह हो गई है। कहीं सड़क गायब होकर सिर्फ गड्ढ़े ही गड्ढ़े दिखाई दे रहे हैं तो कहीं कीचड़ ही कीचड़। सड़क पर वाहन से चले तो कब गिरेंगे कोई नहीं बता सकता, अगर हाट-बाजार चले गए तो जूता-चप्पल व कपड़े गंदा करके ही घर लौटना होगा। शहर की पहचान ही सड़कों पर गड्ढ़े आैर बाजार-स्टैंड में कीचड़ की बन गई है। इस वजह से सड़क,हाट-बाजार में बच्चों व ग्राहकों का चलना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ी बात है कि गंदगी, अतिक्रमण आैर सड़क पर गड्ढ़ों को भरने के आदेश का भी कोई असर अफसरों पर नहीं दिखता। गाड़ीखाना चौक से मधुकम : बारिश से बह गई सड़क शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र गाड़ीखाना चौक से मधुकम तालाब तक की सड़क का हाल सबसे अधिक खराब हो गया है। पहले से पीसीसी सड़क पर नगर निगम ने बिटुमिन की परत चढ़ाई। इसके बाद सड़क काटकर जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाई गई। इसका नतीजा है कि अब यहां सड़क नहीं गड्ढे भर रह गए। बारिश में दो वर्ष पहले ही बिटुमिन की परत बह गई। अभी बारिश के बाद सभी गड्ढों में पानी जमा है। गड्ढे आैर पत्थर पर दो पहिया वाहनों के चक्के पड़ते ही दुर्घटना हो रही है। सड़क की स्थिति ऐसी हो गई है कि इस रूट में पैदल भी चलना मुश्किल है। चूना भट्ठा चौक से खादगढ़ा बाजार : जमा रहता है पानी चुन्ना भट्ठा चौक से खादगढ़ा सब्जी बाजार होते हुए रातू रोड कब्रिस्तान तक की सड़क की स्थिति भी काफी खराब है। इस रोड में भी गड्ढे भरे पड़े हैं। हनुमान मंदिर के पास हालात ऐसे हैं कि यहां सालों भर गंदा पानी जमा रहता है। मंदिर जाने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चेशायर होम रोड : नाली नहीं, सड़क पर बहता है गंदा पानी शहर के कई क्षेत्रों में 50 लाख से एक करोड़ रुपए लगाकर फ्लैट लेने वालों की स्थिति सबसे अधिक खराब है। क्योंकि, बिल्डर फ्लैट बनाकर बेच तो रहे हैं, लेकिन गंदे पानी की निकासी का समाधान नहीं किया जाता है। बरियातू रोड स्थित चेशायर होम रोड की स्थिति ऐसी ही है। इस रोड में दर्जनों बहुमंजिली भवन बने हैं। एक करोड़ से अधिक कीमत के फ्लैट में लोग रह रहे हैं, लेकिन अपार्टमेंट के गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क पर ही अपार्टमेंट का पानी जमा होता है। चेशायर होम रोड में प्रवेश करते ही जितने भी अपार्टमेंट हैं, वहां से निकलने वाला गंदा पानी सीधे सड़क पर आता है। क्योंकि, इस रोड में नाली बनी ही नहीं है। बरियातू रोड में भी नालियां एकदूसरे से जुड़ी हुई नहीं हैं। स्थानीय राजेश प्रसाद ने बताया कि रात में दो पहिया वाहन सवार गड्ढ़े में गिरकर घायल तक हो गए। डेली मार्केट और इस बाजार तक जाने वाली लेक रोड, सेवा सदन पथ की स्थिति भी काफी खराब है। इस सड़क पर भी गड्ढों की गिनती करना मुश्किल है। डेली मार्केट में फल व सब्जी मंडी है। यहां रोजाना हजारों ग्राहक खरीदारी करने पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है। पिछले दो दिनों में बाजार इतना अधिक कीचड़ फैल गया है कि ग्राहक आना ही नहीं चाहते। इससे दुकानदार भी परेशान हैं। इसे साफ करने के लिए निगम ने कोई ठोस पहल नहीं की। डेली मार्केट सब्जी बाजार और लेक रोड : यहां गड्ढों की गिनती मुश्किल
विधायक सरयू राय के खिलाफ दर्ज गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में गवाही शुरू
लीगल रिपोर्टर | रांची पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय से जुड़े गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए मामले के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले के पहले गवाह के रूप में स्वास्थ्य विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी उमेश कुमार की गवाही दर्ज कराई। गवाही पूरी होने के बाद गवाह का बचाव पक्ष ने जिरह भी किया। मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है। बता दें कि उक्त मामले में सरयू राय के खिलाफ 16 जुलाई को आरोप तय किया गया है। अभियोजन को साक्ष्य प्रस्तुत करना है। अदालत ने दाखिल चार्जशीट पर बीते 24 अगस्त को संज्ञान लिया था। इसके बाद उन्हें बीते 20 मई को पुलिस पेपर सौंपा गया था। सरयू राय के खिलाफ विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने 2 मई 2022 को डोरंडा थाना में भादवि की पांच धाराएं एवं गोपनीय दस्तावेज का लीक करने के तीन धाराओं के तहत प्राथमिकी (कांड संख्या 105/22) दर्ज कराई थी। बता दें कि सरयू राय ने इसी दस्तावेज को हासिल करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को कोरोना काल में किए गए राशि के उपयोग की जानकारी दी थी।
बेटियों को सही सीख दें, वे आत्मविश्वासी बनेंगी
