म्यूजिक और साड़ियों की शौकीन... कौन हैं मथुरा श्रीधरन; जो बनीं ओहियो की 12वीं अटॉर्नी जनरल

Mathura Sridharan: भारतीय मूल के कई लोगों ने दुनिया भर में अपने नाम का डंका बजवाया है. इन्हीं लोगों में एक नाम मथुरा श्रीधरन का जुड़ गया है. इन्हें ओहियो राज्य का 12वां सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया है.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 6:34 pm

अगर ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने से रोका, पुतिन दबा देंगे अमेरिका की ये 'नस', पंगा लेना पड़ेगा महंगा!

US India Trade: ट्रंप प्रशासन के लिए रूस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना जोखिम भरा साबित हो सकता है. भारत ने यूरोप द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद ही 2022 से रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू किया था.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 1:27 pm

अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत? ट्रंप के दावे पर भारत सरकार का आया बयान

India-Russia Trade: हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल खरीदने पर रोक लगा दी है. इस दावे को लेकर भारत में हलचल मची है. जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है?

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 1:04 pm

ट्रेड डील के बाद साउथ कोरिया से कैसा है US का संबंध? ट्रंप ने कर दिया खुलासा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच रिश्ते बेहद अच्छे हो गए हैं. बता दें कि अमेरिका ने कोरिया पर लगाए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 11:54 am

अफगानिस्तान 2024-25 में दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित देश : एफएओ रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान 2024 और 2025 में दुनिया का सबसे खाद्य असुरक्षित (फूड इनसिक्योर) देश बना हुआ है

देशबन्धु 2 Aug 2025 9:52 am

ऐसा दोस्त चाहिए जो जज ना करे... डिप्रेशन में जी रही महिला ने AI से मांगी मदद, चैटबॉट ने ऐसे बचाई जान

Artificial Intelligence: अमेरिका की एक महिला का कहना है कि वह AI की मदद से डिप्रेशन से बाहर निकली हैं. उनके बुरे वक्त में AI ने दोस्त की तरह उनकी मदद की.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 9:14 am

पुतिन के करीबी ने दी धमकी तो बौखलाए ट्रंप, रूस के पास परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का दिया आदेश

America Nuclear Submarines: ट्रंप ने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की धमकियों के जवाब में रूस के निकट 2 परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने का आदेश दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है और परमाणु युद्ध के खतरे को बढ़ा सकता है.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 7:17 am

ट्रंप की टैरिफ से कितना होगा नुकसान? सरकार ने जो बताया.. उसे सुनकर खुश हो जाएंगे देश के लोग!

Indian Economy: सरकार ने यह भी क्लियर किया है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत सही दिशा में चल रही है. यह प्रक्रिया नवंबर 2024 से जारी है और उम्मीद है कि सितंबर या अक्टूबर तक कोई औपचारिक घोषणा हो सकती है.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 7:15 am

स्पॉटलाइट- पहली बार पैदा हुआ 30 साल का बच्चा:दुनिया का सबसे बुजुर्ग नवजात, इतने समय कैसे जिंदा रहा भ्रूण; देखें वीडियो

दुनिया का सबसे उम्रदराज नवजात थेडस डेनियल पीयर्स पैदा हुआ है. लिंडसे और टिम पियर्स के घर जन्मे इस 30 साल के बच्चे ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है.लेकिन कोई नवजात 30 साल का कैसे हो सकता है? क्या है इसके पीछे की कहानी? क्या ऐसे बच्चे हेल्दी होते हैं, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो

दैनिक भास्कर 2 Aug 2025 5:06 am

यूपी की कुसुम कैसे बनी दिल्ली की ड्रग क्वीन:8 करोड़ की प्रॉपर्टी, टोकरी से सप्लाई; 20 CCTV कैमरों से पुलिस की निगरानी

‘इस घर से नशे का सामान बेचा जाता था। यहां रहने वाले सभी परेशान हैं। शहर के बाहर से भी लोग खरीदने आते थे। कई बार तो हमने यहां हरियाणा और यूपी के नंबर वाली गाड़ियां भी देखी हैं। ये लोग भी ड्रग्स लेने आते थे।‘ दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में ड्रग डीलर कुसुम के आस-पास रहने वालों की यही शिकायत है। उसके खौफ की वजह से कोई कैमरे पर आने को राजी नहीं हुआ। उसके धंधे की वजह से बिगड़े माहौल से सब परेशान हैं। सुल्तानपुरी में कुसुम का पांच मंजिला मकान है। यहीं से वो ड्रग सप्लाई का पूरा नेटवर्क चलाती थी। यहां तक पहुंचने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, ताकि पुलिस पर नजर रखी जा सके। पुलिस को इसके धंधे के बारे में तब भनक लगी, जब सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी इलाके में पकड़े गए सभी ड्रग पैडलर ने इसका नाम लिया। इसके बाद पुलिस ने 10 मार्च को उसके ठिकाने पर छापा मारा और जांच आगे बढ़ी। पुलिस ने उसके बेटे अमित को अरेस्ट कर लिया, लेकिन कुसुम बच निकली। बेटे से पूछताछ के बाद 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने कुसुम की 4 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त कर ली है। कुसुम कब और कैसे इस धंधे से जुड़ी। उसके ड्रग सप्लाई का कारोबार कहां तक फैला है। उसका मकान और वहां से कैसे ड्रग्स बेचा जाता था। पुलिस की उस पर कब और कैसे नजर पड़ी। ये जानने के लिए हम दिल्ली के सुल्तानपुरी पहुंचे। हमने इलाके के लोगों और पुलिस से बात की। दिल्ली का सुल्तानपुरी…मकान से ड्रग्स की सप्लाई, 20 CCTV कैमरों से पुलिस पर नजरसबसे पहले हम दिल्ली के सुल्तानपुरी पहुंचे, जहां कुसुम का ठिकाना है। एक कमरे वाले मकानों के बीच में कुसुम का पांच मंजिला घर है। इसके ठीक बगल एक पतली सी गली है। गली के आगे और पीछे दोनों तरफ लोहे के गेट लगे हैं, ताकि इमरजेंसी के मौके पर पुलिस को अंदर आने से रोका जा सके। पुलिस के मुताबिक, कुसुम ने पूरे इलाके में रास्तों पर करीब 20 कैमरे लगवा रखे थे। मकान के हर फ्लोर पर एलईडी स्क्रीन लगी है, जिस पर इन कैमरों का एक्सेस था। इसी के जरिए कुसुम पुलिस के मूवमेंट पर नजर रखती थी। फिलहाल इन कैमरों की DVR पुलिस के पास है। हमने आसपास के लोगों से कुसुम के बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई राजी नहीं हुआ। ज्यादातर लोगों का यही कहना था कि वे कुछ दिन पहले ही यहां शिफ्ट हुए हैं। कुसुम के बारे में ज्यादा नहीं जानते। काफी गुजारिश के बाद कुछ लोगों हमसे ऑफ द रिकॉर्ड बात की। इलाके में रहने वाल एक महिला बताती हैं, पिछले तीन-चार महीनों से कुसुम यहां नहीं आ रही है। अगर आती भी होगी तो हमें पता नहीं चल सका। पहले तो देर रात तक लोग उसके दरवाजे पर ड्रग्स लेने आते थे। यहां का माहौल ही खराब हो गया था। अब कुछ दिनों से शांति है। पड़ोस में रहने वाले एक दुकानदार ने बताया, ’कुसुम बीते 25 साल से यहां रह रही है। ऐसा माहौल हो गया था कि ड्रग्स लेने के लिए रात को भी 100-150 लोगों की भीड़ लगी रहती थी। ज्यादातर लोग बाहरी होते थे। इस काम में आसपास के लोग भी कुसुम की मदद करते थे। वो खुद भले फरार है, लेकिन उसके लोग अब भी यहां रहते हैं।’ इलाके के एक और दुकानदार बताते हैं, ’कई बार ड्रग्स लेने वालों से यहां सड़क पटी रहती थी। कई बार पुलिस को हटाने आना पड़ जाता था। फिर सबकुछ नॉर्मल हो जाता। आप ही सोचिए प्रशासन के सहयोग के बिना इतना बड़ा काम कैसे चल सकता है। कुसुम अकेली नहीं, पूरी फैमिली और आसपास के लोग इसमें इन्वॉल्व हैं। बेटा अमित बेल मिलने के बाद आया भी था।’ पति की बीमारी के बाद कुसुम बन गई ड्रग क्वीन56 साल की कुसुम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के बनैल गांव की रहने वाली है। पुलिस डोजियर के मुताबिक, बहुत कम उम्र में उसकी शादी अलीगढ़ में सुरेंद्र उर्फ राजू से कर दी गई। सुरेंद्र दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में काम करता था। शादी के बाद कुसुम भी पति के साथ सुल्तानपुरी आ गई। कुछ समय बाद ही पति की बीमारी से मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया, कुसुम के पड़ोस में रहने वाला मनोज शराब बेचता था। कुसुम ने उससे दूसरी शादी कर ली। कुछ समय बाद मनोज भी बीमार रहने लगा तो परिवार के पास कमाई का कोई जरिया नहीं बचा। तब कुसुम, पति मनोज के जरिए ही एक ड्रग सप्लायर के कॉन्टैक्ट में आई और इस पेशे से जुड़ गई। 2003 में उसने सुल्तानपुरी के कई इलाकों में ड्रग्स बेचनी शुरू कर दी थी। 28 जून 2003 को उसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत सुल्तानपुरी थाने में पहला केस दर्ज हुआ। इसके बाद एक के बाद केस से फाइल मोटी होती गई, दूसरी तरफ कुसुम का ड्रग्स का साम्राज्य भी बढ़ता चला गया। उसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत कुल 12 केस दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस ने 2006 में कुसुम को पहली बार गिरफ्तार किया, लेकिन बेल मिल गई। वो फिर से इसी धंधे में आगे बढ़ गई। 2008 में भी गिरफ्तारी हुई, लेकिन फिर बेल मिल गई। धीरे-धीरे वो कारोबार में अपने परिवार के सदस्यों को भी शामिल करती चली गई। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कुसुम की दो बेटियां और एक बेटा है। उसकी दोनों बेटियां भी दिल्ली पुलिस की वांटेड की लिस्ट में हैं। बेटा अमित और भाई डैनी भी धंधे में पूरी तरह से शामिल हैं। ड्रग पैडलर्स​​​​ का कबूलनामा और भतीजे की मुखबिरी पड़ी भारीदिल्ली आउटर डिस्ट्रिक्ट के DCP सचिन शर्मा ने बताया, 'सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी इलाके में जो भी ड्रग पैडलर पकड़े जा रहे थे। सबसे पूछताछ में कुसुम का नाम जरूर सामने आ रहा था। हमने काम शुरू किया तो समझ आया कि उसने घर ऐसा डिजाइन है कि हमारे लिए छापेमारी करना मुश्किल हो रहा।' पुलिस के मुताबिक, 10 मार्च को मंगोलपुरी में कुसुम के भतीजे को स्कॉर्पियों में पकड़ा गया। उसी की मदद से पुलिस कुसुम के घर तक पहुंची। पुलिस ने बेटे अमित को अरेस्ट कर लिया था। कुसुम और उसकी बेटियां फरार हो गई थीं। छापे में घर से ड्रग्स के पैकेट और कुछ दवाइयां मिली। पुलिस को एक तिजोरी से करीब 13.5 लाख रुपए कैश और ज्वेलरी भी मिली थी। अमित ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि धंधे से कैश में मिले पैसे इसी तिजोरी में रखे जाते थे। अमित ने घर के रास्तों में लगे कैमरों के बारे में भी बताया था, जिससे वो और कुसुम पुलिस पर नजर रखते थे। उसने घर के बगल में संकरी गली पर लगे गेट के बारे में बताया था कि पुलिस के आते ही गली को दोनों तरफ से बंद किया जा सके। पुलिस के मुताबिक, कुसुम किसी भी स्थिति के लिए अपने वकीलों को तैयार रखती है। इसीलिए NDPS के मामलों में हमें ऑन द स्पॉट ही सारी चीजें करनी होती हैं। ड्रग्स के धंधे से 7-8 करोड़ की प्रॉपर्टी बनाईपुलिस अधिकारी बताते हैं कि कारोबार बढ़ने के बाद कुसुम ने प्रॉपर्टीज बनानी शुरू कीं। सुल्तानपुरी में ही उसके 7 मकान हैं। इसके अलावा रोहिणी में भी कुछ मकान हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। ज्यादातर मकान किराए पर उठे हुए हैं। सुल्तानपुरी के एक मकान के ग्राउंड फ्लोर से उसने एक खुफिया रास्ता बना रखा है। ये रास्ता उसके बगल के दूसरे मकान में फर्स्ट फ्लोर पर निकलता है। ताकि किसी इमरजेंसी के वक्त उसे भागने का मौका मिल सके। कुसुम के पास एक फॉरच्यूनर गाड़ी है, जो उसने अपने नाम पर नहीं ली। अधिकारी बताते हैं, 'कानूनी दिक्कतें होने के कारण कुसुम ने छोटी बेटी के बॉयफ्रेंड के नाम से ये सेकेंड हैंड फॉरच्यूनर गाड़ी ली है। एक स्कॉर्पियो भी है, वो भी दूसरे के नाम पर खरीदी गई है। इसके अलावा उसके पास एक स्विफ्ट डिजायर कार भी है।' हमने पुलिस से कुसुम की कुल प्रॉपर्टी के बारे में पूछा तो जवाब मिला, 'मकान और बाकी चीजों को जोड़कर करीब 7-8 करोड़ की प्रॉपर्टी हो सकती है। पुलिस के मुताबिक, जनवरी 2024 के बाद से अब तक दोनों बेटियों दीपा और चीकू के खातों में करीब 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। दिल्ली पुलिस के दूसरे अधिकारी बताते हैं, 'कुसुम यहां रोजाना एक लाख तक का कारोबार कर रही थी। वो ट्रामाडोल (पेन किलर जैसी दवाई) से लेकर हेरोइन और स्मैक तक बेचती थी। उसके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। हमने अभी उसके 4 बैंक अकाउंट्स भी सीज किए हैं। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी है। इसी महीने उसे भगोड़ा साबित करने के लिए भी कोर्ट में सुनवाई होगी।' ड्रग्स सप्लाई कैसे होती...खिड़कियों से टोकरी लटकाकर बेचती ड्रग्स, थोक सप्लाई का भी कामपुलिस अधिकारी बताते हैं, 'घर से ही लोगों को ड्रग्स सप्लाई की जा रही थी। छत से रस्सी में बंधी एक टोकरी लटकाई जाती थी, जिसमें कैश रखे जाने के बाद खरीदार को ड्रग्स दी जाती। इसके अलावा कुछ लोग घर के अंदर से भी खरीदकर ले जाते थे।' 'हालांकि बाहरी लोग सीधे कॉन्टैक्ट में नहीं आते थे। घर के अंदर का एरिया लोहे की ग्रिल से कवर था। लिहाजा वे हाथ डालकर कैश देते थे और फिर उन्हें जो चाहिए, वो मिल जाता।' 'इसके अलावा कुसुम ने कुछ लड़के भी काम पर लगा रखे थे। ये बाहर जाकर सप्लाई करते थे। ये सप्लाई भी करते और पुलिस से बचने के लिए उनकी निगरानी भी करते थे। इन्हों दिहाड़ी पर रखा जाता था।' 'जांच में पता चला कि कुसुम थोक में भी सप्लाई किया करती थी। इसका पता एक वॉट्सऐप चैट से चला, जिसमें एक व्यक्ति ने एक-डेढ़ लाख का माल खराब होने की शिकायत की थी। हमने शिकायत करने वाले लड़के को भी गिरफ्तार किया है।' डोजियर में लिखा है कि कुसुम पहले यूपी के बरेली से हेरोइन मंगवाती थी। फिर इसे रिटेल में अलग-अलग जगह सप्लाई करती थी। बरेली में अशफाक नाम के व्यक्ति को कुसुम का सहयोगी बताया गया है। इसके अलावा सुल्तानपुरी का रहने वाला कमर जहना भी उसका सहयोगी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बरेली के सोर्स के बारे में पुलिस को ज्यादा जानकारी नहीं है। पुलिस ने रेड डाली तो कुसुम ने छत से छलांग लगाईजून 2021 की बात है। पुलिस ने हरियाणा के एक लड़के को ड्रग्स के साथ पकड़ा था। सुल्तानपुरी के राज पार्क थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ। लड़के ने पूछताछ में बताया कि उसने कुसुम के यहां से ड्रग्स खरीदी है। पुलिस के मुताबिक, 'कोर्ट से परमिशन लेकर हमने कुसुम के खिलाफ जरूरी कार्रवाई शुरू की। हालांकि उसने कैमरे से पुलिस को देख लिया। उसने घर अंदर से बंद कर लिया और सारा सामान गायब करवा दिया। वो कुछ सामान के साथ छत पर खड़ी थी। पुलिस के पहुंचते ही वो छत से कूद गई, जिसमें उसके दोनों पैर टूट गए। तब उसके पास से स्मैक बरामद हुई थी।' फिलहाल पुलिस को कुसुम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारी ने बताया कि लीड मिलने पर दिल्ली पुलिस बुलंदशहर इलाके में गई थी, लेकिन जानकारी गलत निकली। पुलिस उसकी तलाश में पहले अलीगढ़ भी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। फरवरी में पुलिस की स्पेशल DCP कोर्ट ने कुसुम के खिलाफ दिल्ली से बेदखली का आदेश भी जारी कर दिया। इसके मुताबिक, कुसुम को 9 महीने के लिए दिल्ली की सीमा से बाहर रहने को कहा गया है। हालांकि वो कोर्ट की सुनवाई के दौरान दिल्ली में मौजूद रह सकती है। आदेश न मानने पर अपराधी को पकड़कर कोर्ट में पेश किया जाता है। DCP बोले- ड्रग्स की सप्लाई में बच्चे भी शामिलआउटर दिल्ली के इलाकों में ड्रग सप्लाई में क्या बच्चे भी शामिल हैं? इस पर DCP सचिन शर्मा कहते हैं, 'एक होता है कंज्यूमर पार्ट। निश्चित रूप से इसमें बच्चे शामिल हैं। कुछ जगहों पर ड्रग एडिक्शन के मामले आए हैं। दूसरा है कुरियर साइड। इसमें भी हमने दो-तीन जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के मामले दिए हैं। जिससे पता चला है कि ड्रग्स की सप्लाई में बच्चों का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि कुसुम के मामले में ये अभी तक स्टेब्लिश नहीं हुआ है।' DCP ने बताया कि अभी उसकी 8 प्रॉपर्टी की पुष्टि हो सकी है, जो कुसुम के नाम पर हैं। बाकी कुछ और प्रॉपर्टी की सूचनाओं पर पुलिस काम कर रही है। जैसे-जैसे जानकारी मिलेगी, पुलिस इसमें बाकी लोगों को भी गिरफ्तार करेगी।.......................... ये खबर भी पढ़ें...न वोटर लिस्ट रिवीजन का पता-न फॉर्म भरा, कैसे देंगे वोट 'मैं काफी समय से बिहार नहीं गया। वहां रिश्तेदारों से बात जरूर होती है, लेकिन किसी ने भी मुझे वोटर लिस्ट रिवीजन के बारे में नहीं बताया। मेरे परिवार में 6 लोग बिहार के वोटर हैं। अब फॉर्म ही नहीं जमा कर पाए तो कहीं इनके नाम वोटर लिस्ट से न कट जाएं।’ गाजियाबाद में रहने वाले मधुबनी के सुनील चौधरी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया से अनजान हैं। अब जब इसके बारे में पता चला तो उन्हें वोट कैंसिल होने का डर सता रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 2 Aug 2025 4:00 am