लुधियाना| हर माता-पिता अपनी बेटी को मजबूत, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी देखना चाहते हैं। पैरेंटिंग कोच का मानना है कि बचपन से ही अगर बेटियों को सही बातें सिखाई जाएं तो वे बड़े होकर हर परिस्थिति का सामना डटकर कर सकती हैं। आज की दुनिया में जहां सोशल मीडिया, प्रतियोगिता और समाज की उम्मीदें बेटियों पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं, वहां पैरेंट्स का रोल और भी अहम हो जाता है। सही गाइडेंस मिलने पर बेटियां खुद को कभी कमजोर नहीं मानतीं और हर क्षेत्र में आगे बढ़ती हैं। पैरेंटिंग कोच का कहना है कि बेटियों को ये बातें सिखाकर ही उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। माता-पिता का प्रोत्साहन बेटियों के लिए ढाल का काम करता है। जब परिवार उन्हें यह भरोसा दिलाता है कि वह किसी से कम नहीं, तो वे समाज की हर बाधा को पार कर सकती हैं। यही सीख आगे चलकर उनके व्यक्तित्व को निखारती है और वे हर चुनौती का सामना मजबूती से करती हैं। इसीलिए हर माता-पिता को अपनी बेटियों को यह बातें जरूर बतानी चाहिए, ताकि वे आत्मसम्मान और आत्मविश्वास के साथ जीवन जी सकें। {खुद की राय पर भरोसा करें : खुद की राय पर भरोसा करना बेटियों के व्यक्तित्व को मजबूत बनाने की सबसे अहम नींव है। अक्सर देखा जाता है कि बेटियां अपनी सोच और फैसलों से ज्यादा दूसरों की राय को महत्व देने लगती हैं। धीरे-धीरे यह आदत उनके आत्मविश्वास को कमजोर कर देती है और वे अपने जीवन से जुड़े बड़े निर्णय लेने में झिझकने लगती हैं। ऐसे में पैरेंट्स की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर वे छोटी उम्र से ही बेटियों को अपनी सोच को अहमियत देना और उस पर विश्वास करना सिखा दें, तो बेटियां अपने विचारों को बेझिझक सामने रख पाएंगी। इससे न सिर्फ उनका आत्मसम्मान बढ़ेगा बल्कि वे हर परिस्थिति में खुद को मजबूती से खड़ा कर पाएंगी। जब बेटियां अपने फैसलों को महत्व देना सीख जाती हैं तो आगे चलकर वे जीवन की हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास और सही निर्णय क्षमता के साथ कर सकती हैं। {खुद से प्यार करना सीखें : बेटियों को यह सिखाना जरूरी है कि वह जैसी हैं, वैसी ही खूबसूरत और खास हैं। अक्सर लड़कियां दूसरों से तुलना कर खुद को कमतर समझने लगती हैं। लेकिन अगर माता-पिता उन्हें आत्म-स्वीकृति का महत्व समझाएं तो वह अपनी खूबियों और कमजोरियों को सही ढंग से स्वीकार कर पाएंगी। ना कहना भी जरूरी है : समाज और रिश्तों में बेटियों पर कई बार ऐसा दबाव डाला जाता है कि वे मना करने से हिचकिचाती हैं। माता-पिता को उन्हें यह समझाना चाहिए कि गलत या असुविधाजनक परिस्थिति में ‘ना’ कहना बिल्कुल सही है। यह आदत उन्हें शोषण या दबाव से बचाएगी। {पढ़ाई और करियर का महत्व : बेटियों को यह भी बताना जरूरी है कि शिक्षा और करियर उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। पैरेंट्स का सपोर्ट मिलने से बेटियां बड़े सपने देखने की हिम्मत जुटाती हैं और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करती हैं। गलतियों से सीखना जरूरी: बेटियों को यह भी समझाना चाहिए कि गलती करना कोई बुरी बात नहीं, बल्कि उनसे सीखना सबसे जरूरी है। जब वे असफलता से डरना छोड़ देंगी, तभी जीवन में सफलता का असली स्वाद चख पाएंगी।
वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस घर-घर चलाएगी हस्ताक्षर अभियान : के. राजू
पॉलिटिकल रिपोर्टर| रांची प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के. राजू ने कहा कि झारखंड में वोट चोरी के खिलाफ राज्य स्तरीय रैली की जाएगी। जिसमें खास तौर पर संगठन के लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही पंचायत कमेटी के लोग घर-घर जाकर फार्म पर जनता से वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा वोट चोरी का षड्यंत्र कर रही है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान को आगे बढ़ा रही है। झारखंड मे अगले एक महीने में इस अभियान की शुरुआत होगी। हर पंचायत कमेटी को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के. राजू बुधवार को पुराना विधानसभा सभागार में प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। पुराना विधानसभा सभागार में पार्टी नेताओं को संबोधित करते के. राजू । राज्य स्तरीय रैली में सिर्फ कांग्रेस के लोग ही होंगे शामिल के. राजू ने कहा कि झारखंड में होने वाली राज्य स्तरीय रैली में सिर्फ कांग्रेसजन ही शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि संगठन सृजन का अभियान जारी है और अगले 45 दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश, जिला एवं प्रखंड स्तर के अलावा सभी पंचायत और बूथ स्तर से पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को राज्य स्तरीय रैली में बुलाया जाएगा। उन्हें वोट चोरी के बारे में बताया जाएगा। अगर झारखंड में एसआईआर होता है, तो कांग्रेस बीएलए के माध्यम से वोट को सुरक्षित करने का प्रयास करेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस को जनमुद्दों पर काम करना होगा, ताकि जनता का विश्वास हासिल कर सकें।
रिटायर्ड कर्नल से 2.98 करोड़ ठगने वाले आरोपी सूरत से धराए
ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर रिटायर्ड कर्नल से 2.98 करोड़ रुपए ठगने वाले दो आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार कर बुधवार को रांची लाया गया। पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गरनिया भरत रामकूभाई और गोयनिया हार्दिकभाई करमसी भाई के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से तीन सिमकार्ड, दो एटीएम कार्ड, चार चेक और एक मोबाइल बरामद किया है। पूछताछ में दोनों ने ठगी की वारदात में शामिल होने की बात स्वीकार की। जांच में खुलासा हुआ है कि सूरत में साइबर ठगी के लिए एक सिंडिकेट सक्रिय था, जो विभिन्न राज्यों के लोगों को टारगेट कर ठगी करता था। गिरोह ने सूरत के एक मार्केट कॉम्प्लेक्स में किराए की दुकान लेकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया। जांच में इस ठगी कांड में पांच अन्य की संलिप्तता सामने आई है। पुलिस लगातार उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। गिरोह का नेटवर्क दिल्ली से भी जुड़ा है, जहां कुछ सदस्य शरण लिए हुए हैं। लोकेशन बार-बार बदलने के कारण गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। -शेष पेज 9 पर
झारखंड में 3000 लोगों की नौकरी पर संकट, कपड़ा उद्योग पर ज्यादा संकट
झारखंड से अमेरिका में हर वर्ष 1193 करोड़ का निर्यात फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस के आंकड़े बताते हैं कि 2024-25 में झारखंड से अमेरिका को 1193 करोड़ रुपए का निर्यात किया गया। यहां से मुख्यत: फेरो-अलॉय, रोलर बियरिंग, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, माइका, लाह, स्टील उत्पाद, इलेक्ट्रिकल उपकरण और कपड़े जाते हैं। इसी साल झारखंड का कुल निर्यात 16,644 करोड़ का रहा। इसमें 7.17% अमेरिका को, 6.87% नेपाल को और 3.09% चीन को निर्यात किया गया। 12000 युवाओं की आजीविका दांव पर... रांची और आसपास का क्षेत्र टेक्सटाइल हब बन चुका है। यहां ओरिएंट क्राफ्ट, अरविंद टेक्सटाइल्स, वेलेंसिया और अर्बन जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें करीब 12000 स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है। यही कंपनियां अमेरिका, जर्मनी और इंग्लैंड जैसे देशों को निर्यात करती हैं। अब पूरा सेक्टर खतरे में है। दीपक अग्रवालएक्सपोर्ट मामले के जानकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने का असर झारखंड पर भी पड़ेगा। यहां से हर साल करीब 1500 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट होता है। जिसमें कपड़ा, लाह उत्पाद और हैंडीक्राफ्ट सबसे ज्यादा हैं। सिर्फ अमेरिका को ही करीब 275 करोड़ रुपए का निर्यात होता है। सबसे ज्यादा संकट कपड़ा उद्योग पर आने वाला है। यदि निर्यात में भारी कमी आती हैै, तो आने वाले महीनों में करीब 3000 लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। सिर्फ कपड़ा उद्योग में ही 2500 लोग प्रभावित होंगे। टेक्सटाइल कंपनियों को विकल्प तलाशना आसान नहीं है। उन्हें नए ग्राहकों तक पहुंचने में वक्त लगेगा। तब तक एक्सपोर्टरों को नुकसान झेलना ही होगा और स्थानीय लोगों का रोजगार भी जाएगा। एक्सपोर्टर राजकुमार बियानी कहते हैं कि हम यहां से फायर ब्रिक्स भी निर्यात करते हैं। लेकिन अब अमेरिका में यह महंगा पड़ेगा। फिलहाल वहां चीन से 30% टैरिफ लिया जा रहा है और भारत से 50%। इससे हमारा मार्जिन घट जाएगा और नए मार्केट में पकड़ बनाने में वक्त लगेगा। इसी तरह एक्सपोर्ट मामलों के जानकार विवेक टिबड़ेवाल का मानना है कि फेरो अलॉय, फायर ब्रिक्स, पैक्ड फूड जैसे उत्पादों पर भी टैरिफ बढ़ा है। हालांकि इनका निर्यात झारखंड से बहुत ज्यादा नहीं होता (करीब 75 करोड़)। लेकिन कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए सरकार को ठोस पॉलिसी लानी ही होगी। -जैसा भास्कर के शशि कुमार को बताया
मयंक ने कबूला, लॉरेंस-अमन गैंग का वित्तीय नेटवर्क संभालता था
अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर लाए गए कुख्यात अपराधी सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह से बुधवार को झारखंड एटीएस ने धुर्वा स्थित मुख्यालय में करीब 6 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के शुरुआती दौर में मयंक ने टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कुछ देर बाद सामान्य ढंग से बातचीत करने लगा। इस दौरान उसने न केवल लॉरेंस विश्नोई गैंग से संपर्क होने की बात स्वीकार की, बल्कि यह भी खुलासा किया कि वह लंबे समय से अमन साहु गैंग के लिए भी काम कर रहा था। मयंक ने माना कि उसी ने अमन साहु का संपर्क लॉरेंस विश्नोई से कराया था। इसके बाद अमन साहु लगातार लॉरेंस को शूटर उपलब्ध कराने लगा और बदले में लॉरेंस उसके गिरोह को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मयंक दोनों गैंग के फाइनेंसियल नेटवर्क को भी संभालता था। अब एटीएस की कोशिश है कि उसकी रिमांड अवधि में इस नेटवर्क की पूरी जानकारी जुटाई जाए ताकि गैंग को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। बता दें कि एटीएस ने मयंक को 6 दिन की रिमांड पर लिया है। इस दौरान पुलिस का फोकस उसके जरिए अमन साहु और लॉरेंस विश्नोई गैंग के नेटवर्क को पूरी तरह खंगालने पर है। माना जा रहा है कि मयंक से मिले इनपुट के आधार पर कई नए अपराधियों और हथियार सप्लायरों तक पुलिस की पहुंच सकती है। एटीएस के