48 साल की मेड से रेप, वीडियो-साड़ी से फंसा प्रज्वल:4 साल तक डटी रही विक्टिम, क्या उम्रभर जेल में रहेगा

15 महीने की जांच, 113 गवाह, रेप का एक वीडियो और सबूत के तौर पर एक साड़ी, आखिरकार मेड, पुलिस, डॉक्टर और पार्टी वर्कर्स से रेप के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को पहले केस में दोषी करार दे दिया गया। इस केस की विक्टिम प्रज्वल के घर में काम करती थी। आरोप है कि प्रज्वल ने उससे दो बार रेप किया। बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट ने 1 अगस्त को जैसे ही प्रज्वल के दोषी होने का फैसला सुनाया, कर्नाटक के सबसे ताकतवर परिवार से आने वाला प्रज्वल फूट-फूटकर रोने लगा। प्रज्वल के खिलाफ रेप के तीन और सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक केस दर्ज हैं। ये पहला केस है, जिसमें ट्रायल पूरा हुआ है और प्रज्वल को सजा मिली है। केस की विक्टिम प्रज्वल के फार्म हाउस में काम करती थी। उसकी उम्र 48 साल है। रेवन्ना फैमिली का फार्म हाउस हासन के गन्निकाडा में है। 15 महीने में खत्म हुआ प्रज्वल रेवन्ना का रसूखहासन से सांसद रहा प्रज्वल रेवन्ना कभी कर्नाटक का उभरता लीडर था। सबसे ताकतवर पॉलिटिकल फैमिली का वारिस था। दादा एचडी देवगौड़ा राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री, पिता एचडी रेवन्ना विधायक और पूर्व मंत्री, चाचा एचडी कुमारस्वामी विधायक और पूर्व CM, भाई सूरज MLC। यही वजह है कि हासन में कहा जाता था, यहां बाबा साहब के साथ देवगोड़ा परिवार का भी संविधान चलता है। 24 अप्रैल, 2024 की सुबह हासन के स्टेडियम में रनिंग ट्रैक पर सैकड़ों पेन ड्राइव मिले। इनमें प्रज्वल रेवन्ना की करीब 3 हजार सेक्स क्लिप और फोटो थे। जांच शुरू हुई, तो एक के बाद एक 50 महिलाएं सामने आ गईं। प्रज्वल पर के सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया। 12 महिलाओं ने कहा कि प्रज्वल ने उनसे रेप किया है। 4 केस दर्ज हुए। इसके बाद से ही प्रज्वल पुलिस की कस्टडी में है। प्रज्वल ने रेप किया, वीडियो बनाया, यही वीडियो सबसे बड़ा सबूत चार्जशीट के मुताबिक, प्रज्वल ने विक्टिम से 2021 में दो बार रेप किया था। एक बार हासन वाले घर में और इसके कुछ दिन बाद बेंगलुरु के बसवंगुड़ी वाले घर में। प्रज्वल ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। यह वीडियो SIT को मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में विक्टिम प्रज्वल का विरोध करते और रोते हुए दिख रही है। हालांकि वीडियो में प्रज्वल का चेहरा साफ नजर नहीं आता। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि वीडियो में प्रज्वल ही है। इसके अलावा, विक्टिम जहां पर काम कर रही थी, वहां एक अलमारी में अपनी साड़ियां रखती थी। जांच में एक साड़ी पर प्रज्वल का डीएनए मिला। ये सभी तथ्य केस में अहम सबूत माने गए। पहली FIR विक्टिम की तरफ से ये केस सीनियर एडवोकेट अशोक नायक और बीएन जगदीशा ने लड़ा। कोर्ट के फैसले के बाद विक्टिम के वकील अशोक नायक कोर्ट से बाहर आए और कहा, ‘यह मुझसे ज्यादा विक्टिम की जीत है। आखिरकार, उसे इंसाफ मिला।’ उनसे पूछा गया कि इस केस में कौन सा सबूत सबसे मजबूत था। अशोक नायक ने जवाब दिया, ‘इस जीत के पीछे सबसे बड़ा फैक्टर खुद विक्टिम है। हमने चार्जशीट में दर्ज 100 से ज्यादा गवाहों में से 26 गवाहों का एग्जामिनेशन किया। 180 डॉक्यूमेंट को सबूत के तौर पर पेश किया। इनमें भी विक्टिम का बयान मजबूत सबूत था, जो बहुत विश्वसनीय था।’ अशोक नायक बताते हैं, ‘ये केस इसलिए भी जटिल था, क्योंकि घटना 4 साल पुरानी थी। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती आरोपों को साबित करने की थी।' इस केस में डिजिटल एविडेंस बहुत अहम साबित हुए। आरोपी ने खुद सेक्शुअल हैरेसमेंट का वीडियो रिकॉर्ड किया था। फोरेंसिक जांच में साबित हो गया कि वीडियो असली है और मॉर्फ नहीं किया गया है। ‘वीडियो से घटना वाली जगह यानी प्रज्वल के घर की पहचान करने में मदद मिली। वीडियो में दिखे आरोपी के शरीर के कुछ हिस्सों का मिलान डॉक्टर की मौजूदगी में लिए गए फोटोग्राफ से किया गया। इससे भी साबित कर दिया कि वीडियो में मौजूद व्यक्ति प्रज्वल ही है।’ SIT ने DNA रिपोर्ट, FSL रिपोर्ट और विक्टिम के घटना के वक्त पहने कपड़ों को भी सबूत बनाया। 3-4 साल बाद भी जांच अधिकारी ने ये सबूत तलाश लिए। कोर्ट ने भी सिर्फ 38 सुनवाई में फैसला सुना दिया। रेप के बाद विक्टिम ने काम छोड़ा, वीडियो वायरल होने के बाद FIR कराईविक्टिम ने प्रज्वल पर रेप, धमकी देने और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए हैं। SIT की चार्जशीट के मुताबिक, विक्टिम के साथ पहली घटना 2021 में लॉकडाउन के दौरान हुई। तब प्रज्वल अपने गन्निकाडा वाले फार्म हाउस में था। विक्टिम यहीं काम करती थी। विक्टिम ने बताया कि प्रज्वल ने मुझसे पानी मंगाया। मैं पानी लेकर उसके कमरे में गई। उसने दरवाजा बंद कर दिया और मेरे साथ जबरदस्ती की। उसने अपने मोबाइल फोन से मेरा वीडियो भी बनाया। धमकी दी कि अगर मैंने किसी को इस बारे में बताया तो वीडियो तुम्हारे परिवार वालों को भेज दूंगा। कुछ दिन बाद विक्टिम रेवन्ना परिवार के बेंगलुरु वाले घर में थी। ये घर बसवनगुडी एरिया में है। यहां उसे घर की सफाई के लिए ले जाया गया था। प्रज्वल ने यहां भी उसे कमरे में बुलाया और रेप किया। लगातार हो रही घटनाओं से तंग आकर विक्टिम ने 2022 में काम छोड़ दिया। एक दिन उसका वीडियो वायरल टीवी पर चलने लगा। इसे उसके परिवार ने भी देखा। तब विक्टिम पुलिस के पास पहुंची और FIR दर्ज कराई। ऐसे और मामले सामने आने लगे तो प्रज्वल जर्मनी भाग गया। 31 मई, 2024 को भारत लौटने पर उसे बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के वक्त पहली साड़ी संभालकर रखी, इसी से प्रज्वल का DNA मिला चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि प्रज्वल ने विक्टिम से साल 2021 में दो बार रेप किया था। एक बार हासन वाले घर में और इसके कुछ दिन बाद बेंगलुरु के बसवनगुडी वाले घर में। प्रज्वल ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। यह वीडियो SIT को मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में विक्टिम प्रज्वल का विरोध करते और रोते हुए दिख रही है। हालांकि वीडियो में प्रज्वल का चेहरा साफ नजर नहीं आता। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि वीडियो में प्रज्वल ही है। इसके अलावा, विक्टिम जहां पर काम कर रही थी, वहां एक अलमारी में अपनी साड़ियां रखती थी। जांच में एक साड़ी पर प्रज्वल का डीएनए मिला। ये सभी तथ्य केस में अहम सबूत माने गए। विक्टिम ने 28 अप्रैल 2024 को होलेनरासीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसने घटना के वक्त पहनी साड़ी संभाल कर रखी थी। वही साड़ी प्रज्वल को सजा दिलाने में केस का अहम सबूत बनी। SIT ने साड़ी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा। साड़ी पर मिले स्पर्म के सैंपल प्रज्वल के DNA से मेल खा गए। यह साइंटिफिक सबूत था, जिसे नकारना मुश्किल था। इसी साल अप्रैल में ट्रायल कोर्ट ने रेवन्ना के खिलाफ IPC और आईटी एक्ट की धाराओं में आरोप तय किए थे। इनमें अब उसे दोषी ठहराया गया है। प्रज्वल को 10 साल की सजा से उम्र कैद तक हो सकती हैप्रज्वल को कितनी सजा हो सकती है, इस पर सुप्रीम कोर्ट के वकील संकेत एम. येनागी बताते हैं, प्रज्वल पर 376(2)(k) के तहत केस दर्ज है। इसमें उसे कम से कम 10 साल का कठोर कारावास होगा। यह सजा उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा अलग-अलग धाराओं के तहत उसे 3 से 7 साल की सजा हो सकती है। रेप के दो और केस में फैसला आना बाकीप्रज्वल के खिलाफ अभी तीन केस और हैं। एक मामले में विक्टिम और उसके पति के बयान दर्ज हो चुके हैं। दो महिलाओं ने प्रज्वल के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया है। इनमें एक पार्टी वर्कर और दूसरी प्रज्वल के घर में काम करने वाले शख्स की पत्नी है। पढ़िए उनकी आपबीती... पहली विक्टिमपति को गोली मारने की धमकी दी, सरकारी बंगले में रेप किया 44 साल की एक विक्टिम ने होलेनरासीपुर टाउन पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है। वह प्रज्वल की पार्टी से जुड़ी थी। शिकायत के मुताबिक, 1 जनवरी 2021 को मैं प्रज्वल के सरकारी बंगले पर गई थी। ग्राउंड फ्लोर पर बने हॉल में कई लोग थे। प्रज्वल के स्टाफ ने मुझे फर्स्ट फ्लोर पर जाने के लिए कहा। कुछ देर बाद प्रज्वल कमरे में आया और मेरा रेप किया। उसने मेरे पति को गोली मारने की धमकी दी। इसके बाद भी कई बार रेप किया। दूसरी विक्टिममां से रेप किया, शिकायत करने पर पापा को नौकरी से निकालाSIT के सोर्स के मुताबिक, दूसरी विक्टिम ने बताया, ‘प्रज्वल रेवन्ना ने 4-5 साल पहले बेंगलुरु वाले घर में मेरी मां से रेप किया था। इसके बाद प्रज्वल रेवन्ना मुझे भी वीडियो कॉल करने लगा। वो मां को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर कपड़े उतारने पर मजबूर करता था।’ ‘पापा प्रज्वल के घर में काम करते थे। प्रज्वल मां को धमकी देता था कि अगर मेरी बात नहीं मानी, तो पापा को नौकरी से निकाल देगा। मेरे साथ रेप करेगा। हमने प्रज्वल के खिलाफ पुलिस में शिकायत की, तो उसने पापा को नौकरी से निकाल दिया।’ इस विक्टिम ने प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना पर भी सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है। SIT ने एचडी रेवन्ना से इस पर सवाल पूछा था। उन्होंने जवाब दिया, ‘मेरे घर में कई नौकर काम करते हैं। मैं आरोप लगाने वाली महिला को नहीं जानता।’ प्रज्वल को जेल, JDS में निखिल कुमारस्वामी के लिए रास्ता साफबेंगलुरु के सीनियर जर्नलिस्ट यासिर मुश्ताक से हमने पूछा कि प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार दिए जाने से JDS और देवगौड़ा फैमिली की पॉलिटिक्स पर क्या असर पड़ेगा। यासिर कहते हैं, ‘JDS पहले ही NDA में शामिल होकर हाशिए पर जा चुकी है। वीडियो सामने आने के बाद जिन लोगों को पार्टी से दूरी बनानी थी, वे पहले ही अलग हो चुके हैं।’ ‘हालांकि, पार्टी का कोर वोट बैंक अब भी परिवार के साथ है। इसका सबूत हासन सीट पर हुए चुनाव हैं। प्रज्वल के वीडियो सामने आने के तीन दिन बाद यहां वोटिंग हुई थी। इसके बावजूद प्रज्वल को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले। अगर लोगों में नाराजगी होती, तो इतने वोट नहीं मिलते।’ यासिर आगे कहते हैं, ‘इस फैसले का सबसे बड़ा असर JDS की पारिवारिक राजनीति पर पड़ेगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को फायदा हुआ है। वे अपने बेटे निखिल कुमारस्वामी को आगे लाना चाहते थे, लेकिन निखिल तीन बार चुनाव हार चुके हैं।' 'दूसरी ओर प्रज्वल को खुद एचडी देवेगौड़ा ने अपनी सीट दी थी। वो चुनाव में जीता भी था। उसे परिवार में ज्यादा परिपक्व नेता माना जा रहा था। देवगौड़ा की विरासत के लिए परिवार में मुकाबला चल रहा था। इस फैसले से प्रज्वल का पॉलिटिकल करियर खत्म हो गया है। निखिल के लिए रास्ता साफ है। उन्हें परिवार में कोई चुनौती नहीं मिलेगी।’ कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है। प्रज्वल के केस पर हमने पार्टी के प्रवक्ता निजाम फौजदार से बात की। वे कहते हैं, ‘प्रज्वल रेवन्ना का मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है। अभी इस मामले में कई विक्टिम सामने नहीं आई हैं। अगर वे सामने आती हैं तो सरकार उन्हें सुरक्षा देगी।’ प्रज्वल के भाई सूरज पर भी अननेचुरल सेक्स का आरोपप्रज्वल रेवन्ना के भाई सूरज रेवन्ना को हासन पुलिस ने 23 जून, 2024 को गिरफ्तार किया था। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने सूरज पर अननेचुरल सेक्स का केस दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया कि 16 जून को सूरज रेवन्ना ने मुझे गन्निकाडा में फार्महाउस पर बुलाया। शाम करीब 6.15 बजे मैं फार्म हाउस पहुंचा, तो सूरज ने जान से मारने की धमकी देकर मेरे साथ अननेचुरल सेक्स किया। इसके बाद 25 जून को सूरज के करीबी माने जाने वाले एक पार्टी कार्यकर्ता ने भी होलेनरासीपुर थाने में सूरज के खिलाफ अननेचुरल सेक्स का केस दर्ज करवा दिया।

दैनिक भास्कर 2 Aug 2025 4:00 am

भारत-रूस संबंध 'मजबूत और भरोसेमंद साझेदारी' : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस के बीच 'मजबूत और भरोसेमंद साझेदारी' है

देशबन्धु 2 Aug 2025 2:15 am

रूस से जवाब आया, पूरा अमेरिका बौखलाया! ट्रंप, पुतिन के दोस्त से दुश्मन कैसे बन गए ?

रूस लगातार ट्रंप की फजीहत कर रहा है और इस फजीहत से ट्रंप इतने ज्यादा बौखला गए हैं कि एक दिन पहले उन्होंने रूस की इकोनॉमी को डेड यानी मरा हुआ बता दिया. अब रूस से इसका जवाब भी आ गया है और ये भी पता चल गया है कभी पुतिन के नाम की माला जपने वाले ट्रंप को रूस से इतनी ज्यादा चिढ़ क्यों हो गई है.

ज़ी न्यूज़ 2 Aug 2025 12:25 am

Dangerous Places on Earth: समंदर के बीच खड़ी चट्टान, उफनता महासागर...चोटी पर बसी है सबसे खतरनाक जगह; नाम से खड़े हो जाते हैं रोंगटे

Thridrangaviti Lighthouse:कमाल की बात है कि उस खतरनाक जगह तक जाने के लिए कोई सड़क नहीं है, कोई सुरंग नहीं है ना ही कोई सीढ़ी है. इस जगह का नाम है rdrangaviti Lighthouse, जिसे थ्रीड्रंगर लाइटहाउस भी कहा जाता है. ये जगह समुद्र तल से 40 मीटर (130 फीट) ऊपर है.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 7:51 pm

वीजा-पासपोर्ट छीनकर पुलिस ने जानवरों जैसा सलूक किया... इन मुसलमानों को देश से क्यों भगा रहा ईरान?

Iran Deportation Policy: बीते दिन ईरान और इजरायल के बीच युद्ध हुआ था, इस युद्ध में कई बार ईरानी पुलिस ने अफगानों की गिरफ्तारी शक के आधार पर की. अब ईरान में रह रहे अफगानों को यहां की सरकार भगा रही है. बता दें कि 40 लाख से ज्यादा शरणार्थी अफगानिस्तान से आकर ईरान में बस गए थे.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 6:37 pm

Amazon Rainforest: सूरज करता है मशक्कत, ये है धरती की 'अंधेरनगरी', रोशनी भी पहुंचते-पहुंचते तोड़ने लगती है दम

Sunlight in Amazon Rainforest:अमेजन के जंगल 6.7 मिलियन स्क्वेयर किलोमीटर में फैले हुए हैं और इसकी जद में 8 मुल्क आते हैं. अमेजन के जंगलों में इतना गुप अंधेरा रहता है कि यहां सूरत की मात्रा 2 से 5 प्रतिशत रोशनी ही पहुंच पाती है.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 6:01 pm

रूस में आए भूकंप से जोड़कर पुराने और असंबंधित वीडियो वायरल

बूम ने पाया कि एक वीडियो म्यांमार में मार्च 2025 में आए भूकंप के दौरान का है. जबकि बेलुगा व्हेल को रेस्क्यू किए जाने का वीडियो अगस्त 2023 का है.

बूमलाइव 1 Aug 2025 2:28 pm

ट्रंप ने कनाडाई टैरिफ को 35% तक लगाने की घोषणा की, मार्क कार्नी ने जताई निराशा

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका द्वारा कनाडा के कुछ निर्यात उत्पादों पर 35 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा पर निराशा जताई है

देशबन्धु 1 Aug 2025 12:10 pm

ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को किया स्थगित, जानें नई तारीख

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है। अब यह टैरिफ 1 अगस्त की बजाय 7 अगस्त से प्रभावी होगा

देशबन्धु 1 Aug 2025 11:19 am

पहले अमेरिका और अब ब्रिटेन ने की ऐसी हरकत! भारत को 12 दमनकारी देशों की लिस्ट में डाला, खालिस्तानियों के पक्ष में बनाई रिपोर्ट

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में अमेरिका की भूमिका पर देश में हंगामा मचा ही था कि ब्रिटेन की एक रिपोर्ट ने और भी हल्ला मचा दिया है. ब्रिटेन ने तो बकायदा भारत को दमनकारी देश बताने हुए एक पूरी लिस्ट तैयार कर दी है. जिसमें जो आरोप लगाया गया है. वह बहुत गंभीर है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 11:15 am

'तुम जैसे पागलों से लड़ रहा था...', ट्रंप से टैरिफ पर रिपोर्टर ने पूछा ऐसा सवाल, भड़क गए डोनाल्ड, वीडियो में हाथों का इशारा देखें

Trump clashes with reporter tariffs policy: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह एक रिपोर्टर से भिड़ते हुए दिख रहे हैं. और टैरिफ लगाने के लिए IEEPA के समय पर सवाल उठाने पर उसे पागल तक कह दिया. आइए देखें वह वीडियो, जानें पूरा मामला.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 10:43 am

ट्रंप को नोबेल दो, 6 महीने में 6 देशों के बीच कराया सीजफायर... व्हाइट हाउस ने फिर लिया भारत-पाकिस्तान का नाम

Give Trump Nobel Please Prize:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में कई देशों के बीच चल रहे झगड़ों को खत्म करवाकर शांति कायम की है. ये दावाव्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविटने किया है. उनका कहना है कि ट्रंप हर महीने औसतन एक शांति समझौता करा रहे हैं. इसके लिए उन्हें नोबेल देना चाहिए. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 9:54 am

हवाई के समुद्र तट पर 1000 साल पुराने 26 चिन्हों ने मचाया हाहाकार, रूस में भयानक भूकंप से जोड़ा कनेक्‍शन, मान्यताएं ऐसी कि दुनिया हैरान!

हवाई के पोआकाई खाड़ी में उभरे रहस्यमयी चिन्ह, क्या थी पूर्वजों की चेतावनी?हवाई के ओआहु द्वीप पर पोआकाई खाड़ी के तट पर 1000 साल पुराने 26 रहस्यमयी चिन्ह अचानक फिर से नजर आए, और अब लोग इन्हें रूस में आए भयंकर भूकंप से जोड़कर देख रहे हैं. जानें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 8:13 am

तो इसलिए भारत से चिढ़ गए ट्रंप... अमेरिकी विदेश मंत्री ने पहली बार कैमरे पर निकाल दी खुन्नस

Trade Deal: रुबियो ने माना कि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग है. लेकिन हर मुद्दे पर 100 प्रतिशत सहमति नहीं हो सकती है.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 7:25 am

एक तरफ टैरिफ पर तनातनी, दूसरी तरफ ट्रंप की नाक के नीचे US में धीमे से भारत ने कर दिया बड़ा 'खेल'

India America Relation: विदेश मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें से लगभग 20 लाख एनआरआई हैं. यह समुदाय भारत-अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी रहा है.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 6:45 am

स्पॉटलाइट-रूस के भूकंप की भविष्यवाणी करने वाली न्यू बाबा वांगा:कौन हैं जिसने कोरोना महामारी के लिए भी किया था आगाह, देखें वीडियो

हाल ही में रूस में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप और जापान की सुनामी की भविष्यवाणी 1999 में ही हो गई थी. वैसे ही जैसे कोरोना महामारी की हो गई थी.खास बात ये है कि ये भविष्यवाणी एक ही महिला ने की थी जो सच हुई. महिला को न्यू बाबा वांगा के नाम से क्यों जाना जाता है. ऐसी ही करीब 15 भविष्यवाणियां करने वाली ये महिला आखिर है कौन? इनकी कीतनी बातें सच हुई हैं? पूरी कहानी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 1 Aug 2025 4:47 am

‘बम फटा, बेटा मरा, नहीं पता मालेगांव का गुनहगार कौन’:प्रज्ञा समेत 7 आरोपी बरी, विक्टिम फैमिली बोलीं- फिर अजहर-फरहीन को किसने मारा

महाराष्ट्र के मालेगांव में रहने वाले सैयद निसार का बेटा अजहर नमाज पढ़ने निकला था। शाम को लौटते वक्त वह भीकू चौक पहुंचा। अजहर एक बाइक के बगल से गुजर रहा था, तभी ब्लास्ट हो गया। 19 साल के अजहर के अलावा 5 और लोग मारे गए। जवान बेटे की मौत से सैयद उस दिन खूब रोए। उस दिन तारीख 29 सितंबर 2008 थी। 17 साल बाद सैयद निसार की आंखों में फिर आंसू हैं। 31 जुलाई, 2025 को मालेगांव ब्लास्ट पर कोर्ट का फैसला आया। NIA की स्पेशल कोर्ट ने ब्लास्ट के सभी सात आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित नहीं कर सका। अब 80 साल के हो चुके सैयद निसार कहते हैं, ‘कोर्ट के फैसले ने बेटे की मौत का दर्द फिर से ताजा कर दिया। यह फैसला नाइंसाफी है, बिल्कुल गलत है।’ विक्टिम बोले- इंसाफ के लिए हर कोर्ट जाएंगेअदालत के फैसले के बाद दैनिक भास्कर मालेगांव पहुंचा। हम ब्लास्ट में जान गंवाने वालों के परिवार से मिले। सबसे पहले सैयद निसार के घर गए। कांपती आवाज और नम आंखों के साथ सैयद उस दिन को याद करते हैं। वे बताते हैं, ‘मेरा बेटा नमाज पढ़कर मस्जिद से निकला था। वह कोई आवारा लड़का नहीं था। हमेशा वहां जाता था। उसका उस रास्ते से गुजरना, एक बाइक के पास पहुंचना और उसी पल उस बाइक में धमाका हो जाना, यह सब एक पल में हो गया।’ सैयद निसार आगे कहते हैं, ‘मेरे बेटे की उम्र उस वक्त सिर्फ 19 साल थी। 17 साल बीत गए। मैं इंसाफ के लिए इंतजार करता रहा। आज अदालत ने हमें यह दिन दिखाया। फिर भी हम चुप नहीं बैठेंगे।’ वे सरकार से अपील करते हुए कहते हैं, हम बस यही चाहते हैं कि असली गुनहगारों को पकड़ा जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए। हम इंसाफ के लिए हर अदालत तक जाने के लिए तैयार हैं। 10 साल की फरहीन वड़ा पाव लेने निकली थी, ब्लास्ट में मौतसैयद निसार जैसा ही दर्द मालेगांव के लियाकत शेख का भी है। उनकी 10 साल की बेटी फरहीन वड़ा पाव लेने निकली थी। ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई। लियाकत कहते हैं, ‘हमने इंसाफ के लिए 17 साल गवां दिए। अब यह फैसला आया है। यह बिल्कुल गलत है। हम इसे नहीं मानते।’ बेटी की मौत के बारे में लियाकत बताते हैं, ‘मेरी बच्ची घर से वड़ा पाव लेने निकली थी। अचानक जोरदार धमाके की आवाज आई। मैं घबराकर बाहर भागा, तो चारों तरफ अंधेरा और धुआं था। मैं घर लौट आया। मेरी बीवी ने कहा कि फरहीन अब तक वापस नहीं आई। मैंने उसे दिलासा दिया कि आ जाएगी। कुछ ही देर में कोई भागता हुआ आया और बोला कि घायलों में एक छोटी बच्ची भी है।’ ‘यह सुनते ही हम फौरन फरहान हॉस्पिटल भागे। वहां मैंने अपनी बच्ची को देखा। मुझसे उसकी पहचान के लिए आईडी मांगी गई। सदमे की हालत में मुझे कुछ दिखाई-सुनाई नहीं दे रहा था।’ लियाकत आगे कहते हैं, ‘पहले ATS ने जांच की थी, उसका नतीजा गलत था। उसके बाद हेमंत करकरे ने सबूतों के साथ असली गुनहगारों को पकड़ा था। आज अदालत कह रही है कि वे गुनहगार नहीं हैं। अगर वे बेगुनाह हैं, तो फिर असली गुनहगार कौन हैं। उन्हें हमारे सामने लाओ।’ उस्मान का भतीजा चाय पीने रुका, तभी ब्लास्ट हो गयामालेगांव ब्लास्ट ने जिनका सब कुछ खत्म कर दिया, उनमें उस्मान खान भी शामिल हैं। उन्हें पता था कि कोर्ट का फैसला आने वाला है। वे सुबह से ही बार-बार घड़ी देख रहे थे। कोर्ट ने जैसे ही फैसला सुनाया, उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। उस्मान कहते हैं, ‘मैं इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हूं। फैसला तो हुआ ही नहीं है। हमारा सवाल ये है कि आखिर मुजरिम है कौन। मसला तो मुजरिम को सजा दिलाने का था।’ वे बताते हैं, ‘मेरा भतीजा ऑटो चलाता था। रमजान का मुबारक महीना था। त्योहार की वजह से खरीदारी चल रही थी। मेरे भतीजे ने चाय पीने के लिए ऑटो खड़ा किया था।’ उस्मान एक पल के लिए खामोश हो जाते हैं। फिर कहते हैं, ‘जैसे ही वह चाय पीने गया, धमाका हो गया। उसके जिस्म का पिछला हिस्सा पूरी तरह खत्म हो चुका था। हम उसे लेकर भागे। पहले हम फरहान हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने नासिक ले जाने को कहा। हम नासिक ले गए। वहां से उसे मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं उसकी मौत हो गई।’ क्या सरकार या पुलिस ने आपसे कॉन्टैक्ट किया? उस्मान जवाब देते हैं, ‘हां, पुलिस आई थी। उसके कपड़े वगैरह लेकर गई थी। बाद में जमीयत उलेमा ए हिंद ने बहुत मदद की। उन्होंने ही हमें गवाही देने के लिए तैयार किया। हम 6 लोग बॉम्बे हाईकोर्ट गए थे। बयान दर्ज कराए। कोर्ट की तरफ से हमें मालेगांव तक का किराया और दूसरे खर्चे भी दिए गए थे।’ कोर्ट ने कहा- आरोपियों के खिलाफ सबूत नहींकोर्ट ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित नहीं कर सका। धमाके में इस्तेमाल बाइक का मालिकाना हक साबित नहीं हुआ। RDX लाने या रखने का कोई सबूत नहीं मिला। साजिश की बैठकों के भी पुख्ता सबूत नहीं मिले। 323 गवाहों में से करीब 40 गवाह बयान से पलट गए। अदालत ने माना कि जांच में गंभीर चूकें हुईं। ब्लास्ट वाली जगह का पंचनामा ठीक से नहीं हुआ। मेडिकल सर्टिफिकेट में हेरफेर पाया गया। रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय से संगठन अभिनव भारत को आतंकी संगठन साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। केस की जांच पहले महाराष्ट्र ATS ने की थी। हेमंत करकरे की अगुआई में साध्वी प्रज्ञा और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ATS ने इस ब्लास्ट को अभिनव भारत संगठन की साजिश बताया था। 2011 में जांच NIA को सौंप दी गई। NIA ने ATS की जांच पर सवाल उठाए। मकोका की धाराएं हटाईं। कहा कि ATS ने RDX प्लांट किया और गवाहों पर दबाव डाला। इससे अभियोजन पक्ष की कहानी कमजोर हो गई। दो जांचें और दोनों में कई अंतरमालेगांव ब्लास्ट केस में महाराष्ट्र ATS और फिर NIA ने जांच की थी। दोनों एजेंसियों की जांच में बड़ा अंतर है। ATS ने दावा किया कि धमाके की साजिश अभिनव भारत संगठन के सदस्यों ने रची थी। इसमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और अजय राहिरकर को मुख्य आरोपी बनाया गया। ATS ने कहा कि धमाके में प्रज्ञा की बाइक का इस्तेमाल हुआ। बाइक का चेसिस और इंजन नंबर मिटाया गया था। सुधाकर द्विवेदी के लैपटॉप से कथित बैठकों की रिकॉर्डिंग भी मिली। ATS ने आरोपियों पर MCOCA, UAPA और IPC के तहत केस दर्ज किया। एजेंसी ने दावा किया कि धमाके का मकसद मुस्लिम बहुल इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। ATS की जांच पर सवाल भी उठे। आरोप लगे कि गवाहों पर दबाव डाला गया और सबूतों को गलत तरीके से पेश किया गया। 2011 में NIA ने जांच संभाली। एजेंसी ने साध्वी प्रज्ञा, शिवनारायण कलसांगरा, श्याम बावरलाल साहू और प्रवीण तक्कलकी के खिलाफ आरोप हटा दिए। लोकेश शर्मा और धन सिंह को आरोपी बनाया गया, लेकिन 2008 के धमाके में उनकी भूमिका साबित नहीं हुई। NIA ने कहा कि ATS की ओर से दर्ज कबूलनामे मकोका हटने के बाद कानूनी रूप से अमान्य हो गए। कई गवाहों ने बयान वापस ले लिए या उनमें विरोधाभास पाया गया। कुछ गवाहों ने आरोप लगाया कि ATS ने उन्हें गलत तरीके से हिरासत में रखा और टॉर्चर किया। NIA ने मकोका हटाकर सिर्फ UAPA और IPC के तहत मुकदमा चलाया। 31 जुलाई 2025 को विशेष NIA अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने माना कि धमाका हुआ, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि बम उसी बाइक पर लगाया गया था, जिसे साध्वी प्रज्ञा से जोड़ा गया था। यह भी साबित नहीं हुआ कि पुरोहित ने RDX का इंतजाम किया या बम बनाया। ATS और NIA की जांच में बड़ा फर्क था। ATS ने 12 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया। NIA ने कई आरोपियों को क्लीन चिट दी और आखिर में 7 लोगों पर मुकदमा चला। ATS ने गवाहों के बयान, कबूलनामे और बाइक को सबूत माना। NIA ने इन्हें कमजोर या अमान्य बताया। ATS ने ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘अभिनव भारत’ की साजिश पर जोर दिया। NIA ने कहा कि यह साबित नहीं हो सका। फैसले के बाद हिंदू संगठनों ने जश्न मनायाकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों ने जश्न मनाया। BJP नेता और मंत्री नितेश राणे ने कहा कि भगवा आतंकवाद का झूठ फैलाने वालों को माफी मांगनी चाहिए। भगवा आतंकवाद शब्द जानबूझकर फैलाया गया। कोर्ट के फैसले से उन कोशिशों को करारा जवाब मिला है। आरोपी के वकील बोले- भगवा आतंकवाद का नैरेटिव खत्मबरी हुए आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी रणजीत सांगले ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि यह ऐतिहासिक है। अदालत ने फंडिंग समेत सभी आरोपों को खारिज कर दिया। यह फैसला उस झूठे भगवा आतंकवाद के नैरेटिव पर करारा प्रहार है, जिसे कांग्रेस सरकार ने फैलाया था। अब वह फेक नैरेटिव पूरी तरह खत्म हो गया है।’ ‘मामले में कई कानूनी खामियां थीं। UAPA के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी सही अथॉरिटी से नहीं ली गई थी। यह गंभीर गलती थी। मकोका के तहत लगे आरोप पहले ही खारिज हो चुके थे। ATS ने दावा किया था कि सुधाकर चतुर्वेदी के घर से RDX मिला था। बाद में NIA ने अपनी चार्जशीट में इस थ्योरी को ही खारिज कर दिया।’ ‘इस केस में न्याय पाने में 17 साल लग गए। साध्वी प्रज्ञा अपनी बेगुनाही को लेकर शुरू से आश्वस्त थीं। उन्होंने 17 साल तक मानसिक प्रताड़ना और अपमान झेला। उन्हें गंभीर शारीरिक यातनाएं दी गईं। इससे उन्हें स्थायी चोटें आईं। आज भी वे उस पीड़ा से जूझ रही हैं। फैसले के बाद वे भावुक हो गईं। उनका भावुक होना स्वाभाविक था।’