सामने मुस्कुराता रहा, खाना खाने से इंकार कर दिया पूछताछ के दौरान मयंक का रवैया निडर दिखाई दिया। वह एटीएस अधिकारियों के सवालों का मुस्कुराते हुए जवाब देता रहा। सुबह रामगढ़ जेल से नाश्ता करने के बाद जब उसे रांची स्थित एटीएस मुख्यालय लाया गया तो दोपहर में उसने भोजन करने से इंकार कर दिया। पूछने पर उसने कहा कि वह केवल रात में ही खाना खाएगा। झारखंड और बिहार समेत कई राज्यों में 50 से अधिक केस दर्ज मयंक पर झारखंड, बिहार, राजस्थान और पंजाब में 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों गैंग के लिए हथियार सप्लाई कराने की जिम्मेदारी भी उसी पर थी। हथियार सप्लायर से उसके सीधे संपर्क रहे हैं। एटीएस अब पूछताछ के जरिए यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन सप्लायरों का नेटवर्क कितना बड़ा है और कहां-कहां फैला हुआ है।
गियर-तेवर दोनों बदल दिए, अब वोट चोर नहीं बचेंगे : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने गियर व तेवर दोनों बदल दिए हैं। वोट चोर अब ज्यादा दिन बच नहीं पाएंगे। वोट चोरी पकड़ ली है। वोट आपका अधिकार है, उसे कोई नहीं छीन सकता है। कहा कि बिहार क्रांति की धरती है। अंग्रेजों के खिलाफ चंपारण से ही आवाज उठी थी। वोट चोरी के खिलाफ भी बिहार में क्रांति भड़क चुकी हैं। अब पूरे देश में फैलेगी। वोटर अधिकार यात्रा के क्रम में राहुल बुधवार को दरभंगा और मुजफ्फरपुर में थे। मुजफ्फरपुर में सत्ता परिवर्तन की हुंकार के साथ आगे आने के लिए युवाओं का उन्होंने आह्वान किया। गायघाट विधानसभा क्षेत्र के जारंग हाई स्कूल में जनसभा में राहुल ने कहा कि गुजरात मॉडल आर्थिक विकास का मॉडल नहीं था। यह वोट चोरी का मॉडल था, जिसे 2014 के चुनाव में पूरे देश में लागू किया गया। राहुल ने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि आपके बिना हमारी यात्रा सफल नहीं होगी। हम आपकी आवाज के सहारे खड़े हैं। बिहार में अब तक की यात्रा के बाद सभी की जुबान पर एक ही नारा है- वोट चोर, गद्दी छोड़। बिहार में वोट चोरी नहीं होने देंगे। राहुल की यात्रा के समापन में सीएम हेमंत होंगे शामिल रांची | बिहार में चल रही नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा का समापन आगामी 1 सितंबर को पटना में होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री व झामुमो अध्यक्ष हेमंत सोरेन शामिल होंगे। उनकी प|ी कल्पना सोरेन भी शामिल हो सकती हैं। इस समापन कार्यक्रम में झारखंड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से इंडिया गठबंधन के कई वरिष्ठ नेताओं के भी शामिल होने की संभावना है।
मोबाइल बना दोस्त, नतीजा-लोगों से जुड़ना पसंद नहीं कर रहे
बच्चों का बचपना तेजी से खो रहा है। खुले मैदानों में दौड़ना, मिट्टी में खेलना, दोस्तों के साथ हंसी-ठिठोली करना तो जैसे वे भूल ही चुके हैं। 90% बच्चे आज इस डर में हैं कि दूसरे क्या सोचेंगे। नतीजा यह है कि वे लोगों से जुड़ना पसंद नहीं कर रहे। मोबाइल को ही उन्होंने अपना दोस्त मान लिया है। यह जानकारी अलग-अलग स्कूलों में चल रहे काउंसलिंग सेशन में आई है। नई शिक्षा नीति में छात्रों के समग्र विकास व उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पेशेवर परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इसके तहत शहर के स्कूलों में काउंसलर की व्यवस्था की गई है। बच्चे रोजाना काउंसलर के पास पहुंच रहे हैं। दैनिक भास्कर ने शहर के 25 स्कूलों के काउंसलर से बात की व बच्चों की समस्याओं के बारे में जाना। पता चला कि बच्चे आजकल खुद में इतने खोए हैं कि बाकी चीजों के लिए वक्त ही नहीं निकाल पा रहे है। पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहे है। दूसरे क्या सोचेंगे इस बात की बहुत ज्यादा फिक्र है। गोल इतने बड़े-बड़े सेट कर लिए हैं कि उसे कैसे पूरा करें और अगर पूरा नहीं किया तब क्या होगा इस सोच से जूझ रहे हैं। क्या कहते हैं एक्सपर्ट: बच्चों से बातें करें, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें किस कक्षा वर्ग के बच्चों में कैसा परिवर्तन क्लास समस्या 1 से 3 मोबाइल फोन एडिक्शन ज्यादा, जिद-गुस्सा करते हैं, काउंसलर के पास नहीं आते, काउंसलर ही उनके पास जाकर बात करते हैं। 4 से 5 अटेंशन डिफिशिएंसी सिंड्रोम, घर में भाई-बहन के सामने अटेंशन पाने के लिए कई तरह की तरकीबें अपनाते है। घर की बदमाशी स्कूल में दुहराते हैं। 6 से 7 अपने से बड़े लोगों को कॉपी करते हैं, अनुशासन की बहुत ज्यादा कमी होती है, बहुत कुछ नया सीख रहे होते हैं। 8 से 9 छात्र पढ़ाई और सोशल लाइफ को बैलेंस करना सीख रहे होते हैं, बच्चों को लगता है कि माता-पिता उन्हें समझ नहीं रहे हैं। 10 बच्चे रिजल्ट, परिवार, पड़ोसी से घिरे होते हैं, सेल्फ डाउट बहुत ज्यादा होता है, व्यवहार में बदलाव आता है, फ्रस्ट्रेशन में रहते हैं। 11 से 12 गोल सेट कर रहे होते हैं, चाहते हैं कि सब कुछ आसानी से मिल जाए, गेमिंग जैसी चीजों का एडिक्शन होता है। 90% बच्चों में दूसरे क्या सोचेंगे इस बात का डर... काउंसलर ने बताया... समय प्रबंधन नहीं कर पा रहे बच्चे लोकल सोना चांदी भाव शहर में आज तापमान / मौसम कारण: माता-पिता को समाज का डर, यह डर बच्चों में आ गया है। बच्चों में समाया दूसरे क्या सोचेंगे इसका डर कारण: आत्मविश्वास में कमी, सिर्फ दोस्तों से बात करना पसंद। बच्चे बने संकोची, बात से कतरा रहे कारण: बच्चे सोशल मीडिया में व्यस्त, मां-बाप काम में, आया कम्यूनिकेशन गैप। कारण: ध्यान में भटकाव, अन्य गतिविधियों में मन लगता है। बच्चों की कमजोरी बच्चों की बड़ी परेशानी कारण: सोशल मीडिया पर ध्यान, कोचिंग-ट्यूशन में जा रहा समय। बच्चे नहीं कर पा रहे लोगों से बातें करने में मां-बाप नहीं समझते पढ़ाई में ध्यान नहीं समय प्रबंधन