दैनिक भास्कर 1 Aug 2025 4:00 am

‘कागज दिखाए, फिर भी पूछ रहे, बांग्लादेश से कब आए’:दिल्ली छोड़कर जा रहे बंगाल-असम के लोग, बोले- हम घुसपैठिए नहीं हिंदुस्तानी

‘हमारा परिवार बंगाल से दिल्ली काम करने के लिए आया, लेकिन यहां हमें परेशान किया जा रहा है। हम बंगाली बोलते हैं और मुस्लिम भी हैं। भाषा और धर्म के आधार पर हमें टारगेट किया जा रहा है। हमें बांग्लादेशी बताकर बेदखल क्यों किया जा रहा है। हम तो अपने देश में ही सुरक्षित नहीं हैं।‘ अमानुर शेख पश्चिम बंगाल के नदिया जिले से 20 साल पहले दिल्ली आ गए थे। पिछले 5 साल से गुरुग्राम से सटे कापा शेरा की एक बस्ती में रह रहे हैं। 19 जुलाई को भाई हफीजुल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। तब से वो अपनी और परिवार की नागरिकता साबित करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। दिल्ली-NCR में अवैध बांग्लादेशी-रोहिंग्या की पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पुलिस ने 200 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लिया है। इनमें गुरुग्राम से करीब 74 लोग हैं, जिनमें 11 पश्चिम बंगाल और 63 असम के हैं। पुलिस को शक है कि ये सभी अवैध तौर पर रह रहे घुसपैठिए हैं। गुरुग्राम के डिटेंशन सेंटर में रखकर इनसे पूछताछ और डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। पश्चिमी बंगाल की CM ममता बनर्जी ने पुलिस पर पश्चिमी बंगाल के मुस्लिमों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया है। हालांकि इन सबके बीच बंगाल और असम के प्रवासी मजदूर दिल्ली छोड़कर अपने घर लौट रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने गुरुग्राम पहुंचकर इनमें से कुछ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और पूरा मामला समझा। गुरुग्राम की कापा शेरा बस्ती…अमानुर शेख'फैक्ट्री से भाई को डिटेंशन सेंटर ले गए, भारतीय होने का सबूत मांग रहे'सबसे पहले हम गुरुग्राम की कापा शेरा की एक झुग्गी बस्ती में पहुंचे। यहां रहने वाले अमानुर शेख के भाई हफीजुल शेख को पुलिस बांग्लादेशी बताकर डिटेंशन सेंटर ले गई। हम अमानुर से बात ही कर रहे थे कि तभी उन्हें गुरुग्राम के सेक्टर-10 पुलिस स्टेशन से एक फोन आया। अधिकारी ने फोन पर ही पूछा, 'हफीजुल शेख के माता-पिता, पत्नी और गांव का नाम क्या है? उसका कॉन्टैक्ट नंबर बताओ।' अमानुर ने उसकी पत्नी जैसमिन बीबी का फोन नंबर बताया। सामने से अधिकारी ने कहा, 'क्या हफीजुल देश से बाहर गया था।' इस पर अमानुर कहते हैं, हां, वो 6 साल पहले सऊदी गया था। कुछ साल वहां काम करने के बाद भारत लौट आया। तब से हमारे साथ दिल्ली में रह रहा है। उसके बीवी और दो बच्चे हैं। कुछ साल पहले मलेशिया भी गया था, लेकिन तीन ही महीने में लौट आया। इस फोन कॉल के बाद अमानुर हमें बताते हैं, 'मेरा भाई पास की एक फैक्ट्री में नाइट शिफ्ट में काम करता है। 19 जुलाई की रात 8 बजे वो रोज की ही तरह ड्यूटी के लिए घर से निकला था। तभी उसे पुलिस पकड़ ले गई और गुरुग्राम में पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा था।' वो आरोप लगाते हुए कहते हैं कि पुलिस भाई को बंगाली भाषा में बात करने और मुस्लिम होने के कारण पकड़कर ले गई। उसके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड, बैंक खाता और पासपोर्ट सब है। सब नदिया में हमारे घर के एड्रेस पर रजिस्टर्ड है। फिर भी पुलिस हमारी नहीं सुन रही।’ फोन से विदेशी नंबर्स मिले इसलिए पुलिस का शक बढ़ाअमानुर आगे बताते हैं, '19 की ही रात पुलिस स्टेशन से फोन आया। अधिकारी ने कहा कि तुम्हारे भाई को बांग्लादेशी होने के शक में पकड़ा है। उससे पूछताछ चल रही है। उसके सभी डॉक्यूमेंट थाने लेकर आ जाओ। अगर वो भारतीय होगा, तभी छोड़ेंगे। अगर बांग्लादेशी निकला तो गुरुग्राम सेक्टर 10-ए में बने डिटेंशन सेंटर भेज देंगे। फिर वहां से बांग्लादेश भेज दिया जाएगा।' 'मैं तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचा। हफीजुल के साथ उस दिन 75 और लोग थे। हालांकि उनमें ज्यादातर असम के रहने वाले थे। पुलिस ने हफीजुल का मोबाइल चेक करके मुझसे कहा कि वो किसी बांग्लादेशी ग्रुप से जुड़ा हुआ है।' अमानुर कहते हैं, 'हफीजुल ने मुझे बताया कि वो खुद उस ग्रुप से नहीं जुड़ा था, बल्कि उसे किसी ने जोड़ा था। उसमें भारतीयों के अलावा और देशों के लोग भी थे। बांग्लादेश का तो सिर्फ एक व्यक्ति जुड़ा हुआ था। मैंने पुलिस को भी बताया कि मेरा भाई दो बार विदेश गया था। इन्हीं सब वजहों से वो बाहर के कुछ एजेंट और ट्रैवल ग्रुप से जुड़ गया, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुए।' 'पुलिस बार-बार हफीजुल से कह रही थी कि तुम्हारे दस्तावेज फर्जी हैं। मैंने 20 जुलाई को अपने गांव पत्थर घाटा में पंचायत सभापति से बात की। उन्होंने लोकल पुलिस स्टेशन को सूचना दी। जिसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाई का वेरिफिकेशन कर NOC दिल्ली पुलिस को भेजी है।' 'हालांकि NOC अब तक गुरुग्राम पुलिस को नहीं मिली है। बता रहे हैं कि ये प्रॉपर चैनल के जरिए गुरुग्राम पुलिस तक पहुंचेगी। तब तक हम केवल इंतजार कर सकते हैं।' बंगाली बोलते हैं, मुस्लिम भी हैं इसलिए टारगेट परअमानुर का मानना है कि उनकी दोहरी पहचान के कारण उन्हें और उनके जैसे तमाम परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है। वे कहते हैं, 'मुझे लगता है कि खासकर बंगाली मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है क्योंकि हम बंगाली भी बोलते हैं और मुस्लिम भी हैं। भाषा और धर्म के आधार पर हमें परेशान किया जा रहा है।' पुलिस को तो मुझ पर भी शक हुआ। हालांकि मैंने अपने सभी डॉक्यूमेंट पुलिस को दिखाए। उन्होंने मुझसे भी पूछताछ की, लेकिन उसके बाद मुझे जाने दिया। 'मुझे उम्मीद है कि मेरा भाई भी जल्द छूट जाएगा। हालांकि अब ऐसे माहौल में हमें यहां रहने में डर लगने लगा है। हम अपने देश में ही सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन इसे छोड़कर कहां जाएंगे? हम पुलिस का सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन फिर भी हमें बांग्लादेशी बताकर भारत से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है।' वे आगे कहते हैं, 'हफीजुल के न होने से उसके बीवी-बच्चे परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां तो रोज कमाना और खाना है। अब वो नहीं है तो उसके परिवार को कौन देखेगा। वहीं थाने में पुलिस हफीजुल को जो खाना दे रही है, वो खाने लायक नहीं है। हम रोज शाम को उससे मिलने और खाना पहंचाने जाते हैं।' जुल्फिकर शेखआधार-वोटर आईडी सब, फिर भी बेटे को उठा ले गई पुलिसइसी बस्ती में हमारी मुलाकात जुल्फिकर शेख से हुई। यहां रहने वाले बाकी लोगों की तरफ वो भी कचरा बीनने का काम करते हैं। 24 जुलाई को पुलिस उनके घर भी आई थी। उनके बेटे को पकड़कर ले गई। जुल्फिकर बताते हैं, 'दोपहर 3 बजे का वक्त था। 15-20 पुलिसवाले मेरे घर आए थे। उस वक्त मैं और मेरी पत्नी काम पर गए हुए थे। घर पर मेरे दोनों बेटे ही थे। पुलिस ने उनसे पूरे परिवार का आधार कार्ड मांगा। छोटे बेटे ने दिखा दिया। तभी एक पुलिस वाला उसके हाथ से मोबाइल छीनकर चेक करने लगा। वहीं दूसरा बड़े बेटे की तरफ देखकर बोल रहा था कि इसे पुलिस स्टेशन लेकर चलो।' मोबाइल में कुछ न मिलने पर पुलिस ने छोटे बेटे को तो छोड़ दिया, लेकिन बड़े बेटे राकिब को साथ ले गई। वो कह गए कि अगर शाम को माता-पिता स्टेशन नहीं आए तो तुम सबका इंतजाम किया जाएगा। खबर मिलते ही मैं राकिब के सभी डॉक्यूमेंट लेकर स्टेशन पहुंचा। उनकी जांच कर पुलिस ने राकिब को छोड़ दिया।' जुल्फिकर आगे कहते हैं, 'मुझे समझ नहीं आ रहा हमारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है। हमें बांग्लादेशी घुसपैठिया बताया जा रहा है। किसी को भी सड़क से उठाकर ले जा रहे हैं।' 'मुझे डर है कि पुलिस हमें कभी भी उठाकर ले जाएगी और फिर मारेगी-पीटेगी। मैं यहां डर में नहीं जीना चाहता, मैं दिल्ली से जाना चाहता हूं। मुश्किल यही आ रही है कि सफदरजंग अस्पताल में मेरा टीबी और रीढ़ की हड्डी का इलाज चल रहा है। इसलिए मैं घर नहीं लौट पा रहा। डॉक्टर कहते हैं कि इलाज अभी एक साल और चलेगा।' गुरुग्राम का खटोला गांव…'पुलिस दस्तावेज देखने को भी तैयार नहीं'इसके बाद हम गुरुग्राम के खटोला गांव पहुंचे। इस इलाके में असम के मुसलमानों की बड़ी आबादी रहती है। सड़क के एक ओर अमेरिकन एक्सप्रेस जैसे कॉर्पोरेट दफ्तरों वाली ऊंची इमारतें हैं। जबकि दूसरी तरफ झुग्गियां है। इस बस्ती में असम के प्रवासी मजदूर रहते हैं, जो इन्हीं दफ्तरों में सफाईकर्मी से लेकर बाकी कई तरह के काम करते हैं। आस-पास रहने वाले बताते हैं, ‘यहां पहले करीब 2,000 लोग रहा करते थे, लेकिन अब पूरा इलाका सुनसान पड़ा है। ज्यादातर घरों के बाहर ताले लगे हुए हैं। कुछ घरों में महिलाएं मिलीं, जिनका आरोप है कि पुलिस ने उनके पति को बिना कोई डॉक्यूमेंट्स देखे उठा लिया। बाद में भी दिखाने पर नहीं देखा।‘ बिना कैमरे पर आए यहां रहने वाली सायरा बीबी बताती हैं, 'पुलिस मेरे पति रोकीबुज हुसैन को पकड़कर ले गई। वो डिटेंशन सेंटर में किस हाल में हैं, मुझे नहीं पता। पुलिस ने मुझसे पूछा था कि मैं कहां की रहने वाली हूं। मैंने बताया कि असम से हूं। फिर वो बिना कुछ देखे कहने लगे तुम सब बांग्लादेश से हो, तुम सबको ले जाएंगे।' 'जबकि हमारे परिवार का नाम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) में शामिल है। फिर भी वे हमारे घर के मर्दों को ले गए। हमने पूछा कि उन्हें कब छोड़ा जाएगा, तो पुलिस ने हमें शहर छोड़कर जाने को कह दिया। इन सबके बाद रातों-रात लोग यहां से ट्रेन पकड़कर असम लौट गए।' 10 अवैध बांग्लादेशी नागरिक मिलेगुरुग्राम से पकड़े गए 70 से ज्यादा मजदूरों और सफाई कर्मचारियों में से अब तक 10 के पास जरूरी डॉक्यूमेंट्स नहीं मिले हैं। लिहाजा उन्हें अवैध प्रवासी बता दिया गया है। गुरुग्राम पुलिस PRO संदीप बताते हैं, 'गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक कुछ होल्डिंग सेंटर या डिटेंशन कैम्प बनाए गए हैं। संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को वहां रखा जा रहा है। उन सेंटरों पर उन्हें सभी बेसिक सुविधाएं, जैसे- मेडिकल सर्विस वगैरह दी जा रही है।' हम उनके मानवाधिकारों का सम्मान करते हैं। उनमें से अगर कोई खुद को भारतीय नागरिक बताता है, तो हम संबंधित जिलाधिकारियों (DM) से संपर्क करते हैं। अगर DM उनकी भारतीय नागरिकता की पुष्टि करते हैं, तो उन्हें रिहा कर दिया जाता है। जिनकी नागरिकता की पुष्टि नहीं होती है, उनके खिलाफ डिपोर्टेशन की प्रोसेस शुरू कर दी जाती है।' 'CAA-NRC के कारण शक के घेरे में सिर्फ बंगाली-मुस्लिम'इस पूरे मामले को लेकर हमने जामिया मिलिया इस्लामिया में असिस्टेंट प्रोफेसर नजीमुद्दीन सिद्दीकी से बात की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने 'पुश बैक' के नाम पर हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कोर्ट से संज्ञान लेने को कहा है। नजीमुद्दीन बताते हैं, 'अगर कोई गैरकानूनी तरीके से देश में दाखिल होता है तो हम इसमें प्रशासन के साथ खड़े हैं। ऐसे लोगों को वापस भेजना चाहिए। यहां अवैध प्रवासियों के नाम पर असम और बंगाल के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।' असम में एक सरकारी टीचर को जबरदस्ती पकड़कर बॉर्डर पार करवा दिया गया। अपने ही देश के नागरिक के साथ ऐसा व्यवहार करना संवैधानिक रूप से भी गलत है। 'ये 'पुश बैक' नहीं है। ये अपने ही लोगों को फेंकना होता है। ऐसे कई मामले हमारे सामने हैं। इसके तार CAA-NRC से भी जुड़े हैं। इस कानून के तहत आप हिंदू बांग्लादेशी को नागरिकता देते हैं। इसलिए 'घुसपैठिया' या 'अवैध' होने के शक का दायरा सिर्फ मुस्लिमों पर है। हिंदू कभी घुसपैठिया नहीं हो सकते।' पॉलिटिकल पार्टियों के क्या हैं आरोपगुरुग्राम में हो रही इस कार्रवाई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'भाषायी आतंकवाद' करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'डबल इंजन सरकारों के भारत में बंगालियों पर किए जा रहे इस अत्याचार को देखकर हैरान हूं। आप क्या साबित करना चाहते हैं? ये अमानवीय और निंदनीय है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।' तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने वीडियो मैसेज जारी कर इस कार्रवाई की तुलना जर्मनी के नाजी शासन से की। ............................... ये खबर भी पढ़ें...'हम बांग्लादेशी नहीं, दिल्ली के वोटर, हमारे घर क्यों तोड़े' 'मैं बांग्लादेशी नहीं, UP के प्रतापगढ़ जिले से हूं। UP वालों को क्यों हटाया जा रहा है। चुनाव से पहले BJP ने वादा किया था कि जहां झुग्गी है, वहीं मकान देंगे। हमें भी उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने झुग्गी की जगह मकान देने के बजाय पूरा मैदान बना दिया। BJP को वोट देना हमारी सबसे बड़ी गलती थी।' दिल्ली के भूमिहीन कैंप में जन्म से रह रहीं सुनीता का घर 5 जुलाई को कब्जा बताकर तोड़ दिया गया। राशन कार्ड नहीं है, इसलिए मकान भी नहीं मिला। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 1 Aug 2025 4:00 am

जिस देश ने आधी दुनिया पर किया था राज, वहां शरिया कानून की तैयारी? मचा बवाल

DNA News:ब्रिटेन में इन दिनों एक खास तरह की सोच के खिलाफ आक्रोश दिख रहा है. ब्रिटेन के नाराज लोग पीएम कीर स्टार्मर से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या सरकार ने देश में महजबी कट्टरता के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 1 Aug 2025 12:35 am

DNA: कनाडा ने दिखाई आंख, चीन से है तकरार...ट्रंप की नीतियों से सब खफा, कैसे जीरो हो गई अमेरिकी राष्ट्रपति की वैल्यू?