विवि में भ्रष्टाचार... यूजीसी ने करप्शन दूर करने का सभी यूनिवर्सिटी को दिया टास्क
उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को भ्रष्टाचार दूर करने का टास्क दिया है। इसके तहत यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को 17 नवंबर तक विशेष भ्रष्टाचार निवारक अभियान चलाने को कहा है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार निवारण उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट 30 नवंबर तक जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों को जड़ से खत्म करना है। इस अभियान के तहत, सभी कुलपतियों और निदेशकों को लंबित शिकायतों, मामलों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को निपटाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस दौरान की गई सभी गतिविधियों की रिपोर्ट यूजीसी के विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल पर जमा की जाएगी। आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि सतर्कता मामलों को लंबा खींचना गलत है। इससे न्याय नहीं हो पाता और अनुशासनात्मक कार्रवाई का मकसद पूरा नहीं होता। इसलिए आयोग ने यह तय किया है कि जांच, पहले और दूसरे चरण की सलाह और अनुशासनात्मक जांच को समय पर पूरा करना चाहिए, इसके लिए एक तय समय सीमा भी बनाई गई है। विलंब से बाधित होता है न्याय : यूजीसी यूजीसी ने कहा कि सतर्कता से जुड़े मामलों में देरी से न्याय बाधित होता है। इसलिए, जांच, सलाह और अनुशासनात्मक कार्रवाई को निर्धारित समय में पूरा करने पर जोर दिया गया है, ताकि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य पूरा हो सके। 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह भ्रष्टाचार को रोकने के लिए, यूजीसी ने सभी संस्थानों से 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाने के लिए कहा है। पहल सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा व ईमानदारी के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए है। विवि-कॉलेजों को 5 बिंदुओं पर देनी है रिपोर्ट 1. लंबित शिकायतों का निपटारा पुरानी शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना। 2. लंबित मामलों का निपटारा सभी लंबित प्रशासनिक और अनुशासनात्मक मामलों को समय पर हल करना। 3. परिसंपत्ति प्रबंधन संस्था की संपत्ति का उचित और पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करना। 4. क्षमता निर्माण कार्यक्रम कर्मचारियों की दक्षता और ईमानदारी बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना। रांची विवि में 5 बड़े लंबित मामले और शिकायतें... शुल्क लेने के बाद भी चार लाख पास छात्रों को नहीं भेजी गई डिग्रियां। पीएचडी अभ्यर्थियों की थिसिस मूल्यांकन, अवार्ड तक की पीड़ा। शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण व भुगतान से संबंधित मामले। विवि में अग्रिम एडवांस लेने के बाद एडजस्टमेंट नहीं करने का मामला। वेतन के साथ पेंशन लेने का मामला, लेकिन अभी तक कटौती नहीं।
हल्की या भारी...एक्सरसाइज में संतुलन ही महिलाओं के लिए बेस्ट
भास्कर न्यूज। लुधियाना। महिलाओं के शरीर और हेल्थ के लिहाज से एक्सरसाइज का चुनाव बेहद अहम होता है। डॉक्टर और फिटनेस एक्सपर्ट्स मानते हैं कि न तो सिर्फ हल्की कसरत महिलाओं के लिए पूरी तरह पर्याप्त होती है और न ही हमेशा भारी एक्सरसाइज सही रहती है। असल में दोनों का संतुलन ही महिलाओं को फिट, एनर्जेटिक और हेल्दी बनाए रखता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां महिलाओं को घर और बाहर दोनों मोर्चों पर एक्टिव रहना पड़ता है, वहां सही तरह की एक्सरसाइज उन्हें न केवल तनाव से राहत देती है, बल्कि हड्डियों, हार्मोन और इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है। इसलिए सवाल यह नहीं होना चाहिए कि हल्की या भारी, बल्कि यह कि कब, कैसे और किस मात्रा में एक्सरसाइज करनी चाहिए। आखिरकार महिलाओं के लिए हल्की या भारी एक्सरसाइज में से किसी एक का चुनाव करना जरूरी नहीं है। सही उपाय है दोनों का संतुलन बनाना। यह न केवल शरीर को फिट रखेगा बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी देगा। हल्की एक्सरसाइज महिलाओं को रोजमर्रा की थकान और तनाव से राहत देती है, जबकि भारी एक्सरसाइज उन्हें स्ट्रॉन्ग और एनर्जेटिक बनाती है। इसलिए संतुलन को अपनाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ फिट और खुशहाल रहें। {हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग, योग, प्राणायाम या स्ट्रेचिंग शरीर पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालती। इससे मांसपेशियों को धीरे-धीरे एक्टिव रखा जाता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। खासकर उन महिलाओं के लिए यह बेहद उपयोगी है, जो जॉब पर लगातार बैठकर काम करती हैं या जिनकी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि कम होती है। {योग और मेडिटेशन जैसी हल्की एक्सरसाइज मानसिक तनाव और एंग्जायटी को कम करती हैं। महिलाएं अक्सर हार्मोनल बदलाव, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज से गुजरती हैं। ऐसे में हल्की कसरत शरीर और दिमाग को बैलेंस में रखने का आसान उपाय है। {कई रिसर्च बताती हैं कि नियमित हल्की कसरत हार्ट डिजीज, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का खतरा कम करती है। यह हड्डियों को भी मजबूत बनाती है, जिससे महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम रहता है। {भारी एक्सरसाइज जैसे जॉगिंग, डांस, कार्डियो या वेट ट्रेनिंग महिलाओं को ज्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। इससे न केवल वजन कंट्रोल होता है बल्कि शरीर में एनर्जी लेवल भी बढ़ता है। {महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी कम होती है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है। वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज हड्डियों को मजबूत करती है। साथ ही मांसपेशियों को टोन करती है, जिससे शरीर फिट और शेप में दिखाई देता है। {जब महिलाएं रनिंग, क्रॉसफिट या जिम में हैवी ट्रेनिंग करती हैं, तो उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है। रिसर्च यह भी बताती है कि भारी कसरत करने वाली महिलाओं में डिप्रेशन और नेगेटिविटी कम होती है। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए एक्सरसाइज का चुनाव भी उसके हेल्थ कंडीशन, उम्र और लाइफस्टाइल के हिसाब से होना चाहिए। यदि किसी को हार्ट की समस्या है तो ज्यादा हैवी एक्सरसाइज से बचना चाहिए और योग, वॉक को प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं युवतियां, जो फिटनेस या शेप को लेकर सजग रहती हैं, वे कार्डियो और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज को अपनाकर अच्छा रिजल्ट पा सकती हैं। {हफ्ते के कुछ दिन हल्की और कुछ दिन भारी एक्सरसाइज शामिल करना सबसे बेहतर विकल्प है। जैसे सुबह योग और शाम को वॉक, वहीं हफ्ते में दो या तीन दिन जॉगिंग, एरोबिक्स या वेट ट्रेनिंग। इस तरह शरीर को एनर्जी और रिलैक्सेशन दोनों मिलेगा। {सिर्फ कसरत ही हेल्थ को बेहतर नहीं बना सकती। सही डाइट और पर्याप्त नींद भी उतनी ही जरूरी है। एक्सरसाइज के बाद शरीर को आराम देना और प्रोटीन, कैल्शियम से भरपूर भोजन लेना जरूरी है, ताकि मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत बन सकें।
शरीर से मोह छोड़ने पर ही आत्मस्वरूप की अनुभूति संभव : तपस्वी मुनि श्री
भास्कर न्यूज | लुधियाना धर्मसभा में बुधवार को तपस्वी मुनि श्री ने शरीर से मोह छोड़कर आत्मा पर ध्यान केंद्रित करने की साधना के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आत्मा की शुद्धि और जीवन की सच्ची शांति शरीर से मोह त्यागने में है। मुनि श्री ने स्पष्ट किया कि कायोत्सर्ग का अर्थ है – काया से जुड़ी आसक्ति और मेरा-पन को छोड़ देना। जब साधक शरीर को अपना मानना त्याग देता है, तभी आत्मस्वरूप की अनुभूति होती है। मुनि श्री ने कहा कि शरीर की थकान, मन का बोझ और कर्मों का भारीपन केवल आत्मा पर ध्यान केंद्रित करने की साधना से ही हल्का होता है। इस साधना में बैठकर साधक यह भाव करता है कि यह शरीर मेरा नहीं है। इसी भाव से दुख, पीड़ा और बंधन क्षणभर में समाप्त हो जाते हैं। जब साधक शरीर से जुड़ी भूख-प्यास, सुख-दुख, थकान आदि को त्यागकर केवल आत्मा पर ध्यान केंद्रित करता है, तो उसकी आत्मा शुद्ध, पवित्र और शांत हो जाती है। प्रवचन में मुनि श्री ने बताया कि अतीत के बुरे अनुभव और संस्कार मनुष्य को चैन से जीने नहीं देते। शरीर में रहते हुए भी उससे परे उठ जाना ही साधक का लक्ष्य होना चाहिए। सभा में मौजूद माताओं, बहनों और धर्मानुरागियों ने श्रद्धा से प्रवचन सुना। गणपति बप्पा मोरया और जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।जब मनुष्य शरीर से ऊपर उठकर आत्मा में स्थित हो जाता है, तभी सच्चे सुख और शांति का अनुभव करता है।
गुरु नानक देव जी के विवाह पर्व पर गऊ घाट साहिब में नगर कीर्तन निकाला गया