DNA Analysis: ट्रंप ने भारत के साथ बातचीत के विकल्प खुले रखे हैं लेकिन क्या अब भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में अपना सच्चा मित्र देख पाएगा. इस सवाल का जवाब ज्यादातर लोग नहीं में देंगे. इसकी वजह खुद डोनाल्ड ट्रंप हैं.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 10:48 pm

मार्क जुकरबर्ग की भी नहीं सुनी, किया मनचाहा काम, कौन हैं 8700 करोड़ रुपये की जॉब ठुकराने वाली Mira Murati?

Who is Mira Murati: कहते हैं कि अगर आपने कुछ बड़ा करने के लिए सोचा है आपके पास उस काम को करनी की क्षमता है तो आपको कोई भी नहीं डिगा सकता है यहां तक की पैसा भी नहीं. अल्बानियाई-अमेरिकी टेक दिग्गज मीरा मुराती ने भी कुछ ऐसा किया है किया है कि उनकी दुनिया भर में चर्चा हो रही है.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 6:33 pm

फिलीपींस के राष्ट्रपति 4 अगस्त को भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर अगले महीने की चार तारीख को भारत की पांच दिन की राजकीय यात्रा पर आएंगे

देशबन्धु 31 Jul 2025 4:25 pm

मैरिटाइम इंटरैक्शन-2025: रूस और चीन के नौसैनिक करेंगे जापान सागर में अभ्यास

रुस और चीन का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास 'मैरिटाईम इंटरैक्शन-2025' एक अगस्त से जापान सागर में शुरू होगा तथा पांच अगस्त तक चलेगा

देशबन्धु 31 Jul 2025 10:52 am

ट्रंप की स्पा असिस्टेंट... कौन थी वर्जीनिया गिफ्रे, प्रिंस एंड्रयू से जुड़ गया नाम, जेफरी एपस्टीन ने चुरा लिया था?

Jeffrey Epstein scandal: ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने एपस्टीन से संबंध इसलिए तोड़े क्योंकि वह उनके मार-ए-लागो क्लब से काम करने वाली युवा महिलाओं को चुरा लिया था. उन्होंने कहा उनमें गिफ्रे भी शामिल थीं.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 10:47 am

पाकिस्तान और ईरान की जेलों में कैद करीब 10 हजार अफगान नागरिक रिहा होकर स्वदेश लौटे

पिछले 12 महीनों में पाकिस्तान और ईरान की जेलों में कैद 9951 अफगानी नागरिक रिहा होकर अपने देश लौट आए हैं

देशबन्धु 31 Jul 2025 10:45 am

अमेरिका का F-35 फाइटर जेट हुआ क्रैश, करिश्माई तरीके से बाहर निकला पायलट

Fighter Jet Crash: पायलट को विमान से अचानक बाहर निकलना पड़ा. पायलट समय रहते इजेक्ट हो गया और पैराशूट की मदद से सुरक्षित जमीन पर उतरा.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 10:06 am

ऐसी दुश्मनी पूरी दुनिया में किसी ने नहीं देखी होगी! सीजफायर के बाद भी थाईलैंड-कंबोडिया के बीच क्यों नहीं रुक रही जंग?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच ऐसी दुश्मनी पनप गई है जो शायद दुनिया में किसी ने देखी हो. सीमा पर तनाव का आलम ये है कि युद्धविराम के बावजूद दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. आखिर क्या है इस दुश्मनी की वजह और क्यों नहीं सीजफायर के बाद भी थम रहा ये तनाव? जानें सब कुछ.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 9:07 am

ट्रंप को बर्बाद करने की साजिश! FBI ऑफिस में मिला सीक्रेट रूम, ‘बर्न बैग’ में ऐसा क्या मिला? पूरे अमेरिका में मचा हड़कंप

Hidden FBI room found:अमेरिका में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. FBI के डायरेक्टर काश पटेल ने FBI के मुख्यालय में एक गुप्त कमरा खोजा है, जिसमें संवेदनशील दस्तावेजों से भरे ‘बर्न बैग’ मिले हैं. जिसके बाद अमेरिका में हंगामा होना तय माना जा रहा है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 8:21 am

'इंडिया भी PAK से खरीदेगा तेल...' भारत को झटका देकर ट्रंप ने पाकिस्तान के लिए कर दिया बड़ा ऐलान

US Pakistan Relation: ट्रंप ने कहा कि हमने पाकिस्तान के साथ एक डील फाइनल की है. जिसके तहत अमेरिका और पाकिस्तान साथ मिलकर उसके तेल भंडार को विकसित करेंगे. कौन जानता है शायद एक दिन पाकिस्तान इंडिया को तेल बेचे.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 6:50 am

US Brazil News: एक-एक कर BRICS देशों की बांह मरोड़ रहे ट्रंप, रूस-चीन और भारत के बाद अब ब्राजील पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ

US Brazil News in Hindi: राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल की जिम्मेदारी संभालने के बाद ट्रंप लगातार ब्रिक्स दिशों को कमजोर करने में लगे हैं. वे इसके लिए टैरिफ को हथियार बनाए हुए हैं. उन्होंने रूस, चीन और भारत के बाद अब ब्राजील को निशाना बनाया है.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 5:04 am

ब्लैकबोर्ड-दुनिया बच्चों को तरसती है, हम जानकर पैदा नहीं करते:हम हैं DINK जोड़े- दोनों कमाते हैं, बच्चे हमारी जिंदगी में रोड़ा

‘हम कभी बच्चा नहीं पैदा करेंगे, हमें दुनिया घूमना है। हम पति-पत्नी पूरी जिंदगी एक-दूसरे को देना चाहते हैं, बेबी की परवरिश के लिए नहीं। जो पैसा हम बेबी पर खर्च करेंगे वही अपनी सेहत पर खर्च कर सकते हैं और सेविंग्स के लिए रख सकते हैं। बच्चा पैदा हुआ तो वो हमारी प्राथमिकता हो जाएगा और हमारे सपने साइड में चले जाएंगे। ये हमारी चॉइस है, लेकिन बेबी न पैदा होने पर हमें अधूरा कहा जाता है, जिससे हमें एंग्जाइटी होती है।' DINK यानी डुअल इनकम, नो किड्स वाले कपल्स ने ये बातें कहीं। एक तरफ जहां लोग बच्चों के लिए तरसते हैं। डॉक्टरों के चक्कर लगाते हैं, वहीं ये कपल्स बच्चे नहीं चाहते। ​​​​​​ ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी ऐसे ही जोड़ों की जो परिवार और समाज से तरह-तरह के ताने झेल रहे हैं... दिल्ली के रहने वाले 34 साल के शिव वर्मा बताते हैं- 'लोग कहते हैं तुम पेरेंट्स नहीं बने हो, इसलिए अभी बच्चे हो, इमेच्योर हो। मेरी पत्नी से कहते हैं तुम मां नहीं बनी हो, इसलिए ममता क्या होती है, समझ नहीं पाओगी। अगर हमें सिर दर्द भी होता है, तो लोग कहते हैं बच्चा होता तो सिर दर्द का पता नहीं चलता। उसी के साथ बिजी रहने में टाइम कट जाता। इन बातों से एंग्जाइटी होती है। वह एक जानी-मानी कंपनी में काम करते हैं। चार साल पहले उन्होंने शादी की थी। अब परिवार और समाज की ओर से बार-बार पूछा जाता है- ‘बच्चे कब पैदा कर रहे हो?’ लेकिन शिव और उनकी पत्नी ने शादी से पहले ही यह फैसला कर लिया था कि वे बच्चा नहीं पैदा करेंगे। आपने ये फैसला क्यों लिया? इस पर वो कहते हैं- 'कुछ लोग सोचते हैं कि हमें दुनिया घूमनी है, पैसे कमाने हैं, कहीं बच्चा हो गया तो हम यह सब नहीं कर पाएंगे। बच्चा एक बोझ बन जाएगा।, पर हम ऐसा नहीं सोचते। हमने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि पत्नी और मुझे काम के सिलसिले में बहुत ट्रैवल करना पड़ता है। हम दोनों महत्वाकांक्षी हैं और करियर ओरिएंटेड हैं, लिहाजा बच्चे को समय नहीं दे पाएंगे। कई लोग तो फाइनेंशियल वजहों से बच्चा नहीं पैदा करते, लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं है। हम दोनों आर्थिक रूप से सक्षम हैं। मैंने बच्चा न पैदा करने की बात जब अपने परिवार के सामने रखी, तो उन्होंने हमारा समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बच्चे पैदा करना या न करना तुम्हारा फैसला होगा, लेकिन अगर अपने फैसले पर थोड़ा भी डाउट हो, तो दोबारा विचार जरूर करना। उन्होंने हमें इसका नफा और नुकसान दोनों समझाया। उन्होंने बताया कि बेशक, ऐसा करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ज्यादा देर भी नहीं करनी चाहिए। पेरेंट्स बनना थोड़ा जवान उम्र में ही अच्छा होता है।' इस सवाल पर कि बच्चा न पैदा करने पर आपके आस-पास के लोग क्या कहते हैं? शिव कहते हैं- 'लोग मुझसे पूछते हैं कि आपकी तो अरेंज मैरिज हुई थी, तो बच्चा न पैदा करने का फैसला कब ले लिया? दरअसल, लोगों को पता नहीं कि शादी से पहले, जब हमारी पहली मुलाकात हुई थी, तो हमने बातचीत के पहले 10 मिनट में ही बच्चा न पैदा करने का फैसला ले लिया था। मैं उस समय इस बात को लेकर पूरी तरह तैयार था कि अगर हम दोनों में इस पर सहमति नहीं बनी, तो हम शादी नहीं करेंगे। मैंने पत्नी से कहा था- इस फैसले पर समाज का दबाव तुम पर ज्यादा होगा, लेकिन हमें फैसले पर अडिग रहना होगा। शादी के बाद अब जब हम अपने रिश्तेदारों के घर जाते हैं, तो अक्सर लोग कमेंट करते हैं कि देखो फलां आदमी को बच्चा हो गया, तुम कब कर रहे हो? अगर हम अपने किसी परिवार या दोस्त के बच्चे के साथ खेलते हैं, उसका ख्याल रखते हैं तो भी मुझसे कहा जाता है कि बच्चों को इतना पसंद करते हो तो खुद का बच्चा क्यों नहीं कर रहे हो? इस तरह के सवाल पसंद नहीं आते। लेकिन हां, इस पर बहस नहीं करता, क्योंकि पता है कि यह हमारा निजी फैसला हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सब मेरी तरह ही सोच रहे हों। आखिर वे हमसे जो अपेक्षा कर रहे हैं, उसमें कुछ गलत भी नहीं है।' शिव सोफा पर रखे कुशन को गोद में रखते हुए बताते हैं, लेकिन हमारे इस फैसले के बाद अब हम दोनों लाइफ में जो कुछ भी सीरियस करना चाहते हैं, उसको वैल्यू कम दी जाती है। हमें अब माना जाता है कि जीवन को लेकर गंभीर नहीं हैं। हमसे कहा जाता है कि तुम्हारी पीढ़ी आगे नहीं बढ़ पाएगी। तुम लास्ट जेनरेशन किड्स हो। यह भी कहा जाता है कि अगर हम पेरेंट्स नहीं बने, तो बच्चे ही रह जाएंगे। इन बातों से दुःख होता है, लेकिन इसे किसी के सामने जाहिर नहीं करते। कई बार हम अकेले में रो लेते हैं, पर किसी से साझा नहीं करते। इस सवाल पर कि क्या आपको अपने इस फैसले को लेकर एंग्जाइटी होती है? वह कहते हैं, ऐसा होता है। हम कई बार सोचते हैं कि जब हम बूढ़े हो जाएंगे, तो हमारा ख्याल कौन करेगा? कई बार लगता है कि कहीं 50 की उम्र में जाकर हमें बच्चे की जरूरत न महसूस होने लगे फिर क्या करेंगे, यह सोच कर एंग्जाइटी होती है। मुझे कई बार लगता है कि ग्रैंड पेरेंट्स की आंखें ज्यादा बोलती हैं। हमारे फैसले का असर उन पर भी पड़ता है। जब वे दूसरों के बच्चों के साथ खेलते हैं, तो हमें अपराधबोध महसूस होता है। इसमें कोई शक नहीं कि बच्चे न पैदा करने से कई बार अकेलापन आता है। जब अपने बच्चे होते हैं तो एक उम्र के बाद उस तरह का फ्रेंड सर्कल भी बड़ा होता है। शादी के बाद दोस्त अब पहले की तरह नहीं मिलते, क्योंकि वे अपने बच्चों के साथ बिजी रहते हैं। अपना बच्चा हो तो कई बार उसके दोस्तों के पेरेंट्स से भी दोस्ती हो जाती है। तब पेरेंट्स वाली जिंदगी का एक्सपोजर बढ़ता है। हालांकि हमें पता है कि हमने जो फैसला लिया है उसके इस तरह के परिणाम होंगे, लेकिन इससे हमारा फैसला नहीं बदलने वाला। बेशक, हम दोनों थोड़ा स्वार्थी हैं कि अपनी खुशियां बांटना नहीं चाहते। हमारे देश में तो माता-पिता को भगवान की तरह माना जाता है। उनसे ‘न’ कह पाना सबसे ज्यादा मुश्किल काम होता है। कई बार वे इमोशनल अत्याचार भी करते हैं। जैसे कि बच्चा पैदा कर लो, उसे संभालने की जिम्मेदारी हमारी होगी। तुम्हें पता भी नहीं चलेगा कि बच्चा कब बड़ा हो गया। आखिर तुम्हें भी तो पाला ही है। यह भी कहते हैं कि बच्चा न पैदा करने पर हमारी मेंटल हेल्थ खराब हो जाएगी। ये सब सुनकर कई बार बहुत अजीब महसूस होता है।' इस सवाल पर कि अगर आपको बेबी होता तो आपकी जिंदगी कैसी होती? शिव कहते हैं कि फिर मुझे अपने सपने और एस्पिरेशन साइड में रखने पड़ते। मैं अपनी जिंदगी में सेकेंड पोजिशन पर चला जाता और बच्चा फर्स्ट प्राथमिकता बन जाता। आखिर बच्चे को पालने के लिए डेडिकेशन चाहिए। मेरी पत्नी को नौकरी छोड़कर कम से कम दो साल बैठना पड़ता। देखभाल के लिए बच्चे को नैनी यानी मेड के सहारे छोड़ना पड़ता, जो कि मैं अन्याय मानता हूं। शुरू के कम से कम दो साल पेरेंट्स को बच्चे के साथ रहना चाहिए। अब आर्थिक पहलू की बात करूं तो जिस तरह की लाइफस्टाइल हम जी रहे हैं, उसे एक आदमी की सैलरी में नहीं जी सकते। मैं सोशल मीडिया पर कंटेंट भी बनाता हूं। एक बार एक कंटेंट पीस में मैं और मेरी पत्नी ने कहा था- हमें बच्चे इसलिए नहीं चाहिए, क्योंकि हम अपने बूढ़े मां-बाप को पाल रहे हैं। उसमें हमारा नजरिया था कि बच्चा न होने पर भी हम उस अनुभव से वंचित नहीं हैं, क्योंकि हमारे मां-बाप ही हमारे लिए बच्चे की तरह हैं। इस पर लोगों ने हमें बहुत ट्रोल किया था, अपशब्द कहे गए थे। कुछ लोगों ने तो कहा था कि तू भी एक दिन बूढ़ा होगा, तू अपने पेरेंट्स को भला कैसे पाल सकता है। इस तरह से लोग पर्सनल अटैक कर रहे थे। मेरी परवरिश पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन उनमें काफी लोग ऐसे भी थे जो हमारी तारीफ कर रहे थे। अपने वीडियो कंटेंट में अक्सर उन चीजों पर बात करता हूं, जिन पर बात करने से लोग बचते हैं। दिल्ली ही में रहने वाली तारिका टाटा कंसल्टेंसी (टीसीएस) में काम करती हैं। उनकी शादी को पांच साल हो चुके हैं। वो कहती हैं कि हम भी एक DINK कपल हैं। हमने यह फैसला किसी दिखावे या ट्रेंड में आकर नहीं किया है। दरअसल, हम पति-पत्नी पूरी जिंदगी एक-दूसरे को समय देना चाहते हैं। वो समय जो आमतौर पर बच्चे की परवरिश में चला जाता है। ये हमारा प्यार निभाने का एक तरीका भी है। साथ ही, फाइनेंशियल फ्रीडम भी एक बड़ी वजह है। हम चाहते हैं कि हम अपनी जरूरतों, इच्छाओं और सपनों के लिए आजाद रहें। अपने पति की तरफ देखते हुए तारिका कहती हैं, इस फैसले से हमें सोसाइटी से ज्यादा परिवार और रिश्तेदारों का प्रेशर झेलना पड़ा। परिवार को तो हमने धीरे-धीरे मना लिया, लेकिन रिश्तेदारों को आज भी नहीं समझा पाया हूं। एक बार किसी ने मुझसे कहा कि शायद हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए, कहीं शरीर में कोई दिक्कत न हो। मैं महिला हूं, इसलिए इस तरह के सारे सवाल मुझसे ही किए जाते हैं, लेकिन अब मैं इस दबाव को खुद पर हावी नहीं होने देती। एक वाकया याद कर तारिका कहती हैं कि एक बार एक रिश्तेदार के घर उनकी नन्ही बच्ची को देखने गई थी। वहां, एक आंटी ने मेरे पेट पर हाथ रखकर पूछा- कोई खुशखबरी है क्या? लेकिन उनकी बात को मैंने हंसकर टाल दिया। अब मैं समझ चुकी हूं कि हर किसी को जवाब देना जरूरी नहीं होता। पेशे से स्टैंडअप कॉमेडियन गौरव म्हाना तारिका के पति हैं। पिछले आठ साल से वो कॉमेडी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि हमे बच्चे बहुत पसंद हैं। लोग अक्सर सोचते हैं कि DINK कपल्स वो होते हैं, जो पैसों के पीछे भागते हैं, बच्चों की जिम्मेदारी से डरते हैं, लेकिन ये सच नहीं है। हमने सोचा है कि हम कम कमाएंगे, लेकिन खुश रहेंगे। किसी और के लिए नहीं, अपने लिए जिएंगे। हां, यह सच है कि बच्चा होने के बाद जिंदगी बदल जाती है। जो कपल बच्चे से पहले हर वीकेंड पर साथ घूमते हैं, देश-विदेश जाते हैं, बच्चा होने पर उनकी जिंदगी अचानक थम जाती है। दरअसल, पेरेंटिंग दो तरह की होती है। एक वह जिसके बारे में लोग सोचते हैं कि जो मेरे साथ हुआ, वही मेरे बच्चे के साथ भी हो और दूसरे वे लोग होते हैं जो चाहते हैं जैसा उनके साथ हुआ है वैसा उनके बच्चों के साथ न होने पाए। जैसे कई घरों में सास चाहती हैं कि अगर उन्होंने घर में 10 घंटे काम किए हैं, तो उनकी बहू भी करे। आखिर आज की बहुएं 1 लाख रुपए तक महीना कमा रही हैं और 10 हजार रुपए तक नौकर पर खर्च कर रही हैं, तो वे भला ऐसा क्यों करेंगी। गौरव कहते हैं लोग हमसे अक्सर पूछते हैं कि बुढ़ापे में आप लोगों का क्या होगा। एक बार तो इस तरह के सवाल से इतना परेशान हुआ था कि डिप्रेशन में चला गया। उस समय मैंने एक दोस्त से बात की, जो नर्सिंग के पेशे में हैं। उन्होंने बताया वह जिन बुजुर्गों की देखभाल करती हैं, उनमें से ज्यादातर की सेवा उनके बच्चे नहीं, आया करती हैं। उस समय मुझे लगा, मैं सिर्फ इसलिए बच्चे पैदा करूं कि बुढ़ापे में वे मेरा ख्याल रखेंगे, तो यह तो खुदगर्जी होगी। क्यों न वही पैसा मैं अपनी सेहत पर खर्च करूं और सेविंग्स के लिए बचाऊं। कुछ लोग कहते हैं कि शादी का असली मकसद बच्चे पैदा करना ही है, लेकिन मैं यह नहीं मानता। अगर मुझे लगेगा कि मेरी पत्नी अब मुझमें इंटरेस्ट नहीं ले रही है तो हम अलग हो जाएंगे, बजाय एक-दूसरे पर बोझ बनने के। मैंने तो कई कपल्स में देखा है कि बच्चा पैदा होने के बाद उनमें दूरी आ गई। पत्नी का ध्यान भी अक्सर बच्चे पर रहने लगा। एक रात मेरी एक दोस्त का बच्चा बार-बार जाग रहा था और रो रहा था। उस पर पति की भी नींद खुल गई। पत्नी ने सोचा कि पति जगे हैं तो कुछ मदद करेंगे, लेकिन वह दोबारा सो गए, जिस पर वह नाराज हुई। तीन दिन तक दोनों में बात नहीं हुई। मुझे लगता है कि बच्चा पैदा करना बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए पति-पत्नी में से किसी एक को मिटना पड़ता है। मैंने ऐसी बहुत सी महिलाओं को देखा है जो मैटरनिटी लीव पर जाने के बाद कभी काम पर वापस नहीं लौट पाईं। एक बार जब ‘मां’ की ममता जग जाती है तो वो अपने बच्चे से अलग नहीं हो पाती। काम पर न लौट पाने से कई बार वे डिप्रेशन में चली जाती हैं। आखिर मैं इस तरह का प्रेशर अपने ऊपर नहीं लेना चाहता कि अगर मुझे कुछ हो गया, तो मेरे बच्चे का क्या होगा! गौरव बताते हैं कि एक बार वह अपने रिलेटिव के यहां गए थे। उन्होंने मुझे अकेले में ले जाकर कहा- कोई शारीरिक दिक्कत है तो बता देना, मेरे पास डॉक्टर का नंबर है, दिखा दूंगा। मुझे वह बात बहुत बुरी लगी थी। मैंने उनसे साफ कहा था- मैं चाइल्ड-लेस नहीं, चाइल्ड-फ्री हूं। मैं बच्चा नहीं चाहता। थोड़ा गंभीर होकर गौरव कहते हैं- कंपेनियनशिप उम्र और समझदारी के स्तर पर होती है। वो आपको अपने दोस्तों से भी मिल सकती है। मुझे लगता है उम्रभर साथ देने के लिए हमें किसी को अच्छा दोस्त बनाना चाहिए, न कि बच्चा पैदा करने के लिए। वह बताते हैं कि उनकी तीन बहनें हैं और उनके 6 बच्चे हैं। मैं मजाक में कई बार उन बच्चों से कहता हूं जो भी मेरा ज्यादा ख्याल रखेगा, अपनी प्रॉपर्टी उसी के नाम कर दूंगा। इस पर वे सभी बच्चे कहते हैं- मामा हम आपका ख्याल रखेंगे। दरअसल, मैंने अपनी जिंदगी के बारे में सब कुछ पहले से ही तय कर लिया है, क्योंकि मैं एक चीज नहीं चाहता वो है पछतावा। मुंबई की रहने वाली आकांक्षा बंसल और ऋषभ बंसल की शादी को एक साल हो चुके हैं। वह भी डिंक कपल हैं। आकांक्षा कहती हैं कि जब भी आप कोई अलग फैसला लेते हैं, खासतौर से एक औरत के तौर पर तो आपसे हर कदम पर सवाल किए जाते हैं। मैं एक कंटेंट क्रिएटर हूं। मेरे पति और मैं मिलकर ट्रैवल कंटेंट बनाते हैं। हम दुनिया घूमते हैं, नई जगहें एक्सप्लोर करते हैं। हमें पता है कि बच्चा होने के बाद हम ये सब नहीं कर पाएंगे। आकांक्षा के पति ऋषभ कहते हैं कि हमारा समाज आज भी उतना एडवांस नहीं हुआ है कि 'डिंक' का मतलब समझ सके। यहां तो शादी का मतलब ही बच्चा पैदा करना होता है। अगर आप कह दें कि हमें बच्चा नहीं चाहिए तो आपको ताने मिलते हैं। दरअसल, कोई भी आपकी राय को समझना ही नहीं चाहता। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुराने जमाने में अगर किसी को बच्चा नहीं पैदा होता था, तो माना जाता था कि पति-पत्नी में कोई कमी होगी, लेकिन आज जब हम खुद बच्चा न पैदा करने का फैसला ले रहे हैं तो समाज इसे समझने को तैयार नहीं। हमारे लिए डिंक होना कोई मजबूरी नहीं है, बल्कि सोच-समझकर लिया गया फैसला है। डिंक जोड़ी आज की भागमभाग शहरी जिंदगी में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। ऐसे जोड़े आमतौर पर अपने करियर, निजी तरक्की और आपसी रिश्ते को प्राथमिकता देते हैं। वे आर्थिक रूप से आजाद होते हैं और अपने वक्त, पैसे का इस्तेमाल यात्रा, निवेश, शौक और सामाजिक जीवन पर करना चाहते हैं। ---------------------------------------------------- ब्लैकबोर्ड सीरीज की ये खबरें भी पढ़िए 1-ब्लैकबोर्ड-बेटी ने लव मैरिज की, 40 रिश्तेदारों ने सिर मुंडाया:लड़के से 70 हजार लेकर पिंडदान, बलि भी दी, वरना कोई बात तक न करता उस लड़की के जाने के ठीक 10 दिन बाद हमने पंडित बुलवाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया, जैसे किसी के मरने के बाद किया जाता है। सिर मुंडवाया, पिंड-दान किया और पूरे परिवार का शुद्धिकरण किया। भले ही वह जिंदा हो, लेकिन हमारे लिए, हमारे समाज के लिए मर चुकी है।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 2- ब्लैकबोर्ड- पापा को मंदिर की सीढ़ियों से घसीटा, गाली दी:घर जला दिए, 26 साल से हम गांव जाने को तरस रहे हम लोग दलित हैं मंदिर के अंदर तो क्या उसकी सीढ़ियां भी नहीं चढ़ सके। पापा बाहर से ही खड़े होकर दर्शन करने लगे। अचानक उन्हें किसी ने धक्का दिया और वो मंदिर की सीढ़ियों पर गिर पड़े। ये देखते ही मंदिर के पुजारी और आस-पास के लोग पापा को भद्दी गालियां देने लगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