लुधियाना| ऐतिहासिक गुरुद्वारा गऊ घाट पातशाही पहली लुधियाना में गुरु नानक देव जी के विवाह पर्व पर विशेष समागम करवाए जा रहे हैं। इसमें आज दिन बुधवार दोपहर को विशेष नगर कीर्तन निकाला गया। इसमें शुरुआत में रणजीत नगाड़ा हाथी उठ थे। उपरांत ट्रॉलियों में संगत कीर्तन करती हुई जा रहीं थी। बैंड-बाजे फौजी बैंड गतका पार्टी नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे। गुरु साहिब की पालकी जी के आगे संगत सफाई की सेवा पूरी भावना से कर रही थीं। बाबा जी की पालकी के आगे फूलों की बारिश की जा रही थी। पांच प्यारे घोड़ों पर सवार होकर शामिल थे। गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी फूलों से सजाई गई थी और पालकी साहिब के पीछे गुरू ग्रंथ साहिब जी शब्दी जत्था आनंद मई कीर्तन करते हुए जा रहे थे। संगत के स्वागत के लिए जगह जगह पर इलाका निवासियों की तरफ से चाय, दूध , कोल्ड ड्रिंक, समोसे आदि के लंगर लगाए गए थे। गुरुद्वार साहिब से शुरू हो कर बाबा थान सिंह चौक, चौड़ा बाजार, घंटा घर, फील्ड गंज, कलगीधर साहिब, छेवी पातशाही से होते हुए गुरुद्वारा साहिब में सम्पन्न हुआ। 28 से 30 अगस्त तक विशेष समागम गुरुद्वार गऊ घाट पातशाही पहली में होंगे, जिसमें पंथ शख्शियत व रागी जत्थे संगत को गुरुबाणी से जोड़ेंगे।
महंगाई भत्ता:सरकार के खाते में है 400 करोड़, दिवाली तक मिलने की उम्मीद
प्रदेश के लगभग पांच लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों-अधिकरियों का महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों के बराबर हो गया है। इसके बावजूद कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। इसकी वजह है उन्हें लगभग 80 महीने का एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया है। यह करीब 400 करोड़ रुपए तक है। चतुर्थ श्रेणी से राजपत्रित अधिकारी तक को 2019 से अब तक लगभग क्रमश: 25 हजार, 50 हजार एवं 75 हजार रुपए तक सरकारी खजाने में जमा है। प्रदेश में 1.25 लाख पेंशनर भी हैं। सातवां वेतनमान 2016 में लागू होने के बाद से राज्य शासन द्वारा महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की किश्तें स्वीकृत की जाती रही हैं। किंतु इनका भुगतान विलंब से होता रहा है। इस संबंध में सरकारी आदेशों से पता चलता है कि वर्ष 2017 से 2025 तक लगभग 80 माह का एरियर्स लंबित है। 2017 से अब तक लगभग 96–98 महीने का एरियर कर्मचारियों–पेंशनर्स पर बना। वर्तमान में 1 जनवरी 2025 से स्वीकृत जो जनवरी से अगस्त का है इसका भुगतान बाकी है। प्रदेश में 1.25 लाख पेंशनर भी, सातवां वेतनमान 2016 से लागू अब तक इस तरह के हो चुके हैं प्रयास करीब 150 कर्मचारी संघों ने अपने हर का एरियर्स लेने के लिए कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वित्त मंत्री, वित्त सचिव को मांग पत्र सौंपें। एक दिवसीय से लेकर अनिश्चितकालीन हड़तालें कीं। हड़तालों का नतीजा शून्य रहा। केवल 7 जुलाई 2023 को मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की अगुवाई में कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा बनाकर की, तो प्रदेश बंद हुआ। उसका असर हुआ कि एक साथ 9 प्रतिशत गृह-भाड़ा भत्ता और 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी किया गया। ये भी जानना जरूरी है इसमें मंहगाई भत्ता फ्रीज यूनियन लीडरों ने दी आंदोलन की चेतावनी 8 माह के एरियर के बिना डीए की घोषणा से कर्मचारियों में गुस्सा है। कर्मचारियों की आवाज नहीं सुनी गई तो जल्दी ही मंत्रालय संघ की अगुवाई में सभी संगठन बड़ा निर्णय लेंगे। दूसरी ओर अधिकारी प्रदेश के खजाने से अपना पाई पाई एरियर्स, भत्ते और सुविधाएं ले रहे हैं।- महेन्द्र सिंह राजपूत, अध्यक्ष. छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ किसानों व महिलाओं को देने के लिए आर्थिक बोझ नहीं है। फिर केवल कर्मचारी - पेंशनरों के लिए आर्थिक बोझ का बहाना क्यों? एरियर्स कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। दीपावली तक राज्य सरकार के निर्णय न लिया तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।- विजय कुमार झा, कर्मचारी नेता एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के संयोजक राज्य सरकार ने 5 सूत्रीय में से 3 मांगें भी मान ली
आईबीडीए 2025 में ट्राइडेंट ग्रुप को ‘बेस्ट इन-हाउस स्टूडियो’ से नवाजा
भास्कर न्यूज | लुधियाना टेक्सटाइल और पेपर क्षेत्र में अग्रणी ट्राइडेंट ग्रुप को इंडियाज बेस्ट डिज़ाइन अवार्ड्स (आईबीडीए) 2025 में ‘बेस्ट इन-हाउस स्टूडियो’ का खिताब मिला। साथ ही इसे ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम (जीओएटी) अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। यह विशेष सम्मान उन स्टूडियोज को दिया जाता है जिन्होंने कई बार ‘बेस्ट डिज़ाइन स्टूडियो’ का पुरस्कार जीता हो। ट्राइडेंट ने यह उपलब्धि 2021, 2022, 2023 और 2025 में यह खिताब जीतकर हासिल की।यह सम्मान डिजाइन इंडिया शो के 10वें संस्करण में प्रदान किया गया, जिसमें देश के शीर्ष डिज़ाइन विशेषज्ञों ने भाग लिया। ट्राइडेंट का इन-हाउस डिज़ाइन स्टूडियो 50 से अधिक डिजाइनरों की टीम है, जिनमें एनआईडी, एनआईएफटी और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से प्रशिक्षित विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम स्थायित्व, कहानी कहने की कला और वैश्विक ट्रेंड रिसर्च को मिलाकर उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक उत्पाद तैयार करती है। इनकी विशेषज्ञता ट्रेंड फोरकास्टिंग, सरफेस पैटर्न, प्रिंट क्रिएशन, प्रोडक्ट इनोवेशन और विज़ुअल स्टोरीटेलिंग तक फैली है। स्टूडियो के कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट्स में वसंत कलेक्शन, भारत टैक्स प्रोजेक्ट और प्रकृति कलेक्शन शामिल हैं। ट्राइडेंट, जो टेरी टॉवेल्स का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है, टेक्सटाइल, पेपर, केमिकल और एनर्जी क्षेत्रों में नए मानक स्थापित कर चुका है। यह पुरस्कार ट्राइडेंट की डिज़ाइन, इनोवेशन और स्थायित्व के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसने इसे भारत के डिज़ाइन और निर्माण क्षेत्र का अग्रणी बना दिया है।
पारंपरिक कीर्तन शैली व तंती साजों की शिक्षा का केंद्र बनी जवद्दी टकसाल, समागम में जुड़ी संगत
भास्कर न्यूज| लुधियाना जवद्दी टकसाल के संस्थापक और शिरोमणि गुरमत संगीत प्रचारक, सचखंडवासी संत बाबा सुच्चा सिंह जी की 23वीं पुण्यतिथि पर गुरुद्वारा गुर ज्ञान प्रकाश, जवद्दी टकसाल में भव्य संत समागम हुआ। इसमें देशभर से धार्मिक हस्तियां, विभिन्न संप्रदायों के संत-महापुरुष, निहंग जत्थे और भारी संख्या में संगत शामिल हुई। समागम का आयोजन संत बाबा अमीर सिंह जी की देखरेख में हुआ। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि संत बाबा सुच्चा सिंह जी ने सिख धर्म के प्रचार-प्रसार और गुरमत संगीत की परंपरा को जीवंत रखने के लिए मिसाली सेवाएं दीं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्थापित जवद्दी टकसाल आज पारंपरिक कीर्तन शैली और तंती साजों की शिक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का केंद्र है। उन्होंने यह भी कहा कि संत बाबा अमीर सिंह जी ने जिस समर्पण और दूरदर्शिता से इस विरासत को आगे बढ़ाया है, उसके चलते जवद्दी टकसाल पूरे पंथ में गुरमत संगीत की धुरी बन चुकी है। समागम में बड़ी संख्या में संत-महापुरुष और विद्वान शामिल हुए। इनमें संत बाबा बलबीर सिंह (मुखी 96 करोड़ी बुढ़ा दल), जत्थेदार निहाल सिंह (मिसल शहीदां हरीं वेलां), जत्थेदार गुरदेव सिंह, संत बाबा अवतार सिंह (दल पंथ सुर सिंह वाले), संत बाबा नरेन्द्र सिंह (लंगरां वाले, श्री हजूर साहिब नांदेड़), संत बाबा तेजा सिंह (खुडा कुराला), बाबा मेजर सिंह (पंज भैणियां वाले), ज्ञानी सुखजीत सिंह घण्या, ज्ञानी सूबा सिंह, संत बाबा हरी सिंह (जीरा), संत भूपिंदर सिंह और प्रसिद्ध विद्वान ज्ञानी जसवंत सिंह परवाना शामिल थे। सभी ने संगत को गुरमत विचार साझा किए और संत बाबा सुचा सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा समागम में संत बाबा अवतार सिंह (साधांवाले), संत बाबा गुरनाम सिंह (डरोली भाई के), बाबा प्रताप सिंह (मांडी वाले), संत बाबा सेवा सिंह (रामपुर खेड़ा), उनके सेवक संत बाबा सेवा सिंह (खंडूर साहिब), संत बाबा अनहदराज सिंह (नानकसर समराला चौक), स्वामी शाता नंद (जालंधर) के प्रतिनिधि ज्ञानी हरदीप सिंह, संत बाबा रंजीत सिंह, संत बाबा मेहर सिंह, बाबा सुलक्षण सिंह, बाबा बलदेव सिंह, बाबा तेजवीर सिंह, संत बाबा दलजीत सिंह, संत गुरमीत सिंह, संत बाबा लीडर सिंह, ज्ञानी अतर सिंह (हेड ग्रंथी, श्री जोती सरूप साहिब), महंत प्रितपाल सिंह, बाबा रंजीत सिंह (सेवा पंथी संप्रदा), माता विपनप्रीत कौर, बीबी जसप्रीत कौर, ज्ञानी बलविंदर सिंह (हेड ग्रंथी, श्री मंजी साहिब, आलमगीर), भाई मेजर सिंह खालसा, अमरजीत सिंह चावला, गुरमत सिंह कुलार और रंजीत सिंह ढिल्लों ने भी शिरकत की। टकसाल की ओर से समागम में पहुंचे सभी महानुभावों को सिरोपाओ, लोहियां और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। संगत ने पूरे श्रद्धाभाव से संत बाबा सुचा सिंह जी को याद किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प दोहराया। यह समागम न सिर्फ श्रद्धांजलि का अवसर रहा, बल्कि गुरमत विचारधारा और पारंपरिक कीर्तन शैली को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया गया। जवद्दी टकसाल में हुए समागम के दौरान मौजूद संगत।
किदवई नगर में गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व पर विशेष गुरमत समागम
लुधियाना | किदवई नगर स्थित गुरुद्वारा दृष्ट दमन साहिब में श्री हेमकूंट साहिब सेवा ट्रस्ट रजिस्टर्ड की ओर से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के प्रकाश पूर्व को समर्पित विशेष गुरमत समागम करवाया गया। समागम की शुरुआत रहरास साहिब के पाठ से हुई। इसके बाद गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागियों ने कीर्तन किया। लुधियाना की बीबी जसप्रीत कौर ने भीनी रैनरिए चमकन तारे शब्द गायन कर संगत को निहाल किया। प्रधान जितेंद्र सिंह गोल्डी ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, इस्तरी सत्संग सभा और बत्रा परिवार के सहयोग से हर बुधवार को यह साप्ताहिक समागम आयोजित होता है। इस मौके पर प्रधान जितेंद्र सिंह गोल्डी, हरविंदर सिंह संधू, राजिंदर सिंह दुआ, परमजीत सिंह, रणजीत सिंह, ग्लोबल वीर, शैली वीर, बाबा जगमोहन सिंह, गुजिंदरपाल सिंह दुआ, अमृत कौर और जसलीन कौर सहित बड़ी संख्या में संगत ने हाजिरी भरी। आयोजकों ने इसे श्रद्धा और भक्ति से भरा समागम बताया।