दैनिक भास्कर 31 Jul 2025 5:02 am

स्पॉटलाइट- महिलाएं अपना दूध बेचकर कमा रहीं 15 लाख महीना:क्या है ये नया बिजनेस, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, देखें वीडियो

साइड बिजनेस या पार्ट टाइम काम कर के ज्यादा पैसे सभी कमाना चाहते हैं. लेकिन ब्रेस्ट मिल्क बेचकर दिन के 50,000 से भी ज्यादा कमाने का बिजनेस आइडिया नया है. आखिर मांओं से लेकर बॉडी बिल्डर्स तक क्यों खरीद रहे हैं ब्रेस्ट मिल्क. इस मिल्क बिजनेस से कितना कमा रही हैं महिलाएं? क्या इसके कोई नुकसान भी है.पूरी कहानी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 31 Jul 2025 5:02 am

मोदी बोले- पाकिस्तान को 80% पानी नेहरू ने दिया:शाह बोले- 11 सालों में कश्मीर के बाहर कोई आतंकी घटना नहीं; ऐसे 5 बड़े दावों का सच

ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने 102 मिनट के भाषण में 74 बार पाकिस्तान और 14 बार नेहरू का जिक्र किया। गृहमंत्री अमित शाह ने भी 74 मिनट के अपने भाषण में कांग्रेस की पुरानी सरकारों और गांधी-नेहरू परिवार को निशाने पर रखा। सरकार के दोनों शीर्ष नेताओं ने इतिहास से जुड़े कई दावे किए, लेकिन इतिहास को संदर्भ के साथ रखने पर ही असली तस्वीर मिलती है। पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के भाषण के 5 बड़े दावे और उनका सच, आइए जानते हैं… अमित शाह का बयान: ‘2005 से 2011 के बीच 27 हमले हुए। करीब एक हजार लोग मारे गए…। हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुईं, वो पाक प्रेरित और कश्मीर सेंट्रिक हुईं। देश के बाकी हिस्से में 2014-2025 के बीच एक भी आतंकी घटना नहीं हुई।’ फैक्ट चेक: बड़े आतंकी हमलों में कमी आई, लेकिन गृहमंत्री का दावा पूरी तरह सही नहीं भारत में आतंकी घटना की परिभाषा 1967 के UAPA एक्ट के आर्टिकल 15 में बताई गई है। इसके तहत ऐसा कोई भी काम जो किसी भी तरह के विस्फोटक के इस्तेमाल से भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा या संप्रभुता को खतरे में डालने या जनता में आतंक फैलाने के इरादे से किया जाए, उसे ‘टेररिस्ट एक्ट’ यानी आतंकी कार्रवाई कहते हैं। ऐसे मामलों को UAPA के तहत दर्ज किया जाता है और NIA जैसी एजेंसियां इनकी जांच करती हैं। गृह मंत्रालय ने 2019 में संसद में बताया था कि पिछले 5 सालों में देश के बाकी हिस्सों में 6 आतंकी घटनाएं हुई हैं। उसके बाद का सटीक डेटा उपलब्ध नहीं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में ही ऐसी 5 बड़ी घटनाएं मिल जाती हैं, जिनमें विदेशी आतंकवादी गुटों का हाथ था, इनमें विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, साथ ही इनकी जांच NIA ने की या कर रही है… i. बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट, 2024 ii. बिहारः बोधगया ब्लास्ट, 2018 iii. पंजाबः पठानकोट एयरबेस अटैक, 2016 iv. पश्चिम बंगालः बर्दवान ब्लास्ट, 2014 v. कर्नाटकः बेंगलुरू बम ब्लास्ट, 2014 अमित शाह ने अपने भाषण में बताया कि 2004 से 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुईं थी, जबकि 2015 से 2025 के बीच 70% की कमी के साथ 2,150 आतंकवादी घटनाएं हुईं। 2015 से 2025 के बीच 357 आम नागरिकों और 542 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई। हालांकि इसी दौरान जम्मू-कश्मीर में उरी, पुलवामा और पहलगाम जैसे बड़े आतंकी हमले हुए। निष्कर्षः पिछले 11 सालों में देश के बाकी हिस्सों में बड़ी आतंकी घटनाओं में कमी आई। लेकिन एक भी आतंकी घटना नहीं हुई, ये दावा सही नहीं है। जम्मू-कश्मीर में इस दौरान कई बड़े आतंकी हमले हुए। पीएम मोदी का बयानः ‘80% पानी पाकिस्तान को देने के लिए नेहरूजी राजी हो गए। इतना बड़ा हिन्दुस्तान उसको सिर्फ 20% पानी। कोई मुझे समझाए भई, ये कौन सी बुद्धिमानी थी।’ अमित शाह का बयान: ‘1960 में सिंधु जल पर भौगोलिक और रणनीतिक रूप से हम बड़े मजबूत थे। उन्होंने (पीएम नेहरू ने) इस पर समझौता किया और 80% भारत का पानी पाकिस्तान को दे दिया।' फैक्ट चेक: नेहरू ने सिंधु जल संधि की, जिससे पाकिस्तान को ज्यादा फायदा था साउथ एशिया यूनिवर्सिटी (SAU), दिल्ली के इंटरनेशनल रिलेशंस डिपार्टमेंट की प्रोफेसर मेधा बिष्ट कहती हैं कि भारत के पास पाकिस्तान जाने वाला सारा पानी इकट्ठा करने या इसका रास्ता बदलने के लिए उस तरह के बांध या इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। वहीं पूर्वी नदियों के 3.3 करोड़ एकड़ फीट पानी में से भी 6% पानी बिना इस्तेमाल हुए पाकिस्तान चला जाता है। निष्कर्ष: सिंधु जलसंधि में पाकिस्तान को 80% पानी मिलने की बात सही है। हालांकि ये संधि नहीं होती, फिर भी पाकिस्तान जाने वाले पानी को बड़े पैमाने पर स्टोर करना संभव नहीं था। अमित शाह का बयान: ‘1948 में कश्मीर में हमारी सेनाएं निर्णायक बढ़त पर थीं, सरदार पटेल न बोलते रहे, लेकिन जवाहर लाल नेहरू जी ने एकतरफा युद्धविराम कर दिया…। मैं इतिहास का विद्यार्थी हूं। अगर पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर अस्तित्व में है, तो जवाहर लाल नेहरू के एकतरफा युद्धविराम के कारण है।‘ फैक्ट चेक: यूएन के प्रस्ताव पर नेहरू सीजफायर को राजी हुए, भारतीय सेना भी पस्त हो चुकी थी अब यहां दो वर्जन मिलते हैं… 1. नेहरू ने सीजफायर में जल्दबाजी की, जिससे PoK बना अमित शाह का कहना है कि अगर सीजफायर 3 दिन लेट होता, तो पाक अधिकृत कश्मीर भारत में होता। आर्मी आर्काइव का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि 14 नवंबर 1947 को उरी सेक्टर और 22 मई 1948 को तिथवाल जीतकर सेना मुजफ्फराबाद जाने वाली थी, लेकिन रोक दिया गया। 2. नेहरू के पास सीजफायर ही इकलौता विकल्प था सरदार पटेल ने 4 जून 1948 को कश्मीर मामलों को देख रहे मंत्री गोपाल स्वामी अयंगर को एक पत्र में लिखा- सेना की स्थिति कोई बहुत अच्छी नहीं है। हम संसाधनों का पूरा दोहन कर चुके हैं। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर हम कितने दिन तक इस युद्ध को खींच पाने में कामयाब हो पाएंगे। सरदार पटेल की इस चिट्ठी से पता चलता है कि कश्मीर में सेना की हालत अच्छी नहीं थी। उस वक्त भारत के आर्मी चीफ रहे जनरल बुचर और नेहरू के पत्रों से भी यही अंदाजा मिलता है। 22 नवंबर 1948 को बुचर ने नेहरू को सैनिकों की थकान, जूनियर अधिकारियों की कम ट्रेनिंग और हथियारों की कमी के बारे में लिखा। निष्कर्ष: नेहरू कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय दबाव में यूएन ले गए। हालांकि सीजफायर एक रणनीतिक फैसला था। अमित शाह का बयान: ‘अनौपचारिक रूप से अमेरिका ने यह सुझाव दिया कि चीन को संयुक्त राष्ट्र में तो ले लिया जाए, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) में नहीं। नेहरू जी ने कहा कि हम इसे स्वीकार नहीं करते, क्योंकि इससे चीन के साथ हमारे संबंध खराब होंगे और चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा। आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत बाहर है। इसका कारण जवाहर लाल नेहरू का यह स्टैंड है।' फैक्ट चेक: भारत को UNSC में शामिल होने का कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला, नेहरू ने चीन का समर्थन किया निष्कर्ष: भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता ऑफर किए जाने के कोई दस्तावेजी सबूत नहीं मिलते, लेकिन नेहरू चीन को UNSC का सदस्य बनाए जाने के समर्थक थे। पीएम मोदी का बयानः ‘जब डोकलाम में सेना हमारा शौर्य दिखा रही थी, तब कांग्रेस के नेता चुपके-चुपके किससे ब्रीफिंग लेते थे, वह सारी दुनिया अब जान गई है।’ अमित शाह का बयान: ‘जब डोकलाम में, हमारी सेना के जवान चीन की सेना के सामने आंख में आंख डालकर बैठे थे, तब चीन के राजदूत के साथ राहुल गांधी मीटिंग कर रहे थे।' फैक्ट चेक: डोकलाम विवाद के दौरान राहुल गांधी की चीनी अधिकारियों से मुलाकात हुई, हालांकि चुपके-चुपके ब्रीफिंग लेने की बात निराधार है निष्कर्षः डोकलाम विवाद के दौरान राहुल गांधी चीनी राजदूतों से मिले। ये कोई गुप्त मीटिंग नहीं थी। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी थी। -------------------------- ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस की अन्य खबरें... राहुल गांधी ने मेज पीटकर PM मोदी से क्या पूछा:शाह बोले- आतंकियों का धर्म देख दुखी मत होइए; दूसरे दिन की बहस में कौन भारी नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुस्से में मेज पर इतनी जोर से हाथ मारा कि स्पीकर ओम बिरला को कहना पड़ा- यह सदन की संपत्ति है, इसे मत तोड़ो। गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के दौरान अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि शाह बोले- पाकिस्तान से आपकी बात होती है क्या? PM मोदी ने भी ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में भाषण दिया। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 31 Jul 2025 5:02 am

‘टीचर को आतंकी बताया, चैनलों को माफी नहीं, सजा मिले’:पुंछ के मौलाना इकबाल की पत्नी ने मांगे 10 करोड़, पाकिस्तानी बमबारी में गई थी जान

जम्मू के पुंछ के बैला गांव में मिट्‌टी से बने एक घर में करीब तीन महीने से मातम पसरा है। ये घर मौलाना कारी मोहम्मद इकबाल का है। कारी मोहम्मद अब दुनिया में नहीं हैं। उनकी 7 मई को पाकिस्तान की बमबारी में मौत हो गई थी। वे पुंछ में जामिया जिया-उल-उलूम नाम के मदरसे में पढ़ाते थे, लेकिन जी न्यूज, न्यूज 18 इंडिया, रिपब्लिक टीवी और एबीपी न्यूज ने उन्हें पाकिस्तानी आतंकी बताकर खबरें चला दीं। खबरों में बताया गया कि कारी मोहम्मद इकबाल आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर थे और 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में शामिल थे। परिवार अब उनके सम्मान के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। कारी मोहम्मद की पत्नी नसीम अख्तर गुस्से में कहती हैं, ‘मेरे पति देश के लिए शहीद हुए। मीडिया ने उनके बारे में झूठी खबरें चलाईं। उन्हें बदनाम कर दिया।’ बात यहीं खत्म नहीं हुई। चैनलों को अपनी गलती पता चली, तो उन्होंने माफी मांग ली। नसीम अख्तर को ये माफी मंजूर नहीं है। वे कहती हैं, ‘माफी नहीं, पति की शहादत को झूठा बताने वालों को सजा मिलनी चाहिए।' परिवार ने जी न्यूज और न्यूज-18 इंडिया को 5-5 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। पुंछ पुलिस ने इन चैनलों के खिलाफ FIR दर्ज की है। कारी मोहम्मद इकबाल की मौत को करीब 3 महीने होने वाले हैं। दैनिक भास्कर उनके परिवार का हाल जानने बैला गांव पहुंचा। हम उस मदरसे में भी गए, जहां कारी मोहम्मद पढ़ाते थे। साथ ही मानहानि केस का स्टेटस भी पता किया। कारी मोहम्मद की दो पत्नियां, 8 बच्चे, एक पत्नी को नौकरी मिली कारी मोहम्मद इकबाल के परिवार में उनकी दो पत्नियां और 8 बच्चे हैं। उनका गांव पुंछ शहर से करीब 20 किमी दूर मंडी तहसील में है। संकरे पहाड़ी रास्तों से होते हुए हम उनके घर पहुंचे। एक मंजिल वाले कच्चे मकान में उनकी पत्नियां और बच्चे रहते हैं। कारी मोहम्मद की मौत के बाद छोटी पत्नी शहनाज को सरकार की तरफ से नौकरी दी गई है। वे ऑफिस गई हुई थीं। घर में बड़ी पत्नी नसीम अख्तर मिलीं। वे बताती हैं, ‘सारी जिम्मेदारी अब हमारे ऊपर ही है। भाई मदद कर रहे हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई मेरे जिम्मे है।’ बगल में ही कारी मोहम्मद के भाई मोहम्मद असलम का भी मकान है। वे उन्हें याद करते हुए बताते हैं, ‘भाई 2004 से मदरसे में पढ़ा रहे थे। उनकी शुरुआती तालीम गांव में हुई थी। फिर जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के अकोला में मौलवी की पढ़ाई की। 2004 में गांव लौट आए और यहीं पढ़ाना शुरू कर दिया।’ असलम आगे बताते हैं, ‘हम तीन भाई मिलकर परिवार की देखभाल कर रहे हैं। सरकार ने दोनों भाभी को 4 और 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। छोटी भाभी शहनाज को मछ्ली पालन विभाग में नौकरी दी गई है। 20 जून को उन्होंने जॉइन किया था।’ चैनलों पर गलत खबर दिखाने पर असलम कहते हैं, ‘शहर में हिंदू, मुस्लिम या सिख, आप किसी से भी बात कर लें, सभी मेरे भाई की देशभक्ति बता देंगे। चैनलों ने बिना जाने उन्हें आतंकी बता दिया। हम चाहते हैं कि इन चैनलों पर सख्त कार्रवाई हो। कुछ चैनलों ने माफी मांगी है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि माफी से गलती ठीक नहीं होती। खबरें चलाने से पहले तहकीकात करनी चाहिए।’ कोर्ट ने कहा- सम्मानित टीचर को आतंकी बताना गैर जिम्मेदारानाकारी मोहम्मद इकबाल की मौत के बाद न्यूज चैनलों ने उन्हें आतंकी बताया तो 8 मई 2025 को पुंछ जिला पुलिस ने साफ किया ये खबरें निराधार और भ्रामक हैं। पुलिस ने कहा कि मौलाना कारी मोहम्मद इकबाल सम्मानित शिक्षक और धार्मिक व्यक्ति थे। उनका किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं था। पुंछ के वकील शेख मोहम्मद सलीम ने लोकल कोर्ट में याचिका दायर कर जी न्यूज, न्यूज 18 इंडिया और अज्ञात एडिटोरियल स्टाफ के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। इस याचिका पर 28 जून 2025 को पुंछ के सब-जज और स्पेशल मोबाइल मजिस्ट्रेट शफीक अहमद ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद जी न्यूज, न्यूज 18 और कुछ दूसरे न्यूज चैनलों के एडिटर और एंकर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये केस अज्ञात में दर्ज किया गया। सब-जज शफीक अहमद के कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की माफी से उनकी गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से हुआ नुकसान ठीक नहीं होता। यह गलत रिपोर्टिंग उस वक्त की गई, जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था।’ कोर्ट ने कहा कि मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक को बिना जांच के पाकिस्तानी आतंकवादी कहना, जर्नलिस्टिक एरर नहीं माना जा सकता। चैनलों के माफी मांगने को लेकर कोर्ट ने कहा कि माफी सजा में कुछ राहत दे सकती है, लेकिन अगर कोई अपराध हुआ है तो पुलिस का FIR दर्ज करना जरूरी है। कोर्ट ने पुंछ पुलिस को ‘निष्पक्ष, समयबद्ध और ईमानदार जांच’ करने का आदेश दिया। वकील बोले- जी न्यूज से समझौते के लिए कॉल आया एडवोकेट शेख मोहम्मद सलीम बताते हैं, ‘मैंने खुद न्यूज चैनलों के खिलाफ केस किया है। मेरी मौलाना इकबाल के परिवार से बात नहीं हुई। मैंने पुंछ कोर्ट में जी न्यूज, न्यूज 18 और बाकी चैनलों के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। इस पर कोर्ट ने पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। यह खुली FIR है, जिसमें जांच के बाद दोषी चैनलों को शामिल किया जा सकता है।’ सलीम आगे बताते हैं, ‘मैं भी मौलाना इकबाल के मदरसे से पढ़ा हूं। उन्होंने मुझे भी पढ़ाया था। कारी साहब हमारे लिए जाने-पहचाने थे। उनका स्वभाव बहुत अच्छा था।' मौलाना इकबाल शहीद हुए, लेकिन चैनलों ने बिना सबूत के उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली में मारा गया आतंकवादी बता दिया। सलीम दावा करते हैं कि FIR के बाद जी न्यूज की टीम ने मुझसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन मैंने बात नहीं की। जी न्यूज वाले परिवार से समझौता करना चाहते थे, लेकिन मैंने कहा कि यह परिवार का मामला है। मेरा मकसद देशहित है। चैनलों को खबरें चलाने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।’ वे सवाल करते हैं, ‘खबर देने वाला कौन था, क्या उनका कोई पत्रकार कोटली में था। बिना सबूत के शहीद की फोटो का इस्तेमाल कर बदनाम करना गलत है।’ 5 करोड़ के नोटिस का चैनलों ने जवाब नहीं दियाFIR के अलावा कारी मोहम्मद के परिवार ने जी न्यूज और न्यूज 18 इंडिया को 5-5 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा है। इस नोटिस पर जम्मू के एडवोकेट शेख शकील अहमद बताते हैं कि मैंने कारी इकबाल के परिवार की ओर से कानूनी नोटिस भेजा था। FIR पर क्या कार्रवाई हुई, ये जानने के लिए हमने पुंछ SSP शफाकत हुसैन को कॉल किया। उन्होंने कारी मोहम्मद इकबाल के केस की बात सुनने के बाद फोन काट दिया। इसके बाद हमने डिप्टी कमिश्नर ताहिर मुस्तफा मलिक को भी कॉल किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। प्रिंसिपल बोले- कारी मोहम्मद के परिवार का खर्च मदरसा उठाएगाहम पुंछ में जामिया जिया-उल-उलूम मदरसे में भी गए। यहीं कारी मोहम्मद इकबाल की मौत हुई थी। मदरसे के जिस कमरे में कारी इकबाल की मौत हुई थी, वहां अब गेट बना दिया गया है। कमरे के बाहर भी कंस्ट्रक्शन चल रहा है। प्रिंसिपल सैयद हबीब 7 मई के हादसे के बारे में बताते हैं, ‘कारी साहब 2004 से हमारे मदरसे में पढ़ा रहे थे। सुबह 8 बजे हमारे मदरसे में गोला गिरा। इसमें वे जख्मी हो गए। कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। यह शर्मनाक है कि अगले दिन कुछ चैनलों ने उन्हें लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बता दिया।’ सैयद हबीब बताते हैं, ‘उस दिन मॉक ड्रिल की तैयारी चल रही थी। रात को शुरू हुई गोलाबारी ने सब बदल दिया। हमारे यहां एक हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। हमने उन्हें सुरक्षित जगह भेज दिया।’ ‘कारी इकबाल शरीफ और देशभक्त इंसान थे। उनके परिवार का इस इलाके में सम्मान है। मीडिया ने उन्हें आतंकवादी बता दिया। इससे उनकी फैमिली, स्टूडेंट्स और हमें गहरी ठेस पहुंची। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत इन खबरों को झूठा करार दिया। सरकार ने कारी इकबाल के परिवार को नौकरी और मुआवजा दिया है। मदरसा उनके परिवार का खर्च उठा रहा है।’ BJP नेता बोले- शहीद को आतंकी बताना देश के साथ गद्दारी7 मई को कारी मोहम्मद के मदरसे पर बमबारी हुई, तब BJP नेता और पूर्व MLC प्रदीप शर्मा 80 मीटर दूर थे। प्रिंसिपल सैयद हबीब के कॉल करने पर प्रदीप शर्मा मदरसा पहुंचे। अस्पताल ले जाते हुए कारी मोहम्मद ने प्रदीप शर्मा के सामने ही दम तोड़ा था। प्रदीप शर्मा बताते हैं, सुबह 7 बजे के करीब भयंकर फायरिंग हो रही थी। कारी साहब और चार बच्चे जख्मी हो गए। मैंने अपने दोस्त मौलवी सैयद साहब के साथ मिलकर कारी साहब को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। कारी साहब मेरे सामने तड़पते हुए शहीद हो गए। मीडिया कवरेज के बारे में प्रदीप शर्मा कहते हैं, ‘किसी शहीद को मिलिटेंट बताना देश के साथ गद्दारी है। माफी मांगने से कुछ नहीं होगा। उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ है, इसके लिए मुआवजा देना चाहिए। कुछ लोग अभी भी अस्पताल में हैं। उनके बाजू या आंखें चली गईं। उनके लिए सरकार को प्रावधान करना चाहिए।’ पाकिस्तानी बमबारी से पुंछ में सबसे ज्यादा नुकसान 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकियों ने 25 टूरिस्ट और एक लोकल गाइड की हत्या कर दी थी। हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को टारगेट कर ऑपरेशन सिंदूर चलाया। जवाब में अगले दिन सुबह से पाकिस्तान ने भारत के बॉर्डर वाले इलाकों में गोलाबारी शुरू कर दी। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू के पुंछ जिले को हुआ। बमबारी में सबसे ज्यादा 13 मौतें पुंछ में ही हुईं। पुंछ में एक गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया गया, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई। लोग बताते हैं कि ये अब तक पुंछ में हुई सबसे भयानक बमबारी थी। 1965 और 1971 में भी ऐसी फायरिंग नहीं देखी। पाकिस्तान के लिए आसान टारगेट, इसलिए पुंछ को बनाया निशानापुंछ शहर घाटी में बसा है और तीन तरफ पहाड़ियों से घिरा है। जिन पहाड़ियों से पुंछ घिरा है, वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा है। पाकिस्तान ने ऊंची पहाड़ियों पर आर्मी पोस्ट बना रखी है। पाकिस्तानी पोस्ट से पूरा पुंछ शहर साफ दिखता है। इस तरह से पाकिस्तान के पास पुंछ पर हमला करने के लिए सामरिक बढ़त है। अटैक करने में ऑल्टीट्यूड सबसे अहम होता है। हाई ऑल्टीट्यूड वॉरफेयर में जो ऊंचाई पर होता है, उसे बढ़त मिलती है। इसलिए पाकिस्तान के लिए ऊंचाई से पुंछ पर बमबारी करना आसान था। ..............................पुंछ से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... पाकिस्तानी बमबारी में जुड़वां बच्चे खोए, घर तबाह, मां बोली- शहीद का दर्जा मिले पुंछ में रहने वाली उरूसा खान के जुड़वां बच्चों ने 7 मई की सुबह पाकिस्तानी गोलीबारी में जान गंवा दी। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाए गए भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में ये फायरिंग की गई थी। हमले को ढाई महीने बीत चुके हैं, लेकिन उरूसा उस दिन को याद कर आज भी भावुक हो जाती हैं। पुंछ और राजौरी में अपनों को खोने वाले कई परिवारों के जख्म आज भी ताजा हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 31 Jul 2025 4:00 am

क्या कांवड़ लाने से हम DM-SP बन जाएंगे?:‘कांवड़ लेने मत जाना’ कविता वाले टीचर पर FIR से स्टूडेंट नाराज, बोले- सर गलत नहीं

कांवड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना।मानवता की सेवा करके, तुम सच्चे मानव बन जाना।कांवड़ ढोकर कोई वकील, DM-SP नहीं बना है।कांवड़ जल से कोई बनिया, हाकिम, वैद्य नहीं बना है। यूपी के बरेली में सरकारी स्कूल के टीचर रजनीश गंगवार ने 12 जुलाई को बच्चों को ये कविता सुनाई। तब उन्हें ये अंदाजा भी नहीं था कि इसकी वजह से उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी होने वाली है। कांवड़ यात्रा की जगह पढ़ाई को तरजीह देने वाली इस कविता का वीडियो वायरल हुआ और रजनीश को मारने की धमकियां मिलने लगीं। सोशल मीडिया पर उन्हें 'सनातन का गद्दार' बोला गया। लोग उनके लिए 'मास्टर को जूते से मारने वाले को 1200 रुपए का इनाम देने' जैसी बातें लिखने लगे। विरोध यहीं नहीं थमा, बरेली में VHP और महाकाल सेवा समिति जैसे हिंदू संगठन के लोगों ने कविता को धर्म विरोधी बताया। उन्होंने पहले रजनीश का पुतला फूंका, फिर स्कूल से निकालने की मांग करते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई। रजनीश और उनका परिवार विवाद के बाद से परेशान है। उन्होंने लगातार धमकियां मिलने के बाद पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। हालांकि स्कूल के बच्चे रजनीश को गलत नहीं मानते। उनका कहना है कि सर की कविता में एक शब्द भी 'धर्म' विरोधी नहीं था। उल्टा वो हमें पढ़ाई को लेकर गंभीर रहने की नसीहत दे रहे थे कि कांवड़ लाने से DM-SP नहीं बनते। उन्हें जबरदस्ती विवाद में घसीटा जा रहा है। इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर की टीम ने रजनीश गंगवार, स्कूल प्रशासन और वायरल वीडियो में दिख रहे बच्चों से बात की। हम उन लोगों तक भी पहुंचे, जिन्होंने कविता पर एतराज जताया। कांवड़ यात्रा से जुड़े विवाद के बाद क्या टीचर की गिरफ्तारी होगी? बरेली पुलिस का पूरे मामले पर क्या कहना है? इस रिपोर्ट में पढ़िए... शुरुआत 12 जुलाई की सुबह से, जब विवाद की शुरुआत हुई…बरेली शहर से 50 किलोमीटर दूर बहेड़ी कस्बा पड़ता है। यहां रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही गेट के ठीक सामने महात्मा गांधी मेमोरियल इंटर कॉलेज है। यहां बहेड़ी और आसपास के गांवों से करीब 1800 बच्चे पढ़ने आते हैं। ये पूरा विवाद स्कूल में हिंदी विभाग के सीनियर टीचर रजनीश गंगवार से जुड़ा है। उनकी कविता से कैसे हंगामा शुरू हुआ, इस बारे में रजनीश कहते हैं, ‘12 जुलाई, शनिवार का दिन था। कॉलेज में रोज की तुलना में कम बच्चे आए थे। उस दिन सुबह की प्रार्थना सभा के बाद मैंने बच्चों के लिए एक कविता पढ़ी। इसे लेकर ऐसा कहा गया कि वो कांवड़ यात्रा के विरोध में थी, जबकि ऐसा कुछ नहीं था।’ मैंने छोटे बच्चों के लिए वो कविता पढ़ी थी, जिसमें उन्हें स्कूल आने और पढ़ाई के प्रति गंभीर रहने के लिए प्रेरित किया गया था। ’मैं तो बच्चों को जागरूक कर अपना शिक्षक धर्म निभा रहा था। अफसोस है कि कुछ लोगों को मेरी कविता में मानवता और शिक्षालय जैसी बातें छोड़ सिर्फ 'कांवड़' शब्द ही नजर आया। किसी भी धर्म से जुड़ा व्यक्ति अगर इंसानियत भूल जाए तो वो धार्मिक नहीं बन सकता। इसलिए मेरा मानना है कि जिन लोगों ने इस विवाद को बढ़ाया, वो हमारे बीच रहने वाले असमाजिक तत्व हैं।’ वीडियो वायरल होने पर 'सनातन का गद्दार' बोला गयाइलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिन्दी साहित्य में PhD कर चुके रजनीश, कवि और लेखक भी हैं। वो अभी एमजीएम इंटर कॉलेज के स्पोक्सपर्सन और स्वच्छ भारत मिशन के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रजनीश 12 जुलाई तक ABVP के नगर अध्यक्ष भी थे। हालांकि कविता से शुरू हुए विवाद के बाद उन्हें संगठन से बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह डॉ. हरिनंदन कुशवाह को पद दे दिया गया है। रजनीश के मुताबिक, जब से विवाद शुरू हुआ है उन्हें हर दिन कोई-न-कोई नई परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने दावा किया कि लोकल हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने उन्हें बदनाम करने के लिए झूठी खबरें फैलाईं। वीडियो वायरल होने पर उन्हें खुलेआम मारने तक की धमकियां दी गईं। वो कहते हैं, ‘लोगों ने सोशल मीडिया पर मुझे जूतों से मारने और 'सनातन का गद्दार' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। इन धमकियों के बाद मुझे डर था कि ये लोग कभी भी मुझ पर हमला करवा सकते हैं। इसलिए मैंने बहेड़ी पुलिस को तहरीर देकर ऐसे लोगों पर कार्रवाई और अपने लिए सुरक्षा की मांग की। हालांकि पुलिस ने अब तक मेरी एप्लिकेशन स्वीकार नहीं की है।‘ बच्चे बोले- कविता में कुछ भी गलत नहीं, सर को फंसाया जा रहा पूरे विवाद को लेकर हमने एमजीएम इंटर कॉलेज के टीचर्स और स्टूडेंट्स से भी बात की, जो उस दिन प्रार्थना सभा में मौजूद थे। हमने ये जानने की कोशिश कि वो इस पूरे घटनाक्रम को कैसे देखते हैं। पहले छात्रों की बात… स्कूल में 9वीं क्लास में पढ़ने वाले मोहन गौतम कहते हैं, ‘रजनीश सर की कविता में मुझे कुछ भी गलत नहीं लगा। यहां तक कि मैंने घरवालों को भी कविता का वीडियो दिखाया था, उन्हें भी सर की बातें सही लगीं। ये बात सच है कि कांवड़ लाने से कोई DM-SP नहीं बन सकता। आज अगर हम किसी सरकारी परीक्षा के लिए फॉर्म भरते हैं, तो हमसे ये नहीं पूछा जाता कि तुम कितनी बार कांवड़ लेने गए थे, बल्कि ये पूछा जाता है कि आपने कहां तक पढ़ाई की है।‘ ‘आज अगर मैं पढ़-लिखकर इंडियन आर्मी में चला जाता हूं या डॉक्टर बन जाता हूं तो मेरा और मेरे परिवार का नाम होगा। कांवड़ लाने से ये जरूरी नहीं है कि मैं अच्छा इंसान बन जाऊंगा, लेकिन पढ़ाई करके मैं अपनी पहचान बना सकता हूं। यही बात सर ने कविता के रूप में हमें बताई थी।’ 12वीं क्लास में पढ़ने वाली दीक्षा कहती हैं, ’कविता में ‘कांवड़’ शब्द जरूर आया था, लेकिन सर का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। कुछ लोगों ने इसे नेगेटिव ले लिया। सरकार को एक नियम बनाना चाहिए कि 18 साल की उम्र के बाद ही लोगों को कांवड़ लाने की परमिशन दी जाए, इससे उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी।’ आखिर कविता क्यों सुनानी पड़ी? इस सवाल पर स्कूल के इंग्लिश टीचर रामनाथ ने बताया कि सावन के महीने में बहेड़ी और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग कांवड़ लेने जाते हैं। इसमें कम उम्र के बच्चे भी होते हैं। लिहाजा स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की संख्या कम हो जाती है। हम लोगों पर दबाव भी होता है कि स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ाई जाए क्योंकि रजनीश सर अच्छे वक्ता हैं, इसलिए उन्होंने बच्चों को स्कूल आने और पढ़ाई के लिए प्रेरित करने को लेकर ये कविता सुनाई थी। इसके बाद ही विवाद हो गया।’ हिंदू संगठन बोले- टीचर जिहादी सोच वाला, हिंदू बच्चों को भड़का रहाकविता वायरल होने के बाद 14 जुलाई को पुलिस ने रजनीश के खिलाफ BNS की धारा 353 में मुकदमा दर्ज किया। ये कार्रवाई लोकल BJP नेता राहुल गुप्ता और महाकाल सेवा समिति की शिकायत पर हुई थी। FIR दर्ज होने के बाद 15 जुलाई को स्कूल के प्रिंसिपल अशोक कुमार को दिए स्पष्टीकरण में रजनीश ने बताया कि क्लास में विद्यार्थियों की अटेंडेंस लगातार कम हो रही थी। दूसरे स्टूडेंट्स से इस बारे में पूछने पर पता चला कि ज्यादातर बच्चे कांवड़ लेने गए हैं इसलिए स्कूल नहीं आ रहे। ऐसी आदत बच्चों में न बढ़ें इसलिए कविता सुनाई। विवाद तब बढ़ गया जब हिंदू संगठनों ने रजनीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हिंदू महासभा ने जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने टीचर रजनीश को जिहादी सोच वाला व्यक्ति बताया और हिंदू बच्चों को उनके धर्म के प्रति भड़काने का आरोप लगाया। बहेड़ी की महाकाल सेवा समिति के लोगों ने रजनीश के खिलाफ पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा- कॉलेज के छात्र-छात्राओं को इकट्ठा कर कांवड़ यात्रा के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। इससे शिव भक्त कांवड़ियों की भावनाएं आहत हुई हैं। हमने रजनीश के खिलाफ तहरीर देने वाले BJP नेता राहुल गुप्ता से बात की। वो कहते हैं, ‘अगर कोई व्यक्ति 250 किलोमीटर तक भारी-भरकम कांवड़ लेकर चल रहा है, तो निश्चित रूप से भगवान शिव की शक्ति उसके साथ है। अगर उस तथाकथित टीचर को ये ढोंग लग रहा है, तो वो इसे खुद करके देखे। वो 5 किलो वाली फल की थैली 2 किलोमीटर भी लेकर नहीं चल सकता।‘ ‘मास्टर साहब खुद के बचाव में ये कह रहे हैं कि उन्हें सोशल मीडिया पर जानलेवा धमकियां मिल रही हैं। ये सिर्फ खुद को लाइमलाइट में लाने के लिए उनका स्टंट है। हम लोग कानून को मानने वाले लोग हैं, हमें पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर भरोसा है।‘ कविता के वायरल होने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X पर लिखा- ‘जो मानवता के मार्ग पर ले जाए, वही सबसे बड़ा धर्म है। टीचर पर केस दर्ज होने के बाद उन्होंने दोबारा ट्वीट किया कि शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं। BJP के लिए क्या यही अमृतकाल है?‘ बरेली पुलिस क्या कह रही…CO बहेड़ी बोले: केस लीगल ओपिनियन के लिए हेडक्वार्टर भेजा गयाकांवड़ यात्रा के मद्देनजर केस की संवेदनशीलता को देखते हुए बरेली पुलिस ने संबंधित टीचर को दोबारा ऐसी टिप्पणी न करने के लिए कहा है। साथ ही कस्बे में कांवड़ रूट पर सख्त निगरानी हो रही है। हमने मामले को लेकर बहेड़ी सर्किल ऑफिसर अरुण कुमार सिंह से बात की। वे कहते हैं, 'एमजीएम इंटर कॉलेज के टीचर रजनीश गंगवार की कविता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के संबंध में हमें तहरीर मिली थी। जांच के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।' रजनीश ने सोशल मीडिया पर धमकियां मिलने की बात कही है। उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस क्या कर रही? इस पर अरुण कहते हैं- हमने दोनों पक्षों की बातें सुनी हैं। केस में जांच जारी है। क्या इस मामले में शिक्षक रजनीश की गिरफ्तारी हो सकती है?इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट के वकील शाश्वत आनंद कहते हैं, 'सरकारी स्कूल के टीचर रजनीश गंगवार के खिलाफ बरेली पुलिस ने अभी BNS की धारा 353 के तहत FIR दर्ज की है। ये धारा तब लागू होती है जब किसी व्यक्ति ने ऐसा बयान दिया हो, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने या फिर दंगा होने की संभावना हो। इसमें अपराध साबित होने पर आरोपी को 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि सजा का प्रावधान होने के बावजूद शिक्षक के पास जमानत के अधिकार भी हैं। ........................ ये खबर भी पढ़ें...क्या सुप्रीम कोर्ट-यूपी सरकार से ऊपर है यशवीर महाराज 7 जुलाई, 2024 यानी पिछले साल कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक आदेश जारी किया। कहा गया कि करीब 240 किमी के कांवड़ यात्रा रूट पर सभी दुकानों के मालिकों को अपना नाम और नंबर साफ अक्षरों में लिखना होगा। इसके बाद UP सरकार ने आदेश पूरे राज्य में लागू कर दिया। इस बार UP सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया। फिर भी कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों, होटलों और ढाबों पर चेकिंग जारी है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 31 Jul 2025 4:00 am

Lady Vanga: कौन है वो ‘रहस्यमयी’ आर्टिस्ट, जिसने 4 साल पहले ही कर दिया था रूसी भूकंप का ऐलान; कोरोना की भी कर चुकी है सटीक भविष्यवाणी

Who is Lady Vanga: रूस के समुद्र में बुधवार को आए विनाशकारी भूकंप का असर लगातार साफ दिख रहा है. यह भूकंप अनायास नहीं आया. इसकी भविष्यवाणी 4 साल पहले ही एक रहस्यमय लेडी आर्टिस्ट ने कर दी थी.

ज़ी न्यूज़ 31 Jul 2025 3:02 am

Justin Trudeau: कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो का किसके साथ चल रहा 'चक्कर'? जानिए कौन है ये 'मिस्ट्री गर्ल'!

Justin Trudeau Katy Perry Dating: कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो अपनी पत्नी से अलग होने के बाद अब एक अमेरिकन पॉप स्टार के साथ डेट कर रहे हैं. एक रेस्टोरेंट में दोनों को एक साथ देखे जाने के बाद से सोशल मीडिया पर हल्ला मचा है.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 8:11 pm

ट्रंप का बड़ा ऐलान, भारत पर लगाया 25 प्रतिशत टैरिफ, 1 अगस्त से लागू होगा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा

देशबन्धु 30 Jul 2025 6:40 pm

संक्रमण की झलक से ही सक्रिय हो जाता है इंसानी इम्यून सिस्टम

वैज्ञानिकों ने लोगों को बीमार दिखने वाले अवतारों की तस्वीरें दिखाईं और उनके दिमाग की गतिविधि पर लगातार नजर रखी. इस प्रयोग से कई चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं

देशबन्धु 30 Jul 2025 5:47 pm

महान विंटर स्पोर्ट्स खिलाड़ी, कारोकोरम के पहाड़ों में लापता

सबसे कड़े खेल मुकाबलों में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा देने वाली जर्मन खिलाड़ी लॉरा डालमायर, पाकिस्तान में अब भी लापता हैं. लाइला पीक पर चढ़ाई के दौरान एक चट्टानी टुकड़े ने 31 साल की लॉरा को पूरी टीम से जुदा कर दिया

देशबन्धु 30 Jul 2025 5:41 pm

बांग्लादेश में छात्रा को प्रताड़ित करने का वीडियो पश्चिम बंगाल के दावे से वायरल

बूम ने पाया कि यह वीडियो बांग्लादेश की दो साल पुरानी घटना का है. दो स्कूल स्टूडेंट के बीच उनके एक दोस्त को लेकर झगड़ा हो गया था.

बूमलाइव 30 Jul 2025 5:18 pm

25 दिन बाद...सच हुई बाबा वेंगा की भविष्यवाणी! पहले ही बता दी थी विनाशकारी भूकंप की तारीख, दुनिया में दहशत

Baba Venga Prediction: आज रूस में भयानक तूफान आया जिसकी वजह से लोगों में डर का माहौल है. इस भूकंप के बाद एक बार फिर बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों पर जोर दिया है. बाबा वेंगा ने 5 जुलाई को रूस और जापान में भीषण सुनामी की चेतावनी दी थी.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 4:06 pm

क्या है 'जुलाई नेशनल चार्टर'? जमात-ए-इस्लामी' ने बांग्लादेश में मचाया बवाल, साइन करने से क्यों किया इंकार

what is July Charter draft:बांग्लादेश में कई राजनीतिक दलों ने 'जुलाई नेशनल चार्टर' के मसौदे पर आपत्तियां उठाई हैं. इनमें जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटीजन्स पार्टी (एनसीपी) और इस्लामी आंदोलन शामिल हैं. स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 3:18 pm

ब्रिटिश पीएम के बयान पर भड़के इजराइली प्रधानमंत्री, दे डाली नसीहत

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उस योजना पर कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने की बात कही। नेतन्याहू ने इस कदम को हमास के भयावह आतंकवाद को इनाम देने के बराबर बताया

देशबन्धु 30 Jul 2025 2:25 pm

अब बहुत हुआ...दुनिया के दिग्गज देश इजरायल-फिलिस्तीन पर कर रहे थे मीटिंग, भारत ने जो कहा, पूरी दुनिया के कान खड़े हो गए!

इजरायल-फिलिस्तीन तनाव को कम होने और गाजा की तबाही रूकने का इंतजार पूरी दुनिया को है. इसको लेकर हर कोई अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. कुछ इसी तरह दुनिया के बड़े-बड़े देश न्यूयॉर्क में इजरायल-फिलिस्तीन मसले पर बात करने बैठे, तो भारत ने ऐसा बयान दिया कि सबके कान खड़े हो गए.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 11:52 am

ट्रंप ने रूस को दी चेतावनी, कहा- 10 दिन में यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म न हुआ तो कड़े टैरिफ का सामना करना होगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए 10 दिन की समय सीमा दी है। यह घोषणा उन्होंने स्कॉटलैंड की यात्रा से वाशिंगटन लौटते समय पत्रकारों से बातचीत में की

देशबन्धु 30 Jul 2025 11:50 am

जापान में उठीं 3 मीटर ऊंची सुनामी की लहरें, न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर को किया गया बंद; ताजा हुईं 2011 की खौफनाक यादें

Japan Tsunami: रूस में शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान में सुनामी ने दस्तक दे दी है. इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है. सुनामी की पहली लहर होक्काइडो क्षेत्र के पूर्वी तट पर नेमुरो में देखी गई.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 9:56 am

जापान में सुनामी की लहरों ने साबित कर दी इस आर्टिस्‍ट की भविष्‍यवाणी, कोरोना पर भी सच निकला अनुमान

Ryo Tatsuki prediction: मैंगा आर्टिस्ट रायो तातसुकी की भविष्यवाणी सही साबित होती दिख रही है. यह भविष्यवाणी उन्होंने अपने ग्राफिक नॉवेल में की थी. उन्होंने कोविड.. फ्रेडी मर्करी और प्रिंसेस डायना की मौत की भी सटीक भविष्यवाणी की थी.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 8:55 am

USAID ने उठाया ऐसा कदम, 800 करोड़ की लागत वाली महिलाओं की ग‍र्भनिरोधकों को लगाई जाएगी आग

USAID To Destroy Contraceptives:अमेरिका ने नया फैसला लेते हुए 9.7 मिलियन डॉलर के गर्भनिरोधकों को नष्ट करने का फैसा लिया है, जिसमें कुल 167,000 डॉलर का खर्चा आएगा.

ज़ी न्यूज़ 30 Jul 2025 7:59 am